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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 7 अप्रैल। आयुक्त हरेश मंडावी ने जिला प्रशासन के अधिकारी एसबीएम श्री विनय पोयम, तहसीलदार श्रीमती पार्वती पटेल के साथ शहर के चौक चौराहों मोहल्ले और गली में पैदल मार्च कर लॉक डाउन रिटर्न्स की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता के अलावा निगम अमला ने आज सुबह से ही पूरे शहर का भम्रण कर स्पीकर के माध्यम से आम नागरिकों को बेवजह घर से नहीं निकले अपील की । आयुक्त श्री मंडावी,श्री पोयाम एव श्रीमती पार्वती पटेल एव स्वास्थ्य अधिकारी ने गली गली घूमकर लोगो को समझाइश दिए।
उन्होंने कहा लॉक डाउन का आज पहला दिन है इसे सख्ती से लागू किया गया है । कोरोना वायरस बेहद खतरनाक है इससे बचाव आवश्यक है। शहर के सभी मार्केट में सन्नटा पसरा रहा। शहर में आज से लगाए गए लॉकडाउन का असर सुबह से ही देखना शुरू हो गया था।
कमिश्नर,एसडीएम एव तहसीलदार टीम एव पूरे शहर भर में घूम-घूम कर यह देख रही है कि कहीं लॉकडाउन का उल्लंघन तो नहीं हो रहा।
लेकिन आम जनता स्वत: स्फूर्त कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने की दिशा में भागीदारी निभाने घर से नहीं निकल रहे हैं। केवल मेडिकल इमरजेंसी, टेस्टिंग, वैक्सीनेशन के लिए ही लोग बाहर निकल रहे हैं।।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 7 अप्रैल। कलेक्टर कल शाम चंदूलाल केयर हॉस्पिटल पहुंचे। यहां उन्होंने मरीजों के इलाज की स्थिति एवं साफ सफाई की व्यवस्था की स्थिति देखी।
इस मौके पर नगर निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी भी उपस्थित थे उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मरीजों की बढ़ती संख्या के अनुरूप अस्पताल में बेड बढ़ाने की कार्रवाई की जा रही है। इसके मुताबिक नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सकों की व्यवस्था भी की जा रही है।
कलेक्टर ने कहा कि मरीजों की बढ़ती संख्या के अनुरूप चिकित्सक एवं सफाई कर्मी कर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने मरीजों को दिए जा रहे भोजन की व्यवस्था की जानकारी ली। आयुक्त श्री रघुवंशी ने बताया कि समय पर भोजन की सप्लाई दी जा रही है भोजन की सप्लाई, साफ सफाई की व्यवस्था की नियमित रूप से मोनिटरिंग की जा रही है।
नियमों के उल्लंघन पर वसूला गया जुर्माना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 7 अप्रैल। दुर्ग जिला में कोरोना संक्रमण की चैन तोडऩे मंगलवार से 9 दिनों का पूर्ण लाकडाऊन प्रभावशाली हो गया। यह लाकडाऊन 14 अप्रैल तक चलेगा। जिले में लॉकडाउन का आज पहला ही दिन था। जिसका असर सुबह से ही दिखना शुरू हो गया।
सुबह से ही इंदिरा मार्केट के अलावा शहर के सारे महत्वपूर्ण बाजारों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा वहीं शहर के सारे महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर पुलिस की टीम मॉनिटरिंग करती रही। दुर्ग शहर के पटेल चौक, ग्रीन चौक, राजेन्द्र पार्क चौक, महाराजा चौक आदर्श नगर और पुलगांव चौक में पुलिस द्वारा तगड़ी नाकेबंदी की गई थी। आवश्यक कारण बताने के बाद ही लोगों शहर की ओर प्रवेश दिया गया। बेवजह घूमते लोगों पर पुलिस ने सख्ती बरती। ऐसे लोगों से पुलिस द्वारा जुर्माना वसूला कर उन्हें घर वापसी की समझाइश दी गई। लाकडाऊन के दौरान पुलिस एवं निगम की मोबाइल टीम पूरे शहर भर में घूम-घूम कर यह देख रही है कि कहीं लॉकडाउन का उल्लंघन तो नहीं हो रहा लेकिन नागरिकगण स्वत: स्फूर्त कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने की दिशा में भागीदारी निभाने घर से नहीं निकल रहे हैं। केवल मेडिकल इमरजेंसी, टेस्टिंग, वैक्सीनेशन के लिए ही लोग बाहर निकल रहे हैं।
दवा दुकानों, चश्मा दुकान को छोडक़र अन्य सभी दुकाने बंद है। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने 4 दिन पूर्व लॉक डाउन लगाने का निर्णय लिया था ताकि लोग आवश्यक सामानों की खरीद कर लें। इसके अलावा कंट्रोल रूम में हेल्पलाइन नंबर दिए हैं एवं निगम की टीम चारों ओर स्थिति पर नजर रखी हुई है। कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि जरूरतमंदों को किसी तरह से दिक्कत ना हो यह सुनिश्चित करें।
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दुर्ग, 7 अप्रैल। दुर्ग निगम आयुक्त हरेश मंडावी ने लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने शहर में शाम को भी निगम अमले के साथ भ्रमण किया। उन्होंने इंदिरा मार्केट हरि बाजार होटल मान एरिया तमिल पारा ब्राह्मण पारा गांधी चौक स्टेशन रोड , केलाबाड़ी आदि क्षेत्रों में घूम-घूम कर नागरिको को जिला प्रशासन के गाइडलाइन अनुसार लॉकडाउन का पालन करने के लिए सहयोग देने अपील की । शाम को कमिश्नर ने अमले के साथ इंद्रिरा मार्केट क्षेत्र, चौक चौराहे,गली मोहल्ले एव अन्य जगहों पर निरीक्षण किया। इस दौरान ब्राह्मण पारा और गांधी चौक क्षेत्र में 89 लोग घूमते नजर आए। उन्होंने इनको बुलाकर घर से बाहर निकलने की वजह पूछा और पूछताछ के बाद उन्हें वापस घर भिजवाए । उन्होंने सभी से लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करने कहा। उन्होंने कहा नागरिक लॉकडाउन में अपने घर पर सुरक्षित रह कर शासन-जिला प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं । कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए यह बेहद आवश्यक है कि घर पर रहें, सुरक्षित रहें । कोविड से संबंधित लक्षण दिखाई देने पर अपना कोरोना जांच जरूर कराएं ।
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता, शिव शर्मा, जसवीर भुवाल,मेनसिंग मंडावी, सुरेश भारती, लव कुश, शौयब अहमद,विनित वर्मा एव निगम अमला मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 7 अप्रैल। कोरोना से कोहका के दो सगे भाइयों की मौत हो गई। जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव , एक ट्रेवल्स के संचालक एवं एक प्रतिष्ठित नागरिक की कोरोना से 2 दिनों में मौत हो गई है।
जिले में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है जिस के प्रकोप के कारण लगातार नागरिकों की मौत हो रही है। बजरंग पारा कोहका निवासी दो सगे भाइयों में लक्ष्मी नारायण शुक्ला 62 वर्ष एवं उनके छोटे भाई व्यास नारायण शुक्ला 56 वर्ष की कल इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं ग्राम कुरूद निवासी वर्तमान में दलीप परिसर कैलाश नगर में रह रहे 67 वर्षीय कृष्ण कुमार गुप्ता का मंगलवार की दोपहर निधन हो गया।
