अंतरराष्ट्रीय
इस्लामाबाद, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| ब्रिटेन में पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात अधिकारियों ने बुधवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) को सूचित किया कि नवाज शरीफ के एक प्रतिनिधि ने शुरूआत में पीएमएल-एन सुप्रीमो के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने पर सहमति जताई थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री के पार्क लेन स्थित निवास में उनके आगमन से कुछ मिनट पहले उनका मन बदल गया। जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट के प्रथम सचिव दिलदार अली अब्रो ने अदालत को सौंपे गए एक लिखित उत्तर में कहा कि नवाज शरीफ के बेटे के सचिव वकार अहमद ने उन्हें फोन किया और उन्हें सूचित किया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री के लिए वारंट प्राप्त करेंगे।
अब्रो ने अदालत को बताया कि वकार शुरू में लंदन में नवाज शरीफ के पार्क लेन स्थित निवास पर वारंट प्राप्त करने के लिए सहमत हुए थे। इसके बाद उन्होंने वकार की इस स्वीकृति को लेकर उच्चायोग को सूचित किया। इस पर उच्चायोग ने उन्हें उक्त पते पर वारंट भेजने की अनुमति प्रदान की।
अब्रो ने अदालत को बताया, "वकार के साथ इस बात पर सहमति थी कि वह 23 सितंबर को सुबह 11 बजे वारंट प्राप्त करेंगे।" उन्होंने कहा कि वकार को यह भी बताया गया कि मिशन के कांसुलर अताशे राव अब्दुल हनन वारंट सौंपेंगे।
अब्रो ने अदालत को बताया, "सुबह 10:20 बजे वकार ने मुझे माफी मांगते हुए वारंट प्राप्त करने से मना कर दिया।"
दूसरी ओर, हनन ने अपने बयान में कहा कि वह शुरू में वारंट देने के लिए 17 सितंबर की शाम 6.35 बजे पूर्व प्रधानमंत्री के आवास पर गए थे। उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ के एक घरेलू कर्मचारी मुहम्मद याकूब ने वारंट प्राप्त करने से मना कर दिया था, यही वजह है कि वारंट को पूर्व प्रधानमंत्री तक नहीं पहुंचाया जा सका।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अपनी अंतिम सुनवाई में हनन को वीडियो लिंक के माध्यम से मामले की अगली सुनवाई में एक बयान दर्ज करने का निर्देश दिया।
इसी सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने माना कि नवाज शरीफ का पाकिस्तान से बाहर निकलना 'व्यवस्था का मखौल' है।
शरीफ को गत वर्ष नवंबर में सिर्फ चार हफ्तों के लिए लंदन जाने के लिए एक अदालत से अनुमति मिली थी, लेकिन तब से वह पाकिस्तान वापस नहीं लौटे। उन्हें भ्रष्टाचार से जुड़े अल-अजीजिया स्टील मिल्स मामले में सात साल जेल की सजा मिली है।
दुबई, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| एक भारतीय महिला जो कोविड-19 के संक्रमण के कारण मरने की कगार पर पहुंच गई थी, वह अपने बच्चे को जन्म देने के बाद ठीक हो गई है। गल्फ न्यूज ने बताया कि असफिया समरीन को मई में कोरोना संक्रमण हो गया था और उसके बाद सितंबर में उन्होंने बच्चे को जन्म दिया।
अबू धाबी हेल्थ सर्विसेज कंपनी (सेहा) ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर घोषणा की, "अपनी गर्भावस्था के अंतिम तिमाही में कोविड-19 के साथ लंबी और कठिन लड़ाई के बाद असफिया समरीन को जीत की बधाई।"
डब्ल्यूएएम की रिपोर्ट के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान जब उसे सबसे ज्यादा सुरक्षा की जरूरत थी, उसी समय उसे एक के बाद एक समस्या होनी शुरू हुईं और तभी उसका मेडिकल इंश्योरेंस खत्म हो रहा था। इन सारी विषम परिस्थितियों के बीच भारतीय गृहिणी का जीवित बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
महिला के पति एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, लेकिन उनके मालिक के वित्तीय संकट से गुजरने के कारण वे अपने परिवार का मेडिकल इंश्योरेंस रीन्यू नहीं करवा पाए थे।
अबू धाबी के पब्लिक हेल्थ प्रोवाइडर ने कहा कि यह समरीन की दृढ़ता, कॉर्निश अस्पताल और शेख शाखबउत मेडिकल सिटी (एसएसएमसी) की चिकित्सा टीमों की कड़ी मेहनत, समर्पण और देखभाल से ही संभव हुआ है।
समरीन ने कहा, "एक समय पर डॉक्टरों को मेरे बचने की उम्मीद नहीं थी और वे बच्चे का शीघ्र प्रसव कराने की सोच रहे थे।"
स्टॉकहोम, 7 अक्टूबर। इन दिनों नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा हो रही है। आज रसायन विज्ञान में सर्वश्रेष्ठ काम करने वालों के नामों की घोषणा की गई है। वर्ष 2020 के लिए रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार इमैन्युएल कारपेंटियर और जेनिफर ए डाउडना को जीनोम एडिटिंग का तरीका खोजने के लिए दिया गया है।
पिछले साल रसायन विज्ञान का इन्हें मिला था पुरस्कार
साल 2019 का रसायन विज्ञान का नोबेल प्राइज लीथियम आयन बैटरी के आविष्कार के लिए तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से दिया गया था। ये तीन नाम हैं जॉन बी गुडइनफ, एम स्टैनली विटंगम और अकीरा योशिनो। 97 साल के जॉन गुडइनफ अमेरिकी प्रोफेसर हैं और इतनी उम्र में नोबेल पाने वाले पहले शख्स हैं।
11 लाख अमेरिकी डॉलर मिलती है पुरस्कार राशि
स्टॉकहोम स्थित कारोलिंस्का संस्थान में निर्णायक मंडल ने इन तीनों वैज्ञनिकों के नामों की घोषणा की। नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (11 लाख डॉलर से अधिक) की राशि दी जाती है। स्वीडिश क्रोना स्वीडन की मुद्रा है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है। नोबेल पुरस्कार विजेताओं को 8,23,71,000 रुपये पुरस्कार राशि के बतौर मिलेगी।
ब्लैक होल्स क्या है, इसे समझने की दिशा में काम करने के लिए तीन वैज्ञानिकों को वर्ष 2020 के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। ये तीन वैज्ञानिक हैं- रोजर पेनरोसे, रीनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया घेज रॉजर पेनरोज ब्रिटेन के हैं। रीनहार्ड गेंजेल जर्मनी और आंद्रिया घेज अमेरिका के निवासी हैं।
ब्राह्मांड के रहस्य उजागर करने में सैद्धांतिक कार्य करने वाले जेम्स पीबल्स तथा सौरमंडल के बाहर एक ग्रह की खोज करने वाले स्विस खगोलशास्त्री माइकल मेयर और डिडियर कुलोज को पिछले साल का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। सोमवार को नोबेल समिति ने चिकित्सा क्षेत्र में पुरस्कार विजेताओं के नाम की घोषणा की थी।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| दुनिया के 14 सबसे आर्थिक रूप से उन्नत देशों के अधिकतर लोगों के बीच विशेष तौर पर कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप के बाद से चीन के प्रति नकारात्मक धारणाएं तेजी से बढ़ी हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के एक हालिया सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। यह सर्वे टेलीफोन के जरिए 14 देशों के 14,276 वयस्कों के बीच 10 जून से 3 अगस्त 2020 तक किया गया था। जिन 14 देशों में सर्वे किया गया, इनमें अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं।
दुनिया के 14 देशों में किए गए इस सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है कि अधिकांश लोगों का चीन के प्रति प्रतिकूल दृष्टिकोण है।
इसके अलावा, सर्वे किए गए नौ देशों स्पेन, जर्मनी, कनाडा, नीदरलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया में पिछले 12 या उससे ज्यादा सालों में नकारात्मक विचार अपने सबसे उच्च स्तर पर है।
सर्वे के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में 81 प्रतिशत लोगों का कहना है कि चीन के प्रति उनका दृष्टिकोण प्रतिकूल है। पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक लोग ऐसा विचार रखते हैं। ऑस्ट्रेलिया में चीन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। अन्य देशों में भी इसमें वृद्धि देखी गई है।
चीन के प्रति प्रतिकूल दृष्टिकोण रखने वाले लोगों में ब्रिटेन में 74 प्रतिशत, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत ज्यादा है, जर्मनी में 71 प्रतिशत (15 प्रतिशत अधिक) और अमेरिका में 73 प्रतिशत (13 प्रतिशत वृद्धि) लोग हैं।
विदेशों में चीन की प्रतिष्ठा के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक कोरोनावायरस रहा है। यह वायरस पिछले साल के अंत में चीनी शहर वुहान में सामने आया था और इसके बाद पूरे विश्व में फैल गया। चीन की इस वायरस की शुरू में जानकारी नहीं देने के लिए आलोचना की गई थी। सर्वे में पाया गया कि चीन ने कोरोना वायरस को कैसे नियंत्रित किया, इस संबंध में लोगों का नकारात्मक दृष्टिकोण था। इन 14 देशों में 61 प्रतिशत ने कहा कि चीन खराब तरीके से कोरोना वायरस से निपटा था, जबकि 84 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका ने महामारी को खराब तरीके से नियंत्रित किया है।
