राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 21 अगस्त । दिल्ली में एक फैक्ट्री में सोमवार को भीषण आग लग गई। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आग में किसी के घायल होने की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है।
दिल्ली अग्निशमन सेवा प्रमुख अतुल गर्ग के मुताबिक, सुबह 8.52 बजे निलोठी गांव स्थित फैक्ट्री में आग लगने की सूचना मिली।
उन्होंने कहा, "कुल 10 दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं। अब तक कोई हताहत नहीं हुआ है।"
आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। (आईएएनएस)।
विजयनगर (कर्नाटक), 21 अगस्त । कर्नाटक के विजयनगर जिले के हाडागली तालुक में सोमवार को तेंदुए के हमले में एक बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गया।
यह घटना उस समय हुई जब युवक, प्रवीण मगाला-हिरेहदगली गांवों के बीच यात्रा कर रहा था।
प्रवीण के शोर-शराबे और चीख-पुकार को सुनकर किसान और राहगीर उसकी मदद के लिए दौड़े और तेंदुआ मौके से भाग गया। घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस घटना से लोगों में चिंता बढ़ गई है क्योंकि अधिकांश ग्रामीण अपने परिवार के सदस्यों के साथ बाइक, स्कूटर पर यात्रा करते रहते हैं। गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग पैदल कारखानों में जाते हैं।
वन अधिकारियों ने लोगों को आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। क्षेत्र के लोगों ने मांग की है कि मवेशियों पर हमला करने वाला तेंदुआ अब इंसानों को निशाना बना रहा है। अधिकारियों को कोई अनहोनी के पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए।
इसी जिले के होस्पेट तालुक के गांवों में भी एक तेंदुआ देखा गया। अधिकारियों द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि बल्लारी और विजयनगर जिलों में तेंदुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। (आईएएनएस)।
शिवमोग्गा (कर्नाटक), 21 अगस्त । कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के एक गांव में अज्ञात बदमाशों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
यह घटना होलेहोन्नुरु गांव में हुई और पुलिस का मानना है कि तोड़फोड़ रविवार रात को हुई होगी।
यह प्रतिमा 18 वर्ष पूर्व गांव के मुख्य चौराहे पर स्थापित की गई थी।
पुलिस घटना की जांच कर रही है। पुलिस ने पहले ही बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है।
फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। और जानकारी की प्रतीक्षा है। (आईएएनएस)।
हैदराबाद, 21 अगस्त । तेलंगाना के कुमारम भीम आसिफाबाद जिले में एक बैंक मैनेजर ने कथित तौर पर काम के दबाव के कारण आत्महत्या कर ली।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में प्रबंधक के रूप में कार्यरत बनोथ सुरेश (35) ने कीटनाशक खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
उनके परिवार के सदस्यों के मुताबिक, वह काम के दबाव के कारण अवसादग्रस्त थे।
17 अगस्त को शाम करीब साढ़े सात बजे सुरेश ने ऑफिस में कीटनाशक खा लिया। जब उन्हें उल्टी होने लगी, तो कर्मचारियों ने उन्हें आसिफाबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया और उनके परिवार को भी सूचित किया।
प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें मंचेरियल के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया। जब उनकी हालत बिगड़ने लगी, तो उन्हें करीमनगर के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां 20 अगस्त को उन्होंने दम तोड़ दिया।
सुरेश के परिवार में उनकी पत्नी प्रियंका और चार साल का एक बेटा है।
प्रियंका ने कहा कि सुरेश काम के दबाव के कारण तनाव महसूस कर रहेे थे। वह उसे बतातेे थे कि वह दो लोगों का काम संभाल रहेे हैं ।
चिंतागुडा गांव के रहने वाले सुरेश को
एक साल पहले वानकिडी शाखा में स्थानांतरित किया गया था।
सुरेश के पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। (आईएएनएस)।
चंडीगढ़, 21 अगस्त । बीएसएफ और पंजाब पुलिस के संयुक्त अभियान में फिरोजपुर में मुठभेड़ के बाद 29.26 किलोग्राम ड्रग्स के साथ दो पाकिस्तानी ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मुठभेड़ के दौरान एक तस्कर को गोली लग गई और उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रविवार और सोमवार की दरमियानी रात विशेष सूचना के आधार पर फिरोजपुर में सतलुज नदी के तट पर बीएसएफ और पंजाब पुलिस (सीआई फिरोजपुर) द्वारा एक संयुक्त अभियान चलाया गया।
"ऑपरेशन के दौरान लगभग 2:45 बजे, सैनिकों ने पाकिस्तान से भारतीय सीमा में आ रहे कुछ पाकिस्तानी बदमाशों और तस्करों की गतिविधि देखी।
बीएसएफ अधिकारी ने कहा, "सैनिकों ने शुरू में उन्हें ललकारा दी। लेकिन खतरे को भांपते हुए सैनिकों ने तस्करों पर गोलीबारी की। एक तस्कर के हाथ में गोली लगी। इसके बाद सैनिकों ने दो पाकिस्तानी तस्करों को पकड़ लिया।" उनसे 29.26 किलोग्राम हेेेरोइन बरामद की गई। प्राथमिक उपचार के बाद, घायल तस्कर को सिविल अस्पताल में रेफर कर दिया गया।''
एक अलग पोस्ट में, पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि यह सीमा पार मादक पदार्थों की तस्करी नेटवर्क के खिलाफ एक खुफिया नेतृत्व वाला अभियान था।
उन्होंने कहा कि मामले में एफआईआर फाजिल्का के एक पुलिस स्टेशन में दर्ज की जांच की जा रही है। (आईएएनएस)।
आगरा, 21 अगस्त । वाराणसी से मथुरा की यात्रा के दौरान रविवार को कोटा-पटना एक्सप्रेस (13237) में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण दो यात्रियों की मौत हो गई और छह अन्य बीमार पड़ गए।
आगरा के रेलवे अधिकारियों को यात्रियों के बिगड़ते स्वास्थ्य के संबंध में एक कॉल मिली। रविवार शाम ट्रेन के आगरा कैंट स्टेशन पहुंचने पर चिकित्सा सहायता प्रदान की गई। ये यात्री गैर वातानुकूलित शयनयान कोच संख्या एस-2 में यात्रा कर रहे थे।
