राष्ट्रीय
नयी दिल्ली, 3 नवंबर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं सांसद वरुण गांधी ने इस संकट से निपटने में विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच ‘‘समन्वय की कमी’’ पर बृहस्पतिवार को सवाल उठाया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘न तो सरकार और न ही लोग इस राक्षसी समस्या के बारे में गंभीर हैं। अस्पताल सांस लेने, दिल और फेफड़ों की समस्याओं वाले मरीजों से भरे हुए हैं।’’ वरूण ने सवाल किया, ‘‘दिल्ली-एनसीआर में 10 में से आठ बच्चों को सांस की समस्या है। वर्षों की चर्चा के बाद, कई सरकारी संस्थाओं के बीच चिंता / समन्वय की निरंतर कमी क्यों है?’’
गांधी ने हैरानी जतायी कि क्या समस्या को हल करने की लागत चार करोड़ 60 लाख लोगों के लिए जीवन भर बीमारी के इलाज में आने वाले खर्च से अधिक है?
हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के बीच भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) ने हर साल पैदा होने वाले इस संकट के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। आप दिल्ली और पंजाब में सत्ता में हैं। पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं। (भाषा)
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ने के बाद निर्माण कार्यों पर रोक लग गई है जिससे मजदूरों की कमाई ठप्प हो गई है. सरकार ने अब मजदूरों के लिए 5000 रुपए के हर्जाने की घोषणा की है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता का स्तर गिरता जा रहा है और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत कई कदम लागू किए जा रहे हैं. इसके पहले चरण (जब वायु गुणवत्ता 201 से 300 के बीच हो) के तहत ही निर्माण गतिविधियों पर सीमित बैन लग जाता है. तीसरे चरण (जब वायु गुणवत्ता 401 से 450 के बीच पहुंच जाए) के तहत कुछ आवश्यक क्षेत्रों को छोड़ कर पूरी तरह से निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है.
ऐसे में निर्माण परियोजनाओं में काम करने वाले देश के कोने कोने से आए श्रमिकों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाती है, क्योंकि उनकी कमाई बंद हो जाती है. दिल्ली सरकार ने अब घोषणा की है कि इन श्रमिकों को 5,000 रुपए हर्जाना दिया जाएगा. यह हर्जाना सिर्फ एक बार दिया जाएगा. दिल्ली में न्यूनतम वेतन 16,792 रुपए है.
क्या इतना ही हर्जाना काफी है?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विट्टर पर घोषणा की, "प्रदूषण को देखते हुए पूरी दिल्ली में निर्माण गतिविधियों को बंद कर दिया गया है." उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने श्रम मंत्री से कहा है कि श्रमिकों के हर्जाने की रकम को दे दिया जाए. निर्माण पर प्रतिबंध सोमवार 31 अक्टूबर को लगे थे लेकिन सरकार ने यह नहीं बताया है कि ये कब तक लागू रहेंगे.
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक मंगलवार को वायु गुणवत्ता "गंभीर" श्रेणी में पहुंच गई थी लेकिन बुधवार को इसमें थोड़ा सा सुधार आया और यह "बहुत खराब" श्रेणी में पहुंच गई. अगले कुछ दिनों के पूर्वानुमान के मुताबिक प्रदूषण का स्तर अभी भी बढ़ा हुआ ही रहने वाला है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले 10 लाख से ज्यादा मजदूर हैं, जिनमें से करीब नौ लाख निर्माण बोर्ड के साथ पंजीकृत हैं. पिछले साल और इस साल की शुरुआत में भी दिल्ली सरकार ने निर्माण श्रमिकों को इसी तरह 5,000 रुपए हर्जाना दिया था.
जहरीली हवा का असर
दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील भी की है कि वो गाड़ियों में एक दूसरे के साथ यात्रा करने की कोशिश करें, जितना संभव हो घर से काम करें और घर पर कोयले और लकड़ी को कम से कम जलाने के काम में लाएं. दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी के रूप में जाना जाता है.
फैक्टरियों का धुंआ, पेट्रोल-डीजल गाड़ियों का धुंआ, धूल, पड़ोसी राज्यों से पराली जलाए जाने का धुंआ और हवा की गति कम हो जाना जैसे मिले जुले कारणों से सर्दियों में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. लोगों को फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं और पहले से बीमारियों से जूझ रहे लोग और अस्वस्थ हो जाते हैं.
डॉक्टर विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर कम से कम निकलने की सलाह देते हैं. इस साल भी स्कूलों को बंद कर देने की मांगें उठनी शुरू हो चुकी हैं. (dw.com)
अब ज्यादा संख्या में लोग यात्रा टिकट बुक कराने के लिए फोन का ही इस्तेमाल करते हैं. लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि यह कोई अच्छी आदत नहीं है और लोग इस चक्कर में ज्यादा खर्च रहे हैं.
उस बात को 15 साल हो चुके हैं जब पहला आईफोन बाजार में आया था. तब से लोगों की खरीददारी की आदतें लगातार बदलते हुए अब क्रांतिकारी रूप से दो दशक पहले के मुकाबले अलग हो चुकी हैं. अमेरिका में 3,250 लोगों के बीच हुए एक सर्वेक्षण के मुताबिक फरवरी 2022 में 51.2 लोगों ने यात्राओं के लिए मोबाइल से भुगतान किया.
युवाओं के बीच मोबाइल से भुगतान का चलन सबसे ज्यादा है. 2021 में एक ऑनलाइन पेमेंट कंपनी क्लार्ना ने 13,000 लोगों के बीच एक सर्वे किया तो पता चला कि ऑनलाइन पेमेंट की आदत युवाओं में सबसे ज्यादा है. 25-40 साल के बीच के 48 फीसदी लोग ऑनलाइन शॉपिंग फोन से ही करते हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 34 प्रतिशत था.
लोगों के व्यवहार से दिख रहा है कि अब यात्राओं संबंधी खरीददारी जैसे कि टिकट खरीदना या होटल बुक कराना आदि फोन से करने का चलन बढ़ रहा है और संभव है कि आने वाले दिनों में कंप्यूटर पर यात्रा बुकिंग बंद ही हो जाए. कई ट्रैवल ऐप तो इस रास्ते पर आ भी चुकी हैं. मसलन, ट्रैवल सर्च इंजन हॉपर में कुछ विशेष बुकिंग ऐप से ही संभव हैं.
लेकिन एक बात की ओर ग्राहकों का ध्यान अब भी कम जाता है कि फोन से बुकिंग महंगी पड़ सकती है. इसके कई कारण हैं.
ड्रिप प्राइसिंग
पिछले एक दशक में मोबाइल से शॉपिंग का चलन बढ़ने के साथ-साथ इस बात में भी बदलाव आए हैं कि कंपनियां कमाई कैसे करती हैं. बैगेज के लिए अलग धन से लेकर सीट का चुनाव करने के लिए ज्यादा पैसे देने तक कई तरह के ऐसे चार्ज लगना शुरू हो गया है, जो पहले नहीं होता था. मसलन, कुछ एयरलाइंस विमान की सफाई के लिए टिकट में अलग से पैसा ले रही हैं, तो कुछ होटलों में लॉजिंग चार्ज अतिरिक्त लिया जाने लगा है.
