उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में अनुमानित 300 आतंकी सक्रिय हैं.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
उत्तरी कमान के जनरल कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के रद्द होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति में एक बड़ा बदलाव आया है और आतंकवादी गतिविधियों पर काफी हद तक काबू किया गया है.
भारत जम्मू-कश्मीर को देश का अभिन्न अंग मानता है और पाकिस्तान के साथ दशकों से इस विवादित क्षेत्र को लेकर तनाव बरकार है. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हमारे आंकड़ों के अनुसार 82 पाकिस्तानी और 53 स्थानीय आतंकवादी सक्रिय हैं." उन्होंने कहा लगभग 170 अज्ञात आतंकवादी भी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं.
नई दिल्ली लंबे समय से पाकिस्तान पर भारत के क्षेत्र के अलगाववादी समूहों के साथ-साथ सशस्त्र आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाता आया है. जबकि इस्लामाबाद भारत के इन आरोपों को यह कहते हुए खारिज करता रहा है कि वह अलगाववादी आंदोलनों को केवल कूटनीतिक और नैतिक समर्थन देता है.
पाकिस्तान का आरोपों से इनकार
पाकिस्तान के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, "भारतीय सैन्य अधिकारियों द्वारा इस तरह के सभी आरोप पूरी तरह से बेतुके, निराधार और बेबुनियाद हैं."
एक भारतीय सुरक्षा अधिकारी जो मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं होने के कारण नाम नहीं बताते हुए कहा कि यह एक दशक में भारतीय कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की सबसे अधिक संख्या है.
5 अगस्त 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य दर्जा वापस ले लिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान किया गया है जबकि लद्दाख में विधानसभा का प्रावधान नहीं है.
केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 और धारा 35ए हटाने के पीछे तर्क दिया था कि इससे आतंकवाद खत्म होगा, राज्य में निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद राज्य में महीनों तक कड़ी पाबंदियां लगाई गईं और इंटरनेट सेवा लंबे समय तक ठप्प कर दी गई. यहीं नहीं केंद्र ने वहां भारी सुरक्षाबलों की तैनाती भी की थी.
रिकॉर्ड संख्या में पहुंच रहे पर्यटक
हालांकि अब कई पाबंदियां वापस ले ली गईं हैं और अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर जम्मू-कश्मीर के पर्यटक स्थलों ने काफी लोगों को अपनी ओर खींचा. इस साल रिकॉर्ड 1.6 करोड़ पर्यटक कश्मीर घूमने गए जो कि ब्रिटिश शासन के बाद सबसे ज्यादा है.
जनरल द्विवेदी ने कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद सुरक्षा स्थिति बदली है लेकिन हथियार और गोला बारूद अभी भी सीमा पार से आ रहे हैं.
प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाकर किए जा रहे हमले के बारे में जनरल द्विवेदी ने कहा, "छोटे हथियारों का इस्तेमाल गैर जम्मू-कश्मीर के निवासियों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है जो यहां अपनी जीविका कमाने के लिए यहां आते हैं."
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सीमा के इस तरफ बड़ी मात्रा में ड्रग्स भेजा जा रहा है और पिछले साल जून में घाटी के बारामूला जिले में 47 करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन जब्त की गई थी. (dw.com)
मांड्या (कर्नाटक), 23 नवंबर | कर्नाटक पुलिस ने बुधवार को एक व्यक्ति को एक नाबालिग लड़की का अश्लील वीडियो बनाने औ ब्लैकमेल कर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया। उसकी पहचान 25 वर्षीय यूनुस पाशा के रूप में हुई। पुलिस के मुताबिक शादीशुदा युवक यूनुस पाशा ने नाबालिग लड़की से दोस्ती की थी और उसे एक मोबाइल फोन गिफ्ट किया था।
बाद में उसने उससे फोन पर बात करना शुरू कर दिया और उसकी निजी तस्वीरें क्लिक की और उसके वीडियो कॉल रिकॉर्ड किए। लड़की जब अपनी दादी के साथ घर में थी, तो वह वहां आ गया।
उसने उसके निजी वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करने की धमकी दी और दादी को नींद की गोलियां देने को कहा। जब महिला सो गई तो आरोपी ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया।
घर लौटने पर लड़की के माता-पिता ने जब उसके बदले व्यवहार को देखा तो उससे पूछताछ की। इस दौरान उसने आपबीती सुनाई।
बाद में उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 23 नवंबर | श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट बुधवार को रोहिणी स्थित फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में होगा। इसके पहले मंगलवार शाम को मामले में कुछ प्रारंभिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्री-मेडिकल सत्र का आयोजन किया। एफएसएल के अधिकारी पॉलीग्राफ टेस्ट की कॉपी के आदेश की जांच के लिए कोर्ट भी गए।
सूत्रों ने आईएएनएस को आगे बताया कि पुलिस चार दिनों के भीतर दोनों टेस्ट (पॉलीग्राफ और नार्को) कराने की कोशिश करेगी।
इस बीच मंगलवार शाम पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा साउथ दिल्ली के डीसीपी ऑफिस पहुंचे। सीपी ने मामले में चल रही जांच का जायजा लिया। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 23 नवंबर | आईएएस अधिकारी श्रीराम तरणीकांति को केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। श्रीराम तरणीकांति 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। गृह मंत्रालय ने इसको लेकर आदेश जारी किया है। गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आदेश में बताया गया है कि 1992 बैच के त्रिपुरा कैडर के आईएएस अधिकारी श्रीराम तरणीकांति को गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। इनकी नियुक्ति 21/11/2022 से प्रभावी होगी। मंगलवार को उन्होंने अपना पद संभाल लिया है।
श्रीराम तरणीकांति वर्तमान में अंतर्राज्यीय परिषद सचिवालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर तैनात थे। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 23 नवंबर | दिल्ली के पालम इलाके में एक व्यक्ति ने पक्की नौकरी नहीं होने पर गरमागरम बहस के बाद अपने परिवार के चार सदस्यों की हत्या कर दी। इस घटना की जानकारी पुलिस ने बुधवार को दी है। मृतृ लोगों की पहचान अपराधी की दादी दीवाना देवी, उसके पिता दिनेश, मां दर्शना और उसकी 18 वर्षीय बहन उर्वशी के रूप में हुई है।
25 वर्षीय आरोपी केशव, जो नशे का आदी बताया जा रहा है, हाल ही में एक पुनर्वास केंद्र से बाहर आया था।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) मनोज सी. ने कहा कि, पालम थाने में रात करीब साढ़े दस बजे फोन आया। मंगलवार की रात एक घर में हंगामे को लेकर तत्काल एक टीम रवाना की गई।
डीसीपी ने कहा, "मौके पर पहुंचने पर, पुलिस टीम ने परिवार के चार सदस्यों को घर में मृत पाया और भागने की कोशिश कर रहे आरोपी को उसके उसके रिश्तेदारों ने पकड़ लिया।"
आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।
अधिकारी ने कहा, "प्रारंभिक जांच के अनुसार, अपराध का मकसद परिवार के सदस्यों के साथ झगड़ा प्रतीत होता है क्योंकि आरोपी के पास स्थिर नौकरी नहीं थी।" (आईएएनएस)|
