खेल
नोज चतुर्वेदी
भारत ने आखिरी 16 मिनट में दिखाए शानदार प्रदर्शन के बूते एशियाई चैंपियंस हॉकी ट्रॉफी पर चौथी बार कब्ज़ा जमा लिया.
भारत को जीत दिलाने वाला गोल आकाशदीप सिंह ने जमाया. भारत की इस जीत से मलेशिया की पहली बार ट्रॉफ़ी जीतने का सपना टूट गया.
मलेशिया भले ही ट्रॉफ़ी पर कब्ज़ा नहीं जमा सकी पर उसने अपने से पांच रैंकिंग ऊपर वाली भारतीय टीम का एक समय पसीना निकाल दिया था. पर शायद अनुभव की कमी ने उन्हें चैंपियन नहीं बनने दिया.
दो मिनट में दो गोलों ने करा दी वापसी
मलेशियाई टीम ने पहले हाफ़ में जिस तरह की हॉकी खेली, उससे भारतीय टीम की वापसी होती नहीं दिख रही थी. लेकिन हाफ़ टाइम तक 3-1 की बढ़त बना लेने के बाद मलेशिया का बढ़त को सुरक्षित रखने के लिए हमलों के बजाय बचाव पर ज़ोर देने की रणनीति ने भारत को लय में खेलने का मौका दे दिया.
इसकी वजह से भारतीय टीम के तीसरे क्वार्टर में हमलों का सिलसिला तेज़ हुआ. पर फिर भी सफलता उनसे रूठी रही. पर मुश्किल से इस क्वार्टर का डेढ़ मिनट का खेल बाकी रहने पर भारत ने दो गोल जमाकर 3-3 की बराबरी करके खेल में अपनी वापसी कर ली.
भारत के लिए दूसरा गोल हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी स्ट्रोक से किया और बराबरी दिलाने वाला गोल शमशेर द्वारा बनाए हमले पर गुरजंत सिंह ने किया.
मलेशिया ने इसके बाद अपना स्वाभाविक आक्रामक खेल खेलने का प्रयास किया पर तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी, क्योंकि भारतीय टीम पूरी रंगत में खेलने लगी थी.
विजयी गोल नायाब हॉकी का नमूना
भारतीय टीम बराबरी पर आने के बाद आख़िरी क्वार्टर में पूरी जान लगाकर खेली. सही मायनों में पूरे मैच में यह पहला मौका था, जब वह स्वाभाविक खेल खेलती नज़र आई. भारत के ताबड़तोड़ हमले बोलने से उसे गोल जमाने के तमाम मौक़े मिले पर इन मौकों को वह गोल में नहीं बदल पा रही थी.
भारत के पेनल्टी कॉर्नर खराब करने के अगले ही मिनट में कार्ति सेलवम ने गेंद को बढ़ाकर मनदीप को दिया और उन्होंने सर्किल में अंदर जाकर ख़ुद शॉट लेने के लिए सही स्थिति नहीं देखकर अपने पीछे आ रहे आकाशदीप को पीछे गेंद सरका दी और उन्होंने दनदनाते शॉट से गोल भेद दिया.
यह सब इतनी तेज़ी से हुआ कि मलेशिया के डिफेंस को बचाव के लिए तैयार होने का मौका ही नहीं मिल सका.
एशियाई खेलों के लिए बढ़ा है मनोबल
भारतीय उप-कप्तान हार्दिक सिंह ने मैच के बाद कहा कि यह खिताबी जीत अगले महीने होने वाले एशियाई खेलों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हार्दिक की यह बात इसलिए मायने रखती है कि भारत को एशियाई खेलों में यहां खेली टीमों से ही खेलना है. भारत यहां सभी टीमों को हराने में कामयाब रहा है, इसलिए वह एशियाई खेलों में गोल्ड जीतने का प्रयास करेगा. वहां गोल्ड जीतना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वहां के विजेता को सीधे 2024 के पेरिस ओलंपिक खेलों में खेलने का मौका मिल जाएगा.
भारत को यह याद रखना होगा कि इस चैंपियनशिप के दौरान उसे दो टीमें जापान और मलेशिया परेशान करने में सफल रहीं.
एशियाई खेल चीन के हांगझू में होंगे, इसलिए समर्थन के लिए घरेलू दर्शक भी नहीं होंगे. इसलिए टीम को और मज़बूत तैयारी के साथ जाना होगा.
हरमनप्रीत के रंगत में नहीं होने से बढ़ी मुश्किलें
भारतीय कप्तान और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रेग फ्लिकरों में शुमार रखने वाले हरमनप्रीत सिंह सही मायनों में फाइनल के दौरान रंगत में नहीं दिखे. वह आमतौर पर अपने दाहिने तरफ़ ड्रेग फ्लिक लगाते हैं पर गेंद गोल से बाहर जा रही थी. इस स्थिति से बचने के लिए बाएं फ्लिक लगाने का प्रयास किया तो उसमें इतनी तेज़ी नहीं दिखी, जो विपक्षी डिफेंस और गोलकीपर को गच्चा दे पाता. पेनल्टी कॉर्नरों को गोल में नहीं बदल पाने ने भारतीय मुश्किलों को बढ़ाने में अहम योगदान किया.
भारतीय मुश्किलें बढ़ाने में मलेशिया के गोलकीपर ओथमैन हफ़ीजुद्दीन के शानदार बचाव भी अहम भूमिका निभाई. यही वजह है कि भारत के कम से कम छह निश्चित गोल के मौकों विफल कर दिया गया.
जब आनंद के चेहरे पर दिखी मुस्कराहट
भारत के इकलौते विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद भी अन्य भारतीय प्रशंसकों की तरह अपनी टीम के पिछड़ने पर शांत बैठे थे. मेयर राधाकृष्ण हॉकी स्टेडियम में इस चैंपियनशिप के दौरान भारतीय मैच के दौरान इतनी शांति इससे पहले कभी नहीं देखी गई थी. भारत के तीसरे क्वार्टर के आखिरी समय में दो गोल जमाने से भारतीय समर्थकों में खुशी लौट आई. लेकिन जब आकाशदीप सिंह ने भारत के लिए विजयी गोल जमाया तो टेलीविजन स्क्रीन पर विश्वनाथन आनंद का खिलखिलाता चेहरा छा गया.
दवाब में बिखरता नज़र आया खेल
भारतीय हॉकी टीम ने फाइनल से पहले जिस खेल का प्रदर्शन किया था, उसके आसपास भी वह पहले हाफ़ में खेलती नज़र नहीं आई. सही मायने में युवा खिलाड़ियों वाली मलयेशिया टीम ने पहले दो क्वार्टर में जिस तरह के खेल का प्रदर्शन किया, उससे भारतीय टीम पर पूरी तरह से दवाब नजर आया.
भारतीय हॉकी कुछ सालों पहले तक दवाब में बिखरती नज़र आती थी. पर ग्राहम रीड के कोच रहते इस कमी में सुधार दिखने लगा था. लेकिन फाइनल में मलेशिया द्वारा बनाए दवाब में टीम की पुरानी कमी फिर से दिखने लगी.
हैरत इस बात की थी कि क्रेग फुलटोन के भारतीय टीम के मुख्य कोच बनने के बाद यह कहा जाने लगा था कि अब टीम को मुख्य फोकस डिफेंस पर रहेगा और विपक्षी डिफेंस में दरारें बनाकर उनका फायदा उठाया जाएगा. लेकिन मलेशियाई हमलों में भारतीय डिफेंस में पहले हाफ में ऐसी हड़बड़ाहट दिखी, जिसका मलेशियाई हमलावरों ने भरपूर फायदा उठाया.
गोल जमाकर भी पहल नहीं ले पाया भारत
मलयेशिया के आक्रामक अंदाज़ में शुरुआत करने से भारत पर बने दवाब से लग ही नहीं रहा था कि यह वही टीम है जो सेमीफाइनल तक अजेय रही है और विश्व में चौथी रैंकिंग की टीम है.
भारतीय खिलाड़ियों के बीच तालमेल दिख ही नहीं रहा था और वह जब भी हमला बनाने का प्रयास करते तो पास पर खिलाड़ी गेंद पर नियंत्रण ही नहीं बना पा रहे थे. इस कारण टीम पर से दवाब हटने के बजाय बढ़ता चला जा रहा था.
इसी बीच भारत को पहला पेनल्टी कार्नर मिला और इस पर जुगराज सिंह के ड्रेग फ्लिक पर गोल जमा देने से लगा कि इस सफलता के बाद भारत दबदबा बनाने में सफल हो जाएगा. पर मलेशिया के खेलने के अंदाज़ से लग रहा था कि वह आज हार मानने को तैयार ही नहीं है. उसने पिछड़ने के बाद भी हमलावर रुख जारी रखा और भारत को खेल पर नियंत्रण बनाने का मौका ही नहीं दिया.
मलेशिया के मैच में सुनहरे क्षण
मलेशिया ने पहले क्वार्टर के 14वें मिनट में एक शानदार हमले में अबु कमल अजराई के गोल से भारत से बराबरी करने के बाद खेल पर पूरा नियंत्रण बना लिया. इस बराबरी का उनके खेल पर यह असर हुआ कि उनके हमलों में पैनापन आ गया और हमलों की रफ्तार भी बढ़ गई.
मलेशिया ने दूसरे क्वार्टर में राजी रहीम और मुहम्मद अमीनुद्दीन के गोलों से 3-1 की बढ़त बनाकर पहली बार इस ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमाने की उम्मीद बंधा ली. सही मायनों में इस मौके पर उनकी टीम का इतना बेहतरीन तालमेल चल रहा था, जिसे देखकर भारतीय टीम के खेल में वापसी करने की उम्मीदें कमज़ोर पड़ने लगीं थीं. (bbc.com)
विराट कोहली ने इंस्टाग्राम पर अपनी कथित कमाई को लेकर चल रही ख़बरों पर टिप्पणी की है.
पिछले दिनों हॉपर हेडक्वॉर्टर की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि विराट कोहली अपने एक इंस्टाग्राम पोस्ट के लिए 11 करोड़ रुपये से भी ज्यादा मांगते हैं. इतनी बड़ी रकम लेने की ख़बरों के बाद कोहली ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि ये रिपोर्ट गलत है.
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है, "हालांकि जीवन में जो कुछ भी मिला है उसके प्रति आभारी और ऋणी हूं, लेकिन मेरी सोशल मीडिया से कमाई के बारे में जो ख़बरें फैल रही हैं वो सच नहीं हैं."
'इकोनॉमिक टाइम्स'में हॉपर हेडक्वार्टर के हवाले से छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ फुटबॉल स्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो इंस्टाग्राम पर 3.23 मिलियन डॉलर 26.75 करोड़ रुपये लेते हैं. वहीं मेसी 2.56 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 21.49 करोड़ रुपये लेते हैं.
कोहली दुनिया के शीर्ष 20 इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर की लिस्ट में शामिल हैं. विराट कोहली दुनिया के शीर्ष क्रिकेटरों में शुमार हैं.
