खेल
नई दिल्ली, 23 दिसंबर । ढाका में हो रहे दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारत ने बांग्लादेश पर 87 रनों की बढ़त बना ली है.
एक समय भारत का स्कोर 94 रनों पर चार विकेट हो गया. इसके बाद बल्लेबाजी छोर पर ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर ने मिलकर 159 रनों की साझेदारी की.
भारत ने 86.3 ओवरों में कुल 314 रन बनाए. इससे पहले खेल के पहले दिन बांग्लादेश ने 227 रन बनाए थे.
बांग्लादेश की तरफ़ से कप्तान शाक़िब और तेजुल ने 4-4 विकेट झटके. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 23 दिसंबर । आईपीएल 2023 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी में मयंक अग्रवाल को सनराइजर्स हैदराबाद ने 8.25 करोड़ रुपये में ख़रीदा है.
मयंक अग्रवाल का शुरुआती बेस प्राइज 1 करोड़ रुपये रखा गया था लेकिन कई टीमें उन्हें लेना चाह रही थीं.
मयंक को अपनी टीम में शामिल करने के लिए चेन्नई सुपर किंग्स ने भी बोली लगाई थी.
इससे पहले सन राइजर्स हैदराबाद ने इंग्लैंड के हैरी ब्रुक के लिए 13.25 करोड़ की बोली लगा कर उन्हें अपने लिए रिज़र्व कर लिया. दाहिने हाथ के बल्लेबाज मयंक अग्रवाल चार अलग-अलग टीमों के साथ खेल चुके हैं. (bbc.com/hindi)
असम में राष्ट्रीय टूर्नामेंट में लेंगे भाग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 दिसंबर। कोरबा में आयोजित राज्य स्तरीय क्रॉस एंट्री दौड़ में राजनांदगांव के 9 खिलाडिय़ों का चयन हुआ है। अपने शानदार खेल प्रदर्शन के दम पर चयनित खिलाड़ी असम के गुवाहाटी में आयोजित राष्ट्रीय टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करेंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक कुमारी श्रद्धा साहू 10 किमी में प्रथम, कुमारी निशा साहू ने 4 किमी में प्रथम, साक्षी यादव 4 किमी में प्रथम, भगवती 6 किमी में प्रथम, कुमारी कविता 2 किमी में द्वितीय, लक्ष्मी 10 किमी में द्वितीय, कु. माधवी 6 किमी में द्वितीय, विकास साहू और तुसार साहू ने भी क्रमश: 8 और 2 किमी में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। खास बात यह है कि उक्त प्रतियोगिता में चयनित खिलाड़ी ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले हैं।
जिला एथलैटेक्सि स्पोर्टस एसोसिएशन के संरक्षक अंजुम अल्वी तथा जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष नवाज खान ने खिलाडिय़ों को इस सफलता पर बधाई -शुभकामनाएं दी है। इसके अलावा छग एथलैटक्सि एसोसिएशन के अध्यक्ष जीएस बाम्बरा, सचिव आरके पिल्लई, कार्यकारी सचिव अमरनाथ सी, जिला अध्यक्ष विवेक शुक्ला, सचिव रणविजय प्रताप सिंह, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र यादव, उपाध्यक्ष सतीश ब्यौहरे, खेल शिक्षक देवेन्द्र सिंह ठाकुर, प्रकाश साठिया व जिला ओलंपिक संघ के अतुल चोपड़ा ने भी बधाई दी है। संघ के कोच एवं छग पुलिस राजनांदगांव के एनआईएस कोच कामता यादव के कुशल मार्गदर्शन में खिलाडिय़ों ने यह उपलब्धि हासिल की है।
अंतागढ़, कांकेर के अर्जुन कोवाची का शानदार प्रदर्शन, जीते तीन स्वर्ण और एक रजत
एथलेटिक्स, तैराकी एवं कुश्ती में सर्वाधिक पदक मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री ने दी बधाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर/कांकेर , 23 दिसंबर। आंध्रप्रदेश के गुंटुर में आयोजित तीसरे एकलव्य राष्ट्रीय खेल महोत्सव में छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने खेल का शानदार प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने प्रतियोगिता में कुल 58 पदक लेकर पांचवां स्थान प्राप्त किया। इसमें 26 स्वर्ण, 12 रजत एवं 20 कांस्य पदक शामिल हैं।
राष्ट्रीय खेल महोत्सव का गुरूवार समापन हुआ। इस खेल महोत्सव में 22 राज्यों के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के बच्चों ने भाग लिया, जिसमें छत्तीसगढ़ के एकलव्य विद्यालयों से 288 बच्चे शामिल हुए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खिलाडिय़ों की इस उपलब्धि पर बच्चों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में बेहतर शिक्षा के साथ-साथ, बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसी का परिणाम है कि यहां के बच्चों ने राष्ट्रीय स्तर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए प्रदेश को गौरवान्वित किया है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, सचिव डी.डी. सिंह एवं आयुक्त शम्मी आबिदी ने भी खिलाडिय़ों की इस शानदार उपलब्धि पर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
एथलेटिक्स, तैराकी एवं कुश्ती में शानदार प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने सबसे अच्छा प्रदर्शन एथलेटिक्स में किया, जिसमें 13 स्वर्ण, 03 रजत, 04 कास्ंय सहित कुल 20 पदक प्राप्त किए। वहीं तैराकी में 8 स्वर्ण, 6 रजत, 2 कांस्य सहित कुल 16 पदक तथा कुश्ती में 3 स्वर्ण, 2 रजत, 5 कास्ंय सहित कुल 10 पदक प्राप्त किए। इसके अलावा शतरंज में 1 स्वर्ण, 2 कांस्य सहित 3 पदक, खो-खो (बालक) में 1 स्वर्ण, जूडो में 1 रजत, योगा में 2 कांस्य, बैडमिंटन, कबड्डी (बालक), हैंडबॉल (बालक) एवं खो-खो (कन्या) में 1 कांस्य तथा भारेत्तोलन में 1 रजत पदक प्राप्त किया।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय अंतागढ़ कांकेर के छात्र अर्जुन कोवाची ने 800 मीटर, 1500 मीटर एवं 4&400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक तथा 400 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतकर प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसी प्रकार एकलव्य तोकापाल बस्तर की सोनादायी कश्यप ने 400 मीटर, 200 मीटर एवं 100 मीटर में दौड़ में स्वर्ण पदक, एकलव्य छर्राटांगर रायगढ़ की भूमिका राठिया एवं एकलव्य पलारीखुर्द सक्ती की तानिया सिंह ने ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीता। तैराकी अंडर-14 में सोहन उरांव ने 3 स्वर्ण पदक प्राप्त किए। इसी प्रकार अन्य खिलाडिय़ों ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक तालिका में जगह बनाई।
कोरोना के दो साल बाद पहली बार टूर्नामेंट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 दिसंबर। महंत राजा सर्वेश्वरदास हॉकी प्रतियोगिता के लिए देश के टॉप-29 टीमों को न्यौता भेजा गया है। कोरोना के दो साल बाद हो रहे प्रतियोगिता की तैयारी शुरू हो गई है।
8 फरवरी से 18 फरवरी के बीच स्थानीय अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम के एस्ट्रोटर्फ में देशभर के नामचीन खिलाड़ी अपनी जौहर का प्रदर्शन करेंगे। टूर्नामेंंट को लेकर स्थानीय खेलप्रेमियों में जबर्दस्त उत्साह है। इस बार हरियाणा, आर्मी जालंधर, आर्टीलरी सेंटर नासिक, एमपी हॉकी अकादमी भोपाल, बीपीसीएल दिल्ली, कोर ऑफ सिग्नल जालंधर, सीआरपीएफ दिल्ली, बीआरसी दानापुर, दिल्ली हॉकी, ईएमई हॉकी टीम, ईस्ट कोस्ट भुवनेश्वर, ईस्टन रेल्वे कोलकाता, एमईजी बंगलुरू, एएससी बंगलुरू, नार्दन रेल्वे दिल्ली, यूपी इलेवन लखनउ, पंजाब नेशनल बैंक दिल्ली, सेल अकादमी राउरकेला, आरसीएफ कपूरथला, बीईजी पुणे, साईं भोपाल, सांई सुदंरगढ़, साऊथ सेंट्रल सिकंदराबाद, एएफएससीबी दिल्ली, सेंट्रल रेल्वे मुम्बई, स्पोर्ट्स आर्टीलरी सेंटर हैदराबाद, स्पोर्टस कॉलेज लखनउ, स्पोर्ट हास्टल भुवनेश्वर और वेस्टन रेल्वे मुम्बई के टीमों को आमंत्रित किया गया है।
स्पर्धा के लिए स्टेडियम को तैयार किया जा रहा है। स्टेडियम की साफ-सफाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस साल हो रहे टूर्नामेंट को लेकर हॉकी प्रेमियों में उत्साह का माहौल है। राजनंादगांव को हॉकी के नर्सरी के रूप में जाना जाता है। इस टूर्नामेंट में पहले भी देश के प्रसिद्ध खिलाडिय़ों ने शानदार खेल के बदौलत खेलप्रेमियों से वाहवाही बटोरी है।
