अंतरराष्ट्रीय
ग़ज़ा में काम कर रही संयुक्त राष्ट्र की राहत संस्था का कहना है कि आज ईंधन समाप्त होने की वजह से उसके सभी काम रुक सकते हैं.
यूएनआरडब्लूए ने एक्स पर किए एक पोस्ट में कहा है, "ईंधन को आने दिया जाना चाहिए ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों के पास पीने का साफ़ पानी हो, अस्पताल खुले रहें और जान बचाने वाले राहत कार्य जारी रहें."
इसराइल ने ग़ज़ा की सख़्त घेराबंदी कर रखी है और यहां ईंधन की आपूर्ति को पूरी तरह रोक दिया है. राहत एजेंसी का कहना है कि ग़ज़ा में उसके सभी कार्य तेल की आपूर्ति पर निर्भर हैं. यहां पानी को पंप करने के लिए, बैकरी में खाना बनाने के लिए, अस्पतालों के संचालन के लिए, हर स्तर पर ईंधन की ज़रूरत है.
राहत एजेंसी ने कहा है कि बुधवार को उसका ईंधन समाप्त हो जाएगा और ऐसा होने पर ग़ज़ा में उसके काम रुक जाएंगे.
यूएनआरडब्लूए को जवाब देते हुए इसराइल ने कहा है कि हमास ने तेल को जमा करके रखा है, आपको हमास से तेल मांगना चाहिए.
इसराइल ने एक सेटेलाइट तस्वीर जारी करते हुए दावा किया है कि हमास के पास 12 तेल टैंकरों में पांच लाख लीटर से अधिक तेल जमा है. (bbc.com/hindi)
(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 24 अक्टूबर। संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि हमास ने इज़राइल पर हमला ‘अकारण’ नहीं किया है। उनकी इस टिप्पणी से इज़राइल नाराज हो गया और उसने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से इस्तीफे व माफी की मांग की है।
इज़राइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठक में शिरकत की थी। उन्हें मंगलवार दोपहर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गुतारेस से मुलाकात करनी थी।
कोहेन ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ अपनी भेंट को रद्द कर दिया और उनपर आतंकवाद को "बर्दाश्त करने और उचित ठहराने" का आरोप लगाया।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, "यह भी मानना महत्वपूर्ण है कि हमास द्वारा किए गए हमले अकारण नहीं हुए। फलस्तीन के लोगों को 56 वर्षों से घुटन भरे कब्जे का सामना करना पड़ रहा है।"
गुतारेस ने कहा, “ उन्होंने अपनी ज़मीन को लगातार (यहूदी) बस्तियों द्वारा हड़पते और हिंसा से ग्रस्त होते देखा है। उनकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई। उनके लोग विस्थापित हो गए और उनके घर ध्वस्त कर दिये गए। अपनी दुर्दशा के राजनीतिक समाधान की उनकी उम्मीदें खत्म होती जा रही हैं।”
उन्होंने कहा, “लेकिन फलस्तीनियों की शिकायतों को हमास के भयावह हमलों से उचित नहीं ठहराया जा सकता है। और वे भयावह हमले फलस्तीनी लोगों की सामूहिक दंड को उचित नहीं ठहरा सकते है।'
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, कोहेन ने कहा कि वह “संयुक्त राष्ट्र महासचिव से नहीं मिलेंगे। सात अक्टूबर के नरसंहार” के बाद, संतुलित दृष्टिकोण के लिए कोई जगह नहीं है। हमास को धरती से मिटा देना चाहिए।”
बाद में संयुक्त राष्ट्र में इज़राइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा, “ महासचिव महोदय, आप सारी नैतिकता और निष्पक्षता खो चुके हैं। जब आप ये भयानक शब्द कहते हैं कि ये जघन्य हमले अकारण नहीं हुए हैं तो आप आतंकवाद को सहन कर रहे हैं और आतंकवाद को सहन करके आप आतंकवाद को उचित ठहरा रहे हैं।
”उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि महासचिव को इस्तीफा दे देना चाहिए। हमने उनसे माफी की मांग करते हैं।” (भाषा)
इसराइल की सेना ने क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक इलाक़े के जेनिन कैंप में ड्रोन से हमला किया है.
ये हमला फ़लस्तीनी लोगों और इसराइली सैन्य बलों के बीच जेनिन कैंप में झड़प के बाद किया गया है.
इसराइल की सेना ने सोशल मीडिया पर इस ड्रोन हमले की जानकारी दी है.
आईडीएफ़ ने बताया है कि हथियारबंद ‘आतंकियों’ के साथ मुठभेड़ के दौरान दो लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया है.
ये हिंसक झड़पे इसराइल के जेनिन कैंप के पास हथियारबंद गश्त करने के दौरान शुरू हुई हैं.
इसराइल का कहना है कि फ़लस्तीनी चरमपंथियों ने इसराइली सैनिकों पर गोलीबारी की और बम फेंके जिसके बाद झड़पें शुरू हो गईं.
बयान में आईडीएफ़ ने कहा है कि ड्रोन हमले ‘तय निशाने’ पर किया गया.
रिपोर्टों के मुताबिक़ इन झड़पों में कोई इसराइली सैनिक घायल नहीं हुआ है.
रविवार को इसराइल ने जेनिन कैंप की एक मस्जिद पर हवाई हमला किया था.
इसराइल का कहना है कि इस मस्जिद का इस्तेमाल ‘आतंकवादी गतिविधियों’ के लिए किया जा रहा था. (bbc.com/hindi)
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनी गुटेरेस ने मंगलवार को इसराइल हमास संघर्ष पर बयान दिया है जिस पर इसराइल की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनी गुटेरेस ने कहा है कि सात अक्टूबर को हमास की ओर से किया गया हमला किसी 'वैक्यूम' यानी 'अचानक या अकारण' नहीं था.
उन्होंने कहा कि ‘फ़लस्तीनी लोग पिछले 56 साल से दमघोंटू क़ब्ज़े की प्रताड़ना झेल रहे हैं. उन्होंने अपनी ज़मीन को धीरे-धीरे (इसराइली) बस्तियों और हिंसा की चपेट में आते देखा है. उनकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई. उनके लोग विस्थापित हुए और घर तबाह कर दिए गए. उनके कष्टों के राजनीतिक समाधान की उम्मीदें धूमिल हो रही थीं.’
लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि 'हमास के भयावह हमलों को फ़लस्तीनी लोगों की शिकायतों से सही नहीं ठहराए जा सकता और न ही उन्हें फ़लस्तीनी लोगों को मिली सज़ाओं के लिए सही ठहराया जा सकता है.'
ये बयान आने के बाद संयुक्त राष्ट्र में इसराइली एंबेसडर गिलाड इरडान ने गुटेरेस के इस्तीफ़े की मांग की है.
