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द्वारिका प्रसाद अग्रवाल
जब मैं कालेज में पढ़ रहा था तो मेरी बहुत सी गर्लफ्रेंड्स थी।
बिलासपुर के हृदयस्थल गोलबाज़ार में ‘पेण्ड्रावाला’ के नाम से बेहद मशहूर मिठाई की दूकान है जिसे उन दिनों शहर भर के लोग जानते थे। मैं 10 वर्ष की उम्र से वहां काम सीखना शुरू किया और बाद में गद्दीनशीन हो गया।
उस समय भी हमारे परिवार की बहुत प्रतिष्ठा थी, यकीनन उसका लाभ मुझे भी मिलता था। मैं शक्ल से भोला-भाला दिखता था इसलिए कन्याएं मुझ पर सहज रीझ जाती थी क्योंकि भोंदू टाइप के लडक़ों से उनको अधिक खतरा नहीं रहता। उनके माता-पिता भी मेरी सज्जनता से प्रभावित हो जाते थे इसलिए घर में आने-जाने की सहज अनुमति मिल जाती थी। जब उनका मुझ पर भरोसा और बढ़ जाता तो उनकी बेटी को स्कूटर में बिठाकर घुमाने या सिनेमा ले जाने की भी इज़ाज़त मिल जाया करती थी।
उस समय लडक़ों के विवाह की औसत उम्र 20 वर्ष थी, मेरी उम्र बढ़ती जा रही थी लेकिन मेरा विवाह नहीं हो रहा था। विपरीतलिंगी आकर्षण मन में अपना जबरदस्त असर बनाए हुआ था। उनसे बातचीत और नजदीकी बनाए रखने का सुख कम न था। इस प्रकार उस बीच अनेक कन्याओं से मेरे मधुर संबंध बने और परिचितों के बीच मेरी इन उपलब्धियों पर ईष्र्यायुक्त चर्चाएं भी होती थी।
खैर, वह सब हुआ, खूब हुआ लेकिन समस्या तब आयी जब सन 1975 में 28 वर्ष की उम्र में मेरा विवाह हुआ। मेरे जलकुकड़े और दुष्ट मित्रों को मेरे वैवाहिक जीवन में ज़हर घोलने का सुअवसर नजर आने लगा। मैं आसन्न संकट को भलीभांति समझ रहा था और बचने के उपाय खोज रहा था।
मुझे अपनी पत्नी के स्वभाव के बारे में कुछ भी मालूम न था पर मैं यह अच्छी तरह जानता था कि वे खबरें जब बाहर से उन्हें मिलेगी तो मुझे अप्रिय स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। मैंने निर्णय लिया कि पत्नी जी को सब कुछ खुद बता देना बेहतर होगा।
तो, सुहागरात के अगले दिन से मैंने बातों-बातों में उन कन्याओं के बारे में सिलसिलेवार उन्हें बताना शुरू किया। माधुरी जी ने उन किस्सों को सहज भाव से सुना, कभी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। 10 दिनों में अनेक कन्याओं के किस्से सुना दिए तब माधुरी जी पूछा, ‘सब बता दिए या और कोई बची है?’
‘जितना मुझे याद आया, सब तुमको बता दिया। हो सकता है, किसी का जिक्र छूट गया हो लेकिन बाद में यदि कुछ और मालूम पड़े तो यह न समझना कि मैंने तुमसे कुछ छुपाया, समझना कि मैं बताना भूल गया हूँ।’ मैंने समझाया।
उसके बाद माधुरी जी मेरी अगली दोस्त बन गई।
प्रतिका गुप्ता
सर्पदंश या सांप के काटने के कारण दुनिया भर में सालाना 81,000 से 1,38,000 लोगों की जान चली जाती है और करीब तीन-साढ़े तीन लाख लोग अक्षम हो जाते हें। फिर भी अफ्रीका, भारत जैसे देशों के स्वास्थ्य तंत्रों में सर्पदंश एक उपेक्षित स्वास्थ्य समस्या है। ऊपर से, सर्पदंश के लिए उपलब्ध उपचार और स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ भी कई समस्याएं और जटिलताएं हैं।
वैज्ञानिक सर्पदंश के उपचार को बेहतर से बेहतर और समय पर उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। दो ताज़ातरीन अध्ययनों की प्रगति से बेहतर उपचार की उम्मीद जागी है।
साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन ने एक युनिवर्सल एंटीवेनम विकसित करने की दिशा में पहली सफलता हासिल की है। इससे एक ही एंटीवेनम से सांप की चार प्रजातियों के ज़हर को बेअसर किया जा सकेगा।
साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में एक ऐसे टेस्ट के बारे में बताया गया है जो वक्त रहते बता सकता है कि आपको किस सांप ने काटा है, और फिर तय किया जा सकता है कि आपको किस जहर के लिए उपचार (एंटीवेनम) देना है।
दरअसल सांप का जहर कोई एक यौगिक नहीं बल्कि दर्जनों-यहां तक कि सैकड़ों – यौगिकों का मिश्रण होता है। और खास बात यह है कि यह जहरीला मिश्रण हर प्रजाति के सांप में बहुत अलग होता है। यदि सांप काटे तो उपचार के लिए एंटीवेनम दिया जाता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि किस सांप ने काटा है।
सर्पदंश के इलाज में मुश्किलात यहीं से शुरू होती हैं। चूंकि हर प्रजाति के सांप का ज़हर अलग होता है- यहां तक कि विभिन्न इलाकों में पाए जाने वाले एक ही प्रजाति के सांप का ज़हर भी अलग होता है- इसलिए उपचार के लिए यह जानना आवश्यक होता है कि व्यक्ति को किस सांप ने काटा है। लेकिन उसे हमेशा पता नहीं होता कि उसे किस सांप ने डसा है, क्योंकि जब पता चलता है कि सांप ने डसा है तो पहले तो डर के मारे होश उड़ जाते हैं और बदहवासी में सांप पर गौर कर उसे पहचनाने का ध्यान नहीं रहता। फिर, कोई और देखकर पहचान ले इसकी संभावना भी अक्सर कम रहती है क्योंकि सर्पदंश के अधिकतर मामले खेतों या जंगल में काम करते हुए होते हैं, जहां लोग दूरियों पर या अकेले ही काम करते हैं। और किस्मत से कोई आपके साथ हो तो भी, जब तक समझ आता है तब तक सांप डस कर सरपट भाग चुका होता है। ऐसे में किस ज़हर के लिए एंटिवेनम दें?
