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रायपुर, 31 दिसंबर। सीएम विष्णु देव साय से आज पहुना में प्रेमेश्वर मठ महादेव संस्थान कानपुर के सदगुरु नाथ महाराज (महामंडलेश्वर काशीमठ) ने सौजन्य मुलाकात की। सदगुरु नाथ जी महाराज ने मुख्यमंत्री श्री साय को आशीर्वाद और शुभकामनाएं दी। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि आपके नेतृत्व में प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर होगा। राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश नित-नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा।
रायपुर, 31 दिसंबर। राजधानी में आज से 31 वीं राष्ट्रीय जूनियर फेंसिंग बालक-बालिका प्रतियोगिता शुरू हुई। इसमें 26 राज्यों के 536 बालक-बालिकाएं भाग ले रहीं हैं। मार्च पास्ट में मुख्य अतिथि विधायक मोतीलाल साहू ,कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजीव मेहता (महासचिव ,भारतीय तलवारबाज़ी महासंघ) एवं विशेष अथिति राजपाल सिंह त्यागी पूर्व आई ए एस को सलामी दी। खिलाड़ियों को शपथ छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय खिलाडी रश्मान कौर धीमान ने दिलाई। इस अवसर पर पूर्व विधायक नन्द कुमार साहू , छत्तीसगढ़ लान टेनिस एसोसिएशन के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा, बशीर अहमद खान महासचिव छत्तसीगगढ प्रदेश फेंसिंग एसोसिएशन, समीर खान, महासचिव छत्तीसगढ़ हैंडबाल संघ, रजिया खान, अध्यक्ष आयोजन समिति, शैख़ आसिफ सहसचिव आयोजन समिति, कमल रुपरेल सहसचिव आयोजन समिति, निखिल कुमार जम्भुलकर सहसचिव, आयोजन समिति, आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष राम प्रताप गुप्ता, आयोजन समिति के सदस्य व्ही जॉनसन सोलोमन, मोहनीश वर्मा सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश फेंसिंग एसोसिएशन के पदाधिकारी, फेंसिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के पदाधिकारी उपस्थित थे।
आज फॉयल के व्यक्तिगत मुकाबले महिला वर्ग में हुए । इसमे छत्तीसगढ़ की तीन खिलाडियों युक्ति दुबे ,दीपांशी नेताम ,भूमिका साहू ने लीग में शानदार प्रदर्शन करते हुए नॉक आउट दौर में प्रवेश किया ।इनमें अपने प्रारम्भिक मुकाबले युक्ति दुबे ने तृशा तिवारी उत्तर प्रदेश को 5 -0 से हराया ,सोनाली पटेल ओडिशा को 5 -0 से एवं गुजरात को 5 -4 से हरा कर नॉक आउट दौर पहुंची ,दीपांशी नेताम झारखण्ड ,ओडिशा ,राजस्थान ,एम पी ,और पंजाब को हरा क्र पल टॉप कर नाक आउट पहुंची। भूमिका साहू ने उत्तर प्रदेश ,आंध्र प्रदेश ,एवं बिहार को हराकर नॉक दौर में पहुंची है ,माया साहू ने मणिपुर को हराया। बालक वर्ग में व्यक्तिगत मुकाबले में छत्तीसगढ़ के हिमांशु नेताम ,ईशान जायसवाल ,जानर्दन साहू ने नॉक ऑउट दौर में प्रवेश किया। आभार प्रदर्शन छत्तीसगढ़ प्रदेश फेंसिंग के सहायक सचिव अखिलेश दुबे ने किया।
बैठक में सभी मोर्चों को लोकसभा चुनाव के लिए जिम्मेदारी सौंप गई
रायपुर, 31 दिसंबर। प्रदेश भाजपा के 7 मोर्चा की संयुक्त बैठक में आगामी कार्ययोजना के बारे में चर्चा की गई। प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने सभी मोर्चों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में अहम जिम्मेदारी सौंपी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 11 लोकसभा सीटें जीतने के संकल्प के साथ जुटने की अपील की। प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जमवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय उपस्थित थे।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव की दृष्टि से मंडल स्तर तक के कार्यों को संपादित करने पर बल दिया जाएगा। बूथ कमेटियों के कार्यकर्ताओं को चुनाव की दृष्टि से मोर्चावार अब अलग-अलग वर्ग और समाजों के बीच में जाकर कार्य करना है।
बैठक में युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, मोर्चा अध्यक्ष सहित सभी मोर्चा के पदाधिकारी मौजूद रहे।
सिडनी में 2024 के नए साल का जश्न शानदार अतिशबाज़ी के साथ शुरू हुआ.
इस दौरान हार्बर ब्रिज और ओपेरा हाऊस के ऊपर आसमान में 8.5 टन अतिशबाज़ी की गई.
इस अतिशबाज़ी की तैयारी 15 महीनों से हो रही थी जो 12 मिनट तक चली.
ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी शहरों सिडनी, कैनबरा और मेलबर्न देश के पहले शहर हैं जहां नए साल का स्वागत पहले शुरू हुआ.
