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बेंगलुरू, 4 अप्रैल। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) करीब 25 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है। पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष उस्मान गनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उस्मान गनी के मुताबिक चुनाव के मद्देनजर एआईएमआईएम, जनता दल (सेक्युलर) के साथ चुनावी गठबंधन करने पर भी विचार कर रही है।
एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ अब तक, हमने तीन उम्मीदवारों की घोषणा की है। हम चुनावी गठबंधन के लिए तैयार हैं। हम चुनाव जरूर लड़ेंगे। हमारा गठबंधन होगा या नहीं, इसे लेकर हमें इंतजार करना होगा।’’
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष गनी ने कहा कि पार्टी चुनावी गठबंधन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जद (एस) के साथ बातचीत कर रही है, लेकिन अब तक जद (एस) ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य में करीब 25 सीट पर चुनाव लड़ेगी।
कर्नाटक में 2018 के विधानसभा चुनावों में एआईएमआईएम ने जद (एस) का समर्थन किया था और कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया था।
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी से जब पूछा गया कि एआईएमआईएम किन पार्टियों के साथ गठबंधन के लिए तैयार है, तो उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस गठबंधन नहीं करना चाहती क्योंकि वे मुझ पर निराधार आरोप लगाते हैं। तो, हम देखते हैं। ’’
ओवैसी ने बसवराज बोम्मई सरकार के हाल ही में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण खत्म करने के फैसले को ‘पूरी तरह से अवैध’ करार दिया और इस पर रोष व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘ इसे लेकर विरोध प्रदर्शन क्यों नहीं हुए? तथाकथित धर्मनिरपेक्ष नेताओं और पार्टियों की तरफ से कड़े बयान क्यों नहीं आए? ’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 4 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर मीडिया पर फिर से हमला करने का आरोप लगाया है। इसके लिए भाजपा ने राहुल गांधी की उस तीखी प्रतिक्रिया का हवाला दिया जिसमें एक पत्रकार द्वारा सवाल पूछे जाने पर कांग्रेस नेता ने उसी से सवाल किया कि आप हमेशा वही क्यों कहते हैं जो भाजपा कह रही है?
यहां कांग्रेस मुख्यालय में प्रवेश कर रहे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष से भाजपा के इस आरोप के बारे में पूछा गया था कि उन्होंने मानहानि के एक मामले में सोमवार को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ सूरत की एक अदालत में अपील दायर करते समय बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को शामिल कर न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश की।
गांधी मीडिया के पास गए और पूछा, ‘‘आप हमेशा वही क्यों कहते हैं जो भाजपा कह रही है? हर बार आप वही कहते हैं जो भाजपा कह रही होती है।’’
गांधी ने अपने आरोपों को दोहराते हुए कहा, ‘‘एक बहुत ही सरल बात है। अडाणी जी की मुखौटा कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये का मालिक कौन है? यह 'बेनामी' है। इसका मालिक कौन है?’’
बाद में एक ट्वीट में गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया और पूछा कि वह ‘भयभीत’ क्यों हैं?
राहुल गांधी पर पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा कि ‘देश के पिछड़े वर्गों और मीडिया का अपमान करना राहुल गांधी की मानसिकता है’। सत्ताधारी भाजपा ने उन्हें ‘अहंकारी वंशवादी’ भी करार दिया।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने कहा कि राहुल गांधी ने आज फिर से लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर कुठाराघात किया है।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘देश के पिछड़े वर्ग का अपमान, मीडिया का अपमान- यही राहुल गांधी की मानसिकता है। ऐसा कर राहुल गांधी अपनी दादी के ही पदचिह्नों पर चलते हुए देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर लगातार हमला करने का दुस्साहस कर रहे हैं।’’
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘‘राहुल अहंकारी वंशवादी हैं।’’
हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक पत्रकार को फटकार लगाने के बाद राहुल गांधी की आलोचना हुई थी।
‘मोदी उपनाम’ वाले उनके बयान से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का अपमान करने के भाजपा के आरोप के बारे में गांधी से सवाल पूछा गया था।
यह उल्लेख करते हुए कि सम्मेलन में उनसे दो बार सवाल पूछा जा चुका है, राहुल गांधी ने संवाददाता पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया था और उनसे पत्रकार होने का ‘दिखावा’ नहीं करने को कहा था। (भाषा)
शाहजहांपुर (उप्र), 4 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में घटित एक अजीबोगरीब घटना में कथित रूप से तंत्र-मंत्र के फेर में एक परिवार के आठ सदस्यों ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अर्द्धमूर्छित पड़ी युवतियों और अन्य लोगों को घर से निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया है।
पुलिस अधीक्षक एस. आनंद ने मंगलवार को बताया कि तिलहर थाना क्षेत्र के बहादुरगंज में रहने वाले बनारसी नामक व्यक्ति का आठ लोगों का परिवार रहता है। पड़ोसियों के मुताबिक करीब एक हफ्ते पहले उन सभी ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था और इस दौरान वे कुछ खा-पी भी नहीं रहे थे।
उन्होंने बताया कि पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस ने आज मौके पर पहुंचकर दरवाजा खोला तो एक युवती पूजा पाठ कर रही थी जबकि बाकी लोग पास में ही अर्द्धमूर्छित अवस्था में पड़े थे।
बहरहाल, पुलिस ने कमरे से प्रीति, शीतल, अंजनी, सुजाता, कामिनी, संजय, आकाश और प्रकाश को घर से निकाल कर मेडिकल कॉलेज में भेजा है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ऐसी आशंका है कि तंत्र-मंत्र के फेर में यह घटना हुई है। बहरहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है। (भाषा)
रायपुर, 4 अप्रैल। आई जी अजय यादव की फटकार के एक दिन बाद मंदिर हसौद पुलिस ने एचपी ऑयल डिपो से डीजल चुराने वाले दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आई जी ने कल टी आई से कहा था कि पुलिस की मिलीभगत से चोरी की जा रही है । यह बात चोरों ने ही कहा है। अब देखना होगा कि यह धर पकड़ कब तक जारी रहेगी।
मंगलवार को थाना मंदिर हसौद क्षेत्रांतर्गत ग्राम नकटा स्थित एफ.सी.आई. गेट के सामने 02 व्यक्ति अवैध रूप से जेरिकेन में अत्यधिक मात्रा में ज्वलनशील पदार्थ डीजल रखे है। मौके पर जाकर मुखबीर के बताये हुलिए के व्यक्तियों को पकड़कर पूछताछ में व्यक्ति ने अपना नाम अमित सिंह इंदिरा कालोनी एवं शिव सेन आदर्श नगर मंदिर हसौद का होना बताया। उनके पास रखे जेरिकेन में डीजल था।
कड़ाई से पूछताछ करने पर दोनों ने डीजल टैंकर वाहनों से अवैध रूप डीजल निकालना बताया । दोनो को गिरफ्तार कर उनसे 70 लीटर ज डीजल जुमला कीमत लगभग 6860 रूपये जप्त कर धारा 285 भादवि. के तहत कार्यवाही की गयी।
गिरफ्तार आरोपी
01. अमित सिंह पिता स्व. सत्येन्द्र सिंह उम्र 31 साल निवासी इंदिरा कालौनी थाना मंदिर हसौद जिला रायपुर।
02. शिव सेन पिता कुलेश्वर सेन उम्र 33 साल निवासी आदर्श नगर नकटा थाना मंदिर हसौद जिला रायपुर।
