अंतरराष्ट्रीय
संयुक्त राष्ट्र, 17 अक्टूबर । बांग्लादेश, पाकिस्तान, रूस और कई अरब देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश प्रस्ताव विफल हो गया है। इसमें इजरायल और गाजा में युद्धविराम का आह्वान किया गया था, लेकिन इसमें हमास का कोई उल्लेख नहीं किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा एक बंद बैठक में आम सहमति बनाने के आखिरी मिनट के प्रयास के बावजूद परिषद के सदस्य एक आम दृष्टिकोण पर सहमत नहीं हो सके, इसके बाद सोमवार रात को प्रस्ताव पर मतदान कराया गया।
प्रस्ताव में हमास को इजरायल पर हमले के अपराधी के रूप में नामित नहीं किया गया था।
परिषद के स्थाई सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। जापान ने भी प्रस्ताव के ख़िलाफ़ मतदान किया.
केवल रूस, चीन, मोज़ाम्बिक, गैबॉन और यूएई ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि छह देश अनुपस्थित रहे।
गाजा में मानवीय संकट बढ़ रहा है, इजरायली बमबारी में 2,700 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार को मिस्र की यात्रा की योजना की घोषणा की।
इजराइल ने जमीनी हमले की आशंका में गाजा के उत्तरी हिस्से के लगभग 10 लाख लोगों को दक्षिण की ओर जाने के लिए भी कहा है।
गुटेरेस ने कहा है कि मध्य पूर्व "रसातल के कगार पर" है और उन्होंने इज़राइल से गाजा पर नाकाबंदी हटाने का आह्वान किया है, जहां भोजन और पानी की आपूर्ति खतरनाक रूप से कम हो रही है और लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
गाजा मिस्र से सटा हुआ है और राहत सामग्री इसके माध्यम से भेजी जा सकती है और लोगों को गाजा छोड़कर अफ्रीकी देश में जाने की अनुमति दी जा सकती है।
गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि वह राफा क्रॉसिंग का दौरा कर सकते हैं, जो एन्क्लेव को मिस्र से जोड़ता है लेकिन अब गाजा जाने की उनकी कोई योजना नहीं है।
यूएन में अमेरिकी स्थायी प्रतिनिधि लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि 7 अक्टूबर का हमास हमला "प्रलय के बाद से यहूदी लोगों का सबसे बुरा नरसंहार था" और इसने "सहस्राब्दियों से यहूदी विरोधी भावना को सतह पर ला दिया।"
उन्होंने हमास की तुलना आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से की और कहा कि "(प्रस्ताव में) हमास की निंदा करने में विफल रहकर, रूस एक आतंकवादी समूह को कवर दे रहा है जो निर्दोष नागरिकों पर क्रूरता करता है।"
संयुक्त अरब अमीरात के स्थायी प्रतिनिधि लाना ज़की नुसेबीह, जिन्होंने प्रस्ताव पक्ष में मतदान किया, ने कहा: "हमास फिलिस्तीनी लोगों, या गाजा के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, जो आज बेहद पीड़ित हैं।" (आईएएनएस)।
हनोई, 17 अक्टूबर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि आज हिंसा और संघर्ष से घिरी दुनिया में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता बहुत ही महान है क्योंकि उन्होंने ना केवल राजनीतिक प्रेरणा दी, बल्कि वे कूटनीति के भी प्रोत्साहक रहे।
वियतनाम के ‘हो ची मिन्ह’ शहर में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा के अनावरण समारोह में जयशंकर ने सत्य, अहिंसा, स्वतंत्रता और लोगों की आजादी में योगदान को लेकर भारत के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी की तारीफ की।
उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी निस्संदेह हमारे समकालीन विश्व की सबसे प्रतिष्ठित शख्सियतों में से एक हैं। सत्य, अहिंसा, स्वतंत्रता और लोगों की आजादी में उनके योगदान को संयुक्त राष्ट्र ने उनके जन्मदिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित करके मान्यता दी है।’’
चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रविवार को वियतनाम पहुंचे जयशंकर ने कहा कि गांधी ने न केवल भारत को एकजुट किया बल्कि अन्य देशों, महाद्वीपों और लोगों को भी इसी तरह की चाहत के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी का योगदान इससे भी कहीं आगे तक है। आज उनके विचार मानवीय गरिमा, सामाजिक मूल्यों, आध्यात्मिकता, पर्यावरण, स्थिरता, स्वच्छता और कई अन्य क्षेत्रों के लिए एक बहुत शक्तिशाली प्रेरणा हैं।’’ (भाषा)
गाजा, 17 अक्टूबर । संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि पिछले 24 घंटों में इजरायली हवाई हमले में सात नागरिक सुरक्षा अधिकारियों की मौत के बाद गाजा में ड्यूटी के दौरान मारे गए मानवीय कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है।
मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने अपने नवीनतम अपडेट में कहा, ''सोमवार को, हवाई हमले के दौरान सात नागरिक सुरक्षा सदस्य मारे गए, जिससे ड्यूटी के दौरान मारे गए मानवीय कर्मचारियों की कुल संख्या 31 हो गई।''
संयुक्त राष्ट्र निकाय ने कहा कि हमास-नियंत्रित एन्क्लेव में लगातार छठे दिन पूरी तरह से बिजली गुल है।
अपडेट में कहा गया है, "अस्पताल ढहने की कगार पर हैं। बैकअप जनरेटर संचालित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन भंडार लगभग पूरी तरह से समाप्त हो गया है, जिससे हजारों मरीजों का जीवन खतरे में पड़ गया है।"
रविवार को इजरायली अधिकारियों ने पूर्वी खान यूनिस क्षेत्र में आंशिक जल आपूर्ति फिर से शुरू कर दी, जिससे संघर्ष शुरू होने से पहले गाजा पट्टी में खपत किए गए पानी का 4 प्रतिशत से भी कम पानी उपलब्ध हो सका।
इस बीच, यूनिसेफ के नेतृत्व वाले डब्ल्यूएएसएच क्लस्टर ने कहा कि अगर पानी और ईंधन को तुरंत प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई तो आबादी को मृत्यु या संक्रामक बीमारी फैलने का आसन्न खतरा है।
ओसीएचए ने यह भी चेतावनी दी कि संघर्ष की शुरुआत के बाद से आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी) की कुल संख्या 1 मिलियन यानि दस लाख तक पहुंच सकती है, जिसमें अकेले मध्य और दक्षिणी गाजा में संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य एजेंसी द्वारा नामित आपातकालीन आश्रयों में रहने वाले लगभग 333,000 आईडीपी शामिल हैं।
इस बीच, मंगलवार सुबह तक गाजा में मरने वालों की संख्या 2,778 थी, जबकि 9,938 लोग घायल हुए हैं।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 47 परिवार के सभी सदस्य मारे गए हैं, जिनकी संख्या लगभग 500 है।
आधिकारिक इजरायली सूत्रों के अनुसार, यहूदी राष्ट्र में कम से कम 1,300 इजरायली और विदेशी नागरिक मारे गए हैं, जबकि 4,121 अन्य घायल हुए हैं।
2005 में ओसीएचए द्वारा हताहतों की संख्या दर्ज करना शुरू करने के बाद से मरने वालों की संख्या मारे गए इजराइलियों की कुल संख्या से तीन गुना अधिक है। (आईएएनएस)।
मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि उन्होंने ने हमास से बात करते हुए "फ़लस्तीनी लोगों के प्रति अटूट समर्थन" व्यक्त किया है.
इब्राहिम ने कहा कि उन्होंने हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हानियेह से फोन पर बातचीत की है.
पीएम इब्राहिम ने एक्स पर लिखा है- “ग़ज़ा में गंभीर स्थिति को देखते हुए, मैं बमबारी को तत्काल बंद करने और रफ़ाह में एक मानवीय गलियारा बनाए जाने क की पुरजोर वकालत करता हूं”
“इसराइल के लिए यह भी जरूरी है कि वह बेदखली की राजनीति छोड़ दे, हमास के साथ तुरंत युद्धविराम करे और चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए शांतिपूर्ण समाधान अपनाए.”
