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नई दिल्ली, 13 जुलाई। सूरत नगर निगम ने कपड़ा व्यापारियों को अपनी दुकानें खोलते वक्त वंदे मातरम और बंद करने के दौरान राष्ट्रगान गाने के लिए कहा है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीते शनिवार को जारी दिशानिर्देशों में एसएससी ने ये बातें कही हैं. कोविड-19 के कारण बंद किए गए शहर के कपड़ा व्यापार मार्केट को फिर खोलने की इजाजत दी गई है.
कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में लगे सूरत नगर निगम द्वारा इन निर्देशों में यह भी कहा गया है कर्मचारी और कामगार अपने काम के दौरान प्रेरक नारे जैसे कि ‘हारेगा कोरोना, जीतेगा सूरत’ और ‘एक लक्ष्य हमारा है, कोरोना को हराना है’ गाना जारी रखेंगे.
व्यापारियों से यह भी कहा गया है कि वे शपथ लेंगे कि ‘मैं महामारी रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी सभी निर्देशों का पालन करूंगा और सभी सुरक्षा उपायों का पालन करूंगा और महामारी को फैलने से रोकने के लिए अपने स्तर पर सभी जरूरी चीजें करूंगा.’
राज्य के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण) जयंती रवि, एसएमसी अधिकारियों और फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (एफओएसटीटीए) के सदस्यों के साथ बैठक के बाद दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
सूरत के नगर आयुक्त बीएन पाणी ने कहा, ‘दुकानें खोलते समय ‘वंदे मातरम’ और दुकानें बंद करते समय ‘जन गण मन’ गाना राष्ट्रीय एकता बनाने और कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एक युद्ध घोष करने के लिए है.’
सूरत देश में मैन मेड फाइबर (एमएमएफ) का केंद्र है. यहां पर लगभग 170 कपड़ा व्यापार बाजार हैं, जिसमें 65,000 से अधिक दुकानें हैं.
दिशानिर्देशों के कड़ाई से पालन के साथ कपड़ा बाजार सोमवार से सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ऑड-इवन तरीके से खुलेगा.
सूरत शहर में अब तक 6,727 कोरोना पॉजिटिव मामलेसामने आए हैं और 267 मौतें हुई हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 600 से अधिक हीरा पॉलिश करने वाले और 300 से अधिक कपड़ा व्यापारी कोरोना से संक्रमित हुए हैं.(thewire)
छग सशस्त्र बल के 2 जवान, 2 स्वास्थ्य कार्यकर्ता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 13 जुलाई। जिले में आज फिर 15 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। जिसमें 2 जवान छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल अमलेश्वर बटालियन से हैं। दो पाटन के सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी संक्रमित पाए गए हैं।
जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि आज दोपहर प्राप्त रिपोर्ट में कुल 15 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। जिसमें से 2 जवान छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल अमलेश्वर बटालियन से हैं। दो पाटन के सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता जिसमें एक महिला एवं पुरुष शामिल हैं। इसके अलावा पाटन से ही एक मेडिकल स्टोर संचालक भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
इसके अलावा वैशाली नगर से एक महिला मरीज संक्रमित हैं। जबकि ग्राम बोरी गारका निकुम से एक महिला एवं 2 पुरुष संक्रमित पाए गए हैं। इसी प्रकार से ग्राम उतई दुर्ग से दो पुरुष की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। ग्राम पंच देवरी कुम्हारी निवासी महिला की भी रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई है।
इसी प्रकार से दुर्ग के ग्राम मटरा पाटन की रहने वाली एक महिला की रिपोर्ट कोरोना संक्रमित आई है। ग्राम जांजगीरी की महिला के कोरोना संक्रमण की पुष्टि की गई है एक अन्य महिला के पॉजिटिव होना बताया गया है आज मिले 15 मरीजों में अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों से हैं शहरी क्षेत्र से केवल एक महिला मरीज व वैशाली नगर से है सर्वाधिक 6 मरीज पाटन क्षेत्र से हैं।
3 महिला समेत 12 विधायक लेंगे शपथ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जुलाई। प्रदेश में करीब डेढ़ साल बाद संसदीय सचिवों की नियुक्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कल शाम 4 बजे 12 विधायकों को संसदीय सचिवों की शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह यहां मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित किया गया है। चर्चा है कि 3 महिला विधायक भी संसदीय सचिव बनाए जा रहे हैं।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार करीब डेढ़ साल से चल रही है, लेकिन यहां संसदीय सचिवों की नियुक्ति नहीं हो पाई थी। जबकि विधायकों और कांग्रेस नेताओं की यह लगातार मांग बनी हुई थी। उनकी इस संबंध में पार्टी के बड़े नेताओं के बीच भी चर्चा चलती रही। अब यह साफ होने लगा है कि कल प्रदेश में संसदीय सचिवों की नियुक्ति हो जाएगी। संसदीय सचिवों के लिए कुछ विधायकों के नाम भी सामने आने लगे हैं।
शपथ लेने वाले संसदीय सचिवों में द्वारिकाधीश यादव, विनोद सेवनलाल चंद्राकर, चन्द्रदेव राय, सुश्री शकुन्तला साहू, विकास उपाध्याय, श्रीमती अंबिका सिंहदेव, चिंतामणी महाराज, यू.डी. मिंज, पारसनाथ राजवाड़े, इंदरशाह मण्डावी, कुंवरसिंह निषाद, गुरूदयाल सिंह बंजारे, डॉ. रश्मि आशीष सिंह, शिशुपाल सोरी और रेखचंद जैन शामिल है।
‘कंटेनमेंट जोन के आसपास जांच बढ़ाएं’
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जुलाई। सांसद सुनील सोनी ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार को कोई ठोस कदम उठानी चाहिए। खासकर कंटेनमेंट जोन-आसपास लॉकडाउन कर वहां कोरोना जांच बढ़ायी जाए।
सांसद श्री सोनी ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राजधानी रायपुर के 70 में से 60 वार्ड कोरोना से प्रभावित हो चुके हैं। इन वार्डों में नए-नए मरीजों के साथ कई जगहों पर कंटेनमेंट जोन बन गए हैं। इसी तरह प्रदेश के सभी 28 जिलों में भी कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। रायपुर समेत कुछ जिले ऐसे हैं, जहां आए दिन नए-नए मरीज सामने आ रहे हैं। इसमें डॉक्टर, नर्स, पुलिस के साथ अलग-अलग वर्ग के लोग संक्रमित मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले उनका पीएसओ पॉजिटिव मिला था। अब उनका ड्राइवर पॉजिटिव मिला है, लेकिन वे खुद बच गए हैं। इसकी वजह कोरोना गाइड लाइन का पालन है। वे लगातार मास्क लगाकर सामाजिक दूरी के साथ चल रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां कोरोना केसेस ज्यादा हैं, वहां राज्य सरकार लॉकडाउन करें। नियमों का पालन न करने वालों पर वहां सख्ती बरतें। जहां कोरोना केसेस कम हैं, वहां मास्क लगाने और सामाजिक दूरी बनाने पर पूरी तरह से जोर दें, तब जाकर हम कोरोना को हरा पाएंगे।
सांसद श्री सोनी ने कहा कि प्रदेश में हर रोज दर्जनों कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। इसके बाद भी लोग सावधानी बरतने के बजाय सडक़ों पर बिना मास्क पहने चल रहे हैं। कोई सामाजिक दूरी भी नहीं बना रहे हैं। उनकी इस लापरवाही का नतीजा है कि बड़ी संख्या में लोग संक्रमित मिल रहे हैं। उनकी यह लापरवाही घातक है। ऐसे में कोरोना गाइड लाइन का कड़ाई से पालन कराया जाए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भैयाथान, 13 जुलाई। सूरजपुर जिले के विकासखंड भैयाथान के ग्राम पंचायत गोविंदगढ़ में आज दोपहर बैल चराने के दौरान आकाशीय बिजली से एक नाबालिग की मौत हो गई जबकि 2 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैयाथान लाया गया।
