राष्ट्रीय
आगरा (उत्तर प्रदेश), 16 अगस्त । आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2023 के आयोजन में केवल 50 दिन बाकी हैं। वर्ल्ड कप की मेजबानी इस बार भारत कर रहा है। इस बीच ट्रॉफी को बुधवार को ताज नगरी आगरा में खुबसूरत ताज महल में प्रदर्शित किया गया।
5 अक्टूबर से 19 नवंबर तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में विजेता टीम को दी जाने वाली ट्रॉफी को बुधवार को ताज महल में प्रदर्शित किया गया, ट्रॉफी को देखकर फैंस काफी खुश नजर आए।
आईसीसी ने ताज महल के सामने विश्व कप ट्रॉफी की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, "वर्ल्ड कप23 के लिए 50 दिन बाकी हैं।"
आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 ट्रॉफी के टूर का उद्देश्य भारत के सबसे प्रतिष्ठित स्थलों पर भव्य कार्यक्रमों को प्रस्तुत करना है।
विश्व कप के शुरुआती दिन 5 अक्टूबर को गत चैंपियन इंग्लैंड अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में न्यूजीलैंड से भिड़ेगा। (आईएएनएस)।
2013 में भारत के मध्य प्रदेश में भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा परीक्षा घोटाला यानी व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) सामने आया. परीक्षा में किसी की जगह दूसरे को बैठाना, नकल कराना और अन्य तरह की धांधलियों की वजह से इस मामले में हज़ारों लोगों को गिरफ़्तार किया गया.
हालांकि इन घटनाओं में एक चौंकाने वाला मोड़ तब सामने आया जब 2013 में घोटाला के सार्वजनिक होने से कई साल पहले, घोटाले से जुड़े संदिग्धों की एक के बाद एक मौत होने लगी. इन लोगों की मौत की वजहों में दिल का दौरा और सीने में दर्द से लेकर सड़क दुर्घटनाएं और आत्महत्याएं शामिल थीं. इतना ही नहीं, ये सभी मौतें असामयिक और रहस्यमयी थीं.
भारत की केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआई ने व्यापम घोटाले से संबंधित मौतों की जब जांच शुरू की तो सबसे पहला यही सवाल था कि ये मरने वाले लोग कौन थे और उनकी मौत कैसे हुई? कहीं इन मौतों में कोई स्पष्ट पैटर्न तो नहीं था? व्यापम घोटाले से जुड़े कई लोगों की मौत बीमारियों के कारण भी हुई है, इस रिपोर्ट में केवल उन लोगों को शामिल किया गया है जिनकी मृत्यु की परिस्थितियाँ संदेह पैदा करती हैं या परिजनों ने साज़िश की बात कही है.
नम्रता दामोर
उम्र: 19
मौत की वजह: संदिग्ध आत्महत्या
इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की 19 साल की छात्रा नम्रता दामोर जनवरी, 2012 की एक सुबह लापता हो गईं. सात जनवरी, 2012 को उनका शव उज्जैन में रेलवे ट्रैक से बरामद किया गया.
शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि उनकी मौत दम घुटने से हुई थी. इसके बाद उनकी मौत को हत्या के तौर पर दर्ज किया गया.
शुरुआती रिपोर्ट में उनके होठों पर चोट के निशान और कुछ दांतों के ग़ायब होने का उल्लेख भी था. हालांकि बाद में पुलिस ने शुरुआती आकलनों को खारिज़ कर दिया और दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद उनकी मौत को आत्महत्या के तौर पर दर्ज किया.
इसके तीन साल बीतने के बाद एक प्रमुख मीडिया संस्थान के पत्रकार अक्षय सिंह नम्रता के पिता का इंटरव्यू लेने झाबुआ गए. इंटरव्यू रिकॉर्ड करने से पहले उन्हें खांसी होने लगी और मुंह से झाग़ बाहर निकलने लगा.
अक्षय सिंह
उम्र: 38
मौत की वजह: अज्ञात
अक्षय सिंह मध्य प्रदेश के झाबुआ ज़िले में मेहताब सिंह दामोर के घर पहुंचे थे. वे मेहताब सिंह की बेटी नम्रता दामोर की 2012 में हुई संदिग्ध मौत के बारे में बात करना चाहते थे. पिता मेहताब सिंह भी बात करने को तैयार थे. दोनों आमने-सामने बैठे थे. मेहताब सिंह ने अपनी याचिकाओं और कोर्ट के फ़ैसले की फोटोकॉपी सामने बैठे अक्षय सिंह को सौंपी. चाय आ गई थी. जैसे ही सिंह ने चाय पी, उनका चेहरा अकड़ने लगा और होठों पर झाग के साथ वे ज़मीन पर गिर गए.
अक्षय सिंह को मेहताब सिंह दामोर के घर तक ले जाने वाले इंदौर के स्थानीय पत्रकार राहुल कारिया कहते हैं, "हमने उन्हें फ़र्श पर लिटाया, उनके कपड़े ढीले कर दिए और उनके चेहरे पर पानी छिड़का. मैं उनकी नब्ज़ देखी और मुझे तुरंत पता चला गया कि अक्षय सिंह की मौत हो चुकी है."
उन्हें सिविल अस्पताल और बाद में एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचाने में असफल रहे. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई थी और मौत के समय उनके दिल का आकार बढ़ा हुआ था.
इसके एक दिन बाद, राज्य के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन जो व्यापम में शामिल छात्रों की सूची तैयार कर रहे थे, वे नई दिल्ली के एक होटल में मृत पाए गए.
डॉ. अरुण शर्मा
उम्र: 64
मौत की वजह: अज्ञात
शर्मा जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन थे और और उन्होंने कथित तौर पर मध्य प्रदेश के स्पेशल टास्क फ़ोर्स के पास 200 से ज़्यादा दस्तावेज़ जमा कराए थे. उन्होंने खुद से उन छात्रों की सूची तैयार की थी जिन पर कथित तौर पर धांधली में शामिल होने का आरोप था.
अक्षय की मौत के एक दिन बाद, वे दिल्ली स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नज़दीक स्थित होटल उप्पल में अपने बिस्तर पर मृत पाए गए थे.वे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से एक निगरानी के लिए त्रिपुरा की राजधानी अगरतला जा रहे थे. पुलिस को उनके कमरे से शराब की खाली बोतल मिली थी. ऐसा ज़ाहिर हो रहा था कि शर्मा ने रात में काफ़ी शराब पी थी और रात में उन्हें उल्टियां भी आई थीं.
मामले की जांच करने वाले अधिकारी ने प्राकृतिक कारण से होने वाली मौत बताते हुए जांच बंद कर दी थी. अचरज की बात यह थी कि वे मेडिकल कॉलेज के दूसरे डीन थे जिनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी. एक साल पहले जबलपुर मेडिकल कॉलेज के एक दूसरे डीन ने अपने घर के पीछे बगीचे में आत्महत्या कर ली थी.
डॉ. डीके सैकाले
उम्र: -
मौत की वजह: संदिग्ध आत्महत्या
डॉ. डीके जबलपुर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन डीन थे, साथ ही वे व्यापम की जांच कर रहे कॉलेज की आंतरिक जांच समिति के प्रभारी भी थे. सुबह 8.45 बजे जब उनकी पत्नी टहलने के बाहर गई हुई थीं, तब वे आग की लपटों के बीच अपने घर से बाहर निकले थे.
