राष्ट्रीय
कौशांबी (यूपी), 15 सितंबर । पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि एक चौंकाने वाली घटना में संपत्ति विवाद को लेकर एक व्यक्ति, उसकी बेटी और दामाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
गुरुवार देर रात हुई इस घटना के तुरंत बाद, गुस्साए परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने जमकर उत्पात मचाया और कई घरों को आग के हवाले कर दिया।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चायल और सिराथू थाने से अतिरिक्त बल बुलाया गया।
खबरों के मुताबिक, 62 साल के होरीलाल का पंडा चौराहे पर एक जमीन को लेकर कुछ लोगों से विवाद था।
उन्होंने विवादित जमीन पर कब्जा कर लिया था और पास में ही उनके दामाद ने दुकान ले ली थी।
घटना के बाद से मृतकों के पड़ोसी गायब हैं और स्थानीय लोगों ने उनके समर्थकों के घरों को निशाना बनाया है।
एसपी बृजेशजेश कुमार ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में किया जा रहा है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ मामला सुलझा लिया जाएगा (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 15 सितंबर । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर कहा कि हाल के दिनों में हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा कड़ी मेहनत से बनाई गई संस्थाओं का गला घोंटकर लोकतंत्र पर प्रणालीगत हमला किया गया है। उन्होंने लोगों से संसदीय लोकतंत्र के लोकाचार की रक्षा करने का संकल्प लेने का आग्रह किया।
एक्स पर एक पोस्ट में खड़गे ने पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पंक्तियों को उद्धृत किया कि "लोकतंत्र का अर्थ है सहिष्णुता, सहिष्णुता न केवल उन लोगों के लिए जो हमसे सहमत हैं, बल्कि उनके लिए भी जो हमसे सहमत नहीं हैं"।
भाजपा का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधते हुए खड़गे ने कहा, ''लोगों की इच्छा और जिन संस्थानों को बनाने में वह मदद करती है, वे लोकतंत्र को फलने-फूलने में सक्षम बनाते हैं। हाल के दिनों में, हमारे संस्थानों का गला घोंटकर लोकतंत्र पर एक प्रणालीगत हमला किया गया है, जिसे हमारे संविधान के निर्माताओं ने बड़ी मेहनत से बनाया है।'' .
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर, आइए हम अपने स्वतंत्र संस्थानों में निहित हमारे संसदीय लोकतंत्र के लोकाचार की रक्षा और संरक्षण का संकल्प लें।"
उनकी टिप्पणी 18 से 22 सितंबर तक संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र से पहले आई है। कांग्रेस ने पहले विपक्ष को संसद में बोलने की अनुमति नहीं देने के लिए सरकार पर निशाना साधा था। (आईएएनएस)।
पटना, 15 सितंबर । बिहार की राजधानी पटना के फतुहा थाना क्षेत्र में दो पक्षों के बीच हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई और एक जख्मी हो गया। घटना के बाद से गांव में तनाव बना हुआ है।
पुलिस के मुताबिक, सुरंगापार गांव में बकाया पैसे को लेकर प्रदीप कुमार और जय सिंह के बीच विवाद चल रहा था। इसको लेकर गुरुवार की रात भी एक गुट पैसा मांगने गया था। इसी दौरान दोनों गुटों में बकझक शुरू हो गई। करीब 11 बजे दोनों ओर से गोलियां चलने लगी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान जय कुमार (52), प्रदीप कुमार (32) और शैलेश कुमार (40) के रूप में की गई है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे।
फतुहा के पुलिस उपाधीक्षक सियाराम यादव ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। प्रथमदृष्ट्या दूध के 400 रुपए बकाया पैसे को लेकर विवाद की बात सामने आई है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमाॅर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है। घटना में एक व्यक्ति घायल है, जिसका इलाज चल रहा है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। दोनों पक्षों से 11 लोगो को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। पूरे एरिया में पुलिस कैंप कर रही है। (आईएएनएस)।
भोपाल, 15 सितंबर । मध्य प्रदेश के रीवा जिले के एक निजी स्कूल में एक शिक्षक द्वारा थप्पड़ मारे जाने के बाद 13 वर्षीय लड़के को सबड्यूरल हेमरेज हो गया और वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। उसके परिवार ने यह जानकारी दी।
लड़के की पहचान अनुज शुक्ला के रूप में हुई है, जिसका इलाज पहले रीवा के संजय गांधी अस्पताल में किया गया था और अब सर्जरी के लिए नागपुर के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया है।
लड़के के परिवार के एक सदस्य ने आईएएनएस को बताया कि वह पिछले चार दिनों से नागपुर के नियोरेन अस्पताल में वेंटिलेटर पर है और सर्जरी की जा रही है।
वह लड़का, जो रीवा के एक निजी स्कूल में नामांकित है, संगीत की कक्षाओं में जाता था।
उसके परिवार का आरोप है कि म्यूजिक टीचर ऋषभ पांडे ने क्लास के दौरान लड़के को पीटा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एमएलसी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि शिक्षक द्वारा पिटाई के कारण लड़के को चोटें आईं, स्कूल प्रबंधन ने पांडे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
रीवा के एडिशनल एसपी अनिल सोनकर ने बताया कि परिवार ने 11 सितंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
परिवार ने कहा कि शिक्षक ने लगभग एक महीने पहले लड़के को थप्पड़ मारा था। सोनकर ने कहा कि माता-पिता ने लड़के की कनपटी पर कुछ सूजन देखी थी, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया और खुद ही इसका इलाज किया।
लेकिन, बाद में सूजन बढ़ती गई और लड़के को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान डॉक्टरों को पता चला कि लड़के की कनपटी पर गंभीर चोट आई है और इसकी सर्जरी की जरूरत है।
इसके बाद लड़के को सर्जरी के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। गंभीरता को देखते हुए बालक को नागापुर रेफर किया गया है।
सोनकर ने कहा, "परिवार ने 11 सितंबर को शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। जांच के दौरान पाया गया कि संगीत शिक्षक ऋषभ पांडे ने रुद्राक्ष पहना हुआ था, जिससे लड़के को चोट लगी है। हमने शिक्षक पर आईपीसी की धारा 308, 323 और जेजे अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। आगे की जांच चल रही है।" (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 15 सितंबर । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को अपनी हालिया लद्दाख यात्रा को अपनी 'मोटरसाइकिल डायरीज' के माध्यम से साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीन के बारे में झूठ बोलने पर कि लद्दाख में देश की जमीन पर कोई कब्जा नहीं हुआ, देश के साथ विश्वासघात की भावना देखकर उनका दिल टूट गया।
उन्होंने कहा कि लद्दाख भारत के मुकुट रत्नों में से एक है और दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान है।
उन्होंने कहा कि वह लद्दाख की लोकतांत्रिक आवाज को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
राहुल गांधी ने यूट्यूब पर 'मोटरसाइकिल डायरीज : लिसनिंग टू लद्दाख' शीर्षक से अपनी यात्रा का वीडियो साझा करते हुए कहा, "मेरे पिता ने एक बार मुझसे कहा था कि पैंगोंग त्सो झील पृथ्वी पर सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। मैं हमेशा वहां जाने के लिए उत्सुक रहा हूं। लद्दाख में प्राकृतिक दृश्यों को देखने के लिए, लोगों की बात सुनने के लिए, उनकी समस्याओं को समझने के लिए और उनकी खुशियां साझा करने के लिए वहां गया।”
कांग्रेस नेता ने कहा, "जैसा कि मैंने अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' जारी रखी, मैंने मन में सोचा कि मोटरसाइकिल से लद्दाख जाने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है! और इस तरह यह रोमांचक यात्रा शुरू हुई।"
"अपने साथी बाइक सवारों के साथ मैंने अपने केटीएम390 पर अपने जीवन की सबसे रोमांचक यात्रा में से एक का अनुभव किया। हमने जो 1000 किमी से अधिक यात्रा की वह शुद्ध एड्रेनालाइन और सौहार्द से भरी थी। मैंने इन युवाओं में लीक से हटकर सोचने की काफी संभावनाएं देखीं।"
उन्होंने अपनी लद्दाख यात्रा के अनुभव को याद करते हुए कहा, "लेह से लेकर कारगिल तक हम जिस भी गांव और कस्बे से गुजरे, अविश्वसनीय लद्दाखी लोगों ने हमें गले लगाया।"
"वे विनम्र, सहानुभूतिपूर्ण और लचीले हैं। लद्दाख के बारे में उनका ज्ञान बेजोड़ है, और क्षेत्र के भविष्य के विकास की कोई भी योजना उनके इनपुट पर आधारित होनी चाहिए। बिना किसी हिचकिचाहट के मैं कह सकता हूं, लद्दाख के बारे में सबसे खूबसूरत हिस्सा इसके लोग हैं।"
