राष्ट्रीय
लखनऊ, 29 दिसंबर | भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में नौकरी के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक गिरोह के सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पीड़ितों में से एक संतोष सिंह की शिकायत पर महानगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की है।
गिरोह पहले भी एफसीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी कर चुका है।
शिकायतकर्ता ने कहा कि वह गिरोह के सदस्यों नीरज पांडे, विकास सोनकर, अनूप श्रीवास्तव, विकास सिंह, आलोक श्रीवास्तव, अमरेंद्र, जितेंद्र, कुलदीप, नीलेश, विनोद कुमार, राज रस्तोगी से 2019 में एक रेस्तरां में मिला था और उसे एफसीआई (लिपिक पद) में नौकरी देने का वादा किया गया था, इसके बदले में 8 लाख रुपये की मांग की गई थी।
सिंह ने आरोप लगाया, 'उन्होंने फरवरी में दिल्ली में एक बहुमंजिला आलीशान कार्यालय में एक साक्षात्कार आयोजित किया, जिसमें एफसीआई का नाम और प्रतीक चिन्ह था।'
वह अन्य उम्मीदवारों के साथ एक एमसीक्यू-आधारित लिखित परीक्षा और एक व्यक्तित्व परीक्षण में भी उपस्थित हुआ।
गैंग के एक सदस्य ने खुद को एफसीआई का जीएम बताकर इंटरव्यू लिया और नियुक्ति की पुष्टि के लिए 5 लाख रुपये की मांग की।
उन्होंने कहा, मई में मुझे आरोपी का फोन आया और मुझे सिरसा हरियाणा में एफसीआई इकाई में शामिल होने के लिए कहा गया और प्रशिक्षु के रूप में लेबल किए गए एफसीआई के प्रतीक चिन्ह वाला एक पत्र प्राप्त हुआ।
उसने बताया जब वह सिरसा पहुंचा, तो पाया कि कई अन्य लोगों के पास भी इसी तरह के पत्र थे। मुझे बताया गया कि हरियाणा के बरवाला जाना है। मुझे फिर से आरोपियों का फोन आया और दिल्ली आने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि चार महीने बाद ज्वाइनिंग लेटर मिलेगा।
पीड़ित से प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के लिए 15 हजार रुपये और मांगे गए।
अंत में उन्हें बताया गया कि सभी रिक्तियां भरी हुई हैं और उन्हें प्रतीक्षा करनी होगी। इसके बाद 2021 में, पीड़ित ने अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन कभी नहीं मिले।
पुलिस ने एक साल की निगरानी के बाद गिरोह के दो सदस्यों नीरज पांडे और जितेंद्र कैलाश को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। सदस्य कोचिंग संस्थानों के पास छात्रों को निशाना बनाते थे।
एसएचओ महानगर, के.के. तिवारी ने कहा कि गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन किया गया है। (आईएएनएस)|
मेरठ (उप्र), 29 दिसंबर | एक युवक ने अपनी प्रेमिका की गला दबाकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने से पहले उसने इसकी जानकारी अपनी मां को दी। उसने हत्या से ठीक पहले अपनी मां से कहा, "मैं अपने प्यार को मारने जा रहा हूं, मेरा इंतजार मत करो।"
मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मियों ने उसके कब्जे से कथित ऑडियो क्लिप बरामद किया है।
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना 23 दिसंबर को हुई थी और यह मामला एक दिन बाद सामने आया, जब पीड़िता का शव उसके किराए के मकान में उसके मकान मालिक को पड़ा मिला।
आरोपी शिव सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिव सिंह आठ महीनों से किसी सोनिया नाम की युवती के साथ रिश्ते में था। सोनिया शिवपुरी इलाके में किराए के मकान में रहती थी और जीविका चलाने के लिए मूर्तियां बनाती थी।
हाल ही में एक अन्य युवक के साथ उसकी दोस्ती के बारे में पता चला तो शिव सिंह नाराज हो गया और सोनिया को मौत के घाट उतार दिया। (आईएएनएस)|
बेंगलुरू, 29 दिसम्बर | केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार को कर्नाटक पहुंच रहे हैं। शाह रात 10.20 बजे बेंगलुरु के येलहंका एयर बेस पर पहुंचेंगे। मांड्या विश्वविद्यालय ने शाह के दौरे की पृष्ठभूमि में दो दिन के अवकाश की घोषणा की है। वह 30 दिसंबर को मांड्या विश्वविद्यालय मैदान में जन स्पंदन यात्रा सम्मेलन में भाग लेंगे।
शाह के दौरे से पार्टी को राज्य के दक्षिणी हिस्सों में अपना आधार मजबूत करने की उम्मीद है।
दक्षिणी जिले हमेशा जद (एस) और कांग्रेस पार्टियों के गढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र में प्रमुख वोक्कालिगा समुदाय जद (एस) के लिए ताकत का स्रोत रहा है।
हालांकि भाजपा ने राज्य में बहुमत हासिल कर लिया है, लेकिन भगवा पार्टी ने आम विधानसभा चुनावों में कभी भी साधारण बहुमत हासिल नहीं किया। हालांकि, पार्टी 'ऑपरेशन लोटस' के जरिए बहुमत हासिल करने में कामयाब रही। इस बार, पार्टी इस क्षेत्र से विजयी होने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण ने कहा था कि अमित शाह दक्षिण कर्नाटक में अपना आधार मजबूत करने के लिए आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
शाह मांड्या में जन संकल्प यात्रा में भाग ले रहे हैं, जो जद (एस) का गढ़ है। पिछले चुनाव में पार्टी ने सभी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।
अश्वथ नारायण ने आगे कहा कि आलाकमान का उद्देश्य पार्टी के आधार का विस्तार करना और क्षेत्र से अधिक विधायकों को निर्वाचित करना है। (आईएएनएस)|
बेंगलुरू, 29 दिसम्बर | केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार को कर्नाटक पहुंच रहे हैं। शाह रात 10.20 बजे बेंगलुरु के येलहंका एयर बेस पर पहुंचेंगे। मांड्या विश्वविद्यालय ने शाह के दौरे की पृष्ठभूमि में दो दिन के अवकाश की घोषणा की है। वह 30 दिसंबर को मांड्या विश्वविद्यालय मैदान में जन स्पंदन यात्रा सम्मेलन में भाग लेंगे।
शाह के दौरे से पार्टी को राज्य के दक्षिणी हिस्सों में अपना आधार मजबूत करने की उम्मीद है।
दक्षिणी जिले हमेशा जद (एस) और कांग्रेस पार्टियों के गढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र में प्रमुख वोक्कालिगा समुदाय जद (एस) के लिए ताकत का स्रोत रहा है।
हालांकि भाजपा ने राज्य में बहुमत हासिल कर लिया है, लेकिन भगवा पार्टी ने आम विधानसभा चुनावों में कभी भी साधारण बहुमत हासिल नहीं किया। हालांकि, पार्टी 'ऑपरेशन लोटस' के जरिए बहुमत हासिल करने में कामयाब रही। इस बार, पार्टी इस क्षेत्र से विजयी होने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण ने कहा था कि अमित शाह दक्षिण कर्नाटक में अपना आधार मजबूत करने के लिए आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
