राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 20 दिसम्बर | दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जालसाजों के एक गिरोह को गिरफ्तार किया है, जो सेना के जवान के रूप में लोगों को मालीसियस यूपीआई लिंक भेजता था और उनकी गाढ़ी कमाई का पैसा ठगता था। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी ने लेडीज सूट की ऑनलाइन बिक्री का कारोबार किया। इस साल सितंबर में उनके पास एक आरोपी व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को सेना का जवान बताया और अपने आर्डर की पुष्टि की। इसके बाद, उसने शिकायतकर्ता से अनुरोध किया कि वह केवल यूपीआई मोड के माध्यम से भुगतान करेगा, क्योंकि वह सेना का आदमी है। बाद में, आरोपी ने कुछ बैंक विवरण भरने के लिए शिकायतकर्ता को एक मालीसियस यूपीआई लिंक भेजा और उसके पास से 2,45,990 रुपये ठग लिए।
अतिरिक्त डीसीपी शाहदरा संजय कुमार सेन ने कहा, "बाद में, उसने मालीसियस यूपीआई लिंक सेंड किए, जिसके बाद, जब पीड़ितों ने उक्त लिंक पर अपने बैंक विवरण भरे, तो उनके अकाउंट से सभी पैसे फेक अकाउंट में ट्रांसफर हो गए। पैसे ट्रांसफर करने के लिए आरोपी ने कई फेक बैंक अकाउंट और फेक पेटीएम अकाउंट का उपयोग किया।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली/श्रीनगर, 20 दिसम्बर | पूर्व केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को एक बड़ा झटका देते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को जे एंड के क्रिकेट एसोसिएशन मामले में 11.86 करोड़ रुपये मूल्य की छह संपत्तियां जब्त की हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। ईडी के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, "हमने अब्दुल्ला की छह संपत्तियों को जब्त किया है। इसमें तीन आवासीय भवन हैं, जबकि दो प्लॉट शामिल हैं।"
उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता की संपत्तियां धनशोधन रोकथाम अधिनियम(पीएमएलए) के तहत जब्त की गई है।
अधिकारी ने कहा, "संलग्न संपत्तियों में, श्रीनगर में गुप्कर रोड स्थित निवास, तहसील कटिपोरा के तन्मर्ग में, और सुंजवान जम्मू भटिंडी गांव की संपत्ती शामिल है।"
उन्होंने आगे कहा कि जांच के दौरान, यह पता चला कि 2005-06 से दिसंबर 2011 तक जेकेसीए ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से 109.78 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे।
अधिकारी ने आगे कहा, "2006 और जनवरी 2012 के बीच, फारूक अब्दुल्ला जेकेसीए के अध्यक्ष थे और उन्होंने जेकेसीए में पदाधिकारियों की अवैध नियुक्तियां करने के लिए अपनी स्थिति और रसूख का गलत इस्तेमाल किया, जिसके लिए उन्होंने जेकेसीए फंडों की वैधता के उद्देश्य से वित्तीय अधिकार दिए।"
--आईएएनएस
श्रीनगर, 20 दिसम्बर | जम्मू-कश्मीर राज्य निर्वाचन आयुक्त (एसईसी) के. के. शर्मा ने शनिवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव के अंतिम चरण में लगभग 51 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, एसईसी ने कहा कि कश्मीर संभाग की 13 और जम्मू संभाग की 15 सहित कुल 28 डीडीसी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान शांतिपूर्ण रहा, जिनमें कुल 50.98 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
एसईसी ने बताया कि 1,703 मतदान केंद्रों में मतदान हुआ, जिनमें कश्मीर संभाग में 1,028 और जम्मू संभाग में 675 मतदान केंद्र शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू संभाग में औसत मतदान 72.71 प्रतिशत दर्ज किया गया, जिसमें से सबसे अधिक पुंछ जिले में 83.58 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद रियासी जिले में 81.92 और राजौरी में 77.31 प्रतिशत मतदान हुआ।
उन्होंने कहा कि कश्मीर संभाग में कुल 29.91 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें से सबसे अधिक कुपवाड़ा जिले में 63.80 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद बांदीपोरा में 56.56 प्रतिशत और बारामूला जिले में 44.60 प्रतिशत मतदान हुआ।
एसईसी ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में पहली बार 280 डीडीसी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव हुए थे।
उन्होंने कहा कि यह ध्यान देने योग्य बात है कि लोगों की बहुत अच्छी भागीदारी देखी गई है और लोगों में उत्साह इस चरम पर था कि इन चुनावों का ग्रामीण समुदाय में विकास के परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।
इनके अलावा 1,088 पंचायत 'हलका' और 12153 पंच निर्वाचन क्षेत्रों में भी चुनाव हुए हैं।
राज्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि 321,694 (169,271 पुरुष और 152,423 महिला मतदाता) लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश में अंतिम चरण के लिए मताधिकार के अपने अधिकार का प्रयोग किया।
--आईएएनएस
गुवाहाटी, 20 दिसंबर | पिछले हफ्ते बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) की जीत के बाद, असम में सत्तारूढ़ भाजपा ने शनिवार को 36 सदस्यीय तिवा स्वायत्त परिषद (टीएसी) के चुनावों में 33 सीटों पर जीत दर्ज की। असम राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, भाजपा के कनिष्ठ सहयोगी असोम गण परिषद (एजीपी) ने दो सीटें जीतीं, जबकि विपक्षी कांग्रेस केवल एक सीट पर सफल रही।
--आईएएनएस
लखनऊ, 19 दिसम्बर | अयोध्या में राममंदिर निर्माण के साथ ही यहां पर बनने वाली मस्जिद का डिजाइन इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने शनिवार जारी किया है। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्ट विभाग के प्रोफेसर एसएम अख्तर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों के सामने इसका मॉडल जारी कर दिया।
पांच एकड़ की जमीन पर मस्जिद और अस्पताल की दो इमारतें बनेंगी। मस्जिद का डिजाइन एस एम अख्तर ने तैयार किया है। परिसर में अस्पताल के साथ लाइब्रेरी, म्यूजियम और कम्युनिटी किचन भी बनाया जाएगा। ट्रस्ट की तरफ से जारी किए गए मस्जिद के अंडाकार डिजाइन में कोई गुम्बद नहीं है।
अब सोसाइटी इसका नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में लगेगी। धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद की नीव गणतंत्र दिवस या फिर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रखी जा सकती। हालांकि, इस संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। पिछले दिनों ट्रस्ट के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा था कि, "निर्माण शुरू करने के लिए पहली ईंट तो रखनी ही होगी, तो इसके लिये 26 जनवरी या 15 अगस्त से बेहतर दिन दूसरा नहीं हो सकता है, क्योंकि 26 जनवरी को देश के संविधान की नीव रखी गई थी, जबकि 15 अगस्त को देश आजाद हुआ और आजाद भारत की नीव रखी गई थी।"
उन्होंने कहा था कि, "अयोध्या में बनने वाली मस्जिद में बाबर या उससे जुड़ा कोई जिक्र नहीं होगा और न ही किसी भाषा या राजा के नाम पर मस्जिद का नाम होगा।"
