राष्ट्रीय
भोपाल, 17 सितम्बर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि चीते 70 साल बाद भारतीय धरती पर वापस आ गए हैं और इस कदम से जंगल और घास के मैदान के पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली होगी।
प्रधानमंत्री ने नामीबिया से लाए गए पांच नर और तीन मादाओं को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान के बाड़ों में रिहा कर दिया और इसे पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण की दिशा में प्रयास करार दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "1952 में देश से चीते विलुप्त हो गए थे, लेकिन दशकों तक, उनके पुनर्वास के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया था। आज, जैसा कि हम 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहे हैं, देश ने चीतों को एक नई ऊर्जा के साथ पुनर्वास करना शुरू कर दिया है।"
उन्होंने कहा कि पर्यटकों और वन्यजीव उत्साही लोगों को केएनपी में चीतों को देखने के लिए कुछ महीने इंतजार करना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "चीतों को भारत वापस लाने से खुले जंगल और घास के मैदान के पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में मदद मिलेगी और स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका के अवसर भी बढ़ेंगे।"
उन्होंने कहा कि 'प्रोजेक्ट चीता' दुनिया की पहली अंतर-महाद्वीपीय बड़ी जंगली मांसाहारी अनुवाद परियोजना है।
विशेष रूप से, प्रधानमंत्री मोदी के 72 वें जन्मदिन को चिह्न्ति करने के लिए 17 सितंबर को विशेष कार्यक्रम निर्धारित किया गया था।
चीते दो सप्ताह तक केएनपी के एक निर्धारित क्षेत्र में रहेंगे जिसके बाद उन्हें पार्क में छोड़ दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ वन अधिकारी के अनुसार, "चीते दो सप्ताह तक केएनपी के तहत एक निर्धारित क्षेत्र में रहेंगे। एक बार जब वे इस क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल हो जाएंगे, तो उन्हें पार्क में छोड़ दिया जाएगा।"
वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया कि सभी चीतों के गले में विशेष रेडियो-कॉलर लगा हुआ ताकि उनकी गति का पता आसानी से लगाया जा सके। अफ्रीकी और भारतीय जंगली जानवरों के विशेषज्ञों की एक विशेष संयुक्त टीम हर दिन उनके स्वास्थ्य और आवाजाही की निगरानी करेगी।
मध्य प्रदेश के विशाल वन परि²श्य में 748 वर्ग किमी में फैला, केएनपी आठ चीतों का नया घर है। विशेष रूप से, यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ में कोरिया के साल जंगलों के बहुत करीब है, जहां लगभग 70 साल पहले देशी एशियाई चीते को आखिरी बार देखा गया था।
मध्य प्रदेश में वन अधिकारियों के अनुसार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में स्थित लगभग एक दर्जन राष्ट्रीय उद्यानों के सर्वेक्षण के बाद केएनपी को चीतों के लिए उपयुक्त गंतव्य के रूप में चुना गया था।
कूनो शायद देश के कुछ वन्यजीव स्थलों में से एक है, जहां सालों पहले पार्क के अंदर से लगभग 24 गांवों और उनके पालतू पशुओं को पूरी तरह से स्थानांतरित कर दिया गया था। गाँव के स्थल और उनके कृषि क्षेत्र अब घासों द्वारा ले लिए गए हैं और उन्हें सवाना निवास स्थान के रूप में प्रबंधित किया जाता है।
सरकार की योजना के अनुसार, कूनो भारत में चार बड़ी बिल्लियों (बाघ, शेर, तेंदुआ और चीता) के आवास की संभावना प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे पहले की तरह सह-अस्तित्व में रहें। जबकि शेरों की एकमात्र जीवित आबादी गुजरात में है, कूनो को शुरू में दूसरा घर प्रदान करने का प्रस्ताव दिया गया था।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पाटे, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भूपेंद्र यादव, ज्योतिरादित्य एम सिंधिया और अश्विनी चौबे मौजूद थे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा था, "हम एक बाघ राज्य, एक तेंदुआ राज्य थे और अब चीता राज्य बन रहे हैं।"
नई दिल्ली, 17 सितंबर। मध्य प्रदेश के शिवपुर में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उन्हें लाखों माताओं का आशीर्वाद प्राप्त है. उन्होंने महिलाओं को अपनी प्रेरणा का स्रोत भी बताया.
उन्होंने कहा, "विश्वकर्मा जयंती पर स्वयं सहायता समूहों का इतना बड़ा सम्मेलन, अपने आप में बहुत विशेष है. मैं आप सभी को, सभी देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की भी शुभकामनाएं देता हूं. मुझे आज इस बात की भी खुशी है कि भारत की धरती पर अब 75 साल बाद चीता फिर से लौट आया है. अब से कुछ देर पहले मुझे कुनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने का सौभाग्य मिला."
"पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के नए भारत में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है. आज के नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है. जिस भी सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है, उस क्षेत्र में, उस कार्य में सफलता अपने आप तय हो जाती है.
स्वच्छ भारत अभियान की सफलता इसका बेहतरीन उदाहरण है, जिसको महिलाओं ने नेतृत्व दिया है. पिछले 8 वर्षों में स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने में हमने हर प्रकार से मदद की है. आज पूरे देश में 8 करोड़ से अधिक बहनें इस अभियान से जुड़ी हैं. हमारा लक्ष्य है कि हर ग्रामीण परिवार से कम से कम एक बहन इस अभियान से जुड़े.""गांव की अर्थव्यवस्था में, महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए, उनके लिए नई संभावनाएं बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है. 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' के माध्यम से हम हर जिले के लोकल उत्पादों को बड़े बाज़ारों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. सितंबर का ये महीना देश में पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है.
भारत की कोशिशों से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटे अन्नाज के वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है. 2014 के बाद से ही देश, महिलाओं की गरिमा बढ़ाने, महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में जुटा हुआ है. शौचालय के अभाव में जो दिक्कतें आती थीं, रसोई में लकड़ी के धुएं से जो तकलीफ होती थी, वो आप अच्छी तरह जानती हैं.""देश में 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर, 9 करोड़ से ज्यादा उज्जवला के गैस कनेक्शन देकर और करोड़ों परिवारों में नल से जल देकर, आपका जीवन आसान बनाया है. महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण उन्हें समाज में भी उतना ही सशक्त करता है. हमारी सरकार ने बेटियों के लिए बंद दरवाजे को खोल दिया है. बेटियां अब सैनिक स्कूलों में भी दाखिला ले रही हैं, पुलिस कमांडो भी बन रही हैं और फौज में भी भर्ती हो रही हैं. (bbc.com/hindi)
-ए. डी. बालासुब्रमणियन
पेरियार की जयंती 17 सिंतबर पर पढ़िए यह आलेख-
आज़ादी से पहले और इसके बाद के तमिलनाडु में पेरियार का गहरा असर रहा है और राज्य के लोग उनका कहीं अधिक सम्मान करते हैं.
पेरियार के नाम से विख्यात, ई. वी. रामास्वामी का तमिलनाडु के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्यों पर असर इतना गहरा है कि कम्युनिस्ट से लेकर दलित आंदोलन विचारधारा, तमिल राष्ट्रभक्त से तर्कवादियों और नारीवाद की ओर झुकाव वाले सभी उनका सम्मान करते हैं, उनका हवाला देते हैं और उन्हें मार्गदर्शक के रूप में देखते हैं.
तर्कवादी, नास्तिक और वंचितों के समर्थक होने के कारण उनकी सामाजिक और राजनीतिक ज़िंदगी ने कई उतार चढ़ाव देखे.
1919 में उन्होंने अपने राजनीतिक सफ़र की शुरुआत कट्टर गांधीवादी और कांग्रेसी के रूप में की. वो गांधी की नीतियों जैसे शराब विरोधी, खादी और छुआछूत मिटाने की ओर आकर्षित हुए.
