कारोबार
वाशिंगटन 07 अगस्त (स्पूतनिक)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर चीन के विवादित मोबाइल ऐप टिक-टॉक की कंपनी बाइटडांस से लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
यह प्रतिबंध कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए जाने के 45 दिनों के बाद से लागू होगा।
श्री ट्रम्प ने गुरुवार देर रात इस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए।
इस कार्यकारी आदेश के मुताबिक अमेरिका में चीन की बाइटडांस कंपनी अथवा इससे जुड़ी अन्य कंपनियों के साथ किसी भी प्रकार के लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अमेरिका में अब कोई भी व्यक्ति अथवा कंपनी बाइटडांस के साथ कोई लेन-देन नहीं कर पायेगी।
कार्यकारी आदेश के मुताबिक चीन के मोबाइल ऐप के अमेरिका में प्रसार से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था को खतरा पैदा होता है। इसलिए ऐसे मोबाइल ऐप विशेष रूप से टिक-टॉक पर कार्रवाई करना आवश्यक है।
यह कार्यकारी आदेश हस्ताक्षर होने के 45 दिनों बाद से लागू होगा।
चीनी कंपनी बाइटडांस के इस ऐप पर लाखों अमेरिकी नागरिकों की निजी जानकारी चुराने का आरोप है जिसकी ट्रम्प प्रशासन जांच कर रहा है।
गौरतलब है कि अमेरिकी नौसेना ने निजी सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गत वर्ष अपने कर्मचारियों से सभी सरकारी उपकरणों से इस ऐप को हटाने का आग्रह किया था।
टिक-टॉक ने इन आरोपों से इनकार करते हुए पहले कई बार कहा है कि वह उपयोगकर्ताओं की जानकारी चीन नहीं भेजता है। टिक-टॉक एक सोशल मीडिया ऐप है जिस पर उपयोगकर्ताओं की जानकारी चुराने का आरोप है।
रायपुर, 6 अगस्त। अखिल भारतीय भोजपुरी समाज ने भोजपुरी भवन बीरगांव में राष्ट्रीय प्रवक्ता सुमन महाराज ने मंत्रोचार के साथ दीप प्रज्जवलित कर आयोध्या में भूमिपूजन का स्वागत किया और देश के प्रति और धर्म के प्रति अपनी आस्था को प्रकट किया।
जिला अध्यक्ष जे. पी.सिंह ने बताया कि राम मंदिर सशाक्त और समावेशी देश का प्रतीक बनेगा। श्री राम हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। भारतवर्ष में सभी समाज के वर्गों के साथ देशवासियों के लिए ये एक प्रेरणा बनेगा। प्रदेश अध्य्क्ष राकेश गौतम ने बताया कि हमारे समाज धर्म के साथ सामाजिक गतिविधियों में भी अपना योगदान पिछले कई वर्षों से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग देते चले आ रहे हैं। इस अवसर पर ऋतु सिंह, रानू सिंह, शेषनाथ तिवारी, विजयेन्द्र शर्मा, अमलेश सिंह, दिनेश मिश्रा, पंकज तिवारी, सतीश सिंह, विकास, बलभद्र ओझा, अनिल सिंह, इकराम अहमद, सत्येन्द्र, मनोज, सुधीर राय, अनवेश पांडेय और मीडिया प्रभारी डी.के.शर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
रायपुर, 6 अगस्त। कलिंगा विश्वविद्यालय ने अपनी उपलब्धियों में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया, जब देश के सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी 2019 की परीक्षा में विवि से एम.टेक की पढ़ाई कर रहे मेधावी छात्र आयुष खरे ने सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ में सिर्फ पांच विद्यार्थी यूपीएससी 2019 में सफल रहे हैं। इसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर से चयनित छात्र आयुष खरे कलिंगा विश्वविद्यालय के मेधावी छात्र हैं, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में संपूर्ण देश में 267 वां रैंक प्राप्त किया है।
कलिंगा विवि वैश्विक मापदंड के अनुसार उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले वाली मध्य भारत में प्रतिष्ठित शैक्षणिक प्रतिष्ठान है, जहां पर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ शारीरिक एवं मानसिक विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। यही कारण है कि आज यहां के विद्यार्थी ने यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल किया है।
कलिंगा विवि के कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी ने बताया कि विवि में प्रवेश करने वाले प्रत्येक विद्यार्थी पर पहले दिन से ही इंडक्शन प्रोग्राम के माध्यम से आधुनिकतम ज्ञान प्राप्त करने की ललक उत्पन्न करने के साथ-साथ आत्मबल, संस्कार, नेतृत्व भावना और सीखने के भाव विकसित किए जाते हैं। इसके साथ वर्ष भर विवि के अनुभवी और विषय विशेषज्ञ प्राध्यापक विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते रहते हैं। यहां पर सभी विषयों के अतिथि विद्वान और अपने क्षेत्र में सफल और प्रसिद्ध लोगों को आमंत्रित कर संगोष्ठी भी आयोजित किए जाते हैं जिसके द्वारा विद्यार्थियों को ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ जिज्ञासा समाधान के लिए संवाद कार्यक्रम भी आयोजित होता है।
उन्होंने बताया कि विवि में सर्वसुविधायुक्त सेन्ट्रल लाईब्रेरी भी है। जहां लाखों किताब की मौजूदगी से विद्यार्थियों को ज्ञान प्राप्त करने के लिए बेहतर माहौल मिलता है। साथ ही संपूर्ण विवि कैंपस वाई-फाई से युक्त है। जिससे विद्यार्थी कभी भी इंटरनेट के माध्यम से नवीनतम ज्ञान प्राप्त करते हैं। इन्हीं कारणों से यहां के विद्यार्थी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी क्षेत्रों में अनेक उपलब्धियों को हासिल करने में सफल रहे हैं। देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित यूपीएससी परीक्षा में सफल होने वाले कलिंगा विश्वविद्यालय के होनहार विद्यार्थी आयुष खरे इसके महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। आयुष की सफलता पर कलिंगा विवि में हर्ष व्याप्त है। कलिंगा विवि परिवार ने उन्हें देश के प्रतिष्ठित परीक्षा में सफल होने पर बधाई देते हुए यह विश्वास व्यक्त किया है कि वह इस सम्मानित पद के द्वारा राष्ट्रसेवा का कार्य करते रहेंगे।
रायपुर, 6 अगस्त। आरती ग्रुप के संचालक राजीव मुंदड़ा ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन से छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में उत्सव का माहौल है। राजधानी के मंदिरों में भी भक्तों ने विशेष पूजा अर्चना की। अशोका रत्न परिसर में स्थित मंदिर में भी हमने उत्सव मनाया। आरती ग्रुप स्टाफ सदस्यों द्वारा भगवान राम को 1 किलो चांदी की ईंट अर्पित की गई। भगवान राम का विशेष श्रृंगार किया गया। छत्तीसगढ़ की ओर से अयोध्या राम मंदिर में इस 1 किलो चांदी की ईंट भेंट की जायेगी।
मुंबई, 6 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी से सोने और चांदी में खूब निखार आई है। सोना लगातार शिखर पर चढ़ता जा रहा है और चांदी की भी चमक रोज बढ़ती जा रही है। भारतीय वायदा बाजार में चांदी गुरुवार को 74000 रुपये प्रति किलो के पार चली गई है और जल्द ही अपने पिछले सारे रिकॉर्ड को तोडऩे वाली है। इस सप्ताह चांदी करीब 1000 रुपये प्रति किलो महंगी हो गई है। चांदी का सबसे सक्रिय वायदा अनुबंध बीते सप्ताह 31 जुलाई को 64,984 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ था जबकि गुरुवार को 74768 रुपये प्रति किलो तक उछला।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी के सितंबर एक्सपायरी अनुबंध में गुरुवार पूर्वाह्न्् 11.32 बजे पिछले सत्र से 2750 रुपये यानी 3.83 फीसदी की तेजी के साथ 74,643 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान चांदी का भाव 74,768 रुपये प्रति किलो तक उछला। जोकि नौ साल का सबसे उंचा स्तर है। बता दें कि 25 अप्रैल, 2011 को एमसीएक्स पर चांदी का भाव 76,600 रुपये प्रति किलो तक चला गया था जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है।
