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सिंगरौली/खंडवा (मप्र), 8 अप्रैल। मध्य प्रदेश के सिंगरौली एवं खंडवा जिलों में पिछले 24 घंटों में दो अलग-अलग घटनाओं में पांच बालकों की डूबने से मौत हो गई। यह जानकारी पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को दी।
उन्होंने कहा कि इनमें से दो सगे भाइयों सहित तीन बालकों की सिंगरौली जिले में और दो बालकों की खंडवा जिले में मौत हुई।
कोतवाली थाना के प्रभारी बलराम सिंह ने बताया कि खंडवा जिले में आबना नदी में तैरने उतरे दो बालकों की डूबने से शनिवार को मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान कार्तिक पंचोरे (12) और अनमोल तिवारी (11) के रूप में हुई है।
सिंह ने बताया कि ये दोनों खंडवा शहर के गोविंद नगर गोलमाल बाबा क्षेत्र के निवासी थे और एक अन्य बच्चे के साथ घर से साइकिल लेकर घूमने निकले थे।
उन्होंने कहा कि घूमते हुए ये लोग जसवाड़ी कलज्या खेड़ी रोड पर आबना नदी में तैरने चले गए। इनमें से अनमोल तिवारी नदी में उतर गया और गहरे पानी में डूबने लगा। अनमोल को पानी में डूबते देख कार्तिक उसे बचाने पहुंचा और वो भी पानी डूब गया।
सिंह ने बताया कि इनके साथ गए तीसरे बच्चे ने आसपास के लोगों को बुलाया और लोगों की मदद से दोनों बच्चों को नदी से बाहर निकाला और जिला अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया।
उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
वहीं, सिंगरौली से मिली सूचना के अनुसार, तालाब में नहाने गए दो सगे भाइयों सहित तीन बालकों की डूबने से मौत हो गई।
कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी अरुण पाण्डेय ने बताया कि घटना सिंगरौली जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर बैढन थाना क्षेत्र के सिद्धिकला गांव में शुक्रवार को हुई। उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान सुनील केवट (9), उसके छोटा भाई अजीत केवट (7) एवं संदीप केवट (8) के रूप में की गई है।
पाण्डेय ने बताया कि तीनों अपने परिजनों के साथ गेहूं कटाई के लिए खेत में गए थे जहां परिजन गेंहू कटाई कार्य में मशगूल हो गए। इसी दौरान तीनों पास स्थित तालाब में नहाने चले गए जहां गहरे पानी में डूबने से उनकी मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि तीनों शव को तालाब से निकाल लिया गया है और पोस्टमॉर्टम करने के बाद उनके परिजन को सौंप दिया गया है। (भाषा)
जयपुर, 8 अप्रैल। राजस्थान के बाड़मेर जिले में बलात्कार के बाद जिंदा जलाए जाने से जख्मी हुई दलित महिला की शुक्रवार देर रात जोधपुर के एक अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को बताया कि इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने 30 वर्षीय दलित महिला के साथ बलात्कार करने के बाद उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी थी, जिसमें महिला करीब 50 प्रतिशत झुलस गई थी।
उन्होंने कहा कि आरोपी शकूर खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि महिला की मौत होने के बाद पहले से दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) जोड़ी गई है।
पुलिस ने बताया कि महिला के शव को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
वहीं, इस घटना के बाद मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद ने बताया, ‘‘महिला को इलाज के लिए जोधपुर भेजा गया था। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।’’ उन्होंने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और प्राथमिकी में हत्या की धारा जोड़ी गई है।
महिला के पति ने बृहस्पतिवार को तहरीर दिया था कि उसके काम पर बच्चों के स्कूल जाने के बाद आरोपी शकूर खान उनके घर में घुस गया और उनकी पत्नी के साथ बलात्कार करने के बाद उसे जलाकर हत्या करने का प्रयास किया।
पुलिस ने कहा कि आरोपी शकूर खान मृतक महिला के गांव का ही रहने वाला है और उसे शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की हत्या, बलात्कार सहित अन्य धाराओं तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ट्वीट किया है, ‘‘हाथ पर हाथ धरे बैठी प्रदेश की कांग्रेस सरकार एवं इस प्रकार की घटनाएं अस्वीकार्य है। प्रशासन व सरकार इस घटना के सभी पहलुओं की निष्पक्ष जांच कर पीड़िता के परिवारजनों को न्याय दिलाए। अगर थोड़ी भी नैतिकता है तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्यवाही करे।’’
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘‘बाड़मेर में महिला से दुष्कर्म के बाद उसे जलाने की घटना गहलोत के जंगलराज को दर्शाता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी जो राजस्थान के गृह विभाग के मुखिया भी है, वह राज्य की लचर कानून व्यवस्था के लिए पूर्णतया जिम्मेदार हैं।’’
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया है, ‘‘दलित महिला के साथ दुष्कर्म कर तेजाब से जला कर मारने के मामले से एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि राजस्थान में अब कोई सुरक्षित नहीं है। दलित और महिलाएं तो बिलकुल नहीं। मानवता को शर्मसार करने वाले इस प्रकरण को एक दिन तक दबाया जाना राजस्थान में सरकार के निंदनीय और संवेदनहीन रवैये को सुस्पष्ट करता है। दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए।’’ (भाषा)
विशाखापत्तनम, 8 अप्रैल। आंध प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के एक गांव में 16 साल पहले 11 कोंध आदिवासी महिलाओं से सामूहिक बलात्कार के आरोपी 21 पुलिसकर्मियों को एक विशेष अदालत ने बरी कर दिया है।
अदालत ने आरोपियों को मुख्य रूप से दो जांच अधिकारियों की निष्पक्ष जांच करने में विफलता के कारण बरी कर दिया गया।
अगस्त 2007 में एक विशेष टीम ‘ग्रेहाउंड्स’ से संबंधित पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था।
सुनवाई 2018 में विशाखापत्तनम में शुरू हुई थी। बृहस्पतिवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत ग्यारहवें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष अदालत द्वारा पुलिसकर्मियों को दुर्भावनापूर्ण जांच के कारण बरी करने के साथ सुनवाई समाप्त हुई।
इस बीच, अदालत ने आदेश दिया कि बलात्कार पीड़िताओं को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएएलएसए) के माध्यम से मुआवजे का भुगतान किया जाए।
