राष्ट्रीय
नयी दिल्ली, 23 अप्रैल योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) बालकृष्ण ने उच्चतम न्यायालय से मंगलवार को कहा कि उन्होंने भ्रामक विज्ञापन मामले में अपनी ओर से हुई गलतियों के लिए समाचार पत्रों में बिना शर्त माफी प्रकाशित की है।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रामदेव और बालकृष्ण के वकील से समाचार पत्रों में प्रकाशित माफीनामे को दो दिनों के भीतर रिकॉर्ड में पेश करने को कहा।
रामदेव और बालकृष्ण की ओर से पेश वकील ने पीठ से कहा कि वे अपनी गलतियों के लिए बिना शर्त माफी मांगते हुए अतिरिक्त विज्ञापन भी जारी करेंगे।
दोनों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने सोमवार को देश भर के 67 समाचार पत्रों में माफीनामा प्रकाशित कराया है।
पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 30 अप्रैल की तारीख तय की।
न्यायालय ने रामदेव और बालकृष्ण को 16 अप्रैल को हिदायत दी थी कि वे ‘‘एलोपैथी को नीचा दिखाने’’ का कोई प्रयास नहीं करें। न्यायालय ने उन्हें पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापन के मामले में एक सप्ताह के भीतर "सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और पछतावा प्रकट करने" की अनुमति दी थी।
शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह अभी उन्हें इस चरण में राहत नहीं देगी।
शीर्ष अदालत 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है। (भाषा)
भोपाल, 23 अप्रैल । मध्य प्रदेश में लोकसभा के तीसरे चरण का चुनाव रोचक है। इस चरण में दो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और शिवराज सिंह चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाग्य का फैसला होने वाला है।
राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं और यहां चार चरणों में मतदान हो रहा है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है और दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होना है। तीसरे चरण में मतदान सात मई को होना है। तीसरे चरण में नौ संसदीय क्षेत्र हैं। इनमें विदिशा, राजगढ़, गुना, मुरैना, सागर, ग्वालियर, भिंड, भोपाल और बैतूल शामिल है।
इनमें से तीन राजगढ़, विदिशा और गुना पर सबकी नजर है। राजगढ़ से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है और उनके यहां मुकाबला भाजपा के रोडमल नागर से है।
विदिशा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं और उनके सामने कांग्रेस के प्रताप भानु शर्मा हैं। वहीं गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह यादव हैं।
राजगढ़ में दिग्विजय सिंह लगभग तीन दशक बाद लोकसभा का चुनाव लड़ने पहुंचे हैं। वे यहां से वर्ष 1984 और 1991 में सांसद रह चुके हैं। पिछला चुनाव उन्होंने भोपाल से लड़ा था और वह भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर से मात खा गए थे।
इस बार राजगढ़ हाई प्रोफाइल सीटों में गिना जा रहा है। वहीं शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर विदिशा से चुनाव लड़ रहे हैं। वह 1991 से 2004 तक पांच बार इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यह उनका यहां से छठा चुनाव है।
गुना संसदीय क्षेत्र को सिंधिया परिवार का गढ़ माना जाता है, मगर पिछला चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। यहां से विजयाराजे सिंधिया और माधवराव सिंधिया भी निर्वाचित हुए हैं।
राज्य के तीसरे चरण में दिग्गजों के चुनाव मैदान में होने के कारण मुकाबला रोमांचक हो गया है। दोनों ही राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस इन स्थानों पर जीत दर्ज करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। साथ ही यह चुनाव इन दिग्गजों के राजनीतिक भविष्य का निर्धारण करने वाले भी होंगे।
(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 23 अप्रैल विमानन नियामक डीजीसीए ने एयरलाइनों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उड़ान के दौरान 12 वर्ष तक के बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों में से कम से कम एक के साथ सीट आवंटित की जाए।
बीते दिनों ऐसे कई मामले सामने आए थे, जहां 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को उड़ान के दौरान उनके माता-पिता या अभिभावकों के साथ सीट आवंटित नहीं की गई थी। यह निर्देश ऐसे मामलों की पृष्ठभूमि में आया है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ''एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 12 वर्ष तक के बच्चों को एक ही पीएनआर पर यात्रा कर रहे उनके माता-पिता/ अभिभावकों में कम से कम एक के साथ सीट आवंटित की जाए और इसका रिकॉर्ड रखा जाए।''
इस संबंध में नियामक ने अनुसूचित एयरलाइनों के सेवाओं और शुल्क को अनियंत्रित करने के संबंध में जारी अपने परिपत्र को संशोधित किया है।
मानदंडों के अनुसार तरजीही सीट आवंटन, भोजन/नाश्ता/पेय शुल्क और संगीत वाद्ययंत्र ले जाने के लिए शुल्क लेने जैसी कुछ सेवाओं की अनुमति है।
डीजीसीए ने कहा कि ऐसी सेवाएं एयरलाइनों द्वारा स्वैच्छिक आधार पर दी जाती हैं और ये अनिवार्य नहीं हैं। (भाषा)
नई दिल्ली, 23 अप्रैल । भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि उन्हें गर्व है कि मोदी सरकार ने गरीबों के बैंक खाते खुलवाए, जिन गरीबों की चिंता कांग्रेस ने कभी नहीं की।
नड्डा ने पलटवार करते हुए यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस को सिर्फ वोट बैंक और एक राजवंश के ही बैंक अकाउंट की चिंता रही है।
भाजपा अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि केरल ऐसे लोगों को हराने जा रहा है।
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नेता एवं केरल के तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार शशि थरूर ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा था कि केरल में भाजपा केवल बैंक खाते खोल सकती है, जीत को भूल जाए।
जेपी नड्डा ने शशि थरूर के बयान से जुड़ी खबर को शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, "तिरस्कार, अभिजात्यवाद और अहंकार को देखिए! ठेठ कांग्रेस। हमें गर्व है कि हमारी सरकार गरीबों के लिए बैंक खाते खोलती है ! कांग्रेस ने कभी इसकी चिंता नहीं की क्योंकि उसे केवल वोट बैंक और एक राजवंश के बैंक खातों की परवाह थी।"
केरल में कांग्रेस की हार का दावा करते हुए नड्डा ने आगे यह भी कहा, "केरल ऐसे विच्छिन्न तत्वों को परास्त करेगा!"
