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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 मई। जिले में लगातार कोरोना पॉजिटिव नए मरीजों की संख्या तो घट रही है लेकिन मौत कम नहीं हो रही है। बुधवार को भी 204 नए संक्रमित मिले लेकिन इसी दौरान 24 लोगों की मौत हो गई। इनमें 14 बिलासपुर जिले के हैं जबकि 10 दूसरे जिलों से आकर यहां पर इलाज करा रहे थे।
इधर ब्लैक फंगस के पीड़ित मरीजों का उपचार सिम्स चिकित्सालय में शुरू किया गया है। दो दिन पहले यहां कोरबा, अकलतरा, जांजगीर चांपा और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के एक-एक मरीज भर्ती कराये गये थे जिनमें से दो मरीजों की स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें एम्स रायपुर में भर्ती के लिए भेजा गया है। इसके अलावा बिलासपुर व चिरमिरी के एक-एक मरीज को कल भर्ती कराया गया है। इस समय सिम्स में चार मरीजों का उपचार हो रहा है।
18 साल से 44 साल के बच्चों का लोगों का टीकाकरण कराने का अभियान अभी भी व्यवस्थित नहीं हो पाया है। सीजी पोर्टल से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद पहुंचे लोगों को टीकाकरण केन्द्रों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है क्योंकि सूची अपडेट होकर यहां पहुंच रही है। इसके चलते टीकाकरण केन्द्रों में भीड़ जमा हो रही है और सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो रहा है। शहर के तीन टीकाकरण केन्द्रों में डोज देने का टारगेट भी 200 से घटाकर बाद में 150 फिर 100 कर दिया गया है। जिले में 18 प्लस 2338 युवाओं का कल वैक्सीनेशन हुए जिनमें 1509 एपीएल श्रेणी के थे। इनमें से अनेक वे लोग थे जिनको पिछले दो दिनों में रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद टीका नहीं लग सका था।
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बिलासपुर, 18 मई। लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर पांच दुकानदारों के पर 10-10 हजार का जुर्माना लगाया गया है। तहसीलदार भरत कौशिक, नोडल अधिकारी अनिश मसीह और मरवाही थाना प्रभारी प्रवीण द्विवेदी की टीम ने पेट्रोलिंग के दौरान पाया कि ग्राम सिवनी में गाइडलाइन के नियमों का उल्लंघन करते हुए 5 दुकानें खुली हैं।
ये दुकानें मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रिकल्स और कपड़े की दुकान हैं। लॉकडाउन के दौरान इन दुकानों को बंद रखने का निर्देश है। पुलिस ने दुकानों के मालिक दुर्गेश गुप्ता, नरेंद्र गुप्ता, विनोद गुप्ता, संजू शर्मा और नितेश गुप्ता के विरुद्ध कुल 50 हजार का चालान काटा। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में लॉकडाउन के दौरान अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
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बिलासपुर,18 मई। यूनिसेफ छत्तीसगढ़ एवं मीडिया कलेक्टिव फ़ॉर चाइल्ड राइट्स के संयुक्त तत्वावधान में बिलासपुर जिला प्रशासन के सहयोग से 18 मई से ‘रोको अउ टोको ' अभियान शुरु किया गया है। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने आज इस प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर अतिरिक्त जिलाधीश नुपूर राशि पन्ना भी उपस्थित थीं।
मीडिया कलेक्टिव फॉर चाइल्ड राइट्स के जिला समन्वयक अभिषेक चौबे ने बताया कि तीन महीने के लंबे अभियान के दौरान शहर के वार्डों में 100 से अधिक युवा स्वयंसेवक, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये लोगों को जागरूक करेंगे। वे शहरों में झुग्गियों, अपार्टमेंट, बाजार, होटल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और चौराहों पर जाकर लोगों को कोविड व्यवहारों के बारे में शिक्षित करेंगे तथा उनका पालन करना सुनिश्चित करेंगे। युवा स्वयंसेवक सभी लोगों से कोरोना टीकाकरण करने का आग्रह करेंगे। कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर लोगों को चिकित्सा सहायता लेने का सुझाव देंगे। अभियान के दौरान स्वयंसेवक जिला प्रशासन द्वारा जारी लॉकडाउन और रोकथाम दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करेंगे। स्वयं सेवक लॉकडाउन के दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए नागरिकों से भी अपील करेंगे।
प्रभारी मंत्री साहू ने जिले में कोविड संक्रमण बचाव एवं उपचार की समीक्षा की
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बिलासपुर,18 मई। लोक निर्माण, गृह एवं जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज अपने रायपुर निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेस द्वारा जिले में कोरोना 19 संक्रमण, बचाव और उपचार की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए जिले में इससे निपटने के लिए पहले से बेहतर रणनीति बनाकर रखें। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की व्यवस्था एवं मितानिनों को ऑक्सीमीटर देने का सुझाव दिया।
साहू ने कहा कि ब्लैक फंगस (म्यूकर मायकोसिस) के मरीजों की मानिटरिंग करते हुए इनके उपचार की समुचित व्यवस्था की जाए। इस बीमारी के विषय में व्यापक प्रचार-प्रसार करने कहा। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में इसकी एडवायजरी जारी करने कि निर्देश दिए। ग्रामीण क्षेत्रों में मितानिनों के माध्यम से लोगों को बीमारी के विषय में जागरूक करने कहा। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने बताया कि जिले में ब्लैक फंगस के मरीजों का उपचार सिम्स में किया जा रहा है। मरीजों के उपचार के लिए सिम्स में डॉक्टरों की एक समिति गठित की गई है।
मंत्री साहू ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की व्यवस्था करने कहा। उन्होंने मितानिनों को मितानिन किट में ऑक्सीमीटर देने का भी सुझाव दिया। विकासखण्ड स्तर पर एम्बुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कोविड इलाज कर रहे निजी अस्पतालों की समय-समय पर बैठक लेकर इन पर नियंत्रण रखने के निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सक एवं दक्ष स्टाफ की संख्या बढ़ाने के लिये भी कहा। साहू ने पात्रता अनुसार लोगों के टीकाकरण में तेजी लाने कहा। जरूरतमंद व्यक्तियों का आयुष्मान एवं डॉ. खूबचंद बघेल योजना के तहत इलाज कराने के निर्देश दिए।
बैठक में डॉ. मित्तर ने बताया कि जिला अस्पताल एवं सिम्स में ऑक्सीजन बेड बढ़ाने के साथ-साथ चित्रकूट, प्रयास आवासीय विद्यालय, आयुर्वेदिक कॉलेज, बिल्हा, तखतपुर, कोटा रतनपुर एवं मस्तूरी में कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को कोविड उपचार की सुविधा मिल रही है। कोविड केयर सेंटर में मरीजों की देखभाल में कमी न हो इसलिए डीएमएफ एवं एसडीआरएफ मद से मानव संसाधन की व्यवस्था की गई है। जिले में 40 शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से कोविड मरीजों का उपचार किया जा रहा है। मंत्री साहू ने बेहतर रणनीति एवं उपचार के द्वारा कोविड संक्रमण पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई दी।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैरीश एस, एडीएम नुपूर राशि पन्ना, एसडीएम देवेन्द्र पटेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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बिलासपुर 18 मई। जांजगीर जिले के आरक्षक पुष्पराज सिंह की मौत की सीबीआई जांच कराने की मांग तूल पकड़ रही है। इसके लिए सोशल मीडिया पर पर चलाये जा रहे अभियान में पुलिस जवान भी उतर गए हैं। परिवार के लोगों ने कहा कि मजिस्ट्रेरियल जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है वे कम से कम सीबीआई जांच चाहते हैं।
