अंतरराष्ट्रीय
काबुल, 24 दिसम्बर| दो गैर-लाभकारी संस्थाओं द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में कुल 231 मीडिया आउटलेट (40 प्रतिशत) बंद हो गए हैं, जिससे कई पत्रकारों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) और अफगान इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (एआईजेए) के सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण 80 प्रतिशत महिला पत्रकार और मीडियाकर्मी बेरोजगार हो गई हैं।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि 15 अगस्त से अब तक कुल 231 मीडिया आउटलेट को बंद करना पड़ा है और 6400 से अधिक पत्रकारों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। यहां महिला पत्रकार सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं, जिनमें से पांच में से चार अब काम नहीं कर रही हैं।
आरएसएफ और एआईजेए के अनुसार, इस साल की शुरूआत से चल रहे 543 मीडिया आउटलेट्स में से केवल 312 ही नवंबर के अंत तक काम कर रहे थे।
सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि हर 10वां मीडिया आउटलेट समाप्त हो गया है और 60 प्रतिशत पत्रकार और मीडिया कर्मचारी अब काम नहीं कर पा रहे हैं। महिलाओं को पुरुषों की तुलना में बहुत अधिक नुकसान हुआ है। उनमें से 84 प्रतिशत ने अपनी नौकरी खो दी है।
गैर-लाभकारी संस्थाओं के अनुसार, काबुल के पतन से पहले अफगानिस्तान के अधिकांश प्रांतों में कम से कम 10 निजी मीडिया संगठन काम कर रहे थे। (आईएएनएस)
लंदन, 23 दिसंबर| इजरायल के बाद अब जर्मनी ने कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रकोप के बीच चौथी कोविड बूस्टर डोज को रोल आउट करने की घोषणा की है। इस बीच ब्रिटेन भी चौथी खुराक के लिए विचार कर रहा है, क्योंकि कोविड मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मन स्वास्थ्य मंत्री कार्ल लॉटरबैक ने बुधवार को चेतावनी दी कि ओमिक्रॉन से निपटने के लिए चौथी खुराक की जरूरत होगी।
देश ने एक ओमिक्रॉन-विशिष्ट वैक्सीन की लाखों नई खुराक का ऑर्डर दिया है। हालांकि, डिलीवरी अप्रैल या मई तक होने की उम्मीद नहीं है।
लॉटरबैक ने कहा कि वर्तमान में मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन का उपयोग बूस्टर अभियान में किया जाता है और जर्मनी ने नए नोवावैक्स जैब की 40 लाख खुराक और नए वालनेवा शॉट की 1.1 करोड़ खुराक का भी आदेश दिया है, जो विपणन प्राधिकरण (मार्केटिंग अथॉरिटी) की प्रतीक्षा कर रहा है।
डीडब्ल्यू डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट (आरकेआई) के रोग नियंत्रण प्रमुख के अनुसार, जनवरी के मध्य तक ओमिक्रॉन वेरिएंट वायरस का सबसे प्रमुख वेरिएंट होगा।
लोथर वीलर ने चेताते हुए कहा है कि संक्रमण की लहर जर्मनी में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को प्रभावित कर सकती है।
बर्लिन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान वीलर ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में मामलों की संख्या में कमी जरूर आई है, लेकिन दुर्भाग्य से, यह सहजता का संकेत नहीं है।"
उन्होंने कहा, "हमें अभी भी बहुत अधिक मामलों की संख्या को कम करने की आवश्यकता है। क्रिसमस वह चिंगारी नहीं होनी चाहिए, जो ओमिक्रॉन की आग को जला दे।"
जर्मनी ने बुधवार को 45,659 नए कोरोनोवायरस मामले दर्ज किए, जो एक सप्ताह पहले की तुलना में 5,642 कम है, जबकि संक्रमण की वजह से मरने वालों की संख्या 510 दर्ज की गई है।
जर्मनी और इजरायल की अगुवाई के बाद, टीकाकरण मामलों पर यूके की संयुक्त समिति (जेसीवीआई) भी बूस्टर के दूसरे सेट के रोलआउट पर विचार कर रही है।
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, जेसीवीआई के विशेषज्ञ अतिरिक्त खुराक को लेकर काम में जुट गए हैं। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को पहले से ही चौथी बूस्टर खुराक की जरूरत महसूस हो रही है और इसके अलावा बुजुर्गों और अन्य कमजोर समूहों तक भी इसे बढ़ाया जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी खुराक तीसरी डोज के चार महीने बाद आने की संभावना है अगर इसे हरी झंडी मिलती है और यह नए साल में उपलब्ध हो सकती है।
जेसीवीआई के डिप्टी चेयरमैन प्रोफेसर एंथनी हार्डेन ने कहा, "हमें और डेटा देखने की जरूरत है। हमारी परिस्थिति इजरायल से अलग हैं और हमें अस्पताल में भर्ती होने के खिलाफ प्रतिरक्षा और टीके की प्रभावशीलता पर अधिक डेटा देखने की जरूरत है।"
ब्रिटेन में बुधवार को पहली बार 100,000 से अधिक नए दैनिक कोविड मामले सामने आए थे। (आईएएनएस)
दुनिया के कई देश अब भी कोविड वैक्सीन की किल्लत से जूझ रहे हैं. इस बीच इस्राएल दुनिया का पहला देश बन सकता है, जहां लोगों को कोविड का चौथा टीका लगाया जाएगा.
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से निबटने के लिए इस्राएल अब कोविड वैक्सीन का चौथा डोज लगाने पर विचार कर रहा है. यहां स्वास्थ्यकर्मियों, 60 साल से ऊपर के लोगों या कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों को कोविड वैक्सीन का चौथा टीका लगाया जा सकता है. इसका एक मकसद देश में टीकाकरण बढ़ाना भी है.
इस्राएली स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया था, जिसने मंगलवार को अपनी सिफारिशें पेश कीं. पैनल ने सुझाव दिया कि जिन लोगों को कोविड वैक्सीन का तीसरा टीका लगवाए हुए चार महीने हो चुके हैं, उन्हें चौथा टीका लगाया जाए. हालांकि, इन सिफारिशों को लागू किया जाना अभी बाकी है.
पांचवीं लहर से निपटने के लिए
इस्राएल में ज्यादा से ज्यादा लोगों से टीका लगवाने की अपील करने वाले देश के प्रधानमंत्री नफ्थाली बेनेट ने पैनल के सुझावों का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह शानदार खबर है, जिससे दुनियाभर में तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट से निबटने में मदद मिलेगी.
पैनल ने यह सुझाव भी दिया है कि दूसरे और तीसरे टीके के बीच में मौजूदा पांच महीने का अंतर घटाकर तीन महीने कर दिया जाना चाहिए. पैनल के बयान में कहा गया है कि ये उपाय कोरोना की पांचवीं लहर से निबटने में कारगर सिद्ध होंगे. हालांकि, विशेषज्ञों ने जिस डेटा के आधार पर ये सुझाव दिए हैं, उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है.
इस्राएल के आर्मी रेडियो से बात करते हुए पैनल के एक डॉक्टर आर्नन शाउर ने बताया, "हम ओमिक्रॉन संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा कम होते देख रहे हैं. इस लहर में संक्रमण के मामले आश्चर्यजनक तरीके से बढ़ रहे हैं. पैनल के 80% से ज्यादा सदस्यों ने इन उपायों का समर्थन किया है."
ये सिफारिशें स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक नाषमन ऐश की मंजूरी के बाद ही लागू होंगी. मंत्रालय ने अभी तक इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है.
ओमिक्रॉन को लेकर तेजी
बाकी दुनिया के मुकाबले इस्राएल में टीकाकरण अभियान बड़ी तेजी से शुरू हुआ था, लेकिन एक वक्त के बाद इसकी रफ्तार धीमी पड़ गई. स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें, तो करीब 94 लाख की आबादी वाले इस्राएल में अब तक 62% लोगों को कोविड के दोनों टीके लग चुके हैं.
ओमिक्रॉन वेरिएंट की रोकथाम के लिए बेनेट सरकार ने तेजी दिखाते हुए 25 नवंबर को ही इस्राएल में विदेशी लोगों के आने पर रोक लगा दी थी. सरकार ने अधिक खतरे वाले देशों की एक सूची जारी करते हुए लोगों ने वहां न जाने की अपील की थी. इस सप्ताह अमेरिका को भी इस सूची में शामिल कर दिया गया है.
मंगलवार को इस्राएल के एक अस्पताल ने ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से पहली मौत होने की बात कही थी. हालांकि, बाद में यह बयान बदल दिया गया और अस्पताल ने कहा कि लैब की आखिरी जांच में वह मरीज डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित पाया गया. सोरोका मेडिकल सेंटर ने कहा कि सोमवार को 60 साल के जिस मरीज की मौत हुई, वह पहले से कई समस्याओं से जूझ रहा था. उसे दो सप्ताह पहले कोविड वॉर्ड में भर्ती कराया गया था.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि मंगलवार तक इस्राएल में ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमण के कम से कम 340 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात की इजाजत दे दी है कि सरकारी दफ्तरों में आधे कर्मचारियों को ही बुलाया जाए. रक्षामंत्री बेनी गांत्स ने सेना के होमफ्रंट कमांड को एक दिन में संक्रमण के 5,000 मामले आने की स्थिति के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है.
