खेल
नई दिल्ली, 12 जनवरी । भारत और श्रीलंका के बीच आज खेले जाने वाले दूसरे वनडे मैच में मेहमान टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया है.
भारत-श्रीलंका से बीच तीन वनडे मैच की सिरीज़ हो रही है. इससे पहले हुई टी-20 सिरीज़ में भारत ने श्रीलंका को 2-0 से मात दी थी.
सिरीज़ के पहले मैच में भारत ने जीत हासिल की थी.
कोलकाता के ईडन गार्डन्स में आज हो रहे इस मैच में अगर भारत जीतता है तो सिरीज़ अपने नाम कर लेगा.
वहीं, सिरीज़ में बने रहने के लिए श्रीलंका का ये मैच जीतना ज़रूरी है.
रोहित शर्मा की कप्तानी में हो रहे इस मैच में अन्य खिलाड़ी हैं- एस गिल, केएल राहुल (विकेट कीपर), श्रेयस अय्यर, हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल, उमरान मलिक, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज.
बीसीसीआई के मुताबिक युज़वेंद्र चहल के चोटिल होने के कारण वो टीम का हिस्सा नहीं हैं. चहल की जगह कुलदीप यादव को टीम में लिया गया है. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 12 जनवरी | विश्व के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी स्पेन के कार्लोस अलकाराज 2023 सत्र की शुरूआत ब्यूनस आयर्स में अर्जेंटीना ओपन से करेंगे जो 11 फरवरी से खेला जाएगा। टूर्नामेंट आयोजकों ने ट्विटर पर यह घोषणा की।
अर्जेंटीना ओपन के आयोजकों ने बुधवार को ट्विटर पर कहा, "नंबर एक खिलाड़ी अर्जेंटीना में खेलेंगे। 19 वर्षीय स्पेन के खिलाड़ी पहली बार हमारे टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे।''
अलकाराज को ट्रेनिंग में दाएं पैर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन से हटना पड़ा था।
सत्र के पहले ग्रैंड स्लैम से हटने के कारण अलकाराज अपनी नंबर एक रैंकिंग गंवा सकते हैं लेकिन यह ऑस्ट्रेलियन ओपन के परिणाम पर निर्भर करेगा। नोवाक जोकोविच, कैस्पर रुड और स्टेफानोस सितसिपास नंबर वन बनने की होड़ में हैं।
अलकाराज के साथ अर्जेंटीना ओपन में इटली के लोरेंजो मुसेटी, ऑस्ट्रिया के डोमिनिक थिएम, ब्रिटेन के कैमरून नोरी और स्थानीय हीरो डिएगो श्वाट्र्जमैन जुड़ेंगे। (आईएएनएस)
मेलबर्न, 12 जनवरी | विश्व के नंबर दो खिलाड़ी और शीर्ष वरीयता प्राप्त स्पेन के राफेल नडाल को वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलियन ओपन में मुश्किल ड्रा मिला है और मेलबर्न पार्क में उनका पहला मुकाबला ब्रिटेन के इन-फॉर्म खिलाड़ी स्कॉट ड्रेपर से होगा। नडाल 22 ग्रैंड स्लैम खिताबों के साथ टेनिस इतिहास के सबसे सफल खिलाड़ी हैं।
2021 के विजेता और 21 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले जोकोविच और ऑस्ट्रेलिया की निक किर्गियोस ड्रा के निचले हाफ में उसी क्वार्टर में हैं और उनका क्वार्टरफाइनल में मुकाबला हो सकता है।
गत चैंपियन नडाल को हाल में अपने फॉर्म से संघर्ष करना पड़ा था और यूनाइटेड कप में वह ड्रेपर के हमवतन कैमरून नोरी से हार गए थे जिससे स्पेन यूनाइटेड कप में आगे नहीं जा पाया था।
यदि नडाल ब्रिटिश स्टार के रूप में पहली बाधा पार कर जाते हैं तो दूसरे राउंड में उनका मुकाबला अमेरिका के मैकेंजी मैक्डोनाल्ड या ब्रेंडन नाकाशिमा में से किसी एक से होगा।
नडाल के क्वार्टर में सातवीं सीड दानिल मेदवेदेव हैं। पिछले वर्ष यूएस ओपन में नडाल को हराने वाले 16वीं सीड फ्रांसिस तियाफो चौथे दौर में नडाल के प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं।
ड्रा के निचले हाफ में नौ बार के ऑस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन और ऑस्ट्रेलिया के निक किर्गियोस भी उसी क्वार्टर में हैं। 19वीं सीड किर्गियोस का तीसरे दौर में नौंवीं सीड होल्गर रुने से और चौथे राउंड में पांचवीं सीड आंद्रेई रुब्लेव से मुकाबला हो सकता है। वह क्वार्टरफाइनल में जोकोविच से भिड़ सकते हैं। जोकोविच अपने अभियान की शुरूआत स्पेन के रॉबटरे कार्बालेस बायेना के खिलाफ मुकाबले से करेंगे।
रुब्लेव की पहले राउंड में भिड़ंत पूर्व नंबर तीन और 2020 के ऑस्ट्रेलियन ओपन फाइनलिस्ट डोमिनिक थिएम से होगी। 13वीं सीड मातियो बेरेटिनी अपनी शुरूआत पूर्व नंबर एक एंडी मरे के खिलाफ मुकाबले से करेंगे। (आईएएनएस)
दुनिया के सबसे बेहतरीन फ़ुटबॉल खिलाड़ियों में शामिल क्रिस्टियानो रोनाल्डो जब से सऊदी अरब के अल-नस्र क्लब में शामिल हुए हैं, तब से सोशल मीडिया पर उनकी कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं.
किसी तस्वीर में वह सऊदी अधिकारियों के साथ खाना खाते नज़र आते हैं तो किसी वीडियो में वह प्रैक्टिस करते हुए नज़र आते हैं. हालांकि, दो मैचों के प्रतिबंध की वजह से वह अब तक सऊदी क्लब के लिए कोई मैच नहीं खेल सके हैं.
लेकिन उनकी निजी ज़िंदगी सऊदी अरब में बहस का विषय बन गयी है. क्योंकि रोनाल्डो सऊदी अरब के एक आलीशान घर में अपनी लिव-इन पार्टनर जॉर्जिना के साथ रह रहे हैं.
जबकि सऊदी अरब में लागू इस्लामिक शरिया क़ानून इसकी इजाज़त नहीं देता.
सऊदी अरब में किसी भी अविवाहित जोड़े का यौन संबंध बनाना या एक साथ रहना एक दंडनीय अपराध है. इसके लिए सख़्त सज़ा का प्रावधान भी है.
अब तक, सऊदी अरब के अधिकारियों, अल नस्र फुटबॉल क्लब या रोनाल्डो की तरफ़ से इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है.
मोहम्मद बिन सलमान का विज़न
रोनाल्डो के सऊदी अरब पहुंचने पर क्लब की ओर से किए गए भव्य स्वागत में उनकी पार्टनर जॉर्जिना अबाया पहनकर शामिल हुई थी.
बता दें कि रोनाल्डो के सऊदी क्लब में शामिल होने को अरब देशों के फुटबॉल की दुनिया में मील के पत्थर के रूप में देखा जा रहा है.
वहीं दूसरी ओर पर्यवेक्षक इसके राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रभावों पर भी चर्चा कर रहे हैं.
फ़ुटबॉल की दुनिया से जुड़े लोगों का मानना है कि रोनाल्डो को उनकी पार्टनर जॉर्जिना के साथ 'सऊदी अरब में रहने के लिए छूट मिल सकती है.
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विज़न 2030 के लिहाज़ से एक अहम क़दम है. और सऊदी अरब इसे 'स्पोर्ट वाशिंग' के तौर पर इस्तेमाल करते हुए देश में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघनों से ध्यान हटाने की कोशिश करेगा.
रोनाल्डो ने पिछले कुछ महीनों में अपने करियर को पूरी तरह बदलते और अंतिम चरण में प्रवेश करते देखा है.
एक साल पहले तक यह माना जा रहा था कि मैनचेस्टर यूनाइटेड से अपने करियर के शिखर तक पहुंचने वाले रोनाल्डो इसी क्लब के साथ फुटबॉल को अलविदा कहेंगे.
लेकिन क्लब की प्रबंधन टीम के साथ गंभीर मतभेद होने के बाद उन्होंने इस बारे में इंटरव्यू देकर तहलका मचा दिया था और इंटरव्यू देकर अपनी चिंताएं भी ज़ाहिर की थीं.
इस इंटरव्यू के बाद क्लब ने रोनाल्डो से अलग होने का फैसला कर लिया था.
इसी तरह, पिछले महीने पुर्तगाल की राष्ट्रीय टीम के साथ विश्व कप राउंड ऑफ़ 16 के एक मैच में पहली बार रोनाल्डो को फ़र्स्ट टीम में शामिल नहीं किया गया था.
पुर्तगाल की टीम उस मैच को तो आसानी से जीतने में कामयाब हुई, लेकिन क्वार्टर फाइनल में उसे मोरक्को की टीम के ख़िलाफ़ हार का सामना करना पड़ा.
रोनाल्डो अब 37 साल के हो चुके हैं और यह उनका आख़िरी फुटबॉल वर्ल्ड कप था. मोरक्को के ख़िलाफ़ मैच के अंत में, रोनाल्डो को अभिभूत होकर वापस जाते देखा गया था.
सऊदी अरब में शरिया क़ानून लागू है जो अविवाहित जोड़ों को एक साथ रहने से रोकता है.
आमतौर पर, जब भी कोई पुरुष और महिला किसी होटल में रहते हैं या मकान मालिक किसी को अपना घर किराए पर देते हैं, तो उनसे महरम होने का दस्तावेज़ी सबूत मांगा जाता है, जो अधिकारियों के पास जमा किया जाता है.
इस क़ानून का उल्लंघन करने पर सख्त क़ानूनी कार्रवाई की जा सकती है. हालांकि, इस क़ानून पर अमल करने में पिछले कई वर्षों से विदेशियों के लिए नरमी बरती गई है.
साल 2019 में सऊदी अरब की वीज़ा नीति में ढील दी गई थी, जिसके मुताबिक़ अविवाहित विदेशी जोड़े भी होटल के कमरे ले सकेंगे, जबकि महिलाओं को भी होटल के कमरों में रहने की इजाज़त होगी, लेकिन उन्हें अकेले रहना होता है.
इससे पहले, जोड़ों को कमरा लेने के लिए शादी का प्रमाण देना पड़ता था.
लेकिन रोनाल्डो और जॉर्जिना को सऊदी अरब में एक लंबे समय तक रहना होगा, इसलिए उनका वहां रहना बहस का विषय बना हुआ है.
इस संबंध में क़ानूनी जानकारों की यही राय है कि सऊदी अरब क़ानून में बदलाव तो नहीं करेगा, लेकिन रोनाल्डो और जॉर्जिना के मामले में विदेशियों के लिए बरती जाने वाली नरमी इस केस में भी देखी जा सकती है.
स्पेनिश न्यूज़ एजेंसी ईएफ़ई ने सऊदी अरब के दो वकीलों के हवाले से बताया है कि रोनाल्डो का एक बेहतरीन खिलाड़ी होना उन्हें सऊदी अरब सरकार की कार्रवाई से बचा सकता है.
न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए इस वक़ील ने कहा है, 'हालांकि, कानून के मुताबिक़ शादी के बिना साथ रहना अब भी अपराध है. लेकिन सरकारी संस्थाओं ने अब ये सब नज़रअंदाज़ करना शुरू कर दिया है और किसी को इसके लिए सज़ा नहीं दी जाती है. लेकिन कोई अपराध होने की स्थिति में इस क़ानून को लागू किया जाता है.'
