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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 19 अपै्रल। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अन्य राज्यों से कोरबा लौटने वाले मजदूरों और उनके समूहों पर प्रशासन की पैनी नजर है।
बाहर राज्यों से कोरबा जिले में लौटने वाले मजदूरों से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड से आगमन स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी है। कोरोना संक्रमण के कारण अन्य राज्यों में रोजगार की कमी से जूझते मजदूरों और प्रवासी श्रमिकों के कोरबा जिले में लौटने पर पूरी जानकारी और पहचान जरूरी है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने कलेक्टर किरण कौशल के निर्देश पर दो निगरानी दलों का गठन किया है। श्रम निरीक्षक और श्रम कल्याण अधिकारी इन दलों में शामिल किये गये है।
पहले दल में श्रम निरीक्षक आर.के.साहू मोबाइल नंबर 77738-03085 और श्रम कल्याण निरीक्षक वीरेन्द्र राठौर मोबाइल नंबर 88394-29679 को शामिल किया गया है। दूसरे निरीक्षण दल में दो श्रम कल्याण अधिकारी बलबीर भारद्वाज मोबाइल नंबर 96855-38101 और मनीष भीष्म मोबाइल नंबर 90986-30643 शामिल किए गए हैं।
कोरोना वायरस की गंभीर स्थिति को देखते हुए कोरबा जिले में अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों या प्रवासी श्रमिक समूहों की सूचना दोनों निरीक्षण दलों के किसी भी अधिकारी को फोन पर दी जा सकती है। ऐसे सभी प्रवासी मजदूरों के बार में सूचना मिलने पर उन्हें तत्काल कोरेंटाईन कराया जाएगा और आवश्यकता पडऩे पर या कोरोना संक्रमित पाए जाने पर उनके समुचित इलाज की व्यवस्था की जायेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 19 अपै्रल। कोरबा जिले में लॉकडाउन के उल्लंघन पर शहर तहसीलदार ने रूमगढ़ा के दुकान संचालक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करा दी है। इसके साथ ही तहसीलदार ने दुकान को भी आगामी आदेश तक के लिए सील कर दिया है।
रूमगढ़ा स्थित संजय दिनेश जनरल स्टोर्स एवं स्टेशनरी दुकान संचालक ने कार्यवाही के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को धमकाया भी और उपर बात कर दुकान खुलवाने का रौब भी दिखाया। तहसीलदार ने जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के नियंत्रण के लिए लागू पूर्ण तालाबंदी के उल्लंघन पर दुकान संचालक के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 269 और 270 के तहत प्रकरण बालको थाना में दर्ज कराया है।
उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और आमजनों की कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए 27 अपै्रल तक पूर्ण तालाबंदी की गई है। इस दौरान जनरल स्टोरों और स्टेशनरी दुकानों को भी संचालन की अनुमति नहीं है। रूमगढ़ा स्थित संजय दिनेश जनरल स्टोर्स एवं स्टेशनरी दुकान का संचालक पूर्ण तालाबंदी के आदेश का उल्लंघन करते हुए दुकान खोलकर लोगों को राशन सामग्री आदि बेच रहा था।
तहसीलदार सुरेश साहू ने मौक पर पहुंचकर कार्यवाही की तो दुकान संचालक ने दुकान अंदर से बंद कर ताला लगा दिया। कार्यपालिक दण्डाधिकारी एवं तहसीलदार श्री साहू ने दुकान संचालक का बार-बार बाहर बुलाया पर वे बाहर नहीं आये। तहसीलदार ने रूमगढ़ा चेकपोस्ट पर तैनात पुलिस कर्मियों को बुलाकर दुकान खुलवाने की कोशिश की परंतु संचालकों द्वारा दुकान का शटर नहीं खोला गया। दुकान के बाहर संचालकों के लिखे फोन नंबर पर कॉल करने पर संचालक ने कार्यवाही कर रहे अधिकारियों को धमकाया और जो करना है करो, मैं उपर बात कर लूंगा, दुकान खुलवा लूंगा कहकर फोन स्वीच ऑफ कर दिया।
कार्यवाही कर रहे अधिकारियों ने आसपास के लोगों से भी लॉक डाउन के दौरान दुकान संचालन के विषय में जानकारी ली। लोगों ने बताया कि दुकान संचालकों द्वारा लगातार आधा शटर गिराकर लोगों को राशन सामग्री का विक्रय किया जा रहा था। कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा था, साथ ही लॉक डाउन के प्रावधानों का उल्लंघन भी किया जा रहा था।
कार्यपालिक दण्डाधिकारी ने कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू की गई पूर्ण तालाबंदी के उल्लंघन पर दुकान संचालकों के विरूद्ध बालको थाने में एफआईआर दर्ज कराकर दुकान को सील कर दिया है।
कोरबा, 18 अप्रैल। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अधिक संख्या में कोरोना पाॅजिटिव मरीज पाए जाने वाले क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है। कंटेनमेंट जोन बनाकर वायरस के संक्रमण को संक्रमित क्षेत्र से असंक्रमित क्षेत्र तक फैलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। इसी तारतम्य में अनुविभाग कटघोरा के अंतर्गत आदर्श नगर कुसमुंडा, नगर पालिका कटघोरा के वार्ड क्रमांक सात महेशपुर एवं नगर पालिका दीपका के वार्ड क्रमांक 17 को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। कटघोरा के एसडीएम श्री अभिषेक शर्मा ने इस संबंध मे जरूरी आदेश भी जारी कर दिए हैं। नगर पालिका दीपका के वार्ड क्रमांक सात में 13 कोरोना संक्रमित, वार्ड क्रमांक 17 बंकिमचंद्र चटर्जी वार्ड में छह कोरोना संक्रमित एवं आदर्श नगर कुसमुंडा में छह कोरोना मरीज मिलने पर उपरोक्त क्षेत्र को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
माइक्रो कंटेनमेंट जोन की सीमा कुसमुंडा आदर्श नगर में क्वार्टर नंबर बी-165 से बी-174 तक, उत्तर में रिक्त भूमि, दक्षिण में खाली रिक्त भूमि, पूर्व में रास्ता, एवं पश्चिम में बाड़ी तक के क्षेत्र को शामिल करते हुए 20-20 मीटर की परिधि तक निर्धारित की गई है। नगर पालिका दीपका के वार्ड क्रमांक 17 में क्वार्टर नंबर 127 से क्वार्टर नंबर 133 तक, उत्तर में आम रास्ता, दक्षिण में क्वार्टर नंबर बी-127 का वाउंड्रीवाल, पूर्व में आम रास्ता, पश्चिम में जल निकासी गलियारा तक के क्षेत्र को शामिल करते हुए चारों दिशाओं में लगभग 30-30 मीटर परिधि कोे कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। कटघोरा के वार्ड क्रमांक सात में उत्तर में गली, दक्षिण में मनहरण सिंह का घर, पूर्व में रिक्त भूमि, पश्चिम में गली व वेदराम का घर को शामिल करते हुए 30-30 मीटर परिधि तक के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन उसके बाद 50-50 मीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया है।
कोरोना संक्रामक महामारी की रोकथाम के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती किरण कौशल द्वारा अनुविभागीय अधिकारियों को अपने-अपनेे अधिकार क्षेत्र में परिस्थितियों के अनुसार कन्टेनमेंट जोन घोषित करने अधिकृत किया गया है। घोषित माइक्रो कंटेनमेंट जोन में प्रवेश, निकास के लिए केवल एक द्वार होगा जिसमें तैनात पुलिस अधिकारी, फिजिकल डिस्टेंसिंग करते हुए मेडिकल इमरजेंसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेतु आवागमन करने वाले सभी व्यक्तियों का विवरण एक रजिस्टर में दर्ज करेंगे। कन्टेनमेंट जोन अंतर्गत सभी दुकानें, आफिस एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश पर्यन्त पूर्णतः बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा कन्टेनमेंट जोन में होम डिलीवरी के माध्यम से आवश्यक वस्तु की आपूर्ति उचित दरों पर की जाएगी। कन्टेनमेंट जोन अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंद रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी छोड़कर अन्य किसी कारण से बाहर निकलना प्रतिबंधित रहेगा। कन्टेनमेंट जोन में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी उत्तरदायी होंगे। खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा संबंधित क्षेत्र में शासन के निर्देशानुसार कान्टेक्ट ट्रेसिंग, स्वास्थ्य निगरानी तथा सैम्पल की जांच आदि आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। कंटेनमेंट जोन में घरों के एक्टिव सर्विलांस, स्वास्थ्य टीम एसओपी अनुसार दवा, मास्क, पीपीई किट इत्यादि उपलब्ध कराने तथा बायो मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के बीएमओ को दी गई है।
कोरबा, 18 अप्रैल। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अन्य राज्यों से कोरबा लौटने वाले मजदूरों और उनके समूहों पर प्रशासन की पैनी नजर है। बाहर राज्यों से कोरबा जिले में लौटने वाले मजदूरों से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड से आगमन स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी है। कोरोना संक्रमण के कारण अन्य राज्यों में रोजगार की कमी से जूझते मजदूरों और प्रवासी श्रमिकों के कोरबा जिले में लौटने पर पूरी जानकारी और पहचान जरूरी है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देश पर दो निगरानी दलों का गठन किया है। श्रम निरीक्षक और श्रम कल्याण अधिकारी इन दलों में शामिल किये गये है।
