अंतरराष्ट्रीय
एलन मस्क की सोशल मीडिया कंपनी एक्स ने न्यूज़ीलैंड और फिलिपींस में नए यूजर्स से एक डॉलर का सालाना शुल्क लेना शुरू कर दिया है.
रिपोर्टों के अनुसार, फिलहाल ये ट्रायल के तौर पर शुरू किया गया है और ये शुल्क देने वाले यूजर्स एक्स के कुछ प्रमुख फीचर्स की सुविधा ले पाएंगे. एक्स पहले ट्विटर के नाम से जानी जाती थी.
सब्सक्रिप्शन फ़ी देने वाले यूजर्स ट्वीट और रीट्वीट के अलावा पोस्ट लाइक कर सकेंगे और उनका जवाब भी दे पाएंगे. वैसे यूजर्स जो ये सब्सक्रिप्शन फ़ी न देने का विकल्प चुनते हैं, वे केवल दूसरों के पोस्ट पढ़ पाएंगे, वीडियो देख सकेंगे और अन्य हैंडल को फ़ॉलो कर सकेंगे.
एक्स का कहना है कि इसका मक़सद स्पैम कम करना, प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग रोकना और बोट ऐक्टिविटी पर लगामा लगाना है. नए एकाउंट्स को अपना फोन नंबर वेरिफाई भी कराना होगा.
हालांकि एलन मस्क ने कहा है कि 'रीड-ओनली' बिना किसी सब्सक्रिप्शन फ़ी के क्रिएट किए जा सकेंगे जिसमें कोई प्रमुख फीचर नहीं होगा.
पिछले महीने ही एक्स, टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने ये संकेत दिया था कि एक्स के सभी यूजर्स को इसके प्लेटफॉर्म पर बने रहने के लिए सब्सक्रिप्शन फ़ी चुकानी पड़ सकती है.
पिछले साल ही एलन मस्क ने 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदा था जिसके बाद से ही कंपनी के राजस्व में लगातार गिरावट देखी जा रही है.
यूजर्स से सब्सक्रिप्शन फ़ी लेने के पीछे कंपनी के वित्तीय मक़सद को लेकर तस्वीर साफ़ है.
हालांकि एलन मस्क ये कहते रहे हैं कि यूजर्स से सब्सक्रिप्शन फ़ी लेने का कदम बोट्स से निपटने के लिए उठाया जा रहा है. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने अपनी दर्जनों घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी है. इसकी वजह नकदी संकट को बताया जा रहा है.
एयरलाइन कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि ईंधन की कमी के कारण बड़ी संख्या में उड़ानों को रद्द करना पड़ा है जबकि कई उड़ानों के समय में बदलाव किया जा रहा है.
पीआईए को ईंधन, एयरपोर्ट किराया और सर्विसिंग और मेनटेनेंस के बिल के भुगतान में संघर्ष कर रहा है. कंपनी के कर्ज बढ़कर 2.5 अरब डॉलर से अधिक हो गया है.
पिछले महीने कंपनी की ओर से कहा गया था कि वो सरकार से आपातकालीन फंडिंग की मदद मांग रही है. वहीं, पाकिस्तान की सरकार घाटे में चल रही पीआईए का निजीकरण करना चाहती है. (bbc.com/hindi)
जेम्स लैंडेल, कूटनीतिक संवाददाता
कूटनीति में बातचीत ज़रूरी होती है और तरक्की के लिए भरोसा चाहिए होता है. लेकिन ग़ज़ा के अल-अहली अस्पताल में धमाके से जो बर्बादी हुई है, उसका मतलब है कि अब वहां दोनों ही बातें कम हैं.
राष्ट्रपति बाइडन अरब नेताओं से आमने-सामने की बातचीत के लिए जॉर्डन के दौरे पर नहीं जा रहे हैं. उन्हें एयर फोर्स वन से ही अब इन नेताओं से बातचीत के लिए फोन करना होगा.
इसका ये भी मतलब है कि वे सिर्फ़ इसराइल के दौरे पर हैं. मतलब ये कि उनकी पूरी यात्रा असंतुलित लग रही है.
ऐसा करके राष्ट्रपति बाइडन मुमकिन है कि एक लक्ष्य हासिल कर लें, वो ये कि हमास के बर्बर हमले के बाद इसराइल के प्रति अमेरिकी समर्थन का इजहार करना.
लेकिन उनका दूसरा टास्क कूटनीतिक गतिरोध को तोड़ना है, जिसमें कहीं ज़्यादा मुश्किल आएगी.
एक युद्ध प्रभावित क्षेत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति का दौरा कोई आम बात नहीं है और अमेरिका की योजना बाइडन के इस दौरे से इसराइल को ग़ज़ा में मानवीय सहायता हेतु रास्ता देने के लिए मनाने का है.
ताकि आम लोगों के लिए सुरक्षित क्षेत्र बनाए जा सकें. इसके लिए इतना भरोसा तो पैदा करना होगा जिससे बातचीत के लिए थोड़ी गुंजाइश बन सके और अरब देशों की मध्यस्थता से बंधकों की रिहाई के बारे में बात हो सके.
लेकिन बढ़े हुए तनाव के बीच इन सब की संभावना कम लग रही है. (bbc.com/hindi)
इसराइल डिफ़ेंस फ़ोर्स (आईडीएफ़) के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने बताया कि इसराइली सेना ने पाया है कि अल अहली अस्पताल पर हुए हमले के लिए फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद समूह जिम्मेदार है.
उन्होंने पत्रकारों को बताया, "हमने आईडीएफ़ के सभी संबंधित विंग से तत्काल जानकारियां जुटाई."
हगारी ने कहा कि अस्पताल पर हमले से पहले हमास की तरफ से इसराइल पर स्थानीय समय के अनुसार मंगलवार शाम छह बजकर 15 मिनट पर कई रॉकेट दागे गए.
उन्होंने कहा, "फिर इसके बाद सात बजकर 59 मिनट पर फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने एक कब्रगाह से करीब 10 रॉकेट दागे. इसी समय ग़ज़ा के अस्पताल में विस्फोट की ख़बरें आईं. "
हगारी ने दावा किया कि हमास को ये पता है कि ये विस्फोट इस्लामिक जिहाद के रॉकेट का परिणाम है. लेकिन उसने इसराइल को दोष देने के लिए 'वैश्विक मीडिया अभियान' चलाया.