एमसीएक्स पर सोने के अक्टूबर वायदा अनुबंध में 442 रुपये यानी 0.80 फीसदी की तेजी के साथ 55540 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान सोने का भाव 55,580 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला, जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है।
अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने के अक्टूबर वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 15.40 डॉलर यानी 0.76 फीसदी की तेजी के साथ 2052.50 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 2,052.70 डॉलर प्रति औंस तक उछला। पिछले सत्र में सोने का वायदा भाव कॉमेक्स पर 2057.50 डॉलर प्रति औंस तक उछला था जोकि अब तक रिकॉर्ड स्तर है। वैश्विक बाजार में हाजिर में सोने का भाव 2050.02 डॉलर प्रति औंस पर बना हुआ था।
कॉमेक्स पर चांदी के सितंबर अनुबंध में पिछले सत्र से 2.84 फीसदी की तेजी के साथ 27.655 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले चांदी का भाव कॉमेक्स पर 27.723 डॉलर प्रति औंस तक उछला। कॉमेक्स पर चांदी का भाव अप्रैल 2011 में रिकॉर्ड 49.83 डॉलर प्रति औंस तक उछला था।
दुनिया की छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत का सूचक डॉलर इंडेक्स पिछले सत्र से 0.15 फीसदी की कमजोरी के साथ 92.70 पर बना हुआ था। डॉलर इंडेक्स 18 मई को 100.43 तक चढ़ा था, लेकिन उसके बाद से लगातार डॉलर में कमजोरी बनी हुई है।
बीजिंग (आईएएनएस)| चीनी स्मार्टफोन निमार्ता श्याओमी ने एक नए स्मार्टफोन को पेटेंट करवाया है, जिसकी डिस्पले हटाई जा सकती (रिमूवेबल) है। लेट्सगो डिजिटल की रिपोर्ट के अनुसार, 'दो-घटक (कंपोनेंट) फोन' शीर्षक के तहत सीएनआईपीए (चीन राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा प्रशासन) के साथ पेटेंट दायर किया गया है।
पेटेंट दो घटकों के साथ एक उपकरण का वर्णन करता है, जिसमें बॉडी या मुख्य भाग और एक स्प्लिट भाग या वियोज्य डिस्पले है।
जब डिस्प्ले बॉडी से जुड़ा होता है तो यह एक आम स्मार्टफोन की तरह दिखता है। पेटेंट संकेत देता है कि हटाने योग्य (रिमूवेबल) डिस्पले को मुख्य बॉडी के बिना भी अलग से इस्तेमाल किया जा सकता है।
डिस्प्ले के निचले भाग में एक कनेक्टर पिन दी गई है, जो स्मार्टफोन के अन्य घटक के अंदर जाती है।
पेटेंट यह संकेत भी देता है कि डिस्प्ले को मुख्य बॉडी के बिना अलग से इस्तेमाल किया जा सकता है। जब डिवाइस कनेक्ट नहीं होता है तो कोई भी देख सकता है कि इसमें एलईडी फ्लैश के साथ दो फ्रंट कैमरे हैं।
हाल ही में कंपनी ने 108 मेगापिक्सल के कैमरा के साथ आने वाले एक नए स्मार्टफोन को पेटेंट कराया है।
यह पेटेंट श्याओमी द्वारा जनवरी में दायर किया गया था, लेकिन इसके बारे में पिछले महीने ही पता चला है।
नियमों का कड़ाई से पालन का आश्वासन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 अगस्त। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी की अध्यता में समस्त व्यापारिक संगठनों की विशेष आपात बैठक आहूत की गई थी। इस बैठक में लॉक डाउन समाप्त होने के बाद व्यापार को पुन: सुचारू रूप से चालने के लिए विचार विमर्श किया गया । बैठक में 105 व्यापारिक संगठनों के वरिष्ट पदाधिकारीगण मौजूद थे। मौजूद सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने लाकडाउन बढ़ाये जाने का पुरजोर विरोध किया और एक स्वर में कहा कि मौजूदा हालात में लाकडाउन बढ़ाया नहीं जाना चाहिए।
प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि वे शासन-प्रशासन की सभी शर्तों का कड़ाई से पूरा पालन करेंगे किन्तु लाकडाउन का समर्थन नहीं करेंगे। बैठक में व्यापारियों की भावनाओं से मुख्यमंत्री को भी अवगत कराने का निर्णय लिया गया और तय किया गया कि आज सभी व्यापारिक संगठनों के विचारों और भावनाओं को शासन के समक्ष रखा जायेगा।
श्री पारवानी ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोरोना काल के विकट एवं विपरित परिस्थितियों में आपके द्वारा व्यापारी वर्ग के साथ साथ आम नागरिकों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से लाकडाउन की अवधि में सीमित समयाअवधि के लिएं किराना, राखी एवं मिठाई व्यापार हेतु अनुमति प्रदान किए जाने पर हम आभार व्यक्त करते हैं।
श्री पारवानी ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में कैट अनुरोध करता है कि कोरोना रोकथाम के साथ साथ आगामी त्यौहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए राज्य में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ाया जाये। 7 अगस्त से पूरे प्रदेश में सुबह से शाम 7 बजे तक व्यापार की अनुमति दी जावे और शाम 8 बजे के पश्चात कफर््यू लगा दिया जावे। चूंकि शनिवार एवं रविवार दोनो दिनों में पूर्ण बाजार बंद करने से सोमवार को बाजारों में भीड़ बढ़ जाती है एवं कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है अत: शनिवार को दोपहर 2 बजे तक व्यापार अनुमति देना लाभकारी होगा, शनिवार को दोपहर 2 बजे तक व्यापार करने की अनुमति दी जावे एवं शनिवार शाम 4 बजे के पश्चात सोमवार सुबह तक बाजार पूर्णत: बंद रहे। इससे जहां एक ओर कोरोना का संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर आर्थिक गतिविधियां तेज होने से राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
रायपुर, 5 अगस्त। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी की अध्यता में समस्त व्यापारिक संगठनों की विशेष आपात बैठक आहूत की गई थी। इस बैठक में लॉक डाउन समाप्त होने के बाद व्यापार को पुन: सुचारू रूप से चालने के लिए विचार विमर्श किया गया । बैठक में 105 व्यापारिक संगठनों के वरिष्ट पदाधिकारीगण मौजूद थे। मौजूद सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने लाकडाउन बढ़ाये जाने का पुरजोर विरोध किया और एक स्वर में कहा कि मौजूदा हालात में लाकडाउन बढ़ाया नहीं जाना चाहिए।
प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि वे शासन-प्रशासन की सभी शर्तों का कड़ाई से पूरा पालन करेंगे किन्तु लाकडाउन का समर्थन नहीं करेंगे। बैठक में व्यापारियों की भावनाओं से मुख्यमंत्री को भी अवगत कराने का निर्णय लिया गया और तय किया गया कि आज सभी व्यापारिक संगठनों के विचारों और भावनाओं को शासन के समक्ष रखा जायेगा।
श्री पारवानी ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोरोना काल के विकट एवं विपरित परिस्थितियों में आपके द्वारा व्यापारी वर्ग के साथ साथ आम नागरिकों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से लाकडाउन की अवधि में सीमित समयाअवधि के लिएं किराना, राखी एवं मिठाई व्यापार हेतु अनुमति प्रदान किए जाने पर हम आभार व्यक्त करते हैं।