लीग मैच में तमिलनाडु 58 रन से जीती
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 23 दिसंबर। ऑल इंडिया एडव्होकेट क्रिकेट टूर्नामेंट के तहत गुरुवार को पीजी कालेज स्टेडियम में आंध्रप्रदेश और तमिलनाडू के बीच पहला मैच हुआ। दो दिनों में अन्य राज्यों की भी टीमे पहुंचेगी। धमतरी में पहली बार अन्य राज्यों की टीम मैच खेलने पहुंची है।
गुरुवार को पीजी कालेज स्टेडियम में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बीच खेला गया। 35 ओवरों के मैच में तमिलनाडु ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 33.5 ओवर में 10 विकेट खोकर 152 रन बनाए। दूसरी पारी में आंध्रप्रदेश की टीम 26.1 ओवर में सिर्फ 94 रन ही बना पाई। तमिलनाडु की टीम 58 रन से विजयी रही। 21 से 28 दिसंबर तक ऑल इंडिया एडव्होकेट क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन छत्तीसगढ़ में किया गया है। बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका औपचारिक उद्घाटन किया। इस टूर्नामेंट के देश के 20 हाईकोर्ट की टीम पहुंची है।
इस तरह होंगे क्रिकेट प्रतियोगिता
आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, बाम्बे हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट दिल्ली, ग्वालियर, इंदौर, औरंगाबाद, नागपुर, गोवा, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, पंजाब एंड हरियाणा और तेलंगाना हाईकोर्ट की टीम भाग ले रही। टीम में सभी खिलाड़ी अधिवक्ता हैं। रायपुर, भिलाई और धमतरी में अलग-अलग मैच आयोजित किए गए हैं। मैच में एम्पायर मुकेश वर्मा और मानस बहुरा, स्कोरर धमतरी के संकेत गुप्ता थे। 23 को पंजाब और हरियाणा, 24 को ग्वालियर और इंदौर के बीच मैच खेला जाएगा।
28 को रायपुर स्टेडियम में होगा
फायनल आयोजक समिति के सदस्य सौरभ शुक्ला ने बताया कि 24 तक लीग मैच के बाद 26 को क्वार्टर फाइनल, 27 को सेमीफाइनल और 28 को वीर नारायण सिंह स्टेडियम नया रायपुर में फाइनल मैच होगा। उन्होंने बताया कि यह 34वां आयोजन है। इसके पहले 2010 में छत्तीसगढ़ को मेजबानी मिली थी। इस बार 4 महिला टीम भी खेलेगी। 20 टीम को 5 ग्रुप में बांटा गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 23 दिसंबर। अन्तरराष्ट्रीय ओलम्पिक संघ (आईओसी) से मान्यता प्राप्त म्यू-थाई खेल की अन्तरराष्ट्रीय संस्था आईएफएमए की भारत से मान्यता प्राप्त संस्था यूनाइटेड म्यू-थाई एसोसिएशन इंडिया (यूएमएआई) के तत्वावधान में आल त्रिपुरा म्यू-थाई एसोसिएशन द्वारा यू 23 व एलीट (23 वर्ष से अधिक) वर्ग के फेडरेशन कप राष्ट्रीय म्यू-थाई चैम्पियनशिप एवं प्रो नाईट फाइट का आयोजन एनएसआरसीसी इंडोर बॉक्सिंग स्टेडियम, नेताजी रोड अगरतला (त्रिपुरा) में किया गया, जिसमें 21 राज्यों के 450 खिलाडिय़ों, अधिकारियों ने भाग लिया।
फेडरेशन कप राष्ट्रीय म्यू-थाई प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने 4 स्वर्ण पदक, 2 रजत पदक, 6 कांस्य पदक जीतकर, पदकों की कुल संख्या 12 पहुँचाई।
इस प्रतियोगिता में दल्लीराजहरा मार्शल आर्ट क्लब के 3 खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया, जिसमें शुभम निषाद 51 किग्रा में स्वर्ण पदक, वीरेंद्र कुमार 60 किग्रा में रजत पदक एवं राजकुमार 48 किग्रा में रजत पदक प्राप्त किए।
विजेता खिलाडिय़ों को राजहरा माइंस के मुख्य महाप्रबंधक समीर स्वरूप, एके भास्कर (सीएसएफ सब इंस्पेक्टर) व नगर के खेल प्रेमियों ने शुभकामनाएं दी है। राष्ट्रीय म्यू-थाई एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं दल्लीराजहरा मार्शल आर्ट क्लब के कोच लखन साहू ने यह जानकारी दी।
मीरपुर, 23 दिसंबर कप्तान के एल राहुल का खराब फॉर्म बदस्तूर जारी रहा और बांग्लादेश के बायें हाथ के स्पिनर तैजुल इस्लाम ने दूसरे क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन लंच तक भारत के शुरूआती तीन विकेट 86 रन पर निकाल दिये ।
लंच के समय विराट कोहली 18 और ऋषभ पंत 12 रन बनाकर खेल रहे थे । बांग्लादेश के पास अभी भी पहली पारी की 142 रन की बढत है ।
राहुल (10) और शुभमन गिल (20) को इस्लाम ने पगबाधा आउट किया । इस्लाम ने 13 ओवर में 24 रन देकर तीन विकेट लिये ।
चेतेश्वर पुजारा 24 रन बनाकर फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर मोमिनुल हक को कैच दे बैठे ।
पहले दिन पिच को भांपने में गलती करने वाले राहुल को बेहद रक्षात्मक खेलने का खामियाजा भुगतना पड़ा । क्रीज पर 45 गेंदें खेलने के दौरान वह एक बार भी सहज नहीं लगे । दूसरी ओर गिल अधिक सहज नजर आये हालांकि तैजुल ने अच्छी लैंग्थ की गेंद उन्हें डालना जारी रखा ।
राहुल रक्षात्मक खेलने के प्रयास में ही पगबाधा आउट हुए । डीआरएस का फैसला भी बांग्लादेश के पक्ष में रहा ।
गिल स्वीप शॉट खेलने के प्रयास में अपना विकेट गंवा बैठे । पुजारा आत्मविश्वास से भरे दिखे लेकिन टर्न लेती गेंद पर विकेट बचाकर खेलना मुश्किल था । (भाषा)
मीरपुर, 23 दिसंबर बारह साल के इंतजार के बाद टेस्ट क्रिकेट में पहला विकेट लेने वाले जयदेव उनादकट ने 1000 से ज्यादा बार इसके बारे में सोचा था और आखिरकार जाकिर हसन के रूप में पहला विकेट लेकर वह काफी राहत और खुशी महसूस कर रहे हैं ।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 16 दिसंबर 2010 में सेंचुरियन टेस्ट में पदार्पण करने वाले उनादकट को बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिये भारतीय टीम में चुना गया है ।
बारह साल पहले अपने पहले टेस्ट में उनादकट ने 26 ओवर में 100 से अधिक रन दे डाले और एक भी विकेट नहीं ले सके थे ।
उन्होंने बीसीसीआई टीवी से कहा ,‘‘ मैने एक हजार से ज्यादा बार अपने पहले टेस्ट विकेट की कल्पना की थी । मुझे टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलने की कमी खल रही थी ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ विकेट लेने के बाद मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था । पहले टेस्ट से अब तक इतनी बार पहले विकेट के बारे में सोचा था । टेस्ट क्रिकेट में वापसी के अलावा मुझे रणजी ट्रॉफी सत्र में फिर से खेलने का मौका मिला । मैने काफी मेहनत की थी और इसलिये आत्मविश्वास था ।’’ (भाषा)
पाकिस्तान में रमीज़ राजा को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाकर नजम सेठी को अस्थायी रूप से ये ज़िम्मेदारी सौंपी गई है.
नजम सेठी पीसीबी अध्यक्ष के लिए चुनाव होने तक ये ज़िम्मेदारी निभाएंगे.
पद संभालने के बाद उन्होंने एक प्रेस वार्ता की जिसमें विश्व कप और एशिया कप को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे विवाद पर भी बयान दिया.
नजम सेठी से सवाल पूछा गया कि भारत के साथ हमारा क्या पक्ष होगा क्योंकि एशिया कप पाकिस्तान में होना है.
इस पर सेठी ने कहा, ''इस बारे में कुछ कहना मेरे लिए जल्दबाज़ी होगी. इस तरह के रणनीतिक मसलों पर समिति के अंदर चर्चा की जाएगी. अभी तो मुझे ये भी नहीं पता कि यहां क्या फ़ैसले हो चुके हैं. कितनी गहराई में वो फ़ैसले हुए हैं. क्या सोच थी उनके पीछे.''
''बहुत से बयान मैंने पढ़े हैं, मगर बेहतर यही होगा कि हम इसकी समीक्षा करें कि क्या संदेश देना है. जाहिर है भारत का जहां तक मामला आता है तो हुकुमत की राय लेनी पड़ती है और दिशानिर्देश वहीं से मिलते हैं.''
मामला ये है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने एशिया कप के लिए पाकिस्तान जाने से मना कर दिया था.
इस पर रमीज़ राजा काफ़ी आक्रामक हो गए थे. उन्होंने यहाँ तक कह दिया था कि अगर भारत की टीम पाकिस्तान में एशिया कप खेलने नहीं आएगी, तो पाकिस्तान की टीम भी एकदिवसीय वर्ल्ड कप खेलने भारत नहीं जाएगी.