उन्होंने ये भी कहा कि हम ज़रूरतमंद लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए खाना और दवा के रूप में मानवीय सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर। इजराइल और हमास के मध्य जारी युद्ध के बीच कई विपक्षी नेताओं ने सोमवार को फलस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल हायजा से मुलाकात कर फलस्तीनी जनता के प्रति एकजुटता प्रकट की और गाजा पर इजराइली बमबारी की निंदा करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हिंसा को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए।
फलस्तीनी राजदूत ने उम्मीद जताई कि इजराइल और फलस्तीन दोनों का मित्र होने के कारण भारत तेल अवीव पर दबाव बनाएगा कि वह गाजा की ‘घेराबंदी’ खत्म करे और लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचने दे।
विपक्षी नेताओं ने एक संयुक्त बयान में यह भी कहा कि 1967 की सीमाओं के आधार पर एक स्वतंत्र फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना होनी चाहिए, क्योंकि यह इजराइल-फलस्तीन संघर्ष का न्यायसंगत और स्थायी समाधान सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता के सी त्यागी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा, राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी सहित कई विपक्षी नेताओं के एक समूह ने फलस्तीन की जनता के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए सोमवार को यहां फलस्तीनी दूतावास पहुंचकर फलस्तीन के राजदूत हायजा से मुलाकात की।
विपक्ष के इन नेताओं ने जो साझा बयान जारी किया है, उस पर कुल 15 नेताओं के हस्ताक्षर हैं। इनमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा भी शामिल हैं।
विपक्षी नेताओं से मुलाकात के बाद फलस्तीनी राजदूत अल हायजा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में उम्मीद जताई कि कि भारत सरकार दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थ बनकर "अच्छी भूमिका" निभा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत दोनों पक्षों का मित्र है। उम्मीद है कि वह फलस्तीनी लोगों की हत्या को रोकने, घेराबंदी खत्म करने और 22 लाख लोगों को पानी, भोजन, ईंधन, दवा और बिजली की मानवीय सहायता देने के लिए इजराइली सरकार पर दबाव डालेगा।’’
त्यागी ने कहा कि फलस्तीन के लोगों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए फलस्तीन के राजदूत से मिलना ऐसे समय में समान विचारधारा वाले नेताओं का निर्णय था।
उन्होंने कहा कि गाजा पट्टी में पानी और बिजली की आपूर्ति बंद करके इजराइल उन्हें मरने के लिए मजबूर कर रहा है।
बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि नेताओं का रुख भारत सरकार के उस रुख के अनुरूप है कि एक स्वतंत्र फलस्तीनी राष्ट्र होना चाहिए।
इन नेताओं ने अपने साझा बयान में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि हिंसा कोई समाधान नहीं है, क्योंकि यह विनाश और पीड़ा को जन्म देती है। इसलिए हम संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वरा प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हैं।’’
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसको लेकर दबाव डालना चाहिए, इज़राइल को अन्तरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना चाहिए और फ़लस्तीनी लोगों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।’’
विपक्षी नेताओं के इस समूह ने कहा, ‘‘ हम क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए गहन राजनयिक प्रयासों और बहुपक्षीय पहल का आह्वान करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम गाजा में चल रहे संकट और फलस्तीनी लोगों की पीड़ा के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। हम इजराइल द्वारा गाजा में फलस्तीनियों पर बमबारी की कड़ी निंदा करते हैं। हमारा मानना है कि यह नरसंहार के प्रयास के समान है। हम निर्दोष लोगों की मौतों और घरों एवं बुनियादी ढांचे की तबाही को रोकने के लिए सभी तरह की शत्रुता पर विराम लगाने का आग्रह करते हैं।’’ उनके मुताबिक, ‘‘ हम गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की तत्काल और निर्बाध आपूर्ति का आह्वान करते हैं। यह मानवीय स्थिति तत्काल ध्यान और कदम उठाने की मांग करती है।’’
विपक्षी नेताओं के समूह ने कहा कि वे महात्मा गांधी के इस कथन पर दृढ़ता से विश्वास करते हैं कि फलस्तीन अरबों का उसी तरह है, जैसे इंग्लैंड अंग्रेजों का या फ्रांस फ्रांसीसियों का है।
गाजा से हमास के चरमपंथियों के इजराइली शहरों पर हमले और उसके बाद इजराइल से जवाबी कार्रवाई के बाद पश्चिम एशिया में हिंसा बढ़ गई है।
हमास के हमलों का बदला लेने के लिए इजराइल ने गाजा में बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई की है। इस संघर्ष में अब तक 2600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। (भाषा)
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन बुधवार को इसराइल जाएंगे. विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने राष्ट्रपति के दौरे का एलान किया है.
सोमवार को शीर्ष अमेरिकी राजनयिक, एंटनी ब्लिंकन और इसराइल पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू के बीच सात घंटे की बैठक के बाद यरुशलम में अमेरिकी दूतावास से इस दौरे की घोषणा की.
ब्लिंकन ने पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रपति बाइडन को “इसराइल के युद्ध का विस्तृत ब्यौरा और युद्ध की रणनीति” की जानकारी दी जाएगी.
विदेश मंत्री के मुताबिक़, बाइडन "इसराइल से यह भी जानेंगे कि वह किस तरह से अपने अभियान चलाएगा, जिससे नागरिक हताहतों की संख्या कम हो" और ग़ज़ा में फ़लस्तीनी नागरिकों तक सहायता पहुंचाने की अनुमति मिल सके.
बाइडन नेतन्याहू के न्योते पर इसराइल जाएंगे.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने अब से थोड़ी देर पहले प्रेस ब्रीफ़िंग में कहा कि बाइडन के दौरे का मुख्य लक्ष्य इसराइल के साथ "हमारी एकजुटता प्रकट करना" और ग़ज़ा में आम नागरिकों को सहायता देना है.
किर्बी ने कहा, "वह मानवीय सहायता के मुद्दे पर चर्चा करेंगे ताकि ये सहायता ऐसे जाए जिससे हमास को कोई फ़ायदा न हो."
इसके अलावा बाइडन एक सुरक्षित मार्ग तैयार करने पर भी काम करेंगे ताकि जो आम लोग ग़ज़ा छोड़ना चाहते हैं वो निकल सकें.
इसराइल के बाद जॉर्डन जाएंगे
जो बाइडन इसराइल दौरे के बाद जॉर्डन जाएंगे. वहां वह जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला, मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी और फ़लस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास से मुलाकात करेंगे.
ब्रसेल्स में एक हमले में दो स्वीडिश नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और एक व्यक्ति घायल है.
हमले के बाद ब्रसेल्स में खेला जा रहा बेल्जियम-स्वीडन यूरो 2024 क्वालीफायर फुटबॉल मैच रद्द कर दिया गया.
ब्रसेल्स इस वक़्त हाई टेरर अलर्ट पर है क्योंकि बंदूकधारी अब तक पकड़ा नहीं जा सका है और वो फ़रार है.
अल्बानिया के दौरे पर गए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, "इस हमले से यूरोप हिल गया है."
बेल्जियम के संघीय अभियोजक के प्रवक्ता एरिक वैन ड्यूसे ने जनता से अपील की है कि "जब तक ख़तरा ख़त्म नहीं हो जाता है, तब तक घर पर ही रहें."
उन्होंने कहा कि हमलावर होने का दावा करने वाले व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कहा कि “वह इस्लामिक स्टेट से प्रेरित है.”
एक वीडियो में एक अरबी भाषी व्यक्ति को यह कहते हुए दिखाया गया है कि उसने ईश्वर के नाम पर हमला किया और उसने तीन लोगों को मार डाला.