अमेरिकी ब्यूरो ऑफ ट्रांसपोर्टेशन स्टैटिस्टिक्स के आंकड़े बताते हैं कि वहां की एयरलाइन कंपनियों ने 2021 में 3.5 अरब डॉलर सिर्फ बैगेज फीस से जुटाया है. मार्किटिंग साइंस नामक पत्रिका में 2021 में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ था, जिसमें बताया गया कि अतिरिक्त खर्चों के लिए, जिन्हें ‘ड्रिप प्राइसिंग' कहा जाता है, ग्राहकों के फैसले पूरी तरह समझदारी से नहीं लिए जाते. यानी उनके फैसलों में इन कीमतों की गणना शामिल नहीं होती. अक्सर वे जब ऑनलाइन कीमतों की तुलना करते हैं तो शुरुआती कीमतों पर अपने फैसले लेते हैं और हो सकता है कि ड्रिप प्राइसिंग के बाद यह कीमत दूसरों से ज्यादा साबित हो.
शुरुआती कीमत ज्यादा होगी
बेंटली यूनिवर्सिटी में मार्किटिंग पढ़ाने वालीं असिस्टेंट प्रोफेसर शेली सैंटाना कहती हैं, "जब कंपनियां ड्रिप प्राइसिंग की रणनीति अपनाती हैं तो उनकी शुरुआती कीमत दूसरी कंपनियों से हमेशा कम होती है. लेकिन एक बार बुकिंग शुरू हो जाने पर वे अतिरिक्त खर्चे जोड़ना शुरू करती हैं जैसे कि सीट का विकल्प चुनने के लिए या बैगेज के लिए.”
सस्ती एयरलाइंस में यात्रा के लिए बुकिंग करवा चुके लोग इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि कैसे सस्ती दिखने वाली टिकट ज्यादा महंगी पड़ती है, जब उन्हें सीट से लेकर बैग तक और खाने से लेकर पानी तक के अलग पैसे देने पड़ते हैं. लेकिन सैंटाना और उनके साथी अपने अध्ययन में यह जानकार हैरान रह गए कि जब आखिर में टिकट की कीमत दूसरों से कहीं ज्यादा होने का पता चल गया, तब भी ग्राहक विकल्पों से तुलना करने को लेकर कितने अनिच्छुक थे.
सैंटाना कहती हैं, "ग्राहक सोचते हैं कि अगर वह खोजने प्रक्रिया फिर से शुरू करेंगे तो वे उतना पैसा नहीं बचा पाएंगे जितनी उन्हें उम्मीद है.” यानी दोबारा कंपेयर और सर्च करने के झंझट से बचने के लिए लोग ज्यादा पैसे देकर टिकट बुक करवा लेते हैं.
विशेषज्ञ खरीददारी के लिए मोबाइल को सही जरिया नहीं मानते. जाहिर है कि इस पर ऑर्डर करना आसान और जल्दी होता है लेकिन यात्रा जैसे बड़े खर्चों के लिए बात सिर्फ जल्दी और आसानी पर निर्भर नहीं करती. इसके लिए कई टैब बदलने पड़ते हैं, कई पॉपअप आते हैं और कई जगह सूचनाएं भरनी पड़ती हैं, तब जाकर सबसे अच्छी डील मिलती है.
लिहाजा, विशेषज्ञ कहते हैं कि यात्रा जैसे खर्चों के लिए फोन की जगह कंप्यूटर एक ज्यादा अच्छा जरिया है. सैंटाना कहती हैं, "मैं लगभग हमेशा यात्रा के लिए खरीददारी कंप्यूटर पर करती हूं. मुझे कई टैब खोलकर, कई वेबसाइटों के बीच में तुलना करना और फिर यह सुनिश्चित करना अच्छा लगता है कि मैं अलग-अलग कंपनियों के बीच की कीमतों को समझ रही हूं.”
वीके/एए (एपी)
एथेंस, 3 नवंबर | ग्रीक के एजियन सागर में हाल ही में इविया द्वीप पर एक नाव पलट गई थी। इस हादसे में बचाव दल ने 20 प्रवासियों के शव को बरामद किया हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि तेज हवाओं से बाधित अभियान के दौरान 12 लोगों को बचाया गया है।
बचे लोगों ने अधिकारियों को बताया कि केप काफिरियास इलाके में मंगलवार को जब नाव डूबी तो उसमें 68 लोग सवार थे।
नाव में मिस्र, अफगानिस्तान और ईरान के प्रवासी थे। यह जानकारी हेलेनिक कोस्ट गार्ड के प्रवक्ता कमांडर निकोस कोक्कलस ने ग्रीक राष्ट्रीय प्रसारक ईआरटी को दी।
अधिकारियों के अनुसार 2015 से दस लाख से अधिक लोग अवैध रूप से ग्रीस में प्रवेश कर चुके हैं। यहां आने के दौरान सैकड़ों लोग समुद्र में डूब गए। (आईएएनएस)|
शामली (उत्तर प्रदेश), 3 नवंबर | ढाई फुट लंबे 32 वर्षीय अजीम मंसूरी ने आखिरकार बुधवार शाम को अपना सपना सच कर लिया, जब उन्होंने दो फुट लंबी बुशरा से उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक समारोह के दौरान शादी की। अजीम मंसूरी कई वर्षों से दुल्हन की तलाश में थे क्योंकि उनके लिए उनकी लंबाई के कारण एक मैच ढूंढना मुश्किल था। अपनी शादी को लेकर मंसूरी ने कई बार राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों से भी संपर्क किया था। 2019 में, उन्होंने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी संपर्क किया ताकि उन्हें दुल्हन खोजने में मदद मिल सके।
शादी को लेकर उन्होंने कहा, "भगवान की कृपा से मेरे जीवन में यह क्षण आया है। यह एक खुशी का अवसर है और मैंने अपने इलाके से सभी को आमंत्रित किया है।"
मंसूरी, जो एक कॉस्मेटिक स्टोर चलाते है और कैराना स्थित परिवार के छह भाई-बहनों में सबसे छोटे है, ने शामली में एक भव्य शादी की। शादी में बहुत भीड़ थी इसीलिए भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा।
उन्होंने कहा, "मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने मेरी मदद की।"
शेरवानी पहने मंसूरी ने कहा, "मुझे खुशी है कि मेरा सपना अब पूरा हो रहा है। मैं अपनी शादी में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित करना चाहता था लेकिन मुलायम सिंह यादव के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है क्योंकि मैं उनको भी शादी में बुलाना चाहता था।"
मंसूरी ने पिछले साल मार्च में अपने सपनों की लड़की से मुलाकात की और अप्रैल 2021 में बुशरा से सगाई कर ली। बुशरा ने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद इस जोड़े ने शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 3 नवंबर | चुनाव आयोग (ईसी) गुरुवार दोपहर गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के लिए आयोग दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रें स करेगा। चुनाव की आधिकारिक अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी।
राज्य में दिसंबर के पहले सप्ताह में दो चरणों में मतदान होने की संभावना है।
182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त होगा।
इससे पहले आयोग ने हिमाचल प्रदेश चुनाव की तारीखों के साथ गुजरात चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की थी। आयोग ने 14 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी, जो 12 नवंबर को एक चरण में होगा और मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।
गुजरात में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 3 नवंबर | देश के छह राज्यों - उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओडिशा की सात विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के तहत मतदान जारी है। इस उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ सपा, आरजेडी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), टीआरएस और बीजद जैसे क्षेत्रीय दलों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। उत्तर प्रदेश में गोला गोकर्णनाथ, बिहार में मोकामा एवं गोपालगंज, हरियाणा में आदमपुर, महाराष्ट्र में अंधेरी पूर्व, तेलंगाना में मुनुगोडे और ओडिशा में धामनगर विधान सभा क्षेत्र में उपचुनाव के तहत गुरुवार को मतदान जारी है।
