अंतरराष्ट्रीय
टॉम बेटमैन
हमास ने 13 इसराइली बंधकों को रिहा कर दिया है और वे मिस्र के रास्ते इसराइल पहुंच चुके हैं.
इसके बाद इसराइली जेलों में बंद 39 फ़लस्तीनी महिलाओं और किशोरों को वेस्ट बैंक में रमल्लाह के पास बेतूनिया चेकप्वाइंट पर रिहा कर दिया गया.
इन फ़लस्तीनी महिलाओं और किशोरों को शुक्रवार को उत्तरी इसराइल की दो जेलों से स्थानांतरित कर कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक की एक सैन्य अदालत की इमारत में ले जाया गया था.
माना जा रहा था कि शुक्रवार को इसराइली बंधकों को रेड क्रॉस को सुपुर्द करते समय हमास उन बंधकों की सूची देगा जो अगले दिन रिहा किए जाने हैं.
क़तर ने कहा है कि क़ैदियों की अदला बदली के लिए दोहा में एक ऑपरेशन रूम बनाया हुआ है ताकि संदेशों का आदान-प्रदान किया जा सके और सुनिश्चित किया जा सके कि सुरक्षित माहौल में रिहाई संपन्न हो.
हालांकि अभी भी आशंका बनी हुई है कि युद्ध विराम और बंधकों के पहले जत्थे की रिहाई के बावजूद चीजें ग़लत दिशा में मुड़ सकती हैं. इसलिए सबकी नज़र दोनों ओर से होने वाली रिहाई और आगे की प्रक्रिया पर टिकी हुई है.
रेड क्रॉस ने कहा है कि हमास के कब्ज़े में रहने वाले 24 बंधकों को ग़ज़ा पट्टी में रिहा किया गया है, जिनमें 13 इसराइली नगरिक हैं.
क़तर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा कि 13 इसराइली नागरिकों, 10 थाई नागरिक और एक फ़िलिपींस के नागरिक को रिहा किया गया है.
क़तर ने ही इस महत्वपूर्ण संघर्ष विराम के समझौते की मध्यस्थता की है.
तनावपूर्ण पल
हमास और इसराइल के बीच हुए अस्थाई युद्ध विराम समझौते के तहत शुक्रवार को 13 इसराइली बंधकों और इसराइल की जेलों में बंद 39 फ़लस्तीनियों को रिहा करने का पल बहुत तनावपूर्ण था.
रेड क्रॉस ने हमास की ओर से 24 बंधकों के रिहा करने पुष्टि कर दी थी और जैसे ही रेड क्रॉस के झंडे लगी गाड़ियां ग़ज़ा से निकल कर ग़ज़ा और मिस्र की सीमा पर स्थित रफ़ाह क्रॉसिंग से मिस्र में पहुंचीं वहां मौजूद लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई.
इन बंधकों को तेल अवीव के एक अस्पताल ले जाया गया.
लेकिन इस बीच वेस्ट बैंक में हज़ारों फ़लस्तीनी रमल्लाह के पास बेतूनिया चेकप्वाइंट पर इकट्ठा हो गए. माहौल तनावपूर्ण हो गया.
वेस्ट बैंक में मौजूद बीबीसी संवाददाता लूसी विलियम्सन के मुताबिक, चेकप्वाइंट पर रेड क्रॉस गाड़ी के चारों ओर हज़ारों लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई थी.
फ़लस्तीनियों का कहना था कि इसराइल की ओर से होने वाली फ़लस्तीनी कैदियों की रिहाई में देर क्यों हो रही है.
रेड क्रॉस गाड़ी के पास इकट्ठा भीड़ नारे लगाने लगी- "कैदी कहां हैं कैदी कहां हैं?" चेकप्वाइंट के पास सड़क पर इसराइली सेना और फ़लस्तीनियों के बीच झड़प हो गई.
फ़लस्तीनियों के समूह को पीछे धकेलने के लिए इसराइल की सेना ने उन पर रबर की गोलियों और आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
फ़लस्तीनी कैदियों की रिहाई में हो रही देरी ने थोड़ी देर के लिए उहापोह की स्थिति पैदा कर दी लेकिन अधिकारियों ने कहा कि चेकप्वाइंट पर झड़प की वजह से ये देरी हुई थी.
मार्गलित मेसेस (बाएं) और एडिना मोशे
रिहा होने वाले इसराइली नागरिक
जिन इसराइली नागरिकों को रिहा किया गया है उनमें दो 70 साल से अधिक उम्र की महिलाएं हैं और एक मां और उनकी सात साल की बेटी है.
इनमें एक हैं 78 साल की मार्गालित मोसेस. जो कैंसर सर्वाइवर भी हैं. उन्हें सात अक्टूबर को किबुत्ज़ नीर ओज़ से हमास ने अगवा किया था.
72 साल की एडिना मोशे को भी किबुत्ज़ नीर ओज़ से अगवा किया गया था. हमास ने उनके पति साइद मोशे की हत्या कर दी थी. हमास के हमले के बाद सामने आए एक वीडियो फुटेज से उनके परिजनों ने उनकी पहचान की थी.
उन्हें हमास के दो लड़ाकों के बीच मोटरसाइकिल पर बैठे देखा गया था.
उनके चार बच्चे हैं, माया, याएल, सासोन और एमोस.
डेनिएली एलोनी अपनी छह साल की बेटी के साथ.
इसराइली सेना ने कहा है कि हमास की ओर से रिहा किए गए बंधकों की सेहत ठीक है.
रिहा होने वाले बंधकों में डेनिएली एलोनी और उनकी पांच साल की बेटी एमिलिया भी हैं.
उन्हें भी किबुत्ज़ नीर ओज़ से अगवा किया गया था. हमास के हमले के समय वो अपने परिवार से मिलने के लिए किबुत्ज़ आई हुई थीं.
हमले के दौरान डेनिएली का अंतिम संदेश था कि उनके घर में आतंकवादी घुस आए हैं और उन्हें अब ज़िंदा बचे रहने की उम्मीद नहीं है.
रिहा हुए बंधकों के नाम जारी किए
इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने एक बयान जारी कर हमास की ओर से रिहा किए गए बंधकों के नामों की सूची जारी की है.
बयान के अनुसार, इसराइली सरकार सभी अपहृत और लापता लोगों की वापसी के लिए दृढ़ संकल्पित है. हमारे नागरिकों की शुरुआती मेडिकल जांच हुई है और उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है.
इसके साथ ही 11 अन्य विदेशी नागरिकों को भी रिहा किया गया है.
रिहा हुए इसराइली नागरिकों की सूचीः
एशर परिवारः डोरोन काट्ज़ एशर (34 साल), राज़ एशर (चार साल) और एविव एशर (दो साल).
एलोनी परिवारः डेनिएली एलोनी (45 साल) और एमिलिया एलोनी (5 साल).
मुंदेर परिवारः रुथ मुंदेर (78 साल), केरेन मुंदेर (54 साल) और ओहद मुंदेर (9 साल).
एडिना मोशे (72 साल), हान्ना काट्ज़िर (76), मार्गेलिट मोसेस (77 साल), शानाह पेरी (79 साल), याफ़ा एडर (85 साल).
युद्धविराम के पहले दिन क्या क्या हुआ?
- हमास ने पहले थाईलैंड के 12 नागरिकों को छोड़ा. इसके बाद 13 इसराइली बंधकों को रेड क्रॉस के हवाले किया.
- योजना के तहत इन्हें मिस्र से होते हुए इसराइल के दक्षिण में हात्ज़ेरिम सैन्य ठिकाने पर ले जाया जाएगा.
- यहां सबसे पहले इनकी स्वास्थ्य जांच (फ़िज़िकल और मानसिक स्वास्थ्य) की जाएगी जिसके बाद इन्हें अस्पताल भेजा जाएगा. यहीं पर वो अपने परिजनों से मिल सकेंगे.
- शर्तों के अनुसार इसराइल वेस्ट बैंक की सीमा के पास 39 फ़लस्तीनी कैदियों को वेस्ट बैंक में रिहा कर दिया गया, जिनमें 18 साल से कम उम्र की 24 लड़कियां और 15 लड़के हैं.
- इससे पहले वेस्ट मैंक में फ़लस्तीनियों और इसराइली सैनिकों के बीच झड़प हुई.
युद्धविराम की शर्तों में क्या-क्या?
- इसराइल और हमास के बीच बंधकों और कैदियों को लेकर हुई डील के तहत तय हुआ कि चार दिनों में हमास ग़ज़ा में बंधक बनाकर रखे गए 50 इसराइलियों (बच्चों और महिलाओं) को छोड़ेगा, वहीं इसराइल की जेलों में बंद क़रीब 300 फलस्तीनियों में से 150 को रिहा किया जाएगा.
- इसके बाद हर दस इसराइली बंधकों को छोड़ने पर इसराइल युद्धविराम को एक दिन के लिए बढ़ाएगा.
- बुधवार, 22 नवंबर को मिस्र और अमेरिका की मदद से और क़तर की मध्यस्थता से दोनों पक्षों के बीच यु्द्धविराम पर सहमति बनी थी.
- युद्धविराम शुक्रवार, 24 नवंबर को स्थानीय समयानुसार सवेरे 7.00 बजे (5.00 जीएमटी) लागू हुआ.
- युद्धविराम उत्तरी और दक्षिणी ग़ज़ा दोनों ही हिस्सों में लागू हुआा.