हैदराबाद, 23 नवंबर | आयकर विभाग ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेलंगाना के श्रम एवं रोजगार मंत्री मल्ला रेड्डी और उनके परिवार के सदस्यों के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी जारी रखी। मंत्री उनके बेटों, दामाद और परिवार के अन्य सदस्यों और मल्ला रेड्डी समूह द्वारा संचालित विभिन्न संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों के परिसरों में एक साथ तलाशी ली गई।
विभाग की 50 से अधिक टीमें हैदराबाद और पड़ोसी मेडचल मलकजगिरी जिले में कई स्थानों पर तलाशी ले रही हैं।
विभाग के करीब 200 आयकर कर्मी मंगलवार तड़के से तलाशी अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। छापेमारी में 8 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए जाने की खबर है।
सूत्रों के मुताबिक मल्ला रेड्डी द्वारा संचालित विभिन्न संस्थानों द्वारा कथित कर चोरी के लिए छापे मारे गए। मल्ला रेड्डी मेडिकल, फार्मेसी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में कोटे की सीटों के अनुचित आवंटन के भी आरोप हैं। आयकर विभाग के अधिकारी इन सीटों के लेन-देन में इस्तेमाल हुए बैंक खातों की जांच कर रहे थे।
आईटी विभाग कुछ वर्षों के दौरान मल्ला रेड्डी और उनके परिवार द्वारा रियल एस्टेट में निवेश के मामलों की जांच कर रहा है।
मल्ला रेड्डी विश्वविद्यालय के मालिक और कई कॉलेज चलाने वाले मल्ला रेड्डी ने कथित तौर पर मॉल व पेट्रोल पंपों में निवेश किया है और कई जगहों पर जमीन खरीदी है।
मंत्री के परिवार के सदस्य संस्थानों के प्रमुख पदों पर हैं। मल्ला रेड्डी की पत्नी कल्पना रेड्डी सीएमआर एजुकेशनल सोसाइटी, मल्ला रेड्डी एजुकेशनल सोसाइटी, चंद्रम्मा एजुकेशनल सोसाइटी और सेंट मार्टिन एजुकेशनल सोसाइटी की वाइस प्रेसीडेंट हैं। (आईएएनएस)|
छपरा, 23 नवंबर | आम तौर पर कहा जाता है पहले प्यार को भुला पाना आसान नहीं होता है, ऐसा ही कुछ देखने को मिला बिहार के सारण जिला में जहां, विवाहित महिला शादी के बाद भी अपने पहले प्रेमी को भूल नहीं पाई। जब प्रेमी उसके पति के गांव पहुंचा तो, पति की रजामंदी से महिला और उसके पुराने प्रेमी की शादी करवा दी गई। बताया जाता है कि मिर्जापुर के रहने वाले विश्वजित भगत ऑटो चलाने का काम करता है। करीब चार महीने पूर्व बख्तियारपुर की रहने वाली आरती नाम की लड़की से उसे इश्क हो गया। दोनो प्रेमी प्रेमिका ने साथ जीने और मरने की कसमें खाई और दोनों साथ रहने का फैसला ले लिया।
इस बीच, दोनों ने अपनी मर्जी से दो महीने पहले शादी कर ली।
अभी विवाह के दो ही महीने ही गुजरे थे कि बख्तियारपुर के रहने वाले अभिराज नाम का एक युवक अपनी पूर्व की प्रेमिका आरती के ससुराल मिर्जापुर पहुंच गया।
इस दौरान आरती भी अपने पहले प्रेमी को भूल नहीं पाई थी। वह भी अपने पुराने प्रेमी से मिलने उसके पास पहुंच गयी।
बताया गया कि गांव वालो ने दोनों को मिलते देख लिया और दोनों को पकड़ लिया। प्रेमी-प्रेमिका के पकड़े जाने के बाद गांव में तरह तरह की चर्चा होने लगी।
सोमवार को दोनों के परिजनों को इसकी सूचना दी गई और फिर रात में पति की रजामंदी के बाद पति के घर में ही आरती की शादी पहले प्रेमी अभिराज से करा दी गई। फिल्मी पटकथा जैसी घटना की चर्चा इलाके में खूब हो रही है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 22 नवंबर | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े को जमानत दी गई थी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष मामले की अपील की। शीर्ष अदालत शुक्रवार को एनआईए की अपील पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय ने पूर्व-आईआईटी प्रोफेसर तेलतुंबड़े को सशर्त जमानत दी थी।
न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव ने तेलतुंबडे की जमानत याचिका मंजूर कर ली।
हालांकि उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ एनआईए को अपील की अनुमति देने के लिए एक सप्ताह के लिए जमानत आदेश पर रोक लगा दी।
वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर के बहनोई तेलतुंबडे (72) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अप्रैल 2020 में एनआईए के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
खंडपीठ ने उन्हें 1 लाख रुपये और दो मुचलकों की जमानत देते हुए कहा था कि प्रथम²ष्टया, गैरकानूनी गतिविधियों, आतंकवादी कृत्यों और साजिश के अपराधों के लिए यूएपीए की धाराएं नहीं बनती हैं, हालांकि एक आतंकवादी समूह की सदस्यता और समर्थन बनता है।
एनआईए ने तेलतुंबडे पर 31 दिसंबर, 2017 को एल्गार परिषद के संयोजक होने का आरोप लगाया था, जहां उग्र भाषण दिए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप कथित तौर पर 1 जनवरी, 2018 को भीमा-कोरेगांव, पुणे में एक जातीय हिंसा हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। .
एनआईए ने तेलतुंबडे पर प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) का सक्रिय सदस्य होने और अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करने का आरोप लगाया था। (आईएएनएस)|
मुंबई, 22 नवंबर | बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर अपनी आगामी फिल्म 'गोविंदा नाम मेरा', एक कॉमिक थ्रिलर में अपने अविश्वसनीय अभिनय और डायलॉग डिलीवरी के लिए प्रशंसा बटोर रही हैं। इस फिल्म में अपने किरदार को लेकर एक्ट्रेस ने एक खास अनुभव साझा किया है। भूमि ने कहा, "मैं वास्तव में रोमांचित हूं कि फिल्म निर्माता महसूस कर सकते हैं कि मैं वास्तव में कड़ी मेहनत कर सकती हूं और किसी भी भूमिका को पूरा करने की कोशिश कर सकती हूं जो वे मुझे प्रदान करते हैं। मेरे लिए यह मेरे काम और एक कलाकार के रूप में मेरे कौशल के लिए सबसे बड़ी मान्यता है।"
गोविंदा नाम मेरा में मेरा किरदार है कि मैं फिर से कुछ अलग करने की कोशिश कर रही हूं, हर फिल्म के साथ इसे फिर से बदलने की कोशिश कर रही हूं और उम्मीद है कि अपने प्रदर्शन से लोगों को प्रभावित करूंगी।
उन्होंने आगे कहा, "मुझे एक सांचे में ढाले जाने से नफरत है और मैं लगातार यथास्थिति को चुनौती देने और कुछ अलग करने के लिए देखती हूं। मुझे खुशी है कि दर्शक ट्रेलर में मेरे चरित्र को पसंद कर रहे हैं। यह सिर्फ एक टीस है कि फिल्म में क्या उम्मीद की जाए।"
यह फिल्म डिजनी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज होने वाली है।
शशांक खेतान द्वारा निर्देशित, गोविंदा नाम मेरा एक आकर्षक गोविंदा वाघमारे के बारे में है, जो अराजकता, भ्रम और हँसी की इस खुराक में अपनी पत्नी और अपनी प्रेमिका के बीच अपने समय और प्यार की बाजीगरी करता है।
वर्कफ्रंट की बात करें तो, भूमि के पास फिल्मों की एक दिलचस्प लाइन है - अफवाह, भीड़, लेडी किलर और मेरे पति की बीवी। (आईएएनएस)|
भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अधिकांश मामलों में अपराधी परिचित निकलते हैं.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
राजधानी दिल्ली में लिव इन पार्टनर श्रद्धा वॉल्कर की सनसनीखेज हत्या के आरोप में गिरफ्तार आफताब पूनावाला ने अपना जुर्म तो कबूल कर लिया है लेकिन पुलिस को आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. श्रद्धा की ही तरह कई और लड़कियां ऐसी हैं जो भारत के शहरों से लेकर गांवों तक ऐसी हिंसक अपराध का शिकार हो रही हैं जिन्हें उनके जानने वाले अंजाम दे रहे हैं. कहीं बॉयफ्रेंड अपनी गर्लफ्रेंड को मौत के घाट उतारा रहा है तो कहीं परिवार ही अपनी बेटी को उनकी मर्जी के खिलाफ जाने पर मार रहा है.
