अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि सर्दियों के बाद यूक्रेन रूस के ख़िलाफ़ नया जवाबी हमला करेगा.
यूक्रेन के लिए सैन्य मदद दिए जाने को लेकर की गई वार्ता के बाद पत्रकारों से बात करते हुए लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि यूक्रेन के साथी देश तब तक एकजुट रहेंगे जब तक इसकी ज़रूरत होगी.
नेटो अधिकारियों को आशंका है कि रूस यूक्रेन पर नया हमला कर सकता है. इसी बीच रूस का यूक्रेन के पूर्वी शहर बाख़मत पर हमला जारी है और यूक्रेन के सैनिक टिके हुए हैं.
वहीं दोनेत्स्क क्षेत्र में मोर्चे के क़रीब कई अन्य शहरों की यही स्थिति बनी हुई है.
ब्रसेल्स में नेटो की एक अहम बैठक के दौरान यूक्रेन के लिए गोला बारूद दिए जाने की ज़रूरत पर चर्चा हुई है. सदस्य देशों ने यूक्रेन के लिए और मदद दिए जाने के मुद्दे पर चर्चा की.
इस बैठक के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि सर्दियां बीत जाने के बाद यूक्रेन रूस के ख़िलाफ़ नया जवाबी हमला करेगा.
हाल के दिनों की मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए ऑस्टिन ने ये भी कहा कि उन्होंने ‘रूस को बड़े पैमाने पर लड़ाकू विमान जुटाते हुए नहीं देखा है.’
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि रूस यूक्रेन पर बड़ा हवाई हमला करने की तैयारी कर रहा है.
वहीं अमेरिका के शीर्ष सैन्य जनरल मार्क माइली ने इसी प्रेसवार्ता में रूस की आलोचना की. मार्क माइली ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन की ये सोच ग़लत थी कि वो बहुत कम समय में यूक्रेन को हरा देंगे.
उन्होंने कहा कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध में रूस ‘रणनीतिक रूप से, अभियान के लिहाज़ से और सामरिक रूप से हार गया है और युद्ध क्षेत्र में इसकी भारी क़ीमत चुका रहा है.’
हालांकि इस प्रेस वार्ता के दौरान यूक्रेन को मदद में लड़ाकू विमान देने की घोषणा नहीं की गई है.
वहीं नेटो प्रमुख येंस स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन शांति लाने की नहीं बल्कि इसके ठीक उल्टा करने की तैयारी कर रहे हैं.
नेटो प्रमुख ने कहा कि पुतिन युद्ध को और खींचने की तैयारी में जुटे हैं. वो नए मोर्चे खोलना चाहते हैं और नए हमले करना चाहते हैं.
वहीं ब्रसेल्स में नेटो के अधिकारियों की बैठक की आलोचना करते हुए रूस ने कहा है कि नेटो देश रूस के विरोधी हैं. (bbc.com/hindi)
अंताक्या, 14 फरवरी। तुर्किये और सीरिया में पिछले सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप से बुरी तरह प्रभावित तीन प्रांतों में मलबे में दबे लोगों तक पहुंचने के लिए बचावकर्मी आज भी काम में लगे हैं।
दक्षिण-पूर्वी तुर्किये और उत्तरी सीरिया में छह फरवरी को नौ घंटे के अंतराल पर आए 7.8 और 7.5 तीव्रता के भूकंप से मरने वालों की संख्या 35,000 से अधिक हो गई है, तथा खोजी दलों को और शव मिलने के कारण इस संख्या का बढ़ना तय है।
आदियामन प्रांत में, बचावकर्मी 18 वर्षीय मोहम्मद कैफ़र सेटिन नामक व्यक्ति तक पहुंचे, और एक इमारत से खतरनाक निकासी का प्रयास करने से पहले डॉक्टरों ने उसे तरल पदार्थ दिया। चिकित्साकर्मियों ने गर्दन में ब्रेस लगाने के लिए उसे घेर लिया और उसे ऑक्सीजन मास्क के साथ स्ट्रेचर पर लिटाया गया तथा इस तरह 199वें घंटे में उसने दिन का उजाला देखा। उसके चाचा ने कहा, "हम बहुत खुश हैं।"
भूकंप के लगभग 198 घंटे बाद, मंगलवार को भूकंप के केंद्र के पास, केंद्रीय कहमनमारस में नष्ट हुई एक इमारत से दो अन्य लोगों को बचाया गया। प्रसारण नेटवर्क हैबर्टर्क ने कहा कि इनमें से एक 17 वर्षीय मुहम्मद एन्स था, जिसे एक थर्मल कंबल में लपेटा गया और एक स्ट्रेचर के जरिए एम्बुलेंस में ले जाया गया। दर्जनों बचावकर्मी स्थल पर काम कर रहे थे और इन दोनों लोगों के बचाव के बाद तुर्किये के सैनिकों ने उन्हें गले लगाया और तालियां बजाईं।
बचावकर्मियों ने फिर दूसरों की तलाश जारी रखने के लिए चुप रहने को कहा और चिल्लाकर बोले कि "क्या कोई मुझे सुन सकता है?"
बचाए गए लोगों की स्वास्थ्य स्थिति स्पष्ट नहीं है।
भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुए हताय में सेंगुल अबालियोग्लू ने अपनी बहन और चार भतीजों को खो दिया। उसने एसोसिएटेड प्रेस से कहा, "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मृत या जीवित है, हम सिर्फ अपनी लाश चाहते हैं ताकि कम से कम एक कब्र हो और हम उन्हें दफन कर दें।"
वह मलबे के पास इंतजार कर रही थी जहां उसका परिवार हो सकता था।
उसने कहा कि पिछली बार उसने कल इमारत से आवाजें सुनी थीं। इसके साथ ही उसने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय प्रेस चाहते हैं क्योंकि उसे इस बात को लेकर चिंता है कि अगर वे चले गए तो दबाव कम हो जाएगा और खोज बंद हो जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को घोषणा की कि सीरिया में, राष्ट्रपति बशर असद लाखों भूकंप पीड़ितों को बेहद जरूरी सहायता और उपकरण उपलब्ध कराने के लिए देश के विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर पश्चिम में तुर्किये से दो नए पारगमन बिंदु खोलने पर सहमत हुए हैं।
भूकंप ने तुर्की के 10 प्रांतों को और उत्तर पश्चिमी सीरिया के एक बड़े क्षेत्र में तबाही मचाई है।
इससे बचे लोगों को बर्बाद हुए शहरों के बीच भी मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, जहां अनेक लोग ठंड के मौसम में बाहर सोने को मजबूर हैं। क्षेत्र की अधिकांश जल प्रणाली काम नहीं कर रही है।
पर्यावरण और शहरीकरण मंत्री ने कहा कि 41,500 से अधिक इमारतें नष्ट हो गईं या इतनी क्षतिग्रस्त हो गईं कि उन्हें ध्वस्त करना होगा। इन इमारतों के नीचे शव हैं और लापता लोगों की संख्या स्पष्ट नहीं है।
तुर्किये में मरने वालों की संख्या सोमवार तक 31,643 थी और अधिकारियों ने आंकड़े अद्यतन करने की गति धीमी कर दी है।
दमिश्क में सीरियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बचाव समूह व्हाइट हेल्मेट्स के अनुसार, विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में मृतक संख्या 2,166 तक पहुंच गई है, जबकि 1,414 लोग सरकारी कब्जे वाले क्षेत्रों में मारे गए हैं। सीरिया में मरने वालों की कुल संख्या 3,580 है।
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन की कैबिनेट की मंगलवार को बैठक होने वाली है।
इस बीच, कतर ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए मोबाइल घर भेजने की घोषणा की है।
बचाव अभियान के दौरान मलबे से दो कुत्ते भी जीवित निकले। (एपी)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 14 फरवरी। ब्रिटेन के सार्वजनिक प्रसारक बीबीसी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय आयकर विभाग के अधिकारी नयी दिल्ली और मुंबई स्थित उसके कार्यालयों में हैं तथा वह उनके साथ पूरा सहयोग कर रहा है।
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) ने आयकर सर्वे के संबंध में अधिक विवरण नहीं दिया। इस सर्वे के दौरान स्थानीय बीबीसी कर्मचारियों को कथित तौर पर कार्यालय परिसर में प्रवेश करने से रोका गया और उनके मोबाइल फोन बंद कर दिए गए।
बीबीसी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "आयकर अधिकारी इस समय नयी दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालयों में हैं और हम पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह स्थिति जल्द से जल्द सुलझ जाएगी।’’
अधिकारियों ने नयी दिल्ली में बताया कि आयकर विभाग ने मंगलवार को कथित कर चोरी की जांच के तहत दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों में ‘सर्वे ऑपरेशन’ चलाया।
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) द्वारा दो कड़ियों वाला वृत्तचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ प्रसारित किए जाने के कुछ हफ्तों बाद यह औचक कार्रवाई हुई।
भारत ने वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों पर बने बीबीसी के वृत्तचित्र को ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार देते हुए कहा था कि यह एक विशेष ‘गलत आख्यान’ को आगे बढ़ाने के लिए दुष्प्रचार का एक हिस्सा है।
गौरतलब है कि यह वृतचित्र 2002 में गुजरात में हुए दंगों पर है, जब नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे।
प्रवासी भारतीयों ने वृत्तचित्र के खिलाफ पिछले महीने ब्रिटेन के विभिन्न शहरों में बीबीसी कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया था।
ब्रिटिश सरकार ने प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हाउस ऑफ कॉमन्स (संसद) में जोर दिया था कि बीबीसी स्वतंत्र मीडिया संगठन है और सरकार भारत के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है। (भाषा)
तुर्की, 14 फरवरी । हम बचाव के काम में लगे थे, लेकिन साथ-साथ दुआएं भी मांग रहे थे कि हम तीन लोग इतना जोख़िम ले रहे हैं, पता नहीं वापस भी निकलेंगे या नहीं. ऐसे हालात में कुछ पता नहीं होता कि कब बिल्डिंग गिर जाए."