श्री पारवानी ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में कैट अनुरोध करता है कि कोरोना रोकथाम के साथ साथ आगामी त्यौहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए राज्य में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ाया जाये। 7 अगस्त से पूरे प्रदेश में सुबह से शाम 7 बजे तक व्यापार की अनुमति दी जावे और शाम 8 बजे के पश्चात कफर््यू लगा दिया जावे। चूंकि शनिवार एवं रविवार दोनो दिनों में पूर्ण बाजार बंद करने से सोमवार को बाजारों में भीड़ बढ़ जाती है एवं कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है अत: शनिवार को दोपहर 2 बजे तक व्यापार अनुमति देना लाभकारी होगा, शनिवार को दोपहर 2 बजे तक व्यापार करने की अनुमति दी जावे एवं शनिवार शाम 4 बजे के पश्चात सोमवार सुबह तक बाजार पूर्णत: बंद रहे। इससे जहां एक ओर कोरोना का संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर आर्थिक गतिविधियां तेज होने से राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
रायपुर, 5 अगस्त। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कैट ने चीनी कंपनी वीवो द्वारा इंडियन प्रीमियर लीग 2020 के टाइटल स्पॉन्सरशिप से अपना हाथ खींच लेने के संदर्भ में कैट द्वारा चीनी कंपनी के खिलाफ एक मजबूत दबाव और प्रतिरोध के कारण ही वीवो को यह फैसला करने पर मजबूर होना पड़ा ।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया दृढ़ता से मांग की है कि बीसीसीआई को किसी भी तरह से आईपीएल या बीसीसीआई से जुड़ी सभी चीनी कंपनियों के प्रायोजन को रद्द करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड के कारण ओलंपिक और विंबलडन जैसे खेल के बड़े आयोजन रद्द हो गए हैं और इसी तर्ज पर आईपीएल को भी रद्द कर दिया जाना चाहिए। महामारी की स्थिति के तहत इस साल आईपीएल आयोजित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
मुंबई, 5 अगस्त (आईएएनएस)| घरेलू वायदा बाजार में चांदी 2011 के बाद एक बार फिर 70,000 रुपये प्रति किलो के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर तक उछली और सोना 55000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया है। डॉलर की कमजोरी से पीली धातु में निखार आई है और वैश्विक बाजार में सोने का भाव 2000 डॉलर प्रति औंस के मनोवैज्ञानिक स्तर को तोड़ने के बाद बुधवार को फिर एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। भारत में चांदी का भाव हाजिर एवं वायदा बाजार में 2011 के अप्रैल में 76,000 रुपये प्रति किलो के पार चला गया था।
कमोडिटी विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना काल में महंगी धातुओं में बढ़ी निवेश मांग से सोना भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगातार नए शिखर को छू रहा है और चांदी में भी जबरदस्त तेजी देखी जा रही है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी के सितंबर एक्सपायरी अनुबंध में बुधवार पूर्वाह्न् 11.41 बजे पिछले सत्र से 487 रुपये यानी 0.70 फीसदी की तेजी के साथ 70,284 रुपये प्रति किलो पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान चांदी का भाव 70,448 रुपये प्रति किलो तक उछला। इसके पहले 25 अप्रैल, 2011 को एमसीएक्स पर चांदी का भाव 76,600 रुपये प्रति किलो तक चला गया था।
वहीं, एमसीएक्स पर सोने के अक्टूबर वायदा अनुबंध में 364 रुपये यानी 0.67 फीसदी की तेजी के साथ 54,915 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान सोने का भाव 54,950 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला, जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने के अक्टूबर वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 21.95 डॉलर यानी 1.09 फीसदी की तेजी के साथ 2030.45 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 2,036 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर तक उछला। वहीं वैश्विक बाजार में हाजिर सोने का भाव 2031.09 डॉलर प्रति औंस तक उछला, जोकि एक रिकॉर्ड है।
कॉमेक्स पर चांदी के सितंबर अनुबंध में पिछले सत्र से 0.85 फीसदी की तेजी के साथ 26.25 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले चांदी का भाव कॉमेक्स पर 26.53 डॉलर प्रति औंस तक उछला। कॉमेक्स पर चांदी का भाव अप्रैल 2011 में रिकॉर्ड 49.83 डॉलर प्रति औंस तक उछला था।
दुनिया की छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत का सूचक डॉलर इंडेक्स पिछले सत्र से 0.21 फीसदी की कमजोरी के साथ 93.18 पर बना हुआ था। डॉलर इंडेक्स 18 मई को 100.43 तक चढ़ा था, लेकिन उसके बाद से लगातार डॉलर में कमजोरी बनी हुई है।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि सोने और चांदी में बहरहाल फंडामेंटल्स मजबूत है और तेजी का रुख आगे भी बना रह सकता है।
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि चांदी में निवेश मांग जबरदस्त है, क्योंकि यह एक औद्योगिक धातु है और मौजूदा दौर में जैसे-जैसे औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी चांदी की मांग तेज होगी।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के नेशनल सेकेट्ररी सुरेंद्र मेहता बताया कि हाजिर में बीते सत्र में चांदी का भाव 69,999 रुपये प्रति किलो तक उछला था और आगे अंतर्राष्ट्रीय व घरेलू वायदा बाजार में जारी तेजी को देखते हुए आगे चांदी में और उछाल आ सकता है।
व्हाट्सएप काफी समय से फेक न्यूज़ को पकड़ने के लिए लगातार काम कर रही है। व्हाट्सएप ने फेक न्यूज़ को रोकने के लिए पहले फॉरवर्डिंग मैसेजिस फीचर को सीमित किया और अब कंपनी ने फर्जी खबरों को रोकने के लिए एक नया टूल पेश कर दिया है जिसका नाम "सर्च टूल" है। इस फीचर को लाने के लिए व्हाट्सएप ने गूगल के साथ साझेदारी की है।
जैसे कि आपके पास लिंक के साथ कोई खबर आती है तो उस लिंक के राइट साइड में एक नया सर्च आइकन वाला बटन दिखेगा जिस पर क्लिक करते ही गूगल सर्च उस खबर से मिलते जुलते सारे लिंक्स आपको शो कर देगी। इससे आपको पता चल जाएगा कि खबर फर्जी है या नहीं।
फिलहाल व्हाट्सएप के इस फीचर को ब्राजील, इटली, आयरलैंड, मैक्सिको, स्पैन, ब्रिटेन और अमेरिका में लाइव किया गया है। भारत में कब अपडेट के जरिए इस नए फीचर को उपलब्ध किया जाएगा इसकी जानकारी मिलते ही हम आप तक पहुंचा देंगे। यह फीचर एंड्रॉयड, iOS और वेब तीनों प्लेटफोर्म्स पर काम करेगा।(punjabkeshari)
रायपुर, 4 अगस्त। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा आईपीएल मैच में टाइटल स्पॉन्सर के रूप में चीनी कम्पनी वीवो को बनाए रखने के फैसले की कैट ने कड़ी आलोचना की है। बीसीसीआई के खिलाफ कैट ने आज केंद्रीय गृह मंत्री और विदेश मंत्री से इसकी अस्वीकृति की मांग की है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि ऐसे समय में जब पिछले महीने जून में भारतीय सीमाओं पर चीन की आक्रामकता ने चीन के खिलाफ भारत के लोगों की भावनाओं को बहुत बढ़ावा दिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार 'लोकल पर वोकलÓ और 'आत्मनिर्भर भारतÓ के उनके आह्वान को यथार्थ में बदलने के लिए अनेक कदम उठा रही है, ऐसे में बीसीसीआई का निर्णय सरकार की इस नीति के विपरीत ही नहीं बल्कि उसका मजाक भी उडाता है।
कैट ने कहा कि दुबई में आईपीएल आयोजन का आयोजन बीसीसीएआई के यह पोल खोलता है की उसको जहाँ सभी के स्वास्थ्य और सुरक्षा की चिंता होनी चाहिए ठीक इसके विरपित वो आईपीएल आयोजित करने की जिद पर ऐडा है। दुबई में जनता और भारत सहित विभिन्न देशों से आगंतुकों, खिलाड़ी, मेहमान, सदस्य, कर्मचारी, स्वयंसेवक, साझेदार, ठेकेदार और स्थानीय निवासी के स्वास्थ्य को लेकर एक गंभीर चुनौती होगी !
