अंतरराष्ट्रीय
न्यूयॉर्क, 17 फरवरी । न्यूयॉर्क के एक न्यायाधीश ने नागरिक धोखाधड़ी मामले में डोनाल्ड ट्रंप को लगभग 355 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति आर्थर एंगोरोन का यह फैसला शुक्रवार को न्यूयॉर्क में एक नागरिक मुकदमे के बाद आया, जो काफी नाटकीय था।
ट्रंप और उनके वकील कोर्ट रूम के अंदर और बाहर जज के साथ बार-बार भिड़ते रहे।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर अगले तीन साल के लिए न्यूयॉर्क में कारोबार करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
यह फैसला अनुकूल ऋणों को सुरक्षित करने के लिए ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन द्वारा उपयोग की जाने वाली धोखाधड़ी वाली व्यावसायिक प्रथाओं के चलते आया है।
ब्रिटिश समाचार प्रसारक ने बताया कि ट्रम्प और उनके दो बेटों - डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर और एरिक ट्रम्प ने बेहतर ऋण प्राप्त करने के लिए अपनी संपत्तियों के मूल्य में बड़े पैमाने पर करोड़ों डॉलर की बढ़ोतरी की।
ट्रंप जूनियर और एरिक ट्रंप पर 4-4 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। उन पर अगले दो साल के लिए न्यूयॉर्क में कारोबार करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
ट्रम्प की टीम ने कहा कि वे फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
(आईएएनएस)
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 17 फरवरी। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने अपनी अगली सरकार बनाने के प्रयास विफल होने के बाद संसद में विपक्ष में बैठने का फैसला किया है।
पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनावों में किसी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों ने संघीय सरकार बनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव परिणामों में दबदबा बनाए रखा जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्याबल होने का दावा किया, क्योंकि चुनाव के बाद कुछ निर्दलीय सांसद नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए हैं।
पीटीआई के नेता बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने शुक्रवार को घोषणा की कि खान के निर्देशों के बाद, पार्टी ने केंद्र के साथ साथ पंजाब जैसे प्रमुख प्रांत में विपक्ष में बैठने का फैसला किया है।
इस्लामाबाद में कौमी वतन पार्टी के साथ बैठक के बाद शुक्रवार रात मीडिया से सैफ ने कहा, 'इस हकीकत के बावजूद हमने विपक्ष में बैठने का फैसला किया कि अगर हमें हमारे वोटों के मुताबिक सीटें मिलतीं और नतीजे नहीं बदले होते तो शायद आज हम 180 सीटों के साथ केंद्र की सत्ता में होते। हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि हमारे उम्मीदवार जीते हैं।”
पार्टी ने कथित धांधली के खिलाफ शुक्रवार को एक श्वेत पत्र भी जारी किया और शनिवार से अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करने का फैसला किया है। (भाषा)
यूक्रेन ने कहा है कि उसने रूसी सैनिकों से घिरे देश के प्रमुख उत्तरी शहर एवदिवका से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है.
रूसी सैनिक इस शहर को कई महीनों से घेरे हुए थे. यूक्रेन के कमांडर इन चीफ ओलेक्संदर सिरिस्की ने कहा कि रूसी सेना की ओर से और ज्यादा घेरे जाने की आशंका को देखते हुए यूक्रेनी सेना पीछे हट रही है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और दूसरी सेवाओं में जुटे कर्मचारियों की जान बचाने के लिए भी ऐसा किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सैनिकों को वहां भेजा गया है जहां हालात उनके पक्ष में ज्यादा अच्छे हैं. उप कमांडर चीफ ने कहा है कि रूस के पास काफी गोला बारूद है. लेकिन रूसी सेना अपने ही सैनिकों की लाशों के ऊपर चल कर आगे बढ़ रही है.
एवदिवका दोनेत्स्क का प्रवेश द्वार है. रूसी सेना ने दोनेस्त्सक की भी घेराबंदी कर रखी है. रूसी और यूक्रेनी सेना के बीच लड़ाई में ये शहर पूरी तरह बर्बाद हो गया है.
2014 में रूस समर्थित लड़ाकों ने पूर्वी दोनेत्स्क और लुहांस्क के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था. (bbc.com/hindi)
दक्षिण पूर्वी यूक्रेन में यूक्रेनी बलों के कमांडर का कहना है कि अवदीव्का शहर में रूस और यूक्रेन के बीच भीषण लड़ाई जारी है.
रूस बीते कई महीनों से इस अहम शहर पर क़ब्ज़ा करने के प्रयास कर रहा है.
कमांडर ओलेक्सेंडर तार्नाव्स्की का कहना है कि हालात मुश्किल लेकिन नियंत्रण में हैं.
उन्होंने कहा है कि यहां और अधिक सैनिकों को तैनात किया जा रहा है. हालांकि उन्होंने आगे भी सैनिकों को कई मोर्चों से हटाने के संकेत दिए हैं.
उन्होंने कहा कि नए मोर्चे तैयार किए जा रहे हैं जहां सैनिकों को स्थानांतरित किया जा सकता है.
कमांडर ओलोक्सेंडर ने कहा है कि यूक्रेन ज़मीन के मुक़ाबले अपने सैनिकों के जीवन को अधिक महत्व देता है.
युद्ध से बर्बाद हो चुके इस शहर को बचाने के यूक्रेन के प्रयासों के सामने हथियारों और गोला बारूद की कमी की चुनौती है.
यूक्रेन के कई सैनिकों का कहना है कि यह शहर किसी भी वक़्त रूस के क़ब्ज़े में आ सकता है.
वहीं गुरुवार को अमेरिका ने कहा था कि रूस अवदीव्का पर क़ब्ज़ा कर सकता है.
यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध में हाल के महीनों में ये शहर कई भीषण लड़ाइयों का केंद्र रहा है.
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने गुरुवार को कहा है कि अवदीव्का पर रूस के क़ब्ज़े में जाने का ख़तरा मंडरा रहा है.
इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि जितना संभव हो सका यूक्रेनी जानों को बचाने का प्रयास किया जाएगा.
युद्ध में लगभग पूरी तरह बर्बाद हो चुके इस शहर को नज़दीकी क्षेत्र डोनेत्स्क का गेटवे भी कहा जाता है.
रूस ने 24 फ़रवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला किया था. (bbc.com/hindi)
ऐसी ख़बरें है कि रफ़ाह पर ज़मीनी हमले की आशंका के बीच मिस्र ग़ज़ा से सटे सिनाई रेगिस्तान के अपने इलाक़े में बफ़र ज़ोन बना रहा है.
ख़बरों के अनुसार, हमले की वजह से बड़ी संख्या में अगर फ़लस्तीनी मिस्र में प्रवेश करते हैं तो ऐसे हालात के लिए यह तैयारी की जा रही है.
हालांकि मिश्र ने इस तरह की तैयारियों के दावे का खंडन किया है लेकिन तीन सुरक्षा स्रोतों ने कहा है कि रफ़ाह से सटे सिनाई रेगिस्तान में कुछ बुनियादी ढांचे तैयार किये जा चुके हैं.
पिछले कुछ दिनों में ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में दिखता है कि वहां एक विशाल बफ़र ज़ोन और दीवार बनाई गई है.
