कारोबार
रायपुर, 27 अगस्त। एलआईसी बिल्डिंग के सामने, सिविल लाइंस में लॉन टेनिस चर्च ग्राउंड स्थित गॉस मेमोरियल में चल रहे ऑल इंडिया हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट प्रदर्शनी-सह-बिक्री को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
इस आयोजन में संपूर्ण भारत से क्राफ्ट्समैन एवं विवर्स अपने हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट आइटम्स के साथ एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं, जिसमें टेराकोटा, फर्नीचर, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट, किचनवेयर, साडिय़ों का विशाल संग्रह, लेडीज कुर्ती व टॉप, लेडीज एण्ड जेन्ट्स गारमेन्ट्स के अलावा और भी बहुत कुछ है.
उपरोक्त जानकारी प्रदर्शनी के संचालक मुकेश प्रजापति ने दी. उन्होने बताया कि इस आयोजन में देश के प्रमुख शहरों के हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट आइटम्स प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए रखे गये हैं. इसमें उत्तर प्रदेश के भदोही के कारपेट, लखनवी चिकन सूट, ड्रेस, खादी शर्ट, बनारसी सिल्क साडिय़ां, खुर्जा क्रॉकरी, सहारनपुर फर्नीचर, मुंबई की फैंसी ज्वेलरी, राजस्थान की शानदार कलरफुल मोजड़ी (जूते व जूतियां), अचार, चूरन, सुपारी, जयपुरी बैंगल्स, बंगाल की कलकत्ता सिल्क साडिय़ां कश्मीर की पश्मीना शॉल, सूट, साड़ी।
पंजाब से पंजाबी फुलकारी, ड्राई फ्लावर, बच्चों के खिलौने, बिहार की भागलपुरी सिल्क वस्तुएं, हरियाणा की बेडशीट, चादर, टेराकोटा, सोफा कवर, पर्दे व मध्य प्रदेश से चंदेरी सूट, साडिय़ां तथा छत्तीसगढ़ की कोसा साड़ी, सूट, बेल मेटल के अलावा अन्य कई आकर्षक हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट आइटम्स प्रदर्शित किये गये हैं.आयोजन को बढिय़ा रिस्पांस मिल रहा है, इन आयटम्स की खरीदी पर 20 प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है. आयोजन सीमित दिनों के लिए है।
रायपुर, 26 अगस्त। ट्रिपलआईटी नया रायपुर ने 23 अगस्त को आईट्रिपलई डब्लूआईई (वीमैन इन इंजीनियरिंग) एफिनिटी समूह शुरू करने की घोषणा की।
यह एक अंतर्राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण अभियान है, जो विज्ञान एवं इंजीनियरिंग में महिलाओं की भूमिका पर विशेष बल देते हुए सामाजिक विकास में उनके महत्व व योगदान के बारे में जागरुकता फैलाने पर केंद्रित है।
आईट्रिपलई ट्रिपलआईटी नया रायपुर की विद्यार्थी शाखा के सदस्यों ने आईट्रिपलई के अनुमोदन से पूरे विश्व में फैले अपने आईट्रिपलई नेटवर्क के साथ गठबंधन में छत्तीसगढ़ की लड़कियों व महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ट्रिपलआईटी नया रायपुर में इस एफिनिटी समूह का गठन किया।
इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (आईट्रिपलई) दुनिया का सबसे बड़ा टेक्निकल प्रोफेशनल संस्थान है, जिसका कॉर्पोरेट ऑफिस न्यूयार्क, अमेरिका में है और इसकी शाखाएं पूरी दुनिया में फैली हुई हैं।
यह संगठन मानवता के कल्याण एवं टेक्नॉलॉजी का विकास करने के लिए समर्पित है। आईट्रिपलई अपने सदस्यों को पूरी दुनिया के टेक्निकल समुदाय के साथ संलग्न होकर स्थानीय समुदायों के विकास की ओर काम करने में समर्थ बनाता है।
ऐसे ही एक अभियान के तहत पूरी दुनिया में आईट्रिपलई डब्लूआईई एफिनिटी समूहों का निर्माण किया गया।
इन एफिनिटी समूहों के सदस्य पारंपरिक रूप से पुरुषों के वर्चस्व वाले समाजों में स्थानीय महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए काम करते हैं। आईट्रिपलई डब्लूआईई एफिनिटी समूहों के वैश्विक नेटवर्क में सौ से ज्यादा देशों में तीस हजार से ज्यादा सदस्य हैं, जो सामूहिक रूप से पूरी दुनिया में महिलाओं के जीवन व करियर के विकास के लिए काम करते हैं।
इंजीनियरिंग और टेक्नॉलॉजी के शैक्षणिक एवं व्यवसायिक क्षेत्रों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। लेकिन फिर भी इतिहास में और वर्तमान में इंजीनियरिंग और टेक्नॉलॉजी के विस्तृत क्षेत्रों में महिलाएं अपना अभूतपूर्व योगदान देती रही हैं।
पूरी दुनिया में आईट्रिपलई वूमैन इन इंजीनियरिंग (डब्लूआईई) एफिनिटी समूह महिलाओं के लिए काम कर रहे हैं और इंजीनियरिंग एवं टेक्नॉलॉजी के क्षेत्रों में काम कर रही महिलाओं को महिला सशक्तीकरण की गतिविधियाँ चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
ट्रिपलआईटी नया रायपुर में आयोजित इस उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर सेलिया शहनाज, 2023-24 के लिए ग्लोबल आईट्रिपलई डब्लूआईई कमिटी चेयर और गेस्ट ऑफ ऑनर मिस सुदेशना चौधरी, ऑफरिंग ओनर, पार्टनर ईकोसिस्टम्स एंड अलायंसेज़, टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज़ थीं।
इस कार्यक्रम में ट्रिपलआईटी नया रायपुर के विद्यार्थी, फैकल्टी, स्टाफ एवं महिला सदस्य शामिल थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ ट्रिपलआईटी नया रायपुर के डायरेक्टर, डॉ. प्रदीप कुमार सिन्हा द्वारा प्रतिभागियों का स्वागत करने और इस महान प्रयास के लिए आईट्रिपलई ट्रिपलआईटी नया रायपुर की विद्यार्थी शाखा के सदस्यों को बधाई देने के साथ हुआ। उन्होंने देश के विकास में लैंगिक समानता के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तीकरण का अर्थ समाज की सोच में परिवर्तन लाना और लोगों को महिलाओं की शक्ति का अहसास कराना है ताकि महिलाओं को समाज में वह सम्मान व स्थान मिल सके, जिसकी वो हकदार हैं। इसके बाद डॉ. राजेश इंग्ले, प्रोफेसर, ट्रिपलआईटी नया रायपुर और वाईस चेयर, आईट्रिपलई इंडिया काउंसिल ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए ट्रिपलआईटी नया रायपुर में गठित डब्लूआईई एफिनिटी समूह के महत्व के बारे में बताया। फिर मिस सुदेशना चौधरी ने महिलाओं के लिए डिजिटल साक्षरता के महत्व और टीसीएस द्वारा विकसित ऑटोमेटेड सैनिटेशन इंस्पेक्शन प्रणाली की मदद से लड़कियों द्वारा स्कूल छोडऩे की दर को कम करने के बारे में बात की। डॉ. सेलिया शहनाज़ ने महिला सशक्तीकरण के लिए शोध व इनोवेशन के महत्वपर बल देते हुए उपस्थित गणों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा परिभाषित सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) प्राप्त करने के लिए जरूरी प्रयासों और पूरी दुनिया में उनके द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया।
इसके बाद आईट्रिपलई ट्रिपलआईटी- नया रायपुर, डब्लूआईई एफिनिटी समूह की फैकल्टी कन्वीनर, डॉ. दीपिका गुप्ता ने इस अभियान के तहत एक सिग्नेचर कार्यक्रम प्रॉमिज़ (प्रोग्राम टू एस्पायर यंग माईंड्स इन स्कूल एजुकेशन) लॉन्च किया। इस कार्यक्रम के तहत ट्रिपलआईटी- नया रायपुर में डब्लूआईई की टीम छत्तीसगढ़ की वंचित कन्याओं और महिलाओं को मूलभूत शिक्षा, डिजिटल साक्षरता, नेतृत्व के गुणों की शिक्षा देगी और उन्हें अपनी क्षमताएं बढ़ाने और करियर का विकास करने के लिए उपलब्ध विभिन्न सरकारी प्लेटफॉर्म्स के बारे में बताएगी। इस कार्यक्रम का समापन आईट्रिपलई ट्रिपलआईटी नया रायपुर विद्यार्थी शाखा के फैकल्टी समन्वयक डॉ. मैफूज़ अली के द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।
रायपुर, 26 अगस्त। कलिंगा विश्वविद्यालय, जूलॉजी विभाग, विज्ञान संकाय ने कलिंगा विश्वविद्यालय के लिए ‘‘माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी इंडिया’’ (एमबीएसआई) इकाई के उद्घाटन की पहल की। ़
विज्ञान संकाय के प्राणीशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ मनोज सिंह के मार्गदर्शन में 24 अगस्त 2022 को कलिंगा विश्वविद्यालय के सभागार में दोपहर 01:30 बजे से कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
इस कार्यक्रम को विभाग के अन्य संकाय सदस्यों द्वारा समन्वित किया गया था; डॉ अजय हरित और डॉ सोहिनी भट्टाचार्य।
कार्यक्रम का उद्घाटन एमबीएसआई के अध्यक्ष डॉ अरविंद माधवराव देशमुख (डॉ देशमुख उस्मानाबाद में डॉ बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख हैं) ने डॉ आर श्रीधर कुलपति, डॉ बायजू जॉन महानिदेशक, डॉ संदीप गांधी रजिस्ट्रार, श्री राहुल मिश्रा डीन अकादमिक मामलों, डॉ. सी. के. शर्मा डीन, विज्ञान संकाय, संकायों के सदस्य और के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
सोसाइटी के उद्घाटन के बाद, डॉ. देशमुख ने विश्वविद्यालय को समाज के लाभों पर प्रकाश डाला, संकाय सदस्यों और इन कुछ छात्रों को नीचे सूचीबद्ध किया गया है सूक्ष्म जीव विज्ञान में अनुसंधान को प्रोत्साहित और समर्थन करना।
सूक्ष्म जीव विज्ञान साहित्य की एक पुस्तकालय स्थापित करने के लिए।
विषय गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए धन और दान आदि की व्यवस्था करना। समर्थन सम्मेलनों, सेमिनारों, संगोष्ठियों, प्रदर्शनियों, और बैठक।
माइक्रोबायोलॉजी के किसी भी पहलू पर व्याख्यान और प्रदर्शन की व्यवस्था करना। शिक्षा के सभी स्तरों पर माइक्रोबायोलॉजी में पाठ्यक्रम आयोजित करना।
माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों अकादमियों, समाजों और अन्य संगठन गैर-संगठनों के बीच संबंधों की खेती करना।
कुलपति डॉ. आर श्रीधर ने इस इकाई के गठन के लिए केयू और एमबीएसआई के बीच सहयोग की सराहना की और प्रतिभागियों को इस इकाई की भविष्य की गतिविधियों में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। डॉ श्रीधर ने कलिंगा विश्वविद्यालय में इस इकाई की स्थापना के लिए प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की।
