राष्ट्रीय
श्रीनगर, 4 अगस्त (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के 500 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी जांच के दायरे में हैं और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने बीते सप्ताह ऐसी गतिविधियों में शामिल सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों को नौकरी से निकालने की अनुशंसा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया।
सूत्रों ने कहा कि करीब 500 कर्मचारी/अधिकारी जांच के दायरे में हैं और समिति द्वारा उनके पिछले रिकॉर्ड खंगालने के बाद सिफारिश करने के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
इस उच्चस्तरीय समिति की अध्यक्षता जम्मू एवं कश्मीर के मुख्य सचिव कर रहे हैं, जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव, गृह एवं कानून विभाग के सचिव, डीजीपी और एडीजीपी(सीआईडी) शामिल हैं।
इस समिति का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) को लागू करने के तत्काल बाद किया गया, जोकि कुछ पूर्व निर्धारित आधार पर केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों से सिविल क्षमता में कार्य कर रहे कर्मचारी को हटाने, निलंबित करने या पदावनति करने का अधिकार देता है।
यह अनुच्छेद उनलोगों पर भी बिना जांच कार्रवाई करने का अधिकार देता है, जो राष्ट्रविरोधी गतिविधि में सलिप्त हैं। सरकार अगर इस बात से संतुष्ट होती है कि किसी अधिकारी को हटाने की कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है तो वह वह ऐसा कदम उठा सकती है।
यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर में अुनच्छेद 370 की वजह से प्रभावी नहीं था। लेकिन पिछले वर्ष 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35ए को हटा दिया गया था, जिसके बाद यह प्रभावी हो गया।
इसके तहत, भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस) के अधिकारियों को भी देश-विरोधी गतिविधि में संलिप्त पाए जाने पर किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से छूट नहीं मिलेगी।
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पटना, 4 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार में बाढ़ का पानी अब नए क्षेत्रों में भी बढ़ता जा रहा है। राज्य की अधिकांश प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण राज्य के 14 जिलों के लोग बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सारण, समस्तीपुर सहित 14 जिलों की 56 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ की विभीषिका झेल रही है। इन बाढ़ प्रभावित इलाकों में घटी विभिन्न घटनाओं में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच हालांकि सरकार राहत और बचाव कार्य का दावा कर रही है।
जल संसाधन विभाग की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी के जलस्तर में घटने का रुख है। वीरपुर बैराज के पास मंगलवार की सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1़ 97 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे घटकर 1़ 91 लाख क्यूसेक हो गया। इधर, गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। गंडक का जलस्राव वाल्मीकिनगर बराज पर सुबह आठ बजे 1़ 55 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया।
राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा व घाघरा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार के 14 जिलों के कुल 114 प्रखंडों की 1082 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 56़ 53 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इन इलाकों में 19 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 17 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1,358 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन नौ लाख से ज्यादा लोग भोजन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 4,18,490 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है।
अपर सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को बतौर राहत राशि 6,000 रुपये दिए जा रहे हैं। अभी तक 2,71,407 परिवारों के बैंक खातों में कुल 162़ 84 करोड़ रुपये की राहत राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में बाढ़ से जुड़ीं विभिन्न घटनाओं में 13 लोगों की मौत हुई है।
अयोध्या, 4 अगस्त (आईएएनएस)| अयोध्या में नए राम मंदिर के लिए 'भूमि पूजन' करने के लिए शुभ समय तय करने वाले पुजारी विजयेंद्र (75) को फोन पर धमकियां मिली है, जिसके बाद कर्नाटक के बेलगावी में उनके आवास पर सुरक्षा प्रदान की गई है। सूत्रों ने यहां कहा कि बेलगावी के शास्त्री नगर इलाके में रहने वाले पुजारी को धमकी मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लयिा है और उनके आवास पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा, "यह गंभीर चिंता का विषय है कि जो पुजारी ' मुहूर्त' तय करते हैं, उन्हें भी उन लोगों द्वारा नहीं बख्शा जा रहा है जो मंदिर का निर्माण नहीं चाहते हैं।"
विजयेंद्र ने पत्रकारों को बताया कि एक कॉलर ने उनसे पूछा कि उन्होंने 'भूमिपूजन' की तारीख क्यों निर्धारित की है। 'उसने कहा' 'आप इन सब में क्यों पड़ना चाहते हैं?' मैंने कहा कि आयोजकों ने मुझसे 'भूमिपूजन' के लिए शुभ तारीख बताने के लिए अनुरोध किया था और मैंने उन्हें बता दिया। फोन करने वाले ने अपना नाम प्रकट नहीं बताया। विभिन्न नंबरों से कॉल आ रहे हैं।
विजयेंद्र पिछले कई वर्षों से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं। इस वर्ष फरवरी में, उन्हें ट्रस्ट द्वारा मंदिर निर्माण कार्य के शुभारंभ के लिए उपयुक्त समय की गणना करने और सूचित करने के लिए कहा गया था।
हालांकि, वह कोरोनोवायरस महामारी के कारण 'भूमिपूजन' समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे।
'भूमिपूजन' समारोह बुधवार को दोपहर में होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे।
संदीप पौराणिक
भोपाल, 4 अगस्त (आईएएनएस)| राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधार शिला रखी जा रही है। मंदिर निर्माण के पूरे हो रहे अभियान में अनेक लोगों का योगदान रहा है। मध्य प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) राजा बाबू सिंह भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने छात्र जीवन में वर्ष 1992 में अयोध्या में कारसेवक की भूमिका निभाई थी।