रायपुर, 4 अप्रैल। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को गोधन न्याय योजना के पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 32 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे। इसमें 16 मार्च से 31 मार्च तक खरीदे गए 1 लाख 45 हजार क्विंटल गोबर के एवज में 2 करोड़ 91 लाख रूपए का भुगतान किए जाने के साथ ही गौठान समितियों को 1.43 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 98 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल है।
गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में 5 हजार 213 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। स्वावलंबी गौठान दोनों की व्यवस्था के साथ-साथ गोबर खरीदी के मामले में बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभाने लगे हैं। इन गौठानों ने मार्च माह के दूसरे पखवाड़े में स्वयं की पूंजी से 01 करोड़ 67 लाख का गोबर खरीद है, जिसके भुगतान सहित कृषि विभाग द्वारा एक करोड़ 24 लाख रूपए का भुगतान गोबर विक्रेता पशुपालकों को किया जाएगा। अब तक स्वावलंबी गौठान द्वारा 49 करोड़ 21 लाख रूपए गोबर खरीदी स्वयं की जमा पूंजी से की गई है।
रायपुर, 4 अप्रैल। यूको बैंक एम्प्लाइज यूनियन का चतुर्थ अधिवेशन रविवार को हुआ। अध्यक्ष स्वागत समिति सीपी व्यास छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल एवं कोऑपरेटिव सेक्टर के बैंकिंग की जानकारी दी।
ऑल इंडिया महासचिव सीएम पटेल ने फेडरेशन की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। श्रीमती लकी नायक उप महाप्रबंधक ने यूको बैंक की छत्तीसगढ़ की गतिविधियों,मार्च 2023 के आंकड़ों के बारे में जानकारी दी।
पश्चात कामरेड लल्लू लाल जैन चेयरमैन यूको बैंक एम्प्लाइज यूनियन एमपी ने छत्तीसगढ़ यूनिट के अलग होने की जानकारी देते हुए दोनों इकाई ऑल इंडिया यूको बैंक एम्पलाइज फेडरेशन एवं आईबी के सारे कार्यक्रमों को सफल बनाने में लगे हुए हैं । पश्चात एस.के. मुखर्जी संयोजक यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन ने छत्तीसगढ़ में सारे कार्यक्रमों में यूनियन की अग्रणी भूमिका की प्रशंसा की। पश्चात राजेंद्र सिंह गिल ने छत्तीसगढ़ में यूनियन के एकजुट होकर सारे कार्यक्रमों में सफलतापूर्वक भाग लेने बधाई दी। वी.के. निमानी ने अधिवेशन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।
डायरेक्टर यूको बैंक बोर्ड रवि अग्रवाल ने हर क्षेत्र में प्रगति होने की खुशखबरी देते हुए सभी को बधाई दी ।
ऑल इंडिया यूको बैंक एम्प्लाइज फेडरेशन के 60 वर्ष पूर्ण होने पर छत्तीसगढ़ यूनियन ने भी नेशनल ब्लाइंड एसोसिएशन की रायपुर शाखा को दो लैपटॉप भेंट किए। डॉक्टर राकेश कामरान ने अपने ब्लाइंड एसोसिएशन के बारे में बताया कि आज की तारीख में 114 लड़कियों की संस्था लालन पालन कर रही है और यह जो दो लैपटॉप प्राप्त हुए हैं वह लड़कियों की शिक्षा एवं ज्ञान के विकास में भागीदार बनेंगे। के. विजयन ने सभी से आह्वान किया कि आने वाले समय में सरकार की सार्वजनिक बैंकों के विलय एवं निजीकरण की नीतियों के विरोध में लड़ाई के लिए तैयार रहें।
अशोक नागराले ने धन्यवाद ज्ञापित किया। द्वितीय सत्र में प्रतिनिधि सभा (डेलीगेट सेशन )में यूनियन छत्तीसगढ़ के महासचिव शिरीष नलगुंडवार ने अपने साथियों के समक्ष महासचिव प्रतिवेदन रखा।
इसके पश्चात अगले 3 वर्ष के लिए नई कार्यकारिणी का गठन करते हुए नलगुंडवार पुनः महासचिव निर्वाचित किया गया। डी.नरेश कुमार को अध्यक्ष ,अशोक नगराले को चेयरमैन , सुधीर मिश्रा को डिप्टी चेयरमैन, एन.एस. सोनी, फैजान अख्तर, अवधेश सिंह, सुशील केरकेट्टा को उपाध्यक्ष एवं रोमन जीत साहू को उप महासचिव एवं शंकर बांदे को कोषाध्यक्ष, श्याम यादव को संगठन सचिव के रूप में चुना गया। कन्हैया शर्मा को ऑफिस सेक्रेटरी के रूप में चुना गया । इसके साथ ही 7 सचिवों का भी चुनाव किया गया। महिला संगठन के संयोजक के पद पर श्रीमती कंचन साहू की नियुक्ति की गई उनके साथ महिला साथियों का भी चयन किया गया। एक कार्य समिति सदस्यों का चयन किया गया।
रायपुर, 4 अप्रैल। शहर से होकर गुजरने वाले रिंग रोड के सर्विस रोड में पार्क किए गए भारी मालवाहक ट्रकों पर ट्रैफिक पुलिस ने कार्रवाई की ।टीआई आजाद चौक,आमानाका एवम् थाना प्रभारी यातायात टाटीबंध ने अपने दल बल के साथ रिंग रोड मे नो पार्किंग में खड़े 16 भारी मालवाहक वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही की।इनमें 13 वाहनों के विरुद्ध मोटर यान अधिनियम एवं 03 वाहनों पर थाना आमानाका में भादवि की धारा 283 के तहत एफ. आई.आर. दर्ज किया गया।
बता दे कि रिंग रोड मे नो पार्किंग में खड़ी माल वाहक वाहनों के विरुद्ध रायपुर पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाकर कार्यवाही की जाती है । बीते तीन माह जनवरी से मार्च तक नो पार्किंग में खड़ी होने वाले 338 भारी मालवाहकों के विरुद्ध चालानी कार्यवाही की जा चुकी है।किंतु अभी भी कुछ वाहन चालकों द्वारा बार-बार लापरवाही पूर्वक सर्विस रोड में नो पार्किंग पर वाहन खड़ी कर दिया जाता है जिसके कारण न रिंग रोड की यातायात व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न होता है। ऐसे वाहन चालकों के विरुद्ध धारा 283 के तहत कार्यवाही की गई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 अप्रैल। कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह का रामानुजगंज में मंगलवार को जिला सहकारी बैंक के कर्मचारी के साथ कथित तौर मारपीट का वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो के सत्यता की पुष्टि होना बाकी है।
रायपुर, 4 अप्रैल। दो साल पहले नाबालिग बच्ची को नागपुर भगा ले जाने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरंग पुलिस के अनुसार किशन निषाद उम्र 21 वर्ष ,एक नाबालिग को दो वर्ष पूर्व बहला फुसलाकर मोटर सायकल से नागपुर ले गया।जहांं वह इशपुर के ईट भठे में काम करता था । बालिका को अपनी पत्नी बना कर शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण करता रहा l जिसकी पता साजी लगातार की जा रही थी। इसी दौरान सायबर सेल से मिली जानकारी पर पुलिस टीम भेज कर आरोपी को पकड़ा और उसके कब्जे से बालिका को बरामद किया। आरोपी किशन निषाद को कार्यवाहीआज कोर्ट में पेश किया गया।
दुनिया में लोगों को ज्ञान और समझ के बीच का फर्क आमतौर पर मालूम नहीं होता। जो जानकारी से लबालब है, उसे समझदार मान लिया जाता है। जबकि यह भी हो सकता है कि किसी ने केबीसी या सामान्य ज्ञान के इम्तिहान के लिए तैयारी की हो, और इतिहास से लेकर विज्ञान तक, क्रिकेट से लेकर अंतरिक्ष तक सब कुछ पढ़ डाला हो जिससे ज्ञान तो बहुत मिल गया हो, लेकिन समझ जरूरी नहीं है कि कुछ भी मिली हो। जिन लोगों को हिन्दी के शब्दों से ठीक से समझ न आ रहा हो, उनके लिए यह बताना ठीक होगा कि नॉलेज जरूरी नहीं है कि विज्डम भी लेकर आए। जिन लोगों ने हिरोशिमा-नागासाकी पर गिराया गया परमाणु बम बनाया था, उनका ज्ञान बहुत था, लेकिन उनके पास यह समझ नहीं थी कि ऐसी तकनीक विकसित करने से बेदिमाग और बद्दिमाग नेताओं के हाथ किस तरह की बेहिसाब ताकत लग जाएगी, और उससे कितनी तबाही हो सकेगी। ये लोग अपनी तकनीकी कामयाबी पर आत्ममुग्ध थे, और किसी ने नहीं सोचा कि इससे दुनिया का विकास नहीं होने जा रहा, विनाश होने जा रहा है।