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल कई लोकतांत्रिक देशों ने इस साल की शुरूआत में नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के माध्यम से हांगकांग में चीन के हस्तक्षेत्र की आलोचना की थी। सर्वे में शामिल देशों के नागरिक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर भरोसा नहीं करते हैं। सर्वे में 78 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें विश्व मामलों में सही काम करने का उन पर भरोसा नहीं है।
सर्वे में शामिल लोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में भी अच्छी राय नहीं रखते हैं और 83 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे उन पर भरोसा नहीं करते। ट्रंप चीन के सबसे मुखर आलोचकों में से एक रहे हैं, जो कोरोना वायरस के लिए बीजिंग को दोषी ठहराते रहे हैं।
जेनेवा, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक अनुमान में दुनिया की 10 प्रतिशत आबादी के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की आशंका जताई है। डब्ल्यूएचओ के शीर्ष इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रायन ने सोमवार को कहा, "हमारा वर्तमान सर्वश्रेष्ठ अनुमान हमें बताता है कि वैश्विक आबादी का लगभग 10 प्रतिशत इस वायरस से संक्रमित हो सकता है। यह देश पर निर्भर करता है। यह शहरी से ग्रामीण क्षेत्र में भिन्न होता है, यह समूहों में भिन्न होता है। लेकिन इसका क्मतलब यह है कि दुनिया का अधिकांश हिस्सा जोखिम में है।"
उन्होंने कहा कि दुनिया अब मुश्किल दौर में जा रही है, क्योंकि बीमारी लगातार फैल रही है।
उन्होंने विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा कि दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में मामलों में वृद्धि हुई है और पूरे यूरोप में बीमारी से मौतें बढ़ी हैं और पूर्वी भूमध्य क्षेत्र चिंता का कारण है।
रायन डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड को संबोधित कर रहे थे, जहां अमेरिका ने प्रकोप के बारे में सटीक और समय पर जानकारी प्रदान करने को लेकर नाकाम रहने पर चीन पर कटाक्ष किया।
डब्ल्यूएचओ ने चीन को ओरिजिन की जांच के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मिशन में भाग लेने के लिए विशेषज्ञों की एक सूची चीनी अधिकारियों को विचार करने के लिए सौंपी है।
अमेरिका के सहायक स्वास्थ्य सचिव ब्रेट गिरोइर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि डब्ल्यूएचओ के 194 सदस्य देशों को नियमित रूप से और समय पर अपडेट मिले।
यूरोपीय संघ के लिए बोलते हुए जर्मनी ने कहा कि विशेषज्ञ मिशन को जल्द ही तैनात किया जाना चाहिए, ऑस्ट्रेलिया ने भी तेजी से जांच का समर्थन किया है।
वॉशिंगटन, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| दुनिया भर में कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या 3.57 करोड़ हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 1,048,700 से अधिक है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने बुधवार को इसका खुलासा किया।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम्स साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपनी हालिया जानकारी में बताया है कि बुधवार तक, कुल मामलों की संख्या 35,733,340 हो गई थी, जबकि मरने वालों की तादात बढ़कर 1,048,742 हो गई।
सीएसएसई के मुताबिक, अमेरिका दुनिया में कोविड से प्रभावित देशों की सूची में अव्वल है, जहां मामलों की संख्या 7,500,964 है और 210,886 अपनी जान गंवा चुके हैं।
भारत सूची में दूसरे स्थान पर है, जहां संक्रमितों का आंकड़ा 6,685,082 तक पहुंच गया है, जबकि अब तक 103,569 की मौत हो चुकी है।
सीएसएसई के आंकड़ों से मिली जानकारी के अनुसार, इसके अलावा, जिन 15 देशों में मामलों की अभी अधिकता है, उनमें ब्राजील (4,969,141), रूस (1,231,277), कोलम्बिया (869,808), पेरू (829,999), स्पेन (825,410), अर्जेंटीना (824,468), मैक्सिको (794,608), दक्षिण अफ्रीका (683,242), फ्रांस (675,736), ब्रिटेन (532,779), ईरान (479,825), चिली (473,306), इराक (387,121), बांग्लादेश (371,631), और सऊदी अरब (337,243) जैसे देश शामिल है।
मृत्यु दर के मामले में ब्राजील फिलहाल सूची में दूसरे स्थान पर है। यहां 147,494 मरीज कोरोना की चपेट में आकर अपना दम तोड़ चुके हैं।
जिन देशों में मौत का आंकड़ा 10,000 से ऊपर है, उनमें मेक्सिको (82,348), ब्रिटेन (42,535), इटली (36,030), पेरू (32,834), स्पेन (32,486), फ्रांस (32,383), ईरान (27,419), कोलंबिया (27,017), अर्जेंटीना (21,827), रूस (21,559), दक्षिण अफ्रीका (17,103), चिली (13,070), इक्वाडोर (11,702), इंडोनेशिया (11,374) और बेल्जियम (10,092) शामिल हैं।
निखिला नटराजन
न्यूयॉर्क, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिका में भारतीय-अफ्रीकी मूल की डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ बहस के लिए तैयार हैं।
हैरिस और पेंस का आमना-सामना रात 9 बजे ईएसटी (भारतीय समयानुसार गुरुवार सुबह 6.30 बजे) होगा। यूटा में इन दोनों की बहस होगी।
ट्रंप और जो बाइडन के बीच राष्ट्रपति पद को लेकर हुई बहस के बाद सबकी नजरें अब उपराष्ट्रपति पद के इन दोनों उम्मीदवार हैरिस और पेंस के बीच होने वाली बहस पर हैं।
डिबेट के मंच पर हैरिस की उपस्थिति अपने आप में ऐतिहासिक होगी और बुधवार रात को वह अपनी छाप छोड़ने की पूरी कोशिश करेंगी।
वह डेमोक्रेटिक प्राइमरी डिबेट में प्रभावित कर चुकी हैं।
डिबेट से पहले किए गए ट्वीट में हैरिस ने कहा कि वह "अपनी मां श्यामला जैसे लोगों के लिए वोट कर रही हैं, जिन्होंने मेरी बहन और मुझे सिखाया कि 'अगर आपके सामने समस्या है तो आपको इस बारे में शिकायत नहीं करनी चाहिए, बल्कि इससे निपटने के लिए कुछ करना चाहिए।' उनकी वजह से मैं जानती हूं कि अगर हम प्रयास करें तो बदलाव संभव है।"
हैरिस की मां श्यामला गोपालन केवल 19 वर्ष की थी जब वह बर्कली पहुंची थी। यहीं पर उनकी मुलाकात जमैका के अर्थशास्त्र में स्नातक एक छात्र डोनाल्ड हैरिस से हुई। उन्होंने शादी की और उनके दो बच्चे हुए--कमला और माया। हैरिस सार्वजनिक मंचों पर 'मदर इंडिया' थीम को भुनाने में कभी विफल नहीं रही हैं।
कोरोना के मद्देनजर बहस के दौरान पेंस और हैरिस 13 फीट की दूरी पह रहेंगे। अमेरिका में कोरोनावायरस के कराण 210,000 लोग जान गंवा चुके हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित 74 लाख लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं।
आरती टिक्कू सिंह
इस्लामाबाद / नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान अधिकृत जम्मू एवं कश्मीर के प्रधानमंत्री फारूक हैदर खान पर लाहौर में अपनी पार्टी के नेता नवाज शरीफ के हालिया ऑनलाइन भाषण को सुनकर पाकिस्तान के खिलाफ 'साजिश' रचने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। वीडियो में पाक सेना की आलोचना की गई थी।
इस्लामाबाद के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ, फारूक हैदर खान और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ सोमवार को लाहौर के शाहदरा पुलिस स्टेशन में पाकिस्तान और सेना के खिलाफ 'साजिश' करने का मामला दर्ज किया गया।
यह प्राथमिकी साइबर अपराध से संबंधित पाकिस्तान दंड संहिता, पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश, पाकिस्तान के निर्माण की निंदा, अपनी संप्रभुता के उन्मूलन की वकालत, विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और पदोन्नति के तहत दर्ज की गई।
पिछले सप्ताह पीएमएल-एन की केंद्रीय कार्यकारी समिति और केंद्रीय कार्यसमिति की बैठकों में भाग लेने को लेकर मरियम नवाज, राणा सनाउल्ला, अहसान इकबाल, शाहिद खाकान अब्बासी, परवेज राशिद, मर्रियम औरंगजेब, अताउल्लाह तरार सहित अन्य पर भी मामला दर्ज किया गया है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एफआईआर में कहा गया है कि "लंदन में चिकित्सा उपचार का लाभ उठाने के बजाय, नवाज भड़काऊ भाषण देकर देश और उसके संस्थानों को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश कर रहे हैं।"
समाचार पत्र के अनुसार, यह आरोप लगाया गया है कि 20 सितंबर और 1 अक्टूबर को दिए गए भाषणों में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पड़ोसी देश भारत की नीतियों का समर्थन किया, ताकि पाकिस्तान वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की 'ग्रे सूची' में बना रहे।
एफआईआर में कहा गया है कि नवाज के भाषणों का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने 'पाकिस्तान को अलग-थलग करना और इसे एक दुष्ट देश घोषित करना है।'
प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले सप्ताह नवाज शरीफ पर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा था कि नवाज 'खतरनाक खेल' खेल रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत पीएमएल-एन नेता की मदद कर रहा है।
