खेल
नई दिल्ली, 22 दिसम्बर | इंग्लैंड के तेज गेंदबाज टाइमल मिल्स ने खुलासा किया कि उन्हें बिग बैश लीग (बीबीएल) से क्यों हटना पड़ा, जहां उन्हें पर्थ स्कॉर्चर्स के लिए खेलना था, क्योंकि आस्ट्रेलिया जाने से ठीक पहले उनकी बेटी को स्ट्रोक आया था। नवंबर में आस्ट्रेलिया में इंग्लैंड के टी20 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य मिल्स ने बीबीएल में पर्थ स्कॉचर्स में अपने आगामी कार्यकाल से हटने को "पारिवारिक आपातकाल" बताया था।
अब उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा है कि किस वजह से उन्होंने बीबीएल से अपना नाम वापस लिया। उन्होंने कहा, "क्रिसमस के लिए घर जाने वाले थे। जब हम आस्ट्रेलिया के लिए रवाना होने वाले हवाई अड्डे पर थे तो मेरी बेटी को स्ट्रोक आया था।"
उन्होंने कहा, "बेटी के बायीं तरफ के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था और कहा गया कि वे अनुमान नहीं लगा सकते कि वह कब तक ठीक होगी। सभी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद हमारी छोटी बच्ची ने अपने स्वास्थ्य लाभ से सभी को चकित कर दिया है, जहां हमें छुट्टी दे दी गई थी।"
मिल्स ने स्कॉर्चर्स के लिए सात मैच खेले जब उन्होंने पिछले सीजन का बीबीएल खिताब जीता था और इस साल की शुरूआत में हुए उद्घाटन विदेशी खिलाड़ी ड्राफ्ट में फ्रेंचाइजी द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
स्कॉचर्स ने डेविड पेन की घोषणा की, जो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं, जो इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट में ग्लॉस्टरशायर के लिए खेलते हैं और बीबीएल के चल रहे सत्र के लिए मिल्स की जगह लेंगे। (आईएएनएस)|
ढाका, 22 दिसम्बर | बांग्लादेश के बल्लेबाज मोमिनुल हक ने नाबाद 65 रन बनाकर लगातार नौ बार सिंगल डिजीट के सिलसिले को तोड़ दिया। लेकिन भारत ने महत्वपूर्ण झटके देते हुए बांग्लादेश का स्कोर गुरुवार को शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन चायकाल तक 184/5 पहुंचा दिया । यह एक ऐसा सत्र था जिसमें शाकिब अल हसन, मुशफिकुर रहीम और लिटन दास जैसे बल्लेबाजों ने अच्छी शुरूआत की। लेकिन उनमें से कोई भी एक बड़े स्कोर के लिए टिक नहीं सका, क्योंकि भारत ने नियमित अंतराल पर विकेट लिए, जयदेव उनादकट अपने दूसरे टेस्ट में अपनी सटीकता और अतिरिक्त उछाल से बांग्लादेश के बल्लेबाजों को चुनौती देने की क्षमता के साथ प्रभावशाली दिख रहे थे।
लंच के बाद भारत को सीधे सफलता मिली क्योंकि शाकिब ने उमेश यादव को मिड आफ के ऊपर से शॉट मारने की कोशिश की, लेकिन क्षेत्ररक्षक को आसान कैच दे दिया। वे मोमिनुल और रहीम पर दबाव बनाने में सफल रहे, हालांकि दोनों को एक-एक चौका मिला।
बांग्लादेश ने यहां से कुछ रन बटोरे जब रहीम ने अश्विन को कवर, मिड-आन और पॉइंट के माध्यम से बाउंड्री की हैट्रिक के लिए शॉट लगाए। मोमिनुल ने जयदेव उनादकट को लगातार चौके के लिए मिड विकेट के माध्यम से दो बार फ्लिक किया।
ड्रिंक ब्रेक के ठीक बाद रहीम ने शॉर्ट फाइन-लेग के माध्यम से अक्षर पटेल को चौका लगाया। लेकिन उन्हें 26 पर उनादकट ने पवेलियन भेज दिया।
मोमिनुल ने जोखिम लेने की क्षमता तब बढ़ा दी, जब उन्होंने स्लिप कॉर्डन के ऊपर से उनादकट की गेंदों पर हमला किया और दो गेंद बाद बैकवर्ड पॉइंट के माध्यम से एक और स्लैश के साथ अपना अर्धशतक पूरा किया। दास ने सिराज को चार और छक्के के लिए पुल किया। इसके बाद उन्होंने एक कट के माध्यम से अक्षर को चौका लगाया।
लेकिन अश्विन ने उन्हें अपनी फिरकी में फंसाया और शॉर्ट मिड-विकेट पर कैच आउट कराया। मेहदी और मोमिनुल को एक-एक बाउंड्री मिली।
इससे पहले, 12 साल और दो दिनों तक अनुपस्थित रहने के बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी कर रहे उनादकट ने जाकिर हसन का विकेट लिया, जबकि अश्विन ने पहले सत्र में नजमुल हुसैन शांतो को आउट किया, जहां भारत के गेंदबाजों ने बांग्लादेश के बल्लेबाजों पर दबाव बना कर रखा। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 22 दिसंबर । भारत और बांग्लादेश के बीच ढाका में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में मेजबान टीम पहली पारी में 227 रन पर ऑलआउट हो गई है.
टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए बांग्लादेश का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.
84 रन बनाने वाले मोमिनुल के अलावा कोई भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका.
भारत की ओर से उमेश यादव और आर आश्विन ने चार-चार विकेट लिए.
भारत सिरीज़ में 1-0 से आगे चल रहा है. (bbc.com/hindi)
एंटीगा, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)| क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्ल्यूआई) ने जिम्बाब्वे और दक्षिण अफ्रीका के अपने आगामी दौरों के लिए वेस्टइंडीज की पुरुष टीम के अंतरिम मुख्य कोच के रूप में आंद्रे कोली की नियुक्ति की गुरुवार को घोषणा की। वह फिल सिमंस की जगह लेंगे, जिन्होंने आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के बाद पद छोड़ दिया था। सीडब्ल्यूआई के निदेशक की सोमवार को हुई बैठक के बाद, सीडब्ल्यूआई ने घोषणा की है कि कोली 28 जनवरी से 16 फरवरी तक वेस्टइंडीज के जिम्बाब्वे के दो टेस्ट मैचों के दौरे के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका के बहु-प्रारूप दौरे के लिए अंतरिम कोच होंगे, जिसमें दो टेस्ट शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका दौरे में 21 फरवरी से 28 मार्च तक तीन एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) और तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले जाएंगे।
जमैका के पूर्व विकेटकीपर/बल्लेबाज कोली वर्तमान में सीडब्ल्यूआई अकादमी कार्यक्रम के मुख्य कोच हैं। उन्होंने पहले सहायक अकादमी के मुख्य कोच और अंतरिम अकादमी के मुख्य कोच के रूप में काम किया था, जब 2010 में सगीकोर अकादमी शुरू की गई थी।
वह वेस्ट इंडीज अंडर19 टीम के मुख्य कोच भी थे। वेस्टइंडीज की पुरुष और महिला टीमों के सहायक कोच, साथ ही जमैका स्कॉर्पियन्स और विंडवर्ड आइलैंड्स के मुख्य कोच, जो 2018 सुपर 50 कप चैंपियंस थे।
उन्होंने कहा, "जिम्बाब्वे और दक्षिण अफ्रीका के आगामी दौरों पर वेस्ट इंडीज टीम की देखरेख करने के लिए कहा जाना एक विशेष सम्मान है। वेस्टइंडीज क्रिकेट मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखता है। आगामी दौरे चुनौतीपूर्ण होंगे क्योंकि हम उनके घरेलू हालात में दो टीमों के खिलाफ उतरेंगे।"
नई दिल्ली, 22 दिसंबर । बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम में कुलदीप यादव को जगह नहीं मिल पाई है.
उनकी जगह जयदेव उनादकट को टीम में शामिल किया गया है.
भारत दो टेस्ट मैचों की सिरीज़ में 1-0 से आगे है.
पहले टेस्ट में भारत ने बांग्लादेश को 188 रनों के बड़े अंतर से हराया था.
भारत की इस बड़ी जीत के हीरो थे स्पिनर कुलदीप यादव.
कुलदीप यादव ने पहली पारी में पाँच और दूसरी पारी में तीन विकेट लिए थे.
पहले टेस्ट में कुल आठ विकेट लेने और भारत की जीत में अहम भूमिका के कारण उन्हें 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' भी चुना गया था.
बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट के लिए टीम में दो स्पिनर हैं और वे हैं- आर अश्विन और अक्षर पटेल.
इसके अलावा इस टेस्ट के लिए टीम में जयदेव उनादकट, उमेश यादव और मोहम्मद सिराज जैसे तेज़ गेंदबाज़ भी शामिल हैं.
कुलदीप यादव को टीम में जगह न दिए जाने पर कप्तान केएल राहुल का कहना है कि कुलदीप यादव को टीम से बाहर रखना एक मुश्किल फ़ैसला था.
टॉस के बाद बातचीत में केएल राहुल ने कहा- हमारे पास स्पिनर के रूप में अश्विन और अक्षर हैं.
उन्होंने कहा कि उन्हें ये पता नहीं चल पा रहा है कि इस पिच को लेकर क्या उम्मीद की जाए क्योंकि विकेट को लेकर काफ़ी कन्फ़्यूजन है. इसलिए उन्होंने कोचिंग स्टाफ़ और सीनियर्स से बात की है.
कुलदीप को टीम से बाहर रखने पर सवाल
लेकिन दूसरे टेस्ट में कुलदीप यादव को टीम से बाहर रखने की काफ़ी आलोचना हो रही है.
क्रिकेट के आँकड़ों पर नज़र रखने वाले रजनीश गुप्ता ने लिखा है- पहले टेस्ट में मैच जिताने वाला प्रदर्शन करने के बावजूद कुलदीप यादव को टीम से बाहर रखा गया है. 2010 में अमित मिश्रा ने एक टेस्ट में सात विकेट लिए थे और 50 रन बनाए थे. लेकिन मीरपुर के अगले टेस्ट में उन्हें टीम से बाहर रखा गया था.
पूर्व महिला क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा ने ट्वीट कर लिखा है कि कुलदीप को टीम से बाहर रखना आश्चर्यजनक है, लेकिन ये टैक्टिकल हो सकता है. उन्होंने लिखा है कि तीन दिन पहले ही कुलदीप यादव को 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' चुना गया था.
इसके अलावा भी कई लोगों ने कुलदीप यादव को टीम से बाहर रखने पर अपनी राय व्यक्त की है.
कुलदीप यादव का सफ़र
14 दिसंबर 1994 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्मे कुलदीप यादव पहले तेज़ गेंदबाज़ी करते थे. लेकिन उनके कोच ने उन्हें स्पिन गेंदबाज़ी करने की सलाह दी.
हालाँकि उनके लिए ये आसान नहीं था. लेकिन धीरे-धीरे अपनी गेंदबाज़ी से उन्होंने अपनी जगह बनाई.
पहली बार 2012 में उन्हें अंडर-19 टीम के लिए खेलने का मौक़ा मिला.
लेकिन विकेट लेने के बावजूद उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा था.
वर्ष 2014 में अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान कुलदीप यादव ने बेहतरीन प्रदर्शन किया.
इसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कुलदीप को जगह मिली.
वर्ष 2014 के अक्तूबर में उन्हें भारत की वनडे टीम में जगह मिली.
हालाँकि उन्हें पहला वनडे खेलने का मौक़ा 2017 में मिला.
जबकि वर्ष 2017 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट टीम में शामिल किया गया.
कुलदीप यादव ने अभी तक आठ टेस्ट मैच खेले हैं और 34 विकेट लिए हैं.