श्रद्धा की हत्या की खबरों से हर कोई सन्न है लेकिन कई ऐसे मामले भी हैं जो रिपोर्ट तक नहीं होती. खासकर ऐसे ग्रामीण इलाकों से जहां सूचनाएं प्रमुख अखबारों और टीवी चैनलों तक नहीं पहुंच पाती हैं. कई बार पुलिस को भी महिलाओं के खिलाफ अपराध के बारे में पता तक नहीं चल पाता है.
श्रद्धा हत्याकांड
27 वर्षीय श्रद्धा वॉल्कर और आफताब पूनावाला (28 वर्ष) दिल्ली में लिव इन संबंध में रह रहे थे. बताया जा रहा है कि दोनों 2019 से रिश्ते में थे. दोनों की मुलाकात मुंबई के एक कॉल सेंटर में नौकरी के दौरान हुई थी. दोनों मुंबई से दिल्ली आने के बाद दक्षिण दिल्ली में किराए के मकान में रह रहे थे. आरोप है कि 18 मई को आफताब ने श्रद्धा की हत्या की और शव के 35 टुकड़े किए. पुलिस का कहना है कि उसने शव के टुकड़े को कई दिनों तक फ्रिज में रखा और उसके बाद देर रात शव के टुकड़ों को महरौली के जंगल में ठिकाने लगाने जाता. जब मुंबई पुलिस की टीम महलौरी थाने में पहुंची और श्रद्धा के बारे में बताया कि वह आफताब नाम के युवक के साथ रह रही है लेकिन उसका पता नहीं चल पा रहा तब पुलिस ने आफताब से पूछताछ की और इस हत्याकांड का खुलासा हुआ.
शुरू में आफताब ने पुलिस को बताया कि श्रद्धा उसके साथ काफी दिनों से नहीं रह रही है और उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन कड़ाई से पूछताछ के बाद उसने सच उगल दिया. इस हत्याकांड का खुलासा करीब छह महीने बाद हुआ.
कहीं पिता तो कहीं बॉयफ्रेंड बना हत्यारा
भारत में महिलाओं के खिलाफ आए दिन अपराध हो रहे हैं. कई बार उनके जानने वाले ही हत्या जैसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं. बीते दिनों एक और घटना में दिल्ली की रहने वाली 21 वर्षीय आयुषी यादव की हत्या कर दी गई. हत्या का आरोप आयुषी के पिता पर लगा है. पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर एक सूटकेस में आयुषी का खून सना शव पुलिस को मिला था. पुलिस का कहना है उसने लड़की के पिता को हिरासत में लिया है.
दूसरी ओर यूपी के आजमगढ़ में पुलिस ने एक व्यक्ति को महिला की हत्या और शव के छह टुकड़े करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी ने महिला की हत्या के बाद उसे एक कुएं में डाल दिया. पुलिस का कहना है कि आरोपी और मृतक महिला पहले संबंध में थे और जब महिला की शादी हो गई तो वह महिला पर शादी तोड़ने का दबाव बना रहा था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
भारतीय समाज में बढ़ती हिंसा
सामाजिक कार्यकर्ता शबन हाशमी का कहना है कि भारतीय समाज में सबसे ज्यादा औरतों के खिलाफ अपराध हो रहे हैं और यह हाल के वर्षों में बढ़े हैं. हाशमी ने डीडब्ल्यू से कहा, "पितृसत्ता ताकतें जब ज्यादा ताकतवर होती हैं तो औरत के खिलाफ अपराध बढ़ता है. जो अपराध करने वाले हैं वह भी समझ गए हैं कि उनके खिलाफ कुछ भी नहीं होगा."
हाशमी कहती हैं कि अपराध करने वालों का दिमाग अब ऐसा हो गया है कि वह किसी भी तरह के अपराध करने को तैयार है.
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देश में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,28,278 मामले दर्ज किए गए, जो 2020 की तुलना में 15.3 प्रतिशत (3,71,503 मामले) की वृद्धि दर्शाता है. (dw.com)
दुनिया की आबादी आठ अरब को पार कर गई है और भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बनने की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में विशेषज्ञ उन चुनौतियों और अवसरों के बारे में बात कर रहे हैं, जो भारत के सामने आने वाले हैं.
डॉयचे वैले पर मुरली कृष्णन की रिपोर्ट-
मानव सभ्यता के इतिहास में एक और मील का पत्थर पार हो गया है. पिछले हफ्ते मनुष्यों की आबादी आठ अरब को पार कर गई है. सात से आठ अरब होने में इंसानों को सिर्फ 12 साल लगे. इस एक अरब में भारत का योगदान सबसे ज्यादा रहा है. उसने 17.7 करोड़ लोग जोड़े हैं जबकि चीन में इस दौरान 7.3 करोड़ लोग जन्मे.
भारत की आबादी जिस तेजी से बढ़ रही है, उसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनएफपीए का अनुमान है कि अगले साल वह दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा. 2022 में भारत की आबादी 1.41 अरब पर पहुंच चुकी है जबकि चीन की जनसंख्या 1.43 अरब है.
2050 में भारत की जनसंख्या 1.67 अरब हो जाएगी जबकिचीन 1.32 अरब पर होगा और यूएन का तो कहना है कि अगले एक अरब लोगों में चीन का योगदान नेगेटिव रहेगा और जनसंख्या की बढ़त मुख्यतया आठ देशों में केंद्रित रहेगी, जिनमें एक भारत होगा.
बात सिर्फ आंकड़ों की नहीं
संयुक्त राष्ट्र में आर्थिक और सामाजिक मामलों को देखने वालीं अवर-महासचिव लू जेनमिन कहती हैं कि ज्यादा आबादी भूख और गरीबी जैसी चुनौतियों को और गंभीर कर सकती है. जेनमिन ने कहा, "बहुत तेजी से जनसंख्या में वृद्धि गरीबी उन्मूलन, भूख और कुपोषण से लड़ाई और शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रसार को और चुनौतीपूर्ण बना देती है.”
जनसंख्या विशेषज्ञ और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारत के लिहाज से आंकड़ों के फेर में पड़ने के कारण असली चुनौतियों से ध्यान भटक सकता है. उनका कहना है कि विकास को समान और टिकाऊ रूप से सब तक पहुंचाने के लिए सरकार की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक नीतियों में सुधार की ओर ध्यान देने की जरूरत है.
पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की निदेशक पूनम मुटरेजा कहती हैं, "भारत जैसे अधिक आबादी वाले देशों में सभी के लिए खुशहाल और स्वस्थ भविष्य की बेहतर योजनाएं बनाना बड़ी चुनौती है. आने वाले समय में भारत को बढ़ती और बूढ़ी होती आबादी की जरूरतें पूरी करने के लिए उपाय करने होंगे. इनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं और सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था में सुधार जैसी बातें शामिल होंगी.”
बुजुर्ग होती आबादी
पिछले साल भारत में बुजुर्गों की जनसंख्या 13.8 करोड़ पर थी और राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग के मुताबिक 2030 तक इस आयुवर्ग में 19.4 करोड़ लोग होंगे यानी 41 प्रतिशत की वृद्धि. इस तेजी से बूढ़ी होती जनसंख्या के सामने शोषण, परित्याग, अकेलापन और वित्तीय परेशानियों जैसी कई समस्याएं होंगी.
शोध दिखाते हैं कि फिलहाल 26.3 प्रतिशत बुजुर्ग आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं. 20.3 प्रतिशत बुजुर्ग ऐसे हैं जो आर्थिक रूप से किसी अन्य पर निर्भर हैं जबकि 53.4 फीसदी बुजुर्ग अपने बच्चों पर निर्भर हैं.
