छत्तीसगढ़ » सुकमा
हर माह ग्रामीणों के उपचार के लिए पहाड़ चढक़र जाती है स्वास्थ्य टीम
सुकमा, 14 जून। बरसात के मौसम में कई दिनों तक नदी-नालों में पानी के अधिक बहाव के कारण दूरस्थ एवं तराई क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण अपने सेहत की जांच कराने स्वास्थ्य केंद्र नहीं जा पाते हैं। प्राथमिक उपचार के लिए भी ग्रामीणों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग खुद ही कच्चे रास्ते , पहाड़ व नदी के बहाव को पार करते हुए ग्रामीणों तक पहुँच बना रहा है। अति संवेदनशील इलाके के अंतर्गत आने वाले ग्राम झीरम घाटी की तराई से, 8 किलोमीटर दूर पहाड़ के ऊपर बसा हुआ है एलेंगनार। इस गांव में पहुंचने के लिये पहले लगभग 1 किलोमीटर खड़ी पहाड़ की चढ़ाई करनी पड़ती है। पथरीले पगडण्डी रास्तों से होते हुए अपने कार्य और सेवाभाव के लिये समर्पित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा यहाँ पर एक दिवसीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
‘एलेंगनार गाँव बस्तर के लिये एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। क्योंकि 1910 में हुए भूमकाल विद्रोह के वीर गुंडाधुर के प्रमुख साथी डेबरीधुर का यह पैतृक गांव है, जो अंचलवासियों के लिये आज भी पूज्यनीय है
इस समय स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहाड़ी क्षेत्र व स्वास्थ्य केंद्रों से दूर बसे गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को उनके ही गांव में शिविर आयोजित कर मलेरिया व मौसमी बीमारियों की जांच के साथ ही कोरोना के टीके भी लगाए जा रहे हैं।
शिविर में आई महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता शश्मिता राव ने बताया, 2015 से वह अपने सहयोगियों के साथ, गर्भवती महिलाओं की जांच, बच्चों को टीका लगाने, सहित अन्य बीमारियों के जांच के लिये हर माह एलेंगनार आती रही हैं। इस बार लगाए गए शिविर में 45 वर्ष से अधिक के 11 लोगों को कोरोना का टीका भी लगाया गया और 25 लोगों के मलेरिया की जांच की गई, इनमें से किसी में भी मलेरिया के लक्षण नहीं मिले हैं। साथ ही 2 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच भी की गई। इसके अलावा सर्दी खांसी के रोगियों का परीक्षण कर उपचार किया गया। उपचार के लिये आए ग्रामीणों को कोरोना की वजह से सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करने व जिनके पास मास्क उपलब्ध नहीं थे, उन्हें नि:शुल्क मास्क वितरण किया गया।
कोरोना टीका लगवाने आए 50 वर्षीय पिडे ने स्थानीय बोली में बताया, सरकार हमारे पास पहुँचकर टीका लगा रही है, ये अच्छी बात है। लेकिन गाँव के कुछ लडक़े अज्ञानता के कारण बहुत से लोगों को टीकाकरण करवाने से मना कर रहे हैं, ऐसे में मैं शिविर में सबसे पहले टीका लगवाकर सबको ये सन्देश देना चाहता हूं कि आगे आकर टीका लगवाएं। ये हमारे गांव और परिवार की सुरक्षा के लिये जरूरी है।
पिडे ने बताया, स्वास्थ्य केंद्र से दूरी अधिक होने और ग्राम में यातायात की सुविधा नहीं होने के कारण टीका लगवाने या अन्य बीमारियों की जांच के लिये बहुत दूर चलकर जाना पड़ता है। इससे बच्चों और बुजुर्गों के लिये थोड़ी मुश्किल हो जाती है , लेकिन समय-समय पर गाँव में ही दीदी-भैया(महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और अन्य) के आ जाने से हमें बहुत सहूलियत मिलती है।
शिविर में उपचार के दौरान ग्रामीणों को अपने सेहत के प्रति देखभाल रखने के बारे में बताया गया। इसके अतिरिक्त ग्रामीणों में व्याप्त कोरोना के भय को दूर करने का प्रयास किया गया व उन्हें कोरोना से बचाव के उपाय भी बताए गए। स्वास्थ्य टीम जब वापस लौट रही थी तब तेज़ बारिश ने समस्या बढ़ा दी। खड़ी पहाड़ होने के कारण फिसलन की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी। लेकिन सभी ने एक दूसरे का साथ देते हुए अपनी यात्रा पूरी की।
शिविर हेतु गये दल में शश्मिता राव (महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता), मिनकेतन मांझी(आर.एच.ओ.), सीताराम (आर.एच.ओ), चन्द्रवती कश्यप(एम.टी.), सुखमती वेट्टी(मितानिन) ललित ओझा (आर.ए.ई.ओ) जितेंद्र मण्डावी(कनकापल सरपंच), सहदेव नाग, हीरा सिंह सेठिया, सोमारू मौर्य, भीमाराम सोढ़ी आदि थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 13 जून। आज जिला पंचायत अध्यक्ष कवासी हरीश व सुकमा नगरपालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू ने कोरोना नियमों का पालन करते हुए घड़ी टॉवर का भूमिपूजन किया ।
कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा के प्रयासों से सुकमा नगरपालिका में रविवार को घड़ी टॉवर का भूमिपूजन विधिवत पूजा अर्चना कर किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष कवासी हरीश ने बताया कि सुकमा नगरपालिका को एक बहुत बड़ी सौगात घड़ी टॉवर के रूप में मिल रही है, जिससे सुकमा नगर को एक नई पहचान मिलेगी। सुकमा में सौंदर्यीकरण को लेकर नगरपालिका अध्यक्ष राजू साहू बेहतर काम कर रहे हैं, जिससे सुकमा जिला मुख्यालय चमक रहा है।
नगरपालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू ने भूमिपूजन के पश्चात कहा कि हम आभारी हैं मंत्री कवासी लखमा के, जिन्होंने हमारी घड़ी टॉवर की माँगों पर सहमति जताई एवं तत्काल घड़ीटॉवर स्वीकृति प्रदान की। कोरोना काल में भी सुकमा नगरपालिका में हमने नगर को स्वच्छ एवं सौंदर्यीकरण पर काम किया है।आने वाले दिनों में विकास का बड़ा पिटारा खुलेगा।
इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी की जिलाध्यक्ष माहेश्वरी बघेल, भूतपूर्व अध्यक्ष करण सिंह देव, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सुनील यादव, जिला महामंत्री राजेश नारा, जिला महामंत्री छिन्दगढ़ नरेश राजेश चौहान ई ई अनिल राठौर, नगरपालिका इंजीनियर सौरभ कश्यप, जिला कांग्रेस प्रवक्ता हुसैन बाबा, खेल प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय, उपजेल संदेशक मनोज चौरसिया, संयुक्त सचिव रम्मू राठी, मनोज गुप्ता, सुनील राठी जी, शेख सादिक, छिन्दगढ़ जनपद उपाध्यक्ष, नाजिम खान, विशाल शाह, एल्डरमैन दिनेश दास, रिंकू दास जी रामपुरम के सुकडा मरकाम, उपेन्द्र सेन समेत कई कांग्रेस के नेता कार्यकर्ता मौजूद रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 13 जून। भाजपा जिलाध्यक्ष हूँगाराम मरकाम ने जारी विज्ञप्ति के माध्यम से फिर से कांग्रेस शासनकाल में सुकमा में हुए ढाई साल के विकास को कागजी विकास कहा है।