नज़म सेठी पहले भी पीसीबी के चेयरमैन रह चुके हैं. लेकिन 2018 में इमरान ख़ान के शासनकाल के दौरान उन्होंने पद छोड़ दिया था.
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने नजम सेठी की अगुआई में पीसीबी का कामकाज संभालने के लिए 14 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है.
इस कमेटी को कैबिनेट ने भी मंज़ूरी दे दी है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "रमीज़ राजा के नेतृत्व वाले क्रिकेट प्रशासन का अंत हुआ. 2014 का पीसीबी का संविधान बहाल कर दिया गया है. प्रबंध समिति प्रथम श्रेणी क्रिकेट को फिर से जीवंत करने के लिए सभी कदम उठाएगी. हज़ारों क्रिकेटर्स को फिर से काम मिलेगा. और क्रिकेट का सूखा अब ख़त्म होगा." (bbc.com/hindi)
(कुशान सरकार)
नयी दिल्ली, 22 दिसंबर। कुलदीप यादव को बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट की अंतिम एकादश में जगह नहीं मिलने से हैरान पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह को लगता है कि क्या यह बेहतर रहेगा अगर बाएं हाथ का कलाई का यह स्पिनर ‘मैच का सर्वश्रेठ खिलाड़ी पुरस्कार’ नहीं जीते या पांच विकेट नहीं चटकाए।
टेस्ट क्रिकेट में 22 महीने के बाद वापसी करते हुए कुलदीप ने चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में आठ विकेट चटकाए जिसमें पहली पारी में 40 रन पर पांच विकेट भी शामिल हैं। उन्होंने बल्ले से भी 40 रन का उपयोगी योगदान दिया लेकिन अंतिम एकादश में सौराष्ट्र के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को शामिल करने के लिए उन्हें दूसरे टेस्ट की टीम से बाहर कर दिया गया।
भारत के महानतम स्पिनरों में से एक हरभजन कुलदीप को बाहर करने के फैसले से बेहद नाराज दिखे।
हरभजन ने प्रतिक्रिया मांगे जाने पर पीटीआई से व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब से कुलदीप को पांच विकेट लेना बंद कर देना चाहिए। क्या पता इससे उसे लगातार दो टेस्ट मैच खेलने का मौका मिल जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चटगांव टेस्ट से पूर्व पिछली बार उसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में (99 रन पर पांच विकेट) अलग हालत में पांच विकेट चटकाए थे। उसे विदेशी हालात में भारत का नंबर एक स्पिनर होना चाहिए था लेकिन उसे टेस्ट खेलने के लिए दो साल से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा। अब उसे लगभग दो साल बाद दोबारा टेस्ट खेलने का मौका मिला और उसे फिर टीम से बाहर कर दिया गया। इसके पीछे का तर्क जानने में खुशी होगी।’’
तेज गेंदबाज उमेश यादव और वापसी कर रहे उनादकट ने मिलकर छह विकेट चटकाए लेकिन स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भी चार विकेट चटकाए जिससे पता चला है कि यह पूरी तरह से तेज गेंदबाजी की अनुकूल पिच नहीं थी।
बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन की कुछ गेंद भी काफी तेजी से टर्न हुईं।
हरभजन को लगता है कि भारतीय क्रिकेट में ‘सुरक्षा’ सिर्फ एक शब्द बनकर रह गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लेना चाहता लेकिन टेस्ट ढांचे में कुछ खिलाड़ियों को लंबे समय तक मौके मिले, पांच साल तक भी। कुलदीप के मामले में लगता है कि इस तरह की सुरक्षा की मियाद सिर्फ पांच दिन है। अगर किसी को आठ विकेट चटकाने के बाद भी बाहर कर दिया जाएगा तो फिर वह कैसे सुरक्षित महसूस करेगा। क्या वह निडर होकर खेल सकता है जबकि टीम प्रबंधन ने उसके अंदर डर भर दिया है। ’’
हरभजन ने कहा कि वह सहमत है कि बांग्लादेश की टीम टेस्ट प्रारूप में काफी मजबूत नहीं है लेकिन अच्छा प्रदर्शन करने वाले को बाहर करने से युवा खिलाड़ियों के बीच गलत संदेश जाएगा। (भाषा)
ज्यूरिख, 22 दिसंबर। विश्व कप में खिताब जीत के बावजूद अर्जेन्टीना गुरुवार को जारी फीफा विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर नहीं पहुंच पाया जबकि ब्राजील की टीम अपना नंबर एक स्थान बरकरार रखने में सफल रही।
कतर में हाल में संपन्न विश्व कप में ब्राजील को क्वार्टर फाइनल में क्रोएशिया के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी थी लेकिन हाल के वर्षों के नतीजों से उसने इतने अंक जुटा लुए थे जो उसे रैंकिंग में शीर्ष पर रखने के लिए पर्याप्त थे।
अर्जेन्टीना की टीम नवीनतम रैंकिंग में एक स्थान के फायदे से दूसरे स्थान पर है। फाइनल में अर्जेन्टीना के हाथों शिकस्त झेलने वाले फ्रांस भी एक स्थान के फायदे से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
बेल्जियम की टीम दो स्थान के नुकसान से चौथे पायदान पर खिसक गई है। कतर में टीम इस एक मैच जीतने में सफल रही थी और ग्रुप चरण से ही बाहर हो गई थी।
क्वार्टर फाइनल में शिकस्त झेलने वाले इंग्लैंड और नीदरलैंड क्रमश: पांचवें और छठे स्थान पर हैं।
विश्व कप में तीसरे स्थान पर रही क्रोएशिया की टीम पांच स्थान के फायदे से सातवें नंबर पर पहुंच गई है।
विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के बावजूद यूरोपीय चैंपियन इटली आठवें स्थान पर है।
मोरक्को की टीम 11वें स्थान के साथ शीर्ष अफ्रीका की टीम है। उसे 11 स्थान का फायदा हुआ है।
एशियाई परिसंघ की टीम में जापान 20वें स्थान के साथ शीर्ष टीम है और उसे नवीनतम रैंकिंग में चार स्थान का फायदा हुआ है। ऑस्ट्रेलिया की टीम 11 स्थान के फायदे से 27वें नंबर पर पहुंच गई है। दोनों टीम विश्व कप के प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। (एपी)
ढाका, 22 दिसम्बर | भारत के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ढाका के मीरपुर में शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के लिए बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को अंतिम एकादश से बाहर करने से हैरान हैं। उन्हें ड्रॉप करने के फैसले को गावस्कर ने 'अविश्वसनीय' करार दिया। 22 महीनों के बाद अपनी टेस्ट वापसी पर कुलदीप ने प्लेयर आफ द मैच का पुरस्कार जीता, चटगांव के जहूर अहमद चौधरी स्टेडियम में पहले टेस्ट में 188 रन की व्यापक जीत के बाद भारत ने दो मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल की।
कुलदीप ने चटगांव में टेस्ट मैच में आठ विकेट चटकाए, जबकि कुल 113 रन दिए, उन्होंने पहली पारी में पांच विकेट झटके। उन्होंने बल्ले से भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, पहली पारी में करियर के सर्वश्रेष्ठ 40 रन बनाकर और रविचंद्रन अश्विन के साथ आठवें विकेट के लिए 92 रन जोड़कर भारत को 404 रन बनाने में मदद की।
लेकिन गुरुवार को भारत के कार्यवाहक कप्तान के.एल. राहुल ने कहा कि कुलदीप को अंतिम एकादश से बाहर रखा गया है और उनकी जगह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को शामिल किया गया। इस अदला-बदली ने गावस्कर सहित कई लोगों को चकित कर दिया।
ब्रॉडकास्टर सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क ने टॉस के बाद गावस्कर के हवाले से कहा, "मैन आफ द मैच को बाहर करना, यह अविश्वसनीय है। यही एकमात्र शब्द है जिसका मैं उपयोग कर सकता हूं। मैं काफी कड़े शब्दों का इस्तेमाल करना चाहूंगा, लेकिन यह अविश्वसनीय है कि आपने एक मैन आफ द मैच को टीम में शामिल नहीं किया, जिसने 20 में से आठ विकेट झटके।"
टॉस के समय राहुल ने खुलासा किया कि उनादकट ने प्लेइंग इलेवन में कुलदीप की जगह ली थी। ढाका टेस्ट भारत के लिए लंबे प्रारूप में उनादकट के लिए सिर्फ दूसरा मैच होगा। टेस्ट में उनकी अब तक की एकमात्र उपस्थिति लगभग 12 साल पहले, सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के 2010/11 दौरे के पहले टेस्ट में आई थी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 22 दिसम्बर | इंग्लैंड के तेज गेंदबाज टाइमल मिल्स ने खुलासा किया कि उन्हें बिग बैश लीग (बीबीएल) से क्यों हटना पड़ा, जहां उन्हें पर्थ स्कॉर्चर्स के लिए खेलना था, क्योंकि आस्ट्रेलिया जाने से ठीक पहले उनकी बेटी को स्ट्रोक आया था। नवंबर में आस्ट्रेलिया में इंग्लैंड के टी20 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य मिल्स ने बीबीएल में पर्थ स्कॉचर्स में अपने आगामी कार्यकाल से हटने को "पारिवारिक आपातकाल" बताया था।
