अंतरराष्ट्रीय
गाजा, 12 अक्टूबर । 7 अक्टूबर को हमास के हमले के जवाब में इजराइल ने गाजा पट्टी पर हवा, समुद्र और जमीन से भारी बमबारी जारी रखी है। इससे तटीय इलाके में मरने वालों की संख्या 1,200 के करीब पहुंच गई है, जबकि आंतरिक रूप से विस्थापितों की संख्या बढ़कर 338,934 हो गई। इसमें केवल 24 घंटों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 24 घंटों में हवाई हमलों में कम से कम 51 लोग मारे गए और 281 अन्य घायल हो गए।
मंत्रालय ने कहा कि नए आंकड़ों से मरने वालों की कुल संख्या लगभग 1,200 हो गई है, जबकि घायल लोगों की संख्या 5,339 हो गई है, इनमें 1,217 बच्चे और 744 महिलाएं शामिल हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकारों को संबोधित करते हुए उप स्वास्थ्य मंत्री यूसुफ अबू अल-रिश ने कहा कि हमास-नियंत्रित क्षेत्र में सभी अस्पतालों के बिस्तर भर गए हैं और दवाएं खत्म होने वाली हैं।
अबू अल-रिश ने कहा कि मंत्रालय घायल और बीमार लोगों के लिए आपातकालीन सेवाएं जारी रखने के लिए जनरेटर की सीमित शक्ति का उपयोग कर रहा है, क्योंकि गाजा पट्टी के बिजली संयंत्र में ईंधन खत्म हो गया है और इज़राइल द्वारा बिजली काट दी गई है।
उन्होंने इज़रायली बलों पर "अधिक से अधिक क्षति और विनाश करने का इरादा रखने का आरोप लगाते हुए कहा, कुछ पीड़ित अभी भी मलबे के नीचे हैं,
मंत्री ने स्थिति को "आसन्न मानवीय आपदा" बताया।
उन्होंने कहा, "गाजा की 600,000 से अधिक आबादी पानी से वंचित है, और पूरे अस्पताल पानी से वंचित हैं।"
अपने नवीनतम स्थिति अपडेट में, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि गाजा में कुल विस्थापित व्यक्तियों में से 218,597 या 65 प्रतिशत संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) द्वारा संचालित 92 स्कूलों में शरण ले रहे थे।
ओसीएचए ने कहा, "घनी आबादी वाले इलाकों में कई आवासीय इमारतें, जिनमें गाजा उत्तर में अल करामा पड़ोस, साथ ही गाजा शहर में अल रिमल और अल नासेर शामिल हैं, को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया है, इससे बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे हताहत हुए हैं।"
शत्रुता शुरू होने के बाद से, कम से कम 28 फ़िलिस्तीनी परिवारों के सभी सदस्य मारे गए हैं।
गाजा के लोक निर्माण और आवास मंत्रालय के अनुसार, कम से कम 2,540 आवास इकाइयां नष्ट हो गई हैं, या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं और रहने लायक नहीं रह गई हैं, और अन्य 22,850 को मध्यम से मामूली क्षति हुई है।
इस बीच, इज़राइल स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इज़राइल में फ़िलिस्तीनियों द्वारा 1,200 से अधिक इज़राइली और विदेशी नागरिकों की हत्या कर दी गई है। (आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 12 अक्टूबर । टेक्सास की एक अदालत ने भारतीय मूल के एक व्यक्ति और उसकी फार्मेसी पर दवाइयों की अवैध बिक्री पर 2 लाख 75 हजार डॉलर का जुर्माना लगाया है और ओपियोइड और अन्य प्रतिबंधित दवाओं के की बिक्री पर रोक लगाई है।
न्याय विभाग की एक विज्ञप्ति के अनुसार, फार्मासिस्ट जितेंद्र चौधरी के पास ज़ारज़ामोरा हेल्थकेयर एलएलसी है, जो सैन एंटोनियो में राइट-अवे फार्मेसी और मेडिकल सप्लाई के रूप में कारोबार कर रही है।
अदालत ने चौधरी और उनकी फार्मेसी को कुछ ओपियोइड नुस्खे देने से रोक दिया, जिसमें संयोजन ओपियोइड और बेंजोडायजेपाइन नुस्खे शामिल हैं।
आदेश में यह भी कहा गया है कि प्रतिवादी आदेश और नियंत्रित पदार्थ अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अपनी वितरण प्रथाओं की समय-समय पर व्यापक समीक्षा करें।
टेक्सास के पश्चिमी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी जैमे एस्परज़ा ने कहा, "देश भर में स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों द्वारा ओपिओइड और अन्य प्रिस्क्रिप्शन दवाओं के वितरण ने पिछले कुछ वर्षों में हमारे समुदायों को भारी नुकसान पहुंचाया है।"
एस्पार्ज़ा ने कहा, "मेरा कार्यालय इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेता है और आवश्यकता पड़ने पर स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के खिलाफ मुकदमा करेगा।"
21 जनवरी, 2022 को टेक्सास के पश्चिमी जिले में सरकार द्वारा की गई एक शिकायत में आरोप लगाया गया कि प्रतिवादियों ने नियंत्रित पदार्थ अधिनियम के उल्लंघन करते हुए बार-बार ओपिओइड और अन्य नियंत्रित पदार्थों की बिक्री की।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि प्रतिवादियों ने उन नुस्खों को बदल दिया, जिनमें आवश्यक जानकारी का अभाव था, ताकि ऐसा लगे कि वे औषधि प्रवर्तन प्रशासन (डीईए) नियमों के अनुपालन में हैं।
न्याय विभाग के सिविल डिवीजन के प्रधान उप सहायक अटॉर्नी जनरल ब्रायन एम बॉयटन ने कहा, "नियंत्रित पदार्थ अधिनियम के तहत फार्मेसियों और फार्मासिस्टों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ओपियोइड चिकित्सकीय रूप से वैध उद्देश्यों के लिए वितरित किए जाते हैं।"
"न्याय विभाग उन पेशेवरों को जवाबदेह बनाए रखना जारी रखेगा, जो संभावित खतरनाक नुस्खे वाली दवाओं के संबंध में अपने दायित्वों का उल्लंघन करते हैं।"
मामले की जांच डीईए के सैन एंटोनियो जिला कार्यालय टैक्टिकल डायवर्जन स्क्वाॅड द्वारा की गई। (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 12 अक्टूबर । एक स्पष्टीकरण में, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने उस बयान से पीछे हट गए हैं, जिसमें उन्होंने इजराइल में आतंकवादियों द्वारा बच्चों का सिर काटने की तस्वीरें देखने की बात कही थी। राष्ट्रपति ने ऐसी कोई तस्वीरें नहीं देखी हैं।
बुधवार दोपहर को यहूदी समुदाय के नेताओं की बैठक को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा: "यह मायने रखता है कि अमेरिकी देखें कि क्या हो रहा है?, मैं लंबे समय से ऐसा कर रहा हूं, मैंने वास्तव में कभी नहीं सोचा था कि मैं बच्चों के सिर काटने वाले आतंकवादियों को देखूंगा।''
व्हाइट हाउस के अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि बाइडेन अपने बयान में इजराइल की रिपोर्टों का जिक्र कर रहे थे।
प्रशासन के एक अन्य अधिकारी ने बाद में सीएनएन को बताया कि न तो बाइडेन और न ही प्रशासन ने हमास द्वारा बच्चों या शिशुओं के सिर काटने की तस्वीरें देखी हैं या पुष्टि की है।
बाइडेन की टिप्पणी इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के एक प्रवक्ता द्वारा बुधवार को दिए गए बयान के बाद आई कि इजरायली किबुत्ज कफर अजा में शिशुओं और बच्चों को "क्षत-विक्षत" हालत में पाया गया।
दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
सीएनएन को दिए एक बयान में, इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि आईएसआईएस की कार्रवाई में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को बेरहमी से मार डाला गया।
लेकिन हमास ने इस बात से इनकार किया कि उसके आतंकवादियों ने बच्चों का सिर काटा या महिलाओं पर हमला किया।
आतंकवादी समूह के प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिकारी इज़्ज़त अल-रिशेक ने बुधवार को आरोप को "मनगढ़ंत और निराधार" बताया।
इस बीच, 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इजराइल की ओर से मरने वालों की संख्या वर्तमान में 1,200 है, जबकि गाजा में जवाबी हवाई हमलों में कम से कम 1,000 लोग मारे गए हैं। (आईएएनएस)।
ब्रिटेन के किंग चार्ल्स ने इसराइल में हमले की निंदा की है.
बकिंघम पैलेस के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि किंग चार्ल्स इसराइल में हुए हमले से बेहद दुखी हैं और वो बर्बरतापूर्ण इस आतंकवादी कृत्य की निंदा करते हैं.
बयान में कहा गया है कि किंग चार्ल्स ने पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं भी प्रकट की हैं.
शनिवार को इसराइल पर हमास के हमले के बाद से इसराइल में सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है.
इसराइली सेना के मुताबिक, 1200 लोगों की मौत हुई है और 2700 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं.
वहीं, फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि गज़ा में जारी इसराइल के हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1055 हो गई है.
इसराइल पर हमास के हमले के बाद ब्रिटेन का भी बयान आया था.
