राष्ट्रीय
पटना/नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार को मानसून के कहर से अगस्त में राहत जरूर मिली मगर बाढ़ के हालात से निजात नहीं मिली है। प्रदेश के कई जिले अभी भी बाढ़ से बेहाल हैं। प्रदेश के करीब 20 जिलों में बाढ़ से फसल को नुकसान हुआ है। भारी-बारिश और बाढ़ से बिहार में करीब 33 फीसदी फसल को नुकसान का अनुमान है। बिहार में बीते सप्ताह तक 32.59 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी थी जबकि प्रदेश के किसानों ने मक्के की बुवाई 3.92 लाख हेक्टेयर में की है। ये आधिकारिक आंकड़े प्रदेश के कृषि विभाग से मिले हैं। आंकड़ों के अनुसार, बिहार में चालू खरीफ सीजन में 92,000 हेक्टेयर में दलहन फसलों की बुवाई हुई है जबकि तिलहनों की बुवाई 80,000 हेक्टेयर में हुई है।
विभागीय अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में बाढ़ और अत्यधिक बारिश के चलते करीब 33 फीसदी खरीफ फसलों का नुकसान होने का अनुमान है।
बिहार के मधेपुरा जिला के प्रबुद्ध किसान प्रणव कुमार भ्रमर ने कहा कि मानूसन इस बार सीजन के आरंभ से ही मेहरबान रहा, जिससे शुरुआत में धान की रोपाई में काफी मदद मिली, लेकिन बाद में लगातार भारी बारिश और बाढ़ के हालात हालात पैदा होने से कई इलाकों में फसल का नुकसान हुआ है।
बिहार में इस साल जून में औसत से 82 फीसदी अधिक ज्यादा बारिश हुई, जबकि जुलाई में औसत से 72 फीसदी अधिक बारिश हुई, हालांकि अगस्त में बीते सप्ताह तक औसत से नौ फीसदी कम बारिश हुई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 1 जून से लेकर 25 अगस्त तक बिहार में औसत से 23 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। प्रदेश के करीब 16 जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं।
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 25 अगस्त को देश में जिन 26 स्टेशनों में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर थी उनमें से 15 स्टेशन बिहार के हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में पांच, झारखंड में दो और एक-एक स्टेशन असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के हैं। वहीं, सामान्य से ज्यादा खराब बाढ़ की स्थिति वाले 17 स्टेशनों में भी सात बिहार के ही हैं। वहीं, अन्य में सात असम और तीन उत्तर प्रदेश के हैं।
बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सीवान, शिवहर, खगड़िया, भागलपुर, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, पुर्णिया समेत करीब 20 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जहां फसलों को भी नुकसान हुआ है।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| जेईई (मुख्य) परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं। अब नीट अंडर ग्रेजुएट-2020 परीक्षा के लिए भी एडमिट कार्ड जल्द ही जारी किए जाएंगे। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने यह सुनिश्चित किया कि 99 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों को उनकी पसंद का परीक्षा केंद्र मिले। इन परीक्षाओं के लिए छात्रों को उनकी पसंद एवं घरों के नजदीक परीक्षा केंद्र चुनने का विकल्प दिया गया था।
छात्रों को वरीयता क्रम के हिसाब से परीक्षा केंद्रों के विकल्प को चुनना था। एनटीए के मुताबिक, 99 फीसदी छात्रों को उनकी पहली पसंद के आधार पर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं।
एनटीए ने परीक्षाओं के विषय में आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा कि जेईई परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या भी 570 से बढ़ाकर 660 कर दी गई है। वहीं नीट के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 2546 से बढ़ाकर 3843 की गई है।
जेईई (मेन) की परीक्षाएं 1 से 6 सितंबर के बीच होंगी। नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होगी। जेईई एडवांस की परीक्षा 27 सितंबर को होगी। पहले जेईई की परीक्षा 18 जुलाई से 23 जुलाई के बीच और नीट की परीक्षा 26 जुलाई को होनी थी।
नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में 27 लाख से अधिक छात्रों को अपनी पसंद का परीक्षा केंद्र चुनने का अवसर दिया गया है। इससे कोरोना संक्रमण के इस दौर में कई छात्रों को प्रवेश परीक्षाएं देने के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, छात्रों को अपनी पसंद का केंद्र चुनने का विकल्प इसलिए दिया गया, ताकि उन्हें लंबी यात्रा न करनी पड़े और वह अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा केंद्र का चयन कर सकें।
नयी दिल्ली 26 अगस्त (वार्ता) केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज कहा कि कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षारत मरीजों तथा कॉर्निया दान की संख्या के बड़े अंतर को पाटने के लिए लोगों को कॉर्निया दान के प्रति प्रेरित करने की जरुरत है।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, दिल्ली के डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेत्र संस्थान स्थित राष्ट्रीय नेत्र बैंक (एनईबी) द्वारा आयोजित 35वें राष्ट्रीय नेत्र दान पखवाड़े के अंतर्गत आज हुए वेबीनार में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि लाखों लोग कॉर्निया प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कॉर्निया प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे लोगों और दान की गई कॉर्निया के अंतर को दूर करने के लिए वर्तमान गति के अनुसार कई दशक लगेंगे।
उन्होंने कहा कि (एनईबी) की स्थापना 1965 में की गई थी। इन 55 वर्षों में एनईबी को 31,000 कॉर्निया उत्तक दान में मिले, जबकि 20,000 लोगों की प्रत्यारोपण के लिए शल्य क्रिया की गई। इससे 20,000 लोगों के जीवन से प्रत्यारोपण के बाद अंधकार मिटा। इस दर से देखें तो प्रति वर्ष लगभग 560 प्रत्यारोपण किए गए। उन्होंने कहा कि अगर यह गति रही तो प्रतीक्षारत मरीजों और कॉर्निया दान की संख्या के अंतर को खत्म करने में काफी समय लगेगा।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि यह समय एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने का है। इस कार्य को गति देने के लिए डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेत्र संस्थान में प्रतिमाह एक प्रभावी गतिविधि आयोजित की जानी चाहिए, ताकि लोगों को कॉर्निया दान करने के लिए प्रेरित किया जा सके। इसके लिए नई ऊर्जा और नये उत्साह की जरूरत है। दो वर्ष तक इस काम के लिए जुटकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्य के लिए डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेत्र संस्थान में अति-उन्नत सुविधाएं हैं और प्रशिक्षित शल्य चिकित्सक भी हैं। उन्होंने कहा , “ आइये हम सब मिलकर इस लक्ष्य को हासिल करने में योगदान दें।”
