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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 8 जुलाई। सुकमा जिले में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में फिर से आई तेज़ी को देखते हुए कलेक्टर विनीत नंदनवार ने कोविड-19 दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जिसके परिणामस्वरुप पूरा प्रशासनिक अमला सहित पुलिस विभाग भी हरकत में आ गया है। निर्देश के अनुसार जिले के नाकों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। चौक चौराहों पर तैनात अधिकारी-कर्मचारी वहाँ से गुजरने वाले व्यक्तियों की जाँच कर रहे हैं। बिना मास्क के घूमने वालों पर राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा कड़ी कार्रवाई करते हुए कोविड नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना वसूला जा रहा है।
इसी अनुक्रम में छिन्दगढ़ तहसील में बगैर मास्क लगाए घूमने वाले लोगों पर कोविड निर्देशों का पालन नहीं करने के फलस्वरुप चालानी कार्रवाई की गई। मौके पर छिन्दगढ़ तहसीलदार स्वयं उपस्थित रहे और कार्रवाई की। इस दौरान बिना मास्क लगाए घर से बाहर घूमने वाले 35 व्यक्तियों से 7 हजार 300 रुपए का चालान वसूला गया। ज्ञात हो कि सुकमा जिले में अभी दोपहर दो बजे तक ही लोगों को आवाजाही की अनुमति है, दोपहर दो बजे के बाद अनावश्यक घूमने वालों पर भी प्रशासन कड़ी कार्रवाई कर रही है।
छिंदगढ़, 5 जुलाई। इन दिनों सम्पूर्ण सुकमा जिले में कोरोना के रोकथाम हेतु शासकीय अमलों के द्वारा उससे बचाव के सम्बंध में ग्रामीणों को बताया जा रहा है व वैक्सिनेशन हेतु टीम बनाकर घर घर भ्रमण कर प्रयास किया जा रहा है परंतु अंदरूनी क्षेत्रों में कोरोना वैक्सिनेशन को लेकर अफवाहों के फैलने के कारण लोग वैक्सीनेशन कराने में रुचि नहीं ले रहे है। इसकी जानकारी भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी को उनके कार्यकर्ताओं के द्वारा बताया गया. जिस पर दीपिका ने धुर नक्सलप्रभावित क्षेत्र मुंडूम, पेंडलनार, मुठेली आदि गाँव में जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की व उन्हें मास्क व सेनेटाइजर वितरण करते हुए कोरोना महामारी के गंभीर परिणाम बताते हुए वैक्सीनेशन हेतु जागरूक किया ।
युवाओं में नपुंसकता का फैला दुष्प्रचार
दीपिका ने बताया कि अंदरूनी क्षेत्रों में युवाओं के बीच वैक्सिनेशन के पश्चात नपुंसक होने व महिलाओं में बांझ होने का दुष्प्रचार हो गया है, जिसकी वजह से ग्रामीण इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं जिसका परिणाम इन वैक्सीनेशन सेंटरों में देखने को मिला। नक्सल प्रभावित ग्राम मुठेली का एक 22 वर्षीय युवक जो रायपुर रविशंकर विश्व विद्यालय में अध्ययनरत है वह भी वैक्सीन हेतु तैयार नहीं था जिसे मंैने बहुत समझाया जिसके पश्चात उसने स्वयं व अपने गाँव वालों को भी वैक्सीन लगाने हेतु सहयोग करने में अपनी सहमति दी।
बाहरी लोगों को देखकर दरवाजा बंद कर रही हंै महिलाएं
दीपिका ने बताया कि ग्रामीणों में वैक्सिनेशन को लेकर दुष्प्रचार इस कदर हावी है कि बाहरी व्यक्तियों को देखकर महिलाएं घरों का दरवाजा भी बंद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जब हम नक्सल प्रभावित गाँव मुंडूम पहुंचे तो यह माहौल देखने को मिला। महिलाओं ने मुझे स्वास्थ्य विभाग का समझकर दरवाजा बंद कर लिया, पर जब कुछ युवाओं ने उन्हें हमारे बारे में बताया तब वो घरों से निकली, जिसके पश्चात मैंने मॉस्क व सेनेटाइजर देते हुए उन्हें वैक्सिनेशन के महत्व को बताया।
रोकेल के आसपास जनसंख्या कम करने का दुष्प्रचार
रोकेल के वैक्सीनेशन सेंटर में जाकर पता चला कि वहां पर लोगों में इस बात का दुष्प्रचार किया गया है कि सरकार जनसंख्या कम करने हेतु यह वैक्सीन लगवा रही है जिसके बाद वहाँ के ग्रामीणों को भी इस दुष्प्रचार से दूर रहकर वैक्सीन के महत्त्व को बताकर वैक्सीनेशन हेतु जागरूक किया।
इसके साथ ही रानीबहाल, पूजारीपाल, गंजेनार, गुडरा क्षेत्र का भी दौरा कर वैक्सीनेशन टीम से मुलाकात की व आ रही समस्याओं की जानकारी ली. साथ ही कहा कि शासन को बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन हेतु जन जागरूकता लाने की आवश्यकता है, जिससे इस अभियान में पूर्ण सफलता प्राप्त हो।
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सुकमा, 6 जुलाई। सुकमा जिला में एएसपी की सेवा दे चुके सुनील शर्मा को एसपी बना कर पुन: सुकमा भेजा गया है। वर्ष 2017 बैच के सुनील शर्मा ने अपना पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर पूर्व एसपी के एल ध्रुव व जिला पुलिस के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
पदभार ग्रहण करने के बाद एसपी ने पत्रकारों से मुलाकात करते हुए कहा कि समाज में हिंसा व भय पैदा करने वालों के लिए कोई जगह नहीं। विकास के आड़े जो भी आएगा, उसे उसी रूप में जवाब दिया जाएगा। नवपदस्थ एसपी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की मंशा है कि विकास से विश्वास पैदा करना। विकास से ही क्षेत्र में बदलाव आएगा। उनकी मंशानुरूप कार्य किया जाएगा। जिला व पुलिस प्रशासन कदम से कदम मिलाकर जारी विकास को तेज गति के साथ आगे बढ़ाएंगे।
अब तक सुकमा जिला का कमान संभाले एसपी के एल ध्रुव ने कहा कि आठ माह का कार्यकाल में आप सभी का भरपूर स्नेह, सहयोग और आशीर्वाद मिला। इसके लिए मैं सदैव आप सभी का अभारी रहूंगा। भविष्य में ऐसा ही सहयोग की आशा लिए सुकमा पुलिस अधीक्षक के पद से आज कार्यमुक्त होकर सेनानी 2 री वाहनी सकरी बिलासपुर के लिए रवाना हो रहा हूँ। आठ माह से अधिक समय तक सुकमा मे पुलिस अधीक्षक के पद पर काम करने का अवसर मिला।
आगे कहा कि इस दौरान डीआईजी सीआरपीएफ सुकमा योगज्ञान सर, डीआईजी सीआरपीएफ कोण्टा आर के ठाकुर सर का कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन, सहयोग रहा। सीआरपीएफ,कोबरा बटालियन के सभी कमांडेंट एवं अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिला। सुकमा जिला के सभी राजपत्रित अधिकारी एएसपी ओम चंदेल, एएसपी सचिन चौबे,पूर्व एएसपी सुनील शर्मा, उप पुलिस अधीक्षक एसडीओपी ईश्वर त्रिवेदी, प्रतीक चतुर्वेदी, अनिल विश्वकर्मा, अखिलेश कौशिक, कृष्णा पटेल, पंकज पटेल, श्याम मधुकर, अनुराग झा, आशा सेन सभी का सहयोग बहुत अच्छा रहा। डीएफ एसटीएफ डीआरजी और सीआरपीएफ के सभी अधिकारी व जवानों का भरपूर सहयोग मिला। पत्रकार साथियों का स्नेह, सहयोग मुझे हमेशा याद रहेगा। आप सभी के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूँ ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 5 जुलाई। रविवार को 206 कोबरा बटालियन के जवानों ने जंगल से 3 नक्सल आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक नक्सली कई नक्सल घटनाओं में शामिल रहा है। ये तीनों जंगल के ऐसे इलाके में पकड़े गए, जहां पर सुरक्षा बलों पर आसानी से घात लगाया जा सकता है और साथ ही इनके सभी(ऑपरेशन)मूवमेंट पर नजर रखी जा सकती है।
