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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। एम्स रायपुर को अमरीकी मदद से 10 पोर्टेबल वेंटिलेटर मिले हैं। यूएस-एड नामक संस्था ने ये वेंटिलेटर भेजे हैं जो कि पोर्टेबल होने की वजह से मरीज को एक जगह से दूसरी जगह लाते-ले जाते इस्तेमाल किए जा सकते हैं। उनको एम्बुलेंस में भी चलाया जा सकता है। इनसे मरीजों के इलाज में और उनकी प्राणरक्षा में मदद मिलेगी। इन वेंटिलेटर में कई तरह की सेटिंग और खूबियां हैं। इनके बारे में सुनें एम्स रायपुर के डायरेक्टर, डॉ. नितिन एम. नागरकर को-
मौतें-20, एक्टिव-1212, डिस्चार्ज-3324
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। प्रदेश में कोरोना मरीज साढ़े 45 सौ पार कर चुके हैं। बीती रात प्रदेश में एक साथ मिले 154 नए पॉजिटिव को मिलाकर इनकी संख्या 45 सौ 56 हो गई है। इसमें 20 लोगों की मौत हो चुकी है। 12 सौ 12 एक्टिव हैं, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज जारी है। 33 सौ 24 ठीक होने पर डिस्चार्ज होकर अपने घर चले गए हैं। सैंपलों की जांच जारी है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी के साथ फैलता जा रहा है और नए-नए मरीज सामने आते जा रहे हैं। इसमें कोरोना मरीजों के प्रायमरी कांटेक्ट में आने वाले लोग भी शामिल हैं। उनके संपर्क में आने वाले और लोगों की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा सडक़ों, भीड़ वाली जगहों और बाजारों में रेंडम जांच भी किए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक बीती रात रायपुर जिले में एक साथ 77 नए मरीजों की पहचान की गई। नारायणपुर से 19, बिलासपुर से 11, सरगुजा से 10, जांजगीर-चांपा, कोंडागांव व दंतेवाड़ा से 6-6, दुर्ग व कांकेर से 3-3, नांदगांव, बेमेतरा, धमतरी, गरियाबंद से 2-2 एवं बालोद, बलौदाबाजार, कोरबा, कोरिया व सुकमा से 1-1 मरीज मिले हैं। इन सभी मरीजों को आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है।
स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि प्रदेश में डॉक्टर-नर्स, पुलिस, छात्र के बाद अब कोरोना मरीजों के प्रायमरी कांटेक्ट में आने वाले संक्रमित पाए जा रहे हैं। इसमें परिजन, आसपास के लोग और उनके संपर्क में आने वाले शामिल हैं। दूसरी तरफ अस्पतालों में भर्ती मरीज ठीक होकर अपने घर भी लौट रहे हैं। बीती रात 49 कोरोना मरीज ठीक होने पर डिस्चार्ज किए गए। उनका कहना है कि प्रदेश में जिस तरह से कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं, उसके हिसाब से जांच का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। दो लाख से अधिक लोगों की जांच पूरी कर ली गई है। बाकी और सैंपलों की जांच चल रही है। माना जा रहा है कि जांच में और लोग भी संक्रमित मिल सकते हैं।
कर्नाटक में कोरोना के मामले 47 हजार को पार कर गए जबकि 900 से ज्यादा मौतें दर्ज की गई है।
देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच कर्नाटक में अब हालात बेकाबू होते दिख रहे है। बुधवार को राज्य में रिकॉर्ड मामले दर्ज किए गए। कर्नाटक, गुजरात को पीछे छोड़ देश का चौथा सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्य बन गया है। वहीं मौतों के आंकड़ों में महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। ऐसे में कर्नाटक सरकार की चिंता भी बढ़ गई है।
शायद इसीलिए कर्नाकट के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब केवल भगवान ही हमें बचा सकते है। वहीं एक सवाल का जवाब देते हुए श्रीरामुलु ने कहा, प्रसार को रोकना किसी के हाथ में नहीं था।
कर्नाटक में पिछले 4 दिनों से हर रोज रिकॉर्ड कोरोना मामले दर्ज हो रहे है।
बुधवार को राज्य कोरोना से कैसे निपट रहा है इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामुलु ने कहा, अब भगवान ही हमें बचा सकते है और हमें खुद भी सावधानियां बरतनी होगी। उन्होंने आगे कहा, ये वायरस किसी को नहीं छोड़ता, ये अमीर-गरीब में फर्क करता है ना हि किसी एक समुदाय या किसी एक क्षेत्र को देखता है। 100 प्रतिशत आने वाले दिनों में ये संक्रमण और बढ़ेगा।
श्रीरामुलु यहीं नहीं रूके, उन्होंने आगे कहा, आप इसे सरकार की उदासीनता समझिए या लापरवाही या फिर मंत्रियों के बीच समन्वय की कमी को दोष दे। लेकिन इस पर काबू पाना किसी के हाथ में नहीं।
हालांकि देर शाम ही वो अपने बयान से पलट गए और कहा कि वो भगवान का आर्शीवाद लेना चाहते थे। श्रीरामुलु ने कहा कि वो हताशा से नहीं भरे है बल्कि कर्नाटक सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध है।
2-3 दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री ने आशंका जताई थी कि यहां अगले 15-30 दिनों में संक्रमितों की संख्या दो गुनी हो सकती है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, कर्नाटक में अगले 15 से 30 दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दोगुना हो सकते हैं और आने वाले दो महीने इस महामारी से निपटने को लेकर सरकार के लिए बड़ी चुनौती होंगे। वहीं संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का हवाला देते हुए श्रीरामुलु ने कहा था कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
कर्नाटक में बुधवार को कोरोना के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए गए। बुधवार को राज्य में रिकॉर्ड 3176 केस मिले। जिसके बाद राज्य में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 47 हज़ार 253 पर पहुंच गई है। कर्नाटक में कोरोना से 928 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की सूची में कर्नाटक चौथे स्थान पर पहुंच गया है। (asiavillenews)
‘छत्तीसगढ़’ न्यूज डेस्क
