राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 24 जनवरी | भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने परामर्श जारी किया है कि अच्छी तरह पकाए हुए चिकेन, मांस और अंडों के अंदर मौजूद बर्डफ्लू के वायरस निष्क्रिय हो जाते हैं। इसलिए इसे खाने से इंसान को कोई खतरा नहीं रहता। देश में बर्ड फ्लू के डर को देखते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) और उपभोक्ताओं में जागरूकता पैदा करने के लिए बर्ड फ्लू महामारी के दौरान पोल्ट्री मांस और अंडों की सुरक्षित हैंडलिंग, प्रसंस्करण और खपत पर एक मार्गदर्शन दस्तावेज जारी किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि पोल्ट्री मांस और अंडों का सेवन करना सुरक्षित है।
सुझाव दिया गया है-आधा उबला हुआ अंडे मत खाएं, अधपका चिकन न खाएं, संक्रमित क्षेत्रों में पक्षियों के साथ सीधे संपर्क से बचें, नंगे हाथों से मृत पक्षियों को छूने से बचें, कच्चा मांस न रखें, कच्चे मांस से सीधा संपर्क न करें, कच्चे चिकन को छूते समय मास्क और दस्ताने का इस्तेमाल करें, हाथ बार-बार धोएं, आसपास की साफ-सफाई बनाए रखें।
--आईएएनएस
रांची, 23 जनवरी| राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री 73 वर्षीय लालू प्रसाद यादव को शनिवार शाम इलाज के लिए नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्थानांतरित कर दिया गया। प्रसाद को चार्टर्ड उड़ान के माध्यम से एयर एम्बुलेंस में राजधानी स्थित एम्स में स्थानांतरित (शिफ्ट) किया गया है। उनके साथ उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी यादव भी हैं।
इससे पहले रांची स्थित रिम्स की आठ सदस्यीय टीम ने उन्हें इलाज के लिए एम्स, नई दिल्ली रेफर किया था।
रिम्स के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, लालू प्रसाद को एम्स में स्थानांतरित किए जाने की संभावना है। जेल प्रशासन के निर्देश पर, राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) द्वारा लालू प्रसाद की स्वास्थ्य स्थिति को देखने के लिए एक आठ सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। हालत की समीक्षा करने के बाद, टीम ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए एम्स, नई दिल्ली में स्थानांतरित करने का फैसला किया है।"
चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद को एम्स में स्थानांतरित (शिफ्ट) करने के लिए झारखंड जेल प्रशासन ने भी अपनी मंजूरी दे दी है।
लालू प्रसाद के शुक्रवार को कई टेस्ट किए गए थे, जिसमें ईको (ईसीओ), ईसीजी, अल्ट्रासाउंड, केयूबीपी और एचआरसीटी शामिल हैं। सूत्र ने कहा कि निमोनिया को छोड़कर उनकी अन्य परीक्षण रिपोर्ट सामान्य हैं। उन्हें निमोनिया किस हद तक है और फेफड़ों के संक्रमण की सीमा का पता दो अन्य परीक्षण रिपोटरें के बाद लगेगा।
लालू की पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी यादव शुक्रवार शाम को रांची स्थित रिम्स पहुंचे थे और उन्होंने लालू यादव से छह घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की।
तेजस्वी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, लालू यादव के चेहरे पर सूजन है। मैं सभी परीक्षण रिपोर्ट आने तक रांची में रहूंगा। वह कमजोर हो गए हैं।
यादव को चार चारा घोटाला मामलों में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। वह पिछले 29 महीनों से रिम्स के पेइंग वार्ड में रह रहे हैं। पांच अगस्त को कोविड-19 संक्रमण की आशंका के कारण उन्हें रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित कर दिया गया था।
इसके बाद, उन्हें एक ऑडियो वायरल होने के बाद वापस वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसमें वह कथित तौर पर एक भाजपा विधायक को लुभाते हुए सुने जा सकते हैं। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 23 जनवरी| 21वीं सदी में रहने के बावजूद, केरल के पलक्कड़ जिले में छुआछुत की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक सार्वजनिक श्मशान ने परिवार को एक दलित महिला का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। मृत महिला वसंथा की भाभी ने बुधवार को राज्य एससी/एसटी आयोग में शिकायत दर्ज कराई। उसके बाद इस घटना का पता चला। पलक्कड़ जिला कलेक्टर को इस मामले को देखने और एक दंपति पर रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया गया।
पुथुर में बीमारी के बाद वसंथा का निधन हो गया। परिजन शव को अंतिम संस्कार करने के लिए अपने घर से सटे वन क्षेत्र में ले गए। हालांकि, वन विभाग ने वन भूमि में अंतिम संस्कार पर प्रतिबंध लगा दिया है, इसलिए परिवार के पास सार्वजनिक श्मशान में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
पुथुर पंचायत द्वारा नियुक्त श्मशान के रक्षक वेलुचामी ने परिवार को वसंथा के अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया, क्योंकि उसे डर था कि ऊंची जाति के लोग नाराज हो जाएंगे।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, "मैं इस स्थान पर एक दलित महिला के अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दे सकता, क्योंकि अन्य जाति के लोग नाराज हो जाएंगे।"
पुथुर पंचायत प्रगतिशील वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के अधीन है और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) नेता पंचायत अध्यक्ष हैं।
पंचायत अध्यक्ष ज्योति अनिलकुमार ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, "यह पंचायत की श्मशान नहीं है। इसके बजाय हमने साइड वॉल का निर्माण किया है और श्मशान के रखरखाव के लिए धन प्रदान किया है, लेकिन भूमि गौंडर समुदाय के स्वामित्व में है और वे यहां दलितों का अंतिम संस्कार अनुमति नहीं देंगे।"
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जनवरी| केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी कि देश भर में अब तक 15,37,190 लोगों को कोरोनावायरस के खिलाफ टीके लगाए गए हैं। 16 जनवरी को देश भर में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया गया, जिसके से 27,776 सत्र आयोजित किए जा चुके हैं।
इस बीच, आंध्रप्रदेश के गुंटूर में पिछले 24 घंटों में एक व्यक्ति में साइड इफेक्ट के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंत्रालय ने बताया कि इस व्यक्ति को 20 जनवरी को वैक्सीन की खुराक मिली थी। इसके साथ, इस तरह के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है, जो अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं, जो कि टीकाकरण के कुल आंकड़ों का 0.0007 प्रतिशत है।
इस बीच, मंत्रालय ने यह भी कहा कि पिछले 24 घंटों में टीके से नई मौत की सूचना मिली, जहां गुरुग्राम में रहने वाली 56 वर्षीय महिला की मृत्यु हो गई। हालांकि, पोस्टमार्टम से कार्डियो-पल्मोनरी रोग की पुष्टि हुई, जो टीकाकरण से जुड़ा नहीं है।