- बंधकों की रिहाई के अलावा राहत सामग्री से लदे 200 ट्रक और ईंधन से लदे 4 ट्रकों को ग़ज़ा में घुसने की इजाज़त दी गई है. (bbc.com)
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तेल अवीव, 25 नवंबर । थाईलैंड ने शनिवार को कहा कि उसके 20 नागरिक अभी भी हमास के कब्जे में हैं।
शुक्रवार को, हमास ने 13 इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया, जिनमें 10 थाईलैंड के नागरिक और एक फिलीपीन नागरिक शामिल थे, जबकि इजरायल ने कतर की मध्यस्थता में हमास और इजरायल के बीच हुए समझौते के तहत 39 फिलिस्तीनियों को रिहा किया।
थाईलैंड ने कहा कि वह हमास के कब्जे वाले अपने सभी नागरिकों की रिहाई के लिए काम करेगा।
कथित तौर पर, ईरान ने 10 थाईलैंड नागरिकों और एक फिलीपीन नागरिक की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
तेल अवीव में थाईलैंड दूतावास के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि वे अपने नागरिकों की रिहाई के लिए हर संभव गुप्त माध्यम का इस्तेमाल करेंगे।
शुक्रवार से शुरू हुए चार दिवसीय युद्धविराम सहित समझौते के हिस्से के रूप में, राफा क्रॉसिंग के माध्यम से गाजा में भोजन, ईंधन और दवाओं सहित सहायता सामग्री वाले ट्रकों की आवाजाही की अनुमति दी जाएगी।
इजरायल ने आरोप लगाया है कि उसने शनिवार सुबह वेस्ट बैंक क्षेत्र से कथित तौर पर हिजबुल्लाह द्वारा दागी गई मिसाइलों को मार गिराया है। (आईएएनएस)।
मेलबर्न, 25 नवंबर । ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया विश्वविद्यालय में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहा एक भारतीय छात्र इस महीने की शुरुआत में कथित हमले के बाद कोमा में चला गया है।
सिडनी स्थित ब्रॉडकास्टर एसबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, तस्मानिया में 5 नवंबर को सुबह लगभग 4:20 बजे हुए हमले के तुरंत बाद 20 वर्षीय छात्र को रॉयल होबार्ट अस्पताल ले जाया गया।
कथित तौर पर उसका दाहिना फेफड़ा खराब हो गया है और उसे ब्रेन सर्जरी करानी पड़ी, यह प्रक्रिया कई घंटों तक चली।
घटना के तुरंत बाद, पुलिस ने 25 वर्षीय बेंजामिन डॉज कोलिंग्स को हिरासत में ले लिया, और उस पर हमले का आरोप लगाया - एक अपराध जिसमें अधिकतम 21 साल की जेल की सजा हो सकती है।
कोलिंग्स को मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत दे दी गई और उसकी 4 दिसंबर को अदालत में फिर से पेशी है।
पुलिस ने एसबीएस हिंदी को बताया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह घटना नस्लीय रूप से प्रेरित है।
वहां के एक निवासी जर्मनजीत सिंह गिल ने फेसबुक ग्रुप 'इंडियन्स इन तस्मानिया' पर पोस्ट किया, "आरोपी व्यक्ति को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, जबकि गरीब आदमी अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है।"
गिल ने कहा, "किसी ने बिना किसी कारण के हमारे भाई पर हमला किया, और हम सवाल भी नहीं पूछ सकते? हम पीड़ित की मदद के लिए सामुदायिक समर्थन कर रहे हैं।"
पीड़ित के दोस्तों ने कहा कि असम में उसके परिवार के पास ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए पासपोर्ट नहीं है।
एसबीएस हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार, तस्मानिया विश्वविद्यालय के मीडिया निदेशक, बेन वाइल्ड ने कहा कि वे परिवार के साथ नियमित संपर्क में हैं और अनुवादक और अन्य सहायता के साथ मामले के लिए एक प्रबंधक को नियुक्त किया है। (आईएएनएस)।
वेस्ट बैंक, 25 नवंबर। इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते के तहत इजराइली जेलों से रिहा हुए तीन दर्जन से ज्यादा फलस्तीनियों का शुक्रवार को वेस्ट बैंक पहुंचने पर जबरदस्त तरीके से स्वागत किया गया।
रिहा किए गए कैदियों में कुछ को छोटे अपराधों के लिए और कुछ को हमलों के लिए दोषी ठहराया गया था। इन सभी कैदियों को यरूशलम के बाहर एक जांचचौकी पर रिहा किया गया, जहां भारी संख्या में फलस्तीनी लोग एकत्रित हुए थे। इन लोगों ने नारे लगाएं, तालियां बजाईं और हाथ हिलाएं।
रिहा किए गए कैदियों में पंद्रह युवक स्तब्ध दिखाई दे रहे थे। मैले कपड़े पहने, थकावट से चूर ये युवक रिहा होने के बाद जब अपने-अपने पिता से मिले तो उनके कंधों पर सिर रखकर रोते हुए दिखाई दिए। रिहाई का समय रात का था लेकिन आतिशबाजी की वजह से आसमान अलग-अलग रंगों से पटा हुआ दिखाई दिए वहीं देशभक्ति के संगीत ने माहौल को और खुशनुमा बना दिया।
रिहा किए गए कैदियों में से कुछ ने फलस्तीनी झंड़ों को हाथ में लिया हुआ था तो कुछ ने हमास के हरे झंड़ों को अपने कंधों पर लिया हुआ था। जांचचौकी से बाहर निकलने के बाद उन्होंने जीत का संकेत दिया।
रिहा हुए कैदियों में एक 17 साल का लड़का जमाल बाहमा भी था, जो उस दौरान धक्का-मुक्की कर रहे पत्रकारों और नारे लगाते हजारों फलस्तीनी की भीड़ में कुछ कहने की कोशिश कर रहा था। जमाल ने कहा, 'मेरे पास शब्द नहीं है, मेरे पास शब्द नहीं है।'
उसने कहा, 'भगवान का शुक्र है।'
जमाल के पिता ने जब अपने बेटे को गले से लगाया तो उनकी आंखों से आंसू गिरने लगे, क्योंकि वह सात महीनों में पहली बार अपने बेटे को देख रहे थे। इजराइली बलों ने जमाल को पिछले वसंत में फलस्तीनी शहर जेरिको में उसके घर से गिरफ्तार किया था और बिना किसी सुनवाई व आरोप के उसे हिरासत में रखा हुआ था।
जमाल के पिता ने कहा, 'मैं उसे फिर से पिता की परवरिश देना चाहता हूं।'
इजराइल और हमास के बीच चार दिवसीय संघर्ष विराम शुक्रवार को शुरू हुआ, जिसके दौरान इजराइली बंधकों और फलस्तीनी कैदियों की अदला-बदली में गाजा में 13 इजराइलियों सहित दो दर्जन बंधकों को कैद से रिहा किया गया। इजराइली बंधकों के रिहा होने के कुछ घंटों बाद इजराइल की जेलों से फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया।
रिहा किए गए फलस्तीनी कैदियों में 24 महिलाएं भी शामिल थीं, जिनमें से कुछ को इजराइल के सुरक्षाकर्मियों को चाकू मारने और अन्य प्रकार के हमलों के प्रयास में कई साल जेल की सजा सुनाई गई थी। वहीं अन्य कैदियों को सोशल मीडिया पर उकसाने के आरोप में कैद किया गया था।
रिहा किए गए कैदियों में 15 नाबालिग भी शामिल थे, जिनमें से ज्यादातर पर पथराव और 'आतंकवाद का समर्थन करने' का आरोप था। इजराइल लंबे अरसे से फलस्तीनी युवाओं पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाकर कार्रवाई करता आ रहा है, जो कब्जे वाले क्षेत्र में हिंसा बढ़ने की मुख्य वजह रहा है।
रिहा किए गए कैदियों में से एक संयुक्त राष्ट्र (संरा) के कार्यकर्ता अब्दुलकादर खतीब का 17 वर्षीय बेटा इयास भी है, जिसे पिछले साल गुप्त साक्ष्यों पर बिना किसी आरोप या मुकदमे के 'प्रशासनिक हिरासत' में लिया गया था। खतीब ने कहा, 'एक फलस्तीनी होने के नाते गाजा में अपने भाइयों के लिए मेरा दिल टूट गया है, इसलिए मैं खुशी नहीं मना सकता। लेकिन मैं एक पिता हूं और अंदर ही अंदर काफी खुश हूं।' (एपी)
अमेरिकी टीवी सिरीज़ 'स्क्रीम' में अभिनय करने वाली अभिनेत्री मेलिसा ब्रेरा को इसराइल विरोधी बयान देने के आरोप में सिरीज़ के सातवें एडिशन से निकाल दिया गया था.
इसके बाद मेक्सिको की इस अभिनेत्री ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा है, चुप्पी कोई विकल्प नहीं है.
ब्रेरा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसराइल और हमास के बीच हालिया तनाव के बारे में पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपनी भावनाओं और विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि ग़ज़ा में "नरसंहार" रुकना चाहिए और इज़राइल 'ग़ज़ा' को एक हिरासत केंद्र के रूप में उपयोग करने देता है.
उनके इस बयान को सिरीज़ बनाने वाले स्टूडियो ने 'यहूदी विरोधी' कहा था. ब्रेरा ने इस बारे में चुप्पी तोड़ते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "सबसे पहले, मैं यहूदी विरोधी भावना और इस्लामोफोबिया की निंदा करती हूं. मैं लोगों के किसी भी समूह के खिलाफ किसी भी प्रकार की नफरत और पूर्वाग्रह की निंदा करती हूं." (bbc.com/hindi)
मिस्र में मौजूद सूत्रों ने मिस्र के अधिकारियों के हवाले से पहले बताया कि इसराइली बंधक मिस्र पहुंच गए हैं और उन्हें इसराइल ले जाने के लिए आरिश हवाई अड्डे ले जाया जा रहा है.
हालांकि मिस्र ने पहले के बयान के उलट अब कहा है कि अभी यह साफ नहीं है कि इसराइल के सभी बंधकों को मिस्र को सौंपा गया है या नहीं.
इससे पहले मिस्र और गज़ा के दक्षिण बॉर्डर पर स्थित रफ़ाह क्रॉसिंग पर काफ़ी चहल-पहल देखी जा रही थी.
इसराइल और ग़ज़ा के बीच हुए चार दिनों के अस्थाई युद्धविराम के तहत बंदियों की रिहाई हुई है. (bbc.com/hindi)
-लूसी विलियमसन
वेस्ट बैंक में रामल्लाह के निकट बेतुनिया चेकप्वाइंट के पास सड़क पर इसराइली सेना और फ़लस्तीनियों के बीच झड़प हो गई है.
यह वही जगह है जहां फ़लस्तीन के 39 क़ैदी इसराइल की जेलों से रिहा किए जाने हैं.
फ़लस्तीनियों के समूह को पीछे धकेलने के लिए इसराइल की सेना ने उन पर रबर की गोलियां और आंसू गैस चलाई.
दूसरी ओर फ़लस्तीनियों की तरफ से सेना की ओर पत्थर और आंसू गैस के डिब्बे फेंके गए.
फ़लस्तीन के क़ैदियों के परिजन अपने लोगों को रिसीव करने के लिए वहां पहुंचे हैं. लेकिन वहां तनाव काफ़ी बढ़ा हुआ है.
हमास की क़ैद से छोड़े जाने के बाद थाईलैंड के सभी 12 बंधकों को स्वास्थ्य जांच के लिए तेल अवीव के एक दक्षिण में एक अस्पताल में ले जाया गया है.
थाईलैंड के मीडिया ने बताया है कि ग़ज़ा और मिस्र की सीमा पर स्थित रफ़ाह क्रॉसिंग से मिस्र पहुंचे इन बंधकों को दक्षिणी तेल अवीव स्थित शामिर मेडिकल सेंटर ले जाया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, इन लोगों को यहां मेडिकल केयर की सुविधा दी जाएगी और 48 घंटों तक यहां रखा जाएगा.
एक अधिकारी ने बताया कि क़तर और मिस्र की मध्यस्थता में हमास के साथ हुए एक अलग समझौते के बाद थाईलैंड के नागरिकों को रिहा किया गया है.
अधिकारी ने यह भी बताया कि थाईलैंड के सभी 12 बंधक पुरुष हैं. (bbc.com/hindi)
हमास की ओर से इसराइली बंधकों को एक समूह को छोड़े जाने के बाद 39 फ़लस्तीनी क़ैदियों को रिहा कर दिया गया है.
बंधकों और क़ैदियों की अदला-बदली के तहत 24 महिलाओं और 15 किशोरों के एक समूह को रिहा किया गया.
उन्हें इसराइल के कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के बेतूनिया चेकपोस्ट के पास छोड़ा गया. क़ैदियों की रिहाई क़तर की मध्यस्थता में हुए एक समझौते के तहत की गई है.
इसमें इसराइल और हमास के बीच संघर्ष में चार दिन का पॉज़ दिया गया है. रिहा किए गए क़ैदियों पर पत्थर फेंकने से लेकर हत्या की कोशिश के आरोप हैं. इनमें से कुछ दोषी ठहराए जा चुके हैं और कुछ पर मुकदमा चल रहा है.
इससे पहले हमास ने 13 इसराइली बंधकों को रिहा कर दिया. इन बंधकों को राहत कार्य में लगी रेड क्रॉस के हवाले कर दिया गया था जिन्हें मिस्र से सटी ग़ज़ा की सीमा की तरफ ले जाया गया. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हमास की ओर से 13 इसराइली समेत 24 बंधकों को रिहा करने के बाद दी गई अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही अमेरिकी बंधकों को भी रिहा कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इसराइल और हमास के बीच स्थाई युद्ध विराम की संभावना दिख रही है.
उन्होंने हमास और इसराइल के बीच संघर्ष में चार दिनों के पॉज़ के लिए अमेरिकी कूटनीतिक प्रयासों की भी तारीफ की और उम्मीद जताई कि समझौते की अवधि और बढ़ेगी और आने वाले दिनों में और बंधक रिहा किए जाएंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति से जब ये पूछा गया कि क्या हमास और इसराइल के बीच संघर्ष में फौरी तौर पर लागू चार दिनों का पॉज आगे चल कर पूरे युद्धविराम में बदल सकता है तो उन्होंने कहा कि इसकी काफी संभावना है.