मुम्बई में फैशन और मॉडलिंग की दुनिया में लड़कियों का किस तरह शोषण होता है इसके कुछ मामले एक सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने अभी ट्विटर पर उठाए हैं। वहां होने वाली एक मिस्टर एंड मिस एशिया ग्लैमर 20-20 के आयोजकों में से एक, सनी वर्मा के बताए जा रहे कुछ ऑडियो कॉल और कुछ चैट स्क्रीनशॉट सामने रखकर योगिता ने राष्ट्रीय महिला आयोग से कार्रवाई की अपील की है। योगिता खुद लगातार बलात्कार और महिलाओं पर हिंसा के खिलाफ सामाजिक काम करती हैं, और उन्होंने यह सवाल भी उठाया है कि इस कार्यक्रम के प्रमोशन में सोनू सूद जैसे लोग भी जुड़े हुए हैं जिन्हें अपने को इससे अलग करना चाहिए। उन्होंने जो वीडियो बनाकर पोस्ट किया है, उसकी किसी बात को इस अखबार ने परखा नहीं है, उनके ट्विटर अकाऊंट से लेकर इसे यहां पोस्ट कर रहे हैं।
Huge shoutout to u @yogitabhayana for doing this. Appalled looking at WA chats. Also, it's just really sad that Bollywood celebs do absolutely no basic background check about events they promote. @SonuSood plz clear urself on this. Hope this man is behind bars & event shut https://t.co/4XcL5wX1jn
— Deepika Narayan Bhardwaj (@DeepikaBhardwaj) July 15, 2020
सीएम ने कलेक्टर, एसपी हटाए
भोपाल/गुना, 16जुलाई (भाषा) । मध्य प्रदेश के गुना में दलित दंपति को निर्दयता से पीटे जाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार रात को गुना के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।
मध्य प्रदेश जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम पी खाडे ने बताया, च्गुना की घटना को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री ने गुना के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।ज् उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
खाडे ने बताया, च्मुख्यमंत्री ने गुना मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं और कहा है कि जो भी इस घटना में दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गुना शहर के जगनपुर क्षेत्र में एक सरकारी मॉडल कॉलेज के निर्माण के लिये निर्धारित सरकारी जमीन के अतिक्रमण से जबरन निकाले गये एक दलित दंपति ने मंगलवार को इस मुहिम के विरोध में कीटनाशक पी लिया।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि अतिक्रमणकारी दंपति और उनके परिवार के लोगों द्वारा अतिक्रमण हटाने की मुहिम का विरोध करने पर पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिये मजबूर होना पड़ा। कीटनाशक पी लेने के बाद पुलिस द्वारा दंपति को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां फिलहाल उनकी हालत में सुधार है।
कांग्रेस ने इस मुहिम की आलोचना करते हुए घटना के लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले, जिलाधिकारी एस विश्वनाथन ने कहा था, च्शहर की सीमा में सरकारी मॉडल कॉलेज के लिये एक जमीन आरक्षित थी। इस जमीन पर राजकुमार अहिरवार (36) और उसकी पत्नी सावित्री (34) खेत पर काम कर रहे थे। इन्हें वहां एक अतिक्रमणकर्ता गब्बू पारदी द्वारा बटाई पर काम दिया गया था।
उन्होंने बताया कि जब अधिकारियों ने इन्हें जमीन खाली करने के लिये कहा तो इन्होंने विरोध किया और गब्बू के इशारे पर दंपति ने कीटनाशक पी लिया और उपचार के लिये अस्पताल जाने से भी इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे दंपति की जान जा सकती थी।
उन्होंने कहा कि दंपति जगह छोडऩे के लिये तैयार नहीं थे और स्थिति गंभीर हो रही थी तो पुलिस ने उन्हें व अन्य लोगों को वहां से हटाने के लिये बल प्रयोग किया। इसके बाद दंपति को उपचार के लिये अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनकी हालत अब स्थिर है।
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक कथित वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पुलिस लाठी से एक आदमी को कथित तौर पर पीट रही है और उसकी पत्नी और अन्य लोग उसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें महिला भी अपने पति के ऊपर लेट जाती है और महिला पुलिसकर्मी उसे मौके से हटाते हुए नजर आ रही हैं।
पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट में कहा, च्ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है? ये कैसा जंगल राज है? गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया।
उन्होंने कहा, च्यदि पीडि़त युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे कानूनी ढंग से हल किया जा सकता है लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की, परिजनों की और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है?
उन्होंने कहा, च्क्या यह सब इसलिए कि वो एक दलित परिवार से हैं, गरीब किसान हैं? क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों और रसूखदारों द्वारा कब्जा की गई हजारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिये भी शिवराज सरकार दिखायेगी? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो, अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।ज्
-रवीश कुमार
गुना के कलेक्टर और एस एस पी को डिसमिस कर देना चाहिए। ये बीमारी ऐसे ठीक नहीं होगी। सदियों से घुसी हुई है और आज़ादी के बाद भी बढ़ती जा रही है। ये अफ़सर कुर्सी पर जाकर करते क्या हैं? क्यों नहीं तंत्र को सत्ता के ग़ुरूर से मुक्त करते हैं, वहाँ पहुँच कर भी इसकी सेवा उठाने लगते हैं। इसलिए इन दोनों अफ़सरों को नौकरी से निकालने की माँग करनी चाहिए। कोई तबादला नहीं कोई निलंबन नहीं। सीधे बर्खास्त करना चाहिए दोनों को। वैसे भी लोगों को फ़र्ज़ी केस में फँसाने के अलावा इनका कोई काम तो होता नहीं। तबादला धोखा है। इन्हें बर्खास्त करना चाहिए। इन अफ़सरों को शर्म भी नहीं आती होगी। न आएगी।
गुना का यह वीडियो और अपने मृत पिता को गोद में लेकर चीखते बच्चों से आपकी आत्मा नहीं परेशान होती है तो आप इस लोकतंत्र के मरे हुए नागरिक हैं। आप एक लाश है। वैसे मुर्दा कहने और कहलाने से भी आपको फर्क नहीं पड़ता।
दलित राम कुमार अहिरवार और सावित्री देवी ने तीन लाख का लोन लेकर एक खेत में फसल उगाई। जब फसल बोई गई और उगाई गई तब क्या किसी ने नहीं देखा? इनके साथ किसी ने सरकारी ज़मीन बताकर धोखा किया तो कार्रवाई उस पर होनी थी या इन गरीब पर?
