खेल
राउरकेला, 14 जनवरी। तीन बार की चैम्पियन नीदरलैंड ने एफआईएच पुरूष हॉकी विश्व कप में अपने अभियान का जीत के साथ आगाज करते हुए शनिवार को मलेशिया को 3 . 0 से हराया जबकि न्यूजीलैंड ने चिली पर 3 . 1 से जीत दर्ज की ।
पूल सी के पहले मैच में न्यूजीलैंड के लिये सैम हिहा ने पहले दो क्वार्टर में दो फील्ड गोल (11वां और 18वां मिनट) दागे जबकि सैम लेन ने नौवें मिनट में पहला गोल किया था ।
चिली के लिये एकमात्र गोल इग्नासियो कोंटार्डो ने 49वें मिनट में किया।
दूसरे मैच में टी वान डैम ने 19वें मिनट में गोल करके दुनिया की तीसरे नंबर की टीम नीदरलैंड को बढत दिलाई । तीन बार की विश्व कप विजेता नीदरलैंड के लिये जिप जांसेन ने चार मिनट बार पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल किया । तेउन बेंस ने 46वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके स्कोर 3 . 0 कर दिया ।
नीदरलैंड बेहतर गोल औसत के आधार पर पूल में शीर्ष पर है जबकि न्यूजीलैंड दूसरे स्थान पर है ।
अगले पूल मैच में सोमवार को नीदरलैंड का सामना न्यूजीलैंड से और मलेशिया का चिली से होगा। (भाषा)
नेट बॉलर के रूप में बुलावा भारत व न्यूजीलैंड मैच में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 14 जनवरी। जिले में उभरते हुए युवा खिलाड़ी सचिन चौहान को 21 जनवरी को रायपुर में होने वाले भारत और न्यूजीलैंड मैच के दौरान नेट बॉलर के रूप में आमंत्रित किया गया है। जिला क्रिकेट संघ के सचिव रामचन्द्र शर्मा ने बताया कि 21 जनवरी को रायपुर में न्यूजीलैंड व भारत के बीच वन डे मैच होने वाला है।
इस अंतरराष्ट्रीय मैंच में 19 जनवरी को दोनों ही टीमें रायपुर पहुंचेंगी। 20 जनवरी को अभ्यास सत्र भारतीय टीम के लिए रखा गया है। इसमें शहर के युवा खिलाड़ी, छत्तीसगढ़ की अंडर 25 टीम के सदस्य, बेहतरीन बॉलर के रूप में स्थापित सचिन चैहान को इस अभ्यास सत्र में नेट बॉलर के रूप में भारतीय टीम को गेंदबाजी करने के लिए बुलावा आया है।
ज्ञात हो कि वर्तमान में भारतीय टीम के सदस्य तेज गेंदबाज उमरान मलिक जैसे कई खिलाड़ी अपनी शुरूआत नेट बॉलर के रूप में कर चुके हैं। यह शानदार मौका सचिन को आने वाले समय में आईपीएल टूर्नामेंट या ऊंचाई पर पहुंचाने में मदद कर सकता है। सचिन के नेट बॉलर के रूप में चयनित होने पर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष संतोष पाण्डेय सहित सभी खिलाडियों ने, खेल प्रेमियों ने, पूर्व खिलाडियों ने बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।
राउरकेला, 14 जनवरी अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने कहा कि नया बिरसा मुंडा स्टेडियम बैठने की क्षमता वाला दुनिया का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम है और इसे ‘वर्क ऑफ आर्ट’ (कलाकृति) करार दिया।
एफआईएच द्वारा पीटीआई को की गयी इस पुष्टि से इस 21,000 दर्शकों की क्षमता वाले स्टेडियम को लेकर चल रहा विवाद भी खत्म हुआ जो ओडिशा सरकार द्वारा इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम का दावा करने के बाद शुरू हुआ था।
भारत के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के नाम पर बने इस शानदार स्टेडियम के उद्घाटन के बाद ओडिशा सरकार के अधिकारियों ने दावा किया था कि यह बैठने की क्षमता को देखते हुए सबसे बड़ा स्टेडयम था।
लेकिन भाजपा विधायक शंकर ओराम ने उनके दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह सबसे बड़ा नहीं बल्कि दुनिया का चौथा बड़ा स्टेडियम है।
एफआईएच ने कहा कि राउरकेला का यह स्टेडियम निश्चित रूप से बैठने की क्षमता वाला सबसे बड़ा फील्ड हॉकी स्टेडियम है।
एफआईएच ने एक ईमेल में कहा, ‘‘यह स्टेडियम वास्तुकला की दृष्टि से ही नहीं बल्कि कला की दृष्टि से भी और बैठने की क्षमता के लिहाज से भी दुनिया का सबसे बड़ा फील्ड हॉकी स्टेडियम है। ’’
विश्व कप के मैच स्टेडियम के उद्घाटन के कुछ दिन बाद ही शुरू हुए जबकि इस पर किसी भी सीनियर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट या मैच की मेजबानी नहीं की गयी।
विश्व संस्था ने इस मुद्दे पर जवाब नहीं दिया बल्कि कहा कि उसे विश्व कप के लिये स्टेडियम के तैयार होने में कोई संशय नहीं था।
एफआईएच के वरिष्ठ संचार मैनेजर निकोलस मेंगोट ने कहा, ‘‘हम विश्व कप के आयोजन के संबंध में हॉकी इंडिया और ओडिशा सरकार के लगातार संपर्क में थे और हमें राउरकेला में बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम के तैयारी के संबंध में कोई चिंता नहीं थी। ’’
दुनिया के सबसे बड़े हॉकी स्टेडियमों की कोई आधिकारिक सूची नहीं है। (भाषा)
नई दिल्ली, 14 जनवरी | आईपीएल की 10 फ्ऱैंचाइजी में से आठ ने महिला आईपीएल के लिए रूचि दिखाई है। महिला आईपीएल टीमों का स्वामित्व पाने के लिए ये फ्रैंचाइजी बोली लगाने वालों की दौड़ में शामिल हैं। हालांकि इसमें से सिर्फ पांच को सफलता मिलेगी, जिसका ऐलान बीसीसीआई 25 जनवरी को करेगा।
इन टीमों में मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रॉयल्स, सनराइजर्स हैदराबाद, पंजाब किंग्स, दिल्ली कैपिटल्स और गुजरात टाइटंस जैसी फ्ऱैंचाइजी शामिल हैं। सिर्फ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू और लखनऊ सुपर जायंट्स की स्थिति का पता नहीं चल पाया है। इन आठ आईपीएल टीमों के अलावा अन्य भी महिला आईपीएल टीम के लिए टेंडर खरीद सकते हैं, जो तीन जनवरी से बिकना शुरू हुआ था।
महिला आईपीएल टीमों के लिए बीसीसीआई ने 10 शहरों की सूची जारी की है, जिसमें से पांच शहरों का चयन होगा। महिला आईपीएल टीमों की बोली के लिए कोई आधार मूल्य नहीं रखा गया है। हालांकि वहीं कंपनियां या फर्म बोली लगा सकते हैं, जिनका 31 मार्च 2022 तक ऑडिट मूल्य कम से कम 1000 करोड़ हो। यह बोली 10 सालों (2023 से 2032) के लिए मान्य होगी।
बोर्ड की सहायता करने वाली कानूनी फर्म आर्गस पार्टनर्स के साथ बीसीसीआई बोलियों का मूल्यांकन करेगा। अपनी बोली जमा करने से पहले सभी बोलीदाताओं को 23 जनवरी तक पात्रता डॉक्यूमेंट भी अलग से जमा करने होंगे।
आईटीटी की जानकारी के आधार पर पहले तीन सीजन (2023-25) में 22-22 मैच होंगे। महिला आईपीएल के लीग चरण में प्रत्येक टीम एक-दूसरे से दो-दो बार (कुल 20 मैच) खेलेगी और तालिका में शीर्ष पर रहने वाली टीम सीधे फाइनल में पहुंचेगी। लीग में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीमें फाइनल खेलने वाली दूसरी टीम बनने के लिए एलिमिनेटर खेलेंगी।
बीसीसीआई ने यह भी कहा है कि मार्च महीना महिला आईपीएल के लिए विंडो रहेगा। 2026 सीजन से महिला आईपीएल में "33-34" मैच हो सकते हैं, लेकिन बीसीसीआई ने इस टूर्नामेंट संरचना पर कोई विवरण नहीं दिया है। (आईएएनएस)|
मुंबई, 14 जनवरी | भारतीय टी20 टीम में वापसी करने वाले पृथ्वी शॉ ने उन्हें मिलने वाले बधाई संदेश दिखाए हैं। पृथ्वी को न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए भारतीय टीम में चुना गया है।
जुलाई 2021 में आखिरी बार भारत के लिए खेलने वाले पृथ्वी शॉ की टी20 अंतर्राष्ट्रीय टीम में वापसी हुई है। शॉ ने इस ह़फ्ते रणजी ट्रॉफी में असम के विरुद्ध 383 गेंदों पर 379 रन बनाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था। यह रणजी ट्रॉफी इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है।
भारत ने घर पर न्यूजीलैंड के विरुद्ध होने वाली टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज के लिए रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियों को टीम से बाहर रखा है। टीम की कप्तानी हार्दिक पांड्या करेंगे। के एल राहुल और अक्षर पटेल तो टी20 के अलावा वनडे दल का हिस्सा नहीं हैं। हालांकि बीसीसीआई ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया कि इन दोनों खिलाड़ियों को पारिवारिक प्रतिबद्धताओं के कारण छुट्टी दी गई है लेकिन रोहित और कोहली की अनुपस्थिति का कोई कारण नहीं बताया गया है।
नतीजतन पिछले दो टी20 विश्व कप में खेलने वाला भारतीय शीर्ष क्रम लगातार दूसरी टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज का हिस्सा नहीं होगा।
शॉ ने अपने मित्रों और प्रशंसकों से मिले बधाई संदेशों को अपने इंस्ट्राग्राम हैंडल पर दिखाया। हालांकि कुछ समय पहले श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के लिए नजरअंदाज किये जाने पर शॉ ने शायरी का सहारा लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।
उन्होंने अपने इंस्ट्राग्राम हैंडल पर उजैर हिजाजी की शायरी पोस्ट की थी, "किसी ने मुफ्त में पा लिया वो शख्स, जो मुझे हर कीमत पे चाहिए था।" (आईएएनएस)|
बीसीसीआई ने न्यूज़ीलैंड के साथ होने वाली एकदिवसीय सिरीज़ और टी-20 सिरीज़ के लिए भारतीय क्रिकेट टीम की घोषणा कर दी है. 18 जनवरी से शुरू हो रही इस सिरीज़ के लिए न्यूज़ीलैंड की टीम भारत आएगी.