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 23 अप्रैल । हैदराबाद संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार माधवी लता ने एआईएमआईएम प्रत्याशी असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
भाजपा उम्मीदवार ने वायरल हो रहे एक वीडियो का हवाला देते हुए बताया कि हैदराबाद के पुराने शहर में अपने चुनाव प्रचार के दौरान असदुद्दीन ओवैसी कसाइयों को गाय काटने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वीडियो में वह "काटते रहो" कहकर कसाइयों को उकसाते हैं। साथ ही "बीफ जिंदाबाद" का नारा भी लगाया जाता है।
माधवी लता ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी अपनी टिप्पणियों से गोमांस खाने का समर्थन करते हैं, इससे एक समुदाय विशेष की भावनाएं आहत होती हैं। उन्होंने कहा कि चुनावी लाभ के लिए ओवैसी इस तरह के बयान दे रहे हैं।
(आईएएनएस)
पूर्णिया, 23 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को बिहार के सीमांचल इलाके की सीट पूर्णिया के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे। बिहार की अधिकांश सीटों पर महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन पूर्णिया की स्थिति अलग है।
पूर्णिया में पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरकर दोनों गठबंधनों के समीकरण को बिगाड़ दिया है। यादव का दावा है कि उन्हें कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है।
गौर करने वाली बात है कि यहां के लोग भी एनडीए और महागठबंधन की जीत-हार के बदले यह जानने को उत्सुक हैं कि पप्पू यादव जीतेंगे या हारेंगे।
महागठबंधन ने यहां से राजद की नेता बीमा भारती को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि एनडीए की ओर से निवर्तमान सांसद जदयू के नेता संतोष कुशवाहा चुनावी रण में ताल ठोक रहे हैं। पिछले चुनाव में संतोष कुशवाहा ने कांग्रेस के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को बड़े अंतर से हराया था। इस चुनाव के कुछ ही दिन पहले पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी के कांग्रेस में विलय कर यह साफ संकेत दे दिया था कि वे कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि बाद में यह सीट महागठबंधन में राजद के कोटे में चली गयी।
इसके बाद पप्पू यादव बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए। पप्पू दावा कहते हैं कि उन्हें न केवल कांग्रेस का बल्कि भाजपा और राजद के लोगों का भी समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि वे पूर्णिया के बेटे के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। पप्पू यादव पूर्णिया में आम नागरिक की तरह चुनाव प्रचार में लगे हैं। कभी वे सड़कों पर मोटर साइकिल दौड़ाते नजर आ रहे हैं तो कभी किसी के घर भात खाते।
वैसे, राजद के नेता तेजस्वी यादव किसी हाल में एमवाई समीकरण में सेंधमारी को लेकर चौकन्ने हैं। दो दिनों से तेजस्वी पूर्णिया में जमकर प्रचार कर रहे हैं। नेपाल और बंगाल से सटे पूर्णिया में पप्पू यादव न केवल राजद के वोट बैंक में सेंधमारी को लेकर जुगत में हैं, बल्कि जदयू इस वोट बैंक की लड़ाई और मोदी की लहर को लेकर उत्साहित है।
राजद किसी हाल में निर्दलीय पप्पू यादव को जीतना नहीं देखना चाहती। यही कारण है कि सोमवार को एक चुनावी सभा में तेजस्वी यादव ने लोगों को यह संकेत भी दे दिए। उन्होंने कहा कि आप इंडिया गठबंधन को चुनिए। अगर आप इंडिया गठबंधन की बीमा भारती को नहीं चुनते हैं, तो आप एनडीए उम्मीदवार को चुनिए।
तेजस्वी ने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि किसी के धोखे में नहीं रहना है। उन्होंने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति का चुनाव नहीं है। या तो इंडिया या एनडीए।
कहा तो यह भी जा रहा है कि राजद ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की चुनावी सभा कराने को लेकर कांग्रेस पर दबाव बनाया था, लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हुई।
बहरहाल, पूर्णिया में पप्पू यादव के मुकाबले में उतरने से मुकाबला त्रिकोणात्मक हो गया है। अब देखने वाली बात होगी कि पूर्णिया में मोदी की लहर चलती है महागठबंधन बाजी मारेगा या पप्पू की भावनात्मक अपील लोगों को पसंद आएगी। इसका पता तो चार जून को परिणाम के बाद ही चलेगा। वैसे, कहा यह भी जाता है कि चर्चा में बने रहना और चुनावी अखाड़े में परचम लहराने में काफी अंतर है।
(आईएएनएस)
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक नाबालिग रेप पीड़िता के गर्भपात की इजाजत दी है. कोर्ट ने फैसला सुनाते वक्त कहा कि ऐसे मामलों में पीड़िता के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
डॉयचे वैले पर रितिका की रिपोर्ट-
30 हफ्ते की नाबालिग गर्भवती के साथ बलात्कार हुआ था. उसकी उम्र 14 साल बताई गई है. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह प्रेग्नेंसी पीड़िता के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है. अदालत ने यह भी कहा कि ऐसे मामले बेहद असाधारण होते हैं, जहां हमें बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है. हर गुजरता घंटा पीड़िता के लिए बेहद अहम है.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कोर्ट ने यह फैसला एक मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सुनाया है. मुंबई के सायन अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में गर्भपात का समर्थन किया था. पीड़ित के साथ बलात्कार हुआ था, इसलिए कोर्ट ने अस्पताल को आगे भी इस प्रेग्नेंसी के असर पर नजर रखने का निर्देश दिया है.
क्या कहता है भारत में गर्भपात का कानून
सुप्रीम कोर्ट से पहले पीड़िता की मां ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पिछले हफ्ते तत्काल सुनवाई की. कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल किया. यह अनुच्छेद कोर्ट को किसी भी लंबित मामले में न्याय सुनिश्चित करने का अधिकार देता है.
भारत में गर्भपात का अधिकार मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत मिलता है. 2021 में इस एक्ट में जरूरी संशोधन भी किए गए थे. बलात्कार के मामलों में गर्भपात की समय सीमा 20 हफ्ते से बढ़ाकर 24 हफ्ते तक कर दी गई थी. तब इन संशोधनों को बेहद प्रगतिशील माना गया था.
इस मामले में नाबालिग पीड़िता करीब 30 हफ्ते की गर्भवती थी. इस एक्ट के अनुसार 24 हफ्ते के बाद गर्भपात के लिए एक मेडिकल बोर्ड की इजाजत लेनी होती है. इसलिए कोर्ट ने सायन अस्पताल की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया.
रेप के मामले में गर्भपात का अधिकार और अदालतों के फैसले
सुप्रीम कोर्ट के इस हालिया फैसले को भविष्य में उदाहरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है जहां अदालत ने पीड़िता के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है. इससे पहले कई भारतीय अदालतों ने ऐसे मामलों में गर्भपात की इजाजत देने से इनकार कर दिया था.
राजस्थान हाई कोर्ट ने इसी साल एक 11 साल की बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की इजाजत नहीं दी थी. पीड़िता 32 हफ्ते की गर्भवती थी. उसने कोर्ट में दलील दी कि वह इसलिए गर्भपात करवाना चाहती है क्योंकि वह बच्चा उसके साथ हुए अपराध की हमेशा याद दिलाता रहेगा. दूसरी तरफ कोर्ट ने दलील दी कि एक पूरी तरह से विकसित भ्रूण के पास भी जीने का अधिकार है.
2023 में गुजरात हाई कोर्ट ने एक 25 साल की बलात्कार पीड़िता को भी गर्भपात की इजाजत नहीं दी थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में अपील के बाद पीड़िता को गर्भपात की इजाजत दे दी गई थी. इसी साल बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने भी एक 15 साल की बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की अनुमति नहीं दी थी. डॉक्टरों ने कहा था कि पीड़िता 28 हफ्ते की गर्भवती है और ऐसी स्थिति में गर्भपात करने पर भ्रूण के जिंदा होने की संभावना है.
बलात्कार की पीड़िता को प्राथमिकता
संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समिति यह कहती है कि अगर एक बलात्कार पीड़िता गर्भपात करवाना चाहती है तो ऐसी स्थिति में पीड़िता की मांग को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. अधिकतर देशों में जहां गर्भपात के कठोर कानून हैं, वहां भी बलात्कार के मामलों में पीड़ित को गर्भपात का अधिकार मिला है. हालांकि, अदालती कार्यवाही में देरी पीड़ितों के सामने एक कड़ी चुनौती होती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का सुझाव है कि बलात्कार के मामलों में पीड़ितों को सबूतों और पुलिस की जांच की बजाय पीड़ित की शिकायत के आधार पर जल्द से जल्द गर्भपात की सुविधा देने की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए. संगठन का कहना है कि पुलिस रिपोर्ट और सबूतों की कानूनी प्रक्रिया में लंबा वक्त लगता है, जिससे अधिकतर मामलों में पीड़िता की प्रेग्नेंसी गर्भपात की समय सीमा को पार कर जाती है. (dw.com)
भारत में हाल के दिनों में जो वीडियो वायरल हुए उनमें दो ऐसे वीडियो भी हैं, जिनमें एक्टर आमिर खान और रणवीर सिंह लोगों से कांग्रेस पार्टी के लिए वोट मांगते नजर आए.