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों जैसे पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर; भिलाई महिला महाविद्यालय, भिलाई; गवर्नमेंट ङ्क.ङ्घ.ञ्ज.क्कत्र ऑटोनोमस कॉलेज, दुर्ग; राजकीय दानवीर तुलाराम पीजी कॉलेज, उटाई और शासकीय दिग्विजय कॉलेज, राजनांदगांव के विभिन्न विभागों (जूलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, वनस्पति विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी) के प्रमुखों और संकाय सदस्यों की उपस्थिति थी
बालकोनगर, 26 अगस्त। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) जल प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही है। स्थानीय समुदायों के लिए कृषि तालाब, सामुदायिक तालाब और चेक डैम का निर्णाण तथा कायाकल्प कर गुणवत्तापूर्ण जल के भंडारण में वृद्धि की है।
बालको ने अपनी जल प्रबंधन परियोजनाओं से पेय जल एवं कृषि कार्य हेतु स्थानीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने और आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित किया है।
स्थानीय समुदायों के लिए सिंचाई और पीने के पानी की जरूरतों में सहायता करते हुए बालको ने वित्त वर्ष 2023 में लगभग 21 मिलियन लीटर की कुल भंडारण क्षमता के साथ कुल 108 पानी के बुनियादी ढांचे, जिसमें 19 कृषि तालाब, 2 सामुदायिक तालाब, 81 चेक डैम, 6 कुएं का निर्माण किया है।
अबतक कंपनी ने 85 मिलियन लीटर की संचयी भंडारण क्षमता के साथ इस क्षेत्र में 150 से अधिक चेक डैम, कृषि तालाब, सामुदायिक तालाब आदि विकसित किए हैं। बालको की उत्कृष्ट जल प्रबंधन की वजह से स्थानीय किसान वर्ष में एक से अधिक फसल उगा रहे हैं जिससे आसपास के लगभग 200 किसान लाभान्वित हुए हैं।
स्थानीय समुदाय के पेय जल पूर्ति के अलावा जल प्रबंधन ने मृदा संवर्धन में नमी की मात्रा और भूजल स्तर को बढ़ाने तथा क्षेत्र में कृषि पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने में योगदान दिया है।
जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और निदेशक श्री अभिजीत पति ने कहा कि जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है जो भूमि, जलवायु और पारिस्थितिक तंत्र के साथ-साथ समाज, संस्कृति और अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है। इसलिए बालको में हम जल संसाधन के प्रभावी प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिसका लक्ष्य स्थानीय समुदायों की आजीविका और क्षेत्र में प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करना है। बालको अपने ईएसजी लक्ष्यों के साथ समाज और पर्यावरण में अच्छे बदलाव के लिए प्रतिबद्ध हैं।
करुमौहा गांव के किसान अशोक मंझवार ने कहा कि बालको द्वारा निर्मित जल संरचनाएं स्थानीय नागरिकों के लिए बहुत मददगार साबित हुई हैं। जल उपलब्धता सुनिश्चित होने के बाद सिंचाई सुविधाओं और फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है।
बढ़े उत्पादन के परिणामस्वरूप वार्षिक आय में वृद्धि हुई और हमारे जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है।
स्वयं सेवी संगठन एक्शन फॉर फूड प्रोडक्शन (एएफपीआरओ) के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रमुख डॉ. एस श्रीवास्तव ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन तथा किसानों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए बालको और एएफपीआरओ मिलकर काम कर रहे हैं। किसान इस परियोजना के जरिए मृदा एवं जल प्रबंधन और आधुनिक कृषि तकनीकों के प्रयोग से परिचित हो रहे हैं। यह बालको की दूरदर्शिता एवं दृष्टिकोण के साथ समय-समय पर मार्गदर्शन तथा समर्थन के कारण ही संभव है। समाज और पर्यावरण के उत्थान हेतु किसानों की मदद की दिशा में बालको की परियोजना प्रशंसनीय है।
रायपुर, 26 अगस्त। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी ,विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि निर्वाचन आयोग और चेम्बर के संयुक्त तत्वाधान में डूमर तराई थोक बाजार में वोटर आईडी अपडेट एवं आधार लिंक कराने शिविर का आयोजन किया गया।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने इस अभियान के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा 1 अगस्त से देश के सभी राज्यों में यह अभियान चलाया जा रहा है।
इस अभियान में व्यक्ति अपना वोटर आईडी अपडेट कर आधार को लिंक किया जा रहा है। इस अभियान के तहत जनता द्वारा आधार लिंक कराना या नहीं कराना पूर्णत: स्वैच्छिक है परंतु यह हमारा नैतिक कर्तव्य है की हम अपने वोटर आईडी से आधार कार्ड को लिंक कराएं।
श्री पारवानी ने इस अभियान के महत्व को बताते हुए आगे कहा कि वोटर आईडी से आधार लिंक कराने से इलेक्टोरल रोल में डुप्लीकेसी से बचा जा सकेगा और चुनाव में धांधली रोकने में भी मदद मिलेगी जो पूरे देश के लिए हितकर होगा।
इस विषय पर चेम्बर कार्यकारी अध्यक्ष और डूमरतराई व्यापारी कल्याण महासंघ के अध्यक्ष श्री राम मंधान ने बताया कि आज चेम्बर के सहयोग से इस अभियान की शुरुआत डूमर तराई थोक अनाज बाजार में शिविर लगाकर की गई । शिविर में वोटर आईडी अपडेशन, मतदाता सूचि से नाम हटाना तथा वोटर आईडी से आधार लिंक के साथ पात्र लोगों का नाम मतदाता सूचि में जोड़ा गया जिससे करीब 500 लोग लाभान्वित हुए ।
अब इस अभियान का आयोजन प्रदेश के पूरे व्यापारिक एसोसिएशन द्वारा किया जाएगा जिसमे व्यापारियों सहित परिवार के समस्त सदस्यों के वोटर आईडी अपडेट कर आधार लिंक किया जायेगा तथा 1 अक्टूबर 2022 तक जो बच्चे 18 वर्ष के हो जाएंगे उनका नाम भी सूची में जोड़ा जायेगा।
शिविर में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी, कार्यकारी अध्यक्ष श्री राम मंधान, मंत्री प्रशांत गुप्ता, गोविन्द माहेश्वरी, डूमरतराई व्यापारी कल्याण महासंघ से रुपेश वाधवानी, कल्याण दास कुकरेजा, अर्चित, ललित जोबेनपुत्र, पंकज जादवानी, भरत एवं महिला चेम्बर महामंत्री श्रीमती पिंकी अग्रवाल, निष्ठा मिश्रा, शालू चौरे, अंतरा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
रायपुर, 26 अगस्त। डीपीएस, रायपुर के छात्र, राज ऋषि नंदा ने पूरे भारत में आयोजित एनएसी परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल कर विद्यालय को राष्ट्र पटल पर खड़ा कर दिया। एनएसी-2022 (नेशनल एस्ट्रोनॉमी चैलेंज) में संपूर्ण राष्ट्र में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उन्हें विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र इसरो की यात्रा के साथ तिरुवनंतपुरम में सम्मानित करने एवं पुरस्कृत करने के लिए प्रायोजित किया गया।
आयोजन में उन्हें इसरो के प्रख्यात वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने तथा इसरो की विभिन्न यूनिट्स में होने वाले कार्यों एवं प्रयोगों को जानने का अवसर मिला। पुरस्कार समारोह के दौरान राष्ट्रीय विजेता को सम्मानित किया गया।
अन्य प्रतिष्ठित अतिथि भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी संस्थान, खगोल विज्ञान के प्रोफेसर डॉ आनंद नारायण थे। डॉ मिला मित्रा, स्टेम एंड स्पेस की सह-संस्थापक और सुश्री किम, स्टेम एंड स्पेस की ग्लोबल एसोसिएट ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की।
विशेषज्ञों द्वारा सटीक और नवीन रणनीतियों के साथ डिज़ाइन की गई एनएसी की प्रारंभिक सामग्री हर ग्रेड के साथ प्रतिध्वनित होती है और परीक्षा और उससे आगे के लिए तैयार करती है। यही कारण है कि डीपीएस अपने छात्रों को इन परीक्षाओं में प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है।
इसरो की अपनी यात्रा के बाद राज ऋषि को खगोल भौतिकी की ओर अधिक झुकाव महसूस होता है। राज ने एक अन्य उपलब्धि एसओएफ अकादमिक उत्कृष्टता छात्रवृत्ति पुरस्कार प्राप्त करके स्कूल को गौरांवित किया।
उनकी इसरो की यात्रा पर प्रधानाचार्य रघुनाथ मुखर्जी ने कहा राज के प्रयासों से खगोल विज्ञान के प्रति विद्यालय के अन्य छात्रों का भी विज्ञान के प्रति झुकाव बढ़ेगा।
राज की सराहना करते हुए, प्रो वाइस चेयरमैन, श्री बलदेव सिंह भाटिया और महासचिव श्री विजय शाह और स्कूल समिति के श्री पुखराज जैन ने भी टिप्पणी की खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष में अपना करियर स्थापित करने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों और उत्साही छात्रों के लिए राज की सफलता प्रेरणादायक है। हमें उम्मीद है कि सीखने का यह अनुभव उन्हें एक गतिशील सामग्री और जागरूकता प्रदान करेगा।
रायपुर, 25 अगस्त। कलिंगा विश्वविद्यालय परिसर में बीबीए और एमबीए प्रथम सेमेस्टर के नए छात्रों के लिए प्रथम चरण 2022 इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कलिंगा विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार और बरामदे में ढोल की थाप से छात्रों का जोरदार स्वागत किया गया।
इंडक्शन प्रोग्राम के दौरान कलिंगा विश्वविद्यालय के सभागार के प्रवेश द्वार पर नए छात्रों के लिए फूलों की वर्षा के साथ तिलक लगाकर स्वागत किया गया। सरस्वती वंदना के साथ पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलित किया गया।