बीबीसी को जानकारी मिली है कि हमले के दौरान अपलोड किए गए इस वीडियो की पुलिस द्वारा पुष्टि की जा रही है.
संघीय अभियोजकों का कहना है कि गोलीबारी को लेकर ‘टेरररिज़्म एंक्वायरी’ शुरू कर दी गई है. (bbc.com/hindi)
हमास की सेना विंग अल-क़ासम ब्रिगेड ने पहली बार इसराइल से बंधक बनाए गए और ग़ज़ा में रखे गए एक बंधक का वीडियो जारी किया है.
सात अक्टूबर के हमले के बाद ये हमास का ऐसा पहला वीडियो है. इसराइल का कहना है कि हमास ने 199 लोगों को बंधक बनाया है.
वीडियो में एक महिला कह रही हैं कि उनका नाम माया शेम है, वह 21 साल की हैं और इसराइल के शोहम शहर से हैं.
उनका कहना है कि उन्हें इसराइल में एक पार्टी से हमास ने बंधक बना लिया. उन्होंने वीडियो में अपनी रिहाई की गुहार लगायी है.
वीडियो में इस महिला का वो फुटेज भी शामिल है जिसमें उनके हाथ में लगी चोट का इलाज किया जा रहा है.
एक बयान के अनुसार, इसराइली सेना ने पुष्टि की कि माया का हमास ने अपहरण किया है और सेना उनके परिवार के संपर्क में हैं.
सेना ने बयान में कहा है, “इस समय हम सभी बंधकों की वापसी के लिए सभी ख़ुफिया जानकारी, ऑरपरेशनल उपायों पर काम कर रहे हैं.”
बीबीसी आमतौर पर बंधक की तस्वीर या वीडियो प्रसारित नहीं करता लेकिन माया शेम के परिवार के प्रवक्ता ने तस्वीरें दिखाए जाने पर रज़ामंदी जताई है. (bbc.com/hindi)
हमास के हमले में अपने माता-पिता को खोने वाले एक व्यक्ति ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हमें युद्ध रोकना होगा.”
मओज़ इनान पीस कैंपेनर (शांति के लिए काम करने वाले) हैं. हमास के हमले में उनके माता-पिता की मौत हो गई.
बीबीसी से बात करते हुए वो भावुक हो गए.
उन्होंने कहा- मैं बताना चाहता हूं कि मैं इसलिए नहीं रो रहा हूं कि मेरे माता-पिता हमास के हमले में मारे गए हैं. मैं उनके लिए रो रहा हूं जो लोग इस युद्ध में मारे जाएंगे. हमें युद्ध तुरंत रोकना होगा, युद्ध जवाब नहीं है.”
“ मैं आपसे, आपके दर्शकों से अपील करता हूं आप इस युद्ध को रोकने के लिए जो कुछ भी अपनी क्षमता में कर सकते हैं, करिए ताकि इस युद्ध में शामिल लोगों पर दबाव बनाया जा सके और ये युद्ध तुरंत रोका जा सके.”
“हमें बदला नहीं चाहिए, बदले की आग लोगों को और दर्द और दुख में ढकेलेगीऔर लोग मारे जाएंगे. ये इसाइल के लिए भयानक दिन था, मेरी ज़िंदगी का भयानक दिन था. लेकिन युद्ध जारी रहा तो मरने वालों की संख्या और बढ़ेगी. हमें ये युद्ध रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने चाहिए. मैं दोनों ही ओर के लोगों के लिए डरा हुआ हूं. हर वो शख़्स जो मारा जाएगा मैं उसके लिए रो रहा हूं.” (bbc.com/hindi)
टोरंटो, 16 अक्टूबर । कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में एक 57 वर्षीय सिख व्यक्ति को अपनी पत्नी की चाकू मारकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
न्यू वेस्टमिंस्टर शहर के निवासी बलवीर सिंह पर कुलवंत कौर (46) की चाकू मारकर हत्या का आरोप है। आरोपी ने 13 अक्टूबर को अपराध को अंजाम दिया।
इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (आईएचआईटी) के सार्जेंट टिमोथी पियरोटी ने सीटीवी न्यूज को बताया, "जाहिर है, यह घरेलू हिंसा की एक और दुखद घटना है, जो बहुत जल्द किसी की जान लेने के साथ समाप्त हुई है।"
14 अक्टूबर को शाम करीब 5 बजे रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) की न्यू वेस्टमिंस्टर टुकड़ी के अधिकारियों को सुजुकी स्ट्रीट के 200-ब्लॉक से एक शिकायत मिली।
इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (आईएचआईटी) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "हमने 46 वर्षीय महिला को घातक चोटों से पीड़ित पाया। कई प्रयासों के बाद भी कौर ने दम तोड़ दिया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि घटनास्थल पर सिंह को एक संदिग्ध के रूप में पहचाना और उसे हिरासत में ले लिया।
पियरोटी ने कहा कि आईएचआईटी पूरे दिन क्षेत्र में गवाहों से बात करना और घटनास्थल पर कार्रवाई करना जारी रखेगा।
पियरोटी ने सीटीवी न्यूज को बताया, "हम इस उम्मीद में पीड़िता की पहचान कर रहे हैं कि जो कोई भी उसे जानता है, जिसने हाल ही में उसके साथ संपर्क किया है, वह कृपया पुलिस से संपर्क कर सकता है क्योंकि हम उसकी मौत तक की घटनाओं की एक समयरेखा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि हम ऐसी किसी चीज की तलाश कर रहे हैं जो हमें यह समझने में मदद कर सके कि ऐसा क्यों हुआ। दुर्व्यवहार के पीड़ितों के लिए न्यू वेस्टमिंस्टर पुलिस विभाग और आईएचआईटी विक्टिम सर्विसेज के माध्यम से सहायता उपलब्ध है। (आईएएनएस)
बेरूत, 16 अक्टूबर । लेबनानी सैन्य सूत्रों ने मीडिया को बताया कि इजरायली युद्धक विमानों ने दक्षिणी लेबनान में दो मिसाइलें दागकर मारवाहिन शहर पर हमला किया।
सैन्य सूत्रों के अनुसार, लक्षित क्षेत्र से काले धुएं का घना गुबार उठा, जबकि इजरायली सेना और टोही विमान अभी भी लेबनान के हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहे है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने रविवार को बताया कि भारी इजरायली तोपखाने ने दक्षिण पश्चिम लेबनान के सीमावर्ती कस्बों मारवाहिन और ब्लिडा के बाहरी इलाके में 45 गोले दागे।
इससे पहले रविवार को, लेबनान स्थित सशस्त्र समूह और राजनीतिक दल हिजबुल्लाह ने दक्षिण पश्चिम लेबनान में एक इजरायली सैन्य स्थल जहर अल-जमाल पर एक निर्देशित कोर्नेट मिसाइल लॉन्च की, जिसमें एक इजरायली सैनिक की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।
हमास के समर्थन में शेबा फार्म्स में सैन्य स्थलों की ओर हिजबुल्लाह द्वारा 8 अक्टूबर को दर्जनों मिसाइलें दागने के बाद लेबनानी-इजरायल सीमा पर स्थिति खराब हो गई, जिससे इजरायली सेना को मजबूर होना पड़ा। उसी दिन दक्षिणपूर्वी लेबनान के कई इलाकों को निशाना बनाकर भारी तोपखाने से गोलीबारी कर जवाब दिया। (आईएएनएस)।
संयुक्त राष्ट्र, 16 अक्टूबर । संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा में त्वरित और निर्बाध मानवीय सहायता पहुंचाने और हमास द्वारा रखे गए बंधकों की रिहाई का आह्वान किया है।
उन्होंने रविवार को एक बयान में कहा," मध्य पूर्व में इस संकट के समय संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के रूप में मजबूत मानवीय अपील करना मेरा कर्तव्य है।"
उन्होंने कहा, "हमास की ओर से बंधक बनाए गए लोगों को बिना किसी शर्त के तुरंत रिहा किया जाना चाहिए; इज़राइल को, गाजा में नागरिकों मानवीय आपूर्ति त्वरित और निर्बाध पहुंच प्रदान की जानी चाहिए।"
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, "इन दोनों उद्देश्यों को सौदेबाजी का साधन नहीं बनना चाहिए।"
संयुक्त राष्ट्र के पास मिस्र, जॉर्डन, वेस्ट बैंक और इज़राइल में भोजन, पानी, गैर-खाद्य पदार्थ, चिकित्सा आपूर्ति और ईंधन का भंडार उपलब्ध है। शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ये सामान कुछ ही घंटों में भेजा जा सकता है।
गुटेरेस ने कहा कि डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों और जमीनी स्तर पर साझेदारों को इन सामानो को गाजा में सुरक्षित रूप से और बिना किसी बाधा के जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए। (आईएएनएस)।
दमिश्क, 16 अक्टूबर । सीरिया के परिवहन मंत्रालय ने नवीनतम इजरायली मिसाइल हमले से हुए नुकसान की भरपाई के बाद उत्तरी प्रांत अलेप्पो के हवाई अड्डे पर हवाई यातायात फिर से शुरू करने की घोषणा की है।
राज्य समाचार एजेंसी साना द्वारा दिए गए एक बयान में, मंत्रालय ने रविवार को कहा कि शनिवार को इजरायली मिसाइल हमले से हुए नुकसान की मरम्मत के बाद हवाईअड्डा सोमवार को संचालन फिर से शुरू करेगा।
इस बीच, मंत्रालय ने कहा कि वह एयरलाइंस को दमिश्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकल्प के रूप में अलेप्पो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे या लताकिया हवाई अड्डे का उपयोग करके अपनी उड़ानों को पुनर्निर्धारित करने की अनुमति देगा, जो गुरुवार को इजरायली मिसाइल हमले की चपेट में आने के बाद मरम्मत के दौर से गुजर रहा है। .