वह कई ब्रांड के लिए विज्ञापन करते हैं. आईपीएल से भी उनकी काफी कमाई होती है. (bbc.com)
नई दिल्ली, 12 अगस्त । पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली ने शनिवार को उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया है कि वह फोटो-शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम पर अपने हर पोस्ट से 11.45 करोड़ रुपये की कमाई करते हैं। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 12 अगस्त । भारत और वेस्टइंडीज के बीच पांच मैचों की टी-20 सीरीज मेजबान टीम के पक्ष में 2-1 से है और शनिवार को चौथे मैच के लिए टीम अमेरिका के फ्लोरिडा के ब्रोवार्ड काउंटी स्टेडियम में पहुंच गई है।
भारत ने दो करीबी हार के बाद तीसरे मैच में जोरदार वापसी की और हार्दिक पंड्या की टीम इस लय को इस मैच में भी जारी रखना चाहेगी। युवा तिलक वर्मा अपने पहले दौरे पर बल्ले से प्रभावशाली रहे हैं, वहीं सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल कामयाब नहीं हुए हैं।
तो क्या गिल की फॉर्म टीम इंडिया के लिए थोड़ी चिंता का विषय है? आरपी सिंह ने कहा: “मुझे लगता है कि भारतीय टीम पहले से ही शुभमन गिल के बारे में चिंतित हो सकती है क्योंकि वह काफी समय से बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब नहीं हुए हैं। उन्होंने कुछ मौकों पर बाएं हाथ के स्पिनरों के खिलाफ भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। इसमें कोई संदेह नहीं कि पिचें थोड़ी चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन यदि आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं, तो आपको विभिन्न प्रकार की सतहों का सामना करना पड़ेगा। ऐसा नहीं है कि भारतीय पिचें हमेशा एक जैसी रहेंगी, जिससे आपको बड़े शॉट खेलने की इजाजत मिलेगी। लेकिन, मुझे लगता है कि भारतीय टीम ने फैसला किया है कि भविष्य में शुभमन (गिल) रोहित शर्मा के साथ पारी की शुरुआत करेंगे।"
एक अन्य विशेषज्ञ अभिनव मुकुंद ने कहा: “भारत को इस श्रृंखला में शुबमन गिल के फॉर्म के बारे में थोड़ा चिंतित होना चाहिए। लेकिन जैसा कि कहा जा रहा है, वह एक टैलेंटेड खिलाड़ी हैं और मुझे यकीन है कि वह इसका पता लगा लेंगे कि वो कहां गलती कर रहे हैं। दुर्भाग्य से शुभमन बड़ा स्कोर नहीं बना पाया है, लेकिन इसे लेकर ज्यादा चिंता की बात नहीं है, क्योंकि हमने आईपीएल में देखा है कि वह कैसे बड़े शतक बनाने में सक्षम है। थोड़ा और समय लें, यह ठीक है और उस शीर्ष क्रम में वरिष्ठ भागीदार बनें। मुझे यकीन है कि गिल फायर करेंगे।”
श्रृंखला दांव पर होने के साथ, क्या भारत को पिछले मैच से कुछ अलग करने की ज़रूरत है? सिंह ने कहा, “परिवर्तन मुख्य रूप से बल्लेबाजी दृष्टिकोण में होना चाहिए। सात बल्लेबाज खेल रहे हैं और जब शीर्ष चार बल्लेबाज प्रभावी प्रदर्शन करते हैं तो उनमें से एक भी 18वें-19वें ओवर तक टिक जाता है तो भारत आराम से मैच जीत जाएगा। इसके अलावा, फ्लोरिडा की पिच भी बल्लेबाजी के लिए अनुकूल है।" (आईएएनएस)।
चेन्नई, 11 अगस्त। पाकिस्तान की हॉकी टीम ने शुक्रवार को यहां एशियाई चैम्पियंस ट्राफी के पांचवें स्थान के प्लेऑफ में चीन को 6-1 से हराकर सांत्वना जीत दर्ज की।
पाकिस्तान की ओर से मोहम्मद खान और मोहम्मद अम्माद ने दो दो गोल दागे जबकि अब्दुल शाहिद और अब्दुल राणा ने एक एक गोल किया।
चीन के लिए एकमात्र गोल बेनहाई चेन ने दागा।
पाकिस्तान ने अपने ज्यादातर उन्हीं खिलाड़ियों को उतारा जो जूनियर विश्व हॉकी चैम्पियनशिप में हिस्सा लेंगे। अब सीनियर टीम अगले महीने चीन के हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों के लिए तैयारी करेगी।
पाकिस्तान ने एक तरह से मैच पहले क्वार्टर में ही जीत लिया था। नौंवे मिनट में अम्माद ने चीनी गोलकीपर और उनकी रक्षात्मक पंक्ति को चौंकाते हुए बढ़त दिलायी।
अगले ही मिनट में पाकिस्तान के लिए दूसरा गोल पेनल्टी कॉर्नर पर मोहम्मद खान ने दाग दिया। फिर अगले ही मिनट उन्होंने यह बढ़त तिगुनी कर दी।
चौथा गोल करने में भी पाकिस्तानी टीम को ज्यादा समय नहीं लगा जब शाहिद ने 15वें मिनट में अब्दुल राणा और अम्माद के पास पर गोल कर दिया।
चीन की रक्षात्मक पंक्ति काफी कमजोर दिख रही थी और पहले क्वार्टर के बाद पाकिस्तान 4-0 से आगे था।
दूसरे क्वार्टर में पाकिस्तानी खिलाड़ी थोड़े धीमे पड़ गये जिससे चीन की टीम आक्रामक हो गयी। चेन ने 35वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर से चीन के लिए गोल किया।
अंतिम क्वार्टर में भी चीन ने आक्रामकता जारी रखी। लेकिन 52वें मिनट में अम्माद ने अपना दूसरा गोल कर दिया और स्कोर 5-1 हो गया। कुछ मिनट बाद राणा ने पाकिस्तान के लिए छठा गोल किया। (भाषा)
लॉडेरहिल (अमेरिका), 11 अगस्त भारतीय टीम अपने बल्लेबाजों से उम्मीद करेगी कि वे अच्छा प्रदर्शन करते हुए शनिवार को यहां चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक और जीत से श्रृंखला बराबर करने में मदद करें।
भारत भले ही तीसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में जीत से श्रृंखला में बने रहने में कामयाब हुआ हो लेकिन वेस्टइंडीज अब भी श्रृंखला में 2 - 1 से आगे चल रही है। मेजबान टीम की बल्लेबाजी इकाई को लेकर चिंता अब भी बरकरार है।
सूर्यकुमार यादव को पिछले मैच में अपने आक्रामक रवैये में बल्लेबाजी करते हुए देखना काफी सुखद था और तिलक वर्मा ने भी कुछ महत्वपूर्ण रन का योगदान किया था। लेकिन भारत की सलामी जोड़ी का लचर प्रदर्शन जारी रहा।
भारत ने ईशान किशन को आराम देकर यशस्वी जायसवाल को टी20 अंतरराष्ट्रीय पदार्पण कराया था। लेकिन लगातार तीसरे मैच में सलामी जोड़ी फिर प्रभावित नहीं कर पायी और महज छह रन ही बना सकी। जायसवाल पहले ओवर में ही तेज गेंदबाज ओबेद मैकॉय का शिकार हो गये।
पिछले दो मैचों में किशन और शुभमन गिल ने पहले विकेट के लिए महज पांच और फिर 16 रन बनाये जिससे मध्यक्रम पर दबाव बन गया था।
भारत इस मैच में किशन की वापसी करायेगा या नहीं, यह देखना होगा। लेकिन टीम प्रबंधन उम्मीद करेगा कि इस ‘करो या मरो’ के मैच में सलामी बल्लेबाज ज्यादा असरदार प्रदर्शन दिखायें।
यह जानते हुए कि भारत का निचला क्रम बल्लेबाजी में इतना सक्षम नहीं है तो इससे शीर्ष पर खेल रहे बल्लेबाजों के लिए रन बनाना निहायती जरूरी है। भारत ने अक्षर पटेल को सातवें नंबर पर रखा है ताकि संतुलन बना रहे और वे पांच गेंदबाजों की नीति अपनाना जारी रख सकते हैं।
तिलक ने जिस तरह से अपने युवा कंधों पर जिम्मेदारी उठायी, यह देखना शानदार रहा। हैदराबाद का यह बायें हाथ का बल्लेबाज 39 (22 गेंद), 51 (41 गेंद) और 49 (37 गेंद) की पारियां खेलकर अपने करियर में बड़े मंच के लिए तैयार है। वह इस समय 69.50 के औसत से 139 रन बनाकर श्रृंखला में सबसे ज्यादा रन जुटाने वाला खिलाड़ी है।
सूर्यकुमार ने मुंबई इंडियंस के अपने साथी तिलक के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘हम अब काफी लंबे समय से एक साथ बल्लेबाजी कर रहे हैं। हम एक दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं। यह उसका दिन था कि परिपक्वता से बल्लेबाजी करे। वह काफी आत्मविश्वास से बल्लेबाजी कर रहा है और उसने मुझे भी बल्लेबाजी करने में मदद की। ’’
कुलदीप यादव ने तीसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए टीम में वापसी की थी और उनके प्रदर्शन से निश्चित रूप से भारत के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। वह अंगूठे में सूजन की वजह से दूसरे टी20 अंतरराष्टीय में नहीं खेले थे।
बायें हाथ के इस कलाई के स्पिनर ने चार ओवर में 28 रन देकर तीन विकेट झटके।
वेस्टइंडीज के बल्लेबाज निकोलस पूरन इस पूरी श्रृंखला में भारत के लिये सबसे बड़ी समस्या रहे हैं लेकिन कुलदीप ने इस बायें हाथ के खिलाड़ी को लय में आने से पहले ही आउट कर दिया।
पिछले मैच में तीनों स्पिनरों - कुलदीप, अक्षर, युजवेंद्र चहल - ने अच्छा प्रदर्शन किया था और भारत को सेंट्रल ब्रोवार्ड स्टेडियम में भी उनसे ऐसे ही प्रदर्शन की दरकार होगी।
मैच के शुरु में यहां की पिच बल्लेबाजों की मदद करती है लेकिन जैसे मैच आगे बढ़ता है, यह अकसर धीमी पड़ जाती है जिसकी पुष्टि इससे होती है कि पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने 13 में से 11 मैचों में जीत हासिल की है।
जहां तक वेस्टइंडीज की बात है तो वे 2016 के बाद भारत पर पहली श्रृंखला जीतने का मौका चूकना नहीं चाहेंगे और बेहतर एकजुट प्रदर्शन करने के लिए प्रयासरत होंगे।
टीमें इस प्रकार हैं:
भारत :
हार्दिक पंड्या (कप्तान), ईशान किशन, शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, तिलक वर्मा, सूर्यकुमार यादव, संजू सैमसन, अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, रवि बिश्नोई, अर्शदीप सिंह, उमरान मलिक, आवेश खान और मुकेश कुमार ।
वेस्टइंडीज :
