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नयी दिल्ली, 29 दिसंबर। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट ने हिंसा छोड़ने, संगठन को भंग करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति व्यक्त करते हुए शुक्रवार को केंद्र और असम सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की उपस्थिति में यहां समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।
शाह ने कहा कि यह असम के लोगों के लिए बहुत बड़ा दिन है। उन्होंने कहा, ‘‘असम लंबे समय तक उल्फा की हिंसा से त्रस्त रहा और वर्ष 1979 से अब तक 10 हजार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।’’
उन्होंने कहा कि असम का सबसे पुराना उग्रवादी संगठन उल्फा हिंसा छोड़ने, संगठन को भंग करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमत हुआ है। उन्होंने कहा कि समझौते के तहत असम को एक बड़ा विकास पैकेज दिया जाएगा।
शाह ने कहा कि समझौते के प्रत्येक खंड को पूरी तरह से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब असम में हिंसा की घटनाओं में 87 प्रतिशत, मौत के मामलों में 90 प्रतिशत और अपहरण की घटनाओं में 84 प्रतिशत की कमी आई है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने समझौते को ‘‘ऐतिहासिक’’ बताया और कहा कि यह समझौता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री शाह के मार्गदर्शन और नेतृत्व के कारण संभव हो सका है।
अधिकारियों ने बताया कि अरबिंद राजखोवा के नेतृत्व वाले उल्फा गुट और सरकार के बीच 12 साल तक बिना शर्त हुई वार्ता के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।
इस शांति समझौते से असम में दशकों पुराने उग्रवाद के खत्म होने की उम्मीद है।
परेश बरुआ की अध्यक्षता वाला उल्फा का कट्टरपंथी गुट हालांकि इस समझौते का हिस्सा नहीं है। ऐसा माना जाता है कि बरुआ चीन-म्यांमा सीमा के निकट एक स्थान पर रहता है।
उल्फा का गठन 1979 में ‘‘संप्रभु असम’’ की मांग को लेकर किया गया था। तब से, यह विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहा है जिसके कारण केंद्र सरकार ने 1990 में इसे प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था।
राजखोवा गुट तीन सितंबर, 2011 को सरकार के साथ शांति वार्ता में उस समय शामिल हुआ था, जब इसके और केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच इसकी गतिविधियों को रोकने को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। (भाषा)
अयोध्या (उप्र) 29 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अयोध्या दौरे के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां विकास कार्यों का जायजा लिया और हनुमानगढ़ी तथा रामलला के दर्शन-पूजन किए।
शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार संकट मोचन हनुमान और रामलला के दर्शन कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुखी-स्वस्थ उत्तर प्रदेश की कामना की।
इसके पहले रामकथा हेलीपैड पहुंचने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया।
बयान में कहा गया कि इस माह में मुख्यमंत्री का तीसरी बार अयोध्या आगमन हुआ है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने दो दिसंबर और 21 दिसंबर को अयोध्या के मंदिरों में दर्शन-पूजन किया था।
लता मंगेशकर चौक पहुंचकर योगी ने यहां के सौंदर्यीकरण का जायजा लिया और वीणा के साथ सेल्फी भी ली तथा लोगों का अभिवादन किया।
लता मंगेशकर चौक को काफी शानदार ढंग से सजाया गया है।
इसके बाद मुख्यमंत्री राम पथ पहुंचे और यहां मौजूद महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों से उनका हालचाल जाना। साथ ही प्रधानमंत्री के आगमन से पहले उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की और स्टेशन तथा प्लेटफार्म की व्यवस्था देखकर संतुष्टि जाहिर की।
मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि तैयारियों में किसी प्रकार की कमी न रहे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर अयोध्या आने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। (भाषा)
घटनास्थल पर बना है मंदिर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुर, 29 दिसंबर। सीएम विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को बंदरचुवा के पास तुर्री पहुंचकर कुलदेवता के दर्शन किए। साय के पूर्वज बाघ के हमले से प्राण त्यागे थे, इसलिए बाघ में पूर्वज का वास मानकर बाघ स्वरूप देव की पूजा-पाठ करते हैं। यहां मंदिर निर्माण भी कराया गया है।
सीएम श्री साय ने कुलदेवता को गुड़, नारियल, पान, सुपाड़ी अर्पित कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
सीएम बनने के पश्चात पहली बार अपने गृह ग्राम बगिया आए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने आज बंदरचुवा के पास तुर्री गांव पहुंचकर कुल देवता का दर्शन किया।
मंदिर स्थल में गांव के पुजारी ने मुख्यमंत्री को विधि विधान से पूजा पाठ कराया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पूर्वजों के आशीर्वाद से ही शुभ कार्य संपन्न होते हैं। आज तुर्री में अपने कुलदेवता का आशीर्वाद लेकर प्रदेश की खुशहाली और जनहित में निरंतर कार्य करूंगा।
सीएम के पूर्वज स्व. सरदार भगत साय(सरदार बूढ़ा) की स्मृति में मंदिर का निर्माण कराया गया है। इस दौरान वहां बड़ी संख्या में आसपास गांव के ग्रामीणजन मौजूद रहे।