पहले दल में श्रम निरीक्षक आर.के.साहू मोबाइल नंबर 77738-03085 और श्रम कल्याण निरीक्षक वीरेन्द्र राठौर मोबाइल नंबर 88394-29679 को शामिल किया गया है। दूसरे निरीक्षण दल में दो श्रम कल्याण अधिकारी बलबीर भारद्वाज मोबाइल नंबर 96855-38101 और मनीष भीष्म मोबाइल नंबर 90986-30643 शामिल किये गये हैं। कोरोना वायरस की गंभीर स्थिति को देखते हुए कोरबा जिले में अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों या प्रवासी श्रमिक समूहों की सूचना दोनों निरीक्षण दलों के किसी भी अधिकारी को फोन पर दी जा सकती है। ऐसे सभी प्रवासी मजदूरों के बार में सूचना मिलने पर उन्हें तत्काल कोरेंटाईन कराया जायेगा और आवश्यकता पड़ने पर या कोरोना संक्रमित पाये जाने पर उनके समुचित ईलाज की व्यवस्था की जायेगी।
कोरबा, 18 अप्रैल। कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव एवं उसे फैलने से रोकने के लिए लागू की गई पूर्ण तालाबंदी के बावजूद 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकारण तेजी से जारी है। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना का टीका लगवाने के लिए 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग बड़ी संख्या में टीकाकरण केन्द्रों तक पहुंच रहे हैं। जिले में निर्धारित किये गये लक्ष्य के अनुसार अब तक 45 वर्ष से अधिक उम्र के 77 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। कोरबा जिले में अब तक दो लाख 19 हजार 937 लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा चुकी है। कोविड टीकाकरण केन्द्रों पर लोगों को टीका लगाने के बाद काउंसिलिंग भी की जा रही है। कोरबा जिले में वर्ष 2020-21 में अनुमानित जनसंख्या 14 लाख 21 हजार 968 में से दो लाख 84 हजार 394 लोग 45 वर्ष से अधिक उम्र के अनुमानित किये गये हैं जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोरोना की वेक्सीन लगाई जा रही है। जिले में अब इस आयु वर्ग के केवल 64 हजार 457 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जाना बाकी है। आगामी एक सप्ताह में लक्ष्य अनुसार इन सभी लोगों का टीकाकरण पूरा कर लिया जायेगा।
शहरी क्षेत्रों में लगी अब तक सबसे अधिक वैक्सीन, ग्रामीण क्षेत्रोें में पाली पहले स्थान पर - कोरोना टीकाकरण सघन अभियान के दौरान अभी तक कटघोरा और कोरबा के शहरी इलाकों में सबसे अधिक वैक्सीेनेशन हुआ है। इन इलाकों में अब तक 51 हजार 625 लोगों को कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के मामलें में पाली विकासखण्ड पहले स्थान पर है जहां अब तक 39 हजार 399 लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है। दूसरे स्थान पर कटघोरा विकासखण्ड है जहां 32 हजार 750 लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड में 32 हजार 244 लोगों को, करतला विकासखण्ड में 32 हजार 111 लोगों को, कोरबा विकासखण्ड के ग्रामीण इलाकों में 31 हजार 808 लोगों को और कोरोना से बचाव का टीका लगाया जा चुका है। भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविशील्ड टीके के पहले डोज से छह से आठ सप्ताह के अंतराल में कोविशील्ड का दूसरा डोज लगाया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश सभी जिला स्तरीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारियों को दिए गए हैं।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल द्वारा प्रतिदिन जिले में कोरोना वैक्सीनेशन और वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर लगातार समीक्षा की जा रही है। कलेक्टर ने वैक्सीन खत्म होने से पहले अगले दिनों के लिए वैक्सीन की डिमांड राज्य कार्यालय को भेजने और आबंटित वैक्सीन को सुरक्षित तथा सभी मानकों का पालन करते हुए जिले के टीकाकरण केन्द्रों तक समय पर पहुंचाने के पूरे इंतजाम किए गए हैं। कोविड टीकाकरण के लिए 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को किसी भी प्रकार की बीमारी संबंधी दस्तावेज या सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य नहीं है। कोई भी व्यक्ति शासकीय या निजी टीकाकरण केन्द्र में पंजीयन आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, पासबुक, ड्राईविंग लायसेंस जैसे फोटो आईडी या शासकीय अभिलेख और अन्य दस्तावेजों के आधार पर अपना टीकाकरण करा सकता है। इसके साथ ही टीकाकरण कराने वाले व्यक्ति को टीकाकरण केन्द्र में अपना मोबाईल नम्बर भी बताना होगा। जिले के सभी टीकाकरण केन्द्रों में प्रशिक्षित स्वास्थ कर्मियो द्वारा टीकाकरण किया जा रहा है। टीकाकरण के पश्चात् आधा घंटा हितग्राही को निगरानी कक्ष मेें बैठाया जाता है। टीकाकरण के दौरान सामाजिक दूरी, सेनेटाईजर एवं मास्क का उपयोग जैसे निर्धारित प्रोटोकाॅल का पालन करना अनिवार्य है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 18 अप्रैल। कोरबा जिले में लाॅक डाउन के उल्लंघन पर शहर तहसीलदार ने रूमगढ़ा के दुकान संचालक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करा दी है। इसके साथ ही तहसीलदार ने दुकान को भी आगामी आदेश तक के लिए सील कर दिया है। रूमगढ़ा स्थित संजय दिनेश जनरल स्टोर्स एवं स्टेशनरी दुकान संचालक ने कार्यवाही के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को धमकाया भी और उपर बात कर दुकान खुलवाने का रौब भी दिखाया। तहसीलदार ने जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के नियंत्रण के लिए लागू पूर्ण तालाबंदी के उल्लंघन पर दुकान संचालक के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 269 और 270 के तहत प्रकरण बालको थाना में दर्ज कराया है।
उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और आमजनों की कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए 27 अपे्रल तक पूर्ण तालाबंदी की गई है। इस दौरान जनरल स्टोरों और स्टेशनरी दुकानों को भी संचालन की अनुमति नहीं है। रूमगढ़ा स्थित संजय दिनेश जनरल स्टोर्स एवं स्टेशनरी दुकान का संचालक पूर्ण तालाबंदी के आदेश का उल्लंघन करते हुए दुकान खोलकर लोगांे को राशन सामग्री आदि बेच रहा था। तहसीलदार सुरेश साहू ने मौक पर पहुंचकर कार्यवाही की तो दुकान संचालक ने दुकान अंदर से बंद कर ताला लगा दिया। कार्यपालिक दण्डाधिकारी एवं तहसीलदार श्री साहू ने दुकान संचालक का बार-बार बाहर बुलाया पर वे बाहर नहीं आये। तहसीलदार ने रूमगढ़ा चेकपोस्ट पर तैनात पुलिस कर्मियों को बुलाकर दुकान खुलवाने की कोशिश की परंतु संचालकों द्वारा दुकान का शटर नहीं खोला गया। दुकान के बाहर संचालकों के लिखे फोन नंबर पर काॅल करने पर संचालक ने कार्यवाही कर रहे अधिकारियों को धमकाया और जो करना है करो, मैं उपर बात कर लूंगा, दुकान खुलवा लूंगा कहकर फोन स्वीच ऑफ कर दिया।
कार्यवाही कर रहे अधिकारियों ने आसपास के लोगों से भी लाॅक डाउन के दौरान दुकान संचालन के विषय में जानकारी ली। लोगों ने बताया कि दुकान संचालकों द्वारा लगातार आधा शटर गिराकर लोगों को राशन सामग्री का विक्रय किया जा रहा था। कोविड प्रोटोकाॅल का पालन नहीं हो रहा था, साथ ही लाॅक डाउन के प्रावधानों का उल्लंघन भी किया जा रहा था। कार्यपालिक दण्डाधिकारी ने कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू की गई पूर्ण तालाबंदी के उल्लंघन पर दुकान संचालकों के विरूद्ध बालको थाने में एफआईआर दर्ज कराकर दुकान को सील कर दिया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 18 अप्रैल। कलेक्टर किरण कौशल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सीएसईबी वेस्ट, सीईआईटी गेवरा और सृष्टि अस्पताल में कोरोना मरीजों के ईलाज के लिए विकसित व्यवस्थाओं का अवलोकन किया।
श्रीमती कौशल ने इन तीनों अस्पतालों में आधी-अधूरी तैयारियों और कोविड मरीजों के ईलाज के दिशा-निर्देशों तथा मापदण्डों का कड़ाई से पालन नहीं करने पर अस्पताल प्रबंधनों के प्रति गहरी नाराजगी जताई। श्रीमती कौशल ने कड़े शब्दों में इन तीनों अस्पतालों के चिकित्सा अधिकारियों को अगले दो दिनो में मरीजों के ईलाज के लिए जरूरी सभी व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सीएमएचओ डॉ. बोडे को दो दिन बाद जिला स्तरीय निरीक्षण दल भेजकर अस्पतालों का निरीक्षण कराने के लिए भी कहा। श्रीमती कौशल ने इन अस्पतालों के डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को कोविड अस्पताल संचालन तथा मरीजों के ईलाज के लिए निर्धारित लाईन ऑफ ट्रीटमेंट के संबंध में भी विशेष प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिए।