मिस्र ने कहा है कि फ़लस्तीनियों को सिनाई रेगिस्तान में धकेलने की कोई भी कोशिश अस्वीकार्य है.
उधर इसराइल ने कहा है कि वो रफ़ाह में ज़मीनी हमला करेगा. जबकि अमेरिका ने इसराइली पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू से कहा है कि हमले से पहले फ़लस्तीनी आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.
नासेर अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से चार मरीजों की मौत
इस बीच हमास प्रशासित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि फ़लस्तीनी इलाक़े में जो कुछ चंद अस्पताल काम कर रहे हैं, उन पर इसराइली सेना द्वारा धावा बोले जाने के बाद ऑक्सीजन की कमी से चार मरीज़ों की मौत हो गई है.
मंत्रालय के अनुसार, “नासेर अस्पताल का जेनरेटर बंद हो गया और बिजली चली गई.” मंत्रालय ने ख़ान यूनिस में स्थित इस अस्पताल में आईसीयू के छह अन्य मरीज़ों और नर्सरी में मौजूद तीन बच्चों को लेकर चिंता ज़ाहिर की है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इसराइली सैनिक नासेर अस्पताल में एक एक कमरे की तालाशी लेना जारी रखे हुए हैं.
इसराइली सेना ने इस अस्पताल काम्प्लेक्स पर गुरुवार को छापे की कार्रवाई शुरू की थी और उसकी ओर से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं आई है.
इसराइली सेना का दावा है कि उनके पास विश्वसनीय ख़ुफ़िया सूचनाएं हैं कि इसराइली बंधकों को अस्पताल में रखा गया है.
सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि यहां से दर्जनों संदिग्धों को गिरफ़्तार किया गया है. (bbc.com/hindi)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक एलेक्सी नवेलनी की मौत पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की पहली प्रतिक्रिया आई है.उन्होंने इसके लिए पुतिन को ज़िम्मेदार ठहराया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने शुक्रवार को कहा कि पुतिन के आलोचक और विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी की मौत ने उन्हें चौंकाया नहीं है बल्कि उनके अंदर गुस्सा भर दिया है.
बाइडन ने नवेलनी के बारे में कहा, ''वो बहादुरी के साथ भ्रष्टाचार, हिंसा और पुतिन सरकार के सभी बुरे कामों के ख़िलाफ़ खड़े हुए थे. पुतिन ही नवेलनी की मौत के जिम्मेदार हैं.''
रूस के जेल अधिकारियों ने शुक्रवार को एलेक्सी नवेलनी की मौत की जानकारी दी है. वो 47 साल के थे.
ऑनलाइन जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि चहलकदमी के बाद नवेलनी की तबीयत ख़राब लग रही थी, इसके कुछ देर बाद ही वो बेहोश हो गए और उनकी मौत हो गई.
बयान में कहा गया है कि डॉक्टर तुरंत नवेलनी के पास पहुंच गए थे लेकिन उन्हें बचाने के सभी प्रयास नाकाम रहे. (bbc.com/hindi)
एक अमेरिकी अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर धोखाधड़ी के आरोप में लगभग 36 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया है.
न्यूयॉर्क की अदालत ने ट्रंप के ख़िलाफ़ कई साल पुराने धोखाधड़ी के एक मामले में ये सज़ा सुनाई है.
ट्रंप पर बैंकों और दूसरे संस्थानों के साथ वित्तीय रिकॉर्ड्स में गड़बड़ी करने का आरोप है. इससे ट्रंप की संपत्ति बढ़ गई थी. इसके साथ ही ट्रंप पर तीन साल तक न्यूयॉर्क के किसी भी कॉरपोरेशन में अफ़सर या डायरेक्टर के पद पर तैनाती पर भी रोक लगा दी गई है.
जज ऑर्थर एनगोरोन ने ढाई महीने की सुनवाई के बाद ये फै़सला उस समय सुनाया है जब ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के लिए राष्ट्रपति उम्मीदवारों की दौड़ में आगे चल रहे हैं.
ट्रंप का कहना है कि राष्ट्रपति चुनावों में गड़बड़ी के कारण उनकी हार हुई है.
फै़सले के बाद ट्रंप ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ''एक बुरी नीयत वाले जज ने अभी-अभी ये फै़सला सुनाया है कि मुझे एक बेहतरीन कंपनी बनाने के आरोप में 35 करोड़ डॉलर देने होंगे. मेरे हिसाब से ये मेरे लिए और पूरे देश के लिए उदासी भरा दिन है.'' (bbc.com/hindi)
गाजियाबाद, 16 फरवरी । गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना इलाके में शुक्रवार को एक बड़ी वारदात हुई, जिसमें एक पति ने अपनी पत्नी की गला काटकर हत्या कर दी। उसके बाद अपनी बच्ची और खुद को भी घायल कर लिया, दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद में लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के बेहटा इलाके में शुक्रवार को दिनदहाड़े एक शख्स ने पत्नी और बेटी का उस्तरे से गला काट दिया। इसके बाद खुद का भी गला काट लिया। पत्नी की मौत हो गई है। शुरुआती जांच में वारदात के पीछे घरेलू कलह होना बताया जा रहा है।
गाजियाबाद के पिलखुवा में मुकीमपुर गांव निवासी 25 वर्षीय जावेद का निकाह साल 2020 में नई दिल्ली की सुंदरनगरी निवासी 23 वर्षीय सबरीन से हुआ था। जावेद गाजियाबाद के बेहटा इलाके में एक मोबाइल शॉप पर काम करता है। वो पत्नी और बेटी सहित यहीं पर एक मकान में रहता है। दोनों का कई सालों से विवाद चल रहा है।
सबरीन पिछले करीब 8 महीने से मायके में थी। वो 20 दिन पहले ही जावेद के पास आई थी। शुक्रवार को दोनों में विवाद हुआ तो जावेद ने पत्नी सबरीन और 3 वर्षीय बेटी हिबा का गला उस्तरे से रेत दिया। इसके बाद जावेद ने खुद को भी उस्तरे मार लिए। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग पहुंचे तो कमरा अंदर से बंद था। लोगों ने जैसे-तैसे दरवाजा तोड़ा। वहां तीनों बेहोश अवस्था में पड़े थे।
बाद में इन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सबरीन को मृत घोषित कर दिया। गंभीर रूप से घायल पिता-पुत्री का इलाज दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल में चल रहा है। पुलिस की शुरुआती जांच से पता चला है कि पति अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था और उसके साथ मारपीट भी करता था। इनका मुकदमा महिला थाने में भी चल रहा था।
(आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 16 फरवरी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच गठबंधन सरकार के गठन के लिए सत्ता-बंटवारे के फॉर्मूले पर शुक्रवार को दूसरे दौर की बातचीत होने की उम्मीद है। मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई है।