हालाँकि उनकी मृत्यु का सटीक कारण अभी भी निर्धारित नहीं किया गया है, समूह के कई सदस्यों, जिनमें से मृत यात्री भी शामिल थे, ने अस्वस्थ महसूस करने की सूचना दी।
उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा, “ आगरा में रेलवे अधिकारियों को कोटा-पटना एक्सप्रेस (13237) में सवार यात्रियों के खराब स्वास्थ्य के बारे में सूचित किया गया था। चिंता जताने वाले व्यक्ति छत्तीसगढ़ के एक टीम लीडर के नेतृत्व वाले समूह का हिस्सा थे। यह समूह वाराणसी से पारगमन में था और मथुरा के लिए नियत था, ”
आगरा पीआरओ रेलवे ने कहा, “ट्रेन के आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर चिकित्सा टीमों को तुरंत ट्रेन में भेजा गया। जिन यात्रियों को मतली और उल्टी जैसे लक्षण महसूस हो रहे थे, उन्हें तुरंत चिकित्सा के लिए ले जाया गया। लेकिन एक बुजुर्ग महिला की पहले ही मौत हो चुकी थी, जबकि एक पुरुष यात्री की आगरा में इलाज के दौरान जान चली गई।''
श्रीवास्तव ने कहा,“ प्रारंभिक चिकित्सा आकलन से पता चलता है कि मौतों का संभावित कारण निर्जलीकरण या खाद्य विषाक्तता हो सकता है। हालांकि, हम अभी भी एक निश्चित निष्कर्ष पर नहीं पहुँचे हैं।”
पीआरओ नेे बताया “पता चला है कि समूह में लगभग 90 सदस्य शामिल थे, जो कोटा-पटना एक्सप्रेस में सवार होकर वाराणसी से मथुरा की यात्रा कर रहे थे। इनमें से पांच यात्री गंभीर हालत में वर्तमान में रेलवे अस्पताल की देखरेख में हैं, और एक अन्य व्यक्ति का आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में इलाज चल रहा है।”
श्रीवास्तव ने कहा मृतक यात्रियों की पहचान अभी भी आगरा सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा निर्धारित की जानी है।” (आईएएनएस)।
गुवाहाटी, 21 अगस्त (आईएएनएस)। असम की एक अदालत ने दुष्कर्म की झूठी शिकायत दर्ज कराने के आरोप में एक महिला को जेल भेज दिया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
यह घटना हैलाकांडी जिले में हुई।
एक अधिकारी के अनुसार, दिला बेगम लस्कर ने दो साल पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बासित उद्दीन नामक व्यक्ति पर बलात्कार करने और पैसे ऐंठने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने शख्स के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 366, 376, 380 और 109 के तहत शिकायत दर्ज की।
हालांकि, शनिवार को अदालत में सुनवाई के दौरान हैलाकांडी के अतिरिक्त लोक अभियोजक एस. शर्मा ने लिखित बयान दिया कि शिकायतकर्ता ने एक से अधिक बार अपना बयान बदला है।
शर्मा ने कहा, "महिला ने 6 जुलाई, 2021 को अदालत में जो बयान दिया था, उसके बिल्कुल विपरीत बयान दे रही है। इससे साबित होता है कि या तो पहले या अब, दिला बेगम लस्कर ने झूठी गवाही दी है।"
चूंकि मजिस्ट्रेट के निर्देश पर शिकायतकर्ता का बयान वीडियो-रिकॉर्ड किया गया था, अदालत ने पाया कि अपने नवीनतम बयान में लस्कर ने दावा किया कि उद्दीन ने उसके साथ बलात्कार नहीं किया था।
कोर्ट ने कहा, "जैसे ही किसी पर किसी आपराधिक कृत्य का आरोप लगता है, समाज उस व्यक्ति की निंदा करता है। अगर आरोप बलात्कार जैसे बदतर कृत्य का है, तो समाज मांग करता है कि उस व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, लेकिन फिर भी अगर वह व्यक्ति अदालती मामले के बाद बरी कर दिया जाता है, मामले के दौरान हुई क्षति की भरपाई कभी नहीं की जाती है।"
आगे कहा गया है : "न्यायपालिका की स्थापना कानून के अनुसार दोषियों को दंडित करने के लिए की गई है। न्यायाधीश किसी अपराध का फैसला अकेले नहीं करते हैं। फैसला उनके सामने पेश किए गए सबूतों पर आधारित होता है। लेकिन इस महिला ने बार-बार झूठी शिकायतें दर्ज कराई हैं। उसने पुलिस और न्यायपालिका को उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश की। कानून का दुरुपयोग करना भी एक अपराध है।"
जज के मुताबिक, इस कृत्य के लिए बड़ी सजा की जरूरत है, ताकि समाज में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
कोर्ट ने महिला के खिलाफ आईपीसी की धारा 193 और 195 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया और साथ ही निर्देश दिया कि दिला बेगम लस्कर को पुलिस हिरासत में रखा जाए। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 21 अगस्त । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मणिपुर में एक दुखद तिहरे हत्याकांड के मामले की भी जांच करेगी, जहां जून में जातीय हिंसा के दौरान भीड़ ने सात वर्षीय लड़के, उसकी मां और चाची को जिंदा जला दिया था।
टोंसिंग हैंगसिंग नाम के लड़के का वंश कुकी-मीतेई से मिला हुआ था, उसकी मां मैतेई थी और उसके पिता कुकी थे।
शुरुआत में इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस कर रही थी, लेकिन अब इसे अन्य 20 मामलों के साथ सीबीआई को सौंप दिया गया है।
जून में लड़के को सिर में गोली थी। जब उसकी मां मीना हैंगसिंग और उसकी चाची लिडिया लौरेम्बम उसे एम्बुलेंस में राज्य की राजधानी के एक अस्पताल में ले जा रही थीं, तो रास्ते में हिंसक भीड़ ने एम्बुलेंस पर हमला कर दिया और आग लगा दी।
टोंसिंग का परिवार एक राहत शिविर में रह रहा था। सूत्र बताते हैं कि हथियारों से लैस "बहुसंख्यक समुदाय" के लोगों ने शिविर को भी निशाना बनाया। जब गोलीबारी की गई तो एक गोली लोहे के खंभे से टकराकर बच्चे के सिर में लग गई थी। सेना ने बच्चे, उसकी मां और चाची को पुलिस एस्कॉर्ट और एंबुलेंस मुहैया कराया, एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने तुरंत लड़के के अस्पताल स्थानांतरण के लिए सुरक्षित मार्ग की व्यवस्था करने के लिए इंफाल के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया। मगर लगभग 2,000 लोगों की भीड़ ने काफिले को रोक लिया और एम्बुलेंस में आग लगा दी।