हाल ही में शुरू हुए बालाजी कोविड अस्पताल में आने वाले दो-तीन दिनों में 20 से 25 ऑक्सीजन युक्त नए बेड लगाए जाएंगे। इसके साथ ही इस अस्पताल में 70 से 75 कोरोना पीडि़त गंभीर मरीजों के ईलाज की सुविधा विकसित हो जाएगी। जिले के सबसे पुराने और बड़े ईएसआईसी जिला कोविड अस्पताल में गंभीर कोरोना संक्रमितों का ईलाज प्राथमिकता से किया जाएगा।
अस्पताल में ईलाज कराकर गंभीर अवस्था से समान्य अवस्था तक ठीक हो चुके मरीजों को आगामी देखभाल और ईलाज के लिए सीपेट के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा ताकि दूसरे गंभीर मरीजों को त्वरित उपचार के लिए ईएसआईसी कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जा सके। कोरबा जिले में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज जिले में संचालित कोरोना का ईलाज करने वाले सभी दस अस्पताल का निरीक्षण और समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी एस. जयवर्धन, सीएमएचओ डॉ. बी. बी. बोडे, नोडल अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर आशीष देवांगन सहित सभी अस्पतालों के प्रभारी डॉक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
कोरबा, 17 अप्रैल। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरबा द्वारा कोविड अस्पतालों में विभिन्न अस्थाई पदों पर भर्ती के लिये अंतिम चयन सूची जारी कर दी गई है। चयनित अभ्यर्थियों की सूची कोरबा जिले की वेबसाइट www.korba.gov.in पर उपलब्ध है। सभी चयनित अभ्यर्थियों को अगले तीन दिनों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में अपनी उपस्थिति देनी होगी। यह भर्ती कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिये तीन माह के लिये जिले में संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं के लिए कोविड जांच लैब, कोविड हाॅस्पिटल एवं कोविड केयर सेंटर के लिये माइक्रोबाॅयोलाॅजिस्ट, स्टाफ नर्स, लैब टेक्निशियन, लैब अटेंडेंट तथा स्वच्छता कर्मी के पदों पर तीन माह के लिये होगी। जिला कार्यालय के सूचना पटल पर भी अंतिम चयन सूची का अवलोकन किया जा सकता है।
होम आईसोलेशन में लगभग 80 प्रतिशत रिकवरी रेट, तीन हजार 462 एक्टिव केस
कोरबा, 17 अप्रैल। कोरबा जिले में होम आईसोलेशन में रहकर कोरोना से जंग लड़ रहे मरीज बड़ी संख्या में तेजी से ठीक हो रहे हैं। जिले में अभी तक 21 हजार 311 मरीजों को सामान्य लक्षणों और कोरोना प्रोटोकाॅल तथा ईलाज के मार्गदर्शी निर्देशों का पालन करते हुए होम आईसोलेशन में रहकर ईलाज कराने की सुविधा दी जा चुकी है। इसमें से 16 हजार 897 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। जिले में गत दिवस तक कुल तीन हजार 462 कोरोना संक्रमित होम आईसोलेशन में रहकर अपना ईलाज करा रहे हैं। वहीं होम आईसोलेशन में रहने वाले 950 संक्रमितों को तबियत बिगड़ने पर कोविड केयर सेंटरों और अस्पतालों में भर्ती कराया जा चुका है। कोरबा जिले में होम आईसोलेशन में रहकर ईलाज कराकर ठीक होने की दर लगभग 80 प्रतिशत है। जिले में होम आईसोलेशन में ईलाज के दौरान केवल दो मरीजों की मौत अब तक हुई है जबकि चार मरीजों या उनके परिजनों के विरूद्ध होम आईसोलेशन संबंधी नियमों और कोविड प्रोटोकाॅल का उल्लंघन करने पर थाने में एफआईआर भी कराई जा चुकी है।
कोरबा, 17 अप्रैल। कोरबा जिले में वर्तमान में कोविड मरीजों के ईलाज के लिए जरूरत से दोगुनी मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध है। कोरबा जिले के कोविड अस्पतालों में मरीजों के ईलाज में प्रतिदिन लगभग 2.7 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की खपत हो रही है। जिले की तीन मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादक इकाईयों में ऑक्सीजन का पर्याप्त मात्रा में उत्पादन हो रहा है। प्रतिदिन जिले में साढ़े चार मीट्रिक टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध है। जिले में कोरोना संक्रमितों के ईलाज में लगे दस अस्पतालों में वर्तमान में 400 से अधिक ऑक्सीजन युक्त बिस्तर उपलब्ध हैं। जिले में 31 वेंटिलेटर भी मरीजों के ईलाज के लिए काम कर रहे हैं। इसके साथ ही 56 आईसीयू और 31 एचडीयू बिस्तरों पर मरीजों के ईलाज की सुविधा है।
कोविड का ईलाज करने वाले दस अस्पतालों में एक हजार 200 से अधिक जनरल बेड भी उपलब्ध हैं जिन पर सामान्य लक्षणों वाले मरीजों को भर्ती कर कोविड का ईलाज किया जा रहा है। आज की स्थिति में जिले के कोविड अस्पतालों में लगभग 160 ऑक्सीजन युक्त बेड और 979 सामान्य बेड खाली हैं। इसी तरह जिले में 12 वेंटिलेटर भी वर्तमान में मरीजों के ईलाज के लिए उपलब्ध हैं।
जिले में प्रतिदिन बढ़ते कोरोना संक्रमण पर जिला प्रशासन की पैनी नजर है। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए एक ओर 22 अप्रैल तक की गई जिले की पूर्ण तालाबंदी को अब 27 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है तो वहीं दूसरी ओर कोरोना मरीजों के अच्छे से अच्छे ईलाज के लिए भी प्रशासन ने गतिविधियां तेज कर दीं हैं। स्वयं कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इसकी कमान संभाल ली है। प्रतिदिन समीक्षा और तेजी से हो रहे वैक्सीनेशन के साथ-साथ टेस्टिंग और ट्रेसिंग को भी कोरोना को रोकने का हथियार बनाया जा रहा है। मरीजों के ईलाज के लिए अस्पतालों की व्यवस्था के साथ होम आईसोलेशन में मरीजों का ईलाज सभी कलेक्टर की निगरानी में ही हो रहा है। कोरबा जिले में संक्रमित मरीजों के ईलाज की बेहतर व्यवस्थाओं के कारण ही दूसरे जिलों के मरीज भी कोरबा के कोविड अस्पतालों में भर्ती होकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
तीनों अस्पताल की व्यवस्था दो दिन में सुधारने के दिए कड़े निर्देश
शासकीय और निजी कोविड अस्पतालों में ईलाज और उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा
कोरबा, 17 अप्रैल। कलेक्टर किरण कौशल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सीएसईबी वेस्ट, सीईआईटी गेवरा और सृष्टि अस्पताल में कोरोना मरीजों के ईलाज के लिए विकसित व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। श्रीमती कौशल ने इन तीनों अस्पतालों में आधी-अधूरी तैयारियों और कोविड मरीजों के ईलाज के दिशा-निर्देशों तथा मापदण्डों का कड़ाई से पालन नहीं करने पर अस्पताल प्रबंधनों के प्रति गहरी नाराजगी जताई। श्रीमती कौशल ने कड़े शब्दों में इन तीनों अस्पतालों के चिकित्सा अधिकारियों को अगले दो दिनो में मरीजों के ईलाज के लिए जरूरी सभी व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सीएमएचओ डाॅ. बोडे को दो दिन बाद जिला स्तरीय निरीक्षण दल भेजकर अस्पतालों का निरीक्षण कराने के लिए भी कहा। कलेक्टर इन अस्पतालों के डाॅक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को कोविड अस्पताल संचालन तथा मरीजों के ईलाज के लिए निर्धारित लाईन ऑफ ट्रीटमेंट के संबंध में भी विशेष प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिए।
हाल ही में शुरू हुए बालाजी कोविड अस्पताल में आने वाले दो-तीन दिनों में 20 से 25 ऑक्सीजन युक्त नए बेड लगाए जाएंगे। इसके साथ ही इस अस्पताल में 70 से 75 कोरोना पीड़ित गंभीर मरीजों के ईलाज की सुविधा विकसित हो जाएगी। जिले के सबसे पुराने और बड़े ईएसआईसी जिला कोविड अस्पताल में गंभीर कोरोना संक्रमितों का ईलाज प्राथमिकता से किया जाएगा। अस्पताल में ईलाज कराकर गंभीर अवस्था से समान्य अवस्था तक ठीक हो चुके मरीजों को आगामी देखभाल और ईलाज के लिए सीपेट के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा ताकि दूसरे गंभीर मरीजों को त्वरित उपचार के लिए ईएसआईसी कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जा सके। कोरबा जिले में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर ने आज जिले में संचालित कोरोना का ईलाज करने वाले सभी दस अस्पताल का निरीक्षण और समीक्षा वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से की। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी एस. जयवर्धन, सीएमएचओ डाॅ. बी. बी. बोडे, नोडल अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर आशीष देवांगन सहित सभी अस्पतालों के प्रभारी डाॅक्टर वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