शाह मांड्या में जन संकल्प यात्रा में भाग ले रहे हैं, जो जद (एस) का गढ़ है। पिछले चुनाव में पार्टी ने सभी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।
अश्वथ नारायण ने आगे कहा कि आलाकमान का उद्देश्य पार्टी के आधार का विस्तार करना और क्षेत्र से अधिक विधायकों को निर्वाचित करना है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 29 दिसंबर | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) केरल में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सदस्यों से जुड़े 56 से अधिक ठिकानों पर आतंकी साजिश के एक मामले में छापेमारी कर रही है। छापेमारी गुरुवार तड़के शुरू हुई और जारी है। एनआईए ने हाल ही में केरल की एक अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें दावा किया गया था कि प्रतिबंधित पीएफआई के नेता विभिन्न माध्यमों से अलकायदा के संपर्क में थे।
एनआईए की यह रिपोर्ट केरल की अदालत को सौंपी गई थी।
एनआईए ने यह भी दावा किया है कि पीएफआई के सदस्य एक गुप्त विंग चला रहे हैं।
सूत्र ने कहा, हाल ही में छापेमारी के दौरान एनआईए ने कुछ उपकरण जब्त किए थे। उन उपकरणों की स्कैनिंग के दौरान एनआईए को पता चला कि पीएफआई के नेता अलकायदा के संपर्क में हैं। उनका एक गुप्त विंग भी है।
गौरतलब है कि एनआईए ने देशव्यापी छापेमारी के दौरान पीएफआई के पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था। तब पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और उसके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
सरकार ने कहा था, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगियों को देश के संवैधानिक ढांचे की अवहेलना करते हुए आतंकवाद और इसके वित्तपोषण, लक्षित हत्याओं सहित गंभीर अपराधों में शामिल पाया गया है।
इसलिए गृह मंत्रालय ने संगठन की नापाक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को उसके सहयोगियों रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया(सीएफआई), अखिल भारतीय इमाम परिषद (एआईसीसी), मानवाधिकार संगठन का राष्ट्रीय परिसंघ (एनसीएचआरओ), राष्ट्रीय महिला मोर्चा, जूनियर मोर्चा, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन केरल पर पाबंदी लगाई। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 29 दिसंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के रोड शो के दौरान नहर में गिरने से जान गंवाने वाले सात लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में एक जनसभा में हुई दुर्घटना से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रत्येक मृतक के परिजनों को दी जाएगी और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।"
तेदेपा प्रमुख के रोड शो को संबोधित करने के लिए पहुंचने के तुरंत बाद कंदुकुर शहर में बुधवार को हुई घटना के दौरान आठ लोग घायल भी हो गए।
घटना के बाद, नायडू ने तुरंत बैठक रद्द कर दी और मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की। (आईएएनएस)|
अमरावती, 29 दिसम्बर | आंध्र प्रदेश के कुंदुकुर शहर में पुलिस ने बुधवार रात तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू के रोड शो के दौरान भगदड़ में आठ लोगों की मौत के मामले में मामला दर्ज किया है। नेल्लोर जिले के कस्बे में पूर्व मुख्यमंत्री के रोड शो के दौरान भगदड़ मचने से दो महिलाओं सहित आठ लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। कुंदुकुर पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 174 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस बीच अधिकारियों ने गुरुवार सुबह कंदुकुर एरिया अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए। शवों को उनके गांव भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
टीडीपी ने घोषणा की है कि वह मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेगी। चंद्रबाबू नायडू ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से अंतिम संस्कार में शामिल होने को कहा।
टीडीपी ने इस घटना के लिए पुलिस द्वारा अपर्याप्त सुरक्षा को जिम्मेदार ठहराया है। स्थानीय टीडीपी नेताओं ने कहा कि उन्होंने पुलिस को सूचित किया था कि रोड शो में बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद थी लेकिन वे उचित व्यवस्था करने में विफल रहे।
एक नेता ने कहा कि नाले पर अनाधिकृत निर्माण भी दुर्घटना का कारण बना। पाकिर्ंग की जगह नहीं होने से कुछ लोगों ने अपने दोपहिया वाहन नाले के पास खड़े कर दिए थे। टीडीपी नेता के पहुंचते ही लोग उनकी एक झलक पाने के लिए आगे बढ़े और एक-दूसरे पर गिर पड़े और कुछ लोग नाले में गिर गए।
मृतकों की पहचान ई. राजेश्वरी (48), चिन्ना कोंडिया (55), काकुमणि राजा (50), के. यनादी (55), देवीनेनी रवींद्र (73), जी. मधुबाबू (44), वाई. विजय (45) और पुरुषोत्तम (70) के रूप में हुई।
चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
चंद्रबाबू नायडू ने जानमाल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मरने वाले टीडीपी के परिवार के सदस्य हैं और यह पार्टी के लिए बड़ी क्षति है। नायडू ने कहा, यह वास्तव में एक बड़ी पीड़ा है कि टीडीपी के परिवार के सदस्य जिन्होंने राज्य के हित के लिए लड़ाई लड़ी, जिन्होंने यहां पार्टी की जनसभा में भाग लिया, उन्होंने अपना बहुमूल्य जीवन खो दिया।
इस घटना में मारे गए लोगों के परिवार के साथ खड़े होने का वादा करते हुए चंद्रबाबू ने कहा कि वह न केवल परिवार के सदस्यों को अनुग्रह राशि का भुगतान करेंगे बल्कि उनके बच्चों की शिक्षा के लिए भी मदद करेंगे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को मृतकों का अंतिम संस्कार पूरा होने तक कंदुकुर में वापस रहने का भी आदेश दिया।
टीडीपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष अतचेन नायडू ने भी कहा कि चंद्रबाबू की जनसभा में सात लोगों की मौत एक बड़ी त्रासदी है और पार्टी मृतकों के परिजनों के साथ खड़ी है। (आईएएनएस)|
चंडीगढ़, 29 दिसंबर | दसवें सिख गुरु गुरु गोबिंद सिंह की 365वीं जयंती के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने गुरुवार को सिखों के सबसे पवित्र तीर्थ स्वर्ण मंदिर में हरमंदिर साहिब के दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कड़ाके की ठंड के बीच सुबह से ही हजारों श्रद्धालु मंदिर में पूजा-अर्चना करने और स्वर्ण मंदिर के पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने के लिए पहुंच गए।