रोनाल्डो और जॉर्जिना का रिश्ता अब लगभग सात साल पुराना हो चुका है. दोनों साल 2016 से साथ हैं जब रोनाल्डो स्पेनिश फुटबॉल क्लब रियल मैड्रिड के लिए खेल रहे थे.
जॉर्जिना और रोनाल्डो की अभी तक शादी तो नहीं हुई है लेकिन उनके दो बच्चे हैं.
इस बारे में जहां ज्यादातर लोग यह अनुमान लगा रहे हैं कि सऊदी सरकार रोनाल्डो को यह छूट देगी, वहीं एक यूज़र ने इस बाबत अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि ''क़ानून और धर्म सिर्फ़ ग़रीबों के लिए होते हैं.''
इसी तरह कुछ यूज़र्स ने इस संबंध में सऊदी अधिकारियों की संभावित रियायत का स्वागत भी किया, लेकिन यह सवाल भी किया कि क्या रोनाल्डो अब जॉर्जिना से शादी कर लेंगे.
कोलकाता, 11 जनवरी। इशान किशन के विश्व रिकॉर्ड दोहरा शतक जड़ने के बावजूद भारतीय एकदिवसीय अंतिम एकादश से बाहर होने को लेकर भले ही राय बंटी हुई हो लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि इस तेजतर्रार विकेटकीपर बल्लेबाज को अपने समय के लिए इंतजार करना होगा क्योंकि शुभमन गिल ने कुछ भी गलत नहीं किया है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष ने गांगुली ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि उसे (किशन को) मौका मिलेगा। उसका समय आएगा।’’
अक्टूबर-नवंबर में घरेलू सरजमीं पर होने वाले एकदिवसीय विश्व कप से पहले 50 ओवर के प्रारूप में भारत का कार्यक्रम काफी व्यस्त है।
बाएं हाथ के बल्लेबाज किशन ने 10 दिसंबर को चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ इतिहास रचा जब उन्होंने 131 गेंदों पर 210 रन बनाए। वह एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में सबसे कम उम्र में और सबसे तेज दोहरा शतक बनाने वाले खिलाड़ी बने।
इस पारी के बावजूद उन्हें भारत के अगले एकदिवसीय मैच में जगह नहीं मिली क्योंकि उन्हें मंगलवार को गुवाहाटी में श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला के पहले मैच में सलामी शुभमन गिल के लिए जगह बनानी पड़ी।
वेंकटेश प्रसाद सहित कई पूर्व क्रिकेटरों ने गुवाहाटी वनडे में किशन को बाहर करने के टीम इंडिया के फैसले की आलोचना की लेकिन गांगुली ने चुप रहना चुना।
गांगुली ने एक प्रचार कार्यक्रम के इतर कहा, ‘‘मुझे नहीं पता..मेरे लिए यह कहना मुश्किल है। भारत में हमारे पास बहुत अधिक राय हैं, (मुख्य कोच) राहुल द्रविड़ और (कप्तान) रोहित शर्मा को फैसला करने दें। जो लोग वास्तव में खेल खेलते हैं उन्हें वास्तव में यह तय करना चाहिए कि कौन सर्वश्रेष्ठ है।’’
गुवाहाटी एकदिवसीय मैच में विराट कोहली ने अपना 45वां एकदिवसीय शतक लगाया और सचिन तेंदुलकर के सर्वकालिक रिकॉर्ड 49 शतकों से चार शतक पीछे हैं।
कोहली और तेंदुलकर की तुलना के बारे में पूछने पर गांगुली ने कहा, ‘‘इस सवाल का जवाब देना मुश्किल है। कोहली एक शानदार खिलाड़ी हैं। उन्होंने ऐसी कई पारियां खेली हैं, 45 शतक ऐसे नहीं बन जाते। वह एक विशेष प्रतिभा है। ऐसा समय भी होगा जब वह स्कोर नहीं करेगा लेकिन वह एक विशेष खिलाड़ी है।’’
कार दुर्घटना के बाद रिहैबिलिटेशन से गुजर रहे ऋषभ पंत इस बार आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की अगुआई करने के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।
तीन साल के बाद दोबारा इस आईपीएल टीम से जुड़ने वाले गांगुली ने कहा, ‘‘हमारे पास जो भी टीम होगी हम उसके साथ सर्वश्रेष्ठ करेंगे। हर बार एक चुनौती होती है, हमारे पास 2019 में एक अलग टीम थी। मैं तीन साल तक यहां नहीं था और हम इस बार अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे।’’ (भाषा)
नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल की मेहुली घोष और उत्तराखंड के अंकुर गोयल ने यहां कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में ग्रुप ए निशानेबाजों के लिए राष्ट्रीय शूटिंग ट्रायल (राइफल/पिस्टल) के चौथे दिन महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल टी1 और पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल टी2 स्पर्धा को अपने नाम किया। स्वर्ण पदक मुकाबले में मेहुली ने तमिलनाडु की आर नर्मदा नितिन पर 17-9 की जीत दर्ज की, जबकि अंकुर ने राजस्थान के भावेश शेखावत को मेडल राउंड में 29-25 से मात दी।
नर्मदा ने क्वालीफिकेशन में 60 शॉट के बाद 633.5 की गुणवत्ता के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया था, जबकि मेहुली ने 631.2 अंक हासिल किए थे। ओलंपियन एलावेनी वलारिवन, जिन्होंने कांस्य जीता, 629.3 के साथ क्वालीफाइंग में पांचवें स्थान पर रहीं। शीर्ष आठ में, नर्मदा और मेहुली दोनों 264.2 के समान स्कोर के साथ शीर्ष पर रहीं और स्वर्ण पदक मैच में आपस में भिड़ीं।
पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल टी2 में, अंकुर ने 580 के स्कोर के साथ क्वालीफाइंग में चौथा स्थान हासिल किया। यहां भी, अंतिम रजत पदक विजेता भवेश 585 के साथ शीर्ष पर रहे। कांस्य पदक विजेता विजयवीर भी क्वालीफाइंग में 580 के साथ पांचवें स्थान पर रहे। इसके बाद भावेश और विजयवीर पहले सेमीफाइनल में 1-2 पर रहे और अंकुर और अनहद जवंदा के साथ जुड़ गए जो दूसरे सेमीफाइनल में 1-2 रहे ।
(फिलेम दीपक सिंह)
भुवनेश्वर/राउरकेला, 11 जनवरी। यहां शुक्रवार से शुरू हो रहे एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप में भाग लेने वाली टीमों का विश्लेषण।
अर्जेंटीना (विश्व रैंकिंग: सात)
रियो ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना अमेरिकी महाद्वीप की शीर्ष टीम है जिसने 14 मौकों पर महाद्वीपीय खिताब जीता है।
तेजतर्रार शैली और तकनीकी क्षमता के साथ टीम अपने दिन दुनिया की किसी भी टीम को हरा सकती है। उन्होंने नवंबर में ओलंपिक और विश्व चैंपियन बेल्जियम पर अपनी 2-1 की जीत के दौरान यह दर्शाया था।
अर्जेंटीना के पूर्व गोलकीपर मारियानो रोनकोनी के मार्गदर्शन में खल रही टीम हालांकि टीम विश्व कप में संघर्ष करती रही है। अर्जेन्टीना की टीम अब तक 13 प्रास में सिर्फ एक बार 2014 में सेमीफाइनल में पहुंची और तब टीम तीसरे स्थान पर रही थी।
पिछली बार टीम अपने ग्रुप में शीर्ष पर थी लेकिन क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड से 2-3 से हार गई।
टीम को स्टार पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ गोंजालो पिलात की कमी महसूस होगी जो अर्जेंटीना के लिए 100 से अधिक मैच खेलने के बाद जर्मनी की टीम से जुड़ गए।
अगस्टिन माजिली, लुकास विला और टीम के कप्तान मातियास रे पर भी सभी की नजरें रहेंगी।
ऑस्ट्रेलिया (विश्व रैंकिंग: एक)
पिछले 30 बरस में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पुरुष हॉकी में सबसे निरंतर प्रदर्शन किया है। इस दौरान टीम एफआईएच विश्व रैंकिंग में शीर्ष चार में बनी रही। उन्होंने ओलंपिक, विश्व कप, एफआईएच हॉकी प्रो लीग और ओसियाना कप खिताब सहित सभी टूर्नामेंट जीते।
पूर्व स्ट्राइकर कॉलिन बैच में मार्गदर्शन में खेल रही टीम ने 2021 में तोक्यो ओलंपिक में बेल्जियम से शूट-आउट में हार के बाद से बहुत अधिक मुकाबले नहीं खेले हैं। टीम ने हालांकि पिछले साल अगस्त में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में भारत को 7-0 से हराकर सातवीं बार खिताब अपने नाम किया।
तब से उन्होंने नवंबर-दिसंबर में घरेलू श्रृंखला में भारत के खिलाफ सिर्फ पांच मैच खेले जिसमें टीम ने 4-1 से जीत दर्ज की।
ऑस्ट्रेलिया ने इस सत्र में अपना प्रो-लीग अभियान शुरू नहीं किया है लेकिन उसे तेज गति की हॉकी के लिए जाना जाता है और टीम मजबूत डिफेंस के साथ आक्रामक हॉकी खेलती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऑस्ट्रेलियाई की नजरें रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले चौथे विश्व खिताब पर होंगी।
पिछले टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर रही टीम के अहम खिलाड़ी कप्तान एडी ओकेनडेन, पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ ब्लेक गोवर्स, डिफेंडर जेक हार्वी और मिडफील्डर एरेन जालेवस्की हैं।
बेल्जियम (विश्व रैंकिंग: दो)
यूरोपीय देशों के बीच बेल्जियम ने पिछले दो दशक में शीर्ष स्थान का सफर तय किया है। पिछले कुछ समय में टीम ने विश्व कप (2018), ओलंपिक (2021), यूरोपीय चैम्पियनशिप (2019) और एफआईएच हॉकी प्रो लीग (2020-21) सहित सभी प्रमुख खिताब जीते हैं।
गत चैंपियन टीम एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड के साथ खिताब जीतने की प्रबल दावेदार है।
नीदरलैंड के माइकल वैन डेन ह्यूवेल के मार्गदर्शन में खेल रही टीम के पास विभाग में ताकत और गहराई है और उसके पास दुनिया के कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं।
टीम ने अनुभवी खिलाड़यों पर भरोसा किया है। टीम के आधे से अधिक खिलाड़ी 30 साल से अधिक के हैं और टीम के आधे से अधिक खिलाड़ियों ने 200 के करीब या इससे अधिक मैच खेले हैं।
एफआईएच के साल के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर की दौड़ में भारत के पीआर श्रीजेश से पिछड़े विन्सेंट वनाश और लोइक वान डोरेन के रूप में टीम के पास दो विश्व स्तरीय गोलकीपर हैं जबकि आर्थर वान डोरेन, विक्टर वेगनेज, फेलिक्स डेनेयर, फ्लोरेंट वान ऑबेल, जॉन-जॉन डोहमेन, अलेक्जेंडर हेंड्रिकक्स, आर्थर डि स्लोवर और टॉम बून के रूप में टीम के पास असाधारण खिलाड़ी है।
जर्मनी (विश्व रैंकिंग: चार)
चार ओलंपिक स्वर्ण पदक, दो विश्व कप और आठ यूरोपीय खिताबों के साथ जर्मनी का अंतरराष्ट्रीय हॉकी में एक जीवंत इतिहास रहा है। टीम ओलंपिक और विश्व कप में लगातार अच्छा प्रदर्शन करती रही है और ओडिशा में टीम इसे दोहराना चाहेगी।