कुलदीप ने भारत की ओर से 73 एक दिवसीय मैच खेले हैं और 119 विकेट लिए हैं.
उन्होंने 25 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले हैं और 44 विकेट लिए हैं.
क्रिकेट पत्रकार चंद्रशेखर लूथरा का विश्लेषण
कुलदीप यादव के करियर में अब तक की सबसे मुश्किल यही है कि उन्हें टीम में तब चुना जाता है जब टीम को एक्स्ट्रा स्पिनर यानी तीसरे स्पिनर की ज़रूरत होती है.
ऐसे में कुलदीप को टीम प्रबंधन से निराशा हो सकती है और वे ये भी मान सकते हैं कि उन्हें उपयुक्त मौक़े नहीं मिल रहे हैं.
लेकिन मौजूदा समय में टेस्ट कप्तान या टीम प्रबंधन के सामने रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा के रहते हुए उन्हें तरजीह देना संभव नहीं दिख रहा है. लेकिन कुलदीप की ख़ासियत ये है कि वे एक सामान्य स्पिनर नहीं हैं. उनकी चाइनामैन शैली उन्हें ख़ास बनाती है.
टी-20 क्रिकेट और सफ़ेद गेंद के दौर में इस कला को सीखना किसी भी गेंदबाज़ के लिए मुश्किल है.
कुलदीप यादव की इस ख़ासियत के मायने क्या हैं, इसे समझने के लिए स्पिन गेंदबाज़ी के जादूगर शेन वॉर्न के उस बयान को याद करना होगा जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें कुलदीप की गेंदबाज़ी देखना पसंद है. कुलदीप यादव ने टेस्ट में शानदार डेब्यू किया था. 2017 में धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने चार विकेट चटकाए थे.
इसके बाद अगले छह टेस्ट के लिए उन्हें चार साल लगे. इस दौरान सिडनी टेस्ट में पाँच विकेट झटकने का कारनामा भी शामिल था, 2019 की इस सिरीज़ में भारत ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सिरीज़ जीतने में कायमाब हुआ था.
इसके कुछ साल बाद यही टीम जब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी पर क़ब्ज़ा बरक़रार रखने के लिए ऑस्ट्रेलियाई ज़मीन पर पहुंची तो 2019 की टीम के सभी खिलाड़ियों को मैच में खेलने का मौक़ा मिला, सिवाए कुलदीप यादव के. वनडे क्रिकेट में भी अब तक उनकी क़िस्मत कुछ ऐसी ही रही है.
यक़ीन करना भले मुश्किल हो, लेकिन वनडे क्रिकेट में दो-दो हैट्रिक जमाने के बाद भी वनडे टीम में उनकी जगह पक्की नहीं है.
यह स्थिति तब है जब युजवेंद्र चहल के साथ उनकी जोड़ी के सामने विपक्षी बल्लेबाज़ टिक नहीं पाते हैं. लेकिन मौजूदा स्थिति में इन दोनों का टीम में एक साथ खेलना लगभग नामुमकिन ही है. (bbc.com/hindi)
लंदन, 22 दिसंबर इंग्लैंड के ऑलराउंडर सैम करेन को उम्मीद है कि शुक्रवार को होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी में उनको अच्छी कीमत पर खरीदा जाएगा लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बेन स्टोक्स और अन्य खिलाड़ियों के ‘ब्रैकेट’ में होने से उनकी संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
आईपीएल नीलामी कोच्चि में होगी जिसमें स्टोक्स और ऑस्ट्रेलिया के कैमरन ग्रीन जैसे ऑलराउंडरों पर मोटी कीमत लगने की संभावना है।
करेन का आधार मूल्य दो करोड़ रुपए है और उन्होंने कहा कि वह टेलीविजन पर आईपीएल नीलामी पर करीबी नजर रखेंगे।
‘द टेलीग्राफ’ द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में करेन ने कहा,‘‘ मैं पिछली नीलामी में शामिल था। आपको अपने आधार मूल्य से आगे बढ़ना होता है। मैं इसे (नीलामी को) टेलीविजन पर देखूंगा। मेरा मानना है कि शुक्रवार को जब आपका नाम नीलामी के लिए आएगा तो आप यही प्रार्थना करेंगे कि बोली लगाते रहो ’’
करेन को आईपीएल 2019 से पहले नीलामी में पंजाब किंग्स ने 7.2 करोड़ रुपए की मोटी कीमत पर खरीदा था। उन्हें उम्मीद है कि इस बार भी उन्हें अच्छी कीमत मिलेगी।
उन्होंने कहा,‘‘ सबसे पहले तो आप पर बोली लगनी चाहिए। मुझे अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है लेकिन मैं उसी ब्रैकेट में हूं जिसमें बेन स्टोक्स और अन्य ऑलराउंडर हैं। इसलिए कुछ भी हो सकता है।’’
करेन को पंजाब किंग्स ने 2020 के सत्र में ‘रिलीज’ कर दिया था और बाद में चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 5.5 करोड़ रुपए में खरीदा था। (भाषा)
जोहान्सबर्ग (दक्षिणी अफ्रीका), 22 दिसंबर | अफ्रीकी फुटबॉल परिसंघ (सीएएफ) फीफा विश्व कप कतर 2022 में पांच अफ्रीकी टीमों के प्रदर्शन पर गर्व महसूस कर रहा है। मोटसेप ने बुधवार को जोहान्सबर्ग में एक प्रेस वार्ता में कहा, "फीफा विश्व कप के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी अफ्रीकी देश ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया है। आगे हमारा मकसद है कि कोई अफ्रीकी देश फीफा विश्व कप जीते।"
सेनेगल, मोरक्को, ट्यूनीशिया, घाना और कैमरून ने कतर में हाल ही में संपन्न 2022 विश्व कप में भाग लिया।
शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि वे फुटबॉल स्कूलों, लड़कों और लड़कियों के लिए युवा अकादमियों और फुटबॉल के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में निवेश करना जारी रखेंगे और वे महाद्वीप में फुटबॉल की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें प्रशिक्षक, कोच और रेफरी शामिल हैं।
मोटसेप ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं कि अफ्रीकी फुटबॉल स्वावलंबी और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी है। हम विभिन्न जातियों, जातीय समूहों और धार्मिक पृष्ठभूमि के लोगों को एकजुट करने और सभी लोगों की सामाजिक-आर्थिक और रहने की स्थिति में सुधार करने में योगदान देने के लिए एक उपकरण के रूप में फुटबॉल का उपयोग करना जारी रखेंगे।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 21 दिसम्बर | यूएसए क्रिकेट में एक बड़े घटनाक्रम के तहत देश की सीनियर महिला और अंडर-19 टीमों के मुख्य कोच शिवनारायण चंद्रपॉल के दक्षिण अफ्रीका में 14 से 29 जनवरी तक होने वाले आईसीसी अंडर-19 महिला विश्व कप के बाद अपने अनुबंध को आगे ना बढ़ाने की उम्मीद है। यूएसए क्रिकेट द्वारा 14 दिसंबर को अंडर-19 महिला विश्व कप के पहले सीजन के लिए अंडर-19 महिला टीम की घोषणा करने के बाद, गीतिका कोडाली को कप्तानी दी गयी है।
चंद्रपॉल और यूएसए क्रिकेट हॉल आफ फेमर, मल्टी-डिसिप्लिन कोच जतिन पटेल मंगलवार को अटलांटा क्रिकेट लीग (एसीएल) के वार्षिक डिनर में उपस्थित थे और उन्होंने यूएसए क्रिकेट कोचिंग और भविष्य के बारे में बातचीत की।
पटेल ने कहा, "नए बोर्ड के आने के बाद से हमारे पास पहले से ही आधा दर्जन प्रसिद्ध मुख्य कोच राष्ट्रीय टीमों से अलग हो चुके हैं और मुझे संदेह है कि चंद्रपॉल दक्षिण अफ्रीका में अंडर-19 विश्व कप के बाद अपने अनुबंध को नवीनीकृत करेंगे या नहीं।"
उन्होंने कहा, "मैंने शिवनारायण चंद्रपॉल के मैनेजर जेरिन चाको से स्पष्ट करने के लिए बात की थी और चाको ने पुष्टि की है कि वह दक्षिण अफ्रीका में महिला अंडर-19 विश्व कप के बाद चंद्रपॉल के अनुबंध को बढ़ाने या नवीनीकृत करने पर विचार नहीं करेंगे।"
चंद्रपॉल को जुलाई 2022 में भूमिकाओं के लिए नियुक्त किया गया था और सफलता के साथ अपनी यात्रा शुरू की। यूएसए अंडर-19 टीम को कैरेबियन में एक खिताब (अपराजित) तक पहुंचाया जब यूएसए ने फाइनल में गत चैंपियन त्रिनिदाद और टोबैगो को हराया।
दिग्गज पूर्व वेस्टइंडीज क्रिकेटर ने 30 सितंबर को जॉर्जटाउन के गयाना नेशनल स्टेडियम में 2022 कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) के मुख्य कोच के रूप में जमैका तालावास का नेतृत्व किया।
वह अपने देश के दर्शकों के सामने सीपीएल खिताब जीतने वाले गयाना के पहले कोच बने। यह उनका घरेलू मैदान भी था, जहां उन्होंने अपने शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत करने के लिए वेस्टइंडीज के लिए डेब्यू किया था। वह आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के दौरान आईसीसी हॉल आफ फेम में शामिल होने वाले तीन लोगों में से एक थे।
उन्होंने कहा, "यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि चंद्रपॉल ने अंडर19 विश्व कप के बाद मुख्य कोच के रूप में वर्तमान भूमिका से अलग होने का इरादा किया है। एक खिलाड़ी के रूप में उनका अनुभव और एक कोच के रूप में उनकी विशेषज्ञता बहुत मायने रखती है। यूएसए महिला टीम के कोच के रूप में शुरूआती कार्यकाल में इसने परिणाम दिखाना शुरू कर दिया था।" (आईएएनएस)|
-नितिन श्रीवास्तव
एशिया कप फ़ाइनल, शारजाह स्टेडियम. 18 अप्रैल,1986. विश्व चैम्पियन भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 50 ओवरों में पाकिस्तान को 245 रन का लक्ष्य दिया था.
इसमें श्रीकांत के 75, सुनील गावस्कर के 92 और दिलीप वेंगसरकर की 50 रनों की बेहतरीन पारियाँ शामिल थीं.
पाकिस्तान को आख़िरी 30 गेंदों में 51 रन चाहिए थे, जब कप्तान इमरान ख़ान आउट होकर पविलियन लौट गए.
दूसरे छोर पर जावेद मियांदाद चट्टान की तरह डटे रहे और आख़िरी ओवर के पहले अपना शतक भी पूरा कर लिया. आख़िरी छह गेंदों में 11 रन चाहिए थे और वसीम अकरम और मियांदाद क्रीज़ पर थे.
जावेद ने वसीम की तरफ़ देख कर पूछा, "लॉन्ग हैंडल वाला बैट चाहिए मुझे?".
पाकिस्तान ड्रेसिंग रूम में ऐसा सिर्फ़ एक ही बैट था जो वसीम अकरम की किट में था.
"उस आख़िरी ओवर को याद कर आज भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं. जावेद को स्ट्राइक पर रखने की जुगत में मैं रन आउट हुआ लेकिन जावेद ने पहले एक चौका और फिर चेतन शर्मा की आख़िरी गेंद पर छक्का मार कर जीत दिला दी. मुझे वो बैट वापस तो नहीं मिला लेकिन शायद जावेद भाई ने उसे दस गुना दाम पर ऑक्शन कर दिया हो! सही भी है."
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और नामचीन क्रिकेटर वसीम अकरम ने अपनी आत्मकथा "सुल्तान: ए मेमॉयर" में ये बातें लिखी हैं.