अभी तो भारत को एक युवा देश कहा जाता है. उसकी 55 प्रतिशत जनसंख्या 30 या उससे कम वर्ष की है जबकि एक चौथाई आबादी अभी 15 वर्ष की भी नहीं हुई है. विशेषज्ञ कहते हैं कि जनसांख्यिकीय अनुपात से मिलने वाले लाभ अपने आप आर्थिक लाभों में तब्दील नहीं होते और बिना प्रभावशाली नीतिनिर्माण के ये हानि में भी बदल सकते हैं. मसलन, बेरोजगारी का बढ़ना.
हाल ही में जारी हुई कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज की रिपोर्ट कहती है कि यदि भारत के जनसांख्यिकीय लाभ को उत्पादक रूप से रोजगार में शामिल किया जाए तो विकास की संभावनाएं जोरदार होंगी, जिससे जीडीपी में बड़ी वृद्धि का लाभ मिलेगा. रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी अभी के 30 खरब डॉलर से से बढ़कर 2030 में 90 खरब डॉलर और 2047 तक 400 खरब डॉलर तक भी पहुंच सकती है.
युवा आबादी का लाभ
इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज की प्रोफेसर अपराजिता चट्टोपाध्याय कहती हैं कि बेरोजगारी की समस्या तभी पैदा होगी जबकि कौशल विकास की रफ्तार जनसंख्या के अनुपात में नहीं बढ़ी. उन्होंने डॉयचे वेले को बताया, "अभी तो 7 प्रतिशत की बेरोजगारी दर इतनी चिंता की बात नहीं है. बहुत से देशों में बेरोजगारी दर इससे ज्यादा है, लेकिन आरक्षण की नीति एक चिंता की बात है जो कि एक राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है और इसका दायरा लगातार बढ़ रहा है. ब्रेन ड्रेन (प्रतिभाशाली युवाओं का विदेश जाना) लगातार बढ़ रहा है और चार में तीन भारतीय विदेश जा रहे हैं, जो विकासशील देशों में सबसे ज्यादा है. अगर यह जारी रहता है तो भारत का भविष्य विनाशकारी होगा.”
कई शोध कहते हैं कि भारतीयों के विदेश जाने की संख्या और प्रवृत्ति में तेजी से वृद्धि हुई है. 2014 के बाद से 23 हजार करोड़पति भारत छोड़कर विदेश चले गए हैं. सिर्फ 2019 में सात हजार करोड़पतियों ने भारत को अलविदा कहा जिससे भारत को टैक्स रेवन्यू में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ. 2015 के बाद नौ लाख भारतीयों ने भारत की नागरिकता का त्याग किया है.
यूएन की एक रिपोर्ट बताती है कि 2000 से 2020 के बीच भारत ने प्रवासन का सबसे तेज दौर देखा है. इन दो दशकों में एक करोड़ से ज्यादा लोग भारत छोड़कर चले गए. इस वक्त लगभग 3 करोड़ भारतीय विदेशों में रह रहे हैं.
यूएनएफपीए के मुताबिक भारत की जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार अब स्थिर हो रही है जो इस बात का संकेत है कि देश की जनसंख्या और स्वास्थ्य नीतियां काम कर रहे हैं. भारत में जन्मदर 2.2 से घटकर 2 पर आ गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक और टिकाऊ विकास के लिए किसी भी देश की जन्मदर 2.1 होनी चाहिए. (dw.com)
बीते करीब 17 दिनों से बिहार के कई शहरों की हवा भारत में सबसे अधिक जहरीली हो गई है. वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है. इस मायने में सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में एक दिल्ली बिहार के कई शहरों से पीछे छूट गयी है.
डॉयचे वैले पर मनीष कुमार की रिपोर्ट-
इस साल 20 नवंबर को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 423 के साथ मोतिहारी भारत का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा, वहीं इसके बाद दूसरे नंबर पर 411 एक्यूआई वाला दरभंगा तथा तीसरे नंबर पर 401 के साथ सीवान रहा. आंकड़ों के अनुसार बेगूसराय, कटिहार, बेतिया, पूर्णिया, अररिया, मुजफ्फरपुर, बक्सर, समस्तीपुर और पटना की हवा भी काफी खराब चल रही. बिहार में प्रदूषण और वायु की खराब गुणवत्ता पर पूरे देश में चर्चा हो रही है.
क्यों बढ़ जाता है एयर क्वालिटी इंडेक्स
एक्यूआई वायु की गुणवत्ता मापने का एक पैमाना है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अगर 50 से नीचे है तो वहां की हवा स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है. 50 से 100 एक्यूआई के बीच की संतोषजनक, 100 से 200 के बीच संतुलित, 200 से 300 के बीच खराब, 300 से 400 के बीच बहुत ही खराब तथा 400 से ऊपर एक्यूआई वाली हवा खतरनाक हो जाती है. यह स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक है. एक्यूआई लेवल बढ़ने की कई वजहें हैं. ठंड के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ने और धूलकण के उड़ने से वायु की गुणवत्ता खराब हो रही है. गर्मी के दिनों में ये धूलकण वायुमंडल में बिखर जाते हैं, लेकिन सर्दियों में ऐसा नहीं हो पाता है और ये धुंध के साथ मिलकर हवा में स्थिर होने लगते हैं.
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार के अनुसार राज्य की भौगोलिक संरचना भी एक हद तक इसके लिए जिम्मेदार है. राज्य के कुछ भाग को छोड़ कर अधिकांश जगहों पर एल्युवियल स्वाइल पाई जाती है, जो आसानी से धूलकण बन जाते हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण उत्तर बिहार के बड़े भूभाग में बाढ़ के पानी के साथ-साथ सिल्ट भी आता है. इस मौसम में सिल्ट धूलकण बनकर हवा में फैलने लगता है. इस मौसम में थर्मल इनवर्जन की वजह से गर्म हवा ऊपर जाने लगती है और ठंडी हवा नीचे आने लगती है. जो धूलकण वायुमंडल में ऊपर होता है वह नीचे आने लगता है, इससे धुंध छाने लगता है और जब नीचे से धूल उड़ती है तो वह नहीं फैल पाने के कारण स्थिर होने लगती है.
शिकागो विश्वविद्यालय की एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट की ओर से की गई स्टडी के अनुसार बिहार, उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों की लगभग पूरी आबादी अतिसूक्ष्म धूलकण (पीएम 2.5) की जद में हैं. बिहार में यह 85.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन और देश में निर्धारित मानक से काफी अधिक है.
जागरूकता की कमी से बढ़ी मुश्किलें
इसके अलावा भी प्रदूषण बढ़ने के कई कारण हैं जो मानव निर्मित होते हैं. लोगों में प्रदूषण को लेकर अभी भी उतनी जागरूकता नहीं है. पर्यावरणविद आर.के सैनी बताते हैं, ‘‘पेड़ों की कटाई, शहर के अंदर कचरे को जलाना, सड़क-पुल या भवन निर्माण आदि में निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं करना, निर्माण सामग्रियों का बिना ढंके परिवहन भी उन वजहों में शामिल हैं, जिनसे वायु गुणवत्ता सूचकांक में खतरनाक स्तर तक वृद्धि होती है.'' गीले और सूखे कचरे को अलग करना तो दूर लोग यहां वहां हर तरह के कचरे को फेंक देते हैं. गाड़ियों के प्रदूषण को लेकर भी लापरवाही बरती जाती है. शहरों की तंग गलियां तथा डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर निर्भरता प्रदूषण बढ़ाने वाले कारक हैं. बड़ी संख्या में निर्माण कार्य हो रहे हैं, लेकिन साइट को ग्रीन कपड़े से कवर करने में कोताही बरती जाती है. सड़कों पर खुली जगहों में निर्माण सामग्री पड़ी रहती है, जो अंतत: वायुमंडल में धूलकण की मात्रा ही बढ़ाती है. कटिहार का एक्यूआई लेवल देश में सर्वाधिक (420) होने पर वहां के जिलाधिकारी ने तो साफ कहा था कि निर्माण कार्यों की वजह से ही इसमें बढ़ोतरी हुई है.