दसवें सिख नेता गुरु गोबिंद सिंह की जयंती से पहले सिख श्रद्धालुओं ने हरमंदिर साहिब में नगर कीर्तन में भाग लिया।
पंजाब के अन्य हिस्सों लुधियाना, जालंधर, पटियाला और अन्य कस्बों में विभिन्न धार्मिक स्थलों पर लोगों की भीड़ उमड़ी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मोदी ने ट्वीट किया, उनका अद्वितीय साहस आने वाले वर्षों में लोगों को प्रेरित करता रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, उनके प्रकाश पर्व के पवित्र अवसर पर, मैं श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को नमन करता हूं और मानवता की सेवा में उनके योगदान को याद करता हूं। उनका अद्वितीय साहस आने वाले वर्षों में लोगों को प्रेरित करता रहेगा।
गौरतलब है कि गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों की वीरता और शहादत को याद करते हुए 2022 से 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। (आईएएनएस)|
रामल्लाह, 29 दिसंबर | फिलिस्तीनी अधिकारियों ने वेस्ट बैंक में इजरायली सेटेलमेंट्स को और मजबूत करने के इजरायल के बयान को खारिज कर दिया है। घोषणा अंतर्राष्ट्रीय वैधता के सभी प्रस्तावों के विपरीत है, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा जारी संकल्प संख्या 2334 का, एक प्रेस विज्ञप्ति में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति पद के प्रवक्ता नबील अबू रुदीनेह ने कहा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2016 के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2334, जो पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायली बस्तियों से संबंधित है, इजरायल से तत्काल और सभी गतिविधियों को पूरी तरह से बंद करने की मांग करता है।
बुधवार को, इजरायल के होने वाले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार इजरायल की भूमि के सभी हिस्सों -- गलील, नेगेव, गोलन और वेस्ट बैंक में सेटलमेंट को मजबूत करने के लिए काम करेगी।
नेतन्याहू के बयान से इस क्षेत्र में और तनाव बढ़ने के आसार हैं, अबू रुदीनेह ने कहा।
इजराइल ने 1967 में वेस्ट बैंक पर कब्जा कर लिया था और तब से उस पर बस्तियां स्थापित कर रहा है, इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष का एक प्रमुख स्रोत माना जाता है। (आईएएनएस)|
कोलकाता, 29 दिसंबर | झारखंड की अभिनेत्री और यूट्यूबर रिया कुमारी की हत्या की जांच कर रहे जांच अधिकारियों ने गुरुवार सुबह उनके पति प्रकाश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। बुधवार सुबह पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर अभिनेत्री की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
राज्य पुलिस सूत्रों ने कहा कि गिरफ्तारी दो कारणों से की गई है। पहला कारण प्रकाश कुमार के खिलाफ मृतका के मायके के सदस्यों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत थी, जो बुधवार रात कोलकाता पहुंचे और रिया के पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। अपनी शिकायत में रिया कुमारी के परिवार वालों ने प्रकाश की दूसरी पत्नी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है।
राज्य पुलिस के सूत्रों ने कहा कि बुधवार को पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान प्रकाश कुमार के बयानों में विसंगतियां थीं।
पता चला है कि मृतक के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि प्रकाश कुमार मृतका की यूट्यूब से होने वाली कमाई से जलता था। उनके आरोपों के अनुसार, वह नियमित रूप से उसे अपमानित और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता था और इस प्रक्रिया में, उसकी दूसरी पत्नी ने एक भड़काने वाली भूमिका निभाई। यह भी आरोप लगाया गया है कि प्रकाश कुमार रिया की कमाई का एक बड़ा हिस्सा जबरदस्ती छीन लेता था।
प्रकाश कुमार के बयान के अनुसार, हत्या बुधवार सुबह करीब 6 बजे हुई जब वे रांची से कोलकाता जा रहे थे और जब उन्होंने हावड़ा जिले के उलुबेरिया सब-डिवीजन के तहत बगानन में महर्षिरेखा पुल के पास अपना वाहन रोका था।
उनके कथन के अनुसार, उनके वाहन को रोकने के बाद तीन बदमाशों ने स्नैचिंग के इरादे से उन पर हथियारों से हमला किया और विरोध करने पर एक बदमाश ने रिया कुमारी को प्वाइंट-ब्लैंक रेंज से गोली मार दी, जिससे अंतत: उसकी मौत हो गई।
जांच अधिकारियों को उसके बयान पर शक हुआ क्योंकि इसमें कई सारी विसंगतियां थी। पुलिस ने गाड़ी के भीतर से कारतूस के खोल जैसे नमूने पहले ही बरामद कर लिए हैं। सबूतों को पुख्ता करने के लिए आगे की जांच जारी है। पुलिस को संदेह है कि प्रकाश कुमार ने अपने बयानों में जिन बदमाशों का जिक्र किया था, वे वास्तव में उसके द्वारा हायर किए गए थे। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 29 दिसंबर | राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक को लेकर कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवाल और गृह मंत्रालय को लिखी चिट्ठी पर उनकी सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने जवाब दिया है। सीआरपीएफ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपे अपने जवाब में बताया कि निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार राहुल गांधी के लिए पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था की गई। खुद राहुल गांधी ने 2020 से अब तक कई बार सुरक्षा के तय निर्देशों का उल्लंघन किया है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी ऐसा हुआ है। सीआरपीएफ ने बताया कि राहुल गांधी ने 2020 से अब तक कई बार सुरक्षा के तय निर्देशों का उल्लंघन किया है। उन्होंने लगभग 113 बार सुरक्षा के नियम तोड़े हैं और उन्हें विधिवत सूचित किया गया है। सीआरपीएफ ने कहा कि राहुल गांधी की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कई मौकों पर देखा गया है और इस तथ्य से उन्हें समय-समय पर अवगत कराया गया है।