इसी बीच हमास नियंत्रित ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि पिछले 24 घंटों में ग़ज़ा में 700 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
ये इस संघर्ष के दौरान 24 घंटों के अंतराल में होने वाली मौतों का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
इसके साथ ही अब तक इस संघर्ष में इसराइली बमबारी की वजह से ग़ज़ा में मरने वालों की संख्या 5700 से ज़्यादा हो चुकी है.
वहीं, इसराइल में इस संघर्ष की वजह से 1400 से अधिक लोगों की मौत हुई है. (bbc.com/hindi)
अमेरिका के रक्षा विभाग का कहना है पिछले सप्ताह इराक़ और सीरिया में उसके सैन्य अड्डों पर हुए ड्रोन हमले में बीस से अधिक सैनिक घायल हुए हैं.
इसराइल-हमास संघर्ष के बीच मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा हुआ है. अमेरिका के विमानवाहक पोत भी इस इलाक़े में तैनात हैं.
पेंटागन के प्रवक्ता पेट्रिक राइडर ने बताया है कि अमेरिकी सैन्य बलों पर 12 बार ड्रोन और रॉकेट से हमले हुए हैं.
उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी घटनाओं से क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है.
राइडर ने ज़ोर देकर कहा है कि अमेरिकी सैन्य बलों के पास अपनी रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है.
उन्होंने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो अमेरिकी सैन्य बल निर्णायक जवाब देंगे.
राइडर ने कहा कि इन हमलों के पीछे ईरान समर्थित समूह हैं. इसराइल-हमास संघर्ष के बीच इरान समर्थित शिया मिलिशिया ने हाल के दिनों में कई बार इराक़ और सीरिया में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की चेतावनी दी है.
राइडर ने कहा, “हम ये जानते हैं कि ये हमले कर रहे समूहों को आईआरजीसी (ईरान के रिवोल्यूश्नरी गार्ड्स) का समर्थन हैं. हम ये संभावना देख रहे हैं कि बहुत निकट भविष्य में ईरान के प्रॉक्सी बलों और अंततः ईरान की तरफ़ से अमेरिकी सैन्य बलों पर समूचे क्षेत्र में आक्रामकता बढ़ सकती है.”
सोमवार को अमेरिकी सैन्य बलों ने सीरिया के अल-तांफ सैन्य अड्डे पर हमला करने के लिए आ रहे दो आत्मघाती ड्रोन को मार गिराया. इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है.
शनिवार को इराक़ के अल-असद सैन्य अड्डे पर एक आत्मघाती ड्रोन ने हमला किया. इसमें किसी नुक़सान की ख़बर नहीं है. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद को बताया है कि वो चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मिलकर काम करेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि इसराइल-हमास संघर्ष और बड़े युद्ध में ना बदले.
ब्लिंकेन ने कहा, “परिषद के सदस्यों, ख़ासकर स्थायी सदस्यों, के ऊपर इस संघर्ष को और फैलने से रोकने की ज़िम्मेदारी है.”
उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए वे चीन के विदेश मंत्री के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी गुरुवार को अमेरिका पहुंचेंगे. उनके इस दौरे का मक़सद अगले महीने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के संभावित अमेरिकी दौरे के लिए मंच तैयार करना है. माना जा रहा है कि मध्य पूर्व संकट पर भी इस दौरान चर्चा हो सकती है.
मध्य पूर्व के लिए चीन के विशेष दूत झाई जुन संघर्षविराम कराने के मक़सद से पहले ही मध्य पूर्व के कई देशों की यात्राएं कर चुकी हैं.
इस क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभाव इसी साल तब नज़र आया था जब चीन ने ईरान और सऊदी अरब के बीच समझौता करा दिया था. दोनों ही प्रतिद्वंदी देश संबंध बहाल करने के लिए तैयार हो गए थे और साल 2016 के बाद दोनों देशों के बीच पहली बार वार्ता भी हुई थी. (bbc.com/hindi)
इसराइल और हमास के बीच जारी लड़ाई को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मांग तेज़ हो रही है ताकि ग़ज़ा में फंसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा सके.
7 अक्तूबर को इसराइल पर हमास के हमले के बाद से इसराइल लगातार ग़ज़ा पर बमबारी कर रहा है.
ग़ज़ा के लिए बिजली, पानी और ईंधन की आपूर्ती रोक दी गई है. यहां लोग बेहद मुश्किल हालात में रहने के लिए मजबूर हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अस्थायी संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया है.
हालांकि उन्होंने औपचारिक संघर्ष विराम की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि इससे हमास को ही फ़ायदा होगा.
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वांग ने कहा है कि इसराइल अपनी सुरक्षा के अधिकार को किस तरह इस्तेमाल करता है ये मायने रखता है.
ग़ज़ा में मानवीय संकट को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. इसराइल के सहयोगी देश भी ग़ज़ा के हालात को लेकर गंभीर है.
मंगलवार को मिस्र के रास्ते राहत सामग्री से भरे सिर्फ़ आठ ट्रक ही ग़ज़ा में दाख़िल हो सके.
राहत एजेंसियों के कहना है कि ये ज़रूरत के मुक़ाबले कुछ भी नहीं हैं.
संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों का कहना है कि अगर ग़ज़ा के लिए ईंधन की आपूर्ति नहीं की गई तो वो बुधवार के बाद से काम नहीं कर पाएंगे.
इसराइल ने ग़ज़ा के लिए ईंधन की आपूर्ति रोक दी है. इसराइल का कहना है कि अगर ग़ज़ा में ईंधन गया तो वो हमास के पास ही पहुंच जाएगा.