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान वाला वीडियो 30 सेकेंड का है जबकि रणवीर सिंह वाला 41 सेकेंड का. वीडियो में इनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते देखा जा सकता है, जहां उनके दोनों कार्यकाल में चुनावी वादे पूरे नहीं करने, और आर्थिक सुधारों को लागू करने में नाकाम रहने की बात की जा रही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाए गए दोनों वीडियो कांग्रेस के चुनाव निशान और स्लोगन के साथ खत्म होते हैं, "न्याय के लिए वोट दें, कांग्रेस को वोट दें."
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की समीक्षा दिखाती है कि पिछले हफ्ते इन दोनों वीडियो को सोशल मीडिया पर 5 लाख से ज्यादा बार देखा गया. एआई से तैयार फेक या डीपफेक का इस्तेमाल अमेरिका, पाकिस्तान और इंडोनेशिया समेत पूरी दुनिया के चुनावों में दिख रहा है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
भारत में चुनाव प्रचार लंबे समय से घर-घर जा कर और रैलियों के माध्यम से होता रहा है. हालांकि 2019 से वाट्सऐप और फेसबुक का प्रचार के उपकरण के रूप में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने लगा. इस बार भारत के लोकसभा चुनाव में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो रहा है.
कांग्रेस प्रवक्ता सुजाता पॉल ने रणवीर सिंह का वीडियो अपने 16,000 फॉलोवरों को 17 अप्रैल को एक्स पर शेयर किया. शनिवार शाम यानी 19 अप्रैल तक उनके इस पोस्ट को 2,900 बार रिट्वीट किया गया, 8,700 लोगों ने इसे लाइक किया और 438,000 बार इसे देखा गया.
पॉल ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से टेलिफोन पर बातचीत में कहा कि वह जानती हैं कि एक्स ने इस वीडियो को "मैनिपुलेटेड मीडिया" के रूप में दर्ज किया है, लेकिन वह इसे डिलीट नहीं करना चाहतीं क्योंकि पोस्ट करते समय, उन्होंने सोचा कि यह आदमी रणवीर सिंह जैसा दिखता है और, "निश्चित रूप से यह क्रिएटिविटी है." रॉयटर्स ने इस मामले पर कांग्रेस के मीडिया सेल प्रमुख से प्रतिक्रिया लेनी चाही तो कोई जवाब नहीं मिला. इसके कुछ घंटे बाद रविवार से यह पोस्ट एक्स पर दिखना बंद हो गया.
वीडियो पर पुलिस की जांच
दोनों अभिनेताओं ने कहा है कि ये वीडियो फेक थे. फेसबुक, एक्स और कम से कम आठ फैक्ट चेकिंग वेबसाइटों ने कहा है कि उनसे या तो छेड़छाड़ की गई है या फिर वो मैनिपुलेटेड हैं. रॉयटर्स डिजिटल वेरिफिकेशन यूनिट ने भी इसकी पुष्टि कर दी है.
अब तक यह पता नहीं चल सका है कि ये वीडियो किसने बनाए. आमिर खान और रणवीर सिंह दोनों की टीम का कहना है कि वो इस मामले को देख रहे हैं. रणवीर सिंह ने एक्स पर लिखा है, "डीफफेक से सावधान रहें दोस्तों." नरेंद्र मोदी के दफ्तर और भारतीय जनता पार्टी के आईटी प्रमुख ने इस बारे में पूछे सवालों का जवाब नहीं दिया.
वीडियो के कुछ वर्जन सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर दिए गए हालांकि इसके बाद भी कम से कम 14 वीडियो सोशल मीडिया पर शनिवार की शाम तक एक्स पर देखे जा सकते थे. रॉयटर्स ने कंपनी को जब जानकारी दी तो फेसबुक ने दो वीडियो डिलीट कर दिए लेकिन एक वीडियो फिर भी दिख रहा था. फेसबुक ने एक बयान में कहा कि उसने कंपनी की नीतियों का उल्लंघन करने की वजह से "वीडियो हटा दिए हैं." एक्स ने रॉयटर्स के सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया.
पुलिस इन वीडियो की छानबीन कर रही है. आमिर खान ने मुंबई में अज्ञात लोगों के खिलाफ फेक वीडियो बनाने के लिए धोखाधड़ी और कथित हमशक्ल बनाने के आरोप में मामला दर्ज कराया है. मुंबई पुलिस ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन जांच में शामिल दो अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने फेसबुक और एक्स को वीडियो हटाने के लिए लिखा है और कंपनियों का कहना है कि उन्हें हटा दिया गया है.
मृत पिता का एआई वीडियो
इस साल चुनाव में राजनेता दूसरे तरीकों से भी एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं. दक्षिण भारत में कांग्रेस नेता विजय वसंत के प्रवक्ता ने बताया कि उनकी टीम ने एआई का इस्तेमाल कर 2 मिनट की एक ऑडियो वीडियो क्लिप बनाई है. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर दिखाई जा रही इस क्लिप में उनके पिता उनके लिए वोट मांगते नजर आ रहे हैं. वसंत के पिता एच. वसंत कुमार मशहूर राजनेता थे लेकिन अब मर चुके हैं. इस वीडियो में एच वसंत कुमार को यह भी कहते सुना जा सकता है, "भले ही मेरा शरीर आप सबको छोड़ कर चला गया, लेकिन मेरी आत्मा आपके आस पास ही है."
यूट्यूब पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीएम) ने जो वीडियो डाले हैं उनमें साड़ी पहने एक एआई से बनाई गई न्यूज एंकर दिखाई देती है. यह एंकर अपने बोलचाल और हावभाव में न्यूज चैनलों की नकल करती है और पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करती है.
भारत में करीब 90 करोड़ लोगों की इंटरनेट सुविधा तक पहुंच है. रिसर्च इंस्टिट्यूट एसीसा सेंटर और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट बिजनेस स्कूल के सर्वे में पता चला है कि औसत भारतीय हर दिन 3 घंटे से ज्यादा वक्त सोशल मीडिया पर बिताते हैं. भारत में लगभग एक अरब मतदाता हैं. अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई से तैयार कंटेंट भारत के चुनाव में कहां तक जा सकते हैं.
एनआर/आरपी (रॉयटर्स)
भारत में इस साल हो रहे आम चुनाव 6 हफ्ते चलेंगे. ऐसे में टेक कंपनियों के सामने अफवाहों और दुष्प्रचार रोकने की बड़ी चुनौती है. क्या कंपनियां इस दिशा में कुछ कर रही हैं?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ने बुधवार को भारत में राजनीतिक भाषणों वालों कई ट्वीट ब्लॉक कर दिए. भारत में शुक्रवार से आम चुनाव हो रहे हैं और चुनाव के मद्देनजर ही अधिकारियों ने एक्स से ये ट्वीट हटाने का आदेश दिया था.
एक्स के मालिक इलॉन मस्क ने कहा कि वह इस आदेश से सहमत तो नहीं हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने तक ये पोस्ट भारत के लोगों को नहीं दिखेंगे. इससे पहले एक्स के अकाउंट से भी यही सूचना दी गई थी, जिसके साथ कहा गया था कि इन पोस्ट में मौजूद राजनीतिक भाषणों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होना चाहिए.
एक्स की हटाई सामग्री में ऐसे पोस्ट हैं, जिनमें नेता या पार्टियां अपने विरोधियों के निजी जीवन के बारे में अपुष्ट दावे कर रहे हैं. भारतीय चुनाव आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंधन माना है.