तुर्री गांव के निवासी विकास कुमार साय ने बताया कि तुर्री में घनघोर जंगल और पहाडिय़ों से घिरे इसी स्थल पर साय के पूर्वजों के दो भाईयों भगत साय और दवेल साय में से स्व. भगत साय पर बाघ ने हमला किया था,जिससे वहीं पर उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। जहां उन्होंने प्राण त्यागे थे वहां उनका वास मानकर आस्था और विश्वास से पूजा अर्चना की जाती है। मूल स्थान के बगल में बाघ में भगत साय की देव स्वरूप वास मानकर इस स्थान पर बाघ की मूर्ति स्थापित कर पूजा पाठ किया जाता है। दूसरे भाई दवेल साय के वंश वृद्धि के फलस्वरूप सीएम विष्णुदेव साय आते हैं। साय परिवार के अलावा अन्य ग्रामीण भी तुर्री के इस स्थान को आस्था और अध्यात्म का विशेष स्थान मानते है। यह जगह चारों तरफ जंगलों से घिरा हुआ है। इस देव स्थल के विशेष महत्व के कारण यहां से गुजरने वाले लोग फूल, पत्ती आदि अर्पित करने पश्चात ही यहां से आगे बढ़ते हैं ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 दिसंबर। रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) द्वारा कौशल्या माता विहार के विकास हेतु सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, शाखा सदर बाजार, रायपुर से कुल 600 करोड़ रूपए ऋण लिया गया था। इस पूरी ऋण राशि का भुगतान रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ शासन के आवास एवं पर्यावरण सचिव महादेव कांवरे द्वारा आज रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा लिए गए ऋण के भुगतान की अंतिम किस्त के रूप में सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा सदर बाजार रायपुर के चीफ मैनेजर रिकवरी राजीव सिंग एवं सीनियर मैनेजर विमल नायर को 04 करोड़ 45 हजार 147 रूपए का चेक सौंपा गया। इसके साथ पूरी ऋण राशि का भुगतान संबंधित बैंक को कर दिया गया है। इस अवसर पर रायपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी धर्मेश कुमार साहू सहित प्राधिकरण के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
रायपुर विकास प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार सेन्ट्रल बैंक से ली गई कुल ऋण राशि में से बकाया ऋण राशि 334 करोड़ रूपए का पिछले डेढ़ वर्ष की अवधि में भुगतान कर रायपुर विकास प्राधिकरण कर्ज से मुक्त हो गया है। वर्तमान में आर.डी.ए. पर किसी भी बैंक का किसी प्रकार का कोई ऋण बकाया नहीं है। इसके पूर्व 28 दिसम्बर 2023 को प्राधिकरण द्वारा 20 करोड़ रूपए की राशि का चेक सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, शाखा सदर बाजार रायपुर को दिया गया था।
गौरतलब है कि कौशल्या माता विहार के अंतर्गत कुल 16 सेक्टर विकसित किये गये हैं, जिसमें आवासीय भूखंड तथा व्यावसायिक भूखंड का विकास किया गया। कौशल्या माता विहार में लगभग 153 नग स्थल उद्यान विकास के लिए आरक्षित हैं, जिसका क्षेत्रफल लगभग 98 एकड़ है।
रामभक्त का प्रमाण पत्र भाजपाइयों से नहीं चाहिए
रायपुर, 29 दिसंबर। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व सरगुजा संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव ने अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने या न होने को लेकर कांग्रेस की दुविधा को शर्मनाक बताया है । उन्होंने कहा है कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बयान के बाद कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र बेनकाब हो गया है। प्रधानमंत्री के मंदिर जाने पर ऐतराज जताने वाली कांग्रेस चाहती ही नहीं थी कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बने, अब जब यह बनकर तैयार हो गया है तो कांग्रेसी इससे दूरी बना रहे हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ये वही लोग हैं जो रामसेतु तोड़ने के लिए अदालत में शपथपत्र देकर भगवान राम को काल्पनिक बताते फिर रहे थे। ऐसे लोग इस देश की जड़ों और संस्कृति व मूल्यों से कटे हुए हैं, अब यह आईने की तरह साफ हो चला है।
श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर समेत तमाम लोगों ने इस पर प्रश्नचिह्न लगाने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दर्शन करने राम मंदिर जाते हैं तो कांग्रेसियों को पेट में मरोड़ उठने लगाता है, राम मंदिर का निर्माण हो जाने के बावजूद कांग्रेस को तकलीफ है। श्री श्रीवास्तव ने पूछा कि दरअसल कांग्रेस चाहती क्या है? इस देश की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का काम पहले भी कांग्रेस करती रही है। राम मंदिर निर्माण में तमाम प्रकार की जो बाधाएँ उत्पन्न की गईं। इंडी अलाइंस और इनके सहयोगी दल इस मंदिर का विरोध कर रहे हैं।
रामभक्त का प्रमाण पत्र भाजपाइयों से नहीं चाहिए
वहीं पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि हमें रामलला के भक्त होने का प्रमाण पत्र भाजपाइयों से नहीं चाहिए। श्रीराम पूरे देश के हैं।
रायपुर, 29 दिसंबर। मठपुरैना बीएसयूपी कालोनी में सेन परिवार की आत्महत्या के कारणों की जांच के लिए पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कमेटी बनाई है। इसमें पूर्व विधायक विकास उपाध्याय,शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे, सभापति प्रमोद दुबे , केश कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार सेन शामिल किया गया है। बैज ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि मंहगाई बेरोजगारी, बीजेपी सरकार की वादाखिलाफी से जनता हतोत्साहित है।हमारी सरकार की योजनाओं से सीधा हितग्राहियों के खाते में राशि जाती थी।बीजेपी सरकार बनने के बाद बन्द हो गया है।योजनाओं को बन्द कर रहे है यही हताशा और निराशा के कारण आत्महत्या बढ़ रही है।
इस पर तीखा पलटवार करते हुए भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि परिवार में आपसी विवाद के चलते आत्महत्या करना दुर्भाग्यपूर्ण है।इस घटना में कांग्रेस नेता जो राजनीति कर रहे हैं ये उनके गिध्दचरित्र को उजागर करता है। गौरीशंकर ने बैज और उपाध्याय को टैग कर कहा कि पीड़ित परिवार के घर के राजनीति का अड्डा बनने नहीं दिया जाएगा ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 दिसंबर। छत्तीसगढ़ के मंत्रियों को विभागों का वितरण आज शाम हुआ जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने पास सामान्य प्रशासन, खनिज, ऊर्जा, जनसंपर्क, आबकारी, परिवहन विभाग रखे हैं।
उपमुख्यमंत्री अरूण साव लोक निर्माण, पीएचई, विधि-विधायी कार्य, और नगरीय प्रशासन मंत्री रहेंगे।
दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा गृह एवं जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा और रोजगार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री रहेंगे।