ज्ञात हो कि जिला को आतंक मुक्त और विकास को प्रगति देने हेतु यहां कई कोबरा बटालियन मुस्तैदी से तैनात हैं और दिन-रात इनके कमांडो इन नक्सलियों के खिलाफ सघन अभियान चला रखे हैं। इसी क्रम में 206 कोबरा बटालियन, जिसकी बागडोर कमांडेंट सुनीत ने संभाल रखी है। इनकी एक टुकड़ी सी/206 कोबरा ग्राम मिनप्पा में तैनात है, जिसे रंजीत मंडल,(डिप्टी कमांडेंट)कमांड कर रहे हैं।
4 जुलाई को बटालियन से मिली सूचना के आधार पर इस ऑपरेशन क्षेत्र में एक एससीओ नामक अभियान चलाया गया। इसी दौरान इलाके का कुख्यात नक्सली पोडियम भीमा (34) जुहू-पारा (मिनप्पा) में पकड़ा गया, जो कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है तथा इसके खिलाफ कई आईपीसी एवं आमर्स एक्ट के धाराओं के अंतर्गत चिंतागुफा थाना में जुर्म दर्ज है। इसके साथ ही नक्सलियों की चेतना नाट्य मंडली के सदस्य वेको हुंगा, (21)जुहू पारा व उन्डम मांगलू (42)रेंगा पारा पकड़े गए।
इस अभियान में रंजित मंडल (डिप्टी कमांडेन्ट)के साथ दो अन्य अधिकारी प्रवीण रावत व काम्बले विनायक की अहम भागीदारी रही। प्रवीण रावत (सहायक कमांडेंट) इस इलाके के पूर्व में भी नक्सल विरोधी अभियानों में अपना योगदान दे चुके हैं, और काम्बले विनायक (सहायक कमांडेंट) ने हाल ही में अपनी बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त कर वर्ष 2020 में ज्वाइन किया।
28 जुलाई से 3 अगस्त तक मनाएंगे शहीद स्मृति सप्ताह
नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी ने जारी किया प्रेस नोट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 4 जुलाई। पिछले एक साल में कुल 160 नक्सलियों की मौत हुई है, इनमें मारे गए 27 नक्सलियों का विवरण नहीं है। नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी ने इस संबंध में प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें 160 साथियों की याद में श्रद्धांजलि देने 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी स्मृति सप्ताह मनाने का आह्वान किया है।
प्रेस नोट में उल्लेख है कि सबसे ज्यादा दंडकारण्य में 101 माओवादियों की मौत हुई है। बिहार-झारखंड में 11, ओडिशा में 14, एमएमसी में 8, ओडिशा आंध्र सीमा में 11, तेलंगाना में 14 और पश्चिमी घाटी में 1 माओवादी की मौत हुई है। एक साल में कुल 30 महिला माओवादियों की मौत हुई है। दुर्घटना में 5 और बीमारी से हरिभूषण समेत 13 माओवादियों की मौत हुई है। एक साल में हुए विभिन्न मुठभेड़ों में 95 माओवादी मारे गए।
प्रेस नोट में उल्लेख है कि विगत साल भर में देश भर में हमारी पार्टी, पीएलजीए, जन निर्माणों के कुल 160 कॉमरेड शहीद हुए. इनमें से बिहार-झारखंड में 11, दंडकारण्य में 101, ओडिशा में 14, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) में 8, आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र में 11, पश्चिम घाटी में 1, तेलंगाना में 14 कॉमरेड शहीद हुए। इनमें से महिला कॉमरेडों की संख्या 30 है। शहीद कॉमरेडों में एक केंद्रीय कमेटी सदस्य, तेलंगाना एसजडसी सचिव, कामरेड यापा नारायणा (लक्मु, हरभिूषण), एक एसजडसी सदस्य कॉमरेड पवन (दंडकारण्य); 10 डीवीसी/सीवायपीसी सदस्य - कॉमरेड संतोष यादव(आलोक, जोनल कमांडर-बीजे), अमरेश भोक्ता(जोनल कमांडर-गया, बीजे), कॉमरेड आत्रम सुरेश(अजित, सेंट्रल इंस्ट्रक्टर), कॉमरेड मनीराम वेड्दा(सोमजी, डिविजनल कमांडर इन चीफ, डीके), कॉमरेड हीरासिंह कुम्मेटी (वर्गेश, डीवीसीएम-डीके), कॉमरेड रुकनी(निर्मला, डीवीसीएम-घुमसर एरिया प्रभारी, ओएस), कामरेड रविंद्रर (डीवीसीएम, ओएस) कॉमरेड गड्डम मधुकर (शोभराय, डीवीसीएम, दक्षिण सब जोन कम्युनिकेशन टीम प्रभारी-डीके), कॉमरेड उड़वे मुहंदा (सतीश, सीवायपीसीएम, कंपनी-10, दंडकारण्य), कॉमरेड संदे गंगन्ना (अशोक डीवीसीएम-एओबी), कॉमरेड माड़वी मुकेश (रणदेव, डीवीसीएम-एओबी); वरिष्ठ पार्टी सदस्य कॉमरेड कत्ति मोहन राव (प्रकाश, दामा-डीके), 37 एसी/पीपीसी सदस्य; 35 पार्टी सदस्य; 11 पीएलजीए सदस्य; 22 जन निर्माणों - मिलिशिया कमाडंर व सदस्य, आरपीसी अध्यक्ष व सदस्य, जन संगठन सदस्य - के नेता व कार्यकर्ता, 15 क्रांति के हमदर्द व क्रांतिकारी जनता शामिल हैं, 27 कॉमरेडों का विवरण प्राप्त करना बाकी है।
इनके अलावा देश भर के 20 जनवादी, प्रगतिशील जन संगठनों के नेता व कार्यकर्ता, क्रांतिकारी आंदोलन के समर्थक, हमदर्द व हितैषियों की भी मुत्यु हुई। इनमें से 95 साथी दुश्मन के हमलों व पीएलजीए द्वारा किए गए हमलों के दौरान दुश्मन के साथ आमने-सामने वीरोचित ढंग से लड़ते हुए शहादत को पाए। जबकि झूठी मुठभेड़ों में 42 साथी, दुर्घटनाओं में 5, बीमारियों की वजह से 13 साथियों की शहादत हुई, जबकि 5 साथियों का विवरण उपलब्ध नहीं है। केंद्र्रीय कमेटी सदस्य, तेलंगाना राज्य कमेटी सचिव कॉमरेड यापा नारायणा (हरिभूषण, लक्मु) का 21 जून, 2021 को सुबह 9 बजे कोरोना महामारी के चलते दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया।
बड़ेसेट्टी की महिला ने दिया बेटे को जन्म
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 4 जुलाई। कोरोना संक्रमण के फैलाव में एक बार फिर से बढ़ोत्तरी के चलते प्रतिदिन कोविड डेडिकेटेड अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इन सभी नकारात्मक खबरों के बीच कुछ सकारात्मक खबरें भी सामने आई है। कोविड-19 डेडीकेटेड अस्पताल में गत 1 जुलाई को ग्राम बड़ेसेट्टी निवासी कोरोना संक्रमित महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है।
प्रसव तिथि निकट होने के फलस्वरुप बड़ेसेट्टी निवासी लक्ष्मी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहाँ 01 जुलाई को उनका कोविड जांच किया गया, जिसमें वे पॉजिटिव पाई गई। 9 महीने की गर्भवती होने के कारण उनको अपने होने वाले बच्चे की चिंता थी। कोविड संक्रमण के चलते उनकी यह चिंता और भी बढ़ गई। किन्तु जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही त्वरित और उत्तम स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण उनकी यह चिंता भी दूर हो गई।
प्रसव पीड़ा होने पर डॉक्टरों की टीम द्वारा उसकी जांच की गई इसके बाद कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के नोडल अधिकारी के द्वारा विशेषज्ञों का दल गठित कर महिला के प्रसव की तैयारी की गई जहां महिला ने सिज़ेरियन प्रक्रिया के उपरांत सुंदर स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया। अपने नवजात शिशु को देख लक्ष्मी के मन से चिंता के बादल छट गए और माँ बनने की खुशी दोगुनी हो गई। प्रसव प्रक्रिया में पूरी तरह से कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए उपचार किया गया। कोरोना काल के इस भयावह दौर में घर में नए मेहमान के आने से लक्ष्मी और उनके परिवार जनों में खुशी का माहौल है। उनके पति श्री रावा जोगा सहित परिवार जनों ने डॉक्टरों को साधुवाद दिया है।
जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ
जिला मुख्य चिकित्सा एवं सवास्थ्य अधिकारी डॉ. सीबी प्रसाद बन्सोड़ ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर चिकित्सकों द्वारा त्वरित महिला को प्रसव कक्ष में दाखिल किया गया, संकुचित श्रोणी के कारण सामान्य प्रसव संभव नहीं था। ऐसे में चिकित्सकों ने सिजेरियन प्रक्रिया से महिला का प्रसव किया जो सफल रहा। चिकित्सकों की टीम में डॉ व्ही टमन्ना राव, डॉ ए.डी पुरेना शामिल रहे, जिनके प्रयास से लक्ष्मी ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ है, और लक्ष्मी को पूर्णत: स्वस्थ होने के पश्चात् अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