रोवमैन पॉवेल (कप्तान), काइल मायर्स, जानसन चार्ल्स, शाई होप, रोस्टन चेस, शिमरोन हेटमायर, जेसन होल्डर, अकील हुसैन, अल्जारी जोसफ, ब्रैंडन किंग, ओबेद मैकॉय, निकोलस पूरन, रोमारियो शेफर्ड, ओशाने थॉसम, ओडियन स्मिथ।
मैच भारतीय समयानुसार रात आठ बजे शुरु होगा। (भाषा)
मुंबई, 10 अगस्त। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने गुरुवार को कहा कि युवराज सिंह के संन्यास लेने के बाद भारतीय वनडे टीम में बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार पर कोई भी बल्लेबाज खास सफल नहीं हो पाया और विश्वकप से पहले यह टीम के लिए एक मसला है।
वनडे विश्व कप में अब दो महीने का समय बचा है लेकिन भारत अब भी बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार स्थान के लिए उपयुक्त खिलाड़ी ढूंढ रहा है। इससे पहले 2019 के विश्व कप में भी भारतीय टीम के लिए यह स्थान बड़ा मसला बना हुआ था।
चोटिल होने के कारण लंबे समय तक बाहर रहने के बाद अब वापसी की तैयारियों में जुटे श्रेयस अय्यर ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 20 मैचों में 805 रन बनाए जिसमें दो शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं।
रोहित ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा,‘‘देखिए बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार स्थान पिछले लंबे समय से एक मसला बना हुआ है। युवराज सिंह के संन्यास लेने के बाद कोई भी अन्य खिलाड़ी इस नंबर पर अपना स्थान पक्का नहीं कर पाया।’’
उन्होंने कहा,‘‘लेकिन पिछले कुछ समय से श्रेयस अय्यर नंबर चार पर बल्लेबाजी कर रहा था और उसने अच्छा प्रदर्शन भी किया । उसके आंकड़े वास्तव में शानदार हैं।’’
रोहित ने कहा,‘‘दुर्भाग्य से चोटिल होने के कारण वह परेशानी में रहा। चोटिल होने के कारण वह पिछले कुछ समय से बाहर है और ईमानदारी से कहूं तो पिछले चार-पांच वर्षों से ऐसा हो रहा है। इनमें से कई खिलाड़ी चोटिल हो गए और ऐसे में नए खिलाड़ी को उस स्थान पर बल्लेबाजी के लिए उतरना पड़ा।’’
भारतीय कप्तान ने कहा कि बल्लेबाजी क्रम के प्रमुख स्थानों के खिलाड़ियों के चोटिल हो जाने से टीम को नुकसान पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा,‘‘पिछले चार-पांच वर्षों में काफी खिलाड़ी चोटिल हुए हैं। जब कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है या चयन के लिए उपलब्ध नहीं रहता है तो फिर आप भिन्न खिलाड़ियों के साथ भिन्न तरह की चीजें आजमाने की कोशिश करते हैं। बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार स्थान के लिए मैं असल में यही कहना चाहता हूं।’’
रोहित ने कहा,‘‘यहां तक कि जब मैं कप्तान नहीं था तब भी मैं इस पर गौर कर रहा था। कई खिलाड़ी आए और चले गए। या तो वे चोटिल हो गए या फिर वह चयन के लिए उपलब्ध नहीं थे या फिर किसी ने अपनी फॉर्म खो दी थी।’’
बल्लेबाजी क्रम में नंबर पांच के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर भारत की प्राथमिकता रहे केएल राहुल और अय्यर वापसी की तैयारियों में हैं और रोहित ने कहा कि यह दोनों खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन करते हैं इसके लिए इंतजार करना होगा।’’
उन्होंने कहा,‘‘किसी का भी स्वत: चयन नहीं होता है, यहां तक कि मेरा भी नहीं । टीम में किसी की जगह भी पक्की नहीं है। हां कुछ खिलाड़ी जानते हैं कि वे खेलने जा रहे हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन वनडे में हमें कुछ खिलाड़ियों को आजमाने का मौका मिला । एशिया कप में भी हमें अच्छी टीमों का सामना करना है ।’’
एशिया कप का आयोजन विश्व कप से ठीक पहले किया जाएगा ।
रोहित ने कहा,‘‘अगले कुछ दिनों में चयन समिति की बैठक होने वाली है और इस पर अच्छी चर्चा होगी कि हम क्या कर सकते हैं । लेकिन ईमानदारी से कहूं तो किसी की भी जगह पक्की नहीं है फिर वह भले ही शीर्ष क्रम हो या निचला क्रम।’’
उन्होंने कहा,‘‘हमारे पास कई नाम हैं। हम देखेंगे कि विश्वकप और उससे पहले एशिया कप के लिए क्या बढ़िया संयोजन हो सकता है।’’
रोहित ने कहा कि वह चाहते हैं कि एशिया कप में कुछ भारतीय खिलाड़ी दबाव की परिस्थितियों में बल्लेबाजी करें।
उन्होंने कहा,‘‘हम जीतना चाहते हैं लेकिन इसके साथ ही कई सवाल हैं जिनका हम जवाब चाहते हैं । लेकिन एशिया कप में मैं चाहता हूं कि हमारे कुछ खिलाड़ी अच्छी टीमों के खिलाफ दबाव की परिस्थितियों में बल्लेबाजी करें।’’(भाषा)
भारत की तीसरे ट्वेंटी-20 में वेस्ट इंडीज़ पर जीत के हीरो सूर्यकुमार यादव ने कहा है कि उन्हें ये मानने में कोई शर्म नहीं है कि वनडे में उनके आंकड़े ख़राब हैं.
सूर्यकुमार यादव ने मंगलवार को खेले गए मैच में 44 गेंद में 83 रन की तेज़तर्रार पारी खेलकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई.
सूर्यकुमार ट्वेंटी-20 मुक़ाबलों में पहले भी भारत के लिए अहम पारियां खेल चुके हैं लेकिन वनडे मैचों में उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा है.
इस साल भारत में वनडे वर्ल्ड कप खेला जाना है. भारतीय टीम सूर्यकुमार यादव को वनडे में भी ट्वेंटी-20 के अंदाज़ में खेलते देखना चाहती है.
सूर्यकुमार यादव ने कहा, “वनडे में मेरे आंकड़े बहुत खराब हैं और मुझे ये बात मानने में मुझे कोई शर्म नहीं है.”
सूर्यकुमार यादव ने अब तक 26 वनडे खेले हैं और 511 रन बनाए हैं.साल 2023 में खेले 10 वनडे मैचों में वो सिर्फ़ 14 रन बना सके हैं.
वनडे को सबसे मुश्किल फॉर्मेट बताते हुए सूर्यकुमार यादव ने कहा कि टीम वनडे मैच कम खेलती है.
सूर्यकुमार यादव के मुताबिक कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने उन्हें वनडे मैच में 45 से 50 गेंदें खेलने का लक्ष्य रखने को कहा है. (bbc.com)
नई दिल्ली, 9 अगस्त । केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा को उनका खोया हुआ सामान सुरक्षित वापस दिलाने में मदद करने के लिए त्वरित कार्रवाई की है।
8 अगस्त को मनिका बत्रा पेरू टूर्नामेंट से लौटते वक्त फ्लाइट में अपना सामान खो बैठीं। उन्होंने ट्वीट कर ज्योतिरादित्य सिंधिया से मदद की गुहार लगाई।
उन्होंने लिखा,“@KLM से अविश्वसनीय निराशा! बिज़नेस क्लास की उड़ान में प्राथमिकता-चिह्न वाला सामान खो गया, जिसमें आगामी टूर्नामेंट के लिए मेरी आवश्यक खेल किट भी शामिल थी। हवाई अड्डे पर कर्मचारियों के पास कोई उत्तर या कोई समाधान नहीं था और उन्हें यह भी पता नहीं था कि मेरा बैग कहाँ है।@सिंधिया सर कृपया मदद करें। ''
उनके ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए मंत्री ने तुरंत कार्रवाई की और उनका सामान वापस दिलाने में मदद की।
जेएम सिंधिया के कार्यालय ने कहा, “सूटकेस दिल्ली जाने वाले कंटेनर में रख दिया गया है। हम आज की उड़ान से इसके आगमन की उम्मीद करते हैं, जो कल 01:55 बजे उतरने वाली है।''
पैडलर मनिका बत्रा ने तब मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा, “त्वरित कार्रवाई करने और मेरा सामान प्राप्त करने में मेरी मदद करने के लिए सिंधिया सर और उनके कार्यालय को बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे यह आज सुबह प्राप्त हुआ है।” (आईएएनएस)।
जर्मनी के कोलोन में हुए वर्ल्ड ड्वार्फ गेम में इस साल 500 से ज्यादा बौने खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. इनमें से कुछ सिर्फ अपने खेल को बेहतर करना चाहते हैं तो दूसरों की तमन्ना सीमित क्षमता वाले लोगों को प्रेरणा देने की है.
भारत की अरुणाचलम नलिनी फाइनेंशियल मैनेजर हैं. नलिनी कहती हैं, "ये तो घर आने जैसा है." पैरालिम्पिक में भाला और तावा फेंक, तैराकी और भार उठाने के मुकाबले में ही बौने लोगों को मौके मिलते हैं. इसके उलट वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स में उनके लिए बैडमिंटन और बास्केट बॉल समेत कुल 10 मुकाबले होते हैं. इस साल इन खेलों का नौंवा साल है.
वातावरण सकून देने वाला है. दो कनाडाई एथलीटों के साथ सेल्फी लेते हुए नलिनी हंस कर कहती हैं कि वह इस आयोजन में अपने आप को पा लेती हैं. डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह बदलाव स्वागत करने योग्य है क्योंकि काम पर या जीवन के दूसरे क्षेत्रों में उन्हें लगता है कि खुद को साबित करने कि लिए दूसरों की तुलना में ज्यादा कुछ करना पड़ता है. नलिनी ने कहा, "जिन लोगों के जीवन में बंदिशें नहीं हैं वो हमेशा यह नहीं जान पाते कि कैसे सीढ़ी चढ़ने जैसी छोटी चीज भी हमारे लिए बड़ी बाधा है. मैं चाहती हूं कि यह बदले."
55 साल की नलिनी ने बताया कि उन्होंने फिट रहने के लिए कई साल पहले खेलकूद शुरू किया था. उसके बाद उन्हें विकलांग लोगों के साथ खेले जाने वाले पैरास्पोर्ट्स के बारे में पता चला और फिर उन्होंने ट्रेनिंग शुरू कर दी. अब तक उन्होंने क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 42 मेडल जीते हैं. उनका पसंदीदा खेल है बैडमिंटन जिसमें उन्होंने इस साल कोलोन में कांस्य पदक हासिल किया.