बृजमोहन अग्रवाल स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री रहेंगे।
रामविचार नेताम आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास, कृषि विकास और किसान कल्याण मंत्री रहेंगे।
दयाल दास बघेल खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री रहेंगे।
केदार कश्यप वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता मंत्री रहेंगे।
लखनलाल देवांगन वाणिज्य और उद्योग एवं श्रम मंत्री रहेंगे।
श्यामबिहारी जायसवाल लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, 20 सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री रहेंगे।
ओपी चौधरी वित्त एवं वाणिज्यिक कर, आवास एवं पर्यावरण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री रहेंगे।
श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री रहेंगी।
टंकराम वर्मा खेलकूद एवं युवा कल्याण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री रहेंगे।
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 29 दिसंबर। सीएम विष्णुदेव साय कैबिनेट के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बंद लिफाफे में मंत्रियों के विभागों की लिस्ट गवर्नर हाउस भेजी थी। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के हस्ताक्षर के बाद सामान्य प्रशासन विभाग में अधिसूचना जारी कर दी है।
आदेश देखें-
अकबर की चुनौती का जवाब कोई विदेशी पेश नहीं कर पाया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 दिसंबर। कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक वर्तमान और भूतपूर्व जनप्रतिनिधियों ने आज रायपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस लेकर कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के तहत अलग-अलग जगहों पर बसे हुए कुछ मुस्लिमों के नाम जारी किए, और आरोप लगाया कि वे पिछले कुछ बरसों में बाहर से आए हैं, और कई जगहों पर उन्होंने अवैध कब्जे भी किए हैं। इनमें भाजपा से जुड़े हुए स्थानीय नेता थे जिन्होंने यह आरोप लगाया कि कवर्धा के पिछले कांग्रेस विधायक मोहम्मद अकबर ने 2022 में मंत्री की हैसियत से जो स्वेच्छानुदान बांटा उसमें भी एक धर्मविशेष के लोगों को प्राथमिकता दी गई।
भाजपा के एक चुनावी आरोप पर कवर्धा के पूर्व विधायक मोहम्मद अकबर ने चुनौती दी थी कि चूंकि भाजपा ने राज्य में रोहिंग्या मुस्लिमों को लाकर बसाने के आरोप लगाए थे, और उसकी मदद से चुनाव जीता था, इसलिए अब यह भाजपा की जिम्मेदारी है कि वह अपनी सरकार रहते रोहिंग्या मुस्लिम पेश करके दिखाए। उल्लेखनीय है कि अकबर के खिलाफ भाजपा के चुनाव प्रचार में ऐसा आरोप लगाया गया था, इस पर अब भाजपा के विजय शर्मा से करीब 40 हजार वोटों से हार के बाद अकबर ने कहा है कि भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए इस झूठी कहानी का सहारा लिया था, और अब वह कवर्धा में एक भी रोहिंग्या मुस्लिम दिखा दे।
अकबर की चुनौती के बाद की गई इस प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा के स्थानीय स्तर के नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने कुछ गांवों के कुछ लोगों के बारे में शासन के स्थानीय स्तर से मिले कुछ कागजात सामने रखे हैं जिनमें कुछ मुस्लिमों के बारे में बताया गया है कि वे पिछले कुछ बरस से वहां रह रहे हैं। अलग-अलग कुछ गांवों में कुछ मुस्लिमों के किए गए अवैध कब्जे का आरोप भी लगाया गया है।
लेकिन इन गांवों में बसे मुस्लिमों के बारे में ऐसी कोई जानकारी नहीं रखी गई कि वे म्यांमार से आए हुए रोहिंग्या शरणार्थी हैं। इन कागजों में ऐसी भी कोई जानकारी नहीं है कि इन गांवों में दूसरे धर्मों के कितने लोगों के अवैध कब्जे हैं।
प्रेस कांफ्रेंस में यह बताया गया कि जब अभिषेक पल्लव दुर्ग के एसपी थे, तब दुर्ग में चोरी और अवैध कामों में लिप्त बांग्लादेशी निवासियों को फर्जी पहचानपत्र के साथ पकड़ा गया था, और उस वक्त दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर थे।
प्रेस कांफ्रेंस में कवर्धा जिले की कुछ ऐसी वारदातों का जिक्र किया गया है जिनमें कुछ मुस्लिमों पर आरोप लगे थे, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी।
उल्लेखनीय है बाहर से आकर बसने, अवैध कब्जा करने, और वारदातों के बाद कार्रवाई न होने की प्रेस कांफ्रेंस में प्रस्तुत सारी जानकारी सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ रखी गई है, इसलिए यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि दूसरे धर्मों के लोगों ने यही काम किया है या नहीं।
चुनाव के काफी पहले से भाजपा प्रदेश में रोहिंग्या मुस्लिमों को लाकर बसाने के आरोप लगाते रही है, और कांग्रेस के अलग-अलग कई नेताओं-प्रवक्ताओं ने उस समय भी भाजपा को चुनौती दी थी कि वह ऐसे कोई भी रोहिंग्या मुसलमान पेश करे।
आज की प्रेस कांफ्रेंस में मोहम्मद अकबर के स्वेच्छानुदान की जो लिस्ट पेश की गई है, उसमें 304 लोगों के नाम हैं, और इसमें करीब 80 नाम मुस्लिमों के हैं, और बाकी नाम पहली नजर में हिन्दू दिखते लोगों के हैं जिन्हें 2000 रूपए से लेकर 25000 रूपए तक की आर्थिक मदद की गई है। इसे लेकर भी आज की प्रेस कांफ्रेंस में यह आरोप लगाया गया है कि एक समुदाय के लोगों को प्राथमिकता दी गई है।
लुग्दी बना देते तो अच्छा होता
कल एक पूर्व मंत्री रूद्रगुरू के सरकारी बंगले में आग लगी तो यह हल्ला उड़ा कि उसमें बहुत से दस्तावेज जल गए हैं। बाद में उनकी तरफ से यह सफाई आई कि वे तो सरकारी बंगला खाली करके निजी घर में आ गए हैं, और बिजली के शॉर्टसर्किट से लगी आग में सिर्फ जरा सा सामान जला है, कोई भी कागजात वहां थे ही नहीं।
इस मामले में सच चाहे जो हो, हकीकत यह है कि जहां भूतपूर्व मंत्रियों के बंगले अधिक हैं, वहां हवा में चारों तरफ कागज जलने की गंध एक आम बात है। बंगले खाली करने के वक्त बहुत से कागजात जलाए जा रहे हैं। बिना किसी सुबूत के इनको सरकारी दस्तावेज या फाइलें कह देना ठीक नहीं होगा, और किसी एक जानकार ने तो यह भी कहा है कि मंत्रीजी को पांच बरस में मिलने वाले करोड़ों आवेदन जलाए जा रहे होंगे क्योंकि उन्हें रद्दी में बेचने से भी यह हल्ला होगा कि मंत्री को दी गई अर्जियों का यह हाल था। इसलिए ऐसी रद्दी को लुग्दी कारखानों में भेजने के बजाय जलाना बेहतर समझा जा रहा है। मंत्रियों की कॉलोनी में एक बड़े नेता ने जब हवा में कागज जलने की गंध महसूस की, तो अपने सहायक से कहा कि आसपास देखो कहीं कागज जल रहा है। सहायक ने हॅंसते हुए बताया कि बगल के बंगलों में सभी जगह कागज जलाए जा रहे हैं।
