अंतरराष्ट्रीय
वाशिंगटन, 18 जनवरी | वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 9.5 करोड़ से अधिक हो गई है, जबकि संक्रमण से हुई मौतें 20.2 लाख से अधिक हो गई है। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय ने सोमवार को दी।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने सोमवार सुबह अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया कि वर्तमान वैश्विक मामले और मृत्यु दर क्रमश: 95,003,533 और 2,029,938 है।
सीएसएसई के अनुसार, अमेरिका दुनिया में सबसे अधिक कोविड प्रभावित देश है, जहां 23,928,643 मामले और 397,532 मौतें दर्ज की गई हैं।
संक्रमण के मामलों में भारत 10,557,985 आंकड़ों के साथ दूसरे स्थान पर आता है, जबकि देश में मरने वालों की संख्या 152,274 है।
सीएसएसई के अनुसार, दस लाख से अधिक मामलों वाले अन्य देश ब्राजील (8,488,099), रूस (3,530,379), ब्रिटेन (3,405,740), फ्रांस (2,969,091), तुर्की (2,387,101), इटली (2,381,277), स्पेन (2,252,164), जर्मनी (2,050,129), कोलम्बिया (1,908,413), अर्जेंटीना (1,799,243), मेक्सिको (1,630,258), पोलैंड (1,435,582), दक्षिण अफ्रीका (1,337,926), ईरान (1,330,411), यूक्रेन (1,198,512) और पेरू (1,060,567) हैं।
संक्रमण से हुई मौतों के मामले में वर्तमान में ब्राजील 209,847 आंकड़ों के साथ दूसरे नंबर पर है।
वहीं 20,000 से अधिक मौत दर्ज करने वाले देश मेक्सिको (140,241), ब्रिटेन (89,429), इटली (82,177), फ्रांस (70,422), रूस (64,601), ईरान (56,803), स्पेन (53,314), कोलंबिया (48,631), जर्मनी (46,781), अर्जेंटीना (45,407), पेरू (38,770), दक्षिण अफ्रीका (37,105), पोलैंड (33,355), इंडोनेशिया (25,987), तुर्की (23,997), यूक्रेन (21,677) और बेल्जियम (20,396) हैं।
--आईएएनएस
रूस राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोधी और रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी को रूस पहुँचते ही हिरासत में ले लिया गया.
वो पाँच महीने बाद जर्मनी से मॉस्को पहुँचे थे. पिछले साल उन पर नर्व एजेंट से हमला हुआ था और मरते-मरते बचे थे.
उनका इलाज जर्मनी में हुआ था. 44 साल के नवेलनी को पुलिस अपने साथ पासपोर्ट कंट्रोल से अलग ले गई. बर्लिन से आई नवेलनी की फ्लाइट को मॉस्को के एक एयरपोर्ट से दूसरे एयरपोर्ट पर ले जाया गया. ऐसा भीड़ को देखते हुए किया गया.
कई लोग मानते हैं कि नवेलनी की जान लेने की कोशिश के पीछे रूस की सरकार थी. कुछ खोजी पत्रकारों ने भी इन दावों का समर्थन किया था लेकिन रूस की सरकार ने इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया था.
हिरासत में लिए जाने से कुछ मिनट पहले नवेलनी ने मॉस्को में शेरेमेत्येवो एयरपोर्ट पर अपने समर्थकों और मीडिया से कहा, ''मुझे पता है कि मैं सही हूँ. मुझे किसी भी चीज़ का डर नहीं है. मेरे ख़िलाफ़ सभी आपराधिक मुक़दमे झूठे हैं.''
मॉस्को पहुँचने पर नवेलनी ने कहा है कि सब कुछ ठीक होगा
नवेलनी के वकीलों को उनके साथ नहीं जाने दिया गया. नवेलनी ने अपनी पत्नी युलिया को किस किया- जो जर्मनी से फ्लाइट में साथ आई थीं. पुलिस अधिकारियों ने लोगों को धमकी दी कि आदेश नहीं माना गया तो बल का इस्तेमाल किया जाएगा. रविवार को एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी.
इससे पहले रविवार को मॉस्को में वनुकोव एयरपोर्ट के भीतर मेटल के बैरिअर लगा दिए गए थे. नवेलनी की फ्लाइट प्लान के मुताबिक़ यहीं लैंड करने वाली थी. रूसी मीडिया के अनुसार कई एक्टिविस्टों को भी हिरासत में लिया गया है.
इनमें नलेवनी के अहम सहयोगी ल्युबोव सोबोल भी शामिल हैं. नवेलनी की प्रवक्ता किरा यार्मिश ने एयरपोर्ट पर पुलिस कार की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी.
नवेलनी का इलाज जर्मनी में हुआ है और अब वो ठीक हो गए हैं. उनके रूस पहुँचने को लेकर समर्थकों में उत्साह था. फ़ेसबुक पर रूसी भाषा में एक पेज भी बना दिया था जिसमें नवेलनी के रूस आने पर उनसे मिलने की अपील की गई थी. कड़ाके की ठंड और कोविड महामारी के बावजूद हज़ारों लोगों ने नवेलनी के मिलने की इच्छा ज़ाहिर की थी.
पिछले साल अगस्त महीने में नवेलनी साइबेरिया में एक फ्लाइट में बेहोश हो गए थे. बाद में पता चला कि उन्हें ज़हर दिया गया था. रूस के अधिकारी नवेलनी को ज़हर देने के आरोपों को ख़ारिज करते रहे हैं. नवेलनी ने दावा किया था कि उन्हें रूसी राष्ट्रपति पुतिन के आदेश पर ज़हर दिया गया था.
Alexei Navalny photo from his twitter account
नवेलनी को हिरासत में क्यों लिया गया?
रूसी अधिकारियों ने नवेलनी को चेताया था कि दिसंबर में उन्हें हाजिर होना था लेकिन उन्होंने इसकी उपेक्षा की इसलिए आने पर जेल जाना पड़ सकता है. नवेलनी को एक धोखाधड़ी केस में दोषी ठहराया गया है और जेल सर्विस का कहना है कि उन्होंने अपने ऊपर लगी पाबंदियों का उल्लंघन किया है.
नवेलनी हमेशा से कहते आए हैं कि उन पर सारे मुक़दमे राजनीति से प्रेरित हैं. रूसी जांच कमिटी ने भी उनके ख़िलाफ़ धोखाधड़ी के मामले में नया आपराधिक मुक़दमा शुरू किया है. उन पर कई एनजीओ को पैसा ट्रांसफर करने का आरोप है. इनमें उनका एंटी-क्रप्शन फाउंडेशन भी शामिल है.
नवेलनी का कहना है कि ये सब पुतिन करवा रहे हैं क्योंकि उन्हें विपक्ष पंसद नहीं है. बर्लिन एयरपोर्ट पर दुनिया भर के न्यूज़ मीडिया के लोग इकट्ठा थे ताकि नवेलनी को वहाँ से मॉस्को जाते वक़्त कवर किया जा सके. लेकिन रूसी फेडरल टीवी चैनल और न्यूज़ एजेंसियों ने उनकी वापसी को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया.
एलेक्सी नवेलनी ने अपने समर्थकों से रविवार को वनुकोवो एयरपोर्ट पर आकर मिलने की अपील की थी. बड़ी संख्या में भीड़ ऐसा करती भी. नवेलनी के रूस आने पर उनकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता थी.
नवेलनी को रूस में पुतिन के लिए चुनौती के तौर पर देखा जाता है. नवेलनी को ज़हर देने के आरोपों पर रूस के अधिकारी सबूत देने की माँग करते रहे हैं. दिसंबर में पुतिन ने कहा था कि नलेवनी कुछ भी नहीं हैं. उन्होंने कहा था कि अगर रूसी सुरक्षा बल उन्हें ज़िंदा नहीं देखना चाहते तो ऐसा करना कोई मुश्किल काम नहीं था.