ज्ञात हो कि कोरोना सक्रंमण के दौरान भी जिला अस्पताल में सफलतापूर्वक सामान्य एवं जटिल प्रसव प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया जा रहा है। कोरोना मरीजों के लिए पृथक से डेडीकेटेड अस्पताल में सभी डॉक्टरों द्वारा 24 घंटे मरीजों की देखरेख की जाती है एवं विशेष परिस्थितियों वाले मरीजों का विशेष ख्याल रखा जाता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 4 जुलाई। शनिवार को जिला के किस्टारम थाना क्षेत्र से एक लाख ईनामी एक नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है । पुलिस प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी पुष्टि की है ।
ज्ञात हो कि सुन्दरराज पी. पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज एवं के.एल. ध्रुव पुलिस अधीक्षक सुकमा के निर्देशन पर चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के प्रचार-प्रसार से प्रभावित होकर व नक्सलियों के अमानवीय आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण,अत्याचार,भेदभाव तथा स्थानीय आदिवासियों से होने वाले हिंसा से तंग आकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन से जुड़े पोडिय़म सन्ना मिलिशिया कमांडर किस्टाराम एरिया कमेटी ने समर्पण कर दिया है।
इत्तनपाड़, थाना किस्टाराम जिला सुकमा के द्वारा बीते दिनों जगदीश बलाई कमाण्डेन्ट 212 वाहिनी सीआरपीएफ, टूआईसी विशाल पाटिदार भावेश सेंडे थाना प्रभारी किस्टाराम के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया। समर्पण के दौरान 212 वाहिनी सीआरपीएफ के अन्य अधिकारी एवं थाना स्टॉफ उपस्थित रहे।
आत्मसमर्पित नक्सली पोडियम सन्ना की सूचना पर संयुक्त पार्टी ग्राम बेदेपाड़ की ओर रवाना हुये थे । पोडिय़म सन्ना की निशानदेही पर एक नग भरमार बंदूक एवं एक आईईडी लगभग 5 किग्रा. वजनी बरामद किया गया। आत्मसमर्पित नक्सली को राज्य शासन के पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय की जाएगी ।
28 जुलाई से 3 अगस्त तक मनाएंगे शहीद स्मृति सप्ताह , नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी ने जारी किया प्रेस नोट
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
दोरनापाल, 4 जुलाई। पिछले एक साल में कुल 160 नक्सलियों की मौत हुई है, इनमें मारे गए 27 नक्सलियों का विवरण नहीं है। नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी ने इस संबंध में प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें 160 साथियों की याद में श्रद्धांजलि देने 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी स्मृति सप्ताह मनाने का आह्वान किया है।
प्रेस नोट में उल्लेख है कि सबसे ज्यादा दंडकारण्य में 101 माओवादियों की मौत हुई है। बिहार-झारखंड में 11, ओडिशा में 14, एमएमसी में 8, ओडिशा आंध्र सीमा में 11, तेलंगाना में 14 और पश्चिमी घाटी में 1 माओवादी की मौत हुई है। एक साल में कुल 30 महिला माओवादियों की मौत हुई है। दुर्घटना में 5 और बीमारी से हरिभूषण समेत 13 माओवादियों की मौत हुई है। एक साल में हुए विभिन्न मुठभेड़ों में 95 माओवादी मारे गए।
प्रेस नोट में उल्लेख है कि विगत साल भर में देश भर में हमारी पार्टी, पीएलजीए, जन निर्माणों के कुल 160 कॉमरेड शहीद हुए. इनमें से बिहार-झारखंड में 11, दंडकारण्य में 101, ओडिशा में 14, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) में 8, आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र में 11, पश्चिम घाटी में 1, तेलंगाना में 14 कॉमरेड शहीद हुए। इनमें से महिला कॉमरेडों की संख्या 30 है। शहीद कॉमरेडों में एक केंद्रीय कमेटी सदस्य, तेलंगाना एसजडसी सचिव, कामरेड यापा नारायणा (लक्मु, हरभिूषण), एक एसजडसी सदस्य कॉमरेड पवन (दंडकारण्य); 10 डीवीसी/सीवायपीसी सदस्य - कॉमरेड संतोष यादव(आलोक, जोनल कमांडर-बीजे), अमरेश भोक्ता(जोनल कमांडर-गया, बीजे), कॉमरेड आत्रम सुरेश(अजित, सेंट्रल इंस्ट्रक्टर), कॉमरेड मनीराम वेड्दा(सोमजी, डिविजनल कमांडर इन चीफ, डीके), कॉमरेड हीरासिंह कुम्मेटी (वर्गेश, डीवीसीएम-डीके), कॉमरेड रुकनी(निर्मला, डीवीसीएम-घुमसर एरिया प्रभारी, ओएस), कामरेड रविंद्रर (डीवीसीएम, ओएस) कॉमरेड गड्डम मधुकर (शोभराय, डीवीसीएम, दक्षिण सब जोन कम्युनिकेशन टीम प्रभारी-डीके), कॉमरेड उड़वे मुहंदा (सतीश, सीवायपीसीएम, कंपनी-10, दंडकारण्य), कॉमरेड संदे गंगन्ना (अशोक डीवीसीएम-एओबी), कॉमरेड माड़वी मुकेश (रणदेव, डीवीसीएम-एओबी); वरिष्ठ पार्टी सदस्य कॉमरेड कत्ति मोहन राव (प्रकाश, दामा-डीके), 37 एसी/पीपीसी सदस्य; 35 पार्टी सदस्य; 11 पीएलजीए सदस्य; 22 जन निर्माणों - मिलिशिया कमाडंर व सदस्य, आरपीसी अध्यक्ष व सदस्य, जन संगठन सदस्य - के नेता व कार्यकर्ता, 15 क्रांति के हमदर्द व क्रांतिकारी जनता शामिल हैं, 27 कॉमरेडों का विवरण प्राप्त करना बाकी है।
इनके अलावा देश भर के 20 जनवादी, प्रगतिशील जन संगठनों के नेता व कार्यकर्ता, क्रांतिकारी आंदोलन के समर्थक, हमदर्द व हितैषियों की भी मुत्यु हुई। इनमें से 95 साथी दुश्मन के हमलों व पीएलजीए द्वारा किए गए हमलों के दौरान दुश्मन के साथ आमने-सामने वीरोचित ढंग से लड़ते हुए शहादत को पाए। जबकि झूठी मुठभेड़ों में 42 साथी, दुर्घटनाओं में 5, बीमारियों की वजह से 13 साथियों की शहादत हुई, जबकि 5 साथियों का विवरण उपलब्ध नहीं है। केंद्र्रीय कमेटी सदस्य, तेलंगाना राज्य कमेटी सचिव कॉमरेड यापा नारायणा (हरिभूषण, लक्मु) का 21 जून, 2021 को सुबह 9 बजे कोरोना महामारी के चलते दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 2 जुलाई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोल्लापल्ली में पदस्थ ग्रामीण सहायक चिकित्सक रुद्रमणी वैष्णव 9 साल से क्षेत्र के पहुंचविहिन गांवों में बाइक से जाकर स्वास्थ्य शिविर एवं टीकाकरण करने पहुंच जाते थे, जिससे धीरे-धीरे लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। अब ग्रामीण स्वयं इलाज व टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंच रहे हैं।
ग्रामीण सहायक चिकित्सक रुद्रमणी वैष्णव वर्ष 2012 से अब तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोल्लापल्ली में कार्यरत हैं। जहां पहले न टीकाकरण होता था, न संस्थागत प्रसव, न ही कोई स्वास्थ्य शिविर। उस समय न रोड थी, न नेटवर्क न बिजली, इसके बावजूद वे बाइक से मरईगुड़ा से गोल्लापाली, किस्टाराम, मेहता बाँदा ये सभी गांवों में स्वास्थ्य शिविर एवं टीकाकरण करने गांव-गांव पहुंच जाते थे। फिर धीरे-धीरे आसपास के गांवों में शिविर लगाने लगे। जहां उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं था, अब वो संचालित होने लगी है। लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। अब सभी जगह वैक्सीनेशन और डिलीवरी होने लगा है। कोरोनाकाल में सभी गांवों में घूम-घूम कर काम किये। कोविड टेस्ट किये। वैक्सीनेशन 45+ वालों का 80 फीसदी किये और अभी 18+ वालों का वैक्सीन लगाना चालू है, अब तक 60 फीसदी हो चुका है। डॉ. वैष्णव मूलत: कवर्धा के निवासी हैं।