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खड़ी फसल पर जे सी बी मशीन चलाई गई। राम कुमार ने रोका तो नहीं माने। कीटनाशक ज़हर पी ली। बचाने के लिए राम के भाई आगे आए तो पुलिस लाठियाँ मारने लगी। राम कुमार मर गए। उनके बच्चे अपने पिता को गोद में लेकर बिलख रहे हैं।
आप कैसा सिस्टम चाहते हैं? ऐसा कि किसी को फँसा दो, किसी के साथ ये इंसाफ़ करो ? क्या भारत इस तरह का विश्व गुरु बनेगा? और ये विश्व गुरु होता क्या है? एक थाना इस देश में बेहतर तरीक़े से नहीं चलता है। शर्म आनी चाहिए कि आप ख़ुद को जनता कहते हैं। शर्म आनी चाहिए। शर्म आनी चाहिए।
एक ही माँग होनी चाहिए। कलेक्टर और एस एस पी को नौकरी से निकालो। नहीं तो आप ख़ुद को जनता कहलाना छोड़ दें।
तेजी से उठ रही कर्ज चुकाने में राहत की मांग
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडेनॉम ने 13 जुलाई को मीडिया को दिए गए अपने संबोधन में कहा है "इस वायरस का एक ही मकसद है और वह है लोगों को संक्रमित करना। मेरा कहना शायद अच्छा न लगे लेकिन कई देश गलत दिशा में मुड़ चुके हैं।" उन्होंने यह बात लगातार फैल रहे कोविड-19 के संदर्भ में कही। टेड्रोस ने कहा कि सरकारें इसके नियंत्रण को लेकर उचित प्रयास नहीं कर रही हैं। 12 जुलाई, 2020 को दुनिया भर में 230,000 नए कोरोना संक्रमण के मामले एक ही दिन में सामने आए। यह मार्च में महामारी के ऐलान के बाद से एक ही दिन में सर्वाधिक संक्रमण का आंकड़ा यानी रिकॉर्ड रहा है।
लेकिन उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा "मैं जानता हूं कि अन्य स्वास्थ्य, आर्थिक और सांस्कृतिक चुनौतियों को भी संतुलित करने की जरूरत है।" इसी के समानांतर दुनिया का आर्थिक अंत शुरु हो गया है, खासतौर से विकसित देश कर्ज के पहाड़ तले दबे हैं और समय से कर्ज की वापसी कर सकने में असक्षम हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जो कभी नहीं देखी गई। कोविड-19 की महामारी से पहले भी उनके ऊपर काफी बड़ा कर्ज था जिसकी वापसी होनी थी। इस महामारी ने एक आपात स्थिति खड़ी कर दी है जो सभी उपलब्ध संसाधनों का डायवर्जन जारी है। अब विकसित देशों के सामने सिर्फ दो विकल्प बचे हैं कि ऋण सेवा को जारी रखा जाए, जिसका आशय होगा कि स्वास्थ्य के आपातकाल में नाजायज तरीके से खर्च होना या ऋण को चुकाया ही न जाए। दोनों विकल्प ठीक नहीं प्रतीत होते हैं। लेकिन बाद में इस बात की बड़ी संभावना है कि ऋण सेवा का अस्थायी तौर पर निलंबन कर दिया जाए। आसान शब्दों में कहें तो ऋण के भुगतान में थोड़े समय के लिए राहत दे दी जाए।
इस बाद वाली स्थिति यानी विकल्प के लिए काफी कोलाहल है, जिसे प्रायः "वैश्विक ऋण सौदा" (ग्लोबल डेब्ट डील) कहा जा रहा। ऋण सेवा निलंबन यानी कर्ज भुगतान की अवधि में राहत की मांग विश्व बैंक और आईएमएफ जैसे बहुपक्षीय विकास वित्तपोषण निकायों से शुरू होकर संयुक्त राष्ट्र और दोनों विकसित और विकासशील देशों के प्लेटफार्मों तक तेजी से उठ रही है।
विकासशील और गरीब देशों की आबादी कुल वैश्विकआबादी में 70 फीसदी हैं और वैश्विक जीडीपी में इनकी हिस्सेदारी करीब 33 फीसदी है। महामारी के कारण पहली बार वैश्विक गरीबी अपने पांव पसार रही है। विश्व खाद्य कार्यक्रम का कहना है कि यह महामारी भूख से पीड़ित लोगों की संख्या में करीब दोगुनी वृद्धि (26.5 करोड़) कर सकती है। इसके अलावा ओईसीडी का नीतिगत पेपर कहता है कि इस वैश्विक आर्थिक संकट के चलते 2019 के स्तर की तुलना में 2020 में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में बाहरी निजी वित्तपोषण 700 अरब यूएस डॉलर तक सिकुड़ सकता है। यह 2008 की वैश्विक वित्तीय मंदी से करीब 60 फीसदी ज्यादा हो सकता है। ओईसीडी का कहना है, "इस तरह की बिगड़ती स्थिति कई झटके दे सकती है जो कि जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक सार्वजनिक खराबियों के लिए भविष्य की और महामारियों को और बढ़ा सकती है"।
यूएनसीटीएडी और आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि विकासशील देशों को अपनी आबादी को आर्थिक सहायता और सुविधा के मामले में महामारी और इसके दुष्प्रभावों से निपटने के लिए तुरंत 2.5 खरब (ट्रिलियन) अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है। यूएनसीटीएडी ने विकासशील देशों के लिए इस राहत पैकेज की मांग की। पहले ही, 100 देशों ने आईएमएफ से तत्काल वित्तीय मदद मांगी है। अफ्रीकी वित्त मंत्रियों ने हाल ही में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज की अपील की। इसमें से 40 प्रतिशत से अधिक अफ्रीकी देशों के लिए ऋण राहत के रूप में था। उन्होंने अगले साल के लिए भी ब्याज भुगतान पर रोक लगाने की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव मुखिसा कित्युई ने कहा कि विकासशील देशों पर कर्ज का भुगतान बढ़ रहा है, क्योंकि उन्हें कोविड-19 के साथ काफी आर्थिक झटके लगें हैं ऐसे में इस बढ़ते वित्तीय दबाव को दूर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तुरंत और कदम उठाने चाहिए।
यूएनसीटीएडी के एक अनुमान के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष और 2021 में, विकासशील देशों को 2.6 खरब यूएस डॉलर से 3.4 खरब यूएस डॉलर के बीच सार्वजनिक बाह्य ऋण चुकाना है। वहीं, कोविड -19 महामारी से प्रेरित वित्तीय संकट ऐसे समय में सामने आया जब दुनिया पहले से ही भारी कर्ज में डूबी हुई थी। 2018 में, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में सार्वजनिक ऋण ने अपने सकल घरेलू उत्पाद का 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी की थी। वहीं, 2016 के उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, कम आय वाले देशों ने अपने ऋण का 55 प्रतिशत तक गैर-रियायती स्रोतों से लिया था जिसका अर्थ है विश्व बैंक जैसे विशेष ऋण के विपरीत बाजार दरों पर लिया गया ऋण है।
हाल ही के महीनों में कई ऋण निलंबन यानी ऋण चुकाने की अवधि में राहत की गई है। 13 अप्रैल को आईएमएफ ने अक्टूबर, 2020 तक 25 सबसे गरीब विकासशील देशों द्वारा ऋण चुकौती को निलंबित कर दिया। 15 अप्रैल को, जी-20 देशों ने मई से इस वर्ष के अंत तक सबसे गरीब देशों में से 73 के लिए समान निलंबन की घोषणा की।
लेकिन इस तरह की राहतें भले ही तात्कालिक रूप से मदद कर सकती हों, लेकिन फिर भी यह विकासशील देशों को महामारी से लड़ने के लिए बिलों को लेने में मदद नहीं करेगी, और इस तरह उन्हें शिक्षा और अन्य टीका कार्यक्रमों जैसे अन्य सामाजिक क्षेत्र के खर्चों से वित्तीय संसाधनों को हटाने के लिए मजबूर करेगी। यूएनसीटीएडी के वैश्वीकरण प्रभाग के निदेशक रिचर्ड कोज़ुल-राइट के निदेशक ने कहा, "हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता की बात सही दिशा में है," लेकिन विकासशील देशों के लिए अब तक बहुत कम समर्थन प्राप्त हुआ है क्योंकि वे महामारी के और इसके आर्थिक नतीजों के तात्कालिक प्रभावों से निपटते हैं।
यूएनसीटीएडी ने भविष्य में संप्रभु ऋण पुनर्गठन को निर्देशित करने के लिए एक अधिक स्थायी अंतरराष्ट्रीय ढांचे के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय विकासशील देश ऋण प्राधिकरण (आईडीसीडीए) की स्थापना का सुझाव दिया है। यह "वैश्विक ऋण सौदे" का एक हिस्सा है जो अब कईयों द्वारा समर्थित है।
यूएन ने सुझाव दिया है कि "सभी विकासशील देशों के लिए सभी ऋण सेवा (द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और वाणिज्यिक) पर पूर्ण दृष्टिकोण होना चाहिए"। अत्यधिक ऋणी विकासशील देशों के लिए, यूएन ने अतिरिक्त ऋण राहत का सुझाव दिया है ताकि वे चुकौती पर डिफ़ॉल्ट न हों और एसडीजी के तहत कवर की गई अन्य विकास आवश्यकताओं को निधि देने के लिए भी संसाधन हों। वहीं, उच्च ऋण भार के बिना विकासशील देशों के लिए, महामारी से लड़ने के लिए आपातकालीन उपायों को वित्त देने के लिए नए ताजे ऋण की मांग भी की गई है।(downtoearth)
किस जिले , किस जाति से कौन -कौन
रायपुर। आखिरकार निगम-मंडलों में कांग्रेस नेताओं की नियुक्ति शुरू हो गई है। इस कड़ी में पूर्व मंत्री देवेन्द्र बहादुर सिंह को वन विकास निगम, शैलेश नितिन त्रिवेदी को पाठ्य-पुस्तक निगम और सुभाष धुप्पड़ को आरडीए का चेयरमैन बनाया गया है। जबकि गिरीश देवांगन को खनिज निगम का चेयरमैन बनाया गया है
सूची इस प्रकार हैं-
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी
कोरोना वायरस महामारी के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रहीं एयर लाइंस कंपनियां खर्च कम करने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रही हैं. एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों की संख्या कम करने की योजना बनाई है. इसके तहत कर्मचारियों को बिना वेतन के लंबी छुट्टी पर भेजा जा सकता है. यह छुट्टी छह महीने से लेकर पांच साल तक हो सकती है.