यूपी में जल रही पराली का असर
जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश के खेतों में जलाई जा रही पराली का धुआं भी बिहार में हवा को खराब कर रहा है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार कहते हैं, ‘‘उत्तर बिहार के जिन शहरों जैसे मोतिहारी, बेतिया आदि में एक्यूआई लेवल ज्यादा है, उसका एक कारण इन शहरों का यूपी की सीमा से लगा होना भी है. पछुआ हवा की वजह से यूपी का धुआं बिहार की ओर आ रहा है. इसलिए सीमावर्ती जिले इससे खासे प्रभावित हो रहे हैं. बिहार में तो पराली जलाने का मामला नहीं के बराबर है.''
नासा की ओर से जारी सैटेलाइट इमेज को देखने से पता चलता है कि यूपी के वे जिले जो बिहार से लगे हैं, वहां अधिक मात्रा में पराली जलाई जा रही है. बिहार में पहले अधिकतर किसान मजदूरों से फसलों की कटाई करवाते थे लेकिन, धीरे-धीरे अब मशीनों से कटाई का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. इससे जो फसल अवशेष बचता है उसे जलाने के लिए माचिस की एक डिब्बी का ही खर्च आता है, जबकि हाथ से की गई कटाई के बाद खेतों की साफ-सफाई में काफी खर्च बैठता है. इस कड़ी में बिहार सरकार ने खेतों में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को किसी भी तरह की सरकारी योजना या सहायता का लाभ नहीं देने का नियम बनाया है और इस पर सख्ती से अमल भी किया जाता है. अब तक करीब एक हजार से अधिक ऐसे किसानों को चिन्हित किया गया है.
बिहार में प्रदूषण पर लगाम कसने की योजना
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बढ़ते प्रदूषण पर रोकथाम के लिए एकीकृत कार्य योजना बना रहा है, जो प्रमुख शहरों के लिए नहीं, बल्कि राज्यभर के लिए होगी. सूत्रों के अनुसार ग्रीन बेल्ट विकसित करना, ई-व्हीकल और वातावरण के अनुकूल बायो फ्यूल के इस्तेमाल को बढ़ावा देना, निर्माण सामग्रियों को ढंक कर ले जाना व निर्माण स्थल को ग्रीन शील्ड से कवर करना तथा गाड़ियों के उत्सर्जन पर रोक की कड़ी व्यवस्था, सड़कों पर पानी का छिड़काव एवं स्मॉग गन का इस्तेमाल को कार्ययोजना में व्यापक तौर पर शामिल किया गया है. इन सबों के अलावा बिहार में करीब आठ हजार से अधिक ईंट भट्ठे हैं जो काफी प्रदूषण फैलाते हैं. इन्हें भी अब जैक मॉडल पर तैयार करने का निर्देश दिया जा रहा है. पटना, गया और मुजफ्फरपुर में ऐसे ही एक्शन प्लान के तहत काम किया जा रहा है. उसके परिणाम भी सामने आए हैं .
ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है, जिससे यह कहा जा सके कि सब कुछ अचानक हो गया. लापरवाही और अनदेखी से ही हवा खराब हुई. प्रदूषण नियंत्रण के कर्ता-धर्ता ही कहते हैं कि योजना की कमी नहीं है, समस्या इसके अनुपालन की है. (dw.com)
दुनिया के गरीब देशों को जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान का मुआवजा देने के लिए एक फंड बनाने पर रविवार को सहमति बन गई. जलवायु सम्मेलन के 30 सालों के इतिहास में इसे अब तक की सबसे बड़ी सफलता बताया जा रहा है.
अब इस बात को सबने मान लिया है कि सीमित संसाधनों वाले गरीब देश मौसम के तीखे होते तेवरों से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. बाढ़, सूखा और आंधियों का कहर झेल रहे ये देश वास्तव में औद्योगिक रूप से विकसित देशों के कर्मों का बोझ उठा रहे हैं जिन्होंने दुनिया की आबोहवा में हुए बदलाव में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है. इन देशों की यह जिम्मेदारी है कि इस बोझ का कुछ हिस्सा अपने कंधों पर भी लें.
सरकार में शामिल नेता, पर्यावरणवादी और कार्यकर्ता इस कोष के बनाये जाने पर जश्न मना रहे हैं लेकिन अब भी कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं. इनमें इनके दीर्घकालीन असर से लेकर काम करने के तौर तरीके तक शामिल हैं. "लॉस एंड डैमेज" फंड का विचार कैसे विकसित हुआ और अब तक इसके बारे में क्या कुछ पता चल सका है.
इतिहास
1990 के दशक के शुरुआती सालों में छोटे, तटवर्ती द्वीपीय देशों के समूह अलायंस ऑप स्मॉल आइलैंड स्टेट्स ने संयुक्त राष्ट्र से नुकसान और भरपाई कोष बनाने की मांग शुरू की. इसके जरिये जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ढांचा बनाने का विचार था.
इसके बाद से ही यह विचार हमेशा से संयुक्त राष्ट्र की सालाना जलवायु सम्मेलनों में चर्चा का विषय रहा. हालांकि इसके बारे में हमेशा मुख्य चर्चा के हाशिये पर ही बात होती रही. कुछ विकासशील देश और जलवायु कार्यकर्ता इस मांग को उठाते रहे लेकिन कई अमीर देश इस विचार को कुचलते रहे. पहली बार इस साल के कॉप27 में इस विचार को मुख्य एजेंडे में शामिल किया गया और यह चर्चा के केंद्र में आया.
कौन देगा पैसा?
शुरुआत में इस कोष के लिए विकसित देश और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं जैसे दूसरे निजी या सार्वजनिक स्रोतों से पैसा आएगा. इसके साथ ही इसमें दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के भी शामिल होने का विकल्प रहेगा. समझौते के अंतिम मसौदे में, "कोष के स्रोतों की पहचान और विस्तार" का जिक्र है जिस पर यूरोपीय संघ, अमेरिका और दूसरे देशों ने काफी दबाव बनाया. इसका मकसद उन देशों को पैसा देने के लिए तैयार करना है जो विकासशील तो हैं लेकिन बहुत सारा प्रदूषण फैला रहे हैं.
चर्चा के दौरान चीन ने कहा कि नये कोष के लिए पैसा विकसित देशों को देना चाहिए, उन्हें नहीं. हालांकि ऐसा होता दिख रहा है कि जब अमेरिका पैसा देने के लिए रजामंद होता है तो चीन भी पैसे देता है. 2014 में हरित जलवायु कोष के लिए ओबामा प्रशासन ने 3 अरब डॉलर देने की शपथ ली तो चीन ने भी 3.1 अरब डॉलर का योगदान दिया. कौन पैसा देगा, इसका फैसला एक कमेटी करेगी जो एक साल के भीतर इसके लिए पैसा जुटाने की योजना बना रही है.
किसे मिलेगा पैसा?
समझौते में कहा गया है कि यह कोष उन "विकासशील देशों की मदद करेगा जो जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक असर के कारण खतरे में हैं." हालांकि इसमें मध्यम आय वाले उन देशों के लिए भी धन पाने की गुंजाइश होगी जो जलवायु से जुड़ी आपदाओं से बहुत ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.
करीब एक तिहाई पाकिस्तान ने बाढ़ के कारण भारी नुकसान देखा है, इसी तरह इयान तूफान ने क्यूबा की दशा बिगाड़ दी है. इन देशों को इस कोष से पैसा मिल सकता है. वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट के अंतरराष्ट्रीय जलवायु निदेशक डेविड वास्को का कहना है, "मानवीय कार्यों में जुटी दूसरी संस्थाएं और एजेंसियां, जो लोगों की मदद कर रही हैं, प्रवासी और शरणार्थी समस्याओं से जूझ रही हैं, खाद्य और जल सुरक्षा के लिए काम कर रही हैं, उनके लिए लॉस और डैमेज फंड से कैसे मदद मिलेगी" यह अभी तय किया जाना बाकी है. आने वाले सालों में इस पर फैसले होंगे.