ज्ञात हो कि बीते गुरुवार की रात जांजगीर में पदस्थ आरक्षक पुष्पेंद्र सिंह की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। पुलिस जांच के अनुसार देर रात तेज गति से स्कूटी में चल रहे आरक्षक की स्कूटी आंधी पानी के बीच सड़क पर गिर गई। सड़क पर एक तार टूटकर गिरा हुआ था, जिसमें उसकी गर्दन फंस गई, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
संयोग से एक दिन पहले ही आरक्षक ने सक्ती के थाना प्रभारी के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट डाली थी कि वह एक लाख रुपये की घूस लेकर जुआ का फड़ चलाने वालों का संरक्षण दे रहा है। पहले के पोस्ट में आरक्षक ने अपनी बर्खास्ती और सस्पेंड करने की धमकी मिलने की बात कही है। बीते साल एक पोस्ट उसने यह भी डाली थी कि यदि कभी भी उसकी जान जाती है तो इसके लिये एसपी जिम्मेदार होंगीं।
मृतक के भाई जगदीश सिंह ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि घटना के दिन शाम के समय पुष्पेंद्र ने उसे फोन करके अपनी जान का खतरा बताया था। उसने कहा था कि सक्ती थानेदार के खिलाफ उसके पास वीडियो में स्टिंग ऑपरेशन के सबूत हैं। रात में समिति वाले जुआ के अड्डे पर छापा भी मारने वाले हैं। उक्त परिस्थितियों को देखकर यह दुर्घटना प्रतीत नहीं होती बल्कि गहरी साजिश रचकर उसकी हत्या की गई है। पुष्पेन्द्र ने बीते दो तीन के भीतर पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और गड़बडिय़ों को लेकर कई पोस्ट की थी। इसके चलते उसे अपने सेवाकाल में 6 बार निलम्बित फिर बहाल भी किया गया है। यह भी जानकारी मिली है कि मई के पहले हफ्ते में एडिशनल एसपी ने पुष्पेन्द्र के खिलाफ जांच शुरू की है। जिसमे एक शिकायत यह भी है कि उसने मुलमुला थानेदार को थप्पड़ मारने वाले सिपाही की तारीफ की थी। दूसरी जांच उसके बिना विधिवत अवकाश लिये ड्यूटी में नहीं पहुंचने की शुरू की गई।
कुछ समय पहले पुष्पेंद्र सिंह ने फेसबुक में पोस्ट डाली थी जिसमें कहा था कि अगर मेरी जान जाती है तो इसके लिए जांजगीर की एसपी जिम्मेदार होंगी। परिजनों का कहना है कि लगातार पुलिस विभाग में व्याप्त गड़बडिय़ों को लेकर आवाज उठाने के कारण यह हादसा हुआ है और इसकी जांच एसडीएम से कराया जाना उन्हें मंजूर नहीं है। सीबीआई जांच से कम में वे नहीं मानेंगे। ज्ञात हो कि पुष्पेंद्र सिंह ने अपने एक साल का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में पिछले दिनों दान किया था जिसकी तारीफ मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने की थी। पुष्पेंद्र सिंह के समर्थन में उनके साथी के जवान सामने आए हैं और उन्होंने अपने हाथों में पोस्टर लेकर तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट की है जिसमें मांग की गई है कि आरक्षक पुष्पराज सिंह के आकस्मिक मृत्यु की सीबीआई जांच की जाए, ईमानदार आरक्षक पुष्पेंद्र सिंह को न्याय मिले। पुष्पेंद्र सिंह के परिजनों ने भी इसी तरह का अभियान चलाया है।
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बिलासपुर, 18 मई। बीते 24 घंटे के भीतर जिले में 224 नए संक्रमित मिले लेकिन मौतों का आंकड़ा बढ़ गया। इस दौरान 35 लोगों की मौत हो गई।
महामारी को लेकर बीते एक माह से अधिक समय से जारी लॉक डाउन का सकारात्मक परिणाम जिले में देखा जा रहा है। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन मौतों का आंकड़ा कम नहीं होने को लेकर चिंतित है। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर मौतें वेंटिलेटर सपोर्ट नहीं मिल पाने के कारण हो रही है। ऑक्सीजन बेड और सामान्य बेड जिले में पर्याप्त संख्या में हैं। सरकारी गोविंद केयर सेंटर और निजी अस्पतालों में यह बिस्तर खाली भी चल रहे हैं। बीते एक हफ्ते से मौतों का आंकड़ा 30 के नीचे चल रहा था, लेकिन सोमवार को फिर 35 मरीज मिले। मई महीने में इन्हें मिलाकर कोविड संक्रमण से 586 मरीजों की मौत हो चुकी है।
जिले में वैक्सीन लगाने की सरकारी इंतजाम पर्याप्त नहीं होने के कारण विशेषकर एपीएल श्रेणी के लोगों में नाराजगी दिखाई दे रही है। सीजी टीका ऐप में कल 600 लोगों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुआ था, लेकिन शहर के तीन केंद्रों में केवल 120 युवाओं को वैक्सीन लगाने का मौका मिल सका।हालांकि बीपीएल और अंत्योदय श्रेणी के लोगों को केंद्रों में पहुंचे सभी लोगों को टीके लगे। 45 प्लस वर्ग के 497 और 18 से 44 साल आयु वर्ग के 6022 लोगों को टीका लगाया गया। इस समय कोविशील्ड टीका तीन-चार दिनों के लिए उपलब्ध है इसके बाद नहीं खेप आने का अनुमान है।
जिले में ब्लैक फंगस की दस्तक ने जहां कोरोना से ठीक हुए मरीजों की चिंता बढ़ा दी है वहीं स्वास्थ्य विभाग को भी इसे लेकर अलर्ट हुआ है। कल शाम तक तीन मरीज सिम्स हॉस्पिटल में दाखिल कराए गए थे। रात में दो मरीज फिर भर्ती कराए गए। प्रशासन के निर्देश पर सिम्स प्रबंधन ने ब्लैक फंगस के उपचार के लिए डॉक्टरों की एक टीम मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ पंकज टेंभुर्णीकर के नेतृत्व में बनाई हैं।
जिले में लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों की मांग और लोगों की सुविधाओं को देखते हुए कुछ छूट बढ़ा दी गई है अब गोल बाजार शनिचरी बाजार सदर बाजार बुधवारी बाजार की किराना दुकानों में भी होम डिलीवरी की छूट शाम 4 बजे तक दी गई है और यही सुविधा शॉपिंग मॉल में स्थित किराना दुकानों को दी गई है।
जिले के मस्तूरी विकासखंड में जन सहयोग से कोविड केयर सेंटर प्रारंभ किया गया है। इसमें 15 ऑक्सीजन तथा 19 सामान्य बेड हैं। इसके साथ ही बिलासपुर प्रदेश का एक ऐसा जिला हो गया है जिसके सभी तहसीलों में कोविड केयर सेंटर चालू हो गए हैं।
बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और जीपीएम जिले से एक-एक मरीज कोरोना से स्वस्थ होने के बाद पीड़ित
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बिलासपुर 17 मई। सिम्स चिकित्सालय में ब्लैक फंगस, म्यूकर माइकोसिस के एक साथ तीन मामले सामने आने से हड़कम्प मच गया है। इनमें 35 और 40 दो महिलायें हैं, जो रतनपुर व जीपीएम जिले से हैं तथा एक जांजगीर जिले का पुरुष है। तीनों का इलाज आईसीयू में भर्ती कर शुरू किया गया है।
इसके पहले तखतपुर के भी एक युवक को बीते अप्रैल माह से ब्लैक फंगस की शिकायत आई थी। परिजन उसे सीधे रायपुर ले लगे थे। वहां से लौटने के बाद दुबार उसे फिर रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहां भी उसका आईसीयू में उसका इलाज चल रहा है। उल्लेखनीय है कि ब्लैक फंगस की छत्तीसगढ़ में इस समय दर्जनों मरीज सामने आ चुके हैं। इसके इलाज के लिये प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था करने का निर्देश राज्य सरकार की ओर से दिया गया गया है। कोरोना संक्रमित कुछ मरीजों में यह रोग उनके ठीक होने के बाद दिखाई दे रहा है। इस बीमारी से सिर, दांत व नाक में तेज दर्ज होता है तथा आंखों पर बुरा असर पड़ता है। कुछ मरीजों की एक आंख को ऑपरेशन कर निकाला भी गया है।
इस बीमारी में पोसाकोनाजोल और एंप्रो टेरिसिन बी की जरूरत पड़ती है जिसकी अभी सप्लाई नहीं है। इसके 50 से अधिक डोज मरीजों को लगाने की स्थिति बन सकती है। एक इंजेक्शन की कीमत 3500 रुपये से 5000 रुपये के बीच आती है। यहां के निजी मेडिकल स्टोर्स में भी यह उपलब्ध नहीं है क्योंकि पहले इसकी मांग नहीं रही है। औषधि निरीक्षक डॉ रवि गेंदले ने बताया कि दवा आने पर इसकी सप्लाई सिर्फ अस्पतालों में होगी यह मेडिकल स्टोर में सीधे खरीदी के लिए उपलब्ध नहीं होगा। सिम्स चिकित्सालय में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिये अलग वार्ड बनाया जा रहा है जिसे तीन दिन में तैयार कर लेने की बात कही गई है। सिम्स चिकित्सालय में एक अलग वार्ड तैयार किया जा रहा है जिसमें ब्लैक फंगस के मरीजों ही ही का ही उपचार होगा। इसके दो तीन में तैयार हो जाने की बात कही जा रही है।