हालांकि उन्होंने ये अंदाज़ा लगाने से इनकार कर दिया कि हमास और इसराइल के बीच युद्ध कितने दिनों तक चलेगा.
उन्होंने कहा कि हमास को खत्म करने का इसराइल का मकसद पर सवाल नहीं उठाया जा सकता लेकिन ये एक मुश्किल मिशन है.
हमास ने शुक्रवार को 13 इसराइली समेत 24 बंधक छोड़े थे. इसके बाद इसराइल ने 39 फ़लस्तीनी कैदियों को रिहा किया था. (bbc.com/hindi)
दीर अल बलाह (गाजा पट्टी), 24 नवंबर। इजराइल और हमास के बीच समझौते के तहत चार दिवसीय युद्ध विराम शुक्रवार को सुबह प्रभावी हो गया और इसी के साथ इजराइल में कैद फलस्तीनियों और गाजा में उग्रवादियों द्वारा बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों की अदला-बदली का मंच तैयार हो गया है।
युद्ध विराम के कुछ घंटे बाद संघर्ष की कोई खबर नहीं है। इस कूटनीतिक सफलता से गाजा में 23 लाख लोगों के लिए कुछ राहत दिखाई दे रही है, जिन्होंने हफ्तों तक इजराइली बमबारी को सहा है। यह इजराइल में उन परिवारों के लिए भी राहत भरी खबर है जो सात अक्टूबर के हमास के हमले के दौरान बंदी बनाए गए अपने प्रियजनों को लेकर चिंतित हैं।
संघर्ष विराम ने अंततः युद्ध समाप्त होने की उम्मीदें जगा दी है जिसने गाजा के विशाल हिस्से को नष्ट कर दिया, जिसके कारण कब्जे वाले वेस्ट बैंक क्षेत्र में हिंसा में वृद्धि हुई और पूरे पश्चिम एशिया में व्यापक संघर्ष की आशंका पैदा हो गई। हालांकि, इजराइल ने कहा है कि संघर्ष विराम समाप्त होने के बाद वह बड़े पैमाने पर हमले फिर से शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इजराइल ने कहा कि संघर्ष विराम के प्रभाव में आने के कुछ ही देर बाद ईंधन के चार टैंकरों और रसोई गैस सिलेंडर के चार टैंकरों ने मिस्र से गाजा पट्टी में प्रवेश किया।
इजराइल ने संघर्ष विराम के दौरान प्रति दिन 1,30,000 लीटर ईंधन की आपूर्ति की सहमति जताई है। हालांकि गाजा की 10 लाख लीटर से अधिक की दैनिक जरूरत की तुलना में यह छोटा हिस्सा है।
इजराइल ने पिछले सात सप्ताह में युद्ध के दौरान गाजा में ईंधन की आपूर्ति रोक रखी थी। उसका दावा था कि हमास सैन्य मकसद से इसका इस्तेमाल कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसियों ने हालांकि इसके विपरीत रुख अख्तियार करते हुए कहा कि ईंधन आपूर्ति पर करीब से निगरानी रखी जाती है और गाजा में जल शोधन संयंत्रों, अस्पतालों आदि को बिजली देने के लिए जेनरेटर चलाने के लिए ईंधन की जरूरत है और इस मानवीय विपदा को टालना होगा।
इजराइली सेना ने दक्षिणी गाजा पर पर्चे गिराए, जिनमें वहां शरण लेने वाले हजारों विस्थापित फलस्तीनियों को चेतावनी दी गई कि वे क्षेत्र के उत्तर में अपने घरों में वापस न लौटें।
इजराइल की चेतावनी के बावजूद शुक्रवार को सैकड़ों फलस्तीनियों को उत्तर की ओर जाते हुए देखा जा सकता था।
ऐसे दो लोग इजराइली सैनिकों की गोलीबारी में मारे गए और 11 अन्य को पैर में गोली लगी। ‘एसोसिएटिड प्रेस’ के एक पत्रकार ने दो शव देखे और अस्पताल में भर्ती कराए गए घायलों को देखा।
गाजा में शासन कर रहे हमास समूह ने इजराइल पर सात अक्टूबर को अप्रत्याशित हमला किया था और इस दौरान करीब 240 लोगों को बंधक बना लिया गया था। हमास ने इस युद्ध विराम के दौरान कम से कम 50 बंधकों को रिहा करने का वादा किया है। हमास ने कहा कि इजराइल 150 फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
दोनों पक्ष पहले महिलाओं एवं बच्चों को रिहा करेंगे। इजराइल ने कहा कि प्रत्येक अतिरिक्त 10 बंधकों की रिहाई पर युद्धविराम को एक अतिरिक्त दिन बढ़ाया जाएगा।
कतर, अमेरिका और मिस्र की मध्यस्थता में कई सप्ताह की गहन अप्रत्यक्ष बातचीत के बाद यह समझौता हुआ। यदि यह समझौता सफलतापूर्वक लागू होता है, तो यह इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध में महत्वपूर्ण विराम होगा।
हमास द्वारा इजराइल पर सात अक्टूबर को किए गए हमले में करीब 1,200 लोगों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में इजराइल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर हवाई और जमीनी हमले किए, जिसमें कम से कम 13,300 फलस्तीनी मारे गए।
इजराइल एवं हमास के बीच समझौते से युद्ध थमने की उम्मीदें पैदा हुई हैं। सात सप्ताह से जारी इस युद्ध से इजराइल और गाजा दोनों में भारी तबाही हुई है और बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। इस युद्ध से पूरे पश्चिम एशिया में तनाव फैलने की आशंका है।
इजराइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने बृहस्पतिवार को सैनिकों से कहा कि युद्ध में यह राहत अल्पकालिक होगी और युद्ध कम से कम दो और महीनों के लिए जोरदार तरीके से फिर से शुरू होगा।
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि दोनों पक्षों ने रिहा किए जाने वाले बंधकों की सूची जारी है। उन्होंने बताया कि हमास द्वारा बंधक बनाए गए 13 महिलाओं एवं बच्चों का पहला समूह शुक्रवार दोपहर को आजाद किया जाएगा। हर एक इजराइली बंधक को छोड़े जाने के बदले तीन फलस्तीनियों को रिहा किया जाएगा।
इजराइल के न्याय मंत्रालय ने रिहाई के योग्य 300 कैदियों की एक सूची प्रकाशित की, जिनमें मुख्य रूप से पत्थर फेंकने और अन्य छोटे अपराधों के लिए पिछले साल हिरासत में लिए गए किशोर शामिल है।
अंसारी ने कहा कि गाजा में फलस्तीनियों के लिए ‘‘जल्द से जल्द’’ मदद को बढ़ाया जाएगा।
हवाना से मिली खबर के अनुसार, क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल के नेतृत्व में हजारों लोगों ने फलस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए तथा इजराइल और हमास के बीच युद्ध को समाप्त करने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को हवाना के प्रतिष्ठित बोर्डवॉक तक मार्च किया।
हमास शासित ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उसने इजराइल-हमास की जंग में मारे गए फलस्तीनियों की विस्तृत जानकारी के साथ गणना करना फिर शुरू कर दिया है और मौत के 13,300 से अधिक मामले दर्ज किए हैं।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध को लेकर अपने विशेष मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध विराम की समयसीमा समाप्त होने के बाद युद्ध फिर प्रारंभ होगा। उन्होंने कहा कि इजराइल का लक्ष्य हमास के सभी सैन्य प्रतिष्ठानों को नष्ट करना और ग़ाज़ा में बंधक बनाए गए उसके सभी 240 लोगों को रिहा कराना है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि युद्ध जारी है। सभी लक्ष्य हासिल होने तक हमारे प्रयास जारी रहेंगे।’’
नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को फोन करके यही जानकारी दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने देश की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ को हमास के निर्वासित नेतृत्व का सफाया करने का निर्देश दिया है, ‘‘फिर वे चाहे कहीं भी हों।’’ (एपी)
लीरे वेंटास
पूरी दुनिया में कुल ट्रक ड्राइवरों में सिर्फ 3% महिलाएं हैं, बावजूद इसके कि नियोक्ता महिलाओं को अधिक सुरक्षित ड्राइवर मानते हैं.
लेकिन मेक्सिको में, जहाँ लिंग आधारित हिंसा और बंदूक की नोंक पर लूटपाट आम बात है, महिलाओं को इस पेशे के प्रति आकर्षित करना बहुत मुश्किल साबित हुआ है. बीबीसी 100 वीमेन ने देश के कुछ ख़तरनाक़ सड़कों पर महिला ट्रक ड्राइवरों के साथ यात्रा की.
व्यस्त सड़क से थोड़ी ही दूरी पर झाड़ियों में औंधे पड़े क्लारा फ़्रैगोसो ने सोचा, “अब वे तीन गोली मारेंगे और मुझे इस कंबल में लपेटे हुए छोड़ जाएंगे और कोई भी मुझे खोज नहीं पाएगा.”
आधी रात हो चुकी थी और उन्हें मेक्सिको की खाड़ी के तट टक्सपैन तक घंटों पहले पहुंच जाना था, लेकिन उन्हें एक आदमी ने बंदूक की नोंक पर ट्रक से उतार लिया.
रास्ते में एक कार ने पीछे से लाइट फ्लैश करते हुए रोकने का संकेत दिया. ये एक पुलिस कार जैसी लग रही थी लेकिन वो पुलिस की कार नहीं थी.
हुड (टोपी) पहने एक आदमी ट्रक पर चढ़ा और फिर उसने क्लारा को उतरने और ज़मीन पर लेट जाने को कहा. इस दौरान उन्होंने ट्रेलर को चेक किया.
57 साल की क्लारा कहती हैं, "मन ही मन मैं इस दुनिया को अलविदा कह रही थी."
घरेलू हिंसा और ट्रक ड्राइविंग
लेकिन उस आदमी से बातचीत के बाद ऐसा कुछ हुआ, जिसके बार में क्लारा ने सोचा नहीं था.
वो कहती हैं, "बंदूकधारी ने मुझसे मेरी उम्र पूछी. पता चला कि उसकी मां भी इसी उम्र की हैं. उसने पूछा- तुम ट्रक ड्राइविंग के पेशे में कैसे आईं?"
क्लारा ने उसे बताया कि 17 साल की उम्र में उनकी शादी एक हिंसक पति से हो गई थी और आख़िरकार 15 साल बाद वो इस शादी से निकल आईं.
वो कहती हैं, लेकिन फिर से शुरुआत करना आसान नहीं था. महिला वेटर के रूप में 50 डॉलर प्रति सप्ताह की कमाई से बच्चों को पालना मुश्किल हो रहा था.
इसलिए जब कुछ ग्राहकों से उन्होंने सुना कि ट्रक ड्राइवर अच्छा ख़ासा कमाते हैं, उन्होंने इस पेशे को अपनाने का मन बनाया.
18 साल पहले वो "ट्रेलेरा" बनीं, मेक्सिको में महिला ट्रक ड्राइवरों को इसी नाम से जाना जाता है.
ये उनके लिए बेहतर ज़िंदगी की गारंटी था, हालांकि उन्हें इस बात का इल्म था कि ये कितना ख़तरनाक काम है- वैसा ही जैसे वो उस समय बंदूक की नोंक पर ज़मीन पर लेटी हुई थीं.
किस्मत से बंदूकधारी के सीने में दिल था. वो मुश्किल से ही किशोरवय से बाहर आया था. उसने कहा कि उसके ख़ुद के पिता भी उसकी मां को पीटते थे और इसके बाद परिवार को छोड़कर चले गए.
उसने कहा कि अपनी मां की मदद के लिए उसने एक गैंग को जॉइन कर लिया.
क्लारा कहती हैं, "किसी तरह हमारे बीच एक भावनात्मक रिश्ता बन गया...हमने घंटों बातें कीं, मैंने उसे अपराध छोड़कर उससे बाहर आने के लिए समझाने की कोशिश की."
अंत में क्लारा को उसने जाने दिया लेकिन हुड पहने उस आदमी ने ट्रक और उसमें लदे सामान को चुरा लिया.