उन्होंने लोगों के साथ अपनी मुलाकात को भी याद किया और कहा : "हमारे पूर्व सैनिकों, ऑन-ड्यूटी सेना और पुलिस कर्मियों, बीआरओ अधिकारियों और श्रमिकों के साथ देशभक्ति की भावना का आनंद लेना प्रेरणादायक था, जिनसे मैं इस यात्रा के दौरान मिला था। वे हैं हमारी भारत माता के वीर सपूत।”
"लद्दाख भारत के मुकुट रत्नों में से एक है, और दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थानों में से एक है। जब प्रधानमंत्री ने चीन के बारे में झूठ बोला तो उन्हें लगा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें धोखा दिया है, लद्दाख के लोगों की आंखों में विश्वासघात की भावना देखकर मेरा दिल टूट गया। यह कहना कि वे हमारी जमीन पर कब्जा नहीं कर रहे हैं, उन्हें भाजपा सरकार द्वारा धोखा महसूस हुआ। यहां के लोग कहते हैं कि उनसे किए गए वादे को पूरा करने में सरकार विफल रही। एक सरकार को अपने सभी लोगों को सशक्त बनाना चाहिए। लद्दाख को सुशासन की जरूरत है।''
उन्होंने कहा, "मैं लद्दाख की लोकतांत्रिक आवाज को बुुुुलंद करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा। भारत माता की जय।"
राहुल गांधी ने 17-25 अगस्त तक आठ दिनों से अधिक समय तक लद्दाख का दौरा किया था। वह लेह, पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र, कारगिल और लद्दाख के कई अन्य हिस्सों में गए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने वीडियो शेयर करते हुए एक ट्वीट में कहा, ''24 जनवरी को 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान राहुल गांधी ने कोटली झज्जर में लद्दाख के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी और इसमें वे लोग भी शामिल थे, जो चाहते थे कि वह लद्दाख आएं. . उन्होंने पिछले महीने अपना वादा पूरा किया। 'भारत जोड़ो यात्रा' को आगे बढ़ाते हुए वह लद्दाख गए।"
वीडियो में राहुल गांधी को बाइकिंग के शौकीनों के एक समूह के साथ देखा जा सकता है, जो उनके साथ मोटरसाइकिलों पर उबड़-खाबड़ और पथरीले इलाकों से गुजरते हुए पैंगोंग त्सो झील और लद्दाख के अन्य इलाकों की यात्रा कर रहे थे। उन्हें लद्दाख के आसपास विभिन्न समूहों के साथ बातचीत करते और उनकी मांगों को जानते हुए भी देखा जाता है।
उन्हें वीडियो में लद्दाख के लोगों से कहते हुए सुना जा सकता है, "मैंने लोगों, माताओं, बहनों और युवाओं से बात की और यह समझने की कोशिश की कि आपके दिल में क्या है। एक बात स्पष्ट है कि गांधी और कांग्रेस की विचारधारा लद्दाख के खून और डीएनए में है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि अगले संसद सत्र में मैं आपके मुख्य मुद्दे उठाऊंगा।''
इससे पहले, कांग्रेस नेता ने 1 अगस्त को दिल्ली की आजादपुर मंडी का दौरा किया था, जो एशिया की सबसे बड़ी थोक सब्जी और फल बाजार में से एक है।
जुलाई में उन्होंने हरियाणा के सोनीपत में खेतों का दौरा किया था और एक खेत में धान के पौधे बोए थे और महिला किसानों को अपने आवास पर दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित भी किया था।
उन्होंने ट्रक ड्राइवरों की समस्याओं को समझने के लिए मई में हरियाणा के मुरथल से अंबाला तक ट्रक की सवारी की थी। उन्होंने कर्नाटक के बेंगलुरु में गिग वर्कर्स से मुलाकात की थी और एक डिलीवरी पार्टनर के साथ स्कूटी भी चलाई थी।
राहुल ने छात्रों के साथ दोपहर के भोजन के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजी पुरुष छात्रावास का दौरा किया था, यूपीएससी उम्मीदवारों के साथ बातचीत करने के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके का भी दौरा किया था और इस साल अप्रैल में जामा मस्जिद और बंगाली मार्केट इलाके की भी यात्रा की थी। (आईएएनएस)।
पुणे, 13 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के पुणे में बृहस्पतिवार से शुरू होने जा रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय समन्वय बैठक में पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
इस संबंध में जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, इस वार्षिक सम्मेलन में संघ से जुड़े 36 संगठन हिस्सा लेंगे। साथ ही संघ के प्रमुख मोहन भागवत सहित आरएसएस के शीर्ष नेता भी शामिल होंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया कि सम्मेलन में पांच मुख्य विषयों पर चर्चा की जाएगी जिसमें पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली, जीवन मूल्य आधारित परिवारिक प्रणाली और सामाजिक सौहार्द, स्वदेशी आदि शामिल हैं।
आरएसएस के एक पदाधिकारी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बैठक में शामिल होंगे।
कानपुर (उप्र), 13 सितंबर कानपुर जिले के बिधनू क्षेत्र में बुधवार को एक पिकअप वैन और डम्पर के बीच भीषण टक्कर में दंपति समेत चार लोगों की मौत हो गयी तथा नौ अन्य घायल हो गये।
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि बिधनू थाना क्षेत्र में अफजलपुर मोड़ पर कानपुर से घाटमपुर की तरफ जा रही पिकअप वैन और सामने से आ रहे डम्पर के बीच जोरदार टक्कर हो गयी। इस हादसे में वैन सवार सादिक (55), उसकी पत्नी शहनाज (45) के अलावा हाजरा (42) और गोलू (4) की मौत हो गयी।
उन्होंने बताया कि दुर्घटना में नौ अन्य लोग भी घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में से कुछ की हालत नाजुक बताई गई है।
अपर पुलिस उपायुक्त (दक्षिणी) अंकिता शर्मा ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि 11 लोगों को लेकर घाटमपुर जा रही पिकअप वैन के चालक ने एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को ओवरटेक करने की कोशिश की और इसी दौरान सामने से आ रहे एक डम्पर से उसकी टक्कर हो गई, जिससे चार लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि डम्पर चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसका वाहन भी जब्त कर लिया गया है। (भाषा)
कोझिकोड (केरल), 14 सितंबर उत्तरी केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के संक्रमण के मद्देनजर सभी शैक्षिक संस्थानों में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को अवकाश घोषित किया गया है।
अवकाश की घोषणा कोझिकोड की जिलाधिकारी ए गीता ने की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में लिखा कि छात्रों के लिए शैक्षिक संस्थान दो दिनों तक ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की परीक्षा सारणी में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
राज्य हाल में निपाह वायरस का संक्रमण फैल रहा है। बुधवार को 24 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मी वायरस से संक्रमित पाया गया। यह केरल में संक्रमण का पांचवा मामला है।
इस बीच, कोझिकोड में निपाह वायरस के संक्रमण को देखते हुए पड़ोसी जिले वायनाड में 24 घंटे का नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
वायनाड जिला प्रशासन ने 15 कोर समितियों का गठन किया है जो संक्रमण के रोकथाम एवं निगरानी गतिविधियों का नेतृत्व करते हुए आपातकालीन स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने का कार्य करेंगी।
सरकार ने बताया कि राज्य में मिले वायरस का स्वरूप बांग्लादेश में मौजूद वायरस के स्वरूप से मिलता जुलता है जो मानव से मानव में फैलता है और इसकी मृत्यु दर अधिक है। हालांकि यह वायरस कम संक्रामक है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया था कि उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आने वाले सभी 76 लोगों की हालत स्थिर बनी हुई है।
सरकार ने बताया कि अन्य 13 लोगों में मध्यम लक्षण देखे गए हैं जिन्हें अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। संक्रमितों में से केवल नौ वर्षीय बच्चे को गहन चिकित्सा देखभाल इकाई में रखा गया है।
सरकार ने बताया कि बच्चे के इलाज के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी मांगा गया है। यह निपाह वायरस संक्रमण के लिए एकमात्र उपलब्ध एंटी-वायरल उपचार है लेकिन यह अब तक चिकित्सकीय रूप से सिद्ध नहीं हुआ है।
मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने वाले वायरस के संक्रमण के मद्देनजर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक का भी आयोजन हुआ।
जॉर्ज ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति का गहन विश्लेषण किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस निष्कर्ण पर पहुंचे हैं कि संक्रमण की रोकथाम के लिए संभावित उपाय मौजूद हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।’’