ये शब्द तुर्की में भूकंप के बाद सर्च एंड रेस्क्यू सेवा देने वाली पाकिस्तानी टीम की अकेली महिला सदस्य दीबा शहनाज़ के हैं जिन्होंने आदयामान में एक बेहद जोख़िम भरी कार्रवाई के बाद एक 50 वर्षीय महिला को मलबे के नीचे से सुरक्षित निकाल लिया.
तुर्की और सीरिया में बीते हफ़्ते आए भूकंप के बाद अब तक मरने वालों की संख्या 37 हज़ार से अधिक हो चुकी है.
इस भूकंप के बाद कई लोग ऐसे थे जो इमारतों के मलबे तले दब गए थे. इन लोगों को तलाश करने और सुरक्षित निकालने के लिए बड़े पैमाने पर सर्च ऐंड रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था जो अब भी जारी है.
इस ऑपरेशन में जहां तुर्की के अधिकारी शामिल थे वहीं दुनिया भर से कई देशों ने अपने-अपने दस्ते भी रवाना किए जिनमें पाकिस्तान की ओर से रेस्क्यू टीम भी गई है.
मुश्किल हालात और कड़ाके की सर्दी ने इस बचाव कार्य को और मुश्किल बना दिया, लेकिन अब तक कई लोगों को ज़िंदा निकाला जा चुका है.
तुर्की में पाकिस्तान की रेस्क्यू टीम
पाकिस्तानी रेस्क्यू टीम
पाकिस्तान की ओर से तुर्की भेजी गई रेस्क्यू टीम डॉक्टर रिज़वान नसीर के नेतृत्व में सात फ़रवरी को तुर्की पहुंची थी.
दीबा शहनाज़ अख़्तर संयुक्त राष्ट्र की 'इंसराग सर्टिफ़ाइड' पाकिस्तान रेस्क्यू टीम की अकेली महिला सदस्य हैं जिन्होंने रेस्क्यू 1122 को 2006 में जॉइन किया था.
'इंसराग' संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित इंटरनेशनल सर्च एंड रेस्क्यू एडवाइज़री ग्रुप का संक्षिप्त नाम है.
आदियामान में पाकिस्तानी रेस्क्यू टीम के साथ वह बतौर लायज़निंग ऑफ़िसर और सेक्टर इंचार्ज, ऑपरेशन में हिस्सा ले रही हैं.
दीबा शहनाज़ रेस्क्यू 1122 की कम्यूनिटी ट्रेनिंग और इंफ़ॉर्मेशन विंग का नेतृत्व करती हैं और आदयान में उन्होंने एक जोख़िम भरे राहत और बचाव अभियान का नेतृत्व करते हुए एक 50 साल की महिला को ज़िंदा बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की.
रेस्क्यू पंजाब के प्रवक्ता फ़ारूक़ अहमद ने तुर्किये-आदियामान में जारी पाकिस्तान रेस्क्यू टीम (रेस्क्यू 1122) के इस अर्बन सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बताया कि पाकिस्तान रेस्क्यू टीम ने बहुमंज़िला ध्वस्त इमारत के मलबे में फंसी हुई तुर्क महिला गुलई को बचाकर बाहर निकाल लिया.
बिल्डिंग के मलबे में फंसी महिला को बाहर निकालने की कोशिश
'यह किसी चमत्कार से कम नहीं था'
दीबा शहनाज़ ने एक वीडियो बयान में इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में और जानकारी देते हुए बताया, "मुझे और मेरी टीम को, जिसमें पांच लोग थे, यह टास्क दिया गया था कि इस जगह से आवाज़ आ रही है और एक महिला अंदर फंसी हुई है."
यह एक आवासीय इमारत का मलबा था जो सोमवार को आए भूकंप में धराशायी हो गई थी.
फंसे लोगों की खोजबीन और मलबा हटाने का काम खाली जगह की तलाश के साथ साथ शुरू होता है. खाली जगह यानी कंक्रीट के बीम या पिलर या सीढ़ियों के नीचे की जगह जहां फंसे लोगों के मौजूद होने की अधिक संभावना होती है.
दीबा कहती हैं, "हमारे दल ने ख़तरा मोल लेकर बहुत बहादुरी से यह ऑपरेशन किया."
इस कार्रवाई के वीडियो में दीबा शहनाज़ और उनकी टीम के सदस्यों को कंक्रीट के टुकड़ों के बीच संकरी और ख़तरे से भरी खाली जगह में रेंगते हुए अंदर जाते देखा जा सकता है.
दीबा ने बताया, "हम जिस जगह मलबे से बचते हुए उस महिला तक पहुंचे वह बहुत तंग थी. उस महिला की दोनों टांगें कंक्रीट के बीच बुरी तरह से फंसी हुई थीं."
महिला को बाहर निकालने के बाद पाकिस्तानी रेस्क्यू टीम
लंबा ऑपरेशन
दीबा ने बताया कि चार घंटे के ऑपरेशन के दौरान महिला की एक टांग को तो काट कर निकाल लिया गया, लेकिन दूसरी टांग को निकालने में मुश्किल हो रही थी.
"हम अंदर कटर इस्तेमाल नहीं कर रहे थे क्योंकि इमारत के मलबे की हालत अच्छी नहीं थी. सतह हिल रही थी."
उनका कहना था कि उनके ऊपर भी कंक्रीट था.
"हमने आपस में राय मशवरा किया कि एक रास्ता यह है कि इस टांग को भी काटा जाए. हमने तुर्की के स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया और डॉक्टरों को भी बुलवा लिया."
"लेकिन हमारी कोशिश यह थी कि हम उनकी टांग को भी बचाएं और उनको भी निकाल लें ताकि वह विकलांग न हों."
दीबा ने बताया कि उनके लिए वह क्षण सबसे बहुमूल्य था जब उस महिला ने 57 घंटे के बाद अपने रिश्तेदारों से मुलाक़ात की.
"जब हम महिला को बाहर लाए और उनकी एक रिश्तेदार उनसे मिलीं, 57 घंटे के बाद, तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं था.'' (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 14 फरवरी । अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी कैंपस में मंगलवार सुबह हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई है.
गोलीबारी में कई लोगों के घायल होने की भी ख़बर है.
मिशिगन यूनिवर्सिटी की कैंपस पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों की हालत गंभीर है और घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. हमलावर की तलाश जारी है.
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी पुलिस ने ट्वीट कर कहा- संदिग्ध एक काला व्यक्ति है, जिसने लाल रंग के जूते पहने हुए हैं और डेनिम की जैकेट पहनी हुई है. संदिग्ध ने टोपी लगाई हुई है.
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी पुलिस ने संदिग्ध हमलावर की तस्वीरें भी जारी की हैं.
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी पुलिस ने कहा, ''अगले 48 घंटों के लिए कैंपस में हर तरह की गतिविधियों को रोक दिया गया है. पुलिस मौक़े पर सक्रिय है.'' (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 14 फरवरी। व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि हाल ही में ऊंचाई पर उड़ रही तीन वस्तुओं को मार गिराने के मामले में एलियंस (दूसरे ग्रह के प्राणी) अथवा दूसरे ग्रह की गतिविधि से संबंधित कोई संकेत नहीं मिले हैं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां पियरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हाल ही में तीन वस्तुओं को मार गिराने के मामले में एलियंस अथवा दूसरे ग्रह की गतिविधि के बारे में कोई संकेत नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि अमेरिका के लोग यह जानते हैं, आप सब भी यह जानते हैं और यहां से हमारे लिए यह कहना महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इसके बारे में बहुत कुछ सुन रहे हैं।’’
अमेरिका में रविवार को तीसरी अज्ञात वस्तु मार गिराये जाने के बाद इस बात को लेकर अटकलबाजी शुरू हो गयी कि यह एलियंस अथवा दूसरे ग्रह से संबंधित गतिविधि है।
ज्यां पियरे ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि इस बारे में सवाल और चिंताएं हैं, लेकिन नहीं- एक बार फिर नहीं - ताजा घटनाक्रमों में एलियन अथवा दूसरे ग्रह की गतिविधि जैसी कोई बात नहीं है।’’ (भाषा)
अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी कैंपस में मंगलवार सुबह गोलीबारी होने की ख़बरें सामने आ रही हैं.
गोलीबारी में कई लोगों के घायल होने की भी ख़बर है.
मिशिगन यूनिवर्सिटी की कैंपस पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों की हालत गंभीर है और घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. हमलावर की तलाश जारी है.