ह्यूमन राइट्स फोरम (एचआरएफ) के एक सदस्य के अनुसार, किसी भी आरोपी पुलिसकर्मी को गिरफ्तार नहीं किया गया और उनमें से कुछ सेवानिवृत्त हो गए जबकि कुछ की मृत्यु हो गई।
एचआरएफ-आंध्र प्रदेश राज्य समिति उपाध्यक्ष एम सरत ने आरोप लगाया था, ‘‘ग्रेहाउंड बलों ने अगस्त 2007 में 11 आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार किया था और उनके खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज की गई थी लेकिन एक भी आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया था।’’
एचआरएफ ने आरोप लगाया कि 20 अगस्त, 2007 को 21-सदस्यीय विशेष पुलिस दल तलाशी अभियान के लिए एक गांव गया था, और विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह (पीवीटीजी) से संबंधित 11 आदिवासी महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया।
एचआरएफ ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि अदालत ने बलात्कार पीड़िताओं को मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है, जो यह दर्शाता है कि अदालत ने उनके बयानों पर भरोसा जताया है।’’ (भाषा)
नैरोबी, 8 अप्रैल। तंजानिया से लगी हुई पश्चिमी केन्या की सीमा के पास एक ट्रक के अन्य वाहनों से टकरा जाने और लोगों के लिए पैदल चलने वाली जगह पर चढ़ जाने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
स्थानीय पुलिस के एक कमांडर ने बताया कि दुर्घटना मिगोरी शहर में एक प्रमुख राजमार्ग पर ट्रक चालक के ब्रेक पर से नियंत्रण खो देने के कारण हुई।
मिगोरी काउंटी के कमांडर मार्क वंजला ने बताया कि ट्रक के नीचे दबे लोगों को निकालने का अभियान चल रहा है और इस बात की आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि ट्रक चालक ने दुर्घटना से पहले बार-बार वाहन का हॉर्न बजाया।
ट्रक चावल की बोरियों को पड़ोसी तंजानिया के सीमावर्ती शहर इसबनिया की ओर ले जा रहा था।
सोशल मीडिया पर लोगों के ट्रक के नीचे दबे होने और अन्य लोगों द्वारा ट्रक से चावल लूटने का एक वीडियो भी प्रसारित हो रहा है। (एपी)
नयी दिल्ली, 8 अप्रैल (भाषा)। शोधकर्ताओं ने एक नया ‘डीप लर्निंग मॉडल’ विकसित किया है जिससे स्तन के घनत्व का अनुमान लगाकर कैंसर के खतरे का पता लगाने में मदद मिल सकती है।
ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रशिक्षण डेटा से स्वत: विश्लेषण करने की क्षमता ‘डीप लर्निंग’ के माध्यम से स्तन के घनत्व का पता लगाना आसान बना देगी।
‘डीप लर्निंग’ में कंप्यूटरीकृत मॉडल तस्वीरों, शब्दों, वाक्यों और आवाज के आधार पर वर्गीकरण और विश्लेषण करने की क्षमता है।
स्तन का घनत्व स्तन के भीतर मौजूद ‘फाइब्रो-ग्लांडुलर’ उत्तकों के अनुपात से तय होता है और स्तन कैंसर के खतरे का पता लगाने के लिए अक्सर इसका उपयोग किया जाता है।
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के निष्कर्ष ‘जर्नल ऑफ मेडिकल इमेजिंग’ में प्रकाशित किये हैं।
शोधकर्ताओं ने दो स्वतंत्र ‘डीप लर्निंग’ मॉडल का उपयोग किया है। शुरुआत में इन मॉडलों का प्रशिक्षण गैर-मेडिकल इमेजिंग डेटासेट ‘इमेजनेट’ पर लाखों तस्वीरों की मदद से हुआ और फिर ‘ट्रांसफर लर्निंग’ के माध्यम से उनका मेडिकल इमेजिंग डेटा पर प्रशिक्षण हुआ।
रेडियोलॉजिस्ट, विशेषज्ञ रेडियोग्राफर, स्तन रोग विशेषज्ञों सहित कई विशेषज्ञों ने 39,357 महिलाओं की 1,60,000 पूर्ण डिजिटल मैमोग्राम तस्वीरों के आधार पर उनके स्तर का घनत्व तय किया।
इस डेटा का उपयोग करके शोधकर्ताओं ने एक प्रक्रिया तैयार की है जिससे मैमोग्राम की तस्वीरों के आधार पर स्तन के घनत्व का पता लगाया जा सकेगा।
स्तन कैंसर दुनियाभर में महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला कैंसर है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 अप्रैल। राज्य में आज रात 09.00 बजे तक 81 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सबसे अधिक 27 रायपुर जिले से है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इन आंकड़ों के मुताबिक आज रात तक किसी भी जिले में 30 से अधिक कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले हैं। आज 14 जिलों में एक भी पॉजिटिव नहीं मिले हैं।
आज एक मौत हुई है।
राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दुर्ग 8, राजनांदगांव 8, बालोद 5 बेमेतरा 0, कबीरधाम 0, रायपुर 27, धमतरी 4, बलौदाबाजार 0, महासमुंद 3, गरियाबंद 0, बिलासपुर 6, रायगढ़ 0, कोरबा 0, जांजगीर-चांपा 5, मुंगेली 0, जीपीएम 5, सरगुजा 0, कोरिया 0, सूरजपुर 2, बलरामपुर 1, जशपुर 0, बस्तर 1, कोंडागांव 1, दंतेवाड़ा 0, सुकमा 0, कांकेर 5, नारायणपुर 0, बीजापुर 0, अन्य राज्य 0 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
रायपुर, 8 अप्रैल। केंद्रीय गृहमंत्री ट्रॉफी के सम्मान के लिए पुलिस ट्रेनिंग स्कूल माना का चयन किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जारी पत्र के अनुसार सत्रावधि वर्ष 2021-2022 के लिए बेस्ट ट्रेनिंग संस्थान हेतु राज्य के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल माना को केंद्रीय गृहमंत्री ट्रॉफी के सम्मान के लिए चयन किया गया है। छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए यह गौरवशाली उपलब्धि है। पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने छत्तीसगढ़ पुलिस के संस्थान के चयन पर अधिकारियों/कर्मचारियों को बधाई दी है।
आईपीएल के 11वें मैच में राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली कैपिटल्स को 47 रन से हरा दिया है. पहले बल्लेबाज़ी करते हुए राजस्थान रॉयल्स ने 199 रन बनाए.
200 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दिल्ली कैपिटल्स की शुरुआत ख़राब हुई. पहले ओवर में ही इम्पैक्टर प्लेयर के रूप में टीम में शामिल किए गए पृथ्वी शॉ को ट्रेंट बोल्ट ने शून्य पर आउट कर दिया.
अगली गेंद पर बोल्ट ने मनीष पांडे को भी एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. दिल्ली कैपिटल्स की टीम पहले ओवर में मिले इस झटके से उबर नहीं सकी.
पावरप्ले के आखिरी ओवर में रवि चंद्रन अश्विन ने राइली रुसो को चलता कर दिया. 10 ओवरों तक दिल्ली कैपिटल्स ने केवल 68 रन बनाए थे.
हालांकि ललित यादव ने कप्तान डेविड वॉर्नर के साथ चौथे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी निभाई लेकिन ये काफ़ी नहीं था.
संजू सैमसन ने ट्रेंट बोल्ट को उनका चौथा ओवर डालने बुलाया और उन्होंने इसकी आखिरी गेंद पर ललित यादव को बोल्ड कर दिया.
ललित यादव ने 24 गेंदों पर 38 रन की पारी खेली.