सिडनी में मनाए गए जश्न की कुछ तस्वीरें-
इन दिनों सार्वजनिक जगहों पर बहुत से लोग इत्र की दुकान की तरह महकते हुए दिखते हैं। नौजवानों में मामूली आर्थिक हैसियत के बहुत से लडक़े-लड़कियां भी कुछ न कुछ सुगंध लगाए दिखते हैं। पसीने और बदन की बदबू को दबाने के नाम पर बहुत सी कंपनियां अपने डियो (डियोडोरेंट) की ऐसी आक्रामक मार्केटिंग करती हैं, और अनगिनत फिल्मी सितारे, या खिलाड़ी ऐसे स्प्रे के बाद ही अपने आत्मविश्वास के जागने का दावा करते हैं। ऐसी मॉडलिंग और ब्रांड प्रमोशन के बाद यह जाहिर है कि लोग अपने बदन की स्वाभाविक गंध को बदबू मान लेते होंगे, और किसी स्प्रे के सहारे के बिना वे अपने आपको आत्मविश्वास की बैसाखी के बिना चलने वाले महसूस करते होंगे।
दरअसल बाजार लोगों में हीनभावना और बेचैनी भरकर अपना कारोबार करता है। फैशन और मेकअप का बहुत बड़ा कारोबार अमरीकी सितारों से लेकर अमरीकी छरहरी गुडिय़ा, बार्बी डॉल के बदन के आकार के असर से चलता है। अभी अधिक वक्त नहीं हुआ जब दुनिया के सिगरेट और शराब के सबसे बड़े ब्रांड चर्चित चेहरों के कंधों पर सवार होकर ग्राहकों को लुभाने निकलते थे। हिन्दुस्तान में भी सिगरेट का एक बड़ा ब्रांड देश भर के जोड़ों को एक मुकाबले में बुलाता था, जिनमें सबसे अच्छा जोड़ा दिखने वाले पति-पत्नी को सिगरेट की मॉडलिंग के लिए छांटा जाता था। इस तरह नए कानून बनने के पहले तक बाजार लगातार बुरी आदतों को बढ़ाने के लिए भी हर किस्म के हथियारों वाले हमले इस्तेमाल करता था। आज भी हिन्दुस्तान में सिगरेट और शराब के इश्तहारों पर रोक रहने पर भी, उन्हीं नामों के दूसरे सामान बनाकर, उसी ब्रांड से बाजार में बेचने की धोखाधड़ी धड़ल्ले से चलती है, और कारोबार के दबाव में रहने वाली सरकारें इसे अनदेखा भी करते रहती हैं।
बाजार की तकनीक कुछ-कुछ राजनीतिक दलों सरीखी रहती है जो कि लोगों के मन में किसी तरह की दहशत, किसी तरह की नफरत, किसी तरह की धर्मान्धता, कट्टरता भरते हैं, फिर किसी काल्पनिक दुश्मन की गढ़ी गई तस्वीर दिखाकर खतरे बताते हैं, और वोटरों को यह सोचने को मजबूर करते हैं कि फलां नेता या राजनीतिक दल को वोट दिए बिना हिफाजत नहीं है।
बाजार ऐसा ही करता है। लोगों को उनके बदन के आकार से हीनभावना का शिकार बना देता है, उन्हें अपने रंग को लेकर इतना बेचैन कर देता है कि माइकल जैक्सन जैसे लोग दर्जनों बार की प्लास्टिक सर्जरी से अपना रंग बदलवाते रहे, नाक को धार लगवाते रहे, और बेचैनी में ही मर भी गए। हिन्दुस्तान में भी फेयरनेस क्रीम का कारोबार आसमान चीरकर आगे बढ़ते रॉकेट की तरह बढ़ते रहा, और वह पूरी तरह से हीनभावना पर जिंदा बाजार था, जिसे देश के सबसे चर्चित, शाहरूख खान सरीखे फिल्म अभिनेता बढ़ावा देते रहे।
देश के सबसे बड़े फिल्मी सितारे, सबसे बड़े क्रिकेट खिलाड़ी जब गैरजरूरी चीजों को बेचकर खुद अरबपति होते हैं, और वैसे ब्रांड के मालिकों को खरबपति बनाते चलते हैं, तो उस हमले के सामने साधारण सोच के जिंदा रह पाने की गुंजाइश नहीं रहती। देश के तीन-तीन, चार-चार सबसे बड़े सितारे जब कोई गुटखा बेचते हैं, तो नौजवानों को कैसे उसके इस्तेमाल से बचाया जा सकता है? जब देश की कुछ सबसे सुंदर चर्चित लड़कियां और महिलाएं हर कुछ महीनों में बदले जा रहे फैशन का बाजार खड़ा करने के लिए न सिर्फ इश्तहारों में, बल्कि मीडिया की दूसरी मासूम दिखती, लेकिन खरीदी गई जगहों पर भी छाई रहती हैं, तो देश की लड़कियां और महिलाएं उनके बिना अपने आपको समाज और अपने दायरे की दौड़ से बाहर पाती हैं।
बाजार के हमले का सामना कर पाना आसान नहीं है, क्योंकि इन हमलों और इसके हथियारों को, इनकी फौजी रणनीति को दुनिया के कुछ सबसे शातिर दिमाग तय करते हैं। ये दिमाग माताओं के दिमाग में यह भरने में कामयाब हो जाते हैं कि बच्चों को अगर जिराफ की तरह ऊंचा बनाना है, उनके बदन और दिमाग को तेजी से बढ़ाना है, तो उन्हें दूध में कौन सा पाउडर घोलकर पिलाना होगा। हालत यह है कि बच्चों के खानपान को लेकर उनकी माताओं के दिमाग में इतना कुछ भर दिया गया है कि वे बच्चों के डॉक्टरों का जीना हराम किए रहती हैं।
लोगों के मन में बेचैनी भरकर, उन्हें हीनभावना में डुबाकर, उन्हें बेहतरी के सपने दिखाकर इतना कुछ किया जाता है कि लोग बाजार की रणनीति के हिसाब से ही सोचने लगते हैं, और इंसान के बजाय ग्राहक बनकर वे अपने को अधिक महफूज महसूस करते हैं। जो सामान न हेलमेट हैं, न बुलेटप्रूफ जैकेट हैं, वे भी लोगों को हिफाजत का अहसास कराने लगते हैं। कुछ खास ब्रांड के टूथपेस्ट लोगों को यह बतलाने लगते हैं कि उनकी सांस से निकली हुई सनसनीखेज ताजगी किस तरह आसपास से गुजरती लड़कियों और महिलाओं को भी उनकी तरफ खींच देगी। लोगों के सेहतमंद खाने-पीने की एक मामूली सी समझ किनारे धरी रह जाती है, और वे ढेर-ढेर शक्कर वाले कोल्ड ड्रिंक, या एनर्जी ड्रिंक के बिना, किसी प्रोटीन ड्रिंक के बिना अपने को अधूरा पाते हैं।
जिस तरह अखबार और टीवी चैनल, या यूट्यूब और फेसबुक के रास्ते लोगों तक पहुंचने वाली सोच उन्हें बदल दे रही है, उसी तरह हमलावर मार्केटिंग से लोगों का खानपान, रहन-सहन, सब कुछ बदल जा रहा है। लोग हजारों बरस से सामाजिक प्राणी थे, लेकिन अब बाजार की रणनीति लोगों के अलग-अलग समाज बांट दे रही हैं, और लोग ग्राहकों की अलग-अलग किस्मों के समुदाय बनते जा रहे हैं। अधिकतर लोगों को यह समझ भी नहीं पड़ रहा है कि वे किस तरह बाजार के हाथों एक कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं, और वे अपनी जरूरत से बिल्कुल ही परे जाकर ग्राहक बनते जा रहे हैं। लोगों के पास आज किसी मोबाइल या कार का एक मॉडल अपनी पूरी क्षमता से इस्तेमाल नहीं हो पाता है कि कुछ और क्षमताओं वाले नए मॉडल लोगों के भीतर बेचैनी भरने लगते हैं। आज लोगों को अपने दोस्तों और परिवार के दायरे में यह सोचना चाहिए कि क्या उन्हें सचमुच और अधिक की जरूरत है, और नए की जरूरत है, या मौजूदा काफी है? बाजार शायद लोगों को इतना तर्कसंगत रहने नहीं देगा, और लोग एक वफादार ग्राहक की तरह अपने ब्रांड से बंधे रह जाते हैं, काल्पनिक जरूरतों को जरूरी सच मानकर उन्हें हासिल करने में जुट जाते हैं। पता नहीं बाजार की यह साजिश इंसानों को गुलाम ग्राहकों से परे भी कुछ रहने देगी या नहीं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 दिसंबर। राज्य सरकार ने नौ आईएएस अफसरों को एपेक्स वेतन मान में एसीएस पदोन्नत किया है। इनमें पीएस मनोज पिंगुवा प्रमुख हैं। उनके साथ 1994 बैच की ऋचा शर्मा, निधि छिब्बर, विकास शील को भी प्रोफार्मा पदोन्नति दी गई है। उनके अलावा 2008 बैच के 10 विशेष सचिव, सचिव पदोन्नत किए गए। फिलहाल इनमें से किसी की भी नई पोस्टिंग नहीं की गई है। वे वर्तमान पद पर बने रहेंगे।