उस एशिया कप को अब पूरे 36 साल हो चुके हैं लेकिन वसीम अकरम के मुताबिक़, उस साल तक भारत-पाकिस्तान एक-दिवसीय मुक़ाबलों में 8-7 की बढ़त भारत की थी जो इस मैच के बाद कई सालों तक पलटी रही.
हाल ही में रिलीज़ हुई इस आत्मकथा में वसीम अकरम ने कई बड़े दावे भी किए और कुछ रोचक बातों से पर्दा हटाय है. मिसाल के तौर पर अकरम के मुताबिक़, "पाकिस्तान क्रिकेट में जगह बनाने के लिए किसी की सरपरस्ती हमेशा बड़ा रोल अदा करती है."
उन्होंने इस बात का खुल कर ज़िक्र किया है कि मौजूदा टीम में बाबर आज़म, अब्दुल्ला शफ़ीक, इमाम उल हक़, उस्मान क़ादिर और आज़म ख़ान जैसे प्लेयर्स किसी न किसी पुराने खिलाड़ी के बेटे या भतीजे या भाई हैं.
ग़ौरतलब है कि 1984 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आग़ाज़ करने वाले वसीम अकरम की गिनती अब तक के सबसे ख़तरनाक तेज़ गेंदबाज़ों में होती है, जिनके बारे में सचिन तेंदुलकर कह चुके हैं कि "वसीम एक मास्टर थे जो अपनी गेंद से करतब दिखाते थे."
बाएं हाथ से गेंदबाज़ी करने वाले अकरम ने 104 टेस्ट और 356 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और 1992 में वर्ल्ड कप जीतने वाली पाकिस्तान टीम में उनका अहम रोल भी था. वैसे उन्होंने 25 टेस्ट में पाकिस्तान की कप्तानी भी की.
वसीम के लंबे करियर को कवर करने वाले एआरवाई न्यूज़ के स्पोर्ट्स एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार शाहिद हाशमी ने कराची से बताया, "वसीम अकरम बहुत सालों से मुझसे ये बात कहते थे कि दुनिया के सामने अपना पक्ष लाने का उनका बहुत मन है. इसमें कोई दो राय नहीं कि उनकी गिनती सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में होती थी और होती रहेगी. लेकिन मैच फ़िक्सिंग के आरोपों से उनको बहुत नुक़सान हुआ था और शायद इस किताब के ज़रिए वे अब अपनी बात बताना चाहते हैं".
पाकिस्तान क्रिकेट पर पिछले दो दशकों के दौरान मैच-फ़िक्सिंग और स्पॉट-फ़िक्सिंग का साया कई दफ़ा मंडराया है, जिसमें वसीम अकरम का नाम भी शामिल रहा है. उस पर और दूसरे कई मुद्दों पर कल इस कहानी की दूसरी कड़ी में विस्तार से चर्चा होगी.
बहराल, वसीम अकरम ने अपनी किताब के ज़रिए अपने बचपन की कुछ ख़ास बातें पहली बार ज़ाहिर की हैं.
अपनी आत्मकथा "सुल्तान: ए मेमॉयर" में अकरम ने लिखा है:
मेरे पिता चौधरी मोहम्मद अकरम अमृतसर, भारत में जन्मे थे जो बँटवारे के बाद लाहौर आकर बस गए. वे कोर्ट में प्रूफ़रीडर की नौकरी करते थे.
रोज़ सुबह मेरे पिता एक कोट और टाई पहन कर काम पर जाते थे और हर रविवार की शाम एक पेग स्कॉच व्हिस्की की लेते थे. यही उनका शौक़ था.
मेरे दो भाई और एक बहन थे लेकिन परिवार बिखर गया जब माँ और पिता ने अलग-अलग रहने का फ़ैसला किया. अपनी बहन और माँ के साथ मैं लाहौर में ही अपने नाना के यहां रहने आ गया.
शहर के पुराने इलाक़े अहमदपपुरा की गलियों में रहने वाले मेरे नाना लाहौर के 'मोची दरवाज़े' पर सब्ज़ी का कारोबार करते थे. पैसे कम ही होते थे घर में और हम लोग कई दफ़ा भूखे रहते थे.
उन दिनों को याद करके वसीम लिखते हैं, "आज भी मैं थाली में परोसे गए खाने को बर्बाद होते नहीं देख पाता."
पाकिस्तान के जियो न्यूज़ और जंग न्यूज़ ग्रुप समूह के वरिष्ठ स्पोर्ट्स एडिटर और क्रिकेट समीक्षक अब्दुल माजिद भट्टी और वसीम अकरम की जान-पहचान तब से है, जब वसीम कराची की क्रिकेट एकेडमी में पहली बार सिलेक्ट होकर पहुँचे थे.
उन्होंने कहा, "वसीम ने जो कुछ हासिल किया है वो अपने बल-बूते पर किया. उसने कड़ी मेहनत भी की. उन्हें पहले जावेद मियाँदाद ने स्पॉट किया और फिर इमरान ने उन्हें कई हुनर सिखाए, इंग्लैंड का तजुर्बा दिलवाया. शुरुआती मुश्किलातों के उन दिनों को वसीम हमेशा याद रखते हुए ही आगे बढ़े हैं."
मियाँदाद को अब्दुल क़ादिर ने दौड़ाया
अपनी आत्मकथा में वसीम अकरम ने इस बात को कई दफ़ा दोहराया है कि पूर्व कप्तान और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कैसे उनके करियर को निखारा.
1980 के दशक में पाकिस्तान में जनरल ज़िया-उल-हक़ का शासन था और 1987 में उन्होंने 'क्रिकेट फ़ॉर पीस' नामक पहल करते हुए पाकिस्तान टीम को भारत में पाँच टेस्ट मैच खेलने के लिए भेजा था.
वसीम याद करते हुए लिखते हैं, "इमरान ख़ान का जलवा भारत में पहली बार देखने को मिला. टीम मुंबई के ताज होटल में रुकी थी लेकिन इमरान गोदरेज बिज़नेस समूह के मालिक और उनकी पत्नी परमेश्वर गोदरेज के ख़ास मेहमान थे. वे मुझे ख़ुद ड्राइव करके गोदरेज के विशालकाय पाली हिल बंग्ले पर ले गए जहां पूरा बॉलीवुड मौजूद था."
उसके बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच इतनी लंबी टेस्ट शृंखला कभी नहीं हो सकी है लेकिन उस शृंखला के दौरान होली का त्योहार पड़ा था.
ऑस्ट्रेलिया के सिड्नी शहर में रहने वाले 'किंग्सग्रोव क्रिकेट सुपरस्टोर्स' के मालिक उन दिनों भारत में थे और 'सायमंड्स' के मशहूर क्रिकेट बैट की स्पॉन्सरशिप में उन्होंने एक हिस्सा ख़रीदा था.
उन्होंने हाल ही में बीबीसी को बताया, "मैंने 40 साल तक भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया की टीमों को फ़ॉलो किया है, साथ में दौरे किए हैं. लेकिन भारत-पाक के बीच हुई इस शृंखला में दोनों टीमों के खिलाड़ियों की मैदान के बाहर की दोस्ती कमाल की थी. होटलों में देखता था वे सब साथ ही मौज करते थे".
वसीम अकरम ने भी अपनी किताब में इसका एक बड़ा उदाहरण दिया है.
"होली के दिन रेस्ट-डे था और हमने ताज होटल में जम कर होली खेली. रवि शास्त्री सन-बाथ ले रहे थे और तभी एजाज़ अहमद और मनिंदर सिंह ने उन्हें उठा कर स्विमिंग पूल में डुबकी लगवा दी. उसी शाम मैंने पूल किनारे बैठे हुए देखा अब्दुल क़ादिर फल काटने वाले एक छोटे चाकू को हाथ में लेकर जावेद मियाँदाद को पूल के किनारे दौड़ा रहे थे. मामला क्या था कभी पता नहीं चला!".
सलीम मालिक और रमीज़ राजा
वैसे अकरम की आत्मकथा "सुल्तान: ए मेमॉयर" ने ख़ासा विवाद भी खड़ा कर दिया है और कई लोगों को इस बात का बेसब्री से इंतज़ार है कि वसीम ने जिन क्रिकेटरों के बारे में थोड़ी खरी-खोटी वाले दावे किए हैं, वे इसका जवाब कैसे और कब देंगे.
शुरुआत सलीम मलिक वाक़ये से.
सलीम मालिक एक बेहतरीन मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ रहे हैं जो टीम में वसीम अकरम के दो साल पहले से मौजूद थे.
वसीम ने अपनी किताब में लिखा है, "मेरे जूनियर होने का फ़ायदा उठाते हुए वे मुझे नौकर की तरह ट्रीट करते थे. उन्होंने मुझसे मसाज करने को कहा, कपड़े धुलवाए और जूते साफ़ करवाए."
इस किताब के दावों के कई साल पहले सलीम मलिक वसीम अकरम और वक़ार यूनुस की इस बात कर आलोचना कर चुके हैं कि दोनों ने उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया था. सलीम मलिक ने यहां तक कहा था कि अकरम उनसे कप्तानी लेना चाहते थे.
सवाल इस बात पर भी उठ रहे हैं कि आख़िर वसीम अकरम ने कोई 20-30 साल बाद इस तरह के आरोप क्यों लगाए या क्या इन आरोपों की अब ज़रूरत थी.
एआरवाई न्यूज़ के स्पोर्ट्स एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार शाहिद हाशमी के मुताबिक़, "इमरान ख़ान ने भी अपनी किताब में लिखा कि बड़े ख़ानदान से होने के बाद भी जब वे टीम में आए तो सादिक़ मुहम्मद ने उनसे पानी पिलाने को कहा था. ऐसा टीमों में कभी-कभार होता है लेकिन जिस तरह वसीम ने लिखा है वो अच्छा तो नहीं लगा".
अकरम के हाल के दावों पर बात करते हुए सलीम मलिक ने पाकिस्तान के '24 न्यूज़' से कहा, "जब तक मैं किताब पढ़ नहीं लेता तब तक उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता. लेकिन हम जिस भी होटल में रुकते थे वहाँ लौंड्री के लिए वॉशिंग मशीन होती थी".
'द वीक' पत्रिका की डिप्टी ब्यूरो चीफ़-स्पोर्ट्स नीरू भाटिया ने भी वसीम अकरम के लगभग सभी बड़े मैच कवर किए हैं और उनका मानना है कि "स्विंग गेंदबाज़ी के बादशाह रहे हैं वसीम अकरम, साथ ही एक सफल कप्तान और ऑल-राउंडर भी. अब अगर अपनी बात दुनिया को बताना चाहते हैं तो ये बिल्कुल सही है. उनके अंदर इस बात को लेकर एक टीस थी और उनका हक़ बनता है उस बारे में लिखने का, क्यों नहीं".
पाकिस्तान टीम में जगह मिलने के पहले वसीम अकरम को कराची के नेशनल स्टेडियम में शुरू किए गए पीसीबी कैम्प में ट्रेनिंग करने का मौक़ा मिला था, जिसमें जावेद मियाँदाद का बड़ा हाथ था.
उसके बाद कराची के वाईएमसीए में रहते हुए 19 साल के वसीम ने 600 रुपए (पाकिस्तानी) प्रति माह की तनख़्वाह पर 'पैको शाहीन' नाम के क्लब के लिए खेलना शुरू कर दिया था.
कुछ महीने बाद 'बीसीसीपी पैटरन्स XI' टीम में चुने जाने की ख़बर वसीम को उनके पिता ने लाहौर से फ़ोन करके दी थी. उन्होंने बस इतना कहा था, "वसीम, तू पिंडी जा रहा है".
दरअसल, न्यूज़ीलैंड की टीम पाकिस्तान दौरे पर थी और ये वसीम का किसी अंतरराष्ट्रीय टीम से ये पहला मैच होने वाला था.