बढ़ते कोरोना संक्रमण से निपटने और मरीजों को बेहतर ईलाज उपलब्ध कराने के लिए इस महत्वपूर्ण बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कोविड अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों और ईलाज के तरीकों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने सभी अस्पतालों के प्रभारी डाॅक्टरों से मरीजों के ईलाज के लिए डाॅक्टरों से लेकर पैरा मेडिकल स्टाफ तक की जानकारी मांगी। श्रीमती कौशल ने अस्पतालों में दवाईयां और कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पीपीई किट आदि की उपलब्धता के बारे में भी पूछा। उन्होंने अस्पतालों मे डोनिंग-डोफिंग की व्यवस्था से लेकर बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट और डेड बाॅडी मेनेजमेंट तक पर अस्पताल वार समीक्षा की। कलेक्टर ने अस्पतालों में उपलब्ध कुल बिस्तरों में से ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की संख्या के बारे में भी जानकारी ली। श्रीमती कौशल ने समय पर सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता और खाली सिलेण्डरों की रीफिलिंग की पृथक व्यवस्था करने के निर्देश प्रभारी डाॅक्टरों को दिए। उन्होंने सभी शासकीय और निजी अस्पतालों सहित सार्वजनिक उपक्रमों के कोविड अस्पतालों में भी आगामी दो महीने के लिए कोरोना संक्रमितों के ईलाज में जरूरी दवाओं, ऑक्सीजन सिलेण्डर और मानव संसाधन सहित अन्य जरूरतों का आंकलन कर डिमांड रिपोर्ट चौबीस घंटे के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए और सभी प्रभारियों को यथा संभव आवश्यकतानुसार संसाधन एवं दवाई आदि उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया।
श्रीमती कौशल ने सीपेट के कोविड केयर अस्पताल में जल्द से जल्द ऑक्सीजन पाईप लाइन लगाने का काम शुरू करवाने और मरीजों के ईलाज के लिए वर्तमान में ऑक्सीजन सिलेण्डरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश सीएमएचओ डाॅ. बोडे को दिए। कलेक्टर ने सीपेट कोविड केयर अस्पताल में आने वाले दिनों में लगभग 700 मरीजों के ईलाज के लिए ऑक्सीजन, दवाई, डाॅक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ आदि सभी व्यवस्थाओं का आंकलन कर उसकी जल्द से जल्द व्यवस्था के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने बालको अस्पताल प्रबंधन को अगले दो-तीन दिनों में बालको अस्पताल में कोविड मरीजों के ईलाज के लिए 50 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बालाजी कोविड अस्पताल में मरीजों के लिए बिजली से चलने वाले नाॅन इंटेंसिव वेंटिलेटरों की भी व्यवस्था करने की कार्ययोजना को तत्काल प्रस्तुत करने को कहा। श्रीमती कौशल ने बालाजी अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 50 जम्बो और 40 छोटे अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेण्डर भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
तीन उत्पादक ईकाइयों के लिए नोडल अधिकारी भी बने
कोरबा, 17 अप्रैल। जिले में कोविड-19 से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की कोविड अस्पतालों में आसानी से उपलब्धता, वितरण और परिवहन सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय मेडिकल ऑक्सीजन कंट्रोल रूम बनाया गया है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस संबंध में जरूरी आदेश भी आज जारी किया है। इसके साथ ही एसडीएम सुनील नायक की अध्यक्षता में मेडिकल ऑक्सीजन समिति भी गठित की गई है। समिति में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री विजेन्द्र पाटले, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक ए. तिर्की, सीएमएचओ डाॅ. बी. बी. बोडे और सहायक औषधि नियंत्रक भीष्म देव सिंह कंवर को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
मेडिकल ऑक्सीजन कंट्रोल रूम कलेक्टोरेट परिसर स्थित जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कार्यालय में संचालित होगा। इसका दूरभाष क्रमांक 07759-225643 है। जिला स्तर पर गठित समिति जिले में संचालित कोविड अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन आवश्यकता की नियमित रूप से निगरानी करते हुए उसकी उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। मेडिकल ऑक्सीजन के परिवहन में किसी भी प्रकार की समस्या आने पर तत्काल राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम से समन्वय कर समस्या का निराकरण किया जाएगा।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले की तीन ऑक्सीजन उत्पादक यूनिटों के लिए तीन नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। सर्वमंगला गैस के लिए जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक ए. तिर्की को नोडल अधिकारी बनाया गया है। बालाजी एयर प्रोडक्ट कोरबा के लिए औद्योगिक स्वास्थ्य और सुरक्षा विभाग के सहायक संचालक विजय सोनी और श्री बालाजी गैसेस कोरबा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य पर्यावरण संरक्षण मण्डल के सहायक अभियंता विजय पोर्ते को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी प्रतिदिन मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादक इकाईयों की नियमित माॅनिटरिंग करेेंगे और ऑक्सीजन की उपलब्धता के संबंध में प्रतिदिन प्रतिवेदन जिला स्तरीय समिति को देंगे।
सुबह सात से दोपहर 11 तक ठेले पर फेरी लगाकर सब्जी-फल बेचने की अनुमति
बैंक सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक खुलेंगे,ग्राहक को अनुमति नहीं
कोरबा, 17 अप्रैल। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए कोविड-17 वायरस से बचाव और उसकी रोकथाम के लिए 12 अप्रैल से 22 अप्रैल तक लागू की गई पूर्ण तालाबंदी कोरबा जिले में पांच दिन बढ़ा दी गई है। कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण से आमजनों की सुरक्षा को देखते हुए पूर्ण तालाबंदी अब 27 अप्रैल की रात 12 बजे तक रहेगी। जिला दण्डाधिकारी श्रीमती किरण कौशल ने इस संबंध में संशोधित आदेश भी जारी कर दिया है।
पूर्व में जारी आदेश में आगामी दिनों के लिए संशोधन किए गए हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को खाद्यान्न और अन्य वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए खाद्यान्न परिवहन, भण्डारण, वितरण, लोडिंग-अनलोडिंग आदि के संचालन की अनुमति संशोधित आदेश में दी गई है। लाॅकडाउन के दौरान सुबह सात बजे से दोपहर 11 बजे तक ठेले पर फेरी लगाकर या गली-गली घूम कर काॅलोनियों में डोर टु डोर सब्जी और फल विक्रय की अनुमति भी आदेश में दी गई है। एक ही स्थान पर खड़े होकर या बाजारों में दुकानों को खोलकर सब्जी और फल बेचने की अनुमति नहीं होगी। लाॅकडाउन की अवधि में थोक दुकानों या थोक व्यापारियों या सब्जी मण्डी या किसी भी मण्डी को खोलने की अनुमति नहीं होगी।
लाॅकडाउन अवधि के दौरान जिले के शासकीय और अशासकीय बैंक प्रातः 11 बजे से दोपहर दो बजे तक खुले रहेंगे। सभी बैंक संस्थान अपने न्यूनतम आवश्यकतानुसार कर्मचारियों-अधिकारियों का उपयोग करते हुए केवल कार्यालयीन कार्य ही संचालित करेंगे। बैंको में ग्राहक, खातेदार या आम लोगों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। बैंक द्वारा संचालित एटीएम में पर्याप्त मात्रा में मुद्रा की उपलब्धता बैंक प्रबंधन द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।
लाॅकडाउन की अवधि के दौरान जिले में संचालित सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें सुबह सात बजे दोपहर 12 बजे तक खुली रहेंगी। दुकान संचालक वार्ड-मोहल्ला-ग्रामवार हितग्राहियों को टोकन जारी कर कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए राशन वितरण करेंगे। प्रतिदिन 50-50 हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण के लिए टोकन जारी किए जाएंगे। वार्ड-मोहल्ला में खाद्यान्न वितरण के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित कर हितग्राहियों को सूचना देकर खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। उचित मूल्य की दुकानों में राशन वितरण के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। हितग्राहियों को मास्क पहनना और सेनेटाइजेशन के लिए सेनेटाइजर या साबुन पानी की व्यवस्था भी करनी होगी। हितग्राहियों के खड़े होने के लिए निर्धारित दूरी पर गोले लगाना या चिन्हांकन करने की जिम्मेदारी दुकानदारों की होगी। हितग्राहियों के राशन कार्ड ही खाद्यान्न लेने के लिए राशन दुकान तक आने-जाने के लिए पास के रूप में मान्य होगा।
जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पूर्ण तालाबंदी संबंधी अन्य निर्देश पहले जारी किए आदेशानुसार ही होंगे। पूर्ण तालाबंदी के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति या प्रतिष्ठान पर भारतीय दण्ड संहिता 1860, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और अन्य सुसंगत कानूनों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 9 अप्रैल। जिले के में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों के मद्देनजर अब जिला प्रशासन ने अनावश्यक घूमने फिरने वालों से निपटने के लिए और अधिक कड़ाई से कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने की तैयारी कर ली है।
पूरे जिले में दुकानों तथा बाजारों का समय दोपहर तीन बजे तक निश्चित कर दिया गया है। इसके साथ ही अब तीन बजे के बाद बेकाम सडक़ों पर घूमने निकले किसी भी महिला पुरूष या युवक-युवती के विरूद्ध कोविड प्रोटोकॉल और शासन-प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर सीधे पुलिस थाने में एफआईआर होगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व, पुलिस और नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई और कोरोना वायरस के शहर में फैलाव को रोकने के लिए जरूरी मंत्रणा की। उन्होंने शहर में कोरोना के नियंत्रण के लिए लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का शत प्रतिशत पालन करने की अपील की है।
साथ ही अधिकारियों को शासकीय दिशा-निर्देशों और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले लोगों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। इस बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री एस. जयवर्धन, एएसपी श्री कीर्तन राठौर, एसडीएम कोरबा श्री सुनील नायक, नगर निगम के अपर आयुक्त श्री अशोक शर्मा सहित सभी एसडीओपी , सीएसपी तथा सेक्टर मजिस्ट्रेट और अन्य कई अधिकारी शामिल हुए।
कलेक्टर ने बैठक में निर्देशित किया कि एक सेक्टर को दूसरे सेक्टर से जोडऩे वाली सभी सडक़ो को बंद कर दिया जाये। दोपहर तीन बजे के बाद इंटर सेक्टर आवागमन को नियंत्रित करने के लिए हर जरूरी इंतजाम किये जायें।
मेडिकल स्टोर्स, राशन, सब्जी बाजार आदि अति आवश्यक सेवाओं के लिए सेक्टर में ही व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। सेक्टरों को इस तरह से बांटा जायेगा कि उनमें अति आवश्यक सेवाओं की दुकानें पर्याप्त संख्या में रहें ताकि प्रशासन द्वारा निर्धारित समय में भी एक सेक्टर के लोग इन चीजों के लिए दूसरे सेक्टर में न जायें । कलेक्टर ने दोपहर तीन बजे के बाद अति आवश्यक सेवाओं के लिए ही सेक्टर से बाहर जाने वाले लोगों को अनुमति देने के निर्देश दिए। उन्होंने बेवजह घूमने वाले लोगों पर इंटर सेक्टर आवागमन करने पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।
कोरबा, 27 मार्च। पांच लाख रूपए तक के सालाना मुफ्त ईलाज के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने की तिथि एक महीना बढ़ा दी गई है। अब यह कार्ड 30 अप्रैल 2021 तक बनेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा पहले हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड बनाने की तिथि 31 मार्च निर्धारित की गई थी। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत यह कार्ड नजदीकी च्वाइस सेंटर या कॉमन सर्विस सेंटर में नि:शुल्क बनाया जा रहा है। कार्ड बनाने के लिए हितग्राहियों को राशनकार्ड के साथ अपना आधार कार्ड लेकर च्वाइस सेंटर जाना होगा। परिवार की पात्रता के आधार पर क्रियाशील अंत्योदय कार्ड, प्राथमिकता राशन कार्डधारी परिवार और सामाजिक-आर्थिक संगणना 2011 से चयनित परिवारों को पांच लाख रूपए तक ईलाज के लिए सालाना सुविधा इन कार्डों से मिलेगी। इसी प्रकार शेष राशनकार्ड धारी परिवारों को सालाना 50 हजार रूपए तक का नि:शुल्क ईलाज पंजीकृत शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में आयुष्मान कार्ड के द्वारा मिलेगा।
जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. बी. बोडे ने जिले वासियों से नजदीकी च्वाइस सेंटर जाकर 30 अप्रैल के पहले आयुष्मान कार्ड बनवाने की अपील की है ताकि आवश्यकता पडऩे पर पूरे साल उनका नि:शुल्क ईलाज हो सके।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 27 मार्च। कटघोरा के विधायक और परियोजना सलाहकार मण्डल के अध्यक्ष पुरूषोत्तम कंवर ने 26 मार्च को कलेक्टोरेट सभा कक्ष में आयोजित एकीकृत आदिवासी विकास सलाहकार मण्डल की बैठक में छह करोड़ रूपए से अधिक की विकास योजनाओं को मंजूरी दी। जिले के आदिवासी क्षेत्रों में खेती-किसानी, शिक्षा की बेहतरी, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार, आश्रम छात्रावासों के सुदृढ़ीकरण पर यह राशि वर्ष 2020-21 में खर्च होगी।
इस अवसर पर श्री कंवर ने कहा कि आदिवासी और दूरस्थ वनांचलों के विकास के लिए एकीकृत परियोजनाएं विशेष रूप से सफल होती है। खेती-किसानी के साथ दूरस्थ अंचलों में बच्चों को पढऩे के लिए सुविधाएं विकसित करने में इन परियोजनाओं से आसानी होती है। उन्होंने इस वर्ष स्वीकृत राशि का शत-प्रतिशत उपयोग आदिवासी अंचल के क्षेत्रों में ही करने के निर्देश बैठक में अधिकारियों को दिए।
श्री कंवर ने कहा कि विशेष आदिवासी विकास परियोजनाओं से अधिक से अधिक हितग्राहियो को जोड़ा जाए और उनकी जरूरतों के हिसाब से ही कार्य स्वीकृत किए जाएं।
इस बैठक में रामपुर विधायक ननकी राम कंवर, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर, कोरबा विधायक प्रतिनिधि के तौर पर श्री संतोष राठौर, जिला पंचायत सदस्य प्रीति कंवर, जनपद पंचायत कटघोरा की अध्यक्ष लता कंवर, हिमांचल सिंह कंवर, गणराज सिंह कंवर, हर्ष कंवर, संतोषी पेंद्रो, पुष्पा कंवर सहित सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक में वर्ष 2020-21 के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता आदिवासी उपयोजना के तहत 18 विकास कार्यों के लिए छह करोड़ सात लाख रूपए की कार्ययोजना के अनुमोदन किया गया। स्वीकृत की गई कार्ययोजना में आदिवासी क्षेत्रो में रेशम उत्पादन के लिए सौर उर्जा पर आधारित सिंचाई, नर्सरी निर्माण, वृक्षारोपण और अंतवर्ती खेती करने सात लाख 93 हजार रूपए की योजना को मंजूर किया गया। 405 किसानों की खेतों की मिट्टी की जांच के लिए 20 लाख रूपए और आदिवासी क्षेत्रों में 172 किसानों की खेतीहर भूमि की गहरी जुताई के लिए साढ़े छह लाख रूपए मंजूर किए गए। 30 बालिका छात्रावासों एवं आश्रमों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने साढ़े सात लाख रूपए, शुद्ध पेयजल व्यवस्था के लिए सात लाख 24 हजार रूपए, बालिकाओं के स्वास्थ्य चेकअप के लिए नौ प्रशिक्षित एएनएम की सेवाएं लेने 16 लाख 20 हजार रूपए, सात पोस्ट एवं प्री मैट्रिक छात्रावासों में कम्प्युटर लैब के लिए 28 लाख रूपए, चार हॉस्टल आश्रमों में वॉटर रिसाइकलिंग प्लांट के लिए 24 लाख रूपए और 11 बालिका आश्रमों में सौर उर्जा आधारित बिजली संयंत्र स्थापना के लिए 55 लाख रूपए मंजूर किए गए।
इसी प्रकार 43 सिंचाई नलकूपों के लिए 43 लाख रूपए, 129 सिंचाई पाइप सिस्टम के लिए 12 लाख 90 हजार रूपए, आश्रम छात्रावासों में ढाई हजार से अधिक मच्छर दानियों के वितरण के लिए सात लाख 76 हजार रूपए, आठ आश्रम छात्रावासों में अधीक्षक निवास निर्माण के लिए 64 लाख रूपए, चार आश्रम छात्रावासों में शौचालय निर्माण के लिए 22 लाख रूपए, ट्रांजिट हॉस्टल निर्माण के लिए एक करोड़ 14 लाख रूपए और चार आश्रम छात्रावासों की वार्वेट वायर फेंसिंग के लिए एक लाख 60 हजार रूपए की मंजूरी बैठक में दी गई। क्रेडा के माध्यम से 172 सोलर पैनलों की स्थापना के लिए एक करोड़ 29 लाख रूपए और चार आश्रमों में सोलर पावर प्लांट स्थापना के लिए 40 लाख रूपए भी बैठक में मंजूर किए गए।
लंबित निर्माण कार्यो को मार्च में ही पूर्ण करें-सीईओ
कोरबा, 20 मार्च। जिले की ग्राम पंचायतों मे वर्ष 2017-18 एवं उसके पूर्व के लंबित अधूरे निर्माण कार्यो को मार्च माह के अंत तक हर हाल में पूर्ण कराये जाये। निर्माण कार्यो को पूर्ण कराने में सरपंच सचिव द्वारा सक्रियता से रुचि ली जाये। निश्चित समय अवधि में कार्य पूर्ण न कराये जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश जिला पंचायत कोरबा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार ने समीक्षा बैठक में दिए।
