राष्ट्रीय
शिमला, 26 सितंबर | देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों को समर्पित नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के पहले दिन सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में क्षेत्रभर से भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। बिलासपुर जिले में नैना देवी के लोकप्रिय मंदिर, ऊना जिले में चिंतपूर्णी, कांगड़ा जिले में ब्रजेश्वरी देवी, ज्वालाजी और चामुंडा देवी, शिमला जिले में भीमाकाली और हटेश्वरी, हमीरपुर जिले में बाबा बालक नाथ में भारी भीड़ देखी गई।
अधिकांश तीर्थयात्री पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली से आए थे।
संभावना जताई जा रही है कि मंदिरों में प्रतिदिन 20,000 से अधिक भक्त आएंगे।
खास बात यह कि भक्त मंदिरों के ऑनलाइन लाइव दर्शन कर सकते हैं और प्रसाद भी चढ़वा सकेंगे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां आईएएनएस को बताया कि सभी प्रमुख मंदिरों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे लगाए गए हैं।
नवरात्रि महोत्सव का समापन 5 अक्टूबर को होगा। (आईएएनएस)
लखनऊ, 26 सितंबर | गुरू गोरखनाथ नाथ की पीठ लोककल्याण के लिए लीक से हटकर चलने के लिए सदैव से जानी जाती है। यह देश की उन चुनिंदा पीठों में है जिसने अपनी स्थापना के बाद से ही लोक कल्याण और सामाजिक समरसता को सर्वोपरि रखा। न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किए बल्कि स्वास्थ्य की दिशा अनवरत कार्य भी हो रहा है। लोक कल्याण एवं सामाजिक समरसता के आगे परंपरा आयी, पीठ ने उसे तोड़ने में तनिक भी हिचक नहीं दिखाई। सहभोज के जरिए व्यापक हिंदू समाज को जोड़ने के इस सिलसिले को योगी आदित्यनाथ ने पीठ के उत्तराधिकारी, पीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री के रूप में भी जारी रखा। यही नहीं एक बार तो योगी ने पीठ के उत्तराधिकारी के रूप में नवरात्र की वर्षों से स्थापित परंपरा को भी तोड़ दिया।
करीब तीन दशक से गोरखनाथ मंदिर को काफी नजदीक से कवर करने वाले पत्रकार गिरीश पांडेय ने बताया कि गोरक्षपीठ के लिए साल के दोनों (चैत्र एवं शारदीय) नवरात्र बेहद खास होते हैं। पहले दिन से ही वहां अनुष्ठान शुरू हो जाता है। सारी व्यवस्था मठ के पहली मंजिल पर ही होती है। परंपरा रही है कि पहले दिन कलश स्थापना के बाद नवरात्रि तक पीठ के पीठाधीश्वर और उनके उत्तराधिकारी मठ से नीचे नहीं उतरते। पूजा के बाद रूटीन के काम और खास मुलाकातें ऊपर ही होती रही हैं। सितंबर 2014 में फर्ज के आगे वर्षों से स्थापित यह परंपरा भी टूट गई।
तब भी नवरात्रि का समय था। गोरखपुर कैंट स्टेशन के पास नन्दानगर रेलवे क्रासिंग पर लखनऊ-बरौनी और मंडुआडीह-लखनऊ एक्सप्रेस की टक्कर हुई थी। रात हो रही थी। गुलाबी ठंड भी पड़ने लगी थी। हादसे की जगह से रेलवे और बस स्टेशन करीब 5-6 किमी की दूरी पर हैं। दो ट्रेनों के हजारों यात्री थे। रात का समय साधन उतने थे नहीं। यात्रियों को सामान और परिवार के साथ स्टेशन तक पहुंचना मुश्किल था। खास कर जिनके साथ छोटे बच्चे और महिलाएं थी। चर्चा होने लगी कि छोटे महाराज (पूर्वांचल में लोग प्रेम से उस समय लोग योगी जी को इसी नाम से पुकारते थे) आ जाते तो इस समस्या का हल निकल आता। हादसे की सूचना थी ही। लोगों के जरिए समस्या से भी वाकिफ हुए। फिर क्या था? वर्षो की परंपरा टूटी। वह दुर्घटना स्थल पर आए। साथ मे उनके खुद के संसाधन और समर्थक भी। उनके आने पर प्रशासन भी सक्रिय हुआ। देर रात तक सबको सुरक्षित स्टेशन पहुंचा दिया गया।
गिरीश पांडेय बताते हैं कि इस पीठ की परम्परा में ही महिला सुरक्षा का भाव सदा से रहा है। चाहे मठ की परम्परा हो या शासन की जिम्मेदारी, दोनों ही भूमिकाओं में वे महिला सम्मान को भूलते नहीं हैं। सरकार बनने के बाद से ही वह इस मुद्दे को लेकर काफी सक्रिय रहते हैं।
उन्होंने कहा कि 22 सितंबर 2022 की तारीख देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से इस दिन उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र का एक दिन सिर्फ महिलाओं के लिए समर्पित रहा। महिला विधायक ही सदन के पीठ की अध्यक्ष थीं। नेता सत्ता पक्ष और नेता प्रतिपक्ष के औपचारिक संबोधन के बाद सिर्फ महिलाओं ने ही सदन में अपनी बात रखी। यहां तक कि योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन की शुरूआत अथर्ववेद के 'यस्य नार्यस्तु पूज्यंते, रमन्ते तत्र देवता:' (जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं) से शुरू की।
पहले दिन मठ की पहली मंजिल पर कलश स्थापना के साथ ही हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की खास पूजा आकर्षण में रहती है। नवरात्रि के अंतिम दिन होने वाले कन्या पूजन खुद पीठाधीश्वर के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कन्यायों का पांव पखारते हैं। भोजन कराते हैं और दक्षिणा देकर विदा करते हैं। यह भी महिलाओं के प्रति सम्मान का एक बहुत बड़ा संदेश है। मातृशक्ति के महत्व का यह है व्यावहारिक पक्ष गोरखनाथ में मातृशक्ति का व्यावहारिक पक्ष भी दिखता है।
पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश के मुखिया के रूप में भी वह स्थापित मिथ को तोड़ने के लिए नोएडा गये। मान्यता थी कि बतौर मुख्यमंत्री जो भी नोएडा गया वह फिर से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बना। योगी न केवल पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे बल्कि छह महीने पहले सत्ता में लगातार दूसरी बार शानदार तरीके से वापसी का भी रिकॉर्ड भी रच दिया।
गिरीश ने बताया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भी पीठ की परंपरा के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने मातृशक्ति की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वालंबलन के लिए अनेक कार्यों को गति दिया। पहले कार्यकाल से ही दायित्व के अनुसार एक बड़े फलक पर इस भूमिका को पूरी संजीदगी से निभा रहे हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 सितंबर | बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नाडीज करोड़पति ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 200 करोड़ रुपये की रंगदारी के मामले में सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होंगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में उन्हें एक आरोपी के रूप में नामित करते हुए मामले में अपना दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था।
स्पेशल ईडी कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेने के लिए पूरी तरह तैयार है।
जैकलीन और एक अन्य बॉलीवुड अभिनेत्री नोरा फतेही, दोनों ने मामले में गवाह के रूप में अपने बयान दर्ज कराए थे। इससे पहले जांच एजेंसी ने जैकलीन की 7.2 करोड़ रुपये की सावधि जमा रकम कुर्क की थी। जैकलीन ने इसे दो अभिनेताओं से मिला उपहार बताया है, जबकि एजेंसी ने इसे 'अपराध की आय' करार दिया है।
पिछले साल दिसंबर में ईडी ने इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत में अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया था। बाद में फरवरी में इसने चंद्रशेखर की कथित सहयोगी पिंकी ईरानी के खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया। बताया जा रहा है पिंकी ने जैकलीन को सुकेश चंद्रशेखर से मिलवाया था।
चार्जशीट के अनुसार, पिंकी जैकलीन के लिए महंगे उपहार चुनती थी और भुगतान चंद्रशेखर करता था। उपहार देने के बाद पिंकी जैकलीन को उनके आवास तक पहुंचा आती थी।
सुकेश ने विभिन्न मॉडलों और बॉलीवुड हस्तियों पर लगभग 20 करोड़ खर्च किए हैं। कुछ हस्तियों उसका उपहार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 26 सितंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि के आरंभ पर सोमवार को सभी को शुभकामनाएं देते हुए कामना की है कि आस्था और विश्वास का यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करे। प्रधानमंत्री मोदी ने नवरात्रि के पहले दिन लोगों को शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट कर कहा, "शक्ति की उपासना के महापर्व नवरात्रि की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आस्था और विश्वास का यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करे। जय माता दी!"
