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नई दिल्ली, 30 सितंबर (वार्ता)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के आरोपियों ने इस मामले पर बुधवार को आये फैसले पर खुशी व्यक्त की है।
इस मामले के आरोपी पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, आज का निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हम सब के लिए खुशी का दिन है। लम्बे समय के बाद अच्छा समाचार आया है। हमने जय श्री राम कह कर इसका स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वह हृदय से इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह फैसला श्री रामजन्म भूमि आंदोलन को लेकर मेरे निजी और भाजपा के विश्वास एवं प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है।
इस मामले के एक अन्य मुख्य आरोपी डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इससे प्रमाणित हुआ है कि छह दिसम्बर की अयोध्या की घटना में कोई षड्यंत्र नहीं था । हमारा कार्यक्रम और रैली षड्यंत्र का हिस्सा नहीं था। सभी लोग राम मंदिर के निर्माण को लेकर अब उत्साहित हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिउ विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवानी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, सुश्री उमा भारती समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का वह स्वागत करते हैं। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुयी है ।
काठमांडू, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| एक विवादित कदम में, जो भारत और उसकी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को और अधिक नाराज कर सकता है, नेपाल की एक स्थानीय प्रशासन ने 100 बीघा या 40 एकड़ में अयोध्यापुरी धाम का निर्माण कराने का फैसला किया है। चितवन जिले की माडी नगरपालिका, जहां प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के मुताबिक भगवान राम का जन्म हुआ है, ने अयोध्यापुरी धाम के निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने का फैसला किया है।
ठाकुर प्रसाद ढकाल ने नेपाल की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी को बताया कि मंगलवार को नगरपालिका की कार्यकारी निकाय बैठक ने धाम के निर्माण के लिए 100 बीघा जमीन आवंटित करने का फैसला किया।
ओली ने 14 जुलाई को भगवान राम के जन्म स्थान के बारे में सनसनीखेज टिप्पणी की और दावा किया कि राम का जन्म नेपाल में हुआ था, न कि भारत स्थित उत्तर प्रदेश के अयोध्या में।
ओली ने भारत पर एक फर्जी अयोध्या बनाने का भी आरोप लगाया, जो ओली के अनुसार नेपाल के खिलाफ एक सांस्कृतिक हमला है। ओली के बयान ने भारत और नेपाल दोनों में उस समय हंगामा मचा दिया जब नेपाल-भारत संबंधों में सीमा विवाद और चीन के साथ नेपाल के अति निकटता के कारण दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी।
ढकाल ने कहा, "हमने वार्ड 8 और 9 में अयोध्यापुरी धाम के निर्माण के लिए वर्तमान अयोध्यापुरी पार्क की 100 बीघा जमीन आवंटित की है।"
भगवान राम के विवादास्पद जन्म स्थान की घोषणा करने के बाद, ओली ने 9 अगस्त को मेयर ढकाल की अगुवाई में माडी नगरपालिका के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की और अधिक सबूत इकट्ठा करने के लिए उस क्षेत्र में खुदाई शुरू करने का निर्देश दिया। ओली ने अपनी सरकार से माडी नगर पालिका को हर संभव समर्थन देने का और साथ ही साथ खुदाई के कामों को पूरा करने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने में मदद करने और राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों को तुरंत स्थापित करने में सहयोग देने का वादा किया।
ढकाल ने कहा कि हमारे पास अतिरिक्त 50 बीघा जमीन है, जिसका उपयोग हम कोई भी तकनीकी समस्या होने पर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्यापुरी धाम के निर्माण के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया गया है और एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जल्द ही तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा कि नगरपालिका, प्रधानमंत्री के निदेर्शानुसार अयोध्यापुरी धाम निर्माण के कार्यों को सुविधाजनक बनाने और प्रबंधित करने के लिए लगातार काम कर रही है।
ओली के विवादास्पद बयान की उनकी पार्टी के नेताओं के साथ-साथ भारत की सत्तारूढ़ पार्टी, भारतीय जनता पार्टी ने भी आलोचना की थी।
पुरुष पुलिस वाला हमीरपुर में एक थाने में दलित महिला को लात मार रहा है, यही जंगलराज है।
यूपी के थाने योगी जी की ठोको नीति के तहत महिलाओं से कैसे व्यवहार करते हैं उसका एक उदाहरण यहां देखिए।
— ???????? इनायत मंसूरी ???????? (@NiyatullahM) September 29, 2020
पुरुष पुलिस वाला हमीरपुर में एक थाने में दलित महिला को लात मार रहा है।
यही जंगलराज है।@LambaAlka pic.twitter.com/nHdebW2D1Q
(इनायत मंसूरी ने ट्विटर पर पोस्ट किया )
सीआरपीएफ 31, मंदिरहसौद 13, एम्स 4, जिले से 560
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 सितंबर। राजधानी रायपुर-आसपास की बस्तियों-कॉलोनियों से बीती रात में 560 पॉजिटिव मिले। इसमें सीआरपीएफ-रावतपुरा कॉलेज पचेड़ा से 31, मंदिरहसौद से 13, कबीर नगर से 12, समता कॉलोनी से 7, एम्स से 4, पुलिस मुख्यालय से 2 मरीज शामिल है। ये सभी मरीज आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराए जा रहे हैं।
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जिन जगहों से कोरोना मरीज मिले हैं, उसकी सूची निम्नानुसार है- निगम कॉलोनी, गांधी चौक-नेवरा, अविनाश कैपिटल हाउस, एम्स (4 लोग), प्रोफेसर कॉलोनी (3 लोग), अश्वनी नगर (2), सुंदर नगर (5 लोग), राजा तालाब-पुराना दुर्गा चौक, प्रकाश नगर, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी (3 लोग), गुढिय़ारी (6 लोग), महादेव घाट (2), मठपुरैना, सरोना (3 लोग), उरकुरा, टाटीबंध (13 लोग), टिकरापारा, पंडरी (4 लोग), खमतराई (4 लोग), हीरापुर (5 लोग), आकाश नगर, कबीर नगर (12 लोग), खरोरा, डॉ.बरमा हॉस्पिटल, हर्ष नगर-दलदल सिवनी (4 लोग), लक्ष्मी निवास-लक्ष्मी नगर, शंकर नगर (8 लोग), मेकाहारा, पंचवटी नगर-कापा, माना (6 लोग), अवंति विहार (5 लोग), विशाल नगर, आदर्श नगर 2, महात्मा गांधी नगर (4 लोग), भाठागांव (3 लोग), संतोषी नगर (5 लोग), विशाल नगर (3 लोग), प्रियर्दशनी नगर (3 लोग), समता कॉलोनी (7 लोग), कृष्णा नगर-गुढिय़ारी (5 लोग), पुलिस लाइन, लाभांडी, फाफाडीह (5 लोग), वीर सांवरकर नगर (2 लोग), महावीर नगर (3 लोग), कचना 2, रामसागरपारा, सदर बाजार, लक्ष्मी निवास, हनुमंत भवन, रेलवे स्टेशन, फूल चौक, पार्थिवी पेसिफिक, पेंशनबाड़ा (3 लोग), बूढ़ापारा (4 लोग), होटल सॉलिटियर, देवपुरी, सड्डू (5 लोग), गनपति नगर-चंगोराभाठा (10 लोग), सीआरपीएफ, मोवा, पुरानी बस्ती (5 लोग), हॉस्पिटल कॉलोनी, पचपेड़ी नाका, लालपुर, एनएचएमएमआई, महामाया चौक, नेवरा-तिल्दा (15 लोग), अटल नगर, बिरगांव (11 लोग), सरोरा (3 लोग), उरला, रावाभाठा (5 लोग), जिंदल मंदिरहसौद (13 लोग), डंगनिया (4 लोग), मिलेनियम चौक, विवेकानंद नगर, शिवानंद नगर (5 लोग), शैलेंद्र नगर (4 लोग), देवेंद्र नगर 2, वीना विहार कॉलोनी, अनुपपुर, श्याम नगर, विजय नगर, सीजी नगर, न्यू शक्ति नगर, पुलिस मुख्यालय-न्यू रायपुर 2, कटोरा तालाब, रावतपुरा (3 लोग), कालीबाड़ी, लक्ष्मी नगर 2, छोटापारा, जोरापारा, बोरियाखुर्द, मुजगहन, फुंडहर, कुकरीपारा-सुभाष नगर, चौबे कॉलोनी (3 लोग), डब्ल्यूआरएस कॉलोनी, हिमालय हाइट्स, डीडी नगर, सेजबहार, बढ़ईपारा, अमलीडीह, विजय नगर, गोकुल नगर, मठपुरैना 2, संतोषी चौक-कुशालपुर, कैपिटल सिटी, भीम नगर-लाखे नगर, संजय नगर, तेलीबांधा, अग्रसेन नगर, शिक्षक कॉलोनी, प्रेम नगर-मोवा, अशोक नगर-गुढिय़ारी, बैजनाथपारा, सड्डू-मोवा, विकास नगर, धरसींवा (38 लोग), आरंग, डीडीयू नगर (2), बैरनबाजार, राजातालाब, आदिवासी कॉलोनी, गोंदवारा, मोहबाबाजार, टैगोर नगर (2), छोटापारा, नयापारा, मारूति विहार कॉलोनी, मठपुरैना, पटेवा-अभनपुर, शांति नगर (2 लोग), खम्हारडीह, गोंदवारा, कारगिल चौक, आरडीएम कॉलोनी, भवानी नगर, बूढ़ापारा, सोनडोंगरी, राठौर चौक, सिटी कोतवाली, लोकमान्य सोसायटी-रोहणीपुरम, नूरानी चौक, प्रोफेसर कॉलोनी, दुबे कॉलोनी-मोवा (5 लोग), बसंत विहार, रवि नगर, श्रीनगर, गोबरा नवापारा (4 लोग), चंपारण्य, सीआरपीएफ-रावतपुरा कॉलेज पचेड़ा (30 लोग), कटोरा तालाब।
बाबरी मस्जिद गिराना पूर्व नियोजित नहीं-जज, आडवाणी, जोशी, उमा, कल्याण, नृत्यगोपाल दास सहित सभी 32 आरोपी बरी
28 साल पुराने बाबरी विध्वंस केस में आखिरकार फैसला आ गया है. लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए आडवाणी, जोशी, उमा, कल्याण, नृत्यगोपाल दास सहित सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बाबरी विध्वंस सुनियोजित नहीं था.