नवेलनी को ज़हर दिए जाने के बाद रूस में सड़कों पर कोई विरोध नहीं हुआ था. वो हमले के बाद लंबे समय तक विदेश में रहे इसलिए भी रूस में इसका कोई ख़ास असर नहीं हुआ. हालाँकि नवेलनी हमेशा से लौटने की बात करते रहे जबकि उन्हें पता था कि उनकी जान को ख़तरा है.
Alexei Navalny family from his instagram page
पिछले साल नवेलनी के साथ क्या हुआ था?
पिछले साल अगस्त में रूस के भ्रष्टाचार विरोधी नेता नवेलनी विमान यात्रा के दौरान बीमार पड़ गए थे. उनकी प्रवक्ता किरा यार्मिश के मुताबिक़ विमान को ओम्स्क में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी.
उन्होंने इसकी आशंका जताई थी कि उनकी चाय में कुछ मिलाया गया था. जून में संवैधानिक सुधारों पर हुई वोटिंग को उन्होंने बग़ावत कहा था और उसे संविधान का उल्लंघन बताया था. जनमत संग्रह में जीत के बाद पुतिन और दो कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बने रह सकते हैं.
एंटी करप्शन फ़ाउंडेशन की प्रेस सेक्रेटरी किरा यार्मिश ने ट्वीट में लिखा था- आज सुबह नवेलनी मॉस्को से टॉम्स्क लौट रहे थे. उड़ान के दौरान वो बीमार पड़ गए. विमान ने ओम्स्क में आपातकालीन लैंडिंग की.
उन्होंने संदेह जताया था कि एलेक्सी नवेलनी को चाय में ज़हर दिया गया है क्योंकि सुबह से उन्होंने सिर्फ़ चाय ही पी थी.
यार्मिश ने बताया था कि डॉक्टरों का कहना है कि ज़हरीला पदार्थ गर्म तरल के साथ जल्द ही घुल गया. नवेलनी को सरकारी भ्रष्टाचार को उजागर करने के कारण सुर्ख़ियाँ मिलीं. उन्होंने पुतिन की यूनाइटेड रूस पार्टी को "बदमाशों और चोरों की पार्टी" कहा था. कई बार वो जेल भी गए.
वर्ष 2011 में उन्हें गिरफ़्तार किया गया और 15 दिनों के लिए जेल भेजा गया. उन्होंने पुतिन की पार्टी पर संसदीय चुनाव के दौरान वोटों में धांधली का आरोप लगाया था और विरोध प्रदर्शन भी किया था. इसी के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया गया था. जुलाई 2013 में कुछ समय के लिए उन्हें जेल भेजा गया था. उन पर गबन के आरोप लगे थे. लेकिन उन्होंने इसे राजनीतिक बताया था.
वर्ष 2018 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में खड़े होने की कोशिश की थी, लेकिन धोखाधड़ी के आरोपों के कारण उन पर रोक लगा दी गई. नवेलनी ने इसे राजनीतिक क़दम बताया था.
जुलाई 2019 में अनाधिकृत रूप से विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने के कारण उन्हें 30 दिन की जेल हुई थी. जेल में ही उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. उस समय भी ये आरोप लगे थे कि उन्हें ज़हर देने की कोशिश हुई थी.
वर्ष 2017 में उन पर हमला हुआ था. उस समय उन पर एंटिसेप्टिक डाई से हमला हुआ था. इस कारण उनकी दाहिनी आँख केमिकल बर्न से प्रभावित हुई थी.
पिछले साल ही उनके एंटी करप्शन फ़ाउंडेशन को विदेशी एजेंट घोषित किया गया था. (bbc)
यरुशलम, 18 जनवरी। इजरायल में कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद साइड इफेक्ट के रूप में कम से कम 13 लोगों का चेहरा पैरालाइसिस हो गया। हालांकि यह पैराइलाइसिस बहुत घातक नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ऐसे लोगों की गिनती अधिक हो सकती है। येरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इन व्यक्तियों को दूसरी खुराक दिया जाए या नहीं, इसके लिए अधिकारियों ने सवाल उठाए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालांकि दूसरी खुराक की सिफारिश की है।
वैक्सीन लेने के बाद साइड इफेक्ट का सामना करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, "कम से कम 28 घंटों तक मैं पैरालाइज्ड चेहरे लेकर घूमता रहा।"
"लेकिन इसके अलावा मुझे कोई अन्य दर्द नहीं था, सिवाय एक मामूली दर्द के जहां इंजेक्शन लगा था, लेकिन इसके अलावा कुछ भी नहीं था। मैं इससे बचने की सलाह नहीं देता हूं, क्योंकि यह महत्वपूर्ण है।"
--आईएएनएस
वाशिंगटन, 17 जनवरी | संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की है कि क्या सरकार और समूहों सहित किसी भी विदेशी ने 6 जनवरी को वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग पर हमला करने वाले दंगाइयों को वित्त पोषित किया था। रविवार को प्रकाशित एक न्यूज रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट, जिसमें एक पूर्व और वर्तमान एफबीआई अधिकारी का हवाला दिया गया, ने कहा कि एजेंसी दंगों से पहले "एक फ्रांसीसी नागरिक द्वारा बिटकॉइन में 500,000 डॉलर के भुगतान की जांच कर रही है।"
अधिकारियों ने एनबीसी न्यूज को बताया कि पिछले हफ्ते क्रिप्टोकरंसी ट्रांसफर का विश्लेषण करने वाली कंपनी द्वारा भुगतान का दस्तावेजीकरण किया गया और ऑनलाइन पोस्ट किया गया था।
पिछले सप्ताह एफबीआई, डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी एक संयुक्त चेतावनी में कहा गया है कि चूंकि निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा दंगा किया गया था "रूसी, ईरानी, और चीन के प्रभावशाली लोगों ने प्रेसिडेंशियल ट्रांजिशन के बीच अपने हित में अवसर को भुनाने की कोशिश की है।"
एफबीआई के वर्तमान अधिकारी ने एनबीसी न्यूज को बताया कि एजेंसी को बिटकॉइन ट्रांसफर में रूसी भागीदारी पर संदेह नहीं है, जो फ्रांसीसी कंप्यूटर प्रोग्रामर द्वारा किए गए प्रतीत होते हैं, जिसने 8 दिसंबर, 2020 को खुदकुशी कर ली थी।
एफबीआई और डीएचएस को अभी तक एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट पर टिप्पणी करनी बाकी है। संघीय कानून प्रवर्तन 6 जनवरी के दंगों में शामिल भीड़ के सदस्यों को ट्रैक और आरोपी बनाने की कोशिश कर रहा है।
पिछले हफ्ते, डी.सी. के लिए अमेरिका के कार्यवाहक अटॉर्नी माइकल शेरविन ने कहा था कि अधिकारी जांच को एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादरोधी या काउंटर इटेंलीजेंस ऑपरेशन की तरह देख रहे हैं।
दंगों के दौरान एक पुलिस अधिकारी सहित पांच लोग मारे गए थे। (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 17 जनवरी | निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों से विरोध का सामना किए जाने के डर से कुछ ट्विटर कर्मियों ने अपने अकाउंट्स को लॉक कर दिया है और तो और कंपनी की तरफ से कुछ एक्जीक्यूटिव को व्यक्तिगत तौर पर सुरक्षा भी मुहैया कराई गई है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के समर्थकों द्वारा टार्गेट किए जा सकने की आशंका से इन्होंने अपने अकाउंट को प्राइवेट कर दिया है और ऑनलाइन मौजूद अपनी जानकारियों को भी मिटा दिया है।
