राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) ने 750 करोड़ के आर्थिक अपराध मामले में मुख्य आरोपी साईं चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया है। विशेष मनी लॉन्ड्रिंग अदालत ने चंद्रशेखर को जांच एजेंसी की सात दिन की हिरासत में भेजा है। केंद्रीय एजेंसी ने शनिवार को आरोपी साईं चंद्रशेखर को साकेत जिला और सत्र अदालत में पेश किया और हिरासत में पूछताछ के लिए रिमांड हासिल की।
एजेंसी ने 23 अक्टूबर को साईं चंद्रशेखर के आवासीय और कार्यालय परिसर में तलाशी अभियान चलाया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली से कंपनी के पूर्व कर्मचारी साईं चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, नीदरलैंड की फूड कंपनी हसद नीदरलैंड्स बीवी ने दिल्ली पुलिस में वीरकरण अवस्थी, विनोद सिरोही और अन्य आरोपियों के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज कराया।
वीरकरण अवस्थी और रितिका अवस्थी ने खुद को बुश फूड्स ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक बताकर संपर्क साधा था और कंपनी को करोड़ों रुपये के टर्नओवर का विश्वास दिलाया।
ईडी ने बताया कि रितिका अवस्थी ने ऑफर दिया कि यदि हसद कंपनी उन्हें बैंक से 750 करोड़ रुपये की कॉरपोरेट गारंटी दिलवा दे तो वह अपनी कंपनी में उसे हिस्सेदारी दे देगी।
रितिका अवस्थी का भरोसा कर हसद नीदरलैंड्स बीवी ने अपने अधिकारी साई चंद्रशेखर को बुश फूड्स ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड का आर्थिक रिकॉर्ड चेक करने के लिए भेज दिया। इसके बाद चंद्रशेखर ने रितिका अवस्थी के साथ मिलकर फर्जी रिपोर्ट बना कंपनी को सौंप दी। इसके बाद हसद कंपनी ने अवस्थी को 750 करोड़ रुपये दिलवा दिए। रकम लेकर रितिका अपने पार्टनर के साथ फरार हो गई।
--आईएएनएस
भोपाल, 31 अक्टूबर | मध्यप्रदेश की कमल नाथ सरकार के पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला है और कहा है कि उन्हें भी दल-बदल करने के एवज में 50 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था। पूर्व मंत्री सिंघार ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए शनिवार को कहा, "जिस समय कांग्रेस के विधायकों को बेंगलुरू ले जाया गया था, उस समय उन्हें भी सिंधिया का फोन आया था और 50 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था। मुझसे कहा गया था कि मेरी हैसियसत के अनुसार रकम मिल जाएगी।"
सिंघार ने दल-बदल करने वालों पर बड़ा हमला बोला और कहा, "जिन्होंने दल-बदल किया है, वे गद्दार हैं और मैं गद्दारी नहीं कर सकता।"
सिंघार आदिवासी नेता और प्रदेश की पूर्व उप-मुख्यमंत्री जमुना देवी के भतीजे हैं। उन्होंने इस मौके पर अपनी बुआ को भी याद किया।
--आईएएनएस
गुवाहाटी, 31 अक्टूबर | असम में अगले हफ्ते से कोविड-19 के सख्त दिशा-निर्देशों के बीच स्कूल खोले जा रहे हैं। कोरोनावायरस महामारी के चलते बीते सात महीनों से इन्हें बंद रखा गया था। अब सोमवार से इन्हें पुन: खोला जा रहा है।
राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कक्षा छह से बारह तक के विद्यार्थियों को स्कूल जाने की इजाजत दी गई है और इस संबंध में एक मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि कक्षा 6, 8 और 12 के विद्यार्थी सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को स्कूल जाएंगे और बाकी के तीन दिन कक्षा 7, 9 और 11 के विद्यार्थियों की पढ़ाई होगी।
एक अधिकारी ने कहा, "सभी विद्यार्थियों को एक साथ स्कूल नहीं बुलाया जाएगा। इनके स्कूल में आने के समय को सुबह और दोपहर की शिफ्ट में बांट दिया जाएगा। पहले और दूसरे बैच में विद्यार्थियों को शामिल करने का काम विद्यालय प्रमुख का होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "पहले बैच के स्टूडेंट्स सुबह आठ बजे आएंगे और बारह बजे तक रहेंगे और इसके बाद दूसरा बैच साढ़े बारह बजे से शुरू होकर साढ़े तीन बजे तक चलेगा।"
--आईएएनएस
पटना, 31 अक्टूबर | बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं के बीच आरोप -प्रत्यारोप चरम पर पहुंच गया है। इस बीच, शनिवार को जदयू ने राजद के शासनकाल में फिरौती के लिए अपहरण को लेकर तेजस्वी यादव और कांग्रेस को घेरा और इसके लिए श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। पटना में राजग के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा, "वर्ष 1990 से 2005 के बीच तीन नवंबर को होने वाले चुनाव के विधानसभा क्षेत्रों में 3091 लोगों का अपहरण हुआ था, उसका गुनहगार कौन है? उसके हिस्सेदार कौन हैं?"
जदयू नेता नीरज कुमार ने सवालिया लहजे में पूछा, "उस दौर में फिरौती के लिए जो अपहरण होता था, वह उद्योग के रूप में कैसे आया था? उसमें कौन-कौन भागीदार था, यह बिहार की जनता को बताना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने तब मुख्यमंत्री से कार्रवाई के लिए 'ऑपरेशन ब्लैक पैंथर' चलाने को कहा था। कांग्रेस के लोगों को बताना चाहिए कि उसका परिणाम क्या निकला?
