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अविनाश ट्विन सिटी के अलावा राजधानी की दूसरी परियोजनाओं में 10 हजार पेड़ लगाए जाएंगे
रायपुर, 18 जुलाई। छत्तीसगढ़ के जाने-माने रियल एस्टेट ग्रुप अविनाश बिल्डर की ओर से आज से मेगा प्लांटेशन अभियान की शुरुआत हुई। यह अभियान पिछले 6 वर्षों से जारी है। इसके तहत आज से रायपुर कुम्हारी के बीच अविनाश ट्विन सिटी से वृक्षारोपण की शुरुआत की गई।
इस अभियान के तहत ट्विन सिटी में प्लॉट खरीदने वाले कई परिवार शामिल हुए। साथ ही अविनाश ग्रुप से जुड़े कर्मचारी, पदाधिकारी एवं शहर के नागरिक भी वृक्षारोपण अभियान में शामिल हुए। प्लॉट खरीदने वाले ग्राहकों ने खुले दिल से इस मुहिम की तारीफ की । उन्होंने कहा कि कॉलोनी जितनी हरी-भरी होगी लोगों का जीवन उतना ही बेहतर और खुशमय होगा।
वही अविनाश सिटी के मार्केटिंग हेड ने बताया कि पिछले 6 सालों से अविनाश ग्रुप मानसून की शुरुआत के साथ आओ पेड़ लगाएं अभियान चलाता है। इस साल भी यह अभियान शुरू किया गया है ।
जिसके तहत अविनाश ट्विन सिटी के अलावा राजधानी की दूसरे प्रोजेक्ट में करीब 10 हजार पेड़ लगाए जाएंगे । बता दें कि कुम्हारी का अविनाश ट्विन सिटी प्रोजेक्ट करीब सवा सौ एकड़ में फैला हुआ है, जो भविष्य में वृहत रूप लेगा । अविनाश के अन्य प्रोजेक्ट की तरह यहां भी ग्रीनरी और प्लांटेशन पर खास जोर दिया गया है ।
रायपुर, 17 जुलाई। राष्ट्र-संत ललितप्रभ महाराज ने कहा है कि तलवार की कीमत उसकी धार से होती है पर आदमी की कीमत उसके सद्व्यवहार से होती है। मधुर व्यवहार का व्यक्ति दूसरों के दिलों में भी राज करता है, वहीं टेढ़े व्यवहार और स्वभाव का व्यक्ति अपनों के दिल से भी उतर जाता है।
करोड़पति और रोडपति में केवल क का ही फर्क है, जो अच्छे कर्म करे वही करोड़पति होता है। बड़ा आदमी बनना बड़ी बात नहीं है, पर अच्छा आदमी बनना जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि है। अगर कोई चाहता है कि वो जहाँ जाएँ वहाँ सब लोग उसे पसन्द करें तो उसके लिए जरूरी है कि वह उदार व्यवहार का मालिक बनें।
संत ललितप्रभ यहाँ आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा में श्री ऋषभदेव जैन मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित प्रवचनमाला में विशाल जन समुदाय को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर कभी ऐसा मौका आ जाए जब सामने वाला आपके प्रति विपरीत व्यवहार कर रहा हो, तब भी हमें अपनी शालीनता नहीं खोनी चाहिए। उसका नेगेटिव व्यवहार हमेशा ओछा ही कहलाएगा पर आपका पॉजिटिव व्यवहार हमेशा दूसरों के दिलों सम्मान और प्रेम भरी जगह दिलाएगा।
उन्होंने कहा कि हमें घर में केवल बड़ा बनकर नहीं रहना चाहिए, अपितु वक्त आने पर बड़प्पन भी दिखाना चाहिए। घर में बड़ा वो नहीं होता जो उम्र में बड़ा होता है, घर में बड़ा वो होता है जो घर को एक रखने के लिए झुकने के लिए तैयार हो जाता है। श्रद्धालुओं से अनुरोध करते हुए संतश्री ने आगे कहा- मेरी एक बात जरूर नोट कर लेना, जिंदगी में रिश्तों को कभी मत तोडऩा, मानता हूं गंदा पानी पीने के काम तो नहीं आता पर आग लग जाए तो आग बुझाने के काम जरूर आता है। अपने ईगो को छोड़ कर थोड़ा झुक कर तो देखो, सामने वाला झुकने तैयार है। रोज-रोज कीमती उपहार तो दिए नहीं जा सकते पर रोज-रोज अच्छे व्यवहार का उपहार तो दिया ही जा सकता है।
संतप्रवर ने कहा- मैंने सुना है इस दुनिया में जो आता है वह एक दिन मरता जरूर है। अगर आप चाहते हैं कि मैं न मरूं, तो मैं आपको एक मंत्र देता हूं और वह है- जीवनभर इतने नेक काम करके जाओ कि आप लोगों के दिलों में हमेशा-हमेशा के लिए धडक़ते रहो।
दुनिया में वो आदमी कभी नहीं मरता, जो लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहता है।
व्यवहार का सबसे बड़ा सद्गुण है विनम्रता
अपने बेटे और छोटे भाई के बेटे को प्यार-दुलार देने में किए गए जरा से अंतर के कारण दो सगे भाइयों के बीच मनमुटाव और दूरियां कैसे बढ़ जाती हैं, इसे समझाने संतप्रवर ने बैंगलोर की एक सच्ची कहानी सुनाते हुए कहा कि हमें परिवार के सदस्यों से छोटे-छोटे व्यवहारों के प्रति हमेशा सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यवहार का सबसे बड़ा सद्गुण विनम्रता है। उसका सर आपसे भी उुंचा होता है, जिसका सर आपके सामने झुका रहता है। अपने जीवन में ईगो पाल कर रखना, यह आदमी की सबसे बड़ी गलती है। संघ का पति वो नहीं होता जो अपने-आपको संघ से बड़ा मानने लग जाए, संघ का पति वह होता है जो संघ को बड़ा मानता है। विनम्रवान को सब लोग पसंद करते हैं, विनम्र व्यक्ति हमेशा दूसरों के दिलों में जगह पाता है। आज से अपने जीवन का यह नियम बना लें कि मैं हमेशा विनम्र रहूंगा।
अपने धन और रूप का अहंकार कदापि न करें
श्रद्धेय संतश्री ने कहा कि आदमी को अक्सर अपने धन और रूप सौंदर्य का अहंकार होता है। जीवन में आदमी को कभी भी धन का अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि वक्त को बदलते वक्त नहीं लगता। करोड़पति और रोड़पति में ज्यादा नहीं केवल एक अक्षर ‘क’ का ही फर्क है। वास्तविकता तो यही है कि जो अच्छा कर्म करता है वह अपने जीवन में किसी करोड़पति से कम नहीं। उन्होंने कहा- आप कितने ही महान और बड़े व्यक्ति क्यों न बन जाएं, अपनी जमीन से सदा जुड़े रहें। बड़ा बनना बड़ी बात नहीं है, बड़प्पन बनाए रखना बड़ी बात है। अच्छे फल की निशानी यह है कि वह नर्म भी हो और मीठा भी हो। इसी तरह आदमी के परिपक्व होने की पहचान यही है कि वह विनम्र भी हो और मधुर भी हो। धन ही नहीं अपने पद का भी अहंकार कदापि न करें, कभी यह मत बोलें कि अमुक कार्य मैंने किया है, हमेशा कहें- हमने मिलकर किया है। अपने समाज, गांव, नगर, राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले हर बड़े नेता को मैं यह संदेश देना चाहता हूं कि जिनके योगदान से आप पद पर बने हैं, उन सबको हमेशा साथ लेकर चलें। क्योंकि समाज को एक ही बड़ा हजम नहीं होता और वह है- ‘मैं बड़ा’। अपने छोटेपन का अहसास जिसे सदा बना रहता है, वह बड़ा होकर भी स्वयं को बड़ा नहीं मानता। बड़े-बुजुर्ग इसीलिए कहा करते थे कि जो चैकी पर बैठे वो चैकीदार और जो जमीन पर बैठे वो जमींदार होता है। अपने दिलोदिमाग को बी-पॉजीट्वि बना लें कि मैं बड़ा बनकर नहीं रहूंगा, सदा विनम्र बनकर रहूंगा।
गोरे रंग पे न इतना गुमान कर
संतप्रवर ने कहा कि आदमी को पहला अहंकार धन का और दूसरा अपने गोरे रंग का होता है। जब सबको एक दिन राख बनकर खाक होना है तो किस बात का अहंकार। आदमी को अपने सौंदर्य का अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि सुंदर रूप लोगों को दो क्षण के लिए याद रहता है और आपका सुंदर व्यवहार लोगों के दिलों में सदा राज करता है। हम सुंदर व्यवहार के मालिक बनें। आपसी संबंधोंं में, रिश्तों में कभी किसी बात से दुश्मनी हो गई है तो उसे दूर करने के लिए आपके निर्मल व्यवहार की जरूरत है।
सद्गुणों से होती है इंसान की मूल्यता
संतश्री ने कहा कि हम अपने दिल को, अपनी मानसिकता को हमेशा बड़ा रखें। इंसान की मूल्यता उसके सद्गुणों से होती है। हमारे हाथ की अंगुलियां भी एक-दूसरे से छोटी-बड़ी हैं, पर जब हम उन अंगुलियों को साथ-साथ मोड़ते हैं तो वे सब बराबर की हो जाती हैं। जिस प्रकार दूध, दही, मक्खन, घी, छाछ ये सब एक ही कुल के होते हैं, पर सबके गुण और मूल्य अलग-अलग होते हैं। कोई भी वस्तु अपने मूल्य से नहीं बल्कि अपने गुणों से मूल्यवान होती है। वैसे ही आदमी अपने मोल से नहीं बल्कि अपने गुणों से महान होता है। केवल बीस पैसे की एक बिंदिया अपनी गुणधर्मिता के कारण माथे पर सजती है। जिंदगी में एक बात हमेशा याद रखें, अहंकार के हथौड़े से ताला टूटता है और विनम्रता की चाबी से ताला खुलता है। टूटा हुआ ताला कभी उपयोग में नहीं आता पर खुला हुआ ताला हमेशा काम आता है।
हमेशा मिलनसार बनकर रहें
संतप्रवर ने कहा कि हम सब यह संकल्प करें कि मैं जिंदगी में हमेशा मिलनसार बनकर रहूंगा। बच्चों को हमें विनम्रता के साथ-साथ मिलनसारिता का संस्कार भी देना चाहिए। और एक सद्गुण अपने जीवन में सदा के लिए जोड़ लेवें कि एक-दूसरे से जब भी भेंट हो हम हमेशा हाथ जोडक़र अभिवादन जरूर करेंगे। हाथ जोडक़र ही आदमी लाखों लोगों का दिल जीत सकता है, विनम्रवान हमेशा लोगों के दिलों में राज करता है। आज के सत्संग का समापन संतश्री ने सत्संग पांडाल में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं से चार संकल्प लेने का आह्वान कर किया। वे संकल्प थे- कभी किसी से रिश्ता मत तोडि़ए, कभी किसी का दिल मत तोडि़ए, कभी किसी का विश्वास मत तोडि़ए और कभी किसी को दिया हुआ वचन मत तोडि़ए। क्योंकि जब इन्हें तोड़ते हैं तो आवाज नहीं होती पर दिल बहुत दुखता है।
आज के अतिथिगण
शनिवार की दिव्य सत्संग सभा का शुभारंभ अतिथिगण कीर्ति व्यास, रतनलाल जैन कुनकुरी, गजराज पगारिया, जयकुमार बैद, जयंत कांकरिया नागपुर, सीताराम अग्रवाल, डॉ. अजय चोपड़ा व चातुर्मास समिति से भरत बैद ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अतिथि सत्कार दिव्य चातुर्मास समिति के अध्यक्ष तिलोकचंद बरडिय़ा, पीआरओ कमेटी के मनोज कोठारी व स्वागत समिति के अध्यक्ष कमल भंसाली ने किया।
शनिवार का प्रवचन ‘बुरी आदतों को अच्छी आदतों में कैसे बदलें’ विषय पर
श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया, कार्यकारी अध्यक्ष अभय भंसाली, ट्रस्टीगण राजेंद्र गोलछा व उज्जवल झाबक, दिव्य चातुर्मास समिति के अध्यक्ष तिलोकचंद बरडिय़ा, महासचिव पारस पारख, प्रशांत तालेड़ा, अमित मुणोत ने संयुक्त जानकारी देते बताया कि राष्ट्रसंत जीने की कला-विशेष प्रवचनमाला के अंतर्गत शनिवार को सुबह 8:45 बजे से ‘बुरी आदतों को अच्छी आदतों में कैसे बदलें’ विषय पर पे्ररक प्रवचन देंगे। श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट एवं दिव्य चातुर्मास समिति ने छत्तीसगढ़ के समस्त श्रद्धालुओं को चातुर्मास के सभी कार्यक्रमों व प्रवचन माला में भाग लेने का अनुरोध किया है।
बालकोनगर, 17 जुलाई। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से हजारों ग्रामीण युवाओं को सक्षम बना रही है, जिससे छत्तीसगढ़ में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन हो रहा है। कुशल मानव संसाधन से किसी राष्ट्र के विकास यात्रा को गति मिलती है।
विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्था में शामिल होने की भारत की आकांक्षाओं के लिए विकास की गति को बनाए रखने के लिए कुशल जनशक्ति की आवश्यकता है। विशेष रूप से कम सुविधा वाले ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में युवाओं के बीच रोजगार योग्य और उद्यमशीलता कौशल के विकास की आवश्यकता है।
समाज को वापस देने का दृष्टिकोण ही बालको के सामुदायिक विकास की आधारशिला है। अपने प्रचालन से सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण और स्थानीय समुदायों को सक्षम करने के प्रतिबद्धता के अनुरूप कौशल विकास के माध्यम से युवा को सशक्त बनाने हेतु बालको ने 2010 में कोरबा वेदांता स्किल स्कूल की स्थापना के लिए लर्नेट स्किल्स लिमिटेड के साथ भागीदारी की।
वेदांता स्किल स्कूल प्रशिक्षण केंद्र में आतिथ्य उद्योग, वेल्डिंग, सिलाई मशीन ऑपरेटर, सोलर पीवी टेक्निशियन, इलेक्ट्रीशियन और फिटर के छह ट्रेडों में मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 45 से 65 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है।
वेदांता स्किल स्कूल मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना (एमएमकेवीवाई), नाबार्ड, स्किल इंडिया इम्पैक्ट बॉन्ड (एसआईआईबी) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईएसई) जैसी सरकारी योजनाओं के साथ मिलकर प्रशिक्षण दे रहा है।
कोरबा में कौशल विद्यालय की सफलता के बाद क्रमश: वर्ष 2017 और 2018 में मैनपाट और कवर्धा में दो और केंद्र स्थापित हुए। इन केंद्रों से छत्तीसगढ़ के लगभग 10 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा उन्हें देश भर के विभिन्न उद्योगों में रोजगार मिला है।
युवाओं को प्रशिक्षण देने के अलावा, संस्थान इस क्षेत्र में रोजगार दर, जीवन की गुणवत्ता, असमानताओं को कम करने और जीवन के कई अन्य पहलुओं में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति ने कहा कि वेदांता में, सतत आजीविका विकास हमारे सामुदायिक विकास प्रयासों में प्रमुख स्तंभ है। वेदांता स्किल स्कूल के माध्यम से हमारा लक्ष्य स्थानीय युवाओं के बीच कौशल विकास के अवसरों को बढ़ावा देना है, जिससे उन्हें रोजगार योग्य कौशल सीखने के अवसर प्राप्त हों। देश के उत्तरोत्तर विकास में प्रशिक्षित युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। कंपनी समुदाय में प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर तथा सशक्त बनाने के लिए आवश्यक संसाधनों के साथ सक्षम बनाने में विश्वास करता है। हमारे विभिन्न सामुदायिक विकास कार्यक्रम उस दृष्टिकोण से जुड़े हुए हैं।
होटल बेबीलोन इंटरनेशनल रायपुर के मानव संसाधन प्रबंधक संदीप कुमार राय ने बालको के कौशल विकास कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि हमारे संगठन में नियोजित उम्मीदवारों ने अनुकरणीय पेशेवर कौशल प्रदर्शित किया है। बालको की ओर से प्रारंभ यह केंद्र युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का आत्मविश्वास और संबल देता है और उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान करने में सक्षम बनाता है।
पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड, पुणे में असेंबली फिटर के पद पर कार्यरत पूर्णेश दरवेश ने कहा कि कौशल स्कूल में दाखिला लेना मेरे जीवन के सबसे अच्छे फैसलों में से एक रहा है। मैं खाद्य और पेय कार्यक्रम में प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुआ था। अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहायता देने और पिता के साथ जिम्मेदारियों को साझा करने पर गर्व है।
यंग ब्रांड, तिरुपुर में सिलाई मशीन ऑपरेटर इंदु पकवासा ने बताया कि वेदांत स्किल स्कूल का छात्र होने के लिए भाग्यशाली महसूस करती हूं क्योंकि आत्म-निर्भरता की मेरी यात्रा में सहायक बन मेरे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पूर्व छात्रा संतोषी धुर्वे ने आभार जताते हुए कहा कि स्किल स्कूल ने उनके जीवन को नई दिशा दी है। आर्थिक रूप से परिवारजनों की मदद कर उन्हें गौरव की अनुभूति होती है। संस्थान ने आत्मनिर्भरता होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बालको के लिए समुदायों का सामाजिक-आर्थिक विकास सर्वोपरि है। कंपनी शिक्षा, स्थायी आजीविका, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य संपदा, स्वच्छता, खेल, संस्कृति और बुनियादी जरूरतों के विकास में गहन हस्तक्षेप के माध्यम से सालाना लगभग 1.5 लाख लोगों के जीवन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप रोजगार के अवसर प्रदान करती है। बालको के सामाजिक विकास प्रयास छत्तीसगढ़ के 4 जिलों को कवर करते हुए 123 गांवों तक पहुंचती है। कोरबा, कवर्धा, सरगुजा और रायपुर, और इसकी सीएसआर नीतियों और प्रणालियों को जमीन पर स्थायी प्रभाव देने के लिए तैयार और कार्यान्वित किया जाता है, जिससे इन समुदायों को राष्ट्र की प्रगति में एक समान भागीदार बनाया जाता है।
रायपुर, 17 जुलाई। आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा में शनिवार को दिव्य सत्संग ‘जीने की कला’ प्रवचनमाला के षष्ठम प्रभात में राष्ट्रसंत महोपाध्याय श्रीललितप्रभ सागरजी महाराज ने ‘बुरी आदतों को अच्छी आदतों में कैसे बदलें’ विषय पर कहा कि हमें कमियां निकालने वाले अपनी आंखों के चश्मे को बदलना होगा।
अगर दुर्योधन बनकर देखोगे तो कमियां ही नजर आएंगी और यदि युधिष्ठिर बनकर देखोगे तो किसी में कमियां ही नजर नहीं आएंगी। नजारों को बदलने की नहीं, हमें अपने नजरिए को बदलने की जरूरत है। हम सभी यह संकल्प लें कि मैं आज से कभी किसी की कमी नहीं निकालूंगा, जब भी किसी को देखुंगा तो उसमें विशेषताएं देखुंगा।
क्योंकि जो दूसरों में कमियां देखता है वह कमजोर हो जाता है और जो दूसरों में विशेषताएं देखता है वह विशिष्ट हो जाता है। अगर आपको किसी एक में कमी नजर आए तो उससे बात कीजिए, पर आपको हर एक में कमी नजर आए तो अपने-आपसे बात कीजिए।
अंतरमन की सुंदरता जन-जन को प्रभावित करती है
संतप्रवर ने कहा कि आदमी के जीवन की सबसे बड़ी कमजोरी और विशेषता की पहचान है उसके जीवन में पलने वाला स्वभाव और आदत। आपकी सुंदर वस्तुओं की प्रशंसा करने वाला व्यक्ति आपकी नहीं बल्कि उस वस्तु को देने या दुकान में उपलब्ध कराने वाले की करता है, पर आपकी जबान, आपका स्वभाव-नेचर यदि अच्छे हैं तो इसमें तारीफ आपकी होती है। इतना ही नहीं आदमी अगर गोरा है तो गोरेपन में उसकी तारीफ नहीं है। चेहरे की सुंदरता में तारीफ उसके मॉं-बाप की होती है, पर स्वभाव यदि सुंदर है तो तारीफ आदमी की खुद की होती है।
बिना पैसे-टके का ये सत्संग रूपी ंब्यूटी पार्लर आपके तन को नहीं, ये आपके मन को सुंदर बनाने के लिए है।
‘‘तन को प्रभावित करती है, मन को प्रभावित करती है, अंतरमन की सुंदरता जन-जन को प्रभावित करती है। अपनों को प्रभावित करती है, गैरों को प्रभावित करती है।
अंतरमन की सुंदरता पूरे जग को प्रभावित करती है।’’ अगर आदमी का अंतरमन निर्मल-पवित्र और सुंदर है तो ये तय मान कर चलो, वो जहां जाएगा वहां राज करेगा।
जीवन निर्माण में सबसे बड़ी भूमिका आदतों की
संतश्री ने आगे कहा- परमात्मा ने हमें जो कुछ देना था, नौ महीने में देकर बाहर निकाल दिया। आंखें, कान, जबान, हाथ-पैर अंग-उपांग सब दे दिए। गजब की बात तो ये है कि परमात्मा को जो देना था, वह सब उन्होंने 9 माह में दे दिया, हमारे जिंदगी के केवल वे दो परसेंट काम होते हैं जो उुपर वाला केवल नौ महीने में दे देता है और 98 परसेंट काम वे होते हैं जिन्हें परमात्मा हम पर 90 साल के लिए छोड़ देता है। भगवान ने जबान, कान दिए पर तय हमें करना होगा कि उस जबान से हम क्या बोलते, कानों से क्या सुनते हैं। भगवान ने सब अंग हमें दिए पर तय हमें करना होगा कि उनसे हम क्या काम करतेे-कराते हैं। ये जिंदगी भगवान ने हमारे हाथ छोड़ दी है, अब यह तय स्वयं को करना है कि मैं अपनी सारी जिंदगी नैतिकता, पवित्रता के साथ जिउंगा। हर व्यक्ति के जीवन निर्माण में भाग्य से भी बढक़र अगर किसी की भूमिका होती है तो वह है उसकी अपनी आदतों की।
एक बुरी आदत पूरी जिंदगी को तहस-नहस कर देती है
संतश्री ने कहा कि आदमी की जैसी आदतें होती है, वैसा ही उसका भविष्य बनता है। वैसे ही उसके संस्कार, वैसी ही उसकी जबान होती है। आदतोंं के अनुरूप ही आदमी के पांव भी उसी ओर जाया करते हैं, इसीलिए अपनी आदतों के प्रति हमेशा सजग रहें। जैसे एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है, वैसे ही एक बुरी आदत हमारी पूरी जिंदगी को तहस-नहस कर देती है। तय हमें करना होगा कि हम अच्छी आदतों को अपनाएं या बुरी आदतों में पड़ जाएं।
गॉड बनें या न बनें पर गुड जरूर बने
गुड बनने की प्रेरणा देते हुए संतश्री ने समझाया कि भगवान को अंग्रेजी में गॉड कहते हैं, जिसकी स्पेलिंग जीओडी है, यदि जीओडी को पलट कर बोलें तो वह डॉग बन जाया करता है। ऐसे ही अगर जिंदगी में आदमी गलत रास्ते पर चला जाए तो वह जीओडी-गॉड नहीं रहता, उल्टा होकर डीओजी हो जाया करता है। जिंदगी में गॉड बन पाएं कि न बन पाएं, पर यह तय मान कर चलो कि पचास दिन की यह प्रवचनमाला ये दावा जरूर करती है कि आपको जिंदगी में जीओओडी-गुड जरूर बना देगी।
जैसी होगी संगत वैसी आएगी रंगत
संतश्री ने कहा कि हमारी अच्छी आदतें जीवन के विकास का द्वार भी खोलती हैं और हमारी गलत आदतें हमारे जीवन को नीचे भी लेकर जाती हैं। गलत आदतें जीवन में विध्वंस का कारण बन जाती हंै, जीवन को नकारने, जीवन को नेगेटिव बनाने का कारण बनती हैं। एक बात तय है कि जिन सीढिय़ों से आदमी उुपर जाता है, नीचे उतरने के लिए भी वे ही सीढिय़ां काम आती हैं, इसीलिए आदमी अपनी आदतों के प्रति हमेशा सजग रहे। 50 प्रतिशत हमारे जीवन का निर्माण हमारी आदतों से होता है, भाग्य की भूमिका तो बहुत कम होती है। जीवन निर्माण में भाग्य की भूमिका पिता की तरह है और आदतों की भूमिका मां की तरह। इसीलिए कहा जाता है- जैसा पिए पानी वैसी बोले वाणी, जैसा खाए अन्न-वैसा रहे मन, जैसा करेगा आहार वैसा करेगा व्यवहार, जैसी होगी संगत वैसी आएगी जीवन में रंगत। दिनभर अगर आदमी ने अगर प्याज-लहसुन खाया है तो शाम को डकारें इलायची-केसर की नहीं आने वाली। हमारी आदतें ज्यादातर संगत से प्रभावित होती हैं। जैसी आदमी की संगत होती है, वैसी ही उसकी रंगत हो जाया करती है।
खामियों को जीतना व खासियत को जीना इसी का नाम है जिंदगी