दोनों टीम तीन एकदिवसीय सिरीज़ और तीन टी20 मैच खलेंगे. इसके अलावा भारत और ऑस्ट्रेलिया की बीच चार मैचों की टेस्ट सिरीज़ होने वाली है. इस सिरीज़ का आयोजन भी भारत में होगा.
इस सिरीज़ के पहले दो टेस्ट मैच के लिए भी टीम और तारीख़ों की घोषणा कर दी गई है.
सूर्यकुमार यादव और ईशान किशान को पहली बार टेस्ट टीम में शामिल किया गया है.
सूर्यकुमार यादव ओडीआई और टी-20 में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं. वो टेस्ट मैच खेलने की भी इच्छा जता चुके हैं. वहीं, पृथ्वी शॉ को टी20 मैच के लिए टीम में शामिल किया गया है. वो करीब साल भर बाद भारतीय टीम में वापसी कर रहे हैं.
वह आख़िरी बार जुलाई 2021 में श्रीलंका के साथ हुई टी20 सिरीज़ में खेले थे. इस बार भी ओडीआई के लिए रोहित शर्मा को और टी20 के लिए हार्दिक पंड्या को कप्तान बनाया गया है.
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वनडे टीम-रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, ईशान किशन (विकेटकीपर), विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, केएस भरत (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या (उप कप्तान), वॉशिंगटन सुंदर, शहबाज़ अहमद, शर्दुल ठाकुर, यजुवेंद्र चहल, कुलदीप चहल, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमरान मलिक.
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टी20 टीम-हार्दिक पंड्या (कप्तान), सूर्यकुमार यादव (उप कप्तान), ईशान किशन (विकेटकीपर), ऋतुराज गाइकवाड, शुभमन गिल, दीपक हुडा, राहुल त्रिपाठी, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), वॉशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव, यज़ुवेंद्र चहल, अर्शदीप सिंह, उमरान मलिक, शिवम मावी, पृथ्वी शॉ, मुकेश कुमार.
केएल राहुल और अक्षर पटेल कुछ पारिवारिक कारणों से न्यूज़ीलैंड सिरीज़ का हिस्सा नहीं होंगे.
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज़ की बात करें तो पहला मैच नौ फरवरी से और दूसरा 17 फरवरी से शुरू होगा.
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट टीम-रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल (उप कप्तान), शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएस भरत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), आर अश्विन, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, जयदेव उनादकाट, सूर्यकुमार यादव
रवींद्र जडेजा इसमें शामिल होते हैं या नहीं ये उनकी फिटनेस पर निर्भर करेगा. (bbc.com/hindi)
(अमित आनंद)
दुबई, 13 जनवरी (भाषा)। श्रीलंका के पूर्व कप्तान दिनेश चांदीमल ने सूर्यकुमार यादव को भारतीय एकदिवसीय एकादश में जगह नहीं मिलने पर आश्चर्य जताते हुए शुक्रवार को कहा कि इस तरह का आक्रामक बल्लेबाज 30 से 50 रन की पारी से पूरे मैच का रूख मोड़ सकता है।
श्रीलंका के लिए 157 एकदिवसीय में लगभग 5000 (4936) रन बनाने वाले चांदीमल ने कहा, ‘‘ यह दिखाता है कि भारतीय क्रिकेट में कितनी प्रतिभा है। मुझे फिर भी लगता है कि सूर्यकुमार यादव एकदिवसीय टीम का हिस्सा हो सकते है।’’
श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और निर्णायक टी20 अंतरराष्ट्रीय में सूर्यकुमार ने शतकीय पारी खेलकर टीम की जीत सुनिश्चित की। उनकी 51 गेंद में नाबाद 112 रन की पारी से भारत ने निर्णायक मुकाबले में श्रीलंका को 91 रन के बड़े अंतर से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला को 2-1 से जीता था।
संयुक्त अरब अमीरात में खेले जा रहे इंटरनेशनल लीग टी20 (आईएलटी20) में डेजर्ट्स वाइपर्स टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे चांदीमल ने कहा , ‘‘ सूर्यकुमार यादव जैसा खिलाड़ी 30 से 50 रन की पारी से प्रतिद्वंद्वी टीम को परेशानी में डाल सकता है। उनकी रन बनाने की गति से काफी फर्क पड़ता है इससे टीम के दूसरे खिलाड़ियों का काम आसान हो जाता है।’’
टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला को गंवाने के बाद श्रीलंका की टीम तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में 0-2 से पीछे है और इसका आखिरी मुकाबला 15 जनवरी को खेला जायेगा।
चांदीमल ने उम्मीद जताई कि टीम सकारात्मक क्रिकेट खेलकर दौरे को अच्छे से खत्म करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के खिलाफ उसकी घरेलू सरजमीं पर खेलना आसान नहीं है। लेकिन मैं चाहूंगा कि हमारे खिलाड़ी सकारात्मक क्रिकेट खेले। सकारात्मक सोच के साथ बल्लेबाजी करें और सकारात्मक सोच के साथ गेंदबाजी करें। ’’
चांदीमल ने कहा कि आईएलटी20 की तरह के लीग से उन खिलाड़ियों को भी फायदा होगा जो राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं।
पिछले साल फरवरी में अपना पिछला टी20 अंतरराष्ट्रीय और नवंबर में एकदिवसीय खेलने वाले इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘ इस लीग में अच्छा प्रदर्शन कर खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में वापसी कर सकते है। अपने कौशल को दुनिया को दिखाने का यह अच्छा मंच है।’’
चांदीमल ने इस बात पर हैरानी जताई की उनकी राष्ट्रीय टीम के कप्तान दासुन शनाका के लिए इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में किसी फ्रेंचाइजी ने बोली नहीं लगायी।
उन्होंने कहा, ‘‘इस मुझे हैरानी हुई। वह ऐसा खिलाड़ी है जो छोटे प्रारूप में कभी में मैच के रूख को बदल सकता है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में कोई टीम उसे अपने साथ जोडेगी।’’
शनाका ने भारत के खिलाफ मौजूदा श्रृंखला के शुरूआती एकदिवसीय में नाबाद 108 रन की पारी खेली। उन्होंने इससे पहले टी20 श्रृंखला में भी गेंद और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया था। दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने नाबाद 56 रन की पारी खेलने के बाद चार रन देकर दो विकेट झटके थे जिससे श्रीलंका ने 16 रन से मैच जीता था।
भुवनेश्वर, 13 जनवरी। पूर्व ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना को एफआईएच पुरूष हॉकी विश्व कप में पूल ए के पहले मैच में दुनिया की 14वें नंबर की टीम दक्षिण अफ्रीका ने काफी कड़ी चुनौती दी हालांकि अर्जेंटीना ने यह मैच 1 . 0 से जीता ।
पहले दो क्वार्टर में कोई गोल नहीं हो सका । रियो ओलंपिक 2016 की चैम्पियन अर्जेंटीना के लिये 42वें मिनट में केसला मेइको ने गोल दागा ।
पहले क्वार्टर में दक्षिण अफ्रीका ने लगातार हमले बोले लेकिन उसे सफलता नहीं मिल सकी । दूसरे क्वार्टर में अर्जेंटीना ने मजबूती से वापसी करते हुए लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर बनाये लेकिन गोल नहीं हो सका ।
ब्रेक के बाद दक्षिण अफ्रीका को भी पेनल्टी कॉर्नर मिला जो बेकार गया । अर्जेंटीना ने 42वें मिनट में जवाबी हमले पर मेइको के गोल के दम पर बढत बनाई ।
आखिरी क्वार्टर में दक्षिण अफ्रीका ने तेज हमले बोले लेकिन अर्जेंटीना का डिफेंस काफी मजबूत था ।
अब अर्जेंटीना का सामना 16 जनवरी को दुनिया की नंबर एक टीम आस्ट्रेलिया से होगा जबकि दक्षिण अफ्रीका की टक्कर फ्रांस से होगी।(भाषा)
बेंगलुरु, 13 जनवरी| भारत की क्रिकेटर वेदा कृष्णमूर्ति ने गुरुवार को कर्नाटक के प्रथम श्रेणी क्रिकेटर अर्जुन होयसला के साथ शादी करके अपने जीवन में एक नई पारी शुरू की। वेदा ने अपनी मां चेलुवंबा देवी (67) की जयंती पर शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया, जिनका 2021 में कोविड-संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हो गया था। उन्होंने दो सप्ताह बाद अपनी बहन वत्सला शिवकुमार (42) को महामारी के कारण खो दिया था।
48 वनडे और 76 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की अनुभवी खिलाड़ी ने इंस्टाग्राम पर अपनी शादी की घोषणा करते हुए कहा, "यह आपके लिए अम्मा (मां) है। आपका जन्मदिन हमेशा खास रहेगा।"
वेद ने अपनी दिवंगत बहन को भी याद करते हुए कहा, "लव यू अक्का (बहन)।"
वेदा और अर्जुन ने बेंगलुरु के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में एक सादे समारोह में अपनी शादी की रस्में पूरी कीं।
साधारण पोशाक में जोड़े ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए और परिवार के कुछ सदस्यों और करीबी दोस्तों की उपस्थिति में अपनी शादी की घोषणा की।
उन्होंने अपने साथी अर्जुन को भी लिखा, "मेरी जान अब तेरी हुई, ध्यान रखना (मेरा प्यार अब मैं तुम्हारी हूं, मेरा ख्याल रखना)।"
वेदा द्वारा अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अपलोड की गई शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। (आईएएनएस)
-संदीप साहू
ओडिशा में पिछले दो दिनों से लापता एक महिला क्रिकेटर का शव शुक्रवार को संदेहास्पद परिस्थितियों में पाए जाने के बाद मामला गरमा गया है.