सभी के सुखमय और आरोग्य से परिपूर्ण जीवन की कामना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "देवी शैलपुत्री की आराधना के साथ आज से नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। मेरी कामना है कि उनकी कृपा से हर किसी का जीवन सुख, सौभाग्य और आरोग्य से परिपूर्ण हो।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 26 सितंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके लंबे और स्वस्थ्य जीवन की कामना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई देते हुए ट्वीट कर कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी को जन्मदिन की बधाई। उनके लंबे और स्वस्थ्य जीवन की प्रार्थना करता हूं।"
राहुल गांधी ने भारत के विकास में मनमोहन सिंह के योगदान को याद करते हुए ट्वीट कर कहा, "भारत के बेहतरीन राजनेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई। उनकी विनम्रता, समर्पण और भारत के आर्थिक विकास में उनके योगदान जैसी मिसालें बहुत कम मिलती हैं।"
राहुल ने मनमोहन सिंह को अपने लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए आगे कहा, "वह मेरे और करोड़ों भारतीय नागरिकों के लिए प्रेरणा है। मैं उनकी अच्छी सेहत और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 26 सितंबर | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने यह आरोप लगाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया) ने बिहार का अपमान किया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार को बेचारा बताते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने उन्हें कोई तवज्जो नहीं दी तो वहीं भाजपा आईटी सेल के राष्ट्रीय प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस अध्यक्ष पर बिहार का अपमान करने का आरोप लगाया।
नीतीश-लालू यादव की सोनिया गांधी से मुलाकात को लेकर ट्वीट करते हुए अमित मालवीय ने कहा, "नीतीश कुमार और लालू प्रसाद, सोनिया गांधी से मिलते हैं और उस चर्चित मुलाकात की कोई तस्वीर नहीं है। कांग्रेस अध्यक्षा ने बिहार का इतना अपमान किया और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार को तिरस्कृत करके भेज दिया। बाहर निकलके लालू और नीतीश एक-दूसरे का हाथ पकड़के फोटो खिंचवाए।"
गिरिराज सिंह ने भी अमित मालवीय के ट्वीट को रिट्वीट कर नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों पर निशाना साधा। सिंह ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार और लालू यादव के बयान वाले खबर का वीडियो को शेयर करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार को 'बेचारा' तक लिख डाला। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी ने उन्हें कोई तवज्जो नहीं दी। (आईएएनएस)|
नोएडा, 26 सितंबर | नवरात्र के साथ त्योहार का सीजन शुरू हो चुका है और लोग घरों से निकलकर बाजारों में खरीदारी करने पहुंचने लगे हैं। इस दौरान अगर किसी ने वाहन को कहीं भी गलत जगह पार्किंग में लगाया या खड़ा किया तो चालान कट सकता है और लापरवाही उसकी जेब पर भारी पड़ सकती है। नोएडा ट्राफिक पुलिस ने विशेष अभियान चलाया है। शहर के सड़कों पर ही वाहन चलाते समय नहीं, बल्कि पार्किं ग में वाहन खड़ा करने के दौरान भी काफी सावधानी बरतनी पड़ेगी। ट्रैफिक पुलिस का यह विशेष अभियान बाजार, अस्पतालों और औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों पर जहां तहां खड़े वाहनों के चालान काटने को लेकर चलाया जा रहा है। चालान काटने का पता तब चलता है, जब मोबाइल पर मैसेज आ जाता है या चालान घर पहुंचता है। अगर आपको अपने चालान की जानकारी लेनी है तो आप ऑनलाइन इस चालान को चेक कर सकते हैं कि क्या स्टेटस है आपके चालान का, उसके लिए आपको 'ईचालान डॉट परिवहन डॉट गोव डॉट इन' पर लॉगिन कर स्टेटस जानना होगा। प्रदेश में कहीं भी नो पार्किं ग जोन में बाहर वाहन खड़ा करने पर आपको पहली बार 500 का और उसके बाद हर गलती दोहराने पर 15 सो रुपये का चालान काटा जाएगा। इस साल की बात करें तो 80 हजार से अधिक नो पार्किं ग के चालान काटे गए हैं। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 26 सितंबर | ऐसे समय में जब भारत आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है और अमृत महोत्सव को लेकर धूम मची हुई है, लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) और संबद्ध कॉलेजों में बीए फाइनल सेमेस्टर के लगभग 1,000 छात्र राष्ट्र गौरव और पर्यावरण अध्ययन के पेपर में फेल हो गए हैं। विवि के परीक्षा विभाग के अनुसार परीक्षा में 13,392 छात्र उपस्थित हुए, जबकि 440 अनुपस्थित रहे। कुल मिलाकर 1,041 छात्र, ज्यादातर संबद्ध कॉलेजों से, उत्तीर्ण अंक हासिल करने में असफल रहे।
राष्ट्र गौरव और पर्यावरण अध्ययन एक गैर-क्रेडिट पेपर है जो 2005 से एलयू में आयोजित किया जा रहा है।
सभी छात्रों (नई शिक्षा नीति को छोड़कर) को डिग्री प्राप्त करने के लिए तीन साल में एक बार परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता होती है। पेपर में इतिहास, भूगोल, पर्यावरण शिक्षा और सामान्य विज्ञान के प्रश्नों सहित सामान्य जागरूकता से संबंधित प्रश्न होते हैं।
एक गैर-क्रेडिट पेपर होने के कारण, एलयू केवल छात्रों का मार्गदर्शन कर सकता है, लेकिन कक्षाओं का संचालन नहीं कर सकता है। जो छात्र या तो अनुत्तीर्ण हो गए थे या परीक्षा से चूक गए थे, उन्हें छूट प्राप्त छात्रों के रूप में उपस्थित हो सकते हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने कहा, "यह एक गैर-क्रेडिट पाठ्यक्रम है, इसलिए नियमों के अनुसार, एलयू केवल छात्रों को इसकी तैयारी के लिए मार्गदर्शन कर सकता है। चूंकि इस विषय के अंक छात्रों के अंतिम प्रतिशत में नहीं जोड़े जाते हैं, इसलिए वे इस पर ध्यान नहीं देते हैं।"
उन्होंने कहा कि डिग्री प्राप्त करने के लिए छात्रों को तीन साल में परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है।
एलयू के शिक्षकों ने कहा कि, विषय के प्रति गंभीर नहीं होना, मुख्य विषयों पर अधिक ध्यान देना, अखबार पढ़ने की कमी और सामान्य ज्ञान का खराब होना छात्रों के इस विषय में कम स्कोर के कारण हैं।
राष्ट्र गौरव स्नातक स्तर पर एक अनिवार्य विषय है।
इस बीच, लखनऊ विश्वविद्यालय एसोसिएटेड कॉलेज शिक्षक के अध्यक्ष प्रो मनोज पांडे ने कहा, "चूंकि कोई पाठ्यक्रम नहीं है, इसलिए छात्रों के बीच विषय के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। एलयू को पेपर के बारे में स्पष्ट ²ष्टिकोण होना चाहिए और इसके लिए एक पाठ्यक्रम बनाना चाहिए।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 26 सितंबर | भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 4,129 नए मामले दर्ज हुए हैं, जो पिछले दिन रविवार को सामने आए 4,777 से मामूली गिरावट पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को ये जानकारी दी। इसी अवधि में, कोविड-19 से 20 लोगों की मौत हुई। जिसके चलते कुल मौतों का आंकड़ा 5,28,530 तक पहुंच गया। वहीं, 4,688 मरीज महामारी से ठीक भी हुए है।