उन्होंने अपनी पत्नी नागमणि और बहन बालाम्बल को भी राजनीति से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. ये दो महिलाएं ताड़ी के दुकानों के विरोध में सबसे आगे थीं. ताड़ी विरोध आंदोलन के साथ एकजुटता में उन्होंने स्वेच्छा से खुद अपने नारियल के बाग नष्ट कर दिए.
उन्होंने सक्रिय रूप से असहयोग आंदोलन में भाग लिया और गिरफ़्तार किए गए. वो कांग्रेस के मद्रास प्रेसिडेंसी यूनिट के अध्यक्ष बने.
वायकोम सत्याग्रह
1924 में केरल में त्रावणकोर के राजा के मंदिर की ओर जाने वाले रस्ते पर दलितों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का विरोध हुआ था. इसका विरोध करने वाले नेताओं को राजा के आदेश से गिरफ़्तार कर लिया गया और इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए कोई नेतृत्व नहीं था. तब, आंदोलन के नेताओं ने इस विरोध का नेतृत्व करने के लिए पेरियार को आमंत्रित किया.
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए पेरियार ने मद्रास राज्य काँग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा दिया. वो गांधी के आदेश का उल्लंघन करते हुए केरल चले गए.
त्रावणकोर पहुंचने पर उनका राजकीय स्वागत हुआ क्योंकि वो राजा के दोस्त थे. लेकिन उन्होंने इस स्वागत को स्वीकार करने से मना कर दिया क्योंकि वो वहां राजा का विरोध करने पहुंचे थे.
उन्होंने राजा की इच्छा के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया, अंततः गिरफ़्तार किए गए और महीनों के लिए जेल में बंद कर दिए गए. केरल के नेताओं के साथ भेदभाव के ख़िलाफ़ उनकी पत्नी नागमणि ने भी महिला विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया.
काँग्रेस सम्मेलन में जातीय आरक्षण के प्रस्ताव को पास करने के उनके लगातार प्रयास असफल हुए. इस बीच एक रिपोर्ट सामने आई कि चेरनमादेवी शहर में काँग्रेस पार्टी के अनुदान से चलाए जा रहे सुब्रह्मण्यम अय्यर के स्कूल में ब्राह्मण और गैर-ब्राह्मण छात्रों के साथ खाना परोसते समय अलग व्यवहार किया जाता है.
पेरियार ने ब्राह्मण अय्यर से सभी छात्रों से एक समान व्यवहार करने का आग्रह किया. लेकिन न तो वो अय्यर को इसके लिए राजी कर सके और न ही काँग्रेस के अनुदान को रोक पाने में कामयाब हुए. इसिलिए उन्होंने काँग्रेस छोड़ने का फैसला किया.
काँग्रेस छोड़ने पर उन्होंने आत्म-सम्मान आंदोलन शुरू किया जिसका लक्ष्य गैर-ब्राह्मणों (जिन्हें वो द्रविड़ कहते थे) में आत्म-सम्मान पैदा करना था. बाद में वो 1916 में शुरू हुई एक गैर-ब्राह्मण संगठन दक्षिण भारतीय लिबरल फेडरेशन (जस्टिस पार्टी के रूप में विख्यात) के अध्यक्ष बने.
द्रविड़ कज़गम
1944 में उन्होंने अपने आत्म-सम्मान आंदोलन और जस्टिस पार्टी को मिला कर द्रविड़ कज़गम का गठन किया.
उन्होंने रूस का दौरा किया जहां वो कम्युनिस्ट आदर्शों से प्रभावित हुए और कम्युनिस्ट पार्टी के घोषणापत्र का पहला तमिल अनुवाद प्रकाशित किया. महिलाओं की स्वतंत्रता को लेकर उनके विचार इतने प्रखर हैं कि उन्हें आज के मानदंडों में भी कट्टरपंथी माना जाएगा.
उन्होंने बाल विवाह के उन्मूलन, विधवा महिलाओं की दोबारा शादी के अधिकार, पार्टनर चुनने या छोड़ने, शादी को इसमें निहित पवित्रता की जगह पार्टनरशिप के रूप में लेने, इत्यादि के लिए अभियान चलाया था.
उन्होंने महिलाओं से केवल बच्चा पैदा करने के लिए शादी की जगह महिला शिक्षा अपनाने को कहा.
कट्टर नास्तिक थे पेरियार
उनके अनुयायियों ने वैवाहिक अनुष्ठानों को चुनौती दी, शादी के निशान के रूप में थली (मंगलसूत्र) पहनने का विरोध किया. उन्हें एक महिला सम्मेलन में ही पेरियार की उपाधि दी गई.
पेरियार का मानना था कि समाज में निहित अंधविश्वास और भेदभाव की वैदिक हिंदू धर्म में अपनी जड़ें हैं, जो समाज को जाति के आधार पर विभिन्न वर्गों में बांटता है जिसमें ब्राह्मणों का स्थान सबसे ऊपर है. इसलिए, वो वैदिक धर्म के आदेश और ब्राह्मण वर्चस्व को तोड़ना चाहते थे. एक कट्टर नास्तिक के रूप में उन्होंने भगवान के अस्तित्व की धारणा के विरोध में प्रचार किया.
दक्षिणपंथी कट्टर विरोधी क्यों?
वो दक्षिण भारतीय राज्यों के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के ख़िलाफ़ थे. उन्होंने दक्षिण भारत राज्यों की एक अलग द्रविड़नाडू (द्रविड़ देश) की मांग की थी. लेकिन दक्षिण के अन्य राज्य उनके विचारों से सहमत नहीं हुए. वो वंचित वर्गों के आरक्षण के अगुवा थे और 1937 में उन्होंने तमिल भाषी लोगों पर हिंदी थोपने का विरोध किया था.
पेरियार ने समूचे तमिलनाडु का दौरा किया और कई सभाओं में लोगों को संबोधित किया. अपने अधिकांश भाषणों में वो बोला करते थे, "कुछ भी सिर्फ़ इसलिए स्वीकार नहीं करो कि मैंने कहा है. इस पर विचार करो. अगर तुम समझते हो कि इसे तुम स्वीकार सकते हो तभी इसे स्वीकार करो, अन्यथा इसे छोड़ दो."
नास्तिक और ब्राह्मण विरोधी राजनीति के बावजूद अपने दोस्त और स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल राजगोपालाचारी से उनके व्यक्तिगत संबंध अच्छे थे.
उनकी पहचान तर्कवाद, समतावाद, आत्म-सम्मान और अनुष्ठानों का विरोधी, धर्म और भगवान की उपेक्षा करने वाले, जाति और पितृसत्ता के विध्वंसक के रूप में है.
दक्षिणपंथी उनकी आलोचना उस व्यक्ति के रूप में करते हैं जिन्होंने उनकी धार्मिक भावनाओं, परंपराओं को अपमानित किया. (bbc.com/hindi)
-दीपाली जगताप
महाराष्ट्र, 17 सितंबर। वेदांता-फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट के महाराष्ट्र के हाथों से निकलने के बाद महाराष्ट्र के हाथ से एक बड़ा ड्रग पार्क प्रोजेक्ट भी निकल रहा है.
पहली योजना के मुताबिक़ केंद्र सरकार तीन राज्यों में ये प्रोजेक्ट शुरू करना चाहती थी. महाराष्ट्र इनमें से एक प्रतिद्वंदी राज्य था. लेकिन अब ये प्रोजेक्ट गुजरात, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में शुरू किया जाएगा.
राज्य में बड़े निवेश राज्य के हाथ से बाहर निकलने को लेकर राजनीति भी तेज़ हो गई है. हालांकि कई बड़े प्रोजेक्ट के लिए महाराष्ट्र को प्रस्तावित किया गया था और राज्य अग्रणी प्रतिद्वंदी भी था. इससे कई सवाल खड़े हुए हैं.
महाराष्ट्र में ओद्योगिक निवेश आख़िर कैसे अपने अंजाम तक पहुंचता हैं? पिछले कुछ सालों में एक के बाद एक प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के हाथ से क्यों निकल रहे हैं? या क्या राज्य में निवेश अब कम होता जा रहा है? क्या जो राज्य कभी ओद्योगिक विकास में सबसे आगे था वो अब पिछड़ने लगा है? इसके पीछे कारण क्या हैं?
बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट को क्या हुआ?
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे और पूर्व ओद्योगिक मंत्री शुभाष देसाई ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र को बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट मिल सकता था लेकिन अब इसे दूसरे राज्यों को दे दिया गया है.
उन्होंने पूछा है, "अब ये प्रोजेक्ट तीन अन्य राज्यों को दिया जा रहा है. क्या ओद्योगिक मंत्री ये समझते हैं कि बेहतर सुविधाएं होने के बावजूद महाराष्ट्र ने ये प्रोजेक्ट गंवा दिया है?"
महाविकास अघाड़ी सरकार इस प्रोजेक्ट पर 2020 से काम कर रही थी. इस प्रोजेक्ट के दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर पर महाराष्ट्र में स्थापित करने को लेकर चर्चा भी थी. इस प्रोजेक्ट के लिए रायगढ़ ज़िले में मुरुड और रोहा को चयनित कर लिया गया था.
पूर्व सरकार की कैबिनेट बैठक में पूर्व मंत्री शुभाष देसाई ने इस प्रोजेक्ट को प्रस्तावित भी किया था. ये बताया गया था कि बल्क ड्रग प्रोजेक्ट में 2500 करोड़ रुपए निवेश किए जाएंगे.
महाराष्ट्र ओद्योगिक विकास परिषद (एमआईडीसी) ने बताया था कि ये प्रोजेक्ट फार्मा क्षेत्र के निर्माताओं को विश्व स्तरीय सुविधाएं देगा.
ये भी बताया गया था कि केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए 1000 करोड़ रुपए निवेश करेगी. हालांकि केंद्र सरकार के ये प्रोजेक्ट अब गुजरात, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में स्थापित किया जाएगा.
ये प्रोजेक्ट क़रीब 30 हज़ार करोड़ का था. ये माना गया था कि इससे 75 हज़ार नई नौकरियां पैदा होंगी.
सरकार की आलोचना के बाद उद्योग मंत्री उदय सामंत ने घोषणा की है कि ये प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में ही लगेगा. उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र अपने पैसे से बल्क ड्रग पार्क स्थापित करेगा. साथ ही नागपुर में एयरबस-टाटा प्रोजेक्ट भी शुरू होगा."
बल्क ड्रग पार्क में फार्मा क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां यूनिट लगाएंगी, जहाँ दवाएं और कैप्सूल बनाए जाएंगे. बल्क ड्रग पार्क को एक्टिव फार्मा इग्रीडिएंट (एपीआई) भी कहा जाता है.
महाराष्ट्र में घटा है विदेशी निवेश
अगर महाराष्ट्र में विदेशी निवेश को देखा जाए तो ये कहा जा सकता है कि पिछले पाँच सालों में ख़ासकर कोरोना संकट के बाद राज्य में विदेशी निवेश में भारी गिरावट आई है.
एमआईडीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक़ 2016-17 में हुए एक लाख 32 हज़ार करोड़ रुपए के विदेशी निवेश में से 65.7 हज़ार करोड़ रुपए महाराष्ट्र में निवेश हुए.
2017-18 में राज्य में 87 हज़ार 412.7 करोड़ रुपए का निवेश हुआ जबकि 2018-19 में 77 हज़ार 847 करोड़ रुपए का निवेश हुआ.
2019-20 में राज्य में 76 हज़ार 617 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था. लेकिन कोरोना महामारी के बाद राज्य का औद्योगिक क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इसलिए राज्य में 2020-21 में सिर्फ़ 26 हज़ार 220 करोड़ रुपए का निवेश हुआ.
2016-17 के मुक़ाबले बीते पाँच सालों में राज्य में निवेश 70 प्रतिशत तक कम हुआ है.
एमआईडीसी के मुताबिक़ बीते 20 सालों में 2000-2020 के बीच देश में होने वाले कुल विदेशी निवेश में से 29 प्रतिशत अकेले महाराष्ट्र में हुआ है.
एमआईडीसी का दावा है कि कई क्षेत्रों में उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र पूरे देश में सबसे आगे है. एमआईडीसी का ये भी कहना है कि बीते पांच सालों में राज्य में कुल विदेशी निवेश का 28 प्रतिशत हुआ है.
इज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस या कारोबार को करने की आसानी के मामले में महाराष्ट्र कहां है?
केंद्र सरकार के इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रोमोशन (डीआईपीपी) विभाग के साल 2015 में आरबीआई द्वारा प्रकाशित सर्वे के मुताबिक़ महाराष्ट्र इस सूचकांक में देश में आठवें नंबर था. साल 2016 में इसी सूचकांक में महाराष्ट्र 10वें नंबर पर था. लेकिन साल 2017 और 18 में महाराष्ट्र शीर्ष दस राज्यों की सूची से बाहर होकर 13वें नंबर पर आ गया था.
ग़ौर करने वाली बात ये है कि इन सर्वे में 2019 तक आंध्र प्रदेश दूसरे नंबर पर था. अगर महाराष्ट्र और गुजरात की तुलना की जाए तो 2015 में गुजरात पहले नंबर पर था. 2016 में गुजरात तीसरे, 2017 में पांचवें और 2018 में दसवें नंबर पर था.
एमआईडीसी के मुताबिक़ क्या है महाराष्ट्र की ताक़त?
अगर कोई कंपनी महाराष्ट्र में निवेश का विचार करती है तो प्रोजेक्ट तैयार करने में महाराष्ट्र कई बिंदुओं पर तैयारी करता है.
इस प्रक्रिया में एमआईडीसी अहम भूमिका निभाती है क्योंकि एमआईडीसी ही प्रोजेक्ट के लिए प्लॉट (ज़मीन), सड़कें, पानी, ड्रेनेज सिस्टम, बिजली, सड़क की लाइटें आदि उपलब्ध कराती है. इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं भी एमआईडीसी ही देती है.
एमआईडीसी महाराष्ट्र सरकार के तहत नोडल निवेश एजेंसी के रूप में काम करती है. एमआईडीसी का प्रमुख उद्देश्य राज्य में निवेश बढ़ाने वाली योजनाएं तैयार करना ही है.
एमआईडीसी की अधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित इसके प्रमुख कार्यकारी अधिकारी डॉ. एपी अनबलगान के बयान में कहा गया है, "हम समूची निवेश प्रक्रिया के दौरान उद्योग की मदद करने और चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारा मक़सद उद्योग को बढ़ावा देने वाला माहौल बनाना और इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है "
जब महाराष्र में ओद्योगिक निवेश के लिए कंपनियों के साथ बातचीत की जाती है तो उन्हों बताया जाता है कि महाराष्ट्र में क्या-क्या सुविधाएं और सरकार की तरफ़ से किस-किस तरह की छूटें दी जाएंगी.
एमआईडीसी कंपनियों से अपील करते हुए कहती है कि राज्य में ज़मीन और सुविधाएं हासिल करने में उन्हें कोई दिक्क़त नहीं होगी.
एमआईडीसी का मुख्य काम ही राज्य में उद्योग लाना. लघु, छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देना और राज्य के लोगों के लिए रोज़गार के अधिक मौके पैदा करना है.
एमआईडीसी कहती है कि उसका मक़सद क्षेत्रीय रूप से समावेशी, पर्यावरण के लिए अनुकूल और सभी के लिए समावेशी ओद्योगिक विकास करना है.
कंपनियों से बातचीत के समय संबंधित क्षेत्र से जुड़े नियमों और ज़रूरतों पर भी चर्चा की जाती है. महाराष्ट्र की सरकार कंपनियों को ये समझाने की कोशिश करती है कि यह उनके लिए सबसे सही पसंद है और महाराष्ट्र ऐसे प्रोजेक्ट को चलाने में सक्षम है.