उन्होंने कहा, "यहां तक कि उन्होंने मृतकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बताया. वो इस बात को जानते हैं कि इस्लामिक जिहाद के रॉकेट के हमले की वजह से ऐसा हुआ और अस्पताल को क्षति पहुंची. एरियल फुटेज से इसकी पुष्टि हुई है कि रॉकेट सीधे अस्पताल पर नहीं गिरा है और निकट की इमारतों को भी नुकसान नहीं पहुंचा है. सिर्फ अस्पताल के बाहर के पार्किंग इलाके को नुकसान पहुंचा है." (bbc.com/hindi)
लंदन, 18 अक्टूबर । पिछले साल ब्रिटिश शहर बर्मिंघम में एक स्कूल के बाहर झगड़े के दौरान 12 वर्षीय लड़के को थप्पड़ मारने के मामले में 41 वर्षीय भारतीय मूल की पूर्व महिला पुलिसकर्मी को सजा सुनाई गई है।
बर्मिंघम मेल अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस में कांस्टेबल शरणजीत कौर ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था और इंडिपेंडेंट ऑफिस फॉर पुलिस कंडक्ट (आईओपीसी) की जांच के बाद उन पर आरोप लगाया गया था।
बर्मिंघम मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पाया कि कौर उस समय ऑफ-ड्यूटी थी, जब उन्होंने बर्मिंघम सड़क पर एक-दूसरे को धक्का दे रहे स्कूली लड़कों के बीच बीच-बचाव किया था।
पिछले साल 13 अक्टूबर को हुई घटना का मोबाइल फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने आईओपीसी को एक कंडक्ट रेफरल भेजा।
क्लिप में, वह स्कूली बच्चों में से एक पर चिल्लाती हुईं दिखाई दे रही है, और फिर उसके गाल पर थप्पड़ मारती है।
जिस लड़के को थप्पड़ मारा गया था, उसके परिवार की ओर से भी शिकायत की गई है।
आईओपीसी की जांच के अनुसार, हमले से लड़के के गाल पर कट लग गया। एक चश्मदीद के पूछने पर उसने खुद को एक पुलिस अधिकारी बताया।
अदालत ने कौर को मारपीट के आरोप में 12 महीने का कम्युनिटी ऑर्डर दिया।
आईओपीसी के क्षेत्रीय निदेशक डेरिक कैंपबेल ने कहा, ''पुलिस अधिकारी केवल तभी बल का प्रयोग कर सकते हैं जब आवश्यक, आनुपातिक और परिस्थितियों में उचित हो। अधिकारी के पास लड़के पर हमला करने का कोई उद्देश्य या कोई अन्य औचित्य नहीं था, जिससे उसके लिए कोई वास्तविक खतरा नहीं था।''
द मेल में कैंपबेल के हवाले से कहा गया, ''पीड़िता की उम्र और संवेदनशीलता स्पष्ट रूप से गंभीर कारक थे और फिर कौर के कार्यों में पुलिसिंग में जनता के विश्वास को कम करने की क्षमता थी। उसे पूरी तरह से जवाबदेह ठहराया गया है।'' (आईएएनएस)।
यरुशलम, 18 अक्टूबर । इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने दावा किया है कि इजराइली सेना ने गाजा पट्टी में अल-अहली बैपटिस्ट अस्पताल पर हमला नहीं किया था और अस्पताल पर गिरने वाला रॉकेट इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठन का था जो उनके द्वारा लॉन्चिंग के दौरान मिसफायर हो गया था।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इजरायली सेना ने मंगलवार को कहा है कि परिचालन और खुफिया प्रणालियों की अतिरिक्त समीक्षा के बाद, "यह स्पष्ट है कि आईडीएफ ने गाजा में अस्पताल पर हमला नहीं किया।"
आईडीएफ द्वारा जारी एक छोटे से वीडियो में हगारी ने कहा, "मैं पुष्टि कर सकता हूं कि आईडीएफ ऑपरेशनल सिस्टम के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि गाजा स्थित आतंकवादियों द्वारा रॉकेटों की बौछार की गई थी, जो गाजा में अल-अहली अस्पताल के करीब से गुजर रही थी।"
उन्होंने कहा, खुफिया जानकारी इस्लामिक जिहाद की ओर इशारा करती है, जो गाजा में अस्पताल पर हुए असफल रॉकेट प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार है।
द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, हमास और अधिकांश अरब देशों ने विस्फोट के लिए इज़राइल को दोषी ठहराया है। हमास आतंकवादी समूह ने कहा कि इसमें लगभग 500 लोग मारे गए। गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बाद में कहा कि 200 से 300 लोग मारे गए थे।
इजरायली सेना का कहना है कि गाजा स्थित आतंकवादी संगठन इजरायल की ओर अंधाधुंध रॉकेट दागते हैं और 7 अक्टूबर को युद्ध की शुरुआत के बाद से इजरायल की ओर छोड़े गए लगभग 450 रॉकेट गाजा के अंदर गिरे हैं, जिससे "गाजा के निवासियों के जीवन को संकट में डाला गया और नुकसान पहुंचाया गया।"
द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, निगरानी कैमरा फुटेज उस क्षण को दिखाता है जब गाजा पट्टी से लॉन्च किया गया रॉकेट विफल हो जाता है और फिलिस्तीनी क्षेत्र के अंदर विस्फोट हो जाता है।
कई अन्य वीडियो भी यही दर्शाते हैं।
नेटिव हासारा से लिया गया एक वीडियो अल जज़ीरा द्वारा लिए गए फुटेज से मेल खाता प्रतीत होता है, जिसमें गाजा के अंदर एक रॉकेट मिसफायर लैंड होते हुए भी दिखाया गया है।
फ़िलिस्तीनी मीडिया आउटलेट्स द्वारा प्रकाशित एक अन्य वीडियो में अहली अरब अस्पताल में विस्फोट दिखाया गया है।
अल जज़ीरा के फ़ुटेज को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विशेषज्ञों ने एक्स अस्पताल में जियोलोकेट किया है। (आईएएनएस)।
लंदन, 18 अक्टूबर । गाजा के एक अस्पताल पर मंगलवार को इजरायल के हमले में सैकड़ों लोग मारे गए।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा अल अहली अरब अस्पताल पर कथित हवाई हमले के बाद मरने वालों की संख्या 500 तक पहुंच गई है।
इसने इजरायली सेना के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि घटना का कारण ज्ञात नहीं है और सेना विवरण की जांच कर रही है।
बीबीसी के मुताबिक, अस्पताल को एंग्लिकन चर्च द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। येेेरुसलम में चर्च के शीर्ष व्यक्तियों में से एक सेंट जॉर्ज कॉलेज के डीन रिचर्ड सेवेल ने कहा कि "इजरायली मिसाइल से हमला किया गया।"