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों ने मानवीय आधार पर लड़ाई रोकने की अपील की है. हालांकि इन देशों ने सार्वजनिक रूप से स्थायी संघर्ष-विराम का आह्वान नहीं किया है. (bbc.com/hindi)
रफह, 24 अक्टूबर। गाजा पट्टी पर बीते 24 घंटे में इजराइल की ओर से किए गए हवाई हमलों में 700 से अधिक लोगों की मौत हो गयी। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इजराइल के हमलों के कारण गाजा में स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह से प्रभावित हुईं हैं और बिजली की कमी के कारण कई अस्पतालों को मजबूरन बंद कर दिया गया है।
दशकों से चले आ रहे इजराइली-फलस्तीनी संघर्ष में इस बार इजराइल की ओर से की गयी बमबारी में एक दिन में मरने वालों की यह अब तक की सबसे अधिक संख्या है।
गाजा में निकट भविष्य में जानमाल का और भी बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका है, जब टैंकों और तोपखानों से लैस इजराइल की सेना हमास को कुचलने के उद्देश्य से इस क्षेत्र में अपेक्षित जमीनी स्तर पर आक्रमण शुरू करेगी।
इजराइल ने गाजा पर हमले के बाद इसकी सीमाओं को सील कर दिया है, जिसके कारण गाजा के 23 लाख लोगों के लिए भोजन, पानी और दवा की कमी हो गई है। आवश्यक सामान की आपूर्ति के लिए एक छोटा काफिला सोमवार को गाजा में दाखिल हुआ।
गाजा के विभिन्न अस्पतालों में बड़ी संख्या में घायल भर्ती हैं, जिनके इलाज के लिए बिजली की बेहद आवश्यकता है। बिजली की कमी के कारण, अस्पताल में भर्ती नवजात बच्चों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इजराइल ने मंगलवार को कहा कि उसने बीते 24 घंटे में 400 हवाई हमले किए, जिसमें हमास के कई कमांडर और लड़ाके मारे गए। उसने कहा कि ये राकेट से इजराइल में हमले करने और कमांड सेंटर को निशाना बनाने की तैयारी कर रहे थे।
इससे एक दिन पहले इजराइल ने हमास के ठिकानों को निशाना बनाकर 320 हवाई हमले किए थे। प्रत्यक्षदर्शियों और स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इनमें से कई ने आवासीय इमारतों को निशाना बनाया जबकि कई दक्षिण गाजा में गिरीं ।
गाजा में इजराइल के हमलों में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, हमास ने इजराइल की दो वृद्ध महिलाओं को रिहा कर दिया, जिन्हें उसने बंधक बना लिया था। हमास ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल के शहरों पर हमले कर सैकड़ों इजराइली नागरिकों को बंधक बना लिया था।
इजराइल-हमास युद्ध के बीच विभिन्न देशों के नेताओं का इजराइल आकर उसके प्रति एकजुटता व्यक्त करना जारी है और इसी के तहत मंगलवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों तेल अवीव पहुंचे। मैक्रों ने हमास के हमले में मारे गए फ्रांस के नागरिकों के परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद उनके इजराइल के शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात करने का कार्यक्रम है।
मैक्रों ने इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग से मुलाकात कर कहा कि वह इजराइल के प्रति अपना समर्थन और एकजुटता व्यक्त करने तथा लोगों की पीड़ा साझा करने के साथ-साथ यह आश्वस्त करने के लिए आए हैं कि आतंकवाद के खिलाफ इस युद्ध में उसे अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।
एपी रवि कांत पवनेश पवनेश 2410 2206 रफह (एपी)
फ़लस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास के कब्ज़े से रिहा हुए दो बंधकों में से एक 85 वर्षीय योचेवेद लिफ़शिट्ज़ ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पिछले दो सप्ताह का अनुभव साझा किया है.
उन्होंने कहा है कि हमास के लड़ाके उन्हें किबुत्ज़ से मोटरबाइक पर अगवा करके ले गए थे. उन्होंने कहा कि उन्हें एक दरवाज़े से ग़ज़ा ले जाया गया और इस दौरान उन्हें कई जगह चोटें आईं. उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ़ हो रही थी.
उन्होंने बताया कि कैसे हमास के लड़ाकों ने उन्हें लाठी-डंडों से पीटा.
लिफ़शिट्ज़ ने कहा कि इसराइली सरकार ने अरबों रुपये सीमा पर बाड़बंदी करने में ख़र्च कर दिए लेकिन ये हमास को इसराइल से घुसने से नहीं रोक पाया.
प्रेस कॉन्फ़्रेंस में लिफ़शिट्ज़ की बेटी शैरोन ने कहा कि उनकी मां को कई किलोमीटर तक गीले मैदान में पैदल चलने पर मजबूर किया गया.
शैरोन ने कहा कि हमास ने अंडरग्राउंड सुरंगों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया है. शैरोन ने इन सुरंगों की तुलना मकड़ी के जाल से की.
लिफ़शिट्ज़ की बेटी ने बताया कि हमास के लड़ाकों ने उनकी मां के गहने और घड़ी तक उतरवा ली. जब वह मोटरबाइक से उतरीं तो वहां मौजूद लोगों ने उनसे कहा कि वे 'क़ुरान में विश्वास' रखते हैं और इसलिए उनको नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.
लिफ़शिट्ज़ और 24 अन्य बंधकों को सुरंगों में ले जाया गया.
उन्होंने कहा कि बंधकों को साफ़-सुथरी जगहों पर रखा गया था और सोने के लिए गद्दे दिए गए. हर दो से तीन दिन के अंदर एक डॉक्टर उनकी निगरानी के लिए आता था. ग़ज़ा ले जाते समय घायल हुए एक बंधक का इलाज किया गया.
उन्होंने बताया कि हर पांच बंधकों की निगरानी के लिए एक गार्ड मौजूद था.
लिफ़शिट्ज़ ने बताया कि सुरंगों में रहने के दौरान उन्हें और उनके ग्रुप को खाने के रूप में सफ़ेद चीज़ (व्हाइट चीज़) और खीरे दिए गए. यही ख़ाना हमास के लड़ाके भी खा रहे थे. (bbc.com/hindi)
आइसलैंड में प्रधानमंत्री काटरीन याकब्सडोटीयर समेत लाखों महिलाओं ने मंगलवार को काम करने से इनकार कर दिया है.
इसकी वजह तनख़्वाह में लैंगिक आधार पर असमानता और महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध होना बताई जा रही है.
महिलाओं ने वेतन की असमानता और जेंडर आधारित हिंसा के विरोध में मंगलवार को काम करने से इनकार किया है.
आइसलैंड में महिलाएं अधिकतर स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में काम करती हैं. साल 1975 के बाद से पहली बार महिलाएं पूरे दिन की हड़ताल पर गई हैं.
आइसलैंड की प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैं इस दिन काम नहीं करूंगी और मैं उम्मीद करती हूं कि सभी महिलाएं (कैबिनेट में) ऐसा ही करेंगी.''
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस बात पर गौर कर रही है कि परंपरागत रूप से पुरुषों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों की तुलना में महिला-प्रधान व्यवसायों को कितना महत्व दिया जाता है.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रैंकिंग में लैंगिक समानता के मामले में आइसलैंड 14 सालों तक दुनिया में सबसे बेहतर देश रहा है. लेकिन, यहां पूरी तरह समानता नहीं है क्योंकि फोरम ने इसे 91.2 फीसदी स्कोर दिया था.
इससे पहले 1975 में आइसलैंड की 90 प्रतिशत महिला कर्मचारी हड़ताल पर चली गई थीं. उनकी मांग थी कि अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान को महत्व दिया जाए.
इस हड़ताल के बाद अगले साल देश की संसद में समान वेतन से जुड़ा क़ानून पारित किया गया था. (bbc.com/hindi)
इसराइल ने दावा किया है कि ग़ज़ा के अस्पतालों और आम लोगों को जिस ईंधन की ज़रूरत है, हमास उसकी जमाखोरी कर रहा है.
इसराइली सेना ने सोशल मीडिया पर कुछ सेटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं जिनमें इसराइल के मुताबिक़ मिस्र से सटती सीमा के पास हमास संचालित 12 फ्यूल टैंक दिख रहे हैं.
इसराइल का ये दावा एक ऐसे समय पर आया है जब ग़ज़ा के अस्पतालों में ईंधन ख़त्म होने को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है.
मिस्र के रास्ते कुछ खाने-पीने का सामान समेत अन्य मानवीय सहायता ट्रकों से पहुंच रही हैं.