भरोसा कायम करना
आर्थिक मदद के अलावा कोष बनाने को एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है लेकिन आखिर में यह क्या साबित होगा यह इस पर निर्भर है कि कोष कितनी जल्दी तैयार होता है. पिछले टूटे वादों के कारण इसे लेकर भरोसे की थोड़ी कमी है. 2009 में अमीर देश हर साल 100 अरब डॉलर की रकम विकासशील देशों को हरित ऊर्जा का तंत्र विकसित करने के लिए देने पर रजामंद हुए थे ताकि जलवायु परिवर्तन के हिसाब से ये देश खुद को तैयार कर सकें. हालांकि आज तक इस पहले के लिए कभी भी पूरा पैसा नहीं आया.
अमीर देश लंबे समय तक इस लॉस एंड डैमेज फंड के खिलाफ इसलिए रहे क्योंकि उन्हें डर है कि यह जिम्मेदारी लंबे समय तक उठानी पड़ सकती है. यह समझौता भले ही हो गया है लेकिन विकसित देशों की यह चिंता बनी हुई है. इसी वजह से समझौते के शब्दों में वार्ताकारों ने यह तय किया कि इसे "देनदारी" ना कहा जाये और योगदान स्वैच्छिक हो.
ऐसी चेतावनियों और प्रतिवादों के बाद भी इस तरह के कोष के बनने की कुछ प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं. उदाहरण के लिए प्रशांत क्षेत्र के कई देश अंतरराष्ट्रीय अदालत में जलवायु परिवर्तन पर विचार के लिए दबाव बना रहे हैं. उनकी दलील है कि उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों को मजबूत किया जाना चाहिए क्योंकि उनकी जमीन बढ़ते समुद्री जलस्तर की वजह से सिकुड़ रही है. लॉस एंड डैमेज फंड का बनना उनकी मांगों को मजबूत कर सकता है.
एनआर/वीके (एपी)
रामपुर (उत्तर प्रदेश), 22 नवंबर | समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान को एक और झटका लगा है। उनके भरोसेमंद सहयोगी फसाहत अली खान 'शानू' 5 दिसंबर को होने वाले रामपुर विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए हैं। फसाहत अली, जो रामपुर में आजम खान के मीडिया-संपर्क भी रहे हैं, राज्य पार्टी प्रमुख भूपेंद्र चौधरी की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए।
फसाहत अली ने कहा, मुझे लगता है कि बीजेपी के शासन में समाज के सभी वर्गों को फायदा हुआ है और इसलिए मैंने कई अन्य मुसलमानों के साथ मिलकर इस बार बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया है।
बता दें कि फसाहत अली ने अपने खून से राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा था, जिसमें कथित भेदभाव की शिकायत की थी कि भाजपा सरकार द्वारा आजम खान के साथ भेदभाव किया गया था।
रामपुर में कांग्रेस नेता, पांच बार विधायक रहे नवाब काजिम अली खान ने भी भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है।
रामपुर सीट पर उपचुनाव आजम खान को 2019 में अभद्र भाषा के मामले में दोषी ठहराए जाने और बाद में राज्य विधानसभा की सदस्यता खो देने के बाद हो रहा है। 1996 में एक मामूली हार को छोड़कर, आजम खान ने 1977 के बाद से 10 बार रामपुर सीट जीती है।
बीजेपी पहले ही 'पसमांदा (पिछड़े)' मुसलमानों को लुभाने के लिए अभियान शुरू कर चुकी है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 22 नवंबर । दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के जेल में मालिश कराने के मामले में बीजेपी ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने दावा किया है कि लीक हुए वीडियो में जो शख़्स सत्येंद्र जैन की मालिश कर रहा है, वह एक फीज़ियोथेरेपिस्ट नहीं है, बल्कि 'रेपिस्ट' है.
इस अधिकारी ने मालिश करने वाले शख़्स का नाम रिंकू बताया जा रहा है जो बलात्कार के एक मामले में जेल में सज़ा काट रहा है.
इससे पहले अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने इसे मालिश नहीं फिजियोथेरेपी करार दिया था.
ये जानकारी सामने आने के बाद कांग्रेस और बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को घेरा है.
कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा है – ‘केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन को मसाज की सेवा देने वाला फिजियोथेरेपिस्ट नहीं, 'रेपिस्ट' है. जी हां... ‘आप’के मंत्री जी 'रेपिस्ट' से मसाज ले रहे हैं. नाम है रिंकू, नाबालिग से बलात्कार के मामले में जेल में बंद है.’
बीजेपी ने भी इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आम आदमी पार्टी पर हमला बोला है.
बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने कहा है, “हमने पहले ही कहा था कि यह आम आदमी पार्टी नहीं है यह स्पा मसाज पार्टी है.”
इसके साथ ही भाटिया ने केजरीवाल से कहा है कि वे देश से माफ़ी मांगे और सत्येंद्र जैन को तुरंत बर्खास्त करें. (bbc.com/hindi)
गाजियाबाद, 22 नवंबर | गाजियाबाद के लोनी इलाके में मंगलवार सुबह डबल मर्डर की सूचना मिलने से सनसनी फैल गई। घर में मृत अवस्था में बुजुर्ग दंपत्ति मिले। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है किसी रंजिश के चलते यह हत्या की गई है। पुलिस को शुरूआती जांच में पता चला है की यह बुजुर्ग दंपत्ति बेहद गरीब हैं और इनके घर से कोई भी सामान गायब नहीं मिला। इसलिए यह हत्या रंजिश में की गई हत्या लग रही है। फिलहाल पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को बुलाया है जो मौके पर जांच कर रही है। साथ ही आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक थाना ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र की चर्च कॉलोनी में पति पत्नी की हत्या हुई है। मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और एसपी ग्रामीण भी पहुंचे हैं।
एसएसपी गाजियाबाद ने बताया कि बुजुर्ग दंपत्ति की गला घोट कर हत्या की गई है। बगल में रहने वाली बेटी फातिमा को सुबह 6 बजे दूध लेने जाते समय घटना की जानकारी मिली। उसके बाद पुलिस को बताया गया कि बुजुर्ग दंपत्ति कबाड़ी का काम करते थे। पिछले 15 साल से इसी जगह रह रहे थे मृतक बुजुर्ग दंपत्ति। उन्होंने बताया कि सुबह डायल 112 के माध्यम से सूचना मिली कि थाना ट्रोनिका क्षेत्र मे वृद्व दम्पत्ति इब्राहिम खान एवं इनकी पत्नी हाजरा की गला दबाकर किसी ने हत्या कर दी है। (आईएएनएस)|
पणजी, 22 नवंबर | गोवा कांग्रेस इकाई ने तटीय पुलिस द्वारा पकड़े गए कथित खाद्यान्न तस्करी रैकेट के संबंध में गोवा के राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है और इस मामले में उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच की मांग की है। कांग्रेस ने सोमवार को गोवा के राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
इस मौके पर विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ, क्यूपेम के विधायक अल्टोन डी कोस्टा और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एम के शेख उपस्थित थे।
मामले में राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है, अपराध शाखा द्वारा की गई छापेमारी के दौरान एक निजी गोदाम से भारी मात्रा में चावल और गेहूं जब्त किए जाने से सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए खरीदे गए अनाज की चोरी का खुलासा हुआ है।
यह गंभीर चिंता का विषय है और इसकी जांच करने की आवश्यकता है। हमने अपने पिछले ज्ञापन में तुअर दाल और चीनी जैसे खाद्यान्नों की बबार्दी को आपके संज्ञान में लाया था। हम आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि सरकार के पास विभिन्न जिंसों की खरीद, भंडारण और वितरण की निगरानी के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है।