गौरतलब है कि नवाज शरीफ ने लंदन से 20 सितंबर को इस्लामाबाद में आयोजित एक महत्वपूर्ण बहुपक्षीय वर्चुअल सम्मेलन में बात करते हुए सेना पर हमला किया था, साथ ही सेना को इमरान खान की अक्षम सरकार स्थापित करने, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और विदेशी संबंधों को खत्म करने, मीडिया को बंद करने और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का भी आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा था कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल देश के संविधान और संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के नजरिए के अनुसार सरकारी व्यवस्था से दूर रहे, और लोगों की पसंद में हस्तक्षेप न करे।
शरीफ ने कहा था, "हमने इस देश को अपनी नजर में और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मजाक बना दिया है।"
पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण जेल जा चुके पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ पिछले साल नवंबर से चिकित्सा उपचार के लिए ब्रिटेन में हैं।
सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दलों ने भाग लिया था, जिसमें जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान शामिल थे।
अरूल लुईस
न्यूयॉर्क, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोविड-19 से जूझ रहे डोनॉल्ड ट्रंप की चुनावी रैली को पटरी पर लाए जाने का प्रयास पिछले कुछ दिनों से जारी है क्योंकि वह धीरे-धीरे इस महामारी से उबरने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन अब उनके वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन मिलर भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, जिसके चलते उन्होंने खुद को क्वारंटाइन कर लिया है।
पेंटागन के एक प्रवक्ता ने कहा कि इधर, हाल ही में कोरोना से संक्रमित हुए तटरक्षक बल के कमांडेंट चार्ल्स रे के संपर्क में आने के बाद मंगलवार को संयुक्त प्रमुख चेयरमैन जनरल मार्क मिले और कुछ सेवा प्रमुखों ने भी अपने आप को क्वारंटाइन कर लिया है।
अब इस हालिया स्थिति से ट्रंप सीधे तौर पर तो प्रभावित नहीं हो रहे हैं, लेकिन पेंटागन के शीर्ष स्तर के प्रमुखों का इस तरह से क्वारंटाइन में रहना राजधानी में अव्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है।
मिलर व्हाइट हाउस के उन करीब 20 लोगों में से एक हैं, जो कोविड से संक्रमित होने के चलते फिलहाल कुछ सुस्त चल रहे हैं और इधर कई और अधिकारियों ने भी सावधानी के तौर पर खुद को क्वारंटाइन कर लिया है।
डेमोक्रेट पार्टी की सदस्य व स्पीकर नैन्सी पलोसी ने कहा, "स्पष्ट रूप से व्हाइट हाउस इस वक्त पूरी तरह से अव्यवस्थित है।"
पोलिटिको ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि सोमवार को सैन्य अस्पताल से लौटे ट्रंप ने मंगलवार खुद को अपने कुछ कर्मियों के साथ अपने दो मंजिला आवास में सील कर लिया है। इस दौरान कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों की निगरानी में वह व्यक्तिगत तौर पर ही कुछ खास लोगों से ही मुलाकात कर रहे हैं, जिनमें चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज और राष्ट्रपति के सहायक डैन स्काविनो शामिल हैं।
प्रेसिडेंशियल डिबेट में ट्रंप की हिस्सेदारी का प्रसारण 15 अक्टूबर को किया जाना है और इधर बुधवार को सबकी निगाहें उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर होगी क्योंकि वह उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से पद के लिए उम्मीदवार कमला हैरिस का सामना करेंगे।
ट्रंप के संपर्क में आने के बाद भी पेंस कोविड की जांच में नेगेटिव पाए गए थे। रही बात डिबेट की तो, इसमें सावधानी का खूब बेहतर तरीके से ध्यान रखा जाएगा।
ट्रंप-पेंस की चुनावी योजनाओं को लेकर अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है, क्योंकि ट्रंप खुद अभी यात्रा करने में असमर्थ हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा है कि अगर ट्रंप पर कोविड का प्रभाव अभी भी है, तो डिबेट को स्थगित कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कई सारे लोग अभी संक्रमित हैं और यह एक गंभीर समस्या है।
अरुल लुईस
न्यूयॉर्क, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिका के न्यूयॉर्क राज्य के एक शहर ने अहिंसा और शांति को बढ़ावा देने में महात्मा गांधी की वैश्विक भूमिका के लिए उनकी प्रतिमा स्थापित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
हालांकि, महात्मा गांधी की कुछ मूर्तियां अमेरिका में कट्टरपंथी समूहों द्वारा कुछ स्थानों पर हमले की भेंट चढ़ गए हैं।
एमहस्र्ट में गांधी जयंती के उपलक्ष्य में सामुदायिक पहल के माध्यम से प्रतिमा स्थापित की गई।
न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्यदूत रणधीर जायसवाल, स्टेट असेंबली की सदस्य कैरन मिकमॉहन, काउंटी प्रमुख मार्क पोलोनार्ज और ब्रायन कलपा, जो शहर के मेयर के समकक्ष हैं, ने संयुक्त रूप से प्रतिमा का अनावरण किया।
काउंसिल ऑफ हेरिटेज एंड आर्ट्स ऑफ इंडिया (सीएचएआई) ने राम सुतर द्वारा गढ़ी गई मूर्ति को स्थापित कराने के लिए पहल की जो जानेमाने मूर्तिकार हैं।
संगठन ने मूर्ति के लिए 40,000 डॉलर जुटाए, कुछ धन संग्रह डिजिटल फंडरेजर साइट 'गोफंडमी' से हुआ।
सीएचएआई के कार्यकारी निदेशक सिबू नायर ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने प्रतिमा को एमहस्र्ट में लाने का फैसला किया क्योंकि गांधी की एक विचारधारा ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब अमेरिका और दुनिया को नफरत और हिंसा से विभाजित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "मैंने गांधी स्मारक बनाकर अपने शहर में एक छोटा कदम उठाने के बारे में सोचा क्योंकि गांधी सिर्फ एक व्यक्ति का नाम नहीं है, बल्कि यह एक विचारधारा या जीवन जीने का तरीका है, जो कभी नहीं मरता। वर्तमान दुनिया में उनका संदेश बहुत महत्वपूर्ण है। दुनिया नफरत और हिंसा से भरी पड़ी है।"
जून में कुछ व्यक्तिगत घृणा संदेशों के साथ गांधी की मूर्तियों को वाशिंगटन में नुकसान पहुंचाया गया था।
कैलिफोर्निया के डेवीस में गांधी की एक और मूर्ति को तोड़ दिया गया था।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रवक्ता केलीग मैकनानी ने गांधी और अमेरिकी नेता जॉर्ज वाशिंगटन की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने की निंदा की थी।
वाशिंगटन, 07 अक्टूबर (वार्ता) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन मिलर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
श्री मिलर बयान जारी कर कहा, "पिछले पांच दिनों से मैं अलग-थलग रहकर काम कर रहा था और हर दिन मेरा टेस्ट नेगेटिव आता था। लेकिन आज मेरा कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है और मैं फिलहाल क्वारेंटीन में हूं।"
राष्ट्रपति ट्रंप सहित व्हाइट हाउस के कई अधिकारी भी कोरोना से संक्रमित पाए जा चुके हैं। श्री मिलर की पत्नी, उपराष्ट्रपति माइक पेंस की कम्यूनिकेशन निदेशक केटी मिलर भी मई में कोरोना से संक्रमित पायी गयी थीं।
इस बीच श्री पेंस के प्रेस सचिव डेविन ओ माले ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया कि उपराष्ट्रपति का टेस्ट एक बार फिर नेगेटिव आया है। उनके डॉक्टर ने कहा, "उपराष्ट्रपति माइक पेंस सामान्य गतिविधियां कर रहे हैं और उन्हें क्वारेंटीन में रहने की जरुरत नहीं है।"
वाशिंगटन, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह कोविड -19 राहत बिल पर बातचीत खत्म कर रहे हैं और वह चुनाव के बाद ही इस पर वार्ता फिर से शुरू करेंगे।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल से बाहर आने के एक दिन बाद उन्होंने ट्वीट किया, "मेरे जीतने के तुरंत बाद, हम एक प्रमुख प्रोत्साहन बिल (स्टीम्यूलस बिल) पारित करेंगे, जो मेहनती अमेरिकियों के लिए होगा।"
डेमोक्रेटिक स्पीकर नैन्सी पेलोसी और ट्रेजरी सचिव स्टीवन मेनुचिन के बीच बजट को लेकर वार्ता चल रही थी।
ट्रंप की घोषणा के तुरंत बाद अमेरिकी शेयर बाजार गिर गए।
गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं महामारी से पेंटागन के सैन्य अधिकारी, व्हाइट हाउस के कर्मचारी और रिपब्लिकन सीनेटर भी इससे प्रभावित हुए हैं।
दोनों पार्टी के सांसदों को 3 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले कोविड-19 राहत बिल के दूसरे राउंड के लागू होने की उम्मीद थी, लेकिन ट्रंप के ट्वीट ने सभी संभावनाओं को खारिज कर दिया।
पाकिस्तान ने बासमती चावल को GI टैग मिलने के मुद्दे पर भारत को यूरोपीयन यूनियन में चुनौती देने का फैसला किया है. भारत का दावा है कि बासमती एक भारतीय मूल का उत्पाद है लेकिन पाकिस्तान अब उसे भी अपना बता रहा है.