बैडमिंटन के मशहूर खिलाड़ी
उनकी टीम के मार्क धारमाइ दुनिया भर के बौने बैडमिंटन खिलाड़ियों के सबसे मशहूर खिलाड़ियों में एक हैं. वह एक ऐसे परिवार में पले बढ़े जहां खेल के लिए बहुत सारा उत्साह था. उनका कहना है कि उन्होंने फुटबॉल और हॉकी से शुरुआत की. हालांकि बाकी खिलाड़ियों से कद में बहुत ज्यादा अंतर होने की वजह से उन्होंने बैडमिंटन को चुन लिया. डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने कहा कि खेल अनुशासन और एकता सिखाता है, "और यह भी कि आपको दूसरों का ख्याल रखना है."
वह दूसरों के लिए सलाहकार का काम कर अपना ज्ञान दूसरे युवाओं को देना चाहते हैं. उनका कहना है कि खेल जागरूकता पैदा करने का बहुत अच्छा तरीका है. धारमाइ कहते हैं, "समाज को हमें जिस रूप में हम हैं उसी रूप में स्वीकार करना चाहिए, हमें बेहतर समझना चाहिए. जब हम देश के लिए मेडल जीतते हैं तो यह एक तरह से लोगों के लिए आंखे खोलने जैसा है कि हम सक्षम हैं."
डब्ल्यूडीजी में सबसे युवा एथलीट
लुइजा बीयरमन, कोरा गेर्ट्स और फ्रीडा जूनी इस साल के वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स में सबसे युवा खिलाड़ी थे. जर्मनी के इन तीनों खिलाड़ियों की उम्र 11 साल है. बीयरमन कहती हैं, "अब तक मैं एथलेटिक्स को शौकिया तौर पर बिना किसी क्लब या कोच के सहारे खेलती रही हूं." इसी तरह गेर्ट्स ने कहा, "कुछ ढूंढ पाना बहुत मुश्किल था लेकिन उसके बाद मैंने तैराकी को खोज लिया. मैं तीन साल से एक क्लब में ट्रेनिंग कर रही हूं."
गेर्ट्स ने बताया कि क्लब में वो आराम से ट्रेनिंग करती हैं और उन्हें कई दोस्त भी मिल गए हैं. वह उन लोगों के साथ भी आराम से तैर लेती हैं जो उनकी तुलना में काफी तेज हैं." जूनी भी तैराक हैं. वह कहती हैं कि उनके लिए यह काफी प्रेरणादायी है, "मैं हमेशा लंबे लोगों को लक्ष्य बना कर चलती हूं और इस तरह से मैं तेज हो रही हूं." दुनिया भर से आए इन्हीं के जैसे बाकी खिलाड़ी भी इसी तरह से काफी उत्साह में हैं. हालांकि उन्हें अभी यह नहीं पता कि वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स के अगले संस्करण में वो हिस्सा ले पाएंगे या नहीं. 2027 में ये गेम ऑस्ट्रेलिया में होंगे.
खिलाड़ियों के लिए धन की समस्या
बहुत से खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी समस्या यात्रा और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए पैसे जुटाने की है. अकसर उन्हें अपने लिए खुद ही पैसे चुकाने पड़ते हैं. एक पेशेवर एथलीट के रूप में धरमाइ इस मामले में खुशकिस्मत हैं कि उन्हें सपोर्ट करने वाले कुछ प्रायोजक हैं. नलिनी को उनकी कंपनी सहायता देती है. उनका कहना है कि भारत सरकार ने बौने एथलीटों के महत्व को समझा है और धीरे धीरे फंडिंग की स्थिति में सुधार कर रही है. उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में भारत के बौने एथलीटों के लिए दूसरों के साथ ट्रेनिंग आसान होगी. आखिरकार, यह देश "इतना बड़ा है और हम लोग हर जगह हैं."
जर्मन एसोसिएशन के लिए आर्थिक चुनौती
जर्मन एसोसिएशन ऑफ शॉर्ट सैचुरेटेड पीपल एंड देयर फैमिलीज यानी बीकेएमएफ ने इस साल के खेलों का आयोजन किया था. बीकेएमएफ की अध्यक्ष पैट्रीशिया कार्ल इनिंग ने डीडब्ल्यू को बताया कि जर्मन एनजीओ आक्शियोन मेंश और कोलोन में जर्मन स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के सहयोग के बावजूद उन पर इसका काफी बोझ पड़ा है, "हालांकि जो अनुभव और मुकाबले हुए हैं उनके लिहाज से इसका काफी महत्व है. यह प्लेटफॉर्म बहुत अनोखा है."
नलिनी ने बताया कि आयोजन काफी अच्छा रहा और एथलीट इस साल जर्मनी आ कर काफी खुश हुए. भारतीय टीम की सबसे बुजुर्ग खिलाड़ी के रूप में वह अपनी तरह के बच्चों और युवा खिलाड़ियों को सलाह देती हैं. नलिनी ने जोर देकर कहा, "जरूरी है कि हर चीज के लिए कोशिश की जाए और जब यह काम ना कर रहा हो तब भी आगे बढ़ते रहा जाए."
बैडमिंटन चैंपियन धरमाई कहते हैं कि समाज को चुनौती देना जरूरी है और, "खुद को दिखाना" सिर्फ तभी भेदभाव और पूर्वाग्रह खत्म होगा. यह कहने के कुछ ही घंटे बाद उन्होंने एक गोल्ड मेडल जीत लिया.
वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ खेली जा रही टी-20 सिरीज़ में भारत ने वापसी की है.
सिरीज़ के तीसरे मैच में भारत ने वेस्टइंडीज़ को हराकर सात विकेट से जीत दर्ज की. सिरीज़ के शुरुआती दो मैच वेस्टइंडीज़ ने जीते थे.
सिरीज़ में वेस्टइंडीज़ अब भी 2-1 से आगे चल रही है. सिरीज़ जीतने के लिए भारत को बचे हुए दोनों मैच भी जीतने होंगे.
तीसरे टी-20 मैच में वेस्टइंडीज़ ने भारत को 160 रनों का लक्ष्य दिया था. जवाब में बल्लेबाज़ी करने उतरे सूर्य कुमार यादव ने 44 गेंदों में शानदार 83 रन बनाए. तिलक वर्मा ने 37 गेंदों में 49 रनों की नाबाद पारी खेली.
भारतीय बल्लेबाज़ों की परफॉर्मेंस के चलते टीम 17.5 ओवर में भी जीतने में सफल रही. मैच में भारत की ओर से सबसे ज़्यादा तीन विकेट कुलदीप यादव ने लिए थे.
इस मैच में कई रिकॉर्ड भी बने. सूर्यकुमार यादव टी-20 इंटरनेशनल मैच में 100 छक्के लगाने वाले तीसरे भारतीय बन गए हैं. दुनिया में ये रिकॉर्ड बनाने वाले वो 14वें खिलाड़ी हैं.
टी-20 इंटरनेशनल मैचों में सबसे ज़्यादा छक्के लगाने का रिकॉर्ड रोहित शर्मा के नाम है. रोहित ने 182 छक्के लगाए हैं. दूसरे नंबर पर मार्टिन गुप्टिल हैं, जिन्होंने 173 छक्के लगाए हैं.
भारतीय बल्लेबाज़ों की बात करें तो रोहित शर्मा के बाद 117 छक्के लगाकर विराट कोहली दूसरे नंबर पर हैं. तीसरे नंबर पर 101 छक्कों के साथ सूर्य कुमार यादव आ गए हैं.
सूर्य कुमार यादव टी-20 इंटरनेशनल मैचों में सबसे तेज़ी से 100 छक्के मारने वाले भारतीय बल्लेबाज़ बन गए हैं. सूर्य कुमार यादव ने अब तक सिर्फ़ 49 टी-20 पारियां खेली हैं.(bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 8 अगस्त। ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा बुडापेस्ट के हंगरी में 19 अगस्त से होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के 28 सदस्यीय टीम की अगुआई करेंगे।
हैरान करने वाली बात है कि टीम की घोषणा भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) की जगह खेल मंत्रालय ने की। एएफआई ने हालांकि कहा कि अधिकांश प्रतिभागी खिलाड़ी मौसम से सामंजस्य बैठाने के लिए हंगरी पहुंच चुके हैं।
गत डाइमंड लीग चैंपियन चोपड़ा की नजरें बुडापेस्ट में स्वर्ण पदक जीतने पर टिकी हैं। उन्होंने अमेरिका के यूजीन में 2022 में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। चोपड़ा इस सत्र में दो डाइमंड खिताब प्रतियोगिता जीत चुके हैं। उन्होंने पांच मई को दोहा और 30 जून को लुसाने में स्वर्ण पदक जीता।
ट्रेनिंग के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव के कारण दो डाइमंड लीग प्रतियोगिताओं के बीच तीन शीर्ष टूर्नामेंट से बाहर रहने वाले 25 साल के चोपड़ा अभी स्विट्जरलैंड के मैगलिनगेन में ट्रेनिंग कर रहे हैं।
चोपड़ा का सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दोहा में 88.67 मीटर है। यह चेक गणराज्य के याकुब वाडलेच (89.51 मीटर) और जर्मनी के जूलियन वेबर (88.72 मीटर) के बाद सत्र का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है।
इस बीच एशियाई रिकॉर्ड धारक गोला फेंक खिलाड़ी तेजिंदर पाल सिंह तूर 19 से 27 अगस्त तक होने वाली इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता से हट गए हैं क्योंकि वह ग्रोइन की चोट से उबर रहे हैं। उन्होंने जुलाई में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान यह चोट लगी थी।
ऊंची कूद में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक तेजस्विन शंकर, 800 मीटर की धावक केएम चंदा और 20 किमी पैदल चाल की खिलाड़ी प्रियंका गोस्वामी (राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक) ने भी विश्व चैंपियनशिप में नहीं खेलने का फैसला किया है और इसकी जगह ये चीन के हांगझोउ में 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक होने वाले एशियाई खेलों पर ध्यान लगाएंगे।
एएफआई के एक सूत्र ने बताया,‘‘तेजिंदर एशियाई चैंपियनशिप के दौरान लगी चोट से उबर रहे हैं और अन्य ने सूचित किया है कि वे विश्व चैंपियनशिप की जगह एशियाई खेलों पर ध्यान लगाएंगे।’’
तूर ने बैंकॉक में 14 जुलाई को एशियाई चैंपियनशिप में अपने दूसरे प्रयास में 20.23 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था लेकिन ग्रोइन में दर्द के कारण अपने आगे के प्रयास नहीं किए।
तूर विश्व चैंपियनशिप 2022 में भी ग्रोइन की चोट के कारण हिस्सा नहीं ले पाए थे। इस चोट के कारण उन्हें बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों से भी बाहर होना पड़ा था।