जज ने कहा कि आरोपियों के ऑडियो में आवाज साफ नहीं थी।
विशेष न्यायाधीश ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है.
नई दिल्ली, 30 सितंबर। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है। लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, नृत्यगोपाल दास, सतीश प्रधान के अलावा सभी आरोपी कोर्ट में, जल्द ही मामले पर फैसला सुनाया जाएगा। इस केस की चार्जशीट में बीजेपी के एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह समेत कुल 49 लोगों का नाम शामिल है। जिनमें से 17 लोगों का निधन हो चुका है, बाकि 32 आरोपियों को कोर्ट ने मौजूद रहने के लिए कहा गया था लेकिन 26 आरोपी ही कोर्ट पहुंचे हैं। बता दें कि कोरोना महामारी और स्वास्थ्य कारणों से कुछ आरोपियों ने ऐसा कर पाने में असमर्थता जताई थी। 92 वर्षीय लालकृष्ण आडवाणी और 86 वर्षीय मुरली मनोहर जोशी ने कथित रूप से पेशी से छूट मांगी थी। उमा भारती कोरोना से पीडि़त हैं और अस्पताल में हैं जबकि कल्याण सिंह का भी कोरोना का इलाज जारी है।
बाबरी मामले में सुनवाई शुरू
जज अपने रजिस्टरार से पूछ रहे हैं कि कौन-कौन उपस्थित नहीं और उनकी तरफ से क्या एप्लीकेशन लगाई गई है
28 साल बाद फैसला
बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, नृत्यगोपाल दास, सतीश प्रधान के अलावा सभी आरोपी कोर्ट में मौजूद हैं। फैसला जल्द आने वाला है। इस मामले में कुल 49 आरोपी थे। 17 की मृत्यु हो चुकी है। शेष 32 में से 6 पेश नहीं हुए हैं और 26 हाजिर हैं।
कोर्ट के बाहर कड़ी सुरक्षा
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत आज बाबरी मामले में फैसला सुनाने वाली है। एहतियातन कोर्ट परिसर के बाहर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
अदालत पहुंचे कई आरोपी
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, बाबरी विध्वंस केस में अब से कुछ देर में फैसला आने वाला है। मामले में आरोपी साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, चंपत राय और पवन पांडे अदालत पहुंच गए हैं।
विशेष न्यायाधीश एसके यादव पहुंचे अदालत
बाबरी मामले में 28 साल बाद अब से कुछ देर में फैसला आने वाला है। सीबीआई के स्पेशल जज एसके यादव फैसला सुनाएंगे। विशेष न्यायाधीश एसके यादव अदालत पहुंच चुके हैं। वह आज ही रिटायर हो रहे हैं। उन्हें सेवानिवृत्ति से पहले विस्तार दिया गया है।
साक्षी महाराज के वकील प्रशांत अटल से बातचीत
बाबरी मामले में एक आरोपी बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के वकील प्रशांत अटल ने कहा, साक्षी महराज व अन्य आरोपी बरी होंगे। सीबीआई ने तत्कालीन सरकारों के दबाव में आरोपी बनाया। सीबीआई ने जान-बूझकर फंसाया। किसी ने वहां कार सेवकों को बाबरी ढहाने के लिए नहीं उकसाया था। जय श्री राम का नारा लगाना भडक़ाना नहीं होता। अगर तीन साल से ज्यादा सजा हुई तो बेल हाईकोर्ट से होगी। अगर पांच साल से ज्यादा सजा हुई तो फिर वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
17 आरोपियों की सुनवाई के दौरान हो चुकी है मौत
केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत अदालत में पेश किए। इस मामले में कुल 48 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था जिनमें से 17 की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है।
मामले का निपटारा 30 सितंबर तक करने के आदेश
उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई अदालत को मामले का निपटारा 31 अगस्त तक करने के निर्देश दिए थे लेकिन गत 22 अगस्त को यह अवधि एक महीने के लिए और बढ़ा कर 30 सितंबर कर दी गई थी। सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले की रोजाना सुनवाई की थी ।
आज सुनाया जाएगा फैसला
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 1992 में मुगलकालीन बाबरी मस्ज्दि ढहाए जाने के मामले पर बहुप्रतिक्षित फैसला आज सुनाएगी।
- वुसअतुल्लाह ख़ान
नए ज़माने के सरकार की तारीफ़ ये है कि एक ऐसी सरकार जो जनता की समस्याओं को भले हल न कर सके, अंदर और बाहर के हालात उसके क़ाबू में न हों, मगर उसको एक साथ पाँच गेंदें हवा में उछालने की कला का माहिर ज़रूर होना चाहिए.
ताकि लोग अपने पैरों की बजाय हवा में उछलती रंग-बिरंगी गेंदों को देखते रहें और उनकी गर्दन कभी पूरब की ओर तो कभी पश्चिम की ओर मुड़ती रहे. और जब आँखें थक जाएं तो वो सो जाएं और अगले दिन फिर यही तमाशा देखने के लिए हँसी ख़ुशी उठ जाएं.
मसलन एक गेंद किसी भी फ़र्ज़ी दुश्मन के नाम की उछाल दो, एक गेंद सुनहरे इतिहास की उछाल दो, एक देश के अंदरूनी ग़द्दारों के नाम की उछाल दो, एक रंगीन भविष्य की गेंद उछाल दो और एक गेंद डर और भय की उछालते रहो कि हम न रहे तो तुम भी नहीं रहोगे.
मतलब ये कि जनता का दिमाग़ किसी एक मसले पर ज़्यादा देर टिकने न पाए और राजनीति की कथा टीवी सीरियल की तरह हर क़िस्त में एक नया सवाल छोड़ जाए - अब क्या होगा? अगले एपिसोड में सीमा विजय को छोड़ेगी या फिर विजय अजय के हाथों मारा जाएगा?
एक एपिसोड में काला धन लाएंगे, अगले एपिसोड में सबका साथ-सबका विकास, फिर नोटबंदी, फिर पाकिस्तान की शरारतें, फिर आर्टिकल 370 की छुट्टी, फिर किसको नागरिकता मिलेगी किसको नहीं, फिर दिल्ली के दंगे, फिर चाइना आक्रमण, फिर रफ़ाल विमान, फिर राम मंदिर के निर्माण का उद्घाटन, फिर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या और अगली खोज दीपिका समेत कितने अभिनेता या अभिनेत्रियाँ नशा करते हैं या नहीं करते.
मतलब ये कि जनता को साँस मत लेने दो, कहीं वो असली मुद्दों पर सोचना न शुरू कर दे.
हमारे यहाँ भी यही कहानी है
अगर मैं सिर्फ़ पिछले चार साल की बात करूं तो एक के बाद एक ड्रामा. इमरान ख़ान का धरना, फिर पनामा लीक्स, फिर नवाज़ शरीफ़ जा रहा है तो कौन आ रहा है, फिर तौहीने-रिसालत की तहरीक, फिर इमरान ख़ान का नया पाकिस्तान, फिर पतली होती आर्थिक स्थिति से तवज्जो हटाने के लिए करप्शन के नाम पर विरोधियों की पकड़-धकड़ और मुक़दमे, फिर मीडिया पर व्हाट्सऐप और फ़ोन के ज़रिए कंट्रोल, फिर देशद्रोह नेताओं और पत्रकारों की ट्रोलिंग, फिर कौन सेनापति से रात के अंधेरे में मिलता है कौन नहीं मिलता का ड्रामा, फिर कराची सूबा बनेगा नहीं बनेगा की बहस और फिर अब ये बहस कि गिलगित-बल्तिस्तान को चुनाव से पहले नया राज्य बनाया जाए या चुनाव के बाद.
किसी चैनल पर नहीं आ रहा कि दवाओं की क़ीमत में अचानक से ढाई सौ फ़ीसद़ तक इज़ाफ़ा कैसे हो गया? बिजली जब ज़रूरत से ज़्यादा बन रही है तो उसकी क़ीमत छत से क्यों लग गई है और छह-छह घंटे क्यों नहीं आ रही?
बारिशों में देश का सबसे बड़ा शहर कराची क्यों डूब गया और आइंदा उसे झील बनने से बचाने के लिए क्या इंतेज़ामात किए जा रहे हैं? लॉ एंड ऑर्डर बेहतर बनाने की बजाय हर दूसरे महीने ये पुलिस अफ़सर ही क्यों बदल जाते हैं?
