अंतरराष्ट्रीय
वाशिंगटन, 15 अगस्त (आईएएनएस)| जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, कोरोनोवायरस मामलों की वैश्विक संख्या 2.1 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है, जबकि इससे होने वाली मौतों की संख्या 763,000 के करीब है।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया कि शनिवार की सुबह तक कुल मामलों की संख्या 21,066,992 थी और संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 762,997 हो गई है।
सीएसएसई के अनुसार, अमेरिका दुनिया में संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित देश है, जहां 5,309,138 मामले सामने आए हैं और 168,396 लोगों की मौत हो चुकी है।
ब्राजील 3,226,443 संक्रमण और 105,490 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर है।
सीएसएसई के आंकड़ों के अनुसार, मामलों की ²ष्टि से भारत तीसरे (2,461,190) स्थान पर है, और उसके बाद रूस (910,778), दक्षिण अफ्रीका (579,140), मेक्सिको (511,369), पेरू (507,996), कोलम्बिया (433,805), चिली (382,111), स्पेन (342,813), ईरान (338,825), ब्रिटेन (315,605), सऊदी अरब (295,902), पाकिस्तान (287,300), अर्जेंटीना (282,437), बांग्लादेश (271,881), इटली (252,809), फ्रांस (249,655), तुर्की (246,861), जर्मनी (223,791), इराक (168,290), फिलीपींस (153,660), इंडोनेशिया (135,123), कनाडा (123,521), कतर (114,532) और कजाकिस्तान(101,848) है।
वहीं 10,000 से अधिक मौतों वाले अन्य देश मेक्सिको (55,908), भारत (48,040), ब्रिटेन (46,791), इटली (35,234), फ्रांस (30,410), स्पेन (28,617), पेरू (25,648), ईरान (19,331), रूस (15,467), कोलंबिया (14,145), दक्षिण अफ्रीका (11,556) और चिली (10,340) हैं।
वाशिंगटन, 14 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनकी योजना राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार के तौर पर नामांकन व्हाइट हाउस में औपचारिक रूप से स्वीकार करने और इस दौरान लॉन से पारंपरिक भाषण देने की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ट्रंप ने न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए एक्सक्लूसिव साक्षात्कार में गुरुवार को कहा, "मैं संभवत: व्हाइट हाउस में अपना भाषण दूंगा, क्योंकि यह एक बेहतरीन जगह है। यह एक ऐसी जगह है जो मुझे अच्छा महसूस कराती है। इससे देश अच्छा महसूस करता है।"
इस हफ्ते की शुरुआत में, उन्होंने व्हाइट हाउस या गेट्टीस्बर्ग (पेंसिल्वेनिया) में भाषण देने संकेत दिया था।
ट्रंप ने न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया कि वह बाद की तारीख में गेट्टीस्बर्ग का दौरा करेंगे।
उन्होंने कोरोनोवायरस महामारी का हवाला देते हुए कहा, "हम इसे संभवत: किसी एक लॉन के बाहर करेंगे। हमारे पास कई लॉन हैं, इसलिए हम इसे बाहर कर सकते हैं।"
व्हाइट हाउस में भाषण देने के ट्रंप के इरादों की डेमोक्रेट नेताओं ने आलोचना की, जिन्होंने कहा कि ऐसा करना राष्ट्रपति के लिए अवैध और अनैतिक दोनों होगा।
हैच अधिनियम के रूप में जाना जाने वाला एक संघीय कानून आम तौर पर कुछ अपवादों के साथ राजनीतिक गतिविधियों के लिए सरकारी संपत्ति और कर्मचारियों के उपयोग को मना करता है।
सदन की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने कहा कि यह कुछ ऐसा है, जिसे तुरंत खारिज कर देना चाहिए।
काठमांडू, 14 अगस्त (आईएएनएस)| नेपाल के सिंधुपालचोक जिले में शुक्रवार को भूस्खलन में कम से कम 37 लोग लापता हो गए हैं, जबकि 10 अन्य लोगों को बचाया गया है। इसकी जानकारी अधिकारियों ने दी। द हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जुगल ग्रामीण नगर पालिका -2 के लीदी क्षेत्र में हुए भूस्खलन में 30 से अधिक घर भी दब गए हैं।
प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षाकर्मियों की टीम बचाव अभियान कार्य में जुटी हुई है।
प्रतिनिधि सभा के स्पीकर अग्नि प्रसाद सपकोटा भी मौके पर निरीक्षण के लिए पहुंचे।
सिंधुपालचोक जिला के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) माधव प्रसाद काफले ने कहा कि अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को घटनास्थल पर भेजा गया है, वहां लगातार मलबा गिर रहा है।
आपदा में मरने वालों की और यहां हुए नुकसान की अभी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है।
वेलिंगटन, 14 अगस्त (आईएएनएस)| न्यूजीलैंड में शुक्रवार को कोरोनावायरस महामारी की दूसरी और मजबूत लहर के बीच 12 नए मामले सामने आए हैं। ये सभी मामले ऑकलैंड फैमिली क्लस्टर से जुड़े थे। स्वास्थ्य महानिदेशक एशले ब्लूमफील्ड ने एक दैनिक ब्रीफिंग में कहा, वैकाटो में भी कोविड-19 का एक संदिग्ध मामला था। यह व्यक्ति अभी भी एक अस्पताल में निगरानी में है।
ब्लूमफील्ड ने कहा कि न्यूजीलैंड में कुल 48 कोविड-19 मामले आए हैं, जिनमें से 30 ऑकलैंड क्लस्टर से जुड़े हैं। इसके बाद देश में कुल मामलों की संख्या 1,251 हो गई है।
ब्लूमफील्ड ने कहा कि क्लस्टर से जुड़े 38 लोग पहले से ही ऑकलैंड क्वारंटीन सुविधा में थे।
स्वास्थ्य मंत्री क्रिस हिपकिन्स ने कहा, "हमें ऑकलैंड के बाहर कोई भी कोविड-19 परीक्षण पॉजिटिव आने का सबूत नहीं मिला है।"
हिपकिन्स ने कहा है कि शुक्रवार के अंत तक सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स का परीक्षण किया जाएगा।
मार्च के आखिर में न्यूजीलैंड एक महीने के नेशलन अलर्ट लेवल 4 लॉकडाउन में चला गया था और जून में उसने कोरोनावायरस से लड़ाई में शुरूआती सफलता मिलने की घोषणा की थी।
अब सरकार अलर्ट लेवल में बदलाव का निर्णय लेगी और लोगों को इसकी सूचना देगी।
संयुक्त राष्ट्र, 14 अगस्त (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच अमेरिका की मध्यस्थता से हुए ऐतिहासिक शांति समझौते का स्वागत किया है, जिसके तहत इजरायल वेस्ट बैंक के कब्जे वाले हिस्सों को अपने में मिलाने की योजना को रोक देगा। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख स्टीफन डुजारिक ने एक बयान में कहा कि गुरुवार का समझौता कुछ ऐसा है, जिसका महासचिव ने लगातार आह्वान किया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने डुजारिक के हवाले से कहा, "महासचिव ने इस समझौते का स्वागत किया है। उम्मीद जताई है कि यह इजरायल और फिलिस्तीनी नेताओं के लिए सार्थक वार्ता में फिर से जुड़ने का अवसर पैदा करेगा जो संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों, अंतर्राष्ट्रीय कानून और द्विपक्षीय समझौतों के अनुरूप द्वि-राष्ट्र समाधान को साकार करेगा।"