कलिंगा विश्वविद्यालय के बारे में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से छात्रों को संक्षिप्त जानकारी साझा की गई। पीपीटी के माध्यम से सभी गणमान्य व्यक्तियों एवं विभागाध्यक्षों का परिचय कराया गया। विश्वविद्यालय की बीबीए की छात्रा सुरभि राठी द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया।
औपचारिक उद्घाटन के बाद कलिंगा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ संदीप गांधी ने स्वागत भाषण दिया. उन्होंने बताया कि कलिंगा मध्य भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक है। कुलपति डॉ आर श्रीधर ने प्रेरक भाषण प्रस्तुत किया। ऋतिक और समूह द्वारा सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। महानिदेशक डॉ बायजू जॉन ने छात्रों को आशीर्वाद दिया। अजीत वरवंडकर, अतिथि वक्ता, करियर मनोवैज्ञानिक, अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक, लेखक और ब्लॉगर ने छात्रों को एक प्रेरक भाषण दिया।
श्री साइमन जॉर्ज और सुश्री शिंकी पांडे ने छात्रों के लिए एक मजेदार खेल प्रस्तुत किया और सही उत्तरों के लिए पुरस्कार वितरित किए। फैशन डिजाइनिंग विभाग के प्रमुख कपिल केलकर और प्रबंधन विभाग की सुश्री जैस्मिन जोशी द्वारा पीपीटी के माध्यम से डीन और विभागाध्यक्षों का परिचय दिया गया।
छात्र गौरव गोपाल द्वारा एकल गीत प्रस्तुत किया गया। इसके बाद मार्केटिंग टीम लीडर्स, श्री अभिषेक शर्मा, निदेशक प्रवेश, सुश्री काजल सिंह, सहायक निदेशक विपणन, सुश्री सोनम दुबे, वरिष्ठ विपणन प्रबंधक और श्री नवीन उपाध्याय, वरिष्ठ विपणन प्रबंधक का परिचय हुआ।
डॉ अभिषेक त्रिपाठी, डीन ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट द्वारा विभाग के सभी प्राध्यापकों का परिचय दिया गया। अकादमिक मामलों के डीन श्री राहुल मिश्रा ने छात्रों को अकादमिक पाठ्यक्रम की जानकारी दी। बाद में 75वें आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित ड्राइंग और फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं के विजेताओं और प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए गए। धन्यवाद प्रस्ताव कलिंगा विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर डॉ ए विजयानंद ने दिया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
यह उल्लेखनीय है कि कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर एक एनएएसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है जो ग्रेड बी $ के साथ है और एनआईआरएफ रैंकिंग 2022 में देश के शीर्ष 101-150 विश्वविद्यालयों में रैंक किया गया है, सीखने का समर्थन करने के उद्देश्य से एक बहु-विषयक अनुसंधान केंद्रित और छात्र केंद्रित विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया है। जो भविष्य के नेताओं को विकसित करने और शिक्षित करने के लिए मानव ज्ञान को आगे बढ़ाएगा और अनुसंधान करेगा जो राज्य, देश और वैश्विक समुदाय की सबसे गंभीर समस्याओं से निपटता है।
नई रायपुर के स्मार्ट सिटी में रणनीतिक रूप से स्थित, इस विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में अपने लिए एक जगह बनाना शुरू कर दिया है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षितिज पर एक चमकते सितारे के रूप में उभर रहा है। यह मध्य भारत में उच्च शिक्षा के उत्कृष्टता केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है।
2013 में स्थापित, यह विश्वविद्यालय इतने कम समय में 8000 से अधिक छात्रों का विश्वास जीतने में सफल रहा है। देश भर के मेधावी छात्रों और 20 + विदेशी देशों के 500 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों ने अपनी शिक्षा और करियर के लिए इस विश्वविद्यालय को चुना है।
रायपुर, 25 अगस्त। एसईसीएल महिला कल्याण समाज इंदिरा विहार द्वारा दिनांक 21.08.2022 को एसईसीएल की प्रथम महिला श्रद्धा महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती पूनम मिश्रा, उपाध्यक्षाद्वय श्रीमती संगीता शर्मा, श्रीमती रीता पाल के मुख्य आतिथ्य में सावन उत्सव का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया, उपरांत सरस्वती वंदना रूबी हनीफी द्वारा प्रस्तुत किया गया, स्वागत नृत्य कृति गंगाजली, पुष्पा पटेल, रेहाना खान, राखी कोष्ठा द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम की अगली कडिय़ों में एक से बढक़र एक मनमोहक प्रस्तुतियाँ शेफाली घोष, उषा चन्द्रा, कविता घोष, दुर्गेश साहू, सरला शर्मा, प्रभा तिवारी, आभा पाण्डेय, हिमेश्वरी राठौर, सरिता चौहान, शान्ति साहू, गीता रावत, विनिता मसीह, सुभाषिनी सिन्हा, सीमा दिघ्रस्कर, प्रीति रवि, भानुमति, माया कपाले, किरण ठाकुर किरण पाण्डेय, सविता ठाकुर, वंदनलीना राज द्वारा दी गयी।
इस अवसर पर एसईसीएल की प्रथम महिला श्रद्धा महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती पूनम मिश्रा ने कार्यक्रम के प्रस्तुतियों की अत्यंत प्रशंसा की एवं महिला कल्याण समाज, इंदिरा विहार द्वारा समाज कल्याण की दिशा में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में और अधिक समाज कल्याण की दिशा में कार्य करने हेतु प्रेरित किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के हाथों से सावन सुन्दरी का ड्रा निकाला गया जिसमें प्रथम-सरला शर्मा, द्वितीय-रेहाना खान एवं तृतीय-इंदु तिवारी रहीं जिन्हें मुख्य अतिथि के करकमलों से नवाजा गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सहित श्रद्धा महिला मण्डल की अन्य सदस्याएँ, विप्स पदाधिकारीगण, महिला कल्याण समाज नर्मदा क्लब की सदस्याएँ व भारी संख्या में इंदिरा विहार कॉलोनी की महिलाएँ उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम में उद्घोषणा का दायित्व माधुरी तिवारी ने निभाया जबकि कार्यक्रम के अंत में कृति गंगाजलि ने समस्त उपस्थितों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में महिला कल्याण समाज की सचिव माधुरी तिवारी, सह-सचिव रेहाना खान, सलाहकार शालू दुबे, सांस्कृतिक सचिव कृति गंगाजलि, वसुन्धरा राव, रेणुका मसीह, फरीदा हुसैन, दीपज्योति रानी, मृदुला, सुनीता जायसवाल, कविता घोष का सराहनीय योगदान रहा ।
नई दिल्ली, 25 अगस्त। भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाते हुए आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन इस्पात मंत्रालय और खान मंत्रालय के सहयोग से किया गया था। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य विजन 2047 को प्राप्त करने के लिए खनिज और धातु उद्योग के लिए रोडमैप पर विचार-विमर्श करना था।
श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, माननीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे। श्री संजय कुमार सिंह, आईएएस, सचिव, इस्पात मंत्रालय; श्री सुमित देब, सीएमडी, एनएमडीसी; श्री अरुण चावला, महानिदेशक, फिक्की; श्री कुंदन कुमार, सलाहकार, नीति आयोग; डॉ. इला पटनायक ,आदित्य बिड़ला समूह की मुख्य अर्थशास्त्री और श्री सुनील दुग्गल , वेदांता समूह के पूर्णकालिक निदेशक और सीईओ भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
श्री अमिताभ मुखर्जी, निदेशक (वित्त) और श्री दिलीप कुमार मोहंती, निदेशक (उत्पादन), एनएमडीसी सम्मेलन में दोनो दिन उपस्थित रहे। श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने अपने समापन संबोधन में कहा भारत को अपने खनिज और धातु क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अभिनव तरीकों और साधनों का पता लगाने के लिए सम्मेलन एक अच्छा माध्यम है।
ये विचार-विमर्श 2030 की ओर बढने और विजन 2047 की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। आज जब हम प्रगति की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहे हैं, मैं अपने संसाधन समृद्ध कीमती धातुओं के निर्यात में तेजी लाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं और बल देता हूं।
श्री संजय कुमार सिंह,आईएएस ने कहा कि हमें अपने आप से पूछना चाहिए कि अब से 25 वर्ष बाद हम इस्पात क्षेत्र में क्या रुझान और अनुमान देखते हैं और अब से हम अपनी प्रति व्यक्ति खपत बढ़ाकर उद्योग के उसी विकास पथ पर चलें। खपत बढऩे से स्क्रैप धातु के पुनर्चक्रण में वृद्धि होगी, जिससे एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था का निर्माण होगा।
यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसी प्रौद्योगिकियों का पता लगा रहेहैं जिससे हम कार्बन कैप्चर तकनीक का उपयोग करके डीकार्बोनाइज करते हुए दक्षता को बढा सकें।
एनएमडीसी के लिए भविष्य की राह पर टिप्पणी करते हुए, श्री सुमित देब , सीएमडी , एनएमडीसी ने कहा लोहे और इस्पात की मांग बढ़ रही है और अगले कुछ वर्षों में इसके अधिक तेज होने की आशा है।
जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी पहले से कहीं अधिक तेजी से आगे बढ़ती है, विनिर्माण उद्योग को अपने विकास को
बनाए रखने के लिए कच्चे माल की आवश्यकता होगी, जिसका अर्थ है कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र के लिए
विशाल अवसर हैं। नए युग के खनिजों का महत्व बढ रहा है और भविष्य आशाजनक लगता है। हमें
जीवाश्म ईंधन अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय निहितार्थों पर हमारे
प्रतिष्ठित वक्ताओं द्वारा किए गए ज्ञानवर्धक विचार-विमर्श पर ध्यान देना करना चाहिए और 2030 और