मंत्री ने यह भी बताया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और आईसीएमआर के अध्ययनों से सामने आया है कि केवल कोझिकोड ही नहीं बल्कि पूरे केरल राज्य में इस तरह के संक्रमण के फैलने का खतरा है।
जॉर्ज के अनुसार, वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक सावधानी बरतनी होगी क्योंकि निपाह वायरस का नवीनतम मामला वन क्षेत्र के पांच किलोमीटर के भीतर सामने आया था।
कोझिकोड जिले में मंगलवार को घोषित वार्ड के अलावा चार और वार्ड - विल्यापल्ली पंचायत में तीन तथा पुरमेरी पंचायत में एक वार्ड को कल निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया।
कोझिकोड प्रशासन ने बीमारी की गंभीर प्रकृति को देखते हुए मंगलवार को सात ग्राम पंचायतों अतानचेरी, मारुथोंकारा, तिरुवल्लुर, कुट्टियाडी, कयाक्कोडी, विल्यापल्ली और कविलुम्परा को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया था। (भाषा)
हैलाकांडी, 14 सितंबर असम के हैलाकांडी जिले में फर्जी दस्तावेज तैयार कर बाल विवाह कराने के आरोप में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एक पंजीकृत काजी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जिले के विभिन्न हिस्सों में एक अभियान शुरू किया गया। इस अभियान में 16 लोग पकड़े गए जो काजी बनकर बाल विवाह कराने में शामिल थे।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर दप्तरी बरुआ ने बताया कि शुरुआत में 16 लोगों को हिरासत में लिया गया था लेकिन एक व्यक्ति को सबूत के अभाव में छोड़ दिया गया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग फर्जी दस्तावेज बनाकर बाल विवाह करा रहे थे।
बरुआ ने कहा कि ये गिरफ्तारियां जिले के हैलाकांडी शहर, पंचग्राम, कटलीचेरा, अल्गापुर, लाला, रामनाथपुर और बिलाईपुर इलाकों से की गई हैं।
गिरफ्तार किए गए लोगों को अदालत के समक्ष पेश किया गया था जहां से इन्हें पूछताछ के लिए पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया।
राज्य सरकार ने बाल विवाह को लेकर फरवरी में बड़ा अभियान चलाया था जिसमें अबतक 4,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 14 सितंबर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिन्दी ने भारत में भाषाओं की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया है और इसने अलग-अलग भारतीय भाषाओं और बोलियों के साथ-साथ कई वैश्विक भाषाओं को सम्मान दिया है।
‘हिन्दी दिवस’ के मौक पर एक संदेश में शाह ने यह भी कहा कि हिन्दी की किसी भी भारतीय भाषा से न कभी कोई स्पर्धा थी और न ही कभी हो सकती है। देश की सभी भाषाओं को सशक्त करने की जोरदार वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इसी से एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण होगा।
उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि हिन्दी सभी स्थानीय भाषाओं को सशक्त बनाने का माध्यम बनेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत, विविध भाषाओं का देश रहा है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की भाषाओं की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का नाम ‘हिन्दी’ है।’’
शाह ने कहा, ‘‘हिन्दी एक जनतांत्रिक भाषा रही है। इसने अलग-अलग भारतीय भाषाओं और बोलियों के साथ-साथ कई वैश्विक भाषाओं को सम्मान दिया है और उनकी शब्दावलियों, पदों और व्याकरण के नियमों को अपनाया है।’’
उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषा ने स्वतंत्रता आन्दोलन के मुश्किल दिनों में देश को एकसूत्र में बांधने का अभूतपूर्व कार्य किया। इसने अनेक भाषाओं और बोलियों में बंटे देश में एकता की भावना स्थापित की।
शाह ने कहा कि देश में पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक स्वतंत्रता की लड़ाई को आगे बढ़ाने में संवाद भाषा के रूप में हिन्दी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
शाह ने कहा कि देश में ‘स्वराज’ प्राप्ति और ‘स्वभाषा’ के आन्दोलन एकसाथ चल रहे थे।
स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी की महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए संविधान निर्माताओं ने 14 सितंबर 1949 के दिन ही हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। गृह मंत्री ने कहा कि किसी भी देश की मौलिक और सृजनात्मक अभिव्यक्ति सही मायनों में सिर्फ उस देश की अपनी भाषा में ही की जा सकती है।
शाह ने कहा कि सभी भारतीय भाषाएं देश की सांस्कृतिक धरोहर हैं, जिन्हें साथ लेकर चलना है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय भाषाओं को राष्ट्रीय से वैश्विक मंचों तक उचित सम्मान मिला है।
शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय का राजभाषा विभाग निरंतर प्रयत्नशील है कि शहद समान मीठी भारतीय भाषाओं को आधुनिक तकनीक के माध्यम से सार्वजनिक, प्रशासन, शिक्षा और वैज्ञानिक प्रयोग के अनुकूल उपयोगी बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सरकार और जनता के बीच भारतीय भाषाओं में संवाद स्थापित कर जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी तौर पर लागू किया जा रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भाषा परिवर्तन का सिद्धांत यह कहता है कि भाषा जटिलता से, सरलता की ओर जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे विचार से हिन्दी के सरल और सुस्पष्ट शब्दों को कार्यालयी कामकाज में प्रयोग में लाना चाहिए।’’
शाह ने कहा कि देश में राजभाषा में हुए कार्यों की समय-समय पर समीक्षा के लिए संसदीय राजभाषा समिति का गठन किया गया था।
उन्होंने कहा कि इसे उत्तरदायित्त्व दिया गया था कि यह देश में सरकारी कामकाज में हिन्दी के प्रयोग में हुई प्रगति की समीक्षा करे और इसकी रिपोर्ट बनाकर राष्ट्रपति को प्रस्तुत करे।
शाह ने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में राजभाषा के उपयोग को बढ़ाने की दृष्टि से अब तक कुल 528 नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन भी किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि विदेशों में भी लंदन, सिंगापुर, फिजी, दुबई और पोर्ट-लुई में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन किया गया है।
शाह ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने की भी पहल की है।
गृह मंत्री ने कहा कि राजभाषा विभाग द्वारा ‘अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन’ की भी नई परम्परा शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि राजभाषा को तकनीक के अनुसार विकसित बनाने के लिए राजभाषा विभाग ने स्मृति आधारित अनुवाद प्रणाली ‘कंठस्थ’ का निर्माण भी किया है।
शाह ने कहा कि राजभाषा विभाग ने एक नई पहल करते हुए ‘हिन्दी शब्द सिंधु’ शब्दकोष का भी निर्माण किया है। (भाषा)
श्रीनगर, 14 सितंबर सुरक्षा बलों द्वारा कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धोनैक के पार्थिव शरीरों को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के मुठभेड़ स्थल से हवाईमार्ग के रास्ते यहां सैन्य अस्पताल लाया गया।
अनंतनाग में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कर्नल मनप्रीत, मेजर आशीष और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट शहीद हो गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि सिंह और धोनैक के पार्थिव शरीरों को कोकेरनाग से हवाईमार्ग के जरिए यहां बादामीबाग छावनी के सैन्य अस्पताल लाया गया।
उन्होंने कहा कि सेना, पुलिस के शीर्ष अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी शहीद जवानों को अंतिम श्रद्धांजलि देंगे, जिसके बाद उनके पार्थिव शरीरों को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थान ले जाया जाएगा। (भाषा)
पश्चिमी देश रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत की आलोचना करते आये हैं. लेकिन ताजा आंकड़े दिखा रहे हैं कि भारत उसी रूसी तेल को प्रोसेस कर जो पेट्रोलियम उत्पाद बना रहा है, उन्हें जर्मनी भारी मात्रा में खरीद रहा है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
जर्मनी की राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी डेस्टाटिस के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी से जुलाई के बीच जर्मनी ने करीब 40 अरब रुपये मूल्य के भारतीय पेट्रोलियम उत्पादखरीदे हैं. मुमकिन है कि उनमें से अधिकांश उत्पाद ऐसे कच्चे तेल से बने हों जो भारत ने रूस से खरीदा.