बयान में कहा गया है कि महासचिव सभी पक्षों के साथ बातचीत, शांति और स्थिरता के लिए आगे की संभावनाओं के लिए काम करना जारी रखेंगे।
यह समझौता गुरुवार को ट्रंप, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस व यूएई के डिप्टी सुप्रीम कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायद के बीच एक फोन कॉल के माध्यम से हुआ।
समझौते के हिस्से के रूप में, इजरायल ट्रंप की शांति विजन में उल्लिखित क्षेत्रों पर संप्रभुता की घोषणा करने पर रोक लगाएगा और अरब और मुस्लिम दुनिया के अन्य देशों के साथ अपने संबंधों के विस्तार पर अब अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
यूएई और इजरायल कोरोनोवायरस वैक्सीन के उपचार और उसके विकास के बारे में भी सहयोग बढ़ाएंगे।
रिपोर्टों के मुताबिक, यह 25 वर्षो में इजरायल और अरब देश के बीच पहला शांति समझौता है।
मास्को, 13 अगस्त (स्पूतनिक)। इजरायल की वायु सेना ने फिलीस्तीन एनक्लेव से कई विस्फोटक गुब्बारे छोड़े जाने के बाद गाजा पट्टी में फिलीस्तीनी विद्रोही संगठन हमास के ठिकानों पर हवाई हमले किये।
इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने गुरुवार को कहा कि आईडीएफ ने ट््िवटर पर लिखा, ‘गाजा से इजरायल की ओर लगातार विस्फोटक गुब्बारे छोड़े जा रहे है जिससे दक्षिण इजरायल में जमीन पर आग लग रही है। हमने गाजा में हमास के ठिकानों जिसमें एक सैन्य परिसर, बंकर और निरीक्षण चौकी पर हमले किये हैं।’
उल्लेखनीय है कि हमास का गाजा पट्टी पर नियंत्रण है और जिसका इजरायल के साथ लंबे समय से संघर्ष चलता रहता है। इजरायल अभी भी फिलीस्तीन के स्वतंत्र राजनीतिक और राजनयिक अस्तित्व को मान्यता देने से इनकार करता रहा है। गाजा पट्टी से होने किसी भी हमले के लिए इजरायल हमास को जिम्मेदार ठहराता है।
वॉशिंगटन, 13 अगस्त (आईएएनएस)| जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 2 करोड़ और मौतों की संख्या 7.47 लाख से अधिक हो गई है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के ताजा अपडेट के मुताबिक, गुरुवार की सुबह तक दुनिया में मामलों की कुल संख्या 2,05,50,481 और मरने वालों की संख्या बढ़कर 7,47,845 हो चुकी थी।
वहीं दुनिया में कोरोना का सबसे बुरा प्रकोप झेल रहे अमेरिका में सबसे अधिक संक्रमण के मामले 51,93,266 और मृत्यु संख्या 1,65,934 दर्ज हो चुकी है। इसके बाद ब्राजील 3,164,785 मामलों और 1,04,201 मौतों के साथ दुनिया में दूसरे स्थान पर है। कोरोना संक्रमण की बात करें तो विश्व में तीसरा स्थान भारत का है। यहां अब तक 23,29,638 मामले दर्ज हो चुके हैं।
मामलों की संख्या में इसके बाद रूस (9,00,745), दक्षिण अफ्रीका (5,68,919), मैक्सिको (4,98,380), पेरू (4,89,680), कोलंबिया (4,10,453), चिली (3,78,168), ईरान (3,33,699), स्पेन (3,29,780), यूके (3,15,564), सऊदी अरब (2,93,037), पाकिस्तान (2,85,921), अर्जेंटीना (2,68,574), बांग्लादेश (2,66,498), इटली (2,51,713), तुर्की (2,44,392), फ्रांस (2,44,088), जर्मनी (2,20,859), इराक (1,60,436), फिलीपींस (1,43,749), इंडोनेशिया (1,30,718), कनाडा (1,22,689), कतर (1,13,938) और कजाकिस्तान (1,00,855) हैं।
वहीं ऐसे देश जिनमें 10 हजार से अधिक मौतें हुईं हैं उनमें मेक्सिको (54,666), यूके (46,791), भारत (46,091), इटली (35,225), फ्रांस (30,375), स्पेन (28,579), पेरू (21,501), ईरान (18,988), रूस (15,231), कोलम्बिया (13,475), दक्षिण अफ्रीका (11,010) और चिली (10,205) शामिल हैं।
अमरीकी चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ़ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन और उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला करते हुए कहा कि वो एक अयोग्य नेता हैं और जिन्होंने अमरीका के 'फटे हाल' बना दिया है.
मंगलवार को डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ़ से उप-राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के अगले ही दिन कमला हैरिस ने जो बाइडन के साथ अपना संयुक्त चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर दिया.
दोनों ने पहला चुनाव प्रचार बाइडन के गृह राज्य डेलवेयर के एक हाईस्कूल से शुरू किया.
तीन नवंबर को होने वाले चुनाव में बाइडन का मुक़ाबला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगा.
कैलिफ़ोर्निया से सांसद कमला हैरिस पहली काली और दक्षिण एशियाई मूल की अमरीकी महिला हैं जो इस पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं.
कोरोना महामारी के कारण इस कार्यक्रम में आम लोगों को आने की इजाज़त नहीं थी, सिर्फ़ कुछ पत्रकारों को बुलाया गया था और उन्हें भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना था.
बाइडन और हैरिस ख़ुद काले रंग का फ़ेस मास्क लगाए स्टेज पर आए.
इस मौक़े पर बाइडन ने कहा, "इस नवंबर को हमलोग जो चुनाव करते हैं वो बहुत ही लंबे समय के लिए अमरीका के भविष्य का फ़ैसला करेगा."
बाइडन ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कमला हैरिस पर हमला शुरू कर दिया है और वो उनके बारे में बहुत ही घिनौनी बातें कर रहे हैं.
बाइडन ने कहा, "ये कोई आश्चर्य करने वाली बात नहीं है क्योंकि ट्रंप को शिकायत करना सबसे अच्छे से आता है, अमरीकी इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति से ज़्यादा."
बाइडन ने कहा, "क्या आपमें से कोई ये जानकर अचंभित हुआ कि डोनाल्ड ट्रंप को एक मज़बूत महिला से परेशानी हो रही है, या किसी भी मज़बूत महिला से."
बाइडन ने कोरोना महामारी, जलवायु परिवर्तन, बेरोज़गारी के मुद्दे पर और ट्रंप की 'विभाजनकारी नस्लीय राजनीति' पर जमकर हमला किया.
कमला हैरिस ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, "यह अमरीका के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण है. हमलगो जिस चीज़ की भी फ़िक्र करते हैं, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, बच्चे, किस तरह के देश में हम रहते हैं, ये सब कुछ दांव पर है."
हैरिस ने आगे कहा, "अमरीका नेतृत्व के लिए चिल्ला रहा है, लेकिन हमारे राष्ट्रपति अपनी फ़िक्र ज़्य़ादा करते हैं उन लोगों की तुलना में जिन्होंने इनको राष्टपति चुना था."
कमला हैरिस ने कहा कि ट्रंप को बराक ओबामा और जो बाइडन से इतिहास में सबसे ज़्यादा बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था मिली थी, लेकिन ट्रंप ने सब कुछ की तरह इसे भी सीधे ज़मीन पर ला दिया.
ट्रंप पर हमले जारी रखते हुए कमला हैरिस ने कहा, "जब आप किसी को चुनते हैं जो उस कुर्सी के योग्य नहीं है तो यही होता है, हमारा देश फटे हाल में है और दुनिया भर में हमारी प्रतिष्ठा भी ऐसी ही हो गई है."
