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दिल्ली के कथित शराब घोटाले में अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि बीजेपी विपक्ष को खत्म करने की कोशिश कर रही है.
केजरीवाल का आरोप है कि अगर बीजेपी चुनाव जीतने में कामयाब रहती है तो विपक्ष के सारे नेताओं को जेल में डाल दिया जाएगा.
कनॉट प्लेस में हनुमान मंदिर में दर्शन के बाद अरविंद केजरीवाल ने एक जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ‘उनके ऊपर बजरंग बली की कृपा है इस वजह से वो चुनाव के बीच लोगों के बीच में यहां आ पाए हैं.’
केजरीवाल ने कहा, “मोदी जी वन नेशन वन लीडर के मिशन पर चल रहे हैं. जितने विपक्ष के नेता हैं उन्हें जेल भेजेंगे और जितने बीजेपी के नेता है उन्हें हटाएंगे. जिस दिन इन्होंने चुनाव जीता उसके थोड़े दिन के बाद ममता, तेजस्वी, स्टालिन, उद्धव ठाकरे जेल के अंदर होंगे.”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, “अगला नंबर योगी आदित्यनाथ का है और उनकी राजनीति ख़त्म कर देंगे. बीजेपी अगर चुनाव जीतती है तो दो महीने बाद योगी आदित्यनाथ का इस्तीफ़ा होगा.”
केजरीवाल ने कहा कि वो देश की जनता से भीख मांगने आए हैं कि वो इस देश को तानाशाही से बचा लें.
उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी को कुचलने में प्रधानमंत्री जी ने कोई कसर नहीं छोड़ी हमारे टॉप के चार नेताओं को जेल भेज दिया, बड़ी पार्टियों के चार नेता जेल चले जाएं तो पार्टी ख़त्म हो जाती है. उन्होंने यही सोचा लेकिन ये पार्टी नहीं सोच है. इसको जितना दबाएंगे ये उतना फैलेगी.“
“कई लोग जो मोदी जी से मिलने जाते हैं वो बताते हैं कि मोदी जी 10-15 मिनट अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के बारे में बात करते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि यही पार्टी भविष्य है. इन्होंने आम आदमी पार्टी को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ी. 75 साल में इतना प्रताड़ित किसी भी पार्टी को नहीं किया गया जितना प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया.”
“पीएम मोदी कहते हैं वो भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं जबकि देश के सबसे बड़े लुटेरों, चोर-उचक्कों को उन्होंने पार्टी में शामिल किया. प्रधानमंत्री जी भ्रष्टाचार से अगर लड़ाई लड़नी है तो केजरीवाल से सीखो.” (bbc.com/hindi)
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने 2019 में हुए पुलवामा हमले को मोदी सरकार की विफलता बताया है.
रेवंत रेड्डी ने मोदी सरकार पर पुलवामा हमले के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक फ़ायदा लेने का आरोप भी लगाया है.
वहीं बीजेपी नेता और छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इन आरोपों पर पलटवार किया है.
अरुण साव ने कहा, ''देश के सुरक्षाबलों पर सवाल उठाना कांग्रेस की आदत बन गई है.''
हैदराबाद में एक इवेंट में बोलते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा था, ''जिन बातों पर हम सवाल करते हैं, वहां पर वो जय श्री राम बोल देते हैं. हर चीज़ के लिए उनका एक ही जवाब है जय श्री राम.''
''मोदी के लिए सबकुछ राजनीति है, सबकुछ चुनाव जीतने का तरीक़ा है. यह सोच देश के लिए ठीक नहीं है.''
रेवंत रेड्डी ने कहा, ''पुलवामा हमला उदाहरण है कि वो फ़ेल हुए. आईबी क्या कर रही है. पुलवामा हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक का फ़ायदा लिया. मेरा सवाल है पुलवामा हमला आख़िर हुआ क्यों.''
14 फ़रवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ़ के क़ाफ़िले की एक बस पर चरमपंथियों ने आत्मघाती हमला किया था.
इस हमले में 40 सीआरपीएफ़ के जवान मारे गए थे.
भारतीय चुनाव आयोग के मुताबिक़ तीसरे चरण में 65.68 फ़ीसदी मतदान हुआ है.
तीसरे चरण में सात मई को 11 राज्यों की 93 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए थे.
चुनाव आयोग के मुताबिक़ तीसरे चरण में 66.98 फ़ीसदी पुरुषों, 64.41 फ़ीसदी महिलाओं और 25.2 फ़ीसदी थर्ड जेंडर ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
चुनाव आयोग ने चार दिन की देरी के बाद तीसरे चरण का वोटिंग डेटा जारी किया है.
पहले चरण के मतदान का डेटा 11 दिन की देरी के बाद जारी हुआ था, जबकि दूसरे चरण का डेटा आने में भी चार दिन का वक़्त लगा था.
चुनाव आयोग के देरी से डेटा जारी करने पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों द्वारा सवाल भी उठाए जा रहे हैं.
पहले चरण में 102 संसदीय सीटों पर 66.14 प्रतिशत और दूसरे चरण में 88 सीटों पर 66.71 प्रतिशत वोट पड़े. (bbc.com/hindi)
सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में कनाडा पुलिस ने चौथे भारतीय नागरिक को गिरफ़्तार करने का दावा किया है.
22 साल के अमरदीप सिंह पर हत्या करने और हत्या की साज़िश रचने के आरोप लगाए गए हैं.
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में जांच कर रही टीम ने इस बारे में बयान जारी किया है.
जांच कर रही टीम ने कहा, ''अमरदीप सिंह को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में 11 मई को गिरफ़्तार किया गया.''
कनाडा पुलिस ने हाल ही में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में तीन भारतीय नागरिकों को गिरफ़्तार किया था.
पहले गिरफ़्तार किए गए करण बरार, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह पर भी हत्या करने और हत्या की साज़िश रचने के आरोप लगाए गए हैं.
45 साल के हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल जून में कनाडा के वैंकूवर के नज़दीक नकाबपोश बंदूक़धारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
तब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था और साथ ही कहा था कि उनके पास इसके लिए भरोसेमंद सुबूत हैं.
हालांकि भारत ने इन आरोपों का खंडन किया था. (bbc.com/hindi)
शिमला, 11 मई। राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार को वोट देने वाले कांग्रेस के छह बागियों और तीन निर्दलीय विधायकों पर अपना हमला तेज करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कहा कि लोग उन्हें “भाजपा की राजनीतिक मंडी में खुद को बेचने” के लिए सबक सिखाएंगे।
सुक्खू ने शिमला (एससी) लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार विनोद सुल्तानपुरी के समर्थन में शिमला जिले के कुपवी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “हिमाचल देवभूमि है और यहां की जनता कभी बेईमानों का साथ नहीं देती है और वर्तमान चुनाव तय करेगा कि ईमानदारी की जीत होनी चाहिए और बेईमानी की हार होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि मौजूदा चुनाव कुर्सी या सरकार बचाने के लिए नहीं, बल्कि “लोकतंत्र को बचाने” के लिए है और मतदाताओं से यह तय करने को कहा कि लोकतंत्र की ताकत “धनबल है या जनबल”।
सुक्खू ने कहा कि वर्तमान चुनाव कोई सामान्य चुनाव नहीं है और यह देश की भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा। उन्होंने पूछा, “यदि केंद्र में सत्तासीन सरकार धनबल से चुने हुए प्रतिनिधियों को खरीद ले तो वोट का मूल्य क्या होगा?”