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी पुलिस ने ट्वीट कर कहा- संदिग्ध एक काला व्यक्ति है, जिसने लाल रंग के जूते पहने हुए हैं और डेनिम की जैकेट पहनी हुई है. संदिग्ध ने टोपी लगाई हुई है.
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी पुलिस ने संदिग्ध हमलावर की तस्वीरें भी जारी की हैं.
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी पुलिस ने कहा, ''अगले 48 घंटों के लिए कैंपस में हर तरह की गतिविधियों को रोक दिया गया है. पुलिस मौक़े पर सक्रिय है.'' (bbc.com/hindi)
चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि अमेरिका ने पिछले एक साल में 10 से ज़्यादा बार उनके हवाई क्षेत्र में गुब्बारे उड़ाए हैं.
चीन का यह बयान 4 फरवरी को अमेरिका द्वारा अपने हवाई क्षेत्र के ऊपर एक संदिग्ध जासूसी गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद आया है.
इसे चीन ने एक नागरिक गुब्बारा बताया था.
इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए हैं.
अमेरिका का कहना है कि हाल के दिनों में उसने कई अन्य अज्ञात वस्तुओं को भी मार गिराया है.
सोमवार को पूछे गए सवाल पर बीजिंग ने कहा कि अमेरिका ने कई बार हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "अमेरिका के लिए अन्य देशों के हवाई क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करना असामान्य नहीं है."
"पिछले एक साल में ही चीनी अधिकारियों से किसी भी अनुमोदन के बिना अमेरिकी गुब्बारे अवैध रूप से चीन के ऊपर 10 से अधिक बार उड़ाए गए हैं."
प्रवक्ता ने कहा, " अमेरिकी पक्ष को चीन को बदनाम करने और आरोप लगाने के बजाय थोड़ा आत्म-चिंतन करना चाहिए." (bbc.com/hindi)
-एलिस कडी
तुर्की और सीरिया में आए भयंकर और विनाशकारी भूकंप को एक सप्ताह हो चुका है. इन भूकंपों में हज़ारों लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन चौतरफ़ा मायूसी और दर्द के बीच कुछ करिश्में लोगों में आस बंधा रहे हैं.
जब नेकला चामुज़ ने 27 जनवरी को अपने दूसरे बेटे को जन्म दिया, उसने उसे नाम दिया - यागिज़. यागिज़ का अर्थ है - बहादुर.
दस दिन बाद सुबह 04:17 बजे नेकला, तुर्की के दक्षिण प्रांत हटाय में, अपने बेटे को दूध पिलाने के लिए उठीं. पल भर बाद वो लोग एक मलबे के ढेर के नीचे दब चुके थे.
नेकला और उनका परिवार समनदाग शहर में एक पांच-मंज़िला इमारत की दूसरी मंज़िल पर रहते थे.
नेकला कहती हैं ये एक अच्छी बिल्डिंग थी और वो लोग वहां सुरक्षित महसूस करते थे.
उसे क्या ख़बर कि उस सुबह एक भूकंप सारे इलाके को झकझोर कर रख देगा. इलाक़े के हर गली-कूचे में धराशायी इमारतें हैं. हर तरफ़ तबाही का आलम है.
नेकला कहती हैं, "जब भूकंप शुरू हुआ तो मैंने अपने पति की ओर जाना चाहा तो वे दूसरे कमरे में थे और वो मेरे कमरे की ओर आने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन जब वो मेरे दूसरे बेटे के साथ मेरे कमरे की ओर आ रहे थे, उनपर कपड़ों से भरी एक अलमारी गिर गई."
"जैसे-जैसे भूकंप तेज होता गया, दीवारें गिरनी शुरू हो गईं. कमरे बेतहाशा हिलने लगे. इमारत झूले की तरह आगे-पीछे हो रही थी. मुझे तो ख़बर ही नहीं कि मैं कब एक मंज़िल नीचे पहुँच चुकी थी. मैंने अपने पति और बेटे को आवाज़ें लगाईं लेकिन कोई जवाब नहीं आया,"
33 साल की नेकला अपने नन्हें बच्चे को छाती से लगाकर मलबे में बैठी रहीं. मां-बेटे के बगल में एक अलमारी गिर गई थी जिसने गिर रहे मलबे से उनकी रक्षा की.
ये दोनों क़रीब चार दिन तक इसी तरह मलबे में दबे रहे.
मलबे के नीचे से नेकला को घुप अंधेरे के अलावा कुछ नहीं दिख रहा था, लेकिन वो हर पल यही अंदाज़ा लगाने में लगी रहीं कि बाहर क्या हो रहा है.
उन्हें ये अहसास भी नहीं था कि उनका बेटा याग़िज़ जीवित भी है कि नहीं.
धूल की वजह से शुरुआत में उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत थी लेकिन धीरे-धीरे ग़ुबार बैठ गया. मलबे में फंसे होने के कारण उन्हें ठंड भी कम लग रही थी.
नेकला को ऐसा लग रहा था कि वे बच्चों के खिलौनों के ऊपर पड़ी हुई हैं लेकिन उनके लिए ये चेक करना नामुमकिन था.
वे न तो इंच भर हिल पा रहीं थीं और न ही ख़ुद के लिए आरामदायक जगह बना पा रहीं थीं.
वो अलमारी जो उनकी ढाल बनी हुई थी और अपने बेटे के छाती पर होने के नर्म अहसास के अलावा नेकला को अपने चारों और सिर्फ़ कंक्रीट और मलबा दिख रहा था.
पास ही उन्हें कुछ आवाज़ें भी सुनाई दे रहीं थीं. उन्होंने ज़ोर-ज़ोर से चीख कर मदद मांगनी चाही. अलमारी को पीट-पीटकर आवाज़ें निकालीं.
नेकला कह रही थीं, "कोई है…कोई है…कोई मुझे सुन पा रहा है?"
जब कोई जवाब नहीं आया तो उन्होंने पास पड़े कंक्रीट के कुछ छोटे टुकड़े उठाए और उनसे अलमारी को पीटना शुरू कर दिया.
उन्हें डर था कि अगर अपने ऊपर पड़े मलबे पर चोट मारी तो वो उन पर गिर सकता है.
लेकिन कोई जवाब नहीं आया. नेकला को अहसास हो गया था कि कहीं से कोई मदद नहीं आने वाली. वो पूरी तरह आतंकित हो चुकी थीं.
मलबे के नीचे ज़िंदगी
मलबे के नीचे नेकला को समय का अहसास बिल्कुल नहीं हो रहा था.
उनके दिमाग़ में चल रहा था कि ज़िंदगी ऐसी तो बिल्कुल नहीं होती है.
नेकला बताती हैं, "जब आप के घर नन्हा बच्चा आता है तो आपको लाख़ों ख़्वाब होते हैं…और तभी अचानक पता चलता है कि आप उस नन्हीं जान के साथ मलबे के नीचे हैं.
लेकिन मां तो मां होती है.
ज़िंदगी और मौत के बीच झूजते हुए भी नेकला ने अपने बच्चे को दूध पिलाना जारी रखा. उतनी तंग जगह में ये करना बिल्कुल आसान नहीं था.
लेकिन ख़ुद पेट भरने या प्यास बुझाने के लिए नेकला के पास कोई साधन नहीं था. उन्होंने ख़ुद का पेट भरने के लिए, अपना ही दूध पीने की भी कोशिश की.
उन्हें अपने ऊपर ड्रिलिंग की आवाज़ें आनी शुरू हो गई थीं. लोगों के क़दमों की आवाज़ें भी आ रही थीं. लेकिन ये सब बहुत दूर से सुनाई दे रहा था.
नेकला ने तय किया कि वे अपनी ऊर्जा बचाए रखने की कोशिश करेंगी. उन्होंने हिलना-ढुलना बंद कर दिया.
उनके ख़्यालों में हर पल अपना परिवार था. उनका बहादुर नवजात पुत्र यागिज़, उनकी छाती पर था लेकिन दूसरा बेटा और पति पता नहीं किस हाल में थे.
उन्हें अपने अन्य रिश्तेदारों का भी ख़्याल आ रहा था. पता नहीं उनका इस भूकंप में क्या हुआ होगा.
नेकला को लगा कि वे इस मलबे के ढेर के नीचे से ज़िंदा नहीं बच पाएंगी, लेकिन उन्हें यागिज़ की मौजूदगी ने उम्मीद बंधाई.
यागिज़ अधिकतर समय सोता रहता था और जब भी उठता तो रोना शुरू कर देता. जैसे ही वो रोना शुरू करता नेकला उसे दूध पिलाकर शांत करने की कोशिश करतीं.
90 घंटे मलबे के नीचे रहने के बाद, नेकला को बाहर कुत्तों के भौंकने की आवाज़ आई. पहले तो उन्हें लगा कि वे कोई सपना देख रही हैं.
लेकिन कुत्तों के बाद इंसानी आवाज़ें भी आनी शुरू हो गईं.
मलबे के बाहर से एक आवाज़ आई, "क्या आप ठीक हैं? अगर आप ठीक हैं तो आवाज़ करें. आप कौन सी अपार्टमेंट में रहती थीं?"
नब्बे घंटे बाद नेकला को रेस्क्यू करने वालों ने खोज लिया था. बचावकर्मियों ने बहुत ही सलीके से नेकला के पास खोदना शुरू किया.