दरअसल कैपिटल बिल्डिंग में ट्रंप के समर्थको द्वारा हिंसा फैलाए जाने के चलते ट्विटर के 350 कर्मियों ने एक आंतरिक याचिका पर हस्ताक्षर करके कंपनी के सीईओ जैक डोर्सी से ट्रंप के अकाउंट को बंद करने का आग्रह किया था। ऐसे में आगे आने वाले समय में हिंसा के भड़कने की आशंका के चलते 8 जनवरी को ट्विटर ने ट्रंप के अकाउंट को स्थायी रूप से बंद कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, जैक डोर्सी पहले इस बात से आश्वस्त नहीं थे कि ट्रंप पर अस्थायी निलंबन सही निर्णय है, लेकिन पिछले हफ्ते किए गए ट्वीट्स को देखते हुए डोर्सी ने आखिरकार कहा कि ट्रंप के अकाउंट का निलंबन एक सही निर्णय है। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 17 जनवरी | निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी राजनयिक उजरा जेया को सिविलियन सिक्योरिटी, डेमोक्रेसी एंड हयूमन राइट्स की अंडर सेक्रेटरी के लिए नामित किया है। जेया ने कथित नस्लीय और सेक्सिस्ट पूर्वाग्रह के विरोध में अपनी स्टेट डिपार्टमेंट की नौकरी छोड़ दी थी। शनिवार रात को जेया ने ट्वीट किया, "एक राजनयिक के रूप में 25 से अधिक सालों में, मैंने सीखा कि अमेरिका की सबसे बड़ी ताकत हमारे उदाहरण, विविधता और लोकतांत्रिक आदशरें की शक्ति है। मैं इन मूल्यों को बनाए रखूंगी और उनकी रक्षा करूंगी यदि मेरी सिविलियन सिक्योरिटी, डेमोक्रेसी एंड हयूमन राइट्स की अंडर सेक्रेटरी के तौर पर पुष्टि हो जाती है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने राष्ट्रपति चुने गए जो बाइडेन का धन्यवाद दिया कि वह अमेरिकी विदेश नीति में लोकतंत्र और मानव अधिकारों को केंद्रित करने के लिए अमेरिकी महिलाओं और पुरुषों के साथ एक बार फिर अमेरिकी लोगों की सेवा करने का अवसर मुझे दिया। इस तरह के सभी स्टार्स नॉमिनी के बीच होना बड़ा सम्मान है।"
जेया को स्टेट डिपार्टमेंट में 2 दशकों से अधिक का अनुभव है। बाइडेन ट्रांजिशन टीम ने उनके नामांकन की घोषणा करते हुए कहा, "जेया 21वीं सदी की चुनौतियों को पूरा करने के हमारे प्रयासों के केंद्र में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एक चैंपियन होंगी।"
1990 में यूएस फॉरेन सर्विस में शामिल होने वाली जेया ने 2018 में स्टेट डिपार्टमेंट छोड़ दिया था। साथ ही आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन कॉलिन पॉवेल और हिलेरी क्लिंटन जैसे सचिवों के तहत लाए गए अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए प्राप्त किए गए दशकों के लाभ को उलटने पर तुला हुआ है।
जेया ने नई दिल्ली, मस्कट, दमिस्कस, काहिरा और किंग्स्टन जैसी राजधानियों में अमेरिकी राजनयिक के रूप में कार्य किया है।
अब जेया भी बाइडेन प्रशासन में नियुक्त किए गए भारतीय-अमेरिकियों की एक लंबी सूची में शामिल हो गईं हैं।
हाल ही में कश्मीरी मूल के परिवार की बेटी समीरा फाजिली को नेशनल इकानॉमिक काउंसिल का डिप्टी डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। (आईएएनएस)
लॉस एंजेलिस, 17 जनवरी | लॉस एंजेलिस, अमेरिका का पहला ऐसा काउंटी बन गया है, जहां कोविड-19 के मामलों की संख्या दस लाख के पार पहुंच गई है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी सूचना दी है। लॉस एंजेलिस काउंटी डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ के मुताबिक, देश के सबसे अधिक आबादी वाले इस कांउटी में एक करोड़ निवासियों का घर है, जहां शनिवार को 14,669 नए मामलों की पुष्टि हुई है और इस दौरान 253 नई मौतें हुई हैं। इन्हे मिलाते हुए संक्रमितों और मृतकों का कुल आंकड़ा क्रमश: 1,003,923 और 13,741 बैठता है।
इस विभाग के दिए बयान के हवाले से सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, इस वक्त काउंटी में 7,597 कोरोना के मरीज अस्पतालों में हैं, जिनमें से 22 प्रतिशत गहन चिकित्सा विभाग में हैं।
विभाग ने कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन के पहले मामले की भी पुष्टि की है, जिसे सबसे पहले ब्रिटेन में पाया गया था।
इस संक्रमण की चपेट में आया व्यक्ति एक पुरूष है, जिसने हाल ही में अपना वक्त लॉस एंजेलिस काउंटी में बिताया है, लेकिन अब वह ओरेगन गया हुआ है और वहीं क्वॉरंटाइन में है।
इस बेहद संक्रामक नए वेरिएंट के होने का पता इससे पहले दक्षिणी कैलिफोर्निया के सैन डिएगो और सैन बर्नार्डिनो में लगा। (आईएएनएस)
काबुल, 17 जनवरी | काबुल में रविवार को 2 महिला अफगानी जस्टिस की हत्या कर दी गई है। अज्ञात हमलावरों ने उस वाहन में आग लगा दी, जिसमें वे यात्रा कर रही थीं। सुरक्षा बलों ने कहा है कि हमलावरों ने युद्धग्रस्त देश में निशाना लगाकर ये हत्याएं की हैं। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि यह घटना शहर के पुलिस जिला 4 के तैमनी में हुई। उन्होंने बताया कि गोली लगने से 2 अन्य सरकारी कर्मचारी घायल हो गए हैं।
रविवार की घटना अफगानिस्तान में निशाना लगाकर की जा रही हत्याओं की कड़ी में नई घटना है। इससे पहले 12 जनवरी को ही उत्तरी बल्ख प्रांत में इसी तरह की घटना में 2 महिला सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी और 2 महिला अधिकारी और एक ड्राइवर घायल हो गए थे।
किसी भी समूह ने अब तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।(आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 17 जनवरी | फेसबुक ने अमेरिका में कम से कम 22 जनवरी तक ऐसे विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की है, जो हथियारों व सुरक्षात्मक उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा दे और ऐसा यहां 20 जनवरी को आयोजित हो रहे प्रेसिडेंशियल इनॉगरेशन के मद्देनजर किया जा रहा है। कंपनी ने शनिवार को अपने दिए एक बयान में कहा, "हमने पहले ही साइलेंसर जैसे हथियार एक्सेसरीज (हथियारों के रखरखाव व सजावट के सामान) के विज्ञापनों पर रोक लगा रखी है और अब हम अमेरिका में गन सेफ्स, वेस्ट और गन होल्सटर्स जैसी चीजों के विज्ञापनों पर भी रोक लगाने जा रहे हैं।"