सीवेल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि सैकड़ों महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं और इस कृत्य को "निर्दोष नागरिकों की जानबूझकर हत्या" कहते हैं।
उन्होंने लिखा, "बमबारी अब बंद होनी चाहिए। इसका कोई संभावित औचित्य नहीं हो सकता।"
ब्रिटिश-फ़िलिस्तीनी सर्जन प्रोफेसर ग़ासन अबू सिताह, जो हमले के समय वहां काम कर रहे थे, ने बीबीसी को बताया कि अस्पताल के कुछ हिस्सों में आग लग गई।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि वह आपातकालीन विभाग है या नहीं। लेकिन यह निश्चित रूप से ऑपरेटिंग सुइट है, छत का हिस्सा गिर गया है। हर जगह कांच बिखरा हुआ है। अस्पताल में बहुत सारे लोग शरण लिए हुए थे।"
बीबीसी ने अस्पताल के एक अनाम डॉक्टर के हवाले से यह भी कहा कि हमले के स्थल पर पूरी तरह से तबाही हुई थी - जहां लगभग 4,000 विस्थापित लोग शरण लिए हुए थे।
उन्होंने कहा कि अस्पताल का 80 प्रतिशत हिस्सा सेवा से बाहर था और विस्फोट में सैकड़ों लोग मारे गए या घायल हुए।
फिलिस्तीनी राज्य मीडिया ने बताया कि फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने गाजा के अल अहली अस्पताल पर हवाई हमले के बाद तीन दिन के शोक की घोषणा की है।
उन्होंने कथित तौर पर बुधवार को जॉर्डन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ अपनी बैठक भी रद्द कर दी है।
वेस्ट बैंक के रामल्ला में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा कि शुरुआती रिपोर्टों से सैकड़ों लोगों की मौत और चोटों का संकेत मिलता है। वह अल अहली अरब अस्पताल पर हमले की "कड़ी निंदा" करते हैं।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "हम नागरिकों की तत्काल सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की मांग करते हैं, और निकासी आदेशों को उलटने की मांग करते हैं। #NotATarget।"
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि मध्य गाजा में एक स्कूल जहां 4,000 लोग शरण लिए हुए हैं, उसे भी निशाना बनाया गया, जिसमें कम से कम छह लोगों की मौत हो गई। (आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 18 अक्टूबर । अमेरिकी प्रांत न्यू जर्सी के एक शहर के सिख मेयर ने कहा है कि उन्हें ईमेल के माध्यम से कई धमकियां मिली हैं जिनमें इस्तीफा न देने पर परिवार के साथ जान से मारने की बात कही गई है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
रवि भल्ला नवंबर 2017 में होबोकेन सिटी के मेयर के रूप में चुने जाने वाले पहले सिख हैं। उन्होंने मंगलवार को सीबीएस न्यूज़ को बताया कि पहला मेल एक साल से अधिक समय पहले भेजा गया था। उसमें उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।
दूसरे मेल में उन्हें जान की धमकी दी गई। इसके तुरंत बाद अब तीसरा मेल आया है जिसने भल्ला और उनके परिवार को हिलाकर रख दिया है।
तीसरे मेल में लिखा है, "यह आपको आखिरी चेतावनी है। अगर आपने तुरंत इस्तीफा नहीं दिया तो हम आपको मार देंगे, हम आपकी पत्नी को मार देंगे, हम आपके बच्चों को मार देंगे।"
समाचार रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य पत्र में लिखा था कि "यह तुम्हें मारने का समय है"। इसके अलावा मेल में लिखी दूसरी बातें प्रकाशित करने लायक नहीं हैं।
होबोकेन में 22 साल से रह रहे भल्ला ने कहा, "(मेल में) बहुत गुस्सा, बहुत नफरत थी। साथ ही मेरे जीवन और मेरे बच्चों तथा मेरी पत्नी के जीवन पर वास्तविक संकट भी थे।"
कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने भल्ला को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान की है। उनके 15 और 11 साल के दो बच्चों को स्कूल में भी सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
न्यू जर्सी में जन्मे और पले-बढ़े भल्ला ने सीबीएस न्यूज को बताया कि उसी दौरान, उनके पड़ोसियों, उनके भाई और शहर के कुछ सहयोगियों को भी यौनाचार से जुड़ और धमकी भरी सामग्री वाले पैकेज मिलने लगे।
भल्ला के अनुसार, हालांकि उनके लिए ज़िम्मेदार व्यक्ति को पकड़ लिया गया और उस पर आरोप भी तय कर लिए गये, लेकिन धमकी भरे मेल भेजने वाला व्यक्ति अब भी पकड़ में नहीं आया है।
यह कहते हुए कि शहर में नफरत का स्वागत नहीं है, भल्ला ने कहा कि वह नफरत के खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे और "एक सिख पृष्ठभूमि के अमेरिकी के रूप में शहर का नेतृत्व करने पर उन्हें बहुत गर्व है"।
सिख-अमेरिकियों को 9/11 के बाद जिस तरह के व्यवहारों का सामना करना पड़ा था, उससे अवगत होने के नाते भल्ला ने कहा कि "अमेरिका में अभी भी उग्रवाद का तनाव है, और यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि छोटा सा तनाव होबोकन में भी कहीं है"।
उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि इस पर ज़ोर देने की ज़रूरत है और लोगों को इसके बारे में जानने की ज़रूरत है ताकि हम अंततः शिक्षा और प्रेम के माध्यम से इसे समाप्त कर सकें।"
सोमवार को जारी एफबीआई के नए आंकड़ों के अनुसार, सिख अभी भी धार्मिक रूप से प्रेरित घृणा अपराध की घटनाओं के तहत दूसरा सबसे अधिक लक्षित समूह बना हुआ है। वर्ष 2022 में सिख विरोधी घृणा अपराध पीड़ितों के 198 मामले दर्ज किए गए हैं।
पिछले सप्ताह न्यूयॉर्क शहर में एक बस में नस्लीय रूप से प्रेरित हमले में एक 19 वर्षीय सिख को कई बार मुक्का मारा गया था और उसकी पगड़ी उतारने का प्रयास किया गया था।
भल्ला ने पहली बार 26 साल की उम्र में होबोकेन में अपनी जड़ें जमाईं, उनकी वेबसाइट प्रोफ़ाइल के अनुसार, "लॉ स्कूल से स्नातक होकर उन्होंने नेवार्क, न्यू जर्सी में एक छोटी सी लॉ फर्म में अपनी पहली नौकरी शुरू की"।