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के निर्माण के लिए छह महीने पहले आईआईसीएफ का गठन किया था। परियोजना के मुख्य वास्तुकार प्रोफेसर एसएम अख्तर ने डिजाइन अंतिम रूप दिया है। अख्तर ने बताया कि मस्जिद में एक समय में 2,000 लोग नमाज अदा कर सकेंगे और इसका ढांचा गोलाकार होगा।
अख्तर के अनुसार, "नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी, लेकिन उसी तरह का ढांचा नहीं होगा। परिसर के मध्य में अस्पताल होगा। पैगंबर ने 1400 साल पहले जो सीख दी थी उसी भावना के अनुरूप मानवता की सेवा की जाएगी।"
इसमें कितना खर्च आएगा, यह फिलहाल बताना मुश्किल है। ट्रस्ट ने बताया कि परिसर में जो मजार मौजूद है, उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। विशाल मस्जिद में सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 दिसंबर | नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) ने कहा है कि भारत को कोविड -19 वैक्सीन वितरण के लिहाज से अगले एक साल के लिए धन के साथ तैयार रहना चाहिए। ट्रेड एसोसिएशन ने शुक्रवार को एक समाचार विज्ञप्ति में कहा, "इतने बड़े पैमाने पर वितरण के लिए धन की ज्यादा जरूरत होगी, और भारत को कोविड -19 वैक्सीन के वितरण के लिए अगले एक वर्ष के लिए लगभग 80,000 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ तैयार रहना चाहिए।"
वेबिनार में भाग लेते हुए सेरम इंस्टीट्यूट के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सतीश डी रवेतकर ने कहा, "आईटी-सक्षम आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की स्थापना सीरम संस्थान में की जानी चाहिए क्योंकि हम सालाना 1.6 मिलियन खुराक का उत्पादन करते हैं।
उन्होंने कहा, "इसलिए, हम इस वैक्सीन को तेजी से रोल आउट कर सकते हैं। एक बार जब हमें सरकार से एक पुष्ट योजना मिल जाती है, तो हमें कमर कसने की जरूरत होती है। सभी निमार्ताओं के लिए अपने उत्पादन और चेन के सभी हितधारकों की योजना बनाना आसान हो सकता है।" (आईएएनएस)
गुवाहाटी/अगरतला, 19 दिसंबर | दो दिवसीय पूर्वोत्तर महोत्सव (नॉर्थईस्ट फेस्टिवल) का शनिवार को रंगारंग शुभारंभ हुआ। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे और अन्य क्षेत्रों के बीच और रेलवे लाइनों का निर्माण व संपर्क मार्ग बनाना केंद्र सरकार की प्राथमिकताएं हैं। मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में पर्याप्त धन और मानव संसाधन हैं और सरकार क्षेत्र की सर्वागीण समृद्धि के लिए इन संसाधनों व प्राकृतिक भंडार का दोहन करने की कोशिश कर रही है।
नॉर्थईस्ट फेस्टिवल के 8वें संस्करण का शनिवार को गुवाहाटी में रंगारंग शुभारंभ हुआ।
महोत्सव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने क्षेत्र के संसाधनों का उद्देश्यपूर्ण और सकारात्मक रूप से उपयोग करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने और सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मेहनती और एकजुट प्रयास निश्चित रूप से पूर्वोत्तर भारत के बेहतर और उज्ज्वल भविष्य के लिए सकारात्मक और लाभदायक परिणाम देंगे।"
वहीं, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा, "पूर्वोत्तर क्षेत्र अपने आप में यहां के लोगों के लिए एक संपत्ति है। हमारे व्यंजनों को दुनियाभर में प्रचारित किया जा सकता है। ढोला-सादिया पुल (जिसे भूपेन हजारिका सेतु भी कहा जाता है जो असम को अरुणाचल से जोड़ता है) क्षेत्र के पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए एक मील का पत्थर है।"
देब ने कहा कि इस क्षेत्र में उग्रवाद का विरोध करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र को विकास और समृद्धि के रास्ते पर ले जा रही है।
नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल पूर्वोत्तर के बारे में जागरूकता दिखाने और बनाने और उद्यमिता और पर्यटन को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। त्योहार का एक प्रमुख उद्देश्य पर्यटन और निवेश को आकर्षित करना है।
इस महोत्सव में होने वाले कार्यक्रमों का प्रसारण डिजिटल प्लेटफॉर्मो पर किया जाएगा, ताकि दुनियाभर के लोग देख सकें। (आईएएनएस)
भोपाल, 19 दिसंबर | मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय महिला उद्यमी सम्मेलन को ऑनलाइन सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार तो महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिये विभिन्न सुविधायें प्रदान कर रही है, परंतु उससे भी ज्यादा जरूरी है कि उन्हें परिवार का सहयोग मिले। इसके लिये सबसे पहले यह जरूरी है कि परिवार की महिलाओं के नाम से सम्पत्ति खरीदी जाए, जिससे महिलाएं अपने भविष्य के प्रति आश्वस्त हों। उन्होंने कहा कि, "महिलाओं को अपना उद्यम शुरू करने के लिये हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्रा लोन जैसी सुविधा शुरू की है, जिसमें दस लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है, परंतु व्यवसाय या उद्यम शुरू करने से पहले सबसे जरूरी है कि महिला उद्यमी को उस व्यवसाय से संबंधित ट्रेनिंग दी जाए। व्यवसाय की ट्रेनिंग देने के साथ-साथ प्रोडक्ट बेचने के लिये बाजार मिले, इसके प्रयास भी कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के पदाधिकारियों को करने होंगे। इंडस्ट्रियल एरिया में महिला उद्यमियों को अपना उद्यम स्थापित करने के लिये विशेष रूप से प्लॉट मिल,े इसकी व्यवस्था की ओर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि महिला उद्यमी निश्चिंत होकर अपने उद्यम को आगे बढ़ा सकें।"
राज्यपाल पटेल ने इस अवसर पर कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल महिला उद्यामियों से आग्रह किया कि वे अपने प्रयासों से साड़ी बैंक बनायें, जिससे जरूरतमंद महिलाओं को विशेष अवसरों पर पहनने के लिये अच्छी साड़ियां मिल सकें। यहां जरूरतमंदों के लिये विशेष कॉर्नर बनाये जा सकते हैं। जिनमें साड़ी के अलावा हमारे लिये अनुपयोगी अन्य वस्तुओं को रखा जा सकेगा, जहां से जरुरतमंद अपने उपयोग की वस्तुएं प्राप्त कर सकेंगे।
इस कार्यक्रम में मोना कटारिया ने अपने वेज वेंचर, अंजना खंडेलवाल ने बायो डीजल और शुभम वराडिया ने अपने ज्वेलरी से संबंधित व्यवसाय के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर 11 महिला उद्यमियों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिये सम्मान पत्र दिये गए।
कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिये राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ राज्य स्तरीय प्रयास भी किये जा रहे हैं तथा देश-भर के लगभग सात करोड़ उद्यमी कैट से जुड़कर काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन कैट मध्यप्रदेश की उपाध्यक्ष अंशु गुप्ता ने किया तथा आभार कैट मध्यप्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष अलका श्रीवास्तव ने व्यक्त किया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 दिसंबर | आरएसएस के पूर्व अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख माधव गोविंद उपाख्य बाबूरावजी (एम जी वैद्य) के नागपुर में निधन पर सरसंघचालक मोहन भागवत ने दुख जताया है। मोहन भागवत ने कहा कि उनके शरीर छोड़ने से हम सब संघ के कार्यकर्ताओं ने अपना एक वरिष्ठ छायाछत्र खो दिया है। मोहन भागवत ने कहा कि उनके जीवन से सभी को सीख लेने की जरूरत है। एमजी वैद्य 97 वर्ष के थे। अपने जीवनकाल में उन्होंने संघ के सभी छह सरसंघचालकों के साथ कार्य किए। आरएसएस के वर्तमान में सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य के वे पिता थे।
संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और सर कार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी ने उनके निधन पर जारी शोक सन्देश में कहा कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी, वैद्य संघ कार्य विकास के साक्षी रहे। उनका व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन संघ संस्कारों की अभिव्यक्ति करने वाला था। सरल भाषा में तर्कशुद्ध रीति से संघ को अपनी वाणी और लेखनी के माध्यम से वह जगत के समक्ष प्रस्तुत करते रहे। उनकी अगली पीढ़ी भी इसी प्रकार से जीवन जीते हुए देश हित के लिए कार्यरत है तथा उनके दो सुपुत्र मनमोहन व श्री राम संघ के वरिष्ठ प्रचारक हैं। (आईएएनएस)
जम्मू , 19 दिसम्बर | पाकिस्तान ने जम्मू एवं कश्मीर के पुंछ जिले में शनिवार को एलओसी के पास भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर अकारण गोलीबारी की। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा शनिवार शाम को करीब पांच बजे, पाकिस्तान ने पुंछ जिले के दो सेक्टरों किरणी और मलती सेक्टरों में बिना उकसावे के छोटे हथियारों से फायरिंग की और मोर्टार दागे।
प्रवक्ता ने कहा, "भारतीय सेना ने भी हमले का माकूल जवाब दिया।"
पाकिस्तान ने इससे पहले पुंछ जिले के दो सेक्टरों में शुक्रवार को भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था। (आईएएनएस)
गुवाहाटी, 19 दिसंबर | राज्य की सीमाओं के साथ सुरक्षा संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए असम सरकार ने 100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। बॉर्डर प्रोटेक्शन एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (बीपीडीडी) के एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए एमओआईटीआरआई योजना के अनुरूप, असम सरकार बॉर्डर आउटपोस्ट्स (बीओपी) के ढांचागत विकास के लिए एक योजना शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
उन्होंने कहा कि योजना के पहले चरण में, 50 बीओपी को अपग्रेड किया जाएगा और इस उद्देश्य के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये रखे गए हैं। इसके बाद, राज्य के अन्य बीओपी योजना के तहत शामिल किए जाएंगे।
अधिकारी ने कहा, "असम को अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ और अवैध प्रवासियों से मुक्त बनाने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा को सील करना सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस उद्देश्य के लिए सीमा को भौतिक और अभौतिक बाधाओं से दूर किया जा रहा है।"
असम के साथ 263 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा की जा रही है, जबकि 267 किलोमीटर भारत-भूटान अंतर्राष्ट्रीय सीमा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) द्वारा संचालित है। असम पुलिस द्वारा बचाव की एक दूसरी पंक्ति खड़ी की जा रही है।
इसके अलावा, असम सिक्किम को छोड़कर, छह पूर्वोत्तर राज्यों के साथ 2616.1 किलोमीटर अंतर-राज्य सीमाओं को साझा करता है।
अधिकारी ने कहा कि बीपीडीडी का उद्देश्य राज्य के दूरस्थ सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचनात्मक सुविधाओं का निर्माण करके और पूरे क्षेत्र को राज्य के अन्य सभी विकसित शहरी क्षेत्रों के स्तर पर लाकर सभी भौतिक सुख-सुविधाओं से परिचित कराना है। सीमा की आबादी के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बीपीडीडी की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अंतर-राज्य सीमा क्षेत्रों के कुशल प्रबंधन और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए बीओपीडी की ओर जाने वाली सड़कों को बनाने की जरूरत है। साथ ही बीओपी में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए प्रावधान किया जाना चाहिए
सोनोवाल ने कहा कि सरकार को इसकी जानकारी है कि सीमावर्ती इलाकों सहित बीओपी के संचालन में सुरक्षाकर्मियों को कितनी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 दिसंबर| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार द्वारा किए गए नए कृषि सुधार उपायों से किसानों को लाभ मिलना शुरू हो गया है। एसोचैम के एक कार्यक्रम में बोलते हुए, उन्होंने यह भी कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, देश सभी सेक्टरों में सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है। उनका यह बयान तब आया है जब केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बड़े पैमाने पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "पिछले छह महीनों में किए गए कृषि सुधारों ने अब किसानों को लाभ देना शुरू कर दिया है।"
यह बयान ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कृषि सुधार बिल को लेकर किसानों का आंदोलन 23 वें दिन में प्रवेश कर चुका है।
प्रधानमंत्री देश के कई हिस्सों में किसानों से मिल रहे हैं, क्योंकि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर तीन सप्ताह से अधिक समय से हैं।
शुक्रवार को भोपाल में 'किसान महासम्मेलन' को संबोधित करते हुए, उन्होंने सितंबर में लागू नए कृषि कानूनों के फायदे गिनाए। (आईएएनएस)
-सुनील प्रभु, उमाशंकर सिंह
नई दिल्ली: कांग्रेस में अंदुरुनी कलह और नेतृत्व संकट के बीच पार्टी के नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस की अंतरिंम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने अपनी अपनी मांग रखी. बैठक में एक बार फिर राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग हुई. शुक्रवार को कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगी. उन्होंने बताया था कि शनिवार से शुरू होने वाला बातचीत और मुलाकात का यह दौर अगले दस 10 तक चलेगा और सोनिया गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें करेंगी. सुरजेवाला ने शुक्रवार को जोर देकर कहा, "99.9 प्रतिशत" नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापसी करें." सूत्रों ने कहा कि पत्र लिखकर संगठनात्मक बदलाव की वकालत करने वाले 23 असंतुष्टों नेता भी सोनिया गांधी के सामने अपने चिंताएं रखेंगे.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
कांग्रेस पार्टी के नेताओं की आज 10 जनपथ पर अहम बैठक हुई. इस बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता पहुंचे. पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ हुई इस बैठक में अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, बीएस हुड्डा, अंबिका सोनी और पी चिदंबरम सुबह 10 बजे 10 जनपथ पहुंचे.