यह कदम कुछ अमेरिकी सीनेटरों द्वारा फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को लिखे गए एक पत्र के बाद उठाया गया है, जिसमें उन उत्पादों के विज्ञापनों पर स्थायी रूप से रोक लगाने के लिए कंपनी से फेसबुक की नई नीति के विकास और इनके निष्पादन का आग्रह किया गया, जो मुख्य रूप से घातक हथियारों से संबंधित हैं।
20 जनवरी को 59वें इनॉगरेशन सेरेमनी में नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन और उप-राष्ट्रपति के रूप में कमला हैरिस अपने पदों के लिए शपथ लेने वाले हैं, ऐसे में फेसबुक ने अपने यूजर्स को बता दिया है कि व्हाइट हाउस, यूएस कैपिटल बिल्डिंग या किसी भी स्टेट कैपिटल बिल्डिंग के करीब से या निकट जाकर कोई लाइव वीडियो नहीं किया जा सकेगा।
एक नई जानकारी में फेसबुक ने बताया है कि उनकी टीमें उन सभी फेसबुक इवेंट्स की पुन: समीक्षा कर रही है, जो इनॉगरेशन से संबंधित है और उन सभी को हटाया जा रहा है जिनके द्वारा उनकी नीतियों का उल्लंघन किया जा रहा है। (आईएएनएस)
वॉशिंगटन, 17 जनवरी | अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के बहु-प्रतीक्षित स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) का परीक्षण जल्दी ही खत्म हो गया क्योंकि इसके चार रॉकेट इंजनों में ईंधन सिर्फ कुछ ही पल के लिए जला, जबकि इसे कम से कम आठ मिनट तक जलना था। नासा के आर्टिमीज कार्यक्रम के तहत एसएलएस की भूमिका काफी अहम है, जिसका मकसद चांद पर अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाना है।
इस एसएलएस कार्यक्रम का आयोजन नासा के स्टेनिस स्पेस सेंटर पर किया गया, जो कि अमेरिका के मिसीसिपी में स्थित है।
नासा ने शनिवार देर रात को जारी एक बयान में कहा, "सभी चार आरएस-25 इंजनों को सफलतापूर्वक प्रज्वलित किया गया, लेकिन लगभग एक मिनट के बाद ही टेस्ट को रोक दिया गया। इस चरण तक यह टेस्ट पूरी तरह से स्वचालित था।"
टीम की योजना थी कि इंजनों में ईंधन का प्रज्वलन कम से कम आठ मिनट तक हो या कम से कम उतने वक्त तक हो, जितना वक्त चांद के लिए इसके भविष्य के अभियान को लॉन्च करने में लगेगा।
नासा ने कहा, "ईंधन को जलाते वक्त ऑनबोर्ड सॉफ्टवेयर ने बिल्कुल सही से काम किया है और इंजनों का शटडाउन भी सुरक्षा के साथ हुआ है।"
परीक्षण के दौरान प्रणोदक टैंक पर दबाव पड़ते देखा गया और यह आंकड़ा काफी अहम है क्योंकि टीम को अब इसी हिसाब से आगे बढ़ना है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 जनवरी| वॉशिंगटन सुंदर भारत के लिए डेब्यू टेस्ट में तीन या उससे अधिक विकेट लेने के अलावा अर्धशतक लगाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। सुंदर ने ब्रिस्बेन में जारी चौथे टेस्ट मैच में डेब्यू करते हुए आस्ट्रेलिया के तीन बल्लेबाजों को आउट किया और फिर शानदार अर्धशतक लगाकर भारत को मुश्किल से निकाला।
इससे पहले, भारत के लिए टेस्ट मैच में वाकया 1947-48 सीरीज में हुआ था। आजाद भारत की टीम पहली बार जब आस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी तब दत्तू फडकर ने ऑलराउंडर के तौर पर सिडनी टेस्ट के साथ डेब्यू किया था।
फडकर ने 51 रनों की पारी खेली थी, जिसमें उन्होंने 101 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके लगाए थे। इसके बाद फडकर ने 10 ओवर में दो मेडन सहित 14 रन देकर आस्ट्रेलिया के तीन विकेट भी लिए थे।
अब सुंदर ने 72 साल के बाद वही रिकार्ड दोहराया है। सुंदर ने ब्रिस्बेन में अर्धशतक लगाने के अलावा 89 रन देकर तीन विकेट भी लिए। इसमें स्टीवन स्मिथ का भी विकेट शामिल है। (आईएएनएस)
अरुल लुईस
न्यूयॉर्क, 17 जनवरी | अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन शपथ ग्रहण के बाद अपने कार्यकाल के पहले 10 दिनों में जो काम करेंगे उसके मास्टरप्लान की घोषणा हो चुकी है। उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई, अर्थव्यवस्था और आव्रजन पर ध्यान केंद्रित किया है।
उनके चीफ ऑफ स्टाफ रॉन क्लैन ने वरिष्ठ कर्मचारियों को एक ज्ञापन भेजा जिसमें कई क्षेत्रों में निर्वतमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उठाए गए कदमों पर रोक लगाने, योजना का विवरण आदि शामिल है। इसे रविवार को मीडिया के लिए ट्रांजिशन कार्यालय द्वारा जारी किया गया।
क्लैन ने लिखा, "निर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन एक्शन लेंगे, न केवल ट्रंप प्रशासन से हुए सबसे बड़े नुकसान को उलटने के लिए, बल्कि हमारे देश को आगे बढ़ाने के लिए भी।"
आव्रजन मोर्चे पर, ज्ञापन ने कहा कि बुधवार को अपने कार्यालय के पहले बाइडेन एक आव्रजन बिल भेजेंगे।
इसने विवरण नहीं दिया, लेकिन कहा कि बाइडेन प्रणाली को 'सम्मानपूर्वक बहाल करने के अपने वादे' को पूरा करेंगे।
अपने प्लेटफॉर्म में, बाइडेन ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ वीजा प्रणाली, एच 1-बी वीजा में सुधार करने के लिए काम करेंगे, ताकि वीजा पर रहने वालों को नौकरी स्विच करने की अनुमति मिल सके।
1.1 करोड़ अवैध प्रवासियों को वैध बनाने का एक और वादा किया गया था, उनके घोषणापत्र के अनुसार, इनमें से 500,000 भारतीय हैं।
क्लेन ने कहा कि बाइडेन कार्यान्वयन में तेजी लाते हुए दर्जनों कार्यकारी आदेश, राष्ट्रपति के ज्ञापन और कैबिनेट एजेंसियों को निर्देश के माध्यम से अभियान के वादों को पूरा करने की कोशिश की।
डेमोक्रेट्स ने कांग्रेस से बचने के लिए कार्यकारी आदेशों का सहारा लेने के लिए ट्रंप की आलोचना की थी और इस बात को ध्यान में रखते हुए, क्लैन ने कहा कि बाइडेन की कार्रवाई अच्छी तरह से स्थापित कानूनी सिद्धांत पर आधारित होगी।
उन्होंने कहा कि बाइडेन पदभार ग्रहण करने के बाद पेरिस जलवायु समझौते में शामिल होने पर फिर से चर्चा करेंगे जिससे ट्रंप प्रशसान ने अमेरिका को अलग कर लिया था।
उग्र कोरोनोवायरस महामारी से लड़ने के लिए, बाइडेन विमानों, ट्रेनों और बसों में मास्क पहनना अनिवार्य कर देंगे। (आईएएनएस)
बगदाद, 17 जनवरी| इराकी सुरक्षा बलों ने स्लामिक स्टेट (आईएस) के 2 आतंकवादियों को मार गिराया है और 6 आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अनबर के ऑपरेशन कमांडर नासिर अल घन्नम के हवाले से बताया कि इराकी विमानों के एक सेना बल ने राजधानी बगदाद से 50 किमी दूर फालुजा में अल-गार्मा शहर के पास एक आईएस ठिकाने पर हमला किया था।
कमांडन इन चीफ के प्रवक्ता येहिया रसूल ने एक अलग बयान में कहा कि इसके अलावा इराकी काउंटर-टेररिज्म सर्विस (सीटीएस) ने किरकुक, सलाउद्दीन, अनबर और बगदाद के प्रांतों में ऑपरेशन चलाया, जिसमें आईएस के एक नेता समेत 6 आतंकवादियों की गिरफ्तारी हुई।