हूँगाराम मरकाम ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता जितने भी विकास गिना रहे हैं या तो वो कागज में हुए हैं व कुछ कार्य जो हुए भी हैं वो केंद्र की भाजपा सरकार की योजना हैं। गंगाजल की झूठी कसम खाकर सत्ता में आये इस कांगेस सरकार के पास विकास की कोई नीति व योजना नहीं है। किसानों को बोनस देने का अपना वादा पूरा नहीं कर सके।
आगे कहा कि नरवा घरवा व गोधन जैसी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं। खासकर सुकमा जिले में इन योजनाओं का लाभ किसी को नहीं मिल सका है। हा अगर किसी का विकास हुवा हैं तो शराब पीने व पिलाने का। लॉकडाउन में जहां कोरोना टीकाकरण करवाने भूपेश सरकार के हाथ पांव फूल रहे थे, वहीं दारू घर घर पहुँचाया जा रहा था, क्या यही नीति भूपेश सरकार की है।
सुकमा में किसी का विकास हो न हो, पर मंत्रीजी की चापलूसी करने वाले कार्यकर्ताओं का विकास सुकमा में जरूर हो रहा हैं। सुकमा के हर निर्माण एजेंसियों में मंत्री के चापलूस नेताओं का बोलबाला है। आगे कहा कि हमारे शासनकाल में ई टेंडर प्रणाली के तहत ई रजिस्ट्रेशन से आसानी से सभी का पंजीयन हुवा व सभी पंजीकृत बेरोजगार ठेकेदारों को कार्य मिला, चाहे वो किसी भी दल व किसी भी नेताओं के समर्थक हो, सभी को नियम के तहत कार्य मिला व उनकी बेरोजगारी दूर हुई। अब जबसे कांग्रेस की सरकार बनी हैं तबसे निर्माण एजेंसी मंत्री कवासी लखमा के हाथ की कठपुतली बन चुकी हैं। ऊपर मंत्री जी के रायपुर बंगला से ठेकेदारों का नाम तय होता है।
सुकमा जिले में ई प्रणाली नहीं लखमाराम ठेका प्रणाली लागू हैं। हमने जब इनके कार्यकर्ताओं से पूछा कि ई प्रणाली के तहत कितनों को कार्य मिला, उसका जवाब देने के बजाय अनाप शनाप बयानबाजी करने लगे कांग्रेस के कार्यकर्ता। दूसरों की राजनीति समझ की बात करने वाले कांग्रेसी बताये कि गंगाजल की झूठी कसम खाकर जनता को गुमराह करने का ज्ञान आपको कहां से प्राप्त हुवा। जल्द ही जनता कांग्रेस की विकास विरोधी व झूठी सरकार को जल्द ही उखाड़ फेंकेगी।
सुकमा, 13 जून। आगामी 19 जून को महेश नवमी है, जिसको लेकर माहेश्वरी समाज के द्वारा महेश सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। कोरोना के कारण पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। माहेश्वरी भवन में ई कार्ड का विमोचन किया गया।
रविवार दोपहर 2 बजे जिला मुख्यालय स्थित माहेश्वरी भवन में माहेश्वरी युवा संगठन के द्वारा महेश सप्ताह का ई कार्ड विमोचन किया गया। स्थानीय अध्यक्ष अविनाश तापडिय़ा ने बताया कि कोरोना के कारण इस साल भी ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आज से महेश सप्ताह की शुरूआत की गई, जिसमें शंखनाद प्रतियोगिता से शुरू होगी। उसके बाद थिरकन जिसमें राजस्थानी नृत्य हर वर्ग के लिए रखा गया है। शिव तांडव गायन व कपल टैलेंट सुरीले रील्स, सांइस के सरताज का कार्यक्रम रखा गया है। ये सभी कार्यक्रम हर दिन के अंतराल में आयोजित होंगे। साथ ही सभी प्रतिभागी माहेश्वरी समाज से होंगे और अपना वीडियो स्थानीय संगठन के माध्यम व सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश संगठन को भेजा जाऐंगा। जिसमें सबसे बेस्ट का चयन कर पुरूस्कृत किया जाएगा।
इसके अलावा आगामी 19 जून को माहेश्वरी समाज का उत्पति दिवस है जिस पर कोविड को देखते हुए सिर्फ पूजा-अर्चना का ही कार्यक्रम रखा गया है जिसमें भी सीमित सदस्य ही शामिल होंगे, बाकी आनलाइन के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल होंगे।
इस दौरान संतोष चांडक, रोहित चांडक, अनिल राठी, नरेश चांडक, सतीश चांडक, श्रीमति मंजू राठी, सुनील राठी, अविनाश तापडिय़ा, लोकेश राठी, जिगर टावरी, मंटू लढ्ढा समेत माहेश्वरी युवा संगठन के सदस्य मौजूद थे।
कोविड में शारीरिक दूरी हो लेकिन सामाजिक नहीं - रूपेश गांधी
माहेश्वरी युवा संगठन के अध्यक्ष रूपेश गांधी ने कहा कि कोविड में शारीरिक दूरी बनाए रखें, लेकिन समाजिक दूरियां नहीं होनी चाहिए। क्योंकि समाज से ही संस्कार व जीवन जीने की पे्ररणा मिलती है। आज के युग में संस्कार बहुत ही जरूरी है। हर साल धूमधाम से महेश नवमी मनाई जाती थी लेकिन कोरोनाकाल में सादगी व सोशल मीडिया के जरिए मनाया जा रहा है।
सुकमा, 12 जून। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सुकमा के अध्यक्ष सुनील यादव ने भाजपा के जिलाध्यक्ष हूँगाराम मरकाम के प्रेस नोट पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सुकमा में लोक निर्माण विभाग में ई प्रणाली के अंतर्गत जिनको कार्य मिला वो विधिवत ही हुआ है।मैं हूँगाराम से पूछना चाहता हूं कि जितने ठेकेदार अभी कार्य कर हैं, क्या वे अधिकांश पूवर्ती रमन सरकार में नहीं थे? उन्होंने आगे कहा कि हुंगाराम को अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।
आपके सरकार के विकास कार्य इतने अच्छे थे कि 15 वर्ष में सैकड़ों गांव उजड़ गए । जल,जंगल,जमीन को सब कुछ मानने वाले आदिवासी अब अपने गांव वापस आ रहे हैं । जगरगुंडा किस्टाराम आपके शासनकाल में टापू हुआ करता था। आज बिजली,पानी,स्वास्थ्य , की सुविधा है। मेहता ,गोरली,जैसे गांव में सुरक्षित प्रसव हो रहे हैं।
सिलगेर से लेकर , कोंडरे तक तेंदूपत्ता नगद संग्रहण का भुगतान हो रहा है।
आपके शासनकाल में 250 स्कूलों को सडक़ किनारे संलग्न कर लगभग एक पूरी पीढ़ी को प्राथमिक शिक्षा को वंचित किया गया।अब स्कूल ,अस्पताल,वापस मूल जगह जा रहे हैं । *अल्मागुंडा का छात्रावास फन्दीगुड़ा में बना ये आपकी उपलब्धि है। किस्टाराम का छात्रावास किस्टाराम में बन रहा है ये हमारी उपलब्धि है हुंगा जी।
आपका विकास मतलब विनाश है । हमारे लिए सडक़ के अलावा,पानी ,शिक्षा, बिजली और अनाज की उपलब्धता है। आदिवासी,सुकमावासी का समग्र आर्थिक विकास है। नगद संग्रहण भुगतान के लॉकडाउन के छूट के चलते बाजार में बहार है। अब लंबे समय बाद जगरगुंडा से लेकर तोंगपाल तक के बाजार के व्यापारी और दुकानदार खुश है।
नवोदय विद्यालय की मांग तत्कालीन विधायक कवासी लखमा जी द्वारा पूर्व में केंद्रीय मंत्री के सुकमा प्रवास के दौरान मांग पर स्वीकृत की गई थी। वहीं शोभन गँदामी के सुकमा नगरपालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू के आरोपों पर इतना ही कहना है कि गंधामी सिर्फ कंधा है।