रायपुर, 3 अगस्त। रक्षाबंधन के पर्व के उपलक्ष्य मे कोरोना के चलते रायपुर सेंट्रल जेल में कैदियों के लिये उनकी बहनों के द्वारा राखी नहीं पहुंचने के कारण श्री सुधर्म महिला मण्डल ऐवम श्री सुधर्म नवयुवक मण्डल ने कैदियों की सुनी कलाई मे राखी पहुंचाई। निरंतर जेल के कैदियों के लिये श्री सुधर्म महिला मण्डल एवं नवयुवक मण्डल द्वारा विगत कई वर्षों से इस कार्य को करता आया है। मण्डल की अध्यक्ष भावना झजेड़ इन्दु बाफना निर्मला गोलछा रितु गोलछा सुधर्म नवयुवक मण्डल के प्रमुख सलहकार अजय जैन रतन गोलछा अध्यक्ष जितेन्द्र गोलछा संगठन मंत्री प्रकाश बाफना शैलेंद्र गोलछा की उपस्थिति में कैदियों को राखी दी गई।
रायपुर, 3 अगस्त। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी नेतृत्व में कैट के राष्ट्रीय अभियान 'भारतीय सामान -हमारा अभिमान' के तहत कैट सी.जी. चैप्टर ने कल्पतरू बिहरा महिला समूह से 3000 राखी बनवाकर जिला प्रशासन रायपुर के अधिकारी श्री गौरव कुमार सिंह (आई ए. एस.) सी.ई.ओ. जिला पंचायत रायपुर के माध्यम से कोरोना मरीजों को राखी बांटी ।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि कैट ने देश भर में चलाए जा रहे अपने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार अभियान के अंतर्गत इस वर्ष राखी त्यौहार को भारतीय राखी के रूप में मनाये जाने का आव्हान किया है। जिसके तहत देश भर में कैट सी.जी. चैप्टर ने महिला उद्यमियों एवं महिला समुह के सहयोग लोकल समान का उपयोग करते हुए राखियाँ बनवाई हैं।
श्री पारवानी ने बताया कि कैट इस बार चीनी राखी का विरोध करते हुए इस बार एक आनोखे तरीके से राखी मानने की सोची है जिसमें लोकल महिला समूल कल्पतरू बिहरा से 3000 राखी बनवाकर कोरोना संक्रमित मरीजों तक जिला प्रशासन रायपुर की मदद से पहुचाया गया। जिसके लिए कैट जिला प्रशासन रायपुर का आभार व्यक्त करता है। कैट ने उन्हें स्वास्थ्य लाभ, स्वस्थ्य और सुरक्षित जीवन की शुभकामनाओं के साथ चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं प्रशासनिक व्यवस्था में लगे सभी कर्मियो का सहयोग करने, उनके द्वारा बताये गये निर्देशों का पालन करने। तथा कोरोना से स्वस्थ्य होने के बाद भी निरंतर सावधानी बरतनें और अपने एवं परिवार का ध्यान रखने को कहा है।
नई दिल्ली, 3 अगस्त। कोविड-19 के प्रकोप के कारण मांग की स्थिति कमजोर बनी हुई है, जिसका असर भारत के विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन पर लगातार जुलाई महीने में भी देखने को मिला है।
आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई सूचकांक से पता चलता है कि इस दौरान कंपनियों ने स्टाफ की संख्या में कमी की है और खरीदी गतिविधि में भी कटौती की है।
आईएचएस मार्किट ने एक बयान में कहा, "हालांकि कोरोनावायरस बीमारी के नकारात्मक प्रभाव जारी रहने के बावजूद भविष्य की गतिविधि के प्रति भावना में लगातार दूसरे महीने सुधार हुआ है।"
परिणामस्वरूप मौसम के अनुसार समाजित पीएमआई रीडिंग जून के 47.2 प्रतिशत से गिरकर 46 हो गई, जो भारतीय विनिर्माण सेक्टर में कारोबारी दशा में एक उल्लेखनीय गिरावट को दर्शाती है।
बयान में कहा गया है, "यह गिरावट आंशिक रूप से उत्पादन में एक अतिरिक्त संकुचन के कारण हुई है। अप्रैल और मई की तुलना में काफी सॉफ्ट दर रिडक्शन जून में तेज हो गई और कुल मिलाकर तीव्र थी। वास्तविक सबूत संकेत करते हैं कि कंपनियों ने मांग की कमजोर स्थिति के कारण उत्पादन में कटौती की है।"
बयान में कहा गया है, "मांग की कमजोर स्थिति का पता विनिर्माताओं द्वारा जुलाई में दिए गए नए आर्डर में एक और उल्लेखनीय गिरावट से चलता है।"(ians)
नयी दिल्ली, 02 अगस्त (वार्ता)। सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक ने कहा है कि जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश और व्हाट्सऐप की भागीदारी भारत में लाखों किराना दुकानों और छोटे व्यवसायों को कारोबार करने में मदद करेगी और यदि व्हाट्सऐप और जियोमार्ट का मॉडल कारगर रहा तो इसे दुनिया भर में आजमाया जायेगा।
मुकेश अंबानी की जियोमार्ट की लॉन्च के बाद लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और इसका प्रमाण चंद सप्ताहों के भीतर ही इस पर एक दिन में चार लाख से अधिक ऑर्डर बुक होना है।
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार को अपने शेयरधारकों से जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश का जिक्र करते हुए कहा कि जियो और व्हाट्सएप की भागीदारी, भारत में हजारों किराना दुकानों और छोटे व्यवसायों को कारोबार करने में मदद करेगी और अगर यह मॉडल कारगर रहा तो हम इसे दुनिया भर में आजमायेंगे।
फेसबुक ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 22 अप्रैल को 9.9 प्रतिशत इक्विटी के लिये 43574 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
जियोमार्ट और व्हाट्सऐप का आपस में तालमेल किया जा रहा है। इसके बाद 40 करोड़ व्हाट्सएप के ग्राहकों से जियोमार्ट को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। ग्राहक नजदीक की किराना दुकान पर जियोमार्ट और व्हाट्सऐप का इस्तेमाल कर भुगतान कर सकेंगे। जियोमार्ट की रणनीति है कि बिचौलियों को कम करके किसानों से ग्राहकों के घर तक सीधे सामान की आपूर्ति की जाये।
जियोमार्ट का दावा है कि ऑर्डर की यह संख्या ऑनलाइन किराना कारोबार वर्ग में एक रिकॉर्ड है।
इसी सप्ताह रिलायंस इंडस्ट्रीज की पहली तिमाही के नतीजों की घोषणा में कहा गया कि ऑर्डरों की संख्या में इजाफे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 15 जुलाई को रिलायंस की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को संबोधित करते हुए श्री अंबानी ने जियोमार्ट पर ऑर्डर की संख्या 2.5 लाख बताई थी। सोडेक्सो कूपन के माध्यम से भी ऑर्डर लिए जा रहे हैं, जिसका फायदा भी कंपनी को मिल रहा है। वहीं किराना कारोबार के पुराने दिग्गज ग्रोफर्स और बिग बास्केट ऑर्डर की संख्या के मामले में जियोमार्ट से मुकाबले में कहीं पीछे हैं।
श्री अंबानी ने देश के 12 करोड़ किसानों और तीन करोड़ किराना दुकान मलिकों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। किराना स्टोर्स की ऑनबोर्डिंग के साथ ही जियोमार्ट ने इसका श्रीगणेश कर दिया है।
इसी वर्ष मई के आखिरी सप्ताह में जियोमार्ट ने 200 शहरों से अपनी शुरूआत की थी। नब्बे शहरों में पहली बार ग्राहक किराना की ऑनलाइन खरीदारी के साथ जुड़े थे। प्रतिस्पर्धा में अपनी पैठ को बनाने के लिए जियोमार्ट पर उपलब्ध अधिकतर चीजों के दाम ऐसे ही दूसरे प्लेटफॉर्म्स से पांच प्रतिशत सस्ते रखे गए हैं। ब्रांडेड सामान की कीमतें भी कुछ कम रखी गई हैं।