FATF से ब्लैकलिस्ट होने के डर के बीच भी पाकिस्तान की इमरान सरकार अब बासमती चावल को लेकर भारत से भिड़ने की तैयारी में है. पाकिस्तानी सरकार ने यूरोपीय संघ में बासमती के लिए विशेष भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग के भारत के आवेदन को चुनौती देने का फैसला किया है. FATF से ब्लैकलिस्ट होने के डर के बीच भी पाकिस्तान की इमरान सरकार लगातर भारत के खिलाफ अपनी द्वेषपूर्ण चालबाजियों से बाज नहीं आ रही है. अब पाकिस्तान बासमती चावल को लेकर भारत से भिड़ने की तैयारी में है. पाकिस्तानी सरकार ने यूरोपीय संघ में बासमती के लिए विशेष भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग के भारत के आवेदन को चुनौती देने का फैसला किया है.
बीते सोमवार को वाणिज्यिक मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार, रजाक दाऊद की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत को बासमती चावल के मामले में चुनौती दी जाएगी. इस बैठक में पाकिस्तान के वाणिज्य सचिव, बौद्धिक संपदा संगठन (आईपीओ-पाकिस्तान) के अध्यक्ष, पाकिस्तान चावल निर्यातक संघ (आरईएपी) के प्रतिनिधियों और कानूनी विशेषज्ञों ने भाग लिया.
भारत का दावा है कि बासमती एक भारतीय मूल का उत्पाद है. यह बात 11 सितंबर को यूरोपीय संघ की आधिकारिक पत्रिका में प्रकाशित होने के बाद से ही पाकितान की बेचैनी बढ़ गयी है. पाकिस्तान ने इस साल मार्च में भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण एवं संरक्षण) अधिनियम बनाया, जो उसे बासमती चावल पर विशिष्ट अधिकारों के पंजीकरण के लिए भारतीय आवेदन का विरोध करने का अधिकार देता है.
इस बैठक के दौरान, आरईएपी के प्रतिनिधियों का मानना था कि पाकिस्तान बासमती चावल का प्रमुख उत्पादक देश है और बासमती पर भारत का आवेदन अनुचित है. बता दें कि जियोग्राफिकल इंडिकेशन (Geographical Indication) यानी कि भौगोलिक संकेतक. यह टैग उन कृषि उत्पादों को दिया जाता है, जो किसी क्षेत्र विशेष में विशेष गुणवत्ता और विशेषताओं के साथ उत्पन्न होती है. किसी क्षेत्र विशेष के उत्पादों को GI टैग से खास पहचान मिलती है.
असल में GI टैग मिलने के बाद अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में उस वस्तु की कीमत और उसका महत्व बढ़ जाता है. GI टैग मिल जाने से बढ़ी हुई एक्सपोर्ट और टूरिज्म की संभावनाएं किसानों और कारीगरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती हैं. किसी भी वस्तु को GI टैग देने से पहले उसकी गुणवत्ता, क्वालिटी और पैदावार की अच्छे से जांच की जाती है. यह तय किया जाता है कि उस खास वस्तु की सबसे अधिक और ओरिजिनल पैदावार निर्धारित देश या राज्य की ही है.
भारत के सन्दर्भ में बात करें तो चंदेरी की साड़ी, कांजीवरम की साड़ी, दार्जिलिंग चाय और मलिहाबादी आम समेत अब तक 300 से ज्यादा उत्पादों को GI टैग मिल चुका है. महाबलेश्वर स्ट्रॉबेरी, जयपुर की ब्लू पॉटरी, बनारसी साड़ी, कोल्हापुरी चप्पल, तिरुपति के लड्डू, मध्य प्रदेश के झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गा सहित कई उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है. नागपुर का संतरा और कश्मीर का पश्मीना भी जीआई पहचान वाले उत्पाद हैं.