वीएस/वीके (एपी, एएफपी)
बीजिंग, 23 दिसम्बर | चीन ने गंभीर इंटरनेट बग के बारे में रिपोर्ट करने में विफल रहने के बाद अलीबाबा क्लाउड की सेवाओं को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया है। इसने उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमआईआईटी) के साथ लाखों सिस्टम और उपकरणों को हैकिंग के खतरे में डाल दिया है। चीनी मीडिया आउटलेट्स की रिपोर्ट है कि अलीबाबा क्लाउड को तब निलंबित कर दिया गया था जब उन्होंने मंत्रालय के समक्ष इसके प्रदाता अपाचे को 'लॉग4जे' भेद्यता की सूचना दी थी।
स्थानीय मीडिया रिपोटरें के अनुसार, "हाल ही में, 'अपाचे लॉग4जे2' पुर्जो में गंभीर सुरक्षा कमजोरियों की खोज के बाद, अलीबाबा क्लाउड दूरसंचार अधिकारियों को समय पर रिपोर्ट करने में विफल रहा और साइबर सुरक्षा खतरों और भेद्यता प्रबंधन को पूरा करने के लिए उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभावी रूप से समर्थन नहीं किया।"
जेडटीएनईटी की रिपोर्ट के अनुसार, 21 वीं सदी के बिजनेस हेराल्ड के अनुसार, एमआईआईटी का साइबर सुरक्षा प्रशासन 'अलीबाबा क्लाउड के साथ अपनी सूचना-साझाकरण साझेदारी को छह महीने के लिए निलंबित कर रहा था, जो विशेष रूप से लॉग4जे की रिपोर्ट करने में विफलता का कारण बना।"
साइबर अपराधी 'अपाचे लॉग4जे2' नामक जावा लॉगिंग सिस्टम से जुड़ी कमजोरियों का फायदा उठाने के हजारों प्रयास कर रहे हैं।
इस बीच, चीन ने एक नया कानून लागू किया है जो सभी कंपनियों के लिए दो दिनों के भीतर राज्य नियामकों को कमजोरियों की रिपोर्ट करना अनिवार्य बनाता है।
नवंबर में, चीन के साइबरस्पेस प्रशासन ने नए कानूनों का अनावरण किया जो डेटा को पुनर्वर्गीकृत करते हैं, साथ ही उसकी नीति के उल्लंघन के लिए कई तरह के जुर्माने भी लगाते हैं।
अलीबाबा पर 18.2 बिलियन युआन का रिकॉर्ड जुर्माना लगाया गया और 33 अन्य मोबाइल ऐप को अपनी डेटा संग्रह नीतियों के लिए बीजिंग से आलोचना का सामना करना पड़ा।(आईएएनएस)
जर्मनी समेत कई यूरोपीय देश क्रिसमस के बाद कोविड संबंधी नई पाबंदियां लगाएंगे. कई देशों में अब नए साल के कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे. ओमिक्रॉन वैरिएंट के आने से यूरोप कोविड की पांचवी लहर की ओर बढ़ रहा है.
कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर यूरोप के बड़े हिस्से में नई पाबंदियां लगाई गई हैं. क्रिसमस और नए साल को यूरोप में जोर-शोर से मनाया जाता है. ऐसे में कोविड 19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट का फैलाव रोकने के मकसद से ये फैसले लिए गए हैं.
आबादी के हिसाब से यूरोप के सबसे बड़े देश जर्मनी में क्रिसमस के बाद से नई पाबंदियां लागू होंगी. जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोविड की अगली लहर को दरकिनार नहीं किया जा सकता. शॉल्त्स और 16 जर्मन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद सरकार ने फैसला लिया कि जर्मनी में क्रिसमस के बाद से और सख्त पाबंदियां लागू होंगी. इन पाबंदियों के मुताबिक निजी आयोजनों में वैक्सीन लगवा चुके 10 लोगों से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते, पूरे देश में नाइट क्लब बंद होंगे औरस्टेडियम में दर्शक नहीं आ पाएंगे. पूरे एहतियात बरतते हुए, दर्शकों की मौजूदगी के बिना मैच खेले जाएंगे.
शॉल्त्स ने मीडिया से बातचीत में कहा, "बीते दो सालों का अनुभव बताता है कि क्रिसमस और ईस्टर की वजह से कोविड के मामलों में कोई बहुत बड़ा इजाफा नहीं हुआ है.” शॉल्त्स ने कोविड वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज करने की बात भी कही है. जर्मनी में करीब 70 फीसदी आबादी को वैक्सीन की दोनों खुराक मिल चुकी हैं. जर्मनी के राष्ट्रीय आपदा नियंत्रण केंद्र ने ट्वीट कर "जनवरी के मध्य तक आपसी मेलजोल में अधिकतम सावधानी बरतने" को कहा है. साथ ही अपने नागरिकों को "बेहद जरूरी होने की सूरत में ही यात्रा करने" की हिदायत दी है.
फ्रांस
जर्मनी के पड़ोसी देश फ्रांस में भी सरकार सतर्क है. फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलीविए वेरेन ने कहा है कि वैरिएंट (ओमिक्रॉन) बहुत संक्रामक है इसीलिए हम तेजी से वैक्सीन के बूस्टर डोज लगा रहे हैं. फ्रांस में इस वक्त कोविड की पांचवी लहर चल रही है और अस्पताल तक पहुंच रहे गंभीर मामलों को कम से कम रखने पर जोर दिया जा रहा है. देश में रोजाना 70 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे है. हाल के दिनों में कोविड मामलों को कम करने की नाइट क्लबों को बंद कर दिया गया है और नए साल के मौके पर होने वाली आतिशबाजी के कार्यक्रमों पर भी रोक लग गई है.
फिनलैंड
फिललैंड ने पहले से लागू कोविड पाबंदियों को और सख्त किया है. प्रधानमंत्री सना मरीन के नेतृत्व में हुई एक मीटिंग में फैसला किया गया कि रेस्त्रां, बार या सार्वजनिक आयोजन वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का सही इंतजाम न होने पर पाबंदियां लगेंगी. ऐसी ज्यादा मेलजोल वाली जगहें वैक्सीन सर्टिफिकेट होने के बावजूद लोगों के लिए या तो बहुत कम समय के लिए खुलेंगी या फिर पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी. इसके अलावा यूरोपीय संघ के किसी भी सदस्य देश से फिनलैंड जाने वाले किसी भी शख्स को कोविड निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन की दोनों डोज लगे होने के सर्टिफिकेट दिखाने होंगे. क्रिसमस की रात 9 बजे तक सभी बार बंद कर दिए जाएंगे.
नीदरलैंड्स
नीदरलैंड्स में बढ़ते ओमिक्रॉन मामलों के मद्देनजर क्रिसमस से पहले ही पूरी तरह से लॉकडाउन लगा दिया गया है. प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने कहा है कि 14 जनवरी 2022 तक रोजमर्रा के सामान की दुकानों के अलावा सभी सार्वजनिक और व्यावसायिक जगहों को बंद कर दिया जाएगा. यहां नवंबर के आखिर से ही दर्शकों की मौजूदगी के बिना मैच खेले जा रहे हैं. नई पाबंदियों में दो से ज्यादा लोगों के एक साथ चलने तक की मनाही है.
स्कॉटलैंड
द्वीपीय देश स्कॉटलैंड में नई पाबंदियां क्रिसमस के बाद लागू होंगी. नए निर्देशों के मुताबिक, क्रिसमस में आपसी मेलजोल को तीन परिवारों तक ही सीमित रखने की सलाह दी गई है. त्योहार के बाद से किसी भी कार्यक्रम में किसी भी सूरत में 500 से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे. आयोजनों में मौजूद लोगों को 1 मीटर की आपसी दूरी का ख्याल रखना होगा. खेल के मैदानों में दर्शकों को आने की इजाजत नहीं होगी. कोविड संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए सभी परिजनों को 10 दिन तक क्वारंटीन में रहना होगा.
ब्रिटेन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है क्रिसमस तक कोई भी नई पाबंदियां लागू नहीं होंगी. इसके अलावा ब्रिटेन ने 10 दिन के आइसोलोशन पीरियड को कम करके 7 दिन कर दिया है. ब्रिटेन में भी बूस्टर डोज लगाने में तेजी लाने पर जोर दिया जा रहा है. यूरोप के बाकी देश जैसे इटली, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चेक रिपब्लिक और स्पेन भी नई पाबंदियों पर विचार कर रहे हैं.
आरएस/आरपी (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)
स्वीडन की एक कंपनी ऐसे माइक्रोचिप बना रही है जिनमें लोग अपना निजी डाटा डाल कर अपने शरीर में इम्प्लांट करवा ले रहे हैं. क्या आप भी ऐसा कुछ करवाना चाहेंगे?
त्वचा के नीचे इम्प्लांट की जाने वाली इस चिप को बनाया है डिसरप्टिव सबडर्मल्स नाम की कंपनी ने. हालांकि अभी बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है, फिर भी कई हजार लोगों ने इस चिप को अपने शरीर में इम्प्लांट करवा लिया है.
इस चिप में आपके उपकरणों को अनलॉक करने के कोड, बिजनेस कार्ड, सार्वजनिक यातायात कार्ड जैसी कई तरह की जानकारी डाली जा सकती है. अब इसे लोगों ने कोविड-19 के वैक्सीन पास की तरह भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
त्वचा के अंदर वैक्सीन सर्टिफिकेट
चिप को इम्प्लांट करवा लेने वाली स्टॉकहोम की निवासी अमैंडा बैक कहती हैं, "मुझे लगता है इस चिप को अपने शरीर में इम्प्लांट करवाना और उसमें अपना सारा निजी डाटा रखना मेरी अपनी ईमानदारी का हिस्सा है. मुझे वाकई ऐसा महसूस होता है कि इस तरीके से मेरे डाटा पर मेरा नियंत्रण बढ़ गया है."
स्वीडन में बड़ी संख्या में बायोहैकर हैं जिनका इस बात में दृढ़ विश्वास है कि भविष्य में इंसान टेक्नोलॉजी के साथ पहले से भी ज्यादा जुड़ जाएंगे. डिसरप्टिव सबडर्मल्स के प्रबंधक निदेशक हांस सोबलाद ने बताया, "मैंने अपने हाथ में एक चिप इम्प्लांट करवाया हुआ है और मैंने उसमें अपना कोविड पासपोर्ट डलवा दिया है."