ब्रिटेन ने कहा था, "हमास आतंकवादियों के इसराइल पर किए हमले से हम स्तब्ध हैं. इसराइल के पास अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है. हम इसराइली अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं." (bbc.com/hindi)
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा कि इसराइल पर हमास के हमले के बाद इसराइल की ग़ज़ा की घेराबंदी और बमबारी 'सामूहिक नरसंहार' है.
तुर्की ने इसराइल-हमास के संघर्ष के बीच मध्यस्थता करने में भूमिका निभाने की बात कही है.
अर्दोआन और उनके विदेश मंत्री ने इस क्षेत्र के नेताओं, अमेरिका और अन्य से इस संबंध में बातचीत की है. हालांकि, तुर्की में इसराइल के राजदूत का कहना है कि ये मध्यस्थता के बारे में बात करना जल्दबाजी है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, अर्दोआन ने संसद में कहा कि यहां तक कि युद्ध में भी 'नैतिकता' होती है लेकिन शनिवार के बाद से जो हुआ उसने उस नैतिकता का 'उल्लंघन' किया.
अर्दोआन ने गज़ा में बिजली ठप करने, पानी की आपूर्ति रोकने और ढांचों को नुकसान पहुंचाने की इसराइली कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा, "लोगों को उनकी बुनियादी ज़रूरतें भी पूरा नहीं करने देना और नागरिकों के घरों को निशाना बनाना युद्ध नहीं है बल्कि नरसंहार है."
तुर्की पूर्व में भी फ़लस्तीन का समर्थन करता रहा है और हमास के सदस्यों की मेजबानी भी की है. लेकिन इसराइल के साथ इस बीच संबंधों को ठीक करने की कोशिशें भी हुई है.
यूरोपीय यूनियन और अमेरिका की तरह तुर्की हमास को चरमपंथी संगठन नहीं मानता है.
अर्दोआन ने कहा कि हमास के हमले के बाद इसराइल ने 'जिस पैमाने पर हमला किया' वो किसी भी नैतिक आधार से परे' है.
इसराइली सेना के मुताबिक, 1200 लोगों की मौत हुई है और 2700 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं.
वहीं, फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि चार दिन से गज़ा में इसराइल के हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1055 हो गई है और करीब 4500 लोग घायल हुए हैं.(bbc.com/hindi)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि इसराइल में जो कुछ हो रहा है वो 'भयानक' है.
उन्होंने दोनों ही पक्षों से नागरिकों की मौतें को कम करने का आह्वान किया है.
मॉस्को में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उन्होंने कहा, "पता नहीं क्यों अमेरिका एयरक्राफ़्ट कैरियर ग्रुप्स को इस इलाके में ला रहा है."
वो अमेरिका की इसराइल को अतिरिक्त सैन्य सहायता भेजे जाने का हवाला दे रहे थे. पुतिन ने ये भी कहा कि हमास के हमले में इरान की भूमिका का आरोप भी 'निराधार' है.
ईरान और रूस के रिश्ते अच्छे हैं और ऐसी ख़बरें आई हैं कि ईरान रूस को सैन्य सहायता भी दे रहा है.
ईरान में इसराइल पर हमास के हमले का जश्न मना था लेकिन कल ईरान के शीर्ष नेता ने इसमें देश की भूमिका होने से इनकार किया.
ईरान लंबे समय से हमास का समर्थक रहा है और उसे आर्थिक सहायता देने के साथ ही हथियारों की आपूर्ति भी की है.
इसराइली सेना के मुताबिक, हमास के हमले में 1200 लोगों की मौत हुई है और 2700 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं.
वहीं, फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि गज़ा में जारी इसराइल के हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1055 हो गई है. (bbc.com/hindi)
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को इसराइल-गज़ा संघर्ष को लेकर फोन पर बातचीत की.
ईरान और सऊदी अरब के सरकारी मीडिया ने ये जानकारी दी है.
बीते सात सालों से दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्ते नहीं थे, चीन की मध्यस्थता के बाद इस साल मार्च में दोनों देशों के बीच रिश्ते बहाल हुए. उसके बाद ईरान और सऊदी अरब के नेताओं के बीच की गई ये पहली फ़ोन कॉल है.
ईरानी मीडिया ने बताया कि रईसी और क्राउन प्रिंस ने "फ़लस्तीन के ख़िलाफ युद्ध अपराधों को ख़त्म करने की आवश्यकता" पर चर्चा की.
सऊदी अरब की सरकारी समाचार एजेंसी एसपीए के अनुसार, "सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने कहा कि किंगडम मौजूदा तनाव को रोकने के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के साथ बात करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. "
“उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने की ज़रुरत पर ज़ोर दिया और गज़ा में गंभीर मानवीय संकट और आम लोगों पर इसके असर पर गहरी चिंता व्यक्त की.”
क्राउन प्रिंस ने इस बातचीत में कहा कि सऊदी अरब फ़लस्तीनी लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने वाली व्यापक और निष्पक्ष कोशिशों का समर्थन करता है.
ईरान और सऊदी अरब के बीच ये बातचीत इसलिए अहम है क्योंकि इस साल की शुरुआत तक मध्य पूर्व के ये दो देश कड़े प्रतिद्वंद्वी थे, दोनों के बीच राजनयिक रिश्ते तक नहीं थे लेकिन मार्च में दोनों देशों ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया.
चीन की मध्यस्थता के साथ सऊदी अरब और ईरान ने कूटनीतिक रिश्ते बहाल करने की अप्रत्याशित घोषणा की.
साल 2016 में एक शिया धर्मगुरू को फांसी देने की घटना के बाद ईरान और सऊदी अरब के रिश्ते टूट गए थे. इसके बाद से सुन्नी बहुल सऊदी अरब और शिया बहुल ईरान के बीच भारी तनाव रहा है. लेकिन इस साल दोनों देशों के रिश्ते फिर पटरी पर आ रहे हैं. (bbc.com/hindi)
शनिवार को जब हमास ने इसराइल पर हमला किया तो सबसे ज्यादा मौतें सुपरनोवा म्यूज़िक फेस्टिवल में हुईं, जहां मरने वालों का आंकड़ा 260 से अधिक हैं. लेकिन कई लोग अभी भी अपने प्रियजनों की ख़बर का इंतजार कर रहे हैं.
ऐसी ही एक हैं मेइताव जर्नो, हमला जब शुरू हुआ तो उन्होंने अपनी 24 साल की बहन कैरिन से बात की.
उन्होंने बताया कि उनकी बहन का फ़ेस्टिवल से पहले ही पैर टूट गया था इसलिए वो भाग नहीं सकती थीं और उन्हें छिपना पड़ा.
बीबीसी से बात करते हुए जर्नो ने बताया, “मेरी बहन ने कहा- मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूं, मुझे अगर कुछ हो जाए तो हमेशा याद रखना मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं. उसने हमें बताया कि हर जगह बहुत सारे बम बरसाए जा रहे हैं. हम लोगों के चिल्लाने की आवाज़, गोलियों की आवाज़ सुन पा रहे थे. वह कह रही थी कि मुझे नहीं पता मैं क्या करूं.”
अब तक ये साफ़ नहीं है कि कैरिन की मौत हो गई या फिर उन्हें बंधक बनाया गया है. उनके परिवार को अब तक उनका पता नहीं चला है.
इस म्यूज़िक फेस्टिवल की तारीख इसराइलियों के सप्ताह भर लंबे त्योहार सुकोत के साथ पड़ी थी.
इस फ़ेस्टिवल में जो लोग एंजॉय करने आए थे वो खूनी हिंसा का शिकार हुए, अकेले इसी जगह पर 260 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. (bbc.com/hindi)
इस्लामी आतंकवादी संगठन हमास ने गजा पट्टी से इस्राएल पर हमला कर मध्यपूर्व में संघर्ष एक बार फिर तेज कर दिया है. गाजा में कौन लोग रहते हैं और वर्तमान संघर्ष में उनकी क्या भूमिका है?
गाजा पट्टी इस्राएल, मिस्र और भूमध्यसागर से घिरा एक छोटा सा इलाका है, जो दुनिया की सबसे घनी आबादी वाली जगह है.
इस्लामी आतंकवादी गुट हमास ने 7 अक्टूबर सेइस्राएल पर हमले करने शुरू किए. यूरोपीय संघ, अमेरिका और कुछ अरब देशों ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित किया है.
गाजा पट्टी के 10 किलोमीटर चौड़े और 41 किलोमीटर लंबे इलाके में 20 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. इसका मतलब है प्रति किलोमीटर 5,500 इंसान. इस्राएल में प्रति किलोमीटर 400 लोगों की औसत आबादी रहती है.
गाजा पट्टी में कौन लोग रहते हैं?
गाजा पट्टी में रहने वाले लोग फलस्तीनी हैं. इनमें वो लोग भी हैं, जो वहां के मूल निवासी हैं और साथ ही वो शरणार्थी भी, जो 1948 में इस्राएल के गठन और फिर इस्राएली और फलस्तीनियों में सैन्य संघर्ष होने के बाद वहां से भाग कर गाजा पट्टी आए.
गाजा पट्टी के ज्यादातर लोग उत्तरी हिस्से में रहते हैं, खासतौर से गाजा सिटी में. यहां की आबादी काफी युवा है और उनमें 40 फीसदी से ज्यादा की उम्र 15 साल से कम है.
पश्चिमी तट में क्या अलग है?