इस्लामाबाद/नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| इमरान खान सरकार की ओर से सिंध द्वीपों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए लाए गए प्रेसिडेंशियल ऑर्डिनेंस की वजह से पाकिस्तान में राजनीति गर्मा गई है। विपक्ष ने इसे चीन द्वारा 'अवैध कब्जा' करार दिया है। क्षेत्रफल के हिसाब से पाकिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा प्रांत सिंध, पूर्व में भारत के गुजरात और राजस्थान राज्यों और दक्षिण में अरब सागर तक फैला हुआ है। सिंध तटीय क्षेत्र में लगभग 300 छोटे और बड़े द्वीप हैं।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने एक सितंबर को 'पाकिस्तान के आंतरिक और क्षेत्रीय जल में द्वीपों के विकास और प्रबंधन' के लिए 'पाकिस्तान द्वीप विकास प्राधिकरण' की स्थापना के लिए अध्यादेश लाने का वादा किया था।
अध्यादेश, जिसे किसी भी पाकिस्तानी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती, सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी विपक्षी दलों द्वारा प्रसारित एक प्रति के अनुसार, द्वीपों पर शहरों के विकास के लिए लाया गया है।
सिंध आधारित राजनीतिक दलों, नागरिक समाज संगठनों और साथ ही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेतृत्व वाली सिंध सरकार ने इस कदम की निंदा की है और इसे सिंध की भूमि पर अतिक्रमण करने का प्रयास करार दिया है।
पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, "पीपीपी, पीटीआई सरकार की ओर से राष्ट्रपति अध्यादेश के माध्यम से सिंध के द्वीपों के अवैध कब्जे का विरोध करेगी। मैं पूछता हूं कि मोदी के कब्जे वाले कश्मीर के कार्यों से यह कैसे अलग है। इस कदम का राष्ट्रीय, प्रांतीय विधानसभा और सीनेट में विरोध किया जाएगा।"
सोशल मीडिया पर कई सिंधी कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि पाकिस्तान चीन को भुंदर-डिंगी जुड़वां द्वीप (12,000 एकड़ से अधिक भूमि) बेच रहा है।
सिंधी कार्यकर्ता जफर साहितो ने एक लेख में लिखा है कि सिंध सरकार की अनुमति के बिना संघीय सरकार के पास सिंध के द्वीपों पर किसी भी चीज को नियंत्रित करने या निर्माण करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने 2019 में अपनी चीन यात्रा के दौरान, डायमर भाषा बांध, जो अब चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का हिस्सा है, उसे लेकर और सिंध जुड़वां द्वीपों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी।
उन्होंने दावा किया कि हांगकांग जैसे महानगरों के निर्माण के लिए चीन की ओर से इन जुड़वां द्वीपों में निवेश करने की संभावना है। सिंध में पहले से ही कई चीनी कंपनियां काम कर रही हैं, जिनमें पोर्ट कासिम प्राधिकरण, कराची स्टॉक एक्सचेंज और ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि चीन कराची की स्टील मिल भी खरीदना चाहता है।
सिंधी कार्यकर्ता ने कहा कि पीपीपी की पूर्व प्रमुख बेनजीर भुट्टो ने 2007 में जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान द्वीपों पर कब्जा करने के फैसले के खिलाफ आंदोलन की घोषणा की थी। मगर पीपीपी, राष्ट्रीय दलों और नागरिक समाज संगठनों के विरोध के बाद सरकार को यह निर्णय वापस लेना पड़ा था।
--आईएएनएस
इस्लामाबाद, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के एक मंत्री की तरफ से बयान आया है कि यहां मैरिज हॉल और रेस्तरां कोविड-19 महामारी के प्रसार का मुख्य केंद्र बन उभर रहे हैं। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, योजना, विकास और विशेष पहल मंत्री उमर ने सोमवार को राष्ट्रीय कमान और संचालन केंद्र (एनसीओसी) की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, अगर इन प्रतिष्ठानों के द्वारा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन किया जाए, तो संक्रमितों की बढ़ती दर में कमी लाई जा सकती है।
उमर ने कहा कि बीमारी की रोकथाम के लिए संक्रमण के प्रसार दर और सावधानी उपायों पर गौर फरमाना जरूरी रहा है और साथ ही मास्क पहनना भी इस दिशा में कारगर साबित हो सकता है।
एनसीओसी की बैठक में मौजूद एक अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण हैं और अगर मामलों की संख्या बढ़ी तो रेस्तरां वगैरह दोबारा फिर से बंद किए जा सकते हैं।
पाकिस्तान में कोरोनावायरस के अब तक 315,727 मामले सामने आ चुके हैं और 6,523 लोगों की मौत हो चुकी है।
--आईएएनएस
इस्लामाबाद, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ के टेलीविजन चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मो पर प्रसारित भाषणों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली को खारिज कर दिया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, सोमवार को, आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता आमिर अजीज अंसारी और उनके वकील न्यायालय प्रश्नों का संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे कि भाषणों ने मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कैसे किया।
लिखित आदेश में कहा गया है, "राजनीतिक सामग्री से जुड़े मामलों में हाईकोर्ट के संवैधानिक क्षेत्राधिकार को लागू करने की प्रवृत्ति निश्चित रूप से सार्वजनिक हित में नहीं है और वह भी तब जब कानून वैकल्पिक उपायों के लिए प्रावधान करता है।"
इसने कहा, "पाकिस्तान की सुरक्षा विफल नहीं है और न ही केवल राजनीतिक बयानबाजी से खतरा हो सकता है।"
याचिका में, अजीज ने कहा था कि अपने हालिया भाषणों के दौरान सजायाफ्ता पूर्व प्रधानमंत्री ने, विशेष रूप से 20 सितंबर को सभी दलों के सम्मेलन के दौरान वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधन में देश के संस्थानों को बदनाम कर दिया और दोषी के भाषण को प्रसारित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
उन्होंने दलील में यह भी कहा था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो एक सजायाफ्ता अपराधी है और वह मीडिया से बात नहीं कर सकते हैं।
22 सितंबर को पेमरा ने फरार या घोषित अपराधियों के किसी भी भाषण, साक्षात्कार या सार्वजनिक संबोधन के प्रसारण और विद्रोह पर प्रतिबंध लगा दिया है।
न्यूयार्क, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| हवाई जहाज के आकार का एक धूमकेतू बुधवार को धरती की कक्षा को पार करेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष केंद्र-नासा ने हालांकि कहा है कि इस धूमकेतू से धरती को कोई नुकसान नहीं होगा।
जैसा कि यह धरती की कक्षा को पार करेगा, लिहाजा इसे 2020 आरके2 नाम दिया गया है। यह धरती से 38,30,238 किलोमीटर दूर होगा।
आकार की बात करें तो यह धूमकेतू 80 मीटर चौड़ा (एक बोइंग 747 के आकार का) है और 6.68 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चल रहा है।
लाहौर, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) की एक खंडपीठ ने उस एक दोषी को बरी कर दिया है, जिसे साल 2014 के मार्च में ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। द एक्सप्रेस ट्रिब्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को आए इस फैसले में पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले में दोषी की संलिप्तता को साबित करने में विफल रहा है।
मामले में दोषी पाए गए सावन मसीह ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की थी। इसमें उसके द्वारा पुलिस की जांच और अभियोजन पक्ष के आरोप पर कई आपत्तियां जताई गई थीं।
मसीह ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने कथित घटना के 35 घंटे बाद मामला दर्ज किया था, जिससे मामले में शिथिलता मालूम पड़ती है।
दायर एफआईआर में भी विरोधाभास रहे हैं। मसीह ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष शिकायतकर्ता की बातों पर भी विरोध जताया है।
मसीह ने आगे कहा कि ईशनिंदा का आरोप उन्होंने लगाया गया था, जो जमीन पर कब्जा करना चाहते थे।
लाहौर हाईकोर्ट ने ईशनिंदा मामले में दोषी को बरी किया
लाहौर, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) की एक खंडपीठ ने उस एक दोषी को बरी कर दिया है, जिसे साल 2014 के मार्च में ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। द एक्सप्रेस ट्रिब्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को आए इस फैसले में पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले में दोषी की संलिप्तता को साबित करने में विफल रहा है।
मामले में दोषी पाए गए सावन मसीह ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की थी। इसमें उसके द्वारा पुलिस की जांच और अभियोजन पक्ष के आरोप पर कई आपत्तियां जताई गई थीं।
मसीह ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने कथित घटना के 35 घंटे बाद मामला दर्ज किया था, जिससे मामले में शिथिलता मालूम पड़ती है।
दायर एफआईआर में भी विरोधाभास रहे हैं। मसीह ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष शिकायतकर्ता की बातों पर भी विरोध जताया है।
मसीह ने आगे कहा कि ईशनिंदा का आरोप उन्होंने लगाया गया था, जो जमीन पर कब्जा करना चाहते थे।