वो कहते हैं, "ऐसा मैंने इसलिए किया ताकि मैं जब चाहूं अपने कोविड पासपोर्ट तक पहुंच सकूं. मैं बस अपने फोन को चिप पर स्वाइप करूं और वो मेरे फोन पर खुल जाए." उन्होंने अपने फोन पर अपने वैक्सीन सर्टिफिकेट का पीडीएफ खुलते हुए भी दिखाया.
सोबलाद ने आगे बताया, "एक चिप को इम्प्लांट करवाने का खर्च 100 यूरो (8500 रुपये) और वो भी तब अगर आप उसके ज्यादा विकसित प्रारूप को इम्प्लांट करवाना चाहते हैं. इसके मुकाबले किसी हेल्थ वेयरेबल की कीमत संभवतः इससे दुगना ज्यादा होगी.
स्वैच्छिक इस्तेमाल जरूरी
और वेयरेबल का आप सिर्फ तीन से चार सालों तक इस्तेमाल कर सकते हैं जबकि एक चिप इम्प्लांट का आप 20, 30, 40 सालों तक इस्तेमाल कर सकते हैं." सोबलाद के लिए कोविड पास इस तकनीक के इस्तेमाल का बस एक उदाहरण है जो "2021-22 की सर्दियों में एक लोकप्रिय चीज रहेगी."
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें "निजता में बहुत रूचि" है. वो यह मानते हैं कि "कई लोग चिप इम्प्लांट को एक डरावनी टेक्नोलॉजी, एक सर्विलांस टेक्नोलॉजी समझते हैं", लेकिन उनके हिसाब से इसे एक सरल से पहचान के टैग की तरह देखना चाहिए.
उन्होंने समझाया, "इनमें बैटरी नहीं होती है. ये खुद कोई सिग्नल नहीं भेज सकते हैं. ये एक तरह से सोए हुए हैं. ये कभी आपकी लोकेशन नहीं बता सकते. ये तभी जागृत होते हैं जब आप अपने स्मार्टफोन से इनको छूते हैं."
सोबलाद ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी इम्प्लांट स्वैच्छिक हैं और अगर किसी ने इन्हें कैदियों के लिए या वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों के लिए अनिवार्य करने की कोशिश की तो "आप मुझे बैरिकेडों पर पाएंगे. कोई भी किसी को चिप इम्प्लांट करवाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है."
सीके/एए (एएफपी)
जिस तरह से मुर्गी के अंडे को फोड़कर चूजे बाहर आते हैं उसी तरह से डायनासोर का एक ऐसा अंडे मिला है जिसका भ्रूण पूरी तरह से विकसित हो चुका था.
वैज्ञानिकों ने कम से कम 6.6 करोड़ वर्ष पुराने एक उत्कृष्ट रूप से संरक्षित डायनासोर भ्रूण की खोज की घोषणा की है. मुर्गी के अंडे की तरह डायनासोर का बच्चा भी बाहर निकलने की तैयारी कर रहा था.
दक्षिणी चीन के ग्वांगजू में वैज्ञानिकों को डायनासोर के अंडे एक जीवाश्म मिला है. रोचक बात यह कि अंडे के अंदर एक संरक्षित भ्रूण भी मिला है. अंडा एक दंतहीन थेरोपॉड डायनासोर या ओविराप्टोरोसॉर का था, जिसे शोधकर्ताओं ने "बेबी यिंगलियांग" नाम दिया है.
6.6 करोड़ साल पुराना भ्रूण
यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंगम के शोधकर्ता और आईसाइंस पत्रिका में छपे शोध के सह-लेखक फियोन वैसम मा ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "यह इतिहास में अब तक के सबसे अच्छे डायनासोर भ्रूणों में से एक है."
मा और उनके सहयोगियों ने पाया कि बेबी यिंगलियांग का सिर उसके शरीर के नीचे था, दोनों तरफ पैर और पीठ मुड़ी हुई थी, एक ऐसी मुद्रा जो पहले डायनासोर में नहीं देखी जाती थी, लेकिन आधुनिक पक्षियों के समान थी. पक्षियों में व्यवहार को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है और इसे "टकिंग" कहा जाता है.
ओविराप्टोरोसॉर डायनासोर
हैचिंग की तैयारी कर रहे चूजे अपनी चोंच से खोल को फोड़ते हुए सिर को स्थिर करने के लिए अपने दाहिने पंख के नीचे सिर को टेका लेते हैं. टकिंग केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से नियंत्रित एक प्रक्रिया होती है जो एक सफल हैचिंग के लिए महत्वपूर्ण है.
भ्रूण जो टकिंग में विफल होते हैं, उनकी असफल हैचिंग से मृत्यु की अधिक संभावना होती है. मा कहते हैं, "यह इंगित करता है कि आधुनिक पक्षियों में इस तरह का व्यवहार सबसे पहले उनके डायनासोर पूर्वजों के बीच विकसित और उत्पन्न हुआ थ."ओविराप्टोरोसॉर डायनासोर पंख वाले डायनासोर थे जो कि लेट क्रेटेशियस काल के दौरान एशिया और उत्तरी अमेरिका में पाए जाते थे. इनकी चोंच और शरीर का आकार अलग-अलग होता था. "बेबी यिंगलियांग" सिर से पूंछ तक लगभग 27 सेंटीमीटर (10.6 इंच) लंबा है, और यिंगलियांग स्टोन नेचर हिस्ट्री म्यूजियम में 17 सेंटीमीटर लंबे अंडे के अंदर है. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह 7.2 करोड़ से 6.6 करोड़ वर्ष पुराना है और संभव है कि अचानक भूस्खलन की वजह से अंडा संरक्षित हो गया था.
वीके/एए (एएफपी)
बीजिंग. दुनिया इन दिनों कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से जूझ रही है. दुनियाभर को कोरोना महामारी में धकेलने वाला चीन एक बार फिर इसकी चपेट में आ गया गया है. यहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है और सरकार को सख्त कदम उठाने पड़ रहे हैं. कोरोना की नई लहर को रोकने के लिए चीन ने 1.3 करोड़ की आबादी वाले उत्तरी शहर शियान में लॉकडाउन का आदेश दिया है. लोगों से कहा गया है कि जब तक अत्यंत आवश्यक न हो घरों से बाहर न निकलें. इसके अलावा, विशेष मामलों को छोड़ कर शहर आने-जाने वाले सभी परिवहन को स्थगित कर दिया गया है.
यह आदेश बुधवार आधी रात से प्रभावी हुआ और अगले आदेश तक जारी रहेगा. आदेश में कहा गया है कि हर घर से एक व्यक्ति को प्रत्येक दो दिनों पर घरेलू इस्तेमाल की जरूरी चीजें खरीदने के लिए बाहर जाने की अनुमति होगी. शियान में पिछले 24 घंटे में स्थानीय स्तर पर हुए कोरोना वायरस संक्रमण के 54 मामले बुधवार को सामने आए हैं.
चीन ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है जब कुछ ही सप्ताह बाद यहां विंटर ओलिंपिक्स की शुरुआत होने जा रही है. 4 फरवरी से बीजिंग में विंटर ओलिंपिक्स होना है. इसलिए चीन ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सख्त प्रतिबंधों का सहारा लिया है. कोरोना प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करने और बड़े पैमाने पर टेस्टिंग, वैक्सीनेशन के जरिए चीन कोरोना से काफी हद तक सफलतापूर्वक निपटने में कामयाब रहा है.
ब्रिटेन में कोरोना के रिकॉर्ड केस
ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे के बीच ब्रिटेन में कोरोना डराने लगा है. पिछले 24 घंटे में यहां रिकॉर्ड 1 लाख से भी ज्यादा नए केस सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि महामारी शुरू होने के बाद पहली बार एक दिन में इतने ज्यादा संक्रमित मिले हैं.
महामारी शुरू होने के बाद देश में अब तक 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं. वहीं 1 लाख 47 हजार 573 लोगों की जान भी जा चुकी है. सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे बढ़ते मामलों को देखते हुए जल्द से जल्द बूस्टर डोज ले लें. ब्रिटेन में अब तक 3 करोड़ से ज्यादा बूस्टर डोज दिए जा चुके हैं.
WHO ने कहा- कोरोना को 2022 में खत्म करना होगा
ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों की वजह से कई देशों में प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. यह वेरिएंट 100 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीफ टेड रोस ने मंगलवार को कहा कि दुनियाभर की सरकारों को महामारी को खत्म करने की दिशा में काम करना चाहिए. हमें इस महामारी को 2022 तक खत्म करना होगा. उन्होंने कहा कि 2022 ऐसा साल होना चाहिए जिसमें हम महामारी को खत्म करें. हर देश की 70% आबादी को अगले साल जुलाई तक वैक्सीन लगा दी जाए तो महामारी को खत्म किया जा सकता है.
संयुक्त अरब अमीरात ने फ़ैसला किया है कि अब से बालिगों के लिए बनाए जाने वाली फ़िल्मों को सेंसर नहीं किया जाएगा और सिनेमाघरों में अंतरराष्ट्रीय फ़िल्मों की स्क्रीनिंग 21+ की एज रेटिंग यानी 21 वर्ष से अधिक लोगों की रेटिंग के साथ भी हो सकेगी.
देश के संस्कृति एवं युवा मंत्रालय के मीडिया नियामक कार्यालय का कहना है कि 19 दिसंबर से सिनेमाघरों में 21+ की एज रेटिंग की फ़िल्मों का प्रदर्शन हो सकेगा और 21 साल से अधिक आयु के लोग फ़िल्में देख सकेंगे.