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड (एएटीआईपीएल) कंपनी के प्रबंध निदेशक को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने लगभग 100 करोड़ रुपये मूल्य के 124 व्यक्तियों के शेयरों के साथ धोखाधड़ी और गबन के मामले में गिरफ्तार किया है। इसकी जानकारी पुलिस ने मंगलवार को दी। एएटीआईपीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव कुमार सिन्हा और निदेशक नारायण ठाकुर को सोमवार को विभिन्न स्थानों पर छापे के बाद गिरफ्तार किया गया।
दोनो पर पवन कुमार चौधरी और 30 अन्य ने सितंबर 2017 में एक संयुक्त शिकायत पुलिस स्टेशन ईओडब्ल्यू में की थी, जिसमें धोखाधड़ी, क्रिमनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और क्रिमनल कांसप्रेसी का आरोप लगाया गया था।
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अपने ग्राहकों के जानकारी और अनुमति के बिना एएआईटीपीएल ने अपने ग्राहकों के शेयरों को अपने पूल खातों में स्थानांतरित कर दिया, जिसमें इसके निधियों का लाभ उठाने का वचन देकर बेच दिया गया था, लेकिन संबंधित ग्राहकों को अभी तक कोई भी भुगतान नहीं किया गया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त ईओडब्ल्यू ओपी मिश्रा ने कहा, "इस मामले में अब तक कुल शिकायतकर्ताओं की संख्या 124 हो गई है, जांच के दौरान शेयरों की कीमत लगभग 100 करोड़ की पाई गई है। एनएसई और एसईबीआई (सेबी) से भी शिकायतें मिली हैं।"
उन्होंने कहा, "अभियुक्त व्यक्तियों ने एक सुनियोजित साजिश रची और उन्होंने शेयरधारकों को अपनी कंपनी के माध्यम से व्यापार करने का लालच दिया और उन्हें आकर्षक प्रोत्साहन का आश्वासन दिया। उन्होंने अपने ग्राहकों के बिना जानकारी के उनके शेयरों को अपने पूल खातों में स्थानांतरित कर दिया और शेयरों को गिरवी रख दिया, जिसके बाद अपने कर्मचारियों के खातों के माध्यम से उन्हें बेच दिया।"
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| पाकिस्तान की प्रमुख फिल्म अभिनेत्री और कराची फिल्म उद्योग में 'ग्लैमर गर्ल' के बाद सबसे ज्यादा चाही जाने वाली मेहविश हयात को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। उनका नाम भारत के सबसे वांछित भगोड़े दाऊद इब्राहिम के साथ जोड़ा गया है। पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक, तमगा-ए-इम्तियाज से सम्मानित कराची की रहने वाली अभिनेत्री को दाऊद इब्राहिम का करीबी बताया जा रहा है, जो कथित तौर पर पाकिस्तानी फिल्मों को फंड करता है और हताय को फिल्में दिलवाने में भी सहायता करता है।
37 वर्षीय अभिनेत्री को ट्विटर पर 14 लाख से अधिक लोग फॉलो करते हैं और उनकी तस्वीरें ट्विटर पर वायरल हो रही हैं। अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की कथित परिचित के लिए हयात को ट्रोल किए जाने के साथ ही कुछ कठोर टिप्पणियों भी वायरल हुई हैं।
भारत के एक प्रमुख हिंदी न्यूज चैनल ने भी इस मामले में हयात के दाऊद इब्राहिम के साथ कथित संबंधों को लेकर खबरें दी हैं। अभिनेत्री के साथ संबंधों को उजागर करने के बाद 80 और 90 के दशक में कुछ बॉलीवुड नायिकाओं के साथ डॉन के अफेयर की पुरानी यादें भी फिर से ताजा हुई हैं।
केवल दाऊद इब्राहिम ही ऐसे नहीं है, जिनका नाता फिल्म उद्योग से रहा है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सहित कई प्रमुख क्रिकेटर उर्दू फिल्म उद्योग की ग्लैमर गर्ल के करीब हैं।
पिछले साल, जब हयात को तमगा-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया गया था, तो सोशल मीडिया पर ऐसी खूब टिप्पणी की गई कि उन्हें कराची में सबसे शक्तिशाली लोगों के साथ करीबी संबंधों के आधार पर पुरस्कार मिला है। एक प्रमुख वेबसाइट ने भी दाऊद इब्राहिम के साथ उनकी निकटता के बारे में संकेत दिया था।
पाकिस्तानी अभिनेत्री ने उस समय सुर्खियां बटोरीं जब उनकी हाल की दो फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ दिए। इससे पहले 2017 में, उनकी फिल्म 'पंजाब नहीं जाऊंगी' ने लोगों का दिल जीत लिया था।
अपने लुक के लिए जानी जाने वाली हयात पाकिस्तान की एक टॉप सिंगिंग स्टार भी हैं और अक्सर कुछ जानी-मानी हस्तियों को होस्ट करती हैं, जिनमें क्रिकेटर्स, राजनेता और उद्योगपति शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हयात ने एक पाकिस्तानी फिल्म में आइटम नंबर करने के बाद शोहरत हासिल की। वह दाऊद इब्राहिम के संपर्क में आई, जिसने पाकिस्तानी फिल्म उद्योग में अपने दबदबे का इस्तेमाल किया और उन्हें कुछ उच्च बजट की फिल्में मिलीं।
दाऊद (64), जो कुख्यात डी-कंपनी का नेतृत्व करता है, कथित तौर पर स्थानीय फिल्म उद्योग को फंड करता है और कराची और लाहौर में शीर्ष निर्माताओं और निर्देशकों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
ट्विटर पर ट्रोल किए जाने पर हयात ने कहा कि यह उनके खिलाफ एक साजिश है, जो उनके नाम और शोहरत से ईष्र्या करते हैं, यह उनका काम है। हयात के करीबी सूत्रों ने दावा किया कि उनका माफिया या आपराधिक गिरोहों से कोई संबंध नहीं है।
इस बीच, कई भारतीयों ने उन्हें ट्विटर पर यह कहते हुए खूब लताड़ा कि हयात एक डॉन की करीबी हैं, जिस पर 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों में कई सैकड़ों निर्दोष लोगों की हत्या का आरोप है।
लोगों ने हयात को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक के साथ पाकिस्तान सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाया, जो पहले दिग्गज गायक नूरजहां जैसे अन्य लोगों को दिया गया था।
कराची के एक व्यक्ति ने अभिनेत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें यह पुरस्कार मिलने तक कोई जानता तक नहीं था।
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| केंद्रीय खाद्य सचिव सभी पात्र दिव्यांग जनों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत खाद्य सुरक्षा प्रदान करने को लेकर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने मंगलवार को दी। खाद्य सचिव ने अपने पत्र में मुख्य सचिवों से इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करने और संबद्ध विभागों व अधिकाकारियों, खासतौर से जिला प्रशासनों को निर्देश देने का आग्रह किया है, ताकि इस दिशा में समुचित प्रक्रिया अपनाई जाए और खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को दिए गए निर्देशों का पालन हो।
इससे पहले केंद्र सरकार ने 22 अगस्त को राज्यों जारी लिखे पत्र के माध्यम से राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में निर्देश जारी किया था। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने राज्यों को उन सभी दिव्यांगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है जो एनएफएसए के तहत लाभार्थियों की पहचान के मानदंड के अनुसार पात्र हैं।
केंद्र सरकार ने सभी पात्रा दिव्यांगों को एनएफएसए और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अनाज मुहैया करवाने को कहा है। यही नहीं, पहले से जो इसमें शामिल नहीं है, उनको पात्रता मानदंड के आधार पर नया राशन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थी की पात्रता के लिए अशक्तता भी एक मानदंड है।