जिपं अध्यक्ष हरीश लखमा ने कहा कि डॉ. वैष्णव ने यहां पदस्थ होने के बाद जो सेवा की है, वह अनुकरणीय है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छिंदगढ़, 2 जुलाई। सुकमा जिले में भाजपा में गुटबाजी जो अभी तक पर्दे के अंदर दिख रही थी, वो खुलकर अब सामने आ रही है। एक जुलाई को भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू के जन्मदिवस के अवसर पर भाजयुमो जिला कार्यसमिति के द्वारा बधाई हेतु पोस्टर लगाया गया था, जिसमें भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष सुकमा जिले के पाकेला की निवासी अधिवक्ता दीपिका शोरी का फोटो गायब होना इस बात का संकेत देता है कि पांच बार कोंटा विधानसभा में मुंह की खाने के बाद भाजपाई इस अंतर्कलह से दूर नहीं हो पाए हैं।
विदित हो कि कोंटा विधानसभा में पिछले 7 चुनाव से भाजपा के प्रत्याशियों की हार हो रही है व आम लोगों की धारणा है कि हमेशा भाजपा अपने ही लोगों से गुटबाजी के कारण चुनाव हारती आई है और आज सुकमा जिले में भाजपा कार्यालय अटल सदन के सामने से भाजयुमो के कार्यक्रम से भाजपा की उभरती हुई भाजपा नेत्री सुकमा जिले की ही निवासी भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी व वरिष्ठ भाजपाई सोयम मुक़ा का फोटो गायब होने से यह बात खुलकर सामने आ गई।
इस संबंध में जब ‘छत्तीसगढ़’ ने दीपिका शोरी से बात की तो उन्होंने वरिष्ठ पदाधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखूंगी, कहकर बात खत्म कर दी व सोयम मुक़ा ने भी पार्टी फोरम में अपनी बात रखूंगा कह कर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
भाजयुमो जिला अध्यक्ष मडक़म भीमा ने इस विषय पर अपना कथन देने से इंकार कर दिया व जब ‘छत्तीसगढ़’ ने इस विषय पर भाजपा जिला अध्यक्ष हूँगाराम से बात करने का प्रयास किया तो उनका मोबाइल लगातार बिजी आ रहा था, उनसे बात नहीं हो पाई। इधर कुछ भाजपाइयों ने नाम न लिखने के शर्त पर षड्यंत्र के तहत इन नेताओं के फोटो का पोस्टर से गायब होने की बात कही।
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
छिंदगढ़, 2 जुलाई। सुकमा जिले में भाजपा में गुटबाजी जो अभी तक पर्दे के अंदर दिख रही थी, वो खुलकर अब सामने आ रही है। एक जुलाई को भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू के जन्मदिवस के अवसर पर भाजयुमो जिला कार्यसमिति के द्वारा बधाई हेतु पोस्टर लगाया गया था, जिसमें भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष सुकमा जिले के पाकेला की निवासी अधिवक्ता दीपिका शोरी का फोटो गायब होना इस बात का संकेत देता है कि पांच बार कोंटा विधानसभा में मुंह की खाने के बाद भाजपाई इस अंतर्कलह से दूर नहीं हो पाए हैं।
विदित हो कि कोंटा विधानसभा में पिछले 7 चुनाव से भाजपा के प्रत्याशियों की हार हो रही है व आम लोगों की धारणा है कि हमेशा भाजपा अपने ही लोगों से गुटबाजी के कारण चुनाव हारती आई है और आज सुकमा जिले में भाजपा कार्यालय अटल सदन के सामने से भाजयुमो के कार्यक्रम से भाजपा की उभरती हुई भाजपा नेत्री सुकमा जिले की ही निवासी भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी व वरिष्ठ भाजपाई सोयम मुक़ा का फोटो गायब होने से यह बात खुलकर सामने आ गई।
इस संबंध में जब ''छत्तीसगढ़' ने दीपिका शोरी से बात की तो उन्होंने वरिष्ठ पदाधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखूंगी, कहकर बात खत्म कर दी व सोयम मुक़ा ने भी पार्टी फोरम में अपनी बात रखूंगा कह कर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
भाजयुमो जिला अध्यक्ष मड़कम भीमा ने इस विषय पर अपना कथन देने से इंकार कर दिया व जब ''छत्तीसगढ़' ने इस विषय पर भाजपा जिला अध्यक्ष हूँगाराम से बात करने का प्रयास किया तो उनका मोबाइल लगातार बिजी आ रहा था, उनसे बात नहीं हो पाई। इधर कुछ भाजपाइयों ने नाम न लिखने के शर्त पर षड्यंत्र के तहत इन नेताओं के फोटो का पोस्टर से गायब होने की बात कही।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंटा, 1 जुलाई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोल्लापल्ली में पदस्थ ग्रामीण सहायक चिकित्सक रुद्रमणी वैष्णव 9 साल से क्षेत्र के पहुंचविहिन गांवों में बाइक से जाकर स्वास्थ्य शिविर एवं टीकाकरण करने पहुंच जाते थे, जिससे धीरे-धीरे लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। अब ग्रामीण स्वयं इलाज व टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंच रहे हैं।
ग्रामीण सहायक चिकित्सक रुद्रमणी वैष्णव वर्ष 2012 से अब तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोल्लापल्ली में कार्यरत हैं। जहां पहले न टीकाकरण होता था, न संस्थागत प्रसव, न ही कोई स्वास्थ्य शिविर। उस समय न रोड थी, न नेटवर्क न बिजली, इसके बावजूद वे बाइक से मरईगुड़ा से गोल्लापाली, किस्टाराम, मेहता बाँदा ये सभी गांवों में स्वास्थ्य शिविर एवं टीकाकरण करने गांव-गांव पहुंच जाते थे। फिर धीरे-धीरे आसपास के गांवों में शिविर लगाने लगे। जहां उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं था, अब वो संचालित होने लगी है। लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। अब सभी जगह वैक्सीनेशन और डिलीवरी होने लगा है। कोरोनाकाल में सभी गांवों में घूम-घूम कर काम किये। कोविड टेस्ट किये। वैक्सीनेशन 45+ वालों का 80 फीसदी किये और अभी 18+ वालों का वैक्सीन लगाना चालू है, अब तक 60 फीसदी हो चुका है। डॉ. वैष्णव मूलत: कवर्धा के निवासी हैं।
जिपं अध्यक्ष हरीश लखमा ने कहा कि डॉ. वैष्णव ने यहां पदस्थ होने के बाद जो सेवा की है, वह अनुकरणीय है।
सुकमा, 29 जून। सोमवार को करीब 11.30 बजे जिला मुख्यालय के शिवालय मंदिर के समीप बीच बस्ती में आम से भरा हुआ ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया, जिसमें ड्रायवर और खलासी को मामूली चोटें आई है। पुलिस को सूचना मिलते ही तत्काल घटना स्थल पर पहुंच कर ड्रायवर-खलासी को गाड़ी से निकाल कर जिला स्वास्थ्य केंद्र में पुलिस वाहन से पहुंचाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दोरनापाल, 26 जून। आज सुबह सुकमा जिले के धुर नक्सल प्रभावित चिंतलनार थाना अंतर्गत रावगुड़ा पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाने लगाए गए 15 से 20 किलो के प्रेशर बम को सुरक्षाबलों ने निष्क्रिय कर नक्सलियों के मंसूबे को एक बार फिर से नाकाम कर दिया।
सुबह करीब 8.30 बजे कोबरा 201 की टीम को चिंतलनार कैम्प से लगभग ढाई किमी दूर रावगुड़ा पहाड़ी के आसपास प्रेशर बम मिलने की सूचना मिली। चिंतलनार कैम्प में स्थित 201 कोबरा वाहिनी ने कमांडेंट 201 कोबरा बटालियन सौमित्र राय व उप कमांडेंट नितिन बगाडे के निर्देशन पर रावगुड़ा एरिया में सर्चिंग अभियान चलाया, जिसमें बम निरोधक दस्ते द्वारा आईईडी को खोजकर निष्क्रिय किया। यह 15-20 किग्रा का प्रेशर बम सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए माओवादियों द्वारा लगाया गया था, लेकिन 201 कोबरा वाहिनी के समय पर सजगता से कार्यवाही कर माओवादियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया।