उत्तर प्रदेश में जहां योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने फिर से अपनी लोकप्रियता साबित करने की चुनौती है। वहीं बिहार में महागठबंधन और भाजपा दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई और हुड्डा परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है। महाराष्ट्र में हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने अपने उम्मीदवार को भले ही चुनावी मैदान से हटा दिया है लेकिन उद्धव ठाकरे के सामने पिछली बार से ज्यादा मत हासिल कर चुनाव जीतने की चुनौती है। तेलंगाना में भाजपा, कांग्रेस और टीआरएस की प्रतिष्ठा दांव पर है तो वहीं ओडिशा में भाजपा और बीजद आमने सामने है।
दरअसल, देश के अलग-अलग हिस्सों में जिन सात विधान सभा सीटों पर उपचुनाव के तहत मतदान हो रहा है उनमें से तीन सीटें पिछले चुनाव में भाजपा के खाते में आई थी, दो सीट पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी और अन्य दो सीटों पर आरजेडी और शिवसेना के उम्मीदवार जीतें थे जो कांग्रेस गठबंधन के साथ है। हालांकि कांग्रेस के टिकट पर पिछली बार चुनाव जीतने वाले दोनों विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए और उनके इस्तीफे की वजह से ही इन सात में से दो सीटों पर उपचुनाव करवाया जा रहा है। इसलिए एक मायने में देखा जाए तो इस उपचुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की प्रतिष्ठा ज्यादा दांव पर लगी है।
हरियाणा की आदमपुर सीट पर पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर कुलदीप बिश्नोई और तेलंगाना के मुनुगोडे सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर के राजगोपाल रेड्डी ने जीत हासिल की थी, लेकिन इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और अपनी-अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के सामने इन दोनों सीटों पर फिर से जीत हासिल करना बड़ी चुनौती है।
महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट विधान सभा से पिछले चुनाव में शिवसेना उम्मीदवार रमेश लटके को जीत हासिल हुई थी, लेकिन उनके निधन के कारण यह सीट खाली हो गई। भाजपा ने इस सीट से अपने उम्मीदवार को इस बार वापस ले लिया है।
बिहार के मोकामा में पिछले चुनाव में आरजेडी के टिकट पर बाहुबली नेता अनंत सिंह जीते थे लेकिन अदालत से सजा मिलने के बाद उनकी विधायकी समाप्त हो जाने की वजह से इस पर उपचुनाव करवाया जा रहा है। बिहार की दूसरी विधान सभा सीट गोपालगंज में पिछला चुनाव भाजपा जीती थी लेकिन भाजपा विधायक सुभाष सिंह के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। भाजपा के सामने जहां लालू यादव के गृह जिले में अपनी सीट को बरकरार रखने की चुनौती है, तो वहीं नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के सामने यह साबित करने की चुनौती है कि उनके कार्यकर्ता और मतदाताओं का भी गठबंधन हो चुका है और जिस जातीय आंकड़े के आधार पर वो लोक सभा चुनाव में बिहार में भाजपा का सूपड़ा साफ करने का दावा कर रहे हैं वह जातीय अंकगणित महागठबंधन के पक्ष में मजबूत हो चुका है।
उत्तर प्रदेश के गोला गोकर्णनाथ विधान सभा से पिछली बार भाजपा उम्मीदवार के तौर पर अरविंद गिरी और ओडिशा के धामनगर से भाजपा के बिष्णु चरण सेठी चुनाव जीते थे। दोनों विधायकों के निधन के कारण इन सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। उत्तर प्रदेश में अपनी लोकप्रियता को साबित करने के लिए भाजपा के लिए यह चुनाव काफी अहम है वहीं ओडिशा में अपनी जीती हुई सीट को फिर से जीतना भी भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। इस सीट पर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी बीजू जनता दल और कांग्रेस की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।
इन सातों विधान सभा सीटों पर 6 नवंबर को मतगणना होगी और इन सीटों पर आए चुनावी नतीजों का राजनीतिक संदेश दूरगामी होने की बात कही जा रही है। (आईएएनएस)|
कानपुर, 3 नवंबर | कानपुर में रेलवे ट्रैक के पास एक सुनसान जगह पर कक्षा 12 के एक छात्र की स्कूल टाई से गला घोटकर हत्या कर दी गई। शव की पहचान रोनिल सरकार के रूप में हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रोनिल के शरीर पर चोट के 10 निशान भी पाए गए।
पुलिस ने बताया कि विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच की जा रही है। मामले में छह संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।
रोनिल का शव जहां मिला वहां से पुलिस को बीयर की बोतलें, सिगरेट के टुकड़े और खाने-पीने का सामान भी मिला।
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस इलाके में नशा करने लोग आते रहते थे।
रोनिल के पिता संजय सरकार ने कहा कि उनके बेटे की हत्या कहीं और की गई और शव को इस इलाके में फेंक दिया गया।
उन्होंने कहा कि जंगल में रात भर लाश पड़ी रही, अगर रोनिल यहां पैदल आत तो उसके जूतों पर कीचड़ लगा होता, लेकिन ऐसा नहीं था।
एसीपी (छावनी) मृगंक शेखर पाठक ने बताया कि एक सीसीटीवी फुटेज में रोनिल को पीएसी क्रॉसिंग तक जाते देखा गया। लेकिन वह इस मार्ग पर आगे लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में नहीं देखा गया। यह स्पष्ट नहीं है कि किसके माध्यम से वह चंदारी पहुंचा।
उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि हत्या से पहले रोनिल की पिटाई की गई थी।
पोस्टमॉर्टम करने वाले चिरंजीव कुमार और आर.एस. यादव ने कहा कि रोनिल के सिर, पैर, छाती, पेट और पीठ पर चोट के 10 निशान थे। (आईएएनएस)|
गाजियाबाद, 3 नवंबर | थाना सिहानीगेट पुलिस ने थाना सिहानीगेट क्षेत्र से कार व्यापारी की हत्या की सुपारी लेने के मामले में वांटेड शातिर शार्प शूटर/कॉन्ट्रैक्ट किलर जितेन्द्र त्यागी को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उसके पास से एक 9 एमएम पिस्टल और 5 कारतूस भी बरामद हुए हैं। इसके साथ ही व्यापारी को मारने के लिए ली गयी सुपारी में से 58,000 रुपए भी बरामद हुए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, थाना सिहानीगेट पुलिस ने चेकिंग के दौरान थाना सिहानीगेट क्षेत्र से अभियुक्त जितेन्द्र त्यागी को गिरफ्तार किया है। गाजियाबाद के नंदग्राम में रहने वाले जितेंद्र त्यागी को आपूलेन्ट माल के सामने जीटी रोड गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ पर अभियुक्त ने वादी कार व्यापारी की हत्या करने के लिये सम्पूर्णान्द/काले अनेजा से 5 लाख रुपए की सुपारी तय करना व 1 लाख रुपए एडवांस में लेना तथा शेष रुपए हत्या करने के बाद लेने की बात स्वीकार की है।