पुलिस ने बाद में दावा किया कि ये आत्महत्या है और इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं है. हालांकि इस मामले को उजागर करने वाले कार्यकर्ताओं का दावा है कि ये आत्महत्या का मामला नहीं था और उन्होंने उनकी असमय मौत की केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की थी.
नरेंद्र राजपूत
उम्र: 35
मौत की वजह: अज्ञात
नरेंद्र राजपूत झांसी कॉलेज में बैचलर ऑफ़ आयुर्वेदिक मेडिसीन एंड सर्जरी (बीएएमएस) से डिग्री हासिल करने के बाद अपने गांव हरपालपुर लौट गए थे. असामयिक मौत से महज छह महीने पहले उन्होंने अपने गांव में अपना क्लिनिक शुरू किया था.
13 अप्रैल, 2014 को नरेंद्र ने खेतों में काम करने के दौरान छाती में दर्द की शिकायत की और घर की तरफ़ लौटने लगे लेकिन घर के दरवाज़े पर ही वे ढेर हो गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत की स्पष्ट वजह का पता नहीं चला. उनके परिवार वालों ने सरकार की किसान बीमा योजना के तहत बीमा लाभ के लिए आवेदन किया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजहों का पता नहीं चलने की वजह बीमा का लाभ भी परिवार वालों को नहीं मिला.
नरेंद्र के रिश्तेदारों के मुताबिक मौत के कुछ महीनों के बाद पुलिस उनके घर पहुंची और तब जाकर परिवार वालों को पता चला था कि व्यापम घोटाले में बिचौलिए के तौर पर उन पर मामला दर्ज है.
सरकार के अनुमान के मुताबिक 2007 से 2015 के बीच व्यापम मामले से जुड़े 32 लोगों की मौत हुई. हालांकि स्वतंत्र मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस मामले में 40 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. हमने उन मामलों को देखा है जिसे मीडिया ने प्रकाशित किया है और एसटीएफ़ और सीबीआई ने अपनी चार्ज़शीट में शामिल किया है.
व्यापम से कथित तौर पर जुड़ी अन्य मौतें
2013 में करीब 20 लाख आवेदक मध्य प्रदेश में व्यापम के तहत आयोजित हुई 27 अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल हुए थे.
यह संख्या फ्रांस की राजधानी पेरिस की आबादी जितनी है.
इन परीक्षाओं में कितनी ज़्यादा प्रतिस्पर्धा रही होगी, इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि मेडिकल कॉलेजों में दाख़िले वाली पीएमटी परीक्षा में करीब 40,000 छात्र शामिल हुए थे.
इन 40, 000 छात्रों में महज 1,600 छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिला था.
परीक्षाओं में किस तरह से धांधली हुई थी?
व्यापम परीक्षाओं में नकल, धोखाधड़ी संबंधी अनियमितताओं में बिचौलियों, छात्रों, कॉलेज कर्मचारियों, बाहरी लोगों के साथ-साथ प्रभावशाली डॉक्टरों और राजनेताओं की संलिप्ता देखी गई थी.
डमी उम्मीदवारी
इन धांधलियों में आवदेक की जगह दूसरे एक्सपर्ट लोगों ने परीक्षाएं दी. इसके लिए काम करने वाले बिचौलिए पैसे लेकर आवेदक की जगह परीक्षा देने वाले डमी कैंडिडेट की व्यवस्था करते थे.
यह हेराफेरी परीक्षा केंद्रों तक फैली हुई थी, जहां इस धोखाधड़ी प्रथा को सुविधाजनक बनाने के लिए धांधली की गई थी. पूरे ऑपरेशन की ख़ासियत बिचौलियों का एक नेटवर्क, डमी उम्मीदवार और धोखाधड़ी में शामिल परीक्षा केंद्र थे, जो परीक्षा व्यवस्था को बेमानी बनाने के लिए मिलीभगत से काम कर रहे थे.
इंजन-बोगी प्रणाली
रोल नंबरों में हेरफ़ेर एक आम बात थी, जिसमें नकल की सुविधा के लिए उम्मीदवारों के रोल नंबरों में हेरफ़ेर किया जाता था. धोखाधड़ी के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए डमी उम्मीदवार या एक्सपर्ट उम्मीदवार को इंजन के तौर पर बिठाया जाता था और उसके साथ कई आवेदक बोगी की तरह बैठते थे. ये लोग आस-पास बैठते थे, ताकि नकल करने में आसानी हो. ऐसे में एक्सपर्ट डमी उम्मीदवार की मदद से आवेदकों को उच्च अंक हासिल करने में मदद मिलती थी.
अंकपत्र में हेरफ़ेर
परीक्षा के दौरान सेटिंग होने जाने के बाद आवेदक आमतौर पर जानबूझकर अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को खाली छोड़ देते थे.
सेटिंग करने वाले मिडिल मैन कंप्यूटर सिस्टम के ज़रिए उत्तर पुस्तिकाओं में हेरफ़ेर करते थे ताकि आवेदकों को उत्तीर्ण होने के लिए आवश्यक अंक मिल जाएं.
इसके अलावा कुछ उम्मीदवार ऐसे भी थे जो इस परीक्षा में शामिल होने और भर्ती प्रक्रिया को दरकिनार करने के लिए पैसे दे रहे थे. इसके अलावा राजनेता और डॉक्टर जैसे प्रभावशाली लोग भी थे, जो भर्ती प्रक्रिया में सीधे तौर पर शामिल नहीं थे, लेकिन इस कदाचार का फ़ायदा उठाते हुए उन्होंने पैसे बनाए.
व्यापम में धोखाधड़ी और अनियमितताओं से जुड़े और रहस्यमय परिस्थितियों में मरने वाले अधिकांश संदिग्धों की पहचान बिचौलिए या मिडिल मैन के तौर पर की गई थी.
ऐसी मौतों की संख्या में विसंगतियों ने संदेह पैदा किया और इन मामलों की गहन और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता को बढ़ाया. सीबीआई जांच का उद्देश्य इन त्रासदियों पर प्रकाश डालने के साथ-साथ यह पता लगाना था कि क्या इनके बीच आपस में कोई अंतर्निहित संबंध या समानता थी.