महाराष्ट्र से जुड़े कुछ अहम बिंदुओं पर नज़र डालते हैं
महाराष्ट्र विकास में देश का सबसे बड़ा योगदान करता है. देश का 15 प्रतिशत जीडीपी महाराष्ट्र ही देता है
महाराष्ट्र में देश में होने वाले कुल विदेशी निवेश का 31.4 प्रतिशत निवेश हुआ है
महाराष्ट्र का लक्ष्य साल 2022 तक 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार के लिए प्रशिक्षित करने का है
महाराष्ट्र में तीन अंतरराष्ट्रीय, 8 राष्ट्रीय एयरपोर्ट और 20 अन्य रनवे हैं
महाराष्ट्र में चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति, 2 बड़े और 53 छोटे बंदरगाह हैं
महाराष्ट्र में 9.1 करोड़ स्मार्टफ़ोन और 3.2 करोड़ इंटरनेट यूज़र हैं.
क्या कहना है विशेषज्ञों का
बीबीसी इंडिया के बिज़नेस संवाददाता निखिल इनामदार कहते हैं, "ये सच है कि महाराष्ट्र को एक ओद्योगिक राज्य के रूप में जाना जाता था. लेकिन अब अन्य राज्यों से कड़ी टक्कर मिल रही है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना इस मामले में आगे निकल रहे हैं. ये राज्य बेहद आक्रामक तरीक़े से उद्योगों को अपनी तरफ़ खींच रहे हैं. उन्होंने निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य की एक सकारात्मक छवि बना ली है."
"अगर आप हैदराबाद का उदाहरण लें तो माइक्रोसॉफ़्ट और गूगल जैसी बड़ी कंपनियां वहाँ हैं. वहाँ स्टार्टअप और आईटी क्षेत्र की कंपनियों में भी निवेश हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई सालों से वाइब्रेंट गुजरात मॉडल को बढ़ावा दे रहे हैं. लेकिन सवाल ये है कि निवेश कितना है और उससे कितना फ़ायदा मिल रहा है? लेकिन छवि निर्माण की वजह से निवेशकों को ये ज़रूर लगता है कि राज्य उद्योग के लिए सही है."
इनामदार कहते हैं कि निवेश को आकर्षित करने के लिए किसी भी राज्य के प्रशासन और सरकार को समान रूप से सक्षम और आक्रामक होना चाहिए.
जानकारों का कहना है कि इंडस्ट्री में तरक्की राज्य में राजनीतिक अस्थिरता, राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था कितनी मज़बूत है इस पर निर्भर करती है.
महाराष्ट्र से फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट नहीं लगने के बारे में बात करते हुए राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि, "अब तक अगर कोई निवेश करना चाहता था तो महाराष्ट्र पहली पसंद हुआ करता था. जब हम सत्ता में थे तो यशवंत घरे नाम का एक अधिकारी होता था. उनका एक ही काम था और वो था इंडस्ट्री को प्रमोट करना. अब सारा सिस्टम सुस्त हो गया है. निवेश के लिए माहौल बनाना होगा. इसे करना ही होगा. अब राज्य के बारे में सोचना होगा. मुझे लगता है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष को आपस में लड़ना बंद करना होगा."
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में राज्य सरकार ने लाइसेंस की संख्या 70 से घटाकर 10 कर दी है और ऐसा दूसरे क्षेत्रों के लिए भी करना ज़रूरी है.
वरिष्ठ पत्रकार विनय देशपांडे कहते हैं, "इंडस्ट्रियल सेक्टर के लिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि महाराष्ट्र में इंडस्ट्रियल सेक्टर की क्या छवि है. क्या राज्य में सत्ता बदलने के बाद नीतियां बदल जाएंगी? क्या कोई नई नीति हमारे लिए नुकसानदायक होगी? क्या उद्योगपतियों को शक है? मुझे लगता है कि इन चीजों पर विचार किया जाना चाहिए."
उन्होंने कहा, "इसके अलावा कुछ जगह बिजली और पानी की क्रॉस सब्सिडी से निवेशकों या कंपनियों को ये महसूस होता है कि उन्हें ठगा जा रहा है. क्या इससे नकारात्मक छवि बनती है? इस पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है."
विनय देशपांडे ने कहा, "महाराष्ट्र में निवेश करें जैसे प्रोग्राम लाए जाते हैं, लेकिन क्या वे सिर्फ ऐसे प्रोग्राम हैं जिनसे विज्ञापन किया जा रहा है. इन प्रोग्राम के नतीजे क्या हैं? हमें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि उनसे कितना निवेश हमें मिला है. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 17 सितंबर | केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत में शनिवार को पिछले 24 घंटों में 5,747 नए मामले सामने आए हैं और 29 लोगों की मौत हुई है। ताजा मौतों के आंकड़े के साथ कोविड के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,28,302 हो गई। वहीं 5,618 मरीज महामारी से ठीक भी हुए हैं। कोरोना वायरस से उबरने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर अब 4,39,53,374 हो गई है। नतीजतन, रिकवरी दर 98.71 प्रतिशत है।
इस बीच, रोजाना पॉजिटिविटी रेट 1.69 प्रतिशत है, जबकि हफ्ते का पॉजिटिविटी रेट 1.74 प्रतिशत है।
साथ ही, इसी अवधि में कुल 3,40,211 कोरोना टेस्ट किए गए, जिसकी कुल संख्या बढ़कर 89.12 करोड़ से अधिक हो गई।
शुक्रवार को देश में संक्रमण के 6,298 मामले सामने आए थे। (आईएएनएस)|
सैन फ्रांसिस्को, 17 सितंबर | राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म उबर ने शनिवार को कहा कि 18 वर्षीय हैकर द्वारा डेटा उल्लंघन में उसके उपयोगकर्ताओं की कोई भी निजी जानकारी उजागर नहीं की गई थी। कंपनी ने एक ताजा बयान में कहा कि उसकी जांच और प्रतिक्रिया के प्रयास जारी हैं।
उबर ने कहा, "हमारे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि घटना में संवेदनशील उपयोगकर्ता डेटा (जैसे यात्रा इतिहास) तक पहुंच शामिल है।"
एक 18 वर्षीय हैकर ने उबर की आंतरिक प्रणालियों में सेंध लगाई, अमेजन वेब सर्विसेज और गूगल क्लाउड प्लेटफॉर्म सहित कंपनी के टूल तक पहुंच गया और कर्मचारियों को लगा कि कोई शरारत कर रहा है।
हैकर ने कंपनी के इंटरनल कम्युनिकेशन सिस्टम स्लैक पर एक मैसेज पोस्ट कर खुद को उबर के कर्मचारियों से अवगत कराया।
उबर ने कहा कि उबर, उबर ईट्स, उबर फ्रेट और उबर ड्राइवर एप समेत हमारी सभी सेवाएं चालू हैं।
कंपनी ने दोहराया कि उसने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अधिसूचित किया है।
राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म ने कहा, "आंतरिक सॉफ्टवेयर टूल जिन्हें हमने कल एहतियात के तौर पर हटा लिया था, आज सुबह ऑनलाइन वापस आ रहे हैं।"
अक्टूबर 2016 में, हैकर्स ने उबर को बड़े पैमाने पर साइबर सुरक्षा हमले के साथ टारगेट करते हुए 57 मिलियन ग्राहकों और ड्राइवरों के गोपनीय डेटा को उजागर किया।
इस बार, किशोर हैकर ने गोपनीय कंपनी की जानकारी सूचीबद्ध की और एक हैशटैग पोस्ट करते हुए कहा कि उबर आंतरिक संचार प्लेटफॉर्म स्लैक पर 'अपने ड्राइवरों को कम भुगतान करता है।'
हैकर ने कहा कि उसने उबर सिस्टम में सेंध लगाई, क्योंकि 'उनके पास कमजोर सुरक्षा थी।' (आईएएनएस)|
श्रीनगर, 17 सितंबर | जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाके उरी में तेंदुए द्वारा उठाई गई एक नाबालिग लड़की का शव मिला है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने कहा कि मुनिजाह के रूप में पहचानी गई एक नाबालिग लड़की अपने माता-पिता के साथ उरी सीमा तहसील के बिझामा जंगलों में एक पहाड़ी घास के मैदान में रह रही थी, जब एक तेंदुए ने उस पर हमला किया और उसे जबड़े से पकड़कर घने जंगल में ले गया।
स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस टीम को शुक्रवार देर शाम जंगल में छह साल की बच्ची का शव मिला। (आईएएनएस)|
गुवाहाटी, 17 सितंबर | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने यहां घोषणा की कि पार्टी 1 नवंबर को 'भारत जोड़ो यात्रा' के असम संस्करण 'असम जोड़ो यात्रा' शुरू करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को पटरी से उतारने में सफल नहीं होंगे।