ट्रैवल्स संचालक नेहरू नगर निवासी ओंकारनाथ तिवारी का आज सुबह इलाज के दौरान स्मृति नगर स्थित हाईटेक अस्पताल में निधन हो गया। वे प्रसिद्ध बॉक्सिंग खिलाड़ी गुरुप्रसाद तिवारी के छोटे भाई थे। कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से हाईटेक हास्पिटल स्मृति नगर में उपचार के दौरान 54 वर्षीय ओंकारनाथ ने दम तोड़ दिया।
जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग शहर के जिला सचिव आकाश जायसवाल की कोरोना से मौत हुई है। तीन दिन पहले ही उन्हें हाइटेक अस्पताल में एडमिट किया गया था। जहां आज उन्होंने दम तोड़ दिया।
शहर के गली व मोहल्ले के घर भी किए जा रहे सैनिटाइज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 अप्रैल। नगर निगम दुर्ग क्षेत्र के नागरिकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने सैनिटाइजिंग का कार्य निरंतर जारी है। निगम के स्वास्थ्य विभाग का अमला सैनेटाइज का कार्य सघन रूप से कर रहे हैं। दुर्ग निगम क्षेत्र में संचालित सभी 23 सेंटर जहां लोगों को वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है उन स्थानों पर सघन रूप से सेनेटाइज कर संक्रमण की रोकथाम करने का प्रयास किया जा रहा है।
दुर्ग स्वास्थ्य विभाग टीम द्वारा कोरोना पॉजिटिव वाले मरीज के घर के साथ ही वार्डों, भीतरी गलियों तथा सार्वजनिक स्थानों पर सोडियम हाइपोक्लोराइड के घोल से सेनेटाइज कर संक्रमण की रोकथाम में जुटे हुए है। इसके साथ ही वार्डों में सडक़, नालियों की सघन सफाई भी की जा रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम हेतु निगम प्रशासन आमजन से अपील कर रही है कि लोग भीड़ में जाने से बचे, ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके।
दुर्ग निगम आयुक्त हरेश मंडावी के निर्देशानुसार कोरोना पॉजिटिव वाले मरीजों व आसपास घरों में सेनेटाइज किया जा रहा है। स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता के मार्गदर्शन में सभी अपने अपने क्षेत्र के वार्डों में सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल से घरों, दुकान इत्यादि के साथ ही घरों के खिडक़ी, दरवाजे को सेनेटाइज कर रही है। सुबह 7 बजे से दुर्ग स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोडियम हाइपोक्लोराइड के घोल से गयानगर, बैगापारा, तकियापारा, सिकोला बस्ती, शंकर नगर, पद्मनाभपुर, गंजपारा, तमेरपारा, सुराना कॉलेज वार्ड, अस्पताल वार्ड, पोलसायपारा, संतराबाड़ी, बोरसी 49, केलाबाड़ी वार्ड, आमदी मंदिर वार्ड, उरला वार्ड 57-58 में सेनेटाइज करने के कार्य में जुट रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 अप्रैल। आबकारी विभाग भी कोरोना की चपेट में आ गया है। विभाग के आधा दर्जन से अधिक अधिकारी कर्मचारी कोरोना से संक्रमित बताए जाते हैं। गौरतलब है इस बार काफी सख्त लॉकडाउन का निर्देश है, जिसके तहत शराब की भी दुकानें इस अवधि में बंद रहेगी। इसलिए दुर्ग जिले के विभिन्न शराब दुकानों में सोमवार को शराब लेने भारी भीड़ रही।
छ: से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन के दौरान शराब दुकानें बंद रहने से शराब नहीं मिलेगी। शराब दुकानों में भीड़ के मद्देनजर इस बार बगैर मास्क के शराब विक्रय नहीं किए जा रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का भी कड़ाई से पालन किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय अमले को दिन में 5 बार दल बनाकर शराब दुकानों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं, मगर आधा दर्जन से अधिक विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने के मामले सामने आने के बाद विभाग के लिए चुनौती खड़ी हो गई है।
जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग के तीन कंप्यूटर ऑपरेटर, दो बाबू, 2 प्यून एवं 11 सिपाही तथा सब इंस्पेक्टर कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। विभागीय अमले को लॉकडाउन के दौरान अवैध रूप से बिकने वाले शराब पर भी लगाम लगाने की जिम्मेदारी है। सहायक आयुक्त आबकारी नोहर सिंह ठाकुर का कहना है कि शराब दुकानों को निरंतर सेनिटाइज किए जा रहे हैं।
साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। लॉकडाउन के दौरान भी कहीं भी शराब की सप्लाई न होने पाए, इसके लिए लगातार विभाग द्वारा मॉनिटरिंग किए जाने की योजना तैयार कर ली गई है।
लॉकडाउन की तैयारी को लेकर आयुक्त ने ली अफसरों की बैठक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 अप्रैल। आयुक्त हरेश मंडावी ने सोमवार को निगम अधिकारियों की बैठक लेकर लॉकडाउन की तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। लॉकडाउन का नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई करने कहा। उन्होंने शहर के निवासियों से अपील कर कहा कोई भी व्यक्ति बिना इमरजेंसी के घर से बाहर न निकलें, अन्यथा दण्डात्मक धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आयुक्त श्री मंडावी ने अधिकारियों से कहा लॉकडाउन के दौरान नगर निगम दुर्ग का कोविड 19 का कार्य यथावत चलेगा। सर्वे सहित दवाई का वितरण एवं कन्टेनमेंट को प्रतिबंधित करने के साथ जुर्माने की कार्रवाई निरंतर की जाएगी। इन कार्यों में लगे सभी अधिकारियों कर्मचारियों को आईडी जारी किया जा रहा है, जिससे वे निश्ंिचत होकर कार्य करेंगे।
वैक्सीनेशन व कोरोना जांच निरंतर जारी
आयुक्त श्री मंडावी ने बताया कोरोना संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए शासन के निर्देशानुसार 45 से 59 वर्ष के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। साथ ही जिला अस्पताल सहित अन्य निर्धारित स्थानों पर कोरोना संक्रमण की जांच जारी रहेगी, जिन अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी इस कार्य में लगा है वे अपने कार्य को सम्पादित करेंगे।
जारी रहेंगे निगम के जरूरी कार्य
शहर की सफाई और स्वच्छता का कार्य भी निरंतर जारी रहेगा। इसके लिए सभी कर्मचारियों को आईडी कार्ड जारी कर दिया गया है। निगम के सभी जरूरी कार्य यथावत जारी रहेगा। सभी अधिकारी कर्मचारी अपने-अपने मोबाईल चालू रखेंगें कोई भी बंद नहीं रखेगा और कोई भी मुख्यालय छोडक़र कहीं नहीं जाएगा।
बैठक में कार्यपालन अभियंता सुशील कुमार बाबर, मोहनपुरी गोस्वामी, राजेश पाण्डेय, सहा. अभियंता जितेन्द्र समैया, भवन अधिकारी प्रकाशचंद थवावनी, शिव शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता, सहा. बाजार अधिकारी प्रकाशधर दीवान के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