राष्ट्रपति ट्रंप क्या कह रहे हैं?
बाइडन और हैरिस के संबोधन से पहले ट्रंप ने बाइडन पर हमला करते हुए कहा कि वो कोरोना महामारी के कारण पूरे प्रचार के दौरान घर पर ही रहे हैं.
उन्होंने व्हाइट हाउस में जमा शिक्षकों के एक समूह से पूछा कि क्या घर में आइसोलेशन में रहकर सीखना छात्रों के लिए अच्छा रहेगा.
अब आगे क्या होगा?
अगले सप्ताह होने वाले डेमोक्रेटिक पार्टी कन्वेंशन में जो बाइडन औपचारिक तौर पर पार्टी का नामांकन स्वीकार करेंगे जो कि एक वर्चुअल इवेंट होगा कोरोना महामारी के कारण.
उसके एक हफ़्ते के बाद रिपब्लिकन पार्टी का कन्वेंशन है जहाँ ट्रंप दूसरी बार अपनी दावेदारी के लिए नामांकन स्वीकार करेंगे.
उसके बाद अगले 10 हफ़्तों तक ज़ोरदार चुनाव प्रचार होगा और फिर तीन नवंबर को वोट डाले जाएंगे.
ट्रंप और बाइडन इस बीच तीन डिबेट में हिस्सा लेंगे ओहायो के क्लिवलैंड में (29 सितंबर) और फ़्लोरिडा के मियामी में ( 15 अक्टूबर) और टेनेसी के नेशविल में 22 अक्टूबर को.
कमला हैरिस अपने प्रतिद्वंद्वी माइक पेन्स के साथ सॉल्ट लेक में सात अक्टूबर को डिबेट में हिस्सा लेंगी.(bbc)
बीजिंग, 13 अगस्त (आईएएनएस)| कोरोना का संक्रमण भले ही तेजी से फैल रहा है, लेकिन यह उतना घातक नहीं है। दुनियाभर में दहशत फैलाने वाला कोरोना वायरस जल्द ही खत्म हो जाएगा। कई देशों के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह वायरस तेजी से कमजोर हो रहा है। महामारी की शुरूआत में इसका संक्रमण जितना घातक था, अब वह वैसा नहीं है। इटली के प्रमुख संचारी रोग विशेषज्ञ मेटियो बाशेट्टी का कहना है कि इटली के मरीजों में ऐसे साक्ष्य मिल रहे हैं, जो बताते हैं कि वायरस अब उतना घातक नहीं रहा है। संक्रमण के बाद अब ऐसे बुजुर्ग मरीज भी ठीक हो रहे हैं, जिनमें पहले यह बीमारी गंभीर रूप ले लेती थी और प्राय: मौत हो जाती थी।
दरअसल, यह वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है यानी खुद को बदल रहा है। वायरस इंसान के सेल में जाकर खुद के जीनोम की प्रतिकृतियां बनाता है। आरएनए वायरस में अकसर ऐसा होता है कि वह अपने पूरे जीनोम को हूबहू कॉपी नहीं कर पाता और कोई न कोई अंश छूट जाता है। यही वायरस का म्यूटेशन कहलाता है। म्यूटेशन से वायरस खुद को और तेज बनाता है मगर ज्यादा म्यूटेशन के बाद वह कमजोर हो सकता है और संक्रमण फैलाने लायक नहीं रहता।
द संडे टेलिग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार जिनेवा में सेन माटीर्नो जनरल अस्पताल में संचारी रोग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर बाशेट्टी ने बताया कि मार्च और अप्रैल में इस वायरस का असर जंगल में एक शेर जैसा था, मगर अब यह पूरी तरह बिल्ली बन चुका है। अब तो 80 से 90 साल के बुजुर्ग भी बिना वेंटिलेटर के ठीक हो रहे हैं। पहले ये मरीज दो से तीन दिन में मर जाते थे। म्यूटेशन की वजह से वायरस अब फेफड़ों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा रहा है।
वहीं, दिल्ली स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मॉलिक्युलर मेडिसन ऐंड बायोटेक्नॉलजी विभाग के पूर्व प्रोफेसर डॉ. मदन मोहन गोडबोले का कहना है कि कोरोना वायरस अब कमजोर हो रहा है। भले ही संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी, लेकिन मौतों की संख्या कम होगी। उन्होंने विकास सिद्धांत की चर्चा करते हुए बताया कि दो तरह के वायरस होते हैं। एक जो काफी खतरनाक होता है और दूसरा जो कमजोर होता है। खतरनाक वायरस का प्रसार कम लोगों तक होता है, जबकि कमजोर वायरस तेजी से फैलता है।
इस तरह दोनों वायरस के बीच अस्तित्व की लड़ाई शुरू हो जाती है और इसमें कमजोर वायरस की जीत होती है। उसके बाद केवल कमजोर वायरस बच जाता है। कमजोर वायरस के अधिक लोग संक्रमित होते तो हैं, लेकिन उनमें खतरा कम होता है। कुछ दिनों के बाद इंसान का शरीर खुद को वायरस से लड़ने के लिए तैयार भी कर लेता है। इसी सिद्धांत के आधार पर गोडबोले का मानना है कि कोरोना वायरस अब कमजोर हो रहा है और इससे संक्रमण के मामले तो तेजी से आएंगे, लेकिन मौतों की संख्या कम होगी।
(लेखक : अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप में पत्रकार हैं)
लंदन, 13 अगस्त (आईएएनएस)| अनुभवी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज ने इंग्लैंड दौरे पर बायो सिक्योर बबल नियम तोड़ने पर खुद को पाकिस्तान टीम से अलग कर लिया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने इसकी जानकारी दी। पीसीबी ने कहा कि हफीज टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं है, लेकिन सीमित ओवरों की सीरीज खेलेंगे। हफीज ने एक गोल्फ कोर्स पर एक उम्रदराज महिला के साथ अपनी तस्वीर ट्वीट की।
यह गोल्फ कोर्स टीम होटल के पास है, लेकिन खिलाड़ियों को 'बायो सिक्योर बबल' के बाहर किसी से बातचीत करने की अनुमति नहीं है।
पीसीबी ने एक बयान में कहा, " मोहम्मद हफीज आज सुबह एक गोल्फ कोर्स गए थे, जोकि टीम के होटल के पास है। गोल्फ राउंड के दौरान उन्होंने एक महिला के साथ फोटो ली और इसे उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।"
हफीज उन खिलाड़ियों में से हैं जो इंग्लैंड जाने से पहले कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए गए थे, लेकिन उन्होंने निजी तौर पर टेस्ट कराया जो निगेटिव आया। बाद में दो और जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही वह इंग्लैंड आ सके हैं।
दीपक शर्मा
नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)| पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए और अपने स्वयं के संविधान की अवहेलना करते हुए, कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान (जीबी) क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों को लूटने के लिए चीनी खनन कंपनियों को खुली छूट दे दी है। यही नहीं, इस्लामाबाद ने डियामर डिवीजन में एक बड़ा बांध बनाने के लिए बीजिंग के साथ अरबों डॉलर के एक अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किया है, जबकि यह इलाका कानूनी रूप से भारत का है।
पाकिस्तान सरकार ने गिलगित और बाल्टिस्तान में चीनी फर्मों को अवैध रूप से सोना, यूरेनियम और मोलिब्डेनम का खनन करने के लिए 2,000 से अधिक लीज दे दी है। ऐसा करते हुए इमरान खान सरकार ने पर्यावरण के मानदंडों को भी हवा में उड़ा दिया है।
अवैध खननों के इस मामले का खुलासा निर्वासित नेता और गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र के एक प्रमुख राजनीतिक संगठन यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के मुख्य प्रवक्ता ने किया है।