एजेंसी के मुताबिक 2022 में जर्मनी ने इसी अवधि में 3.29 अरब रुपये मूल्य के पेट्रोलियम उत्पाद खरीदे थे, यानी एक साल में जर्मनी की खरीद में 1,100 प्रतिशत की बढ़ोतरी आई.
भारत का रुख
एजेंसी ने यह कहा कि यह उत्पाद कच्चे तेल से बने थे और संयुक्त राष्ट्र के कॉमट्रेड डेटाबेस के मुताबिक, युद्ध की शुरुआत के समय से ही "भारत बड़ी मात्रा में रूस से कच्चा तेल आयात कर रहा है."
युद्ध शुरू होने के बाद से ही पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे. यूरोपीय संघ ने रूस से समुद्र के रास्ते तेल खरीदने पर एम्बार्गो भी लगाया था. इस दौरान भारत रूस से लगातार कच्चा तेल खरीदता रहा है, और वो भी सस्ते दामों पर.
पश्चिमी देशों ने इसे लेकर कई बार भारत की आलोचना भी की लेकिन भारत अपने रुख पर अड़ा रहा. भारत सरकार का कहना रहा है कि भारतीय नागरिकों के हित में जो भी कदम उसे उठाने पड़ेंगे, वो उठाएगा.
लेकिन इसे कच्चे तेल को रिफाइन कर भारत जो पेट्रोलियम उत्पाद बनाता है उसे यूरोपीय देश भी खरीद रहे हैं, तेल के बाजार के इस पहलू पर कम ही चर्चा होती है.
पीछे के दरवाजे से आता रूसी तेल
इस तरह की खरीद पूरी तरह से वैध है, लेकिन आलोचकों का कहना है यह एक तरह से पीछे के दरवाजे से रूसी तेल को यूरोप में पहुंचाने के बराबर है, जो रूस पर लगे अंतरराष्ट्रीय और यूरोपीय प्रतिबंधों के असर को खोखला करता है.
मई, 2023 में यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने ब्लॉगपोस्ट में इस "दुविधा" को माना था. उन्होंने लिखा था, "यूरोपीय संघ में हमलोग रूसी तेल नहीं खरीदते हैं, लेकिन हम वो डीजल खरीदते हैं जो इस रूसी तेल को कहीं और रिफाइन करने के बाद प्राप्त होता है. इससे हमारे प्रतिबंध नाकाम होते हैं...इससे नैतिक मुद्दे भी जन्म लेते हैं."
उन्होंने माना था कि संघ को मालूम है कि भारतीय रिफाइनरी कंपनियां भारी मात्रा में रूस से कच्चा तेल खरीद रही हैं और फिर इसे प्रोसेस कर यूरोप को बेच रही हैं, जिस पर संघ को कड़ा कदम उठाने की जरूरत है. हालांकि इस पर कोई कदम उठाया नहीं गया.
(एएफपी से जानकारी के साथ)
अब तक डेंगू से बचने के लिए जिन मच्छरों से दूर रहने को कहा जा रहा है था अब उन्हीं मच्छरों का इस्तेमाल डेंगू पर नियंत्रण में किया जा रहा है. ये नए किस्म के मच्छर हैं जो डेंगू रोकने में काफी कारगर हैं.
कई दशकों तक होंडुरास के लोगों को डेंगू से बचाने का मतलब था उन्हें मच्छरों का डर दिखा कर उसके डंक से बचना सिखाना. अब वहीं के लोगों को डेंगू रोकने के लिए इसका उल्टा करने के लिए कहा जा रहा है.
पिछले महीने टेगुसिगालपा निवासी हेक्टर एनरिकेज अपने सिर पर एक कांच के जार में भर कर मच्छर लाए और इन्हें आजाद किया तो वहां मौजूद दर्जनों लोग खुशी से शोर मचाने लगे. 52 साल के एनरिकेज ऐसे लाखों मच्छरों को आजाद कर डेंगू पर नियंत्रण पाने के कार्यक्रम में वालंटियर के रूप में शामिल हुए हैं. होंडुरास की राजधानी में सेहत और स्वास्थ्य के लिए मच्छरों को बांटने का बकायदा अभियान चल रहा है.
वर्ल्ड मॉस्किटो प्रोग्राम
एरिकेज ने जिन मच्छरों को डेंगू से परेशान अपने मोहल्ले में आजाद किया उनकी ब्रीडिंग वैज्ञानिकों ने खास तरह से की है जिससे कि वो वोलबाशिया नाम के बैक्टीरिया को अपने साथ ले जा सकें. यह बैक्टीरिया डेंगू के संक्रमण को रोकता है. जब ये मच्छर अंडे देते हैं तो यह बैक्टीरिया भी उनके बच्चों में चला जाता है. इस तरह से भविष्य में इस महामारी पर नियंत्रण पाने की तैयारी है.
डेंगू से लड़ने की यह अनोखी रणनीति गैर सरकारी अभियान वर्ल्ड मॉस्किटो प्रोग्राम ने तैयार की है और इसे एक दर्जन से ज्यादा देशों में परखा जा रहा है. दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी डेंगू के खतरे से जूझ रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन होंडुरास और दूसरी जगहों पर इन मच्छरों को छोड़े जाने पर करीब से नजर रख रहा है. संगठन इसे पूरी दुनिया में प्रचारित करना चाहता है.
होंडुरास में हर साल 10,000 लोग डेंगू की वजह से बीमार होते हैं. डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स मॉस्किटो प्रोग्राम में साझीदार है. अगले छह महीनों में ये लोग करीब 90 लाख ऐसे मच्छरों को आजाद करने वाले हैं जो वोलबाशिया बैक्टीरिया से लैस होंगे. मॉस्किटो प्रोग्राम के संस्थापक स्कॉट ओ नील का कहना है, "नये तरीकों की जरूरत बहुत ज्यादा है."
वैज्ञानिकों ने हाल के दशकों में संक्रामक बीमारियों से लड़ने की दिशा में काफी प्रगति की है. हालांकि डेंगू इसमें अपवाद है क्योंकि इसका संक्रमण बढ़ता जा रहा है. आंकड़े बता रहे हैं कि 130 देशों में हर साल करीब 40 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं. हालांकि संक्रमित लोगों में मृत्यु दर कम है लेकिन तब भी हर साल 40,000 लोग डेंगू के वजह से जान गंवाते हैं. हालांकि डेंगू की बीमारी फैलने पर स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ जाता है. इसके अलावा लोगों के काम और स्कूल की पढ़ाई का नुकसान होता है. जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में मॉस्किटो रिसर्चर कॉनर मैकमेनिमन बताते हैं, "जब आप को डेंगू बुखार हो तो अकसर ऐसा होता है कि बुरे मामलों में एनफ्लुएंजा जैसी स्थिति आ जाती है." मच्छर की वजह से होने वाले बीमारियों को रोकने के पारंपरिक तरीके डेंगू के मामले में लगभग नाकाम रहे हैं.
कारगर है मच्छरों वाली तरकीब
डेंगू फैलाने वाला एडिस एजिप्टी मच्छर पर कीटनाशक काम नहीं करते जबकि ज्यादातर मामलों में ये कीटनशाक काफी कारगर हैं. इसके अलावा डेंगू वायरस चार अलग अलग रूपों में आता है इसलिए उसे वैक्सीन के जरिये नियंत्रित करना भी कठिन है. इसके अलावा एडिस एजिप्टी मच्छर इसलिए इंसानों के बड़े शत्रु हैं क्योंकि ये दिन में सक्रिय होते हैं. इसका मतलब है कि जब ये डंक मारते हैं तो उस वक्त सुरक्षा के लिए ना मच्छरदानी होती है ना ही कोई और चीज.
वोलबाशिया बैक्टीरिया प्राकृतिक रूप से लगभग 60 फीसदी कीट प्रजातियों में होता है, लेकिन एडिस एजिप्टी में नहीं. वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत से लैबोरेट्री में इन बैक्टीरिया को इस मच्छर में पहुंचाया है. 2011 से ही वर्ल्ड मॉस्किटो प्रोग्राम इसके परीक्षण कर रहा है और 14 देशों के करीब 1.1 करोड़ लोगों पर इसे परखा गया है. परीक्षणों के नतीजे बढ़िया रहे हैं. 2019 में इंडोनेशिया में एक बड़े परीक्षण के दौरान डेंगू के मामलों में 76 फीसदी तक की गिरावट देखी गई. इसे किफायती बनाने की तैयारी चल रही है.