इस बयान में कहा गया है कि फ़िल्मों के अंतरराष्ट्रीय संस्करण अब सिनेमाघरों में दिखाए जाएंगे जबकि लोगों की उम्र को सख़्ती से चेक किया जाएगा.
UAE के अख़बार द नेशनल के मुताबिक़, इस फ़ैसले का मतलब है कि अब से वयस्कों के लिए बनाई गई फ़िल्मों की एडिटिंग और 'अनुचित' सीन्स की सेंसरशिप नहीं की जाएगी बल्कि फ़िल्मों के साथ तय की गई एज रेटिंग का समर्थन किया जाएगा और उन फ़िल्मों को उनके वास्तविक रूप में दिखाया जाएगा.
क्या नियम लागू होंगे?
बयान में सिनेमाघरों से कहा गया है कि वो 'सख़्ती से उम्र की रेटिंग का समर्थन करें और 21 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों की पहचान का सबूत मांगें.'
द नेशनल का कहना है कि अक्सर अंतरराष्ट्रीय फ़िल्मों को UAE में रिलीज़ किया जाता है मगर वयस्कों से जुड़े ख़ास सीन्स को फ़िल्मों से निकाल देना आम बात है.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अब तक सबसे बड़ी एज या आयु की रेटिंग 18 साल थी जिसके तहत फ़िल्में रिलीज़ की जाती थीं.
साल 2018 में सरकार ने मनोरंजन सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए आयु रेटिंग अनिवार्य कर दी थी. इसमें किताबें वीडियो गेम्स भी शामिल थे.
हालांकि, UAE की सरकार को पारंपरिक रूप से रूढ़िवादी माना जाता है लेकिन खाड़ी देशों में ये सबसे आधुनिक देश है और यहां पर अन्य धर्मों और परंपरा का सम्मान किया जाता है.
हाल ही में यहां पेश किए गए नए नियमों के तहत पुरुष एवं महिलाएं बिना शादी के एक साथ रह सकते हैं जबकि शराब पीने और शराब ख़रीदने पर लगी सख़्ती में ढील दी गई है.
अरब देशों में UAE की गिनती उन देशों में होती है जहां पर सबसे अधिक लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं. मगर इंटरनेट पर राजनीतिक मतभेद या धर्म से संबंधित सामग्री पर निगरानी रखी जाती है. मीडिया की सामग्री की भी निगरानी की जाती है और उस पर राजनीतिक नियंत्रण रखा जाता है.
'विदेशी निवेश को दोबारा आकर्षित करने की कोशिश'
इस ख़बर का विश्लेषण करते हुए ब्रितानी अख़बार द टाइम्स में छपे एक लेख में एबी चेसमैन कहती हैं कि जब 2014 में फ़िल्म 'द वुल्फ़ ऑफ़ वॉल स्ट्रीट' पहली बार UAE में दिखाई गई थी तो उसमें से क़रीब 45 मिनट के सीन्स काट दिए गए थे.
उनके मुताबिक़, "पहले UAE में 18 प्लस रेटिंग थी लेकिन बहुत कम अंतरराष्ट्रीय फ़िल्में इस श्रेणी में आती थीं और इनके वयस्क या आक्रामक दृश्यों को सेंसरशिप बोर्ड में जमा कराया जाता था और उन पर तत्काल पाबंदी लागू कर दी जाती थी."
रिपोर्ट में कहा गया है कि 'कई खाड़ी देशों ने फ़िल्म वेस्टसाइड स्टोरी पर पाबंदी लगाई जो इस महीने ब्रिटेन में रिलीज़ हुई थी. ये इसलिए किया गया क्योंकि इसमें एक ट्रांसजेंडर किरदार भी शामिल था. UAE और अन्य देशों ने डिज़्नी से कुछ सीन्स काटने का निवेदन किया था लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया.'
एबी चेसमैन कहती हैं कि फ़िलहाल ये पता नहीं चल पाया है कि पहले प्रतिबंधित या सेंसर की गई फ़िल्मों को दोबारा रिलीज़ किया जाएगा या नहीं.
UAE के कई क़ानूनों में बदलाव
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल के दौरान 'UAE में लंबे अरसे से जारी सख़्त इस्लामी क़ानून में बुनियादी बदलाव किए गए हैं. लोगों को अब शराब ख़रीदने के लिए लाइसेंस की ज़रूरत नहीं है. ग़ैर शादीशुदा जोड़े को एक साथ रहने की अनुमति है. ख़ुदकुशी की कोशिश अब अपराध नहीं है और अकेली महिलाओं को अब देश से भागने की ज़रूरत नहीं है.'
उनका मानना है कि UAE खाड़ी क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और बीते साल उसे गंभीर मंदी का सामना करना पड़ा है क्योंकि कोरोना वायरस ने पर्यटन उद्योग को प्रभावित किया और तेल की क़ीमतें सबसे नीचे रिकॉर्ड की गईं. 'तेल के बाद के भविष्य के लिए कुशल श्रमिकों को आकर्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है.'
एबी चेसमैन कहती हैं कि इन सुधारों का संबंध सऊदी अरब से भी हो सकता है जहां समाज में बदलाव लाने की कोशिशें की जा रही हैं. "UAE फिर से विदेशी निवेश आकर्षित करना चाहता है जो कि रियाद का रुख़ कर रहा है.' (bbc.com)
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अंडा हो सकता है कि भूस्खलन के दौरान ज़मीन में दब गया हो और इसी वजह से सुरक्षित बच गया हो
डायनासोर के बारे में जानने के लिए हर किसी में उत्सुकता बनी रहती है. एक समय में दुनिया के सबसे बड़े जीवों में से एक डायनासोर के बारे में संभव है कि आने वाले समय में मानव-जाति को और अधिक जानकारी मिल सके.
वैज्ञानिकों को डायनासोर का एक ऐसा अंडा मिला है, जिसमे भ्रूण पूरी तरह से विकसित हो चुका था और यह अंडा फोड़कर बाहर निकलने की प्रक्रिया में था. यह ठीक वैसा ही है जैसा मुर्गी के अंडे को फोड़कर चूज़े बाहर निकलते हैं.
यह अंडा दक्षिणी चीन के गांझोऊ में मिला था और शोधकर्ताओं का अनुमान है कि यह भ्रूण कम से कम 66 मिलियन साल पुराना हो सकता है.
ऐसा माना जा रहा है कि यह एक दंतहीन थेरोपोड डायनासोर या फिर ओविराप्टोरोसोर का भ्रूण हो सकता है.
इस भ्रूण को बेबी येंगलियांग नाम दिया गया है.
शोधकर्ता डॉ. फियोन वायसम मा का कहना है कि अभी तक शोधकर्ताओं को जितने भी डायनासोर के भ्रूण मिले हैं, यह उनमें से अभी तक का सबसे अच्छी स्थिति में मिला भ्रूण है.
यह खोज अपने आप में इसलिए और महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे शोधकर्ताओं को डायनासोर और आज के पक्षियों के बीच की कड़ी को समझने में काफी मदद मिली है.
डायनासोर के भ्रूण का जो जीवाश्म मिला है वह एक घुमावदार स्थिति में है जिसे टकिंग कहा जाता है.
यह एक ऐसी स्थिति और व्यवहार है जो पक्षियों में भी पायी जाती है. जिस समय पक्षियों के चूज़े अंडे से बाहर निकलने की कोशिश रहे होते हैं वे भी इसी स्थिति में होते हैं.
शोधकर्ता डॉ. मा ने न्यूज़ एजेंसी एएफ़पी को बताया, "इससे यह पता चलता है कि आधुनिक पक्षियों का जो यह व्यवहार है, वह पहले उनके पूर्वज डायनासोर में विकसित हुआ."
ओविराप्टोरोसोरस, जिसका मतलब है - अंडे चुराने वाली छिपकली.
यह पंख वाले डायनासोर थे. वे आज के एशिया और उत्तरी अमेरिका के हिस्से में रहते थे. यह क्रेटेशियस पीरियड का आख़िरी दौर था, जब ये डायनासोर पाए जाते थे.
जीवाश्म विज्ञानी प्रो स्टीव ब्रुसेट भी चीन में मिले इस जीवाश्म के शोध दल का हिस्सा रहे हैं.
उन्होंने इस संदर्भ में एक ट्वीट किया है. वह लिखते हैं- "यह अब तक मिले और अचरज में डाल देने वाले डायनासोर जीवाश्मों में से एक है"
उनके मुताबिक़, यह कुछ ऐसा था जैसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था. यह भ्रूण बस अंडे से बाहर निकलने की क़गार पर था.
चीन में मिला भ्रूण यानी बेबी येंगलियांग सिर से पूंछ तक 10.6 इंच लंबा है. यह अंडा पहली बार 2000 में देखा गया था लेकिन 10 साल के लिए इसे स्टोरेज में रख दिया गया था.
जब संग्रहालय में निर्माण कार्य शुरू हुआ और पुराने जीवाश्मों की छंटायी की जा रही थी तब शोधकर्ताओं का ध्यान अंडे पर गया. उन्हें अंदेशा था कि उस अंडे के भीतर भ्रूण हो सकता है.(bbc.com)
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अरब दुनिया के अधिकांश देशों में एक तिहाई आबादी के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने अरब देशों में भूख की विकट स्थिति पर एक रिपोर्ट तैयार की है.
यूएन की रिपोर्ट के अनुसार 42 करोड़ की आबादी वाले अरब दुनिया में एक तिहाई यानी 14 करोड़ लोगों के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है, पिछले साल 6.9 करोड़ लोग कुपोषण से पीड़ित थे. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के मुताबिक 2019 और 2020 के बीच अरब दुनिया में कुपोषित लोगों की संख्या 48 लाख से बढ़कर 6.9 करोड़ हो गई है.