संतप्रवर ने श्रद्धालुओं से आह्वान कर कहा कि बुरी आदतों को हम जीत लें और अच्छी आदतों को जी लें। हर आदमी में दो चीजें होती हैं- कुछ खामियां होती हैं और कुछ खासियतें। खामियों को जीतना और खासियत को जीना इसी का नाम जिंदगी है। दुनिया में कुछ लोग होते हैं जो जाने से पहले अपने बच्चों के लिए विश छोडक़र जाते हैं और कुछ महान लोग होते हैं जो गुडविल छोडक़र जाते हैं। याद रखें- अगर पहचान से काम मिला तो एक बार मिलेगा, पर काम से पहचान बन गई तो जीवनभर काम मिलेगा। इसलिए जीवन में विश के भरोसे ना रहो, कर सकते हो तो हमेशा गुडविल पर भरोसा करना। अच्छी आदतें, अच्छे संस्कार दुनिया के किसी मॉल में नहीं मिलते, ये जब भी मिलते हैं तो घर के अच्छे माहौल में मिलते हैं।
दूसरे में कमियां नहीं उसकी खूबियां देखें
संतश्री ने आगे कहा- आदतें दो तरह की होती हैं, कुछ बाहर के निमित्तों से आती हैं, कुछ भीतर से पैदा होती हैं। गुटखा-तम्बाखू खाना, शराब पीना आदमी बाहर से सीखता है लेकिन कुछ हमारी जन्मजात भीतर की कमजोरियां भी होती हैं, जिन्हें हम वर्षों से जीएं जा रहे हैं-ढोए जा रहे हैं और उन आदतों ने हमारे जीवन को बड़ा दु:खी किया है पर हम उन आदतों से बाहर निकाल नहीं पा रहे हैं। आदमी के जीवन की पहली बुरी आदत है- दूसरों की कमियां निकालने की आदत। दूसरी बुरी आदत होती है- सामने वाले का मजाक उड़ाने, नेगेटिव बोलने की आदत। आज से जीवन की इस कमजोरी को हमें जीतना है, वह है- दूसरों की कमजोरियां देखने की आदत। याद रखें कमियां आपमें भी हैं और जबान सामने वाले के पास भी है। जो दूसरों की कमियां निकालता है, उसे ही कमीना कहा गया है। ऐसे आदमी की चले तो वह कोयल, गुलाब और समुद्र में भी कमियां निकाल दे। ‘बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोय, जो दिल देखा आपणा मुझसा बुरा न कोय। दूसरों में कोई कमियां नहीं हैं, कमी है हमारे नजरिये में।
इन बुरी आदतों को जीतने का लें संकल्प
आज संतप्रवर ने श्रद्धालुओं को सात प्रकार की बुरी आदतों का स्वयं में अवलोकन कर उन्हें जीतने का संकल्प दिलाया। वे बुरी आदतें हैं- दूसरों में कमियां निकालना, दूसरों का मजाक उड़ाना, दूसरों की आलोचना करना, हमेशा टेढ़ा और नकारात्मक बोलना, उम्र में बड़े होने के अधिकार से हमेशा टोका-टाकी करना, अच्छे कार्यों में भी टांग खींचने और टांग अड़ाने की आदत और दूसरों को बेवजह दुखी करने की आदत। संतश्री ने परहित के सद्गुण को जीने प्रेरित करते कहा कि याद रखें- दुआ कभी जिंदगी का साथ नहीं छोड़ती और बददुआ कभी जिंदगी का पीछा नहीं छोड़ती, इसीलिए सदा दूसरों का भला करो किसी को दुख मत करो।
आज के अतिथिगण
शनिवार की दिव्य सत्संग सभा का शुभारंभ अतिथिगण महेंद्र धाड़ीवाल, पीआर गोलछा, डॉ. प्रकाश भागवत, श्रीमती उज्जवला भागवत, अमित ऋतु लोढ़ा, रोशन भागवत, श्रीमती आरूषि भागवत, विनोद जैन ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सभी अतिथियों को श्रद्धेय संतश्री के हस्ते ज्ञान पुष्प स्वरूप धार्मिक साहित्य भेंट किया गया। अतिथि सत्कार दिव्य चातुर्मास समिति के अध्यक्ष तिलोकचंद बरडिय़ा, पीआरओ कमेटी के मनोज कोठारी व स्वागत समिति के अध्यक्ष कमल भंसाली, श्रीमती शीला भंसाली ने किया। धर्मसभा में प्रवचन श्रवण करने व संतश्री से आशीर्वाद प्राप्त करने आज धर्मसभा में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का आगमन हुआ, जिनका चातुर्मास समिति द्वारा स्वागत किया गया।
रविवार का प्रवचन ‘क्रोध का अंत: कैसे करें तुरंत’ विषय पर
श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया, कार्यकारी अध्यक्ष अभय भंसाली, ट्रस्टीगण राजेंद्र गोलछा व उज्जवल झाबक, दिव्य चातुर्मास समिति के अध्यक्ष तिलोकचंद बरडिय़ा, महासचिव पारस पारख, प्रशांत तालेड़ा, अमित मुणोत ने संयुक्त जानकारी देते बताया कि राष्ट्रसंत जीने की कला-विशेष प्रवचनमाला के अंतर्गत रविवार को सुबह 8:45 बजे से ‘क्रोध का अंत, कैसे करें तुरंत’ विषय पर पे्ररक प्रवचन देंगे। श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट एवं दिव्य चातुर्मास समिति ने छत्तीसगढ़ के समस्त श्रद्धालुओं को चातुर्मास के सभी कार्यक्रमों व प्रवचन माला में भाग लेने का अनुरोध किया है।
बालकोनगर, 17 जुलाई। बालको संयंत्र में कोविड बूस्टर डोज टीकाकरण प्रारंभ हुआ। वैक्सीन महाअभियान को सफल बनाते हुए बालको संयंत्र में दो दिन के भीतर 2000 अधिकारियों, कर्मचारियों और व्यावसायिक साझेदारों को बूस्टर डोज लगाया गया।
बालको के कोविड-19 टीकाकरण अभियान से कोरबा में महामारी नियंत्रण में मजबूती मिलेगी। चुनौतीपूर्ण समय में बालको परिवार के सदस्यों और क्षेत्रीय नागरिकों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करायी गई है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री पति ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बूस्टर डोज महाअभियान से कर्मचारियों को कोरोना वाइरस के दुष्प्रभावों से बचने में मदद मिलेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 से बचाव और उसके प्रति जागरूकता के लिए बालको प्रबंधन ने व्यापक पैमाने पर अभियान संचालित किए हैं।
बालको परिवार के सभी सदस्यों का टीकाकरण अभियान लगातार जारी है। श्री पति ने कहा कि कोविड अप्रोप्रिएट बिहैवियर से ही इस महामारी से बचाव संभव है।
रायपुर, 17 जुलाई। रोवर एंड रेंजर टीम द्वारा नए सत्र वर्ष 2022-23 की पहली मीटिंग आयोजित की गई। इस मीटिंग में मुख्य रूप से विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री जी. स्वामी जी, (जिला अध्यक्ष, भारत स्कॉउट गाइड, रायपुर) उपस्थित रहे।
इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य रोवर एंड रेंजर द्वारा वर्ष 2021-22 में किए गए कार्यों की समीक्षा करना एवं भविष्य में किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा तैयार करना था।
मीटिंग में कॉलेज के चेयरमेन श्री राजेश अग्रवाल जी ने आने वाले समय में मैक रोवर एंड रेंजर के विकास, समाज में रोवर एंड रेंजर के योगदान तथा अपने कार्यों में अनुशासन अपनाने हेतु कई महत्वपूर्ण सुझाव से सबको अवगत कराया।
इस अवसर पर उन्होंने मैक रोवर एंड रेंजर के नए यू ट्यूब चैनल को लाँच किया, जिससे अधिक से अधिक बच्चे रोवर एंड रेंजर के प्रति जागरूक हो सके।
यू ट्यूब चैनल का उद्देश्य रोवर एंड रेंजर टीम द्वारा समय- समय पर आयोजित होने वाले गतिविधियों का लाइव कार्यक्रम सबके समक्ष प्रस्तुत करना है।
इस मीटिंग में गवर्नर अवार्ड टेस्टिंग कैम्प 2021-22 उत्तीर्ण करने वाले 11 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। सम्पूर्ण मीटिंग में मैक रोवर रेंजर के सीनियर मेंबर एवं रोवर लीडर श्री हेमंत शर्मा जी, श्री सिद्धार्थ सबरवाल जी एवं सभी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष, रोवर रेंजर के प्रभारी डॉ. डिग्रीलाल पटेल, श्रीमती अंजली वर्मा, डॉ. आकांक्षा दुबे, श्री गोपीराम सोनकर, श्री अभिजीत चक्रवर्ती एवं लगभग 50 विद्यार्थी मौजूद रहे।
इस मीटिंग का आयोजन कॉलेज के चेयरमेन श्री राजेश अग्रवाल जी एवं कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एम. एस. मिश्रा जी के मार्गदर्शन में किया गया।
विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों से 12 हजार+ युवा बने स्वावलंबी
रायपुर, 17 जुलाई। भारत में एल्यूमिनियम की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी वेदांता एल्यूमिनियम ने विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास और स्वावलंबन कार्यक्रमों के प्रति प्रोत्साहित करने तथा आजीविका के अवसर तलाशने में उनकी मदद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से कंपनी ने अब तक 12,000 से ज्यादा युवाओं को सौर ऊर्जा तकनीक, हाउसकीपिंग, औद्योगिक सिलाई मशीन प्रचालन, कपड़ा सिलने, खाद्य एवं पेय, आतिथ्य सत्कार, इलेक्ट्रिकल्स, फीटर एवं वेल्डिंग, उन्नत कृषि आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया है। इससे युवाओं को विभिन्न उद्योगों में रोजगार पाने में मदद मिली है।
छत्तीसगढ़ में वेदांता एल्यूमिनियम ने कोरबा, कवर्धा और मैनपाट में तीन स्किल स्कूल स्थापित किए हैं जिनके माध्यम से 10,000 से अधिक युवाओं को विभिन्न शाखाओं में प्रशिक्षित किया गया है। वेदांता स्किल स्कूल राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुरूप डिजाइन की गई मजबूत तकनीकी शिक्षा प्रदान करता है।
इन स्कूलों से प्रषिक्षित युवा बिजली, स्टील, मोटर वाहन, सौर और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के देष के प्रमुख उद्योगों में नियोजित हैं। वेदांता स्किल स्कूल मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना (एमएमकेवीवाई), नाबार्ड, स्किल इंडिया इम्पैक्ट बॉन्ड (एसआईआईबी) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईएसई) जैसी सरकारी योजनाओं के साथ मिलकर प्रशिक्षण दे रहा है।
युवा स्वावलंबन कार्यक्रम पर वेदांता एल्यूमिनियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राहुल शर्मा ने कहाकि ‘‘जिन क्षेत्रों में हमारा प्रचालन है वहां रहने वाले युवाओं के लिए कौशल विकास के माध्यम से सतत आजीविका के अवसर तैयार करनानिरंतर विकासके प्रति हमारे दृष्टिकोण का आधारभूत स्तंभ है।
कामकाज के नए तरीके तेजी से विकसित हो रहे हैं ऐसे में बेहतर कौशल प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिभाशाली युवाओं पर भारत की उत्तरोत्तर प्रगति आधारित है। वेदांता एल्यूमिनियम ने युवाओं को हुनर तराशने और समुदाय में तथा उससे परे आजीविका प्राप्त करने के अवसर मुहैया कराए हैं जिससे जमीनी स्तर पर सामाजिक-आर्थिक ढांचे में सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं।’’
वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 22.6 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, इन उत्पादों का प्रयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है।
वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में डाउ जोंस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स (डीजेएसआई) 2021 में 4जी वैश्विक रैंकिंग मिली है, जो इसकी सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रक्रियाओं का प्रमाण है। देश भर में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स, एल्यूमिना रिफाइनरी और पावर प्लांट्स के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ‘भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन को पूरा करती है।