रमेश ने कहा, "सरमा पार्टी के विधायकों को प्रभावित करने की कितनी भी कोशिश कर लें, कांग्रेस नहीं रुकेगी। हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई विधायक सरमा की तरह पार्टी छोड़ देता है।"
उन्होंने कहा कि सरमा को कांग्रेस के बारे में सोचना बंद कर देना चाहिए और असम के कल्याण के लिए काम करने पर ध्यान देना चाहिए।
सरमा ने पहले राहुल गांधी की आलोचना की थी और उन्हें पाकिस्तान से भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने की सलाह दी थी और कहा था कि देश के विभाजन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार थी।
इस संदर्भ में रमेश ने मीडियाकर्मियों से कहा कि भाजपा शासन में एक तरह से देश का बंटवारा हो गया है।
उन्होंने कहा, "देश जबरदस्त आर्थिक असमानता, सामाजिक ध्रुवीकरण और सत्ता के केंद्रीकरण का सामना कर रहा है। भाजपा ने समाज के विभिन्न वर्गो के बीच बड़े पैमाने पर विभाजन पैदा किया है।"
रमेश ने दावा किया, "आज लोग धर्म, संस्कृति और यहां तक कि खान-पान को लेकर बंटे हुए हैं। राज्य सरकारों के अधिकार प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने छीन लिए हैं।"
पार्टी के वरिष्ठ नेता ने अगले साल अरुणाचल प्रदेश से गुजरात तक दूसरे चरण की 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू करने की कांग्रेस की योजना के बारे में भी संकेत दिया। (आईएएनएस)|
श्रीनगर, 17 सितंबर | जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में पुलिस ने शनिवार को कट्टरपंथी धार्मिक उपदेशक सरजन बरकती को गिरफ्तार कर लिया है। बरकती के परिवार के सदस्यों ने मीडिया को बताया कि उन्हें शनिवार सुबह गिरफ्तार किया गया और उन्हें बताया गया कि उनके खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जुलाई 2016 में हिजबुल के पोस्टर बॉय बुरहान वानी की हत्या के मद्देनजर राष्ट्र-विरोधी और आतंकवाद-समर्थक भाषण देने के कारण बरकती को 'फ्रीडम चाचा' के रूप में जाना जाता था।
उपदेशक को हाल ही में पीएसए के तहत चार साल की नजरबंदी के बाद रिहा किया गया था।
इससे पहले, दो अन्य कट्टरपंथी मौलवियों, मुश्ताक अहमद वीरी और अब्दुल राशिद दाऊदी को पुलिस ने पीएसए के तहत गिरफ्तार किया था।
खुफिया एजेंसियों का आरोप है कि इन कट्टरपंथी प्रचारकों ने युवाओं को हिंसा का सहारा लेने के लिए प्रेरित करने की कोशिश कर राज्य के खिलाफ और आतंकवाद के पक्ष में भावनाओं को भड़काया है।
एक खुफिया अधिकारी ने कहा, "इन मौलवियों द्वारा समय-समय पर दिए गए भाषण उनके भारत विरोधी और आतंकवाद समर्थक उपदेशों के गवाह हैं।" (आईएएनएस)|
ग्वालियर/भोपाल, 17 सितंबर | मध्य प्रदेश और देश के लिए शनिवार का दिन इतिहास रचने का दिन है, क्योंकि नामीबिया से 8 चीतों के दल को श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाया जा रहा है, चीतों का यह दल विशेष विमान से ग्वालियर पहुंच गया है। अब इन चीतों को हेलीकॉप्टरों के जरिए कूनो ले जाया जाएगा। बताया गया है कि इन चीतों को विशेष तरह से बनाए गए लकड़ी के बॉक्स में लाया गया है। इन चीतों को लेकर अफ्रीका के वेटनरी चिकित्सकों का दल भी आया है। जिन पिंजरों में इन चीतों को लाया गया, उनमें इस तरह की व्यवस्था है कि उन्हें हवा आसानी से मिल सके और सांस आदि लेने में दिक्कत न हो। इन चीतों को विशेष हेलीकॉप्टर से कूनो ले जाया जाएगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर उन्हें फिर से बसाने के लिए विमुक्त करेंगे। इसके साथ ही बड़े जंगली जानवरों को पुनस्र्थापित करने की दुनिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय परियोजना का शुभारंभ करेंगे।
बताया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी दो बाड़ों में चीतों को विमुक्त करेंगे। पहले बाड़े में दो नर चीते छोड़े जाएंगे। दूसरे बाड़े में एक मादा चीता को छोड़ा जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों के दल ने नामीबिया की चीता प्रबंधन तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। परियोजना के एकीकृत प्रबंधन में कूनो राष्ट्रीय उद्यान के 750 वर्ग किलोमीटर में लगभग दो दर्जन चीतों के रहवास के लिए उपयुक्तता है। इसके अतिरिक्त करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र दो जिलों श्योपुर और शिवपुरी में चीतों के स्वच्छंद विचरण के लिए उपयुक्त है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 17 सितंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाइयां देने का तांता लगा हुआ है। उनके लिए देश-विदेश से शुभकामना संदेश आ रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी समेत देश और दुनिया के कई दिग्गज नेताओं और संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई दी है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन के अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए ट्वीट कर कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि आपके द्वारा अतुलनीय परिश्रम, कर्तव्यनिष्ठा और सृजनशीलता के साथ चलाया जा रहा राष्ट्रनिर्माण का अभियान, आप के नेतृत्व में आगे बढ़ता रहे। मेरी शुभेच्छा है कि ईश्वर आपको स्वस्थ और दीघार्यु बनाए।"
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मोदी को असंभव कार्यो को संभव करके दिखाने वाला लोकप्रिय और सर्वप्रिय नेता बताते हुए ट्वीट कर कहा, "देश के सर्वप्रिय नेता व हम सभी के प्रेरणास्रोत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिवस की शुभकामनाएं देता हूं और ईश्वर से उनके उत्तम स्वास्थ्य व सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं। मोदी जी ने अपनी भारत प्रथम की सोच व गरीब कल्याण के संकल्प से असंभव कार्यो को संभव करके दिखाया है।"
अमित शाह ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर गरीब कल्याण, सुशासन, विकास, राष्ट्र सुरक्षा और ऐतिहासिक सुधारों के लिए मोदी के निर्णायक नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सुरक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर नए भारत के निर्माता हैं, जिनका जीवन सेवा और समर्पण का प्रतीक है और आज पूरी दुनिया उनका सम्मान करती है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए ट्वीट कर कहा, "भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। उन्होंने अपने नेतृत्व से देश में प्रगति और सुशासन को अभूतपूर्व मजबूती दी है और पूरे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा और स्वाभिमान को नई ऊंचाई दी है। ईश्वर उन्हें स्वस्थ रखें और दीघार्यु करें।"
राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को देश की राजनीति को नया आयाम देने और विकास के साथ-साथ गरीब कल्याण को भी पूरा महत्व देने वाला नेता बताते हुए उनके जन्मदिन के अवसर पर देशभर में शुरू होने वाले कई तरह के आयोजनों और कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए लोगों से बढ़-चढ़कर रक्तदान अमृत महोत्सव में शामिल होने की अपील भी की।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए ट्वीट कर कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आप स्वस्थ और दीघार्यु रहें तथा आपके नेतृत्व में देश से भय, भूख और भ्रष्टाचार पूरी तरह समाप्त हो व हम पुन: विश्वगुरु का स्थान प्राप्त करें, यही शुभकामनाएं।"
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए ट्वीट कर कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई।"
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई देते हुए ट्वीट कर कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। उनके स्वस्थ रहने एवं दीघार्यु जीवन की कामना है।" (आईएएनएस)|