हालांकि, ऐसी कई मौतों की जांच में एक बड़ी बाधा का सामना करना पड़ा क्योंकि पर्याप्त और ठोस सबूत के अभाव कारण उन्हें अंततः बंद करना पड़ा. मेडिकल कॉलेज की छात्रा नम्रता दामोर का शव रहस्यमी परिस्थितियों में उज्जैन में रेलवे ट्रैक के बगल में पाया गया था. लेकिन अब तीसरी बार सीबीआई ने विशेष अदालत में मामले ख़त्म करने की अपील की है. इस मामले को आत्महत्या माना गया है. नम्रता के पिता मेहताब दामोर ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि वह जांच से संतुष्ट नहीं हैं. (bbc.com)
भुवनेश्वर, 16 अगस्त ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में बुधवार को आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गयी और सात अन्य घायल हो गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि बालासोर जिले के जलेस्वर और बस्ता इलाके में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गयी और करीब चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गये।
मयूरभंज जिले से मिली खबर के अनुसार बिजली गिरने से एक महिला की मृत्यु हो गयी और उसकी बेटी चोटिल हो गयी।
इसी तरह भद्रक जिले की खेरांग पंचायत में आकाशीय बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी, वहीं दो अन्य घायल हो गये।
घायलों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। (भाषा)
कोच्चि, 17 अगस्त केरल में एक लोकप्रिय मॉल में बुर्का पहनकर महिलाओं के शौचालय में घुसने और अपने फोन से वीडियो बनाने के आरोप में 23 वर्षीय आईटी पेशेवर को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने कहा कि यह घटना बुधवार को लुलु मॉल में हुई। बी.टेक-स्नातक की पढ़ाई करने वाले आरोपी के खिलाफ उसी दिन भारतीय दंड संहिता की धारा 354सी (ताक-झांक), 419 (भेष बदलने) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ई के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
कलामसेरी थाने एक अधिकारी ने बताया कि इसके बाद, उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस ने बताया कि इन्फोपार्क में स्थित एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी में काम करने वाला आरोपी 'बुर्का' पहनकर बुधवार को लुलू मॉल के महिला शौचालय में घुस गया और अपना मोबाइल फोन वहां रख दिया।
पुलिस के अनुसार, उसने अपना फोन एक छोटे ‘कार्डबोर्ड बॉक्स’ में रखा, वीडियो बनाने के लिए उसमें एक छेद किया और उसे शौचालय के दरवाजे पर चिपका दिया। इसके बाद आरोपी वहां से निकला और शौचालय के मुख्य दरवाजे के सामने खड़ा हो गया।
पुलिस ने कहा कि पूछताछ में पता चला कि वह महिला का भेष धारण करके अपने मोबाइल से शौचालय का वीडियो बना रहा था। इसके बाद आरोपी का बुर्का और मोबाइल फोन जब्त किया गया और उसे हिरासत में लिया गया।
अधिकारी ने कहा कि पुलिस यह पता लगा रही है कि क्या आरोपी ने पहले भी कहीं इस तरह की हरकतें की थीं। (भाषा)
इंफाल, 17 अगस्त सुरक्षा बलों के तलाशी अभियान के दौरान हिंसा प्रभावित मणिपुर के विभिन्न जिलों से आठ आग्नेयास्त्र, 112 कारतूस तथा छह विस्फोटक बरामद किए गए। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने एक बयान में बताया कि यह बरामदगी बुधवार को बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, तेंगनौपाल, कांगपोकपी और इंफाल वेस्ट जिलों से की गई।
बयान में बताया गया है ‘‘गोलीबारी की छोटी-मोटी घटनाओं और कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों के एकत्र होने से राज्य में स्थिति तनावपूर्ण है।’’
तेंगनौपाल जिले में तलाशी अभियान के दौरान छह बंकर भी नष्ट कर दिये गए।
पुलिस ने बताया कि मंगलवार को नशीले पदार्थ और सीमा मामले (एनएबी) के अधिकारियों ने असम के चार लोगों को इंफाल ईस्ट जिले के मंत्रीपुखरी क्षेत्र से कोडीन फॉस्फेट, एक ओपिओइड एनाल्जेसिक सिरप की 1,240 शीशी के साथ गिरफ्तार किया।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में हुई हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है। (भाषा)
प्रयागराज (उप्र),17 अगस्त इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने तथा व्हाट्सऐप पर विभिन्न समूह बनाकर हथियारों के अधिग्रहण को बढ़ावा देने के आरोपी, लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य इनामुल हक की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
इनामुल हक के खिलाफ सहारनपुर के देवबंद पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 121-ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने) और 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
प्राथमिकी के मुताबिक, कुछ सामग्री की बरामदगी के आधार पर यह पाया गया कि हक ने व्हाट्सऐप पर एक समूह बनाया जिसका उपयोग ‘जिहादी’ साहित्य के प्रसार के लिए किया जा रहा था। वह इस समूह का एडमिन था और इस पर जिहादी वीडियो अपलोड किया करता था।
हक ने यह बात स्वीकार की कि वह लश्कर-ए-तैयबा समूह से जुड़ा था और व्हाट्सऐप समूह चला रहा था। इस समूह के 181 सदस्य थे जिनमें पाकिस्तान के 170 सदस्य, अफगानिस्तान के तीन सदस्य और मलेशिया एवं बांग्लादेश का एक-एक सदस्य शामिल था। वह ऐसा ही एक अन्य ग्रुप भी चला रहा था जिससे जुड़ने के लिए वह लोगों को उकसाता था।
न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने पिछले सप्ताह संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा, “मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं कि वह व्हाट्सऐप पर दो ग्रुप का एडमिन था जिसमें मुख्य रूप से विदेशी नागरिक सदस्य थे और ये ग्रुप कथित तौर पर हथियार जमा करने तथा धार्मिक पूर्वाग्रह को बढ़ावा दे रहा था।’’
अदालत ने कहा, “यद्यपि अनुच्छेद 19 के तहत धर्म का अनुसरण करने और उसका प्रचार-प्रसार करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों को देखते हुए और इन आरोपों की गंभीरता पर विचार करते हुए जमानत देने का कोई आधार नहीं है इसलिए यह जमानत याचिका खारिज की जाती है।’’ (भाषा)
अगरतला, 17 अगस्त कांग्रेस विधायक बिराजित सिन्हा ने अपनी जान को खतरा होने का आरोप लगाते हुए त्रिपुरा विधानसभा अध्यक्ष विश्व बंधु सेन को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की।
सिन्हा ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि उनाकोटी जिले के कुमारघाट तथा कैलाशहर में पेयजल और स्वच्छता विभाग में ‘माफिया राज’ के खिलाफ उनके रुख को लेकर उन्हें धमकियां मिली हैं।
विधायक ने बुधवार को भेजे अपने पत्र में लिखा, ‘‘उनकी मंशा मुझपर हमला करना और मेरी हत्या करना है। खतरों और संभावित हमले की गंभीरता को देखते हुए मैं त्रिपुरा विधानसभा से आश्वासन और सुरक्षा की मांग करता हूं।'
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हाल में पेयजल और स्वच्छता विभाग की 60-70 परियोजनाओं के लिए निविदाएं जारी की गईं, जिनमें से सात परियोजनाएं मेरे विधानसभा क्षेत्र कैलाशहर में हैं, जहां विभाग के कार्यकारी अभियंता काम शुरू करने की मंजूरी देने से झिझक रहे थे तो मैंने मुख्यमंत्री माणिक साहा के पास शिकायत दर्ज कराई। कुमारघाट के कार्यकारी अभियंता ने इस दौरान सभी सात परियोजनाओं के कार्यों को रद्द कर दिया।’’
सिन्हा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के पास शिकायत करने से क्षेत्र का एक माफिया नाराज हो गया। सिन्हा ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा के लिए राज्य के गृह सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिखा है।
कांग्रेस नेता ने वर्ष 2003 में तिल्लाबाजार में हुए उनपर हमले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि सक्षम प्राधिकारी मेरी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएंगे।’’ इस हमले में उनके एक सुरक्षाकर्मी की जान चली गयी थी। (भाषा)
चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि चीनी और भारतीय सैन्य कमांडरों ने अपनी विवादित सीमा पर "शांति और स्थिरता बनाए रखने" का वादा किया है.
दोनों पक्षों की तरफ से यह प्रयास बढ़े हुए तनाव के बाद स्थिति को स्थिर करने के लिए किए गए. चीन के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक संयुक्त बयान जारी किया. इसमें कहा गया है कि रविवार और सोमवार को दोनों पक्षों के बीच कमांडर-स्तरीय वार्ता के 19वें दौर में सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से संबंधित मुद्दों को हल करने पर केंद्रित "सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा" हुई.
