राष्ट्रीय
कोविड-19 महामारी पिछले डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से दुनिया भर के देशों में गंभीर समस्या बनी हुई है. इस बीच कोरोना का म्यूटेंट स्वरूप डेल्टा वैरिरंट आया, जिसे अध्ययन में ज्यादा संक्रामक और घातक माना गया. ब्रिटेन में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित मरीज मिले, जिसके बाद इस वैरिएंट की निगरानी और मूल्यांकन किया जा रहा था. अब भारत में इस डेल्टा वैरिएंट के नए स्वरूप यानी म्यूटेंट के नए मामले सामने आए हैं, जो डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा घातक हैं. हालांकि इससे संक्रमित मरीजों की संख्या बहुत कम है.
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने ये रिपोर्ट जारी की है कि इंदौर में कोविड-19 संक्रमित डेल्टा वैरिएंट के नए म्यूटेंट के मामले डिटेक्ट हुए हैं, जो डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक है. इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएस सैत्य ने बताया कि उनमें से दो महू छावनी में तैनात सेना के अधिकारी हैं. सैंपल सितंबर में लिए गए थे.
INSACOG नेटवर्क के वैज्ञानिक सार्स-कोव-2 के वैरिएशन पर निगरानी रख रहे हैं. उन्होंने बताया कि AY.4.2 से संबंधित निष्कर्षों में अभी भी उच्च स्तर की अनिश्चितता है और यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि इस वैरिएंट में संक्रमित/मृत्यु का रिस्क ज्यादा है. नए वैरिएंट की चिंताओं के बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अभी महामारी खत्म नहीं हुई है.
21 अक्टूबर को यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने बताया कि उसके डेटाबेस में अब तक AY.4.2 के 10 से कम मामले दर्ज हुए हैं, जबकि ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि VUI-21OCT-01 के 5,120 मामले पाए गए है. इसका दूसरा नाम AY.4.2 है. इस वैरिएंट का का पहला मामला जुलाई में सामने आया था.
बता दें कि AY.4.2 नाम के इस सब-वेरिएंट को मूल डेल्टा वेरिएंट से 10-15% ज्यादा संक्रामक बताया जा गया है. हालांकि, अभी विशेषज्ञ यही कह रहे हैं कि इसके बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना कम है. अगर ज्यादा मामले सामने आते हैं तो विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ) की ओर से इस सब-वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' की सूची में शामिल किया जा सकता है.
कानपुर, 24 अक्टूबर | पिछले साल बिकरू नरसंहार में शहीद हुए एक कांस्टेबल की विधवा पत्नी ने परिवार को अनुग्रह राशि प्रदान करने में भेदभाव का आरोप लगाया है। कांस्टेबल राहुल की पत्नी दिव्या ने विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के पद पर नियुक्ति की मांग की है और कहा है कि वह अब इस मामले में न्यायिक समाधान की मांग करेंगी।
हाल ही में गोरखपुर के एक होटल में पुलिस की छापेमारी के दौरान मारे गए एक मृत व्यापारी की पत्नी को कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में ओएसडी के रूप में नियुक्त किया गया था।
दिव्या ने निराशा व्यक्त करते हुए शहीदों की याद में आयोजित कार्यक्रमों को महज औपचारिकता करार दिया।
3 जुलाई, 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में सशस्त्र हमलावरों के हमले में, पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी, पेंशन और आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी।
मृतक डीएसपी की बेटी को घटना के दो महीने बाद ओएसडी बनाया गया था।
शहीद कांस्टेबल बबलू कुमार के भाई को उसी पद पर नियुक्त किया गया था, जबकि उप-निरीक्षकों नेबू लाल, महेश कुमार और कांस्टेबल जितेंद्र पाल के परिवार के सदस्यों ने जवाब देने के लिए समय मांगा था। सब-इंस्पेक्टर अनूप सिंह और कॉन्स्टेबल सुल्तान की पत्नियों ने फिजिकल टेस्ट पास नहीं किया था।(आईएएनएस)
भोपाल, 24 अक्टूबर | मध्य प्रदेश में कांग्रेस केा एक और बड़ा झटका लगा है जब उसके बड़वाह से विधायक सचिन बिरला ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। बिरला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में बड़वाह में आयोजित सभा में भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने इसे सौदेबाजी की राजनीति बताया है। मुाख्यमंत्री चौहान खंडवा संसदीय क्षेत्र के बड़वाह विधानसभा क्षेत्र के बेडिया में जनसभा केा संबांधित करने गए थे। यहां आयोजित सभा में कांग्रेस के विधायक सचिन बिरला भाजपा में शामिल हुए। बिरला ने पिछला चुनाव जीता था और वे यहां के जनाधार वाले नेता है।
कांग्रेस विधायक सचिन बिरला को भाजपा में शामिल करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया। भाजपा में शामिल होते हुए बिरला ने कहा कि उनका एक ही लक्ष्य है क्षेत्र का सर्वांगीण विकास। जब कमल नाथ मुख्यमंत्री थे, तब उनके पास समय नहीं होता था। वहीं जब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने क्षेत्र के विकास के अधिकारियों को निर्देश दिए।
कांग्रेस विधायक के भाजपा में जाने पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने कहा, भाजपा ने सौदेबाजी व बोली से प्रदेश में अपनी सरकार बनायी क्योंकि जनता ने तो उन्हें चुनावों में नकार दिया था , घर बैठा दिया था।
उन्होंने आगे कहा, अब प्रदेश में हो रहे इन चार उपचुनावों में भी भाजपा ने जनता का मूड देख लिया है। भाजपा को संभावित परिणामो का अंदेशा हो चला है, उनका जनाधार खत्म हो चुका है। जनता अब उनको एक पल भी सत्ता में देखना नही चाहती है तो अब अपनी सरकार व खोये जनाधार को बचाने के लिये भाजपा एक बार फिर सौदेबाजी कर प्रदेश की राजनीति को कलंकित करने में व लोकतंत्र में जनता को मिले वोट के अधिकार का अपमान करने में लग गयी है।
उन्होंने आगे कहा, शिवराज अपनी कुर्सी बचाने के लिये आप कितनी भी सौदेबाजी की राजनीति कर लो, लेकिन आपकी यह कुर्सी अब बचने वाली नही है क्योंकि जनता आपको नकार चुकी है और आपकी इस सौदेबाजी की राजनीति को इन चुनावों में वह मुँह तोड़ जवाब देगी।(आईएएनएस)
कोलकाता, 24 अक्टूबर | अधिकारियों ने रविवार को कहा कि दुर्गा पूजा के बाद कोविड धीरे-धीरे राज्य में वापस आ रहा है। पिछले एक महीने में पश्चिम बंगाल के बर्दवान मेडिकल कॉलेज में सांस की गंभीर समस्या के साथ 1,200 से अधिक बच्चों को भर्ती कराया गया था, उनमें से नौ बच्चों की मौत हो गई है। हालांकि डॉक्टरों ने दावा किया कि बुखार और खांसी के कारण सांस लेने में तकलीफ रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) का परिणाम है और इसका कोविड से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन बड़ी संख्या में प्रभावित बच्चे जिला स्वास्थ्य प्रशासन के लिए चिंता का कारण बन गए हैं।
मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के प्रमुख कौस्तव नायक ने कहा कि पिछले एक महीने में, 1200 से अधिक बच्चों को तेज बुखार, खांसी, सर्दी और सांस की तीव्र समस्याओं के साथ भर्ती कराया गया है और हम उनमें से नौ को नहीं बचा सके। वे छह महीने से कम उम्र के थे और शारीरिक रूप से कमजोर थे। हमने सभी बच्चों का परीक्षण किया है और उन सभी का कोविड टेस्ट नकारात्मक पाया गया है।
नायक के मुताबिक, इससे प्रभावित होने वाले सभी बच्चे एक साल से कम उम्र के हैं और छह महीने से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा आते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष के इस समय में, बच्चे मौसम परिवर्तन के कारण प्रभावित होते हैं, लेकिन यह दो सप्ताह से अधिक नहीं रहता है। इस वर्ष लगातार बारिश के कारण थोड़ा अधिक समय लग रहा है। हम बीमारी को नियंत्रित करने के लिए उपाय कर रहे हैं ।
डॉक्टरों के अनुसार, आरएसवी से प्रभावित रोगी को पहले दो दिनों में खांसी और जुकाम होगा और फिर उन्हें सांस लेने में तकलीफ होगी और कुछ मामलों में यह गंभीर भी हो जाता है।
नायक ने कहा कि हमने इस स्थिति को संभालने के लिए 200 से अधिक बिस्तरों के साथ दो अतिरिक्त वार्ड बनाए हैं। हमें इलाज के लिए ऑक्सीजन और नेबुलाइजर्स की जरूरत है। हमें उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी।
राज्य का स्वास्थ्य विभाग स्थिति के विकास पर कड़ी नजर रख रहा है और अस्पताल के अधिकारियों को संक्रमण दर, उपचार प्रोटोकॉल और बच्चों की स्थिति पर दैनिक अपडेट भेजने के लिए कहा है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यदि बच्चा एक वर्ष से अधिक का है तो चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन छह महीने से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा आते हैं। इसलिए हमने एक नवजात वार्ड खोलने के लिए कहा है, ताकि इन बच्चों की अलग से देखभाल के साथ इलाज किया जा सके।(आईएएनएस)
मनोज पाठक
पटना, 24 अक्टूबर | बिहार में दो विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कहा जा रहा है कि इस उपचुनाव का परिणाम न केवल सभी दलों के भविष्य की दिशा तय करेगी बल्कि राज्य के आनेवाली सियासत का संकेत भी देगी। इस बीच, माना यह भी जा रहा है कि इस उपचुनाव में नीतीश कुमार के चेहरे की साख भी दांव पर रहेगी।
जद (यू) के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हालांकि केंद्र और राज्य सरकार को राजग की बताकर डबल इंजन की सरकार कहकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के जीत का दावा कर रही है।
बिहार के कुशेश्वरस्थन और तारापुर विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में राजग की ओर से जदयू ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि विपक्षी दलों के महागठबंधन में फूट पड गई है। राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी इस उपचुनाव में आमने-सामने हैं। पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर जदयू के प्रत्याशी विजयी हुए थे।
जद (यू) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार कहते हैं कि इस उपचुनाव में नीतीश कुमार का जादू चलेगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के विकास के नाम पर बिहार में फिर से हमें वोट मिलेगा। लोग फिलहाल के शासनकाल और पूर्व के शसनाकल की तुलना कर वोट देंगे।
वैसे, बिहार की राजनीति फिजां में यह सवाल तैर रहा है कि इस उपचुनाव में जद (यू) के पूर्व अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नतीश कुमार की साख भी दांव पर लगी है। कहा जा रहा है कि उपचुनाव का परिणाम अगर अनुकुल रहा तब तो माना जाएगा कि नीतीश कुमार आज भी सियासत के बड़े ब्रांड हैं और उनके चेहरे का जादू बरकरार है। अगर, परिणाम उलट हुआ तो तय है उनपर न केवल विपक्ष का ही नहीं सहयोगी का भी दबाव बढेगा।
जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा सधे अंदाज में कहते हैं कि मतदाता अब विकास के नाम पर वोट देते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के विकास की चर्चा पूरा देश करता है, उसका फायदा इस उपचुनाव में भी मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राजद आगे अपने परिवार को बचाए।
वैसे, यह भी कहा जा रहा है कि जद (यू) अगर अपनी दोनों सीटों पर कब्जा बरकरार रखता है, तब नीतीश की अहमियत गठबंधन में बढ़ेगी।
भाजपा के विधायक संजीव चौरसिया का कहना है कि बिहार और केंद्र में एक ही गठबंधन की सरकार होने का लाभ बिहार को मिल रहा है। इस उपचुनाव में भी डबल इंजन का लाभ मिलेगा।
कहा जा रहा है कि यह उपचुनाव भले ही दो सीटों पर हो रहा है, लेकिन इसकी महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सभी मुख्य पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
कहा जा रहा है कि यह उपचुनाव का परिणाम यह भी साबित कर देगा कि सत्ताधरी गठबंधन उठान पर है या ढलान पर है। इस उपचुनाव का परिणाम राजद और कांग्रेस के लिए भी अहम माना जा रहा है। इन दोनों दलों को परिणम से पता चल जाएगा कि बिना गठबंधन के चुनाव मैदान में जाने से लाभ होगा या अकेले जाने से। इसके अलावे कांग्रेस को अपनी ताकत का भी यह उपचुनाव परिणाम एहसास कराएगा।
बहरहाल, इस उपचुनाव का परिणाम बिहार की राजनीति में सिर्फ परिणाम भर नहीं बल्कि दलों की ताकत का एहसास कराएगी और राज्य की सियासत की दिशा भी तय करेगी।
उल्लेखनीय है कि बिहार की दो कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 30 अक्टूबर को मतदान होना है।(आईएएनएस)
लखनऊ, 24 अक्टूबर | इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट-लखनऊ (आईआईएम-एल) ने एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्टग्रेजुएट इन मैनेजमेंट (पीजीपी) और पीजीपी के 562 छात्रों के लिए 567 ऑफर हासिल कर 100 फीसदी समर प्लेसमेंट हासिल किया है। उच्चतम वेतन 3.4 लाख रुपये प्रति माह रहा, जबकि औसत वेतन 1.3 लाख रुपये प्रति माह रहा।
आईआईएम-एल की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 41 प्रतिशत छात्रों को 1.5 लाख रुपये और उससे अधिक का वेतन ऑफर किया गया। औसत वेतन 1.2 लाख रुपये प्रति माह था।
छात्रों ने देश भर के शीर्ष भर्ती करने वालों के साथ परामर्श, वित्त, सामान्य प्रबंधन, आईटी/विश्लेषिकी, विपणन और संचालन में भूमिकाओं में ग्रीष्मकालीन प्लेसमेंट देखा।
140 से अधिक नियोक्ताओं में कई नए भी शामिल थे।
लीगेसी रिक्रूटर्स में एक्सेंचर, आदित्य बिड़ला ग्रुप, एडोब, अल्वारेज एंड मार्सल, अमेजन, एवेंडस कैपिटल, एक्सिस बैंक, बैन एंड कंपनी, बोफा सिक्योरिटीज, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, सिटी ग्रुप, कोका कोला, कोलगेट-पामोलिव, डेलॉइट, ड्यूश बैंक, डिजनी स्टार, फ्लिपकार्ट, गोल्डमैन सैक्स, गूगल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, जेपी मॉर्गन चेस, किर्नी, मास्टरकार्ड एडवाइजर्स, मैकिन्से एंड कंपनी, मीडिया डॉट नेट, माइक्रोसॉफ्ट, मोंडेलेज, पेप्सिको, पर्नोड रिकार्ड, प्रॉक्टर एंड गैंबल, पीडब्ल्यूसी और टाटा, अन्य शामिल थे।