भोपाल, 17 सितंबर | मध्य प्रदेश अब देश और दुनिया में चीता स्टेट के तौर पर पहचाना जाएगा, ऐसी उम्मीद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जताई है। चौहान ने कहा है, मध्यप्रदेश (एमपी) गजब है, सबसे अजब है। 'टाइगर स्टेट', 'तेंदुआ स्टेट', 'वल्चर स्टेट', 'घड़ियाल स्टेट' के बाद यह अब 'चीता स्टेट' होगा। उन्होंने आगे कहा, मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ 526,सबसे ज्यादा तेंदुए 3421 है। प्रदेश में जंगल 30 फीसदी से अधिक है। राज्य में राष्ट्रीय उद्यान 10, टाइगर रिजर्व छह और वन्य जीव अभ्यारण 25 है। इसके साथ ही घड़ियाल और वल्चर भी मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा।
चौहान का कहना है कि "नामीबिया से चीते आए हैं। चीतों को लाया जाना एक असाधारण घटना है। मैं असाधारण इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि लगभग 1952 के आस-पास हमारे देश में चीतों का अस्तित्व समाप्त हो गया। अब दूसरे महाद्वीप से चीते लाकर उनको यहां पुनस्र्थापित कर रहे हैं। शायद यह इस सदी की सबसे बड़ी घटना है। दूसरे महाद्वीप से विशेष वन्यजीवों को लाकर हम यहां बसाएंगे। कोशिश यह करेंगे कि चीते का परिवार स्वाभाविक रूप से बढ़ता रहे।"
उन्होंने आगे कहा, "चीता आना, एक विलुप्त होती हुई प्रजाति को फिर से पुनस्र्थापित करने का काम तो है ही, लेकिन यह पर्यावरण का संतुलन भी बनाएंगे। इससे वाइल्ड लाइफ समृद्ध होगी। केवल इतना ही नहीं, श्योपुर जिले और उसके आस-पास रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।" (आईएएनएस)|
जयपुर, 16 सितम्बर | आखिरी समय में प्लान में बदलाव करते हुए यह फैसला लिया गया कि नामीबिया से आठ चीतों को लेकर स्पेशल कार्गो प्लेन शनिवार (17 सितंबर) को जयपुर के बजाय ग्वालियर में उतरेगा।
अधिकारियों ने कहा कि ग्वालियर में उतरने के बाद, जानवरों को मध्य प्रदेश के श्योपुर में कुनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि आठ चीतों- पांच महिलाओं और तीन पुरुषों को नामीबिया की राजधानी विंडहोक से ग्वालियर एयरपोर्ट पर एक अनुकूलित बोइंग 747-400 विमान में लाया जा रहा है।
इससे पहले, यह तय किया गया था कि चीतों को ले जाने वाली बोइंग जयपुर में उतरेगी और जयपुर से उन्हें कुनो नेशनल पार्क में ले जाया जाएगा। हालांकि, बाद में प्लान में बदलाव किया गया।
योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन चीतों को राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ेंगे। (आईएएनएस)|
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 16 सितंबर | इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया और इसे दुर्भावनापूर्ण करार दिया। भाजपा सांसद के वकील एस.डी. कौटिल्य ने कहा कि शिव बाबू गुप्ता नाम के एक व्यक्ति ने जोशी और चार अन्य के खिलाफ 16 जनवरी, 2008 को एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि इलाहाबाद के मेयर (1995 से 2000 तक) के अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने चार अन्य लोगों के साथ मिलीभगत की और अपने निहित स्वार्थ के लिए जॉर्ज टाउन में स्थित नगर टाउन की संपत्ति का निपटान किया।
जोशी द्वारा दायर एक रिट याचिका की अनुमति देते हुए, न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति सैयद वाइज मियां की खंडपीठ ने कहा, वाद-विवाद एफआईआर से यह स्पष्ट है कि यह राजनीतिक हिसाब चुकता करने के लिए उठाया गया कदम है। रिट याचिका में लगाए गए आरोपों पर कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं रखी गई है।
बताए गए कारणों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने 16 जनवरी, 2008 की प्राथमिकी को धारा 120बी (साजिश) 420 (धोखाधड़ी) और थाना सिविल लाइंस, इलाहाबाद जिले में दर्ज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत रद्द कर दिया।
उपरोक्त निदेशरें को पारित करते हुए, अदालत ने आगे कहा, एफआईआर प्रतिशोध से भरा एक दुर्भावनापूर्ण कार्य है। शिकायतकर्ता को वास्तविकता से कोई मतलब नहीं है। वह इस मुद्दे को उठाने के लिए दशकों तक सोया रहा। उनकी तथाकथित समिति ने इस तथ्य पर गौर करने का भी प्रयास नहीं किया कि कथित अपराधों की जांच सीबीआई पहले ही कर चुकी है, जिन्हें याचिकाकर्ता के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला था। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 16 सितंबर | पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 1991 के आर्थिक सुधारों पर बयान को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आलोचना की। चिदंबरम ने ट्वीट किया, कथित तौर पर वित्त मंत्री ने कहा है कि 1991 के सुधार आधे-अधूरे थे। भगवान का शुक्र है, डॉ मनमोहन सिंह ने विमुद्रीकरण, बहु-दर जीएसटी और पेट्रोल-डीजल पर भारी कर लगाने जैसे फैसले नहीं लिए।
उन्होंने कहा, हम वित्त मंत्री को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने विश्वविद्यालय में बेकरी और कुकिंग कोर्स किया।
मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री ने एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान कहा कि 1991 के सुधार आधे-अधूरे थे। आर्थिक सुधारों की शुरूआत मनमोहन सिंह ने की थी, जब वह केंद्र में नरसिम्हा राव सरकार के दौरान वित्त मंत्री थे।
हिंदी में बोलते हुए, सीतारमण ने कहा, अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया गया था, लेकिन अर्थव्यवस्था को बेहतरीन तरीके से चलाया नहीं गया। हमने 1991 में आधे-अधूरे सुधारों के साथ शुरूआत की।
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के आलोचक हैं। (आईएएनएस)|
जयपुर, 16 सितंबर | सैनी-माली और कुशवाहा समाज के हजारों कार्यकर्ताओं ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर सीकर और अजमेर-दिल्ली हाईवे को घंटों जाम कर दिया। गुरुवार को दोपहर करीब साढ़े बारह बजे हाईवे पर वाहनों का परिचालन रोक दिया गया। सूचना मिलने पर दो बटालियन को मौके पर भेजा गया।
गुरुवार को तीन बजे तक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे क्योंकि उन्होंने राजमार्ग को अनब्लॉक करने से इनकार कर दिया।
लोग बिस्तर बिछाकर सड़क पर ही सो गए।
स्थिति बिगड़ने पर अपर आयुक्त अजयपाल लांबा और कैलाश विश्नोई भी देर रात मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया।
सुबह करीब साढ़े चार बजे तक जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसके बाद भारी पथराव किया गया।
घटना में सरकारी और निजी वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है।
लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारियों को हटाया गया, जिसके बाद यातायात बहाल हो गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारी सबसे पहले गुरुवार शाम को अपनी मांगों को लेकर सीएमओ के पास गए थे, लेकिन आम सहमति नहीं बनी जिसके चलते उन्होंने हाईवे जाम कर दिया। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 16 सितम्बर | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि शुक्रवार को पिछले 24 घंटों में भारत में कोविड-19 के 6,298 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 23 लोगों की मौत हुई है। ताजा मौतों के आंकड़ों के चलते राष्ट्रव्यापी मृत्यु दर बढ़कर 5,28,273 हो गई है। वहीं इसी अवधि में महामारी से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 5,916 हो गई है।
देशभर में कोविड-19 से ठीक होने वालों का आंकड़ा 4,39,47,756 हो गया है। जिसके चलते भारत का रिकवरी रेट 98.71 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