कोविड-19 की वजह से जो लाखों बच्चे घर पर बैठे हैं उनकी फ़ीसें तो बराबर जा रही हैं पर शिक्षा का क्या होगा? इन सब पर कोई बात ही नहीं.
बस जनता को नक़ली मसलों के ट्रक की बत्ती के पीछे लगा कर रखो.
इसी तरह चंद साल और गुज़र जाएंगे. फिर एक नया ड्रामा और फिर वही पुराना डायरेक्टर. जीना इसी का नाम है.
पहले शक था पर अब मुझे यक़ीन होता जा रहा है कि इस पृथ्वी पर मीडिया से बड़ी डुगडुगी और सरकार से बड़ा मदारी शायद कोई नहीं.(bbc)
अयोध्या, 30 सितंबर (आईएएनएस)| अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत बुधवार को फैसला सुनाने जा रही है। बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे मो़ इकबाल अंसारी का कहना है कि 28 वर्ष तक चले इस मामले को अब खत्म कर देना चाहिए। इकबाल अंसारी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के विवाद में गत वर्ष नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद गड़े मुर्दे नहीं उखाड़े जाने चाहिए और विवाद भूलकर मुल्क की तरक्की में लगना चाहिए। जो साक्ष्य है वह सीबीआई के पास है। हम चाहते हैं कि 28 साल हो गये यह मसला खत्म कर देना चाहिए। इस मामले में कुछ लोग इस दुनिया में नहीं है। कुछ लोग बुजुर्ग हो गये हैं। ऐसे में इस मसले को खत्म कर देना चाहिए। जो होना था वह हो चुका है। राममंदिर और बाबरी का फैसला आ चुका है। हिन्दू-मुस्लिम को बराबर सम्मान भी मिला है। हमें संविधान और कानून पर पूरा भरोसा है।
उन्होंने मथुरा और काशी के विवाद पर कहा यह वही लोग हैं जो हिंदू मुस्लिम को लड़ाना चाहते हैं। सरकार ने पहले ही तय किया है कि अब नया विवाद मंदिर मस्जिद का नहीं किया जाएगा तो अब इस तरीके का विवाद क्यों शुरू किया जा रहा है। उनका कहना है कि देश को ऐसे विवाद से कहीं अधिक रोजगार, आर्थिक मजबूती, राष्ट्रीय एवं सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर बनाने की जरूरत है।
ज्ञात हो कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत बुधवार को फैसला सुनाने जा रही है। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता लालष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत 32 आरोपी हैं। 28 वर्ष तक चली सुनवाई के बाद ढांचा विध्वंस के आपराधिक मामले में फैसला सुनाने के लिए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.के. यादव ने सभी आरोपियों को तलब किया है। हालांकि कई आरोपी कोर्ट में पेश नहीं होंगे। वही, फैसले को लेकर रामनगरी की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
- दिलनवाज़ पाशा
हाथरस गैंगरेप मामले में पीड़िता के परिजन आज़ाद समाज पार्टी नेता चंद्रशेखर के साथ सफ़दरजंग अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठे हैं. चंद्रशेखर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और पीड़िता के परिवार को हाथरस ले जाया गया है.
परिजनों का ये कहना है कि पीड़िता का शव उनके पास नहीं है और वो अपनी मांगे पूरी होने तक उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
वहीं, हाथरस के एसपी विक्रांत वीर ने बीबीसी को बताया है कि यूपी पुलिस की एक टीम दिल्ली में मौजूद है. पीड़िता का शव टीम के पास है. उनका कहना था कि शव को हाथरस लाकर अंतिम संस्कार कराया जाएगा.
एसपी के मुताबिक़ सुरक्षा के मद्देनज़र पीड़िता के गांव में पुलिस बल तैनात किए गए हैं. एहतियात के तौर पर सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
पीड़िता के परिवार का कहना था कि उसकी जीभ कट गई थी और वो बोल नहीं पा रही थी.
वहीं बीबीसी से एसपी विक्रांत वीर ने कहा कि पीड़िता की जीभ को किसी भी तरह के हथियार से नहीं काटा गया था. मीडिया और सोशल मीडिया में चलाई जा रही रिपोर्टें भ्रामक हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाली टीम ने अभी गैंगरेप को लेकर स्पष्ट राय नहीं दी है, फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है.
हालांकि चारों गिरफ़्तार अभियुक्तों पर गैंगरेप की धारा ही लगाई गई है.
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक़ पीड़िता की मौत के बाद मुक़दमे में हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है.पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पीड़िता की हालत में सुधार होने के बाद पुलिस ने उसके बयान दर्ज किए थे जिसके बाद ही गैंगरेप की धारा मुक़दमे में जोड़ी गई थी.
उन्होंने कहा, पीड़िता ने पुलिस टीम को बोलकर और इशारों में अपना बयान दर्ज कराया था.
दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट किया है कि उन्होंने पीड़िता के परिवार से बात की है जो कह रहे हैं कि उनकी बेटी की लाश गायब कर दी गई है.
प्रतिक्रियाएं
अक्षय कुमार और दीया मिर्ज़ा समेत बॉलीवुड अभिनेताओं ने मंगलवार को सोशल मीडिया के ज़रिए 20 वर्षीय दलित लड़की की मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी.
अक्षय कुमार ने ट्वीट किया, "गुस्से में हूं और निराश हूं! हाथरस गैंगरेप में ऐसी क्रूरता. ये सब कब रुकेगा? हमारे क़ानून और उनका पालन इतना सख्त होना चाहिए कि सज़ा के बारे में सोचकर ही बलात्कारी डर के मारे कांपने लगे! दोषियों को फ़ांसी दो. बेटियों और बहनों की सुरक्षा के लिए आवाज़ उठाओ. कम से कम हम ये कर सकते हैं."
वहीं दीया मिर्ज़ा ने ट्वीटर पर लिखा, "हम हाथरस की पीड़िता को भूल गए. हमने उसे हर स्तर पर विफल कर दिया. ये हमारा सामूहिक विवेक है."
वहीं स्वरा भास्कर ने कहा, "हाथरस केस दिल दहला देने वाली घटना है. हम सभी को शर्म आनी चाहिए."
इलाज के दौरान हुई थी मौत
उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप का शिकार हुई 20 वर्षीय दलित युवती की बीती रात दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
पीड़िता के भाई ने बीबीसी से मौत की पुष्टि की. वहीं हाथरस पुलिस का कहना है कि इस मामले में सभी चार अभियुक्तों को गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया गया है.
पीड़िता को सोमवार को ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज से सफ़दरजंग अस्पताल लाया गया था. वो बीते दो सप्ताह से मौत से जंग लड़ रही थीं.
पीड़िता के परिवार का आरोप है कि उसके साथ 14 सितंबर को तब गैंगरेप किया गया, जब वो अपनी माँ और भाई के साथ घास काटने गई थी.
पीड़िता के भाई ने बताया, "मेरी बहन, माँ और बड़ा भाई घास काटने गए थे. भाई एक गठरी घास लेकर घर आ गया था. माँ आगे घास काट रही थी, वो पीछे थी. वहीं उसे खींचकर गैंगरेप किया गया. वो मेरी माँ को बेहोशी की हालत में मिली थी."
परिजनों के मुताबिक़, पीड़ित युवती को बेहोशी की हालत में पहले स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था, जहाँ से उसे अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफ़र कर दिया गया.
मेडिकल कॉलेज में वो 13 दिनों तक वेंटिलेटर पर रही. उसे सोमवार को ही सफ़दरजंग अस्पताल लाया गया था, जहाँ क़रीब तीन बजे उसने दम तोड़ दिया.
पीड़िता के भाई ने बीबीसी को बताया, "उसकी जीभ कट गई थी, रीढ़ की हड्डी टूट गई थी, शरीर का एक हिस्सा काम नहीं कर रहा था. वो बोल नहीं पा रही थी. किसी तरह इशारे कर रही थी."
गैंगरेप का आरोप गाँव के ही उच्चजाति के चार लोगों पर है. पुलिस ने चारों को गिरफ़्तार कर लिया है.
हाथरस के एसपी विक्रांत वीर ने बीबीसी से कहा, "चारों अभियुक्तों को गिरफ़्तार करके जेल भेजा जा चुका है. हम अदालत से फ़ास्ट ट्रैक सुनवाई की मांग करेंगे. पीड़िता के परिवार को गाँव में सुरक्षा भी दी गई है."
हाथरस के डीएम ने भी ट्वीट करके हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
उन्होंने ट्वीट किया है, "चंदपा थाना वाले प्रकरण में पीड़िता के परिजनों को पूर्व में 4,12,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई थी. आज 5,87,500 रुपये की सहायता और दी जा रही है. इस प्रकार कुल 10 लाख रुपये से आर्थिक सहायता की गई है."
पुलिस पर लापरवाही के आरोप
बीबीसी से पीड़िता के भाई ने कहा कि शुरुआत में पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. घटना के 10 दिन बाद तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया.
उसने बताया, गैंगरेप की धारा भी तब जोड़ी गई, जब मेरी बहन ने सर्किल ऑफ़िसर को बयान दिया और अपने साथ हुई दरिंदगी के बारे में इशारों से बताया.
शुरुआत में पुलिस ने बस हत्या की कोशिश का मुक़दमा दर्ज किया था और एक ही अभियुक्त को नामित किया था.
परिजनों का कहना है कि पीड़िता बेहोश थी और उन्हें नहीं पता था कि उसके साथ क्या हुआ है.