वैक्सीन से अब तक कुल 6 लोगों के मौत की सूचना मिली है। हालांकि, मंत्रालय ने दावा किया कि इनमें से कोई भी मामला टीकाकरण से जुड़ा नहीं है।
(आईएएनएस)
लखनऊ, 23 जनवरी | समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमरूद को लेकर भाजपा पर तंज कसा और कहा अभी भी सबसे प्रसिद्ध अमरूद 'इलाहाबादी अमरूद' कहलाता है या उसका भी नाम बदलकर 'प्रयागराजी अमरूद' हो गया है? रामपुर दौरे पर पहुंचे समाजवादी पार्टी के नेता ने रास्ते में एक अमरूद के ठेले पर रुक कर अमरूद खरीदा। अमरूद के ठेले वाले से उन्होंने खरीद करने के दौरान यह पूछा कि अमरूद अभी इलाहाबादी अमरूद के नाम से बेचा जा रहा है या इसका भी नाम बदलकर प्रयागराजी अमरूद हो गया है। उन्होंने अपनी फोटो सोशल मीडिया पर साझा की है और ठेले वाले से की गई बातचीत को भी फोटो के साथ लिखा है। भाई अभी भी सबसे प्रसिद्ध अमरूद 'इलाहाबादी अमरूद' कहलाता है या उसका भी नाम बदलकर 'प्रयागराजी अमरूद' हो गया है।
इन दिनों सपा मुखिया जिलों के दौरे पर हैं। दरअसल, यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए माहौल बनने लगा है। शुक्रवार को उन्होंने रामपुर और बरेली का दौरा किया।
रामपुर में उन्होंने आजम खां की पत्नी व सपा विधायक डॉ. तंजीन फात्मा से मुलाकात की। प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद आजम खां और उनके परिवार के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हुए थे। कुर्की का आदेश जारी होने के बाद आजम खां ने अपनी पत्नी डॉ. तंजीन फात्मा और पुत्र अब्दुल्ला आजम के साथ 26 फरवरी 2020 को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। (आईएएनएस)
बीजिंग, 23 जनवरी | विश्व आईएएएफ के अध्यक्ष सेबस्टियन न्यूबोल्ड कोए ने 22 जनवरी को एक साक्षात्कार में कहा कि यदि बंद मैच टोक्यो ओलंपिक के आयोजन की पूर्व शर्त है, तो उनका मानना है कि लोग स्वीकार कर सकते हैं। महामारी के प्रकोप से 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक को एक साल के लिए स्थगित करना पड़ा है। अभी तक पूरी दुनिया में कोविड-19 का असर मिटा नहीं है, जिससे टोक्यो ओलंपिक के आयोजन के लिए अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है।
कोए ने कहा कि उन्हें दर्शक पसंद है और गर्म माहौल भी पसंद है, लेकिन यदि केवल बंद मैच से मैच का सुभीतापूर्ण रूप से आयोजन किया जा सकता, तो लोग भी स्वीकार कर सकते हैं।
कोए ने कहा कि गत वर्ष की तुलना में इस साल हमारे पास वैक्सीन है। आगामी कई महीनों में लोगों को वैक्सीन लगायी जाएगी। ओलंपिक के आयोजन में 6 महीने शेष हैं। खिलाड़ी अभी भी प्रशिक्षण ले रहे हैं और अभ्यास कर रहे हैं।
लेकिन कोए ने जोर दिया कि वैक्सीन सभी समस्याओं का हल नहीं कर सकता। वैक्सीन ने हमें आशा दी है, फिर भी हमें केवल वैक्सीन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। (आईएएनएस)
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
बेंगलुरु, 23 जनवरी | कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि राज्य में अवैध उत्खनन या खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसी गतिविधियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी 125 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने के बाद, येदियुरप्पा ने कहा कि वह किसी भी कारण से अवैध उत्खनन या खनन की अनुमति नहीं देंगे।
उन्होंने कहा, "शिवमोगा जैसी दुखद घटनाओं को हमारे राज्य में कभी नहीं होना चाहिए। अब अवैध खनन गतिविधियों को पूरी तरह से बंद करने का समय है।"
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो लोग खदान या खनन करना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए लाइसेंस प्राप्त करना चाहिए।
"अगर कोई भी इसे अवैध रूप से कर रहा है या बिना लाइसेंस के खनन गतिविधियों को अंजाम दे रहा है, तो उसे कड़ी सजा मिलेगी। मैं उपायुक्तों को इस दिशा में सख्त कदम उठाने का निर्देश दूंगा।"
शिवमोगा में गुरुवार को ट्रक में भरकर विस्फोटक को संभवत: खनन कार्य के लिए ले जाया जा रहा था, जिसमें विस्फोट हो गया। घटना में कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई।
सीएम येदियुरप्पा ने पहले ही मृतक के परिवारों को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की है और इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और मामले के संबंध में पूछताछ के लिए तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। (आईएएनएस)
जेनेवा, 23 जनवरी | विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम घेब्रेयसस ने शनिवार को वैश्विक कोविड-19 रिस्पांस पर 'निरंतर समर्थन' के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। भारत 'वैक्सीन मैत्री' पहल के तहत अपने पड़ोसी देशों को टीके उपलब्ध करा रहा है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, "वैश्विक कोविड-19 प्रतिक्रिया पर निरंतर समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। केवल अगर हम साथ काम करें तो हम इस वायरस को रोक सकते हैं और जीवन और आजीविका को बचा सकते हैं।"
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर एम बोल्सोनारो ने भी वैक्सीन भेजने के लिए मोदी को धन्यवाद दिया।
भारत ने शुक्रवार को कोविशील्ड वैक्सीन की 20 लाख खुराक ब्राजील भेजी। (आईएएनएस)
दीपक शर्मा
नई दिल्ली, 23 जनवरी | साइबर हमलों और डेटा चोरी से निपटने के लिए भारत सरकार दूरसंचार क्षेत्र में नए सुरक्षा निर्देशों को लागू करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की मंजूरी के साथ अगले छह महीनों के अंदर इसके सिरे चढ़ने की उम्मीद है।
यह कदम विशेष तौर पर चीन की ओर से संभावित साइबर हमलों और डेटा चोरी से निपटने के लिए उठाया जा रहा है।
इस तरह के निर्देश की जरूरत को रेखांकित करते हुए, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) की एक गोपनीय रिपोर्ट कहती है कि भारत साइबर हमलों का सामना करने वाले दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले साल भारत में साइबर क्राइम के कारण 1.24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
एनएससीएस रिपोर्ट की आईएएनएस ने समीक्षा की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये साइबर हमले आमतौर पर दूरसंचार नेटवर्क के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर घटकों के माध्यम से किए जाते हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों के बढ़ते उपयोग के साथ, यह जोखिम और भी कई गुना बढ़ जाता है।
इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 5जी प्रौद्योगिकियों के आगमन से दूरसंचार नेटवर्क के परिणामस्वरूप, सुरक्षा चिंताओं में और भी वृद्धि होगी। इसके अलावा इसमें कहा गया है कि मैलवेयर इंफेक्शन के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों सहित आपूर्ति श्रृंखला की शुद्धता (इंटेग्रिटी) बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता है।
हाल के वर्षों में चीनी एजेंटों सहित सीमा पार के हैकर्स ने भारत के वित्तीय कार्यों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बैंकिंग और वित्त सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लक्षित किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार, देश के सभी क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे जैसे बिजली, बैंकिंग, वित्त, परिवहन, शासन और रणनीतिक क्षेत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है। इसके साथ ही आशंका जताई गई है कि सुरक्षा उल्लंघनों के परिणामस्वरूप गोपनीयता का उल्लंघन या बुनियादी ढांचे में व्यवधान के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। इसलिए, नए निर्देशों या सर्कुलर की आवश्यकता है, क्योंकि दूरसंचार राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में कार्य करता है।
एनएससीएस ने दूरसंचार प्रौद्योगिकी के प्रमुख विशेषज्ञों और संबंधित मंत्रालयों के नोडल अधिकारियों को गुरुवार को आमंत्रित किया और दूरसंचार क्षेत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश को लागू करने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए घंटों तक विचार मंथन किया।
जासूसी, सुरक्षा उल्लंघनों और साइबर हमलों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने दूरसंचार क्षेत्र के लिए ऐसे निर्देशों को मंजूरी दी थी। एक अधिकारी ने घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "एक उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तहत जल्द ही एक समिति का गठन किया जाएगा और हमें उम्मीद है कि निर्देश अगले 180 दिनों के भीतर लागू हो जाएंगे।" (आईएएनएस)
व्हाट्सएप की पॉलिसी अपडेट कंपनी के लिए मुसीबत बन गई है। व्हाट्सएप ने अपनी नई पॉलिसी में कहा था कि वह यूजर्स के डाटा को फेसबुक सहित परैंट कंपनी के साथ शेयर करेगी। इसी को लेकर अब भारतीय यूजर्स व्हाट्सएप से दूरी बना रहे हैं। एक हाल में किए गए सर्वे से पता चला है कि भारत में केवल 18 पर्सेंट यूजर्स ही व्हाट्सएप का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं। वहीं 36 पर्सेंट यूजर्स ने ऐसी संभावना जताई है कि वह व्हाट्सएप यूसेज को काफी कम कर देंगे। इसके अलावा 15 पर्सेंट यूजर्स ने प्राइवेसी विवाद के बीच ऐप को पूरी तरह से बंद करने की संभावना जताई है।
WhatsApp ने पहले अपनी पॉलिसी रिव्यू के लिए लोगों को 8 फरवरी तक का समय दिया था, लेकिन अब कंपनी ने इसे बढ़ाकर 15 मई कर दिया है। कंपनी ने कहा था कि जो लोग तय समय तक पॉलिसी को एक्सेप्ट नहीं करेंगे उनका अकाउंट ऑटोमेटिक डिलीट हो जाएगा। इस पॉलिसी अपडेट के बाद व्हाट्सएप के विकल्प के तौर पर Signal और Telegram जैसी एप्स को कई लाखों लोगों ने डाउनलोड किया था।
WhatsApp पर किए गए इस सर्वे में 24 हजार से ज्यादा लोगों से प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं। Mashable की रिपोर्ट के जरिए इस बात का खुलासा हुआ है। 24 पर्सेंट यूजर्स ने जानकारी दी है कि वह दूसरे इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर स्विच करने की योजना बना रहे हैं। वहीं 91 पर्सेंट यूजर्स ने जानकारी दी है कि वह व्हाट्सएप के पेमेंट फीचर का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इन लोगों का अंदेशा है कि व्हाट्सएप उनका पेमेंट और ट्रांजैक्शन रिलेटिड डाटा पैरेंट कंपनी फेसबुक और दूसरी थर्ड पार्टीज से शेयर कर सकती है।
WhatsApp ने हालांकि अपनी पॉलिसी अपडेट की डेडलाइन को फरवरी से बढ़ाकर 15 मई कर दिया है। Mashable की रिपोर्ट के मुताबिक सिग्नल और टेलीग्राम को 1 जनवरी से 5 जनवरी के बीच 13 लाख डाउनलोड मिले हैं। सिग्नल की ग्रोथ इस दौरान जहां 9,483 पर्सेंट रही है, वहीं टेलीग्राम की ग्रोथ 15 पर्सेंट रही है। वहीं 6 जनवरी से 10 जनवरी के बीच व्हाट्सएप की डाउनलोड ग्रोथ में 35 पर्सेंट की गिरावट आई है। (gadgets360.com)
Beeper (बीपर) एक नई ऐप है, जो 15 चैट प्लेटफॉर्म को एक प्लेटफॉर्म पर पेश कर रही है। यह एक सेंट्रल हब के तौर पर काम करती है और इसमें आपको फेसबुक मैसेंजर, सिग्नल, ट्विटर , टेलीग्राम, व्हाट्सएप जैसी कई चैट ऐप्स मिल रही हैं। इसमें दिलचस्प बात यह है कि Beeper एप्पल के iMessage को एंड्रॉयड (Android), लिनक्स (Linux) और विंडो (Windows) पर लाता है। मैसेजिंग के अलावा आप बीपर पर आप अपनी चैट को आर्काइव और स्नूज भी कर सकते हैं।
लेकिन आपको बता दें कि ये एक सब्सक्रिप्शन सर्विस है और इसके लिए आपको $10 की मंथली कीमत देनी होगी। भारतीय रुपये में यह कीमत 730 रुपये होती है। इन सब ऐप्स के सिर्प एक प्लेटफॉर्म पर आने से यूजर्स को काफी सहूलियत होगी, उसे बाकी ऐप्स को अपने मोबाइल पर बार-बार डाउनलोड नहीं करना होगा।
Beeper पर जिन 15 चैट सर्विस का सपोर्ट मिल रहा है उनमें एंड्रॉयड मैसेज एसएमएस (Android Messages SMS), the Beeper network, Discord, Hangouts, iMessage, Instagram, IRC, Matrix, Facebook Messenger, Signal, Skype, Slack, Telegram, Twitter और Whatsapp जैसी एप्स के नाम शामिल हैं। बीपर के मुताबिक वह हर कुछ हफ्तों में एक नई चैट नेटवर्क को अपने प्लेटफॉर्म में जोड़ेगी।
Beeper को पहले NovaChat के नाम से जाना जाता था। इसे ओपन सोर्स मैट्रिक्स मैसेजिंग प्रोटोकॉल के तहत बनाया गया है।इसे पेबल स्मार्टवॉच (Pebble smartwatches) के फाउंडर Eric Migicovsky ने बनाया है। आप बीपर पर इस लिंक के जरिए साइन अप कर सकते हैं। इसके बाद आपको जॉइन के लिए इन्विटेशन मिल जाएगा। बीपर की तरफ से यूजर्स को अपडेट किया गया है कि वह जल्द ही नए अपडेट में यूजर्स को डार्क मोड का ऑप्शन देगी। (gadgets360.com)
नई दिल्ली, 23 जनवरी | हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने प्रदेश के किसानों से 26 जनवरी पर किसी भी राजनेता के कार्यक्रम का विरोध नहीं करने की अपील की है। गुरुनाम सिंह ने शनिवार को एक वीडियो संदेश के जरिए प्रदेश के किसानों से गुजारिश की है कि 26 जनवरी राष्ट्रीय त्योहार है और इस अवसर पर कोई राजनेता या मंत्री के कार्यक्रम का वे विरोध न करें। भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने किसानों से कहा, "मैं विनती करना चाहूंगा कि 26 जनवरी पर हरियाणा में किसी राजनेता या मंत्री का विरोध नहीं करना है, क्योंकि यह राष्ट्रीय त्योहार है और इस अवसर पर विरोध करने से कोई गलत संदेश जा सकता है।"
उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा, "हरियाणा में अगर कोई मंत्री या राजनेता कहीं भी झंडा फहराने आता है तो उसका हमें विरोध नहीं करना है। अगर वैसे कोई किसी गांव में कोई रैली करता है तो उसका विरोध करना है।"
किसान नेता की यह अपील इसलिए मायने रखती है क्योंकि इसी महीने हरियाणा के करनाल स्थित कैमला गांव में मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर का किसान महापंचायत कार्यक्रम था। मगर कार्यक्रम से पहले ही कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की गई, जिसके चलते महापंचायत संपन्न नहीं हो पाई। इस घटना की जिम्मदारी भाकियू नेता ने ली थी।
गुरनाम सिंह ने उस समय कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के नेता किसान आंदोलन को लेकर जहां कहीं भी कोई कार्यक्रम करेंगे, वहां उनका विरोध किया जाएगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जनवरी | पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से भारत और चीन की सेनाएं जल्द ही नौंवें दौर की वार्ता करेंगी। इस क्षेत्र में नवंबर, 2020 से पिछले दौर की वार्ता के समय से ही दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है। सूत्रों ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि कॉर्प्स कमांडर स्तर की यह वार्ता संभवत: अगले एक-दो दिन में हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि वार्ता के प्रारूप तैयार किए जा रहे हैं और इनमें आवश्यकतानुसार कुछ तब्दीली भी हो सकती है।
इस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शरीक हो सकते हैं। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच आठवें दौर की सैन्य वार्ता पिछले वर्ष 6 नवंबर को हुई थी। हालांकि इस वार्ता में भी कुछ सकारात्मक परिणाम नहीं मिले, लेकिन दोनों देशों ने कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर संवाद व विचार-विमर्श जारी रखने पर सहमति जताई। साथ ही दोनों पक्षों ने वार्ता को आगे बढ़ाने और अन्य मुद्दों को सुलझाने पर भी सहमति जताई ताकि सीमाई क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति कायम रखी जा सके।
इससे पूर्व, आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा था कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबे संघर्ष के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि उन्होंने इस बात की उम्मीद भी जताई थी कि विगत नौ महीने से जारी गतिरोध का एक मैत्रीपूर्ण समाधान निकलेगा। उन्होंने कहा था कि जहां तक हमारे राष्ट्रीय हितों एवं लक्ष्यों की बात है, तो हम अपनी सरजमीं के एक-एक इंच की रक्षा करने को पूरी तरह से तैयार हैं।
गौरतलब है कि 30 अगस्त, 2020 को भारत ने पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे पर स्थित रेचिन ला, मुकपारी और टेबलटॉप जैसी महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया था। चीन की तरफ से उकसाने वाली सैन्य कोशिश को देखते हुए भारत ने ब्लैकटॉप के पास अपने कुछ जवानों को तैनात भी कर दिया है। अब यहां की 13 चोटियों पर आधिपत्य के मद्देनजर यहां भारत की स्थिति काफी मजबूत हो गई है। (आईएएनएस)
मनोज पाठक
पटना, 23 जनवरी | बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को भले ही आशातीत सफलता नहीं मिली हो, लेकिन कांग्रेस बिहार प्रभारी को बदलकर पार्टी को मजबूत करने में जुटी है। नव-नियुक्त प्रभारी भक्त चरण दास भी पार्टी को नई धार देने में जुटे हुए हैं।
बिहार कांग्रेस में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है। दास के बिहार प्रभारी बनाए जाने के बाद पहले दौरे में भी कांग्रेस में गुटबाजी उभर कर सामने आ चुकी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री दास एकबार फिर बिहार पहुंचने वाले हैं। वह 13 दिन बिहार में रहकर 14 जिलों का दौरा करेंगे।
सूत्रों का कहना है कि वह इस यात्रा के दौरान संगठन की समस्याओं को जानने की कोशिश करेंगे तथा कार्यकर्ताओं के गिरे मनोबल को उठाने की कोशिश करेंगे। माना जा रहा है कि दास बिहार में कांग्रेस को अपने पैरों पर खड़ा करना चाहते हैं, जिसके तहत वे संगठन में बदलाव को लेकर जिला के नेताओं से मिलकर रूपरेखा तय करेंगे।
कहा जा रहा है कि दास खुद कार्यकर्ताओं के पास पहुंचकर कार्यशील नेताओं की जानकारी लेना चाहते हैं, जिससे ऐसे नेताओं को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सके। वह भी कहते हैं कि जिलों का दौरा कर वह कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे तथा उनकी समस्याओं को जानकर आगे की रणनीति बनाएंगे।
बिहार प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष एच़ क़े वर्मा ने बताया कि दास 25 जनवरी को पटना पहुंचेंगे और 26 जनवरी को पार्टी के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाले झंडोत्तोलन समारोह में शामिल होंगे। इसी दिन वे सदाकत आश्रम से 'किसान तिरंगा यात्रा' को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
भक्त चरण दास 27 जनवरी को वैशाली जाएंगे। उसके बाद वे मुजफ्फरपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संवाद कर मोतिहारी पहुंचेंगे एवं वहीं रात्रि विश्राम करेंगे। 28 जनवरी को मोतिहारी में पार्टी के नेताओं से मुलाकात के बाद बेतिया के लिये रवाना होंगे। 29 जनवरी को दास बृन्दावन स्थित गांधी स्मृति स्थल जाएंगे एवं स्वतंत्रता सेनानियों से मिलेंगे। 30 जनवरी को दास भितीहरवा आश्रम जाकर गांधीजी की मूर्ति पर माल्यार्पण करेंगे। शाम को वे गोपालगंज जाएंगे जहां रात्रि विश्राम करेंगे।
वह 31 जनवरी को गोपालगंज एवं सीवान जिला के पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करेंगे। एक फरवरी को वे सारण एवं भोजपुर जिला तथा दो फरवरी को बक्सर एवं कैमूर जिला में संवाद करेंगे। 3 फरवरी को दास रोहतास एवं औरंगाबाद जिलों का दौरा करेंगे। 4 फरवरी जहानाबाद एवं अरवल तथा 5 फरवरी को गया में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर पटना पहुंचेंगे। 6 फरवरी को वे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जनवरी | तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों की निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों का आंदोलन शनिवार को 59वें दिन जारी है। इन दोनों मांगों को लेकर सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता विफल होने के बाद अब किसान यूनियन अपने आंदोलन को तेज करने को लेकर पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार, किसान परेड की तैयारी में जुटे हैं। आंदोलनकारी किसानों द्वारा 26 जनवरी को गंणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी दिल्ली में प्रवेश कर ट्रैक्टर के साथ किसान परेड निकालने की योजना को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ किसान यूनियनों की बीते दिनों कई दौर की बातचीत हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि पुलिस अधिकारियों के साथ वार्ता में पुलिस ने एक रोडमैप किसान नेताओ के सामने रखा है, जिसपर किसानों के बीच विचार-विमर्श चल रहा है।