ट्रक ड्राइवरों की कमी, फिर भी...
वो कहती हैं, "हम ट्रक ड्राइवर हमेशा कहते हैं कि जिन अपराधियों से हमारा सामना होता है, उनमें कुछ अच्छे और कुछ बुरे होते हैं. मैं ख़ुशकिस्मत हूं कि मुझे हमेशा अच्छे मिले."
मेक्सिको में कुल पांच लाख ट्रक ड्राइवरों में महज़ 2% महिलाएं हैं. अन्य देशों में भी यही कहानी है.
इंटरनेशनल रोड ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइज़ेशन का कहना है, "सभी जगहों पर 3% से भी कम महिला ट्रक ड्राइवर हैं. हालांकि चीन में 5% और अमेरिका में 8% हैं."
जबकि यह सेक्टर कुशल ड्राइवरों की कमी से जूझ रहा है.
यही कारण है कि क्लारा और उनकी अन्य सहकर्मियों का मानना है कि वे महिलाओं के लिए अधिक जगह बनाने के साथ इस ढर्रे को बदलने में मदद कर सकती हैं.
लिज़्त हाइड गोंज़ालेज़ या लिज़ी की कहानी भी घरेलू हिंसा से बच निकलने वाली महिलाओं जैसी है और ड्राइवर बनना उनकी हमेशा से चाहत नहीं थी.
45 साल की लिज़ी अपने लाल ट्रक ‘डियावोलो’ को ले जाने की तैयारी करते हुए कहती हैं, “ट्रक ड्राइवर बनने का कोई सपना नहीं था. मैंने इसमें अपनी आर्थिक दिक्कतों का हल देखा. मेरा तो सपना था कि मैं सड़क पर कोई लाल कार चलाऊं. कम से कम अब मैं एक लाल ट्रक तो चला रही हूं!”
'मौत का हाइवे'
अगर गोंज़ालेज़ को अंधेरा होने से पहले सीमा के क़रीब वाले शहर नूएवो लारेडो पहुँचना है तो उन्हें उत्तर पश्चिमी मेक्सिको सिटी के अपने शहर क्यूएरेतारो से जल्द निकलना होगा.
मेक्सिको से अमेरिका जाने वाले सामानों के लिए यह मुख्य सूखा बंदरगाह है, जहाँ प्रतिदिन 80 करोड़ डॉलर का कारोबार होता है.
यहाँ पहुंचने के लिए उन्हें 1,000 किलोमीटर चलाने की ज़रूरत है, इसमें तीन घंटे का मोंटेरे का वो हिस्सा भी है, जिसे बोलचाल में "मौत का हाइवे" या "बरमूडा ट्राएंगल" भी कहा जाता है.
यह मेक्सिको की सबसे ख़तरनाक सड़कों में से एक है, जिस पर देश के ताक़तवर ड्रग माफिया का राज चलता है.
गोंज़ालेज़ कहती हैं, “वो जानते हैं कि मैं कौन हूं, कहाँ हूं और क्या ले जा रही हूँ. वे सरकार से भी ज़्यादा इंतज़ाम रखते हैं.”
ड्राइवरों और सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट ने बीबीसी को बताया कि हालांकि इस सड़क पर पुलिस चेकपोस्ट और गश्ती दल होते हैं लेकिन सुरक्षा की ये गारंटी नहीं है.
क्लारा की तरह ही लिज़ी गोंज़ालेज़ को हथियारबंद आदमी ने रोका और सड़क से दूर ले गया ताकि ट्रक में सामान को चेक कर सकें. ताज्जुब है कि वे कुछ नहीं ले गए.
वो कहती हैं, “मैं कभी नहीं जान पाई कि आख़िर वे क्या खोज रहे थे. मुझे छोड़ते समय उन्होंने यहां से चले जाने और सड़क पर पहुंचने के बाद ही लाइन ऑन करने की हिदायत दी.”
हाइवे पर लूटपाट
2023 में जनवरी से सितंबर के बीच मेक्सिको में ट्रकों से 7,028 चोरियों का मामला दर्ज हुआ जो कि 2022 के मुक़ाबले 10 प्रतिशत अधिक है.
नेशनल पब्लिक सिक्यॉरिटी सिस्टम के एक्जेक्युटिव सेक्रेटेरियट के आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, इनमें 6,030 वारदातों में हिंसा का सहारा लिया गया.
जिन पांच प्रांतों में कार्गो लूटपाट की दर सर्वाधिक है उनमें हैं- मेक्सिको स्टेट, पुएब्ला, मिशोआकान, सैन लुईस पोटोसी और जालिस्को.
लूट से सालाना करोड़ों का नुकसान
जिस एसटीआई कंपनी में क्लारा फ़्रैगोसो काम करती हैं, उसका कहना है कि हर सार उसके 12% काफ़िले को लुटेरे निशाना बनाते हैं.
जबकि मेक्सिको के नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ ट्रांसपोर्टर्स का अनुमान है कि कार्गो लूट से हर साल 13.7 करोड़ डॉलर का नुकसान होता है.
कभी कभी उनका ईंधन चुरा लिया जाता है और कई बात तो उस गैंग को पैसे देने पड़ते हैं जिसका उस हिस्से पर नियंत्रण होता है.
सैद्धांतिक रूप से इन सब पर रोक लगाने की ज़िम्मेदारी नेशनल गार्ड की है जिसका मैक्सिको सरकार ने 2019 में गठन किया था.
पिछले साल राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुएल लोपेज़ ओब्राडोर ने कहा था कि इसमें 1,00,000 अधिकारी हैं.
उन्होंने ऐलान किया था, “नेशनल गार्ड सभी सड़कों पर हैं ताकि अपराध न हो.”
हालांकि इसके अलावा क्लारा और उनकी सहकर्मियों को अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है.
सम्मान के साथ जीने का तरीक़ा
गोंज़ालेज़ को तरोताज़ा होने और काम की तैयारी के लिए अपने केबिन का ही इस्तेमाल करना पड़ता है- बाल संवारने से लेकर बाल्टी और कप के इस्तेमाल तक.
लेकिन उन्हें इस छोटी सी जगह का ख्याल रखना पड़ता है क्योंकि पीछे की ओर एक फ़ोल्डिंग बेड है.
और उन्हें उत्पीड़न का लगातार ख़तरा बना रहता है.
गोंज़ालेज़ कहती हैं, “इस पुरुष प्रधान माहौल में आपको शार्कों के बीच तैरना सीखने की ज़रूरत होती है.”
"उनके साथ इज़्ज़त के साथ बर्ताव करिए ताकि वे आपकी इज़्ज़त करें लेकिन साथ में बहादुर भी बनें और कहने से पीछे न हटें कि- ये हद है, इसे पार करने की कोशिश मत करना."
वो ऐसी सहकर्मियों को जानती हैं जिनका रेप किया गया और कई मौकों पर पुरुषों ने उनपर यौन संबंध का दबाव बनाया.
ये महिलाएं सोशल मीडिया पर महिला ट्रक ड्राइवरों की रोज़ाना ज़िंदगी के बारे में पोस्ट डालती रहती हैं और इस पेशे की भ्रांतियों के ख़िलाफ़ लड़ती रहती हैं.
गोंज़ालेज़ ट्रकर्स लेडीज़ फ़ेसबुक पेज पर 65,000 फ़ॉलोवर हैं, जबकि फ्रैगोसो के फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और टिक टॉक पर कुल 1,62,000 फ़ॉलोवर हैं.
क्लारा फ्रैगोसो ने इस पेशे में आने वाली नई महिलाओं को प्रोत्साहित करने का मिशन भी बना लिया है.
'अब मैं सपने पैदा कर रही हूं.'
हाल ही में क्लारा की कंपनी में दो बच्चों की मां, 37 साल की मार्था पैट्रीसिया ट्रेजो समेत 9 नई महिलाएं आईं. क्लारा उन सबकी मदद करती हैं और फ़ोन पर नियमित बात करती हैं.
क्लारा ने एक व्हाट्सऐप कॉल में ट्रेजो से कहा, “याद रखो, ध्यान भंग न हो, अपने खाने का ख्याल रखो, जीपीएस को चेक करो. ग़ैर ज़रूरी चीजों पर ऊर्जा मत खर्च करो, ऐसा समय और जगह मिलेगी जहां अपने सहकर्मियों के साथ मस्ती कर पाओगी.”
वो ट्रेजो को भावनात्मक तनाव से निपटने की सलाह देती हैं, जोकि इस नौकरी से जुड़े ख़तरों से पैदा होता है.
क्लारा ने ट्रेजो को ड्रग्स लेने वाले ड्राइवरों से सतर्क रहने को कहा.
फ़्रैगोसो कहती हैं, “ट्रांसपोर्ट बिज़नेस में कई मुद्दे हैं जिनपर बात नहीं होती. जबतक हम बुरी आदतों पर बात नहीं करेंगे, ये कभी नहीं बदलेंगी.”
वो मानती हैं कि इस पेशे में अधिक से अधिक महिलाओं के शामिल होने से न केवल श्रमिकों की कमी हल होगी बल्कि इस सेक्टर में अंदर से भी बदलाव आएगा.
गोंज़ालेज़ सोशल मीडिया पर उन महिलाओं को भी सलाह देती हैं जो ट्रक ड्राइवर बनना चाहती हैं.
वो कहती हैं, “मैं पत्नी रही हूं, मैंने बच्चे पाले हैं. मैंने कई चीज़ें की हैं. अब मैं सपने पैदा कर रही हूं.”
मोंटेरे की पार्किंग में खड़े अपने डियावोलो को एक और यात्रा पर ले जाने के लिए वो वो कूद कर केबिन में चढ़ जाती हैं. ये यात्रा है अमेरिकी बॉर्डर की ओर, मौत के हाईवे से होते हुए.