अजीज ने फोन पर आईएएनएस को बताया, 'हम अगले महीने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में प्राकृतिक संसाधनों को लूटने की पाकिस्तान की इस साजिश का पदार्फाश करेंगे।"
पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 257 का हवाला देते हुए अजीज ने कहा कि इस्लामाबाद में सरकार को जीबी क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों को लूटने का कोई अधिकार नहीं है।
अजीज ने आगे कहा, "यहां नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट नहीं कर सकता है। जीबी क्षेत्र में आवाज उठाने वाले लोगों को दंडित किया जा रहा है। ऐसी परिस्थितियों में जब कोई भी किसी निर्णय का विरोध नहीं कर सकता है तो प्राकृतिक संसाधनों को लूटा जा रहा है। पाकिस्तान चीन के हाथों का खिलौना बन गया है।"
स्विट्जरलैंड के जिनेवा में रहने वाले यूकेपीएमपी नेता ने आगे कहा, "स्थानीय लोगों से सलाह नहीं ली जाती है। उनके हितों की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है। जीबी क्षेत्र में चीन को इस तरह उपकृत करने का ये कदम अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन है।"
बता दें कि उत्तरी क्षेत्रों में गिलगित, बाल्टिस्तान और डियामर में मीडिया को पूरी तरह सेंसर किया गया है। इसे पाक सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
हाल ही में चीन की सरकारी फर्म और पाकिस्तान आर्मी की एक विंग के बीच डियामर भाषा बांध बनाने के लिए 442 बिलियन रुपये का जॉइंट वेंचर भी हुआ है।
गिलगित बाल्टिस्तान में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर पाकिस्तान 45,000 मेगावाट बिजली पैदा करने की योजना बना रहा है। ये बिजली पाकिस्तान के लोगों के लिए इस्तेमाल की जाएगी ।
बता दें कि जीबी क्षेत्र में एक स्थानीय सरकार है लेकिन इसका कंट्रोल पाकिस्तान से होता है ।
काबू के बाद महामारी के फिर आने की जताई आशंका
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों के अनुसार अभी तक कोविड-19 वायरस ने कोई मौसमी विशेषता नहीं दिखायी है। ऐसे में कोरोना वायरस की रोकथाम से जुड़े कदम शिथिल किये जाने के बाद महामारी के फिर से लौटकर आने की आशंका है। हाल ही में कुछ यूरोपीय देशों में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की संख्या फिर से बढ़ गई, जबकि उन देशों ने महामारी पर नियंत्रण कर लिया था।
कुछ रिपोर्ट के अनुसार यूरोप के सामने महामारी का दूसरा चरण आएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात कार्यक्रम के प्रधान माइकल रयान ने 10 अगस्त को आयोजित न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि कम प्रचलन के दौर में महामारी के अचानक प्रकोप की संभावना भी होगी। पश्चिमी यूरोप के देशों को क्लस्टर महामारी और सामुदायिक संचरण पर ध्यान देना चाहिए और स्थानीय स्थिति के अनुसार रोकथाम के कदम उठाने चाहिए, ताकि व्यापक लॉकडाउन से बच सकें।
माइकल रयान ने साथ ही कहा कि अभी तक कोविड-19 ने कोई मौसमी विशेषता नहीं दिखाई है। लेकिन इसने स्पष्ट रूप से यह दिखाया है कि अगर एहतेयाती कदमों का दबाव कम हुआ, तो उस का प्रकोप फिर आएगा। यही वास्तविकता है।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम गैब्रेयसस ने कहा कि विश्व में कोविड-19 महामारी का मुकाबला और रोकथाम करने, रोगियों का इलाज करने और उपचार तरीकों का अध्ययन करने के लिए तीन महीने पहले डब्ल्यूएचओ ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पहल की शुरुआत की थी। इस परियोजना के समर्थन से कई टीके दूसरे या तीसरे चरण की परीक्षा से गुजर रहे हैं। विश्व के 160 से अधिक देशों ने इसमें भाग लिया है।(IANS)
अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने सांसद कमला हैरिस को उप-राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है.
इस पद के लिए चुनाव लड़ने वाली वो पहली काली महिला होंगी. हालांकि उनकी जड़ें भारत में भी हैं और वो भारतीय-जमाईका मूल की हैं.
इससे पहले दो बार किसी महिला को उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया था. 2008 में रिपब्लिकन पार्टी ने सारा पैलिन को अपना उम्मीदवार बनाया था और 1984 में डेमोक्रेटिक पार्टी ने गिरालडिन फ़ेरारो का अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन दोनों ही चुनाव हार गई थीं.
अमरीका की दोनों प्रमुख पार्टियों ने आज तक किसी अश्वेत महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं बनाया है. और आज तक कोई अमरीकी महिला राष्ट्रपति का चुनाव नहीं जीत सकी है.
कैलिफ़ोर्निया की सांसद कमला हैरिस एक समय जो बाइडन को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए चुनौती दे रहीं थीं, लेकिन राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर होने के बाद उनके नाम की चर्चा हमेशा से हो रही थी कि जो बाइडन उन्हें उप-राष्ट्रपति पद के लिए अपना साथी उम्मीदवार चुनेंगे.
कमला कैलिफ़ोर्निया की अटॉर्नी जनरल रह चुकी हैं और वो पुलिस सुधार की बहुत बड़ी समर्थक हैं.जो बाइडन तीन नवंबर को होने वाले चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मुक़ाबला करेंगे जो रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं.
मौजूदा उप-राष्ट्रपति माइक पेन्स एक बार ट्रंप के साथ उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे. बाइडन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
उन्होंने लिखा कि उन्हें ये बताते हुए गर्व हो रहा है कि उन्होंने कमला हैरिस को अपना उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार चुना है.
बाइडन ने उन्हें, "बहादुर योद्धा और अमरीका के सबसे बेहतरीन नौकरशाहों में से एक" क़रार दिया.
बाइडन ने लिखा कि उन्होंने देखा है कि कमला ने कैसे उनके दिवंगत बेटे के साथ काम किया है जब वो कैलिफ़ोर्निया की अटॉर्नी जनरल थीं.
बाइडन ने लिखा, "मैंने ख़ुद देखा है कि उन्होंने कैसे बड़े-बड़े बैंकों को चुनौती दी, कामगारों की मदद की, और महिलाओं और बच्चों को शोषण से बचाया."
उन्होंने आगे लिखा, "मैं उस वक़्त भी गर्व महसूस करता था और आज भी गर्व महसूस कर रहा हूं जब इस अभियान में वह मेरी सहयोगी होंगी."
कमला हैरिस ने ट्वीट कर बाइडन का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, "बाइडन अमरीकी लोगों को एक कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने हमलोगों के लिए लड़ते हुए अपनी पूरी ज़िंदगी लगा दी. और राष्ट्रपति के तौर पर वो एक ऐसा अमरीका बनाएंगे जो कि हमारे आदर्शों पर खरा उतरेगा."
हैरिस ने आगे लिखा, "मैं अपनी पार्टी की तरफ़ से उप-राष्ट्रपति के उम्मीदवार की हैसियत से उनके साथ शामिल होने पर गर्व महसूस करती हूं और उनको अपना कमांडर-इन-चीफ़ (राष्ट्रपति) बनाने के लिए जो भी करना पड़ेगा वो करूंगी."