सीआरपीएफ ने बताया कि राहुल गांधी के लिए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं। किसी भी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के दौरे के दौरान सीआरपीएफ द्वारा राज्य पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय में आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की जाती है। सीआरपीएफ के मुताबिक प्रत्येक दौरे के लिए अग्रिम सुरक्षा संपर्क भी किया जाता है। दिल्ली में भारत जोड़ो यात्रा के प्रवेश करने से पहले भी राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर सभी हितधारकों से अग्रिम सुरक्षा संपर्क किया गया था।
सीआरपीएफ के मुताबिक यात्रा को लेकर सभी सुरक्षा दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया गया है और दिल्ली पुलिस ने सूचित किया है कि सुरक्षा कर्मियों की पर्याप्त तैनाती की गई थी। सीआरपीएफ ने अपने जवाब में कहा है कि संरक्षित व्यक्ति के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था तब ठीक काम कर रही है, जब संरक्षित व्यक्ति स्वयं निर्धारित सुरक्षा गाइडलाइन का पालन करता है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने केंद्र सरकार से भारत जोड़ो यात्रा में राहुल की सुरक्षा की मांग की थी। इसको लेकर पार्टी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में राहुल की सुरक्षा में कई बार चूक हुई है। इस मामले में इंटेलिजेंस ब्यूरो ने यात्रा में शामिल कई लोगों से पूछताछ की है। (आईएएनएस)|
राजकोट (गुजरात), 29 दिसंबर | एमवीएम साइंस एंड होम साइंस कॉलेज के ट्रस्टियों ने गुरुवार को विज्ञान के एक प्रोफेसर को निलंबित कर दिया। प्रोफेसर ने अच्छे अंक प्रदान करने के बदले छात्राओं से यौन संबंध बनाने की मांग की। छात्राओं ने तीन महीने पहले कॉलेज के अधिकारियों और यौन उत्पीड़न विरोधी समिति से मामले की शिकायत की थी। मीडिया और छात्र संघ द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद ही कॉलेज और समिति ने जांच का फैसला किया। कॉलेज ट्रस्टी पुरुषोत्तम पिपलिया ने गुरुवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि साइंस कॉलेज के प्रोफेसर संजय तरैया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यौन उत्पीड़न विरोधी समिति द्वारा शिकायत में पर्याप्त सबूत पाए जाने और कॉलेज ट्रस्ट की जांच के बाद यह निर्णय लिया गया।
पिपलिया ने प्रोफेसर के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराने में छात्रों को हर संभव सहयोग देने का भी आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि अगर छात्राएं पुलिस में शिकायत नहीं करना चाहती हैं तो कॉलेज पहल करेगा और प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएगा।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के राजकोट प्रमुख बृजराजसिंह राणा ने आईएएनएस को बताया कि छात्रों ने तीन महीने पहले शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि छात्र संघ के हस्तक्षेप के बाद ही समिति ने जांच शुरू की थी। प्रोफेसर तरैया ने छात्राओं से यौन संबंध बनाने के लिए अच्छे अंक देने की बात की थी। (आईएएनएस)|
बिहार, 28 दिसंबर । बिहार सरकार के हवाई जहाज़ और हेलिकॉप्टर ख़रीदने के फ़ैसले पर राजनीति गर्म होती जा रही है.
बिहार सरकार ने 12 सीटों वाला जेट इंजन विमान और दस सीटों वाला एक हेलिकॉप्टर ख़रीदने का फ़ैसला किया है.
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस फ़ैसले पर मुहर लगाई गई थी. सरकार के इस फ़ैसले पर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.बीजेपी इसे चुनाव प्रचार करने के लिए सरकारी पैसे का दुरुपयोग बता रही है.
राज्य बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट किया है, “नीतीश कुमार 2005 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं. 17 साल के बाद उनको एहसास हुआ है कि बिहार सरकार को एक दस सीटों वाला जेट इंजन विमान ख़रीदना चाहिए. हम सभी जानते हैं कि वो प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. वो इस विमान से सरकारी ख़र्च पर अपने सहयोगियों के साथ अलग अलग राज्यों का दौरा करेंगे और ख़ुद को प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश करेंगे.”
इस आरोप पर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने बीजेपी पर तीख़ा हमला बोला है. नीरज कुमार ने बीबीसी से कहा, “फिर तो ये प्रधानमंत्री जी पर भी लागू होती है. इसका मतलब है कि नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्रसंघ का अध्यक्ष बनना चाहते थे कि उन्होंने मंहगे हैलिकॉप्टर ,महंगा कार लिया. बीजेपी जब गठबंधन में हेलिकॉप्टर से उतर गई तो हर फ़ैसले का राजनीतिक मतलब ढूंढ रहे हैं. ये ओछी राजनीति है. अगर पीएम को ज़रूरत हो और केंद्र सरकार ख़रीदे तो ऐसे सवाल पर कोई राजनीति नहीं होती.”
नीरज कुमार के मुताबिक़ पुराने हेलिकॉप्टर की सेवाएं बीजेपी नेताओं ने भी ली है. नई ख़रीददारी की ज़रूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि पुराने वालों की स्पीड कम है, उसमें समय ज़्यादा लगता था और वो पुराने हो गए थे.
उन्होंने कहा, "नई ख़रीददारी पूरे पारदर्शी तरीके से की जा रही है. इससे पहले साल 2005 में राज्य सरकार ने विमान ख़रीदा था, जो कि टर्बो प्रॉप इंजन वाला विमान है और इसकी स्पीड 400 से 450 किलोमीटर प्रति घंटा है. जबकि सरकार ने इस बार जो विमान ख़रीदने का फ़ैसला किया है वह जेट इंजन विमान होगा और इसकी स्पीड 800 से 900 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी. बिहार सरकार ने इससे पहले 33 साल पहले कोई हेलिकॉप्टर ख़रीदा था." (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 28 दिसंबर | 44 अरब डॉलर में ट्विटर खरीदने के बाद, एलन मस्क ने बुधवार को कहा कि वह सबस्टैक हासिल करने के इच्छुक हैं जो स्वतंत्र लेखकों और पॉडकास्टरों को सीधे अपने दर्शकों को प्रकाशित करने और सदस्यता के माध्यम से भुगतान करने की सुविधा देता है। एक उपयोगकर्ता ने मस्क से पूछा था कि क्या वो सबस्टैक खरीदेंगे, मस्क ने जवाब दिया, 'मैं इस पर विचार करने के लिए तैयार हूं।'
उपयोगकर्ता ने पोस्ट किया, "ट्विटर प्लस सबस्टैक ऑब्सोलेट लिगेसी कॉरपोरेट मीडिया के लिए तुरंत बड़े पैमाने पर प्रतिस्पर्धा पैदा करता है।"
मस्क की प्रतिक्रिया 'ट्विटर फाइल्स' के विभिन्न संस्करणों पर मुख्यधारा और कॉरपोरेट मीडिया से प्रतिक्रिया देखने के बाद आई है, जिसे उन्होंने स्वतंत्र पत्रकारों के माध्यम से पेश किया है।
मस्क ने आगे पूछा, "कॉरपोरेट पत्रकारिता लोगों के हितों को ध्यान रखने के बजाय सरकार का बचाव क्यों कर रही है?"