करीब 5 घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने अपनी अपनी बात रखी. बैठक में राहुल गांधी को अध्यक्ष पद संभालने की मांग उठी. अंत में राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी जो ज़िम्मेदार देगी उसे मैं उठाउंगा. इस पर बैठक में तालियां बजीं.
बैठक के बाद कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण हमने पार्टी के भविष्य पर चर्चा की. यह एक रचनात्मक बैठक थी जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की वर्तमान स्थिति और इसे मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
बता दें कि 23 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में 23 नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे. इस विषय पर भी अपनी चिंताओं को लेकर पांच या छह नेताओं का एक कोर समूह सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकता है.
शुक्रवार को सुरजेवाला ने कहा था, “कांग्रेस जल्द ही एक नए पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करने की प्रक्रिया शुरू करेगी. कांग्रेस का एक चुनावी कॉलेज, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, कांग्रेस कार्यकर्ता और पार्टी सदस्य चुनेंगे कि कौन सबसे अनुकूल है. "
उन्होंने कहा था, "मेरे समेत 99.9% लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष चुना जाए." अंतिम निर्णय उनका है. राहुल गांधी, जिन्होंने 2017 में सोनिया गांधी से कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला था, लेकिन पिछले साल पार्टी के लोकसभा चुनाव में हार के बाद पद छोड़ दिया था, 2014 में सत्ता खोने के बाद से यह दूसरी हार थी.
लोकसभा चुनाव में हार के बाद से कांग्रेस की हार का सिलसिला जारी है. कांग्रेस को कर्नाटक और मध्य प्रदेश में विद्रोह के बाद से सत्ता गंवानी पड़ी. विद्रोह के लगातार खतरों के चलते राजस्थान में पार्टी संघर्ष कर रही है.
कांग्रेस ने बिहार चुनाव में खराब प्रदर्शन किया और केरल और राजस्थान जैसे राज्यों में स्थानीय निकाय चुनावों में अपने वोटों का नुकसान होते हुए देखा.
कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर शीर्ष पद पर राहुल गांधी की वापसी की मांग की है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि उनके रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हालांकि, राहुल गांधी अभी भी सभी फैसले लेते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर हमलों में पार्टी का चेहरा हैं.
अगस्त महीने में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय अध्यक्ष होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी. इसे कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया. कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की. (भाषा/एएनआई)
जम्मू, 19 दिसंबर | जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के आठवें और आखिरी चरण के चुनाव में शनिवार को शुरुआती छह घंटे में 40.91 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, दोपहर 1 बजे तक कश्मीर डिवीजन के पुलवामा में 10.17, बारामूला में 39.26, कुलगाम में 8.47, शोपियां में 6.42, अनंतनाग में 7.58, बांदीपोरा में 49.07, कुपवाड़ा में 53.61 और बडगाम में 29.78 प्रतिशत मतदान हुआ है।
इसी तरह, जम्मू डिवीजन में दोपहर एक बजे तक किश्तवाड़ में 58.43, उधमपुर 44.48, जम्मू 58.48, कठुआ 59.21, रामबन 63.48, डोडा 61.08, सांबा 64.56, पुंछ 70.09, राजौरी 68.57 और रियासी में 67.23 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
चुनाव आयोग के अनुसार, कश्मीर डिवीजन में कुल मतदान प्रतिशत 25.90 और जम्मू डिवीजन ने कुल मतदान प्रतिशत 56.40 दर्ज किया गया। मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हुआ। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 दिसंबर| भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कोविड जैसे लक्षणों की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें शुक्रवार रात को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने आईएएनएस को यह जानकारी दी। डॉक्टरों ने आईएएनएस को सूचित किया कि उन्होंने सांस लेने की समस्या, छाती में दर्द और उच्च रक्तचाप की शिकायत दर्ज कराई। उन्हें रात लगभग 9:30 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, वह कोरोना नेगेटिव पाई गईं।
भोपाल की सांसद को एक निजी वार्ड में रखा गया है और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया उनकी देखरेख कर रहे हैं। उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
डॉक्टरों ने आईएएनएस को बताया कि 50 वर्षीय नेता को और भी कई बीमारियां हैं। एम्स में उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने वाली टीम के एक डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "उन्हें अस्थमा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कई अन्य बीमारियां हैं।"
भोपाल से 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रज्ञा सांसद बनीं थीं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 दिसंबर | पिछले साल मई में गुजरात में पाकिस्तान से आए जहाज से 237 किलो मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट में 6 पाकिस्तानी नागरिकों और एक भारतीय को नामजद किया है। चार्जशीट में कराची निवासी सफदर अली, अलाही दाद अंगियारा, अजीम खान, अब्दुल अजीज, अब्दुल गफूर और मोहम्मद मलाह और गुजरात में बेयट-द्वारकाके निवासी रामझन का नाम लिया है। ये सभी आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
एनआईए ने बताया, "कच्छ के जखाउ पोर्ट के पास से पाकिस्तानी जहाज अल-मदीना से मादक पदार्थ बरामद किया गया था। मामले में जांच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी व्यक्तियों ने साजिश रचकर गुजरात में कुल 330 किलोग्राम नशीली दवाएं लाने की कोशिश की थी। इसे 21 मई, 2019 को भारतीय तटरक्षकों ने पकड़ लिया और नतीजतन लगभग 237 किलोग्राम मादक पदार्थ, कई आपत्तिजनक लेखों और पाकिस्तानी मुद्रा को जब्त किया था।"
केंद्रीय आतंकवाद रोधी एजेंसी ने इन लोगों के खिलाफ गुजरात के अहमदाबाद में एनआईए स्पेशल कोर्ट में आपराधिक साजिश, गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की है। साथ ही एनआईए ने कहा है कि 9 फरार पाकिस्तानी आरोपियों के खिलाफ भी जांच जारी है।(आईएएनएस)
लखनऊ , 19 दिसम्बर | समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा संसदीय-संवैधानिक परंपराओं का कत्लेआम कर रही है। अखिलेश यादव ने शनिवार को ट्वीटर के माध्यम से लिखा कि, "अगर पश्चिम बंगाल में भाजपा की रैली करने के लिए कोरोना नहीं है, तो संसद सत्र चलाने के लिए दिल्ली में क्यों है। संसद में किसानों के पक्ष में जन प्रतिनिधियों के आक्रोश से बचने के लिए भाजपा सरकार कोरोना का बहाना बना रही है। भाजपा संसदीय-संवैधानिक परंपराओं का कत्लेआम कर रही है।"