बता दें कि कोरोना काल में शुरू की गई पीएमजीकेएवाई के तहत एनएफएसए के प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया जाता है। इसके अलावा प्रत्येक परिवार को एक किलो साबूत चना दिया जाता है। शुरुआत में यह योजना अप्रैल, मई और जून, तीन महीने के लिए शुरू की गई थी, मगर बाद में इसे बढ़ाकर नवंबर तक के लिए कर दिया गया है। शुरुआती तीन महीनों के दौरान प्रत्येक लाभार्थी परिवार को एक किलो प्रोसेस्ड दाल देने का का प्रावधान था, लेकिन जुलाई से दाल की जगह साबुत चना दिया जाता है
भोपाल, 25 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश की राजधानी में खाली पड़े एक सरकारी आवास में युवक-युवती के शव फांसी के फंदे पर लटके मिले हैं। आत्महत्या की वजह का खुलासा नहीं हो पाया है, मगर आशंका जताई जा रही है कि प्रेम-प्रसंग का मामला हो सकता है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार की सुबह महाराणा प्रताप नगर के शिवाजी नगर क्षेत्र के खाली पड़े सरकारी मकान में युवक उमेश रैकवार (24) और चित्रा (21) के फांसी के फंदे पर लटके मिले। ये दोनों अपने परिजनों के साथ एक ही इमारत में रहते थे। उमेश एक निजी कंपनी में काम करता है। इन दोनों के एक खाली पड़े सरकारी मकान में मिले हैं। सुसाइड नोट आदि कुछ भी पुलिस को नहीं मिला है। इस मामले को प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखा जा रहा है।
थाना प्रभारी सूर्यकांत अवस्थी ने बताया है कि युवती अपने भाई के साथ रहती थी और कक्षा 12वीं में पढ़ती थी। युवक और युवती के फांसी के फंदे पर लटके शव मिले। पुलिस मामले की जांच कर रही है। युवती के भाई ने जो बताया है, उसके मुताबिक सुबह जब वह सोकर उठा तो देखा कि बहन चित्रा घर पर नहीं है। वह पड़ोस के खाली पड़े मकान पर गया, जहां ताला लगा रहता था, ताला टूटा था। जब उसने आवाज लगाई और कोई जवाब नहीं मिला तो वह कुंडी तोड़कर अंदर पहुंचा तो देखा कि दोनों के शव पंखे से लटके हुए थे।
रजनीश सिंह
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)| खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने इस महीने के अंत में 'पंजाब बंद' का आह्वान किया है, जिसके बाद अलर्ट जारी किया गया है।
खालिस्तान समर्थक समूह एसएफजे को अलगाववादी नीतियों के कारण पिछले साल जुलाई में गृह मंत्रालय द्वारा गैरकानूनी घोषित किया गया था।
समूह ने अपने एक हालिया संदेश के जरिए दिलावर सिंह की 25वीं पुण्यतिथि मनाने के लिए 31 अगस्त को 'पंजाब बंद' का आह्वान किया है। दिलावर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का हत्यारा है।
कांग्रेस नेता बेअंत सिंह 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे। 31 अगस्त, 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को चंडीगढ़ के केंद्रीय सचिवालय के बाहर एक बम धमाके में उड़ा दिया गया था। उनके साथ इस आतंकी हमले में 16 अन्य लोगों की जान भी गई थी। इस हमले में पंजाब पुलिस के कर्मचारी दिलावर सिंह ने मानव बम की भूमिका निभाई थी।
एसएफजे ने अपने बंद के आह्वान में अमृतसर से उन सिखों की वापसी यात्रा के लिए यात्रा खर्च की प्रतिपूर्ति की पेशकश की है, जो 31 अगस्त को अकाल तख्त में अरदास करेंगे।
इस पर एक हाई अलर्ट जारी किया गया है और पंजाब पुलिस को राज्य में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूर्ण व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। न्यूयॉर्क में रहने वाले एसएफजे के मुख्य प्रचारक और वकील गुरपतवंत पन्नू ने 'बंद' का आह्वान किया है।
पन्नू ने अपनी अपील में उल्लेख किया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने 2012 में ज्ञानी गुरबचन सिंह को अकाल तख्त का जत्थेदार नियुक्त किया, जिन्होंने बेअंत सिंह के हत्यारे दिलावर सिंह को 'कौमी शहीद' घोषित किया था।
समूह ने 31 अगस्त को अकाल तख्त अरदास में शामिल होने की इच्छा रखने वाले पंजाब के सिखों को नमन करते हुए सेवा देने की गुजारिश की है।
वर्ष 1992-95 के दौरान पंजाब की स्थिति पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, पन्नू ने कहा कि भाई शहीद दिलावर सिंह ने वास्तव में बेअंत के शासन के तहत सिखों के नरसंहार को रोक दिया था। हम 31 अगस्त को कौमी शहीद दिलावर सिंह के आदर देने के तौर पर पंजाब के लोगों से क्लीनिक और फार्मेसी जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी व्यवसायों को बंद करने का आग्रह करते हैं।
पंजाब की स्थिति पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की 1995 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पन्नू ने कहा, "पंजाब में खालिस्तान नामक राज्य में सिख मातृभूमि की स्थापना के लिए अक्सर हिंसक अभियान को दबाने के उनके प्रयासों में पंजाब में मानवाधिकारों का हनन किया गया है।"
उन्होंने दावा किया कि इन उल्लंघनों में लोगों के गायब होने, हत्याएं, व्यापक अत्याचार और हिरासत में लिए जाने जैसी प्रताड़ना शामिल हैं। भारतीय एजेंसियों का कहना है कि अमेरिका स्थित एसएफजे संगठन का पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध है।
नई दिल्ली, 25 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण अवमानना मामले में अपनी सुनवाई तीस मिनट के लिए स्थगित करते हुए भूषण और उनके वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन को 'सोचने के लिए समय दिया।
जस्टिस मिश्रा ने शुरुआत में भारत के अटॉर्नी-जनरल (एजी) के के वेणुगोपाल से पूछा कि क्या किया जा सकता है। इस पर, एजी ने जवाब दिया, "हमारे पास पूर्व न्यायाधीशों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में विफल लोकतंत्र के बारे में दिए गए गंभीर कथन हैं। मेरे पास न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के बारे में टिप्पणी करने वाले पूर्व एससी न्यायाधीशों की एक पूरी सूची है।"
एजी ने कहा "वे न्याय के प्रशासन में सुधार चाहते हैं। यह एक ऐसा मामला है जहां यौर लॉर्डशिप को उन्हें (भूषण) माफ कर देना चाहिए या शायद उन्हें चेतावनी देनी चाहिए। उन्हें दंडित करना आवश्यक नहीं है।" न्यायमूर्ति मिश्रा ने भूषण द्वारा प्रस्तुत पूरक वक्तव्य के संदर्भ में कहा, "हमें इससे कुछ बेहतर की उम्मीद थी। अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है तो क्या किया जा सकता है।" इस बिंदु पर एजी, ने सीबीआई निदेशक मामले में एजी के सबमिशन के बारे में अपनी टिप्पणी के लिए भूषण के खिलाफ एक अवमानना मामले का उल्लेख किया, जिसके बाद उन्होंने खेद व्यक्त किया।
एजी ने न्यायालय को प्रस्तुत किया कि यह एक ऐसा मामला है, जहां न्यायालय "दया" दिखा सकता है और जिसे बार द्वारा सराहा जाएगा। एजी ने खंडपीठ को कई जनहित याचिकाओं के बारे में सूचित किया जो लोगों के लाभ के लिए भूषण द्वारा दायर की गई थीं और अदालत को लोगों की भलाई के लिए किए गए उनके सार्वजनिक काम पर विचार करना चाहिए। न्यायमूर्ति मिश्रा ने जवाब दिया, "भूषण को चेतावनी देने का क्या मतलब है अगर उन्हें खुद लगता है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।"