देशभर में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की कुल संख्या 4,40,00,298 हो गई है।
इस बीच, भारत का डेली पॉजिटिविटी रेट 2.51 प्रतिशत है, जबकि वीकली पॉजिटिविटी रेट वर्तमान में 1.61 प्रतिशत है।
साथ ही इसी अवधि में, देश भर में कुल 1,64,377 कोरोना टेस्ट किए गए, जिससे कुल संख्या बढ़कर 89.38 करोड़ से अधिक हो गई। आईएएनएस)|
शिमला, 26 सितंबर | देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों को समर्पित नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव के पहले दिन सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में क्षेत्रभर से भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। बिलासपुर जिले में नैना देवी के लोकप्रिय मंदिर, ऊना जिले में चिंतपूर्णी, कांगड़ा जिले में ब्रजेश्वरी देवी, ज्वालाजी और चामुंडा देवी, शिमला जिले में भीमाकाली और हटेश्वरी, हमीरपुर जिले में बाबा बालक नाथ में भारी भीड़ देखी गई।
अधिकांश तीर्थयात्री पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली से आए थे।
संभावना जताई जा रही है कि मंदिरों में प्रतिदिन 20,000 से अधिक भक्त आएंगे।
खास बात यह कि भक्त मंदिरों के ऑनलाइन लाइव दर्शन कर सकते हैं और प्रसाद भी चढ़वा सकेंगे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां आईएएनएस को बताया कि सभी प्रमुख मंदिरों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे लगाए गए हैं।
नवरात्रि महोत्सव का समापन 5 अक्टूबर को होगा। (आईएएनएस)|
जयपुर, 25 सितंबर | मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को सीएम चेहरे पर बने सस्पेंस के बीच चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि, नई पीढ़ी को नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए। जैसलमेर में तनोट माता मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए यह बयान दिया। इस बीच, गहलोत रविवार को जैसलमेर में हैं, उनके खेमे के कुछ विधायक कथित तौर पर राज्य मंत्री शांति धारीवाल द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग ले रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि, बैठक यह तय करने के लिए बुलाई गई है कि पायलट के मुख्यमंत्री बनने पर गहलोत खेमे की क्या राय है।
धारीवाल के आवास पर मौजूद लोगों में राज्य के मंत्री महेश जोशी, शकुंतला रावत और विधायक दानिश अबरार, महेंद्र चौधरी, आलोक बेनीवाल शामिल हैं। हालांकि गहलोत ने अपने बयान से साबित कर दिया है कि, वह युवा नेतृत्व को बढ़ावा देना चाहते हैं।
अशोक गहलोत रविवार शाम को जयपुर लौटेंगे। जहां वो अपने आवास पर शाम 7 बजे सीएलपी की बैठक करेंगे। इस बीच एक अन्य नेता सीपी जोशी ने पूरे मामले में चुप्पी साधी हुई है। (आईएएनएस)|
अक्षय आचार्य
मुंबई, 25 सितंबर । घोटालों ने हमेशा कहानीकारों, फिल्म निर्माताओं और कंटेंट क्रिएटर्स को आकर्षित किया है, जो अतीत की घटनाओं को सम्मोहक तरीके से पेश करने के लिए एक सूत्र ढूंढते हैं। 'स्कैम 1992 : द हर्षद मेहता स्टोरी' और 'जामताड़ा' ने लंबे समय तक दर्शकों का मनोरंजन करते हुए उन्हें बड़े पैमाने पर इन घोटालों के नतीजों से रूबरू कराया है।
मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से प्रेरित बताई जा रही हाल ही में रिलीज हुई एमएक्स प्लेयर सीरीज 'शिक्षा मंडल' मेडिकल प्रवेश परीक्षा घोटाले की कहानी बयां करती है।
यह घोटाला, जो 1990 के दशक से चल रहा था, 2013 में सामने आया। व्यापम (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भारी अनियमितताएं पाई गईं। व्यापम को मेडिकल छात्रों के चयन और मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड के रूप में जाना जाता है। सरकारी कर्मचारी (खाद्य निरीक्षक, परिवहन कांस्टेबल, पुलिसकर्मी, स्कूल शिक्षक, डेयरी आपूर्ति अधिकारी और वन रक्षक सहित) पद के लिए चयन इसी के माध्यम से किया जाता था। इसके परीक्षा परिणामों में धांधली हुई थी।
घोटाले में शामिल लगभग 40 व्यक्तियों की अप्राकृतिक कारणों से मौत हो गई, हालांकि अनौपचारिक आंकड़ा 100 से अधिक मौतों का है जैसा कि मीडिया ने बताया है।
मध्य प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भी इसमें आरोपी बनाया गया था। शर्मा का 2021 में 60 वर्ष की आयु में कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण निधन हो गया।
आईएएनएस ने हाल ही में एमएक्स प्लेयर के मुख्य कंटेंट अधिकारी गौतम तलवार से घोटाले की प्रकृति, अनुसंधान, प्रलेखन, निष्कर्ष और घोटाले की वर्तमान स्थिति के बारे में बात की।
तलवार ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा : "इस तरह के घोटाले की बौलत जो छात्र भविष्य के डॉक्टर बनेंगे, वे लोगों के जीवन और समग्र रूप से समाज को प्रभावित करेंगे। निश्चित रूप से यह कहने लायक कहानी है।"
वह पूरी मशीनरी के काम करने के तरीके और इसे हकीकत बनाने में शामिल लोगों की संख्या से भी हैरान थे।
शोध के एक भाग के रूप में, लेखन टीम ने विभिन्न समाचार लेखों, चल रहे अदालती मामलों की कार्यवाही का अध्ययन किया और पीड़ितों के रिश्तेदारों और सहयोगियों से भी मुलाकात की।
तलवार ने आगे कहा : "उन्होंने कोचिंग सेंटरों का दौरा किया और समझा कि छात्रों के दृष्टिकोण से परीक्षा प्रक्रिया कैसे होती है। कुछ मामलों में टीम ने पीड़ितों से भी मुलाकात की, जिनका नकली डॉक्टरों द्वारा गलत तरीके से निदान किया गया था।"
शोध के प्रमुख निष्कर्षो और परिणामों के बारे में और जांच किए जाने पर तलवार ने कहा, "ऐसी कई कहानियां और घटनाएं हैं जो व्यक्तिगत रूप से बहुत ही अजीब और अनोखी हैं, लेकिन एक समेकित कहानी के रूप में वर्णित करना मुश्किल है। शिक्षा घोटाला न तो हालिया है और न ही खत्म होने वाला है, यह शायद अभी भी कई राज्यों में कई धाराओं में चल रहा है।"
चूंकि, घोटाले से उत्पन्न होने वाली कई अलग-अलग कहानियां थीं, इसलिए रचनाकारों ने मेडिकल इंट्रेंस टेस्ट और समाज पर इसके प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया।
मीडिया एजेंसियों द्वारा पुराने तौर-तरीकों का पदार्फाश किए जाने के बाद घोटालेबाज नए-नए तरीके अपनाते हैं। घोटाले लगातार विकसित हो रहे हैं।
तलवार ने आईएएनएस से कहा, "अभी तक विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा घोटालों का खुलासा किया जा रहा है, लेकिन कार्यप्रणाली का पता चलने के बाद घोटालेबाजों ने इसी तरह के घोटाले करने के नए तरीके खोजे हैं। यह बहुत बड़ा उद्योग है, मगर इसे पूरी तरह से रोका जा सकता है।"
आखिरकार तार कहां जुड़ते हैं? इसके पीछे कोई शक्तिशाली राजनेता होता है, नौकरशाह होते हैं या अपराधी या इन सबकी मिलीभगत होती है?