पहली बार भर्ती करने वालों में एयर एशिया, एलायंस बर्नस्टीन, आर्थर डी लिटिल, एटलसियन, बार्कलेज, सीडीसी ग्रुप और किम्बर्ली क्लार्क शामिल थे। (आईएएनएस)
मोहम्मद वकार हैदर
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)| पिछले साल शाओमी और रीयलमी जैसे लोकप्रिय स्मार्टफोन ब्रांडों ने भारत में लैपटॉप बाजार में प्रवेश किया, तो उनसे मौजूदा दिग्गजों को प्रभावित करने की उम्मीद थी। हालांकि, चिप की कमी और आपूर्ति की कमी ने इस लैपटॉप बाजार को प्रभावित किया है।
उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, चिप की कमी ने स्मार्टफोन निमार्ताओं के लैपटॉप श्रेणी में प्रवेश करने की समस्या दोगुना बढ़ा दी।
नवकेंद्र सिंह, अनुसंधान निदेशक, क्लाइंट डिवाइसेस और आईपीडीएस, आईडीसी इंडिया ने कहा, "भारत में पारंपरिक पीसी बाजार (डेस्कटॉप, नोटबुक और वर्कस्टेशन सहित) एचपी इंक, लेनोवो और डेल मजबूत बना रहा क्योंकि दूसरी तिमाही में शिपमेंट में साल-दर-साल 50.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
नोटबुक पीसी ने सभी श्रेणी में तीन-चौथाई से अधिक हिस्सेदारी जारी रखी है और 2021 के दूसरी तिमाही में 49.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो लगातार चौथी तिमाही में 2 मिलियन से अधिक इकाइयों के साथ है। डेस्कटॉप ने भी रिकवरी का संकेत दिया है।
प्रभु राम, हेड, इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप, सीएमआर के अनुसार, महामारी के कारण घर से काम करना और ऑनलाइन क्लास से संबंधित पीसी की मांग बढ़ रही है।
राम ने आईएएनएस से कहा, "मौजूदा आपूर्ति श्रृंखला बाधाओं के बावजूद, त्योहारी सीजन में पीसी बाजार के नेता अपने ब्रांड की प्रमुखता और बाजार हिस्सेदारी हासिल करना जारी रखेंगे।"
एचपी ने भारत पीसी बाजार में 33.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अपनी बढ़त बनाए रखी क्योंकि इसके शिपमेंट में सालाना 54.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। डेल टेक्नोलॉजीज ने 22.1 प्रतिशत हिस्सेदारी और इस साल की दूसरी तिमाही में 86.1 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि के साथ दूसरा स्थान जारी रखा।
लेनोवो ने इस साल की दूसरी तिमाही में 17.8 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ तीसरा स्थान बनाए रखा था।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के रिसर्च फेलो अरविंद सूरज ने कहा कि नए ब्रांडों के साथ हमेशा विश्वास का मुद्दा अहम होता है। (आईएएनएस)
भोपाल 24 अक्टूबर | किसानों की समस्याएं किसी से छुपी नहीं है मगर सियासी दल हमेशा से अपने को किसान हितैषी बताते रहे हैं । मध्यप्रदेश में इन दिनों उपचुनाव में सियासत गर्मा रखी है तो राजनीतिक दल एक बार फिर अपने को किसान हितैषी और दूसरे को किसान विरोधी बताने में तुले हुए हैं। राज्य के तीन विधानसभा क्षेत्रों और एक लोकसभा क्षेत्र में उप चुनाव हो रहे हैं और यहां मतदान 30 अक्टूबर को होना है। जिन क्षेत्रों में चुनाव हो रहे हैं उनमें से अधिकांश इलाके ग्रामीण हैं। इसका आषय है कि यह इलाके किसान बाहुल्य है। यही कारण है कि अब किसानों को लुभाने और भरवाने की दोनों राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस द्वारा हर संभव कोशिश की जा रही है।
चुनावी सभाओं का दौर जारी है । इन सभाओं में भाजपा की ओर से किसानों को हर संभव सुविधा, फसल का उचित दाम दिलाने के लिए जारी प्रयासों का ब्यौरा दिया जा रहा है तो वहीं कांग्रेस की ओर से केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 77 लाख किसानों के खातों में 1540 करोड़ रुपए सिंगल क्लिक से अंतरित की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों के कल्याण और उनकी आय दोगनी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी के परिणामस्वरूप साल में तीन बार दो-दो हजार रूपए की तीन किस्त कुल छह हजार रूपए प्रधानमंत्री मोदी की ओर से किसानों के खाते में जारी किए जाते हैं। इसी को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा चार हजार रूपए प्रतिवर्ष मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना के अंतर्गत किसानों के लिए जारी करने का निर्णय कोरोना काल में लिया गया।
मुख्यमंत्री चौहान ने बिजली के बढ़ते संकट पर कहा कि पूरी दुनिया में बिजली का संकट है, पर हम सिंचाई के लिए बिजली की कमी नहीं आने देंगे। साथ ही खाद की उपलब्धता रहेगी।
खाद की ब्लैक मार्केटिंग करने वालों को सीधे जेल भेजा जाएगा। खाद की विदेशों से आपूर्ति होती है। राज्य सरकार खाद आपूर्ति के संबंध में वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो, इसके लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है।
एक तरफ जहां किसानों को हर संभव मदद का दावा कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस किसानों की स्थिति और उनके सामने गहराई खाद व बिजली की समस्या केा उठा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री चौहान पर झूठी घोषणाएं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सरकार के 18 वर्षों में यदि किसी का विकास हुआ है तो सिर्फ़ घोषणाओं का हुआ है।
कमल नाथ ने आगे कहा कि भाजपा ने हमे जो प्रदेश सौंपा था तब किसानो की आत्महत्या ,बेरोजगारी ,भ्रष्टाचार ,महिलाओं पर अत्याचार में देश में नंबर वन था। हमारी सरकार ने 27 लाख किसानांे का कर्ज माफ किया था। आज किसान न्याय के लिए भटक रहा है ,उसे उसकी फसल का सही दाम नहीं मिल रहा।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने शासन काल का जिक्र करते हुए कहा कि 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली प्रदान की, किसानों को आधी दर पर बिजली दी ,सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाई ,किसानों का कर्ज माफ किया , एक हजार गौशालाओ का काम शुरू करवाया ,वहीं पिछड़े वर्ग के आरक्षण को बढ़ाया। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 24 अक्टूबर | चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के बयान के बाद केंद्र पर निशाना साधते हुए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति से निपटने के लिए सरकार के पास 'दमन' ही एकमात्र तरीका है। महबूबा ने ट्वीट किया, "कश्मीर को खुली जेल में बदलने के बाद भी, बिपिन रावत का बयान कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि दमन जम्मू-कश्मीर की स्थिति से निपटने का एकमात्र तरीका है। यह उनके आधिकारिक कथन का भी खंडन करता है कि यहां सब ठीक है।"
उन्होंने कहा, "सामूहिक गिरफ्तारी, अपनी मर्जी से इंटरनेट को निलंबित करने, लोगों की तलाशी लेने (बच्चों को भी नहीं छोड़ने), बाइक और दोपहिया वाहनों को जब्त करने और नए सुरक्षा बंकर स्थापित करने जैसे कड़े, कठोर और दमनकारी उपाय करने के बाद क्या करना बाकी है?"