बिलावल भुट्टो-जरदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी ने सरकार के गठन के साथ-साथ अगले प्रधानमंत्री के चुनाव में पीएमएल-एन को समर्थन देने का वादा किया है। हालांकि पीपीपी ने शर्त रखी है कि नवाज शरीफ की पार्टी राष्ट्रपति जैसे प्रमुख संवैधानिक पदों के चुनावों में उसका समर्थन करेगी।
पीपीपी और पीएमएल-एन की संपर्क और समन्वय समितियों (सीसीसी) के बीच निर्धारित दूसरे दौर की बातचीत बृहस्पतिवार को नहीं हो सकी, क्योंकि दोनों पक्षों ने अपनी पहली बैठक में आए प्रस्तावों का आकलन करने के लिए और समय मांगा था।
‘डॉन’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, सत्ता-बंटवारे के फॉर्मूले पर स्पष्टता के लिए दोनों पक्षों के बीच अगली बैठक शुक्रवार को होने की संभावना है। (भाषा)
सैन फ्रांसिस्को, 16 फरवरी । स्पोर्ट्सवियर बनाने वाली कंपनी नाइकी ने कहा है कि वह लागत में कटौती के लिए अपने कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत यानी 1,600 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करेगी।
वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा देखे गए कर्मचारियों के लिए जारी एक आंतरिक ज्ञापन में नाइकी के मुख्य कार्यकारी जॉन डोनाहो ने कहा कि कंपनी अपने संसाधनों का उपयोग रनिंग, महिलाओं के परिधान और जॉर्डन ब्रांड जैसी कैटेगिरीज में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कर रही है।
डोनाहो ने मेमो में कहा, "यह एक दुःखद वास्तविकता है और इसे मैं हल्के में नहीं लेता। हम वर्तमान में अपना बेस्ट परफॉर्मेंस नहीं दे रहे हैं, और मैं अंततः खुद को और अपनी नेतृत्व टीम को जवाबदेह मानता हूं।"
रिपोर्ट के अनुसार, छंटनी से न तो स्टोर और वितरण सुविधाओं के कर्मचारियों पर असर पड़ने की उम्मीद है, और न ही कंपनी की इनोवेशन टीम के कर्मचारियों पर।
कंपनी के पास 31 मई 2023 तक वैश्विक स्तर पर लगभग 83,700 कर्मचारी थे।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि छंटनी शुक्रवार से शुरू होगी, जिसका दूसरा चरण चालू तिमाही के अंत तक पूरा होगा।
नौकरी में छंटनी की घोषणा नाइकी द्वारा पिछले साल दिसंबर में घोषणा के बाद आई है कि वह अगले तीन साल में लागत में दो अरब डॉलर तक की बचत करेगी। कंपनी ने उल्लेख किया कि वह बचत हासिल करने के लिए अपने संगठन को सुव्यवस्थित करेगी।
कंपनी के अनुसार, पिछले साल की तुलना में 30 नवंबर तक बिक्री में केवल एक प्रतिशत की वृद्धि हुई, नाइकी के सबसे बड़े बाजार उत्तरी अमेरिका में जूते की बिक्री में पांच प्रतिशत की गिरावट आई।
(आईएएनएस)
अमेरिका में भारतीय और भारतीय-अमेरिकी छात्रों पर हमलों की घटनाओं के मद्देनजर व्हाइट हाउस ने टिप्पणी दी है. पिछले कई हफ्तों में कम से कम चार छात्रों की वहां मौत हुई है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनका प्रशासन भारतीय और भारतीय-अमेरिकी छात्रों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि हिंसा को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता है.
भारतीय अमेरिकी और भारतीय समुदाय के छात्रों पर हुए हमले के बारे में पूछे जाने पर किर्बी ने कहा "हिंसा को सही ठहराने के लिए कोई दलील स्वीकार नहीं की जा सकती. नस्ल, धर्म, लिंग या किसी आधार पर इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. यह अमेरिका में स्वीकार्य नहीं है."
"कड़ी मेहनत कर रहा बाइडेन प्रशासन"
प्रेस को संबोधित करते हुए किर्बी ने कहा "राष्ट्रपति और उनका प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत-बहुत कड़ी मेहनत कर रहा है कि हम राज्य और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रकार के हमलों को विफल करने और रोकने के लिए हर संभव प्रयास करें."
उन्होंने कहा, "अगर कोई इस तरह की हिंसा करता है या नुकसान पहुंचाने का इरादा रखता है तो कानूनी रूप से उसकी जवाबदेही तय की जाएगी."
अमेरिका में निशाने पर भारतीय छात्र
हाल के महीनों में अमेरिका में कई भारतीय छात्रों और भारतीय मूल के लोगों पर हमले हुए हैं. 7 फरवरी को वॉशिंगटन में एक रेस्तरां के बाहर भारतीय मूल के एक 41 वर्षीय अधिकारी पर हमला हुआ था. उस अधिकारी का नाम विवेक तनेजा था और वह एक टेक कंपनी में काम करता था. उसे गंभीर चोटें आईं थी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
इससे पहले 4 फरवरी को शिकागो में भारतीय छात्र सैयद मजहर अली पर जानलेवा हमला हुआ था. अली ने हमले के बाद एक वीडियो भी बनाया था जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था.
फरवरी महीने की शुरुआत में श्रेयस रेड्डी नाम का एक भारतीय छात्र ओहियो के सिनसिनाटी में मृत पाया गया था. हालांकि, उसकी मौत का कारण अभी तक अज्ञात है. रिपोर्ट्स के मुताबिक रेड्डी लिंडर स्कूल ऑफ बिजनेस का छात्र था.
30 जनवरी को अमेरिका के पर्ड्यू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र नील आचार्य का शव कैंपस में पाया गया था. नील पिछले कई दिनों से लापता था. अमेरिकी काउंटी के कोरोनर ने नील की मौत पर कहा था कि शव के परीक्षण के दौरान हमले या महत्वपूर्ण चोटों के कोई निशान नहीं पाए गए. उन्होंने पुष्टि की कि उसकी मौत में कोई गड़बड़ी होने का संदेह नहीं है.
वहीं एक और भारतीय छात्र विवेक सैनी की 16 जनवरी को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. वह जॉर्जिया में एक स्टोर में पार्ट टाइम काम करता था और उसने एक बेघर की मदद की थी, उसी बेघर व्यक्ति ने उसकी हथौड़े से मारकर हत्या कर दी.
इन हमलों को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी टिप्पणी दी थी. 8 फरवरी को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हमले को लेकर एक बयान में कहा था पांच भारतीय छात्र हैं जिनकी मौत हुई है, इनमें भारतीय प्रवासी छात्र भी शामिल हैं. इन पाचों में से दो भारत के नागरिक हैं और बाकी तीन भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं.
जायसवाल ने बताया था कि विवेक सैनी की हत्या के आरोपी को पकड़ लिया गया और अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं. जायसवाल का कहना था कि भारतीय छात्रों पर हमले के मामले में भारतीय दूतावास स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है.