बयान में कहा गया है कि दोनों देश बाकी मुद्दों को शीघ्रता से हल करने पर सहमत हैं लेकिन ऐसा कोई संकेत नहीं है कि कोई भी पक्ष रियायतें देने को तैयार है. हालांकि दोनों अपने सैनिकों के बीच उस तरह की झड़पों से बचने के लिए उत्सुक दिखाई देते हैं जिसके कारण हाल के वर्षों में रक्तपात हुआ है.
सीमा विवाद
बयान में कहा गया है, "दोनों पक्ष सीमावर्ती इलाकों में जमीन पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए." लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल खिंची है चीन और भारत के बीच जो पश्चिम में लद्दाख से लेकर भारत के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश तक के क्षेत्र को अलग करती है जिस पर चीनअपना पूरा दावा करता है. भारत और चीन ने 1962 में सीमा पर नियंत्रण के लिए युद्ध लड़ा था.
भारत के अनुसार वास्तविक सीमा 3,488 किलोमीटर लंबी है लेकिन चीन इससे काफी छोटे आंकड़े को बढ़ावा देता है. कुल मिलाकर चीनभारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में लगभग 90,000 वर्ग किलोमीटर पर दावा करता है. इसमें अरुणाचल प्रदेश भी शामिल है और यहां की मुख्यतः आबादी बौद्ध है.
संघर्षों का इतिहास
भारत का कहना है कि अक्साई चिन पठार में चीन ने 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा किया है. जो भारत लद्दाख का हिस्सा मानता है. यहीं पर टकराव हो रहा है. इस बीच चीन ने पाकिस्तान के साथ संबंध मजबूत करना शुरू कर दिया है और विवादित कश्मीर के मुद्दे पर उसका समर्थन कर रहा है. 1967 और 1975 में फिर से गोलीबारी हुई जिससे दोनों तरफ और अधिक मौतें हुईं. तब से उन्होंने प्रोटोकॉल अपनाए हैं जिनमें आग्नेयास्त्रों का उपयोग न करने का समझौता भी शामिल है. लेकिन वे प्रोटोकॉल टूट गए है.
तीन साल पहले लद्दाख क्षेत्र में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक और चार चीनी सैनिक मारे गए थे. यह ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाके में लंबे समय तक चलने वाले गतिरोध में बदल गया. जहां प्रत्येक पक्ष ने तोपखाने, टैंक और लड़ाकू जेट विमानों के साथ हजारों सैन्य कर्मियों को तैनात किया है. भारत और चीन दोनों ने कुछ इलाकों से सेना हटा ली है. इनमें पैंगोंग त्सो, गोगरा और गलवान घाटी के उत्तरी और दक्षिणी तट शामिल हैं. लेकिन यहां अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती जारी है.
एचवी/एसबी (एपी)
भारत सरकार ने नयी योजना पीएम ई-बस सेवा के लिए 57,613 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. यह योजना इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विस्तार के लिए लायी जा रही है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने देश के 100 शहरों में 10 हजार नयी इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला किया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर सिटी बस संचालन के विस्तार के लिए बस योजना "पीएम-ईबस सेवा" को मंजूरी दी.
इस योजना की अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 20,000 करोड़ रुपये का समर्थन केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा. यह योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी.
यह योजना 2011 की जनगणना के मुताबिक तीन लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी, जिसमें केंद्र शासित प्रदेशों, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और पर्वतीय राज्यों की सभी राजधानियां शामिल हैं. योजना के तहत उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां कोई सुव्यवस्थित बस सेवा उपलब्ध नहीं है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, देश में 3 लाख से 40 लाख की आबादी वाले 169 शहर हैं, इनमें से चैलेंज मोड के आधार पर 100 शहरों का चयन किया जाएगा.
ई-मोबिलिटी को बढ़ावा
योजना के तहत पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में 50 ई-बसें, पांच लाख से 20 लाख आबादी वाले शहरों में 100 ई-बसें और 20 लाख से 40 लाख की आबादी वाले शहरों में 150 इलेक्ट्रिक बसें उतारी जाएंगी.
जो राज्य या शहर पुरानी बसों को हटाएंगे वैसे शहरों के लिए अतिरिक्त बसें दी जाएंगी. इस योजना के तहत होने वाले खर्च पर केंद्र सरकार 20,000 करोड़ रुपये का समर्थन देगी और बाकी पैसे राज्य सरकारें देंगी.
सरकार का दावा है कि योजना के तहत सिटी बस संचालन में लगभग 10,000 बसें चलाई जाएंगी, जिससे 45,000 से 55,000 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे. सरकार का कहना है कि शहरों को ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के तहत चार्जिंग सुविधाओं के विकास के लिए भी समर्थन दिया जाएगा.
बस की प्राथमिकता वाले बुनियादी सुविधाओं के समर्थन से न केवल अत्याधुनिक, ऊर्जा कुशल इलेक्ट्रिक बसों के प्रसार में तेजी आएगी, बल्कि ई-मोबिलिटी क्षेत्र में नवाचार के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सशक्त आपूर्ति श्रृंखला के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
भारत हर साल कच्चे तेल के आयात पर 7 लाख करोड़ डॉलर खर्च करता है और इसके इस्तेमाल से प्रदूषण भी बढ़ता है. साथ ही यह स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी समस्या है. ई-मोबिलिटी अपनाने से परिवहन क्षेत्र से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होगा तथा शहरों में प्रदूषण का स्तर घटेगा. (dw.com)
भोपाल, 17 अगस्त । कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि उन्होंने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर झूठी घोषणाएं की थी।
राज्य में शिवराज सरकार एक लाख युवाओं को नौकरी देने के वादे लगातार कर रही है। इस पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर की गई घोषणा को याद दिलाते हुए ट्वीट किया, मुख्यमंत्री जी आपने पिछले साल 15 अगस्त को वादा किया था कि एक साल में एक लाख सरकारी नौकरियां प्रदान करेंगे। मुझे आशा थी कि इस स्वतंत्रता दिवस पर आप उन एक लाख सरकारी नौकरियों का ब्यौरा मध्य प्रदेश की जनता के सामने देंगे। नौजवान अगले दिन भी प्रतीक्षा करते रहे कि शायद व्यस्तता के चलते आप एक दिन बाद वह नौकरियां उनके सामने रखें। लेकिन नौकरियां दी होतीं, तब तो आप बताते।
कमलनाथ ने तंज सकते हुए कहा, यह आपका ही कलेजा है, जो स्वतंत्रता दिवस जैसे पवित्र दिवस पर भी झूठी घोषणाएं कर सकता है। मध्य प्रदेश की जनता और नौजवान अच्छी तरह समझ गए हैं कि जो व्यक्ति पिछले 18 साल से एक के बाद एक झूठी घोषणा करता चला आ रहा है, वह चुनाव से पहले जो वादे कर रहा है, उनकी क्या दुर्गति होने वाली है?