इस बीच, डेली और वीकली पॉजिटिविटी रेट क्रमश: 1.89 प्रतिशत और 1.70 प्रतिशत है।
साथ ही इसी अवधि में, देश भर में कुल 3,33,964 कोरोना टेस्ट किए गए, जिससे कुल संख्या बढ़कर 89.09 करोड़ से अधिक हो गई। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 16 सितंबर | उत्तर प्रदेश में स्टेट मेडिकल फैकल्टी (एसएमएफ) ने फैसला किया है कि पैरा-मेडिकल संस्थानों से जुड़ी सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को जियो-टैग किया जाएगा। राज्य में पैरा-मेडिकल संस्थानों के संचालन की निगरानी करने वाली एक वैधानिक संस्था एसएमएफ के सचिव प्रोफेसर आलोक कुमार ने कहा कि, शहर में रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर (आरएसएसी) से इसके लिए संपर्क किया जाएगा।
पैरा-मेडिकल संस्थानों के अस्पताल अक्सर एक ही परिसर में नहीं होते हैं।
प्रो कुमार ने कहा, "ऐसे मामलों में, संभावना है कि निरीक्षक, जो स्थानीय नहीं हैं, उन्हें बेहतर स्कोरकार्ड प्राप्त करने के लिए कुछ अन्य, अच्छे अस्पताल दिखाए जाते हैं। हम जियो-टैगिंग के माध्यम से ऐसे प्रयासों को विफल करने की योजना बना रहे हैं।"
लगभग 1,200 संस्थान हैं, जिनमें से एक हिस्सा अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित है, जो उत्तर प्रदेश में पैरामेडिकल पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।
यह बताते हुए कि इस कदम से कैसे मदद मिलेगी, प्रो कुमार ने कहा, "आकस्मिक निरीक्षण के दौरान, एक इंस्पेक्टर को उस परिसर की भौगोलिक स्थिति के बारे में बताया जाएगा, जिसकी उसे जांच करनी है। वे संस्थान और संस्थान द्वारा पंजीकृत अस्पताल पहुंच कर जांच करेंगे।"
उन्होंने आगे कहा, इस तरह वास्तविक अस्पताल का निरीक्षण किया जाएगा और निरीक्षक के गुमराह होने की संभावना पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
इस कदम का उद्देश्य धोखाधड़ी को समाप्त कर छात्रों के नैदानिक प्रशिक्षण में सुधार करना भी है।
प्रो आलोक ने कहा, "यदि अस्पतालों में निर्धारित मानकों को बनाए रखा जाता है, तो व्यावहारिक प्रशिक्षण बेहतर होगा और इसलिए हम सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों के लिए अच्छे पैरा-मेडिकल स्टाफ का उत्पादन कर सकते हैं।" (आईएएनएस)|
समरकंद, 16 सितंबर | उज्बेकिस्तान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भाग लिया, जो यहां के ऐतिहासिक उज्बेक शहर समरकंद में दो साल में आयोजित होने वाली पहली शिखर सम्मेलन बैठक है। विचार-विमर्श से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ नेताओं- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और अन्य नेताओं के साथ फोटो खिंचवाई।
मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को तस्वीरें ट्वीट की, उजबेकिस्तान के समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया: क्षेत्र के लिए एक साथ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा, व्यापार और कनेक्टिविटी, संस्कृति और पर्यटन समेत सामयिक, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए एससीओ सदस्य देशों के नेताओं के साथ शामिल हुए।
प्रधानमंत्री शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक में भाग ले रहे हैं और शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले कुछ अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
क्षेत्रीय बहुपक्षीय संगठन 2001 में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के सदस्यों के साथ स्थापित किया गया था, जबकि भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्ण सदस्य बन गए थे।
एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद संगठन का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला एक निकाय है। जिसके तहत वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाता है। इसकी मेजबानी एससीओ के एक सदस्य राज्य द्वारा की जाती है।
2017 में भारत के पूर्ण सदस्य बनने के बाद से, प्रधानमंत्री मोदी हर साल एससीओ शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। 2020 और 2021 में पिछले दो शिखर सम्मेलनों के दौरान, उन्होंने वर्चुअली हिस्सा लिया था। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 16 सितम्बर | दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शुक्रवार को पूरे भारत में 40 से अधिक स्थानों पर छापेमारी कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक, ईडी ने शुक्रवार सुबह बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर और नेल्लोर (तमिलनाडु) में छापेमारी की।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का बयान दर्ज करने के लिए ईडी की एक टीम भी तिहाड़ जेल का दौरा करने के लिए तैयार है।
ईडी का यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक एफआईआर के आधार पर है।
सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर वन बनाया है। सीबीआई की एफआईआर में आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 477-ए (खातों का जालसाजी) धाराएं लगाई गई हैं।
सिसोदिया पर आरोप है कि शराब कारोबारियों को कथित तौर पर 30 करोड़ रुपये की छूट दी गई। लाइसेंस धारकों को उनकी इच्छा के अनुसार विस्तार दिया गया था। आबकारी नियमों का उल्लंघन कर नीतिगत नियम बनाए गए।
यह भी कहा कि सिसोदिया और कुछ शराब कारोबारी शराब लाइसेंसधारियों से वसूले गए अनुचित आर्थिक लाभ को लोक सेवकों को प्रबंधित करने और बदलने में सक्रिय रूप से शामिल थे, जिन्हें मामले में आरोपी बनाया गया है।
आईएएनएस द्वारा एक्सेस की गई एफआईआर में कहा गया, "दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आयुक्त (आबकारी) अरवा गोपी कृष्णा, तत्कालीन उपायुक्त (आबकारी) आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त (आबकारी) पंकज भटनागर ने वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति से संबंधित निर्णय लेने और सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बिना लाइसेंसधारियों को निविदा पोस्ट करने के लिए अनुचित लाभ देने के इरादे से निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 16 सितम्बर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर जहां देशभर में अलग अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं तो वहीं दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में '56 इंच की थाली' खाने का मौका तो मिलेगा ही साथ ही दो लोगों को केदारनाथ जाने का मौका भी दिया जा रहा है। रेस्टोरेंट अपनी ओर से दो विशेष लोगों को केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने का मौका देगा। कनॉट प्लेस स्तिथ आडरेर 2.1 नामक रेस्टोरेंट की ओर से ऑफर 17 सितंबर से लेकर 26 सितंबर तक रहेगा।
रेस्टोरेंट के मालिक सुमित कालरा नें आईएएनएस को बताया, "प्रधानमंत्री का जन्मदिवस पर कल से 26 सितंबर तक जो भी आएगा, हम उनको प्रधानमंत्री की पसंदीदा जगह केदारनाथ मंदिर भेजेंगे। जैसे पीएम देश का भला कर रहे हैं, उसी तरह हम भी चाहते हैं की हम दो व्यक्तियों का भला करदें।"
उन्होंने बताया, "इसके साथ ही प्रधानमंत्री का 56 इंच का सीना है और हमारे रेस्टोरेंट में '56 इंच की थाली' भी मौजूद है जिसमें 32 से 33 विभिन्न व्यंजन रहते हैं। यदि कोई दो व्यक्ति इस थाली को 40 मिनट में खा लेते हैं तो साढ़े 8 लाख का इनाम भी घोषित किया गया है, हालंकी यह थाली हमारे रेस्टोरेंट में पहले से चली आ रही है, जिसमें व़क्त के साथ साथ बदलाव होते रहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "लकी ड्रॉ के माध्यम से हम दो लोगों को केदारनाथ भेजेंगे। जिन्हें मौका नहीं मिल सका है, या जिनके पास पैसे नहीं है उन्हें यह मौका दिया जाएगा। (आईएएनएस)|