पीड़िता के भाई ने बताया, "मेरी माँ और भाई बदहवास हालत में थाने पहुँचे थे. उन्हें उस समय जो समझ आया, वही तहरीर दे दी थी. लेकिन पुलिस ने 10 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की."
पुलिस पर लगे लापरवाही के आरोप पर एसपी कहते हैं, "परिवार ने जो तहरीर दी, वही मुक़दमा शुरू में दर्ज हुआ. बाद में जाँच के दौरान जब लड़की का बयान लिया गया, तब गैंगरेप की बात सामने आई और ये धारा जोड़ दी गई."
दलित संगठनों का विरोध प्रदर्शन
आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद शनिवार को अलीगढ़ में पीड़िता से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने पीड़िता को बेहतर इलाज न मिलने और जाँच में लापरवाही का मुद्दा उठाया था.
भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने भी घटना के बाद कई शहरों में प्रदर्शन किया है. पार्टी के एक कार्यकर्ता ने बीबीसी से कहा, "दलित लड़की को निशाना बनाया गया है, इसलिए सब चुप हैं. एक दलित लड़की के साथ गैंगरेप और फिर उसकी मौत से किसी को फर्क नहीं पड़ता."
वहीं बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने भी इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
मायावती ने एक ट्वीट में कहा है, 'यूपी के ज़िला हाथरस में एक दलित लड़की को पहले बुरी तरह से पीटा गया, फिर उसके साथ गैंगरेप किया गया, जो अति-शर्मनाक व अति-निंदनीय है, जबकि अन्य समाज की बहन-बेटियाँ भी अब यहाँ प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं. सरकार इस ओर ज़रूर ध्यान दे, बीएसपी की यह माँग है."
पीड़िता की मौत के बाद मायावती ने मामले को फ़ास्ट ट्रैक अदालत में चलाने और अभियुक्तों को फ़ांसी देने की मांग की है. एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि यूपी के हाथरस में गैंगरेप के बाद दलित पीड़िता की आज हुई मौत की ख़बर अति-दुःखद. सरकार पीड़ित परिवार की हरसंभव सहायता करे और फ़ॉस्ट ट्रैक कोर्ट में मुक़दमा चलाकर अपराधियों की सज़ा जल्द सुनिश्चित करे, बीएसपी की यह माँग."
परिवार में डर का माहौल
गैंगरेप पीड़िता के भाई ने बीबीसी से कहा कि घटना के बाद अभियुक्तों की ओर से अंजाम भुगतने की धमकी दी गई थी. पुलिस को जानकारी देने पर गाँव में पीएसी तैनात की गई थी.
उन्होंने कहा, "हम बहुत डरे हुए हैं. वो बहुत ताक़तवर हैं. हमें गाँव से पलायन भी करना पड़ सकता है."
क्या सरकार की ओर से उनके परिवार को कोई मदद दी गई है? इस सवाल पर वो कहते हैं, "अभी तो किसी तरह की मदद नहीं की गई है. सांसद जी ने लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए कहा था. हम अपनी बहन का इलाज कराते या सीएम से जाकर मिलते?"
नहीं रुक रहे हैं बलात्कार के मामले
महिला अधिकार कार्यकर्ता योगिता भयाना इस मामले पर कई दिनों से लगातार ट्वीट कर रही हैं. बीबीसी से उन्होंने कहा, "सरकार के तमाम दावों के बावजूद ऐसी घटनाएँ रुकने का नाम नहीं ले रही हैं क्योंकि कहीं न कहीं प्रशासन और सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर नहीं हैं."
वो कहती हैं, "इस मामले में पीड़िता को गंभीर शारीरिक चोट पहुँची थी. उसे मरा जानकर छोड़ा गया था. लेकिन पुलिस ने शुरू में इसे गंभीरता से नहीं लिया. पहली गिरफ़्तारी करने में 10 दिन लगा दिए. मामले को दबाने की कोशिश की, जिससे पता चलता है कि पुलिस ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर नहीं है."
वो कहती हैं, "एक ओर हम महिलाओं को देवी कहते हैं और दूसरी ओर इस तरह की घटनाएँ होती हैं. हाल के महीनों में यूपी में ऐसी कई गंभीर घटनाएँ हुई हैं. बाराबंकी में 13 साल की दलित लड़की की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. हापुड़ में छह साल की बच्ची की बलात्कार के बाद आंखें फोड़ दी गई थीं. रह-रहकर इस तरह की घटनाएँ हो रही हैं लेकिन पुलिस-प्रशासन कोई गंभीर क़दम नहीं उठा रहा है."(bbc)
भाजपा और जकांछ ने चुनाव आयोग से शिकायत
-राजेश अग्रवाल
बिलासपुर, 30 सितम्बर('छत्तीसगढ़')। मरवाही विधानसभा उप-चुनाव के लिये लागू आदर्श आचार संहिता के पहले ही दिन कांग्रेस भवन के पास एक गोदाम में साड़ियों से भरे दो ट्रकों को भाजपा कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया। शिकायत मिलने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने मामले की जांच कराने की बात कही है। वहीं भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने जिला निर्वाचन अधिकारी पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए घटना की शिकायत की चुनाव आयोग से कर दी है।
मरवाही विधानसभा उप-चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा 29 सितम्बर को चुनाव आयोग द्वारा कर दी गई। इसके साथ ही गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले में आचार संहिता लागू हो गई है। गौरेला में कांग्रेस भवन से करीब 100 मीटर दूर स्थित गोदाम के सामने दो ट्रक पहुंचे, जिससे कुछ सामान खाली कराया जाने लगा। खबर लगते ही जिला भाजपा अध्यक्ष विष्णु अग्रवाल और अन्य पदाधिकारी वहां पहुंच गये। उन्होंने सामान उतारने का वीडियो बनाया। ट्रकों से उतर रहे बंडल में साड़ियां भरी थीं।
भाजपा नेताओं ने तुरंत जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर डोमन सिंह से शिकायत की। इस बीच एक ट्रक अनलोड कर ली गई। दूसरी को अनलोड करने से भाजपा नेताओं ने रोक दिया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने वहां एसडीएम अपूर्व प्रवेश टोप्पो के साथ उड़न दस्ता को भेजा। दूसरी ट्रक करीब 6 घंटे तक वहां खड़ी रही और रात में दोनों ट्रकों का बिल लाकर उड़न दस्ते को सौंप दिया गया।
कलेक्टर डोमन सिंह का कहना है कि एसडीएम से इस मामले में प्रतिवेदन मांगा गया है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जायेगी। जबकि भाजपा और जकांछ नेताओं के तेवर उग्र हैं। भाजपा जिला अध्यक्ष विष्णु अग्रवाल ने जिला प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि जान बूझकर मामला रफा-दफा कर दिया गया। राज्य निर्वाचन पदाधिकारी से भाजपा ने शिकायत की है।
छजकां नेता व पूर्व विधायक अमित जोगी ने कहा कि दो ट्रक साड़ियां कोरबा से लाई गई। जिले के प्रभारी मंत्री वहीं से हैं इसलिये स्पष्ट है माल किसने भेजा। जिला कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष के स्वामित्व वाले बिंदेश्वरी पुरम् कॉलोनी में सामान उतारा गया है। कांग्रेसी मतदाताओं को खरीदना चाहते हैं। प्रदेश के निर्वाचन अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई का नहीं होना दिखाता है कि अधिकारी सत्ताधारी दल के दबाव में हैं।
मुंबई, 30 सितंबर (आईएएनएस)| मनोरंजन उद्योग में 26 साल पूरे कर चुकीं अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने 25 सितंबर को घर पर प्रियजनों के साथ चुपचाप अपना जन्मदिन मनाया।
दिव्या ने बतौर बॉलीवुड अभिनेत्री अपना करियर 90 के दशक के बीच में शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं करके अपनी जबरदस्त छाप छोड़ी। 'इरादा' में अपनी भूमिका के लिए उन्होंने 2018 में राष्ट्रीय पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री) जीता। आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने उन फिल्मों के बारे में बताया, जिन्होंने उनके करियर को पूरी तरह से बदल दिया।
वीर जारा (2004)
यश चोपड़ा की इस फिल्म को याद करते हुए दिव्या ने कहा, "उस समय तक मैंने कुछ ही फिल्मों में काम किया था, लेकिन पहचान मुझे 'वीर जारा' के कारण मिली। कई लोगों की तरह मैं भी यश चोपड़ा को देखकर बड़ी हुई हूं। मैं सपनों में भी खुद को एक वाईआरएफ नायिका बनते देखती थी! बेशक 'वीर जारा' में भी ऐसा नहीं हुआ, लेकिन इससे मुझे व्यावसायिक सिनेमा में जबरदस्त पहचान मिली।"
दिल्ली 6 (2009)
दिव्या ने कहा, "मैंने पहली बार राकेश ओम प्रकाश मेहरा के साथ काम किया। मेरा किरदार समाज के एक अभिन्न अंग को पेश करने वाला था।" इस फिल्म में दिव्या ने जलेबी नाम की एक स्वीपर की भूमिका निभाई थी। जो एक निचली जाति की और अछूत है।
भाग मिल्खा भाग (2013)
मिल्खा सिंह की बहन के किरदार को लेकर दिव्या ने कहा, "यह बहुत ही शानदार तरीके से लिखा गया कैरेक्टर था। वैसे तो यह एक आदमी पर बनी बायोपिक थी लेकिन उसकी जिंदगी में उसकी बहन का अहम योगदान होता है और इस तरह कहीं न कहीं यह एक भाई-बहन की कहानी बन जाती है। इस किरदार के लिए मुझे बहुत प्यार और प्रशंसा मिली।"