सीडीएस ने कथित तौर पर कहा था कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद लगाए गए प्रतिबंध आतंकवादी हमलों के कारण कश्मीर में वापस आ सकते हैं। (आईएएनएस)
भोपाल, 24 अक्टूबर | क्रिकेट में मैच हो भारत और पाकिस्तान के बीच तो इसका मजा हर कोई लेना चाहता है। रविवार की 'शाम को यह मुकाबला रोचक होने की संभावना है और क्रिकेट प्रेमी इस मुकाबले का भरपूर आनंद ले सकें, इसके लिए मध्य प्रदेश की राजधानी में खास इंतजाम किए गए हैं। इसका ड्राइव इन सिनेमा में लाइव टेलीकॉस्ट किया जाएगा। इसका आनंद लेने के लिए कुछ जेब हल्की जरुर करना होगी।
पर्यटन विकास निगम ने ड्राइव इन सिनेमा में रविवार की 'शाम केा सात बजे से भारत बनाम पाकिस्तान 20-20 हाई-वोल्टेज क्रिकेट मैच का लाइव टेलीकास्ट का इंतजाम किया है।
पर्यटन विकास निगम से मिली जानकारी के अनुसार से आईसीसी जी 20 वल्र्ड कप 2021 के दोनों देशों के मध्य खेले जाने वाले मैच के प्रसारण और दर्शकों की सुविधाओं के मद्देनजर परिसर में सभी आवश्यक तैयारियाँ की गई हैं। मैच का लाइव टेलीकास्ट प्रदेश की सबसे बड़ी स्क्रीन 21 सौ फुट (70 गुणा30) पर होने पर दर्शक मैच का अद्वितीय आनंद ले सकेंगे। ड्राइव इन सिनेमा पर मैच देखने के लिए 250 रुपये खर्च करना होंगे।
ड्राइव इन सिनेमा से जुड़े लोगों की मानें तो मैच के दौरान लगने वाले हर चौके और छक्के पर म्यूजिक बजेगा। इसके साथ ही परिसर में संचालित फूड कोर्ट से क्रिकेट लवर्स अपना मनपसंद फूड भी आर्डर कर सकेंगे, जो कि उनकी कार में सर्व किया जाएगा।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जी 20-20 में भारतीय टीम के अच्छे प्रदर्षन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा, कि मुझे पूरा विश्वास है कि टी-20 विश्व कप-2021 में हमारे जाँबाज खिलाड़ी भारत को शानदार विजय दिलाएंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने विश्वास व्यक्त करते हुए प्रेरक काव्य पंक्तियाँ भी सुनाईं, झंडा ऊँचा रहे हमारा-विजयी विश्व तिरंगा प्यारा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर | पंजाब कांग्रेस की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने रविवार को पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत पर आरोप लगाया कि पंजाब में सोप ओपेरा अभी भी जारी है। तिवारी जी-23 का एक प्रमुख चेहरा भी हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, जिसे ट्वीट किया गया था, "मैंने ऐसी अफरातफरी और अराजकता कभी नहीं देखी, जो आज पंजाब कांग्रेस में हो रही है। एक पीसीसी अध्यक्ष द्वारा एआईसीसी की बार-बार खुली अवहेलना, सहकर्मी बच्चों की तरह एक-दूसरे से सार्वजनिक रूप से झगड़ते हैं।"
उन्होंने कहा, "पिछले 5 महीनों से यह पंजाब में कांग्रेस बनाम कांग्रेस है। क्या हमें लगता है कि पंजाब के लोग इस डेली सोप ओपेरा से ऊबे नहीं हैं? विडंबना यह है कि जिन लोगों ने इन सबकी शिकायत की, वे दुर्भाग्य से स्वयं सबसे खराब अपराधी बने हुए हैं।" (आईएएनएस)
दावणगेरे, 24 अक्टूबर | कर्नाटक के दावणगेरे जिले में एक महिला की मौत के नौ महीने बाद, उसके डॉक्टर पति को काले जादू के प्रभाव में इंजेक्शन देकर पत्नी को मारने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को इस की जानकारी दी। न्यामती तालुक के रामेश्वरा गांव के रहने वाले डॉक्टर चन्नकेशप्पा (45) की पत्नी शिल्पा लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित थीं, जिसके चलते उसने अपनी पत्नी को डेक्सामेथासोन इंजेक्शन का ओवरडोज दे दिया था। जिसके बाद शिल्पा बहुत बीमार हो गई और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई थी। घटना 11 फरवरी की है।
शिल्पा के माता-पिता ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, शुरूआती चरणों में आरोपी निर्दोष प्रतीत हुए, प्रारंभिक जांच से पता चला कि चन्नबसप्पा एक अमीर जमींदार और एक शराबी था। वह कैसीनो और जुआ भी खेलता था।
पुलिस के मुताबिक, वह काले जादू में भी विश्वास करता था। काले जादूगरों ने उन्हें खजाना पाने के लिए मानव बलि देने की सलाह दी थी। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने अपनी पत्नी को मानव बलि के रूप में देने का फैसला किया और ओवरडोज के इंजेक्शन से उसकी हत्या कर दी।
फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट ने पुष्टि की कि इंजेक्शन की अधिक मात्रा देने कारण उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई, बाद में पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया। उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 24 अक्टूबर | एक मॉडल को एक महिला और उसके साथियों ने नशीला पदार्थ पिलाकर नग्न अवस्था में वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया गया। इसके बाद पीड़ित से इंटरनेट पर अपलोड किए गए वीडियो को हटाने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की गई। यह घटना यहां विभूति खंड थाना क्षेत्र के एक गेस्ट हाउस में हुई, जहां पीड़िता को स्क्रीन टेस्ट के लिए आने को कहा गया।
महिला ने शनिवार को थाने में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया कि आरोपियों ने उसका वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया साइटों पर अपलोड कर दिया है और उसे हटाने के लिए 5 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए धमकी दी जा रही हैं।
पुलिस ने कहा कि पीड़िता एक दीया वर्मा नामक एक महिला के संपर्क में आई जिसने उसे वैष्णवी फिल्म प्रोडक्शंस के साथ काम करने की पेशकश की और उसे मॉडलिंग और फिल्मों में लॉन्च करने का वादा किया।
आरोपी दीया ने बाद में पीड़िता को अनूप ओझा, वरुण तिवारी, आयुष मिश्रा, प्रिया मिश्रा और संदीप विश्वकर्मा से मिलवाया और कहा कि वे उसके साथी हैं।
गेस्ट हाउस में, पीड़िता को कुछ नशीले पदार्थों से युक्त कुछ पीने को दिया गया और फिर कपड़े दिए गए और उसे पहनने के लिए चेंजिंग रूम में जाने के लिए कहा गया।
उसने आरोप लगाया, "उन्होंने मेरी तब फिल्म बनाई जब मैं ड्रेस बदल रही थी और बाद में मुझे वीडियो दिखाया। उन्होंने मुझे एक अश्लील फिल्म में अभिनय करने की धमकी दी या वे मेरा वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर देंगे। जब मैं उनके दबाव में नहीं आई और कोई भी अश्लील काम करने से इनकार कर दिया। मैंने उनसे दृश्यों और वीडियो को हटाने के लिए कहा। इसके लिए उन्होंने मुझसे 5 लाख रुपये की मांग की। जब मैंने उन्हें देने से इनकार किया, तो उन्होंने वीडियो को इंटरनेट पर अपलोड कर दिया और तब से मुझे परेशान कर रहे हैं और पैसे की मांग कर रहे हैं।"
एसएचओ, विभूति खंड, चंद्र शेखर सिंह ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ जहर देने, रंगदारी, सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और आगे की जांच जारी है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली/जम्मू : जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आज सुबह आतंकवाद विरोधी अभियान में दो पुलिसकर्मी और सेना का एक जवान घायल हो गया. अधिकारियों ने बताया कि पुंछ जिले में रविवार सुबह एक जंगल में सेना और पुलिस संयुक्त तलाशी अभियान चला रही थी तभी आतंकवादियों ने उन पर फायरिंग रू कर दी. इस गोलीबारी के बाद जवानों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया और ताजा मुठभेड़ शुरू हो गई. हालांकि सुरक्षाबलों का कहना है कि आतंकियों को बेहद कम इलाके में घेर लिया गया है और वो 1-2 दिन के मेहमान हैं.
पुंछ के भट्टा दूरियां के जंगल मे सेना की आतंकियों के साथ सुबह से भारी गोलाबारी हो रही है. फायरिंग में पुलिस के दो जवान और सेना का एक जवान घायल हो गए हैं. आतंकियों के साथ पिछले 14 दिनों से जारी मुठभेड़ अब अंतिम चरण है. सेना के सूत्रों का कहना है कि सेना ने आतंकियों को बहुत कम हिस्से में घेर लिया है. अब किसी भी वक्त फाइनल हमला हो सकता हैय इस मुठभेड़ में पहले ही सेना के दो जेसीओ समेत नौ जवान शहीद हो चुके हैं.
