राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 15 जनवरी कृषि कानूनों पर गतिरोध को खत्म करने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों के संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच 9वें दौर की वार्ता दिल्ली के विज्ञान भवन में चल रही है। इस बीच जब दोपहर के भोजन का समय हुआ तो दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी की ओर से किसान नेताओं के लिए में लंगर भेजा गया। कमेटी की तरफ से किसान नेताओं के लिए मिक्स वेज, चावल, रोटी, चाय, बिस्किट और मूंग की दाल का हलवा भेजा गया।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश यहां विज्ञान भवन में 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि 8 दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी।
दरअसल किसान नेताओं के साथ एक बार ही केंद्रीय मंत्रियों द्वारा लंगर चखा गया।
कृषि कानूनों को लेकर किसानों को पैदा होने वाली समस्याएं को समझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेषज्ञों की कमेटी गठित करने के बावजूद केंद्र सरकार ने आंदोलन की राह पकड़े किसानों से बातचीत जारी रखी है और इसी सिलसिले में शुक्रवार को विज्ञान भवन में किसान प्रतिनिधियों के साथ नौवें दौर की वार्ता चल रही है। किसान संगठनों के प्रतिनिधि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार एक बार फिर उनसे कानून पर बिंदुवार चर्चा करना चाहती है। जहां तक एमएसपी का सवाल है केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आश्वासन दिया है की एमएसपी पर फसलों की खरीद भी जारी रहेगी और और केंद्र सरकार की खरीद एजेंसी भारतीय खाद्य निगम को आगे और मजबूत किया जाएगा।
हालांकि तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किए जाने के बाद किसान नेता पहली बार केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे हैं।
किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। (आईएएनएस)
मनोज पाठक
पटना, 15 जनवरी | किसी भी शुभ कार्य पर पाबंदी वाले खरमास के गुजर जाने के बाद अब बिहार में अब एकबार फिर सियासी पारा चढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। कई दिग्गज नेताओं के खरमास के बाद विरोधी दलों के टूट के किए गए वादों की भी अब परख होगी। पिछले दिनों कई नेताओं ने एक-दूसरे के संगठन में टूट के दावे किए हैं।
माना जा रहा है कि बिहार में खरमास के बाद लोगों को नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार का भी इंतजार समाप्त होने वाला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा को जिम्मेदार बताया था, वहीं भाजपा ने मंत्रिमंडल विस्तार के लिए खरमास के समाप्त होने का कारण बताया था।
ऐसे में माना जा रहा है कि खरमास के गुजर जाने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार तय है। वैसे, दिग्गज नेताओं के दावों पर भी सबकी नजर है।
राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने जदयू के 17 विधायकों के संपर्क में होने का दावा करते हुए कहा था कि खरमास के बाद जदयू में एक बड़ी टूट होगी। अब जब खरमास समाप्त हो गया है तो जदयू के विधायकों के टूट को लेकर उनके दावों की परीक्षा होगी।
वैसे, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजद पर तंज कसते हुए कहा कि राजद के बड़े नेता कह रहे थे कि 14 जनवरी को जदयू के 17 विधायक लेकर महागठबंधन के सरकार बनाएंगें। उन्होंने कहा कि अब पता कीजिए कि वे राजद में हैं कि राजद ने उन्हें निकाल दिया।
मांझी के इस बयान के बाद भले ही नेताओं के दावे पूरे नहीं होंगे, लेकिन उनके दावों पर सियासत जरूर होगी।
इधर, कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत सिंह ने भी कांग्रेस के विधायकों में टूट का दावा किया था। कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने भरत सिंह को ही कांग्रेस का नेता मानने से इनकार कर दिया, लेकिन सिंह के दावों पर भी अब प्रश्न उठेंगे।
इधर, भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने भी खरमास के बाद राजद में बड़ी टूट होने के सियासी दावे किए हैं। इसके अलावा भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं और प्रवक्ताओं के द्वारा एक दूसरे के संगठन में टूट का दावा लगातार पिछले कुछ दिनों से होता आया है, लेकिन इसमें खरमास के बाधक होने का हवाला दिया जाता रहा है। ऐसे में अब खरमास के समाप्त होने के बाद अब टूट को लेकर किए गए उनके दावों की परख होगी। बहरहाल, खरमास के एक दिन गुजार जाने के बाद नेता अभी इस संबंध में बोलने से परहेज कर रहे हैं। (आईएएनएस)
धारवाड़, 15 जनवरी| कर्नाटक के इतिगत्ति गांव के पास शुक्रवार सुबह एक मिनीबस और ट्रक में जोरदार भिड़त के चलते कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और छह घायल हो गए। मिनीबस में 17 यात्री सवार थे, जिनमें ज्यादातर महिलाएं दावानगेरे से गोवा तक एक पारिवारिक समारोह के लिए जा रही थी।
हादसे में दस महिला यात्रियों और मिनीबस के चालक की मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने कहा कि छह घायलों को इलाज के लिए कर्नाटक आयुर्विज्ञान संस्थान (किम्स) में भेज दिया गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली,15 जनवरी | भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुंकुंद नरवने ने शुक्रवार को कहा कि करीब 300 से 400 पाकिस्तानी आतंकवादी नियंत्रण रेखा के पार लॉन्चपैड में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अग्रिम चौकी पर तैनात सेना के जवान उनकी गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं। सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि नियंत्रण रेखा पर तैनात जवान पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघन का करारा जवाब दे रहे हैं।
दिल्ली में सेना दिवस समारोह के दौरान बोलते हुए, जनरल नरवने ने कहा, "एलओसी पर पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन में लगभग 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।"
गत वर्ष 28 दिसंबर तक, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 4,700 घटनाओं को अंजाम दिया, जो पिछले 17 वर्षों में सबसे अधिक है।
2019 में, युद्धविराम उल्लंघन की 3168 घटनाएं हुईं। दिलचस्प बात यह है कि 3,168 संघर्ष विराम उल्लंघनों में से 1,551 अगस्त के बाद हुए हैं। सुरक्षा प्रतिष्ठान ने यह पाया है कि पिछले साल अगस्त में सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है।
2018 में, पाकिस्तान ने संघर्ष विराम उल्लंघन की 1629 घटनाओं को अंजाम दिया।
सैन्य प्रमुख ने कहा, "देश में हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के लिए पाकिस्तान ड्रोन और सुरंगों का इस्तेमाल कर रहा है। एलओसी पर, हमारे बल पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। घुसपैठ रोधी ग्रिड को मजबूत किया गया है, जिससे पाकिस्तान के लिए आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र में धकेलना लगभग असंभव हो गया है।"
उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद रोधी ग्रिड के मजबूत होने से जम्मू और कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है।
सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले साल आतंकवाद-रोधी अभियानों में लगभग 200 आतंकवादी मारे गए।
पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति के बारे में बात करते हुए जनरल नरवने ने कहा कि पिछले एक साल में लगभग 600 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 जनवरी| चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ जारी सीमा विवादों के बीच भारतीय सेना ने अपनी मारक क्षमता में इजाफा करने और अपने जवानों की जरूरतों के लिए पिछले साल 18,000 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें सेना की ओर से 5,000 करोड़ रुपये की आपातकालीन खरीदारी भी शामिल है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सेना प्रमुख ने दिल्ली में सेना दिवस के अवसर अपने संबोधन में कहा, हमने आपातकाल और फास्ट-ट्रैक स्कीम के तहत 38 सौदों में 5,000 करोड़ रुपये की सामग्री खरीदी, जिसमें हथियार और अन्य सामग्री शामिल है। इसके अलावा, 13,000 करोड़ रुपये की खरीद योजनाओं के अनुबंधों को अंतिम रूप दिया गया।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने भविष्य के लिए 32,000 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 29 आधुनिकीकरण परियोजनाओं की पहचान की है। निजी उद्योग के साथ भारतीय सेना देश में आत्मनिर्भर इको सिस्टम में योगदान करने का भी प्रयास करेगी।
सेना प्रमुख ने कहा, यह स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देगा और हम आयात पर कम निर्भर होंगे।
जनरल नरवणे ने बताया कि सशस्त्र बलों की आत्मनिर्भरता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख 'मेक इन इंडिया' के तहत आधुनिकीकरण की योजना का एक अभिन्न अंग है।
सैनिकों के लिए हल्की मशीन गन, विशेष वाहन, लंबी दूरी की तोपें और अन्य सुरक्षात्मक उपकरण खरीदे गए हैं।
कॉर्प्स ऑफ सिग्नल के इंजीनियरों और संचार उपकरणों के लिए अत्यधिक उन्नत उपकरण और मशीनें भी खरीदी गईं हैं।
कठोर सर्दियों के मौसम में तैनात सैनिकों के लिए न केवल आपातकालीन खरीद की गई है, बल्कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के बीच उनके परिवारों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं।
सेनाध्यक्ष ने कहा कि देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए या घायल हुए सैनिकों के परिवारों के लिए पारिवारिक पेंशन सहित अन्य सुविधाएं भी सुनिश्चित की गई हैं।
बता दें कि जून 2020 में पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत ने 20 सैनिक खो दिए थे।
लद्दाख में चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने त्वरित आपातकालीन खरीद की है। (आईएएनएस)
पटना, 15 जनवरी | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को पत्रकारों द्वारा राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर पूछे गए प्रश्न पर पत्रकारों पर ही भड़क गए। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि बिहार अपराध के मामले में देश में 23वें नंबर पर है। जो अपराध करते हैं, उन्हें निश्चित रूप से पकड़ा जाता है। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को ही नसीहत देते हुए कहा कि पहले क्या होता था, उसे भी याद कर लीजिए। उन्होंने राजद को निशाने पर लेते हुए कहा कि वर्ष 2005 के पहले पति-पत्नी के राज में काफी हिंसा और अपराध होते थे, उस पर भी ध्यान दे दीजिए।
पटना में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या मामले में दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा। एक-एक चीज की जांच चल रही है। मुझे पुलिस पर पूरा भरोसा है।
उन्होंने कहा कि हत्या के पीछे कोई न कोई कारण होता है, पुलिस उसी की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद पुलिस महानिदेशक से इस संदर्भ में बात की है और उन्होंने बताया है कि पुलिस अपराधियों की धरपकड़ में जुटी हुई है और जल्द ही पूरे मामले का खुलासा होगा।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि अगर आप में से किसी को भी थोड़ी बहुत कुछ भी जानकारी है वह पुलिस के साथ जरूर शेयर करें ताकि इस मामले का खुलासा जल्द से जल्द हो सके।
बता दें कि पटना में इंडिगो एयरलाइंस कंपनी के स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह की मंगलवार की रात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। (आईएएनएस)
चेन्नई, 15 जनवरी | तमिलनाडु के मदुरै जिले में शुक्रवार को 'जल्लीकट्टू' में भाग लेने वाले सात लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि पालेमेडू में पारंपरिक बैल पकड़ने के खेल कार्यक्रम के दौरान ये घटना हुई। घायलों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
लगभग 650 लोगों ने अखाड़े में बैलों को पकड़कर अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए खुद को पंजीकृत करवाया।
इस आयोजन को तमिलनाडु के राजस्व और आपदा प्रबंधन और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री आरबी उदयकुमार ने हरी झंडी दिखाई।
पारंपरिक खेल में, एक व्यक्ति को विजेता घोषित किया जाता है और पुरस्कार में साइकिल, नकदी, बर्तन, चांदी के सिक्के और अन्य सामान शामिल हैं। (आईएएनएस)
पणजी, 15 जनवरी | रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक, जो इस सप्ताह की शुरुआत में सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे, अब ठीक होने की राह पर हैं और कुछ दिनों के बाद सीसीयू से बाहर शिफ्ट किए जा सकते हैं। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सावंत ने गोवा मेडिकल कॉलेज में संवाददाताओं से कहा, चूंकि मंत्री रिकवरी की राह पर है, इसलिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर शायद नाइक की दोबारा जांच नहीं करें। नाइक 11 जनवरी से गोवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, "उन्हें कुछ दिनों के बाद कॉरनेरी केयर यूनिट से बाहर ले जाया जा सकता है। उनकी सेहत में दिन-प्रतिदिन सुधार हो रहा है।"
सावंत ने कहा, "एम्स के डॉक्टरों को उनकी जांच करने के लिए फिर से आने की आवश्यकता नहीं होगी। गोवा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर उनके साथ समन्वय कर रहे हैं।"
इससे पहले सुबह उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अस्पताल का दौरा किया और नाइक से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा।
सावंत ने कहा कि नायडू ने नाइक से बात की और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
इस बीच, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. शिवानंद बांदेकर ने कहा कि हालांकि नाइक का हेल्थ पैरामीटर सामान्य हैं, लेकिन उन्हें डिस्चार्ज करने की तारीख अभी तय नहीं की गई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 जनवरी | भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने शुक्रवार को कहा कि चीनी आक्रमकता 'यथास्थिति को बदलने की एक साजिश है' और जोर देकर कहा कि गलवान में जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। सेना दिवस के अवसर पर यहां एक कार्यक्रम में बोलते हुए, जनरल नरवने ने लद्दाख में चीनी गतिरोध का जिक्र करते हुए कहा, "कोई भी हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं ले सकता है।"
उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ चल रहे तनाव के बारे में उन्होंने कहा, "सीमाओं पर यथास्थिति बदलने की साजिश पर एक करारा जवाब दिया गया। मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि गलवान के बहादुरों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी देश की क्षेत्रीय अखंडता की संप्रभुता को नहीं बदल सकता है।
सेना प्रमुख ने कहा, "हमारी सेना का मनोबल बहुत ऊंचा है और हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं।"
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच आठ दौर की वार्ता हुई है और भारत बातचीत के माध्यम से एक हल की तलाश कर रहा है।
भारत और चीन का गतिरोध अब अपने नौवें महीने में प्रवेश कर चुका है, क्योंकि दोनों पक्षों ने सीमा के पास सेना, तोपों, टैंकों और बख्तरबंद वाहनों की भारी तैनाती जारी रखी है।
मई 2020 में पैंगॉन्ग झील में झड़पों के साथ तनाव शुरू हो गया था, जब दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की में कई जवान घायल हो गए थे।
15 जून, 2020 को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में, 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीनियों ने कभी भी अपनी हताहत को सार्वजनिक नहीं किया।
सेना प्रमुख ने कार्रवाई में शहीद जवानों की वीरता को स्वीकार करते हुए कहा, "हम हमेशा उन लोगों को याद रखेंगे, जिन्होंने अपना बलिदान दिया है। हम उनके परिवारों को बताना चाहते हैं कि हम हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।"
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि घुसपैठ करने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार लॉन्चपैड्स में 300-400 आतंकवादी तैयार हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
आतंक विरोधी अभियानों में, सुरक्षा बलों ने जम्मू और कश्मीर में 200 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया है। (आईएएनएस)
झांसी, 15 जनवरी | उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक 35 वर्षीय व्यक्ति ने सोशल मीडिया साइट पर अपनी मरने की घोषणा करने वाली पोस्ट साझा कर जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यह घटना मऊरानीपुर तहसील के रानीपुर इलाके में हुई थी।
पीड़ित राजेश ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि वह अपने ससुराल वालों द्वारा परेशान किए जाने के बाद अपनी जिंदगी खत्म कर रहा है।
उसने दावा किया कि उसके ससुर, सास और साली उसे लंबे समय से लगातार परेशान कर रहे थे, जिससे वह अवसादग्रस्त हो गया और आखिरकार वह आत्महत्या कर रहा है।
पीड़ित के परिजन उसे झांसी मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां से उसे ग्वालियर रेफर कर दिया गया।
हालांकि, राजेश ने गुरुवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि मृतक के ससुराल वालों से पूछताछ की जा रही है और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 जनवरी | कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए यहां एक विरोध मार्च में शामिल हुए और कार्यकर्ताओं के साथ राज निवास की ओर कूच किया, जहां दिल्ली के उप राज्यपाल का कार्यालय और आवास है। विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए कांग्रेस का मार्च निकाला गया है। पार्टी किसानों के समर्थन में केंद्र द्वारा नए पारित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रही है।
कांग्रेस कार्यकर्ता चंदगी राम अखाड़े के पास इकट्ठा हुए और एलजी हाउस की ओर कूच किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया।
शुक्रवार का विरोध-प्रदर्शन देश भर के राज्यों में राजभवन (गवर्नर हाउस) के लिए कांग्रेस के योजनाबद्ध राष्ट्रव्यापी मार्च का एक हिस्सा है।
कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए इस तरह के मार्च निकालने का निर्णय पार्टी के अंतरिम प्रमुख सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक में लिया गया था। (आईएएनएस)
सिर पर लगी गंभीर चोट से जिसके जीवन का अंत हो गया, 20 महीने की उस बच्ची धनिष्ठा के माता-पिता ने उसके अंगों का दान कर कई जिंदगियां बचा लीं. भारत में अभी भी अंगदान कम ही होता है और बच्चों के शव का अंगदान तो काफी दुर्लभ है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय का लिखा -
धनिष्ठा आठ जनवरी को दिल्ली के रोहिणी स्थित अपने घर में खेलते खेलते बालकनी से नीचे गिर गई थी. नीचे गिरने की वजह से उसे सिर पर गंभीर चोट आई. उसके माता-पिता उसे सर गंगा राम अस्पताल ले गए लेकिन चोट इतनी गंभीर थी कि डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके. 11 जनवरी को 20 महीने की धनिष्ठा को दिमागी तौर पर मृत घोषित कर दिया गया.
धनिष्ठा की मां बबिता ने एक साक्षात्कार में बताया है कि अपने दुख की घड़ी में उन्होंने अस्पताल में देखा कि कई माता-पिता अपने बीमार बच्चों के लिए अंगदान करने वालों के इंतजार में तड़प रहे थे. तब उन्होंने और उनके पति ने निर्णय लिया कि उन्हें जो दर्द मिला है वो कुछ दूसरे लोगों को उस दर्द से बचा सकते हैं.
तब उन्होंने अपनी बेटी के अंगों को दान करने का निश्चय किया और अस्पताल के सहयोग से यह काम पूरा किया. जिन लोगों को धनिष्ठा के अंग मिले उनमें यमन का रहने वाला एक पांच महीनों का बच्चा भी है, जिसका ह्रदय जन्म-दोष की वजह से काम करना बंद चुका था. दिल्ली के ही इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में धनिष्ठा के ह्रदय का उस यमनी बच्चे के शरीर में सफलतापूर्वक प्रतिरोपण कर दिया गया.
इसी तरह धनिष्ठा के कलेजे को एक नौ महीने के बच्चे के शरीर में प्रतिरोपित किया गया, उसके गुर्दों को एक 34-वर्षीय व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोपित किया गया और उसकी आंखों के कॉर्निया के टिशू को भी भविष्य में इस्तेमाल के लिए संभाल कर रख लिया गया है.
धनिष्ठा की मां का कहना है कि वो इस बात से खुश हैं कि उनकी बच्ची ने इतने लोगों को जीवन दिया और वो अभी भी उन सब के अंदर जिंदा है. बबिता ने दूसरे लोगों से भी अपील की है कि वो अंगदान को लेकर रूढ़िवादी सोच से आगे बढ़ें, अंगदान करें और उनकी बेटी की तरह दूसरों का जीवन बचाएं.
आवश्यक है अंगदान
डॉक्टरों का कहना है कि भारत में विशेष रूप से इतने छोटे बच्चों में ह्रदय प्रतिरोपण बहुत दुर्लभ है और इसका मुख्य कारण है छोटे बच्चों के शवों के अंगों को दान करने वाले लोगों की कमी. एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर साल 15,000 से 20,000 बच्चों को ह्रदय प्रतिरोपण की जरूरत होती है.
इसके अलावा ह्रदय को मृतक के शव से निकाल लेने के बाद उसे चार घंटों के अंदर एक नए शरीर में प्रतिरोपित कर देना आवश्यक होता है क्योंकि शरीर से निकाले जाने के बाद अंग खराब होने लगते हैं. इस मामले में धनिष्ठा के ह्रदय को अपोलो अस्पताल जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए दोनों अस्पतालों के बीच एक ग्रीन गलियारा बनाया गया. इसमें ट्रैफिक पुलिस अंग के मूल स्थान से गंतव्य तक ऐसी व्यवस्था कर देती है कि अंग ले जा रहे वाहन को कहीं भी रुकना नहीं पड़ता.
नई दिल्ली, 15 जनवरी | दिल्ली के कीर्ति नगर इलाके में एक कबाड़ की दुकान में आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की है। गुरुवार रात करीब 11 बजे दुकान में आग लग गई और जल्द ही इसने आसपास की छोटी झुग्गियों को चपेट में ले लिया, जहां एक मजदूर का परिवार रहता था।
दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा, "आग पर काबू पाने के लिए दमकल की गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया।"
उन्होंने कहा कि आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया और परिवार के अधिकांश सदस्यों को बचा लिया गया।
आग पर पूरी तरह से काबू पाने के बाद, लगभग पूरी तरह से जले तीन शव बरामद किए गए। एक मृतक की उम्र 20 साल है और दूसरे की उम्र करीब 8-10 साल है। तीसरा मृतक कमला नेहरू कैंप का रहने वाला रोहित है।
पश्चिम दिल्ली के डीसीपी ने दीपक पुरोहित ने कहा, 'प्रथम ²ष्टया यह पता चला है कि रोहित उस समय मौके पर आया जब आग बुझाई जाने लगी और इस बीच वह आग में फंस गया और नाले में गिर गया। उसकी उम्र लगभग 20 वर्ष है और वह चालक का काम करता था।"
आग लगने का सटीक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है, हालांकि शॉर्ट सर्किट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
अधिकारी ने कहा कि लापरवाही बरतने के लिए कीर्ति नगर में आईपीसी की धारा 285/304 के तहत मामला दर्ज किया गया है। स्कार्पियो डीलर टोनी महतो फरार है और उसे पकड़ने के लिए तलाशी जारी है। (आईएएनएस)
मुंबई, 15 जनवरी | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे पुणे एमआईडीसी भूमि सौदे के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। हाल ही में कोरोना से ठीक हुए खडसे कथित तौर पर जमीन हड़पने के मामले में पहली बार तलब किए जाने के लगभग तीन सप्ताह बाद दक्षिण मुंबई के ईडी कार्यालय पहुंचे।
पिछले महीने ईडी की एक टीम सबूतों की जांच करने और सौदे में कथित अनियमितताओं से संबंधित दस्तावेज जुटाने के लिए पुणे गई थी, जिसने 2016 में तत्कालीन भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में खडसे को मंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर किया था।
इसके बाद, ईडी ने इस मामले में व्हिसल-ब्लोअर एक्टिविस्ट अंजलि दमानिया का बयान दर्ज किया, जिसे लेकर उन्होंने अदालत का रुख किया था।
दमानिया ने जमीन के सौदे के बारे में दस्तावेज और अन्य सबूत भी सौंपे थे, जिसे राज्य भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो ने जांचा था, खडसे को क्लीन चिट दे दी थी और बाद में मामला बंद कर दिया था।
वहीं, खडसे (68), जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में राकांपा में शामिल होने के लिए भाजपा छोड़ दी थी - ने निर्दोष होने का दावा करते हुए कहा कि किसी भी अनियमितता के बिना पूरा लेनदेन बिल्कुल पारदर्शी था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 जनवरी | दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के मंत्रियों के बीच नौवें दौर की बातचीत शुरू हो गई है। बातचीत में 41 किसान प्रतिनिधि शामिल हैं। केंद्र सरकार की ओर से तीन मंत्री -- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और मंत्री सोम प्रकाश बातचीत में हिस्सा ले रहे हैं। बैठक शुरू होने से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार अपनी बात पर अड़ी रही तो 15 मिनट बाद बाहर आ जाएंगे। उन्होंने आईएएनएस से कहा, सरकार अगर बात नहीं करेगी तो 15 मिनट बाद वापस आ जाएंगे। यदि सरकार अपनी मांगों पट डटी रही तो, बातचीत का फायदा नहीं।
हालांकि तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किए जाने के बाद किसान नेता पहली बार केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे हैं।
किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेताओं के साथ सरकार की यह नौवें दौर की वार्ता है।
नौवें दौर की वार्ता से एक दिन पहले गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार यूनियन के नेताओं के साथ खुले मन से बातचीत के लिए तैयार है और उन्हें अगले दौर की वार्ता सकारात्मक रहने की उम्मीद है।(आईएएनएस)
पटना, 15 जनवरी | बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को विपक्ष को नेताविहीन बताते हुए कहा कि विपक्ष इतना संवेदनहीन हो गया है कि वह शव पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहा है। बिहार भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा ने यहां शुक्रवार को कहा कि आज दुर्भाग्य है कि विपक्ष के पास न कोई नेता है और न ही कोई संवेदनशील व्यक्ति है।
उन्होंने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद भ्रष्टाचार के दोषी पाए जाने के बाद जेल में हैं और राजद के 'युवराज' सत्ता की चाह में संवेदनहीन हो गए हैं, यही कारण है कि उन्हें केवल मुख्यमंत्री की कुर्सी नजर आती है। सही भी है कि जब बिना संघर्ष किए कुछ हासिल हो जाता है तो लोलुपता और बढ़ जाती है। राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ भी यही हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आज रूपेश सिंह जैसे होनहार युवक की हत्या की घटना से सभी लोग व्यथित हैं। मामले की जांच पुलिस कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद खुद इस मामले की रिपोर्ट ले रहे हैं, लेकिन विपक्ष आज ऐसे मामलों को लेकर राजनीति कर रही हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि राजद में परिवारवाद के कारण अनुभवी नेताओं को हाशिये पर डाल दिया गया है। कांग्रेस की हालत भी किसी से छिपी नहीं है। कांग्रेस की स्थिति तो यह है कि बिहार प्रभारी की उपस्थिति में बैठकों में ही धक्का मुक्की हो रही है, तो फिर कांग्रेस की बात ही क्या? (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 15 जनवरी | पंजाब के गुरदासपुर सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को गोली मारकर ढेर कर दिया। यह जानकारी अर्धसैनिक बल ने शुक्रवार को दी। बीएसएफ (पंजाब फ्रंटियर) ने ट्विटर पर कहा, "बीएसएफ के जवानों ने गुरुवार रात 8.30 बजे भारतीय क्षेत्र के अंदर कांटेदार बाड़ के पास पाकिस्तान की ओर से घुसपैठिए की संदिग्ध गतिविधियां देखी। खतरे को देखते हुए सैनिकों ने गोलियां चला दीं और घुसपैठिए को गोली मार कर ढेर कर दिया।"
एक अधिकारी ने कहा कि मृतक की पहचान नहीं की जा सकी है, क्योंकि उसके पास से पहचान उजागर करने के लिए कोई सबूत बरामद नहीं हुआ है। (आईएएनएस)
छोटा सा परिंदा पूरे हिंद महासागर को पार कर अमेरिका से ऑस्ट्रेलिया पहंच गया. अधिकारी उसे क्वारंटीन के लिए खतरनाक मान कर उसकी हत्या करना चाहते हैं.
मेलबर्न में केविन सेली बर्ड को अपने घर के पिछवाड़े में 26 दिसंबर को यह परिंदा हांफता हुआ पड़ा मिला था. यह परिंदा अमेरिका के ओरेगॉन में 29 अक्टूबर को हुई एक रेस में से गायब हो गया था. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के नाम पर इसका नाम जो रखा गया है. विशेषज्ञ संदेह जता रहे हैं कि प्रशांत महासागर को पार करने के लिए किसी मालवाहक जहाज के सहारे यह ऑस्ट्रेलिया पहुंच गया.
जो के इस कारनामे ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में तो उसको मशहूर किया लेकिन इस शोहरत की वजह से वह देश के क्वारंटीन एंड इंस्पक्शन सर्विस की निगाह में भी आ गया.
सेली बर्ड का कहना है कि क्वारंटीन अधिकारियों ने उन्हें गुरुवार को फोन कर जो को पकड़ने के लिए कहा. सेली बर्ड के मुताबिक, "उन्होंने कहा कि वह अमेरिका से है और वो लोग बर्ड फ्लू की वजह से चिंतित हैं. वे चाहते थे कि मैं उनकी मदद करूं."
सेली बर्ड ने अधिकारियों से कहा कि वह उसे पकड़ नहीं सकते क्योंकि पास जाने पर जो भाग जाता है. उन्होंने बताया कि अधिकारी अब किसी बहेलिये को इस काम पर लगाना चाहते हैं.
ऑस्ट्रेलिया में जैव सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कृषि विभाग का कहना है कि कबूतर को, "ऑस्ट्रेलिया में रहने की अनुमति नहीं है" क्योंकि वह, "ऑस्ट्रेलिया की खाद्य सुरक्षा और जंगली चिड़ियों की आबादी के लिए खतरा बन सकता है."
2015 में भी देश की सरकार ने दो यॉर्कशायर टेरी पिस्टल और बू को मारने की धमकी दी थी. हॉलीवुड स्टार जॉनी डेप और उनकी पूर्व पत्नी एंबर हर्ड इन्हें छिपा कर ऑस्ट्रेलिया लाए थे. 50 घंटे की समय सीमा मिलने के बाद दोनों कुत्तों पिस्टल और बू को चार्टर्ड विमान से देश के बाहर भेजा गया.
मेलबर्न में सेली बर्ड के घर के पिछवाड़े में कबूतर नहीं दिखते हैं. यहां तो घरेलू बत्तख ज्यादा हैं. सेली बर्ड के घर के पिछवाड़े में एक फव्वारा लगा है और कबूतर इसी फव्वारे में पानी पी रहा था और नहा रहा था. सेली बर्ड को वह कमजोर लगा तो उन्होंने कुछ सूखे बिस्किट तोड़ कर उसके खाने के लिए उसके सामने रख दिए.
दूसरे दिन भी सेलीबर्ड को वह उनके फव्वारे के पास ही मिला और तब भी कमजोर ही था. सेली बर्ड ने उसके पैरों में लगे नीले टैग को देख कर अंदाजा लगाया कि यह किसी और ने पाला है. अब कबूतर स्वस्थ और तंदुरुस्त हो चुका है और सेलीबर्ड के लिए उसके पकड़ना संभव नहीं है. सेलीबर्ड के मुताबिक ओकलाहोमा के अमेरिकी रेसिंग पिजन यूनियन ने जो की पहचान कर ली है. उसका मालिक मोंटगोमरी, अलाबामा में रहता है.
10. सालमन मछली (3,800 किलोमीटर)
नारंगी मांस वाली सालमन मछली अपने जीवन के शुरुआती 2-3 साल नदी के ठंडे पानी में बिताती है. नदी में अंडे देने के बाद सालमन समंदर के खारे पानी की यात्रा पर निकल पड़ती है. 3-4 साल खारे पानी में बिताने के बाद यह मछली अपने आखिरी दिन बिताने के लिए नदी के ठंडे पानी में लौटती है.
ऑस्ट्रेलिया के नेशनल पिजन एसोसिएशन ने भी जो को मारे जाने का समर्थन किया है. उन्हें आशंका है कि जो के साथ अमेरिकी बीमारियां ऑस्ट्रेलिया पहुंच जाएंगी.
किसी कबूतर के लिए अब तक की सबसे लंबी उड़ान का रिकॉर्ड 1931 में दर्ज किया गया था. तब एक कबूतर ने फ्रांस के आरास से वियतनाम के साइगॉन तक की यात्रा की थी. यह दूरी 11,600 किलोमीटर की है. इसमें कबूतर को 24 दिन लगे थे.
एनआर/आईबी (एएफपी)
व्हाट्सऐप की डाटा और गोपनीयता नीति के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक आवेदन दिया गया है.
आवेदन में कहा गया है कि यह नीति भारत के नागरिकों की निजता के अधिकार का हनन करती है. वकील चैतन्य रोहिल्ला की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि यह नीति किसी भी व्यक्ति की ऑनलाइन गतिविधि में 360 डिग्री प्रोफाइल व्यू देती है.
इसके साथ ही याचिका में व्यक्ति की राइट टू प्राइवेसी का हवाला देते हुए कहा गया है कि इससे किसी भी व्यक्ति की निजी और व्यक्तिगत गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है और यह काम बिना किसी सरकारी निरीक्षण के किया जाता.
अन्य अनुरोधों के साथ ही याचिकाकर्ता ने व्हाट्सएप की ओर से नई नीति पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है. इसके अलावा, रोहिल्ला ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को एक दिशा-निर्देश देने की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्हाट्सऐप अपने उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) के किसी भी डाटा को किसी तीसरे पक्ष या फेसबुक एवं उसकी कंपनियों के साथ किसी भी उद्देश्य के लिए साझा न करे.
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि व्हाट्सऐप द्वारा उपयोगकर्ताओं के डाटा को तीसरे पक्ष और फेसबुक को साझा करना अपने आप में गैरकानूनी है क्योंकि व्हाट्सऐप केवल उन उद्देश्यों के लिए सूचना का उपयोग कर सकता है, जो यथोचित रूप से उस उद्देश्य से जुड़े हो, जिसके लिए सूचना दी गई थी.
व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी आठ फरवरी से लागू होगी, जिसे स्वीकार न करने वाले यूजर्स आगे व्हाट्सऐप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. व्हाट्सऐप यूजर्स से पूछ रहा है कि या तो फेसबुक के साथ डाटा साझा करने के लिए अपनी सहमति दें या फिर आठ फरवरी के बाद वे ऐप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
सेवाओं का उपयोग जारी रखने के लिए यूजर्स को नियमों और शर्तों को स्वीकार करना होगा. अगर यूजर्स सेवा की नई शर्तों को स्वीकार नहीं करते हैं, तो वे ऐप का उपयोग नहीं कर पाएंगे.
(आईएएनएस)
भारत और श्रीलंका के बीच चूना पत्थर के टीलों के समूह राम सेतु की सही उम्र पता लगाने के लिए पुरातत्व विभाग ने एक शोध की अनुमति दे दी है. आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों से पता करने की कोशिश की जाएगी कि आखिर यह सेतु कब बना था.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय का लिखा -
राम सेतु को मूल रूप से आदम के सेतु के नाम से जाना जाता है. यह तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित पंबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थित मन्नार द्वीप के बीच स्थित है. हिन्दू धर्म को मानने वालों के बीच मान्यता है कि इसे भगवान राम की वानर सेना ने बनाया था. इसीलिए भारत में इसे राम सेतु के नाम से भी जाना जाता है.
लेकिन चूंकि रामायण के पात्र या उस से जुड़े स्थानों की ऐतिहासिकता का आज तक कोई प्रमाण नहीं मिला है, इसलिए इस सेतु के बनने के इतिहास को लेकर हमेशा से विवाद रहा है. मीडिया में आई कुछ रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि पुरातत्व विभाग ने अब इस विवाद को शांत करने के लिए एक व्यापक अध्ययन की अनुमति दे दी है.
खबरों के अनुसार वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) का गोवा स्थित समुद्र विज्ञान का राष्ट्रीय संस्थान यह अध्ययन करेगा. इसके लिए समुद्र के नीचे की परिस्थितियों का भी अध्ययन किया जाएगा और यह पुरातत्व महत्व की प्राचीन कालीन वस्तुओं के अध्ययन, रेडियोमेट्रिक और थर्मोल्यूमिनेसेंस (टीएल) डेटिंग पर आधारित होगा. इसके लिए और अतिरिक्त पर्यावरण संबंधी जानकारी को भी परखा जाएगा.
क्या है सेतुसमुद्रम परियोजना
रेडियोमेट्रिक डेटिंग के इस्तेमाल से रेडियोधर्मी अशुद्धियों को देख कर किसी वस्तु की उम्र का पता लगाया जा सकता है. टीएल डेटिंग का इस्तेमाल किसी भी वस्तु के गर्म होने पर उससे निकलने वाली रोशनी के मूल्यांकन के लिए किया जाता है. शोध संस्थान इस अध्ययन के लिए अपनी विशेष नौकाओं का भी इस्तेमाल करेगा जो समुद्र की सतह के नीचे से नमूने ले आने में सक्षम हैं.
कई दशकों से विचाराधीन सेतुसमुद्रम परियोजना की वजह से राम सेतु पर बहस छिड़ी हुई है. इस परियोजना का उद्देश्य भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच एक नौपरिवहन मार्ग बनाना है जो भारत और श्रीलंका के बीच समुद्र से होकर गुजरेगा. अभी वहां पानी छिछला होने और आदम के सेतु के होने की वजह से जहाज उस इलाके से गुजर नहीं पाते हैं. भारत के दोनों तटों के बीच आवाजाही करने वाले जहाज हो या अंतरराष्ट्रीय मार्ग पर निकले लिए हुए जहाज, सभी को श्रीलंका के इर्द-गिर्द घूम कर जाना पड़ता है.
इस मार्ग के बन जाने से जहाजों का काफी समय और ईंधन बचेगा, लेकिन इस परियोजना के लिए छिछले पानी में काफी गहरी खुदाई करनी होगी जिसकी वजह से आदम के सेतु को नुकसान पहुंच सकता है. पर्यावरण प्रेमी इस इलाके की इकोलॉजी के संरक्षण को लेकर इस परियोजना का विरोध करते आए हैं. लेकिन हिंदूवादी संगठन इस परियोजना का इसलिए विरोध करते आए हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे भगवान राम से जुड़ी उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी.
रामायण की ऐतिहासिकता
2007 में पुरातत्व विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि सेतु एक मानव-निर्मित ढांचा नहीं बल्कि प्राकृतिक उत्पत्ति है, लेकिन राजनीतिक विरोध के बाद उसने ये हलफनामा वापस ले लिया था. मामला सुप्रीम कोर्ट में एक दशक से भी ज्यादा से लंबित है और इस पर सुनवाई रुकी हुई है. माना जाता है कि सालों तक सेतुसमुद्रम परियोजना पर काम होने और करोड़ों रुपयों के खर्च होने के बाद भारत सरकार ने अब इस परियोजना को बंद करने का फैसला कर लिया है.
कुछ रिपोर्टों के अनुसार इस परियोजना पर अभी तक कम से कम 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि ताजा शोध का उद्देश्य रामायण की ऐतिहासिकता को साबित करना भी है. ऐसी एक परियोजना गुजरात के समुद्री तट के करीब पौराणिक द्वारका नगरी को ढूंढने के लिए पिछले दो साल से चल रही है और इस पर अभी तक लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं.
भोपाल, 15 जनवरी | मध्य प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह राजधानी भोपाल में भी ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है। बढ़ती ठंड से पांच साल तक के बच्चों को निमोनिया का संक्रमण बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संदर्भ में दिशा निर्देश जारी किए हैं और लोगों से कहा है कि बच्चों का खास ख्याल रखें क्यांेकि निमोनिया उनके लिए जानलेवा हो सकता है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ठंड के मददेनजर शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों में निमोनिया के संक्रमण से बचाव के लिए सावधानियों को अपनाना बेहद आवश्यक है। इस संबंध में भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रभाकर तिवारी ने एडवाईजरी जारी कर कहा कि निमोनिया जानलेवा हो सकता है। निमोनिया के उपचार में देरी बच्चे के लिये खतरनाक हो सकती है। बच्चों में बुखार, खांसी, श्वांस तेज चलना, पसली चलना अथवा पसली धसना निमोनिया के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर बच्चों को निमोनिया से उपचार के लिये तुरंत चिकित्सक अथवा निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र में ले जायें।
तिवारी के अनुसार सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में शिशुओं को निमोनिया से बचाव में बेहद कारगर वैक्सीन पीसीवी भी नि:शुल्क उपलब्ध है। अपने शिशुओं को डेढ़, साढ़े तीन एवं नौ माह में निमोनिया से बचाव हेतु पीसीवी वैक्सीन की पूर्ण डोज नि:शुल्क अवश्य लगवायें। बच्चों को ठंड से बचाव के लिये अभिभावकों से आग्रह किया है कि बच्चों को दो-तीन परतों में गर्म कपड़े पहनायें। ठंडी हवा से बचाव के लिये शिशु के कान को ढंके, तलुओं को ठंडेपन से बचाव के लिये बच्चों को गर्म मोजे पहनायें। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 जनवरी | भारत में बीते 24 घंटे में कोरोनावायरस महामारी के 15,590 मामले दर्ज किए गए हैं और इसी के साथ देश में संक्रमितों की कुल संख्या 1,05,27,683 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से शुक्रवार को इसकी जानकारी मिली है। मंगलवार को देश में 12,584 नए मामलों की पुष्टि हुई थी और यह बीते सात महीनों में एक दिन में सामने आए मामलों की सबसे कम संख्या है। पिछले आठ दिनों से यहां दैनिक स्तर पर मामलों की संख्या 20,000 से नीचे बनी हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि बीते 24 घंटे में 191 मरीजों की जानें गई हैं और इसी के साथ मरने वालों की कुल संख्या अब 1,51,918 हो गई है। बीते 21 दिनों से देश में दैनिक स्तर पर मरने वालों की संख्या भी 300 से कम हो गई है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 1,01,62,738 लोग ठीक हो चुके हैं और इस वक्त देश में सक्रिय मामलों की संख्या 2,13,027 है। फिलहाल देश में रिकवरी दर 96.52 प्रतिशत पर बनी हुई है, जबकि मृत्यु दर 1.44 प्रतिशत है। (आईएएनएस)
किसान आंदोलन: 9वें दौर की वार्ता से पहले राकेश टिकैत ने कहा- 'कृषि क़ानून वापस लेने पड़ेंगे'
कानून संसद लेकर आई है और ये वहीं खत्म होंगे। कानून वापस लेने पड़ेंगे और MSP पर कानून लाना पड़ेगा: 9वें दौर की वार्ता से पहले राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता #FarmersProtest pic.twitter.com/Q1x6Y5yYil
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 15, 2021
केंद्र सरकार के साथ होने वाली 9वें चरण की वार्ता के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन पहुँच चुके हैं.
वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, "क़ानून संसद लेकर आई है और ये वहीं ख़त्म होंगे. क़ानून वापस लेने पड़ेंगे और एमएसपी पर क़ानून लाना पड़ेगा."
Government welcomes the Supreme Court order regarding the farmers' agitation. The government will put forth its views before the committee (appointed by the court). We are trying to resolve the issue through dialogue: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar pic.twitter.com/63hqsYCJCK
— ANI (@ANI) January 15, 2021
वहीं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि "किसान यूनियन के नेता सुप्रीम कोर्ट से भी बड़े हो रहे हैं. मंत्री जी ने लगातार 8 दौर की वार्ता की, गृहमंत्री जी लगातार उनके संपर्क में हैं, प्रधानमंत्री जी ने भी आश्वासन दिया है, कोर्ट ने क़ानूनों पर रोक लगा दी है. यह उनकी ज़िद है, वो इसे छोड़ें."
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि "भारत सरकार उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले का स्वागत करती है और उच्चतम न्यायालय की बनाई समिति जब सरकार को बुलाएगी तो हम अपना पक्ष समिति के सामने रखेंगे. आज वार्ता की तारीख़ तय थी इसलिए किसानों के साथ हमारी वार्ता जारी है. हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किसानों के साथ चर्चा के माध्यम से कोई रास्ता निकल आए. आज क़ानूनों पर चर्चा होगी."
अब तक सरकार और किसानों के बीच आठ चरण की वार्ता हुई है जिसमें कोई नतीजा नहीं निकल पाया. किसान चाहते हैं कि तीनों कृषि क़ानून वापस लिये जायें.
लेकिन केंद्र सरकार कोई बीच का रास्ता निकालने का प्रयास कर रही है. सरकार ने कृषि क़ानूनों में कुछ संशोधनों का प्रस्ताव किसान नेताओं के सामने रखा था, जिसपर किसान संगठन राज़ी नहीं हुए.
उधर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन आज 51वें दिन भी जारी है.
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता भूपिंदर सिंह मान ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनायी गई कमेटी से अपने अलग होने की वजह भी बताई है.
उनका कहना है, “आंदोलन और किसानों के हितों को देखते हुए मैं समझता हूँ कि कमेटी में जाने का कोई तुक नहीं है. जब किसानों ने कह दिया है कि हम कमेटी के सामने नहीं जायेंगे तो कमेटी का कोई तुक नहीं रह जाता, इसलिए मैंने कमेटी को छोड़ा है.”
Since protesting farmers have announced not to appear before the committee, there is no point in being part of it: Bhupinder Singh Mann, Chairman of All India Kisan Coordination Committee, on his decision to recuse himself from 4-member committee appointed by Supreme Court https://t.co/BHhMbiMffi pic.twitter.com/W2cAMr9pkI
— ANI (@ANI) January 15, 2021
गुरुवार को पूर्व राज्यसभा सांसद भूपिंदर सिंह मान ने किसान आंदोलन को लेकर बनाई गई सुप्रीम कोर्ट की चार सदस्यीय कमेटी से ख़ुद को अलग करने की घोषणा की थी.
उन्होंने यह भी कहा, "ख़ुद एक किसान होते हुए और किसान नेता होने के नाते, स्थिति और किसान संगठनों की चिंताओं के मद्देनज़र, मैं किसी भी पद की क़ुर्बानी के लिए तैयार हूँ ताकि पंजाब और देश के किसानों के हितों से कोई समझौता न हो. मैं खुद को कमेटी से अलग करता हूँ और मैं हमेशा किसानों और पंजाब के साथ खड़ा हूँ."
भूपिंदर सिंह मान भारतीय किसान यूनियन से टूट कर बने संगठन बीकेयू (मान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वे ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के भी अध्यक्ष हैं.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लिखी अपनी चिट्ठी में उन्होंने कृषि क़ानूनों का समर्थन किया था, लेकिन साथ ही कहा था कि इन्हें कुछ संशोधनों के बाद लाया जाये. एमएसपी को लेकर भी वे सरकार से लिखित में आश्वासन माँग रहे थे कि इसे ख़त्म नहीं किया जाएगा. (bbc.com)
नई दिल्ली: केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन 51वें दिन में प्रवेश कर चुका है. किसान संगठन और सरकार आज फिर वार्ता की मेज पर बैठेंगे. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आज की बैठक में कोई नतीजा निकलेगा या नहीं. मसले के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी गठित की है. किसान नेता भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से अलग करने की शुक्रवार को वजह बताई.
अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के चेयरमैन भूपिंदर सिंह मान ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "आंदोलनकारी किसान कमेटी के समक्ष पेश नहीं होने का ऐलान कर चुके हैं, ऐसे में कमेटी में रहने का कोई तुक नहीं बनता है इसलिए मैंने कमेटी को छोड़ा है."
भूपिंदर मान ने खुद किया कमेटी से अलग
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस कमेटी का गठन किया है, उसमें भूपिंदर सिंह मान भी शामिल थे. भूपिंदर सिंह मान ने चिट्ठी लिखकर खुद को समिति से अलग करने की जानकारी दी थी. पत्र में मान ने लिखा है कि वे हमेशा पंजाब और किसानों के साथ खड़े हैं. एक किसान और संगठन का नेता होने के नाते वह किसानों की भावना जानते हैं. वह किसानों और पंजाब के प्रति वफादार हैं. किसानों के हितों से कभी कोई समझौता नहीं कर सकता. वह इसके लिए कितने भी बड़े पद या सम्मान की बलि दे सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बनाई 4 सदस्यों की कमेटी
शीर्ष अदालत की तरफ से बनाई गई चार सदस्यों की समिति में भूपिंदर सिंह मान के अलावा शेतकारी संगठन (महाराष्ट्र) के अध्यक्ष अनिल घनवत, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान दक्षिण एशिया के निदेशक प्रमोद कुमार जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी शामिल हैं. (एएनआई के इनपुट के साथ)
झांसी (उप्र), 15 जनवरी| भाजपा के एक पूर्व शहर उपाध्यक्ष के खिलाफ सोडोमी के तीन और मामले सामने आए हैं, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अभी दो दिन पहले दो नाबालिग लड़कों के माता-पिता ने आरोपी राम बिहारी राठौर के खिलाफ छेड़छाड़ करने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लिया। वह जालौन जिले के कोंच इलाके में राजस्व अधिकारी रह चुके हैं।
गुरुवार को जांच के दौरान तीन और मामलों में उनकी संलिप्तता सामने आई। पुलिस को उम्मीद है कि उनके घर में छापेमारी के दौरान बरामद की गई हार्ड डिस्क, लैपटॉप और डीवीआर की छानबीन करने पर और भी मामले सामने आएंगे।
आरोपी के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि उसके घर में जुए और सट्टेबाजी का आयोजन भी किया जाता था। पिछले दिसंबर में अपना पद छोड़ने से पहले वह कोंच के भाजपा शहर उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
भारतीय दंड संहिता की धारा 328, 377, 506, पोक्सो एक्ट की धारा 3/4 और आईटी एक्ट की धारा 6/7 के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज कर राठौड़ को जेल भेज दिया गया। (आईएएनएस)