देखें आदेश-
रायपुर, 31 दिसंबर। सोशल मीडिया में वरिष्ठ अधिकारियों को विरूद्ध पोस्ट करने को लेकर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आशुतोष पांडेय को शोकॉज नोटिस जारी हुआ है। सचिव जीएडी पीएस.ध्रुव ने संभागायुक्त से 15 दिन के भीतर कार्रवाई कर विभाग को सूचित करने कहा है । वहीं राप्रसे संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि आशुतोष पांडेय ने खुद से होकर डीडी सिंह के खिलाफ कोई टीका टिप्पणी नहीं की है।
सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म में इससे रिलेटेड जो खबरों का लिंक है उसे लेकर सामान्य चर्चा मात्र की है। यही वजह है कि अब राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर भी डीडी सिंह की संविदा नियुक्ति वाली पोस्ट से अलग कर नियमित अफसर की पोस्टिंग करने की मांग करने के लिए लामबंद हो गए हैं।
अगले लोकसभा चुनाव को लेकर उद्धव ठाकरे की लीडरशिप वाली शिवसेना के प्रवक्ता और बड़े नेता संजय राउत ने अभी कहा था कि सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस के साथ उनकी बातचीत शून्य से शुरू होगी, क्योंकि राज्य में उसके पास कोई भी लोकसभा सीट नहीं है। उन्होंने यह भी याद दिलाया था कि कांग्रेस को यह बात याद रखना चाहिए कि अभी-अभी वह तीन राज्यों में चुनाव हारी है। संजय राउत ने यह भी कहा था कि शिवसेना महाराष्ट्र में 23 सीटों पर लड़ेगी। इसके पहले महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं ने शिवसेना के विभाजित होने पर तंज कसा था, और इसके जवाब में संजय राउत ने कहा था कि कांग्रेस विभाजित तो नहीं है, लेकिन वह तीन राज्य हार गई है। मानो इन सबके जवाब में, और कांग्रेस की स्वाभाविक नाराजगी को घटाने के लिए उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वे ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे महाराष्ट्र के गठबंधन को नुकसान पहुंचे। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में उद्धव-शिवसेना का एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन राज्य शासन में भी था, और विपक्ष में आने के बाद भी वह जारी है। उद्धव ने कहा कि वे इस तरह के बयान देने वाले लोगों पर ध्यान नहीं देंगे, और जब तक कांग्रेस अध्यक्ष सीट बंटवारे पर नहीं बोलेंगे, तब तक न तो मैं, और न ही मेरी तरफ से कोई और टिप्पणी करेंगे।
अभी दो-चार दिन पहले ही कांग्रेस के ओवरसीज संगठन के मुखिया, सैम पित्रोदा ने एक समाचार एजेंसी को अयोध्या की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर यह कहा था कि भारत के लोगों को तय करना होगा कि क्या वे देश को एक हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते हैं, या फिर वे एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जो वास्तव में धर्मनिरपेक्ष हो, और जिसमें तमाम विविधताओं की जगह हो। उन्होंने कहा था कि मंदिर देश का मुख्य मुद्दा नहीं बन सकता है, और लोगों को तय करना है कि बेरोजगारी, महंगाई या राम मंदिर, असली मुद्दे क्या हैं। इसके तुरंत बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयराम रमेश ने इस बयान को पार्टी का नजरिया मानने से इंकार कर दिया था, और कहा था कि यह सैम का निजी विचार होगा, यह पार्टी की सोच नहीं है। उल्लेखनीय है कि अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने या न होने पर अलग-अलग पार्टियों के अलग-अलग रूख सामने आ रहे हैं, और कुछ पार्टियों ने जाने से इंकार कर दिया है, कुछ को न्यौता नहीं मिला है, और कुछ का फैसला अभी सामने नहीं आया है। इस बीच में विदेश में बसे हुए सैम पित्रोदा को कांग्रेस के एक जिम्मेदार ओहदे पर रहते हुए, और राहुल गांधी के तमाम विदेशी कार्यक्रमों के इंचार्ज भी रहते हुए क्या कहना चाहिए था, और क्या नहीं, इस पर उनकी खुद की समझ जमीन से कटी हुई, और कमजोर दिखती है।
हम पहले भी इस मुद्दे पर कई बार कह चुके हैं कि राजनीतिक दलों के अनगिनत नेता और प्रवक्ता जटिल और नाजुक मुद्दों पर अपनी निजी राय धड़ल्ले से पेश करते रहते हैं, और शायद खबरों में जगह पाने के लिए उन्हें ऐसा जरूरी लगता है। सवाल यह है कि राजनीतिक दल अपने लोगों की जुबान पर लगाम क्यों नहीं लगा सकते? कम से कम जो जलते-सुलगते मुद्दे हैं, जिनसे सहयोगी दलों का लेना-देना है, या जिनसे देश की जनभावनाएं जुड़ी हुई हैं, उन पर पार्टी के औपचारिक सार्वजनिक रूख से परे अलग-अलग बातें लोग क्यों करते हैं? इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि हम कुछ अधिक तर्कसंगत होकर सोच रहे हैं, और राजनीतिक दल सोच-समझकर ऐसी धुंध फैलाकर रखते हैं ताकि वोटरों का रूख भांपा जा सके। ऐसा तो हो नहीं सकता कि पार्टी अपने लोगों को कुछ मुद्दों पर बयानबाजी न करने को कहे, उसके बाद भी लोग बयान देते ही रहें। भाजपा के कई नेताओं ने अलग-अलग मौकों पर बहुत ही साम्प्रदायिक और हिंसक बयान भी दिए हैं, जिनमें से कुछ गिने-चुने बयानों से पार्टी ने अपने को अलग भी किया है, लेकिन उनमें से अधिकतर बयानों का कोई खंडन नहीं होता। तो यह समझने की जरूरत है कि क्या यह वोटरों के बर्दाश्त को तौलने का एक तरीका रहता है कि और कितनी हिंसक बात कही जा सकती है? यह तो होता ही है कि लोकतंत्र में हर हिंसक और नफरती बयान धीरे-धीरे पहले के कम हिंसक और कम नफरती बयान को बेअसर करते चलते हैं, और नफरत-हिंसा की नई ऊंचाई एक नई सामान्य भाषा बनकर स्थापित हो जाती है।