शुक्रवार को जिला पंचायत सभागार में निर्माण कार्यो की समीक्षा बैठक में अनुपस्थित सात सचिवों को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिये गये।
श्री कुमार ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के लंबित कार्यों की समीक्षा करते हुए अशोक देवांगन कार्यपालन अभियंता ग्रा.या.से.वि. को सख्त निर्देश दिये कि अधूरे निर्माण कार्यो को योजनाबद्ध तरीके से तीव्र गति से पूर्ण करायें तथा कार्यो के दैनिक प्रगति रिपोर्ट से उन्हें अवगत कराने कहा। सीईओ ने बीआरजीएफ, सर्व शिक्षा अभियान प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) स्वच्छ भारत मिशन, महात्मा गांधी नरेगा, मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना, के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र, आंगनबाड़ी भवन, आवास निर्माण, प्राथमिक शाला भवन, मुक्तिधाम, सडक़ नाली आदि निर्माण कार्यो को लक्ष्य निर्धारित करके पूर्ण किया जाये। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्य जो निरस्त करने योग्य है उन्हें निरस्त किया जाये।
सीईओ ने वसूली प्रकरणों की समीक्षा करते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित किया कि ऐसे कार्य जिनमे सरपंच, सचिव द्वारा राशि गबन की गई है उनके विरुद्ध राजस्व वसूली प्रकरण तैयार करके वसूली कार्यवाही तेज की जाये। वसूली नहीं होने पर संबंधितो के विरुद्ध पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज की कार्यवाही की जाये।
बैठक में अनुपस्थित रहने एवं निर्माण कार्यो में रुचि न लेने वाले ग्राम सचिव, ग्राम पंचायत नवापारा (रोगदा), पताड़ी, नकटीखार, पीडिया, जामपानी, ढ़ोढ़ातराई एवं सोल्वा को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिये गये। बैठक में अशोक देवांगन, कार्यपालन अभियंता ग्रा.या.से.वि. सुनील नायक, आशीष देवांगन, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सर्व जनपद पंचायत , अनुविभागीय अधिकारी ग्रा.या.से.वि. उपयंत्री ग्रा.या.से.वि., सरपंच सचिव आदि उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 19 मार्च । कोरबा जिले में जनसमस्याओं को गांव-गांव में जाकर सुलझाने के लिए कलेक्टर किरण कौशल की पहल पर आयोजित निदान शिविर से बाला गांव के 50 से अधिक किसानों को पूरे साल खेतों में सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।
पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड के सलिहाभाठा गांव में लगे निदान शिविर में पंचायत के आश्रित गांव बाला में तान नदी के स्टॉप डैम से सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने की गुहार ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई थी।
इस संबंध में सलिहाभाठा के सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों ने भी स्टॉप डैम के पानी को नदी किनारे लगी फसलों में सिंचाई के लिए उपयोग करने जरूरी व्यवस्था का आग्रह प्रशासन से किया था। निदान शिविर में आवेदन प्राप्त होते ही कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने तत्परता से इस पर कार्रवाई करते हुए स्टॉप डैम स्थल का तकनीकी निरीक्षण करने के निर्देश सिंचाई विभाग, कृषि विभाग और क्रेडा विभाग के अधिकारियों को दिए थे। अधिकारियों द्वारा स्थल जांच कर सिंचाई के लिए सौर उर्जा चलित सामुदायिक सिंचाई योजना की स्थापना का विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था।
योजना के संबंध में क्रेडा के जिला प्रभारी सहायक अभियंता एन के. राय ने बताया कि निदान शिविर में आवेदन प्राप्त होने के बाद अधिकारियों के दल द्वारा तान नदी पर बाला गांव के निकट सिंचाई परियोजना के लिए निरीक्षण किया गया था। सिंचाई के लिए चयनित स्थल पर तान नदी में जल संसाधन विभाग द्वारा बनाया हुआ एनीकट है। इस एनीकट से नदी में बारह महीने पानी उपलब्ध होता है। श्री राय ने बताया कि गांव से दूर होने के कारण यहां बिजली की व्यवस्था नहीं है। नदी के किनारे के खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी होने के कारण इस स्थान पर सौर उर्जा चलित सामुदायिक सिंचाई योजना का प्रस्ताव कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जिसे मंजूरी मिल गई है।
सहायक अभियंता ने बताया कि जिला खनिज न्यास मद से इस योजना के लिए एक करोड़ रूपए से अधिक की राशि मंजूर की गई है। योजना से आसपास के 50 से अधिक किसानों को लगभग एक सौ एकड़ रकबे में सिंचाई के लिए बारह मासी पानी मिल सकेगा। इस योजना के लिए तान नदी पर काम भी शुरू हो गया है।
तान नदी पर किसानों के लिए तन रही सामुदायिक सिंचाई योजना
कोरबा, 18 मार्च। कोरबा जिले में जनसमस्याओं को गांव-गांव में जाकर सुलझाने के लिए कलेक्टर किरण कौशल की पहल पर आयोजित निदान शिविर से बाला गांव के 50 से अधिक किसानों को पूरे साल खेतों में सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड के सलिहाभाठा गांव में लगे निदान शिविर में पंचायत के आश्रित गांव बाला में तान नदी के स्टाॅप डैम से सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने की गुहार ग्रामीणों ने प्रशासन से लगाई थी।
इस संबंध में सलिहाभाठा के सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों ने भी स्टाॅप डैम के पानी को नदी किनारे लगी फसलों में सिंचाई के लिए उपयोग करने जरूरी व्यवस्था का आग्रह प्रशासन से किया था। निदान शिविर में आवेदन प्राप्त होेते ही कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने तत्परता से इस पर कार्रवाई करते हुए स्टाॅप डैम स्थल का तकनीकी निरीक्षण करने के निर्देश सिंचाई विभाग, कृषि विभाग और क्रेडा विभाग के अधिकारियों को दिए थे। अधिकारियों द्वारा स्थल जांच कर सिंचाई के लिए सौर उर्जा चलित सामुदायिक सिंचाई योजना की स्थापना का विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था।
योजना के संबंध में क्रेडा के जिला प्रभारी सहायक अभियंता एन के. राय ने बताया कि निदान शिविर में आवेदन प्राप्त होने के बाद अधिकारियों के दल द्वारा तान नदी पर बाला गांव के निकट सिंचाई परियोजना के लिए निरीक्षण किया गया था। सिंचाई के लिए चयनित स्थल पर तान नदी में जल संसाधन विभाग द्वारा बनाया हुआ एनीकट है। इस एनीकट से नदी में बारह महीने पानी उपलब्ध होेता है।
श्री राय ने बताया कि गांव से दूर होने के कारण यहां बिजली की व्यवस्था नहीं है। नदी के किनारे के खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी होने के कारण इस स्थान पर सौर उर्जा चलित सामुदायिक सिंचाई योजना का प्रस्ताव कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जिसे मंजूरी मिल गई है। सहायक अभियंता ने बताया कि जिला खनिज न्यास मद से इस योजना के लिए एक करोड़ रूपए से अधिक की राशि मंजूर की गई है। योजना से आसपास के 50 से अधिक किसानों को लगभग एक सौ एकड़ रकबे में सिंचाई के लिए बारह मासी पानी मिल सकेगा। इस योजना के लिए तान नदी पर काम भी शुरू हो गया है।
खाद्य मंत्री ने किया पाली महोत्सव का शुभांरभ, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मन मोहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 12 मार्च। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत ने 11 मार्च को पाली में महाशिवरात्रि पर आयोजित महोत्सव का शुभांरभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पाली महोत्सव और भव्य रूप लेगा तथा कोरबा और छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनायेगा।