एनआर/ओएसजे (एपी)
भारत सरकार ने कहा है कि इलॉन मस्क की कंपनी एक्स ऐसी कंपनी है जो “आदतन उल्लंघन करने वाला” प्लैटफॉर्म है, जिसने बीते सालों के दौरान कई बार सामग्री को अपने प्लैटफॉर्म से हटाने के आदेशों का पालन नहीं किया है.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
भारत और ट्विटर के बीच की तनातनी नये स्तर पर पहुंच गयी है. अदालत में भारत सरकार ने कहा है कि इलॉन मस्क की कंपनी एक्स ऐसी कंपनी है जो "आदतन उल्लंघन करने वाला” प्लैटफॉर्म है, जिसने बीते सालों के दौरान कई बार सामग्री को अपने प्लैटफॉर्म से हटाने के आदेशों का पालन नहीं किया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक उसने भारत सरकार के वकीलों द्वारा दायर हलफनामा पढ़ा है जो 24 अगस्त को आईटी मंत्रालय ने कर्नाटक हाई कोर्ट में दाखिल किया है. आने वाले दिनों में अदालत इस मामले की सुनवाई शुरू करने वाली है. हालांकि फिलहाल एक्स या भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर मीडिया में कोई टिप्पणी नहीं की है.
ट्विटर पर जुर्माना
एक्स जिसे इलॉन मस्क द्वारा खरीदे जाने से पहले ट्विटर के रूप में जाना जाता था, भारत सरकार के साथ लंबे समय से कानूनी लड़ाई में उलझी हुई है. भारत ने आरोप लगाया था कि ट्विटर उसके आदेशों का पालन नहीं कर रहा है. जून में कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक्स पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और कहा था कि कंपनी ने सरकार द्वारा सामग्री हटाने के कई आदेशों का उल्लंघन किया और उसके लिए कोई जायज सफाई भी नहीं दी.
ट्विटर ने उस फैसले को कोर्ट की बेंच के सामने चुनौती दी थी. उसकी दलील थी कि अगर सरकार के ये आदेश माने जाते हैं तो भविष्य में वह और ज्यादा सामग्री हटवा सकती है जिससे अभिव्यक्ति की आजादी पर लगाम लगने का खतरा है. साथ ही उसने जुर्माना हटाने की भी अपील की है.
भारत के आईटी मंत्रालय का कहना है कि एक्स की अपील बेमतलब है और उसे कूड़े में फेंक दिया जाना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि कंपनी ने ‘लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार की भूमिका को नजरअंदाज किया है' और कुछ ऐसे खातों को बिना बताये भी दोबारा चालू कर दिया जिन्हें सरकार ने ब्लॉक करवाया था.
कोर्ट में दाखिल हलफनामे में सरकार ने कहा, "सरकार के अनुरोधों को मानने की एक्स की दर बहुत कम रही है. यह सरकार का फर्ज है कि सुनिश्चित हो कि ये प्लैटफॉर्म कानून के दायरे में व्यापार करें.”
एक्स और भारत के रिश्ते
भारत और एक्स के रिश्ते पिछले कुछ सालों में लगातार खराब होते गये हैं. यह विवाद सबसे ज्यादा तब बढ़ा जब 2021 में भारत के किसान सरकार के कुछ प्रस्तावों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. नवंबर 2021 में केंद्र की मोदी सरकार ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी. मोदी सरकार को किसानों के आंदोलन के कारण इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था. लेकिन उससे पहले महीनों तक चले आंदोलन के दौरान सरकार ने कई ट्विटर हैंडलों को ब्लॉक करवाया था.
ट्विटर ने इस बारे में सिर्फ इतनी जानकारी सार्वजनिक दी थी कि भारत में एक कानूनी मांग के तहत @Kisanektamorcha और @Tractor2twitr खातों पर रोक लगा दी गई. इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (आईएफएफ) के मुताबिक ट्विटर को इन दोनों खातों के अलावा और भी कई खातों पर भारत के इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कानून के तहत रोक लगाने के अनुरोध मिले थे. आईएफएफ ने यह जानकारी इंटरनेट सेंसरशिप पर नजर रखने वाली अमेरिकी संस्था 'लुमेन डेटाबेस' से हासिल की है. लुमेन के मुताबिक हाल ही में भारत सरकार ने ट्विटर को कम से कम दो कानूनी अनुरोध भेजे थे. हर अनुरोध में कई ट्विटर खाते शामिल थे. आईएफएफ द्वारा जारी की गई इन खातों की सूची में कम से कम 75 खाते थे.
भारत में पाबंदियां
अंतरराष्ट्रीय संगठनों के मुताबिक भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां सरकार ने सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा लगाम कसी हुई है. ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने 2022 में एक इंटरव्यू कहा था कि भारत सरकार ने उन पर काफी दबाव बनाया था. जैक डोर्सी ने एक इंटरव्यू में कहा कि ट्विटर को भारत से कई "अनुरोध" मिले थे, जिनमें सरकार की आलोचना करने वाले हैंडलों और किसान आंदोलन पर रिपोर्टिंग करने वालों के खातों पर पाबंदी लगाने को कहा गया था. जैक डोर्सी ने यह भी आरोप लगाया कि भारत सरकार ने ट्विटर को भारत में बंद करने की धमकी दी थी.
यूट्यूब पॉडकास्ट 'ब्रेकिंग पॉइंट' को दिए इंटरव्यू में जैक डोर्सी से एक सवाल किया गया था. सवाल "ताकतवर लोगों" की मांगों के संबंध में था. उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने विदेशी सरकार की तरफ से किसी तरह के दबाव का सामना किया था. सवाल में भारत का जिक्र नहीं था. अपने जवाब में डोर्सी ने कहा, "भारत ने प्लेटफॉर्म पर दबाव बनाया."
भारत पर आरोप
जब जैक डोर्सी से उनके कार्यकाल में विदेशी सरकारों के दबाव के कुछ उदाहरण देने के लिए कहा गया, तो उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए कहा, "भारत एक ऐसा देश है, जहां से किसान आंदोलन के दौरान हमारे पास बहुत सी मांगें आ रही थीं. कुछ खास पत्रकार जो सरकार के आलोचक थे, उनके बारे में. एक तरह से हमसे कहा गया कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे. भारत हमारे लिए बड़ा बाजार है."
उन्होंने कहा, "हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी करेंगे, जो उन्होंने किया. अगर आप नियमों का पालन नहीं करते, तो आपके दफ्तरों को बंद कर देंगे. और यह भारत है, एक लोकतांत्रिक देश."
नये मालिक इलॉन मस्क के प्रबंधन में ट्विटर यानी एक्स भारत सरकार के साथ कानूनी लड़ाई को लगातार जारी रखे हुए है. अपने ताजा हलफनामे में भारत सरकार ने कहा है कि सरकारी आदेशों को चुनौती देकर एक्स एक ‘खतरनाक चलन की पैरवी‘ कर रहा है.
एक्स और सरकार के बीच यह कानूनी लड़ाई ऐसे वक्त में चल रही है जबकि इलॉन मस्क भारत में टेस्ला कार के निर्माण के लिए फैक्ट्री लगाने की कोशिशों में लगे हैं और सरकार से बातचीत कर रहे हैं.
(रॉयटर्स)
केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के विशेष सत्र को लेकर एजेंडा जारी किया है. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि आखिरी पल में नए मुद्दे लाए जा सकते हैं.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक चलेगा. इसमें पांच बैठकें होंगी. जब सरकार ने विशेष सत्र को बुलाने का ऐलान किया था तभी से विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही थीं कि सरकार ने उसके साथ विशेष सत्र को बुलाने को लेकर चर्चा नहीं की. उसका कहना था कि आम तौर पर विशेष सत्र बुलाने पर विपक्षी दलों के साथ चर्चा की जाती है.
अब लोकसभा सचिवालय ने बुधवार को जारी एक बुलेटिन में बताया कि विशेष सत्र का एजेंडा क्या होने वाला है. बुलेटिन के मुताबिक अगले सप्ताह 18 तारीख से शुरू हो रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा में हासिल उपलब्धियों, अनुभवों, यादों पर चर्चा होगी.