इस्लामाबाद, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के 11 विपक्षी दलों के गठबंधन वाले पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की ओर से क्वेटा के बजाय गुजरांवाला में 16 अक्टूबर से अपने सरकार विरोधी अभियान की शुरूआत की जाएगी। इसकी शुरूआत एक सार्वजनिक बैठक के साथ होगी। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पीडीएम की संचालन समिति ने इस अभियान के पहले चरण के एक हिस्से के रूप में सोमवार को अपनी बैठक में चार प्रांतों में छह जनसभाओं की एक अनुसूची जारी की। ऐसा 20 सितंबर को इस्लामाबाद में बहुपक्षीय सम्मेलन (एमपीसी) में लिए गए निर्णयों के अनुरूप किया गया।
स्टीयरिंग कमेटी द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के संयोजक अहसान इकबाल ने अन्य पीडीएम घटक दलों के नेताओं के साथ मीडिया ब्रीफिंग में की।
इकबाल के मुताबिक, पीडीएम की तरफ से 18 अक्टूबर को कराची में अपनी दूसरी, 25 अक्टूबर को क्वेटा में तीसरी, 22 नवंबर को पेशावर में चौथी, 30 नवंबर को मुल्तान में पांचवी और 13 दिसंबर को लाहौर में छठी व आखिरी सार्वजनिक बैठक आयोजित की जाएगी।
गठबंधन ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जंयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान को अपने पहले चरण का अध्यक्ष नियुक्त किया है, जिस पर इकबाल ने कहा कि स्टीयरिंग कमेटी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के राजा परवेज अशरफ को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना था, जबकि पीएमएल-एन के शाहिद खाकान अब्बासी को महासचिव के पद के लिए नामित किया गया है।
पीडीएम पिछले महीने इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को सभी क्षेत्रों में विफलताओं के मद्देनजर से बाहर करने का प्रयास किया था।
निखिला नटराजन
न्यूयॉर्क, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोरोनावायरस से संक्रमित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद व्हाइट हाउस पहुंच गए हैं और वहां पहुंचकर उन्होंने जो किया इससे वह फिर विवादों में आ गए। उन्होंने व्हाइट हाउस के साउथ पोर्टिको बालकनी पर जाने के दौरान मास्क उतारकर उसे अपनी जेब में रख लिया और नीचे खड़े फोटोग्राफरों के लिए थम्स-अप पोज दिए।
वहीं, संक्रामक रोग के मशहूर डॉक्टर एंथोनी फौची ने अमेरिकियों से मास्क लगाने के लिए फिर से आग्रह किया है।
ट्रंप की मेडिकल टीम के अनुसार, वह अभी भी खतरे से बाहर नहीं हैं। वह अपने मास्क को वापस लगाए बिना व्हाइट हाउस में चले गए। ट्रंप वाल्टर रीड नेशनल मिल्रिटी मेडिकल सेंटर में तीन दिन इलाज कराने के बाद व्हाइट हाइस लौटे।
फौची ने सोमवार रात एक कार्यक्रम में कहा, "अगर आपको मास्क पहनने में समस्या है और भीड़ से बचने में समस्या है, तो हम एक गंभीर स्थिति में आ सकते हैं।"
उन्होंने सोमवार को, एक पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम में, सावधानी बरतने के खतरों के बारे में चेतावनी दी, हालांकि उन्होंने ट्रंप के नाम का उल्लेख नहीं किया।
फौची ने कहा, "मैं ऐसा नहीं लगना चाहता कि मैं उपदेश दे रहा हूं, लेकिन ये चीजें हैं जो आपको करनी हैं। आप सवालों को बस यूं ही नहीं जाने दे सकते और चीजों को हल्के में लेकर लोगों को संक्रमित होने से नहीं रोक सकते हैं।"
2020 के चुनाव के अंतिम मोड़ में ट्रंप कोरोना से संक्रमित हो गए और व्हाइट हाउस में ट्रंप बिना मास्क के पोज देकर आलोचनाओं में घिर गए।
'ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी' की डॉक्टर एस्थर चू ने एनबीसी से कहा, "जब मैंने फोटोग्राफर्स और अन्य लोगों को उनके (ट्रंप) आसपास जाते देखा, तो मुझे लगा मुझे धोखा हुआ है। यह बहुत ही भयानक था। यह जानबूझकर नुकसान पहुंचाने जैसा है।"
अभी भी अमेरिका में वायरस के प्रकोप के साथ, फौची अमेरिकियों को यह समझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि लोक स्वास्थ्य दिशानिर्देश उनके 'दुश्मन' नहीं हैं।
उन्होंने कहा, "दुश्मन लोक स्वास्थ्य जनादेश नहीं है। दुश्मन वायरस है।"
कोरोना से दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप मास्क पहनने से बचते हैं और उन्होंने इसे 'वैकल्पिक' कहा है।
जीडब्ल्यूयू इमरजेंसी मेडिसिन में डिजास्टर मेडिसिन के प्रमुख डॉक्टर जेम्स पी. फिलिप्स ने आलोचना करते हुए कहा कि गैर-जिम्मेदाराना हरकत हैरान कर देने वाली है।
ट्रंप 74 साल के हैं और व्हाइट हाउस में उनका इलाज जारी रहेगा।
वाशिंगटन 06 अक्टूबर (वार्ता)। जस्टिस एमी कोनी बैरेट को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किये जाने के मुद्दे पर अमेरिकी सीनेट की न्यायिक समिति 12 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।
समिति ने मंगलवार को इस आशय की घोषणा की।
सीनेट की समिति ने सुनवाई का यह समय ऐसे वक्त में निर्धारित किया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके कई करीबी कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं।
समिति के अध्यक्ष एवं रिपब्लिक सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने बताया कि इस मामले में सुनवाई 12 अक्टूबर को सुबह नौ बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शुरू होगी।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिक रूथ बडेर गिंसबर्ग के निधन के बाद श्री ट्रम्प ने श्री बैरेट को मनोनीत किया था।
जापान की क्योटो प्रीफेक्च्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिसिन ने दावा किया है कि कोरोना वायरस इंसानों की स्किन पर करीब 9 घंटे तक जिंदा रहने में सक्षम है.
कोरोना वायरस से संबंधित मामलों पर खोज कर रही जापान की क्योटो प्रीफेक्च्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिसिन ने एक चौंकाने वाला दावा किया है. इस स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वायरस इंसानों की स्किन पर भी घंटों तक जीवित रहने में सक्षम है. अगर इसे मुफीद वातावरण मिलता है तो ये करीब 9 घंटे तक इंसान की त्वचा पर जीवित रह सकता है. कोरोना वायरस से संबंधित मामलों पर खोज कर रही जापान की क्योटो प्रीफेक्च्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिसिन ने एक चौंकाने वाला दावा किया है. इस स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वायरस इंसानों की स्किन पर भी घंटों तक जीवित रहने में सक्षम है. अगर इसे मुफीद वातावरण मिलता है तो ये करीब 9 घंटे तक इंसान की त्वचा पर जीवित रह सकता है.
कोरोना वायरस से संबंधित मामलों पर खोज कर रही जापान की क्योटो प्रीफेक्च्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिसिन ने एक चौंकाने वाला दावा किया है. इस स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वायरस इंसानों की स्किन पर भी घंटों तक जीवित रहने में सक्षम है. अगर इसे मुफीद वातावरण मिलता है तो ये करीब 9 घंटे तक इंसान की त्वचा पर जीवित रह सकता है.
यूनिवर्सिटी के मुताबिक टीम ने कई तरह के जानवरों और इंसानों की स्किन पर कोरोना वायरस के जीवित रहने की अवधि को लेकर काम किया है. इस स्टडी में टीम ने पाया है कि कोरोना वायरस मनुष्यों की त्वचा पर इन्फ्लुएंजा-A वायरस से भी काफी ज्यादा देर तक जीवित रहने में सक्षम है. यूनिवर्सिटी के मुताबिक टीम ने कई तरह के जानवरों और इंसानों की स्किन पर कोरोना वायरस के जीवित रहने की अवधि को लेकर काम किया है. इस स्टडी में टीम ने पाया है कि कोरोना वायरस मनुष्यों की त्वचा पर इन्फ्लुएंजा-A वायरस से भी काफी ज्यादा देर तक जीवित रहने में सक्षम है.
यूनिवर्सिटी के मुताबिक टीम ने कई तरह के जानवरों और इंसानों की स्किन पर कोरोना वायरस के जीवित रहने की अवधि को लेकर काम किया है. इस स्टडी में टीम ने पाया है कि कोरोना वायरस मनुष्यों की त्वचा पर इन्फ्लुएंजा-A वायरस से भी काफी ज्यादा देर तक जीवित रहने में सक्षम है.
वैज्ञानिकों की टीम ने इस स्टडी में कहा है कि इस बात से ये पूरी तरह साबित हो जाता है कि बार-बार हाथ धोना और साफ़ रहना कितना ज़रूरी है. रिसर्च टीम के मुताबिक सैनिटाइजर के इस्तेमाल से ज्यादा पानी से हाथ धोना हमेशा ज्यादा फायदेमंद है. वैज्ञानिकों की टीम ने इस स्टडी में कहा है कि इस बात से ये पूरी तरह साबित हो जाता है कि बार-बार हाथ धोना और साफ़ रहना कितना ज़रूरी है. रिसर्च टीम के मुताबिक सैनिटाइजर के इस्तेमाल से ज्यादा पानी से हाथ धोना हमेशा ज्यादा फायदेमंद है.
वैज्ञानिकों की टीम ने इस स्टडी में कहा है कि इस बात से ये पूरी तरह साबित हो जाता है कि बार-बार हाथ धोना और साफ़ रहना कितना ज़रूरी है. रिसर्च टीम के मुताबिक सैनिटाइजर के इस्तेमाल से ज्यादा पानी से हाथ धोना हमेशा ज्यादा फायदेमंद है.
मेडिकल जर्नल क्लिनिकल इन्फेकशियस डिजीज में ये रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ है. ये रिसर्च कोरोना वायरस और इन्फ्लुएंजा-A वायरस को केंद्र में रखकर की गयी थी. हालांकि रिसर्च में साफ़ हो गया है कि कोरोना वायरस तेजी से फैलने में जायदा सक्षम है. हालांकि मनुष्य की त्वचा पर ये अलग-अलग माहौल में विभिन्न तरह से व्यवहार करता पाया गया है. मेडिकल जर्नल क्लिनिकल इन्फेकशियस डिजीज में ये रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ है. ये रिसर्च कोरोना वायरस और इन्फ्लुएंजा-A वायरस को केंद्र में रखकर की गयी थी. हालांकि रिसर्च में साफ़ हो गया है कि कोरोना वायरस तेजी से फैलने में जायदा सक्षम है. हालांकि मनुष्य की त्वचा पर ये अलग-अलग माहौल में विभिन्न तरह से व्यवहार करता पाया गया है.