बाइडन के चुनाव अभियान की तरफ़ से बताया गया है कि बाइडन और कमला हैरिस बुधवार को डेलवेयर में लोगों को संबोधित करेंगे.
ट्रंप ने कहा, अमरीका के लिए ग़लत है ये जोड़ी
वहीं, अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडन और कमला हैरिस के साथ आने पर निराशा जताई है. उन्होंने कहा कि दोनों 'अमरीका के लिए ग़लत' हैं.
ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, ''कमला हैरिस वो व्यक्ति हैं जिन्होंने ऐसी कई कहानियां सुनाईं, जो सच नहीं थीं. जैसा कि आपको पता है कि उन्होंने प्राइमरी चुनाव में बहुत ख़राब प्रदर्शन किया था. इसलिए मुझे थोड़ी हैरत हो रही है कि बाइडन ने उन्हें क्यों चुना.''
ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी की प्राइमरी बहसों के दौरान कमला हैरिस 'बेहद बुरी' और 'डरावनी' थीं. उन्होंने कहा, ''वो जो बाइडन के प्रति अपमानजनक रवैया रखती थीं और ऐसे लोगों को चुनना मुश्किल होता है.''
ट्रंप ने कहा कि बाइडन का हैरिस को चुनना दिखाता है कि कैसे वो एक खोखली योजना को 'अतिवादी वामपंथी एजेंडे' से भर रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें कमला हैरिस की वो टिप्पणियां शामिल हैं जो उन्होंने बाइडन के ख़िलाफ़ कही थीं. इस वीडियो में कहा गया है कि 'फ़र्जी कमला' और 'लचर बाइडन' एकसाथ परफ़ेक्ट हैं लेकिन अमरीका के लिए ग़लत हैं.
कमला हैरिस कौन हैं?
55 साल की कमला हैरिस दिसंबर में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की रेस से बाहर हो गई थीं.
कमला हैरिस का जन्म कैलिफ़ोर्निया के ओकलैंड में हुआ था. उनके माता-पिता प्रवासी थे. उनकी माँ का जन्म भारत में हुआ था, जबिक उनके पिता का जन्म जमाइका में हुआ था.
उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी जो कि एक काले कॉलेज और यूनिवर्सिटी की हैसियत से पहचानी जाती है.
कमला कहती हैं कि वह अपनी पहचान को लेकर हमेशा संतुष्ट रहती हैं और ख़ुद को सिर्फ़ एक अमरीकी कहलाना पसंद करती हैं.
2019 में उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट से कहा था कि नेताओं को सिर्फ़ अपने रंग और पृष्ठभूमि के कारण किसी ख़ास ढांचे में नहीं ढालना चाहिए. उनका कहना था, "मेरा कहना है कि मैं जो हूं वो हूं. मैं इससे ख़ुश हूं. आपको देखना है कि क्या करना है लेकिन मैं इससे बिल्कुल ख़ुश हूं."
हावर्ड के बाद कमला हैरिस ने कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी से क़ानून की डिग्री ली और फिर वकालत शुरू कर दी.
उसके बाद वो अमरीका के सबसे बड़े राज्य कैलिफ़ोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनीं. इस पद पर पहुंचने वाली वो पहली महिला और पहली अफ़्रीकी-अमरीकी थीं.
कमला हैरिस दो बार अटॉर्नी जनरल रहीं और फिर 2017 में वो सांसद बनीं. वो ऐसा करने वाली दूसरी काली महिला थीं.
कमला की उम्मीदवारी पर प्रतिक्रिया
ट्रंप की चुनावी टीम ने कहा है कि कमला हैरिस का चुना जाना बताता है कि जो बाइडन ख़ाली कवच हैं जो कि अतिवादी वामपंथी एजेंडा से भरा जा रहा है.
ट्रंप की टीम ने कहा, "बहुत पहले की बात नहीं है जब कमला हैरिस ने जो बाइडन को नस्लवादी क़रार दिया था और माफ़ी की माँग की थी जो उन्हें कभी नहीं मिली."
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जिनके साथ बाइडन ने आठ सालों तक उप-राष्ट्रपति के पद पर काम किया था, ने ट्वीट कर कहा, "वो इस पद के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने अपने पूरे करियर को हमारे संविधान को बचाने के लिए लगाया है और उन लोगों की लड़ाई लड़ी है जिन्हें यहां जायज़ हिस्सेदारी मिलनी चाहिए."
ओबामा ने आगे कहा, "आज हमारे देश के लिए अच्छा दिन है. अब चलिए इसे जीता जाए."
ओबामा के समय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुकीं और उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने की एक प्रबल दावेदारी रही सुज़न राइस ने सबसे पहले कमला हैरिस को मुबारकबाद दी.
राइस ने कहा, "सांसद हैरिस एक दृढ़ निश्चय वाली और रास्ता दिखाने वाली नेता हैं और वो चुनाव अभियान के दौरान एक महान सहयोगी होंगी."
राइस ने आगे कहा, "मुझे पूरा विस्वास है कि बाइडन-हैरिस की जोड़ी जीतने वाली जोड़ी साबित होगी."(bbc)
वाशिंगटन, 11 अगस्त (वार्ता)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी के बाद वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से संबंधित ब्रीफ्रिंग को अचानक से छोड़ कर चले गए। स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
कोरोना वायरस की ब्रीफ्रिंग से अचानक निकलने के बाद श्री ट्रंप हालांकि कुछ देर बाद वापस आ गए जिसके बाद उन्होंने पत्रकारों को बताया कि व्हाइट हाउस के पास कुछ गोलीबारी की घटना हुई है जिसको लेकर खुफिया विभाग के अधिकारी उन्हें जानकारी दे रहे थे।
उन्होंने कहा, स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। मैं अधिकारियों को त्वरित और बहुत प्रभावी तरीके से काम करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।
श्री ट्रंप ने कहा, Þव्हाइट हाउस के पास वास्तविक में गोलीबारी हुई है और किसी को अस्पताल ले जाया गया। मैं व्यक्ति की हालत नहीं जानता लेकिन ऐसा लगता है कि व्यक्ति को खुफिया विभाग के अधिकारियों द्वारा गोली मारी गई है इसलिए हम देखेंगे कि क्या होता है।
श्री ट्रंप दरअसल कोरोना वायरस को लेकर प्रतिदिन की जाने वाली मीडिया ब्रीफ्रिंग में आये थे और तभी एक अधिकारी के कुछ कहने के बाद वह तुरंत वहां से चले गए।
बेरुत, 11 अगस्त (वार्ता)। लेबनान की राजधानी बेरुत में पिछले सप्ताह हुए भीषण विस्फोट के बाद देश में बड़े पैमाने पर सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच लेबनान सरकार ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया।
बेरुत में हुए विस्फोट के बाद सरकार के खिलाफ सडक़ों पर हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के आगे झुकते हुए प्रधानमंत्री हसन दियाब ने सोमवार को सरकार के इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने कहा कहा कि वह पिछली सरकारों द्वारा अपनाई गई भ्रष्ट प्रथाओं के लिए जवाबदेह होने से इनकार करते हैं।
श्री दियाब ने कहा, Þहमारी सरकार बनने के कुछ सप्ताह बाद कुछ विपक्षी पार्टियों ने देश में भ्रष्टाचार, सार्वजनिक ऋण और आर्थिक पतन के लिए हमें जवाबदेह ठहराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इस कैबिनेट में हर मंत्री ने देश को बचाने के लिए रोडमैप में योगदान देने के लिए बड़े प्रयास किए हैं।
श्री दियाब ने कहा, Þहम इस देश, देश और बच्चों के भविष्य के बारे में बहुत चिंतित है और हमारा कोई निजी उद्देश्य नहीं हैं। हम इस देश के लिए अच्छा करना चाहते हैं लेकिन हम बेकार की विषयों में घसीटना नहीं चाहते हैं। दुर्भाग्य से हम कुछ राजनीतिक दलों को लोगों को हमारे खिलाफ उकसाने से नहीं रोक सके।Þ