ज्ञापन में आगे कहा गया, यह चिंता का विषय है कि खाद्यान्न की बर्बादी के कारण राज्य के खजाने को लगभग 5-6 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। हम खाद्यान्न की खरीद और वितरण की उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हैं।
गौरतलब है कि गोवा पुलिस की अपराध शाखा ने पिछले मंगलवार को कर्नाटक में तस्करी के लिए नागरिक आपूर्ति विभाग के गोदाम से चावल और गेहूं चोरी करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने 761 बोरी चावल और 253 बोरी गेहूं जब्त की।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए यूरी अलेमाओ ने कहा कि इस मामले की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 22 नवंबर | गुजरात के विधान सभा चुनाव में देश की पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस की लोकप्रिय नेता रही इंदिरा गांधी की भी एंट्री हो गई है। सोमवार को गुजरात में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी दादी इंदिरा गांधी से जुड़ा एक किस्सा सुनाकर मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया तो उसके अगले ही दिन मंगलवार को भाजपा ने इंदिरा गांधी पर अपने राजनीतिक फायदे के लिए संविधान को कठपुतली बनाने का आरोप लगा दिया। मंगलवार को भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इंदिरा गांधी पर निशाना साधते हुए यह आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए भारत के संविधान को कठपुतली बना दिया था।
भाजपा ने आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी सरकार पर बेतहाशा संविधान संशोधन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान में 38 वां संशोधन कर न्यायपालिका से आपातकाल की न्यायिक समीक्षा का अधिकार छीन लिया गया, 39 वां संशोधन कर कोर्ट से प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त व्यक्ति के चुनाव की जांच करने का अधिकार ही छीन लिया और 42 वां संशोधन कर किसी भी व्यक्ति को उसके मौलिक अधिकारों से ही वंचित करने का प्रावधान किया।
दरअसल, राहुल गांधी लगातार और बार-बार मोदी सरकार पर संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने सोमवार को गुजरात की अपनी पहली चुनावी रैली में भी गुजरात की जनता को यही बताने और समझाने का प्रयास किया जिसके जवाब में पलटवार करते हुए भाजपा ने मंगलवार को गुजरात के मतदाताओं को यह दिलाने की कोशिश की कि कांग्रेस की पिछली सरकारों ने इस देश में संविधान और लोकतंत्र को किस तरह से कुचलने और भारत को तोड़ने का काम किया था। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 22 नवंबर| 25 वर्षीय एक नसिर्ंग छात्र को एक लड़की को अपने निजी अंगों पर ब्लेड से अपना नाम लिखने के लिए मजबूर करने और फिर वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने चाकू की नोंक पर युवती को धमकाया। बात न मानने पर उसके माता-पिता को जान से मारने की धमकी भी दी थी। 21 वर्षीय पीड़िता के माता-पिता ने व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी के अनुसार पीड़िता और आरोपी लखनऊ के एक निजी संस्थान से नसिर्ंग का कोर्स कर रहे हैं। दोनों इन दिनों मॉल क्षेत्र स्थित सीएचसी में इंटर्नशिप कर रहे हैं।
एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने कहा, "आरोपी अवेंद्र सोनवाली ने लड़की से दोस्ती की और अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए उसका मोबाइल नंबर हासिल किया। उसने व्हाट्सएप कॉल के जरिए लड़की से बात करनी शुरू कर दी। उसने लड़की से कहा कि वह उससे प्यार करता है और शादी करना चाहता है, लेकिन लड़की ने इसकी सहमति नहीं दी।"
" वह उस कमरे में भी गया जहां लड़की रह रही थी और चाकू की नोंक पर अश्लील वीडियो बनाए। उसने पीड़िता को धमकी दी कि वह उससे शादी करे या परिणाम भुगतें।"
एडीसीपी ने कहा कि, "हाल ही में उसने फिर से लड़की को एक वीडियो कॉल किया और उससे कहा कि अगर उसने उससे शादी नहीं की तो वह उसे और उसके माता-पिता को मार डालेगा।"
उसने लड़की से कहा कि वह उसे वीडियो कॉल पर अपना खून दिखाए।
सिन्हा ने बताया कि बाद में उसने वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाल दिया और यह खबर लड़की के माता-पिता तक पहुंच गई, जिन्होंने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई।
सिन्हा ने कहा, "सोमवार को लड़की ने पुलिस और न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया, जिसके आधार पर हमने आरोपी की गिरफ्तारी की।" (आईएएनएस)|
प्रयागराज, 22 नवंबर | इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गोरखपुर के पूर्व जिला मजिस्ट्रेट के. विजेंद्र पांडियन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कैलाश जायसवाल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुनीत कुमार और सैयद वाइज मियां की खंडपीठ ने गोरखपुर जिला प्रशासन द्वारा 2019 में जारी नोटिस को रद्द कर दिया, जिसके तहत याचिकाकर्ता के खिलाफ गुंडा अधिनियम लागू किया गया था।
इसके अलावा अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को 2008 बैच के आईएएस अधिकारी पांडियन के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्देश दिया।
आरोप लगाया गया था कि याचिकाकर्ता को जिला प्रशासन द्वारा विवादित संपत्ति को जिला प्रशासन के पक्ष में छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि गुंडा अधिनियम लगाने के लिए अपराध करने की कम से कम दो घटनाओं का उल्लेख करना आवश्यक है। लेकिन नोटिस में सिर्फ एक घटना का जिक्र है।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही न केवल दुर्भावनापूर्ण है, बल्कि विवादित संपत्ति के संबंध में उसे परेशान करने के लिए है। (आईएएनएस)|
सैन फ्रांसिस्को, 22 नवंबर | माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के 7,500 कर्मचारियों में से दो-तिहाई की छंटनी े बाद कंपनी के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि अब कंपनी में छंटनी नहीं, बल्कि नई नियुक्ति होगी। द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार कर्मचारियों के साथ एक बैठक में मस्क ने यह भी दावा किया कि ट्विटर अब इंजीनियरिंग और बिक्री में भर्ती कर रहा है।
उन्होंने कर्मचारियों को संभावित उम्मीदवारों की सिफारिश करने के लिए भी कहा।
रिपोर्ट में मस्क के हवाले से कहा गया है कि नई नियुक्तियों में सॉफ्टवेयर बनाने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
सीईओ के अनुसार टेक्सास में कंपनी का मुख्यालय रखने की कोई योजना नहीं है, जैसा कि उन्होंने टेस्ला के साथ किया था। यह टेक्सास के साथ कैलिफोर्निया में भी हो सकता है।
मस्क ने कर्मचारियों से कहा, अगर हम मुख्यालय को टेक्सास ले जाना चाहते हैं तो मुझे लगता है कि इससे यह संदेश जाएगा कि ट्विटर वामपंथी से दक्षिणपंथी हो गया है, जो मामला नहीं है।
उन्होंने कहा, यह ट्विटर का दक्षिणपंथी अधिग्रहण नहीं है। यह ट्विटर का एक उदारवादी अधिग्रहण है। (आईएएनएस)|