जानकारी के अनुसार आज दोपहर 1 बजे गाज से गोविंदगढ़ निवासी आकाश सिंह (14) की मौत मौके पर ही हो गई जबकि शिवमंगल सिंह (35) व अशोक सिंह (16) घायल हो गए जिनको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैयाथान लाया गया जहां उपचार जारी है। आज दोपहर क्षेत्र में तेज बारिस के साथ आकाशीय बिजली गिरी है। वहीं प्रत्यदर्शियों के अनुसार सभी लोग गोविंदगढ़ के बांध के नीचे छुरीडांड में बैल चरा रहे थे। इसी दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक की मौत हो गई जबकि दो लोग घायल हो गए।
‘छत्तीसगढ़’ न्यूज डेस्क
कांग्रेस राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता पी.एल. पुनिया से आज ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर प्रतिक्रिया पूछी गई, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सचिन पायलट अब भाजपा में है। बाद में उन्होंने कहा एक वीडियो स्टेटमेन जारी करके यह स्पष्ट किया कि आज सुबह मीडिया ने सवाल किया कि सिंधियाजी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी में सचिन पायलट की उपेक्षा हो रही है। इसके जवाब में मैंने सिंधियाजी के बारे में ही कहा था कि वे भाजपा में हैं, अब उनसे हमें सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। श्री पुनिया ने कहा कि गलती से सिंधियाजी के बजाय सचिन पायलट का नाम ले लिया गया, और मुझे भी यह अहसास नहीं हुआ कि मुझसे गलती हुई है। वास्तव में मैंने सिंधियाजी के बारे में कहा था, सचिन पायलट के बारे में नहीं। मुझे इस बात का अहसास है कि सचिन पायलटजी ने स्पष्ट रूप से बयान दिया है कि वे भारतीय जनता पार्टी में नहीं जा रहे।
अनंतनाग, 13 जुलाई। दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार को घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये और एक महिला घायल हो गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आज तडक़े खुफिया सूचना मिलने के बाद राष्ट्रीय राइफल्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने अनतंनाग के सरीगुफवाड़ा में संयुक्त अभियान शुरू किया। इस दौरान सुरक्षा बलों ने इलाके से बाहर निकलने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया और घर-घर जाकार तलाशी लेनी शुरू की। सुरक्षा बल के जवान जब एक मकान की ओर से बढ़ रहे थे, तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने भी गोलियां चलायी।
सूत्रों ने बताया सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी। गोलीबारी में एक महिला अरिफा घायल हो गयी , जिसे अस्पताल ले जाया गया है। आसपास के घरों से लोगों को बचा कर सुरक्षित पर ले जाया गया है। आसपास के गांवों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों और पुलिस को तैनात कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि अभी तक मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए और घटनास्थल से दो एके-47 राइफल्स बरामद की गयी है। आसपास के गांवों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों और पुलिस को तैनात कर दिया गया है।
अंतिम रिपोर्ट मिलने तक अभियान जारी था।
इस दौरान किसी भी तरह की अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड सहित अन्य सभी सेल्यूलर कंपनियों के इंटरनेट सेवा को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है। (वार्ता)
सुनील सोनी के ड्राइवर, पीएचक्यू के दो जवान भी संक्रमित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जुलाई। रायपुर जिले में कोरोना संक्रमण बढऩे के साथ ही आज दोपहर 67 नए पॉजिटिव मिले हैं। कल यहां 96 पॉजिटिव मिले थे। इस तरह दो दिन में रायपुर जिले में 163 नए पॉजिटिव सामने आए हैं और यह जिला एक तरह से हॉटस्पॉट माना जा रहा है। ये सभी मरीज अस्पताल में भर्ती किए जा रहे हैं। वहीं उनके आसपास संपर्क में आने वालों की पहचान की जा रही है।
रायपुर जिले में बीती रात तक 737 कोरोना मरीज रहे। आज दोपहर 67 नए मरीजों के साथ इनकी संख्या बढक़र 801 हो गई है। इसमें एक्टिव 375 से बढक़र अब 442 हो गए हैं और 359 ठीक होकर अपने घर लौट गए हैं। आज मिले कोरोना मरीजों में सांसद सुनील सोनी का ड्राइवर, बैंककर्मी, हेल्थकेयर वर्कर, पीएचक्यू के दो जवान समेत अलग-अलग वर्ग के लोग शामिल हैं।
जिला स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि जिले में कोरोना संक्रमण बढऩे के साथ ही उसके जांच का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। खासकर पहले आए कोरोना मरीजों के प्राइमरी कॉन्टेक्ट वालों की जांच की जा रही है। जांच में पहले पॉजिटिव आए मरीजों के संपर्क वाले अब पॉजिटिव मिल रहे हैं। उनका कहना है कि कहीं-कहीं पर कोरोना की रैडंम जांच भी चल रही है। उनका मानना है कि राजधानी रायपुर समेत जिले में और भी कोरोना मरीज मिल सकते हैं।
तुर्की, 13 जुलाई। पोप फ्रांसिस ने कहा है कि इस्तांबुल के हागिया सोफिया को वापस मस्जिद में बदलने के तुर्की सरकार के फैसले से उन्हें दुख पहुँचा है। वेटिकन में एक सभा में बोलते हुए, रोमन कैथलिक गुरु पोप फ्रांसिस ने यह बयान दिया।
हागिया सोफिया का लगभग 1,500 साल पहले एक ईसाई चर्च के रूप में निर्माण हुआ था और 1453 में इस्लाम को मानने वाले ऑटोमन साम्राज्य ने विजय के बाद इसे एक मस्जिद में बदल दिया था।
यूनेस्को वल्र्ड हैरिटेज साइट - हागिया सोफिया को 1934 में आधुनिक तुर्की के निर्माता कहे जाने वाले मुस्तफ़ा कमाल पाशा ने देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित करने के बाद, मस्जिद से म्यूजिय़म में तब्दील कर दिया था। लेकिन पिछले सप्ताह तुर्की की एक अदालत ने हागिया सोफिय़ा के संग्रहालय की स्थिति को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि मस्जिद के अलावा किसी अन्य चीज़ के रूप में इसका उपयोग क़ानूनन संभव नहीं था।
पोप फ्रांसिस इस बदलाव पर बहुत ज़्यादा नहीं बोले। उन्होंने अपने शब्दों को सीमित रखते हुए कहा, मैं इस्तांबुल के बारे में सोच रहा हूँ। मैं सेंटा सोफिया के बारे में सोच रहा हूँ और मुझे बहुत दुख पहुँचा है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा कि हागिया सोफिया में 24 जुलाई को पहली नमाज पढ़ी जाएगी। हालांकि, हागिया सोफिया को मस्जिद में बदलने की घोषणा के कुछ समय बाद ही वहाँ से अजान सुनाई दी और तुर्की के तमाम मुख्य चैनलों पर इसे प्रसारित किया गया। हागिया सोफिया का सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद कर दिया गया है।
तुर्की में कट्टर इस्लामवादी लंबे समय से हागिया सोफिया को मस्जिद में तब्दील करने की वकालत करते आए हैं जबकि तुर्की की सेक्युलर जमात हमेशा से इसके खिलाफ रही है।
अपने फैसले का बचाव करने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा है कि तुर्की सरकार ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर यह निर्णय लिया है और यह इमारत आगे भी मुस्लिम, गैर-मुस्लिम और अन्य विदेशी यात्रियों के लिए हमेशा की तरह खुली रहेगी।
हमारी आवाजों को सुना नहीं गया
पोप फ्रांसिस दुनिया के उन बड़े धार्मिक और राजनीतिक नेताओं में से एक हैं जिन्होंने तुर्की के इस निर्णय की निंदा की है।
वल्र्ड काउंसिल ऑफ चर्च ने तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन से यह निर्णय पलटने की गुजारिश की है। रूस में स्थित चर्च, जो दुनिया के सबसे बड़े रूढि़वादी ईसाई समुदाय का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, उसने तुरंत खेद व्यक्त किया था कि तुर्की की अदालत ने हागिया सोफिय़ा पर आदेश देते समय उनके पक्ष का जऱा भी ध्यान नहीं रखा।
ग्रीस ने भी इसकी आलोचना की है। साथ ही यूनेस्को ने कहा है कि वल्र्ड हैरिटेज कमेटी अब इस इमारत की स्थिति की समीक्षा करेगी।
तुर्की के मशहूर लेखक और नोबेल विजेता ओरहान पामुक ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि इस निर्णय के बाद कुछ तुर्क लोगों से उनका गौरव छिन जाएगा जो अब तक कहते रहे कि तुर्की एक सेक्युलर मुल्क़ है।
उन्होंने कहा, मेरे जैसे लाखों तुर्क मुसलमान हैं जो इस निर्णय के बिल्कुल खिलाफ हैं, लेकिन हमारी आवाजों को सुना ही नहीं गया।
हागिया सोफिय़ा - क्या है इतिहास?