राजश्री स्वाईं नाम की ये महिला क्रिकेटर बुधवार से कटक शहर के एक होटल से लापता हो गई थी.
आज सुबह 26 वर्षीया राजश्री की स्कूटी और उनकी हेलमेट कटक ज़िले के गुरुडी झाटिया जंगलों के निकट पाया गया, जिसके बाद पुलिस जंगल के अंदर घुसी और राजश्री के शव को एक पेड़ से लटकते हुए हालत में बरामद किया.
कहा जा रहा है कि पुडुचेरी में होने वाली तीन मैचों की श्रृंखला के लिए सीनियर महिला टीम में चयन न होने के बाद से राजश्री गहरे सदमे में थीं. वो कटक में चल रहे 25 खिलाड़ियों की सिलेक्शन कैंप में हिस्सा ले रही थीं.
लेकिन मंगलवार को जब खिलाड़ियों की सूची जारी की गई, तो इसमें उनका नाम नहीं था.
अगले दिन यानी बुधवार को वो अपनी कोच पुष्पांजली बनर्जी को ये कहकर गई थीं कि वह अपने पिता से मिलने पुरी में अपने गांव जा रही हैं.
लेकिन वह अपने गांव के बजाय वह गुरुडी झाटिया के जंगलों में कैसे पहुंच गईं, अभी ये स्पष्ट नहीं है.
पहले ये माना जा रहा था कि टीम में चयन न होने की निराशा के कारण राजश्री ने खुदकुशी कर ली है लेकिन उनके सिर और मुंह में चोट के निशान पाए जाने के बाद आत्महत्या की थिअरी पर प्रश्नचिह्न लग गया है.
राजश्री के पिता गुणानिधि ने आरोप लगाया है कि राजश्री की हत्या की गई है और फिर उनकी लाश को पेड़ से लटका कर उसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है.
उन्होंने अपनी बेटी की हत्या के लिए ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन (ओसीए) को जिम्मेदार ठहराया है. राजश्री की छोटी बहन जयश्री ने भी अपनी बहन की मौत के लिए ओसीए और कोच पुष्पांजली बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने कहा, "मेरी दीदी बहुत ही हंसमुख और खुश मिजाज लड़की थी और वह कभी आत्महत्या नहीं करेगी. अगर वह निराश थी तो घर आती. अगर उसे आत्महत्या भी करना होता तो उसे इतनी दूर जंगलों में जाने की क्या जरूरत थी? जरूर ओसीए वालों ने ही उसके साथ कुछ किया है. वह बेहतरीन खिलाड़ी थी इसके बावजूद उसका चयन नहीं हुआ. उसके साथ नाइंसाफी हुई है."
हालांकि ओसीए ने कहा है कि खिलाड़ियों का चयन पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हुआ है और उसमें किसी तरह का पक्षपात नहीं किया गया है.
ओसीए के सीईओ सुब्रता बेहेरा ने कहा, "हमें बेहद खेद है कि एक उभरते हुए खिलाड़ी का इस तरह मौत हुई. लेकिन हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह से प्रदर्शन के आधार पर हुआ है."
कटक के डीसीपी पिनाक मिश्र ने कहा कि राजश्री के परिवार द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं उन्हें संज्ञान में लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, "फिलहाल गुरुडी झाटिया थाने में एक यू डी (अस्वाभाविक मौत) का मामला दर्ज किया गया है. हम सभी संभावनाओं की तफ्तीश करेंगे. राजश्री के परिवार द्वारा जो इल्जाम लगाए गए हैं, उस दिशा में भी तहकीकात होगी."
यदि आपको आत्महत्या के विचार आ रहे हैं या आपकी जानकारी में किसी और के साथ ऐसा होता है, तो आप भारत में आसरा वेबसाइट या वैश्विक स्तर पर बीफ्रेंडर्स वर्ल्डवाइड के ज़रिए सहयोग ले सकते हैं. (bbc.com/hindi)
राउरकेला, 13 जनवरी | ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को 10-10 लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की जो एफआईएच ओडिशा पुरुष हॉकी विश्व कप में भाग लेने वाले ओडिशा के रहने वाले भारतीय खिलाड़ियों अमित रोहिदास और नीलम संजीप सेस को दिए जाएंगे। रोहिदास और सेस दोनों ने भारतीय टीम में जगह बनाई जो शुक्रवार को स्पेन के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत करेगी।
टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता रोहिदास भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह के उपकप्तान भी हैं। उसके नाम पर 127 मैच का अनुभव हैं, लेकिन पेनल्टी कार्नर के दौरान डिफेंडर को हमेशा एक विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है और उसने अब तक 18 अंतरराष्ट्रीय गोल किए हैं।
रोहिदास के साथ डिफेंस में गोल की रखवाली स्थानीय खिलाड़ी संजीप सेस करेंगे। 30 अंतरराष्ट्रीय मैच और पांच गोल के साथ विश्व कप स्थल से कुछ किलोमीटर दूर कदोबहाल गांव के रहने वाले संजीप सेस राउरकेला के बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम में अपनी उपस्थिति से घरेलू दर्शकों को उत्साहित करने की कोशिश करेंगे। (आईएएनएस)|
'हॉकी का पालनहार' सुंदरगढ़ के लिए यह गर्व का क्षण होगा, जब दोनों खिलाड़ी भारतीय रंग पहनकर मैदान पर उतरेंगे। राउरकेला के बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम में दर्शक निश्चित रूप से हर बार गेंद प्राप्त करने पर रोहिदास और संजीप सेस का हौसला बढ़ाएगें।
आकलैंड, 13 जनवरी | ब्रिटिश टेनिस खिलाड़ी कैमरन नॉरी ने शुक्रवार को यहां अपने दूसरे एएसबी क्लासिक फाइनल में पहुंचने के लिए सेमीफाइनल में अमेरिकी जेनसन ब्रुक्सबी के खिलाफ 6-3, 6-4 से जीत दर्ज की। दक्षिण अफ्रीका में पैदा हुए नॉरी शनिवार के फाइनल में रिचर्ड गास्के के खिलाफ खेलेंगे, जब उनके हमवतन कांस्टेंट लेस्टियन चोट के कारण बाहर हो गए थे।
2023 सीजन में नॉरी ने 6-0 से सुधार किया, ब्रूक्सबी के खिलाफ एक आसान जीत के साथ, जो आकलैंड में अपनी शुरूआत कर रहे थे।
नॉरी ने कहा, "यह जेनसन के साथ एक शानदार मुकाबला था। मुझे पता है कि वह कितनी अच्छी तरह प्रतिस्पर्धा करते हैं। इसलिए मैच सीधे सेटों में जीतना अच्छा था। मुझे खुशी है कि यहां एक अद्भुत माहौल था और मैंने वास्तव में इसका आनंद लिया।" (आईएएनएस)|
कुआलालम्पुर, 13 जनवरी | भारत के नंबर 1 शटलर एचएस प्रणय शुक्रवार को मलेशिया ओपन सुपर 1000 बैडमिंटन टूर्नामेंट में जापान के कोडाई नारोका के हाथों क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गए। कोर्ट 2 पर खेलते हुए दुनिया के आठवें नंबर के प्रणय नरोका से यहां एक्सियाटा एरिना में 16-21, 21-19, 10-21 से हार गए। गैर वरीयता प्राप्त जापानी खिलाड़ी फाइनल में जगह बनाने के लिए आठवीं वरीयता प्राप्त थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसर्न से भिड़ेंगे।
नारोका ने शानदार शुरूआत की और पांच बैक-टू-बैक अंकों के साथ शुरूआती लाभ का फायदा उठाया। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ने मैच में वापसी की और इसे 7-7 से बराबर कर लिया। जापानी शटलर ने पूरे गेम में अपनी बढ़त बनाए रखी और अंत में पहला गेम आसानी से अपने नाम कर लिया।
दूसरे गेम में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली लेकिन अंतत: भारतीय खिलाड़ी ही इस गेम के विजेता के रूप में उभरे और मैच को निर्णायक गेम तक ले गए। नारोका ने अंतिम गेम में पूरी तरह से दबदबा बनाया और मुश्किल से प्रणय को वापसी करने का मौका दिया और अंत में 84 मिनट में मैच अपने नाम कर लिया।