फलस्तीनी इलाकों में गाजा पट्टी और इस्राएल के कब्जे वाला पश्चिमी तट शामिल है. पश्चिमी तट के साथ पूर्वी यरुशलम की सीमा इस्राएल, मृत सागर और जॉर्डन से लगती है.
ज्यादा बड़ा और कम घनी आबादी वाला पश्चिमी तट, गाजा पट्टी से काफी अलग है. यहां फतह पार्टी का शासन है, जो फलस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) का सबसे मजबूत धड़ा है. यह इस्राएल के अस्तित्व को स्वीकार करता है और ज्यादातर पश्चिमी देश उसे फलस्तीनी लोगों का प्रतिनिधी मानते हैं.
गाजा का प्रशासन किसके हाथ में हैं?
2007 से गाजा पट्टी का प्रशासन इस्लामी गुट हमासके हाथ में है. इस गुट ने अपने चार्टर में इस्राएल के साथ शांति प्रक्रिया को खारिज किया है और इस्राएल को तबाह करने की बात करता है.
कई सालों से हमास के आतंकवादी इस्राएली इलाकों में रॉकेट दागते रहे हैं, लेकिन 7 अक्टूबर को हुए हमले ने लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को नाटकीय रूप से भड़का दिया है.
गाजा पट्टी की नाकाबंदी क्या है?
2007 में हमास के सत्ता में आने के बाद से ही गाजा को इस्राएल "दुश्मन इलाके" के रूप में देखता है, जिसकी उन्होंने नाकाबंदी कर रखी है. इस्राएल का यहां के जमीनी, समुद्री और वायु मार्ग पर नियंत्रण है.
हमास भी आत्मरक्षा के नाम पर तभी से इस्राएल पर हमले करता आ रहा है. छिटपुट हमलों के अलावा अब तक चार बार गाजा की बड़ी लड़ाई हो चुकी है.
गाजा की नाकाबंदी का मिस्र भी समर्थन करता है, जो एक और पड़ोसी है. इसके नतीजे में आर्थिक अलगाव ने गाजा की स्थिति बहुत ज्यादा बिगाड़ दी है. गाजा के बड़े हिस्से में रहने वाली आबादी काफी गरीबी में जीती है. 15 से 24 साल की आयु वाले 40 फीसदी से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं.
गरीबी और काम के अवसरों की कमी ने युवाओं को काफी निराश किया है, जिसकी वजह से हमास अपने लिए समर्थन जुटाने में सफल होता है.
गाजा को सप्लाई कैसे पहुंचती है?
इस्राएल और गाजा के बीच एक रास्ता लोगों के आने-जाने और एक सामानों की आवाजाही का रास्ता है. इसके अलावा एक रास्ता मिस्र के राफाह से है.
गाजा में सामान के आयात पर इस्राएल का कड़ा नियंत्रण है. ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि हथियारों को गाजा पहुंचने से रोका जा सके. मिस्र के साथ लगने वाली सीमा पर भी नाकाबंदी है. इसलिए हमास सुरंगों के नेटवर्क के रास्ते सामान की तस्करी करता है.
गाजा पट्टी मोटे तौर पर अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यहां की 80 फीसदी आबादी का काम अंतरराष्ट्रीय सहायता से चलता है. खासतौर से शरणार्थियों की स्थिति तो बेहद खराब है, जो अब भी शिविरों में रहते हैं और अंतरराष्ट्रीय मदद पर गुजारा करते हैं.
गाजा को अकसर नियमित बिजली की सप्लाई भी नहीं मिलती. यहां कुछ घंटे के लिए ही बिजली आती है. पानी की कमी है और आबादी के एक बड़े हिस्से के पास पीने का साफ पानी भी नहीं है. यहां की स्वास्थ्य सेवाएं भी अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर हैं. इस्राएल से संघर्ष के दौर में तो इनकी हालत और ज्यादा बिगड़ जाती है.
हेरात (अफगानिस्तान), 11 अक्टूबर पश्चिमी अफगानिस्तान में बुधवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई।
इससे पहले शनिवार को इसी स्थान पर आए तेज भूकंप से 2,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि बुधवार सुबह आए भूकंप का केन्द्र हेरात प्रांत की राजधानी हेरात से 28 किलोमीटर दूर बाहरी इलाके में जमीन से दस किलोमीटर की गहराई पर था।
शनिवार को आए भूकंप का केन्द्र प्रांतीय राजधानी से 40 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में था। उस भूकंप के बाद से इलाके में कई बार तेज झटके आ चुके हैं।
तालिबानी अधिकारियों ने बताया कि शनिवार के भूकंप में पूरे हेरात में दो हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हैं, लेकिन उन्होंने मृतकों और घायलों की सटीक संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी।
आज सुबह आए भूकंप से जानमाल के नुकसान के बारे में तत्काल जानकारी नहीं मिल सकी है। जिस स्थान पर भूकंप आया वहां के गांव पहले ही मलबे में तब्दील हो चुके हैं।
नायब रफी गांव में पहले लगभग 2,500 लोग रहते थे। लोगों ने बताया कि भूकंप के वक्त जो पुरुष काम के सिलसिले में बाहर गए थे उन्हें छोड़कर कोई भी जीवित नहीं बचा। लोग शवों को सामूहिक तौर पर दफनाने के लिए बड़ी कब्र खोदने के काम में लगे हैं।
तालिबान ने बताया कि 20 गांव में कम से कम दो हजार मकान तबाह हो गए हैं। भूकंप प्रभावित क्षेत्र में बस एक सरकारी अस्पताल है। (एपी)
रॉबिन्सविले, 11 अक्टूबर दुनिया में दूसरे सबसे बड़े और पश्चिमी गोलार्द्ध में सबसे बड़े हिंदू मंदिर का अमेरिका के न्यू जर्सी शहर में उद्घाटन किया गया है।
न्यूयॉर्क सिटी से 99 किलोमीटर दक्षिण में न्यू जर्सी की रॉबिन्सविले सिटी में 185 एकड़ भूभाग में स्थित यह अक्षरधाम मंदिर 191 फुट ऊंचा है।
‘बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण’ (बीएपीएस) के नेता महंत स्वामी महाराज की मौजूदगी में आठ अक्टूबर को इस मंदिर का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह में हजारों लोग शामिल हुए।
महंत स्वामी महाराज ने कहा, ‘‘उत्तर अमेरिका में ऐसे अक्षरधाम मंदिर का निर्माण करना प्रमुख स्वामी महाराज की दिव्य इच्छा थी जहां सभी जाति, नस्ल या धर्म के लोग आ सकते हैं।’’
उद्घाटन समारोह में डेलावेयर के गवर्नर जॉन कार्नी और कांग्रेस सदस्य स्टेनी होयर भी शामिल हुए।
बीएपीएस के वरिष्ठ नेता और प्रेरक वक्ता ज्ञानवत्सलदास स्वामी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह इस ग्रह पर दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है और जाहिर तौर पर पश्चिम गोलार्द्ध में यह सबसे बड़ा मंदिर है जिसका आठ अक्टूबर को महंत स्वामी महाराज के 90वें जन्मदिन पर उद्घाटन किया गया। यह इस समाज और मानवता को समर्पित है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर बनाने का मूल उद्देश्य लोगों को मूल्यों के साथ प्रेरित करना है। भारतीय ग्रंथों के अनुसार एकांतिक धर्म के चार स्तंभ - धर्म, ज्ञान, वैराग्य और भक्ति को भगवान स्वामीनारायण ने अच्छी तरह से स्पष्ट किया है। इसलिए यह भारतीय संस्कृति और परंपरा को समर्पित एक स्मारक है। यह भगवान स्वामीनारायण के जीवन और शिक्षाओं को समर्पित एक स्मारक है।’’
मंदिर में लगाए गए पत्थरों पर रामायण और महाभारत की कहानी को उकेरा गया है। मंदिर के स्तंभों और दीवार पर 150 से अधिक भारतीय वाद्ययंत्र और सभी प्रमुख नृत्य कलाएं हैं।
अबू धाबी में निर्माणाधीन अक्षरधाम मंदिर के प्रभारी ब्रह्मविहारीदास स्वामी ने कहा, ‘‘कला को संरक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका उसका पुनर्जन्म है। बीएपीएस अपने तरीके से प्राचीन कला को पुनर्जीवित करने में सक्षम है। हजारों कलाकारों ने एक बार फिर काम शुरू कर दिया है और उनकी कला को महत्व दिया जा रहा है ताकि उसे आने वाली पीढ़ी के लिए संरक्षित किया जाए।’’
कोलंबिया विश्वविद्यालय में धर्म और मीडिया के एक शोधार्थी और अक्षरधाम मंदिर के स्वयंसेवी प्रवक्ता योगी त्रिवेदी ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण में लगे पत्थरों को बुल्गारिया, इटली, यूनान, तुर्किये और भारत समेत सात देशों से मंगाया गया।
त्रिवेदी ने कहा कि अगर कोई अक्षरधाम मंदिर में आएगा तो उसे सामने ब्रह्मकुंड या बावड़ी दिखेगी जिसमें दुनियाभर की 400 अलग-अलग नदियों और झीलों का पानी है। इसमें भारत की गंगा और यमुना नदी का भी पानी है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें समावेशिता की भावना है जो दर्शन तथा पूजा करने के लिए आने वाले हर व्यक्ति को महसूस होती है।’’
उद्घाटन के दिन मंदिर के दर्शन करने वाले जैन आध्यात्मिक नेता आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि यह मंदिर भारत के संदेश को बाकी दुनिया तक लेकर जाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया का संदेश है ‘‘एक परिवार’’।
न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल ने मंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से बधाई संदेश दिया। (भाषा)