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के निवासी राजोबाबू सिंह वर्तमान में पुलिस मुख्यालय में सामुदायिक पुलिस के एडीजी हैं। वे उन दिनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र हुआ करते थे और हजारों कारसेवक अयोध्या गए थे। उनके कई साथी छात्र भी वहां गए तो सिंह भी उनके साथ अयोध्या जा पहुंचे।
सिंह वर्ष 1992 के दौर केा याद करते हुए कहते हैं, " श्रीराम जन्मभूमि को देखने और रामलला के दर्शनों की अभिलाषा हमेशा से मन में थी। अयोध्या जाने का मौका मिला नहीं था। कारसेवा के समय अपने साथियों के साथ अयोध्या केा चल दिए क्योंकि रामजन्म भूमि और रामलला के दर्शनों की मन उठ रही हिलोरे वहां जाने के लिए मजबूर कर रही थीं। ईश्वर के प्रति अगाध आस्था हमेषा रही और उस अवसर ने प्रेरित करने का काम किया।"
उन्होंने बताया कि मत्था टेककर रामलला के दर्शन भी किये और उनसे प्रार्थना भी की कि आपकी कृपा से आपका यहां भव्य मंदिर बने। अब वह सपना पूरा हो रहा है जब 28 साल बाद पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करेंगे।
एडीजी सिंह का कहना है समूचे देशवाशियों चाहें वह किसी भी जाति या समुदाय का हो, सभी के लिए गर्व का विषय है। भारतीय संस्कृति के लिये क्लाइमेक्स का समय है, जब प्रधानमंत्री आधारशिला रखेंगे।
सिंह भले ही अब प्रदेश के पुलिस महकमे के बड़े औहदे पर हो मगर आनन्दित हैं और रोमांचित भी। उनका कहना है कि आखिर ऐसा हो भी क्यों न क्योंकि उनका ही नहीं हर देशवासी का सपना जो साकार हो रहा।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)| भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोनावायरस के 52,050 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 803 मौतें हुई हैं। इसके साथ ही देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 18,55,745 हो गई है और मृतकों की संख्या बढ़कर 38,938 हो गई। मंगलवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ।
देश ने सोमवार को 18 लाख का आंकड़ा पार कर लिया था। वर्तमान में, 5,86,298 मामले सक्रिय हैं और 12,30,509 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।
वैश्विक औसत की तुलना में भारत में सबसे कम 'केस फैटलिटी रेट' (सीएफआर) 2.09 प्रतिशत है।
मंत्रालय ने कहा कि 66.3 प्रतिशत की रिकवरी (ठीक होने) दर के साथ, पिछले 24 घंटों में कुल 44,306 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई। पिछले 24 घंटों में 6,61,892 नमूनों की जांच की गई है।
महाराष्ट्र 4,41,228 मामलों और 15,576 मौतों के साथ कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना हुआ है, जिनमें से 260 मौतें पिछले 24 घंटों में हुईं।
तमिलनाडु 257,613 मामलों और 4,132 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर है। राज्य में पिछले 24 घंटों में 98 मौतें हुईं।
दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है।
मिजोरम, त्रिपुरा और उत्तराखंड में भी सक्रिय मामलों में गिरावट देखी गई है।
जबकि वैश्विक मोर्चे पर, जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, भारत कोरोना से तीसरा सबसे प्रभावित देश बना हुआ है। मंगलवार की सुबह तक, वैश्विक कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 18,193,291 करोड़ हो गई है, जबकि मौतों की संख्या भी बढ़कर 6,91,642 हो गई है।
भोपाल, 3 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ना लगातार जारी है। मरीजों की संख्या अब 34 हजार को पार कर गई है, वहीं मौतों का आंकड़ा 900 तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में बीते 24 घंटों में 750 मरीज सामने आए हैं। अब मरीजों की कुल संख्या 34,285 हो गई है। सबसे ज्यादा मरीज इंदौर में 7646 है, यहां 91 मरीज सामने आए हैं। वहीं भोपाल में 24 घंटों में सबसे ज्यादा 166 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या 6793 हो गई है।
राज्य में एक तरफ जहां मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है, वहीं मौतों की संख्या भी बढ़ रही है। बीते 24 घंटों में 14 मरीजों की मौत से कुल संख्या 900 हो गई है। अब तक सबसे ज्यादा 317 मौतें इंदौर में हुई हैं, इसके अलावा भोपाल में अब तक 190 मरीज दम तोड़ चुके हैं।
चंडीगढ़, 3 अगस्त। पंजाब में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 112 हो गई.
ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, तरन तारण में 25 और मौत होने और अमृतसर में एक और मौत होने से कुल आंकड़ा बढ़कर 112 हो गया है.
राज्य में बुधवार रात से शुरू हुई त्रासदी के बाद अब तक तरन तारण में कुल 88 लोगों की मौत हुई हैं, जिनमें से छह का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है जबकि दो को इलाज के लिए अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) शिफ्ट किया गया है.
जहरीली शराब पीने से बीमार हुए लोगों का कहना है कि जब से उन्होंने शराब पी है, तभी से उन्हें देखने में समस्या हो रही है.
अमृतसर के मुच्छल गांव की मादेपुर कॉलोनी के एक शख्स की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई. उसका भाई भी अस्पताल में है और उसकी आंखों की रोशनी चली गई है.
बाटला से एक शख्स को जीएनडीएच में रेफर किया गया है, जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
तरन तारण के उपायुक्त कुलवंत सिंह ने फोन पर बताया कि वहां क्षेत्र से मिली जानकारी के आधार पर प्रशासन मृतकों का आंकड़ा 75 बता रहा है क्योंकि बीते कुछ दिनों में मृतकों का अंतिम संस्कार उनके परिजन द्वारा कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ तो पोस्टमॉर्टम कराने के लिए भी नहीं आए. अधिकारियों ने कहा कि कुछ परिवार तो अपने संबंधी की जहरीली शराब पीने से हुई मौत की रिपोर्ट दर्ज कराने भी आगे नहीं आ रहे हैं.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे अपने परिवार के सदस्य की मौत की रिपोर्ट कराएं.
वहीं, शवों के पोस्टमार्टम में देरी की भी खबरें हैं. मुच्छल गांव के बलकार सिंह का कहना है कि उनके गांव के जोगा सिंह की शुक्रवार को मौत हुई थी लेकिन उसका रविवार को अंतिम संस्कार किया गया क्योंकि परिवार को ऑटोप्सी में देरी की वजह से शव मिलने के लिए दो दिन का इंतजार करना पड़ा .
उन्होंने कहा, ‘बाबा बालक सिविल अस्पताल में डॉक्टर्स नहीं होने की वजह से रविवार को पोस्टमार्टम हो पाया.’