इस मामले के संबंध में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं। एक मामला पुलिस ने लाम्फेल थाने में दर्ज कराया था, जबकि दूसरा मामला लड़के के पिता जोशुआ हैंगसिंग ने कांगपोकपी थाने में दर्ज कराया था। लाम्फेल पुलिस ने हत्या से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, जबकि कांगपोकपी पुलिस स्टेशन ने इसे गैर इरादतन हत्या के प्रयास के आरोप के तहत दर्ज किया।
तीन मई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे के लिए मैतेई समुदाय के अनुरोध का विरोध करने के लिए पहाड़ी जिलों में आयोजित 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के बाद कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी। झड़पों में 160 से अधिक लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए। हजारों घर जला दिए गए। (आईएएनएस)
चित्रदुर्ग (कर्नाटक), 20 अगस्त कर्नाटक में चित्रदुर्ग जिले के एक गांव में रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित एक मानव रहित वायु यान (यूएवी) दुर्घटनाग्रस्त हो गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह ड्रोन तापस 07 ए-14, जिले के हिरियूर तालुक स्थित वड्डिकेरे गांव के बाहर खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
सूत्रों के मुताबिक, यह घटना उस वक्त हुई जब डीआरडीओ का ड्रोन परीक्षण उड़ान पर था।
इस घटना पर डीआरडीओ के अधिकारियों की टिप्पणी नहीं मिल पायी है।
घटना से जुड़ी वीडियो और तस्वीरों से पता चलता है कि दुर्घटना के बाद ड्रोन टूट गया और उसके पुर्जे आसपास बिखर गये।
दुर्घटना के वक्त तेज आवाज आने के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और स्थानीय प्राधिकारियों को इसकी सूचना दी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 20 अगस्त भारत के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की टी20 अंतरराष्ट्रीय में न्यूजीलैंड पर मिली शानदार जीत की प्रशंसा करते हुए रविवार को कहा कि इसमें फ्रेंचाइजी क्रिकेट का प्रभाव साफ दिखता है।
अश्विन ने साथ ही कहा कि इससे जो देश टेस्ट नहीं खेलते, वहां के क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी के लिए उम्मीद भी जगती है।
संयुक्त अरब अमीरात ने शनिवार को दुबई में दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में न्यूजीलैंड को सात विकेट से हराकर उस पर पहली जीत दर्ज की।
अश्विन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘यूएई ने न्यूजीलैंड को हरा दिया जो बड़ी उपलब्धि है और इससे हमें यह भी दिख रहा है कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट क्या करने में सफल रहा है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे ऐसे देशों के क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी के लिए उम्मीद जगती है जो मुख्य तौर पर टेस्ट खेलने वाले देश नहीं हैं और यह खेल के लिए अच्छी खबर है। ’’
यूएई ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला करने के बाद न्यूजीलैंड को आठ विकेट पर 142 रन ही बनाने दिये और फिर यह लक्ष्य 15.4 ओवर में तीन विकेट पर 144 रन बनाकर हासिल कर लिया। इसमें उसके लिए मोहम्मद वसीम ने 55 और आसिफ खान ने 48 रन की पारियां खेलीं।
अश्विन ने अफगानिस्तान के स्पिनर राशिद खान का उदाहरण देते हुए उम्मीद जतायी कि आईपीएल में और अधिक खिलाड़ी खेलेंगे और अपनी संबंधित टीमों में बदलाव लायेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘जब राशिद खान आईपीएल में आया तो अफगानिस्तान विश्व कप में चुनौतीपूर्ण क्रिकेट देश नहीं था लेकिन अब कोई भी इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकता। ’’
अश्विन ने कहा, ‘‘भविष्य में आईपीएल में और अधिक देशों के खिलाड़ी प्रतिनिधित्व करते हुए दिख सकते हैं और अपने देशों में क्रिकेट का भाग्य बदल सकते हैं। ’’ (भाषा)
अगरतला, 20 अगस्त त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में टिपरा मोथा के टिकट पर लड़ने वाले पार्टी के एक नेता को पूर्वोत्तर राज्य में पांच सितंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए वोट मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
क्षेत्रीय पार्टी के एक पदाधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
पार्टी के एक नेता ने बताया कि अबू खायर मिया ने फरवरी में हुए पिछले चुनाव में बोक्सानगर विधानसभा क्षेत्र से टिपरा मोथा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गए थे। उन्होंने बताया कि मिया को निलंबित कर दिया गया है।
मिया सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में सिपाहीजाला जिले में बोक्सानगर सीट पर उपचुनाव के लिए कथित तौर पर सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में वोट मांगते सुनाई देते हैं।
पार्टी नेता अनिमेश देबबर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि वीडियो के आधार पर टिपरा मोथा की शाखा टिपरा सिटीजन्स फोरम ने मिया के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे गंभीरता से लेते हुए पार्टी के अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने को लेकर अबू खायर मिया को छह महीने के लिए निलंबित करने का फैसला किया है। उन्हें उपचुनाव के दौरान पार्टी की चुनाव संबंधी गतिविधियों में शामिल नहीं होने के लिए कहा गया है।’’
सिपाहीजाला जिले की धनपुर और बोक्सानगर सीट पर पांच सितंबर को उपचुनाव होना है। (भाषा)
भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिगों के बीच यौन संबंधों को अपराध ना मानने से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सरकार का रुख पूछा है. इसे आमतौर पर रोमियो और जूलिएट कानून कहा जाता है जो दुनिया के कई देशों में लागू है.