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक एयर इंडिया की इस योजना को हाल में हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 102वीं बैठक में मंजूरी दी गई है. बैठक में कंपनी के चेयरमैन राजीव बंसल को यह अधिकार दिया गया है कि वह कुछ कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से बिना वेतन के छह महीने से लेकर पांच साल तक की छुट्टी पर भेज सकते हैं. हालांकि, कर्मचारियों की दक्षता, क्षमता, प्रदर्शन की गुणवत्ता और उनके स्वास्थ्य आदि के आधार पर ही उन्हें छुट्टी भेजने का फैसला लिया जा सकता है. खबर के मुताबिक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी मिलने के बाद एयर इंडिया के हेडक्वार्टर और रीजनल हेड को कहा गया है कि वे इस योजना के तहत कर्मचारियों के नाम मुख्यालय को भेजें.
कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देशभर में लंबे समय तक लॉकडाउन लागू रहा. इस दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी प्रतिबंध रहा. हालांकि, सरकार ने बीती 25 मई से घरेलू यात्री उड़ानें शुरू कर दीं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर अभी भी प्रतिबंध जारी है. यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध के चलते विमानन क्षेत्र की कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. अब ये सभी कंपनियां आर्थिक संकट से उभरने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रही हैं.(satyagrah)
नई दिल्ली, 16 जुलाई। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी को अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि या तो संगठन के आदेश का पालन कीजिए या इस्तीफा दे दीजिए.
उन्होंने हाल में भारतीय सेना द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम समेत 87 एप्लीकेशन और सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल सशस्त्र बल के कर्मियों के लिए प्रतिबंधित किए जाने को चुनौती दी है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, लेफ्टिनेंट कर्नल पीके चौधरी, जो वर्तमान में जम्मू कश्मीर में तैनात हैं. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि वे एक सक्रिय फेसबुक यूजर हैं और इसका इस्तेमाल विदेशों में रह रहे अपने परिजनों, खासकर अपनी बेटी से संपर्क में रहने के लिए करते हैं.
याचिका में उन्होंने रक्षा मंत्रालय के जरिये केंद्र सरकार को छह जून की नीति को वापस लेने का निर्देश देने का आग्रह किया है. साथ में यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि मनमाने तरीके से कार्यकारी कार्रवाई के जरिये सशस्त्र बलों के कर्मियों के मौलिक अधिकार खत्म नहीं हों या संशोधित न हों.
याचिका में दावा किया गया है कि यह कार्यकारी कार्रवाई कानून व सेना अधिनियम के प्रावधानों और इसके तहत बनाए गए नियमों के अनुरूप नहीं हैं और असंवैधानिक हैं.
ज्ञात हो कि छह जून की नीति के मुताबिक भारतीय सेना के सभी कर्मियों को आदेश दिया गया है कि वे फेसबुक, इंस्टाग्राम और 87 अन्य ऐप पर अपने एकाउंट बंद करें.
याचिका में दावा किया गया है कि नीति के प्रावधान याचिकाकर्ता की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता का अधिकार समेत संविधान के तहत दिए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.
याचिका में चौधरी ने अदालत से आग्रह किया था कि उन्हें उनका फेसबुक एकाउंट रखने के लिए अंतरिम राहत दी जाए.
जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और जस्टिस आशा मेनन की पीठ ने कहा कि याचिका पर विचार करने का जब एक भी कारण नहीं मिला है ‘तो अंतरिम राहत देने का सवाल ही नहीं उठता है.’
पीठ ने कहा, ‘खासकर तब जब मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.’ लेफ्टिनेंट कर्नल चौधरी ने कहा कि जब वह एकाउंट बंद कर देंगे तो उनके फेसबुक एकाउंट में सभी डेटा, संपर्क और दोस्तों से संपर्क टूट जाएगा जिसे फिर ‘बहाल करना मुश्किल’ होगा.
उच्च न्यायालय ने कहा कि उनके पास विकल्प है और उनसे फेसबुक एकाउंट बंद करने के लिए कहा क्योंकि सैन्यकर्मियों के लिए सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल प्रतिबंधित करने का निर्णय देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है.
पीठ ने कहा, ‘नहीं, नहीं. माफ कीजिएगा. आप कृपया इसे बंद कीजिए. आप कभी भी नया एकाउंट बना सकते हैं. ऐसे नहीं चलता है. आप एक संगठन का हिस्सा हैं. आपको इसके आदेशों को मानना होगा.’
अदालत ने यह भी कहा, ‘अगर आपको फेसबुक ज्यादा पसंद है तो इस्तीफा दे दीजिए. देखिए आपके पास विकल्प है, आप चाहे जो करें. आपके पास दूसरे विकल्प भी हैं, जिन्हें बाद में बदला नहीं जा सकता है.’
पीठ ने उनसे कहा कि वह बाद में नया सोशल मीडिया एकाउंट बना सकते हैं.
अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वे इस नीति के दस्तावेज पीठ को सीलबंद लिफाफे में जमा करवाएं और इस फैसले को लेने की वजहें भी बताएं. मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी.(thewire)
इस महीने दुनिया में रोज 2 लाख नए केस
भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9 लाख 70 हजार 179 हो गई है. 24 घंटे में संक्रमण के अब तक के सबसे ज्यादा 32,607 नए मरीज मिले हैं. मंगलवार को 29 हजार 917 मरीज और सोमवार को 28 हजार 178 केस सामने आए थे. एक दिन में 615 मरीजों की जान भी गई है. वहीं, मुंबई में बुधवार को 1390 केस मिले और 62 लोगों की मौत हुई. शहर में संक्रमितों की संख्या 96,253 हो गई है और 67,830 डिस्चार्ज हो चुके हैं. यहां 22,959 एक्टिव केस हैं. अब तक 5464 लोगों की मौत हो चुकी है.
देश में 24 घंटों में कोरोना से 20,646 लोग रिकवर हुए हैं. रिकवर मामलों की कुल संख्या अब 6 लाख 13 हजार 669 हो गई है. रिकवरी रेट अब 63.24% हो गई है.
भारत, अमेरिका, ब्राजील और रूस में कुल मिलाकर इस समय 72 लाख से अधिक केस हैं. यह दुनिया के कुल केस का 53% से ज्यादा है. सबसे ज्यादा 35.80 लाख केस अमेरिका में हैं. ब्राजील में बुधवार देर रात तक 19.40 लाख केस हो चुके थे. भारत 9.68 लाख और रूस 7.46 लाख केस के साथ क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर हैं. पेरू 3.33 लाख केस के साथ पांचवें नंबर पर है. दुनिया में अब तक 1.36 करोड़ केस आ चुके हैं
कोरोना वायरस की रफ्तार जुलाई में और तेज हो गई है. इस महीने दुनिया में रोज तकरीबन 2 लाख नए केस आ रहे हैं. अमेरिका में पिछले 24 घंटे में 67 हजार केस आए हैं. वर्ल्डोमीटर के मुताबिक भारत में पिछले 24 घंटे में 30 हजार केस आए. यह भारत में एक दिन में आए सबसे अधिक केस हैं. अधिक केस आने के मामले में अमेरिका के बाद ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे नंबर पर है. रूस में जुलाई के महीने में केस कुछ घटे हैं. हालांकि, वह सबसे अधिक केस के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर बना हुआ है.
नई दिल्ली, 16 जुलाई। अरबपति कारोबारी एलन मस्क, जेफ़ बेज़ोस और बिल गेट्स समेत दुनिया के कई बड़े कारोबारियों और नेताओं के ट्विटर अकाउंट हैक कर लिए गए हैं.
ये है किंग बिटकॉइन स्कैम है. हैक किए गए अकाउंटों पर किए गए पोस्ट में बिटकॉइन में दान मांगा गया है.
बिल गेट्स के अकाउंट से किए गए ट्वीट में कहा गया, "हर कोई मुझसे समाज को वापस लौटाने के लिए कहता रहा है, अब वो समय आ गया है. आप मुझे एक हज़ार डॉलर भेजिए मैं आपको दो हज़ार डॉलर वापस भेजूंगा."
टेस्ला और स्पेस एक्स के प्रमुख एलन मस्क के अकाउंट से पोस्ट किए गए ट्वीट में भी कहा गया कि अगले एक घंटे तक बिटकॉइन में भेजे गए पैसों को दोगुना करके वापस लौटाया जाएगा.
बिटकॉइन के पते के लिंक के साथ ट्वीट में लिखा गया, "मैं कोविड महामारी की वजह से दान कर रहा हूं."
पोस्ट किए जाने के चंद मिनट के भीतर ही ये ट्वीट डिलीट हो गए.
अमरीका के मशहूर रैपर कानये वेस्ट, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन के अलावा दुनिया की बड़ी कंपनियों में शामिल उबर और एपल के अकाउंट भी हैक किए गए.
कुछ ही देर में हैकरों को सैकड़ों लोगों ने एक लाख डॉलर से अधिक भेज दिए. जिन अकाउंट को निशाना बनाया गया उन सबके दसियों लाख फॉलोअर्स हैं.
ट्विटर ने कहा है कि वो इस घटना की जांच कर रहा है और जल्द ही बयान जारी किया जाएगा.
एक और ट्वीट में ट्विटर ने कहा है कि जब तक इस घटना की जांच की जा रही है, पासवर्ड रीसेट नहीं किए जा सकेंगे और ट्वीट भी नहीं किए जा सकेंगे.
कई यूज़र्स ने लिखा है कि वो ट्विटर पर ट्वीट नहीं कर पा रहे हैं.
आम आदमी पार्टी से जुड़े सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अंकित लाल ने फ़ेसबुक पर लिखा, "हैकिंग के बाद ट्विटर डाउन है. कई बार पोस्ट करने की कोशिश की लेकिन ट्विटर काम नहीं कर रहा है."
एथिकल हैकर रिज़वान शेख़ का कहना है, "ऐसा लगता है कि हैकर को ट्विटर के रूट का ऐक्सेस मिल गया है. इसका मतलब है कि वो किसी भी अकाउंट से कुछ भी ट्वीट कर सकता है और पैसे बना सकता है. ऐसे में वेरिफ़ाइड अकाउंट से किए गए ट्वीट पर भी यकीन न करें."