यह तय करने के लिए चिकित्सकों को पीडि़त में लक्षणों के उभरने का इंतज़ार करना पड़ता है- ताकि सही एंटीवेनम दिया जा सके- हालांकि वे जानते हैं कि उपचार जितना जल्दी मिलेगा, उतना कारगर होगा। उपचार में देरी विकलांगता और जान गंवाने के जोखिम को बढ़ाती जाती है। हालांकि थोड़ा-बहुत अनुमान चिकित्सक इस जानकारी के आधार पर लगाने की कोशिश करते हैं कि किस क्षेत्र में सांप ने डंसा था, और उस इलाके में कौन-से सांप पाए जाते हैं। फिर भी एक इलाके में एक से अधिक तरह के सांप होने की संभावना होती है, और यदि अन्य ज़हर के लिए एंटीवेनम दे दिया गया तो या तो वह बेअसर रह सकता है, या मामला और बिगाड़ सकता है और रोगी की जान का जोखिम बढ़ जाता है।
फिर मानव शरीर द्वारा इन एंटीवेनम को अस्वीकार कर देने की भी संभावना रहती है। दरअसल घोड़ों या भेड़ों को वर्षों तक मामूली मात्रा में सांप का ज़हर देकर उनमें निर्मित एंटीबॉडी से एंटीवेनम तैयार किया जाता है। चूंकि ये एंटीवेनम पशु प्रोटीन से बने होते हैं, इसलिए प्रतिरक्षा प्रणाली इनके विरुद्ध प्रतिकूल प्रतिक्रिया भी कर सकती है जो जानलेवा भी हो सकती है।
फिर, एंटीवेनम का रख-रखाव भी बहुत मुश्किल होता है। अक्सर ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर इन्हें संभालकर रखने के लिए मूलभूत सुविधा नहीं रहती, दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में तो यह और भी मुश्किल है, जबकि सर्पदंश के मामले वहीं अधिक होते हैं।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइन्स के इवॉल्यूशनरी वेनोमिक्स विशेषज्ञ कार्तिक सुनगर सर्पदंश के उपचार में आने वाली इन्हीं अड़चनों को दूर करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कई तरह के सांपों के जहर के एक प्रमुख घटक थ्री-फिंगर अल्फा-न्यूरोटॉक्सिन (xFT&-L) का सिंथेटिक संस्करण तैयार किया। (गौरतलब है कि xFT&-रु एक विषाक्त पदार्थ है जो तंत्रिका कोशिकाओं के एक प्रमुख न्यूरोट्रांसमीटर की प्रतिक्रिया करने की क्षमता को कुंद कर देता है, और लकवे का कारण बनता है।) फिर उन्होंने एक बहुत बड़ी एंटीबॉडी लाइब्रेरी में सहेजी गईं लगभग 100 अरब कृत्रिम मानव एंटीबॉडी को इस ज़हर के प्रति जांचा और देखा कि कौन-सी एंटीबॉडी इस ज़हर को सबसे अच्छे से बेअसर करती है। उनकी यह खोज 95Matz5 नामक एंटीबॉडी पर आकर खत्म हुई, जो इस ज़हर पर बहुत ही कारगर पाई गई। इसकी बेहतरीन कारगरता का कारण है कि यह अल्फा-बंगारोटॉक्सिन पर ठीक उसी स्थान पर जाकर चिपकता है जहां से यह विष मानव तंत्रिकाओं और मांसपेशियों की कोशिकाओं के साथ बंधता है। अल्फा-बंगारोटॉक्सिन मल्टी-बैंडेड करैत (Bungarusmulticinctus) के ज़हर का मुख्य xFT&-रु है।
फिलहाल तो यह 95zMatz5 एंटीबॉडी चूहों में कारगर पाई गई है। यहां तक कि 95zMatz5 ने चूहों को करैत सांप के ज़हर से भी बचा लिया। इस सांप के बारे में माना जाता है कि इसमें कम से कम चार दर्जन विभिन्न जहर होते हैं। इसकी कारगरता सर्पदंश के 20 मिनट विलंब से उपचार दिए जाने पर भी दिखी। और तो और, यह मोनोसेलेट कोबरा (Naja kaouthia) और ब्लैक मंबा (Dendroaspispolylepis) के ज़हर पर भी काम कर गया। लेकिन कुछ ज़हर, जैसे किंग कोबरा (Ophiophagus hannah) के ज़हर को बेअसर नहीं कर पाया, हालांकि इसने चूहों की मृत्यु को थोड़ा टाल ज़रूर दिया था। इस तरह इस एंटीबॉडी से निर्मित एक एंटीवेनम चार प्रजातियों के ज़हर को बेअसर करने के लिए किया जा सकता है।
साथ ही जो एंटीवेनम xFT& -रु के खिलाफ बहुत प्रभावी नहीं रहते हैं उनके स्थान पर 95zMatz5 आधारित एंटीवेनम दिया जा सकता है। इसके अलावा यह पशु एंटीबॉडी पर आधारित न होकर मनुष्यों की कृत्रिम एंटीबॉडी है, तो इसमें उपचार के अवांछित दुष्प्रभाव और जोखिम की संभावना भी कम है।
दूसरी ओर, विभिन्न शोध टीमें एक ऐसा परीक्षण तैयार करने की दिशा में काम कर रही हैं जिसके ज़रिए पता किया जा सके कि पीडि़त को किस सांप ने काटा है। और इस तरह लक्षण उभरने तक इंतजार करने के समय को कम करके एंटीवेनम को अधिक कारगर बनाया जा सके और विकलांगता और जान गंवाने के प्रतिक्षण बढ़ते जोखिम को कम किया जा सके।
लेकिन ऐसे परीक्षणों में मुख्य बात यह होनी चाहिए कि परीक्षण बहुत आसान हो, दूर-दराज़ के सुविधा रहित इलाकों में पहुंच सके और उपयोग किया जा सके, और परीक्षण के नतीजे फौरन प्राप्त हो जाएं। जैसे कि प्रेग्नेंसी टेस्ट देने वाली स्ट्रिप से मिलते हैं - पेशाब पडऩे के मिनट भर बाद वह रंग बदलकर (या न बदलकर) बता देती है कि गर्भ ठहरा है या नहीं।
दरअसल गर्भ ठहरने का निर्धारण करने वाली स्ट्रिप में ऐसे एंटीबॉडी होते हैं जो गर्भ ठहरने के कारण स्रावित होने वाले हारमोन ह्यूमन कोरियॉनिक गोनेडोट्रॉपिन से जुड़ते हैं। यदि गर्भ ठहरता है तो पेशाब में यह हारमोन बढ़ जाता है और स्ट्रिप में उपस्थित एंटीबॉडीज़ जब इस हारमोन से जुड़ती हैं तो रंग परिवर्तन की हुई दो धारियां मिलती हैं।
लेकिन सर्पदंश के मामले में इस तरह से सार्वभौमिक परीक्षण विकसित करने में समस्या यह है कि प्रेग्नेंसी में स्रावित हारमोन के विपरीत हर सांप का ज़हर एक समान नहीं होता और कई यौगिकों का मिश्रण होता है। फिर भी क्षेत्र विशेष के लिए क्षेत्रीय परीक्षण विकसित किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, भारत में सर्पदंश के अधिकांश मामले सिर्फ चार प्रजातियों के कारण होते हैं। तो शोधकर्ता क्षेत्रीय परीक्षण स्ट्रिप के लिए एक ऐसी एंटीबॉडी तैयार कर रहे हैं जो इन चारों विष को पहचान सके और बता सके कि कौन-सा ज़हर है। इस दिशा में उन्हें कुछ सफलता मिली है। कुछ परीक्षणों और अनुमोदन के बाद यह परीक्षण इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक उपलब्ध हो सकेगा।
लेकिन उपरोक्त एंटीवेनम और परीक्षणों का उत्पादन करने के लिए काफी धन लगेगा। जाहिर है दवा कंपनियां यदि इन्हें बनाएंगी तो ये महंगे होंगे, और उन लोगों की पहुंच से बाहर होंगे जो सर्पदंश के शिकार होते हैं-सर्पदंश की समस्या से मुख्यत: निम्न और मध्यम आय वाले देशों के गरीब और खेतों-जंगलों में काम करने वाले लोग प्रभावित होते हैं। इन देशों में यह पहले ही एक उपेक्षित स्वास्थ्य समस्या है। इसलिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ इससे संबंधी अर्थव्यवस्था, रणनीतिक निर्णयों और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के स्तर पर भी काम करने की जरूरत है, तभी वास्तव में वक्त पर बेहतर उपचार मुहैया हो सकेगा। (स्रोतफीचर्स)
अलीने श्पान्टिश
दुनिया में कोकेन का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2021 में लगभग 2.2 करोड़ लोगों ने इस ड्रग का सेवन किया। यह संख्या अमेरिकी राज्य न्यूयॉर्क की जनसंख्या से अधिक है।
यूरोप में, कैनाबीज यानी भांग के बाद कोकेन दूसरा सबसे सामान्य स्ट्रीट ड्रग है। इसे कोका की पत्तियों से निकाला जाता है और आमतौर पर पाउडर के रूप में सूंघा जाता है।
इसकी लत काफी ज्यादा तेजी से लगती है और इसकी वजह से शरीर का कोई हिस्सा हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो सकता है। कोकेन शरीर को उसकी अधिकतम सीमा तक धकेल देती है, जिससे मैराथन दौडऩे जैसा शारीरिक असर पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति इससे छुटकारा पाना चाहता है, तो उसे काफी ज्यादा शारीरिक और मानसिक तनाव झेलना पड़ता है।
ब्राजील के शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि कोकेन की लत से जूझ रहे लोगों को वैक्सीन से मदद मिलेगी। यह वैक्सीन लोगों को नशीली दवाओं का सेवन करने से रोकेगा और नशे की लत के जोखिम को कम करेगा।
कोकेन से शरीर और मस्तिष्क पर क्या असर पड़ता है?