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बिलासपुर 16 मई। गौरेला पुलिस ने एक निर्माणाधीन कोल्ड स्टोरेज के मैनेजर और चौकीदार के खिलाफ एक बेकसूर युवक की पिटाई कर बंधक बनाने के आरोप में अपराध दर्ज किया है।
अंजनी इंडस्ट्रियल एरिया में गोपाल अग्रवाल के निर्माणाधीन कोल्ड स्टोरेज के पास सांवतपुर का मोना उर्फ राजेश ठाकुर 15 मई को घूम रहा था। उसे संदेहास्पद स्थिति में देखकर गोदाम के चौकीदार अविनाश बघेल और मैनेजर तीरथ प्रसाद सोनवानी ने पकड़ लिया। दोनों ने इस पर चोरी का आरोप लगाया और मुक्के और डंडे से उसके साथ मारपीट की। राजेश ठाकुर को कई जगह चोट पहुंची। आरोपियों ने उसे बांधकर झोपड़ीनुमा एक मकान में बैठा कर रख दिया। सूचना मिली तो वहां पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी पहुंची। युवक को तुरंत छुड़ाया गया। वह घायल हो चुका था। उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
जांच पर पुलिस ने पाया कि युवक राजेश ठाकुर घर पर अकेले था। उसकी मां अस्पताल गई हुई थी और रात में घूमते-फिरते वह निर्माणाधीन अनाज भंडार गोदाम की तरफ चला गया था। पीड़ित की मां सीता बाई की रिपोर्ट पर आरोपी अविनाश बघेल व तीरथ कुमार सोनवानी के खिलाफ धारा 342, 323, 34 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार ने कहा कि कानून की नजर में सब बराबर हैं। किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। यदि ऐसा कोई करता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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बिलासपुर 16 मई। सरकंडा पुलिस ने गौ हत्या प्रतिषेध नियम और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 15 मई को पुलिस को शिकायत मिली कि मुरूम खदान अटल आवास के पास कासिम खान और उसके साथी ने मिलकर एक बछड़े की हत्या कर दी है।
थाना प्रभारी जयप्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में टीम ने आरोपियों की तलाश शुरू कीय़ एक आरोपी कासिम खान को मसानगंज क्षेत्र से उसके रिश्तेदार के यहां से गिरफ्तार कर लिया गया। उसके दूसरे साथी सोनू केवट को भी चांटीडीह से गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों ने बताया कि 14 मई की रात उन लोगों ने एक बछड़े की गला रेत कर हत्या कर दी। पकड़े जाने के डर से शव को एक स्कूटी में लोड करके ले गये और अलग-अलग स्थानों में छुपा कर भाग गए। पुलिस ने क्षत-विक्षत शव भी बरामद किया है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ने 93 करोड़ 70 लाख की लागत से अरपा के दोनों और सड़क निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य का वर्चुअल शिलान्यास किया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 16 मई। अरपा नदी बिलासपुर का गौरव होने के साथ साथ छत्तीसगढ़ का भी गौरव है। यह प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान है। छत्तीसगढ़ का राज्य गीत अरपा के उल्लेख से शुरू होता है। नदी को फिर से प्रवाहमयी बनाने के लिए जरूरी कदम उठाये गए है और आगे भी लगातार काम करते रहेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 93 करोड़ 70 लाख की लागत से आज अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन कार्य का शिलान्यास करते हुए बात कही।
शिलान्यास कार्यक्रम वर्चुअली रूप से आयोजित किया गया । बिलासपुर के सिंचाई कार्यालय परिसर स्थित प्रार्थना सभा भवन में आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल, लोक निर्माण, गृह, जेल, धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया वर्चुअली शामिल हुए।
बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोरोना काल ने हमारे समक्ष गंभीर चुनौतियां खड़ी की। हम सबने इसका सफलतापूर्वक सामना किया और नियंत्रित करने में सफल रहे। उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सामान्य होगा। बिलासपुर में भी तेजी से सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को हम सबको गंभीरता से लेकर सावधान रहना है। प्रदेश में कोविड टीकाकरण तेजी से हो रहा है। लेकिन इसके बाद भी हमें मास्क पहनना है और सोशल डिस्टेंस रखना है। महामारी के दौरान भी आर्थिक चुनौतियों से निपटने में भी हम सक्षम रहे है। सरकार ने शुरू से ही ऐसी योजनाएं बनाई जिससे जीवन बेहतर हो। कोरोना काल में गैर जरूरी खर्चों पर लगाम लगाने के लिए मितव्ययता बरती जा रही है किन्तु विकास कार्य नहीं रुकेंगे। नागरिक जरूरतों पर खर्च प्राथमिकता से किए जाएंगे। बिलासपुर में लंबे समय से अरपा को लेकर जो मांग थी और यहां के जनता से जो वादे किये गये थे वह पूरा किया जा रहा है। बघेल ने कहा कि अरपा के साथ-साथ नदी के दोनों और बनाये जा रहे सड़क भी बिलासपुर के गौरव में शामिल हो ऐसा यह सड़क बनाया जाएगा।
जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बिलासपुर में अरपा नदी के विकास के लिए जो परिकल्पना की थी उसका शुभांरभ आज हो रहा है। अरपा शब्द हमारी संस्कृति एवं सम्मान से जुड़ा है। बघेल के नेतृत्व में कोरेाना काल में सभी योजनाओं का संचालन करते हुए कोरोना प्रबंधन सफलतापूर्वक किया गया। उन्होंने अरपा नदी के दोनों और सड़क निर्माण को गुणवत्तापूर्ण और निर्धारित समय में पूर्ण करने के निर्देश बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों को दिए।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल की सोच है कि राज्य की नदियों का विकास हो। इसी का परिणाम है कि अरपा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए योजना बनाई गई, जिससे बिलासपुर का जल स्तर बढे़गा। उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था के लिए 20 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए है। पुरानी परियोजनाओं का कार्य भी शीघ्र पूर्ण हो जिससे बिलासपुर के निवासियों का इसका लाभ मिले।
प्रार्थना सभा भवन में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित संसदीय सचिव रश्मि सिंह ने कहा कि अरपा के सूखने से शहर का जल स्तर नीचे चला जाता था लेकिन अरपा विकास परियोजना के तहत शिवघाट और पचरीघाट में बैराज निर्माण से जल स्तर सुधरेगा। बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ने कहा कि बिलासपुर के लोगों की बरसों पुरानी मांग पूरी हुई है। कोरोना काल में भी मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ में विकास का पहिया रुकने नहीं दिया। महापौर रामशरण यादव ने कहा कि नदी के दोनों और सड़क बनने से यातायात का दबाव कम होगा और नेहरू चौक से दोमुहाने तक सुगम यातायात होगा।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने स्वागत उद्बोधन दिया और अरपा विकास परियोजना की विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री बघेल ने रिमोट के माध्यम से शिलान्यास के शिलालेख का अनावरण किया। आभार प्रदर्शन नगर निगम आयुक्त अजय त्रिपाठी ने किया।