एफ़बीआई के सेन फ्रांसिस्को फ़ील्ड ऑफ़िस ने एक बयान जारी कर कहा है कि "ऐसा लग रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड के लिए अकाउंट को हैक किया गया है. हम लोगों को आगाह करते हैं कि इस तरह के किसी मैसेज के झांसे में न पड़ें और क्रिप्टोकरेंसी या पैसे किसी को न भेजें."(bbc)
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 15 जुलाई। हाईकोर्ट ने आज पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी के जाति मामले में जाति छानबीन समिति की रिपोर्ट को शासन द्वारा वापस लेने के खिलाफ लगाई गई नंदकुमार साय व संतकुमार नेताम की याचिका को खारिज कर दिया है।
जोगी के खिलाफ एक उच्च-स्तरीय छानबीन समिति ने हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में 22 अप्रैल और 22 जून 2013 को एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया था। जोगी ने तब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि छानबीन समिति ने उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया था। इसके बाद इस रिपोर्ट में खामियों का हवाला देते हुए तत्कालीन राज्य सरकार ने यह रिपोर्ट वापस ले ली थी।
राज्य सरकार के इस निर्णय को धोखा करार देते हुए संतकुमार नेताम और नंदकुमार साय की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी और मांग की गई थी उस रिपोर्ट को मान्य किया जाये। याचिकाकर्ताओं ने इस सम्बन्ध में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 11 अक्टूबर 2019 को लिखे गये पत्र को भी आधार बनाया था, जिसमें रिपोर्ट वापस लेने की प्रक्रिया को गलत बताया गया था।
इस मामले की सुनवाई आज जस्टिस आरसीएस सामंत की अदालत में हुई। कोर्ट ने कहा कि शासन के बदल जाने से पूर्व के आदेशों, निर्णयों को समाप्त नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सरकार को पूर्ववर्ती सरकार के आदेशों का सम्मान करना चाहिये।
एक प्रेस नोट में कोर्ट के इस फैसले का डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी ने स्वागत करते हुए कहा है कि जोगी के आदिवासी होने के गौरव पर कभी आंच नहीं आ सकती।
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 15 जुलाई। कोरोना संक्रमण से बचाव को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट तथा अधीनस्थ न्यायालयों को खोलने का निर्णय हाईकोर्ट में गठित समिति द्वारा लिया जायेगा।
हाईकोर्ट के प्रभारी रजिस्ट्रार जनरल दीपक कुमार तिवारी द्वारा आज जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई है। हालांकि आदेश में समिति के सदस्यों की जानकारी नहीं है। कुछ दिन पूर्व जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने बताया था कि हाईकोर्ट जज एक साथ बैठकर निर्णय लेंगे कि हाईकोर्ट व उनके अधीनस्थ न्यायालयों में सामान्य कामकाज शुरू करने की प्रक्रिया क्या हो।
इधर हाईकोर्ट बार एसोसियेशन ने भी हाईकोर्ट प्रशासन से अनुरोध किया है कि अदालती कार्रवाई फिर शुरू करने के संदर्भ में निर्णय लेते समय एसोसियेशन का सुझाव भी लिया जाये।
कोरोना संक्रमण के बाद जारी लॉकडाउन के कारण बीते 24 मार्च से हाईकोर्ट व अधीनस्थ अदालतों में कामकाज बाधित है। हाईकोर्ट में जरूरी मामले वीडियो कांफ्रेंस से सुने जा रहे हैं। निचली अदालतों में भी सिर्फ अत्यंत आवश्यक प्रकरणों की सुनवाई हो रही है। अदालती कार्रवाई स्थगित रखने के लिये हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा समय-समय पर आदेश जारी किया जाता रहा है। इस बार के आदेश में पहली बार स्थगित रखने की तिथि नहीं बताई गई है बल्कि इसे समिति पर छोड़ा गया है।
मंडला (मध्यप्रदेश) 15 जुलाई (भाषा)। मध्य प्रदेश के मंडला जिले में दो परिवारों के आपसी विवाद में दो सगे भाइयों ने बुधवार को एक ही परिवार के छह लोगों की धारदार हथियारों से कथित रूप से हत्या कर दी। पुलिस ने यह जानकारी दी।
यह घटना मंडला जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर बीजाडांडी पुलिस थानांतर्गत मनेरी पुलिस चौकी के मनेरी गांव में शाम को हुई।
मौके पर पहुंचे मंडला जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह कुशवाह ने बताया, ‘‘अब तक छह लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। सभी मरने वाले एक ही परिवार के सदस्य हैं।’’
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इन छह लोगों की हत्या हरीश सोनी एवं उसके छोटे भाई संतोष सोनी ने की है। ये दोनों आरोपी सुंदर सोनी के बेटे हैं।
उन्होंने कहा कि आरोपियों ने मृतकों के घर में ही उनकी हत्या धारदार हथियारों से की है।
कुशवाह ने बताया कि ये दोनों परिवार आपस में दूर के भाई हैं। उन्होंने कहा कि विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा है।
नई दिल्ली, 15 जुलाई (एएनआई)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि यदि कोई पार्टी से जाना चाहता है, तो वह जा सकता है। राहुल गांधी ने यह टिप्पणी उस समय की है, जब एक दिन पहले राजस्थान संकट पर पार्टी ने सचिन पायलट और उनके करीबी मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एनएसयूआई की बैठक में कहा, अगर कोई पार्टी छोडऩा चाहता है तो वह छोड़ देगा। इससे आप जैसे युवा नेताओं के लिए दरवाजे खुलते हैं। हालांकि, अपनी इस टिप्पणी में राहुल ने सचिन पायलट समेत किसी नेता का नाम नहीं लिया।
राजस्थान की राजनीति में मंगलवार दोपहर उस समय सचिन पायलट को करारा झटका लगा था, जब कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक में न आने के बाद उन्हें डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। सचिन के साथ-साथ उनके करीबी दो मंत्रियों को भी मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया था। पायलट को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, कि वे बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
हालांकि, पायलट ने बुधवार सुबह बीजेपी में शामिल होने की सभी अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि वह बीजेपी में नहीं जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कई आरोप भी लगाए हैं। इन सभी के बीच कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि यदि सचिन पायलट माफी मांग लेते हैं, तो उनके लिए पार्टी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। वह वापस आ सकते हैं।
परिवार के सदस्य की तरह अपने घर वापस जयपुर लौट आइए
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने बागी हुए सचिन पायलट को स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि अगर वह बीजेपपी में नहीं जाना चाहते तो हरियाणा में बीजेपी सरकार का आतिथ्य त्याग दें और वापस अपने घर जयपुर लौट आएं। इसके साथ ही कांग्रेस की ओर से पायलट को याद दिलाया गया है कि नेता के रूप में उन्हें जितना प्रोत्साहन पार्टी ने दिया वैसा कांग्रेस या बीजेपी में शायद ही किसी नेता को मिला हो। राज्य की अशोक गहलोत सरकार से बगावत कर पायलट तथा कुछ विधायक हरियाणा में मानेसर के दो होटलों में रुके हैं।
कोरोना जांच के नाम पर 4 दिन से रखा था, हाथ तक नहीं लगाए