डॉयचे वैले पर स्वाति बक्शी की रिपोर्ट-
इस याचिका में दावा किया गया है कि 18 साल से कम उम्र के लाखों लड़के-लड़कियां अपनी मर्जी से शारीरिक संबंध बनाते हैं, लेकिन कानूनी तौर पर यह अपराध है. यह बलात्कार की श्रेणी में आता है. कानून के अनुसार, कई मामलों में लड़का सजा का हकदार बनता है, लड़कियां गर्भवती हो जाती हैं और मां-बाप पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचते हैं. याचिका नाबालिगों के बीच यौन संबंधों के मामले में बलात्कार से जुड़े कानून को चुनौती देती है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने राष्ट्रीय महिला आयोग समेत कानून व न्याय मंत्रालय और गृह मंत्रालय को भी नोटिस जारी किया है. इस याचिका में दलील दी गई है कि किशोरों के पास इतनी क्षमता है कि वह जोखिम समझकर सही फैसला ले सकें. यह याचिका वकील हर्ष विभोर सिंघल ने दायर की है.
कई देशों में लागू रोमियो और जूलिएट कानून नाबालिगों के बीच संबंधों के मामले में सुरक्षा देता है, अगर इसमें दोनों के बीच सहमति हो और उम्र का अंतर बहुत बड़ा ना हो. सुप्रीम कोर्ट ने भारत के लिए इसी तरह के एक रोमियो-जूलिएट कानून की संभावनाएं तलाशते हुए सरकार की प्रतिक्रिया पूछी है जो किसी किशोर लड़के को गिरफ्तारी सुरक्षा देता है, अगर उसकी उम्र लड़की से चार साल से ज्यादा ना हो. फिलहाल भारत में बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए पॉक्सो यानी द प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफंसेंस ऐक्ट, 2012 लागू है. इसके तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों की सहमति कोई मायने नहीं रखती. उनके साथ किसी भी तरह का यौन व्यवहार, यौन अपराध के दायरे में ही आता है. साथ ही, सेक्शन 375 के अंतर्गत, 16 साल से कम उम्र की लड़की के साथ सहमति के साथ बनाया गया यौन संबंध भी बलात्कार है.
याचिका की मांग
इस याचिका में मांग रखी गई है कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 32 या अनुच्छेद 142 में दिए गए अधिकार का इस्तेमाल करते हुए रिट या किसी और रूप में ऐसे निर्देश जारी करे जो 16 से 18 बरस के किशोरों के बीच स्वेच्छा से बने संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दे. याचिका कहती है कि इस उम्र के किशोर, शारीरिक, मानसिक और सामाजिक तौर पर इतने सक्षम होते हैं कि जोखिम समझ सकें, सोच-समझ कर आजादी से फैसला ले सकें और यह समझ सकें कि वह अपने शरीर के साथ क्या करना चाहते हैं.
इस याचिका पर सरकार की प्रतिक्रिया बलात्कार से जुड़े कानून की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी. यह वह मोड़ है जहां तय होगा कि सामाजिक परिस्थितियों के मद्देनजर नाबालिगों की क्षमताओं को स्वीकार करते हुए कानून में फेरबदल होगा या नहीं. इस याचिका पर बेंच ने कहा, "यह कानून का धुंधला हिस्सा है, एक शून्य, इसे दिशा-निर्देशों से भरने की जरूरत है कि कैसे 16 साल से ज्यादा और 18 से कम उम्र वालों के मामले में बलात्कार के कानून लागू होंगे, जिनके बीच सहमति है.
जस्टिस चंद्रचूड़ की पहल
दिसंबर 2022 में जस्टिस चंद्रचूड़ ने कानूनी सुधार की गुंजाइश जताई थी, ताकि पॉक्सो जैसे सख्त कानून की वजह से नाबालिगों के रिश्तों को हमेशा अपराध के दायरे में ना रखा जाए. मुख्य न्यायाधीश का कहना था कि कईं हाई कोर्ट भी इस बारे में चिंता जता चुके हैं. 2019-2021 के बीच हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 में पता चला कि 39 फीसदी महिलाओं ने जब पहली बार यौन संबंध बनाए तो उनकी उम्र 18 साल से कम थी.
पॉक्सो ने सहमति की उम्र 16 से बढ़ाकर 18 कर दी. इंडियन पीनल कोड और दूसरे कानूनों में हुए संशोधनों ने पॉक्सो को ही मजबूत किया. इसका नतीजा यह हुआ कि ट्रायल कोर्ट में इन मामलों में सजा से बचने की बहुत कम गुंजाइश बचती है. ज्यादातर मामलों में परिवारों को नरमी की आस में उच्च न्यायालयों की शरण लेनी पड़ती है. सामाजिक और कानूनी, दोनों ही नजरिए से यह याचिका बहुत अहम है. फिलहाल गेंद सरकार के पाले में है जिसका रुख आगे की दिशा का इशारा देगा. (dw.com)
अंतरराष्ट्रीय शतरंज संघ ने ट्रांसजेंडर महिला खिलाड़ियों को महिलाओं के खेलों से प्रतिबंधित कर दिया है. इस तरह के कदम अन्य खेलों में भी उठाये जा चुके हैं. कई खेलों में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को लेकर विवाद चल रहा है.
फीडे के नाम से जाने जाने वाले शतरंज संघ ने नए नियमों की इसी महीने अनुमति दी और ये 21 अगस्त से लागू हो जाएंगे. संघ ने कहा है कि बैन के साथ साथ वह सभी पहलुओं का "गहन विश्लेषण" भी करेगा. इस प्रक्रिया में दो साल तक लग सकते हैं.
नए नियमों के मुताबिक ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को इस बात का "पर्याप्त सबूत देना होगा कि उन्होंने उनके देश के कानून और नियमों के अनुसार लिंग परिवर्तन" कराया है.
दूसरे खेलों की तर्ज पर
संघ ने आगे कहा है कि सबूत देने के बाद भी "अगर किसी खिलाड़ी ने मेल जेंडर से फीमेल मेंपरिवर्तन करवाया है, तो उसे महिलाओं के लिए आयोजित फीडे के आधिकारिक इवेंट्स में हिस्सा लेने का कोई अधिकार नहीं है, जब तक फीडे इस पर आगे कोई फैसला नहीं ले लेता."
संघ के मुताबिक वह यह "मानता है कि यह शतरंज के लिए एक विकसित होता हुआ मुद्दा है और ट्रांसजेंडर नीतियों को लेकर तकनीकी नियमों के अलावा भविष्य में शोध से मिले प्रमाण के आधार पर और नीतियों की भी जरूरत पड़ सकती है."
संघ के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स से ईमेल के जरिए अपना बयान साझा किया जिसमें उन्होंने लिखा कि यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि खिलाड़ियों के लिंग परिवर्तन से जुड़ी प्रक्रियाओं को बेहतर परिभाषित किया जा सके.