कुछ-कुछ ऐसा ही कई बार चिकित्सा विज्ञान के साथ भी लगता है। डॉक्टरों ने ऐसी दवाईयां और तकनीक हासिल कर ली हैं कि पहले जिन बीमारियों से जल्दी मौत हो जाती थी, उन पर पार पाया जाता है, और लोग लंबी जिंदगी जीते हैं। बुढ़ापे के बरस बड़े लंबे हो चल रहे हैं। दुनिया के अधिकतर देशों में औसत आबादी बढ़ती चल रही है। और जो तबका इलाज का खर्च उठा सकता है, वह तबका महंगे से महंगा, और आधुनिक इलाज पाकर जिंदगी को लंबा करते चल रहा है। फिर वह लंबाई जरूरी नहीं है कि एक बेहतर जिंदगी भी हो, और बेहतर भी क्यों कहें, अच्छी जिंदगी भी हो। जिंदगी कैसी है, यह बात डॉक्टरी कामयाबी को उतना तय नहीं करती है जितना यह बात करती है कि जिंदगी कितनी लंबी खींची जा सकती है। हम बीच-बीच में ऐसी खबरें पढ़ते हैं कि कुछ लोगों को बरसों तक वेंटिलेटर पर रखा गया, और फिर वे होश में आए बिना ही गुजर गए। बरसों पहले का बेहोश होने के पहले का वह आखिरी दिन उनकी याद में रहा होगा, और वे मशीनों से चल रही सांसों और धडक़न के बावजूद उस याद को दुबारा नहीं सोच पाए होंगे। इन दिनों यह भी लगातार सुनाई पड़ता है कि उम्र के साथ-साथ लोगों को होने वाली कई किस्म की दिमाग से जुड़ी हुई बीमारियां होने लगी हैं, वे सब कुछ भूलने लगे हैं, उनका काबू अपने बदन पर नहीं रह जाता है, और वे खराब हालत में लंबी जिंदगी जीते रह जाते हैं। अब चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान और तकनीक से आगे बढ़ा हुआ एक ऐसा विज्ञान है जिसकी अपनी कोई सोच नहीं है, उसकी इलाज की या जिंदगी को ढोने की एक ताकत है, जिसका इस्तेमाल डॉक्टरों को अपनी समझ से करना होता है। और यह समझ लोगों को अपने पेशे की तकनीकी और वैज्ञानिक कामयाबी पर टिके रहने को मजबूर करती है। उनकी समझ यह नहीं सुझा पाती कि बाहरी मदद से किसी बदन को कितना ढोया जाए, किस लागत पर ढोया जाए, और क्या उतनी क्षमता से और कई लोगों को जिंदा रहने में, बेहतर जिंदगी में मदद की जा सकती थी?
लोगों को याद होगा कि किस तरह जब योरप में इटली कोरोना का शिकार हुआ, और अंधाधुंध मामले सामने आने लगे, तो बहुत से अस्पतालों ने यह तय कर लिया कि वेंटिलेटर जैसी सीमित सुविधाओं से उन्हीं जिंदगियों को पहले बचाया जाए जिनकी लंबी जिंदगी बाकी है। कोरोना से तो वे लोग भी संक्रमित थे जो कि बहुत बूढ़े थे, जो कोरोना के पहले भी बहुत बुरी तरह मेडिकल-मदद पर चल रहे थे, और कोरोना के बाद जिनकी जिंदगी बहुत लंबी न होने के आसार थे, उन लोगों पर वेंटिलेटर खर्च नहीं किया गया। बहुत से लोगों को यह बात अमानवीय लग सकती है, कि एक मरीज को बचाया जा सकता था, लेकिन उसे वेंटिलेटर नहीं लगाया गया। लेकिन जिंदगी की हकीकत को देखते हुए समझदारी यही थी कि सीमित वेंटिलेटर से पहले उन्हीं को बचाया जाए जिनके सामने लंबी और सेहतमंद जिंदगी बाकी है, और इटली में डॉक्टरों ने यही किया। दुनिया भर में इक्का-दुक्का ऐसे भी लोग मिले जो बहुत बुजुर्ग हो चुके थे, और उन्होंने खुद होकर वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की दौड़ में अपने लोगों को नहीं झोंका, और चैन से गुजर गए।
बहुत से लोग जिनकी संपन्नता इतनी रहती है कि वे कोई भी इलाज खरीद सकते हैं, लेकिन वे अपने लोगों को यह बता चुके रहते हैं कि नौबत आने पर उन्हें कृत्रिम जीवनरक्षक मशीनें न लगाई जाएं क्योंकि उन्हें लगाने का कोई अंत नहीं है, वे मशीनें लोगों को बरसों तक जिंदा रख सकती हैं, बिना होश रहे। इसलिए उससे बेहतर नौबत गुजर जाना है, ताकि परिवार के बाकी लोगों की जिंदगी तबाह न हो। चिकित्सा विज्ञान एक विज्ञान के रूप में बहुत कामयाब है, लेकिन यह सवाल अलग है कि क्या वह समझदारी में भी उतना कामयाब है? या कि अपनी रिसर्च, अपनी बनाई दवा और मशीनें, अपनी बनाई जांच की तकनीक को तौलते हुए वह लोगों को अंतहीन जिंदा रखने में लगे रहता है? वैज्ञानिक नजरिए से तो यह बात समझदारी की लगती है, लेकिन जब दुनिया में बहुत सीमित चिकित्सा सुविधा को देखें, तो लगता है कि क्या चुनिंदा ताकतवर लोग इनका इतना अधिक इस्तेमाल करते रहें कि बहुत से दूसरे जरूरतमंद लोगों को ये हासिल ही न हो सके? यहां पर आकर मरीजों और डॉक्टरों, और मरीजों के परिजनों की भी समझदारी का सवाल उठ खड़ा होता है कि क्या एक बेबस और अपाहिज सरीखी बहुत लंबी जिंदगी को खींचते चले जाना समझदारी है? यह विज्ञान के हिसाब से मुमकिन है, लेकिन समझ के हिसाब से नाजायज है। इस फर्क को समझने की जरूरत है। ज्ञान हमेशा समझ नहीं होता, और समझ की परख नाजुक मौकों पर होती है, उन मौकों पर लोग अपने खुद के बारे में कोई फैसला करने की हालत मेें नहीं रहते, दूसरों को ही वैसे फैसले लेने पड़ते हैं। इसलिए लोगों को वक्त रहते हुए, अपने इलाज, अपनी सेहत, अपने बदन के अंगदान, देहदान जैसे फैसले कर लेने की समझदारी दिखानी चाहिए। (क्लिक करें : सुनील कुमार के ब्लॉग का हॉट लिंक)
एक्टिव केस और बढ़ेंगे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी/बिलासपुर/रायपुर, 4 अप्रैल। प्रदेश में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। अब तक डेढ़ सौ से अधिक एक्टिव केस आ गए हैं। ज्यादातर कोरोना पीडि़त ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित हैं। साथ ही साथ यूके और डेल्टा वेरिएंट की भी पुष्टि हुई है।
डायरेक्टर (महामारी) डॉ. सुभाष मिश्रा ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि मौसम के बदलाव की वजह से कोरोना पीडि़तों की संख्या बढ़ी है। आने वाले दिनों में तेजी आ सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादातर पीडि़तों में ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि हुई है। इसके अलावा अन्य वेरिएंट का भी पता चला है, लेकिन कोई गंभीर नहीं है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि विशेषकर गंभीर रूप से बीमार मरीजों को सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना के अनुरूप व्यवहार पर अमल करना जरूरी है।
बताया गया कि प्रदेश में कोरोना पीडि़तों की कुल संख्या 155 तक पहुंच गई है। रायपुर में कोरोना के सर्वाधिक 53 एक्टिव केस आए हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के कोरोना पीडि़तों में सबसे ज्यादा ओमिक्रॉन बी 1.6, ओमिक्रॉन बी ए .75, ओमिक्रॉन बी 1.5 से संक्रमित हुए हैं। इसके अलावा यूके, डेल्टा, और कापा वेरिएंट मिलने की भी पुष्टि हुई है।
प्रदेश में कोरोना पॉजेटिविटी रेट 4.14 रही थी। कोरोना से जुड़ी एक बड़ी खबर धमतरी से आयी है, जहां एक साथ 19 छात्राएं कोरोना संक्रमित मिली है। एक साथ स्कूली छात्राओं की इतनी बड़ी संख्या में संक्रमित मिलने के बाद हडक़ंप मच गया है। इधर कोरोना के मद्देनजर अब स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। हालांकि पहले एक साथ 11 छात्राएं पॉजेटिव मिली थी, लेकिन बाद में 8 छात्राएं और भी संक्रमित मिलीज्अब कुल संक्रमित छात्राओं की संख्या 19 हो गयी है।
धमतरी में 19 स्कूली बच्ची के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कांटेक्ट ट्रेसिंग भी शुरू कर दी है। मामला नगरी कन्या छात्रावास का बताया जा रहा है। जहाँ की छात्रा सर्दी,खांसी की शिकायत होने पर सिविल अस्पताल नगरी में टेस्टिंग के लिये गये थे। जहाँ एंटीजन टेस्ट करने के बाद 19 छात्राएं कोरोना पाजिटिव मिली है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम कन्या छात्रावास में अन्य छात्राओं का टेस्ट कर रही है। इस मामले में नगरी बीएमओ डॉ.डी.आर.ठाकुर ने बताया कि कन्या छात्रावास नगरी के छात्राएं सर्दी खांसी के शिकायत के बाद अस्पताल चेकअप के लिए आये थे। जहाँ कोरोना एंटीजन टेस्ट करने पर 19 छात्राओं का रिपोर्ट पाजिटिव आयी है। सभी की स्थिति समान्य है। जिन्हें ऐहितियातन तौर पर अलग से रखा गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम छात्रावास पहुंचकर अन्य लोगों की टेस्टिंग कर रही है।