किसी गठबंधन की जमीन अभी तैयार हो ही रही है, और उसके बीच अगर लगातार हर साथी दल की तरफ से बयानबाजी चलती रहेगी, तो उसका नतीजा क्या होगा? किसी गठबंधन पर पार्टी का बयान देने के लिए हर पार्टी को अपने किसी एक नेता को अधिकृत करना चाहिए कि उनसे परे कोई और गठबंधन के मामलों में कुछ भी नहीं कहेंगे। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के कुछ नेताओं, और संजय राउत के बीच की बयानबाजी को लेकर उसका जिक्र किए बिना जो कहा है कि वे कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर ही प्रतिक्रिया देंगे, वह एक बहुत समझदारी का रूख है। बड़बोले लोगों के आए दिन के बयानों से गठबंधन का तो नुकसान होगा ही, खुद ऐसे लोगों की पार्टियों का भी नुकसान होगा। यह सिलसिला शुरू नहीं होने देना चाहिए। पार्टियों को यह तय करना चाहिए कि किस तरह के आम मुद्दों पर पार्टी के नेता क्या कहें, और किन खास मुद्दों पर कुछ पूछे जाने पर भी वे अपनी पार्टी के अधिकृत नेता का नाम बता दें कि इस बारे में वे ही कुछ कह सकेंगे।
दूसरी बात यह भी है कि कुछ जरूरी मुद्दों पर पार्टी के सबसे अधिकृत व्यक्ति को समय रहते साफ-साफ बयान देना चाहिए, और उसे निजी राय के रूप में पेश भी नहीं करना चाहिए। जब पार्टी के प्रवक्ता यह कहते हैं कि उनका ऐसा सोचना है, या वे ऐसा मानते हैं, तो ऐसे प्रवक्ता एक गलतफहमी पैदा करते हैं। प्रवक्ता को निजी राय का इस्तेमाल ही नहीं करना चाहिए, उसे सीधे-सीधे पार्टी का रूख ही बताना चाहिए। और जब दूसरे नेता कुछ कहें तो उन्हें साफ कर देना चाहिए कि यह उनका निजी विचार है, और इसे पार्टी की ओर से कोई मंजूरी मिली हुई नहीं है। भारत के राजनीतिक दल बहुत अनुभवी हैं, और उन्हें ऐसी किसी नसीहत की जरूरत होनी नहीं चाहिए, लेकिन तरह-तरह की बकवास से लोकतंत्र का भी खासा समय खराब होता है, इसलिए सार्वजनिक जीवन के लोगों को, राजनीति से परे भी, अवांछित बातें कहने से बचना चाहिए।
प्रमोशन का इंतजार
प्रदेश के वर्ष-2006 बैच के आईपीएस अफसरों का प्रमोशन ऑर्डर नहीं निकल पाया है। इस बैच के अफसर मयंक श्रीवास्तव, बी.एस.ध्रुव, और आर.एन.दास, प्रमोट होकर आईजी बनने वाले हैं। मगर विजिलेंस क्लीयरेंस में देरी की वजह से प्रमोशन अटका है।
यही नहीं, वर्ष-2010 बैच के आईपीएस अफसर प्रमोट होकर डीआईजी बनने वाले हैं। इनमें अभिषेक मीणा, गिरजाशंकर जायसवाल, सदानंद कुमार, दुखूराम आंचला, बी.पी.राजभानू, सरजूराम सलाम, और अन्य एक-दो अफसर हैं। मध्यप्रदेश में तो प्रमोशन ऑर्डर निकल गया। मगर यहां इन अफसरों को कुछ दिन इंतजार करना होगा। प्रमोशन के साथ-साथ इनमें से कुछ अफसरों को इधर से उधर किया जा सकता है।
टीना, यानी देयर इज नो अल्टरनेटिव
डीजीपी अशोक जुनेजा लोकसभा चुनाव तक रह सकते हैं। इसका कार्यप्रणाली से कोई संबंध नहीं है। जुनेजा का कार्यकाल जून में खत्म हो रहा है। उन्हें हटाने की भी चर्चा थी, लेकिन सीनियर अफसरों की कमी का फायदा उन्हें मिलता दिख रहा है।
जुनेजा की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायतें रही हैं। खुद भाजपा ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत कर हटाने की मांग की थी। खैर, जुनेजा के ठीक नीचे 90 बैच के अफसर राजेश मिश्रा हैं, जो कि स्पेशल डीजी के पद पर हैं। मिश्रा जनवरी में रिटायर हो रहे हैं।
एक चर्चा यह है कि आईबी में स्पेशल डायरेक्टर स्वागत दास को यहां लाया जा सकता है। मगर दिक्कत यह है कि स्वागत दास रिटायर हो चुके हैं, और उन्हें एक्सटेंशन मिला हुआ है। इस सिलसिले में कुछ उदाहरण भी दिए जा रहे हैं। मसलन, यूपी के सीएस डी.एस. मिश्रा को रिटायरमेंट के बाद तीन बार एक्सटेंशन दिया जा चुका है। छत्तीसगढ़ के मसले पर केन्द्र क्या कुछ करती है, यह देखना है।
फिर बदलेगा मेले का नाम
5 साल पहले सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने जनवरी महीने में ही राजिम कुंभ का नाम बदलकर माघी पूर्णिमा मेला कर दिया था। विधानसभा में तब के संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने तर्क दिया था कि यह छत्तीसगढ़ी संस्कृति को परिलक्षित करता है। उन्होंने सन् 1909 के गजेटियर को पढक़र भी सुनाया था, जिसमें इसका जिक्र पुन्नी मेले के रूप में था। यह बताया कि छत्तीसगढ़ के अलावा नागपुर, भंडारा, मंडला, नरसिंहपुर और कटक से भी लोग इसमें शामिल होते थे।
भाजपा शासन काल में 13 वर्षों तक महानदी, पैरी और सोढुर नदी के संगम पर लगने वाले इस मेले को राजिम कुंभ के नाम से जाना गया। इस नामकरण और देशभर के साधु संतों को इसमें आमंत्रित कर भव्य रूप देने में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की पहल और दिलचस्पी थी। राजिम कुंभ और पुन्नी मेला दोनों ही नाम विधानसभा में पारित विधेयक के चलते कानून का दर्जा रखते हैं। इसलिए अब जब मेले की तारीख करीब आ रही है और फिर से आयोजन की तैयारी शुरू हो रही है, नाम को अध्यादेश के जरिए बदला जाएगा।
राजिम के लोगों को लगता है कि कुंभ का नाम देने से इसमें मेले की पहचान देशभर में हो गई थी। अब संयोग से संस्कृति विभाग फिर से बृजमोहन अग्रवाल के पास है, राजिम का यह गौरव दोबारा स्थापित हो जाएगा।
उल्लेखनीय कि सन 2014 के आयोजन में कुंभ नाम को लेकर दो शंकराचार्यों के बीच मतभेद सामने आए थे। निश्चलानंद सरस्वती ने राजिम मेले को कुंभ मानने से इनकार कर दिया था। आयोजकों को उन्होंने उन्हीं के मंच से फटकार भी लगाई थी। इसके कुछ दिन बाद शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि कुंभ एक पर्व का द्योतक है। शास्त्रों में कहीं नहीं लिखा है कि कुंभ केवल चार होंगे, आखिर अर्ध कुंभ भी तो लगते हैं।
बहरहाल, अनेक लोगों का मानना है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सरकारों का नाम बदलने का फैसला धार्मिक या ऐतिहासिक आधार पर नहीं, बल्कि राजनीतिक है।
पेड़ बचाने की फिक्र में
टाइगर और लेपर्ड शाकाहारी नहीं है लेकिन जंगलों में रहते हैं क्योंकि पेड़-पौधे उन छोटे वन्य जीवों को खुराक देते हैं, जो इनका शिकार होते हैं। नई कोयला खदान के लिए हसदेव में पेड़ों की कटाई का एक चरण फोर्स की घेराबंदी के बीच पूरा हो चुका है, तमाम विरोध प्रदर्शनों के बावजूद। सोशल मीडिया पर लगातार इस बात की पीड़ा अलग-अलग तरह से उभर रही है। इस तस्वीर के जरिये यह कहने की कोशिश हो रही है कि इंसानों को पेड़ बचाने की फिक्र हो या ना हो, जानवरों को तो है।
योग्यता में कमी की बात..
