राष्ट्रीय
पटना, 25 अगस्त | राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद के हनुमान माने जाने वाले भोला यादव के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही तय माना जा रहा था कि राजद की परेशानी बढ़ेगी। कहा जा रहा है कि सीबीआई ने नौकरी के बदले जमीन के मामले में बुधवार को बिहार से लेकर गुरुग्राम तक जो भी छापेमारी की है वह भोला यादव के इनपुट पर ही किए गए हैं। सीबीआई ने जहां भी छापेमारी की है उनमें अधिकांश लालू के अत्यंत करीबी और पूंजीपति लोग बताए जा रहे हैं।
भोला यादव राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के ही नहीं, बल्कि उनके पूरे परिवार में विश्वासी हैं। ये भी कहा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के सभी अच्छे और बुरे कार्यों में वे राजदार रहे हैं।
सूत्रों का मानना है कि भोला यादव ने पूछताछ के दौरान ऐसे राज सीबीआई को बताए हैं जिससे सीबीआई अब तक अनभिज्ञ थी। भोला यादव को सीबीआई ने जुलाई महीने में गिरफ्तार किया था। राजद के कई नेता अभी भी सीबीआई के रडार पर हैं।
आरोप है कि लालू प्रसाद 2004 से 2009 तक जब रेल मंत्री थे। तब ग्रुप डी में नौकरी देने के नाम पर कई लोगों से संपत्ति अपने नाम करवाकर आर्थिक लाभ लिया है। पटना सहित कई इलाकों में रहने वाले लोगों को रेलवे के अलग अलग जोन में नौकरी दी गई थी।
बुधवार के पहले भी सीबीआई इस मामले में राबड़ी आवास सहित विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। बुधवार को राज्य के कई इलाकों में हुई छापेमारी में सीबीआई को क्या हाथ लगा, इसका खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 25 अगस्त (आईएएनएस)| खरीफ की फसल में मानसून की मार झेल रहे किसानों के लिए सरकार अब रबी की फसल के लिए ठोस कदम उठाने जा रही है। इस क्रम में सरकार ने राहत देने के लिए दो लाख किसानों को तोरिया और मक्का बीज के मिनीकिट मुहैया कराने का फैसला लिया है। पिछले दिनों मौजूदा मौसम की बोई गई खरीफ की फसलों पर असर और रबी की संभावनाओं को केंद्र में रखते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में हुई समीक्षा बैठक में कई निर्देश दिए थे। अब इन निर्देशों को अमलीजामा पहनाने का काम कृषि विभाग ने शुरू कर दिया है। सरकार का हर संभव प्रयास यह है कि खरीफ एवं रबी के बीच कृषि क्षेत्र और स्थानीय बाजार की मांग के अनुसार एक अतिरिक्त फसल लेकर किसानों को मौसम से हुई क्षति को न्यूनतम किया जा सके।
राज्य सरकार ने किसानों को त्वरित राहत देने के लिए किसानों को तोरिया और मक्का बीज के मिनीकिट मुहैया कराने का फैसला लिया है। साथ ही कृषि एवं उद्यान विभाग के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस एवं मिनी सेंटर ऑफ एक्सिलेंस किसानों को गोभी, टमाटर, मिर्च आदि सीजनल सब्जियों की बेहतर प्रजाति की अगैती पौध भी उपलब्ध कराएंगे।
मालूम हो कि सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में नियंत्रित तापमान एवं नमी में नर्सरी तैयार की जाती है। लिहाजा, पौधे निरोग होते हैं। किसान नर्सरी डालने के खर्च और उसके जोखिम से बच जाते हैं। गुणवत्ता की गारंटी अलग से होती है। ऐसे में सरकार की यह पहल अगैती सब्जी की खेती करने वालों के लिए काफी मुफीद होगी। पौध उपलब्ध कराने के अलावा सरकार किसानों को सब्जी बीज के किट भी उपलब्ध कराएगी। सिंचन क्षमता के विस्तार के लिए किसानों को अनुदान पर 10 हजार अतिरिक्त सोलर पंप भी मुहैया कराएगी सरकार।
मुख्यमंत्री की बैठक के बाद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी विभागीय अधिकारियों की बैठक में इस बाबत जरूरी निर्देश दे चुके हैं। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, फिलहाल दो लाख किसानों को तोरिया बीज के मिनीकिट बाटने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में मक्के की खेती के लिए भी पर्याप्त मात्रा में 8 किलोग्राम के मिनीकिट की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने और 10 हजार अतिरिक्त सोलर पंपों के लिए किसानों के चयन की प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि रबी की बोआई समय से शुरू हो सके। इसके लिए कृषि निवेशों खाद-बीज और पानी की दिक्कत न आए। पर्याप्त मात्रा में खाद के भंडारण, बीजों की उपलब्धता के भी निर्देश विभागीय मंत्री की ओर से दिए जा चुके हैं।
ज्ञात हो कि ट्यूबवेल की तकनीकी खराबी को हर हाल में 24 से 36 घंटे के भीतर ठीक करा दिया जाए। जहां ट्यूबवेल पर निर्भरता ज्यादा है, वहां बिजली पर निर्भरता कम करने के लिए सौर पैनल लगाया जाना चाहिए। यही नहीं, उनकी ओर से बकाये में बिजली न काटने का भी निर्देश दे चुके हैं।
नोएडा, 25 अगस्त (आईएएनएस)| नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर में ब्लास्ट के बाद निकलने वाले मलबे को साफ कर फिर से पार्क बनाया जायेगा। एमराल्ड का जो नक्शा नोएडा प्राधिकरण ने पास किया था, उसमें दोनों टावर के स्थान पर ग्रीनरी को दिखाया गया है। ये तय किया गया है कि टावर गिरने के बाद फिर से वहां पार्क बनाया जायेगा। ट्विन टावर देश का सबसे ऊंचा टावर है, जिसे गिराया जाएगा। इससे पहले विदेशों में कई और ऊंचे टावर गिराए जा चुके हैं। इसके पहले न्यूयार्क की सिंगर बिल्डिंग, जो 187 मीटर ऊंची थी जिसमें 47 मंजिलें थीं, गिरा दी गई। जोहान्सगर्ब की 108 मीटर ऊंची इमारत को भी ध्वस्त किया गया था। ट्विन टावर को ध्वस्त करने के बाद करीब 60 हजार टन मलबा निकलेगा। इसमें 4 हजार टन सरिया और स्टील होगी, जिसे अलग किया जाएगा। यह करीब 30 हजार टन बेसमेंट को भरने में प्रयोग होगा। शेष 30 हजार टन के आस-पास मलबे का निस्तारण किया जाएगा।
प्रशासन द्वारा ये फैसला लिया गया है कि सेक्टर-80 में प्राधिकरण का सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट है। इसकी क्षमता रोजाना की 3 सौ मीट्रिक टन की है। यहां डंपर से मलबे को लाकर निस्तारित कराया जाएगा। इससे यहां रि-साइकिल कर सीमेंट और टाइल्स बनाई जाएंगी। दोनों ही तरीकों से करीब 20 डंपर रोजाना मलबे को लेकर जाएंगे। बताया गया कि प्राधिकरण ने सीएंडडी वेस्ट प्लांट को लेकर हरी झंडी दी है।
नई दिल्ली, 24 अगस्त | प्रशासकों की समिति (सीओए) की समाप्ति के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) की मांग पर रिटनिर्ंग आफिसर ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की कार्यकारी समिति के चुनाव के लिए नई तारीखें जारी की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि एआईएफएफ की कार्यकारी परिषद (ईसी) में 23 व्यक्ति शामिल होंगे। 17 सदस्य (अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित) निर्वाचक मंडल द्वारा चुने जाएंगे, जिसमें राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले 35 संघ शामिल होंगे। केंद्र शासित प्रदेशों और छह सदस्यों को प्रतिष्ठित खिलाड़ियों से लिया जाएगा - जिसमें चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल होंगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, रिटनिर्ंग आफिसर उमेश शर्मा ने कहा कि चुनाव 2 सितंबर को दिल्ली में एआईएफएफ मुख्यालय में होगा और परिणाम 2 या 3 सितंबर को घोषित किए जा सकते हैं।