रायपुर, 17 जुलाई। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना महामारी की रोकथाम हेतु छत्तीसगढ़ चेम्बर एवं प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आज दिनांक 16 जुलाई 2022 को डूमरतराई थोक बाजार में बूस्टर डोज वेक्सिनेशन शिविर का आयोजन किया गया।
चेम्बर अध्यक्ष पारवानी जी ने बताया कि प्रदेश में लगातर कोरोना के प्रकरण बढ़ रहे हैं जिसे समय रहते काबू करना अत्यंत आवश्यक है। शासन प्रशासन द्वारा बूस्टर डोज के संबंध में नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं जिसमें कोरोना से बचाव के लिए 18 वर्ष से अधिक के सभी लोगों को 15 जुलाई 2022 से नि:शुल्क प्रिकाशन-बूस्टर डोज लगाई जाएगी। इस आयु वर्ग के ऐसे लोग, जिन्हें कोविड वैक्सीन का दूसरा टीका लगाए 6 माह या 26 सप्ताह पूर्ण हो चुके हैं, उन्हें सभी शासकीय कोविड टीकाकरण केंद्रों में बूस्टर डोज लगाई जाएगी।
श्री पारवानी ने आगे कहा कि अभी त्योहारी सीजन चल रहे हैं ऐसे में कोरोना महामारी के फैलने की संभावनाएं अधिक हैं। पूर्व में भी चेम्बर ने प्रशासन के साथ मिलकर कोरोना को रोकने वैक्सीनेशन, मास्क वितरण, सेनेटाइजर वितरण जैसे जनसेवा कार्य किया है जिससे बड़ी संख्या में व्यापारी और आम जन लाभान्वित हुए तथा कोरोनाकी तीसरी लहर रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसी तारतम्य में आज चेम्बर द्वारा प्रशासन के सहयोग से डूमरतराई थोक बाजार में आज बूस्टर डोज वैक्सीनेशन शिविर लगाया गया तथा 18 जुलाई 2022 से प्रतिदिन छत्तीसगढ़ चेम्बर द्वारा अलग अलग एसोसिएशन के माध्यम से 12-15 शिविर लगाये जाएंगे।
श्री पारवानी ने समस्त व्यापारी, उद्योगपति बंधुओं एवं आम नागरिकों से अपील की है कि कोरोना महामारी से बचाव हेतु बुस्टर डोज अवश्य लगवायें एवं आसपास के लोगों को बुस्टर डोज टीकाकरण हेतु प्रेरित करें।
इस अवसर पर चेंबर कार्यकारी अध्यक्ष राम मंधान, मंत्री प्रशांत गुप्ता, गोविंद माहेश्वरी, जवाहर थौरानी एवं डूमर तराई थोकबाजार व्यापारी संघ के कल्याणदास कुकरेजा, भांगला जी,हरीश दरयानी, रूपेश वाधवानी, महेश चंदवानी, रतन अग्रवाल, प्रकाश दरियानी, राजेश अग्रवाल, हरीश नरसिहानी, आनंद गुप्ता सहित अन्य व्यापारीगण प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
बेंगलुरु/नई दिल्ली, 15 जुलाई | भारत में 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी की तैयारी के दौरान उद्यमों को निजी 5जी नेटवर्क बनाने की अनुमति देने पर गरमागरम बहस के बीच, भारती एयरटेल ने शुक्रवार को यहां बॉश ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया (आरबीएआई) सुविधा में भारत के पहले 5जी निजी नेटवर्क के सफल परीक्षण की घोषणा की।
ऑन-प्रिमाइसेस 5जी कैप्टिव प्राइवेट नेटवर्क को दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा आवंटित परीक्षण 5जी स्पेक्ट्रम पर बनाया गया था।
एयरटेल ने कहा कि उसने परीक्षण स्पेक्ट्रम का उपयोग करते हुए बॉश की विनिर्माण सुविधा में गुणवत्ता सुधार और परिचालन दक्षता के लिए दो औद्योगिक ग्रेड उपयोग के मामलों को लागू किया है।
दोनों ही मामलों में, मोबाइल ब्रॉडबैंड और अल्ट्रा विश्वसनीय कम विलंबता संचार जैसी 5जी तकनीक ने स्वचालित संचालन को तेज किया और डाउनटाइम को कम किया।
एयरटेल बिजनेस के निदेशक और सीईओ अजय चितकारा ने कहा, "हम मानते हैं कि एयरटेल के पास देश के किसी भी हिस्से में और किसी भी आकार के उद्यमों को कैप्टिव प्राइवेट नेटवर्क सॉल्यूशन देने के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा, साझेदारी और विशेषज्ञता है।"
दूरसंचार विभाग ने 600, 700, 800, 900, 1800, 2100, 2300, 2500, 3300 मेगाहट्र्ज और 26 गीगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए आवेदन (एनआईए) आमंत्रित करने के लिए एक नोटिस जारी किया है।
एनआईए कैप्टिव नॉन-पब्लिक नेटवर्क्स (सीएनपीएन) के विषय पर स्पष्ट स्पष्टता प्रदान करती है।
एयरटेल ने कहा कि बॉश फैसिलिटी में ट्रायल स्पेक्ट्रम पर स्थापित निजी नेटवर्क में हजारों कनेक्टेड डिवाइसेज के साथ-साथ मल्टी-जीबीपीएस थ्रूपुट डिलीवर करने की क्षमता है।
बॉश ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के तकनीकी कार्यों के प्रमुख सुभाष पी ने कहा, "हमारी सुविधा में एयरटेल प्राइवेट 5जी नेटवर्क द्वारा प्रदान की गई कम विलंबता और विश्वसनीय कनेक्टिविटी, जो अवधारणा के सबूत के दौरान अनुभव की गई थी, हमें अपनी दक्षता और हमारी उत्पादकता बढ़ाने में सक्षम बनाती है।"
पिछले साल, एयरटेल ने हैदराबाद में लाइव 4जी नेटवर्क पर भारत के पहले 5जी अनुभव का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। इसने भारत के पहले ग्रामीण 5जी परीक्षण के साथ-साथ 5जी पर पहले क्लाउड गेमिंग अनुभव का भी प्रदर्शन किया है।
इस बीच, ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) ने शुक्रवार को कहा कि निजी 5जी नेटवर्क के लिए सेवा प्रदाता की पसंद उद्यमों के पास होनी चाहिए।
बीआईएफ के अध्यक्ष टी.वी. रामचंद्रन ने कहा, "दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा जो कुछ भी पेशकश की जाती है, उसके साथ उद्यमों को करना होगा, चाहे वह संतोषजनक हो या नहीं।"
दूरसंचार कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली उद्योग की शीर्ष संस्था सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने गुरुवार को सरकार से आग्रह किया कि वह बिग टेक कंपनियों को इस महीने बैक डोर चैनलों के जरिए 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में प्रवेश नहीं करने दें।
सीओएआई ने एक बयान में कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम प्रशासनिक आधार पर मुहैया नहीं कराया जाना चाहिए, क्योंकि इससे देश में 5जी नेटवर्क के रोलआउट के लिए कोई व्यावसायिक मामला नहीं बनता है।
(आईएएनएस)
रायपुर, 15 जुलाई। आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा में बुधवार को दिव्य सत्संग ‘जीने की कला’ विशेष प्रवचनमाला के तृतीय प्रभात में राष्टकृसंत महोपाध्याय श्रीललितप्रभ सागरजी महाराज ने ‘गुरु ही बचाएंगे, गुरु ही पार लगाएंगे’ विषय पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा का आज पावन पर्व है।
शब्द ही कितना प्यारा है- ‘गुरु पूर्णिमा’ यानि ‘गुरु पूर्ण माँ।’ गुरु पूर्णिमा का मतलब है जिंदगी में अगर किसी की पूर्ण माँ होती है, जिंदगी में अगर सबसे ज्यादा भरोसा किसी पर किया जा सकता है तो वह गुरु होता है। तभी तो कहा जाता है पूरी दुनिया में जिसके जीवन में गुरु नहीं होता, उसका जीवन कभी शुरू नहीं होता।
जीवन को शुरू करने के लिए गुरु की जरूरत होती है। सच्चाई तो ये है कि माँ के पेट से जिसका निर्माण होता है उसका नाम शरीर होता है, पर गुरु के द्वारा जिसका निर्माण किया जाता है, उसी का नाम एक महान जीवन होता है। दुनिया में चाहे जो कोई महापुरुष क्यों न रहे हों, उन महापुरुषों के निर्माण में कहीं न कहीं उसके गुरु का हाथ रहा है।
गुरु वो है जो जीवन के अंधकार को दूर करता है। गुरु वो है जो पत्थर में से प्रतिमा को पैदा करता है, गुरु वो है जो मिट्टी में से मंगल कलश को पैदा करता है, गुरु वो है जो हमारे जीवन को धन्य और पावन कर देता है।
हर किसी व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी किसी न किसी गुरु का सानिध्य रहा है। आदमी जब जन्मता है तो सबसे पहले उसकी माँ गुरु बनती है। जो अंगुली पकडक़र उसे जीवन में चलना सिखाती है।
माँ वो गुरु बनती है जो उसे जीना सिखाती है। और अगले चरण में उसका गुरु बनता है उसका अपना पिता, जो परम पिता परमेश्वर की भूमिका अदा करते हुए न केवल इंसान का संवाहक होता है अपितु उसके सुख-दुख का वाहक होकर उसे जीवन को ऊंचाइयों की ओर कैसे ले जाया जा सके, इसमें पिता गुरु की भूमिका अदा करता है।
और जिंदगी में तीसरे वे सद्गुरु होतें हैं, जो हमारे जीवन को सामान्य जीवन से ऊपर उठाकर ऊंचाइयों की ओर लेकर जाते हैं।
गुरु हमारे भ्रम को दूर करते हैं इसीलिए वे ब्रह्मा है
हर आदमी के जीवन में कहीं न कहीं गुरु की भूमिका जरूर होती है। गुरु हमारे जीवन का निर्माण करता है, गुरु हमारे जीवन को मूल्यवान बनाता है। गुरु हमारे भ्रम को दूर करता है, इसीलिए ब्रह्मा है। गुरू शंकाओं का समाधान करता है इसीलिए शंकर है।
गुरू हमारे जीवन के विभ्रम को खत्म करता है, इसीलिए गुरू विष्णु है। गुरू हमारे जीवन में लक्ष्य को प्रदान करता है, इसीलिए वह हमारे जीवन में लक्ष्मी है। गुरू हमें दुर्गति से दूर करता है इसीलिए गुरू दुर्गा है। गुरू से ही जीवन शुरू होता है, इसीलिए जीवन का मूल आधार हमारा गुरू है। आज हम गुरू पूर्णिमा के अवसर पर अपने-अपने सद्गुरू को वंदन कर रहे हैं, तो इस संकल्प के साथ गुरू चरणों में वंदन करेंगे कि हे गुरूदेव मैं पूरी कोशिश करूंगा, जिन सिद्धांतों को आपने जिया, उनका मैं पूर्ण अनुकरण करूंगा। जीवन का उद्धार केवल गुरू बनाने से ही नहीं अपितु गुरू के दिए हुए संदेशों को जीवन में उतारने से होता है। क्योंकि गुरू का जीवन ही पल-प्रतिपल बोलता हुआ जीवन है। गुरू का कार्य यही है मनुष्य की चेतना को जगाना और वक्त आने पर हथौड़ा मारना। इसलिए हम बचपन से दोहा बोलते आए हैं- गुरू गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पाय, बलिहारी गुरूदेव की गोविंद दियो बताए। यह तन विष की बेल है, गुरू अमृत की खान, शीश कटे और गुरू मिले, तब भी सस्ता जान। शिष्य सच्चे भाव से, सद्भाव से पैदा होता है। सच्चे शिष्य को गुरू का सानिध्य एक पल के लिए भी मिल जाए तो वह तर जाता है। जब अर्जुन जैसा शिष्य पैदा होता है तो गीता पैदा होती है, जब गुरू का सानिध्य मिले तो कोई सांप भी श्रावक बन जाता है।
पलभर का गुरू सानिध्य कायाकल्प कर देता है
संतप्रवर ने आगे कहा कि शास्त्र भी वह कार्य नहीं कर पाते, जो गुरू का पलभर का सानिध्य कर लेता है। गुरू का सानिध्य आदमी के जीवन को रूपांतरित कर देता है। गुरू वह ज्ञान गंगा है जो खुद भी निर्मलता-पवित्रता से जीकर औरों को भी निर्मल-पवित्र कर देता है। गुरूजनों का सानिध्य सीप की तरह होता है, जिसके संसर्ग में आकर अज्ञानी शिष्य भी ज्ञानवान मोती बन जाता है। हम गुरूजनों की आज्ञाओं को हमेशा शिरोधार्य कर, अर्थात् जीवन में उतारने की कोशिश करें। गुरूजनों ने हमें ज्ञान दिया है, उसे बांटने की कोशिश करें, क्योंकि अच्छे विचार जितना बांटोगे, उतना ही कल्याण होगा।