अक्षर पटेल आए और दो ओवर बाद मैच के 15वें ओवर में चहल ने उन्हें अपनी गेंद से छकाया और वे स्टंप आउट हो गए.
फिर रॉवमैन पॉवेल पिच पर आए लेकिन राजस्थान रॉयल्स की टीम के सामने 17 रन प्रति ओवर बनाने का लक्ष्य था. उनके पास ब्राउंड्री लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं मौजूद था लेकिन इस कोशिश में वे अश्विन की गेंद पर हेटमायर को कैच थमा बैठे.
वॉर्नर की फिफ्टी
इस दौरान डेविड वॉर्नर ने अपना अर्धशतक पूरा किया लेकिन वो रन गति को बढ़ाने में नाकाम रहे. आखिर 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर डेविड वॉर्नर भी चहल की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए.
उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स की ओर से 55 गेंदों पर सर्वाधिक 65 रन बनाए.
आखिरी ओवर में एनरिच नॉर्जे भी शून्य पर आउट हो गए.
दिल्ली कैपिटल्स की टीम 20 ओवरों में 142 रन बना सकी और यह मैच 47 रनों से हार गई.
ट्रेंट बोल्ट और युजवेंद्र चहल ने मैच में तीन विकेट लिए वहीं अश्विन को दो विकेट मिले जबकि एक विकेट मुकेश शर्मा की झोली में आया.
यह इस टूर्नामेंट में दिल्ली कैपिटल्स की लगातार दूसरी हार है, वहीं राजस्थान रॉयल्स की तीन मैचों में दूसरी जीत है.
राजस्थान की पारी
इससे पहले राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली कैपिटल्स के सामने जीत के लिए 200 रन का लक्ष्य रखा है.
राजस्थान की पारी का आकर्षण यशस्वी जायसवाल और जॉस बटलर की अर्धशतकीय पारी रही.
टॉस दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान डेविड वॉर्नर ने जीता और गेंदबाज़ी ली लेकिन यशस्वी जायसवाल ने पहले ही ओवर में पांच चौके लगा कर उनके इस फ़ैसले को कटघरे में ला दिया.
दूसरे ओवर में बटलर ने अपने बल्ले का मुंह खोला और तीन चौके लगा दिए. शुरुआती 12 गेदों तक दिल्ली के गेंदबाज़ आठ चौके खा चुके थे और स्कोरबोर्ड 32 रन दिखा रहा था.
इसके बाद पांचवे ओवर में एक बार फिर यशस्वी ने अक्षर पटेल की गेंद पर लगातार तीन चौके लगा दिए.
यशस्वी ने 25 गेंदों पर बनाए 50 रन
पावरप्ले के छह ओवर ख़त्म होने तक राजस्थान रॉयल्स ने बिना कोई नुकसान 68 रन बना लिए.
सातवें ओवर में यशस्वी जायसवाल ने 25 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया. नौवें ओवर में मुकेश कुमार की गेंद पर यशस्वी आगे बढ़ कर खेलना चाहते थे लेकिन उनको ही कैच थमा कर पवेलियन लौट गए.
अपनी 31 गेंदों की पारी में यशस्वी ने 11 चौके और एक छक्के की मदद से 60 रन बनाए.
जॉस बटलर और यशस्वी जायसवाल के बीच पहले विकेट के लिए 98 रनों की साझेदारी हुई.
अगले ही ओवर में कुलदीप यादव ने राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन को शून्य पर आउट कर दिया.
आईपीएल 2023 में बटलर का दूसरा अर्धशतक
पिच पर रियान पराग आए लेकिन इसके बाद राजस्थान रॉयल्स का रन रेट पहली बार 10 से नीचे आ गया. बटलर ने 13वें ओवर में अपना अर्धशतक 32 गेंदों में पूरा किया.
यह आईपीएल 2023 में बटलर का दूसरा अर्धशतक है.
14वें ओवर में रोमैन पॉवेल ने रियान को बोल्ड कर दिया. पिच पर आए शिमरॉन हेटमायर ने जॉस बटलर के साथ मिलकर रन गति बढ़ाई और 15.5 से 18.1 ओवर के दरम्यान 14 गेंदों पर पांच चौके और दो छक्के जड़े.
आखिर बटलर 19वें ओवर में 51 गेंदों पर 79 रन बनाकर आउट हुए.
अंतिम ओवर में हेटमायर ने दो छक्के लगाए और राजस्थान का स्कोर 199 रन पर ले गए.
हेटमायर 21 गेंदों पर 39 रन बनाकर नाबाद रहे.
राजस्थान रॉयल्स vs दिल्ली कैपिटल्स
दोनों टीमों के बीच यह मुक़ाबला राजस्थान रॉयल्स के दूसरे होम ग्राउंड गुवाहाटी के बरसापाड़ा स्टेडियम में खेला जा रहा है.
दिल्ली कैपिटल्स इस टूर्नामेंट में अब तक खेले गए अपने दोनों मैच हार चुकी है.
वहीं राजस्थान रॉयल्स पहला मैच सनराइजर्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ 72 रनों से जीतने के बाद दूसरा मुक़ाबला पंजाब किंग्स से 5 रनों से हार गई थी.
दोनों टीमों के बीच आईपीएल में अब तक 26 मुक़ाबले हुए हैं. इनमें दोनों टीमों ने एक समान 13 मैच जीते हैं. (bbc.com/hindi)
पथराव से एएसआई सहित 4 घायल, इलाका छावनी में तब्दील
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 8 अप्रैल। शनिवार को जिले के साजा इलाके के गांव बिरनपुर में दो समुदाय के बीच झड़प हो गई, जिसमें पत्थरबाजी में घायल होने से एक युवक की मौत हो गई है। वहीं खूनी संघर्ष में एएसआई बीआर ठाकुर साजा थाना सहित चार लोग घायल हो गए। घटना के बाद इलाका छावनी में तब्दील हो गया है। साजा पुलिस मौके पर पहुंचकर बलवा का केस दर्ज कर आरोपियों की धरपकड़ अभियान शुरू कर दिया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इलाके में भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिया गया है। वहीं पंचनामा कर आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है। इस घटना में 23 वर्षीय युवक योगेश साहू की मौत हुई है, वहीं एएसआई बीआर ठाकुर और तीन युवक घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है।
मिली जानकारी के अनुसार बच्चों के बीच हुए विवाद के बाद दो समुदाय के लोग आपस में भीड़ गए। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि एक विशेष समुदाय के लोगों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। घटना में एक की मौत हो गई है, वहीं चार अन्य घायल है।
खबर है, इलाके में पहले से अंतरधार्मिक विवाह के एक मामले की वजह से दो पक्षों में तनाव की स्थिति थी। इसको लेकर भाजपा और बजरंग दल के लोग भी वहां पहुंचे थे।
बहरहाल, शाम 6 बजे तक स्थिति तनावपूर्ण, पर नियंत्रण में है। सरकार ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्ती से पेश आने के निर्देश दिया है। बेमेतरा एसपी मौके पर पहुंच गए हैं। दूसरे जिलों से भी बड़ी संख्या में फोर्स भेजी जा रही है।
बेमेतरा, 8 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा से बड़ी खबर सामने आई है. एक बार फिर से दो समुदाय में खूनी संघर्ष देखने को मिला है. इस पथराव में एक व्यक्ति की मौत हो गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक गांव पहुंचे पुलिस जवानों पर भी पथराव हुआ है. बीच बचाव कर रहे एक पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल है. उप निरीक्षक बी आर ठाकुर बुरी तरह घायल हो गए हैं.