और फिर अचानक उनकी आँखें टॉर्च की रोशनी से चौंधिया गईं.
जब इस्तांबुल से आई रेस्क्यू टीम ने नेकला से पूछा कि बच्चे की उम्र क्या है, तो वे कुछ भी बोल नहीं पा रही थीं. उन्हें मालूम नहीं था कि वे कब से मलबे के नीचे हैं.
उन्हें तो बस ये पता था कि जिस दिन भूकंप आया था वो दस दिन का था.
यागिज़ को बचावकर्मियों के हवाले कर नेकला को एक स्ट्रेचर पर रख दिया गया. एक बहुत बड़ी भीड़ के सामने से उन्हें एंबुलेंस में ले जाया गया. वो किसी चेहरे को नहीं पहचान पा रहीं थीं.
नेकला ये भी जानने का प्रयास कर रही थीं कि उनके दूसरे बेटे का क्या हुआ.
वहां उन्हें पता चला कि उनके पति और बड़े बेटे को मलबे से ज़िंदा निकाला जा चुका है. लेकिन उन्हें अदाना के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
अब नेकला के पास घर नहीं है लेकिन परिवार वाले उन्हें एक नीले टेंट में ले गए हैं. वहां उनके परिवार के 13 सदस्य हैं.
टेंट में परिवार एक दूसरे को दिलासा देता रहता है. एक छोटे से स्टोव पर कॉफ़ी बनाई जाती है, क़िस्से कहानियां सुनाई जाती हैं और शतरंज की बाज़ियां खेली जाती हैं.
नेकला अब भी हालात को समझने की कोशिश कर रही हैं. उन्हें लगता है कि नन्हें यागिज़ ने ही उनकी जान बचाई है.
नेकला कहती हैं, "मुझे लगता है कि मेरा बेबी अगर ये सब सहन करने के काबिल न होता तो मेरी हिम्मत भी टूट जाती."
बस अब उनकी यही इच्छा है कि उनके बेटे को कभी दोबारा ऐसे मंज़र से दो-चार न होना पड़े.
नेकला ने कहा, "मैं ख़ुश हूं कि वो एक नवजात शिशु है और उसे कुछ याद नहीं रहेगा."
तभी नेकला को वीडियो कॉल आया.
दूसरी तरफ़ उसके पति इरफ़ान और बड़ा बेटा करीम थे.
इरफ़ान कह रहे थे - हैलो, मेरा योद्धा बेटा कैसा है."
नेकला के चेहरे पर मुस्कान थी. (bbc.com/hindi)
-गरेथ इवांस
वाशिंगटन, 13 फरवरी । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बीते रविवार की दोपहर कनाडा की सीमा के नजदीक ह्यूरॉन झील के पास एक फ़्लाइंग ऑब्जेक्ट को गिराने का आदेश दिया था. इसके बाद अमेरिकी वायुसेना ने इसे गिरा दिया.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस चीज़ को गिराने पर कहा है कि ये ऑब्जेक्ट व्यावसायिक उड़ानों के लिए मुसीबत पैदा कर सकता था क्योंकि यह बीस हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था.
इस बयान में ये भी सामने आया है कि इस ऑब्जेक्ट को सबसे पहले मोंटाना में सैन्य ठिकानों के ऊपर उड़ते हुए देखा गया था.
इस महीने में ये चौथा मौका है जब अमेरिकी वायु सेना ने आसमान में उड़ने वाली किसी अनजान चीज़ पर हमला करके उसे गिराया हो.
दिखने में कैसी थी ये 'उड़ने वाली चीज़'
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक़, ये एक अष्टकोणीय मानवरहित ऑब्जेक्ट था और इसे सैन्य ख़तरे के रूप में नहीं देखा गया.
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय से आदेश आने के बाद वायुसेना के एफ़-16 फ़ाइटर जेट ने स्थानीय समयानुसार 2 बजकर 42 मिनट पर मिसाइल के ज़रिए इस ऑब्जेक्ट को आसमान से गिरा दिया.
इस घटना ने उत्तरी अमेरिका के आसमान में अनजान फ़्लाइंग ऑब्जेक्ट्स नज़र आने और उन पर अमेरिकी वायु सेना के हमलों की संख्या बढ़ने को लेकर नए सवाल खड़े किए हैं.
बीती चार फ़रवरी को अमेरिकी महाद्वीप के आसमान में कई दिनों तक विचरने के बाद संदिग्ध चीनी जासूसी ग़ुब्बारे को अमेरिकी प्रांत दक्षिणी कैरोलाइना के तटीय क्षेत्र में गिरा दिया गया था.
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया था कि ये एक चीनी ग़ुब्बारा था जिसे संवेदनशील ठिकानों पर नज़र रखने के लिए इस्तेमाल किया गया था.
हालांकि, चीन ने इस ग़ुब्बारे के जासूसी उपकरण होने की बात का खंडन किया है.
चीन का कहना था कि ये मौसम पर नज़र रखने वाली डिवाइस थी जो रास्ते से भटक गयी थी.
इस ग़ुब्बारे के दिखने और उस पर अमेरिकी प्रतिक्रिया को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता देखा गया था.
चीन से बढ़ा तनाव
बीते रविवार रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया है कि पहला अनजान फ़्लाइंग ऑब्जेक्ट दिखने पर चीन की ओर से कई दिनों तक जवाब नहीं आने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने चीन से बात की थी.
इस बातचीत में क्या चर्चा हुई, इसे लेकर अब तक स्पष्टता नहीं है.
इस घटना के बाद से अमेरिकी वायु सेना के विमान तीन अनजान फ़्लाइंग ऑब्जेक्ट्स को गिरा चुके हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को अलास्का के आसमान में उड़ रहे ऑब्जेक्ट को मार गिराने का आदेश दिया था.
इसके बाद शनिवार को कनाडा से लगती सीमा के पास आसमान में उड़ती हुई एक चीज़ दिखाई दी और अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस के आदेश पर इसे भी गिरा दिया गया.
अमेरिकी अधिकारियों ने अब तक सार्वजनिक रूप से इन चीज़ों के स्रोत और उद्देश्य को लेकर जानकारी नहीं दी है.
अमेरिका और कनाडा, आसमान में मार गिराई गई इन चीज़ों के अवशेष तलाशने की कोशिश कर रहे हैं.
लेकिन अलास्का में तापमान कम होने की वजह से अवशेषों को तलाशने में समय लग रहा है.
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता ने बताया, "ये चीज़ें एक-दूसरे जैसी नहीं थीं और चार फ़रवरी को दिखे ग़ुब्बारे से काफ़ी छोटी थीं. इन चीज़ों के अवशेष मिलने तक हम इनके बारे में कुछ भी नहीं बता सकते."
'परग्रह जीवन की संभावना से इनकार नहीं'
रविवार को अमेरिकी वायुसेना के जनरल ग्लेन वेनहर्क ने मीडिया को बताया कि वे किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं.
अमेरिकी पत्रकारों ने जनरल वेनहर्क से सवाल किया था कि क्या इसका संबंध दूसरे ग्रह के जीवन से हो सकता है.
इस पर ग्लेन वेनहर्क ने कहा, "मैं इंटेलिजेंस कम्युनिटी और काउंटर इंटेलिजेंस कम्युनिटी को इसका पता लगाने दूंगा. मैं अब तक किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रहा हूं."
अमेरिकी सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने एबीसी न्यूज़ को बताया है कि हाल में जिन ऑब्जेक्ट्स को मार गिराया गया है, उनके मौसम पर नज़र रखने वाले ग़ुब्बारे होने की संभावना है.
इस अधिकारी ने इन चीज़ों के सर्विलांस डिवाइस होने की संभावनाओं से इनकार किया है.
लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सांसद ने बताया है कि ख़ुफ़िया अधिकारी इन्हें ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने वाली डिवाइसों के रूप में देख रहे हैं.
सीनेट मेजॉरिटी लीडर चक शूमर ने कहा है, 'उन्हें लगता है कि वे ग़ुब्बारे थे.'
'लेकिन अहम बात ये है कि कुछ महीनों पहले तक हमें इन ग़ुब्बारों के बारे में कुछ भी नहीं पता था.'
अमेरिकी राजनीति में खलबली
अमेरिकी संसद में मिशिगन का प्रतिनिधित्व करने वाले डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता डेबी डिंगेल ने सेना की तारीफ़ करते हुए उन आवाज़ों को मज़बूती दी है जो रक्षा विभाग से इस बारे में अधिक जानकारी देने की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "हमें तथ्यों की जानकारी चाहिए. हमें ये जानना है कि ये कहां से आ रहे हैं, इनका मक़सद क्या है और इनकी संख्या क्यों बढ़ रही है."
अमेरिकी प्रांत मोंटाना का प्रतिनिधित्व करने वाले डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर जॉन टेस्टर ने बीबीसी के अमेरिकी पार्टनर सीबीएस को बताया है, "पिछले दो हफ़्ते में जो कुछ सामने आया है, वो अजीबोग़रीब है, और सेना को सिर्फ़ ये पता लगाने की योजना नहीं बनानी चाहिए कि बाहर क्या कुछ है, बल्कि उसके ख़तरों का अंदेशा लगाना भी ज़रूरी है."
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से लगातार इस मामले में बाइडन प्रशासन की आलोचना की जा रही है.
रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों का मानना है कि पहले संदिग्ध ख़ुफ़िया ग़ुब्बारे के बारे में पता चलने के बाद जिस तरह से प्रतिक्रिया दी गयी, वह उचित नहीं थी. उनका मानना है कि इस ग़ुब्बारे को गिराने में देरी की गयी.
इसी बीच ब्रितानी रक्षा मंत्री बेन वॉलेस ने कहा है कि अमेरिका और कनाडा में ये घटनाएं सामने आने के बाद ब्रिटेन अपनी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेगा.
उन्होंने कहा, "इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि दुनिया भर में स्थितियां किस तरह बिगड़ रही हैं."(bbc.com/hindi)
फ़िलीपींस , 13 फरवरी । फ़िलीपींस ने चीन पर दक्षिण चीन सागर में अपनी नाव पर सैन्य स्तर की लेज़र लाइट से हमला करने के आरोप लगाए हैं.
फ़िलीपींस का कहना है कि उसकी नाव विवादित दक्षिण चीन सागर में आपूर्ति करने जा रही थी जब उसे भटकाने के लिए चीन ने उस पर लेज़र लाइट चला दी.
लेज़र लाइट की वजह से फ़िलीपींस के तटरक्षकों की इस नाव के कर्मचारी अस्थायी रूप से अंधे हो गए थे. इस वजह से नाव को वापस लौटना पड़ा.
ये नाव दक्षिण चीन सागर में सेंकड थॉमस शॉल (समंदर में उभरा रेतीला टीला) पर डूबे हुए फ़िलीपींस के नौसैनिक पोत पर आपूर्ति करने जा रही थी. फ़िलीपींस इस पोत की मौजूदगी के ज़रिए इस जगह पर अपना दावा ठोकता रहा है.
चीन इससे पहले दक्षिण चीन सागर के अधिकतर हिस्से पर अपना दावा ठोकने के लिए पानी की बौछारों और सायरनों का इस्तेमाल करता रहा है.
ये घटना 6 जनवरी की है लेकिन इसके बारे में जानकारी सोमवार को ही सार्वजनिक की गई है. फ़िलीपींस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ये समंदर में फ़िलीपींस के संप्रभु अधिकारों का खुला उल्लंघन है.
फ़िलीपींस का आरोप है कि चीन के जहाज़ ने लेजर लाइट के इस्तेमाल के अलावा फ़िलीपींस के जहाज़ के दाहिनी तरफ़ क़रीब आने की कोशिश भी की और वो सिर्फ़ 137 मीटर दूर था.
चीन ने फ़िलीपींस के इन आरोपों पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
2016 में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मध्यस्थता न्यायालय ने कहा था कि दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे का कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है. (bbc.com/hindi)
इसराइल, 13 फरवरी । इसराइल की सरकार ने वेस्ट बैंक की नौ यहूदी बस्तियों को मान्यता दे दी है. पहले ये बस्तियां अनाधिकृत थीं.
प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू की नई सरकार का ये पहला अहम कदम बताया जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसी सभी बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत अवैध मानता है.
हालांकि, इसराइल इस पर असहमति दर्ज कराता आया है.
फ़लस्तीन क्षेत्र के लोग इसराइल के साथ शांति वार्ता में इन बस्तियों को बड़ा रोड़ा मानती है.
फ़लस्तीन क्षेत्र के लोगों की मांग है कि वेस्ट बैंक और ईस्ट येरूशलम से ऐसी बस्तियों को हटाया जाए.
1967 के बाद से इसराइल ने वेस्ट बैंक और ईस्ट येरूशलम में ऐसी 140 बस्तियां बसाई हैं, जिनमें लगभग छह लाख यहूदी रहते हैं. (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 13 फरवरी । पाकिस्तानी मूल के ब्रितानी अभिनेता ज़िया मोहियुद्दीन नहीं रहे.
सोमवार सुबह 92 साल की उम्र में ज़िया मोहियुद्दीन ने आख़िरी सांस ली.
नेशनल एकेडमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स के सीईओ जुनैद ज़ुबेरी ने ज़िया मोहियुद्दीन के निधन की जानकारी दी.
पत्रकार अज़हर अब्बास ने बीबीसी को बताया, ''ज़िया मोहियुद्दीन लंबे वक़्त से बीमार थे और सोमवार सुबह छह बजे उनका निधन हो गया. ज़िया मोहियुद्दीन को कराची में दफ़नाया जाएगा.''
ज़िया मोहियुद्दीन को इंग्लिश और उर्दू शब्दों के सही उच्चारण पर ज़ोर देने के लिए भी याद किया जाएगा.
ज़िया मोहियुद्दीन का 20 जून 1931 को पाकिस्तान के फ़ैसलाबाद में जन्म हुआ था.
उन्होंने लंदन की रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रैमेटिक आर्ट से एक्टिंग की ट्रेनिंग ली थी.
ज़िया मोहियुद्दीन उन चंद पाकिस्तानियों में शामिल हैं, जिन्होंने मुल्क़ से बाहर जाकर थियेटर और फ़िल्मों में काम किया था.
वो लगभग 67 सालों तक थियेटर और फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े रहे.
हाल के सालों में ज़िया मोहियुद्दीन के कुछ वीडियो यू-ट्यूब पर नज़र आते रहे हैं. इन वीडियोज़ में वो कहीं उच्चारण तो कहीं मशहूर नाटकों या संवादों को पेश करते दिखे थे. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी विमानों ने आसमान में उड़ती एक और अनजान चीज को मार गिराया है. हाल के दिनों में यह चौथी बार है जब अमेरिका ने इस तरह का ऑपरेशन किया है. कहां से आ रही हैं ये चीजें?
अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने रविवार को कनाडा की सीमा के पास ह्यूरोन झील के ऊपर एक अनजान चीज को मार गिराया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश पर इस अभियान को अंजाम दिया गया. उनके रक्षा मंत्रालय ने कहा यह अन्य उड़ानों के लिए खतरा हो सकता था.
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, "हमने इसे जमीन पर किसी तरह के सैन्य खतरे के रूप में नहीं देखा लेकिन अन्य विमानों के लिए यह खतरनाक हो सकता था और किसी तरह की जासूसी की भी संभावना थी."
चीनी गुब्बारे से छोटा
यह एक अष्टकोणीय चीज थी. इस पर किसी तरह का पेलोड या सामग्री नहीं थी. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि सावधानी के तहत इसे गिराया गया है. अलास्का और कनाडा के आसमानों में इस तरह अनजान चीजों को गिराये जाने की यह तीसरी घटना है. इससे पहले पिछले हफ्ते अमेरिका ने कैलिफॉर्निया के पास एक चीनी गुब्बारे को गिराया था, जिसे चीन अपना भटका हुआ वेदर-बलून बता रहा था.
चीन के गुब्बारे को गिराये जाने की घटना के बाद इन अज्ञात चीजों के आने की बारंबारता में तेजी से वृद्धि हुई है. गुब्बारे की घटना ने चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा दिया है. यह गुब्बारा अमेरिका के आसमान में जनवरी के आखरी हफ्ते में दिखाई देना शुरू हुआ था. कई दिनों तक के इंतजार के बाद पिछले हफ्ते इसे गिराया गया.
अमेरिका का आरोप है कि चीन इस गुब्बारे के जरिए उसकी जासूसी कर रहा है. उसने तो यहां तक कहा कि चीन ने 40 से ज्यादा देशों की जासूसी की है. चीन इसे मिथ्या आरोप बताता है. उसका कहना है कि यह एक वेदर-बलून था जो भटक कर अमेरिका के वायु क्षेत्र में पहुंच गया.
क्या हैं ये चीजें?
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये अज्ञात चीजें क्या हैं और कहां से आ रही हैं. इस बारे में सवाल भी पूछे जा रहे हैं. मिशिगन की सांसद डेबी डिंगल ने कहा, "हमें इस बारे में तथ्य चाहिए कि ये चीजें कहां से आ रही हैं और इनकी बारंबारता इतनी क्यों बढ़ रही है."
शनिवार को अमेरिकी विमानों ने कनाडा सीमा पर युकोन झील के नजदीक एक अज्ञात चीज को गिराया था. उसके एक ही दिन पहले अलास्का में डेडहॉर्स नामक जगह पर भी ऐसी ही घटना हुई थी.
"जासूसी गुब्बारे" को अमेरिका ने किया पंचर, नाराज चीन ने दी चेतावनी
एक अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, "चे चीजें एक चीनी गुब्बारे जैसी नहीं थीं और बहुत छोटी थीं. हम तब तक इनके बारे में कुछ नहीं कह सकते जब तक इनके मलबे को बरामद नहीं कर लिया जाता, जिस पर हम काम कर रहे हैं."
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि इन अज्ञात चीजों में से एक ने कनाडा के वायु क्षेत्र का उल्लंघन कया. एक ट्वीट में शनिवार को उन्होंने कहा कि उनकी सेना इनके मलबे की तलाश कर रही है और तब विश्लेषण किया जाएगा.
रविवार को सेनेट के मेजोरिटी लीडर चक शूमर ने समाचार चैनल एबीसी को बताया कि गिराई गईं चीजें छोटे गु्ब्बारे थे लेकिन इनका आकार चीनी गुब्बारों से छोटा था. शूमर ने कहा कि दो चीजें तो 40 हजार फुट से भी कम ऊंचाई पर उड़ रहे थे. चीनी गुब्बारे 60 हजार फुट की ऊंचाई पर था.