तलवार के पास एक दिलचस्प जवाब था। उन्होंने कहा, "इसका कोई अंत नहीं है, शिक्षा प्रणाली के भीतर व्यक्तियों से लेकर कोचिंग सेंटरों तक स्कूलों से विश्वविद्यालयों तक विभिन्न स्तरों पर घोटाला अभी भी हो रहा है। यह बहुत अधिक नापाक संबंधों के साथ बहुआयामी है जो समय के साथ बदलता रहता है। इसे सुलझाना आसान तार नहीं है।" (आईएएनएस)।
हैदराबाद, 25 सितंबर | वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) की नेता वाई.एस. शर्मिला ने तेलंगाना के मंत्री के.टी. रामा राव के इस दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार सभी किसानों को बीमा देती है। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की बेटी ने रामा राव के दावों को 'स्पष्ट झूठ' करार दिया।
रामा राव, जो तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे हैं, ने पहले ट्विटर पर दावा किया था कि टीआरएस सरकार देश की एकमात्र राज्य सरकार है जिसने सभी किसानों का बीमा किया है। उन्होंने दावा किया कि रायथु भीम ने 85,000 से अधिक किसानों को 5 लाख रुपये की सहायता प्रदान की है।
केटीआर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि 34 लाख से अधिक किसान परिवारों को कवर करने के लिए इस वर्ष फिर से प्रीमियम के रूप में 1,450 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
शर्मिला, जो इस समय राज्य में पदयात्रा पर हैं, ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने 8 लाख काश्तकार किसानों की अनदेखी की है। राज्य सरकार रायथु बंधु के तहत 67 लाख किसानों को सहायता प्रदान करने का दावा करती है, लेकिन केवल 34 लाख किसानों का ही बीमा क्यों किया गया है, उन्होंने पूछा।
उन्होंने पिछले आठ वर्षों में तेलंगाना में 8,000 किसानों की आत्महत्या पर केटीआर को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने ट्वीट किया, आश्चर्य है कि यह झूठ है, जिस पर आपको गर्व है। आपके 8 साल के शासन में 8 हजार किसानों की आत्महत्याएं हैं।
शर्मिला वर्तमान में 'प्रजा प्रस्थानम' पदयात्रा कर रही हैं और अब तक 2,250 किलोमीटर चल चुकी हैं, जो पूरे तेलंगाना में 40 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों को कवर करती है।
अपनी पदयात्रा के दौरान, शर्मिला केसीआर के शासन और प्रत्येक स्थानीय विधायक या मंत्री की अक्षमता पर निशाना साध रही हैं। वह अपने दिवंगत पिता की विरासत को भुनाते हुए तेलंगाना के लोगों से समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रही है, जिन्हें अभी भी संयुक्त आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में इस क्षेत्र में वाई.एस. राजशेखर रेड्डी को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए याद किया जाता है।
उनकी पदयात्रा शनिवार को संगारेड्डी जिले में प्रवेश कर गई, जब जनता की प्रतिक्रिया ने उन्हें विकाराबाद जिले से गुजरते हुए देखा। यहां उन्होंने अपने वादों को लागू करने और ज्वलंत समस्याओं को दूर करने में विफलता के लिए टीआरएस सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केसीआर ने सभी मोचरें पर लोगों की उम्मीदों को धोखा दिया और किसानों की कठिनाइयों से लेकर बेरोजगार युवाओं के बढ़ते संकट तक सभी समस्याओं के लिए उन्हें दोषी ठहराया। इस संबंध में, उन्होंने लोगों को उनके उत्थान और कल्याण के प्रति अपनी अडिग प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया और पलामुरु रंगारेड्डी परियोजना के लिए लड़ने की कसम खाई।
वाईएसआरटीपी नेताओं ने तेलंगाना में बार-बार फूड पॉइजनिंग की घटनाओं का मुद्दा भी उठाया। पार्टी नेताओं ने तेलंगाना राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्यालय तक मार्च किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
वाईएसआरटीपी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अकेले 2022 में 18 जिलों से 1,184 फूड प्वाइजनिंग के मामले सामने आए, और आरोप लगाया कि केसीआर के नेतृत्व वाली सरकार इसे रोकने के लिए उपाय करने में विफल रही है।
--आईएएनएस
लखनऊ, 25 सितंबर | उत्तर प्रदेश में जल्द ही स्कूली छात्रों के लिए योग अनिवार्य कर दिया जाएगा। इस नीति के जल्द ही जारी होने की उम्मीद है, जिसका उद्देश्य राज्य के सबसे दूरदराज के हिस्सों में भी एक मजबूत खेल संस्कृति, खेल बुनियादी ढांचे का विकास और खिलाड़ियों को बढ़ावा देना है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (खेल) नवनीत सहगल ने कहा, "इस नीति का उद्देश्य 5 से 14 वर्ष के आयु वर्ग में प्रतिभा की पहचान करके छोटे बच्चों की भागीदारी बढ़ाना और सार्वजनिक निजी भागीदारी, सार्वजनिक संघ भागीदारी और खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है।"
उन्होंने कहा कि केंद्र ने गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ को तीन खेलों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) के रूप में विकसित करने की सहमति दी है। इसमें युवाओं के लिए खेल प्रबंधन, खेल पत्रकारिता, खेल कानून, खेल डेटा विश्लेषण सहित अन्य पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। उच्च प्रदर्शन केंद्र राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए प्रत्येक खेल से 20 सर्वश्रेष्ठ एथलीटों के विकास का समर्थन करेंगे।
सहगल ने आगे कहा कि होनहार युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रत्येक जिले में एक जिला खेल केंद्र होगा। बुनियादी खेल और फिटनेस प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए डीएससी में एक जिला खेल कोचिंग केंद्र (डीएससीसी) भी शामिल होगा।
नई नीति के तहत खेल संघों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को अकादमियों की स्थापना के लिए पट्टे पर जमीन दी जाएगी। खेल का मैदान के लिए निर्धारित ग्राम सभा की भूमि ग्रामीण अकादमियों को लीज पर दी जाएगी। अकादमी में कम से कम 50 फीसदी खिलाड़ी यूपी से होंगे।
इस कार्यक्रम में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य चैनलों का उपयोग प्रवेश आदि के बारे में जानकारी फैलाने के लिए किया जाएगा। राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपये के प्रारंभिक कोष के साथ उत्तर प्रदेश खेल विकास कोष बनाने का भी प्रस्ताव रखा है।
नीति के तहत खिलाड़ियों और स्कूली छात्रों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी योग अनिवार्य होगा। सभी जिला मुख्यालयों के खेल स्टेडियमों में योग के प्रशिक्षण एवं अभ्यास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
यूपी स्पोर्ट्स डेवलपमेंट एंड प्रमोशन कमेटी समाज के सभी वर्गो जैसे महिलाओं, विकलांगों आदि के बीच खेलों को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी।
यह प्रतिभा की पहचान करेगा और उनके कौशल का विकास करेगा। यह खेल संघों और विभागों जैसे युवा कल्याण, शिक्षा, सामाजिक कल्याण, महिला कल्याण, स्वास्थ्य, शहरी विकास, उद्योग, सेना, रेलवे, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वैच्छिक संगठनों के बीच समन्वय भी करेगा। (आईएएनएस)|
हुबली (कर्नाटक), 25 सितंबर | हुबली शहर में एक हिंदू युवक का जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने रविवार को इस बात की जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, मांड्या जिले के मद्दुर तालुक के यादवनहल्ली निवासी 26 वर्षीय श्रीधर गंगाधारा का जबरन धर्म परिवर्तन कराके उसका नाम मोहम्मद सलमान रखा गया है।