भारत में इस साल हो रहे लोकसभा चुनाव19 अप्रैल से शुरू हुए जो 1 जून तक चलेंगे. एक ओर राजनीतिक पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं. वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को भी खूब मेहनत करनी पड़ रही है. इसकी वजह है कि लोग गलत जानकारी से गुमराह ना हों और अफवाहों के शिकार ना बनें.
फेसबुक ने पहले से की थी तैयारी
फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने 3 अप्रैल को जानकारी दी थी कि भारत के आम चुनाव देखते हुए कंपनी पहले से कमर कस रही है. मेटा की सूचना में पहला वाक्य ही यही था कि इस चुनाव से पहले उन्होंने भारत में अपने थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकर नेटवर्क का विस्तार करने के लिए और निवेश किया है.
फेसबुक ने भारत की सबसे बड़ी न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, पीटीआई की फैक्ट-चेकिंग यूनिट के साथ भी समझौता किया है. वहीं जो स्वतंत्र फैक्ट-चेकर पहले से फेसबुक के साथ काम कर रहे हैं, वे भी इस सिस्टम से जुड़े रहेंगे.
फेसबुक ने यह भी बताया कि वे 'जेनएआई' जैसी नई तकनीकों के जिम्मेदार इस्तेमाल को लेकर सतर्क हैं. वे एआई डिटेक्शन को लेकर इस क्षेत्र के बड़े खिलाड़ियों के साथ साझेदारी कर रहे हैं. साथ ही, वे AI से तैयार ऐसी सामग्री पर भी निगाह बनाए हुए हैं, जो भ्रामक होती हैं और लोगों को गुमराह करती हैं.
मिलजुलकर काम कर रहीं कंपनियां
फेसबुक ने बताया कि वह 'टेक अकॉर्ड' के साथ मिलकर चुनाव में भ्रामक जानकारियां फैलने से रोकेगी. 'टेक अकॉर्ड' टेक क्षेत्र की 20 दिग्गज कंपनियों की साझेदारी है, जिसमें उन्होंने 2024 में हो रहे सभी चुनावों में एआई से बने खतरनाक और नुकसानदेह कंटेंट से निपटने की शपथ ली है.
इस साझेदारी में एडॉब, ऐमजॉन, गूगल, आईबीएम, लिंक्डइन, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, ओपेन एआई, एक्स और टिकटॉक जैसी कंपनियां हैं. इन्होंने मतदाताओं को गुमराह करने वाली सामग्री से निपटने के लिए आर्थिक और तकनीकी निवेश की बात भी कही थी.
वहीं गूगल ने भी मार्च में कहा था कि सर्च में और अपनी सहायक कंपनी यूट्यूब पर आधिकारिक चुनावी जानकारी को प्रमुखता से पेश करेगा और चुनावी विज्ञापनों को लेकर पारदर्शिता रखेगा. फेक न्यूज से निपटने के लिए गूगल ने फैक्ट-चेकर्स और एआई की मदद लेने की बात कही थी.
वॉट्सऐप की कोशिश
वॉट्सऐप लोगों के मेसेज फॉरवर्ड करने पर लगी सीमाएं बरकरार रखेगा. पिछले साल ही वॉट्सऐप नया नियम लाया था, जिसके तहत फॉरवर्ड किया जा रहा मैसेज एक बार में सिर्फ एक ग्रुप में ही भेजा सकता है. उससे पहले लोग किसी मैसेज को एक साथ पांच ग्रुप में फॉरवर्ड कर सकते थे.
इसके अलावा लोग यह भी तय कर सकते हैं कि कौन उन्हें किसी ग्रुप में जोड़ सकता है और कौन नहीं. संदिग्ध यूजरों को ब्लॉक और रिपोर्ट करने जैसे कुछ और विकल्प भी दिए गए हैं. इससे लोगों की निजता की और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी.
प्लेटफॉर्मों की निष्ठा पर संदेह भी
2021 में समाचार एजेंसी एपी के हाथ कुछ दस्तावेज लगे थे. इनमें उन्हें पता चला कि फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम भारत में नफरती भाषण, गलत सूचना और भड़काऊ पोस्ट, खासकर मुस्लिमों के खिलाफ, पर अंकुश लगाने में सुविधानुसार फैसले लेते रहे हैं. जो अकाउंट गलत और नफरती कंटेंट फैला रहे थे, उनमें भी कइयों का सरकारी तंत्र से नाता है.
खुद भारत के आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव कह चुके हैं कि एआई से बनाई गई ऑडियो-वीडियो सामग्री 'लोकतंत्र के लिए खतरा' है. वहीं चुनाव को ध्यान में रखते हुए भारत की कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने प्रचार में एआई की मदद ले रही हैं.
अमेरिका में भी उठी थी आवाज
पिछले महीने ही अमेरिकी सांसद माइकल बेनेट ने भी अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनियों से पूछा था कि भारत समेत कई देशों में होने जा रहे आम चुनावों को देखते हुए उन्होंने क्या तैयारियां की हैं.
बेनेट ने कहा था, "आपके प्लेटफॉर्म चुनावों के लिए जो चुनौतियां पेश करते हैं, वे नई नहीं हैं. लोग डीपफेक और फर्जी सामग्री शेयर करते थे, लेकिन अब एआई से तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया और राजनीतिक स्थिरता पर ही खतरा पैदा हो गया है. एआई से तो कोई भी बेहद खतरनाक फोटो, वीडियो या ऑडियो बना सकता है, जो नकली हो सकता है."
2024 में दुनिया के 70 देशों में चुनाव हैं, जिनमें दो अरब से ज्यादा लोग मतदान करेंगे. इसीलिए 2024 को 'लोकतंत्र का साल' कहा जा रहा है. चुनाव वाले देशों की लिस्ट में भारत समेत ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, क्रोएशिया, यूरोपीय संघ, फिनलैंड, घाना, आइसलैंड, लिथुआनिया, नामीबिया, मेक्सिको, मोल्दोवा, रोमानिया, मंगोलिया, दक्षिण अफ्रीका और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश हैं.
वीएस/एनआर (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)
बेगूसराय, 23 अप्रैल । केंद्रीय मंत्री और बिहार के बेगूसराय से भाजपा के प्रत्याशी गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रहरी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बाबा साहब के संविधान के अनुरूप गरीबों को ताकत दी है।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव के पूर्णिया में महागठबंधन को नहीं तो एनडीए को वोट देने की अपील को लेकर कहा कि अब महागठबंधन और तेजस्वी यादव अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं, यही कारण है कि उन्होंने ऐसा कहा है। मुझे खुशी है कि वे मेरे लिए अपील कर रहे हैं।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि ओवैसी ब्रदर्स और सारे लोगों को मैं चुनौती के साथ कहता हूं कि वे इस चुनाव में घोषणा करें कि हम जनसंख्या नियंत्रण कानून लाएंगे। मैं समझ लूं कि वे अधिक बच्चा पैदा करने वाले समूह को समर्थन नहीं करते।
विपक्ष के केंद्र सरकार पर हिटलरशाही के आरोपों पर उन्होंने कहा कि अगर हिटलरशाही होती तो ओवैसी की जुबान खुलती? उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि वे भारत माता को गाली देते?