ट्विटर के सीईओ लीटन वुडहाउस, एक फ्रीलांस रिपोर्टर और डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिन्होंने सबस्टैक पर पोस्ट किया था कि 'ट्विटर फाइलों पर प्रतिष्ठान पत्रकार सरकार को उजागर करने के बजाय उसकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
सबस्टैक एक यूएस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो सब्सक्रिप्शन न्यूजलेटर्स का समर्थन करने के लिए प्रकाशन, भुगतान, एनालिटिक्स और डिजाइन इंफ्रास्ट्रक्च र प्रदान करता है।
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सबस्टैक की स्थापना 2017 में किक मैसेंजर के सह-संस्थापक क्रिस बेस्ट, एक डेवलपर जयराज सेठी और एक पूर्व टेक रिपोर्टर हामिश मैकेंजी द्वारा की गई थी। (आईएएनएस)|
यशवंत राज
वाशिंगटन 28 दिसंबर | अमेरिका में भारतीय मूल के लोग अपने हिंदू धर्म की पहचान को मजबूती के साथ बरकरार रखना चाहते हैं। यह इस साल यानी 2022 में सबसे अधिक देखने को मिला है।
भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में यूएस कैपिटल में आयोजित एक कार्यक्रम को आयोजकों और उपस्थित लोगों ने जय श्री राम का जाप कर एक हिंदू धर्म के उत्सव में बदल दिया। यहां शराब नहीं परोसी गई थी।
एक अलग कार्यक्रम में न्यू जर्सी में भारतीय अमेरिकियों के एक अलग समूह ने एक परेड में बुलडोजर चलाया, जो भारत में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के प्रतीक के रूप में आजकल उभरा है।
इस पर मुसलमानों, अफ्रीकी अमेरिकियों और नागरिक अधिकार समूहों ने प्रतिक्रिया जारी की है। इन्होंने आयोजकों की जांच के लिए अमेरिकी अधिकारियों से कहा है, जिसमें ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी भी शामिल है।
ये हाल 2022 में भारतीय प्रवासियों की महत्वपूर्ण उपस्थिति के साथ अन्य देशों में भी देखा गया।
सितंबर में यूके में लीसेस्टर की सड़कों पर जय श्री राम का जाप करते हुए भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिकों ने मार्च निकाला, जिससे ब्रिटिश अधिकारी और मीडिया बेहद चिंतित हो गए।
दूसरे देशों में रह रहे कुछ हिंदू-अमेरिकी दशकों से चुपचाप अपनी आस्था और सांस्कृतिक साज-सज्जा का प्रचार कर रहे हैं।
उदाहरण के लिए, विश्व हिंदू परिषद अमेरिका की स्थापना 1970 में उन महान सार्वभौमिक और शाश्वत मूल्यों को बढ़ावा देने और अभ्यास करने के लिए की गई थी, जिन्हें भारत के संतों द्वारा खोजा और अभ्यास किया गया था।
लेकिन इस सब ने उदार हिंदुओं के मन में ठेस पहुंचाई है। उपस्थित लोगों में से एक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, मैं अमेरिकी कांग्रेस के इस कार्यक्रम में हिंदू दावे के प्रदर्शन से स्तब्ध था।
उपस्थित लोगों ने जय श्री राम का नारा लगाते हुए समूहों में तस्वीरें खिंचवाईं। इस दौरान अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य पहुंचे, भारत के बारे में बात की और सहयोगियों के साथ चले गए। भारत माता की जय के नारे भी लगाए गए, जो भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर उपयुक्त हो सकते थे।
भारतीय अमेरिकियों के एक अन्य समूह ने 2022 में कैपिटल में दो कार्यक्रमों की मेजबानी की, जिसमें भारतीय अमेरिकी से नाम बदलकर हिंदू अमेरिकी के रूप में पहचान बनाने की इच्छा जताई। समुदाय लंबे समय से वकालत कर रहा है, लेकिन अब तक असफल रहा है।
एक कार्यक्रम की मेजबानी प्रमुख भारतीय अमेरिकियों के एक समूह ने की, जिन्होंने कहा कि वे भारत सरकार द्वारा यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की कड़ी आलोचना करने से इनकार करने से निराश थे और, उन्होंने आगे तर्क दिया कि वे भारत सरकार की प्रतिक्रिया से पैदा हुए विपरीत असर को झेलना नहीं चाहते।
ये घटनाएं अमेरिकी राजनीति में एक राजनीतिक ताकत के रूप में भारतीय अमेरिकियों के बजाय हिंदू अमेरिकियों को पेश करने की इच्छा से भी प्रेरित थीं, जिसे अमेरिकी सांसदों को सीधे संदेश देने के लिए यूएस कैपिटल में मेजबानी के लिए आयोजकों द्वारा एक कारण के रूप में उद्धृत किया गया था।
अमेरिका में भारतीय प्रवासी कुछ समय से इस नाम परिवर्तन पर बहस कर रहे हैं, समुदाय के सदस्यों के बीच जो डेमोकेट्रिक और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों को वोट और समर्थन देते हैं।
भारत में जन्मे अप्रवासी अपने मूल देश के साथ एक मजबूत संबंध महसूस करते रहे, लेकिन भारतीय अमेरिकियों की दूसरी पीढ़ी अपनी विरासत के इस राजनीतिक हिस्से के प्रति कम प्रतिबद्ध महसूस करती है। उन्हें लगता है कि वे अमेरिकी हैं, अपने माता-पिता, रिश्तेदारों के विपरीत अमेरिका में पैदा और पले-बढ़े हैं।
डायस्पोरा में हिंदुओं के लिए हिंदू अमेरिकन नाम अधिक मायने रखता है। लेकिन यह कोई ऐसी बहस नहीं है जो जल्द सुलझ जाएगी। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 28 दिसंबर । इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म रद्द किए जाने के फ़ैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान जारी किया है.
उन्होंने कहा कि सरकार पिछड़ों का हक़ दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी. वहीं, सपा ने भाजपा पर कोर्ट में कमज़ोर पैरवी करने का आरोप लगाया है.