लेकिन इसराइल ने ग़ज़ा में ईंधन की सप्लाई की मंज़ूरी नहीं दी है. इसराइल का कहना है कि इस पर हमास का नियंत्रण होगा.
सात अक्टूबर को हमास के हमले के पहले इसराइल ही केबल के ज़रिए ग़ज़ा में बिजली आपूर्ति कर रहा था. फिलहाल इसराइल ने इसे भी बंद कर दिया है.
ग़ज़ा में हमास शासित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अस्पतालों में अब क़रीब 48 घंटे का ही ईंधन बचा है.
मंत्रालय ने कहा कि बीती रात उत्तरी ग़ज़ा में इंडोनेशिया अस्पताल में ईंधन खत्म होने से ब्लैकआउट हो गया.
24 घंटे में 700 से अधिक मौतें
हमास शासित स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी जानकारी दी है कि सात अक्टूबर से अब तक ग़ज़ा में 5,791 लोगों की मौत हो गई है. कल से लेकर अब तक में इस आंकड़े में 700 तक की बढ़ोतरी हुई है.
वहीं, इसराइल ने कहा है कि उसने बीते दिन ग़ज़ा में 400 से अधिक ठिकानों पर हमले किए हैं. (bbc.com/hindi)
-शुमाइला जाफ़री
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने एवेनफील्ड और अल-अज़ीज़ा मिल केस में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की प्रोटेक्टिव बेल दो दिन के लिए बढ़ा दी है.
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो से कहा है कि वह अपने चेयरमैन से जाकर पूछे कि क्या एनएबी इस मामले को आगे लेकर जाना चाहती है. एनएबी इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता है.
साल 2019 में पाकिस्तान छोड़ने से पहले नवाज़ शरीफ़ को इन मामलों में क्रमश: दस और सात साल की सज़ा सुनाई गई थी.
नवाज़ शरीफ़ तोशाख़ाना मामले में भी वॉंटेड हैं और भगौड़ा घोषित किए गए थे.
लेकिन नवाज़ शरीफ़ आज सुबह जज के सामने पेश हुए जिसके बाद कोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ जारी अरेस्ट वॉरंट निलंबित किया. इसके साथ ही अदालत ने इस मामले की सुनवाई 20 नवंबर से शुरू करने का फ़ैसला किया है.
नवाज़ शरीफ़ को इस मामले में फौरी राहत मिल गयी है लेकिन उन पर गिरफ़्तारी की तलवार अभी भी लटक रही है.
बीबीसी के कोर्ट रिपोर्टर शहज़ाद मलिक के मुताबिक़, अदालत में माहौल 2017-18 की तुलना में काफ़ी अलग था. नवाज़ शरीफ़ के बरी होने के लिए क़ानूनी आधार हैं. हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ बदला हुआ सरकारी रुख कई सवाल खड़े करेगा. इस मामले की तुलना इमरान ख़ान के साथ भी की जाएगी क्योंकि उन्होंने भी तोशाख़ाना मामले में जमानत याचिका दायर की थी जिसे अस्वीकार कर दिया गया है.
नवाज़ शरीफ़ चार साल तक विदेश में रहने के बाद बीती 21 अक्टूबर को पाकिस्तान पहुंचे हैं. अदालत ने उन्हें इन मामलों में भगोड़ा घोषित किया हुआ था.
अगर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ इन मामलों में खुद को बरी साबित कराने में सफल हो पाते हैं तो वह चुनाव लड़ने के साथ-साथ प्रधानमंत्री बनने में भी सक्षम होंगे. (bbc.com/hindi)
ग़ज़ा के अल-अहली अरब बैप्टिस्ट अस्पताल पर मंगलवार (17 अक्टूबर) को हुए हमले पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने संसद में बयान दिया है.
इस हमले में कम से कम 500 लोगों की मौत हुई थी.
ब्रिटिश खुफिया विभाग के विश्लेषण का हवाला देते हुए उन्होंने बताया, "यूके सरकार का मानना है कि विस्फोट(अल-अहली अस्पताल में) संभवतः किसी मिसाइल या उसके किसी हिस्से के कारण हुआ था जो ग़ज़ा के भीतर से इसराइल की ओर लॉन्च की गई थी."
सुनक ने कहा कि यह बहुत सावधानी बरतने का समय है और आतंकवाद के खिलाफ मानवता में विश्वास की जीत होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि सात अक्टूबर का (इसराइल पर हुआ) हमला, हमास के डर का नतीजा था, क्योंकि मिडिल ईस्ट में एक नया संतुलन बन रहा है.
यह बात उन्होंने अरब देशों के इसराइल के साथ सामान्य होते संबंधों के संदर्भ में कही.
सुनक ने यूक्रेन और ग़ज़ा युद्ध की तुलना करते हुए कहा कि पुतिन और हमास दोनों अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे.
अस्पताल पर हुए हमले के लिए हमास ने जहां इसराइल को जिम्मेदार बताया है, वहीं इसराइल का कहना है कि अस्पताल पर मिसाइल ग़ज़ा की तरफ से चलाई गई थी.