आज छत्तीसगढ़ राज्य सहित पड़ोसी राज्यों ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में भी सुकमा नगरपालिका की एक अलग पहचान बनकर उभरा है। सुकमा नगरपालिका सहित पूरे सुकमा जिले में विकास को देखकर इनके पेट में दर्द हो रहा है।
सुकमा, 12 जून। जिला मुख्यालय में शुक्रवार को जिला कांग्रेस कमेटी सुकमा द्वारा वरिष्ठ कांग्रेस नेता पं. विद्याचरण शुक्ल की पुण्यतिथि पर विधायक निवास पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया गया।
पूर्व जिलाध्यक्ष करण सिंह देव ने कहा कि शुक्ल के आदर्शों पर चलकर ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक नई ताकत मिलती है। अपने कार्यकाल के दौरान वे हमेशा हमारे इस आदिवासी क्षेत्र का दौरा करते हुए गरीब, मजदूर व शोषित वर्ग के नजदीक पहुंच उनके दुख दर्द को महसूस करते थे।
नगरपालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू ने कहा कि स्वर्गीय शुक्ल केंद्र सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहे हैं उन्होंने कांग्रेस के लिए अपनी प्राण न्योछावर किया है, 84 साल के होने के बावजूद लोग उन्हें विद्या भैया कहकर पुकारते थे। आज हम युवा पीढ़ी को विद्याचरण शुक्ल के बताये मार्गों पर चलकर पार्टी को मजबूत बनाना है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष शेख सज्जार ने कहा कि स्वर्गीय शुक्ल जी हमेशा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के लिए मार्गदर्शक रहेंगे।
इस दौरान जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह भदौरिया, जिला महामंत्री राजेश नारा,मोहन सिंह ठाकुर, गादीरास के उपसरपंच धर्मेंद्र सिंह चौहान, जिला महामंत्री शेख गुलाम मुर्तजा,जनपद सदस्य विनोद पेद्दी, ओयामी हिंगा, पार्षद श्रीमती लालम्मा पुजारी, पार्षद श्रीमती पदमा जायसवाल, पार्षद शेख गुलाम, सेवादल जिलाध्यक्ष मुकेश कश्यप, सुक्का सिंह नाग, खेल प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रोहित पांडे, भूतपूर्व पार्षद रम्मू राठी,तरुण जायसवाल, सोनुराम नाग, एल्डरमैन सुनील राठी, दिनेश दास, नागराज कर्मा, हरि सेठिया,रिंकू दास, शेख सादिक, नीलम कश्यप, सोनाकुकनार सरपंच कोसा राम मरकाम, जयंती कौर, श्रीमती सरोज आदि कांग्रेसी कार्यकर्ता रहे मौजूद।
पाईप बम व विस्फोटक बनाने के लिए उपयोग करते थे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 11 जून। डीआरजी व एसटीएफ के जवानों ने नक्सलियों द्वारा डंप आईईडी, पाईप बम व विस्फोटक बनाने के लिए उपयोग किये जाने वाले 18 लोहे के पाईप को बरामद किया।
विगत कुछ दिनों में सूचना मिल रही थी कि जिले में नक्सलियों द्वारा आईईडी लगाने की रणनीति में बदलाव करते हुए सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचने के लिए पाईप बम का उपयोग किया जा रहा है।
10 जून को नक्सलियों की उपस्थिति की स्थानीय आसूचना पर थाना गोलापल्ली से डीआरजी कमांडर उनि पवन पुनित तिकी, एसटीएफ पीसी राजेंद्र कुजुर व सउनि .देवराज नाग के जिला बल, डीआरजी व एसटीएफ की संयुक्त पार्टी नक्सल अभियान के लिए तारलागुडा़ रायगुड़ा की ओर रवाना हुए थे। अभियान के दौरान ग्राम रायगुड़ा के पास सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से नक्सलियों द्वारा आईईडी पाईप बम व विस्फोटक बनाने हेतु उपयोग किये जाने वाले 18 नग लोहे के पाईप को पुलिस ने बरामद किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 11 जून। कोरोना के नियमों का उल्लंघन करते हुए 500 से अधिक भीड़ जमा कर शादी करने पर दूल्हे एवं उसकी माँ पर कई धाराओं के तहत तोंगपाल थाना में मामला दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया।
9 जून को सुकमा जिले के पुलिस थाना क्षेत्र तोंगपाल के साडरापाल में सोमड़ी वेट्टी अपने बेटे फगुनु वट्टी का विवाह कोविड के नियमों का उल्लंघन करते हुए 500 से अधिक भीड़ जमा कर किया जा रहा था। सूचना के आधार पर तोंगपाल थाना के स्टाफ उप निरीक्षक भीमसेन भारती, प्रधान आरक्षक अमृतलाल कुंजाम, आरक्षक दिनेश्वर भास्कर एवं नव आरक्षक उमेश मरकाम एवं सहायक आरक्षक मंगल ध्रुव के साथ ग्राम साडरापाल रवाना हुए, वहां पहुंचकर देखा कि विवाह में बिना अनुमति के 500 से अधिक ग्रामीण एकत्र हुए थे, देश में कोरोना महामारी फैलने तथा लॉकडाउन के नियमों एवं दिशा निर्देशों की पूर्ण रूप से जानकारी होने के बावजूद महामारी से सम्बंधित नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था। जिस पर पुलिस के द्वारा दूल्हे एवं उसकी माँ के ऊपर धारा 188, 269, 270,34 के तहत तोंगपाल थाना में मामला दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया।
सुकमा, 11 जून। महासमुंद की हृदय विदारक घटना के मामले में विज्ञप्ति जारी करते हुए भाजयुमो की प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने कहा कि महासमुंद के बेमचा निवासी मां ने 5 बेटियों के साथ ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली, जिसका एकमात्र कारण शराब की वजह से उनके घर में अंतर्कलह का होना था। उन्होंने कहा िक बहुत ही शर्म की बात है जहां बालिका पढ़ाओ बालिका बढ़ाओ की बात होती हो और वहां पांच बच्चियों के साथ उनकी मां शराब की वजह से आत्महत्या कर लें,पूर्ण शराबबंदी की बात कर छत्तीसगढ़ शासन में बैठी कांग्रेस सरकार यह भूल गई कि उनके इसी वादों में भ्रमित होकर छतीसगढ़ की महिलाओं ने उन्हें अपने अमूल्य मत देकर शासन की बागडोर सौंपी थी,कोरोना काल में इम्युनिटी बढ़ाने हेतु वैक्सीनेशन और तमाम प्रकार की दवाइयों का प्रयोग कर लोगों को जान की हिफाजत करने को प्रयासरत थे व जब शराब न मिलने के कारण नशे से दूर हो रहे थे पुन: एक बार फिर इस निक्कमी सरकार ने शराब की घर पहुंच सेवा शुरू कर लोगों के स्वास्थ्य व महिलाओं की भावनाओं के साथ छल किया है। मैं मीडिया के माध्यम से छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछना चाहती है कि क्या यही है उनकी महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता, यदि कांग्रेस सरकार अपने वादों में शामिल पूर्ण शराबबंदी को समय पर लागू करती तो आज बेमचा के इस परिवार के साथ यह घटना नहीं होती ,छत्तीसगढ़ सरकार इस घटना पर संज्ञान लेते हुए पूर्ण शराबबंदी के अपने वादे को पूरा करें, अन्यथा आने वाले दिनों में शराबबंदी को लेकर सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में युवाओं एवं महिलाओं के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा।