उन्होंने कहा कि सच और झूठ के बीच टकराव आम बात है लेकिन सच की हमेशा जीत होती है। सुक्खू ने लोगों से उनकी भावनाओं से खेलने वालों को सबक सिखाने की अपील की।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर सत्ता का भूखा होने का आरोप लगाते हुए सुक्खू ने कहा कि उनकी (भाजपा की) सरकार ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे कर्मचारियों पर लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें कीं।
उन्होंने कहा कि 18-59 वर्ष की आयु वर्ग की सभी पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी और चुनाव खत्म होने के बाद महिलाओं को एक ही किस्त में 3,000 रुपये मिलेंगे। (भाषा)
बेगूसराय, 11 मई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष को ‘‘राम द्रोही’’ करार देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन ‘‘गोहत्या’’ को बढ़ावा और मुसलमानों को आरक्षण देकर ‘‘धार्मिक आधार पर देश के विभाजन’’ का पक्षधर है।
बिहार की बेगूसराय लोकसभा संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पक्ष में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘वर्तमान चुनाव राम भक्तों और राम द्रोहियों के बीच है । मैं भगवान राम की भूमि से आता हूं। मुझे पता है कि बिहार के लोगों के दिलों में अयोध्या के मंदिर के लिए एक विशेष स्थान हैए जो देवी सीता का जन्मस्थान है।’’
कांग्रेस और सपा का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा, ‘‘राम द्रोहियों में वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं... माफिया डॉन की मौत पर शोक मनाया।’’
योगी का इशारा 1980 के दशक में ‘‘कार सेवकों’’ पर पुलिस गोलीबारी की ओर था, जब सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उनका संकेत पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में अतीक अहमद की हत्या और जेल में रहते मुख्तार अंसारी की मौत की ओर भी था।
राजग के सत्ता में आने से पहले बिहार में कथित अराजकता के लिए राजद-कांग्रेस को दोषी ठहराते हुए आदित्यनाथ ने आरोप लगाया, ‘‘उनकी बाबा साहेब अंबेडकर के जनादेश को धोखा देते हुए, मुसलमानों को आरक्षण देकर देश को धार्मिक आधार पर विभाजित करने की योजना है।’’
योगी ने पूछा, ‘‘हमारे दलित और ओबीसी कहां जायेंगे, अगर उनके लिए निर्धारित कोटा किसी और को दे दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए सच्चर समिति का गठन करके साजिश शुरू की थी।’’
उन्होंने लोगों से राजग को वोट देने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह करते हुए कहा कि मोदी के ‘‘मजबूत’’ शासन के तहत ‘‘सीमा पार आतंकवाद का सफाया हो गया है और थरथराता पाकिस्तान भारतीय धरती पर हर विस्फोट से खुद को दूर कर लेता है, भले ही यह पटाखों का विस्फोट है’’।
आदित्यनाथ ने राजद के चुनाव चिह्न का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत डिजिटल युग में प्रवेश कर चुका है। बिहार को राजद और कांग्रेस के लालटेन युग की ओर लौटने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।’’
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने राज्य की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘मेरे राज्य में, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि राजग सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करे। मुझे उम्मीद है कि बिहार, इसी तरह के परिणाम का गवाह बनेगा।’’ (भाषा)
हैदराबाद, 11 मई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भी देश का नेतृत्व करते रहेंगे। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर यह दावा करने के लिए निशाना साधा कि प्रधानमंत्री 75 वर्ष की उम्र संबंधी ‘नियम’ का हवाला देकर शाह को अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के संविधान में ऐसी किसी आयु सीमा के बारे में कुछ नहीं लिखा है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर भाजपा में कोई भ्रम नहीं है।
शाह केजरीवाल के इस दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे कि मोदी केंद्रीय गृह मंत्री को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं क्योंकि वह (मोदी) अगले वर्ष 75 वर्ष के हो जाएंगे।
शाह ने कहा, ‘‘मैं अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी और पूरे ‘इंडी’ गठबंधन को बताना चाहूंगा, मोदी के 75 वर्ष के होने पर आपको खुश होने की कोई जरूरत नहीं है। भाजपा के संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है। मोदी अगला कार्यकाल भी पूरा करेंगे और देश का नेतृत्व करते रहेंगे। इसे लेकर भाजपा में कोई भ्रम नहीं है।’’
केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि मोदी शाह के लिए वोट मांग रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘ये लोग ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) गठबंधन से उनके चेहरे के बारे में पूछते हैं। मैं भाजपा से पूछता हूं कि उनका प्रधानमंत्री कौन होगा? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी अगले वर्ष 17 सितंबर को 75 वर्ष के हो रहे हैं। उन्होंने नियम बनाया था कि 75 वर्ष की उम्र वालों को ‘रिटायर’ कर दिया जाएगा। उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन को रिटायर (सेवानिवृत्त) कर दिया।’’
उन्होंने पूछा, ‘‘वह (मोदी) अगले वर्ष रिटायर हो जाएंगे। वह अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं। क्या शाह मोदी जी की गारंटी पूरी करेंगे?’’
शाह ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु बम होने के डर से सबसे पुरानी पार्टी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर भारत का अधिकार छोड़ना चाहती है।
राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के आखिरी दिन तेलंगाना के विकाराबाद और नागरकुर्नूल में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुये कहा कि यदि केजरीवाल को लगता है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई अंतरिम जमानत उन्हें ‘क्लीन चिट’ है तो कानून को लेकर उनकी समझ खराब है।
गृह मंत्री ने यह विश्वास भी जताया कि लोकसभा सीटों के मामले में भाजपा दक्षिण भारत में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा को तेलंगाना में 10 से अधिक लोकसभा सीट जीतने का भरोसा है।
शाह ने विकाराबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आज ही के दिन 1998 में पोकरण में परमाणु परीक्षण किया था और देश को परमाणु शक्ति बनाया था ।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पास सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमले करने का साहस नहीं है।
गृह मंत्री ने कहा कि देश पर पाकिस्तानी आतंकवादियों के हमले के दस दिन के भीतर प्रधानमंत्री मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक एवं हवाई हमले किये और उनका (आतंकवादियों का) खात्मा कर दिया।
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला के पाकिस्तान के पास परमाणु बम होने संबंधी बयान का जिक्र करते हुये शाह ने रैली में कहा कि वह राहुल गांधी से पूछना चाहते हैं कि पाकिस्तान के पास परमाणु बम है इसलिये क्या पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को पड़ोसी देश को दे देना चाहिये ।
उन्होंने कहा, ‘‘जब तक यहां भारतीय जनता पार्टी है, ऐसा कभी नहीं हो सकता और पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे ।’’
शाह ने कहा, ‘‘उन्हें (विपक्ष) को शर्म नहीं आती। परमाणु बम के डर से वे पीओके पर हमारा अधिकार छोड़ना चाहते हैं। लेकिन आप चिंता न करें, मोदी जी फिर से प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और पाकिस्तान की गोलियों का जवाब तोप से दिया जाएगा।’’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की कथित टिप्पणी कि तेलंगाना के लोगों का कश्मीर से क्या लेना देना है, शाह ने कहा तेलंगाना के युवा कश्मीर के लिये अपनी जान दे सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में आतंक और नक्सलवाद को समाप्त कर दिया है ।
'सर्जिकल स्ट्राइक' पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की टिप्पणी का जिक्र करते हुये शाह ने कहा, ‘‘रेवंत रेड्डी आपका दिमाग ठिकाने पर नहीं है। क्या आपने इसे इटली में रखा हुआ है।’’
रेवंत रेड्डी ने शुक्रवार को कहा था कि पुलवामा हमला खुफिया विफलता का नतीजा था।
मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘‘मोदी जी ने पुलवामा घटना के बाद सर्जिकल स्ट्राइक से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की। मेरा मोदी जी से सवाल है कि आप क्या कर रहे हैं? पुलवामा घटना क्यों हुई? आपने इसे क्यों होने दिया? आप आंतरिक सुरक्षा के बारे में क्या कर रहे हैं।’’
तेलंगाना की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने आरोप लगाया कि पूरे देश में चुनाव लड़ने के लिए तेलंगाना से धन उपलब्ध कराने का पार्टी आलाकमान से किया गया एकमात्र वादा पूरा हुआ है।
उन्होंने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज कर दिया कि यदि भाजपा को 400 सीट मिलती हैं तो वह आरक्षण खत्म कर देगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास 10 वर्ष तक पूर्ण बहुमत था, लेकिन उसने आरक्षण खत्म करने के लिए नहीं बल्कि अनुच्छेद 370 और अन्य को निरस्त करने के लिए काम किया। (भाषा)