एएफआई को मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले टीम के भी विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीद थी लेकिन 30 जुलाई को क्वालीफिकेशन समय सीमा खत्म होने पर वे 17वें स्थान पर थे जबकि शीर्ष 16 टीम को रिले स्पर्धा में जगह मिली।
भारत ने पुरुष भाला फेंक, पुरुष त्रिकूद और पुरुष 20 किमी पैदल चाल में अधिक तीन-तीन खिलाड़ी उतारे हैं।
भारत को पुरुष भाला फेंक में चार खिलाड़ियों को उतारने का मौका मिला था क्योंकि चोपड़ा को गत डाइमंड लीग चैंपियन होने के कारण वाइल्ड कार्ड से प्रवेश मिला। हालांकि कोहनी की सर्जरी के कारण रोहित यादव प्रतियोगिता से हट गए।
एक स्पर्धा में एक देश वाइल्ड कार्ड से प्रवेश के अलावा तीन खिलाड़ी उतार सकता है। खिलाड़ी क्वलीफाइंग स्तर हासिल करने के अलावा विश्व रैंकिंग कोटा के जरिए टूर्नामेंट में जगह बना सकते हैं।
भारतीय टीम इस प्रकार है:
महिला: ज्योति याराजी (100 मीटर बाधा दौड़), पारुल चौधरी (3000 मीटर स्टीपलचेज), शैली सिंह (लंबी कूद), अन्नु रानी (भाला फेंक) और भावना जाट (20 किमी पैदल चाल)।
पुरुष: कृष्ण कुमार (800 मीटर), अजय कुमार सरोज (1500 मीटर), संतोष कुमार तमिलरनसन (400 मीटर बाधा दौड़), अविनाश मुकुंद साबले (3000 मीटर स्टीचलचेज), सर्वेश अनिल कुशारे (ऊंची कूद), जेस्विन एल्ड्रिन (लंबी कूद), एम श्रीशंकर (लंबी कूद), प्रवीण चित्रावेल (त्रिकूद), अब्दुल्ला अबूबाकर (त्रिकूद), एल्धोज पॉल (त्रिकूद), नीरज चोपड़ा (भाला फेंक), डीपी मनु (भाला फेंक), किशोर कुमार जेना (भाला फेंक), आकाशदीप सिंह (20 किमी पैदल चाल), विकास सिंह (20 किमी पैदल चाल), परमजीत सिंह (20 किमी पैदल चाल), राम बाबू (35 किमी पैदल चाल), अमोज जैकब, मुहम्मद अजमल, मोहम्मद अनस, राजेश रमेश, अनिल राजलिंगमऔर मिजो चाको कुरियन (पुरुष चार गुणा 400 मीटर रिले)। (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 अगस्त। भारत और पाकिस्तान की पुरुष हॉकी टीम को चीन के हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों के लिए एक ही ग्रुप में रखा गया है जहां इन दोनों टीमों का सामना 30 सितंबर को होगा।
भारत और पाकिस्तान को जापान, बांग्लादेश, सिंगापुर और उज्बेकिस्तान के साथ ग्रुप ए में रखा गया है। भारत अपना पहला मैच 24 सितंबर को उज्बेकिस्तान से खेलेगा।
भारतीय महिला हॉकी टीम को भी ग्रुप ए में रखा गया है जहां उसका सामना हांगकांग, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और मलेशिया से होगा। भारतीय महिला टीम अपने अभियान की शुरुआत 27 सितंबर को सिंगापुर के खिलाफ करेगी।
अभी एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय पुरुष टीम का नेतृत्व कर रहे हरमनप्रीत सिंह ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ हमें अपने पूल में कुछ मजबूत टीमों के साथ रखा गया है, जिसमें जापान भी शामिल है। जापान ने जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। हम सभी टीमों के साथ एक जैसे रवैया अपनायेंगे और किसी भी मुकाबले को हल्के में नहीं लेंगे।’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ हमें पहले से ही एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में इनमें से कुछ देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिल रहा है और हम भविष्य में इस अनुभव का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे कोच ने हमें अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ हमेशा तैयार रहना सिखाया है। हम हांग्झोउ एशियाई खेलों के लिए अपनी सभी प्रतिद्वंद्वी टीमों का आकलन करेंगे। हम उनकी ताकत और कमजोरियों के बारे में जानने के लिए वीडियो फुटेज का सहरा लेंगे और उसी के मुताबिक अपनी योजना बनायेंगे।’’
पुरुष वर्ग के ग्रुप बी में दक्षिण कोरिया, मलेशिया, चीन, ओमान, थाईलैंड और इंडोनेशिया जबकि महिला वर्ग के ग्रुप बी में जापान, चीन, थाईलैंड, कजाकिस्तान और इंडोनेशिया शामिल हैं।
भारतीय पुरुष टीम उज्बेकिस्तान के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करने के बाद 26 सितंबर को सिंगापुर तथा 28 सितंबर को जापान से भिड़ेगी। पाकिस्तान से उसका मुकाबला 30 सितंबर को होगा जबकि लीग चरण में उसका आखिरी मैच दो अक्टूबर को बांग्लादेश से होगा।
जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने के बाद भारतीय महिला टीम स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करेगी।
भारतीय महिला टीम की कप्तान सविता ने कहा, ‘‘ हमें अपने पूल में कुछ मजबूत टीमों के साथ रखा गया है। हमें प्रतियोगिता में अच्छा परिणाम हासिल करने का विश्वास है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हांगझोउ एशियाई खेल एक महत्वपूर्ण आयोजन है। इसका महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इससे ओलंपिक क्वालीफिकेशन सुनिश्चित होगा। सभी खिलाड़ी खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के सामान्य लक्ष्य से एकजुट हैं। हम अगर ऐसा करने में सफल रहे तो उम्मीद है कि हमारा अभियान पोडियम पर खत्म होगा, चाहे हम प्रतियोगिता में किसी भी टीम का सामना करें।’’
पुरुष वर्ग का फाइनल छह अक्टूबर को जबकि महिला वर्ग का फाइनल इसके एक दिन बाद खेला जाएगा। (भाषा)
नई दिल्ली, 8 अगस्त । हॉकी इंडिया ने मंगलवार को दो दशक से अधिक के कोचिंग अनुभव वाले नीदरलैंड के हरमन क्रुइस को भारतीय पुरुष और जूनियर महिला हॉकी टीमों का कोच नियुक्त करने की घोषणा की।
भारत में अपने कार्यकाल के दौरान, वह इस साल के अंत में क्रमशः मलेशिया में होने वाले महत्वपूर्ण एफआईएच पुरुष जूनियर हॉकी विश्व कप 2023 और सैंटियागो में महिला जूनियर हॉकी विश्व कप 2023 से पहले भारतीय जूनियर पुरुष और महिला टीमों की तैयारियों की देखरेख करेंगे।
अपने विशाल कोचिंग अनुभव में, क्रुइस ने डेन बॉश लेडीज़ - नीदरलैंड स्थित एक क्लब - के साथ उनके मुख्य कोच के रूप में काम किया है और उनके कार्यकाल के दौरान टीम ने लगातार आठ बार यूरोपीय कप जीता। वह 2006 से 2008 के बीच नीदरलैंड की इंडोर महिला हॉकी टीम के राष्ट्रीय मुख्य कोच भी थे और 2008 से 2010 के बीच वह नीदरलैंड की आउटडोर टीम के राष्ट्रीय मुख्य कोच भी थे।
अपने सबसे हालिया कार्यकाल में, वह 2016 से अगस्त 2023 तक बेलारूस इंडोर और आउटडोर टीम के राष्ट्रीय मुख्य कोच थे। क्रुइस एक प्रमाणित एफआईएच कोच-शिक्षक हैं।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप टिर्की ने कहा, "हॉकी इंडिया को जूनियर टीमों के लिए हमारे राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रतिष्ठित वरिष्ठ कोच हरमन क्रुइस का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। वह जूनियर पुरुष और महिला टीमों की चल रही तैयारियों की देखरेख करेंगे और मेरा मानना है कि उनका अनुभव एफआईएच जूनियर हॉकी विश्व कप में हमारी संभावनाओं को और बढ़ावा देगा।" वह भारत की जूनियर महिला टीम के कोच के लिए तुषार खांडेकर और भारत की जूनियर पुरुष टीम के कोच सीआर कुमार के साथ मिलकर काम करेंगे। ''
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा, "एफआईएच जूनियर हॉकी विश्व कप 2023 में वांछनीय परिणामों की दिशा में काम करने के लिए, हॉकी इंडिया कार्यकारी बोर्ड ने हरमन क्रुइस की विशेषज्ञता को लाकर हमारे कोचिंग स्टाफ को मजबूत करने का निर्णय लिया। उनका अनुभव निश्चित रूप से दोनों के लिए एक बड़ा मूल्यवर्धन होगा। भोला नाथ सिंह ने कहा, ''टीमें इस साल प्रतिष्ठित आयोजन के लिए तैयारी कर रही हैं।''
भारत में युवा प्रतिभाओं के साथ मिलकर काम करने के लिए अपना उत्साह व्यक्त करते हुए, क्रुइस ने कहा, "मैं हॉकी इंडिया के साथ इस नई भूमिका का इंतजार कर रहा हूं। भारतीय जूनियर पुरुष और महिला हॉकी टीमों में कुछ बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। अगले चार महीने जूनियर विश्व कप के लिए टीमों की तैयारियों में एक महत्वपूर्ण चरण है। मैं वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।" (आईएएनएस)।
चेन्नई, 8 अगस्त भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह अपनी टीम के पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने के स्ट्राइक रेट से खुश हैं लेकिन वह एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (एसीटी) में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ बुधवार को होने वाले महत्वपूर्ण मैच में आसानी से पेनल्टी कॉर्नर देने से बचना चाहते हैं।