तोक्या ओलंपिक में कांस्य पदक के प्ले ऑफ में भारत से हारने के बाद जर्मनी को आंद्रे हेनिंग के रूप में एक नया कोच मिला। टीम ने पिछले साल 18 में से 13 मैच जीतकर आठ महीने से अधिक की लंबी तैयारी की है।
साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी की दौड़ में शामिल रहे फॉरवर्ड निकलास वेलेन और सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर की दौड़ में शामिल गोलकीपर अलेक्जेंडर स्टेडलर जर्मनी की टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। अन्य स्टार खिलाड़ी फारवर्ड क्रिस्टोफर रुहर और कप्तान मैट्स ग्रामबश हैं। स्टार पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ गोंजालो पिलाट ने 2016 में अर्जेन्टीना को ओलंपिक स्वर्ण दिलाने में मदद की थी और वह टीम को संतुलन प्रदर्शन करते हैं।
भारत (विश्व रैंकिंग: छह)
भारत ने 1975 में एक बार विश्व कप जीता है और तब से सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने में असफल रहा है। उन्होंने 1971 में पहले टूर्नामेंट में कांस्य और 1973 में रजत पदक जीता। पिछले टूर्नामेंट में भुवनेश्वर में टीम ग्रुप चरण में शीर्ष पर रही लेकिन क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड से हार गई। टीम 1978 से 2014 तक ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ सकी।
ओलंपिक 2008 के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहने सहित विश्व स्तर पर पिछड़ने के बाद भारत एक बार फिर मजबूत दावेदार बनकर उभरा है।
एफआईएच हॉकी प्रो लीग के 2021-22 सत्र में तीसरे स्थान पर रहने के बाद तोक्या ओलंपिक टीम ने ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता।
जब से ग्राहम रीड ने मुख्य कोच का पद संभाला है भारत का कद और बढ़ गया है। वह भारत को कुशल और अनुशासित टीम बनाने में सफल रहे हैं जिसका विरोधी सम्मान करते हैं और उससे डरते भी हैं।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 0-7 से हारने के बाद भारत ने इस टीम के खिलाफ उसकी सरजमीं पर बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन फिर भी श्रृंखला 1-4 से हार गया।
कप्तान और एफआईएच के साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह शानदार डिफेंडर और के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर में से एक हैं। गोलकीपर पीआर श्रीजेश, दिग्गज मिडफील्डर मनप्रीत सिंह और हार्दिक सिंह तथा स्ट्राइकर मनदीप सिंह खेल का रुख बदलने में सक्षम हैं।
डिफेंडर और पूर्व कप्तान अमित रोहिदास और फारवर्ड आकाशदीप सिंह पर भी नजरें रहेंगी।
नीदरलैंड: (विश्व रैंकिंग: तीन)
खिलाड़ी के रूप में दो ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले मुख्य कोच जेरोइन डेलमी के मार्गदर्शन में नीदरलैंड की टीम प्रदर्शन में निरंतरता लाने में सफल रही है। वर्ष 2021 के दूसरे हाफ में पद संभालने के बाद डेलमी ने टीम को मजबूत बनाया है।
एफआईएच हॉकी प्रो लीग के 2021-22 सत्र में अपने 16 मैच में से 12 मैच जीतकर टीम ने खिताब जीता।
पिछले दो एफआईएच पुरुष विश्व कप फाइनल में हार का सामना करने के बाद टीम की नजरें इस बार खिताब पर हैं। टीम चौथा विश्व खिताब जीतकर पाकिस्तान की बराबरी करने की कोशिश करेगी।
कप्तान थियेरी ब्रिंकमैन, स्ट्राइकर कोएन बिजेन, पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ जिप जेनसन और गोलकीपर पिरमिन ब्लाक उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन पर नजर रहेंगी।
इंग्लैंड (विश्व रैंकिंग: पांच)
इंग्लैंड केवल एक बार 1986 में विश्व कप फाइनल में खेला था और तब उसे लंदन में घरेलू दर्शकों के सामने ऑस्ट्रेलिया से 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था। वे पिछले तीन टूर्नामेंट में चौथे स्थान पर रहे और नए मुख्य कोच पॉल रेविंगटन के मार्गदर्शन में टीम अपना पहला खिताब जीतने की उम्मीद कर रही होगी।
वे इस विश्व कप में एक युवा टीम के साथ आए हैं जिसमें से 10 खिलाड़ियों को इस स्तर पर खेलने का अनुभव नहीं है। जैच वालेस, कोंडोन डेविड, मार्टिन हैरी और रोपर फिल इंग्लैंड के उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन पर नजर रहेंगी।
स्पेन (विश्व रैंकिंग: आठ)
स्पेन ने 1971 में पहले विश्व कप की मेजबानी की। टीम दो बार विश्व कप फाइनल खेल चुकी है लेकिन खिताब जीतने में नाकाम रही।
टीम पूल डी में छिपा रुस्तम होगी जिसमें भारत, इंग्लैंड और वेल्स भी हैं। भारत और न्यूजीलैंड जैसी टीमों के खिलाफ हाल की जीत से टीम का मनोबल बढ़ा होगा।
कोच मैक्स कैलडास के मार्गदर्शन में खेल रही टीम को अल्वारो इग्लेसियस, रिकार्डो सांचेज और एनरिक गोंजालेज से काफी उम्मीदें रहेंगी।
कोरिया (विश्व रैंकिंग: 10)
पिछले टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहने के बाद कोरिया ने एशिया कप में शानदार जीत के साथ विश्व कप में वापसी की, जहां उन्होंने फाइनल में मलेशिया को हराया।
टीम नवंबर में सुल्तान अजलन शाह कप के फाइनल में मलेशिया से हारकर उप विजेता रही।
सदाबहार 39 वर्षीय कप्तान नामयोंग ली टीम के प्रमुख खिलाड़ी हैं।
न्यूजीलैंड (विश्व रैंकिंग: नौ)
न्यूजीलैंड अपने 11वें विश्व कप में प्रतिस्पर्धा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। टीम कभी विश्व कप में सातवें से बेहतर स्थान हासिल नहीं कर पाई है यह सब इस बार बदल सकता है।
टीम के पास वास्तव में विश्व स्तर के कुछ खिलाड़ी हैं। टीम को डिफेंडर ब्लेयर टैरेंट, अनुभवी स्ट्राइकर साइमन चाइल्ड, पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ केन रसेल, मिडफील्डर निक रॉस और 19 वर्षीय चार्ली मॉरिसन से काफी उम्मीदें होंगी। (भाषा)
कुआलालम्पुर, 11 जनवरी। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पी वी सिंधू चोट के उबरने के बाद वापसी करते हुए पहले ही दौर में हार गई जबकि फॉर्म में चल रहे एच एस प्रणय ने अपना शानदार फॉर्म बरकरार रखते हुए मलेशिया ओपन सुपर 1000 टूर्नामेंट के रोमांचक मुकाबले में बुधवार को हमवतन लक्ष्य सेन को हरा दिया ।
छठी वरीयता प्राप्त सिंधू अगस्त में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद बायें टखने में हुए फ्रेक्चर से उबरकर वापसी कर रही थी । उन्हें रियो ओलंपिक चैम्पियन स्पेन की कैरोलिना मारिन ने 21 . 12, 10.21, 21 . 15 से हराया ।
इससे पहले पिछले साल विश्व रैकिंग में आठवें स्थान पर पहुंचे प्रणय ने एक गेम से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 10वीं रैंकिंग वाले सेन को 22 . 24, 21 . 12, 21 . 18 से हराया ।
केरल के 30 वर्ष के प्रणय का सामना अब इंडोनेशिया के चिको ओरा द्वि वोर्डोयो से होगा । सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी भी कोरिया के चोइ सोल यू और किम वोन हो को 21 . 16, 21 . 13 से हराकर प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए ।
अब उनका सामना इंडोनेशिया के मोहम्मद शोहिबुल फिकरी और बाबास मौलाना से होगा ।
मालविका बंसोड़ पहले दौर में कोरिया की अन सि यंग से 9 . 21, 13 . 21 से हार गई । महिला युगल में अश्विनी भट और शिखा गौतम पहले दौर में थाईलैंड की एस पाएवसम्परान और पुतिता एस से 10 . 21, 13 . 21 से हार गई ।
प्रणय और सेन की टक्कर पिछले साल पांच बार हुई जिसमें सेन 3 . 2 से आगे थे ।
इस मैच में दोनों ने तेज शुरूआत की और प्रणय ने दो अंक की बढत के साथ आगाज किया । सेन ने हालांकि जल्दी ही वापसी करके स्कोर 13 . 13 कर लिया । कुछ विवादित लाइन कॉल के बाद स्कोर 19 . 19 था । सेन ने एक अंक बनाया लेकिन तुरंत गंवा भी दिया । प्रणय भी बढत कायम नहीं रख सके और पहला गेम गंवा दिया ।
दूसरे गेम में प्रणय 4 . 1 से आगे थे जब सेन ने कई सहज गलतियां की । उसने आक्रामकता दिखाई लेकिन प्रणय उससे काफी आगे थे । प्रणय ने नौ अंकों की बढत के साथ यह गेम जीत लिया । निर्णायक गेम में सेन ने 8 . 4 की बढत बनाई लेकिन प्रणय ने जल्दी ही 9 .9 से वापसी की । इसके बाद से उन्होंने सेन को लौटने का मौका नहीं दिया ।
सिंधू का मारिन के खिलाफ इससे पहले रिकॉर्ड 5 . 9 का था । मैच की शुरूआत से ही मारिन ने बढत बना ली और पहला गेम आसानी से जीता । दूसरे गेम में सिंधू ने ब्रेक तक सात अंक की बढत बना ली थी जबकि मारिन के अधिकांश शॉट नेट में जा रहे थे । यह गेम जीतकर सिंधू ने वापसी की लेकिन निर्णायक गेम में मारिन ने आक्रामक खेल दिखाते हुए सिंधू को कोई मौका नहीं दिया। (भाषा)
मेलबर्न, 11 जनवरी। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने भारत के बहुप्रतीक्षित दौरे पर जीत दर्ज करने की क्या योजना बनाई जिसे उसके पूर्व कोच जस्टिन लैंगर ने एक समय ‘एवरेस्ट’ और दिग्गज स्टीव वॉ ने ‘अंतिम मोर्चा’ करार दिया था।
अमेजन ऑरिजिनल की डॉक्यूमेंट्री ‘द टेस्ट’ के दूसरे सत्र में उन रणनीतियों की जानदारी देने का वादा किया गया है जिन्हें मेहमान टीम भारत में जीत के 19 साल के इंतजार को खत्म करने के लिए आजमाएगी।
टेस्ट कप्तान पैट कमिंस ने 2004 में एडम गिलक्रिस्ट और रिकी पोंटिंग के नेतृत्व में मिली जीत को याद करते हुए कहा कि फरवरी-मार्च में उनके खिलाड़ियों का लक्ष्य इसी उपलब्धि को हासिल करना है।
ऑस्ट्रेलिया के पांच टेस्ट के इंग्लैंड के एशेज दौरे और भारतीय श्रृंखला के संदर्भ में कमिंस ने ‘द टेस्ट’ में कहा, ‘‘वे भारत में जीते, वे इंग्लैंड में जीते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह टेस्ट टीम (2004 की), चाहे वे दुनिया में कहीं भी खेले, वे सामंजस्य बैठा पाए। यह शानदार स्तर था। आप ऐसा ही करने की महत्वकांक्षा रखते हैं।’’