वाशिंगटन, 11 अक्टूबर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को कहा कि इजराइल पर हमास का हमला विशुद्ध रूप से दुनिया पर थोपी गई एक बुराई है और इस हमले में कम से कम 14 अमेरिकी नागरिक मारे गए हैं।
बाइडन ने कहा कि इजराइल को नष्ट करना और यहूदी लोगों को मारना हमास का घोषित उद्देश्य है।
बाइडन ने व्हाइट हाउस से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमारे जीवन में ऐसे क्षण आते हैं, जब दुनिया पर बुराई थोपी जाती है। इजराइल के लोग इस सप्ताहांत ऐसे ही एक क्षण से गुजरे। यह हमला आतंकवादी संगठन हमास द्वारा किया गया जो ऐसा समूह है जिसका घोषित उद्देश्य यहूदियों को मारना है।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन इससे पहले इजराइल के प्रति अपने प्रशासन के समर्थन की प्रतिबद्धता जता चुके हैं। अमेरिका ने इजराइल के लिए समर्थन जुटाने और फलस्तीनी चरमपंथी समूह हमास के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए एक प्रमुख वैश्विक राजनयिक अभियान शुरू किया है।
हमास ने शनिवार को इजराइल पर श्रृंखलाबद्ध हमले किये जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए। इजराइल ने इस हमले के जवाब में गाजा पर हवाई हमले किये हैं, जिसमें 800 से अधिक लोग मारे गए हैं।
बाइडन ने कहा, ‘‘इजराइल पर किये गए इस हमले में 1,000 से अधिक नागरिकों को मार डाला गया। सिर्फ हत्या नहीं की गई बल्कि लोगों का कत्लेआम किया गया। इनमें कम से कम 14 अमेरिकी नागरिक मारे गये हैं। उन माता-पिता को मार डाला गया जो अपने बच्चों की रक्षा करने की कोशिश कर रहे थे। शिशुओं के मारे जाने की चौंकाने वाली खबरें हैं। पूरे परिवारों का खात्मा कर दिया गया। शांति का जश्न मनाने वाले एक संगीत समारोह में शामिल युवाओं की हत्या कर दी गई।’’
बाइडन ने कहा कि इजराइल में हमास का कृत्य आतंकवाद था जो ‘‘आईएसआईएस के आचरण से मिलता जुलता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह घृणित है। हमास की क्रूरता आईएसआईएस के सबसे भयानक कृत्य की याद दिलाती है। यह आतंकवाद है, लेकिन दुख की बात है कि यहूदी लोगों के लिए यह कोई नई बात नहीं है।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस हमले ने, दशकों पुरानी यहूदी विरोधी भावना और यहूदी लोगों के नरसंहार की दर्दनाक यादों और घावों को कुरेद दिया है। इसलिए, इस क्षण में, हमें बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। हम इजराइल के साथ खड़े हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इजराइल के पास अपने नागरिकों की देखभाल करने, अपनी रक्षा करने और इस हमले का जवाब देने के लिए वह सब कुछ हो, जिसकी उसे जरूरत है। आतंकवाद को किसी भी तरीके से जायज नहीं ठहराया जा सकता।।’’
इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि वह 11-13 अक्टूबर तक इजराइल और जॉर्डन की यात्रा करेंगे, जहां वह वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा, ‘‘मंत्री इजराइल के खिलाफ आतंकवादी हमलों के पीड़ितों के लिए अपनी संवेदना दोहराएंगे और हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करेंगे। वह इजराइल की सरकार और लोगों के साथ अमेरिका की एकजुटता भी दोहराएंगे। वह इजराइल की सुरक्षा को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा करेंगे और इजराइल के रक्षा के अधिकार के प्रति अमेरिका के अटूट समर्थन को रेखांकित करेंगे।’’
ब्लिंकन ने इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग से बात की और इजराइल के अपनी रक्षा के अधिकार के प्रति अमेरिका का समर्थन दोहराया। उन्होंने मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना भी दोहराई।
बाइडन ने अपने संबोधन में कहा कि हमास फलस्तीनी लोगों के सम्मान और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए खड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि हमास का घोषित उद्देश्य इजराइल का विनाश और यहूदी लोगों की हत्या करना है। उन्होंने कहा कि वे फलस्तीनी नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
बाइडन ने कहा, ‘‘हमास आतंक और रक्तपात के अलावा कुछ भी नहीं देता है, इसकी परवाह किए बिना कि कीमत कौन चुकाता है। निर्दोष जीवन की हानि हृदयविदारक है। दुनिया के हर देश की तरह, इजराइल को भी जवाब देने का अधिकार है।’’
बाइडन ने कहा कि उन्होंने हमास के हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से तीसरी बार बात की। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि अमेरिका ने वही अनुभव किया जो इजराइल अनुभव कर रहा है, तो हमारी प्रतिक्रिया तीव्र, निर्णायक और जबरदस्त होगी।’’ (भाषा)
येरूसलम, 11 अक्टूबर । इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने मंगलवार को कहा कि उनकी प्रारंभिक समीक्षाओं से पता चला है कि हमास के पास इजरायली दिखने के लिए लगभग 20 वाहन थे, जिनका इस्तेमाल उनके जानलेवा हमले की शुरुआत में आतंकवादियों को इजरायल में ले जाने के लिए किया गया था। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई।
वाईनेट न्यूज़ के मुताबिक, आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहनों में कुछ हमास के वरिष्ठ कमांडरों के वाहन के रूप में चिह्नित थे, बड़ी संख्या में आतंकवादियों को ले जाने के लिए बड़े सवाना वाहन, कम से कम आठ ऑफ-रोड मोटरसाइकिलें थीं जो सीमा का उल्लंघन करने और आईडीएफ ठिकानों पर नियंत्रण करने वाले पहले वाहनों में पांच से छह पिक-अप ट्रक थे।
आतंकवादियों ने इज़रायली पुलिस की कारों के भेष में वाहनों का इस्तेमाल किया, जिसके साथ उन्होंने आगे घुसपैठ की योजना बनाई या देश के अंदर तक पहुंचने का प्रयास किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन वाहनों पर नीली पुलिस बत्तियां लगी हुई थीं।
एक मामले में, हमास आतंकवादियों के एक वाहन को आईडीएफ ने एक फ्रांसीसी पर्यटक के साथ पकड़ लिया था, जिसे दक्षिणी इज़राइल में एक रेव से अपहरण कर लिया गया था, जो उसके कार्गो डिब्बे में छिपा हुआ था। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि हमास कितने और वाहनों को गाजा पट्टी में वापस ले जाने में कामयाब रहा, लेकिन इसकी सफलता इतनी बड़ी थी कि यह उन्नत संचार उपकरणों से लैस कम से कम तीन बख्तरबंद आईडीएफ जीपों को पकड़ने में कामयाब रहा।
जिन हथियारों और सैन्य उपकरणों के साथ हमास सेना ने घुसपैठ की, उनमें से अधिकांश का उपयोग नहीं किया गया, क्योंकि आतंकवादी पहले ही मारे गए थे। (आईएएनएस)।
पेरिस, 11 अक्टूबर । फ्रांस के यूरोप और विदेश मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि इजराइल और हमास के बीच भीषण संघर्ष के बाद इजराइल में कम से कम आठ फ्रांसीसी नागरिकों की मौत हो गई है और 20 अन्य लापता हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने मंत्रालय के हवाले से कहा, "फ्रांस चार अन्य फ्रांसीसी नागरिकों की दुखद मौत पर शोक व्यक्त करता है, इससे इजरायल पर हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों में फ्रांसीसी पीड़ितों की संख्या आठ हो गई है।"
इसमें कहा गया है कि लगभग 20 अन्य फ्रांसीसी नागरिक वर्तमान में लापता हैं।
मंगलवार को फ्रांसीसी नेशनल असेंबली से बात करते हुए, फ्रांसीसी विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने कहा कि इज़राइल में फंसे फ्रांसीसी नागरिकों को वापस लाने के लिए गुरुवार को एयर फ्रांस द्वारा एक चार्टर्ड उड़ान संचालित की जाएगी। (आईएएनएस)।
गाजा, 11 अक्टूबर । गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा पट्टी पर चल रहे इजरायली हमलों में कम से कम 900 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने मंगलवार को एक प्रेस बयान में कहा कि गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों के कारण मरने वालों की संख्या 900 तक पहुंच गई, इसमें 260 बच्चे और 230 महिलाएं शामिल हैं, जबकि 4,500 अन्य घायल हो गए।
बयान में कहा गया है कि छह स्वास्थ्य कर्मियों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए।