मेयर बनने से पहले उन्होंने होबोकेन सिटी काउंसिल में आठ साल तक सेवा की, और अब न्यू जर्सी के 8वें जिले से पहली बार अमेरिकी कांग्रेस में पहुंचने वाले रॉब मेनेंडेज़ के खिलाफ चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं। (आईएएनएस)।
खान यूनिस (गाजा पट्टी), 18 अक्टूबर। गाजा के एक अस्पताल में हुए भीषण विस्फोट में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। इस अस्पताल में पहले से घायल मरीजों की भरमार थी और अन्य फलस्तीनी नागरिक भी यहां शरण लिए हुए थे। हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
हमास ने इसे इजराइल का हवाई हमला बताया जबकि इजराइल की सेना ने आरोप लगाया कि फलस्तीनी आतंकवादियों द्वारा दागे गए रॉकेट के निशाना चूकने से यह विस्फोट हुआ।
मंत्रालय ने बताया कि कम से कम 500 लोग मारे गए हैं।
अस्पताल में हुए विस्फोट के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन की पश्चिम एशिया की यात्रा रद्द हो गई है। बाइडन की इस यात्रा से युद्ध से उत्पन्न संकट के समाधान की उम्मीद थी।
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनके देश ने अम्मान में बुधवार को होने वाले क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन को रद्द कर दिया है, जिसमें बाइडन जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से मुलाकात करने वाले थे।
जॉर्डन के विदेश मंत्री ऐमन सफादी ने सरकारी टेलीविजन को बताया कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध ने ‘‘क्षेत्र को संकट के कगार पर धकेल दिया है’’।
उन्होंने कहा कि जॉर्डन शिखर सम्मेलन का आयोजन तभी करेगा जब सभी इस बात पर सहमत होंगे कि इसका उद्देश्य ‘‘युद्ध को रोकना’’, फलस्तीनियों की मानवता का सम्मान करना और उन्हें मदद का उनका वाजिब हक प्रदान करना होगा।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि बाइडन अब सिर्फ इजराइल का दौरा करेंगे।
अल-अहली अस्पताल में हुए विस्फोट के बाद चारों ओर हृदयविदारक दृश्य दिखाई दिए। इससे संबंधित एक वीडियो में चारों ओर क्षत-विक्षत शव बिखरे दिखे जिनमें ज्यादातर शव बच्चों के थे। चारों ओर कंबल, बच्चों के स्कूल बैग और अन्य सामान बिखरा दिखा।
हमास ने अस्पताल में मंगलवार को हुए विस्फोट को ‘‘अत्यंत भयावह नरसंहार’’ करार दिया है और कहा है कि यह इजराइली हमले के कारण हुआ।
इजराइल की सेना ने इसके लिए इस्लामिक जिहाद पर आरोप लगाया है और हमास के लिए काम करने वाले कट्टरपंथी फलस्तीनी आतंकवादी समूह को जिम्मेदार ठहराया है। सेना ने कहा कि इस्लामिक जिहाद के आतंकवादियों ने अस्पताल के पास कई रॉकेट दागे और ‘‘कई सूत्रों से मिली खुफिया जानकारी’’ से संकेत मिलता है कि यह संगठन इस घटना के लिए जिम्मेदार है।
पत्रकारों से बातचीत में सेना के मुख्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा कि सेना को यह पता लगा है कि विस्फोट के समय क्षेत्र में कोई हवाई, जमीनी या नौसैन्य हमला नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि रडार ने विस्फोट के समय दागे गए रॉकेट का पता लगाया और आतंकवादी समूहों के बीच हुए संचार से संकेत मिलता है कि इस्लामिक जिहाद ने रॉकेट दागे थे।
सैकड़ों फलस्तीनियों ने गाजा सिटी में अल-अहली और अन्य अस्पतालों में शरण ली थी। उन्हें उम्मीद थी कि यहां शरण लेने से वे बमबारी से बच जाएंगे।
अल-शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबु सेलमिया ने बताया कि एंबुलेंस और निजी कारों में करीब 350 घायलों को अल-अहली से गाजा सिटी के मुख्य अस्पताल अल-शिफा लाया गया, जहां पहले से ही हमले में घायल हुए लोगों की तादाद अधिक है।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अल-अहली अस्पताल में विस्फोट से पहले गाजा पर इजराइल के हमले में कम से कम 2,778 लोगों की मौत हुई है और 9,700 लोग घायल हुए हैं।
एपी सुरभि अभिषेक नेत्रपाल नेत्रपाल 1810 1004 खानयूनिस (एपी)
ग़ज़ा के अल अहली अस्पताल पर हमले के बाद वेस्ट बैंक के कई इलाकों में फ़लस्तीनी लोगों ने मंगलवार रात प्रदर्शन किया.
फ़लस्तीनी प्रशासन के प्रमुख महमूद अब्बास के ख़िलाफ़ इन लोगों ने नारे लगाए. यहां प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
लेबनान की राजधानी बेरूत में अमेरिकी दूतावास के बाहर लोग जमा हुए और आगजनी भी की.
एक और समूह यहां फ्रांस के दूतावास के बाहर जमा हुआ और ऐसी ख़बर है कि इन्होंने पत्थरबाज़ी भी की.
लेबनान के चरमपंथी संगठन हिज़बुल्लाह ने मुस्लिम और अरब से 'तत्काल सड़कों पर आने' का आह्वान किया है.
सैंकड़ों लोग लीबिया की राजधानी त्रिपोली और अन्य शहरों में फ़लस्तीनी झंडे के साथ नज़र आए और ग़ज़ा के लोगों के समर्थन में नारे भी लगाए.
वहीं, ईरान के तेहरान में भी प्रदर्शनकारी ब्रिटिश और फ्रेंच दूतावास के बाहर जमा हुए. तुर्की और जॉर्डन में प्रदर्शन हुए हैं. (bbc.com/hindi)
फ़लस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अल अहली अस्पताल पर हुए हमले को 'भयावह युद्ध नरसंहार' बताया है.
उन्होंने कहा, "इसराइल ने सारी हदें पार कर दी हैं."
इसराइल ने इस हमले में ख़ुद की भूमिका होने से इनकार करते हुए कहा है कि ये हमला 'फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद' के रॉकेट का परिणाम है. इस चरमपंथी संगठन ने भी इसकी ज़िम्मेदारी से इनकार किया है.
ग़ज़ा के स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि एक अस्पताल पर इसराइल के हवाई हमले में क़रीब 500 लोगों की मौत हो गई है.
हमले के बाद घायलों को निकट के अल शिफ़ा अस्पताल में ले जाया गया.