इस हफ्ते प्राइम वीडियो पर उपलब्ध होने वाली इस डॉक्यूमेंट्री में पिछले साल एशेज अभियान के लिए कमिंस को कप्तान बनाने और इसके बाद पाकिस्तान और श्रीलंका के दौरे के दौरान उनकी टीम की सफलता और विफलता को दर्शाया गया है।
यह शो उन खिलाड़ियों के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है जो वर्तमान टीम में शामिल हैं।
कमिंस ने खुलासा किया, ‘‘ऑस्ट्रेलिया में आप नई गेंद के साथ क्षेत्ररक्षकों को पास लगाते हैं और कोशिश करते हैं कि इसका अधिकतम लाभ उठा सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उपमहाद्वीप में यह विपरीत है। नई गेंद से मदद नहीं मिलती इसलिए आप शॉट रोकने का प्रयास करते हो और फिर आप उम्मीद करते हैं कि रिवर्स स्विंग शुरू हो जाए।’’
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा, ‘‘तब आपको अवसर का आभास होता है और आप विकेट हासिल करने के लिए जान लगा देते हो।’’
पाकिस्तान के अलावा डॉक्यूमेंट्री में 2016 में ऑस्ट्रेलियाई टीम के श्रीलंका दौरे का भी विश्लेषण है। (भाषा)
गुवाहाटी, 11 जनवरी | मुंबई के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने रणजी ट्रॉफी इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बना दिया है। असम के विरुद्ध ग्रुप बी के मुकाबले में 240 के पहले दिन के स्कोर से अपनी पारी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने 99 गेंदों पर 139 रन बनाए। वह 379 रन बनाकर पवेलियन लौटे।
भाऊसाहेब निंबलकर, जिन्होंने महाराष्ट्र की ओर से खेलते हुए काठियावाड़ के विरुद्ध दिसंबर 1948 में 443 रन बनाए थे, अब भी रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक निजी स्कोर और सर्वाधिक प्रथम श्रेणी स्कोर बनाने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सूची में शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं। शॉ अब इन दोनों सूचियों में दूसरे स्थान पर आ गए हैं।
बुधवार को शॉ रणजी ट्रॉफी की एक पारी में 350 रन बनाने वाले नौवें खिलाड़ी बन गए। उन्होंने स्वप्निल गुगाले (351 नाबाद), चेतेश्वर पुजारा (352), वी वी एस लक्ष्मण (353), समित गोहेल (359 नाबाद) और संजय मांजरेकर (377) को पीछे छोड़ा। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह 400 का आंकड़ा पार कर जाएंगे लेकिन लंच से पहले के अंतिम ओवर में रियान पराग की गेंद पर वह पगबाधा हुए।
शॉ ने तीन साझेदारियां निभाई और तीनों में उनका योगदान सर्वाधिक था। पहले विकेट के लिए मुशीर खान के साथ 123 रनों की साझेदारी में उन्होंने 75 रन बनाए। अरमान जाफर के साथ दूसरे विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी में शॉ के बल्ले से 42 रन निकले। मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 401 रनों की साझेदारी में उन्होंने 262 रनों का योगदान दिया।
इस पारी ने शॉ के खराब फॉर्म के सिलसिले को समाप्त किया। पिछली सात रणजी ट्रॉफी पारियों में शॉ के बल्ले से केवल एक अर्धशतक निकला था लेकिन शायद इस पारी ने उन्हें भारतीय टीम का एक दावेदार बना दिया है। अब तक पांच टेस्ट, छह वनडे और एक टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके शॉ ने आखिरी बार जुलाई 2021 में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया था।
स्पोर्टस्टार के साथ पहले दिन के अंत में एक साक्षात्कार में, शॉ ने अपेक्षाओं को प्रबंधित करने और आलोचना से निपटने की चुनौतियों के बारे में बात की थी।
शॉ ने कहा, "मैं समझ चुका हूं कि जब आप रन बनाते हैं तब आप बहुत अच्छा महसूस करते हैं। लेकिन जब आप रन नहीं बनाते तब लोग आपके पीछे पड़ेंगे। जब आप रन बनाते हैं तब उम्मीदें काफी रहती है, तो जब आप तीन या चार पारियों में जल्दी आउट हो जाते हैं तब लोग - यार ये है, वो है - कहने लगते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "केवल आप ही जानते हैं कि क्या आप प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं, या क्या आप पहले से अधिक अनुशासित हैं, क्या आप समय पर सो रहे हैं, खेल से पहले अच्छा खा रहे हैं। वे सभी चीजें मायने रखती हैं। मैं बस उन बातों को फॉलो करने की कोशिश कर रहा हूं और कोशिश कर रहा हूं कि जितना हो सके अकेले में समय बिताऊं। मैंने बाहर के शोर को काट दिया - चाहे वह सोशल मीडिया पर हो या अन्य प्लेटफॉर्म पर।"
सलामी बल्लेबाज ने आगे कहा, "मैं उन चीजों से दूर रहने की कोशिश करता हूं या कभी-कभी अपने मैनेजर से सोशल-मीडिया गतिविधियों को संभालने के लिए कहता हूं। मेरे पास ब्रांड प्रतिबद्धताएं हैं, और इसलिए सोशल मीडिया से दूर रहना संभव नहीं है, और इस प्रकार, आप अंतत: देखते हैं कि क्या लिखा या बोला जा रहा है। लेकिन मैं अभी भी जितना हो सके शोर को कम करने की कोशिश कर रहा हूं।"
उन्होंने आगे बताया, "लोग आपके बारे में बात कर रहे हैं और फिर 10 साल बाद भी वही करते रहेंगे, इसलिए आपको इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए, क्योंकि अगर आप लाइनों के बीच बहुत ज्यादा पढ़ना शुरू कर देंगे, तो आप खुद को प्रभावित कर रहे होंगे।" (आईएएनएस)|
गुवाहाटी, 11 जनवरी। भारत के युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल कप्तान रोहित शर्मा और टीम प्रबंधन के सहयोग से खुश हैं जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे में उन्हें स्वाभाविक खेल दिखाने की छूट दी।
रोहित ने पारी की शुरूआत के लिये ईशान किशन पर गिल को तरजीह दी और इस युवा बल्लेबाज ने 60 गेंद में 70 रन बनाकर उनके भरोसे को सही साबित कर दिखाया ।
गिल ने कहा ,‘‘ जब आपका कप्तान आपका साथ देता है तो अच्छा लगता है । अभ्यास सत्रों में भी हमने यही बात की कि मुझे अपना स्वाभाविक खेल दिखाना है । मैं उस लय को कायम रखना चाहूंगा ।’’
गिल ने 2022 में 12 पारियों में 638 रन बनाये जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं ।
शीर्षक्रम में रोहित के साथ तालमेल पर उन्होंने कहा ,‘‘ हमने मुख्य रूप से टेस्ट में बल्लेबाजी की है ।उसके साथ बल्लेबाजी करके अच्छा लगता है ।हम यही बात करते हैं कि किस बल्लेबाज को निशाना बनाना है और रन कैसे तेजी से बनाने हैं ।’’
शतक से चूकने के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ निश्चित तौर पर मैं निराश हूं कि 70 रन पर आउट हो गया । मैने बड़ी पारी खेलने के लिये काफी मेहनत की थी । मैं 20वें ओवर में आउट हो गया जबकि उसके बाद 30 ओवर और खेलने थे ।’’
जवाब में श्रीलंका ने सात विकेट 179 रन पर गंवा दिये थे लेकिन दासुन शनाका ने नाबाद 108 रन बनाकर स्कोर आठ विकेट पर 306 रन तक पहुंचाया ।
इसके लिये ओस को जिम्मेदार ठहराते हुए गिल ने कहा ,‘‘ मुझे नहीं लगता कि गेंदबाजी चिंता का सबब है । हमने अच्छी गेंदबाजी की और उनके आठ विकेट लिये । ओस भी थी जिससे गेंदबाजी आसान नहीं थी । युजी और अक्षर दोनों ने च्छी गेंदबाजी की लेकिन कई बार गेंद गीली होने से परेशानी आती है ।’’ (भाषा)
असम के ख़िलाफ़ रणजी ट्रॉफ़ी मैच के दूसरे दिन मुंबई की ओर से पृथ्वी शॉ ने तिहरा शतक जड़ दिया है. ये उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी है.
शॉ ने पहले ही दिन 240 रन बनाकर फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया था.
मुंबई के लिए पारी शुरू करने के लिए उतरे पृथ्वी शॉ ने कुल 379 रन बनाए.
उन्होंने 383 गेंदों पर 49 चौकों और 4 छक्कों के ज़रिए ये शानदार पारी खेली है.
असम के अमीनगांव क्रिकेट ग्राउंड में हो रहे इस मैच में मुंबई की टीम टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाज़ी के लिए उतरी थी.
पृथ्वी शॉ फिलहाल भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं. उन्होंने आख़िरी बार 2021 में भारत के लिए कोई मुक़ाबला खेला था.
घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन होने के बावजूद भारतीय टीम में पृथ्वी शॉ का चयन न होने पर कई बार सवाल उठाए जा चुके हैं.
भारत ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ गुवाहाटी में खेला गया सिरीज़ का पहला एकदिवसीय मैच 67 रनों से जीता. भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 374 रनों का विशाल लक्ष्य दिया.
इसके जवाब में श्रीलंकाई टीम 50 ओवर में आठ विकेट के नुक़सान पर 306 रन ही बना सकी. एक समय ऐसा भी रहा जब श्रीलंका की टीम ने 200 रनों के अंदर ही अपने सात विकेट गंवा दिए थे.
लेकिन कप्तान दासुन शनाका ने अपनी कलाइयों का कमाल दिखाया और शानदार पारी खेलते हुए शतक जड़ा. हालांकि उनके इस शतक में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का भी हाथ था और अब सोशल मीडिया पर रोहित की खेल भावना की खूब तारीफ़ भी हो रही है.
दरअसल, श्रीलंका की पारी के आख़िरी ओवर में शनाका 98 रन बनाकर नॉन स्ट्राइकर एंड पर थे, लेकिन तभी मोहम्मद शमी ने उन्हें मानकडिंग के तहत रनआउट कर दिया. शमी ने अंपायर से अपील की, जिसके बाद फ़ील्ड अंपायर ने थर्ड अंपायर का रुख़ किया. हालांकि, रोहित शर्मा ने दखल देते हुए रनआउट की अपील वापस ले ली और इस तरह शनाका को जीवनदान मिला.
पोस्ट मैच सेरेमनी के दौरान जब रोहित शर्मा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता था कि शमी ने ऐसा किया है. दासुन शनाका 98 रन बनाकर बल्लेबाज़ी कर रहे थे. जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाज़ी की वह शानदार थी, हम उन्हें इस तरह आउट नहीं कर सकते थे." (bbc.com/hindi)
मनोज चतुर्वेदी
- भुवनेश्वर देश का इकलौता शहर है, जो 2018 के बाद दूसरी बार विश्व कप का आयोजन कर रहा है.
- भारत ने आख़िरी बार 1975 में अजितपाल सिंह के नेतृत्व में स्वर्ण पदक जीता था.
- भारत के ग्रुप में इंग्लैंड और स्पेन जैसी मजबूत टीमें हैं.