आगरा, 22 नवंबर | भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने एक वायरल वीडियो की प्रामाणिकता की जांच करने का फैसला किया है, क्योंकि इस वीडियो में कथित तौर पर ताजमहल परिसर के अंदर उद्यान क्षेत्र में एक व्यक्ति को एक महिला के साथ 'नमाज' पढ़ते हुए दिखाया गया है। एएसआई के आगरा सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद राज कुमार पटेल ने कहा, "एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति उस इलाके में नमाज अदा करता दिख रहा है, जिसे ताजमहल का परिसर कहा जाता है। हालांकि वीडियो की प्रामाणिकता के बारे में कोई निश्चितता नहीं है, क्योंकि ताजमहल में हमारे किसी भी कर्मचारी ने ऐसा होते हुए नहीं देखा। मैं रविवार को ताजमहल परिसर में भी मौजूद था लेकिन ऐसी कोई घटना मेरे सामने नहीं आई।"
एएसआई अधिकारी ने आगे कहा, "हम इस मामले की जांच कर रहे हैं क्योंकि ताज परिसर में 'नमाज' अदा करने पर प्रतिबंध है और यह केवल शुक्रवार को ताजमहल परिसर के भीतर मस्जिद परिसर में अदा की जाती है।"
उन्होंने कहा कि स्मारक पर सुरक्षा जांच कड़ी कर दी गई है, खासकर ऐसे दिनों में जब ताजमहल परिसर में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आगंतुकों की उपस्थिति नियमित से कहीं अधिक होती है।
दक्षिणपंथी हिंदू कार्यकर्ता ऐसी घटनाओं का विरोध करते रहे हैं, क्योंकि उनका दावा है कि ताजमहल मूल रूप से एक शिव मंदिर था, जिसे तेजो महालया कहा जाता था। (आईएएनएस)|
सुवा, 22 नवंबर | हिंदी को बढ़ावा देने के लिए भारत और फिजी के अधिकारी दक्षिणी प्रशांत देश में एक आधुनिक भाषा प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। फिजी में भारतीय उच्चायुक्त पलानीस्वामी कार्तिगेयन ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि हिंदी देश में बोली जाने वाली तीन आधिकारिक भाषाओं में से एक है, अन्य दो फिजियन और अंग्रेजी हैं। कार्तिगेयन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "भारत सरकार भी हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए कुछ करने की सोच रही है। वह फिजी को एक आधुनिक भाषा प्रयोगशाला स्थापित करने में मदद करना चाहता है। "
यह कदम अगले साल 15-17 फरवरी तक होने वाले 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन से पहले उठाया गया है, जिसकी मेजबानी फिजी द्वारा की जाएगी।
एक हजार से अधिक प्रतिनिधियों के उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनने की उम्मीद है, जिसमें हिंदी भाषी विद्वान, भाषा शिक्षाविद और अन्य अधिकारी शामिल होंगे।
कार्तिगेयन के हवाले से फिजी टाइम्स से कहा, "भाषा प्रयोगशाला के लिए पूरे सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर भारत सरकार द्वारा उपहार में दिए जाएंगे, इसको स्थापित करने के लिए स्थान आदि पर विचार किया जा रहा है। "
तीन दिवसीय सम्मेलन फिजी के नाडी शहर में आयोजित किया जाएगा, जहां श्री शिव सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर स्थित है, जो प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है।
उच्चायुक्त ने कहा, "यह एक सरकारी संस्थान हो सकता है या यह विश्वविद्यालयों या यहां तक कि कुछ अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त स्कूलों की तरह उच्च शिक्षा का संस्थान हो सकता है। चर्चा शुरू की गई है, हमें उम्मीद है कि हम इसे अंतिम रूप देने में सक्षम होंगे।"
फिजी हिंदी, जिसे 'फिजियन बात' या 'फिजियन हिंदुस्तानी' के रूप में भी जाना जाता है, इंडो-फिजियन द्वारा बोली जाने वाली भाषा है, और मुख्य रूप से हिंदी की अवधी और भोजपुरी किस्मों से ली गई है।
फिजी हिंदी देश के संविधान में आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में स्थापित है। इसे देश के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में भी पढ़ाया जाता है।
प्राथमिक विद्यालयों में भारतीय मूल के छात्रों के लिए अनिवार्य है, यह माध्यमिक विद्यालयों में एक वैकल्पिक विषय है और फिजी के विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाया जाता है।
फिजियन शिक्षा, विरासत और कला मंत्रालय के स्थायी सचिव अंजीला जोखन ने पिछले महीने कहा था, "हमारी आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से के पास भारतीय विरासत है, हमने अपनी भाषाओं, परंपराओं और संस्कृति की सुरक्षा और संवर्धन सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम किया है। हमें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि फिजी के विद्वानों ने न केवल फिजी में हिंदी के विकास में योगदान दिया है, बल्कि दुनिया भर में इसे फैलाया है। (आईएएनएस)|
नोएडा, 22 नवंबर | प्रदूषण का स्तर बढ़ने के चलते ट्विन टावर के मलबे को हटाने का काम रोक दिया गया था। अब ग्रेप 4 के नियमों के हटने के बाद काम फिर शुरू हो गया है। 100 मजदूर और 9 जेसीबी मशीनें काम पर लग गईं हैं। इसका निपटारा नवंबर तक होना था। लेकिन बीच में काम बंद होने के कारण अब इसमें थोड़ी देरी होगी। 8 नवंबर से मलबा हटाने का काम बंद था। अब फिर से मजदूरों को वापस बुलाया जा रहा है। ट्विन टावर के मलबे को ग्रीन नेट से ढक दिया गया है, ताकि धूल न उड़े। मशीनों को वापस काम पर लगा दिया गया है। धूल न उड़े इसके लिए स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकल का प्रयोग लगातार किया जा रहा है। अलग किए गए मलबे को ट्रक के जरिए निस्तारण प्वांइट तक ले जाया जा रहा है। यहां भी एनजीटी के नियमों का पालन किया जा रहा है।
दरअसल ट्विन टावर के मलबे को हटाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग को तीन महीने का समय दिया गया है। इसमें 15 दिन का समय अथॉरिटी से एनओसी न मिल पाने के कारण यूं ही बर्बाद हो गया था। अब नवंबर में प्रदूषण के चलते 12 से 13 दिन काम बंद रहा। इससे यहां से मलबा जल्द साफ होने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है। अब तक इस साइट से 25 ट्रक यानी लगभग 510 मीट्रिक टन लोहे का स्क्रैप हटाया जा चुका है और 5340 मीट्रिक टन कॉन्क्रीट और मलबा 267 ट्रकों से हटाया गया है। (आईएएनएस)|
मुजफ्फरनगर (उप्र), 22 नवंबर | मुजफ्फरनगर की एक महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर लंदन में रह रहे उसके पति से अपनी बेटी को वापस पाने की गुहार लगाई है। लंदन निवासी महिला के पति पर 2017 में मुजफ्फरनगर में दहेज मांगने और घरेलू हिंसा के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
महिला के परिवार के सदस्य शहजाद सिद्दीकी ने कहा फरहाना ने 2014 में परवेज गुलमार्क से शादी की थी। एक साल बाद गुलमार्क उसे लंदन ले गया। कुछ दिनों के बाद उसने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। दंपति को एक बच्ची हुई, लेकिन फरहाना का उत्पीड़न जारी रहा। आखिरकार वह तंग आ गई और शिकायत दर्ज कराई। बाद में उनका समझौता हो गया। बाद में फरहाना के परिवार से मिलने के बहाने गुलमार्क उसे भारत ले आया और एक दिन वह चुपचाप उसकी बेटी और उसका पासपोर्ट लेकर यूके चला गया।
फरहाना ने कहा, मुझे मेरी बेटी वापस चाहिए। मैं चाहती हूं कि प्रधानमंत्री इस मामले में मदद करें।
फरहाना ने सोमवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय का दरवाजा खटखटाया और कथित तौर पर तीन तलाक कहने के लिए अपने पति के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज कराई।
उसने आरोप लगाया, रविवार को मेरे पति ने मेरे भाई के फोन नंबर पर कॉल किया और तीन तलाक का उच्चारण किया। उसने मुझे यह कहते हुए धमकी भी दी कि अगर मैंने उसे फोन करने की हिम्मत की, तो भारत में उसके रिश्तेदार मेरी हत्या कर देंगे। (आईएएनएस)|