एफएओ के अनुसार, पिछले दो दशकों में अरब दुनिया में भूख में 91 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. दूसरी ओर अमीर अरब देशों युवा आबादी में मोटापा बढ़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक अमीर अरब देशों की युवा पीढ़ी में मोटापे की दर वैश्विक औसत 13.1 फीसदी से लगभग दोगुनी हो गई है.
कुपोषण में वृद्धि
एफएओ का कहना है कि अरब दुनिया में 14.1 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनके पास 2020 में पर्याप्त भोजन नहीं था. 2019 की तुलना में 2020 में पर्याप्त भोजन तक पहुंच के बिना लोगों की संख्या में एक करोड़ की वृद्धि दर्ज हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान भी अरब जगत में गरीबों की हालत बद से बदतर हो गई और इस संक्रामक महामारी ने गरीबी से जूझ रहे लोगों पर गहरी छाप छोड़ी. इस दौरान भी प्रकोप तेज होता दिख रहा है.
एफएओ ने कहा, "संघर्ष प्रभावित और गैर-संघर्ष वाले देशों में, सभी आय स्तरों में अल्पपोषण के स्तर में वृद्धि हुई है."
एफएओ की रिपोर्ट ने यमन और सोमालिया पर भी ध्यान केंद्रित किया. रिपोर्ट में उन देशों को भूख और गरीबी से गंभीर रूप से प्रभावित के रूप में बताया गया है. युद्ध के परिणामस्वरूप सोमालिया की 60 प्रतिशत आबादी भूख से तड़प रही है, जबकि यमन की 45 प्रतिशत आबादी गरीबी और अत्यधिक भूख में जी रही है.
एफएओ का कहना है, "यमन में 2020 में एनीमिया का सबसे अधिक प्रसार था, जिसने प्रजनन आयु की 61.5 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित किया है."
एए/वीके (एएफपी)
कोरोना वायरस महामारी के कारण आई गरीबी की लहर से लड़ने के लिए अमेरिका के कई शहरों ने एक नया तरीका निकाला है. यहां लोगों को कैश दिया जा रहा है. बिना किसी शर्त.
अमेरिका में कम से कम 16 शहर ऐसे हैं जहां कम आय वाले लोगों को बिना किसी शर्त नकद पैसा दिया जा रहा है. यह कदम तेजी से अपनाया जा रहा है और आने वाले महीनों में कम से कम 31 और शहर ऐसा ही करने की योजना बना रहे हैं.
अब तक अमेरिका में गरीबों की मदद के लिए वैकल्पिक तरीके अपनाए जाते रहे हैं जैसे कि खाने-पीने का सामान देना, किराया देने में मदद करना या काम खोजने में मदद करना. लेकिन अब इस तरह की मदद के बारे में अधिकारियों का रवैया बदल रहा है. इस योजना के समर्थकों का कहना है कि पैसा कैसे खर्च करना है, यह बात अधिकारी नहीं लोग ज्यादा अच्छी तरह जानते हैं इसलिए उन्हें चीजें नहीं धन दिया जाना बेहतर है.
कैश बड़ी मदद है
माइकल टब्स 2019 में कैलिफॉर्निया के स्टॉक्टन शहर के मेयर थे जब उन्होंने देश का पहला ‘बेसिक इनकम' प्रोग्राम शुरू किया था. वह बताते हैं, "यह उस विचार को पूरी तरह खारिज करता है कि हमें लोगों को गरीबी से निकालने के लिए बड़े भाई की भूमिका निभाने की जरूरत है.”
37 साल के जोनाथन पेड्रो को ऐसी ही योजना का लाभ हुआ है. मैसाचुसेट्स के केंब्रिज में रहने वाले पेड्रो को शहर प्रशासन से 500 डॉलर मासिक मिलते हैं. इस धन से उन्होंने अपना कर्ज काफी हद तक चुका दिया है और अपने 11 साल के बेटे के लिए हॉकी का साज-सामान भी खरीदा है.
पेड्रो कहते हैं, "मैं अपनी स्थिति सुधारने की बहुत बहुत कोशिश कर रहा हूं और यह धन उसमें बड़ा मददगार साबित हुआ है.”
नई नहीं है योजना
वैसे अमेरिका में पहले भी गरीबों को धन देने की योजनाएं चली हैं. खासकर 20वीं सदी में ऐसी योजनाएं खासी लोकप्रिय थीं. लेकिन इन योजनाओं की यह कहते हुए तीखी आलोचना होती थी कि बिना काम किए पैसा मिलेगा तो लोग काम नहीं करना चाहेंगे.
इस आलोचना का असर यह हुआ कि योजनाएं धीरे धीरे खत्म होती चली गईं. डेमोक्रैटिक राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने इन योजनाओं में काफी कटौती की और 1996 में यह शर्त जोड़ दी कि जो काम करेगा उसे ही मदद मिलेगी. अब स्थिति यह है कि एक चौथाई से भी कम गरीब परिवार मदद पाने योग्य हो पाते हैं.
पिछले कुछ सालों में ‘यूनिवर्सल बेसिक इनकम' के लिए समर्थन बढ़ा है. खासतौर पर ऑटोमेशन के चलते कम होतीं नौकरियों ने इस विचार को मजबूती दी है कि लोगों को एक निश्चित धन मिलना चाहिए, फिर चाहे वे काम करें या नहीं. इस विचार के साथ यह अवधारणा भी जुड़ी है कि काम करने के मौके सभी के लिए बराबर नहीं हैं क्योंकि नस्ली, जातीय या अन्य भेदभाव लोगों को बराबर नही रहने देते. 2020 में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रैटिक उम्मीदवारी के दावेदार रहे ऐंड्रयू यंग ने इस योजना को अपना मुख्य मुद्दा बनाया था.
कोरोना वायरस के कारण काम-धंधे बंद हो जाने के बाद अमेरिका के अलावा भी बहुत से देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों की मदद के लिए अलग-अलग तरीके से धन जारी किया. अमेरिका में तो तीन बार पैकेज जारी किए गए जिनकी कुल लगात 800 अरब डॉलर से ज्यादा थी.
छोटे स्तर पर है काम
मिनेसोटा के शहर सेंट पॉल के मेयर मेल्विन कार्टर कहते हैं, "60 साल से हम गरीबी खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. और आज भी, लोगों को नकद देने की बात नई सी लगती है. शायद यही समस्या है.” कार्टर अपने शहर में पिछले साल से यह योजना चला रहे हैं.
वैसे, अभी जो योजनाएं चल रही हैं, उन सभी का आकार बहुत छोटा है. हर शहर में कुछ सौ परिवार ही इस योजना का लाभ पा रहे हैं. जैसे कि सेंट पॉल में नए जन्म बच्चों वाले परिवारों को ही मदद दी जा रही है. अब तक दो सौ परिवारों को मदद मिली है जिनमें आधे से ज्यादा अश्वेत महिलाएं हैं.
नॉर्थ कैरोलाइना के डरहैम में जेल से छूटने वाले लोगों को नकद मदद दी जा रही है जबकि मिसीसिपी के जैकसन में सरकारी घरों में रहने वालीं अश्वेत मांओं को नकद दिया जा रहा है. लेकिन सामाजिक कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि इन कोशिशों के सकारात्मक नतीजे केंद्र सरकार को तैयार कर पाएंगे और नेशनल बेसिक इनकम जैसी योजनाएं शुरू हो सकेंगी.
वीके/एए (रॉयटर्स)
सैन फ्रांसिस्को, 22 दिसम्बर| मीडिया ने बताया कि शॉर्ट वीडियो बनाने वाला प्लेटफॉर्म टिकटॉक का लेटेस्ट वीडियो-प्रोडक्शन टूल ओपन-सोर्स लाइसेंस का उल्लंघन कर रहा है। कंपनी का नया लाइव स्टूडियो विंडोज ऐप, जो पिछले हफ्ते लॉन्च हुआ था, ओपन ब्रॉडकास्टर सॉफ्टवेयर (ओबीएस) स्टूडियो ऐप और अन्य ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स से संबंधित ओपन-सोर्स लाइसेंसिंग शर्तों का पालन किए बिना कोड का उपयोग कर रहा है, आरोपों के अनुसार जो पहली बार ट्विटर पर सामने आया था।
ओबीएस व्यवसाय विकास प्रबंधक, बेन टोरेल ने पुष्टि की कि प्रोटोकॉल द्वारा संपर्क किए जाने पर उनकी टीम को इन उल्लंघनों के लिए 'स्पष्ट सबूत' मिले थे।
रिपोर्ट में कहा गया, टोरेल ने कहा कि परियोजना पहले ही टिकटॉक तक पहुंच चुकी है, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
एक टिकटोक प्रवक्ता ने टिप्पणी के लिए प्रोटोकॉल के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
टिकटॉक ने पिछले हफ्ते बिना ज्यादा धूमधाम के अपना लाइव स्टूडियो ऐप जारी किया। विंडोज-आधारित ऐप लोगों को उच्च-गुणवत्ता वाली लाइवस्ट्रीम बनाने में मदद करने के लिए माना जाता है और प्रसारकों को वीडियो गेम स्ट्रीम, इमेज और टेक्स्ट ओवरले आदि को शामिल करने की अनुमति देता है।
ऐप वर्तमान में कुछ बाजारों में कुछ हजार यूजर्स के लिए उपलब्ध है। (आईएएनएस)
मास्को, 22 दिसम्बर| रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अगर पश्चिम अपनी 'आक्रामक' नीति जारी रखता है लेकिन बातचीत के लिए तैयार है, तो उनका देश जवाबी कार्रवाई करेगा। पुतिन ने रूसी रक्षा मंत्रालय बोर्ड की विस्तारित बैठक में कहा, "अगर हमारे पश्चिमी सहयोगी अपनी स्पष्ट रूप से आक्रामक नीति जारी रखते हैं, तो हम शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों का दृढ़ता से जवाब देने के लिए पर्याप्त जवाबी सैन्य-तकनीकीका इस्तेमाल करेंगे।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने रोमानिया और पोलैंड सहित रूसी सीमाओं के पास अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणालियों की तैनाती पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'हमें रूस की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है।'
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) यूक्रेन में मिसाइलें तैनात करते हैं, तो वे केवल 7 से 10 मिनट में मास्को पहुंचेंगी और अगर वे हाइपरसोनिक हथियार हैं तो सिर्फ 5 मिनट में पहुंचेंगे।
पुतिन ने कहा, "उन्हें समझना चाहिए कि हम पीछे नहीं हटने वाले हैं।"
रूस ने हाल ही में नाटो को एक मसौदा समझौता भेजा है और पश्चिमी देशों के लिए यूरोप में सुरक्षा गारंटी पर अमेरिका को एक मसौदा संधि पर विचार करने के लिए भेजा है।
पुतिन ने कहा कि रूस सशस्त्र संघर्ष और रक्तपात के खिलाफ खड़ा है और कूटनीति के माध्यम से मुद्दों को हल करना चाहता है, लेकिन स्पष्ट कानूनी गारंटी होनी चाहिए। (आईएएनएस)
महंगी कारों की चोरी होगी और उसमें रखे सामान उठा लेने की घटनाओं से बचने के लिए लोग लॉक का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में चोर लॉक तोड़ने के चक्कर में पूरी गाड़ी बर्बाद करके चले जाते हैं. इस वक्त अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को और ओकलैंड नाम के शहरों में जब कार चोरी की घटनाएं बढ़ीं तो लोगों ने सरेंडर प्रोसेस अपना लिया.