इस्लामाबाद, 23 अक्टूबर। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान लौटने पर एवेनफील्ड अपार्टमेंट और अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामलों में अपनी सजा के खिलाफ लंबित अपीलों को सोमवार को नये सिरे से इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में दायर किया।
तीन बार के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख 73 वर्षीय शरीफ लंदन में आत्म-निर्वासन में चार साल बिताने के बाद शनिवार को पाकिस्तान लौट आए।
पूर्व कानून मंत्री आजम तरार और वकील अमजद परवेज ने शरीफ की ओर से उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर कीं। उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को शरीफ को 24 अक्टूबर तक दोनों मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था ताकि वह गिरफ्तारी के डर के बिना अदालत में पेश हो सकें।
अपनी याचिकाओं में, शरीफ ने अनुरोध किया कि उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील पर नये सिरे से सुनवाई की जानी चाहिए और कानून के अनुसार उचित फैसला किया जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय मंगलवार को याचिकाओं पर सुनवाई कर सकता है।
पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में दोषी ठहराया गया था और तोशाखाना वाहन मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था, जो इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत के समक्ष लंबित है।
जब शरीफ 2019 में चिकित्सा आधार पर ब्रिटेन के लिए रवाना हुए, तब वह इन मामलों में जमानत पर थे।(भाषा)
वाशिंगटन, 23 अक्टूबर । ईरान ने इजराइल को गाजा पर हवाई हमले बंद न करने पर मध्य पूर्व की स्थिति नियंत्रण से बाहर होने की चेतावनी दी है।
राजनीतिक विश्लेषक इसे ईरान की ओर से परोक्ष धमकी मान रहे हैं कि अगर इजराइल गाजा पर जमीनी आक्रमण शुरू करेगा, तो वह हस्तक्षेप कर सकता है।
यूएसए टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने रविवार को इज़राइल और अमेरिका को चेतावनी दी कि "अगर वे गाजा में मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार को तुरंत नहीं रोकते हैं, तो किसी भी समय कुछ भी संभव है और क्षेत्र नियंत्रण से बाहर हो जाएगा।"
उधर, मध्य पूर्व में युद्ध और बढ़ने की बढ़ती चिंता के बीच इजरायली सेना ने सीरिया, वेस्ट बैंक और गाजा में हमला करते हुए अपनी सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है।
सैन्य कार्रवाई तीव्र तब हुई, जब मानवीय सहायता ट्रकों का एक काफिला दूसरे दिन मिस्र से गाजा में पहुंचा। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि यह सहायता जरूरत के अनुपात में बहुत कम है।
लेबनान में हिजबुल्लाह के उप नेता शेख नईम कासेम ने इजराइल को चेतावनी दी कि अगर वह गाजा में जमीनी हमले के साथ आगे बढ़ता है, तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
सीरिया ने कहा कि इजरायली हमले के कारण उसे दमिश्क और अलेप्पो में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
सीरियाई परिवहन मंत्रालय ने कहा कि दोनों हवाई अड्डों पर लैंडिंग स्ट्रिप्स मिसाइलों से क्षतिग्रस्त हो गईं और दमिश्क अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक नागरिक कार्यकर्ता की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्ध शुरू होने के बाद से इज़राइल ने हिजबुल्लाह और अन्य आतंकवादी समूहों को ईरान से हथियार लाने से रोकने की आवश्यकता का हवाला देते हुए सीरिया में कई हमले किए हैं।
इज़राइल ने "हमास के तहखानों और भूमिगत बंकरों में रखे गए बंधकों को मुक्त कराने" के प्रयास में गाजा पर अपना हमला जारी रखा है। (आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 23 अक्टूबर । न्यूयॉर्क शहर में एक कार दुर्घटना के बाद 30 वर्षीय एक शख्स द्वारा बार-बार मुक्का मारे जाने से एक बुजुर्ग सिख की मौत हो गई। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है।
66 वर्षीय जसमेर सिंह को गंभीर हालत में क्वींस के जमैका हॉस्पिटल मेडिकल सेंटर ले जाया गया, जहां 19 अक्टूबर को उन पर हमले के एक दिन बाद मस्तिष्क की चोट के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
न्यूयॉर्क स्थित डेली न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी गिल्बर्ट ऑगस्टिन को 20 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने कहा कि सिंह और ऑगस्टिन की कारें 19 अक्टूबर को दोपहर करीब 12 बजे केव गार्डन में हिलसाइड एवेन्यू के पास वैन विक एक्सप्रेसवे पर टकरा गईं थीं।
अभियोजकों ने गवाहों के हवाले से कहा कि उन्होंने एक व्यक्ति को "कोई पुलिस नहीं, कोई पुलिस नहीं" कहते हुए सुना, जब सिंह 911 पर कॉल करने गए और उन्होंने उसे सिंह के हाथों से फोन छीनते हुए देखा।
डेली न्यूज ने कहा कि सिंह कार से बाहर निकले और अपना फोन वापस पाने की कोशिश में ऑगस्टिन का पीछा किया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि जब सिंह अपना फोन वापस लेने के बाद अपनी कार की ओर वापस जा रहे थे, तो ऑगस्टिन ने उनके सिर और चेहरे पर तीन बार मुक्का मारा।
सिंह जमीन पर गिर गए और उनके सिर पर चोट लगी, जबकि ऑगस्टिन वापस अपनी फोर्ड मस्टैंग में बैठा और चला गया।
पुलिस ने ऑगस्टिन को दुर्घटनास्थल से लगभग दो मील दूर गिरफ्तार किया और पाया कि उसका लाइसेंस निलंबित था और उसकी अलबामा लाइसेंस प्लेट उसके न्यूयॉर्क पंजीकरण से मेल नहीं खाती थी।
21 अक्टूबर को क्वींस में एक अभियोग के बाद, ऑगस्टिन को बिना जमानत के हिरासत में रखा गया है। एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि न्यूयॉर्क पुलिस विभाग (एनवाईपीडी) हेट क्राइम टास्क फोर्स अभी तक इस घटना की जांच नहीं कर रही है, जिसके बारे में उनका मानना है कि यह एक कार दुर्घटना के कारण हुई थी।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने रविवार को कहा कि वह घटना के बाद समुदाय की जरूरतों पर चर्चा करने के लिए इस सप्ताह सिख नेताओं से मुलाकात करेंगे।
एडम्स ने एक्स पर लिखा,"जसमेर सिंह अपने शहर से प्यार करते थे। सभी न्यूयॉर्कवासियों की ओर से, मैं चाहता हूं कि हमारा सिख समुदाय यह जाने कि आपके पास हमारी संवेदनाओं से कहीं अधिक है। आपने पवित्र प्रतिज्ञा की है कि हम उस नफरत को अस्वीकार करते हैं, जिसने इसे जन्म दिया है।"
उन्होंने कहा, "हमारी टीम इस चुनौतीपूर्ण क्षण में समुदाय की जरूरतों पर चर्चा करने के लिए इस सप्ताह सिख नेताओं से मुलाकात करेगी।"
यह घटना न्यूयॉर्क शहर में मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी (एमटीए) की बस में 19 वर्षीय मणि संधू को मुक्का मारने और उसकी पगड़ी उतारने की कोशिश के कुछ दिनों बाद हुई है। (आईएएनएस)।
गाजा, 23 अक्टूबर । गाजा शहर में इजरायली हवाई हमले में एक फिलिस्तीनी पत्रकार की मौत हो गई है, राज्य मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, आधिकारिक फिलिस्तीनी प्रेस एजेंसी डब्ल्यूएएफए के अनुसार, रोशदी सरराज फ्रांसीसी राष्ट्रीय सार्वजनिक रेडियो प्रसारक रेडियो फ्रांस में विदेशी पत्रकारों के लिए एक फिक्सर और अनुवादक थे और मई 2021 से काम कर रहे थे।
डब्ल्यूएएफए के अनुसार, गाजा शहर में एक घर को निशाना बनाकर किए गए हमले में उनके परिवार के सदस्य भी घायल हो गए और उन्हें अल-शिफा अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
रेडियो फ्रांस ने कहा कि उनकी पत्नी और एक साल की बेटी घायल हो गईं।
एक ताजा रिपोर्ट में, न्यूयॉर्क स्थित गैर-लाभकारी समिति टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने कहा कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर बड़े पैमाने पर हमला शुरू करने के बाद से कम से कम 22 पत्रकार मारे गए हैं।
20 अक्टूबर को जारी रिपोर्ट के अनुसार, मारे गए 22 पत्रकारों में से 18 फिलिस्तीनी, तीन इजरायली और एक लेबनानी हैं।
जबकि आठ पत्रकार घायल हो गए, तीन अन्य कथित तौर पर लापता हैं या हिरासत में लिए गए हैं। (आईएएनएस)।
इस्लामाबाद, 23 अक्टूबर पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने देश के गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन करने से जुड़े सिफर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सोमवार को दोषी करार दिया।
इमरान (71) को पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल (सिफर) को लीक करके आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज होने के बाद इस वर्ष अगस्त में गिरफ्तार किया गया था।
इमरान के साथ पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को भी मामले में दोषी ठहराया गया।
इमरान ने उक्त दस्तावेज का इस्तेमाल यह बताने के लिए किया था कि उनकी सरकार एक विदेशी साजिश के परिणामस्वरूप गिरा दी गई थी।
मामले की सुनवाई रावलपिंडी की अडियाला जेल में विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन ने की।
'जियो न्यूज' की खबर के मुताबिक, इमरान और कुरेशी ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए खुद को निर्दोष बताया है। (भाषा)
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन ने भारत के साथ सीमा विवाद के बीच 2022 में न सिर्फ सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई थी. बल्कि बुनियादी ढांचे का निर्माण भी जारी रखा था.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
पेंटागन की "मिलिट्री एंड सिक्यूरिटी डेवलेपमेंट्स इनवॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना" रिपोर्ट में कहा गया है कि डोकलाम के पास अंडरग्राउंड स्टोरेज, पैंगोंग झील पर दूसरा पुल और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास एयरपोर्ट और हैलिपैड का निर्माण, नयी सड़कें, पड़ोसी भूटान में विवादित क्षेत्रों में नए गांव शामिल हैं.