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 22 अप्रैल । हैदराबाद के पुलिस आयुक्त के. श्रीनिवास रेड्डी ने हैदराबाद लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के. माधवी लता को गले लगाने वाली एएसआई को निलंबित कर दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में, सैदाबाद थाने की एएसआई उमा देवी भाजपा उम्मीदवार माधवी लता से हाथ मिलाते और उन्हें गले लगाते देखी गईं।
जब भाजपा नेता सैदाबाद थाने की सीमा के अंतर्गत एक क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रही थीं, तब पुलिस अधिकारी वर्दी में ड्यूटी पर थीं।
पुलिस आयुक्त ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया।
माधवी लता ने पिछले सप्ताह रामनवमी पर निकाले गए जुलूस के दौरान कथित रूप से एक मस्जिद की ओर काल्पनिक तीर चलाकर विवाद पैदा कर दिया था।
पुलिस ने उनके खिलाफ अपने भड़काऊ हाव-भाव से एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया है।
शेख इमरान की शिकायत पर उनके खिलाफ बेगम बाजार थाने में मामला दर्ज किया गया है।
उन पर धारा 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
(आईएएनएस)
ग्रेटर नोएडा, 22 अप्रैल । ग्रेटर नोएडा में एक चलती कार में आग लग गई, आग ने कार को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते पल भर में कार जलकर राख हो गई।
दरअसल, कार चालक ग्रेटर नोएडा से सूरजपुर की तरफ जा रहा था। आग लगते ही चालक ने कार से कूदकर अपनी जान बचाई।
आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। यह पूरी घटना सूरजपुर थाना इलाके में हुई है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार दिन में 1.27 बजे सूरजपुर इलाके एलजी गोलचक्कर के पास एक गाड़ी में आग लग गई थी। सूचना पर फायर सर्विस यूनिट रवाना हुई। आग एलजी गोल चक्कर से सूरजपुर की तरफ जा रही महिंद्रा मराजो गाड़ी (एचआर 38 एबी 5023) में लगी थी। यूनिट ने आग बुझा दिया। फिलहाल घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है।
बता दें कि कार में आग लगने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई गाड़ियों में लगातार आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 अप्रैल। देश की प्रमुख सर्वे एजेंसी एक्सिस माई इंडिया ने अपने नाम पर एक फर्जी जनमत सर्वेक्षण लगातार वायरल होने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
एक्सिस माई इंडिया ने @MahuaMoitraFans और @amoxciillin1 जैसे कुछ एक्स हैंडल्स और उन लिंक्स के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराया, जिनके जरिए सोशल मीडिया पर फर्जी ओपिनियन पोल को आगे बढ़ाया गया। एक्सिस माई इंडिया एजेंसी ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के बारे में सकारात्मक राय बनाने के मकसद के साथ उनका मकसद संगठन का नाम खराब करने का था।
'बीजेपी को कोई बहुमत नहीं, एनडीए को थोड़ी बढ़त' शीर्षक वाले ओपिनियन पोल में कथित तौर पर दिखाया गया है कि 2024 का आम चुनाव किस तरह बराबरी का होगा और एनडीए को इसमें बढ़त नहीं मिलेगी, जैसा कि मीडिया में अनुमान लगाया गया है।
इससे पहले, एक्सिस माई इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रदीप गुप्ता ने उनकी एजेंसी के नाम पर फर्जी ओपिनियन पोल पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि विपक्षी दल चुनावी मौसम में मतदाताओं के बीच 'अनुकूल' धारणा बनाने के लिए जानबूझकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।
एक्सिस माई इंडिया के सीएमडी प्रदीप गुप्ता ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया था कि उनकी कंपनी केवल एग्जिट पोल और पोस्ट-पोल अध्ययन करती है, ओपिनियन पोल नहीं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह 'चुनावी लाभ' के लिए विपक्षी दलों द्वारा किया गया एक अवैध और धोखाधड़ी वाला कृत्य है और इसके लिए वे लोग उनकी सर्वे एजेंसी के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं।
विशेष रूप से, एक्सिस माई इंडिया के ओपिनियन पोल का दावा करने वाली कुछ तस्वीरें कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के बीच करीबी मुकाबले की भविष्यवाणी की गई थी। फर्जी ओपिनियन पोल में एनडीए को 243 सीटें और इंडिया ब्लॉक को 242 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था।
(आईएएनएस)
फरीदाबाद, 22 अप्रैल । “जिस दिन डोली उठनी थी, उसी दिन उठी अर्थी।” दिल दहला देने वाली यह घटना फरीदाबाद से सामने आई है, जहां अंकिता नाम की एक लड़की की सड़क हादसे में उसी दिन मौत हो गई, जिस दिन उसकी शादी होनी थी। दरअसल, युवती अपने दो भाइयों और सहेली के साथ किसी काम से बाहर गई थी, लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी गाड़ी ट्रक से टकरा गई।
इसके बाद सभी को नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उपचार के दौरान अंकिता ने दम तोड़ दिया, जबकि उसके दो भाइयों और सहेली की नाजुक हालत को देखते हुए दिल्ली स्थित ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
अंकिता के चाचा सियाराम सिंह ने बताया कि वो मुथुट फाइनेंस में काम करती थी और आज ही उसकी शादी होनी थी, लेकिन वो दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का शिकार हो गई, जिसके बाद उसके परिवार में मातम पसरा हुआ है।
सियाराम ने बताया कि अगर शायद ट्रक रास्ते में खड़ा ना होता, तो यह हादसा ना होता। उधर, अंकिता के शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया गया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 22 अप्रैल । भाजपा ने शिक्षक भर्ती घोटाले में आए कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के बाद सीधे राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरते हुए यह आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के स्लीपर सेल की असली सरगना (ममता बनर्जी) आज बेनकाब हो गई हैं। भाजपा ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तुरंत अपने पद से इस्तीफा देने की भी मांग की है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला और कहा कि अब तक ममता बनर्जी अपने भ्रष्ट नेताओं और मंत्रियों को बचाती नजर आती थीं, लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले ने अब उन्हें ही बेनकाब कर दिया है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के स्लीपर सेल की असली सरगना ममता बनर्जी हैं और आज वह बेनकाब हो गई हैं। आज पूरा पश्चिम बंगाल शर्मसार है, उच्च न्यायालय के फैसले के बाद ममता बनर्जी को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है और उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता ने तृणमूल कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि टीएमसी का मतलब ट्रांसफर माई कमीशन है। शिक्षक भर्ती में पैसे लेकर मेरिट लिस्ट बदली गई और भ्रष्टाचार का पैसा ममता बनर्जी, उनके मंत्री पार्थ चटर्जी और उनके लोगों ने लिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है और पार्थ चटर्जी के घर पर पड़ी रेड में नोटों के बंडल बरामद हुए। इंडी गठबंधन के जो भी नेता भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है। आप नेता संजय सिंह द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संजय सिंह स्वयं ही एक्सपोज हो गए हैं।
(आईएएनएस)
हुबली, (कर्नाटक) 22 अप्रैल । नेहा हिरेमथ के पिता निरंजन हिरेमथ ने सोमवार को दावा किया कि उनकी बेटी को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया और कर्नाटक पुलिस राज्य सरकार की कठपुतली की तरह व्यवहार कर रही है।
निरंजन ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, ''हुबली-धारवाड़ पुलिस आयुक्त रेणुका सुकुमार कठपुतली की तरह काम कर रही हैं। मेरी बेटी की हत्या हुए चार दिन हो गए हैं। हमने उसी दिन शिकायत दर्ज कराई और पोस्टमार्टम किया गया। हालांकि, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हमसे मिलने आईं मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने पुलिस कमिश्नर रेणुका सुकुमार को हमारे आवास पर बुलाया और कार्रवाई करने का निर्देश दिया।''
निरंजन, जो कांग्रेस पार्षद भी हैं, ने आरोप लगाया कि एक मंत्री के आदेश के बावजूद, पुलिस आयुक्त रेणुका सुकुमार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