गर्मी के दिनों में जनता को निस्तारी व पेयजल के लिए मिले पर्याप्त पानी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 अप्रैल। नगर निगम क्षेत्र में शिवनाथ नदी से घर-घर पहुंचने वाला पानी इस बार सिंचाई विभाग द्वारा अभी से खरखरा जलाशय द्वारा छोड़ दिया गया है, किन्तु शहर के 24 तालाबों का जल स्तर बढ़ती गर्मी के साथ ही निरंतर कम होता जा रहा है, जिससे तालाबों के आसपास रहने वाले लोगों के समक्ष निस्तारी की समस्या उत्पन्न होना प्रारंभ हो गई है। शहर की आधी आबादी निस्तारी के लिए तालाबों पर निर्भर है। पेयजल एवं निस्तारी की व्यवस्था सुनिश्चित करने विधायक अरुण वोरा जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता समीर जार्ज से मुलाकात करने पहुंचे।
उन्होंने कहा कि ग्रीष्म काल में आम जनता को निस्तारी की समस्या नहीं होनी चाहिए। नदी में 12 फीट पानी इंटेकवेल के आसपास रहना चाहिए, नगर निगम की डिमांड के अनुरूप सिंचाई विभाग द्वारा लेबल डाउन होने के पहले ही पानी छोड़ा जाए, जिससे पानी पहुंचना प्रारंभ हो सके।
वहीं दूसरी तरफ कैलाश नगर, शक्ति नगर, बोरसी, पोटिया, दीपक नगर, कातुलबोड़ के तालाबों में भी गंदगी का आलम होने की शिकायत है, जिसे देखते हुए वोरा ने तांदुला से तालाबों के लिए छोड़े गए पानी का तालाबों तक पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए नहर नालियों की सफाई एवं मरम्मत करवाने निगम अधिकारियों को निर्देश दिए।
अधीक्षण अभियंता समीर जार्ज ने बताया कि खरखरा से शिवनाथ नदी में छोड़ा गया पानी अब पहुंचने लगा है। बांध में पानी की कोई कमी नहीं है। तांदुला का पानी भी अगले 10 दिनों में तालाबों तक पहुंचने लगेगा।
इस दौरान पूर्व पार्षद राजेश शर्मा, एल्डरमैन अंशुल पांडेय मौजूद थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 6 अप्रैल। जिले में 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक चलने वाला लॉकडाउन अब तक का सबसे सख्त लॉकडाउन होगा। लॉकडाउन के कार्यान्वयन की रणनीति के संबंध में कल महत्वपूर्ण बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई। इसमें कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर ने अधिकारियों को विस्तार से निर्देश दिए। बैठक में भिलाई निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी, अपर कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी सभी निगम आयुक्त, एसडीएम एवं पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में बताया गया कि जिले से सटी हुई सीमाओं पर पुलिस एवं राजस्व के दल मानिटरिंग करेंगे। जिले की सीमाएं पूरी तरह सील होंगी। ई-पास के बगैर आने वालों पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा।
ई-पास का आवेदन जिले की वेबसाइट में उपलब्ध कराया गया है। अत्यावश्यक सेवाओं के अतिरिक्त राज्य सरकार के सारे कार्यालय बंद रहेंगे, केंद्र सरकार के कर्मचारी अपना पहचान पत्र दिखाकर अपने कार्यालय पहुंच सकेंगे। मार्निंग वाक, साइक्लिंग, जिमिंग पूरी तरह बंद रहेंगे। जरूरतमंदों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किये जा रहे हैं। केवल एनएच के चल रहे निर्माण कार्य एवं अमृत मिशन के कार्य चलेंगे, शेष सभी निर्माण कार्य बंद रहेंगे। सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूर्णत: बंद रहेंगे।
मेडिकल, पेट्रोल पंप, चश्मा दुकान विक्रेता जिनको लॉकडाउन में छूट मिली है, उनकी शत-प्रतिशत टेस्टिंग की जाएगी। अन्य राज्यों से अथवा प्रदेश के अन्य जिलों से दुर्ग के अलावा अन्य जिलों हेतु संचालित सार्वजनिक परिवहन को शहर के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं। जिले से प्रदेश के अन्य जिलों अथवा अन्य राज्यों हेतु संचालित लंबी दूरी की सार्वजनिक परिवहन सेवा आनलाइन बुकिंग के आधार पर संचालित होगी। प्रस्थान के केवल पांच मिनट पूर्व एकमात्र दुर्ग के बस स्टैंड पर उपलब्ध होगी। अन्य प्रदेश अथवा जिलों से आने वाले यात्रियों का ब्योरा सीएमएचओ कार्यालय में बस संचालक को उपलब्ध कराना होगा। अन्य क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य होगा। इसके लिए बस स्टैंड में कैंप लगाये जाएंगे, सबके टेस्ट की जवाबदेही बस संचालक की होगी। अत्यावश्यक सेवाओं के परिवहन को अनुमति होगी। केवल वाहन चालक और हेल्पर को ही वाहन में अनुमति होगी। हर दिन शाम को एसडीएम-एसडीओपी फ्लैगमार्च करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय अमले का दल बनाकर लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। विवाह और अंत्येष्टि में 50 के भीतर लोगों को ही अनुमति मिल सकेगी। सभी परीक्षाओं को अनुमतिए परीक्षार्थी के साथ अभिभावक भी जा सकेंगे। ट्रेन से अथवा फ्लाइट से परिवहन के लिए जाने वाले लोगों को टिकट दिखाने पर अनुमति दी जाएगी।
मोबाइल रिचार्ज दुकानें बंद रहेंगी। घर जाकर दूध बांटने वाले विक्रेता सुबह 6 से 7 बजे एवं शाम 6 से 7 बजे जा सकेंगे। औद्योगिक संस्थानों को प्रतिबंध से छूट रहेगी। बैंक एवं पोस्ट आफिस सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक खुले रहेंगे। चार पहिया वाहनों में ड्राइवर सहित अधिकतम तीन एवं दो पहिया वाहनों में केवल दो व्यक्तियों को यात्रा की अनुमति। वैक्सीनेशन और टेस्टिंग के लिए केंद्र तक जाने की अनुमति होगी। सारी छूटें कंटेटमेंट क्षेत्र में लागू नहीं। आदेश के उल्लंघन होने पर धारा 188 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस एवं निगम की टीम करती रही मॉनिटरिंग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाईनगर,6 अप्रैल। जिले में आज से लगाए गए लॉकडाउन का असर सुबह से ही ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्रों में दिखना शुरू हो गया। पुलिस के द्वारा सख्ती दिखाते हुए बेमेतरा बालोद एवं रायपुर जिले से बिना इमरजेंसी के नागरिकों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। ग्यारह स्थानों पर पॉइंट लगाकर जिले की सीमा को सील किया गया है। चाक-चौबंद व्यवस्था के लिए 1110 पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है। 75 पेट्रोलिंग पार्टियां कार्य कर रही है। शहर में कुल 26 चेकिंग पॉइंट बनाए गए हैं, ताकि कोरोना गाइडलाइन का पूर्णता पालन कराया जा सके। गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले को सजा के तौर पर 4 घंटे तक धूप में खड़ा किया जाएगा। सुबह से ही शहर के सारे महत्वपूर्ण बाजारों में पूरी तरह से सन्नाटा बना रहा। इसके साथ ही शहर के सारे महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर पुलिस की टीम मॉनिटरिंग करती रही।