जनता को पता है कि मामा यह घोषणाएं उनके भविष्य के लिए नहीं, बल्कि अपने 50 प्रतिशत के कमीशन राज की जेबें भरने के लिए कर रहे हैं। आप जनता का विश्वास तो पहले ही खो चुके थे, अब उनकी निगाह से भी उतर रहे हैं। (आईएएनएस) ।
भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने अदालती शब्दावली में लैंगिक स्टीरियोटाइप का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक हैंडबुक बनाई है. जानिये क्या क्या है इस हैंडबुक में.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
सुप्रीम कोर्ट ने 16 अगस्त को इस हैंडबुक को जारी किया. इसे बनाने के पीछे उद्देश्य अदालत के आदेशों और कानूनी कागजात में अनुपयुक्त लैंगिक शब्दावली के इस्तेमाल से बचने के लिए जजों का मार्गदर्शन करना है.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि इस किताब में महिलाओं के प्रति स्टीरियोटाइप बनाने वाले उन शब्दों को चिन्हित किया गया है जिनका अदालतों ने अपने कई फैसलों में अनजाने में इस्तेमाल किया है.
किन शब्दों से बनता है स्टीरियोटाइप
उन्होंने कहा, "यह कानूनी संवाद में महिलाओं को लेकर स्टीरियोटाइपके बारे में है...इसका उद्देश्य फैसलों पर लांछन लगाना नहीं है. यह स्टीरियोटाइप बनाने वाली भाषा से बचने में जजों की मदद करेगी."
किताब की प्रस्तावना में मुख्य न्यायाधीश ने लिखा है कि पहले से बने हुए स्टीरियोटाइपों पर निर्भर रहने से हर मामले का फैसला उसके मेरिट के आधार पर करने के जजों के कर्तव्य की अवहेलना होती है.
उन्होंने आगे लिखा, "विशेष रूप से महिलाओं के बारे में बने स्टीरियोटाइपों पर निर्भर होने से महिलाओं पर कानून को नुकसानदेह तरह से लागू किया जा सकता है." इस किताब में ऐसे शब्दों और वाक्यांशों की एक लंबी सूची दी गई जो लैंगिक स्टीरियोटाइप बनाते हैं. साथ ही इनके विकल्प भी सुझाएगए हैं.
मिसाल के तौर पर, "पवित्र महिला" की जगह सिर्फ "महिला", "अच्छी पत्नी" और "आज्ञाकारी पत्नी" की जगह सिर्फ "पत्नी", "वेश्या" की जगह "यौन कर्मी", "हाउसवाइफ" की जगह "होममेकर", "भड़काऊ कपड़ों" की जगह सिर्फ "कपड़ों", "सेक्स चेंज" की जगह "सेक्स रिअसाइनमेंट या जेंडर ट्रांजिशन" जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है.
कानून की भूमिका
इसके अलावा "अविवाहित मां" की जगह सिर्फ "मां", "ढीले चरित्र वाली महिला" की जगह सिर्फ "महिला", "हार्मोनल" की जगह किसी विशिष्ट भाव को चिन्हित करने वाले शब्दों, यौन हिंसा के मामलों में"पीड़ित" या "सर्वाइवर" में से जो भी शब्द संबंधित व्यक्ति चुने उस शब्द आदि का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है.
किताब में विस्तार से यह भी बताया गया है कि स्टीरियोटाइप क्या होते हैं, लैंगिक स्टीरियोटाइप क्या होते हैं, ये कैसे काम करते हैं और कैसे न्याय प्रक्रिया पर असर डालते हैं, 'जेंडर' और 'सेक्स' में क्या फर्क होता है और स्टीरियोटाइप और पितृसत्ता का मुकाबला करने में कानून की क्या भूमिका है.
किताब में सिर्फ स्टीरियोटाइप की शब्दावली ही नहीं बल्कि स्टीरियोटाइप बनाने वाली मान्यताओं पर भी चर्चा की गई है. जैसे "महिलाओं अति भावुक और तर्कहीन होती हैं और फैसले नहीं ले सकती हैं" को एक स्टीरियोटाइप बताया गया है.
आगे बताया गया है कि असलियत यह है कि कोई भी व्यक्ति तर्कसंगत तरीके से सोच सकता है या नहीं इसका फैसला उसके लिंग से नहीं होता है. इसी तरह "जो महिलायें पारंपरिक माने जाने वाले कपड़े नहीं पहनती हैं वो मर्दों के साथ यौन संबंध बनाना चाहती हैं" जैसी मान्यता को भी स्टीरियोटाइपबताया गया है.
इसकी जगह बताया गया है कि सच्चाई यह है कि महिला द्वारा पहने हुए कपड़े ना तो इस बात का संकेत होते हैं कि वो यौन संबंध बनाना चाहती है और ना ही वो उसे छूने का निमंत्रण होते हैं.
इसके अलावा किताब में सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों का भी जिक्र किया गया है जिनमें अदालत ने लैंगिक स्टीरियोटाइपों को ठुकराया. साथ ही यह भी कहा गया है कि स्टीरियोटाइप सिर्फ महिलाओं ही नहीं बल्कि हर लिंग के व्यक्ति पर असर डालते हैं और जजों को हर किस्म के लैंगिक पूर्वाग्रह के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए. (dw.com)
नई दिल्ली,17 अगस्त । केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन गुरुवार 17 अगस्त को देश की विरासत और प्रगति को समर्पित 'मेरी माटी मेरा देश' कार्यक्रम में भाग लेकर दिन के कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे।
दोनों केंद्रीय मंत्री पुरी और भुवनेश्वर में विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगे। वित्त मंत्री एवं शिक्षा मंत्री गुरुवार सुबह प्रतिष्ठित श्री मंदिर में दर्शन करने गए और सैकड़ों साल पुरानी परंपरा का सम्मान करते हुए मंदिर की आध्यात्मिक यात्रा में सम्मिलित हुए।
मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक द्वारा 'मेरी माटी मेरा देश' थीम पर बनाई गई सैंड आर्ट को भी केंद्रीय मंत्री देखेंगे। यह मनमोहक प्रदर्शन ब्लू फ्लैग बीच, मेफेयर, पुरी में आयोजित हो रहा है।
दोनों केंद्रीय मंत्री पुरी में पेंथाक्टा के पास केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री शदाशिव परिसर में एक वृक्षारोपण अभियान कार्यक्रम में भाग लेंगे और पंच प्रण शपथ लेंगे। इस दौरान प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी शहीद जयी राजगुरु के जन्मस्थान का दौरा और अमृत कलश यात्रा भी होगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि दोनों केंद्रीय मंत्री पुरी जिले के बिरहरेकृष्णपुर में महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद जयी राजगुरु की जन्मस्थली जाएंगे और वहां से अमृत कलश यात्रा की शुरुआत करेंगे। बाद में दोनों केंद्रीय मंत्री भुवनेश्वर में कुवी और देसिया भाषाओं में दो पुस्तकों का विमोचन करेंगे। ये दोनों पुस्तकें भाषाई सीमाओं के पार ज्ञान प्रदान करने में मदद करेंगी।
गुरुवार शाम भुवनेश्वर के एसओए यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम, में गणमान्य व्यक्तियों द्वारा 20वें राष्ट्रीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सम्मेलन का उद्घाटन करने के साथ होगा, जो बौद्धिक आदान-प्रदान और व्यावसायिक विकास को प्रोत्साहन देगा।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि दोनों केंद्रीय मंत्रियों का कार्यक्रम हमारी विरासत को संरक्षित करने, हमारी मातृभूमि से जुड़ने और पर्यावरण व हमारे राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने में मदद करेगा। (आईएएनएस)।
चेन्नई, 17 अगस्त तमिलनाडु वन विभाग हाथियों के प्रवास के मौसम की तैयारी कर रहा है, जो अक्टूबर से शुरू होता है और मार्च तक चलता है।
धर्मपौरी वन प्रभाग, जिसमें 1.64 लाख हेक्टेयर वन भूमि और 136 आरक्षित वन हैं, ने प्रवास के दौरान मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए लूट-रोधी समितियों की स्थापना की है।
विभाग ने राज्य के सभी वन रेंजों में ऐसे अतिक्रमण विरोधी शिविर भी स्थापित किए हैं, ताकि मानव-हाथी संघर्ष के प्रभाव को कम किया जा सके।
धरमपौरी हाथी गलियारे में, जिसमें पलाकोड, पेन्नाग्राम और होगेनक्कल वन श्रृंखलाएं शामिल हैं, ऐसे गांव हैं, जहां मानव-हाथी संघर्ष अधिक होते हैं।
विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि लूटपाट विरोधी समितियों की प्रमुख जिम्मेदारियों में मानव-हाथी संघर्ष को रोकना और साथ ही गांवों के निवासियों के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करना शामिल है।
अधिकारी ने बताया कि इनमें से प्रत्येक समिति में 25 सदस्य हैं। भविष्य में इन समितियों का विस्तार राज्य के अन्य सभी भागों में किया जायेगा। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 17 अगस्त । केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि 'मानित' जंगलों को खत्म करने की जल्दबाजी में नरेंद्र मोदी सरकार ने वास्तव में जंगलों को बर्बाद कर दिया।
कांग्रेस नेता ने एक ट्वीट में कहा, "संसद द्वारा पिछले सप्ताह वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में खतरनाक संशोधन पारित करने के बाद ओडिशा सरकार ने तुरंत आदेश पारित कर दिया कि 'मानित' वनों को अब वन नहीं माना जाएगा।"
राज्यसभा सांसद ने कहा, "अब केंद्रीय मंत्रालय का कहना है कि राज्य का आदेश वापस ले लिया गया है। भ्रम की स्थिति है। 'मानित' वनों को खत्म करने की जल्दबाजी में, मोदी सरकार ने वास्तव में वनों को बर्बाद कर दिया है।"
उन्होंने ओडिशा सरकार द्वारा डीम्ड फॉरेस्ट आदेश को वापस लेने की एक समाचार रिपोर्ट भी संलग्न की।
कांग्रेस ने संसद में वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 का विरोध किया है।
2 अगस्त को एक बयान में, रमेश ने कहा था कि संशोधनों के सार को संसद में दबा दिया गया है, जो मोदी सरकार की मानसिकता को दर्शाता है, और पर्यावरण, वन व पर्यावरण पर उसकी वैश्विक बातचीत और घरेलू प्रयासों के बीच मौजूद अंतर को दर्शाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक के जल्द ही कानून बनने तक की यात्रा, एक केस स्टडी है कि कैसे विधायी प्रक्रिया को पूरी तरह से नष्ट किया जा सकता है। (आईएएनएस)।
कोलकाता, 17 अगस्त । सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने रात भर चले एक ऑपरेशन में पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र में एक बड़े नशीले पदार्थ तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया, इसमें पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया और प्रतिबंधित नशीली दवाओं की खेप जब्त की गई। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के कमिश्नर अखिलेश चतुवेर्दी के मुताबिक जब्त ब्राउन-शुगर की बाजार कीमत करीब 5 करोड़ रुपये आंकी गई है।
चतुर्वेदी ने कहा, "गिरफ्तार किए गए पांचों लोगों को गुरुवार को ही जिला अदालत में पेश किया जाएगा और हम उनके लिए पुलिस हिरासत की मांग करेंगे।"
स्थानीय पुलिस सूत्रों ने बताया कि बुधवार रात से दो चरणों में गिरफ्तारियां और प्रतिबंधित नशीले पदार्थों की बड़ी खेप की बरामदगी की गई।
“हमारे सूत्रों द्वारा सूचना मिलने पर, हमारे जांच अधिकारियों ने सबसे पहले सिलीगुड़ी पूर्वी मेट्रोपॉलिटन बाईपास के पास एक जगह पर छापा मारा। छापेमारी और तलाशी अभियान सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के विशेष अभियान समूह और स्थानीय भक्तिनगर पुलिस स्टेशन की संयुक्त टीम द्वारा चलाया गया। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा, तीन लोगों रशीद शेख, दुर्गा सोरेन और प्रदीप मुंडा को ब्राउन-शुगर की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार किया गया।
राशिद मालदा जिले का निवासी है, जबकि अन्य दो दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी उप-मंडल के अंतर्गत खोरीबारी इलाके के निवासी हैं। मालदा से मादक पदार्थों की खेप को सिलीगुड़ी पूर्वी मेट्रोपॉलिटन बाईपास पर स्थानीय तस्करों को सौंपा जाना था।
उनसे जानकारी प्राप्त कर सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस और स्थानीय सिलीगुड़ी पुलिस स्टेशन की एक अन्य टीम ने छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया और प्रतिबंधित नशीले पदार्थों की खेप के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया। बागराकोट इलाके में भारतीय खाद्य निगम के एक गोदाम के पास से गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान बंधन माझी और बोरसाई किस्कू के रूप में की गई है। (आईएएनएस)।
ऋषिकेश, 17अगस्त । उत्तराखंड में भारी बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण तटीय इलाकों में भूकटाव हो रहा है। ऋषिकेश में रामझूला पुल के जनपद टिहरी वाले छोर पर पुल का पुस्ता क्षतिग्रस्त होने लगा है। प्रशासन की ओर से सावधानी बरतते हुए पुल पर आवाजाही अगले आदेश तक बंद कर दी गई है।
प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की टीम मौके पर बुलाई गई है। पुल के नीचे कटाव होने से यह कदम उठाया गया है।
रामझूला पुल के नीचे हो रहे भूकटाव के चलते पुल पर आवाजाही रोकी गई है। बड़ी संख्या में पर्यटक तथा स्थानीय नागरिक यहां स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में जाने के लिए पहुंच रहे हैं जिन्हें जानकी सेतु से आगे भेजा जा रहा है।
पुल के नीचे करीब 30 मीटर तक कटाव हो गया है। गंगा का जलस्तर अभी भी बढ़ा हुआ है जिससे कटाव लगातार बढ़ रहा है।
मुनिकीरेती तथा स्वर्गआश्रम-लक्ष्मण झूला को जोड़ने के लिए अब एकमात्र जानकी सेतु ही विकल्प रह गया है।
इससे पहले लक्ष्मण झूला पुल को 13 जुलाई 2019 को सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट के बाद आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। (आईएएनएस)।
त्रिपोली, 17 अगस्त । एक सैन्य कमांडर की हिरासत के बाद लीबिया की संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार का समर्थन करने वाले दो मिलिशिया समूहों के बीच त्रिपोली में हुई भीषण झड़प में कम से कम 55 लोग मारे गए और 146 अन्य घायल हो गए। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में ये बात कही गई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार देर शाम राजधानी त्रिपोली के कुछ हिस्सों में 444 ब्रिगेड और विशेष निरोध बल के बीच हिंसा भड़क उठी। विशेष निरोधक बल ने कथित तौर पर 444 ब्रिगेड के एक शक्तिशाली कमांडर को गिरफ्तार कर लिया।
बुधवार को मरने वालों की संख्या की पुष्टि करते हुए, लीबिया के आपातकालीन चिकित्सा और सहायता केंद्र ने कहा कि पीड़ितों में नागरिक और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं, जबकि कई शव अज्ञात हैं।
234 परिवारों को सीमावर्ती क्षेत्रों से निकाला गया, जिसमें 60 एम्बुलेंस तैनात की गईं और हताहतों की संख्या से निपटने के लिए तीन फील्ड अस्पताल स्थापित किए गए।
आंतरिक मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की कि झड़पें तब रुकी जब दोनों गुट "प्रधानमंत्री और त्रिपोली के बुजुर्गों के प्रयासों से" युद्धविराम पर सहमत हुए।
बुधवार को त्रिपोली के कई बुजुर्गों के साथ एक बैठक के दौरान प्रधानमंत्री अब्दुल-हमीद दबीबा ने इस बात को खारिज कर दिया कि देश में लड़ाई फिर से शुरू हो गई है।
सरकार के सूचना कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "प्रधानमंत्री ने कहा कि लड़ाई अस्वीकार्य है और देश किसी भी गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने सुरक्षा लागू करने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग के महत्व पर जोर दिया।"