चतरा (झारखंड), 11 मई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अयोध्या के राम मंदिर के दौरे के बाद "अपमान" करने के लिए विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की शनिवार को आलोचना की और कहा कि कांग्रेस को अपने 'शहजादे' की उम्र से कम सीट मिलेंगी।
मोदी ने चतरा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि गठबंधन के नेता विपक्ष की मान्यता हासिल करने के लिए लोकसभा चुनाव के बाद छोटे दलों का विलय करने की योजना बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने परोक्ष तौर पर राहुल गांधी के स्पष्ट संदर्भ में कहा, ‘‘कांग्रेस को अपने 'शहजादा' की उम्र से कम सीट मिलेंगी।’’ उन्होंने कहा कि गठबंधन ने ‘‘हार पहले ही स्वीकार कर ली है।’’
उन्होंने कहा, "इंडिया गठबंधन के एक बड़े नेता का यह बयान उनकी हताशा को दर्शाता है कि चुनाव के बाद सभी छोटे दलों को कांग्रेस में विलय कर लेना चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकारें बनेंगी, जहां विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष को लोकसभा चुनाव में 50 सीट भी नहीं मिलेंगी।
मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस की मानसिकता 18वीं सदी की है...राष्ट्रपति द्वारा राम मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने मंदिर की सफाई की बात की...उन्होंने राष्ट्रपति का अपमान किया।"
उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासियों ने राजकुमार राम को 14 साल के वनवास के दौरान अयोध्या के ‘मर्यादा पुरूषोत्तम’ राम में बदल दिया, हम इसके लिए आदिवासियों को पूजते हैं, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)-कांग्रेस इस सम्मान को पचा नहीं पा रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों के वोट ने उन्हें देश की सेवा करने का मौका दिया और एक आदिवासी महिला को देश का राष्ट्रपति बनाया। उन्होंने कहा, ''आपका एक वोट राष्ट्रविरोधी ताकतों को रोकेगा।''
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि ‘इंडिया’ गठबंधन की योजना "देश की संपत्ति मुसलमानों को सौंपने" और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग)/ एससी (अनुसूचित जाति)/ एसटी (अनुसूचित जनजाति) का आरक्षण गठबंधन के "वोट बैंक" को सौंपने की है।
उन्होंने कहा कि झारखंड में घुसपैठ बढ़ रही है और घुसपैठिये दलितों और आदिवासियों की जमीन हड़प रहे हैं। उन्होंने कहा, "आपका वोट ऐसी ताकतों को खत्म करने के लिए मोदी के हाथ को मजबूत करेगा।"
झारखंड में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन पर हमला करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें अपने देश को झामुमो और कांग्रेस से बचाने की जरूरत है। आपने देखा है कि कैसे एक मंत्री के निजी सचिव के घरेलू सहायक के परिसर से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई। आप कल्पना कीजिए कि ये नेता कितने भ्रष्ट हैं।”
उन्होंने कहा, "झारखंड को लूटने वाले इन बेशर्म नेताओं को जेल भेजिए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मोदी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था और वह नहीं चाहते कि कोई भी गरीब बच्चा खाली पेट सोए, यही वजह है कि उन्होंने "80 करोड़ लोगों को राशन सुनिश्चित किया।’’
उन्होंने झारखंड सरकार पर केंद्रीय राशन की आपूर्ति को गरीबों तक पहुंचने से रोकने का आरोप लगाया और कहा कि वह 'जल जीवन मिशन' जैसी योजनाओं में "भ्रष्टाचार में लिप्त" है।
मोदी ने आरोप लगाया, “राज्य सरकार द्वारा स्थापित एकमात्र उद्योग अफीम व्यापार का था, क्योंकि वह तुष्टिकरण की नीतियों के लिए भावी पीढ़ियों को नष्ट करना चाहती थी।”
उन्होंने झामुमो की "पांच लाख नौकरी का अपना वादा पूरा नहीं करने" के लिए आलोचना करते हुए कहा कि क्षेत्रीय पार्टी और कांग्रेस आदिवासी और गरीब बच्चों की प्रगति नहीं चाहते हैं, लेकिन "मोदी आपके बच्चों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाना चाहता है।’’ (भाषा)
फूलबाणी(ओडिशा), 11 मई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस की आलोचना की और पार्टी पर आरोप लगाया कि वह पड़ोसी देश पाकिस्तान के पास भी परमाणु बम होने की बार-बार बात कह लोगों के बीच झूठ फैला रही है।
ओडिशा के कंधमाल में एक चुनाव रैली को संबोधित करे हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने बार-बार यह कहकर लोगों के बीच डर पैदा किया है कि ‘‘संभल के चलो...पाकिस्तान के पास एटम बम है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ये मरे पड़े लोग, देश के मान को भी मार रहे हैं।’’
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस ने पाकिस्तानी बम के बारे में यह उल्लेख कर निरंतर डर फैलाया है कि पड़ोसी देश अपने परमाणु आयुध को संभाल पाने में सक्षम नहीं है।
मोदी ने कहा, ‘‘वे (पाकिस्तान) अब बम बेचने की कोशिश कर रहे हैं और एक खरीदार ढूंढ रहे हैं। लेकिन कोई भी व्यक्ति बम नहीं खरीद रहा क्योंकि लोग जानते हैं कि उसकी कोई गुणवत्ता नहीं है।’’
अटल बिहारी वाजपेयी नीत केंद्र की पूर्ववर्ती राजग सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ही के दिन 26 साल पहले, पोकरण परीक्षण (1998 में) किया गया था और इसने वैश्विक मंच भारत की स्थिति मजबूत की।
मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के कमजोर रुख के कारण, जम्मू कश्मीर ने छह दशकों तक आतंकवाद को सहा। कांग्रेस के शासन में, भारत में अक्सर आतंकी हमले हुए, तत्कालीन सरकारों ने निर्णायक कार्रवाई के बजाय वार्ता का विकल्प चुना था। यहां तक कि 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमलों के बाद, कांग्रेस सरकार ने अपने वोट बैंक प्रभावित होने की आशंका के मद्देनजर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच किया।’’
मोदी ने पोकरण परीक्षण का संदर्भ देते हुए उल्लेख किया कि वाजपेयी सरकार ने विश्व को प्रदर्शित किया कि कैसे भारत अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।
प्रधानमंत्री, पाकिस्तान के बारे में कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर के एक साक्षात्कार का संदर्भ दे रहे थे।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में अय्यर यह कहते नजर आ रहे हैं कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह एक संप्रभु राष्ट्र है और उसके साथ संवाद करना चाहिए क्योंकि उसके पास भी परमाणु बम है।
उन्हें वीडियो में यह संकेत देते सुना जा सकता है कि अगर कोई 'सनकी व्यक्ति' वहां सत्ता में आ जाता है और परमाणु बम का इस्तेमाल करता है तो यह अच्छा नहीं होगा और इसका असर यहां भी होगा।
वहीं, अय्यर ने शुक्रवार को कहा था कि वीडियो पुराना है और इस समय इसे इसलिए ढूंढ कर निकाला गया है क्योंकि भाजपा का चुनाव अभियान लड़खड़ा रहा है। (भाषा)
समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर, 11 मई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि उनके आरोप के अनुसार उद्योगपति मुकेश अंबानी एवं गौतम अडाणी कांग्रेस को काला धन भेज रहे थे तो उनकी सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
बिहार के समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि मोदी भारत के प्रधानमंत्री केवल इसलिए बन सके क्योंकि कांग्रेस ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम अंबानी और अडाणी पर चुप हैं, हम चुप नहीं हैं... मैं पूछ रहा हूं कि अगर उनके आरोप के अनुसार, हमें इन उद्योगपतियों से काला धन प्राप्त हुआ तो उनकी सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने स्वयं काला धन प्राप्त किया था।’’
खरगे ने कहा, ‘‘आखिरकार, प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया कि इन दोनों उद्योगपतियों के पास काला धन है... तो फिर आपने उनके (उद्योगपतियों) के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। कहां से आ रहा था काला धन।’’
कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘आपको (प्रधानमंत्री को) जवाब देना चाहिए।’’
हाल ही में एक चुनावी रैली में, मोदी ने कांग्रेस पर ‘‘अंबानी और अडाणी’’ के साथ ‘‘सौदा’’ करने का आरोप लगाया था और पूछा था कि क्या इस दल को इन उद्योगपतियों से ‘‘काले धन टेम्पो पर लादकर भेजा गया था ताकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी उनका नाम लेना बंद कर दिया है।
मोदी पर एक प्रधानमंत्री की तरह नहीं बोलने का आरोप लगाते हुये, खरगे ने कहा, ‘‘मोदी झूठों के सरदार हैं। जब हमने उनके दोस्तों (अडानी और अंबानी) पर आरोप लगाए, तो मोदी उनका बचाव करते थे। अब, वह उन पर हमला कर रहे हैं और उनके बारे में झूठ फैला रहे हैं।’’
मोदी और अन्य भाजपा नेताओं पर वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए देश भर में सांप्रदायिक नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए खरगे ने कहा, ‘‘न तो प्रधानमंत्री और न ही भाजपा के अन्य नेता बढ़ती बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और कई अन्य ज्वलंत मुद्दों के बारे में बात कर रहे हैं । वे पूरे देश में सांप्रदायिक नफरत फैला रहे हैं। जो ताकतें संविधान पर हमला कर रही हैं और नफरत की राजनीति कर रही हैं, उन्हें हराना ही होगा। वे इस देश को हिंदू-मुस्लिम, धर्म और जातियों के बीच बांट रहे हैं।’’