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए जिलाधीश डॉ.सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे के द्वारा 6 से 14 अप्रैल तक पूर्णता लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इसी के क्रियान्वयन में आज दुर्ग जिले की पूरी सीमा को सील कर दिया गया है। इसके लिए अमलेश्वर, पाटन, धमधा, कुम्हारी, नंदिनी, अंजोरा से लगने वाले दिगर जिलों की सीमा पर 11 पॉइंट बनाकर सीमाएं सील कर दी गई है। पड़ोसी जिले राजनांदगांव बालोद बेमेतरा एवं रायपुर से आने वाले को दुर्ग जिले में प्रवेश नहीं दिया जाएगा इमरजेंसी की स्थिति में ई-पास के जरिए ही प्रवेश प्राप्त होगा।
जिले की पुलिस टीम लॉकडाउन को लेकर मुस्तैद है। लॉकडाउन के लिए 1110 पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तैनाती पूरे जिले में की गई है। 75 पेट्रोलिंग पार्टियां लगातार पूरे जिले की मॉनिटरिंग कर रही है। शहर में 26 पॉइंट जांच के लिए बनाए गए हैं। ताकि कोरोना का उल्लंघन करने वाले लोगों को रोका जा सके। इसके अलावा पुलिस प्रशासन ने तय किया है कि कोरोना का पालन नहीं करने वाले को दंड स्वरूप 4 घंटे तक धूप में खड़ा किया जाएगा। पुलिस एवं निगम की मोबाइल टीम पूरे शहर भर में घूम-घूम कर यह देख रही है कि कहीं लॉकडाउन का उल्लंघन तो नहीं हो रहा लेकिन नागरिकगण स्वत: स्फूर्त कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने की दिशा में भागीदारी निभाने घर से नहीं निकल रहे हैं। केवल मेडिकल इमरजेंसी, टेस्टिंग, वैक्सीनेशन के लिए ही लोग बाहर निकल रहे हैं। दवा दुकानों, चश्मा दुकान को छोडक़र अन्य सभी दुकानें बंद हंै।
दुर्ग जिले में आज लॉकडाउन का असर सुबह से ही दिखना शुरू हो गया। केवल मेडिकल इमरजेंसी, टेस्टिंग, वैक्सीनेशन और बैंक वर्क के लिए ही लोग बाहर निकले। औद्योगिक क्षेत्र के अनेक उद्योग अब भी कर्मचारियों से काम ले रहे हैं जिसके चलते कुछ फौजी नगर, छावनी व खुर्सीपार की कुछ कम्पनियों में काम चालू रहा। श्रमिकों ने बताया कि पारिश्रमिक काट लेने की वजह से उन्हें मजबूरन काम पर जाना पड़ रहा है, मुख्य चौक चौराहों को छोड़ अन्य रास्तों से वो कंपनियों तक पहुंच रहे हैं।
कुम्हारी पुलिस के द्वारा लॉकडाउन से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। कुम्हारी टोल प्लाजा पर नागरिकों को लॉकडाउन की जानकारी देने के लिए यातायात नियंत्रण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्टॉपर पर पंपलेट चस्पा कर नागरिकों को अलर्ट किया गया है। इन पंपलेट पर दुर्ग में पूर्णता लॉकडाउन लिखकर चस्पा किया गया है। बिना पास वह बिना अनुमति के जिले में प्रवेश वर्जित है। जैसे कैप्शन चस्पा किए गए हैं। ताकि लॉकडाउन का पूर्णता पालन करवाया जा सके।
डॉक्टरों द्वारा की जा रही है मॉनिटरिंग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 अप्रैल। जिले के होम आइसोलेशन कंट्रोल सेंटर के माध्यम से लगातार कोरोना आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों की सेहत की देखभाल की जा रही है। डॉक्टरों की टीम 24 घंटे इन मरीजों की सेहत पर नजर रखी हुई है।
मरीजों से प्राप्त जानकारी के बाद उनके स्वास्थ्य के संबंध में गहन विमर्श होता है। इसके पश्चात आवश्यक पडऩे पर रिफरल संबंधी निर्णय लिया जाता है। उल्लेखनीय है कि दुर्ग जिले के होम आइसोलेशन कंट्रोल सिस्टम को फीडबैक में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। अभी तक यहां से 17,000 से अधिक मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। सेंटर की मेडिकल प्रभारी डॉ. रश्मि भुरे द्वारा लगातार मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति की मॉनिटरिंग की जाती है। चिकित्सकीय स्टाफ द्वारा प्राप्त इनपुट के माध्यम से मरीज के आगे के इलाज के संबंध में निर्णय होता है।
मरीजों के ऑक्सीजन लेवल की स्थिति की नियमित मॉनिटरिंग की जाती है ऑक्सीजन लेवल की मॉनिटरिंग के मुताबिक मरीज को चंदूलाल कोविड केयर हॉस्पिटल अथवा शंकराचार्य हॉस्पिटल में रेफर किया जाता है। होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम के माध्यम से घर तक दवाइयां भेजी जाती है इसके साथ ही आपात स्थिति होने पर मरीज को अस्पताल तक भेजे जाने की व्यवस्था की जाती है। होम आइसोलेशन कंट्रोल सेंटर की पूरी नजर मरीज की ऑक्सीजन की स्थिति पर होती है। मरीजों को स्पष्ट निर्देश होते हैं की पल्स ऑक्सीमीटर में पंचानवे से नीचे आने पर तुरंत इसकी सूचना दें अथवा किसी अन्य प्रकार के कॉम्प्लिकेशन होने की स्थिति में सूचना दें।
इसके अलावा कंट्रोल रूम के चिकित्सक लगातार मरीजों की स्थिति पर नजर रखे रहते हैं। इसके साथ ही मरीजों को मेडिकल किट के अलावा कोरोना में किस तरह का खानपान करना और आइसोलेशन के नियमों का किस प्रकार पालन कराना यह सारी जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही मरीजों को यह भी कहा जाता है कि आइसोलेशन के नियमों का पालन करें। क्योंकि कोरोना संक्रामक बीमारी है। अभी तक यह प्रवृत्ति देखी गई है कि एक व्यक्ति के प्रभाव में पूरा परिवार संक्रमित हो जाता है। फिलहाल सेंटर में 100 लोगों का स्टाफ है, जो रात दिन लोगों की सेहत की मॉनिटरिंग कर रहा है।
पानी के लिए भटक रहे ग्रामीण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 अप्रैल। जिले के दुर्ग विकासखंड अंतर्गत आने वाले वाले वाले ग्राम निकुम में कोरोना संकट के बीच एक-एक बून्द पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। ग्राम के 90 फीसदी बोर एवं हैंडपंप सूख चुके हंै। ग्राम की पेयजल समस्या का समाधान तालाबों को भरने से भूजल स्तर रिचार्ज होने पर हो सकता है, मगर इस साल ग्राम के निस्तारी तालाबों को भरने में जल संसाधन विभाग ने भी असमर्थता व्यक्त कर दी है।
जानकारी के अनुसार चार हजार की आबादी वाले इस ग्राम के लोग लोग एकमात्र बोर पर निर्भर हंै। जिसके नल से पानी लेने ग्रामीणों में होड़ मची रहती है। एक एक बाल्टी पानी के लिए उन्हें घंटों संघर्ष करना पड़ता है। पानी के इस संघर्ष में ग्रामीण कोरोना का भय भूलकर नल खुलते गुंडी व बाल्टी लेकर लाइन में खड़े होकर मशक्कत करते रहते हैं।
गांव की सरपंच मुक्ति सुधाकर का कहना है कि पेयजल संकट से निकुम वासियों को जूझना पड़ रहा है। ग्राम में पहले भी पेयजल की समस्या थी मगर इतना विकराल रूप कभी नहीं रहा है। घरों के निजी बोर भी बंद हो गए हैं। शासकीय व निजी बोर को मिलाकर 90 प्रतिशत बोर एवं हैंडपंप बंद है। ऐसे में ग्राम में पेयजल समस्या का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