वहीं बताया जा रहा है कि इस हमले में एक युवक की मौत की खबर है. वहीं घायलों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र साजा में इलाज चल रहा है. साजा थाना क्षेत्र के बिरामपुर की घटना है।
रायपुर, 8 अप्रैल। राजधानी में किसान को सरकारी जमीन को अपना बताकर की 50 लाख की धोखाधड़ी की गई। यह धोखाधड़ी एक मां-बेटे ने की। किसान की रिपोर्ट पर केस दर्ज किया गया है।गुढ़ियारी के नया तालाब निवासी किरण देवी अग्रवाल और उनके पुत्र दीपक अग्रवाल ने यह धोखा दिया।फाफाडीह निवासी स्वप्न कुमार साहा ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई। एफआईआर के बाद मां - बेटा फरार हो गए हैं।
जीजी- साले की जुगलबंदी, तीन गिरफ्तार
रायपुर, 8 अप्रैल। राजधानी में जुआ सट्टाे पर कडाई से रोक लगाने के मुख्यमंत्री के कडे निर्देशों के बावजुद शहर के कई इलाको में खुलेआम बैखौफ धडल्ले से सट्टापट्टी लिखी जा रही है । साथ ही पंडरी बस स्टैंड के पास स्थित जूते- चप्पल और बैग की दुकानों के बीच एक खाली दुकान में देर रात तक रकम का कलेक्शन होता है। यहां खाईवाल के लड़के या मुनाफा कमाने वाले रोज सुबह से आने लगते हैं।
खम्हारडीह इलाके में ब्रिज के नीचे सुबह से ही तंबू लगाकर सट्टा लिखा जाता है। थाना पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी।मौके पर मिली परिस्थितियों के नजरिये से एक बात साफ हो जाती है कि शहर के बीच पुलिस के कई उच्चाधिकारियों के निवास होने के बावाजुद खुलेआम सट्टा लिखाना इस बात को साबित करता है कि इन शातिर खाईवालो में पुलिस का कोई खौफ बचा ही नही।पड़ताल के दौरान कैमरे के सामने आकर कोई भी स्थानीय बोलने को तैयार नही है इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन शातिर खाईवालो का इलाको में कितना खौफ है। राजधानी के एक न्यूज चैनल पर आज दोपहर इस खबर के प्रसारित होते ही पुलिस और खाई वालों में हड़कंप मच गया । खबर के मुताबिक सैफुल्ला नामक कोई खाईवाल शहर के खम्हारडीह और पंडरी इलाके में पुलिस की मिलीभगत से बैखौफ सरेराह खुलेआम सट्टा लिखवा रहा है।वही पंडरी थाना इलाके के साइंस सेंटर इलाके में सरेराह बकायदा एक झोपडीनुमा जुआ सट्टा घर बनाकर सट्टे का काला कारोबार संचालित हो रहा था लेकिन खम्हारडीह इलाके से शातिर खाईवाल सभी जगह अपना काम बंद कर फरार हो गये।बताया जा रहा है कि पंडरी थाना इलाके में संचालित ये अवैध सट्टाघर समीर नामक युवक संचालित करता है जो रिश्ते में सैफुल्ला का जीजा बताया जाता है।इसी दौरान जब पुलिस के आलाधिकारियो से इस बारे में बात की गई तो उन्होने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि राज्य में जुआ सट्टा के खिलाफ नया कानून आने के बाद भी कोर्ट से शातिर सटोरिये आसानी से छुट जा रहे है जिससे इनके हौसले काफी बुलंद नजर आ रहे है।फिलहाल पुलिस ने राजधानी में सट्टा घर संचालित करने वाले सैफुल्ला ईरानी समेत उसके तीन गुर्गो के साथ गिरफ्तार कर नये जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई की है।इस पुरे मामले में समीर नामक खाईवाल फरार बताया जा रहा है।
पथराव से एसआई भी घायल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 8 अप्रैल। सक्ती घाट बीरमपुर में शनिवार को दो समुदायों में झड़प हो गई। इस घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, और चार घायल हो गए। घायलों में एसआई भी है।
घटना की वजह अभी सामने नहीं आ पाई है। पूरे इलाके में तनाव फैल गया है। ग्रामीणों ने पुलिस पर भी पथराव किया। मृतक का नाम योगेश साहू बताया जा रहा है। पुलिस का अतिरिक्त अमला पहुंच गया है। उपद्रवियों पर काबू करने की कोशिश चल रही है।
विधायक की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे, अपेक्स बैंक संचालक ने की मध्यस्थता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 8 अप्रैल। विधायक बृहस्पति सिंह एवं जिला सहकारी बैंक के कर्मचारी बीच आपसी समझौता हो गया है। विधायक ने कर्मचारियों को मिठाई खिलाकर मामला को खत्म कर दिया है।
घटना को लेकर विधायक और कर्मचारियों ने अफसोस जताया है। विधायक बृहस्पति सिंह के निवास पर कर्मचारियों और विधायक के बीच अच्छे माहौल और संबंध में मामला को खत्म किया गया। अब मामले में दोनों तरफ से कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
विधायक द्वारा मारपीट की घटना के बाद कर्मचारी 5 एवं 6 अप्रैल को दो दिवसीय हड़ताल पर थे। कर्मचारी संगठन पुन: 10 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले थे, इसी बीच शनिवार की सुबह छत्तीसगढ़ कोआपरेटिव बैंक एम्प्लाई फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश व्यास, वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चद्राकर एवं संचालक अपेक्स बैंक के अजय बंसल से रामानुजगंज के मामले को लेकर चर्चा हुई। इसके पश्चात अजय बंसल ने सक्रियता दिखाते हुए दोनों पक्षों में चर्चा कराकर मामले का पटाक्षेप किया। दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे का मुँह मीठा कराकर आपसी कड़वाहट खत्म की।
हिन्दुस्तान में पुलिस की जांच और अदालती इंसाफ के हाल के बारे में हम कई बार यहां लिखते हैं। मौत की सजा के खिलाफ लिखते हुए भी हमारा यही तर्क रहता है कि जहां पुलिस-जांच इतनी कमजोर हो, भ्रष्टाचार लबालब हो, अदालती व्यवस्था में ये दोनों ही खामियां एक साथ हों, वहां पर किसी गरीब की क्या औकात रहती है कि वे इंसाफ की सोच भी सकें। इसलिए इस देश से मौत की सजा हटा देनी चाहिए क्योंकि कब कोई बदनीयत से, पीछे लगकर किसी को ऐसी सजा दिलवा दे इसका कोई ठिकाना तो है नहीं। ऐसा एकदम ताजा एक मामला मध्यप्रदेश से अभी आया है जिसमें छिंदवाड़ा जिले की एक लडक़ी गायब हो गई। पुलिस ने उसके कत्ल के जुर्म में उसके भाई और पिता को गिरफ्तार किया, उनके घर के पास से एक खेत में दफन एक मानव कंकाल भी पुलिस ने बरामद किया, और सात बरस की जांच के बाद अभी 2021 में पुलिस ने बाप-बेटे को ही इस कत्ल में मुजरिम ठहराते हुए गिरफ्तार कर लिया, ये दोनों एक बरस जेल में रहे। लेकिन मामले में एक नाटकीय मोड़ तब आया जब मर चुकी मानी गई यह लडक़ी लौटकर आ गई, थाने पहुंची, और उसने बताया कि वह गुस्से में घर से चली गई थी, अब वह शादीशुदा है, और दो बच्चे भी हैं। इससे एक बार फिर यही साबित होता है कि भारतीय न्याय व्यवस्था बुनियादी कमजोरियों और खामियों से आजाद नहीं है, और ऐसे में इसके भरोसे किसी को फांसी सुना देना ठीक नहीं है। दूसरी बात यह भी है कि जो परिवार इस एक बरस की ऐसी तकलीफ झेल चुका है, उसकी भरपाई कैसे होगी?