बदलापुर (2013)
अभिनेत्री ने इस फिल्म को लेकर कहा, "मुझे लगता है कि मेरे करियर में यह फिल्म भी बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि मैं फिर से वरुण धवन जैसे सुपरस्टार के साथ बेहद अलग किरदार में दर्शकों के बीच पहुंची। यह ऐसी फिल्मों में से एक है जो मेरे दिल के करीब हैं।"
स्पेशल 26 (2013) और रामसिंह चार्ली (2020)
कुछ ही हफ्तों पहले डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हुईं फिल्में 'स्पेशल 26' (2013) और 'रामसिंह चार्ली' भी दिव्या के लिए बेहद खास हैं। दिव्या कहती हैं, "इन दोनों फिल्मों की शूटिंग के दौरान मुझे इन किरदारों को निभाने के लिए बहुत कुछ भूलना पड़ा। नीरज पांडे (स्पेशल 26 के निर्देशक) और नितिन कक्कड़ (रामसिंह चार्ली के निर्देशक) के काम करने की शैली बहुत अलग है और शूटिंग के पहले दिन मैं नर्वस थी। शायद इसी चीज ने मुझे अपना बेस्ट देने के लिए प्रेरित किया।"
लखनऊ, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| लखनऊ हाईकोर्ट के फैजाबाद रोड पर नए भवन में स्थानांतरित होने के करीब 4 साल बाद कैसरबाग के पुराने हाईकोर्ट में फिर से गतिविधियां शुरू हो गईं हैं। दरअसल, यहीं विशेष सीबीआई अदालत बुधवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अपना फैसला सुनाने वाली है। इस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व सांसद विनय कटियार और कई अन्य वीएचपी नेता समेत 32 आरोपी शामिल हैं।
फैसले से पहले राज्य भर में हाई अलर्ट लगा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस पूरे इलाके में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें से आधे पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में तैनात किया गया है।
ट्रैफिक एसपी पूर्णेंदु सिंह ने कहा कि अदालत का फैसला होने तक सभी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है और क्षेत्र में केवल एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को ही ले जाने की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने कहा, "अन्य बदलाव भी किए गए हैं, कुछ स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए जाएंगे।"
उत्तर प्रदेश के ऐसे 25 जिले जो सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माने जाते हैं, उनमें सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अयोध्या में भी विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है और पुलिस की पर्याप्त तैनाती की गई है। लखनऊ और अयोध्या में रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को भी तैनात किया गया है।
सुरक्षा की कमान सीआईडी भी संभालेगी। सीआईडी, लखनऊ खुफिया इकाई और सीआरपीएफ और डॉग स्क्वायड को भी अदालत में तैनात किया गया है। अदालत में नए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
मई 2017 से इस मामले की लगातार सुनवाई कर रहे अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश (अयोध्या मामले) एस.के. यादव ने बुधवार को सभी 32 आरोपियों को अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा है।
यह फैसला अदालत के कमरा नंबर 18 में सुनाया जाएगा। इस दौरान एक बार में 5 आरोपी ही अदालत के अंदर रहेंगे और बाकी बाहर लॉबी में बैठे रहेंगे।
बता दें कि मामले में 49 आरोपी थे, वहीं तोड़फोड़ में शामिल लाखों 'कारसेवकों' के नाम भी राम जन्मभूमि पुलिस स्टेशन में दो अलग-अलग एफआईआर में दर्ज किए गए थे। लेकिन सुनवाई के दौरान आरोपियों में से बाल ठाकरे, अशोक सिंघल, महंत अवैद्यनाथ, गिरिराज किशोर और विजयाराजे सिंधिया समेत कुछ अभियुक्तों का निधन हो गया और अब 32 आरोपी ही बचे हैं।
सूत्रों ने बताया है कि हो सकता है कि फैसले के दिन लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, एमएम जोशी और महंत नृत्य गोपाल दास उपस्थित न रहें क्योंकि उन्होंने स्वास्थ्य आधार पर इसके लिए छूट मांगी है।
उमा भारती और कल्याण सिंह कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती हैं।
नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सूचना और प्रसारण मंत्रालय समेत अन्य को निर्देश दिया है कि वह अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह को मीडिया द्वारा फॉलो किए जाने से रोके। साथ ही रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर 15 अक्टूबर तक एक स्टेटस रिपोर्ट दायर करे। मंत्रालय और अन्य लोगों को अभिनेत्री रकुल प्रीत द्वारा दायर याचिका पर अदालत के पहले के आदेश के मद्देनजर उठाए गए कदमों के बारे में बताने के लिए भी कहा गया था। इस याचिका में ड्रग मामले की जांच को लेकर मीडिया में चल रहे शो या उनके बारे में आर्टिकल प्रकाशित करने पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने मंत्रालय, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को सुनवाई की अगली तारीख (15 अक्टूबर) तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चल रही सुनवाई के दौरान रकुल प्रीत के वकील अमन हिंगोरानी ने दलील दी कि उनकी चिंताओं पर किसी भी वैधानिक निकाय ने कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा, "उच्च न्यायालय के पास पर्याप्त शक्तियां हैं। जबकि जांच चल रही है ऐसे मे ऐसी खबरों को रोकना होगा।"
हिंगोरानी ने अभिनेत्री के हवाले से कहा, "मुझे मामले में एक गवाह के रूप में बुलाया गया है। जबकि इस बारे में गलत खबरें फैलाई जा रही हैं कि मैं ड्रग्स लेती हूं और इसका स्टॉक करती हूं। जबकि मैं ना शराब पीती हूं और धूम्रपान करती हूं।"
इस बीच एनबीए ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि कई चैनल इसका हिस्सा नहीं हैं और जो हैं उन्हें इसके लिए जवाब देना होगा।
आईएंडबी मिनिस्ट्री की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा ने कहा, "मंत्रालय इसे लेकर कार्यवाही कर रहा है। मैं समझ सकता हूं कि मेरे दोस्त का क्लाइंट मानसिक पीड़ा से गुजर रहा है।"
बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 सितंबर को केंद्र, नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और अन्य से रकुल प्रीत की याचिका पर जबाव मांगा था। रकुल की याचिका में कहा गया है कि मीडिया को कुछ संयम बरतने की जरूरत है। मीडिया को अफसरों से पहले ही जानकारी मिल जाती है, इससे उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है।
इसके बाद 26 सितंबर को रकुल ने फिर से दिल्ली हाई कोर्ट से मीडिया शो पर प्रतिबंध लगाने और उनके खिलाफ लेख प्रकाशित करने के लिए तत्काल अंतरिम निर्देश देने की मांग की थी।
अधिवक्ता हिमांशु यादव, अमन हिंगोरानी और श्वेता हिंगोरानी के माध्यम से दायर की गई याचिका में दावा किया गया है कि रकुल प्रीत 20 सितंबर को टीवी पर खबर देखकर हैरान रह गईं कि एनसीबी ने उन्हें रिया चक्रवर्ती के ड्रग्स मामले को लेकर चल रही जांच में 24 सितंबर को मुंबई में पेश होने के लिए कहा है। जबकि याचिकाकर्ता को उसके हैदराबाद या मुंबई के पते पर एनसीबी से ऐसा कोई समन नहीं मिला था।
बाद में याचिकाकर्ता के जांच में शामिल होने के लिए 23.9.2020 की शाम को मुंबई पहुंचने की भी झूठी खबर चलाई गई। जबकि वॉट्सऐप के जरिए उन्हें 24.9.2020 को समन मिला।
नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 80,472 नए मामले और 1,179 नई मौतें दर्ज हुई, जिसके बाद कुल मामलों की संख्या 62,25,763 हो गई और मौतों का आंकड़ा 97,497 तक पहुंच गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को ये आंकड़े जारी किए। कुल मामलों में से 9,40,441 मामले फिलहाल सक्रिय हैं और अभी तक 51,87,825 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, देश में इस बीमारी की रिकवरी रेट 83.33 फीसदी हो गई है और मृत्यु दर 1.57 फीसदी पर आ गई है।
महाराष्ट्र अभी भी कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना हुआ है। यहां अब तक 13,66,129 मामले दर्ज हुए हैं जबकि 36,181 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद नंबर आता है आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक का।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, भारत ने मंगलवार को कोविड-19 के 10,86,688 नमूनों की जांच की, जिसके बाद कुल नमूनों की जांच की संख्या 7,41,96,729 हो गई है।
नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए हैं। वो हाल ही में राज्यसभा में मानसून सत्र में सदन की अध्यक्षता कर रहे थे। उप राष्ट्रपति के सचिवालय ने एक ट्वीट में कहा कि जब वेंकैया नायडू का रूटीन टेस्ट कराया गया तो वो मंगलवार को कोरोनावायरस पॉजिटिव निकले।
हालांकि उनमें इस वायरस के कोई लक्षण नहीं है। वो फिलहाल घर पर ही क्वारंटीन में हैं। उनकी पत्नी ऊषा नायडू नेगेटिव पाई गई हैं। वो भी घर पर ही आइसोलेशन में हैं।
मंगलवार को 70,589 नए मामलों के साथ देश में कोविड-19 के मामले साढ़े 61 लाख के करीब हो गए। अब तक 96,318 लोग इस बीमारी से जान गंवा बैठे हैं।
नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस ने हाल ही में संसद द्वारा पारित किए गए कृषि कानून के विरोध में इंडिया गेट के पास ट्रैक्टर जलाने की घटना के मामले में पंजाब युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बरिंदर सिंह ढिल्लों सहित चार और लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन तीन अन्य को गिरफ्तार किया गया है, वे हरीश पंवार और अब्राहम रॉय मणि (दोनों अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव) और एआईवाईसी के सचिव व पंजाब युवा कांग्रेस के प्रभारी बंटी (ऋषिकेश) शेल्के हैं।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पहले छह लोगों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार, तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में कानून की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत गैर-जमानती धारा भी शामिल है।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 188, महामारी रोग अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, कृषि विधेयकों के विरोध में कथित रूप से पंजाब युवा कांग्रेस के लगभग 15-20 अज्ञात व्यक्ति सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गेट से कुछ दूरी पर ट्रैक्टर लेकर पहुंचे और इसे आग के हवाले कर दिया।
बाद में आग पर काबू पा लिया गया और ट्रैक्टर को पुलिस ने मौके से हटा दिया।
नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अपने सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे के फार्मूले पर चर्चा करेगी। इसके लिए पार्टी ने अपने नेताओं को बुधवार को बिहार से दिल्ली बुलाया है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने पार्टी के बिहार इकाई के अध्यक्ष मदन मोहन झा और विधायक दल के नेता सदानंद सिंह को दिल्ली बुलाया है।
आरएलएसपी को खोने के बाद कांग्रेस पहले ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से नाराज है क्योंकि राजद सहयोगी दलों को अधिक सीटें नहीं दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक, राजद केवल 58 सीटें कांग्रेस को दे रहा है जबकि पार्टी 70 चाहती है।
2015 के चुनावों में, कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 27 सीटें जीती थी, जबकि राजद ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा और 80 सीटें जीती थी।
बिहार की 74 विधानसभा सीटों पर विधानसभा चुनाव के पहले चरण की अधिसूचना जारी होने में महज दो दिन शेष रह गए हैं, राजद ने मंगलवार को कांग्रेस से 24 घंटे के भीतर 'सभी मतभेदों' को दूर रखते हुए सीट बंटवारे के फार्मूले पर फैसला करने का आग्रह किया था।
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा, "1 अक्टूबर को पहले चरण की अधिसूचना जारी हो जाएगी और अब तक हमें सीट बंटवारे का फार्मूला पूरा कर लेना चाहिए था।"
झा ने कहा कि चुनाव सरकार बदलने के लिए नहीं बल्कि बिहार के भविष्य के लिए है।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरेशनल इंडिया ने भारत में अपना काम बंद कर दिया है। संस्था का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार उसके पीछे पड़ गई थी। संस्था ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। संस्थान ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत सरकार की ओर से एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के बैंक अकाउंट्स को पूरी तरह से फ्रीज कर दिया है। संस्था को इसकी जानकारी 10 सितंबर को लगी। संस्थान का कहना है कि सरकार के इस कदम से उसका कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। एमनेस्टी के मुताबिक, सरकार के इस कदम से उसे अपने कर्मचारियों को निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा है। साथ ही भारत में चलाए जा रहे कैंपेन और रिसर्च भी बंद हो गए हैं।
संस्था ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह निराधार और प्रेरित आरोपों के बल पर भारतीय सरकार द्वारा मानवाधिकार संस्थाओं के खिलाफ लगातार चलाए जा रहे विच-हंट (पीछे पड़ने) की कड़ी में अगला कदम है। एमनेस्टी ने दावा किया है कि उसने सभी भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन किया है। वहीं, सरकार का कहना है कि संस्था ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के तहत कभी रजिस्ट्रेशन नहीं कराया, जो विदेशी फंडिंग के लिए जरूरी होता है।
संस्था के कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने कहा कि सरकार ने जो कार्रवाई की है वह कोई अचानक नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया पर सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय समेत दूसरी सरकारी एजेंसियों की ओर से शोषण, सरकार में पारदर्शिता की मांग, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों को उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाने और दिल्ली दंगों में दिल्ली पुलिस और सरकार की भूमिका की जवाबदेही तय करने की मांग की वजह से कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियान के लिए, जिसने हमेशा अन्याय के लिए आवाज उठाई है, उस पर नया हमला उसकी प्रतिरोध में उठ रही आवाज को उठाकर लिया गया है।
एमनेस्टी इंटरेशनल इंडिया ये आरोप हैं:
ईडी, एमनेस्टी इंटरेशनल इंडिया के खिलाफ विदेशी फंडिंग प्राप्त करने में अनियमितताओं के आरोपों के खिलाफ जांच कर रही है। इस पर गृह मंत्रालय का आरोप है कि संस्था ने भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के जरिए पैसे मंगाए, जिसकी नॉन-प्रॉफिट संस्थाओं को इजाजत नहीं है।
ईडी ने 2017 में संस्था के अकाउंट फ्रीज कर दिए थे। इसके बाद एमनेस्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां से उसे थोड़ी राहत मिली थी। फिरभी संस्था का अकाउंट सीज ही था। पिछले साल सीबीआई ने भी संस्था खिलाफ केस दर्ज किया था। शिकायत में कहा गया था कि यूके ने कथित तौर पर मंत्रालय की मंजूरी के बिना एफडीआई के रूप में एमनेस्टी इंडिया की संस्थाओं को 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इसमें कहा गया था कि इसके अलावा 26 करोड़ की राशि यूके की संस्थाओं की ओर से मंत्रालय की मंजूरी के बिना संस्था को दी थ, जिसे भारत में एनजीओ की गतिविधियों पर खर्च किया गया, जोकि एफसीआरे का उल्लंघन है।
वहीं, एमनेस्टी इंटरेशनल इंडिया का कामकाज भारत में बंद होने पर सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एमनेस्टी इंडिया को भारत में कार्यालयों को बंद करने के लिए मजबूर किया गया है, यह शर्मनाक है। यह मानव अधिकार रक्षकों और संगठनों पर एक और हमला है।(navjivan)
इंदौर। एक गेस्ट हाउस में ग्राहकों को खुश करने के लिए बंधक बनाई गई चार बांग्लादेशी लड़कियों को मुक्त कराने के बाद पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही थी परंतु लड़कियों ने बताया कि उनके शरीर का शोषण करने के लिए केवल सेक्स रैकेट संचालक के मेहमान ही नहीं बल्कि पुलिस वाले भी आते थे। एक लड़की ने बताया कि लसूड़िया थाना पुलिस को नियमित रूप से पैसा दिया जाता था। एक सिपाही पैसा लेने आता था और लड़कियों के साथ गंदे काम भी करता था।
मीडिया की सुर्खियां बन चुके इस कांड में पुलिस वालों का नाम आते ही अधिकारियों ने लड़कियों से सीधी पूछताछ शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान अब तक क्राइम ब्रांच, MIG, विजय नगर और लसूड़िया थाने के एक दर्जन पुलिसवालों के नाम सामने आए। अधिकारी अभी इनका खुलासा नहीं कर रहे हैं। मामले की जांच आईजी योगेश देशमुख की निगरानी में की जा रही है।