तेल अवीव, 24 नवंबर । एक थिंक टैंक द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि कम से कम 78 प्रतिशत यहूदियों का मानना है कि हमास आतंकवादी समूह के साथ युद्ध में इजरायल विजयी होगा।
लगभग सभी उत्तरदाताओं के बीच, इज़राइल के विजयी होने की आवश्यकता पर बल दिया गया है, भले ही जीत के लिए निर्दोष नागरिकों को अनजाने में नुकसान पहुंचाना आवश्यक हो।
यहूदी पीपुल्स पॉलिसी इंस्टीट्यूट (जेपीपीआई) द्वारा किए गए सर्वेक्षण के प्रतिभागियों ने कहा कि युद्ध के मुख्य लक्ष्य के रूप में हमास को उखाड़ फेंकने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जबकि केवल 14 प्रतिशत बंधकों की वापसी को मुख्य फोकस के रूप में देखते हैं।
एक-तिहाई यहूदी युद्ध के अंत में गाजा पर नियंत्रण चाहते हैं, जबकि एक-चौथाई गश कातिफ़ क्षेत्र में फिर से बस्तियां स्थापित करना चाहते हैं।
अधिकांश इजरायली यहूदियों का मानना है कि विदेशों में यहूदियों के खिलाफ हमले के डर से युद्ध योजनाओं (90 प्रतिशत) पर असर नहीं पड़ना चाहिए।
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) के कमांडरों में विश्वास बहुत अधिक (86 प्रतिशत) है, लेकिन प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू में विश्वास का स्तर गिरकर 30 प्रतिशत हो गया।
इस सवाल पर कि मुख्य उपलब्धि क्या है जो जीत को परिभाषित करेगी, सबसे अधिक लोगों (38 प्रतिशत) ने कहा, "यदि गाजा अब हमास के नियंत्रण में नहीं है,तो हम जीत गए हैं।"
लगभग एक चौथाई उत्तरदाताओं (25 प्रतिशत) ने उत्तर चुना "यदि सीमा क्षेत्र के निवासी अपने घरों को लौटने में सुरक्षित महसूस करते हैं, हम जीत गए हैं और 14 प्रतिशत ने कहा यदि बंधक घर लौट आते हैं तो हम जीत गए हैं।"
राजनीतिक संबद्धता के आधार पर प्रतिक्रियाओं में उल्लेखनीय अंतर थे।
गठबंधन दलों के मतदाताओं ने स्पष्ट रूप से जीत की कुंजी के रूप में हमास शासन को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि विपक्ष के मतदाताओं के बीच, प्रस्तुत विकल्पों के बीच प्राथमिकताएं अधिक समान रूप से संतुलित थीं।
गठबंधन के मतदाताओं में से, लगभग आधे उत्तरदाताओं (44 प्रतिशत) ने वह विकल्प चुना जिसमें गश कैटिफ की वापसी शामिल है, और लगभग 60 प्रतिशत ने पूर्ण इजरायली नियंत्रण का विकल्प चुना।
इसके विपरीत, विपक्षी मतदाताओं में से केवल 9 प्रतिशत ने पट्टी पर पूर्ण इजरायली नियंत्रण का विकल्प चुना।
जेपीपीआई के उपाध्यक्ष शुकी फ्रीडमैन ने कहा: "हालांकि गाजा में लड़ाई खत्म नहीं हुई है, इजरायल पहले से ही इसके अंत के बारे में सोच रहा है। इजरायली निर्णय निर्माताओं का मार्गदर्शन करने वाले राजनीतिक विचारों में, सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करना है कि हमास का अस्तित्व जारी न रहे और कि अब हम अपनी सुरक्षा के लिए दूसरों की सद्भावना पर निर्भर नहीं हैं।"
युद्ध के बाद गाजा में क्या होगा, इसके बारे में उत्तरदाताओं को प्रस्तुत किए गए छह विकल्पों में से, लगभग 45 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने गाजा में फिलिस्तीनी शासन को चुना, बशर्ते कि इजरायल सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होगा, या कि गाजा को विसैन्यीकृत किया जाएगा।
इनमें से, अपेक्षाकृत छोटे अनुपात (12 प्रतिशत) ने फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण के शासन को चुना, और बड़े अनुपात ने ऐसी फ़िलिस्तीनी सरकार के लिए प्राथमिकता व्यक्त की जो हमास या फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण (21 प्रतिशत) नहीं है।
आईडीएफ कमांडरों में विश्वास का स्तर (काफी ऊंचा और बहुत ऊंचा) अक्टूबर के मध्य में किए गए सर्वेक्षण में 75 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर के मध्य के बाद किए गए सर्वेक्षण में 86 प्रतिशत हो गया।
प्रधान मंत्री में विश्वास का स्तर 32 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत हो गया, और आपातकालीन सरकार में विश्वास का स्तर अपरिवर्तित (43 प्रतिशत) रहा।
हालांकि कुल मिलाकर, सुरक्षा स्थिति को लेकर उत्तरदाताओं के बीच चिंता के स्तर में कमी आई है।
जबकि अक्टूबर के मध्य में, हमास के हमले के कुछ दिनों बाद, 42 ऑपरेशन सेंटफ यहूदी जनता ने कहा कि वे सुरक्षा स्थिति के बारे में "बहुत चिंतित" थे, इस महीने यह आंकड़ा काफी कम होकर 27 प्रतिशत हो गया।
संबंधित व्यक्तियों की कुल संख्या (बहुत चिंतित और मध्यम रूप से चिंतित) 84 प्रतिशत से घटकर 74 प्रतिशत हो गई, गठबंधन दलों के मतदाताओं के बीच चिंता में अधिक उल्लेखनीय कमी आई।
पिछले महीने की तुलना में आशावाद में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जब उत्तरदाताओं से पूछा गया था, "क्या आप इज़राइल राज्य के भविष्य के बारे में आशावादी या निराशावादी हैं?"
"बहुत आशावादी" उत्तर देने वाले उत्तरदाताओं का प्रतिशत 35 प्रतिशत से बढ़कर 43 प्रतिशत हो गया।
गठबंधन और विपक्ष दोनों के मतदाताओं के बीच बदलाव समान है।
जेपीपीआई के अध्यक्ष प्रोफेसर येदिदिया स्टर्न ने कहा: "गाजा में आक्रामक सैन्य मुद्रा राष्ट्रीय मूड को बदल रही है। इजरायली अभी भी सुरक्षा स्थिति के बारे में चिंतित हैं - लेकिन काफी कम। हमास के हमले के बाद हमने जो गंभीर निराशावाद का अनुभव किया था वह भी कम हो रहा है।"
दिलचस्प बात यह है कि गैर-शामिल गाजा नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की इच्छा के संबंध में विभिन्न समूहों के बीच ध्यान देने योग्य अंतर है।
धर्मनिरपेक्ष उत्तरदाताओं में, बहुमत (62 प्रतिशत) का मानना है कि आईडीएफ का लक्ष्य "निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचाने का प्रयास करते हुए जीतना" होना चाहिए।
इसके विपरीत, धार्मिक समूहों के बीच, "जीतने के लिए और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कैसे" प्रतिक्रिया देने की प्रवृत्ति है (धार्मिक उत्तरदाताओं के बीच 47 प्रतिशत) या यहां तक कि "जीतने और बदला लेने के लिए, जिसमें कई गाजा निवासियों को नुकसान पहुंचाना भी शामिल है" संभव" (धार्मिक उत्तरदाताओं के बीच 20 प्रतिशत)।
यहूदी इजरायलियों का प्रतिशत जो "कम स्पष्ट जीत की कीमत पर भी निर्दोष नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाने" के लक्ष्य से सहमत हैं, बहुत कम है।
विदेशों में यहूदियों को नुकसान पहुंचाने के डर से युद्ध योजनाओं पर असर नहीं पड़ना चाहिए। हाल के सप्ताहों में, गाजा में युद्ध ने नेटवर्क पर यहूदी-विरोधी बयानों में उल्लेखनीय वृद्धि, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में यहूदियों के खिलाफ कॉल, यहूदियों द्वारा हमलों में खुद को प्रकट किया है - और यहूदी स्वयं व्यक्त करते हैं, जिसमें हाल ही में, जेपीपीआई सर्वेक्षण में अमेरिकी यहूदियों के बीच यहूदी-विरोध की ताकत के बारे में चिंता बढ़ रही है।
इसके आलोक में, नवंबर में संस्थान की प्रश्नावली में इज़राइल को किस तरह से व्यवहार करना चाहिए, उससे संबंधित एक प्रश्न शामिल था।
क्या विदेशों में यहूदियों को नुकसान पहुंचाने के डर से इजरायल की युद्ध योजनाओं पर असर पड़ना चाहिए? इस सवाल के जवाब में 90 फीसदी उत्तरदाताओं ने सहमति जताई और धार्मिकता के पैमाने के हिसाब से अलग-अलग पार्टियों के मतदाताओं के बीच या अलग-अलग समूहों के बीच मतभेद ज्यादा नहीं हैं.
राज्य खेमे के समर्थकों में से 92 प्रतिशत ने ना कहा, और धार्मिक ज़ायोनी मतदाताओं में से 87 प्रतिशत ने ना कहा।
सर्वेक्षण 15-18 नवंबर तक आयोजित किया गया था, जिसमें 666 इज़राइलियों की भागीदारी थी। (आईएएनएस) ।
जेरूसलम, 24 नवंबर । इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि दोनों पक्षों द्वारा शुक्रवार से शुरू होने वाले चार दिवसीय मानवीय विराम के बावजूद हमास के साथ देश का युद्ध कम से कम दो महीने तक चलने की उम्मीद है।
सीएनएन ने गुरुवार को इजरायली सैनिकों का दौरा करते समय गैलेंट के हवाले से कहा, "यह एक संक्षिप्त विराम होगा। जब यह खत्म होगा, तो लड़ाई जोरदार ढंग से जारी रहेगी और दबाव बनेगा जिससे अधिक बंधकों की वापसी हो सकेगी।"
उन्होंने कहा, "कम से कम दो महीने और लड़ाई की उम्मीद है।"
इजरायली सेना ने कहा है कि बंधकों को सौंपने की प्रक्रिया "जटिल" होगी, चेतावनी दी गई है कि किसी भी समय सौदे में बदलाव हो सकते हैं।
गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए, इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि किसी भी चीज को तब तक अंतिम रूप नहीं दिया जाता जब तक वह वास्तव में घटित न हो जाए।
उन्होंने कहा, "और इस प्रक्रिया के बीच भी, परिवर्तन किसी भी समय हो सकते हैं।"
प्रवक्ता ने यह भी पुष्टि की कि इजरायली सेना इस समय गाजा पट्टी में लड़ाई जारी रखे हुए है, यह इंगित करते हुए कि एक बार विराम प्रभावी हो जाने पर, आईडीएफ सैनिक पट्टी के अंदर स्थापित संघर्ष विराम रेखाओं पर तैनात किए जाएंगे।
आईडीएफ के एक प्रवक्ता ने सीएनएन को बताया कि संघर्ष विराम रेखा प्रभावी रूप से इजरायली सैनिकों को उत्तरी गाजा में रखती है, और लड़ाई में विराम के दौरान वे दक्षिण की ओर नहीं बढ़ेंगे।
बंधकों और लापता व्यक्तियों के लिए देश के समन्वयक गैल हिर्श ने एक बयान में कहा, इस बीच, इजरायल ने उन बंधकों के परिवारों को सूचित कर दिया है जिन्हें शुक्रवार को रिहा किया जाना है।
हिर्श ने कहा, "संपर्क अधिकारियों ने उन सभी परिवारों को सूचित कर दिया है जिनके प्रियजन सूची में शामिल हैं, साथ ही बंधकों के सभी परिवारों को भी सूचित कर दिया है।"
इजरायल ने एक्सचेंज में रिहाई के योग्य 300 लोगों के नामों की एक सूची प्रकाशित की है।
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले बंधकों की रिहाई की उम्मीद में एक ही परिवार के सदस्य शामिल होंगे।
सीएनएन ने अल-अंसारी के हवाले से कहा, "उनकी संख्या 13 होगी, सभी महिलाएं और बच्चे, और वे बंधक जो एक ही परिवार से हैं, उन्हें एक ही बैच में रखा जाएगा।"
इजरायल पर हमास के हमले के जवाब में स्थापित एक समूह, होस्टेजेज एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम ने 201 इजराइलियों की सूची बनाई है जिनके बारे में माना जाता है कि वे जीवित हैं और 7 अक्टूबर से गाजा में बंधक बनाए गए हैं।
इजरायली बंधकों की उस सूची में 18 वर्ष और उससे कम उम्र के 39 बच्चे, 19 से 64 वर्ष की आयु की 44 वयस्क महिलाएं और 89 वयस्क पुरुष और 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के 29 लोग शामिल हैं। (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 24 नवंबर । इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला ने अपने रोडस्टर वाहन को पूरी तरह से ओपन-सोर्स्ड बना दिया है, जिसका मतलब है कि कार प्रेमी वास्तव में कुछ असेंबली के साथ अपने गैरेज में वाहन बना सकते हैं।
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अपने फॉलोअर्स को सूचित किया कि टेस्ला रोडस्टर अब पूरी तरह से ओपन सोर्स है।
तकनीकी अरबपति ने कहा, "टेस्ला रोडस्टर की सभी डिजाइन और इंजीनियरिंग अब पूरी तरह से ओपन सोर्स है।"
मस्क ने 15 वर्षीय रोडस्टर के बारे में कहा, "हमारे पास जो कुछ भी है, वह अब आपके पास है।"
एक फॉलोअर ने उनसे पूछा कि क्या इसका मतलब यह है कि वह अपने गैराज में अपना रोडस्टर बना सकते हैं।
मस्क ने जवाब दिया: "कुछ असेंबली की आवश्यकता है"।
रोडस्टर पेज में कार की बैटरी मॉनिटर बोर्ड, वाहन डिस्प्ले सिस्टम और एचवीएसी नियंत्रक पर सेवा, भागों और मालिकों के मैनुअल, वायरिंग स्कीमैटिक्स और आर एंड डी दस्तावेज शामिल हैं।
टेस्ला ने 2015 में अपने सभी पेटेंट ओपन-सोर्स किए थे। मूल टेस्ला रोडस्टर अब एक दशक से अधिक समय से उत्पादन में नहीं है।
इलेक्ट्रेक की रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला ने रोडस्टर की केवल 2,000 से अधिक इकाइयों का उत्पादन किया, और उनमें से कई दुर्घटनाओं और एरिजोना के एक गैरेज में बहुत दुर्भाग्यपूर्ण आग लगने से नष्ट हो गईं।
ऑटोनेकर ने कहा, ''प्रदान की गई जानकारी रोडस्टर के प्रति उत्साही लोगों के सौजन्य से है। यह निर्माता रेफरेंस या रिपेयर और मेंटनेंस मटेरियल नहीं है, और वास्तविक उत्पादन मॉडल या बेचे गए हिस्सों को सटीक रूप से प्रतिबिंबित नहीं कर सकता है।''