दबीबा इस बात पर सहमत हुए कि यह सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है कि लड़ाई दोबारा न हो।
भीषण लड़ाई के कारण राजधानी के मुख्य हवाईअड्डे को भी बंद करना पड़ा। हालांकि इसे बाद में बुधवार को फिर से खोल दिया गया।
लंबे समय तक शासक रहे कर्नल मुअम्मर गद्दाफी को 2011 में उखाड़ फेंकने और मारे जाने के बाद लीबिया में राजनीतिक अराजकता बनी हुई है।
देश अब प्रभावी रूप से त्रिपोली में एक अंतरिम, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार और पूरब में एक अन्य सरकार के बीच विभाजित हो गया है।
2020 के युद्धविराम से कुछ हद तक शांति आई है, लेकिन सभी पक्षों पर गहरी गुटबाजी लगातार इसे बिगाड़ने का खतरा पैदा कर रही है। (आईएएनएस)।
देहरादून, 17अगस्त । देहरादून में भारी बारिश का कहर जारी है। पुल तेज बहाव और कटाव के चलते क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। वहीं सुसवा नदी पर बना बुल्लावाला पुल भी तेज बहाव के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके बाद भारी वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया गया है।
पुल की एप्रोच रोड व पुल के बीच में दरारें भी आ गई हैं। पुल में दरारें आने के बावजूद भारी वाहनों का संचालन हो रहा था। अब लोनिवि की ओर से इस पुल पर भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
पुल को मजबूत करने की कवायद तेज कर दी गई है। वहीं मंगलवार देर रात्रि व बुधवार को पुल के नीचे खोखली हो चुकी नींव के नीचे जेसीबी के माध्यम से आरबीएम को भरने के बाद मिक्सर मसाला लगाया गया जिससे कि पुल नीचे की ओर ना बैठे और पुल की सुरक्षा हो सके।
यदि कुछ दिनों के भीतर इस नदी में फिर तेज गति से पानी आता है तो पुल को पूरी तरह से खतरा बना हुआ है। इसको लेकर लोनिवि के अधिकारी भी सतर्क नजर आ रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग के अपर सहायक अभियंता ओ पी चन्द्रा ने बताया कि पुल की सुरक्षा के लिए कार्य को तेज कर दिया गया है। साथ ही भारी वाहनों का भी प्रवेश पुल पर पूरी तरह वर्जित कर दिया गया है। (आईएएनएस)।
इंदौर, 17 अगस्त । मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में गाड़ी चलाने को लेकर हुए विवाद में दो बदमाशों ने चाकू घोंपकर सिविल इंजीनियर की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, चंदन नगर थाना क्षेत्र में धार रोड पर बुधवार की रात को सिविल इंजीनियर अतुल जैन अपने साथी प्रॉपर्टी ब्रोकर धीरेंद्र पांचाल के साथ उनकी कार से घर जा रहे थे। इसी दौरान दो युवक गलत तरीके से दुपहिया वाहन चला रहे थे, जिस पर अतुल ने आपत्ति दर्ज कराई।
इसके बाद दुपहिया वाहन स्कूटर पर सवार दोनों युवकों ने फॉर्च्यूनर कार के आगे अपने वाहन को अड़ा दिया और गाड़ी को रोका।
जैसे ही अतुल कार से नीचे उतरा, उन दोनों युवकों ने मारपीट शुरू कर दी और एक ने चाकू घोंप दिया।
अतुल को गंभीर हालत में निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
पुलिस का दावा है कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्दी ही गिरफ्तार की कर लिया जाएगा।
कहा तो यह भी जा रहा है कि जिन आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम दिया है वह नाइट्रावेट और गांजे का नशा करते हैं।
इससे पहले रविवार को भी एक ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की कार को ओवरटेक करते हुए विवाद हुआ था और उसकी हत्या कर दी गई थी। बाद में आरोपियों के बारे में पता चला कि वह भी नशे की हालत में थे। (आईएएनएस)।
नयी दिल्ली, 16 अगस्त केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘विश्वकर्मा योजना को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जायेगा तथा उन्हें ऋृण सुविधा एवं बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जायेगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्ण ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
यह योजना 13 हजार करोड़ रूपये की है और इससे 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा।
उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं। इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं।
वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन वर्गों का महत्वपूर्ण स्थान है और इन्हें नया आयाम देते हुए मंत्रिमंडल ने ‘विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से इस योजना का संकेत दिया था।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इसमें इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि इन वर्गों का किस तरह से अधिक कौशल विकास हो तथा नए प्रकार के उपकरणों एवं डिजाइन की जानकारी मिले।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उपकरणों की खरीद में भी मदद की जायेगी। इसके तहत दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा जिसमें पहला 'बेसिक' और दूसरा 'एडवांस' होगा। इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी मिलेगा।
मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में एक लाख रूपये का तक कर्ज दिया जायेगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम पांच प्रतिशत) देय होगा। (भाषा)
तिरुवनंतपुरम, 16 अगस्त राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने देश में लड़कियों और महिलाओं की तस्करी बढ़ने पर बुधवार को चिंता व्यक्त की और कहा कि उनके बीच जागरूकता फैलाने की जरूरत है ताकि वे ऐसे जालों में नहीं फंसे।
आयोग की सदस्य सचिव मीनाक्षी नेगी ने यहां कहा कि तस्करी के पीड़ितों की पहचान करना एक कठिन काम है और आयोग अपराध की पहचान के लिए पुलिसकर्मियों, सीमा शुल्क अधिकारियों तथा सीआईएसएफ बलों को प्रशिक्षित करने का प्रयास कर रहा है।
वह यहां दक्षिणी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की क्षेत्रीय परामर्श बैठक को संबोधित कर रही थीं। बैठक का आयोजन एनसीडब्ल्यू ने किया था।
नेगी ने अपराध को रोकने में विभिन्न एजेंसियों के सामने आने वाली परेशानियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि तस्करी सड़क, ट्रेन, जहाज और यहां तक कि हवाई मार्ग से भी हो रही है और पीड़ितों की पहचान करना बहुत मुश्किल है, लेकिन गैर सरकारी संगठन उनकी पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर अपराध को कुछ हद तक रोक सकते हैं।
नेगी ने कहा, “यह (मानव तस्करी) क्षेत्रीय नहीं है...यह राज्य का विषय नहीं है...यह वास्तव में एक वैश्विक मुद्दा है।” (भाषा)
नयी दिल्ली, 16 अगस्त केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नगरीय बस परिवहन सेवा का विस्तार करने, उसे सुविधाजनक बनाने तथा हरित आवाजाही को बढ़ाने के लिए ‘पीएम-ई बस सेवा’ को मंजूरी दी जिस पर 10 वर्षो में 57,613 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । इस में उन शहरों को प्राथमिकता दी जायेगी जहां व्यवस्थित परिवहन सेवा की कमी है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम पर 57,613 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे और 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों की सेवाएं उपलब्ध करायी जायेंगी। यह राशि 10 वर्ष में खर्च की जायेगी । इसके लिए केंद्र सरकार 20 हजार करोड़ रूपये देगी और शेष राशि राज्यों को देनी होगी।