क्रैश विमान में पायलट की दिलचस्पी नहीं
राजस्थान के दिग्गज नेता सचिन पायलट को सैलजा की जगह छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रभार दे दिया गया है, लेकिन चर्चा है कि पायलट छत्तीसगढ़ का काम देखने के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं है। हालांकि उनकी नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, और पूर्व सीएम भूपेश बघेल से बात हुई है। मगर वो छत्तीसगढ़ कब आएंगे, यह अभी तय नहीं है।
मध्यप्रदेश में नए प्रभारी जितेन्द्र सिंह तो भोपाल जाकर एक बैठक ले चुके हैं। उन्होंने नए सिरे से कार्यकारिणी के गठन की दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। चर्चा है कि पायलट राजस्थान में ही समय देना चाहते हैं, और लोकसभा चुनाव लडऩे की इच्छा है।
नागपुर सम्मेलन में गए छत्तीसगढ़ के कुछ नेता उनसे मुलाकात के लिए प्रयासरत थे, और उनसे मिलने होटल भी गए। मगर घंटों इंतजार के बाद किसी से भी उनकी मुलाकात नहीं हुई। कुछ नेताओं का कहना है कि नए साल में पायलट छत्तीसगढ़ आ सकते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव तक वो रहेंगे या नहीं, यह निश्चित नहीं है। देखना है आगे क्या होता है।
हार और शिकायत पे इंतजार
प्रदेश भाजपा की नई कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया चल रही है। चर्चा है कि आधा दर्जन जिलाध्यक्षों को बदला जा सकता है। जांजगीर-चांपा, और बालोद में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिल पाई। धमतरी में हार के लिए स्थानीय पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
रायपुर जिले के एक नेता के खिलाफ 4 विधायक शिकायत कर चुके हैं। पार्टी के रणनीतिकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। अलबत्ता, पाटी के सह चुनाव प्रभारी डॉ. मनसुख मंडाविया ने संकेत दिए थे कि जिन नेताओं के खिलाफ शिकायत आई है उन्हें संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। साथ ही ऐसे लोगों को सरकार में भी कोई पद नहीं दिया जाएगा। देखना है आगे क्या
होता है।
जंगल के बाहर ठिकाने की तलाश...
सवाल ही नहीं उठता है कि वन्यजीवों के लिए जंगल ही सबसे सुरक्षित ठिकाना है। मगर, सरगुजा संभाग में स्थितियां बदलती जा रही हैं। एमसीबी जिले के चिरमिरी रेंज में एक सफेद भालू ने अपने बच्चों को जन्म देने के लिए जंगल को नहीं चुना। उसने जंगल के बाहर एक सुरक्षित ठिकाने की ह्यलाश की, जहां एक सफेद और एक काले शावक को जन्म दिया। शायद जन्म देने के बाद वह भोजन की खोज में चली गई और पैदा होते ही दोनों बच्चे अपनी मां से बिछड़ गए। वन विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें जंगल में छोड़ दिया। इसी तरह उदयपुर रेंज के पार्वतीपुर के जंगल से भाग कर एक मादा भालू गांव के एक खंडहर में पहुंच गई और वहां उसने दो बच्चों को जन्म दिया। मां रात में लौट गई। उदयपुर में इस समय कोयला खदान के लिए हजारों पेड़ काटे गए हैं। पेड़ कटाई के बाद हाथियों के भटकने की खबर पहले आ चुकी है। अब दूसरे वन्यजीवों का भी यही हश्र होता दिखाई दे रहा है।
घोषणा रायपुर की, तैयारी रायगढ़ में
राजधानी में एनआईटी के पास अब से 6 साल पहले 18 करोड़ रुपए से 6 एकड़ जमीन में विशाल नालंदा परिसर शुरू किया गया था। यहां 50 हजार से ज्यादा पुस्तकें हैं। 100 से अधिक इंटरनेट युक्त कंप्यूटर हैं। पूरा परिसर फ्री वाई-फाई जोन की सुविधा से युक्त है। मामूली फीस देकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए यह बहुत उपयोगी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यहां आयोजित अटल बिहारी वाजपेयी की चित्र प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम में एक और नालंदा परिसर रायपुर में ही स्थापित करने की घोषणा की। उनकी घोषणा पर अमल करने की तैयारी रायपुर में शुरू भले ही ना हुई हो लेकिन रायगढ़ के लोग कॉन्फिडेंट हैं कि वहां एक नालंदा परिसर जरूर खुलेगा। यह भरोसा इसलिए है क्योंकि मुख्यमंत्री साय के अलावा मंत्री ओपी चौधरी यहीं से आते हैं। ऐलान से पहले ही रायगढ़ जिला प्रशासन ने नालंदा परिसर के लिए जमीन की खोज शुरू कर दी है। इधर बिलासपुर से भी मांग उठ रही है कि दूसरा नालंदा परिसर भी रायपुर में ही क्यों? युवाओं का कहना है कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हजारों विद्यार्थी यहां प्राइवेट कोचिंग संस्थानों में प्रवेश लेकर तैयारी करते हैं। फिर यहां क्यों नहीं होना चाहिए। बल्कि प्रत्येक संभागीय मुख्यालय में ऐसा एक परिसर खोल देना चाहिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 दिसंबर। हल्का नंबर 24 सेमरताल की पटवारी गरिमा उर्फ प्रिया द्विवेदी को एसडीएम ने निलंबित कर दिया है।
पटवारी के विरुद्ध शिकायत थी कि उसने खसरा नंबर 174 की रिकॉर्ड में बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के ही काट-छांट कर दी थी। शिकायत की जांच के लिए एसडीएम सूरज साहू ने एक जांच टीम बनाई थी। जांच में पुष्टि हुई कि शिकायत सही थी। निलंबन अवधि में पटवारी का मुख्यालय एसडीएम कार्यालय रहेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 दिसंबर। रतनपुर के समीप ग्राम पौड़ी में एक नाबालिग लडक़ी सडक़ के किनारे रो रही थी। उसे कभी घबराई हुई देखकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