इसके अलावा चार विधेयकों पर चर्चा होगी जिनमें एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023 और प्रेस एवं पत्र पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023, डाकघर विधेयक 2023 और मख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्त विधेयक 2023 से जुड़े विधेयक हैं. पहले दो विधेयक राज्यसभा से पारित हो चुके हैं और लोकसभा में लंबित हैं. इन विधेयकों में सबसे चर्चित है मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़ा बिल.
लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों ने हाल में घोषणा की है कि संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा. इसमें कहा गया कि सत्र आमतौर पर सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे और फिर दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगा.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कुछ दिनों पहले कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर विशेष सत्र बुलाए जाने का एजेंडा पूछा था. एजेंडा जारी होने के बाद कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, "आखिरकार सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र के दबाव में मोदी सरकार ने पांच दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा की है. फिलहाल जो एजेंडा बताया गया है. उसमें कुछ भी नहीं है."
रमेश ने आगे लिखा, "इन सब के लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र का इंतजार किया जा सकता था. मुझे यकीन है कि सदन में हमेशा की तरह आखिरी पल में नए मुद्दे आने को तैयार हैं. पर्दे के पीछे कुछ और है. लेकिन इसके बावजूद इंडिया गठबंधन सीईसी बिल का डटकर विरोध करेगी."
संसद का विशेष सत्र जब बुलाया गया था तो उसके तुरंत बाद सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में "एक देश एक चुनाव" को लेकर कमेटी बनाई थी. इसके बाद चर्चा होने लगी कि सरकार संसद के विशेष सत्र में "एक देश एक चुनाव" से जुड़ा बिल ला सकती है. लेकिन बुधवार को जारी बुलेटिन में इस बिल का कोई जिक्र नहीं है. फिर भी विपक्ष इसे संदेह के तौर पर देख रहा है.
क्या नयी संसद में जाने की है तैयारी
एक कयास यह भी लगाया जा रहा है कि विशेष सत्र पुरानी संसद से नयी संसद में जाने को लेकर भी बुलाया गया हो. बुधवार को समाचार एजेंसी एएनआई ने नयी संसद में कर्मचारियों की नयी वर्दी की तस्वीरों को साझा किया था. ऐसा कहा जा रहा है कि नयी संसद में कर्मचारी इसी वर्दी में दिखेंगे. हालांकि नयी संसद में जाने को लेकर कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं कहा गया है.
सचिवालय के मुताबिक विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा. सरकार ने संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र से पहले 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर लिखा, "इस महीने 18 सितंबर से शुरू होने वाले ससंद सत्र से पहले 17 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे सदन में सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई गई है." (dw.com)
भारत ने चीन से जारी तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के 50 किलोमीटर नजदीक लड़ाकू विमान के उतरने के लिए हवाई पट्टी का निर्माण शुरू कर दिया है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में न्योमा एयरफील्ड की वर्चुअल तरीके से आधारशिला रखी. जिसे 200 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा. यह एयरफील्ड वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के 50 किलोमीटर नजदीक होगी और यहां लड़ाकू विमान उतर सकेंगे.
पूर्वी लद्दाख स्थित न्योमा एयरफील्ड 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनेगी. न्योमा हवाई पट्टी पर अभी तक हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ही उड़ान भर सकते हैं. यह लद्दाख में तीसरा फाइटर एयरबेस होगा. लेह और थोईस में पहले से एयरबेस हैं.
फाइटर जेट भर सकेंगे उड़ान
अभी न्योमा में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड है. इसका इस्तेमाल हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की आवाजाही के लिए हो रहा है, लेकिन हवाई पट्टी बनने के बाद वहां से लड़ाकू विमान भी उड़ान भर सकेंगे. मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि यह एयरफील्ड लद्दाख समेत उत्तरी सीमा पर वायुसेना की क्षमता को बढ़ाएगी.
पूर्वी लद्दाख में बन रहे इस एयरफील्ड को बनाने का जिम्मा बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) को दिया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक इसे लद्दाख में अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के लिए स्टेजिंग ग्राउंड के रूप में विकसित किया जाएगा. यह दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्रों में से एक होगा, जो हमारे सशस्त्र बलों के लिए एक गेम चेंजर जैसा होगा.
न्योमा इलाके में बनाया जा रहा एयरफील्ड विश्व का सबसे ऊंचा लड़ाकू हवाई क्षेत्र होगा. खास बात यह है कि यह एयरफील्ड चीन सीमा से सिर्फ 50 किलोमीटर दूर है. बताया जा रहा है कि अगले तीन वर्षों में भारतीय वायु सेना का यह एयरबेस बनकर तैयार होगा.
एलएसी पर चीनी सेना के साथ चल रहे तनाव को देखते हुए यह भारत के लिए फैसला काफी अहम माना जा रहा है. राजनाथ सिंह ने कहा, "हमें विश्वास है कि यह हवाई अड्डा, जो दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्रों में से एक होगा, सशस्त्र बलों के लिए अत्यधिक उपयोगी होगा."
चीन के साथ तनाव
न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड का इस्तेमाल फिलहाल सेना के जवानों और अन्य साजो सामान को पहुंचाने के लिए किया जाता है. यहां पर चिनूक हेलीकॉप्टर और सी-130जे विमान उड़ान भरते हैं और उतरते हैं. लेकिन एयरफील्ड के बन जाने के बाद न्योमा में फाइटर जेट्स आसानी के साथ उतर सकेंगे.
पूर्वी लद्दाख में साल 2020 में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस हिंसक झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे और चीनी सैनिक भी बड़ी संख्या में मारे गए थे. चीन ने संख्या को लेकर कभी कोई सफाई नहीं दी है.
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में 15वें ब्रिक्स सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच क्षेत्र में शांति और एलएसी पर तनाव कम करने जैसे मुद्दे पर बातचीत हुई.
भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने इस मुलाकात के बाद एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर "अनसुलझे" मुद्दों के संबंध में भारत की चिंताओं से अवगत कराया.
क्वात्रा ने कहा कि बातचीत में मोदी ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है. (dw.com)
हैदराबाद, 14 सितंबर । तेलंगाना के एनआरआई मामलों के मंत्री के. टी. रामा राव ने गुरुवार को कहा कि वह आंध्र प्रदेश की एक छात्रा की मौत के बारे में एक अमेरिकी पुलिसकर्मी की निंदनीय और संवेदनहीन टिप्पणियों से बहुत परेशान और दुखी हैं।
मंत्री केटीआर ने भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी से इस मामले को अमेरिकी सरकार के अधिकारियों के साथ उठाने और 23 वर्षीय जाह्नवी कंडुला के परिवार को न्याय दिलाने का आग्रह किया।
उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी इस मामले को अपने समकक्ष के साथ उठाने और स्वतंत्र जांच की मांग करने का अनुरोध किया।
केटीआर ने एक्स पर पोस्ट किया, "यह दुखद है कि बढ़ती महत्वाकांक्षाओं वाले एक युवा का जीवन खत्म कर दिया गया, लेकिन इससे भी अधिक दुखद और चौंकाने वाली बात यह है कि उसका मजाक उड़ाया गया।"
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले की जाहनवी कंडुला की जनवरी में सिएटल पुलिस अधिकारी केविन डेव के वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई थी।
वह नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के सिएटल परिसर में मास्टर की छात्रा थी।
सिएटल पुलिस के एक पुलिसकर्मी का जाह्न्वी की मौत का मजाक उड़ाते हुए बॉडीकैम फुटेज सामने आया है, इससे आक्रोश फैल गया है। भारत ने अमेरिका से मामले की जांच का आग्रह किया है।
11 सितंबर को सिएटल पुलिस विभाग द्वारा जारी एक वीडियो में, एक पुलिसकर्मी को दुर्घटना पर चर्चा करते हुए मजाक करते और हंसते हुए सुना जा सकता है।
क्लिप में, सिएटल पुलिस ऑफिसर्स गिल्ड के उपाध्यक्ष डैनियल ऑडेरर को गिल्ड के अध्यक्ष के साथ एक कॉल में हंसते हुए यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कंडुला मर चुकी है, हां, बस एक चेक लिखो। ग्यारह हजार डॉलर।
क्लिप यह कहने के साथ समाप्त होती है: "वह वैसे भी 26 वर्ष की थी, उसका मूल्य सीमित था। (आईएएनएस)।
जालना, 14 सितंबर । मराठा नेता मनोज जारांगे-पाटिल ने आखिरकार गुरुवार सुबह यहां अंतरावली-सारती गांव में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से जूस का गिलास लेकर अपनी 17 दिन लंबी भूख हड़ताल तोड़ दी।