जब कोकेन को पाइप के माध्यम से सूंघा या धूम्रपान किया जाता है, तो यह पदार्थ खून के जरिए तेजी से मस्तिष्क तक पहुंच जाता है। वहां यह ड्रग शरीर को कई तरह के संदेशवाहक पदार्थों को छोडऩे के लिए उत्तेजित करता है, जिनमें डोपामाइन भी शामिल है। इससे व्यक्ति को काफी ज्यादा खुशी का एहसास होता है।
कोकेन का सेवन करने पर शरीर काफी ज्यादा सक्रिय हो जाता है। व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है। हृदय पूरी क्षमता से पंप करता है और धमनियां संकरी हो जाती हैं। ब्लड प्रेशर और शरीर का तापमान बढ़ता है। भूख-प्यास कम लगती है। स्थिति ज्यादा खराब होने पर, हृदय गति रुक सकती है।
कोकेन का सेवन करने के पांच मिनट बाद और तीस मिनट के बीच इसका असर सबसे ज्यादा होता है। बर्लिन ड्रग थेरेपी एसोसिएशन के चिकित्सक हंसपीटर एकर्ट ने कहा, ‘ऐसा महसूस होता है जैसे सारी समस्याएं खत्म हो गई हों।’
कोकेन का सेवन करने के बाद, मस्तिष्क को इसकी लत लगने लगती है। एकर्ट कहते हैं, ‘शरीर को लगता है कि जिंदा रहने के लिए यह जरूरी चीज है।’
जब आप नशे के आदी होते हैं, तो अधिक कोकेन की चाहत आपके दिमाग पर हावी हो जाती है। आपको ऐसा आभास होता है कि इससे शरीर को नुकसान हो रहा है, लेकिन आप इसे अनदेखा करने लगते हैं। आप अपने जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं, जैसे कि स्वास्थ्य, अपने दोस्त, काम वगैरह को नजरअंदाज करना शुरू कर देते हैं।
वैक्सीन कैसे मदद करेगी?
ब्राजील के शोधकर्ता चाहते हैं कि उनकी बनाई वैक्सीन शरीर को ऐसे एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रेरित करे जो कोकेन का इस्तेमाल होने पर उससे चिपक जाए। इससे इस नशे के लिए जिम्मेदार तत्व, खून के जरिए मस्तिष्क तक न पहुंच पाएं।
अगर कोकेन मस्तिष्क तक नहीं पहुंचेगा, तो व्यक्ति को उत्तेजित नहीं करेगा और उसे नशा नहीं होगा। साथ ही, मस्तिष्क उस तरह की प्रतिक्रिया भी नहीं करेगा जिसकी वजह से कोई व्यक्ति बार-बार कोकीन का सेवन करना चाहता है।
ब्राजील की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ मिनस गेराइस के शोधकर्ता और वैक्सीन बनाने में मदद कर रहे फ्रेडरिको गार्सिया ने डीडब्ल्यू ब्राजील को दिए इंटरव्यू में बताया कि मरीज इस ड्रग का सेवन करने पर कुछ अलग महसूस करते हैं। गार्सिया की रिसर्च टीम ने चूहों पर वैक्सीन का ट्रायल किया है। उनका मानना है कि इन प्रयोगों के नतीजे इंसानों के लिए भी काम के हो सकते हैं। अगर ऐसा है, तो उनकी वैक्सीन दुनिया की पहली एंटी-कोकीन वैक्सीन होगी।
अमेरिका के शोधकर्ता भी कोकेन वैक्सीन विकसित कर रहे हैं। इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल बाकी है। अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि यह वैक्सीन कब उपलब्ध होगी।
क्या नशे की लत से छुटकारा दिला सकती है वैक्सीन?
वैक्सीन को लेकर किए जा रहे शोध को एकर्ट सैद्धांतिक तौर पर सही मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर नशा नहीं होगा, तो दिमाग शांत रहेगा। साथ ही, शरीर को भी इस लत से होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।’
हालांकि, एकर्ट ने कहा कि उन्हें वैक्सीन के नतीजों को लेकर संदेह भी है। उनका कहना है कि इलाज बहुत मुश्किल काम है। लोगों को ठीक होने, खुद को परखने, अपने शरीर और दिमाग को समझने, अपनी भावनाओं एवं समस्याओं पर बात करने और मुश्किल फैसले लेने की हिम्मत जुटाने के लिए कम से कम एक साल के इलाज की जरूरत होती है।
एकर्ट कहते हैं कि सिर्फ कठिन सवालों का सामना करके ही मरीज अपने जीवन पर नियंत्रण हासिल कर सकते हैं। जैसे, क्या ऐसे दोस्त हैं जिनसे मुझे बचना चाहिए, मैं ड्रग छोडऩे के दौरान शारीरिक दर्द को कैसे सहन करूंगा? वगैरह। यह वैक्सीन कभी-कभी ड्रग का सेवन करने वाले लोगों के लिए नहीं है।
क्या कोकेन वैक्सीन से ओवरडोज का खतरा बढ़ जाएगा?