आगे पुलिस ने बताया कि श्रीधर एक निजी कंपनी का कर्मचारी है और आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। उसने इसे एक अताउर रहमान के साथ साझा किया था जो उसे मई में बेंगलुरु की एक मस्जिद में ले गया था।
श्रीधर को मस्जिद में बंद कर दिया गया और जबरदस्ती 'खतना' किया गया और उसे गाय का मांस खाने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने धर्म परिवर्तन को लेकर खाली कागजों पर उनके हस्ताक्षर भी ले लिए।
इसके बाद उसको श्रीधर को आंध्र प्रदेश के तिरुपति, पुत्तूर, भुवनगर मस्जिदों में ले जाया गया और उसको इस्लाम का प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने उसे हर साल कम से कम तीन व्यक्तियों को इस्लाम में परिवर्तित करने की धमकी दी। इसके साथ ही उसको एक पिस्टल दी गई और तस्वीरें ली गईं।
पुलिस ने कहा कि आरोपी ने उसे धमकी दी कि अगर उसने उनकी बात नहीं मानी तो उसे आतंकवादी के रूप में पेश किया जाएगा। उन्होंने उसके खाते में 35,000 रुपये ट्रांसफर किए और उसे उनके आदेश का पालन करने को कहा।
घटना का पता तब चला जब वह हाल ही में हुबली के भैरीदेवरकोप्पा में अज्ञात व्यक्तियों के एक गिरोह द्वारा हमला किए जाने के बाद थाने गया था।
पुलिस ने कहा कि वह यहां आया था, क्योंकि उसकी फेसबुक महिला मित्र ने उसे मिलने के लिए बुलाया था।
आगे की जांच जारी है। (आईएएनएस)|
शंभु नाथ चौधरी
रांची, 25 सितंबर | झारखंड में हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष का सिलसिला थम नहीं रहा। केवल इस साल के बीते आठ महीने की बात करें तो हाथियों के हमले में जहां 55 लोगों ने जान गंवाई है, वहीं अलग-अलग वजहों से 10 हाथियों की मौत हुई है।
हाल की घटनाएं बताती हैं कि इस संघर्ष के चलते कितना नुकसान हो रहा है। झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के लाटू जंगल से बीते 21 सितंबर को वन विभाग की टीम ने हाथी का कटा हुआ दांत बरामद किया।
फॉरेस्टर परमजीत तिवारी के मुताबिक टीम को देखते ही तस्कर हाथी दांत फेंककर भागने में सफल रहा। इसी तरह रामगढ़ जिला अंतर्गत मांडू प्रखंड के डूमरडीह जंगल में बीते 15 सितंबर को एक हाथी मरा पाया गया। वन विभाग के अफसरों तक जब यह खबर पहुंची, तब तक अपराधी हाथी के दोनों दांत काटकर ले गये थे।
हालांकि तीन दिन बाद वन विभाग ने जंगल से हाथी के दांत बरामद कर लिये, लेकिन इस मामले में किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। अगस्त के पहले हफ्ते में पलामू टाइगर रिजर्व एरिया के फुलहर जंगल में एक हाथी मरा पाया गया। बीते 31 जुलाई को लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के रेची जंगल में एक हाथी की लाश मिली। कुछ लोग मृत हाथी का दांत काटकर ले गये थे।
इसके पहले 17 जुलाई को खूंटी जिले के रनिया प्रखंड अंतर्गत बोंगतेल जंगल में एक हाथी मृत पाया गया। आशंका है कि कोई जहरीला पदार्थ खाने से उसकी मौत हुई। जुलाई महीने में रांची केइटकी के केवदबेड़ा जंगल में एक हाथी मरा पाया गया था। वन विभाग इन सभी घटनाओं की जांच कर रहा है। मौत के कारणों के बारे में अब तक कोई स्पष्ट रिपोर्ट नहीं आयी है।
मई के तीसरे हफ्ते में चक्रधरपुर रेलमंडल अंतर्गत बांसपानी-जुरुली रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी की चपेट में आकर तीन हाथियों की मौत हो गयी थी। इनकी मौत से गमजदा डेढ़ दर्जन हाथी लगभग 12 घंटे तक ट्रैक पर जमे रहे थे। बताया गया था कि करीब 20 हाथियों का झुंड बांसपानी-जुरूली के बीच बेहेरा हटिंग के पास रेल लाइन पार कर रहा था, तभी तेज गति से आ रही एक मालगाड़ी ने इन्हें टक्कर मार दी थी। इसके पहले के पहले हफ्ते में गिरिडीह जिले में चिचाकी और गरिया बिहार स्टेशन के बीच ट्रेन की टक्कर में एक हाथी की मौत हो गयी थी।
गुस्साए गजराज भी राज्य के 15 से ज्यादा जिलों में जमकर आतंक मचा रहे हैं। पिछले दो-तीन वर्षों में हजारीबाग जिले में हाथियों ने सबसे ज्यादा उत्पात मचाया है। यहां इस साल अब तक हाथी 15 लोगों की जान ले चुके हैं। इसी तरह गिरिडीह में नौ, लातेहार में आठ, खूंटी में छह, चतरा, बोकारो और जामताड़ा में तीन-तीन लोग हाथियों के हमले में मारे गये हैं। हाल की घटनाओं की बात करें तो सितंबर के दूसरे हफ्ते में गुमला बड़ातुरिअम्बा गांव निवासी 30 वर्षीय बाइक सवार कृष्णा हजाम को अमलिया जंगल के समीप हाथी ने कुचलकर मार डाला था। रामगढ़ जिले के गोला के सरला गांव में 9 सितंबर को किसान सावन महतो को दो हाथियों ने कुचल डाला। 28 जुलाई को हजारीबाग जिले के सदर प्रखंड के मोरांगी नोवकी टांड़ निवासी जितेंद्र राम को हाथियों के झुंड ने कुचल कर मार डाला था। इसके एक दिन पहले 27 जुलाई को खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के कमला पोढो टोली गांव में हरसिंह गुड़िया नामक एक दिव्यांग को झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी ने कुचलकर मार डाला। 22 जुलाई को इसी जिले के कर्रा में जंगली हाथियों को भगाने के लिए पहुंची वन विभाग की टीम पर ही हाथियों ने हमला बोल दिया, जिसमें एक वनरक्षी जसबीन सालगर आईंद की मौत हो गई।
वन विभाग के दावे चाहे जो भी हों, लेकिन लगातार हो रहीं घटनाएं इस बात की तस्दीक करती हैं कि विभाग के अफसरों की भूमिका हाथियों की मौत के बाद उनके शवों का पंचनामा करने और हाथियों के हमले में मारे गये इंसानों के लिए मुआवजे की फाइल तैयार करने तक सीमित रह गयी है।
झारखंड हाईकोर्ट ने इस साल मार्च महीने में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वन विभाग की उदासीनता और लापरवाही पर सख्त टिप्पणियां की थीं। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच ने यहां तक कहा था कि जंगलों में वन्य प्राणियों की संख्या लगातार घटती गई, लेकिन इसके बदले वन विभाग में अफसरों की तादाद लगातार बढ़ती गई। कोर्ट ने पिछले साल अगस्त-सितंबर में लातेहार में दो हाथियों की मौत पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था और वन विभाग के सचिव और राज्य के मुख्य वन संरक्षक को कोर्ट में हाजिर होकर जवाब देने को कहा था। अफसरों ने कोर्ट में जो जवाब दिया था, उसपर भी कोर्ट ने गहरा असंतोष जताया था।
झारखंड विधानसभा के बीते बजट सत्र में वन विभाग के प्रभारी मंत्री चंपई सोरेन ने हाथियों के उत्पात से जुड़े एक सवाल के जवाब में बताया था कि वर्ष 2021-22 में हाथियों द्वारा राज्य में जानमाल को नुकसान पहुंचाये जाने से जुड़े मामलों में वन विभाग ने एक करोड़ 19 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान किया है। उन्होंने अपने जवाब में कहा था कि हाथियों और इंसानों के बीच द्वंद्व बढ़ने के कई कारण हैं। जनसंख्या बढ़ने के कारण वन्यजीव का प्रवास क्षेत्र प्रभावित हुआ है। गांवों में मादक पेय पदार्थ बनाए जाते हैं, जिसकी महक हाथियों को आकर्षित करती है। इस कारण भी हाथियों की आदतों और भ्रमण के मार्ग में बदलाव आया है।
हाथियों के व्यवहार पर शोध करने वाले डॉ तनवीर बताते हैं कि जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और सेटेलाइट सर्वे के आधार पर यह तथ्य स्थापित हुआ कि हाथी अपने पूर्वजों के मार्ग पर सैकड़ों साल बाद भी दोबारा अनुकूल वातावरण मिलने पर लौटते हैं। अगर मार्ग में आवासीय कॉलोनी या दूसरी मानवीय गतिविधियां मिलती हैं तो उनका झुंड उसे तहस-नहस करके ही आगे बढ़ता है। हाथियों के उग्र होने का मुख्य कारण अपने रास्ते के लिए उनका बेहद संवेदनशील होना भी है। जुलाई से सितंबर के दौरान हाथी प्रजनन करते हैं। इस समय हाथियों के हार्मोन में भी बदलाव आता है जिससे वो आक्रामक हो जाते हैं। (आईएएनएस)|