इसी तरह कादगिल गांव के साजन सिंह अपने पिता हरजिंदर सिंह के शव के लिए तीन दिनों तक तरन तारण अस्पताल के चक्कर लगाते रहे. उनका कहना है कि रविवार को पोस्टमार्टम होने के बाद उन्हें शव सौंपा गया.
तरन तारण अस्पताल के वरिष्ठ मेडिकल अधिकारी डॉ. रोहित मेहता का कहना है, ‘हमारी टीमें ऑटोप्सी का काम पूरा करने के लिए ओवरटाइम कर रही हैं. कल हमारी टीमों ने रात आठ बजे तक काम किया और 13 शवों का पोस्टमार्टम किया. हम आज अभी तक 10 ऑटोप्सी कर चुके हैं.’
बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले के सामने आने के बाद छह पुलिसकर्मियों के साथ सात आबकारी अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया.
निलंबित अधिकारियों में दो उप पुलिस अधीक्षक और चार थाना प्रभारी शामिल हैं. इस बीच पुलिस ने राज्य में 100 से अधिक स्थानों पर छापेमारी कर अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है.
शराब पीने से बीमार हुए 50 वर्षीय तिलक राज ने बताया, ‘मैंने जबसे यह शराब पी, तब से मेरी तबीयत खराब हो गई और मैं ठीक से देख नहीं पा रहा था. अब थोड़ा ठीक हूं लेकिन देखने में अभी भी समस्या हो रही है. मैं 60 रुपये में यह शराब खरीदी थी.’
एक और बीमार शख्स 32 वर्षीय अजय कुमार का कहना था, ‘जबसे मैंने शराब पी मुझे कमजोरी महसूस हो रही है.’
कई लोगों ने बताया कि उन्होंने हाथी गेट के पास से शराब खरीदी थी. आरोप है कि खुलेआम जहरीली और नकली शराब बेची गई लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.
इस बीच, विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) ने पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा समेत कुछ स्थानों पर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसकी वजह से लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर गरीब परिवारों के थे.
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने तरन तारण जाकर मृतकों के परिजन से मुलाकात की. मान ने इस मामले की मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की.(thewire)
इंदौर, 3 अगस्त। हमेशा की तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। वे जब भी कुछ बोलते है, विवाद जरूर खड़ा होता है। कभी,कभी लगता है, उम्र के इस दौर में वे विवाद का मजा लेने को उतावले हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने की तारीख और उसके मुहूर्त पर विवाद बढ़ता जा रहा है। दिग्विजय सिंह ने सोमवार को इसे कोरोना से जोड़ दिया। वे बोले मुहूर्त अशुभ है, इसलिए अमित शाह, मंदिर के पुजारी संक्रमित हो गए। उत्तरप्रदेश के एक मंत्री की मृत्यु हो गई। बीमारी को शुभ-अशुभ से जोड़ने की इस दिग्विजय वाणी से बड़ा वर्ग नाराज़ है।
लोग सवाल कर रहे हैं कि 6 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। क्या वे सभी ऐसे ही किसी पाप के शिकार हैं। लोगों ने ये सवाल भी उठाया कि देशभर में कई कांग्रेसी नेता भी पॉजिटिव निकले हैं, उन पर वे क्या कहेंगे। खुद मध्यप्रदेश में कांग्रेस के विधायक कुणाल चौधरी पॉजिटिव निकले। दिग्विजय ने अपने राजयसभा चुनाव में उन्हें अस्पताल से बुलवाकर वोट डलवाया। तब उन्होंने वोट लेने से इंकार नहीं किया। आज वे दूसरों को आइसोलेट होने की सलाह दे रहे हैं।
दिग्विजय ने ट्वीट किया- ‘मंदिर पूजन के लिए हिंदू धर्म की मान्यताओं को नजरअंदाज किया गया है। इसी वजह से गृह मंत्री अमित शाह से लेकर राम मंदिर के पुजारी तक कोरोना संक्रमित हो गए हैं। अपनी बात रखने के लिए दिग्विजय ने 11 ट्वीट किए। कहा, ‘मोदीजी आप अशुभ मुहूर्त में भगवान राम मंदिर का शिलान्यास कर और कितने लोगों को अस्पताल भिजवाना चाहते हैं?
योगीजी आप ही मोदीजी को समझाइए। आपके रहते हुए सनातन धर्म की सारी मर्यादाओं को क्यों तोड़ा जा रहा है? और आपकी क्या मजबूरी है जो आप यह सब होने दे रहे हैं?
1. राम मंदिर के समस्त पुजारी कोरोना पॉजिटिव।
2. उत्तर प्रदेश की मंत्री कमलरानी वरुण का कोरोना से निधन।
3. उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष कोरोना पॉजिटिव।
‘योगी और मोदी को क्वारैंटाइन होना चाहिए’
दिग्विजय ने कहा, ‘इन हालातों में क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को क्वारैंटाइन नहीं होना चाहिए? क्या नियम केवल आम जनता के लिए है? प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के लिए नहीं है?’ उन्होंने कहा, ‘भगवान राम करोड़ों हिंदुओं के आस्था के केंद्र हैं। हजारों सालों से चली आ रही मान्यताओं के साथ खिलवाड़ मत करिए।’
मुहूर्त शुभ है तो उमाजी क्यों नहीं जा रहीं ?