मंत्रालय ने कहा कि इजरायली हवाई हमलों के कारण 140,000 से अधिक लोगों का विस्थापन भी हुआ।
बयान में कहा गया है कि गाजा पट्टी में स्वास्थ्य प्रणाली 44 प्रतिशत दवाओं, 32 प्रतिशत चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों और 60 प्रतिशत प्रयोगशाला और रक्त बैंक आपूर्ति की गंभीर कमी से ग्रस्त है, इसके अलावा विद्युत जनरेटर और ईंधन की कमी है।
मंत्रालय ने गाजा में मानवीय संस्थानों से अस्पतालों को दवाएं, चिकित्सा उपभोग्य वस्तुएं, ईंधन और आपातकालीन आवश्यकताएं प्रदान करने, स्वास्थ्य सहायता और चिकित्सा प्रतिनिधिमंडलों के प्रवेश के लिए एक सुरक्षित गलियारा खोलने और उन घायलों और बीमारों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने का आह्वान किया, जिनके पास पहुंच नहीं है। (आईएएनएस)।
लॉस एंजेलिस, 11 अक्टूबर । पश्चिमी अमेरिकी राज्य कोलोराडो में कोलोराडो स्प्रिंग्स शहर के पास सैन्य उपकरण ले जा रही एक ट्रेन पटरी से उतर गई।
कैलिफोर्निया से कोलोराडो स्प्रिंग्स के ठीक बाहर अमेरिकी सेना के प्रतिष्ठान फोर्ट कार्सन की ओर जा रही ट्रेन की कम से कम 13 बोगियां पटरी से उतर गईं। सीबीएस से संबद्ध कोलोराडो स्प्रिंग्स के एक टेलीविजन स्टेशन केकेटीवी ने बताया कि इनमें से पांच बोगियों में व्यापक क्षति हुई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए फोर्ट कार्सन के अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन की बोगियों में सैन्य वाहन और अन्य उपकरण थे।
अधिकारियों ने केकेटीवी से कहा कि इनमें कोई हथियार या खतरनाक सामग्री नहीं थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी के घायल होने की सूचना नहीं है और पटरी से उतरने के कारणों की जांच की जा रही है। (आईएएनएस)।
जेरूसलम/गाजा, 11 अक्टूबर गाजा पट्टी में चल रहे इजरायल-हमास संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,100 से अधिक हो गई है, बुधवार को पांचवें दिन भी जारी हिंसा के कारण और अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है।
इज़रायली सार्वजनिक प्रसारक कान ने बुधवार को बताया कि यहूदी राष्ट्र पर हमास के हमलों के परिणामस्वरूप कम से कम 1,200 लोग मारे गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मरने वालों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जबकि कम से कम 2,806 लोग घायल हुए हैं।
इज़रायली सूत्रों के अनुसार, इज़रायली सेना के 50 से 100 सदस्यों और नागरिकों, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, को पकड़ लिया गया है और जबरन गाजा में ले जाया गया है।
गाजा में फिलिस्तीनी सशस्त्र समूहों का दावा है कि उन्होंने 150 से अधिक लोगों को पकड़ लिया है।
इस बीच, हमास द्वारा संचालित तटीय एन्क्लेव में स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों के कारण मरने वालों की संख्या 900 तक पहुंच गई है, जबकि 15 पैरामेडिक्स और 20 पत्रकारों सहित 4,500 अन्य घायल हो गए हैं।
इसमें यह भी कहा गया है कि मरने वालों में 260 बच्चे और 230 महिलाएं शामिल हैं, साथ ही 22 परिवार भी शामिल हैं] जो पूरी तरह से मारे गए।
मंत्रालय के अनुसार, गाजा पट्टी में स्वास्थ्य प्रणाली वर्तमान में 44 प्रतिशत दवाओं, 32 प्रतिशत चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों और 60 प्रतिशत प्रयोगशाला और रक्त बैंक आपूर्ति की गंभीर कमी से जूझ रही है, इसके अलावा विद्युत जनरेटर और कमी की कमी है।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने कहा है कि पिछले 24 घंटों में गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर विस्थापन जारी है,, जिसकी कुल संख्या अब 263,934 है।
यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। (आईएएनएस
फलस्तीनी इस्लामी गुट हमास ने इस्राएल पर कई दशकों में सबसे बड़ा हमला कर दुनिया को चौंका दिया है. आखिर हमास है क्या और इसका लक्ष्य क्या है?
हमास एक फलस्तीनी इस्लामी आतंकवादी गुट है जिसकी राजनीतिक और सशस्त्र शाखाएं हैं. यह इस्राएल को देश के रूप में मान्यता नहीं देता और इसके बयानों के मुताबिक इस्राएल को तबाह करना चाहता है. जर्मनी, यूरोपीय संघ, अमेरिका और कुछ अरब देशों ने हमास को एक आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है.
हमास का गठन 1980 के दशक के आखिरी सालों में पूर्व फलस्तीनी नेशनल अथॉरिटी के राष्ट्रपति यासिर अराफात के फलस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) के विरोध में हुआ था.
हमास कई सैन्य गुटों से मिल कर बना है. इसमें इस्राएल के खिलाफ हाल के वर्षों में कई हमलों और आत्मघाती बम धमाके करने वाला कासिम ब्रिगेड भी शामिल है. इस संगठन का एक राजनीतिक दल भी है और कई सहायता संगठन हैं.
घातक दूसरा इंतिफादा
इस्राएल और पीएलओने 1993 में ओस्लो शांति प्रक्रिया शुरू की, इसके तहत दोनों ने एक दूसरे को मान्यता दी. हालांकि हमास इस ऐतिहासिक समझौते को नहीं मानता और इस्राएली क्षेत्र में आतंकवादी हमले करता है.
2000-2005 तक चले दूसरे इंतिफादा के दौरान फलस्तीनी चरमपंथी गुटों ने इस्राएल के आम नागरिकों पर कई हमले किए. इन गुटों में हमास, इस्लामिक जिहाद और फतह मूवमेंट का अल अक्सा ब्रिगेड भी शामिल था.
इस्राएल की सेना फलस्तीनी शहरों में घुस गई. इनमें वो इलाके भी शामिल थे जिन्हें ओस्लो समझौते के तहत स्वायत्त घोषित किया गया था. इममें रमल्ला भी शामिल था. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक सिंतबर 2000 से जुलाई 2007 के बीच 4,228 फलस्तीनी, 1,024 इस्राएली और 63 विदेशी नागरिकों की मौत हुई.
2007: हमास के हाथ में गजा का नियंत्रण
2006 में फलस्तीनी संसद के चुनाव में हमास से जुड़ी पार्टी विजेता बन कर उभरी. 2007 में हमास ने फतह मूवमेंट के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ने के बाद गजा पर नियंत्रण कर लिया. फतह मूवमेंट एक राष्ट्रवादी और सामाजिक लोकतांत्रिक पार्टी है और उन दलों में शामिल है जिनसे मिल कर पीएलओ बना है.
फलस्तीन में राजनीतिक रूप से इस आंतरिक विभाजन के बाद हमास का नियंत्रण गजा पर हो गया जबकि फलस्तीनी अथॉरिटी में फतह पार्टी का दबदबा है. यह पश्चिमी तट के आंशिक रूप से स्वायत्त इलाकों का प्रशासन संभालती है.
इस्राएल ने इसके बाद गजा को "दुश्मन क्षेत्र" घोषित कर दिया और इसकी विस्तृत नाकेबंदी कर दी. इस नाकेबंदी में मिस्र भी शामिल हो गया जो दक्षिणपश्चिमी सीमा पर मौजूद है. इस्राएल और कुछ हद तक मिस्र फलस्तीनी इलाके के जमीनी, जल और वायु संपर्क पर नियंत्रण रखते हैं.
गजा पट्टी दुनिया की सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में एक है. यहां की ज्यादातर आबादी गरीबी में बसर करती है और उनका जीवन अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है. हमास ने गजा से इस्राएल पर हमले किए हैं और उन्हें "आत्मरक्षा" का नाम दिया है. इस्राएल की सेना के साथ अब तक हमास के चार बड़े संघर्ष हो चुके हैं. इनमें पहला 2008-09, दूसरा 2012 में, तीसरा 2014 और चौथा 2021 में हुआ.
2008: गजा की पहली लड़ाई
इस्राएल की नाकाबंदी नीति के कारण अकसर गजा पट्टी के आसपास के इलाकों में नागरिकों पर फलस्तीनी चरमपंथी गुटों के रॉकेट हमले होते हैं. इसी नीति को लेकर बढ़े तनाव के नतीजे में गजा की पहली लड़ाई 27 दिसंबर 2008 को शुरू हुई. इस्राएल का "ऑपरेशन कास्ट लीड" सैन्य हमला 18 जनवरी 2009 को खत्म हुआ.
गजा में हमास और इस्राएल की एक और लड़ाई 14 नवंबर, 2012 को शुरू हुई जो 8 दिन चली. इसके करीब 18 महीने बाद 8 जुलाई, 2014 को गजा की तरफ से लगातार रॉकेट हमलों के कारण गजा की तीसरी लड़ाई हुई. इसका अंत 26 अगस्त को अस्थायी संघर्षविराम से हुआ.
हमास की तरफ से येरुशलेम पर रॉकेट दागने के बाद मई 2021 में इस्राएल और गजा की चौथी लड़ाई हुई. यह लड़ाई पूर्वी येरुशलेम में कई हफ्तों की अशांति के बाद शुरू हुई थी. इसमें शेख जर्राह मुहल्ले के फलस्तीनियों को जबरन उनके घरों से निकाल दिया गया था और टेंपल माउंट और अल अक्सा मस्जिद में हिंसा हुई थी.
यह लड़ाई 21 मई 2021 को संघर्ष विराम के साथ खत्म हुई. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक गजा पट्टी में 260 लोगों की मौत हुई इस्राएल के 10 लोग मारे गए.