अमेरिकी सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अमेरिकी विश्वविद्यालयों को चुनने वाले भारतीय छात्रों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है. एक साल में 35 प्रतिशत उछाल के साथ 2022-23 में यह आंकड़ा 2,68,923 पर पहुंच गया. अब अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाला हर चौथा विदेशी छात्र भारतीय है (dw.com)
वाशिंगटन, 16 फरवरी । 2020 में डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिंदू-अमेरिकी तुलसी गबार्ड ने देश की विदेश नीति के बारे में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और उनके सलाहकारों से बात की है और 2024 में पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के सहयोग के लिए अपने विकल्प 'खुले' रखे हैं। रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है।
अमेरिकी कांग्रेस में पहले हिंदू ने 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी, इसे "युद्ध भड़काने वालों का अभिजात्य गुट" कहा और इसके नेतृत्व पर "कायरतापूर्ण जागरुकता" का आरोप लगाया।
द वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि अब, जबकि देश में 2024 में ट्रम्प-जो बाइडेन के बीच दोबारा मुकाबला होने की संभावना है, गबार्ड के साथ बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में रक्षा विभाग को कैसे चलाया जाना चाहिए।
ट्रम्प ने अपने सलाहकारों और दानदाताओं को बार-बार बताया कि पेंटागन में उनके कर्मियों की पसंद की कीमत उन्हें चुकानी पड़ी।
कांग्रेस में प्रवेश करने से पहले हवाई आर्मी नेशनल गार्ड के लिए 2004 और 2005 के बीच इराक युद्ध में सेवा देने वाले गबार्ड लंबे समय से विदेशों में अमेरिकी हस्तक्षेप के आलोचक रहे हैं और उन्होंने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के लिए भी बाइडेन की असफल विदेश नीति को जिम्मेदार ठहराया।
गबार्ड ने कहा, "मैं बातचीत के लिए तैयार हूं। जीवन में मेरा मिशन अपने देश की सेवा करना और अमेरिकी लोगों की सेवा करना और ऐसा करने में सक्षम होने का सबसे अच्छा तरीका ढूंढना है।"
2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए जीओपी नामांकन हासिल करने की कोशिश कर रहे ट्रम्प ने अभी तक अपने उप-राष्ट्रपति पद के चयन की घोषणा नहीं की है।
हालांकि मीडिया की अटकलें कई उम्मीदवारों को सामने ला रही हैं, लेकिन ट्रम्प ने अब तक नहीं बताया है कि उन्होंने किसे शॉर्टलिस्ट किया है।
(आईएएनएस)
(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 16 फरवरी। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल में इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि 2021 में अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने वाले तालिबान ने युद्धग्रस्त देश में विदेशी आतंकवादी लड़ाकों की गतिविधियों को सीमित करने के लिए कदम उठाए हैं।
रिपोर्ट में सदस्य देशों की चिंता भी व्यक्त की गई है कि तालिबान शासित अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों को हाल के समय में किसी भी समय की तुलना में ‘‘अधिक आजादी’’ प्राप्त है। विशेष रूप से खतरनाक आईएसआईएल-के आतंकवादी समूह की ताकत में बढ़ोतरी को ध्यान में रखा गया है। जेल से हजारों व्यक्तियों की रिहाई के बाद इसके लड़ाकों की संख्या पूर्व अनुमानित 2,200 से लगभग दोगुनी हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को आईएसआईएल (दाएश) द्वारा उत्पन्न खतरे और इससे मुकाबला करने में सदस्य देशों के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों पर महासचिव की ‘14वीं रिपोर्ट’ के अनुसार, ‘‘15 अगस्त को तालिबान के सैन्य अभियान के बाद अफगानिस्तान में सुरक्षा परिदृश्य नाटकीय रूप से बदल गया जिसने काबुल सहित 34 प्रांतीय राजधानियों में से 33 पर कब्जा कर लिया था।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे कोई हालिया संकेत नहीं हैं कि तालिबान ने देश में विदेशी आतंकवादी लड़ाकों की गतिविधियों को सीमित करने के लिए कदम उठाए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इसके विपरीत सदस्य देश चिंतित हैं कि आतंकवादी समूहों को हाल के समय में किसी भी समय की तुलना में अफगानिस्तान में अधिक स्वतंत्रता प्राप्त है।’’
सदस्य देशों का आकलन है कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में दाएश से जुड़े संगठन इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवांत-खोरासन (आईएसआईएल-के) के कई लड़ाकों को रिहा किए जाने के बाद उसकी ताकत पहले के अनुमानित 2,200 लड़ाकों से बढ़कर अब 4,000 तक पहुंच गई है।
महासचिव की रिपोर्ट के अनुसार एक सदस्य देश का आकलन है कि आधे से अधिक व्यक्ति विदेशी आतंकवादी लड़ाके हैं। दाएश पूर्वी अफगानिस्तान में सीमित क्षेत्र को नियंत्रित करता है और यह 27 अगस्त, 2021 को काबुल हवाई अड्डे पर बमबारी जैसे हाई-प्रोफाइल जटिल हमले करने में शामिल रहा है जिसमें 180 से अधिक लोग मारे गए। दाएश उसके बाद के कई हमलों, विशेष रूप से तालिबान और शिया समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हमलों में भी शामिल रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में दाएश का नेतृत्व अफगान नागरिक सनाउल्लाह गफारी कर रहा है। समूह देश में उथल-पुथल का फायदा उठा रहा है जिसमें पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट और तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी के लड़ाकों के अलावा अन्य विदेशी आतंकवादी समूहों की भर्ती भी शामिल है। (भाषा)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 16 फरवरी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनका प्रशासन भारतीयों व भारतीय अमेरिकी विद्यार्थियों पर हमलों को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी।
देश के अलग-अलग हिस्सों में भारतीयों व भारतीय अमेरिकी विद्यार्थियों पर लगातार हमलों के बीच व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी ने यह बात कही।
भारतीय छात्रों और भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगों पर सिलसिलेवार हमलों के बारे में पूछे जाने पर किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जाति, लैंगिक आधार, धर्म या फिर किसी भी कारण से हिंसा के लिए कोई तर्क नहीं है। अमेरिका में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।’’
किर्बी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति और उनका प्रशासन बेहद कड़ी मेहनत कर रहा है। इस तरह के हमलों को रोकने के लिए राज्य व स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर हर संभव कोशिश की जा रही है...।’’
पिछले कुछ सप्ताह में कम से कम चार भारतीय अमेरिकी विद्यार्थियों की मौत की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। (भाषा)
ग्रीस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए समलैंगिक शादी को मंजूरी दे दी है.
इस तरह की शादियों को कानूनी दर्जा देने वाला ग्रीस पहला परंपरावादी ईसाई देश है.
ग्रीस की संसद में 176 के मुकाबले 76 वोट से समलैंगिक शादी को कानूनी दर्जा देने का प्रस्ताव पारित हो गया. ग्रीस में अब समलैंगिक जोड़े कानूनी रूप से बच्चे गोद ले पाएंगे.
प्रस्ताव पारित होने के बाद ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोतेकिस ने कहा, ''नया कानून बड़े ही साहसिक तरीके से इस गंभीर असमानता को खत्म कर देगा.''
लेकिन ग्रीस में इस नए कानून को लेकर लोग बँटे हुए हैं.ऑर्थोडॉक्स चर्च की ओर से जोरदार विरोध हो रहा है.
चर्च के समर्थकों ने एथेंस में समलैंगिक शादियों के ख़िलाफ़ मार्च निकाला.
ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख आर्चबिशप लेरोनिमोस ने कहा है कि यह कदम देश में सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचाएगा. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बार फिर यूक्रेन की मदद की अपील की है.
उन्होंने कहा है कि अगर इस बेहद अहम मोड़ पर यूक्रेन को समर्थन नहीं मिला तो इतिहास में इसे कभी भुलाया नहीं जाएगा.