सत्तारूढ़ भाजपा के उन वरिष्ठ और अनुभवी विधायकों का भी अपने क्षेत्र में गर्मजोशी से स्वागत सत्कार हो रहा है, जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई। फिर भी समर्थक और कार्यकर्ता मायूस हैं। उन्हें सांत्वना देना भी जरूरी है। कुरूद पहुंचने पर विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का गाजे-बाजे के साथ जबरदस्त स्वागत हुआ। अपने भाषण में उन्होंने दो खास बातें कही- एक तो यह कि मेरी योग्यता में भले ही कोई कमी रह गई होगी, मगर विकास के लिए प्रयास में कोई कमी नहीं रखूंगा। दूसरी बात यह भी कि नया नेतृत्व तैयार करना है।
क्या चंद्राकर योग्यता में कमी की बात मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने के संदर्भ में कह रहे हैं? और क्या भविष्य में चुनाव नहीं लडऩा चाहते? आप अनुमान लगाइए।
विनेश फोगाट ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार दिल्ली के कर्तव्य पथ पर शनिवार को रखकर अपना विरोध ज़ाहिर किया.
कुछ दिन पहले ही विनेश फोगाट ने पीएम मोदी को खुला ख़त लिखकर पुरस्कार लौटाने की बात की थी.
विनेश ने शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचने की कोशिश की थी. मगर दिल्ली पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी.
अब राहुल गांधी ने विनेश के पुरस्कार लौटाने का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया है.
राहुल गांधी ने लिखा, ''देश की हर बेटी के लिये आत्मसम्मान पहले है, अन्य कोई भी पदक या सम्मान उसके बाद. आज क्या एक ‘घोषित बाहुबली’ से मिलने वाले ‘राजनीतिक फायदे’ की कीमत इन बहादुर बेटियों के आंसुओं से अधिक हो गई?''
राहुल लिखते हैं, ''प्रधानमंत्री राष्ट्र का अभिभावक होता है, उसकी ऐसी निष्ठुरता देख पीड़ा होती है.''
कुछ दिन पहले राहुल गांधी बजरंग पुनिया और प्रियंका गांधी साक्षी मलिक से मिलने पहुंची थीं.
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ हुए विरोध प्रदर्शनों का मुख्य चेहरा विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया थे.
बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
दिसंबर 21 को भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव संपन्न हुए थे जिसमें बृजभूषण शरण सिंह के क़रीबी माने जाने वाले संजय सिंह को 47 वोटों में से 40 वोट मिले थे.
हालांकि 24 दिसंबर को खेल मंत्रालय ने संजय सिंह के नेतृत्व वाले कुश्ती संघ के पैनल को निलंबित कर दिया था. (bbc.com)
शहबाज़ अनवर
उत्तर प्रदेश के बागपत में बिनौली इलाक़े में एक दलित युवती को कथित तौर पर खौलते कड़ाहे में फेंकने का मामला सामने आया है.
युवती के भाई ने आरोप लगाया है कि उनकी बहन ने छेड़छाड़ का विरोध किया तो युवकों ने इस घटना को अंजाम दिया.
पुलिस ने तीन लोगों के ख़िलाफ रिपोर्ट दर्ज की है.
बिनौली थाना स्टेशन प्रभारी एमपी सिंह ने बीबीसी से कहा, "मुज़फ्फरनगर का रहने वाला एक परिवार बिनौली में एक कोल्हू पर मज़दूरी करता है. शनिवार को हमें इस बारे में शिकायत मिली कि मज़दूरी करने वाले इस परिवार की एक लड़की के साथ कथित रूप से छेड़छाड़ की घटना हुई और उसे खौलती कड़ाहे में धक्का देने की भी शिकायत की गई."
उन्होंने कहा, "लड़की को घायल अवस्था में उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है. आरोपियों के ख़िलाफ मुक़दमा पंजीकृत कर सभी की गिरिफ्तारी कर ली गई है. जांच जारी है."
पुलिस ने यह भी बताया कि इस मामले में लगभग 24 साल के संदीप के अलावा कोल्हू मालिक राजू और सोनू के नाम भी सामने आए हैं. मुख्य अभियुक्त संदीप है, जो पड़ोस के गांव का ही रहने वाला है. (bbc.com)
संसद की सुरक्षा में चूक वाले मामले से चर्चा में आए बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के भाई विक्रम सिम्हा को कर्नाटक में पुलिस ने शनिवार को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
बीबीसी हिंदी के सहयोगी पत्रकार इमरान क़ुरैशी ने इस गिरफ़्तारी की पुष्टि की है.
विक्रम सिम्हा पर वन विभाग ने आरोप लगाया है कि वन क़ानून के तहत संरक्षित 126 पेड़ों को उन्होंने बिना अनुमति कटवाया और उसे बाहर भेज दिया.
यह मामला हासन ज़िले के मारगोंदानाहल्ली गांव का है.
विक्रम सिम्हा को सेंट्रल क्राइम ब्रांच के संगठित अपराध दस्ते ने गिरफ़्तार करके वन विभाग को सौंप दिया.
वन विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, ''संदिग्ध विक्रम सिम्हा जांच अधिकारी के सामने अपना बयान दर्ज कराने आए थे. लेकिन उन्होंने घटनास्थल पर मौजूद होने से इनकार किया. मौजूद दस्तावेज़ इस अपराध में उनकी संलिप्तता की ओर इशार कर रहे हैं.''