कहा आपने खुद उनके खिलाफ अवमानना दायर की थी, जिसे खेद व्यक्त करने के बाद ही वापस ले लिया गया था।" एजी ने कोर्ट को भूषण की टिप्पणी को रिकॉर्ड से हटाने और मामले को बंद करने का सुझाव दिया। इस पर, न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, "जब भूषण खुद कहते हैं कि बोनाफाइड बिलिफ़ है, तो उन्हें रिकॉर्ड से कैसे हटाया जा सकता है?" न्यायमूर्ति गवई ने यह भी कहा कि माफी मांगने के लिए 3 दिन का समय दिया गया था और भूषण ने एक पूरक बयान दर्ज किया।
एजी ने तब अरुंधति रॉय मामले का ज़िक्र किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि "हमारे कंधे चौड़े हो गए हैं।" तदनुसार, उन्होंने अदालत से भूषण को खेद व्यक्त करने का एक और मौका देने का सुझाव दिया। खंडपीठ ने तब जवाबी शपथ पत्र का उल्लेख किया जो भूषण द्वारा दायर किया गया था। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, "क्या इसे उन आरोपों को बचाव के रूप में माना जा सकता है?" एजी ने कहा किया, "अगर खेद की अभिव्यक्ति है, और यदि शपथ पत्र वापस ले लिया जाता है, तो शायद मामला वापस लिया जा सकता है?" इस पर, न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, "शपथपत्र वापस कैसे लिया जा सकता है जबकि उन्होंने इस पर विचार करने के लिए ज़ोर दिया है।" न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि किसी व्यक्ति के फैसले के बारे में अलग-अलग राय हो सकती है, लेकिन न्यायाधीशों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। एजी ने जवाब दिया कि भूषण ने यह बताने में संकोच नहीं किया कि उनके पास न्यायालय के प्रति सम्मान का भाव भी है। एजी ने कहा, "2009 के मामले में, उन्होंने खेद व्यक्त किया है। इसी तरह, अगर वह इसमें खेद व्यक्त करते हैं, तो इस दुर्भाग्यपूर्ण मामले का अंत होना चाहिए।" न्यायमूर्ति मिश्रा ने एजी की सलाह का स्वागत किया, उन्होंने टिप्पणी की कि आरोपों को वापस लिया जाना चाहिए। एजी ने इसके साथ सहमति व्यक्त की, और ध्यान दिया कि वह इससे आगे कुछ भी प्रस्तुत नहीं कर सकता क्योंकि यह धवन और उनके क्लाइंट (भूषण) के लिए वही था जो वे चाहते थे। तदनुसार, अदालत ने धवन और भूषण को मामले पर "सोचने" के लिए 30 मिनट का समय दिया। (hindi.livelaw)
बेंगलुरु, 25 अगस्त (आईएएनएस)| केरल के एक बुजुर्ग दंपति ने अपने पोते की शादी में हिस्सा लेने के लिए बेंगलुरु तक की यात्रा हेलीकॉप्टर से कर डाली। कोरोनावायरस महामारी के कारण उन्होंने सड़क, ट्रेन या एयरलाइन से यात्रा करना ठीक नहीं समझा। 90 साल के पूर्व आईआरटीएस अधिकारी लक्ष्मीनारायण ने आईएएनएस को बताया, "यह मेरे लिए ऐसा था जैसे मैं अपने बैकयार्ड से यात्रा करके आ गया। मुझे नहीं लगता कि कोच्चि या कोयम्बटूर से फ्लाइट लेने पर भी ऐसा होता। क्योंकि अपने घर से हवाई अड्डे तक पहुंचने में ही 2 से 4 घंटे का समय लग जाता।"
लक्ष्मीनारायण और उनकी 85 वर्षीय पत्नी ने केरल के पलक्कड़ से बेंगलुरु के लिए हेलीकॉप्टर लिया था, जो कि सड़क मार्ग से 394 किमी दूर है। वे शनिवार को बेंगलुरु के लिए रवाना हुए और सोमवार को उसी चार्टर्ड हेलीकॉप्टर से वापस आ गए।
इस दंपत्ति के पोते ने इस्कॉन मंदिर में शादी की। उसी ने अपने दादा-दादी को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की थी।
रेलवे के इस पूर्व अधिकारी ने कहा कि चूंकि हेलीकॉप्टर कमर्शियल फ्लाइट की तुलना में बेहद नीचे से उड़ान भरते हैं लिहाजा ऐसा लगा कि जैसे बादलों के बीच ग्लाइडिंग कर रहे हों।
लक्ष्मीनारायण ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, "हेलीकॉप्टर किसी भी स्थिति के लिए परिवहन का एक अच्छा तरीका है। जब परिवहन के सारे तरीके विफल हो जाते हैं तो यही काम आता है। फिर चाहे घने जंगल में प्रवेश करना हो या आपदा में बचाव कार्य करना हो।"
इस बुजुर्ग दंपति ने अपनी चार्टर्ड हेलीकॉप्टर उड़ान के लिए 90 हजार रुपये प्रति घंटे के हिसाब से भुगतान किया।
नई दिल्ली/जम्मू, 25 अगस्त (आईएएनएस)| पुलवामा में हुए आतंकी हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) प्रमुख मसूद अजहर और उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर को आरोपी बनाया है। इसके अलावा चार्जशीट में मारे गए आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक, आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार और पाकिस्तान से सक्रिय अन्य आतंकवादी कमांडर के नाम भी शामिल हैं। ये सभी नाम अब तक गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों के अलावा शामिल किए गए हैं।
एनआईए के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "पुलवामा आतंकवादी हमले के मामले में एजेंसी जम्मू की विशेष एनआईए अदालत में छह गिरफ्तार आरोपियों और अजहर, असगर, उनके मारे गए रिश्तेदार फारूक के खिलाफ (मंगलवार को) चार्जशीट दायर करेगी।"
अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने चार्जशीट में सभी आरोपियों के खिलाफ तगड़े सबूतों के साथ मजबूत केस बनाया है। इसमें उनकी चैट, कॉल डिटेल्स आदि शामिल हैं जो हमले में उनकी भूमिका की पुष्टि करते हैं। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में आतंकवादी समूह के कई शीर्ष कमांडरों पर भी आरोप लगाए हैं।
एजेंसी ने जुलाई में जम्मू और कश्मीर के बडगाम निवासी 25 वर्षीय मोहम्मद इकबाल राथर को भी गिरफ्तार किया था। उस पर घुसपैठ कराने, जेईएम आतंकवादी और इस हमले के एक प्रमुख साजिशकर्ता मुहम्मद उमर फारूक की जम्मू में आवाजाही को सुविधाजनक बनाने का आरोप है।
आतंकी हमले में इस्तेमाल किए गए आईडी को फारूक ने अन्य लोगों के साथ मिलकर इकट्ठा किया था।
चार्जशीट में नामजद अन्य पांच गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद अब्बास राथर, वैज-उल-इस्लाम, पिता-पुत्री तारिक अहमद शाह और इंशा जान जैश के कथित जमीनी कार्यकर्ता हैं।
बता दें कि फरवरी, 2019 को हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