"आप यह भी समझते हैं कि यदि आप इस जानकारी के आधार पर पार्ट्स बनाते या डिजाइन करते हैं या नई मरम्मत या प्रक्रियाएं बनाते हैं, तो हम उनके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे और वे वास्तविक टेस्ला पार्ट्स या एक्सेसरीज या टेस्ला-अप्रूव्ड प्रक्रियाएं नहीं होंगे।'' (आईएएनएस)।
गाजा, 24 नवंबर। इजराइल और हमास के बीच चार दिवसीय मानवीय विराम समझौता शुक्रवार को गाजा में लागू हो गया। अस्थायी युद्धविराम की अवधि में कम से कम 50 बंधकों को रिहा किया जाएगा।
युद्ध विराम सुबह 7 बजे (स्थानीय समय) से शुरू हुआ।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कतर, मिस्र और अमेरिका की मध्यस्थता में बुधवार को हुए समझौते के तहत पहले चरण में हमास ने कहा है कि वह शुक्रवार शाम चार बजे करीब 13 बंधकों को रिहा कर देगा।
2007 से गाजा पर शासन कर रहा हमास बंधकों को मिस्र को सौंप देगा। बदले में, इज़राइल महिलाओं और बच्चों सहित 150 फ़िलिस्तीनियों को इज़राइली जेलों से रिहा करेगा।
चार दिनों के विराम के तहत इजराइल गाजा पट्टी में अपने सभी सैन्य अभियानों को रोक देगा।
इस दौरान चार ईंधन ट्रकों सहित मानवीय सहायता और चिकित्सा आपूर्ति से भरे कम से कम 200 ट्रकों को गाजा पट्टी में जाने की अनुमति दी जाएगी।
काहिरा में फिलिस्तीनी दूतावास के अनुसार, युद्धविराम से गाजा और मिस्र के बीच रफा क्रॉसिंग को फिर से खोलने में भी सुविधा होगी। बंधकों और लापता व्यक्तियों के लिए देश के समन्वयक गैल हिर्श ने एक बयान में कहा कि इज़राइल ने उन बंधकों के परिवारों को सूचित कर दिया है जिन्हें शुक्रवार को रिहा किया जाना है।
हिर्श ने कहा, "संपर्क अधिकारियों ने उन सभी परिवारों को सूचित कर दिया है जिनके प्रियजन सूची में शामिल हैं, साथ ही बंधकों के सभी परिवारों को भी सूचित कर दिया है"।
इज़राइल ने एक्सचेंज में रिहाई के लिए 300 लोगों के नामों की एक सूची प्रकाशित की है। इसमें बड़ी संख्या में 16 से 18 वर्ष की आयु के किशोर हैं, हालांकि कुछ 14 वर्ष के युवा भी हैं।
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले बंधकों की रिहाई की उम्मीद में एक ही परिवार के सदस्य शामिल होंगे।
सीएनएन ने अल-अंसारी के हवाले से कहा, "उनकी संख्या 13 होगी, सभी महिलाएं और बच्चे, और वे बंधक जो एक ही परिवार से हैं, उन्हें एक ही बैच में रखा जाएगा।"
इज़रायली सेना ने कहा कि वह युद्धविराम लागू करने के लिए तैयार है, लेकिन हमास को चेतावनी दी कि "थोड़ा सा भी उल्लंघन हुआ, तो गंभीर प्रतिक्रिया होगी"।
इज़रायली अधिकारियों के अनुसार, गाजा में 235 लोगों को बंदी बनाया गया है, जिनमें इज़रायली और विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। कथित तौर पर उनमें से लगभग 40 बच्चे हैं। (आईएएनएस)।
मॉस्को, 24 नवंबर । फिनलैंड द्वारा अपनी लगभग सभी सीमा चौकियों को बंद करने के बाद स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रूस के मरमंस्क क्षेत्र में हाई-अलर्ट घोषित कर दिया गया है और कई अतिरिक्त उपाय किए गए हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को फिनलैंड की सरकार ने रूस के साथ अपनी सीमा पर रूस के मरमंस्क क्षेत्र से सटे सुदूर उत्तर में स्थित एक को छोड़कर लगभग सभी चौकियों को बंद करने की घोषणा की।
यह फैसला 23 दिसंबर तक लागू रहेगा।
क्षेत्र के गवर्नर एंड्री चिबिस ने गुरुवार को टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा कि मरमंस्क के माध्यम से फिनलैंड में प्रवेश करने के इच्छुक विदेशी नागरिकों की संख्या बंद होने के चलते कई गुना बढ़ सकती है।
गवर्नर ने कहा कि बुधवार को लगभग 400 विदेशी मरमंस्क से फिनलैंड में प्रवेश करने की प्रतीक्षा कर रहे थे, और उनमें से केवल 50 को ही जाने दिया गया।
संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
पिछले हफ्ते रूस के साथ सीमा पर चार चौकियों को बंद करने के बाद, फिनिश अधिकारियों ने बिगड़ती प्रवासन स्थिति का हवाला देते हुए, रूस के साथ सीमा पर तीन और चौकियों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया था, केवल सबसे उत्तरी चौकी राजा-जोसेप्पी को चालू रखा।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने बुधवार को कहा कि फिनलैंड को पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए अपनी चिंताओं को उठाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि रूसी अधिकारी मुद्दों पर समझौते पर पहुंचने के लिए फिनिश अधिकारियों के साथ काम करने के इच्छुक हैं। (आईएएनएस)।
दीर अल बलाह (ग़ाज़ा पट्टी), 24 नवंबर। इजराइल और हमास के बीच ग़ाज़ा में चार दिवसीय युद्ध विराम शुक्रवार को सुबह से प्रभावी होगा। कतर ने यह जानकारी दी।
इजराइल और हमास के बीच ग़ाज़ा में चार दिन के युद्ध विराम और हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के बदले में इजराइल की जेलों में बंद फलस्तीन के नागरिकों को रिहा कराने संबंधी समझौते को लागू करने में एक दिन की देरी होने से राहत की आस लगाए बैठे लोगों की बेचैनी बढ़ गई। इससे पहले, इस समझौते को बृहस्पतिवार को लागू किए जाने की घोषणा की गई थी।
इस कूटनीतिक सफलता से ग़ाज़ा में 23 लाख फलस्तीनियों के लिए कुछ राहत दिखाई दे रही है, जिन्होंने हफ्तों तक इजराइली बमबारी को सहन किया है, यह इजराइल में उन परिवारों के लिए भी राहत भरी खबर है जो सात अक्टूबर के हमास के हमले के दौरान बंदी बनाए गए अपने प्रियजन को लेकर चिंतित हैं।
इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जाची हानेग्बी ने बुधवार देर रात फैसला लागू होने में देरी की घोषणा की, लेकिन उन्होंने इसका कारण नहीं बताया।
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि युद्ध विराम शुक्रवार सुबह से प्रभावी होगा।
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने रिहा किए जाने वाले बंधकों की सूची जारी है। हमास द्वारा बंधक बनाए गए 13 महिलाओं एवं बच्चों का पहला समूह शुक्रवार दोपहर को आजाद किया जाएगा। उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने फलस्तीनी बंधकों को रिहा किया जाएगा, लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि एक इजराइली बंधक के बदले में तीन फलस्तीनियों को रिहा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा में फलस्तीनियों के लिए ‘‘जल्द से जल्द’’ मदद को बढ़ाया जाएगा।
हवाना से मिली खबर के अनुसार, क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल के नेतृत्व में हजारों लोगों ने फलस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए तथा इजराइल और हमास के बीच युद्ध को समाप्त करने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को हवाना के प्रतिष्ठित बोर्डवॉक तक मार्च किया।
हमास शासित ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उसने इजराइल-हमास की जंग में मारे गए फलस्तीनियों की विस्तृत जानकारी के साथ गणना करना फिर शुरू कर दिया है और मृत्यु के 13,300 से अधिक मामले दर्ज किए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के निदेशक मेदहत अब्बास ने बृहस्पतिवार को ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से बातचीत में मृतकों की गिनती फिर शुरू किये जाने की पुष्टि की।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर ग़ाज़ा में आवागमन और संचार बाधित होने के बाद 11 नवंबर को आंकड़े जारी करना बंद कर दिया था।
ताजा आंकड़े दक्षिण के अस्पतालों के अद्यतन आंकड़ों और उत्तर के अस्पतालों के 11 नवंबर के आंकड़ों पर आधारित हैं। वास्तविक मृतक संख्या इससे अधिक हो सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 6,000 अन्य लोग लापता हैं और उनके मलबे में दबे होने की आशंका है।
युद्धविराम के लिए समझौते से युद्ध थमने की उम्मीदें पैदा हुई हैं जो सात सप्ताह से चल रहा है। युद्ध से इजराइल और ग़ाज़ा दोनों में भारी तबाही हुई है और बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। इस युद्ध से पूरे पश्चिम एशिया में तनाव फैलने की आशंका है।
उत्तर इजराइल में बृहस्पतिवार को सायरन बजने लगे जहां हिज्बुल्ला ने कहा कि उसने दक्षिण लेबनान से 48 कत्यूषा रॉकेट दागे हैं। इससे पहले इजराइल के एक हमले में पांच हिज्बुल्ला लड़ाके मारे गये थे जिनमें समूह के संसदीय ब्लॉक के प्रमुख का बेटा शामिल था।
इजराइल की सेना ने कहा कि वह हमले के स्रोतों पर ही निशाना साध रही है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध को लेकर अपने विशेष मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध विराम की समयसीमा समाप्त होने के बाद युद्ध फिर प्रारंभ होगा। उन्होंने कहा कि इजराइल का लक्ष्य हमास के सभी सैन्य प्रतिष्ठानों को नष्ट करना और ग़ाज़ा में बंधक बनाए गए उसके सभी 240 लोगों को रिहा कराना है।
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि युद्ध जारी है। सभी लक्ष्य हासिल होने तक हमारे प्रयास जारी रहेंगे।’’
नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को फोन करके यही जानकारी दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने देश की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ को हमास के निर्वासित नेतृत्व का सफाया करने का निर्देश दिया है ‘‘फिर वे चाहे कहीं भी हों।’’
अमेरिका ने युद्ध शुरू होने के बाद से इजराइल को भारी सैन्य तथा कूटनीतिक मदद मुहैया कराई है। युद्धविराम के प्रभावी होने के साथ ही दोनों पक्ष जहां हैं वहीं थम जाएंगे।
इजराइली सेना ने उत्तरी ग़ाज़ा के अधिकतर हिस्से पर कब्जा कर लिया है और उनका कहना है कि उन्होंने सुरंगों और हमास के अधिकांश बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है। इजराइली सेना ने ग़ाज़ा के सबसे बड़े अस्पताल शिफा के नीचे हमास का सैन्य केंद्र होने के अपने दावे को साबित करने के लिए विदेशी पत्रकारों के एक समूह को एक भूमिगत ठिकाने की तरह प्रतीत होने वाले बंकर दिखाए।
क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल शिफा संघर्ष का बड़ा केंद्र रहा है। हमास और अस्पताल के कर्मियों ने इजराइल के इन आरोपों को खारिज कर दिया था कि इसका इस्तेमाल एक उग्रवादी कमान केंद्र के रूप में किया गया।
सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने शिफा के निदेशक मोहम्मद अबू सेलमिया को हिरासत में ले लिया है। उससे अस्पताल में हमास की कथित गतिविधियों में संलिप्तता को लेकर पूछताछ की जाएगी।
ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह अस्पतालों को खाली कराने में विश्व स्वास्थ्य संगठन को अब सहयोग नहीं देगा।
इजराइल ने बृहस्पतिवार को इससे पहले उत्तर में इंडोनेशियाई अस्पताल को पूरी तरह खाली करने का आदेश दिया था। अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी डॉ मुनीर अल बूर्श ने अल-जजीरा ने यह जानकारी दी।
इजराइली अधिकारियों का मानना है कि हमास के अधिकतर बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, इसके साथ ही उन्होंने दक्षिणी ग़ाज़ा में व्यापक अभियान चलाने की धमकी दी है। यही वह स्थान है जहां उत्तरी ग़ाज़ा से आए लोगों ने शरण ली है और हजारों लोग संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित आश्रयस्थलों में रह रहे हैं। इस स्थानों में भोजन, पानी और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है।
हमास के लिए युद्ध विराम खुद को फिर से संगठित करने का मौका है, जिसे सात सप्ताह से जारी युद्ध में भारी नुकसान हुआ है। माना जा रहा है कि हमास का नेता येहया सिनवार जीवित है और ग़ाज़ा में छिपा है। युद्ध समाप्त होने की सूरत में वह फलस्तीनी कैदियों की रिहाई को एक बड़ी उपलब्धि के रूप पेश कर सकता है।
इजराइल और हमास के बीच हुए समझौते के अनुसार हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों में से 50 को कई चरणों में रिहा किया जाएगा और इनके बदले में इजराइल की जेलों में बंद फलस्तीन के 150 लोगों को रिहा किया जाएगा।
कतर ने कहा कि युद्ध विराम से ग़ाज़ा में भारी मात्रा में मानवीय सहायता पहुंच पाएगी, जिसमें ईंधन भी शामिल है।
नेतन्याहू ने कहा कि समझौते में रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के बंधकों से मुलाकात करने का प्रावधान भी शामिल है।
एपी सिम्मी मनीषा मनीषा 2411 1010 दीरअलबलाह (एपी)
-टॉम बैटमैन
इसराइली बंधकों के परिवारों की ओर से जो एक बात बार-बार कही जा रही है वो ये कि जब तक उनके प्रियजन उनके पास नहीं आ जाते तब तक उन्हें यकीन नहीं है कि वो आने वाले हैं.