बाइडन ने अमेरिकी संसद में कहा कि इस समय यूक्रेन की मदद बेहद ज़रूरी है.
अमेरिका की ओर से यूक्रेन को 60 अरब डॉलर की मदद वाले बिल पर बहस से पहले बाइडन ने संसद सदस्यों से इसके पक्ष में मतदान की अपील की .
इस मामले में टिप्पणी करते हुए बाइडन बोले, ''यूक्रेन को इस समय मदद नहीं मिली तो इतिहास इसे याद रखेगा. इस बिल का समर्थन करने का मतलब ये है कि आप रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ख़िलाफ़ तन कर खड़े हैं. अगर आप इसका समर्थन नहीं दे रहे हैं तो इसका मतलब ये कि आप पुतिन के हाथों खेल रहे हैं. इतिहास देख रहा है.''
ज्यादातर सीनेटरों ने यूक्रेन को दी जाने वाली मदद के पक्ष में मतदान किया. (bbc.com/hindi)
इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्सेस ने ग़ज़ा पट्टी के ख़ान यूनिस में सैन्य अभियान के तहत नासेर अस्पताल पर धावा बोला है.
इस्तांबुल से बीबीसी के ग़ज़ा संवाददाता रश्दी अबू अलूफ़ के अनुसार, अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया है कि रफ़ाह के प्रमुख अस्पताल नासेर मेडिकल काम्प्लेक्स में सेना घुस गई है.
अबू अलूफ़ के मुताबिक नासेर अस्पताल में मौजूद तीन पत्रकारों में से दो जख्मी हुए हैं. इसराइली सेना ने 20 लोगों को गिरफ़्तार किया है.
इसराइली सेना ने कहा है कि उन्होंने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है. साथ ही उसका ये भी कहना था कि यह सैन्य अभियान 'सटीक और सीमित' तौर पर चलाया गया है.
सेना ने कहा है कि उसका इरादा अस्पताल में मरीजों के इलाज को जारी रखने देने का है.
अस्पताल की नर्सों ने बताया कि सेना दूसरे तल पर मौजूद स्टाफ़, डॉक्टर और मरीजों को नीचे आने को कहा है. सेना और उसके डॉग स्क्वायड पूरे परिसर की छानबीन कर रहे हैं.
ऐसी वीडियो फ़ुटेज सामने आई हैं, जिनका सत्यापन बीबीसी ने किया है, जिसमें अस्पताल के अंदर धुआं भरा दिखाई देता है.
इस बीच रेड क्रॉस ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वो इसराइली सेना के ज़मीनी अभियान को रोकने में मदद करे.
उत्तरी गज़ा पट्टी से भागकर रफ़ाह में शरण लिए लाखों फ़लस्तीनी इसराइल के ज़मीनी हमले को लेकर चिंतित हैं और कई देशों ने इस हमले को लेकर “गंभीर मानवीय संकट” की चेतावनी दी है.
इसराइली सेना ने कहा है कि इस ज़मीनी अभियान के दौरान उनका ‘मुख्य उद्देश्य है मरीज़ों की सुरक्षा.’
ग़ज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि पिछले 24 घंटों में इसराइल के हवाई महले में 87 फ़लस्तीनी मारे गए हैं और 1004 घायल हुए हैं.
मंत्रालय के आकड़ों के अनुसार, सात अक्तूबर से शुरू हुए इसराइली हमले में अबतक ग़ज़ा पट्ट में मरने वालों की संक्या 28,663 हो गई है जबकि 68,395 लोग घायल हुए हैं.(bbc.com/hindi)
लंदन, 15 फरवरी । एक भारतीय मूल के डॉक्टर और उसके लिए काम करने वाले कई अन्य लोगों के साथ डार्क वेब पर बाल यौन शोषण के लिए समर्पित साइटें बनाने और संचालित करने वाले एक मैकेनिक को ब्रिटेन में 16 साल की जेल हुई है।
चेशायर के नाथन बेक (28) 'द एनेक्स' नामक साइट के यूके स्थित तीन मॉडरेटरों में से एक थे।
उन्होंने साइट के नियमों को लागू करने और यह सुनिश्चित करने के लिए लगभग 30 स्टाफ सदस्यों के साथ काम किया ताकि यह सुचारू रूप से चलता रहे।
उन्हें बुधवार को चेस्टर क्राउन कोर्ट ने 16 साल की कैद की सजा सुनाई, यौन अपराधियों के रजिस्टर में आजीवन नाम दर्ज किया गया और आजीवन यौन क्षति निवारण आदेश दिया गया।
मुख्य मॉडरेटर के रूप में नाथन बेक 'द एनेक्स' की कमान में दूसरे स्थान पर थे, जो अब सक्रिय नहीं है। इसके लगभग 90 हजार ग्लोबल सदस्य थे, जिन्होंने इसका उपयोग दुर्व्यवहार सामग्री को साझा करने और चर्चा करने के लिए किया था, जिसमें 'हर्टकोर' और शिशुओं और बच्चों का यौन शोषण शामिल था।
लंदन के 33 वर्षीय भारतीय मूल के मनोचिकित्सक कबीर गर्ग, स्टाफ सदस्यों में से एक थे। वह मॉडरेटर के रूप में साइट के पदानुक्रम में नाथन बेक के बाद थे।
बच्चों के यौन शोषण को बढ़ावा देने, बच्चों की अश्लील तस्वीरें बनाने और वितरित करने के तीन-तीन मामले और प्रतिबंधित तस्वीरें रखने सहित आठ आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें पिछले साल छह साल की जेल हुई थी।
राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) के वरिष्ठ जांच अधिकारी डैनियल वेवेल ने कहा, "बेक उन चुनिंदा व्यक्तियों में से एक थे जिन्होंने एनेक्स को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वैश्विक स्तर पर बाल यौन शोषण को बढ़ावा देने में सक्षम थे।"
(आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 15 फरवरी । एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने यहाँ गुरुवार को 9 मई की हिंसा से संबंधित चार मामलों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान की जमानत याचिका 19 फरवरी तक बढ़ा दी।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत को सूचित किया गया कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री खान के वकील अल कादिर ट्रस्ट मामले में व्यस्त हैं और अपनी दलीलें पेश करने के लिए और समय चाहते हैं।
एटीसी न्यायाधीश अरशद जावेद ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और जमानत 19 फरवरी तक बढ़ा दी।
अदालत ने अगली सुनवाई पर वीडियो लिंक के माध्यम से खान की उपस्थिति की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया।
(आईएएनएस)
न्यूयॉर्क, 15 फरवरी । अमेरिका के अलबामा प्रांत में कमरे के किराये को लेकर टकराव के बाद भारतीय मूल के 76 वर्षीय एक मोटल मालिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
अलबामा स्थित समाचार आउटलेट एएलडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, शेफील्ड में हिलक्रेस्ट मोटल के मालिक प्रवीण रावजीभाई पटेल की पिछले सप्ताह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद पुलिस ने 34 वर्षीय विलियम जेरेमी मूर को गिरफ्तार कर लिया।