मैच में आगे बढ़ते हुए, जापानी शटलर प्रणय के खिलाफ आमने-सामने के रिकॉर्ड में 3-0 से आगे चल रहे हैं, जिसने पिछले साल अपने दोनों मैच (सिंगापुर ओपन और फिर वल्र्ड टूर फाइनल्स) जीते थे। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 13 जनवरी | आस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम के टेस्ट बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन भारत के प्रमुख आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का सामना करने की संभावना से उत्साहित हैं, जिसे उन्होंने नागपुर में अगले महीने से शुरू होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान "शतरंज का खेल" करार दिया। आस्ट्रेलिया में 2020-21 की शानदार श्रृंखला के दौरान, जिसे भारत ने गाबा में 2-1 से प्रसिद्ध रूप से जीता था, अश्विन और लाबुशेन के बीच अच्छी टक्कर देखी गई थी। आस्ट्रेलिया में, गाबा में टेस्ट से चूकने से पहले अश्विन ने छह पारियों में दो बार लाबुशेन को आउट किया था।
अब, 9 फरवरी को नागपुर से शुरू होने वाली चार मैचों की श्रृंखला लाबुशेन के भारत के पहले टेस्ट दौरे को भी चिन्हित करेगी। एक ऐसा देश जहां उन्होंने 2020 की शुरूआत में वनडे मैच में डेब्यू किया था, और अश्विन के खिलाफ उनका द्वंद्व फिर से एक बड़ा चर्चा का विषय होगा।
उन्होंने कहा, "तब से (पिछली श्रृंखला) मैंने पहले ही सोचना शुरू कर दिया है। मैंने अश्विन के बारे में जो कुछ सुना है और उन्होंने मुझे जिस तरह से गेंदबाजी की है, उसके कारण मैंने अपने खेल में कुछ बदलाव किया है। उनके कुछ विचार और तरीके अलग है। इसलिए यह शतरंज का खेल होने जा रहा है और मैं इसके लिए इंतजार नहीं कर सकता।"
लाबुशेन वर्तमान में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला की समाप्ति के बाद ब्रिस्बेन हीट के लिए बिग बैश लीग (बीबीएल) खेल रहे हैं, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला को आस्ट्रेलिया ने 2-0 से जीता था। आस्ट्रेलिया जनवरी के अंत में सिडनी में एक संक्षिप्त प्रशिक्षण कैंप लगाने के लिए तैयार है और वे नागपुर में शुरूआती टेस्ट से सिर्फ सात दिन पहले भारत आएंगे।
उन्होंने आगे कहा, "लोग सोचते हैं कि अभी यह बिग बैश है तो आप टेस्ट के बारे में बाद में सोचना शुरू करेंगे। लेकिन सोच बहुत आगे होती है। आप अपने दिमाग में सब कुछ प्रोसेस करना शुरू कर देते हैं, आप हर उस परि²श्य से गुजरते हैं जिससे आप किस गेंदबाज के सामने आने वाले हैं। मैंने पहले ही इसके बारे में सोच लिया है। मेरी योजना है तो अब यह केवल पहेली को एक साथ जोड़ने और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि जब खेल का समय हो तो पहेली तैयार हो। यही कुंजी है, और इसी तरह से सारी तैयारी होती है।"
लाबुशेन स्टीवन स्मिथ के साथ भारत के खिलाफ टेस्ट में आस्ट्रेलिया के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा है कि भारत में पहले खेलने का स्मिथ का अनुभव काम आएगा। (आईएएनएस)|
कोलकाता, 13 जनवरी | भारत को नाबाद 64 रन बनाकर श्रीलंका पर चार विकेट से रोमांचक जीत दिलाने के बाद, केएल राहुल ने कहा कि विकेट कीपिंग और वनडे में नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने की दोहरी भूमिका ने उन्हें अपने खेल को थोड़ा बेहतर समझने में मदद की है। 216 का पीछा करते हुए, भारत 86/4 के स्कोर पर संकट में था। तभी राहुल मैदान पर आए और भारत को 2-0 की अजेय बढ़त हासिल करने के लिए बेहतरीन बल्लेबाजी की।
कोलकाता में अपने नाबाद 64 रन में, राहुल ने 60 डॉट गेंदें खेलीं और छह चौके लगाए, जबकि 34 सिंगल और तीन दो डबल लिए। यह एक ऐसी पारी थी, जिसमें राहुल को सतर्क रहना था और फिर शांत दिमाग से खेलते हुए 40 गेंद शेष रहते लक्ष्य का सफल पीछा किया।
उन्होंने कहा, "जाहिर है कि मैंने अभी कुछ वर्षों के लिए ऐसा किया है। 2019 के अंत से, पूरे 2020 और 2021 में कुछ मैचों में, मैंने मध्य क्रम में बल्लेबाजी की यह भूमिका निभाई। यह कुछ नया नहीं है। टीम ने मुझे इस स्थिति और भूमिका में व्यवस्थित होने का समय दिया है।"
उन्होंने आगे कहा, "जब आपको अपने कप्तान और कोच का समर्थन प्राप्त होता है, तो यह आपको ध्यान केंद्रित करने और अपनी 100 प्रतिशत एकाग्रता लाने में मदद करता है, जिसकी टीम उम्मीद कर रही है और वे आपसे क्या करना चाहते हैं। हां, यह उससे अलग है जो मैं अन्य प्रारूपों में करता हूं। यह मुझे खेल को समझने में और मदद करती है।"
पांचवें नंबर पर 15 पारियों में, कभी बैकअप ओपनर के रूप में देखे जाने वाले राहुल का औसत अब 54.25 का है और उनका स्ट्राइक रेट 102.23 है। राहुल ने हर किसी को याद दिलाया हैं कि उन्होंने कोलकाता में अपनी नाबाद 64 रन की पारी के अलावा शानदार कीपिंग से क्या हासिल किया है। विकेट के पीछे, उन्होंने स्वीकार किया कि बहुत मेहनत करनी पड़ी है।
राहुल और हार्दिक पांड्या को शुरूआती दबाव का सामना करना पड़ा और फिर 119 गेंदों पर 75 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी करने के लिए श्रीलंकाई गेंदबाजों की ढीली गेंदों का फायदा उठाना पड़ा। जबकि हार्दिक आउट हो गए थे। राहुल ने अक्षर पटेल और कुलदीप यादव के साथ नाबाद 30 और 28 रनों की साझेदारी कर भारत को सीरीज पर 2-0 से अपराजेय बढ़त बनाने में मदद की।
2016 में अपने वनडे डेब्यू के बाद के वर्षों में, राहुल ने कई भूमिकाएं निभाई हैं - बल्लेबाजी की शुरूआत करना, मध्य क्रम में बल्लेबाजी करना और साथ ही विकेटकीपर होना। अब तक के अपने वनडे करियर पर बात करते हुए राहुल ने महसूस किया कि विभिन्न स्थानों और परि²श्यों में उनकी कोशिश से पता चलता है कि थिंक टैंक ने टीम के लिए उन पर भरोसा किया। (आईएएनएस)|
एडिलेड, 13 जनवरी | डारिया कसात्किना और बेलिंडा बेनसिच शनिवार को एडिलेड इंटरनेशनल 2 खिताब के लिए मुकाबला करेंगी। दोनों खिलाड़ी सेमीफाइनल में वॉकओवर के जरिए फाइनल में पहुंचीं।
नंबर 9 सीड पाउला बादौसा चोट के कारण कसात्किना के खिलाफ अपने मैच से हट गईं और नंबर 6 सीड वेरोनिका कुदेमेटोर्वा ने शुक्रवार को चोट के कारण बेनसिच के साथ अपनी भिड़ंत से पहले नाम वापस ले लिया।
आयोजकों ने एक ट्वीट में कहा, "वेरोनिका चोट के कारण आज रात के सेमीफाइनल से हट गई हैं।"
कसात्किना और बेनसिच के बीच प्रतिद्वंद्विता हमेशा बेहतर रही है। पेशेवर स्तर पर, कसात्किना हेड-टू-हेड 3-2 से आगे है, जिसमें रोलौं गैरो 2021 के दूसरे दौर में उनकी सबसे हालिया मैच 6-2, 6-2 से जीत शामिल है।
हालांकि, बेनसिच अपने पिछले एकमात्र आउटडोर हार्डकोर्ट मुकाबले में विजेता रही थी। एडिलेड में भी, जब उसने 2020 के पहले दौर में 6-4, 6-4 से जीत दर्ज की और फाइनल में पहुंच गई थीं।
स्पेनिश नंबर 1 बादौसा ने ब्राजील के बीट्रीज हद्दाद मायिया के खिलाफ एक रोमांचक क्वार्टर फाइनल मैच खेला, जो 74 मिनट के पहले सेट के साथ ढाई घंटे से अधिक समय तक चला और इसके बाद 81 मिनट का दूसरा सेट और भी लंबा चला।
हालांकि, स्पैनियार्ड अभी भी साल के पहले ग्रैंड स्लैम, 2023 आस्ट्रेलियन ओपन में खेलने के लिए उत्सुक है, जो सोमवार से मेलबर्न में शुरू हो रहा है।
डब्ल्यूटीए ने बादौसा के हवाले से कहा, "मैं वास्तव में निराश हूं कि मुझे आज हटना पड़ा क्योंकि मैं वास्तव में मैच का इंतजार कर रही थी। कल जब मैं (बीट्रीज हदद मायिया) के खिलाफ खेल रही थी, यह एक बहुत कठिन मैच था, विशेष रूप से शारीरिक, इसलिए मुझे अपने मैच से हटना पड़ा।" (आईएएनएस)|