मीडिया से पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या मुहूर्त ठीक है? मैं उमा भारती से पूछना चाहता हूं। वे क्यों नहीं जाना चाहतीं। साधु-संत क्यों मौन है? विहिप क्यों मौन है? वाराणसी से शब्दार्थ होना चाहिए। हजारों वर्ष के संस्कार को आप क्यों तोड़ना चाहते हैं मोदी जी? कौन सा चुनाव है अभी। क्या शुभ मुहूर्त नरेंद्र मोदी के लिए निकलवाया गया है ?(politicswala)
पटना, 3 अगस्त। बिहार के रहने वाले बॉलीवुड के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या के मामले में बिहार और मुंबई पुलिस अब आमने-सामने दिख रही है। मुम्बई जांच के लिए पहुंचे बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को मुंबई में नियमों के विरुद्ध क्वारंटीन किए जाने के बाद बिहार पुलिस ने अब बृहनमुम्बई म्यूनिसिपल कोरपोरेशन (बीएमसी) को विरोध पत्र लिखा है। बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने सोमवार को राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद कहा कि पटना के नगर पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी को जबरन क्वारंटीन करना कहीं से भी उचित नहीं है।
पटना जेान के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने बीएमसी के चीफ को एक विरोध पत्र लिखा है, जिसमें अधिकारी के क्वारंटीन करने का विरोध किया गया है और यह कहा गया है कि उसे जल्द से जल्द क्वारंटीन से बाहर किया जाए, जिससे कि वह अपना काम कर सकें।
संजय कुमार ने कहा, " मुंबई गए हमारे अधिकारी को इस तरह क्वारंटीन करना गलत है। क्वारंटीन को लेकर जो गाइडलाइन है, उसके मुताबिक यहां के गए अधिकारी को क्वारंटीन करना गलत है। बीएमसी उन्हें छूट दे सकता था लेकिन नहीं दिया गया। अब हम चाहते हैं कि विनय कुमार के अतिशीघ्र डीक्वारंटाइन किया जाए, जिससे कि वह अपना काम कर सकें।"
संजय कुमार ने कहा कि यहां से आइपीएस अधिकारी के जाने के पहले महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई थी। वे यहां से अधिकारिक तौर पर भेजे गए हैं। ऐसे में उन्हें क्वारंटीन करना कहीं से भी उचित नहीं है।
इससे पहले गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि अब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है। सर्वोच्च न्यायालय जो फैसला सुनाएगा उसका हम लोग पालन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि सुशांत सिंह के पिता के के सिंह ने पटना के राजीवनगर में एक मामला दर्ज करवाया है, जिसमें रिया चक्रवर्ती सहित छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसी मामले की जांच के लिए बिहार पुलिस ने चार सदस्यीय दल मुम्बई भेजा था और इसके बाद रविवार को जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आईपीएस विजय कुमार को मुम्बई भेजा गया लेकिन रविवार को ही उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया।
बीएमसी ने हालांकि इस मामले में सफाई दी है कि विनय कुमार को नियमों के तहत क्वारंटाइन किया गया है। इस मसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपना विरोध जता चुके हैं।(ians)
नई दिल्ली, 3 अगस्त। अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास समारोह होगा। इस बीच बाबरी मस्जिद विध्वंस में शामिल लोगों की पहचान और जांच करने वाले सेवानिवृत्त न्यायाधीश मनमोहन सिंह लिब्रहान ने कहा कि उन्हें हमेशा से यह लगा कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा।
भूमि पूजन समारोह से दो दिन पहले न्यायमूर्ति लिब्रहान ने आईएएनएस से कहा, व्यक्तिगत रूप से मुझे हमेशा से यह महसूस होता रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा।
पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव की सरकार ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के 10 दिनों के भीतर न्यायमूर्ति लिब्रहान की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया था।
वह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज थे। बाद में उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जहां से वह 11 नवंबर 2000 को सेवानिवृत्त हुए।
उन्होंने लिब्रहान आयोग का नेतृत्व किया, जिसे अपनी जांच पूरी करने में 17 साल लगे, जिसने घटनाओं के संबंध में सभी तथ्यों और परिस्थितियों को उजागर किया, जो छह दिसंबर 1992 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर हुई थी। इस पूछताछ में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को मस्जिद के विध्वंस के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। 30 जून 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को रिपोर्ट सौंपी गई थी।
जब उनसे पूछा कि उन्हें यह क्यों लगता था कि विवादित जगह पर राम मंदिर बनाया जाएगा, तो न्यायाधीश लिब्रहान ने जवाब दिया, यह एक निजी भावना है। मेरे पास इस बात को बताने के लिए कुछ नहीं है कि मुझे यह एहसास क्यों होता रहा है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी को अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। यह पूछने पर कि इस मामले पर शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना जारी है, उन्होंने जवाब दिया, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला दिया है। लोगों को इसका सम्मान करना चाहिए और फैसले की आलोचना करने का कोई मतलब नहीं है।
लिब्रहान आयोग ने निष्कर्ष निकाला था कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस एक सुनियोजित हमला था, जिसे आरएसएस कैडर की एक विशेष टीम ने अंजाम दिया था, जिसकी सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में पुष्टि की है।
लिब्रहान से सवाल पूछा गया कि जब आप इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दे की जांच कर रहे थे तो क्या आपको किसी तरह के दबाव का सामना करना पड़ा था, उन्होंने जवाब दिया, मैंने कभी किसी दबाव का सामना नहीं किया।
नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की एक पीठ ने सर्वसम्मति से राम मंदिर के निर्माण के लिए हिंदुओं को विवादित भूमि सौंप दी थी।(ians)