काम चालू रखें या बंद, अफसरों को लिखा पत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 अप्रैल। कोरोना के बढ़ते कहर के बीच जिले के कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत कार्यरत मजदूर भी कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। इससे सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक मनरेगा के कार्य जारी रखें या नहीं इसको लेकर दुविधा की स्थिति में है। लॉकडाउन व कोविड 19 पॉजिटिव पाए जाने के कारण मनरेगा के कार्य चालू रखें या बंद किया जाए इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को पत्र लिखा है।
पाटन क्षेत्र के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक को इस पत्र पर जनपद सीईओ ने उन्हें निर्देशित किया है कि सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्य एजेंसी द्वारा अपनी जिम्मेदारी पर कार्य कराया जा सकता है।
उन्होंने कहा है कि कलेक्टर दुर्ग के आदेश के अनुसार कोविड-19 के दौरान काम बंद नहीं किया जाना है।
दुर्ग सरपंच संघ के उपाध्यक्ष घनश्याम दिल्लीवार का कहना है कि मनरेगा के तहत एक ही जगह पर 300-400 मजदूर काम करते हैं। सैकड़ों की संख्या में कार्य करने वाले इन मजदूरों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग संभव नहीं है। इसलिए सभी ग्राम पंचायतों के द्वारा लिखकर दिया जा रहा है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के खतरे के बीच वे काम चालू नहीं कर सकते।
बाजारों में निगम ने चलाया अभियान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 अप्रैल। दुर्ग जिला कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे के आदेश एवं आयुक्त हरेश मंडावी के निर्देश पर शहर के बाजारों में भ्रमण कर दुकानों में सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करने वालों और मास्क नहीं पहनने वालों पर कार्रवाई की। उन्हें चेतावनी देकर समझाया गया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए चेहरे पर मास्क लगाना आवश्यक है। जिसका सख्ती से पालन कराने दुर्ग नगर निगम द्वारा सुबह-शाम लगातार अभियान चला रहा है। दुर्ग निगम क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के जहा पॉजीटीव मरीज पाए जा रहे हैं उस क्षेत्र को सेनेटाइज किया जा रहा है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। निगम की टीम लोगों को कोरोना से बचाव हेतु सावधान एवं जागरूक रहने की अपील कर रही है।
निगम के वाहनों में निरन्तर स्पीकर के माध्यम से लोगों को जागरूकता के संदेश दिए जा रहे हंै। सार्वजनिक स्थान बाजार क्षेत्र इंद्रिरा मार्केट, समृद्धि बाजार, पांच कंडील चौक एवं हटरी बाजार डीमार्ट, समेत अन्य जगहों में मास्क नहीं लगाने वाले लोगों से अर्थदण्ड वसूलने की कार्रवाई की गई । बाजार क्षेत्र में व्यापारियों को भी समझाइश दी जा रही है कि बिना मास्क लगाए सामान का लेन-देन न करें अन्यथा दुकान सील बंद करने सहित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निगम की टीम सुबह और शाम चौक-चौराहों में घेराबंदी कर आने जाने वाले वाहनों में व्यक्तियों द्वारा मास्क लगाने को लेकर कड़ी निगरानी की जा रही है। अभियान के तहत सार्वजनिक क्षेत्र और बाजार क्षेत्र में मास्क नहीं लगाने वालों पर सख्त कार्यवाही करते हुए अर्थदंड वसूला जा रहा है। दुर्ग निगम क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरी मुस्तैदी से जुटा हुआ है।
निगमायुक्त हरेश मंडावी ने कोरोना के हर पहलू पर काम करने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इस मौके पर स्वस्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता स्वस्थ्य के मार्गदर्शन में निरीक्षक जसवीर सिंग भुवाल,मेनसिंग मंडावी,सुरेश भारती, राजू सिंह, राजेन्द्र, लवकुश शर्मा, विनीत वर्मा, शौयब अहमद के अलावा अन्य ने कार्रवाई की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 अप्रैल। भाजपा जिला उपाध्यक्ष व मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के पूर्व जिला अध्यक्ष संतोष सोनी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र मेल कर आईसीएमआर ( इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ) के कोरोना उपचार के वर्तमान गाईडलाईन में संशोधन करने की मांग की है।
संतोष सोनी ने पत्र में लिखा है कि कोविड 19 प्रथम व द्वितीय लहर में इतनी बड़ी संख्या में हुई आकस्मिक मौतों का सबसे बड़ा कारण कोरोना टेस्ट कराने के बाद ही कोविड की प्रारंभिक एन्टी वायरल दवाओं की खुराक दे सकने की अनिवार्यता का नियम है।
स्पष्ट लक्षण वाले मरीजों की भी जब तक जांच रिपोर्ट आती है तब तक चिकित्सक मजबूरी में उसे सर्दी खांसी बुखार की सामान्य दवा ही खिला सकता है। अनेक भिन्न कारणों से मरीज की जांच रिपोर्ट में 4 दिन से 10 दिन तक का विलंब व चिकित्सक के द्वारा उसे कोविड 19 की एन्टी वायरल दवाओं की खुराक प्रारम्भ न कर पाना ऐसे मरीजों के लिए अत्यंत घातक हो जाता है। ऐसे मरीजों में वृद्ध व को-मार्बीडीटी रोग ग्रसित मरीजों का रक्त तेजी से गाढ़ा होने लगता है एवं फेफड़े का सूजन भी काफी बढ़ जाता है जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत व ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल काफी लो हो जाता है फलस्वरूप आनन फानन रात बिरात अस्पताल में भर्ती कर ऑक्सीजन या वेंटिलेटर पर रख कर मँहगे इंजेक्शन से इलाज करना पड़ता है, जिसके बाद भी बचने की संभावना कम रहती है और बच गए तो अस्पताल का 3-4 लाख का बिल और एक से ज्यादा सदस्य के इलाज में 10-12 लाख रुपये के बोझ से वो परिवार दब जाता है। पोस्ट कोविड मरीज के फेफड़े भी कमजोर या खराब हो जाते हैं।
संतोष सोनी ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से अपील किया है कि आईसीएमआर की गाईडलाईन में तत्काल प्रभाव से सुधार कर पूरे देश में चिकित्सकों को कोविड के लक्षण के आधार पर संदिग्ध कोविड मरीजों को आईसीएमआर निर्देशित उपचार सूची के तहत एन्टी कोविड दवाओं की खुराक देने की पात्रता विधिवत प्रदान की जाए जिससे मरीज को मौत से बचाया जा सकेगा।
भारत जैसे चिकित्सा सुविधा के लिए संघर्षरत देश एवं इतनी बड़ी जनसंख्या के जागरूकता व शिक्षा के अभाव के कारण कोविड जांच में विलंब की बहुत अधिक संभावना है ऐसे में आईसीएमआर की कड़ी गाईडलाईन के कारण पूरे भारतवर्ष में चिकित्सको के हाँथ बंधे हुए हैं और वास्तविक जरूरतमंद लाखों मरीज, कोविड लाइन ऑफ ट्रीटमेंट की दवा से वंचित होकर जिंदगी व मौत का संघर्ष करने को विवश हैं।