गुरुवार को इज़रायली बलों के हमलों के बाद अलेप्पो और दमिश्क के दोनों हवाई अड्डे बंद हो गए। सीरिया के परिवहन मंत्रालय ने शनिवार को अलेप्पो हवाई अड्डे के रनवे को ठीक करने की घोषणा की थी।
बढ़ते तनाव के बीच इजराइल के हमले जारी हैं। संघर्ष के नौवें दिन में, इज़राइल और गाजा पट्टी में लगभग 4,000 लोग मारे गए हैं। (आईएएनएस)।
शिकागो, 16 अक्टूबर । इजराइल-हमास के बीच चल रहे संघर्ष से उत्तेजित शिकागो के एक मकान मालिक पर अपने छह वर्षीय फिलिस्तीनी-अमेरिकी किरायेदार बच्चे और उसकी मां पर चाकू से हमला करने का आरोप लगाया गया है।
रविवार को एक बयान में, विल काउंटी शेरिफ कार्यालय ने कहा कि 14 अक्टूबर को सुबह 11.38 बजे, एक मकान मालिक और किरायेदार के बीच हुई चाकूबाजी के संबंध में प्रतिनिधियों को मौके पर भेजा गया था।
प्रतिनिधियों ने आवास के अंदर दो लोगों को घायल अवस्था में पाया गया। उनकी पहचान जोसेफ एम. कज़ुबा (71) के रूप में हुई, वह घर के रास्ते के पास जमीन पर बैठा था।
पीड़ितों की पहचान हनान शाहीन (32) और उनके बेटे वाडिया अल-फयूम (छह) के रूप में की गई।
विल काउंटी शेरिफ कार्यालय ने कहा कि दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में बच्चे ने दम तोड़ दिया।
शेरिफ कार्यालय ने बयान में कहा, बच्चे के पूरे शरीर पर 26 बार वार किया गया था और उसके पेट से चाकू निकाला गया।
वारदात में इस्तेमाल चाकू 12 इंच का दांतेदार सैन्य शैली का चाकू था, इसमें सात इंच का ब्लेड था।
हालांकि संदिग्ध ने इस हमले में अपनी संलिप्तता के संबंध में कोई बयान नहीं दिया, लेकिन पुलिसकर्मी सबूत इकट्ठा कर रहे हैं।
विल काउंटी शेरिफ कार्यालय ने कहा, " पुलिस यह तय करने में सक्षम है कि दोनों को मुस्लिम होने और हमास और इजरायलियों के बीच जारी जंग के कारण निशाना बनाया गया था।"
इस बीच, देश के सबसे बड़े मुस्लिम नागरिक अधिकार और वकालत संगठन, काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस (सीएआईआर-शिकागो) के शिकागो कार्यालय ने रविवार को हुए इस हमले को "सबसे बुरा सपना" कहा।
सीएआईआर के अनुसार, हनान और उसका बेटा वाडिया दो साल से घर के भूतल पर रह रहे थे और मकान मालिक के साथ उनका कोई पूर्व विवाद नहीं था।
परिषद ने एक विज्ञप्ति में लड़के के पिता को भेजे गए टेक्स्ट संदेशों का हवाला देते कहा, संदिग्ध ने समाचार में जो कुछ भी देखा था, उससे नाराज था, उसने उनका दरवाजा खटखटाया, और जब उसने दरवाजा खोला, तो उसने उनका गला घोंटने की कोशिश की और उस पर हमला करते हुए कहा 'तुम मुसलमानों को मरना चाहिए'।
इसमें कहा गया है कि महिला जब 911 पर कॉल करने के लिए बाथरूम में भागी, तो उसे पता चला कि उसने उसके छह साल के बेटे की चाकू मारकर हत्या कर दी है।
सीएआईआर-शिकागो के कार्यकारी निदेशक अहमद रिहैब ने कहा, "हमारा दिल भारी है और हमारी प्रार्थनाएं प्यारे लड़के और उसकी मां के साथ हैं।"
इस जघन्य घटना की निंदा करते हुए, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह हमले से दुखी हैं।
उन्होंने कहा,"नफरत के इस कृत्य के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है, और यह हमारे बुनियादी मूल्यों के खिलाफ है। हमें एक साथ आना चाहिए और कट्टरता, नफरत और इस्लामोफोबिया को खारिज करना चाहिए।" (आईएएनएस)।
सिडनी, 16 अक्टूबर । ऑस्ट्रेलिया के ईसेफ्टी कमिश्नर ने बाल यौन शोषण कंटेंट का पता लगाने, हटाने और रोकने के तरीके के बारे में जानकारी न देने पर एलन मस्क द्वारा संचालित एक्स कंपनी पर 610,500 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (380,000 डॉलर से ज्यादा) का जुर्माना लगाया है। वहीं गूगल को भी चेतावनी जारी की गई है।
एक बयान में, ईसेफ्टी कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने कहा कि ऑनलाइन बाल यौन शोषण का प्रसार ऑस्ट्रेलिया और विश्व स्तर पर एक बढ़ती समस्या है, और प्रौद्योगिकी कंपनियों की बच्चों को उनकी सेवाओं पर संग्रहीत, साझा और किए जा रहे यौन शोषण और दुर्व्यवहार से बचाने की नैतिक जिम्मेदारी है।
ग्रांट ने रविवार देर रात कहा, "ट्विटर/एक्स ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि बाल यौन शोषण से निपटना कंपनी की प्राथमिकताओं में पहले नंबर पर है, लेकिन यह सिर्फ खोखली बात नहीं हो सकती, हमें ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है।"
एक्स के पास ईसेफ्टी कार्यालय के जुर्माने का जवाब देने या भुगतान करने के लिए 28 दिन हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा, "एप्पल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, स्काइप, स्नैप, व्हाट्सएप और ओमेगल की विशेषता वाली हमारी पहली रिपोर्ट में ये कंपनियां इस मुद्दे से निपटने के तरीके में गंभीर कमियों को उजागर करती हैं।"
ग्रांट ने कहा, "इस लेटेस्ट रिपोर्ट में इसी तरह की कमियों का भी पता चलता है कि ये पांच टेक कंपनियां समस्या से कैसे निपट रही हैं, वे यौन उत्पीड़न में वृद्धि से कैसे निपट रही हैं और हमें उन सभी को बेहतर करने की जरूरत है।"
ईसेफ्टी ने पाया कि दो प्रदाताओं एक्स और गूगल ने दिए गए नोटिस का अनुपालन नहीं किया, दोनों कंपनियां अपने संबंधित नोटिस में कई सवालों के पर्याप्त जवाब देने में विफल रहीं।
