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लॉस एंजेलिस, 23 सितंबर (आईएएनएस)| मेलिसा बेनोइस्ट स्टारर सुपरहीरो सीरीज, 'सुपरगर्ल', अपने छठे सीजन के साथ समाप्त होगी। उसके छठे सीजन का प्रीमियर साल 2021 में होने की उम्मीद है। बेनोइस्ट ने इसकी पुष्टि करते हुए कि शो का छठा सीजन इसका अंतिम सत्र होगा, उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "मैं बहुत उत्साहित हूं कि हमें अपनी इस अद्भुत यात्रा को अंजाम पर पहुंचाने के लिए योजना मिल गई है और मैं इस बात का इंतजार नहीं कर पा रही हूं कि आपको बताऊं कि हमारे पास आपके लिए क्या है। मैं वादा करती हूं कि हम इसे एक यादगार अंतिम सीजन बनाने जा रहे हैं।"
अपने पोस्ट में बेनोइस्ट ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने जो दावा किया था कि लड़कियों पर शो का "अविश्वसनीय प्रभाव" पड़ेगा, वह प्रभाव पड़ा है।
31 वर्षीय अभिनेत्री ने लिखा, "यह कहना एक सम्मान की बात है कि इस प्रतिष्ठित चरित्र का चित्रण एक बड़े पैमाने पर समझा जाएगा। दुनियाभर की युवा लड़कियों पर इस शो के अविश्वसनीय प्रभाव को देखकर हमेशा मैं अवाक रह जाती हूं।"
बेनोइस्ट ने आगे कहा, "उसका मुझ पर भी प्रभाव पड़ा है। उसने मुझे वो ताकत सिखाई है जो मुझे नहीं पता था कि मेरे पास है, वह है सबसे अंधेरे में आशा की तलाश करना। वह बेहतर होने के लिए हम सभी को आगे की ओर ढकेलती है। मेरे जीवन में उसका बेहतर प्रभाव पड़ा है।"
वेरायटी डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, अंतिम सीजन का प्रोडक्शन इस महीने के अंत में शुरू होगा और सीजन 6 में 20 एपिसोड होंगे।
इस्लामाबाद, 23 सितंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान में 22 साल की एक युवती के कथित अपहरण और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म में शामिल तीन आरोपियों में से एक ने पीड़िता को नौकरी की जरूरत होने पर संपर्क करने के लिए एक 'प्रभावशाली' व्यक्ति का फोन नंबर दिया। यह जानकारी पुलिस ने बुधवार को पीड़िता के बयान के हवाले से दिया। जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि अपहृत युवती को वापस छोड़ते हुए कथित दुष्कर्म के आरोपी ने उसे एक मोबाइल फोन नंबर दिया और नौकरी की जरूरत पड़ने पर 30,000 रुपये महीने की नौकरी की पेशकश भी की।
पुलिस ने बुधवार को कहा कि मोबाइल नंबर की जांच पूरी हो गई है और संपर्क नंबर 'एक प्रभावशाली व्यक्ति' का है। हालांकि, जांच से पता चला कि इसका इस्तेमाल अपराध होने वाले स्थल पर नहीं किया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि उस प्रभावशाली व्यक्ति की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों की भी जांच की गई, लेकिन घटना में उस व्यक्ति के शामिल होने का कोई सबूत नहीं मिला। अधिकारियों ने कहा कि व्यक्ति के बच्चों के डेटा की भी जांच की जा रही है।
इसके अलावा, पुलिस ने पीड़िता के संकेत पर मंगलवार की रात को क्लिफ्टन के एक फ्लैट में भी छापा मारा। हालांकि, इसमें शामिल किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि आसपास के अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
अब तक, कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना में शामिल तीन संदिग्धों में से एक की पहचान युवती द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर की गई है।
एक दिन पहले एक काली टोयोटा विगो में तीन लोगों ने रात के करीब 9.30 बजे युवती का अपहरण कर लिया था। तब युवती शहर के अपस्केल इलाके क्लिफ्टन में घर जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी। उनमें से दो ने बारी-बारी से युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, जबकि तीसरे ने अपराध में उनका साथ दिया।
पुलिस को घटना की जानकारी तब मिली, जब युवती की बहन ने मंगलवार दोपहर को हेल्पलाइन 15 पर घटना के बारे में उन्हें बताया। उन्होंने युवती का बयान दर्ज किया और आगे की जांच शुरू की।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसे एक फ्लैट में ले जाया गया, जहां संदिग्धों ने उसे यौन हिंसा का शिकार बनाया और दुष्कर्म के बाद वे उसे बदहवास हालत में उसी स्थान पर छोड़ गए, जहां से उसका अपहरण किया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने युवती के हवाले से बताया, "एक काले विगो में आरोपी मुझे अब्दुल्ला शाह गाजी के मस्जिद के पास से उठाकर एक इमारत की तीसरी मंजिल पर ले गए और मेरे साथ दुष्कर्म किया।" उन्होंने आगे कहा, "उसके बाद वे मुझे क्लिफ्टन मॉल के बाहर छोड़कर चले गए।"
युवती ने घटना के एक दिन बाद मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई और उसे जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सेंटर (जेपीएमी) भेज दिया गया, जहां प्रारंभिक रिपोर्टों में दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई।
पुलिस ने कहा कि तीनों आरोपियों के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई है। युवती का डीएनए टेस्ट कराया गया है। पुलिस ने कहा कि वह और उसका परिवार नाम उजागर नहीं होने देना चाहता है।
पुलिस ने कहा, "महिला ने प्रभावशाली संदिग्धों की पहचान कर ली है, वे जल्द ही पकड़े जाएंगे।"
साउथ जॉन के पुलिस प्रमुख उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) जावेद अकबर रियाज ने कहा कि अधिकारियों ने 'संदिग्धों की पहचान कर ली है।'
उन्होंने आगे कहा, "हम पीड़िता के वर्जन पर काम कर रहे हैं। हमने संदिग्धों को गिरफ्तार करने और सबूतों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाने के लिए अपने अधिकारियों को तैनात किए हैं।"
-सुमी खान
ढाका, 23 सितंबर (आईएएनएस)| पति-पत्नी जीवन में एक-दूसरे के लिए कितना कुछ कर सकते हैं, इसकी एक मिसाल एक बांग्लादेशी व्यक्ति ने पेश की है।
बांग्लादेश में लालमोनिरहाट के पंचग्राम निवासी दुलाल चंद्र रॉय ने अपनी पत्नी तुलसी रानी दासी का सपना पूरा करने के लिए अपनी जमीन बेच दी और उससे हाथी खरीदा है।
दुलाल पेशे से किसान हैं। उसने अपनी जमीन का दो बीघा हिस्सा बेचा और मौलवीबाजार जाकर 16.5 लाख टका में एक हाथी खरीद लिया। वह पिछले हफ्ते 20,000 टके में ट्रक किराए पर लेकर हाथी के साथ घर लौटा है।
उन्होंने कहा, "मैंने जमीन बेच दी और अपनी पत्नी के सपने को पूरा करने के लिए हाथी खरीदा।"
दासी ने कहा कि उसने एक साल पहले एक सपना देखा था जिसमें उसने एक हाथी खरीदा था और वह उसकी देखभाल कर रही थी।
यह पहली बार नहीं है, जब उसने सपने में जानवर देखकर इसे हकीकत में बदला और जानवर खरीदा। कुछ साल पहले तुलसी एक घोड़ा, एक हंस और एक बकरा खरीद चुकी हैं। अब इस हाथी को देखने के लिए आस-पास के इलाकों से लोग इस दंपति के घर पहुंच रहे हैं।
दुलाल ने इस हाथी के लिए 15,000 टका के मासिक वेतन पर महावत भी रखा है।
हाथी देखने आईं राजरहाट क्षेत्र की रहने वाली संतोना रानी ने कहा, "मैंने जिंदगी में पहली बार किसी को अपनी पत्नी का सपना पूरा करने के लिए हाथी खरीदते देखा है।"
खोजी पत्रकारों ने कई बड़े बैंकों के ज़रिए दुनिया के कई देशों से चलने वाले एक मनी लॉन्ड्रिंग के पेचीदा नेटवर्क का पर्दाफ़ाश किया है.
मनी लॉन्ड्रिंग पर शिकंजा कसने वाली अमरीकी संस्था फ़ाइनेंशियल क्राइम्स एन्फ़ोर्समेंट नेटवर्क (FinCEN) या फ़िनसेन की संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टों या एसएआर से पाकिस्तान से दुबई और अमरीका तक फैले हेरा-फेरी के एक बड़े नेटवर्क का पता चलता है.
'सस्पिशस एक्टिविटी रिपोर्ट' को संक्षेप में एसएआर कहा जाता है. ऐसी हज़ारों फ़ाइलों को खोजी पत्रकारों की अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल कन्सोर्टियम ऑफ़ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आइसीआइजे) ने खंगाला है जिनसे कई राज़ सामने आए हैं, बीबीसी भी आइसीआइजे से जुड़ी हुई है.