श्री अंबानी ने एजीएम जियोमार्ट की महत्वाकांक्षी विस्तार योजना पर कहा “जियोमार्ट अब अपनी पहुंच और वितरण क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर देगा। उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं और खरीदारी का अनुभव देने के लिए जियोमार्ट प्रतिबद्ध है। किराना के अलावा हम आने वाले दिनों में इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन, फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर के क्षेत्रों को भी कवर करेंगे। आने वाले वर्षों में, हम कई और शहरों में कहीं अधिक ग्राहकों की सेवा करेंगे।”
बेंगलुरू, 1 अगस्त (आईएएनएस)| वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में इस वर्ष की दूसरी तिमाही में 14 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है, मगर एप्पल एकमात्र ऐसी स्मार्टफोन कंपनी बनी हुई है, जिसने इस अवधि के दौरान वैश्विक स्तर पर 4.51 करोड़ आईफोन की बिक्री की है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल ने पिछले वर्ष की तुलना में इस अवधि में 25 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। मार्केट रिसर्च फर्म कैनैलयस की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तिमाही में बिक्री या शिपमेंट के मामले में सैमसंग को 30 फीसदी, हुआवे को पांच फीसदी, श्याओमी को 10 फीसदी, ओप्पो को 16 फीसदी और अन्य निर्माताओं को 23 फीसदी की गिरावट झेलनी पड़ी है।
विश्लेषक विंसेंट थिएलके ने कहा, एप्पल ने दूसरी तिमाही में उम्मीदों को एक प्रकार से ललकारा है। तिमाही में इसका नया आईफोन एसई महत्वपूर्ण रहा है, जिसका वैश्विक मात्रा का लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा रहा है, जबकि आईफोन 11 लगभग 40 प्रतिशत दर के साथ मजबूत बेस्ट सेलर है।
थीलके के अनुसार, एप्पल के अगले फ्लैगशिप की रिलीज में देरी के बीच, आईफोन एसई इस साल वॉल्यूम बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
थीलके ने कहा, चीन में, इसका परिणाम ब्लॉकबस्टर था, जो कि 35 प्रतिशत बढ़कर 77 लाख यूनिट तक पहुंच गया। यह एप्पल की दूसरी तिमाही शिपमेंट के लिए क्रमिक रूप से वृद्धि के लिए असामान्य है।
अप्रैल और मई के दौरान कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के आदेशों के कारण दुनिया भर में स्मार्टफोन बाजार 28.5 करोड़ यूनिट तक गिर गया।
वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही के दौरान हुआवे का जलवा देखने को मिला। इस अवधि के दौरान उसने 5.58 करोड़ यूनिट्स की बिक्री की, जबकि सैमसंग 5.37 करोड़ और एप्पल 4.51 करोड़ यूनिट्स के साथ दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे।
इसके अलावा श्याओमी 2.88 करोड़ यूनिट के साथ चौथे स्थान पर रही, जिसे 10 फीसदी की गिरावट का सामना करना पड़ा। ओप्पो ने वीवो को पीछे छोड़ते हुए पांचवां स्थान प्राप्त किया। ओप्पो ने 16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2.58 करोड़ यूनिट की बिक्री की।
सैन फ्रांसिस्को, 1 अगस्त (आईएएनएस)| शॉर्ट वीडियो शेयरिंग एप टिकटॉक कथित तौर पर अपने अमेरिकी बिजनेस को माइक्रोसॉफ्ट को बेचने के लिए कंपनी के साथ बातचीत कर रहा है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस वार्ता के जानकार लोगों के हवाले से बताया कि वार्ता पूरी होने के करीब है। यह डील माइक्रोसॉफ्ट को सोशल मीडिया स्पेस में एक बड़ा खिलाड़ी बना सकता है क्योंकि टिकटॉक युवाओं में बेहद लोकप्रिय है।
लेकिन चीन के यूनिकॉर्न बाइटडांस के स्वामित्व वाले एप को अमेरिका में काफी जांच, निगरानी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर जून में भारत में प्रतिबंधित किए जाने के बाद।
समाचार पत्र द हिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को आपातकालीन आर्थिक शक्तियों या कार्यकारी आदेश का उपयोग करते हुए शुक्रवार को अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की अपनी योजना का खुलासा किया। एप भारत में पहले से ही प्रतिबंधित है।
नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)| फेसबुक ने शनिवार को भारत में अपने मुख्य प्लेटफॉर्म पर आधिकारिक म्यूजिकल वीडियो को पेश किया है। सोशल मीडिया पर लोग अपने फेवरेट कंटेंट को फेसबुक वाच पर देख सकेंगे। सोशल नेटवर्क साइट ने कहा कि भारत में यजर्स टी-सीरीज म्यूजिक, जी म्यूजिक कंपनी और यश राज फिल्म्स को इस प्लेटफॉर्म पर देख सकेंगे।
कंपनी के अनुसार, यूजर्स प्लेटफार्म पर नए से लेकर पुराने हर तरह के गाने सुन पाएंगे।
फेसबुक इंडिया ने अपने बयान में कहा, "हम भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री के साथ म्यूजिक वीडियो के एक्सपीरियंस के लिए काम कर रहे हैं और हम इस मंच पर आधिकारिक म्यूजिक को लांच कर रोमांचित हैं।"
कंपनी ने खुलासा करते हुए कहा कि फेसबुक पर म्यूजिक वीडियो यूजर्स के लिए केवल वीडियो देखने के एक्सपीरिंयस को बदल देगा।
फेसबुक पर, लोग नए कलाकार और ट्रेक को सोशल शेयरिंग के माध्यम से सर्च कर सकेंगे।
बिना फेसबुक छोड़े , यूजर्स कलाकार और उसके क्रिएटिव आकांक्षाओं के साथ कनेक्ट कर सकेंगे।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)| ऑनर ने शुक्रवार को भारत में अपना पहला लैपटॉप 'मैजिकबुक 15' लॉन्च किया। यह लैपटॉप आठ जीबी रैम, 256 जीबी एसएसडी, एक हिडन पॉप-अप वेबकैम, टू-इन-वन फिंगरप्रिंट पॉवर बटन और कॉम्पैक्ट 65 वॉट फास्ट चार्जर के साथ आता है। इसे 42,990 रुपये में लॉन्च किया गया है। रेडोन वेगा 8 ग्राफिक्स और एएमडी रायजन-5 3500यू मोबाइल प्रोसेसर के साथ 'मैजिकबुक 15' पहली बिक्री के लिए 3,000 रुपये की छूट के बाद 39,990 रुपये में उपलब्ध होगा।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि लैपटॉप में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज 10 होम पहले से इंस्टॉल है और उपयोगकतार्ओं (यूजर्स) को माइक्रोसॉफ्ट 365 व्यक्तिगत सदस्यता का मुफ्त एक महीने का ट्रायल मिलेगा।
ऑनर इंडिया के अध्यक्ष चार्ल्स पेंग ने कहा, हमारे उपकरणों को वैश्विक स्तर पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है और हम भारत के बाजार में अब सफलता की प्रतिकृति बनाने के लिए आश्वस्त हैं।
मैजिकबुक 15 भारत में मिस्टिक सिल्वर कलर में फ्लिपकार्ट पर छह अगस्त से उपलब्ध होगा। फ्लिपकार्ट के शुरूआती एक्सेस सदस्यों के लिए बिक्री पांच अगस्त रात आठ बजे से शुरू होगी।
लैपटॉप में 15.6 इंच का फुल-व्यू डिस्प्ले है, जिसमें 87 प्रतिशत स्क्रीन-टू-बॉडी अनुपात है और इसमें 178 डिग्री का व्यूइंग एंगल भी है।
ऑनर ने दो नए बजट स्मार्टफोन ऑनर 9ए और 9एस भी लॉन्च किए हैं।
ऑनर 9ए की कीमत 9,999 रुपये होगी जबकि ऑनर 9एस 6,499 रुपये में मिलेगा।
कुल 6.3 इंच के हॉनर 9ए में 512 जीबी तक एक्सपेंडेबल स्टोरेज है। इसमें पीछे की तरफ ट्रिपल कैमरा लगा है।
वहीं 5.45 इंच का हॉनर 9एस एंड्रॉएड 10 पर चलता है और इसमें 3020 एमएएच की बैटरी है।