ग़ज़ा में अस्पताल पर हमले के बाद लोगों को दूसरे अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अस्पताल पर हुए हमले की निंदा की है और एक ट्वीट में कहा है, "मैं सैकड़ों फ़लस्तीनी लोगों के मारे जाने से स्तब्ध हूं. अस्पताल, क्लीनिक, चिकित्साकर्मी और संयुक्त राष्ट्र के परिसर को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सुरक्षा प्रदान की गई है." (bbc.com/hindi)
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने ग़ज़ा के अस्पताल पर हुए हमले के लिए 'नृशंस आतंकवादियों' को ज़िम्मेदार ठहराया है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में फ़लस्तीनी अधिकारी रियाद मंसूर ने कहा है कि वो झूठ बोल रहे हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की ख़बर के अनुसार, चरमपंथी संगठन हमास 'अल अहली अस्पताल' पर हमले के लिए इसराइल को दोषी ठहरा रहा है जबकि नेतन्याहू इस दावे को ख़ारिज कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र में फ़लस्तीनी अधिकारी रियाद मंसूर ने पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए नेतन्याहू को झूठा करार दिया है.
सवाल में मंसूर से पूछा गया था कि नेतन्याहू ये दावा कर रहे हैं कि इंटेलिजेंस की जानकारियों में ये सामने आया है कि इस हमले के लिए 'इस्लामिक जिहाद' ज़िम्मेदार है.
इस पर मंसूर ने कहा, "वो झूठ बोल रहे हैं. उनके डिजिटल प्रवक्ता ने ट्वीट किया था कि इसराइल ने ये हमला ये सोचते हुए किया कि अस्पताल के आसपास हमास का बेस है...इसके बाद वो ट्वीट डिलीट कर दिया गया. हमारे पास उस ट्वीट की कॉपी है. अब उन्होंने फ़लस्तीनियों पर आरोप लगाने के लिए कहानी बदल दी. इसराइली सेना के प्रवक्ता ने एक बयान दिया था जिसमें अस्पताल खाली करने के लिए कहा था...उनका इरादा था कि अस्पताल खाली हो या वो हमला करेंगे. वो इस अपराध के लिए जिम्मेदार हैं."
ग़ज़ा के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अस्पताल पर इसराइल के हमले में क़रीब 500 लोगों की मौत हुई है.
इसराइल ने इस हमले में खुद की भूमिका होने से इनकार करते हुए कहा है कि ये हमला 'फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद' के रॉकेट का परिणाम है. इस चरमपंथी संगठन ने भी इसकी ज़िम्मेदारी से इनकार किया है. (bbc.com/hindi)
इब्राहिम का परिवार अपने घर में बहुत से रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ रह रहा है.
उनके माता-पिता के घर में फिलहाल 90 लोग रह रहे हैं क्योंकि उनका कहना है कि हमारा परिवार कभी किसी को खाली हाथ नहीं लौटाता.
हालात ये हैं कि सिर्फ़ दो गद्दों पर परिवार के सदस्य अलग-अलग पालियों में सोते हैं. असल में कोई भी आराम नहीं कर पा रहा.
वो कहते हैं, "जगने से सोने तक हम सब सिर्फ़ जीने की कोशिश कर रहे हैं."
इस इलाके में खाने की कमी है. परिवार का हर सदस्य रोज़ बाहर जाता है ताकि अगर कहीं खाना बांटा जा रहा हो तो उन्हें भी मिल सके. इस परिवार के पास पानी और गेहूं है और ये रोटी बना सकते हैं.
लेकिन ये भी सिर्फ़ एक समय का ही खाना पूरा कर सकता है. बच्चों के लिए ये बहुत मुश्किल है. परिवार के 10 बच्चों की उम्र तो पाँच साल से भी कम है.
इब्राहिम कहते हैं, "बच्चे हर वक्त खाना और पानी मांगते हैं, और हम भी उन्हें जितना संभव है उतना देने की कोशिश कर रहे हैं...यहां सबकुछ बहुत सीमित है. ये बहुत ही मुश्किल है. हम बड़े तो फिर भी सह सकते हैं, भूखे रह सकते हैं. लेकिन जब बच्चे खाना मांगते हैं तो हम उन्हें न नहीं कर सकते."
घर में एक गर्भवती महिला और एक बुज़ुर्ग भी हैं.
इब्राहिम कहते हैं कि इन बुज़ुर्ग के पास अब बस कुछ दिन की ही दवाएं बची हैं.
वो कहते हैं, "अगर किसी के साथ कुछ बुरा हो जाता है तो हमारे पास अस्पताल जाने का कोई रास्ता नहीं है...मुझे हर पल इसकी चिंता रहती है." (bbc.com/hindi)
इसराइली सेना के ख़ुफ़िया विभाग के प्रमुख अहारॉन हलिवा ने हमास का हमला रोकने में नाकाम रहने की बात स्वीकार की है.
इसराइली सैनिकों को लिखी चिट्ठी में उन्होंने इस बारे में बात की है.
इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि ख़ुफ़िया विभाग की नाकामी की वजह से हमास ये हमला करने में सफल हो सका.
मेजर जनरल अहारॉन हलिवा ने लिखा है, "मेरे अधीन आने वाला मिलिट्री इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट सात अक्टूबर को हमास के हमले की पूर्व चेतावनी देने में विफल रहा."
उन्होंने लिखा, "हम अपने सबसे महत्वपूर्ण मिशन में नाकाम हो गए और मैं मिलिट्री इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट का प्रमुख होने के नाते इस विफलता की पूरी ज़िम्मेदारी लेता हूं."
हलिवा ने इसके बाद लिखा है कि इस हमले की गहराई से जांच होगी लेकिन फिलहाल आईडीएफ़ का एकमात्र लक्ष्य 'जवाब देना और जीतना' है.
इस चिट्ठी के कुछ अंश इसराइली मीडिया में छपे हैं और समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इसकी पुष्टि की है.
ग़ज़ा में मरने वालों की संख्या 3,000 पार
फ़लस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ग़ज़ा पट्टी में सात अक्टूबर से लेकर अब तक क़रीब 3,000 लोगों की जान गई है.
वहीं, घायलों की संख्या 12,500 तक पहुंच गई है.
इसके साथ ही इसराइली नियंत्रण वाले वेस्ट बैंक में 61 फ़लस्तीनी मारे गए हैं और 1250 घायल हुए हैं.
इसराइल ने बीते दिनों ग़ज़ा शहर में रहने वाले लोगों को दक्षिणी ग़ज़ा में जाने को कहा था.
इसराइल की ओर से ड्रोन के ज़रिए पर्चे भी फेंके गए थे.
इसके बाद ग़ज़ा शहर से हज़ारों लोग अपने सामान के साथ दक्षिणी ग़ज़ा की ओर चलते देखे गए हैं.
ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, अब तक छह लाख फ़लस्तीनी उत्तरी ग़ज़ा से दक्षिण की ओर जा चुके हैं.
ऐसे में कई लोग सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. इसे लेकर यूएन से लेकर तमाम अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं चिंता जता रही हैं.
इसराइल ने उत्तरी ग़ज़ा में पानी, बिजली, ईंधन की आपूर्ति बंद की हुई है. इसराइली कार्रवाई के चलते ग़ज़ा में मानवीय संकट खड़ा होने की बात भी कही जा रही है.