अभियुक्त के घर से एक स्वचालित देशी 9 एमएम पिस्टल एवं 5 कारतूस तथा सुपारी के लिए गए 1 लाख रुपए में से 58,000/- रुपए बरामद किए गए हैं। आरोपी के खिलाफ पूर्व में हत्या के साथ साथ कई और मामले भी दर्ज हैं। (आईएएनएस)|
सैन फ्रांसिस्को, 3 नवंबर | इस बात की संभावना जताई जा रही है कि ट्विटर के नए बॉस एलन मस्क माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के आधे कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकते हैं। यह बात एक मीडिया रिपोर्ट में कही गई है। वर्ज के हवाले से कहा गया है कि मस्क ने पेपाल के पूर्व कार्यकारी डेविड सैक्स समेत अपने अन्य सलाहकारों से मुलाकात की और कंपनी से लगभग 3,800 कर्मचारियों को निकालने की योजना पर चर्चा की।
पहले की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मस्क 3,700 कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रहे हैं। इससे प्रभावित लोगों को 60 दिनों का मुआवजा भी मिल सकता था।
वह ट्विटर की वर्क-फ्रॉम-होम नीति में भी बदलाव करना चाहते हैं।
इससे पहले यह बताया गया था कि ट्विटर की छंटनी की योजना से लगभग एक चौथाई कर्मचारी प्रभावित होंेगे।
इस बीच यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) के अनुसार मस्क ने कंपनी के अधिग्रहण के बाद ट्विटर के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है। अब वह ट्विटर के एकमात्र निदेशक बन गए हैं।
उल्लेखनीय है कि मस्क ने पिछले हफ्ते ट्विटर के बॉस का पद संभाला था। उन्होंने भारतीय मूल के सीईओ पराग अग्रवाल, मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सहगल, कंपनी की नीति प्रमुख विजया गड्डे सहित अन्य को कंपनी से निकाल दिया था। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 3 नवंबर | सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज व अस्पताल और लखनऊ के सरकारी यूनानी कॉलेज को लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) से अलग कर दिया गया है। दोनों कॉलेज अब आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर से संबद्ध होंगे।
बुधवार को हुई एलयू कार्यकारी परिषद की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया।
एलयू के रजिस्ट्रार संजय मेधावी ने कहा कि यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य के सभी आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी कॉलेज अब आयुष विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि एलयू ने कॉलेजों को सूचित कर दिया है कि वहां प्रवेश लिए सभी नए विद्यार्थियों को आयुष विश्वविद्यालय से डिग्री मिलेगी।
उन्होंने कहा कि परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी अब आयुष विश्वविद्यालय की होगी। चिकित्सा शिक्षा में एलयू अब फार्मेसी, योग और वैकल्पिक चिकित्सा की शिक्षा देगा। (आईएएनएस)|
कानपुर, 3 नवंबर | नोटबंदी के दौरान 2016 में बैंक की कतार में जन्म लेने वाले छह साल के बच्चे खजांची नाथ का प्ले स्कूल में भर्ती कराया गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव, जिन्होंने खजांची की देखभाल करने का वादा किया था, ने उन्हें स्कूल में भर्ती कराया है।
खजांची को स्कूल यूनिफॉर्म में देखने के बाद अखिलेश ने बच्चे की एक तस्वीर ट्वीट की और लिखा, "नोटबंदी की लाइन में जन्म लेने के लिए मजबूर हुए खजांचीनाथ अब बड़े हो गए हैं। हमने उनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी ली है। शिक्षा की शक्ति से व्यक्तित्व की अन्य शक्तियों का जन्म होता है। शैक्षिक सशक्तिकरण से बड़ा कोई सशक्तिकरण नहीं है।"
लड़के की मां सर्वेशा देवी ने कहा कि सपा प्रमुख ने उनके बेटे खजांची की शिक्षा की जिम्मेदारी ली है।
सोमवार को उसके स्कूल का पहला दिन था।
उन्होंने कहा, सपा प्रमुख ने उसे कानपुर देहात के झिंझक इलाके में स्थित रामा इंटरनेशनल स्कूल में भर्ती कराया है।
जब खजांची का जन्म हुआ तो अखिलेश ने खजांची की मां और भाई-बहनों की सहायता की थी और खजांची की पढ़ाई का खर्च वहन करने की जि़म्मेदारी भी ली थी।
स्कूल के निदेशक आकाश गुप्ता ने कहा, शनिवार (29 अक्टूबर) को दाखिले की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थीं। वह सोमवार को पहली बार स्कूल आया था।
'खजांची' का जन्म 2 दिसंबर 2016 को एक बैंक के बाहर हुआ था।
जन्म के समय उसकी मां सर्वेशा झिंझक के एक बैंक से 'लोहिया आवास योजना' के तहत पैसे निकालने गई थी।
जन्म के बाद अखिलेश यादव ने उनका नाम 'खजांची नाथ' रखा था। (आईएएनएस)|
अमरावती, 2 नवंबर | आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में बुधवार को छह महिला खेतिहर मजदूरों की करंट लगने से मौत हो गई। घटना उस समय हुई, जब बोम्मनहाल मंडल के दरगाह होन्नूर गांव में खेत में कटाई कर रहे खेतिहर मजदूरों पर हाईटेंशन तार गिर गया।
हादसे में कुछ अन्य मजदूर भी घायल हुए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।
बिजली विभाग ने इलाके की बिजली आपूर्ति ठप कर दी है। घटना कैसे हुई इसका तत्काल पता नहीं चल पाया है। आगे के विवरण की प्रतीक्षा की जा रही थी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 नवबर । कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि नए कांग्रेस अध्यक्ष को अशोक गहलोत कैंप के विधायकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए.
इसे सचिन पायलट की ओर से अशोक गहलोत कैंप पर राजनीतिक हमले के रूप में देखा जा रहा है.
निजी टीवी चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए पायलट ने कहा है कि ‘कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है, मैं नए अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खड़गे) से अनुशासनहीनता के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं.राजस्थान में अनिर्णय की स्थिति ख़त्म होनी चाहिए.’
बता दें कि कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में अशोक गहलोत के खड़े होने के दौरान ये माना जा रहा था कि गहलोत पार्टी अध्यक्ष बन सकते हैं और सचिन पायलट राजस्थान के नए मुख्यमंत्री.
लेकिन गहलोत कैंप के विधायकों ने पार्टी के संकेतों को दरकिनार करते हुए इस कथित योजना को स्वीकार नहीं किया. इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के नया अध्यक्ष चुने गए थे.