उन्होंने आगे लिखा कि, "भाजपा सरकार लोकसभा का शीतकालीन सत्र टालकर किसानों और विपक्ष का सामना करने से बच रही है। वह विपक्ष के विरोध के खिलाफ बड़ा षडयंत्र कर रही है। भाजपा का संविधान, लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्था पर विश्वास है तो उसे लोकसभा एवं विधानसभा का सत्र बुलाकर देश में किसान बिल, निजीकरण, बेरोजगारी, महंगाई, प्रदेश में गिरती कानून व्यवस्था, शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में अव्यवस्था, अवरुद्घ विकास, महिला सुरक्षा व किसानों के रुके हुए कामों पर तुरंत चर्चा करानी चाहिए।"
अखिलेश ने कहा कि, "कृषि-कानून बनाने से पहले किसानों के कानों को खबर तक न होने दी, अब 'किसान सम्मेलन' करके इसके लाभ समझाने का ढोंग कर रहे हैं। सच तो ये है कि किसानों का सच्चा लाभ स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू होने से होगा, तभी आय दुगुनी हो सकती है। ये कृषि-कानून नहीं भाजपा का शिकंजा है।" (आईएएनएस)
कोलकाता, 19 दिसंबर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कोलकाता में स्वामी विवेकानंद के पैतृक निवास पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शाह पश्चिम बंगाल में राज्य विधानसभा चुनावों से पहले स्थिति का जायजा लेने के लिए दो दिवसीय दौरे पर आए हैं।
केंद्रीय मंत्री शुक्रवार देर रात कोलकाता पहुंचे।
शाह ने हेलिकॉप्टर से मिदनापुर की यात्रा भी की, जहां उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की और जिले के दो मंदिरों में प्रार्थना भी की।
इस दौरान वह दोपहर के भोजन के लिए एक किसान के घर भी जाएंगे और इसके बाद वह मिदनापुर कॉलेज मैदान में एक मेगा सार्वजनिक रैली को भी संबोधित करने वाले हैं।
शाह ने स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "मैं यहां खुदीराम बोस के निवास पर आकर खुश और सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। ब्रिटिश साम्राज्यवादी ताकतों से लड़ते हुए 18 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था। वह युवा आइकन थे। हमें बोस के मातृभूमि के प्रति उनके योगदान के बारे में सोचने और हमारे युवाओं के बीच इस विरासत को आगे बढ़ाने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता को तुच्छ राजनीति से ऊपर उठकर देश की एकता को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए।
गौरतलब है कि अमित शाह ऐसे वक्त पर यात्रा पर आए हैं, जब सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में विद्रोह बढ़ने के कारण कई असंतुष्ट विधायकों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट विभाग छोड़ चुके व पार्टी से इस्तीफा दे चुके सुवेन्दु अधिकारी और असंतुष्ट नेताओं का एक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकता है।
अधिकारी भी मिदनापुर पहुंच रहे हैं।
अधिकारी के करीबी अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, शाह की मेगा सार्वजनिक रैली के दौरान भाजपा में शामिल होने वाले तृणमूल कांग्रेस के सांसदों की सूची में कम से कम 10-12 बड़े नाम शामिल हो सकते हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 दिसम्बर | पश्चिमी दिल्ली के ख्याला गांव में शनिवार सुबह एक फैक्ट्री की छत गिरने से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। हादसा सुबह करीब 10 बजे ख्याला के विष्णु उद्यान में मोटर वाइंडिंग की एक फैक्ट्री में हुआ, जिसके अंदर कम से कम छह लोग मौजूद थे। अतिरिक्त डीसीपी वेस्ट दिल्ली सुबोध कुमार गोस्वामी ने कहा, "घायलों को पुलिस कर्मचारियों, एम्बुलेंस स्टाफ, डीडीएमए स्टाफ ने घटनास्थल से निकालकर नजदीकी अस्पताल में भेज दिया था। डॉक्टरों ने छह लोगों में से चार को मृत घोषित कर दिया, जबकि दो लोगों को खतरे से बाहर बताया है।"
दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा, ' इमारत मेटेरियल से ओवरलोड था, जिसके चलते यह ढह गया और लोग अंदर फंस गए।"
मृत घोषित किए गए मजदूरों की पहचान रमेश (35), चीना (36), गुड्डी (45) और ट्विंकल (25) के रूप में हुई है, जबकि रवि (20) और गुड्डू कुमार (18) घायल हुए हैं।
एसडीएम पटेल नगर को घटना की सूचना दी गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 19 दिसम्बर | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मिशन पश्चिम बंगाल के चुनावी अभियान की रणनीति तैयार करने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या आज(शनिवार) से दो दिन के दौरे पर बंगाल पहुंचे है। केशव प्रसाद मौर्य पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान उनको बूथ मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाएंगे। भाजपा की ओर से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद को ममता बनर्जी के गढ़ में सेंध लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भाजपा ने इस बार पश्चिम बंगाल के किले को फतह करने के लिए खास रणनीति तैयार की है। पार्टी ने वहां के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपना प्लान तैयार कर लिया है। इस दौरान वहां पर उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं को भी लगाने की तैयारी चल रही है।
भाजपा केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पश्चिम बंगाल चुनाव में स्टार प्रचारक के तौर पर प्रमोट कर रही है। आज से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी दो दिवसीय दौरे पर बंगाल में हैं। वहां पर केशव प्रसाद मौर्य को संगठन से पश्चिम बंगाल की लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी मिली है। वह हावड़ा, उलबेरिया, सिरामपुर, हुगली, अरामबाग लोक सभी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके साथ ही वह लगभग 30 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पश्चिम बंगाल में हिंदी भाषी वोट साधेंगे। वह सघन प्रचार अभियान चलाने के साथ ही बूथ कमेटी की बैठक करेंगे। पश्चिम बंगाल के भाजपा कार्यकर्ता व नेताओं के साथ मौर्य प्रचार अभियान में भी भाग लेंगे।
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव को सर्वोच्च प्राथमिकता मानकर जुटी भाजपा तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसीलिए सभी राज्यों के संगठनात्मक प्रबंधन विशेषज्ञों का उपयोग बंगाल की जंग को जीतने के लिए किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में हिन्दी भाषी क्षेत्रों के लोग भी रहते हैं। इनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों की संख्या अच्छी खासी है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी व महामंत्री संगठन सुनील बंसल के अलावा पूर्वाचंल के प्रमुख नेताओं को प्रचार के लिए लगाया जाएगा। (आईएएनएस)
गुरुग्राम, 19 दिसंबर | भोंडसी जेल में एक 20 वर्षीय कैदी ने बैरक में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान हरियाणा के नूंह जिले के रहने वाले मोहम्मद कैफ के रूप में हुई।