2047 के लिए तैयार रहना चाहिए। मैं सभी माननीय मंत्रियों, गणमान्य व्यक्तियों, वक्ताओं, विशेषज्ञों को
भविष्य के लिए विचार-विमर्श और कार्रवाई योग्य परिणाम देने और हमारे सह-आयोजक फिक्की को इस
सम्मेलन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद देता हूं ।
वेदांता समूह के पूर्णकालिक निदेशक और सीईओ श्री सुनील दुग्गल ने कहा, &ह्नह्वशह्ल;भारत प्राकृतिक संसाधनों के
आयात पर बहुत अधिक निर्भर है। कमोडिटी की कीमतें बढऩे के साथ, हमारा मुख्य उद्देश्य रणनीतिक
महत्वपूर्ण खनिजों और ऊर्जा को सुरक्षित करना होना चाहिए।"
वृहद आर्थिक परिप्रेक्ष्य पर जानकारी देते हुए आदित्य बिड़ला समूह की मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. इला पटनायक
ने कहा, &प्त39;अगला दशक एक ऐसा चरण होगा जहां भारत आर्थिक प्रदर्शन और प्रगति की उम्मीद करेगा। चूंकि
भारतीय अर्थव्यवस्था का लक्ष्य 5 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार करना है, इसलिए इस क्षेत्र के पास भारत
के तेजी से विकास में योगदान देने और उससे लाभ उठाने के लिए बहुत कुछ है।"
नीति आयोग के सलाहकार श्री कुंदन कुमार ने अमृत काल की ओर बढऩे के साथ ही आजादी के अमृत
महोत्सव की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। "नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढऩे और विनिर्माण में उन्नत
प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए राष्ट्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का विकास
महत्वपूर्ण है। हमें खनिजों की स्थिर दीर्घकालिक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विदेशों में उपलब्ध अवसरों
का पता लगाना चाहिए।"
कार्यक्रम के तकनीकी सत्रों में उद्योग विजन 2047, वैश्विक खनिज और धातु उद्योगों परिदृश्य, नए युग के
खनिज: मांग-आपूर्ति-व्यापार परिदृश्य, तकनीकी नवाचार और भारतीय खनिज और धातु क्षेत्र में विकास
को सुगम बनाने वाले सक्षम कारकों पर अंतर्दृष्टि शामिल थी। उद्योग, नीति और शिक्षा जगत से वक्ताओं ने
विचार प्रदान किए।
मुंबई, 24 अगस्त | यूरोपीय बाजारों और कुछ एशियाई बाजारों में कमजोरी के बावजूद बुधवार को उतार-चढ़ाव भरे कारोबारी सत्र में बेंचमार्क सूचकांक मामूली बढ़त के साथ बंद हुए।
बंद के समय सेंसेक्स 54.13 अंक या 0.09 प्रतिशत बढ़कर 59,085.43 पर और निफ्टी 27.45 अंक या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 17,604.95 पर बंद हुआ। कुल 2,118 शेयरों में तेजी आई है, 1,290 शेयरों में गिरावट आई है और 138 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
बीएसई पर इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और कोटक महिंद्रा बैंक प्रमुख लाभ में रहे। बीएसई कैप गुड्स और बीएसई प्राइवेट बैंक इंडेक्स में सबसे अधिक उछाल आया।
बीएसई लार्जकैप इंडेक्स 0.16 फीसदी चढ़ा, जबकि बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स क्रमश: 0.83 फीसदी और 0.80 फीसदी चढ़े।
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के हेड ऑफ इक्विटी रिसर्च, श्रीकांत चौहान, ने कहा, "बाजार में सावधानी बरती जा रही है, जबकि प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों ने मामूली बढ़त हासिल की है और अधिकांश एशियाई और यूरोपीय बाजारों में कमजोर धारणा को दूर किया है।"
बेंचमार्क शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 1.9 फीसदी गिरा, जबकि हैंग सेंग इंडेक्स 1.2 फीसदी कम हुआ।
यूरोपीय शेयरों ने बुधवार को बिकवाली बढ़ा दी। (आईएएनएस)|
रायपुर, 24 अगस्त। राष्ट्रसंत श्रीललितप्रभ सागरजी महाराज एवं डॉ. मुनिश्री शांतिप्रिय सागरजी के पावन सानिध्य में उनके द्वारा मंत्रोच्चार के मध्य रविवार को आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा के दिव्य सत्संग स्थल पर विद्यादायिनी माँ सरस्वती का हजारों श्रद्धालुओं ने अष्टप्रकारी महापूजन कर पुण्यार्जन किया।
रायपुर के इतिहास में 36 कौमों द्वारा किया गया यह महापूजन ऐतिहासिक प्रसंग रहा। जिसमें माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष हरेक श्रद्धालुओं ने स्वद्रव्य से लाए अक्षत चावल, फल व मिष्ठान्न का अर्पण करने का सौभाग्य प्राप्त किया।
नगर के प्रख्यात विधिकारक विमल गोलछा व साथियों ने संगीतमय भक्तिगीतों के साथ महापूजन को विधिवत संपन्न कराया। प्रत्येक पुरुष-महिला श्रद्धालुओं को बारी-बारी से उनके आयु वर्गों के आधार पर प्रत्येक तीस मिनट तक जल, चंदन, अक्षत, पुष्प, दीपक, धूप, फल, नैवेद्य पूजा का पुण्यलाभ प्रदान किया गया।
श्वेत पूजन के वस्त्रों में पुरुष श्रद्धालु और पीले-केसरिया परिधानों में श्राविकाएं इस पूजन में सहभागी हुईं।
जयपुर से आईं अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता प्राप्त मधुर कोकिला सीमा दफ्तरी ने माँ सरस्वती, वीर प्रभु और गुरुजनों के गुणगान में एक से बढक़र एक भजनों की सुरमयी प्रस्तुतियां देकर अनुष्ठान को अविस्मरणीय बना दिया। नन्हें बालक श्रेयांश बोथरा ने सरस्वती वंदना- हे शारदे माँ... का गायन का उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वहीं बालिका सुश्री वृद्धि बैद ने गुरु महिमा पर अत्यंत प्रेरणास्पद संदेश दिया। माँ सरस्वती की 108 दीपों से महाआरती का लाभ श्रीमती मदनाबाई-जसराज बरडिय़ा परिवार से शांतिलाल अशोक कुमार तिलोकचंद बरडिय़ा परिवार ने प्राप्त किया।
इस प्रसंग पर माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष रंगीन अक्षत चावल से निर्मित विशालकाय रंगोली अर्थात् माँ सरस्वती का मांडला और चावल के द्वारा ही भगवान महावीर को चंदनबाला द्वारा पारणा कराने के प्रसंग का दृश्यांकन श्रद्धा-आस्था व आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना रहा।
भगवान के पारणे का सुंदर चित्रण दुर्ग से आईं श्राविका पूजा बैद और उनकी पुत्री ट्विंकल बैद ने तथा अक्षत के द्वारा माँ सरस्वती के मनोहारी मांडले का निर्माण एसपीजी ग्रुप से श्रीमती शीलू निम्माणी, श्रीमती शिल्पा झाबक, श्रीमती सीमा कांकरिया व बॉबी बुरड़ ने मिलकर किया था।
इन श्राविकाओं का पूजन के मध्यान्तर में श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया व कार्यकारी अध्यक्ष अभय भंसाली व ट्रस्ट मंडल व दिव्य चातुर्मास समिति की ओर से बहुमान किया गया। इस महापूजन के लिए अपने-अपने घरों से हर श्रद्धालु यथासामर्थ्य अक्षत चावल, फल व मिष्ठान्न माता को अर्पित करने साथ लाए थे। हजारों श्रद्धालुओं द्वारा एकत्र अक्षत चावल से माता की प्रतिमा के समक्ष लगभग पांच क्विंटल चावल से स्वस्तिक (सातिया) का निर्माण कर तदुपरांत माता की महाआरती की गई।
रायपुर, 24 अगस्त। कलिंगा विश्वविद्यालय के कला और मानविकी संकाय के निर्देशन में अर्थशास्त्र विभाग ने ‘‘स्वयं पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन सीखने’’ पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया।
वेबिनार का आयोजन छात्रों को स्टडी वेब्स ऑफ़ एक्टिव-लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स (स्वयं), प्रौद्योगिकी वर्धित शिक्षा पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीटीईएल) और बड़े पैमाने पर मुक्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम (एमओओसी) के महत्व के संबंध में ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था। सत्र 23 अगस्त 2022 को गूगल मीट प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन आयोजित किया गया।
सत्र की देखरेख डीन, कला और मानविकी संकाय और वेबिनार के आयोजन सचिव, डॉ. शिल्पी भट्टाचार्य ने की। वेबिनार के मुख्य वक्ता प्रो. आर. के. श्रीवास्तव, परीक्षा के उप नियंत्रक और स्वयं-एनपीटीईएल स्थानीय अध्याय, आईईएचई, भोपाल, मध्य प्रदेश के समन्वयक।
वेबिनार की शुरुआत लोक प्रशासन विभाग के सहायक प्रोफेसर और वेबिनार के सह-संयोजक श्री शेखर चौधरी द्वारा सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों के स्वागत के साथ हुई।
सत्र के मुख्य वक्ता प्रो. आर. के. श्रीवास्तव ने स्वयं पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन सीखने के बारे में एक सूचनात्मक और विचारोत्तेजक ज्ञान देकर अपना व्याख्यान दिया। पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से उन्होंने स्वयं पोर्टल के विभिन्न खंडों पर जोर दिया। उन्होंने आगे ऑनलाइन सीखने के अवसरों के शैक्षिक प्रभावों और कक्षा 9वीं से स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के छात्रों के ज्ञान उन्नयन में उनके उपयोग के बारे में चर्चा की।
प्रोफेसर श्रीवास्तव ने ऑनलाइन सीखने के अवसरों के महत्व को जोड़ा और कहा कि वे सस्ती, सुलभ और समान शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा नीति के लक्ष्यों को जारी करने में कैसे मदद कर रहे हैं।
उन्होंने स्वयं पोर्टल पर सुविधाओं पर जोर दिया जैसे कि। वीडियो व्याख्यान, पठन सामग्री, प्रश्नोत्तरी और परीक्षणों के माध्यम से स्व-मूल्यांकन और संदेहों को दूर करने के लिए ऑनलाइन चर्चा मंच, कौशल उन्नयन के महत्व और छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाने पर चर्चा की गई उन्होंने बताया कि कैसे भर्तीकर्ता ऐसे लोगों की तलाश कर रहे हैं जिनके पास विदेशी या क्षेत्रीय भाषा जानने का लाभ है स्वयं पोर्टल और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इन अवसरों को प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने भारत से सीखने की विभिन्न उत्कृष्टता के माध्यम से उपलब्ध गुणवत्तापूर्ण शिक्षाविदों पर जोर दिया। प्रश्नोत्तर दौर के साथ सत्र का समापन हुआ और छात्रों ने इसमें बहुत उत्साह से भाग लिया।
अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर और वेबिनार के संयोजक डॉ. नम्रता श्रीवास्तव ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। वेबिनार को बहुत सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं और छात्रों ने भी भविष्य में इसी तरह के सूचनात्मक वेबिनार में भाग लेने के लिए अपनी गहरी रुचि और इच्छा व्यक्त की।
रायपुर, 24 अगस्त। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी,विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया।
भूपेश बघेल जी, मुख्यमंत्री के जन्म दिन के अवसर पर छत्तीसगढ़ चेम्बर के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी से मुख्यमंत्री निवास में मुलाकात कर उन्हें जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनायें देते हुए उनके दीर्घायु एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर चेम्बर सलाहकार जितेन्द्र दोशी, राकेश ओचवानी, प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, चेम्बर कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, मनमोहन अग्रवाल, उपाध्यक्ष-हीरा माखीजा, मनोज कुमार जैन, भरत जैन, संगठन मंत्री-महेन्द्र कुमार बगरोडिय़ा, मंत्री- नीलेश मूंधड़ा,शंकर बजाज, शोएब अंसारी, युवा चेम्बर महामंत्री कांति पटेल, युवा चेम्बर उपाध्यक्ष-जयेश पटेल, विपुल पटेल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
रायपुर, 24 अगस्त। प्रदेश के जनप्रिय नेता व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अवतरण दिवस पर राजधानी में अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए, इसी तारतम्य में कांग्रेस नेता सतीश जग्गी द्वारा विगत वर्ष के भाती इस वर्ष भी अपने नेता और प्रदेश के मुखिया भुपेश बघेल के लम्बी उम्र की कामना को लेकर राजधानी के मां काली माता मंदिर में संध्या पांच बजे महाआरती का आयोजन पश्चात महाभंडारा अयोजित कर प्रसाद वितरण किया गया। जिसमे सैकड़ों लोग भोजन प्रसाद ग्रहण किए।
इस आयोजन में कांग्रेस नेता सतीश जग्गी जैसे ही आयोजन स्थल पहुंचे तो सैकड़ों की संख्या में उपस्थित उनके समर्थकों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया, तत्पश्चात अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री निवास जाकर श्री बघेल को जन्म दिन की शुभकामनाए भी दी।
महाआरती एवं महाप्रसाद वितरण कार्यक्रम में छत्तसीगढ़ क्राइम अखबार के प्रधान संपादक के सी सुनील ,कांग्रेस के अंकित बागबहार, अशोक अग्रवाल, पंकज हरपाल, गिरीश पटेल, जय पवार, हितेश खरे, हरीश जैन, कृष्णा हरपाल ऋतिक जग्गी, रेयान जग्गी, राजू , सुधीर गिरी, सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
रायपुर, 24 अगस्त। डीपीएस रायपुर के बैडमिंटन कोच शक्ति मिश्रा ने जगदलपुर में 17 से 21 अगस्त तक आयोजित 21वीं सीजी स्टेट सीनियर एंड मास्टर बैडमिंटन चैंपियनशिप के 35 प्लस वर्ग में डबल्स का खिताब अपने नाम कर लिया।
छत्तीसगढ़ बैडमिंटन एसोसिएशन द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था बस्तर जिला बैडमिंटन एसोसिएशन द्वारा जगदलपुर में आयोजित इस प्रतियोगिता में विद्यालय के बैडमिंटन कोच शक्ति मिश्रा के साथ छत्तीसगढ़ के बैडमिंटन खिलाड़ी मनीष कुमार गुप्ता की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने प्रतिद्वंदी को सीधे सेटों में 21-15 और 22-20 से मात देकर विजेता ट्रॉफी अपने नाम की।
शक्ति मिश्रा और मनीष ने दूसरे सेट में 20 ऑल के बावजूद भी शानदार शॉट जमाते हुए सेट अपने नाम किया और प्रतिद्वंदी को हराकर स्टेट लेवल चैंपियनशिप पर कब्जा किया। शक्ति मिश्रा की जीत से विद्यालय के छात्रों और बैडमिंटन प्रेमियों में खुशी की लहर है।
यह जीत विद्यालय के छात्रों को शक्ति सर के निर्देशन में द प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगी। विद्यालय के कोच शक्ति मिश्रा की जीत पर विद्यालय के प्रो वाइस चेयरमैन बलदेव सिंह भाटिया, महासचिव श्री विजय शाह, मैनेजमेंट मेंबर श्री पुखराज जैन के साथ विद्यालय के प्राचार्य श्री रघुनाथ मुखर्जी ने उन्हें शुभकामनाएं दी।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि शक्ति सर के निर्देशन में डीपीएस रायपुर के छात्र बैडमिंटन में नई ऊंचाइयों को छुएं और विद्यालय के साथ-साथ राज्य का नाम भी रोशन करें।
स्पॉट बुकिंग पर ढेरों ऑफर्स पाने का सुनहरा अवसर
रायपुर, 24 अगस्त। नए लोकेशन पर नए प्रोजेक्टों के साथ नई प्रापर्टी खरीदने को लेकर राजधानी रायपुर ही नहीं बल्कि पूरे मध्यभारत के प्रापर्टी बायर्स में क्रेडाई एक्सपो 2022 का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
पिछली बार क्रेडाई एक्सपो के तीन दिवसीय आयोजन में जिस प्रकार जर्बदस्त भीड़ पहुंची और शानदार सफलता मिली थी इस बार और व्यापक तौर पर तैयारी की जा रही है ताकि बिल्डर्स उनके मनमाफिक जानकारी आवासीय हो या कमर्शियल उपबल्ध करा सकें और उनकी खरीदी के लिए भी सुविधाजनक हो।
चूंकि सभी दृष्टिकोण से यह समय अनुकूल है इसलिए उम्मीद की जा रही है कि ज्यादा संख्या में लोग प्रापर्टी एक्सपो में पहुंचेंगे। इसलिए क्रेडाई ने भी इस एक्सपो का थीम पहले ही तय कर दिया है - अभी नहीं तो कभी नहीं-, इस माह 26 से 28 अगस्त तक आयोजित क्रेडाई प्रापर्टी एक्सपो -2022 की सारी तैयारियों को इंडोर स्टेडियम में लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है।
क्रेडाई छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष श्री मृणाल गोलछा, सचिव एवं प्रोग्राम चेयरमेन श्री संजय रहेजा एवं उपाध्यक्ष श्री पंकज लाहोटी ने बताया कि प्रापर्टी एक्सपो को लेकर इसमें शामिल हो रहे लगभग 40 बिल्डर्स भी काफी उत्साहित हैं क्योकि त्यौहारी सीजन भी इस बार जल्दी शुरू हो रहा है व अक्टूबर में दीवाली है इसलिए उम्मीद है दिसंबर तक प्रापर्टी मार्केट में बूम रहेगा। या कह सकते हैं प्रापर्टी खरीदी की शुरूआत भी एक्सपो के साथ ही इस सीजन के लिए शुरू हो जायेगी। सभी के लिए व्यवस्थित डोम निर्धारित कर दिए गए हैं।
जहां बिल्डर्स व उनकी टीम ब्रोशर व पोस्टर के माध्यम से प्रोजेक्ट के संदर्भ में सारी जानकारी उपलबध करायेंगे, विजुअल प्रदर्शन भी प्रोजेक्टर के माध्यम से करेंगे और यदि बायर्स चाहे तो साइट विजिट भी कराया जायेगा।
यह भी महत्वपूर्ण है कि एक्सपो में शामिल हो रहे सारे बिल्डर्स रेरा से संबद््ध है मतलब प्रापर्टी गाइड लाइन के सारे नियमों का पालन उनकी ओर से किया जा रहा है इसलिए निश्ंिचत होकर छोटी या बड़ी कोई भी प्रापर्टी आप खरीदी कर सकते हैं। इस बार के एक्सपो में रेरा स्वंय भी पार्टिसिपेट कर रहा है मतलब उनका स्टाल भी एक्सपो में होगा और कोई भी बायर्स किसी भी प्रोजेक्ट के बारे में इनके स्टाल से भी अपनी चाही गई जानकारी जुटा सकते हैं।
सभी बिल्डर्स के नए व पुराने प्रोजेक्टों की पूर्ण जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध होना मतलब आपके लिए विकल्प के सारे अवसर है। अभी बुकिंग करा कर बाद में अपनी सुविधा के अनुसार रजिस्ट्री करा सकते हैं, प्रापर्टी एक्सपो अवधि के दौरान बिल्डर्स की ओर से दिए जाने वाले विशेष लाभ का फायदा उठाने का भी अवसर है।
यहां पर हर बजट की प्रापर्टी सुलभ होगा, फिर भी फाइनेंस की दिक्कत आ गई तो एक्सपो स्थल पर बैंकों के स्टाल रहेंगे, जहां काफी आसान प्रक्रिया पूरी कर इसे भी दूर कर सकते हैं। बैंकों की ओर से स्पाट फाइनेंस की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।
एक्सपो में बुकिंग पर कई फायदे
क्रेडाई प्रापर्टी एक्सपो में हर बजट, हर लोकेशन और हर जरूरत के अनुसार फ्लैट, बंगले, मकान, विला, प्लाट व कमर्शियल ऑफिस खरीदने का अवसर तो मिलेगा हीं, वहीं स्पॉट बुकिंग पर ढेरों ऑफर्स पाने का भी अवसर रहेगा। ऑन स्पाट बुकिंग पर काफी सारे उपहार क्रेडाई की ओर से दिए जाते हैं। दोपहिया स्कूटरेट, सोने के सिक्के, होम एप्लायंसेस व अन्य उपहार दिये जायेंगे। डेवलपर्स अपनी ओर से अलग आफर्स देते हैं।
एक्सपो के आयोजन में ये रहेंगे भागीदार
एचडीएफसी लिमिटेड, एपी होम्स बाय एशियन पेंट्स, पापुलर पेंट्स, एसबीआई, एमांजा पूल, मैजिक पेंट्स, इंडियन बैंक। रेडियो पार्टनर-माय एफ एम। आउटडोर पार्टनर-एएसए। डिजिटल पार्टनर-वाया मीडिया।
भिलाई, 24 अगस्त। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के जन्मदिन के अवसर पर निरोज़ इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से मेकिंग फ़ॉर नॉक फ़ॉर गुड फाउंडेशन द्वारा भिलाई के औद्योगिक क्षेत्र में जऱवाय, वार्ड क्रमांक 4 में मुक्तिधाम के करीब वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में भिलाई चरौदा नगर निगम के महापौर निर्मल कोसरे और निरोज़ इस्पात के डायरेक्टर श्री अनिल अग्रवाल औऱ पार्षद भूपेंद्र वर्मा समेत कई गणमान्य नागरिकों ने वृक्षारोपण करके कार्यक्रम में अपनी सहभगिता दर्ज कराई एवम कारखाना प्रबंधक के विभिन्न विभागों से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे
वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान मुक्तिधाम मैदान में करीब 500 पेड़ फलदार वृक्ष लगाए गए। श्री अनिल अग्रवाल ने कहा कि हम लगातार भिलाई औद्योगिक क्षेत्र को हराभरा बनाने के लिए वृक्षारोपण अभियान चला रहे हैं।
लगभग सभी जगहों पर अलग-अलग प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है आस-पास के गांव हथखोज, उम्दा, जामुन, आखरोडी, चरोदा, दादर, पथरा, में हर घर एक पौधा के तहत 10,000 पौधे लगाए जा रहे हैं
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी की मंशानुसार हर नागरिक को पर्यावरण बचाने के किये वृक्षारोपण करना चाहिए,इसलिए हमने उनके जन्मदिवस पर अधिक से अधिक लोगों को जोडक़र वृक्षारोपण अभियान को गति प्रदान की है।
श्री अनिल अग्रवाल ने कहा कि निरोज़ इस्पात की तरफ से पेड़ लगाने का अभियान निरन्तर जारी रहेगा। चरौदा के महापौर श्री निर्मल कोसरेने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी प्रदेश की संस्कृति को सहेजने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
हाल ही में उन्होंने जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण कुंज स्थापित करके प्रदेश की जनता को वृक्षारोपण करने के लिए प्रेरणा दी है। हम सभी कार्यकर्ता उनके कार्य मे सहभागी बनकर प्रदेश को हराभरा बनाने के लिए कृतसंकल्पित हैं । वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान शामिल सभी नागरिकों जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएं भी प्रेषित की।
रायपुर, 23 अगस्त। ‘‘संसार में रहते हुए भी निर्मल जीवन जीने के मंत्र यही हैं कि जो भी धन कमाएं वह न्यायोचित रूप या रीति से कमाएं। दूसरा- हमारा जीवन शीलवान हो। तीसरा- अपना जीवन हमेशा सदाचार मय जीएं।
चौथा- संगत हमेशा अच्छी रखें। पांचवा- जीवन में सदा मातृ-पितृ भक्ति और सेवा करें। छठवां- प्रतिदिन धर्म का श्रवण करें- अर्थात् अच्छा देखें अच्छा सुनें अच्छा बोलें और अच्छा सोचें। संसार में रहते हुए भी निर्मल जीवन जीने का सातवां मंत्र है- अतिथि की सेवा और जरूरतमंद की मदद करें।
आठवां है- अपने जीवन को हमेशा दुराग्रह रहित जीना चाहिए। संबंधों में सदा मधुरना बनाए रखना चाहते हैं तो कहना मनवाने की आदत मत डालो, कहना मानने की आदत डालो। छोटी-छोटी बातों पर दुराग्रह करने की बजाय अगर हम थोड़े-से उदार बन जाते हैं, एक-दूजे के विचारों के प्रति पॉजीटिव बन जाते हैं तो हमारे हर संबंध सदा टिके रहते हैं, जीवन में उनके आनंद और शांति होती है।’’
ये प्रेरक उद्गार राष्ट:संत श्रीललितप्रभ सागरजी महाराज ने आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा में जारी दिव्य सत्संग जीने की कला के अंतर्गत अध्यात्म सप्ताह के छठवें दिन शनिवार को व्यक्त किए। ‘गृहस्थ में कैसे जिएं आध्यात्मिक जीवन’ विषय पर व्यक्त किए।
भावगीत ‘जंगल में जोगी रहता है ऊँ प्रभु ऊँ, कभी हंसता है कभी रोता है, दिल उसका कहीं न फंसता है, तन-मन में चैन बरसता है।।...’ के मधुर गायन से धर्मसभा का शुभारंभ करते हुए संतप्रवर ने कहा कि हर व्यक्ति के लिए यह संभव नहीं है कि वह साधु बन जाए, साधु सा जीने के लिए वो सोच तो सकता है।
भगवान कहते हैं कि जीवन को जीने के दो आध्यात्मिक तरीके हैं- एक संत बनकर अपनी आध्यात्मिक साधना करें और दूसरा- संसार में रहते हुए जल कमल वत् निर्लिप्त और शांत जीवन जीकर भी गृहस्थ संत बना रहे। हमारे शास्त्रों में वर्णन है कि कुछ गृहस्थ ऐसे हुए या हैं जिन्होंने संत से भी श्रेष्ठ जीवन जिया है। श्रीमद् राजचंद्र जैसे महापुरुष इस बात के लिए हमारे सामने उदाहरण हैं। गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी आत्म साधना की ऊंचाइयों को उन्होंने हासिल किया है।
संसार में रहना बुरा नहीं है, लेकिन अपने भीतर संसार को बसा लेना बस यहीं से बुराई शुरू हो जाती है।
कमल की तरह जो संसार में निर्लिप्त जीवन जी रहा है और मुक्ति का भाव अंतरहृदय में निरंतर चलता रहता है तो आदमी का संसार में रहना भी मुक्ति के करीब जाना है।
त्यागी मरने के बाद भी पूजे जाते हैं
संतप्रवर ने कहा कि एक बात तो तय है कि इस दुनिया में जीते-जी तीन तरह के लोग पूजे जाते हैं। पहले वे जिनके पास सत्ता है, दूसरे वे हैं जिनके पास समृद्धि है और तीसरे वे जिनके पास सौंदर्य है। सत्ताशील, समृद्धिशील और सौंदर्यवान ये केवल जीते-जी पूजे जाते हैं पर त्यागी मरने के बाद भी सदियों तक पूजे जाते हैं। वे दुनिया में सदा अजर-अमर रहते हैं। जितना जरूरी जीवन में धन है उतनी ही जरूरी जीवन में नैतिकता है। नैतिकता भी जीवन का सबसे बड़ा धन है। जिसके पास नैतिकता का धन है वह दुनिया में रहेगा तब भी पूजा जाएगा और चला जाएगा तब भी पूजा जाएगा। जिसके घर में अनुचित मार्ग से धन आया है तो वह बाहर निकलने के दस बहाने खड़े कर देगा, कभी डॉक्टर तो कभी पुलिस, वकील और कभी प्रशासन के बहाने वह चला जाएगा। बहाने बदलते रहेंगे पर जाने के रास्ते उसके चालू रहेंगे। जीवन में जो भी धन कमाएं वह न्यायोचित रूप से कमाएं।
जीएसटी को अपने जीवन में ले आएं
संतश्री ने कहा कि जीएसटी ये केवल व्यापार के लिए लागू नहीं होता है। ये हमारे जीवन की व्यवस्था के लिए भी लागू होता है। जीएसटी का पहला अक्षर जी हमें कहता है अपनी थिंकिंग को हमेशा गुड रखो, दूसरा अक्षर एस कहता है हमेशा सिम्पल लिविंग हो और तीसरा अक्षर- टी हमें कहता है टेंशन फ्री लाइफ जियो। जो आदमी सादा जीवन-उच्च विचार को जिया करता है वह हमेशा टेंशन फ्री लाइफ जीता है। अपनी जिंदगी को हमेशा टेंशन फ्री रखो। की फरक पेंदा... इसे अपनी जिंदगी का मंत्र बना लो। क्या फर्क पड़ता है, अगर मनचाहा हो गया तो भी ठीक है और अगर न हुआ तो भी ठीक है। अतिथि की सेवा के साथ-साथ हर गृहस्थ को चौबीस घंटे में एक बार किसी को अपनी ओर से जरूर कुछ देना चाहिए। क्योंकि गृहस्थ के लिए दान से बढक़र और कोई सरल धर्म नहीं है।
रायपुर, 21 अगस्त। ‘‘परिवार में कैसे जीना है, अगर ये सीखना है तो भगवान श्रीराम से सीखो। दुनिया में कैसे जीना है, अगर ये सीखना है तो भगवान श्रीकृष्ण से सीखो और मुक्ति का मार्ग कैसे हासिल करना है, अगर ये सीखना है तो भगवान श्रीमहावीर से सीखो। हम लोग दिमाग में सोच बना लेते हैं- ये मेरे भगवान, ये तेरे भगवान।
भगवान किसी धर्म के नहीं, भगवान तो सबके और पूरी मानवता के होते हैं। हर धर्म के भगवान और गुरुओं ने जो भी बातें कहीं, वे पूरी धरती के लिए, अखिल ब्रह्माण्ड के लिए और पूरी मानवता के लिए कहीं।
आगमों में जो जीने की बातें कहीं गर्इं हैं तो वो केवल जैनियों के लिए नहीं कही गर्इं और गीता में जो बातें कहीं गर्इं वे केवल हिंदुओं के लिए नहीं कही गर्इं हैं, पूरी मानवता के लिए कहीं गर्इं हैं।
दुनिया के सारे शास्त्रों में अच्छी बातें होती हैं, तय हमें करना है कि हम श्रोता बनकर सुनते हैं, कि सरोता बनकर। श्रद्धा और विवेकपूर्वक जो जीवन में क्रियाओं को संपादित करता है उसका नाम श्रावक है।
जैन वो है जो जयनापूर्वक, अहिंसापूर्वक जीवन जीता है, जैन वो है जो इंसानियत के साथ जीता है और जो नवकार मंत्र का जाप करने वाला होता है।
भगवान श्रीमहावीर कहते हैं- जन्म से कोई भी व्यक्ति न तो जैन होता है, न ब्राह्मण होता है, न क्षत्रिय होता, न वैश्य होता है और न ही शूद्र। आदमी जो भी होता है अपने कर्म से होता है। केवल अपने नजरिए को बड़ा करना होता है।
ये प्रेरक उद्गार राष्ट:संत श्रीललितप्रभ सागरजी महाराज ने आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा में जारी दिव्य सत्संग जीने की कला के अंतर्गत अध्यात्म सप्ताह के पांचवे दिन शुक्रवार को ‘एक घंटे में समझें आगमों और गीता का रहस्य’ विषय पर व्यक्त किए।
भक्तिगीत ‘रोज थोड़ा-थोड़ा प्रभु का भजन कर लैं, मुक्ति का प्यारे तू जतन कर लै...’ के मधुर गायन से अपूर्व भक्तिभाव जागृत करते हुए उन्होंने कहा कि एक ऐसे देवदूत का आज जन्म दिन है जिनका जन्म तो कारागार में हुआ था।
और जब दुनिया से गए तो अपने जीवन के दिव्य गुणों की छाप छोड़ इस दुनिया के दिलों पर राज करके चले गए। जीवन इसी का नाम है कि उन्होंने पूरी जिंदगी मुस्कुराते-हंसते हुए, खिलते और आनंद से जीकर और धरती को स्वर्ग बनाकर जिया। और हाथ में एक ऐसी चीज ले ली, वो थी बांसुरी। बांसुरी बड़ी गजब की चीज होती है, उसकी पहली खासियत होती है- बिना बुलाए वो कभी बोलती नहीं। उसकी दूसरी खासियत है- वो जब भी बोलती है तो मीठी बोलती है। प्रकृति से उन्हें कैसा प्रेम भरा रहा कि सिर पे लगाया तो कोई सोने का मुकुट नहीं लगाया, मोर पंख लगा दिया जिससे प्रकृति का लगाव बना रहा। हाथ में जिंदगी में कभी धनुष-बाण नहीं उठाया, हाथ में बांसुरी लेकर हमेशा धरती पर मधुर तान बिखेरने में लगे रहे।
संतप्रवर ने आगे कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म ऐसे कुल में हुआ, जहां उन्होंने दोनों परम्पराओं में राज किया। यह कहते हुए गौरव है कि भगवान श्रीनेमिनाथ और भगवान श्रीकृष्ण दोनों सगे चचेरे भाई थे। दोनों ने ही भगवत्ता को हासिल किया, एक जैन धर्म के तीर्थंकर हुए और एक हिन्दू धर्म के भगवान बने। और श्रीकृष्ण की खासियत तो देखो वे हिन्दू धर्म के तो भगवान हैं और आने वाली चौबीसी में वे जैन धर्म के भी भगवान बनने वाले हैं। ये ऐसे महापुरुष हैं, जिन्होंने धरती को हंसता-खिलता, मुस्कुराता हुआ जीवन दिया।
आज की तारीख में धर्मक्षेत्र और कुरुक्षेत्र आदमी के भीतर है