महिला स्टाफ के साथ पहुंचकर पुलिस ने उक्त पीडि़ता का मेडिकल चेकअप कराया और उसके परिजनों को सूचना दी। महिला पुलिस अधिकारी को पूछताछ में पीडि़ता ने बताया कि वह घर में किसी बात से नाराज होकर निकल गई थी और कटनी की ओर जाने वाली ट्रेन में बैठ गई थी। रास्ते में एक व्यक्ति मिला जिसने अपने आपको फकीर बताया। उसने उसे बेलगहना में उतार लिया और अपने साथ घर ले गया। घर में उसके परिवार के लोग भी थे। अगले दिन वह पीडि़ता को अपने साथ लेकर निकला। उसे जंगल की ओर ले गया जहां उसके साथ आरोपी फकीर ने रेप किया। जब नाबालिग रोने लगी तो उसे जंगल में ही छोडक़र भाग गया। रोती-बिलखती किसी तरह नाबालिग सडक़ किनारे पहुंची।
पुलिस ने खोजबीन के बाद आरोपी फकीर मोमिद शा गोपाल खडिय़ा को बेलगहना में गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट और आईपीसी 363, 377 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। कोर्ट ने उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 दिसंबर। दो अलग-अलग सडक़ दुर्घटनाओं में बाइक सवार तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें दो सगे भाई हैं।
कोनी क्षेत्र के रिवर व्यू कॉलोनी में रहने वाले 26 वर्षीय विनय कुमार राय और 24 वर्षीय विवेक कुमार राय बुधवार की रात खाना खाने के लिए सेन्दरी स्थित एक ढाबे में गए थे। रात करीब 11.30 बजे वे बुलेट से घर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान पीछे से एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। दोनों भाई बाइक सहित कई फीट दूर जाकर गिरे। दोनों को उपचार के लिए सिम्स भेजा गया। हाल गंभीर होने के कारण विवेक को रायपुर रिफर किया गया। इलाज के दौरान दोनों की ही मौत हो गई। विवेक राय की रेलवे में नौकरी लग गई थी। वह उसलापुर स्थित प्रशिक्षण केंद्र में लोको पायलट की ट्रेनिंग ले रहा था।
दूसरी दुर्घटना में देवनंदन नगर निवासी 54 वर्षीय विजय यादव एक दशगात्र में शामिल होने के लिए परसदा गए थे। लौट के दौरान उनकी बाइक को एक अज्ञात कार ने खैरा ग्राम के पेट्रोल पंप के सामने टक्कर मार दी। गंभीर हालत में उसको रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
निर्देशों का पालन नहीं तो अवमानना का केस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 दिसंबर। सिम्स की व्यवस्था में सुधार के लिए दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में शीतकालीन अवकाश में सुनवाई करते हुए चेतावनी दी कि दिए गए निर्देशों का पालन नहीं होने पर इसे अदालत की अवमानना के रूप में लिया जाएगा। अगली सुनवाई 17 जनवरी को तय की गई है।
ज्ञात हो की सिम्स अस्पताल की बदहाली को लेकर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान से एक जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की है। पिछले तीन महीने के भीतर हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के निर्देश पर साफ सफाई मरीजों की सुविधा और जांच उपकरणों के रखरखाव को लेकर प्रशासन ने कुछ कदम उठाए हैं लेकिन व्यवस्था अब तक नहीं सुधरी है। हाई कोर्ट के निर्देश पर सचिव स्तर के एक आईएएस आर प्रसन्ना को 15 दिन के लिए ओएसडी नियुक्त किया गया था। उन्होंने हाई कोर्ट को बताया था की सिम्स में डॉक्टर और कर्मचारियों के बीच वर्क कल्चर ही नहीं है।
गुरुवार को हुई सुनवाई में कलेक्टर अवनीश शरण और मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ के के सहारे उपस्थित हुए। हाई कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि व्यवस्था अभी तक सुधरी नहीं है। कलेक्टर ने अपने जवाब में कहा कि पीडब्ल्यूडी लगातार काम करके इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार कर रहा है। ऐसे डॉक्टरों और स्टाफ की पहचान की जा रही है जिनकी निजी प्रैक्टिस और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को रेफर करने की शिकायत है। इनका तबादला किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 दिसंबर। बिलासपुर रेलवे स्टेशन के प्रीमियम पार्किंग में पिकअप और ड्राप करने आई गाडिय़ों से शुल्क वसूल करने की शिकायत को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए मंडल रेल प्रबंधक बिलासपुर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मालूम हो कि बिलासपुर रेलवे स्टेशन के सभी प्रवेश द्वारों के सामने वाहन पार्किंग के ठेकेदारों का कब्जा है। जहां पर वाहन के घुसते ही प्रीमियम पार्किंग शुल्क 59 रुपए ले लिया जाता है, चाहे कोई यात्री गाड़ी पार्क करे या न करें। यह शुल्क उन गाडिय़ों से भी लिया जा रहा है जो सिर्फ यात्रियों को छोडऩे के लिए स्टेशन पहुंचते हैं। इसके अलावा पार्किंग एरिया के बाहर बाइक खड़ी करने पर सौ रुपए तथा कार लगाने पर 500 रुपए जुर्माना वसूल किया जा रहा है। इस संबंध में प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने डीआरएम बिलासपुर को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई 5 जनवरी को होगी।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से ललन सिंह के इस्तीफ़े और नीतीश कुमार के अगला अध्यक्ष बनने की ख़बरों पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने तंज़ कसा है.
उन्होंने ताज़ा घटनाक्रम पर कहा है कि क्या फ़र्क पड़ता है वो नीतीश जी की प्राइवेट लिमिटेड पार्टी है.
''नीतीश जी बनें या पहले आरसीपी जी थे, उसके पहले श्रद्धेय जॉर्ज साहब थे. कोई नई बात नहीं है.''
जदयू के बीजेपी में जाने की अटकलों को ख़ारिज करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है.
राष्ट्रीय या प्रदेश स्तर पर इस बारे में कोई बातचीत नहीं हो रही है. (bbc.com)
विष्णु पोखरेल
जैसे-जैसे अयोध्या में बनाए गए राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का दिन क़रीब आ रहा है, वैसे – वैसे इस मंदिर में राम की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल से आईं शिलाओं को लेकर रुझान बढ़ता जा रहा है.
राम मंदिर के निर्माण का काम पूरा होने के बाद फरवरी में नेपाल के कालीगंडकी तट से दो शिलाएं अयोध्या लाई गईं थीं.
इन दो शिलाओं का वजन 14 और 27 टन था. कालीनदी तट से सङ्कलित इन शिलाओं को जनकपुर के जानकी मंदिर के माध्यम से अयोध्या भेजा गया था.
शुरुआत में इन शिलाओं से राम मूर्ति बनाए जाने की बात सामने आई. लेकिन बाद में पता चला कि इन शिलाओं को राम मूर्ति बनाने के लिए उचित नहीं पाया गया.