ये बात दिखाती है कि दोनों ही पक्षों को एक दूसरे पर विश्वास नहीं है और ऐसा होने की ज़ाहिर वजहें भी हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में मैं इसराइली बंधकों के एक पूर्व नेगोशिएटर की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में गया था उन्होंने बताया कि एक बात जो साफ़ है कि इसराइल और हमास दोनों ही एक दूसरे पर बिलकुल भरोसा नहीं करते, तो डील में दोनों ही पक्ष मध्यस्थ पर भरोसा भी जताते हैं और उनका सम्मान भी करते हैं. मध्यस्थता के मामले में क़तर काफ़ी अच्छा कर रहा है.
उन लोगों ने कई जटिल शर्तों पर दोनों पक्षों को राज़ी किया. रेड क्रॉस भी बंधकों को छोड़े जाते समय वहां मौजूद होगा.
इसराइल ग़ज़ा पर छह घंटे तक ड्रोन सर्विलांस भी रोकेगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा क्योंकि हमास को डर है कि अगर सर्विलांस नहीं रोका गया तो इसराइल ये पता लगा सकता है कि बाकी के बंधक कहां रखे गए हैं.
हालांकि इसराइली अधिकारी ये कह चुके हैं कि ड्रोन के अलावा भी उनके पास इटेलीजेंस जुटाने के कई तरीके हैं.
क़तर ने बताया है कि इसराइल और हमास के बीच बंधकों को लेकर हुई डील के तहत अस्थायी युद्ध विराम शुक्रवार सुबह 7 बजे (स्थानीय समयानुसार) से लागू होगा.
ये युद्ध विराम उत्तरी और दक्षिणी ग़ज़ा दोनों ही हिस्सों में लागू होगा. 13 इसराइली बंधक शुक्रवार शाम 4 बजे छोड़े जाएंगे और ये सभी महिलाएं और बच्चे होंगे.
डील के मुताबिक़ हमास 50 इसराइली बंधकों को छोड़ेगा और इसराइल 150 फ़लस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा. साथ ही चार दिनों तक युद्ध विराम रहेगा. (bbc.com/hindi)
आयरलैंड की राज़धानी डबलिन में गुरुवार को एक स्कूल के बाहर लोगों पर चाकू से हमला किया गया, जिसमें तीन बच्चों सहित चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए.
इसके बाद अति दक्षिणपंथी लोगों की भीड़ ने शहर भर में हिंसा शुरू कर दी.
गुरुवार की दोपहर 1.30 बजे डबलिन में एक स्कूल के सामने कुछ लोगों पर चाकू से हमला हुआ. हमले में पांच साल का एक बच्चा और 30 साल की उम्र की एक महिला बुरी तरह घायल हो गए.
इसके अवाला छह साल की एक अन्य बच्ची और पांच साल के एक बच्चे को भी हमले में गंभीर चोटें आयीं.
पुलिस ने 40 साल के एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया और कहा है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.
बीबीसी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हमलावर आइरिश नागरिक है जो बीते 20 साल से आयरलैंड में रह रहा था.
इस घटना के बाद शाम के छह बजे पुलिस और भीड़ के बीच हिंसक झड़पें होने लगी. भीड़ ने पूरे शहर में हिंसा की, कई वाहनों को जला दिया गया, दुकानों को लूटा गया.
पुलिस का कहना है कि ये हिंसा “दक्षिणपंथी उपद्रवियों का एक वर्ग कर रहा है.”
देश की न्याय मंत्री हेलेन मैकेन्टी ने कहा है कि देश का एक छोटा सा तबका जिसका मकसद सिर्फ़ अराजकता पैदा करना है वो ये हिंसा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा-“ ये ना तो अप्रवासन से जुड़ा है और ना ही उन बच्चों के लिए है जिन पर हमला हुआ है.ये अपराधी और ठग हैं जो सिटी सेंटर आए और बच्चों पर हुए भयानक हमले को अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल किया.”
पुलिस के मुताबिक़ जब भीड़ प्रदर्शन कर रही थी तो अप्रवासी लोगों के विरोध में नारेबाज़ी की जा रही थी.
अभी डबलिन में रात के एक बज रहे हैं और पुलिस के मुताबिक़ शहर में शांति है. (bbc.com/hindi)
दीर अल बलाह (गाजा पट्टी), 23 नवंबर। इजराइल और हमास के बीच गाजा में चार दिन के युद्ध विराम और हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के बदले में इजराइल की जेलों में बंद फलस्तीन के नागरिकों को रिहा कराने संबंधी समझौते में अंतिम वक्त में व्यवधान आ गया लगता है ।
इजराइल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घोषणा की है कि यह समझौता शुक्रवार से पहले प्रभावी नहीं होगा। मूल रूप से बृहस्पतिवार को इसके लागू होने की घोषणा की गई थी।
इस कूटनीतिक सफलता से गाजा में 23 लाख फलस्तीनियों के लिए कुछ राहत दिखाई दे रही है, जिन्होंने हफ्तों तक इजरायली बमबारी को सहन किया है, साथ ही इजरायल में उन परिवारों के लिए राहत भरी खबर है जो 7 अक्टूबर के हमास के हमले के दौरान बंदी बनाए गए अपने प्रियजनों के भाग्य को लेकर भयभीत हैं।
इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जाची हानेग्बी ने बुधवार देर रात फैसला लागू होने में देरी की घोषणा की, लेकिन कारण नहीं बताया। हमास के साथ मध्यस्थता में अहम भूमिका निभाने वाले कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी के अनुसार संघर्ष विराम और बंधकों तथा कैदियों की अदला-बदली के लिए उचित स्थितियां बनाने के लिहाज से वार्ताकार काम कर रहे हैं।
कतर ने बृहस्पतिवार सुबह कहा कि समझौते के प्रभावी होने के वक्त के बारे में घोषणा ‘‘कुछ घंटों में की जाएगी’’।
अमेरिका और मिस्र ने भी समझौते में मदद की है।
हमास शासित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उसने इजराइल-हमास की जंग में मारे गए फलस्तीनियों की विस्तृत जानकारी के साथ गणना करना फिर शुरू कर दिया है और मृत्यु के 13,300 से अधिक मामले दर्ज किए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के निदेशक मेदहत अब्बास ने बृहस्पतिवार को ‘द एसोसिएटिड प्रेस’ से बातचीत में मृतकों की गिनती फिर शुरू किये जाने की पुष्टि की।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर गाजा में आवागमन और संचार बाधित होने के बाद 11 नवंबर को आंकड़े जारी करना बंद कर दिया था।
ताजा आंकड़े दक्षिण के अस्पतालों के अद्यतन आंकड़ों और उत्तर के अस्पतालों के 11 नवंबर के आंकड़ों पर आधारित हैं। वास्तविक मृतक संख्या इससे अधिक हो सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 6,000 अन्य लोग लापता हैं और उनके मलबे में दबे होने की आशंका है।
युद्धविराम के लिए समझौते से युद्ध थमने की उम्मीदें पैदा हुई हैं जो सात सप्ताह से चल रहा है। युद्ध से इजराइल और गाजा दोनों में भारी तबाही हुई है और बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। इस युद्ध से पूरे पश्चिम एशिया में तनाव फैलने की आशंका है।
उत्तर इजराइल में बृहस्पतिवार को सायरन बजने लगे जहां हिज्बुल्ला ने कहा कि उसने दक्षिण लेबनान से 48 कत्यूषा रॉकेट दागे हैं। इससे पहले इजराइल के एक हमले में पांच हिज्बुल्ला लड़ाके मारे गये थे जिनमें समूह के संसदीय ब्लॉक के प्रमुख का बेटा शामिल था।
इजराइल की सेना ने कहा कि वह हमले के स्रोतों पर ही निशाना साध रही है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध पर अपने विशेष मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध विराम की समयसीमा समाप्त होने के बाद युद्ध फिर प्रारंभ होगा। उन्होंने कहा कि इजराइल का लक्ष्य हमास के सभी सैन्य प्रतिष्ठानों को नष्ट करना और गाजा में बंधक बनाए गए उसके सभी 240 लोगों को रिहा कराना है।
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि युद्ध जारी है। सभी लक्ष्य हासिल होने तक हमारे प्रयास जारी रहेंगे।’’
नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को फोन करके यही जानकारी दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने देश की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ को हमास के निर्वासित नेतृत्व का सफाया करने का निर्देश दिया है ‘‘फिर वे चाहे कहीं भी हों।’’
अमेरिका ने युद्ध शुरू होने के बाद से इजराइल को भारी सैन्य तथा कूटनीतिक मदद मुहैया कराई है। युद्धविराम के प्रभावी होने के साथ ही दोनों पक्ष जहां हैं वहीं थम जाएंगे।
इजराइली सेना ने उत्तरी गाजा के अधिकतर हिस्से पर कब्जा कर लिया है और उनका कहना है कि उन्होंने सुरंगों और हमास के अधिकांश बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है। इजराइली सेना ने गाजा के सबसे बड़े अस्पताल शिफा के नीचे हमास का सैन्य केंद्र होने के अपने दावे को साबित करने के लिए विदेशी पत्रकारों के एक समूह को एक भूमिगत ठिकाने की तरह प्रतीत होने वाले बंकर दिखाए।
क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल शिफा संघर्ष का बड़ा केंद्र रहा है। हमास और अस्पताल के कर्मियों ने इजराइल के इन आरोपों को खारिज कर दिया था कि इसका इस्तेमाल एक उग्रवादी कमान केंद्र के रूप में किया गया।
सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने शिफा के निदेशक मोहम्मद अबू सेलमिया को हिरासत में ले लिया है। उससे अस्पताल में हमास की कथित गतिविधियों में संलिप्तता को लेकर पूछताछ की जाएगी।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह अस्पतालों को खाली कराने में विश्व स्वास्थ्य संगठन को अब सहयोग नहीं देगा।
इजराइल ने बृहस्पतिवार को इससे पहले उत्तर में इंडोनेशियाई अस्पताल को पूरी तरह खाली करने का आदेश दिया था। अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी डॉ मुनीर अल बूर्श ने अल-जजीरा ने यह जानकारी दी।
इजराइली अधिकारियों का मानना है कि हमास के अधिकतर बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, इसके साथ ही उन्होंने दक्षिणी गाजा में व्यापक अभियान चलाने की धमकी दी है। यही वह स्थान है जहां उत्तरी गाजा से लोगों ने भाग कर शरण ली हुई है और हजारों लोग संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित आश्रयस्थलों में रह रहे हैं। इस स्थानों में भोजन, पानी और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है।
हमास के लिए युद्ध विराम खुद को फिर से संगठित करने का मौका है, जिसे सात सप्ताह से जारी युद्ध में भारी नुकसान हुआ है। माना जा रहा है कि हमास का नेता येहया सिनवार जीवित है और गाजा में छिपा है। युद्ध समाप्त होने की सूरत में वह फलस्तीनी कैदियों की रिहाई को एक बड़ी उपलब्धि के रूप पेश कर सकता है।
इजराइल और हमास के बीच हुए समझौते के अनुसार हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों में से 50 को कई चरणों में रिहा किया जाएगा और इनके बदले में इजराइल की जेलों में बंद फलस्तीन के 150 लोगों को रिहा किया जाएगा।
कतर ने कहा कि युद्ध विराम से गाजा में भारी मात्रा में मानवीय सहायता पहुंच पाएगी,जिसमें ईंधन भी शामिल है।
नेतन्याहू ने कहा कि समझौते में रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के बंधकों से मुलाकात करने का प्रावधान भी शामिल है। (एपी)
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका उसकी जमीन पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की कथित साजिश को "बहुत गंभीरता" से ले रहा है और उसने इस मुद्दे को नई दिल्ली के साथ उठाया है.