देश के लिए कांग्रेस के योगदान को याद करते हुए खरगे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश की एकता के लिए अपने जीवन का बलिदान दे दिया और महात्मा गांधी तथा राजेंद्र प्रसाद सहित अन्य लोगों के संघर्षों के कारण भारतीयों को मताधिकार का इस्तेमाल करने का अधिकार मिला।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि सत्ता में आने पर कांग्रेस विरासत कर लगाएगी। वे लोगों से झूठ बोल रहे हैं और उन्हें गुमराह करने और डराने का प्रयास कर रहे हैं। तीन चरणों के मतदान के बाद ऐसा लग रहा है कि चुनाव उनकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं हो रहा है। वे अप्रासंगिक मुद्दे उठा रहे हैं... वे (भाजपा) लोगों से झूठ बोल रहे हैं और उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं।’’
खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भगवान राम से ज्यादा कांग्रेस, गांधी परिवार का नाम लेते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र की रक्षा की जानी चाहिए क्योंकि इसने एक चाय बेचने वाले के बेटे को प्रधानमंत्री और एक मजदूर के बेटे को विपक्षी दल का नेता बनाया।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली/हैदराबाद, 11 मई। केंद्रीय मंत्रियों अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सत्ता में आए तो अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और आम आदमी पार्टी (आप) के इस दावे को खारिज कर दिया कि मोदी चाहते हैं कि अगले साल 75 वर्ष के होने के बाद अमित शाह उनके उत्तराधिकारी बनें।
केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘आप’ मुख्यालय में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए वोट मांग रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि मोदी के 75 वर्ष के होने पर ‘‘सेवानिवृत्त’’ होने के बाद शाह उनके (मोदी) उत्तराधिकारी होंगे।
केजरीवाल के इस दावे पर पलटवार करते हुए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के पास मोदी का मुकाबला करने के लिए कोई नीति और कार्यक्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि हार का एहसास होने के बाद बौखलाए केजरीवाल और अन्य विपक्षी नेता अब पूरी तरह से देश को गुमराह करने में लगे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के संविधान में उम्र को लेकर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।’’
एक सवाल के जवाब में, शाह ने हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के संविधान में ऐसी कोई आयु सीमा का उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर भाजपा में कोई भ्रम नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी और पूरे ‘इंडिया’ गठबंधन को बताना चाहता हूं कि मोदी के 75 साल के हो जाने पर उन्हें खुश होने की जरूरत नहीं है। मोदी अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और वह देश का नेतृत्व करते रहेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर भाजपा में कोई भ्रम नहीं है। वे (विपक्ष) यह भ्रम पैदा करना चाहते हैं।’’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में शाह के रुख को दोहराया। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है और वह तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे और अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा, राजग या लोगों के बीच इसे लेकर कोई भ्रम नहीं है।’’
सिंह ने कहा कि जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने जिस तरह के अनाप-शनाप बयान दिए, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ गठबंधन शानदार जीत की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जो ‘इंडी’ गठबंधन अपने नेतृत्व पर निर्णय नहीं ले पा रहा है वह हमारे नेतृत्व के बारे में असफल अटकलें लगा रहा है...मोदी भाजपा के दिल में हैं। लोगों के बीच मोदी की जो स्वीकार्यता और विश्वसनीयता है।’’
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने केजरीवाल पर पलटवार किया और चुटकी लेते हुए कहा कि केजरीवाल उनकी पार्टी (भाजपा) की उत्तराधिकार योजना के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन धनशोधन के आरोप में जेल जाने के बावजूद उन्हें ‘आप’ के किसी भी सहयोगी पर भरोसा नहीं हुआ जो उनका उत्तराधिकारी बन सके। (भाषा)
हैदराबाद, 11 मई। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने शनिवार को आरोप लगाया कि यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव जीतकर सत्ता में आई, तो वह संविधान को बदल देगी। उन्होंने इस संबंध में भाजपा के विचार को पाप करार देते हुए कहा कि देश के लोग संविधान बदलने की अनुमति नहीं देंगे।
तेलंगाना में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता पूरे देश में घूम-घूमकर 400 लोकसभा सीट मांग रहे हैं, ताकि वे संविधान बदल सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘धर्म के नाम पर भाइयों-बहनों को बांटना पाप है। धर्म के नाम पर भ्रम पैदा करना और लोगों को गुमराह करना पाप है। धर्म के नाम पर लोकतंत्र और लोगों को कमजोर करना और यह कहना कि वे संविधान बदल देंगे, यह पाप है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह संविधान हमारे बुजुर्गों ने अपने संघर्ष और खून से लिखा है। यह संविधान मोदी जी ने नहीं लिखा है। इस देश के लोगों ने इसे लिखा है।’’
प्रियंका ने कहा कि भाजपा लोगों के मन में यह बीज बोने की कोशिश कर रही है कि कांग्रेस पार्टी उनकी संपत्ति छीन लेगी और उन्हें एक विशेष वर्ग को दे देगी।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ अरबपतियों का पक्ष लिया और उनका 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया गया, लेकिन संकट के समय सरकार ने कभी किसानों और अन्य वर्गों की सुध नहीं ली।
वाद्रा ने दावा किया कि देश में 70 करोड़ लोग बेरोजगार हैं और करीब 30 लाख सरकारी पद रिक्त हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 11 मई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर देश में ‘तानाशाही’ को बढ़ाने देने का आरोप लगाने पर आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर शनिवार को पलटवार करते हुए कहा कि यह दिल्ली का दुर्भाग्य है कि उसे ऐसे मुख्यमंत्री मिले हैं जो फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं और न ही सचिवालय जा सकते हैं।
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि 50000 रुपये के मुचलके पर जमानत पर बाहर आये केजरीवाल झूठ फैलाने लगे हैं।
उन्होंने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘ केजरीवाल से शालीन व्यवहार की आशा नहीं की जा सकती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली को ऐसे मुख्यमंत्री मिले हैं जो फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते और न ही सचिवालय जा सकते हैं।''
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक धनशोधन मामले में केजरीवाल को इस शर्त पर जमानत दी कि वह एक जून तक जमानत पर रहने के दौरान अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जायेंगे।
शीर्ष न्यायालय ने केजरीवाल को तबतक किसी भी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर करने से भी रोक दिया है । उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए यदि फाइल पर दस्तखत करना बहुत ही जरूरी होगा, तो वह अपवाद होगा।
सचदेवा ने आरोप लगाया कि ‘भ्रष्टाचार’ केजरीवाल की विचारधारा है और आप ‘भ्रष्टाचार की जननी’ है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उनकी विचारधारा ने दिल्ली को सबसे प्रदूषित शहर बना दिया तथा सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाइयां दी जाती हैं, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्रों में भ्रष्टाचार हुआ तथा सबसे बड़ी योजना दिल्ली के युवाओं को शराब नीति के मार्फत व्यसन में धकेल देना था।’’
उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अपने और अपनी पार्टी के बारे में सोचने की जरूरत है क्योंकि उनके चार शीर्ष सहयोगी भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं।
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के लोगों को तय करना है कि वे जमानत पर बाहर आये ‘भ्रष्ट’ (व्यक्ति) को वोट देना चाहते हैं या कि मोदी सरकार को , जिसने अपनी कल्याणकारी योजनाओं से पिछले 10 सालों से सभी को लाभ पहुंचाते हुए विकास की नयी परिभाषा लिखी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 11 मई। कांग्रेस ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से सवाल किया कि उसने प्रधानमंत्री के “करीबियों” के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की, जबकि चुने हुए नेताओं को मनगढ़ंत मामलों में जेल में डाला जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में आरोप लगाया था कि कांग्रेस को "अडाणी और अंबानी" से "टेंपो में भरकर पैसा" मिल रहा है, जिसका जिक्र करते हुए पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने ईडी से सवाल किया।
रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “दो मौजूदा मुख्यमंत्रियों, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने मनगढ़ंत मामलों में जेल में डाल दिया। इस बीच, प्रधानमंत्री ने तेलंगाना में अपने एक भाषण में खुलेआम कहा है कि अडाणी और अंबानी के पास काला धन भरा हुआ है। ऐसे में ईडी कुम्भकर्ण की नींद क्यों सो रही है?”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के करीबियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जबकि जनता द्वारा चुने गए नेताओं को जेल में डाला जा रहा है?”