ख़बरों के मुताबिक़, कुछ संतों का मानना था कि इन पत्थरों को मूर्ति निर्माण में इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि कालीनदी की चट्टानों को तोड़ा नहीं जाना चाहिए क्योंकि वे शालिग्राम के बराबर हैं.
हालांकि, अयोध्या पहुंचे नेपाली प्रतिनिधियों के मुताबिक़, इन शिलाओं की तकनीकी जांच के बाद मूर्तिकारों ने कहा कि ‘ऐसी शिला से मूर्ति तराशना संभव नहीं है.’ इसके बाद दूसरे पत्थरों से मूर्तियां बनाई गयीं.
नेपाली प्रतिनिधियों के मुताबिक़, 27 टन वजनी शिला पर मूर्ति तराशने की कोशिश की गयी थी. क्योंकि 14 टन वजनी शिला को शालिग्राम माना गया.
लेकिन 27 टन वाली शिला भी उपयुक्त न पाए जाने के बाद दोनों शिलाओं को राम मंदिर निर्माण स्थल के पास रखा गया है.
भारतीय मीडिया के मुताबिक़, राम मंदिर के गर्भगृह में रखने के लिए देश की अलग-अलग जगहों से लाए गए पत्थरों से तीन मूर्तियां बनाई गई हैं.
इनमें से सबसे अच्छी मूर्ति का चयन कर उसे गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा.
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का काम देख रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को होगा.
ट्रस्ट ने इसकी तैयारी के लिए मेहमानों को आमंत्रित करना शुरू कर दिया है.
मंदिर के गर्भगृह के निर्माण का काम चौबीसों घंटे चल रहा है और काम समय पर पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश-विदेश से ख़ास मेहमान अयोध्या पहुंचेंगे. नए मंदिर के लिए पुजारियों का चयन भी चल रहा है.
नेपाल से भेजी गई शिलाओं से मूर्तियां नहीं बनाए जाने के बाद बीबीसी ने नेपाल और भारतीय अधिकारियों से बात करके ये समझने की कोशिश की है कि ये शिलाएं कहां रखी गयी हैं और इनका किस तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.
ये ख़बर लिखे जाने तक इन शिलाओं की स्थिति के बारे में कोई पुख़्ता जानकारी नहीं मिल सकी है.
लेकिन नेपाल से इन शिलाओं को अयोध्या भेजने का प्रस्ताव लाने वाले पूर्व उप-प्रधानमंत्री और पूर्व गृह मंत्री तथा नेपाली कांग्रेस के नेता बिमलेंद्र निधि ने बताया है कि उन्हें जानकारी मिली है कि पत्थरों को सुरक्षित रखा गया है.
उन्होंने कहा, ''उस शिला से मूर्ति बनाना उपयुक्त नहीं था, इसलिए मुझे जानकारी मिली है कि वह उस स्थान पर सुरक्षित रखा गया है जहां राम मंदिर बनाया जा रहा है.''
"भले ही मूर्ति न बनी हो, लेकिन कहा गया है कि पवित्र शिला को गरिमापूर्ण तरीके से मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा ताकि लोग इसकी पूजा कर सकें."
अयोध्या से लोगों के लिए शादी के दिन जनकपुर के जानकी मंदिर में आने की प्रथा है.
उसी परंपरा को जारी रखते हुए, सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारत के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने के बाद, नेपाल ने कालीगंडकी का शिलाएं भेजने का प्रस्ताव रखा.
बेनी नगर पालिका जहां से शिलाएं भेजे गए थे, वहां के मेयर सुरत केसी का कहना है कि ये शिलाएं कांग्रेस नेता बिमलेंद्र निधि की पहल पर भेजे गए थे और इन्हें मूर्तियां बनाने के लिए नेपाल से अयोध्या ले जाया गया था.
हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर दुख हुआ कि मूर्तियां नहीं बनी थीं.
उन्होंने कहा, "मैंने इन शिलाओं को भेजने वालों से कहा है कि अगर इन शिलाओं से मूर्ति नहीं बनी है तो उन्हें वापस लाया जाना चाहिए. इन शिलाओं से मूर्ति बनाए जाने का दबाव होने के बाद भी मूर्ति नहीं बनी.”
"हमारा कहना ये है कि इन शिलाओं को हमने जिस तरह भेजा है, उसके बाद उन्हें सम्मानपूर्वक जगह दी जानी चाहिए.”
शिलाओं को भेजने का फ़ैसला
नेपाल की ओर से प्रस्ताव भेजे जाने के बाद अयोध्या की राम मंदिर निर्माण समिति ने जानकी मंदिर को पत्र लिखकर शिलाएं उपलब्ध कराने को कहा.
इसके आधार पर ही नेपाल सरकार ने इन शिलाओं को भारत भेजने का औपचारिक फ़ैसला किया.
इसके बाद नेपाल के गंडकी प्रांत की सरकार ने जानकी मंदिर प्रबंधन के समन्वय से इन शिलाओं को अयोध्या भेजा गया.
इस प्रक्रिया में राम मंदिर निर्माण का काम देख रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारी भी नेपाल आए और इन पत्थरों को अयोध्या भेजे जाने से पहले उनकी पहचान करने के लिए कुछ दिनों तक रुके.
अधिकारियों ने बताया कि जब इन शिलाओं को अयोध्या भेजा गया था तो उनके साथ एक ताम्रपत्र भी भेजा गया था.
इसी ताम्रपत्र की तीन प्रतियां नेपाल की संघीय सरकार, गंडकी प्रांत की सरकार और जानकी मंदिर को भेजी गई हैं.
इस ताम्रपत्र में लिखा गया है कि इन शिलाओं को मूर्ति बनाने के लिए भेजा गया है.
गत साल के12 जनवरी की तारीख़ वाले इस ताम्रपत्र में लिखा है - ''नेपाल सरकार के समझौते एवं गंडकी प्रांत की सरकार के फ़ैसले के मुताबिक़ कालीगंडकी नदी के आसपास के क्षेत्र से (बेनी नगर पालिका वार्ड नंबर 6 ठूलोबगर) भारत में अयोध्या धाम की श्री रामलीला प्रतिमा के निर्माण के लिए म्याग्दीकी ओर से दो शिलाएं प्रदान की जाएंगी. मुख्यमंत्री श्री खगराज अधिकारी की ओर से जनकपुरधाम में जानकी मंदिर को प्रदान करने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है.''