नई-नई तकनीक से पेट्रोलिंग वाले इलाके में निशाना बनाने की कोशिश
गौरतलब है कि नक्सलियों द्वारा जवानों को निशाना बनाने के लिए प्रेशर आईडी की नई-नई तकनीकों का हर बार उपयोग किया जाता है। इस बार जो आईईडी कोबरा 201 के जवानों द्वारा बरामद किया गया, इसमें लकड़ी के दो छोर के बीच ब्लेड में तार को लगाकर सामान्य रूप से पेड़ के नीचे रखा गया था, क्योंकि लकड़ी भी वनोपज का हिस्सा है और आमतौर पर वह जवानों की नजर से ओझल रहेगा, लेकिन इन इलाकों में सुरक्षा बल बेहद एहतियात बरतते हैं। इसके अलावा ज्ञात नक्सलियों ने यह प्रेशर आईईडी उन इलाकों में लगाया, जहां सुरक्षा बलों की पेट्रोलिंग की संभावनाएं ज्यादा रहती है। जाहिर है नक्सली जवानों के पेट्रोलिंग वाले इलाकों पर भी नजर बनाए हुए हैं और उन इलाकों में जवानों को निशाना बनाने की फिराक में भी हो सकते हैं । बताया जा रहा है कि यह प्रेशर आईईडी एक पेड़ के नीचे मिला, जहां नक्सलियों ने जवानों के आराम करने वहीं रुकने की संभावना जताते हुए वहां प्रेशर आईईडी लगाया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 24 जून। सिलगेर घटना की दण्डाधिकारी जाँच कर रहे डिप्टी कलेक्टर एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी सुकमा रुपेन्द्र पटेल द्वारा 22 जून को सिलगेर में मोकुर कैम्प के निकट घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। उन्होंने ग्राम तर्रेम में ग्रामीणों से जाँच के संबंध में चर्चा कर साक्ष्य जुटाने की कोशिश की। पटेल द्वारा ग्रामीणों को बताया गया कि प्रशासन के माध्यम से घटना के संबंध में बयान/कथन प्रस्तुत करने के इच्छुक ग्रामीणों के लिए जिला मुख्यालय सुकमा आवाजाही हेतु वाहन की व्यवस्था की जाएगी। 25 एवं 26 जून को ग्रामीणों का बयान और कथन दर्ज किया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों को निर्भीक होकर अपना कथन प्रस्तुत करने की अपील की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 19 जून। सुकमा-दंतेवाड़ा सीमावर्ती क्षेत्रों में मुठभेड़ के बाद पुलिस ने जंगल में छिपने की कोशिश करते 4 नक्सल आरोपियों को गिरफ्तार किया है। नक्सलियों से 10 इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर, 7 जिलेटिन रॉड, 20 मीटर इलेक्ट्रॉनिक वायर, कैमरा, नक्सली पर्चा व दैनिक उपयोगी सामग्री बरामद किया गया। आज सुकमा न्यायालय के समक्ष पेश कर चारों आरोपियों को जेल दाखिल कराया गया।
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत 16 जून को सुकमा पुलिस अधीक्षक के एल धु्रव, अनिल विश्वकर्मा उप पुलिस अधीक्षक नक्सल, ऑप्स के नेतृत्व में उनि उत्तम कुमार सोरी डीआरजी प्रभारी उनि ईश्वर प्रसाद ध्रुव एवं एसटीएफ सीसी आयोध्य सिंह बनाफर के हमराह जिला बल डीआरजी, एसटीएफ का बल तथा कैम्प पोटाली जिला दंतेवाड़ा से उनि राजेंद्र प्रसाद डीआरजी कमांडर छसबल सीसी.जितेंद्र सोनकेसरी के हमराह डीआरजी दंतेवाड़ा छसबल की संयुक्त बल नक्सल गश्त सर्चिंग हेतु जिला सुकमा-दंतेवाड़ा सीमावर्ती क्षेत्रों में रवाना हुए थे। अभियान के दौरान 17 जून की सुबह मुलेर, रासापारा के जंगल-पहाड़ी में पूर्व से घात लगाकर बैठे वर्दीधारी व सादे वेश-भूषा में नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बल पर जान से मारने व हथियार लूटने की नीयत से अत्याधुनिक आटोमेटिक हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। सुरक्षा बलों द्वारा भी आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की गई। सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव व अपने आप को घिरता हुआ देख नक्सली जंगल व झाड़ी की आड़ लेकर भाग गए। घटना स्थल की सर्चिंग के दौरान 4 संदिग्ध व्यक्ति पुलिस को देख कर झाडिय़ों की ओर भागने व छुपने की कोशिश कर रहे थे, तभी उन्हें घेराबंदी कर पकडा़ गया।
पूछताछ करने पर अपना नाम माड़वी हांदा(29), वंजाम सुक्का(28), माड़वी सोमड़ी (30), माड़वी चुला(28) सभी निवासी मुलेर, रासापारा थाना फुलबगडी़ जिला सुकमा का होना बताया गया।
मौके पर पकड़े गए नक्सलियों से 10 इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर, 7 जिलेटिन रॉड, लगभग 20 मीटर इलेक्ट्रॉनिक वायर गांठ लगा हुआ कोर्डोस्क वायर, कैमरा फ्लैट, मल्टीमीटर, नक्सली पर्चा व दैनिक उपयोगी सामग्री बरामद किया गया। पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ करने पर प्रतिबंधित माओवादी संगठन में हांदा मिलिशिया कमांडर तथा शेष मिलिशिया सदस्य के रूप में कार्य करना बताया तथा विस्फोटक पदार्थ को केरलापाल एरिया कमेटी के कमांडर माड़वी मोहन, माड़वी गंगा के द्वारा लाकर देना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले रास्ते में लगाकर नुकसान पहुंचने बताया गया। उपरोक्त कृत्य पाये जाने नक्सलियों के खिलाफ थाना फुलबगड़ी से गिरफ्तारी कार्रवाई करते हुए आज सुकमा न्यायालय के समक्ष पेश कर चारों आरोपियों को जेल दाखिल कराया गया।
जनवरी 2020 से जिले में 400 से अधिक लोगों में सिकल सेल के लक्षण मिले
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 18 जून। सिकल सेल के प्रति प्रभावी नियंत्रण करने तथा इस रोग से पीडि़त लोगों का सहयोग करने के लिए हर वर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस मनाया जाता है। साल 2008 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने पहली बार वर्ल्ड सिकल सेल डे मनाने की शुरुआत की थी ताकि इस बीमारी को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में पहचान मिल सके।
सिकल सेल कोई संक्रामक बीमारी नहीं है। यह बीमारी मुख्य रूप से एक आनुवांशिक त्रुटि या दोष के कारण होती है। जब किसी बच्चे को अपने माता-पिता दोनों से सिकल सेल के जीन्स मिलते हैं तो उस बच्चे को सिकल सेल बीमारी हो जाती है। यदि माता-पिता में किसी एक को सिकल सेल डिजीज है, तो शिशु के स्वस्थ होने की उम्मीद अधिक होती है, लेकिन वह इसका वाहक हो सकता है। यानी वे अपने बच्चों को सिकल सेल जीन ट्रांसफर कर सकते हैं। ऐसे लोगों में या तो बीमारी के बेहद हल्के लक्षण नजर आते हैं या फिर कोई लक्षण नहीं दिखते।
सीएमएचओ डॉ. सी.बी.पी. बंसोड़ ने बताया कि सिकलसेल एनीमिया दरअसल एक ऐसी स्थिति है, जब लाल रक्त कोशिकाएं हीमोग्लोबिन में गड़बड़ी के कारण अर्धचन्द्राकार या अन्य टेढ़े-मेढ़े अकार की हो जाती हैं और कठोर हो जाती हैं। परिणामस्वरूप ये कोशिकाएं सामान्य रक्त प्रवाह की तरह नहीं बहतीं बल्कि एक दूसरे से चिपक कर खून का रास्ता जाम कर देती हैं। इससे शरीर के अन्य ऑर्गन व कोशिकाओं में उपयुक्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। साथ ही ये कोशिकाएं आगे चलकर स्प्लीन में यानि ऐसी जगह जाकर अटक जातीं हैं जहां पुरानी रक्त कोशिकाएं नष्ट होतीं हैं। नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण सामान्य गति से नहीं हो पाता, जिससे मरीज के शरीर में खून की कमी होने लगती है। सामान्य आरबीसी की उम्र तकरीबन 120 दिन होती है, जबकि ये दोषपूर्ण सेल अधिकतम 10 से 20 दिन तक जीवित रह पाते हैं।