वीके/एए (एपी, डीपीए, रॉयटर्स)
न्यूज़ीलैंड के कई इलाकों में चक्रवाती तूफ़ान गैब्रिएल का असर दिखना शुरू हो गया है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़, इस तूफ़ान की वजह से 58 हज़ार से ज़्यादा घरों की बिजली चली गई है.
अधिकारियों ने तेज़ हवाओं और बारिश की चेतावनी दी है. इस तूफ़ान को ध्यान में रखते हुए सैकड़ों उड़ानों को भी रद्द कर दिया गया है.
कुछ इलाक़ों में आपातकाल लगाने का एलान कर दिया गया है.
तूफ़ान न्यूज़ीलैंड के नॉर्थ आइलैंड के क़रीब पहुंच गया है. ये तूफ़ान ऐसे वक़्त में आ रहा है, जब कुछ दिन पहले ऑकलैंड और आस-पास के इलाक़ों में तेज़ बारिश और बाढ़ आई थी और चार लोगों की मौत हो गई थी.
न्यूज़ीलैंड की सरकार पूरे देश में इमरजेंसी लगाए जाने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा हुआ तो ये तीसरी बार होगा, जब न्यूज़ीलैंड में इमरजेंसी लगाई जाएगी.
ये तूफ़ान फिलहाल भू-भाग से टकराया नहीं है लेकिन इसने तबाही मचानी शुरू कर दी है.
इसके चलते कई पेड़ उखड़ गए हैं, सड़कें टूट गई हैं और बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है.
तूफ़ान को ध्यान में रखते हुए स्कूल और स्थानीय सरकारी कार्यालय बंद कर दिए गए हैं.
माना जा रहा है कि मंगलवार तक हालात सामान्य होने की दिशा में बढ़ेंगे. (bbc.com/hindi)
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में अब तक 33 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
भूकंप प्रभावित इन दोनों देशों की मदद के लिए कई देश आगे आए हैं. इन देशों में भारत, जर्मनी, ग्रीस, ईरान, इराक, इसराइल, मलेशिया, क़तर और चीन जैसे देश शामिल हैं.
भारत उन शुरुआती देशों में शामिल रहा है जिसने तुर्की की मदद के लिए राहत सामग्री भेजी थी.
भारत के इस क़दम की तुर्की के राजदूत ने तारीफ़ भी की थी. मगर मदद करते देशों में से एक चीन ने अब अपने क़दम रोके हैं.
चीन ने भूकंप प्रभावित सीरिया में राहत सामग्री की दूसरी खेप रवाना कर दी है. लेकिन अपने बचाव दल के कर्मियों के दौरे रद्द कर दिए हैं.
चीन का कहना है कि ये क़दम रेस्क्यू ऑपरेशन पर बोझ कम करने और ख़राब मौसम को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.
द चाइना एसोसिएशन फ़ॉर डिज़ास्टर प्रिवेंशन ने चीनी बचाव दलों से तुर्की और सीरिया के दौरे रद्द करने को कहा है ताकि भूकंप की मार झेल रहे इलाकों में बोझ ना बढ़े और ख़राब मौसम के जोख़िम से बचा जा सके.
चीनी मीडिया सीसीटीवी के मुताबिक़, चीन की रेड क्रॉस सोसाइटी ने सीरिया को कॉटन टेंट, फ़ैमिली किट, जैकेट और रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ों समेत मेडिकल उपकरण मुहैया करवाए हैं.
चीन ने तुर्की और सीरिया की वित्तीय मदद भी की है और सरकार के 82 सदस्यों को भी इन दोनों देशों में भेजा था. (bbc.com/hindi)
बांग्लादेश में सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने रविवार को पूर्व न्यायाधीश, और इस्लामी बैंक बांग्लादेश लिमिटेड के उपाध्यक्ष मोहम्मद शाहाबुद्दीन को देश का अगला राष्ट्रपति नामित किया है.
निर्वाचित होने पर मोहम्मद शाहाबुद्दीन बांग्लादेश के 22वें राष्ट्रपति होंगे. वर्तमान में राष्ट्रपति अब्दुल हमीद का कार्यकाल 23 अप्रैल को समाप्त हो रहा है.
रविवार को अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त के कार्यालय पहुंचकर उनका नामांकन पत्र जमा किया.
राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन 14 फरवरी तक वापस लिए जा सकते हैं.
नामांकन के बाद 19 फरवरी को संसद में मतदान होगा. चूंकि अवामी लीग के पास फिलहाल संसद में पूर्ण बहुमत है, इसलिए पार्टी के उम्मीदवार के अगले राष्ट्रपति बनने के प्रबल संभावना है.
निर्वाचित होने के बाद वे अगले पांच साल तक राष्ट्रपति का पद संभालेंगे. (bbc.com/hindi)
जापान, 12 फरवरी । जापान ने अपने जलक्षेत्र में एक चीनी नौसैनिक जहाज़ के प्रवेश करने पर चीन के सामने अपना कूटनीतिक विरोध जताया है.
इससे पहले, जापान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीनी नौसेना का एक सर्वे करने वाला जहाज़ रविवार की सुबह याकूशिमा द्वीप के दक्षिण से गुजरा.
पिछले एक साल से भी कम समय में किसी चीनी जहाज़ ने सातवीं बार जापान के जलक्षेत्र में प्रवेश किया.
ज़्यादातर चीनी जहाज़ों को सेनकाकू द्वीप के पास पाया गया है.
जापान के नियंत्रण वाले इस द्वीपसमूह पर कई सालों से चीन दावा कर रहा है. (bbc.com/hindi)
जापान, 12 फरवरी । जापान के ओकिनावा प्रांत में एक निर्जन द्वीप को एक चीनी महिला ने खरीद लिया है. अब तक महिला की पहचान जाहिर नहीं की गई है लेकिन उनकी उम्र लगभग 30 साल बताई जा रही है.
महिला ने चीनी मीडिया को बताया है कि उनके एक संबंधी की कंपनी ने यानाहा द्वीप खरीदा है. ये द्वीप ओकिनावा मुख्य द्वीप के उत्तर में है और इसके एक हिस्से पर टोक्यो की एक कंसल्टिंग फर्म का स्वामित्व है. इस फर्म को ही महिला अपने रिश्तेदार की कंपनी बता रही हैं.
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स ने आज जापान टाइम्स के हवाले से ये रिपोर्ट दी है. अख़बार लिखता है कि सार्वजनिक रिकॉर्ड्स के मुताबिक़ ये फर्म चीनी कारोबार में विशेषज्ञता रखती है.
ओकिनावा प्रांत के ही ईज़ेना गांव में कंपनी का दफ़्तर है जिसके मुताबिक़ कंपनी के पास कुल ज़मीन का 50 प्रतिशत है. इसके अधिकतर बीच पर स्थानीय सरकार का नियंत्रण है.
इस महिला ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करके द्वीप खरीदने की जानकारी दी थी. इस वीडियो में वो यानाहा द्वीप पर दिख रही थीं.
जापान टाइम्स के हवाले से अख़बार लिखता है कि ईज़ेना द्वीप पर रहने वाले लोग उन्हें और एक अन्य महिला को नाव पर यानाहा द्वीप लेकर गए थे. लोगों का कहना है कि महिला वहां कई घंटों तक रुकीं, वहां की तस्वीरें लींऔर आसपास के इलाक़े का वीडियो बनाया.
वीडियो में एक दस्तावेज़ भी दिखाई पड़ता है जिसमें उस कंसल्टिंग फर्म का पता है जो अपनी वेबसाइट पर यानाहा द्वीप खरीदने का दावा करती है. (bbc.com/hindi)
दक्षिण अफ़्रीका के जाने माने रैप सिंगर किएरनन जैरेड फ़ोर्ब्स की डरबन के एक रेस्तरां के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
दुनिया में एकेए (AKA) के नाम से मशहूर ये रैपर केवल 35 साल के थे.
उनके साथ, उनके क़रीबी दोस्त और पेशे से शेफ़ और कारोबारी टेबेलो 'टिब्ज़' मोत्सोने की भी हत्या कर दी गई है.
माना जा रहा है कि जब गोली मारी गई, तब वे दोनों एक नाइटक्लब में एक परफॉर्मेंस में भाग लेने जा रहे थे.
हालांकि हत्या की वजह का अभी तक पता नहीं चला है. पुलिस का कहना है कि इस हत्याकांड की जांच की जा रही है.
पुलिस के प्रवक्ता कर्नल रॉबर्ट नेत्शिउंडा ने बीबीसी को बताया कि रैपर एकेए और उनके दोस्त जब अपनी कार से कहीं जा रहे थे, तभी दो हथियारबंद लोगों ने आकर दोनों को नज़दीक से गोली मार दी. इसके बाद हमलावर पैदल ही मौक़े से फरार हो गए.
पुलिस के अनुसार, वो यह अंदाज़ा नहीं लगाना चाहते कि क्या यह हत्याकांड 'हिट एंड रन' का मामला है. हालांकि इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
रोज़ होने वाली हत्याओं के लिहाज़ से देखें तो दक्षिण अफ़्रीका दुनिया के अग्रणी देशों में आता है. गोलीबारी की घटनाएं वहां असामान्य बात नहीं है.