संतप्रवर ने कहा कि अगर हम सभी लोग अपने नजरिए को बड़ा लेकर चलते हैं तो तय मानकर चलना दुनिया में कोई भी धर्म में भेद नहीं है, केवल हमें हमारी मानसिकता को पॉजीटिव बनाना है। दुनिया के हर धर्म में अच्छी बातें कहीं गर्इं हैं, जिन्हें हमें सीखने की सतत् कोशिश करनी चाहिए। गीता का जन्म धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र में हुआ था। आज की तारीख में भी धर्मक्षेत्र, कुरुक्षेत्र है और वह कोई बाहर नहीं आदमी के अपने भीतर है। आज की तारीख में भी महाभारत है, वह कहीं बाहर नहीं आदमी के अपने ही घर, मकान, जिंदगी और दुनिया में है। शांतिदूत बनकर भगवान कृष्ण गये थे, उन्होंने कभी-भी युद्ध की प्रेरणा नहीं दी, वे तो हमेशा कहा करते थे- जंग केवल एक मसला है, जंग क्या खाक मसलों का समाधान करेगी। इसीलिए शमां जलती रहे तो बेहतर है, हमारे-तुम्हारे घर में शांति बनी रहे तो बेहतर है। दुनिया में कभी भी लड़ाई और जंग से मसलों का हल नहीं होता, मसलों का हल जब भी होता है तो प्रेम और शांति से होता है।
गीता की मानवता को दी गर्इं प्रेरणाएं
संतश्री ने बताया कि गीता की मानवता को तीन प्रमुख प्रेरणाएं हैं- उनमें पहली है निष्काम कर्मयोग। बिना किसी कामना के जीवन में कर्म करते रहो, ये मत सोचो कि मेरे काम से मेरा समाज में नाम हुआ या नहीं, मेरा सम्मान-यश हुआ या नहीं। क्योंकि जिंदगी में सच्चा कार्यकर्ता वही होता है जिसका कार्य तो दिखता है पर कर्ता कभी नहीं दिखता। गीता का अखिल मानवता को यह संदेश है कि हर व्यक्ति कर्मशील रहे वह कभी भी निठल्ला होकर न बैठ। मरने से पहले आदमी को कभी बूढ़ा नहीं होना चाहिए। कर्म किए जा फल चिंता मत कर रे इंसान, ये है गीता का ज्ञान। जिंदगी में कर्मयोग से कभी जी मत चुराओ। जिंदगी में वो नहीं हारता जो हार जाता है, जिंदगी में वो हारता है जो हार मान जाता है। क्योंकि हर हार में जीत छिपी हुई है। लगन से आदमी लगा रहा तो आज नहीं तो कल वह परिणाम जरूर पाता है लेकिन जिंदगी में वो आदमी क्या परिणाम पाएगा जो कभी लगे रहने को भी तैयार नहीं होता। हमेशा याद रखें-शरीर श्वांस से चलता है पर जिंदगी में आदमी आत्मविश्वास से चलता है। गीता का हमें दूसरा मार्गदर्शन है- ज्ञानयोग, अर्थात् ज्ञान का पक्ष हमारा सदा मजबूत रहना चाहिए। जिंदगी में आदमी को जैसे ही जीवन जीने का विवेक मिल जाता है फिर कभी वह गलत राहों पर नहीं चलता। इसीलिए हमेशा जीवन में कम से कम रोज आधे घंटा अच्छे शास्त्रों का अध्ययन जरूर करना चाहिए। गीता की तीसरी महान प्रेरणा है- भक्ति योग। मरने के वक्त आत्मा के साथ कुछ भी जाने वाला नहीं है केवल भगवान की भक्ति ही साथ जाने वाली है।
रायपुर, 23 अगस्त। चौक चौराहो से यातायात नियमों की जानकारी देते और राहगीरों को उनके कर्तव्यों से जागरूक करते, शहर की एक समाज सेवी संस्था *सुरक्षित भव: फाउंडेशन* ने अपना 100वा वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना लिया।
पिछले 10 वर्षों से यह सामाजिक संस्था ने अपने *ट्रैफिक रेडियो* प्रसारण रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, कोंडागांव, धमतरी से लगातार 3500 दिन पूरे किए।
संस्था अपने सुमधुर ट्रैफिक जिंगल्स के माध्यम से न केवल ट्रैफिक नियमों की जानकारी बल्कि स्वच्छता, बेटी बचाओ, पर्यावरण, प्रदूषण, करप्शन, पापुलेशन, गौ रक्षा जैसे अनेकों सुरक्षात्मक संदेशो का प्रसारण कर राहगीरों को स्मार्ट बनाने का प्रयास करते आ रही है।
संस्था का पहला विश्व रिकॉर्ड *चैंपियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड*
1 जनवरी 2020 में संस्था को प्राप्त हुआ था और उसके बाद यह विश्व रिकॉर्ड की कड़ी बनती चली गई । संस्था के संस्थापक डॉ संदीप धूपड़ ने बताया कि वर्ष 2020 में संस्था को केवल 1 वर्ष में लगभग 51 वर्ल्ड रिकॉर्ड बना कर वर्ल्ड रिकॉर्ड का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर विश्व कीर्तिमान हासिल कर चुके हैं।
लगभग 20 सेकंड के सु मधुर जिंगल्स को राहगीर बहुत पसंद करते हैं और इससे जागरूक होते दिखते हैं । प्रसारित सामाजिक जिंगल्स ना केवल हिंदी भाषा में बल्कि छत्तीसगढ़ी, गुजराती, मराठी, पंजाबी, जैसे अनेकों भाषाओं में प्रसारण कर शहर के मुख्य लाल बत्ती पर खड़े राहगीरों को सुनाते हुए हैं जागरूक करने का काम करती आई है ।
रायपुर, 23 अगस्त। अग्रसेन महाविद्यालय पुरानी बस्ती में आज रायपुर पुलिस ने अपने सुनो रायपुर अभियान के अंतर्गत विद्यार्थियों को साइबर अपराध से बचने के विषय पर विस्तार से जानकारी दी।
इसमें साइबर सेल के निरीक्षक सिकंदर कुर्रे तथा प्रधान आरक्षक चिंतामणि साहू ने विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी दी।
साइबर अपराधों में नए-नए किस्म के अपराधों पर चर्चा करते हुए साइबर सेल के उपनिरीक्षक सिकंदर कुर्रे ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान नाईजीरियन गिरोह द्वारा डॉलर की रकम को आपके खाते में ट्रांसफर करने और मुसीबत में मदद मांगने के बहाने साइबर अपराध किये गए हैं।
उन्होंने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढवाने के बहाने कस्टमर केयर से फोन आने या मैसेज पर भेजे गए लिंक को क्लिक करने को कहकर भी धोखेबाजों द्वारा अपराध किये जाने कि घटनाओं का जिक्र किया।
साइबर अपराध के कानूनी पहलुओं की जानकारी देते हुए कुसुमताई दाबके विधि महाविद्यालय की प्राध्यापिका डॉ प्रीति सत्पथी ने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए लोगों का जागरूक होना ही सबसे बड़ा बचाव है।
रायपुर, 23 अगस्त। शांति नगर, रायपुर स्थित एकता बच्चों का हॉस्पिटल में स्पेशल बच्चों के अभिभावकों के साथ नि:शुल्क संवाद शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पालकों के साथ उनकी एवं उनके बच्चों की समस्या और समाधान पर चर्चा की गई,एवं इलाज से संबंधित परामर्श दिया गया । जिसमें लगभग 40 बच्चों के अभिभावकों ने इस शिविर का लाभ उठाया ।
इस एक दिवसीय कार्यक्रम में एकता हॉस्पिटल की विशेषज्ञ डॉक्टर टीम में डॉ. राधिका अग्रवाल ( पीडियाट्रिक न्यूरो), डॉ. मोनिका पांडेय (पीडियाट्रिक ऑर्थो) डॉ. शिखा विश्वकर्मा (फिजियोथेरेपिस्ट), भूमिका गिजारे (सायकोलॉजिस्ट) सहित सत्यम बंजारे (स्पीच थेरेपिस्ट) उपस्थित रहे ।
‘शिक्षा का उद्देश्य जीवन मूल्यों को विकसित करना और मैक इसके लिए प्रतिबद्ध’-राजेश अग्रवाल
रायपुर, 23 अगस्त। महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज समता कॉलोनी रायपुर में आज दिनांक 22/08/2022 को महाविद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए इण्डक्शन। श्रवनतदमल ज्वूंतके म्गबमससमदबम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। चेयरमेन आदरणीय श्री राजेश अग्रवाल जी, पूर्व चेयरमेन आदरणीय श्री रमेश अग्रवाल जी विशेष रूप से उपस्थित हुए।
कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन चेयरमेन आदरणीय श्री राजेश अग्रवाल जी, प्राचार्य डॉ. एम.एस. मिश्रा जी, एडमिनिस्ट्रेटर श्री सिद्धार्थ सभरवाल जी के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। नए सत्र 2022-23 का शुभारंभ एवं सभी कक्षाएं 16 अगस्त से प्रारंभ हो गई है।
इंडक्शन (पहला कदम) कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नव प्रवेश लिए प्रथम वर्ष के छात्रों को महाविद्यालय यहाँ की कार्यशैली सभी शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक गतिविधियों जैसे लर्नविला, रोवर-रेंजर, स्किल डेव्हलप्मेन्ट प्रोग्राम स्पोर्टस, मैक बैण्ड आदि से परिचित करवाना एवं उनकी संपूर्ण जानकारी देना है। स्कूली शिक्षा पूरी कर छात्र कॉलेज में प्रवेश लेते है।
महाविद्यालय उनके लिए अलग एवं नया माहौल रहता है, जिससे छात्र महाविद्यालय की कार्यविधि समय प्रबंधन को बेहतर ढंग से समझ सके ताकि आने वाल समय में उन्हें किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े एवं छात्र यहाँ चलने वाली विभिन्न गतिविधियों का भरपूर लाभ उठा सके।
आदरणीय श्री राजेश अग्रवाल जी अपने छात्रों को उनके महाविद्यालयीन जीवन का पहला कदम के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आपके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय है जब आप अपनी जीवन गाथा स्वयं लिखने के लिए तैयार है। और मैक आपे सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास के प्रतिबद्ध है।
अनुशासन, जीवन को न सिर्फ व्यवस्थित बनाता है बल्कि जीवन को सफल और आनंदमय बनाता है। अत: अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन एवं प्रबंधन बनाना जरूरी है।
रायपुर, 23 अगस्त। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि इस वर्ष दिवाली का त्यौहार व्यापारियों के लिए बड़ा व्यापार करने की सौगात लेकर आ रहा है।
उम्मीद जताई जाती है की पिछले दो वर्षों से कोरोना के कारण सुस्त रहा दिवाली का त्यौहारी व्यापार इस वर्ष बेहतर तरीके से बिक्री का एक बड़ा मौका देगा। यूगोव द्वारा किये गए एक सर्वे के अनुसार शहरों में रहने वाले लोग इस बार पिछले दो वर्ष की दिवाली के मुकाबले ज्यादा खर्च करना चाहते हैं।
यूगोव की रिपोर्ट के अनुसतर 36 प्रतिशत शहरी लोग इस दिवाली पर ज्यादा खर्च करने को तैयार दिखाई देते हैं जबकि वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 29 प्रतिशत तथा 2021 में 17 प्रतिशत था - यह बताते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा की इस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए कैट प्रदेश सहित देश भर के व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठानों पर पर्याप्त मात्रा में स्टॉक रखने का सुझाव देगा।