एकर्ट ने चेतावनी दी कि वैक्सीन लेने वाले लोगों को कोकेन की अधिक मात्रा लेने का खतरा बढ़ सकता है। अगर आप ड्रग का सेवन करते हैं और आपको पहले की तरह ‘मजा नहीं आता', तो आप ओवरडोज ले सकते हैं। इससे आपके शरीर को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है और यहां तक कि मौत हो सकती है।
कोका ना उगाएं तो क्या करें ये लोग
यूरोपियन मॉनिटरिंग सेंटर फॉर ड्रग्स एंड ड्रग एडिक्शन से जुड़ी मारिका फेरी की चिंताएं अलग हैं। वह कहती हैं, ‘यह पदार्थ अपने-आप में कोई अलग समस्या नहीं है।’
अगर कोई व्यक्ति कोकेन का सेवन बंद कर देता है, तो उसकी सभी समस्याएं अपने-आप हल नहीं हो जाएंगी। नशे से होने वाले शारीरिक नुकसान के साथ-साथ किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर नशे के असर को भी ठीक करने की आवश्यकता है।
फेरी ने कहा, ‘इसमें समय लगता है। वैक्सीन उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है जिनका इलाज जारी है। इससे ऐसे लोगों को कोई फायदा नहीं होगा जो इस लत को छोडऩे के लिए किसी तरह का परामर्श नहीं ले रहे हैं या इलाज नहीं करा रहे हैं।’
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 अप्रैल । बीते चार दिन पूर्व एक सड़क दुर्घटना के बाद से एक युवती लापता है। मिली जानकारी के अनुसार रविवार 7 अप्रैल को तड़के लगभग 5 से 6 बजे के मध्य बिजली ऑफिस चौक बुढ़ापारा में यह दुर्घटना हुई। किसी अज्ञात ने अपनी बाईक से एक युवती को ठोका मौके से उसे उठाकर आटो में लेकर गए। और उसे मरा समझ कर फेंक दिए।
मृतका की माँ दुर्गा मंदिर के पास बैठकर अपना जीवनयापन करती है। युवती का नाम ललिता सोनवानी बताया जा रहा है । कोतवाली पुलिस ने घटना से इंकार कर रही है। ।
आरक्षण की जरूरत
राज्य वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र पांडे ने फेसबुक पर लिखा कि जिस रफ्तार से कांग्रेसियों का भाजपा में प्रवेश हो रहा है, जल्दी ही भाजपाई अपनी ही पार्टी में अल्पसंख्यक हो जाएंगे। गुजरात में तो मूल भाजपाईयों ने पार्टी में अपने लिए 33 फीसदी आरक्षण की मांग रख दी है। कहां तो कांग्रेस मुक्त भारत बना रहे थे, बन गई कांग्रेस युक्त भाजपा।
वीरेन्द्र पांडे से भाजपा के कई नेता सहमत दिख रहे हैं। कई कांग्रेस नेताओं ने पिछले दिनों भाजपा में शामिल हुए थे उस पर भाजपा के नेता अपने वॉट्सऐप ग्रुप में तीखी प्रतिक्रिया जता रहे हैं। एक-दो ने तो कांग्रेस नेताओं के भाजपा प्रवेश पर हताशा जाहिर करते हुए लिखा कि भाजपा में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की कोई औकात नहीं रह गई है। चुनाव चल रहा है इसलिए पार्टी के रणनीतिकार इन सब पर ज्यादा चर्चा नहीं कर रहे हैं। लेकिन चुनाव निपटने के बाद दलबदलुओं को महत्व मिला, तो कलह उभरकर सामने आ सकती है। देखना है आगे क्या होता है।
नाम टेलीग्राम जैसा...
छत्तीसगढ़ के पहले विश्वविद्यालय, रविशंकर विश्वविद्यालय का नाम बाद में अविभाजित मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल के नाम पर दुरूस्त किया गया, और विवि का नाम पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय किया गया। नाम कुछ लंबा हो गया, और विश्वविद्यालय के प्रवेशद्वार पर जब इस नाम को लिखे देखें, तो इसके शब्दों के बीच किसी तरह की कोई जगह नहीं छूटी है, और हिन्दुस्तानी नाम न जानने वाले लोग यह भी नहीं समझ सकते कि कौन सा शब्द कहां खत्म हो रहा है। अक्षर चाहे कुछ छोटे हो जाते, शब्द तो अलग-अलग रखने ही चाहिए थे। वैसे टेलीग्राम के जमाने में ऐसे शब्द से बचत हो सकती थी, और कुछ होशियार लोग बचत के ऐसे कुछ तरीके ढूंढ भी लेते थे।
अमित शाह की भारी डिमांड
भाजपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस के नेताओं की लाईन है। तकरीबन सभी जिलों से विशेषकर कांग्रेस के असंतुष्ट नेता, भाजपा में आने के लिए प्रयासरत हैं। इन्हीं में से रायपुर के कांग्रेस के एक बागी नेता से भाजपा प्रवेश को लेकर पूछताछ की गई, तो उसने शर्त रख दी कि वो भाजपा में शामिल होना चाहते हैं लेकिन सदस्यता सिर्फ अमित शाह के सामने लेंगे। शाह से परे कई और भाजपा के राष्ट्रीय नेता प्रचार के लिए छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। मगर दल बदलने के लिए अमित शाह के मंच को बेहतर मान रहे हैं। दल बदलने वाले नेताओं का सोचना है कि अमित शाह के सामने प्रवेश से भाजपा में पूछ-परख रहेगी। मगर वाकई ऐसा होगा यह तो आने वाले समय में पता चलेगा।
चीतल और लंगूर की दोस्ती
टाइगर जंगल का राजा है तो चीतल जंगल की शोभा। नर के सींग होते है, मादा के नहीं। ये लंगूर के दोस्त हैं, पर हिंसक जीव इसकी जान के दुश्मन।
बारनवापारा अभयारण में सोसर याने मानव निर्मित जल कुड़ में नटखट लंगूर और चीतल एक दूसरे को छेड़ते, पानी के लिए भिड़ते दिखे। इसका एक वीडियो वहां के गाइड चैनसिंह ने बनाया जिसे वन्यजीव प्रेमी प्राण चड्ढा ने सोशल मीडिया पर साझा किया है।
वे बताते हैं कि टाइगर या लैपर्ड की उपस्थिति की जानकारी यह अलार्म काल से देते हैं।
खतरे में चीतल ऐसी छलांग मारते दौड़ते हैं, जैसे हवा में उड़ रहे हों। नर चीतल दो पांव से खड़े होकर पेड़ से पत्ती या फल तोड़ कर खाते दिखते हैं।
मेटिंग के दौरान नर चीतल का रंग गहरा हो जाता है और इनके झुंड बड़े हो जाते हैं। तब नर चीतल मादा के लिए लड़ पड़ते हैं। ऐसे वक्त आपस में सींग फंस गए तो छोटे हिंसक जीव दोनों का शिकार भी बन सकते हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 अप्रैल । रायपुर राजधानी के वन मंडल अधिकारी कार्यालय में संचालित जंगल सफारी को जंगल सफारी के डायरेक्टर द्वारा नवा रायपुर स्थानांतरित करने का कर्मचारी संगठन ने विरोध किया है। इस निर्णय पर तत्काल रोक लगाने की मांग निर्वाचन आयोग से की है। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा एवं बजरंग मिश्रा ने बताया है कि वन विभाग का जंगल सफारी कार्यालय नवा रायपुर जंगल सफारी में स्थानांतरित किया जा रहा है।