जीवन में हर दिन तीन को करें घुटने टेक कर प्रणाम
जीवन में हमेशा प्रतिदिन प्रात:काल अपने माता-पिता, गुरू और श्रीप्रभु को पंचांग प्रणाम अर्थात् घुटने टेक कर प्रणाम करना चाहिए। जो इन तत्वों के सामने घुटने टेकता है, उसे किसी के सामने घुटने टेकने की नौबत नहीं आती। व्यक्ति के जीवन में पहला कर्ज उसके माता-पिता का होता है, जिसे उतारा नहीं जा सकता। दुनिया में स्वर्ग और कहीं नहीं होता, अगर होता है तो वह माता-पिता के चरणों में होता है। माता-पिता भले इस दुनिया से चले गए हों तो भी उनकी तस्वीर के सामने जाकर शीष झुकाएं। प्रणाम करने से एक साथ तीन परिणाम मिलते हैं- पहला विनम्रता, दूसरा मुस्कान और तीसरा दुआ।
अपने साथ हमेशा यह 4जी नेटवर्क लेकर चलें
अपने साथ हमेशा 4जी नेटवर्क लेकर चलें, उस नेटवर्क का पहला जी है- माताजी, दूसरा पिताजी, तीसरा- गुरूजी और चैथा श्रीप्रभुजी। जिसके साथ यह 4जी का नेटवर्क है, दुनिया में कोई उसका बाल भी बांका नहीं कर सकता। आज के दिव्य सत्संग की शुरुआत संतप्रवर ने प्रेरक गीत ‘कोई शिष्य गुरु चरणों में जब शीष झुकाता है, परमात्मा खुद आकर आशीष लुटाता है...’ से की।
सबसे नि:स्वार्थ रिश्ता है गुरू-शिष्य का: डॉ. मुनि शांतिप्रियजी
धर्मसभा के प्रारंभ में डॉ. मुनि शांतिप्रिय सागरजी महाराज साहब ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में सबसे ज्यादा कृपा गुरूदेव की हुआ करती है। और सबसे नि:स्वार्थ रिश्ता यदि किसी का होता है तो वह है गुरू-शिष्य का, भक्त और भगवान का। लोग कहते हैं कि इंसान मरकर स्वर्ग या नर्क जाता है, लेकिन जिसके साथ गुरूवर हों, उसका जीवन जीते-जी स्वर्ग सा बन जाता है। उन्होंने जनमानस को सीख प्रदान करते कहा कि आदमी अपने जीवन में कितना भी उपर क्यों न उठ जाए, अपनी सहजता-सरलता को कभी नहीं छोडऩा चाहिए। गुरूदेव के जीवन से हमें उनके सदाचरण को गुणों को ग्रहण करना चाहिए। उनकी तरह हम आडम्बरमुक्त जीवन जीएं, हमारा जीवन भी उनकी तरह खुली किताब की तरह हो, जैसे हम भीतर होते हैं-वैसे ही बाहर भी हों, ज्ञान और ध्यान के प्रति हमारा लगाव हो, धर्म को जानें और जानकर उसे जिएं। अपनी सोच को सकारात्मक और विराट रखें। जिस व्यक्ति की सोच उंची और अच्छी होती है, वह खुद का भला तो करता ही है, दूसरों के लिए भी वह कल्याणकारी हो जाता है। आरंभ में संतजी ने मनभावन भजन ‘गुरुवर तुम्हारे प्यार ने जीना सिखा दिया, हमको तुम्हारे प्यार ने इंसा बना दिया...’ से गुरुभक्ति का अपूर्व भाव जगाया।
रायपुर, 15 जुलाई। आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा में मंगलवार दिव्य सत्संग ‘जीने की कला’ विशेष प्रवचनमाला के द्वितीय प्रभात में राष्ट:संत महोपाध्याय श्रीललितप्रभ सागरजी महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियां, नेगेटिविटी हर आदमी की जिंदगी में आती है।
मन के प्रतिकूल वातावरण तो हर आदमी के जीवन में बनता है, लेकिन एक बात आप तय मानकर चलना कि जिंदगी की बाजी वही जीतता है जो प्रतिकूल वातावरण आने पर भी अपने मन की स्थिति को अनुकूल बनाए रखता है। अपनी मानसिक स्थिति को अनुकूल बनाए रखता है।
मेरे भाई..,तस्वीर में तो हर कोई मुस्कुरा सकता है, पर जीवन की बाजी वही जीतता है जो तकलीफ में भी मुस्कुराना सीख जाए। आज के दिव्य सत्संग की शुरुआत संतप्रवर ने प्रेरक गीत ‘पाना नहीं, जीवन को बदलना है साधना...पल-पल समता में इस मन का चलना है साधना...’ से की।
व्यक्ति का पहला सत्कर्म है अपने स्वभाव को मधुर बनाए रखना
हम अपने आपको तौलें कि मैं कितना हीरा हूं और कितना कांच। कैमरे और एक्सरे की फोटोग्राफी में अंतर होता है। आदमी हीरा तब नहीं होता जब समाज के मंच पर बुलाकर कहा जाता है कि ये आदमी हीरा है। आदमी बड़ा तब होता है जब उसे उसके परिवारजन हीरा समझते और कहते हैं।
यदि आपकी धर्मपत्नी कहे कि मुझे गौरव है कि आप जैसा पति मिला है, तो समझ लेना आप जीवन की बाजी जीत गए हैं। गौरव का अनुभव तब करना जब आपका बेटा आपसे कहे कि पापा मैं बड़ा होकर आप जैसा बनना चाहता हूं। आदमी अपने घर वालों के दिलों में जगह बनाए, यह उसके जीवन की पहली सफलता है। किसी भी इंसान की जिंदगी का सबसे पहला सत्कर्म यही है कि वह अपने स्वभाव को हमेशा मधुर-मीठा, आनंदभरा बनाए रखे।
लंगोट और कफन में जेब नहीं होती
संतप्रवर ने आगे कहा कि आदमी को अपने जीवन के केंद्र बिंदु तय करने होंगे कि वह अपने जीवन में बनना क्या चाहता है। अक्सर व्यक्ति के जीवन के दो-तीन खास लक्ष्य होते हैं। उसका पहला लक्ष्य होता है- अच्छा पा लूं।
ये भी पा लूं, वो भी पा लूं, ये भी बटोर लूं, वो भी बटोर लूं।
पूरी दुनिया में जितनी दौलत है- आदमी को लगता है सारी दौलत मेरी हो जाए। इतना ही नहीं वह भी चाहता है कि मुझसे ज्यादा अमीर, मुझसे ज्यादा सुखी और कोई न हो। आदमी इसी एक लक्ष्य को पाने के लिए जिंदगीभर लगा रहता है। आदमी जिंदगीभर धन धन धन धन करता रहता है और अंत में आदमी का नि-धन हो जाता है। जब हम जन्मे थे तो माँ ने हमें जो लंगोट पहनाई थी, उसमें कोई जेब नहीं थी। और जब मरेंगे तो ये दुनिया जो अंतिम वस्त्र ओढ़ाएगी, उसका नाम कफल है और कफन में भी जेब नहीं होता। पर आदमी जिंदगीभर अपनी जेब भरने में ही लगा रहता है। उसकी ख्वाहिश होती है, पूरी दुनियाभर की दौलत पा लूं। पता नहीं ये दौलत उसके किस दिन काम आएगी।
संतप्रवर ने कहा कि जिंदगी जीने के लिए सबको इसी एक चीज का परिवर्तन चाहिए, वेष बदले कि ना बदले, परिवेश बदले कि ना बदले, देश बदले की ना बदले, पर आदमी अपनी एक मानसिकता को सुधार लेता है तो जिंदगी अपने-आप सुधर जाती है। जब तक आदमी अपने आपको नहीं बदल लेता है, स्वयं का रूपांतरण नहीं कर लेता तब तक जिंदगी आनंद से भर नहीं पाएगी। पूरी दुनिया में एक ही व्यक्ति है जो आपको सुधार सकता है, आपकी जिंदगी को स्वर्गनुमा बना सकता है और वो आप खुद हैं।
चेहरे से हजार गुना बलवान चरित्र होता है
संतश्री ने कहा कि आदमी की पहली कमजोरी है कि वह हमेशा पाना चाहता है। और उसकी दूसरी कमजोरी यह है कि मैं हमेशा अच्छा दिखूं। मैं जहां जाऊं, लोग मुझे पसंद करें। अपने चेहरे को हमेशा मत सजाओ, अगर सजाना ही है तो अपने मन और आत्मा को सजाओ, क्योंकि इसी आत्मा को परमात्मा के द्वार जाना है। दुनिया में चेहरे से भी हजार गुना बलवान चरित्र होता है। भगवान मंदिरों में इसीलिए ही नहीं पूजे जा रहे कि उनका केवल चेहरा सुंदर था, उनकी पूजा उनके सुंदर चरित्र से हो रही है। सिकंदर सम्मान पा सकता है पर श्रद्धा तो दुनिया में महावीर और राम ही पाते हैं। त्यागी से ज्यादा महान दुनिया में और कोई नहीं। हर सुंदर व्यक्ति आइना देखकर यह संकल्प करे कि हे प्रभु जितना सुंदर तूने चेहरा दिया है, उतना ही सुंदर चरित्रवान बनने की ओर अग्रसर होने मुझे सर्वदा अवसर प्रदान कर। आदमी के जीवन का निर्माण तब नहीं होता जब वह अच्छा पाना, अच्छा दिखना चाहता है, उसके जीवन का निर्माण तब होता है जब वह अच्छा बनना चाहता है।
पत्थर से प्रतिमा, जन से जिन बना देता है चातुर्मास
आज की प्रवचनमाला के विषय ‘क्या करें कि चातुर्मास हो धन्य’ विषय पर उद्गार व्यक्त करते हुए संतप्रवर ने श्रद्धालुओं को अपरिग्रह की शुरुआत अपने ही घर से करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि ये चातुर्मास के चार अक्षर हमें अच्छा बनने की सीख दे रहे हैं। चा अर्थात् चारित्र्यशील बनें, तु अर्थात् सत्कर्मों को तुरंत करते चलें, मा अर्थात सदा मानवीयता का गुण बनाए रखें और स अर्थात् संस्कारशील बनने की साधना में सर्वदा रत रहें। ‘जन से जिन बना देता है चातुर्मास, पत्थर से प्रतिमा बना देता है चातुर्मास, लोहे से सोना बना देता है चातुर्मास, जो दिल से करते हैं चातुर्मास में सत्संग-साधना, उसे भगवान बना देता है चातुर्मास।’ चातुर्मास में परमात्मा ने करणीय कर्म बताए हैं, उनमें पहला है अपना विवेक बनाए रखें। सामायिक अवश्य करें, सामायिक हमारे जीवन में समता प्रदान करती है। सामायिक एक घंटे के संत जीवन का सौभाग्य प्रदान करती है। इस चातुर्मास में सभी संकल्प लें कि मैं एक सामायिक जरूर लूंगा, मैं अपने जीवन में किसी भी जीव की विराधना नहीं करुंगा। सामायिक हमें शक्ति का नहीं सहनशक्ति का पाठ पढ़ाती है। स्वयं से गलती हो तो उसके लिए क्षमा मांगना बहुत सरल है किंतु किसी दूसरे ने हमारे साथ गलती कर दी है तो उसे क्षमा करना बहुत कठिन है।
संतश्री ने कहा कि जिंदगी में तीन बातें हमेशा याद रखें। पहली यह कि कभी किसी का अपमान न करना। क्योंकि जीवन में अशांति और कलह की शुरुआत इसी अपमान से होती है। दूसरी बात- अगर कोई आपका अपमान कर दे तो उसका बुरा न मानो, उसे गांठ बना कर न रखो। तीसरी बात है- अगर किसी के द्वारा किए हुए अपमान का बुरा लग भी गया है तो ध्यान रखना बदले की भावना मत रखना। जो व्यक्ति इन तीन बातों को जीवन में उतार लेता है, वह सामायिक का आराधक बन जाता है। 36 इंच का सीना उसी का होता है, जो गलती करने वाले को भी दिल बड़ा करके माफ कर देता है। जिसका स्वभाव गर्म, टेढ़ा होता है, उसके पास कोई बैठना भी नहीं चाहता। जो आदमी विनम्र रहता है, वह दुनिया में राज करता है। चातुर्मास काल में हमें सामायिक की साधना, सायंकालीन प्रतिक्रमण, पंद्रह दिन में एक बार पौषध व्रत और शील व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए। आज धर्मसभा में संतश्री द्वारा श्रद्धालुओं को सूर्यास्त के उपरांत भोजन न करने और यदि संभव न हो तो केवल तरल पदार्थ ही ग्रहण करने का संकल्प दिलाया।
संत के पास जब भी जाएं अपने मन की गांठें खोल कर जाएं: डॉ. मुनि शांतिप्रियजी
धर्मसभा के प्रारंभ में डॉ. मुनि शांतिप्रिय सागरजी महाराज साहब ने कहा कि दुनिया में सारे पाप अगर कहीं से होते हैं तो वे मन-विचारों की निचली सोच से हुआ करते हैं। लोग कहते हैं कि भगवान का निवास मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे में होता है, यदि मुझसे कोई पूछे कि भगवान का निवास कहां है तो मैं कहूंगा- जिसकी मानसिकता अच्छी व पवित्र होती है, उसी मानसिकता में परमात्मा का, भगवान निवास होता है। सत्संग में जा रहे हैं तो पहले अपने मन के पात्र को शुद्ध-निर्मल करके जाएं। अन्यथा संत के अमृत वचन भी तुम्हारे भीतर जाकर अमृत नहीं बन पाएंगे। मंदिर में, उपाश्रय में संत के पास जब भी जाएं अपने मन की राग-द्वेषों की गांठों को बाहर छोडक़र आएं ताकि संत के वचन तुम्हारे मन रूपी पात्र में गहरे उतर जाएं। आरंभ में उन्होंने सुमधुर भजन ‘रोज थोड़ा-थोड़ा प्रभु का भजन कर ले, मुक्ति का प्यारे तू जतन कर ले...’ के गायन से भक्तिभाव जगाया।