जेल के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का दोषी ठहराए जाने के बाद वह सितंबर 2020 से जेल में बंद था।"
कैफ पर नूंह जिले के रोजका मेव पुलिस स्टेशन में पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अधिकारी ने कहा, "कैदी भोंडसी जेल के बैरक नंबर 12 में बंद था और शुक्रवार की सुबह लगभग 5 बजे उसी बैरक के एक अन्य कैदी ने बैरक में वेंटिलेटर के लोहे की ग्रिल से कैफ के शरीर को लटकते देख जेल अधिकारियों को सूचना दी।"
सूचना के तुरंत बाद, जेल अधिकारी और वार्डन मौके पर पहुंचे और डॉक्टरों को बुलाया गया, जिन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया था।
बाद में स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया, जिन्होंने फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य एकत्र किए।
पुलिस ने कहा कि मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।
शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। आगे की जांच जारी है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 दिसंबर | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में और अधिक प्रयास करने के लिए भारतीय उद्योग जगत से आह्वान किया। उन्होंने देश के निजी क्षेत्र से अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) में योगदान देने और अधिक से अधिक निवेश करने के लिए कहा।
शनिवार को एसोचैम के एक कार्यक्रम को वर्चुअल तौर पर संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए लगातार सुधार कर रहे हैं।"
महामारी के दौरान भारत में बड़े पैमाने पर हुए अन्य वैश्विक निवेशों के साथ-साथ विदेशी संस्थागत निवेशों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेशी निवेशकों और उद्योगों का ²ष्टिकोण बदल गया है। पहले वे सोचते थे 'भारत में क्यों निवेश करें' लेकिन अब वे सोचते हैं 'क्यों न भारत में निवेश करें'।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में नई प्रौद्योगिकियां चुनौतियां और उनके समाधान दोनों लेकर आएंगी।
मोदी ने कॉरपोरेट गवर्नेंस और प्रॉफिट शेयरिंग के मामले में भारतीय उद्योग को सर्वोत्तम तरीके को अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
जबकि किसान नए कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उसी समय में मोदी ने उद्योग और एसोचैम से विश्व स्तर पर भारतीय कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि हाल में हुए कृषि सुधारों ने लाभ देना भी शुरू कर दिया है।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा को 'एसोचैम एंटरप्राइज ऑफ द सेंचुरी अवार्ड' भी दिया। (आईएएनएस)
पश्चिम बंगाल में बीते हफ्ते बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद उनकी सुरक्षा में तैनात तीन आईपीएस अफसरों को लेकर पैदा हुआ प्रशासनिक और संवैधानिक संकट अब न्यायालय की चौखट तक पहुंचने वाला है.
डॉयचे वैले पर समीरात्मज मिश्र का लिखा-
जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को अचानक दिल्ली तलब करने का निर्देश दे दिया जिनके नेतृत्व में दक्षिण 24-परगना जिले में जेपी नड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी. लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन तीनों अधिकारियों को भेजने से इनकार कर दिया.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पिछले हफ्ते दक्षिण 24-परगना जिले के डायमंड हार्बर की ओर जा रहे थे. उसी समय तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर उनके काफिले पर पथराव किया जिसके बाद यह विवाद सामने आया. घटना के अगले ही दिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को समन भेज कर 14 दिसंबर को दिल्ली हाजिर होने का निर्देश दिया लेकिन राज्य सरकार ने इन दोनों अधिकारियों को दिल्ली भेजने से इनकार कर दिया.
एक दिन बाद गृह मंत्रालय ने तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को अचानक प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली पहुंचने का निर्देश जारी कर दिया लेकिन राज्य सरकार ने इन तीनों अधिकारियों को रिलीज करने से भी मना कर दिया. राज्य सरकार का कहना है कि पश्चिम बंगाल में अधिकारियों की पहले से ही कमी है इसलिए इन अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजना संभव नहीं है. इस बीच, राज्य सरकार इन अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर बुलाने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले को कोर्ट में भी चुनौती देने की तैयारी कर रही है.
केंद्र और राज्य सरकार के बीच अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को लेकर तनातनी का यह पहला मौका नहीं है. भारतीय संविधान में संघीय गणराज्य की परिकल्पना और उसकी स्थापना के बावजूद राज्यों की स्वायत्तता का पूरा ख्याल रखा गया है. अखिल भारतीय सेवाएं भी उसी कड़ी में आती हैं जहां इन अधिकारियों की नियुक्ति तो केंद्रीय स्तर पर होती है लेकिन तैनाती उनके कैडर राज्य में होती है और फिर उनके स्थानांतरण और इस तरह के दूसरी प्रशासनिक जिम्मेदारी राज्यों पर होती है.
जहां तक सवाल केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच पनपे मौजूदा विवाद का है तो नियमों के मुताबिक, जब तक राज्य में तैनात किसी अधिकारी को संबंधित राज्य सरकार रिलीव नहीं कर देती, तब तक केंद्र सरकार उनकी प्रतिनियुक्ति नहीं कर सकती. ऑल इंडिया सर्विसेज 1969 के नियम 7 के अनुसार राज्य सरकार के तहत काम करने वाले सिविल अधिकारियों पर केंद्र कोई एक्शन भी नहीं ले सकता. यही नहीं, यदि किसी विशेष स्थिति में एक्शन लेने की नौबत आ जाए तो इसके लिए भी केंद्र और राज्य दोनों की सहमति जरूरी होती है.
ऑल इंडिया सर्विस एक्ट के नियमों के अनुसार, हर राज्य को एक न्यूनतम संख्या में (जो उसकी काडर शक्ति का करीब 25 फीसदी होती है) आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए भेजना होता है. इस संख्या को राज्य का सेंट्रल डेपुटेशन रिजर्व (सीडीआर) कहा जाता है. राज्यों में तैनात अधिकारियों की संख्या के आधार पर ही सीडीआर का कोटा तय होता है.
नियुक्ति और कार्मिक विभाग के पूर्व सचिव सत्यानंद मिश्र कहते हैं कि केंद्र ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकता, जो किसी राज्य सरकार के अधीन काम कर रहा हो. उनके मुताबिक, "केंद्र सरकार उस राज्य के अधिकारियों की संख्या कम कर सकता है यानी ज्यादा से ज्यादा अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर ले सकता है लेकिन जब तक कोई अधिकारी राज्य सरकार के अधीन है, केंद्र उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकता.”
हालांकि केंद्र सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जा सकती है या फिर इन अधिकारियों के पांच वर्ष या उससे अधिक के लिए केंद्र में आने पर रोक लगा सकती है लेकिन उसके पास कार्रवाई का अधिकार तब तक नहीं है जब तक कि वो राज्य सरकार के अधीन काम कर रहे हैं.