अब उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा है कि किस वजह से उन्होंने बीबीएल से अपना नाम वापस लिया। उन्होंने कहा, "क्रिसमस के लिए घर जाने वाले थे। जब हम आस्ट्रेलिया के लिए रवाना होने वाले हवाई अड्डे पर थे तो मेरी बेटी को स्ट्रोक आया था।"
उन्होंने कहा, "बेटी के बायीं तरफ के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था और कहा गया कि वे अनुमान नहीं लगा सकते कि वह कब तक ठीक होगी। सभी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद हमारी छोटी बच्ची ने अपने स्वास्थ्य लाभ से सभी को चकित कर दिया है, जहां हमें छुट्टी दे दी गई थी।"
मिल्स ने स्कॉर्चर्स के लिए सात मैच खेले जब उन्होंने पिछले सीजन का बीबीएल खिताब जीता था और इस साल की शुरूआत में हुए उद्घाटन विदेशी खिलाड़ी ड्राफ्ट में फ्रेंचाइजी द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
स्कॉचर्स ने डेविड पेन की घोषणा की, जो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं, जो इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट में ग्लॉस्टरशायर के लिए खेलते हैं और बीबीएल के चल रहे सत्र के लिए मिल्स की जगह लेंगे। (आईएएनएस)|
ढाका, 22 दिसम्बर | बांग्लादेश के बल्लेबाज मोमिनुल हक ने नाबाद 65 रन बनाकर लगातार नौ बार सिंगल डिजीट के सिलसिले को तोड़ दिया। लेकिन भारत ने महत्वपूर्ण झटके देते हुए बांग्लादेश का स्कोर गुरुवार को शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन चायकाल तक 184/5 पहुंचा दिया । यह एक ऐसा सत्र था जिसमें शाकिब अल हसन, मुशफिकुर रहीम और लिटन दास जैसे बल्लेबाजों ने अच्छी शुरूआत की। लेकिन उनमें से कोई भी एक बड़े स्कोर के लिए टिक नहीं सका, क्योंकि भारत ने नियमित अंतराल पर विकेट लिए, जयदेव उनादकट अपने दूसरे टेस्ट में अपनी सटीकता और अतिरिक्त उछाल से बांग्लादेश के बल्लेबाजों को चुनौती देने की क्षमता के साथ प्रभावशाली दिख रहे थे।
लंच के बाद भारत को सीधे सफलता मिली क्योंकि शाकिब ने उमेश यादव को मिड आफ के ऊपर से शॉट मारने की कोशिश की, लेकिन क्षेत्ररक्षक को आसान कैच दे दिया। वे मोमिनुल और रहीम पर दबाव बनाने में सफल रहे, हालांकि दोनों को एक-एक चौका मिला।
बांग्लादेश ने यहां से कुछ रन बटोरे जब रहीम ने अश्विन को कवर, मिड-आन और पॉइंट के माध्यम से बाउंड्री की हैट्रिक के लिए शॉट लगाए। मोमिनुल ने जयदेव उनादकट को लगातार चौके के लिए मिड विकेट के माध्यम से दो बार फ्लिक किया।
ड्रिंक ब्रेक के ठीक बाद रहीम ने शॉर्ट फाइन-लेग के माध्यम से अक्षर पटेल को चौका लगाया। लेकिन उन्हें 26 पर उनादकट ने पवेलियन भेज दिया।
मोमिनुल ने जोखिम लेने की क्षमता तब बढ़ा दी, जब उन्होंने स्लिप कॉर्डन के ऊपर से उनादकट की गेंदों पर हमला किया और दो गेंद बाद बैकवर्ड पॉइंट के माध्यम से एक और स्लैश के साथ अपना अर्धशतक पूरा किया। दास ने सिराज को चार और छक्के के लिए पुल किया। इसके बाद उन्होंने एक कट के माध्यम से अक्षर को चौका लगाया।
लेकिन अश्विन ने उन्हें अपनी फिरकी में फंसाया और शॉर्ट मिड-विकेट पर कैच आउट कराया। मेहदी और मोमिनुल को एक-एक बाउंड्री मिली।
इससे पहले, 12 साल और दो दिनों तक अनुपस्थित रहने के बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी कर रहे उनादकट ने जाकिर हसन का विकेट लिया, जबकि अश्विन ने पहले सत्र में नजमुल हुसैन शांतो को आउट किया, जहां भारत के गेंदबाजों ने बांग्लादेश के बल्लेबाजों पर दबाव बना कर रखा। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 22 दिसंबर । भारत और बांग्लादेश के बीच ढाका में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में मेजबान टीम पहली पारी में 227 रन पर ऑलआउट हो गई है.
टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए बांग्लादेश का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.
84 रन बनाने वाले मोमिनुल के अलावा कोई भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका.
भारत की ओर से उमेश यादव और आर आश्विन ने चार-चार विकेट लिए.
भारत सिरीज़ में 1-0 से आगे चल रहा है. (bbc.com/hindi)
एंटीगा, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)| क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्ल्यूआई) ने जिम्बाब्वे और दक्षिण अफ्रीका के अपने आगामी दौरों के लिए वेस्टइंडीज की पुरुष टीम के अंतरिम मुख्य कोच के रूप में आंद्रे कोली की नियुक्ति की गुरुवार को घोषणा की। वह फिल सिमंस की जगह लेंगे, जिन्होंने आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के बाद पद छोड़ दिया था। सीडब्ल्यूआई के निदेशक की सोमवार को हुई बैठक के बाद, सीडब्ल्यूआई ने घोषणा की है कि कोली 28 जनवरी से 16 फरवरी तक वेस्टइंडीज के जिम्बाब्वे के दो टेस्ट मैचों के दौरे के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका के बहु-प्रारूप दौरे के लिए अंतरिम कोच होंगे, जिसमें दो टेस्ट शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका दौरे में 21 फरवरी से 28 मार्च तक तीन एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) और तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले जाएंगे।
जमैका के पूर्व विकेटकीपर/बल्लेबाज कोली वर्तमान में सीडब्ल्यूआई अकादमी कार्यक्रम के मुख्य कोच हैं। उन्होंने पहले सहायक अकादमी के मुख्य कोच और अंतरिम अकादमी के मुख्य कोच के रूप में काम किया था, जब 2010 में सगीकोर अकादमी शुरू की गई थी।
वह वेस्ट इंडीज अंडर19 टीम के मुख्य कोच भी थे। वेस्टइंडीज की पुरुष और महिला टीमों के सहायक कोच, साथ ही जमैका स्कॉर्पियन्स और विंडवर्ड आइलैंड्स के मुख्य कोच, जो 2018 सुपर 50 कप चैंपियंस थे।
उन्होंने कहा, "जिम्बाब्वे और दक्षिण अफ्रीका के आगामी दौरों पर वेस्ट इंडीज टीम की देखरेख करने के लिए कहा जाना एक विशेष सम्मान है। वेस्टइंडीज क्रिकेट मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखता है। आगामी दौरे चुनौतीपूर्ण होंगे क्योंकि हम उनके घरेलू हालात में दो टीमों के खिलाफ उतरेंगे।"
नई दिल्ली, 22 दिसंबर । बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम में कुलदीप यादव को जगह नहीं मिल पाई है.
उनकी जगह जयदेव उनादकट को टीम में शामिल किया गया है.
भारत दो टेस्ट मैचों की सिरीज़ में 1-0 से आगे है.
पहले टेस्ट में भारत ने बांग्लादेश को 188 रनों के बड़े अंतर से हराया था.
भारत की इस बड़ी जीत के हीरो थे स्पिनर कुलदीप यादव.
कुलदीप यादव ने पहली पारी में पाँच और दूसरी पारी में तीन विकेट लिए थे.
पहले टेस्ट में कुल आठ विकेट लेने और भारत की जीत में अहम भूमिका के कारण उन्हें 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' भी चुना गया था.
बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट के लिए टीम में दो स्पिनर हैं और वे हैं- आर अश्विन और अक्षर पटेल.
इसके अलावा इस टेस्ट के लिए टीम में जयदेव उनादकट, उमेश यादव और मोहम्मद सिराज जैसे तेज़ गेंदबाज़ भी शामिल हैं.
कुलदीप यादव को टीम में जगह न दिए जाने पर कप्तान केएल राहुल का कहना है कि कुलदीप यादव को टीम से बाहर रखना एक मुश्किल फ़ैसला था.
टॉस के बाद बातचीत में केएल राहुल ने कहा- हमारे पास स्पिनर के रूप में अश्विन और अक्षर हैं.
उन्होंने कहा कि उन्हें ये पता नहीं चल पा रहा है कि इस पिच को लेकर क्या उम्मीद की जाए क्योंकि विकेट को लेकर काफ़ी कन्फ़्यूजन है. इसलिए उन्होंने कोचिंग स्टाफ़ और सीनियर्स से बात की है.
कुलदीप को टीम से बाहर रखने पर सवाल
लेकिन दूसरे टेस्ट में कुलदीप यादव को टीम से बाहर रखने की काफ़ी आलोचना हो रही है.