साथ ही यह भी कहना चाहती हूं की इतनी बड़ी व हृदय विदारक घटना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमेशा की तरह जांच व उचित कार्यवाही होगी कहकर अपनी बात खत्म कर दी जबकि उन्हें हिम्मत दिखाते हुए छत्तीसगढ़ में तत्काल शराब बंदी की घोषणा करनी चाहिए
सुकमा, 9 जून। पालोड़ी पारा बड़ेसेट्टी में शादी समारोह में शामिल होने जा रहे बारातियों पर जिला प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की गई। कोविड 19 नियमों का उल्लंघन करने के फलस्वरुप 10 हजार रुपए का अर्थदण्ड वसूला गया। साथ ही सवारी वाहनों की जब्ती भी की गई। कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए सभी व्यक्तियों की कोरोना जाँच की गई, जिसमें 2 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पालोड़ी पारा में शादी का आयोजन बिना प्रशासनिक अनुमति के किया जा रहा था, जिसमें शामिल होने लगभग 50 से अधिक लोग दो ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर जा रहे थे। मामले की जानकारी मिलने पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नूतन कंवर के निर्देश पर तहसीलदार गादीरास महेन्द्र लहरे द्वारा कार्रवाई की गई।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर विनीत नन्दनवार द्वारा जिले में कोविड-19 नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए है। शादी, अंत्येष्ठी कार्यक्रमों के आयोजन के लिए संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार से अनुमति पर ही आयोजन करने तथा कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही उक्त कार्यक्रमों में लोगों की संख्या अधिकतम 10 निर्धारित की गई है।
सुकमा, 9 जून। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुकमा नूतन कुमार कंवर द्वारा जनपद पंचायत कार्यालय छिंदगढ़ में बैठक ली गई। बैठक में उन्होंने छिन्दगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायतों में कोविड टीकाकरण की समीक्षा की। जिन पंचायतों में 45 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का प्रथम कोविड डोज शेष हैं, उन पंचायत के सचिव व पटेल को अतिशीघ्र वैक्सीनेशन किए जाने हेतु निर्देशित किया।इसके साथ ही ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को कोविड दिशा निर्देशों का पालन करवाने को कहा। बैठक में उन्होंने पंचायतों के पॉजिटिव मरीजों के बारे में भी जानकारी लेते हुए कहा कि मरीजों के प्राथमिक संपर्क में आए व्यक्तियों का शीघ्र चिन्हांकन कर उनका कोविड जाँच करवाएं। शादी-ब्याह या अन्य प्रकार के आयोजनों में भीड़ एकत्रित ना होने दें, प्रशासन द्वारा निर्धारित संख्या में ही लोगों को शामिल होने कहें।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 8 जून। केरलापाल थाना क्षेत्र के रवापारा जंगल में पुलिस पर फायरिंग व आईईडी विस्फोट में शामिल 1 नक्सल आरोपी को जवानों की संयुक्त पार्टी ने गिरफ्तार किया है।
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत् 7 जून को थाना केरलापाल से 02 वाहिनी सीआरपीएफ, थाना प्रभारी केरलापाल के जिला बल व डीआरजी की संयुक्त पार्टी कोयाबेकूर की ओर रवाना हुये थे। कोयाबेकूर के मंदिरपारा के पास 1 संदिग्ध व्यक्ति पुलिस पार्टी को देख छिपने व भागने की कोशिश कर रहा था, जिसे पुलिस पार्टी द्वारा घेराबंदी कर पकड़ा गया।
पूछताछ करने पर अपना नाम पोडिय़ामी केसा (25) कोयाबेकूर मंदिरपारा थाना केरलापाल सुकमा का निवासी होना बताया गया तथा मौके पर तलाशी लेने पर 01 प्लास्टिक का थैला मिला, जिसमें क्रमश: 5 जून को दण्डकारण्य बंद सफल बनावे संबंधी 10 पर्चा, माओवादियों के कोरोना ग्रस्त होने के पुलिसिया मुद्दे प्रचार का विरोध करने संबंधी 10 पर्चा, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी ) दक्षिण सब जोनल ब्यूरो संबंधी 10 पर्चा, मोकुर ( सिलगेर ) गांव में सीआरपीएफ नवीन पुलिस कैम्प को वापस लो संबंधी नारा का 10 पर्चा एवं गोंडी भाषा में शासन विरोधी नारा का 12 पर्चा बरामद किया गया।
उक्त नक्सली आरोपी को थाना केरलापाल लाकर कड़ाई से पूछताछ करने पर प्रतिबंधित माओवादी संगठन सदस्य के रूप में कार्य करना बताया गया। नक्सली आरोपी 29अप्रैल को रवापारा जंगल पहाड़ी में पुलिस पार्टी पर फायरिंग व आईईडी विस्फोट करने की घटना में अपने अन्य नक्सली साथियों के साथ शामिल था। उक्त घटना में डीआरजी के 2 जवान घायल हुये थे। घटना पर थाना केरलापाल में कई धाराओं को तहत प्रकरण पंजीबद्ध है।
उक्त नक्सली आरोपी को 7 जून को गिरफ्तार कर आज 8 जून को न्यायालय सुकमा के समक्ष पेश कर जेल दाखिला किया गया।
नगद भुगतान के लिए ग्रामीणों ने जताया शासन का आभार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 8 जून। सुकमा जिले में वनोपज संग्रहण यहाँ की जनता की आय के मुख्य स्त्रोतों में से एक है । खासकर अंदरुनी क्षेत्रों में ग्रामीण तेन्दूपत्ता, महुआ आदि वनोपज का संग्रहण कर, वनोपत समितियों को विक्रय कर आय अर्जित करते हैं।
सुकमा जिले में तेंदूपत्ता संग्राहकों को वनोपज सहकारी समितियों के द्वारा उनके पारिश्रमिक का नगद भुगतान किया जा रहा है। इसी तारतम्य में आज जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्र जगरगुण्डा में संग्राहकों को भुगतान किया गया। जगरगुण्डा क्षेत्र में 324 संग्राहकों द्वारा एक लाख 62 हजार 600 गड्डी तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया। जिसके लिए उन्हें शासन द्वारा निर्धारित 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा के दर से कुल 06 लाख 50 हजार 400 रुपए का भुगतान नगद माध्यम से किया गया।
लखमा के पत्र से नगद भुगतान की मिली मंजूरी
जिले में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के अधिकतर ग्रामीणों के पास बैंक खाते नही होने के कारण तेन्दूपत्ता संग्राहकों को ऑनलाईन भुगतान किया जाना संभव नहीं था। उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा के प्रयासों से छत्तीसगढ़ शासन ने बस्तर संभाग के चार जिलों में तेन्दूपत्ता संग्रहण का नगद भुगतान करने की मंजूरी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर सुकमा जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए नगद भुगतान किए जाने का आग्रह किया, जिससे आज सुकमा जिले के साथ ही बीजापुर, नारायणपुर और कांकेर के तेन्दूपत्ता संग्राहकों के चेहरों पर खुशी है।