भारतीय न्याय व्यवस्था में एक सुधार करने की जरूरत है। बल्कि दो अलग-अलग किस्म के सुधार। इन दोनों के बारे में हम अलग-अलग मौकों पर अलग-अलग लिखते आए हैं, लेकिन आज उन्हें जोडक़र देखने की जरूरत है। पहले से हमारा यह मानना है कि अगर समाज में कोई ताकतवर व्यक्ति किसी कमजोर के खिलाफ कोई जुर्म करे, तो ऐसे ताकतवर की संपन्नता से एक पर्याप्त बड़ा हिस्सा उस कमजोर को मिलना चाहिए, जिसकी जिंदगी बर्बाद हुई है। यह नुकसान तय करने के कुछ फॉर्मूले होने चाहिए, और इसी तरह मुजरिम की संपन्नता को आंकने के भी। हमारा यह भी सुझाव रहा है कि कोई अपने से कमजोर तबके की लडक़ी या महिला से बलात्कार करे, तो बलात्कारी की संपत्ति का एक हिस्सा उस गरीब को उसी तरह मिलना चाहिए, जिस तरह संपत्ति में परिवार के लोगों को हिस्सा मिलता है। अब इसके साथ-साथ यह भी होना चाहिए कि अगर कोई बेकसूर पुलिस और न्याय व्यवस्था की कमजोरी या खामी से कोई सजा भुगतते हैं, तो उन्हें इसकी भरपाई का एक सरकारी इंतजाम होना चाहिए। यह इंतजाम करने के लिए सरकार को एक फंड बनाना चाहिए, जिसमें इक_ा रकम बेगुनाह लोगों की भरपाई में काम लाई जा सके। अब चूंकि सरकारें उदार और खुली अर्थव्यवस्था पर बहुत भरोसा करती हैं, इसलिए वे ऐसे हर्जाने या मुआवजे के भुगतान के लिए कोई बीमा भी कर सकती हैं। आज भी सडक़ पर चलने वाली गाडिय़ों का ऐसा बीमा होता है जिससे कि एक्सीडेंट में नुकसान पाने वाले को उससे भरपाई की जा सके। भारतीय न्याय व्यवस्था बहुत बेकसूरों के साथ ऐसा एक्सीडेंट करवाते चलती है, और वहां भी लोगों को मुआवजे का हक बहुत जरूरी है। परिवार की लडक़ी के कत्ल के आरोप में बाप और भाई की गिरफ्तारी, और उनको अदालती कैद, यह किसी भी परिवार को तबाह करने के लिए पर्याप्त बातें हैं, और इस पर जुर्माने और हर्जाने का इंतजाम इंसाफ की बुनियादी जरूरत है।
भारत में अधिकतर जुर्म के लिए पुलिस ही अकेली जांच एजेंसी है, और इसे पिछली पौन सदी में लगातार तबाह किया गया है। अलग-अलग पार्टियों की सरकारों ने अलग-अलग प्रदेशों में इसका अंतहीन राजनीतिक इस्तेमाल किया है, और अपने विरोधियों के खिलाफ इसे जुल्म ढाने का एक हथियार बनाकर रख दिया है। जाहिर है कि अपने ऐसे बेजा इस्तेमाल के खिलाफ पुलिस कुछ उम्मीद भी करेगी, और वह उम्मीद भ्रष्टाचार की गुंजाइश वाली, मलाईदार समझी जाने वाली कुर्सियों की शक्ल में पुलिस को दी जाती है। आज देश भर में पुलिस एक बहुत ही संगठित भ्रष्टाचार की मशीनरी बन गई है, और इसके सुधरने का कोई आसार नहीं दिख रहा है। हर सरकार अपने से पहली सरकार के कुकर्मों को एक शुरूआती पैमाना मानकर उसके ऊपर भ्रष्टाचार की नई तरकीबें निकालती हैं। नतीजा यह है कि अधिकतर प्रदेशों में पुलिस की कमाऊ कुर्सियां नीलाम होती हैं, और फिर पुलिस इसी तरह बेकसूरों को धांसकर उनसे वसूली-उगाही में जुट जाती है, और संगठित अपराधों से हिफाजती-हफ्ता वसूलने लगती है। बहुत सी अदालतों में पुलिस को इन्हीं सब हरकतों के लिए आड़े हाथों लिया है, और एक हाईकोर्ट जज ने हिन्दुस्तानी पुलिस को वर्दीधारी गुंडों के गिरोह किस्म की कोई बात लिखी थी। पुलिस और अदालतों की नाकामी का यह सिलसिला खत्म होना चाहिए, और बेकसूर जनता को उनके जुल्मों के खिलाफ मुआवजे का हक होना चाहिए। (क्लिक करें : सुनील कुमार के ब्लॉग का हॉट लिंक)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 8 अप्रैल। शनिवार सुबह बीजापुर जिले के नैमेड थाना क्षेत्र के मिंगाचल सीआरपीएफ कैम्प में पदस्थ एक जवान की हार्टअटैक से मौत हो गई।
बताया गया है कि सीआरपीएफ 222 बटालियन के जी कंपनी मिंगाचल में पदस्थ जवान रविन्द्र सिंह सिकरवार शनिवार की सुबह नाश्ते के बाद कैम्प में बने अपने बैरक में आराम कर रहे थे। इसी बीच हृदयघात होने से उसकी मौत हो गई। जवान मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के भीमरोली गांव के रहने वाले हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 8 अप्रैल। शनिवार सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग 63 पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने बच्चे को रौंद दिया। इस हादसे में बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपी वाहन चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि आमागुड़ा के पास रहने वाले राजू बघेल का साढ़े तीन साल का बेटा निहाल बघेल शनिवार की सुबह घर के आंगन में खेल रहा था। इसी दौरान सुबह साढ़े 7 बजे खेलने के दौरान सडक़ किनारे जैसे ही पहुंचा, तभी जगदलपुर से ओडिसा की ओर जा रही एक तेज रफ्तार ट्रक ने उसे अपनी चपेट में ले लिया।
इस हादसे में बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंच शव को पीएम के लिए मेकाज ले आई, वहीं पुलिस ने आरोपी वाहन चालक को गिरफ्तार करते हुए थाने ले गई।
घटना के बाद क्षेत्र में शोक की लहर छा गई, वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।
पाकिस्तान अपनी तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर काबू पाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है. स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि मौलवियों का प्रभाव, पितृसत्तात्मक समाज और गर्भ निरोधक तक पहुंच की कमी इसकी मुख्य वजह है.