बयान के मुताबिक, "कई देशों में ट्रांसजेंडर कानून तेजी से विकसित हो रहे हैंऔर कई खेल संस्थाएं अपनी नीतियां अपना रही हैं. फीडे इन सभी बदलावों को देखता रहेगा और यह फैसला लेगा कि इन्हें शतरंज की दुनिया में कैसे लागू किया जा सकता है."
बयान में यह भी कहा गया कि ट्रांसजेंडर खिलाड़ी अभी भी "ओपन" श्रेणी की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकते हैं. शतरंज में अधिकांश प्रतियोगिताएं सभी खिलाड़ियों के लिए खुली होती हैं, सिवाय महिलाओं की विश्व चैंपियनशिप जैसी कुछ प्रतियोगिताओं के.
'ट्रांस पैनिक' का मामला?
कई खेलों की प्रबंधक संस्थाओं ने महिलाओं की एलीट प्रतियोगिताओं में ट्रांसजेंडर महिलाओं के हिस्सा लेनेसे जुड़े नियमों को कड़ा कर दिया है. इनमें साइकलिंग, ऐथलेटिक्स और तैराकी भी शामिल हैं.
अभी तक इस तरह के कदम जिन जिन खेलों में उठाये गए हैं उनमें भारी शारीरिक गतिविधि शामिल होती है, लेकिन शतरंज में ऐसा नहीं हैं. फीडे के इस फैसले का एडवोकेसी समूहों और ट्रांसजेंडर अधिकार समर्थकों ने आलोचना की है.
अमेरिका में नेशनल एलजीबीटीक्यू टास्क फोर्स की कम्युनिकेशन्स डायरेक्टर कैथी रेना ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह "'ट्रांस पैनिक' का मामला लगता है, जिसकी कोई सफाई नहीं है, हकीकत में कोई आधार नहीं है और एक बार फिर ट्रांस लोगों को मार्जिनलाइज करने" की कोशिशहै.
रेना ने एक ईमेल में लिखा कि ये नए दिशानिर्देश "गुस्सा दिलाने वाले, कंफ्यूज करने वाले, विरोधाभासी हैं और इस बात का संकेत हैं कि ट्रांस-विरोधी मूवमेंट - विशेष रूप से वो लोग जो खेलों में एक्सक्लूजन को बढ़ावा देते हैं - कॉम्पिटिटिव खेलों के दूसरे इलाकों में भी फैल रहा है और यह एक बेहद परेशान करने वाली घटना है."
सीके/वीके (रॉयटर्स, एपी)
अगरतला, 19 अगस्त त्रिपुरा के धलाई जिले में प्रतिबंधित 'नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा' (एनएलएफटी) बीएम समूह के पांच उग्रवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
धलाई के पुलिस अधीक्षक अवनीश कुमार राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कांता मोहन त्रिपुरा (45), नक्षत्र देबबर्मा (32), एमांग देबबर्मा (20), गेटाजॉय त्रिपुरा (23) और मंसुबर त्रिपुरा (25) नामक उग्रवादियों ने शुक्रवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया।
उन्होंने बताया कि पांचों उग्रवादी बांग्लादेश में एनएलएफटी के सिलाचेरी शिविर में प्रशिक्षण ले रहे थे। उनके अनुसार उन्होंने प्रशिक्षण शिविर छोड़ दिया और अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया।
राय ने बताया, "हमें सूचना मिली कि चटगांव हिल ट्रैक्ट्स (सीएचटी) के सिलाचेरी में एनएलएफटी के उग्रवादियों के एक समूह ने विकट परिस्थितियों के कारण प्रशिक्षण शिविर छोड़ दिया है और वे लोग आत्मसमर्पण करना चाह रहे हैं। तब, खुफिया एजेंसियों ने स्वतंत्रता दिवस समारोह से ठीक पहले उत्तरी जिले के कंचनपुर में उनसे संपर्क किया। परंतु खराब मोबाईल नेटवर्क के कारण हम उसका पता नहीं लगा सके।"
पुलिस अधीक्षक ने कहा, "आखिरकार, उन्होंने चावमानू इलाके में भारत-बांग्लादेश सीमा पार करने के बाद हमसे संपर्क किया और शुक्रवार को चावमानू थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। उन सभी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है।"
राय ने कहा, "हम संगठन में उग्रवादियों की संख्या का पता लगाने के लिये आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों से गहन पूछताछ नहीं कर सके, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि 15 से 20 उग्रवादी बांग्लादेश के सिलाचेरी में छिपे हैं।" (भाषा)
गाजीपुर (उप्र), 19 अगस्त उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की एक अदालत ने फर्जी तरीके से जमीन अपने और अपनी मां के नाम करवाने के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की जमानत याचिका शुक्रवार को ख़ारिज कर दी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार स्थानीय सांसद-विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा की अदालत ने मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खरिज कर दी।
अभियोजन पक्ष ने बताया कि गाजीपुर सदर तहसील के लेखपाल सत्यपाल ने 19 अगस्त 2020 को कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि मोहम्मद पट्टी में रविंद्र शर्मा, श्रीकांत उपाध्याय तथा नंदलाल के नाम दर्ज बंजर जमीन को तत्कालीन जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार जमीन पुनः बंजर घोषित कर दी गई लेकिन अब्बास अंसारी और उसकी मां अफशां अंसारी ने फ़र्ज़ी तरीकक से ज़मीन अपने नाम करा ली। इस संबंध में 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। (भाषा)
नई दिल्ली, 19 अगस्त । जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली के उपराज्यपाल को एक नया पत्र लिखा है, इसमें उसने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन पर एक प्राइवेट फर्म 'मेट्रोपोलिस लेबोरेटरी एंड पैथोलॉजी सेंटर्स' को मेडिकल कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
उसने आरोप लगाया कि गोवा चुनाव के लिए प्राइवेट कंपनी ने आम आदमी पार्टी (आप) को 13 करोड़ रुपये दिये थे।
पत्र में लिखा, "केजरीवाल सरकार ने मुख्य रूप से दिल्ली जेल के सभी कैदियों के लिए दिल्ली सरकार के तहत विभिन्न अस्पतालों के ब्लड और अन्य बायोसैंपल्स को संसाधित करने के लिए एक प्राइवेट फर्म 'मेट्रोपोलिस लेबोरेटरी एंड पैथोलॉजी सेंटर्स' को कई मेडिकल कॉन्ट्रैक्ट्स दिए हैं। इस आवेदन/शिकायत को दर्ज करने का कारण यह है कि पिछले गोवा चुनाव के दौरान, मेरे कर्मचारियों द्वारा मुझे दिए गए सत्येन्द्र जैन के निर्देश पर मुंबई में मेट्रोपोलिस लैब्स के कार्यालय से 3 किश्तों में 13 करोड़ रुपये का भुगतान एकत्र किया गया था।''