रिटनिर्ंग आफिसर ने बताया कि पदों के लिए नामांकन 25 से 27 अगस्त के बीच और छंटाई 28 अगस्त को की जाएगी।
उम्मीदवारों के पास 29 अगस्त को नामांकन वापस लेने का मौका होगा, जबकि रिटनिर्ंग अधिकारी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अंतिम सूची तैयार कर 30 अगस्त को एआईएफएफ की वेबसाइट पर डालेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एआईएफएफ के मामलों के प्रबंधन के लिए सीओए के जनादेश को समाप्त कर दिया और चुनाव भी स्थगित कर दिया, जो पहले 28 अगस्त को एक सप्ताह के लिए निर्धारित था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह फीफा द्वारा एआईएफएफ पर लगाए गए निलंबन और भारत में अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 के आयोजन को रद्द करने के अपने पिछले आदेशों को संशोधित कर रहा है। (आईएएनएस)|
जम्मू, 24 अगस्त | जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अपनी पत्नी की कथित तौर पर हत्या करने वाले एक पुलिसकर्मी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कहा कि कठुआ में जिला पुलिस लाइन में तैनात विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) मोहन लाल पिछले तीन दिनों से छुट्टी पर थे।
वह अपनी 32 वर्षीय पत्नी आशा देवी की बेरहमी से हत्या करने के बाद मंगलवार को बिलावर तहसील के धरलता गांव में अपने आवास से भाग गया।
एसपीओ ने पारिवारिक कलह के कारण अपनी पत्नी की हत्या कर दी जिसके बाद वह भाग गया। उसकी दो बेटियां हैं और उसकी पत्नी हत्या के वक्त गर्भवती थी। पुलिस ने कहा, "एसपीओ को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।" (आईएएनएस)|
बेंगलुरु, 24 अगस्त | कर्नाटक हाई कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम अधिनियम (पॉक्सो) के प्रावधान के तहत दर्ज एक मामले को खारिज करते हुए आरोपी और पीड़िता की शादी को बरकरार रखा है। पीठ ने मंगलवार को कहा कि घटना तब हुई जब पीड़िता 17 साल की थी। हालांकि, उसने 18 साल की होने के बाद आरोपी से शादी की थी। शादी के बाद एक बच्चा भी हुआ।
न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित नहीं कर पाया है।
पीठ ने आरोपियों के खिलाफ अभियोजन पक्ष की दलीलों को मानने से इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि मामले को समाप्त करना उचित है, क्योंकि पक्षों के बीच सहमति है। आरोपी और पीड़िता शादीशुदा हैं और उनका एक बच्चा भी है।
पीठ ने कहा कि इस समय उन्हें शादीशुदा जीवन से अलग करना न्यायसंगत नहीं है।
2019 में पीड़िता के पिता ने उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। जांच के दौरान पीड़िता आरोपी के साथ मिली।
लड़की के यह कहने के बावजूद कि वह अपनी इच्छा से आरोपी के साथ गई थी, उसके परिवार ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया था।
चूंकि लड़की नाबालिग थी, इसलिए पुलिस ने उसके खिलाफ पॉक्सो का मामला दर्ज किया।
18 महीने की कैद की सजा काटने के बाद लड़के को जमानत मिल गई। प्रेमी जोड़े ने नवंबर 2020 में शादी की थी। (आईएएनएस)|
मुंबई, 24 अगस्त | विजय देवरकोंडा और अनन्या पांडे-स्टारर फिल्म 'लाइगर' अपनी रिलीज के करीब है, फिल्म की निर्माता चार्मी कौर ने फिल्म में मुक्केबाज माइक टायसन को कास्ट करने के बारे में खुलासा किया है। चार्मी कौर ने 'मिड-डे' से कहा, "हमको माइक टायसन को साइन करने में 2 साल लग गए, कोविड-19 हमेशा बीच में आ जाता था, परंतु हमने बातचीत जारी रखी और आखिरकार हमने उन्हें साइन कर लिया।"
"इस सबके बीच बहुत बुरी बात यह थी कि हम अमेरिका नही जा सकते थे और वह भारत नही आ सकते थे, चूंकि भारत रेड जोन में था।"
"लेकिन, देवरकोंडा, जगन्नाथ और कौर ने उम्मीद नहीं छोड़ी। जैसे ही स्थिति में सुधार हुआ और पहली लहर के बाद चीजें सामान्य होने लगीं, 2020 के अंत में टायसन की टीमों के साथ बातचीत फिर से शुरू की।"
"इस सबके बाद माइक टायसन ने काम करने के लिए हां कह दिया और फिर मैंने एक टीम बनाई फिर काम शुरु हो गया। आखिरकार फिल्म बनके तैयार हो गई।" (आईएएनएस)|
लखनऊ, 24 अगस्त | सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की आजमगढ़ जेल में बंद सपा विधायक रमाकान्त यादव से मुलाकात के बाद बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा आपराधिक तत्वों की संरक्षक पार्टी है।
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख द्वारा आजमगढ़ जेल जाकर वहां कैद पार्टी के बाहुबली विधायक रमाकान्त यादव से मिलकर उनसे सहानुभूति व्यक्त करने पर हर तरफ से तीखी प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है, जो इस आम धारणा को भी प्रबल करता है कि सपा इन्हीं प्रकार के आपराधिक तत्वों की संरक्षक पार्टी है।
उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न संगठनों व आम लोगों द्वारा भी सपा प्रमुख से यह सवाल पूछना क्या अनुचित है कि वे मुस्लिम नेताओं से मिलने जेल क्यों नहीं जाते हैं, जबकि उनका ही आरोप है कि यूपी बीजेपी सरकार में सपा नेताओं को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल में कैद रखा जा रहा है।
गौरतलब है कि लोकसभा उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद पहली बार सपा प्रमुख अखिलेश यादव आजमगढ़ पहुंचे थे और यहां उन्होंने इटौरा जेल में बंद सपा मुखिया से बाहुबली विधायक रमाकांत यादव से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं जेल से निकलने के बाद अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर निशाना भी साधा था। कहा था कि भाजपा सरकार विपक्षियों को परेशान करने का काम कर रही है। फर्जी मुकदमों में नेताओं को जेल भेजा जा रहा है। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 24 अगस्त | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ से वर्चुअल माध्यम से पुलिस विभाग के 144 आवासीय और गैर आवासीय भवनों का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह के अवसर पर, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें दुनिया के सबसे बड़े पुलिस बल को 260 करोड़ रुपये की इन 144 परियोजनाओं को सौंपकर बेहद खुशी हुई है।
"मुझे खुशी है कि पांच साल के भीतर किए गए कार्यों का परिणाम हम सभी के सामने है। पांच साल पहले उत्तर प्रदेश की छवि एक ऐसे राज्य के रूप में थी, जिसे दुनिया और देश में बीमारू राज्य के रूप में गिना जाता था, जहां खराब कानून व्यवस्था के कारण विकास पर ध्यान नहीं दिया गया।"