हालांकि, इसराइली सेना इन दावों को खारिज कर रही है.
इसराइल ने बताया - 344 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती
इसराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि पिछले सप्ताह हमास के हमले में घायल 344 लोग अब भी अस्पताल में हैं.
हमास की ओर से किए गए हमले में अब तक 1400 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि इस हमले में घायल हुए 82 मरीज़ों की स्थिति गंभीर है.
वहीं, 194 मरीज़ों की हालत स्थिर हैं और 68 मरीज़ों अब मामूली कारणों से अस्पताल में हैं.
हमले के बाद 4,229 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वह बुधवार को इसराइल का दौरा करेंगे. (bbc.com/hindi)
ग़ज़ा के स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि एक अस्पताल पर इसराइल के हवाई हमले में क़रीब 500 लोगों की मौत हो गई है.
बीबीसी इंटरनेशनल एडिटर जेरेमी बोवेन ने बताया है कि फ़ोन पर उन्हें इसराइली सेना के प्रवक्ता के कार्यालय ने कहा, "अस्पताल बेहद संवेदनशील इमारत होती है और वो आईडीएफ़ का निशाना नहीं है. आईडीएफ़ विस्फोट के सोर्स की जांच कर रहा है."
वहीं, आईडीएफ़ ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, "उनका मानना है कि अल अहली अस्पताल पर हुआ हमला फ़लस्तीनी मिलिटेंट्स द्वारा दागे गए रॉकेट का नतीजा है."
ग़ज़ा में हमास के मीडिया कार्यालय ने इस हमले को 'युद्ध अपराध' बताया है. एक बयान में कहा गया, "अस्पताल में सैकड़ों की संख्या में बीमार, घायल और ग़ज़ा पर इसराइली हमले के बाद बेघर हुए लोग मौजूद थे. सैकड़ों पीड़ित मलबे के नीचे दबे हैं."
बीबीसी के मिडिल ईस्ट संवाददाता टॉम बैटमैन ने बताया है कि अल अहली अरब अस्पताल से आ रही तस्वीरें भयावह हैं. शव और क्षतिग्रस्त वाहन सड़कों के बाहर देखे जा रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया है कि अस्पताल के एक हॉल में हमले से बचने के लिए लोगों ने शरण ले रखी थी. बीबीसी ने अस्पताल के एक डॉक्टर से बात की है. उन्होंने बताया है कि यहां करीब 4,000 लोग शरण लिए हुए थे.
उन्होंने कहा है कि अब अस्पताल में 80 फ़ीसदी सेवाएं प्रभावित हैं और सैकड़ों लोग विस्फोट के बाद या तो मारे गए हैं या घायल हैं. फ़लस्तीनी मीडिया में आई ख़बरों में बताया गया है कि फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अस्पताल पर हुए हमले के बाद तीन दिन के शोक की घोषणा की है.
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस ऐडहेनॉम गेब्रीयेसोस ने अस्पताल पर हुए हमले की निंदा की है.
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "डब्ल्यूएचओ अल अहली अरब अस्पताल पर हुए हमले की निंदा करता है. शुरुआती जानकारियां सैकड़ों लोगों के घायल होने और मरने की तरफ़ इशारा करते हैं. हम तत्काल आम नागरिकों की सुरक्षा और उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं मिले, इसकी मांग करते हैं."
अल अहली अस्पताल को एंगलिकन चर्च की तरफ़ से फंड मिलता है. यरुशलम में एंगलिकन चर्च के शीर्ष अधिकारियों में से एक सेंट जॉर्ज कॉलेज के डीन कैनन रिचर्ड सेवेल ने बताया है कि उन्हें जहां तक पता है, उसके अनुसार करीब 6,000 लोग इस अस्पताल में शरण भी लिए हुए थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन बुधवार को इसराइल के लिए रवाना हो गए हैं.
उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब ग़ज़ा के एक अस्पताल पर हुए हमले में करीब 500 लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है.
इसराइल ने इस हमले में खुद की भूमिका होने से इनकार करते हुए कहा है कि ये हमला 'फ़लस्तीनी इस्लामिक जिहाद' के रॉकेट का परिणाम है. इस चरमपंथी संगठन ने भी इसकी ज़िम्मेदारी से इनकार किया है.
ग़ज़ा के स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि अल अहली अस्पताल पर इसराइल के हवाई हमले में क़रीब 500 लोगों की मौत हो गई है.
इस बीच जॉर्डन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तेह अल सिसी के साथ होने वाली समिट रद्द कर दी है.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर जॉन किर्बी ने बताया है कि बाइडन सबसे पहले इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से मिलेंगे.
चरमपंथी संगठन हमास और हिज़बुल्लाह ने कहा है कि अस्पताल पर हमले के लिए इसराइल के साथ-साथ अमेरिका भी दोषी है.