चंद्रशेखर ने आगे आरोप लगाया है कि फेसटाइम चैट में से एक में, जैन और केजरीवाल ने उल्लेख किया था कि मेट्रोपोलिस के निदेशक करीबी दोस्त हैं और वह फंडिंग कर रहा हैं, क्योंकि उन्होंने कंपनी की मदद की है, और राशि मुंबई से एकत्र की जानी चाहिए और गोवा और बेंगलुरु भेजी जानी चाहिए।
चंद्रशेखर ने अपने पत्र में आरोप लगाया, "इसके बाद, मेरे स्टाफ ने मुंबई में मेट्रोपोलिस के कार्यालय से 7-8 घंटों में दो किश्तों में 13 करोड़ की राशि एकत्र की, और जैन द्वारा लगातार समन्वय किया गया। 13 करोड़ में से 5 करोड़ जैन के चचेरे भाई डॉक्टर हिमेश को बेंगलुरु भेजे गए, जो बेंगलुरु के इंद्रानगर में रहते हैं। बाकि 8 करोड़ रुपये गोवा भेजे गए, जिसे अज्ञात व्यक्तियों ने एकत्र किया, जिसका विवरण जैन ने भेजा था।''
चन्द्रशेखर ने दावा किया कि उक्त धनराशि की डिलीवरी के बाद, केजरीवाल ने व्यक्तिगत रूप से फोन किया और फेसटाइम कॉल पर उन्हें धन्यवाद दिया और एलजी से केजरीवाल सरकार द्वारा मेट्रोपोलिस लैब्स को दिए गए कॉन्ट्रैक्ट्स की विस्तार से जांच कराने का अनुरोध किया।
ईडी और सीबीआई से मामले को देखने का आग्रह करते हुए, ठग ने मेट्रोपोलिस लैब्स, मुंबई कार्यालय से प्राप्त और एकत्र किए गए 13 करोड़ के उपरोक्त लेनदेन के फेसटाइम और व्हाट्सएप चैट प्रस्तुत करने की इच्छा व्यक्त की। (आईएएनएस)।
ठाणे (महाराष्ट्र), 19 अगस्त महाराष्ट्र में भाई-भाभी की आत्महत्या के मामले की ढीली जांच से आहत एक व्यक्ति ने कैमरे के सामने अपनी उंगलियां काट लीं। इसके बाद जिला पुलिस ने उसके भाई-भाभी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में शुक्रवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
नंदकुमार नानावारे और उनकी पत्नी उज्ज्वला नानावारे ने एक अगस्त को ठाणे जिले के उल्हासनगर में स्थित अपने मकान की छत से कूदकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी।
स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर घटना के सिलसिले में कमलेश निकम, नरेश गायकवाड, गणपति कांबले और शशिकांत साठे को गिरफ्तार किया गया है।
लेकिन पुलिस ने इन चारों को तब गिरफ्तार किया, जब नंदकुमार के भाई धनंजय नानावारे ने सतारा जिले के फाल्टन कस्बे के पास एक छुरे से अपनी उंगलियां काट लीं।
धनंजय की उंगलियां काटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
वीडियो में धनंजय ने आरोप लगाया कि इस मामले में एक ‘मंत्री’ शामिल था और उसके भाई ने मरने से पहले उसका नाम लिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
उसने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता जब तक वह अपने शरीर के हिस्सों को काटता रहेगा। (भाषा)
नोएडा (उत्तर प्रदेश), 19 अगस्त नोएडा पुलिस ने पड़ोस में रहने वाली आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार करने के आरोप में ढाबे पर काम करने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि घटना 16 अगस्त की है और उस वक्त बच्ची अपने 11 साल के भाई के साथ घर में थी जबकि उनके माता-पिता काम पर गए हुए थे।
पुलिस ने बताया कि घटना के सिलसिले में सेक्टर-24 थाने में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बच्ची के साथ बलात्कार के आरोप में उनके पड़ोस में रहने वाले 18 साल के युवक को गिरफ्तार किया गया है। ढाबे में काम करने वाला यह युवक मूल रूप से अलीगढ़ का रहने वाला है।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज कर उसे स्थानीय अदालत में पेश किया, जिसने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। (भाषा)
ठाणे, 19 अगस्त नवी मुंबई में एक बुजुर्ग व्यक्ति से ऑनलाइन कार्य के बदले भुगतान किए जाने के बहाने साइबर जालसाजों ने कथित तौर पर 17 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को नेरुल पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘चार लोगों ने खुद को एक प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए अलग-अलग तारीखों पर बुजुर्ग व्यक्ति को कॉल किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर विभिन्न उत्पादों के लिए अपने विचार साझा करने के वास्ते व्यक्ति को भुगतान करने की पेशकश की।’’
उन्होंने बताया कि बुजुर्ग व्यक्ति ने उन पर विश्वास कर अप्रैल से मई 2023 तक कई किस्तों में उन्हें कुल 17 लाख रुपये दिए।
अधिकारी ने कहा, ‘‘बाद में पीड़ित को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है।’’
पीड़ित की शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 34 (समान इरादा) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। (भाषा)
बेंगलुरु, 19 अगस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत समाधानों के लिए एक आदर्श परीक्षण प्रयोगशाला है, साथ ही उन्होंने कहा कि जो उपाय देश में सफल साबित होते हैं उन्हें कहीं भी आसानी से लागू किया जा सकता है।
बेंगलुरु में जी20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यकारी मंत्री समूह की बैठक को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक सुरक्षित और समावेशी समाधान पेश करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत एक विविधतापूर्ण देश है। हमारी दर्जनों भाषाएं और सैकड़ों बोलियां हैं। यहां दुनिया के सभी धर्मों के लोग रहते हैं और असंख्य सांस्कृतिक प्रथाओं का पालन होता है। भारत में प्राचीन परंपराओं से लेकर आधुनिक तकनीक तक, हर किसी के लिए कुछ न कुछ है।’’