जिला पंचायत सदस्य आदम्मा मरकाम ने मुख्यमंत्री बघेल सहित मंत्री लखमा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नगद भुगतान होने से तेन्दूपत्ता संग्राहकों को घर पर ही संग्रहण पारिश्रमिक का लाभ मिल रहा है। अतिसंवेदनशील क्षेत्र होने के कारण जगरगुण्डा में आवगमन के सुचारू साधन उपलब्ध नही हंै, जिससे ग्रामीणों को दोरनापाल स्थित बैंक जाने में बहुत मुश्किल होती है। साथ ही बहुत से संग्राहकों के बैंक खाते भी नही हंै।
अब तेंदूपत्ता संग्रहण के पारिश्रमिक का नगद भुगतान किए जाने से संग्राहकों को राहत मिली है। इस दौरान जनपद पंचायत के सदस्य एवं जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित रहे।
मौसमी बीमारियों के दवाइयों के साथ ही एंटी वेनम का रखें पूर्ण स्टॉक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 8 जून। जंगल क्षेत्र होने के कारण सुकमा जिले में बारिश के मौसम में सर्प काटने, बिच्छू काटने के साथ ही मौसमी बिमारियों का खतरा अधिक रहता हैं। ऐसी आपात स्थिति उत्पन्न होने पर आम जन को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में विलंब ना हो और उन्हें समय पर प्राथमिक उपचार दिया जा सके इसके लिए जिला अस्पताल सहित समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी आवश्यक दवाईयों के पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
सुकमा जिला कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित समय सीमा बैठक में कलेक्टर विनीत नंदनवार ने आगामी बारीश के मद्देनजर आवश्यक तैयारियों के लिए निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सभी हाट-बाजार के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है किन्तु हॉट क्लीनिक का संचालन जारी रहेगा, जिससे ग्रामीणों को नियमित स्वास्थ जाँच करवाने और नि:शुल्क दवाई वितरण का लाभ मिले। इसके साथ ही शासन द्वारा निर्धारित सभी प्रकार की दवाईयों का स्टॉक रखने के निर्देश दिए। जिला अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में बंद पड़ी मशीनों को शीघ्र दुरुस्त करवाने हेतु जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया।
गत् दिवस से शुरु किए गए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत वन प्रबंधन समिति, पंचायत एवं कृषकों को अधिकाधिक वृक्षारोपण कर इस योजना का लाभ लेने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए कहा। पंचायत विभाग एवं वन विभाग को जिले में वक्षारोपण के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर नंदनवार ने ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की समीक्षा के दौरान संबंधित क्षेत्र में आ रही समस्याओं का तत्काल निराकरण करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने गंभीर प्रभवित गावों की जानकारी ली और क्षेत्र में और कड़ाई से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग को कोविड जाँच के लिए बनाए गए नाकों के साथ ही घर-घर जाकर कोविड जाँच करने जा रही टीम को एंटीजन किट की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। इसके साथ ही समय सीमा बैठक में विभागों को लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने के साथ ही विभागीय कार्यों के संपादन में तेज़ी लाने के निर्देश दिए। जिले में प्रगतिरत निर्माण कार्यों को समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर-एसपी ने समाज प्रमुखों और प्रतिनिधियों से की चर्चा
सुकमा, 7 जून । जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के अधिक प्रकारण सामने आ रहे हैं, जो जिला प्रशासन के साथ ही आमजन के लिए भी चिंता का विषय है। कोविड प्रबंधन में आम जनों को जागरुक करने में समाज प्रमुखों और जनप्रतिनिधियों की महती भूमिका रही है। अत: ग्रामीणों को कोविड संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। कलेक्टर विनीत नंदनवार ने यह बातें आज समाज प्रमुखों और प्रतिनिधियों से कही।
सुकमा जिला पुलिस अधिक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में विनीत नंदनवार ने चर्चा के दौरान कहा कि सिलगेर घटना के संबंध में कल महारैली का आयोजन संभावित हैं, जिसमें अधिक संख्या में लोगों की उपस्थिति से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। ऐसे में हमें जरूरत है कि जिले के ग्रामीणों को रैली में शामिल होने से रोकें। उन्होंनेे प्रमुखों से अपील करते हुए कहा कि जिले में ग्रामीण अंचल में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक है, जिसके लिए रैली में सम्मिलित होने वाले व्यक्तियों की पहचान किया जाना आवश्यक है, साथ ही ऐसे व्यक्तियों को कोरोना जाँच के लिए प्रोत्साहित करें।
इस अवसर पर पुलिस अधिक्षक के एल ध्रुव ने कहा कि जिले के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ नेटवर्क एवं सडक़ मार्ग की सुचारु उपलब्धता नहीं है। यदि उस क्षेत्र से अधिक संख्या मे लोग शामिल होंगे तो संबंधित क्षेत्र में स्थिति गंभीर हो सकती हैं। साथ ही कोरोना पॉजिटिव होने पर संबंधित व्यक्ति की सूचना जिला मुख्यालय तक विलंब से पहुचने पर मरीज के इलाज में भी देरी होगी। क्षेत्र में किसा एक व्यक्ति के पॉजिटिव होने से पूरे गांव पर संक्रमण का खतरा रहेगा। अत: वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ग्रामीणों को रैली में शामिल होने से रोके।