क्रिकेट के आँकड़ों पर नज़र रखने वाले रजनीश गुप्ता ने लिखा है- पहले टेस्ट में मैच जिताने वाला प्रदर्शन करने के बावजूद कुलदीप यादव को टीम से बाहर रखा गया है. 2010 में अमित मिश्रा ने एक टेस्ट में सात विकेट लिए थे और 50 रन बनाए थे. लेकिन मीरपुर के अगले टेस्ट में उन्हें टीम से बाहर रखा गया था.
पूर्व महिला क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा ने ट्वीट कर लिखा है कि कुलदीप को टीम से बाहर रखना आश्चर्यजनक है, लेकिन ये टैक्टिकल हो सकता है. उन्होंने लिखा है कि तीन दिन पहले ही कुलदीप यादव को 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' चुना गया था.
इसके अलावा भी कई लोगों ने कुलदीप यादव को टीम से बाहर रखने पर अपनी राय व्यक्त की है.
कुलदीप यादव का सफ़र
14 दिसंबर 1994 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्मे कुलदीप यादव पहले तेज़ गेंदबाज़ी करते थे. लेकिन उनके कोच ने उन्हें स्पिन गेंदबाज़ी करने की सलाह दी.
हालाँकि उनके लिए ये आसान नहीं था. लेकिन धीरे-धीरे अपनी गेंदबाज़ी से उन्होंने अपनी जगह बनाई.
पहली बार 2012 में उन्हें अंडर-19 टीम के लिए खेलने का मौक़ा मिला.
लेकिन विकेट लेने के बावजूद उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा था.
वर्ष 2014 में अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान कुलदीप यादव ने बेहतरीन प्रदर्शन किया.
इसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कुलदीप को जगह मिली.
वर्ष 2014 के अक्तूबर में उन्हें भारत की वनडे टीम में जगह मिली.
हालाँकि उन्हें पहला वनडे खेलने का मौक़ा 2017 में मिला.
जबकि वर्ष 2017 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट टीम में शामिल किया गया.
कुलदीप यादव ने अभी तक आठ टेस्ट मैच खेले हैं और 34 विकेट लिए हैं.
कुलदीप ने भारत की ओर से 73 एक दिवसीय मैच खेले हैं और 119 विकेट लिए हैं.
उन्होंने 25 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले हैं और 44 विकेट लिए हैं.
क्रिकेट पत्रकार चंद्रशेखर लूथरा का विश्लेषण
कुलदीप यादव के करियर में अब तक की सबसे मुश्किल यही है कि उन्हें टीम में तब चुना जाता है जब टीम को एक्स्ट्रा स्पिनर यानी तीसरे स्पिनर की ज़रूरत होती है.
ऐसे में कुलदीप को टीम प्रबंधन से निराशा हो सकती है और वे ये भी मान सकते हैं कि उन्हें उपयुक्त मौक़े नहीं मिल रहे हैं.
लेकिन मौजूदा समय में टेस्ट कप्तान या टीम प्रबंधन के सामने रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा के रहते हुए उन्हें तरजीह देना संभव नहीं दिख रहा है. लेकिन कुलदीप की ख़ासियत ये है कि वे एक सामान्य स्पिनर नहीं हैं. उनकी चाइनामैन शैली उन्हें ख़ास बनाती है.
टी-20 क्रिकेट और सफ़ेद गेंद के दौर में इस कला को सीखना किसी भी गेंदबाज़ के लिए मुश्किल है.
कुलदीप यादव की इस ख़ासियत के मायने क्या हैं, इसे समझने के लिए स्पिन गेंदबाज़ी के जादूगर शेन वॉर्न के उस बयान को याद करना होगा जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें कुलदीप की गेंदबाज़ी देखना पसंद है. कुलदीप यादव ने टेस्ट में शानदार डेब्यू किया था. 2017 में धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने चार विकेट चटकाए थे.
इसके बाद अगले छह टेस्ट के लिए उन्हें चार साल लगे. इस दौरान सिडनी टेस्ट में पाँच विकेट झटकने का कारनामा भी शामिल था, 2019 की इस सिरीज़ में भारत ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सिरीज़ जीतने में कायमाब हुआ था.
इसके कुछ साल बाद यही टीम जब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी पर क़ब्ज़ा बरक़रार रखने के लिए ऑस्ट्रेलियाई ज़मीन पर पहुंची तो 2019 की टीम के सभी खिलाड़ियों को मैच में खेलने का मौक़ा मिला, सिवाए कुलदीप यादव के. वनडे क्रिकेट में भी अब तक उनकी क़िस्मत कुछ ऐसी ही रही है.
यक़ीन करना भले मुश्किल हो, लेकिन वनडे क्रिकेट में दो-दो हैट्रिक जमाने के बाद भी वनडे टीम में उनकी जगह पक्की नहीं है.
यह स्थिति तब है जब युजवेंद्र चहल के साथ उनकी जोड़ी के सामने विपक्षी बल्लेबाज़ टिक नहीं पाते हैं. लेकिन मौजूदा स्थिति में इन दोनों का टीम में एक साथ खेलना लगभग नामुमकिन ही है. (bbc.com/hindi)
लंदन, 22 दिसंबर इंग्लैंड के ऑलराउंडर सैम करेन को उम्मीद है कि शुक्रवार को होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी में उनको अच्छी कीमत पर खरीदा जाएगा लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बेन स्टोक्स और अन्य खिलाड़ियों के ‘ब्रैकेट’ में होने से उनकी संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
आईपीएल नीलामी कोच्चि में होगी जिसमें स्टोक्स और ऑस्ट्रेलिया के कैमरन ग्रीन जैसे ऑलराउंडरों पर मोटी कीमत लगने की संभावना है।
करेन का आधार मूल्य दो करोड़ रुपए है और उन्होंने कहा कि वह टेलीविजन पर आईपीएल नीलामी पर करीबी नजर रखेंगे।
‘द टेलीग्राफ’ द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में करेन ने कहा,‘‘ मैं पिछली नीलामी में शामिल था। आपको अपने आधार मूल्य से आगे बढ़ना होता है। मैं इसे (नीलामी को) टेलीविजन पर देखूंगा। मेरा मानना है कि शुक्रवार को जब आपका नाम नीलामी के लिए आएगा तो आप यही प्रार्थना करेंगे कि बोली लगाते रहो ’’
करेन को आईपीएल 2019 से पहले नीलामी में पंजाब किंग्स ने 7.2 करोड़ रुपए की मोटी कीमत पर खरीदा था। उन्हें उम्मीद है कि इस बार भी उन्हें अच्छी कीमत मिलेगी।
उन्होंने कहा,‘‘ सबसे पहले तो आप पर बोली लगनी चाहिए। मुझे अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है लेकिन मैं उसी ब्रैकेट में हूं जिसमें बेन स्टोक्स और अन्य ऑलराउंडर हैं। इसलिए कुछ भी हो सकता है।’’
करेन को पंजाब किंग्स ने 2020 के सत्र में ‘रिलीज’ कर दिया था और बाद में चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 5.5 करोड़ रुपए में खरीदा था। (भाषा)
जोहान्सबर्ग (दक्षिणी अफ्रीका), 22 दिसंबर | अफ्रीकी फुटबॉल परिसंघ (सीएएफ) फीफा विश्व कप कतर 2022 में पांच अफ्रीकी टीमों के प्रदर्शन पर गर्व महसूस कर रहा है। मोटसेप ने बुधवार को जोहान्सबर्ग में एक प्रेस वार्ता में कहा, "फीफा विश्व कप के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी अफ्रीकी देश ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया है। आगे हमारा मकसद है कि कोई अफ्रीकी देश फीफा विश्व कप जीते।"
सेनेगल, मोरक्को, ट्यूनीशिया, घाना और कैमरून ने कतर में हाल ही में संपन्न 2022 विश्व कप में भाग लिया।
शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि वे फुटबॉल स्कूलों, लड़कों और लड़कियों के लिए युवा अकादमियों और फुटबॉल के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में निवेश करना जारी रखेंगे और वे महाद्वीप में फुटबॉल की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें प्रशिक्षक, कोच और रेफरी शामिल हैं।
मोटसेप ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं कि अफ्रीकी फुटबॉल स्वावलंबी और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी है। हम विभिन्न जातियों, जातीय समूहों और धार्मिक पृष्ठभूमि के लोगों को एकजुट करने और सभी लोगों की सामाजिक-आर्थिक और रहने की स्थिति में सुधार करने में योगदान देने के लिए एक उपकरण के रूप में फुटबॉल का उपयोग करना जारी रखेंगे।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 21 दिसम्बर | यूएसए क्रिकेट में एक बड़े घटनाक्रम के तहत देश की सीनियर महिला और अंडर-19 टीमों के मुख्य कोच शिवनारायण चंद्रपॉल के दक्षिण अफ्रीका में 14 से 29 जनवरी तक होने वाले आईसीसी अंडर-19 महिला विश्व कप के बाद अपने अनुबंध को आगे ना बढ़ाने की उम्मीद है। यूएसए क्रिकेट द्वारा 14 दिसंबर को अंडर-19 महिला विश्व कप के पहले सीजन के लिए अंडर-19 महिला टीम की घोषणा करने के बाद, गीतिका कोडाली को कप्तानी दी गयी है।