सोरेन को ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए एक जून तक की अंतरिम जमानत दी।
झारखंड के चतरा में मोदी की चुनावी रैली के दिन रमेश ने सरकार पर रेलवे कनेक्टिविटी की मांग पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया और कहा कि चतरा-गया रेल परियोजना पर कोई प्रगति नहीं हुई है।
उन्होंने भाजपा पर आदिवासियों के अधिकारों को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “वर्ष 2006 में कांग्रेस ने क्रांतिकारी वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) पारित किया था, जिसके बाद से आदिवासियों का वर्षों का संघर्ष समाप्त हुआ था। इस कानून ने आदिवासियों और वन में रहने वाले अन्य समुदायों को अपने ख़ुद के जंगलों का प्रबंधन करने और उनसे प्राप्त उपज से आर्थिक रूप से लाभ उठाने का कानूनी अधिकार दिया था। पिछले साल, जब प्रधानमंत्री मोदी ने वन संरक्षण संशोधन अधिनियम पेश किया, तो इस सारी प्रगति पर पानी फिर गया।” (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 मई। एमएमए इंडिया चैम्पियनशिप का आज चौथे में सब जूनियर का यूथ फाइनल आज हुआ। इसमे ओवर ऑल इंडिया चैम्पियनशिप में 10 गोल्ड मैडल जीत कर महाराष्ट्र के बच्चो ने पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं दूसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ के बच्चों ने 8 गोल्ड मैडल जीते। और तीसरे स्थान पर 7 गोल्ड मैडल जीत कर जम्मूकश्मीर की टीम रही है।
इन सभी विजेता खिलाड़ियों को मैडल सर्टिफिकेट देकर उनका सम्मान किया गया। एमएमए का सेमीफाइनल फाइनल मैच में सीनियर टीम से 16 महिला खिलाड़ी और 34 पुरूष पहुंचे। इनके मैच कल खेले जाएंगे एमएमए इंडिया के सभी बोर्ड के सदस्य, ऑफिसियल, और नेशनल इंटरनेशनल चैम्पियनशिप में भारत का नाम रौशन करने वाले महिला-पुरूष खिलाड़ियों को भी मंच में मैडल सर्टिफिकेट एवं किट देकर उन्हें सम्मानित किया गया। कल 12 शाम 4 बजे समापन के अवसर पर कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की गरिमामयी उपस्थित रहेगी।
नक्सलवाद के खिलाफ हमारी सरकार मजबूती से लड़ाई लड़ रही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 मई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज ओडिशा में दो बड़ी जनसभाओं को संबोधित कर रायपुर लौटे। हेलीपेड पर उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए।
अरविंद केजरीवाल द्वारा भाजपा नेताओं के कैरियर को लेकर दिए बयान पर सीएम साय ने कहा कि वो लोग अपना घर पहले देखें, हमारा घर बिल्कुल मजबूत है, हमारी चिंता बिल्कुल न करें।
नक्सलवाद पर सीएम ने कहा कि हम जब से सरकार में है मजबूती के साथ लड़ रहे हैं। कल 12 नक्सली मारे गए हैं, मेरी जानकारी के अनुसार आज भी एक नक्सली मारा गया है। 29 नक्सली भी एक दिन में मारे हैं। आगे भी मजबूती से लड़ेंगे, या तो वो आत्मसमर्पण कर दें और विकास की मुख्यधारा से जुड़ जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उनका तीसरी बार ओडिशा का दौरा था। उन्होंने बताया कि कालाहांडी लोकसभा क्षेत्र की दो विधानसभाओं नुआपारा और जूनागढ़ में लोकसभा प्रत्याशी मालविका देवी और दोनों विधानसभा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। दोनों सभा बहुत सफल रही, इतनी गर्मी के बावजूद भी भारी संख्या में वहां पर मतदाता आए। इस बार उड़ीसा में भी परिवर्तन दिख रहा है, लोगों को हम बता रहे हैं कि मजबूत सरकार और मजबूत प्रधानमंत्री बनाने से बहुत फायदे मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि पहले बात-बात में जो पाकिस्तान गीदड़ भभकी दिखाता था, दो बार के सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद उसको अपना औकात पता चल गया। साथ ही हम जनता को बता रहे हैं कि डबल इंजन की सरकार से उसका क्या लाभ होता है। छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार है तो 3 महीने में ही मोदी की गारंटी के बहुत सारे काम कर दिए गए हैं और उनसे भी आग्रह कर रहे हैं कि आप भी डबल इंजन की सरकार बनाएं।
ओडिशा में भी निश्चित रूप से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी और अधिकांश लोकसभा की सीटें भी भारतीय जनता पार्टी जीत रही है।
छत्तीसगढ़ पर भ्रष्टाचार एवं घोटालों पर हो रही जांच के सवाल पर पर श्री साय ने कहा कि जो भी विभिन्न घोटाले में संलग्न है, जांच एजेंसियां जांच कर रही है और जो दोषी पाए जा रहे हैं उन पर कार्रवाई भी हो रही है।
नयी दिल्ली, 11 मई। दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के सह-संस्थापक अब्दुल सुभान कुरैशी को एक एक मामले में जमानत दे दी है।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने उसके जेल में पांच साल बिताने पर विचार करते हुए निर्देश दिया कि जमानत की शर्तों पर फैसला निचली अदालत करेगी।
पीठ ने कहा, ''यदि निचली अदालत द्वारा तय की गई किसी भी शर्त का उल्लंघन होता है या अपीलकर्ता (कुरैशी) प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी गवाह को धमकाने या प्रभावित करने का प्रयास करता है या मुकदमे में देरी करने का प्रयास करता है, तो अभियोजन पक्ष जमानत रद्द कराने की अपील करने के लिए स्वतंत्र है।''
उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के दिसंबर 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली कुरैशी की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया है। दरअसल, निचली अदालत ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) मामले में कुरैशी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
सुभान कुरैशी ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436-ए के तहत जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसमें कहा गया कि एक विचाराधीन कैदी (यूटीपी) को निजी मुचलके पर अधिकतम संभावित सजा की आधी से अधिक सजा काटने पर जमानत मांगने का अधिकार है।
कुरैशी के वकील प्रशांत प्रकाश और कौसर खान ने अदालत से उसे लंबे समय तक विचाराधीन कैदी के रूप में हिरासत में रहने के आधार पर जमानत देने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि वह मुकदमे के इंतजार में लगभग पांच साल से हिरासत में है, जो इस अपराध के लिये निर्धारित सजा का आधा हिस्सा है। कुरैशी को जिस अपराध के लिये जेल में रखा गया है, उसके लिये अधिकतम कारावास की सजा सात साल है।
वकीलों ने अदालत को बताया कि कथित अपराधों के लिए आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153बी (अपराध के लिए सजा), 120बी (आपराधिक साजिश) और यूएपीए की धारा 10 (प्रतिबंधित संघ का सदस्य होने के लिए जुर्माना) और धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा) के तहत आरोप तय किए जा चुके हैं।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, कुरैशी इंडियन मुजाहिदीन और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का सक्रिय सदस्य रहा।
अभियोजन पक्ष का कहना था कि 27 सितंबर 2001 को केंद्र सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध लगा दिया था और उसी रात दिल्ली पुलिस को जाकिर नगर में संगठन द्वारा संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने की जानकारी मिली थी। उसने कहा कि जाकिर नगर में सिमी के कार्यालय पर छापा मारा गया, जहां संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा था और संगठन के सदस्य भारत सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
उसने बताया कि पुलिस ने वहां छापेमारी कर संगठन के कुछ सदस्यों को मौके से गिरफ्तार कर लिया, जबकि कुरैशी समेत कुछ अन्य लोग वहां से भाग गए। इस दौरान पुलिस ने वहां से कुछ आपत्तिजनक सामान भी बरामद किये।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कुरैशी को एक जून, 2019 को गिरफ्तार किया था।
अभियोजक ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी को पहले ही भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया था और एक अन्य मामले में पकड़े जाने के बाद ही उसे इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