गुम्बदों वाली यह ऐतिहासिक इमारत इस्तांबूल में बास्फोरस नदी के पश्चिमी किनारे पर है।
बास्फोरस वह नदी है जो एशिया और यूरोप की सीमा तय करती है, इस नदी के पूर्व की तरफ एशिया और पश्चिम की ओर यूरोप है।
सम्राट जस्टिनियन ने सन 532 में एक भव्य चर्च के निर्माण का आदेश दिया था। उन दिनों इस्तांबुल को कॉन्सटेनटिनोपोल या कस्तुनतुनिया के नाम से जाना जाता था।
यह बाइज़ैन्टाइन साम्राज्य की राजधानी था जिसे पूरब का रोमन साम्राज्य भी कहा जाता था। इस शानदार इमारत को बनाने के लिए दूर-दूर से निर्माण सामग्री और इंजीनियर लगाए गए थे। यह तुर्की के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
यह चर्च पाँच साल में बनकर 537 में पूरा हुआ। यह ऑर्थोडॉक्स इसाइयत को मानने वालों का अहम केंद्र तो बन ही गया, बाइज़ैन्टाइन साम्राज्य की ताक़त का भी प्रतीक बन गया। राज्यभिषेक जैसे अहम समारोह इसी चर्च में होते रहे।
हागिया सोफिया जिसका मतलब है पवित्र विवेक, करीब 900 साल तक ईस्टर्न ऑर्थोडॉक्स चर्च का मुख्यालय रही। लेकिन इसे लेकर विवाद सिफऱ् मुसलमानों और ईसाइयों में ही नहीं है। 13वीं सदी में इसे यूरोपीय ईसाई हमलावरों ने बुरी तरह तबाह करके कुछ समय के लिए कैथोलिक चर्च बना दिया था।
1453 में इस्लाम को मानने वाले ऑटोमन साम्राज्य के सुल्तान मेहमद द्वितीय ने कस्तुनतुनिया पर कब्ज़ा कर लिया, उसका नाम बदलकर इस्तांबुल कर दिया, और इस तरह बाइज़ैन्टाइन साम्राज्य का खात्मा हमेशा के लिए हो गया।
सुल्तान मेहमद ने आदेश दिया कि हागिया सोफिय़ा की मरम्मत की जाए और उसे एक मस्जिद में तब्दील कर दिया जाए। इसमें पहली जुमे की नमाज में सुल्तान ख़ुद शामिल हुए। ऑटोमन साम्राज्य को सल्तनत-ए-उस्मानिया भी कहा जाता है।
इस्लामी वास्तुकारों ने ईसाइयत की ज़्यादातर निशानियों को तोड़ दिया या फिर उनके ऊपर प्लास्टर की परत चढ़ा दी।
पहले यह सिफऱ् एक गुंबद वाली इमारत थी लेकिन इस्लामी शैली की छह मीनारें भी इसके बाहर खड़ी कर दी गईं।
17वीं सदी में बनी तुर्की की मशहूर नीली मस्जिद सहित दुनिया की कई मशहूर इमारतों के डिजाइन की प्रेरणा हागिया सोफिया को ही बताया जाता है।
पहले विश्व युद्ध में ऑटोमन साम्राज्य को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा और साम्राज्य को विजेताओं ने कई टुकड़ों में बाँट दिया। मौजूदा तुर्की उसी ध्वस्त ऑटोमन साम्राज्य की नींव पर खड़ा है।
आधुनिक तुर्की के निर्माता कहे जाने वाले मुस्तफ़ा कमाल पाशा ने देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया और इसी सिलसिले में हागिया सोफिया को मस्जिद से म्यूजियम में बदल दिया।
साल 1935 में इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया तब से यह दुनिया के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक रहा है।
करीब डेढ़ हजार साल के इतिहास की वजह से तुर्की ही नहीं, उसके बाहर के लोगों के लिए भी हागिया सोफिय़ा बहुत अहमियत रखता है। ख़ासतौर पर ग्रीस के ईसाइयों और दुनिया भर के मुसलमानो के लिए।
तुर्की में 1934 में बने क़ानून के खिलाफ लगातार प्रदर्शन होते रहे हैं जिसके तहत हागिया सोफिया में नमाज पढऩे या किसी अन्य धार्मिक आयोजन पर अब तक पाबंदी थी। (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जुलाई। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस कर छत्तीसगढ़ के पार्टी के सांसदों से रूबरू हुए। चर्चा के दौरान केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह पर जिलों की बैठक नहीं लेने पर जमकर नाराजगी दिखाई।
केन्द्र सरकार की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने के पार्टी के अभियान की समीक्षा के दौरान श्री नड्डा ने केन्द्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह परअभी तक जिलों की बैठक तक नहीं लेने पर नाराजगी जताई। रेणुका सिंह ने सफाई देने की कोशिश की कि बेटी की शादी की व्यस्तता की वजह से बैठक नहीं ले पाई।
इससे श्री नड्डा सहमत नहीं हुए। उन्होंने यहां तक कहा कि लगता है आप पार्टी कार्यक्रमों को गंभीरता से नहीं ले रही हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में पार्टी की सरकार नहीं है और आप इस राज्य से केंद्र में एकमात्र मंत्री हैं। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी ज्यादा है।
श्री नड्डा ने कांकेर सांसद मोहन मंडावी से आदिवासी इलाकों में सरकारी योजनाओं का हाल जाना। उन्होंने बाकी सांसदों से केन्द्रीय योजनाओं को घर-घर पहुंचाने के कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की। वीडियो कांफे्रंस में सभी सांसदों के अलावा राज्यसभा सदस्य सुश्री सरोज पांडेय और रामविचार नेताम भी जुड़े थे।
जयपुर, 13 जुलाई (भाषा)। राजस्थान में चल रही सियासी धक्कामुक्की के बीच बड़ी संख्या में कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे। विधायक दल की बैठक सुबह 10.30 पर होनी थी लेकिन यह दोपहर 12 बजे के बाद शुरू हुई। यहां सीएम गहलोत का समर्थन करने के लिए कांग्रेस के विधायकों के साथ केंद्रीय नेतृत्व द्वारा भेजे गए कांग्रेस के नेता भी नजर आए। सभी नेताओं ने वहां मीडिया की तरफ विजयी मुद्रा में इशारा किया। कांग्रेस लगातार इस बात का दावा कर रही है कि राजस्थान में गहलोत सरकार को कोई खतरा नहीं है। इसे सीएम गहलोत का पायलट के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।
राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इससे पहले कहा कि गहलोत सरकार के पास जादुई आंकड़ा मौजूद है। राज्य सरकार कहीं नहीं जाएगी। पार्टी नेताओं के मुताबिक विधायक दल की बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस के साथ साथ बीटीपी के दो, माकपा के एक, राष्ट्रीय लोकदल के एक विधायक सहित अनेक निर्दलीय विधायक पहुंचे हैं।
काठमांडू, 13 जुलाई। नेपाल के विभिन्न हिस्सों में पिछले चार दिनों में बाढ़ और भूस्खलन में 61 लोग मारे गए हैं जबकि 41 लोग लापता हो गए हैं। पश्चिमी नेपाल का मायागड़ी जिला 27 मौतों से सबसे ज्यादा प्रभावित है। लापता लोगों को खोजने के लिए अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के साथ खोज और बचाव अभियान जारी है। जिले में सैकड़ों लोग विस्थापित हुए हैं क्योंकि भूस्खलन से उनके घर बह गए हैं। उन्होंने अब स्थानीय स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में शरण ली है।
मंसुवा बीके, जिन्होंने अब माईगाड़ी जिले के बिम में एक स्थानीय स्कूल में शरण ले रखी है, उन्होंने एएनआई को बताया कि मेरा बच्चा अभी छह महीने का है। हम स्कूल में शरण ले रहे हैं। मेरे परिवार में मेरा बच्चा और मैं ही बचे हैं। मैंने उसे अपने हाथों में पकड़ लिया और फिर भूस्खलन से मेरा घर बह गया।
भूस्खलन से प्रभावित मायागड़ी के धौलागिरि ग्राम परिषद के ग्राम परिषद अध्यक्ष थमसरा पुन ने कहा, पहले चरण में हमने घायलों को बचाया जो पूरा होने में हमें लगभग 30-35 घंटे लगे। अब हम लापता लोगों के लिए अपना खोज अभियान जारी रख रहे हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे मलबे में दबे हुए हैं।... और जो मृत हैं उनकी पहचान और उनके दाह संस्कार की भी व्यवस्था कर रहे हैं। स्थानीय निकाय प्रतिनिधि ने कहा कि हमारे दो वार्ड भूस्खलन के कारण पूरी तरह से बह गए हैं।
मानसून के मौसम में हिमालय राष्ट्र में भूस्खलन और बाढ़ एक आम घटना है। 12 जुलाई तक, लगभग एक हजार लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं और आस-पास के स्कूलों में शरण ली है और दानदाताओं के समर्थन पर भरोसा कर रहे हैं।
मायागड़ी जिले के मुख्य जिला अधिकारी ज्ञाननाथ ढकाल ने एएनआई को बताया, उस क्षेत्र में अब कोई भी असहाय नहीं है - वे सभी स्कूलों और सामुदायिक भवनों में स्थानांतरित कर दिए गए हैं। 70-80 सुरक्षाकर्मियों को लेकर तलाशी अभियान जारी है और यह समाप्ति की ओर है और राहत प्रदान करने का काम भी शुरू हो गया है।
इस सप्ताह के शुरू में नेपाल के मौसम पूर्वानुमान विभाग ने देश भर में इस सप्ताह के पहले तीन दिनों के लिए भारी भारिश की भविष्यवाणी की थी। बुलेटिन में डिवीजन ने तराई बेल्ट में कम दबाव की रेखा के पास मानसून होने की चेतावनी दी थी, जिसके परिणामस्वरूप वर्षा होनी की बात कही गई। (jagran)
मौतें-19, एक्टिव-909, डिस्चार्ज-3153
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 जुलाई। प्रदेश में कोरोना मरीज 4 हजार से पार हो चुके हैं। बीती रात मिले 150 नए पॉजिटिव के साथ प्रदेश में कोरोना मरीज बढक़र 4 हजार 81 हो गए हैं। इसमें 19 की मौत हो चुकी है। 909 एक्टिव हैं, जो एम्स समेत अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं 3 हजार 153 मरीज ठीक होकर अपने घर भी लौट चुके हैं, सैंपलों की जांच जारी है।