पाकिस्तान के पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के निवासी 50 वर्षीय सरदार जन मुहम्मद खिलजी को गर्व है कि उनके कई बच्चे हैं. कथित तौर पर जनवरी महीने में उनके 60वें बच्चे का जन्म हुआ. खिलजी ने बताया कि उनकी तीन पत्नियां हैं और इन तीनों पत्नियों से उनके इतने बच्चे हुए हैं. हालांकि, उन्होंने इस बारे में डीडब्ल्यू से और अधिक बात करने से इनकार कर दिया.
अफगानिस्तान की सीमा से सटे पाकिस्तान के कबायली इलाके उत्तरी वजीरिस्तान के रहने वाले मस्तान खान वजीर ने डीडब्ल्यू को बताया कि उनके कुल 22 बच्चे हुए, जिनमें से कुछ की मौत हो चुकी है. 70 वर्षीय वजीर ने कहा कि वे खुद को अभी भी जवान मानते हैं और चौथी शादी करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि उनकी सभी पत्नियां एक ही कबीले से हैं. उनमें से एक उनके छोटे भाई की विधवा है. उनके भाई भारतीय सैनिकों से लड़ते हुए भारत प्रशासित कश्मीर में मारे गए थे.
वह कहते हैं, "मैं और बच्चे पैदा करना चाहता हूं, ताकि वे काफिरों और दुश्मनों से लड़ सकें. मुझे गर्व है कि मेरे एक दर्जन से अधिक बच्चे हैं.” वजीर ने कहा कि वह अपनी तीनों पत्नियों को अलग-अलग रखते हैं. एक उत्तरी वजीरिस्तान में है, दूसरी डेरा इस्माइल खान में है और तीसरी पत्नी रावलपिंडी में है. अगर मैं उन्हें साथ रखूंगा, तो वे आपस में झगड़ा करेंगी.
वजीर ने कहा कि इतने बच्चे होने के बावजूद परिवार नियोजन से जुड़ी टीम कभी उनके इलाके में नहीं आयी. उन्होंने कहा, "अगर वे आए भी होते, तो कोई उनकी बात नहीं सुनता. वे हमें और बच्चे पैदा करने से नहीं रोक सकते. ये बच्चे अल्लाह की नेमत हैं.”
पाकिस्तान की बढ़ती आबादी
पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला देश है. विश्व बैंक के अनुसार, 2021 में इसकी आबादी लगभग 23.14 करोड़ तक पहुंच गई. 2022 में, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने गणना की कि पाकिस्तान की प्रजनन दर प्रति महिला लगभग 3.3 बच्चे हैं.
रूढ़िवादी इस्लामिक देश पाकिस्तान, दुनिया में सबसे अधिक जन्म दर वाले देशों में से एक है. यहां हर 1,000 व्यक्ति पर जन्म दर 22 है. वर्ल्ड पॉप्युलेशन रिव्यू का अनुमान है कि 2092 में देश की जनसंख्या 40.468 करोड़ तक पहुंच जाएगी.
ज्यादा बच्चे क्यों पैदा कर रहे परिवार
पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत की राजनीतिज्ञ और पूर्व विधायक यास्मीन लहरी का मानना है कि पाकिस्तान के लोग ज्यादा से ज्यादा लड़के पैदा करना चाहते हैं. इस वजह से वे कई बच्चे पैदा करते हैं. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया कि कबायली समाज में लड़कों का होना रुतबे और ताकत का प्रतीक होता है. जिन परिवारों में ज्यादा बच्चे होते हैं उनके पास ज्यादा ताकत और प्रभाव होता है.
लहरी ने कहा, "पुरुष तब तक बच्चे पैदा करते हैं, जब तक उन्हें बेटा पैदा न हो. अगर उन्हें पहली या दूसरी पत्नी से बेटा पैदा नहीं होता है, तो वे तीसरी और चौथी शादी भी करते हैं.”
वहीं पाकिस्तानी सांसद किश्वर जेहरा ने कहा कि कुछ परिवारों का मानना है कि अधिक बच्चे होने से उनकी आय में वृद्धि हो सकती है. उन्होंने कहा, "यही कारण है कि वे ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं. लड़के कारखानों और फैक्टरियों में काम करते हैं और लड़कियां घरों में काम करती हैं.”
पंजाब में नेशनल प्रोग्राम हेल्थ एम्प्लॉइज एसोसिएशन की केंद्रीय अध्यक्ष रुखसाना अनवर धार्मिक मौलवियों को परिवार नियोजन में सबसे बड़ी बाधा के रूप में देखती हैं. उन्होंने डॉयचे वेले को बताया कि ज्यादातर महिला स्वास्थ्य कर्मियों को विरोध का सामना करना पड़ता है, क्योंकि मौलवियों का तर्क है कि परिवार नियोजन इस्लाम विरोधी है. इस वजह से परिवार नियोजन को सामाजिक कलंक के तौर पर माना जाता है.
हालांकि, राजनीतिक दल जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम इस तर्क का खंडन करते हैं कि मौलवी जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के उद्देश्य से किए गए प्रयासों को रोकने के लिए जिम्मेदार हैं. पार्टी के एक नेता मुहम्मद जलाल-उद-दीन ने डीडब्ल्यू को बताया कि उनकी पार्टी लोगों को परिवार नियोजन के लिए मजबूर करने में विश्वास नहीं करती है.
उन्होंने कहा, "मौलवी परिवार नियोजन का विरोध नहीं करते हैं. हर कोई अपनी इच्छा से परिवार नियोजन कर सकता है, लेकिन अगर कोई परिवार ऐसा नहीं करना चाहता है, तो उसे मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.”
महिलाओं पर जनसंख्या वृद्धि का बोझ
आर्थिक संकट की वजह से पाकिस्तान सरकार के पास धन की कमी है. देश का जनसंख्या विभाग भी इस संकट से अछूता नहीं है. सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें वेतन भी देरी से मिल रहा है.