अमर उजाला में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार नगरीय निकाय चुनाव के लिए आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी.
इसके बाद ही निकाय चुनाव सम्पन्न कराया जाएगा. यदि आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार उच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में तमाम क़ानूनी पहलुओं पर विचार करके सर्वोच्च न्यायालय में अपील भी करेगी.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि 'आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है. आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है. कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी. उन्होंने आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछड़ों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील की है.'
उन्होंने ये भी कहा है कि आरक्षण बचाने के लिए उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी.
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह फ़ैसला भाजपा की आरक्षण विरोधी मानसिकता को दिखाता है.
मायावती ने बयान दिया है कि यूपी में बहुप्रतीक्षित निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक अधिकार के तहत मिलने वाले आरक्षण को लेकर सरकार की कारगुजारी का संज्ञान लेने संबंधी माननीय हाईकोर्ट का फ़ैसला सही मायने में भाजपा व उनकी सरकार की ओबीसी एवं आरक्षण-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रकट करता है. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 28 दिसंबर | भाजपा ने कश्मीर समस्या के लिए जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि उनके कारण ही कश्मीर टूट गया और 1948 में कश्मीर का एक-तिहाई हिस्सा पाकिस्तान को चला गया। भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कश्मीर समस्या के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार बताते हुए इससे जुड़े घटनाक्रम के वर्णन को तारीख अनुसार शेयर करते हुए लिखा, नेहरू कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले गए, जिसकी वजह से कश्मीर टूट गया।
भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि कांग्रेस का असली चरित्र ही भारत को तोड़ने का रहा है। भाजपा ने कश्मीर समस्या से जुड़े एक पोस्टर को भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जिसमें जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर के साथ यह लिखा गया है कि 22 अक्टूबर, 1947 को पाकिस्तानी सेना के समर्थन से कबायलियों ने जम्मू कश्मीर पर आक्रमण किया। संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बाद 31 दिसंबर, 1948 को संघर्ष विराम लागू हुआ जिसकी वजह से कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा पाकिस्तान के पास चला गया।
भाजपा ने कांग्रेस पर राजनीतिक हमला जारी रखते हुए कहा कि इनकी वजह से 1 जनवरी, 1949 को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर अस्तित्व में आया। कांग्रेस ने 17 अक्टूबर, 1949 को अनुच्छेद-370 को भारतीय संविधान का हिस्सा बना दिया। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 28 दिसंबर । केंद्र सरकार की कुल देनदारी सितंबर के अंत में बढ़कर 147.19 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई है. इससे पहले जून क्वार्टर में यह 145.72 करोड़ रुपए थी. वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ दूसरी तिमाही में इसमें एक फ़ीसदी की वृद्धि हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, सार्वजनिक क़र्ज़ प्रबंधन पर वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि इस साल सितंबर के अंत में सार्वजनिक क़र्ज़ कुल देनदारी का 89.1 फ़ीसदी रहा.
30 जून को समाप्त तिमाही में ये आंकड़ा 88.3 फ़ीसदी था. इसमें कहा गया है कि क़रीब 29.6 फ़ीसदी सरकारी प्रतिभूतियां पांच साल से कम अवधि में मैच्योर होने वाली हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तिमाही के दौरान केंद्र सरकार ने प्रतिभूतियों के ज़रिये 4,06,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं. जबकि उधारी कार्यक्रम के तहत रक़म 4,22,000 करोड़ रुपए थी.
सरकार ने 92,371.15 करोड़ रुपए की री-पेमेंट की. 2022-23 की दूसरी तिमाही में भारांश औसत प्रतिफल बढ़कर 7.33 फ़ीसदी हो गया. ये पहली तिमाही में 7.23 फ़ीसदी था. (bbc.com/hindi)
लखनऊ, 28 दिसम्बर | रायबरेली जिला जेल के पांच जेल वार्डन को 42 सेकंड का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद निलंबित कर दिया गया है, जिसमें वे अपने सहकर्मी को डंडों से पीटते दिख रहे हैं। डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि पांच जेल वार्डरों को अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है और जिला जेल अधीक्षक अविनाश गौतम को घटना की जांच करने को कहा गया है।
निलंबित किए गए लोगों में विजय सिंह, सौरभ वर्मा, प्रवेश सिंह, राजीव शुक्ला और जसवंत तोमर शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित जेल वार्डर मुकेश कुमार दुबे ने अपने पांच साथियों के खिलाफ दंगा करने, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा और आपराधिक धमकी देने के आरोप में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है।
नई दिल्ली, 28 दिसंबर । कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद ने राहुल गांधी को भगवान राम बताने वाले बयान पर अब सफ़ाई दी है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, सलमान ख़ुर्शीद ने कहा, ''राहुल गांधी भगवान राम नहीं हैं, लेकिन वो भगवान राम के दिखाए रास्ते पर चल सकते हैं.''
''वो (बीजेपी) कह रहे हैं कि आपको उस रास्ते पर चलने का कोई हक़ नहीं है. हमारी आपत्ति इसलिए है क्योंकि वो राम के नहीं बल्कि रावण के रास्ते पर चल रहे हैं.''
इससे पहले सलमान ख़ुर्शीद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तुलना 'भगवान राम' से की थी.
ख़ुर्शीद ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के तहत उत्तर प्रदेश के हापुड़ में मीडिया को संबोधित करते हुए राहुल गांधी को महामानव और योगी भी बताया था.
उन्होंने कहा था, "आप तो जानते हैं कि भगवान राम की खड़ाऊं बहुत दूर तक जाती है. कभी-कभी खड़ाऊं लेकर भी चलना पड़ता है. हमेशा भगवान राम नहीं पहुंच पाते हैं, ऐसे में उनकी खड़ाऊं लेकर चलना पड़ता है, भरत उनकी खड़ाऊं लेकर चलते हैं. खड़ाऊं लेकर हम उत्तर प्रदेश में चले हैं. उत्तर प्रदेश में खड़ाऊं पहुंच गयी है तो राम जी भी पहुंचेंगे, ये हमारा विश्वास है."
इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई थी. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था, "नर की तुलना नारायण से करना कोई भी सही नहीं मानेगा. ये चाटुकारिता की पराकाष्ठा है.''