प्रदेश में कोरोना मरीज बढऩे के साथ ही मौतें भी जारी है। कल दुर्ग और रायपुर अंबेडकर अस्पताल में एक-एक कोरोना मरीज की मौत हो गई। दुर्ग का मरीज कोरोना के साथ सेप्टिक शॉक व अन्य बीमारियों से पीडि़त था। वहीं रायपुर का 41वर्षीय मरीज हृदयाघात के साथ कोरोना से संक्रमित था। प्रदेश में सिर्फ
कोरोना से 6 एवं कोरोना के साथ अन्य बीमारियों से 13 मौत हो चुकी है। अस्पतालों में भर्ती कुछ और मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
राजधानी रायपुर समेत प्रदेश में कोरोना मरीज अब तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं। बीती रात प्रदेश में एक साथ 150 नए पॉजिटिव पाए गए। इसमें अकेले रायपुर जिले से 96 रहे। जांजगीर-चांपा से 17, कांकेर से 9, सरगुजा से 5 एवं बालोद, बिलासपुर, कोरिया, बस्तर व नारायणपुर से 3-3 रहे। इसके अलावा धमतरी से 2 एवं दुर्ग, कबीरधाम, बलौदाबाजार, गरियाबंद, रायगढ़, बलरामपुर से 1-1 मिले। ये सभी मरीज एम्स समेत आसपास के कोरोना अस्पतालों में भर्ती कराए जा रहे हैं। उनके आसपास या संपर्क में आने वालों की पहचान जारी है।
स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि रायपुर समेत प्रदेश के कुछ जिलों में कोरोना मरीज ज्यादा संख्या में सामने आ रहे हैं। हालांकि प्रदेश में भर्ती मरीज डिस्चार्ज भी किए जा रहे हैं। कल 83 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं। लोगों को खुद जागरूक होकर अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना जरूरी है। कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाकर रखना और ज्यादा जरूरी है। कहीं ना कहीं चूक से बीमारी तेजी के साथ फैल रही है। ऐसे में लोग सतर्कता के साथ अपने बचाव में अवश्य आगे आएं।
नई दिल्ली, 13 जुलाई। हार्दिक पटेल को गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद कुछ अखबारों ने इसे सोनिया गांधी के करीबी कहे जाने वाले अहमद पटेल की गुजरात की राजनीति पर पकड़ कमजोर होने का संकेत बताया है।
इकोनॉमिक टाइम्स अखबार ने लिखा है कि कांग्रेस पार्टी ने इस पीढ़ीगत बदलाव के जरिए एक मजबूत संदेश देने की कोशिश की है। साथ ही यह नियुक्ति कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के पूर्व राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की गुजरात कांग्रेस की राजनीति पर पकड़ कमजोर होने का संकेत भी है।
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं के बीच इस निर्णय से असंतोष का माहौल बना हुआ है जबकि प्रदेश बीजेपी के नेताओं को चिंता हो रही है कि हार्दिक पटेल ना सिर्फ पाटीदारों के, बल्कि सूरत के हीरा उद्योग से जुड़े प्रवासियों के भी वोट खींच सकते हैं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हार्दिक पटेल की नियुक्ति का निर्णय राहुल गांधी ने लिया है जो पार्टी में एक नई ऊर्जा डालने का उनका प्रयास है।
दिल्ली के एक बड़े कांग्रेसी नेता ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा, हार्दिक पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला बहुत ही सधा हुआ फैसला है। वे बहुत ही सक्रिय नेता हैं और जमीनी स्तर पर कांग्रेस को खड़ा करने में सहायक साबित होंगे। इसलिए उन्हें एक महत्वपूर्ण पद दिया गया है, पर ये प्रदेश कांग्रेस का सबसे बड़ा पद नहीं है।
नियुक्ति के बाद हार्दिक पटेल ने कहा, मैंने पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं से बात की। कुछ ने मुझे ख़ुद बुलाया और सभी मेरे इस पद पर नियुक्त होने से खुश हैं। हर किसी का मुझे समर्थन है। आखिरकार हम सब चाहते हैं कि गुजरात में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बने।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हार्दिक पटेल पिछले कुछ समय से लगातार कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी से मिल रहे थे। हार्दिक ने गुजरात में जमीनी स्तर पर कांग्रेस के लिए काम करने की इच्छा भी जाहिर की थी।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कांग्रेस पार्टी हार्दिक पटेल को राष्ट्रीय स्तर का पद देना चाहती थी लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया और कहा कि अभी वे राज्य स्तर पर ही काम करना चाहते हैं। (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 13 जुलाई (वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन पर त्रावणकोर के पूर्ववर्ती राजपरिवार के अधिकार को सोमवार को बरकरार रखा।
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने त्रावनकोर रॉयल परिवार की अपील मंजूर कर ली। राज परिवार ने केरल उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी।
तिरुवनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमिटी फिलहाल मंदिर की व्यवस्था देखेगी। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत में केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर प्रबंधन और प्रशासन का विवाद नौ सालों से लंबित था। मंदिर के पास करीब दो लाख करोड़ रु. की संपत्ति है।
-विष्णु नागर
जिस दिन यह टिप्पणी लिख रहा हूँ उस दिन पता नहीं क्यों सुबह से ही हेमंत कुमार का गाया और बचपन में और विशेषकर स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस पर कई बार सुना यह गाना मन में बारबार गूँजता रहा- ‘इन्साफ की डगर पे बच्चो दिखाओ चल के’। कोई प्रत्यक्ष कारण नहीं है इसका, फिर भी न जाने क्यों मेरे साथ उस दिं ऐसा हुआ। ऐसा भी नहीं है कि इसे पहली बार रेडियो या टीवी पर सुना हो, इसलिए यह मन में गूँज रहा हो। कभी-कभी मेरे साथ ऐसा होता है। कभी मौका मिला तो ऐसी चीजें यू ट्यूब पर सुन लेता हूँ हालांकि उसे कई-कई बार सुनकर भी मन नहीं भरता लेकिन आज इस गाने के मन में गूँजने का कारण क्या यह है कि मैं किसी संयोग से अपने बचपन में लौट आया हूँ? लगता तो नहीं मगर पता नहीं। 1961 में जब दिलीप कुमार-वैजयंती माला की फिल्म ‘गंगा जमुना’ आई थी-जिसका यह गाना है- तब मैं 11 साल का था और मेरे कस्बे में फिल्म का प्रचार करने के लिए स्थानीय अमीन सयानी साहब नई आई फिल्म की खूबियों का बखान करते हुए गली-गली में तांगे में घूमा करते थे। वे थे, तो लगभग अनपढ़ मगर फिल्म के प्रचार का अंदाज उनका इतना जोरदार होता था कि ऐसा हो नहीं सकता था कि उनके प्रचार के बाद कोई सड़ी से सड़ी फिल्म देखने से भी अपने को बचा पाए।
तब पता नहीं था कि यह गाना सुकूनभरी और भरोसा दिलानेवाली आवाज में किसने गाया है और इसे लिखा किसने है, उस उम्र में यह जानने की उत्सुकता भी नहीं होती थी लेकिन शायद हेमंत कुमार की आवाज से भी ज्यादा या यूं कहें कि उनकी आवाज के साथ शकील बदायूंनी के ये बोल बहुत अपील करते थे, इसलिए भी कि यह गाना खासकर बच्चों को संबोधित था। तब स्कूलों में पंडित नेहरू को चाचा नेहरू कहलवाया जाता था और नारा लगवाया जाता था- चाचा नेहरू जिंदाबाद। मुझे तब सचमुच लगता था कि नेहरूजी मेरे चाचा हैं, भले ही मैंने उन्हें दूर से भी कभी देखा नहीं था और शाजापुर जैसे छोटे से पिछड़े कस्बे में उनके आने की कोई उम्मीद भी नहीं थी। जब नेहरूजी नहीं रहे तो पड़ोसी के रेडियो पर उनकी शव यात्रा का वर्णन सुनकर मैं खूब रोया था-शायद किसी नेता के लिए पहली और आखिरी बार। तब लगता था कि जैसे यह गाना नेहरूजी की ओर से हमें दिया गया संदेश है, इसलिए बहुत द्रवित करता था।
अभी-अभी फिर से इसे सुना तो यह गाना फिर से बहुत अच्छा लगा, जबकि पंडित प्रदीप के लिखे और लता मंगेशकर द्वारा गाये जिस गाने को सुनकर नेहरू खूब रोये थे- ‘ओ मेरे वतन के लोगो जरा आँख मे भर लो पानी’ वह गाना न तब मुझे अपील करता था, न अब, जबकि उसी दौरान हुए चीनी हमले के समय मैंने अपने तीन-चार दोस्तों के साथ जूते पालिश करके सेना के जवानों के लिए चंदा जमा करके राष्ट्रीय सुरक्षा कोष में जमा किया था। पिछले न जाने कितने वर्षों से देशभक्ति के बहुत से गीत फालतू लगने लगे हैं। ‘मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरा-मोती’ टाइप गीत तो क्षमा कीजिए न तब बर्दाश्त होते थे, न अब। मनोज कुमार ने भावुकताभरी फिल्मी देशभक्ति से नाम बहुत कमाया मगर उनकी सिनेमाई देशभक्ति कभी अच्छी नहीं लगी। उसके बाद भी नकली देशभक्ति का व्यावसायिक उछाल बहुत आता रहा, जिसने चिढ़ को और बढ़ाया ही।