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस्तीफा देकर उन लोगों के साथ खड़े होने का निर्णय किया है जो वास्तविक बदलाव की मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बेरुत में पिछले सप्ताह तट के पास एक गोदाम में पड़े अमोनियम नाइट्रेट से भीषण विस्फोट हुआ जिसमें कम से कम 158 लोगों की जान चली गई और करीब छह हजार लोग घायल हो गए।
बेरुत में हुए इस विस्फोट के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ देशभर में आक्रोश फैल गया जिसके बाद सरकार को दबाव में आ कर इस्तीफा देना पड़ा।
बेरूत, 10 अगस्त। बेरूत के बंदरगाह पर पिछले हफ्ते हुए विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 200 हो गई है। इसकी जानकारी सोमवार लेबनान की राजधानी के गवर्नर मारवान अबाउद ने दी। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अबाउद ने कहा कि दर्जनों लोग अभी भी लापता हैं, उनमें से कई विदेशी कर्मचारी हैं, जबकि घायलों की संख्या 7,000 से अधिक हो गई है।
इस बीच सेना ने विस्फोटों का केंद्र बंदरगाह पर अपने खोज, बचाव अभियान को बंद कर दिया है।
नए आकड़े दो दिन बाद सामने आए हैं, क्योंकि सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों से पुलिस की झड़प हो गई थी।
इस मामले में एक कैबिनेट मंत्री और कई सांसदों ने अपना इस्तीफा दे दिया, जिसके बावजूद लोगों का रोष शांत नहीं हुआ। लोगों ने नेताओं पर राजनीति मिली भगत और कुप्रबंधन का आरोप लगाया है।
विस्फोट के बाद से शहर में सैकड़ों हजारों लोग क्षतिग्रस्त घरों में रह रहे हैं, कईयों के घर में खिड़की और दरवाजे भी नहीं बचे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने इस संकट के समय में लोगों को तुरंत भोजन और चिकित्सा सहायता करने का निर्देश दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय डोनर्स ने रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन द्वारा आयोजित एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में लेबनान के लिए 297 मिलियन डॉलर की सहायता देने का वादा किया।
उन्होंने कहा कि यह फंड लेबनान के लोगों को सीधे दिए जाएंगे।
लेबनान के अधिकारियों ने कहा है कि यह हादसा 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट के विस्फोट होने से हुआ है, जिसे छह साल से बिना किसी सुरक्षा के रखा गया था।(ians)
वाशिंगटन, 10 अगस्त (आईएएनएस)| वाशिंगटन डीसी में एक गोलीबारी की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 20 अन्य लोग घायल हो गए। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की राजधानी में एक आवासीय क्षेत्र के पड़ोस में रविवार की रात लगभग 1 बजे गोलीबारी की घटना हुई।
पीड़ित की पहचान 17 वर्षीय क्रिस्टोफर ब्राउन के रूप में की गई, उसके परिवार ने सीबीएस वाशिंगटन डीसी से जुड़े डब्ल्यूयूएसए-टीवी को घटना की पुष्टि की।
एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि गोलीबारी के बाद करीब नौ लोगों को पास के अस्पतालों में ले जाया गया।
एक गवाह ने स्थानीय मीडिया को बताया कि यह घटना जन्मदिन की पार्टी में हुई थी।
मामले में अधिक जानकारी को लेकर अभी खुलासा नहीं किया गया है।
काठमांडू, 10 अगस्त। पिछले दिनों राम के जन्मस्थान को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बयान से विवाद खड़ा हो गया था और अब विवाद की कड़ी में ताजा नाम गौतम बुद्ध का है।
शनिवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था- ऐसे कौन से महानतम भारतीय हैं, जिन्हें आप याद रख सकते हैं। तो मैं कहूँगा एक हैं गौतम बुद्ध और दूसरे महात्मा गांधी।
बस फिर क्या था नया विवाद खड़ा हो गया। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने इस पर बयान जारी कर कहा कि ऐतिहासिक और पुरातात्विक साक्ष्यों से यह एक स्थापित और निर्विवाद तथ्य है कि गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में हुआ था। बुद्ध का जन्मस्थान लुम्बिनी बौद्ध धर्म के उत्पत्ति का स्थान है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर में से एक है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने कहा कि गौतम बुद्ध के बारे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान आपत्तिजनक है।
फेसबुक पर जारी अपने बयान में माधव कुमार नेपाल ने लिखा है- भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का नेपाल के लुम्बिनी में जन्मे गौतम बुद्ध पर बयान अवास्तविक और आपत्तिजनक है। भारतीय नेताओं की ओर से व्यक्त असंवेदनशील बयान और गलतफहमियों का दोनों देशों के बीच संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मैं नेपाल सरकार से अनुरोध करता हूं कि वे औपचारिक रूप से भारत से बात करे।
हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने बाद में एक बयान जारी करके इस विवाद को ठंडा करने की कोशिश की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा- विदेश मंत्री साझा बौद्ध विरासत का जिक्र कर रहे थे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी में हुआ था, जो नेपाल में है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने ये स्पष्ट नहीं किया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गौतम बुद्ध को भारतीय क्यों कहा। नेपाल और भारत के बीच पिछले कुछ महीनों से तनाव चल रहा है। नेपाल ने इस साल मई में अपना नया नक्शा जारी किया था, जिसमें लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपना इलाका दिखाया था. ये तीनों इलाके अभी भारत में हैं लेकिन नेपाल दावा करता है कि ये उसका इलाका है जबकि भारत इसे अपना इलाका मानता है।
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में 2004 के भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेपाल दौरे का भी जिक्र किया है, जिसमें नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नेपाल वो देश हैं, जहां दुनिया भर में शांति के दूत गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था।
नेपाली विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा है- ये सच है कि बौद्ध धर्म नेपाल से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैला। ये विषय विवाद का विषय नहीं और न ही इस पर कोई संदेह है। इसलिए ये बहस का मुद्दा नहीं हो सकता। पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय इससे अवगत है। (bbc.com/hindi)
-राहुल कुमार
नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)| पाकिस्तान, चीन के जितना करीब जा रहा है, बलूचिस्तान उससे (पाकिस्तान) उतना ही दूर होता जा रहा है। बढ़ते बलूच राष्ट्रवाद को सिंध में एक नया साझीदार-समर्थक संगठन मिल गया है, जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का विरोध करने की योजना भी बना रहा है, जो 62 अरब डॉलर का एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है।