ठाकुर ने बताया कि देश में 3 लाख से 40 लाख की आबादी वाले 169 शहर हैं और इस कार्यक्रम के लिए इनमें से ‘चैलेंज मोड’ के आधार पर 100 शहरों का चयन किया जायेगा।
ई-बसें सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत इन चुने गए शहरों में परिचालित की जायेंगी। (भाषा)
तिरुवनंतपुरम, 16 अगस्त कांग्रेस नेता और वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से राज्य में गंभीर चिकित्सा लापरवाही के मामलों के खिलाफ सुरक्षा उपाय करने का आग्रह किया।
राहुल गांधी ने ऐसे मामलों से निपटने के लिये एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित किए जाने की भी मांग की ताकि पीड़ितों को न्याय के लिये सड़कों पर न उतरना पड़े।
कांग्रेस नेता ने यह अनुरोध कोझिकोड के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों द्वारा कथित चिकित्सा लापरवाही के कारण सर्जरी के बाद एक महिला के पेट में गलती से 'चिमटी ' छोड़े जाने की घटना के संबंध में किया था।
उन्होंने मुख्यमंत्री विजयन को पत्र लिखकर सरकार से पीड़ित महिला हर्षिना केके की मांगों पर गौर करने को कहा तथा इस मामले को लेकर उन्हें पर्याप्त मुआवजा देने का भी आग्रह किया। यह मुआवजा पहले दिये गये दो लाख रुपये से अलग है।
राहुल गांधी ने पत्र में लिखा "मैं आपसे यह भी अनुरोध करना चाहूंगा कि गंभीर चिकित्सा लापरवाही के ऐसे मामलों के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा उपाय करें तथा प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करें ताकि पीड़ितों को न्याय के लिये सड़कों पर उतरने के लिये मजबूर न होना पड़े।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि हर्षिना कथित तौर पर "वर्ष 2017 में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में हुई एक सर्जरी के दौरान चिकित्सा लापरवाही के कारण" लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं। वह राहुल गांधी की लोकसभा क्षेत्र वायनाड की निवासी है।
राहुल गांधी ने कहा कि जब वह हाल ही में अपनी केरल यात्रा के दौरान हर्षिना और उसके परिवार से मिले और उनकी समस्या के बारे में जाना तो उन्हें "बहुत दुख" हुआ।
कांग्रेस नेता ने कहा, "पांच साल से भी अधिक समय तक चिकित्सीय लापरवाही के कारण दर्द और मानसिक पीड़ा में जी रही हर्षिना के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। उसकी तकलीफ ने उसके परिवार पर एक बड़ा भावनात्मक और वित्तीय प्रभाव भी डाला है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के साथ पत्र को भी साझा किया।
उन्होंने लिखा कि महिला कथित चिकित्सकीय लापरवाही के कारण 2017 से दयनीय जीवन जी रही है और उन्होंने उसकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक गौर करने और उसे जल्द से जल्द पर्याप्त मुआवजा प्रदान करने के लिए केरल के मुख्यमत्री को एक पत्र भेजा है।
इस बीच, महिला ने चिकित्सा लापरवाही के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राज्य सचिवालय के बाहर अपना विरोध जारी रखा और कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदान भी उनके आंदोलन में शामिल हुए।
केरल पुलिस ने अपनी जांच में सरकारी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की ओर से चिकित्सा लापरवाही पाई थी।
पुलिस ने महिला की शिकायत के बाद जांच शुरू की। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 2017 में सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीजेरियन ऑपरेशन के बाद उसे स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, एक मेडिकल बोर्ड ने कथित तौर पर पुलिस के निष्कर्षों को खारिज कर दिया।
कोझिकोड की 30 वर्षीय महिला हर्षिना ने पिछले साल अक्टूबर में जांच की मांग करते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी। महिला का नवंबर 2017 में मेडिकल कॉलेज में तीसरा सीजेरियन ऑपरेशन हुआ था, जबकि उसकी पहले दो सर्जरी अलग-अलग निजी अस्पतालों में की गयी थीं।
कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने उसके पेट में पिछले पांच साल से मौजूद 'चिमटी' को हटाने के लिये 17 सिंतबर 2022 को हर्षिना की एक बड़ी सर्जरी की थी।
‘चिमटी’ का उपयोग सर्जन सर्जरी के दौरान रक्तस्राव वाहिकाओं को दबाने के लिए करते हैं।
मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने शुरुआत में निजी अस्पतालों में उसकी पिछली सर्जरी का हवाला देते हुए किसी भी लापरवाही से इनकार किया था। हालांकि, पुलिस के निष्कर्षों ने अधिकारियों को आगे की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करना पड़ा था। (भाषा)
फरीदाबाद (हरियाणा), 16 अगस्त कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा और उनकी मां को धमकी देने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि फरीदाबाद (एनआईटी) से कांग्रेस विधायक शर्मा ने इस संबंध में मंगलवार को सारन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘मुझे 15 अगस्त को रात आठ बजकर दो मिनट और रात आठ बजकर आठ मिनट पर एक अज्ञात मोबाइल नंबर से दो बार कॉल आई। फोन करने वाले ने मुझे गालियां दीं तथा मुझे और मेरी मां को जान से मारने की धमकी भी दी।’’
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘मेरी मां तीर्थयात्रा पर गई हैं। यदि उन्हें कुछ होता है तो यह व्यक्ति इसके लिए जिम्मेदार होगा।’’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘विधायक को एक स्थानीय नंबर से फोन किया गया था। इस संबंध में जांच जारी है।’’ (भाषा)
रांची, 16 अगस्त । 'मोदी सरनेम' टिप्पणी से जुड़े केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने इस मामले में रांची की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान उन्हें सशरीर उपस्थित होने से छूट दे दी है।
रांची की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने केस में संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी को हाजिर होने का आदेश दिया था। इस कोर्ट ने राहुल गांधी की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के आग्रह की उनकी याचिका भी खारिज कर दी थी।
इस बीच राहुल गांधी ने स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर आज दूसरी सुनवाई हुई।
उन्होंने सीआरपीसी (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर) की धारा 205 के तहत सशरीर पेशी से छूट मांगी थी। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राहुल गांधी पर किसी भी पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाते हुए मुकदमे के शिकायतकर्ता प्रदीप मोदी से जवाब मांगा था।
बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी। राहुल गांधी की ओर से पीयूष चित्रेश और दीपांकर रॉय ने पक्ष रखा।
बता दें कि यह केस रांची के रहने वाले प्रदीप मोदी ने दाखिल किया था। इसमें कहा गया है कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी रांची में चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे, तब उन्होंने मोदी सरनेम वाले लोगों पर टिप्पणी की थी।
प्रदीप मोदी का कहना है कि इससे उनके अलावा पूरे समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। यह मानहानि का मामला है।