बिलासपुर में कोरोना से 15 दिन में दूसरी मौत
निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कोरोनावायरस से संक्रमित 48 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए तहसीलदार की उपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार गांव में किया गया। एक पखवाड़े के भीतर यह दूसरी मौत है।
रतनपुर के समीप पोड़ी निवासी इस व्यक्ति को निजी अस्पताल में सिकल सेल के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। इसका कोविड टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जानकारी मिली है कि मृतक ने वैक्सीन के दोनों डोज के अलावा बूस्टर डोज भी लगवाया था। 15 दिन पहले व्यापार विहार की 43 वर्षीय महिला का भी निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उसके बेटे की जांच में भी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। पिछले एक सप्ताह के भीतर जिले में 28 संक्रमित हो चुके हैं।
मामले बढऩे के चलते टेस्ट कराने के लिए लोग सिम्स पहुंच रहे हैं। हालांकि अभी 300 से 400 लोगों का ही परीक्षण रोजाना किया जा रहा है। सभी का इलाज होम आइसोलेशन में किया जा रहा है। उनके स्वास्थ्य की निगरानी भी की जा रही है। स्वास्थ विभाग के अनुसार अधिकांश संक्रमित लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री है। अधिकारियों का कहना है कि अभी कम्युनिटी स्प्रेड की स्थिति नहीं है। पॉजिटिव मामलों का प्रतिशत बढऩे पर टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाएगी।
हुगली, 4 अप्रैल । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस हुगली के हिंसा प्रभावित इलाके रिसड़ा पहुंचे हैं. यहां उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की और हालात का जायज़ा लिया.
बोस ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "ठोस कार्रवाई होगी. हम कभी भी उपद्रवियों को क़ानून हाथ में नहीं लेने देंगे. पुलिस उन पर भारी पड़ेगी. बंगाल लंबे समय से हिंसा से पीड़ित है, हम इसे अंतिम रूप देंगे."
बोस दार्जिलिंग जी20 की बैठक के लिए गए थे, जहां से सीधे वो मंगलवार को हुगली पहुंचे.
रविवार को रामनवमी के जुलूस पर कथित पथराव के बाद हिंसा और आगज़नी हुई थी.
सोमवार देर रात भी उपद्रव हुआ और बम फेंके गए. असामाजिक तत्वों के उपद्रव के कारण सोमवार रात तीन घंटे से भी ज़्यादा समय तक रेल सेवाएं ठप रहीं.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “सोमवार रात को रिसड़ा स्टेशन के बाद एक बार फिर उपद्रव शुरू हो गया. वहां असामाजिक तत्व बम फेंकने लगे. इससे आम लोगों में भारी आतंक फैल गया. बाद में मौक़े पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. इस बवाल के कारण हावड़ा से अप और डाउन लाइनों में ट्रेनों की आवाजाही ठप हो गई.”
रिसड़ा स्टेशन पर ट्रेन में फंसे यात्रियों ने बीबीसी को बताया कि उन लोगों ने डर के मारे कोच के दरवाजे और खिड़कियां भीतर से बंद कर लिये थे.
सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने हावड़ा, हुगली और उत्तर दिनाजपुर ज़िले में हाल में हुई हिंसा पर राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
हाई कोर्ट ने मांगी राज्य सरकार से रिपोर्ट
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सरकार को यह रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज बुधवार तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है.
अदालत ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाया और पुलिस और अदालत को इस बात का ध्यान रखने को कहा है कि ऐसी घटना दोबारा ना हो और आम लोगों को कोई नुकसान ना पहुंचे.
हावड़ा की हिंसा के बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने की मांग की थी.
दूसरी ओर, भाजपा ने इस हमले के विरोध में राज्य के विभिन्न इलाक़ों में विरोध प्रदर्शन किया है.
बीजेपी की शोभायात्रा पर कथित पथराव के बाद रविवार शाम हिंसा और आगज़नी हुई थी. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 4 अप्रैल । अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने उन चार अंतरिक्ष यात्रियों का नाम जारी किया है, जो 50 साल बाद चांद पर जाएंगे.
क्रिस्टीना कोच चांद पर जाने के लिए तय की गई टीम में शामिल होने वाली पहली महिला हैं. वहीं इस टीम में विक्टर ग्लोवर को शामिल किया गया है, जो चांद मिशन में शामिल होने वाले पहले काले अंतरिक्ष यात्री होंगे.
वे अगले साल के अंत में या 2025 की शुरुआत में रीड वाइज़मैन और जेरेमी हैनसेन के साथ चांद के चारों ओर एक कैप्सूल उड़ाने के मिशन में शामिल होंगे.
ये अंतरिक्ष यात्री चांद पर नहीं उतरेंगे, लेकिन उनका मिशन चांद पर लैंडिंग करने वालों के लिए आगे का रास्ता तैयार करेगा.
ह्यूस्टन, टेक्सस में हुए एक समारोह में तीन अमेरिकी नागरिकों और एक कनाडा के नागरिक को सार्वजनिक किया गया.
महिला और काले शख़्स को टीम में शामिल कर नासा ने विविधता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाया है. इससे पहले इस मिशन में सभी सदस्य गोरे आदमी थे. (bbc.com/hindi)
ईडी का अंदाज
हाल के ईडी के शराब कारोबारी, अफसरों, और उद्योगपतियों पर रेड से जुड़े कई किस्से छनकर निकल रहे हैं। रेड से जुड़े कई लोग बताते हैं कि रायपुर, और आसपास के इलाकों से करीब 90 गाडिय़ां किराए पर ली गई थी।
गाड़ी में बैठने के बाद सभी अफसरों को सीलबंद लिफाफा दिया गया। फिर ड्राइवरों को बताया गया कि गाड़ी कहां जाएगी। इसके बाद सीआरपीएफ के अमले के साथ अलग-अलग जगहों के लिए गाडिय़ां रवाना हुई। गंतव्य स्थान पहुंचने से पहले गाड़ी में बैठने वाले शख्स ने लिफाफा खोला, और फिर ड्राइवर से नाम और एड्रेस गूगल मैप पर लोड कराया। गूगल मैप के सहारे उसी जगह पहुंचे, जहां रेड होना था।
ईडी अफसरों ने फिर कालबेल बजाया, और फिर दरवाजा खुलते ही सर्च वारंट दिखाकर जांच-पड़ताल की कार्रवाई शुरू की। मेयर एजाज ढेबर ने तो बिना सर्च वारंट दिखाए जांच में सहयोग नहीं देने पर अड़े रहे। उनके नाम का सर्च वारंट दिखाया, लेकिन चर्चा है कि बिना सर्च वारंट के उनके भाई अनवर के यहां रेड की गई। अब ईडी ने रेड का कोई ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया है। देखना है आगे क्या होता है।
अधिक चौकन्नेपन में
ईडी की रेड की जानकारी तमाम प्रमुख लोगों को थी। हमने इसी कॉलम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद ईडी के संभावित रेड की खबर प्रकाशित की थी। जिनके यहां रेड डली, उनमें से ज्यादातर तो पहले से ही रेडी थे।
सीमावर्ती इलाकों में पुलिस भी चौकस थी। अनजान गाडिय़ों पर पैनी निगाह रखे हुए थी। बताते हैं कि नक्सल इलाकों में काम करने वाले एक ख़ुफिय़ा विभाग के एक मामूली कर्मचारी को ही पुलिस ने गलतफहमी में धर दिया था। बाद में टीआई, और अन्य अफसर पहुंचे, तो वो उन्हें पहचान गए, और फिर छोड़ दिया।
कुछ समय पहले इसी जिले में रेड हुई थी, तब पुलिस को कानोकान भनक नहीं लगी थी। जबकि ईडी का भारी भरकम अमला आसपास ही मौजूद था। इसको लेकर काफी किरकिरी भी हुई थी, लेकिन इसके बाद से विशेषकर सीमावर्ती जिलों के पुलिस अफसर-कर्मी काफी चौकस रहने लगे।
भाजपा में इतना सन्नाटा क्यों था?