बहरहाल ‘जब इन्साफ की डगर पे’ गीत प्रचलित था, उस दौर में जो बच्चे थे या किशोर थे, उनमें से कई आज इस देश के भाग्यविधाता बने हुए हैं। उस दौर के मोदीजी तो आज देश के प्रधानमंत्री हैं। इन सबने मिलकर देश को जहाँ पहुँचा दिया है, उस जगह पर आकर आज के बच्चों को यह गीत शायद हास्यास्पद ही लगेगा और वे कहेंगे कि क्या पापा (मम्मी) आप बोर कर रहे हो। इस गाने में शकील बदायूं ने नेहरू युग के स्वप्नों, आकांक्षाओं को पिरोया है। इस गीत से पता चलता है कि तब नेता होना गंदी बात नहीं मानी थी, इसीलिए शायद बच्चों से कहा गया है- ‘नेता तुम्हीं हो कल के’। आज तो फिल्मी गानों में भी नेता बनने की बात व्यंग्य में ही कही जा सकती है। आज नेता गली-गली में हैं, उन्होंने डटकर-बेखटके कमाया है, खूब ठाठ हैं उनके, वे चुनाव भी बार-बार जीत जाते हैं मगर जनता के मन में उनके प्रति धेलेभर की भी इज्जत नहीं है। उस दौर के जिन बच्चों से शकील बदायूंनी और हेमंत कुमार ने ‘इन्साफ की डगर पे’ चलने की उम्मीद की थी, उनके लिए जुल्म की डगर पर चलना ही असली इन्साफ है, सच्चाइयों के बल पे आगे बढऩे की जिनसे उम्मीद आशा थी, वे झूठ और बेईमानी का हाथ मजबूती से पकड़ चुके है। जिन्हें संसार को बदलना था, उन्हें संसार ने बदल दिया है पूँजी की सेवा करने के लिए।जिन्हें तनमन की भेंट देकर भारत की लाज बचाना था, वे अपनी इज्जत लुटाने में लगे हैं। अपनों के लिए तो ठीक है मगर परायों के लिए, सबके लिए, न्याय की बात करना उनके लिए असंभव है। इन्सानियत के सर पर इज्जत का ताज नहीं कचरा रखा जा रहा है। बहुत कुछ इस बीच खो गया है, इसलिए इस बीच यह गीत भी खो गया है और इन्साफ की डगर भी।
साल का पेड़ और उसके पत्ते कई राज्यों के आदिवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसे सराई का पेड़ भी कहते हैं, जिसकी छत्तीसगढ़ में बहुत उपयोगिता है। लोग इस पेड़ को पूजनीय मानते हैं। यह पेड़ बहुत बड़ा होता है और इसकी लकड़ी बहुत भारी होती है। इसलिए इसका उपयोग घर की कई चीज़ों को बनाने के लिए किया जाता है। चाहे घर में लगाने के लिए लकड़ी हो (कड़ेरी) या दरवाज़े और खिड़कियां बनानी हों, इस लकड़ी से हर तरह का सामान बनाया जाता है। घर में लकड़ी जलाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। इन सब उपयोगिताओं में से और एक उपयोगिता यह है कि साल के पत्तों से दोना और पत्तल बनाए जाते हैं।
छत्तीसगढ़ में पत्तल में खाना खाया जाता है और इसे यहां पत्री बोलते हैं। इसमें सब्ज़ी भी रखी जाती है, जिसे दोना कहते हैं। दोना और पत्तल बनाने के लिए साल के वृक्ष से पहले पत्ते तोड़कर लाते हैं। बांस की लड़की भी लाई जाती है, जिसे पतले-पतले हिस्सों में काट लेते हैं। यह बांस के टुकड़े धागे का काम करते हैं और इसी से साल के पत्तों को सिलाया जाता है। दोना को बड़ा बनाते है ताकि भोजन ना गिरे। दोना की सिलाई ऐसे ही होती है।
ऐसे पत्तों से बने दोना पत्तल का फायदा यह है कि ये पत्ते गाँव के जंगलों में आसानी से मिल जाते हैं जिन्हें घर पर बना सकते हैं। यह बनाने के लिए हुनर और मेहनत की ज़रूरत होती है। आदिवासी बखूबी अपने आसपास के मिलने वाले सामग्रियों का उपयोग करना जानते ही हैं। यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इससे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता है। खाना खाने के बाद सभी दोना पत्तल को एक जगह इकट्ठा करते हैं और यह बरसात के दिनों में सड़कर खाद बन जाता है। इस खाद का उपयोग लोग अपने खेतों में करते हैं।
सरकार को भी दोना-पत्तल को आगे बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि शहरों और प्रकृति के संतुलन के लिए ये अच्छा विकल्प है।
इसका उपयोग बड़े पैमाने पर त्यौहारों और शादियों में भी किया जाता है, जहां मेहमानों की अधिक संख्या के साथ-साथ कचरा भी ज़्यादा होने की सम्भावना होती है। बाज़ार से थालियां खरीदने के बदले में लोग साल के ये दोने और पत्तल बनाना पसंद करते हैं। बाज़ार से ये चीज़ें खरीदना महंगा काम है और दोना-पत्तल से पैसे भी बच जाते हैं। आज की प्लास्टिक की दुनिया में लोग कई इलाकों में प्लास्टिक के छोटे-छोटे बर्तन खरीदते हैं। इससे पर्यावरण, पशुओं, नदियों के साथ-साथ हमारी भी हानि होती है। ऐसे लोगों को जो प्लास्टिक इस्तेमाल करते हैं, गाँव वालों से सीखना चाहिए कि हम अपने जीवन पर्यावरण की सुरक्षा के हिसाब से कैसे जिएं।
कई आदिवासी गाँवों में यह परंपरा होती है कि अगर गाँव में कोई काम होता है, चाहे वह किसी के घर में शादी हो या त्यौहार या कुछ बनाना हो, पूरा गाँव मदद करने के लिए हाज़िर होता है। चाहे लकड़ी लाना हो, चाहे पत्तल तोड़ना हो या कुछ और। गाँव के सभी लोग इसमें निपुण होते हैं। पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोग एक-दूसरे की मदद करते आ रहे हैं।
सरकार को भी दोना-पत्तल को आगे बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि शहरों और प्रकृति के संतुलन के लिए ये अच्छा विकल्प है। लोग प्लास्टिक से बने बर्तनों का उपयोग करते हैं। अगर हम गाँवों में दोना-पत्तल का उत्पादन करते हैं, तो इसे गाँव के लोगों को भी रोज़गार मिल सकता है। सरकार को गाँव के लोगों को ट्रेनिंग देने की ज़रूरत है ताकि गाँव जागरूक होकर अपने पैरों पर खड़ा हो सके। इसके अलावा प्लास्टिक के बर्तनों पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाना चाहिए और उसे लागू करना चाहिए जिससे हमारा पर्यावरण भी बचा रहे और हम भी बचे रहें।
यह लेख राकेश नागदेव ने लिखा है, जो छत्तीसगढ़ से हैं और इस लेख को इससे पहले आदिवासी लाइव मैटर में प्रकाशित किया जा चुका है।
हार्डकोर नक्सली डेविड की निशानदेही पर नांदगांव पुलिस की कामयाबी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 जुलाई। नक्सल मोर्चे में राजनांदगांव पुलिस ने नक्सलियों के कारतूसों का एक बड़ा खेप बरामद किया है। वहीं पुलिस ने दर्जनभर वायरलेस सेट भी नक्सल डंप से निकाले हैं। पुलिस को यह कामयाबी हार्डकोर नक्सली डेविड के निशानदेही पर पूछताछ के बाद मिली है। एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने सोमवार को मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि घायल हालत में मिला दूर्दांत नक्सली डेविड ने पुलिस को नक्सल संगठन से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने गातापार और बाघनदी क्षेत्र के आधा दर्जन इलाकों में दबिश देकर जिंदा कारतूस की खेप जब्त की है। बताया गया है कि पुलिस ने गातापार क्षेत्र के धोबेदल्ली, मांगीखोली और छुईपानी तथा बाघनदी क्षेत्र के कन्हारटोला और शेरपार से अलग-अलग हथियारों के 975 जिंदा कारतूस जब्त किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक जब्त कारतूसों में एके-47 के 45, 09 एमएम के 345, एसएलआर के 169, 303 के 162, 12 बोर के 15, 22 बोर के 135 तथा चाईना मॉडल बंदूक के 114 जिंदा कारतूस शामिल है। बताया गया कि डेविड ने पुलिस को जानकारी में यह भी बताया कि दर्जनभर मोटोरोला के वायरलेस सेट भी नक्सलियों ने छुपाया था। उसे भी जब्त कर लिया गया है। इसके अलावा पुलिस ने 6 नग डेटोनेटर, वॉकाटॉकी क्लिीप 14 नग, 23 नग चार्जर समेत नक्सल साहित्य भी जब्त किया गया है। बताया गया है कि एमएमसी जोन के इंचार्ज और सीसी मेम्बर दीपक तिलतुमड़े की डायरी भी पुलिस के हाथ लगी है। जिसमें नक्सलियों के बीच चल रही अंदरूनी खींचतान और कई तरह की नाराजगी का उल्लेख है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने यह डंप स्टील डिब्बे में छुपाकर रखा था।
एसपी ने बताया कि डंप सामान मिलने से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है। एमएमसी जोन में उत्पात मचाने के इरादे से जिंदा कारतूसों को गढ़ाया गया था। पुलिस ने घायल नक्सली डेविड से फिलहाल प्रारंभिक पूछताछ में यह जानकारी जुटाई है। पुलिस का कहना है कि आगे भी डेविड के जरिये नक्सलियों के कई राज का पर्दाफाश पुलिस करेगी।
बीजिंग/जिनेवा/नई दिल्ली, 13 जुलाई (वार्ता)। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर दिनोंदिन तेजी से पांव पसारते जा रहा है और दुनियाभर में इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 1.28 करोड़ के पार पहुंच गयी है जबकि मृतकों की संख्या पांच लाख 68 हजार से ऊपर हो गई है।
कोविड-19 के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर बरकारार है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है जबकि भारत का मृतकों की संख्या के मामले में आठवें स्थान पर है।
अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,28,77,551 हो गई है जबकि 5,68,528 लोगों ने जान गंवाई है।
विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 3,304,142लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,35,190 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 1,864,681 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 72,100 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 28,699 नए मामले सामने आए हैं और अब कुल संक्रमितों की संख्या बढक़र 878,254 हो गई है। इसी अवधि में कोरोना वायरस से 500 लोगों की मृत्यु होने से मृतकों की संख्या बढक़र 23,174 हो गई है। देश में इस समय कोरोना के 301,609 सक्रिय मामले हैं और अब तक 553,471 लोग इस महामारी से निजात पा चुके हैं।
रूस कोविड-19 के मामलों में चौथे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 726,036 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 11,318 लोगों ने जान गंवाई है। पेरु में लगातार हालात खराब होते जा रहे है वह इस सूची में पांचवें नम्बर पर पहुंच गया है। यहां संक्रमितों की संख्या 326,326 हो गई तथा 12,829 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के मामले में चिली विश्व में छठे स्थान पर आ गया हैं। यहां अब तक कोरोना वायरस से 3,15,041 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 6,979 है।