इसमें पांच मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा के साथ आठ मेगापिक्सल का मुख्य कैमरा है। स्मार्टफोन में 32 जीबी की इंटरनल स्टोरेज दी गई है, जो 512 जीबी तक बढ़ाई जा सकती है।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)| स्मार्टफोन निर्माण कंपनी ओप्पो ने शुक्रवार को भारत में रेनो सीरीज में नए स्मार्टफोन रेनो 4 प्रो को क्वॉड-कैमरा सेटअप के साथ लॉन्च किया है जिसकी कीमत 34,990 रुपये है। स्मार्टफोन में 6.5 इंच की सुपर एमोलेड 3डी बॉर्डरलेस सेंस स्क्रीन दी गई है जो 90 हट्र्ज के डिस्प्ले रिफ्रेश रेट और 180 हट्र्ज तक के टच सैंपलिंग रेट के साथ आता है।
स्मार्टफोन को कई कैशबैक ऑफर्स के साथ उपलब्ध कराया जाएगा और साथ ही क्रेडिट/डेबिट कार्ड पर अगर कोई इस फोन को खरीदता है तो नौ महीने तक की अवधि के लिए इसमें नो-कॉस्ट ईएमआई के विकल्प दिए जाएंगे।
कंपनी ने एक बयान में कहा है कि ओप्पो स्मार्टवॉच पर 5-7 अगस्त के बीच ओप्पो रेनो प्रो खरीदने वाले ग्राहकों को 2,000 रुपये तक की छूट मिलेगी।
डिवाइस में पीछे चार कैमरे हैं जिसमें 48एमपी का मेन कैमरा, 8एमपी अल्ट्रावाइड सेंसर, एक 2एमपी डेप्थ सेंसर और एक 2एमपी मैक्रो सेंसर मौजूद है।
इसके अलावा सेल्फी लेने के लिए भी इसमें 32एमपी का फ्रंट कैमरा दिया गया है।
रेनो 4 प्रो क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 720जी एसओसी से लैस है और यह डिवाइस 8जीबी रैम और 128जीबी इंटरनल स्टोरेज के साथ आता है।
स्मार्टफोन में एक 4000एमएएच की बैटरी है जो 65वार्ट फ्लैश चार्जिग को सपोर्ट करता है और यह कलरओएस 7.2 पर चलता है।
रायपुर, 31 जुलाई। 1 अगस्त से आल्मा मैटर्स शीर्षक के अन्तर्गत एक नई वेब सीरिज की शुरूआत करने जा रहा हैं, जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालय से शिक्षा पूर्ण कर चुके छात्रों को एक मंच प्रदान करना है, साथ ही साथ इन छात्रों द्वारा अर्जित किये गए ज्ञान और अनुभव को वर्तमान छात्रों के साथ साझा करना होगा यह मंच आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय के विकास में एक सक्रिय भूमिका निभाते हुए, ‘एलुमनाई’ एसोसिएशन को एक व्यापक संस्थात्मक रूप प्रदान करेंगा।
कुलपति प्रोफेसर डॉ. वी.सी. विवेकानंदन ने कहा कि भावी विचारकों की उत्पति क्लास रूम, कैफेटेरिया, सांस्कृतिक उत्सवों, खेलकूद एवं छात्रावास के वातावरण से होती है, एवं एक छात्र/छात्रा के समस्त जीवन और व्यवसाय में उसके अध्यापक और सह विद्यार्थीयों का योगदान अग्रणीय होता है।
आल्मा मैटर्स के प्रथम सत्र का उद्घाटन 1 अगस्त को शाम 5 बजे किया जाएगा। इस सत्र का शुभारंभ विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा सुश्री अवनि बंसल के परिचर्चा विषय अधिवक्ताओं के लिये विधिक दर्शन का महत्व क्यों से प्रारम्भ होगा। सुश्री अवनि ने वर्ष 2011, में विश्वविद्यालय से स्नातक करने के उपरांत, ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से स्नात्कोत्तर की डिग्री प्राप्त की। वर्तमान में वह उच्चतम न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में कार्यरत है। सुश्री अवनि ‘द वॉम्ब’ नामक ऑलनाइन समाचार पत्र की संस्थापक भी है। इसके अलावा कानूनी जागरूक्ता कार्यक्रम ‘हमारा कानून’ परियोजना से भी जुड़ी हुई हैं, सुश्री अवनि एक उत्कृष्ट लेखिका होने के साथ ही ‘आल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस’ की दिल्ली इकाई की सचिव भी है। प्रथम सत्र का संचालन अंकित अवस्थी, सहायक प्राध्यापक द्वारा किया जायेगा।
यह प्रोग्राम ‘वेब कार्यक्रम’ की श्रृखला में विश्वविद्यालय का चौथा प्रयास है, इससे पहले ‘सुई जनेरिस’ (एच.एन.एल.यू. फैकल्टी वेबिनार सीरीज), ‘लेक्स ओसमॉस’, ‘एक्स अर्का’ कार्यक्रम सफलता पूर्वक संचालित किये जा रहे है और यह सभी कुलपति महादेया और विश्वविद्यालय की अध्यापको की डिजिटल टीम (देबमिता मंडल, अंकित अवस्थी, जीवन सागर, डॉ. प्रवेश राजपूत और सूर्या नारायण राजू) के अथक प्रयासों से संभव हो पाया है।
रायपुर, 31 जुलाई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कैट ने मुख्यमंत्री भूपेश बधेल से प्रदेश में त्यौहारी सीजन के परिपेक्ष्य में सीमित समयावधि के लिए व्यापार की अनुमति हेतु आव्हान किया है जिससे आम नागरिकों को भी राहत मिल सके ।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि कोरोना के वर्तमान विकट और विषम समय में आपने अपने कौशल और विद्वता से जिस प्रकार से कोरोना के संकट से राज्य को बचाया है उसकी जितनी सराहना की जाए उतनी कम है। छत्तीसगढ़ के व्यापारियों ने भी आपके हर आदेश का पालन करते हुए एवं अनेक विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए राज्य के प्रत्येक नागरिक को जरूरत की हर वस्तु पहुंचाने का काम किया है जिसको आपने भी समय समय पर प्रशंसा करते हुए व्यापारियों को सदैव प्रेरित किया है ।
श्री पारवानी ने बताया कि इस कोरोना काल में प्रदेश में पहला लॉक डाउन 21 मार्च से लागू किया गया था और जिसकी अवधि बढ़ाकर 17 मई तक लॉक डाउन किया गया था, इस विषम परिस्थिति में भी आपके द्वारा प्रदेश के व्यापार व्यवसाय के लिए अपनाये गये कदमों का ही परिणाम रहा कि प्रदेश में जी.एस.टी. का संग्रह माह जून में 22 प्रतिशत अधिक रहा है , जो पूरे हिन्दुस्तान में छत्तीसगढ़ की एक अलग पहचान बनाता है। श्री पारवानी ने बताया कि मुख्यमंत्री का ध्यान आर्कर्षित करते हुए लॉक डाउन के बाद भी व्यापारियों पर भी आर्थिक बोझ रहा जिसमें स्थायी खर्चे जैसे वेतन के भुगतान, किराये का भुगतान, बैंक का ब्याज, बिजली-पानी के बिल का भुगतान, विभिन्न करों को भुगतान आदि प्रमुख है।
इन दायित्वों को शून्य आय के पश्चात भी व्यापारियों द्वारा पूरा वहन किया गया। जिसमें आर्थिक रूप से व्यापारियों की कमर टूट गयी। 22 जून से 28 जून तक का जो लॉक डाउन घोषित हुआ जिसे व्यापारियों ने स्वयं कलेक्टर द्वारा ली गई मीटिंग में इसका सर्मथन किया था, जिससे इस कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने में मदद हो सके और 29 जुलाई से 6 अगस्त तक का जो लॉक डाउन घोषित हुआ है यह समय व्यापारिक दृष्टिाकोण से बहुत अहम है जिसमें त्यौहारी सीजन प्रारंभ हो रहा है जिसमें प्रमुख रूप से ईद, रक्षाबंधन, तीज जैसे प्रमुख त्यौहार हैं एैसे में आपसे अनुरोध है कि लॉक डाउन के निर्णय पर पुर्नविचार करते हुए सारे व्यापार को दोपहर 3 बजे तक व्यापार करने की अनुमति दी जावे, जिससे महामारी नियंत्रण के साथ साथ आर्थिक गतिविधियां भी समानांतर रूप से चलती रहें और साथ ही आम नागरिकों भी राहत मिलें।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (वार्ता)। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के 2024 तक के पचास करोड़ उपभोक्ताओं के लक्ष्य की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए 2020-21 की पहली तिमाही में वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के बावजूद जियो एक करोड़ ग्राहक जोडक़र 40 करोड़ के निकट पहुंच गई है।