आईएस के आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर अपने हमले तेज कर दिए हैं, जिसके कारण दर्जनों लोग मारे गए हैं और घायल हुए हैं। इसी के जबाव में यह ऑपरेशन चलाया गया था।
बता दें कि 2017 के अंत में देश भर में आईएस के आतंकवादियों को पूरी तरह से मात देने के बाद से इराक में सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है। लेकिन आईएस के बचे हुए आतंकी शहरी क्षेत्रों, रेगिस्तान और बीहड़ क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमले कर रहे हैं। (आईएएनएस)
काठमांडू, 17 जनवरी| नेपाली पर्वतारोहियों ने सर्दियों के मौसम में पहली बार दुनिया के दूसरे सबसे ऊंचे पर्वत शिखर के2 पर पहुंचकर इतिहास रच दिया है। इस अभियान को अयोजित करने वाली कंपनी ने यह जानकारी दी। सेवन समिट ट्रेक्स कंपनी ने शनिवार शाम ट्वीट कर कहा, "हमने यह कर दिखाया, यकीन कीजिए हमने इसे किया - शिखर तक की यात्रा पहले कभी नहीं की गई। काराकोरम का 'सेवेज माउंटेन' को सबसे खतरनाक मौसम में सदिर्यो में फतह किया गया। नेपाली पर्वतारोही आखिरकार पर्वत शिखर के2 (छोगोरी 8,611 मी) पर स्थानीय समयानुसार, दोपहर 5 बजे पहुंचे।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ से बात करते हुए, पाकिस्तान के अल्पाइन क्लब के सेकट्रेरी जनरल करार हैदरी ने कहा कि 10 सदस्यीय नेपाली टीम सर्दियों में 8,611 मीटर लंबी शिखर पर पहुंचने वाली पहली टीम है।
उन्होंने कहा कि पांच महिलाओं सहित कुल 48 पर्वतारोही 29 दिसंबर, 2020 को अभियान को अंजाम देने के लिए पहाड़ के बेस कैंप पर पहुंचे, जिनमें से पांच घायल हो गए और कई अन्य लोग चोटी पर बहुत खराब मौसम के कारण वापस लौट आए।
के2 चीन-पाकिस्तान सीमा पर उत्तरी पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र और चीन के शिंजियांग के टैक्सकोर्गन ताजिक ऑटोनोमस काउंटी में दफदर टाउनशिप के बीच स्थित है। (आईएएनएस)
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार, नवाज़ शरीफ़ की पार्टी के नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद ख़ाक़ान अब्बासी के नेतृत्व में इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि 'पीटीआई के 23 बैंक खातों में इसराइल और भारत से भी पैसे आये.'
अख़बार जंग के अनुसार, मुस्लिम लीग (नवाज़) के महासचिव एहसान इक़बाल ने कहा कि अगर विदेशी फ़ंडिंग केस का फ़ैसला वक़्त पर आ जाता तो इमरान ख़ान सियासत के लिए अयोग्य क़रार दिए जाते और उनकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाता.
इमरान ख़ान ने विपक्ष और नवाज़ शरीफ़ के हमलों का जवाब दिया है.
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार, इमरान ख़ान ने कहा, "मुझे ख़ुशी है कि पीडीएम वाले चुनाव में धांधली के आरोप के बाद अब चुनाव आयोग में विदेशी फ़ंडिंग पर आ गये हैं. मैं चुनाव आयोग से अपील करता हूँ कि वो हमारा, पीपीपी, मुस्लिम लीग (नवाज़) और मौलाना फ़ज़लुर्रहमान का हिसाब-किताब सामने रख दें, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा."
इमरान ने कहा, "मैं गारंटी देता हूँ कि इन दोनों पार्टियों ने बाहर के मुल्कों से पैसा लिया है. शेख़ रशीद (मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री) सब बता सकते हैं, जब वे मुस्लिम लीग में थे और नवाज़ शरीफ़ के साथ बाहर गए तो किन-किन मुल्कों ने इनको पैसा दिया."
इमरान ने कहा, "मुझे भी दो मुल्कों ने फ़ंडिंग की पेशकश की थी जो उन दोनों बड़ी पार्टियों को फ़ंडिंग कर रहे हैं. उनमें इसराइल शामिल नहीं लेकिन नाम इसलिए नहीं बता सकता कि इन मुल्कों के साथ संबंध ख़राब हो जाएंगे."
इमरान ने कहा कि 'उनकी पार्टी पाकिस्तान के इतिहास में पहली पार्टी है जिसने आधिकारिक रूप से सबको बताकर सियासी फ़ंड रेज़िंग की.'
इमरान ख़ान की पार्टी ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वो मुस्लिम लीग (नवाज़) और पीपीपी के ख़िलाफ़ विदेशी फ़ंडिंग के केस की रोज़ाना सुनवाई करे.
पीटीआई का कहना है कि इन दोनों के ख़िलाफ़ केस चार सालों से लटका हुआ है इसलिए इसे फ़ौरन निपटाया जाए.
पाकिस्तान में असल लड़ाई लोकतंत्र बचाने की है: इमरान ख़ान
इमरान ख़ान ने विपक्षी पार्टियों पर एक और हमला करते हुए कहा कि 'पाकिस्तान में इस वक़्त असल लड़ाई लोकतंत्र बचाने की है.'
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार, एक निजी टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में इमरान ख़ान ने कहा, "पाकिस्तान में इस वक़्त सामंती प्रथा है, मतलब ये कि नाम तो लोकतंत्र का लेते हैं लेकिन परिवार शासक बन जाते हैं और 25 साल का नौजवान अपनी माँ की वसीयत पर आ जाता है."
इमरान ख़ान ने कहा कि यह देखा जाना चाहिए कि ये दोनों (शरीफ़ और भुट्टो) ख़ानदान पहले क्या थे और सत्ता में आने के बाद कहाँ पहुँचे.
उन्होंने ख़ुद का बचाव करते हुए कहा, "मैं पाकिस्तान का अकेला राजनेता हूँ जो जीएचक्यू (सेना मुख्यालय) की नर्सरी में नहीं पला, अय्यूब (फ़ील्ड मार्शल अय्यूब ख़ान) की कैबिनेट में ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो अकेले सिविलियन मंत्री थे और नवाज़ शरीफ़ को पाल कर राजनेता बनाया गया." (bbc.com)
अख़बार दुनिया के अनुसार, अफ़ग़ान तालिबान प्रमुख मुल्ला हैबतुल्लाह ने एक बयान जारी कर अफ़ग़ान तालिबान नेताओं से अपील की है कि वो ज़्यादा शादियाँ ना करें क्योंकि इससे दुश्मन को उन लोगों के ख़िलाफ़ प्रोपगैंडा करने का मौक़ा मिल जाता है.
बयान में कहा गया है कि अगर कोई दूसरी शादी करना चाहता है तो उसे अफ़ग़ान तालिबान प्रमुख से लिखित इजाज़त लेनी होगी.
बयान में कहा गया है कि ज़्यादा शादियों के कारण तालिबान नेताओं की तरफ़ से इस काम (शादियों) के लिए फ़ंडिंग की माँग बढ़ने लगी थी.
बयान में एक से ज़्यादा शादी पर फ़िलहाल पाबंदी नहीं लगाई गई है लेकिन इतना ज़रूर कहा गया है कि अगर तालिबान नेतृत्व और तालिबान के कमांडर ज़्यादा शादियाँ ना करें तो वो इस तरह की परेशानियों से बच जाएंगे और दुश्मन को उनके ख़िलाफ़ प्रोपगैंडा का भी मौक़ा नहीं मिलेगा.
ज़्यादातर तालिबान नेताओं ने एक से ज़्यादा शादियाँ कर रखी हैं. अफ़ग़ान तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर और उनके बाद प्रमुख मुल्ला अख़्तर मंसूर की तीन-तीन पत्नियां थीं.