इस अवसर पर संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग, आईजी रतनलाल डांगी, पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, नगर निगम के सभापति शेख नजरूद्दीन, अटल श्रीवास्तव, प्रमोद नायक, जिला प्रशासन एवं नगर निगम के अधिकारी तथा अन्य उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 15 मई। जिला प्रशासन द्वारा कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस की बीमारी को लेकर सावधानी बरतने की अपील की गई है। कलेक्टर द्वारा होम आईसोलशन में रहकर आक्सीजन सिंलेडर, वेनटिलेटर का उपयोग करने वाले मरीजों को इसका ध्यान रखते हुए किसी भी प्रकार की समस्या होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में तत्काल संपर्क करने की अपील की गई है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में इसके इलाज की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश के कुछ जिलों में यह बीमारी देखी जा रही है जो काफी लम्बे समय से ऑक्सीजन सिंलेडर उपयोग करते हैं। जिले के कोविड केयर सेंटर और होम आईसोलेशन में रहने वाले ऐसे कोरोना संक्रमित मरीज जिनके द्वारा आक्सीजन सिंलेडर, वेन्टिलेटर का उपयोग किया जा रहा है उनके लिए पानी की मात्रा का नियमित निगरानी करते हुए प्रतिदिन पानी बदलना आवश्यक है।
स्वास्थ्य विभाग ने पीड़ित मरीजों के उपचार हेतु राज्य के तकनीकी समिति के विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित स्टैन्डर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों को जारी किया है।
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) एक फंगल संक्रमण है। यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जो दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित है और दवाईयां ले रहे हैं। इससे उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता प्रभावित होती है। यदि व्यक्ति के शरीर में यह फंगस सूक्ष्म रूप में शरीर के अन्दर चला जाता है तो उसके साइनस या फेफड़े प्रभावित होंगे जिससे गम्भीर बीमारी हो सकती है। यदि इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह घातक हो सकती है।
यह बीमारी कोविड-19 मरीजों में जो डायबीटिक मरीज हैं या अनियंत्रित डायबीटिज वाले व्यक्ति को, स्टेरोईड दवाईयां ले रहे व्यक्ति को या आई.सी.यू. में अधिक समय तक भर्ती रहने से यह बीमारी हो सकती है।
बीमारी के लक्षणों में आंख, नाक में दर्द और आंख के चारों ओर लालिमा, नाक का बंद होना, नाक से काला या तरल द्रव्य निकलना, जबड़े की हड्डी में दर्द होना, चेहरे में एक तरफ सूजन होना, नाक/तालु काले रंग का होना, दांत में दर्द, दांतों का ढ़िला होना, धुंधला दिखाई देना, शरीर में दर्द होना, त्वचा में चकते आना, छाती में दर्द, बुखार आना, सांस की तकलीफ होना, खून की उल्टी, मानसिक स्थिति में परिवर्तन आना है।
धूल भरे स्थानों में मास्क पहनकर, शरीर को पूरे वस्त्रों से ढंक कर, बागवानी करते समय हाथों में दस्ताने पहन कर और व्यक्तिगत साफ-सफाई रख कर ब्लैक फंगस से बचा जा सकता है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 14 मई। 18 प्लस एपीएल श्रेणी के लिये कोविड टीका उपलब्ध नहीं होने से लोगों को निराश होना पड़ रहा है। गुरुवार रात को सूचना निकाली गई कि पहले आओ पहले पाओ आधार पर शुक्रवार को उपलब्ध वैक्सीन एपीएल श्रेणी को लगाई जाएगी। सुबह से निर्धारित टीम टीकाकरण केंद्रों में लोगों की भीड़ जमा होने लग गई। सुबह 5-6 बजे तक टोकन बंट गये पर लोगों का दोपहर तक जारी रहा। गेट पर तैनात पुलिस उन्हें अगले दिन का आश्वासन देकर लौटाने में लगी हुई थी पर नगर-निगम की ओर से कल 15 मई को टीके लगाने के लिये कोई आदेश जारी नहीं किया गया।
बिलासपुर शहर में टीकाकरण का दायित्व नगर-निगम को सौंपा गया है। शहर के शासकीय हायर सेकेन्डरी स्कूल शंकर नगर, तिफरा और बर्जेश स्कूल स्कूल में एपीएल टीकाकरण केंद्र तीन दिन बंद रखने के बाद आज फिर खोले गये। टीका लगवाने के लिये इन केन्द्रों में लोगों ने सुबह 4 बजे से लाइन लगा ली थी। जो व्यवस्था नगर निगम ने की उसके चलते उन लोगों की भीड़ भी यहां इकट्ठी हुई जिनकी बारी नहीं आनी थी। सुबह 5 बजे से टोकन बांटना शुरू किया गया। 150 टोकन बांटने के बाद कर्मचारियों ने कह दिया कि आज इतने ही टीके लगेंगे। बाकी को कहा गया कि कल आयें। मगर कल टीका लगेगा या नहीं इस बारे में नगर निगम ने आज रात 8 बजे तक कोई घोषणा नहीं की थी।
ज्ञात हो 9 मई से 2 दिन के लिए एपीएल श्रेणी के टीके के लिए नगर निगम के पास वैक्सीन पहुंची थी। उसके बाद 3 दिन टीकाकरण बंद रहा। आज फिर टीके लगाए गए लेकिन टीकों की संख्या बहुत कम थी। दूसरी ओर बीपीएल और अंत्योदय के लिए आरक्षित पीके इन श्रेणियों के लिए निर्धारित किया गया अलग-अलग केंद्रों में लगाए गए।
मुंगेली जिले में बिलासपुर से ज्यादा नये संक्रमित मिले
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 मई। जिले में गुरुवार को 432 में नये संक्रमितों का पता चला और 27 मरीजों की मौत हो गई। संक्रमण का यह आंकड़ा लॉकडाउन के बाद सबसे कम है। वहीं मौतों की संख्या भी बीते पांच दिनों से 30 के आसपास चल रही है।
अलबत्ता बुधवार को सिर्फ 2140 लोगों की टेस्टिंग हुई। अप्रैल के आखिरी सप्ताह और मई के पहले हफ्ते में तीन हजार से 35 सौ जांच हो रही थी। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लक्षण नहीं दिखने के कारण कम लोग टेस्ट के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। इस बीच ग्रामीण इलाकों में कोरोना के मामले अधिक आ रहे हैं। बिल्हा से 41, कोटा से 87 और तखतपुर से 39 संक्रमित मिले हैं। मस्तूरी से अपेक्षाकृत कम 13 नए केस मिले।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़े में बताया गया है कि जिले में 12 मई तक 60 हजार 943 संक्रमित मिले हैं जिनमें से 54 हजार 101 स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें 48 हजार 565 लोगों ने होम आइसोलेशन पर इलाज कराया। दी इस तरह से जिले में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 89 प्रतिशत है। 12 मई को की स्थिति में यहां 5719 सकरी मरीज दर्ज किए गए, जो अप्रैल माह में इसके दुगुने से भी ज्यादा थी।
अपेक्षाकृत आबादी वाले संभाग के मुंगेली जिले में कोरोना संक्रमण कम नहीं हो रहा है। बुधवार को यहां 445 मामले सामने आये जो बिलासपुर से अधिक है। इनमें सर्वाधिक केस 172 मुंगेली तहसील से हैं। जिले में संक्रमण का यह आंकड़ा पिछले दिनों से कम है, जब 500 से 600 के बीच केस आ रहे थे। तीन और मौतों के साथ अब तक मुंगेली जिले में कोरोना से 133 की मौत हो चुकी है।
23 अप्रैल तक जारी रहेगा लॉकडाउन
घटते हुए प्रकरणों के बावजूद कोरोना पर काबू पाने के लिये 14 अप्रैल से जारी लॉकडाउन में और विस्तार किया जाएगा। यह अभी 16 मई की रात्रि तक लागू है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन 23 मई तक लागू रहेगा और इस दौरान अत्यावश्यक सेवा की दुकानों को दोपहर 2 बजे की जगह शाम 4 बजे तक खोलने का फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा बारी-बारी जरूरत की अन्य दुकानों को भी खोला जायेगा।
रतनपुर में कोविड केयर सेंटर शुरू
जिले के रतनपुर स्थित महामाया मंदिर में 30 बिस्तर ऑक्सीजन सपोर्ट बिस्तर को भी अस्पताल आज प्रारंभ हो गया। इसकी स्थापना मंदिर ट्रस्ट ने की है तथा जन सहयोग से इसका संचालन किया जायेगा। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीजों को इस सेंटर से लाभ होगा। प्रशासन की ओर से चिकित्सक और स्टाफ भी उपलब्ध कराए जाएंगे। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर, ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान व अन्य जनप्रतिनिधियों ने इस सेंटर का कल उद्घाटन किया।
कार्रवाई के खिलाफ उतरा आईएमए