अदालत ने कहा कि महज इसलिए कि आरोपी के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, इसे सीआरपीसी की धारा 436-ए के तहत प्रदान की गई राहत को अस्वीकार करने का एकमात्र आधार नहीं माना जा सकता है। (भाषा)
कोलकाता, 11 मई । वकील प्रशांत भूषण ने चुनावी बॉण्ड को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए शनिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय उस याचिका पर शीघ्र सुनवाई शुरू करेगा जिसमें कॉरपोरेट संस्थाओं और राजनीतिक दलों के बीच ‘‘लाभ लेकर फायदा पहुंचाने’’ की कथित व्यवस्था की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने का अनुरोध किया गया है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए।
भूषण ने ‘कोलकाता प्रेस क्लब’ में कहा, ‘‘शीर्ष अदालत में दायर की गई उस याचिका पर जल्द सुनवाई शुरू होगी जिसमें एसआईटी गठित करने का अनुरोध किया गया है। उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एक निष्पक्ष एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए। एसआईटी में सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शामिल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे भी इस मामले में आरोपी हैं।’’
भूषण ने कहा कि जांच से पता चलेगा कि ‘‘चुनावी बॉण्ड घोटाले’’ में कौन शामिल था और राजनीतिक दलों से पैसा कैसे वसूला जा सकता है। (भाषा)
इस्लामाबाद, 11 मई। अफगानिस्तान में हुई भारी मौसमी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ के चलते 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 1,000 से अधिक घर नष्ट हो गए। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एजेंसी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा कि वह पिछले कुछ हफ्तों में अफगानिस्तान में आई बाढ़ पीड़ितों को खाद्य सामग्री वितरित कर रहा है। ज्यादातर पीड़ित उत्तरी प्रांत बगलान में हैं, जहां शुक्रवार को बाढ़ आई है।
पड़ोसी तखर प्रांत में, सरकारी स्वामित्व वाले मीडिया संस्थानों ने बाढ़ से कम से कम 20 लोगों की मौत होने की खबर दी है।
तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “इस विनाशकारी बाढ़ में सैकड़ों लोगों की मौत हुई है और काफी संख्या में लोग घायल हुए हैं।”
मुजाहिद ने बदख्शां, बगलान, घोर और हेरात प्रांतों को सबसे ज्यादा प्रभावित बताया। उन्होंने कहा कि “व्यापक तबाही” के परिणामस्वरूप “काफी वित्तीय नुकसान” हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों को बचाने, घायलों को उपचार के लिए ले जाने और शवों को निकालने के लिए सभी उपलब्ध संसाधन जुटाने का आदेश दिया है।
तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि देश की वायुसेना ने पहले ही बगलान में लोगों को निकालना शुरू कर दिया है और बड़ी संख्या में बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बचाया है और 100 घायलों को क्षेत्र के सैन्य अस्पतालों में पहुंचाया है। (एपी)
नयी दिल्ली/रांची, 11 मई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि इसने कथित तौर पर भूमि कब्जा करने से जुड़े धन शोधन मामले के सिलसिले में तीन और गिरफ्तारियां की हैं।
मामले में ईडी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था।
ईडी के अनुसार, धन शोधन (निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत नौ मई को संजीत कुमार, मोहम्मद इरशाद और तापस घोष को हिरासत में लिया गया था।
संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘इन व्यक्तियों को छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम के तहत निर्धारित गैर-बिक्री योग्य भूमि के उपयोग की प्रकृति में बदलाव के लिए भू अभिलेखों की जालसाजी, उनमें छेड़छाड़ करने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया है।’’
बयान में कहा गया है कि इस अधिनियम का उद्देश्य आदिवासी और हाशिये पर मौजूद समुदायों के भू अधिकारों की रक्षा करना है।
बयान के अनुसार, कुमार और घोष कोलकाता के ‘रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस’ में संविदा कर्मचारी के रूप में काम करते हैं।
सोरेन सहित, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी छवि रंजन, राजस्व विभाग के पूर्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और अन्य को ईडी ने अपनी जांच के तहत गिरफ्तार किया है।
ईडी ने आरोप लगाया कि जांच में पाया गया कि उपरोक्त आरोपी व्यक्तियों द्वारा फर्जीवाड़ा और जालसाजी के जरिये हासिल की गई भूमि हेमंत सोरेन के अवैध कब्जे में है।
रांची में सोरेन द्वारा अवैध रूप से हासिल कुछ भूखंडों सहित 266 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन एजेंसी ने अब तक कुर्क की है, जबकि उसके द्वारा 64 तलाशी और सर्वेक्षण किये जाने के बाद आरोपपत्र दाखिल किया गया।
ईडी ने दावा किया, ‘‘एक भूमि माफिया गिरोह झारखंड में सक्रिय है जो रांची और कोलकाता में भू अभिलेखों में छेड़छाड़ करने में संलिप्त है।’’
इसने कहा कि फर्जी भू अभिलेख के आधार पर इस तरह के भूखंड अन्य लोगों को बेच दिये गए।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता सोरेन (48) ने यह कहते हुए भूमि कब्जा करने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है कि उनके खिलाफ धन शोधन मामला राजनीतिक प्रतिशोध के तहत भाजपा नीत केंद्र सरकार की साजिश है।
झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें 31 जनवरी को रांची स्थित राजभवन से ईडी ने गिरफ्तार किया था। (भाषा)
राघवेंद्र राव
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से सांसद बनी थीं. भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर उन्हें इस सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया है.
हालांकि पार्टी ने इस बार मेनका गांधी के बेटे और पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया है. उनकी जगह पार्टी ने कांग्रेस से बीजेपी में आए और योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को यहां से उतारा है.
बीबीसी से खास बातचीत में मेनका गांधी ने अपनी राजनीतिक यात्रा, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से लेकर वरुण गांधी के टिकट कटने पर बात की.
मेनका गांधी ने कहा कि वरुण गांधी काबिल इंसान हैं और अगर उनमें दम होगा तो वे बहुत आगे जाएंगे.
उन्होंने कहा कि वरुण गांधी को टिकट न मिलने पर वे खुश नहीं थीं लेकिन यह एक चुनाव ही है. वह 28 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने थे और तब से लाखों लोगों का दिल जीतते हुए आ रहे हैं.
मेनका ने कहा, "उनकी काबिलियत लिखने, प्रचार करने के अलावा कई चीज़ों में है. उन्होंने अर्थव्यवस्था पर दो बेस्ट सेलर किताबें लिखी हैं. वह कविता भी लिखते हैं. वह बहुत आगे जाएंगे."
वरुण गांधी अक्सर कई मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर अपने विचार खुलकर रखते हैं. कई बार वे अपनी ही पार्टी और बिना नाम लिए पीएम नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ को घेर चुके हैं.
प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर जब मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीते मरने लगे तो वरुण गांधी ने कहा था, "विदेशी जानवरों की यह लापरवाह खोज तुरंत समाप्त होनी चाहिए."
जब मेनका गांधी से वरुण गांधी और बीजेपी के बीच जारी रस्साकशी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "उसने (वरुण) ने जो कुछ भी लिखा, जो भी पढ़ा, वह मुद्दो पर था."
मेनका गांधी ने कहा कि जब वह वरुण गांधी से मिलती हैं, तो राजनीति की जगह परिवार और अपनी पोती के बारे में बात करती हैं, क्योंकि राजनीति के अलावा एक बहुत बड़ी जिंदगी हैं.
फिलहाल मेनका गांधी अकेले सुल्तानपुर में प्रचार करते हुए दिखाई दे रही हैं.
वरुण गांधी की चुनाव प्रचार में गैर मौजदूगी से जुड़ा सवाल जब मेनका गांधी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "वरुण आना चाहता है, लेकिन इस वक्त ज़रूरत नहीं है, हालांकि मैं चाहती हूं कि यहां पूरा परिवार रहे. हम लोग काफी व्यस्त हैं. इस वक्त चुनाव प्रचार अच्छा चल रहा है. फिलहाल सोने पर सुहागे की ज़रूरत नहीं है. मुझे लगा तो मैं जरूर वरुण को बुलाऊंगी."