तालिबान के मौजूदा प्रमुख की दो पत्नियाँ हैं. दोहा में तालिबान के सबसे वरिष्ठ नेता मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर की तीन बीवियां हैं. (bbc.com)
उधर लंदन में रह रहे नवाज़ शरीफ़ को वहाँ के क़ानून की वजह से राहत मिली है.
अख़बार जंग के अनुसार, ब्रितानी सरकार ने कहा है कि लंदन स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग की तरफ़ से नवाज़ शरीफ़ के ख़िलाफ़ ग़ैर-ज़मानती गिरफ़्तारी वारंट जारी करने के आधार पर सरकार उन्हें गिरफ़्तार नहीं कर सकती है.
ब्रितानी सरकार का कहना है कि यह मामला नवाज़ शरीफ़ और पाकिस्तान सरकार के बीच है और ब्रिटेन की पुलिस ब्रिटेन से बाहर किसी अदालत के आदेश पर अपने मुल्क में रह रहे किसी आदमी को गिरफ़्तार नहीं कर सकती.
ब्रिटेन ने कहा कि पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण संधि भी नहीं है. ब्रिटेन की सरकार ने हालांकि आगे कहा कि संधि नहीं होने के बावजूद किसी को प्रत्यर्पित किया जा सकता है लेकिन इसका एक प्रॉपर चैनल होता है.
सरकार और विपक्षी महागठबंधन पीडीएम के बीच जारी गतिरोध के दौरान सरकार ने सुलह सफ़ाई की भी कोशिश की है. (bbc.com)
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार, केंद्रीय गृहमंत्री शेख़ रशीद ने कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने उनकी (शेख़ रशीद) अध्यक्षता में विपक्ष से बात करने के लिए एक कमेटी बना दी है.
लाहौर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष की रैली और विरोध प्रदर्शन में कोई रुकावट नहीं डाली जाएगी, लेकिन इजाज़त देने का मतलब खुली छूट नहीं है, शांति भंग करने की कोशिश की गई तो क़ानून अपना काम करेगा.
उन्होंने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि विपक्षी सांसद इस्तीफ़ा नहीं देंगे और विपक्षी पार्टियाँ सीनेट और उप-चुनाव में हिस्सा भी लेंगी.
उन्होंने पीडीएम के अंदर के मतभेद को उजागर करने की कोशिश करते हुए कहा कि हमें पीडीएम के नेतृत्व से कोई डर नहीं है. मौलाना फ़ज़लुर्रहमान पाँच ओवर का मैच खेलना चाहते हैं और पीपीपी टेस्ट मैच खेल रही है, जबकि आसिफ़ अली ज़रदारी ग्राउंड के दोनों तरफ़ खेल रहे हैं.
16 अक्तूबर से अब तक विपक्ष सरकार के ख़िलाफ़ गुजरांवाला, कराची, क्वेटा, पेशावर, मुल्तान, लाहौर और बूनं में बड़ी रैलियां कर चुका है जिनमें हज़ारों लोग शरीक हुए थे.
(bbc.com)
लंदन, 17 जनवरी | फुटबॉल आइकन डेविड बेकहम और उनकी डिजाइनर पत्नी विक्टोरिया बेकहम के बेटे क्रूज ने अपने हुडी को नीलामी के लिए रखा है और इसकी कीमत 1.50 लाख डॉलर (1 करोड़ रुपये से ज्यादा ) लगाई है। द सन डॉट को डॉट यूके की रिपार्ट के मुताबिक, 15 साल के क्रूज ने अपने कलेक्शन से लुई विटॉन की सुप्रीम हुडी को महंगी कीमत लगाते हुए बेचने के लिए रखा है। इसके साथ ही उन्होंने यह हुडी पहने हुए अपनी एक फोटो भी साझा की है।
डेविड और विक्टोरिया के डिजाइनर दोस्त किम जोन्स ने क्रूज को यह हुडी उपहार में दी थी। इस हुडी को लेकर पोस्ट में लिखा गया है, "क्रूज बेकहम की एक सुप्रीम एक्स लुइस विटॉन बॉक्स लोगो हुडी, जिसे किम जोन्स ने उन्हें उपहार में दिया था। इसे 150,000 डॉलर में अभी खरीदें।"
बता दें कि क्रूज बेकहम दंपति की तीसरी संतान हैं। उनके दो बड़े भाई- ब्रुकलिन और रोमियो और एक छोटी बहन हार्पर है।
(आईएएनएस)
तेहरान, 17 जनवरी | ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने एक नई मिसाइल ड्रिल का आयोजन किया, जिसमें उसने 1,800 किलोमीटर की दूरी पर हिंद महासागर में बैलिस्टिक मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इसकी पुष्टि एक शीर्ष अधिकारी ने की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने आईआरजीसी के कमांडर इन चीफ हुसैन सलामी के हवाले से कहा है कि रक्षा नीतियों और रणनीतियों में हमारा मुख्य उद्देश्य दुश्मन के युद्धपोतों को मारना है, जिनमें विमान वाहक और युद्धक क्रूजर भी शामिल हैं।
आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, आईआरजीसी के एयरोस्पेस फोर्स की निगरानी प्रणालियों द्वारा नकली दुश्मन की युद्धपोतों का पता लगाने और उनके विनाश करने के लिए 'ग्रेट पैगंबर -15' नाम के कोड का इस्तेमाल किया गया था।
सलामी ने कहा कि यह कम गति वाली क्रूज मिसाइलों के साथ मोबाइल नौसैनिक लक्ष्यों को मारने के लिए है। साथ ही उन्होंने आईआरजीसी के एयरोस्पेस फोर्स की लंबी दूरी की रक्षा की रणनीति में हुए विकास की प्रशंसा की।
ईरानी सशस्त्र बल के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाकरी ने भी इस वॉर ड्रिल में हिस्सा लिया और ईरान के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ दुश्मनों को चेतावनी दी।
उन्होंने कहा, "नौसैनिक ठिकानों के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइलों का एक बैराज चुनने से पता चलता है कि अगर इस्लामिक गणतंत्र के दुश्मन हमारे राष्ट्रीय हितों, समुद्री व्यापार मार्गों और क्षेत्र के खिलाफ गलत इरादे रखते हैं, तो वे मिसाइल हमले की चपेट में आकर नष्ट हो जाएंगे।"
(आईएएनएस)
पेरिस, 17 जनवरी | बुरकीना फासो के एथलीट ह्यूज जांगो ने यहां आयोजित एक इवेंट के दौरान इंडोर ट्रिपल जम्प स्पर्धा में एक नया वर्ल्ड रिकार्ड कायम किया है। विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता जांगो के कोच टेडी टैमघो ने 2011 में जो रिकार्ड बनाया था, उसे उन्होंने 15 सेमी के अंतर से तोड़ दिया।
वर्ल्ड एथलेटिक्स के मुताबिक 18.07 मीटर दूरी के साथ जांगो अब इंडोर इवेंट्स में 18 मीटर की दूरी नापने वाले पहले एथलीट बन गए हैं।
इसके साथ जांगो कोई विश्व रिकार्ड कायम करने वाले बुरकीना फासो को पहले एथलीट बन गए हैं। साथ ही वह पुरुषों की जम्प इवेंट में वर्ल्ड रिकार्ड बनाने वाले पहले अफ्रीकी एथलीट भी बन गए हैं।
(आईएएनएस)
-ज़ुबैर अहमद
वाशिंगटन,16 जनवरी | 20 जनवरी बुधवार को 78 वर्षीय जोसेफ़ रॉबनेट बाइडन जूनियर विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाएंगे. राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थकों के हमले के डर के कारण राजधानी वाशिंगटन डीसी में सुरक्षा के बंदोबस्त तगड़े होंगे. कहा जा रहा है कि इराक़ या अफ़ग़ानिस्तान में भी अमेरिकी सैनिकों की संख्या उतनी नहीं होगी जितनी इस अवसर पर वाशिंगटन डीसी में होगी.