पिछली सरकारों का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि हर तीसरे दिन हो रहे दंगों के कारण राज्य के बारे में लोगों की धारणा बहुत खराब है। उद्योग और व्यापारी परेशान हैं और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
आगरा के 18 थानों में नवनिर्मित छात्रावासों, बैरकों एवं चर्चा कक्षों का आनलाइन उद्घाटन किया गया। बैरक और छात्रावासों में 532 पुलिसकर्मियों को ठहराने की सुविधा है। ग्राउंड फ्लोर पर महिला कर्मियों के ठहरने की अलग से व्यवस्था है। पहली और दूसरी मंजिल पर पुलिसकर्मियों के लिए हॉल हैं। बैरक में एक किचन भी है।
कौशांबी में कोखराज थाने के नए भवन का वर्चुअल उद्घाटन भी किया गया।
अलीगढ़ की तीन परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया गया है। इसमें लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित छात्रावास भी शामिल है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 24 अगस्त | लगभग 80 प्रतिशत शॉर्ट और मध्यम उद्यम (एसएमई) इकाईयों को वर्ष की तीसरी तिमाही में अच्छे ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। एसोचैम-डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के लेटेस्ट उद्योग सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वेक्षण में भाग लेने वाले छोटे व्यवसाय 2022 के कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में अपनी क्षमता उपयोग को 60 प्रतिशत तक बढ़ाने का इरादा रखते हैं, जो कि 2022 की दूसरी तिमाही में 55 प्रतिशत से अधिक है।
नए निवेश के संबंध में आशावाद कमोबेश बरकरार रहा, जिसमें 75 प्रतिशत एसएमई ने अपने निश्चित पूंजी निवेश में वृद्धि की आशंका जताई। सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि यह दूसरी तिमाही में दर्ज 77 प्रतिशत से थोड़ा कम था, लेकिन मजबूत बना रहा।
आरबीआई मुद्रास्फीति पर लगाम कसने के लिए जहां मौद्रिक नीति को सख्त कर रहा है, वहीं एसएमई को ऋण की उपलब्धता के संबंध में कोई चिंता नहीं है। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, "अच्छी बात यह है कि लेटेस्ट आरबीआई क्रेडिट पॉलिसी स्टेटमेंट ने आश्वासन दिया है कि सिस्टम में पर्याप्त तरलता बनी रहेगी।" उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी त्योहारी सीजन से पहले बैंक एसएमई की कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करना जारी रखेंगे।
सूद ने कहा कि यह सुनिश्चित करना निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों की बड़ी कंपनियों पर निर्भर है कि उनके एसएमई विक्रेताओं को समय पर भुगतान किया जाता है ताकि भुगतान और प्राप्ति चक्र सुचारू और निर्बाध बना रहे।
सूद ने कहा, "यह एसएमई की कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को समय पर पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर जब विनिर्माण और सेवाओं दोनों में और विशेष रूप से एसएमई के लिए त्योहारी सीजन में तेजी से रिकवरी का वादा किया जाता है।"
सर्वेक्षण के अनुसार, 79 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अनुमान लगाया कि तीसरी तिमाही में ऋण की पहुंच सामान्य होगी, जो पिछली तिमाही से एक प्रतिशत अधिक है। यह हाल के महीनों में ब्याज दरों में वृद्धि और निकट भविष्य में इसे जारी रखने के बावजूद है। (आईएएनएस)|
मुंबई, 24 अगस्त | महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार सुबह विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) विधायकों को सत्तापक्ष के शिंदे गुट में विवाद छिड़ गया और बाद में उनके बीच धक्का-मुक्की तक हो गई। विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एमवीए विधायकों ने शिंदे गुट के कुछ विधायकों को घेर लिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हो गई।
शिंदे गुट के विधायक दिलीप लांडे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अमिल मितकारी ने एक-दूसरे को धक्का दिया और हाथापाई की।
शिंदे समूह के विधायकों ने भी शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के आरोपों का विरोध करने के लिए अपने ही नारे और पोस्टर लहराते हुए पलटवार किया, जिससे सदन के बाहर शोर-शराबा हुआ।
शिंदे गुट के विधायकों ने जवाब में कहा, "बीएमसी खोके, मातोश्री ओके, (सचिन) वाजे खोके, शिवसेना ओके, लवासा खोके, बारामती ओके।"
इससे एक दिन पहले शिंदे ने विपक्ष को चेतावनी दी थी कि वह उन लोगों के रिकॉर्ड को उजागर कर सकते हैं, जो उन्हें और उनके शिवसेना के बागी विधायकों के समूह को निशाना बना रहे हैं। इस पर विपक्ष के नेता अजीत पवार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीएम के बयानों से विपक्ष को ठेस पहुंचा है।
विपक्ष ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित शिंदे सरकार को 'गद्दार', '50 करोड़ रुपये, बहुत ठीक', 'तव वटी, चाओ गुवाहाटी' (कटोरा लो, गुवाहाटी जाओ) और 'ईडी जिसकी मम्मी, वो सरकार निकम्मी' जैसे नारों के साथ परेशान किया।
17 अगस्त को विधानसभा सत्र की शुरुआत के बाद से रोजाना विरोध और नारेबाजी चलती रही है, जिसे व्यापक मीडिया कवरेज मिलता रहा है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 24 अगस्त | सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से सवाल किया कि वह मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा दिए जाने वाले मुफ्त उपहारों के प्रभाव की जांच के लिए एक समिति क्यों नहीं बना सकती है? इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार मामले की जांच के लिए सर्वदलीय बैठक भी बुला सकती है।
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सी. टी. रविकुमार के साथ प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, "भारत सरकार मुफ्त के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन क्यों नहीं कर सकती?" इस पर मेहता ने जवाब दिया कि केंद्र हर मामले में मदद करेगा और तरीके और मुद्दे से जुड़े आंकड़े और अन्य जानकारी को शीर्ष अदालत के समक्ष रखा जा सकता है।
मेहता ने कहा कि एक रेखा खींची जानी चाहिए, जहां कोई व्यक्ति कहे 'कृपया ऐसा न करें'। प्रधान न्यायाधीश ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि समिति का प्रमुख कौन होगा। न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि अगर वह चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें 10 वोट भी नहीं मिलेंगे, क्योंकि राजनीतिक दल अधिक मायने रखते हैं न कि व्यक्ति।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जैसे न्यायमूर्ति आर. लोढ़ा, मुफ्त उपहारों के मुद्दों की जांच करने वाली समिति के अध्यक्ष होने चाहिए। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने जवाब दिया, "जो व्यक्ति सेवानिवृत्त होता है या सेवानिवृत्त होने वाला है, उसका इस देश में कोई मूल्य नहीं है।" सिंह ने कहा कि यह संबंधित व्यक्ति का व्यक्तित्व है, जो प्रभावित करता है।