चर्चा के दौरान समाज प्रमुखों ने स्पष्टता के साथ अपनी बातें रखीं और समस्याओं से भी अवगत कराया। जिसपर कलेक्टर एवं एसपी द्वारा समाधान भी बताया गया। श्री नंदनवार ने बताया कि कैंप की स्थापना से निश्चित तौर पर क्षेत्र का विकास होगा। सिलगेर में पीडीएस भवन, आंगनबाड़ी भवन, उप स्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए बोर खनन का कार्य किया जा रहा जिसमें 09 बोर किए जा चुके हैं, वहीं क्षेत्र के कृषकों को कृषि कार्य में प्रोत्साहित करने के लिए सोलर पंप प्रदाय किए जाएगें। कोरोना से बचने के लिए रैली में शामिल होकर आए लोगों को कोरोना जाच करवाए और अनिवार्य रुप से कोविड क्वारंटीन केन्द्र में 07 दिवस के लिए रखें। जिससे व्यक्ति की जाँच हो और कोरोना वायरस को गांव में प्रवेध करने से रोका जा सके। उन्होने कहा कि कोविड की रोकथाम के लिए प्रशासन का सहयोग करें और क्षेत्र में नियुक्त नोडल अधिकारी को अवश्य सूचित करें।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 6 जून। सुकमा जिले के चिंतलनार पंचायत में पोटा केबिन के राशन गड़बड़ी मामले पर 10 दिवसीय नोटिस के बाद सरपंच से मिले असंतोषजनक जवाब के बाद एसडीएम के निर्देश पर पंचायत एजेंसी को राशन दुकान से पृथक कर दिया गया, जिसके बाद से मामला एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन है।
इस पूरे मामले पर ‘छत्तीसगढ़’ ने पड़ताल में कुछ नए तथ्य पाए और छत्तीसगढ़ की टीम के हाथ वह दस्तावेज लगे जो पूरे मामले पर विभागीय पत्राचार से जुड़े हैं, जिसमें साफ तौर पर ‘छत्तीसगढ़’ ने पाया कि इस मामले पर आधे दर्जन पत्राचार में जिला खाद्य अधिकारी द्वारा खाद्य संचालक को गुमराह करते हुए असमायोजित प्रकरण को समायोजित किया जाना बताया गया।
जहां जिला खाद्य अधिकारी के समायोजित किए जाने वाले पत्राचार पर कोंटा खाद्य निरीक्षक विक्रांत नायडू पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया, वहीं खाद्य निरीक्षक विक्रांत नायडू का कहना है कि आरोप बेबुनियाद है। खाद्य अधिकारी द्वारा समायोजन को लेकर हमसे कभी पत्राचार ही नहीं किया गया।
इस मामले पर सुकमा कलेक्टर विनीत नन्दनवार ने बताया कि मामला कोंटा एसडीएम के अधीन है। प्रथम दृष्टया पंचायत एजेंसी को राशन दुकान से पृथक कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई भी एसडीएम के अधीन जारी है। कोंटा एसडीएम ने इस बारे में बताया कि प्राथमिक कार्रवाई की जा चुकी है। सरपंच से असंतोषजनक जवाब प्राप्त हुआ आगे की कार्रवाई चल रही है।
पत्राचार में असमायोजित प्रकरण को समायोजित बताया
गौरतलब है कि चिंतलनार पोटा केबिन हेतु भेजे गए कल्याणकारी मद के 5 माह के 471 क्विंटल राशन को लेकर विभागीय और प्रशासनिक पत्राचार भी हुए, जिसमें गड़बडिय़ां देखने को मिली। प्रशासनिक तौर पर कोंटा तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पत्राचार के माध्यम से समायोजन हेतु प्रशासन को पत्र लिखा गया। जिसमें 12 मार्च को पत्र क्रमांक 9384 में संचालक नॉन द्वारा प्रबंध संचालक को पत्राचार कर कल्याणकारी माध्य के चावल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के राशि में समायोजन करने हेतु पत्राचार किया गया। जिसके बाद दिनांक 6 अप्रैल को प्रबंध संचालक द्वारा जिला प्रबंधक छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाई को समायोजन हेतु पत्राचार किया गया। तत्संबंध में कलेक्टर द्वारा संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम उपभोक्ता संरक्षण संचनालय से पत्राचार कर पोटा केबिन कोरोना की वजह से बंद होने के कारण कल्याणकारी मद के 471 क्विंटल चावल को पीडीएस के तहत समायोजन करने हेतु 23 अप्रैल 2021 को पत्र क्रमांक 134 के माध्यम से पत्राचार किया गया था।
मगर इस पूरे पत्राचार में एक और पत्राचार भी हुआ, जिसमें गड़बडिय़ां उजागर हुई , दिनांक 24 अप्रैल 2021 को इस विषय पर जिला खाद्य अधिकारी के आर पिस्दा द्वारा पत्र क्रमांक 134 में राशन चिंतलनार दुकान आईडी नंबर 612010033 में रखें कल्याणकारी मध्य के 471 क्विंटल चावल को पीडीएस में समायोजन किया जाना बताकर गुमराह किया गया। जिसके बाद प्रशासनिक जिम्मेदार भी निश्चिंत हो गए। आखिरकार मई में इस पूरे मसले पर विवाद शुरू हो गया, क्योंकि इस मसले का समायोजन हुआ ही नहीं था। चावल की चोरी के इस मसले में कहीं ना कहीं गलत जानकारी देने के चलते खाद्य विभाग पर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस मामले में ‘छत्तीसगढ़’ को खाद्य अधिकारी के आर पिस्दा ने बताया कि खाद्य निरीक्षक विक्रांत नायडू द्वारा मुझे समायोजन की गलत जानकारी दी गई थी, जिस वजह से मैंने वो पत्र लिखा। वहीं विक्रांत नायडू ने इस मामले पर कहा कि उनके द्वारा समायोजन को लेकर जिला खाद्य अधिकारी से कोई पत्राचार हुआ ही नहीं था।
सरपंच ने कल्याणकारी मद का चावल बेचकर पटाया था डीडी
गौरतलब है कि चिंतलनार राशन की गड़बड़ी की परत अब धीरे-धीरे खुल रही है। इस पूरे मसले पर यह बात भी सामने आई कि जब कल्याणकारी मद के राशन के उठाव न होने की वजह से पीडीएस का 3 माह का राशन रोक दिया गया, तो बिना उठाव के 2 लाख 80 हजार का भुगतान आखिर कैसे हुआ।
‘छत्तीसगढ़’ को नाम न बताने की शर्त में यह बताया गया कि सरपंच द्वारा इन 471 क्विंटल चावल से ही चावल को अवैध रूप से लगभग 12 प्रति किलो की दर से बेचा गया और उससे वसूल की गई राशि से सरपंच द्वारा 2 लाख 80 हजार का बकाया डीडी भुगतान किया गया। तब जाकर पीडीएस के राशन का आबंटन जारी होना शुरू हुआ। विभागीय जांच के बाद मामला एसडीएम कोर्ट में है। फिलहाल सरपंच को दुकान से पृथक कर दिया गया, मगर इस पूरे मामले पर सरपंच से रिकवरी भी होनी है।
कल्याणकारी मद के 6 रु के राशन को 12 रु में बेचा गया, जबकि रिकवरी शासन के खरीदी दर पर होनी है लगभग 30 से 32 रु प्रति किलो की। इसके अलावा खाद्य निरीक्षक द्वारा 219 क्विंटल चावल पर ही प्रकरण बनाया, जिसके 3 दिन के बाद पत्रकारों की टीम वहां पहुंची और चावल को 219 क्विंटल से भी कम पाया मगर खाद्य निरीक्षक ने दोबारा जानकारी के बावजूद वहां जाकर निरीक्षण करना जरूरी नहीं समझा।
खाद्य निरीक्षक का कहना है कि जांच का आदेश मिला था, जांच कर प्रकरण बनाकर दे दिया गया है। इसके आगे फिलहाल उस मामले पर निरीक्षण के निर्देश मुझे नहीं मिले हैं।सुकमा के जिला खाद्य अधिकारी के आर पिस्दा का कहना है कि मेरे द्वारा लिखा गया पत्र एक त्रुटि है, मुझे खाद्य निरीक्षक ने जानकारी दी थी कि मामले का समायोजन हो चुका है और राशन पोटाकेबिन के सुपुर्द कर दिया गया है। इसलिए मैंने ये पत्राचार किया। हमारे द्वारा इस त्रुटि के सुधार के लिए संचालक को फिर पत्राचार किया जाएगा। मामले में क्या हो रहा मेरी जानकारी में नहीं है। मामला कोंटा एसडीएम के अधीन है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 5 जून। 227 बटालियन के.रि.प.बल ने नागरिक कार्य योजना के अंतर्गत स्थानीय ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को उनकी जरूरत की आवश्यक सामग्री बांटी।