- भारत के पास हरमनप्रीत के रूप अच्छा ड्रैग फ्लिकर. टीम को उनसे काफी उम्मीदें हैं.
- पिछले दो दशकों में सबसे दमदार प्रदर्शन करने वाली टीम में ऑस्ट्रेलिया शामिल.
- छले पांच सालों के दौरान बेल्जियम जैसा बेहतर प्रदर्शन किसी अन्य टीम का नहीं रहा है
ओडिशा के राउरकेला और भुवनेश्वर में 13 से 29 जनवरी तक 15वें हॉकी विश्व कप का आयोजन होने जा रहा है.
इस विश्व कप के लिए राउरकेला में ख़ासतौर से आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा के नाम पर स्टेडियम का निर्माण किया गया है.
विश्व कप के मैच शुरू होने से दो दिन पहले यानी 11 जनवरी को कटक के बाराबती स्टेडियम में उद्घाटन समारोह का आयोजन होगा.
इसमें बॉलीवुड स्टार रणबीर सिंह, दिशा पटानी, संगीतकार प्रीतम, गायिका नीति मोहन, गायक बेनी दयाल के साथ ब्लैकसन डांस ग्रुप प्रदर्शन करता नजर आएगा.
भुवनेश्वर देश का इकलौता शहर है, जो कि विश्व कप का दूसरी बार आयोजन कर रहा है. यहां 2018 के विश्व कप का भी आयोजन हुआ था.
भारत इससे पहले मुंबई, नई दिल्ली और भुवनेश्वर में विश्व कप का आयोजन कर चुका है. पर कोई भी मेजबानी उसे पोडियम पर चढ़ाने में कामयाब नहीं हो सकी है.
लेकिन इस बार भारत को 47 सालों से चला आ रहा पदक का सूखा ख़त्म होने का पूरा भरोसा है.
भारत ने आख़िरी बार 1975 में अजितपाल सिंह के नेतृत्व में स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद से भारतीय टीम कभी भी पोडियम पर नहीं चढ़ सकी है.
इससे पहले 1971 में विश्व कप की शुरुआत होने पर भारत ने कांस्य और 1973 में रजत पदक जीता था. इस तरह भारत के पास विश्व कप के तीन ही पदक हैं. पर इस बार इसमें एक और पदक जुड़ने की उम्मीद की जा रही है.
टूर्नामेंट में भाग लेने वाली टीमों को चार-चार के चार ग्रुपों में बांटा गया है. भारत को स्पेन, वेल्स और इंग्लैंड के साथ ग्रुप डी में रखा गया है. ग्रुप ए में ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका को रखा गया है. ग्रुप बी में पिछली चैंपियन बेल्जियम, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान को, ग्रुप सी में नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, मलेशिया और चिली को रखा गया है.
भारत के सभी ग्रुप मैच राउरकेला में खेले जाने हैं. भारत 13 जनवरी को स्पेन के साथ खेलकर अपने अभियान की शुरुआत करेगा. इसके बाद उसे 15 जनवरी को इंग्लैंड से और 19 जनवरी को वेल्स से खेलना है.
इस विश्व कप के फॉर्मेट के हिसाब से ग्रुप में पहले स्थान पर रहने वाली टीमों को सीधे क्वार्टर फाइनल में स्थान मिलेगा. ग्रुप में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीमें क्रॉसओवर मैचों को खेलकर क्वार्टर फ़ाइनल में स्थान बनाएंगी.
भारत के ग्रुप में इंग्लैंड और स्पेन जैसी मजबूत टीमों के होने से ग्रुप में पहला स्थान बनाना आसान नहीं है. इसके लिए सभी टीमों को फ़तह करना होगा.
भारत का अकेला ऐसा ग्रुप है जिसकी टॉप तीन टीमों की रैंकिंग में सिर्फ़ चार स्थानों का अंतर है. कुछ समय पहले तक भारत रैंकिंग में पांचवें स्थान पर था.
लेकिन अब उसकी जगह इंग्लैंड आ गई है और भारत छठे स्थान पर पिछड़ गया. वहीं स्पेन रैंकिंग में आठवें और वेल्स 15वें स्थान पर है.
भारत को घर में खेलने पर चहेते दर्शकों के समर्थन का लाभ मिलना तय है. असल में हॉकी में काफ़ी समय बाद मैच दर्शकों के बीच खेले जाने हैं.
दर्शक भारतीय टीम का समर्थन करने के लिए किस तरह पहुंचने वाले हैं, इसका अंदाजा स्पेन के साथ होने वाले पहले मैच के सभी टिकट बिकने से समझा जा सकता है.
स्पेन के कप्तान अलवारो इगलेशियस मैच के दौरान बनने वाली स्थिति से अच्छी तरह से वाक़िफ हैं.
उन्होंने राउरकेला पहुंचने पर कहा, "हम जानते हैं कि राउरकेला स्टेडियम बड़ा है और यहां दर्शक भी भरपूर आने वाले हैं. यहां मैच के दौरान इतना शोर रहने वाला है कि हमारे खिलाड़ियों को मैच में बात करने में दिक़्क़त होगी. यही नहीं रेफ़री के निर्देश सुनना भी मुश्किल होने वाला है. ''
''असल में दिक़्क़त पिछले कुछ सालों से टीमों का दर्शकों के बीच खेलने की आदत का छूट जाना है. इस माहौल में जो टीम जल्द अभ्यस्त हो जाएगी, उसे फ़ायदा मिलने वाला है."
स्पेन के अलावा इंग्लैंड ऐसी टीम है, जिससे पार पाना क़तई आसान नहीं है. बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में इन दोनों के बीच खेले गए मैचों की यादें अभी तक ताज़ा हैं.
दोनों देशों के बीच खेले मैच में एक समय भारतीय टीम ने 4-1 की बढ़त बना ली थी और लग रहा था कि वह मैच आसानी से जीते जा रहा है. पर इंग्लैंड की टीम 4-4 की बराबरी करने में सफल हो गई थी.
यहां तक स्पेन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की बात है तो इस साल एफआईएच प्रो लीग में भारत ने उसके ख़िलाफ़ एक मैच हारा और दूसरा पेनल्टी शूटआउट में जीता.
असल में दोनों ही टीमें बराबरी वालीं हैं, दिन विशेष पर बेहतर प्रदर्शन करने वाली टीम मैच को अपने पक्ष में कर सकती है. भारत के ग्रुप की चौथी टीम वेल्स भी अप्रत्याशित परिणाम निकालने का माद्दा रखती है.
पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली भारतीय टीम ने इसकी तैयारी के लिए पिछले साल के आख़िर में विश्व की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था.
इस दौरे पर भारतीय टीम पांच टेस्ट की सिरीज़ में एक जीत पाने में सफल रही. भारत को ऑस्ट्रेलिया पर छह साल बाद यह जीत मिली, जो कि मायने रखती है.
इस दौरे से टीम कॉमनवेल्थ गेम्स फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली 7-0 की हार से टूटे मनोबल को जोड़ने में सफल रही.
यही नहीं भारतीय खिलाड़ियों ने उसके ऊपर पांच मैचों में 17 गोल जमाकर यह दिखाया कि उनमें भी गोल जमाने का माद्दा है.
भारत के पास हरमनप्रीत के रूप अच्छा ड्रैग फ्लिकर तो है पर कोई दूसरे उनका साथ निभाने वाला नहीं है.
हालांकि टीम में अमित रोहिदास और वरुण कुमार हैं. पर यह दोनों ही पेनल्टी कॉनरों को गोल में बदलने में महारत नहीं रखते हैं.
मौजूदा दौर में खिलाड़ियों की फ़िटनेस बनाए रखने के लिए खिलाड़ियों को जल्द अंदर बाहर किया जाता है, इस कारण हर समय एक ड्रैग फ्लिकर का मैदान पर रहना ज़रूरी है.
इस कमी को दूर करने के लिए बेंगलुरू के साई सेंटर में दिसंबर माह में लगे प्रशिक्षण शिविर में कोच ग्राम रीड ने 1990 के दशक में नीदरलैंड के पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ ब्राम लोमंस को बारीकियां सिखाने के लिए बुलाया. इसका निश्चय ही फ़ायदा देखने को मिलने वाला है.
इसी तरह भारतीय गोलकीपिंग में अब तक श्रीजेश के विकल्प नहीं मिल सका है. हालांकि कृष्ण बहादुर पाठक को भी लंबा अनुभव है पर बचाव में कई बार ग़लतियां करते दिखते हैं. इसके लिए डेनिस वान डि पॉल से बारीकियां सिखायी गई हैं.
हम यदि पिछले पांच सालों की बात करें तो बेल्ज़ियम से बेहतर प्रदर्शन किसी अन्य टीम का नहीं रहा है. उन्होंने इस दौरान टोक्यो ओलंपिक का और 2018 की विश्व चैंपियनशिप का गोल्ड ही नहीं जीता बल्कि 2019 की यूरोपीय चैंपियनशिप का खिताब भी उनके नाम है.
इसलिए उन्हें एक बार फिर खिताब जीतने का मजबूत दावेदार माना जा रहा है. असल में वह बहुत ही संतुलित टीम है और हमलावर खेल से किसी भी टीम को छितराने की क्षमता रखती है.
इस ग्रुप की अन्य टीमें जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान हैं. बेल्ज़ियम को ग्रुप में पहले स्थान के लिए किसी टीम से तगड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है तो वह है जर्मनी.
यह सही है कि 2016 के रियो ओलंपिक के फ़ाइनल में अर्जेंटीना से हारने के अलावा वह हाल फ़िलहाल कोई दमदार प्रदर्शन नहीं कर सकी है. वैसे तो कोरिया और जापान भी उलटफ़ेर करने का माद्दा तो रखती हैं.
हम अगर पिछले दो दशकों में सबसे दमदार प्रदर्शन करने वाली टीम की बात करें तो वह है ऑस्ट्रेलिया. वह पिछले दो दशकों में विश्व कप में हमेशा ही टॉप चार टीमों में शामिल रही है. इस दौरान उन्होंने ओलंपिक, विश्व कप, एफआईएच प्रो लीग, कॉमनवेल्थ गेम्स सभी प्रमुख खिताबों पर कब्जा जमाया है.
टोक्यो ओलंपिक के फ़ाइनल में उसे बेल्ज़ियम से हारने पर रजत पदक से संतोष ज़रूर करना पड़ा था.
ऑस्ट्रेलिया के ग्रुप ए में 2016 की ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका की टीमें शामिल हैं.
ऑस्ट्रेलिया आजकल जिस तरह से खेल रही है, उससे तो नहीं लगता है कि इन टीमों में से किसी में उसे रोकने का माद्दा है.
पर फिर भी तीनों ही टीमें तेज़ हॉकी खेलने में विश्वास रखती हैं, इसलिए कुछ अप्रत्याशित कर भी सकती हैं. पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ओकेनडेन को इस बार खिताब जीतने का पूरा भरोसा है.
पी. श्रीजेश और वो 'दूसरा गोलकीपर' जिनकी बदौलत 41 साल बाद बना इतिहास
नीदरलैंड की टीम पिछले दो विश्व कपों से फ़ाइनल तक चुनौती तो पेश कर रही है पर खिताब पर कब्ज़ा नहीं जमा पा रही है.
वह पिछली बार फ़ाइनल में बेल्ज़ियम से पेनल्टी शूटआउट में हार गई थी. लेकिन उसे इस बार चौथा खिताब जीतने का पूरा भरोसा है.
नीदरलैंड ने पिछले कुछ सालों में युवा ब्रिगेड को लेकर टीम तैयार की है. पर उसे आख़िरी बार विश्व कप जीते 25 साल हो गए हैं.