कोरोना संक्रमण के मामले में मेक्सिको ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है। यहां पर इससे अब तक 2,99750 लोगों संक्रमित हुए हैं तथा 35,006 लोगों की मौत हुई है। ब्रिटेन संक्रमण के मामले में आठवें नंबर पर आ गया है। यहां अब तक इस महामारी से 2,91,154 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 44,904 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका कोरोना से प्रभावित होने के मामले में स्पेन और ईरान से आगे निकल गये हैं। वहीं खाड़ी देश ईरान ने यूरोपीय देश स्पेन को कोविड-19 से संक्रमित होने के मामले में पीछे छोड़ दिया है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना से अब तक 2,76,242 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 4,079 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं ईरान में संक्रमितों की संख्या 2,57,303 हो गई है और 12,829 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। वहीं स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 253,908 है जबकि 28,403 लोगों की मौत हो चुकी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 2,48,872 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 5,197 लोगों की मौत हो चुकी है।
यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 2,43,061 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 34,954 लोगों की मौत हुई है। सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 232,259 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2,223 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,12,993 हो गयी है और 5,363 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 208,015 हैं और 30,007 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में 1,99,919 लोग संक्रमित हुए हैं और 9071 लोगों की मौत हुई है।
बंगलादेश में 183,795 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 2,352 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से बेल्जियम में 9,782, कनाडा में 8,829, नीदरलैंड में 6,156, स्वीडन में 5526, इचडोर में 5,047, मिस्र 3,858, इंडोनेशिया 3,606, इराक 3,150, स्विट्जरलैंड में 1,968, रोमानिया में 1,884, अर्जेंटीन में 1845, बोलीविया में 1,807, आयरलैंड में 1746 और पुर्तगाल में 1660 लोगों की मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली, 13 जुलाई (वार्ता)। देश में कोरोना संक्रमण की विकरालता बढ़ती जा रही है और लगातार दूसरे दिन भी रिकॉर्ड साढ़े 28 हजार से अधिक मामले सामने आये हैं जिससे संक्रमितों का आंकड़ा 8.78 लाख के करीब पहुंच गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश भर में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 28,701 नए मामले सामने आए हैं जो एक दिन में सर्वाधिक है और इससे संक्रमितों की संख्या 8,78,254 हो गई है। इससे पहले रविवार को भी 28,637 मामले आये थे
संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच राहत की बात यह है कि इससे स्वस्थ होने वालों कह संख्या भी लगातार बढ़ रही है। पिछले 24 घंटों के 18,850 रोगी स्वस्थ हुए हैं, जिन्हें मिलाकर अब तक कुल 5,53,471 रोगमुक्त हो चुके हैं। देश में अभी कोरोना संक्रमण के 3,01,609 सक्रिय मामले हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान 500 लोगों की मौत से मृतकों की संख्या 23,174 हो गई है।
कोरोना महामारी से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में संंक्रमण के सर्वाधिक 7827 नये मामले दर्ज किये गये जिससे संक्रमितों का आंकड़ा 2,54,427 पर पहुंच गया है। इसी अवधि में 173 लोगों की मौत हुई है जिसके कारण मृतकों की संख्या बढक़र 10,289 हो गयी है। वहीं 1,40,325 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
संक्रमण के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंचे तमिलनाडु में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के मामले 4244 बढक़र 1,38,470 पर पहुंच गये हैं और इसी अवधि में 68 लोगों की मौत से मृतकों की संख्या 1966 हो गयी है। राज्य में 89,532 लोगों को उपचार के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी की स्थिति अब कुछ नियंत्रण में है और यहां संक्रमण के मामलों में वृद्धि की रफ्तार थोड़ी कम हुई है। राजधानी में अब तक 1,12,494 लोग कोरोना की चपेट में आये हैं तथा इसके कारण मरने वालों की संख्या 3371 हो गयी है। यहां 89,968 मरीज रोगमुक्त हुए हैं।
देश का पश्चिमी राज्य गुजरात कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या मामले में चौथे स्थान पर है, लेकिन मृतकों की संख्या के मामले में यह महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद तीसरे स्थान पर है। गुजरात में संक्रमितों का आंकड़ा 40 हजार के पार पहुंच गया है और अब तक 41,820 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 2,045 लोगों की मौत हुई है। राज्य में 29,162 लोग इस बीमारी से स्वस्थ भी हुए हैं।
दक्षिण के राज्य कर्नाटक में 38,843 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 684 लोगों की इससे मौत हुई है। राज्य में 15,409 लोग स्वस्थ भी हुए हैं।
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के अब तक 36,476 मामले सामने आए हैं तथा इस वायरस से 934 लोगों की मौत हुई है जबकि 23,334 मरीज ठीक हुए हैं।
दक्षिण के एक और राज्य तेलंगाना में भी कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। तेलंगाना में संक्रमितों की संख्या 34,671 हो गयी है और 356 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 22,482 लोग अब तक इस महामारी से ठीक हो चुके है।
पश्चिम बंगाल में 30,013 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 932 लोगों की मौत हुई है और अब तक 18,581 लोग स्वस्थ हुए हैं। आंध्र प्रदेश में संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि होने के कारण यह सर्वाधिक प्रभावित की सूची में राजस्थान से ऊपर आ गया है। राज्य में 29,168 लोग संक्रमित हुए हैं तथा मरने वालों की संख्या 328 हो गयी है। राजस्थान में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या 24,392 हो गयी है और अब तक 510 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 18,103 लोग पूरी तरह ठीक हुए है। हरियाणा में 21,240 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 301 लोगों की मौत हुई है।
इस महामारी से मध्य प्रदेश में 653, पंजाब में 199, जम्मू-कश्मीर में 179, बिहार में 143, ओडिशा में 64, उत्तराखंड में 47, असम में 35, केरल में 31, झारखंड में 30, पुड्डुचेरी में 18, छत्तीसगढ़ में 19, गोवा में 14, हिमाचल प्रदेश में 11, चंडीगढ़ में आठ, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा में दो-दो तथा लद्दाख में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
सिविल ड्रेस में शहर का जायजा लेने निकले थे एसपी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 जुलाई। राजनांदगांव शहर की अंदरूनी गलियों और बस्ती की सुरक्षा का जायजा लेने पहुंचे एसपी जितेन्द्र शुक्ला के दो पहिया वाहन बुलेट के सामने शराब पीकर बोतल फेंकना तीन युवकों को महंगा पड़ गया। बुलेट में शाम को बसंतपुर के क्लब चौक से गुजर रहे एसपी शुक्ला के बुलेट के सामने सरेराह शराब पी रहे तीन युवकों में से एक ने बोतल फेंक दी। एकाएक वाहन के सामने बोतल फेंकने से एसपी भी हड़बड़ा गए। युवकों के इस हरकत से एसपी तीन युवकों को दौड़ाया। इससे पहले युवक कुछ समझ पाते तब तक एसपी की सूचना पर बसंतपुर पुलिस की अलग-अलग टीमें मौके पर पहुंच गई।
बताया जाता है कि क्लब चौक में आमतौर पर शाम ढलते ही नशेडिय़ों का डेरा लग जाता है। इस इलाके के युवा शाम को नशे में धूत रहते हैं। अक्सर यहां से गुजरने वाली महिलाओं को छींटाकसी का भी सामना करना पड़ता है। बताया जा रहा है कि एसपी ने सरगर्मी से तीनों युवकों की तलाश करने का निर्देश दिया। कुछ घंटों के अंदर ही तीन युवक पुलिस की सपड़ में आ गए।
बताया जा रहा है कि एसपी जितेन्द्र शुक्ला हर शाम को सिविल ड्रेस में बुलेट में शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर निगरानी रखने के लिए अलग-अलग इलाकों में पहुंचते हैं। वर्दी में नहीं होने की वजह से एसपी को पहचानना मुश्किल होता है। इसी बहाने एसपी शहर की आबोहवा से रूबरू होकर पुलिसिंग में कसावट लाने के अभियान पर चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि शराब पीने के बाद तीनों ने सडक़ में बोतल फेंक दी। इस दौरान एक बड़ा हादसा हो सकता था।