पेंटागन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन ने सीमा पर सैन्य बलों की तैनाती बढ़ा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, "2022 में, चीन ने एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र में रिजर्व में चार संयुक्त हथियार ब्रिगेड (सीएबी) के साथ झिंजियांग और तिब्बत सैन्य जिलों के दो डिवीजनों द्वारा समर्थित एक सीमा रेजिमेंट तैनात की. चीन ने अन्य थिएटर कमांड से पूर्वी क्षेत्र में तीन हल्के से मध्यम सीएबी और एलएसी के मध्य क्षेत्र में अतिरिक्त तीन सीएबी भी तैनात किए हैं. हालांकि हल्के सीएबी के कुछ तत्व अंततः पीछे हट गए, लेकिन तैनात बलों का अधिकांश हिस्सा एलएसी पर यथावत बना हुआ है.''
बढ़ती गतिविधियां
"मिलिट्री एंड सिक्यूरिटी डेवलेपमेंट्स इनवॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना" रिपोर्ट 2023 में कहा है कि मई 2020 की शुरुआत से भारत-चीन सीमा पर तनाव ने पश्चिमी थिएटर कमांड का ध्यान आकर्षित किया है.
भारत और चीन मई 2020 से एलएसी के साथ पूर्वी लद्दाख में कई बिंदुओं पर गतिरोध पर हैं. संकट तब और बढ़ गया जब गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमने-सामने की लड़ाई हुई, जिसमें कम से कम 24 सैनिकों की मौत हो गई. चार दशकों में एलएसी पर यह पहली घातक लड़ाई थी.
तब से दोनों पक्ष सैन्य-स्तरीय और विदेशी कार्यालय-नेतृत्व वाली वार्ता के कई दौर में मिल चुके हैं. भारत और चीन दोनों ने लगभग चार बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी की है. सबसे ताजा पिछले साल गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में थी. हालांकि, डेमचोक और देपसांग स्प्रिंग्स में शेष बिंदुओं पर समझौता करना कठिन साबित हो रहा है.
बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा चीन
चीन बीते कुछ साल से सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत करता रहा है. पूर्वोत्तर में उसने सीमा से 20 किलोमीटर के दायरे में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य किया है. उसने हवाई, रेल और सड़क नेटवर्क का विस्तार करने के साथ ही तिब्बत में बुलेट ट्रेन भी चला दी है. यह ट्रेन अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती कस्बे निंग्ची तक जाती है. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 3,488 किलोमीटर लंबे इलाके में है.
पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के पास 500 से अधिक सक्रिय परमाणु हथियार हैं और 2030 तक एक हजार से अधिक हो जाएंगे. (dw.com)
जेरूसलम, 23 अक्टूबर । इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने कहा कि उनकी मुख्य प्राथमिकता उन बंधकों को घर वापस लाना है, जिन्हें 7 अक्टूबर को आतंकवादी समूह द्वारा यहूदी राष्ट्र के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले के बाद हमास द्वारा बंदी बना लिया गया था।
उन्होंने रविवार को यहां राष्ट्रपति भवन में आतंकवादी समूह द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के प्रतिनिधियों और परिवार के सदस्यों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
बैठक का आयोजन बंधकों और लापता परिवार फोरम द्वारा किया गया था, जो बंधकों को वापस लाने के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।
हर्ज़ोग ने कहा,“हम एक भयानक स्थिति में हैं। दर्द की भयावहता भयानक है। हम इस तथ्य का गहरा सम्मान करते हैं कि आपने प्रयास किया और यहां आये। हम मदद करने, गले लगाने, मजबूत करने, समर्थन करने और समाधानों के बारे में एक साथ सोचने आए हैं। हमारे सामने एक बहुत बड़ी राष्ट्रीय चुनौती है। इसके लिए हमें शांतिपूर्वक और जिम्मेदारी से कार्य करने की आवश्यकता है। हम अपने प्रियजन को घर लाना चाहते हैं और यह एक चुनौती है।"
“इज़राइल के राष्ट्रपति के रूप में, मैं आपसे अपने प्रियजनों को घर लाने के लिए सब कुछ करने की प्रतिज्ञा करता हूं। यह मेरे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाला लक्ष्य है।”
परिवारों ने अपने प्रियजनों के भाग्य पर अनिश्चितता के संबंध में राष्ट्रपति के समक्ष चिंता प्रकट की।
उन्होंने सभी बंधकों और लापता व्यक्तियों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करने की मांग भी उनसे की।
इज़रायली अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में गाजा में कम से कम 212 लोग बंदी हैं, इनमें इज़रायली और विदेशी नागरिक शामिल हैं।
19 अक्टूबर को, हमास ने अमेरिकी नागरिक जूडिथ ताई रानन और उनकी 17 वर्षीय बेटी नताली रानन को रिहा कर दिया था, जिनका 7 अक्टूबर को अपहरण कर लिया गया था।
उधर, इजराइल-हमास संघर्ष सोमवार को लगातार 17वें दिन भी जारी रहा, इससे दोनों पक्षों में मरने वालों की संख्या 6,000 से अधिक हो गई है, जबकि हजारों अन्य घायल हो गए या अपने घरों से विस्थापित होने के लिए मजबूर हो गए। (आईएएनएस)।
तेल अवीव, 23 अक्टूबर । इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा है कि मिस्र-गाजा-इजरायल सीमा क्षेत्र में केरेम शालोम के पास एक इजरायली टैंक ने गलती से गोलीबारी की और मिस्र की एक चौकी पर हमला कर दिया।
घटना की जांच की जा रही है। वाईनेट न्यूज ने रविवार शाम जारी एक बयान का हवाला देते हुए बताया कि आईडीएफ इस घटना के संबंध में दुख व्यक्त करता है।
हिजबुल्लाह ने घोषणा की कि लेबनान में आईडीएफ हमले में उसके दो सदस्य अली मुहम्मद मार्मर और ताहा अब्बास मारे गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार और रविवार को इजरायली हमलों में लेबनानी आतंकवादी समूह के 10 लोगों की मौत हो गई।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि अगर हिजबुल्लाह ने युद्ध में शामिल होने का फैसला किया तो यह उसके जीवन की सबसे बड़ी गलती होगी।