संतोष कुमार पाठक
नई दिल्ली, 25 सितंबर | कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर तस्वीर अब लगभग साफ होती नजर आ रही है। जिस जिद और एजेंडे को लेकर राहुल गांधी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, उनका वह एजेंडा अब पूरा होता दिखाई दे रहा है। अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो राजनीति के जादूगर माने जाने वाले अशोक गहलोत चुनाव के जरिए कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं।
लगभग 24 साल बाद गांधी परिवार से इतर कोई व्यक्ति कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहा है। पिछले 24 वर्षों से कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी या राहुल गांधी के हाथों में ही रही है। ऐसे में कांग्रेस के कई बड़े और दिग्गज नेता यह कह रहे हैं कि एक गैर गांधी परिवार से जुड़े व्यक्ति के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद परिवारवाद का मुद्दा खत्म हो जाएगा।
कांग्रेस को यह लग रहा है कि भाजपा जिस परिवारवाद के नाम पर कांग्रेस को घेरती आ रही है वो मुद्दा राहुल गांधी के अध्यक्ष नहीं बनने के फैसले से पूरी तरह खत्म हो जाएगा। लेकिन क्या वाकई ऐसा होने जा रहा है?
परिवारवाद और भाई-भतीजावाद के जिस मुद्दे को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उठाकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा हो, देश के गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत जिस भाजपा के तमाम नेता, केंद्रीय मंत्री, तमाम मुख्यमंत्री और कार्यकर्ता तक परिवारवाद के जिस मुद्दे के सहारे कांग्रेस को घेरते आ रहे हो, गांधी परिवार पर निशाना साधते आ रहे हों, क्या उनके लिए यह मुद्दा खत्म होने जा रहा है? क्या गांधी परिवार से अलग हटकर किसी व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का दांव खेलकर राहुल गांधी ने कोई बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है।
भाजपा की मानें तो ऐसा कुछ नहीं है। भाजपा का यह स्पष्ट तौर पर मानना है कि मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बना कर सोनिया गांधी ने जो दांव सरकार के मोर्चे पर खेला था उसी तरह का राजनीतिक दांव राहुल गांधी कांग्रेस संगठन के मोर्चे पर खेलने जा रहे हैं लेकिन इससे कुछ बदलाव होने वाला नहीं है।
भाजपा तो अशोक गहलोत के बयान के सहारे ही यह साबित करने की कोशिश भी कर रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव तो सिर्फ दिखावा है। भाजपा के मुताबिक परिवारवाद कांग्रेस का चरित्र बन चुका है और इस बीमारी को लेकर भाजपा लगातार देश की जनता को आगाह और सतर्क करने का काम करती रहेगी।
शुक्रवार को बिहार के पूर्णिया में रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने 2024 के लोक सभा चुनाव को नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी की लड़ाई बताते हुए रैली में मौजूद जनता से ही पूछ लिया कि 2024 में देश का प्रधानमंत्री किसे बनना चाहिए - मोदी, नीतीश या राहुल बाबा?
हालांकि भाजपा ने राहुल गांधी के इस दांव पर राजनीतिक हमला करने के लिए सबसे पहले अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता टॉम वडक्कन को आगे किया जो भाजपा में आने से पहले लंबे समय तक कांग्रेस में रह चुके हैं।
वडक्कन ने 21 सितंबर, बुधवार को ही भाजपा मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करने के दौरान राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोलते हुए साफ तौर पर यह कहा कि कांग्रेस के अध्यक्ष चाहे अशोक गहलोत बने या शशि थरूर, राहुल गांधी के हाथों की कठपुतली ही होंगे और कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के हाथ में ही रहेगी।
ऐसे में साफ जाहिर है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर भले ही अशोक गहलोत काम करते नजर आएं लेकिन भाजपा कांग्रेस के हर फैसले पर देश की आम जनता को यह बताती नजर आएगी कि वो फैसला गहलोत ने लिया या गांधी परिवार ने निर्देश दिया।
भाजपा के तेवरों से यह साफ है कि उसके लिए गैर गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बावजूद परिवारवाद का मुद्दा समाप्त नहीं होने वाला है और कांग्रेस को, खासतौर से राहुल गांधी को बार-बार और लगातार भाजपा के आरोपों का सामना करना ही पड़ेगा। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 25 सितंबर | उत्तर प्रदेश में 15-49 आयु वर्ग का हर पांचवां व्यक्ति अधिक वजन या मोटापे का शिकार है। लिंग के आधार पर मूल्यांकन से पता चलता है कि 21.3 प्रतिशत महिलाएं और 18.5 प्रतिशत पुरुष अधिक वजन/मोटापे की श्रेणी में आते हैं।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़े मोटापे के शिकार लोगों की संख्या में पांच प्रतिशत की वृद्धि का संकेत देते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, एनएफएचएस-4 की श्रेणी में आने वाले 16.5 फीसदी लोगों के मुकाबले महिलाओं की संख्या 19 फीसदी और एनएफएचएस-5 में पुरुषों की संख्या 6 फीसदी हो गई है।
लगभग 23 प्रतिशत पुरुषों और 24 प्रतिशत महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 या उससे अधिक पाया गया, जो 2015-16 के दौरान दोनों लिंगों के लिए 4 प्रतिशत की वृद्धि है।
स्वस्थ शरीर के वजन की गणना बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) सूत्र के आधार पर की जाती है। 30 से अधिक बीएमआई वाले किसी भी व्यक्ति को मोटा माना जाता है और 25 से 29.9 के बीच बीएमआई वाले व्यक्ति को अधिक वजन माना जाता है।
यह कहते हुए कि एक बार मोटापे को धनी देशों की समस्या माना जाता था, विशेषज्ञों ने स्वीकार किया कि यह उन देशों की ओर बढ़ रहा है, जहां अधिकांश आबादी निम्न और मध्यम आय वर्ग में आती है।
कुल मिलाकर, दुनियाभर में मोटापे का प्रसार पिछले चार दशकों में लगभग तीन गुना हो गया है।
डॉक्टरों ने इसे बढ़ती पोषण संबंधी चिंता बताते हुए कहा कि शरीर का अत्यधिक वजन बीमारियों के लिए एक खुला निमंत्रण है।
चिकित्सा वैज्ञानिक और टिप्पणीकार डॉ. राम उपाध्याय ने कहा, "मोटापा बीमारियों का कारण बनता है और साधारण परिस्थितियों के प्रबंधन को भी मुश्किल बना देता है। वास्तव में, महामारी के दौरान खोए गए कई जीवन शरीर के अत्यधिक वजन से जुड़े थे।"
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत अधिक शरीर में वसा से गैर-संचारी रोगों का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें 13 प्रकार के कैंसर, टाइप-2 मधुमेह, हृदय की समस्याएं और फेफड़ों की स्थिति शामिल हैं।
इस प्रवृत्ति के लिए अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों, खराब तनाव प्रबंधन और व्यायाम की कमी को दोष देते हुए विशेषज्ञों ने लोगों से अपने स्वास्थ्य के लिए जोखिमों से सावधान रहने का आग्रह किया।
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह कहते हुए नीति और कार्रवाई का आह्वान किया कि "किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या का आकार यूपी के साथ उसके विशाल जनसंख्या आकार के कारण बड़ा हो जाता है।" (आईएएनएस)|
संकेत पाठक
नई दिल्ली, 25 सितंबर | 22 सितंबर को एनआईए और ईडी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के देश भर में मौजूद ठिकानों पर छापेमारी की थी। सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों द्वारा जो सबूत इकट्ठा किए गए हैं, उनके आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय पीएफआई पर बैन लगाने की तैयारी कर रहा है।