पटना, 25 अगस्त (आईएएनएस)| कोरोना काल में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस ने मनरेगा का दायरा बढ़ाने और इसी की तर्ज पर शहरी अकुशल श्रमिकों के लिए रोजगार गारंटी योजना लाने की मांग केंद्र और राज्य सरकार से की है। कांग्रेस का कहना है कि बाढ़ के कारण राज्य में 30 प्रतिशत से अधिक फ सल बर्बाद हो गई है। बिहार युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेष अध्यक्ष ललन कुमार ने मंगलवार को एक प्रेस कांफं्रेस में कहा कि कोरोना के कारण देश एवं राज्य में बेरोजगारी दर बढ़ते हुए विकराल रूप लेती जा रही है। इस महामारी के दौरान राज्य के लाखों युवा बेरोजगार हो गए हैं। युवा कांग्रेस मानती है कि बेरोजगारी की समस्या से निबटने के लिए राज्य सरकार को तत्काल प्रभावी उपाय करना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रवासी युवाओं के राज्य में लौटने एवं उनके रोजगार सृजन के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई सतत पहल नही किए जाने से भी बेरोजगारी रूपी संकट को बढ़ावा मिला है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ग्रामीण और कस्बे के स्तर पर रोजगार और आजीविका की छोटी इकाइयां लगाकर रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकते हैं। इन इकाइयों की स्थापना के लिए सहज, सस्ता और सुलभ ऋण उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "मनरेगा का दायरा बढ़ाया जाय और इसी तर्ज पर शहरी अकुशल श्रमिकों के लिए रोजगार गारंटी योजना लाई जाय। कृषि और सहायक उद्योग में अधिकतम रोजगार के अवसर तलाशने होंगे। इसके लिए उचित प्रशिक्षण और प्रोत्साहन देना होगा।"
लखनऊ, 25 अगस्त (आईएएनएस)| आप और शिवसेना ने उत्तर प्रदेश के दिवंगत मंत्री चेतन चौहान की मौत की परिस्थितियों की जांच कराए जाने की मांग की है। चौहान की 16 अगस्त को कोविड-19 से मौत हो गई थी। आप सांसद संजय सिंह ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर मांग की है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना और एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ.आर.के. धीमान के खिलाफ इलाज में लापरवाही बरतने के लिए एफआईआर दर्ज की जाए।
बता दें कि गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में स्थानांतरित किए जाने से पहले चौहान का इलाज संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) लखनऊ में चल रहा था।
दूसरी ओर शिवसेना की राज्य इकाई ने चेतन चौहान की मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही उन्हें लखनऊ से गुरुग्राम स्थानांतरित करने की परिस्थितियों पर भी सवाल उठाया है।
शिवसेना के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा। अपने बयान में शिवसेना ने कहा, "वो क्या परिस्थितियां थीं कि दिवंगत मंत्री चेतन चौहान को लखनऊ के एसजीपीजीआई से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा? क्या सरकार को एसजीपीजीआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थान पर भरोसा नहीं है?"
बयान में आगे कहा गया, "मंत्री एसजीपीजीआई के डॉक्टरों और कर्मचारियों के रवैये से आहत थे। अब तक दोषी डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सरकार सोती रही और दो मंत्रियों ने कोविड -19 के कारण दम तोड़ दिया।"
बता दें कि इससे पहले शनिवार को विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह साजन ने आरोप लगाया था कि चौहान की मौत कोविड -19 की वजह से नहीं, बल्कि एसजीपीजीआई में उनके इलाज में हुई लापरवाही के कारण हुई है। चौहान के साथ उसी वार्ड में भर्ती रहे साजन ने कहा कि चिकित्सा कर्मचारियों ने चौहान के साथ दुर्व्यवहार किया था।
इटावा (उप्र), 25 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के उसरहर पुलिस सर्किल के पास एक गांव में दो लड़कों के शव पेड़ से लटके हुए बरामद किए गए हैं। ये जानकारी मंगलवार सुबह पुलिस ने दी। पुलिस के मुताबिक, दोनों लड़के रविवार को साइकिल पर सवार होकर समोसा खरीदने गए थे और वापस नहीं लौटे।
मरने वाले लड़कों की पहचान आकाश (16) और अंकुल (15) के रूप में की गई है जो कि महुआ पटियाट गांव के रहने वाले थे। आकाश इंटरमीडिएट का स्टूडेंट था जबकि अंकुल हाई स्कूल में पढ़ता था।
पुलिस ने कहा, उनके शरीर पर गहरे घाव के निशान मिले हैं। कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
एएसपी ग्रामीण ओमवीर सिंह ने कहा, हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। उनके परिवार वालों से भी पूछताछ की गई है। हमने उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। हम उन दो लड़कों के दोस्तों से भी पूछताछ कर रहे हैं।
अंकुल की बहन कल्पना ने बताया, जब रविवार शाम तक वो नहीं पहुंचे, परिवार के दसस्यों ने उनकी तलाश शुरू कर दी। स्थानीय लोगों को उनके शव सोमवार को गांव के बाहर आम के पेड़ से लटके मिले।
पुलिस को अभी तक इस मामले में कोई सुराग नहीं मिला है।
आकाश के पिता ने कहा, मेरा बेटा और अंकुल --दोनों अच्छे दोस्त थे। दोनों ठीक थे जब घर से एक साथ बाहर निकले। मुझे उम्मीद है कि पुलिस आरोपियों को पकड़ लेगी।
नयी दिल्ली, 25 अगस्त (वार्ता)। देश में कोरोना महामारी की बढ़ती विकरालता के बीच पहली बार एक दिन में 66 हजार से अधिक मरीज स्वस्थ हुए हैं और इसकी तुलना में संक्रमण के नये मामलों की संख्या कम रहने से सक्रिय मामलों में छह हजार से अधिक की कमी आई है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 66,550 लोगों को संक्रमण से छुटकारा मिला है जिससे स्वस्थ होने वालों की संख्या 24,04,585 हो गयी है। इस दौरान संक्रमण के 60,975 नये मामले सामने आने से सक्रिय मामलों में 6,423 की कमी आयी है। देश में संक्रमितों की संख्या 31,67,324 हो गयी है तथा सक्रिय मामले 7,04,348 हो गये हैं।
देशभर में पिछले 24 घंटों के दौरान 848 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 58,390 हो गयी। देश में सक्रिय मामले 22.24 प्रतिशत और रोगमुक्त होने वालों की दर 75.92 प्रतिशत है जबकि मृतकों की दर 1.84 प्रतिशत है।
कोरोना से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में सक्रिय मामलों की संख्या सबसे अधिक 3416 घटकर 1,68,443 रह गयी तथा 212 लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 22,465 हो गया। इस दौरान 14,219 लोग संक्रमणमुक्त हुए जिससे स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढक़र 502490 हो गयी। देश में सर्वाधिक सक्रिय मामले इसी राज्य में हैं।
आंध्र प्रदेश में इस दौरान मरीजों की संख्या 226 कम होने से सक्रिय मामले 89,516 हो गये। राज्य में अब तक 3368 लोगों की मौत हुई है, वहीं 8,741 लोगों के स्वस्थ होने से कुल 2,68,828 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
कोरोना संक्रमण मामलों में पूरे देश में चौथे स्थान पर स्थित दक्षिणी राज्य कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान मरीजों की संख्या में 2,337 की कमी हुई है और यहां अब 81,230 सक्रिय मामले हैं। मरने वालों का आंकड़ा 127 बढक़र 4810 पर पहुंच गया है। राज्य में अब तक 1,97,625 लोग स्वस्थ हुए हैं।
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में बीते 24 घंटे में कोरोनावायरस महामारी के 60,975 नए मामले सामने आए हैं जिसके साथ देश में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 31,67,323 तक पहुंच गई है। इस दौरान 848 लोगों की जानें गई हैं जिसे लेकर देश में मरने वालों की कुल संख्या अब 58,390 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को ये जानकारी दी।
मंत्रालय ने कहा कि यद्यपि देश में महामारी से हो रहे लोगों की मृत्यु दर गिरकर 1.84 फीसदी तक आ गई है, लेकिन यह अभी भी ब्राजील से लगभग 57,000 कम मौतें और अमेरिका की तुलना में 1,19,000 कम है।