आर्थिक फ़र्जीवाड़े का यह नेटवर्क अल्ताफ़ खनानी नाम का एक पाकिस्तानी नागरिक चला रहा था, जिसे भारत से फ़रार माफ़िया सरगना दाऊद इब्राहिम के पैसों का इंतज़ाम देखने वाले मुख्य व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है.
न्यूयॉर्क के स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की ओर से दाखिल की गई इन एसएआर रिपोर्टों की तहक़ीक़ात अख़बार 'इंडियन एक्सप्रेस' ने की है जो आइसीआइजे में शामिल है.
फिनसेन फाइलों के ज़रिए जो गोपनीय दस्तावेज़ सामने आए हैं उनसे यह भी पता चलता है कि कैसे बड़े बैंकों ने अपराधियों को दुनिया भर में पैसों की लेनदेन की अनुमति दे रखी थी.
इसी सिलसिले में एसआर खनानी की वित्तीय गतिविधियों की तफ़सील यह बताती है कि दशकों तक उन्होंने ड्रग माफ़ियाओं के साथ-साथ तालिबान और अल क़ायदा जैसे चरमपंथी संगठनों के लिए भी तक़रीबन 14 से 16 ट्रिलियन डॉलर इधर से उधर किया है. खनानी के इस धंधे को अमरीकी अधिकारियों ने 'मनी लॉन्ड्रिंग ऑर्गेनाइज़ेशन' नाम दिया है जिसे संक्षेप में एमएलओ लिखा गया है.
दुनिया भर में चली तहक़ीक़ात के बाद 11 सितम्बर 2015 को खनानी को पनामा एयरपोर्ट पर गिरफ़्तार करके मयामी की जेल में डाल दिया गया था. फिर जुलाई 2020 में हिरासत ख़त्म होने के बाद निर्वासन के लिए अमरीकी इमिग्रेशन अधिकारियों को सौंप दिया गया था. लेकिन इसके बाद यह साफ़ नहीं हो पाया है कि अमरीकी अधिकारियों ने उन्हें निर्वासित कर पाकिस्तान भेजा है या संयुक्त अरब अमीरात (यूएई).
अमरीका के फ़ॉरेन ऐसेट्स कंट्रोल दफ़्तर (ओएफ़एसी) ने खनानी की गिरफ़्तारी के बाद उन पर प्रतिबंध घोषित करते वक़्त, दाऊद इब्राहिम के साथ उनके रिश्तों के दस्तावेज़ तैयार किए थे.
11 दिसंबर 2015 को जारी किए गए एक नोटिस में ओएफ़एसी कहता है, "खनानी के एमएलओ ने आतंकवादियों, ड्रग तस्करों और आपराधिक संगठनों के लिए विश्व भर में खरबों डॉलर का इंतज़ाम करने के लिए कई वित्तीय संस्थाओं से अपने सम्बन्धों का इस्तेमाल किया. खनानी एमएलओ और अल जूरानी एक्सचेंज के प्रमुख अल्ताफ़ खनानी इस मामले में तालिबान तक के लिए पैसों की हेरा-फेरी में शामिल पाए गए हैं. साथ ही लश्कर-ए-तैबा, दाऊद इब्राहिम, अल-क़ायदा और जैश-ए-मोहम्मद से भी उनके रिश्ते हैं".
खनानी की गिरफ़्तारी को भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियाँ एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रही थीं. ख़ास तौर पर इस वजह से क्योंकि ओएफ़एसी ने दाऊद इब्राहिम से सीधे सम्बंध के साथ-साथ लश्कर-ए-तैबा और जैश-ए-मोहम्मद से खनानी के तार सीधे तौर पर जुड़े हुए बताए थे.
एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि खनानी पर प्रतिबंधों की घोषणा करने वाली उस मूल नोटिस के जारी होने के ठीक एक साल बाद, 10 अक्टूबर 2016 को, ओएफएसी ने खनानी और खनानी एमएलओ से संबंधित कुछ अन्य लोगों के नाम की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में खनानी के परिवार के कई लोग और कुछ 'संस्थाओं' के नाम शामिल थे जो पाकिस्तान में रहते हुए खनानी और उनके नेटवर्क की मदद कर रहे थे.
इन संस्थाओं की लिस्ट में सबसे ऊपर दुबई स्थित मज़ाक़ा जनरल ट्रेडिंग लिमिटेड कम्पनी का नाम आता है. आज उन प्रतिबंधों के घोषित होने के ठीक 4 साल बाद, फ़िनसेन फ़ाइलें यह बताती हैं कि 'मॉस्को मिरर नेटवर्क' में खनानी एमएलओ की आर्थिक पैठ कितनी गहरी थी.
'मिरर ट्रेडिंग' दरअसल व्यवसाय का एक ऐसा अनौपचारिक तरीक़ा है जिसमें व्यक्ति या संस्था एक जगह से सिक्योरिटी ख़रीद कर बिना किसी आर्थिक लाभ के दूसरी जगह बेच देते हैं. इस तरह रकम के मूल स्रोत और अंतिम गंतव्य स्थान की जानकारी छिपा ली जाती है.
फिनसेन फ़ाइलों में 54 शेल कम्पनियों के नामों वाली 20 पन्ने की एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट शामिल है. शेल कंपनियां उनको कहते हैं जो कोई वास्तविक कारोबार नहीं करती बल्कि ऐसे ही लेन-देन के लिए काग़ज़ों पर खड़ी की जाती हैं.
यह रिपोर्ट कहती है कि 2011 से ही यह 54 कंपनियाँ रूस और यूरोप के बाज़ारों में सालाना खरबों डॉलर तक के हेरफेर में शामिल रही हैं.
फिनसेन इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक़ मज़ाका जनरल ट्रेडिंग कम्पनी को मार्च 2013 से अक्टूबर 2016 के बीच मॉस्को मिरर नेटवर्क संस्थाओं के ज़रिए 49.78 मिलियन डॉलर की रक़म मिली थी. इसके साथ ही मज़ाका ने सिंगापुर की 'आस्क ट्रेडिंग पीटीइ' नाम की एक कंपनी से भी लेनदेन किया था.
यहां रोचक यह भी है कि ओएफएसी ने आतंकवादियों को ग़ैरक़ानूनी पैसा पहुँचने वाली 'खनानी मनी लॉन्ड्रिंग ऑर्गेनाइज़ेशन' की मदद करने की वजह से मज़ाका को प्रतिबंधित कर दिया था.
खनानी और मज़ाका की कहानी में भारतीय कड़ियाँ जुड़ती नज़र आती हैं. लीक दस्तावेज़ों के अनुसार न्यूयॉर्क के जेपी मॉर्गन और सिंगापुर के ओवरसीज़ बैंक के साथ साथ बैंक ऑफ़ बड़ौदा की दुबई शाखा का इस्तेमाल भी मज़ाका जनरल ट्रेडिंग और आस्क ट्रेडिंग पीटीइ के बीच लेन-देन के लिए हुआ था.
इसके अलवा मज़ाका जनरल ट्रेडिंग के खातों की तहक़ीक़ात करने पर नई दिल्ली की 'रंगोली इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड' का नाम सामने आता है. कपड़ों के थोक व्यवसाय में लगी इस कंपनी की स्थापना 2009 में हुई थी.
फ़िनसेन फ़ाइलों में रंगोली इंटरनेशनल के नाम के आगे तक़रीबन 70 लेन-देन दर्ज हैं जो का पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, विजया बैंक और ऑरिएंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स जैसे कई भारतीय बैंकों से होती हुई यूएई पहुँचती थी.
17 जगहों से चल रही इस हेरा-फेरी का आँकड़ा 10.65 मिलियन डॉलर तक जाता है. इसमें एक महत्वपूर्ण लेनदेन 18 जून 2014 को किया गया था जब मज़ाका जनरल ट्रेडिंग को पंजाब नेशनल बैंक के ज़रिए 136,254 डॉलर भेजे गए.
रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनीज़ (आरओसी) के दस्तावेज बताते हैं कि मार्च 2014 के आसपास रंगोली इंटरनेशनल के मुनाफ़े में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. इस वक़्त 339.19 करोड़ के राजस्व पर कंपनी ने 74.87 करोड़ रुपए का नुक़सान उठाया था. 2015 के बाद से कंपनी ने आज तक न ही शेयरहोल्डरों की सालाना बैठक बुलाई है और न ही अपनी सालाना बैलेंस शीट ही जमा की है.
कई भारतीय बैंकों ने रंगोली की चूकों पर अलर्ट भी जारी किए हैं. भारतीय यूनियन और कॉर्पोरेशन बैंकों ने वसूली के लिए रंगोली इंटरनेशनल की अचल सम्पत्ति की नीलामी के नोटिस तक जारी किए थे.
इलाहाबाद बैंक ने तो 2015 में ही इस कंपनी को अपने शीर्ष 50 नॉन परफॉर्मिंग एससेट्स की सूची में शामिल कर लिया था.