चंद्रपॉल और यूएसए क्रिकेट हॉल आफ फेमर, मल्टी-डिसिप्लिन कोच जतिन पटेल मंगलवार को अटलांटा क्रिकेट लीग (एसीएल) के वार्षिक डिनर में उपस्थित थे और उन्होंने यूएसए क्रिकेट कोचिंग और भविष्य के बारे में बातचीत की।
पटेल ने कहा, "नए बोर्ड के आने के बाद से हमारे पास पहले से ही आधा दर्जन प्रसिद्ध मुख्य कोच राष्ट्रीय टीमों से अलग हो चुके हैं और मुझे संदेह है कि चंद्रपॉल दक्षिण अफ्रीका में अंडर-19 विश्व कप के बाद अपने अनुबंध को नवीनीकृत करेंगे या नहीं।"
उन्होंने कहा, "मैंने शिवनारायण चंद्रपॉल के मैनेजर जेरिन चाको से स्पष्ट करने के लिए बात की थी और चाको ने पुष्टि की है कि वह दक्षिण अफ्रीका में महिला अंडर-19 विश्व कप के बाद चंद्रपॉल के अनुबंध को बढ़ाने या नवीनीकृत करने पर विचार नहीं करेंगे।"
चंद्रपॉल को जुलाई 2022 में भूमिकाओं के लिए नियुक्त किया गया था और सफलता के साथ अपनी यात्रा शुरू की। यूएसए अंडर-19 टीम को कैरेबियन में एक खिताब (अपराजित) तक पहुंचाया जब यूएसए ने फाइनल में गत चैंपियन त्रिनिदाद और टोबैगो को हराया।
दिग्गज पूर्व वेस्टइंडीज क्रिकेटर ने 30 सितंबर को जॉर्जटाउन के गयाना नेशनल स्टेडियम में 2022 कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) के मुख्य कोच के रूप में जमैका तालावास का नेतृत्व किया।
वह अपने देश के दर्शकों के सामने सीपीएल खिताब जीतने वाले गयाना के पहले कोच बने। यह उनका घरेलू मैदान भी था, जहां उन्होंने अपने शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत करने के लिए वेस्टइंडीज के लिए डेब्यू किया था। वह आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के दौरान आईसीसी हॉल आफ फेम में शामिल होने वाले तीन लोगों में से एक थे।
उन्होंने कहा, "यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि चंद्रपॉल ने अंडर19 विश्व कप के बाद मुख्य कोच के रूप में वर्तमान भूमिका से अलग होने का इरादा किया है। एक खिलाड़ी के रूप में उनका अनुभव और एक कोच के रूप में उनकी विशेषज्ञता बहुत मायने रखती है। यूएसए महिला टीम के कोच के रूप में शुरूआती कार्यकाल में इसने परिणाम दिखाना शुरू कर दिया था।" (आईएएनएस)|
-नितिन श्रीवास्तव
एशिया कप फ़ाइनल, शारजाह स्टेडियम. 18 अप्रैल,1986. विश्व चैम्पियन भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 50 ओवरों में पाकिस्तान को 245 रन का लक्ष्य दिया था.
इसमें श्रीकांत के 75, सुनील गावस्कर के 92 और दिलीप वेंगसरकर की 50 रनों की बेहतरीन पारियाँ शामिल थीं.
पाकिस्तान को आख़िरी 30 गेंदों में 51 रन चाहिए थे, जब कप्तान इमरान ख़ान आउट होकर पविलियन लौट गए.
दूसरे छोर पर जावेद मियांदाद चट्टान की तरह डटे रहे और आख़िरी ओवर के पहले अपना शतक भी पूरा कर लिया. आख़िरी छह गेंदों में 11 रन चाहिए थे और वसीम अकरम और मियांदाद क्रीज़ पर थे.
जावेद ने वसीम की तरफ़ देख कर पूछा, "लॉन्ग हैंडल वाला बैट चाहिए मुझे?".
पाकिस्तान ड्रेसिंग रूम में ऐसा सिर्फ़ एक ही बैट था जो वसीम अकरम की किट में था.
"उस आख़िरी ओवर को याद कर आज भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं. जावेद को स्ट्राइक पर रखने की जुगत में मैं रन आउट हुआ लेकिन जावेद ने पहले एक चौका और फिर चेतन शर्मा की आख़िरी गेंद पर छक्का मार कर जीत दिला दी. मुझे वो बैट वापस तो नहीं मिला लेकिन शायद जावेद भाई ने उसे दस गुना दाम पर ऑक्शन कर दिया हो! सही भी है."
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और नामचीन क्रिकेटर वसीम अकरम ने अपनी आत्मकथा "सुल्तान: ए मेमॉयर" में ये बातें लिखी हैं.
उस एशिया कप को अब पूरे 36 साल हो चुके हैं लेकिन वसीम अकरम के मुताबिक़, उस साल तक भारत-पाकिस्तान एक-दिवसीय मुक़ाबलों में 8-7 की बढ़त भारत की थी जो इस मैच के बाद कई सालों तक पलटी रही.
हाल ही में रिलीज़ हुई इस आत्मकथा में वसीम अकरम ने कई बड़े दावे भी किए और कुछ रोचक बातों से पर्दा हटाय है. मिसाल के तौर पर अकरम के मुताबिक़, "पाकिस्तान क्रिकेट में जगह बनाने के लिए किसी की सरपरस्ती हमेशा बड़ा रोल अदा करती है."
उन्होंने इस बात का खुल कर ज़िक्र किया है कि मौजूदा टीम में बाबर आज़म, अब्दुल्ला शफ़ीक, इमाम उल हक़, उस्मान क़ादिर और आज़म ख़ान जैसे प्लेयर्स किसी न किसी पुराने खिलाड़ी के बेटे या भतीजे या भाई हैं.
ग़ौरतलब है कि 1984 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आग़ाज़ करने वाले वसीम अकरम की गिनती अब तक के सबसे ख़तरनाक तेज़ गेंदबाज़ों में होती है, जिनके बारे में सचिन तेंदुलकर कह चुके हैं कि "वसीम एक मास्टर थे जो अपनी गेंद से करतब दिखाते थे."
बाएं हाथ से गेंदबाज़ी करने वाले अकरम ने 104 टेस्ट और 356 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और 1992 में वर्ल्ड कप जीतने वाली पाकिस्तान टीम में उनका अहम रोल भी था. वैसे उन्होंने 25 टेस्ट में पाकिस्तान की कप्तानी भी की.
वसीम के लंबे करियर को कवर करने वाले एआरवाई न्यूज़ के स्पोर्ट्स एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार शाहिद हाशमी ने कराची से बताया, "वसीम अकरम बहुत सालों से मुझसे ये बात कहते थे कि दुनिया के सामने अपना पक्ष लाने का उनका बहुत मन है. इसमें कोई दो राय नहीं कि उनकी गिनती सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में होती थी और होती रहेगी. लेकिन मैच फ़िक्सिंग के आरोपों से उनको बहुत नुक़सान हुआ था और शायद इस किताब के ज़रिए वे अब अपनी बात बताना चाहते हैं".
पाकिस्तान क्रिकेट पर पिछले दो दशकों के दौरान मैच-फ़िक्सिंग और स्पॉट-फ़िक्सिंग का साया कई दफ़ा मंडराया है, जिसमें वसीम अकरम का नाम भी शामिल रहा है. उस पर और दूसरे कई मुद्दों पर कल इस कहानी की दूसरी कड़ी में विस्तार से चर्चा होगी.
बहराल, वसीम अकरम ने अपनी किताब के ज़रिए अपने बचपन की कुछ ख़ास बातें पहली बार ज़ाहिर की हैं.
अपनी आत्मकथा "सुल्तान: ए मेमॉयर" में अकरम ने लिखा है:
मेरे पिता चौधरी मोहम्मद अकरम अमृतसर, भारत में जन्मे थे जो बँटवारे के बाद लाहौर आकर बस गए. वे कोर्ट में प्रूफ़रीडर की नौकरी करते थे.
रोज़ सुबह मेरे पिता एक कोट और टाई पहन कर काम पर जाते थे और हर रविवार की शाम एक पेग स्कॉच व्हिस्की की लेते थे. यही उनका शौक़ था.
मेरे दो भाई और एक बहन थे लेकिन परिवार बिखर गया जब माँ और पिता ने अलग-अलग रहने का फ़ैसला किया. अपनी बहन और माँ के साथ मैं लाहौर में ही अपने नाना के यहां रहने आ गया.
शहर के पुराने इलाक़े अहमदपपुरा की गलियों में रहने वाले मेरे नाना लाहौर के 'मोची दरवाज़े' पर सब्ज़ी का कारोबार करते थे. पैसे कम ही होते थे घर में और हम लोग कई दफ़ा भूखे रहते थे.
उन दिनों को याद करके वसीम लिखते हैं, "आज भी मैं थाली में परोसे गए खाने को बर्बाद होते नहीं देख पाता."
पाकिस्तान के जियो न्यूज़ और जंग न्यूज़ ग्रुप समूह के वरिष्ठ स्पोर्ट्स एडिटर और क्रिकेट समीक्षक अब्दुल माजिद भट्टी और वसीम अकरम की जान-पहचान तब से है, जब वसीम कराची की क्रिकेट एकेडमी में पहली बार सिलेक्ट होकर पहुँचे थे.