13 दिसंबर को संसद में घुसकर रंगीन धुआं छोड़ने वालों के एंट्री पास पर प्रताप सिम्हा के हस्ताक्षर थे. इस मामले में कांग्रेस ने बीजेपी पर सवाल उठाए थे.
वहीं प्रताप सिम्हा ने कहा था कि देश की जनता तय करेगी कि मैं देशभक्त हूं या गद्दार. (bbc.com)
2023 से 2024 में जब दुनिया दाखिल होगी तो इसका जश्न हर जगह देखने को मिलेगा.
नए साल से पहले की शाम सड़कों पर भी काफी जाम रहता है. पुलिस गाड़ी चलाते वक़्त सावधानी बरतने को भी कहती रही है.
अब दिल्ली पुलिस ने इस बार नए साल पर जश्न मनाने वालों को फ़िल्मी अंदाज़ में सलाह दी है.
दिल्ली पुलिस ने फ़िल्मों के नामों को लिखते हुए ट्वीट किया है कि सैम बहादुरी इसी में है कि सेफ्टी को भगवान भरोसे मत रखो. आख़िरकार आप भी किसी के भाई, किसी की जान हो.
दिल्ली पुलिस ने ट्वीट के साथ शेयर किए ग्राफिक्स में कहा है, ''नए साल की शाम पर मस्त में रहने का लेकिन ज़रा हटके ज़रा बचके. अगर एनिमल बनकर बवाल या नॉन स्टॉप धमाल मचाया तो कहीं ऐसा ना हो कि 2024 का पहला दिन अपनी द ग्रेट इंडियन फैमिली की बजाय इंडियन पुलिस फोर्स के साथ मनाना पड़े.'' (bbc.com)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को ये जानकारी दी है कि तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर को यूएपीए के तहत गैर-क़ानूनी संगठन क़रार दिया गया है.
अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ये संगठन जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक राज लाने से जुड़ी गतिविधियों में शामिल था.
शाह ने कहा कि ये संगठन भारत विरोधी प्रचार और जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था.
शाह कहते हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है और इसके तहत देश विरोधी गतिविधि में शामिल किसी भी संगठन या व्यक्ति को बख़्शा नहीं जाएगा.
तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर सैयद अली शाह गिलानी का बनाया संगठन था. इसे साल 2004 में बनाया गया था. हालांकि 2018 में गिलानी ने अध्यक्ष पद को छोड़ दिया था.
बीबीसी के स्थानीय पत्रकार माजिद जहांगीर के मुताबिक, गिलानी की मौत के बाद से ये संगठन लगभग निष्क्रिय था.
27 दिसंबर को केंद्र सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया था. (bbc.com)
रायपुर, 31 दिसंबर। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश कल रात रायपुर पहुंचे। उन्होंने देर रात तक क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जमवाल,प्रदेश महामंत्री पवन साय के साथ लोकसभा चुनावों के सिलसिले में संगठन की तैयारियों पर चर्चा की । और आज सुबह सीएम विष्णु देव साय,उनके मंत्रियों,और प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह के साथ बैठक की। ठाकरे परिसर में उन्होंने मंत्रियों के साथ मोदी के मन की बात को भी देखा। इस बैठक में सबसे अंत में वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पहुंचे। प्रसाद दोपहर के विमान से लौटेंगे।
दमकलों के कई फेरे, बुझाने की कोशिश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 31 दिसंबर। आज तडक़े से सरायपाली शहर के एक कपड़ा दुकान-गोदाम मंे आग की लपटें निकल रही हैं। इस भीषण आग को बुझाने दमकल की कई वाहनें घंटों मशक्कत कर रही हैं। समाचार लिखने तक दोपहर 12 बजे आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।
आग बुझाने के लिए कई टैंकर और दमकल की गाडिय़ां मौके पर मौजूद हैं। आसपास के घरों और दुकानों को खाली करवा जा रहा है। घटना स्थल पर पुलिस, नगर पालिका की टीम मौजूद हैं। इस आग से लाखों के नुकसान का अंदेशा है।
जानकारी अनुसार श्रीराधे कपड़ा बाजार में आज अल सुबह 4 बजे के आसपास भयंकर आग लग गई। आग लगने के पीछे शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग पीछे गोदाम से लगना शुरू हुआ। आग दुकान तरफ आने के पहले नगर के युवा वर्ग ने कड़ी मेहनत से शोरूम के निचले व ऊपर के हिस्सों से काफी तादात में कपड़ों को सुरक्षित बाहर निकलने में सफलता पा ली।
खाली ट्रकों में माल खाली किया गया। लगभग 8 बजे नगर पालिका की फ ायर फ्रि गेड दुकान के पीछे हिस्से पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास कर रही है। इस आग से लाखों रुपए के नुकसान की खबर है। पुलिस प्रशासन भी यातयात व सुरक्षा व्यवस्था पर मोर्चा संभाल लिया है। आग पर काबू पाने की कोशिशें जाारी है।
(शारोन थंबाला)
अमरावती, 31 दिसंबर। आंध्र प्रदेश में चुनावी लड़ाइयां 2024 की बहुप्रतीक्षित घटनाओं में से एक हैं जबकि 2023 के बीते 12 महीनों में कई नाटकीय घटनाक्रम देखे गए जिनमें करोड़ों रुपये के ‘घोटाले’ में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की सुबह-सवेरे हुई गिरफ्तारी शामिल है।
राज्य में विधानसभा चुनाव अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ ही हो सकते हैं और इसी के साथ यह स्पष्ट हो जाएगा कि वाईएसआरसीपी के संस्थापक-अध्यक्ष और मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी के कल्याण-केंद्रित शासन को लोगों ने पसंद किया या नहीं।
रेड्डी ने कल्याणकारी कार्यक्रमों पर 2.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया है और राज्य के लोगों से कई बार आह्वान किया है कि अगर उन्हें लगता है कि उनके परिवार को इस सरकार से फायदा मिला है तो वे उनके लिए वोट करें।
राज्य में 2023 में हुई प्रमुख घटनाओं में तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता नायडू की गिरफ्तारी की घटना रही।
आंध्र प्रदेश के अपराध जांच विभाग ने नौ सितंबर की सुबह नंदयाला में नायडू को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें इस दक्षिणी राज्य के मुख्यमंत्री के तीसरे कार्यकाल (2014-2019) के दौरान 371 करोड़ रुपये के कौशल विकास निगम घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया।
इस गिरफ्तारी के बाद एक राजनीतिक गठबंधन का निर्माण हुआ लेकिन यह सवाल अभी बरकरार है कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्षी खेमे में शामिल होगी।
नायडू की गिरफ्तारी से ‘क्षुब्ध’ अभिनेता से नेता बने और जनसेना के संस्थापक पवन कल्याण ने पूर्व मुख्यमंत्री से राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में मुलाकात की और अगले चुनावों में वाईएसआरसीपी को हराने के लिए 14 सितंबर को तेदेपा के साथ गठबंधन की घोषणा कर दी।
जनसेना भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का घटक दल है और उसने हाल में संपन्न तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया था। हालांकि, जनसेना तेलंगाना के मतदाताओं को रिझाने में कामयाब नहीं रही और सभी आठ सीट पर उसकी जमानत जब्त हो गयी। तेलुगु भाषी पड़ोसी राज्य में कांग्रेस ने जीत हासिल की।