उन्होंने आरोप लगाया, ''वे (पुलिस और पुलिस आयुक्त) केवल कहते हैं कि ‘हम आपके साथ हैं’ और कहते हैं कि ‘चिंता मत करो’ लेकिन वे कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उन्होंने हमसे जानकारी लेने की भी जहमत नहीं उठाई।''
उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में वह मामले के सभी आरोपियों के नाम बता चुके हैं लेकिन कोई उनकी बात नहीं सुन रहा है।
उन्होंने दावा किया, ''किसी एक व्यक्ति द्वारा इतनी निर्मम हत्या करना संभव नहीं है। वह (आरोपी) 100 किलोमीटर दूर से आता है और दिन के उजाले में कॉलेज परिसर में अपराध को अंजाम देता है। यह पूरी तरह योजना बनाकर किया गया। ऐसा अपराध अकेले करना असंभव है।''
उन्होंने बताया कि गेट के बाहर से लेकर कैंपस के अंदर तक मुखबिर आरोपियों को नेहा की हरकत के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा, "छात्रों, अंदर के साथियों और बाहरी लोगों ने जानकारी दी और सुनिश्चित किया कि नेहा की हत्या की गई है।"
उन्होंने कहा कि पुलिस को नेहा की कॉल डिटेल की जांच करनी चाहिए लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि आरोपी ने कम से कम दो साल तक नेहा का धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की, जिसका उसने हमेशा विरोध किया।
निरंजन ने कहा, ''धर्म परिवर्तन के इरादे की जानकारी होने पर नेहा ने आरोपी से दूरी बना ली और उसका विरोध किया। इसके बाद उसने आरोपी को जवाब देना बंद कर दिया। मैंने खुद नेहा के सारे मैसेज चेक किए हैं। उन्हें और क्या सबूत चाहिए? हम जानते हैं कि उसका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की गई थी।''
उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को लेकर राज्य के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को गलत जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने कहा, ''पुलिस कमिश्नर का तुरंत तबादला कर मामले को सीआईडी की स्पेशल विंग को सौंप देना चाहिए। मैंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मामले को सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया है।''
निरंजन ने कहा कि उन्हें संदेह है कि सरकार के खिलाफ बयानबाजी करने से उन्हें नुकसान होगा। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री को हमें पुलिस सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।"
एमसीए की छात्रा नेहा हिरेमथ की हुबली के कॉलेज परिसर में फैयाज कोंडिकोप्पा ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी। आरोपी को छात्रों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि आरोपी और मृतक एक दूसरे से प्यार करते थे जबकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह लव जिहाद का मामला नहीं है।
निरंजन हिरेमथ ने कहा है कि अगर राज्य सरकार जांच में छेड़छाड़ करती है तो पीड़ित परिवार आत्महत्या कर लेगा।
(आईएएनएस)
तामलुक, 22 अप्रैल कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) के जरिए भर्ती प्रक्रिया के जरिये की गई सभी नियुक्तियों को निरस्त करने के इस अदालत के फैसले को उचित करार देते हुए सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘तत्काल इस्तीफे’ की मांग की।
गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने पूर्व में भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। गंगोपाध्याय ने जोर देकर कहा कि राज्य प्रशासन में, घोटाला करने वाले पूरे समूह को ‘फांसी दे देनी चाहिए’।
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी की खंडपीठ ने सोमवार को सीबीआई को नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में आगे की जांच करने और तीन महीने में रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया।
पूर्व मेदिनीपुर जिले के तामलुक से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे गंगोपाध्याय ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘असली अपराधी राज्य प्रशासन के शीर्ष पदों पर बैठे हैं और अपने सुरक्षा बुलबुले के पीछे छिपे हुए हैं, यदि उनमें साहस है और थोड़ी भी शर्म बची है, तो उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए, अपना सुरक्षा कवच तोड़ देना चाहिए और जांच का सामना करना चाहिए।’’
गंगोपाध्याय ने पांच मार्च को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने योग्य उम्मीदवारों को वर्षों तक वंचित रखा और उन्हें अत्यधिक तनाव में छोड़ दिया। अगर मेरे पास उस तरह की शक्ति होती तो मैं खुद उन्हें उनकी कुर्सी से खींचकर हटा देता।’’
गंगोपाध्याय ने हिंदुओं और मुसलमानों, दोनों से बनर्जी का बहिष्कार करने का आह्वान किया क्योंकि घोटाले से दोनों समुदायों के उम्मीदवार प्रभावित हुए थे।
इससे पहले, गंगोपाध्याय ने अनियमितताएं पाए जाने पर कई शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरियों को समाप्त करने का भी आदेश दिया था।
हालांकि, गांगोपाध्याय ने सोमवार के फैसले को अपनी व्यक्तिगत विजय मानने से इनकार कर दिया।
पूर्व न्यायविद ने माना कि न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठकर इस मामले में आदेश पारित करते समय वह ‘अधिक उदार’ थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि खंडपीठ ने इस मामले में उचित सख्ती के साथ फैसला सुनाया है।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 22 अप्रैल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान की एक रैली में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों को विपक्ष द्वारा साम्प्रदायिक रूप से विभाजनकारी बताने के बाद सोमवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष को आईना दिखाया है तथा लोगों की भावनाओं को प्रतिध्वनित किया है।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पत्रकारों से कहा कि विपक्ष को दर्द हो रहा है, क्योंकि मोदी ने उन्हें उनके अतीत के बारे में आईना दिखा दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी की टिप्पणियां लोगों को पसंद आयीं, क्योंकि विपक्षी गुट ‘इंडिया’ के लिए जो लोग अवैध रूप से देश में दाखिल हुए हैं, यदि वे मुस्लिम हैं तो वे देश के नागरिकों से अधिक महत्वपूर्ण हैं।
राजस्थान के बांसवाड़ा में रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि कांग्रेस की योजना लोगों की गाढ़ी कमायी और संपत्ति ‘‘घुसपैठियों’’ तथा ‘‘ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले लोगों’’ को देने की है।
मोदी ने कहा था, “पहले जब उनकी (कांग्रेस) सरकार थी, उन्होंने कहा था की देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बांटेंगे?.. जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे।”
कांग्रेस ने सोमवार को मोदी पर निशाना साधते हुए उन पर चुनावी फायदे के लिए साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने की कोशिश का आरोप लगाया।
कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री कुछ ऐसी बात कर रहे हैं, जो कांग्रेस के घोषणापत्र में है ही नहीं और वह चुनावी लाभ के लिए देश में ‘‘सांप्रदायिक ध्रुवीकरण’’ पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।
भाटिया ने पूछा कि क्या 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नहीं कहा था कि अल्पसंख्यक खासतौर से मुसलमानों का देश के संसाधनों पर पहला हक है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार भारतीय लोकतंत्र में एक काला अध्याय है और यदि ‘इंडिया’ गठबंधन को शर्म आती है, तो आनी भी चाहिए। (भाषा)
अलीगढ़ (उप्र), 22 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर गम्भीर आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि यह पार्टी देश पर 'माओवादी सोच' थोपकर जनता की कमाई पर कब्जा करना चाहती है और उसके शासन में माताओं और बहनों का मंगलसूत्र तक सलामत नहीं रहेगा।