इस बीच किसान नेता ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी में भी जुटे हैं। पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह शनिवार को टिकरी बॉर्डर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को किसान परेड में एक लाख से अधिक ट्रैक्टरों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम रिंग रोड पर किसान परेड निकालना चाहते हैं, जबकि पुलिस हमें केएमपी पर ट्रैक्टर मार्च निकालने को कह रही है।"
पंजाब के ही भाकियू नेता परमिंदर सिंह पाल माजरा ने कहा कि सरकार के साथ शुक्रवार को हुई 11वें दौर की वार्ता विफल होने पर अब किसान आंदोलन और जोर पकड़ेगा।
उधर, हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने प्रदेश के किसानों से 26 जनवरी पर किसी भी राजनेता के कार्यक्रम का विरोध नहीं करने की अपील की है।
केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लाए गए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने और तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 से किसान का आंदोलन चल रहा है।
आंदोलन समाप्त करने को लेकर केंद्र सरकार ने नये काूनन में संशोधन के प्रस्ताव के बाद अब इन तीनों कानूनों के अमल पर डेढ़ साल तक रोक लगा देने की पेशकश की है। मगर, आंदोलनकारियों द्वारा इस प्रस्ताव को भी नामंजूर करने और कानून को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहने के कारण 11वें दौर की वार्ता बेनतीजा रही। (आईएएनएस)
-ललित मौर्य
वहीं यदि जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने की दिशा में उचित कदम न उठाए गए तो सदी के अंत तक 572 हवाई अड्डे पानी में डूब जाएंगे
जलवायु परिवर्तन के चलते दुनिया भर के करीब 269 हवाई अड्डों पर डूब जाने का खतरा मंडरा रहा है| वहीं यदि जलवायु परिवर्तन की रोकथाम पर ध्यान न दिया गया तो सदी के अंत तक यह खतरा बढ़कर 572 हवाई अड्डों को अपनी गिरफ्त में ले लेगा| यह जानकारी न्यूकैसल विश्वविद्यालय द्वारा किए एक शोध में सामने आई है| इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र के जलस्तर में होने वाली वृद्धि और उसके जहाजों के उड़ान मार्गों पर पड़ने वाले असर को समझने का प्रयास किया है|
इसे समझने के लिए शोधकर्ताओं ने 14,000 से ज्यादा हवाई अड्डों सम्बन्धी आंकड़ों, जलवायु परिवर्तन और समुद्र के बढ़ते जल स्तर के प्रभाव का विश्लेषण किया है| यह शोध जर्नल क्लाइमेट रिस्क मैनेजमेंट में प्रकाशित हुआ है| पता चला है कि यदि तापमान में हो रही वृद्धि 2 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाएगी तो 100 से भी ज्यादा हवाई अड्डे औसत समुद्र तल से नीचे होंगे|
तापमान में इतनी वृद्धि से 364 हवाई अड्डे पानी में डूब जाएंगे| यदि इसके बाद भी तापमान में वृद्धि जारी रहती है तो सदी के अंत तक 572 हवाई अड्डे बाढ़ का शिकार बन जाएंगे|
शोधकर्ताओं ने बढ़ते समुद्री जल स्तर और उसके हवाई अड्डों पर पड़ने वाले असर के आधार पर एक वैश्विक रैंकिंग भी तैयार की है जिसमें बताया गया है कि किन हवाई अड्डों पर सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है| इस रैंकिंग के अनुसार यदि तापमान में वृद्धि वर्तमान दर पर जारी रहती है तो बैंकाक का सुवर्णभूमि हवाई अड्डे पर सबसे ज्यादा खतरा है जबकि यदि आरसीपी 8.5+ की बात करने तो शंघाई पुडोंग हवाई अड्डा सबसे ज्यादा खतरे में है|
खतरे में हैं यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ओशिनिया के सबसे ज्यादा हवाई अड्डे
शोध के अनुसार यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ओशिनिया के सबसे ज्यादा हवाई अड्डों पर जलवायु परिवर्तन का खतरा है| वहीं यदी खतरे में पड़े 20 प्रमुख हवाई अड्डों की बात करें तो उनमें पूर्वी और दक्षिण पूर्व एशिया के हवाई अड्डों पर खतरा कहीं ज्यादा है| इनमें चीन प्रमुख है|
इस शोध से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता रिचर्ड डॉसन की मानें तो तटीय क्षेत्रों के यह हवाई अड्डे एयरलाइन नेटवर्क के लिए बहुत मायने रखते हैं| जिनके पानी में डूबने से सदी के अंत तक 10 से 20 फीसदी हवाई मार्गों पर इसका असर पड़ेगा| ऐसे में दुनिया भर में यात्रियों और सामान की आवाजाही पर असर होगा| उनके अनुसार इन हवाई अड्डों के महत्त्व और इसके निर्माण की लागत को देखें तो जलवायु परिवर्तन से निपटने पर किया खर्च काफी कम है| ऐसे में जलवायु परिवर्तन को रोकने की दिशा में सकारात्मक कदम जरुरी हैं| इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाईमेट चेंज (आईपीसीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, समुद्र का जलस्तर 3.6 मिमी प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है| सदी के अंत तक इसके 1.1 मीटर तक बढ़ने का अनुमान है|
हाल ही में नासा ने 2020 को भी दुनिया के सबसे गर्म वर्ष के रूप में मान्यता दी है, जो 2016 के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर पहुंच गया है। यह स्पष्ट तौर पर जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे की ओर इशारा करता है| इससे भी चिंता की बात यह है कि सदी के अंत तक वैश्विक तापमान में हो रही वृद्धि 3.2 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर जाएगी। ऐसे में क्या है इसका समाधान। आज पैरिस समझौते पर अमल करने की जरुरत है जिससे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को सीमित किया जा सके और तापमान में हो रही वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रोका जा सके। (downtoearth.org.in)
-मनीष कुमार
रांची: चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तबीयत बिगड़ने के बाद उनके परिवार के लोग रांची पहुंचे. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेज प्रताप और बेटी मीसा भारती लालू यादव को देखने के लिए शुक्रवार को रांची स्थित रिम्स अस्पताल पहुंचे, जहां लालू यादव का इलाज चल रहा है. लालू की हालत गंभीर बताई जा रही है.
लालू यादव को देखने पहुंचे तेजस्वी यादव ने रिम्स से निकलने के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "हमारा परिवार उनके (लालू प्रसाद यादव) लिए बेहतर इलाज चाहता है. सभी रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों को यह विश्लेषण करना है कि उन्हें यहां इलाज दिया जा सकता है. उनकी हालत गंभीर है. मैं मुख्यमंत्री से कल (शनिवार) मुलाकात करूंगा."