वह क्षमतावान टीम तो है पर गोल्ड से दूरी वह ख़त्म कर पाएगी, कहना जरा मुश्किल है. (bbc.com/hindi)
श्रीलंका के ख़िलाफ गुवाहाटी में खेले गए पहले वनडे मैच में भारत ने 67 रन से जीत दर्ज की है.
भारत की शुरुआत शानदार रही. विराट कोहली के शतक और रोहित शर्मा और शुभमन गिल के अर्ध शतक की बदौलत भारत ने 50 ओवर में सात विकेट के नुकसान पर 373 रन बनाए.
कोहली ने 87 गेंदों पर 113 रन, रोहित शर्मा ने 67 गेंदों पर 83 रन और शुभमन गिल ने 60 गेंदों पर 70 रन बनाए.
श्रीलंका की ओर से कसुन रजीता ने सबसे ज़्यादा तीन विकेट लिए.
374 रन का पीछा करते हुए श्रीलंका की शुरुआत ख़राब रही. उनका पहला विकेट 19 रन के स्कोर पर ही गिर गया. 100 रन से पहले ही उनके तीन बल्लेबाज़ पवेलियन लौट चुके थे.
206 रन पर श्रीलंका का आठवां गिरा. नौवें विकेट के लिए दासुन शनाका और कसुन रजीथा ने पारी को संभाला. शनाका ने कुछ शानदार शॉट लगाए, आख़िरी ओवर में अपना शतक पूरा किया. वो श्रीलंका को 300 के पार ले गए लेकिन जीत तक नहीं पहुंचा सके.
श्रीलंका की टीम 50 ओवर में 8 विकेट पर 306 रन ही बना सकी. (bbc.com/hindi)
गुवाहाटी, 10 जनवरी | श्रीलंका के खिलाफ मंगलवार को श्रृंखला के पहले मैच में अपना 45वां वनडे शतक लगाने के बाद विराट कोहली ने कहा कि वह सीमित ओवर के प्रारूप में लगातार दो शतक लगाकर और भारत को 370 से ऊपर के स्कोर तक पहुंचाकर खुश हैं। दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैचों में अपने तीन साल के शतक के सूखे को खत्म करने के बाद, पूर्व भारतीय कप्तान ने तीन मैचों की श्रृंखला के पहले वनडे मैच में श्रीलंका के खिलाफ 113 रन बनाए। कोहली के नाम अब 45 वनडे शतक हो गए हैं, जिससे वह महान सचिन तेंदुलकर के 49 वनडे शतकों के विश्व रिकॉर्ड के करीब आ गए हैं।
उन्होंने कहा, "इस मैच से पहले मुझे थोड़ा ब्रेक मिला है, कुछ अभ्यास सत्र हुए हैं। मैं बांग्लादेश दौरे के बाद मानसिक रूप से तरोताजा हो गया हूं, जहां दूसरे हाफ में चीजें मेरे लिए योजना के मुताबिक नहीं रहीं। मैं टूर्नामेंट के लिए काफी उत्साहित था। घरेलू सीजन शुरू होने वाला था और नेट्स में गेंद को वास्तव में अच्छी तरह हिट कर रहा था।"
"सलामी बल्लेबाजों ने जिस तरह से खेला, उससे मुझे अपना गेम खेलने का मौका मिला। हमने श्रीलंका पर शुरू से ही दबाव बनाए। मुझे पूरी पारी में बल्लेबाजी करनी थी जैसा कि मैं हमेशा एकदिवसीय मैचों में करता हूं लेकिन फिर भी अपने स्ट्राइक-रेट को नियंत्रण में रखने में सफल रहा क्योंकि हमें बड़े स्कोर की जरूरत थी और ओस एक कारक होने वाली थी। मुझे खुशी है कि मैं खेल की गति से खेल सका और यह सुनिश्चित किया कि हम न केवल 340, बल्कि 370 से अधिक का स्कोर बनाएं।"
कोहली का शतक वनडे में श्रीलंका के खिलाफ उनका नौवां शतक था, जिससे वह तेंदुलकर के मील के पत्थर से आगे निकल गए। 113 रन की उनकी पारी में 12 चौके और एक छक्का लगा था, जिसमें उनके पुराने जमाने की झलक थी। भाग्य ने भी उनका साथ दिया, 52 और 81 पर आउट होने से बाल बाल बचे, जिसे उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया।
उन्होंने कहा, "मेरे लिए भाग्य महत्वपूर्ण है, यह एक बड़ी भूमिका निभाता है और आप बस भगवान का शुक्रिया अदा कर सकते हैं कि इस तरह का जीवनदान मिला। जब भाग्य हमारे साथ नहीं होता है तो हम निराश हो जाते हैं, लेकिन शाम को यह भी याद रखना बहुत महत्वपूर्ण है, जहां मैं 50 के आसपास आउट हो सकता था।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं इसके बारे में अच्छी तरह से जानता हूं और मैं आज इस थोड़े से भाग्य के लिए आभारी हूं, और इसे स्वीकार करता हूं। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मुझे खुशी है कि हमारे पास अतिरिक्त 20-25 रन हैं, और यहां 350 से अधिक रन बनाए हैं।"
गुवाहाटी में ओस निश्चित है, कोहली को लगता है कि 373 जैसे कुल स्कोर का बचाव करने से गेंदबाजों को गीली गेंद से गेंदबाजी करने का बहुत जरूरी अनुभव मिलेगा।
कोहली ने अपने करियर के वर्तमान चरण में पोषण के महत्व पर जोर देते कहा, "मैं इस बात से काफी अवगत हूं कि मैं क्या खाता हूं, इस उम्र में जहां तक मेरा संबंध है, आहार सबसे महत्वपूर्ण चीज है, जैसे कि 30 और मध्य अवस्था में होना चाहिए।" (आईएएनएस)
गुवाहाटी, 10 जनवरी । विराट कोहली ने दो जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए अपना 45वां शतक जड़ा जिससे भारत ने श्रीलंका के खिलाफ मंगलवार को यहां पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में छह विकेट पर 373 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।
चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ भारत के पिछले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में 113 रन की पारी खेलने वाले कोहली ने 87 गेंद में 113 रन की पारी खेलकर एक छोर संभाला। उन्होंने दूसरे छोर पर विकेटों के नियमित पतन के बीच 12 चौके और एक छक्का जड़ा।
यहां चार साल पहले हुए एकमात्र एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में शतक (वेस्टइंडीज के खिलाफ 140) जड़ने वाले भारत के पूर्व कप्तान कोहली का भाग्य ने भी पूरा साथ दिया। उन्हें 52 और 81 रन के स्कोर पर जीवन दान मिले जिसका फायदा उठाकर उन्होंने 45वां एकदिवसीय शतक पूरा किया। वह अब महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के विश्व रिकॉर्ड 49 शतक से सिर्फ चार शतक दूर हैं।
कोहली के नाम पर अब 73 अंतरराष्ट्रीय शतक हो गए हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 27 जबकि टी20 अंतरराष्ट्रीय में एक शतक जड़ा है।
कप्तान रोहित शर्मा (67 गेंद में 83 रन, नौ चौके, तीन छक्के) ने फॉर्म में चल रहे इशान किशन और सूर्यकुमार यादव को नहीं खिलाने को लेकर हो रही आलोचना का जवाब देते हुए शुभमन गिल (60 गेंद में 70 रन, 11 चौके) के साथ मिलकर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई। दोनों ने पहले विकेट के लिए 143 रन जोड़े।
भारतीय कप्तान ने इस मुकाबले में गिल को इशान पर तरजीह दी जिन्होंने भारत के पिछले एकदिवसीय में रिकॉर्ड 210 रन की पारी खेली थी।
सपाट पिच पर रोहित को श्रीलंका के तेज गेंदबाजों के खिलाफ कोई परेशानी नहीं हुई। भारतीय कप्तान ने कई पुल शॉट खेले और 41 गेंद में अर्धशतक पूरा किया।
एकदिवसीय क्रिकेट में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए गिल ने कप्तान का अच्छा साथ निभाया और 51 गेंद में अपना पांचवां अर्धशतक पूरा किया।
श्रीलंका के कप्तान दासुन शनाका ने गिल को पगबाधा करके भारत की सलामी जोड़ी के दबदबे को खत्म किया।
शतक के सूखे को खत्म करने की कोशिशों में जुटे रोहित भी इसके बाद पदार्पण कर रहे दिलशान मदुशंका की गेंद पर बोल्ड हो गए।
श्रीलंका के गेंदबाजों ने इसके बाद कुछ देर रन गति पर अंकुश लगाकर 400 रन से अधिक के स्कोर को भारत की जद से दूर किया।
कोहली और श्रेयस अय्यर (28) ने रन गति में इजाफे का प्रयास किया। सूर्यकुमार पर तरजीह देते हुए अय्यर को इस मैच में मौका मिला था। वह लय में दिखे और उन्होंने वानिंदु हसरंगा पर छक्का जड़ा लेकिन अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे।
लोकेश राहुल (39) भी अच्छी शुरुआत के बाद कासुन रजिता की गेंद पर बोल्ड हो गए। रजिता श्रीलंका के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 88 रन देकर तीन विकेट चटकाए। (भाषा)
रायपुर, 10 जनवरी। बी.सी.सी.आई. द्वारा आयोजित कॉल सी.के. नाडयू टंॉफी 2022 का आयोजन 1 जनवरी से प्रारम्भ हुआ। जिसमें छत्तीसगढ़ की मेन्स अंडर-25 टीम का मैच दिनांक 08 जनवरी 2023 से 11 जनवरी 2023 तक सेक्टर-10 बी. एस.पी. क्रिकेट ग्राउण्ड भिलाई, छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ विरूद्ध महाराश्टं की टीम के मध्य खेला जा रहा है। छत्तीसगढ़ की टीम ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया।
दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक। छत्तीसगढ़ की टीम ने पहली पारी में 282 रन, 7 विकेट, 90.3 ओवर से आगे खेलते हुए- छत्तीसगढ़ की टीम ने पहली पारी में 378 रन, 10 विकेट, 129.4 ओवर में बनाए। छत्तीसगढ़ की टीम ने बल्लेबाजी करते हुए-नाम-संजीत देसाई 121 रन, 236 बॉल, 11 चौका, 2 छक्का, नाम-उत्कर्श तिवारी 61 रन, 125 बॉल, 5 चौका, 1 छक्का, नाम-हर्श षर्मा 26 रन, 50 बॉल, 3 चौका, 0 छक्का, पर बनाए।
महाराश्टं टीम की तरफ से पहली पारी में गेंदबाजी करते हुए-नाम-ए.एस. थैनगे 21.4 ओवर, 1 मैडन, 80 रन, 4 विकेट, नाम-ए.आर. निशाद 43.0 ओवर, 16 मैडन, 74 रन, 3 विकेट, नाम-सोहन जमाले 27.0 ओवर, 6 मैडन, 66 रन, 2 विकेट, लिए।
महाराष्ट्र की टीम ने पहली पारी में 147 रन, 3 विकेट, 46.0 ओवर में बनाए। महाराश्टं की टीम ने बल्लेबाजी करते हुए-नाम-यष क्षीरसागर 1/4नॉट ऑउट खेल रहे1/2 53 रन, 100 बॉल, 5 चौका, 0 छक्का, नाम-डी.एस. फतनागर 48 रन, 95 बॉल, 7 चौका, 1 छक्का, नाम-कौषल ताम्बे 1/4नॉट ऑउट खेल रहे1/2 8 रन, 33 बॉल, 0 चौका, 0 छक्का, पर बनाए।
छत्तीसगढ़ टीम की तरफ से पहली पारी में गेंदबाजी करते हुए-नाम-सत्यम् दुबे 11.0 ओवर, 1 मैडन, 33 रन, 1 विकेट, नाम-उत्कर्श तिवारी 11.0 ओवर, 1 मैडन, 31 रन, 1 विकेट, नाम-विजय यादव 5.0 ओवर, 0 मैडन, 18 रन, 1 विकेट, लिए।
मैच का परिणाम - छत्तीसगढ़ पहली पारी 378 रन 10 विकेट 129.4 ओवर। महाराष्ट्र पहली पारी 147 रन 3 विकेट 46.0 ओवर।
नई दिल्ली, 10 जनवरी । अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने दिसंबर 2022 के 'प्लेयर ऑफ़ द मंथ' के विजेता का एलान किया है.