प्रधानमंत्री 'ताला नगरी' अलीगढ़ में भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम और हाथरस से पार्टी उम्मीदवार अनूप वाल्मीकि के समर्थन में आयोजित जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कांग्रेस और ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया)’ पर बेहद गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा, ''मैं देशवासियों को आगाह करना चाहता हूं कि कांग्रेस और उसके गठबंधन की नजर अब आपकी कमाई और संपत्ति पर है। कांग्रेस के शहजादे (पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी) का कहना है कि उनकी सरकार आई तो कौन कितना कमाता है, किसके पास कितनी संपत्ति है, उसकी जांच करेंगे। इतना ही नहीं, वह कहते हैं कि यह जो संपत्ति है उसको सरकार अपने कब्जे में लेकर सबको बांट देगी। यह उनका चुनाव घोषणा पत्र कह रहा है।''
मोदी ने कहा, ''आप सोचिए हमारी माताओं और बहनों के पास सोना होता है। वह स्त्री धन होता है। उसे पवित्र माना जाता है। कानून भी उसकी रक्षा करता है लेकिन अब इनकी (कांग्रेस) नजर कानून बदलकर हमारी माताओं—बहनों की संपत्ति छीनने पर है। उनके मंगलसूत्र पर इन लोगों की नजर है।''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''वह सर्वे करना चाहते हैं कि जो नौकरी पेशा कर्मचारी हैं उनकी कितनी सम्पत्ति है। यह सर्वे कराकर कांग्रेस सरकार के नाम पर आपकी संपत्ति को छीन कर बांटने की बात कर रही है। कांग्रेस यहां तक जाएगी कि अगर आपके पास दो घर हैं तो एक घर छीन लेगी। यह माओवादी सोच है, यह कम्युनिस्टों की सोच है, ऐसा ही करके कितने ही देशों को वह बर्बाद कर चुके हैं। अब यही नीति कांग्रेस पार्टी और इंडी अलायंस भारत में लागू करना चाहते हैं। ''
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया, ''आपकी मेहनत की कमाई, आपकी संपत्ति पर कांग्रेस अपना पंजा मारना चाहती है। माताओं और बहनों का मंगलसूत्र अब सलामत नहीं रहेगा। इन परिवारवादी लोगों ने देश के लोगों को लूटकर अपना साम्राज्य बना लिया है। अब उनकी नजर देश के लोगों की संपत्ति पर पड़ गई है। देश की संपत्ति को लूटना कांग्रेस अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं।''
मोदी ने विपक्ष पर राम मंदिर के निर्माण को 70 साल तक रोकने का भी आरोप लगाते हुए कहा, ''यह हम सबके लिए कितनी गर्व की बात है कि 500 साल के बाद भव्य राम मंदिर हम देख रहे हैं और जब राम मंदिर की बात आती है तो उनकी नींद उड़ जाती है। उनको लगता है कि यह 70 साल तक हम रोक कर बैठे थे। यह मोदी क्या आ गया कि इतने साल में ही अदालत से फैसला भी आ गया। मंदिर बन भी गया। प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई। रोज लाखों लोग आने भी लगे। अब उनकी नींद उड़ गई है और इसीलिए वह इतने गुस्से में हैं कि उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकरा दिया।''
मोदी ने कहा, ''पिछली बार जब मैं अलीगढ़ आया था तब मैंने आप सबसे अनुरोध किया था कि सपा और कांग्रेस के परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की फैक्टरी में ताला लगा दीजिए और आपने ऐसा मजबूत ताला लगाया कि दोनों शहजादों (सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी) को आज तक इसकी चाबी नहीं मिल रही है।''
उन्होंने मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में वोट की अपील करते हुए कहा, ''मेरी आपसे प्रार्थना यह है कि अच्छे भविष्य की विकसित भारत की चाबी भी आप ही के पास है। देश को गरीबी से पूरी तरह मुक्त करने का समय आ गया है, अब देश को भ्रष्टाचार से पूरी तरह मुक्त करने का समय आ गया है, अब देश को परिवारवादी राजनीति से मुक्त करने का समय आ गया है।''
अलीगढ़ में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को और हाथरस में तीसरे चरण के तहत आगामी सात मई को मतदान होगा।
मोदी ने दावा करते हुए कहा, ''पहले आए दिन देश की सीमा पर बम और गोलियां चलती थी और हमारे वीर सपूत शहीद होते थे। आज यह सब बंद हो गया। पहले आए दिन आतंकवादी बम फोड़ते थे, सीरियल धमाके होते थे। उन्होंने अयोध्या को नहीं छोड़ा, काशी को नहीं छोड़ा। हर बड़े शहर में आए दिन बम धमाका होता था। अब सीरियल बम धमकाओं पर भी पूर्ण विराम लग गया है। ’’
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ''हत्या, गैंगवार, फिरौती, यह सब तो सपा सरकार का ट्रेडमार्क ही था। यही उनकी पहचान थी और उनकी राजनीति भी उसी से चलती थी। एक समय था जब हमारी बहन—बेटियां घर से बाहर निकल नहीं पाती थीं। योगी (आदित्यनाथ) की सरकार में अपराधियों की हिम्मत नहीं है कि वह नागरिकों का अमन—चैन बिगाड़े।''
प्रधानमंत्री ने अलीगढ़ के मुस्लिम मतदाताओं से मुखातिब होते हुए कहा, ''कांग्रेस और सपा जैसी पार्टियों ने हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति की और मुसलमानों के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए कभी कुछ नहीं किया। जब मैं पसमांदा (पिछड़े) मुसलमानों की मुसीबत की चर्चा करता हूं तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं क्योंकि ऊपर के लोगों ने मलाई खाई है और पसमांदा मुसलमानों को उसी हालत में जीने के लिए मजबूर कर दिया है।''
उन्होंने कहा, ''तीन तलाक से पीड़ित कितनी ही बेटियों का जीवन तबाह हो गया था। अब मोदी ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर उनका जीवन भी सुरक्षित किया है।''
मोदी ने कहा, ''पहले हज कोटा कम होने की वजह से कितनी मारामारी होती थी। उसमें भी रिश्वतखोरी चलती थी और ज्यादातर रसूखदार लोग ही हज पर जाने का मौका पाते थे। मैंने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से आग्रह किया था कि हमारे भारत के मुसलमान भाई—बहनों के लिए हज का कोटा बढ़ाएं। आज न सिर्फ भारत का हज का कोटा बढ़ा है बल्कि वीजा नियमों को भी आसान बनाया गया है।''
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने नियमों में बदलाव कर अब बिना महरम के हज पर जाने की अनुमति दी है जिससे हजारों मुस्लिम बहनों का हज जाने का सपना पूरा हुआ है।
मोदी ने अपनी सरकार की मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और उज्ज्वला योजना समेत अनेक योजनाओं का जिक्र भी किया। (भाषा)
सूरत, 22 अप्रैल कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने और अन्य सभी प्रत्याशियों के अपने नामांकन वापस लेने के बाद गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इससे पहले भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सी.आर.पाटिल ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सूरत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पहला कमल भेंट किया है। मैं सूरत लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित होने पर बधाई देता हूं।’’
नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन आठ उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिनमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्यारेलाल भारती और अधिकतर निर्दलीय शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि रविवार को निर्वाचन अधिकारी ने सूरत सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया विसंगति होने के बाद रद्द कर दिया था।
कुम्भाणी का नामांकन रद्द होने के बाद पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी रद्द कर दिया था। (भाषा)
चेन्नई, 22 अप्रैल । तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने सोमवार को ग्रैंडमास्टर डी गुकेश को फिडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट विजेता बनने पर बधाई दी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में सीएम ने लिखा, "अविश्वसनीय उपलब्धि के लिए डी गुकेश को बधाई! सिर्फ 17 साल की उम्र में, उन्होंने फिडे कैंडिडेट्स में चुनौती देने वाले सबसे कम उम्र और इसे जीतने वाले पहले युवा खिलाड़ी के रूप में इतिहास रचा है। उन्हें विश्व चैम्पियनशिप खिताब के लिए डिंग लिरेन के खिलाफ मैच के लिए शुभकामनाएं।"
17 वर्षीय गुकेश भारतीय शतरंज के नए स्टार बन गए हैं। उन्होंने कनाडा के टोरंटो में आयोजित फिडे कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
तमिलनाडु के शतरंज के खिलाड़ी ने जापान के हिकारू नाकामुरा को ड्रॉ पर रोकने के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीता।
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मुंबई, 22 अप्रैल । एनडीए की सहयोगी और महाराष्ट्र में महायुति सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने किसानों के लिए जाति आधारित जनगणना और न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग की है।