वहीं, रिम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि लालू यादव के फेफड़ों में संक्रमण है और हम उनका इलाज कर रहे हैं. हमने एम्स में फेफड़ों के एचओडी के साथ उनकी हालत पर बातचीत की है.” (एएनआई के इनपुट के साथ)
कोलकाता, 23 जनवरी | 'देशनायक' सुभाष चंद्र बोस को उनकी 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में श्रद्धांजलि देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि नेताजी एक सच्चे नायक थे और सभी लोगों की एकता में विश्वास रखते थे। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा, "हम देश नायक दिवस दिबस के तौर पर इस दिन को मना रहे हैं। वह लोगों की अखंडता पर यकीन रखते थे।"
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य भर में एक कमेटी का गठन किया है ताकि 23 जनवरी, 2022 तक इस दिन का जश्न मनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा, "राजारहाट में आजाद हिंद फौज के नाम से एक स्मारक का निर्माण किया जाएगा। नेताजी के नाम से एक विश्वविद्यालय की भी स्थापना की जाएगी, जो पूरी तरह से राज्य द्वारा वित्तपोषित होगा और विदेशी विश्वविद्यालयों संग इसका करार भी होगा।"
ममना बनर्जी ने बताया कि आज के दिन एक भव्य पदयात्रा का आयोजन किया गया है। कोलकाता में इस साल गणतंत्र दिवस की परेड भी नेताजी को समर्पित की जाएगी।
केंद्र से 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किए जाने की मांग करते हुए ममता बनर्जी ने आगे कहा, "12.15 बजे एक साइरन बजेगी। लोगों से निवेदन है कि वे अपने-अपने घरों में इस वक्त शंख बजाए।" (आईएएनएस)
गाजीपुर बॉर्डर, 23 जनवरी | किसान 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े हुए हैं, वहीं दूसरी ओर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने एक संदिग्ध युवक को पकड़ा है, जिसने कबूल किया कि वह 26 जनवरी के दिन एक बड़ी घटना को अंजाम देने के उद्देश्य से आया है। इस मसले पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आईएएनएस से कहा, 'प्रशासन और सरकार ही इस तरह की हरकत करवातें हैं।' दरअसल सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा है। किसानों का दावा है कि उसने(संदिग्ध व्यक्ति ने) आंदोलन को बाधित करने की साजिश रची है।
हालांकि किसानों ने देर रात उस युवक को सबके सामने पेश किया। फिलहाल युवक को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
संदिग्ध ने मीडिया के सामने इस बात को कबूल किया है कि 'स्टेज पर जो भी किसान नेता होंगे, उनमें से चार लोगों पर गोली चलाएंगे।'
इस मसले पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आईएएनएस को बताया, "ये जो लड़का पकड़ा गया है ये एक गैंग का हिस्सा है। प्रशासन और सरकार के लोग ही इस तरह की हरकत करवातें हैं।"
"सरकार कह रही है ये मार्च हिंसक होगा, कैसे पता सरकार को की हिंसक होगा ? बीते 2 महीने से हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा है। तो सरकार को कैसे पता कि 26 जनवरी हो मार्च हिंसक ही होगा?"
"ये जो व्यक्ति पकड़ा गया है ये 10 आदमी के समूह का हिस्सा है, जिसे हमने पुलिस को सौंप दिया है। कौन एजेंसी उससे पूछताछ करेगी ? ये सब जांच का विषय है।"
उन्होंने आगे कहा, "हरियाणा में मुख्यमंत्री खट्टर के कार्यक्रम में भी यही लोग थे, सब खुलासा हो गया कि सरकार ही इस तरह की हरकत कराती है। पकड़े गए संदिग्ध ने अधिकारियों के नाम लिए, लोगों के नाम भी बताए।"
"जहां भीड़ है, वहां हिंसा करानी होती है तो इस तरह की हरकत प्रशासन करता है। इन गैंग्स को ट्रेनिंग दी जाती है, फिर वही लोग भीड़ में रहकर भीड़ की तरफ से हिंसक घटनाएं करते हैं।"
"हमारे करीब 200 वोलेंटियर्स बॉर्डर्स पर तैनात है जो इस तरह के लोगों पर निगरानी रखते है। हम शांतिपूर्ण तरह से प्रदर्शन करना चाहते है।"
संदिग्ध युवक ने इन बात को भी कबूला है कि जैसे ही किसान 26 तारीख को आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे, और यदि किसान नहीं रूकते तो इन पर गोली चलाएंगे। जिससे दिल्ली पुलिस को ये लगता कि किसानों ने किया है।
दरअसल किसानों ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकालने की योजना बनाई है जिसके लिए लाखों किसान देशभर के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली पहुंच रहे हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 जनवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी की सुबह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें याद किया, जिसे देश भर में पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। पीएम ने सुबह-सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, "महान स्वतंत्रता सेनानी और भारत माता के सच्चे सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। कृतज्ञ राष्ट्र देश की आजादी के लिए उनके त्याग और समर्पण को सदा याद रखेगा।"
वह आज कोलकाता में आयोजित दो कार्यक्रमों में भाग लेंगे, जिनमें से एक नेशनल लाइब्रेरी में होगा और दूसरा विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में नेताजी की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
उन्होंने ट्वीट किया, "सुभाष बाबू के अन्दर असीम साहस और अनूठी संकल्प शक्ति कका अनंत प्रवाह विद्यमान था। उनके अद्भुत व्यक्तित्व और ओजस्वी वाणी ने लोगों के हृदय में स्वतंत्रता का ज्वार उत्पन्न किया। उनका जीवन देश के युवाओं के लिए एक आदर्श है।"
कांग्रेस ने भी एक पोस्टर को ट्वीट किया, जिसके साथ कैप्शन में लिखा, "यहां तक कि कैद ने भी हमारे देशभक्तों को भारत की आजादी के लिए लड़ने से नहीं रोक पाया। नेताजी की दृढ़ इच्छा शक्ति कुछ कदर थी।"
इस तस्वीर में लिखा गया है कि सन 1921 से 1941 के बीच ब्रिटिश सरकार द्वारा नेताजी को 11 बार जेल में डाला गया। (आईएएनएस)
प्रभाकर मणि तिवारी
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
शुक्रवार को वन मंत्री राजीव बनर्जी ने मंत्रिमण्डल से इस्तीफ़ा दे दिया था. उसके बाद टीएमसी ने अनुशासनहीनता के आरोप में हावड़ा ज़िले की बाली सीट से विधायक और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली डालमिया को पार्टी से निकाल दिया है.
वैशाली ने हाल ही में पार्टी नेतृत्व और ख़ासकर हावड़ा ज़िले के मंत्री अरूप राय के कामकाज पर सवाल उठाते हुए सार्वजनिक रूप से उनकी आलोचना की थी.
बताया गया है कि पार्टी की अनुशासन समिति की बैठक में वैशाली डालमिया को पार्टी से निकालने का निर्णय लिया गया.
वैशाली ने हाल ही में खेल और युवा कल्याण मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ल के इस्तीफ़े के बाद भी पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाये थे.
उन्होंने कहा था कि पार्टी के कुछ नेता दूसरों को काम नहीं करने दे रहे हैं.
इसी तरह राजीव बनर्जी के इस्तीफ़े के बाद उनका कहना था कि अब राजीव को मीर जाफ़र की उपाधि दे दी जाएगी.
टीएमसी के हावड़ा ज़िला अध्यक्ष और मंत्री अरूप राय कहते हैं, "पार्टी में रहकर उसके ख़िलाफ़ लगातार बयान देने वाले संगठन को नुक़सान पहुँचा रहे हैं. वैशाली को निकालने का फ़ैसला सही है. अगर किसी को शिक़ायत थी तो सार्वजनिक तौर पर कहने की बजाय पार्टी के भीतर अपनी बात रखनी चाहिए थी."
दूसरी ओर, पार्टी से निकाले जाने के बाद वैशाली ने एक बार फिर टीएमसी नेतृत्व और उसके ज़िला स्तर के नेताओं पर करारा हमला किया है.
उन्होंने कहा, "आम लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा. विधायकों के पास राहत का पैसा नहीं पहुँच रहा. अंफान तूफ़ान से हुए नुक़सान के मद में भी कोई राहत नहीं मिली. कोविड-19 के दौरान लोगों को जितना चावल दिया जाना था, उसमें भी कटौती की जा रही है. अगर लोगों के सुख-दुख में उनके साथ खड़ा रहना पार्टी-विरोधी काम है, तो मैंने ऐसा किया है. कुछ लोग दीमक की तरह पार्टी को खोखला करने में जुटे हैं."