इंग्लैंड के हैरी ब्रूक को पहली बार आईसीसी मेंस प्लेयर ऑफ़ द मंथ का सम्मान दिया गया. उन्होंने पाकिस्तान में आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप शानदार प्रदर्शन कर जीत में अहम भूमिका निभाई थी.
ऑस्ट्रेलिया के एशले गार्डनर को आईसीसी विमेंस प्लेयर ऑफ़ द मंथ का सम्मान दिया गया. उन्होंने बल्ले और गेंद से शानदार प्रदर्शन ने भारत में टी-20 सिरीज़ में शानदार जीत दिलाई थी.
ब्रूक ने पाकिस्तान के ख़िलाफ हर मैच में शतक बनाया था. इंग्लैंड ने सिरीज़ पर 3-0 से कब्ज़ा किया था. गार्डनर ने दिसंबर में 166.66 के स्ट्राइक रेट के 115 रन बनाए और 18.28 के औसत से सात विकेट लिए.
गुवाहाटी, 10 जनवरी श्रीलंका के कप्तान दासुन शनाका ने भारत के खिलाफ पहले वनडे में टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया ।
भारत के लिये कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल पारी की शुरूआत करेंगे जबकि ईशान किशन टीम से बाहर हैं । सूर्यकुमार यादव भी अंतिम एकादश में नहीं हैं ।
श्रीलंका के लिये दिलशान मदुशंका वनडे क्रिकेट में पदार्पण करेंगे । (भाषा)
नयी दिल्ली, 10 जनवरी पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे के लिये अंतिम एकादश से ईशान किशन को बाहर रखने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि दोहरा शतक जड़ने वाले खिलाड़ी को बाहर नहीं किया जाता ।
श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे से पूर्व भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने साफ तौर पर कहा कि वह शुभमन गिल के साथ पारी की शुरूआत करेंगे जबकि ईशान ने पिछली वनडे पारी में दोहरा शतक जड़ा था ।
प्रसाद ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा ,‘‘ भारत के पिछले वनडे मैच में जिसने दोहरा शतक बनाया था , उसे मौका देना बनता था । गिल के लिये काफी समय है लेकिन दोहरा शतक जमाने वाले को कैसे बाहर कर सकते हैं ।’
ईशान ने पिछले महीने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में दोहरा शतक बनाया था ।
भारत के लिये 33 टेस्ट और 161 वनडे खेल चुके प्रसाद ने कहा कि मौजूदा भारतीय ढांचे में एक्स फैक्टर पर औसत प्रदर्शन को तरजीह दी गई है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ यही कारण है कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे । बार बार बदलाव और शानदार प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बाहर । एक्स फैक्टर पर औसत प्रदर्शन को तरजीह ।’’
प्रसाद ने कहा ,‘‘ इंग्लैंड में ऋषभ पंत ने आखिरी वनडे में शतक लगाया और भारत श्रृंखला जीता । लेकिन टी20 फॉर्म के आधार पर वह वनडे टीम से बाहर हो गया । दूसरी ओर एक दो पारियों को छोड़कर केएल राहुल लगातार नाकाम रहे लेकिन टीम में जगह बरकरार रखी । प्रदर्शन की मानदंड नहीं रह गया है जो दुखद है ।’’
भारत के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने कहा ,‘‘ आज भारतीय टीम को देखकर सहज नहीं हूं । पिछली वनडे पारी में दोहरा शतक लगाने वाला ईशान किशन और पिछली टी20 पारी में शतक जड़ने वाला सूर्यकुमार यादव बाहर है ।उम्मीद है कि उनका मनोबल बना रहेगा ।’’
राहुल टीम के विकेटकीपर होंगे । पहले वनडे में दुनिया के नंबर एक टी20 बल्लेबाज सूर्यकुमार पर श्रेयस अय्यर का तरजीह दी गई है ।
भारत ने आखिरी बार कोई बड़ा टूर्नामेंट 2013 में जीता था । (भाषा)
कुआलालंपुर, 10 जनवरी भारत की अनुभवी बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और किदाम्बी श्रीकांत सत्र के पहले मलेशिया ओपन सुपर 1000 टूर्नामेंट के पहले दौर में हारकर बाहर हो गए ।
दो बार राष्ट्रमंडल खेलों की चैम्पियन रही साइना को चीन की हान यूइ ने 21 . 12, 17 . 21, 21 . 12 से हराया । चोटों और खराब फॉर्म के कारण साइना पिछले साल भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी थी ।
पहला मैच हारने के बाद साइना विश्व रैंकिंग में 30वें स्थान पर खिसक गई ।
दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी श्रीकांत को जापान के गैर वरीय केंता निशिमोतो ने 21 . 19, 21 . 14 से हराया । खराब फॉर्म से जूझ रहे विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता श्रीकांत 42 मिनट में हार गए ।
पहले गेम में उन्होंने काफी संघर्ष किया लेकिन निशिमोतो ने बढत बना ली । दूसरे गेम में स्कोर एक समय 12 . 12 से बराबर था लेकिन उसके बाद से जापानी खिलाड़ी ने शिकंजा कस लिया ।
आकर्षि कश्यप भी चीनी ताइपै की वेन चि सू से 10 . 21, 8 . 21 से हारकर पहले दौर से बाहर हो गई । (भाषा)
नई दिल्ली, 10 जनवरी । भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने बताया है कि श्रीलंका के ख़िलाफ़ पहले वन डे मैच में ईशान किशन की बजाय शुभमन गिल उनके साथ सलामी बल्लेबाज़ी करेंगे.
ईशान किशन ने अपने पिछले एकदिवसीय मैच में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दोहरा शतक बनाया था.
इसके बावजूद उन्हें श्रीलंका के साथ एकदिवसीय मैचों में टीम में न रखने को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ़ ने लिखा है कि आखिरी ओडीआई में दोहरा शतक जड़ने वाले ईशान किशन और आख़िरी टी-20 मैच में शतक बनाने वाले सूर्यकुमार यादव के बिना भारतीय टीम को देखना थोड़ा अजीब है.
सूर्यकुमार यादव ने श्रीलंका के साथ ही टी-20 सिरीज़ के आख़िरी मैच में शतक बनाया था.
ईशान किशन को टीम में न रखने पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने भी नाखुशी ज़ाहिर की है.
उन्होंने लिखा है, "निष्पक्ष सोचना वो होता जब भारत के आख़िरी ओडीआई मैच में दोहरा शतक बनाने वाले को मौका मिलता, ऐसी सिरीज़ जिसके दो मैच भारत हारा. गिल को खिलवाने का बहुत समय पड़ा है लेकिन डबल सेंचुरी मारने वाले को न खिलाने का कोई मतलब नहीं. अगर आपको गिल को रखना ही है तो उन्हें तीसरे नंबर पर रखिए और केएल राहुल की बजाय ईशान किशन से विकेटकीपिंग करवाइए. "
प्रसाद ने इसके बाद ये भी लिखा कि लगातार हो रहे बदलाव और अच्छा प्रदर्शन करने वाले शख़्स की बजाय एक साधारण प्रदर्शन वाले को रखने की वजह से सीमित ओवरों के मैच में हम बेहतर नहीं कर पाए हैं.
रोहित शर्मा ने क्या कहा?
कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि दोनों (गिल और किशन) सलामी बल्लेबाज़ों ने अच्छा किया है. मगर जिस सफ़र से दोनों गुज़रे हैं, उसे देखते हुए गिल को मौका देना सही होगा क्योंकि बीते कुछ मैचों में शुभमन गिल ने भी बहुत रन बनाए हैं. (bbc.com/hindi)
-चंद्रशेखर लूथरा
नई दिल्ली, 10 जनवरी । मार्च, 2021 में सूर्यकुमार यादव ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपना डेब्यू किया था, तब वे 30 साल के हो चुके थे.
अपनी प्रतिबद्धता के चलते ही इंटरनेशनल लेवल तक पहुँच पाए थे.
लंबे इंतज़ार के बाद भी घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बटोरते हुए वे चयनकर्ताओं के दरवाज़े पर दस्तक देते रहे.
इतना ही नहीं इंटरनेशनल डेब्यू करने से पहले वे 170 टी-20 मैचों में भी हिस्सा ले चुके थे, यह किसी भी क्रिकेटर के लिए डेब्यू करने से पहले खेले गए सर्वाधिक टी-20 मैच हैं.
हालाँकि टीम में नहीं चुना जाना, उनके मनोबल को कमतर करता होगा लेकिन खेल के प्रति उनका उत्साह बना रहा.
उन्होंने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में कहा है उन्हें जो भी मौक़ा मिलता है, उसमें वे शानदार करने की कोशिश करते हैं.
उन्हें भारतीय टीम में भले मौक़ा नहीं मिल रहा था लेकिन घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग में वे ख़ुद को मांजते रहे, अपने क्राफ़्ट को बेहतर करते रहे.
यही वजह है कि टी-20 क्रिकेट में 180 के क़रीब की स्ट्राइक रेट के बावजूद वे गेंद पर करार प्रहार करते नज़र नहीं आते.
बल्कि उनकी बल्लेबाज़ी की सबसे बड़ी ख़ासियत टाइमिंग है और वे हर गेंद को सीमा रेखा से बाहर भेजने की कोशिश भी नहीं करते हैं.
बल्ले से निकलते रिकॉर्ड
सूर्यकुमार यादव ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेले गए तीसरे और सिरीज़ के अंतिम टी-20 मैच में नाबाद शतक बनाते हुए इतिहास रचा.
इससे पहले टी-20 मैचों में उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ नॉटिंघम में और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ माउंट मोउनगनुई में शतक बनाया था.
इस पारी के दौरान सबसे कम गेंदों पर 1500 रन तक पहुँचने का रिकॉर्ड उन्होंने बनाया.
उन्होंने महज 843 गेंदों पर ये रन बनाए. इस दौरान उनकी स्ट्राइक रेट 180 से ज़्यादा की रही है.
पारी के हिसाब से वे 1500 रन तक पहुँचने वाले तेज़ बल्लेबाज़ों की सूची में वे तीसरे पायदान पर हैं.
विराट कोहली, केएल राहुल, एरॉन फिंच और बाबर आज़म ने टी-20 मैचों में 1500 रन तक पहुँचने में 39 पारियां खेलीं जबकि पाकिस्तान के मोहम्मद रिज़वान इस मुकाम तक 42 पारियों में पहुंचे. सूर्यकुमार यादव को 43 पारियाँ खेलनी पड़ी हैं.
अब तक 45 टी-20 मैचों की 43 पारियों में यादव ने 46.41 की औसत से 1578 रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक और 13 अर्धशतक शामिल है.
उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 117 रन है. अपना तीसरा शतक उन्होंने महज 45 गेंदों पर बनाया.
हालाँकि रोहित शर्मा श्रीलंका के ख़िलाफ़ 35 गेंदों पर शतक बना चुके हैं. टी-20 क्रिकेट में रोहित शर्मा के नाम सबसे ज़्यादा चार शतक हैं, जबकि सूर्यकुमार यादव, ग्लेन मैक्सवेल और कॉलिन मुनरो के नाम तीन-तीन शतक हैं.
हालाँकि सूर्यकुमार की ख़ासियत ये है कि उन्होंने तीनों शतक नंबर तीन या उससे बाद बल्लेबाज़ी करते हुए बनाए हैं.
जबकि इतने शतक बनाने वाले दूसरे सभी बल्लेबाज़ों ने ओपनिंग करते हुए यह कारनामा दिखाया है, जहाँ आपको ज़्यादा गेंदें खेलने का मौक़ा मिलता है.
सूर्यकुमार यादव इन सबसे अलग इसलिए नज़र आते हैं क्योंकि वे पलक झपकते ही अपनी लय में होते हैं.
उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में जब पहली गेंद का सामना किया था, तो उसे छक्के के लिए बाउंड्री के पार भेजा था.
पहली गेंद पर उनका स्ट्राइक रेट 154 से ज़्यादा का है. स्ट्राइक रेट के हिसाब से और कम से कम 100 गेंद खेलने की पात्रता के साथ सूर्यकुमार यादव से बेहतर रिकॉर्ड जेम्स नीशम (156.82) और मार्कस स्टोइनिस (172.73) का ही है.
लेकिन नीशम और स्टोइनिस नंबर पाँच या उससे नीचे खेलने आते हैं और टी-20 क्रिकेट में उस वक़्त बड़े शॉट्स खेलने की उम्मीद की जाती है.
दूसरी तरफ़ सूर्यकुमार तीसरे या चौथे पायदान पर खेलने उतरते हैं, जहाँ उनके सामने टीम की पारी को जमाने की चुनौती भी होती है.
उदाहरण के लिए श्रीलंका के ख़िलाफ़ तीसरे टी-20 मैच में वे नंबर चार बल्लेबाज़ के तौर पर छठे ओवर में बल्लेबाज़ी के लिए उतरे.
जब पारी में 11 गेंद बाक़ी थे तभी उन्होंने अपना शतक पूरा कर लिया.
[सूर्य कुमार यादव]
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सूर्यकुमार अपनी पारी को तेज़ रफ़्तार देने में भी समय नहीं गँवाते हैं, इसलिए उनके तीनों शतक, 50 से कम गेंदों पर आए हैं.
50 से ज़्यादा रन की अब तक उन्होंने कुल 16 पारियाँ खेली हैं और इनमें आठ पारियों में उनकी स्ट्राइक रेट 200 से ज़्यादा की रही है.
शॉट्स खेलते समय वे अतिरिक्त जोख़िम लेते ज़रूर नज़र आते हैं लेकिन यह भी ज़ाहिर होता है कि वे सोच समझकर ऐसे शाट्स खेल रहे हैं.
वे अपरंपरागत शॉट्स जिस सहजता से खेल रहे हैं, उससे यह भी पता लगता है कि तकनीकी तौर पर वे किसी भी फॉर्मेट में लंबे समय तक खेल सकते हैं.
भारत के लीजेंड ऑलराउंडर कपिल देव ने उनके बारे में कहा है, "ऐसा खिलाड़ी शताब्दी में एक बार आता है."
कपिल देव ने यहाँ तक कहा है कि सूर्यकुमार अविश्वसनीय शॉट्स लगाते हैं और वे गेंद को कहीं भी मार सकते हैं.
ज़ाहिर तौर पर कपिल देव, सूर्यकुमार यादव की कलाई के इस्तेमाल से लगाए जाने वाले शाट्स से प्रभावित होंगे, जिन शॉट्स के चलते उन्हें 360 डिग्री बल्लेबाज़ कहा जा रहा है.
टी-20 क्रिकेट में डेब्यू के बाद सूर्यकुमार यादव अब तक 27 छक्के लगा चुके हैं. मोहम्मद रिज़वान 13 छक्कों के साथ दूसरे पायदान पर हैं.
सूर्यकुमार के 27 छक्के में से केवल दो छक्के ऐसे रहे हैं- जिनके बारे में कहा जा सकता है कि टॉप एज़ से मिले हैं. यानी 25 शॉट्स को सूर्यकुमार ने पूरे नियंत्रण में खेला है.
वे जिस गेंद को थर्ड मैन के ऊपर से मार सकते है, उसी गेंद को स्कूप के ज़रिए फ़ाइन लेग से बाहर भेज सकते हैं.
इस ख़ासियत के चलते वे छोटी बाउंड्री को भी तलाश लेते हैं. अमूमन विकेट के पीछे की बाउंड्री 50 से 60 गज की दूरी पर होती है.
अभ्यास से हासिल कौशल
सूर्यकुमार यादव जिस सहजता से कलाई के इस्तेमाल से विकेट के पीछे शॉट्स खेलते हैं, उसे देखकर लगता है कि ये बहुत आसानी से खेला जा सकता है.
लेकिन वास्तविकता ऐसी नहीं है. चाहे सूर्यकुमार यादव हों या फिर एबी डिविलियर्स, इन लोगों ने सैकड़ों घंटों के अभ्यास से यह कौशल हासिल किया है.
सूर्यकुमार यादव ने कहा भी है, "स्वाभाविक तौर पर, काफ़ी परिश्रम लगा है. लेकिन इसके लिए कारगर अभ्यास की ज़रूरत होती है. आपको अपनी रणनीति के बारे में पता होना चाहिए कि किस तरह से आप रन बटोरेंगे."
टी-20 क्रिकेट काफ़ी डिमांडिंग हो चुकी है, ऐसे में बल्लेबाज़ को दूसरे-तीसरे वैकल्पिक प्लान के साथ खेलना होता है.
अगर पहली योजना नाकाम हो रही है, तो उनके पास दूसरे विकल्प होने चाहिए. इसी तरह से गेंदबाज़ भी बल्लेबाज़ों को देख देखकर अपने प्लान बनाते हैं.
श्रीलंका के ख़िलाफ़ एक पारी के बाद बीते सप्ताह ही सूर्यकुमार यादव ने कहा था, "कुछ शॉट्स तो सोचे समझे होते हैं लेकिन गेंदबाज़ ने अगर दूसरे तरह की गेंद डाल दी तो आपके दूसरे शॉट्स भी होने चाहिए."
सूर्यकुमार अपनी बल्लेबाज़ी के दौरान फ़ील्ड का आकलन भी करते रहते हैं.
कई बार यह दिखा है कि छक्का लगाने की कोशिश करने के बदले वे एक्स्ट्रा कवर और मिड ऑफ़ पर चौके लगाते हैं, जिसमें कम जोख़िम रहता है.
अपने स्कूप शॉट्स का इस्तेमाल वे डेथ ओवरों में तभी करते हैं जब तेज़ गेंदबाज़ फ़ाइन लेग को 30 गज के सर्किल में बुला लेते हैं.
वनडे में कितनी उम्मीद?
इन सबके बाद भी सबसे अहम सवाल यही है कि क्या सूर्यकुमार यादव अपनी कामयाबी वनडे क्रिकेट में भी दोहरा सकते हैं?
ये सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत इस साल अक्तूबर-नवंबर महीने में वर्ल्ड कप क्रिकेट का आयोजन करने जा रहा है.
ऐसे में हर क्रिकेट फैंस को उम्मीद है कि सूर्यकुमार यादव वनडे क्रिकेट में कामयाब हों और इस कामायबी के लिए टी-20 क्रिकेट के हिटर बल्लेबाज़ पर बहुत दबाव भी है.
आँकड़ों के हिसाब से वनडे क्रिकेट में सूर्यकुमार उतने प्रभावी नज़र नहीं आए हैं, उन्होंने 16 मैचों में 32 की औसत से अब तक 384 रन बनाए हैं. उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 64 है.
अब तक वे 15 वनडे पारियों में बल्लेबाज़ी कर चुके हैं और इसमें दो बार उन्होंने अर्धशतकीय पारी खेली है.
वहीं अंतिम नौ वनडे मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 34 रन रहा है.
इन आँकड़ों के आधार पर सूर्यकुमार की काबिलियत का आकलन तर्कसंगत नहीं होगा, क्योंकि उनके अंदर वह आग नज़र आ रही है, जो उन्हें किसी भी फॉर्मेट में कामयाबी दिला सकती है.
श्रीलंका के ख़िलाफ़ टी-20 सिरीज़ से पहले उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी में मुंबई के लिए 90 प्लस रनों वाली कुछ पारियाँ भी खेली हैं.
शॉट्स लगाने की उनकी क्षमता पर भी संदेह नहीं किया जा सकता लेकिन यह समझना होगा कि टी-20, वनडे और टेस्ट तीनों अलग अलग तरह के खेल हैं और इनकी ज़रूरतें भी अलग हैं.
अगर कोई खिलाड़ी एक फ़ॉर्मेट में कामयाब है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह दूसरे फ़ॉर्मेट में भी उतना ही कामयाब होगा.
हाल ही में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वनडे मैचों में उन्हें संघर्ष भी करना पड़ा था. तीन पारियों में दो बार वे ऑफ़ स्टंप की गेंद पर सस्ते में आउट हो गए थे. वे ज़ोरदार फ़ॉर्म में थे लेकिन क्लासिक टेस्ट लेंग्थ की गेंदों के सामने उन्हें कई बार पता नहीं चल रहा था कि आख़िर क्या हो रहा है?
ज़्यादा टी-20 मैच खेलने का एक नुक़सान यह भी है कि बल्लेबाज़ ऑफ़ स्टंप के बाहर की हर गेंद को हवा में उछाल कर खेलने लगता है.
लेकिन वनडे क्रिकेट में फ़ील्ड प्लेसमेंट एकदम अलग होता है, यही वजह है कि टी-20 क्रिकेट में जिस शॉट्स पर आपको बाउंड्री मिल सकती है, वनडे क्रिकेट में वही शॉट्स पर आप कैच आउट हो सकते हैं.
लेकिन सूर्यकुमार यादव की एक और काबिलियत है जो उनके पक्ष में है. वे स्पिन गेंदबाज़ी को भी बेहतरीन ढंग से खेलना जानते हैं.
ऐसे में बहुत संभव है कि वे वनडे क्रिकेट के लिए ज़रूरी बदलाव करके इस फ़ॉर्मेट में भी मैच विजेता बल्लेबाज़ के तौर पर उभरें.
उनकी बैटिंग स्टाइल से कई विश्लेषक तो उन्हें टेस्ट टीम में भी नियमित मौका दिए जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन यह साल वनडे क्रिकेट के वर्ल्ड कप का साल है, लिहाजा वनडे में उनकी कामयाबी टीम के लिए ज़्यादा अहम साबित होगी. (bbc.com/hindi)
गुवाहाटी , 10 जनवरी । गुवाहाटी में हो रहे पहले एकदिवसीय मैच में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया है.
पहले बल्लेबाज़ी करने उतर रही भारत के प्लेइंग इलेवन में ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव दोनों को ही जगह नहीं मिली है.
इस तरह है भारत का प्लेइंग इलेवन
रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या (उपकप्तान), अक्षर पटेल, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, उमरान मलिक, युज़वेंद्र चहल. (bbc.com/hindi)