उन्होंने उस शासनकाल में कितने अपराधियों को सजा हुई थी, यह भी विरोधियों से पूछा है।
बिहार के मंत्री ने कहा, "तेजस्वी यादव विपक्ष के साथ मिलकर जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लोगों के बीच भ्रमजाल पैदा कर रहे हैं। तेजस्वी की राजनीति का जो डीएनए हैं वो 420 का है, इनके पिता इसी के लिए सजा काट रहे हैं। तेजस्वी पर भी 420 का आरोप है।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। यूट्यूब ब्लॉगर गौरव वासन, जिन्होंने दिल्ली के मालवीय नगर में एक ढाबा चला रहे एक बुजुर्ग दंपति के बाबा का ढाबा वीडियो पोस्ट किया था, उन्होंने लोगों द्वारा ऑनलाइन घोटाले का आरोप लगाने के बाद अपना बैंक स्टेटमेंट साझा किया। हालांकि, नेटिजन्स को अभी उन पर भरोसा नहीं है। गौरव ने अपने बैंक स्टेटमेंट को साझा करने के लिए फेसबुक पर अपने आधिकारिक पेज स्वाद पर पोस्ट किया।
उन्होंने लिखा, "बैंक द्वारा सत्यापित ट्रांसपरेंसी लिंक। जिस किसी ने भी दान दिया है वह जाकर पुन: सत्यापन कर सकता है। समर्थन के लिए धन्यवाद।"
हालांकि, नेटिजन्स उनके इरादों पर शक कर रहे हैं।
एक ने कमेंट किया, "मैंने उनका वीडियो देखा जहां वह 20 लाख से अधिक दान देने का दावा कर रहा था और अब वह दो लाख दान करने की बात कर रहा है। कुछ गड़बड़ है।"
अन्य यूजर ने कमेंट किया, "कॉलम में गड़बड़ी है। वहीं अन्य ने यूजर ने इसे "अनप्रोफेशनल बैंक स्टेटमेंट" कहा, जिसे 'बहुत संपादित किया' गया।
गौरतलब है कि अक्टूबर की शुरु आत में गौरव ने मालवीय नगर के एक बुजुर्ग दंपति का एक वीडियो पोस्ट किया था। वे महामारी के कारण अपने ढाबे पर व्यापार करने में सक्षम नहीं होने के लिए आंसू बहाते नजर आए थे।
वीडियो वायरल हुआ और रवीना टंडन और निमरत कौर जैसे कलाकारों ने लोगों से इस जोड़े की मदद करने का आग्रह किया।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को भारत की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने और देशवासियों के बीच संदेश फैलाने के लिए खुद को समर्पित करने का संकल्प लिया। केंद्रीय मंत्री ने यह शपथ भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 145वीं जयंती के अवसर पर ली। उनकी जयंती साल 2014 से 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाई जा रही है।
शाह ने ट्वीट किया, "मैं पूरी ²ढ़ता से कहता हूं कि मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए खुद को समर्पित करता हूं और अपने साथी देशवासियों के बीच इस संदेश को फैलाने के लिए कड़ी मेहनत करता रहूंगा।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं अपने देश के एकीकरण की भावना में यह प्रतिज्ञा लेता हूं, जो सरदार वल्लभभाई पटेल की दृष्टि और कार्यो से संभव हो पाई है। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में अपना योगदान देने का संकल्प लेता हूं।"
गृहमंत्री ने एक कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, "राष्ट्रीय एकता के प्रतिबिंब व हर भारतीय हृदय में बसने वाले लौहपुरुष सरदार पटेल जी को कोटिश: नमन। आजादी के बाद सैकड़ों रियासतों में बिखरे भारत का एकीकरण कर, उन्होंने आज के मजबूत भारत की नींव रखी। उनका दृढ़ नेतृत्व, राष्ट्र समर्पण व विराट योगदान भारत कभी नहीं भुला सकता।"
गृहमंत्री ने आगे कहा, "संविधान एवं सनातन के संतुलन के अद्वितीय प्रतीक सरदार पटेल ने देश के एकीकरण से लेकर सोमनाथ मंदिर के पुननिर्माण तक अपने जीवन का क्षण-क्षण भारत में एक राष्ट्र का भाव जागृत करने के लिए अर्पित किया। कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से ऐसे महान राष्ट्रभक्त लौहपुरुष सरदार पटेल के चरणों में वंदन।"
गुजरात के नडियाड में 31 अक्टूबर, 1875 को जन्मे पटेल का 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में निधन हो गया था।(आईएएनएस)
शिमला, 31 अक्टूबर| शनिवार को हिमाचल प्रदेश में ऊंचे पहाड़ी इलाके बर्फ की सफेद मोटी चादर से ढक गए, जिससे हिल स्टेशन जैसे केलांग और अधिक खूबसूरत नजर आने लगे। वहां न्यूनतम तापमान शून्य से 0.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
यह सीजन की पहली बर्फबारी रही जो कि लाहौल-स्पीति जिले में केलांग और इसके आस-पास के जगहों पर हुई।
मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, शिमला और मनाली, जहां लंबे धूपभरे दिन निकल रहे हैं, वहां न्यूनतम तापमान क्रमश: 11.4 डिग्री और 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किए गए।
शिमला के नजदीकी पर्यटन स्थल कुफरी में न्यूनतम 9.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ जबकि किन्नौर जिले के कल्पा में यह 2.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
अधिकारी ने कहा, "लाहौल और स्पीति, चंबा, कुल्लू और किन्नौर जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पिछले 24 घंटों में हल्की बर्फबारी हुई।"
उन्होंने कहा कि 5 नवंबर तक मध्य और निचली पहाड़ी इलाकों में मौसम काफी हद तक शुष्क रहेगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सोमनाथ के पुनर्निर्माण से सरदार पटेल ने भारत के सांस्कृतिक गौरव को लौटाने का जो यज्ञ शुरू किया था, उसका विस्तार देश ने अयोध्या में भी देखा है। आज देश राममंदिर पर सुप्रीमकोर्ट के फैसले का साक्षी बना है और भव्य राममंदिर को बनते भी देख रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के केवड़िया से सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर संबोधन के दौरान कहा, "ये भी अद्भुत संयोग है कि आज ही वाल्मीकि जयंती भी है। आज हम भारत की जिस सांस्कृतिक एकता का दर्शन करते हैं, जिस भारत को अनुभव करते हैं, उसे और जीवंत और ऊजार्वान बनाने का काम सदियों पहले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने ही किया था।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर के विकास में जो बाधायें आ रही थीं, उन्हें पीछे छोड़कर अब कश्मीर विकास के नए मार्ग पर बढ़ चुका है। चाहे नॉर्थईस्ट में शांति की बहाली हो, या नॉर्थईस्ट के विकास के लिए उठाए जा रहे कदम, आज देश एकता के नए आयाम स्थापित कर रहा है।
उन्होंने राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि 130 करोड़ देशवासी मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं जो सशक्त भी हो और सक्षम भी हो। जिसमें समानता भी हो, और संभावनाएं भी हों। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर देश ही अपनी प्रगति के साथ साथ अपनी सुरक्षा के लिए भी आश्वस्त रह सकता है। इसलिए, आज देश रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है। इतना ही नहीं, सीमाओं पर भी भारत की नजर और नजरिया अब बदल गए हैं। (आईएएनएस)
शिमला, 31 अक्टूबर| बिहार की व्यस्त चुनावी सरगर्मी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी छुट्टी के मूड में हैं। खबर है कि उन्होंने काम से कुछ दिनों का ब्रेक लिया है और हिमाचल प्रदेश की राजधानी में अकेले 'छुट्टियां' मना रहे हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि वह छराबड़ा इलाके में बनी अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा की कॉटेज में 'छुट्टियां' मना रहे हैं। यह कॉटेज देवदार के घने जंगलों के बीच 8,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। यह जगह हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से 15 किमी की दूरी पर ओबेरॉय ग्रुप के लक्जरी रिसॉर्ट वाइल्डफ्लावर हॉल के करीब है।
अधिकारी ने कहा, "वह अपनी बहन की कॉटेज में एक-दो दिन और रुकेंगे।" बता दें कि प्रियंका गांधी, उनके बच्चे और उनकी मां सोनिया गांधी अक्सर इस कॉटेज में आते रहते हैं। (आईएएनएस)
केवड़यिा, 31 अक्टूबर। पाकिस्तान की ओर से पुलवामा आतंकी हमले के पीछे उसका ही हाथ होने की हालिया कथित स्वीकृति के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को लेकर तब राजनीति करने को लेकर विपक्ष को आज जमकर लताड़ लगायी।
श्री मोदी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 145 वी जयंती पर गुजरात के केवड़यिा में उनकी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा यह देश कभी नहीं भूल सकता कि कुछ लोग पुलवामा हमले में जवानों की शहादत पर दुखी नहीं हुए थे। कांग्रेस या किसी अन्य विपक्षी दल का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि उस समय वे लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे। कई लोगों ने उस समय भद्दी राजनीति की थी।
उन्होंने कहा जिस तरह से पड़ोसी देश (पाकिस्तान) की संसद में सत्य (पुलवामा हमले के बारे में) का स्वीकार किया गया है तो इन लोगों का चेहरा सामने आ गया है कि वे राजनीतिक स्वार्थ के लिए किस हद तक जा सकते हैं। मैं उनसे आग्रह करता हूँ कि राष्ट्रहित के लिए ऐसी राजनीति ना करें।
उन्होंने कहा कि भारत की ताकत और एकता दूसरों को खटकती है। वे हमारी विविधता को हमारी कमजोरी बनाना चाहते हैं और एक दूसरे के बीच खाई पैदा करना चाहते हैं। सीमा पर भारत की नजर और न•ारिया बदल गए है। अपनी धरती पर नजर करने वालों को करारा जवाब देने की ताकत है। आतंकवाद विरोधी फ्रांस के कदमों की खिलाफत की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कई देश आतंकवाद के समर्थन में आगे आ गए है जो विश्व शांति के लिए चिंता का विषय बना है। प्रत्येक सरकार को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए क्योंकि ऐसी हिंसा से किसी का भला नहीं हो सकता। भारत भी वर्षों से आतंकवाद से पीड़ति रहा है और अपनी एकता और ²ढ़ इच्छा शक्ति से इसे पराजित किया है।
ज्ञातव्य है कि पिछले साल पुलवामा आतंकी हमले में अर्धसैनिक बल के 40 जवान मारे गए थे। सरकार ने इसके बाद जवाबी तौर पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए सीमा पार बालकोट में आतंकी शिविर पर हवाई हमला किया था। पुलवामा हमले तथा सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे। हाल में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी माने जाने वाले मंत्री फवाद चौधरी ने वहां की संसद में स्वीकार किया था कि पुलवामा हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था। (वार्ता)
लखनऊ, 31 अक्तूबर। फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैंक्रों के इस्लामिक कट्टरपंथ पर की गई टिप्पणी के विरोध में कल देश के कुछ हिस्सों के साथ राज्य के अलीगढ़ में हुये प्रदर्शन के बाद पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है ।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने कल जुलूस निकाला और फ्रांस के राष्ट्रपति के विरोध में नारे लगाये । उन्होंने कहा कि अब फ्रांस निर्मित कोई भी सामान नहीं खरीदा जायेगा । फ्रांस में चर्च के बाहर तीन दिन पहले एक इस्लामिक कट्टरपंथी ने एक महिला का गला काट डाला था तथा दो अन्य की चाकू मार कर हत्या कर दी थी । इससे पहले पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून के बारे में लोगों को बताने वाले शिक्षक को मार डाला गया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निदेश दिया है कि जिन जिलों में ऐसे प्रदर्शन की आशंका है वहां पूरी निगरानी रखी जाय तथा किसी भी हालत में प्रदर्शन नहीं होने दिया जाए।
पुलिस महानिदेशक हितेष चन्द्र अवस्थी ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को उन जिलों में खास ध्यान रखने को कहा गया है जिन जिलों में तीन दिन बाद विधानसभा के उपचुनाव होने हैं।
गौरतलब है कि इस्लामिक शिक्षा की सबसे बड़ी संस्था दारूल उलूम देवबंद ने भी फ्रांस के राष्ट्रपति के इस्लामिक कट्टरपंथ को लेकर दिये बयान का विरोध किया है। (वार्ता)
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर| एनालिस्टों और बाजार के पंडितों के अनुमानों को मात देते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को अपने तिमाही नतीजों में 9,567 करोड़ रू का शुद्ध लाभ दिखाया। हलांकि यह पिछले वर्ष की इसी तिमाही से 15 फीसदी कम है पर ब्लूमबर्ग के एनालिस्ट सर्वे से कहीं अधिक है। ब्लूमबर्ग के एनालिस्ट सर्वे में करीब 9,017 करोड़ रू के लाभ का अनुमान लगाया गया था। कंपनी का कंसोलिडेटिड शुद्ध लाभ एक बार फिर 10,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया; कंसोलिडेटिड शुद्ध लाभ पिछली तिमाही के मुकाबले 28 प्रतिशत बढ़कर 10,602 करोड़ रुपये दर्ज हुआ।
रिलायंस रिटेल और जियो प्लेटफॉर्म्स की स्टार परफॉर्मेंस के दम पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का कंसोलिडेटिड रेवेन्यू 27.2 फीसदी की मजबूत क्रमिक वृद्धि के साथ तिमाही में 1,28,285 करोड़ रुपये दर्ज हुआ। हालांकि कोविड-19 के कारण उपजी परिस्थितियों में दुनिया भर में ईंधन की मांग और कच्चे तेल की कीमतों में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई थी। इसका असर रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऑयल एंड गैस कारोबार पर भी पड़ा। कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित जून तिमाही के मुकाबले सितंबर तिमाही के कंसोलिडेटिड शुद्ध लाभ में 28 फीसदी का उछाल देखने को मिला।
रिलायंस जियो ने रिलायंस समूह की सभी कंपनियों में सबसे जोरदार रिजल्ट पेश किए। पिछले साल समान तिमाही के 990 करोड़ रू के शुद्ध लाभ को करीब तिगुना करते हुए सितंबर तिमाही में कंपनी ने 2,844 करोड़ का शुद्ध लाभ दिखाया। राजस्व में भी 4 हजार करोड़ से अधिक का इजाफा देखने को मिला। कंपनी के एआरपीयू यानी प्रति ग्राहक रेवेन्यू में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सितंबर तिमाही में यह 145 रू रहा। जबकि पिछली जून तिमाही में यह 140 और एक वर्ष पूर्व, वित्तिय वर्ष 2019-20 की सितंबर तिमाही में यह करीब 120 रू ही था।
चीन के बाहर 40 करोड़ ग्राहक संख्या रखने वाली पहली कंपनी बनने का दावा भी रिलायंस जियो ने किया है। कंपनी के नेटवर्क पर डेटा की खपत में भी 1.5 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। सितंबर तिमाही में यह 1442 करोड़ जीबी को छू गया।
रिलायंस रिटेल ने भी सितंबर तिमाही में बेहतरीन प्रदर्शन किया, कंपनी ने 232 नए स्टोर खोले। स्टोर्स की कुल संख्या अब बढ़कर 11,931 हो गई है। रिलायंस रिटेल ने 5.6 बिलियन डॉलर यानी करीब 41 हजार करोड़ रू का रेवेन्यू जनरेट किया। यह पिछले साल की इसी तिमाही से मामूली सा कम है पर पिछली जून तिमाही के मुकाबले इसमें 30 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है। पिछली तिमाही के मुकाबले रिलायंस रिटेल के शुद्ध लाभ में भी 125 प्रतिशत से अधिक का इजाफा देखने को मिला।
नतीजों पर टिप्पणी करते हुए चेयरमैन, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश डी. अंबानी ने कहा, हमने पेट्रोकेमिकल्स और रिटेल सेगमेंट में अच्छी रिकवरी की है, जियो में हमारा बिजनेस लगातार मजबूत हुआ है और कुल मिलाकर हमने पिछली तिमाही के मुकाबले इस तिमाही में बेहतर नतीजे दिए हैं। हमारे बिजनेस में मांग के स्तर में तेज सुधार हुआ है। ज्यादातर प्रॉडक्ट्स के मामले में घरेलू मांग एक बार फिर बढ़कर तकरीबन कोविड के पहले वाले स्तरों पर पहुंच गई है। देश भर में लॉकडाउन के हटने से रिटेल व्यापार में स्थितियां तेजी से सामान्य हुई और महत्वपूर्ण उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में वृद्धि हुई है। पिछले छह महीनों में हमने जियो और रिटेल बिजनेस में खासी पूंजी जुटाई है और साथ ही कुछ प्रभावशाली रणनीतिक और वित्तीय निवेशकों को रिलायंस परिवार में शामिल किया है। भारतवर्ष की उन्नति को ध्यान में रखते हुए हमने अपने सभी व्यवसायों में तेज वृद्धि का लक्ष्य रखा है। (आईएएनएस)
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
असम में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मुस्लिमों के लिए म्यूजियम मुद्दे पर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है. विधान सभा की एक समिति की सिफारिश के बावजूद असम सरकार इसका विरोध कर रही है.
कांग्रेस के एक विधायक शरमन अली अहमद ने हाल में असम सरकार को राज्य के चर-चापोरी यानी नदी के द्वीपों और तटवर्ती इलाकों में रहने वाले बंगाली मुसलमानों के लिए गुवाहाटी में प्रसिद्ध श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में म्यूजियम स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन सरकार ने विधायक की मांग को खारिज कर दिया है. उसके बाद इस मुद्दे पर बहस तेज हो रही है. दरअसल यह विवाद राज्य के ताकतवर मंत्री और बीजेपी के शीर्ष नेता हिमंत बिस्वा सरमा के उस ट्वीट के बाद तेज हुआ जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य के चर यानी तटवर्ती इलाके में रहने वालों की कोई अलग पहचान और संस्कृति नहीं है.
राज्य में तटवर्ती इलाके में रहने वाले मुस्लिमों को मियां कहा जाता है. दिलचस्प बात यह है कि इस म्यूजियम की स्थापना का प्रस्ताव सबसे पहले बीजेपी सदस्यों वाली एक समिति ने ही दिया था. इससे पहले बीते साल भी बांग्ला मूल के कवियों की लिखी कविताओं को मियां कविता कहने पर विवाद हुआ था. असम में लगभग एक करोड़ की मुस्लिम आबादी में बंगाली मुस्लिमों की तादाद करीब 64 लाख है.
विवाद की शुरुआत
दरअसल, यह पूरा विवाद कांग्रेस विधायक शर्मन अली अहमद के उस पत्र से शुरू हुआ जो उन्होंने म्यूजियम निदेशक को लिखा था. इसमें कहा गया था कि तटवर्ती इलाकों की विरासत व संस्कृति को दर्शाने वाले प्रस्तावित म्यूजियम की स्थापना शीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में की जानी चाहिए. लेकिन इसके जवाब में मंत्री हिमंत ने अपने ट्वीट में कहा, "हमारी सरकार राज्य में मुस्लिमों की विरासत पेश करने वाले मियां म्यूजियम बनाने की अनुमति नहीं देगी. मेरी समझ में असम के चार अंचल में कोई अलग पहचान और संस्कृति नहीं है, क्योंकि वहां के ज्यादातर लोग बांग्लादेश के प्रवासी हैं. श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र असमिया संस्कृति का प्रतीक है और हम इसमें कोई विकृति नहीं आने देंगे. माफ कीजिएगा विधायक साहब.”
असम में नागरिकता रजिस्टर को लेकर भी विवाद रहा है
सरमा के इस बयान के बाद विवाद बढ़ गया. इसका जवाब देते हुए असम से कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने ट्वीट किया, "माफ कीजिएगा हेमंत जी, इन लोगों के पूर्वज तत्कालीन बंगाल से आए थे, जो कि अखंड भारत का अहम हिस्सा था. कृपया सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए इतिहास से छेड़छाड़ मत कीजिए.” विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पत्रकारों से कहा, "श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र की स्थापना संत विद्वान श्रीमंत शंकरदेव के आदर्शों के अनुरूप की गई है और राज्य सरकार उसे बरकरार रखने के लिए कृतसंकल्प है.”
दूसरी ओर, हेमंत बिस्वा सरमा ने अपने रुख में कोई भी नरमी नहीं दिखाई है. विधायी समिति की म्यूजियम बनाने की सिफारिशों के बारे में एक सवाल पर उनका कहना था, "जिस भी समिति ने जो भी रिपोर्ट दी है, वह सिर्फ फाइलों में ही रहेगी. असम सरकार का रुख साफ है, कलाक्षेत्र में कोई भी मियां म्यूजियम नहीं बनेगा.”
विधायी समिति की सिफारिश
दरअसल, मियां म्यूजियम बनाने का प्रस्ताव सबसे पहले इसी साल मार्च में एक विधायी समिति ने सरकार को दिया था. लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से तब वह मुद्दा दब गया था. अब कांग्रेस विधायक ने अपने पत्र में उस समिति की सिफारिशों का हवाला दिया है. असम गण परिषद के एक विधायक की अध्यक्षता वाली उक्त समिति में बीजेपी के भी छह विधायक शामिल थे. असम गण परिषद राज्य की साझा सरकार में बीजेपी की सहयोगी है.
उसके बाद कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के समर्थन से राज्यसभा में पहुंचे पत्रकार अजीत कुमार भुइयां ने भी अपने एक ट्वीट में कहा है, "शिक्षा मंत्रालय से संबद्ध स्थायी समिति ने ही चर-चापोरी म्यूजियम की सिफारिश की थी. समिति के अधिकांश सदस्य बीजेपी और उसके सत्तारूढ़ गठबंधन से हैं. बहुमत से एक सिफारिश पारित करने के बाद बीजेपी पूरे मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए राजनीतिकरण कर रही है. यह बेहद शर्मनाक है.”
हालांकि अहमद के पत्र में भी उक्त समिति की सिफारिशों का जिक्र है. लेकिन भुइयां ने अपने ट्वीट में साफ किया कि जिस 15 सदस्यीय समिति ने उक्त सिफारिश की थी उसमें बीजेपी के छह सदस्यों के अलावा असम गण परिषद और बोडोलैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट के दो-दो विधायक भी शामिल थे. कांग्रेस के जिस शर्मन अली ने म्यूजियम के बारे में पत्र लिखा है वह भी उसी समिति के सदस्य हैं.
क्या है चर इलाका
राज्य में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की सीमा से लगे मुस्लिम बहुल इलाकों को चर यानी तटवर्ती इलाका कहा जाता है. यह इलाका हर साल बाढ़ की चपेट में रहता है. पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से लगी सीमाओं की वजह से यहां की संस्कृति और भाषा पर भी उसका असर नजर आता है. करीब 3.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले इस इलाके की आबादी 25 लाख है. यहां रहने वाले मुस्लिम तबके के लोगों को हेय निगाहों से देखा जाता है और उनके लिए मियां संबोधन का इस्तेमाल किया जाता है.
इस इलाके में असमिया से ज्यादा बांग्ला संस्कृति का असर है. इस इलाके में बांग्लादेश से घुसपैठ के आरोप लगते रहे हैं और यह मुद्दा असम की राजनीति में सबसे विवादास्पद रहा है. घुसपैठ के मुद्दे पर अस्सी के दशक की शुरुआत में छह साल लंबा असम आंदोलन भी हो चुका है. उसके बाद भी एनआरसी और नागरिकता संशोधन अधिनियम जैसे मुद्दे इसी विवाद पर केंद्रित रहे हैं. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रंजीत दास कहते हैं, "विधायी समिति की ओर से ऐसी सिफारिश के बावजूद सरकार उसे स्वीकार नहीं कर सकती. उक्त 15-सदस्यीय समिति में बीजेपी के दस सदस्य जरूर हैं. लेकिन जिस बैठक में उक्त प्रस्ताव पारित हुआ था उसमें कुल पांच सदस्य ही मौजूद थे. उनमें से तीन बीजेपी के थे.”
इतिहासकार अंकुर तामुलू फूकन कहते हैं, "इस समुदाय ने म्यूजियम के जरिए अपनी पहचान और विरासत को दर्शाने की मांग उठाई है. लेकिन असमिया मूल के लोग चाहते हैं कि ब्रह्मपुत्र घाटी में रहने वाले बंगाली मुस्लिम भी असमिया के तौर पर पहचाने जाएं और उनका कोई अलग सांस्कृतिक एजेंडा नहीं हो.” वह कहते हैं कि म्यूजियम की मांग में कोई बुराई नहीं है. लेकिन इससे कोई खास फायदा नहीं होगा. इससे विभिन्न तबकों के बीच दूरियां बढ़ने का अंदेशा है. इस समुदाय के सबसे बड़ी साहित्यिक संस्थान चर चापोरी साहित्य परिषद के अध्यक्ष हफीज अहमद कहते हैं, "अगर हमने भी असमिया संस्कृति अपना ली तो हमारी सांस्कृतिक विरासत का क्या होगा? हमारी भी संस्कृति व परंपराएं काफी समृद्ध हैं. ऐसे में म्यूजियम की स्थापना की मांग जायज है.”(dw.com)
महाराज तंत्र V /S लोकतंत्र
28 सीटों पर चुनाव का खर्च कई करोड़ में है। इस खर्च की भरपाई आपकी जेब से ही होगी। आप पर सरकार और टैक्स थोपेगी। सरकार गिराने में जो पैसा लगा होगा उसकी भरपाई सरकार अपने करीबी व्यापारियों को खुलेआम कालबाज़ारी करने की छूट करके देगी। इस नुकसान को भी समझिये।
एक नवंबर मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस। इस बार ये कुछ अलग है। मध्यप्रदेश में स्थापना दिवस के दो दिन बाद मतदान है। क्योंकि लोकतंत्र की चुनी हुई सरकार गिरा दी गई। 22 विधायकों ने एक साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा का साथ दिया। कमलनाथ का इस्तीफा और शिवराज बने मुख्यमंत्री। इस सब मे विधायकों की बिक्री का मामला उठा। गद्दार और बिकाऊ हवा में गूंज रहा है।
प्रदेश की 28 सीटों पर जनता के पास मौका है इस स्थापना दिवस पर प्रदेश में अपनी ताकत दिखाने का। लोकतंत्र को बचाने का। उसे फिर से स्थापित करने का। आखिर जो 22 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर भाजपा में चले गए, उनको आपने ही चुना था। आपके वोट का ऐसा अपमान। प्रदेश की जनता ने उन्हें पांच वर्ष के लिए चुना था। फिर वे कैसे मतदाता से गद्दारी कर सकते हैं। ये महाराज तंत्र नहीं लोकतंत्र है। इस महाराज तंत्र को मिटाकर लोकतंत्र को खड़ा करना आपकी जिम्मेदारी है।
प्रदेश में ये गद्दारी का तीसरा अवसर है। पहले अंग्रेज़ों का साथ देने के लिए सिंधिया खानदान ने देश से गद्दारी की। दूसरा आज़ाद भारत में भी मध्यप्रदेश में पहला दलबदल और सरकार गिराने का काम भी महल के इशारे पर हुआ। राजमाता सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत कर संविद सरकार बनवाई। अब तीसरी बार फिर प्रदेश में चुनी हुई सरकार गिराई गई। इस बार चुनी हुई सरकार गिराकर लोकतंत्र की हत्या की ज्योतिरादित्य सिंधिया ने।
जनादेश का अपमान किसी भी प्रदेश के मतदाता के लिए एक अपमान है। जनादेश को ठुकराने वालों को ठोकर जरुरी है। प्रदेश में यदि आ इस तरह से लोकतंत्र के बिकने को नहीं रोका गया तो पूरे देश में हम भी बिहार, उत्तरप्रदेश और कर्नाटक के जैसे कलंकित प्रदेश कहलायेंगे। जरुरी है कि प्रदेश को ऐसी राजनीति से बचाकर इसकी स्वच्छ छवि को बरक़रार रखा जाए।
ये मामला सिर्फ 22 विधायकों की टूट का नहीं है। ये सत्ता की भूख, निजी स्वार्थ का है। आखिर कौन भरोसा करेगा इस बात पर कि उसूल और जनता के दर्द को दूर करने के लिए विधायकी और मंत्री पद छोड़ दिया। पद छोड़ने वाले फिर पद के लिए दौड़ नहीं लगाते। दौड़ तो छोड़िये इस वक्त पद की वापसी के लिए आपने लोगों के चरणों में लौटते हुए मंत्री भी देखे होंगे। क्या उसूल वाले ऐसे चरणों में लौटते हैं।
पद का त्याग नहीं ये पद की पैसो की लालसा का मामला है। त्याग ही करना था तो पद छोड़कर कांग्रेस में ही रहते। दूसरे दल में क्यों जाने की जरुरत पड़ी ? यदि आपमें इतना ही त्याग है तो इस्तीफा देकर निर्दलीय लड़ते। देखते तो जनता आपको कितना त्यागी मानती है। सबसे बड़ी बात बिना विधायक बने मंत्री बनने की के जरुरत थी। थोड़ा रुक जाते। जनता का फैसला तो सुन लेते।
प्रदेश की राजनीति का ये अब तक का सबसे गन्दा दौर है। अगर इसे आज नहीं रोका गया तो आज हम सिर्फ बिकाऊ के नारे लगा रहे हैं। भविष्य में हिंसा और धमकी के दम पर प्रदेश में विधायकों को बंधक बनाकर अपनी तरफ किया जाएगा। जनता जिसे हरा देगी उसे खरीदकर जीतने की इस परम्परा को रोकना प्रदेश के हर व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए। वोट देते वक्त एक बार प्रत्याशी की गद्दारी का चेहरा जरूर देखिये।
मध्यप्रदेश में ये जो तख्ता पलट हुआ है। इसके राजनीतिक मायने छोड़ दीजिये। एक तटस्थ मतदाता, नागरिक के तौर पर इसे देखिये। क्या कांग्रेस की सरकार गिरने से कुछ बदलाव हुआ। आधे से ज्यादा मंत्री तो अब भी वही हैं जो उस सरकार में थे। ये वही मंत्री हैं जिनपर भाजपा हमेशा भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही। भाजपा में आते ही ये सब मर्यादा पुरुष और बेचारे कैसे हो सकते हैं।
पंकज मुकाती (राजनीतिक विश्लेषक ), इंदौर
मुंबई, 31 अक्टूबर | मुंबई के मोहम्मद अली रोड पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तस्वीर पाए जाने के कुछ देर बाद ही, मुंबई पुलिस ने इसे सड़क से हटा दिया। अधिकारियों ने यहां शुक्रवार को यह जानकारी दी। पोस्टर कुछ अज्ञात लोगों ने लगाए थे, जिसका वीडियो कुछ लोगों ने बना लिया। सोशल मीडिया में वायरल हुए इन वीडियोज में लोगों और वाहनों को तस्वीर के ऊपर से गुजरते देखा जा सकता है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पयधोनी पुलिस स्टेशन की एक टीम सड़क पर पहुंची और पोस्टर को हटा दिया। इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है, क्योंकि पुलिस शुक्रवार दोपहर ईद मिलाद उन नबी जुलूस की वजह से काफी व्यस्त थी।
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों हाल ही में मोहम्मद के कार्टून और आतंकवादी घटनाओं के सिलसिले में दिए अपने बयानों की वजह से विश्वभर में मुस्लिमों के निशाने पर आ गए हैं।
इस बीच, भाजपा नेता अतुल भटकेलकर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फ्रांस के राष्ट्रपति के पोस्टर को सड़क पर चिपकाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
--आईएएनएस
प्रयागराज, 31 अक्टूबर | इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन मान्य नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने दिया है। न्यायालय ने कहा कि क्योंकि ऐसा धर्मपरिवर्तन किसी विशेष उद्देश्य के लिए किया जाता है।
विपरीत धर्म के जोड़े की याचिका को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने याचियों को संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होकर अपना बयान दर्ज कराने की छूट दी है। याची ने परिवार वालों को उनके शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति ने मुजफ्फरनगर जिले की प्रियांशी उर्फ समरीन व अन्य की याचिका पर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि एक याची मुस्लिम तो दूसरा हिंदू है। लड़की ने 29 जून, 2020 को हिंदू धर्म स्वीकार किया और एक महीने बाद 31 जुलाई को विवाह कर लिया। कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन किया गया है।
हाई कोर्ट ने नूर जहां बेगम केस के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि शादी के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। इस केस में हिंदू लड़कियों ने धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी की थी। सवाल था कि क्या हिंदू लड़की धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी कर सकती है और यह शादी वैध होगी।
कुरान की हदीसों का हवाला देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि इस्लाम के बारे में बिना जाने और बिना आस्था विश्वास के धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। यह इस्लाम के खिलाफ है। इसी फैसले के हवाले से कोर्ट ने मुस्लिम से हिंदू बन शादी करने वाली याची को राहत देने से इनकार कर दिया है।
--आईएएनएस
पटना, 30 अक्टूबर | बिहार चुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को प्याज और आलू की कीमतों में हुई वृद्घि को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जबरदस्त सियासी हमला बोला है। उन्होंने भाजपा के नेताओं पार कटाक्ष करते हुए कहा कि महंगाई पहले इनके लिए 'डायन' थी लेकिन अब 'भौजाई' बन गई है।
तेजस्वी ने शुक्रवार को अपन सभी चुनावी सभाओं में प्याज की कीमतों में हुई वृद्घि को लेकर भाजपा और जदयू को घेरने की कोशिश की।
समस्तीपुर के हसनपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्याज का दाम अब शतक लगा रहा है जबकि आलू अद्र्घशतक बना चुका है। भाजपा के लोग पहले प्याज की बढ़ी कीमत पर प्याज का माला पहनकर 'महंगाई डायन खाए जात है' गाते थे, लेकिन अब लगता है कि महंगाई इनकी 'भौजाई' हो गई है।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी लिखा, "महंगाई ने आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। प्याज ने शतक लगा दिया है। भाजपा वालों के लिए पहले महंगाई डायन थी, अब भौजाई है। डबल इंजन सरकार महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी पर विमर्श ही नहीं करना चाहती।"
तेजस्वी लगातार नीतीश सरकार पर विभिन्न मुद्दों को लेकर निशाना साध रहे हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर | देश में आलू के दाम पर लगाम लगाने के मकसद से केंद्र सरकार ने अगले साल 31 जनवरी तक भूटान से बगैर लाइसेंस के आलू आयात की इजाजत दी है। विदेश व्यापार निदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से शुक्रवार जारी एक अधिसूचना के अनुसार, 31 जनवरी 2021 तक भूटान से बगैर लाइसेंस के आलू आयात करने की अनुमति दी गई है।
आलू का आयात प्रतिबंधित श्रेणी में आता है, इसलिए इसके आयात के लिए लाइसेंस केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले डीजीएफटी से आयात करने की आवश्यकता होती है। लेकिन सरकार ने आलू आयात के नियमों में ढील देते हुए भूटान से बगैर लाइसेंस के 31 जनवरी 2021 तक आयात करने की इजाजत दी है।
केंद्र सरकार ने 10 लाख टन आलू टेरिफ रेट कोटे के तहत 10 फीसदी आयात शुल्क पर आयात करने की अनुमति दी है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, रेल, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को यहां वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि भूटान से 30,000 टन आलू मंगाया रहा है जिससे त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को कम दाम पर मिल सके।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर | केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बताया कि सरकार भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन लाने पर विचार कर रही है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, रेल, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए यहां एक प्रेसवार्ता के दौरान इस संबंध पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार इस संबंध में विचार कर रही है।
बीआईएस इस समय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय अधीन है। भारतीय मानक ब्यूरो की स्थापना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 1986 के तहत हुई थी।
नये भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के तहत इसे देश की राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप स्थापित किया गया है।(आईएएनएस)
भोपाल, 30 अक्टूबर। मध्य प्रदेश में उपचुनावों के चलते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से दिए जा रहे बेबाक बयान अब उनके लिए मुश्किल बनते जा रहे हैं। पहले इमरती देवी को आइटम कहना और फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नौटंकी कलाकार कहना अब कमलनाथ के लिए भारी पड़ता जा रहा है। चुनाव आयोग ने पहले उन्हें नोटिस भेजा और बाद में उनकी ओर से मिले जवाब को संतोषजनक नहीं माना। अब उनका स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया गया है। हालांकि वे चुनाव में प्रचार कर सकेंगे लेकिन इसका पूरा खर्च उम्मीदवार के खाते में जुड़ेगा। जानकारी के अनुसार यह आदेश शुक्रवार शाम 5 बजे से प्रभावी माना जाएगा।
आगे क्या होगा
चुनाव आयोग ने तत्काल आदेश जारी करते हुए कमलनाथ पर कार्रवाई की है। आयोग ने शुक्रवार शाम 5 बजे से ही कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया है। हालांकि कमलनाथ इस दौरान भी कांग्रेस के लिए प्रचार कर सकते हैं लेकिन उनके प्रचार पर जाने के चलते होने वाला पूरा खर्च उम्मीदवार को वहन करना होगा।
कांग्रेस ने कहा- ये एकतरफा कार्रवाई
कमलनाथ पर चुनाव आयोग की कार्रवाई के बाद कांग्रेस ने आदेश के खिलाफ कोर्ट जाने का ऐलान किया है। कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि आयोग की कार्रवाई पूरी तरह से एकतरफा है। अब इस आदेश के खिलाफ कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रही है। गुप्ता ने कहा कि बीजेपी के नेताओं के खिलाफ भी कांग्रेस ने शिकायत की लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब कांग्रेस मामले पर विधि विशेषज्ञों से राय लेगी और कोर्ट का रुख करेगी।
क्या कहा था कमलनाथ ने
कमलनाथ ने चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा था। उन्होंने सीएम को नौटंकी कलाकार कहा था। कमलनाथ ने कहा था कि वे मुंबई जाकर एक्टिंग करें। इसके साथ ही उन्होंने शिवराज सिंह चौहान पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि आपके भगवान तो वह माफिया हैं जिससे आपने मध्यप्रदेश की पहचान बनाई है। आपके भगवान को मिलावटखोर हैं।
अमेठी, 30 अक्टूबर| उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक दर्दनाक वाकया सामने आया है। दलित ग्राम प्रधान के पति को राजनीतिक दुश्मनी के कारण बदमाशों ने कथित तौर पर जलाकर मार डाला। वह गुरुवार की देर रात बंदोइया गांव के बाहरी इलाके में आग की लपटों में घिरे पाए गए थे और स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित किया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन बुरी तरह से जले होने के कारण शुक्रवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।
मृतक की पहचान 50 वर्षीय अर्जुन के रूप में हुई है।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मौजूदा तनाव को देखते हुए गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों से बात की है और मामले में सख्त कार्रवाई के लिए कहा है।
थाना प्रभारी मिथिलेश सिंह ने कहा कि परिवार ने अभी तक कोई शिकायत नहीं दी है, लेकिन पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उनकी पत्नी छोटका, जो कि ग्राम प्रधान हैं, ने कहा कि उनके पति किसी काम से बाहर गए थे और गुरुवार की देर रात तक घर नहीं लौटे।
उन्होंने कहा, "हमें फिर जानकारी दी गई कि उन्हें गांव के बाहर सुनसान जगह पर आग के हवाले कर दिया गया। यह राजनीतिक रंजिश के कारण किया गया है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर| एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने कहा है कि गुजरात विधानसभा की आठ सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों के करीब 18 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सूचना दी है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 80 में से 14 उम्मीदवारों, जिनके चुनाव हलफनामों का विश्लेषण किया गया है, उन पर आपराधिक मामले घोषित किए गए हैं। इनमें से सात उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय आदिवासी पार्टी के दो उम्मीदवारों में से एक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आठ उम्मीदवारों में से तीन, कांग्रेस के आठ उम्मीदवारों में से दो और 53 निर्दलीय उम्मीदवारों में से आठ ने उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
गंभीर आपराधिक मामलों का सामना करने वालों में भारतीय आदिवासी पार्टी के दो उम्मीदवारों में से एक, भाजपा के आठ उम्मीदवारों में से दो, और 53 निर्दलीय उम्मीदवारों में से चार शामिल हैं।
दो उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या का प्रयास संबंधी मामले लंबित हैं। आठ निर्वाचन क्षेत्रों में से दो 'रेड अलर्ट' निर्वाचन क्षेत्र हैं- जहां तीन से अधिक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
एडीआर ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि उन्होंने फिर से लंबित आपराधिक मामलों वाले लगभग 18 फीसदी उम्मीदवारों को टिकट देने की अपनी पुरानी प्रथा का पालन किया है। गुजरात उपचुनाव लड़ने वाले सभी प्रमुख दलों ने 25 से 38 फीसदी ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है।"
13 फरवरी, 2020 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने विशेष रूप से पार्टियों को ऐसे उम्मीदवारों के चयन के लिए कारण बताने के निर्देश दिए थे। अदालत का कहना था कि पार्टी साफ-सुधरी छवि वाले नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाने के बजाय आखिर आपराधिक छवि के लोगों को पार्टी टिकट के लिए क्यों चुनती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में आठ विधानसभा सीटों के लिए तीन नवंबर को उपचुनाव कराए जाएंगे। ये सीटें इसी साल कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई थीं।
गुजरात में जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें कच्छ की अबडासा, बोटाद की गढड़ा, अमरेली की धारी, मोरबी की मोरबी-मालिया, सुरेन्द्रनगर की लींबडी, वडोदरा की करजण, डांग की डांग विधानसभा की वलसाड की कपराडा सीट शामिल हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर| दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के छापे को बाधित करने के आरोपों पर आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी की शिकायत के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उन्होंने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व प्रमुख जफरुल इस्लाम खान की अगुवाई वाले चैरिटी अलायंस के कार्यालय परिसर में छापेमारी के दौरान बाधा डाली थी। एनआईए के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमारे पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) द्वारा शाहीन बाग पुलिस स्टेशन के साथ एक शिकायत साझा की गई थी।"
शिकायत के आधार पर, सरकारी अधिकारियों के काम में बाधा डालने के लिए खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एनआईए के सूत्रों के अनुसार, खान गुरुवार दोपहर दक्षिण दिल्ली के जामिया नगर इलाके में अपने समर्थकों के साथ जफरुल इस्लाम की अगुवाई वाले चैरिटी अलायंस के कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए और एनआईए अधिकारियों के रास्ते को अवरुद्ध करने का प्रयास किया।
एनआईए की छापेमारी एनजीओ के खिलाफ कथित तौर पर धर्मार्थ गतिविधियों के नाम पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी कृत्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने के मामले में लगातार दूसरे दिन कार्रवाई का एक हिस्सा थी।
एनआईए ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में नौ स्थानों पर छह एनजीओ और ट्रस्टों के कार्यालय परिसरों की तलाशी ली थी, जिसमें चैरिटी अलायंस भी शामिल था।
चैरिटी अलायंस के अलावा, फलाह-ए-आम ट्रस्ट, ह्यूमन वेलफेयर फाउंडेशन, जेएंडके यतीम फाउंडेशन, साल्वेशन मूवमेंट और जेएंडके वॉइस ऑफ विक्टिम्स (जेकेवीवीवी) के कार्यालयों पर आतंकवाद रोधी जांच एजेंसियों ने छापे मारे थे।
इससे पहले बुधवार को एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर और बांदीपोरा में 11 स्थानों पर और बेंगलुरु में एक स्थान पर छापा मारा था।
यह कार्रवाई भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की कई धाराओं के तहत एनआईए द्वारा 8 अक्टूबर को दर्ज एक ताजा मामले के मद्देनजर की गई है। (आईएएनएस)
बेगूसराय (बिहार), 30 अक्टूबर| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं की असली ताकत विकास कायरें को बताना है। उन्होंने कहा कि पहले जो चुनाव होता था वह जाति और मजहब के नाम पर होते थे, लेकिन आज नेता अपनी रिपोर्ट कार्ड लेकर आता है। बेगूसराय में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि कोरोना को लेकर जब लॉकडाउन हुआ तब भारत में सिर्फ एक कोरोना टेस्टिंग लेबोरेटरी थी, आज भारत में 1,650 टेस्टिंग लेबोरेटरी हैं।
उन्होंने कहा, "पहले प्रतिदिन 1,500 कोरोना के टेस्ट किए जाते थे और आज 15 लाख प्रतिदिन टेस्टिंग कैपेसिटी पहुंच गई है। इसे याद रखना हेागा।"
उन्होंने विकास कायरे को बताते हुए इसे रिपोर्ट कार्ड बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता जब चुनावी सभा में आते हैं तो छाती ठोक कर बता सकते हैं कि हमने विकास के क्या-क्या कार्य किये हैं, ये हमारी ताकत है।
भाजपा नेता ने कहा कि पहले चुनाव जाति और मजहब के आधार पर होते थे। लेकिन जब से नरेन्द्र मोदी भारत की राजनीति में प्रधानमंत्री बने, तबसे भारत की राजनीति की चाल, चरित्र और संस्कृति बदल गई। अब जो भी नेता आता है अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आता है।
उन्होंने लोगों से राजग को वोट देने की अपील करते हुए पूछा, "आपको लालटेन जलानी है कि एलईडी बल्ब जलाना है? लूटराज रखना है या डीबीटी से सीधे सरकारी योजनाओं का पैसा खाते में चाहिए? बाहुबल चाहिए या विकास बल चाहिए? आपको बिहार का विकास करना है तो राजग को जिताना है।"
उन्होंने बिहार में बदलाव की चर्चा करते हुए कहा कि बेगूसराय में आज से 15 साल पहले स्ट्राइक (हड़ताल) के बिना कुछ नहीं होता था, लेकिन आज यहां मेडिकल कॉलेज बन रहा है। यहां इंजीनियरिंग कॉलेज बन रहा है।
भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है।
उन्होंने कहा, "बेगूसराय अपने आप में राजनीतिक चेतना की भूमि है। बिहार की बात करूं तो जयप्रकाश जी ने आजाद भारत में एक वैकल्पिक सरकार देने का काम किया। ऐसी धरती जिसने देश को दिशा दी है, वो बिहार को दिशा देने में सक्षम है। आप सब एकजुट होकर राजग के उम्मीदवारों को जिताएं।" (आईएएनएस)
श्रीनगर, 30 अक्टूबर| जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने उत्तर कश्मीर के हंदवाड़ा से आतंकवादियों के दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि देशविरोधी तत्वों के बारे में खुफिया सूचना के आधार पर, हंदवाड़ा पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के साथ शहर में विभिन्न जगहों पर चेक प्वाइंट बनाए और वाहनों व राहगीरों की तलाशी ली।
पुलिस ने कहा, "चीनार पार्क हंदवाड़ा में चेकिंग के दौरान, बाइक पर सवार दो लोगों को संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया, जो पुलिस को देख कर भागने लगे, लेकिन पुलिस ने पीछा कर उन्हें पकड़ लिया।"
पुलिस ने कहा कि शुरुआती पूछताछ के दौरान पकड़े गए लोगों ने अपनी पहचान लियाकत अहमद मीर और आदिब राशिद मीर के रूप में बताई। दोनों त्रेहगाम कुपवाड़ा के निवासी हैं।
पुलिस ने कहा, "उनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया।"
उन्होंने कहा, "पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि दोनो सहयोगी के तौर पर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करते हैं और उनका काम दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति करना है।"
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। (आईएएनएस)