क्या वैशाली बीजेपी में शामिल होंगी? इस सवाल पर उन्होंने कहा, "देखते हैं." (bbc.com)
क्या भारतीय अर्थव्यवस्था अब रिकवरी के रास्ते पर चल पड़ी है? सीधे तौर पर आसान जवाब है, हाँ, क्योंकि महामारी की भयंकर मार से नकारात्मक विकास दर के पाताल से गुज़रकर देश की अर्थव्यवस्था पिछली तिमाही में सकारात्मक विकास दर तक पहुँची और फिलहाल आख़िरी तिमाही में सकारात्मक विकास जारी है.
दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून 2020 की तिमाही में -23.9 प्रतिशत की दर की गिरावट दर्ज की गई थी.
अब अनुमान है कि इस साल जनवरी-मार्च की तिमाही में 0.7 प्रतिशत के हिसाब से सकारात्मक विकास दर्ज हो सकती है जबकि पिछली तिमाही में विकास दर 0.1 प्रतिशत थी.
किन क्षेत्रों में विकास के आसार?
अप्रैल 2020 के महीने से अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन का बुरा असर काफ़ी गहराई से महसूस होने लगा. लेकिन सितम्बर माह से इसमें कुछ बेहतरी शुरू हो गयी. ज़रा वित्त मंत्रालय के इन आंकड़ों पर ग़ौर करें:
ऊपर के आंकड़े अर्थव्यवस्था की रिकवरी की तरफ़ इशारा करते हैं और सरकार इन्हीं आंकड़ों को साझा करके कह रही है कि अर्थव्यवस्था की रिकवरी हुई और अब वह आगे बढ़ रही है. लेकिन शायद ये केवल अर्धसत्य है.
अगर 2020-21 के पूरे वित्तीय साल की विकास दर को देखें तो क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज़ के अनुसार ये -11.5% होगी. एजेंसी ने 2021-22 वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक 10.6% का अनुमान लगाया है.
लॉकडाउन के बाद वाले दो-तीन महीनों में 12 करोड़ से अधिक लोग बेरोज़गार हो गए थे. बेरोज़गारी अब भी अधिक नहीं हुई है जो सरकार की बड़ी नाकामियों में से एक बतायी जाती है.
भारतीय अर्थव्यवस्था पर कड़ी निगाह रखने वाली प्रसिद्ध संस्था 'सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी' ने बीबीसी के साथ अपनी एक ताज़ा रिपोर्ट साझा की है जिसके अनुसार इस वित्तीय वर्ष में विकास नकारात्मक रहेगा.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के एक अनुमान के मुताबिक़, भारतीय अर्थव्यवस्था को इस साल आज़ादी के बाद के सबसे ख़राब प्रदर्शन का सामना करना पड़ सकता है.
इस बार ये 7.7 प्रतिशत के हिसाब से सिकुड़ेगी. ये रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के अनुमान से अधिक है जिसने 7.5 प्रतिशत के हिसाब से सिकुड़ने का अनुमान लगाया है.
इसने निर्यात में 8.3 प्रतिशत की गिरावट और आयात में 20.5 प्रतिशत की कमी का अनुमान लगाया है. इसके अलावा डिमांड में बहुत अधिक इज़ाफ़ा नहीं देखने को मिला है. बैंकों से क़र्ज़ों की मांग में काफ़ी सुस्ती देखी गयी है क्योंकि इस वित्तीय वर्ष में अधिकतर कॉर्पोरेट्स ने अपनी योजनाओं को रोक दिया है.
लेकिन नवंबर 2020 से क्रेडिट डिमांड में तेज़ी आयी है. सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़, 15 जनवरी तक बैंकों ने क्रेडिट डिमांड में 6.1 की बढ़ोतरी बतायी है.
सरकार के V शेप रिकवरी के दावे का सच
वित्त मंत्रालय से लेकर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया तक सभी सरकारी संस्थाओं ने ये दावा किया है कि रिकवरी V शेप में हो रही है. इसका मतलब ये हुआ कि लॉकडाउन के दौरान सभी क्षेत्र में विकास की दर नीचे गई और रिकवरी के दौरान उछाल सभी क्षेत्र में हो रहा है.
लेकिन कुछ विशेषज्ञ ये तर्क देते हैं कि रिकवरी K शेप में हो रही है, जिसका मतलब ये हुआ कि कुछ क्षेत्र में विकास हो रहा है लेकिन कुछ दूसरे क्षेत्रों में या तो विकास की रफ़्तार बहुत सुस्त है या विकास नहीं हो रहा है. ये विकास की एक असमान रेखा की तरह है.
मुंबई में वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ और पूर्व इन्वेस्टमेंट बैंकर प्रणव सोलंकी के विचार में संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के लिए समान तरीक़े से विकास नहीं हो रहा है.
वे कहते हैं, "हमें मालूम है कि जीडीपी गणना में असंगठित क्षेत्र पूरी तरह से शामिल नहीं किया जाता है. कुल मिलाकर, जबकि संगठित क्षेत्र में अपेक्षाकृत तेज़ी से गिरावट आई है, असंगठित क्षेत्र महामारी से बहुत अधिक प्रभावित हुआ है. रिकवरी में भी यही रुझान है."
वे कहते हैं कि संगठित क्षेत्र में शुरू हुआ विकास भी समान नहीं है.
"आप देखें कि फ़ार्मास्यूटिकल्स, प्रौद्योगिकी, ई-रीटेल और सॉफ्टवेयर सेवाओं जैसे क्षेत्रों में महामारी के दौरान भी विकास हो रहा था और अब भी हो रहा है लेकिन पर्यटन, परिवहन, रेस्टॉरेंट और होटल और मनोरंजन जैसे क्षेत्र अब भी बुरे दौर से गुज़र रहे हैं."
महामारी की मार
भारत में कोरोना वायरस का पहला केस 30 जनवरी को केरल में रिपोर्ट किया गया था जिसके अब एक साल पूरे होने वाले हैं. इसके बाद 22 मार्च को दिनभर के जनता कर्फ्यू के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च की शाम को उसी रात 12 बजे रात से 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की.
रेल, रोड और हवाई सफ़र ठप, मॉल और बाज़ार बंद, मशीने बंद, पैदावार पर पूर्ण रूप से रोक.
लगभग 135 करोड़ की आबादी वाले देश की विशाल अर्थव्यवस्था एकदम से थम गयी. करोड़ों रोज़ाना दिहाड़ी कमाने वाले मज़दूर सैकड़ों मील दूर अपने घरों के लिए पैदल चल पड़े.
दूसरी तरफ़ कोरोना का क़हर बढ़ता रहा. धीरे-धीरे भारत और दुनियाभर में ये एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन गया मगर इसके साथ इसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया जिसकी लपेट में भारत भी आया.
मई के आख़िर से धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील दी जाने लगी जिसका सिलसिला आज भी जारी है. अभी भी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से नहीं खुली है, उदाहरण के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ान अब भी (फिलहाल 31 जनवरी तक) बंद हैं और सिनेमा घरों में 50 प्रतिशत क्षमता से अधिक दर्शक के प्रवेश पर अभी भी कई राज्यों में प्रतिबन्ध जारी है.
प्रणव सोलंकी कहते हैं कि 1 फ़रवरी को पेश होने वाला बजट इस मायने में बहुत अहम होगा कि रिकवरी को तेज़ करने और इसे आगे बढ़ाने में सरकार क्या क़दम उठाती है.