सोनपुर (ओडिशा), 13 जनवरी | भारत एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप में अपना पहला मैच शुक्रवार को स्पेन के खिलाफ राउरकेला के बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम में शाम 7 बजे खेलेगा, जिसके लिए ओडिशा के लोग भारतीय टीम को अपनी शुभकामनाएं भेज रहे हैं। राज्य के प्रसिद्ध कलाकार और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने 'चक दे इंडिया' संदेश के साथ विश्व कप हॉकी के विषय पर सोनपुर में एक समृद्ध हस्क मोजेक कला बनाई है।
जिला प्रशासन, सोनपुर महोत्सव के निमंत्रण पर पटनायक ने विश्व कप हॉकी ट्रॉफी की चावल की भूसी से मोजेक कला को टीम इंडिया को खुश करने के लिए डिजाइन किया और दुनिया को यह संदेश भी दिया कि किसी भी चीज से कला का निर्माण किया जा सकता है।
चावल की भूसी की पच्चीकारी कला 4682 वर्ग फुट के क्षेत्र में बनाई गई है, जहां सोनपुर के इनडोर स्टेडियम में उनके संस्थान के 10 छात्रों की मदद से लगभग 100 बैग चावल की भूसी का उपयोग किया गया था। मोजेक कला छह घंटे में बनाई गई थी।
पटनायक ने कहा, "इस कला को 14 जनवरी से शुरू होने जा रहे सोनपुर महोत्सव में प्रदर्शित किया जाएगा। प्रदर्शनी के अंत के बाद, सभी चावल की भूसी को इसके पुन: उपयोग के लिए मालिकों को वापस कर दिया जाएगा।"
यह उनके लिए एक जबरदस्त अनुभव था क्योंकि उनके साथ कई स्कूल के छात्र शामिल हुए थे और उन्हें छात्रों के साथ बातचीत करने और उन्हें कला के बारे में पढ़ाने का अवसर मिला। (आईएएनएस)|
नयी दिल्ली, 13 जनवरी | महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका में होने वाले अंडर 19 महिला टी20 विश्व कप में काफी दम है और इसमें दुनिया भर में महिला क्रिकेट का परिदृश्य बदल देने की क्षमता है।
पहला अंडर 19 महिला टी20 विश्व कप 14 जनवरी से शुरू होगा और 16 टीमें प्रतिष्ठित ट्रॉफी पर कब्जा करने के लिए जूझेंगी। सभी 41 मैच बेनोनी और पोचेफ्स्ट्रूम में खेले जाएंगे और फाइनल 29 जनवरी को होगा।
सचिन ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के लिए अपने कालम में लिखा, "सभी निगाहें अंडर 19 महिला टी20 विश्व कप और महिला टी20 विश्व कप की तरफ शिफ्ट हो जाएंगी। महिला टी20 तो कई वर्षों से खेला जा रहा है लेकिन अंडर 19 विश्व कप पहली बार हो रहा है और इसमें काफी क्षमता है।"
उन्होंने कहा, "यह महिला विश्व कप के परि²श्य को बदल देगा क्योंकि इससे युवा महिला क्रिकेटरों को सीखने और अनुभव के लिए बड़ा मंच मिलेगा। हालंकि महिला क्रिकेट ने लम्बी छलांग लगाई है लेकिन अब भी कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिन पर काम किया जाना बाकी है।"
सचिन ने ज्यादा प्रतिभाशाली महिला क्रिकेटरों को ढूंढने की जरूरत पर बल दिया जो इस अंडर 19 महिला टी20 विश्व कप से हो सकता है।
उन्होंने कहा, "जितना हम अपना आधार फैलाएंगे, उतना हम प्रतिभाएं ढूंढ पाएंगे जिसका सीधा असर खेल की गुणवत्ता पर पड़ेगा। मुझे लगता है कि पहला टूर्नामेंट यह सुनिश्चित करेगा। विभिन्न देशों में जूनियर क्रिकेट पर जोर दिया जाएगा। हमने यह देखा है कि क्रिकेट बोर्ड लड़कियों के लिए ज्यादा आयु वर्ग टूर्नामेंट घोषित कर चुके हैं या करने की योजना बना रहे हैं।"
सचिन ने विराट कोहली, बेन स्टोक्स, केन विलियम्सन, कैगिसो रबादा, शाहीन शाह आफरीदी का उदाहरण देते हुए कहा कि इन खिलाड़ियों ने पहले अंडर 19 विश्व कप में अपना प्रभाव छोड़ा और फिर आगे चलकर स्टार बने। ऐसा ही अंडर 19 विश्व कप से महिला क्रिकेट के साथ हो सकता है।
अपनी पसंदीदा टीम के बारे में सचिन ने शेफाली वर्मा के नेतृत्व वाली भारतीय टीम को अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरुष अंडर 19 टीम पारम्परिक रूप से मजबूत है और पांच बार खिताब जीत चुकी है।
इस टूर्नामेंट की समाप्ति के बाद महिला टी20 विश्व कप 10 से 26 फरवरी तक दक्षिण अफ्रीका में होगा। सचिन ने कहा कि लगातार टूर्नामेंटों का दक्षिण अफ्रीका में गहरा प्रभाव होगा और उन्होंने साथ ही भारतीय टीम को सीनियर महिला टी20 विश्व कप का गतिरोध तोड़ने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। (आईएएनएस)|
-मनोज चतुर्वेदी
नई दिल्ली, 13 जनवरी । भारत में साधारण परिवारों से खिलाड़ियों के निकलने का सिलसिला नया तो नहीं है पर पिछले कुछ समय से ऐसे खिलाड़ियों के निकलने की दर में एकदम से इज़ाफ़ा हो गया है. इससे हॉकी का खेल भी अछूता नहीं है.
दरअसल साधारण परिवारों में जन्म लेने वाले खिलाड़ियों में कुछ कर गुज़रने का जज़्बा ही उन्हें इस मुक़ाम तक पहुंचाता है.
कई बार युवा अपने परिवार के आर्थिक हालात बदलने के लिए खेलों में आते हैं. कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें सही दिशा दिखाए जाने के बाद उनके भाग्य का उदय हो गया.
ओडिशा के भुवनेश्वर और राउरकेला में शुरू हो रहे हॉकी विश्व कप में भाग लेने वाली भारतीय टीम में कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो आए तो ग़रीब या साधारण परिवारों से हैं, पर अपने जज़्बे की वजह से उन्होंने नई ऊंचाइयां हासिल की हैं.
चलिए इनमें से कुछ खिलाड़ियों की बात करते हैं.
गोल पर चट्टान की तरह डटने वाले श्रीजेश
पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम ने जो भी उपलब्धि हासिल की है, उसमें गोलकीपर पीआर श्रीजेश की भूमिका अहम रही है. पर हॉकी में उनकी इस ज़िम्मेदारी को निभाने के लिए उनके शुरुआती कोच जयवीर सिंह को इसका श्रेय देना चाहिए.
श्रीजेश सेंट जोसफ़ हाई स्कूल की पढ़ाई के दौरान स्प्रिंटर (तेज धावक) के तौर पर ट्रेनिंग लिया करते थे. बाद में वह लॉन्ग जंप करने के साथ वॉलीबाल भी खेलते थे.
लेकिन तिरुवनंतपुरम के जीवी राजा स्पोर्ट्स स्कूल में जाने पर वहां के हॉकी कोच जयवीर ने उन्हें देखा और हॉकी गोलकीपर बनने की सलाह दी.
उनकी उस सलाह का परिणाम है कि आज श्रीजेश की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में गिनती होती है. श्रीजेश 2006 में सीनियर टीम में आ गए थे.
पहली बार वे भारतीय टीम के साथ दक्षिण एशियाई खेलों में भाग लेने गए थे.
तब टीम के नियमित गोलकीपर एड्रियन डिसूजा और भरत छेत्री हुआ करते थे. इस कारण वह लंबे समय तक भारतीय टीम के नियमित गोलकीपर नहीं बन सके.
यह वह दौर था, जब उनका करियर भटक भी सकता था. लेकिन उन्होंने अपना फ़ोकस बनाए रखा जिसकी वजह से 2011 में वे भारतीय टीम के नियमित गोलकीपर बन गए और जल्द ही नंबर-वन गोलकीपर का तमगा भी पा लिया.
वे इस तमगे को एक दशक से भी ज़्यादा समय तक अपने साथ बनाए रखने में सफल रहे हैं.
श्रीजेश के करियर में एक समय ऐसा भी आया, जब लग रहा था कि वह शायद अब आगे नहीं खेल पाएं. पर यह उनके पक्के इरादे का कमाल ही है कि वह भारत को ओलंपिक पदक जिताने में अहम भूमिका निभाते नजर आए हैं.
ये बात 2017 के अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट की है.
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मैच में उनके एक फ़ारवर्ड से टकरा जाने पर उनका दाहिना घुटना बुरी तरह से चोटिल हो गया. उनकी जांच के बाद तत्कालीन कोच रोलेंट ओल्टमस ने जब इसकी गंभीरता के बारे में बताया तो उन्हें एक बार तो लगा कि कोच मजाक कर रहे हैं. पर वह जल्द ही चोट की गंभीरता को समझ गए.