अभी यह देखना बाकी है कि भाजपा आंध्र प्रदेश में तेदेपा-जनसेना गठबंधन का हिस्सा बनेगी या नहीं।
नायडू की गिरफ्तारी को अदालतों में जोरदार ढंग से चुनौती दी गयी और उनकी पैरवी के लिए दिल्ली से नामी वकीलों को बुलाया गया। उन्हें 31 अक्टूबर को चार सप्ताह की अंतरिम चिकित्सा जमानत मिली और उसके बाद 20 नवंबर को नियमित जमानत मिली।
इसके अलावा 2023 में आंध्र प्रदेश में दो ट्रेन दुर्घटनाओं का असर देखा गया। एक ट्रेन दुर्घटना जून में ओडिशा में हुई और दूसरी 29 अक्टूबर को विजयनगरम जिले में हुई।
दो जून को शालीमार से चेन्नई जा रही ट्रेन भद्रक सेक्शन पर खड़गपुर से करीब 140 किलोमीटर दूर बहनागा बाजार में पटरी से उतर गयी जिससे करीब 300 यात्रियों की मौत हो गयी। इस घटना में आंध्र प्रदेश के सैकड़ों लोग बाल-बाल बच गए थे।
वहीं, 29 अक्टूबर को विशाखापत्तनम से करीब 40 किलोमीटर दूर कांतकपल्ले में पलासा यात्री ट्रेन ने रायगड़ा यात्री ट्रेन को पीछे से टक्कर मार दी जिसमें 13 लोगों की मौत हो गयी और 50 अन्य घायल हो गए।
इसके अलावा पांच दिसंबर को बापटला शहर के समीप दस्तक देने वाले चक्रवाती तूफान ‘मिगजॉम’ ने बड़े पैमाने पर तबाही मचायी, जिससे लाखों एकड़ की फसलें डूब गयीं और 770 किलोमीटर लंबी सड़कें क्षतिग्रस्त हो गयीं, पेड़ उखड़ गए और कई मवेशी भी मारे गए। (भाषा)
नयी दिल्ली, 31 दिसंबर। कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ने की खबरों का नए साल का जश्न मनाने की तैयारी में जुटे लोगों की भावनाओं पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। ऐसे में होटल या आतिथ्य क्षेत्र अपनी कमाई में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहा है। होटलों में खाने-पीने के लिए आने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, वहीं रिजॉर्ट स्थलों पर बुकिंग में भी जोरदार उछाल देखने को मिला है।
होटल क्षेत्र के कुछ खिलाड़ियों ने कहा कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस वर्ष में उन्हें अपने राजस्व में 19 प्रतिशत तक वृद्धि की उम्मीद है।
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रदीप शेट्टी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कोविड के मामले बढ़ने की खबरों से जश्न की तैयारी कर रहे लोगों की भावना पर कोई असर नहीं पड़ा है। इसके अलावा आतिथ्य क्षेत्र के प्रतिष्ठान कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हैं। कुल मिलाकर भावना सकारात्मक है।’’’
उनसे पूछा गया था कि क्या कोविड-19 के फिर उभरने से साल अंत या नए वर्ष का जश्न मनाने के लिए बुकिंग पर किसी तरह का असर पड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में सभी महानगरों में नए साल के जश्न को लेकर उत्साह है। खाने-पीने के लिए लोग बाहर निकल रहे हैं। रिजॉर्ट स्थलों पर बुकिंग में काफी उछाल आया है और यह 80 प्रतिशत से ऊपर हो चुकी है।’’
शेट्टी ने कहा कि मौजूदा शादी-विवाह और त्योहारी सीजन की वजह से भी घरेलू स्तर पर लोगों की यात्राएं बढ़ी हैं।
इसी तरह की राय जताते हुए होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष के बी काचरू ने कहा, ‘‘नए साल की बुकिंग की बात करें, तो हमें पिछले साल के स्तर पर ही वृद्धि की उम्मीद है। कमरों की बुकिंग में भी हम इतनी की बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं।’’
कमरों की बुकिंग से राजस्व पर रेजेंटा और रॉयल ऑर्किड होटल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक चंदर के बालजी ने कहा, ‘‘हम पिछले साल की समान अवधि की तुलना में राजस्व में 19 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। नवंबर तक सालाना आधार पर कमरों के औसत किराये में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 31 दिसंबर। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के वादों को लेकर रविवार को उनकी आलोचना की और कहा कि ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के झूठ सबसे मजबूत हैं।’’
खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी, 2023 का आज आखिरी दिन है। आपने कहा था कि 2022 तक ही हर किसान की आमदनी दोगुनी हो जाएगी। हर हिंदुस्तानी के पास घर होगा और उसमें चौबीसों घंटे बिजली मिलेगी। अर्थव्यवस्था 5,000 अरब डॉलर की हो जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सब तो नहीं हुआ, पर हर भारतीय को पता है कि भाजपा के झूठ हैं सबसे मजबूत।’’
कांग्रेस अर्थव्यवस्था और किसानों से जुड़ी नीतियों को लेकर सरकार पर निशाना साधती रही है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दस वर्ष में जनगणना न कराने को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
जनगणना कराने में देरी पर एक पोस्ट में रमेश ने कहा, ‘‘2021 में होने वाली दशकीय जनगणना में अत्यधिक देरी कई सवाल खड़े करती है। यह केवल कोविड महामारी से संबंधित नहीं है। नि:संदेह कुछ तो पक रहा है।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 31 दिसंबर। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 841 नए मामले सामने आए हैं जो पिछले 227 दिनों में सबसे अधिक हैं। संक्रमण के उपचाराधीन मामले 4,309 हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी थी।
मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकडों के अनुसार, 24 घंटे में केरल, कर्नाटक और बिहार में एक-एक व्यक्ति की संक्रमण से मौत हो गई।
देश में इससे पहले 19 मई को संक्रमण के 865 नए मामले सामने आए थे। ठंड और वायरस के नए उपस्वरूप के कारण हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। इससे पहले पांच दिसंबर तक दैनिक मामलों की संख्या घटकर दहाई अंक तक पहुंच गई थी।
वर्ष 2020 की शुरुआत से अब तक लगभग चार वर्ष में देश भर में कोरोना वायरस से लगभग साढ़े चार करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हुए तथा इससे 5.3 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, अब तक संक्रमण से उबरने वाले लोगों की संख्या 4.4 करोड़ से अधिक हो गई है। स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत है।
मंत्रालय के अनुसार, देश में कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 220.67 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। (भाषा)
शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उन्हें अयोध्या के राम मंदिर जाने के लिए किसी न्योते की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने कहा है कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.