मैच हुआ भी और वसीम अकरम ने विकेट भी लिए. लेकिन इस टीम में अकरम के साथ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मौजूदा प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर रमीज़ राजा भी थे.
वसीम अपनी क़िताब में लिखते हैं, "रमीज़ को हमेशा स्लिप फ़ील्डिंग मिलती थी क्योंकि उनके पिता पुलिस कमिश्नर थे. लेकिन ईमानदारी की बात ये है कि वे कैच पकड़ने से ज़्यादा छोड़ देते थे."
रमीज़ राजा ने अभी तक इन दावों पर कोई जवाब नहीं दिया है लेकिन मैंने कई ऐसे वर्ल्ड कप कवर किए हैं जिसमें, अकरम और रमीज़, दोनों कमेंट्री टीम का हिस्सा रहे हैं और मैचों के दौरान प्रेस बॉक्स में पत्रकारों के साथ गप-शप भी करते रहे हैं.
दोनों के बीच रिश्तों को देख कर ऐसी तल्ख़ी कभी महसूस तो नहीं हुई जबकि दोनों 1992 का विश्व कप जीतने वाली पाकिस्तानी टीम का अभिन्न हिस्सा भी रहे.
जियो न्यूज़ और जंग न्यूज़ ग्रुप समूह के वरिष्ठ स्पोर्ट्स एडिटर और क्रिकेट समीक्षक अब्दुल माजिद भट्टी ने बताया, "90 के दशक में न्यूज़ीलैंड जाने वाले पाकिस्तान टीम के कप्तान वसीम थे और आठ-नौ खिलाड़ियों ने अकरम के अंडर खेलने से मना कर दिया था.''
''दरअसल, पाकिस्तान क्रिकेट की दिक़्क़त तब शुरू हुई, जब इमरान 1992 में रिटायर हो गए. टेंशन थी वसीम, आमिर सोहैल, वक़ार यूनुस, सलीम मलिक या आकीब जावेद में क्योंकि सभी एक उम्र के थे. इन सब से क्रिकेट के बाद मुलाक़ातों में कई कहानियाँ सुनने को मिलीं. लेकिन वसीम ने पर्सनल लेवल पर कही गई ये बातें अब लिख दी हैं तो वो शायद थोड़ा ज़्यादा हो गया है."
वसीम अकरम की क़िताब में किए गए दावों पर एक्सपर्ट्स की राय भी ख़ासी साफ़ है. कई ने उनके करियर को फ़ॉलो भी किया है, जिसमें वसीम का अच्छा और बुरा समय दोनों शामिल है.
हालांकि "सुल्तान: ए मेमॉयर" अभी पाकिस्तान में रिलीज़ नहीं हुई है लेकिन इस क़िताब से मीडिया में एक तूफ़ान उठना तो तय है क्योंकि ख़ुद वसीम अकरम के मुताबिक़, "पाकिस्तान में नेशनल क्रिकेट टीम के 11 खिलाड़ियों से बड़ा कुछ भी नहीं होता".
पाकिस्तान के वरिष्ठ क्रिकेट समीक्षक रशीद शकूर ने अपनी बात दो-टूक कही
"मुझे जितना याद है, रमीज़ राजा तो कवर या मिड-ऑफ़ में ही ज़्यादातर फ़ील्डिंग करते रहे. मुद्दे की बात ये है कि रमीज़ आमतौर पर आउटफ़ील्ड में रहते थे. अगर 1992 विश्व कप जीत की बात हो तो रमीज़ ने मिड-ऑफ़ से ही दौड़ते हुए इमरान ख़ान की गेंद पर इलिंगवर्थ को कैच कर आख़िरी विकेट लिया था. अब चूँकि रमीज़ पीसीबी के प्रमुख हैं तो शायद इस दावे का मीडिया में जवाब न दें लेकिन कुछ समय पहले तक इन दोनों की दोस्ती पर बात होती थी. पाकिस्तान में कई लोग तो ये कह रहे थे कि रमीज़ की नियुक्ति में वसीम अकरम से भी सलाह ली गई थी". (bbc.com/hindi)
फ़्रेंच फ़ुटबॉल फ़ेडरेशन (एफ़एफ़एफ़) ने मंगलवार को बताया है कि फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में अर्जेंटीना से हारने के बाद फ़्रांस की टीम के कई खिलाड़ी सोशल मीडिया पर ‘नफ़रती’ नस्लवादी दुर्व्यवहार का शिकार हुए हैं.
फ़ेडरेशन का कहना है कि वो इसके ख़िलाफ़ क़ानूनी शिकायत दर्ज कराएगा.
टीम के किंग्सली कोमान और ओहेलियां चूयामेनी दुर्व्यवहार का निशाना बने हैं. पैनल्टी शूटआउट के दौरान दोनों खिलाड़ी गोल नहीं कर पाए थे.
इस घटना के बाद पिछले साल हुए यूरो 2020 के फ़ाइनल की यादें ताज़ा हो गई हैं जिसमें इटली से हार के बाद इंग्लैंड के तीन खिलाड़ियों को इसी तरह के हालात का सामना करना पड़ा था.
फ़्रांस के फ़ुटबॉल प्रमुख ने मंगलवार को कड़ा बयान जारी करते हुए दुर्व्यवहार करने वालों की निंदा की है.
वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के दौरान फ़्रांस की टीम को फ़्रांस के अधिकतर लोगों ने समर्थन दिया और सोमवार को जब टीम क़तर से लौटी तो उनको बधाई देने के लिए प्लेस दी ला कोनकोर्द पर 50 हज़ार लोग इकट्ठा थे.
फ़्रांस फ़ुटबॉल टीम को लेकर एफ़एफ़एफ़ ने ट्वीट किया, “वर्ल्ड कप फ़ाइनल के आख़िर में फ़्रांस टीम के कई खिलाड़ियों को सोशल मीडिया पर नस्लवादी और अस्वीकार्य नफ़रती टिप्पणियों का निशाना बनाया गया.”
“एफ़एफ़एफ़ इसकी निंदा करता है और इन टिप्पणियों को लिखने वाले लेखकों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई जाएगी.” (bbc.com/hindi)
मुंबई/गुवाहाटी, 20 दिसंबर। सूर्यकुमार यादव ने लगभग तीन साल में अपना पहला रणजी ट्रॉफी मैच खेलते हुए 80 गेंद में 90 रन की पारी खेली जबकि कप्तान अजिंक्य रहाणे और यशस्वी जायसवाल ने शतक जड़े जिससे मुंबई ने मंगलवार को यहां हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्रॉफी ग्रुप बी मैच के पहले दिन तीन विकेट पर 396 रन बनाए।
पिछले 12 महीने में सीमित ओवरों के प्रारूप में संभवत: भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज सूर्यकुमार ने लाल गेंद के क्रिकेट में भी उसी आक्रामकता का नजारा पेश किया जिसके लिए वह छोटे प्रारूपों में जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी पारी में 15 चौके और एक छक्का मारा।
पिछला प्रथम श्रेणी मैच फरवरी 2020 में खेलने वाले सूर्यकुमार भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने की इच्छा कई बार जाहिर कर चुके हैं।
सलामी बल्लेबाज जायसवाल ने भी अपनी शानदार फार्म जारी रखते हुए 195 गेंद में 162 रन की पारी खेली। रहाणे स्टंप के समय 139 रन बनाकर खेल रहे थे।
बीकेसी मैदान पर हैदराबाद ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया और पृथ्वी साव (19) को जल्द पवेलियन भेजा।
यशस्वी ने इसके बाद सूर्यकुमार के साथ दूसरे विकेट के लिए 153 और रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 206 रन की साझेदारी करके मुंबई को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
दूसरी तरफ दिल्ली ने ध्रुव शोरे के आठवें प्रथम श्रेणी शतक की मदद से असम के खिलाफ सात विकेट पर 271 रन बनाए।
खराब रोशनी के कारण जब दिन का खेल नौ ओवर पहले खत्म करना पड़ा तब शोरे 216 गेंद में 139 रन बनाकर खेल रहे थे।
असम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और जल्द ही दिल्ली का स्कोर चार विकेट पर 74 रन कर दिया।
सलामी बल्लेबाज अनुज रावत सिर्फ दो रन बनाकर मृणमॉय दत्ता की गेंद पर पगबाधा हुए।
शोरे और कप्तान यश धुल (22) ने टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया लेकिन आकाश सेनगुप्ता ने धुल को विकेटकीपर के हाथों कैच कराके इस साझेदारी को तोड़ दिया।
अनुभवी नितीश राणा (00) और हिम्मत सिंह (03) भी अधिक देर नहीं टिक सके जिससे दिल्ली की टीम संकट में घिर गई।
शोरे को इसके बाद वैभव रावल (43) के रूप में उम्दा जोड़ीदार मिला। दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 103 रन की साझेदारी की।
महाराष्ट्र के खिलाफ टूर्नामेंट का पहला मैच गंवाने वाली दिल्ली की टीम ने चोटिल तेज गेंदबाजों इशांत शर्मा और मयंक यादव की गैरमौजूदगी में कमजोर टीम उतारी है। टीम को हर्षित राणा, प्रांशु विजयरन और स्पिनर ऋतिक शौकीन को पदार्पण कराने के लिए बाध्य होना पड़ा। (भाषा)
कराची, 20 दिसंबर। पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला में मिली 0-3 की करारी शिकस्त का ठीकरा टीम के मुख्य तेज गेंदबाजों के चोटिल होने पर फोड़ा।
घरेलू सरजमीं पर तीन मैचों की श्रृंखला में पहली बार 0-3 की हार का सामना करने के बाद पाकिस्तान के कप्तान कहा, ‘‘ हमारी किस्मत अच्छी नहीं थी क्योंकि हमारे मुख्य तेज गेंदबाज चोटिल थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ नये खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन वे उस तरीके से हमारी योजना को मैच में नहीं उतार सके जैसा की हम चाहते थे। बल्लेबाजी में भी जब हम मैच पर पकड़ बना रहे थे तब हमने आसानी से विकेट गंवा दिये। इसी कारण से हम अच्छी स्थिति में होने के बाद भी कुछ मैचों को नहीं जीत सके।’’
पाकिस्तान के मुख्य तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी घुटने की चोट के कारण इस श्रृंखला से बाहर रहे। हारिस राउफ और नसीम शाह जैसे गेंदबाज पहले टेस्ट में चोटिल होने कारण बाकी के दोनों टेस्ट मैच नहीं खेल सके।
बाबर ने कहा, ‘‘ मौजूदा दौर में फिटनेस की भूमिका सबसे अहम होती है। अगर आप ‘सुपर फिट’ नहीं है तो तीनों प्रारूप में नहीं खेल पायेंगे।
पाकिस्तान ने इस श्रृंखला के पहले टेस्ट में मोहम्मद अली को पदार्पण का मौका दिया था। उन्होंने मैच में चार विकेट लिये लेकिन दूसरे टेस्ट में एक भी सफलता नहीं मिली। तीसरे टेस्ट में मोहम्मद वसीम ने पदार्पण किया लेकिन वह एक विकेट ही ले सके।
बाबर ने कहा, ‘‘जब आपके पास सबसे मजबूत गेंदबाज नहीं होते है तो नये गेंदबाजों के लिए जल्दी से सामंजस्य बैठना मुश्किल हो जाता है।’’ (एपी)