लेकिन अब एक बार फिर सचिन पायलट ने गहलोत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा है, ‘वह पीएम की ओर से गहलोत की तारीफ़ों को बेहद दिलचस्प पा रहे हैं. पीएम मोदी ने इससे पहले गुलाम नबी आज़ाद की भी इसी तरह तारीफ़ की थी. हम सबने देखा कि उसके बाद क्या हुआ. कल जो कुछ हुआ, वो बहुत दिलचस्प था. इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए.’ (bbc.com/hindi)
लखनऊ, 2 नवंबर | उत्तर प्रदेश की आधी आबादी को सुरक्षा देने की दिशा में योगी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। इस दिशा में सरकार लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके तहत महिला बीट प्रणाली के लिए 10, 417 स्कूटी का क्रय किया जाएगा। गृह विभाग की हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को लागू करने का निर्देश दे दिया है।
यही नहीं इस योजना के तहत सरकार प्रदेश के प्रत्येक जनपद में 40 पुलिस पिंक बूथ भी खोलेगी। इस तरह प्रदेश के 75 जिलों में कुल तीन हजार पुलिस पिंक बूथ स्थापित किए जाएंगे। इनमें 20 पिंक बूथ धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर स्थापित होंगे। इन बूथों पर तैनात होने वाली महिला पुलिसकर्मियों की पेट्रोलिंग के लिए 20 स्कूटी भी खरीदी जाएगी। बूथ के निर्माण और स्कूटी खरीदने के लिए सरकार तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि खर्च करेगी। इस पूरी योजना के लिए सरकार 195 करोड़ रुपये से ज्यादा पूंजीगत व्यय करेगी। वहीं योजना के संचालन व्यय पर 297 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे।
2022 के विधनसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश के हर जनपद में पुलिस पिंक बूथ खोलने का वायदा किया था। सीएम योगी अब उसी घोषणा को पूरा करने जा रहे हैं। गुलाबी रंग में रंगे इन बूथों में महिलाओं की सुविधा का खासा ख्याल रखा जाएगा। इन बूथों में महिलाओं के लिए रेस्ट रूम, वॉशरूम, शिकायत कक्ष, किचन से लेकर प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की जाएगी।
सभी जनपदों और धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों में पिंक बूथ के स्थापित होने से एक तरफ जहां प्रदेश की महिलाओं को मनचलों से छुटकारा मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ वह घरेलू हिंसा सहित अपने खिलाफ हुई अन्य हिंसा और बदसलूकी के बारे में महिलाएं खुलकर अपनी पुलिस को बता सकेंगी। साथ ही उन वकिर्ंग वुमेन के मन में सुरक्षा का भाव पैदा होगा, जो देर शाम या रात में अपने दफ्तर से छूटती हैं। इसके अलावा पुलिस को भी महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने में आसानी होगी।
सरकार ने इन धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर भी पुलिस पिंक बूथ खोलने का निर्णय लिया है। उनमें से प्रमुख रूप से मथुरा कृष्ण जन्म भूमि, गोवर्धन मंदिर, वृंदावन बांके बिहार मंदिर और इस्कॉन मंदिर। वाराणसी काशी विश्वनाथ धाम, बीएचयू (विश्वनाथ मंदिर), दुर्गा कुंड, संकट मोचन और सारनाथ।
अयोध्या श्री राम जन्मभूमि स्थल, हनुमान गढ़ी और कनक भवन।प्रयागराज अलोपी देवी मंदिर और बड़े हनुमान जी मंदिर चित्रकूट-रामघाट और कामदगिरी, मिर्जापुर- विंध्यवासिनी मंदिर, बलरामपुर देवी पाटन मंदिर, आगरा राधास्वामी मंदिर, गोरखपुर गोरखनाथ मंदिर। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 नवबर । कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कोई फर्क नहीं है.
उन्होंने कहा, "आम आदमी पार्टी को हम ऐसे ही देखते हैं. आप 2012 के आरएसएस सपोर्टेड आंदोलन से निकली है. इंडिया अगेंस्ट करप्शन आरएसएस का फ्रंट ऑर्गनाइजेशन था और इसमें दो राय नहीं कि आम आदमी पार्टी उसी से निकली है."
जयराम रमेश ने कहा कि यही वजह है आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों एक ही तरह के मुद्दे उठाते हैं और कमोबेश एक ही भाषा में.
उन्होंने कहा, "ये दोनों पार्टियां एक दूसरे पर दिखावे के लिए हमला करती हैं."
कांग्रेस नेता ने कहा कि आम आदमी पार्टी पंजाब और दिल्ली सरकार की मदद से गुजरात में जमकर प्रचार कर रही है.
जयराम रमेश ने कहा, "मीडिया में खूब विज्ञापन दिया जा रहा है, मीडिया में आप का गुब्बारा बन गया है. लेकिन ज़मीनी स्तर पर कार्यकर्ता और कैंडिडेट के नज़रिये से देखें तो गुजरात में मुक़ाबला सिर्फ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. अगर आम आदमी पार्टी खड़ी होगी तो बीजेपी की मदद से कांग्रेस के वोट काटने के लिए. ये असल में कांग्रेस की बी टीम है." (bbc.com/hindi)
हैदराबाद, 2 नवंबर बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट बुधवार को हैदराबाद में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं। उन्होंने राहुल गांधी के साथ कुछ दूर पदयात्रा की।
पूजा यात्रा में हिस्सा लेने वाली पहली बॉलीवुड सेलेब्रिटी हैं। उन्हें यात्रा में राहुल के साथ पैदल चलते समय बातचीत करते हुए भी देखा गया।
पूजा विभिन्न मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर काफी मुखर रही हैं। उन्हें राहुल के साथ तेज गति से पैदल चलते देख यात्रा मार्ग में मौजूद लोग काफी खुश नजर आए।
भारत जोड़ो यात्रा बुधवार को हैदराबाद सिटी स्थित बालानगर मेन रोड के एमजीबी बजाज शोरूम से फिर से शुरू हुई। यह राहुल गांधी की अगुवाई वाली इस यात्रा का 56वां दिन है।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी।
यात्रा पिछले सप्ताह तेलंगाना में प्रवेश करने से पहले तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से गुजरी।
कांग्रेस की तेलंगाना इकाई ने यात्रा के समन्वय के लिए 10 विशेष समितियों का गठन किया है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 2 नवंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में कथित अवैध खनन से जुड़े धन शोधन के एक मामले में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तीन नवंबर को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सोरेन (47) से बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11 बजे राज्य की राजधानी रांची में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में उसके समक्ष पेश होने के लिए कहा गया।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत सोरेन से पूछताछ के साथ ही उनका बयान दर्ज करना चाहती है।
ईडी ने इससे पहले सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा और दो अन्य लोगों- स्थानीय बाहुबली बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश को इस मामले में गिरफ्तार किया था।
एजेंसी ने कहा है कि उसने यह ‘‘पता कर लिया’’ है कि राज्य में अवैध खनन से संबंधित अपराधों से मिले धन का लेन-देन किस माध्यम से किया गया।