जिले की आईएमए इकाई ने कृष्णा और स्टार चिल्ड्रन अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई कार्रवाई का विरोध करते हुए सीएमएचओ डॉ प्रमोद महाजन से उनके ऑफिस में मुलाकात की। डॉक्टरों का कहना था कि कोई भी चिकित्सक मरीज की जानबूझकर जान नहीं लेता। शवों को बंधक बनाने की बात गलत है। जो कोविड मरीज आते हैं वे हार्ट, शुगर आदि दूसरी बीमारियों से भी पीडि़त रहते हैं। इसके इलाज में खर्च बढ़ जाता है। इसलिए बिलिंग में गड़बड़ी करने का आरोप भी गलत है। ज्ञात हो कि स्टार हॉस्पिटल में एक परिजन ने शव को ढाई लाख रुपए का भुगतान नहीं होने के कारण रोकने की शिकायत की थी, जिसके बाद नोडल अधिकारियों की टीम ने वहां पहुंच कर शव को परिजनों के सुपुर्द कराया था। इसके अलावा अपोलो में भी एक परिजन का आरोप था कि बच्चेदानी के ऑपरेशन के लिए गई महिला का 11 लाख रुपए बिल बना दिया गया। उसकी मौत हो गई और अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना मरीज होने की बात छिपाई। मुंगेली रोड स्थित कृष्णा हॉस्पिटल में भाटापारा के एक मरीज की मौत हो गई थी जिस पर परिजनों का आरोप था कि ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर देने के कारण जान गई है। कृष्णा हॉस्पिटल को कोविड का इलाज करने से रोक दिया गया है।
एक दिन पहले ही टीआई पर लगाया था घूस लेकर फड़ चलाने का आरोप, सीएम फंड में एक साल का वेतन डालकर आया था चर्चा में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 मई। जांजगीर-चांपा जिले में बीती रात एक आरक्षक पुष्पराज सिंह की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने उसकी हत्या का आरोप लगाया है। आरक्षक पहली बार तब चर्चा में आया था जब उसने अपने अधिकारियों पर अंडरवियर धुलवाने का आरोप लगाया था। हाल ही में मुख्यमंत्री सहायता कोष में अपने एक साल वेतन का दान कर दिया था। जिसकी मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर प्रशंसा भी की थी।
उसने अधिकारियों के भ्रष्टाचार को कई बार उजागर किया। सस्पेंड करने और बर्खास्त करने की धमकी मिलने की जानकारी भी सोशल मीडिया पर दी थी। एसपी से अपनी जान को खतरा भी बताया था।
अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक मूलत: मुंगेली के पास ग्राम मदनपुर के रहने वाले कांस्टेबल पुष्पराज सिंह की तैनाती इस समय सक्ती में थी। बीती रात करीब 12.30 बजे अपनी स्कूटी सहित सडक़ पर गिरा हुआ मिला उसके शरीर पर बिजली के तार लिपटे हुए थे और गले में भीतर भी तार उलझा हुआ था। घटना देसी शराब दुकान के पास की है और इसकी सूचना पुलिस के मुताबिक दुकान के गार्ड से उन्हें मिली। पुलिस की जांच के अनुसार तेज रफ्तार स्कूटी से पुष्पराज गिरा और उसके गले में सडक़ पर बिखरे तार से फंस गया। दम घुटने से उसकी मौत हो गई।
दूसरी तरफ इनके परिवार वालों का कहना है कि उसकी हत्या की गई है। उसके भाई गुड्डू सिंह ने कहा है कि पुष्पराज पुलिस विभाग के अधिकारियों और गृह मंत्री तक के खिलाफ कई पोस्ट किए हैं। सक्ती थाना प्रभारी के खिलाफ उसने आरोप लगाया था कि लॉकडाउन के दौरान सिलनी गांव में जुए का फड़ चलवाने के लिये 1 लाख रुपये महीने घूस ले रहे हैं। यह पोस्ट अब डिलीट हो गया है।
पुष्पराज के परिवार वालों का कहना है कि इसी तरह की विवाद के चलते उसकी हत्या की गई है। एक ही दिन पहले पुष्पराज साहू ने फेसबुक पर पोस्ट लिखा था कि उसे बर्खास्त या सस्पेंड कर देने की धमकी मिल रही है। पुष्पराज ने एक साल पहले पोस्ट डाला था की अगर उसकी मृत्यु होती है तो इसके लिए एसपी जिम्मेदार होंगे। कल की पोस्ट में उसने लिखा था की ताकत है तो सस्पेंड बर्खास्त करके बताओ, पहले भी छह बार सस्पेंड और बर्खास्त हो चुके हैं।
सबसे पहले पुष्पराज सिंह की चर्चा तब हुई थी जब तीन साल पहले उसने पुलिस अधिकारियों पर अंडरवियर धुलवाने का आरोप लगाते हुए यह काम करने से मना कर दिया था। उसे अब तक 6 बार सस्पेंड किया जा चुका है। एक बार बर्खास्त करने की कार्रवाई भी शुरू की गई थी, जिस पर उसे कोर्ट से स्थगन मिल गया था। एक एसपी ने उसकी तलाशी के लिये थानों को नोटिस भी जारी किया था।
कृषि, इलेक्ट्रिकल, रिपेयरिंग शॉप, मिस्त्री को भी शाम 4 बजे तक व्यवसाय की अनुमति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 14 मई। जिले में लॉकडाउन की अवधि 24 मई तक प्रभावी कर दिया गया है। इस बार गली मोहल्लों की किराना दुकानों को शाम 4 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है पर स्थायी बाजार की दुकानों को नहीं खोला जा सकेगा। जरूरत की दुकानों व रिपेयरिंग शॉप को भी शाम 4 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है।
जिला प्रशासन द्वारा आज दोपहर जारी आदेश में कहा गया है कोरोना महामारी से बचाव के लिये लागू लॉकडाउन के बाद नये संक्रमण की संख्या में कमी आई है पर इससे होने वाली मौतें अब भी चिंताजनक है। संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिये लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने की आवश्यकता है। ज्ञात हो कि कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए बीते 14 अप्रैल से जिले में लॉकडाउन लागू है। पहले इसे 21 अप्रैल तक फिर 26 अप्रैल और उसके बाद 16 मई की आधी रात तक लागू किया गया। इस बार भी पेट्रोल पंप, अस्पतालों, मेडिकल दुकानों, क्लीनिक, पशु चिकित्सालय व गैस एजेंसियों को पहले की तरह खुला रखने की अनुमति दी गई है। साथ ही सभी प्रकार की थोक व फुटकर दुकानें बंद रहेंगी। आवश्यक वस्तुओं की माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गोडाउन और मंडियों में लोडिंग और अनलोडिंग की अनुमति सुबह 4 बजे से 10 बजे तक दी गई है जो अभी सुबह 7 बजे तक थी। फल सब्जी होम डिलीवरी दोपहर 2 बजे तक मिनी ट्रक और अन्य के माध्यम से की जा सकेगी। मोहल्लों, कॉलोनियों में स्थित एकल किराना दुकानों को शाम 6 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है, लेकिन स्थापित बाजार, शॉपिंग मॉल में दुकानें नहीं खोली जा सकेगी। ऑनलाइन एप्लीकेशन के माध्यम से सुबह 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक रेस्टोरेंट और होटल होम डिलीवरी कर सकेंगे। इन हाउस डाइनिंग और टेक अवे अभी भी प्रतिबंधित रखा गया है।
वाहन मरम्मत, पंचर सुधार, ऑटो पार्ट्स, स्टेशनरी, लॉन्ड्री सर्विस, आटा चक्की, चश्मा दुकान, निर्माण सामग्री की दुकानें, रिपेयरिंग की दुकाने, पेट शॉप, एक्वेरियम, कृषि व कृषि उपकरणों से संबंधित दुकानें तथा कृषि की रिपेयरिंग शॉप शाम 6 बजे तक संचालित की जा सकेंगी। वाहन की बिक्री के लिए शो रूम नहीं खुलेंगे लेकिन रिपेयरिंग वर्कशॉप खोले जा सकेंगे। दूध का वितरण भी दूध पार्लर से अब सुबह 7 बजे से अब सुबह 11 बजे तक किया जा सकेगा। शाम का समय यथावत 5 बजे से शाम 6.30 तक रखा गया। है एयर कंडीशनर, कूलर फिटिंग की होम सर्विस देने की अनुमति दी गई है। शाम 4 बजे तक इनकी होम डिलिवरी की जा सकेगी। प्लम्बर और इलेक्ट्रिशय को भी इस अवधि में होम सर्विस की सुविधा दी गई है।