संतोष सोनी ने अस्पतालों में कोविड उपचार हेतु उपयोग में लाये जा रहे मँहगे इंजेक्शन पर दवा कंपनियों द्वारा दिये जा रहे भारी मुनाफे पर तत्काल रोक लगा उनके दाम को आधा करने व रक्त जांच व सीटी स्कैन के दरों को वर्तमान दर से आधा करने की भी मांग स्वास्थ्य मंत्री से की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 5 अप्रैल। कोरोना से उपजे संकट की वजह से देश के लोगों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। लोगों को अपनी मूलभूत जरूरतें पूरा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपना वादा पूरा करने का यही सही समय है। वादा अनुरूप बैंक खातों में 15-15 लाख की राशि डाल कर लोगों को बड़ी आर्थिक राहत प्रदान की जा सकती है, लेकिन मोदी के कथनी और करनी में बड़ा अंतर है।
अगर वह देश की जनता के बारे में सोचते तो किसान आंदोलन कब से समाप्त हो चुका होता। पेट्रोल-डीजल गैस व अन्य सामानों की दरें नहीं बढ़ती। बेरोजगारी बढ़ी समस्या नहीं बनती। प्रधानमंत्री जनता को राहत देने में हर मोर्चे पर विफल है। यह आरोप कांग्रेस नेता व अधिवक्ता सरोज यादव ने लगाया है।
श्री यादव ने जारी विज्ञप्ति में देश और प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले के लिए केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार द्वारा कोरोना नियंत्रण के लिए राज्य सरकारों को पर्याप्त मदद की गई होती, तो देश में कोरोना इतना विकराल रूप नहीं लिया होता। कोरोना रोकथाम को लेकर केंद्र सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। इसलिए केन्द्र सरकार की खामियां छिपाने प्रदेश भाजपा के पूर्व मंत्री और नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के असम चुनाव दौरे पर जाने को मुद्दा बनाकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता सरोज यादव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री बघेल तो कम से कम अपने देश के अंदर ही दौरे पर गए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोनाकाल में जनता कोअकेले छोडक़र बांग्लादेश के विदेश दौरे पर चले गए थे। भाजपा नेताओं को मोदी का यह दौरा नजर नहीं आया।
सरोज यादव ने प्रदेश भाजपा के पूर्व मंत्रियों व नेताओं को नसीहत देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री का चापलूसी करना बंद करें, क्योंकि जनता सब देख रही है। उसे समय का इंतजार है। जनता केंद्र की धोखेबाज भाजपा सरकार को सबक सिखाने पूरी तरह से तैयार है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 4 अप्रैल। संपूर्ण भारतवर्ष में सामाजिक सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर जैन समाज के उत्थान के लिए कृत संकल् ित संगठन भारतीय जैन संघटना का छत्तीसगढ़ में विस्तार किया गया। यह कार्यकाल वर्षों का होगा भारतीय जैन संघटना के जोन अध्यक्ष के लिए सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल्ल संचेती को जोन अध्यक्ष मनोनीत किया गया। उक्त मनोनयन भारतीय जैन संघटना के रा’य शाखा अध्यक्ष ंकज चो ड़ा एवं महासचिव मनोज लुक्कड़ ने किया।
भारतीय जैन संघटना के जोन अध्यक्ष का कार्य क्षेत्र दुर्ग, भिलाई, वैशाली नगर, भिलाई, चरोदा, अहिवारा, पाटन, बेरला, धमघा, देवकर, साजा, बीजा, गुंडरदेही होगा। दुर्ग जैन समाज के सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल्ल संचेती विगत कई वर्षों से शहर की समाजिक सांस्कृतिक एवं रचनात्मक गतिविधियों में विभिन्न सेवाभावी संस्थाओं के अध्यक्ष रहते हुए अपनी सेवाएं प्रदान की है, जिनमें प्रमुख रूप से जेसीआई दुर्ग-भिलाई जैन सोशल ग्रुप्स ना फाउंडेशन रोटरेक्ट क्लब एवं राजन सम्मान समारोह समिति प्रमुख है। इसी तरह दुर्ग जैन समाज के मदन जैन, उत्तम बरडिया, रमेश चोपड़ा, सीए संतोष जैन, किशोर कोचर को भारतीय जैन संघटना के विभिन्न सेवाभावी प्रकल्पों का छत्तीसगड़ स्तर पर प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी गयी है। भारतीय जैन संघटना के इस मनोनयन पर श्रमण संघ दुर्ग के अध्यक्ष निर्मल बाफना, टीकम छाजेड़ ओसवाल पंचायत के वरिष्ठ दाधिकारियों सहित जैन सोशल ग्रुप्स के संस्था क अध्यक्ष दीपक जैन ने अपनी बधाई प्रेषित की है।
वीसी के जरिए जुड़े ताम्रध्वज, रुद्र कुमार-वोरा भी रहे मौजूद
सिंहदेव ने की दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्ष
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 4 अप्रैल। जिले में कोविड संक्रमण की स्थिति एवं इसके रोकथाम की रणनीति को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने शनिवार को सर्किट हाउस में विस्तृत समीक्षा ली। समीक्षा में पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार भी मौजूद रहे एवं गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
बैठक में मंत्री श्री सिंहदेव ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए आपको किस तरह के अतिरिक्त संसाधन की जरूरत है। डीएमएफ फंड और अन्य फंड का किस तरह से कोरोना संक्रमण को थामने उपयोग किया जा सकता है आपका फीडबैक लेने यह बैठक बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल तात्कालिक रूप से राहत पहुंचाना नहीं है अ ितु ऐसा सिस्टम भी तैयार करते चलना है, जिससे कोरोना के कुछ और वेव आने की दशा में भी हम इसे रोकने के लिए प्रभावी रूप से तैयार रहें।
उन्होंने कहा कि आक्सीजन सिलेंडर की अतिरिक्त उपलब्धता की दिशा में काम करें। यह देखा गया है कि कोमार्बिड और बुजुर्ग लोगों का आक्सीजन लेवल तेजी से कम हो जाता है। ऐसे में कोविड बेड की संख्या बढ़ाते रहने की जरूरत है। भविष्य में संक्रमण बढऩे की आशंका को देखते हुए भी तैयार रहें। उन्होंने कहा कि दुर्ग जिले में संक्रमण को रोकने के लिए हर स्तर पर कार्य किया जाएगा एवं मदद की जाएगी। बैठक में गृह मंत्री ने जिले में इलाज की सुविधा का इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से मजबूत करने पर जोर दिया ताकि कोरोना संक्रमण पर पूरा काबू पाया जा सके।
पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने कहा कि वैक्सीनेशन, टेस्टिंग और ट्रेसिंग इन तीन चीजों पर युद्धस्तर पर काम होते रहना चाहिए। बैठक में विधायक अरुण वोरा भी उ स्थित थे। उन्होंने कहा कि जिले में आक्सीजन बेड की व्यवस्था निरंतर बढ़ाते रहने एवं इसी के अनुरू विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने एवं साथ ही संख्या के मुताबिक र्याप्त नर्सिंग स्टाफ रखने से समस्या के समाधान की दिशा निकलेगी। बैठक में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि चंदूलाल हास्पिटल में लगातार आक्सीजन बेड बढ़ाए जा रहे हैं। होम आइसोलेशन में लोगों को कारगर रूप से इलाज सुनिश्चित करने कोविड बेड बढ़ाए गए हैं। बैठक में दुर्ग महा ौर धीरज बाकलीवाल भी उ स्थित थे।