आज के प्रमुख अतिथि
धर्मसभा का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन से हुआ। इस अवसर पर गौरव आनंद-इंदौर, आर.के. जैन, उमाशंकर व्यास, प्रेमचंद लूणावत, सुपारसचंद गोलछा, संजय श्रीश्रीमाल, सम्पत झाबक व शांतिलाल बरडिय़ा, चातुर्मास के प्रमुख लाभार्थी व दिव्य चातुर्मास समिति अध्यक्ष तिलोकचंद बरडिय़ा मंचस्थ थे।
बुधवार का प्रवचन ‘गुरु ही बचाएंगे गुरु ही पार लगाएंगे’ विषय पर
श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया, कार्यकारी अध्यक्ष अभय भंसाली, ट्रस्टीगण राजेंद्र गोलछा व उज्जवल झाबक सहित चातुर्मास समिति के महासचिव पारस पारख, प्रशांत तालेड़ा, अमित मुणोत व कमल भंसाली ने बताया कि राष्ट्रसंत जीने की कला-विशेष प्रवचनमाला के अंतर्गत बुधवार को गुरु पूर्णिमा पर सुबह 8:45 बजे से ‘गुरु ही बचाएंगे, गुरु ही पार लगाएंगे’ विषय पर पे्ररक प्रवचन देंगे। प्रवचनोपरांत गुरु भक्ति के साथ चारों दादा गुरुदेवों की महाआरती की जाएगी। श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट एवं दिव्य चातुर्मास समिति ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि दादा गुरुदेवों की सामूहिक महाआरती के लिए सभी अपने साथ एक पूजा की थाली व दीपक अवश्य लाएं।
बिलासपुर-सरगुजा संभाग के 1200 से अधिक कैडेट शामिल
चयनित कैडेट को एनआईसी, आरडीसी व एएलसी कैंप में शामिल होने का मिलेगा अवसर
बिलासपुर, 15 जुलाई। डॉ सी वी रामन विश्वविद्यालय में 7 सीजी बटालियन का एनसीसी कंबाइनड एनुअल ट्रेनिंग कैंप आयोजित किया जाएगा। यह कैंप 22 जुलाई से 10 अगस्त चक चलेगा। इसमें बिलासपुर और सरगुजा संभाग के लगभग 1500 कैडेट्स भाग लेंगे। प्रशिक्षण के बाद चयनित कैडेट्स को एनआईसी, आरडीसी और एएलसी कैंप में शामिल होने का मौका मिलेगा।
सीवीआरयू के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने बताया कि कैंप का पहला चरण 22 से 31 जुलाई तक तथा दूसरा चरण 1 अगस्त से 10 अगस्त रखा गया है। कैंप में कोरबा, तखतपुर, भआटापारा, मस्तूरी, मल्हार, बिलासपुर, बैकुंठपुर, सूरजपुर, मुंगेली, मनेंद्रगढ़ आदि से एनसीसी केडेट्स शामिल होंगे।
जुलाई की कैंप में 600 तथा अगस्त के कैंप में 604 कैडेट्स भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि यह एक वार्षिक प्रशिक्षण शिविर है, जो प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
इस दौरान कैडेट्स को वे सभी प्रशिक्षण दिए जाते हैं जो आगे की परीक्षाओं में अनिवार्य होता है। कैंप के बाद कैडेट्स ए, बी या सी सर्टिफिकेट एग्जाम के पात्र होते हैं। इस प्रशिक्षण में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय के कैडेट्स शामिल होंगे।
कैंप में ब्रिगेडियर एके दास, एनसीसी ग्रुप कमांडर रायपुर, सतीश कुमार कमांडिंग ऑफिसर 7 सीजी बटालियन सहित कई अधिकारी शामिल होंगे।
20 दिनों तक विश्वविद्यालय एनसीसी के कैडेट्स राष्ट्रभक्ति व सेवाभावना से ओत-प्रोत नजर आएंगे। प्रशिक्षण कैंप की सभी तैयारियां अंतिम चरण में है।
शुखमिता पीएम के सामने करेगी परेड
15 अगस्त 2022 को देश की राजधानी दिल्ली में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में डॉ सी वी रामन विश्वविद्यालय की कैडेट परेड करती दिखाई देंगी।
विश्ववद्यालय की एनसीसी इकाई में से कैडेट खुशमिता निषाद का चयन दिल्ली की मुख्य परेड में शामिल होने के लिए किया गया है। यह चयन 7 सीजी बटालियन बिलासपुर और ग्रुप हेड क्वार्टर रायपुर की संयुक्त टीम ने किया है। इसे लेकर विश्वविद्यालय के एनसीसी इकाई में उत्साह है।
रायपुर, 15 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मंगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।
कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी के नेतृत्व में कैट सी.जी. चैप्टर का एक प्रतिनिधी मंड़ल ने रायपुर के नवनियुक्त जिलाधीश श्री सर्वेश एन. भुरे जी से सौजन्य मुलाकात किया।
कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी एवं प्रदेश महामंत्री श्री सुरिन्द्रर सिंह ने बताया कि आज सी.जी. चैप्टर का एक प्रतिनिधी मंड़ल ने रायपुर के नवनियुक्त जिलाधीश श्री सर्वेश एन. भुरे जी से सौजन्य मुलाकात किया।
चर्चा के दौरान जिलाधीश महोदय ने व्यापारियों से आग्रह कि सभी व्यापारी अपने दुकान के सामने एक पौधा़ अवश्य लगायें । जिससे यह पौधे विकसित होकर बड़े वृक्ष का रूप लेंगे और न केवल पर्यावरण को संरक्षित करेंगे बल्कि ऑक्सीजन के प्रवाह की भी वृद्धि करेंगे।
श्री दोशी एवं सिंह ने जिलाधीश महोदय को बताया कि गत वर्ष 5 जून 2021 को पर्यावरण दिवस पर कैट सी.जी. चैप्टर ने एक व्यापारी एक पेड़ अभियान की शुरूवात की है। जो अभी तक निरंतर जारी है। कैट सी.जी. चैप्टर द्वारा समय-समय पर खाली जगहो पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। कैट सी.जी. चैप्टर ने देश भर के व्यापारियों से अपील की है की वो एक पौधा अपने घर में एवं एक पौधा अपनी दूकान पर अवश्य लगाएं । साथ ही सभी उद्योगों से भी आग्रह किया है की वो अपने कारखानों में ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाने पर जोर दें। कैट सी.जी. चैप्टर ने एक व्यापारी एक पेड़ अभियान के प्रदेश संयोजक श्री मोहन वर्ल्यानी जी को बनाया है।
जिलाधीश महोदय से मुलाकात में टीम कैट के पदाधिकारी मुख्यरूप उपस्थित रहे :- जितेन्द्र दोशी, सुरिन्द्रर सिंह, महेश खिलोसिया, महेश जेठानी, जयराम कुकरेजा, विजय जैन, पुष्कर अग्रवाल, अवनीत सिंह, ं मोहन वर्ल्यानी एवं रोहित ड्रोलिया आदि।
रायपुर, 15 जुलाई। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महिला चेम्बर ने जानकारी दी कि महिला चेम्बर द्वारा एक्सपो-2022 का आयोजन किया जा रहा है। यह एक्सपो 21 एवं 22 जुलाई 2022 को श्री रामस्वरूप निरंजनलाल धर्मशाला, व्ही.आई.पी.रोड, रायपुर में आयोजित किया जा रहा है। एक्सपो प्रात: 11 बजे से रात्रि 8 बजे तक खुला रहेगा।
यह एक लाइफस्टाइल एक्सपो है जिसमें हर तरह के स्टॉल मौजूद रहेंगे। मानसून सीजन एवं त्यौहारों को दृष्टिगत रखते हुए भी स्टॉल रहेंगे जिसमें आम नागरिक सपरिवार आकर खरीदी का आनंद उठा सकते हैं। एक्सपो-2022 में आटोमोबाइल के क्षेत्र में सिटी होण्डा, रियल एस्टेट-श्री दादा, स्वच्छता-आदर्श ओरिएंट, मॉड्यूलर किचन-डीएस ट्रेडर्स, सिटी ई मार्ट ई बाइक, सीजी सौर ऊर्जा, आरओ शोधक, गृह सजावट, 36 तत्त्वम जैविक उत्पाद बंगलौर, मीनाक्षी, फु्रट औरा ग्लिड्स, स्किनोवेशन।
होविन्ना, जैसे पलौर, तनिष्क, भंसाली ज्वैलर्स, बैंक ऑफ इंडिया, बोनजेलो, इंदौर स्पेशल नमकीन बीका जी, जैसे रिटेलर्स, जलपरी एक्वेरियम, पालतू भोजन स्टाल, एचपी कंप्यूटर, इलेक्ट्रानिक में -प्रेम साउंड, कोलकाता से कौशिक पोदार कच्ची घानी तेल, फूड जोन में- शिवनाथ बेवरेज डेली डोज आदि बड़े ब्रांडों द्वारा स्टॉल लगाये जायेंगे। महिला चेम्बर ने जानकारी दी कि एक्सपो-2022 हेतु अब तक सभी स्टॉलों की बुकिंग हो चुकी है एवं अतिरिक्त स्टॉल लगाने की कोई गुंजाईश नहीं है।
रायपुर, 15 जुलाई। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया।
चेम्बर प्रतिनिधि मंडल ने जीएसटी कॉउंसिल द्वारा किसी भी प्रकार का मार्का लगे हुए खाद्यान्न, बटर, दही, लस्सी आदि को 5 प्रतिशत के कर स्लैब में लाने से व्यापारियों एवं आम नागरिकों पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव से अवगत कराने हेतु वाणिज्यिक कर मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव जी को ज्ञापन सौंपा।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कहा कि अब तक ब्रांडेड नहीं होने पर विशेष खाद्य पदार्थों, अनाज आदि को जीएसटी से छूट दी गई थी। कॉउन्सिल के इस निर्णय से प्री-पैक, प्री-लेबल वस्तुओं को अब जीएसटी के कर दायरे में लाया गया है ।
अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों जैसे आटा,पोहा इत्यादि पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी का प्रावधान किया गया है जिससे पुरे देश भर में 6500 से अधिक अनाज मंडियों में खाद्यान्न व्यापारियों के व्यापार में बड़ा अवरोध आ रहा है। इस निर्णय का वित्तीय बोझ आम लोगों पर किस प्रकार से पड़ेगा इस दिशा में कोई विचार नहीं किया गया है ।
देश में केवल 15 प्रतिशत आबादी ही बड़े ब्रांड का सामान उपयोग करती है जबकि 85 प्रतिशत जनता बिना ब्रांड या मार्का वाले उत्पादों से ही जीवन चलाती है । जीवन यापन की आम वस्तुओं को कर के दायरे में लाने से इसका पूरा बोझ गरीब और मध्यम वर्गीय जनता पर पड़ रहा है ।
रायपुर, 15 जुलाई। 16 जुलाई 2022 को बालको हॉस्पिटल, कोरबा, में सुबह 9.30 से दोपहर 12 बजे तक व डॉ. भट्ट ई.एन.टी. एवं आई हॉस्पिटल, निहारिका, कोसाबाडी रोड में दोपहर 12.30 से 02 बजे तक कैंसर विशेषज्ञ द्वारा ओपीडी रखा गया है।
कैंसर विशेषज्ञ डॉ. जयेश शर्मा, वरिष्ठ कैंसर सर्जन, उपलब्ध रहेंगे। वे लोग जिनके मुँह या जीभ के घाव या छाले बहुत दिन तक ठीक नही हो रहे है, स्तन या शरीर के किसी हिस्से में गांठ है, मल त्यागने या मुत्राशय की आदत में बदलाव या खून आ रहा है, बच्चेदानी क रास्ते रक्तस्त्राव या सफेद पानी का जा रहा है, तथा घाव नहीं भरना जैसे लक्षण महसूस कर रहे है, वे आज शिविर में आकर जांच करवा सकते हैं।
रायपुर, 14 जुलाई। श्री देबाशीष नंदा ने सोमवार को कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (बिजनेस डेवलपमेंट) का कार्यभार संभाला। यह कार्यभार संभालने से पहले श्री नंदा इंडियन ऑयल में कार्यकारी निदेशक (गैस) के पद पर कार्यरत थे।
यूसीई बुरला, संबलपुर विश्वविद्यालय से मकैनिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन करने के बाद श्री नंदा ने आरईसी राउरकेला से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रैजुएशन किया। उन्होंने आईआईएफटी, नई दिल्ली से मास्टर्स इन इंटरनैशनल बिजनेस की पढ़ाई भी की है।
श्री नंदा ने 1988 में इंडियन ऑयल के मार्केटिंग डिविजन में बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी अपनी सेवाओं की शुरुआत की और 11 वर्षों तक सर्वो ल्यूब्रिकेंट्स की मार्केटिंग से जुड़े कार्यों को देखा। 1999 में उन्होंने कंपनी के बिजनेस डेवलपमेंट ग्रुप में कार्य शुरू किया।