मेनका गांधी ने कहा कि भले वरुण गांधी का टिकट कट गया हो लेकिन अगर वह मेरा चुनाव प्रचार करने के लिए सुल्तानपुर आते हैं तो इससे कोई विरोधाभास पैदा नहीं होगा बल्कि इससे उन्हें लाभ मिलेगा.
टिकट कटने के बाद ये कयास लगाए गए कि वरुण गांधी निर्दलीय या फिर वे कांग्रेस का हाथ पकड़ सकते हैं.
इसपर मेनका गांधी ने कहा, "ये सारे कयास मीडिया लगाती है. सुल्तानपुर में चाय की दुकान पर बैठकर हर घंटे लोग सरकारें गिराते और बनाते हैं, यही हाल अखबारों का है, लेकिन बदलाव तो कुछ नहीं हुआ. वरुण अभी भी वहीं हैं, जहां वह पहले थे."
राहुल गांधी, प्रियंका पर क्या कहा?
उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार से जुड़ी तीन सीटें हमेशा से सुर्खियों में रही हैं. इसमें रायबरेली, अमेठी और पीलीभीत शामिल है.
इस बार कांग्रेस ने रायबरेली से राहुल गांधी को उम्मीदवार बनाया है. साल 2019 में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति इरानी ने उन्हें अमेठी सीट पर हरा दिया था.
राहुल गांधी के अमेठी की जगह रायबरेली जाने पर मेनका गांधी ने कोई टिप्पणी नहीं की.
जब मेनका गांधी से पूछा गया कि वह राहुल गांधी की यात्रा को कैसे देखती हैं? तो उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि वो इवॉल्व हुए हैं. सिर्फ पदयात्रा करने से कोई इवॉल्व नहीं होता. मुद्दे उठाना, गहराई से स्टडी करना, नेतृत्व देना और बहादुरी दिखाना ये चाहिए होता है."
जब यही सवाल प्रियंका गांधी को लेकर किया तो उन्होंने कहा कि राहुल को लेकर कही गई मेरी सभी बातें प्रियंका गांधी पर भी लागू होती हैं. यानी राहुल की तरह प्रियंका गांधी भी खुद को इवॉल्व नहीं कर पाई हैं.
इस लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने 400 पार का नारा दिया है. क्या वाकई बीजेपी इस आंकड़े को पार कर लेगी?
इस सवाल के जवाब में मेनका गांधी ने कहा, "चुनाव के समय मुझे सिर्फ सुल्तानपुर दिखाई देता है. अगल-बगल और यहां तक की देश भी बाद में दिखाई देता है. पहले सुल्तानपुर की मुसीबतें और लोगों की ख्वाहिशें दिखती हैं. अगर उन्होंने (पीएम मोदी) 400 का नारा दिया है तो हो ही जाएगा या उसके नज़दीक रहेगा."
सैम पित्रोदा पर क्या कहा?
हाल ही में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अमेरिका के इनहेरिटेंस (विरासत) टैक्स की वकालत की थी.
उन्होंने कहा था, "अमेरिका में इनहेरिटेंस टैक्स की व्यवस्था है. इसका मतलब है कि अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद बच्चों को केवल 45 फ़ीसदी संपत्ति ही मिलेगी और बाकी 55 फ़ीसदी सरकार ले लेगी."
"ये काफ़ी दिलचस्प क़ानून है. ये कहता है कि आप अपने दौर में संपत्ति जुटाओ और अब जब आप जा रहे हैं, तो आपको अपनी धन-संपत्ति जनता के लिए छोड़नी होगी, सारी नहीं लेकिन उसकी आधी, जो मेरी नज़र में अच्छा है."
पित्रोदा के बयान को पीएम मोदी ने चुनावी मुद्दा बना दिया. एक चुनावी सभा में उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते कहा, "जब तक आप जीवित रहेंगे, तब तक कांग्रेस आपको ज्यादा टैक्स से मारेगी और जब जीवित नहीं रहेंगे, तब आप पर इनहेरिटेंस टैक्स का बोझ लाद देगी."
पीएम मोदी ने कहा, "अब कांग्रेस का कहना है कि वो इनहेरिटेंस टैक्स लगाएगी, माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी. आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी. कांग्रेस का पंजा वो भी आपसे लूट लेगा. कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट... जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी."
बीजेपी के हाई पिच कैंपेन और पीएम मोदी के बयानों में मुसलमान, घुसपैठिए और मंगलसूत्र जैसे शब्दों के ज़िक्र को लेकर जब मेनका गांधी से सवाल किया गया तो वे इससे बचती हुई दिखाई दी और उन्होंने कहा कि सैम पित्रोदा को यह बयान नहीं देना चाहिए था.
मेनका गांधी ने कहा, "मुझे लगता है कि पित्रोदा को इस वक्त ये नहीं बोलना चाहिए. व्यक्तिगत तौर पर मुझे राजनीतिक चीज़ से मतलब नहीं है. किसने क्या बोला, किसने क्या जवाब दिया. इनहेरिटेंस टैक्स हिंदुस्तान के लिए नहीं चलेगा. मैं निजी तौर पर उसके ख़िलाफ़ हूं. हमारे यहां ज्वॉइंट फैमिली है या परिवारों के बीच रिश्ते इतने मज़बूत हैं, जो जिंदगी भर पैसा कमाता है वो बच्चों के लिए करता है, फिर उसको आधा सरकार को देना पड़े, तो फिर उसने क्यों कमाया."
उन्होंने कहा, "लोग विदेश में बैठे हैं, वे कुछ भी, कभी भी बोले, अपनी अक्ल छांटे लेकिन इसका गलत असर पार्टी पर पड़ता है. मुझे लगता है कि पित्रोदा को बोलना ही नहीं चाहिए था."
ध्रुवीकरण के आरोप
लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी से लेकर कई बीजेपी के वरिष्ठ नेता कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप लगा रहे हैं.
एक चुनावी सभा में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी दलितों और पिछड़ों का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देना चाहती है.
चुनाव में बीजेपी के ध्रुवीकरण को बढ़ाने के आरोप पर मेनका गांधी ने कहा, "आप मेरे बारे में बता कर लें. हम लोग यहां (सुल्तानपुर) नहीं करते हैं. आप गांव में जाइये, कोई भी कौम हो. आपको ये आरोप सुनाई नहीं देगा."
अपने एक पुराने बयान पर भी उन्होंने सफाई दी, जो उन्होंने साल 2019 में दिया था. तब उनके बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसमें मेनका अपनी ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा था कि जीत के बाद अगर मुसलमान उनके पास काम करवाने आता है तो उन्हें इस बारे में सोचना होगा.
इस पर सफ़ाई देते हुए कहा कि वे बिना जात या धर्म देखे बिना लोगों के काम करती हैं, लेकिन अगर चुनाव में व्यक्ति को याद आए कि वह कौन है, तो बुरा लगता है. ऐसे में मैं सोचती हूं कि मैं काम क्यों करती हूं.