उन्होंने कहा, "वसीम ने जो कुछ हासिल किया है वो अपने बल-बूते पर किया. उसने कड़ी मेहनत भी की. उन्हें पहले जावेद मियाँदाद ने स्पॉट किया और फिर इमरान ने उन्हें कई हुनर सिखाए, इंग्लैंड का तजुर्बा दिलवाया. शुरुआती मुश्किलातों के उन दिनों को वसीम हमेशा याद रखते हुए ही आगे बढ़े हैं."
मियाँदाद को अब्दुल क़ादिर ने दौड़ाया
अपनी आत्मकथा में वसीम अकरम ने इस बात को कई दफ़ा दोहराया है कि पूर्व कप्तान और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कैसे उनके करियर को निखारा.
1980 के दशक में पाकिस्तान में जनरल ज़िया-उल-हक़ का शासन था और 1987 में उन्होंने 'क्रिकेट फ़ॉर पीस' नामक पहल करते हुए पाकिस्तान टीम को भारत में पाँच टेस्ट मैच खेलने के लिए भेजा था.
वसीम याद करते हुए लिखते हैं, "इमरान ख़ान का जलवा भारत में पहली बार देखने को मिला. टीम मुंबई के ताज होटल में रुकी थी लेकिन इमरान गोदरेज बिज़नेस समूह के मालिक और उनकी पत्नी परमेश्वर गोदरेज के ख़ास मेहमान थे. वे मुझे ख़ुद ड्राइव करके गोदरेज के विशालकाय पाली हिल बंग्ले पर ले गए जहां पूरा बॉलीवुड मौजूद था."
उसके बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच इतनी लंबी टेस्ट शृंखला कभी नहीं हो सकी है लेकिन उस शृंखला के दौरान होली का त्योहार पड़ा था.
ऑस्ट्रेलिया के सिड्नी शहर में रहने वाले 'किंग्सग्रोव क्रिकेट सुपरस्टोर्स' के मालिक उन दिनों भारत में थे और 'सायमंड्स' के मशहूर क्रिकेट बैट की स्पॉन्सरशिप में उन्होंने एक हिस्सा ख़रीदा था.
उन्होंने हाल ही में बीबीसी को बताया, "मैंने 40 साल तक भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया की टीमों को फ़ॉलो किया है, साथ में दौरे किए हैं. लेकिन भारत-पाक के बीच हुई इस शृंखला में दोनों टीमों के खिलाड़ियों की मैदान के बाहर की दोस्ती कमाल की थी. होटलों में देखता था वे सब साथ ही मौज करते थे".
वसीम अकरम ने भी अपनी किताब में इसका एक बड़ा उदाहरण दिया है.
"होली के दिन रेस्ट-डे था और हमने ताज होटल में जम कर होली खेली. रवि शास्त्री सन-बाथ ले रहे थे और तभी एजाज़ अहमद और मनिंदर सिंह ने उन्हें उठा कर स्विमिंग पूल में डुबकी लगवा दी. उसी शाम मैंने पूल किनारे बैठे हुए देखा अब्दुल क़ादिर फल काटने वाले एक छोटे चाकू को हाथ में लेकर जावेद मियाँदाद को पूल के किनारे दौड़ा रहे थे. मामला क्या था कभी पता नहीं चला!".
सलीम मालिक और रमीज़ राजा
वैसे अकरम की आत्मकथा "सुल्तान: ए मेमॉयर" ने ख़ासा विवाद भी खड़ा कर दिया है और कई लोगों को इस बात का बेसब्री से इंतज़ार है कि वसीम ने जिन क्रिकेटरों के बारे में थोड़ी खरी-खोटी वाले दावे किए हैं, वे इसका जवाब कैसे और कब देंगे.
शुरुआत सलीम मलिक वाक़ये से.
सलीम मालिक एक बेहतरीन मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ रहे हैं जो टीम में वसीम अकरम के दो साल पहले से मौजूद थे.
वसीम ने अपनी किताब में लिखा है, "मेरे जूनियर होने का फ़ायदा उठाते हुए वे मुझे नौकर की तरह ट्रीट करते थे. उन्होंने मुझसे मसाज करने को कहा, कपड़े धुलवाए और जूते साफ़ करवाए."
इस किताब के दावों के कई साल पहले सलीम मलिक वसीम अकरम और वक़ार यूनुस की इस बात कर आलोचना कर चुके हैं कि दोनों ने उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया था. सलीम मलिक ने यहां तक कहा था कि अकरम उनसे कप्तानी लेना चाहते थे.
सवाल इस बात पर भी उठ रहे हैं कि आख़िर वसीम अकरम ने कोई 20-30 साल बाद इस तरह के आरोप क्यों लगाए या क्या इन आरोपों की अब ज़रूरत थी.
एआरवाई न्यूज़ के स्पोर्ट्स एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार शाहिद हाशमी के मुताबिक़, "इमरान ख़ान ने भी अपनी किताब में लिखा कि बड़े ख़ानदान से होने के बाद भी जब वे टीम में आए तो सादिक़ मुहम्मद ने उनसे पानी पिलाने को कहा था. ऐसा टीमों में कभी-कभार होता है लेकिन जिस तरह वसीम ने लिखा है वो अच्छा तो नहीं लगा".
अकरम के हाल के दावों पर बात करते हुए सलीम मलिक ने पाकिस्तान के '24 न्यूज़' से कहा, "जब तक मैं किताब पढ़ नहीं लेता तब तक उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता. लेकिन हम जिस भी होटल में रुकते थे वहाँ लौंड्री के लिए वॉशिंग मशीन होती थी".
'द वीक' पत्रिका की डिप्टी ब्यूरो चीफ़-स्पोर्ट्स नीरू भाटिया ने भी वसीम अकरम के लगभग सभी बड़े मैच कवर किए हैं और उनका मानना है कि "स्विंग गेंदबाज़ी के बादशाह रहे हैं वसीम अकरम, साथ ही एक सफल कप्तान और ऑल-राउंडर भी. अब अगर अपनी बात दुनिया को बताना चाहते हैं तो ये बिल्कुल सही है. उनके अंदर इस बात को लेकर एक टीस थी और उनका हक़ बनता है उस बारे में लिखने का, क्यों नहीं".
पाकिस्तान टीम में जगह मिलने के पहले वसीम अकरम को कराची के नेशनल स्टेडियम में शुरू किए गए पीसीबी कैम्प में ट्रेनिंग करने का मौक़ा मिला था, जिसमें जावेद मियाँदाद का बड़ा हाथ था.
उसके बाद कराची के वाईएमसीए में रहते हुए 19 साल के वसीम ने 600 रुपए (पाकिस्तानी) प्रति माह की तनख़्वाह पर 'पैको शाहीन' नाम के क्लब के लिए खेलना शुरू कर दिया था.
कुछ महीने बाद 'बीसीसीपी पैटरन्स XI' टीम में चुने जाने की ख़बर वसीम को उनके पिता ने लाहौर से फ़ोन करके दी थी. उन्होंने बस इतना कहा था, "वसीम, तू पिंडी जा रहा है".
दरअसल, न्यूज़ीलैंड की टीम पाकिस्तान दौरे पर थी और ये वसीम का किसी अंतरराष्ट्रीय टीम से ये पहला मैच होने वाला था.
मैच हुआ भी और वसीम अकरम ने विकेट भी लिए. लेकिन इस टीम में अकरम के साथ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मौजूदा प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर रमीज़ राजा भी थे.
वसीम अपनी क़िताब में लिखते हैं, "रमीज़ को हमेशा स्लिप फ़ील्डिंग मिलती थी क्योंकि उनके पिता पुलिस कमिश्नर थे. लेकिन ईमानदारी की बात ये है कि वे कैच पकड़ने से ज़्यादा छोड़ देते थे."
रमीज़ राजा ने अभी तक इन दावों पर कोई जवाब नहीं दिया है लेकिन मैंने कई ऐसे वर्ल्ड कप कवर किए हैं जिसमें, अकरम और रमीज़, दोनों कमेंट्री टीम का हिस्सा रहे हैं और मैचों के दौरान प्रेस बॉक्स में पत्रकारों के साथ गप-शप भी करते रहे हैं.
दोनों के बीच रिश्तों को देख कर ऐसी तल्ख़ी कभी महसूस तो नहीं हुई जबकि दोनों 1992 का विश्व कप जीतने वाली पाकिस्तानी टीम का अभिन्न हिस्सा भी रहे.
जियो न्यूज़ और जंग न्यूज़ ग्रुप समूह के वरिष्ठ स्पोर्ट्स एडिटर और क्रिकेट समीक्षक अब्दुल माजिद भट्टी ने बताया, "90 के दशक में न्यूज़ीलैंड जाने वाले पाकिस्तान टीम के कप्तान वसीम थे और आठ-नौ खिलाड़ियों ने अकरम के अंडर खेलने से मना कर दिया था.''
''दरअसल, पाकिस्तान क्रिकेट की दिक़्क़त तब शुरू हुई, जब इमरान 1992 में रिटायर हो गए. टेंशन थी वसीम, आमिर सोहैल, वक़ार यूनुस, सलीम मलिक या आकीब जावेद में क्योंकि सभी एक उम्र के थे. इन सब से क्रिकेट के बाद मुलाक़ातों में कई कहानियाँ सुनने को मिलीं. लेकिन वसीम ने पर्सनल लेवल पर कही गई ये बातें अब लिख दी हैं तो वो शायद थोड़ा ज़्यादा हो गया है."