मुंबई, 20 दिसम्बर | जयपुर पिंक पैंथर्स के रेडर अर्जुन देशवाल को वीवो प्रो कबड्डी लीग सीजन 9 का मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर चुना गया है। इस बीच, बेंगलुरू बुल्स के भरत और जयपुर पिंक पैंथर्स के अंकुश ने क्रमश: सर्वश्रेष्ठ रेडर और सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर का पुरस्कार जीता। तमिल थलाइवाज के नरेंद्र ने सीजन 9 के नए युवा खिलाड़ी का पुरस्कार अपने नाम किया।
पीकेएल 9 का 17 दिसंबर को डोम, एनएससीआई एसवीपी स्टेडियम में शानदार अंत हुआ। जयपुर पिंक पैंथर्स ने अपनी शानदार फॉर्म जारी रखी और फाइनल में पुनेरी पल्टन को 33-29 से हराकर अपना दूसरा पीकेएल खिताब जीता।
सीजन 9 में टॉप रेडर्स और डिफेंडर्स पर एक नजर।
शीर्ष रेडर्स:
1. अर्जुन देशवाल (जयपुर पिंक पैंथर्स)
अर्जुन देशवाल वीवो प्रो कबड्डी लीग सीजन 9 के दौरान जयपुर पिंक पैंथर्स की रेडिंग यूनिट की रीढ़ थे। उन्होंने 24 मैचों में 296 रेड पॉइंट बनाए।
2. भरत (बेंगलुरु बुल्स)
भरत वीवो प्रो कबड्डी लीग सीजन 9 में सबसे बड़ी खोजों में से एक रहे हैं। रेडर ने बुल्स की रेडिंग यूनिट का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी ली और सीजन के दौरान कई करीबी मुकाबलों में अपनी टीम को जीतने में मदद की। भरत ने सीजन के दौरान कुल 279 रेड पॉइंट बनाए।
3. नवीन कुमार (दबंग दिल्ली केसी)
वीवो प्रो कबड्डी लीग में नवीन कुमार के लिए एक और शानदार सीजन था। इस सीजन में उन्होंने 254 रेड पॉइंट हासिल किए।
शीर्ष डिफेंडर्स:
1. अंकुश (जयपुर पिंक पैंथर्स)
अंकुश ने इस साल वीवो पीकेएल का अपना पहला सीजन खेला, लेकिन उन्होंने सीजन 9 में जयपुर की रक्षा इकाई के लिए निर्बाध रूप से नेतृत्व किया। उन्होंने सीजन में 89 टैकल पॉइंट के साथ अपनी टीम के विजयी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2. मोहम्मदरेजा शादलोई चियानेह (पटना पाइरेट्स)
मोहम्मदरेज शादलोई चियानेह वीवो प्रो कबड्डी लीग सीजन 9 के दौरान एक डिफेंडर के रूप में विकसित हुए। 84 टैकल पॉइंट बनाने वाले चियानेह ने सीजन के दौरान एक मैच (16 पॉइंट) में सबसे अधिक टैकल पॉइंट का रिकॉर्ड दर्ज किया।
3. सौरभ नांदल (बेंगलुरु बुल्स)
जहां भरत ने यह सुनिश्चित किया कि बुल्स ने सफलतापूर्वक रेड प्वाइंट हासिल किए, वहीं सौरभ नांदल ने विपक्ष के रेडरों का सामना किया। नांदल के 72 टैकल पॉइंट्स ने बुल्स को सीजन 9 के सेमीफाइनल में पहुंचने में मदद की। (आईएएनएस)|
कोलंबो, 20 दिसम्बर | मैथ्यू फोर्ड के शानदार प्रदर्शन से दांबुला ऑरा ने लंका प्रीमियर लीग (एलपीएल) 2022 में अपनी दूसरी जीत दर्ज की। उन्होंने कुसल मेंडिस की टीम के 20 ओवरों में 129/8 रन बनाने के बाद गॉल ग्लैडिएटर्स को 4 विकेट से हरा दिया। दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए दांबुला ऑरा ने 5.4 ओवर बाकी रहते लक्ष्य हासिल कर लिया। दांबुला ऑरा की शुरूआत खराब रही और उन्होंने शेवोन डेनियल (2) और लसिथ क्रोसपुले (4) को सिर्फ 11 रन पर गंवा दिया। सलामी बल्लेबाज जॉर्डन कॉक्स (34) और मैथ्यू फोर्ड (52) ने 79 रनों की बड़ी साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई। फोर्ड ने छह चौके और दो छक्के लगाए, जबकि कॉक्स ने तीन चौके और दो छक्के लगाए। ऑरा की जीत में सिकंदर रजा ने भी 17 रनों का योगदान दिया।
गॉल ग्लैडिएटर्स के लिए नुवान तुषारा और इमाद वसीम ने दो-दो विकेट लिए।
इससे पहले, टॉस जीतकर गॉल ग्लैडिएटर्स अच्छी शुरूआत करने में नाकाम रही और उसने महज 32 रन पर चार विकेट गंवा दिये। इसके बाद नुवानिडू फर्नांडो क्रीज पर डटे रहे और 42 गेंदों में नाबाद 63 रन बनाकर अपनी टीम को 20 ओवर में 129 रन तक पहुंचाया। उन्होंने अपनी पारी में तीन चौके और पांच छक्के लगाए। कुसल मेंडिस और आजम खान ने भी गॉल के कुल स्कोर में क्रमश: 17 और 15 का योगदान दिया।
दांबुला ऑरा के लिए, फोर्ड गेंदबाजों में से एक थे क्योंकि उन्होंने चार विकेट लिए। लाहिरू मदुशंका, नूर अहमद, दिलुम सुदीरा और सिकंदर रजा को एक-एक विकेट मिला। (आईएएनएस)|
इंग्लैंड, 20 दिसंबर । पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कराची टेस्ट में इंग्लैंड ने आठ विकेट से जीत हासिल कर ली है.
इस तरह इंग्लैंड ने ये टेस्ट सिरीज़ 3-0 से जीत ली है.
इंग्लैंड ने इस टेस्ट सिरीज़ में लगातार अच्छा खेला. लेकिन कराची टेस्ट में इंग्लैंड को जीत दिलाने में सबसे बड़ा योगदान रहा एक युवा स्पिनर रेहान अहमद का.
अपना पहला टेस्ट खेल रहे रेहान अहमद ने पाकिस्तान की दूसरी पारी में पाँच विकेट लिए.
अपने पहले ही टेस्ट में एक पारी में पाँच विकेट लेने वाले रेहान अहमद सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं. उन्होंने पैट कमिंस का रिकॉर्ड तोड़ा है.
रेहान की उम्र अभी 18 साल 126 दिन है.
पाकिस्तान की दूसरी पारी में कप्तान बाबर आज़म और सऊद शकील अच्छी साझेदारी कर रहे थे, जब रेहान ने अपना जलवा दिखाया.
रेहान ने बाबर आज़म, मोहम्मद रिज़वान और सऊद शकील को छह ओवर के अंतराल पर पवेलियन भेज दिया.
बाद में उन्होंने मोहम्मद वसीम और आग़ा सलमान के भी विकेट लिए और एक पारी में पाँच विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया.
बेहतरीन प्रदर्शन
हालाँकि रेहान इंग्लैंड के 53वें गेंदबाज़ हैं, जिन्होंने अपने पहले टेस्ट में पाँच विकेट लिए हैं.
लेकिन सबसे कम उम्र में ये करिश्मा करने के कारण रेहान के नाम आया है नया रिकॉर्ड.
इससे पहले रेहान इंग्लैंड की ओर से टेस्ट खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बने थे.
बीबीसी स्पोर्ट से बातचीत में रेहान अहमद ने कहा- ये शायद मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ दिन था. पहले टेस्ट में पाँच विकेट लेने का सपना सच हुआ है. मैंने अच्छी गेंदे भी की, लेकिन उस पर विकेट नहीं मिले. बाबर आज़म का विकेट लेना भी एक सपने की तरह था. क्योंकि वे बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं. मैं अपनी लेग स्पिन गेंदबाज़ी पर बॉलिंग कोच जीतन पटेल के साथ पिछले दो महीने से काम कर रहा था.
रेहान अहमद की बेहतरीन गेंदबाज़ी के कारण पाकिस्तान की टीम अपनी दूसरी पारी में 216 रन बनाकर ही आउट हो गई. पाकिस्तान ने पहली पारी में 304 रन बनाए थे.
जवाब में इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 354 रन बनाए थे. इंग्लैंड को जीत के लिए दूसरी पारी में 167 रनों का लक्ष्य मिला. इंग्लैंड ने दो विकेट के नुक़सान पर लक्ष्य हासिल कर लिया.
इस साल के शुरू में आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में रेहान अहमद इंग्लैंड की ओर से सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज़ थे.
इस वर्ल्ड कप में उनके प्रदर्शन ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा.
कौन हैं रेहान अहमद
रेहान अहमद पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट नईम अहमद ख़ान के बेटे हैं. नईम अहमद ने पाकिस्तान की ओर से एक ही वनडे मैच खेला था.
बाद में नईम अहमद इंग्लैंड में बस गए.
रेहान अहमद का जन्म 13 अगस्त 2004 में नॉटिंघम में हुआ था.
बचपन से ही रेहान को क्रिकेट खेलने का शौक था, क्योंकि उन्हें क्रिकेट विरासत में मिली थी.
13 साल की उम्र में रेहान लेस्टरशायर से जुड़ गए.
जल्द ही उनकी प्रतिभा की चर्चा पूरे इंग्लैंड में होने लगी.
लिस्ट ए के लिए उन्होंने पहला मैच 2021 में लेस्टरशायर के लिए खेला.
रेहान अहमद इसी साल हुई अंडर-19 विश्व कप के लिए इंग्लैंड की टीम का हिस्सा थे.
उन्होंने अपनी टीम के छह मैचों में से चार खेले और कुल 12 विकेट लिए.
इस प्रतियोगिता में इंग्लैंड की टीम उप विजेता रही थी. भारत ने ये ख़िताब जीता था.
इसी साल मई में रेहान अहमद ने अपना पहला फ़र्स्ट क्लास मैच खेला.
नवंबर 2022 में रेहान अहमद को पाकिस्तान का दौरा करने वाली इंग्लैंड टीम का हिस्सा बनाया गया.
फिर उन्हें कराची में हो रहे तीसरे टेस्ट के लिए टीम में जगह मिली और उन्होंने अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया.
कई पूर्व क्रिकेटर और जानकार रेहान अहमद के प्रदर्शन की ख़ूब तारीफ़ कर रहे हैं. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 20 दिसंबर । भारत और बांग्लादेश के बीच दो मैचों की टेस्ट सिरीज़ खेली जा रही है, जिसका दूसरा मुकाबला 22 दिसंबर को मीरपुर में होगा.
दूसरे और आखिरी मैच में रोहित शर्मा और नवदीप सैनी नहीं खेल पाएंगे.
बीसीसीआई ने बयान जारी कर बताया कि बाएं अंगूठे में चोट लगने की वजह से रोहित शर्मा मेडिकल निगरानी में हैं, जिसके चलते वे मैच नहीं खेल पाएंगे.
वहीं नवदीप सैनी को ड्रॉप करने के पीछे उनके पेट की मांसपेशियों में खिंचाव को वजह बताया गया है. बीसीसीआई का कहना है कि नवदीप सैनी अपनी चोट को ठीक करने के लिए एनसीए की मदद लेंगे.