हाल के महीनों में सैन फ्रांसिस्को और ओकलैंड में वाहनों का लॉक तोड़कर चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं. ऐसे में लोगों ने अपनी कारों को खुला छोड़ना शुरू कर दिया है. लोग बे एरिया में अपनी कारों की डिग्गी खुली हुई छोड़कर उन्हें पार्क कर रहे हैं, ताकि चोर इसे देखकर चले जाएं कि उनके पास चुराने को कुछ भी नहीं है.
डिग्गी खुली छोड़ कर रहे हैं कार पार्किंग
कार तोड़कर सामान चोरी होने की घटनाओं से परेशान लोगों ने जो तरीका अपनाया है, वो वाकई अनोखा है. न तो वे अपनी गाड़ियों को लॉक कर रहे हैं और उनकी डिग्गी को खुला छोड़ देते हैं. कार को खुला छोड़ने का मतलब ये है कि उनके पास चुराने के लिए कुछ भी नहीं है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में यहां वाहनों से चोरी होने के मामले बढ़ गए थे, ऐसे में लोगों ने अपनी गाड़ी टूटने से बचाने के लिए कारों के दरवाज़े और डिग्गी खुला छोड़ना शुरू कर दिया. इस तरह कम से कम चोर उनकी पार्क की हुई गाड़ी की खिड़की या फिर कांच नहीं तोड़ेंगे.
बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं चोरी की घटनाएं
लोग अपनी लग्ज़री कारों के खिड़की दरवाज़े और ट्रंक खोलकर कार पार्क कर रहे हैं क्योंकि बे एरिया में चोरी की घटनाएं बहुत बढ़ गई हैं. NBC Bay Area की रिपोर्ट के मुताबिक सैन फ्रांसिस्को में कार से चोरी की घटनाएं 200 फीसदी तक बढ़ गई हैं. लोग अपनी गाड़ियों की खिड़की पर नोट लिखकर रख रहे हैं कि – कृपया कार के दरवाज़े का इस्तेमाल करें और कांच नहीं तोड़ें. गाड़ी के अंदर कुछ भी नहीं है. लोगों के इस एप्रोच पर पुलिस उन्हें चेतावनी दे रही है कि वे इस तरह करने से कार की बैटरी और टायर चुरा सकते हैं.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची के नारायणपुरा इलाक़े में एक व्यक्ति ने मंदिर में तोड़फोड़ की है जिसके बाद इलाक़े के लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.
सोमवार की शाम सामने आई इस घटना का मुक़दमा ईदगाह थाने में मुकेश कुमार नामक शख़्स की शिकायत पर दर्ज कराया गया है.
एफ़आईआर में मुकेश कुमार की ओर से कहा गया है कि उनकी पत्नी जोग माया मंदिर में पूजा करने गई थी तभी अचानक सवा आठ बजे के क़रीब एक व्यक्ति हथौड़ा लेकर आया और वहां रखी हुई जोग माया की मूर्ति पर हथौड़ा मारना शुरू कर दिया.
इस पर उनकी पत्नी ने शोर मचाया और उस शोर को सुनकर लोग मंदिर में इकट्ठा हो गए और उस व्यक्ति को मूर्ति पर हथौड़ा मारते हुए पकड़ लिया.
मंदिर
मुकेश कुमार के मुताबिक़ इलाक़े की पुलिस भी इस दौरान मौक़े पर आ गई और उस व्यक्ति को अपनी हिरासत में ले लिया. पुलिस ने उस शख़्स के ख़िलाफ़ ईशनिंदा का मुक़दमा दर्ज कर लिया है.
एसएसपी सिटी मज़हर नवाज़ का कहना है कि 'स्थानीय निवासियों ने उस संदिग्ध व्यक्ति को हिंसा का निशाना बनाया लेकिन पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई थी.'
कराची में बीबीसी के संवाददाता निगार रियाज़ सुहैल के मुताबिक़ स्थानीय लोग इमारतें तोड़ने में इस्तेमाल होने वाला एक बड़ा हथौड़ा लेकर थाने पहुंचे जहां उन्होंने प्रदर्शन भी किया और पुलिस को बताया कि वो ये हथौड़ा देने आए हैं. पुलिस अधिकारियों ने उन्हें इंसाफ़ का भरोसा दिलाया जिसके बाद वो वहां से गए.
इस दौरान 25 वर्षीय उस युवा का भी वीडियो सामने आया है जिसमें लोग उससे सवाल कर रहे हैं कि उसने ऐसा क्यों किया.
पुलिस का कहना है कि 'ये युवा बेरोज़गार है और स्पष्ट रूप से उसकी मानसिक हालत भी ठीक है, उसका कहना है कि वो ख़ुदा के मिशन पर है.'
पाकिस्तान: भगवान कृष्ण की मूर्ति जन्माष्टमी पर कैसे टूटी?
पाकिस्तान ने हरियाणा की जिस मस्जिद के तोड़े जाने पर कड़ी आपत्ति जताई, उसका सच क्या है
पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों पर होते हमले
ग़ौरतलब है कि ये कराची में मंदिर में तोड़फोड़ की पहली घटना नहीं है. इससे पहले बीते साल नवंबर में कराची की ली मार्केट के नज़दीक शीतल दास कंपाउंड में बने एक मंदिर में भी कुछ लोगों ने हमला किया था और उनके ऊपर ईशनिंदा का मामला दर्ज किया गया था.
बीते साल जुलाई में पंजाब प्रांत के शहर रहीमयार ख़ान में ऐसी ही एक घटना सामने आई थी जिसमें एक भीड़ ने भोंग इलाक़े में स्थापित एक मंदिर पर धावा बोल दिया था.
हमलावरों ने मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ की थी और वहां स्थापित मूर्तियों को भी नुक़सान पहुंचाया था. इस घटना पर पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने भी नोटिस लिया था और 50 के क़रीब संदिग्ध लोगों को गिरफ़्तार किया था.
इसी तरह ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के करक ज़िले में भी बीते साल दिसंबर में एक मंदिर पर हमले की घटना सामने आई थी जिसमें कई हमलावरों ने एक समाधि और मंदिर के निर्माण कार्य के ख़िलाफ़ हमला बोला था और काम को रोक दिया था. इस दौरान मंदिर को बुरी तरह नुक़सान भी पहुंचाया गया था.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चैयरमेन चेलाराम केवलानी का कहना है कि हालिया घटनाएं तमाम अल्पसंख्यक समुदायों में डर और दुख की वजह बनी हैं, इस तरह की घटनाएं पाकिस्तान में धार्मिक सद्भाव को नुक़सान पहुंचाती हैं.
मुस्लिम लीग (नवाज़) के सांसद खेल दास कोहस्तानी ने एक बयान में इस घटना पर अफ़सोस जताया है और कहा है कि 'मालूम नहीं कि इन धार्मिक स्थलों पर हमले से क्या मिलता है, कोई धर्म इस तरह के काम की इजाज़त नहीं देता फिर हमारे साथ बार-बार ऐसा क्यों होता है.' (bbc.com)
नई दिल्ली, 20 दिसंबर| अफगानों की संस्कृति पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की हालिया टिप्पणियों की अफगानों, पूर्व राजनेताओं, तालिबान कार्यकर्ताओं और सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं ने निंदा की। उन्होंने इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। इमरान खान ने रविवार को इस्लामाबाद में ओआईसी के सत्र में कहा कि महिलाओं को शिक्षा की अनुमति नहीं देना अफगान लोगों की संस्कृति का हिस्सा रहा है और दुनिया को इसका सम्मान करना चाहिए।
पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि इमरान खान के बयान भड़काऊ और अपमानजनक हैं और उन्होंने खान से अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करने को कहा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नॉर्वे में अफगानिस्तान के पूर्व दूत शुक्रिया बराकजई ने भी कहा कि टिप्पणियां अफगानिस्तान के इतिहास के बारे में उनके ज्ञान की कमी को दर्शाती हैं।
पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) के नेता मंजूर पश्तीन ने एक ट्विटर पोस्ट में भी निंदा की और कहा कि इमरान खान की टिप्पणी झूठी और नकारात्मक है।
पश्तीन ने कहा कि पश्तूनों ने कभी लड़कियों को शिक्षा से वंचित नहीं किया और न ही उनके अधिकारों से वंचित किया। उन्होंने लिखा, "इस उपनिवेशवाद को रोकें।"
इस बीच, बड़ी संख्या में सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं ने प्राचीन अफगानिस्तान की तस्वीरें और वीडियो क्लिप पोस्ट कीं, जहां महिलाएं विश्वविद्यालयों और स्कूलों में जाती थीं और वे विभिन्न सरकारों में कैबिनेट का हिस्सा थीं।
कुछ ने कहा कि काबुल विश्वविद्यालय की स्थापना 1932 में हुई थी, जबकि पाकिस्तान 1947 में उभरा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा, तालिबान कार्यकर्ताओं ने भी इमरान खान के बयानों पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि इमरान की टिप्पणी अफगान लोगों और इस्लामी व्यवस्था का अपमान है।
अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात ने अभी तक इमरान खान की टिप्पणी पर कोई टिप्पणी नहीं की है। (आईएएनएस)
दुनिया के सबसे धनी लोगों में से एक और इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला के चीफ़ एग्ज़िक्यूटिव ऑफ़िसर एलन मस्क ने ट्विटर पर बताया है कि वे इस साल टैक्स के रूप में 11 अरब डॉलर से ज़्यादा की रकम भरेंगे.