इस चोट के बाद यह माना गया कि उनके करियर पर विराम लग गया है. लेकिन श्रीजेश ने फ़िट होने के बाद ज़बरदस्त मेहनत करके दिखा दिया कि उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है.
सही मायनों में चोट इतनी गंभीर थी कि श्रीजेश ने इससे उबरने के बाद कहा था कि 'मैंने ज़िंदगी में दूसरी बार चलना सीखा.'
अब वह भारत को विश्व कप में 47 सालों बाद पोडियम पर चढ़ाने को तैयार हैं.
नीलम संजीप हैं गुदड़ी के लाल
डिफ़ेडर की भूमिका निभाने वाले नीलम संजीप सेस ओडीशा के सुंदरगढ़ ज़िले के कादोबाहाल गांव में जिस तरह के हालात में रहते थे, वहां से किसी के इस मुक़ाम तक पहुंचने वाले के जज़्बे को सलाम करना बनता है.
वह जिस कच्चे मकान में रहते थे, उसमें न तो पानी का कनेक्शन था और न ही गैस का. सुंदरगढ़ इलाके में हॉकी बहुत ही लोकप्रिय खेल है, इसलिए नीलम ने भी इस खेल को अपना लिया.
वैसे उनके सामने फ़ुटबॉल खेलने का भी विकल्प था, पर हॉकी को लेकर मन में लगाव होने की वजह से वह इसे खेलने लगे.
नीलम ने पहले हॉकी के नियमों को समझा और फिर नामी कोचों से प्रशिक्षण लेना तय किया.
नीलम के करियर में पूर्व भारतीय खिलाड़ी बीरेंद्र सिंह ने अहम भूमिका निभाई. उनसे हॉकी के गुर सीखने के बाद नीलम ने इसे गंभीरता से लेना शुरू किया.
उनकी अगुआई में ओडिशा की अंडर-21 टीम पुणे में हुए दूसरे 'खेलो इंडिया' में चैंपियन बनी जिससे वो सुर्खियों में आए.
वह पहली बार 2016 में भारतीय टीम में स्थान बनाने में सफल हुए और अब तक 30 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
पिता के विरोध का बाद बने खिलाड़ी विवेक सागर
विवेक सागर प्रसाद पिछले कुछ सालों से भारतीय मिडफील्ड के अहम खिलाड़ी हैं. वह होशंगाबाद के चांदौन गांव के रहने वाले हैं.
पिता सरकारी शिक्षक थे, इस कारण घर-परिवार की माली हालत बहुत ही साधारण थी. पिता चाहते थे कि वे पढ़-लिखकर इंजीनियर बनें, ताकि जीवन सहज ढंग से बिता सकें.
लेकिन विवेक के सिर पर हॉकी खिलाड़ी बनने का भूत सवार था.
शुरू-शुरू में स्टिक नहीं होने पर भी वह दोस्तों से स्टिक लेकर खेलते थे. बाद में माता कमला देवी और बड़े भाई विद्या सागर ने उनके इस खेल के प्रति समर्पण को देखकर उन्हें सपोर्ट करना शुरू कर दिया.
इसी दौरान एक टूर्नामेंट में उन्हें खेलते देखकर अशोक ध्यानचंद की निगाह उन पर पड़ी और वे विवेक की प्रतिभा के कायल हो गए. अशोक ध्यानचंद उन्हें एमपी अकादमी में ले गए. बाद में उन्हें पिता का भी खूब साथ मिला.
विवेक सागर ने 2018 में भारतीय टीम में स्थान बनाया. वह 2021 में टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में शामिल थे.
इसके अलावा वह एशियाई खेलों और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वह भारत के विश्व कप अभियान का अहम हिस्सा हैं.
नीलकांत शर्माः घर से भागकर बने खिलाड़ी
भारतीय टीम के मिडफ़ील्डर नीलकांत शर्मा देश के उस इलाके से ताल्लुक रखते हैं, जहां फ़ुटबॉल बेहद लोकप्रिय खेल है. मणिपुर से आने वाले कोथाजीत के हॉकी खेलने से प्रेरित होकर वे भी हॉकी खेलने लगे.
इम्फाल के इस इलाक़े में एक ही मैदान था और वहां फ़ुटबॉल के चलते रहने से अभ्यास के लिए जगह ही नहीं मिल पाती थी. इस कारण मैदान खाली होने पर ही वह खेल पाते थे. पर इरादे के पक्के थे, इस कारण कभी हार नहीं मानी.
वे यह ठानते हुए कि 16 साल की उम्र में हॉकी की खातिर घर तक छोड़कर चले गए कि जब तक कुछ बन नहीं जाएंगे, तब तक लौटेंगे नहीं.
हॉकी खेलने के उनके इस हठ ने उन्हें 2003 में पीएचएएच अकादमी में जगह दिलाई और वे कोथाजीत के साथ खेलने लगे.
2017 में उन्होंने भारतीय टीम में स्थान बनाने में भी सफलता पा ली और अब तक 87 मैचों में 13 गोल जमा चुके हैं.
नीलकांत टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम में शामिल थे. उन्हें 2018 के विश्व कप में खेलने का भी अनुभव है.
राजकुमारः खेलने छोड़ने के बाद फिर लौटे
भारतीय टीम के मिडफ़ील्डर राजकुमार पाल गाजीपुर के कर्णपुर गांव के रहने वाले हैं.
वे हॉकी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके दो बड़े भाई जोखन और राजू दोनों ही सर्विसेज और दक्षिण रेलवे से खेला करते थे. इस कारण उन्होंने भी बचपन से ही हॉकी थाम ली थी.
वह 2010 में साई होस्टल से जुड़ गए थे. लेकिन 2011 में पिता का निधन हो जाने पर उन्हें खेल को छोड़कर मां के पास लौटना पड़ा.
असल में दोनों भाई घर से दूर थे, इस कारण राजकुमार को यह फैसला करना पड़ा. पर मां के ज़ोर देने पर वह 2012 में फिर से हॉस्टल पहुंच गए और तक़दीर के जोर मारने और अपनी कड़ी मेहनत के कारण अब वह भारत के विश्व कप अभियान में शामिल हैं.
वह 2021 में भारतीय टीम में शामिल होने के बाद से लेकर अब तक 21 मैच खेल चुके हैं. (bbc.com/hindi)
कोलकाता, 13 जनवरी केएल राहुल को वनडे में विकेटकीपर-बल्लेबाज की दोहरी भूमिका निभाने के लिये कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है लेकिन उन्हें इसके लिये कोई शिकायत नहीं है क्योंकि उनकी प्राथमिकता अंतिम एकादश में बने रहना है।
टेस्ट में राहुल भारत के लिये नियमित रूप से सलामी बल्लेबाज के स्थान पर खेलते हैं। लेकिन अब चोटिल ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में उन्हें विकेटकीपिंग की भूमिका निभानी पड़ रही है और साथ ही उन्हें बल्लेबाजी क्रम में भी पांचवें नंबर पर उतारा जा रहा है क्योंकि शुभमन गिल सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेल रहे हैं।
राहुल ने कहा कि टीम इस बारे में काफी स्पष्ट है कि वह उनसे क्या भूमिका चाहते हैं।
उन्होंने यहां श्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे में जीत से तीन मैचों की श्रृंखला जीतने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘निश्चित रूप से, मैंने यह अब करीब दो साल तक ऐसा किया है। 2019 के अंत से पूरे 2020 तक और 2021 में भी कुछ मैचों में भी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘टीम ने मुझे इस स्थान पर और इस भूमिका में रमने के लिये समय दिया है। जब आपको अपने कप्तान और कोच का साथ मिले तो इससे आपको फोकस करने में मदद मिलती है और टीम भी यही चाहती है। ’’
राहुल ने कहा, ‘‘हां, मैं अन्य प्रारूपों में जो करता हूं, यह उससे अलग है जिससे मैं हमेशा सतर्क रहता हूं, इससे मुझे चुनौती मिलती है, यह अलग भूमिका है जिससे मुझे अपना खेल बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलती है। ’’
राहुल को इस अतिरिक्त जिम्मेदारी के लिये अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे थोड़ा अलग करना पड़ रहा है क्योंकि मुझे मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिये आना होता है। विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी शरीर के लिये थोड़े ज्यादा थकाऊ हो सकती है क्योंकि मैंने यह ज्यादा लंबे समय के लिये नहीं किया है। मैंने सफेद गेंद के क्रिकेट में यह कभी कभार ही किया है। ’’ (भाषा)
-शिवाकुमार उलगनाथन
नई दिल्ली, 13 जनवरी । भारत ने हॉकी का आख़िरी वर्ल्ड कप 1975 में जीता था. उसके बाद 47 साल बीत गए हैं. तब से भारत के करोड़ों खेल प्रेमियों को हॉकी के सबसे बड़े ख़िताबी मुकाबले में जीत का इंतज़ार है.
उस सपने का काउंटडाउन 13 जनवरी को स्पेन के साथ मुकाबले से शुरू हो रहा है. उससे पहले ही तमाम खेल प्रेमी और समीक्षकों के बीच ये बहस ज़ोर पकड़ चुकी है कि क्या भारत 47 साल पहले वाला वो करिश्मा दोहरा पाएगा?
हॉकी और पूरे खेल के लिहाज़ से 47 साल का अरसा बहुत होता है. इस दौरान हॉकी में टर्फ़ से लेकर टैक्टिक्स तक बहुत कुछ बदल चुका है. लेकिन सच जस का तस है कि 47 साल पहले ख़िताबी जीत के बाद भारत कभी टॉप-3 में भी नहीं रहा.