हालाँकि इस बार शपथ समारोह सुरक्षा और महामारी के कारण फीका रहेगा, लेकिन इसके बावजूद इस बार भी 20 जनवरी को समारोह के दौरान दुनिया अमेरिका की परंपरागत चमक-दमक और रौनक देखेगी. ये समारोह अमेरिका की कामयाबी और खुशहाली को शो-केस करने का भी एक अवसर होता है.
लेकिन इन समारोहों को देखकर कौन कहेगा कि अमेरिका सिर से पैर तक कर्ज़ में डूबा हुआ है और इसकी आने वाली दो पीढ़ियाँ कर्ज़ चुकाने में गुज़ार देंगी.
ऐसे में जो बाइडन ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से पहले ऐसा कदम उठाने की बात कही है जिससे अमेरिका पर कर्ज़ और बढ़ जाएगा.
गुरुवार को बाइडन ने लगभग 2 खरब डॉलर के एक आर्थिक पैकेज की घोषणा की, जिसका उद्देश्य महामारी से लड़ना, नागरिकों को टीका लगवाना, कम आय वालों की नगदी से सहायता करना, छोटे व्यापारियों की मदद करना और पूरी अर्थव्यवस्था को गति देना है. इसे फ़ेडरल बैंक फाइनेंस करेगा.
क़र्ज़ में डूबा अमेरिका
गुरुवार को किये गए पैकेज के ऐलान से पहले, पिछले नौ महीनों में दिए गए आर्थिक पैकेज में से सरकार 3.5 खरब डॉलर ख़र्च चुकी है. महामारी की रोकथाम और बड़े पैकेज के रोल आउट करने के बावजूद विकास दर कमज़ोर है और महामारी तेज़ी से फैल रही है. गुरुवार तक 3,75,000 अमेरिकी इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके हैं और हर दिन औसतन 4,000 लोग इसका शिकार हो रहे हैं.
ग़रीब जनता परेशान है. छोटे व्यापारी निराश हैं. बेरोज़गारी एक बार फिर से बढ़ रही है. इस लिहाज़ से इस पैकेज की लोगों को सख़्त ज़रुरत है. ये एक ऐसी कड़वी दवा है जिसे पीना देश के लिए ज़रूरी है, इस आशा में कि देश की सेहत बहाल हो जाएगी. लेकिन इसका उल्टा असर भी हो सकता है.
प्रोफेसर स्टीव हैंकि जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में एप्लाइड अर्थशास्त्र के एक प्रसिद्ध शिक्षक हैं और राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रह चुके हैं. उन्होंने जो बाइडन के नए आर्थिक पैकेज पर अमेरिका से बीबीसी को ईमेल द्वारा बताया कि इससे सरकार का क़र्ज़ और भी बढ़ेगा. वो कहते हैं, "अमेरिकी सरकार को खर्च में वृद्धि की क़ीमत चुकानी पड़ेगी. राष्ट्रीय ऋण में वृद्धि कर ख़र्च को फ़ाइनैंस किया जाएगा"
पिछले साल दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका का सकल घरेलू उत्पाद 21. 44 खरब डॉलर था लेकिन इसका राष्ट्रीय ऋण 27 खरब डॉलर था. अगर ये क़र्ज़ देश की 32 करोड़ आबादी में बाँट दिया जाए तो हर नागरिक के नाम 23,500 डॉलर का क़र्ज़ होगा. इसका अर्थ ये हुआ कि अमेरिका ने अगर अपनी पूरी अर्थव्यवस्था बेच दी, तब भी वो अपने पूरे क़र्ज़ को अदा नहीं कर पाएगा.
कौन है इसका ज़िम्मेदार?
अमेरिकी आर्थिक विशेषज्ञ कहते हैं कि देश के बढ़ते क़र्ज़ के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ज़िम्मेदार हैं. उनके अनुसार ट्रंप ने सत्ता में आने से पहले क़र्ज़ को कम करने का वादा किया था लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया.
राष्ट्रपति ट्रंप के चार साल में देश का क़र्ज़ 7.8 ख़रब डॉलर के हिसाब से बढ़ा. जब राष्ट्रपति ने 2016 में चुनाव जीता था तो उस समय प्रशासन का क़र्ज़ 19.95 ट्रिलियन डॉलर था. 31 दिसंबर, 2020 तक, राष्ट्रीय ऋण 27.75 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच गया
प्रो पुब्लिका नाम की एक पत्रिका में पिछले हफ़्ते छपे एक लेख के अनुसार ट्रंप के कार्यकाल के दौरान संघीय वित्त महामारी के आने से पहले भी गंभीर स्तिथि में था. ये एक ऐसे समय में हुआ जब अर्थव्यवस्था में उछाल आ रहा था और बेरोज़गारी ऐतिहासिक रूप से निम्न स्तर पर थी. ट्रंप प्रशासन के स्वयं के विवरण के अनुसार महामारी के पहले ही राष्ट्रीय ऋण का स्तर "संकट" में था.
इस संकट की वजह थी ट्रंप द्वारा टैक्स में कटौती और सरकारी खर्च में रोक न लगाना, जैसा कि वॉशिंगटन पोस्ट अख़बार ने हाल में लिखा, "ट्रंप ने 2017 में टैक्स में भारी कटौती की और गंभीर खर्च पर कोई संयम नहीं बरता जिसके कारण राष्ट्रीय ऋण में ज़रुरत से ज़्यादा इज़ाफा हुआ." याद रहे कि ट्रंप ने कॉर्पोरेट टैक्स 35 प्रतिशत से घटाकर 21 प्रतिशत कर दिया था.
लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप के रिकॉर्ड का बचाव करने वाले तर्क देते हैं कि उनके काल में अमेरिका ने क़र्ज़ लिए तो इसका फायदा भी नज़र आया - आर्थिक विकास की दर में बढ़ोतरी हुई, महँगाई कम हुई, बेरोज़गारी में रिकॉर्ड तोड़ कमी आयी और ब्याज़दर कम हुए. दक्षिणपंथी अर्थशास्त्री कहते हैं कि राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनसे पहले राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के दौर में सब से अधिक क़र्ज़ बढ़े.
जोहान्स केपलर यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रिया के कुछ शिक्षकों ने अमेरिकी राष्ट्रपतियों द्वारा खर्च के रिकॉर्ड पर एक रिसर्च पेपर तैयार किया है जिसके अनुसार ओबामा के दौर में खर्च बढ़े थे और इससे पहले जॉर्ज बुश के दौर में और ज़्यादा भी ऐसा ही हुआ था क्योंकि राष्ट्रपति बुश के दौर में अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान और इराक़ के ख़िलाफ़ सैन्य अभियान शुरू किया था जो सालों तक चला.
लेकिन अब कर्ज़ और अधिक बढे हैं, जैसा कि प्रो पुब्लिका के लेख में दावा किया गया, "हमारा राष्ट्रीय ऋण उस स्तर पर पहुंच गया है जो द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में था. याद रहे कि 75 साल पहले युद्ध के कारण कर्ज़ बढ़ा था, ट्रंप के दौर में कोई सैन्य अभियान नहीं शुरू किया गया. द्वितीय विश्व युद्ध के क़र्ज़ों की खाई से निकलना आसान था क्योंकि सरकार के पास मेडिकेयर और सोशल सिक्योरिटी जैसे मोटे खर्च वाली ज़िम्मेदारी नहीं थीं"
बाइडन के बेटे हंटर टैक्स मामलों को लेकर जांच के दायरे में
बाइडन का रुख़ भारत से जुड़े कई मसलों पर ट्रंप से है अलग
ताज़ा पैकेज के लिए क़र्ज़ कौन देगा और इसके नतीजे क्या होंगे?