''कहां 10 जनपथ में रहने वाले राहुल जी और कहां अपने पिता की आज्ञा पर वन-वन घूमने वाले राम. कहां उन्होंने भालुओं और वानरों की सेना को लेकर राष्ट्र का वंदन किया और लंका को नेस्तनाबूद किया. और कहां सरहद पर हमारे जवानों के लिए अपमान की भाषा बोलने वाले की आप राम से तुलना कर रहे हो.'' (bbc.com/hindi)
लखनऊ, 28 दिसंबर | उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 से पहले करीब 6,000 बसें जोड़ने की योजना बना रही है। हाल ही के पूरक बजट में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) द्वारा बसों की खरीद के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि अगले साल मार्च तक राज्य में चलने वाली 11,500 बसों के मौजूदा बेड़े में 800 साधारण बसें शामिल की जाएंगी।
वर्तमान में चलने वाली 11,500 बसों में से लगभग 8,600 निगम के स्वामित्व में हैं और 2,400 अनुबंध पर हैं। कुछ अतिरिक्त बसों को नए रूटों पर लगाया जाएगा।
2023 में 1,000 और बसें खरीदने के लिए 200 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन का उपयोग किया जाएगा। निगम के सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार 2025 से पहले बेड़े का विस्तार करेगी।
प्रवक्ता ने कहा, हालांकि जोड़े से जाने वाली बसों की संख्या अभी तय नहीं की गई है, यह करीब 6,000 हो सकती है। (आईएएनएस)|
मऊ, 28 दिसंबर | उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक घर में आग लगने से एक महिला और तीन नाबालिग समेत एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई। कोपागंज थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव स्थित घर में आग बुझाने के लिए दमकल की गाड़ियां भेजी गईं।
शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
आग लगने के सही कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।
जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार आग चूल्हे से लगी थी। उन्होंने कहा, प्रति व्यक्ति चार लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 28 दिसम्बर | अवैध धर्मांतरण में कथित संलिप्तता के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के विभिन्न स्थानों से 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तालगांव में, एक पादरी और उसके पांच सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि रामपुर मथुरा में, एक पादरी सहित तीन को पुलिस टीम और गिरफ्तारी का विरोध करने वाली महिलाओं के एक समूह के बीच आमने-सामने होने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
मिश्रिख में इसी तरह के आरोप में चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस बीच, पुलिस ने तंबौर में भी दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन औपचारिक रूप से मंगलवार शाम तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था।
तीन थानों में गिरफ्तार लोगों में मुकेश, हंसराज, सोनू, शिव कुमार, राम भाटी, प्यारेराम, बौद्धसागर, सीमा, राम कुमार, जितेंद्र कुमार, रमेश बाबू, दीपू गौर और गुड्डू शामिल हैं।
पुलिस ने कहा कि, उत्तर प्रदेश निषेध के तहत गैरकानूनी धर्म परिवर्तन धर्म अधिनियम, 2021 के तहत उन पर दंगा, हमला या आपराधिक बल का आरोप लगाया गया है, ताकि लोक सेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोका जा सके।
यह गिरफ्तारी लगभग एक सप्ताह पहले सीतापुर जिले से ही एक पादरी सहित दस व्यक्तियों की गिरफ्तारी की अगली कड़ी है।
सीतापुर के एडिशनल एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि, उन्हें ग्रामीणों से शिकायत मिली थी कि तालगांव, मिश्रिख, रामपुर, मथुरा में पुरुषों का एक समूह उन्हें नौकरी, पैसे और यहां तक कि शादी के लिए प्रलोभन देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का लालच दे रहा है।
दूसरी ओर, पिछले मामले में जिसमें पादरी डेविड अस्थाना को सदरपुर से धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, पुलिस उनके एनजीओ को किए गए विदेशी फंडिंग पर नजर रख रही है।
22 दिसंबर को डेविड को एक स्थानीय अदालत ने 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 28 दिसंबर | अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (2023) में मोटे अनाज (बाजरा, ज्वार, सावां, कोदो) अब महीन अनाजों (गेहूं एवं धान) से मुकाबले के लिए तैयार हैं। सब कुछ ठीक रहा तो मोटे कहकर जिन अनाजों को हमने उपेक्षित कर दिया था, वे कथित महीन अनाजों को मात देने में सफल भी रहेंगे। गेहूं एवं धान इनके सामने कहीं नहीं टिकते। ऊपर से सरकार इनको अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष की वजह से भरपूर संरक्षण भी दे रही है। इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर (2023) के मद्देनजर मोदी एवं योगी सरकार मोटे अनाजों पर मेहरबान है। योगी सरकार पहले ही इन अनाजों को लोकप्रिय बनाने की कार्ययोजना तैयार कर चुकी है। पहली बार सरकार 18 जिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बाजरे की खरीद भी कर रही है।
केंद्र सरकार ने केंद्रीय पूल में मिलेट्स खरीद का लक्ष्य बढ़ा दिया है। 2021 का लक्ष्य 6.5 लाख टन था। 2022 के लिए इसे बढ़ाकर 13 लाख टन कर दिया गया। खरीफ सीजन में नवंबर तक लक्ष्य से अधिक खरीद हो चुकी थी। नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन (एनएफएसएम) के तहत देश के 14 प्रमुख मिलेट्स उत्पादक राज्यों के 212 जिलों में पोषक फूड मिशन योजना लागू की जाएगी। इस योजना के तहत मोटा अनाज उगाने वाले किसानों को बेहतर प्रजाति के बीज, खेती के उन्नत तौर तरीकों, फसल संरक्षण के उपाय, उत्पादन के भंडारण के उचित तरीकों और प्रसंस्करण के बारे में जानकारी दी जाएगी।