बात अगर संक्रमण से ठीक हुए मरीजों के बारे में की जाए तो यह आंकड़ा 24 लाख के पार पहुंच गया है। बीते 24 घंटे में 66,550 रोगी महामारी से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं जिन्हें शामिल करते हुए स्वस्थ हो चुके मरीजों की कुल संख्या 24,04,585 पहुंच गई है।
देश में सक्रिय मामलों की संख्या फिलहाल 7,04,348 है। सोमवार को अधिकतम 9,25,383 नमूनों की जांच हुई।
महाराष्ट्र वायरस से सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है। यहां मरीजों का आंकड़ा 6,82,383 है और 22,253 लोगों ने अपनी जानें गंवाई हैं। इसके बाद सूची में 3,79,385 मामलों और 6,517 मौतों के साथ तमिलनाड़ु दूसरे नंबर पर है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्य भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में अपराध चरम पर हर दिन राज्य के किसी न किसी हिस्से रेप, हत्या, लूट जैसी घनाओं की खबरें सामने आती रहती हैं। विपक्ष लगातार योगी सरकार को घेर रहा और यह मांग कर रहा है कि सीएम बोलने की बजाय प्रदेश में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने पर ध्यान दें। यूपी में बढ़ते अपराध को लेकर एक बार फिर कांग्रेस महासिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सीधे तौर पर हमला बोला है।
कांग्रेस महासचिव ने ट्वटी कर कहा, “यूपी के सीएम सरकार की स्पीड बताते हैं और अपराध का मीटर उससे दोगुनी स्पीड से भागने लगता है। प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्, ये यूपी में केवल दो दिनों का अपराध का मीटर है। यूपी सरकार बार-बार अपराध की घटनाओं पर पर्दा डालती है, मगर अपराध चिंघाड़ते हुए प्रदेश की सड़कों पर तांडव कर रहा है।”
प्रियंका गांधी ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट के साथ एक ग्रफिक्स भी शेयर किया है। ग्रफिक्स में दो दिन के भीतर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुए अपराध का जिक्र है। 2 दिन भीतर हुए अपराध की एक लंबी फेहरिस्त है। जिसमें बताया गया है कि दो दिनों के भीतर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अपराधियों ने कहां-कहां तांडव मचाया। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि प्रत्यक्ष को प्रमाण किया क्या जरूरत है। इस लिस्ट को शेयर करते हुए उन्होंने यह भी बताने की कोशिश की है कि अगर दो दिन के भीतर यह अटनाएं हुईं हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब से योगी सरकार सत्ता में आई है उन सालों का रिकॉर्ड खंगाला जाए तो यह सूची कितनी बड़ी होगी।
इससे पहले प्रियंका गांधी ने बुलंदशह की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिय दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “बुलंदशहर की घटना यूपी में कानून के डर के खात्मे और महिलाओं के लिए फैले असुरक्षा के माहौल को दिखाती है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन छेड़खानी की घटनाओं को गंभीरता से नहीं लेता। इसके लिए व्यापक फेरबदल की जरूरत है। महिलाओं पर होने वाले हर तरह के अपराध पर जीरो टॉलरेंस होना चाहिए।”(navjivan)
रिकवरी दर 76 फीसदी के करीब
नयी दिल्ली 25 अगस्त (वार्ता) देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और सोमवार देर रात तक संक्रमण के 56 हजार से अधिक नये मामले सामने आने से कुल संक्रमितों का आंकड़ा 31.61 लाख के पार हो गया तथा 705 कोरोना मरीजों की मौत से मृतकाें की संख्या 58 हजार के पार जा पहुंची।
वायरस के बढ़ते कहर के बीच राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर में भी लगातार सुधार हो रहा है और आज यह 76 फीसदी के करीब पहुंच गयी।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु समेत विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार आज देर रात तक 56,460 नये मामले सामने आने से संक्रमितों का कुल आंकड़ा 31,61,502 तथा मृतकों की संख्या 58,527 हो गयी है।
राहत की एक और बात यह है कि नये मामलों की अपेक्षा स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या में वृद्धि होने से सक्रिय मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। आज 6,203 मरीज कम होने से सक्रिय मामले घटकर 7,04,568 रह गये।
इस दौरान 63,071 लोगों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त हाेने वालों का आंकड़ा 23,99,867 पर पहुंच गया जिससे स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर गत दिवस के 74.90 प्रतिशत से आज सुधरकर 75.90 फीसदी पर पहुंच गयी। मृत्यु दर भी घटकर 1.85 फीसदी रह जाने से भी राहत मिली है।
राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में सबसे अधिक 14,219 मरीज स्वस्थ हुए। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 8741, कर्नाटक में 8061, तमिलनाडु में 6129, उत्तर प्रदेश में 4494, पश्चिम बंगाल में 3285, बिहार में 2908, ओडिशा में 2519, पंजाब में 1819,राजस्थान में 1276, केरल में 1238, दिल्ली में 1200 और गुजरात में 1021 लोग संक्रमण से निजात पाने में कामयाब रहे।
कोरोना महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के 11,015 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या सोमवार रात बढ़कर 6,93,398 पहुंच गयी। राज्य में इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ मामलों में भी वृद्धि दर्ज की गयी और इस दौरान 14,219 मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या भी पांच लाख के पार 5,02,490 पहुंच गयी है। यानि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 72 फीसदी के पार पहुंच गयी है। इस दौरान 212 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 22,465 हो गयी है।
राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आज आंशिक वृद्धि के साथ 72.46 फीसदी पहुंच गयी जबकि मरीजों की मृत्यु दर आंशिक गिरावट के साथ 3.23 प्रतिशत पर आ गई। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है।
राहत की असली वजह यह है कि राज्य में आज सक्रिय मामलों में 3416 की कमी दर्ज की गयी। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या घटकर अब 1,68,126 रह गयी है जो रविवार को 1,71,542 थी।
रायगढ़, 25 अगस्त (आईएएनएस)| महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के महाड में सोमवार शाम को एक पांच मंजिला इमारत ढह गई। इस घटना में 2 मौतों की पुष्टि कलेक्टर ने की है. 15 लोगों को बचा लिया गया है जबकि 75 अन्य के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
मुंबई के 170 किलोमीटर दूर दक्षिण में रायगढ़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात एक अधिकारी ने कहा कि काजलपुरा इलाके में स्थित आवासीय इमारत में लगभग 45 फ्लैट थे जहां लगभग 100 लोग रहते थे। इमारत लगभग 7 बजे ढह गई।
मलबे के नीचे दबे बचे लोगों की तलाश के लिए विशेष उपकरणों के साथ बचाव दल घटनास्थल पर जुटा हुआ है.