मेडिकल जर्नल क्लिनिकल इन्फेकशियस डिजीज में ये रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ है. ये रिसर्च कोरोना वायरस और इन्फ्लुएंजा-A वायरस को केंद्र में रखकर की गयी थी. हालांकि रिसर्च में साफ़ हो गया है कि कोरोना वायरस तेजी से फैलने में जायदा सक्षम है. हालांकि मनुष्य की त्वचा पर ये अलग-अलग माहौल में विभिन्न तरह से व्यवहार करता पाया गया है.
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की कुल आबादी में 10% लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हैं. WHO के इमरजेंसी हेड डॉ. माइकल रेयान ने सोमवार को कहा कि एक अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में 10 में से 1 व्यक्ति संक्रमित हो सकता है. इसका सीधा मतलब है कि दुनिया की बड़ी आबादी खतरे में है. संक्रमण के रिस्क को लेकर शहरी क्षेत्र, ग्रामीण इलाकों और कुछ ग्रुप्स के आंकड़े अलग-अलग हैं. उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की कुल आबादी में 10% लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हैं. WHO के इमरजेंसी हेड डॉ. माइकल रेयान ने सोमवार को कहा कि एक अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में 10 में से 1 व्यक्ति संक्रमित हो सकता है. इसका सीधा मतलब है कि दुनिया की बड़ी आबादी खतरे में है. संक्रमण के रिस्क को लेकर शहरी क्षेत्र, ग्रामीण इलाकों और कुछ ग्रुप्स के आंकड़े अलग-अलग हैं.
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की कुल आबादी में 10% लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हैं. WHO के इमरजेंसी हेड डॉ. माइकल रेयान ने सोमवार को कहा कि एक अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में 10 में से 1 व्यक्ति संक्रमित हो सकता है. इसका सीधा मतलब है कि दुनिया की बड़ी आबादी खतरे में है. संक्रमण के रिस्क को लेकर शहरी क्षेत्र, ग्रामीण इलाकों और कुछ ग्रुप्स के आंकड़े अलग-अलग हैं.
एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया की कुल आबादी 760 करोड़ है. WHO के मुताबिक, इनमें 3.50 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. हालांकि, लंबे समय से कुछ एक्सपर्ट कहते रहे हैं कि संक्रमितों की संख्या अभी जितनी बताई जा रही है, उससे कहीं ज्यादा है. एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया की कुल आबादी 760 करोड़ है. WHO के मुताबिक, इनमें 3.50 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. हालांकि, लंबे समय से कुछ एक्सपर्ट कहते रहे हैं कि संक्रमितों की संख्या अभी जितनी बताई जा रही है, उससे कहीं ज्यादा है.
एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया की कुल आबादी 760 करोड़ है. WHO के मुताबिक, इनमें 3.50 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. हालांकि, लंबे समय से कुछ एक्सपर्ट कहते रहे हैं कि संक्रमितों की संख्या अभी जितनी बताई जा रही है, उससे कहीं ज्यादा है.
डॉ. रेयान ने कहा कि सतर्कता से कई लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. साउथ-ईस्ट एशिया में मामले बढ़े हैं. यूरोप और पूर्वी भूमध्य-सागरीय इलाकों में ज्यादा मौतें हो रही हैं. वहीं, अफ्रीका और पश्चिमी प्रशांत इलाकों में स्थिति ज्यादा बेहतर है. रेयान ने चेतावनी दी कि महामारी लगातार बढ़ती जा रही है. दुनिया अब मुश्किल ज्यादा दौर से गुजर रही है. डॉ. रेयान ने कहा कि सतर्कता से कई लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. साउथ-ईस्ट एशिया में मामले बढ़े हैं. यूरोप और पूर्वी भूमध्य-सागरीय इलाकों में ज्यादा मौतें हो रही हैं. वहीं, अफ्रीका और पश्चिमी प्रशांत इलाकों में स्थिति ज्यादा बेहतर है. रेयान ने चेतावनी दी कि महामारी लगातार बढ़ती जा रही है. दुनिया अब मुश्किल ज्यादा दौर से गुजर रही है.
डॉ. रेयान ने कहा कि सतर्कता से कई लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. साउथ-ईस्ट एशिया में मामले बढ़े हैं. यूरोप और पूर्वी भूमध्य-सागरीय इलाकों में ज्यादा मौतें हो रही हैं. वहीं, अफ्रीका और पश्चिमी प्रशांत इलाकों में स्थिति ज्यादा बेहतर है. रेयान ने चेतावनी दी कि महामारी लगातार बढ़ती जा रही है. दुनिया अब मुश्किल ज्यादा दौर से गुजर रही है.
जेनेवा, अक्टूबर 6 (आईएएनएस)| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के लीडर्स ने आयोजित एक विशेष बैठक में कहा कि दुनिया भर में दस में से कोई एक कोविड-19 के संपर्क में आया हो सकता है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में शामिल एक शीर्ष अधिकारी ने अनुमानित ढंग से बताया कि दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा जोखिम में है।
3.5 करोड़ से अधिक लोगों के संक्रमित होने के साथ ही आगे चलकर यह आंकड़ा 80 करोड़ के पास पहुंच सकता है।
विशेषज्ञों की तरफ से लंबे समय से ही यह कहा जाता रहा है कि पुष्ट मामलों की वास्तविक संख्या के बढ़ने की संभावना बनी हुई है।
संगठन के मुख्यालय जेनेवा में इस बैठक को आयोजित किया गया, जिसमें इस वैश्विक महामारी का दुनिया पर प्रभाव जैसे मुद्दे पर बात की गई।
अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को वॉल्टर रीड मिलिटरी अस्पताल से छुट्टी मिल गई है जहां कोविड-19 के लिए उनका इलाज चल रहा था.
कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने के बाद वो बीते तीन दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. अमरीका में इसी साल नवंबर की शुरूआत में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और ट्रंप जल्द चुनाव प्रचार में शामिल होना चाहते हैं.
अस्पताल से निकलने से पहले ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था, "जल्द चुनाव प्रचार के लिए लौटूंगा."
अस्पताल से निकलने के बाद ट्रंप ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब नहीं दिया और उनका शुक्रिया कहते हुए अपने विशेष हेलिकॉप्टर मरीन वन की तरफ बढ़ गए.
इससे पहले व्हाइट हाउस के चिकित्सक डॉ. शॉन कॉनली ने कहा था कि ट्रंप की सेहत सुधर रही है और वो अस्पताल से छुट्टी ले सकते हैं. हालांकि डॉक्टर ने कहा कि वो पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं लेकिन घर जाने के लिए सुरक्षित हैं.
अस्पताल से निकलने से पहले राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, "जल्द चुनाव प्रचार शुरू करूंगा. फेक न्यूज़ सिर्फ फेक पोल दिखाती है."
इससे कुछ घंटे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर बताया था कि वो सोमवार शाम को ही अस्पताल से छुट्टी लेंगे.
क्या कहना है डॉक्टरों का?
डॉक्टरों ने कहा है कि "जोखिम अभी पूरी तरह टला नहीं है." हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि बीते 24 घंटे से ट्रंप की सेहत में सुधार जारी है, अब "ट्रंप घर लौट सकते हैं जहां उन्हें चौबीस घंटे विश्व स्तरीय मेडिकल केयर मिलती रहेगी."
डॉक्टरों ने अब तक ट्रंप के इलाज के बारे में अधिक जानकारी साझा नहीं की है, साथ ही अब तक उन्होंने ये भी स्पष्ट नहीं किया है कि ट्रंप का टेस्ट नेगेटिव आया है या नहीं.
डॉ. ब्रायन गैरीबाल्डी ने बताया था कि डिस्चार्ज करने से पहले भी राष्ट्रपति को एंटीवायरस दवा रेमडेसिविर की खुराक दी जाएगी.
डॉ. शॉन कॉनली ने कहा कि ट्रंप को फिलहाल डेक्सामेथासोन (आमतौर पर गंभीर कोविड-19 मामलों में दिया जाने वाला स्टेरॉयड) दिया जा रहा है और उन्हें रेमडेसिविर की तीन खुराक भी दी गई है. चौथी डिस्चार्ज होने से पहले दी जाएगी और फिर पांचवी व्हाइट हाउस में दी जाएगी.
क्या ट्रंप चुनाव अभियान में शामिल होने के लिए बाहर निकल सकते हैं, इस सवाल के उत्तर में डॉक्टर कॉनली ने कहा, "हम देखेंगे."