इंटरनेशनल कन्सोर्टियम ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) की ओर से संपर्क किए जाने पर अल्ताफ़ खनानी के वकील मेल ब्लैक ने कहा, "मिस्टर खनानी ने अपनी ग़लती मान ली है और उसकी लंबी सज़ा जेल में काट चुके हैं. इस दौरान वह अपने परिवार से अलग रहे और उनके भाई की मौत भी हो गई. उनके पास अब कोई पैसा नहीं बचा, सारे अकाउंट फ़्रीज़ कर दिए गए हैं और आगे ओएफ़एसी के ब्लॉक की वजह से उनके दोबारा पैसे कमाने की सारी गुंजाइश ख़त्म हो चुकी है. बीते पाँच सालों से वह किसी भी व्यापरिक गतिविधि में शामिल नहीं रहे हैं. वह आगे क़ानून को मानने वाले एक साधारण नागरिक का जीवन जीना चाहते हैं".
सम्पर्क करने पर रंगोली इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक लव भारद्वाज ने कहा, "2013 से 2014 के बीच के जिन 70 लेन-देन के बारे में आप पूछ रहे हैं, उनका हमारे पास कोई रिकॉर्ड नहीं है इसलिए इस बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं होगा".
"हम कपड़ों में व्यापार में हैं और माल बेचने के बाद भुगतान की राशि का हमारे खातों में आना रूटीन बात है. 18 जून 2014 को पंजाब नेशनल बैंक के साथ हुए जिस ट्रांज़ैक्शन की आप बात कर रहे हैं, उसका कोई रिकॉर्ड हमारे पास मौजूद नहीं है. मज़ाका जनरल ट्रेडिंग और अल्ताफ़ खनानी के साथ न ही हमारा कोई व्यापारिक सम्बंध हैं और न ही हम उन्हें जानते हैं".(bbc)
संयुक्त राष्ट्र, 23 सितंबर (आईएएनएस)| श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने कहा है कि उनका देश हिंद महासागर में किसी भी देश को हावी होने देने के खिलाफ है।
मंगलवार को महासभा में रिकॉर्डेड भाषण में उन्होंने कहा, "हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से अहम जगह पर स्थित देश होने के कारण यह सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है कि हिंद महासागर के क्षेत्र में शांति बनाकर रखी जाए। वहां कोई भी देश किसी पर हावी न हो, न उसका फायदा उठाए। श्रीलंका तटस्थ विदेश नीति का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
उन्होंने कहा कि कई देशों के लिए आर्थिक तौर पर महत्वपूर्ण समुद्री लेन होने के कारण 'शक्तिशाली देशों' को हिंद महासागर की तटस्थता का समर्थन करना चाहिए और इसके कीमती समुद्री संसाधनों की रक्षा करनी चाहिए।
हालांकि चीन के कर्ज के जाल में फंसकर श्रीलंका हिन्द महासागर का एक रणनीतिक और अहम बंदरगाह हम्पानाकोटा चीन को सौंप चुका है।
2009 में हुए गृहयुद्ध के अंत में हजारों तमिल नागरिकों की हत्या के कारण संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार निकायों और अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने श्रीलंका की आलोचना की है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने श्रीलंका में हुए तमिलों की हत्या की जांच करने के लिए भी कहा लेकिन श्रीलंका ने इसका विरोध किया।
गोतबाया राजपक्षे ने मंगलवार को कहा, "संगठन की स्थिरता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए सदस्य देशों को संदिग्ध उद्देश्यों के जरिए राजनैतिक शिकार बनाना भी बंद होना चाहिए।"
तमिल टाइगर्स का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "श्रीलंकाई धरती से इसके खात्मे के बावजूद इस आतंकवादी संगठन का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बना हुआ है। वह अपनी निर्मम विचारधारा को आगे बढ़ा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि कोई भी देश इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा जो अपनी हिंसक विचारधारा को फैला रहा है।"
न्यूयॉर्क, 23 सितंबर (आईएएनएस)| अमेरिका में कोविड-19 के संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा मंगलवार को 200,000 को पार कर गया। यह आंकड़ा जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के सीएसएसई सेंटर ने जारी किया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र में कोरोना से अब तक 200,005 लोगों की मौत हो चुकी है।
सबसे ज्यादा न्यूयॉर्क में 33,092 और न्यूजर्सी में 16,069 मौतें हुई हैं। टेक्सास, कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा में मौतों का आंकड़ा 13,000 को पार कर गया है।
बीजिंग, 22 सितम्बर (आईएएनएस)| चीनी राजकीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में चीन में उपभोक्ता वस्तुओं की कुल खुदरा बिक्री 33 खरब 57 अरब 10 करोड़ युआन तक जा पहुंची, जो पिछले साल की समान अवधि से 0.5 प्रतिशत अधिक है। उपभोक्ता वस्तुओं की कुल खुदरा बिक्री की इस साल में पहली सकारात्मक वृद्धि बनी। सीएनबीसी ने रिपोर्ट जारी कर कहा कि चीनी उपभोक्ताओं के खर्च में बड़ा इजाफा होने से फिर एक बार जाहिर हुआ है कि चीनी अर्थव्यवस्था महामारी के प्रभाव से बाहर निकली है। वाशिंगटन टाइम्स ने रिपोर्ट जारी की कि चीनी लोग फिर से खर्च करने लगे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू खपत बढ़ने से चीन में आर्थिक पुनरुत्थान की एक अन्य बाधा दूर हो गयी है। पुनरुत्थान की शुरूआत में चीन का निर्माण उद्योग तेजी से बहाल होने लगा, लेकिन खपत की बहाली धीमी रही। लेकिन छह महीने बाद जबरदस्त पुनरुत्थान हुआ, और खपत तेजी से बढ़ने लगी।
अब चीन के विभिन्न क्षेत्रों में सामान्य जीवन बहाल हो चुका है। शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और व्यायामशालाओं में फिर से भीड़ उमड़ने लगी है। चीन में सभी सिनेमाघर 20 जुलाई से फिर से खुल गये। शुरू में सिनेमाघर में उपस्थिति दर 30 प्रतिशत से कम होने का नियम था। लेकिन अगस्त के मध्य में सिनेमाघर में उपस्थिति दर 50 प्रतिशत तक उन्नत हो गयी। 25 सितंबर से उपस्थिति दर 75 प्रतिशत तक बढ़ायी जाएगी। 20 जुलाई से 20 सितंबर तक कुल 15 करोड़ लोगों ने सिनेमाघरों में फिल्में देखीं और बॉक्स ऑफिस की कमाई 5 अरब 41 करोड़ 60 लाख युआन की रही।
कोविड-19 महामारी से विश्व आर्थिक मंदी आयी। बहुत-से देशों में बेरोजारी दर काफी हद तक बढ़ी, ज्यादातर लोगों को आय नहीं मिल पायी। लेकिन चीन में कई महीनों तक आर्थिक पुनरुत्थान कायम है। इसे उदार नीति के कार्यांवयन से फायदा मिला है। देसी-विदेशी स्थिति में परिवर्तन के अनुसार चीन ने घरेलू आर्थिक चक्र को केंद्र बनाकर देसी-विदेशी आर्थिक चक्र को साथ में बढ़ाने का नया विचार पेश किया। यह बंद चक्र नहीं, बल्कि खुला चक्र है।
चीन में 1.4 अरब लोग रहते हैं और 40 करोड़ से अधिक मध्यम आय वर्ग हैं। चीन का बाजार विशाल है और मांग की बड़ी संभावना है। घरेलू बाजार का सकारात्मक चक्र बढ़ाना आर्थिक रणनीति बनाने में प्राथमिकता है। यह खुलेपन की नीति के विरुद्ध नहीं है। देसी-विदेशी चक्र को साथ में बढ़ाने से विकास में नयी गतिज ऊर्जा का समावेश होगी और नयी उम्मीद जगेगी।
(साभार--चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
बीजिंग, 22 सितम्बर (आईएएनएस)| विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम घेब्रेयसस ने 21 सितंबर को जिनेवा में आयोजित कोविड-19 से जुड़ी नियमित न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि वर्तमान में विश्व में लगभग दो सौ कोविड-19 टीकों ने नैदानिक या प्रीक्लिनिकल परीक्षण चरण में प्रवेश किया है। हमारा लक्ष्य यह है कि वर्ष 2021 के अंत तक 2 अरब टीके तैयार होंगे। लेकिन, कोविड-19 का मुकाबला करने वाले उपकरण प्राप्त करने के गतिवर्धक नामक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पहल के सामने 35 अरब अमेरिकी डॉलर का अभाव है। ट्रेडोस ने उसी दिन आयोजित न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व वैक्सीन व टीकाकरण गठबंधन और महामारी निवारण नवाचार गठबंधन के साथ कोविड-19 टीके की योजना बनायी। ताकि सभी देश एक साथ कोविड-19 टीका प्राप्त कर सकें।