शेफ़ील्ड पुलिस प्रमुख रिकी टेरी ने कहा कि मूर को घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया जब वह 13वें एवेन्यू पर एक निर्जन घर में छिपने की कोशिश कर रहा था।
जांचकर्ताओं के अनुसार, मूर 8 फरवरी को मोटल में एक कमरा किराए पर लेना चाहता था। किराये को लेकर पटेल के साथ उसका झगड़ा हुआ, जिसके बाद मूर ने पिस्तौल निकाली और बुजुर्ग व्यक्ति को गोली मार दी।
टेरी ने कहा, "मूर की तलाशी लेने पर उसके पास से हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद कर लिया गया।"
पुलिस प्रमुख ने कहा कि वारंट जारी होने तक मूर को फिलहाल शेफ़ील्ड सिटी जेल में रखा जा रहा है, जिसके बाद उसे कोलबर्ट काउंटी जेल ले जाया जाएगा।
जेमेरिज़ ओवेन्स, जो पटेल के मोटल के सामने नाई का काम करते हैं, ने डब्ल्यूएएवाई 31 समाचार चैनल को बताया कि उन्होंने एक के बाद एक तीन गोलियों की आवाज सुनी।
ओवेन्स ने कहा, "वह (पटेल) बाहर था। वह बस किसी को वहां से हटाने की कोशिश कर रहा था, और वे वहां से निकलना नहीं चाहते थे और उन्होंने उसे गोली मार दी।"
पटेल के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अलबामा फोरेंसिक लैब ले जाया गया। टस्कुम्बिया में 12 फरवरी को मॉरिसन फ्यूनरल होम में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
इस घटना को "हिंसा का संवेदनहीन कृत्य" बताते हुए एशियन अमेरिकन होटल ओनर्स एसोसिएशन (एएएचओए) ने गुरुवार को कहा कि देश के होटल मालिक "बेहद दुःखी, स्तब्ध और नाराज हैं"।
एएएचओए के अध्यक्ष भरत पटेल ने कहा, "हिंसा के संवेदनहीन कृत्यों के लिए हमारे समाजों में कोई जगह नहीं है, और प्रवीण के परिवार, जिसमें उनकी पत्नी, बच्चे और पोते-पोतियां शामिल हैं, के लिए हमारा दिल टूट रहा है।"
एएएचओए अलबामा के क्षेत्रीय निदेशक संजय एम. पटेल ने कहा कि मोटल मालिक ने शेफ़ील्ड शहर में एक ही व्यवसाय का स्वामित्व और संचालन करते हुए चार दशक से अधिक समय बिताया।
इस साल की शुरुआत में अमेरिका में भारतीय समुदाय से जुड़ी कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ सामने आई हैं।
केरल के रहने वाले एक भारतीय-अमेरिकी जोड़े और उनके चार वर्षीय जुड़वां बच्चे सोमवार को कैलिफोर्निया प्रांत के सैन मेटो में उनकी 21 लाख डॉलर की हवेली में मृत पाए गए।
पुलिस के अनुसार, 42 वर्षीय आनंद सुजीत हेनरी और उनकी 40 वर्षीय पत्नी ऐलिस प्रियंका को गोली लगने के घाव के साथ बाथरूम के अंदर पाया गया, जबकि उनके दो बेटे बेडरूम में पाए गए, हालाँकि उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं था।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि आनंद मेटा और गूगल में पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग मैनेजर थे और पत्नी एलिस एक वरिष्ठ विश्लेषक थीं।
(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 15 फरवरी । हमास की भ्रामक मांगों और नए प्रस्तावों की कमी को जिम्मेदार ठहराते हुए इजरायल ने काहिरा में मध्य पूर्व शांति वार्ता से खुद को अलग कर लिया है। इससे युद्ध समाप्त करने के लिए चल रही संघर्ष विराम वार्ता को गंभीर झटका लगा है।
इजरायली मीडिया आउटलेट्स ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट मेें कहा, ''गाजा में संघर्ष क्षेत्र में लड़ाई को समाप्त करने और शेष 100 से अधिक बंधकों को मुक्त कराने के उद्देश्य से की गई वार्ता में सफलता नहीं मिली, लेकिन इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा अपनी वार्ता टीम को वापस बुलाने का विकल्प चुनने से पहले इसे तीन दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया था।''
नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ''इजरायल को काहिरा में हमारे बंधकों की रिहाई पर हमास से कोई नया प्रस्ताव नहीं मिला।''
उन्होंने कहा, ''हमास के रुख में बदलाव से बातचीत आगे बढ़ सकेगी।''
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने एक वीडियो बयान भी जारी किया, इसमें कहा गया कि "मजबूत सैन्य दबाव और दृढ़ बातचीत" बंदियों को रिहा कराने की कुंजी है।''
हमास के वरिष्ठ अधिकारी ओसामा हमदान ने अमेरिका में एक प्रमुख समाचार मीडिया को बताते हुए नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि इजरायल का प्रस्ताव उन समझौतों से दूर है जिन पर पार्टियां पहले पहुंची थीं। बंधकों के परिवारों ने नेतन्याहू के फैसले को अपने प्रियजनों के लिए मौत की सजा बताया, जो 130 दिनों से अधिक समय से गाजा में आतंकवादियों के कब्जे में हैं।
यूएसए टुडे ने कहा, ''जिन मुद्दों के बारे में मीडिया का कहना है कि समझौते में बाधा आ रही है, उनमें युद्ध के बाद हमास को कुचलने और गाजा में सुरक्षा का प्रभारी बने रहने की इजरायल की प्रतिज्ञा शामिल है और हमास की स्थायी संघर्ष विराम और युद्धग्रस्त क्षेत्र से सभी इजरायली सैनिकों की वापसी की मांग है।''
मध्य पूर्व में नवीनतम घटनाक्रम:
विदेश विभाग ने वेस्ट बैंक में 17 वर्षीय फिलिस्तीनी अमेरिकी मोहम्मद अहमद खदौर की मौत की पुष्टि की है और जांच की मांग की है। वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि उसके सिर में गोली मारी गई थी। युद्ध शुरू होने के बाद से कब्जे वाले क्षेत्र में मारे जाने वाले वह दूसरे अमेरिकी नागरिक हैं।
यूएस सेंट्रल कमांड के अनुसार,अमेरिकी सेना ने हौथी विद्रोही समूह द्वारा नियंत्रित यमन के एक हिस्से में एक एंटी क्रूज़ मिसाइल पर हवाई हमला किया, जो महीनों से लाल सागर में वाणिज्यिक और नौसेना के जहाजों पर हमले कर रहा है।
गाजा में बंधक बनाए गए बंधकों के परिवार के सदस्य और पूर्व बंदी बुधवार को नीदरलैंड में कानूनी शिकायत दर्ज कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में हमास के नेताओं को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने की मांग कर रहे थे।
दावा किया जाता है कि 7 अक्टूबर को गाजा में 28,500 से अधिक लोग मारे गए हैं, इनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जब हमास ने इजरायल पर हमला कर लगभग 1,200 लोगों को मार डाला था और 240 से अधिक लोगों को बंधक बनाकर युद्ध शुरू कर दिया था।