ईडी ने अवैध खनन और जबरन वसूली की कथित घटनाओं से जुड़े मामले में आठ जुलाई को मिश्रा और उनके कथित सहयोगियों से जुड़े 19 परिसरों पर छापा मारा था, जिसके बाद मामले की जांच आरंभ हुई।
ईडी ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद कहा था, “पीएमएलए जांच से खुलासा हुआ है कि पंकज मिश्रा, जिसे मुख्यमंत्री और बरहैट के विधायक का प्रतिनिधि होने के नाते राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, अपने सहयोगियों के माध्यम से साहिबगंज और उसके आसपास के क्षेत्रों में अवैध खनन कारोबार और क्षेत्रीय नौका परिवहन सेवाओं को नियंत्रित करता है।”
सोरेन झारखंड के साहिबगंज जिले की बरहैट विधानसभा सीट से विधायक हैं।
जांच एजेंसी ने कहा, “वह (मिश्रा) साहिबगंज में विभिन्न खनन स्थलों पर स्टोन चिप्स और बोल्डर के खनन के साथ-साथ विभिन्न क्रशर के संचालन से जुड़े मामलों में अच्छा-खासा नियंत्रण रखता है।”
ईडी के मुताबिक, धन शोधन से जुड़े इस मामले के सिलसिले में 47 तलाशी अभियान चलाए गए, जिनमें 5.34 करोड़ रुपये की नकदी, 13.32 करोड़ रुपये बैंक जमा राशि, 30 करोड़ रुपये मूल्य की नाव, पांच स्टोन क्रशर और दो ट्रक जब्त किए गए हैं।
जांच एजेंसी के अनुसार, छापेमारी में दो एके-47 राइफल भी बरामद की गई हैं, जिन्हें बाद में झारखंड पुलिस ने अपना बताया था। (भाषा)
शिवपुरी, 2 नवंबर मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में स्कूल परिसर में शराब और मांसाहारी भोजन की पार्टी आयोजित करने पर एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को सेवा आचरण नियमों के कथित उल्लंघन के आरोप में निलंबित किया गया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
जिले के खनियाधाना प्रखंड के पोटा गांव में सरकारी प्राथमिक विद्यालय परिसर में आयोजित इस पार्टी का वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था।
अधिकारी ने बताया कि शिक्षक को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि पार्टी कब आयोजित की गई थी।
एक ग्रामीण ने आरोप लगाया कि जब कुछ स्थानीय लोग पार्टी का वीडियो बना रहे थे, तब शिक्षक ने उनके साथ मारपीट की।
जिला शिक्षा अधिकारी अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि वीडियो सामने आने के बाद शिक्षक को मंगलवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
अधिकारी ने कहा कि शिक्षक का कृत्य सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई खंड शिक्षा अधिकारी और पिछोर के उप मंडल मजिस्ट्रेट द्वारा पेश एक रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
अधिकारी के मुताबिक, उक्त शिक्षक द्वारा स्कूल परिसर में नियमित रूप से इस तरह की पार्टियां आयोजित करने की शिकायत मिली थी और हाल ही में सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो सामने आया है।
अधिकारी ने कहा कि विस्तृत जांच के बाद शिक्षक के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे। (भाषा)
चेन्नई, 2 नवंबर | बारिश के प्रकोप की वजह से तमिलनाडु सरकार ने सात जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और स्कूलों और कॉलेजों के लिए अवकाश घोषित किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी है।
चेन्नई, कांचीपुरम, चेंगलपट्ट, तिरुवल्लूर, रानीपेट, विल्लुपुरम और वेल्लोर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि चेन्नई और तिरुवल्लूर ने स्कूलों और कॉलेजों दोनों के लिए छुट्टियों की घोषणा की है। वहीं कांचीपुरम, चेंगलपट्ट, रानीपेट, विल्लुपुरम और वेल्लोर जिलों ने केवल स्कूलों के लिए छुट्टियों की घोषणा की है।
29 अक्टूबर को तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मानसून के दस्तक देने के बाद से, राज्य के कई हिस्सों में बारिश हो रही है और राजधानी चेन्नई और आस-पास के जिलों में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है।
चेन्नई में दो लोग पहले ही अपनी जान गंवा चुके हैं। एक 47 वर्षीय महिला, शांति की उसके घर की बालकनी गिरने से मौत हो गई और एक 52 वर्षीय ऑटोरिक्शा चालक देवेंद्रन की बिजली के झटके से मौत हो गई।
मौसम विज्ञानियों ने तमिलनाडु में 5 नवंबर तक गरज और बिजली गिरने के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
चेन्नई के कई हिस्सों में स्टॉर्म ड्रेन का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है, जिससे शहर के ज्यादातर इलाकों में पानी भर गया है। हालांकि कुछ इलाकों में जलजमाव कम होने पर स्थानीय लोगों ने संतोष जताया।
चेन्नई के अशोक नगर के 42 वर्षीय व्यवसायी पी. प्रकाश शेनॉय ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "स्टॉर्मवाटर ड्रेन का काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है और इसलिए कई हिस्सों में जलभराव है। हालांकि, पिछले साल से स्थिति में सुधार हुआ है। हम उम्मीद करते हैं कि यह मुद्दा पूरी तरह से सुलझा लिया जाएगा।"
आईएमडी ने अगले 24 घंटों में तमिलनाडु के चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, चेंगलपट्ट, वेल्लोर, रानीपेट, तिरुपत्तूर और तिरुवनमल्लई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बारिश से जुड़े मुद्दों का सामना करने के लिए राज्य में मंत्रियों और अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की।
स्टालिन ने 21 जिला कलेक्टरों के साथ भारी बारिश और बाद में बाढ़ के मुद्दों से निपटने के लिए भी बातचीत की।
निचले इलाकों से लोगों को निकाला गया है और उन जगहों पर राहत केंद्र खोले गए हैं जहां भारी से बहुत भारी बारिश हुई है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 2 नवबर । महाराष्ट्र गृह विभाग ने राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस की सुरक्षा को X से बढ़ाकर Y+ कर दिया गया है. इसके अलावा उन्हें ट्रैफ़िक क्लियरंस के लिए एक गाड़ी भी दी गई है.
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अमृता फडणवीस के साथ चौबीसों घंटे के लिए एक एस्कॉर्ट व्हीकल और पाँच पुलिसवाले तैनात रहेंगे. ट्रैफ़िक क्लियरंस व्हीकल का काम लगभग एक पायलट कार की तरह ही होता है. यानी ये गाड़ी अमृता फडणवीस के सफर करने के दौरान ट्रैफ़िक हटाएगी.
अखबार ने पुलिस सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मुंबई पुलिस के बचाव और सुरक्षा विभाग ने ट्रैफ़िक अथॉरिटीज़ को इस संबंध में ज़रूरी निर्देश दे दिए हैं लेकिन अमृता फडणवीस ने अभी तक ट्रैफ़िक क्लियरंस कार का इस्तेमाल नहीं किया है.
पत्नी का सुरक्षा घेरा बढ़ाए जाने पर सवाल को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "अमृता फडणवीस ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए कोई आवेदन नहीं किया था. उनके ऊपर ख़तरे को भांपते हुए, हाई-पावर कमेटी ने सुरक्षा दी है. ट्रैफ़िक क्लियरंस गाड़ी भी नहीं मांगी गई थी. अमृता ने पुलिस को साफ़-साफ़ कहा था कि उन्हें ट्रैफ़िक क्लियरंस गाड़ी की ज़रूरत नहीं है."
उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया है कि इस तरह के ट्रैफ़िक क्लियरंस गाड़ियां पूरे ठाकरे परिवार और बहुत से अन्य लोगों को दी जा चुकी हैं. ये पद से जुड़ा मामला नहीं है बल्कि ख़तरे की आशंका से जुड़ है. इसलिए ऐसे भी लोग हैं जो कि विधायक तक नहीं लेकिन उन्हें Z या Z+ सुरक्षा तक दी गई है."
पुलिस अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि ट्रैफ़िक क्लियरंस गाड़ी आमतौर पर सिर्फ़ उन्हें दी जाती है, जो संवैधानिक पदों पर होते हैं.
शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता और ठाकरे परिवार के करीबी ने अख़बार से कहा, "रश्मि ठाकरे (उद्धव ठाकरे की पत्नी) और तेजस ठाकरे के पास दो सुरक्षाकर्मी है लेकिन ट्रैफ़िक पुलिस नहीं. आमतौर पर अगर ट्रैफ़िक पुलिस के कर्मी होते हैं तो वो पहले कंट्रोल रूम में फ़ोन कर के ट्रैफ़िक की स्थिति पता करते हैं और उसे तेज़ी से हटाने के लिए भी कहते हैं. लेकिन सीएम या एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के अलावा किसी के लिए भी ट्रैफ़िक को रोका नहीं जा सकता."
सुरक्षा घेरा कैसे तय होता है?
एक अधिकारी ने नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर अख़बार से कहा, "2 अक्टूबर को एसआईडी यानी राज्य ख़ुफ़िया विभाग कमिश्नर के कार्यालय ने एक नोट जारी किया कि अमृता फडणवीस का सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया है. उन्होंने राज्य में मौजूद एसआईडी की सभी इकाइयों के प्रमुखों को ये निर्देश भी दिया कि उनके क्षेत्र में अमृता फडणवीस के आने पर उन्हें ट्रैफ़िक क्लियरंस उपलब्ध कराई जाए."
सुरक्षा घेरा बढ़ाने की प्रक्रिया पर बात करते हुए इस अधिकारी ने अख़बार को बताया कि एसआईडी कमिश्नर इस संबंध में 'उच्च समिति' के साथ बैठक करते हैं.
ये समिति ही किसी के सुरक्षा घेरा बढ़ाने या घटाने से जुड़े सुझाव देती है.
ये सुझाव राज्य भर में ख़ुफ़िया विभागों से मिली जानकारी और संबंधित व्यक्ति पर खतरे की आशंका को ध्यान में रखकर दिए जाते हैं.
इन सुझावों को 'समीक्षा समिति' के पास भेजा जाता है, जिसकी अध्यक्षता राज्य से चीफ़ सेक्रेटरी करते हैं और इसके बाद अंतिम फ़ैसला लिया जाता है.
हालाँकि, इस मामले पर चीफ़ सेक्रेटरी मनू कुमार श्रीवास्तव और एसआईडी कमिश्नर आशुतोष डंबरे ने अख़बार के सवालों पर टिप्पणी नहीं की.(bbc.com/hindi)
सिडनी, 2 नवंबर | सिडनी के टारोंगा चिड़ियाघर में बुधवार को पांच शेर अपने बाड़े से मुक्त हो गए, जिसके बाद अधिकारियों ने आपातकालीन लॉकडाउन लागू कर दिया। 9 न्यूज की रिपोर्ट ने सुविधा के कार्यकारी निदेशक साइमन डफी के हवाले से कहा कि इन पांच शेरों में एक वयस्क और चार शावकों को सुबह लगभग 6.30 बजे उनके मुख्य बाड़े के बाहर देखा गया था।
उन्होंने कहा कि जानवरों के बाड़े से बाहर निकलने और पूर्ण आपातकालीन प्रतिक्रिया अधिनियमित होने के बीच 10 मिनट बीत चुके थे।
9 न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां एक शावक को शांत करना पड़ा, वहीं शेष चार को उनके बाड़े में बिना किसी समस्या के लौटा दिया गया।
डफी ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि जानवर कैसे भागे।
शेरों के अपने सामान्य बाड़े के बाहर पाए जाने के तुरंत बाद एक जोरदार डरावने अलार्म की आवाज सुनाई दी, जिससे लॉकडाउन लागू हो गया।
तारोंगा चिड़ियाघर ने एक बयान में कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है और चिड़ियाघर सामान्य दिनों की तरह खुलेगा।
2009 में, सिडनी के दक्षिण में मोगो चिड़ियाघर में एक शेरनी अपने बाड़े से भाग निकली थी और जनता के सामने आने वाले खतरे के कारण उसे गोली मारनी पड़ी। (आईएएनएस)|
भारत में ऐसे बच्चों की तादाद बढ़ रही है जो जन्म से ही मोतियाबिंद की चपेट में होते हैं. हैदराबाद के एक नेत्र अस्पताल की ओर से कराए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि हर 10 हजार नवजात बच्चों में से छह को मोतियाबिंद होता है.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
ऐसा क्यों हो रहा है इस पर नेत्र विशेषज्ञों में भी आम राय नहीं है. इससे पहले उत्तर भारत के संदर्भ में इंडियन जर्नल ऑफ आप्थामोलॉजी के जुलाई अंक में भी ऐसी एक रिपोर्ट छपी थी. डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों में मोतियाबिंद की घटनाएं वास्तव में कई कारणों से बढ़ रही हैं. मोतियाबिंद आंख के प्राकृतिक लेंस की पारदर्शिता पर असर करता है.
हैदराबाद के एल.वी प्रसाद नेत्र संस्थान के बाल नेत्र चिकित्सा विभाग के प्रमुख डा. रमेश केकुन्नाया बताते हैं, "अगर बचपन में मोतियाबिंद का इलाज नहीं किया गया तो यह किशोरावस्था तक बढ़ता रहता है. अंधेपन से बचाने के लिए ऑपरेशन जरूरी है. हम अब तक 30 हजार से ज्यादा ऐसे ऑपरेशन कर चुके हैं. हर साल करीब सात से नौ हजार ऐसे मामले सामने आते हैं. उसमें तीन से चार हजार मरीज यहां पहुंचते हैं.”
शहरों में ज्यादा मामले
नवजात शिशुओं में मोतियाबिंद होने की घटना कोई नई नहीं है. लेकिन हाल के वर्षों में ऐसे मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं वह विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है. हैदराबाद के नेत्र विशेषज्ञ सत्य प्रसाद बाल्की बताते हैं, "संभवतः मां के गर्भ में किसी जीवाणु या डाउन सिंड्रोम के कारण ऐसे मामले बढ़ रहे हैं.” उनके मुताबिक, नवजात शिशुओं में जन्मजात मोतियाबिंद देखा जाता है. यह आमतौर पर माताओं में संक्रमण या डाउन सिंड्रोम जैसी अन्य बीमारियों से जुड़ा होता है. प्रसाद का कहना है, "दस साल पहले की तुलना में ग्रामीण इलाकों में प्रसव से पहले बेहतर देखभाल और माताओं में संक्रमण में गिरावट के कारण इसके मामलों में गिरावट आई है. शहरी आबादी में स्टेरॉयड के दुरुपयोग, आनुवंशिक कारणों, बीमारियों और समय से पहले जन्म जैसे कारणों से जन्मजात मोतियाबिंद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं.”