वसीम अकरम की क़िताब में किए गए दावों पर एक्सपर्ट्स की राय भी ख़ासी साफ़ है. कई ने उनके करियर को फ़ॉलो भी किया है, जिसमें वसीम का अच्छा और बुरा समय दोनों शामिल है.
हालांकि "सुल्तान: ए मेमॉयर" अभी पाकिस्तान में रिलीज़ नहीं हुई है लेकिन इस क़िताब से मीडिया में एक तूफ़ान उठना तो तय है क्योंकि ख़ुद वसीम अकरम के मुताबिक़, "पाकिस्तान में नेशनल क्रिकेट टीम के 11 खिलाड़ियों से बड़ा कुछ भी नहीं होता".
पाकिस्तान के वरिष्ठ क्रिकेट समीक्षक रशीद शकूर ने अपनी बात दो-टूक कही
"मुझे जितना याद है, रमीज़ राजा तो कवर या मिड-ऑफ़ में ही ज़्यादातर फ़ील्डिंग करते रहे. मुद्दे की बात ये है कि रमीज़ आमतौर पर आउटफ़ील्ड में रहते थे. अगर 1992 विश्व कप जीत की बात हो तो रमीज़ ने मिड-ऑफ़ से ही दौड़ते हुए इमरान ख़ान की गेंद पर इलिंगवर्थ को कैच कर आख़िरी विकेट लिया था. अब चूँकि रमीज़ पीसीबी के प्रमुख हैं तो शायद इस दावे का मीडिया में जवाब न दें लेकिन कुछ समय पहले तक इन दोनों की दोस्ती पर बात होती थी. पाकिस्तान में कई लोग तो ये कह रहे थे कि रमीज़ की नियुक्ति में वसीम अकरम से भी सलाह ली गई थी". (bbc.com/hindi)
फ़्रेंच फ़ुटबॉल फ़ेडरेशन (एफ़एफ़एफ़) ने मंगलवार को बताया है कि फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में अर्जेंटीना से हारने के बाद फ़्रांस की टीम के कई खिलाड़ी सोशल मीडिया पर ‘नफ़रती’ नस्लवादी दुर्व्यवहार का शिकार हुए हैं.
फ़ेडरेशन का कहना है कि वो इसके ख़िलाफ़ क़ानूनी शिकायत दर्ज कराएगा.
टीम के किंग्सली कोमान और ओहेलियां चूयामेनी दुर्व्यवहार का निशाना बने हैं. पैनल्टी शूटआउट के दौरान दोनों खिलाड़ी गोल नहीं कर पाए थे.
इस घटना के बाद पिछले साल हुए यूरो 2020 के फ़ाइनल की यादें ताज़ा हो गई हैं जिसमें इटली से हार के बाद इंग्लैंड के तीन खिलाड़ियों को इसी तरह के हालात का सामना करना पड़ा था.
फ़्रांस के फ़ुटबॉल प्रमुख ने मंगलवार को कड़ा बयान जारी करते हुए दुर्व्यवहार करने वालों की निंदा की है.
वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के दौरान फ़्रांस की टीम को फ़्रांस के अधिकतर लोगों ने समर्थन दिया और सोमवार को जब टीम क़तर से लौटी तो उनको बधाई देने के लिए प्लेस दी ला कोनकोर्द पर 50 हज़ार लोग इकट्ठा थे.
फ़्रांस फ़ुटबॉल टीम को लेकर एफ़एफ़एफ़ ने ट्वीट किया, “वर्ल्ड कप फ़ाइनल के आख़िर में फ़्रांस टीम के कई खिलाड़ियों को सोशल मीडिया पर नस्लवादी और अस्वीकार्य नफ़रती टिप्पणियों का निशाना बनाया गया.”
“एफ़एफ़एफ़ इसकी निंदा करता है और इन टिप्पणियों को लिखने वाले लेखकों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई जाएगी.” (bbc.com/hindi)
मुंबई/गुवाहाटी, 20 दिसंबर। सूर्यकुमार यादव ने लगभग तीन साल में अपना पहला रणजी ट्रॉफी मैच खेलते हुए 80 गेंद में 90 रन की पारी खेली जबकि कप्तान अजिंक्य रहाणे और यशस्वी जायसवाल ने शतक जड़े जिससे मुंबई ने मंगलवार को यहां हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्रॉफी ग्रुप बी मैच के पहले दिन तीन विकेट पर 396 रन बनाए।
पिछले 12 महीने में सीमित ओवरों के प्रारूप में संभवत: भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज सूर्यकुमार ने लाल गेंद के क्रिकेट में भी उसी आक्रामकता का नजारा पेश किया जिसके लिए वह छोटे प्रारूपों में जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी पारी में 15 चौके और एक छक्का मारा।
पिछला प्रथम श्रेणी मैच फरवरी 2020 में खेलने वाले सूर्यकुमार भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने की इच्छा कई बार जाहिर कर चुके हैं।
सलामी बल्लेबाज जायसवाल ने भी अपनी शानदार फार्म जारी रखते हुए 195 गेंद में 162 रन की पारी खेली। रहाणे स्टंप के समय 139 रन बनाकर खेल रहे थे।
बीकेसी मैदान पर हैदराबाद ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया और पृथ्वी साव (19) को जल्द पवेलियन भेजा।
यशस्वी ने इसके बाद सूर्यकुमार के साथ दूसरे विकेट के लिए 153 और रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 206 रन की साझेदारी करके मुंबई को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
दूसरी तरफ दिल्ली ने ध्रुव शोरे के आठवें प्रथम श्रेणी शतक की मदद से असम के खिलाफ सात विकेट पर 271 रन बनाए।
खराब रोशनी के कारण जब दिन का खेल नौ ओवर पहले खत्म करना पड़ा तब शोरे 216 गेंद में 139 रन बनाकर खेल रहे थे।
असम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और जल्द ही दिल्ली का स्कोर चार विकेट पर 74 रन कर दिया।
सलामी बल्लेबाज अनुज रावत सिर्फ दो रन बनाकर मृणमॉय दत्ता की गेंद पर पगबाधा हुए।
शोरे और कप्तान यश धुल (22) ने टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया लेकिन आकाश सेनगुप्ता ने धुल को विकेटकीपर के हाथों कैच कराके इस साझेदारी को तोड़ दिया।
अनुभवी नितीश राणा (00) और हिम्मत सिंह (03) भी अधिक देर नहीं टिक सके जिससे दिल्ली की टीम संकट में घिर गई।
शोरे को इसके बाद वैभव रावल (43) के रूप में उम्दा जोड़ीदार मिला। दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 103 रन की साझेदारी की।
महाराष्ट्र के खिलाफ टूर्नामेंट का पहला मैच गंवाने वाली दिल्ली की टीम ने चोटिल तेज गेंदबाजों इशांत शर्मा और मयंक यादव की गैरमौजूदगी में कमजोर टीम उतारी है। टीम को हर्षित राणा, प्रांशु विजयरन और स्पिनर ऋतिक शौकीन को पदार्पण कराने के लिए बाध्य होना पड़ा। (भाषा)
कराची, 20 दिसंबर। पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला में मिली 0-3 की करारी शिकस्त का ठीकरा टीम के मुख्य तेज गेंदबाजों के चोटिल होने पर फोड़ा।
घरेलू सरजमीं पर तीन मैचों की श्रृंखला में पहली बार 0-3 की हार का सामना करने के बाद पाकिस्तान के कप्तान कहा, ‘‘ हमारी किस्मत अच्छी नहीं थी क्योंकि हमारे मुख्य तेज गेंदबाज चोटिल थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ नये खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन वे उस तरीके से हमारी योजना को मैच में नहीं उतार सके जैसा की हम चाहते थे। बल्लेबाजी में भी जब हम मैच पर पकड़ बना रहे थे तब हमने आसानी से विकेट गंवा दिये। इसी कारण से हम अच्छी स्थिति में होने के बाद भी कुछ मैचों को नहीं जीत सके।’’
पाकिस्तान के मुख्य तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी घुटने की चोट के कारण इस श्रृंखला से बाहर रहे। हारिस राउफ और नसीम शाह जैसे गेंदबाज पहले टेस्ट में चोटिल होने कारण बाकी के दोनों टेस्ट मैच नहीं खेल सके।
बाबर ने कहा, ‘‘ मौजूदा दौर में फिटनेस की भूमिका सबसे अहम होती है। अगर आप ‘सुपर फिट’ नहीं है तो तीनों प्रारूप में नहीं खेल पायेंगे।
पाकिस्तान ने इस श्रृंखला के पहले टेस्ट में मोहम्मद अली को पदार्पण का मौका दिया था। उन्होंने मैच में चार विकेट लिये लेकिन दूसरे टेस्ट में एक भी सफलता नहीं मिली। तीसरे टेस्ट में मोहम्मद वसीम ने पदार्पण किया लेकिन वह एक विकेट ही ले सके।
बाबर ने कहा, ‘‘जब आपके पास सबसे मजबूत गेंदबाज नहीं होते है तो नये गेंदबाजों के लिए जल्दी से सामंजस्य बैठना मुश्किल हो जाता है।’’ (एपी)