भारत के चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने मुफ्तखोरी (फ्रीबी) की परिभाषा पर सवाल उठाया और कहा कि अगर घोषणापत्र में कुछ है, तो क्या इसे फ्रीबी कहा जा सकता है? दातार ने कहा कि मुफ्त उपहारों के आर्थिक प्रभाव का आकलन करने के लिए पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है।
पीठ ने माना कि मुफ्तखोरी अर्थव्यवस्था को नष्ट कर सकती हैं। इसे देखा जाना चाहिए और अदालत सिर्फ एक परमादेश पारित नहीं कर सकती है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "भारत सरकार सर्वदलीय बैठक बुला सकती है।"
अदालत में मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करने वाले राजनीतिक दलों की ओर इशारा करते हुए, मेहता ने कहा कि पार्टियां मौलिक अधिकारों का दावा करती हैं, और सरकार क्या करेगी? आम आदमी पार्टी (आप) ने मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए दावा किया कि उसे संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार है, जिसमें चुनावी भाषण और दलितों के उत्थान के वादे शामिल हैं।
सिंह ने प्रस्तुत किया कि सुब्रमण्यम बालाजी बनाम तमिलनाडु सरकार में शीर्ष अदालत के 2013 के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है। इस फैसले में, शीर्ष अदालत ने माना था कि चुनावी घोषणा पत्र में राजनीतिक दलों द्वारा किए गए वादे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 के अनुसार 'भ्रष्ट आचरण' नहीं होंगे।
विस्तृत दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
शीर्ष अदालत अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र और भारत के चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के चुनाव घोषणापत्र को विनियमित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई थी और राजनीतिक दलों द्वारा मतदान के दौरान मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए मुफ्त उपहार देने या वादा करने की प्रथा का भी विरोध किया गया था।
पिछली सुनवाई में, शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों, विपक्षी राजनीतिक दलों, भारत के चुनाव आयोग, वित्त आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक, नीति आयोग, आदि के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक विशेषज्ञ पैनल का गठन करने का सुझाव दिया था। (आईएएनएस)|
कोलकाता, 24 अगस्त| पश्चिम बंगाल सरकार के आगामी त्योहारी सीजन के लिए पंजीकृत समुदायों को 60,000 रुपये देने के फैसले के खिलाफ बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में वकीलों के एक संघ द्वारा दायर जनहित याचिका में, याचिकाकर्ताओं ने पंजीकृत पूजा समितियों को इतनी बड़ी राशि देने के पीछे तर्क पर सवाल उठाया है और विशेष रूप से जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद स्वीकार किया है कि राज्य आर्थिक तंगी से गुजर रहा है।
खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार कर लिया है और मुख्य न्यायाधीश ने खुद आश्वासन दिया है कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक के आधार पर की जाएगी। 26 अगस्त 2022 को मामला और गंभीर होने की संभावना है।
22 अगस्त को, विभिन्न सामुदायिक पूजा समितियों के प्रतिनिधियों के साथ एक प्रारंभिक बैठक में, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस वर्ष राज्य सरकार 43,000 पंजीकृत पूजा समितियों में से प्रत्येक को 60,000 रुपये की राशि का भुगतान करेगी। पिछले त्योहारी सीजन में यह राशि 50,000 रुपये थी।
साथ ही, उन्होंने घोषणा की कि वह राज्य में बिजली वितरण कंपनियों से पूजा समुदायों को बिजली बिलों पर 60 प्रतिशत की छूट देने का अनुरोध करेंगी।
घोषणा करते समय, मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया कि राज्य को अपने बकाया का भुगतान करने में केंद्र सरकार की अनिच्छा के बाद गंभीर नकदी संकट का सामना करने के बावजूद वह यह निर्णय ले रही है।
विपक्षी दलों ने इस घोषणा को अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए सामुदायिक पूजा क्लबों के सदस्यों को विश्वास में रखने के लिए एक कदम के रूप में वर्णित किया। अर्थशास्त्रियों ने भी इस फैसले की आलोचना की, विशेष रूप से ऐसे समय में जब राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) अनुपात का ऋण 30 प्रतिशत से अधिक के खतरनाक स्तर पर मंडरा रहा है। (आईएएनएस)|
रुद्रप्रयाग, 24 अगस्त | पहाड़ों में मॉनसून अंतिम चरण में है, लेकिन अंतिम चरण में मॉनसून आफत बनकर बरस रहा है। जगह-जगह बादल फटने के कारण भारी नुकसान हो रहा है। रुद्रप्रयाग के दूरस्थ क्षेत्र जखोली के घरड़ा गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। यहां बहने वाली हिलाउं नदी उफान पर आ गई है। हिलाउं नदी के उफान पर आने से त्यूंखर गांव में ग्रामीणों की हजारों हेक्टेयर भूमि तबाह हो गई है। लगातार हो रही बारिश के कारण ग्रामीण भयभीत हैं। पहाड़ों में अभी भी बारिश लगातार जारी है।
पहाड़ों में मॉनसून की बारिश आफत बनकर बरस रही है। रुद्रप्रयाग जनपद के त्यूंखर और घरड़ा गांव में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। घरड़ा गांव में बादल फटने के कारण जहां ग्रामीणों की हजारों हेक्टेयर भूमि तबाह हो गई है। वहीं, ग्रामीणों के घरों में भी मलबा घुस गया है। ग्रामीणों ने किसी रात के समय अपनी जान बचाई। उधर त्यंखर गांव में कई आवासीय भवनों के अलावा गौशालाओं को भी क्षति पहुंची है। भारी बारिश और बादल फटने के कारण हिलाउं नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है।
घरड़ा गांव के काश्तकारों की हजारों हेक्टेयर सिंचित भूमि तबाह हो गई है। गांव में नदी किनारे स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर का भी आधा हिस्सा नदी के तेज बहाव में बह गया है। रात के समय मंदिर के पुजारी ने किसी तरह से अपनी जान बचाई। मंदिर और गांव को जोड़ने वाले पुल भी आपदा की भेंट चढ़ गये हैं। इसके अलावा भैरवनाथ मंदिर भी नदी में बह गया है। लगातार हो रही बारिश के बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल है और ग्रामीण भयभीत हैं।
मार्ग बंद: जिले के विकाखंड जखोली के विभिन्न गांवों में आपदा से भारी नुकसान हुआ है। दूसरी तरफ तिलवाड़ा मयाली घनसाली राज्य मार्ग भी मरडीगाड़ के पास गदेरे के उफान पर आने से बंद हो गया है। यहां सड़क किनारे बना एक ढाबा भी गदेरे के उफान पर आने से बह गया है। राज्य मार्ग बंद होने से दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंस गए हैं। इसके अलावा जखोली क्षेत्र में आपदा राहत बचाव कार्य के लिए जा रहे एनडीआरएफ एवं आपदा प्रबंधन की टीम भी मौके पर फंसी हुई है। लोक निर्माण विभाग रुद्रप्रयाग की ओर से जेसीबी मशीन राज्य मार्ग पर आए मलबे को साफ करने में जुटी है, जो नाकाफी साबित हो रही है।
बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में देर रात मूसलाधार बारिश के चलते भारी तबाही मची है। भारी बारिश के कारण विकासखंड जखोली के त्यूंखर, घरड़ा, मखेत, पैंयाताल, लौंग, सकलाना, कोट, जाखाल, मरड़ीगाड़ सहित कई गांवों में सैकड़ों नाली कृषि भूमि तबाह हो गई है। साथ ही ग्रामीणों के आवासीय भवन, गौशाला एवं शौचालयों को भी भारी क्षति पहुंची है। वहीं, जखोली क्षेत्र को जोड़ने वाला तिलवाड़ा-मयाली-घनसाली राज्य मार्ग के साथ अन्य लिंक मार्ग जगह-जगह टूटने से आवाजाही में भारी दिक्कतें हो रही हैं।
विधायक ने किया अनसुना: तिलवाड़ा-मयाली राज्य मार्ग के मरड़ीगाढ़ में गदेरा उफान पर आने से राज्य मार्ग पर भारी मलबा जमा हो गया है। साथ ही यहां किनारे बना एक ढाबा भी बह गया है। मौके पर बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं। जखोली क्षेत्र में आपदा राहत बचाव कार्य के लिए जा रहे एनडीआरएफ एवं आपदा प्रबंधन की टीम भी राज्य मार्ग के बंद होने से मौके पर फंसे हुए हैं। मौके से गुजरे रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी को भी लोगों ने समस्या बताई। लेकिन विधायक उनकी मांगों को अनसूना कर गए। लोगों का आरोप है कि विधायक ने उनकी कुछ नहीं सुनी और सीधे निकल गए।
कोटद्वार में भारी बारिश से मार्ग बंद:
पौड़ी के कोटद्वार में देर रात भारी बारिश के चलते कोटद्वार के निचले स्थानों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। लैंसडाउन डिवीजन में 10 सड़क मार्ग, लोक निर्माण विभाग दुगड्डा में 11 सड़क मार्ग, पीएमजीएसवाई कोटद्वार डीविजन में 11 सड़क मार्ग भारी बारिश के कारण बंद हैं। कोटद्वार में देर रात लगभग 42 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। कोटद्वार के कौड़ियां देवरामपुर देवी नगर में जल भराव से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। (आईएएनएस)|
दीमापुर, 24 अगस्त | केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि नागालैंड के पास विशाल संसाधन हैं और उसे निवेश के लिए अच्छे एक्सपोजर की जरूरत है।
पूर्वोत्तर राज्य के तीन दिवसीय दौरे के बाद, केंद्रीय वित्त मंत्री ने दीमापुर में कहा कि उद्योग उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने के लिए नागालैंड आ सकते हैं।
उन्होंने राज्य का दौरा खत्म होने पर दिल्ली निकलने से पहले मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, "वित्त मंत्रालय की ओर से, हम सभी जिलों में पर्याप्त अतिरिक्त बैंक देखेंगे। मोबाइल बैंकिंग सुविधाओं के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है। नागालैंड के विभिन्न जिलों में 271 बैंक शाखाएं काम कर रही हैं, जिसमें दीमापुर में 94 शाखाएं हैं।"
सीतारमण ने कहा, "नगालैंड की राजधानी कोहिमा में मंगलवार को बैंकर्स कॉन्क्लेव और क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम में, मैंने बैंकरों को उन जिलों में और शाखाएं खोलने के लिए कहा है, जहां पर्याप्त संख्या में बैंक शाखाएं नहीं हैं। सरकार चाहती है कि सभी लोगों का वित्तीय समावेश हो और सभी सरकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र लोगों तक पहुंचे।"
केंद्र ने नागालैंड की कैसे मदद की, इसका विवरण देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कर हस्तांतरण के तहत, राज्य को 2014-2019 में 13,782 करोड़ रुपये मिले, जबकि 2009-2014 में इसे 3,844 करोड़ रुपये ही मिले थे।
उन्होंने कहा कि अनुदान और सहायता की श्रेणी के तहत, नागालैंड को 2009-2014 के दौरान 20,812 करोड़ रुपये के मुकाबले 2014-2019 में 29,483 करोड़ रुपये मिले।
चालू वित्त वर्ष (2022-23) में राज्य को 4,773 करोड़ रुपये का वित्त आयोग अनुदान मिला।
मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान, नागालैंड सहित सभी राज्यों को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष वित्तीय सहायता मिली और वित्तीय सहायता से राज्यों को बड़ी मदद मिली।
बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भी सभी राज्यों को 1 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि नई योजना - पूर्वोत्तर के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन)- के तहत नागालैंड 1,600 करोड़ रुपये तक की पूंजीगत व्यय परियोजनाओं को प्रस्तुत कर सकता है।
सीतारमण ने फरवरी में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए, पीएम-डिवाइन की घोषणा की थी, जिसे उत्तर-पूर्वी परिषद के माध्यम से लागू किया जाएगा और नई योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन आवंटित किया गया था।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन परियोजनाओं के तहत, 38 में से 17 को नागालैंड में पूरा किया गया और अकेले कोहिमा शहर को मिशन के तहत 245 करोड़ रुपये मिले।
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने नागालैंड की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान बैंकर्स कॉन्क्लेव और क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम और नागालैंड की राजधानी कोहिमा में नागालैंड कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) और इन्वेस्टमेंट कॉन्क्लेव 2022 में भाग लिया।
उन्होंने राज्य भर के सभी लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए पीएम-किसान और प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना सहित केंद्र सरकार की सभी योजनाओं की आवश्यकता पर भी बल दिया। (आईएएनएस)|
भादोही, 24 अगस्त | उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के एक पूर्व ग्राम प्रधान पर एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर मारपीट करने और उसे जातिसूचक गालियां देने का मामला दर्ज किया गया है। मामला दर्ज करने वाले चौरी थाना के प्रभारी गिरिजा शंकर यादव ने बताया कि घटना मानिकपुर गांव के एक स्कूल की है। उन्होंने पूर्व ग्राम प्रधान की पहचान मनोज कुमार दुबे के रूप में की।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, दुबे सोमवार को स्कूल में छात्रों के साथ बातचीत कर रहे थे और उन्होंने पाया कि आठवीं कक्षा की छात्रा ने स्कूल की निर्धारित ड्रेस नहीं पहनी हुई थी।
यादव ने कहा, "उसके सवाल का जवाब देते हुए, लड़की ने कहा कि जब उसके पिता उसके लिए ड्रेस खरीद लेंगे तब वह पहन कर आएगी। लड़की के जवाब ने दुबे को नाराज कर दिया, जिसने कथित तौर पर उसकी पिटाई की, उस पर जातिवादी टिप्पणी की और उसे स्कूल से बाहर कर दिया।"
यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा) के साथ-साथ अनुसूचित जाति, जनजाति (रोकथाम) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए तलाश शुरू कर दी गई है। (आईएएनएस)|