भारतीय मुद्रा में ये रकम 83 हज़ार करोड़ रुपये से भी ज़्यादा की बनती है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, टाइम मैगज़ीन द्वारा उन्हें 'पर्सन ऑफ़ द ईयर' घोषित किए जाने के बाद इस हफ़्ते की शुरुआत में डेमोक्रेटिक पार्टी के सिनेटर एलिज़ाबेथ वॉरेन ने ट्विटर पर कहा था कि एलन मस्क को टैक्स भरना चाहिए.
एलन मस्क ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि इतिहास में वे किसी भी अमेरिकी की तुलना में सबसे ज़्यादा टैक्स भरेंगे.
एलन मस्क दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति हैं और उनकी कंपनी टेस्ला की वैल्यू 1 खरब डॉलर के करीब है.
पिछले कुछ हफ़्तों में एलन मस्क ने टेस्ला में अपने लगभग 14 अरब डॉलर के शेयर बेचे हैं. (bbc.com)
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबज़ादेह ने सोमवार को कहा कि सऊदी अरब से और बातचीत इस बात पर निर्भर करेगी कि वो कितनी गंभीरता दिखाता है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य पूर्व के दो ताक़तवर देश सऊदी अरब और ईरान के बीच इस साल सीधी बातचीत उस माहौल में शुरू हुई जब वैश्विक शक्तियाँ ईरान के साथ परमाणु करार को बचाने और संयुक्त राष्ट्र की अगुआई में यमन की लड़ाई को ख़त्म करने की कोशिशें की जा रही हैं.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सईद खातिबज़ादेह ने कहा, "हम सऊदी अरब को कूटनीतिक और राजनीतिक रुख़ अपनाने और दूसरे देशों के मामलों में दखल न देने की नीति का आदर करने के लिए कहते हैं. इस इलाके के लिए आगे बढ़ने का यही एकमात्र रास्ता है."
सऊदी अरब ने ईरान के साथ साल 2016 में अपने संबंध ख़त्म कर लिए थे. अब तक हुई बातचीत पर सऊदी अरब ने सद्भावनापूर्ण लेकिन शुरुआती स्तर का बताया है जबकि ईरान के एक अधिकारी ने अक्तूबर में कहा था कि उनके बीच फासले कम हुए हैं. (bbc.com)
कोविड-19 की महामारी से पहले मलेशिया को पर्यटकों का पसंदीदा स्थान माना जाता था. इसकी राजधानी कुआलालम्पुर कई द्वीपों और समुद्र तटों का घर है. यह क्षेत्र अब महामारी का प्रकोप झेल रहा है.
डॉयचे वैले पर लिंडा बेथके की रिपोर्ट-
कीरा (बदला हुआ नाम) राजधानी कुआलालम्पुर में छुट्टियों के लिए घर पर्यटकों को किराये पर देती थीं. कोविड-19 के पहले तक यह फलता-फूलता व्यापार था. लेकिन एक साल पहले वह अपने माता-पिता के पास चली गईं. मलेशियाई पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्रालय का कहना है कि 2020 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार महामारी के दौरान पर्यटन उद्योग में पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाओं की छंटनी की गई थी. मलेशिया में 2020 में पर्यटन उद्योग की स्थिति से प्रभावित महिलाओं की संख्या 48.3 प्रतिशत थी, जो 2019 में 2 प्रतिशत से कम थी.
पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्री नैंसी शकुरी ने कहा कि 2020 से 2030 तक की दस साल की अवधि में मलेशिया के पर्यटन उद्योग को तीन स्तंभों पर बनाने की योजना है. ये तीन स्तंभ प्रतिस्पर्धा, समावेश और स्थिरता हैं. उनके मुताबिक सरकार महिलाओं के समान लाभ के लिए काम कर रही है.
पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए मलेशियाई सरकार ने लॉन्गकावी के लोकप्रिय पर्यटन द्वीप को पूर्ण टीकाकरण वाले पर्यटकों के लिए खोल दिया है. लॉन्गकावी पहुंचने पर उन्हें क्वारंटीन की भी आवश्यकता नहीं होती है.
इस मौके पर घरेलू एयरलाइन को भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग शहरों से उड़ानें बढ़ाने को कहा गया है. मलेशियाई एयरलाइंस की अंतरराष्ट्रीय उड़ानें मार्च 2022 तक बढ़ने की उम्मीद है. लॉन्गकावी में पर्यटक गतिविधि तेज नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों की आमद धीरे-धीरे बढ़ रही है. अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का उत्साह अभी तक सामने नहीं आया है, भले ही सरकार ने स्पष्ट उपाय किए हैं.
एक स्थानीय कारोबारी शवाउन (बदला हुआ नाम) के मुताबिक इस महामारी ने कई छोटे कारोबारियों की जान ले ली है. वे कहते हैं, "अब केवल वही व्यवसायी बचे हैं जो थोड़े अमीर हैं." दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र ने 1 जनवरी से अपनी सीमाएं विदेशियों के लिए खोलने का फैसला किया है, लेकिन कोरोना का नया संस्करण उद्योग के लिए खतरा है. इसीलिए कुआलालम्पुर सरकार ने सीमाओं को बंद रखा है.
देश की नेशनल रिकवरी काउंसिल के अध्यक्ष मोहिउद्दीन यासीन ने कहा कि अगले साल उद्योग में क्रमिक गतिविधि की प्रबल संभावना है, लेकिन उस कठिन समय को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. मलेशिया में 94 प्रतिशत से अधिक वयस्कों को दोनों खुराकों के साथ टीका लगाया गया है. (dw.com)
जैसे-जैसे इंडो-पैसिफिक अंतरराष्ट्रीय राजनीति का केंद्रबिंदु बनता जा रहा है, इस क्षेत्र के प्रमुख देशों और संगठनों की भूमिका भी पहले से कहीं बड़ी होती जा रही है.
पिछले दिनों जब जी-7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में दक्षिणपूर्व एशियाई संगठन आसियान को भी न्योता दिया गया तो राजनीतिक विश्लेषक कयास लगाने लगाने लगे कि इसका क्या मतलब है. जी-7 दुनिया के सात सबसे अमीर और ताकतवर पश्चिमी देशों का समूह है. दूसरे विश्वयुद्ध के बाद शीत युद्ध की पृष्ठभूमि में 1973 में बने इस समूह में अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और जापान सदस्य हैं.
वैसे तो जी-7 और आसियान के बीच अभी तक पारस्परिक सहयोग बढ़ाने संबंधी कोई औपचारिक करार नहीं है लेकिन जी-7 के हर सदस्य देश का आसियान के साथ विकास, संवाद और सामरिक क्षेत्रों के कम से कम एक क्षेत्र में सहयोग है. ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निकलने के बाद कुछ समय के लिए स्थिति बदली थी लेकिन कुछ महीने पहले जब ब्रिटेन को आसियान के डायलॉग पार्टनर का दर्जा मिला तो यह समीकरण फिर पूरे से हो गए. पिछले साल ही यूरोपीय संघ और आसियान के बीच भी सामरिक साझेदारी शुरू हुई है.
चीन से मुकाबला
जी-7 के देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी भूमिका को लेकर सजग हो रहे हैं और अपनी जिम्मेदारियों को बढ़ाना भी चाहते हैं. जी-7 के देशों की सबसे बड़ी चिंता चीन का गंभीर प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरना है. चीन अपनी बेल्ट और रोड परियोजना के साथ न सिर्फ पश्चिमी देशों को कड़ी टक्कर दे रहा है बल्कि पूरी दुनिया में अपना वर्चस्व कायम करना चाहता है. इसलिए अमेरिका और पश्चिमी देश इस परियोजना को नवउपनिवेशवाद का ही एक रूप मानते हैं.
चीन की चुनौती से निबटने के लिए इस साल जून में हुई जी-7 शिखर वार्ता में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने "बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड” की नीति पेश की थी. इसका उद्देश्य चीन की बेल्ट और रोड परियोजना का मजबूत विकल्प पैदा करना है. फिलहाल ये परियोजना फिलहाल कागज पर ही है. कनाडा और इटली जैसे देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कितनी दिलचस्पी लेंगे यह कहना मुश्किल है लेकिन तय है कि फ्रांस, जापान, या अमेरिका के मुकाबले यह कम ही रहेगा.