उनके अनुसार अब तक लगभग दो सौ कोविड-19 टीके नैदानिक या प्रीक्लिनिकल परीक्षण चरण में प्रवेश कर चुके हैं। टीके के अध्ययन से हमें पता लगा है कि कुछ असफल होंगे, और कुछ सफल होंगे। हम इस बात को सुनिश्चित नहीं कर सकते कि वर्तमान के अध्ययन में हर टीके का प्रयोग किया जा सकेगा। लेकिन उम्मीदवार टीकों की संख्या ज्यादा है, तो कारगर टीका प्राप्त करने के मौके ज्यादा होंगे।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
-- आईएएनएस
इस्लामाबाद, 22 सितंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को ब्रिटेन में अपने घर पर गिरफ्तारी का वारंट मिला है। यहां के फॉरेन ऑफिस के एक सूत्र ने बताया है कि यह वारंट गैर-जमानती है। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में शरीफ द्वारा अपनी सजा के खिलाफ की गई आपराधिक अपील पर 15 सितंबर को सुनवाई करते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया था। कोर्ट ने कहा कि उनकी सजा को कुछ शर्तो के तहत रद्द करके जमानत दी गई थी, लेकिन शर्तो के तहत वह यहां मौजूद नहीं है।
फॉरेन ऑफिस के सूत्रों ने सोमवार को द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि यह गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट आईएचसी रजिस्ट्रार द्वारा एक विशेष दूत के माध्यम से 17 सितंबर को विदेश कार्यालय सचिव को दिया गया था। बाद में ब्रिटेन में पाकिस्तान उच्चायोग को भी यह मिला।
यह भी बताया गया है कि लंदन में पाकिस्तानी मिशन ने इस आदेश का पालन करने के लिए ब्रिटेन के विदेश कार्यालय को लिखा है।
बता दें कि शरीफ नवंबर 2019 चिकित्सा आधार पर अदालत से जमानत और पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ सरकार से अनुमति लेने के बाद से ब्रिटेन में हैं। वहीं अदालती कार्यवाही से लगातार अनुपस्थित रहने के कारण इस महीने की शुरुआत में उन्हें अपराधी घोषित कर दिया गया था।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)| पराठे की जगह पास्ता के लिए खास किस्म का गेहूं उगाना किसानों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है, क्योंकि गेहूं की इस किस्म का उनको अधिक दाम मिल रहा है। गेहूं की यह खास किस्म है 'ड्यूरम' जिसके सेमोलिना यानी रवा का इस्तेमाल पास्ता बनाने में होता है। ड्यूरम से बने सेमोलिना की मांग देश-विदेश के बाजारों में है, यहां तक कि इसकी धमक इटली तक पहुंच चुकी है। ग्लोबल फूड के रूप में विकसित पास्ता एक महत्वपूर्ण व्यंजन के तौर पर इटली का पर्याय बन चुका है। पास्ता के लिए जो सेमोलिना इस्तेमाल होता है वह ड्यूरम किस्म के गेहूं से बनता है जो बादामी रंग का होता है। भारत में मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र और राजस्थान के कोटा और बूंदी में ड्यूरम में इसकी बहुतायत में खेती होती है।
इंदौर के कारोबारी और सेमोलिना के निर्यातक पंकज गोयल ने बताया कि सेमोलिना का उपयोग पास्ता बनाने में होता है जोकि आज के दिनों में एक ग्लोबल फूड बन चुका है, इसलिए देश-विदेश के बाजारों में सेमोलिना की काफी मांग है। उन्होंने कहा कि मध्य-पूर्व समेत एशिया के कई देशों में भारत से प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद के तौर पर सेमोलिना का निर्यात होता है। उन्होंने कहा कि इन दिनों कीमत में अंतर को लेकर अड़चन आ रही है, लेकिन इटली में भी निर्यात के अवसर है, क्योंकि वहां इसकी जबरदस्त मांग है।
गोयल ने बताया कि इस समय भारत से सेमालिना 480 डॉलर प्रतिटन (एफओबी) पर जा रहा है।
उज्जैन के जींस कारोबारी संदीप सारदा ने बताया कि ड्यूरम गेहूं की औद्योगिक मांग जबरदस्त होती है, क्योंकि इसमें चमक काफी होती है और ग्लूटेन और प्रोटीन की मात्रा अधिक होने से इसकी औद्योगिक हमेशा बनी रहती है। उन्होंने बताया कि इस बार बारिश के चलते फसल थोड़ी कमजोर रही है इसके लिए चमक पर असर पड़ा है, फिर भी इसका बाजार भाव 2,250 रुपये प्रतिक्विंटल तक है।
राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक (अनुसंधान सेवा) डॉ. एम.पी. जैन ने आईएएनएस को बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के इंदौर स्थित क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केंद्र द्वारा ड्यूरम गेहूं की किस्म विकसित की गई है। उन्होंने बताया कि पूसा तेजस, मालव राज, मालव शक्ति आदि ड्यूरम गेहूं की कई वेरायटी है, जिसकी पैदावार 60 क्विंटल प्रतिहेक्टेयर होती है और इसमें जिंक व आइरन की मात्रा अधिक होती है। उन्होंने कहा कि गेहूं की इस किस्म का औद्योगिक उपयोग ज्यादा होता है।
मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले धार जिले के कुछ युवा किसान सोसायटी बनाकर जैविक पद्धति से उगाई जाने वाले गेहूं की ड्यूरम किस्म की व्यापक तरीके से मार्केटिंग कर रहे हैं। पास्ता के लिए इस्तेमाल होने वाले इस गेहूं की उनको अच्छा दाम मिल रहा है।
राजस्थान के बूंदी के जींस कारोबारी उत्तम जेठवानी ने बताया कि गेहूं का इस समय अच्छा दाम नहीं मिल रहा है, क्योंकि मांग कमजोर है। फिर भी मिल क्वालिटी के गेहूं के मुकाबले ड्यूरम वेरायटी कस गेहूं 200-250 रुपये प्रतिक्विंटल ऊंचे भाव पर बिक रहा है।
--आईएएनएस
हमजा अमीर
इस्लामाबाद, 22 सितंबर (आईएएनएस)| मनी लॉन्ड्रिंग में वैश्विक बैंकों की भूमिका के आधार पर कम से कम छह पाकिस्तानी बैंकों का नाम जांच में सामने आया है, जो कम से कम 25 लाख डॉलर तक का है।
'इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स' (आईसीआईजे) और बजफीड न्यूज ने एक जांच की और पाया कि पाकिस्तानी बैंकों से संबंधित लगभग 25 लाख डॉलर की रकम का कम से कम 29 संदिग्ध लेनदेन हुआ, जिनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया हो सकता है।
ये छह बैंक एलाइड बैंक, युनाइटेड बैंक लिमिटेड (यूबीएल), हबीब मेट्रोपॉलिटन बैंक, बैंक अल्फलाह, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पाकिस्तान और हबीब बैंक लिमिटेड हैं।
जांच के अनुसार, वर्ष 2011 और 2012 के दौरान सभी 29 संदिग्ध लेनदेन किए गए थे।
आईसीआईजे के साथ साझा किए गए बजफीड न्यूज के जांच विवरण से पता चला है कि अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट की इंटेलिजेंस यूनिट, फाइनेंशियल क्राइम एनफोर्समेंट नेटवर्क ने 2,100 से अधिक संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट दर्ज की हैं।
रिपोर्ट में पता चला कि वैश्विक बैंकों ने संदिग्ध भुगतानों में 1999 और 2017 के बीच 2 खरब डॉलर से अधिक का कारोबार किया।
पाकिस्तानी बैंकों के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान से 29 संदिग्ध में से 1,942,560 डॉलर का रिसीव ट्रांजेक्शन हुआ, जबकि भेजे गए डॉलर का ट्रांजेक्शन 452,000 डॉलर रहा, जिसमें अलाइड बैंक द्वारा कम से कम 12 संदिग्ध लेनदेन, युनाइटेड बैंक लिमिटेड द्वारा आठ, बैंक अल्फलाह द्वारा तीन, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक द्वारा चार और हबीब बैंक लिमिटेड द्वारा एक संदिग्ध ट्रांजेक्शन शामिल है।
रिपोर्ट ने पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था की वैश्विक छवि और मनी लॉन्ड्रिंग पर उसकी स्थिति पर एक और धब्बा लगा दिया है।
यह ऐसे समय में आया है, जब पाकिस्तान आतंकी वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की 27-बिंदु-कार्य योजना को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।
पाकिस्तान वर्तमान में एफएटीएफ की ग्रे सूची में है और ब्लैक लिस्ट में डाले जाने से बचने के लिए कार्य योजना के अनुपालन पर काम कर रहा है।