पटना, 24 अगस्त | विजय कुमार सिन्हा के बुधवार को अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद बिहार विधानसभा की कार्यवाही का संचालन उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी करेंगे।
सिन्हा द्वारा इस्तीफा देने और सदन छोड़ने के तुरंत बाद बिहार विधानसभा की कार्यवाही संचालित करने के लिए जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक नरेंद्र नारायण यादव के नाम की घोषणा की गई। इसको लेकर काफी हंगामा हुआ।
विजय कुमार सिन्हा ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने स्पीकर की कुर्सी से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह सदन के कानून के तहत गलत है। उन्होंने कहा कि डिप्टी स्पीकर की अनुपस्थिति में ही स्पीकर की कुर्सी किसी विधायक को सौंपना जायज है।
चौधरी ने कहा, उपसभापति सदन में मौजूद थे और उनकी उपस्थिति में, यदि कोई विधायक उनकी मंजूरी के बिना विधानसभा की कार्यवाही चलाएगा तो यह कानून के खिलाफ होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और अन्य नेताओं ने डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी से नए स्पीकर के चुने जाने तक सदन चलाने का अनुरोध किया।
इस्तीफे के बाद, विजय कुमार सिन्हा ने कहा, मैं अपनी पार्टी का एक समर्पित कार्यकर्ता हूं और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा निर्धारित भूमिका निभाने के लिए तैयार हूं। (आईएएनएस)|
प्रयागराज, 24 अगस्त | इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे को उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 419 और 420 के तहत दर्ज मामले में अग्रिम जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता की पीठ ने उन्हें एक निजी मुचलके और समान राशि में मुकदमे की समाप्ति तक अग्रिम जमानत दे दी।
आवेदक के वकील, प्रभा शंकर मिश्रा ने बताया कि आवेदक निर्दोष है और उसे वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है और उसने कभी भी कोई अपराध नहीं किया है जैसा कि प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है।
आगे यह भी निवेदन किया गया कि पूर्व में आरोप पत्र दाखिल होने तक उन्हें अग्रिम जमानत दी गई थी और जांच के दौरान उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया था, लेकिन जांच अधिकारी ने इस तथ्य की अनदेखी करते हुए और बिना ठोस और विश्वसनीय सबूत एकत्र किए और उनके खिलाफ आरोप पत्र जमा कर दिए।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में पूरी आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
न्यायमूर्ति शमीम अहमद की पीठ ने उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि धारा 419, 420 आईपीसी के तहत अपराध के लिए सामग्री पूरी तरह से उनके खिलाफ बनाई गई है।
इसके बाद, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत के लिए आवेदन करने के उद्देश्य से निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए सात दिन का समय दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए, उन्होंने अदालत के समक्ष एक आवेदन दिया था, जहां उसका मुकदमा लंबित था, जिसमें कहा गया था कि उपयुक्त अदालत में मुकदमा नहीं चल रहा था।
बता दें, विकास दुबे, 3 जुलाई, 2020 के बिकरू कांड का मुख्य आरोपी था, जिसमें उसके घर पर छापा मारने गए आठ पुलिस कर्मियों को उसने और उसके लोगों ने गोली मार दी थी। घटना के एक हफ्ते के अंदर ही पुलिस ने लगातार मुठभेड़ में विकास दुबे और उसके गिरोह के पांच सदस्यों को मार गिराया था। (आईएएनएस)|
काईद नाजमी
मुंबई, 24 अगस्त | महाराष्ट्र विधानसभा मंडल भवन बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थक शिवसेना के बागी गुट और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के विधायकों के बीच धक्का-मुक्की और गाली-गलौज के अभूतपूर्व नजारे का साक्षी बना।
एमवीए सदस्यों ने जब शिंदे गुट को 'गद्दार' कहा और '50 खोके' (50 करोड़ रुपये) कहकर चिढ़ाया तो शिंदे समर्थक विधायकों ने पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई की।
मानसून सत्र के चौथे दिन शिंदे गुट के कुछ विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे एमवीए विधायकों को घेर लिया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की हुई।
शिंदे गुट के विधायक दिलीप लांडे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अमोल मितकारी ने एक-दूसरे पर धावा बोल दिया। दोनों के बीच धक्का-मुक्की हुई।
शिंदे गुट के विधायकों ने भी शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के आरोपों का मुकाबला करने के लिए अपने ही नारे और पोस्टर लहराते हुए सदन के बाहर जाकर हंगामा किया।
शिंदे समूह के विधायकों ने भी शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के आरोपों का विरोध करने के लिए अपने ही नारे और पोस्टर लहराते हुए पलटवार किया, जिससे सदन के बाहर शोर-शराबा हुआ।
इससे एक दिन पहले शिंदे ने विपक्ष को चेतावनी दी थी कि वह उन लोगों के रिकॉर्ड को उजागर कर सकते हैं, जो उन्हें और उनके शिवसेना के बागी विधायकों के समूह को निशाना बना रहे हैं। इस पर विपक्ष के नेता अजीत पवार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीएम के बयानों से विपक्ष को ठेस पहुंचा है।
विपक्ष ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित शिंदे सरकार को 'गद्दार', '50 करोड़ रुपये, बहुत ठीक', 'तव वटी, चाओ गुवाहाटी' (कटोरा लो, गुवाहाटी जाओ) और 'ईडी जिसकी मम्मी, वो सरकार निकम्मी' जैसे नारों के साथ परेशान किया।
शिंदे गुट के विधायकों ने जवाब में कहा, "बीएमसी खोके, मातोश्री ओके, (सचिन) वाजे खोके, शिवसेना ओके, लवासा खोके, बारामती ओके।"
विधायक महेश शिंदे और मितकारी दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ सीएम शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर के पास अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें सीसीटीवी फुटेज की जांच करके घटना की जांच की मांग की गई है। कहा गया कि यहां तक कि हाथापाई के दौरान एक महिला पत्रकार को भी धकेल दिया गया।
विपक्ष के नेता अजीत पवार, राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, शिवसेना नेता किशोर तिवारी, कांग्रेस की यशोमती ठाकुर और विभिन्न दलों के अन्य नेताओं ने शिंदे गुट पर 'लोकतांत्रिक विरोध को कुचलने और विपक्ष को चुप कराने' का प्रयास करने का आरोप लगाया।
पवार ने गंभीर रूप से कहा, "50 खोके पर हमारे आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है.. इसलिए उन्होंने इस तरह की प्रतिक्रिया दी है।"
जयंत पाटिल ने कहा कि पूरे देश ने शिंदे गुट के विधायकों के असभ्य व्यवहार को देखा है और मतदाता उन्हें माफ नहीं करेंगे, जबकि मितकारी ने यह जानने की मांग की कि क्या विपक्षी विधायकों को 'खत्म' किया जाएगा?