'गन फ्री साउथ अफ्रीका' नाम की एक संस्था का अनुमान है कि इस देश में प्रतिदिन 30 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है.
कौन थे AKA?
एकेए ने अपना संगीत करियर रैप ग्रुप 'एंटिटी' के एक सदस्य के तौर पर शुरू किया था. बाद में वो अकेले गाने लगे.
अपने गानों के लिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में कई पुरस्कार जीते. वहीं सोशल मीडिया पर एकेए के मित्र मोत्सोने को लोग 'एक सच्चा इंसान' बता रहे हैं.
एकेए ने अमेरिका में ब्लैक एंटरटेनमेंट टेलीविज़न (बीईटी) अवार्ड और एमटीवी यूरोप म्यूज़िक अवार्ड के लिए कई नॉमिनेशन भी मिले.
अपनी हत्या के कुछ घंटे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने आने वाले एलबम 'मास कंट्री' के बारे में एक पोस्ट किया. यह एलबम इस महीने के अंत में रिलीज़ किए जाने के लिए तैयार है.
एकेए के माता-पिता ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डाले गए एक बयान में अपने बेटे को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा, "किएरनन जैरीड फ़ोर्ब्स हमारे लिए एक बेटा, भाई, पोता, भतीजा और दोस्त था, वो अपनी प्यारी बेटी काहिरा के पिता के रूप में हमारा प्रिय था."
उनके अनुसार, "कई लोग उन्हें एकेए, सुपा मेगा, भोवा और कई अन्य प्यारे नामों से बुलाते थे. लोगों ने हमारे बेटे को प्यार किया और बदले में उसने भी प्यार दिया." (bbc.com/hindi)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 12 फरवरी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बताया कि अमेरिकी लड़ाकू विमान ने अलास्का से उत्तरी कनाडा के हवाई क्षेत्र में घुसी एक अज्ञात एवं मानवरहित वस्तु को नष्ट किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद इस संबंध में फैसला किया गया।
इससे एक दिन पहले अमेरिका के एक लड़ाकू विमान ने अलास्का के उत्तरी तट के पास करीब 40,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ रही छोटी कार के आकार की एक वस्तु को बाइडन के आदेश पर नष्ट किया था।
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के प्रेस सचिव ब्रिगेडियर पैट राइडर ने बताया कि ‘नार्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड’ (एनओआरएडी) ने शुक्रवार देर शाम अलास्का के ऊपर एक वस्तु देखी।
व्हाइट हाउस ने बताया कि एनओआरएडी ने इसके बाद 24 घंटे इस वस्तु पर निकटता से नजर रखी और राष्ट्रपति को उनके राष्ट्रीय सुरक्षा दल ने इसकी लगातार जानकारी दी।
व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘अत्यधिक सावधानी बरतते हुए और अपनी सेनाओं की सिफारिश पर राष्ट्रपति बाइडन और कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो ने इसे नष्ट करने की अनुमति दी।’’
बाइडन ने इस अभियान के लिए एनओआरएडी को सौंपे गए अमेरिकी लड़ाकू विमान को इस अभियान के लिए अधिकृत किया और एक अमेरिकी एफ-22 विमान ने कनाडा के अधिकारियों के साथ निकट समन्वय से कनाडाई क्षेत्र में वस्तु को नष्ट कर दिया।
राइडर ने बताया कि एक अमेरिकी एफ-22 विमान ने अमेरिकी एवं कनाडाई प्राधिकारियों के निकट समन्वय के बीच ‘एआईएम 9एक्स’ मिसाइल का इस्तेमाल करके वस्तु को नष्ट कर दिया।
इस बीच, कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो ने भी बताया कि उनके आदेश पर एक अमेरिकी लड़ाकू विमान ने युकोन के हवाई क्षेत्र में उड़ रही एक ‘‘अज्ञात वस्तु’’ को नष्ट कर दिया।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह वस्तु कितनी ऊंचाई पर उड़ रही थी।
एफ-22 लड़ाकू विमान अब तक तीन ऐसी वस्तुओं को नष्ट कर चुके हैं, जिनमें से कम से कम वस्तु चीनी जासूसी गुब्बारा था, लेकिन शेष दो की जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।
अमेरिका ने एक सप्ताह पहले ही अटलांटिक महासागर में दक्षिण कैरोलाइना के तट के पास चीन के एक गुब्बारे को नष्ट किया था, जिसने 30 जनवरी को अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया था। पेंटागन ने कहा है कि उक्त गुब्बारा एक बड़े निगरानी कार्यक्रम का हिस्सा था जिसे चीन "कई सालों" से चला रहा है।
चीन ने स्वीकार किया है कि यह गुब्बारा उसका था लेकिन उसने इस बात से इनकार किया कि इसका मकसद जासूसी करना था। चीन का कहना है कि इसका उद्देश्य मौसम संबंधी जानकारी जुटाना था। (भाषा)
तुर्की और सीरिया में इस हफ़्ते आए भूकंप से मरने वालों की संख्या 28 हज़ार से अधिक हो गई है. हालांकि, छह दिनों बाद लोगों के मलबे से जीवित निकालने की उम्मीद अब धूमिल पड़ रही है.
इस बीच शनिवार को जर्मन बचाव दल और ऑस्ट्रिया की सेना ने अज्ञात समूहों के बीच झड़प की बात कहते हुए तुर्की में अपना खोज अभियान रोक दिया.
मीडिया के अनुसार, लूटपाट के आरोप में क़रीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनसे कई बंदूकें भी जब्त की गई हैं.
तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा है कि वे क़ानून तोड़ने वाले को दंडित करने के लिए अपनी आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करेंगे. वहीं एक बचावकर्मी का कहना है कि खाद्य आपूर्ति घटने से सुरक्षा हालात और बिगड़ने की आशंका है.
संयुक्त राष्ट्र के सहायता प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स का कहना है कि इस आपदा से निपटने के लिए चिकित्सा सहायता मुहैया कराने की तत्काल आवश्यकता है.
उनके अनुसार, फील्ड अस्पताल के साथ ज़िंदा बचे लोगों को भोजन और रहने के ठिकाने उपलब्ध कराने की भी ज़रूरत है.
आर्मेनिया से मिली तुर्की को मदद
इधर तुर्की तक मानवीय राहत पहुंचाने के लिए तुर्की और आर्मेनिया के बीच की अलीकन चौकी को पिछले 30 सालों में पहली बार खोला गया है.
इस चौकी को खाना, पानी और दवाइयां ले जाने वाले ट्रकों ने पहली बार पार किया. इन दोनों पड़ोसियों के बीच की सीमाएं दशकों से बंद हैं और रिश्ते भी ठंडे पड़े हुए हैं.
आर्मेनिया में तुर्की के विशेष दूत सरदार किलिक ने अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा है कि वो आर्मेनिया के लोगों की ओर से भेजी गई यह मदद हमेशा याद रखेंगे.
सीरिया के विद्रोही इलाक़ों में पहुंचने लगी मदद
ग्रिफ़िथ्स ने बीबीसी को ये भी बताया है कि विद्रोहियों के कब्ज़े वाले उत्तर पश्चिम सीरिया, जहां बहुत कम सहायता पहुंची है, संयुक्त राष्ट्र वहां अधिक क्रॉसिंग खोलने के लिए सक्रियता और मज़बूती से काम करेगा.
उधर सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो में विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिनिधि इमान शांकिती ने कहा है कि आबादी की ज़रूरतें तत्काल पूरी करने के लिए डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉ टेड्रोस एडहॉनम गीब्रिएसुस के साथ कुछ सहायता पहुंचनी शुरू हो गई है.