वे कहते हैं, "अर्थव्यवस्था को महामारी से जितना बड़ा नुक़सान हुआ है वो एक साल के बजट से ठीक नहीं किया जा सकता लेकिन रिकवरी सरकार के नेतृत्व में हो ये ज़रूरी है जिसके लिए ये देखना होगा कि सरकार कितना ख़र्च करती है और डिमांड पैदा करने के लिए लोगों को कितनी राहत देती है." (bbc)
बेंगलुरू, 23 जनवरी | कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने शुक्रवार को छह मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया है। इससे एक दिन पहले ही चार मंत्रियों ने उन्हें आवंटित किए गए विभागों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कैबिनेट की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। एम. टी. बी. नागराज ने उन्हें आबकारी विभाग आवंटित किए जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। नागराज ने कहा था कि वह 2019 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे, ताकि लोगों को शराब मुक्त किया जा सके। नागराज ने आबकारी जैसे 'जनविरोधी पोर्टफोलियो' के बजाय एक जन-समर्थक पोर्टफोलियो की मांग की है।
छह असंतुष्ट नेताओं में से नागराज और आर. शंकर ने एक सरकारी कार लेने से साफतौर पर इनकार कर दिया था। असंतुष्ट नेता मुख्यमंत्री द्वारा गुरुवार शाम बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे।
मंत्रिमंडल की बैठक को छोड़ने वालों में नागराज के अलावा जे. सी. मधुस्वामी, के. सुधाकर और के. सी. नारायण गौड़ा जैसे मंत्री शामिल थे। इन नेताओं ने मनपसंद विभाग आवंटित नहीं होने के विरोध में इस तरह की रणनीति अपनाई थी।
येदियुरप्पा ने अब नागराज को नगरपालिका प्रशासन और चीनी विभाग आवंटित किए हैं, जबकि के. गोपालैया, जो भोजन और नागरिक आपूर्ति विभाग मिलने के बाद नाराज थे, उन्हें अब आबकारी मंत्रालय सौंपा गया है।
वहीं मधुस्वामी, जो कानून और संसदीय मामलों की जिम्मेदारी मिलने के बाद नाराज थे, उन्हें अब कन्नड़ और संस्कृति के बदले हज और वक्फ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है और इसके साथ ही वह चिकित्सा शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी संभालेंगे।
इसके अलावा वरिष्ठ भाजपा विधायक अरविंद लिंबावल, जो कि वन मंत्रालय के आवंटन से बहुत परेशान थे, उन्हें अब कन्नड़ और संस्कृति मामलों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
नगरपालिका प्रशासन और सेरीकल्चर पोर्टफोलियो के आवंटन से परेशान आर. शंकर को बागवानी और सेरीकल्चर मंत्री बनाया गया है।
वहीं के. सी. नारायण गौड़ा, जो नगरपालिका प्रशासन, बागवानी और सेरीकल्चर पोर्टफोलियो आवंटित किए जाने से नाराज थे, उन्हें अब युवा सशक्तीकरण और खेल, योजना और सांख्यिकी विभागों को आवंटित किया गया है।
येदियुरप्पा ने सभी बड़े पोर्टफोलियो जैसे कि वित्त, बेंगलुरू विकास, ऊर्जा और बुनियादी ढांचा विकास जैसे विभागों को अपने पास रखा है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 23 जनवरी | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को तीन अलग-अलग भ्रष्टाचार के मामलों में चार सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी के अधिकारियों ने शिकायतकर्ता से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए सरिता विहार पुलिस स्टेशन में तैनात दिल्ली पुलिस की एक हेड कांस्टेबल सुमन को गिरफ्तार किया है।
अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने सुमन के खिलाफ एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि शिकायतकर्ता को आरोपी द्वारा धमकी दी जा रही थी कि अगर उसने रिश्वत नहीं दी तो उसे एक मामले में सरिता विहार थाने में पुलिस की ओर से कड़ी जांच का सामना करना पड़ेगा।
उसे एक अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अधिकारी ने कहा कि दूसरे मामले में एजेंसी ने एलडीसी/लाइसेंस इंस्पेक्टर ए. के. रॉय और एओ राकेश रावत को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया है। यह दोनों पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) में तैनात हैं, जिन्हें 40,000 रुपये की कथित रिश्वत मामले में गिरफ्त में लिया गया है।
अधिकारी ने कहा, 40,000 रुपये की रिश्वत के मामले में एजेंसी ने जाल बिछाया और रॉय को रंगे हाथ पकड़ लिया। आगे के सत्यापन के दौरान रावत की कथित भूमिका भी सामने आई, जिसके बाद उसे भी गिरफ्तार किया गया।
वह दोनों एक अदालत के सामने पेश किए गए, जिसने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
वहीं तीसरे मामले में, सीबीआई ने 18,000 रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के लिए महाराष्ट्र के रायगढ़ में करंजा नवल स्टेशन पर तैनात सैन्य इंजीनियरिंग सेवा में एक जूनियर इंजीनियर (जेई) अरुण कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया।
अधिकारी ने कहा कि मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में सीबीआई ने एक जाल बिछाया और शिकायतकर्ता से 18,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए मिश्रा को रंगे हाथ पकड़ा।
सीबीआई की टीमों ने रायगढ़ और पुणे के अलावा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मिश्रा के ठिकानों पर तलाशी भी ली, जिस दौरान 12.6 लाख रुपये जब्त किए गए।
--आईएएनएस
मुंबई, 23 जनवरी | महाराष्ट्र कांग्रेस ने शुक्रवार को आधिकारिक राज अधिनियम, 1923 के तहत राजद्रोह के लिए रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक (एडिटर इन चीफ) अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सभी जिलों और विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन किया। राज्य के विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गोस्वामी की तस्वीरों पर पत्थर और जूते मारकर और उनकी तस्वीरों को चप्पलों से सजाकर विरोध जताया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अर्नब के खिलाफ नारे लगाते नजर आए।
राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट के नेतृत्व में महाराष्ट्र के सभी 36 जिलों में कई मंत्री, विधायक, राज्य और जिला पार्टी के नेता प्रदर्शन में शामिल हुए।
विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वालों में धीरज देशमुख, प्रिणीती शिंदे, सुरेश वारपुड़कर, सुलभा खोडके, विकास ठाकरे, हिशब उस्मानी, शरद अहेर, प्रहलाद चव्हाण, प्रकाश देवताले, विजय भोसले, संदीप पाटिल और श्याम सनेर शामिल रहे।
गोस्वामी और पूर्व बार्क सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच व्हाट्सएप चैट के हालिया खुलासे को आधिकारिक राज अधिनियम, 1923 का उल्लंघन करार देते हुए थोराट ने कहा कि यह बातचीत 'राजद्रोह' की श्रेणी में आती है, जिसके लिए रिपब्लिक टीवी के प्रमुख को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दोनों के बीच की बातचीत ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित कुछ गंभीर खुलासे किए हैं और यह फरवरी 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में भारत द्वारा किए गए जवाबी सर्जिकल स्ट्राइक से संबंधित है।
उन्होंने कहा, "कार्रवाई शुरू होने से तीन दिन पहले फरवरी 2019 के हवाई हमलों की सूचना गोस्वामी को कैसे मिली? सरकार में कौन 'बड़ा नाम' है, जिसका वह जिक्र कर रहे हैं?"
--आईएएनएस