आम जनता इस कार्यालय में आकर विधिवत शुल्क जमा कर जंगल सफारी परिवार समेत भ्रमण करने जाते हैं। किंतु भारत निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कार्यालय को जंगल सफारी के बाहर बनी दुकान में स्थानांतरित कर कहीं कहीं न कहीं निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाताओं को नाराज करने की कार्यवाही की जा रही है, जो प्रत्यक्ष रूप से आचार संहिता का उल्लंघन है। इस निर्णय पर तत्काल रोक लगाने की मांग कर्मचारी नेताओं ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ तथा जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ गौरव कुमार सिंह से की है।
ऋषिकेश, 11 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऋषिकेश में चुनावी बिगुल फूंकते हुए कहा कि जब-जब देश में कमजोर और अस्थिर सरकार रही है, तब-तब दुश्मनों ने फायदा उठाया है और आतंकवाद ने पैर पसारे। आज देश में मोदी की मजबूत सरकार है, इसलिए आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा जाता है। भारत का तिरंगा युद्ध क्षेत्र में भी सुरक्षा की गारंटी बन जाता है।
पीएम मोदी ने कहा, सात दशक बाद जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 निरस्त किया गया। ये भाजपा की मजबूत सरकार ही है, जिसने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया। ये भाजपा की मजबूत सरकार ही है, जिसने महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण दिया। आज देश में ऐसी सरकार है जिसने बीते 10 साल में भारत को पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा मजबूत बना दिया है।
सभा को संबोधित करने से पहले पीएम मोदी ने सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं दी और देवभूमि को नमन करते हुए सभी देवी देवताओं को प्रणाम किया।
पीएम मोदी ने कहा कि मां गंगा के सानिध्य में बसे 4 धामों के द्वार ऋषिकेश में इतनी बड़ी विशाल संख्या और उत्साह उमंग के साथ आप आशीर्वाद देने आए हैं, मैं आप सब का आभारी हूँ।
पीएम मोदी ने कहा, अब सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। कांग्रेस की सरकार होती तो वन रैंक वन पेंशन लागू नहीं होती। लेकिन यह मोदी ने कर दिखाया है। यह मोदी है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू कर एक लाख करोड़ से ज्यादा उनके खाते में पहुंचा दिया।
पीएम ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब लोगों के हक का पैसा बिचौलिए खा जाते थे। अब लोगों के हक का पैसा सीधे उनके बैंक खाते में हस्तांतरित किया जा रहा है। ये लूट मोदी ने बंद की है, इसलिए मोदी पर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर है।
उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस के नेताओं के लिए तो पहले दिल्ली का शाही परिवार और फिर अपना परिवार ही सब कुछ है। लेकिन मोदी के लिए तो भारत ही मेरा परिवार है।
उन्होंने कहा, कांग्रेस विकास और विरासत दोनों की विरोधी है। कांग्रेस ने प्रभु राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए, राम मंदिर का विरोध किया, जितने अड़ंगे डालने थे डाले। इसके बाद भी राम मंदिर निर्माण वालों ने कांग्रेस के सभी गुनाहों को माफ कर दिया और उन्हें प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण दिया। लेकिन कांग्रेस ने उसका भी बहिष्कार कर दिया। अब तो कांग्रेस ने प्रण लिया है, हिंदू धर्म में जो शक्ति है, उसका विनाश करेंगे। उत्तराखंड की आस्था को तबाह करने की जो साजिशें चल रही हैं, उसमें कांग्रेस की ये बातें आग में घी का काम करेंगी। उत्तराखंड की संस्कृति की रक्षा करना, हम सभी का दायित्व है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा, कांग्रेस की कमजोर सरकार सीमाओं पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर नही बना पाई। आज पूरी सीमा पर आधुनिक सड़के और सुरंगें बन रही हैं। एक बार केदारनाथ धाम के दर्शन करने के बाद मेरे मुंह से अचानक ही निकला था कि यह दशक उत्तराखंड का दशक है। सरकार उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रही है।
इससे पहले उत्तराखंड के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
मंच पर पौड़ी से बीजेपी उम्मीदवार अनिल बलूनी ने प्रधानमंत्री मोदी को भगवान की तस्वीर भेंट की। इसके बाद हरिद्वार सीट से बीजेपी उम्मीदवार त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी प्रधानमंत्री मोदी को मां गंगा की मूर्ति भेंट की। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच से उत्तराखण्ड का वाद्ययंत्र हुड़गा बजाया। जिसके बाद जनता ने मोदी मोदी के जमकर नारे लगाए।
(आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 अप्रैल । पगारिया कांप्लेक्स में बुधवार रात एक साथ 10 दुकानों के ताले तोड़ने वाला चोर पकड़ा गया । उसने पुलिस और व्यापारियों के साथ घूम घूमकर दुकानों को दिखाया और ताले तोड़ने का तरीका भी बताया।चेम्बर के अध्यक्ष अमर परवानी, पगारिया कांप्लेक्स के अध्यक्ष नरेश ठक्कर अमर परचानी ने पुलिस को साधुवाद दिया है । इस चोरी में चोर ने इन दुकानों से केवल नगदी ही चुराया था जो करीब 15हजार बताया गया है । लेकिन एक ही रात में 10 दुकानों के ताले टूटने से कारोबारियों में हड़कंप मचा था ।
नई दिल्ली, 11 अप्रैल । दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में मौजूदा चुनावी नियमों के खिलाफ चुनौती को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नगरपालिका चुनाव लड़ने के हकदार हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि अनुच्छेद 243जेडए या 243आर के तहत कोई संवैधानिक निषेध नहीं है जो मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को इन चुनावों में भाग लेने से रोकता है।
अदालत का फैसला 2022 के दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में एक स्वतंत्र उम्मीदवार लोकेश कुमार द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) के जवाब में आया, जिन्होंने तर्क दिया था कि मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के पक्ष में नियम निर्दलीय उम्मीदवारों के अधिकारों को कम करते हैं।
बेंच ने भारत के पहले आम चुनाव के दौरान निरक्षर मतदाताओं की सहायता करने में चुनाव प्रतीकों की व्यावहारिक आवश्यकता का हवाला दिया।