नेशनल प्रोग्राम हेल्थ एम्प्लॉइज एसोसिएशन की रुखसाना अनवर ने डीडब्ल्यू को बताया कि सरकार महिला स्वास्थ्य कर्मियों को गर्भ निरोधक मुहैया नहीं करा रही है. संबंधित सरकारी विभागों के पास
गर्भ निरोधक गोलियों, इंजेक्शन और कंडोम की कमी है. उनका कहना है कि इन्हें खरीदने के लिए उनके पास धन नहीं है.
स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने कहा कि पाकिस्तान मातृत्व संबंधी मौतों को रोकने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहा है. अनवर ने कहा, "हम यह नहीं कहते कि ऐसी मौतों को रोकना जरूरी नहीं है, लेकिन जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना भी महत्वपूर्ण है.”
कराची में रहने वाले स्वास्थ्य विशेषज्ञ और पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष टीपू सुल्तान का मानना है कि अधिकारी परिवार नियोजन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. उन्होंने कहा, "कुछ लोग चाहते हैं कि जनसंख्या वृद्धि का यह मुद्दा यूं ही बना रहे, ताकि देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुदान और धन मिल सके.”
पाकिस्तान में महिलाओं को बच्चे पैदा करने और बड़े परिवारों का भरण-पोषण करने का खामियाजा भुगतना पड़ता है. इसका नतीजा यह होता है कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
2018 के पाकिस्तान पोषण सर्वेक्षण का हवाला देते हुए यूनिसेफ की पाकिस्तान मातृ-पोषण रणनीति रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि मां बनने की उम्र वाली महिलाओं में से 14.4 फीसदी का वजन कम है, 24 फीसदी से अधिक ज्यादा वजन वाली हैं, 13.8 फीसदी मोटापे से ग्रसित हैं, 41.7 फीसदी को खून की कमी है और 22.4 फीसदी में विटामिन ए की कमी है.
सुल्तान ने कहा, "मैंने देखा है कि बेहद कमजोर महिलाएं भी बार-बार गर्भधारण कर रही हैं. कमजोर महिलाएं कमजोर बच्चों को जन्म देती हैं और वे कुपोषित बच्चों की श्रेणी में शामिल हो जाते हैं. इस वजह से वे सामान्य बच्चों की तरह विकसित भी नहीं हो पाते.” (dw.com)
बक्से खुलने, न खुलने का राज
सोशल मीडिया पर विधानसभा आम चुनाव के ठीक पहले की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें भाजपा नेता प्रत्याशी चयन के लिए सीलबंद बक्सा लेकर चार्टर प्लेन, और हेलीकॉप्टर से अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के लिए निकल रहे हैं। मकसद यही था कि कार्यकर्ताओं से जीतने लायक दावेदारों के नाम बक्से में लिए जाएंगे, और फिर सील बंद बक्से प्रदेश नेतृत्व को दिए जाएँगे । प्रदेश नेतृत्व नाम लेकर पैनल तैयार करेगा, और फिर इन्हीं में से प्रत्याशी तय किए जाएंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ।
कुछ लोग बताते हैं कि चार्टर प्लेन, और हेलीकॉप्टर के किराए पर ही करोड़ों फूंक दिए गए, लेकिन बक्से नहीं खोले गये। जिनके खिलाफ आक्रोश था वो सभी टिकट पा गए। हाल यह रहा कि आधा दर्जन प्रत्याशी 50 हजार से भी ज्यादा वोटों से हार गए। पिछले चुनाव में भाजपा ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया, और 15 सीटों पर ही सिमट गई। बाद में उपचुनाव में एक और सीट कम हो गई।
अब प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव दावा कर रहे हैं कि सर्वे और आम कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर ही प्रत्याशी तय किए जाएंगे। लेकिन उनके दावे पर पार्टी के कई नेताओं को शक है। वजह यह है कि कईयों ने तो अभी से वॉल राइटिंग शुरू कर दी है। हारे हुए कई नेताओं ने पार्टी हाईकमान से अपने संपर्कों के आधार पर फिर से टिकट का दावा कर रहे हैं। ऐसे में कुछ लोगों का अंदाजा है कि बक्से इस बार भी शायद ही खुले। देखना है आगे क्या होता है।
जानबूझकर गलती?
कांग्रेस में बड़े बदलाव की तरफ इशारा किया जा रहा है। इसका अंदाजा कुछ-कुछ घटनाक्रमों से लग भी रहा है। पिछले दिनों प्रदेश प्रभारी शैलजा के प्रेस कॉन्फ्रेंस के पहले परिचयात्मक उद्बोधन में मोहन मरकाम की जुबान फिसल गई, और वो शैलेष नितिन त्रिवेदी को संचार विभाग का चेयरमैन बोल गए। शैलेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में थे ही नहीं, और उन्हें संचार विभाग के दायित्व से मुक्त हुए 2 साल अधिक हो चुके हैं। हालांकि मरकाम ने तुरंत गलती सुधारी, और फिर सुशील आनंद शुक्ला का नाम लिया। कुछ लोग मानते हैं कि मरकाम ने जानबूझकर गलती की है। वो सुशील के काम से नाखुश हैं। और वो शैलेष नितिन त्रिवेदी की वापसी चाहते हैं। इसमें सच्चाई कितनी है, यह तो पता नहीं, लेकिन मरकाम जैसे सुलझे व्यक्ति की जुबान फिसलने की खूब चर्चा हो रही है।
सेलिब्रिटी नशे के खिलाफ मुहिम में
बिलासपुर पुलिस ने नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ निजात अभियान छेड़ रखा है। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार अपनी पदस्थापना के बाद से ही दूसरे जिलों की तरह इस जिले में भी मुहिम शुरू कर दी। अब बड़ी कोशिश करके बिलासपुर पुलिस ने बॉलीवुड कलाकारों से संपर्क किया। अब एक वीडियो बिलासपुर पुलिस ने जारी किया है जिसमें राजपाल यादव, अरबाज खान, सुनील ग्रोवर, कैलाश खेर, प्रभु देवा, पीयूष मिश्रा, कविता कृष्णमूर्ति, वीरेंद्र सक्सेना, रोहिताश गौड़, परितोष त्रिपाठी, शहवर अली, यश अजय सिंह और भगवान तिवारी जैसे कलाकार बिलासपुर के नागरिकों से अपील कर रहे हैं कि वे पुलिस के निजात अभियान को सफल बनाएं। नशे को ना कहें, जिंदगी को हां कहें।
बॉलीवुड के मशहूर कलाकारों को निजात अभियान से जोडऩा और उनसे अपील करवाना इसलिए खास बात है क्योंकि नशे में लिप्त युवा उनसे प्रेरणा लेते हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड को नशे का ठिकाना बताने का अभियान चल निकला था। ये सेलिब्रिटी पर्दे पर किरदार निभाते हुए कई बार नशा करते हुए दिखाई देते हैं। इनकी अपील से यह तो लोगों को समझ में आया होगा कि असल जिंदगी में वे नशे के खिलाफ है।