गूगल को एक औपचारिक चेतावनी जारी की गई है, जिसमें कंपनी द्वारा विशिष्ट प्रश्नों के लिए कई सामान्य प्रतिक्रियाएं प्रदान करने और विशिष्ट सेवाओं के बारे में सवाल पूछे जाने पर समग्र जानकारी प्रदान करने के कारण अनुपालन में विफलता के बारे में सूचित किया गया है।
ट्विटर/एक्स का गैर-अनुपालन अधिक गंभीर पाया गया। कंपनी कुछ सवालों के जवाब देने में विफल रही, जिससे कुछ अनुभाग पूरी तरह से खाली रह गए।
मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी अक्टूबर 2022 के अधिग्रहण और उसके बाद नौकरी में कटौती के बाद भी ट्विटर/एक्स पर कार्यरत सुरक्षा और सार्वजनिक नीति कर्मचारियों की संख्या से संबंधित सवालों का पर्याप्त उत्तर देने में विफल रही।
यूट्यूब, टिकटॉक और ट्विच लाइवस्ट्रीम बाल यौन शोषण को रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं। (आईएएनएस)।
धर्मशाला, 16 अक्टूबर । तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने न्यूजीलैंड के निर्वाचित प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन को पत्र लिखकर राष्ट्रीय चुनावों में उनकी पार्टी की जीत पर बधाई दी।
उन्होंने लिखा, "आज, दुनिया बहुत कठिन समय से गुजर रही है, भले ही दुनिया भर में मानवता की परस्पर निर्भरता और एकता की भावना बढ़ रही है। इसलिए, मुझे उम्मीद है कि सामूहिक प्रयासों से चीजें बेहतर होंगी।"
“आपके देश में वैश्विक सुरक्षा और शांति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता है।न्यूजीलैंड की परमाणु-मुक्त नीति के प्रति आपकी प्रतिबद्धता एक संदेश है जिसे अन्य देशों को अनुकरण करने की आवश्यकता है। आखिरकार निरस्त्रीकरण ही इस दुनिया को हम सभी के लिए एक बेहतर जगह बनाने का एकमात्र तरीका है।"
उन्होंने आगे कहा, "पिछले कुछ वर्षों में कई बार आपके खूबसूरत देश का दौरा करना मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात रही है।"
“इन यात्राओं के दौरान, सामाजिक वर्ग के लोगों ने करुणा, क्षमा, सहिष्णुता, संतोष और आत्म-अनुशासन जैसे बुनियादी मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ अंतर-धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के मेरे प्रयासों का समर्थन किया है। उनके उत्साह और मित्रता से मुझे बहुत प्रोत्साहन मिला है।”
उन्होंने नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री को न्यूजीलैंड के लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करने में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सफलता की कामना की। (आईएएनएस)।
संयुक्त राष्ट्र में इसराइल के राजदूत ने कहा है कि इसराइल को "ग़ज़ा पर कब्ज़ा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है."
सीएनएन से बात करते हुए जिलाड अर्डन ने कहा है कि “हम अपने सर्वाइवल के लिए लड़ रहे हैं...और हमास को पूरी तरह ख़त्म करना ही हमारा मक़सद है, इसके लिए जो भी करना पड़े, करेंगे.”
जब उनसे पूछा गया कि अगर हमास ख़त्म हुआ तो ग़ज़ा पर किसका राज होगा?
इसके जवाब में उन्होंने कहा- "युद्ध के बाद क्या होगा इस बारे में हम अभी नहीं सोच रहे हैं.”
अर्डन का ये बयान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बयान के बाद आया है.
सीबीएस 60 मिनट्स को दिए गए इंटरव्यू में बाइडन से पूछा गया था कि क्या वह "इस समय ग़ज़ा पर इसराइल के कब्ज़े का समर्थन करेंगे?"
इसके जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक "बड़ी गलती" होगी.
बाइडन ने कहा- “हमास, और हमास के चरमपंथी सभी फ़लस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते और मुझे लगता है कि इसराइल के लिए ग़जा पर फिर कब्ज़ा करना एक गलती होगी. ”
रविवार रात प्रसारित इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हालांकि ग़ज़ा के अंदर जा कर चरमपंथियों को बाहर निकालना एक ज़रूरी काम है."
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें "विश्वास है कि इसराइल युद्ध के नियमों के तहत कार्रवाई करेगा."
बाइडन ने बार-बार कहा है कि हमास से अपनी रक्षा करना इसराइल का अधिकार और कर्तव्य है.
एक हफ़्ते पहले हमास के हमले को उन्होंने "सरासर दुष्ट कृत्य" बताया था. (bbc.com/hindi)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 16 अक्टूबर। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से दावेदार निक्की हेली ने इजराइल की ओर से गाजा में जमीनी कार्रवाई की आशंका के बीच वहां से पलायन करके सुरक्षित स्थानों पर जाने की इच्छा रखने वालों के लिए अपने देश के दरवाजे नहीं खोलने के लिए इस्लामिक देशों की निंदा की है।
हेली ने पूर्व में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते के लिए पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन की आलोचना की,साथ ही तेहरान पर हमास और हिज्बुल्ला को मजबूत करने का आरोप लगाया।
उन्होंने रविवार को सीएनएन से कहा, ‘‘ हमें फलस्तीनी लोगों की चिंता करनी चाहिए, खासतौर पर निर्दोष लोगों की, लेकिन अरब देश कहां हैं? कहां हैं वे? कहां है कतर? कहां है लेबनान? कहां है जॉर्डन? कहां है मिस्र ? क्या आप जानते हैं कि हम मिस्र को एक वर्ष में एक अरब से अधिक डॉलर देते हैं? वे अपने दरवाजे क्यों नहीं खोल रहे? वे फलस्तीन के लोगों को क्यों नहीं स्वीकार रहे?’’