हरमनप्रीत ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ 3-2 से जीत के बाद पीटीआई से कहा,‘‘ यह निश्चित तौर पर बेहद कड़ा मुकाबला होगा। हमें स्मार्ट हॉकी खेलनी होगी तथा अपनी वास्तविक रणनीति और जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमें अपनी मूल संरचना पर कायम रहना होगा और मौकों का पूरा फायदा उठाना होगा।’’
उन्होंने कहा,‘‘ इस मैच के लिए स्टेडियम खचाखच भरा रहेगा। रविवार को खेले गए मैच में भी स्टेडियम लगभग भरा हुआ था जो भारतीय हॉकी के लिए अच्छा संकेत है।’’
हरमनप्रीत इस बात से खुश हैं कि टीम ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने और मैदानी गोल करने का रास्ता ढूंढ लिया है लेकिन रक्षा पंक्ति में और अधिक मजबूती की दरकार है विशेषकर टीम को महत्वपूर्ण मौकों पर पेनल्टी कॉर्नर देने से बचना होगा।
उन्होंने कहा,‘‘ हम मैदानी और पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर रहे हैं और पर्याप्त समय तक गेंद पर नियंत्रण भी बना रहे हैं लेकिन हमें अपने रक्षण में अब भी काम करने की जरूरत है तथा हमें आसानी से पेनल्टी कॉर्नर नहीं देने होंगे। हमें सर्किल के अंदर गेंद पर बेहतर तरीके से नियंत्रण बनाना होगा।’’
जहां तक पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की बात है तो दक्षिण कोरिया के खिलाफ भारत ने चार पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए जिनमें से दो पर उसने गोल किए। पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में निरंतरता के अभाव पर हरमनप्रीत ने कहा कि विरोधी टीमों का रक्षण मजबूत है जो कि खेल के लिए अच्छा है।
उन्होंने कहा,‘‘ यह केवल हमारे साथ ही नहीं प्रत्येक टीम के साथ ऐसा हो रहा है। इसका मुख्य कारण यही है कि उनका रक्षण बेहतर हो गया है। अगर आप हमारी रक्षा पंक्ति पर गौर करें तो अमित रोहिदास और जरमनप्रीत सिंह बहुत अच्छी भूमिका निभा रहे हैं। विरोधी टीमों के साथ भी ऐसा है जो खेल के लिए अच्छा है।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 अगस्त भारत के शॉन गांगुली और अनुप्रिया वलियट ससी ने ट्रिनबागो में चल रहे राष्ट्रमंडल युवा खेलों में लड़कों की 400 मीटर व्यक्तिगत मेडले तैराकी स्पर्धा और लड़कियों की गाेला फेंक स्पर्धा में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते।
गांगुली ने चार मिनट 25.47 सेकंड का सर्वश्रेष्ठ भारतीय समय निकालकर रजत पदक जीता। इंग्लैंड के रीस ग्रेडी (4:24:16) ने स्वर्ण जबकि स्कॉटलैंड के इवान डेविडसन (4:25:68) ने कांस्य पदक हासिल किया।
गांगुली ने आर्यन नेहरा के चार मिनट 27.62 सेकंड के समय को पीछे छोड़ा जो उन्होंने पिछले महीने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हासिल किया था।
भारतीय तैराक द्वारा निकाले गए सर्वश्रेष्ठ समय को ‘ सर्वश्रेष्ठ भारतीय समय’ कहा जाता है, जबकि किसी समय को तभी राष्ट्रीय प्रतियोगिता रिकॉर्ड माना जाता है जब इसे राष्ट्रीय तैराकी चैंपियनशिप में हासिल किया गया हो।
लड़कियों के गोला फेंक में अनुप्रिया ने अपने तीसरे प्रयास में 15.62 मीटर गोला फेंककर दक्षिण अफ्रीका की एलिसिया एली खुनोउ (17.97) और ऑस्ट्रेलिया की जाइलेवेन बीले (16.31) के बाद तीसरा स्थान हासिल किया।
भारतीय तैराक रिधिमा कुमार वीरेंद्र (30.04) महिलाओं की 50 मीटर बैकस्ट्रोक में सातवें स्थान पर रहीं।
भारत ने 11 अगस्त को समाप्त होने वाले इन खेलों में आठ खिलाड़ियों का दल भेजा है। पहले इन खेलों का आयोजन एक से सात अगस्त 2021 तक होना था लेकिन कोविड-19 महामारी तथा तोक्यो ओलंपिक और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम से जुड़े मसलों के कारण इन्हें स्थगित कर दिया गया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 7 अगस्त स्टार भारतीय जिमनास्ट दीपा करमाकर को एशियाई खेलों के लिए भारतीय दल में चुने जाने की संभावना है क्योंकि भारतीय जिमनास्टिक महासंघ (जीएफआई) ने खेल मंत्रालय से उनको टीम में शामिल करने का अनुरोध किया है।
रियो ओलंपिक (2016) में चौथे स्थान पर रहकर भारतीय जिमनास्टिक को सुर्खियों में लाने वाली दीपा को मंत्रालय के चयन मानदंडों को पूरा करने में विफल रहने के कारण 23 सितंबर से शुरू होने वाले आगामी हांग्झोउ एशियाई खेलों के लिए महिला जिमनास्टिक टीम की अंतिम सूची से हटा दिया गया था।
खेल मंत्रालय के चयन मानदंड में मुताबिक ‘प्रतियोगिता (एशियाई खेल) शुरू होने से पहले पिछले 12 महीनों के दौरान व्यक्तिगत स्पर्धाओं में खिलाड़ियों का प्रदर्शन 2018 एशियाई खेलों के आठवें स्थान धारक द्वारा हासिल किए गए प्रदर्शन से कम नहीं होना चाहिए।’’
दीपा ने 11 और 12 जुलाई को भुवनेश्वर में आयोजित ट्रायल में शीर्ष स्थान हासिल किया था। वह 15 जुलाई की समय सीमा से पहले एशियाई खेलों के आयोजकों को भेजी गई शुरुआती टीम का हिस्सा थीं। मंत्रालय के मानदंडों को पूरा नहीं करने के कारण हालांकि बाद में उन्हें भारतीय खिलाड़ियों की सूची से बाहर कर दिया गया था।
जीएफआई चयन समिति के अध्यक्ष अशोक साहू ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘दीपा ने भारतीय जिमनास्टिक का चेहरा बदला है। वह चोट और डोपिंग निलंबन के कारण पिछले कुछ वर्षों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर रही है, लेकिन हमें इस बात पर विचार करना होगा कि उसने ट्रायल में शीर्ष स्थान हासिल किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इस स्थिति से निराश दीपा ने इसके बाद छूट के लिए मंत्रालय से संपर्क किया और यहां तक कि भारतीय जिमनास्टिक महासंघ ने भी उनके मामले पर विचार करने के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण को एक अनुरोध पत्र भेजा था।’’
दीपा ने 2017 में एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) की चोट के इलाज के लिए सर्जरी करवाई थी। इस सर्जरी के बाद भी उनके घुटने में समस्या ने उन्हें प्रमुख प्रतियोगिताओं से दूर रखा। वह स्टुटगार्ट में 2019 विश्व चैंपियनशिप और फिर 2021 में हुए तोक्यो ओलंपिक खेलों में भाग लेने से चूक गयी।
प्रतिबंधित पदार्थ के परीक्षण में पॉजिटिव पाये जाने के बाद उन्हें 21 महीने के प्रतिबंध का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिबंध इस साल 10 जुलाई को समाप्त हुआ।
साहू ने कहा, ‘‘हमने दीपा के मामले पर विचार करने के लिए साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण) को लिखा है और उन्हें छूट मिलने की संभावना है। हम इसे लेकर काफी सकारात्मक हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फुटबॉल टीमों को भी छूट दी गई है और इसलिए दीपा पर भी विचार किया जाना चाहिए और हमें साइ से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। उन्हें इस सप्ताह मंजूरी मिलने की संभावना है।’’
मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह भी कहा कि दीपा को भारतीय जिमनास्टिक में उनके योगदान के लिए छूट दी जा सकती है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘दीपा और महासंघ (जीएफआई) ने हमें पत्र लिखकर पात्रता मानदंड में छूट देने का अनुरोध किया है। इस मामले पर इस सप्ताह चर्चा होगी और पूरी संभावना है कि उस पर विचार किया जाएगा।’’ (भाषा)
विधायक शुक्ल ने दी बधाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 7 अगस्त। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले की छुरा की बेटी दुर्गा चंद्राकर ने देश का नाम रोशन किया है। दुबई में आयोजित 8वीं संयुक्त भारतीय खेल ओपन इंटरनेशनल टूर्नामेंट में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता है। केन्या, फिलीपींस, दुबई, थाइलैंड, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव और पाकिस्तान के खिलाडिय़ों को मात देकर दर्गा ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
जीत के लिए जूनून चाहिए, आत्मविश्वास रगों में खूब चाहिए, ये आसमान भी आएगा जमी पर, बस इरादों में जीत की गूंज चाहिए...छत्तीसगढ़ की बेटी दुर्गा चंद्राकर ने इसे सच साबित कर दिखाया है। दरअसल छुरा की रहने वाली दुर्गा ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। दुर्गा ने दुबई में आयोजित बॉक्सिंग चैंपियनशिप टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया है।
ज्ञात हो कि दुबई में 8वीं संयुक्त भारतीय खेल ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप टूर्नामेंट 1 से 6 अगस्त तक आयोजित है, जिसमे केन्या ,भारत, फिलीपींस, दुबई, थाइलैंड, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव और पाकिस्तान के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
टूर्नामेंट में छुरा नगर से दुर्गा चंद्राकर भी बॉक्सिंग चैंपियनशिप टूर्नामेंट में 50 किलोग्राम ग्राम वर्ग फ्री स्टाइल में फिलीपींस की जॉर्जी, केन्या के मेई और दुबई की अल्फलिस्ता को हराकर फाइनल में पहुंचीं. फिर श्रीलंका की मैरी थमसन को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