अदालत ने एसईसी द्वारा दिल्ली नगर निगम (पार्षदों का चुनाव) नियम, 2012 के तहत राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्हों को अपनाने को उचित पाया।
याचिका को खारिज करते हुए, बेंच ने निष्कर्ष निकाला कि कानूनी ढांचा नगरपालिका चुनावों में राजनीतिक दलों की भागीदारी की अनुमति देता है और इससे स्वतंत्र उम्मीदवारों को नुकसान नहीं पहुंचता है।
(आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 11 अप्रैल। बुधवार रात को प्रधान आरक्षक की राइफल से दुर्घटनावश गोली चली, जिससे वे जख्मी हो गए। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रायपुर भेज दिया गया।
दंतेवाड़ा और सुकमा के सीमावर्ती कमारगुड़ा - कोरमेटा सडक़ निर्माण कार्य जारी है। बुधवार दोपहर सडक़ निर्माण में संलग्न जेसीबी चालक प्रेशर बम की चपेट से घायल हो गया था। वाहन चालक को सुरक्षित निकालने थाना बल अरनपुर और सीआरपीएफ की 231 वीं वाहिनी द्वारा बचाव अभियान चलाया गया था। इसके पश्चात रात को सुरक्षा बलों के जवान वापस लौट रहे थे। इसी दौरान अरनपुर थाना के प्रधान आरक्षक विजय नाग की राइफल से दुर्घटनावश गोली चली। जिससे विजय नाग जख्मी हो गए।
सुरक्षा बलों द्वारा प्रधान आरक्षक को जिला अस्पताल लाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रायपुर भेज दिया गया। रायपुर के अस्पताल में उनका उपचार जारी है।
घायल प्रधान आरक्षक की स्थिति खतरे से बाहर है। घटनास्थल के इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।
फ़ोटो भी किया जारी
जगदलपुर, 11 अप्रैल। सुकमा जिले के गांवों में पुलिस जवानों के द्वारा एयर स्ट्राइक किये जाने का आरोप लगाते हुए नक्सलियों ने कुछ फोटो भी जारी किया है।
नक्सलियों का कहना था कि 7 अप्रैल की रात को सुकमा और बीजापुर के इलाके में रात करीब 11.45 बजे पुलिस जवानों के द्वारा किये गए इस बमबारी के बाद गांव में दहशत का माहौल देखा जा रहा है।
दक्षिण बस्तर डिविजऩ कमेटी के सचिव गंगा ने पर्चा जारी करते हुए एक बार फिर एयर स्ट्राइक का आरोप पुलिस जवानों के ऊपर लगाया है। पुलिस जवानों के द्वारा सुकमा-बीजापुर की सीमा में पामेड़ इलाके के कई गाँवों के जंगलों में रॉकेट से हमले करने की बात नक्सलियों ने अपने आरोप में कही है। नक्सलियों की दक्षिण बस्तर डिविजऩ कमेटी ने बीते 7 अप्रैल को हवाई बमबारी का आरोप लगाया है।
नक्सलियों का दावा है कि इस हवाई बमबारी से गाँवों में रहने वाले ग्रामीणों में ख़ौफ़ का माहौल देखा जा रहा है। सुकमा जिले के अंदरुनी इलाके जैसे पामेड़ के पालागुड़ा, इत्तागुड़ा, जिलोरगट्टा, गोम्मगुड़ा व कंचाल के इलाक़े में हवाई बमबारी किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 11 अप्रैल। रायपुर रेल मंडल के सिलयारी और मांढर रेलवे स्टेशनों के बीच लेवल क्रासिंग पर गर्डर लॉंचिंग का कार्य 14 अप्रैल की रात 11 बजे से सुबह 3 बजे तक किया जाएगा। इसके चलते कई ट्रेनों का आवागमन प्रभावित होगा।
इन ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है-
-14 एवं 15 अप्रैल को बिलासपुर से चलने वाली 08727 बिलासपुर-रायपुर मेमू पैसेजर स्पेशल।
-14 अप्रैल को रायपुर से चलने वाली 08725 रायपुर–दुर्ग मेमू पैसेजर स्पेशल।
-14 अप्रैल को दुर्ग से चलने वाली 08726 दुर्ग- रायपुर मेमू पैसेजर स्पेशल ।
-15 एवं 16 अप्रैल को रायपुर से चलने वाली 08728 रायपुर-बिलासपुर मेमू पैसेजर स्पेशल ।
-14 एवं 15 अप्रैल को बिलासपुर से चलने वाली 08719 बिलासपुर-रायपुर मेमू पैसेजर स्पेशल।
-15 एवं 16 अप्रैल को बिलासपुर से चलने वाली 08261 बिलासपुर-रायपुर पैसेजर स्पेशल।
-15 एवं 16 अप्रैल को रायपुर से चलने वाली 08275 रायपुर-जूनागढ़ साईडिंग पैसेजर स्पेशल ।
-16 एवं 17 अप्रैल को जूनागढ़ साईडिंग से चलने वाली 08276 जूनागढ़ साईडिंग-रायपुर पैसेजर स्पेशल।
-16 एवं 17 अप्रैल को रायपुर से चलने वाली 08280 रायपुर-कोरबा पैसेजर स्पेशल।
-15 एवं 16 अप्रैल को कोरबा से चलने वाली 08279 कोरबा-रायपुर पैसेजर स्पेशल ।
-15 एवं 16 अप्रैल को रायपुर से चलने वाली 08267 रायपुर-नेताजी सुभाष चंद्र बोस (इतवारी) मेमू पैसेजर स्पेशल।
-16 एवं 17 अप्रैल को नेताजी सुभाष चंद्र बोस (इतवारी) से चलने वाली 08268 नेताजी सुभाष चंद्र बोस (इतवारी)- रायपुर मेमू पैसेजर स्पेशल ।
-16 एवं 17 अप्रैल को रायपुर से चलने वाली 08262 रायपुर-बिलासपुर पैसेजर स्पेशल ।
-14 अप्रैल को टाटानगर से चलने वाली 18109 टाटानगर-नेताजी सुभाष चंद्र बोस (इतवारी) एक्सप्रेस।
-16 अप्रैल को नेताजी सुभाष चंद्र बोस (इतवारी) से चलने वाली 18110 नेताजी सुभाष चंद्र बोस (इतवारी)-टाटानगर एक्सप्रेस ।
-14 एवं 15 अप्रैल को कोरबा से चलने वाली 18239 कोरबा-नेताजी सुभाष चंद्र बोस (इतवारी) एक्सप्रेस ।
-15 एवं 16 अप्रैल को नेताजी सुभाष चंद्र बोस (इतवारी) से चलने वाली 18256 नेताजी सुभाष चंद्र बोस (इतवारी)-बिलासपुर एक्सप्रेस ।
-14 अप्रैल को हावड़ा से चलने वाली 12860 हावड़ा-मुंबई गीतांजली एक्सप्रेस ।
-16 अप्रैल को मुंबई से चलने वाली 12859 मुंबई-हावड़ा गीतांजली एक्सप्रेस ।
इसके अलावा 15 एवं 16 अप्रैल, 2024 को गोंदिया एवं झारसुगुड़ा से चलने वाली 08861/08862 गोंदिया- झारसुगुड़ा-गोंदिया मेमू पैसेजर स्पेशल बिलासपुर एवं गोंदिया के बीच रद्द रहेगी। इसी तरह 14 अप्रैल को बरौनी से चलने वाली 15231 बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग कटनी- जबलपुर-नैनपुर-गोंदिया होकर चलेगी यह गाड़ी कटनी एवं गोंदिया के बीच रद्द रहेगी । 15 अप्रैल को गोंदिया से चलने वाली 15232 गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग गोंदिया- नैनपुर- जबलपुर- कटनी होकर चलेगी यह गाड़ी कटनी एवं गोंदिया के बीच रद्द रहेगी ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 11 अप्रैल। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट प्रशासन ने वरिष्ठ श्रेणी के सात सिविल जजों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया है। इसके अलावा 70 जजों को स्थानांतरित किया गया है।