हालांकि बैन लगाने के पहले गृह मंत्रालय के अधिकारी पूरी तैयारी कर लेना चाहते हैं, ताकि अगर बैन को चुनौती दी जाए, तो उनका पक्ष कमजोर ना पड़े।
गुरुवार को देश के 15 राज्यों में हुई छापेमारी में जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के पुख्ता सबूत मिले हैं। इसी को आधार बनाकर जल्द ही इसे बैन के दायरे में लाया जा सकता है।
इसी को लेकर छापेमारी के तुरंत बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और एनआईए चीफ से मीटिंग भी की थी। इसमें पीएफआई के खिलाफ जुटाए गए तथ्यों की समीक्षा और आगे की कार्यवाही के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक पीएफआई को बैन करने से पहले गृह मंत्रालय कानूनी सलाह भी ले रहा है, ताकि जब इस मामले में संबंधित पक्ष अदालत में जाए तो सरकार की तैयारी पूरी हो। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि साल 2008 में सिमी पर लगे प्रतिबंध को केंद्र सरकार को हटाना पड़ा था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट के जरिए उसे फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया।
दरअसल जब भी पीएफआई का नाम किसी मामले में आता है, तो इस बात पर चर्चा जरूरी होती है कि अगर इस पर कई आरोप हैं, तो फिर इस संगठन पर बैन लगाने में इतना वक्त क्यों लग रहा है? आखिर वो कौन सी रुकावटें हैं, जो अभी तक केंद्र सरकार को बैन की कार्यवाही करने से रोक रही है।
जानकारी के मुताबिक अलग अलग एजेंसियां कई सालों से पीएफआई के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने में लगी थी। गृह मंत्रालय की तरफ से निर्देश दिए गए थे, कि पीएफआई संगठन की कोई भी कड़ी को ना छोड़ा जाए। एनआईए की जांच आपराधिक संगठन की गैरकानूनी गतिविधियों पर केंद्रित थी, तो वहीं ईडी उनके वित्त के स्रोत का पता लगाने में अब पूरी तरह सफल रहा है।
ईडी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि जांच में पीएफआई के बैंक खातों में करीब 60 करोड़ के संदिग्ध लेन-देन का पता चला है। यह जानकारी भी मिली है कि पीएफआई को हवाला के जरिए भी रकम पहुंचाई जा रही थी। इसके लिए भारत में पैसे भेजने के लिए खाड़ी देशों में काम करने वाले मजदूरों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता था।
वहीं एनआईए ने पीएफआई सदस्यों द्वारा चलाये जा रहे आतंकी शिविर के अलावा 5 अलग अलग दर्ज मामलों में विस्फोटक बनाने से लेकर युवाओं को बरगलाकर आईएसआईएस जैसे संगठन में भेजने तक के पुख्ता सबूत इकट्ठा कर लिए हैं।
गौरतलब है कि 2017 में एनआईए ने गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी विस्तृत रिपोर्ट में पीएफआई के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते बैन लगाने की मांग की थी। कई और राज्य समय समय पर बैन लगाने की मांग कर चुके हैं। ऐसे में अब तक देरी क्यों हो रही है, इस बारे में आईएएनएस से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कई बातें विस्तार से बताई।
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि पीएफआई को 5 साल पहले ही बैन हो जाना चाहिए था। उन्होंने बताया कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होना, विस्फोटक तैयार करना, निर्वाचित प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रचना और करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग कर देशविरोधी गतिविधियों में पैसा लगाना -- ये वो आधार हैं, जिसके हिसाब से पीएफआई पर अब बैन लगाया जा सकता है। इन सब मामलों में पुख्ता सबूत जुटाने में लंबा वक्त लगता है।
विक्रम सिंह ने बताया कि पीएफआई पर अब तक बैन ना लगने के पीछे की एक वजह इन्हें मिलने वाला राजनीतिक सपोर्ट भी है। कुछ पार्टियों के नेता यहां तक कि सांसद भी पीएफआई को समाजसेवा करने वाला संगठन बता चुके हैं। इसके समर्थक कई राज्यों में मौजूद हैं। यही नहीं पीएफआई की सहयोगी एसडीपीआई कई राज्यों में चुनाव भी लड़ चुकी है। यही वजह है कि पीएफआई के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए इतनी तैयारी करनी पड़ रही है।
विक्रम सिंह ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार पीएफआई का टर्की की एजेंसी और पाकिस्तान की आईएसआई से फंडिंग का भी लिंक मिला है। लड़कों को बरगलाकर आईएसआईएस में भी भेजा गया। इन्ही लिंक की कड़ियां जोड़ने के लिए ईडी और एनआईए ने पूरी तैयारी की, ताकि कड़ी कार्यवाही की जा सके।
फिलहाल पीएफआई पर झारखंड सरकार ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। वहीं गृह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रीवेंशन) एक्ट 1967 के सेक्शन 35 के तहत करीब 39 संगठनों पर सरकार ने बैन लगाया हुआ है।
इनमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांड फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, लश्कर-ए-तैयबा/पासबन-ए-अहले हदीस, जैश-ए-मोहम्मद / तहरीक-ए-फुरकान, हरकत-उल-मुजाहिदीन/ हरकत-उल-अंसार, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन, अल-उमर अल-मुजाहिदीन, जम्मू एंड कश्मीर इस्लामिक फ्रंट, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा), नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी), पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक, कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), कंगलेई याओल कानबा लुप, मणिपुर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (एमपीएलएफ), ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम, स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया, दीनदर अंजुमन,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनिस्ट) पीपुल्स वॉर, माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी), अल बद्र, जमीयत-उल-मुजाहिदीन, अल-कायदा, दुख्तारन-ए-मिल्लत (डीईएम), तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी, तमिल नेशनल र्रिटीवल ट्रूप्स, अखिल भारत नेपाली एकता समाज, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया(माओइस्ट), इंडियन मुजाहिदीन,गारो नेशनल लिबरेशन आर्मी, कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन, इस्लामिक स्टेट/आईएसआईएस, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (के), इसके अलावा यूएन में लिस्टेड आतंकी संगठन भी शामिल हैं। (आईएएनएस)|
तिरुपति, 25 सितंबर | आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के रेनिगुंटा में रविवार को एक निजी अस्पताल में आग लगने से एक डॉक्टर और उसके दो बच्चों की मौत हो गई। आग अस्पताल की इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल में लगी, जहां डॉक्टर अपने परिवार के साथ रह रहे थे। डॉ रविशंकर रेड्डी, उनके बेटे और बेटी की जान चली गई।
स्थानीय लोगों ने उनकी पत्नी डॉक्टर अनंत लक्ष्मी और मां को बचा लिया।
यह घटना तिरुपति के मंदिर शहर के पास रेनीगुंटा में भगत सिंह नगर में बच्चों के लिए कार्तिका अस्पताल में सुबह करीब 4.30 बजे हुई। हाल ही में खोले गए अस्पताल में एक भी मरीज नहीं था।
दमकल कर्मियों ने 12 वर्षीय भरत और 15 वर्षिय कार्तिका को दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टर की पत्नी और मां की हालत स्थिर बताई जा रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि, उन्हें सुबह करीब 4.50 बजे आग लगने की सूचना मिली। दमकल की दो गाड़ियां अस्पताल पहुंचीं और आग पर काबू पाया।