प्रदेश में ताबड़तोड़ ईडी के रेड डले, लेकिन भाजपा के लोगों ने राजनीतिक लाभ लेने के बजाए चुप्पी साध ली थी। सीएम, और कांग्रेस के छोटे-बड़े नेता ईडी-मोदी सरकार पर जुबानी हमला करते रहे, लेकिन दो दिन तक भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। चर्चा है कि भाजपा हाईकमान की नाराजगी के बाद पार्टी में हलचल हुई, और पहले अरुण साव, फिर ओपी चौधरी, और पूर्व सीएम रमन सिंह व बृजमोहन अग्रवाल ने कार्रवाई के समर्थन में बयान जारी किए।
भाजपा नेताओं की चुप्पी के पीछे एक बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि ईडी ने कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, और कोर कमेटी के सदस्य गौरीशंकर अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल के दफ्तर में भी दबिश दी थी, और उनसे बयान भी लिए। नितिन को कसडोल सीट से भाजपा के संभावित उम्मीदवार के रूप में भी देखा जाता है। ऐसे में उनके यहां छापेमारी से भाजपाइयों को सांप सूंघ गया था। प्रदेश में ईडी के तकरीबन 50 छापे पड़ चुके हैं, लेकिन पहली बार किसी भाजपाई के परिवार वाले के यहां छापा डला। अब आगे क्या होता है, यह देखना है।
प्लास्टिक फेंका तो जुर्माना
सार्वजनिक स्थानों पर विशेषकर पर्यटन स्थलों पर थूकने, प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं करने के स्लोगन लगाए जाते हैं पर लोगों पर असर नहीं होता। असर तब होता है जब उन पर जुर्माना लगाने का बंदोबस्त ठीक तरीके से हो। भारतीय रेलवे ने भी थूकने, प्लास्टिक बोतलें और खाने-पीने के खाली पैकेट इधर-उधर फेंकने पर जुर्माने का प्रावधान रखा है। पर बहुत कम कार्रवाई होती है। थूकने, गंदगी फैलाने पर चुस्त निगरानी के लिए उसने कोई सिस्टम नहीं बनाया है। वैसे अब तो रेलवे खुद गंदगी को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है। आए दिन सोशल मीडिया पर बोगियों में फैली गंदगी की तस्वीरें यात्री डालते रहते हैं। कोरोना के बाद से रेलवे ने बड़ी संख्या में साफ-सफाई के अनुबंध खत्म कर दिए हैं। प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को उन्होंने वंदेभारत जैसी ट्रेनों को चलाने के नाम पर हाशिये पर रख दिया। वैसे दिल्ली और कुछ दूसरे मेट्रो स्टेशन साफ-सुथरे दिखते हैं। वहां थूकने या गंदगी फैलाने पर 500 रुपये तक जुर्माना है जो जगह-जगह दीवारों पर लिखकर बताया भी गया है। सीसी कैमरों से निगरानी भी होती है। इधर, भुवनेश्वर के जुलोजिकल पार्क प्रबंधन ने जो काम किया है वह एक बेहतर तरीका है। यहां भीतर जाते समय यदि आप प्लास्टिक की पानी बोतल या कोई दूसरा सामान लेकर जाते हैं तो आपको 50 रुपये की एक रसीद कटवानी पड़ेगी। इसे आपके बोतल में चिपका दिया जाएगा। जब आप वापस लौटेंगे तो बोतल वापस करके अपने 50 रुपये वापस ले सकते हैं। पानी पीकर बोतल गार्डन के भीतर फेंक दिया तो सीधे 50 रुपये का नुकसान। इसका परिणाम यह है कि जुलोजिकल पार्क साफ-सुथरा दिखाई देता है। वहां प्लास्टिक कचरा नहीं दिखता। वन और पर्यटन विभाग के अफसरों को अपने यहां भी सीख लेनी चाहिए।
सर्वे में भाजपा की उछाल..
2023 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार बनेगी इस पर मीडिया ने काम शुरू कर दिया है। एबीपी न्यूज ने मेट्राइज की ओर से सर्वे कराया है जिसमें दावा किया गया है कि कांग्रेस को 44 फीसदी और भाजपा को 43 फीसदी वोट मिलेंगे। 13 फीसदी वोट दूसरी पार्टियों में चले जाएंगे। अनुमान लगाया गया है कि कांग्रेस को 47 से 52 तो भाजपा को 34 से 39 सीटें मिलेंगीं। सीटों की संख्या एक से 5 तक कम ज्यादा हो सकती है। सर्वे में यह भी पूछा गया कि मोदी फैक्टर का विधानसभा चुनाव में असर होगा या नहीं? जवाब में 38 फीसदी ने कहा बहुत असर होगा, 39 फीसदी ने कहा खास असर नहीं होगा और 23 फीसदी ने कहा थोड़ा बहुत होगा।
यह सर्वे चुनाव की डुगडुगी बजने के 9 महीने पहले किया गया है। इस पर यकीन करें तो 2018 के मुकाबले भाजपा के वोटों में सीधे 10.2 प्रतिशत का उछाल आना है। उसे तब 32.8 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस को 43 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार कांग्रेस को 44 प्रतिशत वोट मिलेंगे। यानि मतदाताओं को कांग्रेस का समर्थन पिछली बार से अधिक रहेगा लेकिन भाजपा के वोटों में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के कारण कांग्रेस की सीटें पिछली बार से कम हो जाएगी।
कुछ और पीछे जाकर कांग्रेस भाजपा के बीच मुकाबला कैसा रहा है देखें। सन् 2003 के चुनाव में भाजपा 39.26 और कांग्रेस 36.71 प्रतिशत- अंतर 2.55 प्रतिशत का। सन् 2008 में भाजपा 40.33 प्रतिशत, कांग्रेस 38.63 प्रतिशत- अंतर रहा 1.7 प्र्तिशत का। सन् 2013 में भाजपा को 41.04 प्रतिशत और कांग्रेस को 38.63 प्रतिशत वोट-अंतर 2.41 प्रतिशत का। सन् 2018 में भाजपा को 32.8 प्रतिशत तथा कांग्रेस को 43 प्रतिशत से अधिक- अंतर रहा करीब 10.2 प्रतिशत।
सन् 2003 में भाजपा ने 50 तथा कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत हासिल की। सन् 2008 के चुनाव में भाजपा की 50 सीटें बनी रहीं पर कांग्रेस की एक सीट बढक़र 38 हो गई। सन् 2013 में भाजपा 49 सीटों पर जीती, कांग्रेस फिर 38 में रह गई। सन् 2018 में ऐतिहासिक अंतर से कांग्रेस की जीत हुई। कांग्रेस को 68 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा 15 में सिमट गई।
सर्वे में सबसे खास बात यह कही गई है कि 10.2 प्रतिशत का जो भारी अंतर कांग्रेस के पक्ष में था, इस बार वही बढ़त भाजपा को मिल रही है, पर कांग्रेस का वोट प्रतिशत कम नहीं होगा। सर्वे यह भी बताता है कि प्राय: सभी मोदी सरकार के कामकाज से नाखुश कोई नहीं है। मोदी फैक्टर भी चुनाव में काम करेगा।
अटकलें तो छत्तीसगढ़ को लेकर चौक-चौराहों में भी चल निकली है कि किसे कितनी सीटें मिलेंगी। लोगों की जिज्ञासा को हवा देने के लिए इस तरह के सर्वे अब सामने आते रहेंगे। किस सर्वे पर कितना भरोसा करना है, आप स्वयं तय करें। पिछले चुनावों के कुछ आंकड़े भी आपके सामने यहां रख दिए गए हैं।
ऐसा तो पहले भी बोलते थे