दूसरे मैच के लिए भारतीय टीम
केएल राहुल (कप्तान), शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, केएस भारत, रविंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, अभिमन्यु ईश्वरन, सौरभ कुमार, जयदेव उनाडकट (bbc.com/hindi)
अहमदाबाद, 20 दिसंबर | अदाणी स्पोर्ट्सलाइन के स्वामित्व वाली फ्रेंचाइजी-गल्फ जाएंट्स ने आईएलटी20 के उद्घाटन सीजन के लिए इंग्लैंड के दाएं हाथ के बल्लेबाज जेम्स विंस को कप्तान के रूप में घोषित किया है।
विंस के पास टी20 का अच्छा-खासा अनुभव है। उन्होंने इस प्रारूप में 300 से अधिक खेल खेले हैं और 130 के स्ट्राइक रेट के साथ करीब 9000 रन बनाए हैं। वह 2019 में अपना पहला वनडे विश्व कप जीतने वाली इंग्लैंड टीम का हिस्सा थे। उन्होंने बिग बैश लीग, पाकिस्तान सुपर लीग, न्यूजीलैंड के सुपर स्मैश और दक्षिण अफ्रीका के मजांसी सुपर लीग में हिस्सा लिया है और हर मौके पर खूब रन बनाए हैं।
एक फ्री-फ्लोइंग स्ट्रोक-मेकर विंस पारी की शुरूआत से ही तेजी से रन बना सकते हैं। एक बल्लेबाज के रूप में विंस ने लगातार अच्छा खेल दिखाते हुए नए पैमाने कायम किए हैं। आवश्यकता पड़ने पर एक मध्यम तेज गेंदबाज के रूप में भी काम करने की क्षमता रखने वाले विंस ने टी20 प्रारूप में चार शतक और 51 अर्धशतक सहित लगभग 9,000 रन बनाए हैं।
गल्फ जायंट्स लाइन-अप में, विंस शिमरोन हेटमायर, क्रिस जॉर्डन, डेविड विसे और टॉम बैंटन जैसे खिलाड़ियों के साथ टीम बनाएंगे और उम्मीद है कि विपक्षी गेंदबाजों के मन में डर पैदा करेंगे।
कप्तान नियुक्त किए जाने पर विंस ने कहा, "यह एक बड़ा सम्मान है और आईएलटी20 में गल्फ जाएंट्स की कप्तानी करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। मुझे खुशी है कि टीम प्रबंधन और कोच एंडी फ्लावर ने मुझ पर भरोसा जताया। उम्मीद है कि ढेर सारे रन बनाकर मैं अपनी भूमिका के साथ न्याय कर सकूंगा। मुझे द हंड्रेड में फ्रेंचाइजी क्रिकेट में और विटालिटी ब्लास्ट में हैम्पशायर का कप्तान होने का सौभाग्य मिला है, और दोनों मौकों पर मुझे सफलता भी मिली। और अब मुझे उम्मीद है कि आईएलटी20 में मैं उस सफलता को जारी रखने में सक्षम रहूंगा।"
मुख्य कोच एंडी फ्लावर ने कहा, "मैं जेम्स को लंबे समय से जानता हूं और मैं गल्फ जाएंट्स के लिए फिर से उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं। वह न केवल एक उत्कृष्ट शीर्ष क्रम के बल्लेबाज और शानदार क्षेत्ररक्षक हैं, बल्कि रणनीतिक समझ रखने वाले मेरे सामने आए सबसे अच्छे कप्तानों में से एक हैं। उनके पास ट्रॉफी जीतने और दुनिया भर में टी20 क्रिकेट खेलने का अनुभव है। इसमें कोई शक नहीं कि नए साल में उनके इन तमाम अनुभवों का हमें फायदा मिलेगा।"
आईएलटी20 का उद्घाटन संस्करण के मुकाबले दुबई, अबु धाबी और शारजाह में खेले जाएंगे। पहले सीजन में 34 मैच होंगे। दुबई में 13 जनवरी से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट में कुल छह टीमें हिस्सा ले रही हैं। अदाणी गल्फ जाएंट्स अपना पहला मैच 15 जनवरी को अबु धाबी में अबु धाबी नाइट राइडर्स के खिलाफ खेलेगी।
गल्फ जाएंट्स टीम-जेम्स विंस (कप्तान), शिमरोन हेटमायर, क्रिस जॉर्डन, क्रिस लिन, टॉम बैंटन, डोमिनिक ड्रेक्स, डेविड विसे, लियाम डॉसन, जेमी ओवरटन, कैस अहमद, रिचर्ड ग्लीसन, ओली पोप, रेहान अहमद, सीपी रिजवान, अयान अफजल खान, संचित शर्मा, और अश्वंथ वलथप्पा (आईएएनएस)|
दोहा, 20 दिसंबर। लियोनेल मेस्सी की अगुवाई में अर्जेंटीना की फाइनल में फ्रांस पर शानदार जीत से पहले ही विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा के अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो ने कतर में खेले गए विश्वकप को सर्वश्रेष्ठ करार दे दिया था।
इसके पीछे उनके कुछ स्वार्थ छिपे हुए थे क्योंकि 12 साल पहले अकूत धन संपत्ति के मालिक कतर को विश्व कप का मेजबान चुने जाने के बाद राजनीतिक रूप से इसका लगातार विरोध होता रहा।
फीफा की मुख्य भूमिका वैश्विक फुटबॉल के नियमों पर निगरानी रखना और यह सुनिश्चित करना है कि विश्व कप अपने निर्धारित समय के अनुसार संपन्न हो। इसमें वह सफल रहा और उसने अरबों डॉलर की कमाई भी की।
खेल शुरू होने के बाद सभी का ध्यान मैदान पर चला गया और जब तीसरे दिन ही मेस्सी और अर्जेंटीना को सऊदी अरब के हाथों उलटफेर का सामना करना पड़ा तो लोग बाकी बातों को भूल कर खेल में रम गए।
इसके एक दिन बाद जर्मनी को जापान ने हरा दिया और फिर ब्राजील ने अपने पहले मैच में सर्बिया को हराकर फुटबॉल प्रेमियों को खुश कर दिया। मोरक्को ने कमाल दिखाया और विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाला पहला अफ्रीकी देश बना।
खेल फिर भी केंद्र में रहा भले ही नीदरलैंड और स्पेन आगे नहीं बढ़ पाए और ब्राजील भी क्वार्टर फाइनल से बाहर हो गया। इस बार विश्व कप में कुछ बड़ी टीमों का ही दबदबा नहीं रहा और पहली बार इस टूर्नामेंट में वास्तव में वैश्विक स्वरूप देखने को मिला।
फाइनल तो ऐतिहासिक था जिसने अर्जेंटीना और फ्रांस अतिरिक्त समय के बाद 3-3 से बराबरी पर थे और आखिर में पेनल्टी शूटआउट में मेस्सी की टीम ने खिताब जीता।
लेकिन यह विश्वकप पहला ऐसा टूर्नामेंट था जो कि राजनीतिक रूप से भी ज्यादा चर्चा में रहा। प्रतियोगिता शुरू होने से पहले कतर के मानव अधिकार रिकॉर्ड को लेकर चर्चा होती रही। कुछ यूरोपीय टीमों ने इसका विरोध करने का फैसला किया था लेकिन फीफा ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
कतर विश्वकप सरकार से संचालित टूर्नामेंट था और यह स्पष्ट नजर आ रहा था कौन प्रभारी है। किसी भी तरह के विरोध को दबाने का पूरा प्रयास किया गया।
संचालन को लेकर अधिकतर जानकारियां हासिल करना आसान नहीं रहा और ऐसे किसी भी अनुरोध को अमूमन नजरअंदाज कर दिया गया। नियमित तौर पर होने वाले संवाददाता सम्मेलन नहीं हुए जैसा कि पूर्व के विश्वकप में होता रहा है।
इस बार विश्व कप में यूरोप से अधिक दर्शक नहीं आए लेकिन अर्जेंटीना और मोरक्को से उम्मीद से अधिक प्रशंसक कतर पहुंचे। टूर्नामेंट से पहले अनुमान लगाया गया था कि एक करोड़ 20 करोड़ पर्यटक विश्वकप के दौरान कतर पहुंचेंगे लेकिन अधिकारिक आंकड़ा अंतिम सप्ताह के लिए आठ लाख दर्शकों से कम का था।
मोरक्को जब सेमीफाइनल में पहुंचा तो उसके कई प्रशंसकों ने कतर पहुंचने की कोशिश की। आलम यह था कि दर्शकों को रोकने के लिए दोहा आने वाली कई उड़ानों को रद्द कर दिया गया था।
विश्वकप के अन्य मैचों में हालांकि दर्शकों की संख्या कम दिखी तथा कई सीटें खाली पड़ी रही। महंगे आवास के कारण भी दर्शक विश्वकप से दूर रहे। टूर्नामेंट के शुरू में तो खाली सीटों को भरने के लिए प्रतियोगिता के आयोजकों ने कतर के निवासियों को मुफ्त टिकट मुहैया कराई।
इस सबके बावजूद रिपोर्टों के अनुसार फीफा ने कतर विश्व कप तक के चार साल के वाणिज्यिक चक्र में सात अरब 50 करोड़ डॉलर की कमाई की जो उम्मीद से अधिक थी। फीफा को अब अगले चार साल के वाणिज्यिक चक्र में 11 अरब डॉलर की कमाई की उम्मीद है।
इससे फीफा के 211 सदस्य महासंघों का भी फायदा होगा क्योंकि उन्हें विश्व की सर्वोच्च फुटबॉल संस्था से अधिक धनराशि मिलेगी। (एपी)
इंग्लैंड, 20 दिसंबर । तीन मैचों की टेस्ट सिरीज़ के आख़िरी मुकाबले में इंग्लैंड ने पाकिस्तान को आठ विकेट से हरा दिया है और सिरीज़ को 3-0 से अपने नाम कर लिया है.
यह पहली बार है जब पाकिस्तान को अपनी जमीन पर टेस्ट सिरीज़ में करारी हार का सामना करना पड़ा है.
कराची में खेले गुए तीसरे मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 304 रन बनाए थे. वहीं इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 354 रन बनाकर 50 रनों की बढ़त हासिल की थी.
इसके बाद दूसरी पारी में पाकिस्तान की टीम ने 216 रन बनाए. इसमें कप्तान बाबर आज़म और साउद शकील ने अर्धशतक लगाया.
50 रनों की बढ़त घटाकर इंग्लैंड को सिर्फ 167 रन बनाने थे जिसे टीम ने दो विकेट खोकर आसानी से पूरा कर लिया. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आज़म ने विरोध में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन मैदान पर उतरने से इनकार कर दिया.
बाबर आज़म की गैर मौजूदगी में मोहम्मद रिज़वान ने कप्तानी संभाली. शुरू में जब आज़म नहीं आए तो इसके पीछे सिर में दर्द को वजह माना जा रहा था.
बाद में यह बात सामने आई कि सुरक्षा कारणों से उन्हें रात को बाहर खाना खाने के लिए नहीं जाने दिया गया, जिसके चलते उनका सुरक्षाकर्मी से विवाद भी हुआ.
अब पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर राशिद लतीफ़ ने भी इस खबर की पुष्टि की है कि बाबर आज़म और होटल के सुरक्षाकर्मियों के बीच विवाद हुआ था.
स्थानीय न्यूज़ चैनल से बात करते हुए राशिद ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रमीज़ राजा से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
राशिद ने कहा, “जाहिर है सवाल पूछे जाएंगे. जिसकी भी गलती है, पीसीबी के अध्यक्ष रमीज़ राजा को इसे देखना चाहिए. कराची में किसी नए व्यक्ति की नियुक्ति की गई है. उन्हें बताना चाहिए कि टीम यहां पर है, जहां उनका ध्यान रखा जाना चाहिए, ताकि खिलाड़ियों को किसी तरह की परेशानी न आए."
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि विरोध में बाबर आज़म ने ग्राउंड पर उतरने से मना कर दिया. पाकिस्तान किक्रेट के कप्तान अपनी सुरक्षा के लिए खुद अपने किक्रेट बोर्ड के खिलाफ विरोध कर रहे हैं.” (bbc.com/hindi)
लियोनेल मेसी ने अर्जेंटीना के लिए 36 साल बाद फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप जीता और न केवल उनके देश का बल्कि ख़ुद इस स्टार फ़ुटबॉल खिलाड़ी के लिए एक ऐसा सपना पूरा हुआ जो उन्होंने एक लंबे अरसे से संजोया हुआ था.
सात बार बैलॉन डोर जीतने वाले मेसी, 10 बार ला लीगा खिताब और चार बार चैंपियन्स लीग खिताब जीतने वाली टीम में शामिल रहे हैं.