अब एक बार हिंसा भड़क उठी है और हमास ने इस्राएल पर अभूतपूर्व हमला किया है. इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू का कहना है कि इस्राएल पर "युद्ध" हैऔर उन्होंने कठोर बदला लेने का संकल्प व्यक्त किया है.
काबुल, 11 अक्टूबर । अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में आए भीषण भूकंप के ठीक पांच दिन बाद बुधवार को उसी क्षेत्र में रिक्टर पैमाने पर 6.3 तीव्रता से एक और भूकंप आया, जिसमें 80 लोग घायल हो गए।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय निवासियों के अनुसार, अधिकांश घायलों को रुबात सांगी जिले से अस्पताल ले जाया गया है।
बुधवार सुबह करीब 5 बजकर 10 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र हेरात शहर से 28 किमी उत्तर में है।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, अनुमान है कि कई घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, जबकि कुछ गांव पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।
अफगानिस्तान अक्सर भूकंप से प्रभावित होता है, खासकर हिंदू कुश पर्वत रेंज, क्योंकि यह यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। (आईएएनएस)।
इस्लामी संगठन हमास के इस्राएल पर आतंकवादी हमले ने जो तरंगे पैदा की हैं वह इस्राएल और गजा की सीमाओं से बाहर तक असर डाल रही हैं. इसने इलाके में कई और उम्मीदों पर विराम लगा दिया है.
डॉयचे वैले पर जेनिफर होलाइज की रिपोर्ट-
इस्राएल पर रॉकेट हमलेसे महज दो हफ्ते पहले ही सऊदी अरब के नेता मोहम्मद बिन सलमान और इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने इस बात की पुष्टि की थी कि उनके देश "हर दिन करीब" करीब आ रहे हैं और वो "एक करार पर पहुंचने वाले हैं जो इलाके के लिए एक बड़ी छलांग" होगी. हालांकि अब लगता है कि यह बात बहुत पुरानी हो गई.
इसी तरह से बिन सलमान की फलस्तीनी द्विराष्ट्र समाधान में दिलचस्पी में कमी भी बहुत दूर की कौड़ी बन गई है. यह समाधान फलस्तीनियों को स्वतंत्र राष्ट्र और पूर्वी येरुशलेम को उनकी राजधानी के रूप में दर्जा दिला सकता है.
सितंबर के आखिर में अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में बिन सलमान ने दो राष्ट्र के समाधान का नाम तक नहीं लिया. बिन सलमान ने सिर्फ यही कहा कि इस्राएल के साथ नया करार "फलस्तीनियों की जरूरतें पूरी करेगा और उनके लिए अच्छी जिंदगी सुनिश्चित करेगा."
द्विराष्ट्र समाधान के लिए समर्थन
शनिवार को हमले के बाद सऊदी अरब सार्वजनिक रूप से द्विराष्ट्र समाधान की मांग के समर्थन में सार्वजनिक रूप से लौट आया और उसने खुद को फलस्तीनी लोगों के प्रबल समर्थक के रूप में पेश किया. इस बीच दुनिया के ज्यादातर दूसरे देश इस्राएल और उसके आत्मरक्षा के अधिकार की वकालत करते नजर आए.
यह कहना कोई गलत नहीं है कि फलस्तीन के सवाल जिंदा हो जाना ईरान समर्थित हमास गुट की बड़ी जीत है. वह एक आतंकवादी संगठन है जिसे ये दर्जा यूरोपीय संघ, अमेरिका, जर्मनी और अन्य देशों ने दिया है. अमेरिका की अटलांटिक काउंसिल के नॉनरेजिडेंट सीनियर फेलो रिचर्ड लेबेरॉन ने थिंक टैंक की वेबसाइट पर लिखा है, "हमास की कार्रवाई ने सऊदी को एक साफ ताकीद कर दी है कि रिश्तों को सुधारने की बातचीत में फलस्तीन के मुद्दे को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए."
उनका यह भी कहना है, "ये हमले कहानी को सऊदी अरब और इस्राएल के बीच रिश्ते सामान्य करने की प्रक्रिया से दूर ले जाएंगे."
इस्राएली-सऊदी रिश्ते पर जोखिम
अटलांटिक काउंसिल के स्कोक्रॉफ्ट मिडल ईस्ट सिक्योरिटी एनिशिएटिव के निदेशक जोनाथन पैनिकॉफ ने डीडब्ल्यू से कहा, "इस बात की उम्मीद कम ही है कि सऊदी इस्राएली रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में प्रगति निकट भविष्य में होगी."
उनकी नजर में, "अगर इस्राएल का अभियान गजा में ज्यादा मौत और नुकसान के रूप में सामने आता है तो फिर जरूरी राजनीति और कारोबार नहीं हो पाएगा."
सोमवार की दोपहर इस्राएल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने गजा की पूरी नाकेबंदी करने का आदेश दिया. उनकी तरफ से जारी बयान में कहा गया, "गजा को बिजली, खाना या ईंधन बिल्कुल नहीं मिलेगा."
यूरोपीयन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेसंश के रिसर्च फेलो ह्यू लोवाट ने डीडब्ल्यू से कहा, "अरब लोगों के विचार मोटे तौर पर इस्राएल के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं और इस्राएली कार्रवाई से यह भावना और मजबूत होगी."
लोवाट इस भावना को "इस्राएल और सऊदी अरब के बीच संभावित करार" के मार्ग की बाधा के रूप में देखते हैं. उनके मुताबिक मोरक्को और संयुक्त अरब अमीरात जैसे अब्राहम अकॉर्ड के सदस्य अरब देशों के लिए इस्राएलके प्रति और ज्यादा आलोचनात्मक रुख रखने के लिए काफी दबाव होगा ताकि जनता के दबाव को कम किया जा सके.
संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने इस्राएल के साथ 2020 में रिश्तों को सामान्य बनाने के एक समझौते पर दस्तखत किया था. ब्लूमबर्ग फाइनेंशियल न्यूज सर्विस की सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक यूएई ने, "इस्राएली नागरिकों के लिए दुख जताया है और तनाव घटाने की मांग की है लेकिन हमास की सीधे तौर पर निंदा नहीं की है."
अमेरिका और ईरान में संतुलन
इस्राएल के साथ रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में आगे बढ़ने के खिलाफ सऊदी अरब पर सिर्फ अरब जगत का ही दबाव नहीं होगा. इस मामले में अमेरिका और ईरान भी बड़ी भूमिका निभाएंगे.
सऊदी अरब और ईरान के बीच इस साल सुलह होने के बावजूद जब सहयोगियों की बारी आती है तो दोनों एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो जाते हैं. ईरान हमास को समर्थन देता है. हमास का गजा पर शासन है और उसने इस्राएल पर हमला किया है.
हालांकि सऊदी अरब को उम्मीद है कि इस्राएल के साथ रिश्ते सामान्य करके अमेरिका के साथ उसके रिश्ते वापस वहां पहुंच जाएंगे जहां वह सऊदी आलोचक जमाल खशोगी की 2018 में हत्या के पहले थे.
इस त्रिपक्षीय करार से सऊदी अरब को अमेरिका के साथ एक मजबूत सैन्य गठजोड़ बनाने में मदद मिलेगी और साथ ही अमेरिकी की निगरानी में यूरेनियम का संवर्धन करने की अनुमति.
पैनिकॉफ ने डीडब्ल्यू से कहा, "रियाद में रणनीति के जानकारों के दिमाग में यह सवाल जरूर घूम रहा होगा कि अगर इस्राएल जैसी सुरक्षा उसके पास दूर दूर तक नहीं होने की वजह से इस तरह के संघर्ष में उसका कितना नुकसान हो सकता है."
उन्होंने यह भी कहा, "लंबे दौर में सऊदी अरब सुरक्षा गारंटी के लिए अमेरिका के साथ बातचीत की मेज पर लौटने के बारे में सोच सकता है जो उनके बीच कथित बातचीत का अभिन्न अंग रहा है." (dw.com)
अबुजा, 11 अक्टूबर । मध्य नाइजीरिया में नसरवा स्टेट यूनिवर्सिटी की कम से कम चार छात्राओं का बंदूकधारियों ने अपहरण कर लिया है। स्थानीय पुलिस ने ये जानकारी दी है।
नसरवा में पुलिस के प्रवक्ता रामहान नानसेल ने बताया कि अगवा की गई सभी महिलाएं हैं। देश की राजधानी अबुजा से 50 किमी दूर केफ़ी शहर में विश्वविद्यालय परिसर के बाहर उनके छात्रावास से अपहरण कर लिया गया। मंगलवार तड़के उनके छात्रावास पर हमला किया गया था।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने नानसेल के हवाले से कहा कि पुलिस कर्मियों और सैनिकों ने आसपास की झाड़ियों में तलाशी लेकर हमले का जवाब दिया, लेकिन अपहरणकर्ताओं और छात्राओं का पता नहीं लगाया जा सका।
उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने अपहरणकर्ताओं की तलाश के आदेश दिए हैं ताकि छात्राओं को सकुशल बचाया जा सके। (आईएएनएस)।
डीडब्ल्यू की एक विशेष जांच में भूकंप के बाद तुर्की में एस्बेस्टस के खतरों के बारे में पता चला है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ यहां रह रहे लोगों को लेकर बहुत चिंतित हैं.