राहुल गांधी को कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने राष्ट्रपुत्र कह दिया। भाजपा इसके बाद हमलावर हो गई। प्रवक्ता केदार कश्यप ने राबर्ट वाड्रा की याद दिला दी। कहा- उनको राष्ट्रीय दामाद क्यों नहीं कहते। भाजपा नेता ने ही यह बात पहली बार नहीं कही है। बाबा रामदेव ने सन् 2012 में जब लोकपाल के लिए आंदोलन चल रहा था और वाड्रा के खिलाफ जमीन के मामले कोर्ट पहुचे थे तो उन्होंने वाड्रा को न केवल राष्ट्रीय दामाद कहा था, बल्कि गांधी परिवार को गद्दार, राष्ट्रद्रोही और न जाने क्या क्या कह दिया था। न्यूज चैनलों में उनका यह बयान कई-कई बार लगातार चला। उस वक्त केंद्र और कई राज्यों में कांग्रेस गंठबंधन यूपीए की सरकार थी। फर्क यही है कि सत्ता हाथ में होते हुए भी रामदेव के खिलाफ कांग्रेस ने उनको मानहानि के लिए किसी अदालत में नहीं घसीटा।
वैसे केदार कश्यप के बयान पर सीएम भूपेश बघेल की संयत प्रतिक्रिया रही। दुर्ग में पत्रकारों से उन्होंने कहा- हम सभी राष्ट्र की पुत्र-पुत्रियां हैं। बीजेपी के पास तो गांधी परिवार पर हमला करने के अलावा कोई मुद्दा ही नहीं है।
ढाई घंटे पूछताछ, वकील भी रहे साथ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 अप्रैल । आय से अधिक सम्पत्ति मामले में हाईकोर्ट से राहत मिलने बाद पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह अपनी पत्नी यास्मीन सिंह के साथ ईओडब्ल्यू में मंगलवार को पेश हुए। दोनों से करीब दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई। उन्हें हर माह के 4 तारीख को पेश होना पड़ेगा। उन्हें अदालत के अनुमति के बिना दोनों को देश से बाहर नहीं जाने की समझाइश दी गई है।
डॉ. रमन सिंह के पूर्व प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू आय से अधिक संपत्ति केस की पड़ताल कर रही है। दोनों के खिलाफ धारा 13 (1)(बी), और 13(2) पीसी एक्ट तथा धारा 120-बी आईपीसी के तहत केस दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोनों के खिलाफ जांच चल रही है। हालांकि दोनों को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत भी मिल गई है।
कोर्ट से राहत मिलने के बाद अमन सिंह, अपनी पत्नी यास्मीन सिंह, और अधिवक्ताओं के साथ ईओडब्ल्यू दफ्तर पहुंचे। जहां दोनों आरोपियों की हाजरी भी ली गई। हर माह 4 तारीख को उन्हें ईओडब्ल्यू थाने में उपस्थित रहना होगा। सूत्र बताते हैं कि आरोपियों ने अपना-अपना पासपोर्ट जांच अधिकारी के समक्ष सरेंडर किया गया। बिना अनुमति के उन्हें विदेश नहीं जाने की समझाईश दी गई।
पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह, और उनकी पत्नी का आधार कार्ड, फोटो, मोबाइल नंबर दर्ज कराया गया। जांच पूरी होने तक किसी तरह के बदलाव नहीं करने के लिए निर्देशित भी किया गया। आरोपियों ने ईओडब्ल्यू द्वारा पूर्व में जारी किए गए नोटिस के परिपालन में प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के परीक्षण के बाद फिर से अग्रीम पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है। प्रकरण की विवेचना चल रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 4 अप्रैल। दंतेवाड़ा में पुलिस की विशेष पहल घर वापस आइए अंतर्गत मंगलवार को दो नक्सलियों ने घर वापसी की।
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी द्वारा नक्सलियों से नक्सली संगठन को छोडक़र मुख्यधारा में जुडऩे की अपील की जा रही है। पुलिस थाना कुआकोंडा अंतर्गत एटेपाल डीएके एमएस सदस्य देवा उर्फ बोली मांडवी (41) वर्ष ने आत्मसमर्पण किया। उक्त नक्सली ग्राम पंचायत एटेपाल अंतर्गत आसू पारा का निवासी है।
इसी कड़ी में गीदम पंचायत केएएमएस सदस्या गंगी कोवासी (31) ने घर वापसी की, गंगी लंबे अर्से से नक्सली संगठन में सक्रिय थी।
दोनों नक्शा नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी उपमहानिरीक्षक कम लोचन कश्यप के समक्ष आत्मसमर्पण किया। दोनों ही नक्सली मोखपाल से कटेकल्याण सडक़ काटने में शामिल थे। इसके साथ ही नक्सली विचारधारा के प्रचार-प्रसार में शामिल थे।
अरुणाचल, 4 अप्रैल । चीन ने एक बार फिर से अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों का नाम बदलकर मंदारिन में रख दिया है.
इससे पहले 2021 में चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 15 जगहों का नाम बदल दिया था. चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत कहता है.
अरुणाचल को उसने चीनी नाम जांगनान दिया है. भारत सरकार ने इसे अस्वीकार करते हुए कहा है कि चीन ऐसा पहले भी कर चुका है, मगर इससे तथ्य नहीं बदल जाते.
अरुणाचल प्रदेश पर चीन के इस रुख़ को लेकर भारत के ही कई विशेषज्ञ मोदी सरकार से कुछ ठोस फ़ैसले लेने की मांग कर रहे हैं.
ब्रह्मा चेलानी जाने-माने सामरिक विशेषज्ञ माने जाते हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ''एक तरफ़ चीन अरुणाचल प्रदेश में लगातार नाम बदल रहा है और इसे दक्षिणी तिब्बत कहता है. दूसरी तरफ़ भारत अब भी तिब्बत को चीन का अभिन्न हिस्सा मानता है. ख़ुद को नुक़सान पहुँचाना इससे ज़्यादा और क्या हो सकता है?''
2017 में आरसएस की पत्रिका ऑर्गेनाइजर के पूर्व संपादक शेषाद्री चारी ने बीबीसी से कहा था कि पहली बार 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने तिब्बत को चीन का हिस्सा माना और चीन ने सिक्किम को भारत का हिस्सा.
प्रधानमंत्री बनने से पहले वाजपेयी तिब्बत को स्वतंत्र देश के रूप में रेखांकित करते थे. चारी ने कहा था, "वाजेपयी सरकार को रणनीतिक तौर पर इसे टालना चाहिए था. उस वक़्त हमने तिब्बत के बदले सिक्किम को सेट किया था. चीन ने सिक्किम को मान्यता नहीं दी थी लेकिन जब हमने तिब्बत को उसका हिस्सा माना तो उसने भी सिक्किम को भारत का हिस्सा मान लिया."
अब जब अरुणाचल को लेकर चीन आक्रामक हो रहा है तो भारत के भीतर कई लोग कह रहे हैं कि तिब्बत पर भारत को अपना रुख़ बदल लेना चाहिए.
जेएनयू में सेंटर फोर चाइनिज़ एंड साउथ ईस्ट एशिया स्टडीज के प्रोफ़ेसर बीआर दीपक का मानना है कि "तिब्बत के मामले में भारत की बड़ी लचर नीति रही है. साल 1914 में शिमला समझौते के तहत मैकमोहन रेखा को अंतरराष्ट्रीय सीमा माना गया लेकिन 1954 में नेहरू तिब्बत को एक समझौते के तहत चीन का हिस्सा मान लिए."