क़तर में रविवार को खेले गए फ़ाइनल से पहले वर्ल्ड कप के सिवा मेसी के नाम फ़ुटबॉल की हर बड़ी मौजूदा उपलब्धि मौजूद थी.
यहां तक कि अर्जेंटीना को भी वर्ल्ड कप जीते 36 साल हो गए थे. अर्जेंटीना ने 1986 में इससे पहले मैराडोना के नेतृत्व में वर्ल्ड कप जीता था.
अर्जेंटीना की टीम बेहतरीन फ़ुटबॉल खेलती है और इस साल भी यह टीम मजबूत प्रदर्शन कर रही थी लेकिन टीम को वर्ल्ड चैंपियन का खिताब जीतने के लिए कुछ अलग करने की ज़रूरत थी. इस वर्ल्ड कप में मेसी के 'मिडास टच' ने वो ज़रूरी करामात भी कर डाला.
जीत के बाद मेसी की आंख से आंसू बहते दिखे. अपनी टीम के साथ वे इस जीत के जश्न में शामिल हुए. पूरी टीम का स्टेडियम में दर्शकों ने अभिवादन किया.
जीत का तोहफ़ा मां ने मेसी को गले लगा कर दिया. कुछ देर के बाद मेसी के पिता भी मैदान में दिखे. फिर उनकी पत्नी और बच्चे भी आ गए.
मेसी के बच्चों के चेहरे पर ये भाव साफ़ झलक रहा था कि उनके पिता ने कोई बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यह मेसी का छठा वर्ल्ड कप था. वे पहले ही यह एलान कर चुके हैं कि ये उनका आखिरी वर्ल्ड कप होगा.
ग्रेटेस्ट ऑफ़ ऑल टाइम
हालांकि इस मुक़ाबले से पहले तक मेसी के लिए GOAT यानी ग्रेटेस्ट ऑफ़ ऑल टाइम का इस्तेमाल नहीं किया गया. लेकिन मैच के बाद प्रीमियर लीग के स्टार फ़ुटबॉलर ने मेसी के लिए GOAT शब्द का इस्तेमाल किया.
फ़ाइनल में रविवार को मेसी ने गोल करने की अपनी जबरदस्त क्षमता का प्रदर्शन किया.
मेसी के करियर पर नज़र दौड़ाते हुए दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमी खेल के एक और बड़े दिग्गज को याद करने लगे.
वो दिग्गज खिलाड़ी हैं भारत के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर.
तारीख़- 2 अप्रैल, 2011. वेन्यू- वानखेड़े स्टेडियम, मुंबई.
तब सचिन के नाम 10,000 से अधिक रन थे.
सचिन तब क्रिकेट के कई प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाली टीम के सदस्य भी रह चुके थे. मैच फिक्सिंग की आंधी के बाद वो भारतीय क्रिकेट की छवि को दुरुस्त करने वाले खिलाड़ियों की अगुवाई करने वालों में से थे. तब वो कप्तानी का कांटों भरा ताज भी पहन चुके थे.
मिडिल ऑर्डर से ओपनर के किरदार में नई गेंद का सामना करने और बड़े से बड़े गेंदबाज़ की गेदों पर चौके छक्के जड़ने और शतकों का अंबार लगाने का कारनामा कर रहे थे. यह वो शख़्स थे जिनके ईर्द-गिर्द भारतीय क्रिकेट की बल्लेबाज़ी घूमा करती थी.
सचिन भारतीय क्रिकेट का वो नाम थे कि जब मैच में वो आउट हो जाते तो घरों के टीवी सेट भी बंद कर दिए जाते थे.
सचिन के नाम इतना कुछ तब था लेकिन वर्ल्ड कप जीतने का सौभाग्य तब उन्हें प्राप्त नहीं था.
1983 में कपिल देव के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज जैसी मजबूत टीम को हरा कर पहली बार वर्ल्ड कप जीता था. तब सचिन केवल 10 साल के थे.
वहीं जब 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड कप जीता तब सचिन तेंदुलकर समेत टीम के सभी सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया था और वो टीम में शामिल नहीं थे.
2011 में क्या हुआ था?
सचिन तेंदुलकर 1992 से पांच वर्ल्ड कप खेल चुके थे. अब 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम यानी अपने घरेलू मैदान पर भारतीय टीम वर्ल्ड कप का फ़ाइनल खेल रही थी.
टीम ने सचिन तेदुलकर के लिए वर्ल्ड कप जीतने की ठानी थी. दर्शकों का समर्थन जबरदस्त था.
टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोच गैरी कर्स्टन की जोड़ी ने खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के लिए पूरी छूट दे रखी थी. खुल कर खेलने और मैच को एन्जॉय करने का संदेश था. अपनी खराब सेहत के बावजूद युवराज सिंह ने मैच में ज़ोरदार खेले.
पूरे टूर्नामेंट में युवराज सिंह ने बल्ले, गेंद और फील्डिंग में बेहतरीन प्रदर्शन किया था. उस टूर्नामेंट के हर मैच में टीम को एक नया हीरो मिल रहा था. कभी ज़हीर ख़ान तो कभी सुरेश रैना, तो कभी गौतम गंभीर.
भारतीय टीम ने दिखाया कि पूरी टीम अगर एकजुट हो कर प्रदर्शन करे को नतीजा किस कदर सकारात्मक होता है.
जब टीम इंडिया के साथ-साथ सचिन जीते
फ़ाइनल में भारतीय टीम 274 रनों का पीछा कर रही थी, सचिन उस मैच में अपने कद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके. लेकिन गौतम गंभीर और महेंद्र सिंह धोनी ने शानदार साझेदारी की और टीम को चैंपियन बना ले गए. जीत के बाद सचिन तेंदुलकर को खुशी में आंसू बहाते देखा गया.
उन्होंने युवराज सिंह को गले लगाया. वो तस्वीर आज भी क्रिकेट प्रशंसकों के जेहन में क़ैद है. सचिन ने अपने हाथ में तिरंगा थामा तो युसूफ़ पठान ने उन्हें कंधे पर उठा लिया और मैदान के चक्कर लगाने लगे और मास्टर ब्लास्टर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते रहे.
पूरा स्टेडियम क्रिकेट के इस दिग्गज को सलाम करने लगा. सचिन ने वर्षों तक क्रिकेट की दुनिया में अपनी बल्लेबाज़ी से कई रिकॉर्ड बनाए.
दोनों पर लाखों लोगों की उम्मीदें लदी रहती थीं
अर्जेंटीना दक्षिण अमेरिका में एक देश है. तो भारत में क्रिकेट की पूजा होती है. उनका हीरो मेसी है तो यहां सचिन तेंदुलकर को 'भगवान' की संज्ञा तक दी गई.
क्रिकेट और फ़ुटबॉल दोनों ही अलग खेल हैं. हालांकि दोनों ही दिग्गजों के लिए अपने सपने को पूरा करने का तरीक़ा एक जैसा रहा. मेसी ने अपनी ताक़त दिखाई और अपने आखिरी वर्ल्ड कप मैच में गोल किए तो सचिन ने अपने अंतिम वर्ल्ड कप में दो शतक और दो अर्धशतकों समेत 482 रन बनाए.
दोनों खिलाड़ियों के कंधे पर उनके देश के लाखों लोगों की उम्मीदें लदी रहती थीं. दोनों इस दबाव से थके नहीं. फैन्स के प्यार ने उनकी ताक़त को बढ़ाया ही.
नायाब तोहफा
क़तर के वर्ल्ड कप फ़ाइनल में ऐसा भी पल आया जब (एमबापे ने गोल कर बराबरी कर दी तो) ये लगने लगा कि मेसी का ये सपना अधूरा ही रह जाएगा. कुछ ऐसा ही वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए 2011 के उस फ़ाइनल में भी आया था जब टीम इंडिया ने लक्ष्य का पीछा लड़खड़ाते क़दमों से किया था. लेकिन दोनों ही मुक़ाबले में लगता है कि नीयती ने भी ये तय कर लिया था कि कई वर्षों से चला आ रहा ये सूखा ख़त्म हो जाए.
11 साल के अंतराल पर खेल के दो दिग्गजों ने न केवल अपने सपने पूरे किए बल्कि अपने देश को और प्रशंसकों को वर्ल्ड कप के रूप में लंबे अरसे बाद एक नायाब तोहफा दिया.
जर्सी नंबर-10
रविवार के मुक़ाबले के बाद सचिन तेंदुलकर और मेसी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर लगातार शेयर की जा रही थीं. ख़ुद सचिन तेंदुलकर ने भी मेसी और अर्जेंटीना को ट्वीट कर बधाई दी.
वर्ल्ड कप फ़ाइनल के शुरू होने से पहले सचिन क्रिकट्रैकर के हैंडल के ट्वीट को रीट्वीट भी किया था. वो एक फ़ोटो ट्वीट था जिसमें सचिन तेंदुलकर और लियोनेल मेसी की जर्सी शेयर की थी. मैदान पर दोनों खिलाड़ियों की पहचान 10 नंबर की जर्सी रही है.
दोनों में एक और समानता है. दोनों आठ साल पहले वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में उपविजेता टीम के हिस्सा थे. सचिन को जहां 2011 में वर्ल्ड कप की ट्रॉफ़ी उठाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ वहीं मेसी ने अब 2022 में यह ट्रॉफ़ी हासिल की. (bbc.com/hindi)
-जूलियन लॉरेंज़
कई मायनों में दुनिया किलियन एमबापे के क़दमों में है. रविवार को वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना से मिली उनकी फ़्रांसिसी टीम को पेनाल्टी शूटआउट में हार के बावजूद, एमबापे हैट्रिक लगाकर दुनिया भर में चर्चाओं के केंद्र में है.
23 साल के एमबापे ने जो कल किया है उस पर कई सुपरस्टार बस रश्क कर सकते हैं. किसी भी खिलाड़ी के लिए वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में हैट्रिक लगाना एक सपने-सा हो सकता है. एमबापे ने वही किया है.
बस उनकी टीम जीत जाती तो सोने पर सुहागा हो जाता.
तो आख़िर क्या है एमबापे की कहानी?
फ़ुटबॉल के लिए उनके जुनून को समझने के लिए आइए शुरुआत करते हैं उनके बचपन से.
फ़्रांस की नंबर टेन जर्सी पहनने वाले एमबापे पेरिस के उत्तर के छोटे से शहर बॉन्डी में पैदा हुए थे. एमबापे के परिवार में उनके अलावा उनके पिता विलफ़्रेड, मां फ़ैज़ा और गोद लिया भाई केंबो इकोको हैं.
ये परिवार बॉन्डी फ़ुटबॉल क्लब के घरेलू मैदान के ठीक सामने रहता था. यहीं उनके सबसे छोटे भाई एथन का जन्म हुआ था. सिर्फ़ सड़क पार करनी थी कि एमबापे फ़ुटबॉल के ग्राउंड में होते थे. वो घंटों अपने दोस्तों के साथ सिर्फ़ फ़ुटबॉल खेलते.
उनके पिता विलफ़्रेड लोकल क्लबों से जुड़े हुए थे. उन्होंने कई टीमों को कोचिंग भी दी थी. इलाक़े में उनका ख़ासा सम्मान था. पेरिस के फ़ुटबॉल क्लबों में भी उनकी साख अच्छी थी.
विलफ़्रेड के बेटे एमबापे को फ़ुटबॉल के अलावा कुछ पसंद नहीं था. वो तो बस अपने पिता के आस-पास मंडराते रहते और जिन टीमों को पिता कोच करते वहां जमकर फ़ुटबॉल खेलते रहते.
घर में हर चीज़ फ़ुटबॉल के इर्द-गिर्द घूमती थी, फिर चाहे टीवी पर मैच देखने हों, दोस्तों के साथ मैच खेलने हों या स्कूल की फ़ुटबॉल टीम के लिए खेलना हो…
एमबापे की हर सांस फ़ुटबॉल था. उनके कमरे की दीवारों पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के पोस्टर अटे पड़े थे. रोनाल्डो को एमबापे अपना आदर्श मानते हैं.