सेक्स रैकेट से जुड़े 10 में से सात आरोपियों का विजय नगर पुलिस ने दोबारा रिमांड लिया है। इसके अलावा एमआईजी पुलिस ने दो एजेंटों को पकड़ा है। ये बांग्लादेशी लड़कियों के आधार कार्ड फर्जी ढंग से तैयार करते थे।
एक दलाल पुलिस वाले का भाई, बाकी शहर छोड़कर भाग गए
पुलिस को बांग्लादेश से लड़कियां लाने वाले एक दलाल प्रमोद बाबा की तलाश है। इसका भाई पुलिस विभाग में पूर्व क्षेत्र के एक थाने में पदस्थ है। इसके अलावा गुलाब बाग में रहने वाले सरगना सागर जैन, रोहन और बाबू भाई की तलाश में दबिश दी गई तो वे भी नहीं मिले। उनके मोबाइल भी बंद आ रहे। बाबू भाई बांग्लादेश से युवतियों को लाने वाले गिरोह के गुजरात, महाराष्ट्र के बड़े दलालों से जुड़ा है।
रूसी लड़कियों को लाता था सागर
क्राइम ब्रांच के नए व पुराने कई आरक्षकों की सागर से सीधी सेटिंग है। सागर रूसी लड़कियों को शहर में लाने के मामले में आरोपी रह चुका है। इसकी विजय नगर, एमआईजी, लसूड़िया, पलासिया, कनाड़िया व खजराना थाने के कई पुलिस वालों से सांठगांठ है।
टीआई के नाम पर 50 हजार
सूत्रों की मानें तो लड़कियां जिन होटलों में रखी जातीं। उन थानों के बीट इंचार्ज के माध्यम से टीआई से सांठ-गांठ कर उन तक 50 हजार रुपए महीना भेजकर रैकेट संचालित करते थे। इसमें बीट अधिकारी व जवान 15 हजार रखते थे।(bhopalsamachar)
अबू धाबी, 30 सितंबर (आईएएनएस)| आईपीएल-13 में मंगलवार को अपनी पहली हार झेलने के बाद दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान श्रेयस अय्यर ने कहा है कि उनकी विपक्षी टीम सनराइजर्स हैदराबाद ने शेख जायेद स्टेडियम की पिच को उनसे बेहतर तरीके से पढ़ा था। हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी करते हुए दिल्ली के सामने 163 रनों का लक्ष्य रखा। दिल्ली 147 रन ही बना सकी और 15 रनों से मैच हार गई।
मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में अय्यर ने कहा, "हम 160 के स्कोर से खुश थे। यह पार स्कोर था। वह (हैदराबाद) पिच को हमसे बेहतर तरीके से जानते थे। उन्होंने हमें पूरी तरह से मैच से बाहर कर दिया। इसका श्रेय उनको जाता है।"
उन्होंने कहा, "पिच दूसरी पारी में दोहरा व्यवहार कर रही थी यह देख आश्चर्य हुआ। हमने सोचा था कि ओस बड़ा रोल अदा करेगी और गेंद अच्छे से बल्ले पर आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम हालांकि बहाने नहीं बना सकते। हमने ग्राउंड का उपयोग सही तरह से नहीं किया और दो रन अच्छे से नहीं लिए। कोशिश करेंगे कि जब अगला मैच यहां खेलें तो ऐसा न हो।"
बेंगलुरु, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| गांजा (मारिजुआना) उत्पादकों की तलाशी अभियान के हिस्से के रूप में, कर्नाटक के कलबुरगी जिले में पुलिस ने गन्ने के खेतों में छापा मारा जहां गांजा चोरी-छिपे उगाया गया था और गांजा के 6,000 से अधिक पौधों को जब्त किया गया।
बेंगलुरु पुलिस ने एक महीने पहले एक शीप फार्म से 1,350 किलो गांजा जब्त किया था।
कलबुरगी बेंगलुरु से 626 किलोमीटर दूर है।
पुलिस इस क्षेत्र के दोनों मालिकों की तलाश कर रही है, जहां गांजा कथित रूप से उगाया गया था, इनके नाम हनुमंत राया नायक और भीमा राया नायक हैं, जो अपने खेतों पर छापा मारने जाने के बाद से फरार हैं।
पुलिस ने कहा कि कलबुरगी जो तेलंगाना और महाराष्ट्र के साथ सीमा साझा करती है, वह ड्रग तस्करों के लिए यहां से छिपने और परिवहन करने के लिए आदर्श विकल्प बनाती है।
कलबुरगी पुलिस अधीक्षक सिमी मरियम जॉर्ज ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यह क्षेत्र वन क्षेत्र के बीच में स्थित है और केवल एक पतला सा रास्ता इस क्षेत्र की ओर जाता है।
उन्होंने कहा, "आसपास के सभी खेत गन्ने उगाते हैं और इस तरह से, इतने सालों में उनके बुरे काम को छुपाया गया था।"
उन्होंने कहा कि जिला पुलिस ने जिले भर में ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए सूचना एकत्र करने के लिए हर पुलिस उपाधीक्षक के अधीन जिले भर में विशेष दस्तों का गठन किया है।
दुबई, 30 सितम्बर (आईएएनएस/ग्लोफैंस)। आईपीएल-13 में आज दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स का सामना कोलकाता नाइट राइडर्स से होगा।
राजस्थान ने अपने पिछले मैच में इतिहास रचा था। किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ राजस्थान ने 224 रनों का पीछा किया था और आईपीएल के इतिहास में 226 रन बनाते हुए सबसे बड़ी जीत हासिल की थी।
इस मैच में संजू सैमसन, कप्तान स्टीव स्मिथ ने अर्धशतकीय पारियां खेली थीं। सैमसन ने 42 गेंदों पर 85 रन बनाए थे और कप्तान स्मिथ ने 27 गेंदों पर 50 रन बनाए थे। लेकिन इन दोनों के मेहनत पर पानी फिरता दिख रहा था। तभी राहुल तेवतिया ने करिश्मा कर 18वें ओवर में लगातार पांच छक्के जमा टीम को जीत दिलाई थी। इस मैच में एक बार फिर सभी की नजरें सैमसन और तवतिया पर होंगी।
सैमसन ने दो मैच खेले हैं और दोनों में अर्धशतक जमाए हैं। पंजाब के खिलाफ खेली गई पारी के बाद तो उनकी जमकर तारीफ की जा रही है।
सैमसन, स्मिथ फॉर्म में है। जोस बटलर ने पहले मैच में सिर्फ चार रन बनाए थे। इस मैच में बटलर और रॉबिन उथप्पा पर भी नजरें होंगी। बल्लेबाजी में कोई बदलाव हो इसकी संभावना नहीं दिखती है। हां, क्रम जरूर बदल सकते हैं।
तेवतिया की हार्ड हिटिंग को नेट्स में देख राजस्थान के टीम प्रबंधन ने उन्हें पंजाब के खिलाफ उथप्पा से पहले भेजा था। कोलकाता के खिलाफ उथप्पा को पहले भेजा जा सकता है।
गेंदबाजी में जरूर टीम बदलाव कर सकती है। यहां अंकित राजपूत को बाहर भेजा जा सकता है जो पिछले मैच में काफी खचीर्ले साबित हुए थे। बाकी जोफ्रा आर्चर का खेलना तय है। पिछले दोनों मैचों में आर्चर ने बल्ले से भी टीम में अहम भूमिका निभाई है। सीएसके के खिलाफ आखिरी ओवर में चार छक्के और फिर पंजाब के खिलाफ भी शमी पर दो छक्के लगा उन्होंने टीम को जीत की करीब पहुंचाया था।
दूसरी ओर, कोलकाता को पहले मैच में तो हार मिली थी। दूसरे मैच में उसने उम्दा प्रदर्शन करते हुए सनराइजर्स हैदराबाद को हराया था।
पिछले मैच में कोलकाता के लिए एक अच्छी बात यह रही थी कि पैट कमिंस ने अपनी उपयोगिता साबित की थी। पहले मैच में रन लुटाने के बाद उनकी आलोचनाएं हो रही थीं जिन्हें उन्हें दूसरे मैच में शांत किया था। वहीं युवा शिवम मावी ने अपने दोनों मैचों में प्रभावित किया है। कमलेश नागरकोटी और आंद्रे रसेल भी टीम के लिए उपयोगी रहे हैं।
स्पिन में कुलदीप यादव और सुनील नरेन के अलावा वरुण चक्रवर्ती को भी मौका मिला था। पिछले मैच में कोलकाता ने एक अतिरिक्त गेंदबाज खेलाया था और वो इस मैच में भी यही रणनीति अपनाती है या नहीं, यह देखना होगा।
उम्मीद है कि यह इसी रणनीति के साथ उतरेगी जिसका कारण राजस्थान की मजबूत बल्लेबाजी है, खासकर उनका ऊपरी क्रम, लेकिन ऐसे में कोलकाता के बल्लेबाजों पर जिम्मेदारी बढ़ जाएगी।
हैदराबाद के खिलाफ युवा शुभमन गिल ने 62 गेंदों पर 70 रनों की पारी खेली थी। इस सीजन गिल पर कोलकाता की बल्लेबाजी का भार है और इसलिए उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। अगर टीम अतिरिक्त गेंदबाज के साथ जाती है तो गिल को एक बार फिर ज्यादा जिम्मेदारी ले टीम को अच्छी शुरूआत देनी होगी।
मध्य क्रम में कप्तान दिनेश कार्तिक फॉर्म में नहीं हैं। यह कार्तिक को कप्तान वाली भूमिका निभाते हुए जिम्मेदारी लेनी होगी। उनके अलावा इयोन मोर्गन और रसेल को भी आगे रहना होगा। मोर्गन ने पिछले मैच में गिल के साथ साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई थी।
टीम लड़खड़ती है तो मोर्गन और रसेल पर भार होगा और यह दोनों टीम को हर संकट में से निकालने में सक्षम हैं।
टीमें (सम्भावित) :
केकेआर : दिनेश कार्तिक (कप्तान), आंद्र रसेल, सुनील नारायण, कुलदीप यादव, शुभमन गिल, लॉकी फग्र्यूसन, नीतीश राणा, रिंकू सिंह, प्रसिद्ध कृष्णा, संदीप वॉरियर, अली खान, कमलेश नागरकोटी, शिवम मावी, सिद्देश लाड, पैट कमिंस, इयोन मोर्गन, टॉम बेंटन, राहुल त्रिपाठी, वरुण चक्रवर्ती, एम. सिद्धार्थ, निखिल नाइक, क्रिस ग्रीन।