वाईनेट न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, लेबनान सीमा पर सैनिकों से बात करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल उत्तर में दुश्मन को रोक रहा है, जबकि दक्षिण में जीतने के लिए लड़ रहा है।
''यदि हिजबुल्लाह इजरायल के खिलाफ दूसरा मोर्चा खोलता है, तो परिणाम विनाशकारी होंगे। हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं।''
इजरायल-लेबनान सीमा पर गोलीबारी जारी रही और इससे पहले आईडीएफ बलों ने इजरायल की ओर आ रहे एक ड्रोन को मार गिराया। सेना ने कहा कि उसके सैनिकों ने इजरायल पर टैंक रोधी मिसाइलें दागने के प्रयास को भी विफल कर दिया। (आईएएनएस)।
टोरंटो, 23 अक्टूबर । कनाडा के शीर्ष आव्रजन निकाय ने कहा कि उसे उम्मीद है कि हाल ही में राजनयिकों की वापसी के कारण प्रभावित होने वाली भारतीय वीजा प्रक्रिया 2024 की शुरुआत तक सामान्य हो जाएगी।
आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, भारत में कर्मचारियों की कमी से अगले दो महीनों में देश की वैश्विक आव्रजन प्रणाली में 17,500 'अंतिम निर्णयों' का बैकलॉग बनने की उम्मीद है।
सीआईसी न्यूज़ ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि सरकार को उम्मीद है कि '2024 की शुरुआत' तक सामान्य प्रसंस्करण वापस आ जाएगा,।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे हासिल किया जा सकता है, क्योंकि भारत से निकाला गया आव्रजन स्टाफ खुद को फिर से स्थापित कर लेता है और कनाडा और फिलीपींस में काम पर वापस आ जाता है।
इसके अलावा, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को संकेत दिया कि वीजा सेवाएं, जो पिछले महीने दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद के बाद निलंबित कर दी गई थीं, सुरक्षा स्थिति में सुधार होने पर जल्द शुरू की जा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने कनाडा में वीज़ा जारी करना बंद कर दिया है "क्योंकि हमारे राजनयिकों के लिए वीज़ा जारी करने के लिए काम पर जाना अब सुरक्षित नहीं है।"
भारत के इस बात पर कायम रहने के साथ कि वह राजनयिक उपस्थिति में समानता चाहता है, कनाडा ने पिछले सप्ताह अपने 41 राजनयिकों को निकाल लिया। अब केवल 21 ही भारत में तैनात रहेंगे।
आईआरसीसी ने पहले एक बयान जारी कर कहा था कि भारत में उसके कर्मचारियों को 27 से घटाकर सिर्फ पांच सदस्यों तक किया जा रहा है, इसके कारण परिचालन प्रभावित और ग्राहक सेवा प्रभावित होगी। (आईएएनएस)।
आईआरसीसी ने कहा कि भारत में उसके शेष कर्मचारी उस काम पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसके लिए देश में उपस्थिति की आवश्यकता होती है, इसमें तत्काल प्रसंस्करण, वीज़ा प्रिंटिंग, जोखिम मूल्यांकन और प्रमुख भागीदारों की देखरेख, वीज़ा आवेदन केंद्र, पैनल चिकित्सक और आव्रजन चिकित्सा परीक्षा करने वाले क्लीनिक शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बाकी काम और कर्मचारियों को आईआरसीसी के वैश्विक प्रसंस्करण नेटवर्क में फिर से नियुक्त किया जाएगा।
टोरंटो, 23 अक्टूबर । नए शोध से पता चला है कि महामारी के दौरान स्टार्टअप कर्मचारी बड़ी व अधिक स्थापित कंपनियों में चले गए।
निजी और उद्यमशील कंपनियों के लिए सबसे बड़े ऑनलाइन भर्ती मंच, एंजेललिस्ट टैलेंट (जिसे अब वेलफाउंड कहा जाता है) के लगभग 1 लाख 80 हजार उपयोगकर्ताओं के डेटा को खंगालने पर शोधकर्ताओं ने पाया कि नौकरी तलाशने वालों ने शुरुआती चरण की कंपनियों से मुंह मोड़ बड़ी व स्थापित कंपिनयों की ओर रुख किया।
टोरंटो विश्वविद्यालय के रोटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में वित्त के सहायक प्रोफेसर टिंग जू ने कहा, यह इसका दस्तावेजीकरण करने वाला पहला अध्ययन है। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के शाई बर्नस्टीन और कैलिफोर्निया सैन डिएगो विश्वविद्यालय के रिचर्ड आर टाउनसेंड के साथ अध्ययन करने वाले जू ने कहा, "हमारे नतीजे बताते हैं कि मजबूत वित्तपोषण बाजार के बावजूद स्टार्टअप्स को कोविड-19 मंदी में संघर्ष क्यों करना पड़ा।"
उन्होंने पाया कि, पहले की अवधि की तुलना में, जब अमेरिका ने महामारी पर राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति घोषित की थी, तब नौकरी चाहने वालों की 500 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में काम की तलाश करने की संभावना 20 प्रतिशत अधिक थी।
कंपनियां आईटी, मीडिया, ई-कॉमर्स, स्वास्थ्य सेवा और व्यावसायिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में केंद्रित थीं। नौकरी चाहने वालों की उन कंपनियों की खोज करने की अधिक संभावना थी, जो उस समय उनके रोजगार से बड़ी थीं।
आवेदन चरण में सामान्य रुझान नहीं बदले। जिन कंपनियों में श्रमिकों ने आवेदन किया था, उनका औसत आकार आठ प्रतिशत बढ़ गया और कंपनियों के धन जुटाने के बाद के चरण में होने की संभावना 16 प्रतिशत अधिक थी। जू ने कहा कि समग्र प्रवृत्ति उच्च-कुशल, बेहतर-शिक्षित नौकरी चाहने वालों द्वारा संचालित थी, जो कोई छोटी बात नहीं है।
उन्होंने कहा, "दृढ़ सफलता के लिए न केवल प्रतिभा की मात्रा मायने रखती है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी मायने रखती है।"
"यदि बदलाव उच्च-गुणवत्ता वाले उम्मीदवारों के बीच केंद्रित है, तो इसका मतलब है कि स्टार्टअप न केवल किसी प्रतिभा तक पहुंच खो रहे हैं, बल्कि सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा तक पहुंच खो रहे हैं, जो उनकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।"