सुमी खान
ढाका, 22 सितंबर (आईएएनएस)| बांग्लादेश के 3 बैंकों के अवैध धन के लेन-देन में वैश्विक नेटवर्क से जुड़े होने की सूचना मिली है।
3 बैंकों में से 2 इस्लामिक बैंक में 4 बार हुए ट्रांजेक्शन के जरिए 3,37,733 डॉलर आए। ये पैसे ऑस्ट्रेलियाई और एक लातवियाई बैंक से आए थे।
वहीं राज्य के स्वामित्व वाले तीसरे बैंक से 4 ट्रांजेक्शन के जरिए 4,95,204 डॉलर भेजे गए। ये सभी लेन-देन सितंबर 2016 में एक जर्मन बैंक के साथ हुए थे।
ये सभी 8 लेनदेन अमेरिका के ट्रेजरी विभाग के वित्तीय अपराध प्रवर्तन नेटवर्क या फिनकेन फाइलों से नमूने निकाले गए थे, ताकि यह पता चल सके कि बांग्लादेश से कैसे संदिग्ध लेन-देन हुए।
ये जानकारियां बांग्लादेश को वैश्विक नेटवर्क में ट्रिलियन डॉलर से अधिक के संदिग्ध लेन-देन से जोड़ती हैं, जो कि 1999 और 2017 के बीच किए और इस पैसे का उपयोग आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने या उन पर खर्च किए जाने का संदेह है।
हालांकि अन्य दक्षिण एशियाई देशों जैसे कि भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बैंकों की तुलना में बांग्लादेशी बैंकों से हुए संदिग्ध लेनदेन की मात्रा बहुत ही कम थी।
रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की यह राशि 8 मिलियन डॉलर से अधिक थी, जबकि भारत के लिए 888.46 मिलियन डॉलर, पाकिस्तान में 2.39 मिलियन डॉलर और अफगानिस्तान में 99.94 मिलियन डॉलर थी।
बांग्लादेशी बैंकों के लेनदेन को दो अमेरिका-बेस्ड बैंकों के जरिए किया गया था और इन्हीं बैंकों ने फिनकेन के साथ इस संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट दायर की थी।
ये दस्तावेज बजफीड न्यूज को मिले थे और दुनियाभर के पत्रकारों के साथ साझा किए गए थे। प्रमुख अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय बैंकों द्वारा दाखिल की गई 2,100 से अधिक संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट 1999 से 2017 के बीच 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के लेनदेन से संबंधित हैं।
इस खुलासे के बाद बांग्लादेश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने कहा है कि वह जांच करेगा कि क्या लेनदेन के माध्यम से नियमों का उल्लघंन या मनी लॉन्ड्रिंग हुई थी।
यूनिट के प्रमुख अबू हेना मोहम्मद रजी हसन ने कहा, "ये संदिग्ध लेनदेन हैं, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि क्या मनी लॉन्ड्रिंग नियम का उल्लंघन किया गया था। ये सामान्य व्यापार लेनदेन भी हो सकते हैं।"
इस्लामाबाद, 22 सितंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनके देश में लोग चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का स्वागत करने के लिए उत्सुक व उत्साहित हैं। डॉन न्यूज के मुताबिक, निवर्तमान चीनी राजदूत याओ जिंग के साथ बैठक के दौरान खान ने सोमवार को यह टिप्पणी की।
प्रधानमंत्री ने सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने के लिए चीनी नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि गरीबी उन्मूलन के लिए बीजिंग के प्रयासों से सीखने के लिए बहुत कुछ है।
खान ने पाकिस्तान-चीन के 'ऑल-वेदर स्ट्रेटेजिक कोऑपरेटिव पार्टनरशिप' को मजबूत करने के लिए राजदूत याओ के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि राजदूत के कार्यकाल के दौरान, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर गया और फोकस अब औद्योगीकरण, कृषि और सामाजिक-आर्थिक विकास पर है।
याओ ने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में खान की भूमिका के लिए उनको धन्यवाद दिया।
निवर्तमान राजदूत ने कहा कि गरीबी उन्मूलन पर खान द्वारा व्यक्तिगत रूप से फोकस करना न केवल पाकिस्तान के लोगों, बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए पर्याप्त और व्यापक लाभ पहुंचाएगा।
याओ अक्टूबर, 2017 से पाकिस्तान में सेवारत रहे हैं।
हितेश टिक्कू
लंदन, 22 सितम्बर (आईएएनएस)| पंजाब में जन्मे सिख टैक्सी चालक ने कहा है कि चार श्वेत लोगों ने इंग्लैंड के बर्कशायर में उसके साथ मारपीट की और पूछा कि क्या वह आतंकवादी समूह तालिबान का सदस्य है।
रीडिंग टाउन के टाइलहस्र्ट उपनगर में रहने वाले वनीत सिंह (41) का मानना है कि चारों आरोपी स्कॉटिश या आयरिश हो सकते हैं।
मारपीट से चोटिल हुए सिंह ने पुलिस को बताया कि पुरुषों ने उनकी नाक में नशीला पदार्थ डाल दिया, टैक्सी के साथ तोड़फोड़ की और उनकी पगड़ी उतारने की कोशिश की।
चारों को बर्कशायर के एक कसीनो से पिक करने के बाद उनमें से एक ने ब्रेमली के पास उतारने के लिए कहा था।
सिंह ने दावा किया, "बाहर निकलने के बाद, वह मेरी खिड़की के पास काले बक्से में रखी किसी चीज के साथ आया जो मुझे लगता है कि कैनबिस था। उसने मुझे इसका इस्तेमाल करने के लिए कहा और मैंने कहा कि यह मेरे धर्म के खिलाफ है और फिर उसने मेरे फेस मास्क को हटा दिया और जबरन नाक में डाल दिया। इससे मैं नशे में चूर हो गया।"
सिंह ने बताया कि एक अन्य शख्स ने बाहर निकलकर कार चलाने के लिए कहा और मैंने मना कर दिया। फिर उसने मेरी टैक्सी की प्लेट को निकालने की कोशिश की। मैंने पुलिस को फोन करने की कोशिश की, लेकिन नेटवर्क बहुत खराब था। कार में वापस आकर उन्होंने मेरी पगड़ी को खींचने की कोशिश की।
सिंह ने कहा, "उन्होंने मुझे पीछे से लात और घूंसे मारे और मेरी सुरक्षा बेल्ट को कसना जारी रखा। उन्होंने कहा, 'क्या तुम तालिबानी हो?' मैंने कहा, 'नहीं, मैं एक सिख हूं।'और उन्हें इसका धार्मिक प्रतीक बताया और कहा कि वे मेरी पगड़ी को न छुएं।
तीनों लोग बेसिंगस्टोक में एक रेड ट्रैफिक के पास उतरे, उनकी कार को पीछे से लात मारकर चलते बने।
कैब चलाने के अलावा, सिंह बर्कशायर में तबला भी सिखाते हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे अब गर्दन और सीने में दर्द हो रहा है और मेरा शरीर कांप रहा है। यह 100 प्रतिशत नस्लवादी हमला था। मैं आमतौर पर एक दोस्ताना आदमी हूं, हमेशा हंसता रहता हूं और इस वाकये ने मुझे डरा दिया है।"
टेम्स वैली पुलिस ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं।
बीजिंग, 22 सितम्बर (आईएएनएस)| चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने मंगलवार को कहा कि देश में सोमवार को स्थानीय तौर पर कोरोनावायरस संक्रमण के नए मामले सामने नहीं आए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, आयोग ने अपनी दैनिक रिपोर्ट में कहा कि इस बीच, देश में बाहर से आए छह मामलों की पुष्टि हुई है।
आयोग ने कहा कि कोरोना के नए संदिग्ध मामले दर्ज नहीं हुए या बीमारी से नई मौतें नहीं हुई हैं।
सोमवार को चीन में कोरोना से ठीक होने के बाद 13 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई।
सोमवार के अंत तक, देश में कुल 2,748 आयातित मामले दर्ज किए गए थे। उनमें से, 2,582 को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है और 166 अभी भी अस्पताल में भर्ती है, जिनमें तीन की हालत गंभीर बताई गई। आयातित मामलों में से किसी की मौत नहीं हुई है।
चीन में सोमवार तक, कुल 85,297 मामले सामने आ चुके हैं और 166 रोगियों का इलाज चल रहा है।
आयोग ने कहा कि कुल मिलाकर 80,497 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दी जा चुकी है और 4,634 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं।
तेहरान 22 सितंबर (शिन्हुआ) ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद ज़रीफ़ ने सोमवार को कहा कि अमेरिका के साथ ईरान सभी कैदियों की अदला-बदला करने के लिए एक दम तैयार हैं।