शुरू में ही ये साफ़ हो गया था कि एमबापे के पास फ़ुटबॉल का गिफ़्ट है.
बहुत जल्द उनके हुनर की चर्चा सारे पेरिस में फैलने लगी. फ़्रांस के हर क्लब और कई बड़ी यूरोपीय टीमों के स्काउट भी एलर्ट थे.
लेकिन एमबापे तो एक योजना पर काम कर रहे थे. परिवार भी चाहता था कि किलियन आने वाले कुछ वर्षों तक फ़्रांस में ही रहें. हालांकि अंतरराष्ट्रीय एक्सपोज़र को इनकार करना आसान नहीं रहा.
तो परिवार ने आख़िर में 11 साल के एमबापे के लिए इंग्लैंड के चेल्सी क्लब का ऑफ़र स्वीकर कर लिया. चेल्सी किलियन को एक हफ़्ते की ट्रेनिंग के लिए अपने साथ ले गया. उसके बाद किलियन ने 12 साल की उम्र में रियाल मैड्रिड के साथ भी एक सप्ताह बिताया.
यूरोप के इन दोनों बड़े क्लबों ने किलियन के मां-बाप को मनाने की कोशिश की लेकिन वे न तो अपने बेटे को लंदन भेजना चाहते थे और नहीं मैड्रिड. हांलाकि ये क्लब मुंहमांगी क़ीमत देनें को तैयार बैठे थे.
लेकिन परिवार अपने सितारे को अभी और परखना चाहता था. वो जहां भी गया, सबसे बेहतरीन साबित हुआ. पेरिस की अभिजात एकेडमी क्लोयरफ़ोंते में भी वो सबसे बढ़िया खिलाड़ी साबित हुए.
सैकड़ो 13 वर्षीय बच्चों में से चुनकर आए खिलाड़ी इस नामचीन एकेडमी में दो साल बिताते हैं. और वीकेंड में छोटे-मोटे क्लबों के साथ मैच खेले जाते हैं. कई बार प्रोफ़ेशनल क्लब भी आते हैं. उन्हें कोई खिलाड़ी पसंद आए तो उसका करियर संवर जाता है.
इस एकेडमी में एमबापे का हुनर देखकर कई क्लब उनके पीछे पड़ गए. लेकिन उनका इरादा एकेडमी में पूरे दो साल बिताने के बाद ही अगला क़दम तय करने का था.
सेएन क्लब को एक बार लगा कि एमबापे उनके पास आ रहे हैं पर ऐन वक़्त पर उन्होंने मोनाको को चुना. मोनाको ने वादा किया था कि उन्हें जल्द ही मुख्य टीम में खिलाया जाएगा. 15 साल के एमबापे को और क्या चाहिए था. फ़ुटबॉल के लिए उनका जुनून हदों के बाहर था.
मोनाको में वो युवा टीमों में शामिल किये जाने लगे थे. लेकिन उनका सपना तो अपने आदर्श यानी रोनाल्डो की तरह चैंपियन्स लीग में खेलने का था.
एमबापे को मिली बेतहाशा कामयाबी को समझने के लिए उनके परिवार को समझना पड़ेगा. सारा परिवार हमेशा उनके साथ रहा. एमबापे मोनाको गए तो सभी वहीं चले गए.
जब बेहतरीन खेल खेलने के बाद भी उन्हें मोनाको में बड़ों की टीम में अवसर नहीं दिया गया तो उन्होंने इसका पुरज़ोर विरोध किया.
आख़िरकार दिसंबर 2015 में मोनाको फ़ुटबॉल क्लब के कोच लियानार्डो जार्डिम ने एमबापे को अवसर दिया. 16 साल 347 दिन की उम्र में मोनाको के लिए खेलकर उन्होने थॉरी ऑनरी का सबसे कम उम्र का क्लब खिलाड़ी होने का रिकॉर्ड तोड़ दिया था.
जल्द ही उन्होंने मोनाको क्लब के लिए सबसे युवा गोलस्कोरर बनने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया.
उसके बाद तो उन्हें कोई नहीं रोक पाया. पहली बार 15 मार्च 2017 को, 18 साल 95 दिन की उम्र में उन्हें फ़्रांस की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का मौक़ा मिला. अगले ही मैच में एमबापे ने अपना पहला गोल कर दिया.
इसके बाद तो सारे यूरोप के क्लबों में उन्हें साइन करने की होड़ लग गई.
रियाल मैड्रिड ने तो एमबापे को अपने साथ मिलाने के लिए भरसक कोशिश की. क्लब कई ट्रायल करवाए, फ्रैडली मैच खिलवाए, ज़िडान और रोनाल्डो से मिलवाया. क्लब ने उन्होंने लुभावने ऑफ़र दिए लेकिन कुछ काम नहीं आया.
अंत में एमबापे ने फ़्रांस के नामचीन क्लब पीएसजी को चुनाव. 13 करोड़ पाउंड की इस डील के बाद, पीएसजी ने पांच से चार लीग वन टाइटल जीते हैं.
और जैसे कि अंग्रेज़ी में कहते हैं- द रेस्ट इज़ हिस्ट्री. (bbc.com/hindi)
क़तर में खेले गए फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में अर्जेंटीना की टीम चैंपियन बनी. एक्स्ट्रा टाइम तक मैच 3-3 से बराबरी पर छूटने के बाद हुए पेनल्टी शूटआउट में अर्जेंटीना ने फ़्रांस पर 4-2 से जीत दर्ज की.
यह मैच पूरे उतार चढ़ाव भरा रहा और दोनों ही टीम के जर्सी नंबर-10, यानी अर्जेंटीना के लिए लियोनेल मेसी तो फ़्रांस के लिए किलियन एमबापे छाए रहे.
जहां मेसी को वर्ल्ड कप मिला वहीं किलियन एमबापे को मैच में हैट्रिक गोल दाग़ने के बाद भी ट्रॉफ़ी से महरूम रहना पड़ा. फ़ाइनल में मिली हार के बाद एमबापे किलियन एमबापे ने ट्वीट किया है, "हम वापस आएंगे."
एमबापे ने फ़ाइनल में तीन गोल समेत इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक 8 गोल किए और लियोनेल मेसी (7 गोल) को पछाड़ते हुए गोल्डन बूट हासिल किए.
फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप में गोल्डन बूट अवार्ड उस खिलाड़ी को दिया जाता है, जिसने टूर्नामेंट में सबसे अधिक गोल किए हैं. एमबापे ने 2018 के वर्ल्ड कप में भी चार गोल किए थे.
फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप 2026 संयुक्त रूप से अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको में आयोजित किया जाएगा और सब कुछ ठीक रहा तो 23 वर्षीय एमबापे के उसमें खेलने के पूरे आसार हैं.
ढाका, 19 दिसंबर। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा एकदिवसीय श्रृंखला के दौरान उंगली में लगी चोट से पूरी तरह उबरने में विफल रहे हैं और बांग्लादेश के खिलाफ गुरुवार से शुरु होने वाले दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच में उनकी उपलब्धि पर संदेह है।
टेस्ट श्रृंखला से पहले खेली गयी एकदिवसीय श्रृंखला के दूसरे मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान उनका बायां अंगूठा चोटिल हो गया था। भारतीय टीम एकदिवसीय श्रृंखला 1-2 से हार गयी थी।
भारत ने लोकेश राहुल की अगुवाई में चटगांव में खेला गया पहला टेस्ट मैच 188 रन से जीता था
रोहित चोट के उपचार के लिए मुंबई पहुंच गये थे।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ रोहित दूसरे टेस्ट मैच के लिए अभी ढाका नहीं पहुंचे हैं। उनकी हथेलियों में सूजन है और वह दर्द महसूस कर रहे हैं। इस बात की संभावना कम है कि वह टेस्ट मैच खेलें।’’
भारतीय टीम इस मुकाबले को जीतकर लगातार दूसरी बार विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को मजबूत करना चाहेगी।
राहुल ने पहले टेस्ट के बाद कहा था कि रोहित की मौजूदगी पर एक-दो दिन में फैसला होगा।
इस टेस्ट के बाद भारत को घरेलू सरजमीं पर श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ सीमित ओवर की श्रृंखलाओं मे खेलना है
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला का आयोजन फरवरी-मार्च में होगा। (भाषा)
कराची, 19 दिसंबर। इंग्लैंड के स्पिनरों जैक लीच और रेहान अहमद ने स्पिनरों की मददगार पिच का फायदा उठाते हुए श्रृंखला के तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में सोमवार को यहां चाय के विश्राम तक पाकिस्तान का स्कोर छह विकेट 177 रन करके अपनी स्थिति मजबूत कर ली।
लीच ने दिन के शुरुआती सत्र में छह गेंद के अंतर छह विकेट चटकाए जबकि युवा गेंदबाज अहमद ने दूसरे सत्र में 17 गेंद के अंदर तीन विकेट लेकर पाकिस्तान को बैकफुट पर धकेल दिया। पाकिस्तान की टीम के पास अब 127 रन की बढ़त है और उसके चार विकेट बचे हुए है। पाकिस्तान की पहली पारी में 304 रन के जवाब में इंग्लैंड ने 354 रन बनाये थे।
अहमद ने इस दौरान अर्धशतक जमाने वाले बाबर आजम (54) और सउद शकीक (53) के विकेट चटाकाये। उन्होंने कप्तान बाबर को पवेलियन भेजकर इन दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 110 रन की साझेदारी को तोड़ा।
बाबर इस दौरान साल 2022 में 1000 रन पूरा करने वाले चौथे टेस्ट बल्लेबाज बने। वह अर्धशतक पूरा करने के बाद अहमद की गेंद पर आक्रामक शॉट लगाने के चक्कर में शॉट मिडविकेट के पास ओली पोप द्वारा लपके गये।
अहमद 18 साल और 126 दिन की उम्र में टेस्ट पदार्पण करने वाले इंग्लैंड के सबसे युवा खिलाड़ी है। उन्होंने बाबर को आउट करने के बाद लगातार दो ओवरों में मोहम्मद रिजवान (सात) और शकील को आउट कर मैच में इंग्लैंड की पकड़ मजबूत कर दी।
अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला में शकील की यह चौथी अर्धशतकीय पारी थी।
पाकिस्तान ने इससे पहले दिन की शुरुआत बिना किसी नुकसान के 21 रन से की । सलामी बल्लेबाज शान मसूद (24) और अब्दुल्ला शफीक(26) ने अर्धशतकीय साझेदारी कर इंग्लैंड की पहली पारी में हासिल की गयी 50 रन की बढ़त को खत्म किया।
लीच ने मसूद को बोल्ड कर इंग्लैंड को पहली सफलता दिलायी। उन्होंने इसके चार गेंद बाद अपना आखिरी टेस्ट खेल रहे अजहर अली को खाता खोले बगैर बोल्ड किया। अगले ओवर की पहली गेंद पर उन्होंने शफीक को पगबाधा किया जिससे पाकिस्तान का स्कोर बिना किसी नुकसान के 53 रन से तीन विकेट पर 54 रन हो गया।
पूर्व कप्तान अजहर के आउट होने के बाद इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने उन्हें हाथ मिलाकर जबकि पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने सीमा रेखा के पास उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
सैंतीस साल के अजहर ने 97 टेस्ट खेले है और इस मैच से पहले उन्होंने संन्यास की घोषणा की थी।
तीन झटके लगाने के बाद बाबर और शकील ने दो घंटे 45 मिनट तक इंग्लैंड के स्पिनरों का डटकर सामना किया लेकिन चाय के विश्राम से पहले उनकी साझेदारी टूट गयी । (एपी)