प्रोफ़ेसर बीआर दीपक का कहना है, "वाजपेयी और नेहरू में फ़र्क था. नेहरू ने आठ साल के लिए तिब्बत को चीन का हिस्सा माना था लेकिन वाजपेयी ने कोई समय सीमा तय नहीं की थी. मार्च 1962 में नेहरू का चीन के साथ तिब्बत पर क़रार ख़त्म हो गया था और यह 2003 तक यथास्थिति रही. 2003 में जब वाजपेयी चीन के दौरे पर गए तो उन्होंने तिब्बत पर समझौता कर कर लिया."
मोदी सरकार की चीन नीति पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी सवाल उठा रही है. कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा है, ''चीन ने तीसरी बार अरुणाचल में हमारे इलाक़ों के “नाम बदलने” का दुःस्साहस किया है.
21 अप्रैल 2017 — 6 जगह
30 दिसंबर 2021 — 15 जगह
3 अप्रैल 2023 — 11 जगह
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा. गलवान के बाद, मोदी जी द्वारा चीन को क्लीन चिट देने का नतीजा, देश भुगत रहा है.
चीन अरुणाचल प्रदेश में 90 हज़ार वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर अपना दावा करता है जबकि भारत कहता है कि चीन ने पश्चिम में अक्साई चिन के 38 हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र अवैध रूप से क़ब्ज़ा कर रखा है.
भारतीय नेताओं के दौरे पर चीन की आपत्ति को लेकर भारत के जाने-माने सामरिक विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने कुछ महीने पहले ट्वीट कर कहा था, ''चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तिब्बत गए तो भारत ने कुछ नहीं कहा था. यहाँ तक कि भारतीय सीमा से महज़ 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बेस पर शी जिनपिंग एक रात रुके भी थे. इसे चीन की युद्ध तैयारी के रूप में देखा गया. भारतीय नेताओं के दौरे पर चीन की आपत्ति कोई हैरान करने वाली नहीं है.'' (bbc.com/hindi)
संगठन पर चर्चा, महंत, ताम्रध्वज, और सिंहदेव दिल्ली में डटे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 अप्रैल। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बड़े नेता इस वक्त दिल्ली में हैं। इस कड़ी में सीएम भूपेश बघेल की सोमवार की रात पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, और प्रदेश प्रभारी शैलजा के साथ बैठक हुई। कहा जा रहा है कि बैठक में विधानसभा चुनाव के चलते संगठन में बदलाव पर मंथन हुआ।
पार्टी के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल के निवास पर बैठक घंटेभर चली। बताया गया कि सीएम श्री बघेल, राहुल गांधी की जमानत याचिका के सिलसिले में सूरत गए थे। इसके बाद वो प्रभारी महासचिव वेणुगोपाल के साथ ही दिल्ली पहुंचे, और उनके निवास गए। इसके बाद प्रदेश प्रभारी सुश्री शैलजा भी वहां पहुंची।
प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव की अटकलें लगाई जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को भी बदले जाने का हल्ला है। इन सबके बीच वेणुगोपाल के साथ शैलजा, और सीएम भूपेश बघेल की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। इससे परे, प्रदेश अध्यक्ष मरकाम को भी दिल्ली जाना था, लेकिन पारिवारिक वजहों से वो कोंडागांव में ही रूक गए।
दूसरी तरफ, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, स्पीकर डॉ. चरणदास महंत, और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी दिल्ली में है। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव को यह कहा गया कि वो किसी खास मुहिम के तहत तो नहीं लेकिन अपने स्वयं की भावी योजना को लेकर गए हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि इस बार वे चुनाव नहीं लड़ेंगे।
सिंहदेव अपनी जगह अपने भतीजे को लड़वाना चाहते हैं। और फिर स्वयं अगले साल राज्य सभा सदस्य बनना चाह रहे हैं। जहां तक पार्टी छोडऩे की बात है तो वे कहते रहें हैं कि कांग्रेस छोडऩे की बात सोच भी नहीं सकते हैं। कहा जा रहा है कि वो इस बार कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर ही लौटने वाले हैं। सिंहदेव ,खडग़े, सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी से मिलने की कोशिश करेंगे।
इससे परे गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को लेकर यह बताया गया कि वे अपने रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए गए हैं। । साहू, दिल्ली के एम्स में अपना चेकअप करवाने हर माह जाते हैं । हालांकि उनको लेकर भी कई तरह की चर्चाएं चल रहीं हैं। स्पीकर चरण दास महंत को लेकर यह बताया गया कि हाल में ही विधानसभा का बजट सत्र निपटा है। और यहां उससे संबंधित कोई काम शेष नहीं रह गया है और दिल्ली में संसद सत्र जारी है। उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत सांसद हैं। सो अपने परिवार के साथ समय बिताने गए हैं न कि किसी खास मुहिम के तहत।
बहरहाल, छत्तीसगढ़ कांग्रेस या हर बड़ा नेता दिल्ली में है। और इन पर सबकी नजरें हैं। संगठन को लेकर आगे क्या कुछ होता है, यह तो कुछ दिनों बाद स्पष्ट हो पाएगा।
पाकिस्तान, 4 अप्रैल । पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ नसीम शाह ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जिससे उनकी शादी को लेकर अटकलें लगाई जाने लगीं.
20 साल के क्रिकेटर नसीम शाह ने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी शेयर की थी. इसमें वह अपने पिता और एक अन्य व्यक्ति के साथ बैठे हुए थे. इस तस्वीर में वो काली टीशर्ट पहने रहे हैं. वहीं उनके पिता पारंपरिक कपड़ों में दिख रहे थे. तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा- अल्हम्दुलिल्लाह.
इस तस्वीर के सामने आते ही अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया कि शाह शादी करने वाले हैं.
चर्चा तेज़ हुई तो उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी शेयर करते हुए बताया, “जो आखिरी तस्वीर मैंने शेयर की थी वो मेरी सगाई या निकाह को लेकर नहीं थी और ना ही मेरे किसी रिश्ते से जुड़ी थी.कृपया उसका ग़लत मतलब निकालना बंद कर दें. ये एक साधारण फ़ैमिली इफ़्तार की तस्वीर थी. उम्मीद है कि अब बात साफ़ हो गई है. ”
नसीम शाह साल 2022 में एशिया कप में अपनी दमदार पारी से चर्चा में आए और तब से ही अपनी परफॉर्मेंस को लेकर चर्चा में बने रहते हैं.
20 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान 15 टेस्ट, पांच वनडे और 16 टी20 मैच खेले हैं और 74 विकेट लिए हैं. (bbc.com/hindi)
सऊदी , 4 अप्रैल । सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों ने अचानक तेल उत्पादन में कटौती का जो फ़ैसला किया है, उसे विशेषज्ञ कई तरह से देख रहे हैं.
अमेरिकी अख़बार द वाल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अब अमेरिका की नहीं सुन रहे हैं और राष्ट्रवादी ऊर्जा नीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं.
डब्ल्यूएसजे ने लिखा है कि क्राउन प्रिंस सऊदी अरब की विदेश नीति को नई दिशा दे रहे हैं. सऊदी अरब के तेल में कटौती का फ़ैसला चौंकाने वाला है. रविवार को सऊदी अरब ने तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा की तो सोमवार को एक ही दिन में कच्चे तेल की क़ीमत में 6.3 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई और तेल की क़ीमत प्रति बैरल 84.93 डॉलर तक पहुँच गई.
डब्ल्यूएसजे ने लिखा है कि छह महीने से कम समय में भी सऊदी अरब ने अमेरिकी चिंताओं की उपेक्षा दूसरी बार की है.
अमेरिका इस बात की कोशिश लगातार करता रहा कि यूक्रेन युद्ध के कारण तेल की क़ीमत ना बढ़े और अगर बढ़ेगी तो इससे रूस को मदद मिलेगी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इसी सोच के साथ पिछले साल जुलाई में सऊदी अरब गए थे लेकिन सऊदी ने इस मामले में बिल्कुल साथ नहीं दिया.
विशेषज्ञों का कहना है कि रविवार को तेल उत्पादन में कटौती का फ़ैसला कर सऊदी अरब ने संकेत दे दिया है कि तेल से मुनाफ़ा उठाने के लिए उसे जो भी करना होगा, वो करेगा.