मिली जानकारी के मुताबिक बसंतपुर पुलिस ने तीनों युवकों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। वहीं खुलेआम शराब पीने के मामले में आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
भोपाल, 13 जुलाई (वार्ता)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने मंत्रियों के बीच विभागों का वितरण कर दिया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान ने जनसंपर्क, सामान्य प्रशासन, नर्मदा घाटी विकास, विमाानन एवं ऐसे अन्य विभाग, जो किसी अन्य मंत्री को नहीं सौंपे हैं, अपने पास रखे हैं।
डॉ नरोत्तम मिश्रा गृह, जेल, संसदीय कार्य और विधि विभाग संभालेंगे। गोपाल भार्गव लोक निर्माण, कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग देखेंगे। तुलसीराम सिलावट जल संसाधन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग की जिम्मेदारी निभाएंगे।
वन विभाग विजय शाह को सौंपा गया है, जबकि वित्त, वाणिज्यिक कर और योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग जगदीश देवड़ा के हवाले किया गया है। बिसाहूलाल सिंह खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग देखेंगे।
श्रीमती यशोधराराजे सिंधिया खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग संभालेंगी। भूपेंद्र सिंह नगरीय विकास एवं आवास विभाग और सुश्री मीना सिंह आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का नेतृत्व करेंगे।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग कमल पटेल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एदल सिंह कंसाना, राजस्व एवं परिवहन गोविंद सिंह राजपूत, खनिज साधन एवं श्रम बृजेंद्र प्रताप सिंह और चिकित्सा शिक्षा एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विश्वास सारंग को आबंटित किया गया है।
श्रीमती इमरती देवी महिला एवं बाल विकास विभाग, डॉ प्रभुराम चौधरी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, डॉ महेंद्र सिंह सिसोदिया पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, प्रद्युम्न सिंह तोमर ऊर्जा विभाग और प्रेम सिंह पटेल पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे।
ओमप्रकाश सकलेचा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, सुश्री उषा ठाकुर पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म विभाग तथा अरविंद भदौरिया सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन विभाग देखेंगे।
डॉ मोहन यादव उच्च शिक्षा, हरदीप सिंह डंग नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की जिम्मेदारी निभाएंगे।
राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) तथा नर्मदा घाटी विकास विभाग देखेंगे। राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार को स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) तथा सामान्य प्रशासन और रामखेलावन पटेल को पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सौंपा गया है।
राज्य मंत्री श्री रामकिशोर कांवरे को आयुष (स्वतंत्र प्रभार), जल संसाधन, राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव को लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी, राज्य मंत्री गिर्राज डंडोतिया को किसान कल्याण तथा कृषि विकास, राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ लोक निर्माण विभाग और राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया को नगरीय विकास एवं आवास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
श्री चौहान ने दो जुलाई को 20 कैबिनेट और आठ राज्य मंत्रियों को शामिल करते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। इसके बाद से ही मंत्रियों के बीच विभागों के वितरण का इंतजार किया जा रहा था।
मुनीष पांडे
नई दिल्ली, 13 जुलाई। राजस्थान में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों पर आयकर विभाग का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। आयकर विभाग के 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिल्ली और राजस्थान के कई जगहों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ और राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर की गई है।
सीएम अशोक गहलोत के करीबी और ज्वैलरी फर्म के मालिक राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर सोमवार सुबह आयकर विभाग की टीम पहुंची। उनके घर और दफ्तरों पर छापेमारी चल रही है। खास बात है कि इस छापेमारी की सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई थी। आयकर विभाग की टीम केंद्रीय रिजर्व पुलिस के साथ छापेमारी को अंजाम दे रही है।
राजीव अरोड़ा के अलावा धर्मेंद्र राठौड़ के आवास और दफ्तर पर आयकर विभाग की टीम छापेमारी कर रही है। धर्मेंद्र अरोड़ा को भी सीएम अशोक गहलोत का करीबी बताया जाता है। सूत्रों का कहना है कि राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौड़ से देश के बाहर किए गए ट्रांजेक्शन के बारे में पूछताछ की जा रही है।
गहलोत के बेटे के बिजनेस पार्टनर पर ईडी की छापेमारी
सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर रविकांत शर्मा पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। रविकांत शर्मा से विदेश से आए करोड़ों रुपये के बारे में पूछताछ की जा रही है। पिछले दिनों ही ईडी ने रविकांत शर्मा को नोटिस भेजा था।
कांग्रेस ने छापेमारी पर उठाए सवाल
राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र अरोड़ा के करीब 24 ठिकानों पर चल रही छापेमारी पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने बीजेपी पर गहलोत सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। साथ ही कांग्रेस ने बिना स्थानीय पुलिस को सूचना दिए आयकर विभाग की छापेमारी पर भी सवाल पूछा।
बीजेपी ने किया आरोपों से इनकार
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आजतक से बात करते हुए कांग्रेस के आरोपों से इनकार कर दिया है। संबित पात्रा का कहना है कि कोरोना के कारण आयकर विभाग ने छापेमारी रोकी थी। अब फिर से आयकर विभाग की कार्रवाई कर रही है। इस छापेमारी और राजस्थान के सियासी संकट का कोई लेना-देना नहीं है।
आयकर विभाग की टीम ने जिन राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर छापेमारी की है, वह राजस्थान कांग्रेस का आर्थिक मैनेजमेंट भी देखते हैं। इस छापेमारी के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस, बीजेपी पर हमलावर है और गहलोत सरकार को अस्थिक करने का आरोप लगा रही है।
नई दिल्ली, 12 जुलाई। कोविड-19 की दवा बनाने के काम में जुटी एक मेडिकल रीसर्च संस्था ने माना है कि उसने ख़ुफ़िया तरीके से तेलमोल कर हैकर्स को 11.4 लाख की फिरौती दी है.
1 जून को नेटवॉकर नाम के एक आपराधिक हैकर्स समूह ने सैन फ्रांसिस्को में यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया पर डिजिटल हमला किया था.
उन्होंने यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर्स पर मैलवेयर डाल दिया था जिसे फैलने से रोकने के लिए यूनिवर्सिटी के तकनीकी कर्मचारियों ने यूनिवर्सिटी के सभी कंप्यूटर्स का कनेक्शन काट दिया.
एक अनाम सूत्र से मिली ख़बर की मदद से फिरौती के लिए डार्कवेब पर हुई इस पूरी बातचीत का बीबीसी गवाह बना.
साइबर मामलों के जानकार कहते हैं कि एफ़बीआई, यूरोपोल और ब्रिटेन के नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर की चेतावनी के बावजूद पूरी दुनिया मे फिरौती के लिए इस तरह की बातचीत हो रही है, कभी छोटी रकम के लिए तो कभी बड़ी रकम के लिए.
बीते दो महीनो में कम से कम दो और यूनिवर्सिटी पर हुए रैनसमवेयर हमलों के लिए नेटवॉकर हैकर समूह ज़िम्मेदार है.
पहली नज़र में देखें तो डार्कवेब पर मौजूद इस हैकर समूह का पन्ना एक आम कस्टमर सर्विस वेबसाइट की तरह ही दिखता है. इसमें एक तरफ एफ़एक्यू या फ्रिक्वेन्टली आस्क्ड क्वेश्चन (आम तौर पर पूछे जाने वाले सवाल) भी दिए गए हैं और साथ में अपने सॉफ्टवेयर के फ्री सैम्पल का ऑफ़र और एक लाइव चैट की सुविधा दी गई है.
लेकिन इसमें एक तरफ एक तरह की काउंटडाउन टाइमर भी है जिस पर लगातार समय कम होता जाता है. जैसे-जैसे समय कम होता है हैकर्स फिरौती की रकम दोगुनी करते हैं या फिर मैलवेयर के ज़रिए जो डेटा इकट्ठा किया है उसे मिटा देते हैं.
यूनिवर्सिटी को जून की पांच तारीख को अपने कम्प्यूटर पर ये मैसेज मिला था - लॉग-इन करने की तरीका- ईमेल के ज़रिए या फिर कम्प्यूटर की स्क्रीन पर दिए नोट के ज़रिए लॉग-इन करें.
छह घंटे बाद यूनिवर्सिटी ने हैकर्स के फिरौती की रकम अदा करने के लिए अधिक वक्त मांगा और साथ उनसे ही ये गुज़ारिश भी की वो इस हैक से जुड़ी पोस्ट अपने सार्वजनिक ब्लॉग से हटा लें.