श्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ी परंपरा और लोक संस्कृति को बचाने और बढ़ाने का काम तेजी से कर रही है। छत्तीसढिय़ा सबले बढिय़ा को मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ही चरितार्थ किया है। शिवरात्रि हो या पोला, दीवाली हो या हरेली छत्तीसगढ के तीज-त्यौहारों को आज पूरा देश जान रहा है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और लोककला के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल तथा सरकार के प्रयासों की सराहना की। पाली महोत्सव के शुभांरभ अवसर पर कोरबा की सांसद ज्योत्सना महंत वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से शामिल हुई। कार्यक्रम में मध्यक्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम कंवर, पाली-तानाखार के विधायक मोहित केरकेट्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर, नगर पंचायत पाली अध्यक्ष उमेश चंद्रा, कटघोरा के पूर्व विधायक बोधराम कंवर, सांसद प्रतिनिधि प्रशांत मिश्रा, कटघोरा नगर पालिका के अध्यक्ष रतन मित्तल, पाली जनपद पंचायत की अध्यक्ष दुलेश्वरी सिदार, कलेक्टर किरण कौशल, जिला पंचायत के सीईओ कुंदन कुमार, अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी भी शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री भगत ने कहा कि ऐसे आयोजनों से भक्तिपूर्ण माहौल में अपनेपन का अहसास होता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसढिय़ा स्वाभिमान को बढ़ाया है। ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक प्रभाव डालते है। इन आयोजनों से स्थानीय कलाकारों को भी अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिलता है। सांसद प्रतिनिधि श्री प्रशांत मिश्रा ने पाली महोत्सव को आगामी वर्ष से संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित करने की मांग मंत्री श्री भगत से की। जिस पर संस्कृति मंत्री श्री भगत ने जिला प्रशासन द्वारा आयोजन के लिए विधिवत प्रस्ताव तैयार कर विभाग को भेजने पर मंजूरी का आश्वासन भी दिया। उन्होंने पाली विधायक श्री मोहितराम केरकेट्टा की मांग पर सतौरा, बक्साही, तुमान, चोटिया और नुनेरा में आगामी धान खरीदी शुरू होने से पहले खरीदी केन्द्र प्रारंभ करने की भी घोषणा की।
एक ही मंच पर स्थानीय कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका
सांसद श्रीमती ज्योत्सना मंहत ने पाली महोत्सव के शुभारंभ मौके पर वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ी। लोकसभा सांसद श्रीमती महंत ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि पाली महोत्सव के मंच पर स्थानीय कलाकारों को भी अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने उपस्थित लोगो को पाली महोत्सव की सफलता के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। श्रीमती महंत ने पाली के ऐतिहासिक मंदिर में विराजमान भगवान शिव की भी स्तुति की और क्षेत्र तथा राज्य पर अपनी कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की। श्रीमती महंत ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी लोगो से मास्क लगाए रखने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की भी अपील वीडियो कॉंफ्रेसिंग के माध्यम से की। कार्यक्रम को कटघोरा के विधायक पुरूषोत्तम कंवर और पाली तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा ने भी संबोधित किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समा
पाली महोत्सव के पहले दिन सुरमयी आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को बांधे रखा। भिलाई के रजी मोहम्मद ने पियानो पर अरपा पैरी के धार गीत बजाकर छत्तीसगढ़ी राजगीत पर लोगो को झुमने पर मजबूर किया। तो वहीं भिलाई के ही मनीषा चौधरी के मैलोडी दल ने भजनों और सुगम संगीत से दर्शकों के कानों में रस घोल दिया। मैलोडी दल द्वारा राष्ट्र भक्ति गीतों की प्रस्तृति ने भी खूब तालियां बटोरी। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के दल ने शिव आराधना लघु नृत्य नाटिका से माहौल भक्तिमय बना दिया। महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान शिव की आराधना की प्रस्तुति पर दर्शक दीर्घा से हर-हर महादेव का स्वर गुंजायमान हो रहा था। दिवाकर बहनों गरीमा और स्वर्णा ने छत्तीसगढ़ी गीतों से ऐसे सुरलहरी चलाई कि दर्शक देर रात तक महोत्सव स्थल पर जमें रहे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 9 मार्च। आज सुबह जंगल से भटक कर गांव पहुंचे एक तेंदुए ने एक वृद्ध पर हमला कर घायल कर दिया। सूचना मिलने पर वन विभाग व पुलिस बल मौके पर पहुंच गया है। घायल ग्रामीण को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहीं तेंदुए को पकडऩे की कोशिश की जा रही है।
मंगलवार सुबह करीब 10 बजे दीपिका थाना के अंतर्गत आने वाले ग्राम बतारी में स्थित इंडस पब्लिक स्कूल के बाउंड्रीवॉल में एक तेंदुआ घुस आया। बाउंड्रीवॉल के पास एक वृद्ध रकबर सिंह पर तेंदुए ने हमला कर दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया है। इस घटना के बाद आसपास के क्षेत्र में हडक़ंप मचा हुआ है।
घटना की जानकारी मिलते ही दीपका पुलिस व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। तेंदुआ समाचार लिखे जाने तक दोपहर 12.30 बजे बाउंड्रीवॉल के पास धमाचौकड़ी मचा रहा है। घायल वृद्ध को नेहरू शताब्दी चिकित्सालय में भेजा गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 7 मार्च। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी गांव-गांव तक पहुँच रही है। जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे सूचना शिविर के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में जनहितकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। विकास फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से सभी योजनाओं को शिविर में प्रदर्शित किया जा रहा है।
जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित पुस्तिका संबल, जनमन एवं किसान गाईड का वितरण भी ग्रामीण जनों में किया जा रहा है। आज विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा के ग्राम पंचायत भांवर में विकास फोटो प्रदर्शनी सह सूचना शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में ग्राम भांवर के अलावा आसपास के ग्राम सीपत, नगोईबछेरा तथा महोरा के ग्रामीण बड़ी संख्या में आकर विकास फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
ग्रामीणों ने शिविर में आकर विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी ली। शिविर में आए हुए समस्त ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं की प्रचार पुस्तिका का वितरण भी किया गया। आयोजित शिविर में ग्राम भांवर के किसान श्री शिवनारायण सिंह ने आकर योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि सूचना शिविर के माध्यम से गांव के लोगों तक योजनाओं की जानकारी पहुंच रही है। योजनाओं की जानकारी होने से ग्रामीणजन योजनाओं का लाभ भी ले सकेंगे। उन्होंने अन्नदाता की चिंताएं दूर शीर्षक से जारी प्रचार पुस्तिका जनमन को पढ़ा। श्री शिवनारायण ने कहा कि पुस्तिका में जनहितैशी योजनाओं के बारे में विस्तार से दिया गया है जो कि किसानों को निश्चित तौर पर प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने पुस्तिका में छपे राजीव गांधी किसान न्याय योजना से लाभार्थी किसानों को हुए लाभ के बारे में सफलता को भी पढ़ कर जाना।
ग्राम पंचायत भांवर में आयोजित शिविर में गांव की उप सरपंच श्रीमती राजेश्वरी टेकाम सहित अन्य महिलाएं श्रीमती साधमति, श्रीमती रेखा देवी एवं श्रीमती रमणिया बाई ने भी शिविर में आकर योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उप सरपंच ने कहा कि शासन द्वारा महिलाओं के लिए नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी योजना के अंतर्गत विभिन्न आर्थिक स्वावलंबन के कार्य संचालित किए जा रहे हैं। गौठानों में महिलाएं विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में लगी हुईं हैं। गौठानों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के आजीविका संवर्धन के कार्य महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गौठानों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के साधन अपने गांव में ही मिल रहे हैं। उप सरपंच श्रीमती राजेश्वरी ने कहा कि सूचना शिविर के माध्यम से शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी के आर्थिक विकास की कहानी ग्रामीण इलाकों तक पहुंच रही है। शिविर में छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बारी के क्रियान्वयन, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, आदर्श गौठान, बिजली बिल हाफ योजना, मनरेगा, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, राम वन गमन पथ, अल्पकालीन कृषि ऋण माफ, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, पीडीएस, कृषि विभाग के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को छायाचित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। आठ मार्च को विकास फोटो प्रदर्शनी सह सूचना शिविर का आयोजन विकासखण्ड पाली के ग्राम पंचायत ईरफ में किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 5 मार्च। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने के उद्देश्य से गांवो में विकास फोटो प्रदर्शनी सह सूचना शिविर का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के मार्गदर्शन में जनसम्पर्क विभाग द्वारा सरकार की उपलब्धियों और हितकारी योजनाओ को फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से सूचना शिविर में बताया जा रहा है।
विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रचार-प्रसार पुस्तिका जनमन, संबल और किसान गाइड में दिया गया है। इन पुस्तिकाओं का नि:शुल्क वितरण ग्रामीणों को शिविर के माध्यम से किया जा रहा हैं। आज विकास फोटो प्रदर्शनी सह सूचना शिविर का आयोजन विकासखण्ड करतला के ग्राम पठियापाली के साप्ताहिक हाट बाजार में आयोजित किया गया। शिविर में पठियापाली सहित आसपास के गांव करईनारा, दमखाँचा, छातापाट, मौहार, धमनागुड़ी, जामपानी, साजा पानी एवं गांडापाली के ग्रामीण बड़ी संख्या में आयें। ग्रामीणों ने शिविर में आकर फोटो के माध्यम से प्रदर्शित शासन की विभिन्न योजनाओं का अवलोकन किया।
विकास फोटो प्रदर्शनी सह सूचना शिविर में योजनाओं की जानकारी लेने आये ग्राम कराईनारा के किसान श्री तिहारु राम पटेल ने प्रचार पुस्तिका जनमन का अवलोकन किया। उन्होंने जनमन पुस्तिका में दिए गए विभिन्न योजनाओं की जानकारी सहित राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना को पढ़ा। श्री तिहारु राम ने कहा कि गोधन न्याय योजना गोबर संग्राहक किसानों के लिये बहुत ही लाभकारी है। सरकार ने गोबर को दो रुपये प्रति किलो में खरीदकर आमदनी का नया जरिया ग्रामीणों को प्रदान किया हैं। शासन द्वारा गांवो में स्थापित किये गए गौठानों से ग्रामीण महिलाएं विभिन्न आजीविका संवर्धन के कामों में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य शासन ने राजीव गांधी न्याय योजना के तहत धान का दो हजार 500 रुपये प्रति क्विन्टल कीमत देकर किसानों को खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया हैं। शिविर में छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बारी के क्रियान्वयन, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, आदर्श गौठान, बिजली बिल हाफ योजना, मनरेगा, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, राम वन गमन पथ, अल्पकालीन कृषि ऋण माफ, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, पीडीएस, कृषि विभाग के विभिन्न जनकल्याकारी योजनाओं को छायाचित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। पांच मार्च को विकास फोटो प्रदर्शनी सह सूचना शिविर का आयोजन विकासखण्ड कोरबा के ग्राम पंचायत भैंसमा में किया जाएगा।
केवल दो ब्लॉकों में ही लगभग एक हजार लोगों को पेंशन स्वीकृत हुई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 5 मार्च। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की पहल पर कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आठ फरवरी से 13 फरवरी तक लगाए गए निदान शिविरों में लोगों की समस्याओं और मांगो का बड़े पैमाने पर निराकरण हुआ है। निदान शिविरों में शासकीय योजनाओं को लोगों को लाभ दिलाकर कई लोगों की जिंदगी में सकरात्मक परिवर्तन ला दिया है। निदान शिविरों में मिले आवेदनों में से केवल दो विकासखण्डों करतला और कोरबा में ही लगभग एक हजार पात्र हितग्राहियों को एक साथ सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत हो गई है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने शिविरों के आयोजन से पहले ही अधिकारियों को निर्देशित किया था कि छोटे-छोटे दस्तावेजों या कार्रवाईयों को शिविर स्थल पर ही शिविर के दिन ही पूरा किया जाए और लोगों को यथासंभव उसी दिन शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाया जाए। इसी निर्देश पर पंचायत सचिवों, पटवारियों सहित सभी विभागों के मैदानी अमले ने अपने-अपने विभागों से संबंधित योजनाओं से पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने का काम किया।
निदान शिविरों से करतला विकासखण्ड में 395 पात्र हितग्राहियों को तो कोरबा विकासखण्ड में 541 हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन, दिव्यांगता पेंशन, विधवा या परित्यक्ता पेंशन स्वीकृत कर दी गई है। इस महीने से इन सभी हितग्राहियों को पेंशन का लाभ मिलने लगेगा। इसके साथ ही निदान शिविरों में बड़ी संख्या में लोगों ने ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत रोजगार मूलक काम की भी मांग की थी जिस पर परीक्षण के बाद जिला पंचायत द्वारा एक साथ एक हजार 010 कामों की स्वीकृति दे दी गई है।
कोरोना काल के बाद प्रदेश में सबसे पहले कोरबा जिले में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की पहल पर लोगों की समस्याओं और मांगो को जानने प्रशासन गांवो तक पहुंचा था। इसका माध्यम निदान 36 शिविर बने थे। जिले में आठ फरवरी से 13 फरवरी तक निदान शिविरों का आयोजन हुआ था। आठ फरवरी से 12 फरवरी तक सभी विकासखण्डों में एक-एक क्लस्टर स्तरीय शिविर लगाया गया था और 13 फरवरी को एक साथ सभी विकासखण्डों में एक-एक विकासखण्ड स्तरीय शिविर लगा था। इन शिविरों में जनसामान्य की राजस्व संबंधी समस्याओं से लेकर बिजली, पानी, शिक्षा, सडक़, स्वास्थ्य आदि समस्याओं का निराकरण यथा संभव मौके पर ही किया गया। नए राशन कार्ड बनाने से लेकर नाम जोडऩे, नाम काटने के काम भी इन शिविरों में तत्परता से हुए। सामाजिक सुरक्षा पेंशनों के पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन, पेंशन प्रकरण तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजने के काम भी इन शिविरों में उसी दिन पूरे किए गए। अब निदान शिविरों में मिले आवेदनों पर की गई कार्रवाई और किए गए समाधान की जानकारी देने निराकरण शिविरों का आयोजन जल्द ही शुरू होगा।
निदान शिविर में जानकारी मिलने के बाद पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड के सलिहाभाठा ग्राम पंचायत के बालागांव में किसानों को सिंचाई के लिए सौर उर्जा आधारित सिंचाई योजना की भी स्वीकृति दे दी गई है। इस योजना का काम भी प्रारंभिक स्तर शुरू हो गया है। तान नदी पर बनने वाली इस सौर उर्जा आधारित सिंचाई योजना से नदी से लगे लगभग 30 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती-किसानी के लिए 50 से अधिक किसानों को सिंचाई की सुविधा आने वाले दिनों में मिलने लगेगी। निदान शिविरों में ही बीमारों की जांच के साथ स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। लंबे समय से छोटे-छोटे कारणों से नहीं बन पा रहे जरूरी दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों के लिए भी मौके पर ही औपचारिकताएं पूरी करके लोगों को लाभान्वित किया गया। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार छह दिव्यांगों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनने के साथ ही चार दिव्यांगों को तत्काल ट्राइसाईकिल भी उपलब्ध कराई गई है।
पाली विकासखण्ड में मिले आवेदनों में से अभी तक 35 पात्र हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत की गई है। कोरबा तहसील में निदान शिविरों के दौरान राजस्व विभाग द्वारा 147 किसान किताब जारी करने के साथ-साथ 19 फौती नामांतरण, पांच अविवादित नामांतरण के प्रकरण मौके पर ही निपटा दिए गए हैं। कोरबा तहसील में ही 22 छात्र-छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है। निदान शिविरों में पीने के पानी की समस्या को लेकर भी कई गांवो से आवेदन मिले थे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जांच कर 60 जगहों पर नए हैण्डपंप स्थापित करने के लिए बोर खनन की मंजूरी दे दी गई है और 27 बिगड़े हैण्डपंपों को सुधार कर पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने लायक बना दिया गया है। पशुधन विकास विभाग द्वारा निदान शिविर से अब 38 हितग्राहियों को मुर्गी पालन, बकरी पालन, सुकर पालन जैसी स्थानीय रोजगार मूलक गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। हितग्राहियों को इन गतिविधियों के लिए विभागीय योजनाओं के तहत शासकीय अनुदान की मंजूरी कर दी गई है। पोड़ी-उपरोडा़ विकासखण्ड में कपड़ा व्यवसाय करने के इच्छुक हितग्राही द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने पर तत्काल ऋण भी निदान शिविर के माध्यम से स्वीकृत कर दिया गया है।
निदान शिविरों में लोगों ने राशन कार्डों से नाम हटाने, जोडऩे और नए कार्ड बनाने की मांग भी प्राथमिकता से की थी। शिविरों में मिले आवेदनों की जांच के बाद 93 लोगों के नाम राशन कार्डों से काट दिए गए हैं। राशन कार्डों में 27 लोगों के नाम जोड़े गए हैं और 21 हितग्राहियों के नए राशनकार्ड भी बना दिए गए हैं। अब इन सभी को इस महीने से राशन भी मिलने लगेगा।