लेबनान की राजधानी बेरूत में प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार रात अमेरिकी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
इस बीच अमेरिका ने लेबनान की यात्रा करने वाले लोगों के लिए एडवाइज़री जारी की है. सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा है कि वो यात्रा न करें. (bbc.com/hindi)
कराची, 17 अक्टूबर। पाकिस्तान के कराची शहर में रह रहे अफगानों की भीड़ ने तस्करी की गईं वस्तुएं जब्त करने के लिए पहुंची सीमा शुल्क विभाग की एक टीम पर हमला कर दिया।
घटना की एक वीडियो में डंडे लिए दर्जनों अफगानों को तारिक रोड पर सीमा शुल्क अधिकारियों और पुलिस तथा रेंजर्स के वाहनों के पीछे भागते हुए देखा जा सकता है, जो सोमवार को रात के समय छापेमारी करने की कोशिश कर रहे थे।
तारिक रोड कराची के सबसे व्यस्त वाणिज्यिक केंद्रों में से एक है और शॉपिंग मॉल एवं बाजारों में कपड़ों की कई दुकानें हैं, जिनके मालिक आम तौर पर अफगान हैं। ये अफगान अपने देश से भागने के बाद शहर में बस चुके हैं ।
सीमा शुल्क विभाग के एक सूत्र ने घटना की पुष्टि की और कहा कि यह खुफिया जानकारी मिलने के बाद विभाग की एक टीम, पुलिस और रेंजर्स के साथ तारिक रोड पहुंची थी । उन्होंने बताया कि ऐसी सूचना मिली थी कि अफगान दुकान मालिक लाखों रुपये के तस्करी किए गए कपड़े बेच रहे हैं।
पाकिस्तान में कई अफगान शरणार्थियों ने कराची और देश के अन्य हिस्सों कारोबार जमाया है और इनमें से ज्यादातर कपड़े, कालीन, पर्दे और गलीचे का कारोबार करते हैं। कराची के लगभग सभी प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों और मॉल में उनकी दुकानें हैं या फिर उन्होंने किराए पर दुकानें ले रखी हैं।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि छापेमारी का सरकार की इस घोषणा से कोई लेना-देना नहीं है कि पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे अफगानों को एक नवंबर तक घर लौटना होगा या समय सीमा समाप्त होने के बाद जबरन अफगानिस्तान वापस भेज दिया जाएगा।
नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर एसएसपी रैंक के अधिकारी ने कहा, “यह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच होने वाली तस्करी का मामला है और तस्करी का सामान कराची और अन्य शहरों के बड़े बाजारों में खुलेआम बेचा जाता है।” (भाषा)
जकार्ता, 17 अक्टूबर । इंडोनेशिया के उत्तरी मालुकु प्रांत में इबू ज्वालामुखी मंगलवार को फट गया, जिसके बाद अधिकारियों ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को इलाके से दूर रहने की चेतावनी जारी की।
इबू ज्वालामुखी मॉनिटरिंग पोस्ट के अनुसार, दोपहर 12.42 बजे ज्वालामुखी फटा, जिससे क्रेटर से 600 मीटर दूर तक गर्म राख फैल गई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, निगरानी चौकी के एक अधिकारी अहमद बासुकी ने एक बयान में कहा कि ज्वालामुखी के विस्फोट से मोटी, भूरे रंग की राख का एक स्तंभ निकला।
उन्होंने कहा, "जो लोग बाहर निकलते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि ज्वालामुखी की राख गिरने पर नाक, मुंह और आंखों के लिए सुरक्षात्मक उपकरण पहनें।"
समुद्र तल से 1,377 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इबू ज्वालामुखी अब खतरे के दूसरे स्तर पर है, जो उच्चतम स्तर चार से नीचे है। (आईएएनएस)।
गाजा, 17 अक्टूबर । फिलीस्तीनी आंतरिक मंत्रालय ने मंगलवार को दावा किया कि दक्षिण गाजा में इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 49 लोग मारे गए।
बीबीसी ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि जहां खान यूनिस में सोमवार रात हवाई हमले में 21 लोग मारे गए, वहीं शेष 28 लोग मिस्र की सीमा के पास राफा क्षेत्र में मारे गए हैं। यहां पर एक घर पर हमला हुआ था।
फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि राफा में 'फैमिली हाउस' में मारे गए 28 लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।
हमलों के संबंध में इजरायल रक्षा बलों के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जोनाथन कॉनरिकस ने मंगलवार सुबह सीएनएन को बताया, उन्हें विशेष रूप से उन क्षेत्रों में किसी भी हमले की जानकारी नहीं थी।
कॉनरिकस ने कहा, युद्ध अभियान जारी है। हम हमास के गुर्गों की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करने के प्रयास के लिए उनकी तलाश जारी रखे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हमास के ठिकानों की तलाश उस युद्ध का हिस्सा है जो हम पर थोपा गया है, और इजराइल सशस्त्र संघर्ष के कानून के अनुसार और निश्चित रूप से नागरिक हताहतों को कम करने के लिए सैन्य अभियान जारी रखेगा।
इस बीच, 7 अक्टूबर को भड़के संघर्ष के बाद से गाजा में मरने वालों की संख्या 2,778 हो गई है, जबकि 9,938 लोग घायल हुए हैं।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि संघर्ष में पूरे 47 परिवार मारे गए हैं, जिनकी संख्या लगभग 500 है।
आधिकारिक इजरायली सूत्रों के अनुसार, यहूदी राष्ट्र में कम से कम 1,300 इजरायली और विदेशी नागरिक मारे गए हैं, जबकि 4,121 अन्य घायल हुए हैं। (आईएएनएस)।
गाजा, 17 अक्टूबर । फिलिस्तीनी पत्रकार सिंडिकेट ने कहा कि गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों में कम से कम 11 फिलिस्तीनी पत्रकार मारे गए और 20 अन्य घायल हो गए।
एक प्रेस बयान में, सिंडिकेट ने सोमवार को कहा कि गाजा पर इजरायली हवाई हमलों में 50 स्थानीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगठनों को निशाना बनाया गया।
सिंडिकेट ने कहा, इसके अलावा, दो पत्रकार लापता हो गए हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें यह भी कहा गया है कि गाजा में लगातार बिजली कटौती और इंटरनेट समस्या के कारण पत्रकारों की कवरेज जारी रखने की क्षमता सीमित हो गई है।
सिंडिकेट ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पत्रकारों की सुरक्षा के लिए हस्तक्षेप करने का आह्वान करते हुए कहा, "सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई पत्रकारों को इज़राइल से धमकियों का सामना करना पड़ा।" (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 17 अक्टूबर । अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा है कि लगभग एक हजार अमेरिकी नागरिकों और उनके परिवार के सदस्यों ने इज़राइल छोड़ दिया है।
सोमवार को सीएनएन से बात करते हुए, प्रवक्ता ने कहा कि 13 अक्टूबर से, सरकार ने "अमेरिकी नागरिकों और उनके परिवार के सदस्यों को हवाई और समुद्र रास्ते से स्वदेश लौटने की पेशकश की थी।"
प्रवक्ता ने कहा कि नागरिकों को ले जाने कें लिए उड़ानें कम से कम गुरुवार तक इज़राइल के बेन गुरियन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जारी रहने की उम्मीद है।
प्रवक्ता ने सीएनएन को बताया,“हम वास्तविक समय के आधार पर इज़राइल से प्रस्थान में सहायता के लिए अमेरिकी नागरिकों की मांग की निगरानी करना जारी रखेंगे। ”
"हम उन अमेरिकी नागरिकों से आग्रह करते हैं जो वापस स्वदेश लौटने के इच्छुक हैं।"