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान जियो के विशुद्ध रुप से 99 लाख नये ग्राहक बने और कुल उपभोक्ता 39 करोड़ 83 लाख पर पहुंच गए। महज चार साल पहले मोबाइल क्षेत्र में कदम रखने वाली जियो इस क्षेत्र की दिग्गजों भारती एयरटेल और वोडा-आइडिया को पछाडक़र पहले नंबर पर है और अब उसका अगला लक्ष्य 2024 तक अपने उपभोक्ताओं का आंकड़ा 50 करोड़ करना है।
जियो का आकलन औसतन रोजाना पौने तीन लाख ग्राहक जोडक़र चार साल से कम समय में 40 करोड़ उपभोक्ता अपने साथ जोड़े। श्री अंबानी ने कंपनी की इस सफलता पर कहा, Þभारतीय स्टार्ट-अप्स और दुनिया की प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ साझेदारी कर जियो प्लेटफॉम्र्स अब डिजिटल बिजनेस के अगले हाइपर ग्रोथ के लिए तैयार है। हमारी विकास रणनीति सभी 130 करोड़ भारतीयों की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से बनी है। हमारा सारा ध्यान भारत को एक डिजिटल समाज में बदलने पर केंद्रित है।Þ
मुकेश अंबानी ने 15 जुलाई को रिलायंस की 43वीं आम बैठक में ऐलान किया है कि भारतीय बाजार में कंपनी सस्ते स्मार्टफोन लायेगी और उसका मकसद 35 करोड़ जी ग्राहकों को 4जी और 5जी सेवाओं के तहत लाना है। कंपनी का इरादा अगले साल देश में 5जी सेवाएं शुरु करने का है और इसके लिए सभी तैयारियां करीब करीब पूरी कर ली गई हैं और सरकार की हरी झंडी का इंतजार है।
यही नहीं, जहां सस्ती और बेहतर सेवाओं को उपलब्ध कराने की गलाकाट प्रतिस्पर्धा के बीच अन्य कंपनियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है, रिलायंस जियो का मुनाफा छलांगें लगा रहा है । गुरुवार को वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में रिलायंस जियो का शुद्ध मुनाफ़ा पिछले साल की इसी अवधि के 891 करोड़ रुपये की तुलना में 182.8 प्रतिशत की बड़ी छलांग लगाकर 2,520 करोड़ रुपये पहुंच गया। जियो का मुनाफा लगातार 11वीं तिमाही में बढ़ा और इसका मुख्य आधार नये ग्राहकों की संख्या में लगातार बड़ी बढ़ोतरी और कर्ज मुक्ति के बाद वित्त लागत कम होना है।
-प्रशांत चाहल
बीबीसी संवाददाता
प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक ने दो हज़ार 892 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज़ नहीं चुकाने पर अनिल अंबानी समूह के मुख्यालय को अपने कब्ज़े में ले लिया है.
साथ ही बैंक ने अख़बार में नोटिस जारी कर यह बताया कि अनिल अंबानी की कंपनी 'रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर' के कर्ज़ का भुगतान नहीं करने के कारण दक्षिण मुंबई स्थित उनके दो फ्लैट भी कब्ज़े में लिए गए हैं.
अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) की लगभग सभी कंपनियाँ मुंबई के सांताक्रूज़ कार्यालय 'रिलायंस सेंटर' से चलती हैं. हालांकि, पिछले कुछ साल के दौरान समूह की कंपनियों की वित्तीय स्थिति काफ़ी ख़राब हो गई है. कुछ कंपनियाँ दिवालिया हो गई हैं, जबकि कुछ को अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ी है.
यस बैंक के अनुसार अनिल अंबानी को 6 मई 2020 को नोटिस दिया गया था, लेकिन 60 दिन के नोटिस के बावजूद समूह बकाया नहीं चुका पाया जिसके बाद 22 जुलाई को उसने तीनों संपत्तियों को कब्ज़े में ले लिया.
बैंक ने आम जनता को भी आगाह किया है कि वो इन संपत्तियों को लेकर किसी तरह का लेनदेन ना करे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अनिल अंबानी की कंपनी 21,432 वर्ग मीटर में बने अपने इस मुख्यालय को पिछले साल पट्टे पर देना चाहती थी ताकि वो कर्ज़ चुकाने के लिए संसाधन जुटा सके.
सोशल मीडिया पर बहुत से लोग इस ख़बर को भारत के रफ़ाल सौदे और इसमें अनिल अंबानी की कंपनी की भूमिका से जोड़कर देख रहे हैं.
पारिवारिक बँटवारे के बाद अनिल अंबानी का कोई भी धंधा पनप नहीं पाया, उनके ऊपर भारी कर्ज़ है, अब वे कुछ नया शुरू करने की हालत में नहीं हैं, वे अपने ज़्यादातर कारोबार या तो बेच रहे हैं या फिर समेट रहे हैं, रफ़ाल के रूप में उन्हें जो नया ठेका मिला, वो भी कई वजहों से विवादों में घिरा रहा और अब यस बैंक के रूप में ये नई समस्या आई.
ग़ौरतलब है कि रफ़ाल को बनाने वाली फ़्रांसीसी कंपनी डसॉ एविएशन ने अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड को अपना ऑफ़सेट पार्टनर बनाया है जिसे लेकर सवाल उठते रहे हैं. विपक्ष सवाल उठाता रहा है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की जगह पर अंबानी की दिवालिया कंपनी के साथ 30,000 करोड़ रुपए का क़रार क्यों किया गया.
ऐसे में इस 'डिफ़ेंस डील से जुड़े वायदे' निभा पाना अनिल अंबानी के लिए कितना आसान होगा?
इस पर आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ और वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी कहते हैं कि 'ये सवाल पहले भी उठा है जो अब और गंभीर होता जा रहा है.'
उन्होंने कहा, "लंदन की एक अदालत में अनिल अंबानी का ये कहना कि उनके पास देने को अब कुछ नहीं है, अपने आप में यह सवाल उठाने के लिए पर्याप्त है कि अनिल को भारत के इस महत्वपूर्ण रक्षा सौदे में साझेदार क्यों होना चाहिए? वैसे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, दिवालिया हो चुके लोगों के कई तरह की गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगाई जाती है."
डिफ़ेंस क्षेत्र में लगभग ना के बराबर अनुभव वाली अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफ़ेंस के इस रक्षा सौदे में शामिल होने पर भी काफ़ी हंगामा हुआ था. विपक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि 'ये भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला सौदा है.'
आलोक जोशी कहते हैं, "पहले बात सिर्फ़ अंबानी की कंपनी के तजुर्बे तक थी, जिस पर भारत सरकार ने कहा कि फ़्रांसीसी डिफ़ेंस कंपनी 'डसॉ एविएशन' ने सिर्फ़ अंबानी को नहीं चुना, बल्कि उसने भारत की कई और कंपनियों को भी पार्टनर बनाया है. जबकि अंबानी की कंपनी यह दावा करती है कि 'वो इस सौदे में असली निर्णायक साझेदार है.' इस पूरे बिज़नेस में भारत सरकार की क्या भूमिका है, इस पर टीम-मोदी कुछ नहीं बोलती. सवाल पूछे जाने पर इसे 'एक पवित्र मुद्दा' बताया जाता है और कहा जाता है कि 'देश की रक्षा से जुड़े मामले पर कुछ भी सार्वजनिक नहीं किया जायेगा.' फिर सवाल उठता है कि 'अगर ये वाक़ई इतना महत्वपूर्ण मुद्दा है' तो क्यों ऐसी डूबती हुए कंपनी को साथ लिया जा रहा है."
भारत के लिए रफ़ाल क्यों है इतना ज़रूरी?
आलोक जोशी इस बात पर हैरानी व्यक्त करते हैं कि जब पीएम मोदी सफ़र करते हैं तो कुछ व्यापारी उनके साथ जाते हैं, वो वहाँ होने वाले इवेंट्स में दिखते हैं, उनमें जिंदल, अडानी और अंबानी भी होते हैं, फिर सरकार यह भी कहती है कि ऐसे सौदों में उनका कोई मत नहीं रहा.
पिछले दो वर्षों में विपक्ष ने इस बात को भी ख़ूब उठाया कि 'डिफ़ेंस के मामले में अंबानी की 'अनाड़ी कंपनी' को एचएएल से ज़्यादा तरजीह क्यों दी गई?'