कोलकाता के मशहूर नेत्र विशेषज्ञ डॉ. देवजित चक्रवर्ती बताते हैं, "भारत में मोतियाबिंद बच्चों में अंधेपन का एक प्रमुख कारण है. बचपन में अंधेपन के लगभग 15 फीसदी मामले आनुवंशिकता के कारण होते हैं. भारत में लगभग 3 से 3.5 लाख नेत्रहीन बच्चे हैं, जिनमें से 15 फीसदी को मोतियाबिंद होने का अनुमान है. हर साल 20 से 40 हजार बच्चे इसके साथ पैदा होते हैं.”
कोलकाता के ही नेत्र विशेषज्ञ डा. गणेश मंडल बताते हैं कि कई कारणों से भारत में बच्चों में मोतियाबिंद की घटनाएं बढ़ रही हैं. बच्चों में अस्थमा के मामले भी बढ़ रहे हैं. स्टेरॉयड अक्सर इन मामलों में इलाज के लिए मुख्य दवा के रूप में उपयोग किया जाता है. यह मोतियाबिंद का कारण बन सकता है. इसके साथ ही अगर कम उम्र में मोतियाबिंद होने का पारिवारिक इतिहास है तो जन्मजात मोतियाबिंद होने की संभावना बढ़ जाती है.
विशेषज्ञों में इस बात पर आम राय है कि पांच साल पहले तक ऐसी स्थिति नहीं थी. डा. चक्रवर्ती बताते हैं, "पहले की तुलना में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में गिरावट आई है. गर्भ में संकट जनक स्थिति में रहने वाले शिशुओं को बचाने लिए जो जीवन रक्षक दवाएं दी जाती हैं, उनमें स्टेरॉयड होता है. यह भी उनमें जन्मजात मोतियाबिंद की एक प्रमुख वजह है. लेकिन समय पर इलाज से इसे दूर करना संभव है.”
क्या है मोतियाबिंद
मोतियाबिंद तब होता है, जब पीड़ित व्यक्ति की आंख के प्राकृतिक लेंस में क्लाउड बन जाता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के आंख की लेंस में प्रोटीन टूट जाते हैं और चीजें धुंधली या कम रंगीन दिखने लगती है. इंसान की आंखों के अंदर एक प्राकृतिक लेंस होता है. यह आंखों में आने वाली प्रकाश किरणों को रिफ्लेक्ट करता है. इसी वजह से इंसान किसी चीज को देख सकता है.
कई मामलों में जन्म के समय आंख का लेंस साफ होने के बजाय उसमें क्लाउड आ जाता है. इससे पीड़ित बच्चे का देखना मुश्किल हो जाता है. जन्मजात मोतियाबिंद एक या दोनों आंखों में हो सकता है. समय रहते इलाज ना होने की स्थिति में आगे चलकर यह अंधेपन का कारण बन सकता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि जीन या क्रोमोसोम में बदलाव, गर्भावस्था के दौरान चोट लगना, समय से पहले जन्म, गर्भावस्था के दौरान हाइपोग्लाइसीमिया होने और गर्भावस्था के दौरान माता को होने वाले विभिन्न संक्रमण इसकी प्रमुख वजहें हैं. मोतियाबिंद के साथ पैदा होने वाले शिशुओं का इलाज दो तरीकों से होता है. इनमें एक है सर्जरी और दूसरा पैच थेरापी. कोलकाता में नेत्र विशेषज्ञ डॉ. सोहिनी हालदार बताती हैं, "बचपन में मोतियाबिंद के लक्षण हर बच्चे में अलग-अलग हो सकते हैं. कुछ बच्चों की एक या दोनों आंखों में लेंस मोतियाबिंद का शिकार हो जाता है. इसका शीघ्र इलाज जरूरी है. किसी भी देरी से बच्चों में देखने की ताकत बहुत कम या खत्म हो सकती है.”
डा. चक्रवर्ती बताते हैं कि ऐसे बच्चों के इलाज का सही समय छह सप्ताह से छह महीने की उम्र तक है. तब ऐसे बच्चों को अंधेपन से बचाया जा सकता है. (dw.com)
देहरादून/बागेश्वर, 2 नवंबर | उत्तराखंड में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर भर्ती में चयन न होने पर एक युवक ने अपनी जान दे दी। घटना के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। मौत से पहले उसने वीडियो बनाकर अपनी पीड़ा बयां की, काफी भावुक करने वाले वीडियो में वह कह रहा है कि उसके पास एनसीसी का सी सर्टिफिकेट होने और फिजिकल में पूरे नंबर होने के बाद भी उसे असफल घोषित किया है, जो कि सिस्टम की लापरवाही है।
जानकारी के मुताबिक, बागेश्वर जिले के कपकोट थाना क्षेत्र के फरसाली मल्ला देश निवासी 21 वर्षीय कमलेश गोस्वामी पुत्र हरीश गिरी गोस्वामी लंबे समय से सेना की तैयारी कर रहा था। उसने बीते अगस्त महीने में अग्निवीर भर्ती के तहत फिजिकल परीक्षा दी थी, जिसमें उसे पूरे 100 नंबर मिले। सोमवार को अग्निवीर रिटर्न का रिजल्ट आया, जिसमें उसे सफलता नहीं मिली तो उसने क्षुब्ध होकर मौत को गले लगा लिया।
अपनी योग्यता के बल पर अग्निवीर बनने के सपने संजोए कमलेश ने आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया में कुछ स्टेटस डाले थे, जिसे देखने के बाद ही परिजन समझ गए थे कि कमलेश तनाव में है और वो अनहोनी कर सकता है। जिसके बाद उसकी तलाश की तो वो घर के पास ही तड़पता हुआ मिला। बताया गया कि कमलेश ने सल्फास की गोली खा ली थी, जिसके बाद परिजनों ने कमलेश को आनन फानन में कपकोट चिकित्सालय पहुंचाया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया, लेकिन उसने दम तोड़ दिया। वहीं, पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। (आईएएनएस)|
कानपुर, 2 नवंबर | उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में कथित तौर पर लापता हुआ 12वीं कक्षा का एक छात्र अपने स्कूल से कुछ दूरी पर एक सुनसान जगह पर मृत पाया गया। सहायक संभागीय पुलिस आयुक्त (कानपुर) बृजेश श्रीवास्तव ने कहा कि, 18 वर्षीय रोनिल सरकार के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे।
पुलिस ने कहा, "हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस इस बात की जांच करेगी कि युवक अपने स्कूल से करीब 500 मीटर की दूरी पर सुनसान जगह पर कैसे पहुंचा।"
इस बीच पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट को हत्या की प्राथमिकी में बदल दिया है।
पुलिस के मुताबिक रोनिल सोमवार सुबह स्कूल गया था, दोपहर में जब वह घर नहीं लौटा तो परिजन उसकी तलाश करने लगे और अपने ट्यूशन टीचर से मिले। वह भी कुछ पता नहीं लगने पर रोनिल के परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
मंगलवार को स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रैक के पास एक युवक का शव मिलने की सूचना पुलिस को दी।
शरीर पर स्कूल ड्रेस थी, इसलिए उन्होंने पहचान के लिए स्कूल प्रबंधक से संपर्क किया था। (आईएएनएस)|