जहां कंपनी के बिजनेस डेवलपमेंट कार्यों का निर्वहन किया और खासकर कंपनी के ल्यूब्रिकेंट बिजनेस का विस्तार विदेश तक किए जाने में अहम भूमिका निभाई और पीओएल एक्सपोर्ट एवं इंडियन ऑयल की अनुषंगी कंपनियों के गठन में अहम योगदान दिया।
रायपुर, 14 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मंगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।
टीम कैट ने अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों पर लगे 5 प्रतिशत जीएसटी से मुक्त रखने हेतु माननीय सांसद श्री सुनील सोनी जी (रायपुर लोकसभा) एवं माननीय विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल जी (रायपुर दक्षिण विधानसभा) से मुलाकात कर ज्ञापन सौपां।
कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी एवं प्रदेश महामंत्री श्री सुरिन्द्रर सिंह ने बताया कि टीम कैट ने अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों पर लगे 5 प्रतिशत जीएसटी से मुक्त रखने हेतु माननीय सांसद श्री सुनील सोनी एवं माननीय विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल जी से मुलाकात कर ज्ञापन सौपां।
श्री दोशी एवं श्री सिंह ने माननीय सांसद एवं माननीय विधायक महोदय को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि जीएसटी कॉउंसिल द्वारा हाल ही में हुई अपनी मीटिंग में पैक किए अथवा लेबल लगाए गए सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों एवं कुछ अन्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश पर देश के खाद्यान्न व्यापारियों में बेहद निराशा है। क्योंकि इससे आम सामान की कीमत पर बड़े ब्रांड का कारोबार बढ़ेगा।
अब तक ब्रांडेड नहीं होने पर विशेष खाद्य पदार्थों, अनाज आदि को जीएसटी से छूट दी गई थी। कॉउन्सिल के इस निर्णय से प्री- पैक, प्री- लेबल दही, लस्सी और बटर मिल्क सहित प्री- पैकेज्ड और प्री-लेबल रिटेल पैक पर भी अब जीएसटी कर लगेगा और देश भर में 6500 से अधिक अनाज मंडियों में खाद्यान्न व्यापारियों के व्यापार में बड़ा अवरोध आएगा।
कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री परमानन्द जैन एवं प्रदेश कार्यकारी महामंत्री श्री भरत जैन ने बताया कि निश्चित रूप से जीएसटी कर संग्रह में वृद्धि होनी चाहिए किन्तु आम लोगों की वस्तुओं को कर स्लैब में लाने के बजाय कर का दायरा बड़ा करना चाहिए।
जो लोग अभी तक कर दायरे में नहीं आये हैं, उनको कर दायरे में लाया जाए जिससे केंद्र एवं राज्य सरकारों का राजस्व बढ़ेगा। इस संबंध में हम सरकार के साथ सहयोग करने के लिए सदैव तत्पर हैं । आजादी से अब तक खाद्यान्न पर कभी भी कर नहीं था किन्तु पहली बार बड़े ब्रांड वाले खाद्यान्न को कर दायरे में लाया गया। सरकार की मंशा आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को कर से बाहर रख उनके दाम सदैव कम रखने की रही है। इसलिए ही वर्ष 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने इन जरूरी वस्तुओं को कर से बाहर रखा और इस बात को ध्यान में रखते हुए हमारा आपसे आग्रह है कि प्री पैक्ड एवं प्री- लेबल वस्तुओं पर पूर्व की भाँति जीएसटी को कर रहित किया जाए।
श्री दोशी एवं सिंह ने माननीय सांसद एवं माननीय विधायक महोदय से आग्रह किया कि देश में सभी बड़े ब्रांड की कंपनियां देश की आबादी के केवल 15 प्रतिशत जिसमें उच्चतम वर्ग, उच्च वर्ग एवं उच्च मध्य वर्ग के लोगों की ही जरूरतों की पूर्ती करते हैं जबकि बड़े स्तर पर देश के सभी राज्यों में छोटे निर्माता जिनका अपना लोकल लेबल ही होता है देश की 85 प्रतिशत आबादी की मांग को पूरा करते हैं ऐसे में इन वस्तुओं के जीएसटी में कर दायरे में आने से जहाँ छोटे निर्माताओं एवं व्यापारियों पर कर पालन का बोझ बढ़ेगा वहीं आम लोगों को मिलने वाली बुनियादी वस्तुएं भी महंगी हो जाएंगी।
माननीय सांसद श्री सुनील सोनी जी एवं माननीय विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल जी ने ज्ञापन का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया और टीम कैट को सकारात्मक आश्वासन दिया।
माननीय सांसद एवं विधायक महोदय को ज्ञापन सौपतें समय टीम कैट के पदाधिकारी मुख्य रूप उपस्थित रहे :- परमानन्द जैन, सुरिन्द्रर सिंह, भरत जैन, नरेश पाटनी, प्रीतपाल सिंह बग्गा, महेश खिलोसिया, जयराम कुकरेजा, विजय जैन, अवनीत सिंह, महेन्द्र बागरोडिय़ा एवं भगवान दास अग्रवाल आदि।
धन्यवाद
हैदराबाद, 14 जुलाई। एनएमडीसी और हैदराबाद रनर्स सोसाइटी ने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और तेलंगाना सरकार के साथ मिलकर आज एनएमडीसी हैदराबाद मैराथन - 2022 अडिशन की रेस टी-शर्ट का लोगो लॉन्च किया।
राष्ट्रीय प्रमुख खनन कंपनी एनएमडीसी ने इस वर्ष 27 और 28 अगस्त को होने वाले हैदराबाद मैराथन का टाइटल प्रायोजन लिया है। सुश्री निखत जऱीन, विश्व चैंपियन बॉक्सर जो कि इस आयोजन से जुड़ी हुई हैं एनएमडीसी हैदराबाद मैराथन 2022 की ओर से रहेंगी।
इस शुभारंभ समारोह के अवसर पर तथा प्रेस मीट के दौरान श्री सुमित देब सीएमडी, एनएमडीसी; श्री नारायण टीवी, सीएमओ, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक; और रेस डायरेक्टर श्री प्रशांत मोरपारिया उपस्थित थे।
एनएमडीसी हैदराबाद मैराथन -2022 जो शहर के बीचोबीच आयोजित होगा । इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति उत्?साहपूर्वक भाग लेने वाले 15,000 रनर्स भाग लेने की उम्मीद है और इसमें 3500 स्वयंसेवकों, 250 चिकित्सा कर्मियों, शहर के अधिकारियों और पुलिस बल को शामिल किया जाएगा। भारत में मैराथन सीजऩ की प्रारंभ को ध्यान में रखते हुए कर्टेन रेजर के रूप में शनिवार 27 अगस्त, 2022 को 5 के फन रन आयोजित किया जाएगा और रविवार 28 गस्त, 2022 को 10के, हाफ मैराथन (21.095 किमी) और फुल मैराथन (42.195 किमी) आयोजित होगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़ते हुए सुश्री निकहत जऱीन ने कहा कि मैं हैदराबाद रनर्स द्वारा समर्थित एनएमडीसी हैदराबाद मैराथन के 11 वें अडिशन में शामिल होते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हैदराबाद रनर्स सक्रिय जीवन शैली का विकास करने और फिटनेस गतिविधि का पसंदीदा रूप चुनने में लोगों को सहयोग में सक्रिय रूप से शामिल रहा है।
उन्होंने लोगों से शहर के सबसे बड़े सामुदायिक फिटनेस कार्यक्रम एनएमडीसी हैदराबाद मैराथन में पंजीकरण करवाने और भाग लेने की भी अपील की।
इस शुभारंभ कार्यक्रम अवसर पर सीएमडी, एनएमडीसी, श्री सुमित देब ने अपने संबोंधन में कहा कि हम हैदराबाद मैराथन के साथ भागीदारी करके बहुत खुश हैं। एनएमडीसी भारत सरकार के फिट इंडिया इंडिया कार्यक्रम का संरक्षकहै। हम हमेशा खेल आयोजनों को समर्थन करने और अपने देश के लोगों में स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए आगे आते हैं।
रायपुर, 14 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मंगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।
टीम कैट ने अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों पर लगे 5 प्रतिशत जीएसटी से मुक्त रखने हेतु माननीय विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा जी (रायपुर ग्रामीण विधानसभा) एवं माननीय विधायक श्री कुलदीप जुनेजा जी (रायपुर उत्तर विधानसभा) से मुलाकात कर ज्ञापन सौपां।
कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी एवं प्रदेश महामंत्री श्री सुरिन्द्रर सिंह ने बताया कि आज टीम कैट ने माननीय विधायक श्री कुलदीप जुनेजा जी से मुलाकात कर ज्ञापन सौपा।
श्री दोशी एवं श्री सिंह ने माननीय विधायक महोदय को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि जीएसटी कॉउंसिल द्वारा हाल ही में हुई अपनी मीटिंग में पैक किए अथवा लेबल लगाए गए सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों एवं कुछ अन्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश पर देश के खाद्यान्न व्यापारियों में बेहद निराशा है। क्योंकि इससे आम सामान की कीमत पर बड़े ब्रांड का कारोबार बढ़ेगा।
अब तक ब्रांडेड नहीं होने पर विशेष खाद्य पदार्थों, अनाज आदि को जीएसटी से छूट दी गई थी। कॉउन्सिल के इस निर्णय से प्री- पैक, प्री- लेबल दही, लस्सी और बटर मिल्क सहित प्री- पैकेज्ड और प्री-लेबल रिटेल पैक पर भी अब जीएसटी कर लगेगा और देश भर में 6500 से अधिक अनाज मंडियों में खाद्यान्न व्यापारियों के व्यापार में बड़ा अवरोध आएगा।
कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री परमानन्द जैन एवं प्रदेश कार्यकारी महामंत्री श्री भरत जैन ने बताया कि निश्चित रूप से जीएसटी कर संग्रह में वृद्धि होनी चाहिए। किन्तु आम लोगों की वस्तुओं को कर स्लैब में लाने के बजाय कर का दायरा बड़ा करना चाहिए जिसके लिए जो लोग अभी तक कर दायरे में नहीं आये हैं, उनको कर दायरे में लाया जाए जिससे केंद्र एवं राज्य सरकारों का राजस्व बढ़ेगा।
इस संबंध में हम सरकार के साथ सहयोग करने के लिए सदैव तत्पर हैं । आजादी से अब तक खाद्यान्न पर कभी भी कर नहीं था किन्तु पहली बार बड़े ब्रांड वाले खाद्यान्न को कर दायरे में लाया गया। सरकार की मंशा आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को कर से बाहर रख उनके दाम सदैव कम रखने की रही है। इसलिए ही वर्ष 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने इन जरूरी वस्तुओं को कर से बाहर रखा और इस बात को ध्यान में रखते हुए हमारा आपसे आग्रह है कि प्री पैक्ड एवं प्री- लेबल वस्तुओं पर पूर्व की भाँति जीएसटी को कर रहित किया जाए ।
श्री दोशी एवं सिंह ने माननीय विधायक महोदय से आग्रह किया कि देश में सभी बड़े ब्रांड की कंपनियां देश की आबादी के केवल 15 प्रतिशत जिसमें उच्चतम वर्ग, उच्च वर्ग एवं उच्च मध्य वर्ग के लोगों की ही जरूरतों की पूर्ती करते हैं जबकि बड़े स्तर पर देश के सभी राज्यों में छोटे निर्माता जिनका अपना लोकल लेबल ही होता है देश की 85 प्रतिशत आबादी की मांग को पूरा करते हैं ऐसे में इन वस्तुओं के जीएसटी में कर दायरे में आने से जहाँ छोटे निर्माताओं एवं व्यापारियों पर कर पालन का बोझ बढ़ेगा वहीं आम लोगों को मिलने वाली बुनियादी वस्तुएं भी महंगी हो जाएंगी।
माननीय विधायक श्री कुलदीप जुनेजा जी ने ज्ञापन का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया और टीम कैट को सकारात्मक आश्वासन दिया ।
माननीय विधायक महोदय को ज्ञापन सौपतें समय टीम कैट के पदाधिकारी मुख्य रूप उपस्थित रहे :- जितेन्द्र दोशी, परमानन्द जैन, सुरिन्द्रर सिंह, भरत जैन, नरेश पाटनी, प्रीतपाल सिंह बग्गा, विजय जैन, महेन्द्र बागरोडिय़ा एवं भगवान दास अग्रवाल आदि।