बलूचिस्तान में पहले से ही बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए), बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ), बलूच रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए) और बलूच रिपब्लिकन गार्डस (बीआरजी) हैं, जो पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं। अब इन चारों ने सीपीईसी का विरोध करने के उद्देश्य से बलूच राजी अजोई संगर (बीआरएएस) के गठन के लिए सिंधुदेश रिवोल्यूशनरी आर्मी (एसआरए) के साथ हाथ मिलाया है। सीपीईसी के बारे में इनका कहना है कि यह पंजाब-बहुल क्षेत्रों को लाभ पहुंचाने के लिए स्थानीय लोगों का शोषण कर रहा है।
बीआरएएस के प्रवक्ता बलूच खान ने कहा कि संगठनों ने एक अज्ञात स्थान पर एक सत्र आयोजित किया था, जहां उन्होंने बलूचिस्तान और सिंध को पाकिस्तान से मुक्त करने की रणनीति बनाई। स्वतंत्रता-समर्थक संगठनों ने यह भी कहा कि बलूचिस्तान और सिंध के लोग अपने-अपने क्षेत्रों में हजारों वर्षों से रह रहे हैं और इनकी मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं।
बीआरएएस के एक बयान में कहा गया है, "चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के माध्यम से, पाकिस्तान और चीन का उद्देश्य सिंध और बलूचिस्तान से अपने राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य हितों को हासिल करना है और बादिन से ग्वादर तक के तटों और संसाधनों पर कब्जा करना चाहते हैं।"
सीपीईसी को ज्यादातर लोग बड़े पैमाने पर खनिज समृद्ध बलूचिस्तान के लिए एक शोषणकारी परियोजना के रूप में देखते हैं जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत को लाभान्वित करना चाहता है। 70 साल से अधिक समय के बाद भी, बलूचिस्तान खराब शैक्षिक और स्वास्थ्य प्रणाली के साथ अत्यधिक अविकसित और गरीबी से त्रस्त क्षेत्र बना हुआ है।
चीन का इरादा सैन्य उद्देश्यों के लिए ग्वादर बंदरगाह का उपयोग करने का है, जिससे लगता है कि बलूचिस्तान में अपने स्वयं के सुरक्षाकर्मियों को तैनात करना चाहता है और कई मजबूत परिसरों का निर्माण किया है। यहां तक कि पाकिस्तान, चीन के इशारे पर, स्थानीय लोगों की इच्छाओं के खिलाफ इलाके में सेना का जमावड़ा लगा रहा है।
राष्ट्रवादियों ने न केवल सार्वजनिक रूप से सीपीईसी के विरोध में घोषणा की है, बल्कि चीनी हितों पर कई हमले किए हैं-अभी एक महीने पहले ही बीएलए ने पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज, 2019 में पांच सितारा पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल और यहां तक कि 2018 में कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था।
पिछले कुछ महीनों में, बलूचों ने घात लगाकर अधिकारियों सहित पाकिस्तानी सेना के जवानों को मार डाला है।
सुमी खान
ढाका, 9 अगस्त (आईएएनएस)| बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि मेरी मां बंगामाता फाजिलातुन्नेस मुजीब के महत्वपूर्ण समय में किए गए एक सही फैसले ने देश के राजनीतिक इतिहास में बदलाव लाया था।
बंगामाता फाजिलातुन्नेस मुजीब की 90 वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी मां ने पैरोल पर बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की रिहाई के प्रस्ताव को ठुकराते हुए सही निर्णय लिया था। जबकि इससे उनकी जिंदगी को खतरा था। फाजिलातुन्नेस मुजीब का जन्म 8 अगस्त 1930 को गोपालगंज के तुंगीपारा गांव में हुआ था। 15 अगस्त, 1975 को शेख मुजीबुर रहमान के हत्यारों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी।
हसीना ने शनिवार को कहा, "उस समय लिए गए सही निर्णय ने पाकिस्तानी सैन्य तानाशाह अयूब खान को 'अगरतला षड्यंत्र' केस वापस लेने और बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास के पाठ्यक्रम को बदलने के लिए मजबूर कर दिया था।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरी मां के राजनीतिक क्षेत्र में दिए गए योगदान के बारे में सबसे अच्छी बात यह थी कि मेरी मां ने महत्वपूर्ण समय पर सही फैसले लिए थे। जबकि दुर्भाग्य से कई शीर्ष नेता ऐसा करने में असफल रहे थे।"
हसीना, फाजिलतुन्नेस मुजीब की बड़ी बेटी हैं।
श्रीलंका के संसदीय चुनाव में श्रीलंका पीपल्स पार्टी (एसएलपीपी) और उसके सहयोगियों ने दो तिहाई बहुमत से जीत हासिल की है. 225 सदस्यीय संसद में एसएलपीपी और उसके सहयोगियों ने 150 सीटों पर जीत दर्ज की है. कोरोना वायरस महामारी के बीच श्रीलंका में बुधवार को आम चुनाव हुए थे. इससे पहले दो बार महामारी के कारण चुनाव टाल दिए गए थे. गोटबाया राजपक्षे ने चुनाव से पहले ही दो तिहाई बहुमत से जीत का भरोसा जताया था. वे बतौर राष्ट्रपति अपनी शक्तियों को बढ़ाना चाहते हैं ताकि वे संविधान में बदलाव कर पाएं. उनका कहना है कि संविधान में बदलाव कर वे छोटे से देश को आर्थिक और सैन्य रूप से सुरक्षित कर पाएंगे.
इन नतीजों के बाद पूरी संभावना है कि वे अपने बड़े भाई और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को दोबारा प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठाएंगे. दोनों भाइयों को 2009 में एलटीटीई को देश से खत्म करने के लिए जाना जाता है. चरमपंथी संगठन एलटीटीई अल्पसंख्यक तमिलों के लिए अलग राज्य के लिए लड़ाई लड़ रहा था. 2009 में जब गृहयुद्ध खत्म हुआ तो उस वक्त छोटे भाई राष्ट्रपति थे. उन पर यातना और आम नागरिकों की हत्या के आरोप भी लगे थे.
श्रीलंका में चुनाव नतीजे आने के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को फोन कर बधाई दी. बातचीत के बाद मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, "हम द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और अपने विशेष संबंधों को हमेशा नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मिलकर काम करेंगे" महिंदा राजपक्षे ने भी ट्वीट कर बधाई के लिए मोदी का धन्यवाद किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "श्रीलंका के लोगों के मजबूत समर्थन के साथ, हम दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को और बढ़ाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. श्रीलंका और भारत दोस्त हैं."
पर्यटन पर निर्भर दो करोड़ से अधिक आबादी वाला देश पिछले साल चर्च, होटल पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही अपनी अर्थव्यवस्था को लेकर जूझ रहा है. इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी. इसके बाद कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लगाया गया जिससे आर्थिक गतिविधियां ठप सी हो गई.
एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)(dw)
इस्लामाबाद/नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)| सऊदी अरब ने इमरान खान सरकार द्वारा कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) को विभाजित करने की धमकी देने के बाद पाकिस्तान के लिए ऋण पर तेल के प्रावधान को रोक दिया है। अक्टूबर 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तीन साल के लिए 6.2 अरब डॉलर का वित्तीय पैकेज देने का ऐलान किया था। इसमें तीन अरब डॉलर की नकद सहायता शामिल थी, जबकि बाकी के पैसों के एवज में पाकिस्तान को तेल और गैस की सप्लाई की जानी थी।
एक गंभीर आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान ने सऊदी अरब से ऋण लिया था। पाकिस्तान के हालिया बर्ताव के कारण सऊदी ने अपने वित्तीय समर्थन को वापस ले लिया है।
पाकिस्तानी मीडिया ने शनिवार को कहा कि इस्लामाबाद के लिए प्रावधान दो महीने पहले समाप्त हो गया है और इसे रियाद द्वारा नवीनीकृत नहीं किया गया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पेट्रोलियम डिवीजन के प्रवक्ता साजिद काजी के हवाले से कहा कि इस्लामाबाद ने समय से चार महीने पहले ही एक अरब डॉलर का सऊदी का ऋण लौटा दिया है।
हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक समाचार चैनल पर एक टॉक शो के दौरान धमकी दी थी कि अगर सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओआईसी ने कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक नहीं बुलाई, तो प्रधानमंत्री इमरान खान अपने सहयोगी इस्लामी देशों के बीच बैठक करेंगे, जो इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दे सकें।
पाकिस्?तानी न्?यूज चैनल एआरवाई को दिए साक्षात्?कार में कुरैशी ने कहा, मैं एक बार फिर से पूरे सम्?मान के साथ ओआईसी से कहना चाहता हूं कि विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक हमारी अपेक्षा है। यदि आप इसे बुला नहीं सकते हैं तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह कहने के लिए बाध्?य हो जाऊंगा कि वह ऐसे इस्?लामिक देशों की बैठक बुलाएं जो कश्?मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं।
विश्व में इस्लामी देशों के सबसे बड़े संगठन ओआईसी से पाकिस्तान कई बार गुजारिश कर चुका है कि वह कश्मीर मुद्दे पर एक बैठक आयोजित करे, मगर संगठन ने हर बार उसकी अपील को दरकिनार किया है। यही वजह है कि पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।
दरअसल ओआईसी में किसी भी कदम के लिए सऊदी अरब का साथ सबसे ज्?यादा जरूरी होता है। ओआईसी पर सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा है। कश्?मीर पर सऊदी अरब के कदम नहीं उठाने से पाकिस्?तान की कुंठा बढ़ती ही जा रही है।
पिछले साल अगस्त में भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर दो हिस्सों लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर बांट दिया गया। पाकिस्तान भारत के इस कदम का विरोध कर रहा है और इमरान खान सरकार इस मुद्दे पर 57 सदस्यीय ओआईसी का समर्थन मांग रही है।
बीजिंग, 8 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है, अब तक 48 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि एक लाख 60 हजार लोगों की मौत हो गयी है। इस बीच एक चौकाने वाली अध्ययन रिपोर्ट की मानें तो यह वायरस अल्पसंख्यक जाति के बच्चों और कमजोर सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि के बच्चों को अपनी चपेट में ज्यादा ले रहा है। इस स्टडी के दौरान वाशिंगटन में 21 मार्च से 28 अप्रैल के बीच एक हजार बाल रोगियों का परीक्षण किया गया। अध्ययन में पाया गया कि श्वेत बच्चों में से केवल 7.3 फीसदी ही कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए। जबकि 30 प्रतिशत अश्वेत बच्चे वायरस से संक्रमित पाए गए। वहीं हिस्पैनिक बच्चों में वायरस के संक्रमण की दर 46.4 फीसदी थी।
शोधकर्ताओं ने पेडियाट्रिक्स जर्नल में लिखा है कि अश्वेत बच्चों में श्वेत बच्चों की तुलना में वायरस का जोखिम तीन गुना ज्यादा था। इस बाबत सभी रोगियों की बुनियादी जनसांख्यिकीय जानकारी जुटाई गयी, उसके बाद अनुसंधान टीम ने उक्त लोगों के परिवार की आय का अनुमान लगाने के लिए सर्वेक्षण डेटा का उपयोग किया।
परीक्षण किए गए रोगियों में से लगभग एक तिहाई अश्वेत थे, जबकि लगभग एक चौथाई हिस्पैनिक थे।
जिन एक हजार लोगों का टेस्ट किया गया, उनमें से 207 वायरस से संक्रमित हुए थे, उनमें से उच्च आय वर्ग के महज 9.7 फीसदी ही संक्रमित थे, जबकि सबसे कम आय वर्ग के 37.7 प्रतिशत लोग वायरस की चपेट में आए थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के संक्रमण को लेकर इतनी असमानता की वजह स्वास्थ्य देखभाल और संसाधनों तक सीमित पहुंच, साथ ही पूर्वाग्रह और भेदभाव आदि के चलते हो सकती हैं। हालांकि शोधकर्ताओं ने कहा कि इसका सटीक कारण समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
वैसे यह बात जाहिर है कि अल्पसंख्यक और कमजोर सामाजिक आर्थिक वर्ग के लोगों की प्राथमिक स्वास्थ्य कर्मियों तक कम पहुंच होती है, जिसका मतलब यह है कि इस अध्ययन में असमानता वास्तविकता से अधिक बड़ी हो सकती है।
जिस तरह से अमेरिका में कमजोर वर्ग और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों में वायरस के संक्रमण के मामले ज्यादा देखे गए हैं, उससे पता चलता है कि विश्व के सबसे शक्तिशाली देश में सामाजिक असमानता बहुत बढ़ गयी है। क्योंकि इससे पहले भी अमेरिका में वयस्क नागरिकों को लेकर इसी तरह की रिपोर्ट सामने आयी थी जिसमें श्वेत लोगों में वायरस के संक्रमण की दर कम पायी गयी थी।
जिनेवा, 8 अगस्त (आईएएनएस)| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैक्सीन पर राष्ट्रवाद के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने अमीर देशों को आगाह करते हुए कहा कि यदि वे खुद के लोगों के उपचार में लगे रहते हैं और अगर गरीब देश बीमारी की जद में हैं तो वे सुरक्षित रहने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। डब्लूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम गेब्रेयसस के अनुसार, यह अमीर देशों के हित में होगा कि वे हर देश को बीमारी से बचाने में मदद करें।
गार्डियन के अनुसार, ट्रेडोस ने कहा कि वैक्सीन पर राष्ट्रवाद अच्छा नहीं है, यह दुनिया की मदद नहीं करेगा।
ट्रेडोस ने जिनेवा में डब्ल्यूएचओ के मुख्यालय से वीडियो-लिंक के माध्यम से अमेरिका में एस्पन सिक्योरिटी फोरम को बताया, "दुनिया के लिए तेजी से ठीक होने के लिए, इसे एक साथ ठीक होना होगा, क्योंकि यह एक वैश्वीकृत दुनिया है। अर्थव्यवस्थाएं आपस में जुड़ी हुई हैं। दुनिया के सिर्फ कुछ हिस्से या सिर्फ कुछ देश सुरक्षित या ठीक नहीं हो सकते।"
उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 तब कम हो सकता है जब वे देश जिसके पास धन है, वे इससे निपटने के लिए प्रतिबद्ध हों।
रिपोर्ट के अनुसार, कई देश कोरोनोवायरस के लिए वैक्सीन खोजने की दौड़ में हैं। इस बीमारी से वैश्विक स्तर पर 7,00,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।
बेरुत, 7 अगस्त (आईएएनएस)| लेबनान की राजधानी बेरुत में दो घातक विस्फोटों के मामले में राजधानी के बंदरगाह के 16 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। विस्फोटों में कम से कम 149 लोगों की जान चली गई है और हजारों लोग घायल हो गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, गुरुवार शाम को सैन्य न्यायाधिकरण के सरकारी आयुक्त जज फादी अकीकी ने कहा कि अब तक 18 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है, जिसमें बंदरगाह और सीमा शुल्क अधिकारियों के साथ-साथ हैंगर में रखरखाव के प्रभारी लोग भी शामिल हैं जहां विस्फोटक सामग्री वर्षों से रखा हुआ था।
इस बीच, बेरुत के पहले इन्वेस्टिगेटिव जज गसान ओयुदैत ने बंदरगाह के सात अधिकारियों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय जारी किया।
दो बड़े विस्फोटों से मंगलवार शाम को बेरुत बंदरगाह दहल गया, जिसमें कम से कम 149 लोग मारे गए हैं और लगभग 5,000 अन्य घायल हुए हैं जबकि शहर में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ हैं।
प्रारंभिक जानकारी से पता चला है कि बंदरगाह के गोदाम नंबर 12 में 2014 से रखा अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटों का कारण हो सकता है।