दुबई से ‘छत्तीसगढ़’से बातचीत करते हुए दुर्गा ने बताया कि छुरा नगर में उनका घर है। वह एक सामान्य परिवार में पली बढ़ी है। पिता मनोज चंद्राकर पेशे से वाहन चालक हैं। माँ गृहणी हैं। दुर्गा बस्तर के गीदम में एकलव्य विद्यालय में संविदा पिटी टीचर है। आर्थिक संकट के बीच अपने लगन और मेहनत से लगातार अभाव में कड़ी मेहनत कर विदेश में उन्होंने परचम लहराया है।
दुर्गा ने लगातार तीसरी बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीता है। इससे पहले नेपाल और थाइलैंड में भी उन्होंने गोल्ड मेडल जीता है, जबकि नगर में प्रैक्टिस के लिए न स्थान है न ही सुविधा है।
दुर्गा ने बताया कि वह दुबई जाने से दो महीने पहले उन्होंने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी और आज भी मदद की गुहार लगा रही है। दुर्गा की इस उपलब्धि में पूरे जिले में हर्ष का माहौल है साथ ही प्रथम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजिम विधायक अमितेश शुक्ल को इसकी सूचना मिलते ही उनकी उज्जवल भविष्य बधाई शुभकामनाएं प्रेषित की है।
नयी दिल्ली, 7 अगस्त दुनिया की नंबर एक पुरूष युगल टीम प्रमोद भगत और सुकांत कदम ने इंग्लैंड के शेफील्ड में चार देशों के पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में एसएल3 . एसएल4 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता ।
भगत ने एकल एसएल3 वर्ग में भी रजत पदक हासिल किया । इसके अलावा मिश्रित युगल एसएल3 . एसयू5 वर्ग में मनीषा रामदास के साथ रजत पदक जीता । कदम ने एकल एसएल4 वर्ग में कांस्य पदक जीता ।
भगत और कदम ने भारत के ही दीप रंजन बिसोयी और मनोज सरकार को 21 . 17, 21 . 17 से हराकर स्वर्ण हासिल किया ।
एकल में भगत इंग्लैंड के डेनियल बेथेल से हार गए ।
मिश्रित युगल में भगत और रामदास को इंडोनेशिया के हिकमत रमदानी और लीनी रात्रि ने 21 . 17, 21 . 17 से हराया ।
भगत ने कहा ,‘‘ युगल के नतीजे से मैं खुश हूं लेकिन एकल और मिश्रित युगल से नहीं । इस साल बेथेल ने मुझे काफी चुनौती दी है और उसे हराने के लिये खेल में सुधार करना होगा ।’’
कदम को सेमीफाइनल में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान ने 17 . 21, 21 . 15, 21 . 16 से हराया ।
अन्य भारतीयों में कृष्णा नागर ने एसएच6 वर्ग में स्वर्ण जीता जबकि मानसी जोशी और टी मुरूगेसन ने महिला युगल एसएल3 . एसयू5 वर्ग में स्वर्ण हासिल किया । पारूल परमार और शांतिया विश्वनाथन ने भी इस वर्ग में पदक जीता ।
नित्याश्री ने महिलाओं के एसएच6 वर्ग में रजत पदक जीता जबकि पुरूषों के एसएल3. एसएल4 वर्गमें दीप रंजन और मनोज , चिराग बरेथा और राज कुमार विजयी रहे ।
रामदास ने महिलाओं के एसयू 5 वर्ग में कांस्य पदक जीता । कृष्णा नागर और नित्याश्री ने मिश्रित युगल एसएच6 वर्ग में कांस्य हासिल किया । प्रेम कुमार आले और तुर्की की एमिाइन सेकिन ने मिश्रित युगल डब्ल्यूएच1 .डब्ल्यूएच2 वर्ग में कांस्य पदक जीता । (भाषा)
प्रोविडेंस, 7 अगस्त वेस्टइंडीज के खिलाफ लगातार तीसरी हार और श्रृंखला गंवाने से बचने के लिये भारतीय बल्लेबाजों को मंगलवार को तीसरे टी20 मैच में बेखौफ प्रदर्शन करना होगा ।
यहां की धीमी पिचें बल्लेबाजी के अनुकूल नहीं रही हैं लेकिन जैसा कि कप्तान हार्दिक पंड्या ने रविवार को कहा , भारत को 10 . 20 अतिरिक्त रन बनाने के तरीके तलाशने होंगे ।
भारत को आखिरी बार द्विपक्षीय टी20 श्रृंखला में वेस्टइंडीज ने 2016 में हराया था । यहां पांच मैचों की श्रृंखला के शुरूआती दो मैच हारने के बाद भारत 0 . 2 से पीछे है ।
इस प्रारूप में बल्लेबाजों को पहली गेंद से ही आक्रामक खेलना पड़ता है लेकिन अभी तक भारत के शीर्षक्रम के बल्लेबाज ईशान किशन, शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव ऐसा नहीं कर पाये हैं ।
इससे संजू सैमसन और तिलक वर्मा जैसे मध्यक्रम के बल्लेबाजों पर दबाव बना है ।वर्मा ने हालांकि शानदार पदार्पण करके पिछले देानों मैचों में उम्दा पारियां खेली ।
इस साल फोकस वनडे विश्व कप पर होने के बीच गिल, ईशान और सूर्यकुमार को 31 अगस्त से शुरू हो रहे एशिया कप से पहले रन बनाने होंगे ।
हार्दिक ने रविवार को दो विकेट से मिली हार के बाद कहा ,‘‘ बल्लेबाजों को और जिम्मेदारी से खेलना होगा ।’’
भारत का बल्लेबाजी क्रम छठे नंबर तक ही है और सातवें नंबर पर हरफनमौला अक्षर पटेल उतर रहे हैं । फॉर्म में चल रहे स्पिनर कुलदीप यादव अंगूठे में सूजन के कारण रविवार को नहीं खेल सके और अभी यह देखना होगा कि वह कल फिट होते हैं या नहीं ।
गेंदबाजों खासकर स्पिनरों को निकोलस पूरन के बल्ले पर अंकुश लगाना होगा । पूरन ने युजवेंद्र चहल और रवि बिश्नोई का सहजता से सामना किया । पिछले मैच में अक्षर को गेंदबाजी का मौका नहीं दिया गया ।
हार्दिक और अर्शदीप को दूसरे मैच में स्विंग मिली थी और यही दोनों गेंदबाजी की शुरूआत करेंगे ।
दो महीने बाद खेल रहे चहल प्रभावी रहे लेकिन बिश्नोई कोई कमाल नहीं कर सके । तेज गेंदबाज मुकेश कुमार ने काफी रन दिये जिनकी जगह आवेश खान या उमरान मलिक को उतारा जा सकता है ।
दूसरी ओर वेस्टइंडीज श्रृंखला जीतने से एक मैच की दूरी पर है ।उसके शीर्षक्रम के बल्लेबाजों की नाकामी की भरपाई पूरन ने बखूबी कर दी है ।
पूरन और शिमरोन हेटमायेर एक बार फिर भारतीय स्पिनरों पर दबाव बनाना चाहेंगे ।
वेस्टइंडीज के कप्तान रोवमैन पॉवेल ने कहा ,‘‘ हमने 2016 के बाद से भारत को टी20 श्रृंखला में नहीं हराया है और यह कमी इस बार पूरी करेंगे ।’’
टीमें :
भारत :
हार्दिक पंड्या (कप्तान), ईशान किशन , शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, तिलक वर्मा, सूर्यकुमार यादव, संजू सैमसन, अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल,कुलदीप यादव, रवि बिश्नोई, अर्शदीप सिंह, उमरान मलिक, आवेश खान, मुकेश कुमार ।
वेस्टइंडीज :
रोवमैन पॉवेल (कप्तान), काइल मायर्स, जॉनसन चार्ल्स, रोस्टन चेस, शिमरोन हेटमायेर, जैसन होल्डर, शाइ होप, अकील हुसैन, अलजारी जोसेफ, ब्रेंडन किंग, ओबेद मैकॉय, निकोलस पूरन, रोमारियो शेफर्ड, ओडियन स्मिथ, ओशाने थॉमस ।
मैच का समय : रात आठ बजे से । (भाषा)
वेस्टइंडीज़ ने दूसरे टी-20 मैच में भारत को दो विकेट से हरा दिया है. वेस्टइंडीज़ ने पांच मैचों की सिरीज़ में दो मैच जीतकर बढ़त बना ली है.
मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी चुनी थी. टीम ने सात विकेट के नुकसान पर 152 रन बनाए थे.
भारत की ओर से सबसे ज़्यादा 51 रन तिलक वर्मा ने बनाए.भारतीय बल्लेबाज़ों में ईशान किशन ने 27, हार्दिक पांड्या ने 24 और अक्षर ने 14 रन बनाए.
वेस्टइंडीज़ की ओर से सबसे ज़्यादा 67 रन निकोलस पूरन ने बनाए.
भारत की ओर से हार्दिक पांड्या ने तीन और यजुवेंद्र चहल ने दो विकेट लिए.
भारत के दिए लक्ष्य की पीछा करते हुए वेस्टइंडीज की टीम ने 19वें ओवर में आठ विकेट खोकर 155 रन बनाए और मैच अपने नाम कर लिया.
अब भारत को सिरीज़ का तीसरा मैच जीतना ही होगा. अगर भारत ऐसा नहीं कर पाता है तो सिरीज़ वेस्टइंडीज के नाम हो जाएगी. (bbc.com/hindi)
कराची, 6 अगस्त। मोहम्मद हारिस ने एसीसी (एशियाई क्रिकेट परिषद) पुरुष एमर्जिंग कप के फाइनल में भारत ए के खिलाफ अपनी टीम पाकिस्तान ‘शाहीन्स (ए टीम)’ की जीत को कमतर आंकने पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय बोर्ड से टूर्नामेंट में ‘छोटे बच्चों’ को भेजने के लिए नहीं कहा था।
पाकिस्तान ने फाइनल में भारत को 128 रन के बड़े अंतर से हराकर खिताब जीता था। इस जीत के बाद भी पाकिस्तान की टीम को आलोचना का सामना करना पड़ा था क्योंकि उनकी टीम अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाले कई खिलाड़ी थे जबकि भारतीय टीम में ऐसा एक भी खिलाड़ी नहीं था।
टूर्नामेंट में पाकिस्तान ‘शाहीन्स’ का नेतृत्व करने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज हारिस को पांच एकदिवसीय और नौ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है। टीम में मोहम्मद वसीम जूनियर भी थे जिन्होंने दो टेस्ट, 14 एकदिवसीय और 17 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले है। वसीम ने फाइनल में बल्ले से नाबाद 17 रन का योगदान देने के बाद 26 रन देकर दो विकेट भी चटकाए थे।
पाकिस्तान ‘शाहीन्स’ की टीम में आठ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों में शामिल हारिस ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर सवाल उठाए।
उन्होंने एक पॉडकास्ट में कहा, ‘‘क्या हमने भारतीय बोर्ड से छोटे बच्चों को टूर्नामेंट में भेजने के लिए कहा था?’’