ब्रिटिश अखबार फाइनैंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अमेरिकी जमीन पर गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने उसे नाकाम कर दिया. यह नया विवाद ऐसे वक्त में सामने आया है, जब कनाडा अपनी जमीन पर सिख अलगाववादी नेता की हत्या का आरोप खुलेआम भारतीय खुफिया एजेंट्स पर लगा चुका है.
कनाडा के सरे शहर में एक गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात लोगों ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. भारत सरकार ने निज्जर को आतंकवादी करार दिया था.
कनाडा की संसद में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप लगाने के बाद भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.
अब अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने एक बयान में कहा है, "हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और अमेरिकी सरकार ने इसे वरिष्ठतम स्तरों समेत भारत सरकार के समक्ष उठाया है."
वॉटसन ने आगे कहा, "भारतीय समकक्षों ने आश्चर्य और चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां उनकी नीति नहीं हैं." वॉटसन ने कहा कि माना जा रहा है कि भारत सरकार "इस मुद्दे पर आगे की जांच कर रही है और आने वाले दिनों में इस बारे में और कुछ कहेगी."
वॉटसन ने कहा, "हमने अपनी अपेक्षा जाहिर कर दी है और जो भी जिम्मेदार समझा जाए, उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."
भारत का जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ब्रिटिश अखबार की रिपोर्ट पर सवालों के जवाब में कहा, "भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर हालिया चर्चा के दौरान अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूकों का कारोबार करने वालों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच साठगांठ से संबंधित कुछ जानकारी साझा की हैं."
उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा संबंधी जानकारी दोनों देशों के लिए चिंता का विषय है और उन्होंने इस पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. बागची ने कहा, "भारत ऐसी जानकारियों को गंभीरता से लेता है, क्योंकि यह हमारे अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर भी असर डालती हैं."
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू
गुरपतवंत सिंह पन्नू कनाडाई और अमेरिकी नागरिक है. सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे ) नाम का यह संगठन सिखों के लिए अलग खालिस्तान की मांग करता है. इसे 2007 में अमेरिका में स्थापित किया गया था. इसका संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू है, जिसने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है और फिलहाल अमेरिका में वकालत कर रहा. वह एसएफजे का कानूनी सलाहकार भी है.
एसएफजे ने "रेफरेंडम 2020" नाम से एक अभियान चलाया है, जिसका मकसद "पंजाब को भारत से आजाद कराना" बताया जाता है. संगठन ने 2018 में पाकिस्तान के लाहौर में भी एक दफ्तर खोला था, ताकि पाकिस्तान में रहने वाले सिखों को रेफरेंडम के बारे में जागरूक किया जा सके और वे वोट डाल सकें.
भारत सरकार ने 2019 में इस संगठन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंध लगा दिया था. जुलाई 2020 में सरकार ने इस संगठन से जुड़े 40 से ज्यादा वेबपेज और यूट्यूब चैनल आदि भी प्रतिबंधित कर दिए थे.
फाइनैंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सितंबर में नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस मुद्दे को उठाया था.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के हाथ होने का आरोप लगाया था, तो दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया था. नई दिल्ली ने कनाडा के आरोपों को "मनगढ़ंत" करार दिया था.
बीते कुछ सालों में कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम में ऐसे संगठनों की शक्ति और संख्या बढ़ी है, जो कथित तौर पर खालिस्तान के समर्थक हैं. इन सभी जगहों पर सिख आप्रवासी बड़ी तादाद में हैं.
कनाडा की कुल आबादी का लगभग 1.4 फीसदी यानी पांच लाख सिख हैं. वे तेजी से उभरती हुई राजनीतिक ताकत बन रहे हैं. देश के कई सांसद सिख हैं और स्थानीय व केंद्रीय सरकारों में भी उनकी हिस्सेदारी है.
एए/वीएस (एएफपी, रॉयटर्स)
रामल्लाह, 23 नवंबर । फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उत्तरी वेस्ट बैंक में इजराइली छापे में सात फिलिस्तीनी मारे गए।
मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि छह मृतक तुल्कर्म शरणार्थी शिविर से थे और एक कल्किल्या शहर के पास था।
फ़िलिस्तीनी सूत्रों ने कहा कि इज़रायली सेना ने बुधवार सुबह तुल्कर्म शिविर में ड्रोन हमला किया, इसमें छह फ़िलिस्तीनी मारे गए।
सूत्रों ने बताया कि सेना ने दर्जनों सैन्य वाहनों और एक बख्तरबंद बुलडोजर के साथ शिविर पर हमला किया और बुनियादी ढांचे और संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच, कलकिलिया के पास अज्जुन शहर में, इजराइली सेना के साथ टकराव के दौरान जिंदा गोलियों से घायल एक फिलिस्तीनी युवक की मौत हो गई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बुधवार को इजराइली छापे से वेस्ट बैंक में 7 अक्टूबर के बाद से फिलिस्तीनियों की कुल मौत 225 हो गई है। (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 23 नवंबर । फेसबुक ने कथित तौर पर फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा का आह्वान करने वाले कई विज्ञापनों को मंजूरी दे दी, कुछ में फ़िलिस्तीनी नागरिकों और कार्यकर्ताओं की हत्या का भी आह्वान किया गया।
द इंटरसेप्ट के साथ शेयर किए गए मटेरियल के अनुसार, हिब्रू और अरबी दोनों भाषाओं में विज्ञापनों में फेसबुक और इसकी मूल कंपनी मेटा की नीतियों का उल्लंघन शामिल था।
रिपोर्ट में दावा किया गया है, "कुछ में सीधे तौर पर फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या का आह्वान करने वाले हिंसक मटेरियल शामिल थे, जैसे फिलिस्तीनियों के लिए नरसंहार और गजान की महिलाओं और बच्चों और बुजुर्गों का सफाया करने की मांग करने वाले विज्ञापन।
अन्य पोस्ट में गाजा के बच्चों को "भविष्य के आतंकवादी" और "अरब सूअरों" का संदर्भ दिया गया।
रिपोर्ट में फिलिस्तीनी सोशल मीडिया रिसर्च और वकालत समूह 7 अमलेह के संस्थापक नदीम नशीफ के हवाले से कहा गया है, "इन विज्ञापनों की मंजूरी फिलिस्तीनी लोगों के प्रति मेटा की विफलताओं की सीरीज में लेटेस्ट है।"
उन्होंने कहा, "इस पूरे संकट के दौरान, हमने फिलिस्तीनियों के खिलाफ मेटा के स्पष्ट पूर्वाग्रह और भेदभाव का एक निरंतर पैटर्न देखा है।"
फेसबुक के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि विज्ञापन गलती से स्वीकृत हो गए थे।
रिपोर्ट में प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है, "हमारे जारी निवेशों के बावजूद, हम जानते हैं कि ऐसे कुछ उदाहरण होंगे जिन्हें हम भूल जाते हैं या हम गलती से हटा देते हैं, क्योंकि मशीनें और लोग दोनों गलतियां करते हैं।"
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "इसीलिए विज्ञापनों की कई बार समीक्षा की जा सकती है, जिसमें एक बार लाइव होना भी शामिल है।"
मेटा की नीतियों का उल्लंघन करने वाले विज्ञापनों को प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया गया था।
किसी राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या का आह्वान करना फेसबुक के विज्ञापन नियमों का उल्लंघन है। (आईएएनएस)।
तेल अवीव, 23 नवंबर । 7 अक्टूबर को हमास द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए हमले के बाद से लापता 25 वर्षीय इजरायली कानून की छात्रा शनि गाबे को मृत पाया गया है।
गैबे उत्तरी शहर योकनेआम की रहने वाली थी और उसका शव अधिकारियों ने बुधवार को किबुत्ज़ बेरी के पास बरामद किया था।
पत्रकारों से बात करते हुए, योकनेआम मेयर साइमन अल्फासी ने कहा कि जब हमास ने हमला किया था, तब वह सुपरनोवा संगीत समारोह में थीं।
मेयर के अनुसार, गैबे ने हमले के तुरंत बाद अपनी मां को फोन किया था और उन्हें बताया था कि वह एक आश्रय स्थल में छिपी हुई है और उसने उसके पैर में गोली मार दी है।
आईएएनएस से बात करते हुए, उनके भाई एविल ने कहा, “हम उनके लौटने की उम्मीद कर रहे थे। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ, हम इज़राइल के लोगों को धन्यवाद देते हैं, जो हमारे सभी प्रियजनों सहित उनकी वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे थे। हम उम्मीद करते हैं कि सभी बंधक बिना किसी समस्या के घर वापस आ जायेंगे।''
यह घटनाक्रम हमास और इजराइल के बीच बहुप्रतीक्षित बंधक समझौते के बीच हुआ है, जिसमें लड़ाई को चार दिन के लिए रोकना शामिल है, जिसे अब शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
हमास ने घोषणा की थी कि विराम गुरुवार सुबह 10 बजे शुरू होगा।
लेकिन, इस योजना में देरी हो गई है क्योंकि इजरायली सरकार के एक सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि शुक्रवार से पहले हमास द्वारा किसी भी इजराइली बंधक को रिहा नहीं किया जाएगा। (आईएएनएस)।