दक्षिण चीन सागर में चीन और तमाम दक्षिणपूर्वी देशों के बीच संप्रभु अधिकार को लेकर चल रहे विवाद से आसियान चिंतित रहा है. पिछले कुछ सालों में चीन की बढ़ती आक्रामकता के चलते यह चिंताएं बहुत बढ़ी हैं. आसियान की मिन्नतों और चीन के तमाम वादों के बावजूद चीन ने अभी तक दक्षिण पूर्व सागर के विवाद को सुलझाने के लिए कानूनी तौर पर बाध्यकारी कोड ऑफ कंडक्ट पर दस्तखत नहीं किए हैं.
क्या होगी जी-7 की भूमिका
चीन की छाया में जी रहे आसियान के छोटे छोटे देश जहां उसकी आक्रामकता से तंग हैं तो वहीं चीन के आर्थिक महाशक्ति के तौर पर उभरने से उन्हें सीधा फायदा भी हुआ है. यही वजह है कि आसियान के देश खुल कर चीन के खिलाफ जाने से डरते हैं. भले ही कहा जा रहा हो कि जी-7 और आसियान के संबंधों को सिर्फ चीन के आइने में नहीं देखा जाना चाहिए, लेकिन साफ है कि पश्चिमी देश चीन को रोकने के लिए इंडो पेसिफिक इलाके में दूरगामी रूप से तैयार हो रहे हैं.
जी-7 की सबसे बड़ी भूमिका साइबर और 5-जी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में है. आसियान के देश साइबर सुरक्षा, सप्लाई चेन रेजिलिएंस, और डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में कमजोर हैं. इन देशों की अपेक्षा है कि जी-7 के देश डिजिटल तकनीक और साइबर क्षेत्र में उनकी मदद करें. यह आपसी सहयोग का नया आयाम बन सकता है.
उत्तर कोरिया के पूर्व नेता और किम जोंग उन के पिता, किम जोंग-इल की 10वीं पुण्यतिथि पर 11 दिन के शोक का एलान किया गया है.
शुक्रवार को इस शोक का ऐलान करते हुए उत्तर कोरिया ने अपने नागरिकों के हंसने, शराब पीने और ख़रीदारी करने पर 11 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया.
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज़ एजेंसी केसीएनए वॉच के मुताबिक़ किम जोंग-इल के सम्मान में पूरा देश उन्हें शांत श्रद्धांजलि देगा. इस दौरान गाड़ियों और ट्रेनों को हॉर्न बजाने की मनाही है.
टेलीग्राफ़ यूके की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, देश में कोई हंस नहीं सकता, मनोरंजन की गतिविधियां नहीं कर सकता और ख़रीदारी भी नहीं कर सकता.
नाम ना छापने की शर्त पर एक उत्तर कोरियाई स्त्रोत अख़बार को बताया कि अगर इन 11 दिनों में किसी के घर कोई मौत हो जाती है तो रोने की इजाज़त नहीं है और शव को देश में शोकावधि समाप्त होने यानि 11 दिन बाद ही घर से निकाला जा सकता है.
अगर इस शोक अवधि में किसी का जन्मदिन भी पड़ता है जो उसे जन्मदिन तक मनाने की इजाज़त नहीं है.
17 दिसंबर की दोपहर को पूरे देश में एक साथ सायरन बजाया गया और देश के लोगों ने तीन मिनट के लिए सूर्य के कुमसुसान पैलेस की दिशा में खड़े होकर लीडर को मौन श्रद्धांजलि अर्पित की.
जब किम जोंग-इल की मौत 17 दिसंबर, 2011 को हुई थी तो उनकी मौत के दो दिन तक कोई अधिकारिक ऐलान नहीं किया गया था. दो दिन बाद सरकारी मीडिया पर ये बात सार्वजनिक की गई. (bbc.com)
मनीला, 20 दिसम्बर | फिलीपींस में पिछले हफ्ते आए शक्तिशाली तूफान राय से मरने वालों की संख्या बढ़कर 144 हो गई है। इसकी पुष्टि स्थानीय अधिकारियों ने की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बोहोल प्रांत 72 मौतों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित है, जबकि नेग्रोस ऑक्सिडेंटल ने 18, सेबू ने 16, दीनागट द्वीप समूह ने 10, दक्षिणी लेयटे ने 6 लोगों की मौत की सूचना दी है।
मौतों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है क्योंकि स्थानीय अधिकारी अभी प्रभावित क्षेत्रों से डेटा इक्ठ्ठा कर रहे हैं।
राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन परिषद (एनडीआरआरएमसी) ने शनिवार रात को कहा कि उसे 'राय' के कारण मध्य और दक्षिणी फिलीपींस में 31 लोगों की मौत की रिपोर्ट मिली है। अभी आधिकारिक मौतों का आंकड़ा अपडेट करना बाकी है।
आंधी-तूफान से प्रभावित क्षेत्रों में संचार अभी बंद है, जिससे एनडीआरआरएमसी के लिए अपनी क्षेत्रीय और प्रांतीय एजेंसियों से संपर्क करना मुश्किल हो गया है।
बोहोल के गवर्नर आर्थर याप ने कहा कि उनके प्रांत में 72 लोगों की मौत हो गई है।
याप ने ईधन आपूर्तिकर्ताओं से गैसोलीन और ईधन की डिलीवरी को तीन गुना करने की अपील करते हुए कहा कि प्रांत जनरेटर सेट पर निर्भर है।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों के निवासी भोजन और पानी की मांग कर रहे हैं। गिरे हुए पेड़ों और मलबे को साफ करने के लिए और भी चीजों की जरूरत है। कई छोटी सड़कों पर अभी आवाजाही रूकी हुई है।
राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने विमान द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद तूफान पीड़ितों को भोजन, पानी और आवश्यक वस्तुओं जैसे टेंट और टार्प की जल्द डिलीवरी करने का आदेश दिया है।
उन्होंने सेना और फिलीपीन तटरक्षक बल को आवश्यक आपूर्ति की तत्काल डिलीवरी बढ़ाने के लिए नावों और जहाजों को भेजने का भी आदेश दिया।
कैबिनेट सचिव कार्लो नोगरालेस ने कहा कि सेना सिरगाओ और दीनागट द्वीप समूह में स्वास्थ्य कर्मियों को बढ़ाने के लिए नौसेना के दो जहाजों पर चिकित्सा दल भेजेगी।
टाइफून 'राय' ने 16 दिसंबर को सिरगाओ द्वीप पर दस्तक दी थी।
एनडीआरआरएमसी ने कहा कि 'राय' ने 9 क्षेत्रों में 700,000 से ज्यादा लोगों को प्रभावित किया, जिससे इन क्षेत्रों में बिजली गुल हो गई, इमारतों और घरों को नुकसान पहुंचा है।
सरकार अभी तूफान से फसलों और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का आकलन कर रही है।(आईएएनएस)
काबुल, 20 दिसम्बर| अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा है कि इस्लामाबाद को काबुल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की युद्धग्रस्त राष्ट्र में चल रही राजनीतिक स्थिति के बारे में टिप्पणी के साथ-साथ पाकिस्तान द्वारा उत्पन्न खतरे के जवाब में आया है। मीडिया ने यह जानकारी दी। रविवार को इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की परिषद के 17वें सत्र को संबोधित करते हुए खान ने कहा था कि अगर अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार में आतंकवाद से लड़ने की क्षमता नहीं है, तो आईएस खतरा बन जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान अराजकता की ओर बढ़ रहा है।
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जवाब में, करजई ने कहा कि ये आरोप सही नहीं है। उन्होंने कहा कि आईएस शुरू से ही पाकिस्तान से अफगानिस्तान को धमकी दे रहा है।
पूर्व नेता ने एक बयान में कहा कि ये टिप्पणियां सच नहीं हैं, और अफगानिस्तान के खिलाफ प्रोपेगेंडा है। शुरू से ही अफगानिस्तान को पाकिस्तान से दाएश की धमकी का सामना करना पड़ रहा है।
खान ने पूर्व अफगान सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। करजई ने इसपर कहा कि पाकिस्तान सरकार को अफगानिस्तान के मामलों में हस्तक्षेप करना बंद कर देना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय समारोहों में काबुल की ओर से बात करना बंद कर देना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की टिप्पणी अफगानिस्तान के लोगों का अपमान करती है। (आईएएनएस)
बगदाद, 20 दिसम्बर| उत्तरी इराक में मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ में कुल 12 लोगों की मौत हो गई, एरबिल प्रांत के गवर्नर ओमद खोशनाव ने रविवार को यह जानकारी दी। इराक के अर्ध-स्वायत्त कुर्दिस्तान क्षेत्र की राजधानी एरबिल में एक संवाददाता सम्मेलन में खोशनाव ने कहा कि तूफान और बारिश से एरबिल में 15 क्षेत्रों को नुकसान हुआ, कुल 2,509 घर और 867 कारें क्षतिग्रस्त हो गईं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने खोशनाव के हवाले से कहा, "कृषि भूमि, सीवेज नेटवर्क, सड़कों और फुटपाथों को महत्वपूर्ण नुकसान के अलावा, 21 बिलियन इराकी दीनार (लगभग 15 मिलियन डॉलर) की सामग्री क्षति का अनुमान है।"
इसके अलावा, खोशनाव ने जोर देकर कहा कि एरबिल प्रांतीय सरकार ने मूसलाधार बारिश में जान गंवाने वालों के शोक में आधिकारिक नए साल के समारोह को रद्द करने का फैसला किया है।
गुरुवार और शुक्रवार को, देश के उत्तरी कुर्द क्षेत्र में भारी बारिश हुई, जिसमें बगदाद से लगभग 375 किमी उत्तर में एरबिल भी शामिल है।
विनाशकारी भारी बारिश ऐसे समय हुई जब इराक सूखे का सामना कर रहा है। (आईएएनएस)