लिहाजा सेना बहुत फूंक फूंक कदम उठा रही है ताकि अब कोई उसका नुकसान ना हो भले ही एनकाउंटर कितना लंबा खिंच जाए. इससे पहले सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे 19 अक्टूबर को हेलीकॉप्टर से पुंछ में चल रही मुठभेड़ का मुआयना किया था. जंगलों में 10 अक्टूबर से ही आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी है. पहले पुंछ के डेरा वाली गली में 10 अक्टूबर की रात को आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई थी. इसमे एक जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए. इसके बाद आतंकियों के इसी ग्रुप की तलाश में पुंछ के नार खास के जंगलों में 14 अक्टूबर को सेना के जवान गए.
आतंकियों ने घात लगाकर सेना पर हमला किया. इस हमले से दो जवान फिर शहीद हो गए. एक जेसीओ और एक जवान लापता हो गए. इन दोनों का शव 16 अक्टूबर को मिला. सेना डेरा की गली और नार खास के जंगलों में आतंकियों की तलाश करने में जुटी है. सुरक्षा बलों को इन जंगलों में ऐसे गुफा की तरह ठिकाने मिले है जहां आतंकियों छिपे रहते थे. हाल के कई सालों में पहली बार एक एनकाउंटर में सेना ने अपने दो अधिकारियों और सात जवानों को खोया है.
सुरक्षाबलों का कहना है कि ऊंची पहाड़ियों और घने जंगल होने की वजह से करवाई में परेशानी हुई. साथ में बारिश की वजह से चारों ओर धुंध हो गई है, जिस वजह ऑपेरशन में दिक्कत हुई पर अब आतंकी एक दो दिन के मेहमान है.
अधिकारियों ने बताया कि भाटा दुरियां इलाके में जब तलाशी दल एक आतंकवादी ठिकाने के पास पहुंचा तभी फायरिंग हुई, जिसमें दो पुलिसकर्मी, सेना का एक जवान और एक आतंकवादी घायल हो गया. लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी ज़िया मुस्तफा पिछले कई वर्षों से कोट बलवाल जेल में बंद था और शुक्रवार को ही पुलिस ने उसे 10 दिन के रिमांड पर लिया था, ताकि उसकी निशानदेही पर आतंकी ठिकाने की पहचान हो सके.
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रहने वाले ज़िया मुस्तफा ने 15 साल पहले घुसपैठ की थी और वह जम्मू की कोट बलवाल जेल में बंद था. ऐसी खबरें थीं कि वह जेल से ही आतंकियों के संपर्क में था. पुलिस ने शुक्रवार को जिया को 10 दिनों के रिमांड पर लिया और पुंछ के मेंढर ले जाया गया.
सेना पिछले 14 दिनों से इस क्षेत्र में सबसे लंबे और कठिन आतंकवाद विरोधी अभियान में लगी हुई है. इस दौरान अब तक दो अधिकारियों समेत नौ जवानों की मौत हो चुकी है.
31 अक्टूबर से ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र की जलवायु शिखर सम्मेलन हो रहा है. इसमें विश्व नेताओं पर वैश्विक तापमान को स्थिर करने और मौसम की बढ़ती अतिशयताओं के लिहाज से तैयारी के लिए आर्थिक साझेदारी का दबाव बनाया जाएगा.
डॉयचे वैले पर अजीत निरंजन की रिपोर्ट-
संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में होने वाली बैठक पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से नहीं हो पाई थी. वैसे इस सालाना बैठक में तमाम देशों के राजनयिक, जलवायु में आ रहे खतरनाक बदलावों को कम करने के बारे में समझौतों पर चर्चा करते हैं. 2015 में पेरिस समझौते के तहत वैश्विक तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने का गैर-बाध्यकारी लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन समझौते पर हस्तक्षर के बावजूद पूरी दुनिया में पेरिस समझौते के लक्ष्यों के विपरीत, पूरी रफ्तार से फॉसिल ईंधन फूंके जा रहे हैं और पेड़ों को काटा जा रहा है.
अब जबकि संपन्न देशों और गरीब देशों में जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम समान रूप से परिलक्षित हैं तो वे पेरिस के वायदों के बाद पहली बार उस सम्मेलन के लिए लिए जमा रहे हैं जो जानकारों के मुताबिक सबसे अधिक मानीखेज हो सकता है. जलवायु परिवर्तन ने घातक मौसमी अतिशयताओं और बड़े पैमाने पर जनप्रतिरोधों के बीच राजनीतिक एजेंडे को और तीव्र कर दिया है. प्रदूषण करने वाले कई देशों के नेताओं ने इस शताब्दी के मध्य तक अपनी अर्थव्यवस्थाओं को कार्बनमुक्त कर देने का वादा किया है.
ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्लू) में वरिष्ठ विश्लेषक शिखा भसीन कहती हैं, "पिछले दो दशकों के दरम्यान जलवायु की चुनौतियों का सामना करते हुए आज हम जलवायु आपातकाल में रहने को विवश हो चुके हैं.” उनके मुताबिक "इसीलिए आगामी कॉप26 यानी जलवायु सम्मेलन बहुत अहम है.”
एजेंडा क्या है?
पेरिस समझौते के तहत विश्व नेताओं को ये चुनना था कि वे अपने अपने देशों में कितनी तेजी से उत्सर्जनों में कटौती करेंगे. वे हर पांच साल में ऐसा करने के लिए अपनी कार्ययोजना को अपडेट करने पर भी राजी हुए थे.
लेकिन ग्लासगो में होने वाले जलवायु सम्मेलन से ठीक पहले- चीन, भारत और सउदी अरब जैसे बड़े उत्सर्जक देश नयी योजनाओं का खाका जमा कराने में विफल रहे. अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ताओं का संयोजन करने वाली संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन संस्था की सितंबर की रिपोर्ट के मुताबिक जो योजनाएं अपडेट होकर आई हैं वे दुनिया में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों का करीब आधा ही हैं.
इटली और ब्रिटेन मिलकर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं. ब्रिटेन ने नई योजनाओं को जमा कराने के लिए देशों पर दबाव डाला है और ठोस समझौतों के लिए वो जोर भी लगा रहा है जिससे लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद मिल सके. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने "कोयले, कार, नकदी और पेड़ों” के बारे में साहसी प्रतिबद्धता दिखाने का आह्वान भी किया है.
ब्रिटेन एक ऐसी संधि के लिए भी जोर लगा रहा है जो "कोयले को इतिहास के हवाले” कर देगी. ईंधन चालित कारों की बिक्री बंद करने के लिए उसने 2040 की डेडलाइन का प्रस्ताव भी रखा है. वह निर्वनीकरण यानी जंगलों की कटान रोकने के लिए भी और पैसा झोंकने को तैयार है.
कीमत कौन चुकाएगा?
एजेंडे पर सबसे ऊपर सवाल ये होगा कि पर्यावरण को प्रदूषित करने के सबसे अधिक जिम्मेदार अमीर देश कितना पैसा गरीब देशों को मुहैया कराएंगे जिन पर जलवायु परिवर्तन की सबसे ज्यादा मार पड़ी है.
2009 में सबसे संपन्न देश, 2020 तक जलवायु वित्त के नाम पर हर साल 100 अरब डॉलर देने पर राजी हो गए थे. लेकिन ओईसीडी के ताजा अनुमानों के मुताबिक, 2019 में ये देश उस लक्ष्य से पिछड़ गए और सिर्फ 79.6 अरब डॉलर ही जमा करा पाए. 20 अरब डॉलर जमा ही नहीं हो पाया. उन दस वर्षों में धरती का औसत तापमान इतना ज्यादा बढ़ गया कि पिछला दशक सबसे गरम दशक के रूप में रिकॉर्ड में दर्ज हुआ.