यूपी में डीजीपी रह चुके रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी वीएन राय कहते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 312 के जरिए अखिल भारतीय सेवाओं की व्यवस्था की गई है जो कि देश को एक संघ बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है. वो कहते हैं, "इन सेवाओं के जरिए सेवा शर्तें तो केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं लेकिन उनकी सेवाएं केंद्र और राज्य दोनों ले सकते हैं. अखिल भारतीय सेवाओं की नियमावलियां कुछ इस तरह बनाई गई हैं कि इनके अधिकारी काफी हद तक दबाव से मुक्त रहकर अपना काम कर सकें. इसीलिए काडर आवंटित करते समय ध्यान रखा जाता है कि हर राज्य में पर्याप्त संख्या में दूसरे राज्यों के निवासी पहुंचें ताकि वो स्थानीय पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर अपना काम कर सकें.”
वीएन राय कहते हैं कि अक्सर यह देखा गया है कि राज्य सरकारें संवेदनशील क्षेत्रों में बाहर से आए अफसरों पर अधिक भरोसा दिखाती हैं. दरअसल, केंद्रीय सेवा के अधिकारी एक लंबा समय तो अपने निर्धारित काडर में बिताते हैं लेकिन बीच-बीच में केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति पर भी आते-जाते रहते हैं. अखिल भारतीय सेवाओं में भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आईएएस और भारतीय पुलिस सेवा यानी आईपीएस को शामिल किया गया था लेकिन बाद में भारतीय वन सेवा यानी आईएफएस को भी इसमें शामिल कर लिया गया.
सेवा नियमावलियों के अनुसार, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को राज्य बिना केंद्र सरकार या संघ लोक सेवा आयोग की सलाह के सजा नहीं दे सकता. पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली रिपोर्ट करने की आज्ञा देना, प्रतिनियुक्ति पर बुलाने जैसा ही है.
वीएन राय कहते हैं, "यह आदेश कई अर्थों में अभूतपूर्व है. आदेश जारी करने से पहले राज्य सरकार की कोई सहमति नहीं ली गई. निर्धारित प्रक्रिया के तहत केंद्र और राज्य दोनों की सहमति से ही किसी अधिकारी को केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाता है. इसके पीछे वजह सिर्फ राजनीतिक है, प्रशासनिक नहीं. लेकिन यह देश के संघीय ढांचे के लिहाज से ठीक नहीं है.”
दो साल पहले दिल्ली में राज्य सरकार और आईएएस अधिकारियों के बीच पनपे विवाद में भी यह सवाल उभर कर आया था कि आईएएस अधिकारी दरअसल किसके अधीन हैं. हालांकि पूर्ण राज्य का दर्जा ना होने के चलते दिल्ली में यह स्थिति कुछ अलग है लेकिन संवैधानिक जानकारों का कहना है कि जब तक अफसरों की तैनाती राज्य में होती है तो तकनीकी रूप से वो संबंधित राज्य सरकार के ही अधीन होते हैं.
यह सवाल सिर्फ कुछेक राज्यों का नहीं है बल्कि केंद्र और राज्य के संबंधों से जुड़ा हुआ है. अक्सर केंद्र और राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों की सरकारें होती हैं. ऐसी स्थिति में अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों पर केंद्र या राज्य में से किसी एक के असीमित अधिकार संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ होंगे और जाहिर है, इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे.
पूर्वोत्तर राज्य असम में खासकर नेशनल पार्कों के आस-पास बसी इंसानी बस्तियों में हाथियों के प्रकोप से बचने के लिए बिजली के तारों की जो अवैध बाड़ लगाई गई है अब वही हाथियों की दुश्मन बनती जा रही है.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी का लिखा-
इस सप्ताह मानस नेशनल पार्क के पास बिजली के झटके से एक हाथी की मौत हो गई जबकि वेस्ट कार्बी आंग्लांग जिले में हाई वोल्टेज बिजली के तार नीचे लटके होने की वजह से उसके झटके से दो हाथियों ने दम तोड़ दिया. इससे बिजली के तारों की बाड़ पर सवाल तो उठे ही हैं, असम राज्य बिजली बोर्ड भी कठघरे में है. असम में वर्ष 2011 से अब तक बिजली के झटकों से करीब सौ हाथियों की मौत हो चुकी है. पूरे देश में हर साल औसतन 50 हाथियों की इसी वजह से मौत हो जाती है. असम में हाथियों की आबादी लगातार बढ़ रही है. लेकिन जंगल के सिकुड़ने की वजह से अक्सर उनका झुंड इंसानी बस्तियों में आ जाता है. वन्यजीव विशेषज्ञों ने बिजली के झटकों से हाथियों की मौत की बढ़ती तादाद पर गहरी चिंता जताते हुए इस पर तत्काल अंकुश लगाने की जरुरत बताई है.
ताजा घटनाएं
निचले असम के चिरांग जिले में बसे मानस नेशनल पार्क में हाथियों की बढ़ती तादाद और पार्क के आस-पास इंसानों की बढ़ती बस्तियों की वजह भोजन की तलाश में हाथियों का झुंड अक्सर जंगल से बाहर आ जाता है. उनके हमलों से बचने के लिए गांव वालों ने अपने घरों के आस-पास अवैध तरीके से बिजली के तारों की बाड़ लगा रखी है. रात को उनमें बिजली प्रवाहित की जाती है. नेशनल पार्क के अधिकारी बाबुल ब्रह्म बताते हैं, "यह घटना कुकलुंग रेंज में हुई. स्थानीय लोगों ने अपने खेतों व घरों के पास बिजली के नंगे तार लगा रखे हैं. उसे पार करते ही बिजली के झटकों से हाथियों की मौत हो जाती है."
इसी तरह वेस्ट कार्बी आंग्लागांग जिले के बोगरीहाट गांव में भी उसी दिन बिजली के एक हाई वोल्टेज तार की ऊंचाई कम होने की वजह से दो हाथी उसकी चपेट में आ गए. उनकी मौके पर ही मौत हो गई. गांव वालो का आरोप है कि बार-बार कहने के बावजूद बिजली बोर्ड ने तारों की ऊंचाई नहीं बढ़ाई थी. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
असम के वन मंत्री परिमल शुक्लवैद्य बताते हैं, "बीते आठ वर्षो के दौरान इंसानों व हाथियों के संघर्ष में 750 लोगों और ढाई सौ से ज्यादा हाथियो की मौत हो चुकी है. अकेले वर्ष 2019 में राज्य में विभिन्न वजहों से 60 हाथियों की मौत हो गई. इनमें सबसे ज्यादा मौतें बिजली के झटकों से हुई थीं.”इंसान की नीचता ने गर्भवती हथिनी की जान ली
अवैध बाड़ ही समस्या
वन विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि हाल के वर्षों में हाथियों के बढ़ते हमलों की वजह से ऐसे इलाकों में गांव वालों ने अपने खेतों और घरों के सामने अवैध रूप से बिजली की बाड़ लगा दी है. इनका कनेक्शन भी अवैध रूप से लिया जाता है. इनके संपर्क में आते ही हाथियों की मौत हो जाती है. नियमों के मुताबिक ऐसी बाड़ में कम वोल्टेज वाली बिजली होनी चाहिए. लेकिन लोग अक्सर हाई वोल्टेज बिजली इसमें जोड़ देते हैं. वन विभाग के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, "इन बाड़ों का मकसद हाथियों को खदेड़ना होना चाहिए, उनकी मौत नहीं. इनमें सौर ऊर्जा बैटरी के जरिए हल्की बिजली प्रवाहित की जानी चाहिए. हाथियों को भगाने के लिए 10 वोल्ट की बिजली काफी है. लेकिन इन बाड़ों में 220 वोल्ट वाली बिजली का इस्तेमाल किया जाता है जो घातक साबित होती है.”