सारा झगड़ा ही खत्म हो जाए
बिहार में चल रहे सामाजिक सर्वेक्षण में एक दिलचस्प मामला सामने आ गया है। इस सर्वेक्षण के दौरान जातियों की पहचान कोड के आधार पर की जाएगी। उदाहरण के लिए अगर ब्राह्मण एक सामाजिक इकाई है तो उसका जाति कोड 126 होगा। भूमिहार को 142, कायस्थ को जाति कोड 21 दिया गया है और इसी तरह से 215 कोड विभिन्न जातियों को आवंटित किए गए हैं। दिक्कत यहां आ रही है इसमें किन्नर (थर्ड जेंडर) को एक जाति मान लिया गया है। इसे जाति कोड 126 आवंटित किया गया है। तृतीय लिंग के लिए काम करने वाले एक संगठन दोस्ताना सफर की संस्थापक रेशमा प्रसाद ने इस पर कड़ी आपत्ति की है। उनका कहना है एक इंसान की शारीरिक संरचना उसकी जाति कैसे बन सकती है? फिर तो सभी को पुरुष जाति या स्त्री जाति के रूप में ही गिना जाना चाहिए। ब्राह्मण, कायस्थ, भूमिहार जाति के रूप में अलग-अलग गिना ही ना जाए।
बिहार में जाति आधारित जनगणना की मांग बहुत जोर पकड़ी हुई है। छत्तीसगढ़ जैसे कई और राज्यों में इसकी मांग उठने लगी है। पर यदि लिंग को ही जाति मान लें तो फिर राजनीति कैसे होगी? विरोधियों ने तो धर्म के नाम पर वोट मांग कर समीकरण बिगाड़ रखा है। मामला टेढ़ा है। देखते हैं बिहार सरकार इसके लिए क्या रास्ता निकलती है। और, जब वहां तृतीय लिंग को अधिकार मिल जाएंगे तो फिर दूसरे राज्यों में भी इसका असर देखने को मिलेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 8 अप्रैल। जरहाभाटा स्थित शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा 20 वर्षीय नेहा टंडन ने बीते बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 2 दिन बाद इस मामले का पता चला है।
मुंगेली जिले के पथरिया थाना क्षेत्र के गंगद्वारी की उक्त छात्रा बहन नीतू और भाई आकाश के साथ बिलासपुर के चंदेला नगर में अपने बड़े पिता के घर रहकर पढ़ाई करते थी।
पता चला है कि बुधवार की सुबह कॉलेज में वह परीक्षा दिलाने के दौरान नकल करते हुए पकड़ी गई थी। घर लौटने के बाद उसने किसी से बात नहीं की और दोपहर बाद कहीं चली गई। देर तक वापस घर नहीं आने पर छात्रा की बहन नीतू और भाई आकाश ने उसकी खोजबीन शुरू की। पता नहीं चलने पर उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। शुक्रवार को दोपहर में नेहा का सकरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत भरनी गांव में एक पेड़ पर फांसी से लटका हुआ शव मिला। सूचना मिलने पर पहुंची सकरी पुलिस ने पंचनामा की कार्रवाई की और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
सूचना मिलने के एक दिन बाद पुलिस ने तलाश शुरू की
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 8 अप्रैल। सीपत इलाके में जुआरियों को पुलिस ने दौड़ाया तो उनमें से तीन लोग लीलागर नदी के एनिकट में कूद गए। इनमें से एक की जान चली गई। घटना के तीन दिन बाद आज उसका शव बरामद किया गया है। इस घटना में स्थानीय पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है।
सीपत थाने के धौराकोना गांव में जुआ खेलने की शिकायत मिलने पर गुरुवार को शाम 4 बजे पुलिस ने वहां दबिश दी। एक फड़ पर जुआरियों को उन्होंने घेर लिया। इस दौरान पांच जुआरियों को उन्होंने हिरासत में ले लिया। इस बीच पुलिस के चंगुल से बचकर भागने लगे। पुलिस ने जब दौड़ाया तो जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा के तीन युवक कार्तिक, वीरेंद्र और समीद भाग निकले। पुलिस से बचने के लिए वे लीलागर नदी पर बने एनिकट में कूद गए। कार्तिक और वीरेंद्र थोड़ी देर बाद तैरकर बाहर निकल आए लेकिन समीद बाहर नहीं निकला। वह एनिकट में डूब गया था। इस पर घबराकर उन्होंने समीद के भाई अलीम कुरैशी को फोन किया। अलीम अपने परिचितों को लेकर एनिकट तक पहुंचा। साथ ही बलौदा तथा सीपत पुलिस को हादसे की जानकारी दी और डायल 112 में भी फोन किया। सूचना मिलने के बाद किसी भी जगह से पुलिस घटनास्थल तक नहीं पहुंची। अलीम और उसके साथियों ने देर रात तक उसकी तलाश करने की कोशिश की। शुक्रवार की सुबह वे फिर उन्होंने खोजबीन की कोशिश की, पर गोताखोर और बोट की व्यवस्था नहीं होने पर उन्होंने फिर पुलिस से मदद मांगी। इसके बाद दोपहर करीब एक बजे एसडीआरएफ की टीम ने एनिकट पहुंचकर तलाश शुरू की। समीद का कुछ पता नहीं चला। आज सुबह उसका शव एसडीआरएफ के गोताखोरों ने निकाल लिया है।
समीद के परिजनों का कहना है कि सूचना देने के बाद भी पुलिस अगले दिन पहुंची, जिससे समीद के बचने की उम्मीद खत्म हो गई थी। समीद की शादी हो चुकी है और उसके दो छोटी लड़कियां हैं।
नई दिल्ली, 8 अप्रैल । मानहानि केस में सूरत की अदालत के फ़ैसले के बाद लोकसभा की सदस्यता गंवाने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने अदानी मामले पर एक और ट्वीट किया है.
उन्होंने अपना वही सवाल एक बार फिर से दोहराया है कि "अदानी की कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये बेनामी पैसे किसके हैं?"
साथ ही उन्होंने सत्ता पक्ष की आलोचना करते हुए कहा है कि "सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज़ भटकाते हैं!"
राहुल गांधी ने इस ट्वीट के साथ एक ग्राफ़िक भी शेयर किया है जिसमें अंग्रेज़ी में अदानी लिखा है और उसके हर एक अल्फाबेट के साथ ग़ुलाम, सिंधिया, किरण, हिमंता और अनिल लिखा हुआ है.
माना जा रहा है कि ये कांग्रेस छोड़ बीजेपी में या उसके साथ जाने वाले ग़ुलाम नबी आज़ाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण कुमार रेड्डी, हिमंता बिल्व सरमा और अनिल एंटनी की ओर संकेत है.
ग़ुलाम नबी आज़ाद बीजेपी में शामिल तो नहीं हुए हैं लेकिन उनकी नवगठित राजनीतिक पार्टी को भारतीय जनता पार्टी के क़रीब बताया जा रहा है.
किरण कुमार रेड्डी और अनिल एंटनी (कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे) हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं. (bbc.com/hindi)