राज्यपाल सचिवालय की विधि अधिकारी नीरू सिंह को रायपुर, कमर्शियल कोर्ट के रजिस्ट्रार संजय रात्रे को बलौदाबाजार, दुर्ग के सीजेएम संतोष ठाकुर को रायगढ़, अंबिकापुर के सीजेएम नरेंद्र कुमार को रायपुर, बलौदाबाजार की सीजेएम श्यामवती मरावी को दुर्ग, सूरजपुर की सीजेएम सुषमा लकड़ा को सूरजपुर में ही, धमतरी के सीजेएम अनिल प्रभात मिंज को बिलासपुर, रायगढ़ के सीजेएम दीपक कुमार कोसले को दुर्ग में स्थानांतरित कर एडीजे बनाया गया है। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों से 70 सिविल जजों का स्थानांतरण आदेश भी हाईकोर्ट रजिस्ट्रार की ओर से जारी किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 11 अप्रैल। प्रदेश की खराब सडक़ों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से बताया गया कि सेंदरी ब्लैक स्पॉट पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक बाईपास बनाया जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसके लिए जल्द ही अवार्ड पारित कर दिया जाएगा और काम शुरू होगा।
ज्ञात हो कि प्रदेश की खराब सडक़ों को लेकर दायर हिमांक सलूजा व अन्य की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई चल रही है। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दो सप्ताह बाद इस मामले में हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
ज्ञात हो कि पिछली सुनवाई में न्याय मित्र राजीव श्रीवास्तव और प्रतीक शर्मा ने मुंगेली, पंडरिया और कवर्धा को जोडऩे वाली सडक़ों के खराब होने के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इसके अलावा बिलासपुर से धनेली होते हुए विधानसभा जाने वाली धनेली की सडक़ के मरस्मत की आवश्यकता बताई गई थी। दोनों मामलों में कोर्ट ने निर्देश दिया था कि इनके लिए टेंडर आचार संहिता लागू होने के बावजूद जारी किए जाएं, क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश पर आचार संहिता लागू नहीं होती।
बिलासा एयरपोर्ट में हवाई सेवाओं पर दायर जनहित याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 11 अप्रैल। बिलासा एयरपोर्ट में हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान एलायंस एयर कंपनी और शासन की ओर से इस सवाल का ठोस जवाब नहीं आया कि बार-बार उड़ान शुरू करने के बाद उन्हें बंद क्यों किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने एलायंस एयर को 15 अप्रैल तक सभी प्रस्तावित उड़ानों के लिए नया शेड्यूल जारी करने का निर्देश दिया है।
हवाई सेवा को लेकर दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं की जस्टिस गौतम भादुड़ी की डिवीजन बेंच में एक साथ सुनवाई चल रही है। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान प्रेक्टिसिंग बार एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि उड़ान योजना का लाभ इसलिये नहीं मिल रहा है क्योंकि एलायंस एयर ने अधिक सब्सिडी की मांग रखी है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि बिलासपुर से कोलकाता की फ्लाइट को दो दिन तक चलाने के बाद बंद कर दिया गया है। दिल्ली के लिए प्रयागराज होते हुए जाने वाली फ्लाइट के दिनों में भी कटौती की गई है। इनके सहित जबलपुर, भोपाल और इंदौर सहित 10 फ्लाइट बंद की जा चुकी है।
बिलासपुर से हवाई उड़ान नियमित नहीं होने और अचानक परिचालन रद्द कर देने, यात्रियों को कई बार रायपुर में उतार देने के कारण यात्रियों को असुविधा होती है। बिलासा एयरपोर्ट बिलासपुर, दुर्ग और सरगुजा संभाग के आठ जिलों के लिए सुविधाजनक है। यहां अनेक छोटे-बड़े उद्योग, निजी कंपनियां तथा केंद्रीय संस्थान हैं। ऐसे में एलायंस एयर द्वारा यात्रियों की कमी बताना गलत है।
एलायंस एयर की ओर से बताया गया कि रद्द उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए तीन दिन पहले बैठक हुई है। पर उसकी ओर से बैठक का ब्योरा नहीं दिया गया। पुन: शेड्यूल तैयार कर देने में जब एलायंस एयर ने समय लगने की बात कही तो कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और 15 अप्रैल तक नया शेड्यूल जारी करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।
चंडीगढ़, 11 अप्रैल। हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में बृहस्पतिवार को स्कूल के बच्चों को लेकर जा रही एक बस के पलट जाने से छह विद्यार्थियों की मौत हो गई है और करीब 20 घायल हो गये हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी।
शुरुआती खबरों में कहा गया है कि महेंद्रगढ़ में किसी वाहन से आगे निकलने की कोशिश के दौरान बस पलट गई थी।
महेंद्रगढ़ के पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया कि बस के चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
वर्मा ने उन खबरों के बारे में पूछा गया जिसमें चालक के नशे में होने का दावा किया जा रहा है। इस पर उन्होंने कहा, ''हमने चालक को गिरफ्तार कर लिया है और उसकी मेडिकल जांच की जा रही है जिसके बाद ही हम पुष्टि कर पाएंगे कि वह वास्तव में नशे में था या नहीं।''
एसपी ने कहा कि कुछ खबरों में यह भी दावा किया जा रहा है कि बस चालक ने लापरवाही से गाड़ी चलाई।
उन्होंने बताया कि घायल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा महेंद्रगढ़ के लिए रवाना हो गई हैं। (भाषा)
(ललित के. झा)
वाशिंगटन, 11 अप्रैल। टीआईई की अध्यक्ष अनीता मनवानी ने कहा कि सिलिकॉन वैली भारत को लेकर बहुत उत्साहित है, जिसके नेतृत्व ने उद्यमिता के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है।
‘द इंडस एंटरप्रेन्योर्स’ (टीआईई) सिलिकॉन वैली अमेरिका में एक गैर-लाभकारी संगठन है जो विभिन्न उद्योगों में उद्यमियों के लिए काम करता है।
मनवानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मैं बहुत उत्साहित हूं और मुझे लगता है कि सिलिकॉन वैली भी बहुत उत्साहित है क्योंकि हमारे पास भारत के नेतृत्व में गिफ्ट सिटी जैसी पहल के साथ व्यवसाय खोलने के लिए उद्यमिता के प्रति स्पष्ट प्रतिबद्धता है....ऐसी पहल जो निवेश करने का मौका देती है और जिससे धन वापस अमेरिका आ रहा है। मैं कहूंगी कि यह पहले की तुलना में थोड़ा आसान है।’’
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ ये सभी पहल हैं जो वास्तव में भारत के साथ गलियारे में बढ़ती गतिविधि को तेज करेंगी। यह भारत का दशक है...हम सभी नेतृत्व का समर्थन करते हैं...’’