इजरायली सेना ने एक्स पर कहा कि सुरंग सहित हमास के बुनियादी ढांचे पर हमला किया गया, लेकिन हमला कहां हुआ इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। इजरायल रक्षा बलों ने कहा कि इसमें कम से कम 10 आतंकवादी मारे गए।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हजारों फिलिस्तीनियों को अमेरिका से निर्वासन से बचाया गया। एक योजना के तहत अमेरिका में रहने वाले लगभग 6,000 फिलिस्तीनी 18 महीने तक निर्वासित नहीं किए जाएंगे। इसके लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन का धन्यवाद किया गया।
गौरतलब है कि डेफर्ड एनफोर्स्ड डिपार्चर नामक कार्यक्रम, संकटग्रस्त देशों के नागरिकों को अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति देता है।
(आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 15 फरवरी । एलन मस्क ने गुरुवार को कहा कि उनकी एयरोस्पेस कंपनी स्पेसएक्स ने अपना पंजीकरण राज्य डेलावेयर से टेक्सस स्थानांतरित कर दिया है।
मस्क ने एक्स पर पोस्ट किया, “स्पेसएक्स ने अपने पंजीकरण का राज्य डेलावेयर से टेक्सस में स्थानांतरित कर दिया है! यदि आपकी कंपनी अभी भी डेलावेयर में है, तो मैं जल्द से जल्द दूसरे राज्य में जाने की सलाह देता हूं।”
अरबपति ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की कि टेस्ला अपने कानूनी घर को अमेरिकी राज्य डेलावेयर से टेक्सस में बदलने के लिए एक शेयरधारक वोट कराने के लिए तुरंत कदम उठाएगी।
डेलावेयर में एक न्यायाधीश ने फैसला सुनाया था कि मस्क का 56 अरब डॉलर का वेतन पैकेज अनुचित है और टेस्ला बोर्ड को एक नया वेतन प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया था। इसके बाद कंपनी ने अपना पता बदला है।
उन्होंने एक्स पर एक सर्वेक्षण शुरू किया, जिसमें पूछा गया कि क्या टेस्ला को अपने पंजीकरण के राज्य को टेक्सस में बदलना चाहिए।
सर्वेक्षण में 11 लाख से अधिक वोट प्राप्त हुए, जिनमें से 87 प्रतिशत से अधिक ने प्रस्तावित कदम का समर्थन किया।
मस्क की ब्रेन-चिप इम्प्लांट कंपनी न्यूरालिंक ने भी अपना निगमन डेलावेयर से बदलकर नेवादा कर लिया है।
(आईएएनएस)
बीते दिनों फ्रांस, जर्मनी, स्पेन समेत यूरोप के 11 देशों में किसानों के विरोध प्रदर्शन देखने को मिले. लेकिन भारत में किसानों के प्रदर्शनों के प्रति सरकार के रवैये और यूरोप की सरकारों के रवैये में बहुत फर्क नजर आता है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए पंजाब से चले किसान अभी दिल्ली की सीमा तक पहुंच नहीं पाए हैं. पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच भारी संघर्ष जारी है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पुलिस ने वहां 12 परतों के बैरिकेड की व्यवस्था की हुई थी.
किसानों ने जब कुछ बैरिकेडों को तोड़ा, तो पुलिस ने उन पर वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़े. इस बार आंसू गैस छोड़ने के लिए ड्रोनों का इस्तेमाल भी किया गया. बाद में पुलिस ने रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल भी किया. इनसे कई किसानों के घायल होने की खबर है.
किसान अगर हरियाणा पार कर लेते हैं, तो दिल्ली की सीमाओं पर भी उन्हें रोकने के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. भारी संख्या में पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. सीमेंट के बड़े-बड़े बैरिकेड, जंजीरें, कंटीली तारें और नुकीले तीर लगाए गए हैं. 2020 की ही तरह के दृश्य दोहराए जा रहे हैं.
हालांकि इस समय भारत ऐसा अकेला देश नहीं है, जहां किसान विरोध प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे हों. यूरोप के कम-से-कम 11 देशों में किसान अलग-अलग सरकारी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, पोलैंड, बेल्जियम, नीदरलैंड्स समेत कई देश शामिल हैं.
क्या हुआ यूरोप में
फ्रांस के किसानों ने राजधानी पेरिस, तो जर्मन किसानों ने देश की राजधानी बर्लिन समेत कई शहरों में हाई-वे जाम किए. लेकिन भारत के मुकाबले इन देशों में किसान प्रदर्शनों के साथ शासन-प्रशासन के सलूक में बहुत अंतर दिखता है.
जर्मनी में किसानों की नाराजगी को देखते हुए सरकार ने बातचीत की मंशा दिखाई. कृषि मंत्री चेम ओजडेमिर खुद किसानों के प्रदर्शन में बातचीत करने गए. उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके बस में जो कुछ भी है, वो सब करेंगे. सरकार स्पष्ट कर रही है कि वो अपने फैसलों के प्रति अड़ियल नहीं है.
एक और महत्वपूर्ण पक्ष है, विरोध के अधिकार की स्वीकार्यता. किसान ट्रैक्टर लेकर बर्लिन पहुंचेंगे, प्रदर्शन करेंगे, ये बात पता होने पर भी उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की गई. पुलिस-प्रशासन की ओर से यह अपील की गई कि किसान मोटर लेनों को बाधित ना करें. लेकिन इन अपीलों के इतर किसानों की मूवमेंट रोकने या जबरन प्रदर्शन रुकवाने का रुझान नहीं दिखा. जबकि ऐसा नहीं कि प्रदर्शनों के कारण आम जनजीवन प्रभावित ना हुआ हो.
भारत में कई बार विरोध प्रदर्शन करने वालों पर विदेशी फंडिंग लेने या देश-विरोधी होने का इल्जाम लगा दिया जाता है. कई बार ये दोषारोपण बहुत हल्के अंदाज में किया जाता है, जिनमें ठोस आधारों की कमी दिखती है.
विरोध का दमन
जर्मनी में भी यह आशंका जताई गई कि धुर-दक्षिणपंथी तत्व किसान आंदोलन के बहाने अपना अजेंडा भुना सकते हैं. थुरिंजिया राज्य में "ऑफिस फॉर दी प्रॉटेक्शन ऑफ दी कॉन्स्टिट्यूशन" के प्रमुख स्टेफान क्रामर ने ऐसी आशंका जताते हुए साफ कहा कि दक्षिणपंथी चरमपंथी लोग किसानों के प्रदर्शनों का इस्तेमाल करने की कोशिश कर सकते हैं. लेकिन इन आशंकाओं के आधार पर प्रदर्शनों को खारिज करने या उन्हें ना होने देने की कार्रवाई नहीं की गई.
भारत में ठीक इसके उलट हो रहा है. बल्कि 2020-21 में जो हुआ वही सब दोबारा होता हुआ नजर आ रहा है. उस समय भी किसान इसी तरह आक्रोश में थे. उन्हें रोकने के लिए पहली बार दिल्ली की सीमाओं को एक तरह के युद्धक्षेत्र में बदल दिया गया.