न केवल छोटे, प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप के लिए आवेदनों में 20 प्रतिशत की गिरावट आई, शोधकर्ताओं ने पाया कि ये कंपनियां उन आवेदनों के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हो गईं, जो उन्हें मिलीं और उनमें नियुक्ति की संभावना भी कम थी। पेपर को द रिव्यू ऑफ फाइनेंशियल स्टडीज में प्रकाशन के लिए स्वीकार कर लिया गया है। (आईएएनएस)।
दीर-अल-बलाह (गाजा पट्टी), 23 अक्टूबर। गाजा पट्टी के मध्य में स्थित अल-अक्सा अस्पताल के नवजात शिशुओं के वार्ड में शीशे के ‘इन्क्यूबेटर’ के अंदर रखा समय से पूर्व जन्मा नवजात शिशु रो रहा है। गहरी पीड़ा में नजर आ रहे इस शिशु के नन्हें शरीर से इन्क्यूबेटर में मौजूद नलिकाएं जुड़ी हैं। एक वेंटिलेटर उसे सांस लेने में मदद करता है, एक नली के जरिए उस तक दवा पहुंचाई जाती है और मॉनिटर उसके नाजुक महत्वपूर्ण संकेतों को प्रदर्शित करता है।
शिशु का जीवन बिजली के निरंतर प्रवाह पर टिका है क्योंकि बिजली से चलने वाले इन उपकरणों के जरिए ही उस तक जीवनरक्षक दवाएं और संसाधन पहुंचाए जाते हैं और अगर अस्पताल को उसके जेनरेटरों के लिए ईंधन नहीं मिलता है तो बिजली की आपूर्ति के जल्द खत्म होने की आशंका है। अस्पताल के निदेशक इयाद अबू जहार इस बात को लेकर आशंकित हैं कि जेनरेटर बंद हो जाने पर वार्ड के मौजूद नवजात शिशुओं की ऑक्सीजन सपोर्ट की कमी के कारण मृत्यु हो जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे ऊपर जिम्मेदारी बहुत बड़ी है।’’
समूचे गाजा में समय से पूर्व पैदा हुए बच्चों का उपचार करने वाले चिकित्सकों को यही डर सता रहा है। सहायता कर्मियों ने कहा कि नवजात शिशु इकाई में भर्ती, समय पूर्व जन्मे कम से कम 130 बच्चों की जान ‘‘अत्यंत जोखिम’’ में है।
इजराइल द्वारा गाजा की घेराबंदी के कारण ईंधन की कमी का यह खतरनाक संकट पैदा हुआ है, जिसकी शुरुआत सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद हुई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गाजा में कम से कम 50,000 गर्भवती महिलाएं आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच से वंचित हैं और करीब 5,500 महिलाएं आगामी महीनों में शिशुओं को जन्म देने वाली हैं।
लगातार इजराइली हमलों से क्षति होने और बिजली, पानी एवं अन्य आपूर्ति की कमी के कारण लगभग 30 अस्पतालों में से कम से कम सात को बंद करना पड़ा है। बाकी अस्पतालों के चिकित्सकों ने कहा कि वे संकट के कगार पर हैं। फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने रविवार को कहा कि उसके पास आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए तीन दिनों का पर्याप्त ईंधन है।
फलस्तीनी सहायता समूह के चिकित्सा सहायता के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेलानी वार्ड ने कहा, ‘‘दुनिया सिर्फ यह नहीं देख सकती कि गाजा पर घेराबंदी के कारण ये बच्चे मारे गए हैं... कार्रवाई करने में विफलता इन बच्चों को मौत की सजा देने के समान है।’’
शनिवार को गाजा में प्रवेश करने वाले 20 सहायता ट्रकों में से किसी में भी ईंधन नहीं था, जो घेराबंदी लागू होने के बाद पहुंचने वाली सहायता सामग्री की पहली खेप थी। हालांकि इजराइल ने इस सहायता सामग्री के हमास के हाथों में चले जाने की आशंका जताई थी। गाजा के अंदर सीमित ईंधन आपूर्ति को अस्पताल के जेनरेटरों में भेजा जा रहा है।
सात टैंकरों ने सीमा के गाजा क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र डिपो से ईंधन लिया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कोई भी टैंकर अस्पतालों के लिए भेजा गया है या नहीं।
डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने कहा कि गाजा के पांच मुख्य अस्पतालों में बुनियादी सेवाएं प्रदान करने के लिए 150,000 लीटर ईंधन की आवश्यकता है।
अबू जहार को यह चिंता है कि बगैर आपूर्ति के उनका अस्पताल कितने समय तक चल सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर जेनरेटर बंद हो जाते हैं तो गहन देखभाल इकाई में इनक्यूबेटर बहुत गंभीर स्थिति में होंगे। हमें आशंका है कि अस्पताल में विभिन्न विभागों की भारी मांग के कारण आने वाले कुछ समय में ईंधन की कमी के चलते जेनरेटर बंद हो जाएंगे।’’
फलस्तीनी क्षेत्रों में ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के चिकित्सा समन्वयक गुइलेमेट थॉमस ने कहा कि अगर उन्हें तत्काल आवश्यक विशेष देखभाल और दवा नहीं मिलती है, तो कुछ बच्चे कुछ घंटों के भीतर दम तोड़ सकते हैं और अन्य कुछ दिनों में मर सकते हैं।
एपी सुरभि मनीषा मनीषा 2310 1118 दीरअलबलाह (एपी)
इसराइल की सेना ने कहा है कि उसके विमानों ने सोमवार तड़के लेबनान में दो हिज़बुल्लाह ठिकानों पर हमला किया.
इसराइल और ग़ज़ा में चल रहे संघर्ष के बीच लेबनान की सीमा पर भी हिज़बुल्लाह और इसराइल के बीच हमले हो रहे हैं.
इसराइल ने कहा कि हिज़बुल्लाह एक ठिकाना इसराइली की सीमा से लगने वाले शहर मटाट के पास था, जबकि दूसरा विवादित क्षेत्र शेबा फार्म में था.
इसराइली सेना का कहना है कि हिज़बुल्लाह के दोनों ही ठिकानों को इसराइल की ओर एंटी-टैंक मिसाइलों और रॉकेटों के नियोजित हमले को अंजाम देने में पहले नष्ट कर दिया गया.
लेबनान के सरकारी समाचार एजेंसी एनएनए ने दक्षिणी लेबनान के एक गांव एटारौन के बाहरी इलाके में इसराइली हवाई हमले की जानकारी दी है, ये गांव मटाट से लगभग 13 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है.
हालांकि ये साफ नहीं है कि समाचार एजेंसी उसी हमले का ज़िक्र कर रही है जिसका इसराइली सेना ने दावा किया है.
अब तक इस हमले में किसी के घायल होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है. (bbc.com/hindi)