एक्टिव मरीज भी घटकर 719 हुए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 13 मई। जिले में कोविड संक्रमित 54 हजार 101 मरीज स्वस्थ हो चुके है, जो कुल संक्रमितों में लगभग 89 प्रतिशत है। होम आईसोलेशन में रहते हुए 48 हजार 562 लोगों ने कोरोना को मात दी है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर ने बताया कि जिले में कोरेाना संक्रमण की शुरूआत से लेकर 12 मई 2021 तक कुल 60 हजार 943 व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हुए। इनमें 36 हजार 68 पुरूष और 24 हजार 335 महिला शामिल है। ग्रामीण क्षेत्र में 21 हजार 722 संक्रमित लोगों में से 18 हजार 676 मरीज स्वस्थ हुए। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में 39 हजार 221 संक्रमित में 35 हजार 425 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। 12 मई को 790 संक्रमित स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। होम आईसोलेशन में रहने वाले 53 हजार 472 संक्रमितों में से 48 हजार 562 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि जिले में अभी 5 हजार 719 एक्टिव केस हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों के 2 हजार 796 और शहरी क्षेत्र के 2 हजार 923 केस शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड बिल्हा में संक्रमित 6 हजार 562 लोगों में से 5 हजार 744 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। कोटा विकासखण्ड में 5 हजार 599 संक्रमितों में से 4 हजार 757 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। मस्तूरी विकासखण्ड के 6 हजार 82 संक्रमितों में से 5 हजार 370 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। तखतपुर विकासखण्ड अंतर्गत 3 हजार 479 संक्रमितों में से 2 हजार 850 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं।
इसी तरह शहरी क्षेत्र अंतर्गत बोदरी नगर पंचायत में 168 संक्रमितों में से 150 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। नगर निगम बिलासपुर अंतर्गत 38 हजार 513 संक्रमितों में से 34 हजार 817 स्वस्थ हो चुके हैं। अन्य जिलों के व्यक्ति जो यहां के अस्पतालों में भर्ती है उनमें 540 संक्रमितों में से 458 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके।
कोविड रिपोर्ट के अनुसार 12 मई की स्थिति में बिलासपुर में 5 हजार 719 सक्रिय केस में से 4 हजार 902 संक्रमित होम आईसोलेशन में हैं। होम आईसोलेशन में रहने वाले 53 हजार 472 संक्रमितों में से 48 हजार 562 व्यक्ति स्वस्थ हो गए। जिले के शासकीय कोविड अस्पताल में 1344 संक्रमित भर्ती किये गये थे, जिनमें 1134 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गए। अभी 70 मरीज अस्पताल में भर्ती है। चित्रकूट छात्रावास में बनाये गये कोविड केयर सेंटर में 1162 संक्रमितों में से 1096 व्यक्ति स्वस्थ हुए। रेलवे कोविड अस्पताल में 642 संक्रमितों में से 510 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। इसी तरह एम्स रायपुर में भर्ती जिले के 180 मरीज डिस्चार्ज हुए और मेकाहारा रायपुर में जिले के 82 व्यक्ति स्वस्थ हुए। एनटीपीसी हॉस्पिटल में 13 मरीज डिस्चार्ज हुए। सिम्स बिलासपुर से 214, सीआरपीएफ भरनी के कोविड अस्पताल से 136, प्रयास आवासीय विद्यालय कोविड केयर सेंटर से 209, सेंदरी मेंटल हॉस्पिटल कोविड केयर सेंटर से 122 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।
निजी अस्पतालों में महादेव हॉस्पिटल से 121, आरबी हॉस्पिटल से 104, श्री राम केयर हॉस्पिटल से 279, किम्स हॉस्पिटल से 43, स्काई हॉस्पिटल से 37, एसकेबी हॉस्पिटल से 29, केयर एंड क्योर हॉस्पिटल से 79, नारायणी हॉस्पिटल से 95, सांई हार्ट हॉस्पिटल से 20 और लाईफ केयर हॉस्पिटल से 17 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। इसी तरह अन्य अस्पतालों से 609 संक्रमित स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।
लाखों का बिल वसूलने शव रोक बनाया दबाव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 मई। स्वास्थ्य विभाग ने इलाज में लापरवाही से मौत और ज्यादा बिल बनाने की शिकायत पर तीन अस्पतालों के खिलाफ जांच शुरू की है। इनमें से एक अस्पताल को कोविड मरीजों का इलाज प्रतिबंधित भी किया गया है।
बुधवार को अपोलो अस्पताल में भर्ती 34 वर्षीय तस्लीम बेगम की मौत हो गई। उसे 22 अप्रैल को बच्चेदानी में तकलीफ आने पर भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि 3 दिन बाद ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर ने बताया था कि उसकी तबीयत ठीक है। उसके बाद कहा गया कि कोविड के चलते वह अस्पताल में न पहुंचे। उसे वीडियो कांफे्रंस से बातचीत कराई जायेगी। वीडियो कांफे्रंस में लगातार उनके पति मोहम्मत इमरान द्वारा पूछा जाता रहा कि उसकी तबियत में उसे सुधार दिख रहा है या नहीं। जब उसने कहा कि वह ऑक्सीजन पर है कुछ सुधार नहीं दिखाई दे रहा है, तब उससे बात कराना बंद करा दिया गया। इस बीच उससे 2 लाख 25 हजार रुपये जमा भी करा लिए गए थे। एक हफ्ते तक कोई अपडेट नहीं दिये जाने पर वे अपोलो गये तो बताया गया कि बच्चेदानी का ऑपरेशन तो ठीक हो गया पर वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई है इसलिये उसे कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया है। इसकी शिकायत भी उन्होंने अतिरिक्त कलेक्टर से की कि आखिर उससे कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से बात छिपाई क्यों जा रही है। इस बीच उससे 9 लाख रुपये का बिल और मांगा गया। यह भी कहा गया कि यदि आप यह रकम जमा नहीं करते हैं तो इलाज बंद कर दिया जायेगा। उसकी जानकारी के बगैर इलाज किया गया और अस्पताल प्रबंधन बिल बढ़ाता रहा। बुधवार को अचानक उसे फोन किया गया कि मरीज का पल्स जीरो चला गया है और उसकी मौत हो गई है। सीएमएचओ के हस्तक्षेप के बाद मरीज के शव को छोड़ा गया है। स्वास्थ्य विभाग पीडि़त की शिकायत पर जांच कर रहा है। अपोलो के पीआरओ ने कहा कि इलाज के अनुसार बिल बनाया गया है। महिला के पति द्वारा कही जा रही बात गलत है जांच से सब सामने आ जायेगा।
दूसरी शिकायत स्टार चिल्ड्रन हॉस्पिटल अग्रसेन चौक की है। यहां पर 11 मई को लोरमी के श्रवण कुमार चौहान की मौत हो गई। उसे 15 दिन पहले भर्ती कराया गया था। भर्ती के बाद उसके परिजनों से 2.40 लाख रुपये जमा कराये जा चुके थे। 11 मई को परिजनों को फोन करके बताया गया कि श्रवण कुमार की मौत हो गई है। उसे ढाई लाख रुपये देकर शव ले जाने कहा गया। फोन पर उससे यह भी कहा गया कि बिल का भुगतान किये बगैर उसे शव ले जाने को नहीं दिया जायेगा। परिजनों ने इसकी शिकायत सीएमएचओ से की।
कोविड के नोडल अधिकारियों की टीम ने अस्पताल में जाकर मरीज के इलाज से सम्बन्धित बिल की जांच की तो पाया कि शासन द्वारा निर्धारित दर से ज्यादा बिल बनाये गये अनावश्यक दवाओं व जांच की बात भी सामने आई। नोडल अधिकारियों के हस्तक्षेप से शव परिजनों के सुपुर्द किया गया। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का आरोप है कि जांच दल ने बिल की शेष राशि छोडऩे के लिये कहा। जबकि उन्होंने 15 दिन वेंटिलेटर में इलाज किया और शासन की तय राशि ही ली।
स्वास्थ्य विभाग ने नोडल अधिकारी की रिपोर्ट व अस्पताल प्रबंधन से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मुंगेली रोड स्थित कृष्णा हॉस्पिटल के खिलाफ भी जांच शुरू की है। भाटापारा निवासी कौशल कुमार की बीते 2 मई को यहां मौत हो गई थी। परिजनों का कहना है कि अस्पताल के स्टाफ ने जान बूझकर ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी जिसके चलते उसकी जान गई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 12 मई। आज शाम आए आंधी-तूफान से शहर में कई जगह पर पेड़ और डालियां गिर गईं। मुंगेली नाका के पास एक पुराना पीपल पेड़ टूटने से नीचे से एक कार चपेट में आ गई। कार चालक ने फुर्ती से सीट पीछे कर ली जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई। शहर के अन्य इलाकों में भी पेड़ गिरने और तार टूटने की जानकारी है। कल शाम भी शहर में बारिश हुई थी जिसके बाद कुछ इलाकों में पानी भी भर गया। आज हाईटेंशन तार टूटने के चलते नेहरू नगर, मंगला चौक, 27 खोली, गंगा नगर व आसपास की कॉलोनी में 2 घंटे बिजली बंद रही। सुबह भी आंधी पानी के बाद कई इलाकों में शहर की बिजली गुल थी।