विश्लेषकों का कहना है कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 'सऊदी फर्स्ट' की नीति पर चल रहे हैं. कहा जा रहा है कि मध्य-पूर्व से अमेरिका अपना बोरिया बिस्तर समेट रहा है इसलिए सऊदी ने अपनी सुरक्षा को लेकर ख़ुद ही चीज़ों को हैंडल करना शुरू कर दिया है.
डब्ल्यूएसजे ने लिखा है, ''सऊदी अरब अब अमेरिका के तुष्टीकरण के लिए काम करने को तैयार नहीं है. अमेरिका अब कोई भी अनुरोध सऊदी अरब से करेगा तो वह अपने हितों की उपेक्षा नहीं करेगा. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि सऊदी अरब का फ़ैसला चौंकाने वाला नहीं है लेकिन इस फ़ैसले को जस्टीफ़ाई नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद अमेरिका का कहना है कि सऊदी अरब अहम साझेदार है.''
सऊदी अरब की कटौती की घोषणा के बाद इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि तेल की क़ीमत प्रति बैरल 100 डॉलर तक जा सकती है.(bbc.com/hindi)
झोलाछाप डॉक्टर ने दो इंजेक्शन लगाए, आधे घंटे में मौत- पिता
मौत का कारण गलत उपचार संभावित-डॉ. अमित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा , 4 अप्रैल। समीप के ग्राम टेका के एक झोलाछाप डॉक्टर के उपचार से कैलाशपुर की एक चार वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। इस संबंध में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने बालिका की मौत को गलत उपचार से होना बताया है, वहीं मृतका के पिता ने बताया कि उनकी बेटी का उपचार टेका का कोई रामचरण नामक कथित डॉक्टर कर रहा था।
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह कैलाशपुर डोंगरीपाली निवासी जयदेव बरिहा अपनी चार वर्षीय पुत्री प्रमिला बरिहा को दस्त होने के कारण टेका के किसी झोलाछाप डॉक्टर के पास उपचार के लिए ले गया था। सुबह कोई 8 बजे टेका के एक निजी कथित क्लीनिक में उसे लगातार दो इंजेक्शन लगाए और उसे घर भेज दिया।
प्रमिला के पिता जयदेव ने स्थानीय डॉक्टरों को बताया कि घर लाकर उसने उसे सुला दिया और स्वयं महुआ बीनने समीप के जंगल चला गया था। जयदेव के जाने के कोई आधे घंटे के भीतर ही उसे बताया गया कि प्रमिला की तबियत ज्यादा बिगड़ गयी है। इसके बाद आनन-फानन में घर पहुंचे, जयदेव ने वाहन की व्यवस्था कर कोई 10 बजे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पिथौरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. चित्रेश डड़सेना ने बताया कि करीब 10 बजे मृतिका प्रमिला को लेकर उसके पिता अस्पताल पहुंचे थे, परन्तु तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। बच्ची को डायरिया था, परन्तु शरीर में पानी की कमी नहीं थी।
जयदेव के बताए अनुसार प्रमिला को दो इंजेक्शन लगाए गए थे, जिसके आधे घण्टे में ही उसकी मौत हो गई, संभवत: इंजेक्शन के साइड इफेक्ट से मौत हो सकती है।
श्वांस नली बंद होने से मौत- डॉ. भोई
दूसरी ओर प्रमिला का पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. अमित भोई ने बताया कि मौत का कारण गलत उपचार संभावित है, क्योंकि पोस्टमोर्टम से प्रथम दृष्टया पता चला कि पेट के कंटेंट श्वांस नली में जाने से ही मौत हुई है। कौन सा इंजेक्शन लगा है, इसकी जांच के लिए फोरेंसिक टेस्ट के लिए बिसरा सैम्पल लिया गया है।
झोलाछाप डॉक्टर कर रहे धड़ल्ले से इलाज
क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर बेखौफ ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहर में भी मरीजों का उपचार कर रहे हैं। मात्र कुछ माह डॉक्टरों के यहां काम कर स्वयं ही डॉक्टरी करने वाले झोला छाप प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का गलत उपचार कर रहे हंै।
कुछ मरीजों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल में हालांकि सब उपचार नि:शुल्क है, परन्तु वहां चेकअप के बाद खून टेस्ट एवं अन्य टेस्ट के लिए कहा जाता है, जबकि मोहल्ले-मोहल्ले में बैठे कथित डॉक्टर सीधे इंजेक्शन लगा कर उपचार कर देते हंै।
ज्ञात हो कि क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम एवं शहरों के वार्डों के भीतर अनेक झोलाछाप डॉक्टर बकायदा क्लीनिक खोल कर बैठे हैं। इनके उपचार से मरीज तत्काल कुछ राहत तो महसूस करते हैं, परन्तु गलत उपचार शरीर के किसी न किसी अंग पर दुष्प्रभाव जरूर डालते हैं, जिससे कुछ समय बाद मरीज को किसी अन्य बीमारी के लिए डॉक्टरों के चक्कर लगाने पड़ते हंै।
विभागों को 15 दिन के भीतर दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश, बाधाओं पर हुई चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 4 अप्रैल। हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर प्रशासन को जवाब देना है कि अरपा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए उसने क्या योजना बनाई है। बिलासपुर कलेक्टर सौरभ कुमार व गौरेला-पेंड्रा-मरवाही कलेक्टर प्रियंका महोबिया ने इसे लेकर विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ एक बैठक लेकर विचार विमर्श किया। योजना से जुड़े दस्तावेज 15 दिन के भीतर तैयार करने के लिए कहा गया है।
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई बैठक में जिला पंचायत सीईओ जयश्री जैन, एडीएम आर.ए. कुरुवंशी, नगर निगम आयुक्त कुणाल दुदावत, समिति के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील ओटवानी, इकोलॉजिस्ट नीरज तिवारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर सौरभ कुमार ने कहा कि अरपा नदी को पुनर्जीवित करने के लिये बनाई जा रही कार्ययोजना का शत प्रतिशत क्रियान्वयन किया जाना है, जिससे अरपा नदी फिर से सदानीरा हो सके। उन्होंने अब तक हुए कार्यों की जानकारी विभागों से ली। बैठक में कार्ययोजना के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों और इसके समाधान पर विचार किया गया। कलेक्टर ने अरपा रिवाइवल कार्य योजना से जुड़े आवश्यक दस्तावेज 15 दिनों के भीतर उपलब्ध कराने कहा ताकि उच्च न्यायालय को कार्य योजना की प्रगति से अवगत कराया जा सके। कलेक्टर ने अरपा नदी के रिवाइवल के लिए स्वीकृत कार्यों में तेजी लाने को कहा।
इकोलॉजिस्ट नीरज तिवारी ने बताया कि अरपा रिवाइवल प्लान का लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने इससे सम्बंधित दस्तावेज विभागों से प्राप्त करने की बात कही। उन्होंने इस कार्य में आ रही दिक्कतों और शंकाओं से संबंधित विभागों को बिंदुवार अवगत कराया। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अरपा नदी को जीवंत बनाए रखने के लिए कुल 19 योजनाओं का निर्माण किया गया है। इसी प्रकार अरपा की सहायक नदियों और नालों में 97 सिंचाई योजनाओं का निर्माण किया गया है। इनके निर्मित होने से अरपा नदी का जल स्तर बढ़ा है, साथ ही दोनों तटों के पास स्थित शहरों एवं गांवों में जल स्तर में सुधार आया है। इससे ग्रामवासियों की पेयजल और निस्तारी की समस्या भी दूर हुई है। इसके अलावा अरपा नदी में चार निर्माणाधीन योजनाएं अरपा भैसाझार बैराज, शिव घाट बैराज योजना, पचरी घाट बैराज योजना और अरपा नदी पर कछार के पास डाइक निर्माण का कार्य प्रगति पर है। निर्माणाधीन शिव घाट बैराज एवं पचरी घाट बैराज के बन जाने से शहरी क्षेत्र के भूजल में सुधार आएगा और शहरवासियों को अरपा नदी में बारहों महीने जलभराव का लाभ मिलेगा। वर्ष 2023-24 के बजट में अरपा नदी पर 20 योजनाओं की स्वीकृति का प्रावधान किया गया है। कलेक्टर ने बराज सहित अन्य चल रहे कामों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।