उन्होंने कहा कि इतनी विविधताएं होने के कारण भारत समाधान तलाशने के लिए एक आदर्श परीक्षण प्रयोगशाला है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत में सफल साबित होने वाले उपायों को दुनियाभर में कहीं भी आसानी से लागू किया जा सकता है।’’
प्रधानमंत्री ने बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों से कहा कि भारत दुनिया के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई पीछे नहीं छूटे यह सुनिश्चित करने के लिए देश ने ऑनलाइन एकीकृत डिजिटल बुनियादी ढांचा ‘इंडिया स्टैक्स’ बनाया है।
उन्होंने डिजिटल अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ ही इसके समक्ष पेश आने वाली सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के प्रति जी20 प्रतिनिधियों को आगाह करते हुए ‘‘सुरक्षित, विश्वसनीय और लचीली डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए जी20 उच्च स्तरीय सिद्धांतों" पर सर्वसम्मति बनाने की जरूरत पर जोर दिया। (भाषा)
प्रयागराज, 19 अगस्त । उत्तर प्रदेश के कौशांबी में नवीन तकनीकी पर आधारित टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना की गई है। इससे किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी।
केले की बागवानी को लेकर प्रयागराज मंडल के किसानों का रुझान लगातार बढ़ रहा है । मंडल के कौशांबी जिले में इस समय 1500 किसान केले की बागवानी कर रहे हैं।
उपनिदेशक उद्यान कृष्ण मोहन चौधरी बताते हैं कि जनपद में 1700 हेक्टेयर में किसान केले की बागवानी कर रहे हैं । इन केला पैदा करने वाले किसानों की सबसे बड़ी समस्या टिश्यू कल्चर से तैयार की गई पौध की है। महाराष्ट्र ,पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों से केले की टिश्यू कल्चर वाली पौध यहां पहुंचने में कई बार विलंब होने की वजह से किसने की लाखों की फसल बर्बाद हो जाती है।
इसे देखते हुए कौशांबी के चिल्ला सहवाजी गांव में नवीन तकनीकी पर आधारित टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना की गई है। प्रयागराज मंडल की नहीं, बल्कि पूर्वांचल के केला उत्पादक जिलों में केले की टिशु कल्चर लैब की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
प्रयागराज मंडल उप निदेशक उद्यान कृष्ण मोहन चौधरी का कहना है कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्तर्गत, जनपद-कौशाम्बी में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के सहयोग से चिल्ला सहवाज़ी गांव में टिश्यू कल्चर केला लैब का सत्यापन उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की टीम द्वारा कर लिया गया है।
इस लैब की स्थापना से जनपद कौशाम्बी के साथ-साथ निकटवर्ती जनपदों के केला उत्पादक किसानों को उच्च गुणवत्ता के टिश्यू कल्चर केला पौध समय से उपलब्ध हो सकेगा। इससे एक तरफ जहां केला उत्पादन में वृद्धि होगी वही दूसरी तरफ किसानों के आय में भी बढ़ोतरी होगी। इस लैब में लगभग 15 लाख टिश्यू कल्चर के पौधे तैयार करने हेतु तैयार है, जो अगले वर्ष में हार्डेनिंग के उपरांंत पूरी तरह से तैयार केला पौध कृषकों को दिये जाने योग्य हो जायेंगे ।
लैब की लागत 283.81 लाख है। इस पर उद्यान विभाग द्वारा 100 लाख का अनुदान दिया गया है । यह पूर्वाचल की केले की पहली टिश्यू कल्चर लैब है, जिसमे आने वाले समय में लगभग 30 लाख टिश्यूकल्चर केला के पौधे प्रतिवर्ष तैयार किये जायेंगे। यह अत्याधुनिक लैब केला पैदा करने वाले किसानों के लिए कई तरह से लाभ देने जा रही है।
मूरत गंज के केला पैदा करने वाले समद बताते हैं कि अभी तक इस क्षेत्र में केले के टिशू कल्चर पौधे बाहर से मगाने पड़ते थे, इसमें ट्रांसपोर्टेशन की वजह से कीमत ज्यादा लगती थी लेकिन अब स्थानीय उपलब्धता होने की वजह से कम कीमत में ही उन्हें टिश्यू कल्चर की पौध मिल जाएगी ।
सैयद सरावां के केला पैदा करने वाले किसान सुरेश बिंद बताते हैं कि बाहर से आने वाली केले की पौध के यहां पहुंचने में कई बार विलंब हो जाता था, जिससे उनकी फसल खराब हो जाती थी। इसके अलावा बाहर से आने वाली टिश्यू कल्चर की पौध में वहां की बीमारियां भी साथ चली आती थी, जो अब स्थानीय टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना से नहीं होगी। (आईएएनएस)।
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प्रयागराज, 19 अगस्त । उत्तर प्रदेश के कौशांबी में नवीन तकनीकी पर आधारित टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना की गई है। इससे किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी।
केले की बागवानी को लेकर प्रयागराज मंडल के किसानों का रुझान लगातार बढ़ रहा है । मंडल के कौशांबी जिले में इस समय 1500 किसान केले की बागवानी कर रहे हैं।
उपनिदेशक उद्यान कृष्ण मोहन चौधरी बताते हैं कि जनपद में 1700 हेक्टेयर में किसान केले की बागवानी कर रहे हैं । इन केला पैदा करने वाले किसानों की सबसे बड़ी समस्या टिश्यू कल्चर से तैयार की गई पौध की है। महाराष्ट्र ,पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों से केले की टिश्यू कल्चर वाली पौध यहां पहुंचने में कई बार विलंब होने की वजह से किसने की लाखों की फसल बर्बाद हो जाती है।
इसे देखते हुए कौशांबी के चिल्ला सहवाजी गांव में नवीन तकनीकी पर आधारित टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना की गई है। प्रयागराज मंडल की नहीं, बल्कि पूर्वांचल के केला उत्पादक जिलों में केले की टिशु कल्चर लैब की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
प्रयागराज मंडल उप निदेशक उद्यान कृष्ण मोहन चौधरी का कहना है कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्तर्गत, जनपद-कौशाम्बी में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के सहयोग से चिल्ला सहवाज़ी गांव में टिश्यू कल्चर केला लैब का सत्यापन उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की टीम द्वारा कर लिया गया है।
इस लैब की स्थापना से जनपद कौशाम्बी के साथ-साथ निकटवर्ती जनपदों के केला उत्पादक किसानों को उच्च गुणवत्ता के टिश्यू कल्चर केला पौध समय से उपलब्ध हो सकेगा। इससे एक तरफ जहां केला उत्पादन में वृद्धि होगी वही दूसरी तरफ किसानों के आय में भी बढ़ोतरी होगी। इस लैब में लगभग 15 लाख टिश्यू कल्चर के पौधे तैयार करने हेतु तैयार है, जो अगले वर्ष में हार्डेनिंग के उपरांंत पूरी तरह से तैयार केला पौध कृषकों को दिये जाने योग्य हो जायेंगे ।
लैब की लागत 283.81 लाख है। इस पर उद्यान विभाग द्वारा 100 लाख का अनुदान दिया गया है । यह पूर्वाचल की केले की पहली टिश्यू कल्चर लैब है, जिसमे आने वाले समय में लगभग 30 लाख टिश्यूकल्चर केला के पौधे प्रतिवर्ष तैयार किये जायेंगे। यह अत्याधुनिक लैब केला पैदा करने वाले किसानों के लिए कई तरह से लाभ देने जा रही है।
मूरत गंज के केला पैदा करने वाले समद बताते हैं कि अभी तक इस क्षेत्र में केले के टिशू कल्चर पौधे बाहर से मगाने पड़ते थे, इसमें ट्रांसपोर्टेशन की वजह से कीमत ज्यादा लगती थी लेकिन अब स्थानीय उपलब्धता होने की वजह से कम कीमत में ही उन्हें टिश्यू कल्चर की पौध मिल जाएगी ।
सैयद सरावां के केला पैदा करने वाले किसान सुरेश बिंद बताते हैं कि बाहर से आने वाली केले की पौध के यहां पहुंचने में कई बार विलंब हो जाता था, जिससे उनकी फसल खराब हो जाती थी। इसके अलावा बाहर से आने वाली टिश्यू कल्चर की पौध में वहां की बीमारियां भी साथ चली आती थी, जो अब स्थानीय टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना से नहीं होगी। (आईएएनएस)।
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अररिया, 19 अगस्त । बिहार के अररिया जिला के रानीगंज में शुक्रवार को एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या के मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के मुताबिक मृतक विमल के पिता हरेन्द्र प्रसाद सिंह के बयान के आधार पर रानीगंज थाना में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। दर्ज प्राथमिकी में 8 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि 8 नामजद आरोपियों में से शुक्रवार की रात 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों में भरगामा थाना के भरना निवासी विपिन यादव, रानीगंज के बेलसारा निवासी भवेश यादव और आशीष यादव तथा रानीगंज थाना के कोशिकापुर निवासी उमेश यादव शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि नामजद आरोपियों में से दो आरोपी रूपेश यादव फिलहाल सुपौल जेल में तथा कांति यादव अन्य मामलों में अररिया जेल में बंद है। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है तथा जेल में बंद आरोपियों को भी पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की योजना बना रही है। अन्य दो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की सुबह रानीगंज के प्रेम नगर स्थित आवास से पत्रकार विमल को अपराधियों ने घर से बुलाया। जैसे ही वे दरवाजा खोलकर बाहर निकलने वाले थे, वैसे ही अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी। गोली लगने से उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
बताया जाता है कि अपराधी बाइक पर सवार होकर आए थे। दो साल पूर्व विमल के बड़े भाई को हत्या भी अपराधियों ने कर दी थी। इस मामले में विमल मुख्य गवाह थे। (आईएएनएस)।
ग्रेटर नोएडा, 19 अगस्त । ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाईराइज सोसाइटी में रहने वाले एक ठेकेदार ने बीती रात खुद को लाइसेंसी राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। शुरुआती जांच में पता चला है कि वह कर्ज से परेशान था।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक थाना बिसरख को 18 अगस्त को रात 9.30 के आसपास सूचना मिली कि क्षेत्र के अंतर्गत एक व्यक्ति बिशन कुमार मिश्रा (56 वर्ष) पुत्र जय नारायण मिश्रा, निवासी ए वन 702, निराला एस्पायर सोसाइटी ने अपनी लाइसेंसी राइफल से खुद को गोली मार ली। घटना के बाद परिजन विशन को पास के ही यथार्थ अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस सूचना पर थाना बिसरख पुलिस द्वारा शव का पंचायतनामा भर पोस्टमाॅर्टम की कार्यवाही की जा रही है। मृतक कंस्ट्रक्शन/ठेकेदारी का कार्य करता था। पुलिस द्वारा सभी बिंदुओ पर जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला है कि विशन कुमार कंस्ट्रक्शन लाइन से जुड़े हुए थे और इसी की ठेकेदारी करते थे। धंधे में कर्जे के चलते वह काफी परेशान थे। उनके परिवार में उनकी बीवी और बच्चे हैं। पुलिस इस घटना में हर एंगल पर जांच कर रही है और शव को पोस्टमाॅर्टम के लिए भेज दिया गया है। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 19 अगस्त । बेंगलुरु के क्रांतिवीरा संगोल्ली रायन्ना (केएसआर) ट्रेन स्टेशन पर पहुंचने के करीब दो घंटे बाद शनिवार को उदयन एक्सप्रेस में आग लग गई। रेलवे अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
दक्षिण-पश्चिम रेलवे की एक आधिकारिक सूचना में कहा गया है कि ट्रेन सुबह करीब 5.45 बजे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर पहुंची थी।
सुबह करीब 7.10 बजे बी1 और बी2 कोच में धुआं निकलने का पता चला और तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई।
अग्निशमन सेवा कर्मियों की ब्रिगेड सुबह 7.35 बजे पहुंची और आग बुझा दी।
आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है, दक्षिण-पश्चिम रेलवे ने कहा कि किसी के हताहत होने या घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।
इसमें कहा गया है कि घटना के समय तक सभी यात्री उतर चुके थे और दोनों डिब्बे खाली थे। (आईएएनएस)।