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) छात्रों के लिए केवल नए कागजों पर ही किताबें छापेगा। किताबें छापने के लिए पुराने और रिसाइकिल कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक रिसाइकिल कागज से छात्रों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सोमवार को नई दिल्ली में एनआईओएस की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की। बैठक में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अनीता करवाल भी मौजूद थी।
निशंक ने एनआईओएस से कहा, "वह अपनी पुस्तकों के प्रकाशन के लिए रिसाइकिल किए गए कागजों का उपयोग न करें, क्योंकि यह छात्रों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर नहीं है। अपनी पुस्तकों का प्रकाशन करने के लिए केवल नए कागजों का ही उपयोग करें।"
शिक्षा मंत्री ने एनआईओएस को निर्देश दिया कि एनआईओएस द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले पाठ्यक्रमों की समीक्षा की जाए जिससे कि छात्रों की जरूरत के अनुसार कुछ नए विषयों को इसमें सम्मिलित किया जा सके।
एनआईओएस के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर उन्हें एनआईओएस परीक्षा केंद्रों के खिलाफ कोई शिकायत मिलती है तो वो जल्द से जल्द उन शिकायतों का समाधान करें। एनआईओएस अधिकारियों को परीक्षा प्रक्रिया में सुधार लाने का भी निर्देश दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने एक डैशबोर्ड बनाने का भी सुझाव दिया, जिसमें देश भर के सभी केंद्रों की विस्तृत जानकारी और संपर्को को शामिल किया जाना चाहिए। इसमें हितधारकों से संबंधित सारी जानकारियों और सुझावों को शामिल किया जाएगा जिससे कि प्रणाली में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जा सके।
शिक्षा मंत्री ने कहा, "एनआईओएस दुनिया की सबसे बड़ी खुली स्कूली शिक्षा प्रणाली है और जमीनी स्तर तक शिक्षा प्रदान करने के लिए इसका उपयोग हमारे द्वारा और भी प्रभावी रूप से किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हमें अपने देश के अशिक्षित लोगों को शिक्षित करने के लिए इस नेटवर्क का उपयोग करना चाहिए।"
उन्होंने अधिकारियों को इस संदर्भ में संभावनाओं की समीक्षा करने के लिए एक टीम का गठन करने के भी निर्देश दिए।
मंत्री ने सुझाव दिया कि एनसीईआरटी की तर्ज पर एनआईओएस का पाठ्यक्रम बनाना चाहिए, जिससे कि छात्रों को विषयों की बेहतर समझ प्राप्त हो सके।
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)| प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के 28 अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रधान न्यायाधीश बोबडे के अलावा, कॉलेजियम में न्यायाधीश एन.वी. रमन, अरुण मिश्रा, आर.एफ. नरीमन और यू.यू. ललित शामिल रहे।
स्थायी न्यायाधीश बनने वालों में न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया, न्यायमूर्ति आलोक माथुर, न्यायमूर्ति पंकज भाटिया, न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया, न्यायमूर्ति विवेक वर्मा, न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह, न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल, न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी, न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह, न्यायमूर्ति राजीव सिंह, न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान, न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार, न्यायमूर्ति योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति मनीष माथुर, न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल, न्यायमूर्ति राम कृष्ण गौतम, न्यायमूर्ति उमेश कुमार, न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति अनिल कुमार नवम, न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार चतुर्थ, न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलम खान, न्यायमूर्ति विकास कुंवर श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति घंटीकोटा श्रीदेवी, न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जौहरी, न्यायमूर्ति राजवीर सिंह और न्यायमूर्ति अजीत सिंह शामिल हैं।
कॉलेजियम ने कलकत्ता हाईकोर्ट के पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
स्थायी न्यायाधीश बनने वालों में एम. निजामुद्दीन, र्तीथकर घोष, हिरण्मय भट्टाचार्य, सौगत भट्टाचार्य और मनोजीत मंडल शामिल हैं।
निर्णय सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है।
मुंबई, 24 अगस्त। एसपी चरण ने पिता व अनुभवी गायक एसपी बालासुब्रह्मण्यम का कोविड-19 टेस्ट निगेटिव आने की खबर को अफवाह बताया। साथ ही कहा कि प्लेबैक आइकन अभी भी लाइफ सपोर्ट पर हैं। चरण ने सोमवार सुबह एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने सभी से अफवाह फैलाने वालों से बचने का अनुरोध किया। गायक के निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट की खबर सामने आने के कुछ मिनट बाद चरण का वीडियो आया, जिसमें दावा किया गया कि 74 वर्षीय गायक का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव नहीं आया है।
चरण ने वीडियो में कहा, "मैं आमतौर पर अस्पताल के मेडिकल टीम के साथ चर्चा करने के बाद अप्पा के स्वास्थ्य अपडेट पोस्ट करता हूं। लेकिन दुर्भाग्य से, मुझे सुबह पोस्ट डालने के लिए मजबूर किया गया। मैं इकलौता वह इंसान हूं, जिसे डैड के बारे में सूचित किया जाता है। डैड के बारे में जानकारी, सभी अपडेट पहले मेरे पास आते हैं और उसके बाद ही मैं इसे मीडिया में पोस्ट करता हूं। आज दुर्भाग्य से एक अफवाह फैल रही है कि डैड का कोविड-19 टेस्ट निगेटिव आया है।"
उन्होंने अंत में कहा, "भले ही उनका कोविड टेस्ट निगेटिव या पॉजिटिव हो, उनकी स्थिति अभी भी वही है। क्लिनिकल रूप से वह ईसीएमओ वेंटिलेटर पर लाइफ सपोर्ट पर हैं। सौभाग्य से उनकी हालत स्थिर है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि स्थिरता उनके फेफड़ों को जल्द से जल्द ठीक करने में मदद करेगी। इसलिए कृपया अफवाह फैलाने वालों से दूर रहें। डॉक्टरों और मेडिकल टीम के साथ चर्चा के बाद मैं आज शाम को एक पोस्ट डालूंगा, और मैं आपको एक अपडेट दूंगा। आपका बहुत धन्यवाद।"(IANS)
वाराणसी, 24 अगस्त (आईएएनएस)| यहां एक व्यावसायिक परिसर बनाने के लिए शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के घर को तोड़ा जा रहा था, जिस पर वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने रोक लगा दी है। वीडीए के जोनल अधिकार और कनिष्ठ अभियंता समेत अन्य अधिकारियों की एक टीम ने पिछले सप्ताह हादा सराय इलाके में उस्ताद के घर का दौरा किया था। टीम यह पता चलने के बाद वहां गई थी कि उनके परिवार का एक सदस्य आर्थिक लाभ पाने के लिए घर को तोड़ रहा है।
इस घर को 'राष्ट्रीय सांस्कृतिक विरासत' के रूप में संरक्षित करने की मांग उठने के बाद घर को तोड़ने का काम रोक दिया गया था।