हालांकि उन्होंने कहा है कि देखभाल की निरंतरता बनाए रखना और बुनियादी सेवाएं फिर से शुरू करना बहुत ज़रूरी है. (bbc.com/hindi)
अंटाक्या (तुर्किये), 11 फरवरी। तुर्किये और सीरिया में आए भीषण भूकंप के बाद मृतक संख्या 25,000 को पार कर गई है।
तुर्किये के राष्ट्रपति ने शनिवार को बताया कि देश में मृतक संख्या बढ़कर 21,848 हो गई है जबकि सीरिया में सरकारी और चरमपंथी बहुल इलाकों में मरने वालों की संख्या 3,553 हो गई है।
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने सनलिउर्फा शहर में कहा कि अकेले तुर्किये में 80,104 लोग घायल हुए हैं। भूकंप के 130 से अधिक घंटे बाद भी जीवित बचे कुछ और लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा रहा है।
समाचार वेबसाइट ‘हेबरतुर्क’ की खबर के अनुसार गंजियातेप प्रांत में भूकंप से बुरी तरह प्रभावित नूरदगी में मलबे से मां-बेटी हवा और फातमागुल असलान को सबसे पहले निकाला गया। टीम ने बाद में लड़की के पिता हसन असलान तक पहुंची, लेकिन उन्होंने बचावकर्मियों से पहले उसकी अन्य बेटी जेनेप और बेटे सालतिक बुगरा को बचाने की अपील की। इसके बाद, असलान को भी बचावकर्मियों ने बाहर निकाला।
इसके दो घंटे बाद, गंजियातेप प्रांत के ही इसलाहिये शहर में मलबे से तीन साल की बच्ची और उसके पिता को बाहर निकाला गया और इसके एक घंटे बाद हाते प्रांत में भूकंप के करीब 321 घंटे बाद सात साल की बच्ची को बचाया गया।
कड़ाके की सर्दी और घटती उम्मीदों के बावजूद शनिवार को करीब 12 लोगों को बचाया गया।
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने भूकंप प्रभावित दियारबकिर का दौरा किया और कहा कि गर्मी आने तक विश्वविद्यालयों में दूरस्थ शिक्षा दी जाएगी ताकि बेघर भूकंप पीड़ितों को सरकारी संस्थानों के परिसरों में आश्रय दिया जा सके।
तुर्किये के अंटाक्या में सीरियाई शरणार्थियों की मदद कर रही एक अंतरराष्ट्रीय परमार्थ संस्था ने शहर की सीमा के पास खुले मैदान पर कई लोगों को आश्रय दिया है। मलहम चैरिटी के संस्थापक अहमद अबु अल-शार ने कहा, ‘‘समस्या यह है कि अंटाक्या में कोई ऐसा घर नहीं है जो रहने लायक हो। इसलिए एकमात्र आसरा सड़क है।’’
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी का अनुमान है कि भूकंप के कारण सीरिया में कम से कम 53 लाख लोग बेघर हुए हैं। सीरिया के सरकारी टीवी ने कहा कि राष्ट्रपति बशर असद और उनकी पत्नी ने तटीय शहर लटाकिया में भूकंप से घायल हुए लोगों से अस्पतालों में मुलाकात की।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘सना’ की खबर के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस शनिवार को सीरिया के उत्तरी शहर अलेप्पो पहुंचे। वह अपने साथ 35 टन चिकित्सा उपकरण लाए थे। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त 30 टन चिकित्सा उपकरणों के साथ अन्य विमान आगामी दिनों में पहुंचने वाला है। (एपी)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 11 फरवरी। महाराजा चार्ल्स तृतीय के छह मई को होने वाले राज्याभिषेक का राजकीय चिह्न शनिवार को बकिंघम पैलेस में जारी किया गया । इस वृत्ताकार पुष्पकीय डिजाइन को उसी मशहूर ब्रिटिश डिजाइनर ने तैयार किया है जिसने एप्पल आई फोन के डिजाइन बनाये थे।
प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल के मुख्य डिजाइन अधिकारी रहे सर जॉनी आईव द्वारा डिजाइन यह चिह्न उनके रचनात्मक संग्रह ‘लव फ्रॉम’ से लिया गया है और यह नए शासन की ऐतिहासिक शुरुआत का प्रतीक है जिसे ब्रिटेन का कैरोलियन युग कहा जा रहा है। सर जॉनी के नाम पर दुनियाभर में 14000 से अधिक पेटेंट हैं।
इसमें 74 वर्षीय राजा के प्राकृतिक विश्व के प्रति प्रेम तथा ब्रिटेन के चार देशों-- इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और नॉदर्न आयरलैंड की वनस्पतियों को दर्शाया गया है।
आईव ने कहा, ‘‘ इस उल्लेखनीय राष्ट्रीय अवसर में योगदान करने में सक्षम होना बड़े सम्मान की बात है और हमारी टीम को इस काम पर बहुत गर्व है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह डिजाइन इस ग्रह, प्रकृति के प्रति महाराजा चार्ल्स के प्रेम तथा प्राकृतिक विश्व के प्रति उनके गहरे सरोकार से प्रेरित है।’’ (भाषा)
-सैम कब्रेल और क्लोई किम
वाशिंगटन, 11 फरवरी । अमेरिका ने अलास्का के आसमान में बहुत ऊंचाई पर उड़ रही एक अनजान वस्तु को जेट से हमला कर नीचे गिरा दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को इसे गिराने के आदेश दिए थे.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि ये अनजानी वस्तु 'एक छोटी कार के आकार' की है और यात्री विमानों के लिए 'ख़तरा बन गई थी'.
जॉन किर्बी ने कहा कि ये वस्तु कहां से आई थी और इसका क्या उद्देश्य है, ये अभी तक साफ़ नहीं है.
ये फ़ैसला ऐसे वक्त आया है जब सप्ताह भर पहले अमेरिका के आसमान में उड़ रहे एक चीनी बलून को साउथ कैरोलीना तट पर सेना के एक विमान ने गिरा दिया था.
शुक्रवार को व्हाइट हाउस में जॉन किर्बी ने बताया कि अलास्का के आसमान में मिली वस्तु को वायु सेना के एफ़-22 फाइटर जेट ने शुक्रवार को नीचे गिराया गया था. इसका मलबा चीनी बलून के मलबे के मुक़ाबले बहुत कम है.
उन्होंने बताया कि ये वस्तु अलास्का के उत्तरी तट पर 40 हज़ार फीट की ऊंचाई पर उड़ रही थी. जबकि यात्री विमान 40 से 45 हज़ार फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं. ऐसे में ये यात्री विमानों के लिए ख़तरा बन सकता था.
उन्होंने बताया कि जब इस वस्तु को गिराया गया तो ये 64 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से नॉर्थ पोल की तरफ़ बढ़ रही थी.
हवा में कैसे उड़ रही थी ये वस्तु?
इस वस्तु के मलबे की तलाश के लिए ब्यूफ़ोर्ट सागर के जमे हुए पानी के आसपास हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ़्ट को तैनात किया गया है.
जॉन किर्बी ने कहा, "हमें नहीं पता कि ये किसका है. ये किसी सरकार का है या किसी कंपनी का या व्यक्ति की निजी वस्तु है."
गुरुवार रात को पहली बार इस वस्तु को आसमान में देखा गया था, हालांकि अधिकारियों ने इसके देखे जाने समय की पुष्टि नहीं की है.
किर्बी ने कहा, "हम अपने हवाई क्षेत्र को लेकर बेहद सजग रहते हैं. राष्ट्रपति देश की सुरक्षा के दायित्व को सबसे ऊपर रखते हैं."
उन्होंने कहा कि सबसे पहले दो फ़ाइटर विमानों ने इस वस्तु के आसपास चक्कर लगाया और ये सुनिश्चित किया कि इसमें कोई व्यक्ति सवार नहीं है.
एबीसी न्यूज़ के मुताबिक़ इस वस्तु को कोई और चीज़ संचालित नहीं कर रही थी.
मीडिया संस्थान के वैश्विक मामलों के पत्रकार मार्था रेडेट्ज़ ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से लिखा था, "ये वस्तु हवा में तैर रही थी. ये सिलिंडर आकार की थी और चांदी की चमक वाले स्लेटी रंग की थी."
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने बताया कि ये वस्तु पिछले हफ़्ते मिले "चीनी गुब्बारे के आकार और ढांचे की तरह नहीं थी".
उन्होंने पुष्टि की कि एफ़-22 जेट ने इस वस्तु को शुक्रवार को यूरोपीय समयानुसार एक बज तक 45 मिनट पर साइडविंडर मिसाइल से गिरा दिया था. जनरल राइडर ने कहा कि अभी तक काफ़ी मलबा इकट्ठा कर लिया गया है. इसे जहाजों पर लादकर 'विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला' में लाया जा रहा है.
अधिकारियों का कहना है कि अभी ये साफ़ नहीं हुआ है कि इस वस्तु का उद्देश्य निगरानी करना था या नहीं. हालांकि उन्होंने संवाददता सम्मेलन के दौरान एक पत्रकार से कहा कि ये वस्तु बलून नहीं थी
जॉन किर्बी ने ये पूरी तरह साफ़ नहीं किया कि ये कहां गिराया गया है लेकिन फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि गिरने से पहले ये वस्तु उत्तरी अलास्का के डेडहोर्स के ऊपर अमेरिकी हवाई क्षेत्र के लगभग 10 वर्ग मील के नज़दीक था.
ये जगह कनाडा की सीमा से 130 मील दूर है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्विटर पर कहा कि उन्हें अमेरिकी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने वाली इस वस्तु के बारे में जानकारी दी गई थी और 'वो इस कार्रवाई का समर्थन करते हैं'.
वहीं व्हाइट हाउस के मुताबिक़ फिलहाल अमेरिका के हवाई क्षेत्र में चिंता पैदा करने वाली कोई वस्तु नहीं है.
जॉन किर्बी ने कहा कि इस वस्तु को चलाने के लिए चीनी गुब्बारे जैसा इसमें कुछ नहीं था. ये हवा की गति से साथ बहता हुआ लग रहा था.
चीनी गुब्बारे को पिछले शनिवार को गिराने के बाद रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने अपने चीनी समकक्ष को स्पेशल क्राइसिस लाइन पर संपर्क किया. लेकिन, रक्षा मंत्रालय के मुताबिक़ चीनी रक्षा मंत्री ने उनसे बात करने से इनकार कर दिया था.
चीनी अधिकारियों ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि अमेरिका इस मामले का राजनीतिकरण कर रहा है और इसे बढ़ा-चढ़ाकर बता रहा है.
वहीं, राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को साक्षात्कार में चीनी गुब्बारे को लेकर अमेरिकी प्रतिक्रिया का बचाव किया था. हालांकि, ये भी कहा था कि ये कोई बड़ा उल्लंघन नहीं था. (bbc.com/hindi)