श्रीजेश का अनुभव
पी. आर. श्रीजेश भारत की हॉकी टीम में गोलकीपर हैं और सबसे अनुभवी खिलाड़ी भी. श्रीजेश का ये चौथा वर्ल्ड कप है और उनके लिए ये वर्ल्ड कप जीतने का आख़िरी मौका भी. लिहाज़ा करोड़ों चाहने वालों की ख़्वाहिश की तरह श्रीजेश की पूरी कोशिश होगी कि इस बार वर्ल्ड कप भारत ही जीते.
भारत ने हॉकी में आख़िरी बड़ी जीत 2021 में हासिल की थी, जब टीम टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने में कामयाब हुई थी. ओलंपिक में ये जीत भारतीय टीम को 41 साल बाद मिली थी.
टोक्यो से पहले 1980 के मॉस्को ओलंपिक में भारतीय टीम ने गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा एशियन गेम्स में 32 साल के इंतज़ार के बाद 1998 में जीत दर्ज की थी. इस लिहाज़ से देखें तो भारतीय टीम के लिए हॉकी के विश्व कप का इंतज़ार बहुत लंबा (47 साल) हो चुका है.
अगर चार दशकों में पुरुषों की हॉकी टीम का सफ़र देखें, तो ये ज़्यादा उत्साहजनक रहा है. एशियन गेम्स, एशिया कप और चैम्पियंस ट्रॉफ़ी में कुछ मौकों पर जीत की वजह से टीम का गौरव ज़रूर बना रहा. लेकिन ओलंपिक गोल्ड मेडल या विश्व कप में टॉप थ्री पोज़ीशन हासिल करना 47 साल से एक सपना ही है.
वो सपना इस विश्व कप में साकार हो सकता है, ऐसी उम्मीद अगर ज़िंदा है, तो इसके पीछे टोक्यो ओलंपिक्स में मिला कांस्य पदक है. 2021 के उस पदक ने टीम के साथ करोड़ों चाहने वालों की उम्मीदों की लौ अब तक जलाए रखी है.
इस विश्वकप में कितनी उम्मीद
ऐसा नहीं कि 47 साल के अरसे में भारत ने अपनी तरफ़ से कोशिशें नहीं कीं. भारत ने अलग-अलग कॉम्बिनेशन के खिलाड़ियों को मौका दिया, देशी-विदेशी कोच आज़माए, भारतीय स्टेडियमों में खेल के बदलते तौर-तरीकों और मैदानों को देखते हुए बुनियादी सुविधाएं बेहतर कीं. इन सबका लक्ष्य एक था- विश्वकप में जीत. लेकिन वो लक्ष्य हर बार अधूरा ही रहा.
भारत की मौजूदा टीम विश्व कप या टॉप-3 में जगह बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कितनी फ़िट है?
इस सवाल पर भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान वासुदेवन भास्करन बीबीसी से बातचीत में कहते हैं, "भारतीय टीम के पास इस बार बहुत अच्छा मौका है विश्व कप के टॉप-3 में अपनी जगह बनाने का.
भारतीय खिलाड़ियों ने, ख़ासतौर पर श्रीजेश ने टोक्यो ओलंपिक में जिस तरह का शानदार खेल दिखाया, उससे साबित होता है कि टीम पिछले दो साल से अच्छे फ़ॉर्म में है. कोच के तौर पर ग्राहम रीड भी बेहतरीन काम कर रहे हैं. मेरे ख़्याल से पिछले दो दशक में विश्व कप खेलने वाली ये सबसे बेहतरीन भारतीय टीम है."
टीम में श्रीजेश जैसे खिलाड़ी के होने को लेकर भास्करन कहते हैं, "श्रीजेश ने पिछले कई मौकों पर साबित किया है वो बड़े मैचों में भारत के लिए निर्णायक हो सकते हैं. वो एक बड़े खिलाड़ी हैं.
हो सकता है ये उनका आख़िरी विश्वकप हो. उनके पास अनुभव है, इसलिए विश्व कप जीतने के लिए वो पूरी कोशिश करेंगे. विश्व कप जीतने का जो सपना 47 साल पुराना हो चुका है, हो सकता है वो इस बार साकार हो."
उतार चढ़ाव से भरा श्रीजेश का सफ़र
श्रीजेश भारतीय हॉकी टीम में 2006 से खेल रहे हैं. 2004 में वो जूनियर इंटरनेशनल हॉकी टीम के लिए चुने गए थे. हालांकि इस दौरान उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही थी. टीम मे होते हुए भी वो कई मैचों में मैदान के बाहर ही दिखते थे.
लेकिन 2011 के एशियन चैम्पियनशिप में पाकिस्तान के साथ फ़ाइनल मुकाबले ने श्रीजेश की तक़दीर बदल दी. इसके बाद 2013 और 2014 के एशियन गेम्स में भारत की जीत में जिस तरह से उन्होंने अहम भूमिका निभाई, टीम में उनकी जगह नियमित हो गई. बाद में कुछ मैचों में उन्होंने टीम की कप्तानी भी की.
2018 के एशियन गेम्स में श्रीजेश का करियर एक बार फिर से लड़खड़ाने लगा. टीम के लगातार ख़राब परफ़ॉर्मेंस की वजह से श्रीजेश के हाथ से कप्तानी चली गई. इसमें सबसे बुरा दौर श्रीजेश ने टोक्यो ओलंपिक्स के दौरान देखा, जब कुछ खेल समीक्षकों के साथ दूसरे लोगों ने टीम में उन्हें रखे जाने को लेकर ट्रोल किया.
एक सोशल मीडिया पोस्ट में यहां तक लिखा गया कि 'श्रीजेश तुम रिटायर कब हो रहे हो?' टूर्नामेंट के दौरान इस तरह का पोस्ट जब वायरल हो जाए, तो ये किसी भी खिलाड़ी के मनोबल पर विपरीत असर डालेगा.
लेकिन श्रीजेश ने ऐसी आलोचनाओं का जवाब अपने शानदार खेल से दिया. पूरे ओलंपिक में जिस तरह से उन्होंने बतौर गोलकीपर भारत के लिए गोल बचाए, वो अपने आप में मिसाल है. इसी की बदौलत ओलंपिक में कोई भी मेडल जीतने का सपना 41 साल बाद पूरा हो सका.
अब श्रीजेश के पास बिल्कुल अलग लक्ष्य है. कोई भी बड़ा खिलाड़ी चाहेगा कि अपने आख़िरी विश्व कप में अपने देश के लिए ख़िताब जीतने का सपना 47 साल बाद पूरा करे.
सचिन तेंदुलकर, इमरान ख़ान और लियोनेल मेसी जैसे तमाम खिलाड़ियों का वर्ल्ड कप जीतने का सपना इनके आख़िरी टूर्नामेंट में ही पूरा हुआ. हालांकि इस क़तार में ब्रायन लारा, धनराज पिल्लई, वेन रूनी, राहुल द्रविड़ और क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे खिलाड़ी भी हैं जो विश्वकप का ख़्वाब पूरा नहीं कर पाए. लेकिन भारतीय हॉकी के दीवाने चाहेंगे कि श्रीजेश की जगह आख़िरी टूर्नामेंट में विश्वकप जीतने वाले खिलाड़ियों की सूची में ज़रूर शामिल हो.
श्रीजेश की गोलकीपिंग की बदौलत भारतीय टीम जिस तरह से टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने में कामयाब हुई, उसे भारतीय हॉकी का पुनर्जन्म क़रार दिया गया. टीम के बारे में ये राय कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल हासिल करने के साथ और भी मज़बूत हुई.
अगर इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम 47 साल पुराना सपना पूरा कर देती है तो हॉकी को लेकर पूरे देश के युवाओं में एक नया जुनून देखने को मिलेगा. इस दिशा में श्रीजेश का योगदान बड़ा हो सकता है. जितने गोल वो बचाएंगे, भारतीय हॉकी का सुनहरा इतिहास उतने ही सुंदर अक्षरों में लिखा जाएगा. (bbc.com/hindi)
अफ़ग़ानिस्तान के साथ क्रिकेट सिरीज़ नहीं खेलने के ऑस्ट्रेलिया के फ़ैसले पर अफ़ग़ानिस्तान के स्टार खिलाड़ी राशिद ख़ान ने कहा है उन्हें इस बात का अफ़सोस है.
साथ ही उन्होंने कहा कि वे ऑस्ट्रेलिया की घेरलू लीग बिग बैश में हिस्सा लेने पर दोबारा विचार करेंगे.
ट्विटर पर उन्होंने लिखा, "क्रिकेट! देश की इकलौती उम्मीद. इसे राजनीति से बाहर रखें."
इसी पोस्ट के साथ एक बयान में उन्होंने लिखा, "ये सुनकर बहुत अफ़सोस हुआ कि ऑस्ट्रेलिया ने हमारे साथ सिरीज़ खेलने से इनकार कर दिया है. मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस करता हूं. हमने विश्व पटल पर काफ़ी आगे बढ़े हैं. "
"क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का ये फ़ैसला इस रास्ते में एक रुकावट. अगर ऑस्ट्रेलिया को हमारे साथ खेलने में इतनी ही दिक्कत है, तो मैं उनके लिए बिग बैश लीग में हिस्सा लेकर और परेशानी नहीं खड़ा करना चाहूंगा."
उन्होंने कहा कि बिग बैश लीग में भविष्य में हिस्सा लेने के बारे में वो "गंभीर चिंतन" करेंगे.