विश्लेषकों का कहना है कि भुगतान ना कर पाने की विफलता मायने रखती है. दो वजह हैं. पहली तो ये कि भले ही जलवायु परिवर्तन की लागत या नवीनीकृत ऊर्जा में जाने की लागत को देखते हुए ये रकम नाकाफी हो लेकिन पैसे की जरूरत तो है.
लेकिन जलवायु पर यूरोप के एक थिंकटैंक ई3जी में विशेषज्ञ जेनिफर टोलमान के मुताबिक ये कूटनीतिक मुद्दा भी है. "अंतरराष्ट्रीय वार्ताएं भरोसे की बुनियाद पर टिकी होती हैं. 100 अरब डॉलर का पूरा भुगतान न हो पाने का मतबल ये है कि वो बुनियाद एक हद तक दरक रही है.”
और कौनसी चीजें मायने रखती हैं?
जलवायु परिवर्तन के लिहाज से सबसे असहाय और संवेदनशील देशों ने उसके प्रभावों के लिहाज से अनुकूलित होने या उसके लिए तैयार रहने के लिए और अधिक ध्यान देने की अपील की है. इसमें फंडिंग भी शामिल है.
इसके अलावा, अमल में लाने से पहले पेरिस समझौते की तकनीकी बारीकियों को भी ठीक से समझने की जरूरत है. इसमें वैश्विक कार्बन बाजार के इर्दगिर्द बनाए गए नियम भी शामिल हैं- इस बाजार के जरिए देश सीमा पार उत्सर्जनों का व्यापार करते हैं और प्रदूषण घटाने वाली परियोजनाओं में निवेश कर उनकी भरपाई करते हैं. इस कार्बन बाजार में ये भी शामिल हैं कि देशों को अपने उत्सर्जनों में कटौती की औपचारिक सूचना भी देते रहनी चाहिए.
31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक दो सप्ताह की अवधि में चलने वाली मुख्य वार्ताओं में विश्व नेता, वैज्ञानिक, कारोबारी, और सिविल सोसायटी समूह एक-दूसरे के नजदीक आएंगे. गरीब देशों के प्रतिनिधियों ने आगाह किया है कि यात्रा प्रतिबंधों, टीकों की कमी और ठहराव के खर्चों के चलते उनका इस बैठक में आ पाना मुश्किल होगा. ऐसा हुआ तो बड़े प्रदूषकों यानी अमीर देशों को अपने किए के लिए जिम्मेदार ठहराने में और कठिनाई आएगी.
स्पेन की राजधानी मैड्रिड में 2019 में हुई पिछली जलवायु बैठक में वार्ताएं दो दिन और खिंच गई थीं. हताश वार्ताकार बढ़ती महत्वाकांक्षाओं पर काबू पाने के लिए जूझते रहे और कार्बन बाजार पर कोई सहमति ही नहीं बना पाए.
देशों को जिम्मेदार ठहराने के मामले में अब तक की जलवायु बैठकें नाकाम ही रही हैं. लेकिन सीईईडब्लू की विश्लेषक शिखा भसीन कहती हैं कि कॉप26 के पास एक मौका है कुछ भरोसा बना पाने का. वह कहती हैं, "हमारे पास यही सब है तो हमें इसे ही काम करने लायक बनाने का तरीका ढूंढना होगा.” (dw.com)
कराइकल, 23 अक्टूबर | पुडुचेरी में शनिवार को पीएमके नेता की निर्मम हत्या के बाद से तनाव जारी है। अज्ञात हमलावरों ने पीएमके के कराइकल जिला सचिव के. देवमणि की उस समय चाकू मारकर हत्या कर दी, जब वह पार्टी के एक सहयोगी के साथ शुक्रवार को रात करीब साढ़े दस बजे मोटरसाइकिल से थिरुनल्लर लौट रहे थे। पुलिस को अंदेशा है कि देवमणि की हत्या राजनीतिक प्रतिशोध में की गई है।
इलाके में लगे निगरानी कैमरे के फुटेज से पता चला है कि हमलावरों ने पहले देवमणि का पीछा किया था। हमला करने के बाद हमलावर उन्हें खून से लथपथ छोड़कर मोटरसाइकिल से भाग निकले।
उनके समर्थक और परिजन उन्हें कराइकल के सरकारी सामान्य अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
देवमणि के परिजनों और पीएमके सदस्यों के विरोध में, उनके हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर, इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और संदिग्धों की तलाश जारी है।
देवमणि को 2012 में पीएमके के कराइकल जिला सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 2016 के चुनावों में थिरुनल्लार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।(आईएएनएस)
पणजी, 23 अक्टूबर | दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के खराब शासन ट्रैक रिकॉर्ड और कोविड महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने में असमर्थता के कारण भाजपा जल्द ही गोवा के मुख्यमंत्री की जगह लेगी। वहीं गोवा भाजपा ने आम आदमी पार्टी के बयान को एक अफवाह के रूप में खारिज कर दिया है।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद विनय तेंदुलकर ने संवाददाताओं से कहा, "मुझे नहीं पता। ये अफवाहें हैं। सीएम राज्य सरकार को अच्छी तरह से चला रहे हैं। मुझे लगता है कि कोई भी पार्टी सिर्फ दो महीने (चुनाव के लिए) में इस तरह के बदलाव नहीं करेगी।" गोवा में राज्य विधानसभा के चुनाव 2022 की शुरूआत में होने हैं।
इससे पहले शनिवार को, सिसोदिया ने सत्तारूढ़ भाजपा के सूत्रों के हवाले से कहा था कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सावंत सरकार की विफलताओं का 10-सूत्रीय ज्ञापन तैयार किया था और कहा कि मुख्यमंत्री को जल्द ही बदल दिया जाएगा। सिसोदिया ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की।
सिसोदिया ने आज दोपहर दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, "2022 में आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले, भाजपा ने गोवा में भी अपने मुख्यमंत्री को बदलने की अपनी प्रवृत्ति को जारी रखने का फैसला किया है। पार्टी ने सावंत के निष्कासन के पीछे 10 कारणों का हवाला दिया है।"
सिसोदिया ने आगे कहा, "बीजेपी ने 10-सूत्रीय विफलता सूची भी तैयार की है। कोविड-19 कुप्रबंधन सूची में सबसे ऊपर है क्योंकि राज्य में 50 प्रतिशत सकारात्मकता दर दर्ज करने के बाद भी मुख्यमंत्री कुछ भी करने में विफल रहे। पंचायतों को अपने दम पर तालाबंदी करनी पड़ी। गोवा सरकार चक्रवाती तूफान तौकता का प्रबंधन भी नहीं कर पाई क्योंकि चेतावनी के बावजूद पूरे चार दिनों तक गोवा में बिजली गुल रही।"
उन्होंने कहा, "गोवा सरकार द्वारा उन लोगों के परिजनों को मुआवजा देने का वादा किया गया था, जिनके एकमात्र कमाने वाले की मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई थी, वह भी पूरा नहीं हुआ।"
दिलचस्प बात यह है कि सावंत, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सदानंद शेत तनवड़े और राज्य के आयोजन सचिव सतीश धोंड को शुक्रवार को अचानक राष्ट्रीय राजधानी में तलब किया गया था।
तीनों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष और पार्टी के गोवा डेस्क प्रभारी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की।
गोवा लौटने पर सावंत ने कहा था, "यह चुनाव संबंधी बैठक थी।"
पिछले कुछ महीनों में भाजपा ने उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में तीन मुख्यमंत्रियों को बदल दिया है, जहां चुनाव जल्द से जल्द होने हैं।(आईएएनएस)
बेलागवी, 23 अक्टूबर | कर्नाटक के बेलगावी जिले में ब्लैक फंगस से अपनी पत्नी की मौत का दर्द सहन नहीं कर पा रहे एक व्यक्ति ने शनिवार को अपने चार बच्चों के साथ जहर खा लिया। घटना हुक्केरी तालुक के बोरागल गांव की है। मृतकों की पहचान गोपाल हादिमानी (46), उनके बच्चों सौम्या हदीमानी (19), श्वेता हदीमानी (16), साक्षी हदीमनी (11) और सृजन हदीमानी (8) के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, गोपाल की पत्नी जया की 6 जुलाई को ब्लैक फंगस के कारण मौत हो गई थी। अपनी असमय मौत का दर्द सहन ना कर पाने के कारण गोपाल ने शनिवार को अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर ली।
संकेश्वर पुलिस ने आईएएनएस को बताया, "आगे की जांच जारी है।"(आईएएनएस)