अयोध्या, 3 अगस्त। राज जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को होम क्वारंटीन में भेज दिया गया है। उनके शिष्य प्रदीप दास तीन दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, "मेरे शिष्य प्रदीप दास 30 जुलाई को कोरोना संक्रमित हो गए थे, इसके बाद ट्रस्ट ने मुझसे कहा कि मैं तीन दिन मंदिर में प्रवेश न करूं। मैं भूमि पूजन नहीं करूंगा। भूमि पूजन समारोह के लिए अन्य पुजारी काम कर रहे हैं।"
ट्रस्ट के सदस्यों ने इस मसले पर कुछ बोलने से इंकार कर दिया।(ians)
सिलचर (असम), 3 अगस्त (आईएएनएस)| दो धार्मिक गुटों के बीच पथराव की घटनाओं के बाद सोमवार को दक्षिणी असम के सिलचर शहर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि कछार जिला मजिस्ट्रेट कीर्थि जल्ली ने शांतिभंग की आशंका में सिलचर शहर के मालुग्राम पुलिस चौकी के तहत के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया, जिससे लोगों की आवाजाही पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा सके।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों समूहों ने रविवार शाम को सिलचर शहर के गोनिवाला क्षेत्रों में एक दूसरे पर पथराव किया। असम पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षाकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया।
विज्ञप्ति में कहा गया है, "यहां तनाव को देखते हुए शांति भंग होने की पूरी संभावना है। इसलिए, जिला प्रशासन ने मालुग्राम पुलिस चौकी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है।"
हालांकि, आदेश में ड्यूटी के दौरान मजिस्ट्रेट को, पुलिस, सैन्य और अर्ध सैन्य बलों, डॉक्टरों और पैरा-मेडिक्स सहित स्वास्थ्य पदाधिकारियों को कर्फ्यू में बाहर निकलने की छूट दी गई है।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, "तत्काल प्रभाव से लागू होने वाला आदेश अगले नोटिस तक लागू रहेगा।"
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनो समूह शनिवार को आपने सामने आ गए थे, जिसके बाद मामले ने रविवार को गंभीर रूप ले लिया।
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बेंगलुरु, 3 अगस्त (आईएएनएस)| कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा के आधिकारिक आवास पर कार्यरत एक महिला सहित 6 कर्मचारी भी जांच में कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "येदियुरप्पाऔर उनकी बेटी पद्मावती के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उनके आधिकारिक आवास और गृह-कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों के पहले व दूसरे संपर्को की जांच की जा रही है। इनमें से अब तक 6 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें एक गनमैन, रसोइया, सेविका, ड्राइवर, हाउसकीपर और सुरक्षा के लिए तैनात एक पुलिसकर्मी शामिल है।"
येदियुपप्पा का आधिकारिक आवास 'कावेरी' और पास में ही स्थित गृह-कार्यालय 'कृष्णा' दोनों कुमारकृपा मार्ग में हैं। शहर के बीचोबीच स्थित यह उच्च सुरक्षा वाला इलाका है।
संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर मुख्यमंत्री और उनकी बेटी का इलाज शहर के पूर्वी इलाके में निजी तौर पर संचालित मणिपाल अस्पताल में किया जा रहा है।
सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सो की एक टीम ने येदियुरप्पा के आवास और गृह-कार्यालय पर तैनात कर्मचारियों की जांच की। ये कर्मचारी आपस में दूरी बनाकर काम कर रहे थे।
अधिकारी ने कहा, "संपर्को का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी भी नगर निगम कर्मियों के साथ पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री के आवास और गृह-कार्यालय को सेनिटाइज किया।"
संक्रमित कर्मचारियों को एक नजदीकी कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया गया है।
शहर के उत्तरी इलाके की डॉलर्स कालोनी में स्थित येदियुरप्पा के निजी अवास 'धवलगीर' को भी सैनीटाइज किया गया और वहां तैनात कर्मचारियों की भी जांच की गई, रिपोर्टों की प्रतीक्षा की जा रही है।
मुम्बई, 3 अगस्त (आईएएनएस)| सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या से जुड़े मामले की जांच के लिए रविवार को मुम्बई पहुंचे बिहार के पुलिस अधिकारी विनय तिवारी को जबरन क्वारंटाइन किए जाने की खबरों के बाद बृहनमुम्बई म्यूनिसिपल कोरपोरेशन (बीएमसी) ने सफाई देते हुए सोमवार को कहा है कि कुमार को 'कोविड-19 महामारी से जुड़े मौजूदा नियमों के तहत क्वारंटाइन' किया गया है। रविवार को मुम्बई पहुंचे पटना सेंट्रल के एसपी तिवारी को गोरेगांव पुलिस स्टेशन गेस्ट हाउस में रखा गया है।
बीएमसी ने कहा है कि साउथ वेस्ट एडमिनिस्ट्रेशन को जानकारी मिली थी कि विनय बिहार से यहां आ रहे हैं और वह गोरेगांव ईस्ट स्थित एसआरपीएफ ग्रुप गेस्ट हाउस में निवास करने वाले हैं। बीएमसी टीम ने रविवार शाम को तिवारी से सम्पर्क किया।
एक अधिकारी ने कहा, "घरेलू ट्रेवल यात्री होने के नाते तिवारी को राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक होम क्वारंटाइन के लिए कहा गया। इसी सम्बंध में हमारे अधिकारी उनसे मिले और रविवार रात को उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया।"
अधिकाररी ने कहा कि बीएमसी टीम ने तिवारी को घरेलू ट्रेवल पेसेंजर्स के लिए बनाए गए नियमों के बारे में विस्तार से बताया। यह नियम 25 मई को लागू हुआ था और इसका नम्बर डीएमयू/2020/सीआर डॉट 92/डीआईएसएम-1 है।
अधिकारी ने कहा कि तिवारी को 15 अगस्त तक के लिए क्वारंटाइन किया गया और साथ ही साथ उन्हें अपने होम क्वारंटाइन अवधि को कम करने के लिए आवेदन भी करने के लिए कहा गया है। यह नियम हर एक घरेलू यात्री पर लागू होता है।
रविवार रात को बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर बिहार अपने आफिशियल ट्वीटर हैंडल से विनय तिवारी को जबरदस्ती क्वारंटीन करने का जिक्र किया था।