डॉयचे वैले पर सेरदार वारदार,पेलिन यूंकेर की रिपोर्ट-
दक्षिणी तुर्की के हाताय शहर में, कर्मचारी अभी भी उन इमारतों को नष्ट कर रहे हैं जो 6 फरवरी, 2023 को आए भूकंप में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थीं. भूकंप में हजारों लोगों की मौत हुई थी. पीले रंग की बड़ी मशीनें मलबे के ढेर को हटाती हैं, जिससे शहर में धूल के बादल छा जाते हैं.
कुछ बच्चे फुटबॉल खेलने के लिए जगह ढूंढ़ रहे हैं और इसके लिए वे मलबे के बीच से गुजरते हैं. जैसे ही वे सांस लेते हैं, वास्तव में वे एक साइलेंट किलर: एस्बेस्टस को अपने अंदर ले रहे होते हैं.
डीडब्ल्यू के तुर्की और पर्यावरण डेस्क की एक विशेष जांच के मुताबिक, जहरीली निर्माण सामग्री ने प्रमुख कृषि क्षेत्र में पौधों, मिट्टी और मलबे को दूषित कर दिया है. यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट की ओर इशारा करता है.
टर्किश चैंबर ऑफ एंवायर्नमेंटल इंजीनियर्स की एक विशेषज्ञ टीम ने हाताय में धूल के नमूने इकट्ठा किए, जिनका डीडब्ल्यू के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला एजीटी वोंका इंजीनियरिंग एंड लेबोरेटरी सर्विसेज द्वारा विश्लेषण किया गया. जांच में पता चला है कि इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर एस्बेस्टस मौजूद है, हालांकि आधिकारिक तौर पर एस्बेस्टस की मौजूदगी से इनकार किया गया है.
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने डीडब्ल्यू को बताया कि भूकंप प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों, जिनमें हजारों बच्चे भी शामिल हैं, को फेफड़े और गले में एस्बेस्टस से जुड़े कैंसर का गंभीर खतरा है. यही नहीं, एस्बेस्टस की वजह से लोगों में एक बेहद घातक कैंसर मेसोथेलियोमा होने का भी जोखिम है.
डीडब्ल्यू की जांच के शुरुआती प्रयोगशाला परिणामों को देखने के बाद सार्वजनिक और व्यावसायिक स्वास्थ्य के विशेषज्ञ और डॉक्टर ओजकान कान कराडाग कहते हैं, "आने वाले वर्षों में, मेसोथेलियोमा की वजह से हजारों युवा लोगों की मौत हो सकती है.”
भूकंप के मलबे की सफाई के दौरान एस्बेस्टस का खतरा बढ़ जाता है
किसी समय एस्बेस्टस का इस्तेमाल इतनी ज्यादा चीजों को बनाने में होता था कि इसे एक तरह से चमत्कारिक सामग्री के तौर पर देखा जाता था लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘पक्के कार्सोजेनिक' के रूप में वर्गीकृत किया है यानी एक ऐसा पदार्थ जो निश्चित तौर पर कैंसर का कारण बनता है.
लेकिन तुर्की में अभी भी एस्बेस्टस निर्माण सामग्री कई ऐसी इमारतों में पाई जाती है जो कि 2010 से पहले बनी थीं. 2010 में तुर्की में एस्बेस्टस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि ऐसी इमारतों की संख्या कितनी है, यह स्पष्ट नहीं है.
अक्सर छतों, फुटपाथों और इन्सुलेशन्स में पाई जाने वाली ये सामग्री जब टूट जाती हैं, तो एस्बेस्टस बहुत सूक्ष्म आकार में टूट सकता है जो दिखता नहीं है लेकिन हवा के जरिए ये दूर तक फैल सकता है और फिर सांस के जरिए लोगों के शरीर में पहुंच जाता है. 6 फरवरी को आए भूकंप में हाताय सहित 11 शहरों में करीब एक लाख इमारतें नष्ट हो गईं. दो लाख से ज्यादा इमारतें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि दो सप्ताह बाद आए छोटे भूकंपों के साथ-साथ 116 मिलियन से लेकर 210 मिलियन टन तक मलबा निकला. यह मलबा इतना ज्यादा था कि मैनहट्टन शहर के करीब दोगुने आकार के क्षेत्र को कवर करने के लिए पर्याप्त है.
तमाम मजदूर अभी भी क्षतिग्रस्त इमारतों को नष्ट कर रहे हैं और मलबा हटा रहे हैं, वो भी अक्सर बिना मास्क और दूसरे सुरक्षात्मक उपकरणों के. यही नहीं, कई बार तो मलबे से उड़ने वाली धूल को थामने करने की भी कोशिशें नहीं की जा रही हैं, मसलन- पानी का छिड़काव वगैरह. ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान डीडब्ल्यू टीम की ने धूल को पानी से दबाने का केवल एक मामला देखा.
यूनियन ऑफ चैंबर्स ऑफ टर्किश इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट्स जैसे संगठनों का कहना है कि भूकंप के बाद बेतरतीब विध्वंस, मलबा हटाने और कचरा निपटान प्रक्रियाओं से उत्पन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य के खतरों के बारे में उनकी चेतावनियों को नजरअंदाज किया जा रहा है.
इन चेतावनियों के जवाब में, पर्यावरण, शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन के तत्कालीन उप मंत्री मेहमत एमिन बीरपिनार ने जून में सोशल मीडिया पर लिखा था कि हवा में कोई एस्बेस्टस नहीं था. उन्होंने कहा, "भूकंप क्षेत्र में हमारे नागरिक निश्चिंत हो सकते हैं. हम एस्बेस्टस पर बहुत सावधानी से काम कर रहे हैं.”
इनकार के बावजूद डीडब्ल्यू ने एस्बेस्टस की मौजूदगी का खुलासा किया
लेकिन हाताय के छह अलग-अलग इलाकों से लिए गए जिन 45 नमूनों का डीडब्ल्यू ने विश्लेषण किया है उनके नतीजे आधिकारिक बयानों से मेल नहीं खाते.
बेतरतीब ढंग से लिए गए सोलह नमूनों में एस्बेस्टस की मौजूदगी पाई गई. ये नमूने भूकंप से बेघर हुए लोगों के तंबुओं के शीर्ष से इकट्ठा की गई धूल, पत्तियों, फलों, मिट्टी और मलबे से इकट्ठा की गई धूल से लिए गए थे.
हाताय से करीब 200 किलोमीटर दूर गाजियांटेप शहर में, डीडब्ल्यू ने अपनी किराये की कार की छत से धूल का आखिरी नमूना लिया. नमूने में एस्बेस्टस पाया गया. टीम ने दो दिन पहले कार धोने के बाद हाताय जाने के लिए गाजियांटेप छोड़ने से पहले एक नियंत्रण नमूना लिया था और उस नमूने में एस्बेस्टस नहीं था.
विशेषज्ञों ने डीडब्ल्यू को बताया कि इससे पता चला कि कैसे रेशेदार सामग्री वाहनों से चिपक सकती है और लंबी दूरी तय कर सकती है.
एस्बेस्टस के संपर्क से जुड़े कैंसर को सामने आने में कई दशक लग सकते हैं. हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, क्षेत्र में धूल की घनी परतें पहले से ही स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही हैं, जिससे बच्चों को काफी खतरा है.
पंद्रह वर्षीय लिमर यूनुसोग्लू और उनका परिवार युद्ध से बचने के लिए सीरिया से तुर्की भाग गया. भूकंप के बाद वे मलबे के ढेर के पास तंबू में चले गए. उनका भाई अब बीमार है.
यूनुसोग्लू कहते हैं, "मेरा भाई धूल की वजह से बीमार हो गया. हम उसे अस्पताल ले जाते हैं और वे उसे ऑक्सीजन देते हैं. लेकिन जब हम यहां वापस आते हैं तो धूल की वजह से उसकी तबीयत फिर खराब हो जाती है. कभी-कभी वह पूरे सप्ताह सोता है.”
समुद्र तट से करीब 50 किलोमीटर दूर एक व्यापारी ने डीडब्ल्यू को बताया कि धूल उसे और उसके परिवार को भी बीमार बना रही है. उनकी दुकान के बगल के खंडहर में, इलेक्ट्रॉनिक सामानों से लेकर एस्बेस्टस युक्त इन्सुलेशन सामग्री तक, बहुत सारा कचरा पड़ा हुआ है. खुद उनकी बांहों और पेट पर उभरे लाल धब्बे दिख रहे हैं.
वो कहते हैं, "हम सभी की नाक और मुंह धूल से भरे हुए हैं. हमारे घर, हमारे तंबू, हमारे घरों के सामने, हमारी कारें सभी धूल से भरी हैं. यही कारण है कि हमारे बच्चे और हम, हमारी मां और पिता सभी बीमार हैं.”
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ कराडाग कहते हैं कि बिना स्वास्थ्य निगरानी के अध्ययन के ये निर्धारित करना मुश्किल है कि क्षेत्र में कितने लोग प्रभावित हैं. वो कहते हैं, "आधिकारिक बयान यह दावा करते हैं कि लोग प्रभावित नहीं हैं लेकिन ऐसा करना सिर्फ समस्या पर पर्दा डालना है.”