हैकर्स को इस बात की जानकारी पहले से ही थी कि यूनिवर्सिटी को अरबों डॉलर मिलते हैं और इसलिए उन्होंने 30 लाख डॉलर की फिरौती की मांग रखी.
लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से बातचीत कर रहे एक बाहरी विशेषज्ञ ने उन्हें बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण यूनिवर्सिटी की माली स्थिति अच्छी नहीं है. उन्होंने हैकर्स से गुज़रिश की कि वो उन्हें केवल सात लाख अस्सी हज़ार डॉलर ही दे सकते हैं.
एक पूरा दिन चली इस बातचीत के बाद यूनिवर्सिटी ने कहा कि वो अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर क़रीब 10.2 लाख डॉलर जोड़ सका है. लेकिन हैकर्स ने 15 लाख डॉलर से कम कोई भी रकम स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
कुछ घंटों बाद यूनिवर्सिटी ने फिर हैकर्स से संपर्क किया और कहा कि वो बहुत अधिक हुआ तो 11,40,895 डॉलर ही उन्हें दे सकते हैं.
इसके एक दिन बाद 116.4 बिटक्वाइन खरीदे गए और उन्हें नेटवॉकर हैकर समूह के ई-वॉलेट में भेजा गया, जिसके बाद यूनिवर्सिटी को रैनसमवेयर डिक्रिप्शन सॉफ्टवेयर मिल सका.
अब यूनिवर्सिटी एक तरफ अपने प्रभावित कम्प्यूटर्स को दुरुस्त करने की कोशिश कर रही है और दूसरी तरफ एफ़बीआई को इस मामले की जांच में सहयोग भी कर रही है.
यूनिवर्सिटी ने बीबीसी को बताया कि, "जो डेटा एनक्रिप्ट किया गया था वो लोगों की भलाई के लिए हो रहे कुछ अकादमिक काम से जुड़ा था. इसलिए हमें फिरौती की रकम दे कर इस डेटा को अनलॉक करने का सॉफ्टवेयर लेने का ये मुश्किल फ़ैसला लेना पड़ा. ये कहना सही नहीं होगा कि बातचीत के दौरान जो कुछ कहा गया वो पूरी तरह से सही था."
हालांकि नो मोर रैनसम नाम का प्रोजेक्ट चला रहे यूरोपाल के जेन ओप जेन ऊर्थ कहते हैं, कि "पीड़ितों को किसी भी सूरत में फिरौती नहीं देनी चाहिए. इससे अपराधियों का हौसला बढ़ता है और वो इस तरह की गतिविधि जारी रखते हैं. इसकी जगह उन्हें पुलिस को इसकी जानकारी देनी चाहिए ताकि अपराध को जड़ से ख़त्म किया जा सके."
साइबर सिक्योरिटी कंपनी एमसीसॉफ्ट में थ्रेट एनालिस्ट ब्रेट कैलो कहते हैं कि "जिन संस्थाओं के सामने के सामने इस तरह की स्थिति आ जाती है उनके सामने कम ही रास्ते बचते हैं. हो सकता है कि फिरौती देने के बाद भी उन्हें बस ये झूठा आश्वासन ही मिले की उनका डेटा मिटा दिया गया है."
"लेकिन मुद्दे की बात ये है कि एक आपराधिक गैंग ऐसा डेटा क्यों मिटाएगा जिससे वो बाद में लाभ कमा सके?"
अधिकतर रैनसमवेयर एक तरह का जाल होती हैं और जानकार मानते हैं कि आपराधिक गैंग इस तरह के स़ॉफ्टवेयर का इस्तेमाल अधिक करना पसंद करते हैं जिनसे किसी कम्प्यूटर से एक ही बार में पूरा डेटा डाउनलोड हो जाए.
प्रूफप्वाइंट के साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों ने कहा था कि उन्होंने पाया है कि जून महीने में कोविड-19 जांच के नतीजे जैसे विषयों के साथ कम्प्यूटर हैक करने के उद्देश्य से क़रीब 10 लाख ईमेल भेजे गए हैं. ये ईमेल अमरीका, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस और इटली में मौजूद संस्थाओं को भेजे गए हैं.
जानकार कहते हैं कि संस्थाओं को बार-बार कहा जा रहा है कि वो बीच-बीच में अपने पूरे डेटा का बैकअप लेते रहें.
लेकिन प्रूफ़प्वाइंट के रायन कालेम्बर कहते हैं कि, "तकनीकी विशेषज्ञों के लिए भी यूनिवर्सिटी चुनौतीपूर्ण जगह होती है. यहां छात्रों की संख्या और उनकी आबादी हमेशा बदलती रहती है साथ ही अलग-अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से लोग आते हैं जो रोज़ाना जानकारियां शेयर करते हैं. ऐसे में यहां यूज़र्स और कम्प्यूटर्स को सुरक्षित करने अपने आप में एक बेहद जटिल काम है."(bbc)
जयपुर, 13 जुलाई। महिला कॉमेडियन को सोशल मीडिया पर बलात्कार की धमकी देने और उनके ख़िलाफ़ अपशब्द इस्तेमाल करने के मामले में गुजरात पुलिस ने शुभम मिश्रा नाम के एक युवक को गिरफ़्तार किया है.
रविवार देर रात गुजरात की वडोदरा पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए गाली-गलौच करने और बलात्कार की धमकी देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में शुभम मिश्रा को पकड़ लिया है.
पुलिस ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि "शुभम के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने कहा कि आईपीसी और आईटी एक्ट की उचित धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज की जाएगी."
क्या है पूरा मामला?
ये मामला क़रीब साल भर पुराने महिला कॉमोडियन अग्रिमा जोशुआ के एक वीडियो से जुड़ा है. इसमें वो छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के बारे में टिप्पणी कर रही हैं.
ये वीडियो एक लाइव कार्यक्रम के दौरान शूट किया गया था.
हाल के दिनों में उनका ये वीडियो एक बार फिर से सोशल मीडिया पर शेयर किया जाने लगा, जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर धमकियां मिलने लगीं.
अग्रिमा ने वीडियो अपनी टाइमलाइन से हटा लिया और इसके लिए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख, राज ठाकरे और नितिन राउत समेत सभी लोगों से माफ़ी मांगी.
सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा, "छत्रपति शिवाजी महाराज को मानने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए मैं माफ़ी चाहती हूं. उस महान नेता के प्रशंसकों से मैं माफ़ी मांगना चाहती हूं. मैंने अपना वीडियो हटा लिया है."
लेकिन ये मामला उनकी माफ़ी पर नहीं थमा. गुजरात के शुभम मिश्रा नाम के एक युवक ने उन्हें भद्दी गालियां देते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया.
वीडियो में शुभम मिश्रा जो कुछ भी कह रहा है वो बेहद आपत्तिजनक है.
शनिवार को कॉमेडियन कुणाल कामरा ने ये वीडियो महिला आयोग के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया था और सवाल किया था कि "क्या ये वीडियो आपको चिंतित नहीं करता, ये व्यक्ति महिला कॉमेडियन को भद्दी गालियां दे रहा है जबकि महिला कॉमेडियन ने विवादित वीडियो हटा लिया है और इस मामले में माफ़ी भी मांग ली है."
इस पर महिला आयोग ने कहा था कि "महिला सुरक्षा को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं. इस मामले में आयोग की चेयरपर्सन ने गुजरात पुलिस को शुभम मिश्रा के ख़िलाफ़ तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा है जो वीडियो में महिला कॉमेडियन को गाली देते दिख रहे हैं."
रविवार को अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को टैग करते हुए लिखा, "कोई जोक कितना भी आपत्तिजनक क्यों न हो लेकिन क्या इसके लिए किसी महिला को खुलेआम रेप की धमकी दिया जाना उचित है? शुभम मिश्रा दो महिलाओं के बलात्कार की धमकी दे रहा है जो आईपीसी की धारा 503 के तहत अपराध है. क्या आप पुलिस को इस मामले में कार्रवाई करने के आदेश देंगे?"
इसके उत्तर में अनिल देशमुख ने लिखा, "छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमें सिखाया है कि हम महिलाओं की इज़्ज़त करें. अगर कोई महिला के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करता है और उन्हें धमकी देता है तो उसके लिए भी क़ानून है."
उन्होंने महाराष्ट्र साइबर पुलिस को इस वीडियो की वैधता की जांच करने के लिए कहा और मुंबई पुलिस को इस मामले में गिरफ़्तार करने का आदेश दिया.
केवल कुणाल कामरा और स्वरा भास्कर ही नहीं बल्कि और भी कई लोग इस पूरे मामले में महिला कॉमेडियन के पक्ष में आवाज़ उठाते दिखे.
अभिनेता प्रकाश राज ने शुभम मिश्रा का एक और वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "ये पहले भी इस तरह की धमकियां दे चुका है. इसे गिरफ़्तार किया जाना चाहिए. अधिकारियों पर दवाब बनाना जारी रखें ताकि इस व्यक्ति के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाए."
त्रिशा शेट्टी ने लिखा, "अनिल देशमुख जी साबित करें कि आप महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएंगे."
पत्रकार फाये डिसूज़ा ने भी शुभम मिश्रा का वीडियो मुंबई पुलिस को ट्वीट किया और लिखा कि "ये बलात्कार की धमकी है, कृपया ज़रूरी कार्रवाई करें."(bbc)