शिला पर सरकारी अधिकारी क्या कहते हैं?
शिला भेजने वाली गंडकी राज्य सरकार की सामाजिक विकास मंत्री सुशीला सिंखडा से जब इस बारे में पूछा गया कि शुरुआत में मूर्ति बनाने के लिए भेजी गई थी और ताम्रपत्र में भी इसका जिक्र था, लेकिन अयोध्या पहुंचने के बाद मूर्ति नहीं बनी, तो उन्होंने इस पर अनभिज्ञता जताई.
उसने कहा, "मुझे अभी इस बारे में जानकारी नहीं है. मैं आपको बाद में इससे अवगत कराऊंगी.”
बीबीसी ने जनकपुर के जानकी मंदिर के पुजारी रामरोशन दास से भी इस बारे में पूछा.
हालांकि, उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें नेपाल से लिए गए पत्थरों की ताजा स्थिति की जानकारी नहीं है.
उन्होंने कहा, ''मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानता.''
शिला का उपयोग कैसे किया जाता है?
नेपाल के कुछ प्रतिनिधियों का कहना है कि इन शिलाओं से भले भी मूर्ति का निर्माण न किया गया हो लेकिन उनकी शालिग्राम के रूप में पूजन किया जाएगा.
इन शिलाओं को भेजने की प्रक्रिया से जुड़े रहे कुलराज चालीसे ने बताया है कि उन्हें पता चला है कि इन शिलाओं को मंदिर परिसर में ही रखा जाएगा.
चालीसे को शालिग्राम का सांस्कृतिक महत्व समझने वाले विद्वानों में गिना जाता है.
उन्होंने कहा है कि ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया है कि छोटी शिला को शालिग्राम और बड़ी शिला को उसके आधार के रूप में स्थापित किया जाएगा.
हालांकि, बीबीसी उनकी ओर से दी गई जानकारी की ट्रस्ट के पदाधिकारियों से पुष्टि नहीं कर सकी है.
बीबीसी की ओर से ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से संपर्क करने की बार-बार कोशिशें असफल रहीं.
चालीसे के मुताबिक़, वह एक नेपाली भूविज्ञानी के साथ पिछली जून में अयोध्या गए थे जहां उन्होंने इस शिला की स्थिति को देखा था.
उनका कहना है कि जब मूर्तिकारों ने बड़ी शिला पर मूर्ति तराशने की कोशिश की तो पता चला कि वह ज्यादा कठोर नहीं है.
उन्होंने कहा कि ‘वह मानते हैं कि इन शिलाओं को सम्मानजनक ढंग से रखा जाएगा. लेकिन अगर मूर्तियां बनाने के लिए भेजी गई शिलाओं को दूसरे ढंग से इस्तेमाल किया जा रहा है तो सरकार को इसकी जानकारी देनी चाहिए.’
उन्होंने कहा, “इस शिला को जानकी मंदिर प्रबंधन की ओर से अयोध्या स्थित राम मंदिर को गोधुवा उपहार के रूप में दिया गया था जिसमें नेपाली करदाताओं का पैसा ख़र्च हुआ. बेटी को दिया गया दहेज वापस नहीं लिया जा सकता. लेकिन गोधुवा का किस तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, उसके बारे में मैती पक्ष को अवगत कराना चाहिए.”
हालाँकि चालीसे का कहना है कि यदि मूर्ति बनाई जाती तो ये केवल मूर्ति बनकर रहने से चट्टान की पहचान मिट जाती, लेकिन इसे चट्टान के रूप में रखने से इसका महत्व बढ़ जाता है.
उन्होंने कहा, ''उन्होंने कहा है कि देवशिला को उसी सम्मान के साथ रखा जाएगा जैसे उसे लाया गया था.''
राम मंदिर बनाने का फैसला
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी थी.
साल 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहा दिया गया था जिसके बाद हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लंबी क़ानूनी लड़ाई चली.
इसके बाद नवंबर 2019 में ऐतिहासिक फैसला सुनाया और आदेश दिया कि अयोध्या में विवादित ज़मीन पर मंदिर बनाया जाए.
इस फ़ैसले में ये भी शामिल था कि केंद्र सरकार मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड की पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन उपलब्ध कराए. (bbc.com)
जनता दल यूनाइटेड के नेता केसी त्यागी ने शुक्रवार को कहा है कि पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर शाम पांच बजे से पहले कोई घोषणा नहीं होगी.
इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई ने त्यागी के हवाले से ख़बर देते हुए बताया था कि नीतीश कुमार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष पद के लिए चुन लिए गए हैं.
हालांकि, त्यागी ने अपने रुख में बदलाव करते हुए बताया कि वह या कोई अन्य शख़्स इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए अधिकृत नहीं है.
इसके साथ ही जदयू नेता और बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है, जिसे नीतीश कुमार ने स्वीकार कर लिया.
हालांकि, नीतीश कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बारे में उन्होंने कहा कि इसका प्रस्ताव राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आ गया है.
उनके अनुसार, अभी राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी, अगर वो इस प्रस्ताव को अनुमोदित कर देगा, तो स्वाभाविक रूप से वो राष्ट्रीय अध्यक्ष हो जाएंगे. (bbc.com)
रायपुर, 29 दिसंबर। पूर्व मंत्री मो अकबर ने भाजपा सरकार से मांग की थी कि सरकार बन गई तो कवर्धा में रोहिंग्या मुसलमानों की बसाहट की जांच कराए। उनका कहना था कि भाजपा ने कवर्धा चुनाव के दौरान इनकी बसाहट के आरोप लगाए थे। इस चुनौती को स्वीकारते हुए भाजपा अब से कुछ देर में खुलासा करने जा रही है । भाजपा कार्यालय से जारी सूचना में कहा गया है कि
चार संगठन मिलकर कवर्धा राष्ट्रवादी जनविचार मंच के बैनर तले इस महत्वपूर्ण विषय पर रायपुर , प्रेस क्लब में आज शुक्रवार 12:30 बजे पत्रकार वार्ता आयोजित है। ।
-मोहर सिंह मीणा
जयपुर में 26 दिसंबर के तड़के गाड़ी से कुचलकर युवती की हत्या करने के मामले में पुलिस ने एक और गिरफ़्तारी की है.
इसके अलावा, देर रात तक शराब पिलाने के आरोप में होटल एवरलैंड के बार संचालक के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है.