भरत गोगावले और दिलीप लांडे सहित शिंदे गुट के अन्य सांसदों ने कहा कि वे 'बालासाहेब ठाकरे के वफादार शिवसैनिक' हैं और वे विरोधियों को सबक सिखाने से पीछे नहीं हटेंगे। वहीं, महेश शिंदे ने दावा किया कि विपक्षी एमवीए परेशान करने की कोशिश कर रहा है। (आईएएनएस)|
तिरुवनंतपुरम, 24 अगस्त | केरल सरकार ने मुस्लिम समेत कई संगठनों की आपत्तियों के बाद स्कूलों में लड़के-लड़कियों के साथ बैठने की व्यवस्था को लागू नहीं करने का फैसला किया है। जेंडर न्यूट्रल सीटिंग शिक्षा क्षेत्र में किए जाने वाले सुधारों के प्रारंभिक मसौदे का एक हिस्सा है।
विरोध के मद्देनजर, पहले से घोषित जेंडर न्यूट्रल सीटिंग व्यवस्था को हटाना पड़ा। अब जो नया मसौदा आया है उसमें ये विवादास्पद सुझाव नहीं है।
बुधवार को विवादास्पद सुझाव को हटाए जाने की खबर सामने आने के बाद मुस्लिम संगठन ने इसका स्वागत किया है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)| पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में बुधवार को एक कूरियर कार्यालय में भीषण आग लग गई। अधिकारियों ने कहा कि आग की चपेट में आने से फर्म का एक कर्मचारी घायल हुआ है। दमकल विभाग के अनुसार दोपहर एक बजे उन्हें एक कूरियर कंपनी के कार्यालय में आग लगने की सूचना मिली। शुरूआत में दमकल की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंची और बाद में दमकल की चार और गाड़ियां भी वहां पहुंच गईं।
अधिकारी ने कहा, "दोपहर 2:40 बजे तक हमने आग पर काबू पा लिया। बचाव कार्य अभी भी जारी है। एक कर्मचारी झुलस गया और उसे लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया। आग लगने के सही कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।"
स्थानीय पुलिस ने कहा कि वे दमकल कर्मियों की भी मदद कर रहे हैं। घटना को लेकर मामला दर्ज किया जा रहा है।
चेन्नई, 24 अगस्त | तमिलनाडु में अन्ना विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग छात्रों को अब अपने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में राज्य की विरासत और संस्कृति को जानना-समझना होगा। विश्वविद्यालय ने इसके लिए दो अनूठे पाठ्यक्रम तैयार किए हैं। यह पाठ्यक्रम इस तरह से है-पहला, अरिवियाल तमिल (तमिल में वैज्ञानिक विचार और अध्ययन) है और दूसरा, तमिलार मारबू (तमिलों की विरासत) है।
विश्वविद्यालय ने इन दोनों पाठ्यक्रमों को सभी इंजीनियरिंग छात्रों के लिए अनिवार्य कर दिया है, जिसमें पहले सेमेस्टर के लिए अरिवियाल तमिल और दूसरे सेमेस्टर के लिए तमिलार मारबू पढ़ाया जा रहा है।
राज्य की समृद्ध संस्कृति और विरासत में छात्रों को अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं। पाठ्यक्रम छात्रों को इंजीनियरिंग तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी भी प्रदान करेंगे जो कि तमिलनाडु में वास्तुशिल्प चमत्कारों के निर्माण के लिए प्रचलित थे।
अन्ना विश्वविद्यालय के कुलपति, आर.वेलराज ने आईएएनएस को बताया कि पाठ्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है और पहले सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू होने से पहले जारी किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय ने इन दोनों विषयों को इंजीनियरिंग अध्ययन के हिस्से के रूप में शामिल करने का फैसला किया है, ताकि छात्रों को समृद्ध तमिल सांस्कृतिक विरासत को समझा जा सके और छात्रों को अपनी जड़ों से जोड़ा जा सके, इसकी सराहना की जा सके और इसे संरक्षित किया जा सके।
कुलपति ने यह भी कहा कि पाठ्यक्रम सामग्री तमिल और अंग्रेजी दोनों में छपी होगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता केवल तमिल भाषा में सामग्री तैयार करने की थी, क्योंकि इससे छात्रों को मातृभाषा पर बेहतर पकड़ बनाने में मदद मिलेगी।
हालांकि, राज्य के बाहर के कई छात्रों के साथ-साथ सीबीएसई स्ट्रीम के तहत उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को भी तमिल में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, सामग्री अंग्रेजी में भी तैयार की जा रही है।
अन्ना विश्वविद्यालय ने छात्रों की अंग्रेजी भाषा दक्षता में सुधार के लिए पहले सेमेस्टर के लिए एक अंग्रेजी व्यावहारिक प्रयोगशाला को एक पेपर के रूप में भी शामिल किया है।
संचार प्रयोगशाला में दूसरे सेमेस्टर के दौरान छात्रों को दूसरी विदेशी भाषा भी सिखाई जाएगी। अन्ना विश्वविद्यालय के अधिकारियों के अनुसार, छात्रों को उनके मुख्य सेमेस्टर पाठ्यक्रमों के अलावा फिनटेक और ब्लॉकचेन में विषय पढ़ाए जाएंगे। (आईएएनएस)|
बेलगावी (कर्नाटक), अगस्त 24| कर्नाटक के बेलगावी में छिपे हुए तेंदुए को पकड़ने के लिए शुरू किया गया मेगा ऑपरेशन बुधवार को भी जारी है। अब इस ऑपरेशन में हाथी भी शामिल हो गया है। वहीं इसके चलते एहतियात के तौर पर स्कूल बंद हैं। बेलगावी के उपायुक्त नितेश पाटिल ने स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का निर्देश दिया, जो पिछले 18 दिनों से बंद हैं।
वन, पुलिस विभाग के 200 से अधिक जवान इस अभियान में जुटे हुए हैं। टीम में शार्पशूटर, वन्यजीव कार्यकर्ता और विशेषज्ञ भी हैं।
चूंकि टीम बेलगावी में गोल्फ क्लब के आसपास के क्षेत्रों में तेंदुए को पकड़ने में विफल रही है, हनुमाननगर, जाधव नगर और कैंप क्षेत्र के निवासी अपने घरों से बाहर निकलने से भी डरते हैं।
दो हाथी, 'अर्जुन' और 'आले', साकरेबेलु हाथी शिविर से आए हैं और वे गोल्फ क्लब के परिसर में तैनात हैं। हाथी तड़के पहुंचे और तलाशी टीम में जल्द ही शामिल हो जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, तेंदुए के छिपने की जगह का पता लगाने के लिए अधिकारियों को एक विशेष ड्रोन भी मिला है। बेंगलुरू की एक विशेष टीम ड्रोन को एल्गोरिथम तकनीक से संभालेगी। ड्रोन गोल्फ क्लब के 250 एकड़ के हर इंच को स्कैन करेगा।
कर्नाटक वन विभाग और बेलगावी जिले के जिला अधिकारियों ने तेंदुए को पकड़ने के लिए शहर में एक मेगा ऑपरेशन शुरू किया है। तेंदुआ पिछले 19 दिनों से रिहायशी इलाकों और बाहरी इलाकों में घूम रहा है और लोगों पर हमला कर रहा है। यह शहर के बीचोंबीच स्थित बेलगावी के गोल्फ क्लब के परिसर में सबसे पहले देखा गया।
अधिकारियों को शहर के सभी जगहों पर तेंदुआ के पग निशान मिले हैं। एहतियात के तौर पर 22 स्कूलों को 18 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।
तेंदुए की हरकतों को सबसे पहले एक निजी बस चालक ने अपने कैमरे में कैद किया जिसके बाद से नवासियों में दहशत फैल गई।
वन अधिकारी तेंदुए को पिंजरे में फंसाने की योजना बना रहे हैं। बेलगावी शहर के जाधवनगर में एक मजदूर पर हमले की घटना के बाद से अधिकारी पिछले 18 दिनों से तेंदुए को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं, तलाशी अभियान को और तेज कर दिया गया है। (आईएएनएस)|
जयपुर, 24 अगस्त | जैसलमेर की एक पोक्सो अदालत ने एक मानसिक रूप से बीमार नाबालिग लड़की के साथ रेप करने के आरोप में एक व्यक्ति को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने मंगलवार को अपने आदेश में श्रवण राम उर्फ समरम पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
जैसलमेर के एसपी भंवर सिंह नथावत ने बताया कि फरवरी में मंदबुद्धि बच्ची को अकेला देख श्रवण राम बच्चे को सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
वारदात को अंजाम देने के बाद उसने किसी से शिकायत करने पर नाबालिग को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
घबराई हुई बच्ची ने घर आकर अपनी मां को घटना के बारे में बताया। मां ने थाना रामदेवरा में शिकायत दर्ज कराई। आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
एसपी नथावत की टीम ने चार दिन के अंदर आरोपी को गिरफ्तार कर पुख्ता सबूत जुटाकर आरोपी के खिलाफ पोक्सो कोर्ट में चार्जशीट पेश की।
दोनों पक्ष एक ही गांव के हैं। पुलिस अधिकारी ने सभी गवाहों को समय पर कोर्ट में पेश कर बयान दिलवाया। (आईएएनएस)|
मथुरा, 24 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा को उसके द्वापर जैसा वैभव लौटने की कवायद शुरू कर दी है। सरकार ने चार साल में 400 करोड़ रुपये की 102 परियोजनाओं में से 75 फीसद पूरी कर ली है। अब सरकार भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को जीवंत करेगी। उनसे जुड़े स्थलों का कायाकल्प करेगी। इसका खाका तैयार हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पहले कार्यकाल से ही मथुरा का द्वापरकालीन वैभव लौटाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। सबसे पहले उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन कर उन्होंने मथुरा ही नहीं राधा-कृष्ण की लीलास्थली रही पूरे ब्रज क्षेत्र के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर दी। यही नहीं उनके दूसरे कार्यकाल में मंत्रिपरिषद के समक्ष हुए प्रस्तुतिकरण में भी पर्यटन विभाग ने धार्मिक लिहाज से जिन पांच शहरों को वैश्विक स्तर की सुविधाओं से संतृप्त करने का लक्ष्य रखा है उनमें मथुरा भी है। बाकी शहर हैं- काशी, अयोध्या, चित्रकूट और गोरखपुर।
उल्लेखनीय है कि भगवान श्रीकृष्ण एवं श्री राधारानी की लीलास्थली रहे पवित्र ब्रज भूमि को भगवान श्रीकृष्ण का नित्यवास स्थल माना जाता है। ये लीला स्थल आज भी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की आस्था के केन्द्र हैं। पूरे साल यहां देश-विदेश के पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। इसमें ब्रज क्षेत्र के ये आठ (वृन्दावन, बरसाना, नंदगांव, गोवर्धन, राधाकुण्ड, गोकुल, बल्देव एवं मथुरा) स्थल धार्मिक लिहाज से सबसे प्रमुख हैं। इनको ब्रज का धरोहर माना जाता है। इन धरोहरों की पुनप्र्रतिष्ठा के उद्देश्य से ही उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया।
सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार 2018 से 2022 तक लगभग 400 करोड़ रुपये की 102 परियोजनाऐं स्वीकृत की गई हैं। इनमें से 75 फीसद पूरी हो चुकीं हैं। ब्रज चौरासी कोस में मथुरा जनपद की सीमा में आने वाली जगहों का नियोजित, समन्वित और सर्वांगीण विकास के साथ ब्रज की विरासत और संस्कृति का संरक्षण के लिए गठन के बाद से ही ब्रज तीर्थ विकास परिषद लगातार काम कर रहा है। नंदगांव, गोवर्धन, गोकुल, महावन स्थित रसखान समाधि, चिन्ताहरण महादेव घाट, ब्रह्माण्ड घाट, भाण्डीर वन, भद्रवन, बंशीवट आदि धार्मिक स्थलों का तीर्थ एवं पर्यटन की ²ष्टि से विकास कराया जा चुका है।
राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े सभी आठ जगहों को सरकार तीर्थ स्थल घोषित कर चुकी है। यहां के प्रमुख पर्वो (रंगोत्सव' कृष्णोतस्व एवं कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक) को भव्य स्वरूप प्रदान किया गया । साथ ही देश-विदेश में इसकी आक्रामक ब्रांडिंग भी की गई। यही वजह रही कि 2017 से 2019 के दौरान यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या 5.6 करोड़ से बढ़कर 7.2 करोड़ तक पहुंच गई। आगे के दो साल वैश्विक महामारी कोविड के कारण प्रभावित रहे। 2022 में यह संख्या फिर बढ़ रही है। मार्च 2022 तक यहां 0.98 करोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ था। यह 2020 में आने वाले 1.1 करोड़ पर्यटकों से थोड़ा ही कम है। इस बार जन्माष्टमी के दिन मुख्यमंत्री खुद मथुरा में थे। इस बार जन्माष्टमी में वहां 20 लाख से अधिक पर्यटक/श्रद्धालुओं का यहां आना हुआ।
परिषद के गठन के बाद बरसाना एवं नंदगाँव की विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली को राजकीय मेला घोषित किया गया है। रंगोत्सव एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के माध्यम से ब्रज की सांस्कृतिक कलाओं को प्रदर्शित करने के लिए यहां के लोक कलाकारों को एक बेहतर अवसर प्राप्त हुआ है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत करीब 40 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की मंजूरी दी है। इसके तहत गोवर्धन का समेकित विकास कराया जा रहा है।