पुलिस को शक है कि शार्ट सर्किट से आग लगी है। पुलिस ने कहा कि विस्तृत जांच के बाद आग लगने के वास्तविक कारणों का पता चलेगा। (आईएएनएस)|
मेहसाणा (गुजरात), 24 सितंबर | आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि आप उचित समय पर अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करेगी। मनीष सिसोदिया उत्तरी गुजरात में पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं। शुक्रवार रात उंझा कस्बे में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद सिसोदिया ने मीडियाकर्मियों से कहा कि पार्टी उचित समय पर सीएम उम्मीदवार की घोषणा करेगी।
उत्तराखंड के अनुभवों से सीख लेते हुए जहां उसके सीएम उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल भाजपा में शामिल हो गए थे, पार्टी अब गुजरात के सीएम उम्मीदवार का नाम तय करने में फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है।
जनता को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा, हमें गुजरात के लोगों की सेवा करने के लिए नेता होने की जरूरत नहीं है। हम सरकारी स्कूलों के मानक और गुणवत्ता में सुधार करेंगे, जो निजी स्कूलों के बराबर होगा। आप दिल्ली में अपने काम के लिए जानी जाती है।
सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आप की नीति बिल्कुल स्पष्ट है कि जनता के धन का इस्तेमाल लोगों के उत्थान के लिए किया जाना चाहिए, न कि कुछ चुनिंदा दोस्तों के लिए।
इस बीच, आप के सांसद राघव चड्ढा शनिवार सुबह राजकोट पहुंचे और पार्टी के लिए प्रचार किया। उन्हें गुजरात चुनाव का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।
रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य का दौरा करेंगे और पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 24 सितंबर | मुरादाबाद और उत्तराखंड में हुई युवतियों के साथ घटनाओं पर कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नें चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि, इन घटनाओं से दिल दहल गया है और भारत तभी आगे बढ़ेगा, जब देश की महिलाएं सुरक्षित होंगी। राहुल गांधी नें कहा, "मुरादाबाद और उत्तराखंड में युवतियों के साथ जो घटनाएं हुई हैं, उसने सबका दिल दहला दिया है। भारत जोड़ो यात्रा में मैं कई प्रतिभाशाली बच्चियों और युवतियों से मिल रहा हूं, उन्हें सुन रहा हूं। एक बात साफ है, हमारा भारत तभी आगे बढ़ेगा, जब देश की महिलाएं सुरक्षित होंगी।"
दरअसल, उत्तराखंड के रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी हत्याकांड में 3 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, इन पर अंकिता पर गलत काम करने का दबाव बनाने का आरोप है, वहीं आज पुलिस को अंकिता का शव भी मिल गया है।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक वीडियो सामने आया, जिसमें एक युवती बिना कपड़ों के सड़क पर घूमती नजर आईं। उसके फूफा ने उसके साथ दुष्कर्म का मुकदमा भोजपुर थाने में दर्ज कराया है।(आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 24 सितंबर | देश में शनिवार को पिछले 24 घंटों में 4,912 नए मामले दर्ज किए गए, जो शुक्रवार को सामने आए 5,383 मामलों से मामूली गिरावट पर है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। इसी अवधि में, कोरोना वायरस से 38 लोगों की मौत हुई, जिसके चलते देशभर में महामारी से मरने वालों का आकंड़ा 5,28,487 तक पहुंच गया। वहीं 5,719 संक्रमित मरीज ठीक भी हुए।
कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों की संख्या 4,39,90,414 हो गई, जिसके चलते रिकवरी रेट 98.71 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
इस बीच डेली पॉजिटिविटी रेट 1.62 प्रतिशत और वीकली पॉजिटिविटी रेट 1.69 प्रतिशत है।
साथ ही इसी अवधि में देशभर में कुल 3,03,888 कोरोना टेस्ट किए गए, जिससे कुल संख्या बढ़कर 89.33 करोड़ से अधिक हो गई। (आईएएनएस)|
मुंबई, 24 सितंबर | मशहूर गायिका नेहा कक्कड़ ने हाल ही में डांडिया क्वीन फाल्गुनी पाठक के फेमस गाने 'मैंने पायल है छनकाई' का रीमिक्स बनाया। इसके चलते वह सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रही हैं। फाल्गुनी पाठक ने इस गाने पर प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी जाहिर की है। 53 वर्षीय फाल्गुनी पाठक ने पिंकविला को बताया कि वह ओरिजनल गाने के प्रति अपने प्रशंसकों के प्यार को देखकर खुश हैं, जो 1999 में रिलीज हुआ था।
फाल्गुनी ने कहा, "मैं इस गाने के लिए हर तरफ से इतना प्यार पाकर काफी खुशी महसूस कर रही हूं, इसलिए मुझे अपने फैंस की ओर से भावनाओं को साझा करना पड़ा।"
फाल्गुनी ने कहा कि नेहा कक्कड़ और 'ओ सजना' के निर्माताओं ने उनसे संपर्क नहीं किया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह कानूनी रास्ता अपनाने की योजना बना रही हैं, इस पर फाल्गुनी ने कहा, "काश मैं कर पाती, लेकिन मेरे पास अधिकार नहीं है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या निर्माताओं या नेहा कक्कड़ ने उनकी इंस्टाग्राम स्टोरीज को देखकर उनसे संपर्क करने की कोशिश की, फाल्गुनी ने कहा, "नहीं।"
बता दें, फाल्गुनी ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर कुछ यूजर्स के स्क्रीनशॉट शेयर किए थे, जिनमें यूजर्स नेहा कक्कड़ को रीमिक्स की वजह से ट्रोल कर रहे हैं। (आईएएनएस)|
शिवमोग्गा, (कर्नाटक) 24 सितंबर | कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में गिरफ्तार किए गए आईएस के दो संदिग्ध आतंकवादियों में से एक को शनिवार को अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी गई। माज मुनीर के पिता मुनीर अहमद दिल के मरीज थे। बेटे की गिरफ्तारी के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। शुक्रवार की शाम उनका निधन हो गया। उनकी मौत के बाद सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शिवमोग्गा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, माज के पिता का अंतिम संस्कार तीर्थहल्ली में किया जाएगा। मामले में माज को अधिकारियों ने एक स्थानीय अदालत में पेश किया।
इस बीच पुलिस को दो संदिग्ध आतंकियों की जांच के दौरान कई सबूत हाथ लगे हैं। उनका मानना है कि गिरफ्तार संदिग्ध आईएस आतंकवादी माज मुनीर और सैयद यासीन के साथ शारिक, जो अभी भी फरार है, प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान गया था।
तीनों ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान की सीमा में घुसने में कामयाब रहे थे। शिवमोग्गा के एसपी लक्ष्मी प्रसाद ने कहा है कि वे मामले की आगे की जांच कर रहे हैं।
जांच अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने आईएसआईएस नेताओं के साथ फरार संदिग्ध आतंकवादी शारिक की ऑडियो रिकॉर्ड एकत्र की है। उन्होंने कहा कि शारिक ने आईएस आतंकवादियों से सीधा संपर्क कर उनके निर्देशों का पालन किया था।
उन्होंने बताया कि शारिक को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है।
पहले की जांच से पता चला था कि तीनों भारतीय राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने और यहां शरिया कानून लाने की साजिश रच रहे थे। उन्होंने भारतीय झंडे जलाए थे और इस बात पर कायम रहे कि भारत को वर्तमान स्वरूप से एक इस्लामिक राज्य में मुक्त करना है। (आईएएनएस)|