उन्होंने बताया सिकल रोग से ग्रस्त बच्चे में खून की कमी होती है जिस कारण बच्चे कमजोर होते हैं व इन्हें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे बच्चों का टीकाकरण व अन्य जरूरी दवाएँ देकर उन्हें दीर्घायु बनाया जा सकता है । सिकल सेल रोग के कारण होने वाले प्रभाव व विकारों के उचित इलाज से सिकल रोगी को लंबा जीवन मिल सकता है। इसके अतिरिक्त विवाह पूर्व अगर रक्त जाँच कर यह पता कर लिया जाए कि इनमें सिकल सेल के जीन तो नहीं है और यदि दोनों में सिकल सेल पाये जाते हैं या दोनों सिकल सेल रोगी हैं तो उन्हें शादी नहीं करनी चाहिए ।
इस प्रकार ऐसे लोगों को आपस में शादी न करके सिकलग्रस्त बच्चे की उत्पत्ति को भी रोकी जा सकती है। ऐसे में परिवार जिनमें किसी को यह रोग पहले से है, तो फैमिली प्लानिंग करने से पहले डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में जनवरी 2020 से मई 2021 तक ओपीडी में आए रोगियों के रक्त जांच में 400 से अधिक लोगों में सिकल सेल के लक्षण मिले हैं।
छिंदगढ़, 17 जून। कूकानार पुलिस थाना में जगरगुंडा थाने से तबादले पर पहुंचे नए थाना प्रभारी अशोक यादव ने प्रभार लेते ही ग्रामवासियों के साथ बैठक ली। बैठक में पूर्व थाना प्रभारी नरेंद्र दुबे को विदाई दी गई।
विदित हो कि लगभग एक वर्ष तक नरेंद्र दुबे कूकानार थाना के प्रभारी के रूप में रहे। विदाई समारोह में उपस्थित ग्रामीणों ने नरेंद्र दुबे के व्यवहार व कार्य के सम्बन्ध में जमकर तारीफ की तो वहीं नरेंद्र दुबे ने भी अभी तक अपने पुलिस जीवन का सबसे अच्छा थाना कूकानार को कहा।
नव पदस्थ थाना प्रभारी यादव ने कहा कि थाना क्षेत्र में शांति कायम रखना,अपराध मुक्त बनाना व कहा कि समाज की सबसे बड़ी बुराई शराब है जो विभिन्न अपराधों की जननी है, इसलिए अवैध रूप से बिक रही शराब बंदी करना भी मेरी प्राथमिकता रहेगी। सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर जोगिन्दर ने कानून एवं समाज के बीच में तालमेल रखकर कार्य करने की आवश्यकता है कहा। एएसआई मरकाम ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि अशोक चौहान,प्रतिष्ठित व्यापारी रज्जुलाल,कांग्रेसी नेता जयपाल,उपसरपंच मुकुंद दास,सीएसी श्यामलाल सिन्हा ने भी सभा को सम्बोधित किया। इसके अलावा किशोर, साकेश, गोबरे, पुलिस परिवार व सीआरपीएफ के अधिकारी कर्मचारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपट्टनम, 16 जून। भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि नियमों को ताक में रखकर गाजे-बाजे के साथ कोरोना को आमंत्रण देने क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी निकले हैं।
उन्होंने आगे कहा है जिले के उसूर विकासखंड में कोरोना संक्रमण अधिक फैलने के चलते जिला प्रशासन कन्टेन्टमेंट ज़ोन घोषित किया है, लेकिन क्षेत्र का एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि होने के नाते क्षेत्र की जनता को कोरोना से बचाव व नियंत्रण हेतु सजग करने के बजाय स्वयं विधायक इस महामारी के दौरान लोगों का भीड़ एकत्रित कर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं।
कोविड प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन कर अपने आप को संविधान से ऊपर समझ बैठे हैं। जबकि स्वयं सूबे के मुख्यमंत्री वर्चुअल के माध्यम से कोविड प्रोटोकॉल के पालन/परिपालन हेतु दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विधायक भीड़ एकत्रित कर सभाएं आयोजित कर कोरोना महामारी को आमंत्रित कर रहे हैं।
धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों और दार्शनिक व अन्य स्थानों पर आम लोगों के लिए महज नियम बनाकर प्रशासन खानापूर्ति कर रही है, कोविड नियमों के उल्लंघन में प्रशासन विधायक पर कोविड नियमों के तहत कार्यवाही करेगी या उनके लिए नियमों में छूट है स्पष्ट करें। साथ ही क्षेत्र में कोरोना के संक्रमण से लोग संक्रमित होते हैं और नुकसान होता है तो इसके जिम्मेदार केवल और केवल क्षेत्रीय विधायक होंगे।
विधायक मास्क लगाए बगैर लोगों के बीच जा रहे हैं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हैं वे ऐसा करके क्या संदेश देना चाहते है,अपनी राजनीतिक हित छोडक़र लोगों की चिंता करे और स्वयं भी नियमों का पालन करे साथ ही जिला प्रशासन अपना जवाबदेही तय कर कार्यवाही करे।
जिला अस्पताल सुकमा में की गई कार्यक्रम की शुरुआत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 15 जून। निमोनिया से बच्चों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य के साथ जिले में बच्चों के लिए न्यूमोकोकल कान्जुगेट टीकाकरण की शुरुआत की गई है। न्यूमोकोकल कान्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी) कार्यक्रम पूरे देशभर में चलाया जाएगा और इसकी शुरुआत सुकमा जिले में भी की गई है। जिला अस्पताल में ढाई माह की पंती को पीसीवी टीका लगाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके लिए राज्य से कुल 600 डोज पीसीवी की प्राप्ति हुई है।
न्यूमोकोकल कान्जुगेट टीकाकरण निमोनिया पीडि़त बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा। यह टीकाकरण कार्यक्रम पहले सिर्फ पांच राज्यों में चलाया जा रहा था, लेकिन अब इसे यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम में शामिल कर लिया गया है। बरसात का मौसम आते ही संभावित कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के अलावा बच्चों को निमोनिया से भी सुरक्षित रखने का प्रयास जिले में तेजी से शुरू हो गया है। इसी क्रम में निमोनिया से बचाव के लिए जिले के टीका हेतु पात्र सभी बच्चों का पीसीवी टीकाकरण किया जाएगा। इस वैक्सीन की डोज जिले के शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनवाड़ी केंद्रों में निशुल्क दी जाएगी। निमोनिया से बचाव के लिए पीसीवी वैक्सीन क्रमश: छह और 14 सप्ताह उम्र के बच्चों को दी जाएगी। इसके अलावा 9 माह उम्र के बच्चों को बूस्टर डोज दी जाएगी।
जिला सीएमएचओ सी.पी.बंसोड़ ने बताया, यह जीवन रक्षक टीका कोविड संक्रमण काल में बच्चों को स्वस्थ रखने के साथ ही निमोनिया के कारण होने वाले अस्पताल व दवाओं के खर्चों को भी कम करेगा। इस टीके के तीन डोज होंगे। न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर,कान का इन्फेक्शन व साइनुसाइटिस से बचाव के लिए न्यूमोकोकल वैक्सीन (पीसीवी वैक्सीन ) पूरी तरह सुरक्षित व असरदार है। पीसीवी टीका हर सप्ताह मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित किए जाने वाले नियमित टीकाकरण सत्र में जिले के सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में पात्र बच्चों को नि:शुल्क किया जाएगा।
उन्होंने बताया, निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर,कान का इन्फेक्शन व साइनुसाइटिस की वजह से देश में हर साल लगभग 15 फीसदी बच्चों की मौत हो जाती है, जो बेहद गंभीर विषय है, लेकिन पीसीवी टीकाकरण के माध्यम से बच्चों की निमोनिया से होने वाली इस मृत्यु दर पर अब काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। पीसीवी के एक टीके की कीमत बाजार में लगभग ढाई से तीन हजार रुपये है और ऐसे में पीसीवी टीकाकरण को यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम में शामिल किया जाना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।