हेली ने कहा, ‘‘जनते हैं क्यों? क्योंकि वे हमास को अपने पड़ोस में नहीं चाहते। तो इजराइल अपने पड़ोस में उन्हें क्यों चाहेगा? तो जो हो रहा है उस पर सच्चाई से बात करें। अरब देश फलस्तीनियों की मदद के लिए कुछ नहीं कर रहे क्योंकि उन्हें भरोसा नहीं हो रहा कि कौन सही है, कौन अच्छा है, कौन बुरा है और वे अपने देश में ऐसा नहीं चाहते।’’
हेली ने कहा कि ये इस्लामिक देश अमेरिका पर आरोप लगाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ वे आएंगे और अमेरिका पर आरोप लगाएंगे,वे इजराइल पर आरोप लगाएंगे। कुछ करेंगे नहीं, लेकिन अगर वे चाहें तो इसे रोकने की उनके पास पूरी क्षमता है। उनके पास क्षमता है कि वे हमास से तत्काल उसे रोकने को कहें जो वह कर रहा है।’’
हेली ने कहा , ‘‘ लेकिन आप क्या जानते हैं? कतर हमास और उसके नेतृत्व के साथ काम करना जारी रखेगा। ईरान इस सब के लिए धन देना जारी रखेगा और कुछ नहीं कहेगा। कौन चुप है? अरब का हर देश खामोश है। लेकिन इजराइल पर उंगली उठाएंगे, अमेरिका पर उंगली उठेएंगे।’’
हेली ने कहा कि हमास उन्हें नहीं जाने देने के लिए हर संभव प्रयास करेगा, क्योंकि वह चाहता है कि ‘वे सभी मर जाएं’। (भाषा)
खान यूनिस (गाजा पट्टी), 16 अक्टूबर। इजराइल और हमास में जारी संघर्ष के बीच गाजा में चिकित्सकों ने रविवार को आगाह किया कि घायलों की बढ़ती संख्या से जूझ रहे अस्पतालों में ईंधन, दवा एवं अन्य बुनियादी चीजों की आपूर्ति में गंभीर कमी के कारण हजारों मरीजों की मौत हो सकती है।
हमास के घातक हमले के बाद छिड़े युद्ध में जमीनी स्तर पर इजराइल के संभावित हमले से पहले तटीय इलाके में घिरे फलस्तीनियों को भोजन, पानी और सुरक्षित स्थान की तलाश के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह हमास के अप्रत्याशित हमले के बाद इजराइल ने पूरे गाजा क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और उत्तरी इलाकों को खाली कर फलस्तीनियों को दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया है।
इस क्षेत्र में अमेरिकी युद्धपोतों की तैनाती बढ़ने के साथ इजराइली सेना गाजा की सीमा पर लामबंद हो चुकी है। इजराइल ने कहा है कि वह चरमपंथी समूह हमास को खत्म करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाएगा।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि लड़ाई शुरू होने के बाद से 2,670 फलस्तीनी मारे गए हैं और 9,600 लोग घायल हो गए हैं। यह संख्या 2014 में इजराइल-गाजा के बीच छिड़े युद्ध से भी अधिक है जो छह सप्ताह से अधिक समय तक चला था। यह पांच गाजा युद्धों में से दोनों पक्षों के लिए सबसे घातक युद्ध बन गया है।
इस बार के संघर्ष में 1,400 से अधिक इजराइली मारे गए हैं, जिनमें से अधिकतर नागरिक हमास के सात अक्टूबर के हमले में मारे गए थे। इजराइल के अनुसार, हमास ने बच्चों सहित करीब 150 लोगों को बंधक बना लिया और उन्हें गाजा ले गए। यह 1973 में मिस्र और सीरिया के साथ हुए संघर्ष के बाद से इजराइल के लिए सबसे घातक युद्ध है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजराइल-हमास युद्ध के एक व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष में तब्दील होने से रोकने के उद्देश्य से छह अरब देशों की यात्रा पूरी करने के बाद सोमवार को दोबारा इजराइल जायेंगे। पिछले पांच दिनों में यह उनकी दूसरी यात्रा होगी।
अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी इजराइल की यात्रा करने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन इस संबंध में किसी योजना को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
लेबनान के साथ लगती इजराइल की सीमा पर लड़ाई रविवार को उस समय और तेज हो गई जब हिजबुल्ला चरमपंथियों ने रॉकेट दागे और एक टैंक रोधी मिसाइल दागी तथा इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हवाई हमलों किए और गोलाबारी की।
इजराइली सेना ने अपनी एक सीमा चौकी पर गोलीबारी की सूचना दी। लड़ाई में इजराइली पक्ष के कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और सीमा के दोनों ओर कई लोग घायल हो गए।
इजराइली सैन्य प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस के अनुसार, लड़ाई में हमास के कई अधिकारी मारे गए हैं, जबकि गाजा के दक्षिण और लेबनान के साथ उत्तरी सीमा के बीच विभाजित इजराइल में लगभग 3,60,000 आरक्षित सैनिकों को बुलाया गया है।
कॉनरिकस ने संवाददाताओं से कहा कि इजराइली सेना ने ‘ब्लू लाइन’ के नाम से जानी जाने वाली सीमा पर हिजबुल्ला के ठिकानों पर हमला किया और कुछ ठिकानों को नष्ट कर दिया।
हिजबुल्ला ने एक बयान में कहा कि उसने इजराइली गोलाबारी के जवाब में उत्तरी सीमावर्ती शहर श्तुला में इजराइली सैन्य ठिकाने की ओर रॉकेट दागे। इजराइल के हमलों में रॉयटर्स के वीडियोग्राफर इस्साम अब्दुल्ला की शुक्रवार को और दो लेबनानी नागरिकों की शनिवार को मौत हो गई थी।
हिजबुल्ला की प्रवक्ता राणा साहिली ने कहा कि बढ़ी लड़ाई एक ‘‘चेतावनी’’ है और इसका मतलब यह नहीं है कि हिजबुल्ला ने युद्ध में प्रवेश करने का फैसला किया है।
संयुक्त राष्ट्र और सहायता समूहों ने कहा है कि तेजी से पलायन और 40 किलोमीटर लंबे तटीय क्षेत्र की इजराइल द्वारा पूरी घेराबंदी के कारण भीषण मानवीय संकट पैदा होगा।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा का एकमात्र बिजली संयंत्र ईंधन की कमी के कारण पूरी तरह से बंद हो गया है। गाजा के अस्पतालों में जल्द ही जनरेटर का ईंधन खत्म होने की आशंका है, जिससे हजारों मरीजों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।
खान यूनिस में नासिर अस्पताल में गहन देखभाल कक्ष (आईसीयू) घायल मरीजों से भरे हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर तीन साल से कम उम्र के बच्चे हैं। ’क्रिटिकल केयर कॉम्प्लेक्स’ के सलाहकार डॉ. मोहम्मद कंदील ने कहा कि विस्फोट से गंभीर रूप से घायल सैकड़ों लोग अस्पताल आए हैं, जहां सोमवार तक ईंधन खत्म होने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि आईसीयू में 35 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और अन्य 60 डायलिसिस पर हैं। कंदील ने कहा, ‘‘अगर ईंधन खत्म हो जाता है, तो इसका मतलब है कि पूरी स्वास्थ्य प्रणाली ठप हो जाएगी, सेवाएं बंद हो जाएंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक आपदा, एक और युद्ध अपराध, एक ऐतिहासिक त्रासदी की तरफ बढ़ रहे हैं। अगर बिजली आपूर्ति ठप हुई, तो इन सभी मरीजों की मौत का खतरा है।’’
उत्तरी गाजा पट्टी के कमाल अलवान अस्पताल में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. हुसाम अबू सफिया ने कहा कि इजराइल के आदेश के बावजूद अस्पताल को खाली नहीं किया गया क्योंकि मरीजों को कहीं और ले जाने का कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि आईसीयू में सात नवजात शिशु वेंटिलेटर पर हैं। सफिया ने कहा कि घायल मरीज कटे हुए अंगों, गंभीर चोट की हालत में आ रहे हैं।
इजराइल की घेराबंदी के कारण पानी और चिकित्सा आपूर्ति की किल्लत के कारण गाजा पहले से ही मानवीय संकट में है। निवासियों ने कहा कि कुछ बेकरी बंद होने से वे ब्रेड खरीदने में भी असमर्थ हैं।
गाजा शहर के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा अस्पताल ने कहा कि उसके मुर्दाघर में काफी ज्यादा शव हो जाने के कारण आपातकालीन उपाय के तौर पर वह 100 शवों को सामूहिक तौर पर दफनाएगा। अस्पताल ने कहा कि शव को दफनाने में उनके रिश्तेदार असमर्थ हैं, इसलिए यह कदम उठाया जा रहा।
इजराइल की जमीनी सेना की संभावित कार्रवाई से पूर्व गाजा पट्टी के मुख्य अस्पताल अल शिफा अस्पताल के मैदान में हजारों लोग शरण के लिए एकत्र हो गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी डॉ. मेधात अब्बास ने कहा, ‘‘लोगों को लगता है कि उनके घर नष्ट हो जाने और उन्हें भागने के लिए मजबूर होने के बाद यह एकमात्र सुरक्षित स्थान है। गाजा शहर तबाही का भयावह मंजर है।’’
इजराइल की सेना ने 10 लाख से ज्यादा फलस्तीनियों को उत्तरी गाजा को खाली करने का आदेश दिया। सेना ने कहा है कि वह उत्तर में हमास आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़े अभियान से पहले नागरिकों को हटाने की कोशिश कर रही है। इजराइली सेना के मुताबिक, उत्तर में चरमपंथियों के व्यापक भूमिगत ठिकाने, बंकर और रॉकेट लॉन्चर हैं।
हमास ने लोगों से अपने घरों में रहने का आग्रह किया। वहीं, इजराइली सेना ने तस्वीरें जारी कर कहा कि हमास सड़क पर यातायात को दक्षिण की ओर जाने से रोक रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि उत्तरी इलाकों के अस्पतालों में नवजात शिशु और आईसीयू में इलाजरत लोगों समेत 2,000 से अधिक मरीजों के लिए निकासी ‘‘मौत की सजा के समान हो सकती है।’’
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता जूलियट टौमा ने कहा कि गाजा की लगभग एक चौथाई आबादी यानी करीब 5,00,000 लोग पूरे क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के स्कूलों और अन्य केंद्रों में शरण ले रहे हैं, जहां पानी की आपूर्ति लगातार घटती जा रही।
एपी सिम्मी संतोष संतोष संतोष 1610 1022 खानयूनिस(गाजापट्टी) (एपी)
अमेरिका में एक शख़्स ने दो लोगों को मुस्लिम होने के कारण चाकू मारा जिसमें से एक बच्चे की मौत हो गई और एक महिला गंभीर रूप से घायल है.