पांडेय ने अपने ट्वीट में लिखा, "आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी आज ही पटना से अपनी पुलिस टीम को लीड करने के लिए आधिकारिक ड्यूटी पर मुम्बई पहुंचे लेकिन रात करीब 11 बजे बीएमसी अधिकारियों ने उन्हें जबरन क्वारंटीन कर दिया। इससे पहले उन्हें आईपीएस मेस में जगह नहीं दी गई जबकि उन्होंने कहा था कि वह गोरेगांव के एक गेस्टहाउस में ठहरे हुए हैं।"
विनय तिवारी रविवार दोपहर में मुम्बई पहुंचे थे। हवाई अड्डे पर उनके चार साथियों ने उनकी अगवानी की थी। हवाई अड्डे पर ही तिवारी ने कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की जांच सही दिशा में आगे जा रही है।
इसके बाद वह अपने चार साथियों के साथ गोरेगांव के एक गेस्टहाउस में गए जहां उनकी साथियों के साथ लम्बी बातचीत हुई। सोमवार को उन्हें बांद्रा जोन-9 के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे से मिलना था। त्रिमुखे ही सुशांत की संदिग्ध मौत के बाद उनसे जुड़ा मामला देख रहे हैं।
मुम्बई, 3 अगस्त (आईएएनएस)| सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या से जुड़े मामले की जांच के लिए रविवार को मुम्बई पहुंचे बिहार के पुलिस अधिकारी विनय तिवारी को जबरन क्वारंटाइन किए जाने की खबरों के बाद बृहनमुम्बई म्यूनिसिपल कोरपोरेशन (बीएमसी) ने सफाई देते हुए सोमवार को कहा है कि कुमार को 'कोविड-19 महामारी से जुड़े मौजूदा नियमों के तहत क्वारंटाइन' किया गया है। रविवार को मुम्बई पहुंचे पटना सेंट्रल के एसपी तिवारी को गोरेगांव पुलिस स्टेशन गेस्ट हाउस में रखा गया है।
बीएमसी ने कहा है कि साउथ वेस्ट एडमिनिस्ट्रेशन को जानकारी मिली थी कि विनय बिहार से यहां आ रहे हैं और वह गोरेगांव ईस्ट स्थित एसआरपीएफ ग्रुप गेस्ट हाउस में निवास करने वाले हैं। बीएमसी टीम ने रविवार शाम को तिवारी से सम्पर्क किया।
एक अधिकारी ने कहा, "घरेलू ट्रेवल यात्री होने के नाते तिवारी को राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक होम क्वारंटाइन के लिए कहा गया। इसी सम्बंध में हमारे अधिकारी उनसे मिले और रविवार रात को उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया।"
अधिकाररी ने कहा कि बीएमसी टीम ने तिवारी को घरेलू ट्रेवल पेसेंजर्स के लिए बनाए गए नियमों के बारे में विस्तार से बताया। यह नियम 25 मई को लागू हुआ था और इसका नम्बर डीएमयू/2020/सीआर डॉट 92/डीआईएसएम-1 है।
अधिकारी ने कहा कि तिवारी को 15 अगस्त तक के लिए क्वारंटाइन किया गया और साथ ही साथ उन्हें अपने होम क्वारंटाइन अवधि को कम करने के लिए आवेदन भी करने के लिए कहा गया है। यह नियम हर एक घरेलू यात्री पर लागू होता है।
रविवार रात को बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर बिहार अपने आफिशियल ट्वीटर हैंडल से विनय तिवारी को जबरदस्ती क्वारंटीन करने का जिक्र किया था।
पांडेय ने अपने ट्वीट में लिखा, "आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी आज ही पटना से अपनी पुलिस टीम को लीड करने के लिए आधिकारिक ड्यूटी पर मुम्बई पहुंचे लेकिन रात करीब 11 बजे बीएमसी अधिकारियों ने उन्हें जबरन क्वारंटीन कर दिया। इससे पहले उन्हें आईपीएस मेस में जगह नहीं दी गई जबकि उन्होंने कहा था कि वह गोरेगांव के एक गेस्टहाउस में ठहरे हुए हैं।"
विनय तिवारी रविवार दोपहर में मुम्बई पहुंचे थे। हवाई अड्डे पर उनके चार साथियों ने उनकी अगवानी की थी। हवाई अड्डे पर ही तिवारी ने कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की जांच सही दिशा में आगे जा रही है।
इसके बाद वह अपने चार साथियों के साथ गोरेगांव के एक गेस्टहाउस में गए जहां उनकी साथियों के साथ लम्बी बातचीत हुई। सोमवार को उन्हें बांद्रा जोन-9 के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे से मिलना था। त्रिमुखे ही सुशांत की संदिग्ध मौत के बाद उनसे जुड़ा मामला देख रहे हैं।
लखनऊ, 3 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह का कोविड-19 परीक्षण पॉजिटिव आया है। इससे कुछ घंटे पहले ही भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और दो अन्य विधायकों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।
महेंद्र सिंह के अलावा आठ अन्य राज्य मंत्री - योगेंद्र उपाध्याय, देवेंद्र प्रताप सिंह, राजेंद्र प्रताप सिंह, धर्म सिंह सैनी, चेतन चौहान, उपेंद्र तिवारी, रघुराज सिंह और जय प्रताप सिंह का परीक्षण भी पॉजिटिव आ चुका है, जिनका इलाज चल रहा है।
वहीं पिछले महीने कोरोनावायरस पॉजिटिव पाई गईं कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण का रविवार को लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) में निधन हो गया।
विवेक त्रिपाठी
अयोध्या, 3 अगस्त (आईएएनएस)| पांच सदी तक अनिश्चिता में डूबी अयोध्या अब उल्लासित होने जा रही है। यहां पर खुशियां मनाई जा रही है। हर कोई राम का गुणगान कर रहा है। अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर होने वाले समारोह के 24 घंटे पहले ही विश्व का कोना-कोना श्रीराम चरित मानस की चौपाइयों और दोहों से गूंजने लगेगा। इसकी तैयारियां पूरी हो गई है। अयोध्या के हनुमान गढ़ी से ऑनलाइन शुरू होने वाले इस अखंड मानस आयोजन का समापन भोपाल में होगा। रामोत्सव नाम से होने वाले इस कार्यक्रम के आयोजकों में शामिल कुशीनगर के चकिया दुबौली गांव के निवासी डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी ने बताया कि प्रथम अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन श्रीराम चरित मानस पाठ के आयोजन को रामोत्सव का नाम दिया गया।
उन्होंने बताया कि 4-5 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन मानस पाठ किया जाएगा। विश्व के तमाम देशों में उनकी अपनी शैली में यह मानस पाठ होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन होने वाले इस पहले मानस पाठ में प्रवासी भारतीयों के साथ गोरखपुर मंडल के कुशीनगर जिले के मठिया-माधोपुर गांव के श्रीरामलीला समिति के ग्रामीण कलाकार भी शामिल होंगे। यहां स्थित सत्यम, शिवम, सुंदरम मंदिर परिसर में भी इसकी तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