असम में इंसानों और हाथियों के संघर्ष पर अध्ययन करने वाली संस्था आराण्यक से जुड़ी आलोलिका सिन्हा कहती हैं, "बिजली के तारों की बाड़ में हाई वोल्टेज बिजली का कनेक्शन अवैध है. हमने गांव वालों की संक्रिय भागीदारी से मानस टाइगर रिजर्व के पूर्वी इलाके में 14 किमी लंबी बाड़ लगाई है. वहां एक हजार मकान हैं औऱ सौ से ज्यादा हाथी. लेकिन छह साल में इससे किसी हाथी की मौत नहीं हुई है. इसमें सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाता है. उसके बाद नगांव व बक्सा जिलों में भी ऐसी दो बाड़ लगाई जा चुकी है. इससे 10 हजार लोगों को फायदा हुआ है.” वह बताती हैं कि यह बाड़ इस तरीके से लगाई जाती है कि गांव भी सुरक्षित रहे और हाथियों की आवाजाही का रास्ता भी बाधित नहीं हो.
असम के वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में कोई गिरफ्तारी या सजा नहीं होने की वजह से भी लोगों में अवैध तरीके से बिजली के तारों की बाड़ लगाने की प्रवृति बढ़ रही है. पुलिस व वन विभाग को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन ऐसे मामलों में लापरवाही बरती जाती है. शोणितपुर जिले के मानेरी नेशनल पार्क में वर्ष 2018 में ऐसे ही एक हाई वोल्टेज बिजली वाली बाड़ के संपर्क में आने पर वन विभाग के एक कर्मचारी की मौत हो गई थी. उसके बाद बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाया गया था और एफआईआर दर्ज हुई थी. लेकिन उसके बाद फिर सब कुछ जस का तस हो गया.
गुवाहाटी के मानद वाइल्ड लाइफ वार्डन कौशिक बरुआ कहते हैं, "ऐसे मामलों में सिर्फ गिरफ्तारी या सजा से कोई फायदा नहीं होगा. अगर हाथी किसानों के खेतों को लगातार नष्ट करते रहेंगे तो उनकी ओर से बदले की कार्रवाई तो होगी ही. ऐसे किसानों को मुआवजे का प्रावधान किया जाना चाहिए. इसके साथ ही उनमें जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए.”
जंगल बचाने वालों को कौन बचाए?
बिजली विभाग की जिम्मेदारी
बिजली के झटकों से हाथियों की मौत के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने बिजली व वन विभाग समेत कई अन्य विभागों के प्रतिनिधियों को लेकर एक कार्य बल का गठन किया था. लेकिन बावजूद इसके ऐसी मौतों पर अंकुश नहीं लग सका है. गुवाहाटी से सटे नारंगी इलाके में भी हाथियों के उपद्रव पर काबू पाने के लिए सेना ने नुकीली बाड़ लगाई है. उससे कई हाथी घायल हो चुके हैं.
ऐसी घटनाओं की तादाद बढ़ने के साथ बिजली विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि काफी कम ऊंचाई से गुजरने वाले हाई वोल्टेज तारों के झटके से होने वाली मौतों के लिए विभाग ही जिम्मेदार है. वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया के असम जोन के प्रमुख भास्कर चौधरी कहते हैं, "बिजली विभाग ने बिना किसी योजना के मनमानी तरीके से अवैध बस्तियों तक भी बिजली के तार पहुंचा दिए हैं. इनमें से कई बस्तियां जंगल की जमीन पर कब्जा कर बसी हैं. विभाग को उन तमाम इलाकों का नियमित सर्वेक्षण करना चाहिए.”
वन विभाग के अधिकारी भी बिजली विभाग पर लापरवाही के आरोप लगाते हैं. एक अधिकारी कहते हैं, "बिजली का कनेक्शन देने से पहले विभाग को इस बात की पुख्ता जांच करनी चाहिए कि संबंधित बस्ती कहीं वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर तो नहीं बसाई गई है.”
दूसरी ओर, बिजली विभाग के मुख्य महाप्रबंधक संजय कुमार भौमिक कहते हैं, "विभाग नियमित रूप से बिजली के पुराने तारों की जांच करता है. लेकिन अगर कोई अवैध तरीके से बाड़ लगाता है तो वह हमारे नियंत्रण से बाहर है.”
वाइल्ड लाइफ वार्डन बरुआ कहते हैं, "असली समस्या हाथियों के रहने की जगह का लगातार सिकुड़ते रहना है. इस पर अंकुश लगाने की दिशा में तत्काल ठोस कदम उठाना जरूरी है.”
चेन्नई, 19 दिसंबर अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) ने मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की है कि वह उसे बैटरी टॉर्च का चिन्ह आवंटित करे।
एमएनएम के अनुसार, उसने एमएनएम को बैटरी टॉर्च प्रतीक आवंटित करने और एमजीआर मक्कल काची को इसका इस्तेमाल करने से रोकने के लिए याचिका दायर की है। एमएनएम ने अपनी याचिका में कहा है कि वह चुनाव चिह्न् (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के प्रावधानों के अनुसार 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के लिए यह प्रतीक पाने की हकदार है।
हाल ही में चुनावी पैनल ने एमएनएम के 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में उसे 'बैटरी टॉर्च' का चिन्ह आवंटित करने का अनुरोध ठुकरा दिया था। जबकि 2019 में एमएनएम ने इसी चिन्ह से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, उसके बाद भी एमजीआर मक्कल काची को यह चुनाव चिन्ह दे दिया गया। एमएनएम को पुडुचेरी में भी यही चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है।
अब एमएनएम यह चुनाव चिन्ह पाने के लिए कानूनी सहारा ले रहा है। पार्टी के संस्थापक कमल हासन तमिलनाडु में चुनाव लड़ेंगे। (आईएएनएस)|