मोक्ष श्रद्धांजलि ने किया अंतिम संस्कार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई। अंबेडकर अस्पताल की मच्र्युरी में एक लावारिस वृद्ध का शव पिछले 4 दिन तक पड़ा रहा, लेकिन उसका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। कोरोना के डर से चीरघर कर्मियों ने शव को हाथ तक नहीं लगाया। आज दोपहर में उसका यह शव स्टे्रचर पर चीरघर के बाहर करीब 3 घंटे तक पड़ा रहा। आखिर में मोक्ष श्रद्धांजलि सेवा संस्था ने शाम को उसका ससम्मान अंतिम संस्कार कराया।
कोरोना संक्रमण के चलते अब यहां लावारिस शव की हालत भी बिगडऩे लगी है। जानकारी के मुताबिक 6 जुलाई को एक वृद्ध गंभीर हालत में कोतवाली थाना क्षेत्र में मिला। पुलिस ने उसे वहां से उठाकर अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी 11 जुलाई को मौत हो गई। बताया गया कि वृद्ध की मौत के बाद उसका शव अस्पताल के चीरघर में कोरोना जांच के लिए 4 दिन से पड़ा रहा, लेकिन उसकी कोरोना जांच नहीं हो पाई। चीरघर के कर्मचारी उसे हाथ लगाने से पीछे हटते रहे। आज दोपहर में वृद्ध का यह शव चीरघर के बाहर पड़ा मिला।
मोक्ष श्रद्धांजलि सेवा संस्था के संचालक समीर अली का कहना है कि अंतिम संस्कार के पहले उन्होंने अस्पताल प्रशासन से ग्लब्स और किट की मांग की, लेकिन यहां से उन्हें सुरक्षा संबंधी कोई सामान नहीं मिला। अंत में उन्होंने अपने 2 वर्करों के माध्यम से शव अपने वाहन में रखावाकर उसका ससम्मान अंतिम संस्कार कराया। उनका कहना है कि शहर-आसपास के लावारिश शवों के अंतिम संस्कार के लिए उनकी संस्था तैयार रहती है, लेकिन कई बार अस्पताल से ही समय पर सहयोग नहीं मिल पाता।
रायपुर से जिले से 77
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई। स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि आज छत्तीसगढ़ में 154 नए कोरोना पॉजिटिव की पहचान हुई है। जिसमें रायपुर से 77 केस हैं। प्रदेश में कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 2556 है। जिसमें 3324 डिस्चार्ज किए जा चुके हैं और 1212 एक्टिव हैं।
154 नए पॉजिटिव में रायपुर 77, नारायणपुर 19, बिलासपुर 11, सरगुजा 10, जांजगीर-चांपा, कोंडागांव और दंतेवाड़ा से 6-6, दुर्ग और कांकेर से 3-3, राजनांदगांव, बेमेतरा, धमतरी और गरियाबंद से 2-2, बालोद, बलौदाबाजार, कोरबा, कोरिया और सुकमा से 1-1 मरीज मिले हैं।
रायपुर, 15 जुलाई। राज्य शासन द्वारा शासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से सहकारिता विभाग के अंतर्गत संभाग और जिला कार्यालयों में पदस्थ प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों की नवीन पदस्थापनाएं की गई है।
मंत्रालय सहकारिता विभाग से आज जारी आदेशानुसार मां दंतेश्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाना बालोद में प्रबंध संचालक के पद पर पदस्थ मुकेश कुमार धु्रव संयुक्त पंजीयक एवं प्रबंध संचालक की प्रतिनियुक्ति से वापसी लेते हुए उन्हें संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं दुर्ग पदस्थ किया गया है। मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना अंबिकापुर केरता (प्रबंध संचालक) विनोद कुमार बुनकर उप पंजीयक एवं प्रबंध संचालक की प्रतिनियुक्ति से वापसी करते हुए उन्हें उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं दुर्ग पदस्थ किया गया है।
इसी प्रकार कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं बालोद के सहायक पंजीयक टी. आर. साहू को प्रभारी उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं बालोद, लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना पंडरिया सतीश कुमार पाटले सहायक पंजीयक एवं महाप्रबंधक को प्रतिनियुक्ति पर सहकारी शक्कर कारखाना पंडरिया के प्रबंध संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है। कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जांजगीर-चांपा चंद्रशेखर जायसवाल सहायक पंजीयक को प्रभारी उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जांजगीर-चांपा, कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं सूरजपुर अनिल कुमार तिर्की सहायक पंजीयक को प्रतिनियुक्ति पर मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना अंबिकापुर केरता में प्रबंध संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है।
कार्यालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं बिलासपुर आकाशदीप पात्रे सहायक पंजीयक को प्रतिनियुक्ति पर भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा में महाप्रबंधक के पद पर पदस्थ किया गया है। महाप्रबंधक लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना पण्डरिया राजेन्द्र प्रसाद राठिया सहायक पंजीयक को प्रतिनियुक्ति पर मां दंतेश्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाना बालोद में प्रबंध संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है। सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं कोण्डागांव कन्हैया लाल उईके सहायक पंजीयक को प्रबंध संचालक मां दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी समिति कोण्डागांव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। मां दंतेश्वरी सहकारी शक्कर कारखाना बालोद में महाप्रबंधक के पद पर पदस्थ पीताम्बर ठाकुर सहायक पंजीयक की प्रतिनियुक्ति से वापसी करते हुए उन्हें प्रभारी उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं धमतरी पदस्थ किया गया है।
दो दिन पहले ही मृतक लौटा था क्वारांटीन सेंटर से
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 15 जुलाई । पेन्ड्रा में बीती रात क्वारांटीन सेंटर से लौटे एक युवक की पत्थरों से कुचलकर हत्या कर दी गई। आरोपी और उसके साथी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना के पीछे अवैध सम्बन्ध की बात आई है।
पेन्ड्रा पुलिस थाने के मुरमुर गांव का तेजनारायण तेन्द्रो रायपुर की एक बेसन फैक्ट्री में काम करता था। काम छूट जाने के बाद वह गांव आया तो उसे क्वारांटीन सेंटर भेज दिया गया था जहां से रविवार को वह अपने घर लौटा था। मंगलवार की शाम करीब 5.30 बजे वह अपने घर के बाहर बैठा था कि आरोपी अरविन्द पैकरा व भगवान सिंह कंवर ने अचानक उसके साथ मारपीट कर दी। अरविन्द ने एक भारी पत्थर को उठाकर तेजनारायण के सिर पर पटक दिया, जिससे उसके सिर से खून बहने लगा। पड़ोसियों ने देखा तो डायल 112 को फोन करके बुलाया गया और उसे पेन्ड्रा अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी अरविन्द पैकरा को अपने तेजनारायण पर अपनी पत्नी से अवैध सम्बन्ध होने का शक था, जिसके चलते वह उससे रंजिश रखता था।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के दो विकास प्राधिकरणों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति की है। डोंगरगढ़ के विधायक भुवनेश्वर बघेल को अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है। इस प्राधिकरण के लिए दो उपाध्यक्ष की नियुक्ति की गई है। सरायपाली के विधायक किस्मत लाल नंद तथा सारंगढ़ की विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े को अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है।