श्रीनगर, 23 अक्टूबर | जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर यात्रा को लेकर केंद्र की आलोचना की।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, गृहमंत्री श्रीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का उद्घाटन करते हैं, नए मेडिकल कॉलेज की नींव भी रखते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि आधे से ज्यादा मेडिकल कॉलेज को लेकर सेंशन (स्वीकृति) कांग्रेस सरकार के दौरान हो गया था। अनुच्छेद 370 हटने के बाद से तो सिर्फ परेशानियां बढ़ी हैं, जम्मू-कश्मीर को अराजकता की ओर धकेल दिया गया है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया जाना दिखावटी कदम है, जो जम्मू-कश्मीर में वास्तविक समस्या का समाधान नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि आदर्श रूप से गृह मंत्री की यात्रा इस साल जून में प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान केंद्र शासित प्रदेश के नेताओं को दिए गए आश्वासनों पर आगे की कार्रवाई से पहले होनी चाहिए थी।
महबूबा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, श्रीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का उद्घाटन और नए मेडिकल कॉलेजों की नींव रखना कोई नई बात नहीं है। आधा दर्जन मेडिकल कॉलेज संप्रग सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए थे और अब काम कर रहे हैं। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और एक संकट पैदा करने के बाद, जम्मू-कश्मीर को अराजकता की स्थिति में छोड़ दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार को असली समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
महबूबा ने कहा, यह संकट भारत सरकार का बनाया हुआ है और लोगों तक पहुंचने के बजाय उन्होंने दिखावटी कदमों का विकल्प चुना, जो वास्तविक समस्या का समाधान नहीं करता है। आदर्श रूप से, गृहमंत्री की यात्रा सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री के आश्वासनों पर आगे की कार्रवाई से पहले होनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा, विश्वास बहाली के उपायों जैसे, 2019 से लागू जम्मू-कश्मीर की घेराबंदी को हटाना, कैदियों को रिहा करना, यहां के लोगों के दैनिक आधार पर होने वाले उत्पीड़न को समाप्त करना, अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और बागवानी के लिए ठोस कदम उठाने से लोगों को राहत मिलती।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि इसके उलट, शाह के दौरे से पहले 700 नागरिकों को हिरासत में ले लिया गया, उन पर लोकसुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और कई को कश्मीर के बाहर जेलों में भेज दिया गया।(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 23 अक्टूबर | बांग्लादेश में पिछले कुछ हफ्तों में हिंदू समुदाय पर हुए हमलों की निंदा करते हुए इस्कॉन-बैंगलोर ने शनिवार को शहर में कीर्तन मार्च निकाला।
इस्कॉन बैंगलोर के अध्यक्ष मधु पंडित दास ने कहा, हम बांग्लादेश में इस्कॉन भक्तों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर अकारण हमलों पर अपना दर्द और पीड़ा व्यक्त करते हैं। हम एकजुट रूप से उनके साथ समर्थन और एकजुटता के साथ खड़े हुए हैं और उनकी सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं।
उन्होंने कहा, हम बांग्लादेश सरकार से तुरंत प्रभावित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह करते हैं। हम भारत सरकार से अपने पड़ोसी देशों के साथ काम करने और क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का भी अनुरोध करते हैं।
इस्कॉन में रणनीतिक संचार और परियोजना मामलों के प्रमुख नवीना नीरदा दासा ने कहा, ग्लोबल कीर्तन मार्च वैश्विक हिंदू समुदाय के दर्द और दुख का एक विश्वव्यापी शांतिपूर्ण प्रदर्शन है, जो बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिए निकाला जा रहा है। यह विरोध किसी धार्मिक समुदाय या बांग्लादेश राष्ट्र के खिलाफ नहीं है। यह देश के सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग के लिए है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हाल ही में इस्कॉन और अन्य संगठनों के मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है, देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया है और देवी दुर्गा के पूजा पंडाल जलाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी भीड़ ने हमलों के दौरान बांग्लादेश के नोआखली में इस्कॉन के प्रंथ चंद्र दास और जतन चंद्र साहा सहित कई लोगों को मार डाला।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं के कई घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाया गया और जला दिया गया। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समूहों पर इस तरह के हमले दशकों से होते आ रहे हैं और इसे रोकने की जरूरत है।
इस्कॉन की ओर से कहा गया है कि शांतिपूर्ण और कानून का पालन करने वाले समुदायों पर लक्षित हमलों ने मानवता की सामूहिक चेतना को झकझोर दिया है। इसने कहा कि इन कमजोर लोगों के लिए सुरक्षा की मांग करने के लिए, इस्कॉन आंदोलन ने दुनिया भर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं।
इस्कॉन बैंगलोर ने देश के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए हरे कृष्णा हिल पर भी शांतिपूर्ण कीर्तन मार्च का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में मंदिर के मिशनरियों, इस्कॉन मंडली के सदस्यों और अन्य कई नागरिकों ने भाग लिया।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर | केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने एक विज्ञापन के माध्यम से लोगों से कोविड से सुरक्षा के लिए बाजारों में न जा कर ऑनलाइन खरीदारी करने का आग्रह किया, इस पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज देश भर के 8 करोड़ व्यापारियों और उनसे जुड़े परिवारों से ये आग्रह किया है कि आने वाले चुनावों में यदि ऑनलाइन वोटिंग की व्यवस्था हो तभी ऑनलाइन मतदान करें वहीं मतदान केंद्र पर न जाकर कोविड से बचें। कैट ने कहा है कि, जब सरकार बाजारों को कोविड के लिए खतरा मानती है तो मतदान केंद्र पर भी कोविड से प्रभावित होने की बराबर संभावना है।
ई कॉमर्स के मुद्दे पर हाल ही में आये कुछ नए तथ्यों के सन्दर्भ में कैट ने आगामी 26 अक्टूबर को दिल्ली में अपने शीर्ष निकाय कैट बोर्ड की मीटिंग बुलाई है जिसमें ई कॉमर्स पर भविष्य की एक आक्रामक रणनीति तय की जायेगी।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कड़े शब्दों में कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी लोकल पर वोकल पर जोर देते हुए देश की जनता से ज्यादा से ज्यादा देसी समान खरीदने की अपील करते हैं, उसी सरकार का स्वास्थ मंत्रालय लोगों से घर बैठे ऑनलाइन खरीदारी करने का आग्रह कर प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने के विपरीत जाकर लोगों को सलाह दे रहा है।
स्वास्थय मंत्रालय का यह निर्णय देश भर के व्यापारियों को बेहद नागवार गुजरा है जिसका प्रचंड विरोध देश भर में व्यापारियों द्वारा किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिया गया ये विज्ञापन सीधे तौर पर देश के 8 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसायों पर कड़ा आघात है और सीधे तौर पर भारत के संविधान में निहित मौलिक अधिकार का उल्लंघन है, जो किसी भी प्रकार के भेदभाव को रोकता है और ऑनलाइन एवं ऑफलाइन व्यापारियों में भेदभाव करता है।(आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 23 अक्टूबर | माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर लोगों के लिए ट्वीट्स से सीधे 'रिव्यू न्यूजलेटर्स' पर साइन अप करने का एक तरीका तैयार कर रहा है। एनगेजेट के अनुसार, जब कोई अपना रिव्यू न्यूजलेटर साझा करता है, तो ट्वीट में एक सदस्यता बटन शामिल होगा।