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-न्यूट्री सीरियल्स घटक में अलग फसलों के लिए यूपी के कुल 24 जिले शामिल हैं। मसलन ज्वार के लिए जिन 5 जिलों को चुना गया है उनमें बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, कानपुर देहात एवं कानपुर नगर शामिल हैं। बाजरा के लिए जिन 19 जिलों को चुना गया है उनमें आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, औरैया, बदायूं, बुलंदशहर, एटा, इटावा, फिरोजाबाद, गाजीपुर, हाथरस, जालौन, कानपुर देहात, कासगंज, मैनपुरी, मथुरा, मीरजापुर, प्रतापगढ़ एवं संभल शामिल हैं। सावां एवं कोदो के लिए एनएफएसए योजना के तहत सिर्फ एक जिला सोनभद्र को चुना गया है। केंद्र की इस योजना का लाभ इन जिले के किसानों को भी मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि बाजरा एवं ज्वार भारत के दो प्रमुख मोटे अनाज हैं। भारत में तीन प्रमुख राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र बाजरा उत्पादक राज्य हैं। रकबे के हिसाब से राजस्थान (43.48 लाख हेक्टेयर) के बाद उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर (9.04 लाख हेक्टेयर) पर है। महाराष्ट्र में 6.88 लाख हेक्टेयर में बाजरे की खेती होती है। प्रति हेक्टेयर प्रति किग्रा उपज के लिहाज से उत्तर प्रदेश इन दो राज्यों से आगे हैं। उत्तर प्रदेश की उपज 2156 किग्रा है तो राजस्थान एवं महाराष्ट्र की उपज क्रमश: 1049 और 955 किग्रा प्रति हेक्टेयर है। इस लिहाज से उत्तर प्रदेश में रकबा और उपज दोनों बढ़ाने की खासी संभावना है। खासकर रकबा बढ़ाने की।
रही ज्वार की बात, तो भारत में महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। रकबे के मामले में कर्नाटक एवं प्रति हेक्टेयर प्रति कुन्तल उपज के मामले में कर्नाटक नंबर एक पर है। उत्तर प्रदेश में इसमें भी रकबा और उपज बढ़ाने की खासी संभावनाएं हैं। योगी सरकार की मंशा भी यही है। इसलिए सरकार ने 20121 (1.71 लाख हेक्टेयर) की तुलना में 2023 में ज्वार के रकबे का आच्छादन क्षेत्र का लक्ष्य 2.24 लाख हेक्टेयर रखा है। इसी तरह लुप्तप्राय हो रहे सावां, कोदो के आच्छादन का लक्ष्य भी 2023 के लिए करीब दोगुना कर दिया है।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर भारत द्वारा 2018 में मिलेट वर्ष मनाने के बाद से ही योगी सरकार मोटे अनाजों को लोकप्रिय बनाने की पहल कर चुकी थी। नतीजतन इन फसलों का रकबा, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हुई है। इन नतीजों से उत्साहित होकर सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के लिए खुद के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य भी रखा है। इसे हासिल करने के लिए क्लस्टर में खेती पर खास फोकस होगा।
उत्पादन में गुणवत्तापूर्ण बीज के महत्व के मद्देजर सरकार ने किसानों को बाजरा, ज्वार, कोदो एवं सावां के क्रमश: 5000, 7000 एवं 200-200 कुन्तल बीज उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। बोने वाले हर किसान को बेहतर बीज उपलब्ध कराने के साथ प्रगतिशील किसानों को प्रदर्शन के लिए नि:शुल्क मिनीकिट भी दिए जाएंगे। अधिक से अधिक किसान इनकी खेती करें इसके लिए इनकी खूबियों पर फोकस करते हुए आक्रामक अभियान (रोड शो, होडिर्ंग्स, वाल पेंटिग्स) भी चलाया जाएगा। राज्य, जिला एवं ब्लॉक स्तर पर राष्ट्रीय मिलेट्स दिवस, प्रमुख उत्पादक जिलों में एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में मिलेट्स को बढ़ावा, समेकित बाल विकास एवं पुष्टाहार योजना एवं आश्रम पद्धति विद्यालयों में मिलेट्स को खाद्य पदार्थों में शामिल किया जाएगा। मूल्य संवर्धन के लिए बिस्कुट, बेकरी, केक, ब्रेड, नूडल्स एवं कुकीज आदि बनाने वाली इकाइयों की भी सरकार हर संभव मदद करेगी। (आईएएनएस)|
लंदन, 28 दिसंबर | एक भारतीय वैज्ञानिक को प्रतिष्ठित यूरोपीय आणविक जीव विज्ञान संगठन (ईएमबीओ) यंग इन्वेस्टिगेटर नेटवर्क में शामिल होने के लिए चुना गया है, जो उसे यूरोप में जीव विज्ञान में शीर्ष प्रतिभाओं में से एक के रूप में मान्यता देता है। डॉ महिमा स्वामी, जो बेंगलुरु से हैं, डंडी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के सबसे सम्मानित विशेषज्ञों में से एक हैं, जहां वह एक शोध समूह की प्रमुख हैं जो आंत में प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं की जांच करती हैं।
यूनिवर्सिटी के मेडिकल रिसर्च काउंसिल प्रोटीन फास्फोराइलेशन एंड यूबिक्विटीलेशन यूनिट (एमआरसी-पीपीसी) के आधार पर, महिमा ईएमवीओ प्रोग्राम के 135 वर्तमान और 390 पूर्व सदस्यों के नेटवर्क का हिस्सा बनने के लिए 23 अन्य शोधकर्ताओं के साथ जुड़ी।
महिमा ने एक बयान में कहा, "मैं वास्तव में इस नेटवर्क का हिस्सा बनने और यूरोप भर में अत्याधुनिक शोध कर रहे सभी गतिशील युवा वैज्ञानिकों से मिलने के लिए उत्साहित हूं। मेरा मानना है कि इस सम्मानित समूह का हिस्सा होने से हमारे शोध में काफी मदद मिलेगी और मैं बहुत आभारी हूं लैब और मेरे सलाहकारों के समर्थन के लिए जिन्होंने मुझे यह पुरस्कार दिलाया।"
उनके काम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आंत्र रोगों का अध्ययन है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा संक्रमण के अभाव में आंत की परत पर हमला को कैसे रोका जा सकता है।
उनके शोध का उद्देश्य यह पता लगाना है कि हानिकारक आक्रमण से बचाने के लिए आंत की प्रतिरक्षा प्रणाली का बेहतर उपयोग कैसे किया जा सकता है।
ईएमबीओ यंग इन्वेस्टिगेटर प्रोग्राम उन शोधकर्ताओं के वैज्ञानिक प्रयासों का समर्थन करता है जो पिछले चार वर्षों में प्रयोगशाला समूह के लीडर बन गए हैं।
ईएमबीओ युवा शोधकर्ता अपने कार्यकाल के दूसरे वर्ष में 15,000 यूरो का पुरस्कार प्राप्त करते हैं और प्रति वर्ष 10,000 यूरो तक के अतिरिक्त अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एमआरसी-पीपीयू के निदेशक प्रोफेसर डेरियो अलेसी ने कहा, "यह अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त है और महत्वपूर्ण शोध के लिए एक बड़ा बढ़ावा है। महिमा आंतों के एपिथेलियम को गश्त करने वाले गूढ़ इंट्रापीथेलियल लिम्फोसाइटों की जैविक भूमिकाओं को समझने पर काम कर रही हैं।" (आईएएनएस)|