साथ ही उन्होंने ये भी चिंता जताई कि एयर फोर्स वन विमान में होने के कारण हो सकता है कि वो भी कोरोना वायरस के संपर्क में आए हों.
डॉक्टरों की टीम की प्रेस कॉन्फ्रेंस से एक घंटा पहले ट्रंप ने ट्वीट किया था, "बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं."
ट्वीट में उन्होंने कहा, "मैं आज ही ग्रेट वाल्टर रीड मेडिकल सेंटर से छुट्टी लूंगा. बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं. कोविड से डरें नहीं. इसे अपनी ज़िंदगी पर हावी ना होने दें. हमने ट्रंप प्रशासन के तहत इस बीमारी के बारे में कुछ बहुत ही अच्छी दवाइयां और जानकारी विकसित की है."
ट्रंप का ऑक्सीजन लेवर नॉर्मल
मेडिकल टीम ने ये भी बताया कि राष्ट्रपति को सांस संबंधी कोई शिकायत नहीं है और बीते 72 घंटे में उन्हें बुखार भी नहीं आया है. उन्होंने कहा कि ट्रंप का ऑक्सीजन लेवल अभी सामान्य है.
टीम ने कहा कि व्हाइट हाउस में ट्रंप को वो पूरी स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकती हैं जो ग्रेट वाल्टर रीड मेडिकल सेंटर में दी जा रही हैं.
डॉ. कॉनली से पूछा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहीं डॉक्टरों पर अस्पताल से छुट्टी देने का दबाव तो नहीं बनाया? इस पर डॉ कॉनली ने कहा कि वो मरीज़ को जितना जल्दी हो सके अस्पताल से निकालने की कोशिश करते हैं और मरीज़ ग़ैर-ज़रूरी वक़्त अस्पताल में बिताएगा, तो उसके लिए ही अधिक ख़तरा होगा.
दो बार दी गई अतिरिक्त ऑक्सीजन
डॉ कॉनली ने बताया कि ट्रंप के ऑक्सीजन लेवल में गिरावट के बाद उन्हें दो बार ऑक्सीज़न दी गई थी.
रविवार को डॉक्टर ने बताया था कि राष्ट्रपति को शुक्रवार को अस्पताल ले जाने के घंटों पहले व्हाइट हाउस में ऑक्सीजन दी गई थी.
लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि क्या शनिवार को भी ऑक्सीजन लेवल कम होने के बाद उन्हें फिर से ऑक्सीजन दी गई थी.
डॉक्टर ने ये भी कहा कि शुक्रवार को जब उन्हें तेज़ बुखार था तो वो थोड़े डिहाइड्रेटेड लग रहे थे.
अब तक कितने संक्रमित?
राष्ट्रपति ट्रंप का अस्पताल से छुट्टी लेने का वाकया ऐसे वक़्त पेश आया है जब व्हाइट हाउस के कर्मचारियों के बीच कोरोना के नए मामले सामने आते जा रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के आसपास रहने वाले क़रीब 12 लोग अब तक कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं, जिनमें वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर जूनियर कर्मचारी भी शामिल हैं.
जो लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं उनमें से ज़्यादातर लोग 26 सिंतबर को व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के लिए एमी कोनी बैरेट के नाम के ऐलान का कार्यक्रम रोज़ गार्डन में हुआ था और इसके बाद एक इंडोर रिसेप्शन भी हुआ. आशंका जताई जा रही है कि ये कार्यक्रम 'सुपर-स्प्रेडर इवेंट' हो सकता है.
व्हाइट हाउस में हुए कार्यक्रम के बाद असल में अब तक कितने लोग संक्रमित हुए, इसको लेकर फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है.
वीडियो से पता चला है कि इसमें शरीक हुए लोग बिना मास्क पहने बातचीत कर रहे हैं और एक-दूसरे को गले लगा रहे हैं.
राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के साथ ही कम से कम पाँच लोग पहली कतार में उपराष्ट्रपति पेंस के क़रीब बैठे थे और ये लोग टेस्ट में पॉज़िटिव पाए गए हैं.
पिछले हफ़्ते रविवार, सोमवार और मंगलवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने पूर्व उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन के साथ मंगलवार की अपनी डिबेट की तैयारियों को लेकर लंबी इंडोर मीटिंग्स कीं.
इन बैठकों में मौजूद चार लोग- राष्ट्रपति ट्रंप, उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप, कैंपेन मैनेजर बिल स्टेपिएन, न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी और एडवाइज़र होप हिक्स पॉज़िटिव पाए गए हैं.
साथ ही व्हाइट हाउस प्रेस सचिव काइली मैकऐनी, पूर्व सलाहकार केलयेन कॉनवे, कैंपेन एडवाइज़र क्रिस क्रिस्टी, रिपब्लिकन सीनेटर माइक ली और थॉम टिलिस शामिल हैं.(bcc)
बीजिंग, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)| कोविड-19 महामारी की वजह से इस साल की पहली छमाही में चीन के फिल्म उद्योग पर बड़ा प्रभाव पड़ा। चीन में महामारी की रोकथाम में सफलता पाने के चलते करीब 190 दिनों तक बंद होने के बाद फिल्म बाजार फिर से उठने लगा है। महामारी के बाद चीन में सिनेमाघर 20 जुलाई को फिर से खुले, तब उपस्थिति दर 30 प्रतिशत तक सीमित थी। उसके बाद 14 अगस्त को उपस्थिति दर 50 प्रतिशत तक बढ़ायी गई। महामारी की स्थिति बेहतर होने के बाद 25 सितंबर से सिनेमाघर में उपस्थिति दर हर बार 75 प्रतिशत तक उन्नत कर दी गई है। बॉक्स ऑफिस की कमाई भी तेज गति से होने लगी है।
इस साल राष्ट्रीय दिवस के दौरान बॉक्स ऑफिस की कमाई निस्संदेह बहाल हो रहे चीनी फिल्म बाजार के लिए रामबाण है। राष्ट्रीय दिवस की छुट्टियों के पहले चार दिनों में चीन में बॉक्स ऑफिस ने 2 अरब 49 करोड़ 70 लाख युआन का बिजनस किया, जो राष्ट्रीय दिवस के दौरान बॉक्स ऑफिस के इतिहास में दूसरे स्थान पर है। बॉक्स ऑफिस की सबसे अधिक कमाई पिछले साल हुई, क्योंकि पिछले साल नए चीन की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ थी, राष्ट्रीय दिवस के दौरान बहुत-सी फिल्में रिलीज हुईं। महामारी की स्थिति में इस साल इतनी ज्यादा कमायी हुई, जो सच में अद्भुत है।
हालांकि, चीन में महामारी की रोकथाम में विजय प्राप्त कर ली गई है और लंबे समय तक कोई स्थानीय मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सिनेमाघरों में फिर भी रोकथाम के सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने से पहले और सभी दर्शकों को सिनेमाघर में प्रवेश करने से पहले शारीरिक तापमान लेना और मास्क पहनना अनिवार्य है। दर्शकों को अपने सही नाम से ही ऑनलाइन टिकट बुक करना होता है और खरीदना होता है।
सिनेमाघरों में लॉबी, बाथरूम और गलियारे जैसी सार्वजनिक जगह और टिकट मशीन, प्रवेश द्वार व वेंडिंग मशीन जैसे उपकरणों को दिन में कई बार रोगाणु नष्ट किया जाता है। सिनेमाघरों में सीट और 3डी चश्मे जैसी चीजों को हर फिल्म के बाद कीटाणुओं से मुक्त किया जाता है।
इन सब कदमों से फिल्म उद्योग के पुनरुत्थान को सुनिश्चित किया गया। वास्तव में कोविड-19 महामारी फैलने से पहले चीन के फिल्म उद्योग का तेज विकास का दौर रहा था। चीनी फिल्म वितरण और प्रोजेक्शन एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में पूरे चीन में सिनेमाघरों की संख्या 12,408 रही और स्क्रीन की कुल संख्या 69,787 तक जा पहुंची, जो सब दुनिया के पहले स्थान पर रहीं।
अब चीन में फिल्म उद्योग का पुनरुत्थान हो रहा है। श्रेष्ठ फिल्में और दर्शकों के उत्साह के चलते चीनी फिल्म बाजार जल्दी बहाल हो जाएगा। उत्तरी अमेरिका क्षेत्र की तुलना में चीन में बॉक्स ऑफिस की कमाई सिर्फ 4 अरब युआन कम है। यह कमी जल्दी खत्म होगी। अनुमान है कि चीन इस साल से दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म बाजार बन जाएगा।