उन्होंने कहा, "पांच साल में हर जाति, कौम का व्यक्ति आया. हजारों लोगों की मदद हुई. हम फिर कोशिश कर रहे हैं कि मुद्दे जाति-धर्म के ना हों, ये मुद्दे तरक्की के हों, अभी भी मैं वही कह रही हूं कि खुशी से आइये, मेरा घर, मेरा दिल खुला है सबके लिए. यही मेरा मतलब तब था, यही अब भी है." (bbc.com/hindi)
एक महिला सरपंच का पति से झगड़ा हुआ तो गुस्से में वह बेटे-बेटी के साथ घर छोडक़र मायके जाने निकल गई। रास्ते में अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया पड़ा, और वहां यह महिला बच्ची को पहाड़ी पर छोडक़र आ गई। उससे पड़ोसियों को जानकारी मिली, फिर पति साथियों सहित जंगल में बच्ची को ढूंढने निकला, और तीन दिन बाद यह बच्ची भूख और प्यास से मरी हुई मिली। छत्तीसगढ़ का यह मामला देश भर में शादीशुदा जोड़ों के बीच चल रही तनातनी, और उससे उपजी हिंसा के अनगिनत मामलों में से एक है। हर दिन कई ऐसे मामले हो रहे हैं जिनमें महिला बच्चों सहित खुदकुशी कर रही है। पिता के साथ ऐसे तनाव की नौबत आती है तो वह पूरे परिवार को मारकर मरता है, लेकिन महिला के दिमाग में शायद यह बात रहती है कि उसके छोडक़र जाने के बाद बच्चों का जितना बुरा हाल होगा उससे बेहतर तो बच्चों को मारकर फिर खुद मरना है। लेकिन पारिवारिक हिंसा इतनी अधिक गंभीर होने पर भी परिवार के बाकी लोग, पड़ोसी, और यार-दोस्त बीच-बचाव करके हिंसा की नौबत आने से रोक क्यों नहीं पाते? क्या लोगों की पारिवारिक और सामाजिक जवाबदेही पुराने जमाने के मुकाबले अब कमजोर हो गई है, और अब लोग अधिक आत्मकेन्द्रित हो गए हैं? एक महिला सरपंच तो एक आम महिला के मुकाबले अधिक ताकतवर होनी चाहिए थी, लेकिन उसका निर्वाचित सरपंच होना, राजनीतिक ताकत, इन सबका कोई इस्तेमाल नहीं हो पाया, और तनाव के बीच वह पति को छोडक़र निकल जाने के बजाय बेटी को जंगल में छोडक़र आ गई। होना तो यह चाहिए था कि अगर पति के साथ रहना मुमकिन नहीं था, तो एक महिला सरपंच बच्चों के साथ अलग भी रह सकती थी।
भारत में तलाक के मामले तो पश्चिमी देशों के मुकाबले कम दिखते हैं, लेकिन पारिवारिक हिंसा वहां के मुकाबले बहुत अधिक है। पहले तो सिर्फ महिलाएं ही परिवार में हिंसा की शिकार होती थीं, लेकिन अब कई मामलों में यह भी सुनाई देता है कि कोई पत्नी भी पति को खत्म कर रही है, खुद अकेले, या किसी प्रेमी के साथ मिलकर। यह पहले के मुकाबले कुछ नई और अनोखी बात है। लेकिन चाहे जिस किस्म की हो, पारिवारिक हिंसा पूरे परिवार को खत्म कर देती है, किसी का कत्ल हो जाता है, और कोई उम्रकैद के लिए जेल चले जाते हैं। ऐसी किसी भी नौबत में बच्चे सबसे अधिक तकलीफ पाते हैं, और बाकी रिश्तेदारों या पड़ोसियों, या सरकारी इंतजाम में उनकी जिंदगी तबाह हो जाना तय सरीखा रहता है।
ऐसी पारिवारिक हिंसा को रोकने के लिए कोई नाटकीय कार्रवाई नहीं हो सकती, लेकिन जैसे-जैसे भारत में महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, समाज में बिना पति रहने वाली महिला के लिए कामकाजी हॉस्टल सरीखा सुरक्षित इंतजाम रहेगा, वैसे-वैसे हिंसा की नौबत आने के पहले महिला अलग हो सकेगी। आज भी कुछ गिनी-चुनी घटनाओं को अगर छोड़ दें, तो पारिवारिक हिंसा में आमतौर पर महिलाएं ही हिंसा की शिकार होती हैं। इसलिए उनकी आत्मनिर्भरता उन्हें परिवार के भीतर बेहतर सम्मान और जगह दिला सकती है, साथ ही समाज में अपने दम पर कमाने-खाने, और सुरक्षित रहने की संभावना भी दिला सकती है। जहां कहीं परिवारों में औरत और मर्द की ताकत में बहुत बड़ा फर्क होगा, वहां इन दोनों में से कमजोर पर हिंसा का खतरा अधिक रहेगा, जो कि भारत में महिला पर ही रहता है।
आर्थिक आत्मनिर्भरता का एक दूसरा जरिया भी होता है। शादीशुदा महिला के मायके के लोग अगर किसी मुसीबत की नौबत में उसके साथ खड़े रहते हैं, तब भी वह हिंसा झेलने के बजाय हिंसक पति-परिवार को छोडक़र निकल सकती है। इसके लिए मां-बाप और भाईयों को पिछले कुछ महीनों में दो अलग-अलग खबरों को देखना चाहिए जिनमें ससुराल में प्रताडि़त बेटी को पिता गाजे-बाजे के साथ बारात की शक्ल में अपने घर लेकर आए। अब तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महिला का मां-बाप की संपत्ति में वैसे भी बेहतर हक स्थापित हो चुका है, इसलिए भाईयों को भी हिंसा से बचकर आई बहन को जगह देने में तंगदिली नहीं दिखानी चाहिए। भारतीय समाज में तलाक को लेकर जितनी बुरी सोच है, उसे भी बदलने की जरूरत है। अगर साथ रहना, साथ रहकर जिंदा रहना मुमकिन नहीं है, तो बच्चों की जिंदगी भी बर्बाद करने, खुद मरने-मारने के बजाय अलग रहना बेहतर है। ऐसे में लडक़ी का परिवार, समाज की सोच, और सरकार का कामकाजी महिलाओं के हॉस्टल सरीखा इंतजाम, ये सब मिलकर हिंसक-रिश्ते में फंस गई महिला को वहां से निकलने में मदद कर सकते हैं। और आर्थिक आत्मनिर्भरता तो इन सबसे ऊपर है ही।
भारत में तलाक और अलग रहने के बजाय यह परंपरागत सोच अधिक चली आ रही है कि लडक़ी की डोली पिता के घर से उठती है, और उसकी अर्थी पति के घर से उठनी चाहिए। इस पुरानी सोच को समाज के अधिकतर लोग इतनी गंभीरता से ले लेते हैं कि फिर चाहे उसकी अर्थी भरी जवानी में ही छोटे-छोटे बच्चों को छोडक़र या मारकर ही क्यों न निकल जाए। इस सोच को बदलने की जरूरत है। सरकारें महिलाओं के खातों में नगद रकम डालने से लेकर दूसरी कई किस्म की योजनाएं उनके लिए लागू करती रहती हैं। ऐसे में ही शहरों और कस्बों तक कामकाजी महिला हॉस्टल का विस्तार होना चाहिए, ताकि परेशानी में फंसी महिला पूरा मकान किराए पर लेने से बचे, और किसी अकेले मकान में रहने से वह पति की हिंसा के खतरे से भी परे रहे। ऐसा इंतजाम भारत में परिवार व्यवस्था को तोडऩे को नहीं बढ़ाएगा, बल्कि महिला को तोडऩे की भारतीय पुरूषवादी सोच का खतरा घटाएगा, महिलाओं को नागरिक के रूप में बहुत बुनियादी हक देने के लिए ऐसा इंतजाम करना जरूरी है। (क्लिक करें : सुनील कुमार के ब्लॉग का हॉट लिंक)
बद्रीनाथ, 11 मई । विश्व प्रसिद्ध श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार 12 मई को सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल रहे हैं। उत्तराखंड के चार धामों में से तीन धाम श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शुक्रवार अक्षय तृतीया के दिन खुल चुके हैं।
श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की ओर से तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। कपाट खुलने को लेकर बद्रीनाथ मंदिर को पुष्पों से सजाया जा रहा है।
हजारों की संख्या में तीर्थयात्री श्री बद्रीनाथ धाम पहुंच गए हैं और लगातार श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। दानदाताओं की ओर से जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया गया है। बद्रीनाथ में मौसम सर्द है और पर्वतों पर बर्फ साफ नजर आ रही है। वहीं मंदिर के आसपास और सड़क की बर्फ गल चुकी है और दिन में धूप खिली हुई है।
रविवार को ही श्री बद्रीनाथ धाम मंदिर परिक्रमा स्थित गणेश जी, घंटाकर्ण जी, आदि केदारेश्वर जी, आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर, श्री माता मूर्ति मंदिर तथा तपोवन सुभाई (जोशीमठ) स्थित भविष्य बदरी मंदिर के भी कपाट खुल जायेंगे।
(आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 11 मई। आज धमतरी जिले के थाना नगरी क्षेत्रान्तर्गत ग्राम भैसा मुंडा के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर हुआ। घटनास्थल की सर्चिंग में नक्सली साहित्य, नक्सली सामान एवं अन्य सामान बरामद किया गया।
पुलिस के अनुसार 11 मई को दोपहर एक बजे थाना नगरी क्षेत्रांतर्गत ग्राम भैसा मुंडा के जंगल में मैनपुर नुआपाड़ा संयुक्त डिवीजन के नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर डीआरजी धमतरी डीआरजी गरियाबंद की संयुक्त टीम नक्सली विरोधी अभियान पर निकली थी।
मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक नक्सली को मार गिराया। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल की सर्चिंग की गई, जिसमें नक्सली साहित्य, नक्सली सामान एवं अन्य सामान बरामद किया गया।