हारिस ने कहा कि उन्हें लोगों के उस तर्क से निराशा हुई जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान की टीम इसलिए जीत गई क्योंकि उसमें भारतीय टीम की तुलना में अधिक सीनियर और अनुभवी खिलाड़ी थे।
हारिस ने कहा, ‘‘ हमारे पास ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने सीनियर टीम के लिए शायद कुछ ही मैच खेले हों, लेकिन अगर आप उनकी टीम को देखे तो उनके अधिकांश खिलाड़ी आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) में लगभग 200 मैच खेल चुके हैं।’’
पाकिस्तान के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘वे कह रहे हैं कि हमारी टीम में अंतरराष्ट्रीय अनुभव था. हमने कितने अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं? सईम आयुब ने पांच खेले हैं, मैंने छह मैच खेले हैं। उन लोगों (भारत के खिलाड़ियों) ने 260 आईपीएल मैच खेले हैं।’’
पाकिस्तान टीम में सलामी बल्लेबाज सईम अयूब शामिल हैं जिन्होंने आठ टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले है। इसके अलावा तैयब ताहिर (तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय), शाहनवाज दहानी (दो वनडे और 11 टी20 अंतरराष्ट्रीय), 27 वर्षीय आमिर जमाल (दो टी20 अंतरराष्ट्रीय) और अरशद इकबाल (एक टी20 अंतरराष्ट्रीय) खेले हैं।
यश धुल की कप्तानी वाली भारतीय टीम में अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाला कोई भी खिलाड़ी नहीं था। बी साई सुदर्शन, अभिषेक शर्मा, रियान पराग, ध्रुव जुरेल, हर्षित राणा और राजवर्धन हंगरगेकर जैसे खिलाड़ी आईपीएल में खेलते है। (भाषा)
नई दिल्ली, 6 अगस्त । 2023 एकदिवसीय विश्व कप शुरू होने में ठीक दो महीने बचे हैं, मेजबान भारत अभी भी इस मेगा इवेंट के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ संभावित 15 खिलाड़ियों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है और अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को टीम में शामिल करने की चर्चा भी चल रही है।
36 वर्षीय, जिन्होंने पिछले 18 महीनों में 50 ओवर का मैच नहीं खेला है, वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई तीन मैचों की श्रृंखला के लिए भारत की एकदिवसीय टीम का हिस्सा नहीं थे। हालाँकि, उनकी बहुमुखी प्रतिभा को देखते हुए अभी भी एकदिवसीय विश्व कप के लिए उनके नाम पर विचार किया जा सकता है।
खेल के एक महान विचारक, अश्विन एकदिवसीय मैच के किसी भी चरण में गेंदबाजी कर सकते हैं, निचले क्रम में एक बहुत ही उपयोगी बल्लेबाज हैं और उनके पास वर्षों का अनुभव है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में हाल ही में कहा गया था कि चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन के बीच अश्विन के नाम पर चर्चा हो रही है क्योंकि वे अपने स्पिन विभाग में विविधता चाहते हैं।
फिलहाल, भारत के पास रवींद्र जडेजा (बाएं हाथ के स्पिनर), अक्षर पटेल (बाएं हाथ के स्पिनर), कुलदीप यादव (बाएं हाथ के लेग स्पिनर) और युजवेंद्र चहल (दाएं हाथ के लेग स्पिनर) के रूप में चार स्पिन विकल्प हैं। लेकिन चूंकि जडेजा और अक्षर दोनों के कौशल समान हैं, इसलिए अश्विन अंततः अपनी ऑफ-स्पिन के कारण टीम में जगह बना सकते हैं।
यदि अश्विन वास्तव में आते हैं, तो अक्षर के चूकने की संभावना है, लेकिन अंतिम फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि टीम प्रबंधन भारत में होने वाले मेगा इवेंट के लिए कितना संतुलन बनाना चाहता है।
अश्विन क्या विविधता लाते हैं
अन्य स्पिनरों के विपरीत, जो आमतौर पर खेल के कुछ चरणों में गेंदबाजी करने के आदी होते हैं, अश्विन एक बहुत ही चतुर ऑपरेटर हैं और नई गेंद से गेंदबाजी कर सकते हैं, बीच में प्रभाव डाल सकते हैं और डेथ ओवरों के दौरान भी गेंद को स्पिन करा सकते हैं।
धर्मशाला में न्यूजीलैंड का सामना करने के अलावा, अन्य बड़े विरोधियों के खिलाफ भारत के मैच चेन्नई, अहमदाबाद, लखनऊ, मुंबई और कोलकाता की स्पिन-अनुकूल परिस्थितियों में हैं और अश्विन घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठा सकते हैं और नियंत्रण भी प्रदान कर सकते हैं।
केवल गेंद से ही नहीं, अनुभवी क्रिकेटर बल्ले से भी बहुमूल्य योगदान दे सकता है, जो तब बहुत महत्वपूर्ण होगा जब कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा मुख्य चयनकर्ता के साथ अंतिम टीम चयन करने का फैसला करेंगे।
वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पहले टी-20 मैच के दौरान, भारत को किसी ऐसे खिलाड़ी की कमी खली जो आठवें नंबर पर गेंदबाजी और बल्लेबाजी कर सकता हो और उस मैच में खेलने वाले दोनों स्पिनर चहल और कुलदीप ने बल्ले के साथ ज्यादा योगदान देने की क्षमता नहीं दिखाई, जिससे अश्विन को टीम चयन के दौरान फायदा हो सकता है।
अश्विन अभी भी बस से क्यों चूक सकते हैं ?
अश्विन ने अपने 113 वनडे मैचों में से आखिरी मैच 2022 में दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान खेला था और पिछले कुछ समय से वह 50 ओवर के सेट-अप का हिस्सा नहीं हैं। बीच में, वह लगातार टी20 विश्व कप अभियानों का हिस्सा थे, लेकिन वह इंग्लैंड में 2019 वनडे विश्व कप से चूक गए।
ऑफ स्पिनर का टीम में शामिल होना टीम संयोजन पर भी निर्भर करता है। अगर भारत 15 सदस्यीय टीम में चार स्पिनरों को चुनने का फैसला करता है, तो उन्हें अपने तेज गेंदबाजी विकल्पों के साथ समझौता करना पड़ सकता है और मेजबान टीम के पास शार्दुल ठाकुर जैसा खिलाड़ी कम से कम एक और होना चाहिए।
यदि टीम प्रबंधन ने पहले ही ठाकुर को आठवें नंबर पर खिलाने का मन बना लिया है क्योंकि उन्होंने उस स्थान पर बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया है, तो भारत के छह उपलब्ध गेंदबाजी स्लॉट में जसप्रीत बुमराह (अगर फिट हैं), मोहम्मद सिराज, रवींद्र जडेजा, कुलदीप/चहल, ठाकुर, शमी लेंगे और अश्विन विश्व कप के लिए बस चूक सकते हैं।
पता चला है कि 24 से 29 अगस्त तक बेंगलुरु में होने वाले एशिया कप तैयारी शिविर के दौरान विश्व कप टीम की संरचना पर अंतिम चर्चा होगी और वहीं अश्विन के भविष्य पर बड़ा फैसला किया जाएगा। (आईएएनएस)
चेन्नई, 5 अगस्त। बेंगलुरू के 13 वर्षीय प्रतिभाशाली रेसर कोपाराम श्रेयस हरीश की मद्रास इंटरनेशनल सर्किट में एमआरएफ एमएमएससी एफएमएससीआई इंडियन नेशनल मोटरसाइकिल रेसिंग चैंपियनशिप के तीसरे दौर में दुर्घटना के कारण शनिवार को मौत हो गई।
इस दुखद घटना के बाद आयोजक मद्रास मोटर स्पोर्ट्स क्लब ने शनिवार और रविवार को होने वाली अन्य रेस को रद्द कर दिया।
बेंगलुरु के केनश्री स्कूल के छात्र श्रेयस का जन्म 26 जुलाई 2010 को हुआ था। उन्हें उदीयमान रेसर माना जाता था क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की कई रेस जीती थी। वह इस सत्र में युवा वर्ग की रेस में भाग ले रहे थे।
उन्होंने इस रेस के क्वालीफाइंग में शनिवार की सुबह पहला स्थान हासिल किया था। मुख्य रेस में पहले मोड़ पर ही उनकी बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिससे उनके सिर में गहरी चोट लगी।
रेस को तुरंत ही रोक दिया गया तथा उन्हें पास के अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उस समय उनके पिता भी उनके साथ थे।
भारतीय मोटरस्पोर्ट में यह इस साल तरह की दूसरी दुर्घटना है। इससे पहले जनवरी में 59 वर्षीय रेसर केई कुमार की मद्रास इंटरनेशनल सर्किट में एमआरएफ एमएमएससी एफएमएससीआई इंडियन नेशनल कार रेसिंग चैंपियनशिप 2022 के दूसरे दौर में दुर्घटना के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी। (भाषा)
... तपन मोहंता / कुशान सरकार ...
कोलकाता / नयी दिल्ली, 5 अगस्त। बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) ने काली पूजा के दिन 12 नवंबर को पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच विश्व कप मैच के संबंध में स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाई गई चिंताओं के बारे में आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) की रेकी टीम को अवगत कराया।
शनिवार को ईडन गार्डन्स पहुंची इस रेकी टीम में आईसीसी के छह और बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के 11 अधिकारी शामिल थे।
बीसीसीआई और आईसीसी को इस मैच के तारीख में बदलाव करना पड़ा, तो यह पाकिस्तान के कार्यक्रम में तीसरा बदलाव होगा।
इससे पहले भारत बनाम पाकिस्तान मैच (अहमदाबाद में 15 के बजाय 14 अक्टूबर) और श्रीलंका बनाम पाकिस्तान मैच (अब हैदराबाद में 12 अक्टूबर के बजाय 10 अक्टूबर) के कार्यक्रम में बदलाव किया गया था।
अहमदाबाद पुलिस ने बीसीसीआई से कहा था कि 15 अक्टूबर को सुरक्षा का ध्यान रखना मुश्किल होगा, जो कि हिंदू त्योहार नवरात्रि का पहला दिन है।
आईसीसी और बीसीसीआई ने 27 जून को एक भव्य समारोह में कार्यक्रम जारी किया था लेकिन संशोधित कार्यक्रम अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ है।
काली पूजा पश्चिम बंगाल में दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है, और हजारों स्थानीय क्लब इस उत्सव का आयोजन करते हैं, जिसमें शहर भर में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस तैनाती की आवश्यकता होती है।
सीएबी अध्यक्ष स्नेहाशीष गांगुली ने कार्यक्रम में बदलाव के लिए किसी भी ‘आधिकारिक अनुरोध’ से इनकार किया लेकिन बोर्ड के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि कोलकाता पुलिस पहले ही इस मुद्दे को उठा चुकी है।
बीसीसीआई और आईसीसी की 17 सदस्यीय रेकी टीम में शामिल रहे सीएबी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘‘कोलकाता पुलिस ने दिवाली पर होने वाले मैच के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए चिंताओं का हवाला दिया है। हमने आईसीसी और बीसीसीआई को इसे पुनर्निर्धारित करने के लिए सूचित किया है और अगर ऐसा नहीं होता है तो हम मुख्यमंत्री को इसकी सूचना देंगे।’’
ऐसे में यह देखना होगा कि क्या आईसीसी कार्यक्रम में एक और बदलाव के लिए सहमत होती है या नहीं।
आईसीसी की रेकी टीम के साथ तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद सीएबी प्रमुख स्नेहाशीष ने कहा, ‘‘ हमें अभी तक कोलकाता पुलिस से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। जब तक हमें आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं मिलता, हम आईसीसी को सूचित नहीं कर सकते। सुरक्षा मुद्दे का ध्यान कोलकाता पुलिस द्वारा रखा जा रहा है। यह हमारा काम नहीं है।’’
सीएबी के शीर्ष अधिकारी कुछ दिन पहले कोलकाता पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात के लिए उनके लालबाजार मुख्यालय में गये थे।
स्नेहाशीष ने हालांकि इसे ‘शिष्टाचार भेंट’ करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम दो दिन पहले शिष्टाचार मुलाकात के लिए कोलकाता पुलिस के पास गए थे, हमने उनसे कार्यक्रम, अपनी योजना और तैयारियों को लेकर चर्चा की।
विश्व कप जैसे अहम आयोजन के कार्यक्रम में कई बदलावों के साथ यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या इसके लिए स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों को विश्वास में नहीं लिया गया था।
समझा जाता है कि सीएबी ने शुक्रवार को बीसीसीआई सचिव जय शाह को लिखे पत्र में कार्यक्रम के बदलाव का अनुरोध किया है। (भाषा)