पार्टी ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया और कहा कि पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण को भारत रत्न पुरस्कार देने और मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने की अपनी मांगों को आगे बढ़ाएगी।
घोषणापत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पवार ने कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे और वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल की उपस्थिति में जारी किया। इसमें किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बात कही गई है।
राकांपा ने किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को सालाना दी जाने वाली राशि में वृद्धि की मांग की है। पार्टी कृषि फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाने और इसे अधिक किसान-अनुकूल बनाने की पक्षधर है। इसके अलावा, पार्टी ने मुद्रा योजना योजना के तहत ऋण को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रयास करने का प्रस्ताव दिया है।
पार्टी ने बिजली के पारंपरिक स्रोतों पर किसानों की निर्भरता को कम करने के लिए कहा कि कृषि उत्पादकता और आय बढ़ाने के लिए बिजली आपूर्ति के स्थायी स्रोत प्रदान करने और सौर ऊर्जा, गतिज ऊर्जा, जलविद्युत परियोजनाओं आदि को बढ़ावा देने की बात कही।
इसके अलावा, पार्टी ने अपने घोषणापत्र में 12 बलुतेदार (कारीगरों, शिल्पकारों) वर्गों के लिए विश्वकर्मा योजना का दायरा बढ़ाकर महाराष्ट्र को भारत की कौशल विकास राजधानी बनाने और आधुनिक कौशल विकास तकनीक के साथ उद्योगों को विकसित करने के लिए प्रयास करने का उल्लेख किया।
घोषणपत्र के मुताबिक पार्टी राज्य में अनुबंध के आधार पर निजी कंपनियों में शिक्षित और कुशल युवाओं का पारिश्रमिक 12 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रति माह करने का प्रयास करेगी।
लोकसभा और राज्य विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के समर्थन को भी पार्टी ने दोहराया है।
विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक को लेकर हालिया विवादों के बीच, एनसीपी ने पेपर लीक को रोकने और भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए एक सख्त कानून बनाने की मांग की है।
एनसीपी ने पूरे देश में 60 साल से ऊपर के लोगों को रेलवे और मेट्रो यात्रा पर 50 प्रतिशत की छूट देने और 70 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत योजना लागू करने का प्रस्ताव रखा है।
पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर नदी-जोड़ने और नदी-शुद्धिकरण परियोजनाओं को शुरू करने का प्रस्ताव रखा है।
(आईएएनएस)
लखनऊ, 22 अप्रैल । लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव अब कन्नौज से चुनावी मैदान में नहीं होंगे। इस सीट पर अब उनके पारिवारिक सदस्य और मैनपुरी से पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया गया है।
समाजवादी पार्टी ने सोमावार को कन्नौज से पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव तो वहीं बलिया सीट से भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर के खिलाफ सनातन पांडेय को चुनावी मैदान में उतारा है।
पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सपा प्रत्याशी तेज प्रताप यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के भाई के पोते हैं। उनकी शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की छोटी बेटी राजलक्ष्मी के साथ हुई थी। उन्होंने 2014 में मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और बड़ी जीत हासिल की थी।
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आगरा, 22 अप्रैल । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या और काशी ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है। अब ब्रज भूमि का भी नंबर आने वाला है। विकास के लिए अब आपको तरसाने की कोई हिम्मत नहीं कर पाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा के किरावली में जनसभा को संबोधित करने के दौरान फतेहपुर सीकरी से भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर को फिर से सदन भेजने की अपील की।
उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अयोध्या और काशी ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है। अब ब्रज भूमि का नंबर आने वाला है। विकास के लिए अब आपको तरसाने की कोई हिम्मत नहीं कर पाएगा। यह पूरा क्षेत्र ब्रज भूमि का भाग है। गिरिराज महराज की यहां बड़ी कृपा है। दुनिया यहां के रज-रज में कृष्ण कन्हैया का दर्शन करती है। सौभाग्य है कि इस धरती पर रहकर जीवन यापन कर आप सभी लोग भारत माता की सेवा करने में लगे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अब आगरा में भी एयरपोर्ट बन रहा है। कांग्रेस, सपा-बसपा के लोग माफिया और अपराधी को गले का हार बनाकर बेटी-व्यापारी की सुरक्षा में सेंध लगा रहे थे। यह लोग माफिया की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ रहे हैं। चुनाव में इन्हें बोल दीजिए, वोट तो कमल पर जाएगा, तुम लोगों को पांच साल की छुट्टी दे रहे हैं, जाओ-खूब फातिहा पढ़ो। हम अयोध्या में रामलला का दर्शन करा रहे हैं तो इसके साथ माफियाओं का राम-नाम सत्य भी करा रहे हैं। हमारा नारा राष्ट्रवाद है, जातिवाद नहीं। जाति और परिवार की बात करने वाले देश को कमजोर करना चाहते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि रामनवमी के दिन भगवान राम का सूर्य तिलक हुआ था। एक तरफ कांग्रेस, सपा-बसपा के लोग कहते थे कि क्या प्रमाण है कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ। यह कहते थे कि राम-कृष्ण हुए ही नहीं थे, जैसे लगता था कि इस सृष्टि के पहले कांग्रेस, सपा-बसपा ही पैदा हो गई थी। पीएम मोदी का प्रताप है कि इन लोगों का झूठ फेल हो गया और रामलला का मंदिर भी बन गया। पीएम मोदी ने ही अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया और प्राण-प्रतिष्ठा भी की। सूर्य तिलक के समय पीएम मोदी भले ही अयोध्या में नहीं थे, लेकिन उनका मन अयोध्या में ही था।
सीएम योगी ने कहा कि एक तरफ विरासत का सम्मान तो दूसरी तरफ विकास के कार्य भी हो रहे हैं। कांग्रेस और सपा वाले गरीबों के हकों पर डकैती डालने के लिए जनधन अकाउंट नहीं खोलते थे। गरीब सर्दी में ठिठुरता था तो बरसात में भूखों सो जाता था, लेकिन मोदी सरकार में 'सबका साथ-सबका विकास' के आधार पर योजनाओं का लाभ मिल रहा है। सुविधा सबको, लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं।
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रायपुर, 22 अप्रैल । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने छत्तीसगढ़ में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 11वें स्थान से छलांग लगाकर विश्व में 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया है। उनके तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत दो साल के भीतर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
जेपी नड्डा ने साल 2014 की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में कहा था कि मेरी सरकार गरीब, गांव, वंचित, दलित, महिला सशक्तीकरण, किसान और युवाओं के लिए समर्पित है। आज गांवों का सर्वांगीण विकास हुआ है। पीएम मोदी के नेतृत्व में चार करोड़ पक्के घर बनकर तैयार हुए हैं। ये मकान सभी सुविधाओं से युक्त हैं। आप एक बार फिर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाइए, हम पांच साल में तीन करोड़ और घर बनाएंगे।
देश में सीएए लागू किए जाने की चर्चा करते हुए नड्डा ने कहा कि 1947 में देश विभाजन के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में काफी लोगों को धार्मिक रूप से प्रताड़ित करके वहां से निकाला गया था। उनको नागरिकता देने की बात तो सभी करते थे, लेकिन, नागरिकता देने की हिम्मत किसी में नहीं थी, क्योंकि सभी तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति में डूबे हुए थे। नरेंद्र मोदी को आपने ताकत दी, उन्होंने सीएए लागू किया और जो लोग भारत में आए थे, उन्हें नागरिकता देने का काम किया।
(आईएएनएस)