किसान महीनों तक सीमाओं पर ही डटे रहे. कठोर मौसम और पुलिस के साथ संघर्ष में लगी चोटों की वजह से कई किसानों की जान तक चली गई. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तो इन किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए पदयात्रा निकाल रहे कुछ किसानों पर गाड़ियां चलवा दी गईं. इतना सब होने के बाद अंत में सरकार को किसानों की बात माननी पड़ी. (dw.com)
अमेरिका के उत्तर कैरोलाइना प्रांत में पहाड़ियों के बीच बने एक मछलीघर में रहने वाली स्टिंग रे मछली बच्चे देने वाली है. लेकिन वह कभी किसी नर मछली के संपर्क में नहीं आई है.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
हल्के भूरे रंग की शार्लोट का आकार एक बड़ी प्लेट जितना है. इस गोल स्टिंग रे मछली ने अपना अधिकतर जीवन अपालचियान पहाड़ियों के मछलीघर में बिताया है.
उसका कुदरती आवास 3,700 किलोमीटर दूर दक्षिणी कैरोलाइना के समुद्र में है. लेकिन वह उत्तरी कैरोलाइना में अकेली ही रही है. आठ साल में उसने कभी किसी नर मछली के साथ समय नहीं बिताया है. इसलिए जब वह मोटी होने लगी तो विशेषज्ञों को लगा कि उसके पेट में ट्यूमर है. पर वे गलत थे.
मछलीघर मालिक का कहना है कि शार्लोट गर्भ से है. अल्ट्रासाउंड में इस बात का पता चला है और अगले दो हफ्ते में वह चार बच्चे देने वाली है.
हेंडरसनविल कस्बे में एक्वेरियम एंड शार्क लैब की निदेशक ब्रेंडा रामेर ने पत्रकारों को शार्लोट से मिलवाते हुए कहा, "ये रही हमारी प्यारी जो कह रही है, हैपी वैलंटाइंस डे, चलो कुछ बच्चे पैदा करें.”
जिस टैंक में शार्लोट रहती है, उसमें पांच छोटी शार्क मछलियां भी हैं. इसलिए जब शार्लोट के गर्भवती होने की खबर बाहर आई तो यह अफवाह फैल गई कि वह किसी शार्क मछली के कारण गर्भवती हुई है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि रामेर ने मजाक में यह बात कह दी थी. लेकिन कुछ स्थानीय मीडिया चैनल इस खबर को चलाने लगे.
विज्ञान कहता है कि ऐसा असंभव है. स्टिंग मछलियों के एक विशेषज्ञ ने कहा किसी स्टिंग रे मछली के लिए शार्क मछली से यौन संबंध बनाना संभव ही नहीं है.
कई जीवों में होता है ऐसा
इस मछलीघर की देखभाल टीम एको नाम की एक गैरसरकारी संस्था करती है. इसका मकसद स्थानीय स्कूली बच्चों और जलीय-जीवन में रुचि रखने वाले लोगों की विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाना है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पारथेनोजेनेसिस प्रक्रिया का मामला है. यह एक तरह की पुनरोत्पादन प्रक्रिया है जिसमें कुछ मादाएं बिना नर से संबंध बनाए भी गर्भवती हो जाती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जन्म के वक्त उनके भीतर कोई अंडा रह जाता है.
यह एक बेहद दुर्लभ प्रक्रिया है. कुछ कीट-पतंगों, मछलियों, पक्षियों और उभयचारी जीवों में ऐसे मामले मिलते हैं. लेकिन स्तनधारियों में ऐसे मामले नहीं होते.
कोस्टा रिका में एक मादा मगरमच्छ ने 2018 में इसी प्रक्रिया के तहत अंडे दिये थे. हालांकि मगरमच्छों में मादाएं ऐसे अंडे देती हैं जिनमें से बच्चे नहीं निकलते, लेकिन इस मगरमच्छ के दिये अंडे सामान्य लग रहे थे.
और कमाल तब हुआ जब उनमें से एक ने इनक्यूबेटर में बढ़ना शुरू कर दिया. हालांकि यह अंडा भी पूरी तरह परिपक्व नहीं हो पाया लेकिन उसके अंदर से एक अधूरा तैयार मगरमच्छ का बच्चा निकला.
वैज्ञानिक कहते हैं कि बहुत संभव हो पेट्रोसॉर्स और डायनोसोर्स में भी ऐसा ही हुआ होगा. वैसे वर्जिन बर्थ से पैदा हुए बच्चों के बचने की संभावना कम ही होती है. डॉ. बूथ कहते हैं कि कुछ बच्चे वयस्क हो जाते हैं लेकिन वे सबसे स्वस्थ जीव नहीं होते.
वर्जिन बर्थ
स्टिंग रे में ऐसा होने का शायद यह पहला मामला है. अटलांटा स्थित जॉर्जिया एक्वेरियम में रिसर्च साइंटिस्ट कैडी लियोन्स कहती हैं कि शार्लोट की प्रेग्नेंसी इस प्रजाति में संभवतया ऐसा पहला मामला है.
लेकिन लियोन्स के मुताबिक यह कोई हैरतअंगेज बात नहीं है क्योंकि शार्क, स्केट्स और अन्य रे मछलियों में ऐसा हो चुका है. वह कहती हैं, "मैं बिल्कुल हैरान नहीं हूं क्योंकि कुदरत ऐसा करने के जरिये खोज ही लेती है.”
इस प्रक्रिया को वर्जिन बर्थ भी कहा जाता है. वर्जिन बर्थ यानी बिना नर और मादा के संभोग के बच्चे का पैदा होना एक अनूठी कुदरती प्रक्रिया है. इसमें मादा के शरीर में अंड-कोशिकाएं तैयार होती हैं. इनमें लगातार विभाजन होता रहता है और यह तब तक जारी रहता है जब तक कि एक बच्चे के लिए जरूरी कुल जीन्स में से आधे तैयार नहीं हो जाते.
इसके साथ ही कुछ सह-उत्पाद भी तैयार होते हैं जो तीन कोशिकीय हिस्सों होते हैं जिनमें क्रोमोसोम होते हैं. इन्हें पोलर बॉडीज कहा जाता है.
आमतौर पर ये पोलर बॉडी अलग हो जाते हैं लेकिन कभी कभार ऐसा होता है कि इन तीन में से एक पोलर बॉडी अंडे के साथ मिल जाता है और उसे एक बच्चे के पूरा होने के लिए जरूरी क्रोमोसोम उपलब्ध करा देता है. लियोन्स कहती हैं, "हमें नहीं पता कि ऐसा क्यों होता है. यह एक अद्भुत प्रक्रिया है.”
(एपी)
शिकागो, 15 फरवरी । अमेरिकी राज्य मिसौरी के कैनसस सिटी में कैनसस सिटी चीफ्स की सुपर बाउल विजय परेड के दौरान हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन लोग घायल हो गए। कैनसस सिटी मिसौरी की प्रमुख स्टेसी ग्रेव्स ने प्रेस से बात करते हुए यह जानकारी दी।
कैनसस सिटी पुलिस विभाग ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "यूनियन स्टेशन के आसपास गोलियां चलाई गई हैं। कृपया क्षेत्र छोड़ दें।"
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कैनसस सिटी पुलिस विभाग के प्रवक्ता जेक बेचिना के हवाले से बताया कि पुलिस ने पूछताछ के लिए दो हथियारबंद लोगों को हिरासत में लिया है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कैनसस की गवर्नर लौरा केली ने एक्स पर पोस्ट किया कि उन्होंने सभी को पुलिस के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
(आईएएनएस)