जवाहर सर्किल थाना प्रभारी दलबीर सिंह ने बीबीसी से कहा, "मुख्य अभियुक्त मंगेश अरोड़ा के दोस्त गौरव को हत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ़्तार किया है. मंगेश को कोर्ट के समक्ष पेश कर दो जनवरी तक रिमांड पर लिया गया है."
मालवीय नगर एसीपी संजय शर्मा ने बीबीसी हिंदी को बताया, "मंगेश के दोस्त ने उन्हें उकसाया और कहा कि इतना गाली गलौच सुनकर जा रहे हो. उसके बाद मंगेश ने राजकुमार और युवती पर गाड़ी चढ़ा दी."
थाना प्रभारी दलबीर सिंह ने बताया, "मंगेश अरोड़ा के दोस्त जितेंद्र से घटना में उपयोग की गई गाड़ी और 9 लाख रुपए बरामद हुए थे. मंगेश को फरार करने में भी जितेंद्र ने सहयोग किया था. जितेंद्र से पूछताछ के बाद उन्हें ज़मानत मिल गई है. पूछताछ के लिए फिर उन्हें बुलाया जाएगा."
उनके अनुसार, "घटना के दौरान वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शी होटल स्टाफ और मृतक उमा सुतार ने बुक किए गए कैब के ड्राइवर से भी पूछताछ की जाएगी."
दलबीर सिंह बताते हैं, "घटना के दौरान अभियुक्त मंगेश अरोड़ा के साथ उनकी एक महिला मित्र भी साथ थीं. हमने उनकी पहचान कर ली है. जल्द ही उनसे पूछताछ की जाएगी."
पुलिस ने बार संचालक के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करते हुए बार का लाइसेंस निरस्त करने के लिए जयपुर शहर के ज़िला आबकारी अधिकारी को पत्र लिखा है.
मंगलुरु, 29 दिसंबर। मंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (एमआईए) प्राधिकारियों ने एक विमान में विस्फोटक होने का दावा करने वाला ई-मेल मिलने के बाद हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच की। पुलिस ने यह जानकारी दी।
आतंकवादी समूह होने का दावा करने वाले ‘फनिंग’ नाम के एक प्रेषक ने मंगलुरु समेत देश के कई हवाई अड्डों को मंगलवार रात को इसी प्रकार के ई- मेल भेजे थे।
ई-मेल में लिखा है, ‘‘आपके एक विमान में विस्फोटक हैं। आपके हवाई अड्डे में भी विस्फोटक हैं। विस्फोटक को छुपा कर रखा गया है और कुछ ही घंटों में इनमें विस्फोट हो जाएगा। मैं आप सभी को मार दूंगा। हम एक आतंकवादी समूह हैं जिसका नाम ‘फनिंग’ है।’’
हवाई अड्डे के प्राधिकारियों ने बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजकर 20 मिनट पर ईमेल देखा और शहर पुलिस को इस बारे में तुरंत सूचित किया। इसके बाद पुलिस ने हवाई अड्डे की विस्तृत तलाशी ली।
शहर के पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने बताया कि अतिरिक्त जांच चौकी स्थापित करके हवाई अड्डे के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बम का पता लगाने और उसे निष्क्रिय करने वाले दस्ते ने सुरक्षा जांच की।
बाजपे के पुलिस निरीक्षक ने हवाई अड्डा प्राधिकारियों के साथ बैठक भी की। स्थानीय अदालत से अनुमति मिलने के बाद बाजपे पुलिस ने अडाणी हवाई अड्डे के प्राधिकारियों की एक शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 507 के तहत मामला दर्ज किया। (भाषा)
वाशिंगटन, 29 दिसंबर। विश्व की जनसंख्या पिछले साल सात करोड़ 50 लाख बढ़ी और नववर्ष के दिन कुल वैश्विक आबादी के आठ अरब से अधिक हो जाने का अनुमान है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो द्वारा बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
जनगणना ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दुनिया भर में जनसंख्या की वृद्धि दर एक प्रतिशत से कम रही। वर्ष 2024 की शुरुआत में दुनिया भर में हर सेकंड में 4.3 लोगों का जन्म और दो लोगों की मौत होने का अनुमान है।
अमेरिका की जनसंख्या की वृद्धि दर पिछले वर्ष 0.53 प्रतिशत थी, जो दुनिया भर की वृद्धि दर से आधी है। अमेरिका की आबादी इस साल 17 लाख बढ़ी और नववर्ष पर इसकी कुल जनसंख्या 33 करोड़ 58 लाख हो जाएगी।
‘ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन’ में जनसांख्यिकी विशेषज्ञ विलियम फ्रे ने कहा कि जनसंख्या में वृद्धि की मौजूदा गति यदि इस दशक के अंत तक बरकरार रही, तो 2020 का दशक जनसंख्या में बढ़ोतरी के लिहाज से अमेरिकी इतिहास में सबसे धीमी गति का दशक हो सकता है और 2020 से 2030 तक 10 साल की अवधि में वृद्धि दर चार प्रतिशत से कम रह सकती है।
एपी सिम्मी सिम्मी 2912 0818 वाशिंगटन (एपी)
पणजी, 28 दिसंबर। तटरक्षक (आईसीजी) ने गोवा के तट से लगभग 80 समुद्री मील दूर इतालवी ध्वज वाले क्रूज लाइनर कोस्टा सेरेना से एक भारतीय यात्री को बृहस्पतिवार को सफलतापूर्वक निकाला। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
आईसीजी के प्रवक्ता ने कहा कि क्रूज़ लाइनर ने दोपहर 3:20 बजे एक अलर्ट जारी कर दिल से संबंधित बीमारी से पीड़ित एक यात्री के लिए चिकित्सा सहायता मांगी।
उन्होंने कहा, “स्थिति की तात्कालिकता को समझते हुए, गोवा में आईसीजी समुद्री बचाव उप समन्वय केंद्र (एमआरएससी) ने तुरंत अभियान शुरू किया और समन्वय किया।”
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही एक आईसीजी इंटरसेप्टर बोट सी-158 को तुरंत कार्रवाई में लगाया गया, जो पहले से ही उस क्षेत्र में मौजूद थी।
अधिकारी ने बताया कि अत्यधिक सावधानी और विशेषज्ञता के साथ, क्रूज जहाज के चिकित्सा कर्मियों की सहायता से सी-158 ने मरीज को उसकी पत्नी और उसके साथ आई नर्स के साथ सुरक्षित निकाला और उसे पणजी के एक अस्पताल में भर्ती कराया। (भाषा)