डीन ने स्टाफ के अधिकारियों-कर्मचारियों को दी बधाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 11 मई। सिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग स्थित लैब में कोविड-19 के 2 लाख नमूनों की जांच आज पूरी कर ली गई। इनमें 17 हजार 704 पॉजिटिव और एक लाख 79 हजार 115 नेगेटिव रिपोर्ट शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 1 अगस्त 2020 से सिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में आरटीपीसीआर जांच शुरू की गई थी, तब से लेकर आज तक सीमित संसाधनों और स्टाफ के साथ निरंतर कार्य करते हुए यह लक्ष्य हासिल किया गया है। शुरुआत 13 सैंपल से की गई थी। सिम्स लैब में अगस्त 2020 से 21 जनवरी 2021 तक एक लाख सैंपल्स की जांच पूरी की गई थी। इसके बाद अगले एक लाख सैंपल बीते 4 महीनों में लिए गए।
सिम्स के चिकित्सकों ने कहा कि यह लैब में कार्यरत अधिकारी, वैज्ञानिक, तकनीशियन, लैब सहायक व डाटा ऑपरेटर के अथक परिश्रम और समर्पण से संभव हो सका। संस्था के वायरोलॉजी लैब प्रभारी डॉ. रेखा बारापात्रे व विभाग प्रमुख डॉ. सागरिका प्रधान में इन्हें निरंतर प्रोत्साहित किया। सिम्स की अधिष्ठाता डॉ. तृप्ति नगरिया ने इस उपलब्धि के लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। इस उपलब्धि में प्रारंभ से ही डॉ. ज्योत्सना दुबे, डॉ. अंजू श्रीवास्तव, डॉ. रश्मिका दवे, डॉ. विनोद टंडन व डॉ. प्रियंका पल्लवी का विशेष योगदान रहा। सिम्स को अजीज प्रेम जी फाउंडेशन द्वारा एक आरटीपीसीआर मशीन और दी गई है जिससे आने वाले दिनों में कोविड जांच में और तेजी आएगी।
सकारात्मक काउंसलिंग सहित सोशल मीडिया के माध्यम से शुरू किया जागरूकता अभियान
बिलासपुर, 11 मई । राज्यपाल अनुसुइया उइके के निर्देश पर डॉ. सी वी रामन विश्वविद्यालय के द्वारा लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करने विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवि प्रकाश दुबे की अध्यक्षता में टीम गठित की गई है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारी, प्राध्यापक, एनसीसी व एनएसएस के विद्यार्थियों के साथ टेक्निकल टीम कार्य कर रही है।
कुलपति प्रो. दुबे ने कहा है कि राज्यपाल के निर्देश पर अलग-अलग 5 टीम बनाई गई है। यह टीम ग्रामीण अंचल व कस्बों को केंद्रित कर सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक करने का कार्य कर रही है। इसके साथ विद्यार्थी बैनर, पोस्टर, वीडियो, संदेश व शॉर्ट फिल्म के माध्यम से जागरूकता अभियान चला रहे हैं। दुबे ने बताया कि मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग, का पालन करने बार बार हाथ धोने, आसपास को सनराइज करने, वैक्सीनेशन, सहित अन्य सावधानियों के लिए भी सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, टि्वट, विश्व विद्यालय की वेबसाइट में प्रचार प्रसार किया जा रहा है। प्रो. दुबे ने बताया कि विश्वविद्यालय के प्राध्यापक विद्यार्थियों को ऐसे कठिन समय में पॉजिटिव काउंसलिंग भी दे रहे हैं। यूट्यूब में वीडियो लेक्चर के माध्यम से ऐसे कठिन समय में बिना किसी डिप्रेशन में जाए, सकारात्मक ऊर्जा के साथ पढ़ाई में बने रहने, मन को एकाग्र करने, सहित के अनेक टिप्स बताए जा रहे हैं।
कुलसचिव गौरव शुक्ला ने बताया कि इस वैश्विक महामारी के समय में हमारी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है। इसलिए हर किसी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह नैतिक और सामाजिक दायित्वों का पालन करे। हम शिक्षण संस्थान हैं, इसलिए हमारी जिम्मेदारी यह है कि हम लोग अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें और इस महामारी से लड़ने के लिए लोगों को बौद्धिक रूप से भी मजबूत करें। सभी टीम बेहतर कार्य कर रही है, आने वाले समय में हम और भी अधिक ऊर्जा के साथ कार्य करेंगे।
विश्वविद्यालय इस वैश्विक महामारी के समय अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर रहा है। इसके लिए विवि में टीकाकरण केंद्र और 20 बिस्तरों का कोविड-19 हॉस्पिटल तैयार किया गया है। इसमें 10 बिस्तरों में ऑक्सीजन की सुविधा है। कुलसचिव ने बताया कि वैक्सीनेशन की शुरुआत से ही कोविड-19 के लिए एक भवन टीकाकरण केंद्र बनाने के लिए प्रदान किया है। अब दूसरी लहर में भी में लगातार टीकाकरण किया जा रहा है। अंचल के लोग बड़ी संख्या में यहां पर आकर टीके लगवा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और अन्य स्टाफ को विश्वविद्यालय में विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। अब तक अंचल के कई हजार लोगों को टीका लगाया जा चुका है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 10 मई। राज्य सरकार द्वारा जारी नए दिशा निर्देशों के अनुसार आज जिले के 60 वैक्सीनेशन सेंटर्स में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए टीके लगाने का कार्य शुरू किया गया। शहर के अधिकांश एपीएल और बीपीएल काउंटर में भीड़ लगी रही लेकिन पहले की तरह ही वैक्सीनेशन कराने में अंत्योदय की रुचि नहीं दिखी। सबसे बड़ी दिक्कत कोरोना वॉरियर्स श्रेणी में बहुत से कैटेगरी लाए जाने के कारण हो रही है। इस श्रेणी में आने वाले लोगों को किस दस्तावेज के आधार पर टीका लगायें यह दुविधा बनी हुई है।
बिलासपुर जिले को कल शाम 23 हजार वैक्सीन उपलब्ध कराए गए। इसके पहले वैक्सीन कम होने के कारण शहर के जिन तीन एपीएल केंद्रों में लोगों को लौटाना पड़ा था। बर्जेस स्कूल जहां पर कल विवाद की स्थिति पैदा हुई थी वहां पर आज कल से दो गुना 400 टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया। लाल बहादुर शास्त्री स्कूल शाला भवन में कोरोना वारियर्स श्रेणी के लिये केन्द्र बनाया गया। यहां आज मीडिया कर्मियों को टीका लगाया गया। वकीलों व दूसरे श्रेणी के लोगों को भी अलग से टीका लगवाने की व्यवस्था की जायेगी ऐसा प्रशासन की ओर से बताया गया।
फिलहाल जिले में कोरोना वारियर्स के लिये अलग काउन्टर नहीं रखे गये हैं। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में अन्त्योदय कार्डधारकों के लिये भी अलग केन्द्र नहीं रखे गये हैं। इन्हें बीपीएल, एपीएल कार्डधारकों के केन्द्र में ही प्रमाण पत्र के आधार पर टीका लगाया जा रहा है। अन्त्योदय श्रेणी के लिये अलग व्यवस्था केवल शहरी क्षेत्र में की गई है। इसके अलावा दो मोबाइल यूनिट भी लगाये गये हैं। जिन मोहल्ले में अन्त्योदय कार्डधारक अधिक संख्या में हैं वहां जाकर ये यूनिट टीकाकरण का कार्य कर रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कड़ार,महमद, बेलतरा, हरदी कला, बरतोरी, सेंदरी, अमने, बेलगहना, करगी कला, लिटिया, मजगांव, शिवतराई, शीश, छतौना, सीपत, दर्रीघाट, मस्तूरी, गतौरा, खम्हरिया, धनिया, अमसेना, गनियारी, सागर, लामेर आदि टीकाकरण केंद्रों में एपीएल व बीपीएल श्रेणी के लिये बनाए गए केन्द्रों में टीकाकरण का कार्य श्रेणी निर्धारण के पहले दिन सुचारू रूप से चल रहा है। इन केन्द्रों में अन्त्योदय श्रेणी के कार्डधारकों को भी टीका लगाया जा रहा है।