इसमें हंगरी, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, मारीशस, इंग्लैंड समेत दर्जन भर देशों में रहने वाले भारतीय मूल के श्रीराम भक्त शामिल हो रहे हैं। ऑनलाइन आयोजन की शुरुआत अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर से होगा। समापन के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को चुना गया है। उन्होंने बताया कि 4 अगस्त की सुबह 7 बजे से शुरू होने वाले इन आयोजन में चुनिंदा मानस टीमों के लिए समय आवंटित है। यह अपने नियत समय पर अनलाइन जुड़ेंगे और इनका देश-दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में लाइव प्रसारण होगा।
उन्होंने बताया कि गोरखपुर मंडल से कुशीनगर जिले के कसया ब्लाक के मठिया माधोपुर गांव को भी आमंत्रित किया गया था। सहमति मिलने के बाद इनके लिए समय आवंटित कर दिया गया है। वर्ष 1840 से होने वाली श्रीरामलीला की वजह से ही इसका चुनाव हुआ। यहां की विशेषता है कि गांव के नौजवान ही श्रीरामलीला में किरदार निभाते हैं।
दो और मंत्रियों सतीश महाना और बृजेश पाठक के परिवारजन भी इस घातक वायरस से संक्रमित हो गए हैं।
मुम्बई, 3 अगस्त (आईएएनएस)| सभी अटकलों पर विराल लगाते हुए मुम्बई के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने सोमवार को कहा कि मरहूम सुशांत सिंह राजपूत के घर पर 13 जून को कोई पार्टी नहीं हुई थी। 14 जून को सुशांत के कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
परम बीर सिंह ने कहा, "मुम्बई पुलिस इस मामले की गम्भीरता से जांच कर रही है। हमने हर एक कोण खंगाल रहे हैं। हमने इस सिलसिले में सुशांत के परिजनों, दोस्तों, डॉक्टर एवं अन्य लोगों के बयान लिए हैं। इसके अलावा हमने सुशांत के बैंक खातों से ट्रांजेक्शन को भी खंगाला है।"
यह पूछे जाने पर कि जैसा कि सोशल मीडिया पर काफी जोर-शोर है कि इस मामले में महाराष्ट्र की कोई बड़ी राजनीतिक हस्ती शामिल लगती है, इस पर सिंह ने कहा कि अब तक की जांच से ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है।
अयोध्या, 3 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रस्तावित समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। इसमें प्रधानमंत्री के शामिल होने की संभावना है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के कई अन्य नेता कोरोना की चपेट में आ गए हैं, जिससे उमा भारती की चिंताएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि मोदी के शिलान्यास कार्यक्रम के समय उपस्थित समूह की सूची में से मेरा नाम अलग कर दें।
भाजपा की वरिष्ठ नेता ने ट्वीट कर कहा, "कल जब से मैंने श्री अमित शाह जी तथा यूपी भाजपा के नेताओं के कोरोना पॉजिटिव होने के बारे में सुना तभी से मैं अयोध्या में मंदिर के शिलान्यास में उपस्थित लोगों के लिए खासकर नरेंद्र मोदी जी के लिए चिंतित हूं। यह सूचना मैंने रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ अधिकारियों और पीएमओ को सूचना भेजा है कि माननीय नरेन्द्र मोदी के शिलान्यास कार्यक्रम के समय उपस्थित समूह के सूची में से मेरा नाम अलग कर दे।"
उन्होंने कहा, "मै भोपाल से आज रवाना होऊंगी। कल शाम अयोध्या पहुंचने तक मेरी किसी संक्रमित व्यक्ति से मुलाकात हो सकती हैं ऐसी स्थिति में जहां नरेंद्र मोदी और सैकड़ों लोग उपस्थित हों मैं उस स्थान से दूरी रखूंगी। तथा नरेंद्र मोदी और सभी समूह के चले जाने के बाद ही मै रामलला के दर्शन करने पहुंचूंगी। यह सूचना मैंने अयोध्या में रामजन्मभूमिन्यास के वरिष्ठ अधिकारी और पीएमओ को भेज दी है।"
कानपुर, 3 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक 52 वर्षीय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने कोरोनावायरस पॉजिटिव निकलने के बाद कथित रूप से खुदकुशी कर ली है। पुलिस के अनुसार, 26 जुलाई को बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद परिवार के लोग पीड़ित सुरेश चंद्र वर्मा को उसर्ला हॉर्समैन अस्पताल ले गए थे।
अगले दिन, उनकी कोरोना जांच की गई।
परिवार ने कहा, "1 अगस्त को, उनके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें घर में क्वारंटीन में रहने के लिए कहा।"
कोतवाली इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बीईओ को रविवार को अपने कमरे में पंखे से फांसी पर लटका पाया गया।
हालांकि, कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है और आगे की जांच चल रही है।
पुलिस ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों को संदेह है कि बीमारी के कारण उन्होंने आत्महत्या की है।
अयोध्या, 3 अगस्त (आईएएनएस)| राम मंदिर के 'भूमिपूजन' के लिए दो भाइयों ने देश भर से 151 नदियों और तीन समुद्रों से जल एकत्र किया है और अब इस जल को अयोध्या लाया गया है। इन दोनों भाईयों की उम्र 70 वर्ष के आसपास है। जौनपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले राधेश्याम पांडे और पंडित त्रिफला साल 1968 से इस काम में लगे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने भारतीय नदियों-सागरों से जल इकठ्ठा करने के अलावा श्रीलंका की 16 जगहों से मिट्टी भी एकत्रित की है।
राधेश्याम पांडे ने कहा, "हमेशा से हमारा सपना रहा है कि जब भी राम मंदिर का निर्माण होगा, हम भारत भर की नदियों-सागरों के पवित्र जल और श्रीलंका से लाई गई मिट्टी का उपहार देंगे। हमने श्रीलंका में 16 स्थानों से मिट्टी और देश में 151 नदियों और तीन समुद्रों से जल एकत्र किया है।"
1968 से 2019 तक इन तत्वों को इकट्ठा करने के लिए दोनों भाई कभी पैदल चले तो कभी साइकिल, मोटरसाइकिल, ट्रेन और हवाई जहाज से यात्रा की।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन करने वाले हैं।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण इस समारोह के बाद शुरू होगा। इस कार्यक्रम में संतों, सरकार, आरएसएस और हिंदू संगठनों के शीर्ष नेताओं के भाग लेने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर, 2019 को केंद्र सरकार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जगह सौंपने का निर्देश दिया था।
नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)| कांग्रेस में युवा बनाम वरिष्ठ, बुजुर्ग नेताओं को लेकर मचे घमासान से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी काफी परेशान हैं। हालांकि, सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी पार्टी के भीतर के कलह के बारे में मीडिया में आई खबरों से नाराज हैं, इसलिए दोनों ब्रिगेड को केवल पार्टी मंच पर अपने विचार रखने के लिए कहा गया है।
पार्टी ने नेताओं को स्पष्ट रूप से कहा है कि 2004 से 2014 तक यूपीए के 10 साल के शासन पर सवाल उठाना 'अस्वीकार्य' है। मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में एक दशक लंबा यूपीए शासन देश में रहा।
अंदरूनी कलह इस हद तक सामने आ गया कि सूत्रों का कहना है कि रणदीप सिंह सुरजेवाला को मीडिया को ब्रीफ करने के लिए राजस्थान से बुलाना पड़ा। उन्होंने दोनों गुटों को सोशल मीडिया पर बयानबाजी करने से बचने की भी चेतावनी दी और कहा कि कोई भी नेता ट्विटर-ट्विटर खलेना बंद करें।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुरजेवाला ने रविवार को एक सवाल का जवाब देते हुए चेतावनी दी कि, "जो ट्विटर-ट्विटर खेल रहे हैं, मैं उन्हें सोशल मीडिया पर बयानबाजी बंद करने की सलाह देता हूं। हमारे पास आंतरिक लोकतंत्र है और हम किसी को भी रिटायर होने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं। इसलिए अपने विचार पार्टी के उपयुक्त फोरम में रखें।"
भाजपा के साथ तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि कोई 'मार्गदर्शक मंडल' नहीं है और पार्टी को मिलकर भाजपा का मुकाबला करना चाहिए।
सुरजेवाला ने कहा कि वरिष्ठ, बुजुर्ग नेताओं को युवाओं का मार्गदर्शन करना चाहिए और उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| राहुल गांधी के करीबी राज्यसभा सदस्यों द्वारा 10 साल के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) शासन के दौरान कांग्रेस के प्रदर्शन के बारे में आत्मनिरीक्षण की बात कहने की बहस के बीच पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं को आगाह करते हुए उनसे सोशल मीडिया पर बयानबाजी करने से दूर रहने और उपयुक्त पार्टी मंचों पर अपने विचार पेश करने के लिए कहा है। यहां रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए, कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "मैं ट्विटर-ट्विटर खेल रहे उन दोस्तों को सोशल मीडिया पर बयानबाजी बंद करने की सलाह दूंगा। हमारे पास आंतरिक लोकतंत्र है। अपने विचारों को पार्टी के उचित मंचों पर पेश करें।"
संकट के इस समय में, सरकार और संगठन में काम कर चुके वरिष्ठ नेताओं को सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह के साथ खड़ा होना चाहिए।
सुरजेवाला ने कहा, "वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे युवाओं का मार्गदर्शन करें, उन्हें बढ़ावा दें और उनके लिए भी रास्ता बनाएं।"
गुरुवार को सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान विच्ोारों के आदान-प्रदान के बाद पार्टी के भीतर बबयानबाजी तेज हो गई है।
जब राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले राजीव सातव ने यूपीए के 10 साल के शासन में आत्मनिरीक्षण का आह्वान किया, तो उन्हें वरिष्ठों के पलटवार का सामना करना पड़ा।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| नीति आयोग ने देश में वित्तीय समावेशन की जरूरत महसूस करते हुए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय कर 'डाक बैंक' (पोस्टल बैंक) बनाए जाने का सुझाव दिया है। सूत्रों ने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय को दिए प्रेजेंटेशन में नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि देश में जो 1.5 लाख से ज्यादा डाकघर हैं, उन्हें प्रस्तावित डाक बैंक के लिए निर्गम केंद्र (आउटलेट) बना दिया जाए।
थिंक टैंक (नीति आयोग) ने यह सुझाव भी दिया है कि बैंक लाइसेंस प्राप्त करने के नियमों को आसान बनाया जाए।
एक और बड़ी सिफारिश यह की गई है कि तीन बैंकों- पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का निजीकरण कर दिया जाए।
ये सुझाव ऐसे समय में आए हैं, जब नई विनिवेश नीति पर काम चल रहा है और सरकार पहले से ही बैंकिंग और बीमा क्षेत्र को इसके दायरे में लाने की सोच रही है।
संभावना है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की दिशा में कदम बढ़ाए। जाहिर है, इसकी आलोचना होगी और बैंकों के कर्मचारी यूनियन विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
मई में 'आत्मनिर्भर भारत' आर्थिक पैकेज की घोषणा के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि केंद्र सरकार नई सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति लाएगी, और सभी क्षेत्रों को निजी क्षेत्र में बदला जाएगा।
नयी दिल्ली 02 अगस्त (वार्ता)। राजधानी में कोरोना वायरस को लेकर रविवार हर मोर्चे पर राहत नजर आई।
नये मामले एक हजार से कम रहे और रिकवरी दर 89.56 प्रतिशत पहुंच गई जबकि निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या घटकर 496 रह गई।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से रविवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 961 नये मामलों की पुष्टि हुई और संक्रमितों का आंकड़ा 1,37,677 हो गया।
दिल्ली में कुल मरीजों में से 89.56 प्रतिशत अर्थात 1,23,317 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। आज कोरोना को 1186 मरीजों ने शिकस्त दी।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय के बुलेटिन अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान 15 और मरीजों की मौत से मृतकों की कुल संख्या चार हजार को पार कर 4004 हो गई।
राजधानी में सक्रिय मामले 10,356 हैं जिसमें से 5663 होम आइसोलेशन में हैं और 2886 अस्पताल में भर्ती हैं। अस्पतालों के 13,578 बेड्स में 10,692 खाली हैं।
पिछले 24 घंटों में 12,730 कोरोना जांच हुई । दिल्ली में कुल जांच 10,63,669 हो चुकी है। दस लाख की आबादी पर जांच का औसत 55,982 है।