रायपुर, 14 जुलाई। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं एवं विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम के लिए मध्यभारत में अग्रणी स्थान प्राप्त है। यहां कुशल एवं अनुभवी चिकित्सा एवं सर्जरी के विशेषज्ञों की टीम है, जो हर प्रकार के जटिल ऑपरेशन को दक्षतापूर्वक करती है।
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में, एक वर्ष पूर्व इसी तरह का 6 माह के बच्ची ताक्षी सिन्हा का एक केस लिवर की जटिल बीमारी का आया था।
हॉस्पिटल के मेडिकल व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे के मार्गदर्शन में डॉक्टर्स की टीम ने पूरी जांच कर पाया कि बच्ची को बाइलरी एट्रीजिय़ा नाम की बीमारी है, जो समय पर इलाज नहीं होने पर जानलेवा होती है।
डॉक्टर्स ने बच्ची के पिता लव सिन्हा को उनके लिवर का छोटा भाग डोनेट करने को कहा, इसके बाद लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद अब्दुल नईम एवं डॉ. ए. मिश्रा द्वारा बच्ची के लिवर का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया।
यह ऑपरेशन पूरे मध्यभारत में, अपनी तरह का ऐतिहासिक एवं सफल लिवर ट्रांसप्लांट था। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में आज 12 जुलाई को उसी उपलब्धि का सेलीब्रेशन किया गया, इस अवसर पर बच्ची ताक्षी को हॉस्पिटल की ओर से एक गिफ्ट दी गई व उनके माता-पिता भी उपस्थित थे।
इस सेलीब्रेशन में हॉस्पिटल के मेडिकल व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे के साथ डॉ. शैलेंद्र बख्शी, डॉ. पवन जैन, डॉ. विशाल कुमार, डॉ. राकेश सिंह, डॉ. निशान्त शिव, डॉ. सर्वेश लाल एवं समस्त क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल एवं नर्सिंग स्टॉफ भी उपस्थित थे।
रायपुर, 14 जुलाई। बिलासपुर शहर में संचालित जिला सैनिक कल्याण बोर्ड, कुदुदण्ड बिलासपुर में भूतपूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए एसईसीएल ने प्रतीक्षागृह एवं कान्फ्रेन्स हॉल का निर्माण कराया है।
इसके अंतर्गत सैनिकों के लिए आवागमन के दौरान रहने के लिए सर्वसुविधायुक्त दो कमरे भी तैयार किए गए हैं।
जिला सैनिक कार्यालय को अपने कमाण्ड एरिया के 5 जिलों से आने वाले सैनिकों के साथ बैठक, मीटिंग करने में समस्या आ रही थी जो कि अब एसईसीएल के सहयोग से मीटिंग हॉल के निर्माण के बाद दूर हो गयी है।
एसईसीएल ने सीएसआर मद के जरिए लगभग 31 लाख रूपये का वित्तीय सहयोग उक्त निर्माण कार्य के लिए प्रदान किया था। कलेक्टर बिलासपुर द्वारा अनुशंसित प्रस्ताव की कार्यवाहक एजेंसी लोकनिर्माण विभाग, बिलासपुर रही।
रायपुर, 14 जुलाई। महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज समता कॉलोनी रायपुर में दिनांक 04/07/2022 को मेगा हेल्थ चेकअप कैम्प का आयोजन किया गया। हेल्थ चेकअप कैम्प जे.सी.आई. रायपुर मैक युनाइटेड एवं मैक रू्रढ्ढष्ट ढ्ढक्त्रष्ट ष्टद्गद्यद्यके द्वारा आयोजित किया गया था।
इस व्यस्त दुनियां में जहां किसी के पास स्वास्थ्य के लिए समय नहीं है, जेसीआई रायपुर मैक युनाईटेड ने लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए इस शिविर का आयोजन किया गया। यह स्वास्थ्य शिविर कॉलेज के छात्रों उनके माता पिता एवं कॉलेज के अध्यापकों के लिए आयोजित किया गया था।
‘‘सबसे बड़ा धन स्वस्थ तन, हेल्थ इन वेल्थ‘‘ जैसी युक्तियां हम हमेशा से सुनते आ रहे है, और सभी जानते भी है। किन्तु फिर भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं समाज में प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। अत: आवश्यक है कि इस दिशा में युवावस्था से ही जागरूकता लायी जाए एवं उन्हें स्वास्थ्य के प्रति सचेत किया जाए इसी के मद्देनजर इस हैल्थ चेकअप कैम्प का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की गई जिसमें चेयरमेन आदरणीय श्री राजेश अग्रवाल जी, प्राचार्या डॉ. एम.एस. मिश्रा, डॉ. ज्योति जनस्वामी एवं एडमिनिस्टेऊटर श्री सिध्दार्थ सबरवाल विशेष रूप से उपस्थित थे।
श्री राजेश अग्रवाल जी ने उपस्थित सभी लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत करते हुए कहा कि भारत जैसा देश जो सभी प्राकृतिक संसाधनो से परिपूर्ण है। यहाँ का प्राकृतिक एवं भौगोलिक वातावरण स्वास्थ्य के लिए अनुकूल है, किन्तु फिर भी बढ़ती स्वास्थय संबंधी समस्याएँ निश्चित ही चिन्ता का विषय है।
इसका सबसे बड़ा कारण है, बदलती जीवन शैली, भाग दौड़ भरी जिंदगी। अत: आवश्यक है कि समाज में एवं खास तौर पर युवाओं में स्वास्थ्य के प्रति जनजागृति लायी जाए एवं समय-समय पर चेकअप करवाकर चिकित्सक से परामर्श लिया जाए तो बहुत सारी बीमारियों से बचा जा सकता है।
इसलिए इस तरह के हैल्थ चेकअप कैम्प का आयोजन किया जता है। प्राचार्या डॉ. एम.एस. मिश्रा ने भी स्वास्थ्य को ही जीवन का सबसे बड़ा धन बताते हुए कहा कि अगर कितनी भी धन दौलत हो किन्तु स्वास्थ्य नही है तो, हम जिंदगी का सही आनंद नही ले सकते।
इस तरह के कैम्प से निश्चित ही समाज में जागरूकता आती है और आज के समय में यही सबसे बड़ी समाज सेवा है। हैल्थ चेकअप कैम्प में अग्रवाल अस्पताल के अनुभवी डॉक्टरों डॉ. जय पटेल, डॉ. रजनी देवांगन, हिमांशु (कॉरपोरेट हेड), जीवायएन राणा एवं अन्य डॉक्टर्स के साथ नर्सिंग स्टॉफ ने अपनी सेवाएं दी। डॉ. ज्योति जनस्वामी ने इस फ्री हेल्थ चेकअप कैम्प के लिए सभी को बधाई दी, एवं उपस्थित सभी डॉक्टर्स एवं नर्सेस का धन्यवाद किया।
हेल्थ चेकअप कैम्प में छात्र-छात्राओं, जे.सी.आई. रायपुर के सदस्यों , कॉलेज के प्राध्यापकों एवं अन्य स्टॉफ के साथ ही बड़ी संख्या में लोगों ने लाभ उठाया।
कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन चेयरमेन आदरणीय श्री राजेश अग्रवाल जी, प्राचार्य डॉ. एम. एस. मिश्रा, चैप्टर कन्वेनर जेसीआई सेन जया अरोडा, चैप्टर इंचार्ज, श्रीमती ऋषि दीवान पाण्डेय एवं मैक युनाइटेड के सभी कोर सदस्यों के मागदर्शन में हुआ।
रायपुर, 13 जुलाई। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया।
चेम्बर प्रतिनिधि मंडल ने जीएसटी कॉउंसिल द्वारा दिनांक 28 एवं 29 जून 2022 की बैठक में किसी भी प्रकार का मार्का लगे हुए खाद्यान्न, बटर, दही, लस्सी आदि को 5 प्रतिशत के कर स्लैब में लाने से व्यापारियों एवं आम नागरिकों पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव से अवगत कराने हेतु छत्तीसगढ़ के उद्योग एवं आबकारी मंत्री माननीय श्री कवासी लखमा जी को ज्ञापन सौंपा।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कहा कि अब तक ब्रांडेड नहीं होने पर विशेष खाद्य पदार्थों, अनाज आदि को जीएसटी से छूट दी गई थी। कॉउन्सिल के इस निर्णय से प्री-पैक, प्री-लेबल वस्तुओं को अब जीएसटी के कर दायरे में लाया गया है ।
अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों जैसे आटा,पोहा इत्यादि पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी का प्रावधान किया गया है जिससे पुरे देश भर में 6500 से अधिक अनाज मंडियों में खाद्यान्न व्यापारियों के व्यापार में बड़ा अवरोध आ रहा है।
इस निर्णय का वित्तीय बोझ आम लोगों पर किस प्रकार से पड़ेगा इस दिशा में कोई विचार नहीं किया गया है । देश में केवल 15 प्रतिशत आबादी ही बड़े ब्रांड का सामान उपयोग करती है जबकि 85 प्रतिशत जनता बिना ब्रांड या मार्का वाले उत्पादों से ही जीवन चलाती है । जीवन यापन की आम वस्तुओं को कर के दायरे में लाने से इसका पूरा बोझ गरीब और मध्यम वर्गीय जनता पर पड़ रहा है।
श्री पारवानी ने आगे कहा कि जीएसटी काउन्सिल द्वारा लिए गए निर्णय से प्रथम दृष्ट्या किसान भी इस निर्णय से प्रभावित होते दिखाई दे रहे हैं क्योंकि किसान भी अपनी फसल बोरे में पैक करके लाते है।
तो क्या उस पर भी जीएसटी लगेगा? जिसे काउन्सिल ने स्पष्ट नहीं किया है। कृषि उत्पादों जैसे- पनीर, छाछ, पैकेज्ड दही, गेहूं का आटा, अन्य अनाज, शहद, पापड़, खाद्यान्न, मांस और मछली (फ्रोजन को छोडक़र), मुरमुरे और गुड़ आदि भी महंगे हो जाएंगे जिसे आम जनता द्वारा मुख्य रूप से दैनिक उपयोग में लाया जाता है। यदि कोई बिना मार्का के किसी सामान को बेचना भी चाहे तो नहीं बेच सकता और मार्का लगते ही वस्तु जीएसटी के दायरे में आ जाता है जो न्यायोचित नहीं है तथा इन वस्तुओं को जीएसटी के कर स्लैब में लाना अव्यवहारिक है।
रायपुर, 13 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मंगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।
कैट ने अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों पर लगे 5 प्रतिशत जीएसटी से मुक्त रखने हेतु माननीय विधायक श्री विकास उपाध्याय जी (रायपुर पश्चिम विधानसभा) से मुलाकात कर ज्ञापन सौपां।
कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी एवं प्रदेश महामंत्री श्री सुरिन्द्रर सिंह ने बताया कि आज टीम कैट ने माननीय विधायक श्री विकास उपाध्याय जी से मुलाकात कर ज्ञापन सौपा।
श्री दोशी एवं श्री सिंह ने विधायक को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि जीएसटी कॉउंसिल द्वारा हाल ही में हुई अपनी मीटिंग में पैक किए अथवा लेबल लगाए गए सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों एवं कुछ अन्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश पर देश के खाद्यान्न व्यापारियों में बेहद निराशा है। क्योंकि इससे आम सामान की कीमत पर बड़े ब्रांड का कारोबार बढ़ेगा।
अब तक ब्रांडेड नहीं होने पर विशेष खाद्य पदार्थों, अनाज आदि को जीएसटी से छूट दी गई थी। कॉउन्सिल के इस निर्णय से प्री- पैक, प्री- लेबल दही, लस्सी और बटर मिल्क सहित प्री- पैकेज्ड और प्री-लेबल रिटेल पैक पर भी अब जीएसटी कर लगेगा और देश भर में 6500 से अधिक अनाज मंडियों में खाद्यान्न व्यापारियों के व्यापार में बड़ा अवरोध आएगा।
कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री परमानन्द जैन एवं प्रदेश कार्यकारी महामंत्री श्री भरत जैन ने बताया कि निश्चित रूप से जीएसटी कर संग्रह में वृद्धि होनी चाहिए किन्तु आम लोगों की वस्तुओं को कर स्लैब में लाने के बजाय कर का दायरा बड़ा करना चाहिए जिसके लिए जो लोग अभी तक कर दायरे में नहीं आये हैं, उनको कर दायरे में लाया जाए जिससे केंद्र एवं राज्य सरकारों का राजस्व बढ़ेगा। इस संबंध में हम सरकार के साथ सहयोग करने के लिए सदैव तत्पर हैं ।