एस्बेस्टस के खतरे से निपटने के लिए सामुदायिक प्रयास तेज हो गए हैं
अप्रैल महीने में, हाताय बार एसोसिएशन और पर्यावरण और स्वास्थ्य संगठनों ने शहर में ध्वस्तीकरण और उससे जुड़ी गतिविधियों को रोकने के लिए मुकदमा दायर किया, लेकिन मामला पांच महीने बाद भी लंबित है.
हाताय बार एसोसिएशन के एसेविट अल्कन उन वकीलों में से एक हैं जो कचरा हटाने के प्रचलित खराब तरीकों के खिलाफ लड़ने की कोशिश कर रहे हैं. धूल से वह भी बीमार पड़ चुके हैं. वो कहते हैं, "अल्कन ने शहर में इस्तेमाल होने वाले सभी मलबे के डंप क्षेत्रों का नक्शा तैयार करने में मदद की, क्योंकि अधिकारियों ने जानकारी सार्वजनिक नहीं की है."
वह डीडब्ल्यू को एक साइट दिखाते हैं जो एक हाई स्कूल के साथ-साथ भूकंप पीड़ितों के लिए कंटेनर शहर और खेती के लिए एक सिंचाई नहर के करीब स्थित है. हाताय देश के उपजाऊ इलाके का हिस्सा है. यहां अजवाइन और चार्ड की खेती होती है और यहां से ये कृषि उपज पूरे देश में पहुंचाई जाती है.
अल्कान कहते हैं, "इसलिए इस जगह को मलबे के ढेर के रूप में इस्तेमाल करना इंसानों और पर्यावरण दोनों के लिए बहुत जोखिम भरा है.”
डीडब्ल्यू के लिए धूल के नमूने इकट्ठा करने में मदद करने वाले पर्यावरण इंजीनियर उटकु फिरात कहते हैं कि इमारतों को ध्वस्त करने से पहले एस्बेस्टस सामग्री को हटाकर खतरे को कम किया जा सकता था. फिरात ने अधिकारियों और विध्वंस करने वाली कंपनियों के बारे में कहा, "वे ऐसा करने में न सिर्फ विफल रहे, बल्कि वे अभी भी मलबा ले जाने वाले वाहनों को तिरपाल से भी नहीं ढकते. इससे भी बहुत मदद मिलती.”
हालांकि अब तक हुए नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती, लेकिन कुछ सुरक्षा उपायों को लागू करके कम से कम लिमर यूनुसोग्लू और उसके भाई जैसे लोगों के लिए कुछ खतरों को तो कम किया ही जा सकता है.
फिरात कहते हैं, "क्षेत्र में लोगों और मजदूरों को मास्क वितरित किए जाने चाहिए और उन्हें इसका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. धूल से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में आवासीय इकाइयों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें दूसरी जगह ले जाया जाना चाहिए.”
लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि समस्या का मुख्य समाधान यही है कि पहले तो समस्या को स्वीकार किया जाए और फिर घातक सामग्री को सुरक्षित तरीके से निपटाया जाए. (dw.com)
लंदन, 11 अक्टूबर । यूरोपीय संघ के आयुक्त थिएरी ब्रेटन ने टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क को चेतावनी देते हुए कहा है कि इजराइल में हमास के हमलों के बाद उनके एक्स प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अवैध कंटेंट और गलत सूचना फैलाने के लिए किया जा रहा है।
मस्क को संबोधित एक पत्र में, ब्रेटन ने कहा कि हमास द्वारा इजराइल के खिलाफ किए गए आतंकवादी हमलों के बाद, उन्हें संकेत मिले हैं कि आपके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल यूरोपीय संघ में अवैध कंटेंट और गलत सूचना प्रसारित करने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ईयू डिजिटल सर्विस एक्ट (डीएसए) कंटेंट मॉडरेशन के संबंध में सटीक दायित्व निर्धारित करता है।
ब्रेटन ने लिखा, ''आपको इस बारे में बहुत पारदर्शी और स्पष्ट होना होगा कि आपकी शर्तों के तहत किस तरह के कंटेंट की अनुमति है और अपनी नीतियों को लगातार लागू करना होगा। यह विशेष रूप से तब प्रासंगिक होता है जब आपके प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली हिंसक और आतंकवादी कंटेंट सामग्री की बात आती है।''
यूरोपीय संघ के आयुक्त ने मस्क से अगले 24 घंटों में उनके अनुरोध पर त्वरित, सटीक और पूर्ण प्रतिक्रिया भेजने के लिए कहा है।
ब्रेटन ने जोर दिया, ''सार्वजनिक सुरक्षा और नागरिक विमर्श के जोखिमों से निपटने के लिए आपको सही उपाय करने की आवश्यकता है। सार्वजनिक मीडिया और नागरिक समाज संगठन यूरोपीय संघ में आपके प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली नकली इमेज और तथ्यों के मामलों की व्यापक रूप से रिपोर्ट करते हैं।''
मस्क द्वारा संचालित एक्स ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने हमास से जुड़े अकाउंट्स को हटा दिया है और चल रही इजराइल-हमास हिंसा के बीच ग्राफिक मीडिया, वायलेंट स्पीच और हेटफुल कंडक्ट के हजारों पोस्ट भी डिलीट कर दिए हैं।
यूरोपीय संघ के एक हालिया अध्ययन में दावा किया गया है कि एक्स में दुष्प्रचार की खोज का अनुपात सबसे बड़ा था।
यूरोपीय संघ के मूल्य और पारदर्शिता आयुक्त वेरा जौरोवा ने पिछले महीने कहा था, "एक्स के लिए मेरा मैसेज है: आपको कानून का पालन करना होगा। हम देख रहे हैं कि आप क्या कर रहे हैं।" (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 11 अक्टूबर । जेफ बेजोस द्वारा संचालित एयरोस्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन ने अपने एंटरप्राइज टेक्नोलॉजी विभाग में लगभग 40 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
सूत्रों के हवाले से द इंफॉर्मेशन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों को कंपनी से जाने के लिए कहा गया है। छंटनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर और प्रोग्राम मैनेजर शामिल हैं।
यह छंटनी ऐसे समय में हो रही है, जब बॉब स्मिथ की जगह अमेजन डिवाइस एंड सर्विस चीफ डेव लिम्प सीईओ के रूप में ब्लू ओरिजिन में शामिल हो रहे हैं। लिम्प 4 दिसंबर से ब्लू ओरिजिन में सीईओ के रूप में पद ग्रहण करेंगे। वहीं स्मिथ स्मूथ ट्रांजिशन सुनिश्चित करने के लिए 2 जनवरी को पद छोड़ देंगे।
लिम्प कंपनी के कई स्पेस प्रोजेक्ट्स के एक महत्वपूर्ण फ्रेज में ब्लू ओरिजिन में शामिल हुए। ब्लू ओरिजिन ने इस साल की शुरुआत में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चंद्र लैंडर बनाने के लिए 3.4 बिलियन डॉलर का नासा कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था।
इस बीच, यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने एक साल से अधिक समय पहले ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड सबऑर्बिटल व्हीकल में आई विफलता की अपनी जांच बंद कर दी है।
विफलता सितंबर 2022 में आई जब पश्चिमी टेक्सास में ब्लू ओरिजिन के प्रक्षेपण स्थल से एक मानवरहित अनुसंधान मिशन रवाना हुआ और प्रक्षेपण के कुछ सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
एफएए के बयान में कहा, "ब्लू ओरिजिन को सार्वजनिक सुरक्षा को प्रभावित करने वाली सभी सुधारात्मक कार्रवाइयों को लागू करना होगा और एफएए से एक लाइसेंस संशोधन प्राप्त करना होगा जो अगले न्यू शेपर्ड लॉन्च से पहले सभी सुरक्षा और अन्य लागू नियामक आवश्यकताओं को संबोधित करता है।" (आईएएनएस)।
कनाडा ने कहा है कि वह इसराइल में फंसे अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट करेगा.
कनाडा की विदेश मंत्री मेलनी जॉली ने मंगलवार को कहा कि कनाडा अपनी सेना की मदद से अपने नागरिकों तेल अवीव से एयरलिफ़्ट करने की योजना बना रहा है.
अपने बयान में जॉली ने कहा- “ये फ़्लाइट कनाडाई नागरिकों, उनके पति/पत्नी और उनके बच्चों के साथ-साथ कनाडा के स्थायी निवासियों, उनके, पति/पत्नी और उनके बच्चों के लिए होगी. ”
“ हमारे जो लोग तेल अवीव नहीं पहुंच पाएंगे, उनके के लिए क्या व्यवस्था होगी इस पर भी चर्चा चल रही है.”
ग्लोबल अफेयर्स कनाडा की रिपोर्ट के मुताबिक़, इसराइल में 3,200 से अधिक कनाडाई और गज़ा और वेस्ट बैंक में लगभग 500 कनाडाई लोग हैं.
ख़बर है कि दो कनाडाई नागरिकों की कथित रूप से हत्या कर दी गई है और दो लापता है.
अमेरिका ने अभी तक यह नहीं बताया है कि क्या वह भी अमेरिकियों को बाहर निकालने के लिए अपना इस तरह का ऑपरेशन चलेगा. हालांकि रिपब्लिकन हाउस के प्रतिनिधि माइक लॉलर ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा है कि वह इस तरह के ऑपरेशन का समर्थन करेंगे.
इसराइल-हमास के बीच जारी खूनी संघर्ष में कई देशों के नागरिक फंसे हुए हैं.
अब तक 10 नेपाली नागरिक और 18 थाई नागरिकों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.