यदि कोई किसी विशिष्ट न्यूजलेटर मुद्दे के लिंक पर क्लिक करता है, तो उन्हें अपने ट्विटर फीड पर वापस आने पर सदस्यता लेने का विकल्प दिखाई देगा।
यह सुविधा अभी वेब पर लाइव है, और यह जल्द ही आईओएस और एंड्रॉइड पर आ रही है।
इसके अलावा, यदि आपका ट्विटर अकाउंट किसी ईमेल पते से जुड़ा है, तो आप एक क्लिक के साथ न्यूजलेटर अपडेट प्राप्त करने के लिए साइन अप कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आपको अपने ईमेल इनबॉक्स के माध्यम से अपनी सदस्यता की पुष्टि करने की आवश्यकता नहीं होगी।
अपडेट से लोगों के लिए ट्विटर फॉलोअर्स को न्यूजलेटर सब्सक्राइबर में बदलना आसान हो जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सबस्टैक और अन्य न्यूजलेटर सेवाओं की पसंद पर रिव्यू के लिए यह एक बड़ा फायदा है क्योंकि उन प्लेटफार्मो पर लेखकों को संभावित ग्राहकों को थोड़ी लंबी साइनअप प्रक्रिया के माध्यम से मार्गदर्शन करना पड़ता है।(आईएएनएस)
जयपुर, 23 अक्टूबर | राजस्थान में सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपी एक व्यक्ति को अपराध करने के 24 दिनों के भीतर मौत की सजा सुनाई गई है। जानकारी के मुताबिक आरोपी दिनेश जाट को शुक्रवार को सजा सुनाई गई।
डीजीपी एम.एल. लाथर ने कहा कि अपराध के बारे में सूचना 20 सितंबर मिली, जब आरोपी नाबालिग को उपहार का लालच देकर उसके घर से ले गया।
पीड़िता के पिता द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद कुछ ही देर में जांच शुरू हुई और लड़की का शव एक खेत में मिला।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अजमेर रेंज के आईजी और अन्य के नेतृत्व में पुलिस टीम नागौर पहुंची और साक्ष्य जुटाए।
पुलिस की विशेष टीम ने साक्ष्य के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर छह दिन में मेड़ता शहर के पोक्सो कोर्ट में पेश किया।
अजमेर रेंज आईजी द्वारा स्पीक अप अभियान के तहत मामले का चयन किया गया और 28 सितंबर को सुनवाई शुरू हुई।
लाथर ने कहा, "हर दिन गवाहों को बुलाया गया और आखिरकार 21 अक्टूबर को दिनेश को अपराध का दोषी पाया गया और शुक्रवार को उसे मौत की सजा सुनाई गई।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर | दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने शनिवार को राजस्थान के भरतपुर से एक अंतर्राज्यीय सेक्सटॉर्शन गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने का दावा किया है। पुलिस के अनुसार, नासिर (25) के नेतृत्व वाला गिरोह प्रतिष्ठित व्यक्तियों को उनकी अश्लील तस्वीरों और वीडियो के साथ ब्लैकमेल करके उनसे पैसे वसूलने में शामिल रहा है।
दो अक्टूबर को पुलिस को एक बुजुर्ग की ओर से अलग-अलग नंबरों से रंगदारी मांगने की शिकायत मिली थी। कॉल करने वाले ने अपना परिचय यूट्यूब अधिकारी के रूप में दिया था।
शिकायतकर्ता ने कहा कि कॉल करने वाले यह कहकर मोटी रकम की मांग कर रहे थे कि उन्हें एक लड़की से शिकायत मिली है कि वह उसका शोषण कर रहा है। उन्होंने वीडियो क्लिपिंग भी होने का दावा किया।
फर्जी अधिकारियों ने उसका वीडियो अपलोड नहीं करने पर उससे पैसे की मांग की।
उन्होंने उसे दुष्कर्म के एक मामले में फंसाने और भुगतान न करने पर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसका वीडियो अपलोड करने की धमकी दी।
अपनी प्रतिष्ठा को लेकर चिंतित, उस व्यक्ति ने जबरन वसूली करने वाले द्वारा प्रदान किए गए खातों में 4,00,000 रुपये स्थानांतरित कर दिए।
शिकायत के आधार पर, पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज कर एक जांच शुरू की, जिसके दौरान उन्हें समान तौर-तरीकों और प्रमुख संदिग्धों के मोबाइल नंबर मिले।
इसके बाद टीम ने तकनीकी निगरानी की और आरोपी तक पहुंचने वाली विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की।
यह पाया गया कि जबरन वसूली करने वाले 100 से अधिक मोबाइल फोन और असम, बिहार, राजस्थान, दिल्ली जैसे विभिन्न दूरसंचार क्षेत्रों की फर्जी आईडी पर जारी किए गए 1,000 से अधिक सिम कार्ड का उपयोग कर रहे थे।
तकनीकी जांच के दौरान पता चला कि ये लोग भरतपुर के मेवात क्षेत्र से काम कर रहे थे।
क्राइम ब्रांच ने गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए नासिर को भरतपुर के नागर इलाके से गिरफ्तार किया।
ट्रक ड्राइवर नासिर ने देखा था कि उसके सर्कल के कई लोग साइबर धोखाधड़ी और सेक्सटॉर्शन के जरिए मोटी कमाई कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि पिछले दो साल से वह भी इसी अपराध में शामिल था और व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए लोगों से रंगदारी और ठगी करता था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर | लाहौर में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) इस्लामिक पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ हुई झड़प में तीन पुलिसकर्मी मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। डॉन की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई। लाहौर के डीआईजी (ऑपरेशन) प्रवक्ता मजहर हुसैन ने एक बयान में मारे गए दो अधिकारियों की पहचान अयूब और खालिद के रूप में की है।
तीसरे अधिकारी की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन प्रांतीय मुख्यमंत्री के एक बयान में कहा गया है कि तीन पुलिसकर्मी मारे गए।
हुसैन ने कहा कि कई अन्य लोग भी घायल हो गए जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया।
उन्होंने कहा, "प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों पर पेट्रोल बम भी फेंके।" उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और तहस-नहस करने से रोकने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, "गुस्से में भीड़ ने लाठियों का भी इस्तेमाल किया और पथराव भी किया।" उन्होंने कहा कि अधिकारी हिंसा के बावजूद संयम दिखा रहे हैं।
डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि टीएलपी के मीडिया समन्वयक सद्दाम बुखारी ने कहा कि पुलिस ने शांतिपूर्ण रैली पर हमला किया जो इस्लामाबाद जा रही थी।
एक अलग बयान में, पाकिस्तान में प्रतिबंधित समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने "इतिहास में सबसे खराब गोलाबारी" की घटन को सहन किया और माओ कॉलेज पुल के पास "हर तरफ से हमला" किया गया।
शुक्रवार देर रात तक, प्रदर्शनकारी आजादी चौक पहुंचने में कामयाब हो गए थे, जहां उन्होंने रात के लिए धरना दिया।
समूह के नेताओं ने कहा कि वे सवेरा होते ही इस्लामाबाद के लिए रवाना होने की योजना बना रहे हैं।
प्रवक्ता ने दावा किया कि कम से कम 500 कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि कई की मौत हो गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लाहौर में हिंसा भड़कने के बाद, प्रतिबंधित समूह द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि जब तक टीएलपी प्रमुख साद हुसैन रिजवी को रिहा नहीं किया जाता है, तब तक बातचीत नहीं होगी।
समूह के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "उन्होंने हमें बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं पर पीछे से हमला किया गया।" उन्होंने दावा किया कि "हजारों" गंभीर रूप से घायल हो गए थे और कई को गोली लगी थी।
प्रवक्ता ने कहा, "अब, केवल टीएलपी प्रमुख ही वार्ता का नेतृत्व करेंगे।" (आईएएनएस)