वीडीए द्वारा किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रसिद्ध संगीतकार के पोते और मरहूम मेहताब हुसैन के बेटे मोहम्मद शिफ्तेन दूसरी मंजिल के कमरे को तोड़ रहे थे। वह वर्तमान में इसी घर में रहते हैं। यह भी पता चला कि परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति का विवाद था। बता दें कि बिस्मिल्ला खां के पांच बेटे थे।
वीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "निजी संपत्ति का मामला होने के कारण वीडीए की टीम ने मौखिक रूप से और नोटिस के जरिए परिवार के सदस्यों से कहा है कि यदि घर जर्जर स्थिति में है तो उसे तोड़ने से पहले नगर निगम से अनुमति लेनी चाहिए। इसके अलावा किसी नए निर्माण को शुरू करने से पहले उन्हें वीडीए से नक्शा स्वीकृत करवाने का निर्देश भी दिया गया है।"
हालांकि घर को व्यावसायिक परिसर के रूप में विकसित करने के निर्णय पर परिवार के कुछ सदस्यों द्वारा भी आपत्ति जताई गई थी।
वहीं घर को तोड़ने की खबर फैलते ही, कई युवा संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। साथ ही सरकार और सांस्कृतिक मंत्रालय को इस को घर बचाने और इसे संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने की मांग की।
विभिन्न संगठनों की ओर से जारी एक संयुक्त प्रेस बयान में कहा गया है, "इसे एक शहनाई प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए और परिवार के सदस्यों का कहीं और पुनर्वास किया जाना चाहिए। साथ ही उन्हें वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए।"
वहीं बिस्मिल्लाह खान की पालक बेटी और गायिका सोमा घोष और कांग्रेस नेता अजय राय ने भी सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी ने समाजसेवी अन्ना हजारे से दिल्ली आकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और आंदोलन चलाने की मांग की है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अन्ना हजारे को भ्रष्टाचार का धुर-विरोधी करार देते हुए उन्हें पत्र लिखकर बुलावा भेजा है। बीजेपी ने इस बार आम आदमी पार्टी के खिलाफ आंदोलन चलाकर दिल्ली की जनता को इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है। कहा है कि स्वच्छ राजनीति का दावा कर बनी आम आदमी पार्टी ने जिस तरह से दिल्ली की जनता को ठगा, उसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अन्ना हजारे को सोमवार को लिखे पत्र में कहा है, "साल 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में जनलोकपाल बिल की मांग करते हुए आपने तत्कालीन सरकार के खिलाफ आमरण अनशन किया था। आपके नाम पर कुछ लोगों ने स्वच्छ राजनीति की वकालत करते हुए आम आदमी पार्टी नामक नए राजनीतिक दल का गठन किया। चुनाव लड़कर केजरीवाल मुख्यमंत्री बने तो प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, प्रोफेसर आनंद कुमार, कुमार विश्वास को धकियाते हुए नए चेहरों को सामने लाए।"
आम आदमी पार्टी में सोमनाथ भारती, संदीप कुमार, अमानतुल्लाह खान हों या जितेंद्र तोमर जैसे नाम और उनके कारनामों की लंबी फेहरिश्त है। कन्हैया कुमार हों या फिर ताहिर हुसैन हर राष्ट्रविरोधी के समर्थन में केजरीवाल सरकार खड़ी दिखाई देती है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि स्वच्छ राजनीति और शुचिता के नाम पर सरकार में आई आम आदमी पार्टी ने सारी सीमाएं तोड़ दी हैं। जिस लोकपाल आंदोलन के दम पर आम आदमी पार्टी बनी उसी ने लोकपाल एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास को भी निकाल दिया।
गुप्ता ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी राजनीतिक चंदे के लिए फर्जी कंपनियों को बनाने और काले धन को सफेद करने की मशीन बन गई है। फर्जी कंपनियों से दो करोड़ रुपये चंदे के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया। पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के हवाला करोबारियों से सीधे संपर्क के सबूत मिले हैं। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत पर सौ करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी और विधायक करतार सिंह के पास 130 करोड़ की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है। अब आम आदमी पार्टी कालेधन की पार्टी बनकर रह गई।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने अन्ना हजार से कहा, "आपसे प्रार्थना है कि फिर से दिल्ली आकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाइए और इस आंदोलन में हमारा साथ दीजिए। युवा और दिल्ली का जनसमुदाय जो खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं, उनकी राहत के लिए आपको अपनी आवाज फिर से बुलंद करनी होगी और तभी राजनीतिक शुचिता की नई शुरूआत होगी। आम आदमी पार्टी सांप्रदायिक दंगे कराकर दिल्ली वाल को मौत के मुंह में धकेल रही है। दिल्ली में रहने का उसे कोई हक नहीं है।"
मुंबई, 24 अगस्त (आईएएनएस)| दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की जिस दिन हत्या हुई थी, उस दिन उन्होंने दुबई के एक ड्रग डीलर से मुलाकात की थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सोमवार को एक ट्वीट में यह आरोप लगाया है। स्वामी लगातार सुशांत के मामले पर मुखर रहे हैं और उनका आरोप है कि सुशांत ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उनकी हत्या हुई है। स्वामी पिछले कुछ हफ्तों से इस मामले पर ट्वीट कर रहे हैं और कई तरह के आरोप लगा चुके हैं।
अब सोमवार को स्वामी ने अपने सत्यापित अकाउंट से ट्वीट करते हुए एक और दावा किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "सुनंदा पुष्कर के मामले में अहम यह था कि पोस्टमॉर्टम में उनके पेट में एम्स के डॉक्टरों को क्या मिला। लेकिन ऐसा श्रीदेवी या सुशांत के मामले में नहीं हुआ। सुशांत के मामले में एक दुबई का ड्रग डीलर आयश खान सुशांत की हत्या के दिन उनसे मिला था, क्यों?"
यह पहली बार नहीं है जब स्वामी ने सुनंदा पुष्कर और श्रीदेवी के मामलों को सुशांत मामले के साथ जोड़ा है। पिछले गुरुवार को पोस्ट किए गए एक ट्वीट में अनुभवी राजनेता ने सुशांत की मौत में दुबई लिंक पर संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि सीबीआई को पिछले हाई-प्रोफाइल मौत के मामलों पर भी गौर करना चाहिए, जिसमें सुपरस्टार श्रीदेवी भी शामिल हैं।
उन्होंने ट्वीट किया था, "इजरायल और यूएई संग राजनयिक संबंधों के चलते भारत के दुबई दादा लोग काफी परेशानी में हैं। सीबीआई को सुशांत, श्रीदेवी और सुनंदा की हत्या के मामलों पर जानकारी के लिए मोसाद और शिन बेथ की मदद लेनी चाहिए।"
बॉलीवुड की सुपरस्टार अभिनेत्री श्रीदेवी का 24 फरवरी, 2018 को निधन हुआ था। यह कहा गया कि वह गलती से दुबई के एक होटल के बाथटब में डूब गई थीं।
वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात रहस्यमय परिस्थितियों में दिल्ली के एक होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं।