राष्ट्रीय
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 14 अप्रैल | देश में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बुधवार को बुलाई उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक संजीदा अभिभावक की भूमिका में दिखे। उन्होंने बैठक में कोविड 19 के खतरे के बीच बच्चों की सेहत से जुड़ी चिंताओं की खास चर्चा की। उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पहले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं को सिर्फ टालने का प्रस्ताव अफसरों की तरफ से आया था। अफसरों ने कहा कि माहौल सामान्य होने पर आगे परीक्षाएं करवाई जा सकती हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा कि बच्चों के लिए किसी तरह का खतरा मोल नहीं ले सकते।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हाईस्कूल के बच्चों की उम्र कम होती है, ऐसे में उनकी परीक्षा स्थगित नहीं बल्कि रद्द करनी जरूरी है। वहीं प्रधानमंत्री ने 12 वीं की परीक्षा को स्थगित करने पर मंजूरी दी। बैठक में कहा गया कि 12 वीं के बाद विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे कॉलेज में जाना पड़ता है, ऐसे में उनकी परीक्षाएं आगे कराई जा सकती हैं। बैठक में शामिल उच्चस्तरीय सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप के बाद हाईस्कूल की परीक्षा रद्द हुई।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 12 वीं की परीक्षा आगे जब भी कराई जाएं, तब विद्यार्थियों को समय से पहले जानकारी दी जाए। कोरोना काल में परेशान बच्चों और अभिभावकों की शिक्षा मंत्रालय व स्कूल हरसंभव मदद करें। देश के होनहारों को इस माहौल में निराशा नहीं बल्कि आशा की ओर ले जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उच्चस्तरीय बैठक खत्म होने के बाद शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने निर्णयों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चार मई से 14 जून के बीच होने वाली सीबीएसई की 10 वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। बोर्ड की ओर से उचित पैमाना बनाकर दसवीं का रिजल्ट जारी होगा। नंबर से असंतुष्ट अभ्यर्थी इसके खिलाफ अपील करेंगे तो उन्हें आगे परीक्षा का मौका मिल सकता है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि चार मई से 14 जून के बीच होने वाली 12 वीं की परीक्षा को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। एक जून को हालात की समीक्षा करने के बाद 12 वीं की परीक्षा कराने पर विचार होगा। हालांकि, परीक्षार्थियों को परीक्षा से 15 दिन पहले सूचना दी जाएगी।(आईएएनएस)
कोलकाता, 14 अप्रैल | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस के नेता और पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को आईकोर चिट फंड घोटाले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब किया है। जांच से जुड़े ईडी के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "एजेंसी ने चटर्जी को अगले सप्ताह पूछताछ के लिए बुलाया है।"
इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी इस साल 23 मार्च को चटर्जी का बयान दर्ज किया था।
ईडी ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 2014 के आईकोर समूह घोटाले के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन का मामला दर्ज किया है।
आईकोर समूह के निदेशकों, अनुकुल मैती और उनकी पत्नी कनिका को पिछले साल एजेंसी ने गिरफ्तार किया था।
ओडिशा के झारपाड़ा जेल में बंद होने के बाद सीने में दर्द की शिकायत के बाद मैती का पिछले साल नवंबर में अस्पताल में निधन हो गया था।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 अप्रैल | ताइवान की तकनीकी दिग्गज आसुस ने बुधवार को अपनी जेनबुक सीरीज का विस्तार करते हुए भारत में दो नए लैपटॉप जेनबुक डुओ 14 और जेनबुक प्रो डुओ 15 ओएलईडी का अनावरण किया। जेनबुक डुओ 14 (यूएक्स 482) 99,990 रुपये की शुरूआती कीमत पर ऑनलाइन और ऑफलाइन चैनलों पर उपलब्ध है, जबकि जेनबुक प्रो डुओ 15 ओएलईडी (यूएक्स 582) मई के मध्य से 2,39,990 रुपये की शुरूआती कीमत पर उपलब्ध होगा।
आसुस इंडिया, सिस्टम बिजनेस ग्रुप, कंज्यूमर एंड गेमिंग पीसी के बिजनेस हेड आर्नोल्ड सु ने एक बयान में कहा कि उनका काम इनोवेशन की सीमाओं को आगे बढ़ाना है और अपने उपभोक्ताओं की उम्मीदों से ऊपर और आगे जाने की कोशिश करना है।
उन्होंने कहा, "हम इस उत्पाद को भारतीय बाजार में पेश करने के लिए बहुत उत्साहित हैं।"
जेनबुक डुओ 14 इंटेल ईवो सत्यापित है और इंटेल आइरिस एक्स ग्राफिक्स के साथ इसमें 11वीं जनरेशन इंटेल कोर आई7 प्रोसेसर दिया गया है।
यह नविदिया जीफोर्स एमएक्स450 जीपीयू के विकल्प के साथ भी पेश किया गया है। कंपनी ने कहा कि जेनबुक डुओ 14 इंच के एलईडी-बैकलिट फुल एचडी 1080पी डिस्प्ले के साथ 100 प्रतिशत एसआरजीबी कवरेज का दावा करता है।
ड्यूल-स्क्रीन के अलावा, जेनबुक प्रो डुओ 15 ओएलईडी 10वीं जनरेशन इंटेल कोर आई9 प्रोसेसर दिया गया है, जो कि निविदिया जीफोर्स आरटीएक्स 3070 और 32 जीबी डीडीआर4 रैम द्वारा समर्थित है।
लैपटॉप में नए टिल्टिंग स्क्रीनपैड प्लस के साथ ही एक सेकेंडरी टचस्क्रीन की सुविधा भी दी गई है।
नेनोएज ओएलईडी 4के डिस्प्ले के अलावा, जेनबुक प्रो डुओ 15 ओएलईडी भी यूजर्स को एक समग्र अनुभव प्रदान करने के लिए अल्ट्रा-स्लिम बेजल की सुविधा प्रदान करता देता है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 14 अप्रैल | केंद्र पर दबाव बनाए रखने के लिए, कांग्रेस ने कोविड के मामलों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शनिवार को अपनी कार्य समिति सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई है। इससे एक सप्ताह पहले कांग्रेस शासित राज्यों के मंत्री और मुख्यमंत्री ने कोविड -19 संकट पर बैठक की थी।
कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कोविड के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं और उपकरणों पर जीएसटी से छूट देने की मांग की थी।
उन्होंने सरकार से प्रवासी श्रमिकों की राहत और पुनर्वास के लिए एक प्रणाली स्थापित करने का आग्रह किया और हर महीने 6,000 रुपये पात्र लोगों को हस्तांतरित करने का आग्रह किया, क्योंकि वायरस फैलाने से रोकने के लिए कर्फ्यू और प्रतिबंध लगाए गए हैं।
कांग्रेस ने 'सभी के लिए टीकाकरण' के लिए एक सोशल मीडिया अभियान भी शुरू किया है।
यह दावा करते हुए कि देश टीकों की कमी का सामना कर रहा है, पार्टी ने कहा कि टीके के निर्यात को तुरंत रोका जाना चाहिए और भारत के लोगों को पहले टीका लगाया जाना चाहिए।
(आईएएनएस)
मुजफ्फरपुर, 14 अप्रैल | बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र में अज्ञात बदमाशों ने एक कुरियर कंपनी से 14 लाख रुपये लूटकर फरार हो गए। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मंगलवार की रात अपराधियों ने बैरिया बस पड़ाव के समीप स्थित एक कूरियर कंपनी के कार्यालय में उस समय धावा बोल दिया जब वहां कर्मचारी पैसों का हिसाब कर रहे थे।
इसके बाद चार की संख्या में आए अपराधियों ने कर्मचारियों को हथियार के बल पर अपने कब्जे में कर लिया और वहां रखे 14 लाख रुपये लूटकर फरार हो गए।
मुजफ्फरपुर (नगर) के पुलिस उपाधीक्षक रामनरेश पासवान ने बुधवार को बताया कि 14 लाख रुपये की लूट की बात कही गई है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। उन्होंने कहा कि आसपास के सीसीटीवी को खंगाला जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही अपराधियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी। (आईएएनएस)
महाराष्ट्र में 15 दिनों के लिए आवश्यक सेवाओं के अलावा सभी तरह की आवाजाही बंद कर दी गई है. राज्य सरकार इसे तालाबंदी नहीं कह रही है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इसका आर्थिक असर लगभग तालाबंदी जैसा ही होगा.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट
महाराष्ट्र में बुधवार 14 अप्रैल शाम आठ बजे से अगले 15 दिनों तक के लिए पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी जाएगी, जिसका मतलब है बिना प्रशासन की अनुमति के कहीं पर भी चार से ज्यादा लोग इकठ्ठा नहीं हो सकते हैं. आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर हर तरह की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है. यह प्रतिबंध पूरे राज्य में सुबह सात बजे से शाम आठ बजे तक लागू रहेंगे. उसके बाद से सुबह तक कर्फ्यू लगा रहेगा.
आवश्यक सेवाओं में अस्पताल, बैंक, मीडिया, ई-कॉमर्स और पेट्रोल/डीजल/सीएनजी स्टेशनों को रखा गया है. किराना की दुकानें, फलों, सब्जियों और दूध की दुकानें, बेकरी और हर तरह के खाने पीने से जुड़ी दुकानें खुली रहेंगी. रेस्तरां बंद रहेंगे और उन्हें सिर्फ खाने की डिलीवरी करने की अनुमति मिलेगी. ई-कॉमर्स के डिलीवरी वालों को भी सिर्फ आवश्यक वस्तुएं घरों तक पहुंचाने की अनुमति मिलेगी, वो भी ई-पास ले कर.
शॉपिंग केंद्र, मॉल, फिल्म शूट, सिनेमा घर, समुद्र तट, पार्क, धार्मिक स्थल आदि सभी स्थान बंद रहेंगे. शादियों में सिर्फ 25 और अंतिम संस्कार में 20 लोगों को उपस्थित रहने की अनुमति मिलेगी. बस और लोकल ट्रेन जैसी सार्वजनिक यातायात सेवाएं चलती रहेंगी, लेकिन यात्रा की अनुमति सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को मिलेगी.
घरों में काम करने वालों, खाना पकाने वालों, ड्राइवरों इत्यादि को आवश्यक सेवाओं में शामिल नहीं किया गया है, इसलिए उन्हें आने जाने और काम करने की अनुमति मिलेगी या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है. ऐसे उद्योग जिन्हें काम बंद कर दोबारा शुरू करने में ज्यादा समय लगता है उन्हें 50 प्रतिशत क्षमता पर काम जारी रखने की अनुमति दी गई है.
उनसे उम्मीद की जा रही है कि वो श्रमिकों को परिसर में ही रखेंगे या एक ऐसी अलग जगह रखेंगे जहां से वे अलग से एक 'बबल' जैसे इंतजाम में सिर्फ काम के लिए आना-जाना कर सकें. प्रतिबंधों से होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने 5,476 करोड़ रुपयों के एक पैकेज की भी घोषणा की है. इसके तहत खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को एक महीने के लिए प्रति व्यक्ति तीन किलो आटा और दो किलो चावल मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा.
'शिव भोजन थाली' योजना के तहत दो लाख लोगों को मुफ्त खाना देने की कोशिश की जाएगी. लाइसेंस-प्राप्त पांच लाख रेहड़ी-पटरी वालों और 12 लाख ऑटो रिक्शा वालों को 1,500 रुपए दिए जाएंगे. 12 लाख आदिवासी परिवारों को 2,000 रुपए दिए जाएंगे. निर्माण क्षेत्र के 12 लाख श्रमिकों को भी 1,500 रुपए दिए जाएंगे. जानकारों का कहना है कि इन प्रतिबंधों का आर्थिक असर लगभग तालाबंदी के जैसा ही होगा. (dw.com)
उत्तराखंड की वन पंचायतें सामुदायिक वनों को कुशलता से प्रबंधित करने के लिए जानी जाती हैं. प्रत्येक वन पंचायत स्थानीय जंगल के उपयोग, प्रबंधन और सुरक्षा के लिए अपने नियम बनाती है.
पहाड़ों में रहने वाले लोगों के लिए जंगल बहुत उपयोगी हैं. यह लोगों की बुनियादी जरूरतें जैसे कि साफ पानी, शुद्ध हवा और जलावन इत्यादि मुहैया कराते हैं. उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ जिले में सरमोली गांव की वन पंचायत की सरपंच मल्लिका विर्दी ने बताया, "जहां भी जंगल लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, जंगल स्वस्थ हैं." उनकी वन पंचायत को पहाड़ी राज्य की सबसे बेहतरीन जगहों में गिना जाता है.
वन पंचायत एक स्थानीय रूप से चुनी गई संस्था को संदर्भित करता है जो एक टिकाऊ तरीके से सामुदायिक वनों के प्रबंधन के लिए गतिविधियों की योजना और आयोजन करता है. उदाहरण के लिए, विर्दी गांव में, समुदाय के लोग झाड़ियों को साफ करते हैं, खरपतवार निकालते हैं और अच्छी गुणवत्ता वाली घास प्राप्त करते हैं. मल्लिका विर्दी बताती हैं, "अगर हम जंगल को ऐसे ही छोड़ देते हैं, तो झाड़ियां पेड़ों की तरह लंबी हो जाएंगी. वनों का प्रबंधन आवश्यक है."
2020-21 उत्तराखंड आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार उत्तराखंड में 51,125 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्र में से लगभग 71.05 प्रतिशत भूमि वन आच्छादित है. इसमें से 13.41 प्रतिशत वन क्षेत्र वन पंचायतों के प्रबंधन के अंतर्गत आता है और राज्य भर में ऐसी 12,167 वन पंचायत हैं.
उत्तराखंड की वन पंचायतें सामुदायिक वनों को कुशलता से प्रबंधित करने के लिए जानी जाती हैं. प्रत्येक वन पंचायत स्थानीय जंगल के उपयोग, प्रबंधन और सुरक्षा के लिए अपने नियम बनाती है. ये नियम वन रक्षकों के चयन से लेकर बकाएदारों को दंडित करने तक हैं. सरमोली के विरदी गांव में जुर्माना शुल्क 50 रुपये से 1,000 रुपये तक जा सकता है. बागेश्वर जिले के अदौली पंचायत के सरपंच रहे पूरन सिंह रावल कहते हैं, "वन पंचायतें पर्यावरण संरक्षण से जुड़े सभी काम करती हैं जैसे जल स्रोतों का पुनरुद्धार, जल संरक्षण, आग से बचाव और वृक्षारोपण."
वन पंचायतें ज्यादातर एक-दूसरे से स्वतंत्र रूप से काम करती हैं लेकिन सहयोग के उदाहरण असामान्य नहीं हैं. सरमोली का मामला लें. चूंकि ग्रामीणों को सर्दियों के दौरान अपने ही जंगल से पर्याप्त घास नहीं मिलती है, वे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए शंखधुरा के निकटवर्ती गांव में जंगल का दौरा करते हैं.
ये वन पंचायतें यह भी सुनिश्चित करती हैं कि वन संसाधनों का अत्यधिक उपयोग न हो. जून से सितंबर तक मानसून में ग्रामीणों और उनके मवेशियों के सभी मूवमेंट को रोक दिया जाता है. इस अवधि के दौरान लोग गांव के भीतर से ही अपने मवेशियों के लिए घास और चारे की व्यवस्था करते हैं. कुछ जंगल में गश्त करने और घुसपैठियों को पकड़ने के लिए ग्रामीणों को भी तैनात किया जाता है.
औपनिवेशिक शासन के खिलाफ एक सतत अभियान के बाद वन पंचायतों ने पारंपरिक रूप से आयोजित जंगलों के प्रबंधन के अपने अधिकार को जीत लिया. वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष तरुण जोशी का कहना है कि अंग्रेजों ने इन जंगलों को राज्य की संपत्ति घोषित किया था और उन पर प्रतिबंध लगा दिया था.
वर्षा सिंह (आईएएनएस)
चुनाव आयोग के फैसले से नाराज ममता बनर्जी मंगलवार को धरना देती हुई दिखाई दीं. इस बीच चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठ रहे हैं
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
कथित उत्तेजक बयानों की वजह से चुनाव आयोग की ओर से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर चौबीस घंटे की रोक ने आयोग को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. आयोग के फैसले के विरोध में ममता बनर्जी कोलकाता में गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठीं. ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी की प्रतिक्रिया तो स्वाभाविक है लेकिन विपक्षी सीपीएम और कांग्रेस ने भी आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है. शायद इसी वजह से आयोग ने मंगलवार को बीजेपी नेता राहुल सिन्हा के प्रचार पर 48 घंटे की रोक लगा कर और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष को 'कारण बताओ नोटिस' भेज कर अपने दामन पर लग रहे दाग को धोने का प्रयास किया है.
क्यों लगी ममता बनर्जी पर रोक
दरअसल अल्पसंख्यकों के एकजुट होने और महिलाओं की ओर से केंद्रीय बलों का घेराव करने जैसी टिप्पणियों के लिए आयोग ने पहले ममता को दो बार नोटिस भेजा था. लेकिन उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होने की वजह से ही आयोग ने रोक लगाई है. ममता बनर्जी पर लगी रोक सोमवार रात आठ बजे से लागू है. चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा था, "आयोग पूरे राज्य में कानून व्यवस्था की गंभीर समस्याएं पैदा कर सकने वाले ऐसे बयानों की निंदा करता है और ममता बनर्जी को सख्त चेतावनी देते हुए सलाह देता है कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के दौरान सार्वजनिक अभिव्यक्तियों के दौरान ऐसे बयानों का उपयोग करने से बचें."
टीएमसी ने आयोग के फैसले को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताते हुए इसे लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया था. ममता ने कहा, "मैं तो पहले से ही कहती रही हूं कि आयोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है. अब यह बात पूरी तरह साफ हो गई है." ममता बनर्जी ने कई मौकों पर चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार हिंसा के बाद आयोग ने पांचवें चरण के लिए प्रचार 72 घंटे पहले खत्म करने का आदेश दिया था.
10 अप्रैल को मतदान के दौरान हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत के बाद ममता बनर्जी ने एलान किया था कि वे रविवार को कूचबिहार जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगी. लेकिन आयोग ने तीन दिनों तक राजनेताओं के इलाके में जाने पर पाबंदी लगा दी थी. ममता बनर्जी ने तब चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा था कि चुनाव आयोग को आदर्श आचार संहिता का नाम बदलकर 'मोदी आचार संहिता' कर लेना चाहिए. अब वे 14 अप्रैल को कूचबिहार जाएंगी.
ममता ने मंगलवार को दोपहर बारह बजे से धरने पर बैठने का एलान किया था. लेकिन वे उससे करीब आधे घंटे पहले ही व्हीलचेयर पर वहां पहुंच गईं. उस समय उनके साथ पार्टी का कोई नेता या कार्यकर्ता नहीं था. धरना स्थल पर टीएमसी के झंडे या बैनर भी नहीं लगाए गए. ममता जहां धरने पर बैठीं, वह इलाका सेना के अधीन है. टीएमसी ने आज सुबह धरने की अनुमति के लिए सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय को एक पत्र भेजा था. लेकिन सेना ने इसकी अनुमति नहीं दी.
बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई
ममता बनर्जी को आज चार रैलियों को संबोधित करना था लेकिन पाबंदी की वजह से दो रैलियां रद्द कर दी गईं. अब रात आठ बजे पाबंदी की मियाद खत्म होने के बाद वे कोलकाता के आस-पास दो रैलियों को संबोधित करेंगी.
विपक्षी सीपीएम और कांग्रेस ने ममता के चुनाव प्रचार पर रोक के फैसले का तो स्वागत किया है लेकिन आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए हैं. सीपीएम नेता सूर्यकांत मिश्र कहते हैं, "आयोग को बीजेपी नेताओं के भड़काऊ बयानों पर भी उसी तरह कार्रवाई करनी चाहिए थी." कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर चौधरी ने आयोग के फैसले को जरूरी लेकिन मुख्यमंत्री के लिए अपमानजनक करार दिया है. उनका कहना है कि ममता पर पाबंदी तो ठीक है लेकिन इस मामले में आयोग निष्पक्ष नहीं नजर आ रहा है.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी एक ट्वीट के जरिए कहा है कि बीजेपी के इशारे पर ही ममता के खिलाफ कार्रवाई की गई है. राउत ने अपने ट्वीट में कहा है, "यह भारत में स्वतंत्र संस्थानों की संप्रभुता और लोकतंत्र पर सीधा हमला है. मैं बंगाल की शेरनी के प्रति एकजुटता व्यक्त करता हूं."
ममता के चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगाने के मुद्दे पर विपक्षी राजनीतिक दलों के सवालों के घेरे में खड़े चुनाव आयोग ने अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को 'कारण बताओ नोटिस' भेज कर चौबीस घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है. इसके साथ ही आयोग ने राहुल सिन्हा के चुनाव प्रचार पर अड़तालीस घंटे की पाबंदी लगा दी. यह कार्रवाई शीतलकुची कांड पर इन नेताओं के बयानों के आधार पर की गई.
दिलीप घोष ने कहा था कि अगर हालात नहीं सुधरे तो जगह-जगह शीतलकुची कांड हो सकता है. राहुल सिन्हा ने तो एक कदम आगे बढ़ाते हुए कहा था कि शीतलकुची में चार की बजाय आठ लोगों की मौत होनी चाहिए थी.
ममता बनर्जी के धरने की आलोचना
बीजेपी ने ममता बनर्जी के धरने की आलोचना की है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष कहते हैं, "ममता संसद, संविधान और सुप्रीम कोर्ट समेत तमाम संवैधानिक संस्थाओं के फैसलों के खिलाफ सड़क पर उतर रही हैं. किसी मुख्यमंत्री को यह सब शोभा नहीं देता. उनको फौरन अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए." उनका कहना था कि चुनाव आयोग ने पहले बीजेपी के कई नेताओं के प्रचार पर भी पाबंदी लगाई है. लेकिन पार्टी के किसी नेता ने इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन नहीं किया था.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि ममता को चुनाव आयोग के इस रुख से ममता बनर्जी को फायदा मिल सकता है. ममता और टीएमसी के तमाम नेता पहले से ही चुनाव आयोग पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाते रहे हैं. ऐसे में इस पाबंदी से लोगों में यह संदेश जाएगा कि ममता बनर्जी को हराने के लिए बीजेपी किसी भी हद तक जाने को तैयार है. टीएमसी अगले चार चरणों के मतदान के दौरान इसे मुद्दा बना सकती है.
एक पर्यवेक्षक विश्वनाथ चक्रवर्ती कहते हैं, "ममता बनर्जी को इसका फायदा मिल सकता है. लेकिन यह टकराव स्वस्थ चुनाव और लोकतंत्र के हित में नहीं है. दोनों पक्षों को इस टकराव से बचने का प्रयास करना चाहिए. इसके साथ ही भड़काऊ बयानों से भी परहेज किया जाना चाहिए." वरिष्ठ पत्रकार तापस मुखर्जी भी मानते हैं कि टीएमसी को इसका फायदा मिल सकता है. वह कहते हैं, "पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में आयोग की छवि पर दाग तो लगे ही हैं. अब इस स्थिति को नियंत्रण से बाहर नहीं जाने देना चाहिए. इसके लिए तमाम राजनीतिक दलों का साझा प्रयास जरूरी है." (dw.com)
नई दिल्ली, 13 अप्रैल | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने हवाला ऑपरेटरों से संबंधित त्रिपुरा के सात स्थानों पर तलाशी ली है और 80 लाख रुपये की नकदी और साथ ही 30 लाख बांग्लादेशी टका को जब्त किया है। ईडी के एक अधिकारी ने यहां कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी ने त्रिपुरा पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में, पश्चिम अगरतला और सोनमुरा क्षेत्र में सात स्थानों पर तलाशी ली।
उन्होंने कहा, "तलाशी अभियान के दौरान, हवाला लेनदेन में शामिल 80 लाख रुपये और 30 लाख बांग्लादेशी टका को जब्त कर ली गई है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अप्रैल | हैदराबाद स्थित दवा बनाने वाली प्रमुख कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) ने घोषणा की कि उसे ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की ओर से आपात स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए भारत में स्पुतनिक वी वैक्सीन आयात करने की अनुमति मिल गई है। कुछ चीजें हैं, जो आपको कोविड-19 वैक्सीन के बारे में जानने की जरूरत है।
कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के बाद, मॉस्को में गेमाले नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित स्पुतनिक-वी, अब भारत में आपातकालीन उपयोग अनुमोदन प्राप्त करने वाली तीसरी कोविड-19 वैक्सीन है।
दिशानिर्देशों के अनुसार, वैक्सीन को इसके तरल रूप में माइनस 18 डिग्री सेल्सियस तापमान पर संग्रहित किया जाना चाहिए।
हालांकि, इसे पारंपरिक रेफ्रिजरेटर में फ्रीज-ड्राइड रूप में 2-8 डिग्री सेल्सियस तामपान पर संग्रहित किया जा सकता है, जिससे इसे परिवहन और स्टोर करना आसान हो जाता है।
हाल ही में द लांसेट नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में स्पुतनिक-वी की प्रभावशीलता 91.6 प्रतिशत निर्धारित की गई थी।
सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में एसोसिएट प्रोफेसर हर्षल आर. साल्वे ने आईएएनएस को बताया, "भारतीय आबादी में इसकी प्रभावकारिता के बारे में साक्ष्य उत्पन्न करने की आवश्यकता है। स्पुतनिक वी देश को एक और विकल्प प्रदान करेगा।"
मेदांता - द मेडिसिटी, गुड़गांव में संक्रामक रोग विशेषज्ञ नेहा गुप्ता के अनुसार, स्पुतनिक-वी एक वायरल वेक्टर्ड वैक्सीन है और इसके कोविशिल्ड के समान प्रदर्शन करने की संभावना है।
वैक्सीन 0.5 मिलीलीटर की दो खुराक के साथ 21 दिनों के अंतराल में दो बार दी जाएगी।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से एन. के. अरोड़ा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि पहली खुराक की संरचना दूसरी खुराक से अलग होगी और पहली खुराक और दूसरी के बीच कम से कम तीन से चार सप्ताह का अंतर होना चाहिए।
स्पुतनिक-वी को कोविड-19 से निपटने के लिए दुनिया भर के 60 देशों में मंजूरी दी गई है, जिसका सरकारी नियामकों द्वारा जारी किए गए अनुमोदन की संख्या के संदर्भ में विश्व स्तर पर कोविड-19 टीकों के बीच दूसरा स्थान है।
पिछले कुछ दिनों में कोरोना मामलों में वृद्धि और वैक्सीन की कमी की खबरों के बीच स्पुतनिक वी के लिए आपातकालीन स्वीकृति सामने आई है।
डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के सह-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी. वी. प्रसाद ने एक बयान में कहा, "हम भारत में स्पुतनिक-वी के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्राप्त करने पर बहुत खुश हैं। भारत में बढ़ते मामलों के साथ, कोविड के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीकाकरण सबसे प्रभावी उपकरण है।"
हैदराबाद स्थित कंपनी के अनुसार, उसे दवा और कॉस्मेटिक्स कानून के तहत नए दवा एवं चिकित्सकीय परीक्षण नियम, 2019 के प्रावधानों के अनुसार आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए भारत में स्पुतनिक वैक्सीन आयात करने की अनुमति मिली है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल इंडिया (डीसीजीआई) ने विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिशों के आधार पर वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, एसईसी ने विभिन्न नियामक प्रावधानों के अधीन आपातकालीन स्थितियों में स्पुतनिक-वी के सीमित उपयोग के लिए अनुमति देने की सिफारिश की है।" (आईएएनएस)
दिल्ली, अप्रैल 13 : डॉक्टर एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सरकारी अस्पतालों में वीआईपी कल्चर के खिलाफ शिकायत की है। डॉक्टरों की शिकायत है कि, सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को टेस्ट और ट्रीटमेंट के लिए राजनेताओं के घरों में बुलाया जाता है। डॉक्टरों द्वारा पीएम मोदी को लिखे पत्र में कई बड़े आरोप लगाए हैं, साथ ही डॉक्टरों को हो रही असुविधाओं का भी जिक्र किया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, डॉक्टरों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि राजनेताओं के घर पर फ्रंटलाइन डॉक्टरों के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है, जब वे टेस्ट पॉजिटिव हो जाते हैं, जबकि रैली में शामिल होने वाले राजनेताओं और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाती है, जिन्होंने सही मायने में रैलियां करके वायरस को फैलाने में अहम भूमिका निभाई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार के अस्पतालों में टेस्ट के लिए वीआईपी काउंटर हैं, जिससे सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और मंत्रियों को खुद का कोविड टेस्ट कराने की अनुमति मिलती है, लेकिन डॉक्टरों के पास परीक्षण के लिए कोई अलग काउंटर नहीं है। पत्र ने बताया कि अधिकांश राजनेताओं ने डॉक्टरों को अपने घरों पर बुलाया है, जबकि उन्हें चिकित्सा अधीक्षक की ओर से ऐसा करने का कोई कानूनी आदेश नहीं मिला था।
इस बीच, पिछले रविवार को पहली बार दिल्ली में एक दिन के दौरान महामारी शुरू होने के बाद कोरोना के नए मामलों का आंकड़ा 10,000 के आंकड़े को पार कर गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्थिति को बहुत ही गंभीर बताया है और लोगों से अपील की है कि जब तक जरूरी नहीं हो, घर से न निकलें। आपके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। आप वैक्सीन लगवा लें। सरकारी अस्पतालों में कोरोना का टीका फ्री में दिया जा रहा है। (hindi.oneindia.com)
नई दिल्ली, 13 अप्रैल | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) के 95वें वार्षिक सम्मेलन और कुलपतियों की राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर वह डॉ. बी. आर. अंबेडकर पर किशोर मकवाने द्वारा लिखित पुस्तकों का विमेचन भी करेंगे। इस कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल और मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्री भी मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन अहमदाबाद स्थित डॉ. बी. आर. अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय ने किया है।
देश में उच्च शिक्षा की मुख्य और शीर्ष संस्था भारतीय विश्वविद्यालयों का संघ (एआईयू) इस वर्ष 14-15 अप्रैल को अपने 95वें वार्षिक सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। यह सम्मेलन वह अवसर है, जब एआईयू अपनी पिछले वर्ष की उपलब्धियों का प्रदर्शन करता है, अपनी वित्तीय स्थिति का लेखा जोखा प्रस्तुत करता है और आने वाले वर्ष के लिए अपनी योजनाओं के बारे में बताता है।
यह वह मंच भी है, जिसमें जोनल कुलपति सम्मेलन की सिफारिशों तथा पूरे साल हुए अन्य वैचारिक आदान प्रदान के बारे में सदस्यों को जानकारी दी जाती है।
इस सम्मेलन के साथ ही एआईयू के 96वें स्थापना दिवस का समारोह भी मनाया जाएगा। एआईयू की स्थापना 1925 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सरीखे महान निष्ठावान नेताओं के संरक्षण में हुई थी।
इस सम्मेलन के दौरान ही कुलपतियों की एक राष्ट्रीय संगोष्ठी भी होगी, जिसका विषय 'भारत में उच्च शिक्षा में बदलाव लाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020' को लागू करना है। इसका उद्देश्य हाल में शुरू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए एक स्पष्ट कार्य योजना तैयार कर इसके लिए रणनीति बनाना है, ताकि इसे इसके प्राथमिक हितधारक-छात्रों के हित में प्रभावी रूप से लागू किया जा सके। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 13 अप्रैल | कोरोनावायरस मामलों में बढ़ोतरी के साथ राज्य में फिर से लॉकडाउन की आशंका और प्रवासी मजदूरों के पलायन के बीच, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को किसी भी तरह लॉकडाउन को लागू करने से इनकार कर दिया। विज ने मीडिया से कहा, "किसी को भी कहीं जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा।"
एक दिन पहले, राज्य में रात में 9 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है।
बढ़ते मामलों के साथ, विशेष रूप से गुरुग्राम में प्रवासी मजदूरों ने दहशत में अपने गृहस्थानों की ओर कूच करना शुरू कर दिया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने रिश्वतखोरी के एक कथित मामले में जम्मू के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में तैनात एक वरिष्ठ पासपोर्ट सहायक आदर्श कुमार को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के एक अधिकारी ने यहां कहा कि एजेंसी ने शिकायतकर्ता से 4,000 रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के लिए कुमार को गिरफ्तार किया।
एजेंसी ने एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अधिकारी ने जनवरी 2020 में शिकायतकर्ता के पासपोर्ट जारी करने के लिए रिश्वत की मांग की थी।
"शिकायतकर्ता को सूचित किया गया कि उसके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और इस वजह से, पासपोर्ट जारी करना लंबित था। शिकायतकर्ता ने हालांकि बताया कि वह उक्त प्राथमिकी में बरी हो गया है। इसके बाद, शिकायतकर्ता ने पासपोर्ट कार्यालय, जम्मू का दौरा किया और कुमार से मुलाकात की।"
सीबीआई ने कहा कि पासपोर्ट जारी करने के लिए कुमार ने कथित तौर पर 5,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी, लेकिन 4,000 रुपये स्वीकार करने के लिए सहमत हुए।
उन्होंने कहा, "सीबीआई ने जाल बिछाया और आरोपी को 4,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा और उसकी गिरफ्तारी के बाद, जम्मू और लखनऊ में कुमार के आवासीय परिसर में तलाशी ली गई।"
श्रीनगर, 13 अप्रैल | जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में पुलिस ने मंगलवार को आतंकी संगठन अल-बदर के एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया और दो आतंकवादी व उनके तीन सहयोगी पकड़े गए। अधिकारियों ने मंगलवार को हथियार और गोला-बारूद सहित आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की।
पुलिस ने कहा कि बारामूला-हंदवाड़ा हाईवे पर आतंकवादियों की आवाजाही के संबंध में एक विशेष सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस, सेना की 32 राष्ट्रीय राइफल्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 92 वें बटालियन द्वारा कछलो क्रॉसिंग के पास एक विशेष चौकी स्थापित की गई।
वाहनों की जांच के दौरान, एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन संदिग्ध लोगों ने मौके से भागने की कोशिश की, लेकिन सतर्क संयुक्त दल ने उन्हें पकड़ लिया।
पुलिस ने कहा कि उनकी पहचान मोहम्मद यासीन राथर, शौकत अहमद गनी और गुलाम नबी राथर के रूप में की गई है, जो कि गांव कचलू काजीबाद के निवासी हैं।
पुलिस ने कहा, "तलाशी के दौरान, उनके कब्जे से आतंकी संगठन अल-बदर के आपत्तिजनक दस्तावेज, हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए।"
"प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार किए गए संदिग्ध अल-बदर के लिए काम कर रहे थे और सक्रिय आतंकवादियों को रसद सहायता, भोजन और आश्रय प्रदान करने में शामिल थे। वे आतंकवादी सहयोगी नेटवर्क स्थापित करने में मदद कर रहे थे।"
जांच के दौरान, गिरफ्तार तिकड़ी ने यह भी खुलासा किया कि उनके परिचित दो अन्य व्यक्ति हाल ही में आतंकवादी गतिविधि में शामिल हो गए थे और हंदवाड़ा क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
पुलिस ने कहा, "तदनुसार, हंदवाड़ा पुलिस ने 21 राष्ट्रीय राइफल्स के साथ बदराली के वन क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी अभियान के दौरान, दोनों आतंकवादियों को हथियार और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।"
उनकी पहचान सलीम यूसुफ राथर और अखलाक अहमद के रूप में हुई है।
पुलिस ने कहा कि जांच में यह भी पता चला है कि दोनों हाल ही में आतंकवादी गतिविधि में शामिल हुए थे और सुरक्षा बलों के प्रतिष्ठानों, पंचों, सरपंचों और अन्य शांतिप्रिय लोगों पर हमला करने की योजना बना रहे थे। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 13 अप्रैल (आईएएनएस)| दवा बनाने वाली प्रमुख कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) ने मंगलवार को कहा कि उसे ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से स्पुतनिक-वी वैक्सीन को भारत में आयात करने की अनुमति मिली है, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में इसका उपयोग किया जा सके। डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के सह-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी. वी. प्रसाद ने एक बयान में कहा, "हम भारत में स्पुतनिक-वी के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्राप्त करने पर बहुत खुश हैं। भारत में बढ़ते मामलों के साथ, कोविड के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीकाकरण सबसे प्रभावी उपकरण है।"
हैदराबाद स्थित कंपनी के अनुसार, उसे दवा और कॉस्मेटिक्स कानून के तहत नए दवा एवं चिकित्सकीय परीक्षण नियम, 2019 के प्रावधानों के अनुसार आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए भारत में स्पुतनिक वैक्सीन आयात करने की अनुमति मिली है।
कोरोनावायरस से निपटने के लिए भारत को अब तीसरी वैक्सीन मिल गई है। कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के बाद अब भारत ने मंगलवार को आपातकालीन स्थितियों में स्पुतनिक-वी नामक तीसरी कोरोना वैक्सीन को भी मंजूरी दे दी है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल इंडिया (डीसीजीआई) ने विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिशों के आधार पर वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, एसईसी ने विभिन्न नियामक प्रावधानों के अधीन आपातकालीन स्थितियों में स्पुतनिक-वी के सीमित उपयोग के लिए अनुमति देने की सिफारिश की है।"
मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन को 21 दिनों के अंतराल पर 0.5 मिली की दो खुराक के साथ इंट्रामस्क्युलर रूप से दिया जाना चाहिए।
इस समय देश में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड के इस्तेमाल को मंजूरी मिली हुई थी। भारत के औषधि नियामक ने अब रूस के कोविड-19 रोधी टीके स्पुतनिक वी के सीमित आपात इस्तेमाल को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि वैक्सीन को माइनस 18 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहित किया जाना है।
मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि एसईसी की सिफारिशों को भारत के ड्रग कंट्रोलर ने सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद स्वीकार किया है और कहा है कि डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड (डीआरएल) देश में उपयोग के लिए वैक्सीन का आयात करेगा।
बता दें कि डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने सितंबर 2020 में स्पुतनिक वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों का संचालन करने और भारत में वैक्सीन वितरित करने के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के साथ भागीदारी में अहम भूमिका निभाई थी। आरडीआईएफ द्वारा रूस में किए गए परीक्षणों के अलावा, डॉ. रेड्डीज ने भारत में वैक्सीन के चरण दो और तीन के नैदानिक परीक्षण में भी अपनी भूमिका निभाई थी।
भारत में देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू हो चुका है। अब तीसरी वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद टीकाकरण अभियान में आने वाले दिनों में तेजी आने की संभावना को भी बल मिला है।
यही नहीं अन्य कई वैक्सीन भी देश के अंदर नैदानिक विकास के विभिन्न चरणों में हैं।
पटना, 13 अप्रैल | बिहार में ऐसे तो साइबर क्राइम की घटना करीब-करीब रोज घटती हैं, लेकिन अगर किसी मंत्री का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर मंत्री के ही परिजनों से पैसे की मांग की जाए तो समझा जा सकता है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं। ऐसा ही एक मामला राज्य के सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह से जुड़ा सामने आया है, जिनका फर्जी फेसबुक अकाउन्ट बनाया गया और फिर उनके ही रिश्तेदारों से पैसों की मांग की जा रही है।
सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह ने अब इसकी लिखित शिकायत आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस अधीक्षक से की है।
मंत्री ने अपने लिखित आवेदन में कहा है कि उनकी तस्वीर लगी फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर लोगों को पहले फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा जा रहा है। रिक्वेस्ट स्वीकार कर लिए जाने के बाद पैसे की मांग की जा रही है। उन्होंने बताया कि पैसे की मांग गुगल पे या फोन फो के माध्यम से की जा रही है।
मंत्री ने अपने आवेदन में हैकर्स द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला मोबाइल नंबर तथा ईमेल आईडी का भी जिक्र किया है।
इधर, मंत्री ने कहा कि रिश्तेदारों और करीबी लोगों से लगातार पैसे मंगाने का काम किया जा रहा है, जिसकी वजह से उनकी छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने अधिकारी से आग्रह किया है जल्द ही इस अपराधी पर कार्रवाई की जाए।(आईएएनएस)
श्रीनगर, 13 अप्रैल | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई के महासचिव अशोक कौल ने मंगलवार को दावा किया कि पहली बार प्रवासी कश्मीरी पंडितों ने अब घाटी में वापसी शुरू कर दी है। कौल ने कहा कि वह मंगलवार को श्रीनगर शहर में कुछ मंदिरों में गए, जहां उन्होंने कश्मीरी पंडितों को नवरात्रि के पवित्र त्योहार पर हवन करते हुए देखा, जिसे स्थानीय पंडित नव्रे के रूप में मनाते हैं।
उन्होंने कहा, "उन कश्मीरी पंडितों के अलावा, जो यहां पहले से रह रहे हैं, मैंने इस समुदाय के प्रवासियों की एक बड़ी संख्या को आज शहर के कुछ मंदिरों में हवन करते हुए देखा है।"
भाजपा नेता ने कहा, "मैंने उनसे बात की और यह स्पष्ट हुआ कि घाटी में उनकी वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।"
कौल ने श्रीनगर में शीतल नाथ मंदिर में संवाददाताओं से बात करते हुए यह टिप्पणी की, जहां नवरात्रि की शुरुआत होने पर विशेष प्रार्थना आयोजित की गई।
घाटी में हिंदू मंदिरों के अतिक्रमण के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर सरकार द्वारा ऐसे अतिक्रमण किए गए हैं, जबकि अन्य स्थानों पर प्रभावशाली लोगों ने ऐसा किया है।
उन्होंने कहा, "इन सभी अतिक्रमणों को हटाने और इन मंदिरों की धार्मिक पवित्रता को बहाल करने के लिए एक सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अप्रैल | भारत की महिला टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना डब्ल्यूटीए एकल और युगल वर्ग की ताजा रैंकिंग में भारत की शीर्ष रैंकिंग खिलाड़ी के रूप में बरकरार हैं। ताजा रैंकिंग के अनुसार, अंकिता एकल में 174वें स्थान पर हैं जबकि युगल में 96वें नंबर पर हैं।
अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने ट्वीट कर कहा, "अंकिता एकल और युगल रैंकिंग में भारत की शीर्ष रैंकिंग की खिलाड़ी बनी हुई हैं। उनके अलावा करमन कौर थांडी 16 स्थान के सुधार के साथ 621वें नंबर पर आ गई हैं।"
रिया भाटिया एकल रैंकिंग में 352वें स्थान पर हैं जबकि रुतुजा भोंसले 519वें, जील देसाई 568वें और सोवजन्या बाविसेती 611वें स्थान पर हैं।
सानिया मिर्जा युगल रैंकिंग में 154वें स्थान पर हैं। लेकिन छह बार की ग्रैंड स्लैम विजेता सानिया अपनी सुरक्षित रैंकिंग नौंवें स्थान के कारण इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में भाग लेंगी।
सानिया ने अक्टूबर 2017 में चीन ओपन के बाद लिए मातृत्व अवकाश के कारण डब्ल्यूटीए से उनकी रैंकिंग सुरक्षित रखने का आवेदन किया था।
बाविसेती के अलावा सभी शीर्ष भारतीय महिला खिलाड़ी बिली जीन किंग कप के लिए लात्विया की राजधानी रीगा में हैं।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अप्रैल | चुनाव आयोग (ईसी) ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष दिलीप घोष को एक विवादित सार्वजनिक बयान देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने बयान को भड़काऊ और लोगों को उकसाने वाला माना है, जो कि चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। इसलिए भाजपा नेता को इस पर जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
चुनाव आयोग ने घोष को बुधवार की सुबह 10 बजे तक उत्तर 24 परगना (पश्चिम बंगाल) के बारंगर में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए की गई टिप्पणी पर अपना जवाब देने को कहा है।
पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष के रविवार को दिए बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है। एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा था, "अगर सीतलकूची में मारे गए शरारती लड़कों की तरह किसी ने कानून हाथ में लेने का प्रयास किया तो चुनावों के अगले चरण में भी कूचबिहार की तरह हत्याएं हो सकती हैं।"
इस पर तृणमूल कांग्रेस ने सख्त आपत्ति जताते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। वहीं माकपा ने कहा कि यह बयान भगवा दल के फासीवादी चेहरे को उजागर करता है।
हालांकि अब चुनाव आयोग ने इस विवादित बयान पर संज्ञान लिया है और भाजपा नेता को नोटिस थमाया गया है।
बता दें, सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान सीआईएसएफ के जवानों से कुछ लोगों द्वारा राइफलें छीनने का प्रयास करने के बाद केंद्रीय बल ने गोलीबारी की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन द्वारा चुनाव आयोग को शिकायत करने के बाद यह नोटिस जारी किया गया है। डेरेक ने अपनी शिकायत में कहा कि घोष ने एक भड़काऊ बयान दिया है, जो बंगाल और उसके लोगों के लिए एक खुला खतरा है।
वहीं भाजपा नेता राहुल सिन्हा पर भी चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है। सिन्हा ने सोमवार को कथित तौर पर विवादित बयान में कहा था कि कूच बिहार के सीतलकुची में चार नहीं, बल्कि आठ लोगों को केंद्रीय बलों द्वारा गोली मार दी जानी चाहिए थी। चुनाव आयोग ने भाजपा नेता राहुल सिन्हा पर अगले 48 घंटों तक किसी भी तरीके से चुनाव प्रचार करने से रोक लगा दी है। उन पर ये रोक चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार के सीतलकूची में हुई हिंसा पर विवादित बयान देने के बाद लगाई गई है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अप्रैल: कोरोना वायरस संक्रमण के हालात का जायजा लेने के लिए 53 सेंट्रल टीम जिलों में हैं. महाराष्ट्र में 24.66% वीकली पॉजिटिविटी दर है. आरटीपीसीआर (RTPCR) टेस्ट का प्रतिशत कम है. छत्तीसगढ़ में आरटीपीसीआर टेस्ट 28-30% ही हो रहे हैं. आईसीएमआर ने कहा है कि मोबाइल टेस्टिंग भी प्रयोग में लाया जा सकता है. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही. उन्होंने कोरोना की वैक्सीन को लेकर कहा कि राज्यों के पास 1,67,20,693 टीके उपलब्ध हैं. अप्रैल के अंत तक के लिए पाइपलाइन में 2, 01,22,960 डोज हैं.
भूषण ने कहा कि ''यूपी में आरटीपीसीआर टेस्ट 44% हो रहे हैं और वीकली पॉजिटिविटी में राइजिंग ट्रेंड है. पंजाब में आरटीपीसीआर टेस्ट 70% हो रहे हैं और वीकली पॉजिटिविटी थोड़ी सी कमी के साथ अभी 8% है. कर्नाटक में आरटीपीसीआर टेस्ट 92% हो रहे हैं और वीकली पॉजिटिविटी 6.45% है. गुजरात में आरटीपीसीआर टेस्ट 48% और वीकली पॉजिटिविटी 5% से कम पर ऊपर जा रही है. मध्य प्रदेश में आरटीपीसीआर टेस्ट 73% और वीकली पॉजिटिविटी 13% है. तमिलनाडु में आरटीपीसीआर टेस्ट 98% और वीकली पॉजिटिविटी 7% ये बढ़ रही है.''
उन्होंने कहा कि ''दिल्ली में आरटीपीसीआर टेस्ट 62% और वीकली पॉजिटिविटी 8% है. हरियाणा में आरटीपीसीआर टेस्ट 91% और वीकली पॉजिटिविटी 11.5% है. केरल फिर से केस बढ़ रहे हैं. आरटीपीसीआर टेस्ट 43% है और वीकली पॉजिटिविटी 8% है.''
राजेश भूषण ने टीकों की उपलब्धता को लेकर कहा कि ''राज्यों को 13 करोड़ 10 लाख डोज दिए गए हैं. उपयोग किए गए और खराब हुए डोजों की कुल संख्या 11,43,69,677 है. राज्यों के पास 1,67,20,693 टीके उपलब्ध हैं. अप्रैल के अंत तक के लिए पाइपलाइन में 2, 01,22,960 डोज हैं.''
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ''कल 71 हज़ार जगहों पर टीकाकरण होगा. तीसरी Vaccine अब स्पूतनिक आ गई है. यह हमें मिल गई है. विदेश में बनी Vaccine भारत आएंगी, वो यहां यूज होंगी. ब्रिज स्टडी होगी और रेगुलेटर डाटा को देखेंगे. Pfizer, moderna, J and J भी आगे हैं.''
उन्होंने कहा कि ''रेमडिसीवर इन्वेस्टिगेशनल ड्रग है, उन व्यक्तियों के लिए जो अस्पताल में दाखिल होंगे. घर में यूज नहीं करना है. जो ऑक्सीजन पर हैं अस्पताल में, उस सिचुएशन में दिया जा सकता है. यह अस्पताल में ही मिलेगा. रेसनल यूज होना चाहिए रेमडिसिवर का. इसका एक्सपोर्ट रोक दिया गया है, सुधार आ गया है, दिक्कत नहीं है. डॉक्टरों से आग्रह है कि जहां जरूरी लगे वहीं प्रिस्क्राइब कीजिए.''
वीके पॉल ने कहा कि ''5 पिलर के साथ ये लड़ाई लड़नी है. मास्क, Vaccine को क्यों नहीं अपना रहे, अपनाएंगे तो मामले गिरेंगे ही. मास्क को लेकर मुहिम चलाने की ज़रूरत है. बढ़ते हुए Curve को रोकना हमारी जिम्मेदारी है. यह देशव्यापी समस्या है.''
वीके पॉल ने कहा कि ''सेकंड वेव को संभालना है. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कुछ गाइडलाइंस हैं उन्हें अपनाइए. च्यवनप्राश, हल्दी के दूध का सेवन, काढ़ा पीजिए, योग कीजिए. आयुर्वेदाचार्य से सलाह ले सकते हैं. अगली बार 'रॉकेट' स्लो हो जाएगा.''
मुंबई,13 अप्रैल : महाराष्ट्र के मंत्री असलम शेख (Aslam Shaikh)ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कुछ सेलिब्रिटी लोग और क्रिकेट खिलाड़ी कथित तौर पर कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर लक्षण (Covid symptoms) नहीं होने के बावजूद बड़े अस्पतालों में भर्ती हो गए हैं जिसके कारण अस्पतालों में बेड भरे हुए हैं.संवाददाताओं से बातचीत में शेख ने दावा किया कि फिल्म उद्योग के लोगों और क्रिकेट खिलाड़ियों ने प्रमुख निजी अस्पतालों में लंबे समय से बेड घेर रखे हैं.राज्य के कपड़ा मंत्री शेख ने कहा, ‘‘फिल्म जगत के कुछ लोग और कुछ क्रिकेट खिलाड़ी संक्रमण के मामूली लक्षण होने अथवा कोई लक्षण नहीं होने के बावजूद प्रमुख निजी अस्पतालों में भर्ती हो गए हैं और लंबे समय से बिस्तरों को घेरे हुए हैं.''
शेख ने कहा कि यदि ये लोग अस्पतालों में भर्ती होने से बचते तो राज्य में कोरोना वायरस से पीड़ित जरूरतमंद मरीजों को भर्ती किया जा सकता था. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के साथ ही महाराष्ट्र सरकार बेड क्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रही है. उसने अगले पांच से छह हफ्ते में मुंबई में मैदानों में तीन विशालकाय अस्पतालों की स्थापना की घोषणा की है. मुंबई में कोरोना वायरस के कुल 5,27,119 मामले हैं. यहां 12,060 संक्रमितों की मौत हो चुकी है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मुंबई में 90,267 संक्रमितों का इलाज चल रहा है.
गौरतलब है कि भारत में कोरोना केसों की रफ्तार इस समय थमने का नाम नहीं ले रही है. मंगलवार यानी 13 अप्रैल को देश में लगातार 7वें दिन एक लाख से ज़्यादा कोरोनावायरस के नए केस मिले हैं. पिछले 24 घंटे में 1,61,736 नए COVID-19 मामले दर्ज हुए हैं. ऐसा लगातार तीसरा दिन है, जब देश में एक दिन में डेढ़ लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं. पिछले 24 घंटों में 879 मौतें हुई हैं.
रूस में ईजाद की गई स्पुतनिक वी वैक्सीन को भारत में आपात इस्तेमाल के लिए अनुमति मिल गई है. जानकारों को उम्मीद है कि इससे देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बड़ी मदद मिलेगी. जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ इस टीके के बारे में.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
भारत में जल्द ही कोरोना वायरस के खिलाफ कोविशील्ड और कोवैक्सीन के अलावा एक और वैक्सीन लोगों को लगनी शुरू हो जाएगी. रूस में ईजाद किए गए टीके स्पुतनिक वी को भारत में आपात इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है. देश में दवाओं के राष्ट्रीय नियामक डीजीसीआई ने यह अनुमति दी है.
ध्यान देने लायक बात यह है कि इस टीके का दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल अभी चल ही रहा है, इसलिए अभी इसके सीमित इस्तेमाल की अनुमति दी गई है. हालांकि स्पुतनिक वी को कम से कम तीस देशों में कोरोना से बचाव के लिए लोगों को दिया जा रहा है. कई लोगों ने भारत में भी इसके इस्तेमाल की अनुमति का स्वागत किया है.
क्या अलग है स्पुतनिक वी में?
स्पुतनिक वी का पूरा नाम गैम-कोविड-वैक कंबाइंड वेक्टर वैक्सीन है. इसे रूसी सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के शोध संस्थान गमालेया इंस्टिट्यूट ने ईजाद किया है. इसे फिलहाल 18 साल और उस से ज्यादा उम्र के लोगों को देने के लिए अनुमति दी गई है. टीका लेने वालों को इसकी दो खुराकें लेनी होंगी और दोनों खुराकों के बीच 21 दिनों का अंतर देना होगा. भारत के टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इस समय दो टीके दिए जा रहे हैं - कोविशील्ड और कोवैक्सिन.
स्पुतनिक वी इन दोनों से अलग इसलिए है क्योंकि इसकी दोनों खुराकों में दो अलग अलग सामग्री का इस्तेमाल होता है. इनमें दो अलग अलग किस्म के एडिनोवायरस वेक्टर का इस्तेमाल किया गया है, जबकि बाकी दोनों वैक्सीनों में एक ही वेक्टर का इस्तेमाल होता है. दो एडिनोवायरस वेक्टर के इस्तेमाल से शरीर में ज्यादा लंबे समय तक इम्युनिटी बनी रहती है. इससे पहले इसी रूसी संस्थान ने इबोला वायरस बीमारी के लिए भी इसी तर्ज पर टीका बनाया था.
यह कोरोना से कितनी सुरक्षा देती है?
पिछले साल अगस्त में जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्पुतनिक वी की घोषणा की थी, तो उस समय वैज्ञानिक समुदाय ने इसकी आलोचना की थी और कहा था कि इसे बनाने में जो जल्दबाजी और गोपनीयता बरती गई है उसकी वजह से इस पर भरोसा करना मुश्किल है. लेकिन बाद में रूस में इसका तीसरे चरण का ट्रायल किया गया और इसके नतीजे विज्ञान की प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 'साइंस' में छपे.
इन नतीजों में दावा किया गया कि यह कोविड-19 से 91.6 प्रतिशत सुरक्षा देती है. तुलना के लिए कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों की सुरक्षात्मकता 80 से अधिकतम 90 प्रतिशत तक पाई गई है. इसके अलावा अभी तक कहीं भी इसके कोई गंभीर दुष्परिणाम नहीं पाए गए हैं.
यह भारत में कब से मिलेगी?
भारत में डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेट्रीज कंपनी इसे बना रही है. डॉक्टर रेड्डीज के अलावा रूस ने भारत में पांच दवा कंपनियों के साथ समझौते किए हैं, जिनमें ग्लैंड फार्मा, हेटेरो बायोफार्मा, पनाशिया बायोटेक, स्टेलिस बायोफार्मा और वरचो बायोटेक शामिल हैं. उम्मीद है कि सभी कंपनियां एक साल में कुल मिला कर 85 करोड़ खुराकें बनाएंगी.
दावा किया जा रहा है कि अप्रैल के अंत तक टीके की सीमित मात्रा में खुराकें उपलब्ध करा दी जाएंगी, यानि टीकाकरण कार्यक्रम में इसे शामिल किए जाने में अभी कुछ हफ्तों का इंतजार बाकी है. (dw.com)
भारत सरकार द्वारा आयोजित भूराजनीतिक सम्मेलन रायसीना डायलॉग 13 से 16 अप्रैल तक वर्चुअल रूप में आयोजित किया जाएगा. यह सम्मेलन का छठा संस्करण है और इस बार इसमें 50 देश और बहुराष्ट्रीय संगठन हिस्सा ले रहे हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट
भूराजनीति और भूअर्थशास्त्र के ताजा हालात की समीक्षा करने वाला रायसीना डायलॉग सम्मेलन 2016 में शुरू हुआ था. हर साल इसका आयोजन भारत का विदेश मंत्रालय और थिंक-टैंक 'आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन' मिल कर करते हैं. इस साल कोरोना वायरस महामारी की वजह से इसका आयोजन पूरी तरह वर्चुअल रूप से किया जा रहा है.
50 देशों और बहुराष्ट्रीय संगठनों के सदस्य इस बार सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार 80 से भी ज्यादा देशों से 2,000 से ज्यादा लोगों ने सम्मेलन के लिए पंजीकरण कराया है. इस साल सम्मेलन की थीम है "#वायरलवर्ल्ड: आउटब्रेक्स, आउटलायर्स एंड आउट ऑफ कंट्रोल."
चर्चा के विषय रहेंगे - "किसका बहुराष्ट्रवाद? संयुक्त राष्ट्र का पुनर्गठन और संबंधित विषय; आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित रखना और उनमें विविधता उत्पन्न करना; वैश्विक 'पब्लिक बैड्स": देशों, व्यक्तियों और संगठनों की जवाबदेही तय करना; इंफोडेमिक: बिग ब्रदर के युग में 'नो ट्रुथ' दुनिया में राह तलाशना; और ग्रीन स्टिमुलस: जेंडर, वृद्धि और विकास में निवेश.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक वीडियो संदेश के साथ सम्मेलन की शुरुआत करेंगे. रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कगामे और डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिक्सेन पहले सत्र में मुख्य अतिथि होंगे. आगे के सत्रों में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मोर्रिसन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल भी हिस्सा लेंगे.
इसके अलावा सम्मेलन में कई देशों के पूर्व प्रधानमंत्री भी हिस्सा लेंगे और मौजूदा विदेश मंत्री भी हिस्सा लेंगे. इनमें फ्रांस, पुर्तगाल, जापान, इटली, ईरान, तुर्की और कई अन्य देश शामिल हैं. फ्रांस के विदेश मंत्री जां-ईव लु द्रिआं इस समय भारत के दौरे पर हैं. वह सम्मेलन में दिल्ली से ही जुड़ेंगे और उसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी अलग से मिलेंगे. (dw.com)
नई दिल्ली, 13 अप्रैल । कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर कहा है कि कोविड—19 महामारी के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाने वाली दवाइयों और आवश्यक उपकरणों पर छूट दी जाए और साथ ही गरीबों के खाते में 6,000 रुपये महीने के डाले जाए। सोनिया गांधी ने कहा कि राज्यों में वैक्सीन की कमी है और इसे प्राथमिकता पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
उन्होंने उन सभी वैक्सीनों को अनुमति प्रदान किए जाने की भी बात कही है, जिन्हें मंजूरी दे दी गई है।
कोरोना संक्रमण के चलते प्रवासी मजदूरों का एक बार फिर से पलायन शुरू हो गया है। ऐसे में इन्हें कुछ राहत पहुंचाने के लिए सोनिया गांधी ने अपील की है कि केंद्र सरकार द्वारा ऐसी किसी योजना को लागू किया जाए, जिसके तहत जरूरतमंदों के खाते में हर महीने 6,000 स्थानांतरित हो क्योंकि कोरोना के प्रसार पर काबू पाने के चलते लगाए गए लॉकडाउन या कर्फ्यू से इनकी जिंदगी काफी प्रभावित हुई है।
उन्होंने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग बैठक करने के बाद यह पत्र लिखा। पार्टी द्वारा सभी के टीकाकरण के लिए एक सोशल मीडिया अभियान भी शुरूआत की गई है।
देश में इस वक्त टीकों की संख्या में आई कमी का जिक्र करते हुए पार्टी ने कहा कि वैक्सीन के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए और देशवासियों को पहले टीके की खुराक उपलब्ध कराई जाए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "देश को कोविड—19 वैक्सीन की जरूरत है। कृपया अपनी आवाज उठाएं क्योंकि एक सुरक्षित जिंदगी पर सबका अधिकार है।" (अईएएनएस)