जारांगे-पाटिल ने गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे-पाटिल, राज्य मंत्री गिरीश महाजन और अन्य नेताओं का स्वागत किया।
जालना पहुंचने पर शिंदे सीधे आंदोलन स्थल पर गए, मंच पर कदम रखा जहां मराठा नेता पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, और जारांगे-पाटिल के साथ कुछ बातचीत की।
मुख्यमंत्री द्वारा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल तोड़ने के लिए मनाए जाने पर जारांगे-पाटिल मुस्कुराए, अपने समर्थकों और अन्य लोगों की ओर देखा और फिर शिंदे के हाथ से संतरे के जूस का एक गिलास लिया, मुस्कुराए और झिझक के साथ उसे पीया, जिसके बाद उनकी लंबी भूख हड़ताल खत्म हो गई।
इस पर वहां मौजूद कई मराठा नेताओं सहित सभा में मौजूद लोगों ने खुशी मनाई और तालियां बजाईं। इसके साथ ही महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट का एक बुरा दौर ख़त्म हो गया। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 14 सितंबर । 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के विशेष सत्र को लेकर भाजपा ने अपने लोक सभा और राज्य सभा के सभी सांसदों को व्हिप जारी कर विशेष सत्र के दौरान सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया है।
18 से 22 सितंबर के दौरान आयोजित होने वाले संसद के इस विशेष सत्र में 5 बैठकें होंगी।
भाजपा ने अपने लोक सभा और राज्य सभा के सभी सांसदों को तीन लाइन का अलग-अलग व्हिप जारी कर विशेष सत्र के दौरान सभी दिन सदन में मौजूद रहने का निर्देश देते हुए कहा है कि 18 से 22 सितंबर तक पांचों दिन सदन की कार्यवाही के दौरान सभी सांसद सारे दिन पूरे समय सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर सरकार के पक्ष का समर्थन करें।
आपको बता दें कि संसद के विशेष सत्र के एजेंडे को लेकर विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों के बीच सरकार ने बुधवार को विशेष सत्र का एजेंडा साफ कर दिया है।
संसद के आगामी विशेष सत्र के दौरान आजादी के 75 साल - संविधान सभा से लेकर आज तक की उपलब्धियों पर चर्चा होगी।
इसके साथ ही सरकार की तरफ से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि 75 वर्षों की यात्रा पर चर्चा के साथ-साथ चार महत्वपूर्ण विधेयक भी विशेष सत्र के एजेंडे में शामिल हैं। हालांकि आपको यह बता दें कि, आमतौर पर यह टेंटेटिव एजेंडा होता है और सरकार सत्र के दौरान भी इसमें कोई नया एजेंडा जोड़ सकती है या इनमें से किसी को हटा भी सकती है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 सितंबर । एशिया कप से पहले अवैध सट्टेबाजी साइटों के विज्ञापनों के खिलाफ जारी नवीनतम सरकारी सलाह विफल हो रही है क्योंकि ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए स्व-नियामक संगठनों (एसआरओ) के लिए आवेदन संसाधित नहीं किए गए हैं।
अपनी नवीनतम सलाह में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टीवी, प्रिंट और डिजिटल मीडिया को सट्टेबाजी या सरोगेट साइटों से कोई भी विज्ञापन न लेने की सलाह देते हुए प्लेटफार्मों से कहा कि वे ऐसे किसी भी विज्ञापन को न दिखाएं, जो "विज्ञापन की प्रकृित में हो, या सरोगेट विज्ञापन या ऐसे ऑनलाइन गेम को बढ़ावा देने के बारे में है, जिसकी अनुमति नहीं है।”
कोई भी आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त "स्वीकृत ऑनलाइन गेम" नहीं है क्योंकि प्रक्रिया अभी भी जारी है। इस साल अप्रैल में, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने 2021 के आईटी नियमों में संशोधन के रूप में ऑनलाइन गेमिंग के लिए नए नियमों की घोषणा की। नए नियमों के अनुसार, स्व-नियामक संगठन (एसआरओ) उन खेलों को मंजूरी देंगे, जो नियमों के अनुरूप देश में संचालित हो सकते हैं।
उद्योग पर्यवेक्षकों का कहना है कि सट्टेबाजी और जुआ साइटें भारतीय बाजार पर कब्ज़ा करने के लिए इस खामी का फायदा उठा रही हैं। जैसे-जैसे एशिया कप और कैरेबियन प्रीमियर लीग जैसे टूर्नामेंट शुरू हो रहे हैं, अवैध सट्टेबाजी और जुआ साइटों की दृश्यता बढ़ गई है।
दिल्ली और लखनऊ उच्च न्यायालयों में प्रैक्टिस करने वाले तकनीकी वकील उत्कर्ष श्रीवास्तव ने आईएएनएस को बताया, “चूंकि एसआरओ की स्थापना में कुछ समय लगेगा, इसलिए नियमों को लागू नहीं किया जा सकता है। लेकिन सरकार उचित प्रक्रिया का पालन करती है और इन अनुप्रयोगों की जांच करती है। इसके परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जहां अवैध सट्टेबाजी और जुआ साइटें स्थिति का फायदा उठाती हैं और चल रहे खेल टूर्नामेंटों का फायदा उठाती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को 6 जुलाई की समय सीमा से पहले स्व-नियामक संगठनों (एसआरओ) की स्थापना के लिए तीन प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
ये एसआरओ मुख्य रूप से यह तय करने के लिए जिम्मेदार हैं कि "अनुमत ऑनलाइन गेम" कौन से हैं। लेकिन सरकार ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 14 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली में शादी का झांसा देकर एक व्यक्ति ने जेएनयू छात्रा के साथ बलात्कार किया। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, दक्षिण दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्रा शिकायतकर्ता केके ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी मुलाकात
करीब चार साल पहले एक संस्था के माध्यम से एक व्यक्ति एके से हुआ।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने कहा,"वे दोस्त बन गए। इस साल 3 अप्रैल को, वह वजीराबाद में अपने फ्लैट पर थी। वह आया और शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाए। अब वह उससे शादी करने से इनकार कर रहा है।''
डीसीपी ने कहा, "वजीराबाद पुलिस स्टेशन में धारा 376 (बलात्कार) के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की जा रही है।"
नई दिल्ली, 14 सितंबर । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के आवास पर आयोजित समन्वय समिति की पहली बैठक के समापन के बाद, 'इंडिया' गठबंधन के नेताओं ने सीट बंटवारे पर राज्य स्तर पर समाधान निकालने का फैसला किया है।
बुधवार को आयोजित 'इंडिया' की समन्वय समिति की बैठक में कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल, राजद के तेजस्वी यादव, जद-यू के संजय झा, सीपीआई के डी. राजा, डीएमके के टी.आर. बालू, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, समाजवादी पार्टी के जावेद अली, आप के राघव चड्ढा, जेएमएम के हेमंत सोरेन और एनसी के उमर अब्दुल्ला ने भाग लिया।।
एक सूत्र ने बताया कि कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई, इस दौरान सीट बंटवारे का मामला भी उठा।
उन्होंने कहा कि गठबंधन के सदस्यों ने फैसला किया है कि सीट बंटवारे के मुद्दे पर राज्य स्तर के नेता ध्यान देंगे, जिसे अक्टूबर के अंत तक पूरा करना होगा।
सूत्र ने कहा कि इस मामले को अंतिम रूप देने के लिए इसे राष्ट्रीय स्तर पर लाया जा सकता है।
हालांकि, सूत्र ने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर बातचीत के लिए कई राज्यों में बहुत जटिल प्रक्रिया की आवश्यकता होगी, जहां सीटें पहले से ही इंडिया ब्लॉक पार्टियों के पास हैं और पार्टियां उन सीटों को खाली करने के लिए तैयार नहीं होंगी।
उन्होंने आगे कहा कि सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी होने में समय लगेगा और हमें उम्मीद है कि यह सौहार्दपूर्ण तरीके से हो जाएगा।
सीट बंटवारे के अलावा समिति ने आसमान छूती कीमतों, बेरोजगारी और बीजेपी के भ्रष्टाचार पर भी चर्चा की।
इस बीच, कुछ प्रतिभागियों ने सनातन धर्म पर डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर भी प्रकाश डाला और पार्टी से ऐसी टिप्पणियां करने से परहेज करने को कहा।
चर्चा के अन्य विषयों में देश भर में संयुक्त सार्वजनिक बैठकें शामिल थीं, जबकि ब्लॉक नेताओं ने जाति जनगणना पर भी सहमति व्यक्त की।
31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में गठबंधन की तीसरी बैठक में ब्लॉक ने 14 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया था।
सीपीआई-एम ने अभी तक समिति के लिए किसी पार्टी नेता का नाम घोषित नहीं किया है। (आईएएनएस)।
पटना, 14 सितंबर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेडी-यू एमएलसी राधा चरण साह को गिरफ्तार कर लिया।
साह को बुधवार को आरा स्थित उनके परिसर में दिनभर चली छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया। साह पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है।
ईडी की अलग-अलग टीमों ने बुधवार को पटना, आरा और बिहार के अन्य स्थानों पर शाह से संबंधित छह परिसरों पर छापेमारी की।
साह कुछ साल पहले आरा रेलवे स्टेशन के बाहर मिठाई की दुकान के मालिक थे। अब वह अरबपति बन गए हैं और कई राज्यों में उनकी संपत्ति है। सूत्रों ने बताया कि वह रेत खनन में भी शामिल है और पिछले कुछ वर्षों में उसने करोड़ों रुपये कमाए हैं.