सुकमा जिले के लेदा में स्थित 227 बटालियन के द्वारा 4 जून को बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार गौतम की उपस्थिति में नागरिक कार्यक्रम का कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए आयोजित किया गया, जिसके अंतर्गत मारेंगा एवं तोंगपाल के स्थानीय ग्रामीणों व बच्चों को दैनिक उपयोग की सामाग्री एवं अध्ययन सामग्री रेडियो, मटके, स्कूल बैग, नोट बुक , पेन , रेडियो सेल इत्यादि वितरित की गई।
इस अवसर पर कमांडेंट मनोज कुमार गौतम ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों व बच्चों को दैनिक उपयोग की सामग्री वितरित करते हुये उन्हें अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है व कहा कि वर्तमान समय की कठिन परिस्थितियों में वाहिनी पूर्णत: ग्रामीणों एवं छात्रों के साथ है और हर संभव मदद के लिए कृत संकल्प है। हमारे सांझे प्रयासों से तोंगपाल एवं आस-पास के इलाके में तरक्की हो रही है और आगे भी यह सिलसिला चलता रहेगा। कमांडेंट गौतम ने खोखली नक्सली विचारधारा से दूर रहने और देश की उन्नति में अपना- अपना योगदान देने की अपील भी की।
227 बटालियन द्वारा आयोजित किए गए इस नागरिक कार्य योजना के अंतर्गत सामान वितरण कार्यक्रम की ग्रामीणों एवं छात्रों द्वारा प्रशंसा भी की गई। इस मौके पर वाहिनी के अश्विनी कुमार झा (सेकेंड इन कमांड), ओमजी शुक्ला (सेकेंड इन कमांड ओपीएस), बबन कुमार सिंह (डिप्टी कमांडेंट) , रामचन्द्र राम (असि. कमांडेंट) , एसडीओपी तोंगपाल डॉ. अनुराग झा, थाना प्रभारी तोंगपाल विजय पटेल, पुलिस कर्मी सरपंच- मारेंगा , सरपंच- तोंगपाल, स्थानीय ग्रामीण एवं स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 5 जून। छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पीसीसी अध्यक्ष के दिशा निर्देशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी सुकमा द्वारा बढ़ती महंगाई के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ जिला मुख्यालय सुकमा, जिला पंचायत अध्यक्ष कवासी हरीश के निवास के सामने कोरोना महामारी के सभी नियमों का पालन करते हुए जिलाध्यक्ष महेश्वरी बघेल के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया।
सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष कवासी हरीश ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. इससे लोग परेशान हैं. डीजल पेट्रोल की बेतहाशा वृद्धि के साथ साथ खाने के तेलों में भी लगातार वृद्धि से आम आदमी का बजट ही बिगड़ गया है।
सुकमा नगरपालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू ने कहा कि देश के ‘‘किसानों पर भाजपा राज में दोगुनी मार पड़ रही है. उन्हें फसल के लाभप्रद दाम नहीं मिल रहे हैं और फसल की लागत भी नहीं निकल पाने से वे साल दर साल कर्ज के कर्ज में डूबते जा रहे हैं। ऊपर से खाद एवं कृषि संबंधित सभी वस्तुओं में दाम बढऩे से किसानों के साथ साथ आम जनता की भी महंगाई से कमर टूट चुकी है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने महंगाई एक्सप्रेस चला कर लोगों की मौजूदा चिंता बढ़ा दी है और उनके नेताओं द्वारा मंहगाई पर ऊलजलूल बयान दे रहे हैं।
इस दौरान सुकमा नगर कांग्रेस अध्यक्ष शेख सज्जार, जिला महामंत्री राजेश नारा, एल्डरमैन मो. हुसैन, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मन मंडावी, पार्षद शेख गुलाम, सेवादल जिलाध्यक्ष कश्यप,सतेंद्र गुप्ता, तरुण जायसवाल, मोहन सिंह ठाकुर, एल्डरमैन सुनील राठी रिंकु दास रहे मौजूद।
कोंटा, 3 जून। सब सेंटर मेहता के आश्रित गांव पिलावाय की लख्मी पति मुचाकी हूँगा की नार्मल डिलीवरी 1 जून को मेहता उप स्वाथ्य केंद्र में हुई। एएनएन रामबाती सोढ़ी और आरएचओ चलपत्री ने सुरक्षित प्रसव कराया। डॉ. वैष्णव ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है।
सुकमा, ३ जून। जिला पंचायत अध्यक्ष कवासी हरीश ने केंद्र सरकार द्वारा डीएमएफ समिति में बदलाव करते हुए अध्यक्ष प्रभारी मंत्री की जगह कलेक्टर को नियुक्त करना चुने हुए जनप्रतिनिधियों का सीधा अपमान बताया।
उन्होंने जारी बयान में कहा कि जो तुगलकी फरमान जारी किया गया है, उससे साफ जाहिर होता है कि केन्द्र की मोदी सरकार अफसरशाही को बढ़ावा देने एवं जनप्रतिनिधियों को कमजोर करने की एक सोची समझी रणनीति तैयार किया गया है। देश की जनता ने जिन लोगों को संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिम्मेदारी सौंपी है, उन्हीं के द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।
आगे कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद डीएमएफ फंड कमेटी के नियम में बदलाव किया गया था। कलेक्टर की जगह जिलों की खनिज न्यास संस्थान में जिले के प्रभारी मंत्री अध्यक्ष बनाया गया था, वहीं कलेक्टर के पास सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। विधायकों को सदस्य के रूप में शामिल किया था। अब केंद्र ने नए नियम के जरिए पुरानी स्थिति बहाल कर दी है।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में डीएमएफ का पैसा खर्च तो किया जा रहा था लेकिन मूलभूत आवश्यकताओं पर नहीं।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार आने के बाद छत्तीसगढ़ एकलौता राज्य है, जहां ग्रामसभा का सदस्य अगस्त 2019 में कानून में बदलाव की वजह से डीएमएफ निगरानी तंत्र का हिस्सा बना है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में डीएमएफ का ज्यादा पैसा शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आपूर्ति, पोषण, और आमजनों की आमदनी बढ़ाने जैसे कार्यों पर हुए हैं।
बदलाव करना ही था तो सांसदों को अध्यक्ष नियुक्त करना था। इस समिति में सांसदों को सदस्यों के रूप में लिया गया है जो सांसदों के अपमान के साथ-साथ आम मतदाताओं का भी अपमान है। जो लोकतांत्रिक व्यवस्था को कुचलने का प्रयास मोदी सरकार द्वारा किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा डीएमएफ समिति का अध्यक्ष कलेक्टर को बनाना साफ संकेत है कि बात कुछ और है, जिसे हर जनप्रतिनिधि एवं देशवासियों को सोचने एवं समझने की आवश्यकता है। इतने बड़े लोकतांत्रिक देश में कलेक्टर की अध्यक्षता में क्या सांसद सिर्फ सदस्य के रूप में बैठक का हिस्सा बनना उचित है ?