मनोज, दीपिका व अटभैया को मिली बड़ी जिम्मेदारी
सुकमा, 15 जून। प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनित कौशिक एवं राष्ट्रीय महासचिव सच्चिदानंद उपासने ने बस्तर संभाग में इस अभियान एवं संगठन को और मजबूती प्रदान करने हेतु पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा मनोज देव को प्रदेश महामंत्री एवं भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी को बस्तर संभाग के अध्यक्ष व जयंत अटभैया को प्रदेश मंत्री का दायित्व सौंपा है।
विदित हो कि 2015 में इस अभियान की शुरुवात संस्थापक कुशेष आर्य के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति से किया था। अभियान के नवनियुक्त प्रदेश महामंत्री मनोज देव ने जल्द ही बस्तर संभाग के सारे जिलों में इस योजना के तहत नियुक्तियां कर प्रत्येक मंडल(ब्लॉक) में टीम बनाकर टीम वर्क के तहत कार्य कर इस योजना का जो उद्देश्य है उसकी पूर्ति हेतु जन-जन तक जाकर जागरूकता व क्रियान्वयन को आंदोलन के रूप में कार्य करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 200 से अधिक योजनाओ की शुरुआत की गई है जिसकी समुचित जानकारी के अभाव में ग्रामीण इसके लाभ से वंचित हो रहे है। हम संभाग के सभी आईएएस व आईपीएस सहित जिला प्रशासन को ध्यानाकर्षसण कराकर इस अभियान के तहत आंदोलन के रूप में सभी पात्र हितग्राहियों को इसका लाभ मिलना- दिलाना सुनिश्चित करेंगे
इस विषय में दीपिका ने बताया कि इस नई जिम्मेदारी को मैं बखूबी संभाल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं को जन जाति व पिछड़े वर्ग समाज तक पहुंचाने हेतु प्रतिबद्ध हूं। उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार ने जनता के हित में कई सारी योजनाएं चला रखी है लेकिन योजनाओं की जानकारी के आभाव में लोग सरकारी लाभ से वंचित हो जाते हैं। ऐसे में सरकार योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं को नई जिम्मेदारी सौंप रही है। जिनका काम योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना एवं जनता के बीच पहुंचाना है। जिसका आने वाले दिनों में हमारी ट्रस्ट पूरी जिम्मेदारी से दायित्व का निर्वहन करेगी।तथा भारत युवाओं का देश है। युवाओं ने देश में तरुणाई व अंगडाई ली जिससे केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी और जिसके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बने, इसलिए युवाओं का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने का दायित्व हमारे कंधे पर है जिसे हम पूरी निष्ठा से निभायेंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं का एक मात्र लक्ष्य होना चाहिये की जनकल्याणकारी (अंत्योदय) योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक किस प्रकार पहुंचाया जाए इस बात की चिंता करना है।
अभियान के प्रदेश मंत्री जयंत अटभेया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सेवक रूप में मेरा एकमात्र उद्देश्य पार्टी हित और जनहित के प्रति समर्पित होकर कार्य करना रहा है। प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी जागरूकता अभियान में युवा मोर्चा प्रदेश मंत्री का पद मिलना मेरे लिए गौरव की बात है। मैं पार्टी नेतृत्व का आभारी हूँ। इस पद की गरिमा के साथ मुझे जो भी दायित्व मिला है, उसका निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करूँगा।
इस अभियान के मार्गदर्शक मण्डल में श्री यशको श्रीपद नायक आयुष मंत्री भारत सरकार, कैलाश चौधरी कृषि राज्य मंत्री भारत सरकार, डॉ. भारतीबेन डी शियाल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा एवं लोकसभा सांसद, सूर्यकांत केलकर राष्ट्रीय संगठन मंत्री भारत रक्षा मंच, रतनलाल कटारिया जल शक्ति व सामाजिक न्याय राज्य मंत्री, भारत सरकार साथ ही अभियान के मुख्य संरक्षक के रूप मे डॉ. रमन सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा व पूर्व मुख्यमंत्री को दायित्व दिया गया है। सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों ने केंद्रीय नेत्रत्व एवं राष्ट्रीय महासचिव सच्चिदानंद उपासने का आभार व्यक्त किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 15 जून । भाजयुमो के तय कार्यक्रम के तहत 16 एवं17 जून को भाजयुमो कार्यकर्ता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित प्रदेश सरकार के सभी मंत्रीयों और विधायकों के बंगले के सामने ‘क्या हुआ तेरा वादा वो कसम वो इरादा’ के स्लोगन के साथ पहुंचेगा और शराबबंदी सहित वादाखि़लाफियों का हिसाब मांगेंगे।
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने कहा कि प्रदेश सरकार के असफलताओं, विफलताओं और वादाखि़लाफियों के कीर्तिमान के साथ ढाई वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन ढाई वर्षों में प्रदेश सरकार ने वादाखिलाफी करने और छत्तीसगढ़ के प्रत्येक वर्ग के साथ धोखा करने के अलावा कुछ नहीं किया हैं। अमित साहू ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता, रोजगार, शराबबंदी, आवास, बाड़ी, पट्टा, बिजली बिल, संपत्ति कर, फ़ूड पार्क, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सुरक्षा, बुजुर्गों को पेंशन जैसे सभी वादों को पूरा करने में प्रदेश सरकार विफल साबित हुई है। भाजयुमो प्रदेश सरकार से ढाई साल का हिसाब मांगेगा विशेष रूप से युवाओं से जुड़े विषयों महिलाओं की सुरक्षा और शराबबंदी को लेकर भाजयुमो सीधे जनता से संवाद करेगा और मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों और विधायकों के पास जा कर उनसे हम सवाल करेंगे, उन्हें जवाब देना ही होगा।
भाजयुमो जिला अध्यक्ष मडकम भीमा ने कहा कि प्रदेश नेतृत्व से एवं भाजपा जिलाध्यक्ष हूँगाराम मरकाम के मार्गदर्शन में कार्यक्रम के तहत भाजयुमो कार्यकर्ता 16 जून को पांचो मंडलो पर युवाओं से संबंधित विषयों व प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी एवं युवाओं के साथ हो रहे अन्याय को लेकर सवाल करेंगे ।
साथ ही 17 जून को जिले के विधायक एवं (मंत्री) के बंगले के बाहर ढाई साल का हिसाब मांगेंगे और शराबबंदी को लेकर भाजयुमो कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे।
सुकमा, 14 जून। गंजेनार छिंदगढ़ क्षेत्र से जनपद सदस्य गोरे लखमा नाग ने भाजपा जिलाध्यक्ष हूँगाराम के बयानों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में छिंदगढ़ ब्लॉक से भाजपा समर्पित एक भी जनपद सदस्य व जिला पंचायत सदस्य चुनाव नहीं जीतना, उनकी राजनीति अहमियत बयां करती है। जिसके खुद के ग्राम पंचायत में बरसों से काबिज सरपंच इस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बुरी तरह से हार गये हैं, इसलिए हूँगाराम की बौखलाहट सामान्य बात है।
उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने के उद्देश्य से ई पंजीयन प्रणाली योजना भूपेश बघेल की सरकार में आई है। पूवर्ती रमन सिंह की सरकार में भाजपाई अपने चहेतों को ही टेंडर दिलवाया करते थे। हूँगाराम मरकाम मंत्री कवासी लखमा एवं कांग्रेस के ऊपर आरोप लगाना बन्द करें।
हूँगाराम ने कहा कि सुकमा जिले में जो भी विकास हुए हैं वो केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा किया गया है,जो सरासर गलत है। जब केंद्र में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार थी, तब बीआरजीएफ मद से 2012-13 में 645.04 लाख रुपए 2013-14 542.15 लाख रुपये 2014-15 में 546-21 लाख रुपये आईएपी मद से 2012-13 में 1500.00 लाख रुपये 2013-14 में 2000.00 लाख रुपये 2014-15 में 2000.00 लाख रुपये वहीं 2012-13 में सिविल वर्क में सुकमा जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, सडक़ व मूलभूत सुविधाओं सहित अन्य विकास कार्यों के लिए खर्च किया गया है। लेकिन केंद्र में मोदी सरकार आते ही बीआरजीएफ व आईएपी मद को बंद कर दिया गया। उसके बाद 2015 से लेकर अब तक सुकमा जिले में केंद्र सरकार ने सात वर्षों में सात सौ रुपये भी नहीं दिया है।
जिससे साफ जाहिर होता है कि मोदी सरकार आदिवासी व अन्य पिछड़ा क्षेत्रों के विकास विरोधी हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 14 जून। आज सुकमा स्थित तुंगल बांध में बाढ़ आपदा राहत दल के जवानों ने जिले में उपलब्ध समस्त बाढ़ बचाव सामग्री का परीक्षण एवं मॉक ड्रिल किया। मॉकड्रिल का अवलोकन एवं निरीक्षण संभागीय सेनानी नगर सेना बस्तर संभाग एल पी वर्मा एवं जिला सेनानी नगर सेना जगदलपुर एस के मार्बल द्वारा किया गया।
इस दौरान बचाव दल के जवानों ने आपदा के समय व्यक्ति को पानी के भीतर खोजने, उसे सुरक्षापूर्वक लाइफ बोट तक लाने का ड्रिल प्रस्तुत किया। इसके साथ ही बचाव के दौरान उपयोग होने वाले सभी उपकरणों का डेमो भी किया। जिसमें सही तरीके से लाइफ जैकेट पहनना, डूबते व्यक्ति को तैराक द्वारा बचाया जाना, अंडर वाटर डाइविंग कर पानी के भीतर व्यक्तियों का पता लगाना इत्यादि ड्रिल किया गया।
संभागीय सेनानी वर्मा ने नगर सेना सुकमा के जवानों का ड्रिल का निरीक्षण किया और उन्हें आगमी मानसून के दौरान बाढ़ में फंसे लोगों के बचाव पूरी हिम्मत और सूझबूझ से करने के लिए हौसला बढ़ाया। उन्होंने सभी उपकरणों की बारीकी से जांच की और जवानों को खुद को तैयार करने के लिए रोजाना तैराकी और डाइविंग करने के किए कहा। इसके अलावा उन्होंने जवानों को बाढ़ आपदा में बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए।
इस दौरान अपर कलेक्टर ओ पी कोसरिया, एसडीएम सुकमा नभ एल स्माइल, तहसीलदार सुकमा प्यारेलाल नाग, तहसीलदार गादीरास महेंद्र लहरे, जिला सेनानी नगर सेना सुकमा एन एस नेताम, कंपनी कमांडर नगर सेना सुकमा पी एन उइके, सहायक उपनिरीक्षक (अ)आलोक कुमार कोठारी सहित नगर सेना के जवान मौजूद रहे।
हर माह ग्रामीणों के उपचार के लिए पहाड़ चढक़र जाती है स्वास्थ्य टीम
सुकमा, 14 जून। बरसात के मौसम में कई दिनों तक नदी-नालों में पानी के अधिक बहाव के कारण दूरस्थ एवं तराई क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण अपने सेहत की जांच कराने स्वास्थ्य केंद्र नहीं जा पाते हैं। प्राथमिक उपचार के लिए भी ग्रामीणों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग खुद ही कच्चे रास्ते , पहाड़ व नदी के बहाव को पार करते हुए ग्रामीणों तक पहुँच बना रहा है। अति संवेदनशील इलाके के अंतर्गत आने वाले ग्राम झीरम घाटी की तराई से, 8 किलोमीटर दूर पहाड़ के ऊपर बसा हुआ है एलेंगनार। इस गांव में पहुंचने के लिये पहले लगभग 1 किलोमीटर खड़ी पहाड़ की चढ़ाई करनी पड़ती है। पथरीले पगडण्डी रास्तों से होते हुए अपने कार्य और सेवाभाव के लिये समर्पित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा यहाँ पर एक दिवसीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
‘एलेंगनार गाँव बस्तर के लिये एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। क्योंकि 1910 में हुए भूमकाल विद्रोह के वीर गुंडाधुर के प्रमुख साथी डेबरीधुर का यह पैतृक गांव है, जो अंचलवासियों के लिये आज भी पूज्यनीय है
इस समय स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहाड़ी क्षेत्र व स्वास्थ्य केंद्रों से दूर बसे गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को उनके ही गांव में शिविर आयोजित कर मलेरिया व मौसमी बीमारियों की जांच के साथ ही कोरोना के टीके भी लगाए जा रहे हैं।
शिविर में आई महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता शश्मिता राव ने बताया, 2015 से वह अपने सहयोगियों के साथ, गर्भवती महिलाओं की जांच, बच्चों को टीका लगाने, सहित अन्य बीमारियों के जांच के लिये हर माह एलेंगनार आती रही हैं। इस बार लगाए गए शिविर में 45 वर्ष से अधिक के 11 लोगों को कोरोना का टीका भी लगाया गया और 25 लोगों के मलेरिया की जांच की गई, इनमें से किसी में भी मलेरिया के लक्षण नहीं मिले हैं। साथ ही 2 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच भी की गई। इसके अलावा सर्दी खांसी के रोगियों का परीक्षण कर उपचार किया गया। उपचार के लिये आए ग्रामीणों को कोरोना की वजह से सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करने व जिनके पास मास्क उपलब्ध नहीं थे, उन्हें नि:शुल्क मास्क वितरण किया गया।
कोरोना टीका लगवाने आए 50 वर्षीय पिडे ने स्थानीय बोली में बताया, सरकार हमारे पास पहुँचकर टीका लगा रही है, ये अच्छी बात है। लेकिन गाँव के कुछ लडक़े अज्ञानता के कारण बहुत से लोगों को टीकाकरण करवाने से मना कर रहे हैं, ऐसे में मैं शिविर में सबसे पहले टीका लगवाकर सबको ये सन्देश देना चाहता हूं कि आगे आकर टीका लगवाएं। ये हमारे गांव और परिवार की सुरक्षा के लिये जरूरी है।
पिडे ने बताया, स्वास्थ्य केंद्र से दूरी अधिक होने और ग्राम में यातायात की सुविधा नहीं होने के कारण टीका लगवाने या अन्य बीमारियों की जांच के लिये बहुत दूर चलकर जाना पड़ता है। इससे बच्चों और बुजुर्गों के लिये थोड़ी मुश्किल हो जाती है , लेकिन समय-समय पर गाँव में ही दीदी-भैया(महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और अन्य) के आ जाने से हमें बहुत सहूलियत मिलती है।
शिविर में उपचार के दौरान ग्रामीणों को अपने सेहत के प्रति देखभाल रखने के बारे में बताया गया। इसके अतिरिक्त ग्रामीणों में व्याप्त कोरोना के भय को दूर करने का प्रयास किया गया व उन्हें कोरोना से बचाव के उपाय भी बताए गए। स्वास्थ्य टीम जब वापस लौट रही थी तब तेज़ बारिश ने समस्या बढ़ा दी। खड़ी पहाड़ होने के कारण फिसलन की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी। लेकिन सभी ने एक दूसरे का साथ देते हुए अपनी यात्रा पूरी की।
शिविर हेतु गये दल में शश्मिता राव (महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता), मिनकेतन मांझी(आर.एच.ओ.), सीताराम (आर.एच.ओ), चन्द्रवती कश्यप(एम.टी.), सुखमती वेट्टी(मितानिन) ललित ओझा (आर.ए.ई.ओ) जितेंद्र मण्डावी(कनकापल सरपंच), सहदेव नाग, हीरा सिंह सेठिया, सोमारू मौर्य, भीमाराम सोढ़ी आदि थे।