राजस्थान रॉयल्स : स्टीव स्मिथ (कप्तान), अंकित राजपूत, बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर, जोस बटलर, महिपाल लोमरोर, मनन वोहरा, मयंक माकंर्डे, राहुल तेवतिया, रियान पराग, संजू सैमसन, शशांक सिंह, श्रेयस गोपाल, वरुण एरॉन, रॉबिन उथप्पा, जयदेव उनादकट, यशस्वी जायसवाल, अनुज रावत, आकाश सिंह, कार्तिक त्यागी, डेविड मिलर, ओशाने थॉमस, अनिरुद्ध जोशी, एंड्रयू टाई, टॉम कुरैन।
न्यूयॉर्क, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पहली बहस में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने कोरोनावायरस को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को निशाने पर लेते हुए उन्हें 'झूठा' कहा और एक ऐसा शख्स बताया जो कि यह 'नहीं जानता कि वह किस बारे में बात कर रहा है।' देश में 200,000 नागरिक इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 के लिए राष्ट्रपति ट्रंप और बाइडन के बीच पहली बहस मंगलवार की रात को क्लीवलैंड, ओहायो में हुई।
90 मिनट के लंबे कार्यक्रम में, कोविड-19 महामारी के लिए ट्रंप का भाषण कोविड-19 पर प्रतिक्रिया पर केंद्रित रहने वाली थी। लेकिन विवाद की शुरुआत ट्रंप द्वारा हालिया सुप्रीम कोर्ट के जज के चुनाव में अपनी पसंद एमी कोनी बैरेट को चुनने को लेकर हुई।
न्यायमूर्ति रूथ बेडर जिन्सबर्ग के निधन के बाद ट्रंप ने बैरेट को चुना, इस बात ने डेमोक्रेट्स के बीच आशंकाओं को जन्म दिया कि ट्रंप देश की सुप्रीम कोर्ट को 6-3 कंजर्वेटिव मेजोरिटी में मूव करने के लिए अपने एजेंडे के माध्यम से जोर दे रहे हैं।
ट्रंप ने बैरेट को चुनने पर कहा, "और हम बस, चुनाव जीत गए और इसलिए हमें उन्हें चुनने का अधिकार है और बहुत लोग जानबूझकर इस बारे में अन्यथा कहेंगे।"
वहीं, बाइडन ने ट्रंप पर तंज कसते हुए कहा, "वह यहां जो कुछ कह रहे हैं, झूठ है। गलत समय पर एक गलत शख्स। "
बाइडन ने ट्रंप के कई दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह शख्स नहीं जानता कि वह किस बारे में बात कर रहा है।"
बाइडन ने कोरोनोवायरस के संभावित उपाय के रूप में ब्लीच का उपयोग करने पर ट्रंप की विवादास्पद टिप्पणी को लेकर उनका मजाक भी उड़ाया।
ट्रंप के लिए, उनके पुन: चुनाव अभियान में यह निर्णायक क्षण तब आया है जब न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच में ट्रंप के करों पर चौंकाने वाला खुलासा सामने आया था। टाइम्स ने रिपोर्ट किया कि, संघीय आय करों में ट्रंप ने सिर्फ 750 डॉलर का भुगतान किया। जिस वर्ष वह राष्ट्रपति के लिए चुनाव लड़े थे और व्हाइट हाउस में अपने कार्यकाल के पहले वर्ष में थे, ट्रंप ने पिछले 15 वर्षों में से 10 वर्ष में कोई संघीय आय करों का भुगतान नहीं किया।
पूर्व विदेश मंत्री हिलरी क्लिंटन ने नेटवर्क टेलीविजन पर कहा कि वह इस बहस को बड़ी दिलचस्पी से देख रही हैं।
फॉक्स न्यूज के एंकर क्रिस वालेस ने इस बहस को मॉडरेट किया है, और बहस को छह भागों में विभाजित किया -- कोरोनोवायरस महामारी, सुप्रीम कोर्ट, ट्रंप और बाइडन के रिकॉर्ड, अर्थव्यवस्था, चुनाव की इंटेग्रिटी और हमारे शहरों में दौड़ और हिंसा।
ट्रंप इस बात को जोरशोर से कह रहे हैं कि वह बाइडन पर ऑल-आउट हमले की तैयारी कर रहे हैं, जैसा कि उन्होंने पहले किया। वह बताएंगे कि बाइडन और उनके बेटे हंटर बाइडन ने भ्रष्टाचार से लाभ कमाया है।
अगले महीने दो और बहस हो रही है, 15 अक्टूबर को मयामी (फ्लोरिडा) और 22 अक्टूबर को नैशविले (टेनेसी) में।
हालिया सर्वे से पता चलता है कि ट्रंप की लोकप्रियता 2016 के बाद से लुढ़क गई है। बाइडन सभी सर्वे में ट्रंप से आगे हैं, भले ही अंतर ज्यादा न हो।
वॉशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले आयोजित पहले आधिकारिक प्रेसिडेंशिल डिबेट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस से मौतों को लेकर भारत पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी जो बाइडन के सवाल उठाने पर कहा कि आप नहीं जानते हैं कि भारत, चीन और रूस में कितने लोग मारे गए हैं। भारत, चीन और रूस ने मृतकों की सही संख्या नहीं दी है।
इससे पहले भी डोनाल्ड ट्रंप कई बार अमेरिका की तुलना भारत से टेस्टिंग के मसले पर करते आए हैं. ट्रंप इससे पहले भारत में कोरोना से हो रही मौत, टेस्टिंग की संख्या को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर जो बाइडन सरकार में होते तो सिर्फ दो लाख नहीं बल्कि दस लाख से अधिक लोग मर जाते. हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द वैक्सीन बनाई जाए. गौरतलब है कि अमेरिका में कोरोना संकट इस वक्त चुनाव का सबसे बड़ा मसला है, विरोधियों का आरोप है कि डोनाल्ड ट्रंप इस महामारी को सही से संभाल नहीं पाए.
जो बाइडन की ओर से डिबेट में डोनाल्ड ट्रंप पर अर्थव्यवस्था को बंद करने का आरोप लगाया गया, साथ ही वैक्सीन को लेकर झूठी दलीलें देने का आरोप लगाया गया.
दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर मास्क से लेकर वैक्सीन और फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग जैसे मुद्दों पर निशाना साधा.
बाइडन ने ट्रंप पर मास्क पहनने को लेकर गंभीरता न बरतने का आरोप लगाया तो ट्रंप ने बाइडन का मज़ाक उड़ाते हुए कहा, "बाइडन 200 फ़ीट की दूरी पर रहते हैं तो भी बड़ा सा मास्क पहनकर आ जाते हैं."
होस्ट क्रिस वैलेस ने पूछा कि ट्रंप महामारी के दौरान वो भीड़-भाड़ वाली चुनावी रैलियाँ क्यों कर रहे थे? इसके जवाब में ट्रंप ने कहा, "अगर बाइडन इतनी भीड़ जुटा पाते तो भी ऐसा ही करते."
बाइडन ने चुटकी लेते हुए ट्रंप से कहा, "आप अपनी बाँह में ब्लीच का इंजेक्शन लगा लीजिए, शायद इससे कोरोना ठीक हो जाए." इसके जवाब में ट्रंप ने कहा, "मैंने ये बात तंज़ में कही थी और आप यह जानते हैं."
ट्रंप ने कहा कि अगर बाइडन उनकी जगह होते तो अमरीका में कोविड-19 से दो करोड़ लोगों की मौत होती. वहीं, बाइडन ने कहा कि सबको पता है कि ट्रंप झूठे हैं.
अर्थव्यवस्था पर बहस के दौरान टैक्स का मुद्दा सामने आया. होस्ट क्रिस वैलेस ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्रंप से पूछा, "क्या ये सच है कि आपने 2016-17 में सिर्फ़ 750 डॉलर टैक्स भरा था?"
इसके जवाब में ट्रंप ने कहा, "मैंने लाखों डॉलर का टैक्स भरा है. एक साल मैंने 38 मिलियन डॉलर टैक्स भरा और दूसरे साल 27 मिलियन डॉलर." ट्रंप ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को 'फ़ेक न्यूज़' बताया.
जो बाइडन, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के उप-राष्ट्रपति के तौर पर ज़्यादा मशहूर हैं. हालांकि बाइडन, अमरीका की राजनीति में 1970 के दशक से ही सक्रिय रहे हैं.
जैसे-जैसे मतदान का दिन क़रीब आता जा रहा है, वैसे-वैसे चुनावी सर्वे करने वाली कंपनियाँ इस कोशिश में जुटी हैं कि वो लोगों से उनकी पसंद के उम्मीदवार के बारे में पूछ कर, असली नतीजे आने से पहले जनता का मूड भाँप सकें.
और अब तक के पोल्स में ट्रंप अपने प्रतिद्ंवद्वी और डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी जो बाइडन से पिछड़ते हुए दिख रहे हैं.
हाथरस गैंगरेप पीड़िता का मंगलवार देर रात को पुलिस ने अंतिम संस्कार करा दिया। खबरों के मुताबिक, परिजन और गांव वाले विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। पीड़िता का शव आधी रात को हाथरस पहुंचा।
शाबाश तनुश्री। हाथरस में आहत समाज के प्रतिरोध के निरंतर कवरेज के लिए। @TanushreePande https://t.co/yEtkDVKENt
— Om Thanvi (@omthanvi) September 30, 2020
Shame on UP administration & police! https://t.co/NncGwiajYd
— Swara Bhasker (@ReallySwara) September 29, 2020
मंगलवार देररात ही उसका शव यूपी पुलिस गांव लेकर आई। गांववाले और युवती के परिजन लाख मिन्नतें करते रहे लेकिन विरोध के बीच पुलिस ने रातोंरात ही युवती का अंतिम संस्कार कर दिया। कहने को आलाधिकारी भले ही यह कह रहे हों कि घरवालों की मर्जी से ही अंतिम संस्कार किया गया है पर मौके के जो वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, उससे तो यही लग रहा कि पुलिस ने बलपूर्वक अंतिम संस्कार किया है।
यूपी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश पुलिस की इस हरकत को कायराना बताया है। कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है - निर्दयता की हद है ये। जिस समय सरकार को संवेदनशील होना चाहिए उस समय सरकार ने निर्दयता की सारी सीमाएं तोड़ दी।' आम आदमी पार्टी ने भी अंतिम संस्कार का वीडियो अपने फेसबुक पेज पर डाला है।