उद्धव ठाकरे ने कहा, "अब तक कोई न्योता आया नहीं है. दूसरी बात वहां आने के लिए मुझे न्योते की ज़रूरत नहीं है क्योंकि रामलला सभी के हैं."
उन्होंने कहा, "मेरी सिर्फ़ एक ही विनती है कि राममंदिर का लोकार्पण जो होने जा रहा है, उसका पॉलिटिकल इवेंट न हो. रामलला किसी एक की या किसी एक पार्टी की प्रॉपर्टी नहीं हैं. वो लाखों, करोड़ों, जितने सारे रामभक्त हैं, उनकी आस्था और श्रद्धा का स्थान है, उसके ऊपर राजनीति मत करो. ये फ़ैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. सरकार ने नहीं किया."
अयोध्या जाने के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा, "राम मंदिर का निर्माण हमारे लिए गर्व की बात है. खुशी की बात है. जब भी मेरे मन में आएगा मैं ज़रूर जाऊंगा."
अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को है. इस समारोह के लिए खास लोगों को न्योता दिया गया है. (bbc.com/hindi)
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत के कांग्रेस लोक लेकर दिए एक बयान पर विवाद पैदा हो गया है.
कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शनिवार को प्रेस कांफ़्रेंस कर कहा कि संजय राउत को रोज़ प्रेस कांफ्रेंस करने का शौक है लेकिन इसे कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
संजय राउत ने एक दिन पहले कहा था, ‘कांग्रेस को शून्य से शुरू करना होगा.’
लेकिन शनिवार को राउत ने एक प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट किया कि उनका वो मतलब नहीं था.
उन्होंने कहा, "मैंने ये नहीं कहा कि कांग्रेस शून्य है.’ महाराष्ट्र में कांग्रेस के काडर हैं, उसके नेता हैं, कांग्रेस पार्टी है. हमारे साथ उनका गठबंधन है और रहेगा. मैंने इतना ही कहा था. लेकिन कांग्रेस के पास आज एक भी सांसद नहीं हैं. आज नहीं है."
"हमारे पास 18 सांसद थे, जिनमें कुछ चले गए, छह बाकी हैं. एनसीपी के पास चार पांच एमपी थे. कांग्रेस के पास अभी कुछ नहीं है. लेकिन महा विकास अघाड़ी में हम सभी एक साथ लगभग 40 सीटें जीत पाएंगे. ऐसी ताक़त है हमारी और इसमें कांग्रेस का भी योगदान रहेगा.”
संजय राउत ने कहा कि बिना पद के एक कांग्रेसी नेता हैं जो उलटी पुलटी बातें कर रहे हैं.
एक पत्रकार ने संजय राउत से कहा, ‘उस नेता ने बयान में कहा था कि शिवसेना यहां एक भी सीट नहीं जीत सकती.’
संजय राउत ने कहा, "आने दीजिए बयान. हमारी इतनी ताक़त है कि अपने पुराने आंकड़ों को फिर से हासिल कर लेंगे. अगर हम एक सीट भी नहीं जीत सकते तो आप भी नहीं जीतेंगे. एक साथ मिलकर ही पूरे देश में जीत सकते हैं. कोई भी पार्टी अकेले जीतने की स्थिति में नहीं है. बीजेपी को भी जीतने के लिए ईवीएम चाहिए."
असल में इस बयानबाज़ी को शीट शेयरिंग की रस्साकशी शुरू होने के रूप में देखा जा रहा है.
संजय निरूपम ने क्या कहा
शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर संजय निरूपम ने संजय राउत पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को शून्य कहने वाले ने कभी एक प्रखंड का चुनाव भी नहीं जीता. ये अच्छी बात है कि उन्हें अपनी ग़लती का अहसास हो गया.
उन्होंने कहा कि 'संजय राउत को रोज़ प्रेस कांफ़्रेस करने का शौक है. लेकिन इसका इस्तेमाल कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को टार्गेट करने के न तो सामना और ना ही किसी प्रेस कांफ़्रेंस का सहारा लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि 'हमने देखा है कि किस तरह सामना में लिख लिख कर बीजेपी से गठबंधन टूट गया शिवसेना की दुर्गति हुई. अब उन्हें कांग्रेस के साथ ऐसा करने से बचना चाहिए.' (bbc.com/hindi)
-मोहर सिंह मीणा
शनिवार को राजस्थान में बीजेपी की भजन लाल सरकार के मंत्रिपरिषद विस्तार में एक अनिर्वाचित सदस्य को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाने को कांग्रेस ने आचार संहिता का उल्लंघन बताया है.
कुल 22 मंत्रियों में सुरेंद्र पाल सिंह को भी शपथ दिलाई गई है जो श्रीगंगानगर ज़िले की करणपुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी हैं, जहां पांच जनवरी को चुनाव होने वाला है.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा, "श्रीकरणपुर में पांच जनवरी को होने वाले मतदान की आचार संहिता के प्रभावी होने के बावजूद वहां से भाजपा प्रत्याशी को मंत्री बनाना आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन एवं वहां के मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास है."
उन्होंने कहा है, "चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेकर अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए. इस तरह के असंवैधानिक कदम उठाना लोकतंत्र में दुर्भाग्यपूर्ण है. यह भाजपा आलाकमान के अहंकार को दर्शाता है."
राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी का अहंकार सातवें आसमान पर है. वो न संविधान को मानते हैं न कानून को मानते हैं न प्रजातंत्र की आवाज़ सुनते हैं. लोकसभा में भी 140 से अधिक सांसदों को निकाल दिया गया. उनकी बात नहीं सुनी गई."
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "आज उनके अहंकार की पराकाष्ठा है कि चलते चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बना दिया गया. वहां पांच तारीख़ को चुनाव होना है. आदर्श आचार संहिता लागू है और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए उन्होंने जानबूझ कर राज्य मंत्री की शपथ दिला दी."
"उनका ये प्रयास सफल नहीं होगा. हमें आपत्ति है और कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग में शिकायत भी करेगी और ज़रूरत पड़ेगी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे. यह आदर्श आचार संहिता, चुनाव आयोग के नियमों और संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है."
चुनाव प्रचार छोड़कर पहुंचे शपथ ग्रहण समारोह में
पांच जनवरी के चुनाव के लिए सुरेंद्र पाल सिंह प्रचार में व्यस्त थे.
वे जयपुर से शनिवार सुबह गए और एक फ़ोन के बाद चुनाव प्रचार छोड़ आए. यहां राजभवन में उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गई.
करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नूर के निधन के बाद यहां चुनाव स्थगित कर दिए गए थे.
राजस्थान विधानसभा के लिए 200 में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को चुनाव हुए थे. (bbc.com/hindi)