मनवानी कैरोबार बिजनेस सॉल्यूशंस आरईएलआईएमएस की संस्थापक एवं मुख्य कार्यपाकल अधिकारी (सीईओ) भी हैं।
उन्होंने कहा कि आगामी टीआईईकॉन उद्यमियों, कॉर्पोरेट जगत के लोगों और निवेशकों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा प्रौद्योगिक सम्मेलन होगा। इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता से उत्पन्न चुनौतियों तथा प्रौद्योगिक क्षेत्रों में इसके अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इसका आयोजन एक से तीन मई तक कैलिफोर्निया में सिलिकॉन वैली स्थित सांता क्लारा कन्वेंशन सेंटर में किया जाएगा। (भाषा)
कोलकाता, 11 अप्रैल। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह राज्य में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और समान नागरिक संहिता लागू नहीं होने देंगी।
मुख्यमंत्री ने ईद-उल-फितर के अवसर पर यहां एक सभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि कुछ लोग चुनाव के दौरान ‘दंगा कराने’ की कोशिश करेंगे। साथ ही उन्होंने लोगों से ‘साजिश का शिकार नहीं होने’ का आग्रह किया। ईद का पर्व रमजान के महीने की समाप्ति पर मनाया जाता है।
बनर्जी ने ‘रेड रोड’ पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम संशोधित नागरिकता अधिनियम, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और समान नागरिक संहिता को स्वीकार नहीं करेंगे। अगर हम एकजुट होकर रहेंगे तो कोई हमें नुकसान नहीं पहुंचा सकता।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की लड़ाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से है।
तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘‘हम विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के संबंध में बाद में निर्णय लेंगे। लेकिन बंगाल में इस बात का ख्याल रखिएगा कि एक भी वोट किसी दूसरी पार्टी को नहीं जाए।’’
उन्होंने ‘‘विपक्षी दलों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल’’ करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना की।
ममता बनर्जी के साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी भी मौजूद थे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) ने पार्श्वनाथ लैंडमार्क डेवलपर्स की अनुषंगी कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के लिए पार्श्वनाथ लैंडमार्क डेवलपर्स के चार इकाई खरीदारों द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की प्रधान पीठ के आदेशों को बरकरार रखा, जिसने 17 अक्टूबर 2023 को तकनीकी आधार पर उनकी याचिका खारिज कर दी थी क्योंकि याचिकाकर्ताओं की संख्या केवल चार थी, जबकि पार्श्वनाथ लैंडमार्क द्वारा आवंटितों की कुल संख्या 488 है।
मामला रियल एस्टेट कंपनी के दिल्ली स्थित प्रोजेक्ट ला ट्रॉपिकाना खैबर पास से जुड़ा है।
इसके अलावा, अपीलीय न्यायाधिकरण ने फ्लैट खरीदारों की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि वे एक अलग वर्ग के हैं और दिल्ली रेरा के एक आदेश में डेवलपर को 22 अक्टूबर 2022 को ब्याज के साथ राशि वापस करने का निर्देश दिया गया था।
डेवलपर पर आदेश के 45 दिन के भीतर राशि वापस करने का दायित्व था, लेकिन किसी राशि का भुगतान नहीं किया गया। इस प्रकार उसने प्रत्येक याचिकाकर्ता को 10 प्रतिशत ब्याज के साथ 24.14 करोड़ रुपये वापस नहीं करके चूक की थी। उनके अनुसार वे रियल एस्टेट आवंटियों की श्रेणी में वित्तीय ऋणदाता नहीं हैं, लेकिन डिक्री धारकों की श्रेणी में वित्तीय ऋणदाता हैं।
हालांकि, एनसीएलएटी ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का हवाला देते हुए दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि ‘‘वित्तीय ऋणदाता’’ के रूप में आवंटियों की स्थिति नहीं बदलती है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल। एशियाई वृद्धि बैंक (एडीबी) ने भारत के लिए चालू वित्त वर्ष 2024-25 की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान बृहस्पतिवार को बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया। इससे पहले उसने वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
एडीबी के अनुसार, सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की निवेश और उपभोक्ता मांग से मजबूत वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 का वृद्धि अनुमान 2022-23 वित्त वर्ष के अनुमानित 7.6 प्रतिशत से कम है।
एडीबी ने पिछले साल दिसंबर में वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
‘एशियन डेवलपमेंट आउटलुक’ का अप्रैल संस्करण बृहस्पतिवार को जारी किया गया।
इसमें कहा गया, ‘‘ वित्त वर्ष 2022-23 में विनिर्माण व सेवाओं में मजबूत गति के साथ अर्थव्यवस्था में जोरदार वृद्धि हुई। यह तेजी आगे भी जारी रहेगी। वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत निवेश और उपभोग मांग में सुधार से प्रेरित होगी। वैश्विक रुझानों के अनुरूप मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख जारी रहेगा।’’
एडीबी के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 और वित्त वर्ष 2024-25 में नरमी के बावजूद वृद्धि मजबूत रहेगी।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एडीबी ने भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले हफ्ते कहा था कि मानसून के सामान्य रहने पर मुद्रास्फीति के दबाव में कमी और विनिर्माण व सेवा क्षेत्रों में निरंतर गति से चालू वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। (भाषा)
श्रीनगर, 11 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर जिले के राजपुरा इलाके के फ्रेसीपुरा गांव में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया।
उसने बताया कि आतंकवादियों द्वारा बलों पर गोलीबारी करने के बाद तलाश अभियान मुठभेड़ में बदल गया।
मामले की विस्तृत जानकारी अभी नहीं मिल सकी है। (भाषा)
आजमगढ़ (उप्र), 11 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में मार्टिनगंज तहसील क्षेत्र के कुशलगांव में तालाब में नहाते समय डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि यह घटना बुधवार शाम उस समय हुई जब चार बच्चे तालाब में नहाने गए थे। बच्चों की उम्र सात से दस वर्ष के बीच है।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) चिराग जैन ने बताया कि कुछ ग्रामीणों ने इन बच्चों के कपड़े देखे, इसके बाद उन्हें तालाब से बाहर निकाला गया और स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने बच्चों को मृत घोषित कर दिया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 10 अप्रैल। पीएमएलए निर्णायक प्राधिकरण ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन मामले में कांग्रेस से जुड़े ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार और उससे संबद्ध कंपनियों की लगभग 752 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्की के आदेश को बुधवार को बरकरार रखा। इस फैसले से ईडी के संपत्ति को अपने कब्जे में लेने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
प्राधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि उसका मानना है कि ईडी द्वारा कुर्क की गई चल संपत्ति और ‘इक्विटी’ शेयर अपराध से अर्जित कमाई हैं और धन शोधन के अपराध से संबंधित हैं।
ईडी अब दिल्ली में आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस, मुंबई, लखनऊ और कुछ अन्य स्थानों पर भूखंड और भवन जैसी संपत्तियों को अपने कब्जे में ले सकती है।
अदालत द्वारा अभियोजन पक्ष (ईडी) के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद इन संपत्तियों की अंतिम कुर्की की जा सकती है।
ईडी ने पिछले साल नवंबर में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन (वाईआई) के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अनंतिम कुर्की आदेश जारी करके इन संपत्तियों को कुर्क किया था।
‘नेशनल हेराल्ड’ एजेएल द्वारा प्रकाशित किया जाता है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के सबसे बड़े शेयरधारक हैं और उनमें से प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं।
कांग्रेस ने उस वक्त एजेंसी की कार्रवाई को ‘‘प्रतिशोध वाला कदम’’ बताया था और ईडी को भाजपा का सहयोगी करार दिया था।
एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया था कि इस मामले में एजेएल और पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा कांग्रेस के शेयरधारकों और दानकर्ताओं को ‘‘धोखा’’ दिया गया था। (भाषा)