शहरों में यदि व्यापार बढ़ता है तो उसका मतलब साफ़ है की छोटे शहरों, कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी मांग ज्यादा होगी क्योंकि इन क्षेत्रों के व्यापारी आसपास के बड़े शहरों से ही सामान खरीदते है। उन्होंने कहा की न केवल बी टू सी में बल्कि बी टू बी में दिवाली की त्यौहारी बिक्री पर बड़ा उछाल आने की संभावना है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड महामारी के कारण बाजारों में चहल-पहल बहुत धीमी थी और उपभोक्ता आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। हालांकि, इस साल ऐसा लगता है कि उपभोक्ता दिवाली त्योहार को बड़े पैमाने पर मनाने के लिए अधिक उत्सुक हैं, जो निश्चित रूप से व्यापारियों के लिए अधिक व्यवसाय लाएगा।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की यूगोव की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दिवाली खर्च सूचकांक पर आधारित है जो दर्शाता है कि इस वर्ष खर्च करने का इरादा 90.71 94-45 है जबकि 2021 में 90.71 और 2020 में 80.96 था। इससे यह भी जाहिर होता है की अर्थव्यवस्था भी सुधर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार इस साल शहरी लोग जिन क्षेत्रों में ज्यादा खर्च करना चाहते हैं इसमें प्रमुख रूप से घरेलू उपकरण, यात्रा, स्वास्थ्य, गृह सज्जा और सोना शामिल हैं जबकि कैट को यह उम्मीद है की इन सेक्टर के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, रेडीमेड गारमेंट्स, गिफ्ट आइटम्स, एफएमसीजी सेक्टर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इलेक्ट्रिकल फिक्स्चर और फिटिंग आदि अन्य व्यापार के कार्यक्षेत्र होंगे जहाँ इस वर्ष व्यापार में अधिक वृद्धि की सम्भावना है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया की 31 अगस्त से 9 सितम्बर तक देश में गणेश उत्सव मनाया जाएगा जो मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना ,आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में विशेष रूप से बेहद धूमधाम से मनाया जाएगा। 26 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक नवरात्रि त्यौहार, रामलीला तथा दुर्गा पूजा का त्योहार मनाया जाएगा वहीं 24 अक्टूबर को दिवाली तक देश के सभी भागों में अनेक त्यौहार मनाए जाएंगे । यानी 31 अगस्त से 24 अक्टूबर तक भारत में त्योहारों का मौसम होगा और उसके बाद शादियों का सीजन होगा। उम्मीद है कि इस साल घरेलू व्यापार में कारोबार में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिलेगी।
रायपुर, 22 अगस्त। ‘‘योग विशुद्ध रूप से जीवन जीने की कला है। स्वस्थ जीवन जीने की कला का नाम योग है। भगवान महावीर, भगवान बुद्ध ने जो कुछ भी उपलब्ध किया वह ध्यान और योग के द्वारा ही उपलब्ध किया। ध्यान के द्वारा ही उन्होंने आत्मबोधि को उपलब्ध किया।
एक ध्यान और योग ही ऐसी विधा है जो हमारी रुग्णता को जड़ों से ठीक कर देता है। योग-ध्यान हमें अपने अन्तरमन को निर्मल और परिमार्जित करने का कार्य करता है। अगर हम मानसिक-शारीरिक शांति-स्वस्थता और अध्यात्मिक शक्ति को पाना चाहते हैं तो योग-साधना इसकी रामबाण औषधि है।
इतना ही नहीं यदि परमात्मा की कृपा पानी है, ईश्वर से अपनी आत्मा के तार जोडऩे हैं तो योग की ओर आइए। ’’ आज धर्मसभा में डॉ. मुनिश्री द्वारा श्रद्धालुओं को मूवमेंटल, पॉवर और स्ट्रेचिंग योगा के आसान अभ्यास कराए गए।
ये प्रेरक उद्गार डॉ. मुनिश्री शांतिप्रिय सागरजी महाराज ने आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा में जारी दिव्य सत्संग जीने की कला के अंतर्गत अध्यात्म सप्ताह के तीसरे दिन बुधवार को ‘ध्यान: कब, क्यों और कैसे करें’ विषय पर व्यक्त किए।
राष्ट:संत चंद्रप्रभ सागरजी महाराज रचित गीत ‘योगमय जीवन जिएं, हम योगमय जीवन जिएं, कर्म हमारी प्रार्थना हो, कर्म हमारा लक्ष्य हो...’ से धर्मसभा का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि जिंदगी कभी उफ तो कभी आह होती है, और जिंदगी कभी आह तो कभी वाह होती है, जिंदगी में कभी योग को मत भूलना, योग से हर बीमारी से निजात होती है।
स्वस्थ रहना हमारी प्रकृति है और बीमार पड़ जाना यह हमारी विकृति है। लेकिन योग-ध्यान साधना के द्वारा कभी बीमार ही नहीं पडऩा यह हमारी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य ही हमारे जीवन का सबसे बड़ा सोना है, जिसके पास स्वास्थ्य नहीं उसे तो जीवनभर रोना है।
स्वस्थ शरीर से ही स्वस्थ आत्मा का निर्माण होता है। अगर हम स्वस्थ ऊर्जावान आत्मा के मालिक बनना चाहते हैं तो पहले हमें अपना शरीर स्वस्थ बनाना होगा।
सदा जवान रहना चाहते हैं तो रोज ध्यान और योग करें
डॉ. मुनिश्री ने आगे कहा कि यदि आपको शरीर व मन से जुड़ी कोई भी बीमारी हो तो आप योग-ध्यान की शरण में आइए, इससे आपको शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त होगा। अगर आप सदा जवान रहना चाहते हैं तो रोज ध्यान और योग का अभ्यास कीजिए। दवाओं के भरोसे रहेंगे तो हम अपनी उम्र से दस साल ज्यादा बूढ़े नजर आएंगे। इस बात का हमेशा विवेक रखें कि जीवन में हम नित्यप्रति योग करें। जिसका जीवन जीते-जी स्वर्ग हुआ करता है, उसे ही मरकर स्वर्ग मिला करता है। ध्यान और योग अमृत औषधि की तरह है। आज का युग स्वर्णिम युग है, पहले योग गुफाओं तक ही सीमित था, आज वह घर-घर पहुंच गया है।
मुनिश्री ने आगे बताया कि योग का शाब्दिक अर्थ है- जुडऩा। जब हम अपने-आपसे जुड़ते हैं तो उसे योग कहते हैं। जब हम दूसरों से जुड़ते हैं तो उसे सहयोग कहते हैं और जब हम परमात्मा से जुड़ते हैं तो उसे परम योग कहते हैं। योगी बनो, उपयोगी बनो, सहयोगी बनो पर जीवन में कभी भूलकर भी भोगी मत बनो। यदि भोगी बने तो रोगी बन जाएंगे। जो योग-ध्यान का निरंतर अभ्यास किया करता है, उसके जीवन में रोगी की स्थिति बनती नहीं और अगर बन भी जाए तो योग-ध्यान के माध्यम से वह फिर से आनंद की जिंदगी जीने लग जाता है। हजारों-लाखों खर्च करके अपने रोग में लगाने के बाद अपनी जीवन शैली को सुधारना इससे तो अच्छा है कि हम पूर्व से ही अपनी जीवन शैली को व्यवस्थित रखें ताकि रोगी होने की नौबत ही न आए। योग से हमारी अंदरूनी ताकत धीरे-धीरे बढ़ती चली जाती है। योगी को यदि मौसम और वातावरण की वजह से छोटी-मोटी बीमारी आ भी गई तो वह दो-तीन दिनों में ही वापस चली जाया करती है। अक्सर आदमी की बीमारियों की तीन ही वजह होती हैं- पेट, दिमाग और वातावरण। खाने-पीने में कंट्रोल न होने पर पेट के विकार पैदा होते हैं। ज्यादा तनाव या लोड लेने पर दिमाग रोगी होता है और वातावरण में प्रदूषण फैला हुआ हो तो रोग उत्पन्न होता है। वातावरण भले हमारे वश में न हो पर हम पेट और दिमाग की वजह से आने वाली बीमारियों को तो जरूर कंट्रोल कर सकते हैं।
स्वस्थ जीवन जीने के सात चरण
डॉ. मुनिश्री ने श्रद्धालुओं को स्वस्थ जीवन जीने के सात चरणों से अवगत कराया। वे हैं- प्रॉपर डाइट-संतुलित आहार, प्रॉपर एक्सरसाइज- अपने सामर्थ्य अनुसार प्रतिदिन शारीरिक श्रम, प्रॉपर ब्रेडिंग- नित्यप्रति शारीरिक व्यायाम, प्रॉपर मेडिटेशन- प्रतिदिन ध्यान साधना, प्रॉपर रिलेक्सेशन- प्रतिदिन यथोचित विश्राम, प्रॉपर थिंकिंग- सकारात्मक सोच और प्रॉपर लाइफ स्टाइल अर्थात् संतुलित जीवन शैली। यदि ये सात चरणों का आपके जीवन में नित्य प्रति पालन होगा तो आप तन-मन और आत्मा से सदा स्वस्थ रहेंगे। अगर आप स्वास्थ्य से प्रेम करते हैं तो योगासन करें। अगर आप श्वांसों से प्रेम करते हैं तो प्राणायाम करें। अगर आप आत्मा से प्रेम करते हैं तो ध्यान करें और आप परमात्मा से प्रेम करते हैं तो भक्ति करें। हमारी सोच यही हो कि परमात्मा ने मुझे प्रसन्न और स्वस्थ बनाकर भेजा था, मैं वापस उनके पास जाउं तो स्वस्थ-प्रसन्न और आनंद से भरा होकर जाउं। योग और ध्यान से हम अपने-आपको बनाएंगे फिट तो एक दिन हम हो जाएंगे सुपरहिट।
संतप्रवर ने बताया कि योगाभ्यास के मुख्य तीन प्रकार हैं- पहला मूवमेंटल योग यानि संधि शोधन योग। यह शरीर में एकत्र टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। दूसरा- पॉवर योगा, जो शरीर के अंगों की हलचल के माध्यम से किया जाता है, यह योगाभ्यास ऊर्जा वृद्धि में सहायक होता है। तीसरा है- स्ट्रेचिंग योगा जिसके माध्यम से भीतर की शक्ति जागृत की जाती है। हमारी शरीर में दस जोड़ होते हैं, पैरों में चार, हाथों में चार, गर्दन में एक और कमर में एक। इन 10 संधि स्थलों में जमने वाले टॉक्सिन यानि गंदगी को हम मूवमेंटल योगा के द्वारा बाहर निकालते हैं। संतश्री द्वारा संधिस्थलों के योगाभ्यास के उपरांत श्रद्धालुओं को पॉवर योग के अंतर्गत क्लेपिंग थैरेपी, रबिंग थैरेपी व स्माइल थैरेपी के अभ्यास भी कराए गए। स्माइल थैरेपी का अभ्यास कराते हुए उन्होंने ‘के के एम’ अर्थात ‘खूब खुलकर मुस्कुराइए’ का मंत्र दिया। वहीं पॉवर योगा के अंतर्गत खड़े होकर अपने स्थान पर ही दोनों पैरों से सैनिक मार्च पॉस्ट की भांति पैरों से दौड़ का, रस्सी कूद की भांति उछलने का और जम्पिंग के अभ्यास भी कराए गए। छठवें चरण फिरकी के अंतर्गत कंधों, कमर की गोल घुमाई का और नृत्य माध्यम से पूरे शरीर की मूवमेंट का अभ्यास कराया गया। स्ट्रेचिंग योगा, प्राणायाम और ध्यान के अभ्यास कल गुरुवार के द्वितीय सत्र में कराए जाएंगे। इसके पूर्व गुरुदेव राष्ट:संत ललितप्रभ सागरजी का योग का प्रवचन होगा।