आलोक जोशी बताते हैं, "अंबानी की जिस बिल्डिंग को यस बैंक ने कब्ज़े में लिया है, वो जगह असल में बिजली सप्लायर बीएसईएस की थी. अंबानी ने इस जगह को उनसे ख़रीदा था. मुंबई में बेस्ट और टाटा के अलावा रिलायंस पावर बिजली सप्लाई करते थे जिसे अब अडानी ख़रीद चुके हैं. ये उद्योगपति वही हैं जो सरकार के साथ दिखाई पड़ते हैं. इन्हीं के बीच सौदे होते रहते हैं. तो ये कह पाना कि अंदर-खाने क्या हो रहा है, थोड़ा मुश्किल है. पर रफ़ाल के मामले में कल को सरकार के सामने दोबारा सवाल उठते हैं तो वो कह सकती है कि अंबानी मुसीबत में हैं तो डसॉ एविएशन इसकी चिंता करे या अंबानी वो सौदा किसी अन्य को बेच दें."
कभी अनिल अंबानी की मुकेश से ज़्यादा शोहरत थी
मुकेश और अनिल अंबानी में बँटवारे के दो साल बाद तक, यानी वर्ष 2007 की फ़ोर्ब्स लिस्ट में भी दोनों भाई 'मालदारों की लिस्ट' में काफ़ी ऊपर थे.
बड़े भाई मुकेश, अनिल अंबानी से थोड़े ज़्यादा अमीर थे. उस साल की सूची के मुताबिक़ अनिल अंबानी 45 अरब डॉलर के मालिक थे, और मुकेश 49 अरब डॉलर के.
साल 2008 में कई लोगों का मानना था कि 'छोटा भाई अपने बड़े भाई से आगे निकल जाएगा', ख़ासतौर पर रिलायंस पावर के पब्लिक इश्यू के आने से पहले.
माना जा रहा था कि 'उनकी महत्वाकांक्षी परियोजना के एक शेयर की क़ीमत एक हज़ार रुपये तक पहुँच सकती है.' अगर ऐसा हुआ होता तो अनिल वाक़ई मुकेश से आगे निकल जाते.
एक दशक पहले अनिल अंबानी सबसे अमीर भारतीय बनने के कगार पर थे. उनके तब के कारोबार और नए वेंचरों (उद्यमों) के बारे में कहा जा रहा था कि 'वे सारे धंधे आगे बढ़ा रहे हैं और अनिल उनका पूरा फ़ायदा उठाने के लिए तैयार हैं.'
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ मानते रहे कि 'अनिल के पास दूरदर्शिता और जोश है, वे 21वीं सदी के उद्यमी हैं और उनके नेतृत्व में भारत से एक बहुराष्ट्रीय कंपनी उभरेगी.' ज़्यादातर लोगों को ऐसा लगता था कि अनिल अपने आलोचकों और बड़े भाई को ग़लत साबित करने जा रहे हैं. मगर ऐसा नहीं हो सका.
जब धीरूभाई जीवित थे तो अनिल अंबानी को वित्त बाज़ार का स्मार्ट खिलाड़ी माना जाता था, उन्हें मार्केट वैल्यूएशन की आर्ट और साइंस दोनों का माहिर माना जाता था. उस दौर में बड़े भाई के मुकाबले उनकी शोहरत ज़्यादा थी.
क़र्ज़ का बढ़ता बोझ
साल 2002 में अनिल अंबानी के पिता, धीरू भाई अंबानी का निधन हुआ. उनके वक़्त में कंपनी के तेज़ गति से बढ़ने के चार अहम कारण थे- बड़ी परियोजनाओं का सफल प्रबंधन, सरकारों के साथ अच्छा तालमेल, मीडिया का प्रबंधन और निवेशकों की उम्मीदों को पूरा करना.
इन चार चीज़ों पर पूरा नियंत्रण करके कंपनी धीरू भाई के ज़माने में और उसके कुछ समय बाद भी तेज़ी से आगे बढ़ती रही. मुकेश अंबानी ने इन चारों बातों को ध्यान में रखा, लेकिन किसी ना किसी वजह से अनिल फिसलते चले गए.
1980 और 1990 के बीच धीरू भाई रिलायंस ग्रुप के लिए बाज़ार से लगातार पैसा उठाते रहे, उनके शेयर की कीमतें हमेशा अच्छी रही और निवेशकों का भरोसा लगातार बना रहा.
मुकेश अंबानी ने मुनाफ़े से पिछले दशक में धुंधाधार तरीक़े से विस्तार किया. दूसरी ओर, साल 2010 में गैस वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला अनिल अंबानी के पक्ष में ना आने और रिलायंस पावर के शेयर्स के भाव गिरने से अनिल की राह मुश्किल होती गई.
ऐसी हालत में अनिल अंबानी के पास देसी और विदेशी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से कर्ज़ लेने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह गया.
बीते एक दशक में जहाँ बड़ा भाई कारोबार में आगे बढ़ता गया, छोटे भाई की कंपनियों पर कर्ज़ चढ़ता गया. फ़ोर्ब्स के अनुसार बीते क़रीब दस वर्षों से मुकेश अंबानी भारत के सबसे अमीर आदमी हैं.
'अनिल अंबानी का डूबना कोई मामूली दुर्घटना नहीं'
आज हालत ये है कि उनकी कुछ कंपनियों ने दिवालिया घोषित किये जाने की अर्ज़ी लगा रखी है.
कभी 'दुनिया के छठे सबसे अमीर आदमी' रहे 61 वर्षीय अनिल अंबानी ने इसी साल फ़रवरी में कहा कि 'उनका नेट वर्थ शून्य हो गया है.'
आर्थिक मामलों के विश्लेषक मानते हैं कि कुछ समय पहले तक शक्तिशाली और राजनीतिक दलों से संबंध रखने वाले कॉर्पोरेट घराने भारी कर्ज़ होने पर भी भुगतान के लिए थोड़े मोहलत ले लेते थे, लेकिन एनपीए अब एक राजनीतिक मामला बन चुका है. बैंकों की हालत वाक़ई बुरी है. साथ ही कानूनों में भी बदलाव आया है.
अब देनदार नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के ज़रिए कंपनियों को इन्सॉल्वेंट घोषित कराके लेनदार को रकम चुकता करने के लिए अदालत में घसीट सकते हैं. यही वजह है कि अनिल अंबानी के पास अपनी कंपनियों को बेचने या दिवालिया घोषित करने के सिवा कोई और विकल्प नहीं रह गया है.
रिलायंस घराने पर मशहूर क़िताब 'अंबानी वर्सेज़ अंबानी: स्टॉर्म्स इन द सी विंड' लिख चुके वरिष्ठ पत्रकार आलम श्रीनिवास कहते हैं, "एक दौर था जब दोनों भाइयों में ये साबित करने की होड़ थी कि धीरूभाई के सच्चे वारिस वही हैं. पर अब ये होड़ ख़त्म हो गई है और अनिल अपने बड़े भाई मुकेश से बहुत पीछे रह गए हैं. अनिल अंबानी अगर चमत्कारिक ढंग से नहीं उबरे तो दुर्भाग्यवश उन्हें भारत के कारोबारी इतिहास के सबसे नाकाम लोगों में गिना जाएगा क्योंकि सिर्फ़ एक दशक में 45 अरब डॉलर की दौलत का डूब जाना कोई मामूली दुर्घटना नहीं है."
वे कहते हैं, "बँटवारे की लड़ाई में दोनों भाइयों ने एक-दूसरे पर हर तरह के हमले किए, सरकार और मीडिया में कुछ समय तक दो खेमे हो गए, लेकिन धीरे-धीरे मुकेश अंबानी ने मीडिया शासन तंत्र से जुड़े लोगों को अपने पक्ष में कर लिया. इस लड़ाई में अनिल अंबानी ने कुछ नए दोस्त बनाए और कुछ दुश्मन भी. कुल मिलाकर, ज़्यादातर प्रभावशाली नेताओं, अफ़सरों और संपादकों ने अनिल के मुक़ाबले ज़्यादा सौम्य और शांत मुकेश का साथ देने का फ़ैसला किया और 'एक्सटर्नल एलीमेंट' यानी अपने नियंत्रण से बाहर की चीज़ों को प्रभावित करने का जो काम बँटवारे से पहले अनिल किया करते थे, वे उसमें कुछ ख़ास कामयाब साबित नहीं हुए."(bbc)