सुकमा , 2 जून। कोविड नियमों का उल्लंघन करने पर सुकमा नगर पालिका क्षेत्र के दो प्रतिष्ठानों पर चालानी कार्यवाही करने के साथ ही प्रतिष्ठान को 7 दिनों के लिए सील बंद किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विजय स्टोर्स एवं रावलराजा हार्डवेयर के मालिक कोरोना पॉजिटिव आए मरीज के प्राथमिक संपर्क में है। प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें होम क्वारंटीन में रहने के निर्देश दिए गए थे, किंतु उनके द्वारा निर्देशों को अनसुना करते हुए दुकान का संचालन किया जा रहा था। जिससे अन्य लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा है।
जानकारी मिलने पर तहसीलदार सुकमा श्री प्यारेलाल नाग एवं सुकमा नगरपालिका के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष कोर्राम द्वारा संयुक्त रूप से दुकान संचालक पर कोविड नियमों के उल्लंघन करने पर कार्रवाई की गई। दोनों दुकान पर 5000 रुपए कुल 10 हजार का अर्थदंड जुर्माना वसूला गया और प्रतिष्ठान को आगमी आदेश तक के लिए सील बंद किया गया। इस अवसर पर पुलिस विभाग एवं नगरपालिका के कर्मचारी गण भी मौजूद रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 1 जून। भाजपा जिला सुकमा के मार्गदर्शन पर सुकमा जिले के पांचों मंडल में शक्तिकेन्द्र स्तर पर भाजपाइयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सफल 7 वर्ष पूर्ण होने पर व भाजपा के वर्तमान कार्यक्रम ‘सेवा ही संगठन है’ कार्यक्रम के तहत पूरे सुकमा जिले में शक्तिकेंद्र स्तर पर सहयोग भाव से कार्यक्रम किया। शक्तिकेन्द्र स्तर पर भाजपाइयों ने कोोरना नियमों का पालव करते हुए मास्क, सेनेटाइजर, सफाई अभियान, के साथ साथ जरूरतमन्दों को सूखा राशन वितरण किया।
इसी तारतम्य में 31 मई को भारतीय जनता पार्टी मंडल सुकमा के द्वारा ‘सेवा ही संगठन के तहत’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल को 7 वर्ष पूर्ण होने पर सेवा ही संगठन कार्यक्रम के तहत शक्ति केंद्र जीरमपाल के अंतर्गत ग्राम झलियारास गांव में भाजपा नेता मनोज देव , विनोद बैस, दिलीप पेद्दी, गौरव राठौड़ के विशेष सहयोग से 160 गरीब परिवारों को सूखा राशन, व मास्क वितरण किया गया, साथ ही उपस्थित जनता को वरिष्ठ नेताओं के द्वारा मोदी की सफलतम 7 वर्षों की उपलब्धियों को बताया गया।
पूर्व भाजपा अध्यक्ष मनोज देव ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य ही अंतिम व्यक्ति का विकास करना व संगठन के माध्यम से सेवा करना है, इसी कार्य में सम्पूर्ण सुकमा जिले में ऐसे कार्य हो रहे हैं जिसमें भाजपा के छोटे से बड़े प्रत्येक कार्यकर्ता का सहयोग है।
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से भाजपा जिला अध्यक्ष हूँगाराम, पूर्व अध्यक्ष भाजपा सुकमा मनोज देव , अशीष दुबे दिलीप पेद्दी , श्रीमती भूनेश्वरी यादव , विनोद बैस , गौरव राठौड, दीपक गुप्ता , भीमा कवासी , राजकुमार कश्यप , हूँगा सोढी , सोमारू यादव , जामधर यादव , परसादी यादव, प्रशांत पेद्दी, व आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।
कोंटा/सुकमा, 1 जून। स्वास्थ्य दृष्टिकोण से जिले को बड़ी सौगात मिली है, कवासी लखमा के प्रयास से आज जिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन की स्थापना हुई।
जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने उद्घाटन किया। इस अवसर पर नपा अध्यक्ष राजू साहू भी उपस्थि रहे। पहले सोनोग्राफी के लिए गर्भवती महिलाओं को कई किलोमीटर का सफर तय करके दूसरे जगह जाना पड़ता था। जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। आज सभी की मेहनत का ही नतीजा हैं कि कोविड पाजिटिविटी दर दिनों दिन कम हो रही हैं। इस दौरान सीएमएचओ सीबी प्रसाद बंसोड़ व सीएस यशवंत कुमार धु्रव भी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 31 मई। खनिज विभाग द्वारा अवैध रेत भण्डारण पर कार्रवाई करते हुए उत्खनन एवं परिवहन में लगे वाहनों को जब्त किया गया।
कलेक्टर विनीत नन्दनवार के निर्देश पर खनिज विभाग द्वारा 30 मई को कोण्टा क्षेत्र के फंदीगुड़ा, ढ़ोण्ढऱा एवं नगर पंचायत क्षेत्र में रेत उत्खनन पर औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में रेत का अवैध रूप से भण्डारण पाया गया। जिनमें फंदीगुड़ा में धरमपुरा जगदलपुर निवासी एसडी राज और कोण्टा निवासी टी विजेन्द्र के तथा नगर पंचायत कोण्टा में आरईएस कोलोनी कोण्टा निवासी शैफ अली द्वारा रेत का अवैध भण्डारण किया जाना शामिल है। जिस पर खनिज, परिवहन तथा भण्डारण नियम 2009 के तहत् जब्ती की कार्यवाही की गई।
वहीं नगर पंचायत कोण्टा में स्वीकृत रेत खदान समूह ‘एफ’ में बिना अभिवहन पास के अवैध रूप से खनिज रेत उत्खनन एवं परिवहन कर रहे चार जेसीबी एवं एक ट्रैक्टर को जब्त कर पुलिस अभिरक्षा हेतु थाना कोण्टा को सौंपते हुए वाहन मालिकों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी जिले के खनिज ठेकेदारों, खनिज परिवहन कर्ताओं को निर्देशित किया गया है कि बिना अभिवहन पास के खनिज का उत्खनन, परिवहन, भण्डारण करना दण्डनीय अपराध है।