लक्षण उभरते ही टेस्ट कराएं. मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण में गंभीर स्थिति से लोगों को बचाने के लिए बहुत जरूरी है कि वे लक्षण उभरते ही टेस्ट कराएं। कई बार लोग इसमें विलंब कर देते हैं। आक्सीजन सैचुरेशन की स्थिति बिगडऩे पर स्थिति गंभीर होती है। उन्होंने कहा कि लक्षण उभरते ही मरीज स्वयं को आइसोलेट कर दे और टेस्ट करा ले। इससे रिवार के अन्य लोगों को फैलने की आशंका नहीं होगी।
वैक्सीनेशन के बाद भी रखें सावधानी. मंत्री ने कहा कि कोरोना के टीका लगने के 70 दिनों के बाद इसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी। इसके बावजूद कोरोना हो सकता है, लेकिन टीके से मिले प्रतिरोध के चलते इससे लडऩे की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इसलिए जरूरी है कि मास्क और सैनिटाइजेशन को हमेशा के लिए अपनायें। उन्होंने जैन संतों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि जैन संतों की जीवन शैली में देखियेए ऐसी शैली से कोरोना जैसी बीमारियाँ दूर रहती हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं कर रहीं हॉटस्पॉट में हर घर का निरीक्षण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 4 अप्रैल। कोरोना का चिन्हांकन जल्द से जल्द होने से ही इसकी गंभीरता से बचा सकता है। लोग कोविड के लक्षण सामने आने पर आगे आकर चेक कराएं इसके लिए प्रशासन ने लोगों से लगातार अपील की है। इसके नतीजे मिल रहे हैं। लोग सैंपल देने आगे आ रहे हैं। जिले में हर दिन साढ़े तीन हजार से अधिक सैं ल एकत्रित किए जा रहे हैं। अप्रैल के हले दो दिनों में साढ़े सात हजार सैंपल एकत्रित किये गए हैं।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने हाटस्पाट एरिया में विशेष रूप से सघन जाँच अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। कोरोना के फैलने की आशंका को देखते हुए हाटस् पॉट वाले क्षेत्रों में सभी स्ट्रीट वेंडर का कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया ताकि पाजिटिव आने पर इन्हें आईसोलेट किया जा सके। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं मितानिनों के माध्यम से हर दिन हाटस्पाट क्षेत्रों में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। कोरोना का प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखते हुए यहाँ भी हाटस्पाट वाले क्षेत्रों को लाकडाउन किया जा रहा है तथा प्राइमरी कांटैक्ट वाले एवं लक्षणों वाले सभी मरीजों की जाँच की जा रही है। सैंपल इक_ा करने में कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा प्राइमरी कांटैक्ट की सैं लिंग कराई जा सके। इसके लिए मरीजों की केस हिस्ट्री के मुताबिक प्राइमरी कांटैक्ट खंगाले जाकर टेस्टिंग कराई जा रही है। चूंकि यह देखा जा रहा है कि पॉजिटिव मरीजों के रिवार वाले भी तेजी से कोविड से संक्रमित हो रहे हैं अतएव रिवारजनों की भी सैं लिंग कराई जा रही है।
कलेक्टर ने सभी नगर निगम आयुक्त एवं एसडीएम को निर्देशित किया है कि टेस्टिंग सेंटर की व्यवस्थाओं पर नजर रखें। यहाँ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चत हो और एक ही दिन में ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग सुनिश्चित हो सके। टेस्टिंग के पश्चात पॉजिटिव आने पर कांटैक्ट ट्रेसिंग की कार्रवाई की जाती है। कांटेक्ट ट्रैसिंग होने के पश्चात मरीज की स्थिति के मुताबिक चिकित्सकीय सलाह अनुरू होम आईसोलेशन अथवा हास्पिटलाइजेशन पर निर्णय लिया जाता है। ट्रेस होते ही होम आईसोलेशन की अनुशंसा होने पर मरीज को दवा की किट उपलब्ध कराई जाती है। घर में आइसोलेशन का पोस्टर चिपकाया जा रहा है और कंट्रोल रूम से पूरे समय इन मरीजों की तबियत की मानिटरिंग की जा रही है।
कलेक्टर ने की अपील, लक्षण नजर आने पर तुरंत कराएं जाँच
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने नागरिकों से अपील की है कि कोरोना के लक्षण दिखने पर जितनी जल्दी टेस्टिंग कराएंगे, इससे लडऩा उतनी ही आसान हो जाएगा। टेस्टिंग कराने में किये जाने वाले विलंब से दिक्कत पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को टेस्टिंग के श्चात होम आइसोलेशन की सलाह दी गई है। वे अ ने घरों में ूरी तरह से आईसोलेट हों क्योंकि यह देखा गया है कि रिवार के अन्य लोग भी तेजी से कोविड का शिकार हो रहे हैं। इसके लिए दूरी बनाना बेहद आवश्यक है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 4 अप्रैल। प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने दुर्ग सर्किट हाउस में जिला कलेक्टर, आयुक्त हरेश मंडावी सहित अन्य अधिकारियों की बैठक लेकर दुर्ग शहर में कोरोना संक्रमण एवं वैक्सीनेशन की स्थिति पर चर्चा कर जानकारी लिए । इस दौरान पीएचई मंत्री गुरुरुद्र कुमार, विधायक अरुण वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे, आयुक्त हरेश मंडावी एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
इस अवसर पर विधायक श्री वोरा एवं महापौर बाकल वाल ने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव को दुर्ग में रैपीट, एनटीजन, कोरोना जांच रिर्पोट तो तत्काल मिल जा रहा है रन्तु आरटी पीसीआर की रिर्पोट देरी से आने के कारण स्थिति नियंत्रण में नहीं हो पा रहा है। कोरोना संक्रमण जांच केन्द्र की संख्या बढ़ाया जाए। उन्होनें स्थिति को देखते हुये अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने का भी अनुरोध किए। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने कहा पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण और वेक्सनीनेशन की समीक्षा की जा रही है जहॉ जो कमी लग रही है उसकी आ ूर्ति की जा रही है। फिर भी यह बात सभी को समझना है कि कोरोना संक्रमण एक एैसा वायरस है जो तेजी से फैलता है । सभी को वैक्सीनेशन कराना है वेक्सनीनेशन के 70 दिनों बाद इम्यूनिटी आ जाती है, जिससे खतरा कम हो जाता है । संक्रमण न बढ़े इसके लिए हम सभी को एहतियात बरतना आवश्यक है, दूरी बनाकर रखेंए मास्क लगायें और सोशल डिस्टेंस का ालन अवश्य करें ।
रजिस्ट्रेशन के बावजूद नहीं पहुंचा टीका
भिलाई नगर, 4 अप्रैल। रामनगर स्थित स्पर्श हास्पिटल में आज सुबह पहले से रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद बुक किये टाइम स्लॉट पर कोरोना टीका लगवाने पहुँचे कई बुजुर्गों को काफी इंतजार के बाद बगैर वैक्सीन लगवाए ही घर लौटना पड़ा।
टीका लगाने पहुंचे हाउसिंग बोर्ड निवासी दिनेश पुरवार सहित अनेक बुजुर्गों ने बताया कि अस्पताल पहुंचे तो बताया गया कि इस अस्पताल में टीका खत्म हो गया है और सरकार ने अभी तक नही भेजा है। जब टीका आएगा तब लगाएंगे, ऐसा कह कर उन्हें वापस कर दिया गया। बुजुर्गों को हास्पिटल स्टाफ ने बताया कि वो फ़ोन करके पता करते रहें।