अमेरिका के प्लेनफ़ील्ड में 71 साल के जोसेफ़ कज़ुबा पर छह साल के बच्चे की हत्या करने और एक 32 साल की महिला को ज़ख़्मी करने का आरोप है.
इलिनॉय केविल काउंटी शेरिफ कार्यालय ने कहा कि हमास और इसराइल के बीच चल रहे संघर्ष के कारण इन पीड़ितों को निशाना बनाया गया.
कज़ुबा पर फ़र्स्ट-डिग्री हत्या, फ़र्स्ट -डिग्री हत्या की कोशिश, हेट क्राइम और गंभीर मारपीट का आरोप लगाया गया है.
एक बयान में विल काउंटी शेरिफ कार्यालय ने कहा कि शनिवार सुबह उन्हें एक महिला का इमरजेंसी कॉल आया. महिला ने कहा कि उनके मकान मालिक ने उन पर हमला कर दिया है.
महिला ने कहा कि वह "बाथरूम में छिपी हैं."
दोनों पीड़ितों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन बच्चे की मौत हो गई.
पुलिस ने जांच में पाया कि बच्चे को 26 बार चाकू मारा गया था.
शेरिफ कार्यालय का कहना है, "इस हमले में इस्तेमाल किया गया चाकू 12 इंच (31 सेमी) का मिलिट्री स्टाइल वाला चाकू था जिसमें सात इंच का ब्लेड था."
हमले में गंभीर रूप से घायल महिला के बचने की उम्मीद है.
शेरिफ कार्यालय ने कहा, "जासूस यह पता लगा सके हैं कि हमलावर ने दोनों पीड़ितों को मुस्लिम होने और मध्य पूर्व में चल रहे हमास और इसराइल के संघर्ष के कारण निशाना बनाया था."
सात अक्टूबर को हमास के इसराइल पर हमले से शुरू हुए संघर्ष में हज़ारों की तदाद में आम लोग मारे गए हैं.
इसराइल में 1400 लोगों की मौत हुई है, वहीं इसराइल के हमले में ग़ज़ा में 2450 लोगों की मौत हो गई है और 1000 लोग लापता हैं. (bbc.com/hindi)
इसराइली सेना (आईडीएफ़) ने कहा है कि पांच लाख लोग उत्तरी ग़ज़ा छोड़ चुके हैं.
आईडीएफ के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जोनाथन कॉनरिकस ने कहा है कि पांच लाख लोग उत्तरी गज़ा से निकल चुके हैं, जो लोग उत्तर के इलाके से निकलना चाह रहे हैं , हमास उनके लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है.
उन्होंने कहा किआईडीएफ़ ने आम लोगों को निकलने के लिए दो सुरक्षित निकासी मार्ग बनाए हैं और जैसे-जैसे सैन्य अभियान आगे बढ़ेगा, आम लोगों के लिए ग़ज़ा शहर में रहना असुरक्षित होगा.
इसराइली सेना ने जिस रास्ते को निकासी के लिए सुरक्षित बताया था वहां शुक्रवार को वहां बम विस्फोट में 70 लोगों की मौत हुई. जब कॉनरिकस से इस धमाके के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दोहराया कि आईडीएफ सक्रिय रूप से आम लोगों को निशाना नहीं बनाता है.
हालांकि प्रेस ब्रीफ़िंग के दौरान उन्होंने इशारे में ये भी कहा कि ऑपरेशन में आम लोगों के हताहत होने को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता.
उन्होंने कहा- “हम हमास पर हमला करते हैं, हम उनके बुनियादी ढांचे पर हमला करते हैं और हम सक्रिय रूप से कमांडरों को निशाना बना रहे हैं, जब आप एक लाइव टारगेट पर निशाना बनाते हैं तो कोलैट्रल डैमेज होता है. वहां आप पहले चेतावनी नहीं दे सकते क्योंकि फिर टारगेट बच निकलेगा.”
शुक्रवार को इसराइली सेना ने ग़ज़ा के उत्तर में रह रहे 11 लाख लोगों से चौबीस घंटों के भीतर इलाक़ा खाली कर दक्षिणी ग़ज़ा में शिफ़्ट होने के लिए कहा था.
यूएन सहित कई मानवाधिकार संस्थाओं ने इसराइल के इस आदेश की आलोचना करते हुए इसे ‘असंभव’ बताया था. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि ‘इसराइल का ग़ज़ा पर कब्ज़ा करना एक बड़ी ग़लती’ होगी.
सीबीएस के 60 मिनट्स को दिए गए इंटरव्यू में बाइडन से पूछा गया कि क्या वह "इस समय ग़ज़ा पर इसराइल के कब्ज़े का समर्थन करेंगे?"
इसके जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक "बड़ी गलती" होगी.
बाइडन ने कहा- “हमास, और हमास के चरमपंथी सभी फ़लस्तीनी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते और मुझे लगता है कि इसराइल के लिए ग़जा पर फिर कब्ज़ा करना एक गलती होगी. ”
रविवार रात प्रसारित इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हालांकि ग़ज़ा के अंदर जा कर चरमपंथियों को बाहर निकालना एक ज़रूरी काम है."
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें "विश्वास है कि इसराइल युद्ध के नियमों के तहत कार्रवाई करेगा."
बाइडन ने बार-बार कहा है कि हमास से अपनी रक्षा करना इसराइल का अधिकार और कर्तव्य है.
एक हफ़्ते पहले हमास के हमले को उन्होंने "सरासर दुष्ट कृत्य" बताया था.
बीते सप्ताह इसराइल के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन तेल अवीव भी पहुंचे थे.