आज सबसे बड़ी दिक्कत कोरोना वारियर्स की लम्बी सूची व उनके लिये 20 प्रतिशत टीका का लक्ष्य निर्धारित करने को लेकर आ रहा है। उपलब्ध टीकों में किस श्रेणी के लिये कितना टीका रखा जाये इसे लेकर असमंजस की स्थिति को देखते हुए इन टीकाकरण केन्द्रों में पहुंचने वाले सभी लोगों को उपलब्धता के अनुसार फिलहाल टीके लगाये जा रहे हैं। साथ ही दर्ज किया जा रहा है कि उन्हें किस श्रेणी के अंतर्गत लाभान्वित किया गया। इसकी गणना टीकाकरण का वर्तमान चरण समाप्त होने के बाद की जायेगी। कोरोना वारियर्स श्रेणी में पत्रकार, वकील, उनके परिजन, राज्य सरकार के कर्मचारी, कोमोरबिडिटी वाले व्यक्ति, भोजन देने वाले, सब्जी विक्रेता, बस ड्राइवर, कंडक्टर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव, पीडीएस दुकान संचालक और विक्रेता, कोटवार, पटेल, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारी और उनके परिजन वृद्ध आश्रम में देखभाल करने वाले लोग, श्मशान और कब्रिस्तान में कार्यरत लोग, दिव्यांग, सहकारी समितियों में कार्यरत लोगों को शामिल किया गया है। पर इन सबके लिये 20 प्रतिशत का कोटा निर्धारित किया गया है। अनेक ऐसे लोग केन्द्रों में पहुंच रहे हैं जो एपीएल या बीपीएल श्रेणी में टीका लगा रहे हैं। सब्जी विक्रेता सहित कुछ अन्य श्रेणियों को किसकी ओर से जारी प्रमाण पत्र के आधार पर कोरोना वारियर्स श्रेणी में टीका लगाया जाये यह असमंजस है। इसे देखते हुए यदि उनके पास बीपीएल या एपीएल कार्ड है तो उसी श्रेणी में रखकर टीका लगाया जा रहा है।
टीकाकरण केन्द्रों में मौजूद अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वारियर्स की श्रेणी में परिभाषित अधिकांश लोगों के पास अपना परिचय पत्र होता है, संस्थानों की ओर से भी प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं। लोगों को अपनी श्रेणी में टीका लगवाने में दिक्कत न हो इसके लिये एक दो दिन में व्यवस्था दुरुस्त कर ली जायेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 9 मई। स्थानीय आरबी कोविड हॉस्पिटल की लापरवाही के चलते पत्थलगांव के मृतक का शव पामगढ़ के मृतक के परिजनों को सौंप दिया गया। जब पत्थलगांव के मृतक का शव देने की बारी आई तो उसकी पत्नी को पामगढ़ का शव सौंपा जाने लगा। महिला ने पहचान लिया कि यह उसके पति का शव नहीं है। वह इस शव को लेकर उनके परिजनों को सौंपने पामगढ़ गई। वहां उसने अपने पति का शव लिया। पत्थलगांव पहुंचने में विलम्ब होने और कोरोना संक्रमण के चलते महिला ने अपने पति के शव का भी वहीं पोस्टमार्टम कराना चाहा पर गांव वालों ने मना कर दिया। आखिरकार एसडीएम के प्रयासों से पत्थलगांव के मृतक के शव का अंतिम संस्कार कराया गया।
कोरोना संक्रमित पामगढ़ के लखन लाल साहू की आरबी हॉस्पिटल में मौत हो गई। आर बी हॉस्पिटल प्रबंधन ने उन्हें पत्थलगांव के महावीर प्रसाद टंडन का शव उनको सौंप दिया। परिजन भी बिना शिनाख्त किये शव लेकर चले गये। महावीर की पत्नी को जब हॉस्पिटल के स्टाफ लखन साहू के शव को देने लगे तब पता चला कि शव की अदला-बदली हो गई है। महिला लखन साहू के शव को लेकर उनके परिजनों को सौंपने व अपने पति का शव लेने पामगढ़ इलाके के ग्राम खोखरी पहुंची। वहां उसने अपनी मजबूरी बताते हुए अपने पति का अंतिम संस्कार भी यहीं करने की इच्छा जताई। पर गांववालों ने मना कर दिया। इसकी जानकारी एसडीएण करुण डहरिया को मिली। उन्होंने संवेदनशीलता दिखाते हुए उनके पति के अंतिम संस्कार की व्यवस्था पामगढ़ में कराई। प्रशासन की मदद से अंतिम संस्कार होने पर उनकी पत्नी ने कृतज्ञता जताई।
बिलासपुर 9 मई। सामान्य प्रशासन विभाग ने लॉकडाउन के दौरान विवाह समारोहों को 10 लोगों की उपस्थिति में आयोजित करने की अनुमति दे दी है। इसी तरह अंत्येष्टि में भी 10 व्यक्तियों की अधिकतम उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा गया है। इसके पहले कई जिलों में कलेक्टरों ने विवाह समारोहों की अनुमति निरस्त कर दी थी।
सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह की ओर से जारी आदेश में सभी कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर और एसपी से कहा गया है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। आदेश के मुताबिक अन्य प्रकार के सभी धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और अन्य आयोजन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे। धार्मिक गुरुओं, प्रमुखों से अपील की जाने के लिए कहा गया है कि वह लोगों को घरों में व्यक्तिगत रूप से पूजा करने के लिए प्रोत्साहित करें और सामाजिक एवं धार्मिक त्योहारों में भीड़ भाड़ न करें। आदेश में कहा गया है कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों के द्वारा आइसोलेशन प्रोटोकोल के पालन की समय-समय पर जांच की जाए। साथ ही उनके द्वारा सार्वजनिक भीड़ वाली सुविधाओं तालाब का उपयोग न किया जाए ताकि संक्रमण आगे ना फैले।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के तीसरे चरण में बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चाम्पा आदि जिलों में विवाह समारोहों के लिये पूर्व में तहसीलदार व एसडीएम द्वारा दी गई अनुमति निरस्त की जा चुकी है। आदेश में इस बारे में नहीं बताया गया है कि क्या उन्हें विवाह के आयोजन के लिये फिर से आवेदन करना होगा।
बिलासपुर जिले में 605 नये संक्रमित मिले, 33 ने फिर गवाई जान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 9 मई। जिले में बीते दिनों से नए संक्रमितों की संख्या घटकर 50 फ़ीसदी आ रही है। शुक्रवार और शनिवार को दोनों ही दिन 605-605 नए मरीज जुड़े लेकिन मौतों का आंकड़ा नहीं घट रहा है। शनिवार को 33 मरीजों की मृत्यु हो गई जिनमें 22 बिलासपुर जिले के रहने वाले थे। अन्य जिलों के 11 लोगों की मौत हुई है, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा था।
अब तक जिले में कोरोना से 58 हजार 750 संक्रमित पाये जा चुके हैं। इनमें से 49 हजार 812 स्वस्थ हो चुके हैं। अब तक 1246 लोगों की मौत कोराना के चलते हो चुकी है। जिले में बीते 1 सप्ताह से स्वस्थ होने वालों की संख्या नए संक्रमित से ज्यादा है। इसके चलते इस समय एक्टिव मरीजों की संख्या 7692 है, जो 11 हजार तक पहुंच चुकी थी।
बिलासपुर, 8 मई। भारतीय रेडक्रास सोसायटी जिला शाखा द्वारा आज विश्व रेडक्रास दिवस मनाया गया। इस अवसर पर रेडक्रास के अध्यक्ष कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर द्वारा सिम्स व जिला चिकित्सालय में एक-एक वाटर कूलर लोकार्पित किया गया, साथ ही कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ के लिये पीपीई किट, एन 95 मॉस्क व सैनेटाइजर वितरित किये गये। वहीं कोविड मरीजों के लिये फल वितरित किये गये।
कलेक्टर व अतिथियों ने रेडक्रास के संस्थापक सर जीन हेनरी ड्यूनाट के चित्र पर माल्यार्पण किया। कलेक्टर ने इस अवसर पर कहा कि गर्मी के सीजन को देखते हुए कोविड मरीजों के उपचार के लिये आने वाले परिजनों को ठंडा पेयजल उपलब्ध हो सके इसलिये रेडक्रास फंड से इन दोनों अस्पतालों में वाटर कूलर स्थापित किया गया है। उन्होंने कोविड-19 के इस कठिन दौर में मरीजों के उपचार में लगे हुए डॉक्टर्स एवं स्टाफ की सराहना करते हुए उनके प्रयासों के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि सभी के प्रयास से हमारा जिला कोविड संक्रमण से मुक्त हो सकेगा।
कलेक्टर ने सिम्स व जिला चिकित्सालय में रेडक्रास की दवा दुकान व जन औषधि केन्द्र का निरीक्षण भी किया और दवाईयों की उपलब्धता की जानकारी ली। जन औषधि केन्द्रों में उपलब्ध सस्ती जेनेरिक दवाओं की जानकारी ली और कहा कि लोगों को इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाये।
इन कार्यक्रमों में रेडक्रास के सदस्य एवं जिला पंचायत के अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, अनिल तिवारी, सिम्स की डीन डॉ. तृप्ति नागरिया, सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन, डॉ. पुनीत भारद्वाज, डॉ. आरती पांडेय, सौरभ सक्सेना आदि उपस्थित थे।