अमेरिका में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के प्रसिध्य अर्थशास्त्री स्टीव हैंकि ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि ताज़ा कर्ज़ फेडरल रिजर्व (भारत में सेंट्रल बैंक आरबीआई जैसी वित्तीय संस्था) देगा.
इसका नतीजा क्या होगा इस पर प्रो हैंकि प्रकाश डालते हैं, "इसका मतलब ये है कि अतिरिक्त महँगाई बढ़ने का समय नज़दीक है. गहरे कर्ज की खाई में जाने के अलावा, नए सरकारी ख़र्चों के बोझ को कुछ नए करों को उठाना पड़ेगा, और नए करों के बोझ से निजी क्षेत्र में जीवन मुश्किल हो जाएगा." (https://www.bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क, 16 जनवरी | कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले परिवार की बेटी समीरा फाजिली उन भारतीय अमेरिकियों की सूची में शामिल हो गई हैं, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ए-टीम में नियुक्त किया गया है। फाजिली को नेशनल इकानॉमिक काउंसिल के डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है।
जो बाइडेन के नए प्रशासन के कार्यभार संभालने के कुछ दिन पहले ही फाजिली को व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल किया गया है।
इस हफ्ते की शुरुआत में बाइडेन की ट्रांजिशन टीम ने फाजिली का परिचय देते हुए और उनके प्रोफेशनल काम के बारे में बताते हुए लिखा था कि फाजिली अटलांटा के फेडरल रिजर्व बैंक में थीं, जहां उन्होंने एंगेजमेंट फॉर कम्युनिटी एंड इकानॉमिक डेवलपमेंट के डायरेक्टर के तौर पर काम किया। ओबामा-बाइडेन प्रशासन में, फाजिली ने व्हाइट हाउस की नेशनल इकानॉमिक काउंसिल में एक वरिष्ठ नीति सलाहकार के रूप में और घरेलू वित्त और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के लिए अमेरिकी ट्रेजरी विभाग में एक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्य किया था। इससे पहले वह येल लॉ स्कूल में कानून की क्लिनिकल लेक्च रर थीं।
फाजिली अपने पति और 3 बच्चों के साथ जॉर्जिया में रहती हैं। वे येल लॉ स्कूल और हार्वर्ड कॉलेज से स्नातक हैं। समीरा फाजिली कश्मीर में जन्मे डॉक्टर दंपति मुहम्मद यूसुफ फाजिली और रफीका फाजिली की बेटी हैं, जो मूल रूप से गोजवाड़ा क्षेत्र के हैं। (आईएएनएस)
जिनेवा, 16 जनवरी | विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ट्रेडोस एडहोम घेब्रेयेसिस ने कोविड-19 वैक्सीन तक सभी की पहुंच निष्पक्ष रखने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि वह "अगले 100 दिनों में हर देश में टीकाकरण होते देखना चाहते हैं"। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रेडोस ने जोर देकर कहा कि मध्यम और निम्न-आय वाले देशों को भी संरक्षित करने के लिए समान रूप से कोशिशें की जानी चाहिए।
टीकाकरण की शुरूआत करने वाले देशों में ऊंची आय वाले देशों द्वारा असमान प्रतिनिधित्व किया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि हमें पिछली महामारी से मिले सबक को नहीं भूलना चाहिए।
ट्रेडोस ने कहा कि जब एड्स की दवाएं पहली बार आईं तो वे केवल अमीर देशों में उपलब्ध थीं जब तक कि स्वास्थ्य अधिवक्ताओं, समाज और मैन्यूफेक्चर्स ने ऐतिहासिक रूप से कम लागत वाली एंटी-रेट्रोवायरल दवाएं नहीं लाईं। उन्होंने याद किया कि एच1एन1 महामारी ने 2009-2010 में दुनिया को प्रभावित किया था और जब तक कम आय वाले देशों को यह वैक्सीन मिली, तब तक महामारी खत्म हो चुकी थी।
ट्रेडोस ने कहा, "हम नहीं चाहते कि ऐसा फिर से हो। मैं अगले 100 दिनों में हर देश में टीकाकरण को देखना चाहता हूं, ताकि स्वास्थ्य कर्मचारियों और ज्यादा जोखिम वाले लोगों को सबसे पहले सुरक्षित किया जाए। हम जिस दुनिया में रहते हैं वह एक निष्पक्ष दुनिया नहीं है। ऐसे में कोवैक्स सुविधा हमारे लिए निष्पक्षता तक पहुंचने का एक तरीका है।"
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जर्मनी, चीन, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देशों में वर्तमान में 236 उम्मीदवार वैक्सीन विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से 63 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के चरण में हैं। (आईएएनएस)
लंदन, 16 जनवरी | नॉर्वे में कोविड -19 फाइजर-बायोएनटेक एमआरएनए वैक्सीन लेने के बाद 23 बुजुर्ग मरीजों की मौत की चौंकाने वाली खबर सामने आने पर देश ने मामलों में विस्तृत जांच शुरू किया है। प्रतिष्ठित ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) ने शुक्रवार की रिपोर्ट में कहा कि, सामने आई मौतों के बाद नॉर्वे में डॉक्टरों को फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन प्राप्त करने वाले बुजुर्ग मरीजों का अधिक गहन मूल्यांकन करने के लिए कहा गया है।
नार्वेजियन मेडिसिन्स एजेंसी (एनओएमए) के मेडिकल डायरेक्टर, स्टीमर मैडसेन ने बीएमजे को बताया, "यह एक संयोग हो सकता है, लेकिन फिलहाल हम निश्चिंत नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "इन मौतों और वैक्सीन के बीच कोई निश्चित संबंध नहीं है।"
एजेंसी ने अब तक 13 मौतों की जांच की है और निष्कर्ष निकाला है कि एमआरएनए टीकों की सामान्य प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं, जैसे कि बुखार, मतली और दस्त से कुछ कमजोर रोगियों पर वैक्सीन का बुरा प्रभाव पड़ा।
मैडसेन के हवाले से कहा गया, "यह संभावना हो सकती है कि ये सामान्य प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं, जो कि स्वस्थ, युवा रोगियों में खतरनाक नहीं हैं, वह बुजुर्गों में बीमारी को बढ़ा सकती हैं।"
उन्होंने कहा, "हम अब डॉक्टरों से टीकाकरण जारी रखने के लिए कह रहे हैं, लेकिन बहुत बीमार लोगों का अतिरिक्त मूल्यांकन करने के लिए कहा गया है।"
वहीं फाइजर ने अपने बयान में कहा, "फाइजर और बायोएनटेक बीएनटी 162 बी 2 लेने के बाद रिपोर्ट की गई मौतों से अवगत हैं। हम सभी प्रासंगिक जानकारी एकत्र करने के लिए एनओएमए के साथ काम कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "सभी रिपोर्ट की गई मौतों का एनओएमए द्वारा पूरी तरह से मूल्यांकन किया जाएगा कि क्या ये घटनाएं वैक्सीन से संबंधित हैं या नहीं। नार्वे सरकार मरीजों के स्वास्थ्य को अधिक ध्यान में रखने के लिए उनके टीकाकरण निर्देशों को समायोजित करने पर भी विचार करेगी।"
जर्मनी में पॉल एर्लिच इंस्टीट्यूट भी कोविड-19 टीकाकरण के तुरंत बाद 10 मौतों की जांच कर रहा है।
नॉर्वेजियन मीडिया एनआरके की रिपोर्ट के अनुसार, "सभी मौतें नर्सिग होम में बुजुर्ग व अन्य बुजुर्ग मरीजों की हुई हैं। सभी की उम्र 80 साल से अधिक है और उनमें से कुछ 90 से अधिक हैं।" (आईएएनएस)