इसराइल ने 11 लाख लोगों को उत्तरी गज़ा से दक्षिणी ग़ज़ा में जाने का निर्देश दिया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इसराइली सेना गज़ा में दाखिल हो सकती है. (bbc.com/hindi)
पेशावर, 15 अक्टूबर। पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में रातभर चले छापे के दौरान सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में छह आतंकवादियों को मार गिराया जबकि आठ अन्य को घायल कर दिया। सेना ने रविवार को यह जानकारी दी।
सेना ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर उत्तरी वजीरिस्तान जिले के मीर अली इलाके में सुरक्षाबलों ने अभियान चलाया जिस दौरान आतंकवादियों के साथ उनकी मुठभेड़ हुई।
उसने बताया कि इस मुठभेड़ में एक सैनिक भी मारा गया तथा आतंकवादियों के ठिकानों से हथियार एवं गोलाबारूद बरामद किये गये।
उत्तरी वजीरिस्तान आतंकवादियों के लिए दशकों से हाल तक पनाहगाह था। पेशावर में सेना द्वारा संचालित एक विद्यालय पर आतंकी हमले में 150 से अधिक लोग मारे गये थे जिनमें ज्यादातर बच्चे थे। उसी के बाद सेना ने इस क्षेत्र में बड़ा अभियान चलाया था।
सालभर चले अभियान के बाद सेना ने घोषणा की थी कि उसने इस क्षेत्र से स्थानीय एवं विदेशी आतंकवादियों को खदेड़ दिया है। लेकिन बीच -बीच में हमले होते रहे जिससे यह चिंता पैदा हुई कि तहरीक ए-तालिबान पाकिस्तान नाम से चर्चित स्थानीय तालिबानों ने अफगानिस्तान में शरण ले ली और वे फिर उस क्षेत्र में एकजुट हो रहे हैं।
पाकिस्तानी तालिबान अलग समूह है लेकिन वह अफगान तालिबान का ही सहयोगी है जिसने 2021 में अफगानिस्तान में सत्ता कब्जा कर लिया था। (एपी)
खान यूनिस (गाजा पट्टी), 15 अक्टूबर। इजराइल की संभावित जमीनी कार्रवाई से पहले गाजा में चिकित्सकों ने रविवार को आगाह किया कि अगर घायल लोगों से भरे अस्पतालों में ईंधन और बुनियादी आपूर्ति खत्म हो गई तो हजारों लोगों की मौत हो सकती है।
इजराइल के हमले से पहले नागरिकों को भोजन, पानी और सुरक्षित स्थान की तलाश में संघर्ष करना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह हमास के घातक हमले के बाद इजराइल ने पूरे गाजा क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और उत्तरी इलाकों को खाली कर फलस्तीनियों को दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया है।
संयुक्त राष्ट्र और सहायता समूहों ने कहा है कि इतनी तेजी से पलायन, साथ ही 40 किलोमीटर लंबे तटीय क्षेत्र की इजराइल द्वारा पूरी घेराबंदी के कारण भीषण मानवीय संकट होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि उत्तरी इलाकों के अस्पतालों में नवजात शिशु और गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) में इलाजरत लोगों समेत 2,000 से अधिक मरीजों के लिए निकासी ‘‘मौत की सजा के समान हो सकती है।’’
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा के अस्पतालों में दो दिन के भीतर जनरेटर का ईंधन खत्म होने की आशंका है, इससे हजारों मरीजों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।
अल-शिफा के बाद गाजा के दूसरे सबसे बड़े शहर खान यूनिस में नासिर अस्पताल में गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) घायल मरीजों से भरे हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर तीन साल से कम उम्र के बच्चे हैं। क्रिटिकल केयर कॉम्प्लेक्स के सलाहकार डॉ. मोहम्मद कंदील ने कहा कि विस्फोट से गंभीर रूप से घायल सैकड़ों लोग अस्पताल आए हैं, जहां सोमवार तक ईंधन खत्म होने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि आईसीयू में 35 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और अन्य 60 डायलिसिस पर हैं। कंदील ने कहा, ‘‘अगर ईंधन खत्म हो जाता है, तो इसका मतलब है कि पूरी स्वास्थ्य प्रणाली ठप हो जाएगी, सेवाएं बंद हो जाएंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक आपदा, एक और युद्ध अपराध, एक ऐतिहासिक त्रासदी की तरफ बढ़ रहे हैं। अगर बिजली आपूर्ति ठप हुई तो इन सभी मरीजों की मौत का खतरा है।’’
उत्तरी गाजा पट्टी के कमाल अलवान अस्पताल में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. हुसाम अबू सफिया ने कहा कि इजराइल के आदेश के बावजूद अस्पताल को खाली नहीं किया गया क्योंकि मरीजों को कहीं और ले जाने का कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि आईसीयू में सात नवजात शिशु वेंटिलेटर पर हैं। सफिया ने कहा कि घायल मरीज कटे हुए अंगों, गंभीर चोट की हालत में आ रहे हैं।
इजराइल की घेराबंदी के कारण पानी और चिकित्सा आपूर्ति की किल्लत के कारण गाजा पहले से ही मानवीय संकट में है। निवासियों ने कहा कि कुछ बेकरियां बंद होने से वे ब्रेड खरीदने में भी असमर्थ हैं।
फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की प्रवक्ता जूलियट तौमा ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि शनिवार दोपहर तक उत्तरी गाजा में कितने फलस्तीनी बचे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें जो पता है उसके मुताबिक हजारों लोग निकल चुके हैं। एक सप्ताह में कुल मिलाकर 10 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।’’
इजराइल की संभावित कार्रवाई से पूर्व गाजा पट्टी के मुख्य अस्पताल अल शिफा अस्पताल के मैदान में करीब 35,000 लोग शरण के लिए एकत्र हो गए हैं। शिफा अस्पताल के महानिदेशक मोहम्मद अबू सेलिम ने पुष्टि की कि अस्पताल की इमारत और परिसर में भारी भीड़ जमा हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी डॉ. मेधात अब्बास ने कहा, ‘‘लोगों को लगता है कि उनके घर नष्ट हो जाने और उन्हें भागने के लिए मजबूर होने के बाद यह एकमात्र सुरक्षित स्थान है। गाजा शहर तबाही का भयावह मंजर है।’’ (एपी)
बेरूत, 15 अक्टूबर । शीबा फार्म्स को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हमलों में लेबनानी सैन्य समूह हिजबुल्ला का एक लड़ाका मारा गया। शिया समूह के एक बयान के अनुसार, हमलों में दो आम नागरिकों की भी मौत हो गई।
लेबनानी सैन्य सूत्रों ने शनिवार को समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया कि दक्षिण-पूर्व लेबनान के शेबा शहर के बाहरी इलाके में एक व्यक्ति के घर पर गोला गिरने से उसकी और उसकी पत्नी की मौत हो गई। इस इलाके में हिजबुल्ला और इजरायली बलों के बीच गोलाबारी तेज हो गई है।
सैन्य सूत्रों ने कहा कि 155 मिमी के कई गोले सीधे 85 वर्षीय नागरिक खलील असद अली के घर पर गिरे जिससे उनकी और 74 वर्षीय उनकी पत्नी जुबैदा अकौम की मौत हो गई।
शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, लेबनान में इजरायली हमलों की शुरुआत के बाद से मारे गए लेबनानियों की संख्या बढ़कर सात हो गई है, जिनमें तीन हिजबुल्ला लड़ाके और रॉयटर्स के लिए काम करने वाला एक पत्रकार शामिल है।
दक्षिणी लेबनान में शनिवार दोपहर को शेबा-कफ़रचौबा पर हिज़्बुल्लाह और इज़रायली बलों के बीच मिसाइल और तोपखाने की गोलाबारी देखी गई।
हिज़्बुल्ला समूहों ने विवादित शेबा फ़ार्म्स क्षेत्र और रुवैसत अल-आलम, अल-समाका, ज़िब्दीन और रामथा सहित कफरचौबा पहाड़ियों में इजरायली स्थलों पर निर्देशित मिसाइलों और मोर्टार गोले से हमला किया, जिससे इजरायली सेना को कफरचौबा, शेबा, अल-मारी, अल-मजीदिया, और शनौह और बस्तरा फार्म के बाहरी इलाकों में बमबारी करके जवाब देना पड़ा।
हमास द्वारा 7 अक्टूबर को शुरू किए गए "ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड" के समर्थन में हिजबुल्लाहद्वारा शेबा फार्म्स में सैन्य स्थलों की ओर रविवार सुबह दसियों रॉकेट दागे जाने के बाद लेबनानी-इजरायल सीमा पर स्थिति बिगड़ गई। (आईएएनएस)