प्रवक्ता के अनुसार, 3,000 से अधिक अतिरिक्त अमेरिकी नागरिकों ने कहा है कि "वे व्यावसायिक हवाई मार्ग, भूमि सीमा या अन्य माध्यमों से इज़राइल और वेस्ट बैंक से चले गए।"
इस बीच, गाजा में अमेरिकियों ने सीएनएन को बताया कि उन्हें राफा क्रॉसिंग के माध्यम से मिस्र में प्रवेश करने में कोई परेशानी नहीं हुई। (आईएएनएस)।
खान यूनिस (गाजा पट्टी), 17 अक्टूबर गाजा में फलस्तीनियों ने मंगलवार को तड़के खान यूनिस और रफ़ाह के दक्षिणी शहरों के पास भीषण बमबारी किए जाने का दावा किया।
हालांकि, अभी तक हताहत होने वालों की संख्या के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
स्थानीय खबरों के अनुसार, इजराइल की ओर से खान यूनिस के पश्चिम और दक्षिण-पूर्व और रफ़ाह के पश्चिम के इलाकों को निशाना बनाया गया।
अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ विदेशी पासपोर्ट वाले शरणार्थियों को सहायता देने की अनुमति के लिए एक समझौते पर जोर दे रहे हैं। ऐसे में गाजा से पलायन करने की कोशिश कर रहे हजारों की संख्या में लोग रफ़ाह में एकत्र हैं, जो इस क्षेत्र से मिस्र तक जाने वाली एकमात्र सीमा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन बुधवार को इजराइल और जॉर्डन के लिए रवाना होने वाले हैं। अमेरिका को उम्मीद है कि हमास के हमले के बाद घिरे गाजा में तेजी से नागरिकों को सहायता पहुंचाना आसान हो जाएगा। (एपी)
जेरूसलम, 17 अक्टूबर । इजरायली वायु सेना (आईएएफ) ने मंगलवार को कहा कि उसने पड़ोसी देश द्वारा इजरायल की ओर से की गई गोलीबारी के जवाब में लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला किया।
वायु सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा," इजरायली वायुसेना ने कल (सोमवार) इजरायल की ओर की गई गोलीबारी के जवाब में लेबनान में हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन के आतंकी ठिकानों और सैन्य बुनियादी ढांचे पर हमला किया।" उसने हमले का एक वीडियो भी पोस्ट किया।
यह घटनाक्रम इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद आया है कि वह "लेबनान में हिजबुल्लाह आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर रहा है"।
7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से, ईरान समर्थित हिजबुल्लाह और इजरायली बलों के बीच सीमा पार से गोलीबारी हुई है।
हिजबुल्लाह, जो लेबनान में काफी शक्ति रखता है, को अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उनके पास हमास की तुलना में अधिक परिष्कृत शस्त्रागार माना जाता है और वे इज़राइल के अंदर भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम हैं।
सोमवार को संसद को संबोधित करते हुए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान और हिजबुल्लाह को संघर्ष से अलग रहने की चेतावनी दी थी।
संयुक्त राष्ट्र, 17 अक्टूबर । बांग्लादेश, पाकिस्तान, रूस और कई अरब देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश प्रस्ताव विफल हो गया है। इसमें इजरायल और गाजा में युद्धविराम का आह्वान किया गया था, लेकिन इसमें हमास का कोई उल्लेख नहीं किया गया था।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा एक बंद बैठक में आम सहमति बनाने के आखिरी मिनट के प्रयास के बावजूद परिषद के सदस्य एक आम दृष्टिकोण पर सहमत नहीं हो सके, इसके बाद सोमवार रात को प्रस्ताव पर मतदान कराया गया।
प्रस्ताव में हमास को इजरायल पर हमले के अपराधी के रूप में नामित नहीं किया गया था।
परिषद के स्थाई सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। जापान ने भी प्रस्ताव के ख़िलाफ़ मतदान किया.
केवल रूस, चीन, मोज़ाम्बिक, गैबॉन और यूएई ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि छह देश अनुपस्थित रहे।
गाजा में मानवीय संकट बढ़ रहा है, इजरायली बमबारी में 2,700 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार को मिस्र की यात्रा की योजना की घोषणा की।
इजराइल ने जमीनी हमले की आशंका में गाजा के उत्तरी हिस्से के लगभग 10 लाख लोगों को दक्षिण की ओर जाने के लिए भी कहा है।
गुटेरेस ने कहा है कि मध्य पूर्व "रसातल के कगार पर" है और उन्होंने इज़राइल से गाजा पर नाकाबंदी हटाने का आह्वान किया है, जहां भोजन और पानी की आपूर्ति खतरनाक रूप से कम हो रही है और लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
गाजा मिस्र से सटा हुआ है और राहत सामग्री इसके माध्यम से भेजी जा सकती है और लोगों को गाजा छोड़कर अफ्रीकी देश में जाने की अनुमति दी जा सकती है।
गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि वह राफा क्रॉसिंग का दौरा कर सकते हैं, जो एन्क्लेव को मिस्र से जोड़ता है लेकिन अब गाजा जाने की उनकी कोई योजना नहीं है।
यूएन में अमेरिकी स्थायी प्रतिनिधि लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि 7 अक्टूबर का हमास हमला "प्रलय के बाद से यहूदी लोगों का सबसे बुरा नरसंहार था" और इसने "सहस्राब्दियों से यहूदी विरोधी भावना को सतह पर ला दिया।"
उन्होंने हमास की तुलना आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से की और कहा कि "(प्रस्ताव में) हमास की निंदा करने में विफल रहकर, रूस एक आतंकवादी समूह को कवर दे रहा है जो निर्दोष नागरिकों पर क्रूरता करता है।"
संयुक्त अरब अमीरात के स्थायी प्रतिनिधि लाना ज़की नुसेबीह, जिन्होंने प्रस्ताव पक्ष में मतदान किया, ने कहा: "हमास फिलिस्तीनी लोगों, या गाजा के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, जो आज बेहद पीड़ित हैं।" (आईएएनएस)।
हनोई, 17 अक्टूबर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि आज हिंसा और संघर्ष से घिरी दुनिया में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता बहुत ही महान है क्योंकि उन्होंने ना केवल राजनीतिक प्रेरणा दी, बल्कि वे कूटनीति के भी प्रोत्साहक रहे।
वियतनाम के ‘हो ची मिन्ह’ शहर में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा के अनावरण समारोह में जयशंकर ने सत्य, अहिंसा, स्वतंत्रता और लोगों की आजादी में योगदान को लेकर भारत के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी की तारीफ की।
उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी निस्संदेह हमारे समकालीन विश्व की सबसे प्रतिष्ठित शख्सियतों में से एक हैं। सत्य, अहिंसा, स्वतंत्रता और लोगों की आजादी में उनके योगदान को संयुक्त राष्ट्र ने उनके जन्मदिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित करके मान्यता दी है।’’
चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रविवार को वियतनाम पहुंचे जयशंकर ने कहा कि गांधी ने न केवल भारत को एकजुट किया बल्कि अन्य देशों, महाद्वीपों और लोगों को भी इसी तरह की चाहत के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी का योगदान इससे भी कहीं आगे तक है। आज उनके विचार मानवीय गरिमा, सामाजिक मूल्यों, आध्यात्मिकता, पर्यावरण, स्थिरता, स्वच्छता और कई अन्य क्षेत्रों के लिए एक बहुत शक्तिशाली प्रेरणा हैं।’’ (भाषा)