ईरान संवाद समिति के अनुसार श्री ज़रीफ़ ने न्यूयॉर्क में आयोजित विदेश संबंधों की परिषद को वीडियो कॉन्फरेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए यह बात कही।
गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में ईरान ने अमेरिका के साथ दो कैदियों की अदला-बदली की थी जिसमें जासूसी के आरोप में हिरासत में लिए गया एक अमेरिकी नागरिक भी शामिल था।
वाशिंगटन, 21 सितंबर |अमेरिका के वर्मोंट राज्य के सीनेटर बर्नी सेंडर्ज़ ने चेतावनी दी है कि ट्रम्प 2020 के राष्ट्रपति पद के चुनाव में हारने के बाद देश की शांति सुरक्षा को ख़तरे में डाल सकते हैं।
समाचार एजेंसी इर्ना की रिपोर्ट के मुताबिक़, अमेरिका के वर्मोंट राज्य से आज़ाद सीनेटर बर्नी सेंडर्ज़ ने अपने ट्वीट के ज़रिए कहा है कि, जब डोनल्ड ट्रम्प 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीते थे तब उन्होंने यह दावा किया था कि लाखों लोगों ने चुनाव में ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से भाग लिया है। सेंडर्ज़ ने अपने ट्वीट के माध्यम से यह चेतावनी दी है कि, ट्रम्प एक बार फिर राष्ट्रपति बनने के लिए हर तरह के हथकंड़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रम्प व्हाइट हाउस में बने रहने के लिए हिंसा का भी सहारा ले सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में 3 नवंबर 2020 को 59वां राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है। चुनाव से पहले होने वाले सर्वों में यह बात सामने आई है कि, डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनल्ड ट्रम्प से आगे चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि 2020 के चुनाव में आधे अमेरिकी मतदाता कोरोना महामारी के कारण पोस्ट वोट के ज़रिए चुनाव में भाग लेंगे। 2016 के चुनाव में पोस्ट के माध्यम से वोटिंग में भाग लेने वालों की संख्या के मुक़ाबले में इस बार पोस्ट से वोट करने वालों की संख्या दो बराबर है। यह ऐसी स्थिति में है कि ट्रम्प कई बार यह दावा कर चुके हैं कि पोस्ट के ज़रिए वोटिंग भयंकर तबाही होगी, क्योंकि इसमें धांधली की संभावना ज़्यादा है। (parstody)
वाशिंगटन, 21 सितंबर | सीमा सुरक्षा के अधिकारियों ने एक महिला को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को ज़हरीला ख़त भेजने के आरोप में गिरफ़्तार किया है। यह महिला कनाडा से अमेरिका में घुसने की कोशिश में थी। इसके पास से एक हथियार भी मिला है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को ज़हरीले केमिकल वाला ख़त भेजने की आरोपी महिला को सीमा बल ने कनाडा की सीमा से गिरफ़्तार किया है। व्हाइट हाउस के पते पर जो लिफ़ाफ़ा भेजा गया उसमें रिसिन नामक ख़तरनाक ज़हर था। आरोपी महिला कनाडा से अमेरिका में घुसने की फ़िराक़ में थी, अधिकारियों ने बताया है कि उसके पास से एक बंदूक भी मिली है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसर, गिरफ़्तार की गई महिला कनाडा-न्यूयॉर्क सीमा से अमेरिका में दाख़िल होने की कोशिश कर रही थी, तभी उसे अमेरिकी सीमा पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया। संघीय अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि महिला पर अमेरिकी क़ानून के तहत मुक़दमा चलाया जाएगा। आरोप है कि महिला ने जो ख़त भेजा था वह राष्ट्रपति ट्रम्प के नाम पर था। इस ख़त की जानकारी अधिकारियों को तब लगी जब वे व्हाइट हाउस आए पत्रों की जांच कर रहे थे।
एफ़बीआई की शुरुआती जांच में ज़हरीले पदार्थ रिसिन की पुष्टि हुई है। रिसिन को ख़तरनाक ज़हर माना जाता है और यह मुख्य रूप से अरंडी की फलियों में पाया जाता है और अगर यह ज़हरीला पदार्थ सांस के ज़रिए शरीर में प्रवेश करता है तो संक्रमित व्यक्ति को उल्टी हो सकती है, शरीर के भीतर रक्तस्राव शुरू हो सकता है और अंग काम करना बंद कर सकते हैं। यह ज़हर 48 से 72 घंटे के भीतर किसी व्यक्ति को मार सकता है। इस खतरनाक ज़हर का अब तक कोई एंटीडोट तैयार नहीं हो पाया है। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस का कहना है कि यह ख़त कनाडा से भेजा गया था, हालांकि अधिकारियों को इस बारे में बात करने की इजाज़त नहीं है, उन्होंने नाम ना ज़ाहिर करने की शर्त पर यह बात बताई है। कनाडा की पुलिस के मुताबिक़ एफ़बीआई ने उससे संदिग्ध ख़त के बारे में मदद मांगी है। पुलिस इस मामले में एफ़बीआई के साथ मिलकर काम कर रही है, हालांकि पुलिस ने इस बारे में कुछ भी विस्तार से नहीं बताया है।
उल्लेखनीय है कि, अमेरिका में पहले भी ख़त और पार्सल के ज़रिए ज़हर भेजने की घटनाएं हो चुकी हैं। 2018 में अमेरिका के यूटा में एक व्यक्ति ने ट्रम्प के साथ साथ एफ़बीआई निदेशक को ज़हरीला पदार्थ भेजा था, लेकिन व्हाइट हाउस पहुंचने के पहले ही उस ख़त को पकड़ लिया गया था और कोई भी संक्रमित नहीं हुआ था। इससे पहले वर्ष 2014 में तात्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को रिसिन के पाउडर से लिपटा ख़त भेजने के एक आरोपी को 25 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी। मिसिसिपी के रहने वाले दोषी ने ओबामा के साथ साथ कई अधिकारियों को ज़हरीला ख़त भेजा था। (parstoday)
बीजिंग, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| अमेरिका ने 19 तारीख को एकतरफा घोषणा की कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ईरान पर प्रतिबंध लगाएगा। इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र में स्थित चीनी स्थायी प्रतिनिधि चांग चुन ने 20 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को भेजे अपने एक पत्र में चीन का रुख बताया। चांग चुन ने कहा कि अमेरिका मई 2018 में ईरानी परमाणु मुद्दे पर व्यापक समझौते से बाहर निकल गया है और व्यापक समझौते में भागीदार नहीं है। अमेरिका ने सुरक्षा परिषद से प्रतिबंधों को बहाल करने का आग्रह किया, यह निराधार है। सुरक्षा परिषद के तेरह सदस्यों ने इस साल अगस्त में सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को बताया कि अमेरिका के निर्णयों या कार्यों का कोई कानूनी, राजनीतिक या व्यावहारिक प्रभाव नहीं है।
चांग चुन ने जोर देते हुए कहा कि उपरोक्त कारणों के आधार पर ईरान पर प्रतिबंधों की बहाली सक्रिय नहीं हुई और सुरक्षा परिषद के 2231वें प्रस्तावों के अनुसार, ईरान पर प्रासंगिक प्रतिबंधों को समाप्त करना जारी रखेगा। चीन व्यापक समझौते की प्रभाविकता और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अधिकारिकता को बनाए रखता है और ईरानी परमाणु मुद्दे के राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देना जारी रखेगा।
मॉस्को, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| रूस की राजधानी मॉस्को में 60,000 से अधिक लोगों ने कोरोनावायरस वैक्सीन परीक्षणों के लिए आगे आने का आवेदन दिया है और 700 से अधिक लोगों को इंजेक्शन लगाया गया है। स्पुतनिक-5, जो कि एक एडेनोवायरस वेक्टर-आधारित वैक्सीन है, उसे गामलेया साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है। इसे 11 अगस्त को पंजीकृत किया गया था।
मेयर सर्गेई सोबयानिन ने रविवार को कहा, 60,000 से अधिक लोगों ने स्वयंसेवक के रूप में ट्रायल के लिए हस्ताक्षर किए हैं, कई हजार लोगों ने परीक्षण के लिए संभावित उम्मीदवारों के रूप में पंजीकृत होने के लिए आवश्यक चिकित्सा परीक्षण पास किया है।
रूस के तास न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अब तक 700 लोगों को ये वैक्सीन लगाई गई है। वो सभी ठीक हैं।
वैक्सीन को उस प्लेटफॉर्म पर विकसित किया गया था जिसका उपयोग कई अन्य टीकों के लिए किया गया था।
बता दें कि 15 अगस्त को रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन का उत्पादन शुरू करने की घोषणा की थी
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अपने देश के सभी स्कूलों के लिए नया आदेश जारी किया है। इसके तहत बच्चों को 90 मिनट तक उनकी महानता की कहानी पढ़ाई जानी है।
प्योंगयांग, ऑनलाइन डेस्क/एजेंसी। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक नया फरमान जारी किया है। इस फरमान के बाद अब स्कूलों के शिक्षक और बच्चों के पैरंट्स खासे परेशान है। तानाशाह का नया फरमान है कि अब सभी स्कूलों में बच्चों को रोजाना 90 मिनट तक उसकी महानता की कहानी पढ़ाई जाए जिससे बच्चे उन्हें अपना आदर्श मानें और देश के लिए वफादार हो सके। इससे पहले तक नॉर्थ कोरियाई स्कूली छात्रों को किम जोंग-उन के बारे में पढ़ाए जाने के लिए केवल 30 मिनट का समय तय था।
महानता शिक्षा के तहत जारी किया गया आदेश
नॉर्थ कोरिया की एजेंसी केसीएनए के अनुसार स्कूली बच्चों को 90 मिनट तक किम के बारे में पढ़ाने के लिए जो आदेश जारी किया गया है, उसका एक सीधा सा मतलब है कि किम के प्रति युवा वफादार रहें। किम जोंग की ओर से उनकी बहन किम यो जोंग इस आदेश का पालन करवाने के लिए चीजें मॉनीटर कर रही हैं। वो अचानक से किसी स्कूल में इसको देखने के लिए भी जा सकती हैं या अपने किसी खास से उसकी रिपोर्ट भी मांग सकती हैं। ये नया सरकारी निर्देश बीते माह ही जारी किया गया है। चूंकि अभी स्कूल वगैरह बंद चल रहे हैं इस वजह से ये आदेश पहले ही जारी कर दिए गए हैं जिससे जब स्कूल खुले तो बच्चों को उसी हिसाब से पढ़ाया जा सके।
किम को बताया जा रहा बहुत बुद्धिमान बच्चा
इस नई शिक्षा के तहत शिक्षक स्कूल के बच्चों को ये बताएंगे कि तानाशाह किम जोंग उन एक बहुत ही बुद्धिमान बच्चा था। उसने 5 साल की उम्र में एक नौका की सवारी की थी। निशाना लगाने का अभ्यास किया और पढ़ना पसंद करता था। पिता किम जोंग इल की साल 2011 में मौत के बाद देश को संभालने का जिम्मा उठाया। साल 1948 में नॉर्थ कोरिया का गठन हुआ था, उसके बाद से वो एक कम्युनिस्ट तानाशाही के रूप में चल रहा है। किम जोंग उन के दादा किम इल-सुंग ने नॉर्थ कोरिया की स्थापना की थी, वो ही इसके पहले नेता थे, उन्होंने देश को स्थापित करने के लिए काम किया था।
बात नहीं बनी दो बने साउथ और नॉर्थ कोरिया
दूसरे विश्व युद्ध के बाद कोरिया को दो भागों में बांट दिया गया था, एक नॉर्थ कोरिया बना और दूसरा साउथ कोरिया। नॉर्थ कोरिया सोवियत संघ के कब्जे में था और साउथ कोरिया संयुक्त राज्य द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था। एकीकरण वार्ता (Integration talks)विफल होने के बाद कोरियाई क्रमशः कम्युनिस्ट नॉर्थ कोरिया और पूंजीवादी साउथ कोरिया के गठन के लिए
अलग-अलग देशों ने किया समर्थन
संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने साउथ कोरिया की ओर से हस्तक्षेप किया जबकि चीन ने नॉर्थ कोरिया का समर्थन किया। देशों के बीच में आने के बाद से युद्ध तो समाप्त हो गया मगर आज भी नॉर्थ और साउथ कोरिया में तनाव बना हुआ है। तानाशाह अपने शासन के खिलाफ किसी तरह की आलोचना नहीं सुनना चाहता है।
बीते माह ही शासन के 5 अधिकारियों ने आर्थिक नीतियों की आलोचना की थी, तब किम ने उन्हें रात में डिनर पर बुलवाया और अपनी स्पेशल सेना के जवानों से मौत के घाट उतरवा दिया। इन पांचों को गोली मार दी गई।उसके बाद उनके परिवारों को भी हिरासत में लिया गया था। तानाशाह किम का शासन ऐसा है कि वहां लोग अपनी राय भी नहीं दे सकते, जो किम ने कह दिया उसे ही अंतिम बात माना जाता है। (jagran)
वाशिंगटन 21 सितंबर (वार्ता) अमेरिका में विपक्षी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति की योजना है जोकि ‘शक्ति का दुरूपयोग’ है।
श्री बिडेन कहा कि श्री ट्रंप अगले सप्ताह उदारवादी जस्टिस महिला को मनोनीत करेंगे। उन्होंने सीनेट रिपब्लिकन से इसकी पुष्टि में विलंब करने का आग्रह किया है।
रविवार को फिलाडेल्फिया में संवैधानिक केंद्र में एक भाषण के दौरान श्री बिडेन ने कहा , “अमेरिका का संविधान अमेरिकियों को सुनने का मौका देता है और उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए ... उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए वे सत्ता के इस दुरुपयोग के लिए खड़े नहीं होंगे।”
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस उदारवादी सुश्री गिन्सबर्ग का शुक्रवार को 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।
नौ सदस्यीय अदालत का वैचारिक संतुलन अमेरिकी कानून में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उसके फैसलों के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “मैं उन सीनेट रिपब्लिकन से अपील करता हूं, कृपया अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुने, लोगों को बोलने दें, उन लपटों को शांत करें जो हमारे देश में फैली हुई हैं।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प और सीनेटर मैककोनेल द्वारा निर्मित परिस्थितियों में किसी को भी नामित करने की पुष्टि करने के लिए मतदान न करें।
नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव के बाद तक, दो रिपब्लिकन सीनेटर लिसा मुर्कोव्स्की और सुसान कोलिन्स ने मतदान में देरी का समर्थन किया है।
चीन, 20 सितंबर | दुनिया अभी कोरोना महामारी से जूझ ही रही थी कि इस बीच चीन में एक और नई बीमारी ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. चीन में यह नई बीमारी बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से फैली है.
चीन के गांसु प्रांत की राजधानी लांझोउ के स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक चीन में इस ब्रुसेलोसिस बीमारी से करीब 3,000 लोग संक्रमित हो चुके हैं.
लांझोउ के स्वास्थ्य आयोग के अनुसार यह ब्रुसेलोसिस बीमारी पशुओं के संपर्क में आने के कारण होती है. इस बीमारी को Malta fever या Mediterranean fever के नाम से भी जानी जाती है. हालांकि चीन में अभी तक इस बीमारी से किसी के मौत की खबर नहीं है.
कैसे और किससे फैलती है ये बीमारी
ब्रुसेलोसिस एक जीवाणु रोग है जो मुख्य रूप से मवेशियों, सूअर, बकरियों, भेड़ों और कुत्तों को संक्रमित करता है. यदि मनुष्य ऐसे संक्रमित जानवरों के साथ सीधे संपर्क में आते हैं तो वह भी संक्रमित हो सकते हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस बीमारी के अधिकांश मामले संक्रमित बकरियों या भेड़ों के कच्चे दूध या पनीर के सेवन के कारण होते हैं.
कब आया पहला मामला
लांझोउ शहर के स्वास्थ्य आयोग की वेबसाइट में पिछले साल 28 नवंबर को लांझोउ वेटरनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट में हुई “ब्रुसेलोसिस एंटीबॉडी-पॉजिटिव मामले” का उल्लेख है. अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल एक बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी में रिसाव (लीक) के बाद कई लोगों में ये संक्रमण दिखाई दिया. ये रिसाव साल 2019 में जुलाई महीने के अंत से अगस्त माह के आखिरी तक चला. इससे उत्तर-पश्चिम चीन में कई हजार लोग बैक्टीरियल इंफेक्शन से संक्रमित पाए गए हैं. ब्रुसेलोसिस चीन में 1980 के दशक में एक आम बीमारी थी, हालांकि बाद में इसमें गिरावट आई थी.
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण
संयुक्त राज्य अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) ने इसके लक्षणों के बारे में सार्वनिक तौर पर बताया है. CDC के अनुसार इस बीमारी को माल्टा फीवर या Mediterranean फीवर कहते हैं.
सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द होना
बुखार और थकान होना
सर्दी के साथ बुखार आना
भूख न लगना
वजन का लगातार घटना
इसके अलावा कुछ पुराने लक्षण जैसे गठिया या कुछ अंगों में सूजन आना(tv9bharatvarsh.com)
चीन , 20 सितंबर | चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने शिनजियांग में उइघुर और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों के लिए अपनी आंतरिक शिविर की प्रणाली का बचाव करते हुए गुरुवार को एक श्वेत पत्र जारी किया। फिर भी बढ़ते वैश्विक दबाव में मजबूरी में जारी एक श्वेत पत्र में उसने अपने जबरिया श्रम कार्यक्रम के पैमाने का कुछ विवरण सामने रखा है। उससे शिनजियांग से उइघुरों के जबरिया श्रम शिविरों में भेजे जाने की विशाल संख्या का थोड़ा अंदाजा लगा है।
बीजिंग की रिपोर्ट में शामिल आंकड़े इस कार्यक्रम के दायरे की विशालता का संकेत करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 और 2019 के बीच दक्षिणी शिनजियांग के 415,400 लोगों सहित हर साल औसतन 12.9 लाख कर्मचारी व्यावसायिक प्रशिक्षण से गुजरे थे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि लोगों को कितनी बार इन शिविरों में भेजा गया है।
गुरुवार को प्रकाशित दस्तावेज में बीजिंग ने अपने कठोर श्रम शिविरों को व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र कहा है। जिनके द्वारा सक्रिय श्रम और रोजगार नीतियों के माध्यम से शिनजियांग के लोगों के भौतिक और सांस्कृतिक जीवन में लगातार सुधार आया है। इसने हर क्षेत्र में उनके मानवाधिकारों की गारंटी और विकास किया है। जानकारों का साफ कहना है कि चीन के श्वेत पत्र से हमें ग्रामीण अधिशेष मजदूरों को केंद्रीकृत, सैन्यीकृत प्रशिक्षण के माध्यम से बंधुआ मजदूरों में बदलने की संख्या का एक संभावित अंदाजा मिलता है।
चीन को लगातार इन आरोपों का सामना करना पड़ रहा है कि वह रोजगार प्रशिक्षण के नाम शिनजियांग क्षेत्र में अल्पसंख्यकों को बड़े पैमाने पर नजरबंदी के साथ-साथ निगरानी केंद्रों में भेज रहा है। इसके साथ ही वह धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं पर प्रतिबंध लागू कर रहा है और महिलाओं की जबरन नसबंदी को बढ़ावा दे रहा है। ये सभी कार्य सांस्कृतिक नरसंहार की श्रेणी में आते हैं।
बीजिंग हालांकि इन आरोपों का सख्ती से खंडन करता है और दावा करता है कि इसकी नीतियां आतंकवाद का मुकाबला करने और गरीबी को कम करने के लिए हैं। इसके बावजूद पत्रकारों और मानवाधिकार समूहों को इन अत्यधिक गुप्त रखे गये शिविरों का निरीक्षण करने से प्रतिबंधित किया गया है। शिनजियांग क्षेत्र में अल्पसंख्यक मुसलमानों की प्रथाओं को खत्म करने को लेकर चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। कई देशों ने इसको लेकर चीन पर प्रतिबंध लगाये हैं। अमेरिका ने शिनजियांग क्षेत्र से आयात पर प्रतिबंध लगाया है और कपड़े की दिग्गज कंपनी एचएंडएम ने शिनजियांग क्षेत्र के उत्पादकों के साथ आयात समझौतों पर रोक लगा दिया है।
चीन ने इस संवेदनशील मुद्दे पर बढ़ती वैश्विक रिपोटिर्ंग से खतरा महसूस करने के बाद यह श्वेत पत्र जारी किया है। श्वेत पत्र ने कहा कि औसत वार्षिक 'अधिशेष ग्रामीण श्रम का स्थानांतरण' 27.6 लाख से अधिक लोगों का था, जिनमें से 60 फीसदी से अधिक दक्षिणी शिनजियांग के निवासी थे। श्वेत पत्र के अनुसार 2018 से 2019 तक दक्षिणी शिनजियांग और आस-पास के इलाकों में पंजीकृत गरीब परिवारों के 155,000 लोग थे, जिन्होंने अपने घरेलू शहरों के बाहर रोजगार पाया और बाद में गरीबी से उबरने में सफल हो सके।
ग्रामीण दक्षिण शिनजियांग गरीब घरों के लोग इस नजरबंदी अभियान का मुख्य लक्ष्य हैं। उनको शुरू में नजरबंदी शिविरों के पास नौकरियों में रखा जाता है,अक्सर यह औद्योगिक पार्कों के भीतर किया जाता है। केवल कुछ खुशनसीब ही घर लौटने में सफल हो पाते हैं। इस वर्ष की शुरूआत में कई ऐसी खबरें अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में प्रकाशित हुईं जिनमें बताया गया कि लाखों लोगों को शिनजियांग से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है। कुछ को नजरबंदी शिविरों से सीधे पूरे चीन भर के कारखानों में ले जाया गया था, जहां स्थितियां साफ तौर पर बंधुआ मजदूरी का संकेत देती हैं।
जबकि वल्र्ड उइघुर कांग्रेस ने कहा कि यह श्वेत पत्र चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा झूठ बोलने और अपने अत्याचारों को जायज ठहराने का एक और प्रयास है, जैसा कि शिनजियांग के अपने नजरबंदी शिविरों के अस्तित्व के बारे में उसने कुछ साल पहले झूठ बोला था। श्वेत पत्र क्षेत्र में गरीबी और रोजगारहीनता का हवाला दिया गया है। लेकिन सीसीपी इस इलाके में रोजगार देने के मामले में बहुत भेदभाव करती है। इलाके में बसने वाले हान चीनियों को सभी बड़ी कंपनियों में सभी हाई-प्रोफाइल नौकरियों से नवाजा जाता है, जबकि उइघुरों को कम या बिना वेतन के बंधुआ नौकरियों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।
यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि इस श्वेत पत्र का कम से कम 5 भाषाओं में अनुवाद किया गया है। जिसका तात्पर्य है कि यह न केवल आंतरिक प्रचार उद्देश्यों के लिए है, बल्कि उइघुर जबरिया श्रम के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपयोग करने के लिए चीन की सरकार की एक बड़ी चाल है। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तेजी से शिनजियांग में चीन की कार्रवाई पर जोरदार आपत्ति जता रहा है।
जुलाई में मानवाधिकार समूहों के एक गठबंधन ने कहा था कि दुनिया भर में बिकने वाले पांच कपास उत्पादों में से एक शिनजियांग के जबरिया श्रमिक कार्यक्रमों से जुड़ा हुआ है। मंगलवार को स्वीडिश कपड़ों की दिग्गज कंपनी एचएंडएम ने कहा कि जब तक हमें जबरन श्रम के आरोपों के बारे में अधिक स्पष्टता नहीं मिलती है, वह शिनजियांग के उत्पादकों के साथ अपने व्यापार सौदों को खत्म कर रही है।
(यह लेख इंडियानैरेटिवडॉटकॉम से विशेष व्यवस्था के तहत लिया गया है।)
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान दशकों से अपनी सिख आबादी के साथ हत्या, दुष्कर्म, अपहरण और युवतियों का जबरन विवाह कराने जैसे कृत्यों को अंजाम देकर सिखों को प्रताड़ित करते आ रहा है, लेकिन फिर भी यह भारत को तोड़ने के नापाक मंसूबों के साथ खालिस्तानी आतंकवाद और विश्व स्तर पर अलगाववादी आंदोलन को भड़काने और बढ़ावा देने के लिए वित्तीय मदद कर रहा है। एक कनाडाई विशेषज्ञ ने यह बात कही। विशेषज्ञ टेरी माइलवस्की ने इस विषय पर हाल ही में एक रिपोर्ट लिखी थी। उन्होंने 18 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली स्थित थिंक टैंक लॉ एंड सोसाइटी अलायंस द्वारा आयोजित वेबिनार 'खालिस्तानी टेररिज्म एंड कनाडा' (खालिस्तानी आतंकवाद और कनाडा) में बोलने के दौरान यह कहा।
कनाडाई थिंक-टैंक मैकॉनल्ड-लॉरियर इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित 9 सितंबर की रिपोर्ट 'खालिस्तान : ए प्रोजेक्ट ऑफ पाकिस्तान' लिखने वाले माइलवस्की ने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादियों ने पाकिस्तान के प्रति अपनी निष्ठा की शपथ ली है।
मैकडॉनल्ड-लॉरियर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट ने खालिस्तानी आतंकवाद पर वैश्विक बहस छेड़ते हुए, और इसमें पाकिस्तान का हाथ होने को उजागर किया है।
माइलवस्की ने कहा कि उनकी रिपोर्ट ने खालिस्तान चरमपंथियों और पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है, जहां वास्तव में सिख अभी भी इस्लाम में जबरन धर्म परिवर्तन, गुरुद्वारों पर हमले, अपहरण और हत्याओं से पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा, "यह ऐसा है जैसे भारत-पाकिस्तान विभाजन के दिन अभी खत्म नहीं हुए हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान में सिख आबादी तेजी से घट रही है।"
उन्होंने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा एयर इंडिया के विमान को बम से उड़ाने के 35 साल बाद भी जब उन्होंने 'जनमत संग्रह 2020' अभियान के लिए खालिस्तान का नक्शा देखा तो वह रिपोर्ट लिखने के लिए प्रेरित हुए।
प्रस्तावित खालिस्तान मानचित्र में भारत के कई हिस्सों को शामिल किया गया, जिसमें राजस्थान के कुछ भू-भाग, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली का संपूर्ण भारतीय हिस्सा शामिल किया गया।
उन्होंने कहा, "लेकिन कनाडा से संचालित होने वाले वाले सिख फॉर जस्टिस द्वारा लाए गए इस नक्शे में खालिस्तान के हिस्से के रूप में पाकिस्तानी क्षेत्र के एक इंच पर भी दावा नहीं किया गया। इसमें लाहौर भी शामिल होना चाहिए, जहां से महाराजा रणजीत सिंह ने एक साम्राज्य चलाया था और ननकाना साहिब होना चाहिए, जहां गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। सिखों के समृद्ध इतिहास वाले इन हिस्सों क्यों छोड़ा जा रहा है? इसका जवाब यह है कि जो लोग खालिस्तान के लिए आंदोलन कर रहे हैं, वे पाकिस्तान की वित्तीय सहायता के बिना अभियान नहीं चला सकते हैं? वे अपने आकाओं को नाराज नहीं करना चाहते।"
माइलवस्की ने कहा कि उन्होंने 15 अगस्त को कनाडा में भारतीय मिशनों के सामने आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान चरमपंथी खालिस्तानी को पाकिस्तान का खुला समर्थन मिलता देखा था।
हालांकि दोनों पक्ष समर्थन छिपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन ये सामने आ ही जाता है।
--आईएएनएस