एक सप्ताह पहले ईडी ने साह और उनके बेटे कन्हैया साह को नोटिस देकर विभाग में लिखित जवाब देने को कहा था. पिता-पुत्र ने जवाब दाखिल किया था, लेकिन ईडी इससे संतुष्ट नहीं थी. (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 14 सितंबर । कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र के बाद आखिरकार सरकार संसद के विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा करने के लिए तैयार हो गई है। हालांकि इसके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था।
विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि यह निश्चित है कि "विधायी हथगोले" हमेशा की तरह अंतिम क्षण में जारी करने के लिए वे अपनी आस्तीन ऊपर रखे हुए हैं, भले ही भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर "कपटी" विधेयक का दृढ़ता से विरोध करेगा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा : "आखिरकार, प्रधानमंत्री को सोनिया गांधी का पत्र मिलने के बाद दबाव में मोदी सरकार 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष 5 दिवसीय सत्र के लिए एजेंडे की घोषणा करने के लिए तैयार हो गई है।"
उन्होंने कहा कि फिलहाल जो एजेंडा प्रकाशित किया गया है, उसमें कुछ भी तत्काल जरूरी वाला मसला नहीं है - इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था।
राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के संचार प्रभारी ने कहा, "मुझे यकीन है कि विधायी हथगोले हमेशा की तरह अंतिम क्षण में फेंके जाने के लिए तैयार हैं। परदे के पीछे कुछ और है। इसके बावजूद इंडिया गठबंधन की घटक पार्टियां इस घातक सीईसी विधेयक का मजबूती से विरोध करेंगी।"
उनकी यह टिप्पणी सरकार द्वारा बुधवार को पांच दिवसीय विशेष सत्र का एजेंडा जारी किए जाने के बाद आई है। संसदीय बुलेटिन के अनुसार, "विशेष सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को लोकसभा में संविधानसभा से शुरू होकर 75 वर्षों की संसदीय यात्रा - उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख पर चर्चा की जाएगी।
लोकसभा के अस्थायी विधायी कार्य में चार विधेयकों को सूचीबद्ध किया गया, जिनमें अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक और प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक शामिल हैं, लेकिन कहा गया कि पारित होने के लिए सूचीबद्ध विधेयकों को संपूर्ण नहीं माना जाना चाहिए।
सरकार ने विशेष सत्र के लिए लोकसभा में विवादास्पद मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और पद की अवधि) विधेयक और डाकघर विधेयक के पारित होने को भी सूचीबद्ध किया है, जो राज्यसभा द्वारा पारित किया जा चुका है।
राज्यसभा में भी निरसन और संशोधन विधेयक पारित किया जाना है, जो पहले ही लोकसभा द्वारा पारित किया जा चुका है और उच्च सदन में लंबित है। (आईएएनएस)।
भोपाल, 14 सितंबर । मध्य प्रदेश के सीधी जिले में जुलाई में एक आदिवासी व्यक्ति पर भाजपा कार्यकर्ता प्रवेश शुक्ला के एक आदिवासी पर पेशाब करने के अमानवीय कृत्य ने देशव्यापी विवाद खड़ा कर दिया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित (दशमत रावत) के पैर भी धोए थे।
तीन महीने बाद ऐसी ही एक घटना सामने आई है और इस बार राज्य की राजधानी भोपाल से, जहां लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर एक दलित व्यक्ति की पिटाई की और उसके शरीर पर पेशाब किया। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि जब उसे होश आया तो उसने खुद को एक अस्पताल में पाया।
भोपाल की घटना का मुख्य आरोपी - शेरू मीणा कथित तौर पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा से जुड़ा हुआ है, जबकि पीड़ित दलित समुदाय से है और सरकार द्वारा नियोजित 'चौकीदार' है।
जबकि पिछली घटना सीधी जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर एक ग्रामीण इलाके से सामने आई थी, मगर ताजा घटना राज्य की राजधानी से सामने आई है, जो अपने आप में चुनावी राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती है।
पीड़ित रामस्वरूप अहिरवार (39) ने सुखी सेवनिया पुलिस स्टेशन में दर्ज अपनी एफआईआर में आरोप लगाया कि लोगों के एक समूह ने उसका अपहरण कर लिया और उसे तब तक पीटा, जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गया, इससे पहले एक व्यक्ति ने उसके बदन पर पेशाब कर दिया।
एफआईआर के अनुसार, हमीदिया अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे अहिरवार को अपनी ड्यूटी करने के कारण प्रताड़ित किया गया।
अहिरवार ने कहा कि उसे पटवारी अरुण मुद्ल का फोन आया, उन्होंने बताया कि कोई सरकारी जमीन पर तार की बाड़ लगा रहा है, जिसकी उसे जांच करनी चाहिए।
एफआईआर की एक प्रति आईएएनएस के पास है, जिसमें कहा गया है, “पटवारी से निर्देश मिलने पर मैं मौके पर पहुंचा और पाया कि उसी गांव का निवासी मस्तान मीणा नाम का एक व्यक्ति कुछ मजदूरों की मदद से तार की बाड़ लगा रहा था। जब मैंने उन्हें ऐसा करने से रोका, तो उन्होंने शेरू मीणा को बुलाया, जो तीन अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचा और मेरे साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया।"
इसी बीच शेरू मीणा और उसके साथियों ने अहिरवार के साथ मारपीट शुरू कर दी। अहिरवार ने आरोप लगाया कि उसके बाद शेरू ने जबरदस्ती उसका हाथ रस्सी से बांध दिया, उसे अपनी कार में डाला और एक अलग स्थान पर ले गया।
पीड़ित ने कहा, “उन्होंने मुझे वहां भी पीटा और जब मैं बेहोश होने लगा तो शेरू ने मेरे ऊपर पेशाब कर दिया। उसके बाद वे मुझे संजीव नगर में शेरू मीणा के घर ले गए, वहां भी मेरी पिटाई की और मुझे एक कमरे में बंद कर दिया, जहां मैं लगभग 2-3 घंटे तक बेहोश रहा।”
बाद में कुछ लोग अहिरवार को हमीदिया अस्पताल ले गए और उसके बाद एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिस ने आईपीसी और एससी-एसटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, हालांकि मुख्य आरोपी शेरू मीणा अभी भी फरार है।
इस बीच, विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा पर मुख्य आरोपी को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है और आरोप लगाया है कि वह विधायक रामेश्वर शर्मा से जुड़ा हुआ है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी के.के. मिश्रा ने कहा, ''मुख्य आरोपी शेरू मीणा को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, जिससे सवाल उठता है कि क्या भाजपा उसे बचाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वह विधायक रामेश्वर शर्मा से जुड़ा हुआ है। हर बार ऐसी घटनाओं के लिए भाजपा कार्यकर्ता ही जिम्मेदार क्यों होते हैं?''
हुज़ूर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक और मुख्यमंत्री शिवराज के करीबी माने जाने वाले रामेश्वर शर्मा ने प्रेस को बताया, “रामस्वरूप (पीड़ित) और आरोपी शेरू मीणा दोनों मेरे समर्थक हैं और वे अच्छे दोस्त रहे हैं। न तो मुझे घटना की जानकारी है और न ही मैं किसी को बचा रहा हूं।“ (आईएएनएस)।