इसी तरह छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू की नियुक्ति की गई है। रायगढ़ के विधायक श्री प्रकाश नायक एवं चन्द्रपुर के विधायक रामकुमार यादव को इस प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई। सीबीएसई 10वीं के बुधवार को रिजल्ट घोषित किए गए। कई स्कूलों के शतप्रतिशत रिजल्ट रहे। डीपीएस रायपुर के आर्यन अग्रवाल 98.4 प्रतिशत अंकों के साथ अव्वल रहे। अर्णव मरोठिया, पार्थ शुभम अग्रवाल, रोहन ने 98 प्रतिशत अंक अर्जित किए। पाखी दुबे ने 97.8, प्रियांशी राय ने 97.6, अदित महावर ने 97.2, जय जैन 97, मायशा और नंदिनी जलान ने 97 प्रतिशत अंक अर्जित किए। एनएच गोयल स्कूल के 25 विद्यार्थियों ने 90 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए। दृष्टि बाधित छात्रा आरूषि रैका को 92 फीसदी अंक हासिल हुए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
तोंगपाल, 15 जुलाई। बीती रात सुकमा जिला के मुठेली के 35 वर्षीय ग्रामीण की नक्सलियों ने मुखबिरी का आरोप लगाकर धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी।
जानकारी अनुसार बीती रात 11 से 12 के बीच कूकानार थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत पेंदलनार के मुठेली पुजारी पारा के भीमा के घर में 20 से अधिक वर्दीधारी नक्सली आ धमके। उन्होंने भीमा की पत्नी मुये और पिता कोशा को साथ में लेकर घर से पीछे कुछ ही दूरी पर नाले के पास एक छोटी से टेकरी पर ले गए। वहां पर नक्सलियों ने भीमा पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए कहा कि तुम्हारे घर पुलिस आती है, तुमने सरकार से 12 लाख रु लेकर पुलिस में सरेंडर किया है। इस क्षेत्र में पुलिस को तुम ही बुलाते हो, कहकर भीमा के पिता व पत्नी को वहीं रुकने को कहकर थोड़ी दूरी पर ले जाकर धारधार हथियार से गला रेतकर व चेहरे पर वार कर उसकी हत्या कर दी।
भीमा के पिता कोशा ने बताया कि कूकानार पुलिस दो बार भीमा को नक्सलियों का सहयोगी बताकर थाने ले गई थी तथा पूछताछ करने के बाद उसे छोड़ दिया था। उसी समय से भीमा नक्सलियों को खटकने लगा था व रात में उस पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाकर हत्या कर दी।
मुठेली के ग्रामीणों ने बताया कि मात्र एक एकड़ जमीन पर भीमा का पूरा परिवार निर्भर था। भीमा किसी प्रकार मजदूरी कर अपने पांच बच्चे, पत्नी व बूढ़े पिता का सहारा बन जीवनयापन कर रहा था। नक्सलियों ने उन पर भी तरस नहीं खाया। भीमा के जाने के बाद यह परिवार बिखर गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई। पाठ्य पुस्तक निगम के टेंडर में अनियमितता की ईओडब्ल्यू-एसीबी जांच कर रही है। ईओडब्ल्यू ने इस सिलसिले में निगम की जांच समिति की रिपोर्ट और गवाहों की जानकारी बुलाई है। बताया गया कि निगम ने टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत की जांच के लिए समिति बनाई थी। जिसमें गड़बड़ी की पुष्टि हुई है।
पाठ्य पुस्तक निगम ने स्कूलों में ग्रीन बोर्ड, रेट्रो साइन बोर्ड लगाने के टेंडर में अनियमितता की शिकायत की पड़ताल के लिए चार सदस्यीय समिति बनाई थी। जांच समिति ने 14 मई को अपना प्रतिवेदन राज्य शासन को भेजा है। जांच में पाया गया कि निविदाकारों के हस्ताक्षर के बिना प्राप्त टेंडर जिसमें कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। उनका छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम, 2002 के प्रावधानों के अनुसार भली-भांति परीक्षण के बिना टेंडर की अनुशंसा कर दी गई।
टेंडर प्रक्रिया में फर्जी और बनावटी प्रतियोगी टेंडर और कूटरचित दस्तावेजों में पाए गए तथ्यों के अनुसार मेसर्स क्रिएटिव फाइवर ग्लास रायपुर, मेसर्स मिनी सिग्नसेस और मेसर्स एसआर इंटरप्राइजेस रायपुर के नाम से छल, कपटपूर्वक फर्जी और बनावटी प्रतियोगी निविदाएं प्रस्तुत की गई। और मेसर्स होप इंटरप्राइजेस, सुंदर नगर को अपात्र होते हुए भी निविदा स्वीकृत की गई।
जांच समिति ने अपने प्रतिवेदन में निविदा समिति के सदस्यों जीएम अशोक चतुर्वेदी, दीप्ति अग्रवाल, वरिष्ठ प्रबंधक, सच्चिदानंद शास्त्री, वरिष्ठ प्रबंधक (वितरण), जे शंकर वरिष्ठ प्रबंधक (वितरण), एससीआरटी, संजय पिल्ले उपप्रबंधक के द्वारा अपने कतव्र्यों के प्रति लापरवाही कर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। जिसके फलस्वरूप मेसर्स होप इंटरप्राइजेस को छह करोड़ 55 लाख 48 हजार 598 रूपए को अनियमित भुगतान की स्थिति निर्मित हुई है।
जांच प्रतिवेदन के आधार पर ईओडब्ल्यू-एसीबी प्रकरण दर्ज कर लिया है। साथ ही ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सभी अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र, अभिकथन और गवाहों की सूची भी मांगी है। इससे परे कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह से मुलाकात की थी और दस्तावेज सौंपकर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह भी बताया कि चतुर्वेदी अभी भी महाप्रबंधक के पद पर बने हुए हैं और जांच को प्रभावित करने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर कर रहे हैं।
तिवारी ने बताया कि फरवरी-2018 में अशोक चतुर्वेदी ने एमडी के फर्जी हस्ताक्षर कर एक प्रकरण पर गलत तरीके से निविदा जारी की थी। इसकी जांच में पुष्टि भी हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि खुद तत्कालीन एमडी संजय अलंग ने शासन को अवगत कराया था कि संबंधित कार्रवाई विवरण और उपस्थिति पत्रक के प्रथम पृष्ठ पर अंकित प्रबंध संचालक के हस्ताक्षर उनके द्वारा नहीं किए गए हैं। इस प्रकरण में तत्कालीन एमडी अलंग ने प्रकरण की जांच कर कार्रवाई के लिए लिखा है।
कांग्रेस नेता ने यह भी बताया था कि अशोक चतुर्वेदी ने अन्य दर्जनों मामलों में घपला किया है और इनके विरूद्ध की गई जांच में कई मामलों में जांच समिति ने घोटालों की पुष्टि की है। इसके बावजूद भी वे महाप्रबंधक पद पर लगातार बने हुए हैं तथा जांच को प्रभावित व दस्तावेजों में हेर-फेर कर रहे है। और जानकारी मांगी है।
नई दिल्ली, 15 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कोरोना काल ने वर्क कल्चर और नेचर ऑफ जॉब बदलकर रख दिया है और युवा इसके मुताबिक खुद को तेजी से ढाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के युवाओं की सबसे बड़ी ताकत स्किल ही है। उनमें इसे हासिल करने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि आज के दौर में बिजनेस और व्यापार तेजी से बदल रहा है। विभिन्न सेक्टरों में लाखों स्किल्ड लोगों की जरूरत है। देश के युवाओं को इसके लिए तैयार करने की जरूरत है और स्किल इंडिया मिशन की यही कोशिश है। मोदी ने विश्व युवा कौशल दिवस और स्किल इंडिया मिशन की 5वीं वर्षगांठ के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधन अपने संबोधन में यह बात कही।
मोदी ने कहा कि तेजी से बदल रही इस दुनिया में स्किल, रिस्किल और अपस्किल ही प्रासंगिक रहने का मंत्र है। इस मंत्र को जानना, समझना और इसका पालन करना अहम है। स्किल की ताकत इंसान को कहां से कहां पहुंचा देती है। इंसान में हर उम्र में कुछ सीखने की ललक होनी चाहिए। सफल व्यक्ति की निशानी यही है कि वह अपने स्किल को माजने का कोई मौका नहीं छोड़ता है। बल्कि हमेशा ऐसे मौके की तलाश में रहता है। अगर आपमें नया सीखने की ललक नहीं है तो जीवन ठहर जाता है। ऐसा व्यक्ति ने केवल अपने लिए बोझ बन जाता है बल्कि स्वजनों के लिए भी बोझ बन जाता है। (navbharattimes.indiatimes.com)