ऑस्ट्रेलिया ने क्या कहा
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने गुरुवार को कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ वो सिरीज़ नहीं खेलेंगे क्योंकि तालिबान द्वारा महिलाओं पर बढ़ते प्रतिबंधों के बीच वो सिरीज़ को लेकर "आगे बढ़ने में सक्षम नहीं हैं."
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया और अफ़ग़ानिस्तान को यूएई में आईसीसी सुपर लीग के तहत मार्च में तीन वनडे मैचों की एक सिरीज़ खेलनी थी. लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस सिरीज़ में हिस्सा नहीं लेने का फ़ैसला किया है.
उन्होंने कहा, "ये फ़ैसला हमने तालिबान के महिलाओं और लड़कियों पर शिक्षा, रोज़गार उनके पार्क और जिम जाने से जुड़े प्रतिबंध लगाने के फ़ैसले के बाद लिया है."
"ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड महिलाओं और पुरुषों के खेल को अफ़ग़ानिस्तान समेत दुनिया भर में बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड से इस उम्मीद में बातचीत जारी रखेगा कि महिलाओं और लड़कियों की हालत उनके देश में बेहतर होगी."
अगस्त, 2021 में अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता की बागडोर संभालते वक़्त तालिबान ने कहा था कि वो महिला अधिकारों को लेकर सख्त नहीं रहेंगे, हालांकि उसके बाद से उन्होंने कई प्रतिबंध लगाए हैं.
अगले तीन साल में अफ़ग़ानिस्तान और ऑस्ट्रेलिया को दो सिरीज़ खेलनी है. अगस्त, 2024 में तीन मैचों की टी-20 सिरीज़ और अगस्त, 2026 में एक टेस्ट और तीन टी-20 मैच प्रस्तावित हैं. (bbc.com/hindi)
कोलकाता, 12 जनवरी। भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में अपनी सफलता का श्रेय विकेटकीपर लोकेश राहुल की सलाह को दिया जो यहां ईडन गार्डन की पिच और हालात को काफी अच्छी तरह से समझने में सफल रहे।
सिराज और कुलदीप यादव ने तीन-तीन विकेट चटकाए जिससे श्रीलंका की टीम बल्लेबाजी की अनुकूल पिच पर 39.4 ओवर में 215 रन पर ढेर हो गई।
सिराज ने पारी के ब्रेक के दौरान कहा कि राहुल ने महसूस किया कि पहले ओवर के बाद ही गेंद ने मूव करना बंद कर दिया जिसके बाद श्रीलंका के अनुभवी बल्लेबाजी क्रम के खिलाफ नई रणनीति अपनाई गई जो हार्ड लेंथ (गुड लेंथ और शॉर्ट गेंद के बीच की लेंथ जिस पर रन बनाना आसान नहीं होता) पर गेंदबाजी करना थी।
श्रीलंका की पारी में 5.4 ओवर में 30 रन देकर तीन विकेट चटकाने वाले सिराज ने कहा, ‘‘गेंद काफी तेजी से नहीं आ रही थी और काफी स्विंग भी नहीं हो रही थी। इसलिए योजना थी कि स्टंप पर गेंद की जाए और एक छोर से दबाव बनाया जाए, इस उम्मीद में कि विकेट मिलेंगी और अन्य गेंदबाजों की मदद होगी।’’
यह योजना काम कर गई और सिराज ने श्रीलंका के सलामी बल्लेबाज अविष्का फर्नांडो (20) को आउट करके भारत को पहली सफलता दिलाई और उनके बनाए दबाव का फायदा उठाकर कुलदीप ने विरोधी टीम के मध्यक्रम को ध्वस्त किया।
सिराज ने कहा, ‘‘लोकेश राहुल ने मुझे कहा कि एक ओवर के बाद गेंद ने स्विंग होना बंद कर दिया है इसलिए मैंने हार्ड लेंथ पर गेंदबाजी की। यह बल्लेबाजी के लिए अच्छा विकेट था लेकिन कुलदीप ने काफी अच्छी गेंदबाजी करते हुए मध्यक्रम को ध्वस्त किया।’’ (भाषा)
(भरत शर्मा)
नयी दिल्ली, 12 जनवरी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगले महीने टेस्ट पदार्पण की दहलीज पर खड़े विकेटकीपर बल्लेबाज केएस भरत चोटिल ऋषभ पंत की जगह लेने को तैयार हैं और जरूरत पड़ने पर उनकी तरह आक्रामक बल्लेबाजी कर सकते हैं।
टेस्ट क्रिकेट में पंत ने खुद को मैच विजेता साबित किया है। बांग्लादेश के खिलाफ पिछली श्रृंखला में भारत को उनकी आक्रामक बल्लेबाजी से फायदा मिला।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट में भारत को पंत के ‘एक्स फेक्टर’ की कमी निश्चित तौर पर खलेगी। बाएं हाथ के बल्लेबाज पंत पिछले महीने कार दुर्घटना में घायल हो गए थे। उनकी चोट ने भरत को मौका दिया है जिन्होंने राष्ट्रीय टीम में जगह मिलने के बाद से अब तक पदार्पण का मौका नहीं मिला है।
आधुनिक खेल की जरूरतों के अनुसार विकेटकीपर का बल्लेबाजी करने में सक्षम होना जरूरी है और भरत को उम्मीद है कि वह दोनों विभाग में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
भरत ने यहां दिल्ली और आंध्र के बीच रणजी ट्रॉफी मुकाबले में तीसरे दिन के खेल के बाद कहा, ‘‘मैंने स्वयं को हमेशा शत प्रतिशत विकेटकीपर और शत प्रतिशत बल्लेबाज माना है। मैंने स्वयं को 70 प्रतिशत बल्लेबाज या 30 प्रतिशत विकेटकीपर नहीं समझा। जब भी मैं क्रीज पर उतरता हूं तो मैं सलामी बल्लेबाज जितना अच्छा हूं और जब भी मैं विकेटकीपर की भूमिका निभाता हूं तो उन हालात या परिस्थितियों में सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अपने ऊपर विश्वास मेरे लिए सबसे बड़ी चीज है।’’
भरत ने दिल्ली के खिलाफ 80 रन की पारी खेलकर अपनी बल्लेबाजी क्षमता का परिचय दिया। यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका 27वां शतक है जबकि वह एक तिहरे शतक सहित नौ शतक भी जड़ चुके हैं।
भरत को नहीं पता कि उन्हें नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में खेलने का मौका मिलेगा या नहीं लेकिन किसी भी स्तर को लेकर वह अपने दिमाग में पूरी तरह से स्पष्ट हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘खेल की मांग कुछ भी हो, आपको उसी के अनुसार चलना होगा। आप यह नहीं कह सकते कि मैं टी20 विशेषज्ञ हूं और सिर्फ एक तरीके से खेल सकता हूं। मैं भाग्यशाली रहा कि मैंने काफी कम उम्र में ही इसे समझ लिया।’’
आंध्र ने इस खिलाड़ी ने कहा कि अगर वह आक्रामक बल्लेबाजी कर सकते हैं तो उनका डिफेंस भी मजबूत है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर टेस्ट मैच ड्रॉ कराना है तो मुझे लगातार चार घंटे बल्लेबाजी करनी होगी जबकि अगर टीम को चौथे दिन लक्ष्य का पीछा करते हुए 10 ओवर में 100 रन की जरूरत है तो मुझे इसी स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करनी होती जिससे कि टीम को फायदा हो।’’
भरत ने कहा, ‘‘आखिर हम जीतने के लिए खेलते हैं, सुरक्षित होकर खेलने का कोई तरीका नहीं है। अगर खेल की मांग है कि आपको (लंबे प्रारूप में) 10 रन प्रति ओवर की गति से रन बनाने हैं तो आपको ऐसा करना होगा।’’ (भाषा)
नई दिल्ली, 12 जनवरी । क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने गुरुवार को कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ वो सिरीज़ नहीं खेलेंगे क्योंकि तालिबान द्वारा महिलाओं पर बढ़ते प्रतिबंधों के बीच वो सिरीज़ को लेकर "आगे बढ़ने में सक्षम नहीं हैं."
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया और अफ़ग़ानिस्तान को यूएई में आईसीसी सुपर लीग के तहत मार्च में तीन वनडे मैचों की एक सिरीज़ खेलनी थी. लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस सिरीज़ में हिस्सा नहीं लेने का फ़ैसला किया है.
उन्होंने कहा, "ये फ़ैसला हमने तालिबान के महिलाओं और लड़कियों पर शिक्षा, रोज़गार उनके पार्क और जिम जाने से जुड़े प्रतिबंध लगाने के फ़ैसले के बाद लिया है."
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड महिलाओं और पुरुषों के खेल को अफ़ग़ानिस्तान समेत दुनिया भर में बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड से इस उम्मीद में बातचीत जारी रखेगा कि महिलाओं और लड़कियों की हालत उनके देश में बेहतर होगी."
अगस्त, 2021 में अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता की बागडोर संभालते वक़्त तालिबान ने कहा था कि वो महिला अधिकारों को लेकर सख्त नहीं रहेंगे, हालांकि उसके बाद से उन्होंने कई प्रतिबंध लगाए हैं.
अगले तीन साल में अफ़ग़ानिस्तान और ऑस्ट्रेलिया को दो सिरीज़ खेलनी है. अगस्त, 2024 में तीन मैचों की टी-20 सिरीज़ और अगस्त, 2026 में एक टेस्ट और तीन टी-20 मैच प्रस्तावित हैं. (bbc.com/hindi)