अलीराजपुर/धार, 16 सितम्बर | मध्य प्रदेश के धार जिले में दो प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अभद्रता करने वाले शराब माफिया के अलीराजपुर स्थित अवैध निर्माण को ढहा दिया गया है।
अलीराजपुर के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया है कि शराब माफिया सुखराम के नानपुर रोड स्थित अवैध निर्माण को प्रशासन ने पुलिस बल की मौजूदगी में ढहा दिया है। सुखराम पर आरोप है कि उसने शराब तस्करी के खिलाफ प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई में बाधा डाली। प्रशासन ने प्रकरण को गंभीरता से लिया। सुखराम के अपराधिक रिकार्ड का पता चला और अवैध निर्माण की जानकारी भी मिली।
ज्ञात हो कि धार जिले के कुक्षी थाना अंतर्गत कुक्षी-अलीराजपुर मार्ग पर गाड़ी में शराब ले जाने की सूचना मिली थी, तो इस गाड़ी को पकड़ने अनु विभागीय अधिकारी नवजीवन पवार और नायब तहसीलदार राजेश भिड़े ने ट्रक का पीछा किया। इसी दौरान ट्रक के पीछे चल रही स्कार्पियो में सवार लोगों ने इन अधिकारियों की गाड़ी पर पथराव कर दिया और उनके साथ अभद्रता भी की। इतना ही नहीं नायब तहसीलदार को तो अपनी गाड़ी में अगवा करने की कोशिश तक की गई थी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 16 सितम्बर | भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेड कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक खुफिया विभाग आईबी की एक रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने ये फैसला लिया है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा की जेड कैटेगरी सुरक्षा में 30 से ज्यादा सीआरपीएफ के जवान तैनात रहेंगे। ये जवान उनके घर और साथ में 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करेंगे। सूत्रों के मुताबिक खुफिया विभाग आईबी ने हाल ही में मनजिंदर सिंह सिरसा को लेकर थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट तैयार की थी। इसी आधार पर उन्हें जेड कैटेगरी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक सिरसा को खालिस्तानी संगठनों से खतरा है। पिछले साल मनजिंदर सिंह सिरसा को एक खालिस्तानी संगठन ने धमकी भी दी थी। उन्हें प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने किसानों की मौत का जिम्मेदार बताया था। इसके अलावा उन्हें कुछ प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठनों से देश और देश के बाहर खतरा बताया जा रहा है।
मनजिंदर सिंह सिरसा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। इस समय सिरसा भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं। सिरसा साल 2021 में अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। (आईएएनएस)|
मुंबई/पुणे, 15 सितम्बर | वेदांता ग्रुप-फॉक्सकॉन परियोजना पर विवाद गुजरात में स्थानांतरित होने के बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की मांग के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बयानों के लिए तीखी आलोचना की। घटनाओं के क्रम में गुरुवार को यहां विभिन्न दलों द्वारा नुकसान और आंदोलन किए गए। पुणे में एक 'लॉलीपॉप विरोध' में भाग लेते हुए, सुले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेने के लिए सीएम पर निशाना साधा, जिन्होंने कथित तौर पर आश्वासन दिया है कि भविष्य में महाराष्ट्र को 'और भी बड़ी परियोजनाएं' दी जाएंगी।
सुले ने मांग की, "यह बचकाना व्यवहार बंद करो .. अब गंभीर हो जाओ। इस पर राजनीतिकरण करना बंद करो और इस मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्य के लोगों के हित में एक सर्वदलीय बैठक बुलाओ। यदि आवश्यक हो, तो एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को पीएम के पास ले जाएं। सुनिश्चित करें कि यह परियोजना जो महाराष्ट्र ने 'गुणों के आधार पर' जीती थी, हमें बहाल कर दी जाए"।
एनसीपी के करोड़ों कार्यकर्ताओं को मुंबई और पुणे में एक शोर-शराबे वाले प्रदर्शन में हिरासत में लिया गया था, जो शिंदे-फडणवीस के खिलाफ नारे लगा रहे थे, क्योंकि राज्य ने गुजरात के लिए प्रतिष्ठित वेदांत-फॉक्सकॉन परियोजना को खो दिया था।
शिंदे-डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर आक्रामक हमलों के लिए महा विकास अघाड़ी सहयोगी शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की आलोचना करते हुए, मुंबई भारतीय जनता पार्टी ने मांग की कि 'सच्चाई को उजागर करने' के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच पैनल नियुक्त किया जाना चाहिए।
शिवसेना की युवा सेना और अन्य समूहों ने महाराष्ट्र के साथ 90 प्रतिशत सौदे को अंतिम रूप दिए जाने के बाद गुजरात के लिए 2.06 लाख करोड़ रुपये की वेदांत-फॉक्सकॉन मेगा-प्रोजेक्ट के लिए सरकार को दोषी ठहराते हुए एक हस्ताक्षर अभियान और प्रदर्शनों का आयोजन किया।
कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने चेतावनी दी कि अगर वेदांत-फॉक्सकॉन पास के राज्य में चले जाते हैं, तो "यह न केवल महाराष्ट्र बल्कि भारत का भी नुकसान होगा" क्योंकि धोलेरा (गुजरात) में परियोजनाएं नहीं चलती हैं, कई लोग वहां से हट जाते हैं।
वेदांत-फॉक्सकॉन परियोजना और यहां तक कि एक बल्क ड्रग्स पार्क में महाराष्ट्र की हार के बाद बैकफुट पर बने हुए, शिंदे समूह और भाजपा के चिंतित नेताओं ने पराजय के लिए तत्कालीन एमवीए के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को दोष देने की मांग की। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 15 सितम्बर | दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को भाजपा को चुनौती दी कि अगर शराब घोटाले पर स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो असली है तो उन्हें गिरफ्तार करें या इसे प्रधानमंत्री कार्यालय की साजिश के रूप में स्वीकार करें।
भाजपा द्वारा आज सुबह वीडियो जारी करने के बाद सिसोदिया ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, "अगर यह स्टिंग वीडियो असली है, तो सीबीआई को चार दिनों के भीतर यानी सोमवार तक मुझे गिरफ्तार कर लेना चाहिए, अन्यथा स्वीकार करें कि यह पीएमओ के निर्देश पर बनाया गया एक नकली वीडियो है।"
डिप्टी सीएम ने मीडिया से कहा, "मैं भाजपा से अनुरोध करता हूं कि वह तुरंत जांच एजेंसी के पास जाएं और इसे सबूत के तौर पर पेश करें। जांच एजेंसी को वीडियो की जांच करनी चाहिए और तथाकथित स्टिंग में कोई सच्चाई होने पर मुझे तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए।"
सिसोदिया ने कहा, "सबसे पहले, उन्होंने मेरे घर पर छापा मारा और कुछ नहीं मिला। इसके बाद, मेरे लॉकर की जाँच की गई वहां भी कुछ भी नहीं था। अब वे एक तथाकथित स्टिंग ऑपरेशन वीडियो लेकर आए हैं।"
उन्होंने लैंडफिल के मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा एक योजना लेकर आई है, जिसे अगर लागू किया गया तो यह राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के लिए खतरनाक होगा।
आप के वरिष्ठ नेता ने दावा किया, "दिल्ली में तीन बड़े लैंडफिल हैं जो पिछले 17 वर्षो में भाजपा के प्रदर्शन को दर्शाते हैं? अब ऐसे 16 और पहाड़ बनाने की साजिश हो रही है। उन्होंने तय किया है कि दिल्ली में 16 लैंडफिल साइट बनाई जाएंगी। जो तीन लैंडफिल साइटों का प्रबंधन नहीं कर सके, वे 16 और बनाने की योजना बना रहे हैं जो राजधानी को नरक जैसी स्थिति में बदल देगा।" (आईएएनएस)|