ख्याति पाने टोकन में नाम एवं मोबाइल नंबर किया अंकित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 3 अप्रैल। वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ केंद्र सरकार के विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण महा अभियान का श्रेय महज आगामी निगम चुनाव में लेने के लिए हुडको में पूर्व पार्षद द्वारा वितरित टोकन में स्वयं का नाम एवं मोबाइल नंबर अंकित करके प्रचार-प्रसार का मामला सामने आया है। इस कार्य को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ठाकुर के द्वारा गलत बताया गया है। उन्होंने कहा कि इस जनहित के कार्य में स्वार्थवश ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में केंद्र सरकार के निर्देशन में पूरे देश की राज्य सरकारों के द्वारा जन जन को कोरोना महामारी सुरक्षित एवं बचाओ के लिए टीकाकरण के इस महाअभियान को संचालित किया जा रहा है। जिसके कारण अब तक देश में 6 करोड़ से ज्यादा नागरिकों के द्वारा टीका लगवा कर कोरोनावायरस के खिलाफ इस जंग में स्वयं को शामिल किया गया है। भिलाई नगर निगम क्षेत्र में भी प्रत्येक वार्ड शिविर लगाकर नागरिकों को तीसरे चरण के टीकाकरण कार्यक्रम के तहत वैक्सीन लगवाया जा रहा है।
इस महाअभियान में जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों में पूर्व पार्षद व स्थानीय विधायक सहयोग कर रहे हैं परंतु हुडको के सियान सदन में जारी शिविर में पूर्व पार्षद सीजू एंथोनी के द्वारा आगामी निगम चुनाव को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण शिविर में पंजीयन के पश्चात नागरिकों को टोकन दिया जा रहा है। इस टोकन के अनुसार ही क्रमबद्ध होकर नागरिकों के द्वारा वैक्सीन लगवाया जा रहा है।
बताया जाता है कि वितरित किए गए टोकन में पूर्व पार्षद के द्वारा स्वयं का नाम एवं मोबाइल नंबर अंकित किया गया है। ख्याति प्राप्त करने की लालसा में पूर्व पार्षद के द्वारा यह कृत्य किया जा रहा है। वह स्वयं के नाम को एवं नंबर को प्रचारित एवं प्रसारित करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त कार्यक्रम इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस संबंध में जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने कहा है कि शिविर में स्वयं को प्रचारित एवं प्रसारित किए जाने का कार्य पूर्णत: गलत है यह केंद्र एवं राज्य सरकार का महा अभियान है। इस महा अभियान में लोगों को सुरक्षित करने में सहयोग करना चाहिए ना कि स्वार्थ के लिए स्वयं को प्रचारित एवं प्रसारित किया जाना चाहिए।
कोरोना की भयावहता जांचने स्वास्थ्य विभाग की केन्द्रीय टीम पहुंची
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 3 अप्रैल। दुर्ग जिले में कोरोना की भयावहता जांचने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की केन्द्रीय टीम पहुंची। टीम के सदस्य सबसे पहले सीएमएचओ दफ्तर में कोरोना नियंत्रण से जुड़े सभी अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें पावर पाइंट प्रजेन्टेंशन के जरिए सदस्यों को कोरोना की वर्तमान परिस्थितियों से अवगत कराया गया।
केन्द्रीय टीम का नेतृत्व डॉ. एस.के. जैन (एडिशनल डायरेक्टर एंड एचओडी डिपार्टमेंट ऑफ एपीडेमियोलॉजी नई दिल्ली) ने किया। उन्होंने कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने तथा कंटेनमेंट जोन में पाबंदी सख्त करने जोर दिया। इसके अलावा प्रायमरी कॉन्टेक्ट वालों का फालोअप करते रहने कहा। सेन्ट्रल की स्वास्थ्य टीम सीएमएचओ दफ्तर में बैठक लेने के बाद श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज स्थित कोविड सेंटर पहुंची, जहां उन्होंने डॉ. बसंत चौरसिया से मरीजों के इलाज संबंधी चर्चा की। इसके अलावा ग्रीनवैली जुनवानी व चौहान टाउन स्थित कंटेनमेंट जोन का भी निरीक्षण किया। इस दौरान जिला सर्विलेंस ऑफिसर डॉ. अर्चना चौहान, डॉ. सतीश मेश्राम व एपीडेमियोलॉजिस्ट रितिका सोनवानी मौजूद थे।
केन्द्रीय टीम में डॉ. एस.के. जैन एडिशनल डायरेक्टर एंड एचओडी डिपार्टमेंट ऑफ एपीडेमियोलॉजी नई दिल्ली, डॉ. अमित बारिक माइक्रोबायोलॉजिस्ट कोलकाता व डॉ. संदीप एनसीडीसी दिल्ली शामिल थे। इसके अलावा स्टेट टीम में डॉ. सजल डे एम्स रायपुर, डॉ. नरेन्द्र सिन्हा एनएचएम रायपुर व दिनेश साहू आईडीएसपी स्टेट भी केन्द्रीय टीम के साथ मौजूद थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को कराया अवगत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 3 अप्रैल। छत्तीसगढ़, विशेष रूप से दुर्ग जिले में कोरोना की दूसरी लहर भयावह रूप से आई है। एक मार्च को जहां मात्र 47 केस दर्ज किए गए थे और एक भी मौत नहीं हुई थी। वहीं 31 मार्च आते-आते प्रतिदिन हजार से ज्यादा केस दर्ज किए जा रहे हैं और मौतों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
साथ ही कोरोना के मरीजों को कोई भी सुविधा या उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। सारे अस्पताल भरे हुए हैं और नए मरीजों को भर्ती के लिए कोई भी जगह खाली नहीं है। सभी परिस्थितियों को देखते हुए राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से बात की तथा उन्हें सभी परिस्थितियों से अवगत कराते हुए कोरोना संकट के गंभीरता के बारे में जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री ने इस पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए तुरंत केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को राज्य के समकक्षों से बात कर पूरी स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी लेने को कहा। साथ ही उन्होंने सुश्री पांडेय को यह आश्वासन दिया कि इस स्थिति से निपटने के लिए केंद्र राज्य को हर संभव सहायता तुरंत प्रदान करने को तैयार है, फिर चाहे वह अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने को लेकर हो या टेस्टिंग तथा वेक्सिनेशन की गति बढ़ाने को लेकर। साथ ही मरीजों का सम्पूर्ण इलाज हो सके तथा चिकित्सा तंत्र अपनी पूरी क्षमता से काम कर सके, आवश्यकता पडऩे पर विशेष मेडिकल टीम भेजने की भी बात कही।
सुश्री पांडेय ने भी दुर्ग की भयावह स्थिति को लेकर चिंता जताई तथा कोरोना से हो रहे मौतों पर दु:ख जताया। उन्होंने कहा कि यह मौतें रोकी जा सकती थी अगर राज्य सरकार ने स्थिति के बिगडऩे का अंदाजा पहले लगा लिया होता, लेकिन अब भी वक्त है कि आगे आने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
राज्य सरकार को इस मामले में केंद्र से सहायता लेनी चाहिए क्योंकि केंद्र का अनुभव ऐसे मामलों से निपटने में काफी बेहतर है। यहां दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनता की सेहत और उसकी प्राणों की रक्षा करने का अपना राजधर्म निभाना चाहिए।